02-05-2021, 08:05 PM
कमरे से तेज आती आवाज
आह उ आह उ की
जब सलीम अपनी दुकान से घर वापस लोटा तब उसको अपने कमरे से उसकी पत्नी की तेज आवाज सुनाई देती है. आज सलीम जल्दी ही घर लौट गया था. वो हर रोज से 2 घंटे पहले आया था.
सलीम जैसे ही घर के अंदर आया और उसको अपनी बेगम या वाइफ शाहिदा खान की अजीब सी आवाज आने लगी जैसे कि वो कोई दर्द के मारे चीख रही हो.
पर सलीम को कहा पता था कि ये आवाज किस दर्द की है. सलीम तुरंत दोड़ कर अपने बेड रूम के पास पहुचा पर जैसे ही रूम के गेट के पास आया तो शाहिदा की आवाज और तेज हो गयी और साथ ही में किसी आदमी की भी आवाज सुनाई दी सलीम को
अब सलीम ने पूरा गेट खोलने के बजाय हल्का सा गेट खोला और अन्दर जाकने लगा. और जैसे ही सलीम ने अन्दर जाका उसके तो पैरों से जमीन निकल गयी. मानो सलीम की तो आंख ही बाहर आ गयी उसको यकीन ही नहीं हो रहा था. उसके सामने..............
उसकी खूबसूरत बीवी शाहिदा खान उसकी कॉलोनी में रहने वाले कुश्ती के पहलवान मोहन मिश्रा के हाथों में थी. मोहन शाहिदा को अपनी बाहों में ले कर जोर जोर से मसल रहा था.
यह सब देख कर तो मानो सलीम खान का खून ही खोल गया और उसको बहुत गुस्सा आने लगा पर उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि जाकर कुछ कर पाये. क्योंकि उसकी बीवी जिस आदमी के हाथों में थी वो 6 फुट का शक्तिशाली बड़े मसल वाला पहलवान था. मोहन सलीम जैसे छोटे लोडे वाले पाच आदमी को एक साथ मसल कर रख सकता था. क्या करता सलीम नपुंसक की तरह वहीं खड़ा रहा. अब जो भी करना था वो मोहन ने करना था शाहिदा के साथ...
अब मोहन ने शाहिदा खान को झुका दिया और हाथ पीठ पर ले जाकर ब्रा के स्ट्रैप खोल दिये। शाहिदा के ब्लाऊज़ में बूब्स ढीले हो गये। अब मोहन आराम से ब्लाऊज़ के अंदर बूब्स को मसलने लगे। उसने ब्लाऊज़ के बटन खोल कर शाहिदा के बूब्स बिल्कुल नंगे कर दिये। मोहन अपने होंठों के बीच एक-एक करके शाहिदा के निप्पल लेकर कुछ देर चूसा। शाहिदा डर के मारे एक दम स्तब्ध रह गयी। शाहिदा साँस भी रोक कर बैठी हुई थी। ऐसा लग रहा था मानो शाहिदा की साँसों से भी इनकी हरकतों का पता चल जायेगा अगर कोई बाहर खड़ा है तो गेट बन्द होने के बावजूद. अब देर तक शाहिदा के निप्पल चूसने के बाद मोहन वापस अपना सिर बाहर निकाला। अब मोहन अपने हाथों से शाहिदा के गोरे हाथ को पकड़ लिया। शाहिदा की पतली-पतली अँगुलियों को कुछ देर तक चूसते और चूमते रहा। फिर धीरे से उसे पकड़ कर पैंट के ऊपर अपने लंड पर रखा। कुछ देर तक वहीं पर दबाये रखने के बाद शाहिदा बेगम ने अपने हाथों से मोहन मिश्रा के लंड को एक बार मुठ्ठी में लेकर दबा दिया यह सब देख कर अब तो सलीम की आँखों में पानी आ गया. सलीम की हिम्मत तो हो नहीं रही थी जाकर वह अपनी बेगम शाहिदा खान को रोके. बस अब तो सलीम नपुंसक की तरह खड़े खड़े देख ही सकता है. अब मोहन शाहिदा की गर्दन पर हल्के-हल्के से अपने दाँत गड़ा रहा था। शाहिदा मोहन के कानों की एक लौ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। पता नहीं कब मोहन ने अपने पैंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लिया। शाहिदा को तो पता तब लगा जब उसके हाथ मोहन के नंगे लंड को छू गये। शाहिदा अपने हाथ को खींच रही थी मगर मोहन की पकड़ से छुड़ा नहीं पा रही थी। मोहन जैसे 6 फुट के हट्टा कट्टे आदमी के हाथ से अपना हाथ छुड़वाने की ताकत नहीं थी.......
To Be Continued..........
आह उ आह उ की
जब सलीम अपनी दुकान से घर वापस लोटा तब उसको अपने कमरे से उसकी पत्नी की तेज आवाज सुनाई देती है. आज सलीम जल्दी ही घर लौट गया था. वो हर रोज से 2 घंटे पहले आया था.
सलीम जैसे ही घर के अंदर आया और उसको अपनी बेगम या वाइफ शाहिदा खान की अजीब सी आवाज आने लगी जैसे कि वो कोई दर्द के मारे चीख रही हो.
पर सलीम को कहा पता था कि ये आवाज किस दर्द की है. सलीम तुरंत दोड़ कर अपने बेड रूम के पास पहुचा पर जैसे ही रूम के गेट के पास आया तो शाहिदा की आवाज और तेज हो गयी और साथ ही में किसी आदमी की भी आवाज सुनाई दी सलीम को
अब सलीम ने पूरा गेट खोलने के बजाय हल्का सा गेट खोला और अन्दर जाकने लगा. और जैसे ही सलीम ने अन्दर जाका उसके तो पैरों से जमीन निकल गयी. मानो सलीम की तो आंख ही बाहर आ गयी उसको यकीन ही नहीं हो रहा था. उसके सामने..............
उसकी खूबसूरत बीवी शाहिदा खान उसकी कॉलोनी में रहने वाले कुश्ती के पहलवान मोहन मिश्रा के हाथों में थी. मोहन शाहिदा को अपनी बाहों में ले कर जोर जोर से मसल रहा था.
यह सब देख कर तो मानो सलीम खान का खून ही खोल गया और उसको बहुत गुस्सा आने लगा पर उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि जाकर कुछ कर पाये. क्योंकि उसकी बीवी जिस आदमी के हाथों में थी वो 6 फुट का शक्तिशाली बड़े मसल वाला पहलवान था. मोहन सलीम जैसे छोटे लोडे वाले पाच आदमी को एक साथ मसल कर रख सकता था. क्या करता सलीम नपुंसक की तरह वहीं खड़ा रहा. अब जो भी करना था वो मोहन ने करना था शाहिदा के साथ...
अब मोहन ने शाहिदा खान को झुका दिया और हाथ पीठ पर ले जाकर ब्रा के स्ट्रैप खोल दिये। शाहिदा के ब्लाऊज़ में बूब्स ढीले हो गये। अब मोहन आराम से ब्लाऊज़ के अंदर बूब्स को मसलने लगे। उसने ब्लाऊज़ के बटन खोल कर शाहिदा के बूब्स बिल्कुल नंगे कर दिये। मोहन अपने होंठों के बीच एक-एक करके शाहिदा के निप्पल लेकर कुछ देर चूसा। शाहिदा डर के मारे एक दम स्तब्ध रह गयी। शाहिदा साँस भी रोक कर बैठी हुई थी। ऐसा लग रहा था मानो शाहिदा की साँसों से भी इनकी हरकतों का पता चल जायेगा अगर कोई बाहर खड़ा है तो गेट बन्द होने के बावजूद. अब देर तक शाहिदा के निप्पल चूसने के बाद मोहन वापस अपना सिर बाहर निकाला। अब मोहन अपने हाथों से शाहिदा के गोरे हाथ को पकड़ लिया। शाहिदा की पतली-पतली अँगुलियों को कुछ देर तक चूसते और चूमते रहा। फिर धीरे से उसे पकड़ कर पैंट के ऊपर अपने लंड पर रखा। कुछ देर तक वहीं पर दबाये रखने के बाद शाहिदा बेगम ने अपने हाथों से मोहन मिश्रा के लंड को एक बार मुठ्ठी में लेकर दबा दिया यह सब देख कर अब तो सलीम की आँखों में पानी आ गया. सलीम की हिम्मत तो हो नहीं रही थी जाकर वह अपनी बेगम शाहिदा खान को रोके. बस अब तो सलीम नपुंसक की तरह खड़े खड़े देख ही सकता है. अब मोहन शाहिदा की गर्दन पर हल्के-हल्के से अपने दाँत गड़ा रहा था। शाहिदा मोहन के कानों की एक लौ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। पता नहीं कब मोहन ने अपने पैंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लिया। शाहिदा को तो पता तब लगा जब उसके हाथ मोहन के नंगे लंड को छू गये। शाहिदा अपने हाथ को खींच रही थी मगर मोहन की पकड़ से छुड़ा नहीं पा रही थी। मोहन जैसे 6 फुट के हट्टा कट्टे आदमी के हाथ से अपना हाथ छुड़वाने की ताकत नहीं थी.......
To Be Continued..........