04-05-2021, 09:34 PM
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Adultery मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान
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04-05-2021, 09:35 PM
Hot & Sexy Update 5 Bro
04-05-2021, 10:57 PM
04-05-2021, 11:31 PM
Update - 6
हम लोग अब बेडरूम में आ गए थे। इसके बाद यूसुफ और मुझे सबीना ने एक एक हॉट कोई पाउडर के पानी वाली ड्रिंक दे दी, थोड़ी सी उसने पी ली। हम सब लोगों ने वो पाउडर वाली गरम ड्रिंक पीना शुरू कर दी थी। नेहा ब्लाउज के नीचे ब्रा पहनी थी। अब अचानक से यूसुफ ने अपनी पाउडर वाली गुनगुने पानी की ड्रिंक ख़तम करी और सीधे नेहा के ब्लाउज में हाथ डाल कर उसकी गोरी बड़ी चूचियाँ 5-5 बार दबा चुका था। नेहा उसका हाथ बार बार हटा देती थी। सबीना नेहा के पास गई और बोली- इतना शरमाओगी तो रंगीन माहौल का मज़ा कैसे लोगी? ब्लाउज उतार लो और इन गोरी बड़ी चुचीयो का जूस यूसुफ जी को पिलाओ तभी तो पूरा मज़ा मिलेगा। सबीना ने पीछे जाकर नेहा के ब्लाउज के बटन खोल दिए और नेहा का ब्लाउज उतार दिया। नेहा की नरम नरम चिकनी और बड़ी दूधिया चूचियाँ ब्रा के अन्दर से काफी आकर्षित दिख रही थी. मेरी तो हालत ही खराब हो गयी. पहली बार किसी महिला को ब्रा में देखा था अपनी खुली आँखों के सामने. अब सबीना ने नेहा के पीछे से उसके दोनों ब्रा के हूक को खोल दिया. और अब नेहा गुप्ता के गोरे बड़े बूब्स या निप्पल बाहर निकल आई थीं, मेरा और यूसुफ दोनों का मूसल लण्ड उछालें मार रहा था। यूसुफ लुंगी ठीक से नहीं पहने थे, उनका लण्ड खड़ा हुआ था जो 8 इंच के करीब होगा, मेरा भी 9 इंची तना हुआ लण्ड लुंगी से बाहर निकलने को उतावला हो रहा था। यूसुफ नेहा से चिपक कर उसके गुलाबी होंठ चूमने लगा और साथ ही साथ उसके नंगे बूब्स फिर निप्पल को कस कस कर मसल रहा था। यूसुफ की लुंगी खुलकर हट गई थी अब उसका नंगा लण्ड हम सब देख सकते थे। सबीना ने आगे बढ़कर नेहा का हाथ यूसुफ के लण्ड पर रख दिया और नेहा से बोली- अब शर्म छोड़ दे और रंडी बन जा ! मजे कर ! शरमा नहीं ! आज दो-दो लण्डों से खेल सकती है ! ऐसा मौका शरीफ औरतों को रोज रोज नहीं मिलता है, तुझे चूत और गाण्ड का ऐसा मज़ा दिलवाऊँगी कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी ! बस अब शराफत छोड़ दे और एक रात के लिए वेश्या बन जा। यूसुफ ने नेहा की एक चूची मुँह में पूरी भर ली और दूसरी का चुची दबाने लगा। उसका मोटा सा 8 इंची लौड़ा नेहा ना चाहते हुए भी मसल रही थी, मेरा लौड़ा तना हुआ था और मैं उसे लुंगी के ऊपर से सहला रहा था। सबीना ने मेरी लुंगी हटा दी थी मेरा 9 इंच लम्बा लण्ड अब सबीना के हाथों में था। सबीना उसे नेहा को दिखाती हुई सहला रही थी। नेहा अपनी तिरछी आँखों से मेरा लण्ड देख रही थी। सबीना नेहा को गर्म करने के लिए मेरा लौड़ा चूसने लगी। मैं सबीना का पेटीकोट ऊपर उठाकर उसके नंगे चूतड़ों को मलने लगा। कुछ देर लण्ड चूसने के बाद सबीना उठी उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया अब वो पूरी नंगी थी। उसने आगे बढ़कर पलंग पर बेठी हुई नेहा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे हाथों से खींचकर उतार दिया। नेहा की नंगी चिकनी साफ़ चूत मेरी आँखों के सामने थी। मैंने पहली बार अपनी आंखों से किसी औरत की इतनी साफ़ चूत को देखा था. मेरा मूसल लण्ड उसकी चूत देखकर कड़ा हुए जा रहा था। यूसुफ उसकी चूचियों से अब भी खेल रहा था। नेहा की नंगी खुली चूत मेरे लण्ड को चोदने का आमंत्रण दे रही थी। सबीना ने मुस्कुरा कर मुझे देखा और धीरे से बोली- अभी पूरा दिन बाकी है ! तुम भी जमकर इसकी चोदना लेकिन अभी थोड़ा सब्र करो ! और सबीना ने यूसुफ को आँख मारते हुए मेरा लौड़ा दुबारा मुँह में घुसा लिया। यूसुफ उठा और उसने अपना लौड़ा भी नेहा के मुँह पर रख दिया। सच बोलू दोस्तों मुझको यह देख बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कि यूसुफ ने नेहा के मुह पर अपना लौड़ा रख दिया है. मुझको पता नहीं क्यों शुरुआत से नेहा गुप्ता से अपनत्व महसूस हो रहा था. मुझको पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि नेहा यहां आकर खुश नहीं है या फिर उसको जबरदस्ती लाया गया है. मेरा तो मन कर रहा था कि अभी जाकर नेहा को यह राक्षस यूसुफ शैख से छुड़ा लू. फिर नेहा को लेकर कहीं निकल जाऊँ. पर यह सब करने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी मैं यूसुफ के हाथों से बुरी कदर से पीटना नहीं चाहता था. या फिर शायद यह भी हो सकता है कि यह सब नेहा के प्रति मेरी कल्पना मात्र हो. नेहा यूसुफ की गोद में लेटकर सबीना की देखादेखी उसे लबालब चूसने लगी। यूसुफ मेरे पास बैठा हुआ था, हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए। मैंने यूसुफ से कहा- यार, थोड़ा अपना माल मुझे भी चखा देना। यह सुन कर तो जैसे नेहा को काफी गुस्सा आया पर वो बोल कुछ नहीं पायी. यूसुफ बोला- साली की गाण्ड मार लूँ, फिर साथ साथ दोनों कुतियाओं को बजाएँगे। मैंने कहा- सबीना को अपना लौड़ा चुसवाओ ! बहुत मस्त चूसती है। To Be Continued..........
05-05-2021, 12:04 AM
Hot and Erotic
05-05-2021, 12:05 AM
Wait for next update
05-05-2021, 12:06 AM
Yusuf ko aur bhi aatanki khatarnaak batao next leval maza aayega
05-05-2021, 12:07 AM
Update 7
यूसुफ ने लौड़ा नेहा के मुँह से निकल लिया. सबीना ने भी मुँह से लण्ड निकाल दिया और नेहा को हटाकर यूसुफ का लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मैंने नेहा को अपनी तरफ खींच लिया पर वो आना नहीं चाहती थी मेरे पास. सबीना ने मेरी तरफ एक इशारा किया. फिर मैंने दम लगा कर जोर से नेहा को अपनी तरह खींच लिया. फिर नेहा के मुँह पर अपना लण्ड रख दिया, नेहा बोली- आपका तो बहुत बड़ा है? यह पहली बार था मैंने एक *** ** की शादी शुदा सुन्दर औरत को हाथों में पकडा था फिर उसके मुँह पर अपना मूसल लण्ड रख दिया था. मैंने उसके कान में कहा- अपने गुलाबी होंठों से मुँह में रखो मज़ा भी बड़ा देगा। नेहा गर्म हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया। अब दोनों औरतें यूसुफ और मेरा लण्ड मस्त होकर चूस रहीं थीं। नेहा की बड़ी चूचियाँ भी अब मेरे हाथों में खेल रही थीं। थोड़ी देर बाद सबीना ने यूसुफ का लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और नेहा के मुँह से भी मेरा लण्ड हटा दिया। यूसुफ नेहा की चूत पर हाथ फेरते हुए बोला- अब्दुल मिया, वाकई सबीना जी ने तो आज सच में लौड़ा चूसने का असली मज़ा दिया। यह मेरी कुतिया तो चूसना जानती ही नहीं, सिर्फ मुँह आगे पीछे करती है। यह सुन कर नेहा यूसुफ को तिरछी नजर से गुस्से से देखती है. सबीना मुस्कुराते हुए बोली- आपकी माल को आज सब सिखा दूंगी। अब इसकी थोड़ी चूत की सेवा कर दीजिये, हरामिन की चुदने को कुलबुला रही है। यूसुफ उठा और उसने नेहा की टांगें चौड़ी करके उसमें अपना लण्ड घुसा दिया। नेहा की चूत बजने लगी, सबीना ने भी मेरा लण्ड अपनी चूत में डलवा लिया था। अब मेरी खटिया पर दोनों औरतों की चुदाई चल रही थी, कमरा ऊहाह आह ऊहाह आह !!!!! आह की आवाज़ों से गूँज रहा था। नेहा यूसुफ का वीर्य या गाढ़ा माल नहीं चाहती थी अपनी चुत में.....पर यूसुफ ने नेहा की कोई बात नहीं मानी और अपना पूरा वीर्य नेहा की चुत में भर दिया. थोड़ी देर बाद दोनों की चूतें गाढ़े वीर्य से नहाई हुई थीं। सबीना नेहा से बोली- अपने यार का लौड़ा चाट ले ! बहुत स्वादिष्ट लगता है वीर्य चोदने के बाद ! नेहा बोली - मुझको यह सब गंदा वीर्य चाटने और अपने अन्दर लेना पसन्द नहीं है यह बात यूसुफ जी को पता है. सबीना - ओह ओह हो मेरी मल्लिका ए हुस्न यह तेरे सब नखरे तेरे पति को दिखाना मेरे सामने यह सब नहीं चलेगा. नेहा को दिखाते हुए सबीना ने मेरे सुपाड़े पर अपनी जीभ फिरा दी। फिर थोड़ा डरते हुए नेहा ने भी यूसुफ का लण्ड थोड़ी देर चाटा। इसके बाद 5 मिनट तक हम चारों खटिया पर पस्त हो गए। थोड़ी देर के लिए नेहा कमरे से बाहर गयी. उसको देख कर मैं भी कमरे से बाहर आ गया. नेहा को देख कर लग रहा था कि वो ज्यादा खुश नहीं है शायद. यह भी हो सकता है कि यूसुफ और सबीना के द्वारा नेहा के साथ एक वेश्या की तरह बरताव किया जा रहा था इसलिए वो खुश नहीं थी. मेरी हिम्मत तो हो नहीं रही थी पर फिर भी मैंने नेहा से बात करनी शुरू करी. मैंने बोला नेहा से - आप काफी सुन्दर हो नेहा जी. वेसे मेरा नाम अब्दुल अहमद है. नेहा ना मेरी तरफ देखा ना ही कोई जवाब दिया. मेने फिर बोलना शुरू किया - नेहा जी अगर आपको मेरे द्वारा जबरदस्ती करने से बुरा लगा हो तो उसके लिये मैं आपसे माफ़ी माँगता हू. नेहा ने अब मेरी ओर देखा पर कोई जवाब नहीं दिया. फिर मैंने बोला - वेसे नेहा जी एक बात बोलू अगर आप बुरा नहीं माने तो.... नेहा ने थोड़ी देर सोच कर बोला - हा बोलिये ! मैंने बोला - नेहा जी आपको देख कर लगता नहीं है कि आप लोगों के घर जाकर खाना बनती होगी. आप तो बहुत पढ़ी लिखी और समझदार दिखती है. नेहा - क्या ! आप क्या बोल रहे है अब्दुल जी ! मैं किसी के घर जाकर खाना वाना नहीं बनाती. मेरी खुद की जॉब है. आपको यह सब बकवास किसने बताई.....? मैं तो यह सुन कर शौकड और आश्चर्यचकित हो गया. मुझको यकीन नहीं हुआ कि सबीना ने मुझको झूठ क्यों बोला. पर मैंने बोला - पर आप तो वो रुचि मैडम के घर पर खाना बनाती हो. नेहा के उदास चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आयी और उसने बोला कि रुचि मेरी सहेली है. ना कि मालकिन. मैं सुन होकर चुप चाप सुनता रहा........ नेहा - और बात रही खाना बनाने की बात तो मैं दरसल रुचि के पति यानी मेरे ऑफिस के बॉस मिस्टर राहुल अग्रवाल के यहां काम करती हू. वो क्या है आज से कुछ तीन चार महीने पहले रुचि और राहुल जी की किसी बात पर डिस्कस ( बहस ) हो गयी थी. इसके बात से ही राहुल जी यानी मेरे बॉस ने मेरी ड्यूटी ऑफिस से हटा कर उनके घर पर लगा दी. अब मैं और रूचि मिलकर अब ऑफिस कुछ काम घर पर बैठ कर करते है. नेहा की यह सब हाई स्टैंडर्ड की बातें मेरे सर के ऊपर से जा रही थी. मुझको कुछ समझ नहीं आ रहा था. बस मुझको तो यह बात की खुशी थी की नेहा मुझसे बात कर रही है. और साथ ही इस बात का दुख था कि सबीना ने मुझको सब क्यों नहीं बताया. नेहा बोली - और बात रही खाना बनाने की तो वो क्या है रुचि को खाना बनाने आता नहीं है बराबर से इसलिये ज्यादातर टाइम मैं बना देती हूं. राहुल जी और रूचि को मेरे हाथ से बना खाना अच्छा लगता है. अब मैं यह सब सुन कर सक पका गया था और वो पूछ ही लिया जो मैं पूछने आया था बाहर खास तौर से मैं बोला - फिर आप नेहा जी आप यह यूसुफ जी के चक्कर में कैसे फस गयी. यह सुनते ही जो नेहा के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान आयी थी वो गायब हो गयी और फिर हल्की से उदासी भरे चेहरे से बोली - अब्दुल जी मैं यूसुफ के चक्कर में फंसी नहीं मुझको फंसाया गया है. इसके पीछे बहुत लंबी साजिश है आप मुझको ठीक लग रहे है इसलिये मैं आपको बाद में बताऊँगी. मैं एक दम से डर गया पर अभी तक तो यूसुफ ने मेरे साथ बरताव अच्छे से ही किया था... पर ये यूसुफ से बच कर रहना पड़ेगा. तभी अन्दर से सबीना की आवाज आयी.... आवाज सुनते ही मैं और नेहा अन्दर चले गये. यूसुफ मुझको नेहा के साथ अन्दर आता देख अजीबोगरीब निगाहों से देखने लगा. फ़िर 5 मिनट बाद सबीना ने दो पाउडर वाली पानी की ड्रिंक बना ली एक उसने यूसुफ को दी और एक मुझको दी। यूसुफ का लण्ड ठंडा हो रहा था। मैंने लुंगी बाँध ली थी। सबीना बोली- यह लीजिये यूसुफ मिया, आज आपकी पीछे से सवारी की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। यूसुफ ने पूरी ड्रिंक ली। थोड़ी सी सबीना ने नेहा को भी पिलाने की कोशिश करी पर नेहा स्पष्ट रूप से मना कर दिया. फिर वो ड्रिंक सबीना ने पी ली . इसके बाद एक मोटे लंबे डिल्डो पर सबीना ने कंडोम चढ़ाया और यूसुफ से बोली- यूसुफ जी थोडा डिल्डो को नेहा के मुँह में डालिए। ये डिल्डो जैसी चीज मैंने अपनी जिन्दगी में पहली बार देखी थी कि ऐसा भी कुछ मिलता है इन शहरों में. इसके बाद सबीना ने एक दूसरा डिल्डो लिया और उस डिल्डो को नेहा की गाण्ड में घुसा दीया, नेहा नाह......नाह.... करती हुई बोली- निकालो दर्द हो रहा है। सबीना ने डिल्डो पूरा निकाल लिया और बोली- दर्द तो जब यूसुफ तेरी मारेंगे तब पता चलेगा ! और अब्दुल जी ने घुसा दिया तो दो दिन तक ठीक से नहीं चल पाएगी तू। यह सुन नेहा मुझको तिरछी गुस्से भरी निगाह से देखने लगी. इस गुस्से में भी क्या हॉट लग रही थी. पर मैं भी उसको लाचार भरी निगाह से देखने लगा. सबीना के इशारे पर यूसुफ ने दो उँगलियाँ नेहा की गाण्ड में घुसा दीं। सबीना बोली- पूरी अंदर तक गाण्ड में घुसा कर अच्छी मालिश कर दीजिये मेमसाहब की ! नहीं तो गाण्ड नहीं मार पायेंगे। यूसुफ की उँगलियाँ रेखा की गाण्ड में आगे-पीछे होने लगीं। नेहा को दर्द में कराते देख मुझको बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था. नेहा का दर्द मुझको अब अपने दर्द की तरह लग रहा था. फिर अचानक क्या हो गया मुझको मैं जोर से चिल्ला पड़ा - "रुको रुक जाओ, बहुत दर्द में है वो बेचारी" फिर मैं चुप हो गया, मुझको भी नहीं पता मेरे में इतनी हिम्मत कहा से आ गयी. फिर सबीना मेरी ओर गुस्से से आँख निकाल कर......! पर यूसुफ के गुस्से वाले चेहरे की ओर देख हस्ते हुए बोली - लगता है अब्दुल मिया कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गये है. ये ऐसे बीच बीच में करते है यह इनकी आदत है. हा हा हा ( सबीना नखली हसी निकालते हुए ) अब सबीना वहाँ से उठ कर कर मेरे पास आयी और मुझको एक कोने में ले गयी और बोली - क्या कर रहे हों ये अब्दुल मिया ! क्यों मेरा बना बनाया खेल बिगाड़ रहे हो. उसकी गुस्से भरी काली शक्ल के सामने मैं कुछ बोल ज्यादा बोल नहीं पाया पर इतना जरूर बोला कि उसको शायद बहुत दर्द हो रहा है. सबीना हस्ते हुए बोली - मेरे भोलू अब्दुल मिया ! जब किसी लड़की या औरत की पहली बार चुत या गाँड में कुछ घुसता है तो उसको बहुत दर्द होता है पर इसके बाद तो मानो उसकी जिंदगी ही बदल जाती है. एक अलग सुख की प्राप्ति होती है. फिर अचानक वापस सबीना मुझको देख गुस्से से बोली तुम ये नेहा के प्रति कोई हमदर्दी मत रखो. नेहा को अपने लंड का गुलाम बनाना है. नेहा को बस तुमको जोरदार वाला पेलना है. नेहा गुप्ता की तुमको जबरदस्त चुदाई करनी है. वरना तुम रुचि को भूल जाओ. तुम्हारे जैसे हज़ारों **** आदमी है इस शहर में. मैं ये तोफा किसी को भी दे सकती हूँ. अब मैं यह समझ चुका था कि मुझको अपने नेहा के प्रति प्रेम और ठंडे भाव को बदलना पड़ेगा और सही मायने में नेहा और सबीना को उसकी औकात दिखानी पड़ेगी की एक ***** मर्द क्या क्या कर सकता है. अब सबीना वापस चली गयी यूसुफ के पास फिर यूसुफ ने उँगलियाँ नेहा की गाँड में आगे-पीछे की, उसके बाद सबीना ने डिल्डो को यूसुफ के हाथ में दे दिया और बोली- अब डिल्डो से इसकी गाण्ड चोदिये। 2-3 मिनट तक नेहा लेटी हुई चुपचाप लण्ड चूसती रही और यूसुफ डिल्डो से उसकी गाण्ड में आगे पीछे करता रहा। 5 मिनट के बाद यूसुफ ने नेहा के मुह से लण्ड निकाल लिया ओर अब नेहा की गाण्ड लण्ड से गुदनी थी। सबीना ने खटिया पर एक पतला गद्दा बिछा दिया और नेहा से बोली- अपनी गाण्ड एक बार मरवा ली तो चूत का मज़ा भूल जाएगी तू ! प्यार से मरवाना ! शुरू में दर्द होगा, बाद में तो मज़ा आना है। यूसुफ जी का लण्ड तो बड़ा है, झेल तो लेगी तू के नहीं कर पायेगी, देख जिन भी औरतों की गाण्ड बड़े लण्ड से फटती है वो तो कई बार बेहोश हो जाती हैं। चल अब जरा घोड़ी बन ! और नेहा के बाल सहलाते हुए सबीना ने उसे घोड़ी बना दिया। नेहा घोड़ी बनने को तैयार नहीं थी. पर सबीना नेहा के बलों को सहलाने के साथ साथ उसके ना नकुर करने के कारण खींच भी रही थी. नेहा के सारे बाल सबीना के द्वारा जोर जोर से सहलाने के कारण उसकी गोरे बांह और पीठ पर आ गए थे. नेहा क्या सेक्सी दिख रही थी. पर बेचारी नेहा क्या करती उसको आखिर कार यूसुफ और सबीना के डर से घोड़ी बन गई और अपनी कोहनी बिस्तर पर लगा ली थी। पर मैं भी अब तैयार था सबीना के इशारे का इन्तेज़ार कर रहा था ..! मैं भी अब कोई नेहा गुप्ता को छोड़ने वाला नहीं था बस सही मोके के इन्तेजार में था....! नेहा, यूसुफ और मुझको देखकर सबीना के दिमाग में कुछ चल रहा था. अब आगे यही देखना था कि ये सबीना रंडी आगे क्या करती है..............? To Be Continued...........
05-05-2021, 07:52 AM
bahut sahi ja rahe ho bhai...neha ki chudai bhi karwao
05-05-2021, 09:22 AM
कहानी मस्त जा २ही है आगे की अपडेट का इन्तजार है
05-05-2021, 06:14 PM
Superb awesome update bro
05-05-2021, 06:16 PM
(This post was last modified: 05-05-2021, 06:34 PM by PUSSY DESTROYER 69. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Hindi fonts mai xossipy.com par bahut kam shandar aur erotic story hai. Aap please yah story ko continue rakhiye
05-05-2021, 06:34 PM
Wait for next update
06-05-2021, 12:09 AM
Hot update bro
06-05-2021, 12:10 AM
Sabina ke mind mai kya chal raha hai ?
Next update ka intejar rahega
06-05-2021, 12:12 AM
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