Thread Rating:
  • 15 Vote(s) - 2.73 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Romance मोहे रंग दे
स्ट्रेटजी




सी एस आर जो इन इंश्योरेंस कंपनियों का होगा , उनका बिलो पावर्टी लाइन वाले लोग , होमलेस , एक पायलेट प्रोजेकट ,


लेकिन वो बिजनेस वाला था वो फिर बीच में कूद गया , बोला नहीं , एकदम नहीं ऐसा नहीं कर सकते ,...



मुझे एकदम बुरा लगा ,

मेरे अलावा कोई और इनकी बात काटे ,... फिर बात सही थी इनकी आखिर बीमार तो सभी पड़ते हैं ,... लेकिन फिर उसने जो स्ट्रेटजी बतायी , ... मान गयी मैं उसको , टेक के साथ , अप्रोच और एट्टीट्यूड में भी इनके दोस्त इन्ही की तरह के ,


" सी एस आर से काम नहीं चलेगा , उसका चौगुना कम से कम ,.. और दो कम्पनी बनाएंगे ,... तो सी आस आर उस हेल्थ सपोर्ट कम्पनी को , फिर पब्लिसिटी तो फार्मा कंपनी , जो दवाओं के ट्रायल में हमारा डाटा या सिस्टम यूज करना चाहें वो भी अपना सी एस आर , हॉस्पिटल्स और ढेर सारे चैरिटेबल फाउंडेशन , फिर इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन , यूनिसेफ की तरह के ,... पर ये हेल्थ सपोर्ट कम्पनी होगी , और दूसरी प्रिवेंटिव, ..सैनिटाइजेशन, हाइजीन , अंडर नरिशमेंट पर काम करेगी . "


हम सब मान गए उसे ,...



दो सवा दो तक चली , लेकिन काम पूरा हो गया ,



पर पूरा नहीं भी हुआ , पूरे पेपर पर जो सजेशन थे , उन्हें जोड़ना , फिर रिफ्रेंसेज , फॉर्मेटिंग , ... मैं टाइप कर रही थी , वो चेक कर रहे थे ,... साढ़े तीन के बाद ही हम सोये , लेकिन पेपर कम्प्लीट था , अब रात की मीटिंग विटिंग ख़तम अगले बारह दिन के लिए , कल शाम को हालांकि एक छोटी सी काल आनी थी इनकी , ...


पर सुबह तड़के इन्हे बनारस जाना था , वहां दो तीन लोगों से मिलने एक कोई महिला थीं , ताज में रुकी थीं , गालिया समथिंग ,... कोई एटामिक स्वैप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके , करेंसी में ,... तो क्या उसका इस्तेमाल इनके पेपर में हो सकता था , बी एच यू में क्वांटम कम्प्यूटिंग का कोई सेमीनार था उसमें कोई प्रिंसटन से आया था , उससे भी इन्हे मिलना था , फिर जो पेपर इन्होने इतनी मेहनत करके , उसको पियर रिव्यू के लिए ,... और जिस कम्पनी में इन्होने ज्वाइन किया था उसके एच आर के हेड के साथ लंच पर ,...



शाम तक बल्कि थोड़ा पहले , चार बजे तक पक्का ,



लेकिन सुबह इनके जाने के साथ एक और परेशानी



[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Bahut acche !!

Ab to dono stories mein nandon ki khair nhi hai... Thora jaldi kijiye komal ji.
[+] 1 user Likes UDaykr's post
Like Reply
(27-04-2021, 04:52 PM)UDaykr Wrote: Bahut acche !!

Ab to dono stories mein nandon ki khair nhi hai...  Thora jaldi kijiye komal ji.

Thanks so much sure
Like Reply
परेशानी

[Image: Teej-B-W-nutan-indian-bollywood-film-sta...R82-AE.jpg]










सुबह तड़के इन्हे बनारस जाना था , वहां दो तीन लोगों से मिलने एक कोई महिला थीं , ताज में रुकी थीं , गालिया समथिंग ,... कोई एटामिक स्वैप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके , करेंसी में ,... तो क्या उसका इस्तेमाल इनके पेपर में हो सकता था.
बी एच यू में क्वांटम कम्प्यूटिंग का कोई सेमीनार था उसमें कोई प्रिंसटन से आया था , उससे भी इन्हे मिलना था , फिर जो पेपर इन्होने इतनी मेहनत करके , उसको पियर रिव्यू के लिए ,... और जिस कम्पनी में इन्होने ज्वाइन किया था उसके एच आर के हेड के साथ लंच पर ,...


शाम तक बल्कि थोड़ा पहले , चार बजे तक पक्का ,


लेकिन सुबह इनके जाने के साथ एक और परेशानी


परेशानी ये नहीं थी , की मैं रात में बच जाती थी ,

नहीं नहीं इसका मतलब ये नहीं था की मेरी बचत हो जाती थी , ये तो सूद समेत , ...



[Image: erotic-fuck-751354.jpg]


अब दिन रात का फरक ख़तम होगया था , पहले तो सिर्फ बेड रूम में , लेकिन अब तो कहीं भी , कई बार किचेन में भी , और जब मेरी सास जेठानी को पता चलता की ' ये मेरे साथ ' हैं तो वो लोग बाहर नहीं निकलती थीं हाँ मेरी जेठानी , इनकी भाभी इन्हे बाद में छेड़ने से नहीं चूकती थीं , और अब ये भी एकदम बेशरम ,


[Image: Sensual-Erotic-Pictures-Pack-103-24.jpg]


पहले तो रात में ३-४ बार और कभी दिन में भी एकाध बार लेकिन अभी तो कम से कम छह बार , और ऊपर से इनकी भौजाई कम्मो वो और , मैं तो बल्कि इनसे कहती भी थी , फागुन भी है और गरमाई हुयी भौजी भी है ,



[Image: Teej-B-W-a3088ff665d4c98e90d5cdd088e2cc69.jpg]


लेकिन ये भी न मेरे पीछे ,



पर परेशानी ये भी नहीं थी ,...

मैं जानती थी मेरे मायके में तो इनकी सालिया , सलहज इन्हे छोड़ेंगी नहीं और मुझे इन्हे छूने नहीं देंगी , दस दिन की मेरी पूरी छुट्टी रहेगी , ... इसलिए ,

पर परेशानी कुछ और थी , और बहुत बड़ी थी , ...



भाभियों की परेशानी क्या होती है , उनकी छोटी कुँवारी ननद ,



बस वही मेरी भी थी , और कौन गुड्डी , इनकी ममेरी बहन ,...


[Image: B-W-363adb04ebda07d8501d5b9097073523.jpg]


थोड़ा पन्ने पलटिये , यादों को कुरेदीये

याद आ गया न , .... मेरी शादी में कोहबर में इनकी पक्की साली और मेरी पक्की सहेली चंदा ने , गुड्डी के साथ वही कोहबर में पूरा प्रोग्राम बनाया था , अभी भी मुझे याद है और मैं उन्हें चिढ़ाती हूँ



( छुटकी ने पूरी वीडियो रिकार्डिंग की थी और मेरी जेठानी को भी भेज दी थी )



चंदा ने उनसे कहा था ,



[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
कोहबर की शर्त


[Image: bride-kohbar.jpg]


मेरी शादी में कोहबर में इनकी पक्की साली और मेरी पक्की सहेली चंदा ने ,

गुड्डी के साथ कोहबर में पूरा प्रोग्राम बनाया था , अभी भी मुझे याद है और मैं उन्हें चिढ़ाती हूँ

( छुटकी ने पूरी वीडियो रिकार्डिंग की थी और मेरी जेठानी को भी भेज दी थी )



चंदा ने उनसे कहा था ,



, तो बस आपके ससुराल के खेत की सरसों का शुद्ध एक पाव सरसो का तेल उसकी कच्ची कोरी बिल में खूब अच्छी तरह फैला के , ...

और गाँठ जोड़ने का काम ये साली है न , आपकी सलहज सब उसकी बिल फैलाएंगी , और मैं आपका खूंटा पकड़ के , सटा के घुसवा दूंगी , बस एक करारा धक्का मारिएगा , सुपाड़ा पूरा अंदर ,

हाँ चीखे चिल्लायेगी वो , और इसी लिए तो उसका मुंह नहीं बंद करेंगे हम लोग की पूरे गाँव को घराती बराती सब को मालूम हो जाय की आज हमारे जीजू ने अपनी बहन की फाड़ दी,

और जीजू , आपकी जिन बहनों की झिल्ली गन्ने अरहर के खेत में फटी है , अमराई में चुदी हैं जो ,





सब खून खच्चर तो वहां भी हुआ , वो भी खूब रोई धोयी , आपके सालों के हाथ जोड़ रही थी , लेकिन आपके सालों ने सबकी फाड़ी और जम के फाड़ी ,... सबकी वीडियों है मेरे पास , आपको दिखा दूंगी बाद में , ... तो बस गप्पा गप्प , चार पांच धक्के में तो साली की झिल्ली जरूर फट जायेगी मेरी गारंटी ,... “


[Image: Girls-Chanda-103427931-1200010317003156-...1268-o.jpg]


लेकिन किसी तरह बीच बचाव कर के तय हुआ था , की आज अगर नहीं तो , होली के पहले वो गुड्डी रानी की झिल्ली जरूर फाड़ेंगे और बेचारे उन्होंने दस बार हाँ भी भरी और उनकी सालियों ने वीडियो में रिकार्ड भी कर लिया ,



बस वही दिन में दस बार रीतू भाभी और चंदा का फोन आता था , और अब तो छुटकी और मंझली भी ,



"दीदी आपने अपनी ननद की अभी फड़वाई की नहीं ,..."


[Image: Girl-2f8f916f247305500398e2e102474741.jpg]


मैं लाख समझाने की कोशिश करती थी की वो सब कोहबर का मजाक था , लेकिन वो सब ,

"अरे नहीं जीजू ने कसम खायी थी , जीजू अपनी बात के पक्के हैं आप ही कुछ नहीं कर रही हैं ,..."



और वहां तक तो ठीक था एक दिन पहले मम्मी ने भी वही बात ,...


[Image: MIL-aa8aadd091c9fd5e6e412775216384ea.jpg]



परेशानी बहुत थी , ... पहले तो मुझे लगता था छोटी ,... लेकिन उसकी समौरिया उसी की क्लास में पढ़ने वाली हफ्ते में दो बार गुड्डी के भाई के साथ , मेरे देवर अनुज के साथ कबड्डी खेलती थी और कभी भी दो राउंड से कम नहीं , फिर इनकी छुटकी साली भी तो गुड्डी से थोड़ी ही बड़ी ,...



लेकिन कैसे कराऊँ सेटिंग ये समझ में नहीं आ रहा था , ...
अब तो मुझे समझ में आ गया था चींटी उसके भी बहुत काटती हैं , ...

एक बार मैंने इनकी पूरी मलाई इनके सामने ही अपने मुंह से उसके मुंह में ,...


[Image: cum-swap-tumblr-03839510267079c36b273337...0-400.webp]



और वो छिनार पूरी की पूरी गपक कर गयी थी , अपने भैया को दिखाते हुए , उसकी ब्रा में भी इनकी पूरी मलाई ,... और वैसे ही उसने पहनी थी ,... उसकी चासनी इनको भी चटाई थी मैंने ,... और ये टोटका मेरी सास ने ही सिखाया था ,... पर



छेड़खानी अलग है और एकदम ,... मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,


[Image: Teej-tumblr-ps1m8m1-QYO1vllqj4o2-500.jpg]


और जब से होली का चक्कर चालू हुआ था , वो आयी भी नहीं थी , एक भी दिन ,...

और सिर्फ दो दिन बचे थे ,




उस दिन सुबह मेरी सासु और जेठानी पास के शहर में गए थे सुबह सुबह , मैंने बताया था न इनकी बुआ की लड़की की सगाई होने वाली थी बस वही सब , ... और सुबह सुबह ये भी बनारस गए थे , उनकी कंपनी को कोई आया था , ताज में रुका था उसी से मिलना था , शाम को ये लौट आते , ...



सिर्फ मैं और कम्मो , ... घर में थे और जब मेरे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने कम्मो को अपनी परेशानी बताई ,


Like Reply
कम्मो-हर सवाल का जवाब

[Image: Teej-tumblr-pk1tek-KKg-F1uv2rsco5-1280.jpg]




सिर्फ मैं और कम्मो , ... घर में थे और जब मेरे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने कम्मो को अपनी परेशानी बताई ,

की कैसे मेरे मायके के सब लोग कह रहे हैं की कोहबर का वायदा था , की मैं , ... मतलब ये होली के पहले गुड्डी के साथ ,... और बस अब दो दिन परसों हम लोगों को जाना ही है , ... मैंने सब को बहुत समझाया ,


पहले तो थोड़ी देर वो सीरियस रही फिर हंस के बोली ,



" अरे इतनी सी बात सुबह से मुंह फुलाये हो , सही तो कह रहे हैं तेरे मायके वाले ,... फड़वा दो उसकी झिल्ली , दो दिन क्यों आज ही ,.... "


[Image: Teej-33a1cbddb52791d6ee94eb19ac59f8e0.jpg]


मेरे अभी भी समझ में कुछ नहीं आया लेकिन वो मुझे हड़काते बोली ,

" अरे अभी बहुत काम पड़ा ही , ये काम तुम हमरे ऊपर छोड़ दो ,... उसकी चिंता छोड़ दो ,... बस आज तिझरिया को उसको बुला लो किसी तरह , ... बस आगे सब हमारी जिम्मेदारी , ..देवर सांझ तक तो आ ही जायेंगे ,... "


मेरे अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,


[Image: Teej-e404c7acff55fe4dff4ead6514e1fe0b.jpg]


लेकिन थोड़ा बहला फुसला के , थोड़ा इमोशनल बैकमेल ,... और गुड्डी मान गयी ३-४ बजे तक आने के लिए ,

लेकिन उसे नहीं मालूम था की घर में सिर्फ मैं और कम्मो हैं ,....

और मैं ,
कितना काम पड़ा था , ... और इनके बस का तो कुछ भी नहीं था


( सिवाय एक काम के , .... एक दिन मैंने उनकी नाक पकड़ के पूछ भी लिया , हे मैं नहीं आयी थी तो किसके साथ काम चलता था , मेरी ननदों के साथ या सास के साथ ,... और शरमाने में तो ,... एक दो बार मैने मम्मी से कहा भी , आपके दामाद शर्माते हैं तो वो वो हंस के बोलीं , आएगा न होली में ,...सब उसकी साली सलहज मिल के सारी सरम लाज उसके पिछवाड़े ,... मैंने मौका नहीं छोड़ा , मम्मी मेरी एकदम सहेली की तरह थीं , उन्हें चिढ़ाते मैं बोली , और मम्मी उनकी सास क्या करेंगी , तो भी न एकदम मेरी मम्मी , हंस के बोलीं , साली सलहज से दो हाथ आगे रहेंगी ,... )



मैं भी न , ...हाँ और जब से पक्का हुआ था हम लोगों का होली के उनके ससुराल चलने का , तो जब आफिस के काम से फुर्सत मिलती थी तो साली सलहज के साथ फोन पर ,

सारा काम पड़ा हुआ था , इत्ती पैकिंग

सिरफ मेरे मायके का मामला नहीं था , वहीँ से हम लोग इनकी पोस्टिंग पर जाने वाले थे , और फिर चार छह महीने लौटने का सवाल नहीं , तो उसके लिए भी पैकिंग , नयी गृहस्थी ,...



और होली के लिए भी , सबके लिए तो ये गिफ्ट लाये थे , जब फॉरेन से लौटते हुए दिल्ली रुके थे , कपडे , और भी

और जो बचे खुचे थे , खुद मुझे याद दिला के , और सब चीजें ये भूल जाएँ लेकिन लड़कियों के मामले में इनकी याददाश्त एकदम पक्की थी , नाउँन की लड़की , बहू , ...एक एक कर के मुझे याद दिला के


[Image: Teej-127225062-4060580963986046-84655502...7271-o.jpg]


और ऊपर से मेरी सास , ... बार बार , अरे पहली बार ससुराल जा रहे हो , ऐसे खाली हाथ , मुफ्त में थोड़ी साली सलहज से होली खेलने को , ... और अपनी समधन के लिए तो खुद उन्होंने अपनी पसंद से ,

फिर होली का सामान तो इनकी ससुराल में खुलता पर जो पोस्टिंग के लिए था वो अलग पैकिंग , जिससे वहां दुबारा पैक न करना पड़े , ... फिर होली खेलने वाले कपडे , जिद करके इन्होने मुझसे रंग गुलाल सब खरीदवाए थे , पर मुझे मालूम था इनकी सालियाँ सब से पहले उसी पर कब्ज़ा करेंगी ,... एक साथ में दिमाग में कई बातें घुमड़ घुमड़ के चल रही थीं ,



थोड़ी देर पहले रीतू भाभी का फोन आया था ,
[+] 2 users Like komaalrani's post
Like Reply
रीतू भाभी

[Image: MILF-hot.jpg]


थोड़ी देर पहले रीतू भाभी का फोन आया था ,


अब इनकी ससुराल में हाल चाल कौन पूछता था , सलहज साली तो छोड़ दीजिये , इनकी सास भी ,

तो रीतू भाभी ने पहले तो अपने नन्दोई की हाल चाल पूछी , फिर मुद्दे पर आ गयीं ,

" मेरे नन्दोई को अपना नन्दोई बनाया की नहीं , "



[Image: Teej-104722212-110399230719823-194749868...8579-n.jpg]


मैं खिलखिलाने लगी तो वो सीधे अपनी स्टाइल पर आ गयीं ,



" अरे उस सिर्फ बहनचोद बनाने से नहीं , उसकी बहिनिया की फटती हुयी , फटने के पहले फटने के बाद की फोटो , बल्कि वीडियो ,.... गलती हो गयी कोहबर में ही उसकी फड़वा देनी चाहिए थी,... "



मैं खिलखिलाती रही , लेकिन सहम गयी अचानक ,



रीतू भाभी ने फोन काटने के पहले वार्निंग दे दी थी , वो चिढ़ाते हुए नहीं , एकदम सीरियसली ,



" अगर तेरी ननद का अगवाड़ा नहीं फटा न मेरी नन्दोई से , तो मेरी ननद का पिछवाड़ा फटेगा , और ऊँगली से नहीं , सारी भौजाइयों की मुट्ठी से , पूरी कोहनी तक , ... और ये सब भौजाइयों का फैसला है , तेरी गाँड़ अभी कोरी है न , नन्दोई जी से तो बच गयी , उनकी सलहजों से नहीं बचेगी , फैसला तेरे हाथ में तेरी ननद की बुर में मेरे नन्दोई का लंड

या मेरी ननद की गाँड़ में , तेरी भौजाइयों की मुट्ठी। "


[Image: anal-fisting-20281128.gif]


मैं समझ गयी रीतू भाभी की बात , और अब सिर्फ उनकी बात नहीं , उन्होंने कहा था सारी भाभियों ने ,...

अब तो किसी भी तरह गुड्डी रानी पर उनके भैया को चढ़ाना ही पडेगा ,


[Image: Teej-97e41b0182958100b86e8233b5f3064f.jpg]


लेकिन मेरी भौजी के जवाब में उनकी भौजी थीं न , कम्मो और एक बार जब उसने बोल दिया था , तो मेरी परेशानी बहुत कम हो गयी थी ,....



पर अभी भी कुछ बातें , ख़ास तौर से दो बातें मेरी समझ में नहीं आ रही थी ,...

और कम्मो भौजी से कोई बात छिपती नहीं थी , जब वो खाने के लिए बुलाने आयीं तो मैं उनके साथ चल दी , ...

आज किचेन उनके हवाले था , खाते समय उन्होंने पूछ लिया ,



" बोल तो दिया उस स्साली की आज फड़वा दूंगी , अब काहें मुंह धूमिल है ,... "
[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
कम्मो की प्लानिंग



[Image: Teej-82993718-285387242610139-81756345342487534-o.jpg]


ख़ास तौर से दो बातें मेरी समझ में नहीं आ रही थी ,...



और कम्मो भौजी से कोई बात छिपती नहीं थी , जब वो खाने के लिए बुलाने आयीं तो मैं उनके साथ चल दी , ...



आज किचेन उनके हवाले था , खाते समय उन्होंने पूछ लिया ,



" बोल तो दिया उस स्साली की आज फड़वा दूंगी , अब काहें मुंह धूमिल है ,... "



और मैंने बोल दिया ,

" वो अभी एकदम कच्ची कली , कोरी , और इनका ,.... बहुत चिल्लायेगी , जा भी पायेगा की नहीं ,... "


[Image: Teej-104871289-377706279855356-681950327...6872-o.jpg]


वो हंसने लगीं और बोलीं ,
" अपनी सास को बोल न , उन्ही को गदहे , घोड़े के साथ सोने का शौक हो गया था , ... "

फिर सीरयस हो के मुझे समझाते बोलीं ,



" अरे उसी चूत से इत्ते मोटे मोटे बच्चे निकल जाते हैं , बात तो तेरी सही है , चिल्लायेगी बहुत वो , फचफचा कर खून फेकेगी जब फटेगी उसकी , लेकिन भौजाई के सामने ननद की फटे , वो भी उसके सीधे साधे भैया से , उससे ज्यादा मजे की बात क्या ,... वो सब तू मेरे ऊपर छोड़ , बस तू वो क्या कहते हैं न उसकी फोटो खींचती रहना , अपने मोबाइल से , ... हाँ एक बात और , ... वो वैसलीन वेसलिन कुछ नहीं सिर्फ देसी कडुआ तेल लगाउंगी , वो भी सिर्फ दो बूँद , सुपाड़े पर , जिससे थोड़ा धंस जाए , उसके बाद तो ,... "



[Image: Teej-100583613-290080065508338-117270263...8560-o.jpg]



मैं भी मुस्कराने लगी , उनकी बात सोच के , फिर भी मेरे चेहरे से परेशानी मिटी नहीं।

मैंने कहा था न कम्मो भौजी से कुछ भी छुपाना मुश्किल था , मुझे हड़का लिया उन्होंने

"
" अब क्या , आ तो रही है न वो छिनार ,... "

उन्होंने पूछ लिया


" हाँ एकदम , खुद उसी का फोन आया था , तीन, साढ़े तीन तक आ जायेगी ,... लेकिन मुझे ,... उसको तो हम लोग किसी तरह पकड़ के पटक के , लेकिन इन्हे किस तरह उसके ऊपर ,... खाली गुड्डी रानी के टांग फ़ैलाने से थोड़े ही होगा ,... उसके भइया को ,... "

मेरी बात काटते हुए कम्मो ने घूर के मुझे देखा ,

" देवर किसका है वो ,... "


[Image: Teej-125175000-187509799528924-509754220...3226-n.jpg]


मैं भी सहम गयी ,
" आपका " मैंने कबूला।

" तो फिर , ... देखना कैसे हचक के फाड़ेगा , तू सिर्फ खाना खा। "

और हम दोनों खाना खाने लगे , लेकिन अब कम्मो ने एक सवाल दाग दिया ,

" यार , हम दोनों मिल के उस स्साली की आज फड़वा देंगे , झिल्ली फट जायेगी , लेकिन फिर तो उसकी बुरिया में मोटे मोटे चींटे काटने लगेंगे , ... और तुम दोनों तो दो दिन में सरक लोगे , फिर क्या होगी उस छिनार स्साली का , एक बार गेट खुल जाएगा ,.... "


[Image: Teej-82217633-3283610878338271-250123697...8433-n.jpg]


और अब मेरी बारी थी , हँसने की भी , उनकी बात भी काटने की ,

" अरे आपके देवर जिनका मूसल आप घोंटती रहती हैं ,... हिस्सा बंटवा लीजियेगा अपनी छिनार ननद से , आखिर वो सब भी तो उसके भाई लगेंगे , ... एक बार गेट खुल गया तो बंद नहीं होना चाहिए , ... मैं नहीं रहूंगी आप तो रहेंगी , फोन रहेगा , रोज हाल लुंगी "

अब वो भी मेरे साथ मेरे हंस रही थी और बोलीं ,

"सुन होली के अगले दिन मेरे गाँव के दो तीन लौंडे , पठान के लौंडे , एकदम मेरे देवर जैसा , और नम्बरी चोदू अरे गाँव के रिश्ते से तो मेरे भाई लगेंगे , ... फिर अपने भाई से चुदवायेगी तो मेरे भाई से क्यों नहीं , ... "



" एकदम , तभी तो असली मजा आएगा ,... अरे हम लोग रोज ननद के भाई के सामने टाँगे उठाते हैं , ननद को भी तो हम लोगों के भाई के सामने टाँगे फैलानी चाहिए "

हँसते हुए मैंने उनकी बात की ताकीद की लेकिन अब कम्मो परेशान थी पर उनकी परेशानी समझ कर मैंने उन्हें उसका हल भी बता दिया , मैं समझ रही थी उनकी परेशानी, आज तो हम दोनों मिल के उस किशोरी की किसी तरह, लेकिन एक बार मैं चली जाउंगी तो कम्मो के लिए अकेले उस को सधाना , .. आज ही कितना इमोशनल ब्लैकमेल कर के उसे मैं पटा के ला रही थी , तो कम्मो के लिए , लेकिन ,... सोचते सोचते एक जुगत आ गयी थी मेरी दिमाग में



" अरे अइसन जादू की डिबिया दे के जाउंगी , न नैना जादूगरनी की तरह एकदम कैद कर के ,... बस जहाँ बुलाइयेगा जब बुलाइयेगा , आएगी और जिसके सामने कहियेगा टांग फैलाएगी ,.... "


[Image: teej-1fe8f25fb7d4b785927d204ee49069c7.jpg]


एकदम उनका चेहरा १००० वॉट का बल्ब हो गया " अरे फिर तो देखना उस छिनार को पक्की रंडी बना दूँगी कालीन गंज ( मेरी ससुराल की रेड लाइट एरिया ) वालियों के भी कान काटेगी , एक बार वो पठान के लौंडे चढ़ गए न उस के ऊपर , रंडी से भी बदतर उसकी चुदाई करेंगे वो सब , सब सरम लिहाज उसकी गांड में , ... "



मैं कुछ बोलती , तब तक फोन घनघनाया , मैंने उठा कर बात किया

" नहीं नहीं कोई बात नहीं , अरे सब ठीक है , अरे कम्मो तो हैं न यहाँ पर ठीक है कल "



और मैंने बात काट दी , कम्मो बरतन समेट रही थी , लौट के उसने एक बात और उठा दी ,

" एक बात मैं और सोच रही थी , चल आज उसकी फड़वा दूंगी , लेकिन अगर वो कहीं रात भर रुक जाती न , तो ऐसी उसका कचूमर निकलवाती , पर तोहार सास जेठानी लौट आएँगी आज नहीं तो उहो समझती ,... "



मैंने मारे ख़ुशी के कम्मो को भींच लिया और चूमते बोली ,

" अरे तोहरे मुंह में गुड़ घी , ओ लोग नहीं आ रही हैं आज रात , उहाँ रात में गाने का प्रोग्राम है , कल दोपहर तक आएंगीं , तो आज रात रगड़ घिस होगी ननद रानी की , तोहरे हवाले , ननद और देवर दोनों जेठानी जी का ही फोन था , लेकिन एक मिनट। "



और मैंने गुड्डी के घर भी फोन कर के बता दिया की आज रात गुड्डी यहीं रुकेगी , आज मैं अकेली हूँ , फिर पता नहीं कब लौटूंगी ,... "



और वहां से भी हामी मिल गयी ,



बस कम्मो किचेन समेटने मैं लग गयी और मैं बची खुची पैकिंग करने में। एक बार गुड्डी आ गयी तो , बस डेढ़ घंटे बचे थे उसके आने में ,..
.
[+] 2 users Like komaalrani's post
Like Reply
कोमल जी आपके लेखनी मे शब्दों का इस्तेमाल इतना खूबसूरत है कि एक बार पढ़ने लगे तो बिना पुरा पढें छोड़ने मन ही नही करता। प्लीज थोड़ा जल्दी जल्दी अपडेट दिया करिए। आपके लेखनी से हमें प्यार हो गया है। शब्दों का ऐसा मनमोहक प्रयोग हमने और कहीं नहीं देखा और पढ़ा है। Love u❤
[+] 1 user Likes aky3894's post
Like Reply
दो वर्ष,

( बल्कि थोड़ा ज्यादा )

यह कहानी  मार्च २०१९ में शुरू हुयी थी ,

और तीसरी कसम की तरह मैंने कसम खायी थी, ये कहानी फागुन के  दिन चार और जोरू के गुलाम की तरह उपन्यास की साइज की नहीं होगी। 

एक ऐसे फोरम के बंद होने से जिसके बारे में न लिखने वाले सोचते थे न पढ़ने वाले की वो बंद होगा पर उसके बंद होने से वो कहानी /उपन्यास अधूरा ही रह गया खैर अब इस फोरम में उसे फिर से शरू कर के ,... 

दोनों, फागुन के दिन चार और जोरू का गुलाम मेरे लेखे ( एम् एस वर्ड , मंगल फ़ॉन्ट , साइज ११ ) १००० पन्ने से ज्यादा थे, पीडीफ में भी शायद ८०० या उससे ज्यादा और अगर कभी पुस्तकाकार छपें तो भी ४०० -५०० पन्ने से कम नहीं, 

इसलिए मैंने पहली सीमा तय की आकर की, १००० पृष्ठों से बड़ी नहीं  होगी 

और कथावस्तु भी सीधी सादी एक नव युवा दम्पति की कहानी,

न कोई रोमांस ( विवाह पूर्व का ) न कोई चक्कर , न सीरियल सेक्स , न इन्सेस्ट 

अधिकतर पति पत्नी के  रंग में डूबने उतराने की कहानी ( हाँ क्षेपक के तौर पर, कुछ प्रसंग जरूर आ गए हैं , देवर और ननद की सहेली , कम्मो लेकिन वो कहानी के अभिन्न अंग ही है  ) 

कहानी की शुरुआत ही होली के जिक्र से हुयी थी और मैंने कहा था की ससुराल में ( मेरी ) होली मेरी तीसरी होली है , और यह भाग सिर्फ पूर्वपीठिका भर शायद था , 

पर कहनियां बच्चो की तरह होती हैं या जवान  होती लड़कियों की तरह किसी की बात मानी हैं उन्होंने जो मेरे बात मानती ,

और जैसे लड़कियां जब बड़ी होनी शुरू होती हैं तो झट्ट से बड़ी हो जाती हैं , बस यही हाल इस कहानी की है , ... 

पर  एक ऐसे कहानी जो न पेज टर्नर है , न जिसमें कोई सस्पेंस हैं न टैबू ,  सेक्स भी अधिकतर पति पत्नी का ,... 

हाँ घर का माहौल है , एक विस्मृत से हो रहे संयुक्त परिवार का जहाँ सास अपने बेटे से ज्यादा नयी बहु का साथ देती है, बेटी से ज्यादा दुलार देती है, जेठानी न सिर्फ छेड़खानी में साथ देती  है बल्कि देवरानी उसकी पक्की सहेली है, 

पर अब यह कहानी करीब ९०० पन्नो के आस पास पहुँच रही है , ( वर्ड में टाइप करने में )

हाँ एक बात की सफाई , .. 

होली का मौसम हो , फागुन लग गया हो और होली के प्रसंग न हों ,...इसलिए पिछले १००- १५० पन्नो से ये कहानी थोड़ी बहुत होली पूर्व होली के माहौल में मुड़ गयी ,


नहीं नहीं , ये कहानी अभी ख़तम नहीं हो रही , कुछ दिन और आप का साथ रहेगा इस कहानी के साथ 

पर दो वर्ष  लंबा 

 यह समय है आप सबको धन्यवाद देने का इस यात्रा में सहभागी होने का 

और ये थोड़ी अलग ढंग की कहानी होने पर पर , इसे पंसद करने के लिए , कमेंट  करने के लिए 

कृतग्यता व्यक्त करने का
[+] 3 users Like komaalrani's post
Like Reply
(30-04-2021, 12:41 PM)komaalrani Wrote: दो वर्ष,

( बल्कि थोड़ा ज्यादा )

यह कहानी  मार्च २०१९ में शुरू हुयी थी ,

और तीसरी कसम की तरह मैंने कसम खायी थी, ये कहानी फागुन के  दिन चार और जोरू के गुलाम की तरह उपन्यास की साइज की नहीं होगी। 

एक ऐसे फोरम के बंद होने से जिसके बारे में न लिखने वाले सोचते थे न पढ़ने वाले की वो बंद होगा पर उसके बंद होने से वो कहानी /उपन्यास अधूरा ही रह गया खैर अब इस फोरम में उसे फिर से शरू कर के ,... 

दोनों, फागुन के दिन चार और जोरू का गुलाम मेरे लेखे ( एम् एस वर्ड , मंगल फ़ॉन्ट , साइज ११ ) १००० पन्ने से ज्यादा थे, पीडीफ में भी शायद ८०० या उससे ज्यादा और अगर कभी पुस्तकाकार छपें तो भी ४०० -५०० पन्ने से कम नहीं, 

इसलिए मैंने पहली सीमा तय की आकर की, १००० पृष्ठों से बड़ी नहीं  होगी 

और कथावस्तु भी सीधी सादी एक नव युवा दम्पति की कहानी,

न कोई रोमांस ( विवाह पूर्व का ) न कोई चक्कर , न सीरियल सेक्स , न इन्सेस्ट 

अधिकतर पति पत्नी के  रंग में डूबने उतराने की कहानी ( हाँ क्षेपक के तौर पर, कुछ प्रसंग जरूर आ गए हैं , देवर और ननद की सहेली , कम्मो लेकिन वो कहानी के अभिन्न अंग ही है  ) 

कहानी की शुरुआत ही होली के जिक्र से हुयी थी और मैंने कहा था की ससुराल में ( मेरी ) होली मेरी तीसरी होली है , और यह भाग सिर्फ पूर्वपीठिका भर शायद था , 

पर कहनियां बच्चो की तरह होती हैं या जवान  होती लड़कियों की तरह किसी की बात मानी हैं उन्होंने जो मेरे बात मानती ,

और जैसे लड़कियां जब बड़ी होनी शुरू होती हैं तो झट्ट से बड़ी हो जाती हैं , बस यही हाल इस कहानी की है , ... 

पर  एक ऐसे कहानी जो न पेज टर्नर है , न जिसमें कोई सस्पेंस हैं न टैबू ,  सेक्स भी अधिकतर पति पत्नी का ,... 

हाँ घर का माहौल है , एक विस्मृत से हो रहे संयुक्त परिवार का जहाँ सास अपने बेटे से ज्यादा नयी बहु का साथ देती है, बेटी से ज्यादा दुलार देती है, जेठानी न सिर्फ छेड़खानी में साथ देती  है बल्कि देवरानी उसकी पक्की सहेली है, 

पर अब यह कहानी करीब ९०० पन्नो के आस पास पहुँच रही है , ( वर्ड में टाइप करने में )

हाँ एक बात की सफाई , .. 

होली का मौसम हो , फागुन लग गया हो और होली के प्रसंग न हों ,...इसलिए पिछले १००- १५० पन्नो से ये कहानी थोड़ी बहुत होली पूर्व होली के माहौल में मुड़ गयी ,


नहीं नहीं , ये कहानी अभी ख़तम नहीं हो रही , कुछ दिन और आप का साथ रहेगा इस कहानी के साथ 

पर दो वर्ष  लंबा 

 यह समय है आप सबको धन्यवाद देने का इस यात्रा में सहभागी होने का 

और ये थोड़ी अलग ढंग की कहानी होने पर पर , इसे पंसद करने के लिए , कमेंट  करने के लिए 

कृतग्यता व्यक्त करने का
Aapka saath rahna chahiye. Hum har mausam me aapke saath chalne ko taiyar h. Ek acchi kahani likhme ke liye dhanyawad
[+] 2 users Like wellcomeback's post
Like Reply
(30-04-2021, 01:38 PM)wellcomeback Wrote: Aapka saath rahna chahiye. Hum har mausam me aapke saath chalne ko taiyar h. Ek acchi kahani likhme ke liye dhanyawad

Thanks
[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
Heart  congrats on your new record... Kommal  yourock

But it is my true wish that this story will break the record of "Fagun & JKG". We all know, you got the potential to do so... horseride

My humble request, to please don't think now to stop the story here...
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
(02-05-2021, 09:20 AM)usaiha2 Wrote: Heart  congrats on your new record... Kommal  yourock

But it is my true wish that this story will break the record of "Fagun & JKG". We all know, you got the potential to do so... horseride

My humble request, to please don't think now to stop the story here...

Thanks so much, aage aage dekhiye
[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
आ गयीं,... ननद रानी

[Image: 355ae2a09d102ea5314bc0b1ae0e2d7e.jpg]




और मैंने गुड्डी के घर भी फोन कर के बता दिया की आज रात गुड्डी यहीं रुकेगी , आज मैं अकेली हूँ , फिर पता नहीं कब लौटूंगी ,... "

और वहां से भी हामी मिल गयी ,

बस कम्मो किचेन समेटने मैं लग गयी और मैं बची खुची पैकिंग करने में। एक बार गुड्डी आ गयी तो , बस डेढ़ घंटे बचे थे उसके आने में ,...




लेकिन वो एक घंटे में ही आ गयी , तीन बज रहा था।

मैं मुस्करायी , इसका मलतब इसको भी जोर के चींटे काट रहे हैं ,

लेकिन क्या मस्त माल लग रही थी , मैंने कहा न कई बार , चेहरा उसका इतना भोला लगता था जैसे दूध के दांत भी न टूटे हों, पर


[Image: Kavya-MG-ORG-1590298658730.jpg]


जोबन जबरदंग , उसके टॉप को फाड़ती , छलकती मचलती ,

जोबन के मामले में अपने क्लास वालियों से २० नहीं २२ थी वो , मेरी छुटकी ननदिया ,...

और टॉप फाड़ते जोबन को कुछ छिपाने कुछ दिखाने के लिए एक स्टोल , गुलाबी रंग का डाल रखा था दुपट्टे सा , ...


[Image: Guddi-frnds-punjabi-girl-full-hd-wallpaper-hot-1.jpg]


मैं समझ गयी , फागुन तो लग ही गया था , और खुद उसने कबूला था , आठ दस भंवरों की बात , उसकी सहेलियों ने तो दर्जन भर से ऊपर गिना दिए थे , और दो चार तो उसकी गली के बाहर ही रहते थे ,...

स्साली आज कुछ ज्यादा ही मस्त लग रही थी , लग रहा था जवानी की गर्मी कस के चढ़ी थी , और उस का एक ही इलाज था , चढ़ाई। आज मैंने कुछ प्लानिंग नहीं किया सब कम्मो के हवाले था , और मैं अब तक मान गयी थी , कम्मो का कोई जवाब नहीं , होली में ननदो और देवरों की रगड़ाई करने में ,



लेकिन उधर मेरी नन्द आयीं तब तक एक पड़ोस की , मेरी जिठानी लगतीं आ गयीं ,


[Image: jetahni-10329297-1715028115380154-291257...6515-n.jpg]


और उन की नजर गुड्डी पर ही फिसल रही थी , गुड्डी थी भी ऐसी , ... मैं उनसे एक मिनट कह कर गुड्डी को ऊपर अपने कमरे में ले आयी , मेरी समझ में नहीं आ रहा था आगे क्या करूँ , ....

पर कम्मो थी न , वो मेरे पीछे पीछे ,



एक प्लेट में गुझिया , और लम्बी सी गिलास में ठंडाई ,...


गुड्डी ने थोड़ा सा नाननुकूर किया , पर उसके मालपुआ ऐसे गाल , कम्मो ऐसे भौजाई छोड़ने वाली थोड़े ही थी , कचाक से उसने दबाया और सटाक से गुड्डी रानी का मुंह खुल गया , फटाक और झटाक से मैंने गुझिया अंदर ठेल दी , गप्प से आधी अंदर थी ,


गुझिया के रंग रूप से मैं समझ गयी थी , स्पेशल नहीं डबल पेसल वाली , कम्मो स्पेशल , हर गुझिया में दो दो गोली शुद्ध बनारसी भांग , बेचारी को घोंटना ही पड़ा



" अभिन तोहार भइया घोटाते तो झट से खोल के गप्प कर लेती ,... छिनार "

कम्मो को कौन चुप करा सकता था ,


[Image: Teej-75587521-1394633880925968-328341998...1442-o.jpg]


" हे घोंटने में कुछ मुश्किल होना तो गीला कर लेना चाहिए , हाँ "

और अब ठंडाई का नंबर था और मुझे पक्का पता था उसमें भी कम्मो के हाथ का जादू जरूर होगा ,


गुड्डी के रोकते रोकते , कम्मो ने ग्लास उसके होंठ से लगा दिया , कुछ मुंह में गया कुछ गिरा पर ग्लास कम्मो के हाथ से नहीं छूटा।


अभी एक गुझिया बची थी , पर कम्मो ने गुड्डी को वार्निंग दे दी ,

" देखा ये वाली अपने से घोंटा नहीं तो हम तोहरी इस भौजाई अइसन सोझ नहीं हैं , हम ऊपर वाले नहीं नीचे वाले मुंह से खिलाएंगे , पीछे वाले , जाएगा तो पेट में ही , तो बोला मुंहे से घोटबु की गांडी में से , ... "


[Image: jkg-image-11.jpg]


बेचारी , उसने गुझिया उठा ली ,... मैंने कम्मो के भरोसे गुड्डी को छोड़ा , और नीचे अपनी पड़ोसन की ओर चल दी ,



लेकिन चलने के पहले गुड्डी को अपना आई पैड पकड़ा दिया , ...



" हे मिलते हैं ब्रेक के बाद ,.... बस अभी , लेकिन तब तू चाहे तो पिक्चर विक्चर देख लेना ,... "



उसे मालूम था की उसमे कैसी नीली पीली फ़िल्मी भरी हैं , और एक फोल्डर तो खाली ' मेरा उनका '

मैं सोच रही थी की नीचे पड़ोसन को जल्दी निपटा के ननदिया का रस लेने ऊपर आ जाउंगी , वो उठ के जा भी रही थीं की कम्मो ने उन्हें रोक लिया , किचेन से ही हाँक लगाई "

" अरे रुका चाय ला ला रही हूँ , तनी पापड़ भी छान दूँ ,... "
Like Reply
कम्मो

[Image: Teej-c439c9661c4d860fd7836a7ca6d30d09.jpg]


मैं सोच रही थी की नीचे पड़ोसन को जल्दी निपटा के ननदिया का रस लेने ऊपर आ जाउंगी , वो उठ के जा भी रही थीं की कम्मो ने उन्हें रोक लिया , किचेन से ही हाँक लगाई "

" अरे रुका चाय ला ला रही हूँ , तनी पापड़ भी छान दूँ ,... "

मेरी कुछ समझ में नहीं आया लेकिन चाय देते समय जब कम्मो ने घडी की ओर इशारा किया तो मैं समझी ,



गुड्डी रानी को जो भांग गुझिया ठंडाई में खिलाई पिलाई गयी थी , कम से कम २०- ३० मिनट तो लगता उसका असर चढ़ने में , इसलिए ,

फिर तो मैं भी , दो बार उन्होंने जाने को कहा लेकिन मैंने रोक दिया और पूरे ४० मिनट बाद ही उन्हें जाने दिया ,



जब मैं पहुंची तो गुड्डी की आँखों में गुलाबी डोरे थे ,


[Image: guddi-13556766-122447078187816-2087439108-n.jpg]


वो आई पैड पर मेरी उनकी ' लीला ' , में कैसे निहुर कर उसके भइया का लील रही थी ,

इसके पहले भी कई बार मैं उसे इनके मूसल की फोटो दिखा चुकी थी , एक बार तो पूरी सफ़ेद मलाई भी इनकी सीधे इनकी पिचकारी से मेरी ननदिया के मुंह में और उस छिनार ने गटक भी लिया था ,

वो खड़ी हो गयी , लेकिन मैं अपने हाथों में रंग छुपा के लायी थी , समझ दार तो वो थी ही , बस झट से उसने अपने गोरे गोरे गालों को छुपा लिया , लेकिन मैंने सिन्दूर की तरह रंग आराम से उसकी मांग मने भर दिया ,

" चल यार न तेरे भइया हैं न मेरे भइया तो दोनों की ओर से मैं कर देती हूँ सिन्दूर दान "


[Image: Teej-120807937-784994752068732-202584710...5582-n.jpg]


" एकदम और उसके बाद सुहाग रात ,... "

पीछे से कमरे में घुसती हुयी कम्मो बोली , उसके हाथ में रंगो से भरी गुलाल की प्लेट थी।

"पहले भौजी लोगन के साथ सुहागरात मना लो , फिर अपने भइया के साथ " मैंने उसे छेड़ा ,

" एकदम पहले अपने भइया के साथ फिर भौजी लोगन के भइया लोगन के साथ "

कम्मो क्यों मौका छोड़ती।


[Image: Teej-106384818-194542968670404-799225493...9228-n.jpg]


" अरे समझती क्या हो मेरी ननद को , अपने भइया का भी मन रखेगी , हम लोगन के भइया का भी , क्यों , अच्छा ये बता इत्ते चिक्कन चिक्कन गाल , आखिर कोई न कोई तो चूमेगा , रस लेगा, तो तेरे भइया क्यों नहीं ,... अच्छा ये बता तुझे अपने भैया अच्छे लगते हैं की नहीं। "


[Image: Teej-60af7f5d7dbe573b8c2f8e441fdc8c86.jpg]



" एकदम बहुत अच्छे हैं , " तुनक के वो बोली , ... लेकिन उसी समय हलके से एक गाल चूम के मैंने चिढ़ाया ,


" तो फिर उनको दे दो न एक चुम्मी बेचारे बहुत तरसते हैं , इस गाल पर " और ये कहते हुए मैंने एक गाल चूम लिया।

और दूसरे गाल पर कम्मो ने अपनी मोहर लगा दी।



…."और ओकरे बाद यह मालपुवा का मजा हमर भैया लेंगे ". कम्मो ने बात आगे बढ़ाई।

"गालो के बाद तुम्हारे भैया इस रसीले होंठ पर नंबर लगायेंगे , " और अबकी मेरे होंठों ने उसके होंठों को दबोच लिया और साथ में मेरी जीभ उस कच्ची कली के होंठों के अंदर ,... "


[Image: lez-kiss-g-small-2037-kissing-women.gif]


और ऊपर से कम्मो और उसे उकसा रही थी , ... " अरे ननद रानी कउनो तो आखिर रस लेगा ही , तो आखिर हमरे देवर में कौन कमी है , उन्ही को दे दो न जोबन का दान , "

भांग का सुरूर उस टीनेजर पर चढ़ रहा था , और भांग में सबसे मजेदार बात ये होती थी की मस्ती चढ़ने के साथ साथ , मन जिधर मुड़ जाता है बस वही मन करने लगता है , मैं मान गयी कम्मो को ,


और अब नंबर था रंग गुलाल का , इस होली में सब की रगड़ाई हुयी थी सिवाय गुड्डी रानी के , मोहल्ले की ननदें , गुड्डी की सहेलिया, मेरे देवर कम्मो ने सबके कपडे उतारे थे तो अब ये क्यों बचती , ...


लेकिन जैसे मैं प्लेट में से गुलाल उठाने के लिए झुकी वो जोर से चीखी , ...


नहीं भाभी कपड़ा खराब हो जाएगा नयी ड्रेस है एक,दम


" तो कपड़ा उतार दो न , सही तो है "

कम्मो को तो और मौका मिल गया चिढ़ाने का , गुड्डी मुझे रोक रही थी , पर कम्मो ने एक झटके में उसके दुप्पट्टे की तरह स्टोल को खींच लिया ,

और जब तक वो समझे , उसके दोनों हाथ कम्मो के हाथ में , पीठ के पीछे और कम्मो ने जबरदस्त गाँठ बाँध दी थी , किसी हालत में छुड़ाने से छूटती नहीं।गुड्डी के जोबन , जबरदस्त , टॉप फाड़ते ,... अब मैं समझी बेचारी ने स्टोल दुपट्टे की तरह क्यों ओढ़ रखा था , होने भंवरों से नए आते उरोजों को छुपाने के लिए ,
Like Reply
होलिया में उड़े रंग गुलाल

[Image: 3d64f50ce4f1a6f1bcd59f2f8ac024f6.jpg]



" तो कपड़ा उतार दो न , सही तो है "

कम्मो को तो और मौका मिल गया चिढ़ाने का ,

गुड्डी मुझे रोक रही थी ,

पर कम्मो ने एक झटके में उसके दुप्पट्टे की तरह स्टोल को खींच लिया , और जब तक वो समझे , उसके दोनों हाथ कम्मो के हाथ में , पीठ के पीछे


और कम्मो ने जबरदस्त गाँठ बाँध दी थी , किसी हालत में छुड़ाने से छूटती नहीं।


गुड्डी के जोबन , जबरदस्त , टॉप फाड़ते ,... अब मैं समझी बेचारी ने स्टोल दुपट्टे की तरह क्यों ओढ़ रखा था , भंवरों से नए आते उरोजों को छुपाने के लिए , ...


[Image: guddi-nips-tumblr-nre3m9-Efkv1urs7mdo1-500.png]




" अरे देखी जरा कौन चीज़ है जो इतना तोप ढांक के राखी हो , अच्छा , माल तो जबरदस्त है , ... "



टॉप के ऊपर से उसके उभारों को हलके हलके छूते सहलाते मैंने छेड़ा ,


कम्मो पीछे से उसके दोनों हाथ कस के पकडे हुए थी और गाँठ बाँध रही थी , इसलिए मेरी ननद हाथ मेरे हटा भी नहीं सकती थी , खाली कसर मसर कर रही थी , पर कम्मो की बाँधी गाँठ , अब उसके हाथ छूटने से रहे।



" अरे यार तेरे भइया इसी के लिए तो इत्ता ललचाते रहते हैं , दे दे ना , आखिर कोई न कोई तो इनका रस लूटेगा ही। "

हलके हलके उसके उभार सहलाते मैं उसे समझा भी रही थी , उकसा भी रही थी।


[Image: Guddi-1-ANUSHKA-IN-SEXY-HOTT-in-BLACK-BRA-TOP1.jpg]


कम्मो भी आ गयी मेरे साथ और वो सहलाने छूने वाली नहीं थी , दूसरा उभार उसके हाथ में था , और वो टॉप के ऊपर से ही उसे रगड़ मसल रही थी कस कस के ,



असर वही हुआ जो होना था , पहले तो वो चीखी चिल्लाई पर कम्मो के हाथ का असर , जोबन रगड़ने मसलने में लड़कों से भी दस हाथ आगे थी ,



गुड्डी सिसकने लगी।



उसके निप्स एकदम खड़े टॉप के ऊपर से झलकने लगे , और अब कम्मो ऊँगली से फ्लिक करने लगी पर बोल वो मुझसे रही थी ,


[Image: Dress-nips-poking-20104bb64469605d3121c64452b60566.jpg]


" अरे ये कोई पूछने की बात है , काहें नहीं देगी , आज अपने भइया को देगी , बाद में हमारे भैया को देगी , ये तो देने को तैयार है बस लेने वाला ,.... "



और अब कम्मो की बात काटते हुए , मैं ने दूसरे निप को पकड़ा और अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच दबा के फ्लिक करने लगी ,



" देख तेरे भइया ऐसे ही करते हैं , सच में बहुत मजा आता है , पहले ऊँगली से फिर होंठों से ,... बेचारे इत्ता तरसते हैं तेरे इन कच्ची अमियों के लिए , ... सच बहुत मजा आएगा तुझे "



मजा तो उसे भी बहुत आ रहा था पर वो बोल रही थी , भाभी छोड़िये न , उसकी आँखों में भांग का नशा हलका सा छा रहा था ,



" चलो न ननद की बात मान लेते हैं , हम तोहार एक बात मान लेते हैं तू हमार बात मान लो , अपने भइया से , .... "



कम्मो ने टॉप तो छोड़ दिया , और मैंने भी लेकिन हम दोनों ने मिल के टॉप उठा दिया ,



किसी भी लौंडे की हालत खराब हो जाती , और इनका मूसल तो पक्का पत्थर का ,... दो छोटे छोटे लड्डू ब्रा में मुश्किल ढंके , ... और ये ब्रा जो उसके भइया लाये थे , हाफ कप वाली , जो छिपाती कम थी , दिखाती ज्यादा थी।


[Image: tits-teen.jpg]


और अब ब्रा के ऊपर से रगड़ना मसलना चालू हो गया , लड़कियों के मामले में मैं कम्मो को मान गयी थी , उन्हें पिघलाना , गीली करना , मोहल्ले की जो ननदें उसकी पकड़ में आयी थी सब की , ... और आज तो कम्मो टॉप फ़ार्म में थी



बिना कुछ बोले , वो हलके उसकी ब्रा के ऊपर से वो सहला रही थी मसल रही थी , लेकिन मुझसे नहीं रहा गया मैंने पीछे से ब्रा की स्ट्रैप खोल दी , और अब ब्रा मेरी मुट्ठी में ,



ब्रा पहनी ननदें मुझे एकदम नहीं अच्छी लगती थीं , इत्ती मुश्किल से इत्ता इन्तजार करने पर तो ये जोबन आते हैं , और ऊपर से ,... इतना तोपना छुपाना ,


[Image: Nips-milky-15006831.jpg]


ब्रा मेरी मुट्ठी में और दोनों जोबन कम्मो की ,




लेकिन अब उसके होंठ और जीभ मैदान में आ गए थे , पहले जीभ से वो निप्स फ्लिक कर रही थी , फिर हलके हलके सक करने लगी ,

उह्ह्ह , नहीं नहीं , भौजी नहीं , ओह्ह्ह , ... प्लीज , भौजी छोडो न

मिनट भर में ही गुड्डी रानी पिघलने लगी ,


लेकिन कम्मो इत्ती आसानी से नहीं छोड़ने वाली , उसने चूसने की रफ़्तार बढ़ा दी , कम्मो के होंठो का असर किसी उभरते निपल पर इतना होता था जितना कोई और क्लिट को छूए


[Image: Lez-nip-suck-19626778.gif]



गुड्डी की आँखे पूरी तरह बंद हो गयी थी वो सिसक रही थी पिघल रही थी ,

कम्मो ने अब गियर बदला और मैं भी उसके साथ , कस कस के हम दोनों अपनी नन्द के उभारों को रगड़ मसल रहे थे ,


और वो चीख रही थी , कभी दर्द से कभी मस्ती से ,

" हे भाभी छोड़ दीजिये न , भौजी प्लीज ,... "

" अच्छा एक बार बोल दे क्या छोडूं तो छोड़ दूंगी , क्यों कम्मो "

जोर से उसके निप्स को पिंच करती मैं बोली।



[Image: sixteen-nips-3.jpg]




Like Reply
भैया को दूंगी , दूँगी दूँगी

[Image: Guddi-nip-77163383f5bf87e5d022082a1977a5d8.jpg]



" हे भाभी छोड़ दीजिये न , भौजी प्लीज ,... "


" अच्छा एक बार बोल दे क्या छोडूं तो छोड़ दूंगी , क्यों कम्मो "

जोर से उसके निप्स को पिंच करती कम्मो बोली।


[Image: Geeta-bcfc7830101b88acde98f3ebb2d5c69c.jpg]


" ओह्ह मेरे वो मेरा सीना , मेरे जोबन ,... "


मैंने कम्मो से भी जोर पिंच किया , वो जोर से चीखी लेकिन उसे मेरी बात याद आ गयी , मेरे सामने चूँची , चूत , चुदाई के अलावा कुछ भी बोला तो ,


बड़ी मुश्किल से उसके मुंह से चूं निकला तो कम्मो ने कस के उभार दबा दिए और चिढ़ाया ,


" हे चिड़िया हो का जो चूं चूं बोल रही हो पूरा बोल , .... नहीं तो ,... "

" चूँची , ... धीमे से वो बोली



मैंने नहीं सुना " मैं और कम्मो एक साथ बोलीं ,



अबकी थोड़ा जोर से बोली वो ,

' चूँची भौजी छोड़ दो न हमार चूँची "

और हम दोनों ने छोड़ दिया लेकिन टुकुर टुकुर देखने से हमे कौन रोक सकता था ,



रुई के गोल गोल फाहों ऐसे मुलायम , खूब गोरे गोरे माखन के गोलों ऐसे , छोटे भी नहीं , उसकी उम्र के हिसाब से तो , ... अच्छे खासे मुट्ठी में जाएँ और जान मारू थे निप्स , ललछौंहे , बस सुबह की सूरज की लालिमा ऐसे , आ ही रहे थे , कच्ची मटर की फली के दाने ऐसे ,


[Image: Guddi-nips-eeb367aae65dcdf1f0eeca64b8dd34e7.jpg]


लेकिन कम्मो फागुन हो , ननद हो , उसके उघारे नए आ रहे जोबन हो और रंग न लगाया जाय , बस प्लेट भर गुलाल जो लायी थी वो सीधे दुनो जोबना के ऊपर ,

गुड्डी ना ना करती रही , लेकिन फागुन में किसी ननद की किसी भौजाई ने सुनी है जो वो सुनती ऊपर से कम्मो ऐसी भौजाई ,



फिर मैं क्यों पीछे रहती और मैं ने नन्द की बात का जवाब भी दिया ,



" यार तू ही कह रही थी न की ड्रेस में रंग न लगे तो अब कतई ड्रेस में रंग नहीं लगेगा , अब काहें चिल्ला रही है , '



कबूतर के ललछौंहे पंख बहुत अच्छे लग रहे थे , बस ननद रानी की जोबना की रगड़ाई करने का काम मैंने कम्मो के ऊपर छोड़ा और खुद गुड्डी के ही फोन से उसकी फोटो खींचने में लग गयी , कुछ क्लोज अप तो कुछ में गुड्डी रानी का चेहरा भी एकदम साफ़ आ रहा था ,


[Image: Holi-Indian-Desi-nude-holi002-hotnwildba...ot-com.jpg]


जब तक वो समझती सम्हलती उस कच्ची कली के किशोर उभारों के दर्जनो फ़ोटो

लेकिन तब तक मैं दूर खड़ी थी , और उसकी फोन बुक में से नंबर सेलेक्ट कर रही थी ,



" हे बोलो न किस किस को भेज दूँ , तेरी सारी सहेलियों को , और रेनू को बोल दूंगी कुछ तेरे भंवरों को , बेचारे उन का भी कल्याण हो जाएगा , अरे वाह तेरे व्हाट्सऐप में तो तेरे कुछ भंवरों का भी नंबर है , बस सबसे पहले उन्ही को ,... "


[Image: Teej-b0c9be4d4c2499a707e711c47a426b5c.jpg]


बेचारी उस की हालत खराब

पर हालत उसकी खराब , हाथ दोनों बंधे और वो कम्मो की पकड़ में , ...

" भाभी प्लीज ,... "

" अच्छा चल यार लेकिन एक मेरी छोटी सी बात , एक है कोई जो तेरे इस जुबना का प्यासा है , बेचारा दो तीन दिन में चला जाएगा , फिर पांच छह महीने कब लौटे पता नहीं , एक बार ये दोनों कबूतर उसको ,... "


[Image: Teej-120807937-784994752068732-202584710...5582-n.jpg]


" धत्त भाभी ," वो शर्माती थी तो और सेक्सी लगती थी।

" लास्ट चांस ,... यार तेरे फोन से भेज रही हूँ , सब तुरंत खोलेंगे , और तू ये भी नहीं कह सकती पता नहीं किसने भेजा ,... बस एक बार बोल दे न देगी , ये दोनों , ... "

" अच्छा बोल दूंगी , भाभी डिलीट कर दीजिये न "



डिलीट तो मैंने नहीं किया लेकिन फोन रख दिया और फिर उस के पास आके बोली ,



" क्या बोलेगी ,... एकदम साफ़ साफ़ बोल ,... तो मालूम है न कौन है तेरा दीवाना , ... बस बोल दे दूंगी "



मुझ से ज्यादा , कम्मो और जब तक तीन बार उसने नहीं बोला ,

" चूँची भैया को दूंगी , दूँगी दूँगी "



[Image: Joru-K-nips-4-1.jpg]


तब तक हम दोनों ने नहीं छोड़ा , हाँ उसकी इस बात की भी पूरी वीडियो रिकार्डिंग हुयी।



लेकिन अभी तो चार आने का भी खेल नहीं हुआ था , कम्मो की उँगलियों का जादू तो बचा था और मुझे भी ननद से होली खेलना था।



[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
भाभी हो जाने दो ,


[Image: Guddi-nips-0703b2e52aca90f8617d1ff049e9bde1.jpg]


मुझ से ज्यादा , कम्मो और जब तक तीन बार उसने नहीं बोला ,

" चूँची भैया को दूंगी , दूँगी दूँगी "

तब तक हम दोनों ने नहीं छोड़ा , हाँ उसकी इस बात की भी पूरी वीडियो रिकार्डिंग हुयी।



लेकिन अभी तो चार आने का भी खेल नहीं हुआ था , कम्मो की उँगलियों का जादू तो बचा था और मुझे भी ननद से होली खेलना था।

कम्मो ने नीचे का मोर्चा सम्हाला ,

पैंटी खुल के फर्श पर जहाँ ब्रा गिरी पड़ी थी


[Image: panty.jpg]


उसकी हथेली , गुड्डी की चुनमुनिया पर और जोबन दोनों मेरे हवाले।


कन्या रस लेने की ट्रेनिंग मेरी भाभियों ने अच्छी तरह दे दी थी मुझे , होली में , गाँव में कोई भी सादी बियाह हो तो रतजगे में ,

कच्ची कली के कच्चे अनार का रस लेने के साथ , मैं उसे समझा भी रही थी तैयार भी कर रही थी ,

" देख तेरे भइया ऐसे रस लेते हैं , पक्के रसिया हैं , अब तो तूने हाँ कर ही दी है उन्हें अपने जोबना का दान देने का , ... देखना , खुद टाँगे फैला देगी सच। "


कभी हलके हलके मैं उसके बस आ रहे उरोज सहलाती तो कभी कस के दबा देती , मसल देती , आखिर मेरे कितने देवरों का , अपने मोहल्ले के कितने लौंडों का ये जोबन दिल जला रहे होंगे ,... बीच बीच में निप्स फ्लिक कर देती ,


पिंच कर देती ,


[Image: nips-pull-20912748.gif]



और फिर मेरे होंठों और हाथों ने हिस्सा बाँट लिया ,


एक होंठों के हवाले दूसरा हाथ के ,

हलके हलके चुम्बन लेती , उरोजों के एकदम बेस से मेरे होंठ सहलाते चूमते ,चूसते धीरे धीरे ऊपर की ओर बढे और गच्चाक से उस कच्ची कली के निप्स मेरे होंठों के बीच में


[Image: nip-suck-lez-9565807.png]


होंठों ने बस बहुत हलके से दबा रखा था और जीभ से बस बीच बीच में फ्लिक कर देती , और कुछ देर बाद गियर बदला

कस कस के मैंने चूसना शुरू किया और साथ में जीभ भी अब कस कस के नाच रही थी निप्स के टिप पर ,




[Image: nip-suck-lez-19192148.gif]


गुड्डी रानी की आँखे बंद हो गयीं , जोबन पथरा गए थे ,

वो सिसक रही थी , मस्ता रही थी ,



दूसरे उभार को मैं बांयें हाथ से हलके हलके सहला रही , थी दबा रही थी ,

" हे तेरे भइया तो इससे भी बहुत ज्यादा , सच , एकदम मैं तो कुछ भी नहीं ,.. अब तो तूने हाँ कर दी है , और वो बिचारे तो इत्ता ललचाते हैं सिर्फ सोच सोच के आज जब ये दोनों कच्ची अमिया उन्हें मिलेगी देखना कितने खुश होंगे , सच ,... और जब एक बार उनका हाथ , उनके होंठ लगेगा , तू एकदम पागल हो जाएगी , इत्ता मस्त आकर देंगे , सच्ची , ... जो चाहे वो बाजी लगा ले। "



मेरे दाएं हाथ ने नीचे का रुख किया जहाँ अब तक कम्मो आग लगा रही थी

धीमी आंच पर कड़ाही गरम करने में वो माहिर थी ,हलके हलके बस गदोरी से ननद रानी की गुलाबो को सहला रही थी , उसे ऊँगली करने की जल्दी नहीं

लेकिन इस सहलाने , रगड़ने से ही गुड्डी की चुनमिनिया गीली हो गयी थी , और उसके बाद बस दोनों पुत्तियों को पकड़ के आपस में हलके हलके रगड़ना शुरू किया तो ननद रानी ने पानी फेंकना शुरू कर दिया ,


[Image: pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif]


बस तर्जनी का पहला पोर उसने अंदर किया और उसमें ही गुड्डी रानी की चीख निकल गयी , लेकिन जल्दी ही वो चीख सिसकियों में बदल गयी ,

और अब मेरा हाथ भी मैदान में था , उसकी क्लिट , मैं बस अंगूठे से उसे छू रही थी ,


[Image: pussy-clitoris-close-up-pics-600x400.jpg]


गुड्डी एकदम झड़ने के करीब पहुंच जाती तो कम्मो रुक जाती और कुछ देर बाद फिर चालू हो जाती , कभी अब वो हलके हलके ऊँगली करती तो कभी फुद्दी को रगड़ती , और उसकी ऊँगली हटती तो मेरी ऊँगली काम पर लग जाती ,...

एक बार जब वो एकदम झड़ने के कगार पर हो गयी तो मैंने सोचा झाड़ दूँ बहुत तड़प रही है , तो कम्मो ने इशारे से मना कर दिया ,

मेरी और कम्मो की उँगलियाँ गुड्डी के पानी से एकदम गीली हो गयी थीं , ...



दो चार बार के बाद गुड्डी खुद बोलने लगी ,

भाभी हो जाने दो ,
[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply
अपने भइया से


[Image: guddi-boobs-ms2669.gif]


मेरी और कम्मो की उँगलियाँ गुड्डी के पानी से एकदम गीली हो गयी थीं , ...

दो चार बार के बाद गुड्डी खुद बोलने लगी , भाभी हो जाने दो ,



" अरे तेरे भैया आएंगे न उनसे झड़वा लेना , बोल झड़वाएगी अपने भइया से , ... "

मैंने अपनी गर्मायी, बौराई ननदिया को उकसाया


[Image: Teej-100483676-2819847834793741-33404049...2848-n.jpg]


बेचारी झेंप गयी लेकिन जब हम दोनों ने मिल के उसे बहुत तंग किया तो बोली मुझसे



" भाभी , आपके सैंया ही पीछे हट जाएंगे ,... "

" चल इतना छिनरपना न कर , है हिम्मत तो एक बार बोल दे , जोर से ,... "

कम्मो ने उसे और चढ़ाया



और गुड्डी ने बोल ही दिया , आखिर ,... की वो अपने भइया से चुदवायेगी ,.... बस अबकी तो हम दोनों ने ,..

लेकिन कम्मो ने उसे साथ में हड़काया ,

" मेरे देवर की जिम्मेदारी मेरी , लेकिन स्साली भाइचॉद अगर जरा भी छिनरपना किया न तो तेरी स्साली गाँड़ भी मरवाउंगी , और उसके बाद खुद अपनी मुट्ठी से भी तेरी गाँड़ मारूंगी कोहनी तक पेलुँगी , हचक के चोदवाना होगा , ... खुद बोली हो तुम ,... "


[Image: Teej-127225062-4060580963986046-84655502...7271-o.jpg]



एक बार गुड्डी रानी फिर झड़ने के कगार पर थी , लेकिन मेरा फोन बज उठा ,

उन्ही का था ,.... मिस्ड काल , मैंने उन्हें बोल रखा था घर में आने के पांच मिनट पहले मिस्ड काल



" देख तेरे यार का है , अब तो तूने बोल भी दिया है , बस तीन चार दिन बाद होली हैं फड़वा ले ,... "

कह के अबकी एक पोर मैंने जोर से पेल दी ,


[Image: fingering-9.jpg]


वो जोर से चीखी ,

लेकिन तब तक सीढ़ी पर पैरों की आवाज आ रही थी , गुड्डी को बगल के छोटे कमरे में मैंने और कम्मो ने छिपा दिया


तभी उनकी दरवाजा खटखटाने की आवाज हुयी ,

कम्मो ने ही दरवाजा खोला।


और उन के घुसते ही कम्मो ने उन्हें दबोच लिया , साथ में गालियों की बौछार



[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)