01-04-2021, 10:27 AM
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Romance मोहे रंग दे
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01-04-2021, 10:28 AM
01-04-2021, 10:29 AM
01-04-2021, 05:30 PM
नयी बहू की पहली होली -
देवर नन्दोई संग छोटी ननद , थोड़ी छोटी थी , इनकी ममेरी बहन गुड्डी की समौरिया या दो चार महीने छोटी ही रही होगी उस समय , देवर हाईकॉलेज वाला , लेकिन थोड़ा शर्मीला ,... पर चार पांच महीने बाद ही मरद कमाने चला गया , उसके महीने भर बाद ही होली थी और उसके आने की कोई उम्म्मीद नहीं थी , काम पर साल दो साल का कांट्रैक्ट होता था उसके बाद ही छुट्टी मिलती थी , कम्मो का मन नहीं लगता था , वो सोचती थी होली में मायके वापस आने को , लेकिन सास ने मना कर दिया , अरे तेरा मरद नहीं है तो देवर ननद मैं हूँ , फिर तेरे नन्दोई की पहली होली है , वो भी आएंगे , ... तो पाहुन किसके साथ होली खेलेंगे , सावन में चली जाना मायके , लेकिन फागुन तो यहीं , फिर देवर ननद भी , देवर शर्मीला था तो कम्मो उसे छेड़ती भी बहुत थी , और उसकी सास भी एकदम खुली ,... सुहागरात की अगली सुबह जितना ननदों ने नहीं छेड़ा उससे ज्यादा सास ने खोद खोद कर सब हाल चाल पूछ लिया और उनकी छोटी ननदों के समाने ही उन्हें खोल कर समझाया , " जैसे दुल्हिन की ऊपर की मांग में , सिन्दूर सोभा देता है , छलकता भरभराता , वैसे नीचे वाली मांग में सफ़ेदा हरदम, बजबजाता रहे टपकता रहे , ... " किसी ननद ने कुछ बोला , तो सास उसी के ऊपर चढ़ बैठीं , " कइसन ननद हो , अबहिन तक भौजी क नीचे वाली मुंह दिखाई नहीं की ,... अइसन गोर चिक्क्न भौजाई मिली हो ,... " गाँव का माहौल , एकदम खुला ,..ख़ास तौर पर जो उसके ननदोई , ब्याहता ननद , कहीं भी , दिन दहाड़े ,... और उसे देख कर नन्दोई ललचाते भी बहुत थे , तब भी कम्मो के जोबन बहुत गदराये थे और चूतड़ एकदम मस्त , पीछे से चिकोटी काट के वो बोलते , " अबकी होली में ये बचेगी नहीं ,... मुझसे " और कम्मो भी कम नहीं थी , हँसते खिलखिलाते उन्हें ही चैलेन्ज करती , " देखा जाएगा होली में किसकी मारी जायेगी , मैं डरती नहीं हूँ। " ननद नन्दोई के साथ नन्दोई के एक दोस्त भी आये , उन्ही के तरह लहीम शहीम तगड़े ,गब्बर जवान , उनका नाम ले कर कम्मो ने अपनी ननद को खूब छेड़ा , होली की शुरुआत ननद भौजाई के साथ , कम्मो ने पहले झप्पाटे में ही ननद की चोली फाड़ी , तो ननद ने भौजी की साडी उतारी , कम्मो ने पहले अपनी ब्याहता ननद के जोबन उघाड़े और अपने रगड़ते मसलते अपनी नन्द के भाई को , देवर को देखकर ललचाने लगी , मौका देख कर छोटी ननद भी अपनी बड़ी दीदी के साथ और नयकी भौजी का नयका ब्लाउज चार टुकड़े में आँगन के चार कोने में , और दोनों ननद भौजाई होली के दंगल में एक दूसरे के जोबन का रस ,
01-04-2021, 05:35 PM
(This post was last modified: 01-04-2021, 05:36 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मौका देख कर छोटी ननद भी अपनी बड़ी दीदी के साथ और नयकी भौजी का नयका ब्लाउज चार टुकड़े में आँगन के चार कोने में ,
और दोनों ननद भौजाई होली के दंगल में एक दूसरे के जोबन का रस , नन्दोई और उनके दोस्त अभी खेल तमाशा देख रहे थे , थोड़ी देर में ननद भौजाई सिर्फ पेटीकोट , लेकिन तबतक नन्दोई और उनके दोस्त , और नन्दोई से पहले सलहज ने ही नन्दोई का पजामा खोल दिया , और ननद को ननदोई के दोस्त ने , आखिर उसकी भाभी लगती थीं , ... लेकिन असली होली तो बस शुरू होनी थी और कम्मो के नन्दोई वहीँ आँगन में , पेटीकोट पाजामा दोनों आंगन में , और वहीँ पटक कर कम्मो के ऊपर नन्दोई चढ़ बैठे , ... मैंने कम्मो भौजी से पूछा , " लेकिन आपको बुरा लगा होगा , इस तरह खुले आम , आंगन में , और सब ,... " " बुरा काहें लगा , हमारे मरद को गए महीने से ऊपर हो गया था , तब से उपवास ,... इतना लम्बा उपवास तो कुंवारे में नहीं होता था , अइसन खुजली मच रही थी , अरे नन्दोई न करते तो मैं खुद उनके ऊपर चढ़ के चोद देती , इतना मन कर रहा था , और सब से ज्यादा मजा इस बात का आ रहा था , आंगन के पास बरामदे में मेरी सास छोटी ननद सब बैठ के , और खूब खुल के , सब से बढ़ कर , तो मेरी सास मेरे नन्दोई को ललकार रही थीं , ' अरे पाहुन , अस सलहज होली में ना मिली , तानी देखि महतारी कुछ खियाये वियाये हैं की नहीं , आज जोर देखब तोहार अपने आंगन में , " और आपकी ननद , जिनके मर्द के साथ , मैंने आगे का हाल पूछा। " वो स्साली तो पक्की छिनार है , उसी ने तो , ... नन्दोई जी ऊपर थे , मैं नीचे थी और पूरा अंदर घुसा था , हथियार भी उनका जबरदस्त , मोटा भी खूब , इतना दिन बाद पेलवाई हो रही थी , मैं मजे ले ले कर ,... लेकिन ननदोई जी ने पलटा खाया , और अब मैं ऊपर वो नीचे , नीचे से ही उन्होंने कस के मुझे अपने हाथो और पैर से दबोच लिया , पूरी ताकत से नीचे से पूरा खूंटा ठूंसे , ... और मेरी छिनार ननद ने नन्दोई के दोस्त को ललकारा , देखा भौजी क पिछवाड़ा , चढ़ जा , और नन्दोई ने तो दबोच ही रखा था , ननद ने भी मुझे कस के दबा दिया ,और बोलने लगी , आज भौजी एक साथ दो दो का मजा ले ला , ससुराल में पहली होली है ,
01-04-2021, 05:37 PM
ट्रिपलिंग -कम्मो भौजी की होली में
और मेरी छिनार ननद ने नन्दोई के दोस्त को ललकारा , देखा भौजी क पिछवाड़ा , चढ़ जा , और नन्दोई ने तो दबोच ही रखा था , ननद ने भी मुझे कस के दबा दिया ,और बोलने लगी , आज भौजी एक साथ दो दो का मजा ले ला , ससुराल में पहली होली है , " फिर " मैंने उत्सुकता से पूछा , " अरे मैं हिल भी नहीं पा रही थी , और सास ने कडुआ तेल की शीशी नन्दोई के दोस्त को पकड़ा दिया , वो मुझे दिखा दिखा कर अपने मोटे खूंटे पर घर का पर कडुवा तेल मल रहे थे , सुपाड़ा पूरा खुला , और उन के हाथ से शीशी लेकर ननद ने मेरे पिछवाड़े , थोड़ा सा तेल लगा दिया , बहुत जोर से छरछराया , ऊपर छिनार भाई क रखैल, सतभतरी , मुझे चिढ़ा रही थी , भौजी इतनी अच्छी ख्याल करने वाली ननद नहीं मिलेगी वरना दूसरी ननद होती तो सीधे सूखे भावज की गाँड़ फड़वाती , ... और उस के बाद नन्दोई के दोस्त ने एक धक्के में ही इतनी कस के सुपाड़ा पेला की मेरी जान निकल गयी मैं जोर से चीखी ,... " " लेकिन भौजी आप तो ट्रिपलिंग ,... तीन के साथ , तो तीसरा कौन ,... " मैं हाल खुलासा सुनना चाहती थी ,... " अरे वही तो हमार सास कउनो से कम नहीं , ... जब मैं जोर से चीखी , तो उन नन्दोई से बोलीं , ' अरे पाहुन , तोहार सलहज तो बहुत जोर से चीख रही है , ओकरे मुंह में डॉट लगवावा ,... ' बस नन्दोई इशारा समझ के गए , उन्होंने मेरे देवर को चढ़ाया और बुलाया , ... अरे तोहरी भौजी क एक छेद तो बचा है डाल दे , ... ' मुझे भी लग रहा था दोनों नन्दोई तो पहली होली का मजा ले रहे हैं लेकिन मेरा सगा देवर बेचारा , और वो शर्मीला इतना की खुद उसके बस की बात नहीं थी कुछ भी , वो नजदीक आया , तो मैंने खुद , और उसका ,... मेरे मुंह में , एकदम नौसिखिया , लेकिन मैंने खुद पकड़ कर मुंह खोल कर ,... लेकिन सास की चालाकी नहीं समझी थी ,... " मेरी भी समझ में नहीं आया , मजा दोनों नन्दोई ले रहे थे , देवर भी चुसवा रहा था , ... तो सास का क्या , लेकिन कम्मो भौजी ने समझाया अपनी पहली होली का हाल , उनकी सास उनके नन्दोई को और उससे भी बढ़कर , नन्दोई के दोस्त को ललकार रही थीं , ' अरे पाहुन , अब तो सलहज के मुंह में डॉट लग गयी है , चिल्ला भी नहीं पाएगी , तब काहें ,... अरे हचक हचक के , तानी हम देख लें तुम दोनों की ताकत, सलहज के साथ ,..." यहाँ तक की छोटी ननद भी मुझे चिढ़ा रही थी , भौजी मायके जाती होली में तो ई मजा कहाँ मिलता ,... अरे नन्दोई के दोस्त इतने हचक हचक के गाँड़ मार रहे थे , बड़ी जोर से परपरा रहा था , छरछरा रहा था , और फिर जब नीचे से नन्दोई चालू हो गए तो बस जान नहीं निकली , लेकिन कुछ देर बाद मजा भी आने लगा , साथ में मैं देवर का भी मजे से चूस रही थी , उसका पिछवाड़ा सहला रही थी , पिछवाड़े की दरार में ऊँगली रगड़ रही थी , पहले देवर झड़ा , वो बेचारा बाहर निकालना चाहता था लेकिन मैंने नहीं निकालने नहीं दिया , सारी मलाई मुंह में ली , उसके बाद नन्दोई के दोस्त , मेरे पिछवाड़े , मैं एक बार झड़ चुकी थी , दुबारा फिर से और साथ में नन्दोई भी नीचे से कटोरी भर मलाई ,... महीने भर के इन्तजार के बाद , थक कर हम तीनो थेथर हो गए थे। हम दोनों , मैं और कम्मो भौजी भी थोड़ी देर चुप बैठे थे , लेकिन एक बात मैं पूछना चाहती तो मैंने पूछ लिया , " लेकिन आप तो कह रही थी की आप के नन्दोई आप के पिछवाड़े पड़े थे लेकिन पिछवाड़े तो नन्दोई के दोस्त ने हाथ साफ़ कर लिया ,... " कम्मो बहुत जोर से हंसी , बोलीं " तुम भी न , ससुराल की पहली होली , एक बार में क्या होता है ,... अरे जैसे रिकार्ड पलट के बजाते हैं न , उसी तरह अगली बार अगवाड़े का मजा नन्दोई के दोस्त ने लिया और पिछवाड़े का नन्दोई जी ने ,... खूब हचक कर , उसी तरह साथ साथ ,... दूसरी बार तो वैसे भी टाइम ज्यादा ही लगता है। " कुछ रुक कर कम्मो भौजी बोलीं , " इतने जोर से नन्दोई के धक्के लग रहे थे , मैं समझ गयी नन्दोई जी को बुर चोदने से ज्यादा गाँड़ मारने में मजा मिलता है , और मारते भी खूब मजे से हैं रस ले ले कर , ... और वैसे भी मैं अपनी ननद से , सास से दोनों से उनके बारे में सुन चुकी थी, पिछवाड़े के कितने बड़े रसिया हैं , दोनों ने , नन्दोई और नन्दोई के दोस्त ने जोबन भी एक एक बाँट लिया था , लेकिन साथ साथ जो मेरी ननदें चिढ़ा रही थीं छेड़ रही थीं , और जरा भी धक्के धीमे हुए , एक पल के लिए भी नन्दोई रुके तो मेरी और उनकी सास थीं न ललकारने के लिए , ... " कम्मो भौजी एक मिनट के लिए चुप हो गयीं , लेकिन फिर बिना कुछ बोले मुस्कराने लगी ,... मुझसे नहीं रहा गया , मैंने पूछ लिया ,... क्यों कोई ख़ास बात ,... वो बोली नहीं, बस यादों में खोयी मुस्कराती रही, मैंने फिर टोहका लगाया तो हँसते हुए बोली , ये बात मैंने किसी को आज तक नहीं बताई थी , लेकिन
01-04-2021, 05:39 PM
कम्मो भौजी -
पहली होली देवर नन्दोई संग " इतने जोर से नन्दोई के धक्के लग रहे थे , मैं समझ गयी नन्दोई जी को बुर चोदने से ज्यादा गाँड़ मारने में मजा मिलता है , और मारते भी खूब मजे से हैं रस ले ले कर , ... और वैसे भी मैं अपनी ननद से , सास से दोनों से उनके बारे में सुन चुकी थी, पिछवाड़े के कितने बड़े रसिया हैं , दोनों ने , नन्दोई और नन्दोई के दोस्त ने जोबन भी एक एक बाँट लिया था , लेकिन साथ साथ जो मेरी ननदें चिढ़ा रही थीं छेड़ रही थीं , और जरा भी धक्के धीमे हुए , एक पल के लिए भी नन्दोई रुके तो मेरी और उनकी सास थीं न ललकारने के लिए , ... " कम्मो भौजी एक मिनट के लिए चुप हो गयीं , लेकिन फिर बिना कुछ बोले मुस्कराने लगी ,... मुझसे नहीं रहा गया , मैंने पूछ लिया ,... क्यों कोई ख़ास बात ,... वो बोली नहीं, बस यादों में खोयी मुस्कराती रही, मैंने फिर टोहका लगाया तो हँसते हुए बोली , ये बात मैंने किसी को आज तक नहीं बताई थी , लेकिन मैंने बुरा सा मुंह बनाया ,... तो क्या मैं ' किसी को ' हूँ ,... " तभी तो बता रही हूँ ,... " और कम्मो भौजी चालू हो गयीं। मेरे दो राउंड के बाद , घंटो गाँव की नन्दोई की साली सलहज , मेरी ननदें , दोनों नन्दोई लोगों के साथ ,... हाँ सफ़ेद रंग वाली होली सिर्फ मेरे साथ हुयी थी लेकिन उसके अलावा सब कुछ हुआ , कपडे फाड़ना , दबाना , मसलना , ऊँगली करना , मुठियाना ,... उसके बाद दोनों ननदें सास , गाँव की औरतों के साथ और घरों में होली खेलने चली गयीं , नन्दोई के दोस्त भी अपने गाँव , पास ही ससुराल थी ननद की ,... हाँ मैं और देवर वहीँ आँगन में। नन्दोई थक गए थे तो अपने कमरे में , " तो " मैंने बात आगे बढ़ाने के लिए हुंकारी भरी , और भौजी ने आगे बढ़ाई बात , " देवर का मुंह लटका हुआ था , मैं समझ गयी। नन्दोई दोनों ने दो दो बार वहीँ आंगन में , ... गाँव की भौजाइयों का भी पूरा जोर नन्दोईयों पर और ननदों का अपने जीजा और मेरे ऊपर , ... मैंने जाके पहले दरवाजा उसे दिखाते हुए बंद किया और उसके बगल में बैठ गयी , और चिढ़ाते हुए बोली " अरे अब सब लोग चले गए हैं न अब होगी असली वाली देवर भाभी वाली होली , खाली हम तुम हैं डाल दो जहाँ डालना हो , जैसे डालना हो , जितना डालना हो " " नहीं नहीं भौजी , हमको नहीं खेलनी " उसका मुंह जोर से लटका था। " मत खेलो , लेकिन मुझे खेलनी है , और तुमसे नहीं अपने छोटे देवर से , .. " और जबतक वो सम्हले , उसकी नेकर खींचकर , आँगन में गिरे रंग उठाकर , सीधे खूंटे पर , ... मैं सिर्फ साडी पहने थी , पहने क्या बस लपेटे , बस एक झटका और मेरे दोनों जोबन रंग से लिपटे , खुल गए ,... और मैंने खुद उसका हाथ खिंच कर अपने उभारों पर ,.. बस थोड़ी देर पर मुस्कान आ गयी , हम दोनों की होली चालू हो गयी थी , खूंटा भी खड़ा हो गया था , उसे छेड़ते हुए मैंने बोला , मैंने उसे ललकारा भी चिढ़ाया भी, स्साले तेरी माँ बहन दोनों चोद दूंगी इसी आँगन में और तेरे सामने अगर नहीं चोदा तो , मैं उसको हलके हलके मुठिया रही थी , कभी कभी मुंह में लेकर भी , लेकिन स्साला एकदम कोरा था अपनी छोटी बहन की तरह ये मुझे अंदाज लग गया था। " हे इतना मस्त खड़ा किये हो अभी तो तोहार छोटकी बहिनिया भी गाँव में पता नहीं केकरे साथ , तो इसका कुछ इस्तेमाल होगा की नहीं ,...अरे लाला चल आज मेरे साथ कर ले और आज इम्तहान में पास हो गया न तो कल अपनी छोटी ननद की भी दिलवा दूंगी, इसी आंगन में पक्का। अपने सामने। "
01-04-2021, 05:40 PM
सटाना भी मुझे पड़ा , सेट भी करना पड़ा , छेद पर , एकदम नौसिखिया ,
लेकिन डंडा ठीक था , और एक बार चालू हो गया तो बस थोड़े ही देर में ,... शुरू शुरू में शरमा रहा था , धक्के भी थोड़े धीरे धीरे, मैं ही चूतड़ उठा उठा के , मैं उसकी छोटी बहन का नाम ले ले के चिढ़ा रही थी , जोश दिला दे रही थी , " अरे लाला, जरा जोर लगाव, ऐसे हमारी कच्ची ननद की क कसी चूत कैसे चोद पाओगे, लो पकड़ो इसको , हमको मालूम है रोज चोरी छुपे देखते ललचाते रहते हो , ले लो रस जोबना का , ... " और उसके दोनों हाथ खींच के अपने दोनों जोबन पर रख दिए , फिर वो मसलने भी लगा , धक्के भी थोड़ा जोर से , थोड़ा बहुत सिखाना पड़ रहा था , जैसे उसका मुंह खींच कर मैं अपने निपल पर ले गयी , चूस कस कस के साफ साफ़ बोला मैंने , ... हाँ धक्के अब ठीक ठीक मार रहा था , एक बात मैं और पहचान गयी थी , भले ही नौसिखिया है , लेकिन लम्बी रेस का घोडा है , टाइम पूरा लेगा , जल्दी साथ छोड़ने का खतरा नहीं है इसके साथ , मुझसे रहा नहीं गया भौजी से पूछ ही लिया , " लेकिन इसमें कौन सी ऐसी बात की आपने अभी किसी को नहीं बताया " वो जोर से खिलखिला के , हंसी , फिर बोलीं , वही तो बताने जा रही हूँ ,... " स्साला मेरा देवर, गांडू , धक्के तो मार रहा था वो , औजार भी ठीक ठाक था , लेकिन झिझक, लाज अभी भी बहुत थी उसमें, मुझे ही एड लगानी पड़ रही थी बार बार , ... मैं सोच रही थी, तभी ,... " कम्मो बोलीं, लेकिन मुझसे उनका रुकना बर्दास्त नहीं हुआ , मैंने भी ऐड लगाई , ' बोलिये न आगे क्या हुआ , कुछ हुआ क्या आपके देवर को ,... " " बहुत कुछ " हँसते हुए वो बोली , फिर आगे का हाल खुलासा सुनाया , " मेरे नन्दोई, बताया था न सब लोग चले गए थे , मैं और देवर आंगन में , और नन्दोई जी अपने कमरे में थे , वो सो रहे थे , लेकिन हम दोनों की आवाज सुनकर आंगन में आ गए। देवर तो मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था उसे नहीं दिखाई पड़ा , पर मुझे देवर जी का इलाज समझ में आ गया , और जिस तरह नन्दोई देख रहे थे मेरा शक पक्का हो गया। ' ' क्या इलाज किया देवर का, ... " मैंने फिर पूछ लिया , लेकिन इस बार बिना मेरी बात का जवाब दिए , कम्मो ने बात आगे बढ़ाई।
02-04-2021, 04:18 PM
(This post was last modified: 02-04-2021, 04:19 PM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अति उत्तेजक अपडेट भाभी
बहुत मजा आया क्या मस्त लिखा है उफ्फ कस के अगला अपडेट देना...
03-04-2021, 12:33 PM
भाभीजी क्या कमाल का लिखा है?? जब जल्दी से अपडेट दे दो।
Hangout: akashranjan1611aks;
05-04-2021, 02:14 PM
देवर का काम हो गया। कोरी मार ली गयी।
07-04-2021, 04:57 PM
09-04-2021, 07:29 AM
komal ji there is a thing , with time, words to picture ratio is decreasing in your updates.
I remember your story like phagun ke din chaar or shadi suhagraat aur honeymoon there was so much to read. Even solva sawan, joru ka gulam has good ratio. I don't know if you are seeing this too or only i am. Now a days 2 or 3 updates can be read in only few minutes.
23-04-2021, 12:28 PM
(09-04-2021, 07:29 AM)UDaykr Wrote: komal ji there is a thing , with time, words to picture ratio is decreasing in your updates. let me correct you, Phagun ke din chaar had no pictures. Shadi suhgaartaat and honeymoon was posted long back in a forum where pic attachement was very hard. Now days with picbee and other soft ware it is possible to post gif and evenweb easily. This forum has a restriction of 10 pics per post so it can't be more than that. JKG in xossipy i was not posting pics . yes if you feel pics are too many it can be remedied. but as for this particular story, Mohe rang de is concerned,... it is about 800 pages + in MS word with fount size 11. ( i add pictures later not during writing) what impacts pace of story is response of readers, comments, viewrship and i have already mentione no body likes to sing in an empty auditorium. But it is sheer habit i keep on posting , so a few more posts.
23-04-2021, 12:31 PM
बात बनारस की
मेरे देवर की रगड़ाई जम कर चल रही थी , लेकिन हरदम नहीं ४-५ घण्टे पढ़ाई , उसके बाद ब्रेक गिन कर २० मिनट का , बस उसी ब्रेक में , थोड़ा मूड भी फ्रेश हो जाए और थोड़ा मस्ती, फिर पढ़ाई ,... और खाना खिलाने का काम गुड्डो के जिम्मे , बिना पढ़ाई के ब्रेक के , उसकी गोद में बैठ के , कभी अपनी कोमल उँगलियों से , तो कभी मुंह में डालकर , कुचला थूक से लिसड़ा , ... मुखरस से भीगा , ... हालचाल मैं तीनो से लेती , सबसे पहले अपने देवर अनुज से , फिर गुड्डो और सबसे बढ़कर गुड्डो की मम्मी , मेरी भावज और सबसे पहले मुझे पड़ती मीठी मीठी गारियाँ उसके बाद देवर का हालचाल , ... और ये बात अनुज ने ही बताई , हाँ गुड्डो ने बाद में ताकीद की उसकी ,... असल में मैंने बताया था न पहुँचते ही अनुज के कपडे जब्त हो गए थे , अब उसके बाद गुड्डो और उसकी मम्मी की मर्जी , क्या मिलेगा उसे पहनने को , पहले दिन तो शार्ट पहना रात को उसने , लेकिन अगले दिन धुलने के नाम पर वो भी जब्त और बहुत चिरौरी मिनती करने पर गुड्डो ने अपनी दो दिन की पहनी बारमूडा उसे उतार कर दी , ... तो पता नहीं जानबूझ कर या गलती से , गुड्डो ने खिलाते हुए उसकी धवल सफ़ेद रूपा बनियाइन पर , सब्जी गिरा दी ,... बड़ा सा दाग ,... और कुछ देर में मेरी और अनुज की भावज , गुड्डो की मम्मी पहुंची और अपनी बेटी पर लगीं चिल्लाने , " अरे गुड्डो , उतार दे इसको दाग जल्दी साफ़ नहीं होगा , अभी पानी में डाल दे, कल धुल देना ,... " और वो बेचारा चीखता रहा चिल्लाता रहा , लेकिन उसकी बनियाइन न सिर्फ उतारी गयी बल्कि उस ेलेकर गुड्डो चम्पत और बगल के कमरे से नल खुलने की आवाज आयी , और पीछे से भाभी अपने गदराये कड़े नुकीले ३६ डी डी साईज के कड़े उसकी पीठ में चुभोते , हाथ सीधे मटर के दाने से भी छोटे अपने देवर के मेल निप्स पर कभी उसे फ्लिक करते कभी पिंच करते , चिढ़ाते बोलने लगीं , " अरे इसके लिए शरमा रहे हो इतने छोटे तो हैं,... " तब तक गुड्डो उनकी हाईकॉलेज वाली बेटी बगल में आ कर खड़ी हो गयी पर उन्हें कुछ फरक नहीं पड़ रहा था , वो अपने देवर के निप्स को अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच लेकर गोल गोल ,... और असर उसका सीधा गुड्डो के बरमूडा पर ( जिसे अनुज ने पहन रखा था ) पड़ रहा था , तम्बू में बम्बू अच्छा खासा तन रहा था,... और गुड्डो की निगाह सीधे वहीँ पर ,खूंटा एकदम टनाटन हो रहा था , गुड्डो तो उसे घोंट भी चुकी थी, चूस भी चुकी थी, सोच सोच कर गीली हो रही थी " हे मेरी दूसरी बनयायन दे दो न , ऐसे कैसे ,... " बेचारा अनुज , उसने गुड्डो के पास अर्जी लगाई पर कस के डांट पड़ गयी , और डांटने वाली कौन, उसकी अपनी ख़ास , बनारस वाली , हाईकॉलेज वाली , गुड्डो , " तू भी न , एक बार समझा दिया की वो इतने गंदे फटे पुराने कपडे थे ,सब बेच कर हमने बरतन खरीद लिए बहुत झिक झिक करने पर दो चम्मच एक कटोरी मिली , ... और बनियाइन तो देखो, घर में हम ही दो लोग हैं और न मैं पहनती हूँ न मम्मी, तो बस रहो न ऐसे, टॉपलेस, वहां तेरी बहन उघारे रहती है तो कुछ नहीं, ... " " प्लीज, गुड्डो सोचो न , दे दो न ,... " अब गुड्डो की मम्मी की बारी थी , एक बार कस के अपने देवर के निप्स को जबरदस्त स्क्रैच करने के बाद उसके लम्बे लम्बे गेसुओं से खेलती उन्होंने छेड़ा, " यार मुझसे एक बार मांग के देख , झट से दे दूंगी , मैं तड़पाती नहीं हूँ ,... " " तो दे दीजिये न , ... " गुड्डो कुछ मुस्कराती कुछ झुंझलाती बोली। लेकिन अब उन्होंने बॉल अपने देवर के पाले में डाल दी, "एकदम दे दूंगी, मांग के तो देखे , लेकिन यार ये बात सही है की जो मेरे पास चीज़ है वही दूंगी न ,... तो जो बनियाइन मैं और गुड्डो पहनती हैं , गुड्डो ज़रा मेरी अच्छी बच्ची दौड़ के मेरी और अपनी दोनों ले आ न " गुड्डो गयी तो लेकिन जाने के पहले , बड़ा बुरा सा मुंह बनाया , बोली " एक तो मेरी इन्हे आएगी नहीं , दूसरे एक तो अपना बारमूडा इन्हे दे दिया , ठाठ से डाटे घूम रहे हैं और ऊपर से ,... " गुड्डो गयी तो लेकिन जाने के पहले , बड़ा बुरा सा मुंह बनाया , बोली " एक तो मेरी इन्हे आएगी नहीं , दूसरे एक तो अपना बारमूडा इन्हे दे दिया , ठाठ से डाटे घूम रहे हैं और ऊपर से ,... " लेकिन जैसे ही वो बाहर गयी , अनुज की हिम्मत जैसे बढ़ गयी , उसके बोल फूटे , " भौजी , अरे जो पहने हैं वही वाली दे देतीं ,... " " तुम भी न देवर जी , बहुत ट्रेनिंग देनी पड़ेगी तुझे , देख कर समझ नहीं पाते की अंदर ढक्क्न वक्क्न है नहीं , ... " और खुद उस किशोर देवर का हाथ पकड़ कर सीधे अपने ब्लाउज फाड़ते उरोजों के ऊपर से , और हलके से दबा भी दिया ,... " फिर मुस्कराते बोलीं , " हाँ ब्लाउज पहनने का मन हो तो अभी उतार दूँ। " लेकिन तब तक गुड्डो एक हाथ में ३० सी और दूसरे हाथ में ३६ डी डी लहराते कमरे में दाखिल हुयी। और माँ बेटी ने मिलकर ३६ डी डी वाली पहना दी , " मैं कह रही थी न मेरी वाली छोटी होगी इन्हे ,... " गुड्डो मुंह बना के बोली , " अरे रहने दे न इनके पास , इसे देख के इन्हे अपनी बहिनिया के चूजों की याद आएगी, .. " उसकी मम्मी बोलीं , और फिर देवर को हड़काया , " इम्तहान के चक्कर में बच गए हो , एक बार इम्तहान ख़तम होने दो , मैं मेरी सहेलियां , तेरी बाकी भौजाइयां , इसी छत पर , पेटीकोट साड़ी ब्लाउज ब्रा सब पहनाएंगी , और फिर पूरा सिंगार , लिपस्टिक नेलपॉलिश बिंदी ,... और एक दो दिन सिर्फ साड़ी ब्लाउज में , और घर में नहीं , पूरे मोहल्ले में , बल्कि मैं तो बाजार भी ले चलूंगी तुझे ,... " लेकिन अबकी गुड्डो ने बात काट दी , बोली , " मम्मी सही कह रही हैं अब साड़ी ब्लाउज तो मम्मी आंटी भाभी लेकिन , हाँ लिपस्टिक नेलापलिश और कोई मेकअप का सामान जो तुझे पसंद हो , जिस कलर का , मेरे पास शेड कार्ड है , दिखा दूंगी तुझे ,... फिर न ये कहना मुझे पिंक लिपस्टिक अच्छी नहीं लगती , मेरे गोरे रंग पर डार्क रेड ,... या नेलपलिश मैचिंग नहीं है ,... " " और सुन कल जब तू इनसे पूछ के गौदौलिया जायेगी इनके मेकअप का सामान खरीदने ,... " जैसे अचानक भाभी को कुछ याद आ जाए , सोच के बोलीं , ... दो टेनिस बॉल्स बस ब्रा के अंदर , और हाँ , कंचे भी दो , एकदम छोटे वाले , बॉल्स पर लगा देंगे चिपका कर , एकदम निप्स " " एकदम ले आउंगी , " गुड्डो ने जैसे अपनी याददाश्त में जोड़ते बोला और फिर अनुज से बोली , " और जब मैं तुझे अपनी सहेलियों के साथ ले जाउंगी तो साड़ी वाड़ी नहीं सिर्फ शलवार सूट ,... और में और मम्मी मिल के इतना अच्छा मेकअप करेंगी न , कोई साली मेरी सहेली पहचान नहीं पाएगी। " लेकिन तबतक ब्रेक वाले २० मिनट ख़तम हो गए और अनुज पढ़ाई में और माँ बेटी अपने कमरे में ,.
23-04-2021, 12:35 PM
(This post was last modified: 23-04-2021, 12:39 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
माँ
बेटी लेकिन सबसे मजेदार बात बताई गुड्डो की मम्मी ने , हम दोनों ननद भौजाई , इसलिए सब कुछ खुल्लम खुल्ला ,... अनुज पढ़ कर थक गया था , गुड्डो की मम्मी उसके लिए हॉर्लिक्स ले आयी थीं , तभी पड़ोस की ,... गुड्डो की मम्मी के रिश्ते से भाभी ही लगतीं ,... वो और उनकी बेटी , दोनों एकदम हॉट " माल कैसा है ? " दोनो की ओर इशारे करते गुड्डो की मम्मी ने अनुज को छेड़ा ,... " कौन सा ? " मुस्कराते हुए हॉर्लिक्स गटकते , दोनों माँ बेटी पर निगाह गड़ाए , अनुज ने मुस्करा के उलटे पूछा ,... " दोनों , है न दोनों लेने लायक ,... " भाभी ने फिर छेड़ा अपने देवर को ,... " हाँ लेकिन , वो वो , ( बेटी की ओर इशारा करके ) छोटी नहीं है ? भाभी , गुड्डो की मम्मी जोर से खिलखिलाने लगीं , फिर बोलीं , छोटी है या उसका छोटा है ,... ? अनुज झेंप गया , लेकिन फिर उस टीनेजर पर निगाह गड़ाए बोला , ... " नहीं मेरा मतलब , ... वो तो अपनी गुड्डो से भी छोटी है , है न ?" " तो क्या हुआ , लेने लायक नहीं है , अरे बुद्धू इस उम्र की लड़कियों को तो और , ..दो चार बार ऊपर की मंजिल पर सहलाओ, दबाओ , मसलो , मीजो रगड़ो , ... और उसके बाद चुनमुनिया में ऊँगली , बस उसके बाद खुद टाँगे फैला देगी ,... तुम न एकदम बुद्धू हो। और एक बार तेरा हाथ लग गया तो छोटी से बड़ी होते टाइम नहीं लगता , ... " हार्लिक्स का ग्लास उठाते हुए गुड्डो की मम्मी मुड़ी फिर रुक गयीं , और हँसते हुए बोलीं " उसकी मम्मी ,... बेचारी तुझपे लिबरा रही थीं , मेरे पास आयी थीं , पूछ रही थीं तेरे बारे में , मैंने जानते हो क्या बोला ? " " क्या भाभी " अनुज बेचैन हो रहा था , अच्छी तो वो उसे भी लग रही थीं दोनों ,... " मूल के साथ सूद भी लगेगा ,... मैंने उन्हें साफ़ साफ़ बोल दिया " गुड्डो की मम्मी बोलीं " तो ,... गुस्सा तो नहीं हो गयीं , " अनुज घबड़ा गया। " अरे नहीं खुश हो गयीं , बोलीं ,... अरे वो तो चलता है , मूल भी सूद भी लेकिन मैंने मामला साफ़ कर दिया , मूल सूद अलग अलग नहीं , साथ साथ वो बोलीं , एकदम डबल मजा आएगा देवर जी को " " मतलब , माँ बेटी - साथ साथ ,... " अनुज को विश्वास नहीं हो रहा था। अब उसे डांट पड़ गयी कस के भाभी से ,... " क्यों माँ बेटी के साथ , साथ साथ नहीं कर सकते , अगर माँ बेटी को नहीं परेशानी है तो तुझे क्या , अरे देख नया माल , कच्ची कली के साथ ,... तो साथ में एक अनुभवी खेली रहेगी , तो बस एक तो उसे सम्हालेगी , ... दूसरे वो सिखा भी देगी ,... फिर माँ साथ रहेगी तो बेटी का कॉन्फिडेंस भी , झिझक भी कम ,... अरे स्साले अपना फायदा सोच न माँ बेटी के साथ , एक साथ , . .एक गन्ना चूसेगी तो एक रसगुल्ला , एक ३० वाली होगी एक ३६ वाली , डबल मजा ,... " उनका ज्ञान और चलता लेकिन उसी समय गुड्डो आ गयी और डांटने वाली दूसरी आ गयी , " सुन , ये कह रहे थे ये बिंदास बाला , ( वो लड़की बिंदास के के नाम से टिकटॉक पर पोस्ट करती थी , हॉट वीडियो ) अभी छोटी है ,... " बस गुड्डो चालू , " छोटी जरूर है , छोटे छोटे कपडे पहनकर अपना छोटा छोटा उभार कर दिखाती है , अरे इनकी बहन की समौरिया है , दो चार महीने छोटी बड़ी ,... और लेटेस्ट खबर ये है की उसकी बुकिंग दर्जन से पार हो गयी है , इनकी उस बहन की जिसे एलवल में छोड़ कर आये हैं, गुड्डी रानी की और आधे दर्जन से ऊपर उसने पार लगा दिए हैं ,... तो सोच लो , ... " लेकिन अब एक बार पढ़ने का टाइम हो गया था तो गुड्डो और मम्मी दोनों वापस , और गुड्डो की मम्मी ने मुझे दस बात सुनाई , एकदम सीधा , ऐसा लजाता है की लौंडिया फेल , उसको तो बहुत सिखाना पढ़ाना पडेगा , अच्छा किया की तूने मेरे पास भेज दिया , देख उसे पक्का चोदू बना के भेजूंगी ,... " छेड़ने ,शरारत करने के साथ गुड्डो ख्याल भी बहुत करती थी अनुज का और उससे भी बढ़कर उस, की मम्मी , टाइम पर खाना पीना , एक्जाम की तैयारी ,... लेकिन सबसे बढ़कर पूजा पाठ , कितनी तो मनौतियां रखी थीं , अनुज का न सिर्फ सेलेक्शन हो जाए , उसे बी एच यू में उसका फेवरिट सब्जेक्ट मिल जाए ,... सुबह उठकर गंगा जी जातीं , रास्ते में प्रसाद , अपने हाथ से उसे खिलातीं,... शाम को फिर से मंदिर , कहीं से भभूत , कहीं से ताबीज , माँ बेटी दोनों ने तय किया जिस दिन अनुज का इक्जाम होगा उस दिन व्रत , गुड्डो तो अनुज के नाम से सात शुक्रवार और सोलह सोमवार, पहले ही शुरू कर चुकी थी , जब तय हुआ था की वो आएगा , और अगर वो भूल भी जाती तो उस की मम्मी थीं न उसे याद दिलाने के लिए ,... लेकिन सबसे बड़ी बात मुझे लगी की गुड्डो और उसकी मम्मी दोनों ने तय कर लिया था की वो लोग होली के दिन होली नहीं मनाएंगी, ' हम लोग होली मनाएं और देवर सूखा रहे , " मुस्कराकर उन्होंने मुझे बताया और पूरी प्लानिंग भी , ... एक दिन पहले से ही ,...पड़ोसियों को भी बोल देंगी , भाभी मायके जा रही हैं , बाहर से ताला बंद और पीछे के रास्ते से जाएँगी ,... एक बार अनुज का एक्जाम हो जाए , फिर सूद के साथ होगी , होली। वैसे भी बनारस में पांच दिन की रंग पंचमी होती है , होली से भी बढ़कर,... " " अरे भाभी , देवर भाभी की होली तो साल भर चलती है , " मैंने भी उनकी हां में हां मिलाई। "एकदम ,... " हँसते हुए वो बोली , " लेकिन भाभी, वो सफ़ेद रंग वाली होली ,... " मैं सीधे मुद्दे पर आ गयी ,... .... दर्शन तो उन्होंने अगले दिन ही कर लिया था बताया तो था , वो टॉवेल पहनकर बाथरूम में जानेवाला था की , जैसे कोहबर में साली सलहज रास्ता छेंकती हैं , एकदम उसी तरह , भाभी भी आगे से ठीक बाथरूम के दरवाजे पर ,... और अनुज के पीछे गुड्डो, .... " हे टॉवेल भी थोड़ा गन्दा लग रहा है , इसे भी धुलने को डाल दे,... " और आँख का इशारा , बस गुड्डो जब तक अनुज सम्हले , समझे , टॉवेल लेकर चम्पत और गुड्डो की मम्मी सामने रास्ता रोके खड़ी , पूरे पांच मिनट तक निगाह ठीक वहीँ ,... नापती जोखती ,... और उसी दिन शाम को , वो सिर्फ शार्ट बल्कि गुड्डो का बारमूडा पहने , और गुड्डो की माँ , एक बड़े से ग्लास में ताजा ऑरेंज जूस,.. कुछ छेड़खानी , कुछ सहलाना, ... खूंटा थोड़ा सोया थोड़ा जागा , बस थोड़ा सा ग्लास तिरछा और दो चार बूंदे छलक कर ,... बस सुखाने के बहाने , और कुछ देर में भाभी का गोरा गोरा हाथ ,अंदर ,..देवर के मूसल पर ,... वो उचक रहा था , मिनती कर रहा था , पर कौन भौजी देवर का खूंटा वो भी फागुन में इतनी जल्दी , पहले तो उन्होंने पकड़ा सहलाया , फिर हलके से रगड़ा , खूंटा टनटना गया और उसके बाद तो एक झटके में इतनी तेजी से खींचा की दुल्हन का घूंघट खुल गया , ... सुपाड़ा मोटा गुस्साया खूब फूला बाहर ,... भौजी इन सब खेलों में मास्टर थीं , अंगूठा पहले तो मूसल के बेस पर , और फिर हलके हलके मुठियाना शुरू किया , अंगूठे को सुपाड़े के पी होल पर रगड़ती रही , वो तो एक पड़ोसन आ गयीं इस लिए भाभी उसे छोड़कर ,... तो उन्हें देवर के मूसल का पूरा अंदाजा मिल गया था , हाँ मुझसे कह रही थीं , " तलवार तो जबरदस्त पर तलवार बाजी कितनी आती है पता नहीं " मैं उन्हें क्या बताती कम्मो ने उसे क्या सीखा पढ़ा कर भेजा है , मैंने भी अपनी कसम धरायी थी , बनारस में हम लोगों की नाक मत कटवाना , लेकिन भाभी से मैं बोली ,... " अरे भाभी आप हैं न , सीखा दीजियेगा , फिर इम्तहान के बाद भी हफ्ता दस दिन रोक लीजियेगा अपने पास।
23-04-2021, 05:39 PM
25-04-2021, 09:13 AM
कन्वर्जेंस
और परेशानियां भी बहुत थीं, आज कल रात का टाइम बस इनका ,... अमेरिका यूरोप के टाइम डिफ़रेंस के चक्कर में , आज कल रात में तो बस इनकी कांफ्रेस काल , ... और साथ में मैं भी कभी जागती , कभी सोती ,... असल में ज्वाइन तो इन्हे हमारे गाँव से होली के बाद ही करना था , लेकिन करीब पन्दरह बीस दिन पहले ही उन्होंने एक तरह से काम शुरू कर दिया था , और फायदा भी था , पे स्टार्ट हो गयी थी हाँ , वो दस दिन गाँव वाले , मेरे मायके के उन्होंने पूरी छुट्टी मान ली थी लेकिन उसके बदले में आज कल रात में ,... असल में , कुछ कन्वर्जेंस का काम था उनकी एक्सपर्टीज थी , बिग डाटा , आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस , ब्लाक चेन के साथ साथ वो क्वांटम कम्प्यूटिंग और नैनो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में , .... कल रात तक उन्हें उसका ढांचा बना कर भेजना था , ... थोड़ा बहुत मैं भी उनका साथ देती थी , ... कल रात वो काम ख़तम भी हो गया , सब उन्होंने मेल भी कर दिया , हाँ अब थोड़ा बहुत मैं भी बात चीत में , कल जो इन्होने समझा दिया था , उसके बाद से और , मुझे भी मजा आने लगा था , आलमोस्ट उनकी टीम से जुड़ के , ... एक लड़की थी फ्रेंच , उससे तो मैं फ्रेंच में भी बातचीत कर लेती थी ,बताया तो था, मुझे लैंग्वेज सीखने का बड़ा शौक था और है, तो हाईकॉलेज से ही फ्रेंच क्लास, मेरे कालेज में तीन लैंग्वेज थीं, फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन, तो मैंने फ्रेंच ले ली थी, असल में मेरे एक भैया लगते थे, गाइड का काम करते थे, क्या फर्राटे से फ्रेंच और जर्मन बोलते थे, मैं उनसे बहुत इम्प्रेस थी , तो कॉलेज में पढ़ती थी फिर उनसे बात चीत भी फ्रेंच में और उन्होंने एक वो सीडी का सेट भी ला कर दे दिया था और कुछ फ्रेंच मूवीज, बस,... हाँ तो उस फ्रेंच लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी थी और मेरा उनका साथ देने के कई कारण थे , पहली बात तो वो सब लोग मेरी बात बहुत ध्यान से सुनते थे , दूसरे मेरे साथ देने से थोड़ा तो उनका काम जल्दी ख़तम हो जाएगा ,... बताया तो था आपको पिछली एक पोस्ट में , माइक्रोडॉट , डी एन ए बेस्ड यूनिक आईडी , शॉपिंग , बिजनेस मेडिकल सब में एकदम ही अलग , सैटलाइट्स पर सर्वर फ़ार्म , ,... हाँ आज एक उनके दोस्त ने जो कम्युनिकेटर डेवलप कर रहा था , एक नयी बात बतायी , हम सब लोगों को सोचना था ,... बात ये थी की आज कल जगह जगह तो सी सी टीवी लगे रहते हैं , तो वो सी सी टीवी के कैमरे आयडेंटीफाई कर के कम्युनकेटर को बता सकता है , की उस आदमी की फोटो किस किस कैमरे में कहाँ आया ,... लेकिन बात थी घर के सी सी टीवी की उसे लिंक किया जाये की नहीं , मुझे लगा की ये प्राइवेसी का उल्ल्घन होगा ,... लेकिन बाकी लोगों ने जो कहा मैंने मान लिया , .. सिक्योरिटी और हेल्थ के लिए ,... अचानक बीमार होने पर , आधे एक घंटे पहले का सारा वीडियों कंडीशन डेवलप कैसे हुआ ये सब बता देगा , फिर कोई क्रिमिनल ऐक्टिवटी पर आटोमेटिक आलार्म , फिर बात हुयी मेडिकल डाटा लीवरेज करने की , तो इस ग्रुप में एक लड़का था व्हार्टन का , बिजनेस स्ट्रेटजी वाला पार्ट वही लिख रहा था ,... उसने कहा ये सारा डाटा बेस अगर किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को मिल जाए तो उसके लिए इंश्योर करना , प्रीमियम तय करना कितना आसान होगा , मेरी उस फ्रेंच सहेली ने पूछा तो क्या वो डाटा हम लोग बेच दें किसी इंश्योरेंस कंपनी को ,... " नहीं नहीं एकदम नहीं " वो बोला फिर उस ने पूरी स्ट्रेटजी बतायी , मान लीजिये उस डाटा की मार्किट वैल्यू मान लीजिये ७४ मिलियन डालर है , तो हम बजाय बेचने के एक ऐसी इंश्योरेंस कंपनी जो तीसरे नंबर से नीचे, चौथे से छठवें के बीच वाली कंपनी को उसके शेयर लेकर दे सकते हैं , जो कंपनी तीसरे नंबर से नीचे होगी , उसकी शेयर वैल्यू भी कम होगी तो सब्स्टेंशियल शेयर और साथ में बोर्ड में दो चार मेंबर और फाइंनेस और स्ट्रेफाइवटजी में हमारा आदमी , और डाटा पर प्रोप्राइटरी राइट्स हमारे रहेंगे , एक्सेस हमारे थ्रू होगी और रायल्टी भी लेंगे ,... हम सब लोग सांस थामे सुन रहे थे , फिर उसे ने एक एकदम नई बात कही , " और सिर्फ एक कम्पनी में नहीं दो कंपनी में , जिससे कोई मोनोपोली की बात न हो और ये दूसरी कम्पनी भी टॉप टेन में तो होगी लेकिन टॉप फाइव में नहीं , और लीवरेज कर के , हम इन दोनों इंश्योरेंस कंपनियों को टॉप फाइव में पहुंचा देंगे। " बात सब लोगो को अपील कर रही थी , असल में टेक कम्पनियां भी जब तक बिजनेस सेन्स न हो तो प्रास्पर नहीं कर सकतीं ,... लेकिन मेरे मुंह से निकल गया लेकिन बहुत से लोग हैं जो मेडिकल इंश्योरेंस नहीं अफ़्फोर्ड कर सकते , उनका क्या , उनकी हेल्थ भी ,... सब लोग चुप , लेकिन इन्होने ही रास्ता निकाला , |
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