Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
(11-02-2021, 09:39 PM)komaalrani Wrote: गुड्डी चली कोचिंग
हाँ मौके का फायदा उठा के मिसेज मल्होत्रा और मिस्टर मल्होत्रा ने अपने कपडे पहन लिए ,और तभी तेरे भैय्या आ गए। "
मैंने अपनी बात पूरी की।
" नहीं नहीं मुझसे पहले वो सिटी एस पी पहुँच गए। मैंने बोला था न की मैंने एस एस पी को बोला था तो बस उसी के चलते , ... हालांकि थानेदार के पोलिटिकल कनेक्शन के चलते सीनियर आफिसर भी थोड़ा ,... लेकिन उसने बस ये बोला की वो तो यूँ ही ,नाइट इंस्पेक्शन के चलते , लेकिन उसके सामने तो कुछ होना , और फिर मैं पहुँच गया दो क्रिमिनल लायर्स के साथ और हम लोगों ने डिस्ट्रिक्ट जज से एंटीसिपेटरी बेल करा ली थी।
थानेदार ने कुछ ना नुकुर की लेकिन जब उस सिटी एसपी ने चेक किया तो फ आई आर लिखी थी।
और तेरी भाभी, जब तक माहौल बदले ,मिस्टर मल्होत्रा और मिसेज मल्होत्रा को ले के , चम्पत। "
गुड्डी ने बस ताली नहीं बजायी उसकी निगाहें बस मेरे चेहरे पर चिपकी थीं , एकदम मेरी चमची की तरह। वो बोली ,
" वाह भाभी वाह आप तो पूरी बॉबी जासूस हो गयीं , स्टिंग आपरेशन , चैनल पर लाइव टेलीकास्ट , ओबी वान , थानेदार की तो फाड़ के रख दी आपने। "
मैं और मेरे वो देर तक हँसते रहे। फिर मैंने पर्दा उठाया ,
" नहीं यार , सब फर्जी। कोई स्टिंग नहीं ,हम ने सिर्फ मोबाइल पे उनकी आवाजें रिकार्ड की थी , बस न कोई कैमरा न स्टिंग। और मेरी उस जर्निलस्ट फ्रेडं की उस शिफ्ट में चैनल पे जो था उससे दोस्ती थी बस उससे रनर चलवा दिया , अरे उसमें न थाने का नाम ,न शहर का ,न थानेदार का। हाँ ये बात सही कही तूने प्लान उसने बनाया था मल्होत्रा लोगों की फाड़ने का लेकिन बस उसकी फट गयी। "
" और जानती हो मल्होत्रा लोगों का परफेक्ट बिजनेस सेन्स , उन लोगों ने थानेदार के बारे में कोई शिकायत तो दर्ज नहीं ही कराई , उसे थैंक्स दिया , और एक लाख रूपये भी। मिसेज मल्होत्रा ने तो उस चंद्रमुखी को फोन किया ,मिठाई भेजी और एक लाख रूपये भी और अब दोनों दोस्त भी हैं। :" उन्होंने जोड़ा।
" अरे यार हम लोगों की दोस्ती काफी पहले की है मल्होत्रा लोग ख़ास तौर पर मिसेज मल्होत्रा तेरे भैय्या की बात कभी नहीं टालती और तेरे भैय्या भी तो तेरा कोचिंग में तो एडमिशन पक्का , अब तू अपना पक्का कर , "
उन्हें छेड़ते हुए मैंने गुड्डी से कहा।
……………….
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
14-02-2021, 02:36 PM
(This post was last modified: 10-10-2021, 12:02 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
" गुड्डी ,मुझे अपनी ...दो न "
पकौड़े कब के ख़तम हो चुके थे ,बड़ी प्लेट में लम्बी मोटी सुनहली सिन्दूरी रसीली कटी हुयी दसहरी आम की फांके , गुड्डी ने पहले तो मेरी और जेठानी जी की प्लेट में रखा , फिर अपनी प्लेट में ,
तबतक उनकी भौजाई को शरारत सूझी , छेड़ा उन्होंने ,
" दिन में खाने के टाइम गुड्डी से क्या मांग रहे थे , जरा एक बार फिर से बोलो न ,"
वो बिचारे एकदम झेंप गए, और ऊपर से गुड्डी ने और उन्हें चिढ़ाते हुए बोला ,
" हाँ भैया मैंने भी नहीं सुना था ,ठीक से। "
और उन्हें ललचाते हुए रसीले दसहरी की एक फांक अपने गुलाबी रसीले होंठों के बीच दबा लिया।
" हे बोल न , अब तो गुड्डी भी बोल रही है जिससे तूने माँगा था। "
मैंने भी ननद का साथ दिया।
थोड़े झिझके वो लेकिन गुड्डी के साथ अब वो भी ,.... बहुत बोल्ड हो गए थे। और मुस्कराते हुए उन्होंने बोल दिया ,
गुड्डी के होंठों में पकड़ी दबोची आम की लम्बी फांक की टिप अब बस आलमोस्ट उनकेहोंठों को छू रही थी।
" गुड्डी ,मुझे अपनी चूत दो न "
और वो शरीर ,शोख , शरारती मेरी ननद ,... जोर जोर से उसने ना में सर हिलाया और आम की सारी फांक गड़प।
गुड्डी के चेहरे से बदमाशी टपक रही थी।
" हे एक बार मांगो शायद अबकी देने को तैयार हो जाए " मैंने उन्हें उकसाया।
और उधर गुड्डी ने भी आम की फांक अपने मुंह में चुभलाते चूसते ,बंद मुंह से सर ऊपर नीचे हिला के हामी भरी।
और उन्होंने भी ,
" गुड्डी ,प्लीज मुझे अपनी चूत दो न ,... "
और अबकी गुड्डी ने न सिर्फ सर ऊपर नीचे कर के हामी भरी , बल्कि जो फांक वो चूस चुभला रही थी ,एक बार फिर गुड्डी के रसीले होंठो से सरकती सीधे ,इनके होंठों तक ,...होंठों के बीच।
इन्होने गुड्डी का सर पकड़ा इससे पहले गुड्डी ने इनका सर पकड़ा और कस के अपने मुंह की कूची,चूसी खायी फांक सीधे उनके मुंह में ठेल दी।
और साथ में अपनी जीभ भी , गुड्डी के मुख रस में लिथड़ी आम की फांक के साथ वो अब गुड्डी की जीभ भी चूस रहे थे।
दोनों के होंठ अब एक दम लिप लॉक।
और सिर्फ यही नहीं उनके हाथ अब सीधे कच्ची अमिया पर ,
और जेठानी जी बैठी , उन्होंने उठने की कई बार कोशिश की लेकिन मैंने रोक दिया।
जब वो और गुड्डी टेबल पर से प्लेट्स हटा रहे थे तो मैंने जेठानी जी से पूछा ,दी आपका कोई सीरियल तो नहीं आता ,
" नहीं यार आज का एकदम बोरिंग ,कोई अवार्ड का भी प्रोग्राम नहीं। " वो बोर होते बोलीं।
" तो ठीक है ये अभी जाएंगे न गुड्डी को छोड़ने तो बस इनसे मंगा लेते है कोई बढ़िया पिक्चर ,बस बैठ के देखेंगे " मैंने प्लान बताया।
" कौन सी "
" जो आपके देवर चाहें ,और साथ में कुछ खाने का भी उन्हें बोल देंगे ,उन्ही को आराम हो जाएगा ,वरना पिक्चर छोड़ के मैं तो जाउंगी नहीं और न आपको जाने दूंगी। "मैं बोली।
तबतक देवर जेठानी के आ ही गए , और उनको मैंने खाने का आर्डर दे दिया।
" हे ,आप की भौजाई आज कबाब खाना चाहती हैं , बढ़िया वाला। अरे जहाँ आपकी बहनें शाम को सज धज के ग्राहक पटाने बैठती है न वही पे जो ,... "
वो न एक बार में समझते नहीं , कन्फ्यूज बोले
" पर वो तो ,... "
और मैंने बहुत जोर से आँख मारी और उनकी खुली।
" हाँ समझ गया परफेक्ट वेज वाले,बिना लहसुन प्याज के , ... साथ में पराठे भी ले आऊंगा "
उनके पीछे पीछे गुड्डी , और वो दूर से ही बोली ,
" भाभी कपडे " वो जो कपडे पहन के आयी थी वो मांग रही थी।
" पहने तो हो यही पहन के जाओ न ," मैंने चिढ़ाया।
" भाभी ,... " खीज के वो बोली।
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
14-02-2021, 02:44 PM
(This post was last modified: 10-10-2021, 12:15 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी चली हमारे संग
" पहने तो हो यही पहन के जाओ न ," मैंने चिढ़ाया।
" भाभी ,... " खीज के वो बोली।
मैं उसे लेके कपडे देने चली तो गुड्डी ने धीरे से बोला ,
" भाभी ,भइया को समझाइये न ,ज़रा घर पे मेरे प्रेस कर के समझायेंगे न तो लोग मान जाएंगे ,मुझे आप लोगों के साथ भेजने के लिए ,कोचिंग के लिए। "
" एकदम ,मेरी प्यारी ननद रानी , और अगर वो नहीं कन्विंस कर पाए न तो मैं निहुरा के उनकी गांड मार लूंगी ,पक्का "
उसके चिकने गाल पे हाथ फिराती मैं बोली
और खिलखिलाती वो दिवाली की फुलझड़ी की तरह हंस पड़ी।
मैंने मुड़ के देखा तो पीछे उसके भैय्या ,हम लोगों की बात सुनते ,मुस्कराते।
" सुन तो तूने लिया ही न , अब समझ लो , अगर गुड्डी कोचिंग नहीं ज्वाइन कर पायी ,हम लोगों के साथ नहीं चली , तो ये तो नहीं ही मिलेगी , मेरी ओर से भी पूरी हड़ताल , जैसे शादी से पहले अपनी बहनों का नाम लेके ६१ -६२ करते थे बस वैसे ही करते रहना। "
गुड्डी को वो जिस शलवार कुर्ते में आयी थी वो मैंने दे तो दिए , लेकिन ब्रा पैंटी उसे दिखा के जब्त कर ली ,आज की निशानी।
आग लग रही थी आग , जब मेरी मस्त ननदिया बाहर निकल के आयी।
बिना ब्रा के वो छोटे छोटे कबूतर तो साफ़ साफ़ दिख रहे ही थे उनकी लाल लाल छोटी छोटी चोंचें भी ,कड़ी कड़ी।
मैंने बस पास में जा के उसके दुपट्टे को एकदम उसकी लम्बी हिरनी की तरह गर्दन से एकदम चिपका दिया।
" अरे इत्ते मस्त जोबन और छिपा के , सख्त नाइंसाफी है " मैं बोली।
तबतक वो भी तैयार हो के आ गए एकदम हाट ,टाइट जींस , टी शर्ट।
हे तुम भाई बहन ने मिल के तो आम सब ख़तम कर दिए , तो २ किलो दसहरी ,और गुड्डी तेरे भैय्या को तो आम वाम की कुछ पहचान है नहीं तो तू ही इन्हे खरदीवा देना , और तेरी गली के आसपास कोई सी डी वाला है क्या ,
मेरी बात ख़तम होने के पहले वो चिड़िया चहक के बोली ,
" एकदम भाभी आप की बात एकदम सही है इन्हे आम की कुछ भी समझ नहीं है ,दिलवा दूंगी इन्हे आम भी और सीडी भी। चुन्नू है न उसी की दूकान एकदम मेरी गली के मोड़ पे , मुझे तो कंसेशन भी देता है कोई भी नयी पाइटेरेटड आये ,दूकान पे बुला के मुझे। "
" और अच्छी वाली लाना , चेक कर के दो कम से कम अब तो गुड्डी गाइड है न तेरे पास। "
" ठीक है ठीक जल्दी चल न गुड्डी " और उस का हाथ पकड़ के ,
मेरी निगाह जेठानी जी पे पड़ी, वो एकदम कुलबुला रही थीं और मैंने एक तीर और चला दिया।
वो लोग निकल गए थे , लेकिन मैंने जोर से चिल्ला के कहा ,
" हे तेरी सिगी का पैकेट ख़तम हो गया है , याद कर के ले लेना वरना ,.... "
उनकी आवाज तो नहीं आयी पर उनकी बहना की हंसती खिलखिलाती आवाज आयी ,
" भाभी याद रखूंगी ,ये भूल जायेंगे तो मैं याद दिला दूंगी। "
वो और सिग्गी , जेठानी एकदम झुलस रही थीं।
………………………………………………..
मुझे बहुत काम करने थे , जो फोटुएं अपनी छुटकी ननदिया की खींची थी उन सबको जोड़ के , फिर फेसबुक व्हाट्सप्प ,मम्मी से गप्प और अब तो उनके माल के
फेसबुक पे भी मेरा कब्जा था और उसकी सारी व्हाट्सएप्प ग्रुप में मैं घुस चुकी थी। लेकिन , जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
17-02-2021, 06:12 PM
(This post was last modified: 11-10-2021, 09:13 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जेठानी
जेठानी जी का मुंह जैसे लटका था मैंने सोचा थोड़ी देर,...
और उनके पास जा के मैं बैठ गयी और फिर वही जो उनकी पुरानी आदत थी , ज्ञान गंगा बहने लगी।
" तुम कुछ करने के पहले सोचा करो न , ये गुड्डी को क्या बोल रही थी , तू उसे अपने साथ ले जाओगी और वहां अपने साथ रखोगी। "
"दीदी अब तो गुड्डी के घर वालों पर डिपेंड करेगा , फिर उसका ऐडमिशन हो जाए तब ,... " मैं धीमे से बहुत आदरपूर्वक बोली।
" लेकिन ये नहीं सोचा की कहीं तेरे वो , और गुड्डी का उनसे तो पहले ही ,... " वो मुझे कोंचती बोली ,लेकिन मैं चुप रही।
मन तो कह रहा था साफ़ साफ़ बता दूँ की उसे चुदवाने ले जा रही हूँ और उसकी सील तो उसके भैय्या से ही तुड़वानी है पर ,
" ये नहीं सोचा की भूस और आग एक साथ रहें तो क्या होगा , मरद की जात और तेरी ननद को जोबन भी जबरदस्त आया है , मुश्किल हो जायेगा तुझे उन्हें रोकना , मैं बता देती हूँ। " उन्होंने फिर ज्ञान दिया और बोला कोशिश करो की ये प्रोग्राम कैंसिल हो जाये। "
मुझसे नहीं रहा गया , मैं बोल ही उठी ,
"दीदी आपने देखा ही न ,वो बेचारी कित्ता कोचिंग के लिए बेताब थी और सच में एक बार उसका मेडिकल में हो जाय तो ,.... "
"चाहने से सब मिलता है क्या , फिर इस शहर में लड़कियां नहीं है क्या , जो आगे नहीं पढ़ती क्या वो लड़कियां लड़कियां नहीं होता। अरे दो चार साल शादी हो जायेगी ,बच्चे पैदा करेगी ,... तुम तो खुद ही पढ़ी लिखी हो समझ जाओ। जेठानी जी की शिक्षा चालू थी।
मैंने मन मारके बोला ,दीदी आपकी बात सही है अभी तो कुछ पक्का भी नहीं है। आपकी बात की तो मैं हरदम रिस्पेक्ट करती हूँ।
इत्ता उपदेश देने से कुछ उनका मन ठीक हुआ ,बोलीं मैं जानती नहीं क्या तुझे , इस घर के जित्ते संस्कार है उसे तुम अच्छी तरह से माना है। "
" अच्छा दी चलती हूँ ऊपर ज़रा कुछ काम है बस थोड़ी देर में आती हूँ ,तब तक आपके देवर भी आ जाएंगे। "
लेकिन ऊपर चलने के पहले एक बात कहना मैं नहीं भूली ,
" दी ,आपके देवर पे मझे पूरा भरोसा है और शादी के दिन से ही ,जैसे कहते हैं हाथी घूमे गाँव गाँव , जिसका हाथ उसका नाम। तो बस वही हालत मर्दों की होती है , जितना लगाम लगाओ न उत्ते ज्यादा उछलते हैं खूंटा तुड़ाने की कोशिश करते हैं ,लेकिन अगर थोड़ा बहुत इधर उधर मुंह मार भी लेते हैं न तो उससे कुछ नहीं होता , वो मेरे हैं , मेरे ही रहेंगे। "
और ऊपर पहुंचते ही एक जबरस्त मेसेज आया , लिखा कुछ नहीं थी बस स्माइलीज ,लेकिन बात सारी उसने कह दी।
हग्स ,किसेज और लव एक नहीं ढेर सारे।
भेजने वाली और कौन मेरी प्यारी छिनार ननद गुड्डी।
मैंने भी ढेर सारे हग्स और किसेज भेज दिए। मतलब तीर निशाने पर लगा ,गुड्डी हमारे साथ चलेगी ,
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
17-02-2021, 06:14 PM
(This post was last modified: 13-10-2021, 08:07 AM by komaalrani. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
गुड्डी हमारे साथ चलेगी
मतलब तीर निशाने पर लगा ,गुड्डी हमारे साथ चलेगी ,
…………………………………………
और दन दनादन उसकी कसी छोटी सी ओखली में मोटे मोटे मूसल चलेंगे। सब से पहले तो इन्हिका ,
और मैं इन्ही का इंतजार कर रही थी , उनके मुंह से ही पक्की खबर सुनूंगी तो मुझे विश्वास होगा।
लेकिन मम्मी से तो मैंने ये खबर शेयर कर ही दी ,पहले उन्हें टेक्स्ट किया फिर वो स्काइप पे आ गयीं। मुझ से ज्यादा वो खुश वो थी और इस बात से और की मेरी छुटकी ननदिया,हफ्ते दस दिन केलिए नहीं पूरे साल भर के लिए चल रही थी हमारे पास।
बस अब कोई जल्दी नहीं थी ,आराम से धीरे धीरे,... मैंने उन्हें वो सारी फोटुएं भेज दीं जो गुड्डी की मैंने खींची थी।
उसके बाद कुछ फोटो ,कुछ वीडियों को जोड़ घटा के ,... और साथ में मैंने अपनी फेसबुक के साथ गुड्डी की भी स्टेटस अपडेट कर दी।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था ६०० से ऊपर फ्रेंड्स रिक्वेस्ट ,मैंने सबको यस कर दिया। टीनेजर्स की तरह हर घंटे पर तो नहीं लेकिन दिन में चार पांच बार तो मैं भी अपनी फेसबुक स्टेटस अपडेट करती थी।
आलमोस्ट एक घंटे हो गए थे मुझे ऊपर आये और तब मुझे याद आया ये आने ही वाले होंगे।
इनका तो बेसब्री से इन्तजार था ,एक तो लम्बी शॉपिंग लिस्ट और दूसरे गुड्डी की चलने वाली खबर तो पक्की इन्ही से होनी थी।
मैं नीचे पहुंची तो जेठानी जी बरामदे में ही बैठीं थीं। थोड़ी देर हम लोग गप्पे मार रहे थे की दरवाजा खुला और ये आ गए।
मैं बता नहीं सकती थी ,इनके चेहरे पर छलकती ख़ुशी , और इनकी ख़ुशी के अहसास से ही मेरीखुशी दूनी हो जाती थी।
बस इन्होने मुझे कस के बाहों में भींच लिया ,बिना इस बात की परवाह किये की मेरी जेठानी सामने बैठी हैं , वो क्या सोचेंगी ,इत्यादि इत्यादि।
चुम्मे पर चुम्मा , गाल ,होंठ कुछ भी नहीं छोड़ा मेरे बावरे बेताब सैंया ने ,
तो मैं क्यों छोड़ती अपने सोना मोना को ,मेरे गदराये कड़े कड़े उभार भी कस कस के उनकी छाती पर रगड़ने लगे ,
मेरी हथेली उनके खूंटे का हाल जानने के लिए नीचे उनकी जींस के ऊपर तो ,जींस एकदम टाइट, बल्ज खूब तना।
मेरे साजन की खुशी का सबसे बड़ा बैरोमीटर वही था और मेरी हथेली ने जींस के ऊपर से ही रगडन मसलन चालू कर दी.
अंगूठे और तर्जनी के बीच जींस से छलकते उनके सुपाड़े को कस के दबा दिया।
उनका भी एक हाथ मेरे नितम्बो को खुल के दबा रहा था ,मसल रहा था ,ऊँगली सीधे मेरे पिछवाड़े की दरार पे ,
इसी घर में रात भर चिपके रहने के बाद ,दिन में हम दोनों एक दूसरे के पास भी नहीं बैठ पाते थे , एकदम न तुम हमें जानो न हम तुम्हे जाने ,
बस इसलिए की जेठानी जी क्या कहेंगी ,क्या सोचेंगी ,
छोड़िये और अब उन्ही जेठानी जी के सामने ,... मैंने उन पुरानी बातों को धक्का के देके हटाया , छोडो अब तो ये बालक सिर्फ मेरा है।
उनके चुम्मे रुके तो मेरे चालू हो गए और उनके होंठों पे अपने होंठ रगड़ते मैंने अपनी जीभ उनके मुंह में ठेल दी। और वो इस तरह से चूस रहे थे जैसे कुछ ही दिन में उनकी बहिनिया उनका मोटा लंड चूसेगी।
और जब हम लोगों के होंठ थोड़े अलग तो हुए तो उन्होंने वो बात बतायी जो उनके चुम्मो ने पहले ही बता दी थी।
" गुड्डी के घर के लोग मान गए हैं , कल एडमिशन फ़ार्म उसके पास आ जाएगा और वो भर के मेल कर देगी। फिर हम लोगों के साथ ,...,... गुड्डी बहुत खुश है उसके घर के लोग भी "
आगे कुछ बोलने के पहले मैंने उन्हें एक बार फिर से चूमना शुरू कर दिया।
गुड्डी खुश ,वो खुश लेकिन सबसे ज्यादा मैं खुश थी।
मम्मी ने मुझसे कहा था इनके माल को लाने के लिए ,
मंजू बाई और गीता दोनों लार टपका रही थीं इस लॉलीपॉप के लिए ,
कमल जीजू को भी मैंने प्रॉमिस कर दिया , अपने सैंया की छुटकी बहिनिया ,
लेकिन कैसे ,... और अब वो न सिर्फ चलने को तैयार हो गयी है , बल्कि पूरे साल भर हम लोगों के साथ
वो कच्ची कोरी कली ,कच्ची अमिया वाली किशोरी।
लेकिन जेठानी जी ने इन्हे टोका ,
" अरे खाने वाने को भी कुछ लाने वाले थे न तुम , या अपने माल के चक्कर में भूल गए। "
एकदम नहीं भाभी सब लाया हूँ ,और सबसे पहले उन्होंने आम निकाले ,दसहरी ,परफेक्ट राइप और कड़े कड़े
उनकी भाभी ने पकड़कर ,दबाकर चेक किया ,
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
भाभी क्या लिखूं कोई शब्द नहीं है आप के लिए
क्या गजब का प्लान बनाया है आप ने
वो कमसिन कन्या ओर आप जैसी ख़िलाडिन भाभी ऊफ़्फ़ कब आएगी वो हसीन रात जब ये कामुख लड़की भाभी के निच्चे सोएगी
बेहतरीन कहानी और बहुत ही अच्छा अपडेट दिया है
आभार धन्यवाद बधाई भाभी
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(17-02-2021, 09:11 PM)@Kusum_Soni Wrote: भाभी क्या लिखूं कोई शब्द नहीं है आप के लिए
क्या गजब का प्लान बनाया है आप ने
वो कमसिन कन्या ओर आप जैसी ख़िलाडिन भाभी ऊफ़्फ़ कब आएगी वो हसीन रात जब ये कामुख लड़की भाभी के निच्चे सोएगी
बेहतरीन कहानी और बहुत ही अच्छा अपडेट दिया है
आभार धन्यवाद बधाई भाभी
बहुत जल्द , और सिर्फ मेरे नीचे ही नहीं , अपने भैया के नीचे भी
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
18-02-2021, 04:59 PM
(This post was last modified: 13-10-2021, 08:12 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
आम
जेठानी जी ने इन्हे टोका ,
" अरे खाने वाने को भी कुछ लाने वाले थे न तुम , या अपने माल के चक्कर में भूल गए। "
एकदम नहीं भाभी सब लाया हूँ ,और सबसे पहले उन्होंने आम निकाले ,दसहरी ,परफेक्ट राइप और कड़े कड़े
उनकी भाभी ने पकड़कर ,दबाकर चेक किया ,
" वाह देवर जी ,एक ही दिन में आम की अच्छी पहचान हो गयी है तुझे , खूब कड़े कड़े हैं "
" गुड्डी ने खरीदवाया " झेंपते हुए उन्होंने कबूल किया।
लेकिन जेठानी जी क्यों छोड़तीं ,छेड़ने का मौका , चिढ़ाते हुए बोलीं ,
" अच्छा उसकी कच्ची अमिया भी कुतरी की नहीं। "
वो झेंप गए लेकिन मैंने जेठानी की ओर उन्हें डाइवर्ट किया ,
" और दो दिन बाद जो रसीले आमों की दावत होनी है ,याद है की , ... "
उनकी निगाहें अब खुल के अपनी भाभी के चोली फाड् ३६ डी डी छलकते जोबनो पर टिकी थी।
वो भी बदमाश बेशरम , होंठों पर जीभ फिराते बोले कैसे ख़तम होंगे ये दो दिन।
और जेठानी मजा ले रही थी लेकिन थोड़ी झेंप गयी। उनकी पांच दिन वाली छुट्टी दो दिन बाद ख़तम होने वाली थी।
" अच्छा चलो बहुत देख लिया अपनी भाभी के उभार , अब चलो ये आम धो के और बाकी खाने पीने का सामान किचेन में रखो मैं आती हूँ ,और घर में भी क्या यही डाटे रहोगे। "
वो किचेन में गए और मैंने जेठानी को दबोच लिया ,
" अरे दीदी बिचारे कैसे ललचा के देख रहे थे ,छुट्टी तो निचली मंजिल की है ज़रा आम का स्वाद तो चखा दीजिये न उन्हें। "
" तू भी न ,... बहुत बदमाश हो गयी है और मेरे देवर को भी बदमाश बना दिया है " खिलखिलाते वो बोलीं।
" अच्छा दी आपको लिमका पसंद है न , खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक हो जाए। "
मेरे दिमाग में कुछ चल रहा था।
" एकदम तुझे तो मेरी सारी पसंद मालूम है। " हंस के वो बोलीं।
" दी आज खाना बेड रूम में ही लगाती हूँ ,ये फिल्म भी तो लाये हैं ,हमीं तीन तो हैं बस वहीँ खाना खाते फिल्म भी भी ,... आप बेड रूम में चलिए आपके देवर देवरानी वहीँ पर लगाते हैं "
" देवरानी हो तो ऐसी , एकदम तेरा आइड्या एकदम फर्स्ट क्लास होता है " मेरे गालों पे जेठानी जी ने चिकोटी काटी और अपने बैडरूम की ओर।
ये किचेन से निकल कर ऊपर हमारे बेडरूम की ओर जा रहे थे ,चेंज करने तो मैंने इन्हे इशारे से रोका और पास जा के कान में बोली ,
" वो वोडका वाली बड़ी बोतल ले आना हमारे कमरे से ,और जल्दी आना "
……………………………..
वो ऊपर गए और में किचेन में।
कबाब दर्जन से तो ऊपर ही थे मटन के ,मैंने जरा सा चखा ,एकदम स्वादिष्ट
पराठे भी मुगलाई। मैंने तवे पर पहले कबाब रखे गरम करने को ,
कल इस किचेन में चिकेन और पोर्क वाला पिज्जा और मटन बिरयानी ,आज कबाब और मुगलाई पराठा।
जहाँ इनकी बर्थ डे पर मेरी लायी एगलेस पेस्ट्री भी फेंक दी गयी थी , क्या पता के नाम पे और आज ,
मैंने फिर पुराने ख्यालों को झटक के बाहर निकाला और तबतक वो आगये।
उन्हें देख के ऐसे ही मेरी पुराने दिनों के दुःख दर्द भूल जाते थे।वो कबाब और पराठा गर्म करने में लग गए और मैं लिम्का -वोडका का मिश्रण बनाने में। आफ कोर्स वोडका ज्यादा थी।
आम काटने का काम तो इनका था ही , बस आधे घंटे में हम सब सामान लेके जेठानी जी के बेडरूम में ,
वो भी एकदम तैयार थीं , बिस्तर बिछा और टीवी में डीवीडी प्लेयर लगा के ,
थोड़ी देर में ही लिम्का मिली वोडका का असर मेरी जेठानी पे चालू हो गया और मैंने इनसे कह के डीवीडी चालू करवा दी।
मटन कबाब ,मुगलाई पराठा , वोडका और सामने टीवी पर हार्ड कोर ब्ल्यू फिल्म ,...
ये मेरे और जेठानी जी के बीच में बैठे थे।
लंड की हालत तो इनकी मैंने किचेन में ही चूस चूस के ख़राब कर दी , बिना झाड़े और अब वो साढ़े साथ इंच एकदम शीयर शार्ट से झांकता ,
जेठानी जी की भी निगाहें वहीँ चिपकी।
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
18-02-2021, 05:05 PM
(This post was last modified: 14-10-2021, 03:19 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जेठानी जी
लंड की हालत तो इनकी मैंने किचेन में ही चूस चूस के ख़राब कर दी , बिना झाड़े और अब वो साढ़े साथ इंच एकदम शीयर शार्ट से झांकता ,
जेठानी जी की भी निगाहें वहीँ चिपकी।
"अपने माल को तो अपने होंठ से कैसे रस ले ले के खिला रहे थे , और भौजाई को ,... देवर के रहते भाभी को अपने हाथ का इस्तेमाल करना पड़े , कित्ती शर्म की बात है ,क्यों न दीदी। "
मैंने उन्हें उकसाया और अपनी जेठानी को भी लपेटे में ले लिया ,
" एकदम "
वो बोलीं , फिर बस ,मैंने उन्हें आँख मारी जबरदस्त और लिम्का कम वोदका ज्यादा वाला ग्लास सीधे उनके हाथ से उनकी भौजाई के होंठों के बीच,
और पहले झटके में ही आधा पेग से ज्यादा उन्होंने थोड़ा मनुहार थोड़ा जबरदस्ती करके अपनी 'संस्कारी' भौजाई को घोंटा ही दिया।
" हे कैसा स्वाद है इसका ,एकदम अलग लग रहा है "
बुरा सा मुंह बनाते जेठानी बोलीं ,
मैं तो अपनी मुस्कराहट रोकने में बिजी थी ,लेकिन उनोने बात सम्हाल ली ,
" अरे भाभी पीजिये न , ये मॉकटेल है अबकी मास्टर शेफ में फर्स्ट आयी थी , वहीँ से मैंने सीखी। लिम्का में एक दो कोल्ड ड्रिंक ,थोड़ा लाइम कार्डियल क्रश आइस , ...ापहली बार थोड़ा ,... लेकिन एक दो पेग ,मेरा मतलब एक,... दो घूँट पी लीजियेगा न तो मजा आएगा। "
इसरार करते उन्होंने एक बार और ,... और अबकी तो पूरा एक पेग वो अपनी भौजाई को घोंटा के माने।
जेठानी को तो पता नहीं पर मुझे बहुत मजा आने वाला था ,अगर एक बार उनकी भौजाई को चढ़ गयी तो,... और मुझे उनके देवर पर पूरा भरोसा था।
अगर वो अपनी बहन को पटा सकते थे मेरे साथ चलने के लिए तो , फिर तो ,.... मैंने भी उनका साथ दिया।
" सच में दी , मॉकटेल बनाने में तो ये एक्सपर्ट हैं ,मुझे भी पहली बार बड़ा कड़वा कड़वा लगा था लेकिन आधी ग्लास ख़त्म करने के बाद , ... "
मैं अपनी जेठानी से बोली और एक कबाब सीधे उनके मुंह में डाल दिया।
" दी ये खाइये न इसके साथ स्वाद ठीक हो जाएगा। "
उन्होंने आँखों ही आँखों में मुझसे हाई फाइव किया अपनी भाभी के ग्लास को रिफिल किया और फिर जेठानी जी के होंठो पे ,
अबकी बिना ज्यादा नखड़ा किये वो गटक गयीं।
दो पेग वोदका पहली बार ,और वो भी इतनी जल्दी , ...पांच छह मिनट में तो वो सर पे चढ़ के बोलने ही वाली थी।
तुम लोग तो लो , वो ग्लास ख़तम करते बोलीं ,
और मैंने अपने मुंह का अधखाया कुचला लिथड़ा , सीधे अपने मुंह से उनके देवर के मुंह में ,जेठानी जी के सामने और उन्होंने मुंह खोल के गड़प भी कर लिया।
फिर उनके देवर ने मुगलाई पराठे में ;लपेट कर एक बड़ा सा कौर कबाब का , और सीधे अपनी भाभी के मुंह में।
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
18-02-2021, 05:15 PM
(This post was last modified: 14-10-2021, 03:23 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
संस्कारी जेठानी जी
मैंने किसी तरह भुलाने की कोशिश की ,जब मैं शादी के बाद आयी थी , भले ही मेरी जेठानी से जी ने हाथ भर का घूंघट कढ़वा रखा हो
,लेकिन बात तो सुनाई ही पड़ती थी न। कैसे यही जेठानी जी मेरी सास से कह रही थी ,
" बहू तो अच्छी है ,देखने सुनने में ,खूब पढ़ी लिखी भी ,देवर जी की पसंद की लेकिन इसके घर में सुना है शराब ,कबाब सब ,... और हम लोगों का घर इतना संस्कारी ,धार्मिक ,... लहुसन प्याज तक नहीं "
उनकी बात काट के मेरी लगाम सासु जी ने जेठानी को सौंप दी ,
" अरे तो तू बड़ी है न , सीखा देना उसे ,थोड़ा प्यार से ,थोड़ा जिस घर में आयी है उस घर का चाल चलन तो सीखना ही पडेगा "
मैंने झटके से सब बातें हवा में तिनके की तरह उड़ा दीं। बस एक बात मैटर करती है ,मेरा साजन सिर्फ मेरा है , और वह ,
बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत अच्छा है।
वह अपने हाथ से मेरी उन्ही जिठानी को मुगलाई पराठे में लिपटा मटन कबाब बड़े प्यार से खिला रहे थे और बाद में लिम्का -वोदका ,
और वो उत्ते प्यार से ही खा रही थीं।
थोड़ी थोड़ी उन पे चढ़ भी रही थी ,किसी पे चढ़ जाती , पहली बार वो भी दो तीन पेग से ऊपर मेरी जेठानी की आँखों के लाल डोरे बता रहे थे।
और अब आम का नंबर था , जैसे ही उन्होंने अपने हाथों से दसहरी की फांक लेके अपनी भौजाइ के आम के फांक ऐसे रसीले होंठों की ओर किया तो उनकी भौजाई मुझसे बोलीं ,
" पहले तो नाम लेने से कूदता था और अब अपने हाथ से ,.... "
तब तक वो बोले ," भाभी पूरा खोलिये न तब तो डालूं , " ( डबल मीनिंग वाले डायलॉग में अब वो भी ,... )
उनकी भौजी ने खोल दिया ,और देवर ने डाल दिया , एक बार में पूरा ,
मुझे मौका मिल गया , जेठानी जी का आँचल नीचे ढलक गया और एक झटके में चुट पुट ,चुट पुट , जेठानी जी की ब्लाउज की तीन चुटपुटिया बटन खुल गयीं।
उनका गोरा गोरा खूब भरा गदराया कड़ा कड़ा जोबन आलमोस्ट छलक कर बाहर ,
शरारत का हक़ सिर्फ देवर भाभी का ही थोड़े है ,थोड़ा हक़ तो देवरानी का भी बनता है।
जेठानी जी के गुदाज खुले छलकते उभार पर अपनी ऊँगली से दबाते मैंने चिढ़ाया ,
" दीदी आप अपने देवर को ये वाले आम एक बार चखा देतीं न तो बस वो वाले आम भी ये खा लेते ,"
" मैंने कभी मना किया था क्या ,... बस यही एकदम बुद्धू,... " आम की फांक चूसती वो बोलीं।
एक फांक मैंने भी उठा ली लेकिन मैं मुस्कराते हुए सोच रही थी , यही बात तो कच्ची अमिया वाली भी बोल रही थी ,मेरी छुटकी ननदिया ,
" मैंने कभी मना किया था क्या , " ,...
लेकिन अब जमाना बदल चुका था अब ये कच्ची अमिया भी कुतरेंगे और रसीले आम भी।
मैंने उन्हें आँख से इशारा किया लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं पड़ी , इनका एक हाथ तो पहले ही अपनी भाभी के कंधे पर था और अब अपने आप सरकती उंगलिया जेठानी जी की खुली गोरी गुदाज गोलाइयों पर सरक कर ,...
जेठानी जी ने अपना हाथ उठाया , मुझे लगा शायद ये इनके हाथ को रोकेंगी लेकिन ,
उन्होंने एक खूब मोटी ,सिन्दूरी ,रस से छलकती फांक उठायी और सीधे देवर के मुंह में ,
और उन्होंने गड़प कर लिया।
इनकी आँखों में आंखे डालतीं शरारत से वो बोलीं ,क्यों आ रहा है मजा।
बस मौके का फायदा उठा के एक बार मैंने अपनी जेठानी की खाली ग्लास लिम्का -वोदका से भर दी और बोला ,
" अरे दीदी अभी तो मजा शुरू हुआ लेकिन आप की ग्लास तो अभी भरी हुयी है ,आप के देवर ने इत्ते प्यार से मास्टर शेफ वाल मॉकटेल बनाया है और आप ,... "
अबकी जेठानी ने जी खुद ग्लास उठा के बॉटम्स अप ,
आधा पेग से ज्यादा और अंदर।
" हे जो फिल्म लाये हो लगाओ न ," जेठानी खुद मटन कबाब गड़प करते बोलीं ,फिर कहा ," बढ़िया स्वाद है ,कभी खाया नहीं ऐसा। "
और उठ के उन्होंने डीवीडी लगा दी ,लेकिन उनके उठने का असर ये हुआ की ,
अब जेठानी जी बीच में हो गयीं ,मेरे और मेरे उनके बीच सैंडविच।
टाइटिल से ही मैं समझ गयी कुछ भी बचा नहीं होगा इसमें , " हार्डकोर ३ ब्रेजर्स "
कुछ कुछ तो कुनमुनाई मेरी जेठानी जी , जब पिक्चर के शुरू में ही टॉप लेस ,...
" कैसी पिक्चर है ," कुछ मुंह बनाया उन्होंने
" आप के देवर लाये हैं आप के लिए , वो जाने ,आप जानिये। "
मुस्करा के मैं बोली , फिर उनसे पूछ लिया ,
" सच्ची में दी आपने पहले कभी नहीं देखा , जेठ जी नहीं लाये थे कभी ,... "
" लाये थे ,लेकिन मैंने उन्हें झिड़क दिया, ये क्या सब ,... फिर दुबारा उनकी हिम्मत नहीं हुयी " जेठानी जी ने कबूला।
" अरे देवर तो होता ही इसीलिए है न , जो काम सैंया के साथ न कर पाओ वो देवर के साथ ट्राई कर लीजिये। "
और तब तक फिल्म शुरू हो चुकी थी और जैसे ऐसी फिल्मो का नियम है , शुरूआत ब्लो जॉब से करनी होती है ,
और ऐक्ट्रेस डीप थ्रोट कर रही थी।
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
18-02-2021, 05:23 PM
(This post was last modified: 14-10-2021, 03:25 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ब्लो जॉब
और तब तक फिल्म शुरू हो चुकी थी और जैसे ऐसी फिल्मो का नियम है , शुरूआत ब्लो जॉब से करनी होती है ,
और ऐक्ट्रेस डीप थ्रोट कर रही थी।
" क्यों दी ये मत कहियेगा , ये भी नहीं ट्राई किया ?मैंने अपनी जेठानी को चिढ़ाया।
" एक दो बार , बस तेरे जेठ तो बहुत जिद करते है लेकिन मैं मना कर देती हूँ ,मुझे अच्छा नहीं लगता ,... उसी से ,.. वो सब ,.. उसी को मुंह में लेना "
धीमे से मेरे कान में उन्होंने राज खोला।
" दो दिन की बात है , पक्का ,आपकी छुट्टी ख़तम बस ,... अपने देवर से ट्राई कर लीजिएगा न , बहुत मस्त चुसवाते हैं वो ,सच्ची। "
मैं भी उनके कान में फुसफुसाते बोली।
असर उस फिल्म का उनके देवर पर भी पड़ रहा था , तम्बू एकदम तना। मोटा सुपाड़ा छोटे से शार्ट से बाहर झांकता,
तब तक एक और ऐक्टर ने अपने कपडे उतारे और उसका लंड , एकदम लम्बा मोटा ,८ इंच से कम क्या होगा रहा होगा ,
" उईईई ,... " जेठानी जी की सिसकी और चीख एक साथ निकल गयी।
" इत्ता बड़ा ,घोंट पाएगी वो। " वो बोल पड़ी।
"एकदम भाभी अभी देखियेगा न " अबकी जवाब उनके देवर ने दिया।
बर्फ कब की पिघल चुकी थी ,उनकी ' संस्कारी' भौजाई अब धीमे धीमे खुल रही थीं।
" आपके देवर का इससे कौन सा कम है , और मैं तो रोज ,... फिर परसों रात तो आप भी ,...एक बार पकड़ के देखिये न ,अच्छा जस्ट जरा सा ,शार्ट के ऊपर से , बस एक बार छू के ,... "
मैंने फुसफुसाते हुए अपनी जेठानी को उकसाया और जब तक वो सम्हले , जेठानी जी का हाथ पकड़ के इनके खूंटे पर।
थोड़ी देर तो वो झिझकी ,शरमाई , हाथ हटाने की कोशिश भी की लेकिन कभी मैंने तो कभी उनके देवर ने ,
और दो चार मिनट के बाद वो उस मोटे खूंटे को न सिर्फ शार्ट के ऊपर से छू रही थी बल्कि ,...
और उस लम्बे मोटे लंड वाले ने उस लड़की के पिछवाड़े का बाजा बजा दिया , एक झटके में पूरा सुपाड़ा गांड के अंदर ,
" ये पीछे भी ,... " जेठानी चौंकी।
" अब दीदी ये मत कहियेगा की जेठ जी ने , आपके इत्ते मस्त चूतड़ों को छोड़ रखा है , " मैंने उन्हें चिढ़ाया।
" तूने मरवाया है ,कभी पीछे। ? अबकी जेठानी जी ने मेरे से सीरियसली पूछ लिया और मेरी आँखों के सामने मेरे दोनों जीजू अजय और कमल जीजू के मोटे मोटे लंड आ गए।
" तो क्या दीदी सच में आपकी गांड कभी जेठ जी ने नहीं मारी या फिर किसी ने आपके मायके में ,या ,... "
" नहीं नहीं ,तेरे जेठ जी तो एकदम तू तो जानती है कैसे ,और इस परिवार का रीत रिवाज ,... उन्होंने कभी कहा भी नहीं "
जैसे मन मसोसती हुयी मेरी जेठानी बोली।
संस्कारी परिवार के रीत रिवाजों को डुबोते हुए मैंने जेठानी जी के ग्लास को फिर लिम्का कम वोदका ज्यादा वाले ड्रिंक से भर दिया और मेरी जेठानी ने गड़प भी कर लिया।
लेकिन देवरानी के नाते मेरा तो कुछ धरम भी बनता था न तो मैंने सोच भी लिया की जेठानी जी के कुंवारे पिछवाड़े की नथ तो उतारनी पड़ेगी।
जो मजा उनके देवर देवरानी ने लिया , उससे बिचारी जेठानी कैसे बची रहें ,सख्त नाइंसाफी होती। और नाइंसाफी मुझे पसन्द नहीं।
सामने स्क्रीन पर गांड मरौवल जम कर चल रही थी और मेरी जेठानी की आँखे वहीँ चिपकी थीं।
ख़ास तौर पर जब वो मुस्टंडा अपना मोटा लंड पूरा बाहर निकालता तो , और उसके खुले सुपाड़े पर
और तबतक टिट फक का एक सीन आ गया ,
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
Uffff क्या बात है कोमल भाभी
पूरी तैयारी करवाओ जेठानी जी को
सब कुछ दिखा समजा के लाओ बेड पे
फिर लेगी हचक,हचक के ऊफ़्फ़ सारी रात साजन पेलेंगे प्यार से दुलार से
राह तकुंगी अगली फ़ुहार की
कुसुम
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(21-02-2021, 08:16 PM)@Kusum_Soni Wrote: Uffff क्या बात है कोमल भाभी
पूरी तैयारी करवाओ जेठानी जी को
सब कुछ दिखा समजा के लाओ बेड पे
फिर लेगी हचक,हचक के ऊफ़्फ़ सारी रात साजन पेलेंगे प्यार से दुलार से
राह तकुंगी अगली फ़ुहार की
कुसुम
एकदम अच्छी तरह से , अगवाड़ा पिछवाड़ा सब
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
22-02-2021, 10:20 AM
(This post was last modified: 20-10-2021, 08:06 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
टिट फक
और तबतक टिट फक का एक सीन आ गया ,
खूब मस्त बड़ी बड़ी ,३८ डी डी से क्या कम होंगी और उन चूँचियों के बीच जिस तरह मस्त लंड को पकड़ के वो चोद रही थी ,
मेरे मुंह से निकल गया ,क्या मस्त चूँचियाँ है ,कुछ
और जवाब बिना रुके उन्होंने दिया ,
" अरे मेरी भौजाई की चूँचिया उस से लाख गुना अच्छी हैं ज्यादा कड़क , और रसीली ,उस स्साली की तो सब नकली प्लास्टिक ,"
और भौजाई अपनी तारीफ़ सुन के खुश ,और उनके देवर का हाथ सरक के , बलाउज की बची हुयी तीन चुटपुटिया बटनों में से दो चट चट उनके देवर के हाथ के दबाव से खुल गयीं ,
सिर्फ एक सबसे नीचे वाले केसहारे किसी तरह ब्लाउज लटका फंसा था।
और भौजी के जिस जुबना की वो तारीफ़ कर रहे थे ,वो अब उनकी हथेली में सहलाया ,दबाया कुचला जा रहा था। कुछ देर में तर्जनी और अंगूठे के बीच उनकी भौजी के निपल भी रगड़े मसले जा रहे थे।
मुझसे ज्यादा कौन जानेगा , उनकी उँगलियाँ निपल पे , क्लिट की रगड़ायी से कम नहीं होती थी , कोई भी लड़की हो औरत हो उसे दो चार मिनट में वो पिघला सकते थे
और भौजी की हालत ख़राब , वोडका , सामने चल रही ब्ल्यू फिल्म और जॉबन पर देवर का हाथ ,
कनखियों से मैंने देखा की मेरी जेठानी का हाथ अब एकदम खुल के अपने देवर के तने लंड को शार्ट के ऊपर से अब खुल के रगड़ रहा था।
" आपने इस में से कौन से कौन से पोज ट्राई किया है "मैंने जेठानी जी से पूछा।
मिशनरी पोज में उन्होंने हामी भरी तब तक एक एक्टर डॉगी पोज में ,
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
22-02-2021, 10:28 AM
(This post was last modified: 20-10-2021, 08:11 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
डॉगी पोज
तब तक एक एक्टर डॉगी पोज में ,
" दी इस पोज में तो जेठ जी ने जरूर चोदा होगा , "
अब मैं उन्हें खुल के बोलने के लिए उकसा रही थी।
" हाँ नहीं , हाँ जायद नहीं दो चार बार शादी के शुरू में ,.. चोदा था ऐसे ,"
हिचकिचाते उन्होंने कबूला फिर मुझसे पूछा , तो मैंने बात मोड़ दी।
" आपके देवर बगल में बैठे हैं , पूछ लीजिये न उनसे। "
और बिना पूछे उन्होंने कबूल कर लिया।
" रोज बिना नागा , भौजी ,अरे इसे कुतिया बना के चोदने में इत्ता मजा आता है न , जब मेरा मोटा सुपाड़ा रगड़ते दरेरते कसी चूत में घुसता है न भाभी,... "
और उनका सुपाड़ा ,शार्ट से बाहर झाँक रहा था ,और ,और उनकी भाभी की उंगलिया कुछ हिचकते झिझकते अपने देवर के कड़े कड़े सुपाडे को सहला रही थी।
सामने स्क्रीन पर भी जबरदस्त डॉगी चुदाई चल रही थी।
" अरे दीदी , बस कल की रात और, परसों आपकी छुट्टी ख़तम और उस रात आपकी इस से भी जबरदस्त इस पोज में चुदाई होगी मेरी गारंटी।
"मैंने अपनी जेठानी से बोला
आधे से ज्यादा देवर का खूंटा बाहर था और देवर की भौजाई की मुट्ठी में अब वो खुल के रगड़ मुठिया रही थीं।
" दीदी ,देवर को देवर कहते ही इसलिए हैं सब्स्टीट्यूट , द्वितीयो वर , दूसरा दूल्हा ,एक के साथ एक फ्री वाला ,तो अब जेठ जी नहीं है तो फिर तो आपके देवर का हक़ बनता है ,फिर आपकी छुट्टी ख़तम होगी उस दिन ,उस दिन तो जम के खुजली मचती है।“
सामने स्क्रीन पर एक वोमेन आन टॉप वाली सीन चल रही थी। मेरी जेठानी मेरी बात में हामी भरते हुए बोलीं ,
" तू सच कहती है ,जिस दिन वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम होती है न , बस इत्ता मन करता है ,इत्ता मन करता है की ,बस मन करता है की स्साला कोई मरद मिल जाए न तो बस जैसे ये चोद रही है न ,बस वैसे ही पटक के चोद दूँ उसको। "
फिल्म ख़तम। हो गयी थी , मैंने लाइट जलाते हुए कहा ,
" अरे दीदी बैठा तो है आपके बगल में मर्द , ६ फिट का , बस चोद दीजिये पटक कर इसे और आपका देवर द्वितीय वर भी है , जेठ जी भी नहीं है तो फिर आपके देवर की ड्यूटी भी बनती है। "
मेरी जेठानी की उँगलियाँ अभी भी उनके शार्ट से बाहर झांकते सुपाड़े पर थीं, और उनके देवर का हाथ अभी भी उनके ब्लाउज में धंसा।
" जानते हो देवर को देवर क्यों कहते हैं ?"
मेरी जेठानी बोलीं।
मेरे और इनके मुंह से एक साथ निकला ,क्यों ?
" इसलिए की वो हरदम अपनी भौजाई से मांगता रहता है , दे बुर , ... दे बुर। "
उनकी भौजाई हँसते हुए बोलीं।
" अरे दीदी तो आपको दे देना चाहिए था न , कौन सी घिस जाती और बिचारे देवर का भी ,... " मैं क्यों मौका छोड़ती।
" इसने कभी मांगा ही नहीं। " उनकी भौजाई बोलीं। सच में मेरे वो न एकदम ही ,...
लेकिन अब वो समझदार हो गए थे , तुरंत बोले ,
" भौजी दे बुर , ... दे बुर। "
" जा के आज पहले मेरी देवरानी की ले , आज कल मेरी छुट्टी है ,... " उनकी भौजाई खिलखिलाते बोलीं।
" यानी परसो का पक्का न " मैं और उनके देवर एक साथ बोले।
" परसों तो मैं तुझे रेप कर दूंगी , देखती हूँ तेरी ताकत ,तलवार तो बहुत तगड़ी है ,तलवार बाजी उस दिन देख लुंगी , अभी चलो। "
और मैं और ये कमरे से बाहर निकल आये। रात काफी होचुकी थी।
पर इस उमर में रात सोने के लिए थोड़ी होती है।
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
22-02-2021, 10:34 AM
(This post was last modified: 21-10-2021, 05:49 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरा सोना मोना
हम दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे ,अपने कमरे में जाने के लिए।
" तुम बहुत दुष्ट हो "
उन्होंने खिलखिलाते हुए मेरे नितम्ब पे एक जोर की चपत मारी और मेरे गाल काटते हुए बोले ,
" मेरी भौजाई को दारु ,... " और खिलखिलाने लगे।
" मॉक टेल ,मास्टर शेफ की अवार्ड विनर , ... असली कारीगरी तो साले तुम्हारी है "
और हँसते हुए मैंने उनके पिछवाड़े एक हाथ जड़ दिया।
" दीदी ,एकदम प्योर वेज कबाब , लहसुन प्याज भी नहीं पड़ा ,... "
मेरी आवाज की नक़ल करते हुए वो खिलखिला पड़े।
" दे बुर ,दे बुर , ... देवर मांगे दे बुर " अबकी मैं अपनी जेठानी की आवाज कॉपी करती हुयी हंसती हुयी बोली।
वो भी हंसने लगे।
" साल्ले माँगा क्यों नहीं बेचारी तुरंत दे देती अपनी बुर , मुझे तेरी कुँवारी नथ सुहागरात में न उतारनी पड़ती " और उन्हें चिढ़ाने के साथ साथ मेरी ऊँगली अब अपने सैयां के नमकीन पिछवाड़े में धंसी , घिस्स मिस्स हो रही थी।
" देर आयद दुरुस्त आयद , मांग तो लिया और तेरी जेठानी ने हाँ भी कर दी। "
मेरी खूब मीठी सी चुम्मी लेते वो बोले।
" चल बुर तू चोदना और कोरी कसी गांड का उद्घाटन मैं करुँगी "
उनके शार्ट से निकाल के खूंटे को मुठियाती मैं बोली।
लंड उनका एकदम तन्नाया। वो कुछ बोलते उसके पहले ही मैंने करेक्शन जारी कर दिया।
लैंड को मुठियाते उनके लंड से ही मैं बोली ,
" अच्छा चल यार गुस्सा न हो , कोरी अनचुदी गांड मारने का मन कर रहा है तेरा ,चल मार लेना आखिर तुझे भी तो पिछवाड़े वाले छेद में आने जाने का रास्ता मालूम होना चाहिए , चल अपनी भौजाई की गांडफाड़ तू देना ,बाद में जब उनकी सैंडविच बनायंगे , न तो तेरे हिस्से बुर मेरे हिस्से उनकी गांड। फाड़ के रख दूंगी ,इत्ते दिन की गांड मराई जो छिनार ने अपने देवर से बचा के रखी थी। लेकिन मारूंगी तो मैं गांड उस बुरचोदि की जरूर। "
बिना बोले उनसे रहा नहीं जाता तो इसलिए उन्होंने बोल दिया ,
और तब तक हम लोग कमरे में पहुँच गए थे
उन्होंने बोल दिया ,
" लेकिन ,... कैसे "
और उन्हें वही पलंग के सहारे निहुरा के मैं बोली,
"ऐसे , जैसे अभी थोड़ी देर में तेरी मारूंगी , अरे सब कुछ जानना जरुरी है क्या ,जब मारूंगी तो देख लेना ,ऐसी चिलायेंगी तेरी भौजी जैसे अपनी सुहागरात में फटने पर न चिल्लाई होंगी। "
शार्ट मैंने उनकी सरका के नीचे कर दी थी और उनके गोल गोल गोरे चिकने बबल बॉटम पर दो हाथ कस के जड़ दिए ,हलके गुलाबी फूल खिल उठे।
मेरी ऊँगली की टिप , पूरी ताकत से उनकी गांड के अंदर ,सटाक।
" एक बार में पूरा पेलना मेरी जेठानी के गांड के अंदर ,नो रहम सहम ,चिल्लाने देना , बहुत गांड मटका मटका के तुझे ललचाती थीं न। "
गोल गोल ऊँगली की टिप उनकी कसी गांड में घुमाती मैं बोली ,और अगले पल उनकी शर्ट भी मैंने खींच के फर्श पर और उन्हें आगे सीधे ,
और और
बीस पच्चीस चुम्मे तो जड़ें ही होंगे उनके मालपूआ ऐसे मीठे मीठे गाल पे। फिर बोली अपने सजन से ,
" यार तू न बहुत बहुत अच्छा है ,बहुत मेरा सोना मोना ,खूब मीठा वाला सोना मोना , आज का दिन तो मैं भूल नहीं सकती ,पहले तो मेरी उस नकचढ़ी ननद से ,
" गुड्डी अपनी चूत दो न मुझे "
और एक बार हम दोनों फिर खिलखिलाने लगे और वो कपड़ों के दुश्मन मेरी साडी उतारने में जुट गए और थोड़ी देर में मैं भी उनकी जैसी थी ,वस्त्रहीन। अब उनके मायके में हमलोगो को इस बात का फरक नहीं पड़ता था की दरवाजा बंद है की नहीं ,कहीं खिड़की खुली तो नहीं है ,कोई सुन तो नहीं लेगा ,
मैं उनकी लीगली वेडेड वाइफ , धर्मपत्नी , मर्जी उनकी जो चाहें करे मेरे साथ ,और किसी से क्या मतलब ,
मेरा सोना मोना , मेरा मुन्ना।
उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,
" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। " और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।
" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... " उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।
वो मुस्कराते रहे समझ के ,
और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,
" मम्मी ,... "
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
Didi kya huaa
Update do naa please
Please please
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(05-03-2021, 07:41 AM)@Kusum_Soni Wrote: Didi kya huaa
Update do naa please
Please please
hard to post without any comments, ...but if you say
|