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22-01-2021, 02:36 PM
(This post was last modified: 17-09-2021, 04:28 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जेठानी जी के सामने
और हम तीनो सीढ़ी से धड़धड़ नीचे।
गुड्डी के वो दो घंटे १२ मिनट पहले ख़त्म हो चके थे।
शरारत में मैंने गुड्डी के टॉप के स्ट्रिंग्स फिर नीचे खींच दिए और उसकी छलकती हुयी गोलाइयाँ आधी से ज्यादा बाहर आ गयी , और वो उसे ठीक कर पाती , उसके पहले ही हम तीनो नीचे ,
जेठानी जी के सामने।
……………………………………………..
" क्या हो रहा था " वो बोलीं
और जिस तरह से हम तीनो केमुंह से एक साथ निकला , कुछ भी तो नहीं, उससे साफ़ था बहुत कुछ हो रहा था।
जेठानी बिचारी ,
उनकी हालत एक ऐसे नेता की थी , जिसकी पार्टी की सरकार चली गयी हो , इलेक्शन में वो न खुद हार गया हो बल्कि उसकी जमानत भी जब्त हो गयी हो। लेकिन वो भूल नहीं पा रहा हो की कल तक उसकी तूती बोलती थी और सड़क चौराहे पर किसी ट्रैफिक कांस्टेबल पर धौंस जमाने की कोशिश कर रहा हो.
पर हारे हुए नेता और घिसी हुयी आइटम गर्ल को जैसे कोई नहीं सुनता , बस वही ,...
" मै सोच रही थी , अरे तुझे तो मालूम ही है की साढ़े चार बजे यहां सब लोग चाय,... इसीलिए तुझे आवाज दी। "
जेठानी ने मेरी आँख में आँख डाल कर बोला।
मुझे एकदम मालूम था ,सारा टाइम टेबल और मीनू भी ,
आखिर साढ़े सात महीने तक यही तो करती थी ,सुबह ठीक सवा छह बजे किचेन के अंदर ,वो भी नहा धो के , फिर सबकी बेड टी , सात बजे के पहले , फिर ब्रेकफास्ट , लंच , शाम साढ़े बजे इवनिंग टी ,शाम का नाश्ता , रात का खाना , और हर डिश के साथ नया नया ताना।
जेठानी जी भी आती थीं बीच बीच में सिर्फ ये बोलने के लिए ,
" तेरे मायके की तरह नहीं है यहाँ , हमारे यहां तो किचेन में लहसुन प्याज आना क्या कोई बात भी नहीं कर सकता ,... "
तो जेठानी जी का इशारा साफ़ था , मैं किचेन में जाऊं ,पुराने जमाने की तरह चाय बना के ले आऊं यहीं बरामदे में और वो अपने छुटके देवर और ननदी के साथ गप्पाष्टक करें और ये उन दोनों से उगलवाने की कोशिश करें की मैं क्या बात कर रही थी।
बिचारी दो दिनों से मैंने उन्हें कित्ते हिंट दिए थे की अब जमाना बदल चुका है , उनका देवर अब मेरी पति पहले है ,मेरा एकदम अच्छा वाला मीठा मीठा हबी।
मैं भी कौन कम थी अपनी मम्मी के कॉलेज की पढ़ी , हँसते हुए मैंने उन्हें गले लगा लिया और बोली ,
" एकदम दी , कैसे भूल सकती हूँ , अरे मैं खुद बहुत चयासी हो रही थी। ये तो आपके देवर न ,थोड़े बिजी थी , ... "
और मैंने जब मुस्करा के अपने उनको देखा तो बिचारे ऐसे शरमाये की लौंडिया मात।
" और दी , आपके देवर चाय बहुत अच्छी बनाते हैं , स्पेशली मसाला चाय। अभी बना के लाते हैं , "
और उनको चिढ़ाते और गुड्डी के गुलाब ऐसे गालों पर चिकोटी काटते मैंने उनको बोल दिया,
" और आज तो ये चिकनी भी आयी है स्पेशल मेहमान ,
ज़रा उसको भी तो अपने हाथ का जौहर दिखाओ न ,चाय के साथ वाय भी। "
वो किचेन की ओर मुड़ गए , और अब मैंने गुड्डी को भी उधर खदेड़ दिया जिससे जो बातें जेठानी जी के पेट में नहीं पच पा रही थी वो मुझसे कर लें वरना फ़ालतू में गैस की दवा ढूंढती फिरेंगी। "
" तू भी जा न ज़रा अपनी भैय्या की हेल्प करा दे ,कही चाय में चीनी की जगह नमक डाल दें , फिर उन्हें चाय के साथ वाय भी तो बनानी है ,अपनी पसंद की वाय बनवा लेना अपने भैय्या से। "
एकदम भाभी कह के ,मुस्कराती वो छोरी बड़ी शोख अदा से अपने कसे कसे नितम्ब मटकाती , मुझे दिखाती किचेन में चली गयी ,
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22-01-2021, 02:50 PM
(This post was last modified: 17-09-2021, 08:03 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं और मेरी जेठानी
जेठानी जी ने उगल दिया ,
और जेठानी जी ने मेरे गले को सहलाते हुए बड़े शाक और दुख भरी आवाज में कहा ,
" हे तेरा गला बड़ा सूना लग रहा है। "
मैं उनका मतलब समझ रही थी लेकिन जान बूझ के नहीं बोली।
अब मैं भी ये सब ट्रिक सीख गयी थी , मैं जो वो चाहती थीं की मैं अपने मुंह से बोलूं , वो सुख उन्हें नहीं देना चाहती थी।
बस मैं उनकी ओर देख के मीठा मीठा मुस्करा रही थी।
आखिर उनसे नहीं रहा गया , वो बिचारी ,बोलना ही पड़ा उन्हें।
" हे वो गुड्डी ,वो हार ,बाजी तो तूने न , फिर ,... " रुकते रुकते वो बोल रही थीं।
कुछ देर मैं चुप रही ,फिर मुस्कराकर ,किसी बड़े दिल वाली की तरह मैं बोली ,
" अरे दी ,इनकी एकलौती छोटी बहन है ,सगी तो कोई है नहीं जो है वही ,और हमारी भी छोटी ननद। उसका दिल आ गया था , तो बस , बाजी वाजी क्या वो तो बस ऐसे ही मज़ाक में और चलिए इसी बहाने आपके देवर ने आपके सामने आम खाना शुरू कर दिया। "
वो कुछ बोलती उस के पहले मैंने अगले तीर चला दिए ,
" वैसे भी दीदी ,अबकी मेरी बर्थडे पे ये मेरे लिए कुंदन का हार दिया है ,बीच में पन्ना ,मैं भूल गयी थी दिखाना आपको , साथ में मैचिंग झुमके और हाँ जो प्रमोशन हुआ था न उनका , उस समय मैंने तो बहुत मना किया पर आप तो जानती है न मेरी सुनते हैं क्या के जड़ाऊ सात लड़ वाला हार , और मम्मी भी आयी थी मेरी , अभीहम लोगों के यहाँ आने के एक दिन पहले तो गयी वापस , वो भी अब मैं एकलौती लड़की ,...यूरोप गयी थीं वो तो एक बसरा पर्ल्स का हार , ... वो वाला तो मैं नहीं लायी हूँ पर आपको व्हॉट्सेएप कर दूंगी। आप को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड कर देती हूँ , ... व्हाट्सऐप है न आपके पास ,... "
आखिरी तीर चला के मैं चल दी।
अब मैं एकदम सीख गयी थी ,शिकार को कब घायल कर के छोड़ देना चाहिए ,जिससे खूब धीरे धीरे खून रिसे , और उसे अपनी चोट याद आती रहे।
गुड्डी तो खैर टीनेजर थी और किशोरियां कुछ ज्यादा ही चबड चबड करती हैं , लेकिन उसे कंट्रोल करना गाइड करना तो मेरी जेठानी का , और अब मैं समझ गयी कित्ती बार तो उसके कंधो पर रख के वो बन्दूक चलाती थीं।
बिना मुड़े मैंने कनखियों से ,... वो ,... मेरी जेठानी एकदम आग बबूला,... टेंशनियाइ ,...
यही तो मैं चाहती थी।
मैं किचेन में
गुड्डी को मैंने बोला था न की जा अपने भैय्या के हाथों का जौहर देख ,किचेन में।
उनके हाथ सच में जौहर दिखा रहे थे ,सीधे गुड्डी की कच्ची अमिया पे ,एक उस कसे बहुत ही लो कट टॉप के अंदर और दूसरा ऊपर से ही ,...
और मेरी छुटकी ननदिया भी कम नहीं थी , उस शोख परी ने अपने नाजुक हाथों से उनकी झलकौवा शार्ट के ऊपर से उनके खड़े खूंटे को कस कस के रगड़ मसल रही थी , और उन्हें चिढ़ा रही थी।
उधर चूल्हे पर दूध उबल रहा था।
यही तो मैं चाहती थी।
जब तक उन दोनों ने अहसास किया की मैं किचेन के अंदर हूँ , दूध उबल रहा है , और वो लपक कर चूल्हे की ओर बढे , पर मुस्कराते हुए मैंने पहले दूध उतार दिया।
झेंप कर वो बेसन फेंटने में लग गए और मैं उनकी माल कम बहन के पास।
उन्हें झेंपते हुए देखा मैं और गुड्डी दोनों मुस्कराने लगे। .
" गुड्डी क्या बनवा रही हो ,अपने भैय्या से " गुड्डी को चिढ़ाते मैंने पूछा।
" पकौड़ी " बेसन फेंटते हुए जवाब उन्होंने दिया।
" भाभी आपने भैय्या को ट्रेनिंग बहुत अच्छी दी है ,एकदम परफेक्ट कुक "
गुड्डी के गालों को मरोड़ते मैंने उसे छेड़ा,
" अरे मेरी ननद रानी आज की रात रुक जाओ न तो बस बाकी उन्होंने ये क्या क्या सीखा है ,ये भी दिखा देंगे ,आगे से ,पीछे से.क्यों है न ,दिखा दोगे न गुड्डी को। "
वो और गुड्डी दोनों झेंप गए।
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मस्त अपडेट भाभी
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(26-01-2021, 08:43 AM)@Kusum_Soni Wrote: मस्त अपडेट भाभी
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28-01-2021, 11:04 AM
(This post was last modified: 19-09-2021, 04:02 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
गुड्डी
" गुड्डी क्या बनवा रही हो ,अपने भैय्या से " गुड्डी को चिढ़ाते मैंने पूछा।
" पकौड़ी " बेसन फेंटते हुए जवाब उन्होंने दिया।
" भाभी आपने भैय्या को ट्रेनिंग बहुत अच्छी दी है ,एकदम परफेक्ट कुक "
गुड्डी के गालों को मरोड़ते मैंने उसे छेड़ा,
" अरे मेरी ननद रानी आज की रात रुक जाओ न तो बस बाकी उन्होंने ये क्या क्या सीखा है ,ये भी दिखा देंगे ,आगे से ,पीछे से.क्यों है न ,दिखा दोगे न गुड्डी को। "
वो और गुड्डी दोनों झेंप गए।
वो गुड्डी की ऊपर वाली मंजिल की हाल चाल पूछ रहे थे तो मैंने निचली मंजिल में सेंध लगायी।
क्या मस्त रसीली फ़ांके थी ,स्साली की।
एकदम रस छलक रहा था।
कुछ देर तो उसकी चुनमुनिया छोटी सी लेसी पेंटी के ऊपर सहलाती रही मैं , फिर पैंटी सरका के सीधे एक फांक के किनारे किनारे ,मेरी ऊँगली ,...
गुड्डी एकदम मस्ता रही थी।
उधर से उसके भैय्या ललचायी निगाहों से हम दोनों को देख रहे थे ,कनखियों से।
मैंने जो उन्हें देखा और उनकी चोरी पकड़ी गयी तो वो फिर झेंप गए लेक्किन हम दोनों उन्हें कहाँ छोड़ने वाले थे।
मैंने एक जबरदस्त आँख मार दी , और
गुड्डी ने एक मीठी सी तगड़ी फ़्लाइंग किस उछाल दी उनकी ओर ,
बात टालने के लिए उन्होंने गुड्डी से पूछा ,
" सुन बैंगन की पकौड़ी पसंद है न तुझे बनाऊं ?"
" एकदम भैय्या ,बैंगन तो मुझे बहुत पसंद है " मुस्कराती चिढ़ाती वो शोख बोली।
और बैगन थाली से निकाल के उनकी ओर बढ़ा दिए।
" हे जो बैगन कुछ देर पहले पकड़ के रगड़ मसल रही थी वो ज्यादा जोरदार थे ,या जो तूने अभी दिए? "
उसकी पैंटी पूरी तरह सरकाते मैंने पूछा।
" जो कुछ देर पहले पकड़ी थी , न तो कोई उत्ता लम्बा और न उत्ता मोटा , भाभी उसकी तो बात ही अलग है मेरा वाला। "
और अब मेरी ऊंगली गुड्डी की चुनमुनिया की दोनों फांको के बीच घुस गयी थी।
" मतलब, आपका। "
गुड्डी ने कोर्स करेक्शन किया
लेकिन जवाब में मैंने गचाक , पूरी ताकत से अपनी मंझली ऊँगली निचली दोनो फांको के बीच ,
" न न , न तेरा न मेरा हम दोनों का ,जैसे कॉलेज में किसी सहेली के साथ मिल के लॉलीपॉप चूसा होगा न एकदम वैसे। "
उसके गाल पर हलके से चुम्मी लेते मैंने बोला।
पर ऊँगली मेरी घुसी नहीं ,एक पोर भी नहीं। बस ज़रा सी टिप। बहुत ज्यादा ही कसी चूत थी स्साली की।
मैं अपनी ननद की चूत की दरार में अब खुल के ऊँगली से रगड़ घिस कर रही थी और वो बिचारी सिसक रही थी।
निप्स उसकी कच्ची अमिया के एकदम टनाटन
" हे कभी मैरिनेटेड बैगन की पकौड़ी खाई है ?" गुड्डी के गाल कचकचा के काटते मैंने पूछा।
" नहीं भाभी , कभी सुना भी नहीं ये क्या होता है "उस नादाँ कमसिन ने अपनी भोली भोली आँखे नचा के पूछा।
मैंने पास ही रखी थाली में से एक मोटा सा बैगन ,खूब लंबा उठाया दूसरे हाथ से अपनी छुटकी ननदिया की पैंटी खोल दी।
बैगन की टिप अभी जहाँ मेरी ऊँगली थी ,उसकी हलकी हलकी गीली रसीली चूत की फांको के बीच.
" ननद रानी अगर तू चुद गयी होती न तो मैं तुझे करवा के सीखा देती , लेकिन जिस दिन मेरे सैंया से चुद जायेगी न बस उसके अगले दिन ये स्पेशल रेसिपी तुझे सीखा दूंगी "
कस कस के बैगन की टिप उसकी हलकी खुली चूत पर रगड़ते हुए मैंने चिढ़ाया।
पर वो छिनार कौन कम थी ,थी तो मेरी ननद , खिलखिलाते बोली।
" भाभी , उसके लिए अपने सैयां केकाण पकड़िए , मैंने तो कभी नहीं मना किया था वही शरमा जाते थे। लेकिन चलिए प्रैक्टिकल न सही थ्योरी ही ,प्रैक्टिकल बाद में कर लुंगी। "
" ऐसा खूब मोटा और लम्बा बैगन, हलके हलके चूत में घुसेड़ लो ,कम से कम ६ इंच और फिर जोर से चूत भींचती रहो। कम से कम ४ घंटे , दुहरा बल्कि तिहरा फायदा , एक तो चूत की मसल्स टाइट ,दूसरे चूत में लम्बे मोटे का मजा ,... और जो रस निकलता रहेगा उससे बैगन मैरीनेट हो जाएगा। और उसके पकौड़े बना के जिस लौंडे को खिला देगी न एकदम तेरे आगे पीछे दुम हिलाते ,... "
" दुम ,... भाभी " हँसते ,लोटपोट होते वो बोली।
" अरे यार पीछे वाली नहीं तो आगे वाली ,... " मैं भी उस के साथ हंसती बोली।
"हे जानती है ,एक बार तेरे भैय्या को , ऐसे गाजर डाल के अपनी बुर में ,उसका हलवा बना के खिलाया ,और वो बिचारे सीधे बुध्दू ,समझ नहीं पाए ,बोले ये तो बड़ा स्पेशल है ,मीठा भी और टैंगी भी। "
और एक बार फिर हँसते हँसते मैं और गुड्डी दोनों दुहरे।
पकौड़ी छानने के लिए उन्होंने कड़ाही चढ़ा दी थी लेकिन कान उनके इधर ही ,
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28-01-2021, 11:37 AM
(This post was last modified: 19-09-2021, 04:08 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ननद की पैंटी
और एक बार फिर हँसते हँसते मैं और गुड्डी दोनों दुहरे।
पकौड़ी छानने के लिए उन्होंने कड़ाही चढ़ा दी थी लेकिन कान उनके इधर ही ,
" हे क्या बात कर रही हो तुम दोनों " सुनने को बेताब वो , नहीं रहा गया।
लेकिन माकूल जवाब उनके माल ने ही दिया।
" तुझसे मतलब ,गर्ली टाक ,ओनली फॉर गर्ल्स , क्यों भाभी ,... "
" एकदम " मैंने अपनी ननद का समर्थन किया।
और अबकी गुड्डी के होंठों ने पहल की और जबरदस्त किस मेरे होंठों पे।
लेकिन मैंने उसे फिर अपने सैंया के लिए छोड़ दिया ,
" हे चल जरा अपने भैय्या की हेल्प कर ,... "
और चलने के पहले एक बार कस के मुट्ठी में मैंने गुड्डी की खुली चूत जोर जोर से रगड़ कर भींच ली ,
और जब मैं किचेन से बाहर निकली तो गुड्डी की पैंटी मेरी मुट्ठी में थी ,
और गुड्डी अपने भैय्या के पास।
हाँ उसकी निगाह मेरी ओर ही लगी थी ,गुड्डी को दिखा के एक बार उसके चूत के रस से भीनी पैंटी पहले मैंने सूंघ ली फिर चूम ली।
बजाय झिझकने के गुड्डी ने मुस्कराते हुए ,मेरी ओर एक फ़्लाइंग किस उछाल दिया।
बिचारी मेरी जेठानी भुकुसी अपने कमरे में बैठी टीवी से जंग लड़ रही थीं ,
"इस समय कोई सीरियल भी ढंग का नहीं आता। "
" देखिये दी ,आपकी देवरानी आपके लिए क्या चीज जीत के लायी है "
कमरे में घुसते ही मुस्करा के मैंने उन्हें उकसाया।
थोड़ा उनका मूड भी हल्का हुआ , उठ बैठीं , बोलीं ,
" बोल न ,.. पहेली क्यों बुझा रही है। "
और मैंने मुट्ठी खोल के उन्हें दिखा दिया ,
हम दोनों के ननद की पैंटी।
;;;;;;;
एकदम चेहरे पर ४०० वाट का बल्ब जल गया।
ख़ुशी से वो मेरे पास आगयीं और अपनी उत्सुकता दबाती , पूछ बैठीं ,
" हे उसकी ,... है ?"
मैंने सर हिला के हाँ बोल दिया।
अब तो वो ख़ुशी के मारे ,...
मैंने बोला था न ,गुड्डी पहले एकदम,... जबरदस्ती अच्छी बच्ची बनी फिरती थी , और हमारी मेरी और मेरी जेठानी दोनों की ,मजबूरी
एकलौती ननद , तो गारी भी तो उसी के नाम से और छेड़ेंगी भी तो उसी को न , और गारियाँ हम दोनों को एकदम खुल्ल्मखुल्ला वाली पसंद थी ,
वरना गारी क्या , और वो भी ननद भौजाई के बीच.
जेठानी जी ने बताया था , फागुन का महीना था ,होली की मस्ती और अब वो छोटी भी नहीं थी ,हाईकॉलेज में पहुँच गयी थी। मजाक मजाक में जेठानी जी ने उसकी स्कर्ट जरा सा छू दी बस वो ऐसे बिफर गयी ,क्या क्या सीन नहीं बनाया उसने।
मैंने जेठानी जी को दिलासा भी दिलाया और वादा भी किया ,दी जाने दीजिये ,एक दिन इसी घर में आपके सामने , उसकी पैंटी उतार दूंगी। "
और मैंने वो जीत की ट्राफी मैंने उनके हवाले कर दी।
" तू भी न , ...एकदम उस्ताद है " ख़ुशी से पैंटी पकड़ते वो बोलीं और मुझे भींच लिया।
मैंने भी कस के अँकवार में उन्हें दबाते हुए कबूल किया ,
" दी आखिर आप की देवरानी हूँ कुछ तो असर होगा न। "
और हम दोनों कमरे से बाहर आगये ,
भइया बहिनी मिल के टेबल सेट कर रहे थे।
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28-01-2021, 11:39 AM
(This post was last modified: 20-09-2021, 02:18 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
भइया बहिनी
भइया बहिनी मिल के टेबल सेट कर रहे थे।
जेठानी ने झट से स्कर्ट उठा के गुड्डी के छोटे छोटे नितम्बों को दबोच लिया।
उनके अनपूछे सवाल का गुड्डी की ओर से मैंने जवाब भी दे दिया ,
" अरे दी , नीचे वाली चिरैया को भी धूप हवा चाहिए न , आखिर अब उसके चारा घौंटने के दिन आ गए है। "
और साथ ही गुड्डी को एक काम भी पकड़ा दिया।
उसके भैय्या गरम गरम पकौड़े लाने किचेन में चले गए थे , मैं गुड्डी से बोली ,
" सुन यार ,तेरे चक्कर में तेरे भैय्या तो आज से आम खाने लगे हैं न "
गुड्डी की मीठी मीठी निगाहें मुस्कराने लगीं।
" तो अब आज ज़रा उनसे कहो न एक प्लेट आम ताजा काट के , बड़ी बड़ी फांके ,... और हाँ तू मत काटना अपने भैय्या से ही कटवाना। "
गुड्डी किचेन की ओर मुड़ चुकी थी , किचेन के दरवाजे के पास से मेरी ओर देखते हुए वो सारंग नयनी ,हँसते हुए बोली।
" एकदम भाभी ,पक्का ,भैय्या से ही कटवाउंगी। "
डबल मीनिंग डायलॉग बोलने में अब मेरी ननद भी हम लोगो के टक्कर में आने की कोशिश कर रही थीं।
जेठानी जी ने भी पूँछ जोड़ दी ,
" सही है ,भैय्या से कटवाने का मजा ही और है। "
लेकिन अपनी जेठानी को रगड़ने का ये मौका मैं क्यों छोड़ती , मैंने ऊँगली पे कुछ जोड़ा ,फिर उन्हें छेड़ा ,
" सच में दी सिर्फ दो दिन बचे है आपकी छुट्टी खतम होने में बस आज और कल फिर परसों उसके भैय्या आपको काटे बिना नहीं छोड़ेंगे। देवर का तो बैसे ही हक़ होता है और फिर तो जेठ जी के नहीं होने पर तो सेन्ट परसेंट दूकान उनकी "
तब तक वो और गुड्डी बाकी सामान लेके ,
चाय
बैंगन के पकोड़े ताज़ी चटनी ,
और हाँ फ्रेश कटे आम भी थे।
"जियत रहे यह जोड़ी , जल्द ही गाभिन हो ,नौवें महीने में सोहर हो ,"
अब मेरी जेठानी जी भी मूड में आ गयीं ,उस एलवल वाली को चिढ़ाने में
गुड्डी के गाल गुलाबी ,नैन शराबी ,... हलके से वो ब्लश कर रही थी , मेरी जेठानी की बात पे।
" एकदम भाभी आप के मुंह में घी शक्कर "
हँसते हुए मैंने अपनी जेठानी का साथ दिया, लेकिन मेरे मन में मम्मी की बात याद आ रही थी ,
" बस किसी तरह उसे पटा के यहाँ ले आ , और फिर उसे गाभिन कराने की जिम्मेदारी मेरी। "
मन मेरा भी यही कर रहा था की किसी तरह ये सोन चिरैया पट जाय और हम लोगों के साथ चल दे , एकबार मेरे घर पहुँच गयी तो फिर तो ,
मम्मी और उससे भी बढ़कर मंजू बाई ,उसकी बिटिया गीता ,... लेकिन कैसे चलेगी हम लोगों के साथ मेरे मन में यही सवाल साल रहा था।
वो और गुड्डी मिल के टेबल लगा रहे थे , बैंगन के पकौड़े ,चाय ,बहुत कुछ ,...
मैंने उन्हें देखते हुए अपनी जेठानी को चढ़ाया ,
" अरे आज आपके देवर ने पहली बार रसोई छूई है , इसका कोई नेग वेग तो दीजिये इनको। "
( नयी बहु घर में आने के दो चार दिन बाद जब पहली बार रसोई में कुछ बनाती है तो उसके ससुराल वाले ,सास ,उसकी जेठानी सब नेग देते हैं )
" एकदम " चहक के वो बोलीं।
फिर उनके बगल में बैठी गुड्डी की ओर इशारा कर के अपने देवर से बोली ,
" चल ये मेरी ननद तेरा नेग, पसंद हैं न , बस ले लो। "
मैं क्यों मौक़ा चुकती ,
" अरे दीदी ,इससे अच्छा नेग तो हो ही नहीं सकता , बिचारे कब से इसे देख के ,... " मैं जेठानी से बोली और फिर उनको छेड़ते हुए कहा ,
" ले लो , ले लो ,अब तो तुम्हारी भौजाई की भी इजाजत मिल गयी है ,मौसी भी राजी बंसती भी राजी। "
उनका बायां हाथ तो वैसे ही गुड्डी के कंधे पर था ,गुड्डी के टॉप से झांकती गोलाइयों से बस जरा सा दूर ,
और उन्होंने और गुड्डी को खींच के अपनी ओर ,.
लेकिन उनसे ज्यादा खुद ही गुड्डी सरक के एकदम अपने भैय्या से सट के , टेबल के एक तरफ वो और गुड्डी और सामने मैं और जेठानी जी।
चाय एकदम परफेक्ट ,चाय दूध ,शुगर क्यूब्स सब अलग अलग।
गुड्डी झुक के जब जेठानी जी के कप में दूध डाल रही थी , तो लो कट टॉप से न सिर्फ उसकी गोरी गोरी टेनिस बाल साइज की कड़ी कड़ी दूधिया गोलाइयाँ बल्कि मिल्क टीटस भी साफ साफ़ दिख रहे थे।
छोटे छोटे लेकिन एकदम खड़े शहद के रंग के,...
" दी ,दूध बताइयेगा। "
मुस्कराते मैंने अपनी जेठानी को उकसाया,पर उसकी कोई जरूरत नहीं थी।
उनकी निगाहें गुड्डी के छलकते नए नए आये जुबना को सहला रही थीं।
" हो गयी है एकदम दूध देने लायक। " वो मुस्करा के बोलीं।
गुड्डी पहले तो एकदम चिढ जाती , गुस्सा हो जाती पर अब सिर्फ हलके से शरमाते मुस्कराते ,और प्याले में ,
" भैय्या दूध कित्ता "
" जित्ता दे दो ,... " वो भी एकदम मूड में थे आज।
पर मैंने जेठानी जी की बात का जवाब दिया ,
"दीदी एकदम और अगर जो नयी नयी बछेड़ी दुह्वाने में उछल कूद करती है न उसका तो पैर छान के जबरन दुहना पड़ता है ,लेकिन एक बात का हल दीदी आप को देना पडेगा "
मैंने एक सवाल जेठानी जी की ओर उछाल दिया।
और न सिर्फ वो बल्कि गुड्डी और ये भी मेरी ओर देख रहे थे सवाल का इन्तजार करते।
" दीदी ,अरे सिर्फ दूध देने लायक होने से थोड़े ही दूध देना कोई शुरू कर देगा ,कुछ और करना पड़ता है उसके लिए "
अपनी जेठानी को मैंने थोड़ा और चढ़ाया।
बस वो अपने लेवल पर आ गयीं। बोलीं ,
" अरे ये सांड ६ फिट का बैठा तो है बगल में ,बस एक दिन चढ़ जाओ ,शर्तिया गाभिन कर दोगे। बस नौ महीने बाद दूध सप्लाई शुरू। "
उनका हाथ न गुड्डी के कंधे पर था ,बल्कि उँगलियाँ गुड्डी की खुली दूधिया गोलाइयों के ऊपरी भाग को छु रही थीं ,सहला रही थीं .
गुड्डी ने जैसे अपनी भाभी की बात पे हामी जताते , उनकी उस के जोबन को सहलाती उँगलियों को खुद खींच के थोड़ा और नीचे।
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31-01-2021, 02:53 PM
(This post was last modified: 20-09-2021, 02:47 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी- गर्भाधान का मुहूर्त
" दीदी ,अरे सिर्फ दूध देने लायक होने से थोड़े ही दूध देना कोई शुरू कर देगा ,कुछ और करना पड़ता है उसके लिए "
अपनी जेठानी को मैंने थोड़ा और चढ़ाया।
बस वो अपने लेवल पर आ गयीं। बोलीं ,
" अरे ये सांड ६ फिट का बैठा तो है बगल में ,बस एक दिन चढ़ जाओ ,शर्तिया गाभिन कर दोगे। बस नौ महीने बाद दूध सप्लाई शुरू। "
उनका हाथ न गुड्डी के कंधे पर था ,बल्कि उँगलियाँ गुड्डी की खुली दूधिया गोलाइयों के ऊपरी भाग को छु रही थीं ,सहला रही थीं .
गुड्डी ने जैसे अपनी भाभी की बात पे हामी जताते , उनकी उस के जोबन को सहलाती उँगलियों को खुद खींच के थोड़ा और नीचे।
मैं क्यों मौका चूकती मैं भी तेल पानी लेकर उनके ऊपर ,
" हे सुन रहे हो मेरी जेठानी जी क्या कह रही हैं , फिर बड़ी भाभी की बात तो आप कभी टालते नहीं हो , बस मौका भी है और अब तो ये तुझे नेग में भी मिल गयी है.”
"एकदम ,और कौन मुहूरत निकालने की बात ,बस सटाओ ,घुसेडो ,सटासट , अगस्त चल रहा है ,फरवरी में सोहर और फिर दूध की नदी ,... "
जेठानी मेरी मूड में आ गयी थीं।
" अरे भाभी मुहूर्त निकालना भी हो तो ये मेरा मोबाइल हैं न ,गूगल बाबा ,...ये देखिये निकल गया गर्भाधान का मुहूर्त , सच में अगल दो महीने तक तो बहुत बढ़िया योग है ,.. "
मैंने जेठानी जी को मोबाइल दिखाया।
लेकिन वो बिचारे ,गुड्डी से ज्यादा तो वो ,उन्होंने बात बदल दी और गुड्डी से पूछा ,
" हे तेरा इंटर के बाद क्या प्लान है। "
और मैं फिर बीच में कूद गयी ,
" अरे इंटर का कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के तो ,... "
लेकिन गुड्डी की ओर से जवाब दे दिया मेरी जेठानी ने ,
" अरे तो चलो ,लेकिन अब चौदहवीं के पहले चुदवा लेगी मेरी ननद ,पक्का मेरी गारंटी। "
लेकिन जो जवाब गुड्डी ने दिया तो माहौल बदल गया।
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31-01-2021, 03:01 PM
(This post was last modified: 23-09-2021, 12:47 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उदास
लेकिन जो जवाब गुड्डी ने दिया तो माहौल बदल गया।
अब तक तो हम लोगों के मजाक का वो खुल के मजा ले रही थी लेकिन उसके भैय्या के सवाल ने एकदम उसको जैसे उदास कर दिया।
" क्या करुँगी ,कुछ नहीं करुँगी , बस ,... " उसके चेहरे पर उदासी के बादल छा गए थे।
" मतलब ,... " हम तीनों एक साथ बोले।
मामला सीरियस हो गया था।
,
" मतलब , मतलब क्या बस यहाँ ,इस छोटे से शहर में ,... आप तो ,... बस इंटर कर लिया ,नंबर भी अच्छे आ जाएंगे ,बस बी एस सी कर लूंगी और कालेज हैं तो वहां भी एडमिशन अक्टूबर से पहले होगा नहीं , ... बस घर में बैठी रहूंगी दो तीन महीने फिर बी एस सी बस। " उदास हो के वो बोली।
" लेकिन तू मेडिकल क्यों नहीं ट्राई करती ,... " मेरे दिमाग में जो आया मैंने पूछ दिया।
" हाँ तेरी भाभी सही तो कह रही हैं , तू तो इत्ती इंटेलिजेंट है ,हाईकॉलेज में तेरे ९८. ७८ % आये थे ,साइंस और मैथ में १०० % , बायोलॉजी भी तेरी बहुत अच्छी है , मेडिकल , बढ़िया डाक्टर बनेगी तू। "
उसका चेहरा और उदास हो गया , जैसे चांदनी काले बादलों से घिर जाये , मुश्किल से बोल पायी ,
" भैय्या आप भी न। "
हम सब लोग चुप थे ,फिर वो बोली , न जाने जैसे कब का कहाँ का गुबार फूट पड़ा।
" मेडिकल बिना कोचिंग के हो पाता है क्या , और कितना मुश्किल है कोचिंग में एडमिशन , फिर यहाँ तो कोई कोचिंग वोचिंग है भी नहीं ,टेस्ट भी यहाँ नहीं होते ,उसके लिए भी बाहर जाओ , दिन भर वहां रहो , और फिर अगर कही एडमिशन हो भी गया तो , उसकी फ़ीस , फिर दूसरे शहर में जा के रहना , ... "
" तुमने स्काई कोचिंग ट्राई की क्या , " गलती से मेरे मुंह निकल गया।
" भाभी मैं ,... मुझे मालूम नहीं क्या उस कोचिंग के बारे में। लेकिन आपको शायद नहीं मालूम होगा की कितना मुश्किल है उसमें ऐडमिशन। लोग कहते हैं मेडिकल में ऐडमिशन आसान है उस कोचिंग में मुश्किल। अगर एक बार उस में एडमिशन मिल जाए ने फिर तो मेरे ऐसे के लिए सी पी एम् टी क्रैक करना बच्चों का खेल है लेकिन ऐडमिशन उसमे ,मेरी एक सहेली है एकदम टॉपर ,मुझसे भी ४-५ नंबर ज्यादा आते हैं उसके , सिर्फ पढ़ाई ,... दो साल से यहाँ भी किसी लोकल कोचिंग में ,... लेकिन जानती है वो बैठी थी स्काई की कोचिंग में ,,... लेकिन वेटिंग में १२६ वां नंबर था उसका। जब की दूसरे शहर में जा के उसने टेस्ट दिया और अब , कोई सागर कोचिंग है जो फोर्थ फिफ्थ नंबर की है वो जाके उसने ज्वाइन कर ली है। और स्काई वालों का तो एड्मिसन टेस्ट चार महीने पहले ही क्लोज हो गया। अब तो उनके बैचेज भी शुरू हो गए हैं। "
उसकी आवाज अब , वो शोख ,शरीर ,खिलंदड़ी लड़की , एकदम ,
पर ये न , और ये क्या सारे मरद , जब कोई परेशानी की बात फंसती है तो बस वो मोबाइल में घुस जाते हैं ,
एकदम शुतुरमुर्ग की तरह , बस टेक्स्ट टेक्स्ट टेक्स्ट
इनकी सब आदतें मुझे अच्छी लगती हैं ,सिवाय इसके। मन करता था की बस मोबाइल हाथ से छीन के फेंक दूँ। मोबाइल न हो गया मेरी सौत हो गयी।
बिचारी लड़की इत्ती परेशान और ये ,...
और फिर गुड्डी ने एक बात बोली और मैं,...
" कौन है मेरा ,... " वो बहुत धीमे से बोली लेकिन मेरा दिल , जल के मैं बोली।
" ये तेरे बगल में जो बैठे हैं वो किस मर्ज की दवा हैं ,क्या खाली राखी बंधवाने के लिए ,... "
और इनको मैंने घूर के देखा।
मोबाइल पर वो अब कोई मेसेज पढ़ रहे थे ,
लेकिन गुड्डी की बात शायद उनके कान में पड़ गयी ,उसे और अपनी ओर खींचते हलके से वो बोले ,
" मैं हूँ न ,आगे से ऐसी बात बोलना मत। "
गुड्डी की हालत थोड़ी सुधरी , वो और उनसे चिपक के ,... लेकिन मेरा गुस्सा कम नहीं हुआ। मैं उसी टोन में बोली ,
" बिचारि वो कुछ कह रही है , और तुम मोबाइल में घुसे हो ,. खाली राखी बंधवाने के लिए , .... "
" और भाभी उसका भी तीन साल से पैसा नहीं दिया आपके इस पति ने ,.. "
गुड्डी मुस्कराते हुई बोली।
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Next post soon , waiting for a few comments
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03-02-2021, 07:01 PM
(This post was last modified: 24-09-2021, 12:14 PM by komaalrani. Edited 5 times in total. Edited 5 times in total.)
स्काई कोचिंग
माहौल थोड़ा हलका हुआ और उन्होंने भी अपना एक्स्पेलेनेशन दे दिया ,
" अरे यार मल्होत्रा को ही मेसेज कर रहा था , वो ड्राइव कर रहा था। उसी का मेसेज था। घर पहुँच के मेल करेगा ,बस पांच मिनट में। "
अब मेरी चमकी।
" यार ,तू स्काई कोचिंग की बात कर रही ही थी ? " मैंने गुड्डी से पूछा।
" और क्या भाभी ,इत्ती देर से मैं बोले जा रही थी आप से। बेस्ट मेडिकल कोचिंग , एक बार बस उसमें ऐडमिशन हो गया तो समझिये मेडिकल में एडमिशन हो गया। टॉप १०० में ९७ स्टूडेंट्स उसकी कोचिंग के। ९८.५ % रिजल्ट था लास्ट ईयर ,एक बार खाली एडमिशन हो जाय बस ,... "
गुड्डी की चाहत उसकी आवाज में झलक रही थी।
गुड्डी की आवाज में एक बार फिर मजबूरी छलक रही थी,
" ... लेकिन वो मेरे लिए नहीं है, एक तो उसकी फ़ीस कितनी ज्यादा है,... एक मेरी क्लास की लड़की ने प्रॉस्पेक्ट्स मंगाया था, उसके भाई दिल्ली में रहते हैं उनसे। बहुत ज्यादा, ... फिर कोर्स भी सब क्लास रूम, कोई ऑनलाइन या करस्पांडेंस नहीं, वहीँ रह के पढ़ो, ... तो फ़ीस के अलावा, कमरा, शेयर्ड रूम या पी जी लो तो भी , टिफिन और भी बहुत कुछ,... फिर अब तो एडमिशन भी क्लोज हो गया है , बैचेज भी शुरू हो गए हैं , अब तो कोई कोशिश करने से फायदा नहीं,... बेकार का मन बहलाने को,... लेकिन अगर किसी तरह से हो गया न तो मेडिकल में मेरा एडमिशन पक्का,... "
उसका दिल बैठा जा रहा था और मुझे भी बहुत खराब लग रहा था। लेकिन मैंने उसकी हिम्मत बंधाई,
गुड्डी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था, उसकी आँखे एकदम फैली हुई थीं, मुझसे बोली,
" भाभी प्लीज, ये मजाक वाली बात नहीं है मैंने प्रॉस्पेक्ट्स में उन दोनों लोगों की फोटो देखी है , एकदम स्मार्ट, मिसेज मल्होत्रा तो और,... सच बोलिये न आप दोनों लोग जानते हैं उन लोगों को या सिर्फ मेरा दिल बहलाने को बोल रहे हैं, वहां तो कोई छोटा मोटा क्लर्क भी भाव नहीं देता, मेरी सहेली की एक बेस्टी है दिल्ली में वो इसी का बड़ा नक्शा दिखा रही थी की एडमिशन में एक क्लर्क से उसकी भाभी की जान पहचान है। सच बोलिये , ऐसे ही देखा है कहीं या मुलाकात है, मेरा एडमिशन हो न हो, झूठ न बोलियेगा, ... "
मैं उसका सर दुलार से सहला रही थी, फिर उसको ढांढ़स दिलाते बोली
" अरे यार मैं ही न ,मेरे दिमाग में ही ये बात नहीं आयी की तू इंटर के बाद मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है, इत्ती बार फोन पे बात हुयी लेकिन मैंने पूछा भी नहीं। वो स्काई कोचिंग के मालिक मिस्टर मल्होत्रा तो तेरे भैय्या के बहुत अच्छे दोस्त और दोस्त क्या ,उन्होंने तो उनकी जिंदगी बचा ली , ऐसे बुरे फंसे थे वो ,वो तो तेरे भैय्या ने बचा लिया वरना कोचिंग तो उनकी बंद ही हो गयी होती और वो भी ,... "
अचानक मुझे याद आया और मैं गुड्डी से बोली।
" और मिसेज मल्होत्रा ,तेरी भाभी न पहुंचती मौके पर तो उनकी जो दुर्गति होती तुम सोच नहीं सकती , मुझसे ज्यादा तो तेरी भाभी के अहसानमंद है वो दोनों। "
वो गुड्डी से बोले।
" मिसेज मल्होत्रा तो मेरी पक्की फ्रेंड हैं ,हर तरह से , वैसे तो मेडिकल का पूरा वही लेकिन , ... हम लोग जहाँ है उस सेंटर की इंचार्च भी वही हैं , सच में बुरी फंसी थी बिचारी , साल भर तो नहीं हुआ अभी ,सच में ,... "
मैंने भी गुड्डी से कहा।और मैं गुड्डी की बात के बारे में सोच रही थी, बात उसकी एकदम सही थी, जबरदस्त रिजल्ट आता था उनका, ख़ास कर जो सेंटर मिसेज मलहोत्रा खुद देखती थीं,... और बच्चे मेहनत भी तो,... ४- ६ घंटे कोचिंग के अलावा कम से कम ७-८ घंटे पढ़ाई घर में, इतना होमवर्क, टेस्ट, ... और टीचर भी मिसेज मल्होत्रा ने एकदम चुन के रखे थे, जो यूनिवर्सिटी के टीचर को मिलती थी उससे ज्यादा उनकी कोचिंग में और रिजल्ट बेस्ड बोनस अलग से, एक अवार्ड फंक्शन में मैं भी गयी थी,... ऑल इण्डिया के टॉप टेन में से चार इसी सेंटर के, सेकेण्ड, थर्ड, सेवंथ और नाइंथ और उनमे तीन लड़कियां।
और गुड्डी मुंह खोले हम लोगो को देख रही थी ,मुश्किल से बोली,
" आप लोग जानते हैं स्काई कोचिंग के ओनर्स को , "
उन्होंने जवाब में अपना मोबाइल गुड्डी की ओर बढ़ा दिया , जिसमे मल्होत्रा का मेसेज था की वो पांच मिनट में मेल करेंगे। और साथ में गुड्डी से बोला भी,
"अरे यार , वो स्साला ,गांडू ,... तेरी भाभी सही कह रही थीं , वो तो हम लोग टाइम से पहुँच गए वरना वो थानेदार तो उसकी माँ बहन सब एक ,... उसका प्लान चल जाता न तो रात भर में उसकी गांड का ,... लेकिन मुझसे ज्यादा तेरी भाभी ने उस गांडू की मदद की और यार मदद तो बनती थी। मेरा पुराना यार है ,आज तक उसने मेरी कोई बात नहीं टाली,...
गुड्डी तो अपने भैय्या का प्रभाव -प्रताप देख के खुश हो रही रही थी पर मेरी जेठानी ,
बिचारी,
अपने संस्कारी देवर के मुंह से ये सब शब्द सुन के , वो भी हम लोगों के सामने , उनका तो मुंह खुला रह गया।
यही तो मैं देखना चाहती थी।
लेकिन जेठानी जी उन्होंने हाल खुलासा जानने की इच्छा प्रकट की , और फिर उनके देवर को रुकना मुश्किल था।
गुड्डी भी कान पारे सुन रही थी।
जैसे किसी बंद दमघोंटू अँधेरे कमरे में कहीं से छिपछिपाकर कोई धुप की नन्ही किरण आ रही हो,
जैसे किसी को विश्वास तो नहीं हो पर तब भी उम्मीद की पतली सी डोरी थाम के बैठा हो,
शायद ,
गुड्डी की भी यही हालत हो रही थी, क्या पता हम लोग उसका,...
और वो चालू हो गए ,
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03-02-2021, 07:30 PM
(This post was last modified: 29-09-2021, 02:02 PM by komaalrani. Edited 8 times in total. Edited 8 times in total.)
मिसेज मल्होत्रा
गुड्डी भी कान पारे सुन रही थी।
और वो चालू हो गए ,
" ये सारे कोचिंग वाले करते है या कम से कम ट्राई करते हैं पर स्काई की कोचिंग की क्वालिटी के साथ साथ कनेक्शन भी ,तो बस किसी ने चार्ज लगा दिया की उन लोगो ने पेपर आउट किये थे , ... "
" किसी ने क्या सागर कोचिंग वालों ने ,उन के बस का तो था नहीं बस सिक्युरिटी को पैसा खिला के और पेपर आउट वायट क्या, हाँ १०० में से १० -१२ सवाल का कभी कभी,... इससे ज्यादा नहीं,... असली बात ये थी स्काई के आगे कोई उसको पूछता नहीं था, सबसे शार्प इंटेलिजेंट लड़के लड़कियां मिसेज मल्होत्रा के सेंटर में, और बेस्ट रिजल्ट, तो बस,... "
मैंने बात साफ़ की।
" हाँ तो बस ,वो जो थानेदार है जिसने एकदम जल्लाद , और घूसखोर नम्बरी ,लेकिन मिनिस्टर के बिरादरी का आदमी है , पैसा लड़की सब पहुंचाता है इसलिए। तो उसी को स्काई के राइवल कोचिंग वालों ने , और वो लोग जब मल्होत्रा को थाने ले गए शाम के सात आठ बजे तो उसका फोन वोन सब , वो तो गनीमत थी की मिसेज मल्होत्रा ने तेरी भाभी को फोन कर दिया और फिर मैंने अपना चक्कर चलाने की कोशिश की ,दोस्त तो मेरा कबसे है वो। "
' क्या किया आपने "
दम साधे अपने भाई को तारीफ़ की नज़रों से देखती गुड्डी ने अपने भैय्या से पूछा।
" अरे यार ,वो एस एस पी न ,मेरे साथ का पढ़ा ,पुराना यार है लेकिन वो बाहर था। और इसलिए उन्होंने मल्होत्रा को ट्रैप करने के लिए वो दिन चुना था। तो एस एस पी ने मुझसे कह दिया की यार मुश्किल है लेकिन फिर भी मैं कुछ करूंगा ,हाँ ये याद रखना की थानेदार की पहुँच ऊपर तक है इसलिए मैं और जो कुछ भी कर सकता हूँ कर लूँ क्योंकि आज फ्राइडे है और अगले दो दिन कोर्ट बंद ,बस वो मंडे और,... और तबतक तो मल्होत्रा से वो कुछ भी कबुलवा लेंगे।
इसलिए मैंने एक वकील को पकड़ा जिसकी डिस्ट्रिक्ट जज से अच्छी जान पहचान थी। रात हो गयी थी तब भी हम लोग उन के यहां गए ,गनीमत है उस थानेदार की रेप्युटेशन जबरदस्त ख़राब थी ,इसलिए वो भी ,... "
तबतक जेठानी जी ने फास्ट फारवर्ड करने की कोशिश की ,
" लेकिन वो मिसेज मल्होत्रा का क्या चक्कर ,... "
" अरे मैंने उन्हें लाख मना किया था की वो थाने न जायँ लेकिन ,... "
इन्होने बोलने की कोशिश की लेकिन मैंने बात काट दी।
"मैं बताती हूँ ,मैं थी न वहां मिसेज मल्होत्रा की क्या गलती , सिक्युरिटी वालों ने मिस्टर मल्होत्रा से ही फोन करवा के की उनके सब डाक्युमेंट्स ,बैंक के पेपर ले के वो आ जाएँ तो ,... "
" अरे उनकी भी तो ,स्साला वो थानेदार ,... " अब वो बोलने लगे।
और फिर थाना और थानेदार का उन्होंने हाल खुलासा बयान किया,
"दिन में किसी की हिम्मत नहीं पड़ती थी , थाने के अंदर घुसने की रात में तो पूरा भूतों का अड्डा लगता था। और ऊपर से वो थानेदार, छोटे मोटे अफसरों को तो गिनता नहीं था, ठोक दो के नाम से मशहूर था, सवा साल में २८ एनकाउंटर कर चुका था, मजाल किसी अखबार वाले की, कि चूं करे बल्कि सब जय जयकार करते थे, सब मीडया वालों के मालिकों की कुंडली उसके पास थी. और एक लंगड़ा प्रोग्राम था न उसमे तो उसके थाने वालों ने पूरे ४८,... उसके थाने के ही ३-४ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट, ... और उस दिन तो,
और फिर थाना और थानेदार का उन्होंने हाल खुलासा बयान किया,
"दिन में किसी की हिम्मत नहीं पड़ती थी , थाने के अंदर घुसने की रात में तो पूरा भूतों का अड्डा लगता था। और ऊपर से वो थानेदार, छोटे मोटे अफसरों को तो गिनता नहीं था, ठोक दो के नाम से मशहूर था, सवा साल में २८ एनकाउंटर कर चुका था, मजाल किसी अखबार वाले की, कि चूं करे बल्कि सब जय जयकार करते थे, सब मीडया वालों के मालिकों की कुंडली उसके पास थी. और एक लंगड़ा प्रोग्राम था न उसमे तो उसके थाने वालों ने पूरे ४८,... उसके थाने के ही ३-४ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट, ... और उस दिन तो, स्साला मल्होत्रा खुद बता रहा था की उसकी तो उन लोगों ने एकदम ले ली थी वो भी बिना तेल लगाए।
और आगे की कहानी उन्होंने जैसे मल्होत्रा ने बतायी थी उसी तरह बताई।
मल्होत्रा, शाम को सात साढ़े सात बजे अपने आफिस से निकल रहे थे, नहीं नहीं उनका आफिस कोचिंग में नहीं है , एक दूसरी बिल्डिंग, जहाँ कोचिंग के साथ उसके बाकी बिजनेस, रियल एस्टेट, फाइनेंस ये सब भी हैं. आफिस में कुछ लोग ही बचे थे, उनकी सेक्रेटरी, चपरासी, ड्राइवर और दो चार स्टाफ, ... तो पहला काम उन लोगों ने किया, घुसने के पहले फोन लाइंस, पावर लाइंस सब काट दी और जैमर लगा दिया। चार जबरदस्त मुस्टंडे, और साथ एक कोई लड़का टाइप,... कमरे में घुसने के पहले चपरासी ने कुछ टोका तो वही जबरदस्त झापड़ दिया की वो वहीँ लुढ़क गया, और घुस के कमरा अंदर से बंद कर दिया। ,,मल्होत्रा ने पहले तो मोबाइल पे अपने वकील को फोन लगाया, सिक्योरटी को बजर बजाया, लैंड लाइन ट्राई की , लेकिन लाइन तो कटी थीं, और जैमर भी तो मोबाइल के काम करने का सवाल ही नहीं था,
" हो गया " जैसे मल्होत्रा को चिढ़ाते एक मुस्टंडा बोला, उसके हाथ से फोन छीन लिया और मल्होत्रा को बोला,
" थानेदार जी ने बुलाया है, हम लोग तो खाली रिसेप्शन कमिटी वाले हैं, सीधे साधे चलेगा तो ठीक वरना गंगा डोली करके ले चलेंगे, चल पहले कोने में खड़ा हो जा , दीवाल से सट के एकदम आँखे बंद, आँखे खुली तो बस वो झन्नाटेदार झापड़ पडेगा,
मल्होत्रा दीवाल से सट कर खड़ा हो गया, मारे डर के आँखे बंद कर कोने में खड़ा हो गया, लेकिन कान तो खुले ही थे,...
" आई टी सम्राट चल तू चालू हो जा,... पांच मिनट हैं तेरे पास, "
बहुत हैं, उस लड़के के बुदबुदाने की आवाज मल्होत्रा के कान में आयी. एक मुस्टंडा मल्होत्रा के बगल में खड़ा था बाकी तीन ने कमरे की तलाशी चालू कर दी,...
कुछ देर में ही उस लड़के की आवाज आयी, " हो गया, मोबाइल भी "
तबतक उन मुस्टंडो का टीम लीडर मल्होत्रा की कुर्सी पर बैठ गया था, और बाकी के दो बची कुर्सियों पर, एक मल्होत्रा के पास और वो लड़का टेबल पर मल्होत्रा के लैपटॉप के पास, ... बगल में डेस्कटॉप भी था,
जब मल्होत्रा की को उन सब ने मुड़ने की इजाजत दी तो उस ने देखा की टेबल पर उस की सिंगल माल्ट की बोतल खुली थी और वो सब सीधे बोतल से ही,... और मल्होत्रा को वहीँ फर्श पे बैठा दिया, और उसी बॉटल से थोड़ी व्हिस्की उसके शर्ट और पैंट पर गिरा दी और मल्होत्रा के चपरासी को बुलाया,
" सुन स्साले तेरे साहेब की गीली हो गयी है , इनकी शर्ट पेंट उतार दे जल्द वरना वो झापड़ भूल गया इतनी जल्दी। "
मल्होत्रा को सिर्फ बनयाइन चड्ढी में उन सबों ने फर्श पर बैठाया और फिर चपरासी को बोला लेडीज सेक्रेटरी को बुलाने को, ...
" चल पास वर्ड डाल , ये कंप्यूटर खोल,... और लैपटॉप भी "
फर्श पर बैठे, सिर्फ बनियान और चड्ढी में मिस्टर मल्होत्रा को देखकर उनकी लेडी सेक्रेटरी की हालत भी ख़राब हो गयी,... और उसने डेस्कटॉप खोल दिया,
" डी ड्राइव, और वो कुछ हिडेन फ़ोल्डर्स हैं शायद, उन्हें " अब वो लड़का बोला
डी ड्राइव में २७ फोल्डर थे, ...
" वो जो , वही जिसपर जी लिखा है " ... लड़का फिर बोला,... और वो फोल्डर खुल गया, कुल ७१ मूवीज सब की सब गे,
" चल चला के दिखा, ... "
सेक्रेटरी ने कांपते हाथों से एक ऑन किया, एक ट्विंक के साथ दो दो टॉप,... कच्ची उमर वाला लौंडा था दोनों उसकी मार रहे थे, मिस्टर मल्होत्रा ने मुंह खोलने की कोशिश की तो जूते की एक ठोकर टेबल पर बैठे मुस्टंडे की उनके मुंह पर पड़ी और मल्होत्रा की कुर्सी पर बैठा सेक्रेटरी से से बोला
" ये स्साला गांडू, जिगोलो को बुला के यहाँ आफिस में भी गाँड़ मरवाता था क्या,... चल और खोल, "
सेक्रेटरी ने दूसरी खोली, उसमें भी ट्विंक और गे,...
" चल छोड़ सब यही है , इस स्साले गांडू को गांड मरवाने का जबरदस्त शौक है हे दो चार और फोल्डर खोल के चेक कर ले, सीज करना होगा,... "
,
अबकी मुस्टंडो के सरदार ने उस लड़के से बोला,
" वो, वो नहीं चौथा , हाँ जिस पर यू ए लिखा है, ... हाँ वही ,... " वो लड़का सेक्रेटरी से बोला,
१४ मूवीज लेकिन सब की सब अंडर एज,... दो चार चलवाने के बाद मुस्टंडों ने वो फोल्डर भी बंद करवा दिया,...
और उसके बाद स्कैट, गोल्डन शावर, हाईकॉलेज गर्ल्स,... तीन चार फोल्डर और,...
"चल बंद कर, अब इसे सीज करना होगा, दो चार गवाह और हों तो ठीक रहेगा, तू जा और आफिस में जाके जितनी लड़किया हों बुला ला और उनके सामने सीजर की वीडियो रिकारडिंग भी होगी , उन सबों की फोटो भी वीडियो में और सब की सिग्नेचर आधार कार्ड नंबर के साथ,... जा "
मल्होत्रा की कुर्सी पर बैठे मुस्टंडो का सरदार अपने साथ आये लड़के से बोला, और लेडीज सेक्रेटरी से बोला, चल तू बंद कर इसे, और ये पासवर्ड वासवर्ड डाल दे , एक कागज पर पासवर्ड सारे लिख के अपनी साइन और आधार नंबर लिख दे नीचे,
थोड़ी देर में झरर मार के छह सात लड़कियां आफिस में काम करने वाली, आफिस में ज्यादातर लड़कियां ही थीं , वो भी यंगीश, सबसे बड़ी २२ साल की होगी ,
और वीडियो रिकार्डिंग शुरू हो गयी, वो लड़का साथ में रनिंग कमेंट्री कर रहा था वीडियों में रिकार्ड करने के लिए,
" शाम के सात बजकर अट्ठारह मिनट हो रहे हैं , हम मिस्टर मल्होत्रा के आफिस में में उनके आफिस एक्वेपमेंट सीज कर रहे रहे हैं , उनकी सेक्रेटरी ने पासवर्ड इस्तेमाल कर के उनका डेस्कटॉप खोला, और अब वो डी ड्राइव खोल रही हैं, और अब वो जी फोल्डर जिसमें ७१ मूवीज फाइल्स है , हाँ सेक्रेटरी ने वो फाइल्स खोली,... :
एक से एक गे मूवीज देखकर आफिस की लड़कियों की हालत ख़राब, मल्होत्रा को लग रहा था उससे अच्छा ये सब उसे गोली मार देते,
फिर अन्डर एज, स्कैट,...
बीच बीच में वो लड़का दुहराता था ये कंप्यूयटर आपके सामने सेक्रेटरी ने पासवर्ड से खोला है, किसी और ने इसे नहीं छुआ है,...
उसके बाद लैपटॉप, और उसमें भी उसी तरह की मूवीज, और एक फोल्डर में कोचिंग की कुछ लड़कियों की तस्वीर,...
चल जल्दी कर, बंद कर अपना मल्टीप्लेक्स,... अभी सीजर मेमो पे इन सब से साइन करा, टेबल पर बैठा मुस्टंडा उस लड़के से बोला।
वीडियो पर हर आफिस वाली ने अपना नाम, आफिस का काम बोला और ये की उनके सामने हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल सीज किया और सीजर मेमो पर सब ने साइन भी किया,
फिर आधे घंटे तक बारी बारी से उन लड़कियों को बुला के पूछताछ, और मल्होत्रा उसी तरह चड्ढी बनयाइन में, फर्श पर आफिस की लड़कियों के सामने,
उसी तरह उसे पकड़ के सीढ़ी से, पांच मंजिल उतार के मुस्टंडे, जीप में भी भी उसे पीछे फर्श पर बैठाया और मुस्टंडों के जूते कभी उसके चेहरे पर कभी सर पर , कोई उससे न बात कर रहा था न पूछताछ, जैसे उसकी कोई औकात न हो,...
और हाँ, ले चलने के पहले जो उनके साथ लड़का था, उससे मुस्टंडा बोला, ...
" स्साले के कपडे भी ले ले, थाने में पहुँच के गन्दा करेगा तो इसी से पोंछा लगवायेंगे।
थाने में पहुँच के उन मुस्टंडो ने उन्हें दो सिक्युरिटी वालों के हवाले कर दिया, जीप से उतार कर उसी तरह चड्ढी बनयाइन में, ... और जैसे ही वो थाने में घुसे तो इतनी जोरदार चीखें की उनके कान बहरे हो गए, मुड़ के देखा तो बगल के एक कमरे में, सीखचें से साफ़ दिख रहा था , एक आदमी सिर्फ चड्ढी में उलटा लटका हुआ, और दो जवान, डंडो से उसके पिछवाड़े बारी बारी से पूरी ताकत से मारते, चूतड़ से खून छलक रहा था, वो चिल्ला रहा था , साहेब जहाँ कहिये साइन कर दूंगा , जो कहिये लिखे के दूंगा बस उतार दो, ... और जवाब में और जोर से उसकी चड्ढी के ऊपर से मारते वो जवान बोला,
" स्साले काहें को चिल्ला रहा है अभी तो शो शुरू हुआ है, अभी तो आधे घंटे नीचे से मिर्चे की धूनी देनी है, फिर बर्फ की सिल्ली , उसके बाद साइन वाइन की बाद में बात करेंगे, वो तो तू कर ही देगा "
मल्होत्रा को उधर देखते हुए सिक्युरिटी वाला जोर से हंसा, का देख रहे हो हो बस, एक दो घंटा भी नहीं , बड़े साहेब को आने दो, तेरे लिए तो सुपर पेसल ट्रिपल एक्स शो का इंतजाम है , पूरे रात भर का,
फिर वो एक बड़े से हाल में पहुंचे जहाँ थानेदार आनेवाले थे,
" हे अपनी ब्रा उतार और चल निहुर जा, बस साहेब आने वाले हैं "
वो चड्ढी में निहुरे, और २०-२५ मिनट में थानेदार आ गए, ...
" जानती हैं , ६ मुस्टंडो को उसने खड़ा करके रखा था , उसी थाने के सब। मल्होत्रा के सामने और सब बैठ के देसी दारु पी रहे थे। 'अभी तो शुरुआत भी नहीं की , अगर दस बजे तक ,... दस बजे के बाद असली खेल चालू होगा , ये सब नम्बरी गाँड मारने वाले हैं ,बस तुझे निहराएँगे और पूरा अंदर ,अभी से तयारी कर ले , ;
थानेदार ने मल्होत्रा से और उन सबों से पूछा वो ताकत वाली नीली वाली गोली भी खा लेना डबल डोज ,साहब का पिछवाड़ा रात भर ,... और जब दो तीन राउंड हो जायेगीं न कबड्डी , तो फिर पूछताछ करेंगे अभी क्या जल्दी है नहीं तो अपनी मैडम को बुलवा लो बैंक वैंक के कागज के साथ ,... और सोर्स वॉर्स का सोच्चणा भी मत्त ,मेरे थाने में सिर्र्फ मेरा डंडा चलता है। "
आगे की कहानी मैंने बयान की।
" मिसेज मल्होत्रा ने गनीमत है थाने पहुंचने के पहले मुझे फोन कर दिया था ,मैंने उन्हें बोला था की पहुँच के मुझे जरूर फोन कर दें। और जब उन का फोन नहीं आया तो मैं समझ गयी हुयी गड़बड़। हुआ ये की मिसेज मल्होत्रा के थाने पहुँचने पर गेट पर ही तलाशी में उनका फोन रखवा लिया गया। जब वो थाने में पहुंची तो वहां मिस्टर मलहोता सिर्फ चड्ढी में ,निहुरे।
मिसेज मल्होत्रा को देख के थानेदार गन्दी हंसी हंसा , बोलै ; मैं सोच रहा था की अरे कोई घर का सामने होवेगा तो और गरज के बोला इस स्साली रंडी की भी तलाशी ले। मिसेज मल्होत्रा वैसे ही थोड़ी ,... भड़क गयी।
रात में थाने में एक तो किसी औरत को , ..और फिर बिना लेडीज सिक्युरिटी की कुछ कानून वानून है की नहीं।
बस थानेदार जोर से हंसा , और एक सिक्युरिटी वाले से बोला
अरे स्साले मैडम को लेडीज सिक्युरिटी चाहिए जा बुला ला अपनी चंद्रमुखी चौताला को। और फिर दो सिक्युरिटी वालियां एक थोड़ी अधेड़ सी और एक यंग , फिर मिसेज मल्होत्रा को लगा की क्या गलती की , गालियों की बरसात से बात शुरू हुयी।
" तू रंडी इस हरामी की बीबी है , आयी क्यों आधी रात को थाने में , इसकी तो गांड मारने का पूरी रात का प्रोग्राम है जी ,हमारे थाने का रिवाज है। तो क्या तू अओअनी बुर मरवाने आयी है या अपने मरद को गांड मरवाते देखणे आयी है ,रात भर का फ्री शो। और अब मुझे बुला लिया है तो तेरा भी सो अब करवा ही देती हूँ , हे छुटकी चल जरा उत्तार इस रंडी की साड़ी , फिर इसकी तलाशी लेत्ती हूँ मैं। "
उसने हड़काया।
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03-02-2021, 07:33 PM
(This post was last modified: 26-09-2021, 06:14 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
चंद्रमुखी चौटाला
" तू रंडी इस हरामी की बीबी है , आयी क्यों आधी रात को थाने में , इसकी तो गांड मारने का पूरी रात का प्रोग्राम है जी ,हमारे थाने का रिवाज है। तो क्या तू अओअनी बुर मरवाने आयी है या अपने मरद को गांड मरवाते देखणे आयी है ,रात भर का फ्री शो। और अब मुझे बुला लिया है तो तेरा भी सो अब करवा ही देती हूँ ,
हे छुटकी चल जरा उत्तार इस रंडी की साड़ी , फिर इसकी तलाशी लेत्ती हूँ मैं। "
उसने हड़काया।
तबतक उस छोटे दरोगी की निगाह जो पेपर ले आयी थीं मिसेज मल्होत्रा उस पर पड़ गयी , उस में उन की बेटी की भी एक आइडेंटिटी कार्ड में थी।
" छोर्री तो बड़ी सोंणी है तेरी है न ,किस दर्जे में पढ़ती है ?" उस चंद्रमुखी चौटाला ने पूछ लिया।
" हाई कॉलेज पास किया है " आँखे नीचे किये वो बोलीं।
" अभ्भी छोर्री १८ की ना लागे है " वो बोली और मिसेज मल्होत्रा ने हामी भरी।
" स्साली नाबालिग लड़की से धंधा करवाती है तू ,"
उनके बाल पकड़ के वो दरोगी बोली और गालियों की बौछार।
" देखिये मुझे जाने दीजिये आपने पेपर मंगवाए थे वो मैंने दे दिए। आप इस तरह से नहीं ट्रीट कर सकती और मैं कोई तलाशी नहीं दूंगी। "
मिसेज मल्होत्रा बिफर पड़ी।
" तलासी तो हम तेरी अभी ले भ्भी न रहे हैं ,कल तू कोर्ट कचहरी करेगी , हूमन राइट करेगी इसलिए पांच पंच बुलाऊंगी उन के सामने ,क्या कहते हैं इंडिपेंडेंट गवाह ... उनके सामने तलाशी होगी बाकायदा बिडियो भी बनेगा। घबड़ा मत ,उधर तेरे मर्द की ट्रेन चलेगी इधर तलासी होगी तेरी। लेकिन तलासी के पहली तयारी भी होगी। "
फिर उसने अपने साथ वाली लेडी हेड कांस्टेबल को बोला, ' सुन वो रंडी खाने से जो रंडियां पकड़ के आयी थीं है या ,... "
" नहीं मैडम आज साम को ही छोड़ दिया " वो छुटकी बोली।
"कोई बात नहीं चंदा बाई के कोठे पे फोन कर दे , पांच जो एकदम पक्की छिनार रंडियां हो ,खेली खायी उन्हें भेज दें , मैडम की तलाशी की गवाही के लिए और एक फोटोवाली कोभी बुला ले। "
वो चंद्रमुखी बोली और सीधे मिसेज मल्होत्रा के ब्लाउज में हाथ डाल के फाड़ दिया।
और उनका सीना सिक्युरिटी वालों के सामने ही ,फिर उनसे बोली ,
" मैडम बुरा मत मानना ,बस चेक कर रही कितना ग्राम चरस इसमें आएगा। "
फिर छोटी से बोली , जो चंदा बाई के कोठे से फोन से बात कर रही थी
" सुन छुटकी २० मिनट में जब तक वो सब रंडिया आएंगी न तो उसके पहले , मैडम की चूँची जबरदस्त है तो १०-१५ पुड़िया वहां और पांच सात पुड़िया इस स्साली के भोंसडे में और इत्ता ही ससुरी की गांड में ,दो चार बोतल देसी मंगा ले , दो बोतल इनको पिला देंगे और बाकी इनके कपडे पे , उसके बाद जामा तलाशी की अच्छी रिपोट बनेगी। इस भोंसड़ी वाली का सारा नक्सा उसकी गांड में घुसा दूंगी। मिसेज मल्होत्रा से रहा नहीं गया , बात उनकी टीनेजर बेटी तक पहुंच रही थी ,
" आप तुम समझती , नहीं हो , हम लोग , मतलब , जाने दो मुझे और मेरी बेटी को , कोई छूना भी नहीं हम लोग शिकायत ,... "
उन की बात पूरी नहीं हुयी थी की चौटाला का एक जबरदस्त चांटा , मिसेज मल्होत्रा के गाल पर ,
गाल एकदम लाल , एक मिनट के लिए थानेदार भी सुन्न , पूरे थाने में चुप्पी छा गयी ,
" स्साली , छिनार , बेटी का सौदा करती है , अभी तक तूने मेरा प्यार देखा है , स्साली अब गुस्सा देख। किससे जान पहचान है , बोल क्या शिकायत करेगी बोल , मेरी करेगी , थानेदार साहब की करेगी ,... मैं तो २०० किमी दूर ड्यूटी पर हूँ , थानेदार साहब तीन दिन की छुट्टी पर हैं , बेटी को छूना भी नहीं , स्साली छुएंगे नहीं तो उसे पेलेंगे कैसे , ...बहुत बोल रही हैं तो चल इसी थाने में तेरे और तेरे इस गांडू साहब के सामने ही ,नथ उतरवाती हूँ , तू नहीं बोलती तो , लेकिन अब तो उसकी गाँड़ भी मारी जायेगी और सैंडविच भी बनेगी , और सबसे अंत में चौटाला स्पेशल , चढ़ के , मेरी मुट्ठी पहले तेरे भोंसडे में , फिर उस स्साली के , देख इतनी धारा लगेगी , और वो इतनी , जुवी वाले भी मजे लेंगे , ... पहले तो नशीली दवा , जमानत नहीं होगी , .... "
मिसेज मल्होत्रा को लगा गलती हो गयी , वो और मिस्टर मल्होत्रा दोनों एकदम , ...
तबतक चौटाला ने चार पांच बार फोन घुमाया , उनकी बेटी का काल रिकार्ड , सारे सोशल मिडिया अकाउंट, दोस्तों की लिस्ट , और दो तीन जमूरे हाजिर हो गए , ,
" सुन सालों इस लौंडिया की फोटो , फोन नंबर , ...
बस इस फोन , सोशल मिडिया थोड़ा सा हैक कर के , हाँ एक दो जिगोलों के साथ चैट वैट , और स्साले बयान भी दे देंगे की इन मैडम में दस हजार में एक रात का , काल गर्ल है वो , पोस्को में मैडम अंदर जाना चाहती हैं , "
फिर अपनी छोटी दरोगियों को उन्होंने सौंपा काम , सुन पुड़िया , पाउडर और गोली सब क्या कहते हैं वो कामर्सियल क्वांटिटी वाली और सबसे पहले फोन , और ये लड़के उस फोन में सब जहर डाल देंगे , किस स्साले से लेती थी किस को बेचती थी , और उस के कॉलेज के सामने जो पुड़िया वाला है उससे भी , मोबाइल में इसके नाम नंबर , ... और बोल देगा की पूरे कॉलेज में वही बांटती थी , आस पास की भी डीलर , ... दो चार मेसेज व्हाट्सएप के , साला वही जो चला है आज कल , ' माल है क्या "
पूरा प्रोग्राम सुन कर मिसेज मल्होत्रा के कदमों में सांप लौट गया।
फिर वो थानेदार से बोली ,
" अरे आज ये दोनों मियां बीबी मजे करेंगे थाने में ,मोटे मोटे लंड घोंटेंगे ,तो वो ससुरी इनकी बिटिया भी , अरे ज़रा एक दो को भेज के घर पे भी तलासी लिवा लीजिये न ,नशे का जखीरा मिलेगा और वो उनकी बेटी अगर नबालिग है तो जुवेनाइल में भिजवा दीजिये आज उन सब की भी दावत हो जाएगी नया माल मिलेगा। नहीं होगा तो अपने डाकटर साहब से डागदरी भी करा लेंगे ससुरी की। "
थानेदार को आइडिया एकदम पंसद आया और उसने दो आदमी चलता किया।
" आप कहाँ थी जो आप को ये सब हाल खुलासा पता चल रहा था " हँसते हुए गुड्डी ने मुझसे पूछा।
" वहीँ ,तभी तो उन्हें बचा पायी" हँसते हुए मैं बोली। फिर मैंने पूरा हाल बताया।
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05-02-2021, 10:44 AM
(This post was last modified: 05-02-2021, 10:45 AM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
kya baat bilkul naye andaaz me waah bahut khub bhabhi
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(07-02-2021, 11:50 AM)komaalrani Wrote: thanks , ab is thread par aap hi kabhi kabhi aa jati hain to lagata hai post karne ki kimar vasool ho gayi ,
भाभी धन्यवाद
मैं आप की ही नणंद हु ना
एक मस्त अपडेट लेके आ जाओ ना
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(11-02-2021, 08:06 AM)@Kusum_Soni Wrote: भाभी धन्यवाद
मैं आप की ही नणंद हु ना
एक मस्त अपडेट लेके आ जाओ ना
sure
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11-02-2021, 09:30 PM
(This post was last modified: 06-10-2021, 11:34 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
स्टिंग आपरेशन
" आप कहाँ थी जो आप को ये सब हाल खुलासा पता चल रहा था "
हँसते हुए गुड्डी ने मुझसे पूछा।
" वहीँ ,तभी तो उन्हें बचा पायी" हँसते हुए मैं बोली। फिर मैंने पूरा हाल बताया।
मैं और मेरी दो सहेलियां वहीँ दरवाजे के पास छिपी थीं ,एक स्टिंग आपरेशन वाली सनसनी चॅनेल की जर्नलिस्ट और एक और। हम तीनो दरवाजे के पीछे छिपे सब कुछ सुन रहे थे लेकिन जब थानेदार ने मिसेज मल्होत्रा की बेटी के बारे में आर्डर दिए तो हम लोग सामने ,
सबसे पहले उस जर्नलिस्ट जिसको सब सिक्युरिटी वाले पहचानते थे , उसने चनद्रमुखी चौताला की सारी बातें मोबाइल पे जिसमे उन्होंने पांच रंडियों को बुलाने का हुकुम दिया , एविडेंस प्लांट करने की बात कही ,सब आ रही थीं , थानेदार ने सिक्युरिटी वालों से से बोला ,
" छीन लो स्साली का मोबाइल और डाल दो इसके भोंसडे में "
और जैसे ही चंद्रमुखी उसकी ओर बढ़ी ,उसने खुद अपना मोबाइल उस दरोगी के हवाले कर दिया और बोली ,
" ले ले ,डाल ले अपने भोंसडे में। इस समय चार कैमरे से लाइव स्टिंग आपरेशन चल रहा है। और ये जो तेरे सिक्युरिटी वाले हैं न उनमे से भी दो मेरे चैनल से , सारी की सारी रिकार्डिंग चैनल पे भेज दी है और अभी जो यहां हो रहा है , वो भी जस का तस जा रहा है न मानो तो चैनल खोल के देख लो। वो जो तेरा बाप है नेता वो भी मेरे चैनल के सामने कांपता है। "
" और वोमेंस कमीशन और हूमन राइट्स कमीशन वालों को भी ये रिकार्डिंग भेज दी है। और आप लोग उस बच्ची को रेप करने की बात कर रहे थे। तो चिड्रेन्स प्रोटेक्शन वाले भी बीस मिनट में पहुँच जायेगी। "
मेरी साथ की दूसरी औरत ने बोला।
तबतक एक सिक्युरिटी वाले ने सनसनी चैनल आन कर दिया , रनर लगातार चल रहा था ,
" थानेदार की जलील हरकत , रातें रंगीन ,थाने की असलियत बस ब्रेक के बाद। "
तब तक एक कांस्टेबल बाहर से आके बोला , " साहेब बाहर उ चैनल वाले की ओबी वान भी ,... "
चंद्रमुखी चौताला और उनकी छुटकी नेपथ्य में सरक लीं ,
और वो छह सिक्युरिटी वाले भी जो रात भर गुदा मंथन की तैयारी किये बइठे थे , कोने में सरक गए। लेकिन थानेदार की अकड़ में कोई कमी नहीं आयी ,वो इधर उधर फोन लगा रहा था।
हाँ मौके का फायदा उठा के मिसेज मल्होत्रा और मिस्टर मल्होत्रा ने अपने कपडे पहन लिए ,और तभी तेरे भैय्या आ गए। "
मैंने अपनी बात पूरी की।
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11-02-2021, 09:39 PM
(This post was last modified: 06-10-2021, 11:37 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी चली कोचिंग
हाँ मौके का फायदा उठा के मिसेज मल्होत्रा और मिस्टर मल्होत्रा ने अपने कपडे पहन लिए ,और तभी तेरे भैय्या आ गए। "
मैंने अपनी बात पूरी की।
" नहीं नहीं मुझसे पहले वो सिटी एस पी पहुँच गए। मैंने बोला था न की मैंने एस एस पी को बोला था तो बस उसी के चलते , ... हालांकि थानेदार के पोलिटिकल कनेक्शन के चलते सीनियर आफिसर भी थोड़ा ,... लेकिन उसने बस ये बोला की वो तो यूँ ही ,नाइट इंस्पेक्शन के चलते , लेकिन उसके सामने तो कुछ होना , और फिर मैं पहुँच गया दो क्रिमिनल लायर्स के साथ और हम लोगों ने डिस्ट्रिक्ट जज से एंटीसिपेटरी बेल करा ली थी।
थानेदार ने कुछ ना नुकुर की लेकिन जब उस सिटी एसपी ने चेक किया तो फ आई आर लिखी थी।
और तेरी भाभी, जब तक माहौल बदले ,मिस्टर मल्होत्रा और मिसेज मल्होत्रा को ले के , चम्पत। "
गुड्डी ने बस ताली नहीं बजायी उसकी निगाहें बस मेरे चेहरे पर चिपकी थीं , एकदम मेरी चमची की तरह। वो बोली ,
" वाह भाभी वाह आप तो पूरी बॉबी जासूस हो गयीं , स्टिंग आपरेशन , चैनल पर लाइव टेलीकास्ट , ओबी वान , थानेदार की तो फाड़ के रख दी आपने। "
मैं और मेरे वो देर तक हँसते रहे। फिर मैंने पर्दा उठाया ,
" नहीं यार , सब फर्जी। कोई स्टिंग नहीं ,हम ने सिर्फ मोबाइल पे उनकी आवाजें रिकार्ड की थी , बस न कोई कैमरा न स्टिंग। और मेरी उस जर्निलस्ट फ्रेडं की उस शिफ्ट में चैनल पे जो था उससे दोस्ती थी बस उससे रनर चलवा दिया , अरे उसमें न थाने का नाम ,न शहर का ,न थानेदार का। हाँ ये बात सही कही तूने प्लान उसने बनाया था मल्होत्रा लोगों की फाड़ने का लेकिन बस उसकी फट गयी। "
" और जानती हो मल्होत्रा लोगों का परफेक्ट बिजनेस सेन्स , उन लोगों ने थानेदार के बारे में कोई शिकायत तो दर्ज नहीं ही कराई , उसे थैंक्स दिया , और एक लाख रूपये भी। मिसेज मल्होत्रा ने तो उस चंद्रमुखी को फोन किया ,मिठाई भेजी और एक लाख रूपये भी और अब दोनों दोस्त भी हैं। :" उन्होंने जोड़ा।
" अरे यार हम लोगों की दोस्ती काफी पहले की है मल्होत्रा लोग ख़ास तौर पर मिसेज मल्होत्रा तेरे भैय्या की बात कभी नहीं टालती और तेरे भैय्या भी तो तेरा कोचिंग में तो एडमिशन पक्का , अब तू अपना पक्का कर , "
उन्हें छेड़ते हुए मैंने गुड्डी से कहा।
……………….
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