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Romance मोहे रंग दे
Story kaisa hai koi batayega short note mai..
Ghostprotical flamethrower
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कोमल जी एक अपडेट वो वाला दे दीजिए
   उम्मीद है आप समझ गयी होंगी
   welcome Heart Namaskar
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(11-01-2021, 07:19 PM)ghostprotical Wrote: Story kaisa hai koi batayega short note mai..

shsuru se padhiye tabhi pata chalega , haan i can telll one thing , it is DIFFERENT
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(12-01-2021, 08:14 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी एक अपडेट वो वाला दे दीजिए
   उम्मीद है आप समझ गयी होंगी
   welcome Heart Namaskar

ye kahani thodi dhimi aanch vaali kahani hai , iska maja alag hai , jaise kam masale ka bhi swad hai aur tikhi mirch ka bhi. tikhi mirch ke liye JKG maine phir se start kar diya hai
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देवरों के साथ होली का मज़ा




[Image: 5bd3587523733a72e4692e2e1752ded3.jpg]










मैंने कहा था न अनुज के साथ , तीन चार बार , ... तो आप पूछेंगे ही बाकी का , ...



और अब मुझे भी देवरों के साथ होली का मज़ा आने लगा था , ...




चलिए होली में मैं नहीं रहने वाली थी लेकिन मेरा ये देवर तो मुझसे भी पहले ,


[Image: 37bf04b7adac8bb1376daba0555994b9.jpg]


मैं होली के तीन दिन पहले इनकी ससुराल जा रही थी , इनके साथ , और अनुज मुझसे भी चार दिन पहले , होली के पूरे एक हफ्ते पहले जा रहा था , बनारस ,



वही पर उस का सेंटर था होली के दो दिन बाद ही एक्जाम था , जे इ इ का , इंजीयरिंग का एंट्रेंस टेस्ट , और उसके पहले चार पांच दिन की इंटेसिव कोचिंग , ... लेकिन उसकी होली सूखी नहीं रहने वाली थी , ये बात मुझे मालूम थी


[Image: 2d9patx.jpg]


सफ़ेद रंग वाली होली , जिस उम्र में होनी चाहिए , . एकदम वही , ...



मैंने बताया था मेरी जेठानी की भाभी बनारस में रहती थीं , सिगरा के पास में , ...



अरे वही जिनकी बेटी , गुड्डो मेरी शादी में आयी थी , ... खूब मस्त , हाईकॉलेज में पढ़ती है , ... और अनुज बाबू की नथ जिसके साथ उतरी थी , मेरी शादी में ,...



बस मैंने अनुज को नहीं बतया लेकिन जेठानी के पास अर्जी लगा दी ,



" ये अनुज भैया बनारस में कही होटल वोटल में कोचिंग के लिए , कहीं पेट वेट खराब हो जाये , ... एक्जाम का टाइम , साल भर की मेहनत ,... वो सिगरा वाली भाभी , गुड्डो के यहाँ ,... "



अब जेठानी की जी चमकी , ...



" हाँ यार तू सही कह रही है , ... मैं भी न घर का लड़का , ... और क्या , और वो क्यों मना करेंगी , ... अरे तेरी शादी में नहीं आ पायी थीं क्यंकि उनकी छोटी बहन की शादी थी , ... ओर गुड्डो तो आयी और कितना काम सम्हाला उस लड़की ने ,... " जेठानी जी बोली और अपनी देवरानी को यानी मुझे काम पकड़ा दिया , उनकी भाभी को फोन लगाने का



" तुझसे भी तो उनकी पक्की दोस्ती हैं , लगा दे न गुड्डो की मम्मी को , मैं बतिया लूंगी ,... "



जेठानी की भाभी तो मेरी भी भाभी , और ननद भाभी में अगर सीधे सीधे बात हो जाए तो ननद भाभी का रिश्ता झूठा ,...और फिर मजाक के मामले में वो कम्मो के लेवल पर थीं नो डबल मीनिंग , सीधे सीधे , ... साफ़ साफ़ , अपनी राष्ट्रभाषा में,



लेकिन फोन लगाने के साथ आज पहला स्ट्रोक मैंने मारा ,



" भाभी , होली में आपके लिए आपकी ननदों की ओर से एक ख़ास गिफ्ट , ... सोचिये क्या हो सकती है ,..."


[Image: Holi-2016-Sexy-Adult-Photos.jpg]


और जब तक वो कुछ सोचें सोचें , मैंने छक्का मार दिया



" अपना देवर भेज रहे हैं हम दोनों , ...एकदम कच्चा केला ( जैसे लड़के कुँवारी नयी जवान लड़कियों की कच्ची कली कहते हैं , हम लोग उसी उमर के जिनकी रेख आ रही हो , लड़कों को कच्चा केला कहते हैं ) अभी बारहवें में , होली में ऐसा माल , वो भी रिश्ता देवर का , ... "



हम लोगों की गप्प बाजी देर तक चलती लेकिन जेठानी ने फोन उठा लिया और पूरा मामला साफ कर दिया , ... उनकी भाभी ने एक लाइन में फैसला सुना दिया ,



" कह देना उस चिकने से , कहीं और बनारस में इस बार नहीं कभी भी रुकने के बारे में सोचा न तो उसकी गाँड़ मार लुंगी ,... "


[Image: wild-hot-holi-parties-514fe0885a793.jpg]


मेरी जेठानी फोन रखती उसके पहले मैंने उनके हाथ से फोन छीन लिया और उनकी भाभी से बोली ,



" भाभी , होली में देवर बनारस में आये और बिना गाँड़ मरवाये चले आये , ये तो हो नहीं सकता , लेकिन मैं आपसे ये कह रही थी , अरे उससे सफेद रंग वाली होली जरूर खेलिएगा , "


[Image: tumblr-mciklv-FLfi1rjhuqoo1-1280.jpg]


" ये तेरे कहने की बात है , देवर की होली तो बिना उसके पूरी नहीं होती " हँसते हुए कह के उन्होंने फोन रख दिया , ...





और यही बात कम्मो ने भी मुझसे कही थी , अनुज से होली के बारे में जब हम तीनों ,

मैंने ,जेठानी जी और कम्मो ने मिल के उसकी खूब रगड़ाई की थी और उसकी पीठ पर गुड्डो की रेट लिस्ट चिपका दी थी ,



बोली , आज देवर की रगड़ाई तो मजा तो बहुत आया , बकी , ...



" बकी क्या , क्या बाकी रह गया , "मुस्कराते हुए मैंने कम्मो से पूछा



सफ़ेद रंग वाली होली ,

हँसते हुए कम्मो बोली ,


[Image: actress-holi-pictures.jpg]


लेकिन मेरे मायके जाने के दो दिन पहले ,


कम्मो ने बताया अनुज के साथ वो होली भी उसने खेल ली थी ,


सफ़ेद रंग वाली होली ,
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बहुत मस्त अपडेट कोमल भाभी
   अगली कड़ी की प्रतीक्षा कर रही हूं !! Namaskar Heart
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(16-01-2021, 04:59 PM)@Kusum_Soni Wrote: बहुत मस्त अपडेट कोमल भाभी
   अगली कड़ी की प्रतीक्षा कर रही हूं !! Namaskar Heart

Bas abhi
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दो भाभी

[Image: Holi-127154853-178274303956745-784849640...2121-n.jpg]


तीन देवर

[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-20122.jpg]



सफ़ेद रंग वाली होली हुयी , जबरदस्त हुयी , लेकिन कहानी की मजबूरी उसे काल क्रमानुसार बढ़ना पड़ता है न , जैसे जैसे मैंने ससुराल में पहली पहली बार फागुन का रस लूटा , देवर ननदों के साथ

सब बताउंगी , कुछ भी सेंसर वेंसर नहीं , सच्ची , जो मैंने रगड़ाई की के साथ साथ , जो मेरी रगड़ाई मेरे देवरों ने की वो भी ,

जी , देवरों ने , एक साथ तीन तीन

लेकिन शुरू से , वरना मैं भूल जाती हूँ तो चलिए ,... शुरू करती हूँ , बात न किस्सा न कहानी , एकदम सच , देवर तीन , भाभी दो


[Image: teej-06e199ab37bed8ebbb42dd273565854b.jpg]



असल में गलती उन तीनो की नहीं थी , मैं ही कुछ ज्यादा मस्ती में थी , फगुआहट कुछ जोर से चढ़ी थी , दो दिन से ये नहीं थे , जेठानी और सास भी नहीं थीं और सिर्फ मैं और कम्मो



और मैंने खूब रगड़ाई की , हाँ उस समय अकेले थी मैंने , ..





अनुज ने जब दरवाजा खुलवाया तो मैं पहले तो , लेकिन जब उसके साथ बंटू और मंटू को देखा ,



एक पल के लिए तो मैं सहमी , वो तीन , कहीं आज मेरी कस के , ... और वो कम्मो भी न , अभी पंद्रह मिनट पहले चली गयी थी , मैंने रोका भी तो बोली बस आधे पौन घण्टे में आती हूँ ,



लेकिन मैं सम्हल गयी ,आखिर देवर हैं , फागुन है , और अनुज भी है , बहुत हुआ तो थोड़ा बहुत रंग , ...और वो भी अगर मैंने उकसाया तो



मैंने उकसाना उनके घर में घुसने के पहले ही शुरू कर दिया , दोनों को बंटू मंटू को जोर से हड़काया ,



फागुन में भी भूल गए , एक नयी नयी भाभी आयी हैं , ... अरे हर साल तो अपनी बहनों से होली खेलते ही हो , ...


[Image: Teej-926596eaf42e3af1ce9c7ed48a87fef8.jpg]


अनुज ने कुछ बहाना बनाने की कोशिश की , बंटू ने भी , कोचिंग , एक्जाम


पर मंटू थोड़ा तेज था , बोला



" भाभी देखिये हम आ गए है , आप ही का दरवाजा बंद था , ... "



[Image: Male-K-2.jpg]



" और तुम ने एक बार कहा और मैंने खोल दिया , ... है न , मैं उन भाभियों में नहीं हु जो देवर के लिए दरवाजा बंद रखती हैं , देखो झट से खोल दिया , ... "



मैं हँसते हुए बोली , ,



मैं सच में उन भाभियों में नहीं थी जो डबल मीनिंग डायलॉग में देवर से पीछे रह जाएँ ,


[Image: Teej-100653286-133006841716867-543499965...8528-o.jpg]


और मंटू की देखा देखी अब बंटू भी , हिम्मत उसकी बढ़ गयी , हँसते हुए बोला ,



" भाभी आपने खोल दिया है तो देखिये हम बिना डाले जाएंगे नहीं , ... "



" अच्छा एक तो इतने दिन बाद दरसन दिया है , ऊपर से आते ही डालने डलवाने की बात करने लगे , ... वो तो अभी देखती हूँ , ... कौन डालता है कौन डलवाता है , ... "



मेरी निगाह मंटू के पैंट पर थी , तम्बू थोड़ा खड़ा था और जो दिख रहा था वो जबरदस्त था , ... मोटा भी कड़ा भी और मुझे वहां देखते हुए बंटू और मंटू ने देख लिया


[Image: Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg]


पर मेरे ऊपर कुछ फरक नहीं पड़ रहा था , मैं चिढ़ाते हुए बोली



" क्या डालोगे , अरे पिचकारी में कुछ रंग वंग भी है किस सब अपनी बहनों के साथ खर्च कर के आ गए हो , ... "



" अरे भाभी , आप ने अभी हमारी पिचकारी देखी कहाँ है , ... "



मंटू बोला ,



मैं स्टोर की ओर मुड़ रही थी , लेकिन रुक गयी , उसकी ओर आँख नचा के देखा और छेड़ा ,



" किस किस को दिखाया है , मेरी कोई ननद बची है की नहींऔर , और सिर्फ दिखाया है की पकड़ाया भी है , ... "



और बजाय स्टोर के घर के बाहरी दरवाजे की ओर मुड़ी , फिर अनुज से बोला ,



"अभी घर में कोई है नहीं तुम्हारी बुआ बड़ी भाभी शाम को आएँगी , और तेरे भइया तो दो दिन से , ... ज़रा बाहर का दरवाजा चेक कर लूँ , अभी कम्मो भी नहीं है ,... "


[Image: Teej-98594657-285224335993911-3408885065747267584-o.jpg]


असल में वहीँ पर मैंने कुछ रंग गुलाल रख रखा था , और वो पुड़िया उठा के लौटते हुए सीधे बंटू और मंटू के मांग में , एकदम सिन्दूर की तरह ,
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चिकना देवर



[Image: Teej-04ac30754279f09c5f142124fd5bdac6.jpg]



और वो पुड़िया उठा के लौटते हुए सीधे बंटू और मंटू के मांग में , एकदम सिन्दूर की तरह ,



जब तक वो दोनों सम्हले , मैं स्टोर के दरवाजे पे खड़ी थी , और वहीँ से दोनों को ललचाते हुए चिढ़ा रही थी ,



" अरे तुम दोनों का सिन्दूर दान तो हो गया , अब नौ महीने बाद सोहर होगा , पक्का ,... पेट फूलना शुरू हुआ है की नहीं अभी "


[Image: sindoor.jpg]


" अरे भाभी यहाँ तो आइये न , आप देखिये अभी से ,... " अनुज बोला



" मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ , अरे कुछ खाने पीने को ले आऊं , ... वरना कहोगे की तेरी बुआ और बड़की भाभी नहीं है तो भाभी ने भूखा भूखा रखा "


स्टोर से ही मैं बोली





मैंने सोच लिया था उन तीनो को कैसे , पहले तो भांग वाली गुझिया , फिर ठंडाई मैंने बनायीं वही कम्मो स्पेशल डबल डोज वाली



लेकिन साथ में डबल मीनिंग डायलॉग , होली की छेड़ छाड़ , स्टोर से भी मेरी जारी थी



असल में मैं आज कुछ ज्यादा ही मस्ती में थी ,



और उस की जिम्मेदार मैं खुद थी , ..

मैं और थोड़ी बहुत कम्मोअसल में पिछले डेढ़ दो घण्टे से मैं और कम्मो कुछ ज्यादा ही मस्ती कर रहे थे ,

कम्मो अपने ' देवरों ' के किस्से सुना रही थी ( उसका मरद पंजाब कमाने गया था , और साल में एक दो बार ही आता था , हफ्ते दो हफ्ते के लिए और कम्मो ने मुझे अपना राज बताया था , ' आखिर देवर और नन्दोई काहें के लिए होते हैं '


[Image: Teej-107525644-609474176353412-610797763...1059-o.jpg]


दो चार दिन भी उसका नागा नहीं होता था ) ,



और साथ में टीवी पे अच्छी वाली पिक्चर , हम लोग एक सी ऍफ़ एन एम् ( क्लॉथ्ड फीमेल नेकेड मेल ) वाली पिक्चर देख रहे थे लड़के यंग टीनेजर्स बेयरली 18 टाइप और महिलायें , एक दो एम् आई एल ऍफ़ टाइप ,



पहले तो जब लड़के डांस कर रहे थे तो कम्मो बोली , अरे इसमें कौन बात है लेकिन जब कपडे उतरने शुरू हुए और अंत में सिर्फ छोटी सी चड्ढी में



मैं और कम्मो भी फिल्म वाली औरतों की तरह जोर जोर से अब सीटी बजा रहे ताली पीट रहे थे


[Image: cfnm-c-3980618.gif]


" खोल साले खोल , ... " कम्मो भी जोर जोर से



चड्ढी भी सरक गयी लेकिन अब उस ने हाथ से छिपा लिया और फिल्म में हल्ला जोर जोर से



और अब मैं भी कम्मो के साथ सीटी बजा रही थी , चिल्ला रही थी ,



फिल्म में दो लड़कियां गयी स्टेज पर , एक ने लड़के को पीछे से पकड़ा और दूसरे ने उसका हाथ हटा दिया





जोर की चीखें निकली , और हम दोनों भी , औजार जबरदस्त था लेकिन थोड़ा सोया थोड़ा जागा ,



कम्मो ने मेरी ओर देखा तो मैंने उसे इशारा किया , और फिल्म में हैण्ड जॉब , सब लड़कियां औरतें बारी बारी और जो लड़कियां थोड़ी बहुत हिचक रही थीं , डांस करने वाला लड़का उसी के पीछे , ... और बाकी लड़कियां भी पकड़ के जबरदस्ती उस पकड़वा रही थीं , चुसवा रही थीं



और हम दोनों भी खूब जोर जोर से ,



कम्मो , हँसते हँसते बोली , ये लड़के सब हम लोगों के देवर की तरह लग रहे हैं , ...



एक दम मैंने हामी भरी ,



मिल जाए तो मैं बिना चोदे छोडूंगी नहीं , कम्मो उठते होये बोली और स्टोर से गुझिया का डिब्बा निकाल के ले आयी


[Image: Teej-09227b1455819e66016df0dd1c71e730.jpg]


गुझिया खाते मैं बोली ,

" अरे होली में देवर को बिना चोदे छोड़ना , अरे पाप लगता है , होलिका का शाप लग जाएगा , अगर देवर बच के निकल गया। "


[Image: Teej-tumblr-or40mch0-EU1vtoo9oo1-640.jpg]


" एकदम जरा उधर देखो , ... "



एक लड़के को तीन औरतों ने पकड़ रखा था , वो छपटटा रहा था , लेकिन दो ने उसके दोनों हाथ कस के दबोच रखा था , और तीसरी चढ़ गयी उसके ऊपर , खुद अपने हाथ से पकड़ कर सेंटर किया और क्या कस के धक्का मारा


[Image: ffm-tumblr-lc625i-NR7-W1qbzd9eo1-1280.jpg]


एक बार में आधा से ज्यादा अंदर , और बाकी की लड़कियों ने खूब जोर से सीटी मारी ,


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पर उन स ज्यादा जोर से मेरी और कम्मो की सीटी थी।



और वो क्या हचक हचक एक चोद रही थी , लड़का जितना छटपटा रहा था उतनी ही जोर से वो न सिर्फ चोद रही थी , कभी झुक के अपनी बड़ी बड़ी चूँची उसके छाती पर रगड़ रही थी , कचकचा के गाल काट रही थीं


[Image: Joru-K-wot-jjj.gif]


" अरे स्साला कोई बहनचोद चिकना देवर पकड़ में आ जाता न पक्का , बिना चोदे नहीं छोड़ती , ... " बोल कम्मो रही थी थी लेकिन मन मेरा भी ,



और तभी मेरा ध्यान गुझिया के डिब्बे की ओर पड़ा और मैं जोर से चौंकी ,



ये तो डबल भांग वाली गुझिया का डिब्बा था ,



मैं दो खा चुकी थी , मैं जब कम्मो से बोली तो उसने चुप करा दिया ,



" अरे सामने देखो एक और पकड़ा गया , .. अरे जल्दी में डिब्बा देखने का ध्यान नहीं रहा , फिर भांग चढ़ भी जायेगी तो क्या हुआ हम ही तुम तो हैं , ... "



मेरा ध्यान फिर सामने ये लड़का तो एकदम अनुज टाइप खूब चिकना और एक औरत अब उसके ऊपर चढ़ गयी थी , और साथ में एक और ,... एक चोद रही थी तो दूसरी उसके ऊपर चढ़ कर अपनी चुसवा रही थी ,



मेरे मुंह से भी निकल गया , सच यार आज कोई देवर पकड़ में आ जाता , तो हम दोनों मिल के इस फिल्म वालों से भी दो हाथ ,...



एकदम कम्मो बोली लेकिन उसे आधे घण्टे के लिए कुछ काम , हम लोगों के घर से सटे ही कुछ कोठरिया थी , ... बस उसी में



वो गयी और मैंने वो भांग वाली गुझिया , स्टोर में रखी , आधी बची थी वो मैं भी गपक गयी।



कुल ढाई गुझिया , ... मैं जानती थी आधे घंटे के अंदर शायद असर होगा , ...



मैंने सोचा होगा तो होगा , सो जाउंगी , कोई आनेवाला तो है नहीं , फिर कम्मो है न सम्हाल लेगी वो



पर आधे घण्टे के पहले ही अनुज और उसके दोनों दोस्त आ गए।

भांग , कम्मो के साथ मस्ती वाली बातें और वो फिल्म , जबरदस्त असर हो रहा था मेरे ऊपर। असल में भांग के साथ दो चक्कर है उसका असर आधे पौन घंटे में पूरी तरह चढ़ता है , और जो बात आप सोचो वही बात बार बार मन में घूमती है , उसका असर दिमाग पर तन पर सब जगह होता है , बस वही हो रहा था मेरे साथ।


उस फिल्म में जो औरतें टीनेजर्स लड़कों के साथ कर रही थीं , जबरदस्त कपडे उतारना , पकड़ के मुठियाना और सबसे ज्यादा बार बार दिमाग में घूम रहा था , कैसे पकड़ के उन सबने जबरदस्ती चोद दिया , वो सब चिंचिया रहे थे , ...


[Image: Teej-103124458-2711802482376818-85663921...4408-n.jpg]



और ऊपर से कम्मो की बातें , ... स्साला कउनो चिक्क्न देवर आज भेंटाय जाय तो बिन चोदे ना छोड़ब ,...



अनजाने में मेरी आँखों के सामने मंटू का खूंटा नजर आ रहा था , एक तो दोनों बारमूडा पहने थे वो कर बंटू , और बंटू का भी , हाथ से स्साला छिपाने की कोशिश कर रहा था पर इश्क , मुश्क और खड़ा लंड कहीं छिपाने से छिपता है , और कैसे ललचायी नजर से वो सब मेरे उभार देख रहे थे 
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Ahhhh........ kaya mast update......
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(18-01-2021, 06:54 PM)kill_l Wrote: Ahhhh........ kaya mast update......


Thanks so much , more posts are coming
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बंटू और मंटू 


[Image: Teej-9f859eba11a3af0b5e9b4b1b751e0994.jpg]


अनजाने में मेरी आँखों के सामने मंटू का खूंटा नजर आ रहा था , 

एक तो दोनों बारमूडा पहने थे वो कर बंटू , और बंटू का भी , हाथ से स्साला छिपाने की कोशिश कर रहा था 



[Image: bulge-ck9.jpg]

पर इश्क , मुश्क और खड़ा लंड कहीं छिपाने से छिपता है , और कैसे ललचायी नजर से वो सब मेरे उभार देख रहे थे ,



और मेरा हाथ खुद अपने उभारों पर टहल रहा था , हलके हलके छू  रहा था , सहला रहा था , मैंने कस के एक बार दबा दिया ,


[Image: Teej-Archanna-Guptaa-4-scaled.jpg]

 जैसे वो लड़के दबा रहे हों , ... मैंने अपनी ऊँगली से निप्स खुद दो चार बार फ्लिक किये और वो एकदम टनाटन , ... एक तो आज मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी , घर में कोई था भी नहीं , ... बस थोड़ी मस्ती  , और ब्लाउज भी ऐसा दो साल पहले भी मुझे टाइट होता था , ... लो कट था , लाल रंग का , 


और साडी भी एकदम ट्रांसपैरेंट वाली , ... झलकौवा , ... मुझे  क्या मालूम था की ये सब आ जाएंगे , अनुज ने कोई फोन वोन भी नहीं किया था वरना मैं , ...



मैं ठंडाई बना रही थी लेकिन मेरा एक हाथ बार खुद मेरे उभारों पर , और अब मैं चुटकी में लेकर निप्स को बार बार , ... 

[Image: sixteen-nips-3.jpg]


और लग रहा था की वो फिल्म वाले , .. और उन लड़कों की जगह बंटू और मंटू नजर आ रहे थे , ...

[Image: MMF-DP-17835874.gif]

लेकिन बार बार मैं ये भी सोच रही थी जैसे हम लोगों ने अनुज को टुन्न करके , भांग वाली गुझिया और ठण्डाई  , ... बस वही ट्रिक , ..और एक बार वो तीनों टुन्न हो हाय तो मैं अकेले ही  झेल लुंगी , ... 

और जैसे अनुज की ज्यादा हिम्मत नहीं पड़ती वैसे ही ये भी होंगे ,...



उन सबके पास जाने के पहले मैंने  एक जग में खूब गाढ़ा लाल रंग भी भर लिया , होली  की शुरुआत मैंने समझ लिया था भाभी को ही करनी पड़ती है , और ढेर सारे रंग  की पुड़िया , पेण्ट अपने पेटीकोट में खोंस ली थी ,



हो जाय होली , साले देवरों की ले लुंगी आज , ...
[Image: teej-3b8db492115cf78783c9762dc7dd4282.jpg]


और मैंने एक बार आँचल ठीक कर लिया , मतलब बस एक पतले छल्ले की तरह दोनों उभारों के बीच में और पीछे , पेटी कोट  में खोंस लिया जिससे ब्लाउज टाइट रहे और आँचल खुल के नीचे न गिरे , ... पर इसका असर ये हुआ , की मेरे दोनों चोली फाड़ते उभार अब एकदम साफ़ दिख रहे थे और उभार ही नहीं निप्स  भी , ...



मैंने बस वही अनुज के साथ की हुयी ट्रिक ट्राई की ,



ट्रे झुक के उन तीनो  के सामने रखा और एक गुझिया बंटू को खिलाने की कोशिश करते बोली



" देखो भाभी के रहते हुए देवर अपने हाथ का इस्तेमाल करें , ... आज तो तुम सबको मेरे हाथ से खाना होगा , ... "






पर काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है , और मेरी ट्रिक उन सबों को पता चल गयी थीं ,



बंटू बोला ,



" भाभी आप एकदम सही कहती हैं , लेकिन तीन तीन देवरों के सामने रहते हुए भाभी को अपने हाथ का इस्तेमाल करना पड़े , ये भी तो हम देवरों के लिए शर्म  की बात है , हम लोग खाएंगे , ... लेकिन पहले आप ,...



मैंने देखा नहीं पीछे से मंटू मेरे पीछे पहुँच गया और मेरी  पतली कमर कस के उसने दबोच लिया और एक हाथ से मेरे गाल को दबा दिया , मेरा मुंह खुल गया , और गुझिया मेरे मुंह में , ...



लेकिन मैं इतनी जल्दी हार नहीं मानने वाली थी , आधी तो मेरे मुंह के अंदर चला गया पर बाकी मैंने अपने होंठ से ही बंटू के ,



भाभी के होंठों से खाने का स्वाद कौन देवर मना करता , ... पर आधी आधी में , भी डेढ़ गुझिया तो मेरे पेट में चली ही गयी , और यही हाल ठंडाई का हुआ , ... 

[Image: kiss-1121975728.webp]

मंटू मुझे पीछे से कस के दबोचे था और अब उसका खूंटा एकदम खड़ा था , ... उन फिल्म वाले लड़कों से २२ नहीं तो २० रहा ही होगा , ... 


और मारे शरारत के  मैंने अपने बड़े बड़े चूतड़  कस के उस खड़े खूंटे पर रगड़ रही थी ,  

[Image: rear-end-2-190-424-tamanna-stills-in-racha-22.jpg]


मंटू ने पेटीकोट में फंसे मेरे आँचल को निकाल दिया और एक झटके में साडी



अनुज ने जग में रखे हुए लाल रंग को देख लिया था और उसने बंटू को इशारा किया , ... बस



मंटू तो कस के मुझे पकडे ही था , बंटू खड़ा हुआ आराम से मेरी एकदम कसी चिपकी चोली को अंगूठे एक ऊँगली से जबरन थोड़ा सा फैलाया , मेरा पूरा क्लीवेज दिख रहा था ,

बस पूरे जग का लाल रंग मेरे जोबन पर धीरे धीरे ,

यहाँ नहीं , आँगन में चलो मैं कहती रही पर वो सब पूरे जग का रंग मेरे ब्लाउज के अंदर डाल के माने



और मैं वो तीनो उसके बाद आँगन में

मैंने वही बात कही जो उस दिन अनुज कह रहा था



" भाभी आप तीन और मैं अकेले "



और उन तीनों ने वही जवाब दिया जो उस दिन मैंने दिया था ,

" घबड़ाइये मत भाभी , हम लोग आप को बाँट लेंगे एक के पास एक ही हिस्सा आएगा , "

और मेरे गाल मेरे देवर के अनुज के हिस्से में

और बंटू और मंटू ने मेरे दोनों उभार बाँट लिए , पहले तो थोड़ी देर दोनों थोड़ा झिझकते रहे चोली के ऊपर से  , चोली के ऊपर के हिस्से में , बहुत हुआ तो जरा  सा क्लीवेज में हलका सा ,



लेकिन उन दोनों से ज्यादा मैं गरमा रही थी और मैं जानती थी अपने ससुराल वाले लड़कों को कैसे गरम किया जाता है ,



उनकी बहनों का नाम लेकर , और मैंने बंटू और मंटू दोनों की बहनों का नाम ले ले कर , ...
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देवर संग मस्ती 



[Image: Teej-backless-131741397-760300371250178-...0095-o.jpg]

लेकिन उन दोनों से ज्यादा मैं गरमा रही थी और मैं जानती थी अपने ससुराल वाले लड़कों को कैसे गरम किया जाता है ,



उनकी बहनों का नाम लेकर , और मैंने बंटू और मंटू दोनों की बहनों का नाम ले ले कर , ...

मैं तुमसे पूछूं , हे मंटू भैया , हे बंटू भैया , तोहरी बहिनी क कारोबार कैसे चले , उनके रातों क रोजगार कैसे चले 

अरे तोहरी बेबी क जोबना का ब्यौपार कैसे चले अरे तोहरी मीता क जोबना क रोजगार कैसे चले , 
,,,,

अरे तोहरी बहिना ने एक किया दो किया , साढ़े तीन किया , हिन्दू * किया , कोरी चमार 

नौ सौ भंडुए कालीन गंज के ( हमारी ससुराल का रेड लाइट एरिया )



अच्छा इसके पहले होली में किसका दबाते थे , खाली अपनी अपनी बहनों का या एक दूसरे की बहनों का भी चोली में हाथ डाल डाल के , तभी तो मेरी ननदों की इतनी जबरदस्त  दबवाने मिजवाने की प्रैक्टिस है , 

बंटू भैया तेरी दोनों के उभार तो इसलिए मस्त आये हैं न बचपन से अपनी बहनों का खूब दबाते थे इसलिए इन सबों का उभार , हाईकॉलेज में ही , सिर्फ कपडे के ऊपर से ही  दबाते थे या अंदर से भी , ...

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बस इतना कहना काफी था , ऊपर से चोली के अंदर बंटू ने , नीचे से चोली के अंदर मंटू ने हाथ डाल दिया , ...



मैं फिर चिल्लाई तुम दोनों एक साथ ,

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तो दोनों ने साथ साथ जवाब दिया ,



" नहीं  भाभी , दाएं वाला मेरा है देखिये मैं सिर्फ बैंगनी रंग लगा रहा हूँ आप जब नहाइयेगा तो देख लीजियेगा। " 


बंटू बोला।



" अरे नहाने का इन्तजार करने की क्या जरूरत , भौजी को अबहिंये खोल के दिखा देते हैं , मेरा वाला पक्का नीला है , मंटू बोला और बंटू को उकसाया , खोल दे न , ...



जब तक मैं मना करती चोली का नीचे वाला बटन , बंटू ने खोल दिया और ऊपर वाला मंटू ने , 


एक बटन पहले ही दोनों के हाथ डालने से टूट चुका था , कुल चार बटनों में से सिर्फ एक बचा था , इसलिए चोली जोबन पर से अलग तो नहीं हुयी लेकिन अब मेरे दोनों देवर के हाथ खुल के  मेरे उभार पे ,



लगा रहा था सैकड़ों बिच्छू मेरे जोबन पर डोल रहे हैं , एक तो भांग का नशा ऊपर से दोनों जवान होते लड़कों का हाथ सीधे उभारों पर , दोनों बदमाश



कभी बस हलके हलके सहलाते , बस जैसे छू रहे हों , हवा की तरह सहला  रहे हों , मेरे उभार पथरा रहे थे , आँखे  मुंदी पड़ रही थी , और बंटू सहलाते सहलाते जब मेरे निप्स को को फ्लिक करता तो बस , ... जैसे जान नहीं निकली ,



मन कर रहा था , ये स्साले चिकने , कस के क्यों नहीं दबाते , जोर से क्यों नहीं मसलते , मस्ती से क्यों नहीं रगड़ते ,



और पहले मंटू ने फिर बंटू ने जैसे मेरे मन की बात सुन ली और अब दोनों एक साथ कस कस के , खूब जोर से रगड़ रहे थे मसल रहे थे ,



कभी कभी दर्द भी हो रहा था मीठा मीठा , कभी कभी अच्छा भी लग रहा था , ... ऊपर से तो मैं बोल रही थी , छोड़ न , छोड़ बहुत हो गया , ... पर मन कर रहा था , और कस के , .. ओह्ह , ...



दोनों के एक एक हाथ खाली थे , असल में खाली नहीं थे , दोनों ने कस के मुझे उन्ही हाथों से दबोच भी रखा था और मेरे चिकने पेट पर रंग लगा रहे थे  , मुझे लग रहा था पेट से सरक कर और नीचे , और नीचे ,



लेकिन दोनों ऊपर की मंजिल पर ही बिजी थे , और उन दोनों की जोबन रगड़ाई से मेरी भी हालत खराब थी , मैं हिल डुल नहीं सकती थी , पर हाथ तो मेरे दोनों खाली ही थे ,

….

Hoमैं सोच रही की बंटू मंटू को जरा जवाब दूँ , हाथ तो मेरे दोनों खाली ही थे  और सबसे बड़ी बात ये थी की अनुज थोड़ी देर के लिए कहीं चला गया था , उसका कोई फोन आ गया था ,



लेकिन जिस तरह बंटू मंटू के हाथ मेरे उभारो पर सरक रहे थे , सहला रहे थे , छू रहे थे , . एकदम मस्ती छ रही थी  , मैं समझ सकती थी ये सब कितना ललचा रहे होंगे , जैसे कोई बच्चा कैंडी की दूकान के बाहर खड़े होकर ललचाता रहे , ... कोई हलवाई की दुकान में रखे मोतीचूर के लड्डू देखता रहे और सोचता रहे ये तो उसे मिलना नहीं ,



और अचानक उसे मिल जाए , ...



दोनों एक साथ , कभी कस के दबाते मसलते , कभी साथ साथ मेरा निपल्स फ्लिक करते , मैं गीली हो रही थी लेकिन हालत उन दोनों लड़कों की कम ख़राब नहीं थी , मैं जान बूझ कर अपने हिप्स कस कस के रगड़ रही थी , मंटू ने मुझे कस के पकड़ रखा था , और उस का खूंटा सीधे मेरे पेटीकोट पर , मेरे हिप्स के बीच , ... वो तो उन के आते ही मैंने समझ लिया थी की दोनों ने बारमूडा के नीचे कुछ नहीं पहन रखा है , बस एक स्लीवलेस टी शर्ट , बनाययिन ऐसी और बारमूडा ,.. लेकिन आज मैंने भी कौन सी ब्रा और पैंटी पहन रखी थी , तो सीधे जैसे उसका बरमूडा फाड़कर मेरे पेटीकोट में सेंध लगाकर , मेरे देवर का खूंटा ,...

बस वहीँ मैंने घात लगायी ,



और इसी लिए देवर भाभी की होली में हरदम जीत भाभी की होती है , ... मर्द के शरीर के एक एक हिस्से की हालचाल का अंदाजा भाभियों को रहता है और देवर तो बस भीगी चोली में झलकते जोबन को द्केहकर ललचाते ही रहते हैं और भाभी थोड़ी दिलदार हुयी तो चोली के अंदर हाथ डाल लिया ,



सीधे ' वहीँ ' और मुट्ठी में पकड़ लिया , हाथ तो मेरे खाली थे ही , खूंटा इतने जोर से मेरे पिछवाड़े गाड़ रहा था वो , उसकी मोटाई लम्बाई और कहाँ है सब अंदाजा  था मुझे
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Bas aage badhaiye iss ko, lag rha hai khinch rhi hain aap ise

Naa jaane kab kuch ho devar bhabhi ke bich bahut dino se sukha hi chl rha hai
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देवर भाभी की होली

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देवर भाभी की होली में हरदम जीत भाभी की होती है , ... मर्द के शरीर के एक एक हिस्से की हालचाल का अंदाजा भाभियों को रहता है और देवर तो बस भीगी चोली में झलकते जोबन को देखकर ललचाते ही रहते हैं

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और भाभी थोड़ी दिलदार हुयी तो चोली के अंदर हाथ डाल लिया ,

मैंने सीधे ' वहीँ ' और मुट्ठी में पकड़ लिया , हाथ तो मेरे खाली थे ही , खूंटा इतने जोर से मेरे पिछवाड़े गाड़ रहा था वो , उसकी मोटाई लम्बाई और कहाँ है सब अंदाजा था मुझे पर मंटू को अंदाजा नहीं था की मैं ये भी कर सकती हूँ ,


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और चौंक कर वो एकदम पीछे , ... पर मैं छोड़ने वाली नहीं थी , साथ साथ मैंने गुदगुदी भी लगानी शुरू की , बस वो छुड़ाने के लिए पीछे हटा ,

बचा बंटू ,

तो उसके खुले पैरों पर मैंने एक पैर को मोड़ कर पीछे क्र सुरसुरी करने लगी , बस वो भी , ...

और मैंने जोर का झटका आगे की और दिया , देवर तो दोनों दूर हो गए पर मेरे स्लीवलेस बैकलेस चोली की रही सही एक बटन भी खेत रही ,


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पर मुझे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था ,

चोली एकदम खुली थी पर देह से अलग नहीं हुयी थी देह में अटकी थीं हाँ रंगे पुते उभार अब एकदम साफ़ साफ दिख रहे थे


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आंगन के एक कोने में खड़ी मैं बस हंस रही थी , खिलखिला रही थी







भांग के नशे का यही असर होता है , जो करो करते रहे बस उसी में मजा आता है ,



डेढ़ डबल भांग वाली गुझिया तो कम्मो ने और डेढ़ इन मेरे देवरों ने , ऊपर से पलट कर जबरन वो जो जबरदस्त भांग वाली ठंडाई मैंने बनायी थी , देवरों ने आधी से ज्यादा मुझे ही पिला दी थी , अच्छी तरह से मेरे ऊपर भांग चढ़ गयी थी ,



लेकिन थोड़ी बहुत तो मैंने इन दोनों के मुंह में भांग वाली गुझिया ठेली ही थी , ...



और वो दोनों भी आंगन के दुसरे कोने में खड़े होकर हंस रहे थे , जोर जोर से खिलखिला रहे थे ,

एकदम मेरी तरह ,



मैंने मंटू को चिढ़ाना शुरू किया , ... और वो दोनों भी मेरी पूरी खुली चोली से झांकते रंगे पुते उभारों की और इशारा कर के चिढ़ा रहे थे



भाभी देखिये , जिस पर लाल रंग लगा है वो बंटू का और जिसपर बैंगनी है वो मेरा , ... एकदम बाँट कर ,...



लेकिन मैं रीतू भाभी की ननद , अब उन्ही की लेवल पर आ गयी



" क्या लाल , बैगनी कर रहे हो , ...मैं सही कह रही थी , सफ़ेद रंग तो सब गाढ़ा वाला अपनी बहिनों के साथ खर्च कर के चले आये , एक बूँद भी मेरी नंदों ने नहीं छोड़ा न , ... सब छिनारों ने निचोड़ लिया ,... "


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जवाब मंटू ने कोई रंग निकाल के अपनी हथेली पर लगाकर , ...लेकिन सूखा रंग बिना पानी के कैसे ,... मुझे और चिढ़ाने का बहाना मिल गया , ...

" अरे तुम लोगों की बहनों ने कुछ सिखाया नहीं , सूखे रगड़ रहे हो ,... थोड़ा तो गीला कर लो , ... कुछ नहीं हो तो तुम्हारे ही ' बम्बे ' से रगड़ रगड़ के मैं पानी निकाल दूँ , ..अरे नल लगा तो है ,... " मैंने आँगन के कोने में लगे एक नल की ओर इशारा किया।

वो उधर झुका हुआ था और मुझे मौका मिल गया ,

मैंने अपने कोंछे में से पुड़िया निकाली , सबसे तेज रंग , कड़ाही के पेंदे की कालिख और साथ में उसी पुड़िया में एक छोटी सी शीशी में से कडुआ तेल , अब ये कालिख होली तक तो छूटने वाली नहीं थी ,

बस दोनों हाथों में कालिख अच्छी तरह रगड़ के , ... मैं सीधे मंटू के पीछे , और जब तक वो सम्हले सम्हले सीधे उसके दोनों चिक्कन गाल मेरे हाथों के बीच ,


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और साथ में वार्निंग , "



" हे आँख मत खोलना , अगर आँख में चला गया न तो जल्दी निकलेगा नहीं , और बहुत जोर से लगेगा मिर्चे से भी तेज , ... आँख बंद ,... "

और मेरे दोनों हाथ पहले आँख के ऊपर से ही



बस पहली पारी मेरे हाथ में ,



मारे घबड़ाहट के उसने कस के आँखे बंद की और दोनों हाथों से मेरे हाथ छुड़ाने की कोशिश की ,

बस मैं यही चाहती थी , मेरे ब्लाउज के सारे बटन तोड़े थे न इन दोनों ने , अब बताती हूँ , ...



वो एक स्लीवलेस टी शर्ट बिना बांह की बनियाइन की तरह पहन के आया था , बस मैंने दोनों हाथों से एक झटके से उसे पकड़ के ,...

और वो आँगन दूसरे कोने में , देवर पूरा टॉपलेस ,



अब मेरे दोनों हाथ सीधे उसके सीने पर , मेल टिट्स पर ,



और साथ साथ मैंने अपनी दोनों टाँगे उसकी टांगों के बीच में घुसा के फंसा दी , अब न वो पीछे मुड़ सकता था न छूट सकता था , दोनों हाथों से कस के मैंने उसे जकड़ रखा ही था



हाँ उस का चेहरा छूट गया था पर मैंने कस के बोला ,



" हे आंख मत खोलना पांच मिनट तक , मिरचाहवा रंग है आँख में अगर चला गया ,... "



उस के टिट्स जम के रगड़ते मैंने चिढ़ाया ,



" हे तुम दोनों मिल के मुझे टॉपलेस कर रहे थे न , सिर्फ खोल लेने से थोड़ी होता है , ऐसे करते हैं टॉपलेस जैसे मैंने अभी तुझे किया है और कहो तो इसे भी खिंच के अलग कर दूँ , ... "
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 भाभी , छोड़िये न , ... प्लीज ,... "

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" हे तुम दोनों मिल के मुझे टॉपलेस कर रहे थे न , सिर्फ खोल लेने से थोड़ी होता है , ऐसे करते हैं टॉपलेस जैसे मैंने अभी तुझे किया है और कहो तो इसे भी खिंच के अलग कर दूँ , ... "


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पीछे से मैं अपना अगवाड़ा उसके पिछवाड़े पर रगड़ते उसे छेड़ रही थी


मेरे दोनों निपल एकदम खड़े कड़े देवर की अब एकदम खुली पीठ पर बरछी की नोक की तरह चुभ रहे


और मैंने कस के अपने उभार उसकी पीठ पर रगड़ पर भी रही थी , पर उसके टॉपलेस होने का पूरा फायदा मिला मेरे दोनों हाथों को , एक हाथ ने तो कस के उसके टिट्स को पकड़ रखा था , क्या कोई नयी लौंडिया के निपल को रगड़ता होगा जिस तरह मैं कचकचा के रंगड़ रही थी , ... और साथ में उसकी सगी बहन का नाम लेकर , वो भी हाईकॉलेज में पढ़ती थी , ...



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" हे उसके निप्प्स भी तो खूब मस्त हैं , खूब दबाते होंगे न , कभी मुंह में लेकर चूसा है की नहीं , ... "



और दूसरा हाथ नीचे की ओर सरकता हुआ , उसके पेट पर कालिख रगड़ता ,



और मेरे हाथ कोई मेरे देवर की तरह शरीफ तो थे नहीं , की सिर्फ ऊपर की मंजिल पर सारी ताकत खर्च कर दें मैंने बराबर बराबर बाँट लिया , एक हाथ ऊपर की मंजिल के लिए और दूसरा नीचे के लिए ,


और वो भी समझ रहा था , की मेरा दूसरा हाथ किधर जा रहा है , पेट से सरकता हुआ , ... बस जहाँ बरमूडा शुरू हो रहा था ,...



और मैंने बारमूडा नीचे सरकना शुरू कर दिया ,


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अब उसकी हालत खराब , हाथ पैर उसने पटकने शुरू कर दिए , छुड़ाने की लाख कोशिश



पर आज उसने अच्छे घर दावत दी थी , बनारस वाली नयकी भौजी के पास , ... और मैं भी एकदम भांग के नशे में चूर ,... मुझे सिर्फ एक चीज दिख रही थी ,

" भाभी , छोड़िये न , ... प्लीज ,... "



उसने गुहार लगायी और मैंने बारमूडा एक इंच और नीचे सरकाते हुए जोबन कस के उसके पीठ पर रगड़ते , जोर से चिढ़ाया

" क्यों कोई ख़ास चीज छुपाया है उसके अंदर ,... फॉर सिस्टर्स ओनली है क्या ,.... बस ज़रा सा , अच्छा खाली दिखा दो ,... "



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मेरे एक हाथ ने उसे कस के दबोच रखा था पर असली पकड़ थी मेरी दोनों टांगों की जिन्होंने उसकी दोनों टांगों को अच्छी तरह फंसा रखा था और मैंने अपनी दोनों टांगों को फैला के उसकी टांगो को भी ,...



छूटने का सवाल ही नहीं था , और मैं अपने देवर को छोड़ने वाली भी नहीं थी , अभी तो होली का मजा आना शुरू हुआ था।

उसने अपने साथी को आवाज लगाई , ... बंटू ने मुझे पीछे से दबोच लिया लेकिन बजाय मेरे हाथ अलग करने के , उसके दोनों हाथ मेरे दोनों जोबन में लग गए पर मुझे कुछ फरक नहीं पड़ता था अरे अगर होली ने थोड़ा देवर ने जोबन रस ले भी लिया तो क्या ,...

बरमूडा अब थोड़ा नीचे , और अब खूंटे का बेस खुल गया था। ..



एकदम चिक्कन मुक्कन , लगता था देवर बाबू झांटे वांटे साफ़ कर के आये थे ,

अँगूठे और तर्जनी के बेस से उसे रगड़ते हुए मैंने चिढ़ाया



" क्यों अपनी बहिनिया की तरह माखन मलाई की तरह ,... "


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और फिर ऊपर के दो इंच ,



पता तो मुझे चल ही गया था मोटा भी है लम्बा भी और कड़क भी ,

और बेसबरा भी , बस अब ऊपर के हिस्से को पकड़ के मैं खुल के रगड़ रही थी मसल रही थी , बारमूडा थोड़ा और नीचे सरक गया था


पर जिस तरह से वो छटपटा रहा था और पीछे से बंटू लगा था , मैं उन दोनों के बीच सैंडविच बनी ,



इससे ज्यादा मुश्किल लग रहा था
बस यही सोच रही थी अगर बस आज कम्मो होती न यहाँ तो इन दोनों को हम दोनों मिल के बता देतीं ,

बनारस वाली भाभियों से होली का मजा क्या होता है।

और कभी कभी न मन की मुराद तुरंत पूरी हो जाती हैं , ...

और मेरी पूरी हो गयी , पीछे वाले दरवाजे से कम्मो आ गयी ,



अब हम लोगों का पलड़ा पक्का भारी था



[Image: holi-009.jpg]
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next post soon
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(28-01-2021, 10:03 AM)komaalrani Wrote: next post soon
इंतजार  Shy
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(28-01-2021, 06:33 PM)Donn007 Wrote: इंतजार  Shy

Bas abhi
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कम्मो


[Image: 16-saab-2.jpg]



पर बैलेंस फिर गड़बड़ा गया



अनुज भी आ गया और कम्मो उसके साथ ,



वो तो अनुज ने गुहार लगाई और बंटू का भी मन , आखिर कम्मो के ब्लाउज फाड़ते ३८ डी वाले जोबन देख कर किसका मन नहीं मचल जाता और कम्मो उसे गरिया गरिया कर चैलेन्ज कर रही थी


[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-201223.jpg]


उन दोनों ने मिल के कम्मो साड़ी , ... और साडी के बाद ब्लाउज का नंबर लगना ही था



और अब मैं अकेले होगयी थी तो आराम से सफेद पेण्ट मैंने दोनों हाथों पर मला और सीधे अबकी बारमूडा में हाथ डाल दिया



" देखो देवर जी तूम तो सफ़ेद रंग वाली होली खेले नहीं लेकिन मैं बिना सफ़ेद रंग लगाए छोडूंगी नहीं , ... ऐसा पेण्ट है अपनी बहन के मुंह में डालकर चुसवाना तब छूटेगा . "



और पेण्ट अब सीधे मेरे हाथों से देवर के



लेकिन दोनों हाथों के अंदर पहुँचने से देवर पर मेरी पकड़ थोड़ी ढीली हो गयी , ... अब वो तीन हम दो , ...



पर कम्मो ने जुगत लगाई , अनुज का भी पेण्ट रंग सब ख़तम हो गए थे , बस कम्मो ने कुछ उसके कान में कहा वो स्टोर में और कम्मो ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया



अब बस , हम दो हमारे दो , ...



और जिधर कम्मो उधर का पलड़ा भारी ,


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फिर तो क्या नहीं हुआ , मैं मंटू के साथ और बंटू के साथकम्मो



पूरे आंगन में रंग फैला पड़ा था और मंटू फिसल कर गिर पड़ा , और मैं साथ गिरी उसके ऊपर ,



चोली जुबना पर लथपथ चिपकी पड़ी थी , बटन तो कबके खेत रहे , मंटू ने जैसे मुझे बचाने के लिए अपने दोनों हाथ वहीँ ,...



न उसने हाथ हटाया , न मैंने उसका हाथ पकड़ा ,



अब हम दोनों पकड़ धकड़ से दूर हो चुके थे ,... उसने मेरे दोनों उभार पकडे , और जम कर , ..रंग तो अब सिर्फ बहाना था ,... औ


र मैं भी उसका बरमूडा अभी भी नीचे सरका , देवर का ' वो ' थोड़ा ढंका ज्यादा खुला , ...

और मैं उसके ठीक ऊपर बैठी , मेरा पेटीकोट भी कुछ सिकुड़ा , कुछ सरका और खूंटे के ऊपर



जबरदस्त ग्राइंडिंग



ड्राई हंपिंग ,...



कोई दूसरा होता तो शायद ' सफ़ेद रंग ' वाली हालत में आ जाता , पर मेरा देवर था बहुत ही तगड़ा



हलके हलके अब वो ड्राई हंपिंग में मेरा साथ दे रहा था ,



और कम्मो तो और उसका ब्लाउज और बंटू की टी शर्ट दोनों आंगन में एक साथ पड़ी थीं



वो सिर्फ पेटीकोट में और देवर सिर्फ बारमूडा में और कम्मो ' शरीफ ' नहीं थी चुन चुन के गालियां दे रही थी और बंटू का बरमूडा घुटने के नीचे , खूंटा बाहर



कम्मो ने कुछ मुझे इशारा किया


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और मेरी ओर कम्मो के कॉम्बो के आगे दो देवरों की क्या बिसात , ... दोनों पकडे जकड़े थे और अब आगे का हिस्सा मैंने सम्हाला था और पिछवाड़ा कम्मो के हवाले



क्या कोई लौण्डेबाज गांड मारेगा जिस तरह कम्मो उन दोनों देवरों के पिछवाड़े की ' हाल चाल ' ले रही थी

और दोनों खूंटे मेरे हाथ में आराम से पहले कालिख फिर ट्यूब से गाढ़ी वार्निश , और फिर लाल काही नीले रंग की कॉकटेल , और फिर जम कर एकदम खुल के उन दोनों की बहनों का नाम ले ले कर मुठियाते हुए



"सालों अगर ७० तक मामला ढीला नहीं हुआ तो मैं अपनी सारी ननदों को तुम सब के नाम लिख दूंगी "


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और फूल स्पीड से , और मंटू को छेड़ते हुए बोली ,



"तुम दोनों ने मेरा दायाँ बायां बांटा था न ,... दाएं वाले पे तुमने लगाया था और बाएं वाले पे बंटू ने , तो मैं दाएं हाथ से तेरा और बाएं हाथ से बंटू को मुठिया रही हूँ है न बराबर का मामला "



पीछे से कम्मो बोली ,



जो पहले झड़ा न उसकी इसी आँगन में गांड मारूंगी मैं , और स्सालो गांडुओं ये मत पूछना कैसे , पहले अपनी चूँची से फिर मुट्ठी , तुम स्साले बचाओं के गांडू हो मुझे मालूम है पर सब गाँड़ मरवाने का रिकार्ड आज टूट जाएगा दोनों का "



[Image: holi-sofia.jpg]



६० हुआ , ७० हुआ , ८० हुआ , ९० के बाद मेरी रफ़्तार भी कम होने लगी , पर दोनों वैसे के वैसे टाइट

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उधर अनुज दरवाजा पीट रहा था , तो कम्मो ने दरवाजा खोल दिया ,...


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