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Fantasy जिया की कामुकता
#1
जिया की कामुकता
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
अब जिया की जवानी में मौज मस्ती ने पढ़ाई की जगह ले ली तो मेरे घर में अनुशासन प्रिय और मेरे पर नकेल कसने वाले बड़े भाई नितिन को तो मैं अपने जिस्म की गुलाम बना ली तो बाहर कॉलेज के टाईम में एंजॉय करने लगी, जिया की इच्छा दिन प्रतिदिन काम क्रिया के लिए बढ़ने लगी तो अब मेरे गान्ड के पीछे चक्कर लगाने वाला तीसरा लड़का मोहित का नंबर था जोकि मेरे साथ कॉलेज में था और अब जिया घर से कोई और ड्रेस पहने निकलती थी तो कॉलेज में कोई और ड्रेस में होती थी, कभी अपने लंबे स्कर्ट के अंदर मिनिस्कर्ट पहन लेती थी तो मेरी कमसिन जवानी अब कई लड़कों की जागीर हो गई। एक शाम मैं घर में छत पर टहल रही थी तो संयोग अच्छा था कि मोबाईल साथ में था, तभी रोहित का कॉल आया और कॉलेज की छुट्टी भी ख़तम हो चुकी थी ” बोल रोहित कैसे याद किए
( वो बोला ) तो कल कॉलेज आओगी
( मैं हंसने लगी ) हां पिछला दो वीक तो काफी बोरिंग रहा, आऊंगी बोल क्या बात है
( वो धीमे स्वर में बोला ) चलोगी कहीं घूमने
( मैं बेशरम की तरह बोली ) जरूर लेकिन कहां उसी होटल के रूम में
( वो चुप हो गया ) हेल्लो क्या हुआ बोलो…. ओके बाई ” अगले सुबह स्नान कर नाश्ता की फिर कॉलेज चली गई तो मैं आज ब्लू रंग की लेगिंग्स साथ ही टॉप्स पहन रखी थी तो रोहित मुझे प्यार भरी नजरों से देखता रहा और मैं सोची की यदि लंच ब्रेक में मुझे उसने सेक्स का ऑफर दिया तो साले से कुछ गिफ्ट के लिए तो निकलवा ही लूंगी, वैसे इस बीच मेरी चूत रेस्ट में थी तो मासिक धर्म की वजह से मुझे काफी दर्द भी सहना पड़ा और सच पूछो तो मासिक चक्र समाप्त होते ही चूत की खुजलाहट चरम पर होती है और लंच ब्रेक होते ही जिया क्लास में ही रुकी रही, मेरी एक ही सहेली कॉलेज आईं थीं वो भी मुझे छोड़कर वाशरूम चली गई तो रोहित को मुझसे बात करने का मौका मिला ” जिया और कैसी हो
( मैं मुस्कराई ) ठीक हूं
( वो ) लंच के बाद तो दोनों क्लास बोरिंग है
( मैं ) सो तो है सीधे बोलो क्या बात है
( वो ) चलो आज कहीं घूमने चलते हैं ” तो मुझे लगा कि २-३ घंटे उसके साथ वक़्त बिताया जाए, दोनों कॉलेज परिसर से निकले फिर वो इलाहाबाद शहर। के बाहरी इलाके ले आया तो जिया बाईक पर दोनों पैर फैलाए उसके पीछे बैठी थी और जब हाईवे पर बाईक ७०-८० किमी की रफ्तार से चल रही थी तो मैं पूछी ” किधर ले चल रहे हो रोहित
( वो बोला ) चलो तो सही फिर देखना क्या मस्त नजारा है ” और फिर एक जगह सड़क किनारे वो बाईक रोका, वाईन शॉप से बियर की बोतलें खरीद उसे डिक्की में रखा फिर दोनों एक कच्ची सड़क पर उतरे तो मैं बोली ” क्या रोहित आखिर हमलोग जा कहां रहे हैं
( वो बोला ) बस दो मिनट बाद दिख जाएगा ” तो रोहित ने बाईक रोकी, सामने एक तालाब था तो चारों ओर जंगल और झाड़ियां, मैं बाईक से उतरी ” ये कहां ले आए बिल्कुल ही सुनसान जगह ” फिर दोनों एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे बैठे तो रोहित प्लास्टिक बैग लिए मेरे सामने बैठ गया, जिया घांस पर बैठ सोची की अगर यहां रोहित मुझे नंगा कर चोद दे तो क्या करूंगी! फिर बियर की बोतल वो खोला तो मैं उसके साथ बियर पीते हुए एक सिगरेट सुलगाई ” अच्छी जगह है आशिकों के लिए क्यों रोहित
( वो मेरे जांघ पर हाथ फेरने लगा ) हां बेबी वैसे मैं तो तेरे साथ सिर्फ बियर पीने ही आया हूं
( मैं उसके हाथ पकड़ अपने जांघ पर से हटा दी ) तो फिर मुझे छूने की जरूरत ही क्या ” और वो चुप रहा तो दोनों बियर पीते हुए मस्त थे, उसे सिगरेट बढ़ाई फिर खुद उसके सामने आगे की ओर खिसकी तो वो थोड़ा शरमा गया लेकिन मैं आधा बोतल बियर पीने के बाद ही बोतल को बगल में रखी फिर उसके चेहरे को चूमने लगी साथ ही उसके पीठ सहलाते हुए बोली ” तू सिर्फ बियर पी रोहित लेकिन मैं तो कुछ और पीकर ही यहां से जाऊंगी ” और वो भी बियर की बोतल रख मुझसे लिपट गया तो जिया उसके गोद में चूतड रख बैठी, मेरे गद्देदार गान्ड उसकी जांघों पर थे तो वो मेरे लंबे जुल्फों को पकड़ मेरे रसीले होंठ चूमने लगा और मैं उसकी बाहों में समाए उसके छाती से चूचियों को रगड़ रही थी। रोहित ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो उसका हाथ अब पीठ से नीचे और मेरी चूतड के नीचे यानि मेरी योनि के क्षेत्र में फिसलने लगी तो मैं उसके मुंह से ओंठ निकाल ली फिर लंबी सी जीभ निकाले उसके ओंठ चाटने लगी, कुछ पल तो वो मेरे जीभ से ओंठ चटवाया फिर मुंह में जीभ लिए चूसने लगा साथ ही मेरी चूतड के नीचे हाथ लगाकर मेरी चूत को सहलाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो तो पेंटी और लेगिंग्स में सुरक्षित थी, जिया उसके मुंह में जीभ घुसाए चुसवा रही थी तो बदन में मानो आग सी लग गई और मेरी दोनों आंखें बन्द हो गई तो सांसे तेज और दोनों चुम्बन चुसं में लीन थे, जिया के बुर की खुजली शुरू हो गई तो इस सुनसान इलाके में निर्वस्त्र होकर चुदाना भी कठिन नहीं था, अब मेरी जीभ मुंह से निकाला तो मैं उसके गोद से उतर गई। जिया अब रोहित के सामने बैठी फिर बियर पीने लगी ” एक सिगरेट सुलगा डियर
( वो बियर पी रहा था और सिगरेट सुलगाया ) क्यों सिगार नहीं पियोगी
( मैं उसके हाथ से सिगरेट लेकर फूंकने लगी ) अबे कुत्ते तू तो सिर्फ बियर पीने इधर आया था फिर काहे का तंग कर रहा है
( वो मुझे देखता हुआ अपने जींस का ज़िप खोला फिर चढ्ढी से लंड निकाल बाहर किया ) इसे सिगार कहते हैं बेबी चूसोगी ना तो
( मैं बियर की खाली बोतल फेंक उसके लंड पकड़ी ) चूसना क्या चुदवा भी लूंगी लेकिन मेरे लिए गिफ्ट
( वो ) तुम तो सेक्स के मामले में प्रोफेसनल हो ” फिर वो अपने पर्स से मुझे २००० रू निकाल के दिया तो मैं अपने पर्स में रखते हुए बोली ” ठीक है अब तू दो घंटे तक मुझसे मजा ले सकता है ” फिर उसके लंड पकड़ सहलाने लगी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
जिया की कामुकता : निर्जन स्थान पर सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
निर्जन स्थान तो सामने तालाब और चारो और घने जंगल लेकिन जिया और रोहित एक साथ, सिर्फ सोचकर ही मन प्रफुल्लित हो उठेगा लेकिन ये तो हकीकत है कि २० साल की लौंडिया अपने बदन को तृप्त करने के लिए इधर उधर मुंह मारने लगी है साथ में अपने बॉय फ्रेंड से गिफ्ट के बदले पैसे भी ऐंठ रही है और जिया के हाथ में रोहित का लंड है तो उसे हिलाते हुए मैं आगे की ओर झुकी या यों कहिए की मैं घुटनों के बल हुए उसके लंड को चूमने लगी तो मेरे सामने बैठा रोहित मेरे चूतड को सहला रहा था और मैं उसके सुपाड़ा को जीभ से चाटना शुरू की, सच पूछो तो पांच लंड के साथ खेल चुकी थी लेकिन गुरु जी का लंड सबसे लंबा और मोटा था, लेकिन उम्र को अगर देखे तो नितिन का लंड मुझे काफी अच्छा लगा और मैं रोहित के लंड मुंह में लिए चूसने लगी साथ ही अपना चेहरा पूरी तरह से नीचे की ओर करके उसके लंड निगल गई तो अब मुझे मेरे लेगिंग्स कमर से नीचे होते लग रहे थे, खोलने दो साले को आखिर मुझे भी तो चुदवाने का मन है और अब उसके लंड चूसते हुए मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, कामशास्त्र में योनि चूसने का भी जिक्र है लेकिन मुझे नहीं लगता कि मॉम की उम्र की औरत अपने पति के लंड मुंह में लेती होंगी लेकिन मेरी पीढ़ी की लड़कियां और लड़के ओरल सेक्स में अधिक दिलचस्पी रखते हैं और उसके लंड चूसते हुए मुझे लगा कि रोहित ने मेरे लेगिंग्स और चढ्ढी को घुटनों तक किए चूत को उंगलियों से कुरेद रहा है और मैं उसके लंड मुंह से निकाल उसे चाटने लगी तो रोहित एक हाथ चूत पर लगाए उसे उंगली से कुरेद रहा था तो दूसरा हाथ मेरे चूची पर लगाए उसे पुचकार रहा था और जिया उसके लंड को जीभ से कुछ पल तक चाटी फिर उठकर बैठ गई लेकिन अपने दोनो पैर के बल तो मेरी पेंटी सहित लेगिंग्स पैर तक आ चुकी थी और मैं उठकर उसे निकाल दी। जिया सिर्फ टॉप्स पहने रोहित के सामने से कमर बलखाते हुए कुछ दूरी पर बैठी फिर मूतने लगी तो वापस आकर पानी की बोतल लेकर चूत को धो ली तो रोहित अपना जींस सहित चढ्ढी पैर से निकाल नंगा हो गया तो दोनों के बदन का निचला हिस्सा नंगा था, अब उसके सामने खड़ी थी और जांघें फैलाकर बोली ” क्यों डियर अब चाट लो
( वो बुर को देख रहा था ) लेकिन अभी तो इससे मूत की गंध आएगी, छोड़ो सीधे चुदाई करता हूं ” मैं उसके सामने बैठी फिर उसके हाथ पकड़ अपने स्तन पर लगा दी वैसे भी दिन के १:३० बजे थे तो अभी दो घंटे का समय मेरे पास मस्ती करने का था और चूची को पकड़ दबाने लगा तो मै टॉप्स को उपर की ओर उठाई ” रुको बिना टॉप्स उतारे ही ब्रा खुल जाएगी फिर चूची चूसना ” तो मेरा टॉप्स गर्दन पर था और उसके सामने मैं फ्रंट स्ट्रैप लॉक खोल चूचियों को नंगा कर दी तो वो मुझे घांस पर लिटाया और मैं अपने सर के नीचे दोनों हाथ लगाए जमीन पर लेटि रही तो रोहित मेरे छाती पर झुककर चूची को मुंह में लिया और चूसने लगा तो दूसरे चूची को मसले जा रहा था। कामशास्त्र के अनुसार चुदाई शारीरिक संबंध की आखिरी मुकाम है तो आलिंगन, चुम्बन, योनि को चूमना चाटना करके ही संभोग क्रिया करना चाहिए तभी लड़कियां या औरतें गर्म होती है और कामुक होकर चुदाने में आनंद ले पाती हैं। रोहित मेरी चूची को चूसे जा रहा था तो उसके जांघो के बीच झूलते अंडकोष और लंड देख मैं हाथ बढ़ाई फिर लंड पकड़े सहलाने लगी लग रहा था कि लंड नहीं पूरी दुनिया ही मेरी मुट्ठी में है तो मेरी चूत अब खुजलाहट के मारे चुदाने को बेकरार थी ” उई ओह आह रोहित अब नहीं आह मेरी चूत अब छोड़ो चूसना ” उसके बाल पकड़ चेहरा पीछे की ओर धकेल दी तो वो तेज सांसे लेते हुए मेरे दूसरे स्तन को पकड़ा फिर उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगा, मेरी टाईट चूचियां सहित भुरे रंग की निप्पल तक कड़ी हो चुकी थी जिसे वो चाटे जा रहा था और कामग्नि की गिरफ्त में जिया जांघें सटाए चूत को रगड़ रही थी, रोहित अब मेरे बदन को चूमने लगा तो वो मेरे पेट से कमर तक चुम्बन देता हुआ चूची को दबाने लगा तो मैं अब जांघें फैलाए चुदाने को तड़प रही थी।
जिया टांगे फैलाई लेटी हुई थी तो रोहित अब मेरे चूत में उंगली घुसाने लगा फिर गर्भ निरोधक दवाई डालकर मेरी जांघें पकड़े चूम रहा था तो मैं अब पूरी तरह से चुदाने को बेकरार थी ” उई मां कितनी खुजली अब कब चोदेगा बे चोदु ” बुर में चिपचिपाहट शुरू हुई तो उसे आंख मार जिया उसे चोदने को बोली, अब रोहित लंड पकड़े मेरी चूत में पेलने लगा तो आधा लंड आराम से अन्दर चला गया फिर मादरचोद ने इतने जोर से चोदा की चूत की तार तार ढीली हो गई तो जिया चींखं पड़ी ” ओह आउच फाड़ दिया कुत्ता साला अपनी मां को चोद रहा है कि इतने जोर से चोदा ” और वो अब चोदते हुए मेरे बदन पर लेटा फिर दे दनादन चोदता हुआ मेरे ओंठ चूम रहा था, एक तो अगस्त का महीना उसपर से निर्जन स्थान में सेक्स दोनों पसीने से लथपथ थे लेकिन चुदाई तो मजेदार ही होती है चाहे रेगिस्तान क्यों ना हो तो वो जिस्म पर लेट चोदे जा रहा था साथ ही मेरे टॉप्स गले पर थे सो उसकी छाती से चूचियां रगड़ खा रही थी, चूत में लंड गपागप घुस रहा था और अब मेरे चूत से रस की फुहार निकल पड़ी फिर भी वो चोदता रहा तो जिया उससे चुदवाकर ढीली पड़ चुकी थी लेकिन अभी तो साले का लंड वीर्यपात कराता तब मेरी चूत तृप्त होती और उसके पीठ सहलाते हुए गाल चूम ली ‘ ओह डियर बहुत मजा आ रहा है पूरे गति से चोद तो
( वो चोदता हुआ हांफने लगा, ) अब और नहीं बेबी बस झडने पर हूं ” और उसके लंड ने वीर्य स्खलित कर दिया, जिया उसके गाल चूम ली ” दो चार मिनट और टिकते तो मजा आ जाता
( वो ) अबे साली रण्डी बुर को क्या घंटो तक लंड चाहिए ” फिर दोनों अलग हुए और मै उठकर बुर को पानी से साफ की, रुमाल से पोंछ डाली फिर कपड़े पहन वापस अपने घर।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
शॉपिंग के बहाने : भाई और बहन का प्या
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#6
जिया अब घर के अंदर और बाहर सिर्फ सेक्स की दुनिया में खोई रहती थी तो मुझे अब सप्ताह में एक बार शारीरिक सम्बन्ध बनाने का जी करने लगा तो मेरी सुंदरता भले ही किसी को ना रिझाए लेकिन लड़की हूं तो लड़के की जरूरत और विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण तो स्वाभाविक क्रिया है, पैतृक गांव से लौटने के बाद एक शाम नितिन, जोकि मेरे बड़े भाई हैं साथ ही मुझसे उम्र में ३-४ साल बड़े उनके साथ एक रात संभोग सुख प्राप्त कर ली तो वो मेरी मजबूरी थी या मर्जी मैं क्या बताऊं, आखिर डर चुकी थी कि मेरी तस्वीर जोकि रोहित के साथ है कहीं भैया डैड और मॉम को ना दिखा दें तो मैं मजबूरी वश उनके सामने सेक्सी ड्रेस पहन गई थी लेकिन मजबूरी में उनके साथ बिस्तर गरम करना कहिए तो मेरी मर्जी हो गई जब उनके ६-७ इंच लंबे लंड को मुंह में लेकर चूस ली फिर चुदवा ली तो भैया शाम के समय बालकनी में अकेले बैठे हुए थे और मैं डायनिंग हॉल में बैठ टी वी देख रही थी ” जिया एक कप चाय बनाना
( मैं बोली ) जी अभी लाई ” फिर किचन जाकर दो कप चाय बनाई और बालकनी लेकर आई तो भैया कुर्सी पर बैठ मोबाईल पर किसी से बात कर रहे थे और मै सामने की कुर्सी पर बैठ गई और चाय की चुस्की लेते हुए उन्हें देख रही थी, अब वो मोबाइल पास पड़े टेबल पर रख दिए फिर चाय पीने लगे लेकिन उनकी नजर मेरे छाती पर ही होती और मैं शर्मिंदगी के मारे चेहरा झुकाए बैठी थी ” तुम तो चार पांच दिनों में अकेले बोर हो गई होगी
( मैं ) मॉम तो घर से बाहर निकलने तक नहीं दी और फिर कॉलेज में भी छुट्टी थी
( नितिन बोला ) ठीक है तू तैयार हो जा चल तुम्हे एक जगह घुमा लाता हूं ” मैं उनके हाथ से चाय का प्याला लेकर किचन में रखी फिर अपने रूम जाकर कपड़े बदलने लगी, बिन बाहों वाली टॉप्स साथ ही मीनिस्कर्ट पहन ली तो बाल संवार के अपना छोटा सा पर्स ली और डायनिंग हॉल आईं तो मॉम वहीं बैठे सब्जी काट रही थी ” किधर चली इतनी देर शाम
( नितिन अपने रूम से निकला ) मॉम उसे कुछ किताब खरीदनी है तो मुझे भी काम है मेरे साथ ही रहेगी ” फिर मैं चप्पल पहनी और नितिन के साथ घर से बाहर आईं, वो ब्लू रंग की जींस और टीशर्ट पहने हुए थे और फिर उन्होंने बाईक स्टार्ट किया तो जिया उनके पीछे बैठ गई, दोनों पैर एक ही दिशा में किए साथ ही उनसे थोड़ी दूरी बनाए और उनके कंधे पर हाथ रख मार्केट की ओर चल दी तो कुछ दूरी तय करने के बाद भैया बोले ” तुम कुछ ज्यादा ही पीछे बैठी हो, बाईक का संतुलन बिगड़ सकता है थोड़ा करीब हो जाओ
( मै उनसे चिपक गई तो मेरे दाहिने बूब्स उनके पीठ से चिपक चुके थे ) अब तो ठीक है नितिन ” और मैं अपना हाथ उनके कमर से लपेट दी, ठीक उनकी गर्ल फ्रेंड की तरह तो मेरा मिनी स्कर्ट जांघों तक को पूरी तरह से छुपा नहीं पा रहे थे और दोनों शॉपिंग मॉल पहुंचे तो मैं नितिन से पूछी ” यहां क्या, कुछ खरीदना है
( वो बोले ) तुम रुको मैं अभी आया ” फिर मैं बाईक के पास खड़ी थी तो कुछ मनचले मेरे छोटे ड्रेस से दिखते जांघों, पैर और बूब्स की ओर देख रहे थे तो मुझे लगा कि कोई नहीं वैसे भी अपने खूबसूरत जिस्म की नुमाइश करने के लिए ही तो ऐसे कपड़े पहनती हूं और फिर नीतीन आया तो उसके हाथ में एक प्लास्टिक बैग था, जरूर ये बियर या व्हिस्की खरीदे होंगे और मुझे देख पूछे ” क्या कुछ खरीदारी करनी है
( मैं बोली ) फिलहाल नहीं, लेकिन आप क्या खरीदे हैं ” वो कुछ नहीं बोले और बाईक स्टार्ट किए फिर मैं उनसे चिपककर बैठ गई तो नितिन घर की ओर जाने की बजाय चौराहे से मुड़कर दूसरी ओर जाने लगे तो अभी शाम के ०६:३० बजे होंगे फिर कुछ दूरी तय कर बाईक को एक पार्क के सामने खड़ी कर दिए, दोनों पार्क में घुसे तो नितिन प्लास्टिक बैग पकड़े हुए थे साथ ही मेरे कलाई को थामे मुझे पार्क के अंदर ले गया तो नगर निगम का ये पार्क कुछ खास मेंटेंड नहीं था और दोनों पार्क के कोने में झाड़ियों के पीछे बैठ गए तो मैं घांस पर बैठी थी वो भी घुटनों को मोड़कर तो स्कर्ट जांघो के उपरी हिस्से तक पहुंच चुका था और नितिन झट से बियर की बोतल खोल बोला ” ग्लास लेना भूल गया सो थोड़ा मैं और फिर तुम पी लेना ” भैया अपने पॉकेट से सिगरेट की डब्बे निकाले तो मैं उनसे सिगरेट लेकर सुलगाई फिर मैं भी बियर पीने लगी तो नितिन का मंशा दिखने लगा, मुझे बियर की बोतल थमाकर सीधे बूब्स पर हाथ रख पुचकारने लगे और मैं सिगरेट उनको बढ़ाते हुए बोली ” बस इसी काम के लिए इतनी दूर आए हैं
( नितिन मेरे चूची को टॉप्स पर से पकड़ दबा रहा था ) तो क्या घर में ही शुरू हो जाता, यहां सिर्फ ओरल और घर में देर रात क्या
( मैं सर झुकाए धीमे स्वर में बोली ) चुदाई और क्या ” तो एक बोतल बियर पीते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गए तो मैं नितिन के गोद में बैठ उसके गाल चूमने लगी और वो मेरे पीठ सहलाने लगा फिर मेरे गर्दन में हाथ डाले ओंठ पर चुम्बन देने लगा तो जिया भी कम नहीं थी, उसने नितिन के ओंठ को ही मुंह में ले लिया तो भैया मेरे टॉप्स को थोड़ा उपर किए पीठ सहलाते हुए मस्त थे। जिया नितिन के ओंठ मुंह से निकाल उसके मुंह में अपना जीभ घुसाई तो वो मेरे गर्दन में हाथ डाले जीभ चूसने लगा, मेरी दोनों चूचियां उसके छाती से चिपकी हुई थी तो मेरे मिनी स्कर्ट चूतड़ से उपर हो चुके थे जिसपर नितिन भैया हाथ फेरने लगे और फिर गान्ड के नीचे हाथ लगाकर चूत को पेंटी पर से ही सहलाने लगे, वाह रे भाई बहन का प्यार सबको तड़पा कर रख दे और उससे जीभ चुसवा चुसवा कर मेरी बदन में आग लग गई तो मैं अब उनके गोद से उतर फिर उनके जींस के बटन खोलने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
जिया की चढ़ती जवानी पर कई की नजर थी तो मेरे अनुशासन प्रिय भाई साहब मेरी जाल में फंस गए तो मैं एक रात मेनका बन विश्वामित्र के तप को भंग कर दी, मेरे घूमने फिरने से लेकर मॉडर्न ड्रेस पहनने तक पर रोक और फिर उनके साथ संभोग सुख निश्चित रूप से सामाजिक कुरीति ही है लेकिन जहां मजा नहीं वहां जिंदगी कैसा! दीपा दीदी की ज्ञान को हकिकत में बदलने लगी और उस पार्क में जिया ने नितिन के जींस को घुटनों तक कर दिया साथ ही चढ्ढी को भी तो उनके लंबे और मोटे लंड मेरी नजरों के सामने थे जिसे पकड़ मैं सहलाने लगी तो नितिन इधर उधर देखा फिर बियर की दूसरी बोतल खोल पीने लगा और जिया भैया के सामने ही घुटनों के बल हो गई तो चेहरा झुकाए उनके लंड का चमड़ा छीलकर चूमने लगी तो उनके गोरे लंड की गोलाई को घुमाते हुए जिया ओंठ से चुम्बन देने लगी और फिर उनका हाथ मेरे चूतड पर था जोकि स्कर्ट से ढकी हुई थी, स्कर्ट को कमर तक कर मेरे गोल गद्देदार गान्ड को सहलाने लगे और मैं अब उनके हाथ के स्पर्श से कामुक हो लंड का सुपाड़ा मुंह में लिए चूसने लगी और अब उनका दूसरा हाथ मेरे चूची पर था जिसे वो पकड़कर दबाने लगे। जिया अपने पूरे मुंह खोल नितिन के लंड निगल गई तो वो मेरे चूतड को सहलाते हुए टॉप्स को उपर किए ब्रा की हुक खोल दिए, अब उनका एक हाथ मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगा तो चूतड पर वो थप्पड़ मार रहे थे, कामुकता वश जिया उनके लंड को मुंह में लिए सर का झटका देने लगी तो मेरी ब्रा बाहों में फंसी हुई लेकिन छाती से लटकी हुई थी और वो जोर जोर से चूची दबा रहे थे। जिया अब मुंह से लार टपकते देखी तो लंड बाहर कर उठ बैठी तो नितिन मेरे चूची को दबाते हुए बोला ” ब्रा निकाल दे रानी चुसुंगा ” मैं बेशरम लड़की खुद टॉप्स उतारी फिर ब्रा को निकाल घांस पर रख दी तो मेरा उपरी हिस्सा नंगा था, अब मैं उनके सामने बैठी हुई बियर पीने लगी तो वो चूची को पकड़ मुंह में लेने के लिए थोड़ा झुके ” ओह डियर देखो कैसे तेरे चेहरे के सामने मेरी बूब्स होगी ” और जिया घुटनों के बल हो गई तो मेरी छाती अब भैया के चेहरे के सामने थी और वो आराम से मेरी चूची मुंह में लेकर चूसने लगे साथ ही मेरे स्कर्ट में हाथ डाले पेंटी की डोरी खोल दिए, अब इस स्कर्ट का क्या काम लेकिन मैं तो बियर पीने में मस्त थी तो नितिन मेरी चूची चूसने में, उनका लंड मानो फुंफकार रहा हो तो अपनी छाती से लगाए उन्हें स्तनपान कराते हुए सिसक रही थी ” उह ओह आह चूसो चूसो डार्लिंग मुझे यही पर नंगा कर चोद दो आह मेरी चूत की खुजली
( वो मेरे स्तन मुंह से निकाले ) बेबी अभी तो तेरी चूत को चाटूंगा ” फिर वो मेरी चूतड को सहलाते हुए बुर को उंगली से कुरदने लगे तो उनकी एक उंगली मेरे चूत को क्या खाक तड़पाती और अब मेरे हाथ में उनका लंड था जिसे हिलाते हुए मस्त थी तो दोनों एक दूसरे के योनि को अपने हाथो से संतुष्ट करने में लगे हुए थे तो जिया बियर पीकर मस्त थी।
जिया को नितिन ने खड़ा होने को कहा तो मै पहले तो टॉप्स पहनी फिर खड़ी हो गई, दोनों जांघो को फैलाए स्कर्ट को कमर तक किए बोली ” ले बे कुत्ते चाट अपनी बहन की बुर साले मुंह में ही मूतुंगी फिर समझना ” वो मेरे सामने घुटनों के बल होने से पहले जींस और चढ्ढी को बाहर निकाला फिर चूत को चूमने लगा तो जिया खुद ही उंगली से चूत फैलाए चटवाने का न्योता दी और वो कुत्ता बुर में जीभ घुसाए चाटने लगा साथ ही गान्ड पर हाथ फेर रहा था और जिया खड़े खड़े इधर उधर भी देख रही थी ताकि किसी के इधर आने पर दोनों के कुकर्मों को पकड़ ना जा सके और अब नितिन चूत की गहराई तक जीभ डाल चाटे जा रहा था तो मैं कामुकता वश अपने एक पैर उठाई और उसके कंधे पर मोटे जांघ रख दी और वो लपलप कुत्ते की भांति बुर चाटने में लीन था ” ओह उई बहुत खुजली अब छोड़ो चूस चूस बे मादरचोद रण्डी की औलाद ” तो वो बुर से जीभ निकाला फिर मैं उसके सामने बैठकर उसके लंड पकड़े हिलाए जा रही थी तो वो मेरी चूची टॉप्स पर से ही पकड़ दबाए जा रहा था साथ ही सिसक भी रहा था ” उह ओह बेबी प्लीज़ चूस लो ना चूस चूस कर मेरे पेनिस को ढीला कर दो
( मैं उसके लंड को छोड़ी ) डियर चूस रही हूं लेकिन झडने पर हो तो बता देना, मुंह में मुझे वीर्य पसंद नहीं ” अब वो खड़ा हुआ तो शाम के करीब ०७:१५ बजे थे लेकिन ऐसे पार्क में कोई क्या करने आएगा, ना उतनी साफ सफाई और ना ही रोशनी का प्रबन्ध तो हम जैसे आशिक ही ऐसी जगह ढूंढते हैं जहां आराम से सेक्स का आनंद लिया जा सके, नितिन मेरे सामने खड़ा था तो मैं अपने घुटनों के बल होकर उसके लंड पकड़ी फिर मुंह में लिए चूसने लगी तो वो मेरे बाल को पकड़ा फिर मुंह में ही लंड का धक्का देता हुआ चोदने लगा तो जिया टॉप्स और स्कर्ट में थी तो पेंटी और ब्रा घांस पर पड़े थे और अब मेरे दोनों आंख बंद थे तो नितिन मेरी मुंह चोदता हुआ मस्त था तो मैं उसके लंड मुंह में लिए मूड में थी और फिर नितिन मेरे चेहरे को पीछे धकेल लंड मुंह से निकाल थोड़ा तिरछा हुए लंड को पकड़े हिलाया तो उससे वीर्य स्खलित होने लगा, मैं अपने चूत को पानी से धोकर पोंछ ली फिर पेंटी पहनी लेकिन ब्रा पर्स में रख ली तो नितिन भी कपड़ा पहन लिया और दोनों घर वापस चले गए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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देर रात भाई और बहन का प्यार
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
जिया और नितिन घर से शॉपिंग के बहाने निकले फिर एक निर्जन पार्क में घंटा भर तक ओरल सेक्स का मज़ा लिए और वापस घर तो देर रात भाई से चुदवाने का प्लान था, मैं घर पहुंचकर फ्रेश हुई फिर अपने रूम में लेटकर थोड़ा रेस्ट करने लगी, जिया पिछले महीने डेढ़ महीने से शारीरिक संबंध बनाना शूरू की थी तो बदन में थोड़ा परिवर्तन आने लगा, चूत की फांकें थोड़ी मोटी हो चुकी थी तो दोनों फांकों के बीच का हिस्सा फैल चुका था साथ ही मेरी बूब्स की गोलाई छाती पर फैल रही थी, निश्चित रूप से लड़कियों के जिस्म में बदलाव संभोग क्रिया करने से आता ही है तो उस रात मैं मॉम और डैड के साथ खाना नहीं खाई, नितिन व्हिस्की की एक बोतल लेकर आए थे तो दोनों ने प्लान बना रखा था कि रात को साथ में ड्रिंक्स लेकर सेक्स का मजा लेंगे। जिया रात के १०:४५ बजे वाशरूम घुसी फिर फ्रेश होकर सेक्सी बेबी डॉल ड्रेस पहन ली और मेरे खूबसूरत बदन की खुशबू आप सब आसानी से सूंघ सकते थे लेकिन मेरे पास होना जरूरी था, ड्रेस छोटा और कुछ जगह पर जालीदार था तो मेरे गोरे बूब्स की निप्पल सहित उसके उपरी हिस्से नंगे ही थे तो चिकने जांघों का उपरी हिस्सा सिर्फ ड्रेस से ढका हुआ था बाकी जांघों से पैर तक खुले थे तो मेरे गोल गद्देदार गान्ड पर ड्रेस जालीदार था साथ ही पेंटी सिर्फ चूत सहित गान्ड के दरार में थे, यकीनन मेरी गोरी गांड़ देख नितिन भैया का लंड टाईट हो जाता और अब मैं अपने बदन पर नाईटी डाल ली ताकि भैया के रूम जाते समय किसी की नजर भी पड़े तो कोई समझ ना पाए। मैं रूम से निकली फिर दरवाजा सटाई और अब नितिन के रूम के दरवाजे को धीरे से धकेली तो दरवाजा खुला था और वो ग्लास में व्हिस्की लिए पी रहे थे, मुझे देख बोले ” दरवाजा बंद कर दो
( मैं दरवाजा बंद कर उसकी ओर बढ़ी ) ये कौन सा ड्रेस पहन रखी हो बिल्कुल ही जवानी में बहन जी स्टाईल अपनाई हुई
( मैं टेबल पर पड़े ग्लास ली फिर उसमें व्हिस्की और सोडा डालने लगी ) बहन जी तो हूं, अलग बात है कि तुमने मुझे अपनी बीबी बना ली है ” फिर खड़े हुए ड्रिंक्स लेने लगी तो दूसरा हाथ मेरी नाईटी पर था जिसके डोरी को खोल मैने बाहों तक किया ” अंदर सब कुछ दिखेगा नितिन ” और फिर मैने नाईटी बदन पर से उतार फैंकी तो अब शॉर्ट ड्रेस में खड़ी थी तो नितिन मुझे भूखे भेड़िए की तरह देखने लगा ” सेक्सी, हॉट और बोल्ड हो तुम ” तो मैं अब खाली ग्लास में दुबारा व्हिस्की और सोडा डाली, बेड पर उसके करीब बैठ गई ” नितिन तुम मेरे साथ सेक्स करते आ रहे हो लेकिन इस सिलसिला को तोड़ना होगा
( वो मेरे जांघ पर हाथ फेरते हुए बूब्स को ड्रेस पर से ही पकड़ दबाने लगा ) नहीं बेबी, तेरी शादी भी हो जाएगी ना तो भी मैं तेरे साथ हमबिस्तर होता रहूंगा ” और मैं व्हिस्की पीते हुए मस्त थी तो नितिन अपना एक हाथ मेरे चूची पर तो दूसरा जांघ पर रख मुझे कामुक करने में लगा हुआ था।
जिया दूसरा पैक लेते ही नशे में चूर हो गई, नितिन के हाथ में खाली ग्लास बढ़ाकर बोली ” ले इसे रख फिर जो पकड़ना है पकड़ते रह, मै तो साली पीकर टुल्ल हूं अब तू जो करे तेरी मर्जी ” भाई ग्लास रखा फिर मुझे अपनी बाहों में लिए बिस्तर पर लेटा, अब उसके बदन से चिपकी हुई जिया अपने चूतड पर उसके हाथ का स्पर्श महसूस कर रही थी तो मैं उससे नजरे मिलाते हुए ओंट पर ओंठ रख चुम्बन देने लगी, लेकिन नितिन तुरन्त ही मेरे गुलाबी ओंठ मुंह में लिए चूसने लगा तो उसका हाथ मेरे गांड़ के मांस को पकड़ दबा रहा था और मैं उसके मुंह से ओंठ निकाल उसके कमर पर हाथ लागए उसके शॉर्ट्स को नीचे करने लगी ” खोल साले कुत्ते देखूं तेरा लौड़ा मेरे बुर का क्या बिगाड़ता है ” और उसके शॉर्ट्स हटते ही लंड मेरे हाथ में था, जिसको पकड़ सहलाते हुए बोली ” तू किसके साथ था, अभी तो कुछ हुआ नहीं फिर तेरा लंड केसे टाईट हो गया ” तो नितिन मेरे ओंठ पर जीभ फेरने लगा साथ ही मेरे पेंटी की डोरी को खोल चूत को नंगा किया। दोनों भाई बहन अर्ध रूप से नंगे थे तो भाई का जीभ मुंह खोल अंदर ले ली फिर चूसते हुए उसके कमर पर एक पैर रख दी, अब उसका लंड मेरे चूत से सट रहा था तो जिया जीभ चुसवा कर मस्त थी, मेरे बुर में खुजली होने लगी और जिया भाई के कमर पर पैर रख रगड़ रही थी तो जिस्म को उससे लपेट मस्त थी। जिया की दोनों नशीली आंखें बन्द हो चुकी थी साथ ही दिल की धड़कन तेज हो चुकी थी लेकिन जीभ उसकी मुंह में डाले चुस्वाती रही आखिर कौन जीभ चूसना छोड़ता है या मैं जीभ उसकी मुंह से निकलती हूं, नितिन अब जीभ मुंह से निकाला तो मैं उसे चित लिटाकर उसपर लेट गई ” तुम हार गए डियर, जीभ को भी देर तक चूस नहीं सके
( वो मेरे ड्रेस की स्ट्रिप बाहों से नीचे कर बाहों को सहलाने लगा ) तो क्या चूची चूस कर जीत जाऊंगा ” फिर मेरे ड्रेस जिस्म से निकाल मुझे नग्न किया तो जिया अपने भाई की छाती को चूमने लगी और उसका हाथ मेरे चूतड पर फिसल रहा था तो उसके कमर तक चूमी फिर फुंफकार मारते लंड पकड़ सहलाने लगी ” आज इसका रस पीकर ही चूसना छोडूंगी ” वो हंस पड़ा तो जिया नितिन के लंड को चूमते हुए मुंह में भर ली फिर मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, मेरी बुर की हालत खराब थी तो खुजलाहट से परेशान जिया लंड चूसते हुए मस्त थी और नितिन लेटे हुए मेरे बाल पकड़ लिया फिर अपने चूतड उपर करते हुए मेरी मुख चुदाई अपने लंड से करने लगा और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे गले तक अटकने लगी तो चूत देवी कभी भी रस फेंक सकती थी ” उह ओह उई चूस चूस बे रण्डी आह मजा आ गया ” फिर क्या हुआ….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
भाई और बहन का पवित्र रिश्ता क्या इसलिए पवित्र है चूंकि दोनों एक ही मां के कोख से जन्म लिए हैं साथ ही भाई बहन को गंदे नजर से ना देखे तो बहन भी भाई से दूरी बनाए रहे, लेकिन यही भाई किसी भाई की बहन से शादी कर उसके साथ सेक्स करता है तो यहां सामाजिक अनुमति है और ये एक प्रथा है लेकिन खून के रिश्ते में शारीरिक संबंध अनैतिक और कुरीति है पर क्या इस पृथ्वी पर कोई बाप ऐसा नहीं जोकि अपनी बेटी के साथ जबरदस्ती सेक्स करता है या ऐसा भाई नहीं जोकि अपनी सगी या रिश्ते में बहन के साथ सेक्स करता हो लेकिन मैं जिया निश्चित रूप से नितिन के साथ बिस्तर गरम कर एक अनैतिक सम्बन्ध को जन्म दी हूं तो यहां दोनों की रजामंदी है भले गलत ही क्यों ना हो। मैं नितिन के लंड को मुंह से निकाल बेड पर से उठी फिर वाशरूम चली गई, तेज पीसाब लगी थी सो बैठकर छर -२ मूतने लगी फिर चूत को साबुन से साफ कर रूम आईं तो भैया नंगे लेटे हुए थे और उनका मूसल लंड पूरी तरह से खड़ा था जिसे देख किसी भी लड़की या औरत का मन डोल जाता, बेड पर आकर बैठी तो नितिन मुझे बोला ” लेट जाओ अब तेरी चूत चाटता हूं ” मैं बेशर्म होकर जांघें फैलाए लेटी तो वो मेरे कमर पर हाथ फेरते हुए चूत को ध्यान से देख रहे थे ” क्यों पहले नहीं देखे थे
( नितिन अपनी उंगलियों के बीच दोनों फांकों को लेकर जोर से दबाए ) ओह प्लीज़ ये क्या कर रहे हो…. सही सही बता कितनों से चुदवा रही है
( नितिन चुटकी में फांकों को लिए दबाए जा रहे थे ) ओह बताती हूं सब बताऊंगी चुदवाती हूं डियर सिर्फ अपने एक क्लासमेट से
( नितिन बुर को छोड़ा फिर उंगली घुसाए रगड़ने लगा ) वहीं तो तेरी चूत देख लग रहा है मानो तेजी से गद्देदार हो रही है, बहुत ज्यादा चुदवाने कि निशानी ” मैं कुछ नहीं बोली तो नितिन चूत में उंगली करता हुआ मेरे कमर से जांघ तक को चूमने लगा और जिया तो खुद रस छोड़ने को तैयार थी तो चूत में रस निकल पड़ा, नितिन अब उंगली निकाल झुका फिर चूत को जीभ से चाटते हुए मेरे जांघ सहला रहा था और जिया अब सुस्त पड़ चुकी थी ” बस रहने दो डियर थोड़ा साफ कर लूं फिर पेलना ” वो पल भर चूत चाटा फिर मैं उठकर वाशरूम चली गई, फ्रेश होकर रूम में आईं तो नितिन फ्रेश होने चला गया और मैं बेड पर एक चादर ओढ़े लेट गई। नितिन उधर से आया तो कमर से टॉवेल लपेट रखा था, मुझे देख बोला ” क्यों बहुत जल्दी सुस्त पड़ गई
( मैं हंस पड़ी ) वो तो देखूंगी की कौन असली खेल में जीतता है और कौन हारता है
( नितिन मेरे बगल में बैठा और चादर में हाथ घुसाए मेरी चूची पकड़ दबाने लगा ) तो तेरे चूत से रस निकल चुका है, वैसे कितनी देर तक चोदूंगा की तुम मुझे हीरो मानोगी
( मैं बोली ) कम से कम १५ मिनट और वो भी स्टॉप वॉच पर टाईम देखकर बोलो मंजूर है ” तो नितिन ने हामी भरी और फिर मेरे जिस्म पर से चादर हटाकर मेरे जांघों के बीच बैठा तो उसके मूसल लंड देख थोड़ा डर लग रहा था फिर भी लड़की की चूत किसीको भी निगल सकती है, अब नितिन सुपाड़ा को चूत के छेद में घुसाया फिर धीरे धीरे लंड पेलने लगा और चूत में तो फिलहाल शांति ही थी लेकिन आधा लंड चूत में घुसते ही मानो बुर चरकने लगी ” उह ओह नितिन तुम्हारा मोटा लंड है फाड़ कर ही रहेगा
( वो अब जोर से चोदा तो पूरी लंड मेरे चूत में थी लेकिन मैं चिल्ला उठी ) बाप रे हरामी मेरी बुर है कि तेरी मां की फाड़ दिया आराम से चोद ना ” लेकिन नितिन गबरू जवान की तरह चोदे जा रहा था साथ ही मेरे एक स्तन पकड़ मसलने लगा और मैं तो मानो किसी निरीह प्राणी की तरह टांगे फैलाई लेटी थी ” उह उई कितना मोटा है बुर का तो हलवा बना डाला ” और वो चोदता हुआ मेरे ऊपर सवार हुआ फिर धीमी गति से धक्का देने लगा और मेरे ओंठ चूमा तो मैं उसके कमर को पकड़े चूतड को उछालने लगी तो नितिन मेरी बुर में गपागप लंड पेले जा रहा था और अब जाकर मेरी चूत को थोड़ी राहत महसूस हुई तो मैं चूतड उछालते हुए मस्त थी ” चोद चोद साले कुत्ते फिर तुझे चोदने नहीं दूंगी
( नितिन मेरे उपर लेटा हुआ ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा ) आह ओह बुर में आग लग गई भाई चोद चोदकर रस निकाल दे ” वो चोदता हुआ हांफने लगा तो मैं चूतड स्थिर किए लंड का आनंद ले रही थी, इस कोमल अंग को कड़े लंड की ही जरूरत होती है तो लंड की मोटाई मुझे हमेशा से पसंद है और फिर नितिन तो मेरे से उम्र में भी बड़ा है, मालूम नहीं कितनी छोकरी को चोद चुका होगा और अब वो लंड चूत से निकाल वाशरूम चला गया तो मैं बेड पर लेटी रही। पल भर बाद वो आया तो मैं उठकर वाशरूम चली गई, कमर से जांघ तक तो ऐसा दर्द हो रहा था मानो मेरे ऊपर नितिन नहीं कोई सांड चढ़कर चुदाई किया हो फिर फ्रेश होकर बेड पर आईं तो दो पैक ड्रिंक्स का नशा लगभग टूट चुका था। जिया एक ड्रिंक्स बनाकर बेड पर आईं फिर बैठकर पीने लगी ” बहुत लहर रहा है नितिन
( वो मेरे गाल सहलाया ) ये सब तो होता ही है वैसे क्या बर्फ रगड़ दूं ” मैंने ना में सिर हिलाया और अब जिया व्हिस्की पीकर मस्त हो गई तो लेटते ही नितिन मेरे चूतड के नीचे तकिया डालकर बुर पर थूका फिर उंगली से सहलाने लगा तो मैं बोली ” क्या नितिन तुम भी फालतू का काम करते हो, अब जल्दी से चोदो मुझे ” तो नितिन मेरी बुर फैलाकर उसमें थूका फिर लंड को अंदर घुसाए चोदने लगा, बुर तो वैसे भी चुदाते वक़्त फैल ही जाती है और नितिन चोदता हुआ मेरे बदन को सहलाने लगा और मेरे जिस्म की गर्मी चरम पर थी ” उफ़ उह ओह आह मॉम फाड़ कर भी नहीं रुक रहा ” तो नितिन मेरे जिस्म पर सवार होकर चोदता हुआ ओंठ चूमा ” डार्लिंग बस दो मिनट तू चूतड उछाल दे फिर मेरी हार तय है
( मैं अब नशे में मस्त हुए चूतड उछालने लगी ) चल तू तो फ्ट्टू है हार मान लिए ” और दोनों भाई बहन संभोग क्रिया में लीन थे तो मैं भी चूतड उछाल उछालकर चुदाने में पसीना पसीना हो चुकी थी लेकिन ऐसे वक़्त में क्या गर्मी क्या ठंडा बस बुर में लंड हो यही है लड़कियों का फंडा ” नितिन अब नहीं उछाल पाऊंगी झड़ोगे की नहीं
( वो चोदता हुआ हांफने लगा ) हां जान अब निकलने पर है ” और पल भर बाद मेरी चूत वीर्य से लबालब थी तो चिपचिपी भी फिर दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे और थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर वापस अपने रूम आईं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#11
अच्छी कहानी, अभी और अपडेट ह या कहानी पूर्ण हो चुकी?
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#12

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
(11-01-2021, 03:27 PM)neerathemall Wrote:
जिया की कामुकता


जिया का बारिश में भींगता जिस्म

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
जिया की उमड़ती जवानी पर हर किसी की नजर थी, लेकिन आपलोग तो सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं, मेरी उम्र २३वर्ष तो अपने जिस्म की भूख मिटाने के लिए क्लासमेट से चुदी फिर भैया तक को अपने हवस का शिकार बनाई लेकिन चुत की गर्मी कभी ठंडी हुई है क्या, सो एक दिन कॉलेज से लौटने के क्रम में अकेली पड़ गई, मेरी सहेली की महावारी मुझे ऐसा मौका देगी मुझे नही पता था। कॉलेज से कुछ दूरी पैदल चली थी की तेज बारिश होने लगी साथ ही बिजली कड़क रही थी सो मैं सड़क किनारे के एक बस स्टैंड के शेड में चली गई और वहीं चुपचाप खड़ी हुए बारिश का मजा ले रही थी मेरे जिस्म के अंदर काफी हलचल तो बुर में खुजली, आखिर दस लंड खा जो चुकी थी, तभी एक जवान छोकरा बाईक से आया और बाईक खड़ी कर शेड में खड़ा हो गया। जिया तिरछी नजरों से उसे देखी लेकिन उस साले का ध्यान सिर्फ और सिर्फ बारिश पर ही था, में मौका गंवाना नहीं चाहती थी, सो उसके हट्ठे कट्ठे बदन को देखते हुए कल्पना में खो गई, इस साले के जांघो के बीच नजर गई तो समझ आया कि इस छोकरे का लौड़ा हेवी होगा, बस किसी तरह मुझे घूरे तो मैं उसे अपना जिस्म देकर चुदाई का मजा ले लूं, वैसे भी मां को मेरी परवाह तो थी लेकिन फिलहाल वक्त मेरे पास था, और तभी उसकी नजर मुझसे टकराई और दोनो में ऐसा नयन मटक्का हुआ की वो मेरे खूबसूरत जिस्म जोकि सलवार और सूट में थे को निहारने लगा, मैं उसके करीब खिसकी तो वो अनायास मेरी ओर खिसक मेरे कमर में हाथ दे दिया। जिया को अब भूख लगी थी तो प्लेट में खाना रखा हुआ था, मैं उसकी ओर देख बोली ” हेलो ये कमर सरकारी नहीं है ” वो डर से हाथ हटाया तो तेज बारिश में तन में आग लगी हुई थी साथ ही तेज हवा के कारण बारिश से भींग भी रही थी लेकिन मेरा प्रतिरोध बस एक दिखावा था, झट से उसकी ओर खिसकी फिर उससे चिपक कर अपने स्तनों को उसकी छाती से रगड़ने लगी फिर देर क्या था, वो लड़का मेरे गोल मुलायम चूतड को सहलाने लगा और बस स्टेंड पर ही दोनो एक दूसरे से चिपके हुए खड़े थे, मेरे गुदाज गांड़ पर उसकी हाथ फिसलने लगी तो वो मेरे लंबे जुल्फों को पकड़ मेरे चेहरे को सीधा किया फिर गुलाबी होंठ पर चुम्बन देने लगा। जिया की छलकती जवानी पर कितने मोहर लग चुके थे और मैं बेशर्म लड़की की तरह उसके चेहरे को चूमते हुए उसकी पीठ सहलाने लगी ” क्या नाम है जानू

( वो मेरे चूतड के गुदाज अंग को दबाने लगा ) नाम तो मोहित है और तू ” मैं उससे हट कर बोली ” जिया मेरा नाम है, तुम क्या करते हो
( वो हंसता हुआ बोला ) कुछ नहीं पापा के चीनी मिल पर जाता हूं और मस्ती करता हूं
( मैं खिलखिलाकर हंस दी ) चीनी मिल पर मस्ती
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
( वो बेंच पर बैठा ) बैठ तो बताऊं ” मैं उससे सटकर बैठी ” वो क्या है की चीनी मिल में दर्जनों महिलाएं हैं, बेचारी गरीब हैं तो कभी कभार मेरे साथ टाइम पास कर पैसा बना लेती है ” मैं नासमझ की तरह उसके कंधे में हाथ डालकर गाल चूम ली ” ओह तो गरीब के साथ मस्ती करते हो और मेरे साथ क्या करोगे ” वो कुछ बोले बिना निर्जन सड़क की ओर देखा फिर झट से मेरी बाईं चूची को पकड़ दबाने लगा और मैं शर्म से सर झुकाए उसके पैंट पर से ही लन्ड के उभार को सहलाने लगी, सच में भग्नाशा में गुदगुदी मचलने लगी तो बारिश अपने चरम पर थी और मोहित प्यार से अब चूची दबाए जा रहा था। तभी वक्त दोपहर के १:३० बजे थे तो दो क्लास सस्पेंड हो रखी थी, सो मॉम से भी डर नही था और तभी मैं उसके हाथ अपनी चूची पर से हटाई और बोली ” क्या है फ्री में बहुत मस्ती कर लिए, अब खर्चा कर तो मजा मिलेगा

( वो उठकर पैंट के पॉकेट से पर्स निकाल मुझे दे दिया ) जितना निकालना है ले लो लेकिन मुझे एक घण्टे तक मत रोको
( मैं पर्स उसे बढ़ाते हुए बोली ) रण्डी नहीं हूं लेकिन सड़क किनारे भी तो ये काम नही कर सकती ” वो मेरे शॉर्ट स्कर्ट को जांघ की ओर करते हुए हाथ अंदर घुसाने लगा तो मैं हाथ पकड़ ली ” डियर कहीं चलो ना तो जन्नत की सैर करा दूंगी ” लेकिन बारिश तेज हो रही थी तो मोहित अपना हाथ मेरी स्कर्ट में घुसाकर पेंटी पर से ही बुर को सहलाने लगी, जब जिस्म में गर्मी लगी हो तो फिर क्या सड़क और क्या पलंग और मैं बोली ” मोहित जरा ध्यान से देखो तो एक गुमटी खुली पड़ी है वो भी सड़क के उल्टे दिशा में
( वो स्कर्ट के अंदर से हाथ निकाला ) लेकिन बेबी उसके अंदर मजा तो दोनो ले लेंगे लेकिन ” मैं तभी इशारे से उस गुमटी में घुसने को बोली और फिर मोहित उठकर उधर गया और गुमटी को ध्यान से देखा ” चल आ जा इसके अंदर ही तुझे पेलता हूं ”
जिया उठी और अपने कंधे में पर्स डाले गुमटी में घुस गई, गुमटी लकड़ी की थी तो काफी पुरानी लेकिन इसके अंदर कोई मजा करेगा ऐसा कोई शक भी नहीं कर सकता, फिर मोहित अंदर आया और उसके दोनो दरवाजे बाहर की ओर खुले थे लेकिन उसकी दिशा सड़क से विपरीत और सामने तो चौड़ा नाला था, अब मोहित मेरी ओर खिसका फिर दोनो हाथ बूब्स पर लगाके दबाने लगा ” उह ओह सी इस कितनी खुजली हो रही है जान ” और मैं उसके पैंट की जिप खोलने लगी लेकिन वो झट से अपना पैंट और अंडरवियर उतार दिया, साले का लौड़ा सात आठ इंच लम्बा होगा तो मैं उसको पकड़ कर झुकी फिर तो मैं झट से उसके सामने कुत्ति की तरह होकर लन्ड को चूमने लगी। मोहित के हाथ का एहसास मेरी चूतड पर था तो स्कर्ट मेरी कमर पर आ चुकी थी, सिर्फ एक पेंटी पहने इज्जत को ढके थी तो उसके लन्ड को चूमते हुए जीभ से चाटना शुरु की, वो बिना देर किए मेरे पेंटी की डोरी को खोला फिर दोनो जांघ फैलाकर बुर पर उंगली रगड़ने लगा, मेरे सीने से लगे स्तन को सहलाता हुआ गप से बुर में उंगली डाल दिया और मैं बेबस की तरह उसके लन्ड के सुपाड़ा को ओंठो के बीच में लेकर चूसने लगी, मोहित मेरे टॉप्स को गले तक किया तो मैं उसके सुपाड़ा मुंह से निकाल सीधी हुई ” पांच हजार में चोदने दूंगी
( वो पैंट से पर्स निकाल पैसा मुझे दिया और एक कंडोम भी निकाला ) अब ठीक है जानू, मेरा वश चले तो अपनी मॉम तक को चोद दूं ” और मैं किसी रण्डी की तरह अपने टॉप्स सहित ब्रा खोल नंगी हुई, उसके शर्ट और बनियान उतार उसके लन्ड को पकड़ ली ” अब जरा चूस लूं डियर ” तो मोहित मेरे चूतड सहलाने लगा, दूसरे हाथ से एक बूब्स दबा रहा था, चुदाई के पांच हजार, चूतड उछाल उछाल कर चुदूंगी और मैं सुपाड़ा सहित आधा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी तो मोहित मेरी बुर में उंगली करते हुए स्तन दबाने लगा साथ ही अपने चूतड को ऊपर नीचे करते हुए मेरी मुंह की चुदाई करने लगा। मुंह में लौड़ा तो बुर में उंगली, मेरे मुंह से लार टपक रहा था तो मैं मुख मैथुन करने में मस्त थी और तभी मेरी बुर से रस निकलने लगा और मोहित मेरे बाल पकड़कर लन्ड को मुंह से निकाला ” तेरी बुर का रस चाटूंगा साली
( मैं हंस दी ) ओह तो लन्ड का रस नही मिलेगा ” वो तुरंत ही मेरी चूतड की ओर गया फिर लपालप बुर में जीभ घुसाए चाटने लगा, उसकी हाथ एक बूब्स दबाने में थी तो दूसरी पीठ सहलाने लगी ” उई मां अब तो चोद दो ना मेरी बुर में आग लगी हुई है ” लेकिन वो मेरी बुर में जीभ घुसाए चाटे जा रहा था और पल भर बाद जीभ निकाल मेरे चूतड पर थपड़ मारा ” अबे साली रण्डी अब लौड़ा चूस फिर चोदूंगा ”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
मोहित घुटने के बल बैठा तो मैं नग्न अवस्था में उसके सामने झुकी फिर लौड़ा को पकड़ अपने चिकने गाल पर रगड़ने लगी और वो मेरे पीठ पर हाथ फेरता हुआ एक बूब्स भी पकड़ दबाने लगा, उसके लन्ड के सुपाड़ा को नाक से लगाए सूंघने लगी फिर पूरा मुंह खोलकर चूसना शुरु की तो मोहित मेरे चूतड सहलाने लगा ” ओह बेबी तुम तो काम कला में निपुण हो लगता है काफी अनुभव है

( मैं लन्ड मुंह से निकाल जीभ से चाटना शुरु की ) हां दो साल से संभोग सुख का आनंद ले रही हूं ” फिर लन्ड को जीभ से चाटते हुए एहसास की की मोहित मेरे गांड़ में उंगली डाल रगड़ने लगा और मैं उसके गोरे गुलाबी लन्ड को दोबारा मुंह में लिए चूसने लगी, उसके कमर में हाथ डाले चेहरा को आगे पीछे करते हुए मुख मैथुन का आनंद ले रही थी और फिर मोहित सिसकने लगा ” उई ओह अब छोड़ दो चोदूंगा बेबी ” मेरे मुख मैथुन की कला से मेरे भाई हों या बॉय फ्रेंड सब संतुष्ट थे, फिर मैं ठीक से बैठी और अपने पर्स से पानी का बोटल निकाल पानी पीने लगी तो मोहित अब अपने लौड़े पर कंडोम लगाने लगा, सुरक्षित संभोग मुझे पसंद है लेकिन नंगे लौड़े से चुदाई का आनंद ही अलग है। जिया अब बारिश के मौसम में अतिथि लन्ड से चुदाने जा रही थी तो वो मेरे पीठ में बाहों का घेरा डाला और मैं समझदार चुदककड़ की तरह उसके गोद में बैठ गई, दोनो पैर फैलाए अब उसके लन्ड का एहसास बुर पर पाने लगी तो मेरी बुर रानी मुंह फैलाए लन्ड के इंतजार में थी, अब उसके कंधे पर हाथ रख चूतड को ऊपर की तो मोहित अपने हाथ में लन्ड पकड़े बुर के मुहाने में सुपाड़ा घुसाया और मेरे बुर में १/४ लौड़ा घुस चुका था और मेरी जैसी रण्डी चुदवाने से पीछे नहीं हटती, मैं अब धीरे धीरे चूतड को नीचे की ओर करने लगी तभी मोहित मेरे पीठ में हाथ डाले नीचे से जोर का धक्का दे डाला, लगा की बुर चरक उठेगी लेकिन इस बुर की लोच ही तो इसकी कीमत है और मैं उससे चिपके चूचियों को छाती से रगड़ने लगी और मोहित नीचे से दे दना दन धक्का देता हुआ चोदने लगा, मैं हमेशा से चुदाई में मजा लेती थी सो चूतड उछालना शुरू की और उसके ओंठ पर जीभ फेरने लगी तो निख्तू मेरे जीभ मुंह में लिए चूसता हुआ धीरे धीरे चोदने लगा, इस चुदाई का आनंद क्या होता है वो तो चुदवाने के बाद ही जानोगी बहनों, उम्र का क्या २२ साल की उम्र में लन्ड का स्वाद चखी लेकिन बहनों तुम लोग १८ वें साल में ही इसका आनंद ले लेना ताकि जवानी का लुफ्त ले सको, मोहित मुझे चोदता हुआ मस्त था तो मैं चूतड उछाल उछाल कर चुदाने में, आखिर में ५००० रू देकर चोद रहा था, अपना काम कला तो जरूर दिखाती और फिर वो मुझे बाहों में जकड़े हांफने लगा तो मैं चूतड उछलने में मस्त थी, दूसरी बार बुर गीली हुई थी तो मोहित अब गपा गप लौड़ा पेलता हुआ बोलने लगा ” ओह साली रण्डी चूतड उछाल जोर जोर से मेरा झड़ा ” तो वो स्थिर हुआ और मैं उसके लन्ड को बुर से निकाल देखी की कंडोम वीर्य से लबालब है, फिर मैं वहीं पर पानी की बोतल लेकर बुर को धो ली फिर अपने अपने कपड़े पहने तो वो मेरा मोबाइल नंबर लिया फिर घर के पास तक छोड़ आया, यादगार बारिश लेकिन ये तो मोहित के साथ मेरे संभोग क्रिया की शुरुवात थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#17
भाई और बहन का नैसर्गिक प्यार









जिया अपने नानी घर आई हुई थी तो साथ में मेरी मां रेणु भी थी जोकि ४० वर्ष की उम्र में भी काफी सज संवर कर रहती थी, शरीर तो थोड़ा मांस्ल हो चुका था और कद ५ फिट ३ इंच की होगी और एक रात उन्हें नींद की दवाई दूध में मिलाकर दे दी तो मामा और भांजी ने उनके नग्न बुर को देखा, फिर भी समर उन्हे चोदने को तैयार नही हुए लेकिन आज रात तो मेरी छुट्टी थी साथ ही रेणु दीदी को चोदने के लिए मामा आतुर थे, उन्होंने औरतों को कामुक करने हेतु एक दवाई ले रखी थी जिसको मैं दूध के ग्लास में मिलाकर पिला देती फिर क्या होता, पढ़िए! रात को हमलोग साथ में खाना खाए फिर मां अपने आदत के अनुरूप एक ग्लास दूध मांगी तो मैं किचन में दूध ग्लास में देकर वो दवाई भी मिला दी और खुद खाना खाकर मां के पास सोने चली गई, वैसे वो बरामदे पर नानी से बाते कर रही थी तो मामा को इस दवाई का असर मालूम था, इससे नींद नही बल्कि जिस्म को सेक्स की तड़प महसूस होती तो यहां समर मामा के सिवाय कोई मर्द उनकी आग बुझाने के लिए नही था। मां बेड पर आई तो वो ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ में थी तो पेटीकोट पहनी ही होगी और मैं नाईटी पहन लेट गई तो मां बोली ” जिया अभी दूध पीने के बाद मुझे अजब सी अनुभूति हो रही है

( मैं अनजान बनते हुए बोली ) आराम से सो जाओ दूध तो मैं भी पी चुकी हूं मैं तो ठीक हूं ” और दोनो करवट लेकर सो गए, मुझे मालूम था की इनको नींद नही आयेगी फिर ये मामा के रूम भी जा सकती है, शायद इनके जिस्म की भूख इनको मर्द यानी मामा तक ले जाए, इसलिए मामा अपने रूम का दरवाजा खुला छोड़े थे। मैं जानबूझकर जागी हुई थी ताकि मां की हरकत पर ध्यान दे सकूं, आधा घंटा बिता होगा की वो बेड पर से उठी वो भी बड़बड़ाते हुए ” पता नही दूध पीते ही तन में क्या हो गया ” वो रूम से निकली तो मैं सोची की थोड़े देर तक इंतजार किया जाए और फिर मां रूम में आकर टॉर्च ली फिर रूम से बाहर चली गई, शायद बाथरूम गई हो तो क्यों ना मैं भी जाकर पिसाब कर लूं लेकिन सोची थोड़ा इंतजार किया जाए और मैं कुछ देर में मां के नही आने पर रूम से निकली तो बरामदे पर एक बल्ब जल रहा था और मैं देखी की समर मामा के कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ है,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
अंदर झांकी तो मां समर के पैजामा की डोरी को हाथ में लिए खोल रही थी ” ओह ये दवाई तो काम कर गया ” , अब दोनो के काम क्रिया को केसे देखा जाए, ये सोचने लगी और पहले तो अपने रूम जाकर मोबाइल ली फिर उसका टॉर्च ऑन करके बाथरूम चली गई, वहां मूतने के बाद वापस समर के रूम के बाहर खड़ी हुई अंदर झांकने लगी तो रूम में एक नाईट बल्ब ऑन था और मेरी मां रेणु अपने छोटे भाई के पैजामा की डोरी खोलकर लन्ड बाहर निकाले सहला रही थी लेकिन मामू तो अभी भी सो रहे थे।

मैं अब दरवाजा की बजाय खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई ताकि आराम से दोनो का लाइव सेक्स देखा जाए, रेणु मामा के लन्ड को पकड़ हिलाते हुए बेड के किनारे पर बैठी और उनकी साड़ी का पल्लू भी नीचे सरक चुका था, उफान लेती चूचियां तो ब्लाउज फाड़कर बाहर आने को तड़प रही थी और ज्योंहि रेणु लन्ड को तेजी से हिलाने लगी, मामा जागते हुए बोला ” अरे कौन है, ओह दीदी ये तुम क्या कर रही हो
( मां समर को बेड पर से उठने नही दी और उसके पैजामा को पैर से बाहर करते हुए बोली ) देखो समर सब लोग सो चुके हैं पता नही मुझे क्या हो गया, प्लीज घंटा दो घंटा के लिए दीदी को भूल कर मेरी प्यास बुझा दो
( मामा उठकर बैठ गया और उनके गाल सहलाने लगा ) कोई बात नही रेणु वैसे भी इस काम का तुम्हें लाइसेंस है, लेकिन किसी को मत बताना
( रेणु समर के गाल चूमते हुए उसके बनियान को भी उतार दी ) बिल्कुल नही समर, तुमसे मैं १४ साल बड़ी हूं लेकिन पता नहीं केसे मेरे जिस्म में मानो आग लग गई, प्लीज मुझे ” तो समर अपनी दीदी को बाहों में लिए उसको चूमने लगा तो रेणु खुद ही अपनी साड़ी उतार कर ब्लाउज और पेटीकोट में लेट गई और समर मां की चूची को पकड़ मसलने लगा ” जो कहो इस उम्र में भी टाईट है
( रेणु थोड़ी शरमाई ) रहने दो इस उम्र में मुझे कौन पूछता है, हां जवानी में तो तेरे जीजा के दोस्त भी मेरी गांड़ के पीछे घूमते थे ” मैं वहीं पर रखे कुर्सी पर बैठी फिर देखी की मां के चेहरे को चूमते हुए समर उनकी ब्लाउज को खोलने लगा तो रेणु खुद करवट लिए अपनी ब्लाउज की हूक खोल दी, मामा उनके ब्लाउज को बाहों से बाहर किया तो उनकी नग्न चूचियां देख समर उसकों पकड़ चूमने लगा और रेणु किसी चरित्रहीन औरत की तरह अपने भाई के साथ सेक्स में मस्त हो गई।
समर उनके एक स्तन मुंह में लिए चूसने लगा तो मां उसके बाल को सहलाते हुए अपने पेटिकोट के नाड़ा को खोल दी, वाह दवाई का क्या जादू है! रेणु अब उसके पीठ पर हाथ फेरते हुए उसको बोलने लगी ” आराम से चूस समर क्या पता कल होकर जिया भी तेरे से मजा ले
( वो स्तन मुंह से निकाला ) उहुँ ये तो संभव ही नहीं, आप तो शादीशुदा महिला है तो ये हरकत छुप जाएगी लेकिन वो तो कुंवारी है उसके बारे में सोचना भी
( रेणु उसके ओंठ चूम ली ) ओह तो क्या तुम अपनी दीदी के बारे में ऐसा सोचते थे
( मामा बोला ) मजा लो ना रेणु, वैसे भी तेरी जैसी औरत को संतुष्ट करने में काफी वक्त लगेगा ” और फिर दूसरा स्तन पकड़े उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगे तो मां उसके चूतड पर हाथ फेर रही थी और ज्योंहि समर उनकी बाई चूची मुंह में लिए चूसने लगा, रेणु खुद से अपना हाथ बढ़ाए पेटीकोट को कमर से नीचे खिसका दी, समर चूची को मुंह में लिए पेटीकोट को उनके पैर से बाहर कर दिया तो मां उसे छाती से लगाए स्तनपान करा रही थी, उनके नंगे जिस्म लाल रंग की रोशनी में किसी ब्लू फिल्म की अभिनेत्री सी लग रही थी जिसके बड़े बड़े स्तन तो मोटी जांघें साथ ही बिन बाल की कांखें तो समर उनकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए एक हाथ जांघो के बीच लगाया और मां अपनी जांघों को फैलाए बुर दर्शन करा रही थी, बुर के दोनो मोटे फांकों के बीच फैला हुआ दरार तो बुर पर बार तक नही जरूर ये पापा के अलावा किसी और के साथ भी बिस्तर गर्म कर रही है ” ओह उह समर अब तो परसों वापस जाने का प्लान भी रद्द कर दूंगी तुझसे बुर कुटवा कर ही लौटूंगी ” मामा चूची को मुंह से निकाल उनके छाती को चूमने लगे तो एक हाथ उनका बुर के ऊपर था, एक उंगली घुसा दिए तो रेणु बोली ” इसमें एक उंगली क्या एक लन्ड से कुछ नही होगा
( समर उसके पेट को चूमते हुए हंस दिए ) चिंता मत कर दीदी तुझे तो जवान पति मिला है, तू अपने भाई के लन्ड को तो देखना ” और वो एक उंगली अंदर घुसाए रगड़ने लगा और जिया की बुर में भी अब खलबली मचने लगी, मां के कमर तक चूमा फिर बोला ” अब जरा मूत कर आता हूं फिर तेरी बुर चाटूंगा
( मां खुशी से पागल हो गई ) वाह मेरे इस चूत को चाटेगा, जल्दी कर इस बुढ़िया की बुर तेरे प्यार के लिए तड़प रही है ” फिर जो हुआ,
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#19
2


जिया अपनी मां रेणु को मामा के संग मस्ती करते देख रही थी लेकिन ज्योंहि मामा लूंगी पहने रूम से निकले मैं उसके पहले ही बाथरूम की ओर चली गई और मामा मुझे देख बाहों में लेकर चूमने लगे तो उनका हाथ मेरी चूतड पर था, मैं समर के गाल चूमने लगी ” समर बोलो तो तुम दोनो के पास अनायास पहुंच जाऊं
( मामा मेरे लंबी जुल्फों को कसकर पकड़े मेरा चेहरा सीधा किए ) क्यों बे साली तीन बार चोद चुका हूं, पेट नही भरता, बहन और भाई के प्यार के बीच आयेगी तो शायद मैं रेणु दीदी को चोद भी नही सकूंगा, चल कल दोपहर तुम्हें लूंगा ” मैं उससे अलग हुई फिर मामा बाथरूम चले गए तो मैं खड़े खड़े सोच रही थी की इन दोनो के लाइव सेक्स को देखने से अच्छा है की जाकर सो जाऊं तो मैं अपने रूम में आकर बेड पर लेट गई और एक चादर तन पर ओढ़कर लेटी रही की समर रूम में आ गया ” ओह तुम तो खिड़की से सब कुछ झांक रही थी फिर यहां
( मैं बोली ) आप दोनो एंजॉय कीजिए, मैं तो वैसे भी थकी हुई हूं ” तो समर रूम से निकल गया लेकिन कुछ पल में ही मुझे लगा की मां को मामा के साथ प्यार करते देख लिया जाए, उठी और जाकर कुर्सी पर बैठ गई फिर आराम से दोनो को प्यार करते देखने लगी। रेणु अपने जांघो को फैलाए हुई थी तो समर का चेहरा उसकी जांघो के बीच में था और मैं बुर में जीभ घुसते हुए देख नही पा रही थी लेकिन मॉम की चुचियों पर समर का हाथ और उनकी सिसकारी ” उह ओह समर तुम तो सच्चे आशिक निकले नही तो मेरी जैसी औरत की योनि में कोई जीभ डालेगा भला
( मामा चेहरा ऊपर किए ) तो कुछ इनाम भी दे देना दीदी जोकि आज रात है मेरी बीबी ” फिर मां उसको लिटाई और उसके मुंह के ऊपर अपनी चूतड लिए बैठ गई, अब साफ दिख रहा था की मां की बुर और समर का मूंह आमने सामने है तो रेणु दीदी अपने जांघो को फैलाए उसके मुंह के ऊपर अपनी चूतड रखे ऐसे बैठी थी मानो मुंह में ही मूतने लगेगी लेकिन समर तो उनके कमर को पकड़ बुर में जीभ घुसाने लगा तो जिया अपने स्कर्ट को थोडा उपर कर बुर में उंगली करने लगी, साले का मुसल लन्ड बुर निगल निगल कर ढीली पड़ गई थी और मामा का जीभ उनकी बुर को लपलप कुत्ते की तरह चाटने में लगा हुआ था तो एक हाथ उसकी बूब्स पर था ” उह ओह तुम तो खेले हुए खिलाड़ी हो समर, कितनों के संग कर चुके हो
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#20
( वो जीभ निकाल बुर में एक साथ दो उंगली घुसाया ) अबे साली रण्डी याद दिलाऊं की तुम सात आठ साल पहले कैसे उस पोखर के पास मजदूर के साथ पकड़ाई थी

( रेणु उदास स्वर में बोली ) ठीक है तो क्या तुम सिर्फ मुठ मारते हो ” और समर दुबारा जीभ को चूत में घुसाए चाटने लगा, लग रहा था की उसकी नाक बुर के मुहाने तक जा पहुंची है तो रेणु कामुकता वश आहें भर रही थी।
मां के नग्न बदन पर उसके भाई का स्पर्श पता नहीं उन्हें कितना मजा आ रहा होगा आखिर जिया भी तो अपने भाई नितिन के साथ हमबिस्तर हुई थी, मैं देखी की मामा उनके बुर से जीभ निकाल सर ऊपर किए ” अब रेणु डार्लिंग मेरे लन्ड को चूसो फिर तुम्हें चोदकर बुर की गर्मी दूर कर देता हूं
( मां बोली ) ठीक है लेकिन कल रात के लिए बोतल की व्यवस्था कर लेना तब मजा आता है ” मैं अपनी बुर को कुरेद रही थी तो मामा बिस्तर पर लेटा हुआ था जिसका मुसल लन्ड पूरी तरह से खड़ा था, रेणु उसके लन्ड को पकड़ चमड़ा नीचे की फिर ओंठ से चूमते हुए झांट नोच रही थी तो हाथ बढ़ाए मामा अपनी दीदी की चूची को पकड़ मसलने लगा, मेरे गुदाज अंग बुर में खुजली होने लगी लेकिन मां की चूदाई देखने का सौभाग्य सबको नही मिलता। रेणु अब मुंह खोल अपने भाई का लन्ड अंदर ली फिर चूसने लगीं और समर उनके सीने से लटकते चूची को पकड़ ऐसे दबाए जा रहे थे मानो कोई ग्वाला दूध को थन से निकाल रहा है, रेणु मुंह में लन्ड लिए चेहरा को हिलाने लगी और मजे से मुखमैथुन कर रही थी। मैं अपनी बुर में उंगली करते हुए मां को मुखमैथुन करते देख रही थी तो अब समर चूतड को ऊपर नीचे करता हुआ मुंह को ही चोदने लगा तो साली चुदक्कड लौड़ा को चूसने में मस्त थी तभी समर मां के बाल को कसकर पकड़ा फिर चेहरा पीछे कर लन्ड मुंह से निकाल दिया ” बिल्कुल गधा का लन्ड है
( समर उठकर बैठा ) अरे साली रण्डी तुमको मेरे लन्ड से खाक होगा, चल पहले तू लेट ” रेणु खुद को कोहनी और घुटने के बल करके डॉगी स्टाइल में हो गई तो जांघें फैलाकर बुर चमका रही थी, अच्छा था की उसके चूतड की रुख खिड़की की ओर थी और मामा झट से अपना लन्ड पकड़े बुर में घुसाया फिर कमर को पकड़े धक्का मार दिया तो रेणु चिहुंक पड़ी ” उई लौड़ा तो लोहे की तरह कड़ा है, तभी समर दुबारा धक्का मारा ” उह उफ फाड़ेगा क्या ” समर अपनी दीदी की चूदाई करने में लीन था तो रेणु अपने कमर को हिलाने लगी और चुदवाते वक्त गंदी गंदी गालियां दे रही थी ” चोद मादर चोद तेरे लन्ड से चूदाई कराकर दुबारा बच्चा पैदा करूंगी
( मामा मां की कमर पर हाथ रखे धकाधक चूदाई कर रहें थे ) हां साली कितनों से तो बुर चुदवाने का मजा ले चुकी है, अब अपने भाई का लौड़ा चख और जिया को भी मुझसे चुद्वा
( मां चूतड हिलाने में मस्त थी ) पहले अपनी भूख तो मिटा लूं फिर उसको चोदना ” और कुछ देर अपनी चूतड हिलाते हुए शांत पड़ गई लेकिन मामा चोदते रहे ” क्या दीदी बुर से रस निकल गई
( वो मुड़कर बोली ) दीदी मत बोल कुत्ते तुम ही दूध के ग्लास में कुछ मिलाए थे इसलिए तो मेरी बदन में चुदाने की आग लग गई
( समर का लन्ड बुर में गपागप अंदर बाहर हो रहा था ) सही बोली एक तो मेरे पैजामा की डोरी खोल लन्ड को बाहर की फिर हिलाने लगी और कहती है की मैं तुम्हें दूध में कुछ मिलाकर दिया ” रेणु तो अपनी चूतड हिलाते हुए चुदवाने में मस्त थी लेकिन मेरी बुर में गुदगुदी होने लगी लेकिन मामा ही तैयार नही हुए वरना मैं तो अपनी मां की चूदाई में शामिल होकर मजा करती, कुछ देर बाद रेणु चूतड स्थिर किए बोली ” थोड़ा आराम करने दो
( समर लन्ड बुर से निकाला ) हां मुझे भी तेज मुतवास लगी है ” मामा लूंगी पहनते उसके पहले ही मैं बाथरूम की ओर चली गई, हाथ में मोबाइल का टॉर्च ऑन करके थी फिर टॉयलेट सीट पर बैठे मूतने लगी तो मूतने के बाद भी टांग चिहारे बैठी रही, ज्योंहि किसी के आने की आहट हुई मैं उठ खड़ी हुई फिर बुर को पानी से धो रही थी की बाथरूम का दरवाजा खुला और मैं तभी स्कर्ट नीचे कर रही थी की मामा बोले ” आह जिया तो सही जगह पर है ” मैं बाथरूम से बाहर आई तो समर लन्ड पकड़े मूतने लगा, मैं उसके बगल में खड़ी होकर गाल चूम ली ” तेरी ही चांदी है साले, पहले बेटी को चोदा फिर मां को
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