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Incest दीदी की शादी के पहले चुदाई
#21
शादी में विन्नी दीदी की ठुकाई









रा नाम रोहित है, मेरी उम्र २५ साल है. एक बार मैं अपने रिलेटिव की शादी पर गया था. पार्टी एक होटल में थी, वहा एक रूम में मेरे कजिन ने दारू का इंतजाम किया हुआ था जो किसी परिवार वालो को पता नहीं थी… हम सब भाई ऊपर जाते दारू का पैक लगा कर फिर निचे आकर डांस करते.
मेरी एक कजिन है विन्नी दीदी, उसने देख लिया की हम सब बीच बीच में कही चले जा रहे थे. उसने हमारा पीछा किया और रूम तक आ गयी. दीदी ने हम सबको दारू पीते हुए देख लिया..

दीदी: अच्छा ये सब हो रहा है यहाँ पर
हमने दीदी को देखा तो हम सब डर गए.
मैं: दीदी प्लीज किसी को मत बताना…
दीदी: अकेले अकेले दारू पिओगे तो जरूर बताऊंगी
मैं: ओह्ह्ह दीदी आप भी पिओगी
दीदी: क्यों नहीं… मुझे भी चढ़ानी है थोड़ी सी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
विन्नी दीदी ३२ साल की शादी शुदा औरत है. पर है वो जबरदस्त कंटाप माल. दीदी का बदन ३८-३०-३८ होगा. दीदी ने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे उनका गोरा बदन बहुत खिल रहा था. टाइट ब्लाउज में कैद दूध से भरे हुए बड़े बड़े स्तन क़यामत लग रही थी. ब्लाउज काफी डीप थी, जिससे काफी क्लीवेज दिख रहा था. हम सब नशे में थे, मैं दीदी के साथ डांस करने लगा. दीदी पर नशा छा गया था. मैं डांस के बहाने दीदी के जवान बदन को ताड़ रहा था.. दीदी की गोरी कमर ब्लैक साड़ी में मस्त लग रही थी.. दीदी ने साड़ी बहुत निचे से बाँधी थी, एकदम अपनी बूर से ऊपर. साड़ी में कसी हुई दीदी की भारी भरकम चुत्तड़ बहुत ही सेक्सी लग रही थी. दीदी हर बीट के साथ अपनी गांड मटका रही थी.. मैं दीदी की भारी गांड पर अपना लंड रगड़ रगड़ कर नाच रहा था… रात के १२ बज चुके थे और DJ बंद हो गया…

दीदी: भाई अभी तो मजा आना शुरू ही हुआ था…
मैं: दीदी आपको और पार्टी करनी है क्या…
दीदी: हाँ भाई…
मैं: ठीक है दीदी आप मेरे रूम में चलो… वहा म्यूजिक और दारू दोनों का इंतजाम है

मैं दीदी को लेकर अपने कमरे में ले गया. वहा मैंने और दीदी ने २ पैक और लगाए. मैंने अपने मोबाइल पर सांग्स लगा दिया और हमदोनो डांस करने लगे. दीदी काफी नशे में थी… उनको अब कुछ होश नहीं था… उनकी साड़ी का पल्लू पूरा हट चूका था, और उनके बड़े बड़े बॉल्स ब्लाउज से साफ़ दिख रहे थे. दीदी की चूचियां बहुत ज्यादा बाउंस हो रही थी… जिसे देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चूका था.

दीदी: भाई सिर्फ देखता ही रहेगा क्या
दीदी ने मेरी आँखों को देख लिया था..
मैं: सॉरी दीदी
दीदी: रोहित मेरे भाई सॉरी की क्या बात है.. इस ऐज में होता है… तुझे अगर देखना है तो देख सकता है….

दीदी मुझसे चिपक कर डांस करने लगी…. मैं भी दीदी के बदन को सहलाने लगा और अपना हाथ दीदी की भारी गांड पर रख दिया.. और धीरे से प्रेस कर दिया.
मैं: दीदी मुझे सिर्फ देखना नहीं है…
दीदी: ओह्ह्ह तो मेरा भाई और क्या करना चाहता है
मैं: दीदी मैं आपकी इस गदरायी बदन को भोगना चाहता हूँ… आपका ये भाई आपको पूरी नंगी करके अपने बिस्तर पर रगड़ रगड़ कर चोदना चाहता है..
दीदी: ओह्ह्ह्हह रोहित तूने मेरी आग भी भड़का दी है… और तेरे जीजाजी भी नहीं है यहाँ पर..
मैं:दीदी आज मुझे ही अपना पति समझ लो…
दीदी: ठीक है भाई.. चल अब अपनी बीवी की प्यास बुझा…
दीदी मुझे पागलो की तरह किश करने लगी… दीदी ने मेरी शर्ट फाड़ दी और मेरी छाती को किश करने लगी. मैंने दीदी को तुरंत पीछेसे अपनी आगोश में ले लिया और उनकी नेक और पीठ पर किश करने लगा और उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा… ओह्ह्ह्ह भाई… फिर मैंने दीदी की ब्लाउज में हाथ डाला और उनकी चूचियों को दबाने लगा…. अह्ह्ह्हह्हह रोहित….. और दबा भाई जोर से.. मैंने ब्लाउज की डोर खोल दी.. दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी, जिससे उनके तरबूज हवा में उछलने लगे.. बहुत ही बड़ी बड़ी और भरी हुई चूचियां थी. जिसे देख कर मुंह में पानी आ गया… मैं चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा… अह्हह्ह्ह्ह भाई…. दीदी की तरबूज जैसी बड़ी बड़ी रसीली चूचियां मेरे हाथो में थी जिसे मैं खूब मसल और चूस रहा था… ओह्ह्ह्हह्हह भाई…. मजा आ रहा है…
मैं: साली रंडी कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है तेरी…. इसको दबा दबा कर चूसने में बहुत मजा आ रहा है
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह मेरे राजा…. चूस ले अच्छे से मेरे भाई…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
फिर मैंने दीदी की साड़ी उतर कर फेंक दी.. दीदी के गोरे और गदराये बदन पर अब सिर्फ एक चड्डी थी.. जो दीदी की भारी गांड के बीच में फंसी हुई थी. मैं दीदी का पुरा बदन चुम रहा था.. दीदी की चौड़ी गांड को खूब मसला… फिर मैंने दीदी को अपने बिस्तर पर ले गया… अब मैंने दीदी की चड्डी भी उतार दी… मेरे सामने दीदी की प्यारी चिकनी चुत थी… जो बहुत गीली हो चुकी थी..
दीदी: ओह्ह्ह्हह भाई अब मत तड़पा भाई… बुझा दे अपनी दीदी की प्यास…
मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और अपना ८” का लौड़ा दीदी की बूर में रगड़ने लगा… मैंने लंड अंदर नहीं डाला, बस दीदी की बूर के ऊपर घिस रहा था….
दीदी: ओह्ह्ह्हह…. अबे बहनचोद हरामी डाल क्यू नहीं है
मैं: उफ्फ्फ दीदी आप तो मेरे सपनो की रानी हो… बहुत मजे से चोदूँगा मैं आपको
फिर मैंने अपना लंड दीदी की बूर में पेल दिया.. लंड दीदी की बूर को फाड़ता हुआ पूरा अंदर चला गया…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई… फाड़ दिया रे तूने मेरी बूर…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ विन्नी दीदी… आज आपकी बूर में अपना लंड डालने का सपना पूरा हो गया
दीदी: उईईईईई माँ… भाई बहुत ही मोटा लंड है तेरा… चल अब ठोकना शुरू कर मुझे…
मैं: ठीक है मेरी रांड..

मैं घाचा घच अपना लंड दीदी की बूर में पेलने लगा… ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह राजा…. आह्ह्ह्ह और तेज भाई…
मैं अपना लंड बाहर निकाल कर फिर दीदी की बूर में पूरा पेल देता था…..
दीदी: ओह्ह्ह्हह बहनचोद… कीप फकिंग माय पुसी……
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ मेरी रंडी दीदी… बहुत मजेदार बदन है आपका
दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई…. निकाल अपनी ठरक… और ले ले मेरी जवान बदन का मजा

मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को चूस चूस कर चोद रहा था.. आअह्ह्ह्हह भाई… फ़क मी रोहित… मेक मी योर स्लट बेबी…..
मैं ३० मिनट तक दीदी को बहुत बुरी तरह चोद रहा था.. मेरा लंड दना दन दीदी की बूर में जा रहा था…. ओह्ह्ह्हह्ह भाई फ़क मी डार्लिंग… और तेज भाई
मैं: उफ्फफ्फ्फ़… विन्नी दीदी…. आप जैसी रंडी को चोदने में बहुत मजा आ रहा है…
दीदी: आआह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह भाई…. मैं झड़ने वाली हूँ भाई… फ़क मी हर्डर बेबी….. मेक मी कम…
मैं: अह्हह्ह्ह्ह विन्नी… खा मेरा पुरा लंड…..
दीदी: उफ्फफ्फ्फ़ भाई….. ओह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह मेरी चूची दबा कर जोर से मार मेरी चुत भाई…
हर शॉट के साथ दीदी की फुटबॉल जैसी चूचियां उछल रही थी. मैं दीदी की चूचियों खूब दबा और चूस रहा था…. दीदी अब बहुत तेज चिल्ला रही थी…. मैं भी पूरी ताकत से अपना लंड दीदी की बूर में पेल रहा था.
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई…. उईईईईई ओह्ह्ह्ह…… मेरा झड़ने वाला है… आअह्ह्ह्हह भाई मैं गयी..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#24
Didi say Bhabhi tak ka safer
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#25
दीपा दीदी के साथ सुहागरात
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#26
दीपा दीदी के साथ स्नान
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#27
जब दीदी दीपा मायके आई हुई थी तो उनकी शादी के पांच साल होने के बाबजूद भी उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ है, शायद २६-२७ साल की उम्र में मॉम नहीं बनना चाहती हो तो उसकी सेक्सी फिगर में थोड़ा बदलाव आ चुका था और दीपा के खूबसूरत बदन के साथ गोल गोल चूचियां सहित गद्देदार गान्ड देख मेरा लंड तो जाग उठा, दर्जनों बार जिस लड़की को नंगा करके चोद चुका था उसके घर आते ही फिर से मेरा मन चोदने का होने लगा तो राहुल २३-२४ साल के उम्र में दर्जनों चूत की खुशबू ले चुका था और दीपा दीदी को लेने कानपुर जंक्शन पहुंचा तो सुबह के सात बजे थे, वो कैफियत एक्सप्रेस से बाहर निकली तो मैं उनको देख मुस्कुराया और उनके हाथ में एक ट्रॉली बैग था फिर वो मेरे करीब आकर मुझसे गले मिलकर बोली ” चल तू आ गया तो कोई दिक्कत नहीं


( मैं उनके हाथ से ट्रॉली बैग लेकर आगे बढ़ने लगा ) जरूर दीपा मैडम और क्या हाल चाल है
( वो हंसने लगी ) ठीक हूं और तुम
( मैं ) ठीक ही हूं ” फिर दोनों बाहर आए और पार्किंग ज़ोन की ओर जाने लगे तो उनका बैग काफी बड़ा था, मैं बोला ” इस बैग को मैं पीछे की ओर रखकर बांधता हूं फिर आपको जगह की दिक्कत होगी
( वो ) अरे नहीं, किसी तरह बैठ जाऊंगी ” तो बैग रखकर बांधा फिर बाईक स्टार्ट किया तो दीपा मेरे पीछे मुझसे चिपककर बैठ गई और वो ब्लेक लेगिंग्स और कुर्ती में सेक्सी लग रही थी, मैं बाईक तेजी से चलाने लगा तो सुबह के समय सड़क पर भीड़ नहीं के बराबर थी तो दीपा की दोनों चूचियां मेरे पीठ से चिपक रही थी और वो मेरे कमर में हाथ डाले मुझे गर्म करने लगी तो उसकी मुलायम चूचियां मुझे काफी मज़ा दे रही थी और फिर दोनों घर पहुंचे तो दीदी मॉम का पैर छूकर आशीर्वाद ली फिर दोनों डायनिंग हॉल में बैठ बातें करने लगी और मैं अपने रूम जाकर कपड़ा बदलने लगा, फिर फ्रेश होकर बाहर आया तो दीदी और मॉम वहां नहीं थी लेकिन मॉम किचन में कुछ काम कर रही थी तो मैं डायनिंग हॉल में बैठकर बोला ” कॉफी पीना है
( मॉम बोली ) जरूर, बैठ अभी बनाकर ला रही हूं ” मैं वहीं बैठा था तो डैड कमरे से तैयार होकर निकले फिर दीदी भी नाईट गाऊन पहन आकर डैड का चरण स्पर्श की फिर दोनों कॉफी पीने लगे तो मॉम डैड के नाश्ता के लिए किचन घुसी, इधर कॉफी पीते हुए दीपा की चुचियों को घूरने लगा तो दीपा धीरे से बोली ” पूरी रात ट्रेन में नींद नहीं आईं



( मैं ) सो क्या कर रही थी
( वो ) एक सामने वाला पैसेंजर खर्राटे भर रहा था ” और मॉम डैड के लिए नाश्ता लेकर आई तो दीदी को देख बोली ” तू भी स्नान कर ले फिर नाश्ता बना देती हूं
( दीपा ) इतनी जल्दी मुझे नहीं खाना, मैं स्नान करके एक नींद लूंगी फिर ” वो उठकर चली गई तो मैं कुछ देर बाद अपने रूम घुसा, मेरे और दीदी के रूम के बीच का वाशरूम दोनों के लिए कॉमन था तो उसका दरवाजा दोनों और खुलता था, मैं अपने रूम में आकर दरवाजा सटाया फिर बेड पर बैठकर सोचने लगा कि नींद ली जाए या फिर स्नान किया जाए, इतने में मेरे रूम की ओर खुलने वाला वाशरूम का दरवाजा खुला और दीपा अंदर से झांकते हुए बोली ” हैलो इधर आ ” उसके इशारे को समझते हुए मैं वाशरूम घुसा फिर दीपा मुझे बाहों में लेकर चूमने लगी, मेरे छाती से चिपक उसकी चूचियां मुझे मजा दे रही थी तो उसके गद्देदार गान्ड को सहलाता हुआ उसके गाल चूमने लगा और फिर दोनों एक दूसरे को प्यार से देखने लगे। मैं दीपा के ओंठ पर चुम्बन देता हुआ उसके हाथ का एहसास अपने चूतड़ पर पा रहा था और फिर ज्योंहि मैं उसकी रसीली ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लगा वो मेरे शॉर्ट्स को कमर से नीचे करके अर्ध रूप से नग्न कर दी और उसकी ओंठ चूसता हुआ उसके पीठ सहलाने लगा साथ ही गाऊन की डोरी को खोलकर अब बाहों की ओर कर रहा था, इतने में दीपा मेरे मुंह से ओंठ निकालकर अपने नाईट गाऊन को बाहों से निकाल फेंकी तो उसके खूबसूरत जिस्म पर सिर्फ पेंटी ही थी और उसके बूब्स की साईज पिछले छह माह में बड़े हो चुके थे तो दीपा मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे ओंठ को चूमने लगी, फिर अपनी जीभ से ओंठ चाटने लगी तो राहुल मुंह खोलकर दीदी की जीभ को अंदर लिया साथ ही उसके गर्दन को पकड़े जीभ चूसने लगा तो मेरा सुस्त पड़ा लंड उसकी चूत के द्वार पर थी जोकि पेंटी के अंदर थी। दीपा जीभ चुस्वाते हुए मेरे चूतड़ सहलाते हुए पीठ पर हाथ फेरने लगी तो मेरा हाथ उसकी गद्देदार गान्ड के उभार को पकड़ दबाने लगा और ज्योंहि दोनों के मुंह से लार टपकने लगा, मैं जीभ को छोड़ उसकी चूची को पकड़ दबाने लगा फिर मुंह लगाकर चूची को चूसने लगा तो मेरा हाथ उसकी बुर को सहला रहा था, खड़े होकर दीपा की चूची को चूसता हुआ मजा लेने लगा तो वो मेरे चूतड़ को सहलाने लगी और आहें भरने लगी ” उह ओह राहुल बहुत खुजली हो रही है उह




( मैं चूची छोड़कर बोला ) अच्छा तो ट्रेन में ही किसी से चुदाई करवा लेती
( वो मेरे गाल चूमने लगी ) गैर मर्दों से चुदाई का आनंद लेती हूं लेकिन रण्डी तो नहीं ” इतने में दीपा झरना को चालू कर दी और दोनों स्नान करते हुए काम क्रिया का आनंद ले रहे थे, दीपा के दाई चूची को मुंह में लेकर चूभलाने लगा तो वो मेरे पीठ पर नाखून रगड़ रही थी और झरने के नीचे दो प्रेमी स्नान करते हुए सेक्स का आनंद ले रहे थे, अब मेरा लंड टाईट होने लगा था तो पल भर बाद दीपा मेरे चेहरे को पीछे धकेलकर चूची मुंह से निकाल ली
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
राहुल और दीपा दोनों झरना के नीचे नग्न अवस्था में होकर स्नान के साथ सेक्स का भी मजा ले रहे हैं तो कामुक दीपा के तन पर पानी की बूंदें उन्हें सेक्सी बना रही थी और मैं अब उनके पेट से लेकर कमर तक को चूमने लगा, वो दोनों जांघें फैलाए ऐसे खड़ी थी मानो कोई पोर्न स्टार चुदवाने को तड़प रही है उस पर से चूत की दोनों मोटी फांकें पेंटी पर साफ दिखने लगी आखिर भीगे हुए बदन की आग और मेरा लंड दोनों ही सेक्स में लिन थे। राहुल अब दीदी के पैर के सामने घुटने के बल बैठकर उसके पेंटी की हूक खोलकर उसके चूत को नंगा कर दिया फिर उसकी एक जांघ उठाकर अपने कंधे पर रखा, यों कहिए कि दीपा के जांघों के बीच चेहरा किए बुर को सूंघने लगा तो दीपा झरना में नहाते हुए मेरे ओंठ का प्यार अपने चूत पर पा रही थी और मैं उसके बुर की फांकों को फैलाए जीभ अंदर डाले चाटने लगा तो मेरा चेहरा उपर की ओर हो चुका था साथ ही दीपा की गुलाबी चूत में जीभ घुसाए चाट चाटकर उसे गर्म करने लगा और वो मेरे सर पर हाथ फेरते हुए ” उह ओह आह उई बहुत खुजली हो रही है ” बोल रही थी तो मैं उसकी चूत को चाटने के बाद उसके जांघों के बीच से चेहरा हटाया फिर उसकी मोटी चिकनी जांघों को चूमने लगा तो मेरा हाथ उसके गोल गुंबदाकार चूतड़ पर फिसलने लगा और वो खड़े होकर सेक्स का मजा ले रही थी, अब मैं उसके घुटने तक को चूमा फिर कमर पकड़कर उसे दीवार की ओर किया तो राहुल के सामने उसका नितम्ब था। दीपा झरना को बन्द की तो मैं उसके चूतड़ को चूमता हुआ गान्ड की ओर से चूत में दो उंगली पेलकर रगड़ने लगा और वो थोड़ा आगे की ओर झुककर मुड़कर बोली ” अब बदन पर शैंपू लगा दे राहुल ” और वो शैंपू की बॉटल मुझे बढ़ाई, अब उसकी चूत कुरेदता हुआ गान्ड के छेद में जीभ घुसाए चाटने लगा तो दीपा चाउपाया जानवर की तरह हो चुकी थी फिर मैं चूत से उंगली निकाला फिर उसके पैर से चूतड़ तक को शैंपू किया फिर खड़ा होकर उसके पीठ से गर्दन तक शैंपू लगाया तो मेरा एक हाथ उसकी चूचियों को पकड़कर दबाने लगा और दीपा चेहरा पीछे किए हंस रही थी,















अब उसे सामने की ओर किया फिर उसके ओंठ चूमने लगा तो मेरे टाईट लंड को वो सहलाते हुए बोली ” अभी इसे चूस चूसकर वीर्य स्खलित कराऊंगी ” तो मैं उसके बूब्स से कमर तक शैंपू लगने लगा फिर दीपा मेरे ओंठ चूमने लगी तो मेरा हाथ उसके चूतड़ पर फिसलने लगा और झाग युक्त सेक्सी बदन को सहलाने का आनंद ही कुछ अलग था, तभी दीपा मेरे छाती को चूमते हुए मेरे लंड को पकड़ हिलाने लगी तो मैं उसके गान्ड के छेद में उंगली घुसेड़ रगड़ने लगा और वो कामुकता वश मेरे पेट तक को चूमने के बाद अपना चेहरा मेरे चेहरा के सामने किए मुंह खोल दी तो राहुल समझदार की तरह अपना जीभ दीदी की मुंह में देकर चुसवा रहा था साथ ही दीपा के गान्ड की छेद को उंगली करता हुआ मस्त था और दीदी के बदन से मेरा बदन चिपककर मुझे गर्म करने लगी, फिर दीपा जीभ निकाल मेरे हाथ को पकड़े अपने गांड़ से उंगली निकाल सीधे जमीन पर बैठी, अब मुझे देखते हुए लंड के सुपाड़ा को अपने ओंठ पर रगड़ने लगी तो मैं उसके बाल पर हाथ फेरने लगा और दीपा मुंह खोल सुपाड़ा सहित आधा से अधिक लंड अंदर लिए चूसने लगी तो मैं दीपा के बाल को कसकर पकड़े उसके मुंह में ही लंड पेलने लगा और वाशरूम के अंदर की हकीकत बयां करने के लिए झरना चालू कर दिया ताकि गिरते पानी की आवाज सुनकर मॉम को लगे कि दीपा स्नान कर रही है और उसके मुंह को लंड से चोदते हुए मस्त था तो दीपा लंड को मुंह से बाहर निकाली फिर मुझे भी बैठने को बोली तो दोनों आमने सामने बैठे हुए थे और दीपा किसी चुदासी औरत की तरह मेरे लंड पर चूतड़ किए मेरे गोद में बैठ गई, अब उसका दोनों हाथ मेरे कंधे पर था तो उसके जांघों के बीच ही मेरा लंड खड़ा था फिर मैं अपना हाथ लगाकर लंड पकड़ा और दीपा की चूत में घुसाने लगा,













अभी आधा लंड घुसा भी नहीं था कि वो तेजी से अपने गद्देदार गान्ड नीचे की ओर कर दी और मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत में चला गया, वो मुझसे लिपटी थी तो अपने गान्ड नीचे उपर करते हुए चुदाई का आनंद ले रही थी और मेरा ६-७ इंच लम्बा लंड उसकी रसीली चूत में अंदर बाहर हो रही थी, दीदी की चूत से रज निकल चुका था तो मैं उसके कमर को थामे नीचे से तेज धक्का देता हुआ उसके चूत की कुटाई कर रहा था और वो भी अपने गान्ड उछालने में मस्त थी तो उसके गोल गोल बूब्स मेरी छाती से चिपक रही थी, सुबह की चुदाई करता हुआ दीपा का स्वागत कर रहा था फिर दोनों स्थिर हुए और वो मेरे गाल चूमने लगी तो मैं उसके पीठ सहलाने लगा, दोनों का बदन साफ था तो वो बोली ” और कितनी देर डियर
( मैं उसके पीठ सहलाने लगा ) बस एक दो मिनट ” और वो मेरे कंधे में हाथ डाले चूतड़ को उछालना शुरू कर दी तो मैं चुपचाप बैठा हुआ उसकी बुर को चोद रहा था, अब मेरे लंड के झड़ने का वक़्त आ चला था और मैं दीदी कि कमर को पकड़े दे दनादन चोदने लगा, दोनों सेक्स और संभोग सूख में लिन थे तो मेरा लंड पूरी तरह से गरम हो चुका था, अब मैं हांफने लगा और वो मेरे कंधे पर सर रखकर चुदाई का आनंद ले रही थी ” उह आह ऊं ऊं अब गर्मी हो रही है
( राहुल ५-७ धक्का मारकर चिल्लाया ) ओह ये ले साली रण्डी आह निकला ” तो मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा निकल पड़ा और दोनों उसी तरह पल भर बैठे रहे फिर अलग होकर अपने अपने योनि को साफ किए और दीदी बदन पोंछकर कपड़ा पहन अपने रूम घुसी तो मैं अपने रूम…….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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दीदी की शादी के बाद चुदाई
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#30
जब अपनी मॉम नेहा के साथ सप्ताह भर की यात्रा पर निकल गया, उसके बाद कुछ दिन तो मन उदास ही रहा, कारण की दीपा दीदी शादी के बाद अपने पति के साथ रहने दिल्ली चली गई और मैं एक सप्ताह तक मॉम नेहा के साथ वाराणसी और लखनऊ घूमकर उनको जी भर के चोदा तो वो भी बेझिझक मुझसे मजे लेते रहीं फिर कानपुर वापस आकर कॉलेज और दोस्तों के साथ समय बिताने लगा तो बी ए ( फर्स्ट ईयर ) के स्टूडेंट के लिए पढ़ाई कम और मौज मस्ती ज्यादा मायने रखता है फिर भी दीपा की याद आते रहती थी। दीपा २१ साल की कमसिन जवानी तो उसके रसीले ओंठ पर चुम्बन की यादें मन को बैचेन कर बन देती है तो उसके साथ फ्रेंच किस्स का आनंद काफी मजा देता आया है और उसके दोनों टाईट स्तन चूस चूसकर हमेशा अपने मुंह की भूख को दूर करते आया था तो उसकी सपाट पेट से लेकर चिकनी जांघो की याद मुझे तडपाने के लिए काफी है फिर उसकी रसीली गुलाबी चुत जिसके दोनों गद्देदार फांक मुझे चाटने को आतुर करती थी मुझसे फिलहाल ४०० किलोमीटर की दूरी पर है तो यादें ही सिर्फ मेरे साथ है। एक शाम बालकनी में बैठकर मॉम के साथ बातें कर रहा था कि मॉम की मोबाईल बजने लगी और मैं डायनिंग हाॅल जाकर मॉम के मोबाईल को उठाया तो देखा कि दीपा दीदी का फोन है तो मैं मॉम को मोबाईल देकर चला गया फिर अपने रूम आकर लैपटॉप पर कुछ काम करने लगा तो कुछ देर बाद डैड भी घर आ गए, रात के खाने के वक़्त सब लोग साथ ही थे तो मॉम बोली “आज दीपा का फोन आया था
( डैड ) अच्छा तो इसमें नया क्या है
( मॉम हंसने लगी ) वो बोल रही थी कि शेखर एक सप्ताह के लिए दिल्ली से बाहर जा रहे हैं
( डैड ) ओह तब तो उसको अकेले वहां दिक्कत होगी
( मॉम ) राहुल तू जाकर दीदी को लेता आ, क्या दिल्ली जाएगा
( मैं ) लेकिन फिर जाकर उन्हें दिल्ली छोड़ना भी होगा
( डैड ) तो इससे बेहतर है कि तू वहीं जाकर सप्ताह भर रह ले “मैं सर हिलाकर हामी भर दिया आखिर दोनों अकेले काफी मजा जो करते, मैं रात तो आराम से सो गया फिर सुबह चाय पीते वक़्त मॉम से पूछा “तो जीजा जी कब बाहर जा रहे हैं
( मॉम ) कल शाम को, तू देख अगर ट्रेन में टिकट ना मिले तो बस से ही चले जाओ
( मैं ) ठीक है अभी तत्काल में देखता हूं अगर टिकट मिल जाए तो रात को कैफियत एक्सप्रेस से ही निकल जाऊंगा “फिर मैं अपने कमरे गया और तत्काल के समय में टिकट बुक करने लगा, संयोगवश थर्ड एसी में टिकिट मिला तो राहत कि सांस लिया और मॉम को आकर बताया ‘ रात का टिकट मिला, दीदी को बता देना
( मॉम ) ठीक है तू ही फोन करके बता दो “तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था और मैं दीपा को अपने रूम से ही कॉल किया तो वो कॉल रिसीव की “हां राहुल बोल कैसे याद किए
( मैं ) वो तो मिलकर ही बताऊंगा
( वो ) अच्छा तो अभी क्या बोलोगे
( मैं हंसने लगा ) कल सुबह तेरे घर आ रहा हूं
( वो ) अच्छा, तो कानपुर मुझे ले जाने के लिए
( मैं ) नहीं बल्कि हफ्ता भर दिल्ली घूमने आ रहा हूं वो भी तेरे साथ
( वो ) ठीक है तेरा बेसब्री से इंतज़ार है “फिर रात को ट्रेन से दिल्ली के लिए निकल पड़ा तो पूरी रात की यात्रा के लिए एक बोतल बियर पीकर खाना खा चुका था और मध्यरात्रि के १२:४५ बजे ट्रेन कानपुर सेंट्रल से खुली तो मैं अपने बर्थ पर बेड लगाकर लेट गया, उपर का ही बर्थ था तो छोटा सा बैग वहीं रखकर तकिया पर सर रख सो गया और टी टी ई टिकट देख जब चला गया तो पल भर बाद नींद भी आ गई, सुबह ट्रेन अपने समय पर नई दिल्ली पहुंची तो उसके पहले ही मेरी नींद खुल चुकी थी, जंक्शन से बाहर आकर एक ऑटो वाले से बात किया फिर आर्मी केंट की ओर चल पड़ा तभी मॉम का कॉल आया तो मैं उनसे बात कर दिल्ली पहुंचने की बात बता दिया तो सुबह के ०७:०० बजे थे फिर दीपा को भी फोन किया, तो वो कॉल रिसीव की “हां राहुल ट्रेन से उतर गए



( मैं ) हां अभी ऑटो पर हूं लगता है तुम अभी तक सो रही थी
( वो ) हां, अब उठकर फ्रेश होने जा रही हूं, तुम्हारा जीजा रात भर तो ऐसे मेरे पर चढ़ा रहा मानो महीनों के लिए मुझे छोड़कर जा रहा है
( मैं ) चल ठीक है आता हूं”तो उसके फ्लैट पर पहली बार जा रहा था, दीदी की शादी हुए अभी दो महीना ही हुआ था तो नई नवेली दुल्हन को भला कौन पति रात भर आराम से सोने देता है वहीं हाल मेरी बड़ी बहन का था हालांकि वो चुदवाने में खुद ही एक्सपर्ट है लेकिन पता नहीं कहीं जीजा उसके गान्ड की चुदाई भी ना कर दिए हों तो मैं आर्मी केंट इलाका घुसा फिर सी ब्लॉक पहुंचकर ऑटो से उतरकर बैग लिए उसमे गया तो नीचे लिखे नोटिस बोर्ड से समझ आया कि दीदी का फ्लैट तीसरी मंजिल पर है तो मैं वहां के गार्ड से बात किया तो उसने इशारे से लिफ्ट की ओर इशारा किया और मैं लिफ्ट के सहारे तीसरे मंजिल पर पहुंच गया फिर जीजा के फ्लैट नंबर :२३ को खोज कॉल बेल बजाया, पल भर बाद दरवाजा खुला तो दीपा दीदी सामने खड़ी थी, देखकर मुस्कुराई “आओ भाई, अंदर आओ



( अंदर घुसा तो दीदी दरवाजा बंद कर बोली ) कपड़ा बदलकर फ्रेश हो ले, चाय बनाती हूं
( मैं वहीं कुर्सी पर बैठ सैंडल खोल रखा ) तो जनाब क्या सो रहे हैं
( दीपा ) हां वो सो रहे हैं”तो मैं उठकर दीपा को अपने बाहों में भरकर गाल को चूमने लगा तो वो भी मेरे गाल चूम मुझे पीछे की ओर धकेल दी फिर मैं दीदी के इशारे पर रूम घुसा, फटाफट अपना कपड़ा बदला और नित्य क्रिया कर्म हेतु वाशरूम घुसा तो वहां भी दीपा की सोच रहा था। दीपा पीले रंग कि नाईटी में सुंदर और सेक्सी लग रही थी। मैं फ्रेश होकर डायनिंग हाॅल आया फिर कुर्सी पर बैठा तो दीपा चाय लेकर आई और सामने के टेबल पर रखकर बोली “चाय पीकर क्या आराम करोगे
( मैं मुस्कराने लगा ) हां, लेकिन तुम शादी के बाद और भी सेक्सी लगने लगी हो
( वो शर्माने लगी ) धीरे बोल कहीं तेरा जीजा सुन लिया ना
( मैं ) कितने बजे तेरे वो दिल्ली से बाहर जाएंगे
( दीपा सामने की कुर्सी पर बैठकर ) शाम ०४:४० की ट्रेन है “फिर मैं चाय पीने लगा तो उसके नाईटी के डीप गले से बूब्स के क्लीवेज दिख रहे थे, दो महीने में ही दीपा की खूबसूरती में चार चांद लग चुके थे तो मैं चाय पीकर उठा और गेस्ट रूम चला गया। राहुल अब बेड पर लेटकर आराम करने के मूड में था तो मेरी नींद ट्रेन में पूरी हो चुकी थी, फिर बदन पर एक चादर डाले लेटा रहा तो मुझे कब नींद आ गई, पता नहीं और मेरी नींद तब खुली जब मुझे दीदी ने जगाया “अरे उठो राहुल, दस बजने को हैं
( मैं आंख खोला ) ओह नींद कब आ गई, पता ही नहीं चला”फिर मैं उठकर हाथ मुंह धोकर डायनिंग हाॅल गया तो वहां फौजी जीजा बैठकर नाश्ता कर रहे थे “आइए साले साहब, नाश्ता कीजिए
( मैं पास के कुर्सी पर बैठा ) थोड़ी देर के बाद, अभी कहां चल दिए


( वो ) दो बजे तक की ड्यूटी फिर शाम को ट्रेन से जम्मू जाना है”मैं तो खुश ही था कि जीजा जल्दी से निकल जाएं ताकि खूबसूरत हसीन जवान बहन को बाहों में लेकर मजा कर सकूं, फिर मैं चाय के लिए दीदी को बोला और वो साड़ी, साया और ब्लाऊज में मस्त लग रही थी। मैं चाय पीता हुआ उसके उफान लेती चूचियां देख रहा था तो वो अपने पति को देखते हुए इधर देख इशारे से नजर हटाने को बोली और मैं तिरछी नजर से सेक्सी दीदी को घुर रहा था। कुछ देर बाद जीजा ऑफिस के लिए निकल पड़े तो दीदी दरवाजा लगाई फिर वो जैसे पलटी, मैं उनके पिछे ही खड़ा था और उनको झट से अपनी बाहों में लेकर चूमने लगा तो मेरी बाहें उसको पकड़े हुए थे लेकिन दीपा तो मुझे धकेलने लगी “छोड़ो प्लीज़, राहुल अब मैं शादी शुदा हूं अब ये सब संभव नहीं
( मैं उसके गर्दन में हाथ डाले उसका चेहरा अपने चेहरे के सामने किया ) क्यों जानू बहुत पतिवर्ता बन रही है”तभी उसके गुलाबी ओंठ पर चुम्बन देता हुआ उसको कसकर पकड़े हुए बूब्स का दबाव अपनी छाती पर पा रहा था तो उसके साड़ी के ऊपर से ही चूतड़ सहलाने लगा फिर वो मुझे देखते हुए शरमाने लगी तो दोनों के कदम रूम की ओर बढ़ने लगे।
मुझे बेड पर धकेलकर दीपा मेरे सामने ही अपनी साड़ी को उतारने लगी तो मेरी सांसें थम सी गई, उनके दोनों स्तन पहले से बड़े और देखने ने सेक्सी लग रहे थे तो साड़ी खोलकर वो मेरे सामने सिर्फ़ लाल रंग के पेटीकोट और ब्लाऊज़ में थी फिर वो बेड पर आकर मेरे बदन पर ही सवार हो गई तो मैं उसके पीठ पर हाथ फेरता हुआ ओंठ को चूमने लगा लेकिन दीपा आक्रमक मूड में थी शायद पहले से ही सेक्स के लिए तैयार थी और मेरे ओंठ पर अपनी जीभ फेरते हुए वो खुद ही जीभ मेरे मुंह में भर दी तो मैं दीपा के जीभ चूसने लगा साथ ही उसके पीठ से चूतड़ तक को सहला रहा था। रूम में दोनों बेड पर मजे ले रहे थे तो दीपा को शादी के बाद पहली बार अर्धनग्न रूप में देख रहा था, वो पल भर बाद जीभ को मुंह से निकालकर मेरे गर्दन से चेहरा तक को चूमने लगी तो मेरे बदन में मानो करेंट प्रवाहित होने लगी। दीपा रुकने के मूड में नहीं थी और वो मेरे बनियान उतार कर छाती चूमने लगी तो मेरा हाथ उसके चूची को पकड़ धीरे धीरे दबाने लगा फिर दीपा मेरे कमर को चूमते हुए मेरे पैजामा के नाड़े को खोलकर उसे पैर से बाहर कर दी तो मेरा लंड दीपा के हाथ में था और वो लंड को जोर जोर से हिलाते हुए बोली “तेरे जीजा का लंड मानो गधे का लंड हो, साला दो महीने में ही चुत का कचूमर बना डाला
( मैं ) ओह तब तो तुझे अब मेरे लंड से क्या होने वाला “तो दीपा लंड को अर्ध रूप से खड़ा करके मुंह में लिए चूसने लगी और राहुल बेड पर नंगे लेटा बहन से मुखमैथुन का मजा लेने लगा, दीपा मेरे लंड को मुंह में लिए चूसते हुए झांट नोचने लगी तो समझो मेरा लन्ड उसकी मुंह में टाईट होने लगा और मैं हाथ बढ़ाकर उसकी चूची ब्लाऊज पर से दबाने लगा तो दीपा लंड को मुंह से निकाल जीभ से चाटने लगी, वो काफी जोश में लग रही थी तो मेरे लंड चाटने के बाद वो बेशर्म की तरह मेरी ओर आई तो वो पेटीकोट को कमर तक करके चुत की झलक दिखा दी फिर टांग चिहारए चूतड़ को मेरे चेहरा के उपर रखी तो क्या हुस्न का दीदार हुआ, दीपा की चुत को देखता हुआ उस पर ओंठ से चुम्बन देने लगा और दीदी चूतड़ को मेरे मुंह से उपर किए बैठी हुई बुर चटवाने लगी, उसकी फांकें फैल चुकी थी तो मैं दीपा की चुत को उंगली की मदद से फैलाकर जीभ को चुत में घुसाने लगा, फिर चाटता हुआ मस्त था तो उधर मेरा लन्ड फुंफकार मारने लगा और दीपा “उई मां, प्लीज़ अब छोड़ो चाटना चोदो मुझे “तो उसके चुत से जीभ निकालकर मैं उसको चेहरे के उपर से हटने को बोला फिर मैं दीपा को बेड पर लिटाकर उसके पेटीकोट को कमर तक किया और वो दोनों जांघें सटाए चुत छुपाने लगी, फिर मैं उसकी जांघ पर ही चुम्बन देने लगा तो उसके जांघ दो दिशा में फैलने लगे फिर मैं घुटने के बल होकर उसके चुत में लंड डालने लगा तो चुत की लचक बढ़ चुकी थी, मेरा पूरा लंड खसखसआता हुआ दीदी कि चुत में चला गया तो मैं पुरजोर ताकत से उसकी चुत चोदता हुआ ब्लाऊज पर से ही चूची दबाने लगा और वो “ओह उह आह मजा सा गया, कितने दिन बाद पहले प्रेमी का लंड निगलने को मिला, और तेज चोद साले”तो मैं दीदी के बदन पर सवार हो गया, हालांकि उसकी ब्लाऊज और पेटीकोट बदन पर ही थी लेकिन मेरी तेज चुदाई और उसके चूतड उछालने की वजह से दोनों को पुनः चोदन में मजे मिलने लगा तो दीपा मेरे पीठ सहलाते हुए अपनी चूतड़ किसी चुदक्कड़ औरत की तरह उछाल रही थी और तभी दीदी की चुत से राजधार निकल पड़ा तो दीपा अपना चूतड़ स्थिर किए “थोड़ा ब्रेक दोगे
( मैं उसके ओंठ चूमा ) क्यों जानू, फौलादी लंड की जगह छोटा सा भी झेल नहीं पा रही हो “तो वो मुझे तन पर से हटाने लगी फिर दोनों एक ही साथ वाशरूम गए और फ्रेश होकर वापस आए तो दीपा बेड पर डॉगी स्टाइल में हो गई तो राहुल उसकी गोल चूतड़ के सामने लंड पकड़े बैठा फिर चुत के छेद में घुसाने लगा, धीरे धीरे पूरा लंड अंदर पेलकर चुदाई करने लगा तो उसकी चूची मेरे हाथ में थी, मात्र दो महीने में ही दीपा निखर गई थी तो उसकी चूची दबाता हुआ चुदाई करने में लीन था और वो भी सेक्स कि दुनिया में खो चुकी थी “उह ओह आह अब जल्दी माल गिराओ साले
( तभी लंड से वीर्य स्खलित होने लगा ) ले साली रण्डी वीर्य का मजा ले”तो मैं लंड बुर से निकालकर वाशरूम चला गया और दीदी बेड पर ही लेटी रही।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#31
दीपा दीदी के साथ सुहागरात : भाग
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#32
राहुल मात्र १८ साल का था और उसकी बड़ी बहन दीपा की शादी हो गई, उसके सेक्सी जिस्म, लंबाई ५’४ फीट, पतली कमर, चौड़ी छाती पर मानों चूचियां पर्वत श्रृंखला बनाई हुई हों तो गोल गद्देदार चूतड़….. लाल रंग के साड़ी, डीप गले वाली ब्लाऊज और साथ ही ओंठो पर लिपस्टिक लगाएं वो खूबसूरत दिख रही थी तो उनकी उम्र २१ साल की थी पर डैड लड़कियों की शादी में जल्दबाजी दिखाते हैं तो शादी का कार्यक्रम रात के ११:३० बजे समाप्त हुआ फिर दीदी अपने रूम गई जहां घर की महिलाएं उन्हें लेकर वहां पहुंची तो सुहाग्सेज पर आज दीपा दीदी की चुत का सील टूटने वाला था पर ये सभी की सोच होगी नाकी मेरी ओर दीपा की, शादी एक होटल से हुआ था तो दीदी और जीजा जी के लिए बेडरूम भी एक रात के लिए वहीं तैयार किया गया था तो सारी बाराती समेत यहां के अतिथि खा पीकर या तो होटल के कमरे में आराम करने चले गए थे या फिर अपने घर वापस हो गए। राहुल शादी के सारी तैयारी करते करते थकावट के मारे में परेशान थी और रात को मैं एकांत में दो बोतल बियर पीकर अपनी थकावट को दूर करने लगा फिर मेरी मोबाईल बजने लगी, देखा तो दीपा दीदी का कॉल था “जी दीदी, बोलिए क्या बात है
( वो थोड़ी उदास होकर ) राहुल तुम होटल में ही हो ना
( मैं ) हां हां लेकिन बात क्या है
( दीदी ) तुम मेरे रूम आ जाओ, फिर बताती हूं”तो मैं बियर पी चुका था और होटल के लॉन में बैठे सिगरेट पीते हुए इस सोच में था कि आखिर दीदी सुहागन की सेज पर अपने पति के साथ होकर मुझसे क्यों कमरे में आने को बोल रही है, खैर मैं दीदी के कमरे के पास जाकर धीरे धीरे दरवाजा नॉक करने लगा तो दीदी दरवाजा खोली और बोली “जल्दी अंदर आओ “वो दरवाजा बंद कर दी तो मेरी नजर फौजी जीजा पर गई और वो तो बेड पर खराटे भर रहे थे तो दीदी अपने शादी के लिबास में काफी सुंदर लग रही थी, मुझे देख बोली “देखो, डैड कैसे लड़के के पल्लू मुझे बांध दिए हैं, रूम आते ही फिर से शराब पीने लगे और बेहोश “तो दीपा दीदी के आंखों से आंसू की बूंदें छलक पड़ी और मैं दीपा के आंसू पोंछ कर उन्हें अपने सीने से लगा कर पीठ थपथपाया “आराम से सो जाओ, जब आपके पति जागेंगे तभी आप मजे लेना
( वो मेरे से लिपटे ) नहीं राहुल, इसे इसी तरह सोने दो और रात तुम मेरे साथ रुक जाओ
( मैं उसके चूतड़ सहलाने लगा ) आज तो तू गजब की खूबसूरत और सेक्सी लग रही है “तो किंग साईज बेड पर जीजा जी एक किनारे सो रहे थे तो उनकी सेक्सी बीबी मेरे बाहों में मेरे चेहरे को चूमने लगी फिर एक बार दोनों के बीच सेक्स सह संभोग हुआ ( इस कहानी के प्रथम भाग “दीपा दीदी के साथ सुहागरात” पढ़ें ) ।



मध्यरात्रि के ०१:३० बजे जब मेरी आंखें खुली तो देखा कि दीदी पलंग पर नहीं है, पता नहीं मुझसे तो एक बार चुदाई करा चुकी है अब किसके संग मजे ले रही है। राहुल उठकर पहले तो अपना पैजामा ठीक किया फिर वाशरूम की ओर गया, जैसे ही दरवाजा को धकेला अंदर से बन्द था और मैं समझ गया कि दीपा अंदर फ्रेश होने को गई है और मैं वहीं रुका रहा तो कुछ देर के बाद दीपा अंदर से निकली तो मुझे देख बोली “अच्छा हुआ तुम जाग गए, जल्दी फ्रेश हो लो “तो वो एक लाल रंग की नाईटी पहन रखी थी और मैं वाशरूम घुसकर फ्रेश हुआ फिर वापस आया तो रूम में लाल रंग का नाईट बल्ब जल रहा था और दीपा बेड पर लेटे मुझे इशारे से बुलाई तो मैं थोड़ा सहमा हुआ था कि कहीं जीजा जाग गए तो दोनों की चोरी पकड़ी जाएगी। मैं बेड के पास खड़े होकर दीपा को इशारे से बुलाया तो वो उठकर मेरे करीब आई और मैं उसके कमर में हाथ डाले उसे सोफ़ा तक ले आया, सोफ़ा की चौड़ाई ठीक थी साथ ही उसके बैक को खोलकर बेड बनाने का भी उपाय था, सोफ़ा को खोलकर बेड बना दिया तो दीपा दो तकिया बेड पर से लाकर रखी फिर दोनों सोफ़ा पर बैठ गए, वो लाल रंग की सेक्सी नाईटी पहन रखी थी तो उसके जालीदार हिस्से से चूचियों की झलक साथ ही सेक्सी कमर से जांघें तक का हिस्सा दिख रहा था। दीपा और राहुल सोफ़ा के बीचोबीच बैठ कर एक दूसरे को अपने बाहों में लिए चूम रहे थे तभी दीपा मेरी गोद में बैठकर मेरे कंधे में हाथ डाल दी, तो उसके दोनों पैर मेरे कमर से लिपटे हुए थे और मैं उसके रसीले ओंठ पर चुम्बन देने लगा तो दीपा मेरे ओंठ को ही मुंह में लेकर चूसने लगी फिर दोनों के बदन एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे को कामुकता की ओर ले जा रहे थे।



मेरे गोद में अपनी चूतड़ रखे एक २१ साल की नई नवेली दुल्हन बैठी हुई थी तो उसका दूल्हा शराब के नशे में धुत बेहोशी की हालत में गहरी निंद्रा ले रहा था और राहुल अपनी बड़ी बहन को चूमते हुए उसके जीभ को मुंह में लेकर चूसने लगा तो वो अपने दोनों चूची मेरे छाती से रगड़ रही थी, उसके गद्देदार गान्ड मुझे काफी मजा देने लगे तो उसकी जीभ चूसकर मैं उसे सोफ़ा पर ही लिटा दिया, वैसे भी एक डेढ़ घंटे तक आराम करने के बाद मेरा लंड चुदाई के लिए दुबारा तैयार हो चुका था तो वो खुद ही अपने नाईटी के डोरी को खोलकर उसे दो दिशा में कर दी और उसके नग्न जिस्म से चूचियों को देखता हुआ मैं अब उसके स्तन पर चेहरा लगाया फिर मुंह में चूची लेकर चूसने लगा तो उसकी नाईटी बाहों में थी और उसके मुलायम बूब्स को चूसता हुआ उसके हाथ का एहसास अपने पीठ पर पा रहा था, वो सिसक रही थी “उई मां इतनी गुदगुदी चुत में हो रही है ओह राहुल प्लीज़ अब डालो ना



( मै चूची छोड़कर बोला ) आराम से बेबी अभी तो मुखमैथुन का आनंद बाकी है फिर चुदाई का मज़ा लेना “वो अपने चेहरे को हथेली से ढक ली और मैं उसके दोनों चुचियों को मसलने लगा लेकिन ओंठ का प्यार उसके पेट से कमर तक देने लगा तो दीपा अपने दोनों जांघ एक दूसरे पर चढ़ाकर उसे रगड़ रही थी और मैं कमर चूमकर उसके पैर के पास बैठा। राहुल अपनी बड़ी बहन की शादी के बाद आराम करना चाहता था लेकिन सुहाग सेज पर भी मुझे ही हर काम करना पड़ेगा नहीं सोचा था, अब दीदी के दोनों जांघों को फैलाकर उसकी चुत सहलाने लगा तो दीपा मुझे तकिया बढ़ा दी फिर मैं उसके चूतड़ के नीचे तकिया डालकर अपना चेहरा उसके चुत के पास किया तो दीपा अपने चुत की शेविंग करके सुहाग सेज पर आईं थीं लेकिन पति तो बेहोश था और अपने छोटे भाई से ही चुदाई कराके दीपा अपनी सुहागरात मना रही थी।
होटेल के रूम में एक सोफ़ा जोकि बेड का रूप ले चुका था, उसपर एक जवान लड़की अर्धनग्न अवस्था में लेटी हुई थी तो उसके दोनों जांघों के बीच चेहरा किए मैं चुत को चूमने लगा तो वो रह रहकर अपनी चूतड ऊपर कर रही थी, तभी मैं उसके दोनों जांघों को घुटने के बल मोड़कर कसकर पकड़ा फिर उसकी चुत को फैला कर जीभ से चाटने लगा तो दीपा खुद ही अपनी चुत फैलाकर मुझसे चटवाने लगीं, मेरा लन्ड अब पैजामा के अंदर चोदने को तड़प रहा था तो मैं किसी कुत्ते की भांति लपलप जीभ घुसाने लगा और दीपा की चुत चाटता रहा। पल भर बाद उनके चुत के मानसल फांकों को अपने ओंठ के बीच लेकर चूसने लगा तो वो मेरे सर पर हाथ लगाए “उह ओह अब और नहीं डियर अब डाल ही दो” तो मैं दीपा की चुत चूसता हुआ स्वर्ग की सैर करने लगा और अचानक मेरे मुंह में चुत का रज निकल पड़ा तो दोनों पल भर के लिए एक दूसरे से अलग हुए। मेरा लन्ड अब चोदने को तैयार था तो दीपा अपने नाईटी के डोरी को बांधकर वाशरूम भागी तो वक़्त मध्यरात्रि के ०२:०५ हो रहे थे, जीजा की ओर देखा तो मन में डर था कि कहीं हम दोनों के काम क्रीड़ा के बीच ही जाग गए तो फिर समझिए क्या होगा ! मैं दीदी के पीछे वाशरूम भागा और वहां जब वो मूतकर उठी तो मैं दीपा को वाशरूम में ही खड़ा करके उसे घोड़ी बनने को बोला तो दीपा पहले तो वाशरूम का दरवाजा बंद कर दी फिर खुद ही नाईटी उतार कपड़े के हेंगर में टांग दी, अब वो दीवार की ओर मुंह किए उस पर दोनों हाथ लगाई तो उसके जिस्म का अग्ला हिस्सा झुका फिर वो पिछले भाग को किसी जानवर की तरह कर दी तो दीपा का नग्न जिस्म चौपाया जानवर की तरह था, मैं तुरन्त ही पैजामा खोला फिर अपना मूसल लंड उसके चुत से लगाकर धीरे से सुपाड़ा अंदर पेल दिया तो दीपा की चुत में मेरा लन्ड घुसने लगा और मैं साली चुदक्कड़ के कमर को पकड़े एक जोर का धक्का दे मारा तो समझो पूरा लंड उसकी रसीली चुत निगल गई, अब मैं नई नवेली दुल्हन की चुत चुदाई शुरू किया तो दीपा खुद अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए चुदाई का मजा दुना करने लगी और मैं दीपा की टाईट चुत में अपना ६-७ इंच लम्बा लंड डालकर चुदाई कर रहा था तो वो रह रहकर अपने चूतड़ को पीछे की ओर धकेल देती, तभी मेरा हाथ उसके चूची को पकड़ दबाने लगा तो वो आहें भरने लगी “उह ओह बहुत मजा आ रहा है राहुल चोदते रहो
( मैं खड़े खड़े चुत को चोदने में लीन था ) अरे बहना, अभी तो तेरी असली चुदाई बाकी है, जीजा का मूसल लंड जब तेरी चुत चोदेगा तब तेरी असली चुदाई होगी
( दीपा हंसने लगी ) लगता तो नहीं है जानू, अगर इसी तरह दारू पीकर सोता रहा तो मुझे तो किसी और के लंड का मजा लेना होगा
( चुत की गर्मी चरम पर थी ) लेकिन अब तो तू इस फौजी की पत्नी है, इधर उधर मुंह मारेगी तो समझो क्या होगा
( वो अपने चूतड़ को स्प्रिंग की तरह हिलाने लगी ) तो क्या टांग फैलाए बेड पर इस साले का इंतजार करती रहूंगी फिर बेबस होकर सो जाउंगी
( मैं चोद चोदकर हांफने लगा ) ठीक है फिलहाल चुदाई का आनंद ले”लेकिन मेरे तेज रफ्तार की चुदाई ने ५-६ मिनट में ही लंड को निढाल कर दिया, वीर्य का फव्वारा दीदी की चुत में था और वो झट से मेरा लंड चूसकर वीर्य पान कर ली, दोनों फ्रेश होकर वाशरूम से बाहर आए फिर मैं होटल के अपने रूम गया और दीपा दीदी सुहाग सेज पर सो गईं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#33
[Image: 13eec4a22276106b1852885c022135c4.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#34
[Image: single_018_1325050849252129.jpg?1513047408]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#35
3,712...........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#36
3,820
(05-07-2021, 06:00 PM)neerathemall Wrote: [Image: single_018_1325050849252129.jpg?1513047408]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#37
(06-03-2019, 01:11 AM)neerathemall Wrote:
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#38
[Image: 45897024_008_a107.jpg]
(11-01-2021, 01:23 PM)neerathemall Wrote: रा नाम रोहित है, मेरी उम्र २५ साल है. एक बार मैं अपने रिलेटिव की शादी पर गया था. पार्टी एक होटल में थी, वहा एक रूम में मेरे कजिन ने दारू का इंतजाम किया हुआ था जो किसी परिवार वालो को पता नहीं थी… हम सब भाई ऊपर जाते दारू का पैक लगा कर फिर निचे आकर डांस करते.
मेरी एक कजिन है विन्नी दीदी, उसने देख लिया की हम सब बीच बीच में कही चले जा रहे थे. उसने हमारा पीछा किया और रूम तक आ गयी. दीदी ने हम सबको दारू पीते हुए देख लिया..

दीदी: अच्छा ये सब हो रहा है यहाँ पर
हमने दीदी को देखा तो हम सब डर गए.
मैं: दीदी प्लीज किसी को मत बताना…
दीदी: अकेले अकेले दारू पिओगे तो जरूर बताऊंगी
मैं: ओह्ह्ह दीदी आप भी पिओगी
दीदी: क्यों नहीं… मुझे भी चढ़ानी है थोड़ी सी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#39
(06-03-2019, 01:11 AM)neerathemall Wrote:

Bella MorettiPrince Yahshua



[Image: 39190213_020_02d6.jpg]

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#40
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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