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फिर क्या था दोस्तों वो मेरी चूचियों को आप पीने लगा। और मेरे ऊपर चढ़ गया। उसने मेरा पेंट निचे कर दिया और टी शर्ट ऊपर। अब उसने मेरे होठ को चूसना शुरू कर दिया। मैं पागल होने लगी। मैं आँख खोल दी और उसको पकड़ कर चूमने लगी। टी शर्ट उतार दी और उसको अपने आगोश में ले लि। अब मैं चुदने को तैयार थी। मैंने दोनों टांगो को फैला दी। और फिर उसके कपडे खोलने बोली तो तुरंत ही नंगा हो गया। मैं उसको इशारा की चूत चाटो। वो मेरी चूत चाटने लगाए मैं उसके बाल को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। वो मेरी चूत चाटने लगा।
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अब मैं उसके होठ को चूसने लगी वो मेरी जिस्म को सहलाने लगा मेरी चूचियां दबाने लगा। मैं बैठ गई उसको लिटा दी और उसके लंड को पकड़कर मैं चूसने लगी। उसके शरीर में सिहरन होने लगी। और मैं बहुत ही ज्यादा कामुक हो गई है। मैं फिर से वापस लेट गई और चुदने को तैयार हो गई अपना पैर फैला दी। और उसको देखने लगी। वो अपना लैंड मेरी चूत पर लगाया और जोर से घुसा दिया मेरी चूत में।
ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ दोस्तों बाहर बारिश और अंदर चुदाई इसका मजा ही कुछ और है। वो अब मुझे चोदने लगा। और मैं खुद गांड को गोल गोल घुमाती तो कभी धक्के देती। पूरा लंड अंदर जा रहा था मेरी चूत बार बार पानी छोड़ रहा था। उसका लौड़ा अंदर बाहर हो रहा था। मेरे होठ सुख रहे थे।
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भाभी समझ कर मुझे चोद दिया मेरा भाई और मैं भी खूब चुदवाई भैया से
मेरा नाम विनीता है, आज मैं आपको अपनी एक बड़ी ही हॉट चुदाई की कहानी सूना रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भैया रणवीर के बारे में है, आप को मेरी ये कहानी बहूत ही ज्यादा हॉट लगेगी, क्यों की आज भी वो दिन जब याद करती हु, तभी मेरी चूत गीली हो जाती है. और अपनी चूचियां खुद ही अपने हाथों से मसलने लगती हु, आज मैं कोशिश करुँगी जो उस रात को हुआ था मैं हु बहु आपको बता दू. दोस्तों , आपको खुद ही देख लीजिये आपको इस वेबसाइट जैसी हॉट कहानियां कहीं नहीं मिलेगी. मैं तो इस वेबसाइट की कहानी पढ़ पढ़ कर मैं अपनी चूचियां खूब दबाती हु और अपने चूत में ऊँगली करती हु, अब मैं आपका समय बर्बाद नहीं करुँगी.
मैं 21 साल की हु, मैं कानपूर की रहने बाली हु, मेरे भैया जो मेरे से सिर्फ एक साल बड़े है, ये कहानी जुलाई की है. मेरी शादी 12 जून को हुई थी. और 2 जुलाई को मेरे भैया की शादी हुई, मैं अपने ससुराल से वापस आ गई थी क्यों की भैया की जो शादी होनी थी. दोस्तों पर मेरे चूत को लंड की आदत हो गई थी क्यों की शादी के बाद थोड़े दिनों तक ही ससुराल में रही थी, तो खूब चुदी थी, पर जब मैं अपने मायके आई तो मुझे अपने पति का लंड याद आने लगा था. भैया के शादी में मेरे पति भी आये थे पर वो दो दिन में ही चले गए और मैं थोड़े दिन के लिए और रह गई थी. भैया की शादी के चार दिन बाद की ये कहानी है. माँ और पापा दोनों मन्नत मांगे थे की दोनों बच्चों की शादी करने के बाद हरिद्वार जाना था. और वो दोनों चले गए.
घर में मैं और नई नवेली भाभी और भैया थे, मैं तो दिन रात सजी संवरी रहती थी क्यों की मेरी भी शादी हुई थी, हम दोनों ननद भाभी एक दूसरे का लाल लाल कपडे चूड़ियां, शेयर करते थे, और खूब खुश रहते थे, एक दिन की बात है हम दोनों ननद और भाभी ही घर पर थे, क्यों की भैया की जिगरी दोस्त की शादी थी इसलिए वो बरात चले गए थे, वो लेट नाईट वापस आते, तो मैं और भाभी दोनों एक ही बेड पर सो गए थे, रात को लाइट चली गई थी, गर्मी का दिन था, पंखा भी बंद हो गया था, भाभी ज्यादा कोमल है, क्यों की वो दिल्ली की रहने बाली है. वो हमेशा एयर कंडीशनर में रहने बाली है, यहाँ पंखा भी चलना बंद हो गया था. इसलिए वो इधर उधर घूमने लगी. और मेरी नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.
अचानक मेरे होठ को किसी ने जोर से चूमने लगा. और मेरी चूचियों को दबाने लगा. मैंने देखा तो भैया थे, उनके मुह से शराब की बदबू आ रही थी, मैंने कुछ बोलना चाही पर उन्होंने मेरा मुह दबा दिया, जोर से और बोले की विनीता सुन लेगी. मैं समझ गई को वो भाभी समझ कर मेरी चूचियों को दबा रहे थे और किश कर रहे थे, असल में हम दोनों दुल्हन की तरह ही थे लाल लाल साडी में ऊपर से बिजली नहीं थी. इसवजह से वो मुझे पहचान नहीं पाए. और वो मेरे ब्लाउज के हुक को खोल दिए और मेरी चूचियों को दबाने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो, आपने शराब पिया है. उन्होंने मेरा मुह फिर से दबा दिया, वो काफी ज्यादा नशा में थे. वो काफी मजबूत है इसलिए मैं उनको रोक नहीं पाई.
और देखते ही देखते उन्होंने मेरी साडी ऊपर कर दी और पेंटी उतार दी, अब दोस्तों सच बताऊँ मुझे भी अच्छा लगने लगा. क्यों की मैं खुद भी लंड की प्यासी थी. मैं चुचाप हो गई. और उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी चूत के ऊपर रखा और जोर से पेल दिए. मैं छटपटा गई. क्यों की भैया का लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा मोटा और लंबा महसूस हो रहा था. मेरे मुह से चीख निकल गई. उन्होंने फिर से मेरे मुह को बंद कर दिया और बोले साली तुमको समझ नहीं आ रहा था. मेरी बहन को पता चल जायेगा. वो आँगन में सोई हुई है. मैंने समझ गई की भाभी आँगन में सोई है. लाइट जाने की वजह से. मैं चुपचाप हो गई. और लंड का मजा लेने लगी.
मैंने अपना ब्रा का हुक खोल दिया, और मैंने अपनी चूचियां अपने भाई के मुह से लगा दी. वो मेरी चूचियों को अपनी दांतो से काट रहे थे. और मसल रहे थे. मैं सातवे आसमान में थी. मेरे शरीर का रोम रोम खड़ा हो गया था. मैं अपने आप को भाई के हवाले कर चुकी थी. और चुदाई का मजा ले रही थी. भैया जोर जोर से धक्का लगा रहे थे. मैं भी अपना गांड उठा उठा कर लंड पेलवा रही थी. मेरी चूत काफी गीली हो गई थी. चूचियां तन गई थी. मैंने अपने भाई को बाहों में भर लिया, और अपने पैरो से लपेट ली. मेरा भाई नशे में होने के कारण वो समझ ही नहीं पा रहा था की आज उसकी बहन चुद रही थी. भाभी तो गांड फाड़ कर आँगन में सो रही थी. उसके बाद वो गालियां दे दे के चोद रहे थे.
दोस्तों क्या बताऊँ पति से ज्यादा खुश भैया कर रहे थे. उनका गठीला बदन लंबा लौड़ा, मोटा लौड़ा और वो जोर जोर से चोदना नशे की हालत में. करीब २० मिनट की चुदाई मुझे खुश कर दिया. और वो झड़ गए. और झड़ते ही तुरंत ही सो गए. मैंने अपने कपडे ठीक की ब्रा पहनी, ब्लाउज पहनी, तब तक भैया खराटे लगाने लगे. मैं उठी और आँगन में जाके भाभी को उठाई, बोली की भैया आ गए है. वो जाकर भैया के साथ सो गई. और मैं वही आँगन में लेट गई. नींद जब खुली तो सुबह हो चुकी थी. भैया को आजतक पता नहीं चला की वो रात भाबी को नहीं अपने बहन यानी की मुझे चोदा था.
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भैया ने भाभी समझकर चोद दिया मुझे
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हेलो मैं नेहा लालबानी, आगरा से हु, आज मैं आपके लिए अपने ज़िंदगी की एक हकीकत पेश कर रही हु, मैं भाई के लण्ड से चुद गयी, पहले तो मेरी इच्छा नहीं थी, मुझे लग रहा था ये सारे गलत है पर बाद में मुझे लगा की नहीं अपनी वासना की भूख शांत कर लू, उस समय मेरे छूट में भी पानी आ गया था और मेरी धड़कन भी तेज हो गयी थी, और मैं अपने आप को रोक नहीं पाई सलवार का नाड़ा ढीला किया और भैया का मोटा लण्ड अपने बूर में समा ली और गांड उठा उठा के धक्का देने लगी, आपको मैं अपनी पूरी कहानी बताती हु,
मेरी उम्र २१ साल की है और मेरे भाई की २७ साल की, भाई की शादी इसी साल हुयी थी, भाभी बड़ी ही हॉट है, वो ऐसी है जैसे की पटाखा हो, कोई भी मर्द उसको देख ले उसकी रात की नींद उड़ जाये, भाई की भी नींद आजकल उडी हुयी है, क्यों की आज कल दिन में २ बार तो मैंने उसको देखा है भाभी को चोदते हुए. पर आज वाक्या ऐसा हुआ की मैं चुद गई.
रात के करीब ११ बज रहे थे, भैया अपने दोस्त की शादी की पार्टी में से आये थे, भाभी का शाम से ही पेट दर्द कर रहा था तो वो मेरी माँ के कमरे में पेट पे गरम पानी की थैली से सिकाई करवा रही थी और उनको नींद आ गया, मैंने माँ से कहा माँ भाभी को बोलो अपने कमरे में सोने के लिए तो बोली सोने दे अभी आराम हो जायेगा, मैं भी सोची माँ सही बोल रही है, तभी लाइट चली गयी, मेरा नाईटी नहीं मिल रहा था तो मैंने भाभी की नाईटी डाल ली और छत पे सोने चली गयी, माँ भाभी निचे सो रही थी भाभी माँ के कमरे में थी, भैया आये रात के करीब ११ बजे वो भाभी के कमरे में गए, भाभी वह नहीं थी, वो समझ गए की लाइट नहीं है हो सकता है की वो छत पे होगी.
वो छत पे आ गए, मैं हलकी हलकी नींद में थी, भैया आये और बोला सपना (भाभी) मेरी डार्लिंग तुम यहाँ हो मेरा लण्ड तुम्हे निचे ढूंढ रहा था देखो देखो कैसे खड़ा होक तुम्हे बुला रहा है, भैया की आवाज साफ़ साफ़ नहीं निकल रही थी, उन्होंने काफी पि ली थी, मैं चुप हो गयी मैं सोच की अभी चले जायेगे, पर वो मेरे पास लड़खड़ाते हुए बैठ गए मैंने कहा भैया मैं हु नेहा, तो भैया बोले साली मेरे से मजाक कर रही हु, क्यों आज तुम्हे मेरा मोटा लण्ड नहीं चाहिए, आज तो मैं तुम्हे खुश कर दूंगा, फिर बोली यार सपना तुम मुझे इस नाईटी में बहुत ही खूसूरत और सेक्सी लगती है, जी तो करता हु चूस लू तेरे बदन को, मैं समझ गई की मेरा भाई ज्यादा पि रखा है मैं उठ के बैठी जाने के लिए तभी वो मुझे, धक्का दे दिया और मैं वापस अपने तकिये पे गिर पड़ी.
उसके बाद उसने मेरे चूच को पकड़ लिया और मसलने लगा, और होठ में अपना होठ रख दिया और किश करने लगा मैं बचने की कोशिश करने लगी पर वो मुझे अपनी बाहों और टांगो में जकड रखा था, मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी, उसने नाईटी ऊपर कर दिया मैंने ब्रा नहीं पहनी थी उसने मेरी चूच को अपने मुह में ले लिया और पिने लगा, और कह रहा था साली आज तो तेरी चूच काफी टाइट लग रही है, बड़ी होठ लग रही है, क्या बाद है, मैं कुछ बोलने के लिए सोची पर उसने मेरे मुह पे हाथ रख दिया बोला कुछ भी नहीं बोलना पडोश के छत पे कोई है आवाज सुन लेगा, मैं चुप रही उसके बाद उसने नाईटी मेरे गले से बाहर निकाल दिया और मेरा हाथ ऊपर कर के वो मेरी कांख के बाल को चाटते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगा, मैं भी थोड़ी मदहोश होने लगी.
सच पूछिये तो मुझे भी लगा की आज मौके का फायदा उठाया जाए , मैंने अब भाई को हेल्प करने लगी मैंने अपनी टांग फैला दी भाई बीच में आ गया सलवार पहनी थी नाड़ा मैंने ढीला कर दिया, ऊपर तो सब कुछ खुला हुआ था भाई मेरा चूच को ऐसे दबा रहा था जैसे बच्चे के हाथ में कोई खिलौना हाथ लग गया हो, मैं भी अब भाई को होठ को चूसने लगी और अपना जीभ उसके मुह में डालने लगी, फिर वो मेरा सलवार खोल दिया और पेंटी में हाथ घुसा दिया, वो धीरे धीरे सहलाने लगा, मेरी चूत गरम और गीली हो चुकी थी, मेरा चूच तन गया था, होठ सुख रहे रहे थे पर भाई बार बार चूस के गिला कर रहा था, फिर उसने मेरी पेंटी खोल दी.
निचे सरक गया और मेरी चूत को चाटने लगा मैंने अब बहुत ही परेशान हो रही थी, क्यों की आजतक किसी ने मेरी चूत को हाथ तक नहीं लगाया था और आज सीधे कोई चाट रहा है, मैं तो बौखला गयी थी, करती क्या मैंने भाई को थोड़ा ऊपर खींचा ताकि वो मुझे अब चोद सके वो नशे में था. वो अपना मोटा लण्ड मेरे चूत पे रखा और गाली देते हुए मेरे चूत के अंदर डाल दिया, बोला ले साली मैंने कहा था ना मेरा लण्ड तुम्हे ढूंढ रहा है, मैंने तो फरफरा गई, दर्द होने लगा पर छत पे थी मैं कोई आवाज भी नहीं निकाल सकती, करती क्या चुप रहना ही बेहतर समझा,
फिर क्या था वो मेरी टांगो को ऊपर उठा दिया, मेरे चूच को दोनों हाथ से पकड़ लिया और ले दना दन, वो हचा हच कर के चोद रहा था मेरी चूत गीली हो चुकी थी और दर्द का एहसास भी हरेक झटके के साथ खत्म हो रहा था, मुझे भी मजा आने लगा मेरी चौड़ी गांड भाई का पूरा बजन उठाये हुए था, बूर से फच फच की आवाज आ रही थी, मैं मदहोश होने लगी ये मेरी पहली चुदाई थी वो भी अपने भी भाई के द्वारा, भाई गाली दे रहा था, हरेक झटके पे एक गाली और मैं पूरी हिल रही थी उसके झटके से, फिर थोड़े देर बाद वो शांत हो गया मैं भी इसके पहले दो बार झड़ चुकी थी पर भाई मुझे लगातार चोदे जा रहा था और फिर एक लम्बी आह लेते हुए अपना सारा मलाई मेरे चूत के अंदर ही डाल दिया, और वो शिथिल हो कर निचे लेट गया. मैं तुरंत ही पेट के बल लेट गयी क्यों की दर था की कही गर्भ ना रह जाये मैं भाई के वीर्य को चूत से बाहर निकलने के लिए लेट गई.
[url=https://www.nonvegstory.com/%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%97-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%97-%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%89%e0%a4%aa%e0%a4%b0/]
फिर मैं धीरे से उसका हाथ हटाई जो की मेरी चूच पे था और नाईटी पहनी और निचे आ गयी, रात के कररीब १२.३० हो गए थे, भाभी और माँ एक साथ ही सोई थी, मैंने भाभी को जगाया, वो बोली भैया आ गए, मैंने कहा हां वो छत पे है, भाभी उठी और छत पे चली गई. सुबह पहले तो मुझे २ घंटे तक नींद नहीं आई फिर सो गई, सुबह उठी तो सब कुछ नार्मल था, भैया ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे थे भाभी नाश्ता तैयार कर रही थी माँ पूजा कर रही थी, यानी को भैया को भी नहीं पता चला को रात में उसने मुझे चोदा था. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, प्लीज बताये, रेट तो बनता है दोस्त और मैं कल फिर एक कहानी ला रही हु, , भैया ने भाभी समझकर चोद दिया मुझे
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08-01-2021, 02:18 PM
(This post was last modified: 24-11-2024, 04:09 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
भैया ने भाभी समझ कर चोद दिया सच्ची कहानी
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दोस्तों मेरा नाम नेहा है मैं 19 साल की हूँ। आज मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी नहीं सच्चाई है। आज मैं आपलोगों की भी ये कहानी सुनाने जा रही हूँ।
ये बात ज्यादा पुरानी नहीं है कल की ही है। कैसे मुझे सगे भाई ने चोदा वही बताने जा रही हूँ। और सच्चाई तो ये है की ये चुदाई ग़लतफ़हमी में हो गई है पर जो हो गया उसके लिए क्या करना अब तो कहानी बन गई ही चुद गई हूँ। एक जनवरी को ही मेरे भाई की शादी हुई है। और मेरी भाभी मेरे उम्र की ही है कद काठी भी मेरे जैसी ही ज़रा भी अंतर नहीं है। दोस्तों मुझे बचपन से ही दुल्हन बनने का बहुत शौक है। मैं घर में हमेशा दुल्हन दुल्हन खेलते रहती थी। और मुझे दुल्हन बनना बहुत पसंद है। मैं जब भाभी को देखि तो फिर से दुल्हन बनने का मन करने लगा। इसलिए मैं भाभी को बोली भाभी आज शाम को तो भइया पार्टी में जा रहे है मामा जी के यहाँ और शायद वो रात में नहीं लौटे तो आज शाम को मुझे आप दुल्हन बनाना इस बार मैं सच की बनना चाहती हूँ।
आप मुझे अपना कपडे पहनना और गहने भी मैं आपका शादी की लाल साडी पहनना चाहती हूँ। आप मुझे अच्छे से सजाना। तो भाभी बोली सही है मेरा भी समय कट जाएगा क्यों की आपके भैया नहीं रहेंगे तो मुझे भी मन नहीं लगेगा। तो दोस्तों मैं शाम को जब भैया चले गए तो मैं दुल्हन बनने के लिए तैयार हो गई और भाभी ने मुझे अपने कपडे दिए और वैसा ही सब कुछ किया आप यूँ समझिये की मैं सिर्फ सिंदूर ही नहीं लगाई थी सजी धजी थी दुलहन की तरह।
जब सज धज गई तभी भाभी के पापा आ गए। वो बिना बताये आये थे उन्होंने कहा की सरप्राइज देना था इसलिए बिना बोले आ गए। इसलिए लिए भाभी बहुत खूश हुई। और वो अपने पापा से बात करने के लिए घर के बगल में ही एक कमरे का सेट हैं जहाँ गेस्ट रहते हैं वही चली गई क्यों की रात का समय था तो कोई दिक्कत नहीं था वो वही बैठ कर बात करने लगी पापा जी से। मैं उनका ही इंतज़ार कर रही थी। की जब वो आयेगी तभी सारे कपडे उतारूंगी मैं सेल्फी ले रही थी। फोटो खींच रही थी। तभी लाइट चली गई। मैं एक मोमबत्ती जलाई और फिर मेन गेट बंद करने के लिए चली गई ताकि कुत्ता नहीं आ जाये।
तभी भैया आ गए। वो अंदर आते ही मुझे पकड़ लिए उनके मुँह से शराब की बदबू आ रही थी। वो पिए हुए थे। शायद वो मामा के यहाँ अभी नहीं गए थे। मैं पूछी की आप तो मामा के यहाँ जानेवाले थे तो वो बोले यार जा रहा हूँ बस पंद्रह मिनट में निकलूंगा एक दोस्त ने पार्टी दे दी इसलिए लेट हो गया। वो मुझे पकड़ लिए मैं बार बार बोल रही थी छोडो छोडो मुझे अरे मैं हु पर उन्होंने मेरी नहीं सुनी। उन्होंने मेरे मुँह को दबा दिया। और मुझे कमरे में खींचे लिए और पलंग पर लिटा दिया और साडी को ऊपर किया पिंटी खोली।
मैं बचने की कोशिश कर रही थी पर हो नहीं पा रहा था। उन्होंने मेरे टांगो को अलग अलग कर के अपना लौड़ा निकाला और जोर से मेरी चुत में डाल दिया अब मैं चुद चुकी थी। शायद उन्हें ये नहीं पता था की मैं हूँ। उन्हें लगा की भाभी है क्यों की वो मुझे चोद रहे थे और कह रहे थे शालू तू रोज रोज और भी जवान होते जा रही है। आज तेरी चूत काफी टाइट लग रही है.वो चोद रहे थे और मैं चुदवा रही थी। वो जोर जोर से धक्के दे रहे थे और उनका लौड़ा मेरी चुत में समाये जा रहा था। धीर धीरे मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं शांत हो गई और मैं भी चुदाई में साथ देने लगी। क्यों की चरों तरफ अन्धेरा था एक हलकी लाइट बरामदे पर जल रही थी.
उन्होंने मेरी ब्लाउज की हुक खोल दी और ब्रा को ऊपर कर दिया और मेरी चूचियां दबाने लगे. फिर वो मुझे किस करने लगे. वो मुझे बार बार चूमते रहे। दोस्तों मैं मजे से चुद रही थी। अब मैं भी निचे से धक्के दे रही थी। वो और भी ज्यादा कामुक हो रहे थे। वो कह रहे थे आज तो तू भी मूड में है क्या ज्यादा दर्द नहीं हो रहा है मैं कुछ भी नहीं बोली। मैं बस चुदाई का आनंद ले रही थी। उनके मुँह से बराबर शराब की बू आ रही थी रही थी।
दोस्तों उसके बाद मुझे उलटा कर दिया और पीछे से ही मेरी चूत में अपना लौड़ा पेलने लगी। वो मेरी चूतड़ को पकड़कर जोर जोर से धक्के दे रहे थे और मैं चुद रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उनका लौड़ा पूरी तरह से अंदर बाहर हो रहा था। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी और अपनी चूचियां मैं खुद ही दबाने लगी क्यों की मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी। मेरे रोम रोम पागल हो रहे थे गर्म हो गई थी मैं।
उन्होंने मुझे फिर से सीधा किया और इस बार और भी जोर जोर से चोदने लगे। दोस्तों अब उनकी स्पीड बढ़ गई थी और मैं तार तार हो रही थी क्यों की उनके धक्के से लौड़ा अंदर तक जा रहा था। मैं खूब मजे लेले के चुदवा रही थी। और वो मेरी चूचियों को जोर से दबाते हुए होठ को चूमते हुए। जोर से लौड़ा अंदर करते हुए। एक आवाज जोर से निकाली अअअअअ और सारा माल मेरी चूत में डाल दिया।
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अब मैं शांत हो गई थी ऐसा लग रहा था कितनी थकान हो। मैं बेसुध पड़ी रही मैं अब हिलडुल भी नहीं पा रही थी। मैं शांत हो गई थी। वो तुरंत ही अपने जीन्स को ऊपर चढ़ाये और ज़िप लगाया अपना जैकेट पहने और एक बार मुझे हलकी थपकी देकर कहा सो जाना मैं मामा जी के यहाँ जा रहा हूँ सुंबह आऊंगा। मैं चुदाई के बिना नहीं रह सकता था इसलिए मैं एक बार घर आ गया ताकि तुम्हे आज भी चोद कर ही जाऊं। मैं तब भी चुप थी। वो तुरंत ही चले गए।
उन्हें पता भी नहीं चला उन्होंने भाभी के जगह पर मुझे चोद दिए थे। दोस्तों आज मैं आपको इसलिए हु बहु लिख रही हूँ क्यों की ये कल ही वाकया हुआ था।
आगे क्या होगा भाभी को क्या बोलेंगे क्या ये राज ही रहेगा
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22-11-2024, 11:00 AM
(This post was last modified: 23-11-2024, 01:01 PM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कजिन ने ढीला सलवार पहना चुदवाने के लिए
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वो कंप्यूटर साइन्स की पढ़ाई कर रही थी तो हमेशा मुझसे कंप्यूटर के बारे में कुछ भी सवाल पूछती रहती थी क्योंकि में एक सॉफ्टवेयर डवलपर हूँ और जिस रात की यह बात है उसी शाम को हम लोग बाहर घूमने गये हुए थे और वहां पर हम लोगों ने बहुत मज़े भी किए और घर आ गए.
उसके बाद जब रात को हम लोगो ने खाना खा लिया तो में उसके रूम में गया. वहां पर उसके पास उसका छोटा भाई बैठा हुआ था तो में उससे बात करने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद उसका छोटा भाई उठकर अपने रूम में चला ।
फिर मैंने उससे कहा कि में कंप्यूटर पर थोड़ी देर कुछ काम करके अपने कमरे में चला जाऊंगा. तो उसने कहा कि क्यों आप यहाँ पर कंप्यूटर पर बैठकर काम करने आए हो या बात करने? तो मैंने कहा कि में तो कंप्यूटर पर बैठने आया हूँ, लेकिन शायद मेरी मौसी की लड़की को मेरे साथ आज कुछ करना था इसलिए वो मुझे अपने पास बुला रही थी.
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फिर में कुछ देर बाद कंप्यूटर से अपना काम खत्म करके उसके पास जाकर लेट गया और मैंने अपनी मौसी की लड़की को किस किया और उसके गले पर भी चूमा. फिर मैंने उससे कहा कि तू क्या चाहती है? क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड भी है ना? तो उसने मुझसे कहा कि भैया में आपके साथ थोड़ा बहुत करना चाहती हूँ.
तो मैंने कहा कि यह तो बिल्कुल ग़लत बात है, पहले जो कुछ हुआ था वो तो अंजाने में हुआ था, लेकिन अब जो तू मुझसे चाहती है वो तो एकदम ग़लत है ना. तो उसने कहा कि भैया में यह सब तुम से आख़री बार चाहती हूँ. तो में उसको किस करने लगा और में उसकी सलवार के अंदर हाथ डालने लगा.
लेकिन उसकी सलवार बहुत टाइट थी तो मैंने उसको कहा कि तू क्या इस वक्त ढीली ढाली सलवार नहीं पहन सकती थी? तो उसने कहा कि मेरे पास इससे ज्यादा ढीली सलवार नहीं है. फिर उसने मुझसे कहा कि आप अपनी टी-शर्ट को भी उतार दो और फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और उसको किस करने लगा.
लेकिन उसके बूब्स तक मेरा हाथ नहीं पहुंच पा रहा था इसलिए मैंने उसको कहा कि तू भी अपने इस कुर्ते को उतार दे. लेकिन उसने मुझसे साफ मना कर दिया और कहा कि में ज़्यादा कुछ नहीं करना चाहती हूँ.
फिर थोड़ी देर के बाद ना जाने उसे क्या हुआ कि उसने खुद ही अपना कुर्ता उतार दिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ शमीज़ और ब्रा में थी. फिर में उसके बूब्स को दबाने लगा और ब्रा को नीचे सरकाकर उसके बूब्स को चूसने लगा और धीरे से मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोलने की कोशिश की.
लेकिन सिर्फ़ एक ही हुक खुल सका तो मैंने उसको कहा कि तुम अपनी ब्रा को भी खोल दो और उसने ऐसा ही किया. उसने अपनी ब्रा का हुक खोला और शमीज़ को भी उसके साथ नीचे सरका दिया और अब उसकी ब्रा और शमीज़ उसके पेट तक सरक गई और मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन हो गये. उसके बूब्स क्या मस्त थे, में तो उन्हे देखकर जैसे एकदम पागल ही हो गया.
फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो धीरे धीरे मोन करके मज़ा लेने लगी तो में उसके कुछ देर के बाद उसके नीचे की तरफ उसकी चूत को छूने लगा और उसकी गांड को भी, लेकिन उसने मुझसे यह सब करने से मना कर दिया और कहा कि यह मेरे होने वाले पति की अमानत है और उस पर आपका कोई हक नहीं है.
तो मैंने कहा कि ठीक है अगर तुम यह सब नहीं करना चाहती हो तो में तुम्हे वहां पर नहीं छूता और फिर धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के ऊपर होने लगे, कभी वो मेरे ऊपर और कभी में उसके ऊपर होता और जब वो मेरे ऊपर होती तो में उसकी गांड को ज़ोर से दबा देता.
पहले तो उसने मुझसे ऐसा करने से साफ मना किया, लेकिन फिर कुछ देर के बाद वो मुझे उसकी गांड को दबाने देने लगी. में उसके पूरे जिस्म के साथ खेलने लगा और मज़े करने लगा और मेरे साथ वो भी मज़े करने लगी.
फिर कुछ देर गरम होने के बाद उसने मुझसे कहा कि में आपसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन आप मुझे छोड़कर चले गये थे और आपने कभी भी वापस मेरे पास आने की कोशिश भी नहीं की, आपने ऐसा क्यों किया?
तो मैंने कहा कि तू मेरी बहन है और में तुझसे प्यार नहीं करता हूँ और जो कुछ हमारे बीच हो रहा है वो केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि तू यह सब चाहती है और में जब यहाँ आया था तो ऐसा कुछ भी सोचकर नहीं आया था.
तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो थोड़ा उदास हो गई तो मैंने कहा कि तुझको अभी जो करना है कर ले, में दुबारा यहाँ पर नहीं आऊंगा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों तेरा तो कोई बॉयफ्रेंड है ना? तो उसने मुझसे कहा कि हाँ है और में उससे बहुत प्यार करती हूँ. फिर मैंने कहा कि यह सब कुछ क्या है? तो उसने कहा कि में आपको देखकर कंट्रोल नहीं कर पाई इसलिए मैंने आपके साथ यह सब किया.
मैंने उसके मुहं से यह सब बातें सुनकर किस किया तो वो एकदम खुश हो गई और मुझसे लिपट गई और कहा कि में अब ज़्यादा देर तक खुद को नहीं रोक सकती हूँ. तो मैंने कहा कि ठीक है इतना ही बहुत है और वैसे में भी गरम हो गया था और अब मेरा भी लंड खड़ा हो गया था जो कि बहुत देर से उसकी चूत के ऊपर की तरफ चुभ रहा था शायद इसलिए भी वो और ज़्यादा गरम हो रही थी और जब में उठकर जाने लगा तो उनसे मेरे हाथ को पकड़कर मुझे रोकते हुए कहा कि प्लीज मत जाओ ना, आज की रात आप मेरे पास सो जाओ.
फिर मैंने भी कुछ सोचते हुए कहा कि क्या तू जानती है कि तू क्या कह रही है? तो उसने कहा कि हाँ बस आज की रात में बहकना चाहती हूँ. फिर में उसके पास लेट गया और उसको बहुत जोश में आकर किस करने लगा. में कभी गाल तो कभी होंठो को और कभी उसके बूब्स को चूमने लगा और मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे बिल्कुल पागल हो गयी थी.
फिर में समझ गया था कि वो अब मुझसे क्या चाहती है? और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ सरकाते हुए उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत के ऊपर लगाया तो उसने कुछ नहीं कहा और ना ही मुझे ऐसा करने से मना किया और अब में उसका इशारा समझ गया.
फिर में उसके पजामे के नाड़े को खोलने लगा, लेकिन वो इतना टाईट बँधा हुआ था कि में उसे खोल नहीं सका. फिर मैंने उससे कहा कि अपना पजामा खोलो ना, उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा कि भैया कहीं में बहुत ज़्यादा तो ग़लत नहीं कर रही हूँ ना? कहीं में अपने बॉयफ्रेंड को धोखा तो नहीं कर रही हूँ ना?
तो मैंने उसे समझाते हुए कहा कि जो हो रहा है उसे हो जाने दो और रही बात धोखे की तो अपने बॉयफ्रेंड को कभी भी इस बारे में मत बताना, चाहे कुछ भी हो जाए. फिर मैंने उसे किस करते हुए कहा कि अपना पजामा खोलो ना और उसने धीरे धीरे अपना पजामा ढीला कर दिया और फिर पूरा खोल दिया.
उसने मुझसे कहा कि प्लीज मेरे बूब्स को चूसो ना, तो मैंने उसके बूब्स को चूसते हुए अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाला और उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने से वो तो जैसे पागल हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मेरे ऊपर आओ ना.
फिर में उसके ऊपर आ गया और उसके पजामे को पकड़कर नीचे की तरफ सरकाकर पूरा उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और में उसके ऊपर था, तो उसने भी मुझसे मेरा बरमूडा उतारने को कहा मैंने वैसा ही किया और अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और में उसको लगातार किस कर रहा था और उसकी चूत को सहला रहा था.
फिर उसने अपना एक हाथ मेरी अंडरवियर के अंदर डाला और मेरे लंड को सहलाने लगी. कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी को नीचे किया और पूरा उतार दिया और उसके बाद मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया. अब हम दोनों एकदम नंगे थे और में धीरे धीरे लंड को चूत के मुहं पर घिस रहा था.
मेरे ऐसा करने से उसको बहुत अच्छा लग रहा था. तभी अचानक उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे अपनी चूत के मुहं पर रख दिया और मुझसे कहा कि प्लीज अब इसे अंदर डालो ना, नहीं तो में पागल हो जाउंगी, प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज एक बार अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दो और चोद दो मुझे, आज मेरी चूत की खुजली मिटा दो प्लीज.
दोस्तों वैसे तो में पहले से ही बहुत गरम था, लेकिन अब उसके मुहं से जोश भरी बातें सुनकर में और भी जोश में आकर पागल होने लगा और अब मुझसे भी रुका नहीं गया और मेरे सब्र का बांध टूटने वाला था. मेरा लंड तनकर खड़ा था और चुदाई करने के लिए बैचेन था.
और वो अब धीरे धीरे झटके देकर अपना आकार और भी बड़ाने लगा था, जिसकी वजह से वो एकदम तन गया था तो मैंने उसको एकदम सीधा लेटाया और फिर अपनी जीभ से उसकी गरम चूत को चाटकर थोड़ा और गीला किया.
मेरी जीभ ने जैसे ही उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सिहर उठी और कहने लगी कि प्लीज ऐसा मत करो, जल्दी से चोद दो मुझे, मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों आज क्या अपनी चूत को मुझसे फड़वाने की ज्यादा जल्दी है? तो वो बोली कि हाँ और मोन करने लगी.
फिर मैंने अच्छा मौका देखकर लंड को चूत के मुहं पर धीरे से रगड़ते रगड़ते एक ज़ोरदार झटके से चूत के अंदर डाल दिया और लंड भी चूत की गहराईयों में बहुत ही आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया.
में तो सोच रहा था कि में उसको पहली बार चोद रहा हूँ, लेकिन मेरे लंड डालते ही पता चला कि वो तो पहले से ही चुद चुकी है. में लगातार उसको ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से आईईईइईई थोड़ा और अंदर तक डालो उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को उह्ह्हह्ह्ह्ह.
फिर में भी जोश में आकर उसको ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मेरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उसको डॉगी बनने को कहा और उसकी कमर को पकड़कर लंड को फिर से चूत में डालकर धक्कों पर धक्के देने लगा. “
मेरी चुदाई से वो बहुत खुश होकर सिसकियों के साथ मुझसे अपनी चूत को बहुत जमकर चुदवाने का आग्रह करने लगी और में उसका आग्रह स्वीकार करके ताबड़तोड़ धक्कों से उसे चोदने लगा. फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब मेरा वीर्य निकलने लगा तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर पूरा वीर्य बाहर गिरा दिया और फिर थककर उसके पास में लेट गया.
फिर वो मेरी छाती पर सर रखकर लेट गई और उसने मुझसे कहा कि में आपके चुदाई करने के तरीके से बहुत खुश हूँ, आपने आज मेरी चूत को चोदकर बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट किया है. तुम्हारे लंड को लेकर मेरी चूत धन्य हो गई, मेरी चूत इस तरह की चुदाई के लिए बहुत समय से तरस रही थी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अपने कपड़े पहनने लगा और वो ऐसे ही नंगी लेटी रही. फिर मैं उसके बेड से उठा तो उसने मुझे किस किया और बाय कहा और में रूम से बाहर चला गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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