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Misc. Erotica DESI HINDI SHORT SEX STORIES
#21
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 3




बाहर बारिश होने कि वजह से दिन के वक़्त भी अच्छा खासा अंधेरा छा गया था, बस कि सारी खिड़कीयां बंद थी तो अंदर बस में भी अंधकार ही था, जो जहाँ था वहीं चुपचाप खड़ा था, हिलने डूलने कि तो जगह ही नहीं थी. कुछ देर कि यात्रा के बाद रोहित और निधी अब Relax हो गयें थें...........................

रोहित ने अपनी बहन को अपने सामने खड़े होने कि जगह तो दे दी थी पर वो Comfortable नहीं हो पा रहा था, निधी का तो उसे पता नहीं.

दरअसल, उसकी बहन का बदन उसके जिस्म से एकदम चिपक गया था, उसपे उसकी बहन का सलवार कमीज़ और खुद उसका Trouser और शर्ट पानी में भीग कर तर बतर हो चुका था.

शुरू में काफी देर तक उसने कोशिश कि, की उसका शरीर अपनी बहन के बदन से ना सटे, पर पीछे से पड़ रहे लोगों की भीड़ के दबाव को वो ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया. मुसीबत तब हुई जब आखिरकार उसके कमर का नीचला हिस्सा उसकी बहन के नितंब में जा सटा.
[Image: IMG-20200430-022545.jpg]
इतना तो फिर भी ठीक था पर सबसे Embarrassing Situation तब आई जब रोहित की टांगों के बीच वाला हिस्सा उसकी बहन की कमीज़ और सलवार में लिपटी पानी से गीली हुई चूतड़ों के मध्य की पतली दरार के बीचो बीच फंस गया ! रोहित बस यही सोच रहा था की उसकी बहन पता नहीं क्या सोच रही होगी, शायद उसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो, ना ही हो तो बेहतर है !

रोहित की कमर और दोनों जांघो वाला हिस्सा अब निधी के गांड़ की दोनों गोल उभारों में सट गया था जबकि उसका लण्ड वाला हिस्सा उन दो गोल गुंबदो के बीच घुस गया था !

Feeling तो आखिर Feeling ही होती है जो इंसान महसूस करता है और जिसका Logic हर वक़्त ना खोजना संभव है और ना समझना. रोहित को भी जब किसी नरम मुलायम गद्दे जैसी अपनी बहन के गांड़ का उभार Feel हुआ तो ना चाहते हुए भी, या फिर यूँ कहें, की उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसका लण्ड उसकी पैंट में फूलने लगा !!!

पानी में पूरी तरह से भीगे होने के कारण उसके Trouser के अंदर उसका अंडरवीयर भी ढीला और लचीला हो गया था, जिसकी वजह से उसका अंडरवीयर ज़्यादा देर उसके लण्ड के बढ़ते उभार और आकार को दबा नहीं पाया. उसका लण्ड उसके जांघिये में नीचे की ओर मुड़े हुए ही खड़ा होने लगा !

निधी की ओर से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई थी. Situation हाथ से बाहर जाता देख रोहित ने धीरे से अपनी कमर पीछे खिसका कर अपने लण्ड को अपनी बहन की गांड़ की दरारों से बाहर निकाला, और थोड़ा Side होने की कोशिश की ताकि वो उसकी गांड़ से ना सटे. पर इस प्रयास में चूंकि पीछे से भीड़ का काफी दबाव था, उसका लण्ड बाहर तो निकला पर इस बार वापस जाकर निधी की बाई गांड़ के गुंबद पे टिक गया. और ये निधी ने बहुत ही अच्छे से बिना किसी गलतफहमी के महसूस भी किया !!!

" Are You Okay भैया ? मैं थोड़ा हटूं क्या ? ". निधी ने अपनी गर्दन पीछे की ओर बस इतना सा घुमा कर पूछा की उसकी आँख भैया के आँख से ना मिले.

" हाँ Yes... Sorry... I Told You ना UBER से चलते हैं... बेकार हो गया ! ". रोहित ने जितना हो सका अपनी आवाज को स्वाभाविक बना कर कहा, जैसे की कुछ हुआ ही ना हो.

निधी ने अपने भैया का लण्ड साफ अपनी गांड़ पर महसूस कर लिया था, उसे थोड़ा अजीब लगा पर वो जानती थी की ये Intentional नहीं था. निधी ने अपनी गांड़ थोड़ी सी हिला कर Adjust करनी चाहि पर उससे मामला और बिगड़ गया !

निधी की इस हरकत से रोहित का लण्ड घिसट कर वापस उसकी गांड़ की दरार में फिट हो गया और इस बार रोहित का नीचे मुड़ा हुआ लण्ड जांघिये में थोड़ी सी जगह पाकर सीधे ऊपर की ओर उठ गया !!!
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#22
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 4

रोहित और निधी इतने सालों से एक साथ एक ही कमरे में रह रहें थें, रोहित ने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था जैसा वो अब कर रहा था. ऐसी बात नहीं है की वो कभी अपनी बहन के इतना करीब ना गया हो, दोनों एक ही बिस्तर पर सोते थें, इससे ज़्यादा करीबी और क्या हो सकती है.

पर हमेशा से एक Normal भाई बहन रहे इन दोनों के बीच अभी जो भी हो रहा था, ऐसा क्यूं हो रहा था अगर मुझे पता होता तो मैं ज़रूर लिखता यहाँ !!!

दोनों भाई बहन सामने ऊपर की तरफ बस का Rod पकड़े खड़े थें. रोहित का मुँह अपनी बहन के भीगे खुले बालों के ठीक पीछे था... उसके बालों से आ रही बारिश के पानी और शैम्पू की घुली मिली महक ने मानो बहन और एक लड़की के बीच का संकरा फासला कम कर दिया था.

अभी तक तो रोहित असमंजस में था की क्या हो रहा है और वो क्या करे और क्या ना करे, पर अब जब उसका लण्ड पूरी तरह से टाईट ठनक कर खड़ा हो गया तो उसने समझ लिया की वो अपनी ही सगी बहन के बदन से सट कर कामोत्तेजित हो रहा था !!!

अब रोहित के पास बस एक ही रास्ता था... ये टेस्ट करना की उसकी छोटी बहन क्या चाहती है, अगर वो तिनका भर भी आपत्ती दिखायेगी तो उसे तुरंत खुद को रोक लेना होगा.

रोहित ने अपनी कमर हल्के से सामने की ओर बढ़ाई तो निधी की गांड़ के बीच रगड़ खा कर उसके लण्ड का चमड़ा पीछे खिसक कर खुल गया और उसका मोटा सुपाड़ा बाहर निकल आया. अब रोहित अपने भीगे Trouser में अपने खड़े लौड़े का सुपाड़ा खोले अपनी बहन की गोल गदराई चूतड़ से टिका खड़ा था !!!
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#23
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 5

निधी का रहा सहा शक भी अब जाता रहा की जो कुछ भी हो रहा था वो अनजाने में हो रहा था. वो समझ गई की उसके भैया बेचारे Situation के सताये कामोन्मादित हो रहें थें. Situation के सताये और मारे ही कहेंगे ना... क्यूंकि निधी समझ रही थी आज तक उसके भैया ने ना जाने कितनी बार उसे नाईटी में, Hot Pants में, Skirt में और पजामे में देखा था, पर कभी भी उसपे गंदी नज़र नहीं डाली थी. आज का दिन मगर कुछ और ही था... मन ही मन निधी थोड़ा मुस्कुराई, पर कुछ ना बोली, चुप रही.

इधर रोहित का मन बढ़ गया जब उसकी बहन की ओर से ऐसा कोई इशारा नहीं हुआ जिसके द्वारा वो अपनी असहमति दिखाए. फिर क्या था, उसने एकदम धीरे धीरे निधी की नरम गांड़ में अपना लण्ड ठेलना शुरू किया. उसके खड़े लण्ड का सुपाड़ा तो पहले ही खुल चुका था, सो अपने पानी में गीले भीगे अंडरवीयर के अंदर अपना लौड़ा घिसने में उसे ऐसी आनंद की अनुभूति होने लगी की वो बयां नहीं कर सकता था !

अभी उसने तीन चार बार ही अपना लण्ड रगड़ा होगा की बस रुक गई... कोई Stopage आया था. वो थोड़ा संभल कर खड़ा हो गया पर उसने देखा की जितने लोग बस से उतरे नहीं उससे ज़्यादा लोग चढ़ गयें, भीड़ और बढ़ गई थी. बस फिर से चल पड़ी.

" अभी दूर है क्या निधी ? ". रोहित ने अपनी बहन के मूड का जायजा लेने के मकसद से पूछा.

" हाँ भैया... ये बस दूसरे Route से जाती है ना. आपकी Bike में तो ज़ल्दी हो जाता है वो IBM Office के रास्ते से जाने पर. ". निधी ने तुरंत जवाब दिया, पर अभी भी पीछे नहीं मुड़ी.

" हाँ... I See... ".

रोहित ने इधर उधर आस पास के लोगों को देखा पर सभी अपने में मगन और परेशान खड़े थें... बस में दो अच्छे घराने के भाई बहन क्या कर रहें थें इसमें शायद ही किसी को रूचि हो !!!

रोहित अपना दाया हाथ नीचे सरका के अपने Trouser तक ले गया और पैंट की Zip यानि चैन खोल दी. निधी पीछे देख तो नहीं पा रही थो पर वो समझ गई की उसके भैया अब कोई और नई शैतानी करने वाले हैं. उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा...

अपने Trouser के अंदर हाथ डाल कर रोहित ने अपना खड़ा लण्ड अपने जांघिये से बाहर निकाल लिया और फिर पैंट कि Zip वापस लगा ली. अब उसका लण्ड अंडरवीयर से बाहर लेकिन Trouser के अंदर था. उसने ऐसा इसलिये किया था ताकि उसके लण्ड को अपनी बहन के चूतड़ का ज़्यादा से ज़्यादा स्पर्श मिल सके. अब उसने अपनी बहन कि गीली कमीज़ उठा कर सीधे उसके सलवार में लिपटी गांड़ में अपना लण्ड सटा दिया और उसकी कमीज़ से वो हिस्सा ढक दिया, जिससे अगर कोई देखे तो सिर्फ ये समझे कि दोनों बस ऐसे ही बाकि यात्रियों कि तरह खड़े हैं !

निधी कि तो जैसे साँस ही रुक गई Public में अपने भैया कि इस Daring और कुछ कुछ Funny हरकत को देख कर !

निधी ने अपने भीगे बालों और गर्दन पर अपने भैया कि गरम साँसे महसूस कि... रोहित अब इसके ऊपर झुका पहले से और ज़्यादा सट कर खड़ा हो गया था. कमीज़ के अंदर ढकी उसकी गांड़ में रोहित अब खुल कर लण्ड घिसने रगड़ने लगा. निधी कि मांसल पुष्ट गांड़ कि गोलाईयां उसके लण्ड को इतना सुकून और आनंद देंगी, ये उसे अभी अभी पता चला था !

अपने पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके लण्ड से रोहित ने ठेल ठेल कर अपनी बहन कि सलवार और उसके अंदर पहनी पैंटी को उसकी चूतड़ कि फांक में घुसा दिया था. निधी को तो मन ही मन हँसी आने लगी अपने भैया कि बेचैनी देख कर.

अति कामोत्तेजना में रोहित को पता ही नहीं चला कि कब रुकना है और उसने अपना लण्ड अपनी बहन कि टाईट गांड़ में कुछ ज़्यादा ही घिस दिया था, इस वजह से वो स्खलित होने के करीब पहुंच गया. उसने तुरंत अपना लण्ड निधी कि गांड़ से हटा लिया और साँस रोक कर अपना माल गिरने से रोकने कि कोशिश करने लगा. इस कोशिश में उसके पेट मे बल पड़ गया, मगर अब काफी देर हो चुकी थी, उसका लण्ड उसके पैंट में एकदम से बड़ा होकर फूल गया और उसका वीर्य निकल आया !!!

जब रोहित ने देखा कि अब कोई फायदा नहीं तो उसने वापस अपना लण्ड अपनी बहन कि सलवार में घुसा दिया और झड़ने लगा. उसका गाढ़ा वीर्य Trouser के कपड़े से बाहर रिस रिस कर बहने लगा. निधी ने जब अपनी सलवार में गांड़ और जांघो पर गरम गरम मलाई जैसी चिकनी रस के एक के बाद दूसरी धार को गिरता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई कि उसके भैया का काम तमाम हो चुका है !!!
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#24
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 6

20 सेकंड के अंदर ही रोहित कि पिचकारी पूरी खाली हो गई. उसके पैर अचानक से हुए इस शीघ्रपतन से काँप रहें थें और उसने बड़ी मुश्किल से खुद को अपनी बहन के ऊपर गिरने से रोका था. निधी ने अपने हाथ से अपनी गांड़ में घुस चुकी पैंटी और सलवार को निकाला और अपने कपड़े ठीक करने लगी. पर रोहित का काम अभी ख़त्म नहीं हुआ था !
[Image: IMG-20200501-001540.jpg]
अभी अभी थोड़ी सी Relax हुई निधी ने अचानक अपने भैया का दाया हाथ सीधे अपनी चूत पे रेंगता हुआ महसूस किया. रोहित उसकी चूत सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा ! भैया अचानक से इतने बेशरम कैसे हो गयें ???... निधी बेचारी ये सोच ही रही थी कि रोहित ने उसकी सलवार के नाड़े में अपनी ऊँगलीयां फंसा दी... हाय !... भैया पागल हो गयें थें क्या... इतने लोगों के बीच भरी बस में अपनी सगी बहन को नंगा करना चाहते थें क्या ??? घबरा कर निधी ने तुरंत अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया. रोहित रुक तो गया... उसने अपनी बहन कि सलवार का नाड़ा नहीं खोला मगर अब अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर ही डाल दिया. लेकिन निधी ने सलवार इतनी टाईट बाँध रखी थी कि मुश्किल से भैया का हाथ अंदर घुस पाया और भैया बेचारे सिर्फ उसकी पैंटी का ऊपरी हिस्से वाला Elastic ही छू पायें थें !!!

अब ये तो कुछ ज़्यादा ही हो रहा था... निधी एकाएक अपने भैया के तरफ मुड़ कर खड़ी हो गई. रोहित को ये अंदेशा नहीं था कि उसकी बहन अचानक Face To Face हो जायेगी. उसने झट से अपनी नज़र घुमा ली.

" भैया ! मम्मी को फोन किया कि हम लेट हो जायेंगे ? ". निधी ने पूछा.

रोहित समझ गया कि निधी जानबूझ कर ज़ोर से बोल रही थी और " भैया " शब्द पर ज़्यादा दबाव डाल रही थी ताकि आस पास खड़े लोगों को उनकी हरकतों पे कोई शक ना हो.

रोहित कि हिम्मत नहीं हुई कि अपनी बहन से आँख मिला सके... उसने कोई जवाब नहीं दिया... उसका गला सूख रहा था. निधी अब सीधे उसकी आँखों में देख रही थी.

" कितनी भीड़ है भैया... मैं गिर जाउंगी. ". निधी ने अचानक अपने दाये हाथ से अपने भैया का कमर पकड़ लिया और बाये हाथ से बस का Rod पकड़े खड़ी रही.

रोहित को और किसी इशारे कि ज़रूरत नहीं थी... वो समझ गया कि उसकी बहन के साथ उसने जो कुछ किया था वो उसे अच्छा लगा हो या ना पर इतना तो तय था कि वो नाराज़ नहीं थी........

उसकी बहन के गोल मम्मे अब उसकी छाती से दब रहें थें. उसकी कमीज़ बारिश में भीगे होने के कारण रोहित महसूस कर पा रहा था कि उसके दोनों निप्पल खड़े हो गयें थें. उसे अब बस में अपनी बहन के अलावा कोई दिखाई नहीं दे रहा था !

रोहित का पैंट निधी कि कमीज़ से ढक गया था... उसने अंदर हाथ डाल कर अपने पैंट कि Zip खोल दी और इस बार अपना लण्ड Trouser से बाहर निकाल लिया. निधी को अपने भैया कि इस हरकत पे अब कोई आश्चर्य नहीं हो रहा था... Infact, सबसे नज़र बचा कर वो दोनों जो कुछ भी कर रहें थें उससे अब निधी को एक अजीब सा Sexual Kink मिलने लगा था !!!
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#25
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 7

रोहित का लण्ड अब अपने खुद के पेट और उसकी बहन के पेट के बीच में दबा पड़ा था और ऊपर से बहन कि कमीज़ से पूरी तरह ढका हुआ था. निधी ने उसके लण्ड का चिकना सुपाड़ा अपनी नाभी में टच होता महसूस किया... अफ़सोस कि वो अपने भैया का लौड़ा देख नहीं पा रही थी... पर उसके स्पर्श से इतना तो अंदाज़ा लगा लिया था कि भैया का लौड़ा अच्छा खासा बड़ा होगा.

रोहित धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर अपना लण्ड अपनी बहन के पेट और नाभी में रगड़ने लगा. अब वो सीधा अपनी बहन कि नज़रों से नज़रें मिलाये खड़ा था. उसका चेहरा अपनी बहन के चेहरे के इतने पास था कि उसका तो मन कर रहा था उसे चुम ही ले.

चूंकि रोहित का लण्ड अभी अभी झड़ा था, सो उसके लण्ड में ज़्यादा Sensation नहीं आ रहा था पर उसका मन कर रहा था कि वो फिर एक बार माल गिराये.

" अब हम पहुँचने ही वाले हैं भैया... ". निधी ने अपने भैया को आगाह किया... उनका Stopage आने वाला था !!!

रोहित ने धीरे से अपना सिर हिला कर हामी भरी और लण्ड घिसता रहा... पर अब इससे बात नहीं बनने वाली थी... उसने तुरंत बहन कि कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर अपना लण्ड पकड़ लिया और मूठ मारने लगा ! निधी अपने भैया का साथ देने के लिये उसके कमर को सहलाने लगी और अपनी जांघे भैया के पैरों में सटा दिया. रोहित अपनी बहन के बदन, उसकी जांघ, उसकी चूचियाँ, सबका स्पर्श Feel करते हुए पूरा Concentrate करके मूठ मारने लगा. उसकी मेहनत जल्द ही रंग लाई... उसके लण्ड का पानी छूट पड़ा. वीर्य कि पहली तीन चार धार तो इतनी तेज़ थी कि निधी के कमीज़ के अंदर होती हुई उसके ब्रा तक पहुंच गई, फिर उसके पेट और सलवार पर गिरने लगी और फिर रोहित ने झड़ता हुआ लौड़ा तुरंत अपने पैंट में घुसा लिया और बाकि का माल अपने Trouser के अंदर गिराने लगा. उसकी बहन ने अगर उसकी कमर ना पकड़ी हुई होती तो बेचारा उत्तेजना के मारे गिर ही गया होता !

फिर भी वो थोड़ा सा लड़खड़ा गया तो पास खड़े एक आदमी ने उसे टोका.

" ओ भाई... थोड़ा Balance बना के रहो... तब से देख रहा हूं ! "

" Sorry भाईसाहब... Sorry ! ". रोहित कि आवाज गले में अटक गई. निधी को हँसी आ गई अपने भैया कि हालत देख कर.

उनका Stopage आ गया था... दोनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किये, रोहित ने अपना शर्ट बाहर कर लिया ताकि उसके पैंट में बना लण्ड का तंबू पता ना चले... गेट पर Conductor को पैसे दिये और बस से उतर गयें. मौसम उनके Favour में था, अभी भी तेज़ बारिश हो रही थी, सो उसके और उसकी बहन के कपड़ों पे लगा वीर्य ऐसे ही धुल गया.
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#26
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 8


" एक फ़ोन तो कर देते... और Bike ? " . घर में घुसते ही उनकी माँ ने पूछा.

" ख़राब हो गई मम्मी... बस से आना पड़ा. ". रोहित बोला.

" और भैया के कपड़े भी भीग गयें मम्मी ! ". निधी ने रोहित के पैंट कि ओर शरारती नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा कर कहा तो बेचारा रोहित एकदम से झेप गया.

" अरे उन्हें बोलो ज़ल्दी से नहा ले वर्ना सर्दी लग जायेगी. ". पीछे से उनके पापा ने चिल्ला कर कहा.

" गर्मी के बारिश में भीगने से सर्दी नहीं लगती पापा. ". रोहित ने भी उतने ही ज़ोर से चिल्ला कर कहा ...........................

दोनों भाई बहन Drawing Room से होते हुए जब अपने कमरे कि ओर जा रहें थें तब रोहित ने सबसे नज़र बचा कर अपनी बहन कि भीगी मटकती हिलती गांड़ पे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोला. " बहुत बदमाश हो गई हो... क्या बोल रही थी ?... भैया के कपड़े भीग गयें हैं... ".

" मैं बदमाश हो गई हूं ??? ". निधी ने अपने भैया को झूठे गुस्से वाली नज़रों से देखते हुए पूछा.

कमरे में पहुंच कर रोहित ने कहा. " पहले तूम नहा लो निधी. ".

" Thanks भैया ! ". निधी ने मुँह बना कर कहा और अपना Towel लेकर बाथरूम में घुस गई.

उसने अंदर से बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया पर सिटकिनी नहीं लगाई. चूंकि रूम का ये Shared बाथरूम था तो दोनों में से कोई भी जब बाथरूम Use कर रहा होता तो बस ऐसे ही बिना सिटकिनी लगाए दरवाज़ा भिड़ा देता था, जिससे ज़ाहिर था कि कोई अंदर है.

बाथरूम में आकर निधी ने अपनी सलवार कमीज़, ब्रा और पैंटी खोल कर बाल्टी में धोने के लिये डूबा दिया. उसे बहुत जोरों कि पेशाब लगी थी, बस में इतने लम्बे सफर के दौरान उसने कब से रोक के रखी थी !

बाथरूम में Indian और Western दोनों Type के टॉयलेट थें और निधी हमेशा Indian टॉयलेट ही Use करना पसंद करती थी. नंगी निधी अपनी दोनों टांगें खोल कर बैठी तो बैठते के साथ ही उसकी बूर से इतनी देर तक रुकी पेशाब कि धार छरछरा कर फूट पड़ी. पेशाब करते हुए निधी अभी सोच ही रही थी कि आज बस में उसके और भैया के बीच में क्या क्या हुआ कि तभी बाथरूम का दरवाज़ा धड़ाक से खुला और रोहित अंदर घुस आया !!!

" भैया ??? !!! " निधी ने इस बात कि तो कल्पना ही नहीं कि थी कि भैया ऐसे बाथरूम में धड़ल्ले से घुस आएंगे. वैसे आज उसके साथ भैया ने जो कुछ भी किया था उससे अब कोई भी चीज़ होनी असंभव तो नहीं लग रही थी.

बेचारी निधी ने झट से अपने दाये हाथ से अपनी खुली नंगी चूत को ढंक लिया पर उसका पेशाब गिरता रहा. रोहित उसके सामने बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगा खड़ा मुस्कुरा रहा था. निधी ने देखा कि उसके भैया का लण्ड खड़ा था और भैया ने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया था... यानि भैया फिर से शैतानी के मूड में थें... उनकी बदमाशीयां अभी बाकि थीं !!!

जल्दबाज़ी में निधी अपनी चुचियाँ छुपाना तो भूल ही गई थी और उसके भैया अब खुलेआम बेशरम कि तरह उसके मम्मे निहार रहें थें ! भैया के इस हरकत कि वजह से घबराई बेचारी निधी मन भर के ठीक से मूत भी नहीं पाई. उसने अपना बाया हाथ भी अपनी चूत पर रख लिया और बड़ी ही सावधानी से इस तरह से खड़ी हुई कि भैया को उसकी अनमोल चूत कि एक हल्की सी भी झलक ना मिलने पाए ! 
[Image: 0008-400.jpg]

[Image: IMG-20200502-000854.jpg]

रोहित चलते हुए अपनी बहन के सामने जा खड़ा हुआ.

" मत करो ना भैया... जाओ यहाँ से... Please ! ". निधी ने नज़र उठाये बिना कहा, उसके गाल एकदम टमाटर कि तरह लाल हो गयें थें, शर्म से पानी पानी हो रही थी बेचारी !!!

" मुझे गलत मत समझो निधी. ". रोहित ने अपनी बहन के झुके चेहरे पर से उसके गीले बालों को हटाते हुए कहा. " देखो... अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं या फिर तुम्हें Use कर रहा हूं तो बोल दो... मैं चला जाऊंगा ! ".

" मैंने ऐसा तो नहीं कहा भैया... ". निधी धीरे से बुदबुदाई.

रोहित अपनी बहन के जवाब पे हल्का सा मुस्कुराया और उसे Kiss करने के लिये अपना चेहरा सामने बढ़ा दिया. मगर निधी ने अपना मुँह पीछे हटा लिया. फिर एक पल रुक कर उसने अपनी नज़रें उठाई और अपने भैया कि आँखों में देखा. उसके भैया कि आँखों में एक अजीब सा आत्मविश्वास था जो मानो कह रहा हो कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रहा था. निधी का भ्रम जाता रहा... उसने अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने भैया के होठों से सटा दिये. दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते काटते एक दूसरे को किसी बिछड़े हुए प्रेमी प्रेमिका कि तरह चुमने चाटने लगें !!!

निधी ने अपने दोनों हाथों से अभी भी अपनी चूत को ढंक रखा था. इस चुम्मा चाटी के दौरान रोहित का खड़ा लौड़ा अपनी बहन के हाथों पर ठोकर मारता रहा, मानो चूत देवी के दर्शन कराने कि ज़िद कर रहा हो !!!
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#27
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 9

करीब दो मिनट के बाद जब दोनों के होंठ अलग हुए तो रोहित ने अपनी बहन कि आँखों में देखा, निधी कि आँखे चमक रही थी, उसके चेहरे पे एक संतुष्टी के भाव वाली मुस्कान थी. रोहित उसके बदन से अलग हुआ तो निधी ने अपने हाथ अपनी चूत पर से हटा लिये, और अपने भैया को अपनी नंगी चूत दिखा दी !!!

रोहित ने देखा कि निधी कि गोरी जांघों के बीच उसकी बूर झांट से ढंकी हुई थी, पर उसकी झांट अनियमित नहीं थी, यानि तय था की वो अपनी झांट शेव तो नहीं करती थी पर कैची से समय समय पर काटती संवाराती रहती थी. जब तक रोहित ने अपनी बहन का बूर नहीं देखा था उसे पक्का यकीन था की उसका बूर Shaved होगा, जैसा की आजकल का Trend है लड़कियों में बाल रहित चूत रखने का ! पर जो भी हो, उसे ये Surprise पसंद आया.

[Image: IMG-20200502-020243.jpg]

रोहित अपनी बहन की चूत अच्छे से मन भर कर देखना चाहता था, सो वो नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गया, अब उसका चेहरा ठीक अपनी बहन की खुली नंगी चूत के सामने था. जब वो उसकी चूत निहार रहा था, तब उसी दौरान निधी को भी मौका मिल गया अपने भैया के लण्ड का मुआयना करने का. निधी ने देखा की उसके भैया का लण्ड नहीं भी तो कम से कम 8 इंच लम्बा और 2. 5 इंच मोटा था, जितना उसने बस में अनुमान लगाया था उससे कहीं ज़्यादा बड़ा और सख्त था. भैया का Handsome चेहरा देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था की उनका लौड़ा इतना तगड़ा निकलेगा, पर उसे भी ये Surprise पसंद आया !

ज़मीन पर बैठे रोहित ने आगे बढ़कर अपने दोनों हाथों से अपनी बहन का झांट हटा कर चूत के दर्शन किये, उसकी कुंवारी चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. फिर रोहित ने निधी के चूतड़ अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और अपना मुँह उसकी जांघों के बीच घुसा दिया. निधी ने सोचा की भैया अब उसकी चूत चाटेंगे तो वो अपने दोनों हाथों से उसका सिर सहलाने लगी. पर रोहित ने अपनी बहन की चूत का सिर्फ एक चुम्मा लिया और फिर उठ कर खड़ा हो गया.
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#28
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 10

खड़े होते ही रोहित ने अपनी बहन के गालों पर प्यार से हाथ फेरा और उसके सिर को चुम लिया. निधी ने देखा की भैया का ठनका हुआ लण्ड अब फड़कने लगा था. वो समझ गई की अब भैया उसे चोदेंगे !!!

रोहित ने बिना कुछ बोले ही अपनी बहन को घुमा कर उसे बाथरूम की दिवार से सटा गया, निधी की पीठ अब उसके तरफ थी. उसने निधी की कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो भैया का मनसूबा समझते हुए निधी ने अपनी गांड़ पीछे की ओर निकाल दी. भैया उसे Standing Doggy Style में पेलने वाले थें !!!
[Image: 0437.gif]

रोहित ने अपने बाये हाथ से अपनी बहन का कमर पकड़ा और दाये हाथ में अपना लण्ड पकड़ कर पीछे से उसकी टांगों के बीच डाल कर उसकी चूत का छेद खोजने लगा. लण्ड का सुपाड़ा तीन चार बार निधी की चूत पे घिस घिस कर उसने उसकी झांट को हटा कर चूत का छेद आखिरकार ढूंढ़ ही निकाला. वो पीछे से अपनी बहन की गर्दन पे झुका, उसके सुगंधीत बालों को चुमा, और हल्के से झटके से अपना लौड़ा उसकी चूत में ठेल दिया.

[Image: 0266.gif]

[Image: IMG-20200502-041934.jpg]

" स्स्स्सस्स्स्स भैया !!! ". निधी के मुँह से निकला तो रोहित ने तुरंत पीछे से उसके गाल चुम लियें. अपने होंठ निधी के गाल पर रगड़ते हुए रोहित ने अपना लण्ड आगे ठेलना जारी रखा, जब तक की उसके अंडकोष निधी की जांघो में ना जा सटे.

" Are You Okay निधी ? ". रोहित ने अपनी बहन के गाल पर से अपने होंठ हटाये बिना ही पूछा.

जवाब में निधी ने बिल्कुल हल्के से अपना सिर भर हिला दिया, उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी. उसकी चूत के अंदरुनी हिस्से में हो रही जलन से उसने समझ लिया की उसका सील फट गया है !!!

रोहित ने अपनी बहन को एक मिनट तक थोड़ा संभलने का मौका दिया और फिर उसे चुमते चुमते अपना लण्ड उसकी टाईट चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. उसने अभी मुश्किल से 5 - 6 बार ही अपना लण्ड अंदर बाहर किया होगा की उसे लगा की उसका माल गिर जायेगा. उसने तुरंत अपना लण्ड निधी की चूत से बाहर निकाला और लण्ड का चमड़ा अपने सुपाड़े पर चढ़ा कर सुपाड़ा ढंक दिया, ताकि लण्ड की Sensitivity थोड़ी कम हो जाये, फिर उसी अवस्था में लण्ड अपनी बहन की बड़ी गांड़ पे रख कर अपनी बहन को चुमने लगा !!!

[Image: IMG-20200502-041957.jpg]
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#29
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 11

करीब 5 मिनट तक उसी तरह पड़े रहने के बाद रोहित का लण्ड थोड़ा शांत हुआ और उसका वीर्य वापस उसके अंडकोष में चला गया. रोहित ने दुबारा अपने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और अपनी बहन की चूत मे घुसा दिया.

अब रोहित एक हाथ से निधी की कमर पकड़े और एक हाथ से पीछे से उसकी चूची दबाते हुए उसकी गर्दन और गाल को चूमते चाटते हुए उसे पेलने लगा.

" उधर देखो निधी... ". चोदते चोदते रोहित निधी की कानों में फुसफुसाया. उसके कहने पर निधी ने अपनी बाई ओर देखा, वहाँ बाथरूम की दिवार पे एक बड़ा शीशा लगा हुआ था, शीशे में दिख रहा था की वो दोनों किस तरह से रतिक्रिया कर रहें हैं. निधी बाथरूम की दिवार पे अपने हाथों के बाल टेक लगाए गांड़ पीछे किये खड़ी है, उसके भैया पीछे से उसे धक्के मार मार कर चोद रहें हैं... यही दिखाना चाहते थें उसके बेशरम भैया उसे आईने में !!! देख कर तो निधी शर्म से लाल हुई पानी पानी हो गई और हँस कर अपना मुँह घुमा लिया !

[Image: IMG-20200502-042131.jpg]

अभी 2 मिनट भी नहीं हुए थें अपनी बहन को पेलते हुए की रोहित ने फिर से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.

" क्या हुआ भैया ??? ". निधी ने बिना पीछे देखे पूछा, उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

" बहुत Hot हो तूम यार निधी... ". रोहित ने फूलती साँस में कहा. " लगता है अब मेरा वीर्य निकल जायेगा. ".

रोहित अपनी बहन को कुछ देर और चोदना चाहता था, इसलिए उसने अपने लण्ड का सुपाड़ा कस कर अपनी हथेली में भर कर दबा लिया, और अपना माल रोकने की कोशिश करने लगा.

" माल गिर जाने दो ना भैया ! क्यूं अपने लण्ड को Torture कर रहे हो ??? ". इस बार निधी ने पीछे मुड़ कर अपने भैया का लण्ड देखा और हँसने लगी.

निधी का बस इतना कहना भर था की उत्तेजना के मारे रोहित के लण्ड से वीर्य उबल पड़ा. रोहित ने कस कर अपनी बहन की चूची दबा दी और अपना लण्ड अपने हाथ से रगड़ रगड़ कर माल गिराने लगा. ढ़ेर सारा गाढ़ा वीर्य उसने अपनी बहन के चूतड़ और जांघों पर छीड़क दिया. माल की कुछ बूंदे निधी की झांट पर भी गिरी थीं, बाकि का माल रोहित ने बाथरूम की ज़मीन पर गिरा दिया.
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#30
कहानी :

टिप टिप बरसा पानी

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UPDATE 12

निधी का भी पानी गिरने ही वाला था, वो झट से मुड़कर अपने भैया से लिपट गई , जिससे भैया का झड़ा हुआ आधा खड़ा लण्ड उसकी जांघों के बीच घुस गया. निधी ने कस कर अपने भैया को पकड़ा और उसी समय उसकी चूत से पानी चूने लगा. वो अपनी ज़िन्दगी में आज पहली बार चरमोत्कर्ष पर पहुँची थी. उसके लिये ये अनुभव जितना कामुक था उससे कहीं ज़्यादा भावनात्मक था, इतना की उसकी आँखों से आंसू निकल आएं. वो अपना सिर भैया के कंधों पे रख कर आँखे मुंदे रोने लगी. रोहित उसे अपनी बाहों में भरे उसके बाल सहलाते हुए उसे शांत करता रहा.

झड़ने के दौरान निधी अपनी काँपती जांघों के बीच फंसे अपने भैया के लौड़े को अपनी नरम नरम टांगों में दबाती रही, जिससे रोहित के लण्ड से वीर्य की तीन चार और धारें बह निकली !!!

पूरे दस मिनट तक निधी झड़ती रही और दोनों उसी तरह एक दूसरे से लिपटे हुए नंगे खड़े रहें. फिर रोहित ने बड़े प्यार से निधी की आंसूओ से गीले हुए गालों को चुमा और अपना पूरी तरह से झड़ा हुआ लण्ड जो की अब ढीला पड़ कर झूल रहा था, अपनी बहन की जांघों के बीच से बाहर निकाल लिया. दोनों एक साथ Shower में नहाने के लिये घुस गयें और नहाते हुए खड़े खड़े पेशाब भी कर लिया..............................

" आपलोगों ने भी नहीं खाया ? खा लेते ना... ". खाने के टेबल पर Lunch के दौरान रोहित ने अपने मम्मी पापा से पूछा.

" कोई बात नहीं... रोज़ जब साथ खाते हैं तो... एक दिन लेट हो गया तो क्या. " उनके पापा ने कहा.

" You Know मम्मी, आपसे एक बात थी... ". निधी ने कहा. " मैं अपना अलग रूम मांग रही थी ना, वो अब मुझे नहीं चाहिये. ".

रोहित ने अपनी बहन की ओर देखा तो निधी ने उसे आँख मार दी.

" अच्छा... Good. पर क्या हो गया अचानक ? ". माँ ने पूछा.

" भैया ने मुझे एक साड़ी Gift करने का वादा किया है... ". निधी मुस्कुराते हुए बोली.

" अरे ! मैंने कब कहा ? ". रोहित ने कहा.

" आपने बोला था भैया... बस में. ". निधी ने कहा.

रोहित अपनी बहन की शैतानी पर मुँह दबा कर हँसने लगा और फिर सब एक साथ खाना खाने लगें............................

रात को डिनर के बाद दोनों भाई बहन रोज़ की तरह अपने मम्मी पापा को Good Night बोल कर अपने कमरे में आ गयें. एक दिन में सब कुछ बदल गया था, कहाँ रोज़ दोनों इसी कमरे में लड़ते झगड़ते रहते थें और एक ही बिस्तर पर भाई बहन की तरह सोते थें, और आज देखो, रोहित की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा जब निधी ने रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद किया तो, मानो वो अपनी बहन नहीं बल्कि अपनी नई नवेली दुल्हन का Wait कर रहा हो !!!

रोहित की आँखे खुली की खुली रह गई जब निधी बाथरूम से कपड़े चेंज करके आई. उसकी बहन ब्रा और एक पारदर्शी Designer स्लीपिंग पैंट में अतुलनीय सुन्दरता की कामदेवी लग रही थी.

[Image: IMG-20200503-013623.jpg]
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#31
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UPDATE 13


बिस्तर पर आकर बैठते हुए निधी ने देखा की उसके भैया ने पहले से ही अपने पजामे में लण्ड खड़ा कर रखा है, उसके पजामे में लण्ड वाली जगह पे एक बड़ा सा गोल सा गीला धब्बा बन गया था, यानि भैया का Pre - Cum निकल आया था... निधी को हँसी आ गई अपने भैया की बेचैनी देख कर !

रोहित ने पहले अपनी बहन के सिर को चुमा, फिर गालों को और फिर उसके होठों को. उसके बाद वो अपनी बहन की चुचियाँ ब्रा के ऊपर ऊपर से दबाने लगा. कुछ देर अपनी बहन के दूध को मसलने के पशचात उसकी नाभी में ऊँगली डाल कर खेलता रहा. फिर हाथ सीधा पेट से नीचे सरकाने लगा तो निधी समझ गई की भैया उसकी चूत की ओर बढ़ रहें हैं, उसने तुरंत अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हें रोका और भैया को शर्माते हुए देखने लगी.

" क्या हुआ ? . रोहित ने धीरे से पूछा.

" अभी नहीं भैया... ". निधी ने कहा.

" क्यूँ ? दर्द हो रहा है क्या ? ".

" नहीं भैया... ".

" फिर ??? ".

" अब तीन दिन बाद ही मेरी बूर मिलेगी... ". निधी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.

" तीन दिन बाद ??? मतलब ? ".

" ओफ्फो भैया... आपको इतने बड़े MNC में कैसे Job मिल गई ??? ". निधी ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा.

रोहित कुछ ना समझते हुए बेवकूफ़ की तरह उसकी ओर देखता रहा.

" मेरे बुद्धू भैया... इधर आओ ! ". निधी को अपने भैया की नादानी पर प्यार आ रहा था, उसने अपने भैया का चेहरा अपने हाथों में लेकर उन्हें होठों पे Kiss किया और फिर उसके कान में कुछ बोलने लगी.

निधी की बात ख़त्म होने पर रोहित ने कहा. " तो इसमें इतना शर्माने की क्या बात है ??? हर लड़की को तो ये होता ही है हर महीने ! ".

फिर अपने हाथ से अपनी बहन की चूत को उसके स्लीपिंग पैंट के ऊपर से सहलाते हुए कहा.

" इसका ध्यान रखना ये तीन दिन... अब ये मेरी अमानत जो है !!! ".

अब जब रोहित को पता चल गया की आज रात चोदने नहीं मिलेगा तो उसने अपने पजामे में हाथ डाल कर अपने खड़े लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और पजामा पहने हुए ही निधी के ऊपर चढ़ गया. निधी ने अपने ब्रा में से अपनी एक चूची निकाल ली अपने भैया के चूसने के लिये. रोहित अपनी बहन की चूची का दूध पीते पीते अपने पजामे में खड़ा लण्ड अपनी बहन की चूत पे स्लीपिंग पैंट के ऊपर ऊपर से रगड़ने लगा. जब उसे लगा की अब उसका माल गिर जायेगा तो वो अपनी बहन के ऊपर से उठ कर उसकी बगल में लेट गया. निधी को पता था की अब क्या करना है.

निधी उसकी तरफ घुम गई और अपना दाया जांघ अपने भैया के लण्ड पर उनके पजामे के ऊपर से रख कर घिसने लगी. निधी ने अपने भैया की नंगी छाती को अपने हाथ से जैसे ही सहलाना शुरू किया, उसका लौड़ा पजामे के अंदर ही स्खलित हो गया. पूरा पजामा वीर्य से भर कर सन गया, निधी तब तक अपने जांघ से उसका लण्ड मसाज करती रही जब तक की उसका लण्ड शांत होकर ढीला नहीं पड़ गया. रोहित ने अपनी बहन को Kiss किया और अपना पजामा चेंज किये बिना वैसे ही पड़ा रहा, फिर दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े सो गयें.
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#32
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UPDATE 14

अगले दिन निधी कॉलेज नहीं गई तो रोहित ने भी ऑफिस से Sick Leave ले लिया. फिर जब निधी तीन दिन तक कॉलेज नहीं गई तो उसने भी अपनी छुट्टी बढ़ा कर Friday तक कर ली ताकि अपनी बहन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय घर में बिता सके. और फिर शनिवार और रविवार तो उसका Week Off रहता ही था , सो कुल मिलाकर ये उन दोनों का एक लम्बा हॉलिडे हो गया.

इन तीन दिनों के दौरान रोहित ने अपनी बहन का जितना हो सका ख्याल रखा, उसके लिये रोज़ ढ़ेर सारी Chocolates ले आता था, क्यूंकि निधी ने बताया था की उसके Periods के दिनों में उसे Chocolates खाना बहुत पसंद है. यही नहीं, उसने अपनी बहन को तीन चार जोड़ी पैंटी भी ला दी थी ताकि वो बदल बदल कर पहन सके. और तो और, उसे एक बेशकीमती साड़ी और उसकी मैचिंग पेटीकोट और ब्लाउज़ भी गिफ्ट कर दिया. कुल मिलाकर निधी को यकीन नहीं हो रहा था की उसके भैया इतने रोमांटिक हो सकतें हैं.

इन तीन दिनों के दौरान दोनों भाई बहन अधिकतर वक़्त बंद कमरे में ही बिताते थें. कमरे में दोनों हमेशा पूरे नंगे ही रहते थें, हालाँकि निधी सिर्फ पैंटी पहने रहती थी जो की उसके लिये उस वक़्त ज़रूरी था, पर वो पैंटी पहनना भी नंगे होने के बराबर ही था, क्यूंकि रोहित जितनी भी पैंटी उसके लिये खरीद लाया था वो सभी छोटी छोटी Designer पैंटी थीं, जो सिर्फ चूत भर ढंकने के लिये ही बनी थी. 

[Image: IMG-20200504-012017.jpg]

रोहित का लण्ड हर वक़्त खड़ा ही रहता था पर उसने अपनी बहन को कभी तंग नहीं किया और ना ही खुद मूठ मारा. उसे तो सब्र का फल चखना था ! वैसे निधी की कोशिश यही रहती थी की जितना हो सके अपने भैया को इन तीन दिनों तक बोर ना होने दे और खुश रखे, और इसलिए वो जब भी नहाने जाती तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ देती, ताकि उसके प्रेमी भैया बिस्तर पर से कम से कम उसके नंगे बदन का मन भर दर्शन तो कर सकें !!!

खैर, तीन दिन किसी तरह बीत गयें और चौथा दिन शनिवार का था. उस दिन तो निधी की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, आज भैया मिलन का दिन जो था, सो सुबह सुबह उसने स्नान कर लिया और भैया की गिफ्ट दी हुई साड़ी पहन ली. उसकी साड़ी को उसके मम्मी पापा ने भी काफी पसंद किया. साड़ी में निधी इतनी प्यारी लग रही थी की रोहित से तो सारा दिन जैसे इंतजार किया ही नहीं जा रहा था की कब रात हो. पूरे दिन दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा से नज़रें बचा कर एक दूसरे से आँख मिचौली और प्यार भरी छेड़खानी करते रहें !

[Image: IMG-20200504-012052.jpg]

रात को डिनर में भी दोनों का मन नहीं लगा और किसी तरह आधा अधूरा खाना खा कर दोनों ने निपटाया और फिर सोने का वक़्त होते ही अपने कमरे में चले आएं..............................

" तुम्हारे लिये एक Surprise है निधी. ". बिस्तर के किनारे नंगे बैठे रोहित ने अपने तकिये के नीचे से Condom का पैकेट निकालते हुए कहा.

Dressing Table के पास खड़ी निधी अपनी साड़ी खोल रही थी, उसने पीछे मुड़ कर देखा पर कुछ बोली नहीं. साड़ी खोल कर निधी ने Dressing Table पर ही फेंक दिया और ब्लाउज़ और पेटीकोट में अपने भैया के पास आ खड़ी हुई. उसने अपना हाथ भैया के कंधे पर टिका दिया और भैया को एकटक देखने लगी.

[Image: IMG-20200504-013420.jpg]

" बहुत इंतजार कराया निधी... इतना वेट तो कोई अपने पति को भी नहीं कराता. ". रोहित ने अपने दोनों हाथ अपनी बहन के नरम गांड़ पर लपेट दिये और उसे अपनी ओर खींच लिया, उसने महसूस किया कि निधी ने पेटीकोट के अंदर पैंटी नहीं पहनी थी.

" सिर्फ तीन दिन में ही ये हालत है भैया ??? ". निधी ने अपनी आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " मैं तो इतने सालों से आपके साथ रह रही हूं. "

रोहित बिना कोई जवाब दिये उसके ब्लाउज़ को सूंघने लगा, फिर थोड़ा नीचे आकर अपनी बहन कि नाभी में नाक घुसा दिया. मन भर कर नाभी कि गंध सूंघ कर रोहित फिर नीचे बढ़ा और निधी कि पेटीकोट और पेटीकोट के नाड़े कि महक सूंघने लगा. निधी समझ गई कि आज भैया उसे बहुत तंग करने वाले हैं !!!

[Image: IMG-20200504-013730.jpg]
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#33
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UPDATE 15

बदमाश भैया ने जब निधी कि पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत का गंध लेना चाहा तो निधी ने हँसते हुए अपने भैया को धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद भी बिस्तर पर चढ़ गई. वो अपने भैया का जांघ सहलाने लगी तो उसका लौड़ा तन कर पूरा टाईट खड़ा हो गया.

" Condom क्यूं भैया ??? ". निधी ने अपने भैया के अंडकोष पर अपनी पतली उंगलियां फेरते हुए पूछा.

" जो हुआ सो हुआ निधी... मैं अपने स्वार्थ के लिये तुम्हें मुसीबत में नहीं डाल सकता. हम अब से बिना Condom के नहीं करेंगे. ". रोहित ने अपनी बहन के गाल चूमते हुए कहा.

निधी मन ही मन गदगद हो गई... उसके भैया उसके बारे में कितना सोच रहें थें ! पर कुछ बोली नहीं...

निधी ने देखा कि भैया के लण्ड से पतले पानी जैसा कुछ निकलना शुरू हो गया था, वो उठ बैठी और अपनी एक ऊँगली से भैया के Pre - Cum को उसके लण्ड के मुँह पर मलने लगी. लण्ड का मुँह थोड़ा गीला होते ही निधी ने भैया का लण्ड अपनी मुठठी में लेकर उसका सुपाड़ा खोल दिया. लण्ड का सुपाड़ा बाहर आते ही रोहित के पूरे शरीर में एक कंपन सी दौड़ गई !

भैया के लण्ड का लाल चिकना सुपाड़ा इतना सुंदर लग रहा था कि निधी से ना रहा गया और उसने नीचे झुक कर उसके सुपाड़े को चुम लिया. फिर उसके लण्ड को अपने चेहरे पे हर तरफ रगड़ने घिसने लगी. रोहित का लण्ड उसकी हथेली में फूल कर और बड़ा होने लगा. रोहित को लगा कि Chances है कि उसे आज एक स्वीट सा ब्लोजॉब मिल जाये, सो उसने बिस्तर पे पास पड़ा तकिया खींच कर अपने सिर के नीचे रख लिया और आगे जो कुछ भी होने वाला था उसका पूरा आनंद लेने के लिये रेडी हो गया !

लण्ड को चेहरे पे मलने कि वजह से लण्ड से निकला Pre - Cum निधी के गालों और होठों पर फ़ैल गया, जिससे उसके खूबसूरत चेहरे कि रंगत और खिल गई. अब निधी ने अपने होंठ खोल कर अपने भैया के लण्ड का सुपाड़ा मुँह में भर लिया, फिर रुकी, और अपनी नज़रें उठा कर भैया को देखा. भैया के चेहरे कि खुशी और रौनक देख कर निधी समझ गई कि भैया को ब्लोजॉब चाहिये था. उसके भैया उसके लिये इतना सब सोच और कर रहें थें, इतना तो बनता ही है !!!

निधी ने अपना मुँह नीचे कि ओर दबाया तो लण्ड का बाकि का हिस्सा भी उसके मुँह में समा गया. रोहित का लौड़ा इतना बड़ा था कि पूरा अंदर लेना संभव नहीं था, सो जितना भी अंदर जा सका, उतना भर ही मुँह में लिये हुए निधी उसका लण्ड चूसने लगी. रोहित को पता था कि उसकी बहन को लण्ड चूसने का कोई तज़ुरबा नहीं था, पर फिर भी शायद ये ब्लोजॉब उसकी ज़िन्दगी का बेस्ट ब्लोजॉब बन जायेगा, क्यूंकि ये ब्लोजॉब उसकी कोई गर्लफ्रेंड या बीवी नहीं, बल्कि अपनी खुद कि सगी बहन दे रही थी !!!

निधी को अपने भैया के लण्ड का टेस्ट एकदम पसंद नहीं आ रहा था, फिर भी अपने भैया कि खुशी के लिये वो उसका लौड़ा चूसती रही. लण्ड चूसने के दौरान वो बिना पलके झुकाये ऊपर कि ओर अपने भैया को ही देखती रही, उसके भैया के चेहरे पर झलक रही खुशी उस वक़्त उसके लिये अनमोल थी.

" अच्छा भैया... एक बात बताओ... ". निधी ने भैया का लण्ड एक सेकंड के लिये अपने मुँह से निकाल कर पूछा. इसके आगे वो कुछ और बोल पाती, उसके पहले ही रोहित के लण्ड से माल गिरना शुरू हो गया. वीर्य कि दो तेज़ धार छिटक कर रोहित के पेट पर गिरी तो मौके कि नज़ाकत को समझते हुए निधी ने झट से उसका लण्ड वापस अपने मुँह में भर लिया और उसे अपने मुँह के अंदर झड़ने देने लगी !

10 सेकंड के अंदर ही निधी का पूरा मुँह वीर्य से भर गया, तो उसने भैया का लण्ड मुँह से बाहर निकाल लिया और लण्ड फड़क फड़क कर बाकि का वीर्य उसके गोरे चेहरे पर थूकने लगा !

[Image: IMG-20200504-034834.jpg]

5 मिनट तक रोहित का लण्ड झड़ता रहा और तब तक निधी ने उसका वीर्य अपने मुँह में भरे रखा. उसे वीर्य का नमकीन स्वाद एकदम नहीं भाया था, उसने काफी कोशिश कि अपने भैया के माल को अंदर निगल लेने कि, पर नहीं हो पाया उससे . आखिरकार हार कर उसने अपने हाथ से अपना मुँह दबा लिया ताकि माल वहीं बिस्तर पे मुँह से बाहर ना आ जाये, और बिस्तर से उठ कर दौड़ कर बाथरूम कि ओर भागी !!!

रोहित अपना लण्ड हाथ में लिये सहलाने लगा.
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#34
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UPDATE 16

बाथरूम से वीर्य थूक कर और अपना मुँह धो कर निधी वापस आई और थोड़ा सा पानी पीने के बाद वापस बिस्तर पर चढ़ गई. शीघ्रपतन कि वजह से रोहित अभी भी वैसे ही निस्तेज पड़ा हुआ था, उसकी सांसे फूल रही थीं. उसका झड़ा हुआ लण्ड उसके पेट पर लुढका पड़ा था और वो धीरे धीरे अपने हाथ से अपना खुला हुआ सुपाड़ा सहला रहा था.

" जब चूत Available ना हो तो मूठ मार लेनी चाहिये. तीन दिनों से माल ना गिराने का नतीजा देखा भैया ! ". निधी ने अपने भैया के लण्ड पर प्यार से एक थप्पड़ मारा और हँसने लगी.

" Sorry निधी... ". रोहित ने फूलती साँस में कहा. जवाब में निधी ने उसके होठों पर एक Kiss किया और बोली.

" वैसे भैया... मेरे पास भी आपके लिये एक Surprise है. "

निधी उठ कर अपने भैया के सीने के बगल में अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी. नाड़ा खुलते ही वो रुकी, अपने भैया को शरारती नज़रों से देखा, और फिर अपना पेटीकोट कमर से नीचे सरका दिया. वाकई में ये रोहित के लिये एक Surprise था... निधी ने अपने बूर कि झांट शेव कर ली थी !!!

" मेरे लिए ??? ". रोहित कि ख़ुशी का तो ठिकाना ही ना रहा. उसकी बहन ने शर्माते हुए हाँ में सिर हिला दिया.

" ना मेरी शादी हुई है और ना ही मेरा कोई बॉयफ्रेंड है... इसलिये चूत के बाल पहले नहीं काटती थी... ".

" और अब ? ". रोहित ने अपनी बहन कि चूत पर से नज़रें हटाये बिना ही कहा. झांट शेव हो जाने कि वजह से अब उसकी चूत कहीं ज़्यादा फुली हुई मोटी गुदेदार लग रही थी. Indian लड़कियों कि बूर थोड़ी सांवले रंग की होती है, पर निधी ने चूंकि पहली बार अपने झांट साफ किये थें, तो उसकी चूत एकदम गोरी लग रही थी.

[Image: IMG-20200504-165028.jpg]

" अब आप मेरी ज़िन्दगी में जो आ गये हो भैया... ". निधी बोली. " भैया... मुझे एक चूत शेव करने वाली क्रीम ला देना ना प्लीज़. "

" इस बार कैसे काटा ? ".

" आपकी दाढ़ी काटने वाली Gillette Guard से... ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा, जैसे की भैया की डांट से डर रही हो. पर रोहित को उसकी बात पर हँसी आ गई, और उसने अपनी बहन की नाभी में प्यार से एक चिमटी काटी, फिर उसकी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा. निधी समझ गई की भैया को क्या चाहिये !
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#35
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UPDATE 17

निधी ने अपना पेटीकोट पैरों से निकाल कर वहीं बिस्तर पर रख दिया और रोहित के तकिये पर उसके मुँह के सामने अपनी टांगे खोले बैठ गई. उसने अपनी ऊँगलीयों से अपनी योनि के Lips को फैला कर अपने भैया को अंदर का गुलाबी फांक दिखाया. झांट ना होने कि वजह से अब उसके चूत का दाना यानि Clitoris भी साफ दिखाई दे रहा था. रोहित ने आगे बढ़ कर अपनी बहन कि खुली हुई चूत को सूंघा और फिर अपना चेहरा सीधे उसकी जांघों के बीच डाल दिया.
[Image: IMG-20200505-030338.jpg]
निधी अपने भैया के बालों को सहलाते हुए उसे अपनी चूत चटाते रही. कुछ देर बाद रोहित ने अपना मुँह उसकी बूर से बाहर निकाला और उसे कमर से पकड़ कर बिस्तर पे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ने लगा. निधी ने देखा कि भैया के लण्ड में थोड़ा सा तनाव आ गया है तो वो समझ गई कि वो अब उसे चोदने वाले हैं !

" ऐसे नहीं भैया... ". निधी कुछ और ही प्लान कर रही थी. उसने अपने भैया को अपने ऊपर से धकेल दिया और बिस्तर पर बैठने का इशारा किया. निधी के कहे अनुसार रोहित पलंग पे अपनी पीठ टिका कर अपने दोनों पैर फैलाये बैठ गया तो निधी उसके ऊपर आ कर उसकी गोद में बैठ गई. रोहित ने अपने खड़े लण्ड पर एक Condom चढ़ा लिया और मूठ मार कर लौड़े को ठीक से खड़ा करने लगा.

जब रोहित का लण्ड चोदने लायक ठीक ठाक खड़ा हो गया तो निधी ने अपना गांड़ थोड़ा ऊपर उठा कर एक हाथ से उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में फिट किया और धीरे धीरे भैया कि गोद में बैठने लगी. रोहित का लण्ड अपनी बहन कि बूर का छोटा टाईट छेद फैलाता हुआ अंदर समाने लगा. निधी ने अपने दोनों हाथ भैया के कंधे पर रख दिये और भैया उसके कमर में अपने हाथ डाले उसे अपनी गोद में बैठाये चोदने के लिये रेडी थें !

निधी एकदम आहिस्ते आहिस्ते अपने चूतड़ ऊपर नीचे करती हुई अपने भैया को चोदने लगी. निधी हर बार अपनी गांड़ इतना ऊपर तक उठाती कि भैया के लण्ड का बस सुपाड़ा भर ही उसकी चूत में रह जाता और फिर वो वापस अपनी गांड भैया कि गोद में नीचे तक लाती जब तक कि उसका लण्ड जड़ तक अंदर ना घुस जाता.
[Image: IMG-20200505-030640.jpg]
मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस वक़्त मेरी कहानी पढ़ने वाले जितने भी लोग हैं, अगर वो उस वक़्त वहाँ होतें, तो एक भाई का अपनी सगी बहन को इस तरह अपनी गोद में बैठा कर चोदने का कामुक दृश्य देख कर आपका लण्ड आपकी पैंट में ही उल्टी कर देता ( और अगर आप लड़की हो तो आपकी चूत पानी छोड़ देती ).

निधी ने अभी अपने गांड़ पटकने कि स्पीड थोड़ी सी बढ़ाई ही थी कि रोहित ने कहा. " निधी Wait... लगता है Condom फट गया. ".

रोहित ने अपना लण्ड बाहर निकाला तो देखा कि Condom का मुँह फाड़ कर उसका मोटा लाल सुपाड़ा बाहर झांक रहा है. उसने उस फटे Condom को खोले बिना ही उसके ऊपर एक दूसरा Condom पहन लिया और वापस लण्ड अपनी बहन कि चूत में ठूस दिया.

निधी अब अच्छी खासी स्पीड में अपने भैया को पेलने लगी. 5 मिनट के अंदर ही उसकी टाईट चूत ने असर दिखाना शुरू कर दिया और रोहित का पूरा शरीर अकड़ गया. निधी समझ गई कि भैया स्खलित होने वाले हैं तो वो एकदम से रुक गई. उसने अपने ब्लाउज़ खोल कर भैया के दोनों हाथ अपनी चुचियों पर रख दिये तो रोहित उसके बूब्स दबाने मसलने लगा. इस वजह से रोहित का ध्यान भटक गया और उसका वीर्य वापस उसके अंडकोष में लौट गया. निधी ने फिर से चोदन क्रिया शुरू कर दी.

अब चोदते चोदते जब भी रोहित झड़ने के करीब पहुँच जाता, निधी वैसे ही चुदाई एकदम से रोक देती, और जब उसके लण्ड कि उत्तेजना कम हो जाती, तो वो वापस फिर से शुरू हो जाती. अब रोहित कि समझ में आया कि उसकी बहन ने क्यूं उसे अपने ऊपर चढ़ कर पेलने नहीं दिया और वो खुद उसके गोद में बैठ कर क्यूं पेलवा रही है... निधी भैया के शीघ्रपतन को कण्ट्रोल करना चाहती थी !!!

निधी कि तरकीब काम कर रही थी. पूरे 50 मिनट हो गयें थें पर उसके भैया का माल नहीं निकला था... या फिर यूँ कहें कि निधी ने अपने भैया को माल गिराने ही नहीं दिया था ! दरअसल इस पूरे 50 मिनट के चोदा चोदी के दौरान रोहित का लौड़ा अनगिनत बार झड़ने के करीब पंहुचा था, पर उसकी बहन ने उसे झड़ने नहीं दिया था. रोहित का अंडकोष वीर्य से लबालब भर कर अब दर्द करने लगा था. अपना माल गिराने के लिये तरस गया था बेचारा रोहित !!!

अब तो एक घंटे से ज़्यादा हो गयें थें और निधी अपने भैया कि गोद में बैठी उछल उछल कर खुब चुद रही थी. उसका खुब पानी निकला था आज, भैया कि जांघे, उनके अंडकोष और बिस्तर कि चादर सब भीग गई थी बहन कि योनि रस के स्राव से ! बस सिर्फ बेचारे भैया के लण्ड को ही स्खलित होने कि इज़ाज़त नहीं थी !!!

आखिरकार रोहित के सब्र का बांध टूट ही गया... उसने ठान ली कि अब उसे किसी भी हालत में माल गिराना ही है. उसने कस कर अपनी बहन को अपनी बाहों में भरा और उसे एक ही झटके में बिस्तर पर पलट दिया. इससे पहले कि निधी कुछ समझ पाती, भैया उसके ऊपर थें !

निधी के ऊपर चढ़ते ही रोहित ने उसके नरम बदन को रोंदना शुरू कर दिया... निधी कि हँसी छूट पड़ी अपने भैया कि बेकरारी और बेचैनी देख कर... वो समझ गई कि अब तो भैया रुकने वाले नहीं हैं !

रोहित का वीर्य तो उसके लण्ड के मुहाने पर कब से आकर अटका पड़ा था, उसने घपाघप तीन चार धक्के मारे और अपना लण्ड अपनी बहन कि चूत कि तह तक घुसेड़ कर Condom में वीर्य भरने लगा. इतनी देर कि तड़प एकबारगी शांत हुई तो उसका पूरा शरीर सिहर उठा और वो अपनी बहन के जिस्म पर निढ़ाल होकर गिर पड़ा.

" ममममममम... भैया... हो गई तसल्ली ??? ". निधी ने अपने भैया कि पीठ सहलाते हुए कहा.
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#36
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UPDATE 18

तीन मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड घुसेड़े रोहित माल गिराता रहा. जब उसे लगा कि Condom अब वीर्य से भर कर फूल गया है और किसी भी वक़्त दबाव के कारण अंदर चूत में ही फट सकता है तो वो निधी के बदन पर से उठा और बड़ी सावधानी से अपना लौड़ा उसकी चूत से बाहर निकाला. उसने वीर्य से भरा Condom खोल कर वहीं नीचे ज़मीन पर फेंक दिया और फिर से एक नया Condom अपने झड़े लण्ड पर चढ़ा लिया. निधी समझ गई कि उसने अपने भैया को अभी इतनी देर तक सताया है और अब उसकी खुद कि चूत का बारह बजने वाला है !!!

रोहित बिस्तर से नीचे ज़मीन पर उतर गया और निधी कि नंगी टांगों को पकड़ कर खींच कर बेड के किनारे ले आया.

" आअह्ह्ह्हह... भैया धीरे ! ". रोहित ने निधी को इतनी ज़ोर से खींचा था कि निधी गुस्से में बोली मगर फिर हँसने लगी.

निधी कि गांड़ अब पलंग के किनारे पर थी और उसके पैर हवा में फ़ैले हुए . रोहित ने ज़मीन पर खड़े होकर अपना आधा खड़ा झड़ा हुआ लण्ड अपनी बहन कि बूर में ठेल कर घुसा दिया. निधी ने अपनी दोनों टांगें भैया के मजबूत कंधो पर टिका दी और अपने भैया को तंग करने कि सजा भुगतने को तैयार हो गई.

लण्ड चूत में जाते ही रोहित ने अपनी बहन को चोदना शुरू कर दिया. कौन कहेगा कि अभी तुरंत उसका वीर्यपात हुआ था !!!

5 मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड अंदर बाहर करने के बाद रोहित का लौड़ा अब पहले जैसा सख्त हो गया. वो एक कामोत्तेजित कुत्ते कि तरह अपनी कुंवारी बहन को पेलने लगा !

" भैया... आआह्ह्ह्हह्ह... धीरे करो ना भैया... हाय मम्मी... मेरी चूत !!! ". पलंग पर लेटे लण्ड के तेज़ झटके खाती निधी को समझ आ गया था कि एक मर्द को चरमोत्कर्ष के वक़्त रोकने का क्या परिणाम हो सकता है !!!

" भैया Nooooo....प्लीज भैया.... आअह्हह्ह्ह्ह... ". निधी सिसकारती कराहती रही. " अब मैं आपको कभी भी माल गिराने से नहीं रोकूंगी भैया... जितनी मर्ज़ी झड़ना... बस आज मुझे छोड़ दो... उफ़्फ़ मम्मी... हाय मेरी चूत... भैया !!! ".

रोहित ने अपने बहन कि एक ना सुनी और उसकी नंगी टांगों को अपनी बाहों में जकड़े हुए उसे चोदता रहा. बरसो से संभाल कर रखी अपने सगी बहन कि कसी हुई चूत को लगता है एक ही रात में फाड़ कर ढीला कर देने कि फ़िराक में था वो कमीना !!!

25 मिनट तक जमकर पेलने के बाद रोहित के अंडकोष में फिर से वीर्य बनना शुरू हो गया. उसने अपनी बहन कि चूत में लण्ड डाले हुए ही उसे बिस्तर से उठाया और उसे अपनी गोदी में ले कर ज़मीन पर खड़े खड़े उसकी गांड़ थामे उसे उछाल उछाल कर चोदने लगा. 12 सेकंड के अंदर ही उसके Condom में माल कि पिचकारी उबल पड़ा !

10 मिनट तक अपनी बहन को उसी तरह अपनी गोद में उठाये रोहित माल गिराता रहा. जब उसका सारा का सारा वीर्य निकल गया तो उसका लण्ड ढीला पड़ कर वीर्य से भरे Condom सहित अपनी बहन कि चूत से खुद ब खुद बाहर निकल कर झूलने लगा. लण्ड ढीला पड़ जाने कि वजह से उसका Condom अपने आप सरक कर खुल के नीचे ज़मीन पर गिर गया !!!

रोहित ने संभाल कर आराम से निधी को बिस्तर पे लिटाया और खुद भी उसके बगल में बेसुध होकर लेट गया. निधी अपने भैया कि ओर करवट बदल कर लेट गई और उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी दोनों जांघों के बीच दबा लिया. फिर दोनों भाई बहन कब ऐसे ही थक कर एक दूसरे कि बाहों में सो गयें, पता ही नहीं चला..................................

अगली सुबह दोनों देर से दस बजे तक उठे. Fresh होकर दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने बैठे.

" बेटा रोहित, एक लड़के का रिश्ता आया है तेरी बहन के लिये... तू ज़रा अपने ऑफिस के दोस्तों से बोल कर पता तो लगा उस लड़के के बारे में... वैसे देखने में अच्छा है. ". माँ ने कहा.

निधी ने झट से अपने भैया कि ओर देखा.

" मम्मी... अभी निधी बस बीस कि है... और पढाई भी कर रही है... अभी तो कम से कम उसकी शादी के बारे में 4 - 5 साल तक मत सोचो... ". रोहित कि आवाज सख्त थी.

" बेटा क्या बोल रहे हो... ". पापा ने टोका.

" No पापा... अब और नहीं... आप लोगों कि हर बात मेरी बहन नहीं मानेगी. आप लोग मुझे कहते हो उसे कॉलेज ले जाने और लाने को ताकि बेचारी की किसी लड़के से दोस्ती ना हो जाये...चलो वहाँ तक तो ठीक है... पर आप लोग हर चीज़ में उसकी मर्ज़ी और आजादी तो मत छीनो... प्लीज़. ". रोहित ने आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा.

निधी को इस बात की फ़िक्र नहीं थी की अब उसके मम्मी पापा क्या जवाब देंगे, और उसका क्या होगा. उसका तो बस दिल आ गया था अपने भैया के इस बात पर की किस तरह आज उन्होंने एक सच्चे हमसफर की तरह उसे Support किया था. उसकी ज़िन्दगी में अब वो लड़का आ गया था जिसपे वो बेफिक्र होकर भरोसा कर सके. आगे ज़िन्दगी जहाँ ले जाये !!!

आज बाहर फिर से तेज़ बारिश शुरू हो गई थी......................

**********The End ************
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#37
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#38
कहानी : भाई की औलाद

मेरा नाम सरोज है। मै आपको अपनी आपबीती बताने जा रही हुं। कुछ मैं आप को अपने बारे में बता दू मै शादीशुदा 25 साल की औरत हुं।  मेरी शादी 18 साल  की उम्र में हो चुकी थी। वैसे तो सब कुछ ठीक ही चल रहा है पर आज से 5 साल पहले मेरे साथ जो कुछ हुआ उसे मै कभी भी भूल ना पा रही हुं और ना ही भूल पाऊंगी।

आप सोच रहे होंगे की क्या हुआ होगा। बात तबकी है जब मै गर्मी के दिनों में अपने मायके गई थी। मेरे मायके में मेरा भाई मेरी भाभी और मेरे पिताजी रहते है। जब मै वहां पर पहुंची तब रात के 9 बज चुके थे। सभी लोग खाना खा चुके थे और सोने की तैयारी कर रहे थे।
मेरी भाभी ने मुझे अपनी साड़ी दी और बोली की तुम नहा धो कर खाना खा लो और मेरे कमरे में आ जाओ तुम्हारे भाई अपने दोस्त के साथ शादी में गए है वो आज रात को नहीं आ पायेंगे क्युंकी अपनी बाईक वो नहीं ले गए है। मै अपनी भाभी के साथ सो गई तभी लाईट चली गई। मेरी भाभी बोली की सरोज छत पर चलते है पर मुझे नींद आ रही थी तो मैं नहीं गई और सो गई।
जब मै गहरी नींद में थी तभी चौक कर मेरी आँख खुल गई मुझे लगा की कोई मेरे बूर में ऊँगली घुसा रहा है। पर अँधेरे में मुझे कुछ दिख नहीं रहा था तभी कोई बोला रानी उठो ना। मेरा दिल धक्क से हो गया। ये मेरे भैया थे बारात से लौट आये थे और दारु  के नशे  में मुझे भाभी  समझ रहे थे और मेरी साड़ी हटा कर मेरे बुर में वैसलिन लगा रहे थे। मेरा चेहरा मारे शरम के लाल हो गया पर मै कुछ नहीं बोल पाइ क्योंकी अब तक वो मेरी साड़ी खींच कर मुझे नंगी कर चुके थे।
मैंने भी अपनी साड़ी खींच कर अपना चेहरा ढांप लिया ताकि लाईट आ जाये तो वो मेरा चेहरा ना देख पाए। तभी उन्होंने अपना लंड मेरी बुर के मुंह पर रख दिया और मेरीे चूची को अपने मूंह मे ले कर चूसने लगे और अपना लंड को मेरी बुर पर रगड़ भी रहे थे। कुछ ही देर में मेरी बुर में पानी आ गया। अब उनका लंड भी थोड़ा अन्दर की तरफ सरक रहा था। तभी उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और पूरी ताकत के साथ जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा लंड मेरी बुर मे गच्चाक से पेल दिया।
उनका लंड जैसे मेरे गले तक में घुस गया था क्युंकी मारे दर्द के मेरा मुंह खुल गया था पर मै चीख भी नहीं पाई थी। दर्द के मारे मेरा पूरा बदन ऐंठ गया था। उनका लंड मेरे लिए बहुत ही तगड़ा था। अब भी वो मेरी चुन्ची को प़ी रहे थे कुछ देर के बाद मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया। इतनी बुरी हालत तो मेरी सुहागरात को भी ना हुई थी।
अब मेरे भईया ने मेरी कमर को पकड़ा और मुझे चोदने लगे। उनका लंड मेरी बुर को बुरी तरह से रगड़ रहा था क्युकी मेरी बूर का छेद उनके लंड के हिसाब से काफी पतला था। उनके हर चोट पर मै मन ही मन वाह वाह कर रही थी। तभी मेरी बूर ने पानी छोडना चालू कर दिया मेरे भाई ने अब मेरी टांगे पकड़ी और मेरे सीने से सटा दिया। और जोर जोर से मुझे चोदने लगा अब तो मारे आनन्द के मेरे मुंह से  आवाजे निकल रही थी। पूरा कमरा चप्प चप्प हच्च्र की आवाज से गूंज रहा था मै भी आह आह उफ उफ कर रही थी। तभी मै झड़ने लगी आ आ अअ अअ आ ओप ई इ ई उफ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओक ओ की आवाज के साथ म झड गई ।
मेरी बूर की हच्चाक गच्चाक फ्च्चा फच्च की आवाज इतनी थी की मेरी आवाज उस में छुप गई। तभी मेरे भाई का भी लंड ने पानी छोड़ दिया। फिर उन्होंने अँधेरे में ही अपने टावल को लपेटा और बाहर चले गए। मेरी बूर का भोसड़ा बन गया था। उनके वीर्य से मेरी बूर लबालब भर गई थी पर मेरी बुर सूज कर इतनी फूल चुकी थी की कुछ भी बाहर नहीं आ पा रहा था। मैंने भी बुर में रुमाल  डाला  ताकी  भाभी की  साड़ी  खराब ना होने पाये नहीं तो उन्हें पता चल जाता। फिर साड़ी पहन कर छत पर जा कर सो गई। सुबह किसी को कुछ पता नहीं चला। तीन-चार दिनों तक मेरी बुर में मीठा मिठा दर्द होता रहा। इसके 9 महीने बाद मेरा बेटा पैदा हुआ जो की मेरे भाई की औलाद है।

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#39
कहानी : चांदनी रात में भाभी का जिस्म

यह कहानी बताने से पहले मैं आप लोगों को एक बात बता देना चाहता हूं कि मैं बचपन से ही आंटियों, भाभियों, दीदीयों, सड़क पर आने-जाने वाली लड़कियों के जिस्मों को घूरा करता हूं और अपनी आंखों से एक्स-रे का काम लेते हुए कपड़ों के अंदर तक झांकने की कोशिशों में लगा रहता। कपड़ों के ऊपर से बता देता हूं कि किसके स्तन किस आकार के होंगे, किसकी योनि का कटाव कैसा है और किसके नितंब कितने चौड़े हैं।
खैर यह कहानी मेरे घर की है, मेरी एक रिश्तेदार की है, जिन्हें मैं अकसर वासना की नजरों से ताकता था और एक दिन किस्मत मुझ पर मेहरबान हो ही गई। यहां मैं उन्हें भाभी ही कहूंगा। 30-32 साल की भाभी यूं तो थी सांवली मगर उनके जिस्म का कटाव मुझे हमेशा उनकी ओर खींचता था। उनके पतले होंठ, नशीली आंखें, तने हुए स्तन और पतली कमर के नीचे चौड़े नितंब। मैने कई बार कोशिश की कि वे मुझे नोटिस करें। मैं उनसे मजाक-मस्ती करता, बातें करता और सोचता कि कब इस शरीर को बिना कपड़ों के देख पाउंगा। वे मेरी भावनाओं से अनजान और मैं उनके आसपास मंडराया करता।
ये घटना उस रात की है, जिस रात मैने भाभी के जिस्म से जी भरकर खिलवाड़ किया और मेरे लिंग ने रातभर उन्हें सलामी दी। गांव में गर्मियों में खुले में ही सोया जाता। भाभी का घर हमारे घर से लगा हुआ ही है और आंगन तो जुड़े ही हैं। बस हलकी सी दीवार बीच में है, जिसे आसानी से फांदा जा सकता है।
तो हुआ यूं कि मैं एक रात किसी की शादी समारोह से काफी देर से घर लौटा। दरवाजा खटखटाया तो मेरे घर में तो कोई नहीं उठा, कुछ देर बाद उन्हीं भाभी ने अपने घर का दरवाजा खोल दिया। मैने उन्हें देखा वे बेतरतीबी से साड़ी लपेटे खड़ी थी।
मुझसे बोलीं, शीनू… मेरे घर का नाम है यह….
मैने उनकी तरफ देखा, तो वे इशारा करते हुए कह रही थीं, इधर से ही आ जाओ। घर में सब सो रहे हैं।
मै भी बेहिचक उनके दरवाजे की तरफ बढ़ गया। आधी रात का वक्त था, सो चारो तरफ अंधेरा पसरा था। उनके घर के अंदर से लालटेन का प्रकाश बाहर झांक रहा था। उसी हलके प्रकाश में मैने उन्हें देखा तो मन में फिर से हलचल सी होने लगी। वे सोते हुए उठीं थीं और उनकी आंखों में नींद की खुमारी थी। उनके आधे घुंघराले बाल माथे पर लहरा रहे थे और साड़ी उनके ब्लाउज को ढंकने की नाकाम सी कोशिश कर रही थी। उन्हें देखकर कुछ पल के लिए तो मैं सब भूल गया, लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू कर लिया।
मैं उनके घर में घुसा। वे दरवाजा बंद कर पीछे-पीछे आ गईं। मैने आंगन के बीच की दीवार फांदी और अपने कमरे की तरफ बढ़ गया। कपड़े बदलकर बाहर निकला तो मैने देखा भाभी अपनी साड़ी उतारकर खूंटी पर टांग चुकी हैं और पेटीकोट और ब्लाउज में ही अपनी खाट की तरफ बढ़ रही हैं। एक पल को मेरी आंखें उनकी नजरों से टकराई। मैं एकदम से झेंप सा गया और नजरें झुका ली। भाभी के चेहरे पर आई हलकी मुस्कान को मैने देख लिया था। मेरा बिस्तर भी आंगन के एक कोने में जहां दीवार है, लगा था। मैं अपने बिस्तर पर लेट गया और भाभी का पेटीकोट और ब्लाउज वाला रूप मेरी आंखों में घूम रहा था।
बिस्तर पर पड़े-पड़े करवटें बदल रहा था। मुझे नींद नहीं आ रही थी। आंखों में भाभी का रूप घूम रहा था और मेरा लिंग निक्कर को तंबू बनाए हुए था। काफी देर तक मैं बिस्तर पर उठा-पटक करता रहा। जब वासना का खुमार सहन से बाहर हो गया तो मैं उठ गया। मैने सोचा बाथरूम में जाकर अपने हाथ से ही लिंग की उत्तेजना को शांत कर लूं। मैं बाथरूम की तरफ बढ़ा ही था कि नजर भाभी की खाट पर गई। भाभी सीधी लेटी हुई थीं और सांसों के साथ स्तनों में स्पंदन हो रहा था। एक लय में उठते और गिरते। हलकी चांदनी में उनका सांवला पेट चमक रहा था। यह देखकर तो मैं जड़ हो गया।
मेरे मन में अचानक ही वासना की इतनी तेज लहर उठी कि मैं अनजाने की दीवार फांदकर उनकी खाट के पास जाकर खड़ा हो गया। उनके स्तनों की थिरकन ज्यादा करीब से देख पा रहा था। उनके चिकने सपाट पेट के निचले हिस्से पर बंधा उनकी पेटीकोट टांगों के जोड़़ पर चिपक सा गया था। उनकी योनि का कटाव भी दिख रहा था। मैं अपने होशो-हवास खो बैठा। मुझे पता नहीं क्या हो गया कि मैं झुका और अपना चेहरा उनके स्तनों के बिल्कुल करीब ले गया। उनके पसीने की मादक गंध मुझे मदहोश कर रही थी।
मैं कुछ देर तो यूं ही उन्हें निहारता रहा। उनकी सांसों की एक जैसी लय से मुझे यकीन हो गया कि वे गहरी नींद में हैं। फिर भी तसल्ली करने के लिए मैने अपनी उंगली उनके एक स्तन से छुआकर देखा। उंगली को हौले से उनके स्तन में चुभाया। उनकी सांसों में कोई अंतर नहीं आया। अपने हाथ को उनके स्तन पर रख दिया और धीरे दबाया। वे वैसी ही सांसे ले रही थीं। उनके पतले होंठों पर हलकी सी मुस्कान थी, जैसे वे कोई सपना देख रही हों। अब मैं तसल्ली के साथ उनकी खाट के पास घुटनों के बल बैठ गया।
मैने अपना एक हाथ उनके स्तन पर वैसे ही रखे रहने दिया और दूसरा हाथ उनके चिकने पेट पर रख दिया। उनकी सांसों की लय से मेरा हाथ भी हरकत कर रहा था। भाभी के चिकने पेट पर हौले से हाथ फिराया। मेरा पूरा शरीर डर और उत्तेजना के मारे कांप रहा था। लिंग इतना ज्यादा तन चुका था कि ऐसा लग रहा था कि टूट जाएगा। मैने उनके चेहरे की तरफ देखा। वे अब भी वैसे ही हलकी सी मुस्कान के साथ सो रही थीं। अब मेरा हाथ पेट से नीचे सरकता हुआ, उनकी टांगों के जोड़ तक जा पहुंचा। वहां पेटीकोट के नीचे उनकी योनि थी। मैने हाथ से हलके से योनि को छुआ। मेरा पूरा शरीर उत्तेजना के मारे झनझना उठा।
उनके शरीर में जरा भी हलचल नहीं हुई। तब मैने अपना पूरा हाथ पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी योनि पर रख दिया। मेरा लिंग उत्तेजना के मारे निक्कर फाड़कर निकलने को बेताब था। मैने दूसरा हाथ उनके स्तन से हटाया और लिंग को बाहर निकाल लिया। शिश्न मुंड से चिकनाई फूट रही थी। लिंग को हाथ से कसकर दबा लिया और दूसरे हाथ से उनकी योनि पर हलके से दबाया। मुझे अहसास हो गया कि पेटीकोट के नीचे चड्ढी नहीं पहन रखी थी उन्होंने। इस अहसास ने मेरे अंदर उत्तेजना को और भर दिया। मैने एक बार फिर उनके चेहरे की तरफ देखा। चेहरे के भावों में कोई अंतर नहीं आया था।
मैने घुटनों तक सरक आए पेटीकोट में अपना हाथ डाल दिया। उनकी जांघों को हलके से स्पर्श किया और हाथ बाहर निकाल लिया। मैं बहुत ज्यादा डर रहा था। अगर भाभी जाग जाती और मुझे इस हालत में अपनी खाट के पास देख लेती तो पता नहीं क्या होता। कहते हैं न कि एक बार वासना सिर पर सवार हो जाए तो रिश्ते-नातों, बदनामी का कोई डर नहीं रह जाता। मेरे साथ भी यही हो रहा था। मैने अपना हाथ फिर से उनके पेटीकोट में डाला और उनकी एक जांघ पर रख दिया। इस बार तुरंत नहीं हटाया बल्कि कुछ देर रखा रहने दिया। उंगली से उनकी जांघ को हलके से सहला भी दिया। उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई।
अब मेरा डर दूर हो रहा था। मेरा दिल ऐसे धड़क रहा था कि मैं खुद आवाज सुन सकता था। मैने हाथ को जांघ पर ही ऊपर की तरफ सरकाया। उनकी जांघ की चिकनाहट पर सरकता हुआ मेरा हाथ ऊपर बढ़ रहा था और फिर मेरी उंगलियों ने उसे स्पर्श किया जिसके लिए बेचेनी चरम पर थी। उनकी योनि से उंगली छू गई और मुझे झटका सा लगा। मेरा लिंग और सख्त हो गया। मैने और जोर से उसे दबा लिया। मैने हाथ को उनकी योनि पर धीरे से रख दिया। उनकी योनि एकदम चिकनी थी। थोड़े से रोएं थे, जैसे कुछ दिन पहले उन्होंने बाल साफ किए होंगे और अब केवल रोएं बचे थे। मैने हाथ उनकी योनि पर वैसे ही रखा रहने दिया। मेरे दिल की धड़कनें अब हथौड़े की तरह मेरी ही कानों में गूंज रही थीं।
मैने अपना हाथ बाहर खींच लिया। थोड़ी देर यूं ही उनकी खाट के पास बैठा रहा। लिंग जोर से दबा रखा था और मैं चाहता था कि इसी समय इसे हिलाकर उत्तेजना निकला दूं, लेकिन अभी तो भाभी की योनि का दीदार करना बाकी था। मेरी धड़कनें और सांसें कुछ सामान्य हुईं तो मैने झुककर भाभी के पेट को चूम लिया। फिर धीरे से चेहरा ऊपर कर उनके स्तन को ब्लाउज के ऊपर से ही चूम लिया। थोड़ा आगे को सरका और अब मेरा चेहरा उनके चेहरे के एकदम करीब था। मैने सांस रोक सी ली थी। उनकी सांसें मुझे चेहरे पर महसूस हो रही थी। मैने एक उंगली उनके पतले सांवले होंठों पर फिराई और फिर झुककर चूम लिया। उनकी सांसों की महक ने मुझे पगला दिया। मैं चाहता था होंठों को उनके होंठ से हटाऊं ही नहीं, लेकिन मैं रिस्क नहीं ले सकता था। इसलिए एक बार चूमकर पीछे हो गया।
मैं नीचे की तरफ सरक आया। अब उनके पेटीकोट को, जो पहले ही घुटनों तक सरक आया था, पकड़कर धीरे से उठाया और ऊपर सरकाने लगा। पेटीकोट आसानी से ऊपर सरक गया और जैसे-जैसे ऊपर हो रहा था, चांद की हलकी रोशनी में पहले उनकी मखमली सांवली जांघें चमकी और फिर नजर आई उनकी तिकोनी, छोटी सी योनि, जिस पर हलके भूरे रोएं चमक रहे थे। मैने पेटीकोट को पेट पर रख दिया और उनकी योनि को ताकने लगा।
भाभी की योनि छोटी सी थी। बीच में हलकी सी रेखा जो टांगों के जोड़ पर नीचे कहीं गुम हो रही थी। इतनी कसी हुई थी कि जैसे कोई कुंवारी योनि हो। मैं उनकी योनि को एकटक निहारता रहा। कांपता हाथ योनि पर रख दिया। उंगली बीच की रेखा पर फिराने लगा। उनकी योनि के एक-एक कटाव को महसूस करने की कोशिश कर रहा था। मेरा चेहरा काफी पहले उनकी योनि के एकदम करीब आ चुका था। योनि से आती पसीने और मूत्र की मादक गंध मुझे बेचेन कर रही थी। मैने चेहरा आगे बढ़ाकर उसे चूम लिया। उफ मेरा लिंग हाथ से बाहर निकला जा रहा था।
मैने अपनी जीभ निकाली और योनि के कटाव पर फिराने लगा। मै उनकी योनि की दरार खोलकर जीभ उसके बीच में फिराना चाहता था, लेकिन भाभी के जाग जाने से डर रहा था। थोड़ी देर योनि पर जीभ फिराता रहा, मुझे उसका वह स्वाद नहीं मिल रहा था, जिसके लिए मैं बेकरार था। भाभी की टांगे फैली होती तो योनि की दरार खुली होती, लेकिन उनकी टांगे एकदम चिपकी थी और योनि के होंठ बंद थे। आखिर मेरे सब्र का पैमाना टूट गया। मैने अपने दोनों हाथों की उंगली से योनि के होंठे थोड़े से खोले और जीभ को बीच में रख दिया। ओहो…. मूत्र और पेशाब का मिला-जुला स्वाद मेरी जीभ पर आ गया। अबकी बार मैने भाभी के शरीर में सिहरन सी महसूस की।
मगर मैं यह सब सोचने की स्थिति में नहीं था। मैने उनकी योनि के होंठों को थोड़ा और खोला, जितना खोल सकता था और जीभ बीच में फिराने लगा। योनि से आ रहा स्वाद मुझे पागल सा कर रहा था। मैने जीभ से चाटना शुरू कर दिया और बस ऐसा लगा कि खेल खत्म…
भाभी के शरीर में हरकत सी हुई और डर के मारे मेरी जान निकल गई। मैं तेजी से पीछे हटा। इस हड़बड़ी में पेटीकोट भी नीचे नहीं कर सका, लेकिन गनीमत है कि समय पर पीछे हो गया था। भाभी कसमसाई और बाईं करवट पर लेट गईं। अब उनके नितंब मेरी तरफ थे और आगे से उनका पेटीकोट उठ चुका था, इसलिए सांवली, मोटी जांघे नजर आ रही थी। मैं काफी देर तक वैसे ही बैठा रहा और फिर धीरे से खाट की तरफ सरका। इस बार मैने भाभी के शरीर को छुआ नहीं। बस उनके पेटीकोट को पीछे की तरफ से भी ऊपर कर दिया। इतनी आहिस्ता से कि उन्हें आभास भी न हो।
उनके नितंब नजर आ रहे थे। उन्होंने टांगे मोड़ रखी थी, इसलिए नितंबों के बीच की दरार थोड़ी खुल सी गई थी। मैने सोचा था कि भाभी के नंगे नितंबों को देखकर अपने लिंग को हाथ से ही हिलाकर उत्तेजना शांत कर लूंगा। भाभी के नितंब खुले तो मेरा मन फिर बेईमान हो गया।
मै कुछ देर इंतजार करता रहा और धीरे से एक हाथ उनके नितंबों पर रख दिया। कुछ देर हाथ को वैसे ही रखा रहने दिया और फिर धीरे-धीरे नितंबों को सहलाने लगा। सच में इतने चौड़े नितंब और चिकनाहट ने मेरे लिंग में आग सी लगा दी। और मैने धीरे से झुककर नितंब को चूम लिया।
तभी मैने महसूस किया कि भाभी के रोएं जैसे खड़े हो गए, लेकिन उनकी सांसों की गति में कोई अंतर नहीं आया तो मैने अपना वहम समझा और फिर से नितंब को चूम लिया। मैं बार-बार उनके नितंबों को चूम रहा था। फिर मैने अपनी जीभ निकाल कर हौले-हौले फिराना शुरू कर दिया। उनके नितंबों के बीच की दरार पर मेरी जीभ घूम रही थी। जीभ को नीचे सरकाते हुए मैं टांगों के जोड़़ तक ले गया। पीछे से उनकी फूली हुई योनि का कुछ भाग नजर आ रहा था। योनि हलकी खुली हुई भी थी। मैने जीभ से योनि को धीरे से चाट लिया।
यह क्या, इस बार वहम नहीं था। मेरा हाथ भाभी के नितंब पर ही था, मैने महसूस कर लिया कि उनके रोएं खड़े हो गए हैं। मैं नहीं जानता था कि भाभी जा रही हैं या सो रही हैं, लेकिन उनकी तरफ से किसी तरह की हरकत न होते देख मेरी हिम्मत खुल गई। मैने योनि को चाटना शुरू किया। उनकी टांग एक दूसरे के ऊपर थी, इसलिए योनि दबी सी थी। योनि से अजीब सा स्वाद आ रहा था और उनकी सांसों की लय में भी बदलाव महसूस किया। मेरी हिम्मत तो खुल ही गई थी।
मैने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा और ऊपर वाली टांग को हौले से पकड़कर उठाया और इस तरह से मोड़ते हुए रख दिया कि उनके नितंबों की दरार पूरी तरह से खुल गई। उनकी योनि भी पीछे से साफ नजर आ रही थी। योनि के होंठ पूरी तरह खुल चुके थे। मैने नितंबों के बीच देखा, क्या नजारा था। उनकी गांड का छल्ला और उसके नीचे चिकनी योनि, होंठ खोलकर जैसे मुझे आमंत्रित कर रही थी।
ंमैने नितंबों की दरार के बीच अपनी उंगली से उनकी गांड को सहलाया। कितनी मुलायम थी। मैं झुका और पहले गांड को चूम लिया। फिर जीभ से योनि को चाटने लगा। उनकी योनि से कुछ निकल रहा था, जिसे मैं चाटता जा रहा था। उसका अजीब सा स्वाद मुझे काफी पसंद आ रहा था। मेरा हाथ उनके नितंबों पर चिपका हुआ था। मैं एक उंगली से उनकी गांड को सहला रहा था। कभी मैं योनि को चाटता तो कभी उनकी मुलायव गांड पर अपनी जीभ फिराने लगा। भाभी की सांसे कुछ तेज होती महसूस हुई। मै योनि चाटने में इतना व्यस्त था कि मुझे पता ही नहीं चला कि भाभी कब कसमसाई और करवट बदलने लगी।
मैं अचानक चौंका और दूर हट गया। भाभी भी कसमसाकर सीधी लेट गईं। उन्होंने अपने एक हाथ को आंखों पर रख लिया था। उनका पेटीकोट वैसे ही उठा हुआ था और योनि नजर आ रही थी। इस बार उनकी दोनों टांगे फैली हुई थीं और योनि के दोनों होंठ खुले थे। मै कुछ देर बाद उनके करीब पहुंचा और उनके चेहरे की तरफ देखते हुए उनकी योनि पर हाथ रखा। उनके शरीर में सिहरन सी महसूस की। मैं जान गया था कि वे जाग चुकी हैं और वासना के इस खेल में शामिल भी हो गई हैं।
मैने अपनी जीभ निकाली और दोनों हाथों से उनकी योनि को खोलकर चाटने लगा। इस बार मैं काफी तेजी से उनकी योनि को न सिर्फ चाट रहा था बल्कि उसके बीच वाले हिस्से को होंठों में दबाकर चूस भी रहा था। भाभी की सांसे तेजी से चल रही थीं। मगर वे कुछ बोली नहीं। बस आंखों पर हाथ रखकर सोती रहीं। मैने योनि को जी-भरकर चाटा और फिर मुंह उठाया। उनकी योनि मेरे थूक से गीली हो गई थी।
इसके बाद मैं उठा और अपना लोअर उतार दिया। मेरा लिंग बुरी तरह तन्ना रहा था। अब इसे योनि की गरमी चाहिए थी। मैने भाभी की दोनों टांगों को थोड़ा और फैला दिया और उनके ऊपर लेट गया। अब मेरा लिंग उनकी योनि से टकरा रहा था। भाभी की सांसे और तेज चलने लगी थीं, लेकिन उन्होंने न तो कुछ कहा और न ही आंखों से हाथ हटाया। मैने भी उन्हें कुछ नहीं कहा। अगर वे सोने का नाटक कर रही थीं तो यही सही, मैने सोचा।
इसके बाद मैने अपना लिंग हाथ से पकड़कर उनकी योनि छिद्र पर लगा दिया। उनकी योनि निकलने वाले रस और मेरे थूक से पूरी तरह चिकनी हो चुकी थी। मैने लिंग पर जैसे ही दबाव बढ़ाया वह सरसराता हुआ उनकी योनि में घुस गया। योनि की गर्मी मेरे लिंग पर महसूस हुई तो मेरे मुंह से जोर से सिसकारी सी निकल पड़ी…
ओ…ह…. भा…भी…..
मेरे लिंग ने जैसे ही उनकी योनि में दस्तक दिया उनके कुल्हे अपने आप ऊपर उठ गए, उनके मुंह से निकलने वाली हलकी सी सिसकारी भी मैने सुनी, लेकिन उन्होंने हाथ आंखों से नहीं हटाया। अब मैं उनके ऊपर लेट गया। मैने उनके नर्म, रसीले और सांवले होंठों पर अपने होंठ टिका दिए।
मैं अपने होंठों से उनके होंठ का मधु रस पीने लगा और इधर मेरी कमर लय में आ चुकी थी। कमर हलके-हलके ऊपर-नीचे होने लगी और इसी के साथ लिंग और योनि का वह संगम शुरू हो गया, जिसके लिए मैं लंबे समय से बेताब था। मेरा लिंग उनकी योनि में अंदर-बाहर हो रहा था और इधर मेरी जीभ उनके मुंह में घुसने की कोशिश कर रही थी। आखिर भाभी ने अपने होंठों को हलका सा खोल लिया और मेरी जीभ उनके मुंह में अपना कमाल दिखाने लगी।
उनके मुंह का मीठा रस चूसने लगा और लिंग लगातार उनकी योनि में चोट कर रहा था। अब तो भाभी अपने नितंबों को एक जैसी गति से ऊपर-नीचे हिला रही थीं और मेरे लिंग का स्वागत सा कर रही थीं, लेकिन उन्होंने आंखों से हाथ नहीं हटाया, वैसे ही पड़ी रहीं, खामोशी से। उनकी खामोशी में वासना का ऐसा खुमार था कि मैं पागल सा हुआ जा रहा था।
उनके होंठों का रसपान करने के बाद मैने मुंह उठाया और उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए। आखिरी बटन खुलते ही उनके सांवले स्तन फडफ़ड़ा कर आजाद हो गए। मैने पहले तो दोनों हाथों से उन्हें सहलाया और फिर अपना मुंह एक स्तन पर रख दिया। पहले तो बारी-बारी दोनों स्तनों का चूमा और फिर निपल को मुंह में लेकर चुसकने लगा। भाभी के मुंह से फिर हलकी सिसकारी उबल पड़ी।
मैं उनके स्तनों को बारी-बारी चूसते हुए लिंग से उनकी योनि का मर्दन करता रहा, मानो आज मैने ठान लिया था कि भाभी की योनि की आखिरी बूंद तक अपने लिंग से निचोड़ दूंगा। भाभी की योनि में मेरे लिंग का घर्षण तेज होने लगा, मैं जोर-जोर से अपनी कमर को हिलाने लगा। तभी वह पल आ गया जो शायद जीवन में सबसे ज्यादा सुख देता है। मैने महसूस किया कि भाभी की योनि संकुचित होने लगी। उन्होंने टांगे सिकोड़कर मेरे लिंग को अपनी योनि में कस लिया और उसी पल मेरे लिंग ने वीर्य की पिचकारी छोड़ी। भाभी के शरीर में भी ऐंठन सी हुई और योनि को और जोर से कस लिया। मेरे लिंग से वीर्य की आखिरी बूंद तक निचोड़ ली और फिर उन्होंने शरीर ढीला छोड़ दिया।
मै काफी देर उनके ऊपर वैसे ही पड़ा रहा। मेरा लिंग सिकुड़कर उनकी योनि से बाहर निकल चुका था। मै उनके स्तनों पर सिर रखकर लेटा था। मैने सिर उठाया, उनके होंठों को एक बार फिर चूमा, प्यार से। इसके बाद उनके ऊपर से हटकर खाट से उतर आया। मैने न तो उनके ब्लाउज के बटन बंद किए और न ही उनका पेटीकोट नीचे किया।
उन्हें उसी हालत में छोड़कर मैने अपना लोअर चढ़ाया और दीवार कूदकर अपनी खाट पर आकर लेट गया। मेरी नजरें भाभी की खाट की तरफ ही टिकी थीं, कि अब वे क्या करेंगी। काफी देर बाद मैने देखा कि वे लेटे-लेटे ही अपने ब्लाउज के बटन बंद कर रही हैं। इसके बाद उन्होंने पेटीकोट नीचे किया और खाट से उतरकर खड़ी हो गईं। पहले तो उन्होंने मेरी खाट की तरफ देखा। अब मैं सोने का नाटक कर रहा था। आंखों में झिर्री बनाकर सब देख रहा था।
भाभी बाथरूम की तरफ चल दीं। वहां बैठकर पेशाब करने लगीं। उनके पेशाब करने की हलकी आवाज आ रही थी। फिर उन्होंने पानी से योनि धोई और अपनी खाट की तरफ आ गईं। लेटने के पहले मेरी तरफ एक बार फिर देखा। उनके होंठों पर हलकी मुस्कान का आभास मुझे हो गया था। मैं जान गया कि अब भाभी के साथ मेरा वासना का खेल शुरू हो चुका है और अब चाहे जब उनकी योनि की गर्मी मेरे लिंग को शांत करने के लिए हाजिर रहेगी।
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the end
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#40
कहानी : मेरी चुदैल पड़ोसन

मेरा नाम राज है । 

मैं एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ जिसका नाम मिर्ज़ापुर है, जो वाराणसी के नजदीक एक जिला है। जब मैं 18 साल का था तब मेरे घर के सामने एक लड़की रहने आई, उसका नाम पूजा था और वो देखने में बहुत ही सुन्दर थी। उसकी उम्र भी लगभग 18 साल की होगी। वो हमेशा मुझे प्यार भरी निगाहों से देखती थी और मैं भी उसको देखता था।

एक दिन मैंने उससे बात करने की कोशिश की, मैंने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
तो उसने अपना नाम बताया और मेरा नाम पूछा, हमारी आँखों में दोस्ती की झलक दिखी, फिर मैंने उससे उसका फ़ोन नम्बर पूछा तो उसने मुझे अपना नम्बर दे दिया और उसके बाद हम लोग फोन पर बात करने लगे।
उस समय मुझे चुदाई के बारे में कुछ ख़ास जानकारी नहीं थी। तो उसने मुझे फ़ोन पर बातचीत के दौरान चुदाई के बारे में बात करके बहुत सी नई जानकारी दीं।
एक बार उसने कहा- कहीं अकेले में एक रूम में मिलो, तब मज़ा आएगा।
मैंने अपने दोस्त से एक कमरे की जुगाड़ लगाने को कहा तो उसने कहा- कल मेरे घर पर कोई नहीं रहेगा, तुम अपनी गर्ल-फ्रेण्ड लो लेकर आ सकते हो।
मैंने पूजा से कहा- कल हमारे दोस्त के घर पर कोई नहीं रहेगा वहाँ चलोगी?
तो उसने कहा- ठीक है मैं आ जाऊँगी लेकिन वहाँ कोई आएगा तो नहीं?
मैंने कहा- कोई नहीं आएगा।
दूसरे दिन हम वहाँ पहुँच गए। वहाँ कमरे में जाकर वो पलंग पर बैठ गई और मुझसे बोली- आओ तुम भी बैठो।
मैं जैसे ही पलंग पर बैठा उसने मेरे गालों को चूम लिया। मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
तो मैंने कहा- मैं भी तुम्हारे गालों को चूम लूँ?
तो उसने कहा- तुम मेरे होंठों को चूसो।
मैं उसके होंठों को चूसने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उस मजे को मैं बता नहीं सकता। करीब 15 मिनट के बाद वो हमसे बोली- होंठ ही चूसते रहोगे
कि आगे ही कुछ करोगे?
तो मैंने कहा- आगे क्या करना है… मुझे तो इसी में मज़ा आ रहा है। तो उसने कहा- आगे और मज़ा आएगा। उसने मेरे लंड पर हाथ लगाया तो मेरा लौड़ा खड़ा हो कर अपने 7 इन्च के आकार में तन गया।
तो उसने कहा- यह तो बहुत बड़ा है, यह तो मेरे बुर का भोसड़ा बना देगा।
मैंने कहा- वो कैसे?
तो पूजा बोली- तुम इस लंड को मेरी बुर में डालोगे, तो मुझे भी बहुत मज़ा आएगा और तुम्हें भी मज़ा आएगा।
तो मैंने कहा- चलो डालें।
तो वो बोली- अभी रूको… अभी तो तुमको चूत रस पिलाना है।
तो मैं बोला- वो क्या होता है?
‘अब तुम अपने कपड़े उतार दो।’
मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और वो बोली- चलो हमारे कपड़े भी उतारो।
वो जींस और टी-शर्ट पहने हुई थी। मैंने उसका कपड़े उतारे।
वो बोली- पूरे उतारो न।
तो मैंने उसकी चड्डी और ब्रा को भी उतार दिया। उसके बाद उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया। उसकी चूचियाँ बड़ी मस्त और मुलायम थीं। मैंने उसकी नारंगियों को हौले से पकड़ा और बड़े प्यार से मसलने लगा, मुझे बहुत मज़ा आया।
वो बोली- मेरी चूचियों को चूसो।
मुझे तो मसकने में ही मजा आ रहा था फिर उसके कहने पर मैंने अपना मुँह उसकी रसीली नारंगियों पर लगा दिया। ‘आहा… बहुत मज़ा आ रहा था और उसके मुँह से भी मस्त आवाज़ निकल रही थी।
‘आहहहाहा… और चूसो.. काटो.. हहा.. वूऊओ हमारी चूची खूब
दबाओ..!’
मैं और जोर से दबाने लगा। सच में बहुत मज़ा आ रहा था। उसके बाद वो बोली- अब हमारी बुर को चाटो।
मैं उसकी बुर के पास आ गया और उसकी बुर को चाटने लगा। तो वो बोली- अपनी जीभ से चाटो।
मुझे कुछ नमकीन का स्वाद लग रहा था लेकिन अच्छा लग रहा था। पूजा मेरा सर पकड़ कर अपनी बुर में दबाने लगी और मुँह से आवाज़ निकालने लगी- चाटो… ओऊऊऊ अहहहाआ ऊऊ माय गॉड… तुम कितना अच्छा चूसते हो। मैं बहुत देर तक उसकी बुर को चूसता रहा और उसी दरम्यान उसने तीन बार मेरे मुँह में अपना पानी गिराया।
जब भी वो अपना पानी गिराती, मुझसे बोलती- मेरा चूत रस
पी लो.. चाट लो.. चूसो ऊऊऊऊओ बहुत अच्छा लग रहा है चूसते
रहो। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं भी उसका चूत रस पी कर लाल
हो गया था।
फिर वो बोली- अब अपना लंड रस पिलाओ।
तो मैंने कहा- वो कैसे?
तो वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे तो जन्नत की सैर करने का आनन्द आने लगा। उसके बाद वो मेरे लंड को अपने मुँह में आगे-पीछे करने लगी। तो 15 मिनट बाद मेरे लंड में से कुछ सनसनी सी हुई और कुछ गिरने लगा तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वो ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी। मेरा दही जैसा कुछ उसने पूरा चाट लिया। मेरा बदन कुछ ढीला सा पड़ गया और लौड़े का तनाव भी कुछ कम होता सा लगा लेकिन वो उसके बाद भी मेरे लंड को चूसती रही। कुछ ही मिनटों में मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा।
तो वो बोली- अब चुदाई का वक्त हो गया है।
वो पलंग पर मेरे बाजू में लेट गई और अपनी टाँगें खोल कर हवा में उठा दीं। और बोली- मेरे बुर में अपना लंड पेलो।
मैंने उसकी बुर में अपना लंड डाला तो वो घुस ही नहीं रहा था। शायद उसकी बुर तंग थी।
तो मैंने कहा- मेरा लंड इस छोटी से बिल मे कैसे जाएगा?
तो वो बोली- तुम सही जगह डालो तो.. घुस जाएगा!
उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर में लगा दिया और मुझसे बोली- अब लगाओ धक्का।
मैंने धक्का मार दिया, मेरा लवड़ा उसकी चूत में घुस गया और वो अपने मुँह से आवाज़ निकालने लगी।
‘आहह हहाह्वोव अहहहाआआआहा.. जल्दी से मुझे चोद दो।’
मेरा आधा ही लंड घुसा था, तो उसने कहा- धक्का मारो लंड घुस जाएगा। मैंने धक्का मारा और देखा तो मेरा पूरा लंड उसकी बुर में घुस गया था और वो मजे में चिल्ला उठी- वाऊ.. आआअ हाहः पेलो मुझे..!’
मैंने कहा- कैसे?
तो वो बोली- मादरचोद 7 इन्च का लौड़ा लिए घूम रहे हो पेलना नहीं जानते हो। अपनी गाण्ड को आगे-पीछे करो। तो मैं वैसे ही करने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा।
वो बोली- जल्दी-जल्दी आगे-पीछे करो.. इसे ही चुदाई कहते है।
अब मुझे सब समझ में आ गया था। मैं उसकी चुदाई करने लगा और वो अपनी गाण्ड उठा-उठा कर मज़े लेने लगी। करीब 15 मिनट बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया।
तो मैंने कहा- और करूँ चुदाई?
वो बोली- हाँ करते रहो जब तक तुम झड़ न जाओ।
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया बस मजा आ रहा था सो चुदाई करता रहा। वो फिर से मस्त हो गई और सिसियाने की आवाज़ निकालने लगी।
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी बुर चूसना है।
तो वो बोली- चाट लो मेरी बुर.. ये तो तुम्हारी ही है।
मैंने लौड़ा खींचा और मैं उसकी रस से सराबोर चूत चाटने लगा।
उसके बाद पूजा ने कहा- अब मेरी गाण्ड की बारी है, इसे भी चाटो।
तब मैं उसकी गाण्ड चूसने लगा। गाण्ड चूसने में भी बहुत मज़ा आ रहा था।
उसके बाद वो बोली- अब मुझे गाण्ड मरवानी है।
वो कुतिया की तरह बैठ गई और बोली- अब अपना लंड मेरी गाण्ड में डालो और मेरा गाण्ड मारो।
मैं उसकी गाण्ड में अपना लंड डालने लगा तो वो बोली- पहले अपनी ऊँगली मेरी गाण्ड में डाल के थोड़ा छेद बड़ा कर दो.. उसके बाद अपना लंड डालो।
मैंने अपनी एक ऊँगली डाली, तब उसने कहा- अब दो ऊँगली डालो।
मैंने दो ऊँगली डालीं। दस मिनट बाद वो बोली- अब लंड डालो। तब मैं अपना लंड डालने लगा।
वो चिल्लाने लगी और कहने लगी- तुम मेरी गाण्ड मारते रहो… मेरे चिल्लाने की परवाह मत करो.. वो तो मुझे मज़ा आ रहा है।
मैंने जोश में आकर अपना मूसल उसके पिछवाड़े में ठूंस दिया और हचक
कर बीस मिनट तक उसकी गाण्ड मारता रहा और वो ‘आअहहहूऊऊव’ करके मज़ा लेती रही। उसके बाद मुझे अकड़न सी हुई और मेरे लंड में से पानी गिर गया।
मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी गाण्ड नहीं मार सकता मैं थक गया हूँ।
तो उसने कहा- तुमने तो बहुत देर तक मेरी बुर की चुदाई की और मेरी गाण्ड भी मारी… इतनी देर तक तो जल्दी कोई नहीं कर पाता है..।
उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और वहाँ से चले आए। हम दोनों ने 3 घंटे तक मज़े लिए। उसके बाद जब भी मुझे कोई कमरा मिलता, मैं खूब उसकी बुर चाटता हूँ और हम दोनों ही चुदाई का मज़ा लेते हैं। एक साल बाद उसकी शादी हो गई.. अब मैं बिल्कुल अकेला हो गया हूँ।
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