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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
Bhai sacchi main nikal gaya kya
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अपडेट - 32

चंचल : हाँ मैं गर्दन हिला कर अपनी सहमति कोमल को दे देती है... और साथ ही फ़ोन पर डॉक्टर से बात करके फोन कोमल को दे देती है...

कोमल : हेलो , जी मैंने आपसे बात की थी...... 


अब आगे...

नैनसी : हाँ कोमल बोलो....
कोमल :मैंने उसे आप तक पहुँचा दिया है बाकी आप देख लेना... 

नैनसी : तुम चिंता मत करो बस मुझे 4 घंटे का समय लगेगा...

कोमल : सुबह चंचल उसकी बहन और श्रेया दोनों आपके पास आएंगे। आप उनसे पेपर साइन करवा लेना और राज जीजू को भेज देना।

नैनसी : एक्सीलेंट , तब तो कोई फिक्र की बात ही नहीं है। बस एक आखिरी सवाल है...

कोमल : क्या ?

नैनसी : रंग पक्का चढ़ाऊँ या टेम्पररी....

कोमल : होली में रंग पक्का ना चढ़े तो मज़ा नहीं आता... तो आप पक्का रंग ही चढ़ा दीजिये...

डॉक्टर और कोमल दोनो हसने लगती है...

उधर जब कोमल डॉक्टर से बात कर रही होती है तभी चंचल प्रिया को इशारे से बुलाकर राज़ को वो जूस पिलाने के लिए भेज देती है..कोमल को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था...

और वही दूसरी और राज के कमरे में गहरे नील रंग की रोशनी बहुत जोरों से चमक रही थी। राज के कमरे की खिड़कियों और दरवाजे के नीचे से बहुत दूर तक वो रोशनी फैली हुई थी। जिसे देख कर राज़ की माँ डर जाती है...वो धीरे धीरे राज़ के कमरे की तरफ बढ़ती है...

सरिता : मन ही मन सोचती है (ये रोशनी तो बरसों पहले बाबा के कमरे में देखी थी मैंने.. नहीं ये नहीं हो सकता....
सरिता भाग कर दरवाजा खोलती है कि सरिता तकरीबन 5 फिट दूर जाकर गिरती है और बेहोश हो जाती है... उसे आखिरी झलक एक अजीब सी औरत की दिखती है...

वही पार्टी में प्रिया राज़ से मिन्नतें कर राज़ को वियाग्रा मिला जूस पिला देती है... 

चंचल और प्रिया एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे... तभी कोमल भी फ़ोन काट कर घूमती है तो राज़ की जूस पीते हुए देखती है... कोमल भाग कर राज़ को रोकने आती है लेकिन तब तक राज़ पूरा गिलास खत्म कर चुका था। तभी अचानक से समय रुक जाता है.... चंचल प्रिया और सब एक जगह रुक जाते है लेकिन कोमल और राज बिल्कुल  समय के साथ थे उन पर समय का कोई असर नहीं था.... तभी राज़ के शरीर से भी हल्की हल्की नीली रोशनी निकलने लगती है।

ये नीलांकर था जो राज़ के शरीर में अब तीव्र हो चुका था... राज़ अभी कुछ समझ ने की कोशिश कर रही रहा था कि...

कोमल :- (घबराते हुए ) चंचल ? प्रिया? क्या हुआ तुम लोग कुछ बोल क्यों नहीं रही और यूँ स्टेचू बनकर क्यों खड़ी हो और ये म्यूजिक भी नही चल रहा

कोमल चंचल को छू ती है , जैसे ही कोमल का हाथ चंचल से लगता है एक बिजली जैसा झटका कोमल को लगता है...

कोमल 2 - 3 कसम पीछे को हटती है..

तभी राज़ को कुछ याद आता है.. और राज सदमे से हल्के से बोल पड़ता है...

राज़ : राजकुमारी नैना..
राज़ तुरन्त पार्टी के हॉल से बाहर निकलता है , बाहर निकलकर राज़ देखता है कि बाहर सभी गाड़ियां , हवा , सब जैसे ठहर गए हों, आवाज के नाम पर तो जैसे कोई बहुत बड़ी खामोशी रह गयी थी।

राज़ अभी अपने घर की तरफ भाग कर जाने ही वाला था कि राज़ को पीछे से किसी ने पकड़ लिया। राज़ पीछे पलट कर देखता है तो वो कोमल थी।

कोमल: राज़ ये क्या हो रहा है?

राज़: यही तो मुझे भी समझ नहीं आ  रहा।

कोमल : देखो चारों तरफ ऐसा लगता है जैसे समय थम से गया हो।

राज़ : हैं ऐसे में दीदी... (राज़ घबराते हुए कोमल की तरफ देखता है) कोमल मेरी बहनें कहाँ है?
कोमल राज़ के इस सवाल का जवाब देती उससे पहले रानी और सोनिया दोनों दौड़ते हुए आती दिखी।

कोमल राज़ को एक तरफ करके रानी और सोनिया की तरफ दौड़ती है।

रानी : और क्या करें हमारी गाड़ी जैसे थम सी गयी हो हम लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और तो और हमारे आस पास के लोग भी जैसे स्टेचू बन गए हो ऐसा लग रहा था।

राज़ : (मन में) इसका मतलब केवल मैं ,कोमल, रानी और सोनिया , केवल हम ही है जो समय के परे है।लेकिन कैसे ?
तभी राज़ को एक आवाज सुनाई देती है।।।

आवाज--- राज़ अपने कमरे में आओ तुम्हे यही तुम्हारे सवालों के जवाब मिल सकते है और कहीं नहीं।

राज़: ये तो किसी औरत या लड़की की आवाज है???? कहीं ये राजकुमारी नैना तो नहीं। राज़ तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा देता है। वही कोमल और राज की बहन राज़ को दौड़ता देख वो भी राज़ को रोकते हुए उसके पिछे पीछे भागने लगते है।

बर्बादी को निमंत्रण
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Bhai kaha the itne din
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(09-12-2020, 10:19 PM)HARISHCHANDGUPTA Wrote: Bhai kaha the itne din

Co vid pareshaan logo ki sahayta me tha , fir covid ka shikar ho gaya tha...
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Agla update lagbhag taiyaar hai koshish hai ki aaj shaam tak update kar saku..
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Sandar update...
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Bhai regular updates diya karo yaar
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अपडेट  - 33

राज़: ये तो किसी औरत या लड़की की आवाज है???? कहीं ये राजकुमारी नैना तो नहीं। राज़ तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा देता है। वही कोमल और राज की बहन राज़ को दौड़ता देख वो भी राज़ को रोकते हुए उसके पिछे पीछे भागने लगते है।

अब आगे....

तकरीबन 30 से 45 मिनट तक दौड़ने के बाद राज़ अपने घर के पास पहुंचता है। राज़ ने पता नही इस बात पर ध्यान भी दिया होगा कि नहीं लेकिन कोमल , रानी और सोनिया ने एक बात पर बखूबी ध्यान दिया था। 
जब राज़ दौड़ कर घर आ रहा था तो रानी और सोनिया के साथ कोमल ने देखा कि जिस तरह से आसमान चांदनी रात की तरह हल्के नील रंग से चम चमा रहा है ठीक उसी तरह की नीले रंग की रोशनी राज़ के शरीर से भी निकल रही है और साथ ही साथ बहुत महीन और हल्का ही सही लेकि ठीक वही नील रंग की रोशनी कोमल , रानी और सोनिया के शरीर से भी चमक रही थी। तीनों में से कोई भी इस बात को समझ नही पा रहा था।
राज़ 45 मिनट लगातार दौड़ने के बाद भी बहुत हल्का हांप रहा था यही हाल तीनों का भी था। दौड़ने से वो सभी हांप ज़रूर रहे थे लेकिन उनके चेहरे पर थकावट नज़र नहीं आ रही थी।

 राज़ जैसे ही अपने घर मे प्रवेश करता है तो देखता है उसकी माँ अपने रूम के दरवाजे पर किसी बूत की भांति खड़ी है उसके बाल जो कि लग रहे थे कि जैसे हवा में उड़ रहे हों वो भी जैसे अधर में ही थे। 

राज़ ने जब सरिता को भी बूत बने देखा तो राज़ को एक बात तो समझ मे आ गयी थी। वो ये की सरिता पर समय का प्रभाव है और वो जड़ होकर राह गयी है। राज़ विचार करता है कि अगर सरिता पर समय का प्रभाव है तो राजकुमारी नैना अभी तक नहीं आयी। क्योंकि उसे तो सरिता माँ के शरीर मे प्रवेश करना था। लेकिन अगर नैना अभी तक नहीं आयी है फिर ये समय क्यों थम गया। आईने से ही पूछना होगा।

राज़ तुरन्त अपने कमरे की और दौड़ता है। राज़ अपने कमरे को जैसे ही खोलता है वो सकने देख कर आश्चर्य से खड़ा हो जाता है। ना तो राज़ एक कदम आगे बढ़ता है और ना ही वो जो राज़ के सामने था। 

अभी कुछ समय ही गुजरा था कि रानी और सोनिया कोमल के साथ राज़ के कमरे में आ जाती है। वो तीनों भी सामने देख कर स्तब्ध रह जाती है। थोड़ी देर बाद , 

कोमल : राज़ कौन है ये....

राज़ : पता नहीं...?
रानी : ये तुम्हारे कमरे में है और तुम्हे पता नहीं?

सोनिया : इसी से पूछ लेते है ना कौन है ये ?

कोमल : कौन है आप? 
सामने वाले शख्स ने कुछ कहा बहुत हल्के से, अदब से, और अदा से।

नैना.....

हम है राज़कुमारी नैना...

राज़ शॉक हो जाता है...

राज़: क्या? लेकिन ये कैसे हो सकता है? तुम तो सरिता...

राज़ की बात को काट कर ...

राजकुमारी नैना : हाँ मुझे मालूम है लेकिन ये सब तुम्हारे दादा ने किया है। वो एक ऐसा शैतान है की...

राज़ गुस्से में...

राज़ : सोच समझ कर बात करना राज़ कुमारी नैना। आप मेरे दादा को कोई भी अपशब्द ना बोले तो बेहतर होगा।

रानी : दादा जी का आपसे क्या लेना देना?

तभी राज़ 

राज़ : मैं बता ता हूँ।

राज़ रानी , कोमल और सोनिया को उसके दादी के घर जाने से लेकर आईना मिलने तक कि और उसके बाद राजकुमारी नैना के यहाँ आने तक कि सारी बात बता देता है।

राज़ कुमारी नैना : तुम नही समझोगे राज़ लेकिन एक वक्त आएगा जब तुम्हे सब सच्चाई पता चलेगी। लेकिंग फिलहाल मुझे इन तीनों से बात करनी है। क्योंकि समय का असर इनपर नहीं है इसका मतलब निलंकार का प्रभाव इन तीनों पर भी है। मेरे पास अधिक समय नहीं है राज़..

राज़ : हाँ तो कर लीजिये बात

राजकुमारी नैना को जब राज़ के व्यवहार में उसका जिद्दी पन झलका तब राज़ कुमारीं नैना अपने हाथ से राज़ को बाहर जाने का इशारा किया और जोर से चिल्लाकर बोली 

नैना : एकांत

राज़ कुमारीं नैना के ऐसे बोलते ही अचानक से राज़ उड़ता हुआ दरवाजे कर बाहर जा गिरा और दरवाजा बंद हो गया।

बाहर से राज़ दरवाजे को पिटता रहा लेकिन कोई असर ना हुआ और अंदर नैना कोमल , रानी और सोनिया से बात करती रही । तीनों चोंक रही थी तो कभी घबरा रही थी। नैना सारी बात कोमल और राज की दोनों बहनों को बता कर कुछ कहती है। उसके बाद कोमल , रानी और सोनिया तीनों कमरे से बाहर निकलती है और दौड़ते हुए कहीं जाने लगती है।

राज़ उन्हें रोकने का प्रयास करता है लेकिन असफल हो जाता है तभी नैना राज़ को अपने कमरे में बुलालेती है और उसके बाद दरवाजा बंद हो जाता है। राज़ दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश करता है लेकिन दरवाजा टस से मस नहीं होता।

राज़ : क्या हुआ उन्हें , वो लोग इस तरह से भाग कर क्यों गयी?

नैना : ताकि वो लोग सुरक्षित रहे और क्या तुम वो मेरे साथ संभोग उनके सामने करने वाले थे?

राज़ चुप हो जाता है तभी आईने से आवाज आती है। राज़ मुझे जल्द से जल्द मुक्त करो समय निकलता जा रहा है 

तभी राज़ राज़ कुमारीं एक दूसरे की तरफ देखने लगते है।

कुछ समय बाद


राज़ नैना के ऊपर चढ़ा हुआ धक्के लगा रहा था और नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे। जो ना तो बिस्तर पर गिरते है और ना ही उसके गाल से नीचे टपकते है बल्कि आंख से निकल कर गालों तक आते आते गायब हो जाते है। तभी राज़ अपना पानी नैना के भीतर छोड़ देता है। और एक पत्थर जो आईने से राज़ ने पहले ही निकाल लिया था उस से आईने पर चोट करता है। आईने एक दम से हवा में उछलने लगता है घूमने लगता है अचानक से राज़ एक रोशनी की भांति उस आईने में समा जाता है और साथ ही नैना भी... 
उधर रानी , कोमल  और सोनिया भी वापस उड़ते हुए आईने की तरफ खींची आती है लेकिन कुछ ही देर में आईना बिस्तर पर गिर जाता है..........

करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था। 
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है 
रानी : दादाजी........?????

कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......
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यह इस कहानी के प्रथम भाग का अंतिम अपडेट है.... अगले अध्याय के प्रारम्भ में जानेंगे कि आखिर क्या राज़ नैना ने कोमल सोनिया और रानी को बताया? और राज किस खतरे है में है? कैसे बच पायेगा राज़...? कहीं नैना ने फिर से कोई चाल तो नहीं चली ?
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जब ये आखिरी अपडेट है और फिर भी इतने सवाल खड़े हुए हैं तो यहाँ कहानी को बंद करना उचित नहीं हैं। बाकी लेखक अथवा संकलक दोनों को विचार करना चाहिए।
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Sandar update bhai Yah story abhi band nhi hui Iska 3rd chapter aayega Hollywood movie Ya series ki tarah
Ummid hai jald hi 3rd part start hoga or 3rd part ka link isme jaroor dal digiyega
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Please write in english front.muja hindi parna nhy ata... please
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Is it end ir what
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wonderful story
still so many things have to happen
update early cant wait
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We r waiting for your story new update
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Heart 
(16-02-2020, 11:45 AM)Rocksanna999 Wrote: अपनी ही कहानी को बहुत दिनों तक नही लिख पाना और उससे दूर हो जाना। कुछ खास मित्रों और पाठकों को अपने ही कारणों से दुखी करना जीवन का एक बुरा अनुभव होने के साथ-साथ मुझे ये भी बताता गया कि आखिर सबसे पहले महत्वपूर्ण क्या है।
माफी चाहता हूँ आप सभी से की इतने दिनों से ना तो आपको कोई पूर्व संदेश दे पाया और ना ही आपको मेरे कहानी नही लिख पाने की पूर्व सूचना दे पाया।
आप सभी को जो कुछ मेरे कारण कष्ट हुआ है उसके लिए माफी चाहता हूँ। मैंने अभी तक इस कहानी के अगले भागों को केवल कुछ चुने हुए घटना क्रम के आधार पर लिख रखा है उनका संक्षिप्तिकरण करना अभी शेष है। हो सकता है मुझे अगला अपडेट देने में आज से कुछ समय और लगे। आज मैं प्रथम बार, अपने आखिरी अपडेट से, यहाँ अपनी उपस्थिति दे पाया हूँ। उम्मीद करता हूँ मैं अपनी दोनों कहानियों को जल्द से जल्द पूर्णता प्रदान कर सकूँगा।। इन दो कहानियों के अतिरिक्त भी मैंने कुछ तीन कहानियाँ लिख रखी है। लेकिन उन सभी को भी मेवे अब तक पूर्ण नही किया। मेरा प्रयास सदैव ये रहा है कि मैं आपमे पाठको को व्व दे सकूँ जो उन्होंने अब तक कहीं पढ़ा ना हो और जो उनकी सोच के परे हो ताकि मेरे पाठको को सदैव नवीन कहानी का अनुभव का हो। मेरे कहानी छोड़ने के पीछे का एक अहम कारण ये भी था कि मैंने एक कहानी और लिखी है जो कि + 18 के परे है। मेरा आशय है कि वो एक तरह से नावेल है। परंतु जब मैं उसे छपवाने के लिए गया तो मेरे ही एक मित्र ने उक्त कहानी के कुछ घटना क्रम चुरा लिए और उन्हें अपने कहानी में लिख कर अमेज़न किंडल पर छपा दिया। जिसके कारण से मुझे कहानी लिखने पर असहजता का भाव आ गया।
परन्तु अच्छा हुआ जो कुछ पहले लिखा उसे किसी और ने अपने नाम से लिख दिया। अब मैं फिर से कुछ नया सोच सकता हूँ और अपनी सोचने समझने की क्षमता को फिर से बढ़ा सकता हूँ। मैं कोशिश करूंगा आप सभी को ये कहानी पसन्द आये। क्योंकि अब जब मुझे इस कहानी के कुछ घटनाक्रम एक नए सिरे से फिर से लिखने होंगे इसलिए मुझे इस कहानी के पूर्व में प्रस्तुत कर दी गयी घटनाओं और आने वाली घटनाओं के मध्य सामंजस्य भी बनाना होगा। अतः आप सभी से निवेदन है कि कृपया कर संयम बनाये रखें।।
दोस्त, आपकी सहज और पॉजिटिव सोच को प्रणाम Namaskar
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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