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		लुट गयो जुबना, साल्ली का 
![[Image: holi2-thumb-56.jpg]](https://i.ibb.co/4Pxft5H/holi2-thumb-56.jpg) चेहरे पे तो दोनों लोगों के अच्छी तरह से रंगे पुते थे ही, भाभी ने दीदी के ब्लाउज में अच्छी तरह हाथ डाल रखा था 
और दीदी भी, भाभी के ब्लाउज के बटन खोलने की कोशिश कर रही थीं। आँचल तो दोनों के पूरी तरह से हटे हुए थे। ![[Image: Girls-enjoyed-Holi-party-Hyderabad-India.jpg]](https://i.ibb.co/m60trC6/Girls-enjoyed-Holi-party-Hyderabad-India.jpg) मेरा ध्यान उधर था और इधर जीजा का एक रंग पुता हाथ मेरे फ्राक के अन्दर पहुंच गया। जब तक मैं सम्हलूं, मेरी जांघ पे हाथ ऊपर पहुंचाकर, उन्होंने मेरी पैन्टी के ऊपर से मेरी… कसकर दबोच लिया और ऊपर से ही रंग लगाने लगे। 
 
मैं एकदम गिनगिना गई। एक हाथ ऊपर मेरी जवानी की कलियों को रगड़ मसल रहा था, और दूसरा मेरी कुँवारी जाघों के बीच… ![[Image: hot-holi-celebration-photos-of-celebrities-2.jpg]](https://i.ibb.co/KmzL28R/hot-holi-celebration-photos-of-celebrities-2.jpg) पर जीजा की दुष्ट उगंलियों को इससे सतोष थोड़े ही था। मैनें अपनी जाघें कसकर सिकोड़ रखी थीं। 
लेकिन वह पैन्टी के भीतर घुसकर मेरे गुलाबी लैबिया को भी लाल करने लगीं। ![[Image: Thong-2ebb52897fbc02abc2131a029a6e26b9.jpg]](https://i.ibb.co/93ZjwC4/Thong-2ebb52897fbc02abc2131a029a6e26b9.jpg) इस दोहरी मार से मैं एकदम बेकाबू हो गई। कुछ शर्म और लाज के मारे और कुछ… मुझे ऐसा कभी नहीं लगा था। 
मेरा पूरा शरीर कंट्रोल से बाहर हो रहा था। मेरी जांघें अपने आप फैल रही थीं। 
 
और जीजा ने इसका फायदा उठाकर अपनी उगंली की टिप मेरी… मेरी योनी में डाल दिया। 
मुझे ऐसा लगा जैसे कि कोई 440 वोल्ट का झटका लगा हो। थोड़ी देर बाद मैं थोड़ा सम्हली और दोनों हाथों से उनका हाथ हटाने की कोशिश करने लगी। 
 
पर भाभी मेरी मदद को आ गईं। उन्होंने रंग भरी एक बाल्टी उठाकर जीजा पर फेंकी। 
 
पर मेरे जीजाजी भी कम चालू चीज नहीं थे, उन्होंने मुझे आगे कर दिया और सारा रंग मेरे ऊपर पड़ा और वो भी ज्यादा मेरे सीने पर। जीजा ने चालाकी से जो सूखा रंग मेरे जोबन पर लगाया था वह अब पूरी तरह गीला होकर… और ब्रा तो उन्होंने न सिर्फ खोली थी बल्कि मेरे सीने से अच्छी तरह से हटा दी थी। ![[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad18.jpg]](https://i.ibb.co/1dB4qPf/pitars-holi-celebrations-hyderabad18.jpg) इसलिये अब मेरा टीन जोबन न सिर्फ रंग से अच्छी तरह लाल हो गया था, बल्कि भीगी फ्राक से चिपक करके पूरी तरह से दिख रहा था। 
 
लेकिन अब वह भाभी को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, इसलिये मैं फ्री हो गई। 
जीजा ने तो मुझे अच्छी तरह हर जगह रंग दिया था, पर वह सूखे ही बचे थे और अब मेरा मौका था। मैंने अपने खास पेंट की ट्यूब निकाली और दो रंग मिलाकर हथेली पर ढेर सारा गाढ़ा रंग बनाया, खूब गाढ़ा लाल और कई दिन तक न छूटे ऐसा। ![[Image: d9b2dd5ded416d2f6095111a0e26ff69-c.jpg]](https://i.ibb.co/k09MtLG/d9b2dd5ded416d2f6095111a0e26ff69-c.jpg) जीजाजी ने भाभी को दोनों हाथों से बल्की साफ-साफ कहूं तो, भाभी के दोनों भरे-भरे स्तनों को पकड़ रखा था, पर भाभी भी बिना उसकी कोई फिक्र किये, उनके सीने पर रंग लगा रही थीं। 
 
मेरे लिये पूरा मौका था। मैंने अपने दोनों हाथों से उनके गालों पर अच्छी तरह से रंग लगाना शुरू कर दिया। उनका पूरा चेहरा मैं अपनी मर्जी से रंग रही थी। यहां तक की उनका मुँह खुलवाकर दांतों पर भी मैंने लाल रंग से मंजन कराया। 
 
दीदी पूरी तरह न्यूट्रल थीं, इसलिये अब हम दोनों जीजा पर भारी पड़ रहे थे। ![[Image: things-which-indians-do-differently-from...-world.jpg]](https://i.ibb.co/HpByf7Q/things-which-indians-do-differently-from-the-rest-of-the-world.jpg) छीना-झपटी में भाभी की चूंचियां ब्लाउज से बाहर भी थोड़ी निकल आई थीं, और जीजा ने उन्हें खूब रगड़कर रंगा था। पर भाभी ने भी उन्हें टापलेस कर दिया और हम दोनों ने मिलकर उनके हाथ अच्छी तरह पीछे बांध दिये। भाभी ने कड़ाही की कालिख से खूब पक्का काला रंग बनाया था। वह उसे लेने गईं। 
 
और मैं जीजा से अपना बदला निकालने लगी। दोनों हाथों में पेंट लगाकर मैं पीछे से, खड़ी होकर उनके पेट, सीने, हाथ हर जगह रंग लगाने लगी। उनके दोनों निप्पल्स को (जैसे वह मेरे जोबन को रगड़ रहे थे वैसे ही, बल्की उससे भी कसकर) रगड़ते हुए मैंने जीजाजी को चिढ़ाया- 
“क्यों जीजू, आप तो सिर्फ टाप में हाथ डाल रहे थे और हम लोगों ने तो आपको टापलेस ही कर दिया…” ![[Image: dgh.jpg]](https://i.ibb.co/LnxFWgb/dgh.jpg) जीजा- 
“अच्छा, अभी इतना उछल रही थी, जरा सा मैंने रंग लगा दिया था तो…” 
जीजा ने शिकायत के टोन में कहा। 
 
मैं- “अरे, वो तो मैं आपको बुद्धू बना रही थी…” दोनों हाथों से निप्पल्स को दबाते हुए मैंने फिर चिढ़ाया। 
 
जीजा- “ठीक है, अबकी जब मैं डालूंगा न, तब तुम चाहे जित्ता चिल्लाना, मैं छोड़ने वाला नहीं…” 
 
जीजा की बात को बीच में ही काटते हुए मैंने कहा- 
“अरे ठीक है जीजू… डाल लीजियेगा, जित्ता मन कहे डाल लीजियेगा, आपकी यह साली डरने वाली नहीं, होली तो होती ही है डालने डलवाने के लिये, पर अभी तो आप डलवाइये…” ![[Image: wild-hot-holi-parties-514fdc91825c6.jpg]](https://i.ibb.co/0tV1MVY/wild-hot-holi-parties-514fdc91825c6.jpg) उनकी पीठ पर खूब कसकर अपने उभारों को दबाते हुए और निचले भाग को भी उनके पीछे रगड़ते हुये
मैंने उन्हें चैलेंज किया। 
 
तब तक भाभी कालिख के साथ आ गई थीं और उनके आधे मुँह पर खूब जमकर उसे रगड़ने लगीं। 
 
मैं- 
“क्यों जीजाजी किसके साथ मुँह काला किया?” मैनें उन्हें फिर छेड़ा। 
 
दीदी- “अरे और किसके साथ? उसी स्साली, मेरी छिनाल नन्द के साथ…” 
अब तक हम लोगों की चुपचाप होली देखती, दीदी ने बोला। ![[Image: 15-Photos-Of-Hot-Pakistani-Model-Sofia-H...tion-9.jpg]](https://i.ibb.co/zXvTwFW/15-Photos-Of-Hot-Pakistani-Model-Sofia-Hayats-Holi-Celebration-9.jpg)  
	
	
	
		
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		साली, सलहज एक साथ
![[Image: 1468507222-690-Barish-me-Bheegi-Ladki-ki...os-Xxx.jpg]](https://i.ibb.co/3sK0KF5/1468507222-690-Barish-me-Bheegi-Ladki-ki-Chut-ki-Chudai-ki-Nangi-photos-Xxx.jpg) जीजा का आधा मुँह काला था और बाकी आधे पर मैं सफेद वार्निश का पेंट लगा रही थी। 
 
भाभी जो अब पीठ पर काला रंग लगा रही थीं, बोल पडीं-
“अरे नन्दें तो साल्ली सब कि सब होती ही हैं बचपन की छिनाल, ये क्यों नहीं कहती की मेरे नंदोई ही बहनचोद हैं बल्कि साथ-साथ…” 
 
ये कहते हुए उन्होंने अपना कालिख लगा हुआ हाथ उनके पिछवाड़े डाल दिया और- 
“गान्डू हैं…”
कहकर अपनी बात पूरी की।
 ![[Image: remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg]](https://i.ibb.co/ckbJnwN/remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg) जीजा की चिहुंक से हम लोगों को अन्दाज लग गया कि भाभी ने कहां रंग लगाया है। 
 
भोले स्वर में भाभी ने कहा- 
“अरे, नन्दोई जी, एक उंगली में ही… मुझे तो मालूम था कि आप बचपन के गान्डू हैं। लगता है प्रैक्टिस छूट गई है। खैर… मैं करवा देती हूं…” 
 
बेचारे जीजाजी, उनके दोनों हाथ बंधे थे और साली और सलहज दोनों… ![[Image: holi-tv-wallpaper.jpg]](https://i.ibb.co/KGyvWxt/holi-tv-wallpaper.jpg) भाभी खूब जमकर पिछवाड़े अन्दर तक और मैं भी खूब जमकर… मैंने सिर में खूब सूखा रंग और बाकी हर जगह अपना पक्का पैंट… जीजा की अच्छी हालत हो रही थी। 
 
भाभी तभी एक बाल्टी में रंग भरकर ले आयीं। जीजाजी के ‘वहां’ इशारा करते हुए, बोलीं- 
“यह जगह अब तक लगता है बची है…” 
 
(सुबह की भांग की दो-दो गुझिया, जीजा ने मेरी चूची की जो रगड़ायी की, होली का माहौल, मैं भी बेशर्म हो गई थी)
 
मैं- “हां भाभी…” ![[Image: Holi-how-to-take-care-of-your-sk.jpg]](https://i.ibb.co/JBcSZB9/Holi-how-to-take-care-of-your-sk.jpg) कहकर मैंने उनका पाजामा आगे की ओर खींच दिया, और भाभी ने पूरी बाल्टी का रंग ‘उसके’ ऊपर उड़ेल दिया। पर भाभी ने फिर कहा- 
“अरे, वहां पेन्ट भी तो लगाओ…” 
और उन्होंने मेरा पेंट लगा हाथ जीजाजी के पाजामे में डालकर ‘उसे’ पकड़ा दिया। 
 
पहली बार मेरे कुँवारे, टीन हाथों ने ‘उसे’ छुआ था और मैं एकदम सिहर गई। मेरी पूरी देह में मस्ती छा गई। लेकिन मैं घबड़ा, शर्मा रही थी… वह खूब कड़ा… बड़ा… लग रहा था। 
 
भाभी ने फोर्स करते हुये कहा-
“अरे, होली के दिन साली जीजा का लण्ड पकड़ने में शर्मायेगी तो… कैसे चलेगा? अभी चूत में जायेगा तो चूतर उठा-उठा करके लीलोगी…” 
और उन्होंने मेरे हाथ में लण्ड पकड़ा ही दिया। 
 
मैं भी मस्ती में लण्ड में रगड़कर पेंट लगाने लगी। ![[Image: holding-cock-J-tumblr-onx7sp-Xz7-V1tq6dobo1-400.gif]](https://i.ibb.co/9pLCxjK/holding-cock-J-tumblr-onx7sp-Xz7-V1tq6dobo1-400.gif) इसी बीच जीजाजी ने अपना हाथ छुड़ा लिया। पर जब तक वह पकड़ पाते हम आंगन के दूसरे छोर पर थे। जीजा ने रंग भरी बाल्टी उठाई और सीधे भाभी के रसीले जोबन पर निशाना लगाकर फेंका। पर भाभी भी कम थोड़े ही थीं, उन्होंने भी जीजा के मेरे हाथ लगने के बाद खड़े पाजामा फाड़ते, टेंटपोल पर फेंका। 
 
तब तक जीजू के निशाने पे मैं आ गई थी। 
उन्होंने मेरे किशोर उभरते हुए उभारों पर इस तरह रंग फेंका कि, मैं एकदम गीली हो गई। ब्रा तो पहले ही हट गई थी और अब मेरी चूचियां टाइट और गीली फ्राक से चिपक कर एकदम साफ दिख रही थीं। जब तक मैं संभलती जीजा के दूसरे वार ने ठीक मेरी जांघों के बीच रंग की धार डाल दी। 
 
मैं उत्तेजना से एकदम कांप गई। उस समय तो अगर मुझे जीजा पकड़कर… तो मैं… ![[Image: HOLI3419-Kingsam0071.jpg]](https://i.ibb.co/g72q352/HOLI3419-Kingsam0071.jpg) पर भाभी ने बोला- “अरे तू भी तो डाल… और हाँ ठीक निशाने पे…” 
 
मैं भी एकदम बेशर्म हो गई थी। मैंने भी जीजू के पाजामे के अन्दर से झलकते खड़े लण्ड पर सीधे रंग भरी बाल्टी डाल दी। 
 
देर तक गीले रंगों की होली चलती रही। जीजा टापलेस तो थे ही, मेरे और भाभी के ‘ठीक निशाने’ पर डाले गये रंग से ‘उनका’ एक बित्ते का… खूंटा सा खड़ा… साफ दिख रहा था। और मेरी भी पुरानी टाईट, झीनी फ्राक देह से ऐसी चिपकी थी कि… पूरा जोबन का उभार… और नीचे भी गोरी-गोरी जांघें… फ्राक एकदम टांगों के बीच चिपकी हुई थी।
 
जीजू बस ऐसे जोश में थे कि लग रहा था कि उनका बस चले तो मुझे वहीं चोद दें (और उस हालत में, मैं मना भी नहीं करती)। 
 
पर तभी एक गड़बड़ हो गई। भाभी ने एक बाल्टी रंग दीदी के ऊपर भी डाल दिया। 
और फिर तो दीदी ने भाभी को पकड़ लिया और उन दोनों के बीच नो होल्ड्स बार्ड होली चालू हो गई। मैं अकेली रह गई। ![[Image: holi-pakway-blogspot-com18.jpg]](https://i.ibb.co/XpL42fz/holi-pakway-blogspot-com18.jpg)  
	
	
	
		
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		Nice Update Komal
 It remind my all type of fantasies for HOLI
 
Love You GuysLOLO
 
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		07-03-2019, 09:07 AM 
(This post was last modified: 07-03-2019, 09:12 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
		
	 
		 (07-03-2019, 12:11 AM)hilolo123456 Wrote:  Nice Update KomalThanks so much ....HOLI is most  Erotic festival ...and triggers a train of fantasies for all , male , female  , young , mature ...so let us enjoy myriad colours of Phagun .....
 It remind my all type of fantasies for HOLI
 ![[Image: holi-hqset1103.jpg]](https://i.ibb.co/QndTxj6/holi-hqset1103.jpg)  
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		Nice update....
 Waiting for next....
 
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		 (09-03-2019, 09:51 AM)Rocksanna999 Wrote:  Nice update....
 Waiting for next....
 
thanks bas thodi der men
	 
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		पकड़ी गई 
![[Image: Girl-1333cccef06abf0d7619ecb74916f095.jpg]](https://i.ibb.co/pfL5wH9/Girl-1333cccef06abf0d7619ecb74916f095.jpg) पर तभी एक गड़बड़ हो गई। भाभी ने एक बाल्टी रंग दीदी के ऊपर भी डाल दिया। और फिर तो दीदी ने भाभी को पकड़ लिया और उन दोनों के बीच नो होल्ड्स बार्ड होली चालू हो गई। ![[Image: holi-6579.jpg]](https://i.ibb.co/FVnJz19/holi-6579.jpg) मैं अकेली रह गई। 
 
जीजा की मुश्कान देखकर मैं भांप गई कि उन्होंने मेरी हालत समझ ली है। उन्होंने जेब से पेंट निकाला और अपने हाथ पर मला। मैं कातर हिरणी की तरह भागी, पर कितना भाग पाती। उन्होंने मुझे पकड़ लिया। उन्हें अब कोई जल्दी नहीं थी। ![[Image: st-1.jpg]](https://i.ibb.co/h7N4cPx/st-1.jpg) उन्होंने एक हाथ से मेरी दोनों कलाईयां पकड़ लीं और दूसरे हाथ से फ्राक के सारे हुक धीरे-धीरे खोल दिये। 
मेरे कुँवारे उभारों को पहले तो वह धीरे-धीरे सहलाते रहे फिर उन्होंने कसकर रगड़ते हुये, मेरे टेनिस बाल साइज, उभरते हुए, किशोर जोबन का पूरा मजा लेना शुरू कर दिया। 
 
कभी वह कसकर दबा देते, कभी निप्पल्स को पकड़कर खींच देते। ![[Image: Guddi-nips-17350832.jpg]](https://i.ibb.co/DrbCcXW/Guddi-nips-17350832.jpg) फ्राक उठने से, उनका जोश… लोहे सा कड़ा… सीधे मेरे चूतड़ों के बीच… उनकी चाहत का और मेरी नई आई जवानी का एहसास करा रहा था। बाहर होली का हल्ला पूरे पीक पर था और अन्दर फागुन का नशा मेरे तन में, मन में छा रहा था। मेरी चूचियों पर जीजू का हाथ, शर्म भी लग रही थी। 
और मन कर रहा थ कि बस… जीजू ऐसे रगड़ते ही रहें। 
 
उन्होंने मेरा हाथ छोड़ा तो मुझे ऐसा लगा कि शायद अब मैं फ्री हो गई, पर… उस हाथ से उन्होंने मेरे छोटे-छोटे, कसे-कसे, चूतड़ों पर रंग लगाना शुरू कर दिया। ![[Image: rear-end-ass-in-jeans-10.jpg]](https://i.ibb.co/0h958Tr/rear-end-ass-in-jeans-10.jpg) जब तक मैं सम्हलती, पैंटी में हाथ डालकर उन्होंने मेरी कुँवारी गुलाबी सहेली को भी दबोच लिया। वहां खूब रंग लगाने के बाद उनकी शरारती उंगलियां मेरे भगोष्ठों में जवानी का नशा जगाने लगीं। ![[Image: Pussy-Guddi-19064919.jpg]](https://i.ibb.co/TWk5SMZ/Pussy-Guddi-19064919.jpg) उनका अगूंठा मेरे क्लिट को छेड़ रहा था। ऊपर जोबन की रगड़ाई, मसलाई और नीचे… जीजा ने एक उगंली मेरी कसी कली में, खूब जोर से घुसा दी। उनकी उगंली की टिप जो मेरी चूत के अन्दर थी, अब अच्छी तरह से आगे पीछे हो रही थी। मैं मस्ती से पागल हो रही थी। अनजाने में ही मैं अपना चूतड़ उनके लण्ड पर रगड़ रही थी। ![[Image: sixteen-fingering-2-2.jpg]](https://i.ibb.co/BzN9bCv/sixteen-fingering-2-2.jpg) पर किसी तरह मैं बोली- “जीजू, प्लीज… निकाल लीजिये…” 
 
जीजू- “क्या? अभी तो मैंने डाला भी नहीं है साली जी…” 
कसकर चूची दबाते हुये, जीजू ने चिढ़ाया। 
 
मैं- 
“और… क्या डालेंगें…” ![[Image: Holi-In-wet-Dress-7.jpg]](https://i.ibb.co/3vzRFHf/Holi-In-wet-Dress-7.jpg) उसी मूड में मैंने भी, उनके खूंटे पर पीछे धक्का देते हुए पूछा। 
 
जीजू- 
“यह लण्ड… तुम्हारी चूत में…” 
उन्होंने भी धक्का लगाते हुए जवाब दिया। 
 
मैं- “नहीं… वह दीदी की चीज है… वहीं डालिये…” ![[Image: Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg]](https://i.ibb.co/WvcvNjr/Holi-26670870481-6c66634b20-b.jpg) हँसते हुए मैं बोली। 
 
जीजू- “नहीं… आज तो दीदी की छोटी दीदी की बुर में जायेगा…” 
जीजा बोले। 
 
मैं- “अच्छा, तो आपका मतलब है की, आपकी दीदी यानी कि, दीदी की नन्द… उसके साथ तो आप पहले से ही…” 
 
मेरी बात काटकर, जीजू ने मेरी चूची कसकर दबाते हुये इत्ती जोर का धक्का मारा कि मुझे लगा कि उनका लण्ड, पैंटी फाड़कर सीधे मेरी बुर में समा जायेगा। 
 
जीजू बोले- 
“अच्छा तो तुम भी… अब तो तुम्हारी कुँवारी चूत फाड़कर ही दम लूंगा…” 
 
तभी काफी जोर का हल्ला हुआ, पड़ोस की भाभियां बाहर से धक्का दे रही थीं। इस हगांमे का फायदा उठाकर, मैं छुड़ाकर सीधे छत पर भाग गई।
मेरा सीना अभी भी धड़क रहा था। ![[Image: holi-1111maxresdefault.jpg]](https://i.ibb.co/BT99LxL/holi-1111maxresdefault.jpg)  
	
	
	
		
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		 (28-02-2019, 10:39 AM)komaalrani Wrote:  होली हो और साली न हो, बहुत ना इंसाफी है। 
 
 
 ![[Image: holi-photos_1489486893190.jpg]](https://ist5-2.filesor.com/pimpandhost.com/1/_/_/_/1/7/8/U/N/78UNq/holi-photos_1489486893190.jpg)  
 होली हो, साली हो और उसकी चोली न खुले, बहुत ना इंसाफी है।
 
 
 ![[Image: nude-indian-holiwow-bhabhi.jpg]](https://ist5-2.filesor.com/pimpandhost.com/1/_/_/_/1/7/8/U/O/78UOV/nude-indian-holiwow-bhabhi.jpg)  चोली में हाथ घुसे, और साली की गाली न हो, बहुत ना इंसाफी है।
 
 जीजा और साली की होली, नंदोई और सलहज की होली,
 
 
 ![[Image: holi%2B00898.jpg]](https://ist5-2.filesor.com/pimpandhost.com/1/_/_/_/1/7/8/U/Q/78UQI/holi%2B00898.jpg)  
 ननद और भाभी की होली।
 
 
 ससुराल में मची पहली होली का धमाल, एक साली की जुबानी, कैसे खेली जीजा ने होली?
 
 
 
 कैसे खोली जीजा ने चोली? और फिर क्या-क्या खुला?
 
 
 
 
 ![[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad18_l.jpg]](https://ist5-2.filesor.com/pimpandhost.com/1/_/_/_/1/7/8/U/U/78UUc/pitars-holi-celebrations-hyderabad18_l.jpg)  
 और अब शुरू होती है कहानी, होली जीजा साली की।
 
// क्या मस्त शुरुआत है कोमल जी , आपकी लेखनी का जादू तो सच में सर चढ़कर  बोलता है //
// सुनील पण्डित // 
(suneeellpandit)  ![[Image: horseride.gif]](https://xossipy.com/images/smilies/horseride.gif)  ![[Image: announce.gif]](https://xossipy.com/images/smilies/announce.gif)  
// सुनील पंडित // yr): मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता थाबस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
 
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		 (09-03-2019, 11:46 AM)suneeellpandit Wrote:  // क्या मस्त शुरुआत है कोमल जी , आपकी लेखनी का जादू तो सच में सर चढ़कर  बोलता है //आप ऐसे बड़े लब्ध प्रतिष्ठित लेखक से तारिफ़ के शब्द , ... इससे बढ़कर हौसला अफजाई और क्या हो सकती है , मेरी बाकी कहानियों पर भी आपके कमेंट की प्रतीक्षा रहेगी।
 // सुनील पण्डित //
 (suneeellpandit)
 ![[Image: horseride.gif]](https://xossipy.com/images/smilies/horseride.gif)  ![[Image: announce.gif]](https://xossipy.com/images/smilies/announce.gif) 
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		some problems with pictures ...is it only my thread....
	 
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		***** *****छत पर
![[Image: HOLI3419-11-Kingsam0071-1.jpg]](https://i.ibb.co/QDQ8PKW/HOLI3419-11-Kingsam0071-1.jpg) बाहर, रंगों के साथ होली के गाने, और, कबीर के साथ गालियों की बौछार हो रही थी। मैंने नीचे झांककर देखा तो, मिश्रा भाभी, दूबे भाभी के साथ 3-4 और पड़ोस की भाभियां थीं। रंगे-पुते होने के कारण जिनके चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे। 
 
मिश्रा भाभी तो अपनी लम्बी कद काठी और खूब भारी (कम से कम 38डी) उरोजों के कारण अलग ही दिखती थीं, और गन्दे मजाक करने में तो वह सबसे आगे थीं। ![[Image: MIL-d40fae2d59ad0416d841d5288b33a830.jpg]](https://i.ibb.co/XCBDdhz/MIL-d40fae2d59ad0416d841d5288b33a830.jpg) उन सब लोगों ने पहले दीदी को घेरा। 
 
किसी ने कहा कि- “अरे नन्दोई कहां हैं?”
 
दूबे भाभी बोलीं- 
“अरे, पहले नन्द साल्ली से निपट लें, नन्दोई की गाण्ड तो बाद में मारनी ही है…” 
और उन्होंने दीदी की साड़ी खींच ली। ![[Image: holi-1111maxresdefault.jpg]](https://i.ibb.co/cyfbHdV/holi-1111maxresdefault.jpg) मिश्रा भाभी ने भी सीधे ब्लाउज पर हाथ डाला और बोला- “देखूं, शादी के बाद दबवा-दबवा कर मम्मे कित्ते बढ़े हैं…” 
 
पर दीदी भी कम नहीं थी। उन्होंने भी उनके मम्मे पकड़ लिये। छीना झपटी में दोनों के ब्लाउज फट गये। 
मिश्रा भाभी ब्रा में बंद अपनी क्वीन साइज चूचियां से दीदी की चूचियां दबाने लगीं।
 
दीदी ने भी जोर से उनकी चूची को दबाया और बोलीं- 
“लगता है, कई दिनों से मेरे भैया ने चूची मर्दन नहीं किया है, चलिये मैं मसल देती हूं…” ![[Image: lez-frnds-6.jpg]](https://i.ibb.co/Kxsyzd3/lez-frnds-6.jpg) मुझे पता ही नहीं चला कि कब जीजू छत पर आ गये और उन्होंने मुझे पीछे से पकड़कर मेरा चूची मर्दन शुरू कर दिया। 
उन्होंने मुझे वहीं लिटा दिया और फ्राक खोलकर मेरे जोबन को आजाद कर दिया। ![[Image: tits-teen-3.jpg]](https://i.ibb.co/YZHm1VG/tits-teen-3.jpg) अन्दर, बाहर होली का हुड़दंग, जीजा की की गई मेरी रगड़ाई, मस्ती से मेरी आँखें मुंदी जा रही थी। मुझे पता ही नहीं चला कि कब जीजा ने मेरी पैन्टी उतारी, कब मेरी टांगें उठाकर अपने कन्धों पर रख ली।
 
मैं मना कर रही थी- “नहीं… जीजू नहीं…” 
 
पर हम दोनों को मालूम था कि मेरा मना करना कित्ता असली है? मुझे तब पता चला जब जीजा की मोटी पिचकारी मेरे निचले गुलाबी होंठों पर रगड़ने लगी। थोड़ी देर उसे छेड़ने के बाद जीजा ने मेरे दोनों कन्धे पकड़कर एक जोर का धक्का मारा। ![[Image: Fucking-close-up-12195176.jpg]](https://i.ibb.co/bFnMWPy/Fucking-close-up-12195176.jpg) दर्द के मारे मुझे दिन में तारे दिखने लगे पर जब तक मैं संभलती, जीजा ने उससे भी जोरदार, दूसरा धक्का मार दिया। रोकने के बाद भी मेरे मुँह से चीख निकल गई। ![[Image: fucking-ruff-15135570.gif]](https://i.ibb.co/yQz4HxS/fucking-ruff-15135570.gif) नीचे इतना हंगामा चल रहा था कि किसी को पता नहीं चलने वाला था। 
 
जीजू ने मुझे चूम लिया और मेरे मम्मों को सहलने लगे। मुझे समझाते हुये बोले- 
“बस अब और दर्द नहीं होगा…” 
 
मैं कुछ नहीं बोली।
 
जीजू घबड़ा कर बोले- 
“क्यों, बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, निकाल लूं?” 
 
मैं मुश्कुरा पड़ी और चूतर उठाकर नीचे से हल्का धक्का लगाते हुए बोली- 
“क्यों, जीजू इत्ती जल्दी। मुझे तो लग रहा था कि… आपकी पिचकारी में बहुत रंग है और आप खूब देर तक…
लगता है सारा रंग आपने दीदी की नन्द के साथ…” 
 
जीजू-
“अच्छा साली, अभी बताता हूं, अभी दिखता हूं अपनी पिचकारी की ताकत? तेरी फुद्दी को चोद-चोदकर भोंसड़ा बनाता हूं…” ![[Image: fucking-ruff-tumblr-nlocg094-MV1s9xv4do2-250.gif]](https://i.ibb.co/bFF0r6H/fucking-ruff-tumblr-nlocg094-MV1s9xv4do2-250.gif) कहकर उन्होंने दोनों चूचियों को पकड़कर पूरी ताकत से धक्का मारा कि मेरी चूत अन्दर तक हिल गई। 
कभी वो मेरी दोनों चूचियों को कसकर रगड़ते, कभी उनका एक हाथ मेरी क्लिट को छेड़ता। 
 
मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा दर्द मस्ती में बदल गया और मैं भी धीरे-धीरे, 
नीचे से चूतर हिलाकर जीजू का साथ देने लगी। जैसे ही जीजू को यह अन्दाज लगा उन्होंने चुदाई का टेम्पो बढ़ा दिया।
अब उनका लण्ड करीब-करीब पूरा बाहर निकालते और फिर वह उसे अन्दर पेल देते। 
जब वह चूत को फैलाते, रगड़ते हुए अन्दर घुसता। 
 
पहली बार मेरी चूत लण्ड का मजा ले रही थी। दर्द तो हो रहा था पर मजा भी इत्ता आ रह था कि… बस मन कर रहा था जीजू ऐसे ही चोदते रहें। ![[Image: Fucking-G-ruff.gif]](https://i.ibb.co/XsTvwmn/Fucking-G-ruff.gif) जब मैंने नीचे झांका तो वहां तो…
मिश्रा भाभी ने दीदी का साया उठा दिया था और वह अपनी चूत दीदी की चूत पर घिस रहीं थीं। 
पीछे से दूबे भाभी रंग लगाकर दीदी के मम्मे ऐसे मसल रही थीं…
कि जीजू भी उत्ते जोर से मेरे मम्मे नहीं मसल रहे थे। 
 
पर यह देखकर जीजू को भी जोश आ गया और वह खूब कस के मेरी चूचियों कि रगड़ाई करने लगे। 
उनका लण्ड अब धक्के मारता तो वह मेरी क्लिट भी रगड़ता और… मैं तो कई बार… 
 
पर काफी देर की चुदाई के बाद जीजा की पिचकारी ने रंग डाला। 
उनके सफेद रंग ने मेरी काम कटोरी भर दी बल्की रंग बहकर मेरी जाघों पर भी बह रहा था। 
कुछ देर बाद मैं उठी और अपने कपड़े पहने। 
पर तब तक सीढ़ी पर मुझे भाभी लोगों की आने की आवाज सुनाई पड़ी। 
 
मैं तो बचकर नीचे उतर आई पर, बेचारे जीजू पकड़े गये। ![[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-201210.jpg]](https://i.ibb.co/NSRV9nm/holi-hot-wet-girls-pictures-201210.jpg)  
	
	
	
		
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		मैं तो बचकर नीचे उतर आई पर, बेचारे जीजू पकड़े गये।
 
***** *****नंदोई का होली का मजा सलहज के साथ 
![[Image: holi-festival-hd-wallpapers-64.jpg]](https://i.ibb.co/H2w62XD/holi-festival-hd-wallpapers-64.jpg) इतनी सलहजें, जीजू की खूब जम के रगड़ाई हुई। और ‘कुछ हिस्सों’ पर भाभियों की विशेष कृपा रही।
 
पर जीजू मेरे कम नहीं थे, उन्होंने भी खूब ‘स्तन मर्दन’ किया और खास तौर से मिश्रा भाभी के चोली फाड़ू 38डीडी जोबन, उन्होंने ब्लाउज फाड़ के बाहर निकाल लिया। ![[Image: boobs-jethani-champa-15095573-1325382605...3502-n.jpg]](https://i.ibb.co/6FpLGD9/boobs-jethani-champa-15095573-132538260557328-79165503984823502-n.jpg) लेकिन इसका मतलब ये नहीं की भाभियों ने मुझे छोड़ दिया। 
 
आखिर मैं भी तो ननद थी, वो भी छुटकी ननदिया। 
जितनी दीदी की रगड़ाई हुई थी उससे भी कहीं ज्यादा मेरी हुई। 
दूबे भाभी ने तो फ्राक का ऊपरी हिस्सा फाड़ ही दिया और बाहर निकले मेरे छोटे-छोटे जोबन खूब रगड़े। ![[Image: Tits-young-1975571734.jpg]](https://i.ibb.co/C0cLwkG/Tits-young-1975571734.jpg) अब तक मैं भी समझ गई थी, रंग तो सिर्फ एक बहाना है। 
 
और मिश्रा भाभी ने तो सब हदें पार कर दीं।
मेरी फ्राक उठाकर मेरी चूत पे अपनी झान्टो भरी बुर से घिस्से पे घिस्से लगाते, जीजा को दिखा-दिखा के सुनाया- 
 
 “छोट-छोट जुबना दाबे में मजा देय, 
 अरे साल्ली तुम्हारी चोदे में मजा देय। 
 
एक से एक गालियां भाभियों ने मुझे दीं, चूत मरानो, भाईचोदी, गाण्डचट्टो, और उससे भी बढ़-बढ़ के गालियां मुझसे दिलवाईं, जीजा के सामने। 
बल्कि मिश्रा भाभी ने तो यहां तक बोला की अगर मैं लण्ड, बुर, गाण्ड चुदाई के अलावा कुछ भी बोलूंगी ![[Image: jethani-boobs-6d608cd1a185e1d1a25da3f6d0c78124.jpg]](https://i.ibb.co/MCDDKV4/jethani-boobs-6d608cd1a185e1d1a25da3f6d0c78124.jpg) तो वो अपना हाथ कोहनी तक मेरी चूत में पेल देंगी। 
 
इंटरवल में भाभी ढेर सारा नाश्ता, गुझिया दहीबड़े, और साथ में ठंडाई, 
कहने की जरूरत नहीं सबमें भांग की डबल डोज थी। खाने के साथ गाने, कबीर गालियों भरे होली के गाने, 
थोड़ी देर में सब लोग रिचार्ज हो गए।
 
तब तक एक भाभी जीजा को देखकर बोली- ![[Image: 15-Photos-Of-Hot-Pakistani-Model-Sofia-H...tion-9.jpg]](https://i.ibb.co/BrKrBBm/15-Photos-Of-Hot-Pakistani-Model-Sofia-Hayats-Holi-Celebration-9.jpg) “अरे इस बहन के भंडुए को अभी तक स्ट्रिप-टीज तो कराया नहीं…”
 
और तुरंत दो भाभियों ने पीछे से उनका हाथ पकड़ा और बाकी ने मिलकर उनका पाजामा उतार दिया। 
मैं क्यों चूकती, जीजा को दिखाते, चिढ़ाते मैंने उसका गोला बनाया और सीधे छत पे, 
अब वह सिर्फ एक खूब रंगी पुती छोटी सी देह से चिपकी ब्रीफ में थे। ![[Image: male-bulge.jpg]](https://i.ibb.co/1sL5ySm/male-bulge.jpg) “ये कौन उतारेगा?” मेरी भाभी ने सबकी ओर देखकर पूछा। 
 
“अरे ये हक तो सिर्फ छोटी साली का है, वही उतारेगी…” ![[Image: bangbang-holifest2015-at-novotel152.jpg]](https://i.ibb.co/WDYcyHc/bangbang-holifest2015-at-novotel152.jpg) मेरी ओर इशारा करते खिलखिलाते ढूबे भाभी बोलीं।
 
मैं कौन पीछे रहने वाली थी, सीधे जीजू से सटकर खड़ी हो गई, अपने अधखुले, फटी फ्राक से झांकते रँगे पुते, कच्चे टिकोरे उनके सीने पे रगड़ते, उनका गाल सहलाते, अपने निचले भाग को उनके ब्रीफ से सटाकर,
एकदम ‘मार दिया जाय की छोड़ दिया जाय’ की मुद्रा में, उनके निपल को अपने लम्बे नाखून से स्क्रैच करते, 
मैंने पूछा- ![[Image: holi-girl-wallpaper-1.jpg]](https://i.ibb.co/sysQmN7/holi-girl-wallpaper-1.jpg) “क्यों जीजू, हो जाय पूरा चीरहरण?” 
	
	
	
		
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		***** *****चीरहरण
![[Image: dgh.jpg]](https://i.ibb.co/TrcpSV9/dgh.jpg) मेरे कोमल हाथ ब्रीफ के ऊपर से ‘उसे’ सहला रहे थे, दबा रहे थे, और थोड़ी देर में तम्बू एकदम तन गया था। 
 
चारों ओर से भाभियों का शोर, खोल दे, खोल दे।
 
कुछ देर उन्हें तड़पाने के बाद, बिना ब्रीफ खोले मैंने उन्हें छोड़ दिया और पीछे जाकर खड़ी हो गई। 
अब खुल के मेरी चूंचियां जीजू की पीठ पर रगड़ रही थीं, उंगलियां उनकी ब्रीफ में, और एक झटके से ब्रीफ नीचे खींच दी। 
 
मेरी भाभी और उनकी खास सहलज के फेवरिट बैगनी रंग के निशान चूतड़ों पे, 
और भाभियों के भी काही, नीले, लाल रंग के और दूबे भाभी जो अपने घर से तवे की कालिख लाई थी 
वो सीधे बीच में एकदम दरार के अंदर तक। 
 
मैंने प्यार से सहलाते हुए दोनों अर्ध गोलों को दिखाया और फिर पूरी ताकत से एक झटके में, चूतड़ों को जोर से फैलाके खोल दिया, सारी भाभियों को दिखा के मैंने पूछा- ![[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad31.jpg]](https://i.ibb.co/VCfpgZz/pitars-holi-celebrations-hyderabad31.jpg) “क्यों भाभी पसंद आया, ये माल? एकदम कोरी है…” 
 
खूब जोर का शोर मचा, लेकिन मेरी भाभी बोलीं- 
“अरे आगे का दिखा आगे का…” 
 
फिर मैं आगे आ गई, लेकिन मैंने जीजू को खूब तंग किया। 
पहले तो अपने होंठ उनके गालों पे, फिर कड़े-कड़े उभार उनके सीने से रगड़े। 
 
एक भाभी ने आकर मेरी फ्राक उठा दी, फिर तो मेरी छोटी सी रंगों में भीगी पैंटी, 
उनके अब पूरी तरह से तने ब्रीफ फाड़ते खूंटे पे, भाभियों को दिखा-दिखा के रगड़ी। 
 
जीजा की हालत खराब हो रही थी। 
 
लेकिन उससे ज्यादा हालत मेरी भाभियों की खराब हो रही थी-
“खोल खोल, खोल जल्दी…” हर ओर से आवाज।
 
मैंने चड्ढी में हाथ डालकर, जीजू की आँखों में आँखें डालकर बोला- 
“जाने दो जीजू, आप भी क्या याद करेंगे कैसी साली मिली है, बख्श दिया आपको…” 
लेकिन अगले ही पल, ब्रीफ एक झटके में नीचे। 
 
जैसे विज्ञापन निकलता है न खटके बाले चाकू का, बटन दबाओ, 7” इंच का चाकू बाहर। 
सात इंच से बड़ा ही रहा होगा और खूब मोटा, लेकिन सभी भाभियों के हाथों के रंग से सना, खूब मोटा, कड़ा। ![[Image: cock-thick-17395724.jpg]](https://i.ibb.co/Gv1pdzv/cock-thick-17395724.jpg) अभी भी थोड़ा सोया थोड़ा जागा लग रहा था। 
 
सभी भाभियों की आँखें तारीफ से दीदी की ओर देख रही थी, मेरी भाभी ने तो उनके कान में बोला भी- ![[Image: holi-26731382-1690886247629899-819598102...8651-n.jpg]](https://i.ibb.co/9N4cwdt/holi-26731382-1690886247629899-8195981021685388651-n.jpg) “ननद रानी मस्त औजार मिला है…”
 
लेकिन दीदी ने मुझसे कहा-
“जरा हाथ में पकड़ कस के…” 
 
मैंने एक दो पल शर्माने, झिझकने का नाटक किया। 
 
तो, दीदी बोलीं-
“चल पकड़ जल्दी, वरना लगाऊँगी एक हाथ, छोटी साली तू है, तेरा हक है…”
फिर कान में फुसफुसा के बोलीं- ![[Image: holi-bra-les-th.jpg]](https://i.ibb.co/dkCg3wG/holi-bra-les-th.jpg) “ज्यादा नौटंकी नहीं, मुझे मालूम है थोड़ी देर पहले छत पे तेरे और तेरे जीजू के बीच कौन सी कबड्डी चल रही थी…” 
 
भाभी ने उनकी बात सुनकर मेरी ओर देखकर मुश्कुरा दिया। 
 
मैंने हिचकिचाते, झिझकते जीजू का चर्मदण्ड अपने गोरे, कोमल कोमल किशोर हाथों में ले लिया, 
पहले तो थोड़ी देर हल्के से पकड़ा, फिर मुट्ठी में दबाया। 
इतना अच्छा लग रहा था की, कितना कड़ा, बस मन कर रहा था सीधे अंदर ले लूँ। 
धीरे-धीरे मैंने हाथ हिलाना शुरू किया, मुठियाने लगी। ![[Image: Guddi-holding-cock-tumblr-n0pfh2dp3s1qaoeoqo1-400.gif]](https://i.ibb.co/qkmW5G8/Guddi-holding-cock-tumblr-n0pfh2dp3s1qaoeoqo1-400.gif) “और जोर से, और जोर से…” भाभियों की आवाजें आ रही थीं। 
 
मेरी मुट्ठी में उसका समाना भी मुश्किल हो रहा था।
खूब गरम-गरम कड़ा-कड़ा लग रहा था। 
जैसे लग रहा था, मेरी कोमल मांसल मुट्ठी मेरी कच्ची चूत हो और उसमें जीजू का लण्ड रगड़-रगड़कर जा रहा हो। 
मन कर रहा था की सबके सामने ही उसे अपनी चूत में ले लूँ। 
 
मैंने एक जोर का झटका दिया और झटाक से, सुपाड़ा खुल के बाहर। 
उसका चमड़ा हट गया था। खूब मोटा, गुस्सैल, गुलाबी, एकदम पहाड़ी आलू के साइज का बल्कि उससे भी मोटा।
मैंने भाभियों को दिखाते हुए उसे छोड़ दिया। 
 
सात इंच से भी बड़ा, खूब मोटा, लोहे के खम्भे ऐसा कड़ा, एक जोर की आह्ह… सभी भाभियों के मुँह से निकली। 
 
एक ने जोर से एक धाप दी, पीठ पे मारते बोला- “तू बड़ी लकी है…”
 
मिश्रायिन भाभी बोलीं- “अब पता चला की ननद रानी काहें मायके नहीं आ रही थी?” 
 
मेरी भाभी ने दीदी को चिढ़ाया-
“सुपर एक्सचेंज आफर होली के मौके पे ननद रानी, मेरे सैंयां से सैंयां बदल लो न, बचपन की यादें ताजा हो जाएंगी…” 
 
लेकिन दीदी कौन कम थी, बोलीं- ![[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-201218.jpg]](https://i.ibb.co/r2sp5NZ/holi-hot-wet-girls-pictures-201218.jpg) “भाभी अरे आपके लिए ही तो लाई हूँ, आपको दोनों मुबारक, आगे से मेरे सैंयां, पीछे से मेरे भैया। 
अदल बदल के होली की पिचकारी का स्वाद लीजिये। "
 
इन सबसे अलग मैं सोच रही थी, कैसे मैं जड़ तक घोंट गई इसको अपनी चुन्मुनिया में। 
ननद तो मैं भी थी मैं कैसे बचती भाभियों की छेड़छाड़ से?
 
दूबे भाभी ने हुकुम सुनाया- 
“होली के दिन छोटी साली का रस्म है, जीजू का अपने मुँह में लेने का…” 
 
बस अब मैं फँस गई। मैंने थोड़ी देर ना नुकुर की 
 
उसके बाद दीदी खुद बोलीं- 
“अरे यार एक छोटी-छोटी सी चुम्मी ले ले…” ![[Image: bj-lick-55.jpg]](https://i.ibb.co/QfzQCbF/bj-lick-55.jpg) मैंने पहले होंठों से सुपाड़े पर चुम्मी ली, लेकिन मन तो मेरा भी कर रहा था।
ऊपर से जीजू की आँखें भी इसरार कर रही थीं। थोड़ी देर में सुपाड़ा मैंने गप्प लिया। और अब मैं सिर हटा भी नहीं सकती थी, जीजू और मेरी भाभी दोनों ने मेरा सिर कस के पकड़ रखा था और जोर-जोर से पुश कर रही थीं। 
 
भाभियों खूब जोर से शोर कर रही थीं गालियां सुना रही थीं।
 
और अब मैं खुल के चूस रही थी। आधे से ज्यादा लण्ड मैं गड़प कर गई थी। ![[Image: Joru-K-bj-deep-throat-4.gif]](https://i.ibb.co/k8nzYwh/Joru-K-bj-deep-throat-4.gif) जैसे ही मैंने मुँह हटाया तो दूबे भाभी बोलीं- 
“अरे ननदोई को कपड़े तो पहनाओ, होली का सिंगार कराओ। ![[Image: Holi-wet.jpg]](https://i.ibb.co/SR2ZjRp/Holi-wet.jpg)  
	
	
	
		
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		***** *****श्रिंगार - रसिया को नार बनाऊँगी 
![[Image: holi-hot-still-17.jpg]](https://i.ibb.co/Qv7kPB4/holi-hot-still-17.jpg) “अरे, ऐसे ही बिदा कर दो न, बिना कपड़ों के। अच्छे तो लग रहे हैं…” 
खिलखिलाते हुए एक भाभी सुझाया।
 
लेकिन दूबे भाभी ने तुरंत वो सुझाव रिजेक्ट कर दिया, और मेरी भाभी ने भी दूबे भाभी का साथ दिया- 
“तुझे मालूम नहीं, इस गली के बाहर कितने लौंडेबाज रहते हैं। इस हालत में इनको देखेंगे न, 
तो बस, इतने लौंडेबाज चढ़ेंगे ऊपर, ऐसा चिकना लौंडा, पैदायशी गान्डू, वो भी होली के दिन, दो दिन तक नहीं छोड़ेंगे, 
और उसके बाद इनका पिछवाड़ा हमारी बिन्नो (दीदी की ओर इशारा करके) की सास के भोसड़े से भी चौड़ा हो जाएगा…” 
दूबे भाभी बोलीं। 
 
“एकदम सही, आखिर होली खेलने आये हैं, तो इनके माल की गारंटी की जिम्मेदारी भी हमारी है। 
हम लोग मार ले चलो, ससुराल वाले हैं, रिश्ता है, मौका है। लेकिन ऐसे जाने अनजाने, फिर पता नहीं कंडोम लगाएंगे की नहीं?” 
मेरी भाभी बोलीं। 
 
मैं- “क्यों जीजू के भी गाभिन होने का खतरा है क्या?” ![[Image: HOLI3419-11-Kingsam0071-1.jpg]](https://i.ibb.co/8xrxkDd/HOLI3419-11-Kingsam0071-1.jpg) चिढ़ाने का मौका मैं क्यों छोड़ती। 
 
और सारी भाभियां हँसने लगी। 
 
तय ये हुआ की आखिर हमारे पास लड़कों के कपड़े कहाँ से आएंगे? 
इसलिए उन्हें फिर जो हम लोगों के कपड़े हैं उसी में बिदा कर देंगे। हाँ इन कपड़ों के बदले 4-5 दिन के लिए अपनी छुटकी बहनिया को हमारे यहाँ भेजना होगा। 
 
जीजू कुछ बोलते उसके पहले ही दीदी ने उनकी ओर से हाँ कर दी- 
“एकदम ठीक है, मेरी छिनार ननद का मुँह का स्वाद भी बदल जायेगा। हरदम मेरे मायके के बारे में बोलती रहती है, खुद ही आकर देख लेगी…” 
 
मेरी भाभी ने दूबे भाभी के साथ श्रृंगार का जिम्मा लिया। मैं भी सहायक भूमिका में। 
कपड़े पहनाने का काम मिश्राइन भौजी के साथ में बाकी भाभियां भी। 
 
दीदी मजे ले रही थीं, अपने पति की हालत देखकर। और हम लोगों को चढ़ा भी रही थीं। 
 
भाभियों ने सबसे पहले दीदी की पेटीकोट उतारी थी, थोड़ी नुची, रंगों में डूबी वो आँगन के कोने में पड़ी थी। वही उठाकर जीजू को पहनाई गई। 
ब्रा और किसकी अटती, दीर्घस्तना मिश्राइन भौजी थीं सबसे, उन्हीं की ब्रा जीजू को। ![[Image: dress-bra-6c00afe2061187a79fdae3583f533a22.jpg]](https://i.ibb.co/Jdc3Ntv/dress-bra-6c00afe2061187a79fdae3583f533a22.jpg) मैं मुश्कुराते देख रही थी, मुझे एक आइडिया आया और लाल रंग से भरे दो गुब्बारे ब्रा के अंदर।
 
मेरी भाभी ने तारीफ की निगाह से देखा और बोलीं- 
“हाँ अब अपने मायके वालियों के गदराए जोबन के टक्कर के हुए न…” 
 
मेरी भाभी ने अपने ननदोई के पैरों का जिम्मा लिया और वहां से धीरे-धीरे ऊपर, 
पहले तो रच-रच कर पैरों में महावर, क्या कोई नाउन नई नवेली गौने की दुल्हन को ऐसे पहली रात लगाती होगी?
डिजाइन भी उसमें।
उंगलियों में घुंघरू वाले बिछुए, और साथ में भाभी गाना भी गा रहीं थीं ![[Image: toe-rings.jpg]](https://i.ibb.co/F8LB8Qy/toe-rings.jpg) और मैं भी सुर में सुर मिलाकर जीजा की बहनों और अपनी दीदी की ननदों का बखान कर रही थी-
 
 छोटे दाना वाला बिछुआ गजबै बना, हो छोटे दाना वाला, 
 ऊ बिछुआ पहिने, ऊ बिछुआ पहिने, अरे हमारे जीजा की बहिनी 
 अरे जीजा भण्डुवा की बहिनी, 
 अरवट बाजे, करवट बाजे, सारी रात चुदावत बाजे, हो छोटे दाना वाला, 
 बिछुआ के बाद पैरों में पायल, फिर कमर में करधनी। 
 
दूबे भाभी किसी चुड़िहारिन की तरह, जीजू के हाथ में लाल हरी चूड़ियां कोहनी तक पहना रही थीं, ![[Image: bangles-Bridal-bangles.jpg]](https://i.ibb.co/wp3h9Hs/bangles-Bridal-bangles.jpg) साथ में हाथों में मेंहदी, चेहरे के मेकअप की जिम्मेदारी मेरी थी, और वो मैंने बहुत ‘अच्छी तरह’ निभायी। 
 
क्या रेड लाइट एरिया में बन संवर के शाम को रंडिया खड़ी होती होंगी, उसी स्टाइल का बल्कि उसको भी मात करता, चमेली में जो करीना कपूर लग रही थी, बस उसी मार्का का, खूब गाढ़ी लाल-लाल लिपस्टिक, थोड़ी स्मज, ![[Image: lips-14412051.jpg]](https://i.ibb.co/jW1X6Zg/lips-14412051.jpg) आँखों में भर के काजल, डार्क मस्कारा, आईलैशेज, गालों पे रूज, नाक में स्प्रिंग वाली एक छोटी सी नथ। 
दीदी मुझे उकसाती बोलीं, अरे गुड्डी, नथ तो बहुत जरूरी है, वरना उतरेगी क्या? ![[Image: nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg]](https://i.ibb.co/sJBHRDY/nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg) कानों में बाली, साथ-साथ गाने भी चल रहे थे- 
 
 रसिया को नार बनाऊँगी, रसिया को, 
 सर पे उढ़ाय सबुज रंग चुनरी, अरे 
 अरे पाँव महावर, माथे पर बेंदी, 
 जुबना पे चोली पहनाऊँगी। 
 रसिया को, रसिया को, 
 
और गाने के साथ कमेंट भी- 
“अरे आज कोठे पे घंटे भर भी बैठ जाएंगे तो, 20-20 रूपये के हिसाब से…” 
 
कोई कहता- 
एकदम पक्की रंडी लग रहे हो, पाहुन।
 
तो मेरी भाभी ने जवाब दिया- 
“एहमें अचरज कौन है, खानदानी असर है, रंडी का जना, आज असल रंग में आ गया है…”
 
सब लोगों ने फोर्स करके उनसे ठुमके लगवाए, गाने गवाए, अच्छे वाले, 
और गालियां भी मेरी दीदी की ननदों और सास का नाम ले ले के ![[Image: HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg]](https://i.ibb.co/8m246j1/HOLI-9b291c8a21042798cd9b77942832c268.jpg)  
	
	
	
		
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		सिंदूरदान
![[Image: Holi-male-26670879021-e73f376e53-b.jpg]](https://i.ibb.co/4KxXY7d/Holi-male-26670879021-e73f376e53-b.jpg) मेरा काम मोबाइल पे फोटो खींचने का और वीडियो बनाने का था, रगड़ाई भाभियां कर रही थी, 
मैं दीदी के साथ बैठी रस ले रही थी और होली की शूटिंग।
 
तब तक किसी भाभी को कुछ याद आ गया, और वो बोल पड़ी- “अरे सिंगार तो अधूरा रह गया…”
 
“क्यों क्या हुआ?” बाकी सबने पूछा। 
 
“दुल्हन का सिंदूरदान तो हुआ नहीं?” वो चहक के बोलीं और पूरा आँगन सबकी खिलखिलाहटों से गूँज गया। 
 
“लेकिन सिंदूरदान करेगा कौन?” मिश्राइन भौजी ने पूछा। 
 
मैं दीदी और अपनी भाभी के बीच में बैठी थीं। मेरी भाभी ने प्यार से मेरा गाल सहलाते हुए कहा- 
“और कौन करेगा, ये हक तो सिर्फ और सिर्फ, छोटी, एकलौती साली का है…”
 ![[Image: holi-photos-1489486893190.jpg]](https://i.ibb.co/LCXy0Db/holi-photos-1489486893190.jpg) मैं बड़े ठसके से उठी, जीजू की देह से देह रगड़ते हुए उन्हें थोड़ा तड़पाया।
 
(अभी थोड़ी देर पहले छत पर उन्होंने क्या जमकर मेरी रगड़ाई की थी, अभी तक वहां दुःख रहा था, 
पूरा फाड़ दिया था अब मेरी बारी थी)
 
फिर नैन नचा के, मुश्कुरा के चुटकी में सिन्दूर लेकर पूछा- 
“क्यों जीजू डाल दूँ?”
 
“तू भी न, ये क्या डालने के पहले पूछते हैं, जो तू पूछ रही है?” 
दीदी मुश्कुरा के मुझे उकसाते बोलीं। 
 
बात उनकी एकदम सही थी, बिना पूछे मेरे फ्राक में डालकर मेरे नए आये जुबना को रगड़ा रंग लगा-लगा के, 
फिर पैंटी में और छत पे तो बस टांग उठाकर जब तक मैं कुछ सोचू समझूं, एक बार में डाल दिया मूसल। 
बस मैंने डाल दिया। ![[Image: sindoor.jpg]](https://i.ibb.co/X270Q0v/sindoor.jpg) और पूरा, थोड़ा भरभरा के उनकी नाक पे भी गिरा। 
 
खूब जोर से हल्ला हुआ। किसी ने कहा- 
“नाक पे गिरना तो बहुत अच्छा सगुन होता है, अब इस दुल्हन की सास बहुत प्यार करेगी…” 
 
तब दूबे भौजी बोलीं- 
“अरे प्यार तो हम सब करेंगे, अभी तो सिन्दूर दान हुआ है…”
 
लेकिन भाभियां, मैं भी तो ननद ही थी, मुझे छेड़ने का मौका वो क्यों छोड़तीं, एक ने बोला-
“संगीता बिन्नो सिंदूरदान तो कर दिया है अब सुहागरात भी मनाओ…” ![[Image: holi-cd4eaefc8b5d6507fac9563199d02a29.jpg]](https://i.ibb.co/NNCLQTT/holi-cd4eaefc8b5d6507fac9563199d02a29.jpg) तो दूसरी बोली- 
“एकदम सही, सिंदूरदान हम लोगों के सामने हुआ था तो सुहागरात भी हमारे सामने होनी चाहिए…”
 
भला हो दूबे भाभी का, वो हरदम मेरा साथ देती थीं। मुझे उन्होंने अपने पास बिठाया और सबका जवाब खुद दिया-
“अरे काहें घबड़ात हो, सुहागरात होगी और अभी होगी, और उहै करेगी, जिसने सिन्दूर दान किया है, 
लेकिन पहले तुम लोग नयकी दुल्हन को तनी तैयार करो, बहुत जबर हथियार है समझाय देना उसको…” 
 
मेरी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन तब दो भाभियों ने पकड़कर उन्हें निहुरा दिया, साड़ी पेटीकोट कमर तक और पिछवाड़ा एकदम से खुल गया। एक भाभी ने बोतल से कड़ुवा तेल लेकर सीधे पिछवाड़े के अंदर ये बोलते हुए- 
“अरे कड़ुवा तेल से चिकनाहट भी होगी, मजा भी कम नहीं होगा…” 
 
मेरी समझ में अभी भी कुछ नहीं आ रहा था। लेकिन समझने की जरूरत भी नहीं थी, दूबे भाभी थी न।
उन्होंने एक खूब मोटी, लम्बी कैंडल पे कंडोम चढ़ा के ‘मेरी सहेली’ के ठीक ऊपर बाँध दिया अच्छे से, और बोलीं- 
“चल चालू हो जा, एकदम एक बित्ते की है। एकबार में फाड़ दे…”
 
मैं एक पल के लिए ठिठकी। 
 
तो दूबे भाभी गुस्से से बोलीं- 
“तो ठीक है, मैं ये तेरी कोरी गाण्ड में डालती हूँ, अगर तुझे…” 
 
बिना कुछ सोचे समझे मैं जीजू के पीछे, चालू हो गई।
 
सब भाभियां मुझे लहका रही थीं, लेकिन उन सबसे तेज आवाज मेरी दीदी की थी- 
“अरे ससुराल की पहली होली है, याद रहनी चाहिए…”
 
जीजू को हमने उसी श्रृंगार में बिदा किया।
 
लेकिन जीजू ने चलते-चलते मेरे गाल पे प्यारी सी चुम्मी देके प्रामिस किया-
“आज तो उन्हें जल्दी थी, लेकिन पांच दिन बाद ही तो रंग पंचमी है, एक दिन पहले से आयेंगे और एक दिन बाद तक…” 
 
दीदी की आँखें चमक गई, उनसे और मुझसे बोली-
“अरे जीजा साली का फागुन तो साल भर रहता है। जब चाहो तब होली…” ![[Image: tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/2WYzFyS/tumblr-mcglm17j-Om1rjhuqoo1-1280.jpg)  
	
	
	
		
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		***** *****होली, हो ली, 
![[Image: holi-96bxfs.jpg]](https://i.ibb.co/y0HFZf0/holi-96bxfs.jpg) जीजा गए, दीदी गईं, मोहल्ले की भाभियां गईं, मैंने अगवाड़े पिछवाड़े का सब दरवाजा बंद किया। 
लेकिन होली खत्म नहीं हुई। भाभी थीं न, मेरी अपनी, अच्छी वाली, प्यारी-प्यारी मेरी हर चीज में शामिल। 
 
भाभी ने मुझे जोर से अंकवार में भर के जोर से मेरे चूचे दबाते बोला- 
“अभी मेरी तेरी होली बाकी है…” 
 
“एकदम भाभी…” ![[Image: Holi-26133341243-fcd04c4367-b.jpg]](https://i.ibb.co/LrtybJL/Holi-26133341243-fcd04c4367-b.jpg) और उन्हें चूम लिया। 
 
आँगन में होली के सारे निशान बाकी थे, मेरी 32सी साइज की टीन लेसी ब्रा नुची, चिथड़ी रंगों में लिपटी 
और बगल में ही जीजा का फटा पाजामा और चड्ढी। 
जो मैंने भाभियों को दिखाते, उन्हें चिढ़ाते उतारी थी। 
दीदी का फटा ब्लाउज, भाभी का पेटीकोट, ढेर सारा बहता रंग, डबल भांग की डोज वाली गुझिया, 
ठंडाई, और बाहर भी अभी भी कहीं से लाउडस्पीकर पे होली के गानों की आवाज आ रही थी-
 
 रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे, 
 बलम पिचकारी तूने ऐसी मारी, 
 
और कहीं भोजपुरी गाने, 
 अरे रंगे द जोबनवा चोली में, 
 अरे भौजी, सटाय के डारब, निहुराय के डारब, 
 डारे दा देवर के होली में, 
 
और कहीं कहीं कबीरा, जोगीड़ा की भी, जोगीड़ा सरर, होली का रंग उतर रहा था, नहाने धोने का भी टाइम हो रहा था। 
मैं और भाभी ही थे, हम दोनों ने मिल के आँगन साफ किया, बचे गिरे रंगों से होली भी खेली और नहाने का भी आँगन में ही। मेरे और भाभी के बचे खुचे कपड़े भी। 
मैं भाभी का रंग छुड़ा रही थी और वो मेरा। ![[Image: holi-playing-indian-girls-wet-collection5.jpg]](https://i.ibb.co/k3YHRYB/holi-playing-indian-girls-wet-collection5.jpg) भाभी का कोई अंग नहीं बचा था जो भाभियों, उनकी नन्दों ने और जीजा ने छोड़ा हो, 
जीजा के खास रंग तो मैं पहचानती थी। ![[Image: lygs9sfnyjd9-t.jpg]](https://i.ibb.co/Ws6mnmh/lygs9sfnyjd9-t.jpg) जाँघों के बीच में भी पिछवाड़े भी, और जब भाभी की निहुरा के मैंने उनका पिछवाड़ा देखा, 
तो एकदम अंदर कम से कम चार पांच मुट्ठी सूखा रंग और अबीर एकदम अंदर तक… ![[Image: Holi-wet-download.jpg]](https://i.ibb.co/N9w3Bqx/Holi-wet-download.jpg) उंगली डाल-डालकर अंदर तक से निकालकर भाभी को दिखाया, 
और फिर पाइप में नोजल लगा के तेज धार अंदर तक, सब रंग जब तक बह नहीं गए। 
और इसके बाद भाभी ने मुझे धर दबोचा, एक-एक जगह चेक की जहां-जहां जीजू ने रंग लगाया था, ![[Image: 1sdtueptu0rk-t.jpg]](https://i.ibb.co/CmNyxxr/1sdtueptu0rk-t.jpg) लेकिन जब जाँघों के बीच ‘वहां’ का नंबर आया तो मैं बिदक जाती। 
लेकिन भाभी मेरी, उनके आगे किसी की चलती है। 
मोहल्ले की चाहे कच्चे टिकोरे वाली उनकी ननदे रहीं हों, या खूब खेली खायी, सब उनसे पानी मांगती थी।
 
भाभी- 
“लगाऊँगी अभी एक कस के, खोल, अपने जीजू के आगे तो झट से खोल दिया और मेरे आगे नखड़े दिखा रही है। 
खोल पूरी तरह से…” 
 
मैं खिलखिलाने लगी- ![[Image: 030.jpg]](https://i.ibb.co/VDvbsVd/030.jpg) “अरे भाभी, जीजू तो जीजू हैं, अब साली होली में जीजू के आगे नहीं खोलेगी तो?” 
 
तब तक भाभी की चिकोटियों, गुदगुदी और गदोरी से जो उन्होंने जाँघों के बीच हिस्से लगाए, मेरी जांघ खोल के ही दम लिया। फिर तो मेरी चिरैया की चोंच खुली और भाभी की मंझली उंगली गच्चाक से अंदर…
जीजू की मलाई अभी तक लबलबा रही थी पूरे ऊपर तक, कटोरी भर से ज्यादा ढरकाई भी थी 
उन्होंने मेरी प्रेम गली में, और टाँगें उठाकर मैंने सब रोप लिया था, एक बूँद भी बाहर नहीं छलकने दिया था। ![[Image: creampie-CU-14117543.jpg]](https://i.ibb.co/wdTW4m8/creampie-CU-14117543.jpg) भाभी ने थोड़ी देर तक उंगली गोल-गोल घुमाई, और फिर जो निकाली तो, जीजू की गाढ़ी, सफेद, खूब थक्केदार मलाई उनकी उंगली में लिपटी, चिपकी। 
मुझे दिखा के जरा सा उन्होंने चाट लिया और फिर क्या खुशी छलकी उनके चेहरे से, और उंगली मेरे मुँह की ओर बढ़ाई। 
 
मैं जरा सा बिदकी तो फिर डांट और उससे ज्यादा गालियां-
“ज्यादा छिनारपना न कर, नीचे वाले मुँह में ऊपर तक बजबजा रहा है और ऊपर वाले मुँह में? 
खोल मुँह सीधे से, छिनार की जनी, चूतमरानो, अरे ये होली का प्रसाद यही है। 
होली के दिन वो भी जीजू से, फिर पहली बार, चख ले इसे, देख तुझे होलिका माई का आशीर्बाद मिलेगा, 
लण्ड की कोई कमी नहीं रहेगी, एक से एक मोटे-मोटे मिलेंगे…” 
 
और मैंने चाट लिया, सच में क्या स्वाद था।
खूब मीठा जैसे रबड़ी में शहद मिला दिया गया हो।
 
भाभी- ![[Image: holi.jpg]](https://i.ibb.co/Mn4LR5k/holi.jpg) “अब देख तुझे लण्ड की कोई कमी नहीं रहेगी, वैसे भी हिचक तुझे फड़वाने की थी, डर लगता है भाभी, बहुत दर्द होगा? 
लोग क्या कहेंगे? कहीं कुछ गड़बड़ हो गया तो? नहीं फड़वाना मुझे बस? शादी के बाद सीधे…”
भाभी ने मेरी आवाज की नकल करते हुए मेरे बहाने गिनाए और खूब चिढ़ाया। 
 
फिर समझाया भी- 
“यार अब रास्ता खुल गया है, तो आने जाने वालों को मना मत करो, जितनों का मन रखोगी, तुझे दुआ ही देंगे। फिर एक बार तेरी सहेली ने चारा खा लिया है न, तो अब तो रोज उसे खुजली चढ़ेगी…”
 
खाना खाते समय भी भाभी की छेड़खानी, चुहलबाजियां जारी रही। ![[Image: VCUegAD.jpg]](https://i.ibb.co/w0dzyvx/VCUegAD.jpg)  
	
	
	
		
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		रसीली भाभी 
![[Image: tumblr-mtg2om-N30-H1sni1p6o1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/H7812BD/tumblr-mtg2om-N30-H1sni1p6o1-1280.jpg) भाभी- “अब देख तुझे लण्ड की कोई कमी नहीं रहेगी, वैसे भी हिचक तुझे फड़वाने की थी, डर लगता है भाभी, बहुत दर्द होगा? लोग क्या कहेंगे? कहीं कुछ गड़बड़ हो गया तो? नहीं फड़वाना मुझे बस? शादी के बाद सीधे…” 
भाभी ने मेरी आवाज की नकल करते हुए मेरे बहाने गिनाए और खूब चिढ़ाया। फिर समझाया भी-
“यार अब रास्ता खुल गया है, तो आने जाने वालों को मना मत करो, जितनों का मन रखोगी, तुझे दुआ ही देंगे। फिर एक बार तेरी सहेली ने चारा खा लिया है न, तो अब तो रोज उसे खुजली चढ़ेगी…”
 
खाना खाते समय भी भाभी की छेड़खानी, चुहलबाजियां जारी रही।
 
मैं भी भाभी को देखकर मुश्कुरा रही थी, मुझे चलते समय उनकी और जीजू की कानाफूसी बार-बार याद आ रही थी- 
“ननदोई जी इतनी प्यारी कच्ची कुँवारी साल्ली को आपको दिलवा दिया, मेरी फीस?”
 ![[Image: 5bd3587523733a72e4692e2e1752ded3.jpg]](https://i.ibb.co/WtyQYS2/5bd3587523733a72e4692e2e1752ded3.jpg) वो मुश्कुरा के उन्हें याद दिला रही थीं। 
 
जीजू- “अरे सलहज जी, इसीलिए तो रंगपंचमी के एक दिन पहले आ रहा हूँ, वो भी एकदम सुबह, दो दिन, तीन रात, एकदम आपकी फीस मिलेगी और सूद समेत मिलेगी…” 
जीजू ने कचकचा के उनके उभार दबाते हुए बोला।
 
भाभी का एक हाथ वहीं मेरी सहेली के ऊपर, कभी सहलाती, कभी दबा देतीं और उनकी बातें-
“अरे जानू आज तो ट्रेलर था, जब रंगपंचमी में ननदोई जी आएंगे न तो अपने सामने करवाऊँगी…”
 
मैं- “भाभी, लेकिन आपको भी करवाना होगा मेरे सामने, मेरे साथ-साथ…” ![[Image: Girl-d7e319cbfaa7c8229c57fb97d9353456.jpg]](https://i.ibb.co/fXPfzMT/Girl-d7e319cbfaa7c8229c57fb97d9353456.jpg) मुझे बार-बार जीजू और भाभी की बात याद आ रही थी इसलिए मैंने उन्हें छेड़ा।
 
भाभी- 
“एकदम मेरी सोनचिरैया, मेरी प्यारी बिन्नो, आज से सब कुछ मिल बांटकर, और अगर एक लड़की पे दो-दो लौड़े एक साथ चढ़ के मजे ले सकते हैं तो दो लड़कियां एक साथ क्यों नहीं? ![[Image: FFM-G-tumblr-nwhxor-FAy-T1uosj7xo1-250.gif]](https://i.ibb.co/3p3MPns/FFM-G-tumblr-nwhxor-FAy-T1uosj7xo1-250.gif) अरे तेरी चोदेंगे तो मेरी चाटेंगे। तेरी दीदी बता रही थी की ननदोई राजा पक्के चूत चटोरे हैं। वो भी चेक कर लेंगे हम दोनों। रंगपंचमी की होली तो और तगड़ी होती है और फिर है भी कितने दिन?” 
भाभी ने मेरे मना करने पर भी एक पूआ और मेरी थाली में डालते बोला। 
 
तब तक मेरी निगाह मेरे टेबल पर रखे मोबाइल पर पड़ी, और मेरी जान सूख गई। 
जीजू के चीरहरण और श्रृंगार की मैं वीडियो बना रही थी, फिर उनके जाने के बाद टेबल पर ही रख दिया था,
साइलेंट मोड में भी था, ऊपर से होली का हंगामा, इसलिए देखना भूल गई। 
 
विनया के पूरे 127 मेसेज थे। 
 
अब जान बचने वाली नहीं। आप पूछेंगे विनया कौन? अरे बताती हूँ लेकिन जरा मेसेज तो पढ़ लेने दीजिये न? मुश्किल से 40-45 मेसेज पढ़े थे की मोबाइल घनघना उठा। 
वही विनया।
 
भाभी ने अपनी बड़ी-बड़ी पलकें उठाकर इशारे से पूछा- ![[Image: teej-3b8db492115cf78783c9762dc7dd4282.jpg]](https://i.ibb.co/SNDP8fW/teej-3b8db492115cf78783c9762dc7dd4282.jpg) किसका फोन है? 
 
मैंने बताया- “विनया का…” 
 
विनया उनकी मुझसे भी ज्यादा पक्की ननद थी, एकदम उनकी बिरादरी की, 
दोनों मिलके कबसे मेरी फड़वाने के चक्कर में पड़ी थीं। ![[Image: Dress-Reenu-04f681fc244f473f515c248f54213308.jpg]](https://i.ibb.co/1ZpYKWb/Dress-Reenu-04f681fc244f473f515c248f54213308.jpg) भाभी का चेहरा एकदम खिल गया, इशारे से ही वो बोलीं- 
“स्पीकर फोन आन कर दो…” 
	
	
	
		
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		विनया
![[Image: dress-nips7322537fbbcbf930defa66e82e1948f7.jpg]](https://i.ibb.co/g77vfHx/dress-nips7322537fbbcbf930defa66e82e1948f7.jpg) भाभी ने अपनी बड़ी-बड़ी पलकें उठाकर इशारे से पूछा- किसका फोन है? मैंने बताया- “विनया का…” 
 
विनया उनकी मुझसे भी ज्यादा पक्की ननद थी, एकदम उनकी बिरादरी की, दोनों मिलके कबसे मेरी फड़वाने के चक्कर में पड़ी थीं। भाभी का चेहरा एकदम खिल गया, इशारे से ही वो बोलीं- 
“स्पीकर फोन आन कर दो…”
 
फोन जैसे ही आन हुआ, गालियों की बौछार, बिना रुके कम से कम दो मिनट तक…
विनया थी ही ऐसी, उसके फोन के बीच में बोलना मुश्किल था। 
 
विनया- 
“तू भी न, किससे गाण्ड मरवा रही थी, फोन उठाने की फुर्सत नहीं थी तुझे। इत्ते मेसेज किये। अपने यारों से कहीं चूची मिजवा रही थी? किसकी मोटी पिचकारी पिचका रही? तेरी तो मैं फाड़ के दम लूंगी। भोंसड़ी की…”
 ![[Image: dress-nip-poking-b73a50975d230dd7d042a878bcfe7d7a.jpg]](https://i.ibb.co/gvMjCj8/dress-nip-poking-b73a50975d230dd7d042a878bcfe7d7a.jpg) उसकी गालियां और देर तक चालू रहती अगर भाभी बीच में न बोलतीं- ![[Image: bhabhi-6.jpg]](https://i.ibb.co/RP79bJk/bhabhi-6.jpg) “विनया, तेरी बात आधी सही है। तेरी ये कोरी सहेली गाण्ड नहीं मरवा रही थी, लेकिन बुर चुदवा रही थी, 
लण्ड घोंट रही थी गपागप, अब ये मेरी और तेरी कैटेगरी में आ गई है। 
इसकी भी फट गई है, हाँ भोसड़ी वाली नहीं बनी है, लेकिन अगली होली के पहले ये मेरी और तेरी जिम्मेदारी है…” 
 
विनया ने फिर बात काट दी, वो खुशी से खिलखिला रही थी, खुशी उससे रोके नहीं पड़ रही थी। बोली- 
“अरे भाभी, ये तो आपने बहुत अच्छी खबर सुनाई। लेकिन एक बार से किसी चिरैया का पेट भरता थोड़ी है?
और ऊपर से ये आपकी छुईमुई टाइप ननद. कल कहे की गलती हो गई, और फिर अपनी जाँघें सिकोड़ ले।
मैं इसको इसीलिए बार-बार मैसेज कर रही थी की तीन बजे मेरे यहां आ जाये। मेरे जीजू आने वाले हैं अभी। 
अपने सामने आज उसकी ओखली में मोटा मूसल चलवाऊँगी, तीन-चार बार से कम नहीं। 
एक बार मेरे सामने मेरे जीजू से चुद जाएगी न फिर साल्ली नौटंकी उसकी बंद हो जायेगी, 
और चूतड़ उचका-उचका के घोंटेगी। वैसे भी उसके मस्त चूतड़ों ने पूरे शहर में आग लगा रखी है…” ![[Image: rear-end-hump-day-hq-5.jpg]](https://i.ibb.co/Fx2FVxQ/rear-end-hump-day-hq-5.jpg) अब बात मैं नहीं, भाभी और विनया कर रहे थे, मैं सिर्फ फोन पकड़े थी। 
 
भाभी बोलीं- 
“एकदम, ये तो बहुत अच्छी खबर सुनाई तूने। अरे ये जरा भी नखड़ा करेगी न… 
तो मैं इसके चूतड़ पे लात मार के भेज दूंगी तेरे यहाँ। होली के दिन जीजू के साथ मस्ती, अगर जरा भी नखड़ा करे न
, तो हाथ पैर बाँध के…” 
 
विनया ने फिर बात काटी- 
“एकदम भाभी, अरे लौटेगी तो आप उंगली डालकर चेक कर लीजिएगा इसकी चुनमुनिया। सड़का टपकता जाएगा, 
यहां से आपके घर तक। हैप्पी होली भाभी…” 
 
उसके फोन रखने के पहले भाभी ने भी हैप्पी होली बोल दिया, लेकिन मुझे कुछ नहीं बोलने दिया। 
 
ऊप्स मैंने विनया के बारे में तो बताया ही नहीं। 
 
खैर, आप सोच लीजिए। 
एक ग्यारहवीं में पढ़ने वाली गोरी किशोरी, रंग जैसे दूध में इंगूर डाल दें, खूब गोरी गुलाबी, गाल भरे-भरे और उभार मुझसे बीस नहीं तो उन्नीस भी नहीं थी। मेरी पक्की सहेली क्लास 8वीं से। उसका घर मेरा घर। ![[Image: hot-sale-all-match-model-soft-dress-nips...40x640.jpg]](https://i.ibb.co/yPTknrG/hot-sale-all-match-model-soft-dress-nips-jeans-vest-underwear-women-Halter-bralette-bottoming-shirt-women-wild-jpg-640x640.jpg) बस एक बात का फरक था, देने में वो कंजूसी नहीं करती थी, उसने किसको किसको दिया? कब दिया? 
जब उसे नहीं याद रहता था तो मुझे कहाँ से याद रहेगा। हाँ देने के बाद मुझे बताती जरूर थी। 
और मेरी भाभी से भी उसका कोई राज नहीं छुपा था।
 
लेकिन उसकी सबसे पहले ली थी उसके जीजू ने, थे भी वो कुछ ज्यादा ही बोल्ड। 
कोहबर में जब जूते चुराए गए, उसी समय, और मैं भी थी वहां, वो बोले- 
“तुमलोग जो भी कहोगी मैं दे दूंगा, लेकिन मैं भी कुछ मांगूगा तो मना मत करना…” ![[Image: bride-g-3.jpg]](https://i.ibb.co/yV98whC/bride-g-3.jpg) जीजू की निगाह सीधे विनया के कच्चे टिकोरों से चिपकी थी। कोहबर में घुसते हुए वो उसे रगड़ते दरेरते घुसे।
 
विनया शर्म से गुलाल हो गई। कोहबर से निकलते समय, जब सब लोग रसम में लगे थे, 
उन्होंने फिर हल्के से विनया से कहा- “साली जी मैंने कुछ पूछा था?”
 
खिलखिलाते हुए विनया बोली- 
“अरे वो साली क्या जो मेरे ऐसे हैंडसम प्यारे-प्यारे जीजू को मना कर दे? 
और वो जीजू क्या, जो साली के मना करने पर मान जाएं?” ![[Image: Dress-anuja-nips.jpg]](https://i.ibb.co/PYf0mzN/Dress-anuja-nips.jpg) उसी दिन शाम को रिशेप्शन में, विनया की दीदी के पहले, विनया का नंबर लग गया। 
और अब हर महीने बीस दिन पर उसके जीजू आ जाते थे, फिर तो न वो दिन देखते थे न रात, ![[Image: fucking-teen-tumblr-ohhe3s3-Gu-V1uub86yo1-500.gif]](https://i.ibb.co/7n9tchS/fucking-teen-tumblr-ohhe3s3-Gu-V1uub86yo1-500.gif) और अगले दिन, विनया जब तक मुझे पूरा किस्सा नहीं सुना लेती थी उसे चैन नहीं पड़ता था। 
 
फोन रखने के पहले मैं कुछ बोलने वाली थी। 
पर मैं कुछ बोलती उसके पहले भाभी ने सीधे खीर की कटोरी मेरे मुँह में लगा दी। बोलीं- 
“अरे इतनी अच्छी खबर, मुँह तो मीठा करना बनता है यार। देख मैं तुझसे कह रही थी होली के दिन, 
जीजू का, ये होली का परसाद है, होलिका देबी का आशीर्बाद है और कितना जल्दी असर हुआ। 
मैंने बोला था न अब तुझे इतने मोटे-मोटे लण्ड मिलेंगे, और देख आज ही, विनया के जीजू का देखो, 
आज देखना कैसे जम के रगड़ाई होती है तेरी…” 
 
कटोरी हटने के साथ मैं बोलीं- 
“ठीक है भाभी, होगी रगड़ाई जम के तो हो जाय, फिर होली है, जैसे विनया के जीजू वैसे मेरे जीजू। 
लेकिन आपका मुँह भी तो मीठा करा दूँ…” 
 
“मैं खुद कर लुंगी…” 
वो बोली और सीधे उनके होंठ मेरे होंठों पे, पहले तो वहां लगी खीर का रस चाटती रहीं वो, 
फिर सीधे होंठ रस और कुछ देर बाद उनकी जीभ मेरे मुँह के अंदर थी। ![[Image: lez-kiss-18011096-3.gif]](https://i.ibb.co/c8XZgBd/lez-kiss-18011096-3.gif) खाने के बाद हम लोग थोड़ी देर लेट लिए। अभी भी डेढ़ घंटे से ऊपर टाइम था तीन बजने में, भाभी ने ऊपर से पौने तीन बजे का अलार्म भी लगा दिया। 
	
	
	
		
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		होली की शाम लेटते ही उन्होंने पहले तो मुझे जोर से अपनी बाहों में बांधा, फिर एक नया राग शुरू कर दिया- 
“अरे यार तू अपने उस ‘चाहने वाले’ को लिफ्ट क्यों नहीं देती?” मैं समझ रही थी भाभी का इशारा किस तरफ है, 
वही जिसके रंग भरे गुब्बारे का निशाना सीधे मेरे उभार पे लगा था, जब मैं भाभी के साथ छज्जे पर से झांक रही थी।
 ![[Image: holi-photos-1489486893190.jpg]](https://i.ibb.co/jfHnpSz/holi-photos-1489486893190.jpg) रोज तो साइकिल से मेरे रिक्शे के पीछे-पीछे, जब से मैं हाईकॉलेज में गई थी, तभी से मेरे पीछे पड़ा था। 
 
सारी लड़कियां उसका नाम ले लेकर मुझे चिढ़ाती थीं। 
 
भाभी- 
“देख जीजू से तो कभी-कभी ही, होली दिवाली में, कभी वो आये, 
लेकिन अगर एक बार तू उसे लिफ्ट दे दे ना, मैंने उसे ठीक से देखा है, मैं गारण्टी करती हूँ, औजार उसका मस्त होगा, फिर उसके साथ तो जब चाहे तब मस्ती…” 
 
बात में भाभी के दम था।
लेकिन बात टालने के लिए मैं बोलीं-
“छोडिए भाभी, अभी थोड़ी देर सो जाइये न, थकान लग रही है…” 
 
हम दोनों सो गए, पौने तीन बजे भाभी का अलार्म बजा।
 
उसके साथ विनया का फोन, तू अभी तक चली नहीं?
विनया का फोन था, अरे आप भूल गए विनया को, पिछली पोस्ट में ही तो बताया था न। 
चलिए फिर से मिलवा देते हैं- मस्त माल, पटाखा, और न जाने क्या-क्या लड़के उसे कहते हैं और वो बुरा भी नहीं मानती, 
बल्कि मुश्कुरा देती है, और कई बार पलट के जवाब भी दे देती है। सुरू के पेड़ की तरह लम्बी छरहरी, खूब गोरी, गुलाबी, भरे-भरे गाल गुलाब जैसे, बड़ी-बड़ी कजरारी आँखें, 
और उभार तो बस, ये समझिए की जवानी बड़ी शिद्दत से आई है उस पर। 
जोबन मुझसे बीस नहीं तो उन्नीस भी नहीं है। उभार, कटाव सब, चलती है तो आग लगा देती है। 
और सबसे बड़ी बात, ना करना तो उसने सीखा नहीं है।
 ![[Image: Diya-hot-mall.jpg]](https://i.ibb.co/1qps747/Diya-hot-mall.jpg) उसके जीजू उसके कच्चे टिकोरों के कोहबर में दीवाने हो गए थे, 
और रिसेप्शन में ही, अपनी साली की कच्ची सील तोड़ दी। ![[Image: fucking-teen.jpg]](https://i.ibb.co/c2NBJn1/fucking-teen.jpg) विनया ने जरा भी बुरा नहीं माना, बल्कि पहला मौका मिलते ही, करीब हर महीने, 
और कॉलेज में दिन भर उसका रेडियो बंद ही नहीं होता था। 
 
पक्की सहेली है मेरी, इसलिए सब कुछ मुझे बताती थी, कई बार तो मुझे यकीन भी नहीं होता था, 
किसी का इतना लम्बा मोटा हो सकता है, लेकिन वो कसम दिला-दिला के, और फिर चिढ़ाती थी- 
“कब तक कोरी बचा के रखेगी, अरे यार कह तो अपने जीजू से फड़वा दूँ तेरी, फिर मिल के हम दोनों, 
सच्ची यार वैसे भी जीजू तेरे जुबना के दीवाने हैं…”
 
फट तो मेरी गई, बस थोड़ी देर पहले, होली के हंगामे में, और मेरे अपने सगे जीजू ने फाड़ी। 
अबकी होली का मजा ये भी था, की 12वीं के एक्ज़ाम हो रहे थे, इसलिए हम लोगों की छुट्टी थी। 
अब अगली साल हम लोगों के भी बोर्ड के इक्जाम के बीच होली आएगी, पर अभी तो फुल टाइम मस्ती। 
 
ऊपर से विनया रानी का हुकुम, शाम होने के पहले मैं उसके यहाँ पहुँच जाऊँ। जीजू आ रहे हैं उसके। 
मेरे पास कुछ ना नुकुर करने का भी मौका नहीं था, उसने मेरी भाभी को मेरे पीछे लगा दिया। 
 
मेरी भाभी, मुझसे ज्यादा उसकी भाभी थीं। और विनया की तरह वो भी मेरे पीछे पड़ी रहती थीं की 
मैं जल्दी से अपनी गौरेया को चारा खिलाऊँ। और जब उन्हें पता चला की विनया के जीजा, तो बस फिर तो। 
 
उठ तो मैं अलार्म से ही गई थी, तीन बजे का लगाया था।
फिर विनया का फोन, पहले तो मैंने सोचा था की शलवार सूट पहनूं। 
फिर एक टाप निकाला। 
 
भाभी जग गईं थीं, बिस्तर पर से टुकुर-टुकुर देख रही थीं, तुरंत उठकर खड़ी हो गईं और मेरे हाथ से टाप छीन के वापस रख दिया।
मेरे ब्रा का हुक पीछे से पकड़कर भाभी ने हल्के से खींचा, और फिर दोनों उभारों को कचकचा के दबोचते हुए छेड़ा- ![[Image: lez-gif-1.gif]](https://i.ibb.co/j3VbpxP/lez-gif-1.gif) “जानू, आज तो इन कबूतरों को खुल के उड़ने दो, ये ढक्कन क्यों लगा रखा है।
फिर वो तेरा आशिक भी तो मिलेगा रास्ते में, जब ये कच्चे टिकोरे थे, तब से इनका दीवाना है।
आज होली की शुरुआत भी तो उसी ने की थी, जरा खुल के उस बिचारे को होली के दिन तो झलक दिखा दो…” |