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06-12-2020, 11:56 AM
(This post was last modified: 04-01-2021, 09:24 AM by odinchacha. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
HELLO DOSTON MEIN IS THREAD MEIN SHORT SEX STORIES POST KARUNGA ......
ENJOY THE STORIES ......
1ST STORY COMING IN JUST FEW MINUTES....
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दोस्त की मां और मैं
नमस्कार दोस्तों, मैं राहुल आज आपके सामने एक कहानी रखने जा रहा हूं। यह बात उस वक़्त की है, जब मैं बारहवीं पास करके कॉलेज की पढाई कर रहा था।
उस समय मैं द्वितीय साल में था, और मैं पढाई में कोई बहुत खास नही था। अक्सर मैं और मेरे दोस्त अपने फालतू के समय में उसके घर पर जाकर आराम करते थे। उसका घर कॉलेज से पास में ही था।
उसके घर में वो, उसकी एक बहन, और उसकी मां ही रहते है। उसके पापा ने उसकी मां से तलाक लिया हुआ है, तो वो दोनों अलग ही रहते है।
मेरे उस दोस्त का नाम था विजय। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, हमेशा साथ में रहनेवाले। जब भी कॉलेज में कोई काम नही होता, तो हम जाकर उसके घर में बैठ जाते थे।
अब तो उसके घरवाले मुझे अच्छी तरह से जानने लगे थे। कभी कभी वो कुछ काम से बाहर गया होगा, तो भी मैं जाकर उसके घर में बैठ जाता। उसकी बहन हमसे छोटी थी, वो अब बारहवीं में पढ़ रही थी।
उसकी मां अब भी सजती-संवरती थी। उसकी मां दिखने में किसी हीरोइन सेकम नही लगती थी,
पता नही उसके पति ने उसे क्यों छोड दिया।
वहां कॉलेज के आसपास विजय की मां को लेकर बहुत सारी अफवाएं फैली हुई थी, लेकिन उसे हम कुछ नही कर सकते थे। एक दिन ऐसे ही दिन में मैं कॉलेज में बोर हो रहा था, तो विजय के घर चला गया।
वो आज कॉलेज नही आया था, घर पर पूछने पर पता चला कि, वो तो किसी काम से पासवाले गांव गया हुआ है। घर में उस वक़्त सिर्फ उसकी मां ही थी। जब मैं वापस कॉलेज के लिए निकलने लगा, तो उसकी मां ने मुझे बुलाकर कुछ देर रुकने के लिए कहा।
मैं भी उनकी बात मानकर रुक गया और अंदर जाकर टीवी देखने लगे गया। कुछ ही देर में आंटी मेरे लिए चाय लेकर आ गई, तो हम दोनों मिलकर चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद, पता नही मुझे क्या होने लगा था?
अचानक ही मेरे मन में चुदाई की इच्छा जागने लगी। मेरी हालत खराब हो रही थी, मुझे देखकर आंटी ने हंसते हुए मुझसे कहा, “क्या हुआ राहुल बेटा? सब ठीक तो है?”
मैं उन्हें क्या कहता, मैंने उन्हें हां बोलकर अपना लण्ड छिपाने की कोशिश करने लगा। अपने आप ही मेरा लण्ड खडा होने लगा। मैंने जल्दी से चाय खत्म की, और घर से निकलने लगा।
तभी आंटी मुझे रोकने का प्रयास करने लगी, और इतने में उनकी साडी का पल्लू हट गया। पल्लू हटते ही मेरी नजर सीधे उनके ब्लाउज में कैद हुए दो संतरों पर पडी, जो उसके ब्लाउज को फाडकर बाहर निकलने को बेताब थे।
अब मुझे लगने लगा, आंटी ने ही चाय में कुछ मिलाया था। और मैंने तभी आंटी को अपनी बाहों में भर लिया। मैंने उसे जोर से अपने गले से लगाकर उसके होठों को चूमने लगा।
आंटी भी मेरा साथ देने लगी, उसका मेरे होठों पर जीभ फिराते हुए चूमने का अंदाज मुझे पागल किए जा रहा था।
तभी मैंने आंटी को रोकते हुए कहा, “आंटी, पहले दरवाजे और खिडकियां बंद कर दो। फिर तेरी चुत की शांति करूंगा। तेरे बारे में बहुत सुना है मैंने।”
तो आंटी कहने लगी, “अब तो आंटी मत बोल, जान बोल मुझे। जा जल्दी से दरवाजा बंद करके आ और चोद दे अपनी जानू को।”
मैं दरवाजा बंद करने लगा, तब तक आंटी ने खिडकियां बंद कर दी। अब पूरे घर में हम दोनों ही थे। अब विजय की मां मुझे सीधा अपने कमरे में ले गई। और अंदर जाते ही उसने सबसे पहले मेरे कपडे उतार दिए।
मेरे कपडे उतारने के बाद, उसकी नजर मेरे लण्ड पर जाते ही उसने उसे अपनी हथेली में कैद कर लिया। अब वो नीचे घुटनों के बल बैठ गई, और मेरे लण्ड को अपने मुंह में भरकर गपागप चूसने लगी।
बीच बीच में वो मेरे टट्टों को भी अपने हाथ से सहला देती। उसने चूस-चूसकर मेरा लण्ड पूरी तरह से गिला कर दिया था। अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके कपडे उतारने लगा।
उसने कुछ ज्यादा पहना ही नही था, ना ब्रा पहनी थी, और न ही पैंटी। साडी के बाद ब्लाउज उतारते ही उसके दोनों उरोज मेरी आंखों के सामने नंगे थे।
उसके नंगे उरोजों को मैंने अपने मुंह में भरकर चूसते हुए, नीचे हाथ लाकर उसके पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया। अब मैं पूरी तरह से उसके ऊपर आ गया था, और उसके चुचियों को चूसकर लाल किए जा रहा था।
धीरे धीरे मैं नीचे की ओर बढते हुए उसके शरीर के हर हिस्से को चूम रहा था। जब मैं उसकी चुत के पास पहुंचा, तो उसकी चुत की खुशबू मेरे नथुनों में फैल गई।
अब मैंने सीधे अपने होंठ उसकी चुत पर रखते हुए उसकी चुत में अपनी जीभ घुसाने की कोशिश करने लगा। थोडी ही देर में उसकी चुत अच्छी तरह से गीली हो गई, तो अब मैंने देर न करते हुए उसके उपर चढते हुए अपने लण्ड को उसकी चुत में उतार दिया।
सच में उसकी चुत का पहले से ही भोसडा बना हुआ है। मुझे अब लगने लगा, जो भी इसके बारे में लोग बोलते है, सच ही है। खैर मैं अपना लण्ड उसकी चुत में उतारकर जोरदार तरीके से उसकी चुदाई करने लगा।
तभी आंटी मुझे बोली, “राहुल पिछले महीने मैंने गलती से तेरे लण्ड को देख लिया था, तब से यह चुत इसे लेने के लिए तडप रही थी। आज मौका देखकर मैंने तुझे अपना बना ही लिया।”
मैंने उसकी बातों पर ध्यान न देते हुए उसे चोदना जारी रखा। अब मुझे वो किसी रंडी से कम नही लग रही थी। कुछ देर बाद, मैंने उससे पोजिशन बदलने के लिए कहा, तो वो उल्टी होकर लेट गई।
मैंने उसकी दोनों टांगे फैलाकर उनके बीच में आते हुए अपने लण्ड को हाथ मे पकड लिया। लण्ड से अब मैं उसके चूतड़ों पर मारने लगा।
फिर मैंने लण्ड को उसके पीछे से चुत पर रखकर एक ही धक्के में अपना पूरा लण्ड उसकी चुत में उतार दिया।
अब मैं पीछे से उसकी चुत मार रहा था। मैंने एक तकिया लेकर उसकी कमर के नीचे रख दिया, जिससे उसकी गांड थोडी ऊपर को उठ आए।
मेरे ऐसा करते ही वो आने घुटनो के बल खडी हुई और अपने हाथ आगे बिस्तर पर रखकर झुक गई। अब वो डॉगी स्टाइल में अपनी चुत मरवाना चाहती थी।
मैंने भी उसके चुतडों को सहलाते हुए पहले एक-दो चांटे लगाते हुए, अपने लण्ड को उसकी गांड की दरार में रगडने लगा। जब उसके चूतड पूरी तरह से लाल हो चुके थे, तब जाकर मैंने अपने लण्ड को उसकी चुत पर रखा।
फिर मैंने नीचे झुककर उसकी दोनों चुचियों को अपने हाथ में पकड लिया। अब उसकी चुचियों को पकडकर मसलते हुए मैं उसकी चुत में अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहा था। इस पोजीशन में मेरे लण्ड को बहुत मजा आ रहा था।
अब तक वो एक बार झड चुकी थी, और अब मैं भी आने वाला ही था। मैंने उससे पूछा, “अपना माल कहां निकालूं?”
इस पर उसने कहा, “मेरी चुत में ही निकाल दे, लण्ड पूरा अंदर डालकर वीर्य निकाल।”
यह सुनकर अब मैं पूरी तरह मस्त होकर जोर जोर से उसे धक्के मारने लगा। अगले चार-पांच धक्कों में मैं उसकी चुत में ही झड गया।
फिर कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे। फिर आंटी ने खुद उठकर हम दोनों को साफ किया और फिर एक बार चुदाई का दौर चल पडा। इस बार मेरा लण्ड झडने का नाम ही नही ले रहा था।
आखिर में आंटी को चूसकर मेरे लण्ड का पानी निकालना पडा। जब कपडे पहनकर मैं घर से बाहर निकला, तो वहां विजय की बहन खडी थी। वो भी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी। मैंने ध्यान न देते हुए सीधा अपने घर निकल आया।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
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ससुर का मोटा लण्ड
सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार मैं प्राची आज आपके सामने एक कहानी लेकर हाजिर हूं।
इस कहानी में पढिए किस तरह से मेरे ससुर ने मेरे साथ चुदाई करके मुझे अपने लण्ड का दीवाना बना दिया। मेरी उम्र २७ साल है, और मैं राजस्थान की रहनेवाली हूं। मेरी शादी को अब तीन साल हो चुके है।
मेरे ससुराल वाले घर में मैं, मेरे पति, और उनके माता-पिता यानी मेरे सास-ससुर रहते है। मेरे पति अपना पुश्तैनी कारोबार संभालते है, जिस चक्कर में उन्हें अक्सर दूसरे जिले में जाना पडता है।
इस चक्कर में वो कभी कभी चार-चार दिन तक घर नही आते। मैंने शादी के बाद, अपने पडोसियों से अपने ससुर के बहुत किस्से सुने हैं।
मेरे ससुर ने उस मोहल्ले की बहुत सी औरतों को चोदकर अपने लण्ड का दीवाना बना लिया था। मेरे ससुर की नजर मुझे भी कभी ठीक नही लगी, लेकिन मैं उन्हें कुछ नही कह सकती थी।
मेरे पडोस में एक औरत थी, सुमन। सुमन और मैं अच्छे दोस्त बन गए थे। वो भी मेरे ससुर के नीचे लेट चुकी थी, और अब भी अगर मौका मिले तो वो उनसे अपनी चुत चुदवाने को तैयार थी।
वो मुझे भी अक्सर कहती थी, “यार तेरे घर में तो इतना मस्त लण्ड है, एक बार उससे अपनी चुत चुदवा ले। फिर तू खुद ही उसके पास जाया करेगी।”
सुमन ने मुझे यह सब बोल-बोलकर ही मेरे मन में अपने ससुर के लिए थोडी जगह बना दी। अब तो जिस दिन रात में मेरे पति काम की वजह से घर नही आते, तो मैं अपने ससुर के बारे में सोचने लगी थी।
एक दिन मेरी सास के मायके में उनके भाई की तबियत खराब थी, तो अचानक से मेरी सास को उनके पास जाना पडा। मेरी सास का मायके का घर और ससुराल एक ही शहर में है।
ससुर जी भी हॉस्पिटल में जाकर अपने साले को देखकर रात को वापस आ गए। मेरी सास वहीं हॉस्पिटल में रुक गई। उस रात मेरे पति भी घर नही आनेवाले थे।
तो मैंने मेरे ससुर के आते ही, उनसे फ्रेश होने के लिए कह दिया। फ्रेश होने के बाद, हम दोनों ने एकसाथ ही खाना खा लिया।
खाना खाकर मेरे ससुर अपने कमरे में चले गए। रात को उन्हें सोने से पहले दूध पीने की आदत है, आज सासु-मां नही थी, तो मैंने सोचा क्यों न आज ससुर के लण्ड से मजा लिया जाए।
तो मैंने जल्दी से अपना सारा काम खत्म कर दिया और फिर जल्दी से नहाकर पूरी तरह तैयार हो गई। मैंने आज अपनी सबसे सेक्सी नाइटी पहनी थी, जिसमें से मेरा पूरा बदन साफ साफ दिख रहा था।
अंदर मैंने ब्रा नही पहनी थी, बस पैंटी थी जो मात्र चुत को ढक रही थी। मेरे दोनों चूतड पीछे से आसानी से देखे जा सकते थे।
नाइटी का गला भी काफी खुला हुआ था, अगर मैं थोडा सा भी झुक जाती, तो सामने वाले को मेरे स्तनों के दर्शन हो जाते। मैं इस तरह से तैयार होकर अपने ससुर के लिए दूध लेकर उनके कमरे में गई।
जब मैं उनके कमरे में गई, तो वो अपनी लुंगी के ऊपर से अपने लण्ड को मसल रहे थे। मेरे कमरे में जाने के बाद भी उन्होने अपना हाथ वहां से हटाने की कोई जल्दी नही की। मुझे देखकर वो मेरी तरफ देखते ही रह गए।
मैं उनके पास गई और दूध का गिलास उनके सामने कर दिया। दूध का गिलास देते वक्त मैं जान-बूझकर थोडा सा झुक गई, जिस वजह से मेरे ससुर को मेरे स्तनों के दर्शन हो जाए।
मेरे ससुर तो एकदम आंख फाडे हुए मेरी चुचियों की तरफ ही देखने लग गए। फिर मैं कमरे से निकलने लगी, उन्होंने मुझे दरवाजे तक जाने दिया और जैसे ही मैं कमरे के बाहर अपना पैर रखने वाली थी, आवाज लगा दी।
ससुर ने कहा, “आज तो शाम भी नही आनेवाला, तो थोडी देर बैठ जाओ, बातें करके फिर सोने चली जाना।”
मुझे भी यही चाहिए था। अब दोनों के मन में चुदास थी, लेकिन पहल कोई नही कर रहा था। मैं भी जाकर अपने ससुर के बिस्तर पर उनके बिल्कुल पास होकर बैठ गई।
मेरे ससुर ने बिना कुछ बोले, दूध पीते हुए अपने लण्ड को हल्के से मसलकर थोडा सा लुंगी के बाहर निकाल लिया। अब मैं उनके लण्ड के टोपे को देख सकती थी, जो पूरी तरह से गुलाबी था।
तो मैंने भी उनके सामने ही अपनी दोनों चुचियों को नाइटी के ऊपर से ही पकडकर ऊपर की ओर उठा दिया। अब दोनों को ही एक दूसरे के इरादे साफ होकर नजर आने लगे।
मेरे ससुर ने अगले ही पल एक घूंट में दूध खत्म कर दिया और मेरी ओर आकर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए।
सुसर जी इतनी जल्दी यह सब शुरू करेंगे, ऐसा मुझे नही लगा था।
खैर मैं भी बिना उनका विरोध किए, उनके चुम्बन का साथ दे रही थी। फिर ससुर जी ने मुझे चूमते हुए ही, मेरी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर मुझे बिस्तर के बीच में लाकर बिठा दिया।
ससुर जी दो पल के लिए मुझसे अलग हुए और उन्होंने खुद ही अपनी गंजी उतारकर फेंक दी। उन्होंने अब अपने हाथ मेरी नाइटी के ऊपर से ही मेरे स्तनों पर रख दिए और उन्हें जोर जोर से मसलते हुए मेरे गले पर चूमने लगे।
अब मैं भी अपने हाथों को उनके बदन पर घुमाने लगी थी। ससुर जी ने मुझे लिटाते हुए मेरी नाइटी को नीचे से ऊपर की ओर उठाने लगे।
उन्होंने मेरी नाइटी को मेरे चुचियों के ऊपर, मेरे गले तक लाकर रख दिया। अब उनके सामने मेरी नंगी चुचियां थी, जिसे वो खा जाना चाहते थे।
उन्होंने अपना मुंह मेरी चुचियों पर रख दिया और मैंने फिर खुद ही अपनी नाइटी को निकालकर अलग कर दिया। ससुरजी मेरी चूची चुसाई करते हुए अपने हाथ को मेरी चुत के आसपास घुमा रहे थे।
कुछ ही देर में उनका हाथ मेरी चुत को छूते हुए, उनकी उंगलियां मेरी चुत के भीतर थी। अब मैं और बर्दाश्त नही कर सकती थी, ऊपर से ससुर जी अपनी उंगलियों को मेरी चुत में अंदर बाहर कर रहे थे।
इसी बीच मैं एक बार झड चुकी थी, तो मेरी चुत काफी गीली हो चुकी थी। अब मैंने भी अपना हाथ उनके लण्ड के पास ले जाकर उनकी लुंगी को हटा दिया।
उनका लण्ड मेरे पति के लण्ड से काफी मोटा था, इसका मतलब आज मेरी चुत फिर से फटनेवाली थी। उनका लण्ड देखने के बाद, मुझे लण्ड चुसाई करने का मन होने लगा।
हम 69 की पोजिशन में आकर कुछ देर तक एक-दूसरे को अपने मुंह से खुश करने लगे। फिर ससुर जी ने मेरी टांगो को फैलाकर उन्हें अपने कंधों पर ले लिया और अपने मोटे लण्ड को मेरी चुत पर फिराने लगे।
मैं उनके नीचे पडी हुई लण्ड लेने के लिए तडप रही थी। फिर उन्होंने मेरे होठों पर अपने होंठ रखते हुए नीचे से लण्ड को मेरी चुत में घुसा दिया।
पहले झटके में तो सिर्फ उनका टोपा ही मेरी चुत में गया था, लेकिन मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा। इससे पहले मैं बस अपने पति के लण्ड से चुदी थी, जो मोटाई में इनके लण्ड से आधा ही था।
थोडी ही देर में दर्द चला गया तो एक और धक्के में उन्होंने अपना पूरा लण्ड मेरी चुत में उतार दिया।
इस धक्के के बाद, अब मैं बेहोश होने को थी। मुझेे मेरे आसपास क्या हो रहा है, कुछ समझ नही आ रहा था।
ससुर जी अब बिना रुके मेरी चुत में अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहे थे।
उसके बाद मुझे कुछ याद नही है, जब मेरी आंख खुली तो ससुर जी एक टॉवल लेकर मेरे बदन को गर्म पानी से साफ कर रहे थे।
उठने के बाद, मैं उनसे अपनी आंखें नही मिला पा रही थी। उन्होंने मुझे एक पेनकिलर दी, जो मैंने चुपचाप खा ली। उसके बाद, तो हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई कर लेते।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी,कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
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चाची की बेटी को बहुत मजे से चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरे चाचाजी की फेमिली में चाचा चाची और उनकी एक बेटी है और हमारा उनके साथ बहुत अच्छा प्रेम प्यार है। में उनके घर जाता रहता हूँ और मेरी चाची बहुत सेक्सी है और उनकी बेटी सारा मुझसे 3 महीने छोटी है। उसका तो जवाब ही नहीं है, इतनी सुंदर लड़की लाखो में एक होगी और उसकी सेक्सी टाँगे, काले खुले बाल, काली आँखें, गोल-गोल ब्यूटिफुल बूब्स, मोटी गांड अगर आप देख लो तो वहीं झड़ जाए, वो कपड़े भी बहुत सेक्सी पहनती है। हम कॉलेज से ही एक साथ पढ़ते है और अब कॉलेज में भी एक साथ ही है, कॉलेज से ही लड़के उस पर लाईन मारते थे। अब हम कॉलेज में भी एक साथ थे। वो कॉलेज में बहुत सेक्सी बनकर आती है, टाईट स्कर्ट या जीन्स जिसमें से उसकी गांड नजर आए और टाईट टॉप जिसमें से बूब्स की शेप बहुत अच्छी लगती है, कई बार तो उसके टॉप में से उसके निप्पल भी साफ-साफ दिखाई देते है। सब लड़के मेरी पीठ पीछे उसके बारे में बाते करते है, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। में क्लास में भी उसे देखता रहता हूँ। में और सारा शुरू से ही एक साथ रहते, खेलते और सब कुछ करते है। हम दोनों आपस में बहुत फ्रेंक है, उसके साथ गले मिलना और किस करना तो आम बात है। वो 3 साल पहले दूसरे घर में शिफ्ट हो गये, तो मुझे बहुत दुख हुआ। वो घर भी वैसे 5-6 किलोमीटर दूर ही होगा तो तब से में रोज शाम उनके घर जाता हूँ।
ये बात उस दिन की है, जब उसके मम्मी पापा 15 दिन के लिए बाहर घूमने गये थे और वो अकेली घर पर थी, इसलिए में उन दिनों उसके घर चला गया। फिर हम दोनों ने बहुत इन्जॉय किया, हम दोनों ने 2 दिन तक बहुत इन्जॉय किया और उसके हाथ का टेस्टी खाना खाया, इतना अच्छा खाना आपको होटल में भी नहीं मिलेगा। हम एक-एक मिनट साथ रहे, जब वो किचन में जाती थी, तो में भी किचन में और जब वो टॉयलेट जाती, तो में टॉयलेट के बाहर खड़ा हो जाता था। हम दोनों 2 दिन तक सोए भी एक ही रूम में थे। फिर तीसरे दिन वो जब नहाकर बाहर आई तो वो क्या गजब की लग रही थी? ब्लू मिनी स्कर्ट एक फुट से थोड़ी ज्यादा होगी और ऑरेंज शॉर्ट टॉप जो काफ़ी गहरे गले का था, जिसमें से उसके कंधे पूरे नजर आ रहे थे, उसके नीचे वो ब्रा नहीं पहनती थी, ताकि ब्रा की स्ट्रिप्स ना दिखे। वो मेरी क्या? कॉलेज में भी सबकी पसंदीदा ड्रेस होगी, में तो उस दिन उसे देखता ही रह गया था। फिर उसने पूछा कि कैसी लग रही हूँ? तो मैंने कहा कि हॉट एंड सेक्सी, तो उसने थैंक्स कहा। फिर हमने ब्रेकफास्ट किया और बेड पर बैठकर टी.वी. देखने लगे। अब में उसकी स्कर्ट की तरफ़ अपना मुँह करके उसकी नंगी टाँगे देखने लगा था और उसकी ऑरेंज पेंटी क्या मस्त थी? अब जब वो झुकती थी तो तब भी उसकी ऑरेंज पेंटी उसकी स्कर्ट के ऊपर दिखाई दे रही थी।
अब उसको सब पता चल रहा था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और फिर हमने 2-3 घंटे के बाद लंच किया। अब में टी.वी. पर कोई सेक्सी मूवी सर्च कर रहा था, तो केबल टी.वी. पर एक इंग्लिश मूवी स्टार्ट हुई थी। फिर मैंने सारा से कहा कि चलो देखे। अब हम दोनों एक साथ बैठकर मूवी देखने लगे थे। अब में मूवी कम उसे ज्यादा देख रहा था। फिर 15 मिनट के बाद ही न्यूड सीन आ गया, जिसमें 3 गर्ल्स के बूब्स दिख रहे थे। फिर वो उठाकर टॉयलेट करने चली गई, तो में भी कुछ देर के बाद टॉयलेट करने चला गया तो मैंने देखा कि उसकी ऑरेंज पेंटी वहाँ पर पड़ी थी। अब में बहुत खुश हो गया था और सोचा कि उसको भी सेक्स चढ़ गया है। फिर में वापस आकर बेड पर उसकी स्कर्ट की तरफ़ अपनी आँखे करके बैठ गया। फिर मैंने देखा कि वो बिना पेंटी के थी। उसने पिछली रात को ही अपनी चूत को शेव किया था। फिर में मूवी देखने लगा, उसमें गर्ल्स और लड़के के कई न्यूड सीन थे। फिर हम दोनों मूवी देखते रहे और किसी ने कोई विरोध नहीं किया। फिर एक लड़का और लड़की का सेक्स सीन आया, तो मैंने कहा कि वाह क्या बूब्स है? तो उसने कहा कि बहुत अच्छी शेप है, मेरे बूब्स भी ऐसे ही है। फिर मैंने पूछा कि तूने किसी का असली में लंड देखा है? तो उसने कहा कि हाँ तेरा देखा है।
में : कब?
सारा : जब में लास्ट छुट्टियों में आई थी, तो तू रूम में नहाकर नंगा ही आ गया था।
सारा : अच्छा है, मुझे पता था तू जानबूझकर ही नंगा आ गया था।
में : दुबारा देखना है?
सारा : हाँ-हाँ माई प्लेजर, तो मैंने कहा कि अपने आप पेंट खोलकर देख ले।
फिर उसने फटाफट मेरी पेंट, शर्ट, अंडरगारमेंट उतारकर मुझे पूरा नंगा कर दिया। अब मेरा 7 इंच का लंड पूरा खड़ा हो गया था। फिर उसने पूछा कि ये इतना ऊपर क्यों उठा हुआ है? तो मैंने उसे बताया कि जब लड़को को सेक्स चढ़ता है तो उनका डंडा बड़ा और ऊपर हो जाता है और उससे कहा कि अब तू भी तो कुछ दिखा दे। फिर उसने कहा कि तू अभी स्कर्ट के अंदर देख तो रहा था। फिर मैंने कहा कि क्लियर नहीं था। फिर सारा ने मुझसे कहा कि तो तू खुद ही मेरे कपड़े उतार ले। फिर मैंने पहले उसकी स्कर्ट उतारी तो मुझे उसकी शेव चूत देखकर मज़ा आ गया। फिर जब मैंने उसका टॉप उतारा तो में उसके बूब्स भी देखता ही रह गया, वाह क्या नज़ारा था? अब हम एक दूसरे के सामने 7 साल बाद बिल्कुल नंगे खड़े थे, क्योंकि 7वीं क्लास तक तो हम एक साथ नहाते थे, तो तब मैंने फर्स्ट टाईम उसे किस किया था और 15 मिनट तक हमारी जीभ एक दूसरे के मुँह में रही होगी। अब तब एक हम दूसरे के पार्ट्स को टच कर रहे थे।
फिर मैंने उसे लंड सक करने को कहा, तो वो अपने मुँह में मेरे लंड का टेस्ट चैक करने लगी। अब हम 69 की पोजिशन में बेड पर लेट गये थे और अब में उसकी चिकनी चूत के मज़े ले रहा था। फिर मैंने उसे बिना बताए अपना माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया। फिर उसने मेरा सारा माल पूरा बाहर थूक दिया और लास्ट का पी गई, उसे वो बहुत टेस्टी लगा था। अब उसका मुँह मेरे माल से भर गया था और अब उसका भी पानी छूट गया था, तो में उसे चाट-चाटकर पी गया। फिर हम 30 मिनट तक बेड पर पड़े रहे, तो तब वो अपने पापा के रूम से कंडोम लेकर आई और मुझे पहना दिया। फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा। फिर एक इंच अंदर जाने के बाद उसे दर्द होने लगा, तो तब मैंने ज़ोर से एक धक्का मारा, तो वो रोने लगी। अब उसकी सील टूट चुकी थी, अब मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था तो में उसके ऊपर ही लेट गया और 5 मिनट के बाद मैंने फिर से एक धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और में उसके बूब्स को चूसता रहा। फिर उस रात हम सेक्स करके नंगे ही सो गये और सुबह एक साथ नहाए। फिर हमने शाम को बाहर जाने के लिए अपने-अपने कपड़े पहने और उन 12 दिनों तक हम घर में पूरे नंगे रहे और बस डोर बेल की आवाज सुनकर कुछ पहन लेते थे या बाहर जाना हो, तब कुछ पहन लेते थे। हम तब से कई बार सेक्स कर चुके है और एक बार तो कज़िन की शादी में बाथरूम में जाकर भी हमने चुदाई की है और खूब इन्जॉय किया है ।।
धन्यवाद ….
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Meri Didi Meri Biwi
Dosto mera naam bilas chand hai, (bc for short. B stands for behan and c stands for chod, yani ki bc means behanchod) meri umar 26 saal ki hai. Main mba pass hoon, mera kad 6 feet aur rang saaf hai. Mera apna business hai. Mere pita ji ka dehant ab se 6 mahine pehle ho gaya tha, meri maa pehle se hi duniya mein anhin hain. Meri didi sapna ki umar 34 saal ki hai. Vo bahut hi sexy aurat hai. Uski chuchi kam se kam 36 inch, chuttar 36 inch aur kamar koi 27 inch ki hai. Uska rang gora hai aur uske koi bacha nahin huya.
Mere jijja ji ki umar 48 saal ki hai shayad issi liye vo meri didi ko santusht nahin kar pate. Didi ki saas rox didi ko baanjh keh ke taane marti hai. Pichhle mahine mere jijja ji ne didi ko dhakke mar ke ghar se bahar nikal diya aur vo mere pass aa gayi. Main ghar mein akela hi rehta hoon iss liye mujhe koi taklif nahin hai ke meri didi mere saath reh le. Didi mere ghar ka sara kaam kaj sambhalne lagi. Udhar jijja ji ne talak ka mukadama dayar kar diya aur didi ko talak de diya. Didi bahut hi udas rhne lagi. Ek din mere doston ne hotel main party karne ka program banaya jisme kuch ladkion ko bhi bulaya taki hum chudai bhi kar saken.
Main sham ko tayyar ho kar bahar jaane laga to phone baj utha. Mere dost ashok ka phone tha aur usne bataya ki hamare dost nirmal ke pitaji ka accident ho gaya hai iss liye party cancel kar di gayi hai. Maine phone per kaha ki yaar main to lund khara kar ke baitha hoon aur tum logon ne sara mood hi kharab kar diya ab main iss kade lund ka kaya karun. Meri didi mere peechhe khadi meri baten sun rahi thee.
Main udas ho kar chair par baith gaya aur didi ko bola, " didi agar main ghar par sharab pee loon to tujhe koi eitraz to nahin hoga? Aj mood bada kharab hai, sali party hi cancel kar dali sale mere doston ne." didi ne muskura kar kaha," mujhe kaya eitraz ho sakta hai bhaiya, ho sake to do ghoont mujhe bhi pila do, mere man bhi bahut uchat hai, jab se tere jijja ji ne mere khilaaf jhoothe aarop lagaye hain, mera dil karta hai ki usko jaan se mar doon, aur sare jahan ko asliyat bata doon, sala khud to namard hai aur muhe banjh bata kar talak leta hai, aur uski maa, saali randi apne naukar se chudwati hai aur duniya ke liye sati savitri bani firti hai, chal bahi main glass le kar aati hoon aur hum dodno bhai behan do do peg lagate hain, tujhe to koi eitraz nahin hai agar main bhi tere saath pee loon," maine hairan ho kar didi ko dekha. Aj pehli bari didi ke muhn se gali suni thee aur iss tarah usse bolte suna.
Mere man mein kai swal uth rajhe thai. Kaya jijjia ji asal mein namard hain? Kaya didi banjh nahin hai? Meri nazar didi ke sharir par daur gayi. Didi ka jism puri tarah se gadraya huya tha, uske chuttar mast thai, jab vo chalti to thumak thumak karte mere lund ko for se khada karne lage. Unki chuchi aur bhi mast thee. Unka blouse itna chhota tha aur gala itna niche tak cut tha ke unki chuchi ka adhe se zayada bhag meri nazar ke samne mujhe apni or akarshit kar raha tha. Miane didi ka haath apne haath mein le liya aur apne pass bitha liya. Maine didi se puchha" kiya jijja ji vakay hi mein namard hain? Agar aisa hai to tum apne sasural mein itne saalon se kion reh rahi thee, mere pass kion nahin aa gayi meri pyari didi ab main tujhe bilkul kahin bhi nahin jaane doonga, tum yahin baitho main hum dono ke liye peg bana kar lata hoon"
Maine do glass nikale, unmein johnny walker sharab ke peg dale, soda dala, baraf dali aur ek ko didi ko de diya aur doosra apne pass rakh liya, table par tale huye kaaju rakhe huiye thai. Hum ne sharab ki chuski lete huye kaju khaye. Thodi der ke andar nasha chhane laga aur mera man bhi utejit hone laga. Mera haath didi ke kandhe par chala gaya aur maine fir se poochha" didi kaya jijja ji asal mein namard hain?' didi ne meri taraf dekha aur uski nazar meri pant ke ubhre huye hisse par pad gayi. Ussne meri jaangh par haath rakhte huye kaha" aur nahin to kaya, unka lund to kabi khada hi nahin hota tha, vo meri jawani ka ghunt peene ke kabil hi nahin tha, main tadapti rahi saalon tak lekin tera jijja kabhi meri chut ko santusht na kar paya, sala apna dheela sa lund le kar mere jism se khelta rehta aur jab main garam ho jaati to behanchod pichkari mere sharir ke upper chhor deta, main 6 saal se lund ke liye tadapati rahi hoon mere Bhaiya.
Aur tera jijja matherchod meri aag bhadka to deta tha par shant na kar pata, main aaj bhi tadap rahi hoon, meri chut aaj bhi kaam ki aag mein dahak rahi hai," didi ka haath apni chut ko jor jor se sahlane laga. Mere andar ki aag bhi bhadak uthi. Mine peg khatm kiya, doosra banaya, aur didi ke chehre ko apni or kheench liya. Didi ke jism se bahut hi mast khushbu aa rahi thi. Maine didi ko bahon mein bhar liya aur apne homth uske mast honthon par rakh diye. Didi mere jism se aisse chipk gayi jaise ped ke saath lata lipat jati hai. Miane didi ke chumban lene shuru kar diye aur didi ne mere chumabn ka jwab chumban se dena shuru kar diya. Mere haath didi ki chuchi ko ragadne lage, mera lund phunkarne laga. Didi ne jab mere lund ko sar uthate mehsoos kiya to uski saansen tezi se chalne lagin aur uska haath mere lund ko tatolne laga. Maine uske nipples ko chherna chalu rakha aur meri jeebh didi ke muhn mein dakhil ho chuki thee.
Hum chudai ki hawas mein aag ki tarah jal rahe thai. Udhar sharab apna ran dikha rahi thee. " didi kaya main teri pyas bujha sakta hoon, dekho hum bhai behan hone ke saath saath mard aurat bhi hain, didi main ab teri aag aur nahin bardasht kar sakta, mera lund teri chut mein ghusne ko betab hai, meri pyari didi, kasam bhagwan ki aaj mujhe chodne se mat rokna, teri jawani ke liye main behanchod bhi ban jaane ko tayyar hoon, meri rani didi, dekh tere bhai ka lund kitna bekabu ho raha hai, teri chut bhi puri tarah se garam ho chuki hai, dekho kaise phuli hui hai saaali, aj isski garmi shant hone wali hai, meri did aj meri biwi ban jane wali hai, didi kaya khayal hai, mujhe na mat kehna," maine masti mein aa kar kaha. Didi ka jism bhi hawas ki aag mein pehle se hi jal raha tha.
Vo bhi apne aap par kabu na rakh pa rahi thee aur behkate huye boli,' bhaiya, teri did aaj se teri ghulam ho jayegi agar tumne meri chut ki aag bujha di, tu kahe to main teri biwi aur agar kahe to rakhail ban jayungi, par meri chut to thadi kar do main barson se tadap rahi hoon, meri chuchi ko eisse hi jor jor se bheench do mere raja bhaiya, main puri ki puri tumhari hoon, chod dalo apni didi ko, is chut ki seal tere liye hi sambhal ke rakhi thee, mere raja, nangi kar dalo apni behan ko, bana dalon apni behan ko apni chhinal, meri phudi ki aag bujha do mere bhai, tera lund to bahut zalim lag raha hai, pel do iss zalim ko meri choot mein, meri chut pani tapaka rahi hai, meri choot ke malik chod dalo issko, mere raja." main itna sunte hi pagal ho gaya, aur didi ki sari aur blouse uttar fainka. Didi ab peticoat aur bra mein thee. Mera haath ab uske bra ko kholne laga aur didi ne meri pant aur shirt uttar di. Kachhe ke upper se mere lund ko muthiane lagi meri didi.
Fir maine didi ki kachhi aur peticoat bhi uttar diya. Didi ka gora mast jism meri ankhon ke samne nanga chamak utha, usne jhanten saaf kar rakhi thee aur uski bur pawroti ki tarah phul chuki thee. Maine do ungli didi ki choot mein dal di aur ungli se chodne laga apni behan ko. Didi ne apna muhn neeche kiya aur mere lund ke supare ko chusne lagi, uske haath mere tatton ko sahla rahe thai. Maine didi ke sir ko apne lund ki taraf kheench liya aur uske muhn ko choot ki tarah chodne laga, mera lund didi ke gale ke andar tak ja raha tha aur usse saans lene mein bhi taklif ho rahi thi lekin usne lund chusna band nahin kiya.
Maine bhi apna muhn didi ki choot par tika diya. Uski choot se madak sughandh aa rahi thi. Choot ras bahar aa raha tha. Maine jeebh se didi ka ras chat liya aur didi ke mukh se ahhhhh nikal gayi. Maine jeebh didi ki chut ki gahrayi tak ghused dali aur didi ki chut ke ras ko chatne laga. Hum 69 bane huye tai. Didi ki janghen meri gardan par kassi hui thee. Maine didi ke clitoris ko apne honthon ke bichobich le kar chusna shuru kar diya." ohhhhhhh bhaiya chat lo meri chut ka ras, main jhad rahi hoon, ab apni jeebh ki jagah apne lund ko dal do meri choot mein, meri chudai kar ke mujhe puri aurat bana dalo mere bahi, mujhe tu hi mukamal aurat bana sakta hai mere raja bhai, chod do mujhe pleaseeeeeeee," didi ne kraha kar kaha.
Maine didi ko palang par pyar se lita kar uski janghen puri tarah se faila di, choot ke pani ko tapakte huye dekha, spara didi ki choot ke muhane par rakh diya. Didi ko laga jaise koi jalta hua angara choot par rakh diya ho. Maine dheere se lund ko andar dhakel diya, lund malai ki tarah didi ki choot ki dewaron ko chhota hua andar parvesh kar gaya," ohhhh maaaaaa main mar gayiiii, behanchod, dheere se chod bhaiya, meri pehli bari hai, tera lund bhi to bahut mota hai, ab dheeree dheere andar dalo meri choot mein, mere raja bhaiya, tera pura loda meri choot mein sama raha hai, meri seal toot rahi hai, bahut peeda ho rahi hai, lekin mujhe chodna jari rakho mere malik, mere sartaj, dard ke saath sawarg ka anand bhi mil raha hai mere bhai, chodte jayo apni didi ko, apni biwi ko, essa maja aj tak nahin mila mujh ko, pel do apna lauda jad tak meri chut ke andar, main dhanya ho gayi mere raja,' didi ab chuttar utha kar mere lund ko apni choot ke andar le rahi thee.
Mere tatte didi ki gaand se takra rahe thai. Kamre se facha fach ki awazen aane lagi, palang charmarane laga, mera lund didi ki choot ki garam gufa mein uchhal kud kar raha tha. Essa anand mujhe kabhi na mila tha. Mujhe laga ki main thodi der mein jhad jane wala hoon. Maine dhakon ki raftar aur tez kar di aur didi ki gaand ko jakad kar jor jor se chodne laga. Didi bhi apni mazil ke nazdeek pahunch chuki thi, main utejit ho kar bola," didi main ab zayayda der tak nahin tik payunga, mera lund jhadne ko hai meri behana, mera maal teri choot mein girne walal hai, agar tu bhi jhad jaye to mere virya se teri kokh bhar jayegi, meri pyari didi tu mere bache ki maa ban jayegi.
Tu apni gaand uchhal kar mera saath de, le lo mera pura lund apni garam choot mein, aj main behanchod ban chuka hoon, chal meri chudasi didi chhor de apna pani main jahd raha hoon,' isske saath hi hum dono bhai behan ek saath khalas ho gaye aur ek doosre ke saath lipat kar nange hi so gaye. Jab meri ankh khuli to dekha ke didi pehle hi uth chuki thee. Vo naha kar tayyar ho chuki thee aur puja ki thali lekar mere kamre mein aayi.
Didi ne thali mein mithai aur sindoor rakha huya tha. Didi apne kulhe matkati hui mere pass aa kar boli," mere bhaiya aj se tu ban gaya hai mera sainya, tu mera malik hai, aaj se main tujhe rakhi nahin bandhungi balki tum mere maang mein sindoor bhar do mere malik, mere pati, main tumhari dasi ban gayi hoon, mere sartaj. " maine chutki bhar sindoor didi li maang mein dal diya. Kuchh dino baad test se pata chala ki didi mere bache ki maa banane wali hai, usko garabh thehar gaya tha.
Iss baat ko chhipane ke liye maine apni sari property bech dali aur doosri state mein jakar rehne lage. Maine didi ke saath mandir mein shadi racha lee. Nau mahine ke baad didi ne meri bachi ko janam diya. Bahut hi sundar thee hamari beti, bilkul apni maa ki tarah. Log hamen pati patni ke roop mein hi jante hain aur yeh kissi ko nahin pata ke hum bhai behan hain.
The End
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Doctor Ne Chod Diya
last month ki baat hai. main apna up karane gayi thi meri gynaec k pass par woh out of town thi. toh pati ne kaha ki kisi or doc k pass check up karwa lo. humare area me sirf do gynaec hai ek lady or dusra gents. maine pati se keh diya ki mujhe uncomfortable lagega...qki main pura check up karwati hu jaise boobs ka or chut ka...jisme meri doc mere boobs dabake check karti hai k koi lump toh nahi bana boobs me or chut me hath dalti hai...ander tak...mere pati kehne lage tumhari marzi...nae jana hai toh mat jao...next day woh kaam gaye ...maine socha kya hua sirf check up hi toh karwana hai par mujhe darr bhi lag raha tha ki meri chut ki haal dekh k kahin doc samajh na jaye ki kitne lund ragde gaye isme...pura din chala gaya...
fir maine himmat ki or gents doc ka appointment le liya.mera no. last tha. main taiyyar hui..or kapde aise pehne ki doc ko check up problrm na aye.shirt or skirt pehni thi main. waise main bata du us waqt meri chut chudai se suji hui thi....mere sautele bete or uske dosto ne apne soccer match jitne ki khushi mujhe chod chod kar manayi thi 7 din tak...mere pati bahan gaye hue the or apne bete ko kaha tha ki mera khaysl rakhe. usne khoob khayal rakha meri chut ka....uff woh chudai lagatar....ek k baad ek lund jo chut, gaand or muh me jo aa rahe the aisa lag raha tha ki in logo ne ladki pehli baar dekhi hai...pura waqt meri chut gaand me lund toh rehte hi...usi ki karan meri chut bahut suj gayi thi. or doc ko consult karna bhi zaruri tha. woh toh mere pati jis raat aye..woh nashe me the...or unhone bhi meri khub chudai ki. or maine next mornin sara blame unpe daal diya:-)...
ab me doc k clinic pohchi.second patient ander gaya tha. sare mard hi the. or mujhe aise dekh rahe thi ki jaise maine paap kiya ho....sab k chehro pe hasi thi. ek ne kaha kaash me bhi gynaec hota.8 baj gaye 3hi patient hue the. 9....10...10.30 ko mera no. aya. maine phone kar ke pati ko keh diya ki main late ho jaungi...dnt tak tension.ab me ne doc ne room me entry li. 30 yrs ka tha woh doc....jawan...mujhe dekh k thoda uncomf ho gaya...fir bahot awkwardness k sath usne pucha..sari details. fir kaha ki uske pass lady assistant nae hai sirf gents hai...maine kaha ki aap orally meri probl sunne ke dawai dedo. fir maine use batai apni chut ki halat. usne pucha mere pati ki lund ka size kya hai...bada ajib laga...par woh apna kaam kar raha tha. maine kah mujhe nae pata.fir kaha ki chalo dekhte hai koi infection toh nae....main late gayi...woh aya or skirt ki taraf point kiya....
maine skirt dheere se upar uthays...or chaddi thodi niche ki..usne dekha or uski ankhon me chamak aa gayi...or kaha apne pair felao...maine felaye...ab main ek bhuki ladki ki pose me thi jo chudane k liye mari jaa rahi hai...usne pehle ungli lagai...fir chut k hoth hataye or ungli ander sehlane laga...bahut dair k baad pucha kaisa lag raha hai....mujhe maza aa raha tha par maine kaha ki dard nae hota....fir usne chut k ander tak ungli daaal di..meri ooh aah shuru ho gayi..usne jhat se hath hataya.. fir stethoscope leke saans lene ko kaha...usne itni zoor se mere boob dabaye ki pucho mat.or kaha remove ur shirt..maine sirf button khole hi the ki woh jhapat pada or mere boobs bahar niksl k dabane laga...uski sanse tez ho gayi thi. khub zoor se dabaya..ir pucha kaisa laga....or itna kehte hue usne meri chaddi nikali or kaha batao kitna bada lund hai tumhare pati ka or apni pant niksli or lund hilane laga...
main chikh padi...usne kaha ki treatment k liye zaruri hai yeh janna main uthne lagi...itne me usne apne assistant ko bulaya or kaha clinc bandh kar or aaja meri help kar....assist aya usne mujhe aiai halat me dekh or tirant ja k sab bandh kiya....main bolti rahi plz plzmat karo..par doc ne apni ungli chut ghusedi thi...main zyada hil bhi nae paa rahi thi...itne me assist aya or mujhe pakda peeche se or kaha isewaitin room leeke jate hai apna clip ban jayega...fir ise har hafte bulaynge chudai k liye...assist ne peeche boobs pakde or doc ne tange pakde or le gaye waiting room me...waha unhone mere kapde utare or khud k bhi..pehle toh dono ne khub boobs ko mara fir chut ko...fir dono ne mera pura badan chuma...fir boob fucking hui...then mouth fucking...fir chut ki ragad shuru hui...uff doc ne toh ek ghante tak lagatar chudai ki fir assist ko diya...chudai ka mauka....fir dono gaand chodne lage...sath me....
1 baj gaya magar meri chudai ho rahi thi jamkar....ek position aisi thi k niche doc lata tha main uske upar or mere upar assist...dono khub apne lund ragad rahw the....or doc ne apne muh me mera nipple zor se dabaya hua tha...or assist ne dusra boob dabaya chodde waqt grip k liye...main sirf uuuhhh aaah aaaahh mmmmm hhhmm aaahhh yyyaa ya ya hhhoo uuufff hhuh hha hha hha hi kar rahi thi..fir assist niche lata meri gand me lund daala or mere upar doc chut chodne aaye....jo ragda nikala dono ne...fir position chNge ki dono khade ho gaye or ek ne chut or ek ne gaand mari....mere pure badan pe unka rass tha...garam garam....boobs pe unke nishan...fir doc late zamin pe or kaha la apni chut is par fir meri gaand me assist ne lund ghusaya...or ek kapde se humari kama ka part bandh diya...kas k meri jaan niksl rahi thi...do do lund ander takra rahe the...fir ve dono khade ho gaye or jaan bhuj kar deewaro se takra rahe the....doc apne seene se mere boobs daba raha tha...kam se kaam char bbar dono ne usi position me rass tapkaya...
jaise dono sama gaye the mere ander..fir doc ne kaha chalo floor pe roll hote hai...maine chilsyi plz mat par woh kaha sunne wala tha.. zorr se zamin par gira ufffff kya zoor se lund lagi dono ki..or roll hone lage unka har ek turn unki lund ko chut or gaand me ragad raha tha..or woh aisa keh rahe the...aa meri randi teri chut toh kya hai....aaahh aaah.....subah k char baj gaye...kapda jo bandha tha woh pura gila ho gaya tha....aise hi soo gaye main bhuli hi gayi thi k mera pati hai....subah aath baje hum uthe we dono fat fat uthe...fresh ho gaye or mere kapde feke mujh par maibe kapde pehen liye. Fir doc ne kaha...har mahine aana free check up hoga tumhara ...jab main nikal rahi thi tab doc ne cctv camera ki taraf ishara kiya or kaha humari chudai ki kissa uspe hai...yaad rakhna jab bulau tab aa jana....jab ghar pohchi toh pata chala ki pati do din tak ghar nae ayenge kaam ki karan...main bedroom me aake aine me apni chut dekhi..llaaal llaal ho gayi thior gaand bhi...sham ko mere ghar pe ek post aya jisme cd thi..maine woh cd play ki toh raat ki chudai thi usme....uff na jane or kitne log mujhe apni randi banayenge...lagta hai sirf chudai k liye bani hun....
the end
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Wife Samajh Kar Bhabhi Ko Choda
Hai,frnds,this is harish again with a new story,main aapko jyada bored nahi karna chahatha isliya direct story pe aata hun,aap jante hai ke main pehle apni bhabhi ko ek bar chod chuka hoon.ye bat us din ki hai,jab meri nayi nayi shadi huyi thi,meri wife ka naam shreya hai,wo bahut sexy hai,aur uski figure wow,koi bhi dekhle to mut marle.
khair ye bat us dinki hai jis din meri wife apne maike jakar wapis aana tha,us din baarish ki wajah se ghar par light nahi thi,aur puri taraf andhera tha candle light mein maine apni bhabhi ko apni wife samaj kar pakad liya.to bhabhi ne kuch nahi kaha,aur chup chap khadi rahi,main peechese apni bhabhi ko daboch liya aur unke boobs dabane laga,phir main unki saree keench kar nikal di aur unki blouse nikal diya,aur petty ciat nikal diya,
itne mein light aagayi,main bhabhi ko dekh kar hairan ho gaya,aur apna muh chupane laga,bhabhi mere samne nangi khadi thi,phir bhabhi meri taraf bad i aur kaha are chotu kyun sharma rahe ho aao na kah kar apni baaho mein keech liya main apni bhabhi ke lips per kiss karne laga,phir unke boobs ko is tarah dabaya ke unki cheenk nikal gayi,bhabhi kahan ke dheere main kahin nahi ja ungi,
ghar par tere bhai bhi nahi hai aaj puri rat hum ghar par akele rahange phir main bhahi ko jamin par patak diya,aur unki choot ko chat ne laga wow kya smell thi unki choot ki,aur bhabhi siskari bhar ne lagi mmm ah ah a ah ah dheere harish ah bolke,aur main bhabhi ulta lita kar 69 mein aagaye,aur main apna mani bhabhi ki muh mein chood diya,bhabhi sara mani peeliya,phir main seedha let kar bhabhi ko apne kareeb liya,aur unke pairo ko beech aakar apme lund ko unki choot par set kiya,aur bhabhi ki ijajat ke liya unki taraf dekha bhabhi yes kahete huye sharma gayi,
main ek hi jhatke mein apna sara lund bhabhi ki choot mein dal diya bhabhi chillane lagi,aur main unki lips par kiss kar ke unka mun daba liya, phir bhabhi k dard kum huwa to main jhatke maar ne laga bhabhi siskare marte huya kahne lagi ah devar kya aise chodte hai kya meri dev rani ko ,
wo bechari mar jayegi dard ke mare phir bhabhi mmmm aaaaaa ah ah ah ahah kar ke ahe bhar ne lagi neche bhabhi bhi apne jatke par rahi thi,meri speed ki bad gayi aur bhabhu siakari marne lagi ah devar hi aur jorse maro meri choot ko tum kitna accha chodte ho,meri devrani bahut nassb wali hai jisko tum jaisa pati mila,aur main apni speed aue bada li,
kareeb ade ghante tak main bhabhi ko choodta raha,phir maine apna mani bhabhi ki choot mein gira diya,is beech bhabhi 3 bar jhad chuki thi.
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Mai Aur Meri Behan
My name is Rohit. Main abhi delhi main rah raha hoo. Mere ghar main mere dady and mother or 2 choti behan hai .mari umar abhi 23 sal hai aur mere se choti bahen ki umar 19 sal aur choti wali bahan ki umar karib 18 sal hai.
Ye kahani karib 3 sal pahle start hui thi. Dostoan hum log sabhi ghar main sath rahte hain mare dady government employee hai aur mother teacher hai is liye wo dono roz duty chale jate hai mari badi sister ka nam namita hai aur wo abhi b.a part second main hai aur choti bahan 12th ka exam dene wali hai uska nam somya hai.Main abhi m.b.a ki taiyari karta hoo is liye ghar par hi rah kar taiyari kar raha hoo.Dosto main aaj aapko ye bataine wala hoo ki maine apni behano ko kaise chhoda.
Ab main apni story sunata hoo pasand aaye to mujhe jarur reply dijyega hum log sath main hi ek hi ghar main rahte hai, I mean mera aur sisters ka room ek hi hain aur mom aur dad ka ek room hai. Jis karan se main bachpan se hi apni behano ko dekhte aa raha hoo. Bhachpan main jab main chota tha to kuch galat ladko ki sangati ke karan main sex ke bare main jaldi hi jan gaya tha,uss samay meri umar shayad 18 sal hogi aur mari choti sis ki karib ** aur sabse choti wali ki sister ki umar karib ** sal ki hogi.Sex ke jankari hone ke karan aur galat books aur galat dostoan ke karan main muth marna (hansthmaithun) suru kar diya .Essi beach meri choti sister namita par bhi jawani aa rahi thi aur main uske taraf attrect hone laga.
Main josh main kabhi usse gale se laga kar uske gol gol santre jaise chuchi ka maza leta to kabhi usski kamar pakad kar uske gand ka mazza leta tha wo choti hone ke karan is harkat ko bhai ka pyar samajhti thi lekin main to kuch aur hi mazza leta tha .Issi beach main kabhi kabhi jab wo so jati to main dhire se uske frack(skirt) ko utha kar aur uski white jangho aur uski chuchi ko chumta aur uske hontho ko chumta aur uska hanth ko apne land ko pakad kar muth marta tha wo need main hone ke karan jag nahi pati thi aur main dhire dhire maze leta rahta tha,mujhe aaj bhi yaad hai jab maine pahli par uski mast bur ko dekha tha.
Wo uss din gahari need main thi aur main dhire dhire uske bagal main jakar so gaya (hum logo ka kamara comman tha I mean mera aur sister ka)aur dhire se uski frack ko utha diya maine dekha uski mast jangh ek dam mulayam thi aur maine dhire dhire frack ko aur upar kiya aur dekha ki namita ne black colour ki panty pahni hui hai.
Main to uski bur (****) dekhna chahta tha is liye dhire dhire uski panty neeche kiya maine dekha uske bur par ek dam halke halke bhure bhure bal hai main to usse dekhte hi madhosh ho gaya aur uski bur ko chumne laga phir maine dhire dhire uski bur main ek ungli dali aur andar bahar karne laga uski bur bahut tite thi (us samay umar karib ** sal hogi) main ek hanth se bur main ungli se chod raha tha aur ek hanth se muth mar raha tha Issi tarah doston main maje leta rehta tha aur jab mera man karta to jab wo so jati to uski jawani ka mazza leta rahta tha lekin main usse chod nahi pa raha tha,
kyoki sochta tha ki kahi ye jag gai to phir ghar main mom aur dad se kah degi iss liye hanth se hi kam chala raha tha phir main hostel main padhne chala gaya aur mujhe apni bahan se pyar sa ho gaya tha mujhe sab ladkiyaon se jyada sexy meri sister hi lagti thi kyoki maine usse nange dekha tha shayad iss liye. Phir maine jab bhi holidays main ghar par aata to namita ke so jane ke bad main maze leta rahta meri sister dhire dhire jawan ho rahi thi aur main uski mast jawani ka diwana hote jaa raha tha .Main hamesha jab bhi hostel se ghar aata to main usse chodne ke liye sochta rahta tha aur hostel main uski mast jawani ko soch kar muth marta rahta tha.Pata nahi kyo main namita ke taraf attracte ho raha tha jabki somya bhi jawan ho rahi thi lekin mujhe usme koi interest nahi aa raha tha. Meri behan mera shayad pahla pyar ban gai thi.
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Garmi Ki Raat Papa Ke Sath
Meri saheliya mujhe aksar mere saamne aurat aur mard ke rishto ki baat karti thi, main phir bhi bekhabar thi,jaanti hi nahin thi ki kyon main aisa feel karti hoon?? Kya karan hai ki main sab ladkiyon ki chuchiyon ko,aur sab ladko ke pant ke us ubhre hisse ko main itne laalach se, itni gaur se dekhti hoo.......
Us din jab papa banaras se aaye aur mujhe pukara .. Main bhaagi bhaagi unke paas gayi aur boli ..haanji papa!!
Papa bole.. Are beta itni door kyon khadi hai yaahan aa dekh main tere liye kya laya hoon??
Main paas aakar papa ki chair ke paas khadi ho gayi...
Papa ne mujhe ek packet diya jisme do bahut sundar banarsi sadiya thi.. Phir ek aur packet diya jisme shayad saaj shingar ka saman tha...
Main to jaise khushi se jhoon uthi....
Kaisa laga ???? Ye keh kar papa ne mere gol gol chutad par haath rakh diye aur unhe sehlate hue bole... Apni maa se mat kehna nahin to abhi jal maregi!!!...
Maine chupchap apni gardan haan karte hue hilai lekin dhyan to us pyar se seehlate hue haath par hi tha....
Tabhi maa ki aawaj aayi aur pitaji ne ekdum se haath kheench liya...
Main bhi packet le kar wahan se bhaag khadi hui...
Kamre main aakar bhi mere badan par wo pyara sa sparsh mujhe mehsoos ho raha the ....aur thik usi raat ek bahut pyara sa haadsa hua jab hum sab chat par so rahe the....actually hum log ek middle class family se hai.... Ghar bhi jyada bada nahin hai.....isliye aksar garmi ke karan hum aksar upar chat par so jaaya karte the .....
July ka mahina tha, sab log khana kha kar so gaye the lekin pata nahin kyon meri aankho se to jaise neend gayab thi..mere dimag main to reh reh kar wo ajib si gudgudi jo mujhe pitaji ke sehlane se hui thi goonj rahi thi....
Tabhi maa jo ki meri barabar main leti thi dheere se phusphusayiii..
....komal beta!!!!
Maine socha jaroor pani waani mangayegi mummy main to chup chap hi leti rahi.... Maa ne ek awaj aur lagayi aur uth ke baith gayi..
Main phir bhi chup chap leti rahi..
Tabhi maa uth kar pitaji ke bistar ki taraf chali gayi..
Maine socha maa wahan kyon gayi hai?? Lekin maa to papa ke paas pahunchte hi unse kisi bhukhe bhadiye ki tarah lipat gayi....
Ye dekhte hi mera aang aang jhanjhanaa utha.....
Tabhi papa ki aawaj aayi itni der kyon laga di....
Maa boli tum to kuch bhi nahin samajhte ghar main jawan beti hai aur ek tumhari bhookh hai ki baadhti hi jaa rahi hai!!!
Papa bina kuch bole maa ki badi badi chuchiyo ko dabane lage....
Main chup chap hadbadayi si pade hue unhe dekhne lagi....chandni raat main main to unhe saaf dekh paa rahi thi lekin mujhe nahin pata ke unhe meri khuli hui aankhe dikh rahi thi ya nahin???
Papa maa ke gol gol chuchiyon ko jor jor se daba rahe the...maa ke chehre jaise badal sa gaya tha..maaa papa ke pajame upar se hi papa ke ling ko sehla rahi thi ... Mujhe to jaise sab kuch bardast ke bahar lag raha tha... Pata nahin kyon mera haath mere salwar ke andar sarak gaya..aur main apni chut ko dheere dheere masalne lagi...
Hayeee..... Kya mast feelings aa rahi thi...
Udhar papa ne maa ka blouse khol kar alag kar diya tha..maa bhi papa ka ling pajame ka nada khol kar bahar nikal chuki thi..... Achanak maa jhuki aur papa ke ling ko munh me lekar kisi lollypop ki tarah chuusne lagi...udhar mere haath ki ragdan meri choot par baadti hi jaa rahi thi...
Achanak papa bole ...jara neeche aajaoo
Maa chup chap neeche let gayi aur papa upar aa gaye .... Papa ne maa ke hoothon par ek jabar dast chumban liya aur .. Uske upar let gaye ..tabhi papa ne maa ki saadi ko unke pet tak sarka diya aur apna lund set kiya aur maa ki choot main sarka diya.... Meri to jaise siskar si nakal gayi....
Maa bhi karahne si lagii... Phir papa dheere dheere jhatke marne lagee..... Main to jaise paagal si ho gayi thi...
Papa jo ki pela dheere dheere jhatke maar rahe the tabhi jor jor se dhakke marne lage.... Maa ne apni taango ko pitaji ke badan se lapet liya ...tabhi maa ne unhe jor se bheeench liya aur dheere dheere jaise unka shareer jaise thandaa sa padne laga aur wo bilkul bejaan si ho kar let gayi ....lekin papa abhi bhi usu josh se lage hue the .... Tabhi maa boli ..bos karo! Ab kya jaan hi nikaloge ....
Papa bole ... Tu to buddhi ho gayi hai agar mere saamne koi solah saal ki jawan ladki bhi aa jaye to main usko bhi nani yaad kara doon....
Mere dimag main sitiya si bajne lagi.. Main bhi to solah saal ki hi hoon.....
Aur ek baat jab papa ye baat bol rahe the to mujhe laga ki shayad papa meri hi aur dekh rahe the.. Main to gangana uthi mere haath ki ungli mri choot main sarak chuki thi..main to paglo ki tarah apne mast hue papa ki taraf dekh kar jor jor se apni ungli ko andar bahar karne lagi...tabhi papa ji bole.. Bas komal ki maa,, thodi der aur bardast karle main bhi jhadne hi waala hoon..
Ye sunkar to main aur jor jor se haath chalane lagi...
Tabhi papa ji jaise akad se gaye aur unhone maa ko joor se bahoon main bheench liya...
Udhar mujhe bhi aisa laga ki jaise mera pishab nikal jayega...main apni ungli ko chah kar bhi na rok payee aur achnak maine dekha ki papa ke muh se ek jor ki sisari nikli hai....uthar main bhi paani chod chuki thi main aur papa ek saath hi jhade ye soch kar main to jaise gangana uthi.... Papa ne mummy ko phir ek baar jor se chuma aur alag ho kar let gaye..... Maine bhi apna haath apni salwar se nikala aur chupchap aankhe baand karlee....
Maine phir maa ke uthne ki aawaj suni jaise wo papa ki charpayi se uth kar phir se mere paas hi let gayi ho...
Us raat to aisi neend aaye ki mujhe apni bhi hoosh nahin rahi...
Subah maa ne mujhe jor jor se hila kar uthaya ....komal uth ghar ka kam nahin karna hai kya ... Bhang kha ke soyi thi kya????
Main uth kar jab bathroom gayi to apne salwaar ki taraf dekha wahan par ek bada sa nishan ban chuka tha... Mere andar to ek gudgudi si daud gayi.. Maine chup chap naye kapde nikale aur unhe lekar nahane ke liye chali gayi..lekin raat ki baat mujhe jaise kachot rahi thi...
Jab main naha kar nikli to papa bahar hi khade the main to jaise sakpaka gayi .. Papa mere paas aaye aur bole.... Are!beta aaj to badi jaldi nahin li?? Maine jawab diya ... Papa aaj garmi bahut hai....
Papa bole... Beta jawani main garmi kuch jyada hi lagti hai!!
Ye keh kar unhone ek haath meri gaal par rakh diya ..aur ek haath ko bekhabri ke saath meri chuchii par tika kar sehlane lage... Main to jaise mast si ho gayi..... Tabhi jaise kuch aahat si hui..papa mujhse alag ho gaye..main bhi apne kamre ki taraf chal di...
Tabhi maa kitchen se bahar aa gayi.... Aur mujhe dekhte hue boli ...shabash beta .. Roj jaldi nahan le to tu acchi bachii na ban jayee...
Main chup chap kamre main chali gayee....
Us samay mujhe meri maa meri sabse badi dushman lag rahi thi...
Mere dimag to jaise har samay papa ke paas jane ko hi machalta rehta tha..
Aur phir wo din bhi aaya jiska mujhe intajar tha .....karib das din ke baad sandesa aaya ki ek hafte baad mere sabse chote mamaji ki shaadi thi... Maa to bahut khush thi ...mujhse boli beta main to kal hi chali jaoongi tu papa ke saath shaadi se do din pehle pahunch jaana.. Main tujhe bhi saath le chalti lekin yahan tere papa ka khana kaun baneyega....
Maa ne usi raat saari packing karli... Subah hi maa ki train thi..
Agle din subah hi maa ne mujhe jagaya boli...beta main jaa rahi hoon apna aur apne papa ka khyal rakhna...aur mummy ne mujhe kuch rupye bhi diye.. Ye keh kar maa papa ke saath nikal gayi....
Main ghar par akeli hoon ye soch kar to jaise mere saare badan main aag si lagi hui thi...
Maine soch liya ki aaj to kuch karke hi maanungi....
Main uthi aur nahan kar taiyar ho gayi... Tabhi papa ka phone aaya.... Beta komal main idhar se hi kaam par jaa raha hoon sham ko jaldi aa jaoonga.. Tu ghar ka khyal rakhna!!!!
Mujhe itna gussa aaya ...main to jaise jal bhun si gayi....
Saara din maine kaise gujara mujhe hi pata hai..
Maine itne pyar se papa ki layi hui saadi pehni thi .. Gusse main aa kar maine wo saadi utar ker phenk di... Aur peticoat blouse main aa gayi..
Dimag to jaise kharab ho chuka tha ...main jaa kar apne bistar par let gayi...pata nahin kab neend aa gayi...
Raat ko door bell ki aawaj se meri neend khuli.....dekha 8 baj chuke the main uthi aur ja kar darwaja khola.. Dekha papa aa gayae the..papa ne meri aur pyar se dekha..aur bole.. Kya baat hai saadi nahin pehni...mujhe hosh aaya ..aur main andar ki aur chup gayi..
Papa bole..are!! Sharma kyon rahi hai main tera baap hoon tujhe tab se dekhta hoon jab tu nangi saare ghar main ghoomti thi..
Main dheere se boli.. Khana laga doon????
Papa bole ...nahin main to kha ke aaya hoon .. Tu bistar laga de main aaram karna chahta hoon..
Main boli.... Achha !!! Aur khidki ke paas jaa kar khadi ho gayi..
Papa bole.. Kya hua? Aur mere paas aakar khade ho gaye..
Maine khidki ki taraf munh kar liya aur jhuk kar bahar jhakte hue unse boli ..papa! Bahar to badal se ho rahe hai .. Lagta hai baarish hogii.. Papa mere kareeb aa gaye aur unhone meri gand par haath rakh diya..
Aur bole.. Haan lagta hai aaj jam kar baarish hogi! Itna keh kar papa meri gand ko dheere dheere dabane lage....main to jaise sare din ka gussa bhool kar madmast ho gayi.. Tabhi papa ne meri gand ke beech main haath rakhte hue apni ungli theek meri gaand ke ched par dabayii.... Mere to saare badan main ek aag si daud gaye..
Papa meri gand par hath pherte hue bole ... Beta teri maa kehti hai ki tu jawan ho gayi hai .. Tere liye ladka deekh loon.. Aaj main bhi dekhunga ki tu kitni jawan ho gayi hai...
Yeh keh kar unhone meri blouse ke upar ki khuli hui peeth par dheere se ek puppy le li... Aur mujhe chod kar dusre kamre ki taraf badh gaye...
Main bhi aakar bistar ko laga ne lagi,main doosra bistar laga hi rahi thi ki papa aa gaye aur bole ..are.. Ye doosra bistar kisliye ?? Tu jab choti thi to mere hi paas soti thi... Aaj anpe papa ke saath sone main dar lagta hai kya???
Maine bhi chup chap apne bistar ko samet kar rakh diya....
Papabole ...beta tu let jaa main abhi jara fresh ha ke aata haan ???
Main akeli hi bed par let gayi maine socha . .aaj to jaroor kuch karne hai..
Yeh soch kar maine apne blouse upar ke dono batan khol liye...aur apna peticoat bhi ghutno tak chadha kar let gayi ..
Tabhi papa kamre main aaye ..mujhe dekh kar wo muskuraye..main unki aankho main chamak saaf dekh sakti thi..
Wo mere paas aakar baith gaye..aur bole.. Komal beta!jara upar ko sarko..
Main jaanbhoojh kar apne pairo ko mod kar uthi.. Peticoat upar tha isliye shayad papa ko meri madmast choot ki ek jhalak to mil hi gayi ho gi...
Tabhi papa ne apna haath meri tango par rakh diya... Aur bole..komal tu to sach main kafi badi hoo gayi hai maine sharam se aankhen band kar li.. Papa ne dheere dhere meri jhaaange sehlani shuru kar di . Main to jaise mast si ho gayi.sehlate sehlate papa ne apna haath meri choot ki taraf badha diya..meri mast jhaangho ko dekh kar wo bhi mastaye se lag rahe the... Tabhi papa ne apna haath bada kar meri choot ke upar rakh diya,,mujhe jor se currunt sa laga...
Papa meri choot ko dheere dheere sehlane lage..maine apni aankhe band kar li... Tabhi papa ne mere peticoat ka nada khol diya.. Aur meri peticoat ko neeche se sarka kar alag kar diya ..ab main neeche se bilkul nangi apne papa ke saamne the..papa bole..komal aankhe khol!!! Maiane aankhe kholi aur papa ki taraf dekha..papa ne jhuk kar mere hoontho ko choom liya...phir papa ne mere blose ko kholna shuru kiya....use bhi utarne ke baad to jaise wo paagal se ho gaye aur mujhe paaglo ki tarah chumne lage..phir unhone meri chuchiyo ko apne haathon main bhar liya.. Aur unhe jor jor se dabane lage mujhe dard bhi ho raha tha aur mazaa bhi aa raha tha.....tabhi papa neeche ki aur sarke aur unhone meri choot par apne hoonth rakh diye... Pehle to dheere dheere phir tej tej wo meri choot ko chusne lage..maine bhi dheere se apni taange chaudi kar li aur masti ke maare apni aankhe band kar li... Tabhi papa uthe aur bole..komal jara uth jaa.. Mai uth kar baith gayi..papa bole le jara ise sehla de.. Maine apne haathon se papa ka lund sehlana shuru kar diya ...phir papa ne apne nada khol diya aur apne underwear ke saath hi usko utar diya....mere saamne kamse kam 7 inch ka tana hua lund tha.. Main sochne lagi kya maa ki tarah main bhi ise andar le paongi. Tabhi papa bole.. Beta komal!ise thoda sa choos de ....
Main to chahti hi yahi thi maine us pyare se land ko apne muunh main bhar liya ....aur dheere dheere toffe ki tarah chusne lagi.. Papa ke munh se siskariyan nikal rahi thi...tabhi papa bole beta jor jor se chus..ise pura andar lele...
Main koshish karne ke baad bhi use sirf 4-5 inch hi andar le payee..
Phir mera muunh duhne laga ... Main papa ki taraf dekha ..papa bole ...chal ab tu let jaa beta... Main let gayi..phir wo bhi meri bagal main baniyan utar kar let gaye...unke nanga badan jaise hi mere nange badan se takraya main to jaise kaanp si uthi...
Phir papa ne meri chuchiyon ko baari baari choosa.. Aur mere hoonthon ko chusne lage ....achanak hi papa mere upar aa kar let gaye.... Aur apne lund ka angle meri choot par baithane lage...
Main dar gayi aur boli...papa ye to kafi bada hai....
Papa bole ......are! Mera bacha..tu ruk beta main abhi aaya ...
Ye keh kar papa uth kar barabar waale kamre main gaye...aur jab aaye to unke haath main ek tel ki sheeshe the... Phir tel ko pehle meri choot par laga kar masalne lage aur apni ek ungli bhi andar sarka di....pehle ek, phir do ungliyon ko wo meri chut main andar bahar karne lage main to jaise pagal si ho gayi thi.... Tabhi papa ne mera haath pakad kar apne land par rakh liya n bole.. Komal beta le ispar bhi tel laga de..
Main bhi unke rod jaise sakht lund par tel lagane lagi...
Phir karib 10 min baad papa phir se mere upar aa gaye aur apne lund ke angle meri chut se lagaya....phir dheere se unhone meri choot main apna lund sarka diya .. Main to hairan thi itna bada lund itne pyar se meri choot main ghoosa jaa raha hai....
Phir papa ne dhakke marne shure kiye ...pehle dheere ...phir tej ...meri to jaise jaan hi nikal gayi thi...papa ne dhakkoo ki speed badha di main.... Main bhi mast ho kar papa se chipat gayi..
Kareeb 1/2 ghante ke baad main aur papa ek saath jhade,...papa ke garam garam virya ne meri choot ko bhar kar rakh diya.... Main to jaise behosh si ho gayi thi... Jhadte samay aisa lag raha tha jaise choot se paani nahin meri jaan nikal rahi thi......
Us raat papa ne mujhe pata nahin kitne angle se choda... Aur maine bhi bharpoor sahyog diya.... Kareeb 5 baar humne chudai ka pyara sa game khela.....
Agle din papa ne chutti leli..aur phir se meri jam kar chudayiii ki.........
Mummy ke aane tak to lagbhag roz ye silsila chala...phir mummy aa gayi to bhi mauka milte hi hum ek doosre ko pura pura sukh dete rahe......
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Madam Ki Jabardast Chudai
Hello friends, main hu deepak rathor jaipur se. Meri age 22 saal hai aur main ek collage student hun. Main ye nahi khunga ki main bahut jyada smart hun.Yeh kahani 2 saal phle ka hai jub main keval 20 saal ka tha. Mere papa ek car driver hai jo ki ek madam ki car chalate hai. Aur wo Madam ek female hai. Main unka naam aapko ni bata sakta lekin unhe main yaha mam khunga. Wo delhi se hain lekin yaha Jaipur me unki posting thi. Wo itni sundar thi ki main to unhe first time dekhte hi pagal ho gaya tha. Unki age lag bhag 28 saal hogi. Aur unka figure to kisi ka bhi lund khada kar sakta tha. Unka figure tha 38-34-40. Wo itni gori nahi thi lekin itni kali bhi nahi thi. Ab main aapko bore naha karte huye apni khani pe aata hu.Mai aapko phle hi bta chuka hun ki mere papa un mam ki car chalate the aur sbkuch thik chal raha tha.Ek din papa ki tabiyat achanak se khrab ho gai aur unhe hospital me admit krwana pada.Mai jab college se aane ke bad papa se milne hospital gaya to unhone mujhe btaya ki jab tak main thik nahi ho jata mam ki car tujhe chalani hogi.
Unhe bus gher se office choddna hota hai aur office se gher. Car chalana to mujhse aata hi tha to main bol diya thik hai papa aap bilkul bhi chinta naa kro main unhe choodd diya krunga. Agle din morning me mujhe car leke mam ko pick krne unke gher jana tha. Main unke gher thik 8 bje phunch gya.Aaj main unko first time dekhne wala tha.Maine phunchne ke bad horn bjaya to gher se bahar ek bhut hi khoobsurat,hot and sexy lady nikali. Jab maine unhe dekha to bus dekhta hi reh gaya.Mai thodi der ke liye subkuch bhool gaya tha.Jab unhone papa ki sheet par mujhe baithe dekha to unhone puchha aap koun ho aur radheshyam ji kyu nhi aaye aaj to maine unhe btya ki unki tabiyat kharab hai aur wo hospital me admit hai.Mai unka beta hu aur mera nam deepak hai. Jab tak wo thik nahi ho jate main hi aapki car chalaunga.Wo car me baith gayi to main unhe le ke chal diya unke office.Office phunchne ke bad mujhe sham tak whi rukna tha. pata ni kab kya kam aa jaye.Sham ko fir se unhe gher lana tha.Jab hum unke gher phunche to unhone bola chai peeyoge tum.
Maine bol diya kisi aur din pee lunga abi papa ko milne jana hai. Agle din fir unhe pick krne jana tha mujhe.Aaj wo pink sari me bot sexy lag rahi thi.Unhone low cut blouse phna tha jisme se unki aadhi nangi peeth dikhai de rahi thi.Blouse kafi tight hone ke karan unke boobz kafi bahar nikle huye the.Jinhe dekh ke meri halat khrab ho rahi thi. Unhe is roop me dekh ke mara louda khada ho gaya aur main jaldi se gadi me baith gaya aur unse bhi bathne ko bola to wo bhi baith gayi. Unhe office le gaya fir se shaam ko wapis gher laya.Unhone raste me pucha tum kya krte ho to maine bataya ki main collage me padta hu.To maine bhi unse puch hi liya ki aapki shadi hui yaa nhi.To unhone btaya ki abhi tak nhi hui hai.Mai ye sun ke bot khush hua ki wo bhi single hi hai abhi tak aur unhone mujhe btaya ki college me mera ek boy friend tha jisne ki mere sath cheating kri. Unhone btaya ki sabhi ladke aise hi hote hai dhokhebaz, isliye maine decide kra hai ki main shadi nhi krungi.Maine unse poocha aur koun koun rahta hai aapke gher me to unhone btaya ki main akeli rahti hu aur meri family delhi me rahti hai.Teesre din raste me unhone mujhe btaya ki kal morning me 4 baje aa jana.
Un dino bijli ki bhut chori chal rahi thi to unhe morning me inspection ke liye jana pada.Maine bol diya thik hai mam main kal mroning me aapko pick krne aa jaunga.Mujhe unke sath me bada maza aa rha tha.Wasie to mam ki har chiz mast thi top to bottom lekin unki gand to lajawab hi thi.Itni moti gaand maine aaj tak nhi dekhi thi.Jab wo chalti thi to unki gand bdi mast lgti thi.Mera man krta tha na ki abi mam ko pakad lu aur chod dalu unhe.Ab to main rat din bas mam ko codne ki sochne laga tha. Main aapko bata du ki abhi tak main vigin tha. Maine abhi tak kisi bhi ladki ke sath sex nhi kiya tha. Keval adult pictures hi dekhi thi ek do bar.Mai har rat mam. Ke bare me soch ke mutth mara krta tha.Agle din subah 4bje main unke gher phunch gya.Maine horn bjaya to abhi tak koi bhi bahar nhi aaya tha.Fir maine socha sayad mam so rahi hongi to maine doorbell bjai uske bad mam bahar aayi to unhone kha tum 5 min wait karo main abi aati hun. Uske baad hum chal diye round pe. Mam ko dekhna tha ki koun bijli ki chori kr rha hai.To unhe gate naa khulwa ke chori se logo ke gher me ghusna hota tha. Wo ek ghar me chori se enter hui , main bhi unke pichhe pichhe chal rha tha.Jaise hi mam us gher me enter hui to unhone dekha ki us gher me koi meter nhi tha aur wo log bijli ki chori kr rhe the.Fir mam ne dekha ki us gher me bedroom ki light jali hui thi.Jub mam ne bedroom ki khidki se andar dekha to ekdam se piche hat gayi aur unke piche main khada tha to wo mujhse takra gayi aur mere hath unke boobz se touch ho gye. Maine puchha mam kya hua to unhone khidki ki tarf isara kiya.Maine jab khidki se andar dekha to meri aankhe fati ki fati rah gyi.Coz us bedroom me sex ka khel chal rha tha.
Ek aadmi aur ek aaurat bed pe bilkul nange pde the aur wo aadmi us aaurat ke jhtke mar rha tha.Jisse ki aaurat ki cheekhe nikal rahi thi.Ye sab dekh ke mera to louda khada ho gya.Jab main pichhe ghooma to maine dekha ki mam bhi mere pichhe khadi ho ke wo scene dekh rahi thi.Sayad unhone mera khada hua lund dekh liya tha.Mam ne turant jaa ke gate bjaya to thodi der bad room me se wo hi aadmi bahar aaya jo ki us aaurat ke dmadam jhtke mar rha tha aur wo bechari aaurat jhtko ki wjah se chilla rahi thi.Mam ne us aadmi se bola ki main yha ki j.En. Hu aur tum bijli ki chori krte ho.To wo aadmi mam ke samne gidgidane lga aur mam ko 5000/- ruppe de ke bola mam please shiakayat mat krna.Mam ne uske kan pe ek thppad raseed kiya uar boli ek j.En ko riswat dete ho.To usne 5000/- rupee mam ko aur de diye aur kaha ki ab sikayat mat krna mam please.Mam ne paise liye aur mam chal di apne ghar ke liye. Raste me maine mam se bola ki mam aaj to double fayda ho gya.Mam boli kaise?.Maine btaya ki 10000/- rupee bhi mil gye aur wo scene bhi dekhne ko mil gaya to mam hnsne lagi.Gher phunchte phunchte hmko 7baj gye the.Office jane me abhi ek ghnta baki tha.To mam ne bola ki tum ab jaoge aur ek ghnte bad fir se vapis aaoge isse achha ki ki ek ghnte tak tum yhi pe ruk jao tab tak me nha lungi aur fir hum office ko nikal jayenge sidhe yhi se to maine bol diya thik h mam jaisi aapki ichha.Mam nhane chali gayi aur main tv Dekhne lag gya.Mujhe fir se wo bedroom wala scene yad aa gaya aur mera louda khada hone laga.
Mai chupchap wha se utha aur bathroom ki taraf chal diya.Bathroom se pani ki aawaz aa rahi thi.Jab maine bathroom keyhole se andar dekha to main dekhta hi rah gya. Mai andar kya dekhta hu ki meri sex goddess madam bathroom me bilkul nangi thi aur apne poore body par saboon lgaya hua tha.Unhe nangi dekh ke mera louda bot tight ho gaya aur pant ko fadne ki koshish krne lga.Maine turant apne 7inch lambe loude ko aajad kr diya aur bahar nikal kar hilane laga.Itna tight mera louda aaj tak nhi hua jitna ki aaj madam ko dekh ke hua tha.Maine andar dekha ki mam apne boobz ko msal rahi thi jor joro se.Sayad unhe bhi wo sex scene yad aa gaya hoga.Fir main kya dekhta hu ki unke hath dhire dhire niche ki Taraf badh rhe the.Ab unka ek hath apni choot par tha to doosra hath apne boobz par.Dekhte hi dekhte unhone apni ungli apni choot me dal li aur use aage pichhe krne lagi ye sab dekh ke mujhe bahut excitement hua aur main whi jhad gya.Mere loude se itna pani aaj tak nhi nikla jitna ki aaj nikla tha.Andar se mam ki aanhe sunai de rahi thi… Aahh….. hhh…Uuhhhh…Ooohhhhhhh.d ekhte hi dekhte mam bhi jhad gayi. Mai turant wha se hat gaya aur TV ke samne jaa ke baith gaya.Thodi der bad mam green sari pehen ke aayi aur mujhe chalne ko kha.
Maine gadi start ki aur chal diya.Green sari me bhi mam bhut hot and sexy lag rahi thi.Mai poore din mam ki jism ke bare me sochta rha aur tdpta rha.Maine ab man bna liya tha ki is mast maal ko kaise bhi kar ke chodna hi hai.Jab main mam ko le ke vapis gher aa rha tha to raste me bhut joro se barish hone lagi aur sath hi sath thandi hawa bhi chalne lgi.Maine mam ko gher choda aur main jane lga to mam ne kha ki bhut barish ho rahi hai thodi der yha ruk jao bad me chale jana.Mai to chahta hi ye tha ki jitna ho ske mam ke sath rhu coz mujhe unke sath bhut achha lgta tha.Mai andar jaa ke tv dekhne lga aur mam apni dress change krne chali gyi. Thodi der bad mam chai le ke aayi.Aaj unhone jeans top phna hua tha.Jeans top me mam ko dekha to main khada ho gya.Mam ne puchha kya hua to main bola kuch nhi bus aise hi to mam hnsne lgi. Top me mam ke boobz bhut mote lag rhe the aur jeans me unki gand bhi bahut moti dikh rahi thi.Maine bola mam aaj to aap bhut bhut sundar lag rhe ho to mam sharma gyi.Barish rukne ka nam hi nhi le rahi thi abhi tak barish ho rahi thi. Road pe pani bhar gaya tha jisse ki car ka niklna bahut muskil tha. Rat ke 8 bj chuke the to mam ne kha ki tumhe 4bje fir aana pdega isse achha hai ki aaj rat tum yhi ruk jao.Meri to aaj lottry lagne wali thi to main kaise mam ko mna kr skta tha maine bhi bol diya thik hai mam jaisi aapki ichha.Rat ko khane khane ke bad hum dono t.V.
Dekhne lge.Bato bato me maine mam se puchha ki mam aapko kaise ldke pasand hai to mam ne hnste huye kha ki tum jaise simple aur sweet.To maine bhi hanste huye kh diya ki mam aap mujhse khi jyada sweet ho aur cute bhi to wo sharma gyi.Unhone mujhse puchha kya tumhari koi gf hai to maine bola nhi mam abhi tak to koi bhi nahi hai. Mam boli tbhi to itne bachain rhte ho aur ye kah ke wo jor joro se hnsne lgi.Maine bhi mouka dekh ke kah diya ki madam aapka bhi to koi bf nahi hai to kya aap bhi bechain rhti ho to wo hnsne lgi. Ab rat ke 10 baj chuke the to mam boli chalo ab tum so jao mrng me jldi uthna hai.Mam boli tunhe yhi sofe pe sona hoga coz mere gher me ek hi room tha to maine bola thik hai mam gud night.Mam apne room me chali gayi aur main us sofe me so gaya bhut koshish krne ke bad bhi mujhe nind nhi aa rahi thi coz mujhe bar bar mam ka tapta hua jism yad aa rha tha.
Aur ye sab soch soch ke mera lund bhut tight ho gaya tha.Achanak se mam ke gate khule aur wo bahar aayi.Mai chup chap let gaya.Mam pani peene aayi thi coz unka fridge whi rakha tha jha main so raha tha.Mam ne nighyt phni hui thi.Jisme se unke boobz aadhe se jyada bahar nikal rhe the.Jaise hi unhone meri taraf dekha to wo dekhti hi reh gayi sayad unhe mere khada hua louda dikh gaya tha.Wo dhire dhire mere pas aayi aur mujhe najdeek se dekhne lgi.Achanak se unhone mere lund ko hath se pkda aur use dbane lgi.
Ye sab dekh ke maine apni aankhe khol di to mam ekdm se dar gayi aur wo jane lgi.Maine unhe piche se pakad liya Aur unke tapte huye lips pe apne lips rakh diye thodi der tak unhone mujhe htane ki koshish ki lekin thodi der me wo normal ho gai aur mera sath dene lgi.Mai kbhi unke upar wale lips ko choosta to kbi unke niche wale lips ko.Bich bich me main unke lips ko halka sa kat bhi deta tha.Kareeb 15 min. Tak kiss krne ke bad mam ne kha chalo andar bedroom me chalte hai.Mai mam ke pichhe pichhe bedroom me chala gaya aur unhone mujhe bed pe dhakka marte huye gira diya.Wo khne lgi ki main bhut dino se pyasi thi lekin aaj apni sari pyas bujha lungi aur ye khte huye wo mere upar aa ke mere lips chusne lgi.Wo mere lips choos rahi thi aur mere hath ab unki gand tak phunch gye the.Mai unki gand dba rha tha.Ab main unhe apne niche lete huye unke boobz dbane lga tha.Maine unse kha ki apni nighty nikal do to wo khne lgi khud hi nikal lo naa tum.Jaisi hi maine unki nighty nikali to main mote mote boobz dekh ke pagal ho gaya aur unhe jor jor se dbane lga.Mam khne lgi thoda dhire kro naa please.Maine bola ok mam jaisi aapki ichha.Unhone white bra panty phni hui thi jisme wo ekdam pari lag rahi thi. Ab maine apne kapde bhi khol diye the main kewal underwear me tha jisme mera 7inch ka louda kaid tha aur wo meri underwear ko fadne wala tha.Maine mam ko btaya ki mam aap naa mujhe bhut bhut achhi lgti ho…Jabse aapko dekha hai tab se bas rat din aap hi ke bare me sochta rhata hu.
I love you mam.Mam boli i love you too deepak.Aaj tum meri pyas bujha do bus.Meri choot abhi tak kunwari hai,aaj fad dalo ise aur bna lo ise apni.Ye sun ke main aur jyada excited ho gaya aur jor jor se mam ko kiss krne lga aur unki bra kholte huye kbhi unke left boob ko choosta to kbi unke roght boob ko.Ab tak mam bhi ekbhag garm ho chuki thi.Maine dhire se mam ki panty me apna hath dal diya aur unke love hole(choot) pe hath ghumane lga aur apni ek ungli unki choot me dalte huye aage pichhe krne lga.Mam ki aanhe nikal rahi thi.Ab maine mam se apni gand uthane ko kha aur unki panty nikal ke phenk di.Mai unki dono tango ke beech me baitha tha.Maine apna munh mam ki choot pe rakh diya aur usme jeebh dal ke aage pichhe krne laga.Mam chihuk uthi aur mere bal pakad ke mera munh apni choot me dbane lgi. Mujhe bda mza aa rha tha aur mam to jaise jannat me thi us time.Achank se mam ne mera lund apne hath me liya uar use aage piche krne lagi.Usne bad maine bola ise munh me le lo naa please to wo man gayi aur use munh me le ke choosne lgi.Mujhe aisa lga jaise ki main jannat me hu.Mam se apna louda chuswa ke bda mza aa ra tha.Ab maine mam ko sidha letne ko kha toh wo jhat se sidha let gayi mere samne aur maine apne loude pe bhut sara thook lgaya aur loude ka supada mam ki choot ke munh pe rakhte huye use choot ke aas paas ghumane lga.Mam tadap rahi thi chudne ko.
Mam boli ab dal bhi do andar aur krdo meri virginity lost.Mujhe ye sun ke josh aa gaya aur maine apne aadha louda ek hi ghtke me andar dal diya mam ki choot me.Isse phle ki mam chikhti maine apne lips unke lips pe rakh diye aur unhe choosne laga jab thodi der bad mam normal ho gayi to maine ek or jordar jhtka mar ke apne pure ka pura 7inch lamba louda mam ki gulabi choot me dal diya.Mam jor se cheekh pdi khne lgi ise nikalo plsss.Mai thodi der whi ruk ke unke boobs dbane aur chusne lga aur thodi der bad dhire dhire jhatke marne laga. Ab mam bhi apni gand utha ke mere jhtko ka reply de rahi thi. Unki munh se bdi madak aanhe nikal rahi thi jo ki mujhe aur bhi jyada excited bna rahi thi. Ab main jor jor ne mam ki choot me apna lund pelne lga aur har jhtke ko enjoy krne lga.Mam barish ke mousam me pseene me tar ho gayi thi aur same halat meri bhi thi lekin hum lgatar chudai karte rahe. 30 min tak mam ki choot chodte huye maine kha ki mam main jhdne wala hun.Aap kitni der me jhdogi? To unhone bataya ki main to 2 bar jhad bhi chuki.Maine bola main aapki choot me jhad jau..Mam ne kha haa please bhar do meri pyasi chut ko apne ras se.Itne sunte hi mere loude se lava nikala aur mam ki garma garam chut ko bhar diya.Thodi der bad hum uthe aur bathroom me jaake ek bar fir se chudai ka enjoy kiya.Us rat humne poore 5 bar chudai kri.Mai aur mam dono bhut khush the.Aaj ke liye bus itna hi aagli khani me aapko btaunga ki kaise maine mam ki moti aur mast gand me apna louda dala. Ummid karta hu aapko meri kahani pasand aayi hogi.
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Sasur ne bahu ko choda khet me
हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शालिनी है और मैं अपने ससुर के साथ रहती हूँ.. मेरी उम्र 30 साल है और मेरी शादी को सात साल बीत चुके है.. लेकिन अभी तक मेरे कोई बच्चा नहीं है क्योंकि मेरा पति मुंबई में काम करता है और मैं अपने ससुर जी के साथ गाँव में रहती हूँ और वो यहाँ पर रहकर हमारी खेती संभालते हैं.
मैं चुदाई के लिए बहुत तड़पती हूँ और मेरा पति घर पर साल में एक या दो ही बार आता है और उसका लंड बहुत छोटा है और वो मेरी ठीक तरह से चुदाई भी नहीं करता. इस कारण हमे बच्चे भी नहीं हैं और मेरी सासू माँ को मरे हुये भी बहुत साल हो चुके हैं मेरे पापा जी मतलब ससुर 56 साल के हैं.. लेकिन खेती करने और मेहनत करने के कारण अभी भी तंदरुस्त हैं. उनकी लम्बाई 6.2 इंच हैं और बहुत तगड़े हैं और बहुत आकर्षक हैं.
मैं एक सावली औरत हूँ..
लेकिन में दिखने में बहुत मस्त हूँ और मेरा फिगर 34-30-34 है. फिर कई बार खेत में काम करते वक़्त और वहीं पर नहाते वक़्त मैंने बाबू जी का लंड बहुत बार देख लिया और अब मुझे उसको लेने की चाहत होने लगी थी. वो 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और जब भी मैं काम करती वो भी मुझे घूर घूरकर देखते थे और फिर मैं भी आज कल उनको अपने बूब्स के लगातार दर्शन दे रही थी.. नहाने के बाद जानबूझ कर टावल में उनके सामने आ जाती और वैसे ही कभी चाय तो कभी खाना बनाती और फिर बाद में कपड़े पहनती.
फिर एक दिन शाम को मेरे ससुर जी ने कहा कि बहू मुझे रात को खेत पर किसी काम से जाना है और मैं रात को थोड़ा देर से आऊंगा. तो मैंने उनसे कहा कि मैं भी आपके साथ चलूंगी क्योंकि यहाँ पर अकेले में रात को मुझे बहुत डर लगता है. तभी बाबू जी ने कहा कि ठीक है.. लेकिन तुम वहाँ पर क्या करोगी? तो मैंने कहा कि जो आप कहे वही और वो हंस पड़े और मान गये. फिर मैंने जल्दी से खाना बनाया और हम खाना खाकर साथ में चल दिए.
हमारा खेत बहुत दूर था और पैदल जाने में 20 मिनट लगते थे..
तो इसलिए हम दोनों साईकिल से गये ताकि हम लोग वहां पर जल्दी पहुँच जाए और मैं साईकिल के सामने वाले डंडे पर बैठ गयी और वो साईकिल चलाने लगे. तभी उनके पैर साईकिल चलाते वक्त मेरी गांड पर लग रहे थे और उनकी छाती मेरी पीठ से लग रही थी.. जो की बिल्कुल नंगी थी क्योंकि मैंने पीछे से खुले टाईप का ब्लाउज पहना था और मैं हमेशा शहर आती जाती थी तो फैशन के बारे में मुझे थोड़ा बहुत मालूम था.
उन्होंने बनियान और लूँगी पहनी थी और अंदर कुछ नहीं पहना था और यह मैंने साईकल पर बैठते वक़्त देख लिया था. मैंने भी साड़ी पहनी थी और अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और ब्रा भी नहीं पहनी और फिर हम थोड़ी ही दूरी पर पहुंचे थे इतने में ही बहुत ज़ोर की बारिश आ गई और हम थोड़ा बहुत पानी से भीग भी गए. तो उस अंधेरी रात में हम दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े होकर बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे.. हमे दूर दूर तक कोई भी नजर नहीं आ रहा था और ना ही कहीं छिपने की जगह दिख रही थी.
तभी मुझे ठंड लगने लगी और गीले होने की वजह से पेशाब भी आने लगा तो मैंने बाबू जी से कहा कि मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आ रहा है अब मैं क्या करूं? मुझे कहीं पेशाब करने के लिए जाना है. तो उन्होंने कहा कि हाँ आया तो मुझे भी है.. तुम भी यहीं पर कर लो क्योंकि आगे बहुत अंधेरा है और कोई साँप वगेरह ना आ जाए.
मैंने कहा कि ठीक है और मैं वहीं पर दो चार कदम की दूरी पर अपनी साड़ी को थोड़ा ऊपर उठाकर अपने दोनों हाथों में लेकर नीचे बैठ गई और सस्शह की आवाज़ से मूतने लगी. फिर ससुर जी भी अपनी लूँगी को थोड़ा ढीली करके मेरी दूसरी तरफ मुड़कर मूतने लगे.. लेकिन तिरछी निगाह से मैंने उनका लंड देख लिया था. फिर वो जल्दी से पेशाब करके खड़े हो गए थे.. तभी बहुत ज़ोर से बिजली चमकी और में चिल्लाते और डरते हुए सीधा बाबू जी से चिपक गयी. इस हलचल में बाबू जी की लूँगी खुलकर नीचे गिर गयी और वो बिना लूँगी के हो गए और मेरी नंगी चूत उनके लंड से चिपक गयी और में उनकी बाहों में कसमसाने लगी..
मैं बहुत डर गयी थी और अब धीरे धीरे उनके हाथ भी मेरी पीठ पर घूमने लगे थे और मेरी पीठ को सहलाने लगे.. मुझे उनके हाथ का स्पर्श मेरी कमर पर बहुत अच्छा लग रहा था. तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ बहू इतना क्यों डर गयी? सही तरह से मूत पाई या नहीं? तो मैंने कहा कि हाँ बाबू जी मैं बहुत डर गयी हूँ और मेरा तो उस बिलजी की आवाज से पेशाब भी बंद हो गया. आपने मूता या नहीं?
तो वो बोले कि कहाँ मूत पाया तुम जो आकर मुझसे चिपक गयी.
मैं थोड़ा शरमा गयी और तभी फिर से एक बार और ज़ोर से बिजली कड़की और उसकी आवाज से मेरा सारा मूत खड़े खड़े ही उनके लंड के ऊपर पर निकल गया जो कि मेरी चूत के मुहं से चिपका हुआ था. तो मैं उनकी बाहों में कसमसाने लगी और तड़प उठी. तभी बाबू जी बोले कि ओहआहह बरसात के ठंडे पानी में कुछ अजीब सा गरम गरम लग रहा है.
तो अब मेरे ससुर की दोनों आँखे भी बंद हो गई और वो बोले कि बहू इतनी ठंड में भी तुम्हारा गरम पेशाब क्या जादू कर रहा है और मेरा भी मूत निकलने वाला है. मेरी मूत की धार तेरी धार में मिलने दे.. मेरी भी हालत खराब हो गई. मैंने कहा कि बाबू जी मुझे क्या हो रहा है? आपका लंड सीधा मेरी चूत के मुहं पर अपना मूत गिरा रहा है ऊहह हमारा पानी मिल रहा है. तभी मुझे मेरे पैर पर कुछ महसूस हुआ और मैं चीखकर उचक पड़ी और बाबू जी से लिपट गयी और मेरे दोनों पैर बाबू जी की कमर से लिपट गए थे.
मेरी चूत उनके लंड के ऊपर आकर खुद ब खुद सेट हो गई थी
और एकदम से उचकने के कारण सपोर्ट के लिए उनके हाथ भी मेरी नंगी गांड पर आ गए थे और एक हाथ मेरी गांड की दरार में घुस गया था.. अह्ह्ह मेरा मूत पिताजी के लंड पर बह रहा था और उनका मूत मेरी चूत और गांड को गरम कर रहा था और हम सिर्फ़ आह्ह्ह ऐसे ही चिपक कर खड़े रहे. तभी बाबू जी बोले कि बहू तेरी क्या मस्त गांड है? तो मैंने कहा कि बाबू जी आपका लंड मेरी चूत को गीला कर रहा है और आपका हाथ मेरी गांड में घुसा जा रहा है शईई.
तभी बाबू जी बोले कि वाह क्या मस्त गांड है.. बहू तुम्हारी गांड में एक बाल भी नहीं हैं और तू मेरे लंड पर बैठकर मूत रही है कुतिया. मैंने कहा कि बाबू जी आपका लंड भी तो मेरी चूत और गांड में मूत रहा है और मुझे गरम कर रहा है कुत्ते और वैसे भी तेरा बेटा मेरी चूत की प्यास नहीं बुझाता और बाप है कि चूत में मूत रहा है. तभी ससुर जी ने जोश में आकर अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी.. तो मैं दर्द से सिसकियाँ लेने लगी और कह रही थी बाबू जी आप यह क्या कर रहे हो? अपनी बहू की गांड में उंगली डाल रहे हो अब वहाँ से मेरा हलवा निकालोगे क्या? तो बाबू जी बोले कि कुतिया अगर तेरी गांड का हलवा खाने को मिले जाए तो क्या बात है.
फिर मैं भी बड़े आराम से सिसकियाँ लेकर अपनी गांड में उंगली घुसवा रही थी और लंड पर ज़ोर ज़ोर से उचक रही थी और उनके लंड को अपनी चूत के पानी से गीला कर रही थी ओह अह्ह्ह और फिर उन्होंने मुझे गोद से उतारा और मेरी साड़ी फाड़कर फेंक दी और अपनी बनियान भी उतार कर मुझसे नंगे होकर चिपक गये. तो मैंने भी अपने हाथ उनकी गांड की दरार में डालकर उनकी गांड में उंगली करने लगी. वो बोले कि साली रांड अपने ससुर की गांड में उंगली डाल रही है अब क्या उसको चाटेगी? कुतिया निकाल बाहर.
फिर मैंने वैसे ही किया और फिर मैंने ससुर जी से कहा कि ससुर जी अपना यह खंबा मेरी गांड में डालकर बना लो अपनी कुतिया और कुत्ते की तरह चोदो मुझे और लंड फंसा दो और मेरे बूब्स पीकर मुझे अपनी औलाद जैसा सुख दे दो. मुझे ज़ोर से चोद साले भडवे.. फिर में जल्दी से कुतिया बन गई. वो बोले कि रंडी अभी तेरी मस्त गांड चूत सब चोद चोदकर फाड़ता हूँ. रुक अभी अपना लंड घुसाता हूँ.. रंडी बहू ले अपने बाबू जी का लंड खा. तो मैं वहीं मिट्टी से सनी पूरी गीली, बरसात के बरसते पानी में कुतिया बन गयी और बाबू जी मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगे और कहने लगे कि ले मेरी कुतिया ले अपने बाप का लंड ले मेरी बहू अपनी चिकनी चूत में.
अब मैं इसका भोसड़ा बना दूँगा क्या टाईट है रे तेरी चूत.
मैं कहने लगी कि अहह तेरा लंड थोड़ा आराम से डाल मेरे पालतू कुत्ते, मेरे पति के बाप.. बाबू जी आपका लंड बहुत बड़ा है आराम से डालो ना मदारचोद बहनचोद.. तेरा बेटा तो चोदता नहीं.. अब तुझ से ही डलवा लिया.. आज मार देगा क्या? आअहह और उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया और वो कुत्ते की तरह धक्का देकर मेरी चुदाई करने लगा आह्ह्ह आहह और ज़ोर से चोदो ना बाबू जी हाँ ऐसे ही चोदना.. लंड अंदर डालकर मूत दे.. मार मेरी चूत में और गांड में उंगली डाल ना गांडू.. मैं हमेशा अपनी गांड तुझसे ही चुदवाऊँगी. तभी बाबू जी ने कहा कुतिया ले ले मेरा लंड ले.. मेरी उंगली गांड में और दे मुझे तेरा हलवा कुतिया. वो मेरे बूब्स को भी बड़ी बेरहमी से दबा रहे थे. फिर उन्होंने झट से लंड बाहर निकाला और मेरे मुहं में झड़ लगा दिया.. आहह ले पी साली ऐसे ही पी जा सारा माल.
मैं बोली कि क्या मज़ा आ रहा है बाबू जी मेरी गांड भी मारो.. मेरी गांड में अपना लंड डालकर फाड़ दो. फिर बाबू जी मेरी गांड में लंड घुसाकर बोले कि आह रंडी बहू ले अपनी गांड में ससुर का लंड खा आ हाहह क्या टाईट गांड है तेरी. तो मैं बोली कि हाँ बाबू जी आप ही मेरे सैयां हो.. ओहहहा आह चोदो ना बाबू जी.. चोद मादरचोद चोद मेरी गांड और अपना माल भर दे मेरी गांड के छेद में और पिला मुझे मेरी गांड का जूस. फिर बाबू जी बोले कि मेरा भी निकल रहा है.. आहह में भी झड़ रहा हूँ मेरी बहू. तो मैं कहने लगी कि हाँ डाल दो अपनी रंडी बहू की गांड में.
तो दोस्तों इस तरह बाबू जी ने मेरी चूत और गांड दोनों मारी और मुझे चोदकर चुदाई का पूरा सुख दिया.. उस रात हमने घर पर आकर दो बार और चुदाई की फिर थककर सो गए.. लेकिन फिर हमारी चुदाई ऐसी चली कि उसने रुकने का नाम नहीं लिया और मुझे बाबू जी ने बहुत बार चोदा और मुझे अपने बच्चे की माँ बना दिया.. जिसे मैंने सबके सामने मेरे पति का नाम दिया और अब मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे तगड़े लंड के साथ साथ एक बच्चा भी मिल गया ..
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Auto वाले भैया
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Love Birds Night Club वैसे तो सारी रात चलती थी पर वहाँ बाहर Auto वाले रात 9 बजे के बाद नहीं रुकते थें क्यूंकि वहाँ आने वाले ज़्यादातर लड़के लड़कियां अपनी Car वगैरह में ही आते थें.
अभी दस बज रहें थें और सूरज अपनी Auto लिये वहाँ अब तक खड़ा था... सारे Auto वाले जा चुके थें और वो भी जाने कि तैयारी में था... बस कोई आखरी सवारी मिल जाये. सूरज 35 साल का नरम बोली वाला सीधा साधा कुंवारा बंदा था....
Night Club से पाँच लड़कियों और दो लड़कों का एक झुण्ड बाहर निकला. सूरज अपनी सवारी के लिये रेडी हो गया. उसने देखा कि उन सबने पी रखी थी पर उनमें से एक लड़की कुछ ज़्यादा ही टल्ली हुई पड़ी थी.
" यार अदिती... तू ठीक तो है ना ? " एक लड़की ने पूछा.
" Sorry बेबी... हमें तुझे इतना नहीं पिलाना चाहिये था... ". उनमें से एक लड़के ने कहा.
" मैं ठीक हूं बाबा... ". उस टल्ली लड़की जिसका नाम अदिती था, ने अपने दोस्तों से कहा. उसकी दो सहेलियां उसे सूरज के Auto तक ले आई और उनमें से एक ने उससे पूछा. " Are You Sure तू जा पायेगी ? ".
" Yes... Yes... Yes... क्या यार... तूम लोग भी ना. " अदिती ने Auto में बैठते हुए कहा.
" भैया... इसकी तबियत ठीक नहीं है... आप ज़रा इसे Samsung के Showroom वाले Colony में छोड़ दोगे ? ". एक लड़की ने सूरज से कहा.
" कोई Problem नहीं मैडम जी... ". सूरज ने कहा. ऐसे नाटक वो रोज़ ही देखता था... उसे आदत पड़ चुकी थी.
" Bye Everyone... Love You... Byeee... ". अदिती ने अपने दोस्तों को Bye कहा और Auto चल पड़ी...........
कुछ दूर जाते ही अचानक अदिती ने Auto रोकने को कहा. सूरज रुका तो अदिती Auto से बाहर निकली और सड़क के किनारे बैठ कर उल्टी करने लगी. सूरज चुपचाप Auto में बैठा Wait करता रहा. उल्टी करके अदिती वापस आई तो उसने उसे Auto में पड़ी पानी कि बोतल दी. अदिती ने मुँह धोया और पानी पी और फिर Auto में बैठ गई.
" आप ठीक तो हो ना मैडम जी ? ". सूरज ने बस पूछने कि खातिर पूछा.
" सुनो... मैंने आज बहुत ज़्यादा पी ली है... इस हालत में घर नहीं जा सकती... मम्मी पापा मार डालेंगे You Know... " अदिती बोलने लगी. " आप मुझे अपने घर ले चलो ना Please... मैं सुबह निकल जाउंगी. ".
" नहीं मैडम जी... ये तो... ". सूरज को इन सब झमेलों में पड़ना ही नहीं था.
" Please यार... आप Extra पैसे ले लेना... Help कर दो यार ! ".
सूरज को समझ नहीं आ रहा था इस पियक्कड़ लड़की को कहाँ छोड़े... वैसे उसके घर में तो वो अकेला ही रहता था और बस रात भर कि तो बात थी... लड़की पैसे भी अच्छे ही देगी... चलो क्या है फिर !!! सूरज ने Auto अपनी घर कि ओर मोड़ दिया...........
घर पहुंच कर सूरज ने Auto बाहर Park किया और उसके पीछे पीछे अदिती लड़खड़ाते कदमों से अंदर चली आई. छोटा घर था, घर में एक ही बेडरूम था, एक किचन और एक बाथरूम... बस.
" I Need To Pee... " अदिती ने झूमते हुए कहा.
" जी मैडम जी ??? ". बेचारे सूरज को समझ में नहीं आया.
" बाथरूम कहाँ है यार ??? ".
" आइये मैडम जी.. इधर. ". सूरज अदिती को बाथरूम तक छोड़ आया और फिर अपने बेडरूम में आकर कपड़े बदल कर लुंगी पहन ली. इतने देर में अदिती भी बाहर आ गई. सूरज उसे अपने बेडरूम में ले आया.
" आप यहाँ आराम करो मैडम जी... ". सूरज ने कहा तो अचानक अदिती उससे लिपट गई और बोली. " So Sweet यार... Thanks ! ".
पहली बार अब सूरज ने ध्यान से अदिती को देखा. मुश्किल से 21 - 22 साल कि होगी वो... बहुत खूबसूरत तो नहीं पर अच्छी थी और Figure गदराया हुआ बदन वाला था ... एकदम गोरी... अपने बाल Straight करवा रखे थें उसने... White Top और Red Skirt. चूंकि वो नशे में थी इसलिये सूरज अब मन भर कर उसे घूरने लगा. उसकी Skirt इतनी छोटी थी कि जैसे बस चूत ढकने भर के लिये पहनी हो. उसकी मांसल गोरी जांघों पे एक भी बाल नहीं था.
इतने कम समय में इतना सारा सेक्सी नज़ारा एक साथ देख कर सूरज का कलेजा मुँह को आने लगा. अदिती उससे अलग हुई और बिस्तर कि ओर चल पड़ी... Skirt में हिलती हुई उसकी बड़ी गांड़ देख कर सूरज कि आँखे फटी कि फटी रह गई.
अदिती ने अपना Vanity Bag ज़मीन पर गिरा दिया और बेडरूम में पड़े चौकी पर धम्म से लेट गई. उसका नशा उल्टी होने के बाद से और चढ़ गया था. सूरज बेडरूम के दरवाजे पर बेवकूफ़ कि तरह खड़ा उसे देखता रहा.
" तूम भी आओ यहाँ... Relax... It's Okay ! " . अदिती ने कहा तो सूरज मंत्रमुगध सा बिस्तर कि ओर बढ़ चला.
" बैठो... या फिर लेट जाओ... मैं थोड़ा आराम करती हूं... What The Fuck यार... I Am So Drunk यार !!! ". अदिती बकने लगी.
उसकी बगल में बिस्तर पर बैठते हुए अब तक सूरज के मन में गंदे गंदे खयाल आने शुरू हो गयें थें.... खास कर ये सोच कर कि उसकी जैसी सेक्सी लड़की अभी उसके साथ थी और वो भी पूरी तरह नशे में धुत्त और शायद इसी वजह से उसके साथ इतने प्यार से पेश आ रही थी. सीधा साधा नरम बोली वाला बंदा तो वो था ही... पर एक मर्द भी तो था !!! बिस्तर पे पड़ी उस लड़की को अब सूरज बिना शर्म जी भर के घूरने निहारने लगा...........
अदिती कि Skirt तो वैसे ही छोटी थी और अब थोड़ी सी ऊपर भी उठ गई तो उसकी पैंटी का वो तीकोना हिस्सा भी दिखने लगा जहाँ उसकी दोनों मांसल जांघे एक दूसरे से मिल रहीं थीं. सूरज के मन कि सारी हिचक अब जाती रही और ये सोच कर कि उसे फिर कभी ऐसी Hot लड़की शायद ही जिंदगी में मिले, उसका मन ललचने लगा. उसने अपना मुँह अदिती कि पैंटी वाली जगह पे झुका कर एक गहरी साँस ली तो एक तेज मादक गंध उसकी नाक में घुस गया. उस गंध कि वजह से उसकी रही सही हिचकिचाहट भी जाती रही. उसने बड़े आराम से अदिती कि Skirt को उसके पेट तक ऊपर उठा दिया ताकि ये देख सके कि इतनी मस्त खुशबु वाली जगह दिखती कैसी है.
अदिती कि सफ़ेद रंग कि टाईट Cotton पैंटी का मोटा उभार देखकर सूरज ने अंदाजा लगा लिया कि उसकी चूत कितनी फुली हुई होगी. वो फिर अदिती के टांगों कि तरफ झुका और इस बार अच्छे से मन भर कर उसकी पैंटी में ढ़की हुई बूर का गंध सूंघा. अदिती ने अभी अभी पेशाब किया था, सो उसकी चूत कि त्वचा, पेशाब और Cotton के पैंटी कि मिली जुली महक इतनी मदहोश कर देने वाली थी कि अब सूरज के लिये और Control कर पाना संभव नहीं था.
सूरज के लण्ड का बुरा हाल था, पूरा खड़ा होकर फड़क रहा था उसकी लुंगी में. खड़ा होने कि वजह से उसके लण्ड का चमड़ा थोड़ा सा पीछे Roll हो गया था और उसके लण्ड का लाल बड़ा सुपाड़ा आधा बाहर निकल आया था. उत्तेजना के मारे क्या करें क्या ना करें ये समझ में नहीं आया तो वो लुंगी पहने हुए ही अदिती के ऊपर चढ़ गया.
" Hey... Stop It... क्या कर रहे हो यार ??? " अदिती नशे में भरी लड़खड़ाती आवाज में बड़बड़ाई और फिर हंसने लगी. सूरज ने अपनी लुंगी में खड़ा लण्ड बिना बाहर निकाले ही धीरे से अदिती कि पैंटी से चिपकी हुई चूत पे रखा तो उसे यकीन नहीं हुआ की किसी लड़की की चूत इतनी मुलायम नरम भी हो सकती है. उसने अपने कमर का थोड़ा सा भार नीचे डाला तो तनाव कि वजह से उसके लण्ड का सुपाड़ा एकबारगी पूरा खुल के बाहर निकल आया. लुंगी के कपड़े में से वो साफ महसूस कर पा रहा था कि उसके लण्ड का सुपाड़ा ठीक अदिती कि चूत कि पतली फांक के बीच सट रहा था. ये Feeling उसके लिये बहुत ज़्यादा थी और इसी के साथ उसके लण्ड ने बलबला कर वीर्य फेंक दिया. अचानक से हुए इस शीघ्रपतन से सूरज का पूरा शरीर झनझना उठा और बड़ी मुश्किल से उसने अपने हाथों के बल खुद को Balance करके गिरने से रोका.
सूरज का लौड़ा उसकी लुंगी में पिचकारी पे पिचकारी मारता रहा. पूरा लुंगी वीर्य से सन गया. करीब दो मिनट तक वैसे ही वो अदिती के ऊपर पड़ा पड़ा झड़ता रहा. उसके लुंगी से वीर्य रिस रिस कर अदिती कि पैंटी और जांघो पर फ़ैल गया था. दो मिनट के बाद उसने अपना लण्ड लुंगी से बाहर निकाला और अदिती कि चूत पे पैंटी के ऊपर ऊपर रगड़ने लगा. ऐसा करने से उसके लण्ड से थोड़ा और वीर्य निकला और तब जाकर उसका लण्ड कहीं थोड़ा शांत हुआ.
सूरज ने अपना लौड़ा वापस लुंगी में घुसा लिया और वहीं बिस्तर पे निढ़ाल होकर बैठ गया.
" छी... You Asshole !!! ". बोलकर अदिती बिस्तर से उठी तो सूरज ने उसे सहारा देना चाहा. " मैडम जी... संभाल के... ".
पर अदिती काफी गुस्से में थी. " छूना मत मुझे हरामी ! ". अदिती ने अपना Skirt हाथों से ऊपर उठा रखा था ताकि वो उसकी पैंटी से चिपक कर गंदा ना हो जाये और बाथरूम कि तरफ चल पड़ी...
5 - 7 मिनट के बाद अदिती बाथरूम से बाहर आई. उसे आता देख सूरज डर के मारे बिस्तर से उठ गया. अदिती के बिस्तर पर आते ही वो चुपचाप बाथरूम कि ओर चल पड़ा. माल गिर जाने कि वजह से अब उसे पेशाब आ रहा था.
बाथरूम में घुसते ही पेशाब कि तेज गंध से वो समझ गया कि अदिती ने फिर से पेशाब किया था पर पानी नहीं डाला था. तभी उसकी नज़र बाथरूम के दरवाजे पर पड़ी... दरवाजे पर अदिती ने अपनी वीर्य से गीली हुई पैंटी फैला रखी थी. यानि बाहर बिस्तर पर अभी अदिती बिना पैंटी के सिर्फ Skirt में होगी !!! लेकिन नहीं... सूरज अब अपने मन में कोई भी गंदा विचार नहीं लाना चाहता था... बहुत हो चुका था... और नहीं.
सूरज ने अपनी गंदी हो रखी लुंगी खोल कर दरवाजे पर ही पैंटी के बगल में डाल दी. उसका लण्ड अभी भी आधा खड़ा ही था और इसी वजह से उसका पेशाब जल्दी नहीं निकल रहा था. किसी तरह आधे खड़े लौड़े से उसने पेशाब किया और पानी डाल कर बाहर निकला. उसने अबकी बार एक गमछा पहन लिया था...
अपने कमरे में घुसने से पहले सूरज को यकीन था कि अदिती अब नशे कि वजह से सो चुकी होगी पर अंदर आते ही उसके होश उड़ गयें ! सामने बिस्तर पर अदिती एकदम नंगी लेटी पड़ी थी... पेट के बल !!! उसके कपड़े वहीं बिस्तर पर एक Side में पड़े हुए थें.
" यहाँ आओ... मैं कहती हूं यहाँ आओ ! ". अदिती ने गुस्से से भरी आवाज में कहा तो सूरज डरते डरते बिस्तर तक पंहुचा.
" बैठो... ". अदिती ने कहा और सूरज बिस्तर पे उसके पैरों कि तरफ बैठ गया.
" क्या कर रहे थे मेरे साथ... बोलो ??? ".
" माफ़ी मैडम जी... मुझसे बहुत गलती हुई. "
अदिती चुप रही.
" आप सो जाओ मैडम जी... सुबह मैं आपको घर छोड़ दूंगा. ". ना चाहते हुए भी सूरज कि नज़र अदिती कि गांड़ पे पड़ ही गई.
60 वाट कि धीमी रौशनी में सूरज ने अदिती कि गांड़ देखी. इतनी बड़ी नंगी खुली हुई गांड़ उसने कभी नहीं देखी थी... एकदम गोरी टाईट गोल फुटबाल के जैसी !
" सुबह घर छोड़ दोगे... अच्छा ? ". अदिती क्या बोल रही थी शायद उसे खुद पता नहीं था. इतना कह कर उसने करवट बदली और Side होकर लेट गई. उसके करवट बदलते ही सूरज ने उसकी ओर चोर नज़रों से देखा कि अब तो उसकी चूत कि एक झलक दिख जाये. पर अदिती ने बड़ी चालाकी से अपनी टांगों कि पोजीशन ऐसी रखी थी कि उसकी चूत उसकी गदराई जांघों के बीच छुप गई थी.
" लड़की देखी नहीं कि लार टपकने लगती है ना तूम लोगों कि... बस एक ही चीज़ दिखती है लड़की में तुमको क्या ??? ". अदिती कि बातें तो डांटने वाली थी पर Tone काफी नरम था. इस बार उसकी नज़र सीधे सूरज के गमछे में लिपटे लौड़े पर पड़ी. सूरज ने भांप लिया था कि अदिती उसके लण्ड का मुआयना कर रही है...
" गमछा उतारो. "
" जी... मैडम जी ??? ".
" गमछा खोल कर खड़े हो जाओ... " अदिती ने इस बार थोड़ी सख्ती से कहा तो सूरज खड़ा हो गया और अपना गमछा खोल कर बिस्तर पे रख दिया.
अदिती ज़्यादा चुदी चुदाई लड़की नहीं थी... बस 3 से 4 अलग अलग लड़कों से उसके संबंध थें... पर उसे लण्ड कि पहचान थी. सूरज का लण्ड उसे पसंद आया... थोड़ा काला... लम्बा ज़्यादा नहीं फिर भी 7 इंच का होगा पर मोटा बहुत था... करीब 3 इंच का !!! उसका लण्ड झड़ने के कारण और शायद थोड़ा डर कि वजह से अब ढीला पड़ कर लटक रहा था और लण्ड के सुपाड़े को लण्ड के चमड़े ने पूरा ढक लिया था.
" ये अब खड़ा नहीं होगा क्या ? ". अदिती ने पूछा.
" जी... मैडम... " सूरज उसके मुँह से ऐसी Direct बात सुनकर सकपका सा गया.
" आओ अब बैठो... "
सूरज नंगी लेटी अदिती के बगल में उसी हाल में नंगा बैठ गया.
" छुओ मुझे... " अदिती को पता था कि उसे इस आदमी को Easy करना होगा नहीं तो उसका लण्ड खड़ा नहीं हो पायेगा.
" It's Okay यार... मैं बोल रही हूं ना ! ". अदिती पलट कर पीठ के बल सीधा होकर लेट गई और उसकी चूत अब सूरज के सामने नंगी खुली पड़ी थी. अदिती का मनोभाव समझने के लिये सूरज ने एक बार उसकी ओर देखा... वो एकदम शांत थी... फिर उसने अपनी नज़र उसकी चूत पे गड़ा दी.
मांसल जांघों के बीच दबी पड़ी अदिती कि चूत एकदम पावरोटी कि तरह फुली हुई थी... और मानो V आकर कि इस पावरोटी के बीचों बीच किसी ने एक पतली सी Line काट दी हो चाकू से. चूत पर हलकी हलकी झांट थी... शायद 2 - 3 दिन पहले शेव की होगी... देखकर समझ आ रहा था वो अपनी चूत Shaved ही रखती होगी ! पूरी तरह से गोरी इस लड़की की थोड़ी सी काली या फिर कहें की चोकलेट कलर कि चूत लाजवाब लग रही थी.
सूरज को पता था कि सुबह क्या होने वाला है जब इस लड़की का नशा उतरेगा... पर अभी जब वो राज़ी है तो वो और कितना खुद को रोके ! वो अदिती के ऊपर झुका और उसे चूमना चाहा तो अदिती ने उसे तुरंत रोक दिया. " Nooo... मादरचोद !!! ".
सूरज समझ नहीं पा रहा था कि ये लड़की आखिर चाहती क्या है... शायद वो अपने तरीके से सब कुछ करने देगी... ठीक है... तो यही सही. इस बार उसने अदिती के बूब्स को दोनों हाथों से हल्का सा दबाया तो देखा कि अदिती चुप है... यानि उसे इसमें कोई ऐतराज़ नहीं. रुई कि तरह मुलायम Medium Size कि गोल मटोल चुचियों को थोड़ी देर दबाने के बाद सूरज ने उसके निप्पल चूसने शुरु किये. जब वो बारी बारी से दोनों मम्मे चूस रहा था तब अदिती ने अपनी दाई जांघ पे नरम नरम सा कुछ चुभते हुए महसूस किया. शायद इस हरामी ने अपना लण्ड खड़ा कर लिया था... अदिती ने सिर उठाकर देखना चाहा पर देख नहीं पायी. वो चुपचाप उसे अपना दूध पिलाती रही.
दो तीन मिनट तक मन भर कर चुचियाँ पीने चूसने के बाद सूरज ने अदिती के बदन के नीचले हिस्से कि तरफ रुख किया. उसकी मंशा भाप कर अदिती ने अपने पैर फैला दिये और धीरे से बोली " चाट... ".
सूरज ने देखा कि अदिती कि चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. उसने अपने दाहिने हाथ कि उंगलियों से उसकी चूत के Lips को खोला तो उसे पता चला कि चूत के होंठ किसी चिपचिपे से लस्सेदार रस कि वजह से चिपके पड़े थें. उसका पानी गिरना शुरु हो गया था !
सूरज उसकी चूत चाटने लगा. उसने अब तक सिर्फ पैसे देकर सस्ती रंडीयों को ही चोदा था और इन रंडीयों कि चूत चाटने का उसे कभी भी मन नहीं हुआ... घिन आती थी उसे. पर इस लड़की कि चूत कि बात ही कुछ और थी.
उसकी चूत का कोई खास Taste तो नहीं मिल रहा था उसे... थोड़ा थोड़ा नमकीन सा... पर उसकी चूत एकदम साफ सुथरी थी और किसी तरह कि गंदी महक नहीं आ रही थी... बल्कि एक अजीब सी गंध थी उसकी चूत कि, जिसे सूंघ कर किसी बूढ़े आदमी का भी वीर्य निकल आये !!!
इस दौरान अदिती धीमी धीमी आवाज़ में गरम सिसकारीयां भरती रही. सूरज का लण्ड अब तक तन कर पूरा खड़ा हो चुका था. चूत चाटना छोड़ जब वो अपने घुटनो के बल उठा तो सिर उठा कर अदिती ने उसका लण्ड देखा. लण्ड का चमड़ा अब पीछे खिसक गया था और लाल मोटा सुपाड़ा पूरा बाहर निकल आया था ! वो समझ गई की ये हरामी अब उसे चोदेगा. उसने अपनी दोनों टांगे खोल कर फैला ली... सूरज उसकी टांगों के बीच अपने घुटनो पर बैठ गया और अपने हाथ में अपना लौड़ा पकड़ कर उसकी चूत की छेद में ठेलने लगा. अदिती का सील तो पहले से ही फटा हुआ था और उसपे उसका पानी भी गिर रहा था... सो एक बार में ही लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में धस गया.
वो लड़की ना ही सूरज की कोई गर्लफ्रेंड थी और ना ही बीवी... उसे तो बस एक रात के लिये उसकी चूत मारनी थी... सो इससे पहले की बेचारी अदिती उसके बड़े लण्ड को अपनी चूत में Adjust कर पाती, सूरज ने बिना किसी प्यार मुहब्बत और Formality के उसे पेलना शुरु कर दिया. चार पाँच धक्के मारने के बाद सूरज को लगा कि अदिती कि गांड़ बहुत नीचे होने कि वजह से वो उसे ठीक से पेल नहीं पा रहा. उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया चाहिये था और घर में तो बस एक ही तकिया था जिसपे अदिती लेटी हुई थी. सूरज ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और झट से बिस्तर से नीचे उतरा... सामने डोरी पर टंगे उसके कुछ कपड़े और एक दो चादर थी. वो कुछ कपड़े और दो चादर लेकर वापस बिस्तर पर आया... उन कपड़ों को ऊँचा करके अदिती कि गांड़ के नीचे रखा और फिर उसपे उसके चुतड़ों को टिकाया और फिर से उसकी जांघों के बीच बैठ कर उसे पेलने लगा.
सूरज को काफी खुशी थी कि वो एक बार झड़ चुका था... इस वजह से अब वो अदिती कि टाईट बूर में कुछ ज़्यादा देर तक टिक पायेगा.
" Fuck Me... Fuck Me... Ohhh Yeah... चोद मुझे कमीने... आआह्ह्ह्हह मम्मी !!! ". मस्ती में बावली होने लगी अदिती जब सूरज के लण्ड ने उसकी बूर को रोंदना शुरु किया. उसने अपनी टांगे सूरज कि कमर में लपेट दी और चुदने लगी.
सूरज ने आज तक जितनी भी रंडीयों को पेला था वो सब तो बस बिस्तर पे लेट जाती थी और वो उनके ऊपर चढ़ कर चोद लेता था... पर ऐसी लड़की को वो पहली बार लगा रहा था जो चुदाई का मज़ा खुद भी ले रही थी और उसे भी प्रोत्साहित कर रही थी.
सूरज उसकी गदराई कमर पकड़ कर धक्के लगा रहा था... हर धक्के में उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े के आगे पीछे हो रहा था जिसमें उसे Extra आनंद आ रहा था. अदिती कि चूत का पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था... उसकी चूत के अंदर का हिस्सा इतना गिला हो चुका था कि चोदने के दौरान कई बार सूरज का लण्ड फिसल कर बाहर छिटक पड़ता... सूरज बिना रुके उसी तरह धक्के मारता रहता जब तक कि उसका लण्ड अदिती कि जांघों पे इधर उधर टकरा कर वापस बूर कि छेद खोज कर भीतर नहीं घुस जाता.
छत पर घूमते फैन कि आवाज, चौकी कि चरमराहट, चूत में लण्ड के अंदर बाहर होने कि फचाफच गचागच कि ध्वनी, अदिती के चूतड़ों पे सूरज के अंडकोषों कि थपेड़, अदिती कि कराह, सूरज कि गहरी सांसे और पूरे कमरे में लण्ड चूत और कामरस कि मिली जुली फैली अजीब सी गंध... एक ऐसा कामुक माहौल बना रही थी कि दोनों अमीरी गरीबी, जात पात, ऊंच नीच सब भूल कर एक दूसरे में समाने के लिये बेक़रार हो रहें थें...
जैसा कि सूरज ने सोचा था कि एक बार माल गिरने के कारण वो ज़्यादा देर चोद पायेगा पर ऐसा हुआ नहीं ! जल्दी ही उसके लण्ड में फिर से वीर्य भर आया. लड़की के अंदर झड़ना कैसा लगता है ये उसे पता नहीं था क्यूंकि अभी तक तो वो रंडीयों को Condom लगा कर ही चोदा था. आज उसे एक नया Experience होने वाला था. उसने देखा कि अदिती मस्ती में विभोर होकर चुदाने में ब्यस्त है तो वो समझ गया कि अभी उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर वो उसके अंदर झड़ जाये.
वीर्य लण्ड के मुँह तक आ गया था... सूरज अब स्खलित होने के लिये रेडी था ! उसने अंतिम के तीन चार धक्के कस के लगाए और लास्ट धक्के पे अपने लण्ड को अदिती कि बूर कि तह तक घुसा कर छोड़ दिया . 20 सेकंड रुके रहने के बाद उसके पूरे शरीर में एक कंपन सी हुई और उसका लण्ड अदिती के बच्चेदानी को गाढ़े माल कि पिचकारी से भरने लगा !!!
अदिती कि चूत को अपने रस से भरने के बाद सूरज अपना लण्ड बाहर निकाल के उसकी बगल में ही निढ़ाल होकर लेट गया. अदिती ने भी उसी वक़्त अपना पानी छोड़ दिया और उसकी चूत से उसका पानी और सूरज का वीर्य एक साथ घुल मिल कर उसकी गांड़ के नीचे रखे कपड़ों पर गिरने लगा. अदिती के लिये शायद अभी ये तो शुरुआत थी.
उसे और मस्ती करनी थी. वो तुरंत पलट कर अब सूरज के ऊपर बैठ गई और उसे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा...
" चोद हरामी... इतना बड़ा मादरचोद जैसा लण्ड है और You Cum So Fast... Bastard !!! ". अदिती हिंदी इंग्लिश मिला जुला कर बड़बड़ाई और सूरज के आधे खड़े लण्ड ( जिसमे से अभी तक वीर्य रिस रिस कर बाहर आ रहा था ) को अपने हाथ में लेकर अपनी गीली चूत में फिट किया और फिर उसके सीने पे अपने दोनों हाथ से टिक कर उसके ऊपर उछलने लगी.
सूरज को लगा कि अब उसे Heart Attack आ जायेगा जब उसके झड़े लण्ड पे अदिती अपनी बड़ी गांड़ घपाघप मारने लगी. उसने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और साँस रोक कर अदिती कि चुदाई को बर्दाश्त करता रहा. उसका लण्ड ढीला पड़ गया था और उसे पता था कि अगर उसने जल्दी ही अपना लौड़ा खड़ा नहीं किया तो ये नशेड़ी लड़की उसकी जान ले लेगी. क्यूंकि वो लड़की अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी !
वैसे सूरज को ज़्यादा परेशानी नहीं हुई अपना लण्ड खड़ा करने में... क्यूंकि उसके साथ अभी जो कुछ भी हो रहा था वो बहुत ही Exciting था और ऐसा सब उसने आज तक सिर्फ गंदी ब्लू फिल्मों में ही देखा था. उसके लण्ड में ज़ल्दी ही उत्तेजना वापस आ गई और पहले जैसा तो नहीं पर फिर भी उसका लण्ड चोदने लायक सख्त हो गया था....
करीब दस मिनट तक अपनी चूत में सूरज का लण्ड घुसेड़े अदिती उसके ऊपर बैठे उसे चोदती रही. उसका बूर एक बार फिर से झड़ने के करीब था. उसने सूरज कि छाती को अपने नाखुनों से खरोंच डाला और उसके ऊपर से उठकर इसके बगल में लेट कर बिस्तर पे अपना पानी गिराने लगी.
" आआह्ह्ह्हह्ह.... हाय... मम्मी... आअह्ह्ह्हह God !!! ".
अदिती ने ऐसे समय में सूरज को छोड़ा था जब उसका लण्ड भी झड़ने ही वाला था, सो वो तुरंत पलट कर अदिती के ऊपर चढ़ गया और इससे पहले कि अपना लण्ड वापस उसकी चूत में डाल पाता, उसके लण्ड ने अदिती कि पेट पर ही ढ़ेर सारी उल्टी कर दी. अदिती हंस पड़ी और उसे अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपर लिटा कर शांत करने लगी !!!..................
रात भर अदिती कितनी बार चुदी उसे याद नहीं और जहाँ तक सूरज का सवाल था तो वो उसे चोदे नहीं थक रहा था. उसने पूरी रात कई बार अदिती को पेला, कभी उसका माल गिरता तो कभी नहीं, पर अदिती कि चूत का पानी निकलना कभी बंद ही नहीं हुआ. अंतिम बार अदिती को जहाँ तक होश था उसकी एक बार सुबह के 5 बजे के करीब नींद खुली तो उसने देखा कि वो आदमी बिस्तर के बगल में नीचे खड़ा ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रहा था और उसके नंगे बदन को निहार रहा था ... शायद वो जबरदस्ती अपना लण्ड खड़ा करने कि कोशिश कर रहा था ताकी और चोद सके. उसके बाद अदिती कि फिर से आँख लग गई..................
नशा कटने के बाद जब होश आता है तो ऐसा लगता है जैसे एक ज़माना बीत गया हो... अदिती के साथ भी ऐसा ही हुआ. दिन में जब अचानक उसकी नींद खुली तो उसे समझ नहीं आ रहा था कि कब क्या और कैसे हुआ. उसने खुद को बिस्तर पे एक अनजान आदमी के बगल में एकदम नंगा लेटा हुआ पाया. पूरा कमरा चूत और लण्ड जैसा महक रहा था. बिस्तर और बिस्तर पे पड़े कुछ कपड़े और चादर पूरी तरह से गीले भीगे हुए थें. वो तुरंत उठी और उसी हाल में बाथरूम चली गई....उसे बहुत जोरों कि पेशाब आई थी... रात से रोका हुआ था... नशे कि वजह से पता नहीं चला था. बाथरूम में जब वो पेशाब करने बैठी तो उसकी बूर से वीर्य कि धार चूने लगी. उसने ढ़ेर सारा पेशाब किया और फिर पानी से अपना बूर धोया. उसे वहीं दरवाजे पर अपनी पैंटी टंगी पड़ी मिली... वहाँ कैसे आई कुछ याद नहीं आ रहा था. उसने पैंटी उतारी तो देखा कि वो एकदम गंदी हो चुकी थी... पहनने लायक नहीं थी. उसने पैंटी वहीं फेंक दी.
वापस बेडरूम में आकर उसने ज़मीन पे पड़ी अपनी Top और Skirt उठाई और ज़ल्दी ज़ल्दी पहनने लगी. अपनी Vanity Bag से अपना Mobile निकाला तो देखा कि दिन के 11 बज चुके थें और उसकी मम्मी पापा का नहीं भी तो 15 से 20 Miss Call आया हुआ था !
" Shittt यार !!! ". अदिती के मुँह से निकला.
रात कि कुछ कुछ बातें उसे याद थीं और कुछ कुछ नहीं. इतना तो तय था कि सामने बिस्तर पर पड़े Auto वाले ने उसे खुब चोदा था. वो अब कर भी क्या सकती थी. उस आदमी का लण्ड अभी भी आधा खड़ा था और उसका लाल सुपाड़ा बाहर निकला हुआ था. इतना बड़ा मोटा लौड़ा उसने कैसे लिया होगा समझ में नहीं आ रहा था... शायद होश में होती तो कभी ना ले पाती. वो आदमी बिस्तर पे बेसुध पड़ा सो रहा था... बहुत मेहनत कि थी ना हरामी ने रात भर !!!
अदिती ने चुपके से अपनी Mobile से उसके चेहरे और लण्ड का फोटो लिया और फिर Mobile में अपना Location चेक किया. वो अपने घर से 30 - 35 मिनट कि दुरी पर थी. उसने अपने Purse से पैसे निकाले उस सो रहे Auto वाले को देने के लिये पर फिर कुछ सोचकर पैसे वापस रख लियें और वहाँ से चलती बनी................
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इस घटना को एक महीने से ज़्यादा हो चुके थें. ज़ाहिर है अदिती ने इसका ज़िक्र किसी से भी नहीं किया था. उसका Love Birds Night Club में हफ्ते में तीन चार बार तो जाना लगा ही रहता था... हर बार वो वहाँ के Auto Stand पे जाती पर उसने कभी भी उस Auto वाले को दुबारा नहीं देखा.
इधर सूरज जान बूझकर उस Area में अब Auto लेकर नहीं जाता था... उसे डर था कि कहीं उस लड़की से आमना सामना ना हो जाये...................
करीब जब दो महीने होने को आये तो एक दिन साहस करके सूरज उस Night Club के पास Auto लेकर गया. इतने दिन हो गयें थें... अब उसका डर जाता रहा. और किस्मत देखो... जैसा कि अदिती का वहाँ तकरीबन Regular ही आना जाना था, उस दिन दोनों फिर से मिल गयें.
Night Club से बाहर आकर उस दिन अदिती ने अपने दोस्तों को Bye कहा और Auto Stand में आई.
" आइये मैडम...कहाँ जाना है ? ". सारे Auto वाले उसे बुलाने लगें पर अदिती ने उस कमीने Auto वाले को पहचान लिया और सीधे उसके पास चली गई.
" Auto वाले भैया... चलोगे ??? ". उसने सूरज कि आँखों में आँखे डाल कर पूछा.
" हाँ... हाँ... मैडम जी... चलिए मैडम जी !!! ". सूरज कि तो जैसे साँस ही अटक गई हो गले में उस लड़की को इतने दिन बाद अचानक सामने देख कर.
अदिती का गुस्सा इतने दिनों में अब थोड़ा कम हो गया था. वो Auto में बैठते ही थोड़ी नरमी से बोली. " कितना लोगे भैया ? ".
उसकी सहज आवाज सुन कर सूरज कि जान में जान आई और वो धीरे से मुस्कुरा कर बोला. " आप पैसे देती कहाँ हो मैडम जी... ".
उसकी बात सुनकर अदिती एकबारगी हँस पड़ी, सूरज भी हँसने लगा और और Auto स्टार्ट कर दी.
" Radio है आपके Auto में भैया... ज़रा चला दो ! ".
" हाँ मैडम जी... ". सूरज ने Radio On कि और Auto वहाँ से निकल पड़ी.
******** The End **********
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कहानी :
कुछ ना कहो
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" मम्मी... आपसे कुछ बात थी. ". पायल ने किचन में घुसते ही कहा... उसकी माँ खाना बनाने में ब्यस्त थी.
" मेरा हाथ बटा... चल आ. " पायल कि माँ उसकी बात को अनसुना करते हुए बोली.
" मुझे नहीं पसंद है मम्मी... You Know ना. " पायल ने कहा. " अब मैं अपनी बात बोलूं ? ".
पायल कि माँ चुप रही... कोई ध्यान ही नहीं दिया... और अपना काम करती रही.
" मम्मी... एक बात है... पापा को मत बताना... Okay. ". पायल को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा और उसने अपनी बात जारी रखी.
" किसी लड़के का चक्कर है क्या ? . " इस बार उसकी माँ ने थोड़ा मुस्कुरा कर पूछा.
" मम्मी Please... Noooo... ".
" फिर... ". उसकी माँ ने उसकी तरफ बिना देखे ही बेमन से पूछा.
" एक Problem है मम्मी... ".
" तेरा महीना तो ठीक आ रहा है ना ??? ". अबकी बार उसकी माँ ने उसकी तरफ देखकर धीरे से पूछा.
" वो सब नहीं मम्मी... आप दो मिनट दो... सुन तो लो ज़रा. ". पायल ने झल्लाते हुए कहा.
उसकी माँ फिर से चुप हो गई और अपने काम पे लग गई... उसे पता था कि वो जवाब दे या ना दे, उसकी बेटी उसे अपनी बात बता कर ही रहेगी.
" पता है मम्मी... कल ना मैं भाई का कमरा साफ कर रही थी... ". पायल इतना बोल कर रुकी अपनी मम्मी का Response देखने के लिये पर ज़ाहिर था कि उसकी माँ को अभी उसकी बातें सुनने में कोई Interest नहीं था. " मम्मी सुनो ना... नहीं तो आप नहीं समझोगी. ".
" अच्छा बाबा बोल... क्या हो गया ? . ". उसकी माँ काम बंद करके अब उसकी ओर मुड़ कर खड़ी हो गई. पायल ने बोलना शुरू किया.
" मम्मी... कल भाई का कमरा साफ कर रही थी तो उसके Bed के नीचे से ना मुझे एक गंदी फोटो वाली Magazine मिली. "
" इस उम्र में सभी करते हैं ये सब बेटी... ".
" इस उम्र में क्या मम्मी... अभी सिर्फ 20 का है वो... और मम्मी... बात सिर्फ इतनी सी नहीं है... सुनो तो. ". पायल ने कहा. " उसके Bed के नीचे से मुझे मेरी एक पैंटी भी मिली. ".
" तेरा अंडरवीयर ??? उसे कैसे मिला ? . "
" नहीं मालूम मम्मी... उस पैंटी के बारे में तो मुझे याद भी नहीं था... शायद बाथरूम में कभी छूट गया होगा तो उसने वहाँ से उठा लिया होगा. ".
" लगता है अब तेरी शादी से पहले ही उसकी शादी करनी होगी. " माँ ने हँसते हुए कहा.
" मज़ाक कि बात नहीं है मम्मी... !".
" तूने क्या किया फिर ? ".
" क्या करती... पैंटी और Magazine जैसे थी वैसे ही वहाँ छोड़ दी... ".
" छी... अपनी बड़ी बहन कि पैंटी ??? ये सब ठीक नहीं है... तेरे पापा को बोलूं क्या बात करने को ? ".
" मम्मी No... मेरी चिंता कुछ और है. ".
" मतलब ? ".
" देखो मम्मी... अगर हम उसे उसकी गलती पे डांट डपट करेंगे तो ज़ाहिर है वो बहुत Embarrased होगा. लेकिन मुझे फ़िक्र है कि इन सब में उसकी पढाई और Family Relation पे असर ना पड़े... ".
" सुनने में तो अच्छा लग रहा है ये सब पर बात तो शर्म वाली ही है ना बेटी... " .
" मम्मी वो बड़ा हो रहा है... अच्छा देखो... मैं उसे अपने तरीके से समझाना चाहती हूं. ".
" और क्या है तेरा तरीका ? ".
" देखती हूं... सोच कर. ".
" तो फिर मुझे क्यूं बताया... तूम भाई बहन समझ लो आपस में. ". माँ फिर से अपने काम में लग गई.
" बता दिया मम्मी बस... ताकी आपको पता रहे... पर Please उसे कुछ मत बोलना... और पापा को तो बिल्कुल भी नहीं. ".
पायल अपनी माँ के जवाब का इंतजार किये बिना वहाँ से चलती बनी...........
25 साल कि पायल देखने में जितनी खूबसूरत थी उतनी ही समझदार भी थी... पढाई में भी अच्छी. Medium Hight... ज़्यादा गोरी नहीं पर साफ चिकनी Skin वाली ... काले बाल जो थोड़े से घूंघराले थें ... उम्र के हिसाब से थोड़े बड़े बूब्स... पर टाईट और गोल... सुडौल कुल्हे और बाहर कि ओर निकली हुई पुष्ट गांड़ . ऐसी काया वाली लड़की के तो बहुत सारे लड़के दीवाने होते हैं... सो पायल के भी थें... Infact, लड़कियों से ज़्यादा उसके लड़के दोस्त थें पर सिर्फ दोस्त... बॉयफ्रेंड वाला कोई चक्कर नहीं था उसका.
खैर... वापस वहीं आते हैं जहाँ से कहानी आगे बढ़नी थी.
सुबह माँ से अपने छोटे भाई मनीष के बारे में बात करने के बाद पायल ने मन ही मन कुछ तय किया और फिर उसी रात डिनर के बाद जब सब सोने कि तैयारी करने लगें तो वो अपने भाई के कमरे में आई.
मनीष ने अपनी पायल दीदी को अंदर आते देख कहा. " Goodnight दीदी. " .
" Goodnight के बच्चे... आज मैं यहीं सोने वाली हूं. " पायल उसके बिस्तर पर बैठते हुए बोली.
" यहाँ क्यूं ??? ". मनीष ने मुँह बनाते हुए पूछा.
" क्यूं नहीं ??? " .
पायल का उल्टा जवाब सुन कर मनीष को गुस्सा आ गया और माँ को बुलाने लगा. " मम्मी... ".
माँ ने आते ही पूछा. " क्या हो गया ? ".
" दीदी को बोलो यहाँ से जाये... यहाँ सोने को बोल रही है. ".
माँ ने पायल कि ओर सवालिया नज़र से देखा तो पायल ने हल्का सा मुस्कुरा कर इशारा किया... माँ को सुबह वाली बात याद आ गई.
" तो सोने दे ना... इतना बड़ा कमरा तो है... मैं जाती हूं... तेरे पापा को दवा देनी है. " . कोई कुछ और बोले इससे पहले माँ वहाँ से चली गई.
पायल बिस्तर से उठी और दरवाज़ा बंद कर लिया अंदर से.
" तेरी पढाई कैसी चल रही है ? . " . बेड कि तरफ वापस आते हुए पायल ने पूछा.
" पढाई पे Lecture दोगी क्या दीदी... Not Interested ! ". मनीष ने दो टुक जवाब दिया.
" अच्छा... फिर किस चीज़ में Interest है तेरा ??? ". पायल ने उसकी ओर देखे बिना ही कहा और अचानक उसके बेड के गद्दे को उठा कर देखा... पर वहाँ कुछ भी नहीं था !
मनीष को तो जैसे सांप सूंघ गया हो... बेड के नीचे क्या ढूंढ़ रही है पायल दीदी ??? अपने पीछे पड़े तकिये पर दबाव बढ़ा दिया उसने तो पायल सब समझ गई.
" हट... " . पायल ने थोड़ी सख्ती से कहा और उसके पीछे से तकिया उठाया तो नीचे वही Adult Magazine मिली और उसके ऊपर पड़ी उसकी पैंटी !!!
पायल ने बड़ी शांति से वो Magazine और अपनी पैंटी उठा कर सामने रखा और वहीं बिस्तर पे मनीष के बगल में बैठ गई.
" What Is This दीदी ??? मेरी कोई Privacy नहीं है क्या ? ". मनीष घबराया हुआ तो था पर उससे भी ज़्यादा गुस्सा था.
" नहीं है... " पायल ने कहा. " Magazine को छोड़... मेरी पैंटी यहाँ क्या कर रही है ??? बुला कर दिखाऊं मम्मी पापा को अभी ? ".
मनीष का चेहरा गुस्से से लाल पड़ गया था और वो अब चुप रहा.
" रात के Session कि पूरी तैयारी हो रखी है... हाँ ? . " पायल हल्के से मुस्कुराई. " देख... मुझे सब पता था फिर भी मम्मी पापा को नहीं बताया और तुझसे बात कर रही हूं. ".
" दीदी आप जाओ... ".
" सुन...मैं सिर्फ तुझे ये एहसास दिलाना चाहती हूं कि जिस बात पे तुझे शर्म आनी चाहिये उस बात पे तू गुस्सा हो रहा है. ".
मनीष थोड़ा सा शांत हुआ और फिर बोला. " Sorry दीदी. ".
पायल बिना कुछ बोले उसकी ओर तीखी नज़रों से देखती रही. मनीष समझ गया कि अब उसके बोलने कि बारी है सो उसने बोलना शुरू किया.
" मेरे एक दोस्त ने ये Magazine दी है मुझे. "
" और मेरा ये अंडरवीयर ??? ".
" दीदी... Please Believe Me... मैं आपके बारे में कुछ गंदा नहीं सोच रहा था... ".
" कहाँ से चुराई मेरी पैंटी ? ". पायल ने मनीष को बीच में ही रोकते हुए पूछा.
" वो दीदी... एक दिन बारिश हो रही थी ना तो मम्मी ने कहा कि बाहर सूख रहे सारे कपड़े उठा लो तो वहाँ आपकी ये पैंटी भी थी... मुझे नहीं मालूम क्यूं आपकी पैंटी देखकर... मतलब कैसे बताऊं...अजीब सी Hot Feeling आने लगी... फिर मैंने रख ली ... ".
पायल कुछ नहीं बोली... यानि कि वो और सुनना चाहती थी... सो मनीष ने फिर से बताना शुरू किया.
" मैंने कभी Real कि पैंटी नहीं देखी थी शायद इसलिये... पर दीदी Trust Me... मैं आपकी पैंटी को सिर्फ एक पैंटी कि तरह देख रहा था... मेरे मन में आपके लिये कोई गंदा विचार नहीं है... मतलब कि... सिर्फ आपकी पैंटी को... ".
" Relax... Relax... It 's Okay ! ". पायल समझ गई कि घबराहट में मनीष कुछ भी बोल रहा था पर उसकी बातें विश्वसनीय लग रही थी.
पायल ने अपना बायां हाथ मनीष के कंधे पर रखा और दाहिने हाथ से उसके चेहरे को थाम कर अपनी ओर घुमाया.
" मैं समझ सकती हूं मनीष... मैं तो तुम्हें बस ये एहसास दिलाना चाहती हूं कि अपने ही घर कि औरतों के अंदरुनी कपड़ों को देख कर सेक्स कि Feeling लाना गलत है. ".
" दीदी Sorry... Please आप... ".
" अच्छा वो सब छोड़... ". पायल ने माहौल को थोड़ा सहज बनाने के लिये बात को बदलते हुए मुस्कुरा कर पूछा. " ये बता तेरी Favourite Actress कौन है ? ".
" Shruti Hassan. ". मनीष तपाक से बोला... अब वो Relax होने लगा था. उसकी इतनी बड़ी और गंदी गलती पर भी उसकी दीदी इतना अच्छा उसकी दोस्त जैसी बन कर उससे बात कर रही थी, ये बात उसे भा गई.
" अच्छा... उसके बारे में क्या क्या सोचता है ??? ".
" धत्त दीदी... आप भी ना ! ". मनीष झेप गया.
" अच्छा मत बता... पर एक बात समझ नहीं आई मुझे... Smartphone और Laptop तेरे पास होते हुए भी ये Porn Magazine का क्या चक्कर है तेरा ? ".
" वो दीदी... Magazine कि बात ही अलग है... क्यूंकि... ".
" और मेरी पैंटी के साथ क्या करता था तू ? . " पायल ने उसे बीच में ही रोक कर पूछा.
" पहले दिन तो आपकी पैंटी... ". मनीष थोड़ा रुका, फिर बोलना शुरू किया. " मैंने सूंघा... पर कोई गंध नहीं मिली... फिर आपकी पैंटी बहुत ही Soft Soft लग रही थी हाथों में... तो मैंने... ". मनीष रुक गया.
" बता ना... क्या बदमाशी कि मेरी पैंटी के साथ ? ". पायल ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा.
" मैंने आपकी पैंटी को बेड पर रखा और उसके ऊपर नंगा होकर लेट गया और अपना... अपना... I Mean... Penis उसपे रगड़ने लगा... यही सब करता था... Please दीदी... अब छोड़ो ना. " शर्म के मारे मनीष का चेहरा लाल हो चुका था.
" Shruti Hassan के बारे में सोचते हुए ??? ". पायल ने हंस कर पूछा.
" हाँ दीदी... और इस Magazine कि लड़कियों को देखते हुए. ".
" देख मनीष... अब ध्यान से सुन... " पायल ने कहा. " तूने कुछ भी गलत नहीं किया... It's Normal ! तेरी उम्र में क्या होता है कि Opposite Sex यानि लड़कियों के प्रति आकर्षन बढ़ जाता है और लड़का हर समय यही सब सोचता रहता है कि लड़की का शरीर कैसा दिखता होगा बिना कपड़ों के... वगैरा वगैरा ! तो लड़का फिर गंदी Books और Porn फिल्मों का सहारा लेने लगता है अपना कौतूहल शांत करने के लिये. इसमें गलत कुछ नहीं... पर होता ये है कि इस में ज़्यादा डूब जाने से उसकी Social Life, पढाई लिखाई पर बुरा असर पड़ने लगता है. लड़का जितना ज़्यादा ये सब देखता है उतना ज़्यादा उसका लड़की के शरीर के बारे में जानने कि इच्छा तेज़ होती जाती है. "
पायल थोड़ी देर रुकी मनीष का मनोभाव समझने के लिये... उसका छोटा भाई पूरा मन लगा कर उसकी बात सुन रहा था. पायल ने आगे बोलना शुरू किया.
" लेकिन अगर लड़के को Real कि लड़की मिल जाये तो उसका सारा Surprise ख़त्म हो जाता है... उसे पता चल जाता है कि उसने आज तक Porn में जो सब देखा था वो False है और असली सेक्स तो बहुत Normal चीज़ है. ना ही Real कि लड़कियां इतनी ज़्यादा Hot होती हैं और ना ही उनका Figure. तो फिर धीरे धीरे लड़के के लिये ये सब आम बात हो जाती है और उसका मन हर चीज़ में समान रूप से लगने लगता है. ".
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" तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा जब तुम्हें एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड मिल जायेगी या फिर जब तुम्हारी शादी हो जायेगी. पर तब तक तुम्हें खुद पे संयम रखना होगा. " पायल ने कहा. " और हाँ... दूसरी बात ये कि अभी तूम मेरे बारे में कुछ गलत नहीं सोचते हो और बस मेरी पैंटी या फिर ब्रा या सलवार वगैरा मिल जाये तो उसी में तूम खुश हो... पर आगे चल कर तुम्हारे मन में अपनी सगी दीदी के बारे में गंदा विचार आ सकता है... जो कि बहुत Dangerous चीज़ है और इसी का मुझे डर है. ".
" नहीं दीदी... ऐसा कुछ भी नहीं होगा... आपकी बात का Logic मैं समझ गया... ".
" मुझे पता है ऐसा कुछ भी नहीं होगा... पर हो सकता है जब ऐसा हो तो तुम्हें उस Feeling के बारे में पता ही ना चले. ".
पायल ने वहाँ पड़ी Adult Magazine बिस्तर के किनारे कर दी और फिर पीछे खिसक कर तकिये पर लेट गई.
" इधर आ मनीष... " उसने कहा तो मनीष कि कुछ समझ में नहीं आया और वो चुपचाप अपनी बड़ी बहन के बगल में बैठ गया. " उस Feeling को ही Incest कहते हैं... पता होगा शायद तुझे ! मैं चाहती हूं कि सेक्स तेरे लिये एक आम बात हो जाये... वो बात नहीं जिसके बारे में दिन रात सोच कर तू अभी से अपनी Life बर्बाद कर ले... Okay ??? ".
मनीष कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पायल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर अपनी नाईटी के ऊपर से अपने बूब्स पर रख दिया. भौचक्का हुए मनीष ने झट से अपना हाथ खींच लिया.
" दीदी ??? !!! ".
पायल को पता था कि कब बात करनी है और कब नहीं... उसने बिना कुछ बोले फिर से मनीष का हाथ पकड़ा और वापस अपने सीने पे रख लिया. इस बार मनीष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई... उसने महसूस किया कि पायल दीदी ने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी है !!! अपने काँपते हाथ से उसने अभी दीदी कि नरम चूची को ठीक से छुआ भी नहीं था कि पायल ने कहा. " पता नहीं चल रहा ना... एक मिनट. ". और उसके हाथ को पकड़ कर सीधे अपने नाईटी के गले के अंदर डाल दिया. मनीष के हाथ में उसके नंगे गरम मम्मे टच होते ही उसकी सांस रुक गई... पायल दीदी क्या कर रही थी ये ??? उसने तुरंत हाथ बाहर निकाल लिया.
" अच्छा बाबा... ". पायल हँसने लगी. " बाहर से ही छुओ. ". ... और इस बार मनीष के हाथ को लेकर अपने पेट पे ठीक नाभी वाली जगह पे रख दिया.
नाईटी के ऊपर से मनीष ने भांप लिया कि पायल दीदी कि नाभी खुब बड़ी और एकदम गहरी होगी... पर अपनी सगी दीदी का बदन छू कर उसे सेक्स वाली उत्तेजना नहीं आई... Infact ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कैसे React करे !
मनीष को चुप देख पायल ने आगे पहल कि और उसके हाथ को पकड़ कर अपने पेट से दाई तरफ अपने कमर तक ले गई... फिर नीचे अपने जांघ तक. लड़की का बदन छूने में इतना नरम और मांसल होता है ये मनीष को पता नहीं था. अभी मुश्किल से उसकी सांस वापस आई थी कि उसके हाथ को अपने जिस्म पे घुमाते घुमाते एकबारगी पायल ने अपनी दोनों जांघों के बीच घुसा लिया !!!
और ये क्या ??? पायल दीदी ने तो अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी !!!
नाईटी के झीने पतले कपड़े के ऊपर से पायल दीदी कि मोटी गुदेदार बूर मनीष के एकदम हाथ में आ गई !!!
" दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला... इतनी धीमी आवाज में कि सुनाई भी नहीं दिया... और उसने अपने दूसरे हाथ से अपना पैंट दबा लिया.
मनीष का शरीर सिहर उठा... पायल समझ गई कि क्या हुआ है... उसने उसके हाथ को अपनी चूत पर ही छोड़ दिया और उसे अपने बाहों में भरकर उसके सिर को अपने सीने पे रख लिया. वो उसके बालों को सहलाते हुए उसे शांत करने लगी. करीब एक मिनट तक वैसे ही पड़े रहने के बाद जब मनीष के शरीर का कंपन थोड़ा रुका तो पायल उसे अपने से अलग करके उसे लेकर उठ बैठी और बोली.
" दिखाओ क्या हुआ ... ".
शर्म से पानी पानी हो रहे मनीष ने चुपचाप अपनी पैंट पर से अपना हाथ हटाया तो पायल ने देखा कि उसकी पैंट गीली हो चुकी थी. उसका छोटा भाई पैंट में ही झड़ गया था !!!
" It's Okay मनीष... कोई बात नहीं. " पायल ने उसे ढांढस बंधाया. " पैंट उतार दो... It's Okay. ".
और किसी Situation में मनीष अपनी दीदी के सामने कभी नंगा नहीं होता पर इस वक़्त इतना सब कुछ हो गया था कि उसने बिना कुछ कहे चुपचाप अपना पैंट खोल कर बिस्तर से नीचे फेंक दिया. पायल कि नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो उसे हँसी आ गई.
" कितना छोटा लण्ड है तेरा... ".
दीदी के मुँह से Penis को लण्ड के नाम से पुकारने पर मनीष एकदम सकते में आ गया.
मनीष का लण्ड ढीला पड़ा झूल रहा था... उसका लण्ड बिना खड़ा हुए ही Over Excitement के मारे झड़ गया था... ज़िन्दगी में पहली बार लड़की कि बूर का स्पर्श जो मिला था उसे !!!
" दीदी Sorry... मैं बाथरूम से धो कर आता हूं ! ".
" रुक... मेरी ये पैंटी किस दिन काम आयेगी.
पायल ने मुस्कुराते हुए कहा. उसने मनीष का लण्ड अपने बाये हाथ में पकड़ा तो वीर्य कि एक और मोटी सी धार उसके सुपाड़े से बाहर चू पड़ी. अपने दूसरे हाथ में अपनी पैंटी लेकर वो उसका लौड़ा पोछने लगी. उसका लण्ड साफ करते हुए पायल ने गौर किया कि मनीष के लण्ड का सुपाड़ा खुला हुआ था.
" तू अपने लण्ड का सुपाड़ा हमेशा खोल कर रखता है ? ". पायल ने उसका लण्ड पोछते पोछते पूछा.
" हाँ दीदी... ".
" क्यूँ ? ".
" ऐसे ही दीदी... अच्छा Feel होता है. ".
" अच्छा Feel होता है ??? Okay ! ". पायल मुस्कुराई और लण्ड का सुपाड़ा ऊपर उठा कर मनीष के अंडकोष साफ करने लगी तो मनीष ने अचानक पूछा.
" दीदी... मेरा Penis... I Mean.. लण्ड ज़्यादा छोटा है क्या ? ".
" ठीक ठाक है... Not Bad ! मेरी वो बात बुरी लगी क्या ? ".
" नहीं दीदी... "........
लण्ड कि सफाई पूरी करके पायल ने अपनी गंदी हो चुकी पैंटी बिस्तर पर एक तरफ रख दी और इससे पहले कि मनीष कुछ समझ पाता, उसने झट से अपनी नाईटी खोल दी. मनीष अपनी चोर नज़रों से अभी अभी नंगी हुई अपनी दीदी का गदराया बदन देखने कि कोशिश कर ही रहा था कि पायल ने अपने दोनों हाथों पे पीछे टेक लगाकर उसके सामने अपनी मांसल टांगे खोल दी. पायल दीदी का खुला नंगा बूर अब मनीष के एकदम सामने था !!!
" देखो... डरो मत ! पसंद आई ? ". पायल ने पूछा.
मनीष कि नज़रें बड़ी हो गई पायल दीदी कि चिकनी जांघो के बीच स्थित उसकी फुली हुई सांवली सी बिना झांट वाली चूत के दर्शन करके.
" क्या हुआ... अच्छी नहीं लगी ? ". पायल ने फिर पूछा.
" हाँ दीदी... अच्छी है. पर वो Porn वाली लड़कियों और Magazine कि Models का... " . मनीष चूत पे अपनी आँखे गड़ाये हुए बोलने लगा तो पायल ने उसकी बात बीच में ही काट दी और कहा.
" देसी चूत ऐसी ही होती है मेरे भोले भाई राजा ! अच्छा... अब सूंघ कर देखो... ".
मनीष नीचे झुककर अपना मुँह अपनी दीदी कि चूत के करीब ले गया और एक लम्बी गहरी साँस ली.
" गंध कैसी है ??? " . पायल ने पूछा.
" दीदी... वो... Sorry... मगर वैसी कुछ खास नहीं... I Mean मुझे अच्छी नहीं लगी. ". मनीष ने थोड़ा संकोच करते हुए कहा.
" It 's Okay... सबको चूत कि गंध पसंद नहीं आती. ". पायल ने ऐसे कहा जैसे उसने मनीष कि बात का बुरा नहीं माना हो.
" आजा मेरे ऊपर... ". कह कर पायल बिस्तर पर लेट गई. नंगा मनीष मंत्रमुगध सा अपनी नंगी दीदी के ऊपर चढ़ कर उसके बदन पर लेट गया. उसका झड़ा हुआ लण्ड ठीक पायल कि चूत पर टिका हुआ था. पायल ने अपने दोनों हाथों से मनीष का गांड़ पकड़ कर अपनी और खींचते हुए कहा. " करो... जैसे बिस्तर पे मेरी पैंटी पर लेट कर करते हो. "
" चोद कर देखोगे एक बार... कैसा लगता है ??? ". पायल ने मनीष कि पीठ सहलाते हुए पूछा.
मनीष कुछ ना बोला... बस अपनी कमर धीरे धीरे हिलाता रहा... उसका लण्ड पायल दीदी कि चूत पे रगड़ खा रहा था. फिर अचानक से खुद ही पूछ बैठा.
" लेकिन Condom तो नहीं है दीदी... ".
" तो क्या हुआ ? ".
" आप Pregnant हो गई तो ??? ".
" धत्त बेवकूफ़ ! ऐसे ही कैसे Pregnant हो जाउंगी ?. ". पायल को हंसी आ गई. मनीष चुप रहा तो वो समझ गई कि वो Confused है... उसकी उम्र के लड़कों का ये सोचना स्वाभाविक ही था कि सेक्स करने से ही लड़की Pregnant हो जाती है. उसकी ये गलत धारना दूर करनी ज़रूरी थी... सो पायल ने उसे आगे बताना शुरू किया.
" Science नहीं पढा क्या ? सिर्फ गंदी किताबे पढ़ने से होगा ! Menstruation समझते हो ??? ".
" हाँ दीदी... वो लड़कियों को हर महीने होता है. ".
" Good ! तो ऐसा है कि Menstruation आने के 12 - 14 दिन के Cycle में लड़की Ovulate करती है और तब Pregnancy के Chances ज़्यादा होते हैं... ".
मनीष अपनी दीदी कि बातें सुनते हुए उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसता रहा.
" और मेरा Periods कल ही खत्म हुआ है... मतलब अभी मैं Free हूं... समझे बुद्धू ??? ". पायल ने मुस्कुराते हुए अपने छोटे भाई कि गाल पर एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ मारा.
लड़कियों के जिस्म कि इन अंदरुनी बातों को अपनी दीदी के मुँह से सुनकर मनीष को एक अजीब सी उत्तेजना महसूस होने लगी... उसके लण्ड में तनाव आने लगा था ! इधर पायल ने अपनी बात जारी रखी...
" इसी के साथ मेरा डिंब यानि अंडाणू कल निकल गया...मतलब कि अब अगर कुछ दिनों तक मेरे अंदर कोई लड़का अपना शुक्राणू गिरा भी दे तो मैं माँ नहीं बन सकती. "
पायल ने अपनी नंगी चूत पर हल्का सा दबाव महसूस किया तो उसने अपना हाथ नीचे सरका कर मनीष का लण्ड छुआ... उसका लण्ड तन कर खड़ा हो चुका था !
" चोदना है ? ". पायल ने धीरे से पूछा.
" ऐसे ही मज़ा आ रहा है दीदी... ". मनीष ने अपना खड़ा लण्ड अपनी दीदी कि चूत पर रगड़ते हुए कहा.
" वो इसलिए क्यूंकि तुझे बिस्तर पर लण्ड घिसने और मूठ मारने कि आदत पड़ी है... ". पायल ने कहा और अपने हाथों से मनीष के बदन को ठेल कर उठने का संकेत दिया. मनीष जैसे ही उठा, पायल ने अपनी टांगे फैला कर चौड़ी कर ली और अपना सिर उठा कर नीचे कि ओर देखा कि मनीष के लौड़े कि क्या हालत है... उसका 6 इंच का लण्ड टाईट तन कर ऊपर उठ कर उसके पेट में सट रहा था !
" हमारे सेक्स करने से भी मैं हमेशा तुम्हारी बड़ी बहन ही रहूंगी... हमारे रिश्ते में कोई फर्क थोड़े ही पड़ेगा ! ". पायल बोली. " चलो... डालो... ".
पायल ने देखा कि मनीष समझ नहीं पा रहा था कि कैसे शुरू करे तो उसने अपने दाये हाथ में उसका लण्ड पकड़ा और उसके लाल सुपाड़े को अपनी चूत कि दरार पे टिका कर धीरे धीरे घिस कर छेद में जगह बनाने लगी.
" दीदी... मेरा माल गिरने के बाद भी लण्ड कैसे खड़ा हो गया ??? मूठ निकालने के बाद तो मैं थक कर सो जाता हूं... ". मनीष ने अचानक पूछा.
" वो इसलिए क्यूंकि मूठ मारने और असल कि लड़की के साथ ये सब करने में ज़मीन आसमान का फर्क है. " पायल ने समझाया. " चल पेल... ".
मनीष ने आगे कि ओर हल्का सा ज़ोर लगाया तो उसके लण्ड का सुपाड़ा पायल दीदी कि चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया. मनीष को थोड़ा आश्चर्य हुआ तो उसने पूछ ही लिया. " दीदी... आपकी कुंवारी बूर खुली हुई कैसे है ??? ".
" क्यूं ??? सिर्फ लड़के ही मूठ मारते हैं क्या ! ". पायल Naughty तरीके से मुस्कुराई.
" दीदी आप भी ??? कैसे करती हो दीदी ? ".
" इतना मत जान मेरे बारे में बदमाश ! ". मुस्कुरा कर कहते हुए पायल ने मनीष कि गांड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया.
" मान गया दीदी... ". मनीष पहली बार थोड़ा सा हँसते हुए बोला और अपना लण्ड दीदी कि योनि के अंदर और थोड़ा सा ठेल दिया... आधा के करीब लण्ड अंदर डाल कर अचानक वो रुका और बोला.
" दीदी... आपकी चूत के अंदर कुछ है... मेरा सुपाड़ा वहाँ ठोकर खाकर रुक रहा है... आगे नहीं घुस रहा. ".
" Hymen है... " . पायल ने ऐसे कहा मानो वो इस प्रश्न के लिये तैयार बैठी थी. " मेरी चूत कि झिल्ली ! इसे सिर्फ अपने पति से फड़वाना चाहिये. तू एक काम कर... जितना लण्ड अंदर घुसा है उतने में ही अंदर बाहर करके चोद... Okay ??? ".
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एक शालीन Student कि तरह मनीष ने सिर हिला कर हामी भरी और पायल के बदन पर झुक कर उसे धीरे धीरे पेलने लगा. पायल प्यार से उसका पीठ अपने दोनों हाथों से सहलाने लगी.
मूठ मारने के आदि मनीष को अपनी दीदी कि चूत में लण्ड घुसेड़ कर कोई खास आनंद नहीं आ रहा था. Porn फिल्मों में जैसा दिखाते हैं कि लड़का कितने मज़े ले लेकर लड़की को चोदता है वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था उसके साथ... शायद अपनी सगी दीदी के साथ होने कि वजह से ऐसा था... पर फिर भी ये एक एकदम नया अनुभव था उसके लिये. करीब तीन मिनट तक ऐसे ही बेमन से अपनी दीदी कि बूर में लौड़ा भीतर बाहर करता रहा वो...
पायल ने जब देखा कि चोदने में कोई खास Interest नहीं आ रहा है उसके भाई को तो उसने लेटे लेटे ही अपने पैर से बिस्तर पर पड़े Adult Magazine को अपनी ओर खींचा और उसे अपने सिर के बगल में तकिये पर रख कर मनीष से बोली.
" एक काम कर मनीष... अपनी पसंदीदा Model को देख कर पेल मुझे ! ".
मनीष ने अपनी दीदी के ऊपर लेटे लेटे ही उस Magazine का पेज उलटना शुरू किया और फिर एक पेज पर जाकर रुक गया. उस पेज पर एक बहुत ही सेक्सी गोरी चिट्टी छरहरी बदन वाली Model का फोटो था. वो सुंदर Model सिर्फ ब्रा पहने हुए एक कुर्सी पर अपनी नंगी टांगे खोले बैठी अपनी छोटी सी Shaved चूत दिखा रही थी. वही शायद मनीष कि पसंदीदा रात कि रानी थी !!!
उस Model कि फोटो देखते ही मनीष उत्तेजित होने लगा और अपनी दीदी को थोड़ा Interest से चोदना शुरू किया. करीब दो मिनट तक उस Model को एकटक देख कर मनीष अपनी कमर पायल दीदी के जांघो के बीच हिलाता रहा.
" आआह्ह्ह्ह... दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला और अब उसे चुदाई का असली आनंद आने लगा. उसने अपने हाथ के एक झटके से उस Magazine को तकिये से नीचे गिरा दिया और अब अपनी बड़ी बहन कि तरफ Concentrate करने लगा.
" मममममम... Good !!! ". ये देख पायल को खुशी हुई और उसकि आँखे बंद होने लगी.
" उफ़्फ़ दीदी... आआह्ह्ह्हह ! ". उत्तेजना से भरे मनीष ने अचानक अपनी बड़ी बहन के होंठ चुमने के लिये मुँह नीचे किया तो पायल ने झट से अपना मुँह फेर लिया.
" मनीष Noooooo !!! ". पायल के मुँह से निकला.
उसे बड़ा अजीब लगा कि उसका अपना सगा छोटा भाई उसे Kiss करे !!! पर वो ये भी समझ रही थी उसका भाई किसी गंदे मकसद से नहीं बल्कि उस परिस्थिती में बस भावनावों में बह कर वैसा कर रहा था. फिर भी अपने सगे भाई को Lip To Lip चुंबन देना उसे गवारा नहीं था सो वो अपना मुँह इधर उधर करके खुद को बचाती रही और मनीष उसके होंठ ना पाकर बस उसके नरम नरम गाल और गर्दन को बेतहासा चूमते हुए उसे पेलता रहा.
कामोत्तेजना के इसी बहाव में बह कर मनीष भूल गया कि उसकी बड़ी बहन ने उसे सिर्फ आधा लण्ड डाल कर चोदने कि हिदायत दी थी ताकि उसकी अनचुदी चूत कि झिल्ली ना फटे ! अपनी बड़ी बहन को चूमते चूमते वासना के मारे एकाएक मनीष ने इस बार अपना लण्ड थोड़ा ज़्यादा ही अंदर ठेल दिया और....
" हाय मम्मी !!! ". पायल ने अपने हाथों के नाखुन मनीष कि पीठ पे गड़ा दिया. मनीष का लण्ड पायल कि चूत कि पतली झिल्ली को फाड़ता हुआ चूत कि तह तक घुस गया. इससे पहले कि पायल वो दर्द झेल पाती, मनीष ने अपना लौड़ा उसकी चूत से बाहर निकाला, सिर्फ सुपाड़े को छोड़ कर, और वापस एक झटके में पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.
" मनीष धीरे... आअह्ह्ह्हह मममममम !!! ".
अपनी बड़ी बहन कि कराहटों पर ध्यान ना देते हुए मनीष धक्के पे धक्का मारता रहा. इस दौरान उसने एक सेकंड के लिये भी पायल दीदी को चूमना नहीं छोड़ा था. लण्ड अब जब चूत कि झिल्ली फट जाने कि वजह से पूरा अंदर घुस रहा था तो उसे असली चोदन का मज़ा समझ आने लगा.
पर अफ़सोस कि उसके अंडकोष में वीर्य भरना शुरू हो गया था और इसी वजह से उसके अंडकोष अब दुखने लगे थें.
" दीदी... दीदी... दीदी !!! ". मनीष कि सांस फूलने लगी... उसने अपनी बड़ी बहन को कस कर पकड़ा और उसकी बूर में अपने लण्ड से माल का फव्वारा छोड़ने लगा. उसका पूरा जिस्म, हाथ, पेट, कमर, पांव, काँपने लगे !
" Easy मनीष... Easy !!! ". पायल उसके सिर और पीठ को सहला कर उसे शांत करने लगी और अपना पैर हवा में उठाये उसे अपने अंदर झड़ने देने लगी. उसने जब देखा कि मनीष फिर भी शांत नहीं हो रहा तो उसने उसके मुँह में अपना चूची दे दिया. मनीष उसका दूध पीते पीते उसके ऊपर लेटा करीब दो मिनट तक स्खलित होता रहा !!!
दो मिनट के बाद जब मनीष का शरीर ढीला पड़ गया तो उसके मुँह से पायल दीदी का निप्पल अपने आप फिसल कर बाहर निकल आया. मनीष ने ऊपर बढ़ कर अपनी बड़ी बहन के गाल को चुमा और अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगा.
" हे भगवान... फिर से ??? ". मनीष कि ना मिटने वाली प्यास देख कर पायल कि हँसी छूट पड़ी.
जी हाँ... फिर से... ये सच था ! दो दो बार वीर्यपात होने कि वजह से मनीष थोड़ा सा निस्तेज तो पड़ गया था पर उसके लण्ड का तनाव अभी भी नहीं कमा था. लण्ड थोड़ा ढीला ज़रूर पड़ गया था पर लण्ड कि नसो में जमा खून वापस नहीं गया था जिसके कारण लण्ड अभी भी खड़े का खड़ा ही था.
इधर ना चाहते हुए भी पायल कि चूत से भी थोड़ा बहुत पानी निकल गया था. उसकी चूत अब खुद के पानी और छोटे भाई के वीर्य से भरी पड़ी थी. मनीष के कमर हिलाने कि वजह से उसके लण्ड ने ठेल ठेल कर ज़्यादातर माल दीदी के गर्भाशय में पंहुचा दिया था... बाकि का बचा खुचा वीर्य लण्ड का दबाव पड़ते ही चूत से बाहर रिस रिस कर बहने लगा.
मनीष अभी अपना लौड़ा चूत में अंदर बाहर कर ही रहा था कि पायल ने कहा. " चल पलट अब... मेरी गांड़ दुख रही है ! ". एक ही पोज़ में पड़े पड़े पायल कि पीठ और चूतड़ में दर्द होने लगा था. उसके कहने पर मनीष ने करवट बदली तो अब वो अपनी पीठ के बल लेट गया और पायल दीदी उसके ऊपर आ गई. इस वजह से पहली बार मनीष को पायल कि गांड़ का मुआयना करने का मौका मिला... उसने अपने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ पकड़े तो उसे एहसास हुआ कि उसकी बड़ी बहन कितने बड़े चूतड़ कि मालकिन थी !
" वाह दीदी... आपकी गांड़ तो अच्छी खासी बड़ी है... सलवार और जींस में पता ही नहीं चलता ! ".
" हम्म्म्म... ". पायल ने धीरे से कहा और उसके ऊपर झुक कर उसके लण्ड पर बैठी अपनी गांड़ ऊपर नीचे करके उसे चोदने लगी.
तीन चार Shots में ही पायल ने महसूस किया कि मनीष के लण्ड का आकार उसकी बूर में बड़ा होने लगा था. पायल अपने छोटे भाई के नंगे बदन पर चढ़ी उसे पेलती रही. उसके मम्मे मनीष के चेहरे के ऊपर लटक कर आगे पीछे ऊपर नीचे हो रहें थें. मनीष ने उसके मम्मे अपने मुँह में लेने चाहें पर पायल इतने ज़ोर ज़ोर से उसके ऊपर उछल रही थी वो ऐसा कर नहीं पाया. आखिरकार काफी प्रयास के बाद उसने लपक कर दीदी कि एक चूची अपने मुँह में भर ली और चूसने लगा..........
15 मिनट तक पायल अपने छोटे भाई को चोदती रही... उसका लण्ड अब पहले से भी ज़्यादा सख्त हो चुका था... झड़ने का कोई आसार नज़र नहीं आ रहा था ! इधर मनीष के लण्ड कि नसें फूलने लगी थी और उसे लग रहा था कि अब उसे हार्ट अटेेक आ जायेगा.
" दीदी.... आआह्ह्ह्ह... बस करो दीदी... और नहीं... मेरा माल नहीं गिर रहा दीदी... आआह्ह्ह्हह दीदी !!! ". मनीष ने दीदी कि चूची मुँह से निकाल कर कहा और फिर वापस मुँह में लेकर चूसने लगा.
पायल समझ गई कि मनीष का वीर्य निकलने में अब काफी कठिनाई होने वाली थी ... अब उसे ही कुछ करना होगा. उसने अपना हाथ अपनी गांड़ के पीछे से नीचे मनीष कि टांगों के बीच घुसेड़ कर उसके अंड़कोष पकड़ लिये और धीरे धीरे सहलाने लगी.
" ममममममम... ". मनीष कि आँखे उलटने लगी. वो कुछ बोल रहा था पर पायल का निप्पल मुँह में होने के कारण उसके शब्द स्पष्ट नहीं निकल रहें थें.
पायल कि ये तरकीब काम आई और मनीष का शरीर टाईट होने लगा. उसके लण्ड पर अपनी गांड़ पटकते हुए पायल ने अचानक उसके अंड़कोष अपनी मुठठी में भीच कर ज़ोर से दबा दिये.
" दीदी... ". मनीष के मुँह से दीदी कि चूची छिटक कर बाहर निकल आई और उसका सिर तकिये से नीचे खिसक पड़ा... उसका सारा जिस्म अकड़ गया और इसी के साथ उसके लण्ड ने फलफला कर अपनी दीदी कि चूत में वीर्य कि उल्टी कर दी !!!
इस बार पायल नहीं चाहती थी कि मनीष उसकी चूत में झड़े क्यूंकि उसका बहुत ज़्यादा माल गिरता था... सो उसके वीर्य कि पहली धार चूत में छूटते ही पायल उसके ऊपर से उठ गई और उसके बगल में लेट गई. मनीष का खड़ा झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत से छिटक कर बाहर आते ही उसके अपने पेट पर बाकि का माल फेंकने लगा !
पायल के बगल में पड़ा मनीष छटपटाते हुए खुद अपने ऊपर ही झड़ने लगा. मौके कि नजाकत को समझते हुए पायल ने तुरंत उसके एक हाथ को पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लिया और अपने दाई हाथ में उसका लण्ड पकड़ कर मसलने लगी. मनीष कि आँखे अभी भी बंद थीं... वो अपना मुँह पायल कि ओर उसी हालत में बढ़ा कर कुछ खोजने लगा. पायल समझ गई कि उसका छोटा भाई उसका दूध खोज रहा है. उसने अपनी चूची मनीष के मुँह में लगा दी तो वो लपक कर उसका निप्पल चूसने लगा.
करीब दस मिनट तक मनीष अपना एक हाथ पायल दीदी कि जांघों के बीच में डाले उसकी चूत थामे उसका दूध पीता रहा और पायल उसके लण्ड को गार गार के उसका माल निकालती रही !
जब पायल को यकीन हो गया कि उसका छोटा भाई अब पूरी तरह से झड़ गया है तो उसने उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े पे चढ़ा दिया और बोली. " कुछ देर ऐसे ही अपना सुपाड़ा ढक कर रखो... लण्ड को शांत होने में मदद मिलेगी ! ".
मनीष ने दीदी कि चूची मुँह से निकाली और उसकी चूत से अपना हाथ हटा लिया. उसने देखा कि उसकी ऊँगलीयों में थोड़ा सा खून लगा था. उसने अपनी दीदी से पूछा. " दीदी आप ठीक तो हो ना ? ".
पायल जवाब में हल्का सा मुस्कुराई.
" Sorry दीदी... मैंने आपका Hymen फाड़ दिया. "
" अब क्या करें... जब फाड़ ही दिया तो. ". पायल ने अपनी आँखे घुमाते हुए कहा.
दोनों भाई बहन कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे कि बाहों में पड़े रहें.
" और चोदोगे ??? ". पायल ने उसके बाल सहलाते हुए पूछा.
" नहीं दीदी... हो गया. ".
" मज़ा आया ? ".
" हाँ दीदी... पर उतना ज़्यादा नहीं. "
" मैं तो तुम्हारी बड़ी बहन हूं ना... जब अपनी गर्लफ्रेंड या बीवी के साथ करोगे तो ज़्यादा आनंद मिलेगा. ".
" समझ गया दीदी... अब सेक्स के प्रति मेरा कौतुहल ख़त्म हो गया है... अब शायद मूठ मारने कि भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी ! ".
" ऐसी बात नहीं है मनीष... मूठ मारते रहना... पर ज़्यादा नहीं... हफ्ते में एक दो बार ठीक है. बस सही समय का इंतजार करो जब तुम्हारे जीवन में एक बहुत प्यार करने वाली लड़की आ जाये... तब तक खुब मन लगा कर पढ़ो और आगे बढ़ो ! ".......
कुछ देर इसी तरह पड़े रहने के बाद पायल उठी और अपनी नाईटी पहनने लगी. बिस्तर पड़ नंगे बैठे मनीष ने कहा. " दीदी... अभी तो चार बज ही गये हैं... Please आज रात यहीं रुक जाओ ना. ".
" नहीं मनीष... तुम्हारे साथ रात भर सोना गलत होगा... मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूं ना... बीवी थोड़े ही हूं. ". पायल ने मुस्कुराते हुए कहा.
मनीष बिस्तर से उठ कर आया और अपनी दीदी को पीछे से पकड़ कर बोला. " Thank You दीदी. मैं सिर्फ आपको ये बताना चाहता हूं कि आपके लिये मेरे मन में पहले कभी भी कोई गंदी भावना नहीं थी और अब तो बिल्कुल भी नहीं है. आपने मुझे अपनी बात जिस तरह से समझाई वो हर बड़ी बहन के लिये एक मिसाल कि तरह है ! ".
" धत्त... ऐसा कुछ भी नहीं... तू मेरा मकसद समझ गया यही बहुत है... चल... Good Night ! ". पायल ने मुड़कर अपने छोटे भाई का चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके माथे को चुम लिया.
" और दीदी... आपकी पैंटी ??? " . जब पायल जाने लगी तो पीछे से मनीष ने आवाज दी.
" उसकी ज़रूरत ना अब मुझे है और ना तुझे... बदमाश ! ". पायल ने हँसते हुए कहा और कमरे से बाहर चली गई.......
उस दिन के बाद से मनीष सचमुच में एकदम बदल गया. उसका संबंध ना सिर्फ अपनी बड़ी बहन के साथ और अच्छा हो गया बल्कि वो अब अपने मम्मी पापा को भी पहले से कहीं ज़्यादा इज़्ज़त देने लगा. उसके और पायल के बीच में उस रात जो भी हुआ उसे उसने पॉजिटिव तरीके से लिया. राह से भटके दूसरे लड़कों कि तरह अगर वो अपनी बड़ी बहन के साथ बने सेक्स सम्बन्ध को Seriously ले लेता तो वो आज Incest के गंदे भवर में फस गया होता !!!....................
करीब 10 - 12 दिन के बाद एक दिन अचानक पायल कि माँ ने पायल से किचन में पूछा.
" बेटी... ये मनीष तो एकदम राजा बेटा बन गया है. उस दिन क्या समझाया उस बदमाश को ??? ".
" बता दूं ? आप पापा को तो नहीं बोल दोगी ना मम्मी ??? ". पायल ने कहा.
" तेरी कोई बात मैंने तेरे पापा को कभी बताई है ? ". माँ ने कहा.
पायल को उस रात मनीष के गाल पर और गांड़ पर मारे दो थप्पड़ याद आ गयें. वो हँस पड़ी और बोली.
" कुछ खास नहीं मम्मी... बस दो थप्पड़ और ढ़ेर सारा Lecture ! ".
" मैंने कहा था ना... उस बदमाश को मार कि ज़रूरत है... अच्छा किया ! भला अपनी बड़ी बहन कि पैंटी कोई चुराता है क्या ??? ". माँ ने कहा और फिर माँ बेटी दोनों एक साथ हँस पड़े.
**********The End ************
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कहानी :
टिप टिप बरसा पानी
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UPDATE 1
" जब मैं कहती थी कि आपकी Bike खटारा है तब तो आप गुस्सा करते थें भैया... अब देखो. ". निधी ने कहा. " अब भी सुधर जाओ भैया... एक नई Bike ले लो ना... या फिर इस बार एक Car ! ".
" बकबक थोड़ा कम किया करो... अब क्या करना है सोचने दो. ". रोहित ने अपनी Bike को देखते हुए कहा.
" Relax Bro ... यहाँ पास में एक Garage है... आप Bike हमें दे दो... हम वहाँ बनने को छोड़ देंगे... कल आप जब निधी को लेने आओगे तो ले जाना. " . पास ही खड़े निधी के दोस्तों के Group में से एक लड़के ने कहा.
अपने भैया को चिढ़ाने के लिए निधी उसके चेहरे के पास जाकर मुस्कुराई और बोली. " मेरे दोस्तों को आप बाद में Thanks बोल देना. अब चलें ? . ".
" और ये बारिश ? ". रोहित ने बाहर हो रही बरसात को देख कर कहा.
" इस मामले में मेरे दोस्त आपकी कोई मदद नहीं कर सकतें ! ". निधी ने हँसते हुए कहा. " Come On भैया... गर्मी कि बारिश है... चलो ना भीग कर चलते हैं. "
निधी ने अपनी किताबों वाली बैग भी अपने दोस्तों को दे दी ताकि बारिश में भीग ना जाये... उन्हें Bye बोला और अपने भैया के साथ कॉलेज से बाहर निकल आई....................
रोहित का ये रोज़ का Routine था. उसे ऑफिस से लौटते वक़्त अपनी छोटी बहन निधी को कॉलेज से Pick करना पड़ता था घर वापसी के लिये. उनके मम्मी पापा थोड़े पुराने खयालात के थें, पर बुरे नहीं थें. उनका मानना था कि भाई अगर अपनी बहन को कॉलेज ले जाना और ले आना करे तो लड़की Safe रहती है. निधी को इसमें कोई परेशानी नहीं थी, बस उसके कॉलेज के दोस्त इस बात पर उसका काफी मज़ाक उड़ाते थें.
रोज़ कि तरह रोहित आज भी अपनी बहन को लेने आया था पर उसकी Bike ख़राब हो गई थी.
कॉलेज से बस स्टॉप सिर्फ 5 मिनट कि दुरी पर था पर बारिश इतनी तेज़ हो रही थी कि रोहित और निधी पूरी तरह से भीग गयें वहाँ तक पहुंचते पहुंचते.
" वो बंदा कौन था जो मुझे Bro बोल रहा था ?. ". बस स्टॉप पे बस का इंतजार करते हुए रोहित ने पूछा.
" भैया Relax... मेरे दोस्त ऐसे ही बात करतें हैं. ".
" गुस्सा क्यूं हो रही हो... बॉयफ्रेंड है क्या ? ". रोहित ने मज़ाक किया.
"Oh Please भैया... ".
" तुम्हारा मम्मी पापा से झगड़ा खत्म हुआ ? ". रोहित ने पूछा.
" कौन वाला भैया ? बहुत सारे हैं तो... ". निधी हँस पड़ी.
" वो Separate Room वाला... ".
निधी को अपने मम्मी पापा के कहे अनुसार अपने भैया का कमरा Share करना पड़ता था. उसका कोई अपना कमरा नहीं था और इसी बात पर निधी रोज़ अपने मम्मी पापा से लड़ती झगड़ती रहती थी.
" अभी कहाँ भैया. अब आप ही बताओ जब ऊपर फ्लोर पे एक कमरा खाली पड़ा है तो मेरा आपके साथ आपके रूम में रहने का क्या मतलब ??? ".
" Don't Worry... अभी तूम 20 कि हो... 22 या 23 साल कि होने तक मम्मी पापा तुम्हारी शादी कर देंगे... फिर जी भर के अपने पति के साथ एक दो जितनी मर्ज़ी उतने कमरों में रह लेना. ". रोहित ने दुबारा अपनी बहन कि टांग खींची.
" भैया Shut Up ! ".
15 मिनट बीत चुके थें पर बस का कोई नमोनिशान नहीं था.
" UBER बुला लूं क्या ? ".
" रहने दो भैया... बेकार में पैसे खर्च होंगे. बस अभी आ जायेगी. " निधी ने कहा. " UBER पे पैसे बर्बाद ना करके उसी पैसों से आप मुझे एक साड़ी खरीद देना. "
" अच्छा ? दो तीन सौ में कहाँ से आयेगी साड़ी ? ".
" दो तीन सौ में कुछ और पैसे मिला लेना भैया... ". निधी हँसते हुए बोली.
कुछ देर में ही उनकी बस आ गई.
" आजाओ भैया... ".
" इसमें नहीं निधी... बहुत भीड़ है. ".
" भैया... यहाँ कि सारी बसें ऐसे ही भीड़ वाली आती हैं... चलो. ".
रोहित को आराम से Travel करने कि आदत पड़ी थी, बस में अंदर घुसते ही भीड़ देख कर उसका दिमाग़ घुमने लगा. निधी इन सब में Expert थी, उसने अपने भैया का हाथ पकड़ा और भीड़ में जगह बनाती हुई बस के एकदम पीछले हिस्से में चली गई. भीड़ तो वहाँ भी कम नहीं थी पर बस के पिछले हिस्से में कम से कम आने जाने वाले लोगों कि धक्को से बचा जा सकता था. मुश्किल से खड़े होने कि जगह मिली थी उन्हें, दोनों एक दूसरे के अगल बगल खड़े हो गये, बस चल पड़ी.
" अच्छा निधी... जिस दिन मैं तुम्हें कॉलेज से Pick करने नहीं आ पाता उस दिन तूम इसी तरह बस में इतनी भीड़ में जाती हो ? ".
" हाँ भैया... तो ? वैसे आज थोड़ी ज़्यादा ही भीड़ है इस बारिश कि वजह से... रोज़ नहीं होता इतना... पर... ".
" अब से मैं तुम्हें रोज़ लेने आ जाया करूंगा... ". रोहित ने अपनी बहन कि बात काटते हुए कहा........................
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कहानी :
टिप टिप बरसा पानी
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UPDATE 2
" So Sweet भैया... मुझे आपके साथ आने जाने कि आदत पड़ चुकी है और आप जो मेरे साथ Bodyguard कि तरह रहते हो उससे मेरे दोस्त जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं, उसकी भी आदत पड़ चुकी है. ". निधी ने मुँह बनाते हुए कहा........................
निधी जिस जगह खड़ी थी उसके पीछे एक आदमी बड़ा सा बैग लिये खड़ा था. उस बैग कि वजह से निधी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी और उसे बार बार ठोकर लग रही थी.
" इधर आ जा निधी. ". रोहित ने जब ये Notice किया तो उसने अपने सामने थोड़ी सी जगह बना ली और निधी वहाँ घुस कर अपने भैया के आगे खड़ी हो गई. अब उसकी पीठ अपने भैया के तरफ थी और उसे धक्के मुक्के से बचाने के लिये उसके भैया उसके पीछे खड़े थें. उसके भैया उसके लिये इतने Protective थें ये देख कर निधी मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ बोली नहीं. उसे अपने भैया के साथ नोंक झोंक वाला रिश्ता ही ज़्यादा भाता था, Formality वाला नहीं !
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