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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#41
मस्त धारावाहिक सेक्स कहानी है। मज़ा आ गया।
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#42
कोई दस पंद्रह मिनट बाद हम दोनो कॉफी शॉप मे एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे यहाँ आकर सर्दी से थोड़ी राहत मिली आज उसका गोरा मुखड़ा बड़ा ही चमक रहा था तो मैने कहा आज तो बड़ी चोखी लाग री सै किस पे बीजली गिरावे गी तो वो बोली तू रहण ही दे फालतू मे मक्खन ना लगा मैने कहा यार अब तारीफ भी ना करूँ तो वो बोली तेरी तारीफ़ ना चाहिए मन्ने तो मैं बोली फिर क्या चाहिए तुझे वो बोली कुछ ना चाहिए सै मैं जीसी सू बढ़िया सू तू तेरी देख मैने कहा यार करले ना दोस्ती , वो कहने लगी


तुझे बताया तो था ना कि नही करूँगी तो मैने कहा ईव यहा क्यो बैठी है मेरे साथ तो वो बोली वो तो मैं ऐसे ही आ गयी मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और कहा कि करलेणा दोस्ती तो वो बोली के करेगा मेरे से दोस्ती करके आज तू बता ही डाल मैं बोला दोस्ती करके क्या करते है तो वो बोली मैं अच्छे से जानती हू फ़ौजी लोगो की फ़ितरत को वो बस फ्रेंडशिप करते है खाली एंजाय करने के लिए और फिर पोस्टिंग का बहाना करके निकल लेते है

बता फेर के फ़ायदा दिल लगाने का जब मन्ने तेरे से घने ही सुथरे छोरे लाइन लगा के मिल रहे सै तो मैने कहा यार मैं दिल लगाने के लिए नही कह रहा हू दोस्ती के लिए कह रहा हू तो वो मेरी बात को काट ते हुए बोली कि ऐसा ही होता है कुछ दिन दोस्ती का नाटक होगा फिर हाथ पकड़ लेगा फिर चूमा चाटी फिर बात बिस्तर पे आ जाएगी कुछ झूठे वादे होने और फिर एक दिन खिसक जाएगा और मैं रह जाउन्गी खाली हाथ और फिर सारी जिंदगी सोच सोच के परेशान बस यही बात है बता के मैं ग़लत कह रही हू


मैने अहिश्ता से कॉफी की घूँट भरी और उसकी ओर देखने लगा वो बोली चल एक काम कर जै मैं तन्ने इतनी ही सुथरी लागू सूं तो तू मेरे गेल्ल्या ब्याह ही करले अर आज ही करले इब की स्यात ही करले तू भी के याद करेगा कि कोई दिलदार जाटनी मिली थी जैसे ही उसने ये बात कही मुझे कि दम से खाँसी आ गयी तो वो हँसते हुए बोली क्यू फोजी निकल गी सारी हवा पड़ग्ये गोडे ढिल्ले मैने कहा यार अगर मेरा दिल किसी ओर का ना होता तो कसम से अभी फेरे ले लेता जो होता देख लेता तो वो बोली तू तो इब सी ही पाछे हट गया मैने कहा यार बस मैं तो फ्रेंडशिप के लिए ही कह रहा था आज ज़िंदगी मे कोई टक्कर वाली लड़की मिली थी

उसने कहा कि तू तेरी मजबूरी के साथ ही जी और हाँ हसन बोलन की अलग बात है पर मैं दोस्ती वोस्ती के चक्करो मे ना पड़ा करती हू मैने कहा यार तू भी कमाल है पर अंदर मेरा मन कह रहा था कि आज सेर को सवा सेर मिल गया है ऐसे ही साथ हो गया था इस लड़की का पता ही नही चला कब कॉफी ख़तम हो गयी पर उसकी बाते ख़तम ही ना हो रही थी तभी पद्मिडनी का फोन आया उसने कहा कि कब तक आओगे तब जाकर मुझे होश आया फिर पद्मि नी ने जो समान मँगवाया था वो भी लाना था तो मैने उसे कहा ही चल अभी मुझे निकलना होगा तू मुझे ग्रॉसरी स्टोर पे ड्रॉप कर्दे तो वो बोली आजा तभी मुझे ध्यान आया तो मैने कहा तेरा नाम तो बता दे वो बोली “उर्वशी”

उर्वशी, तो ये नाम था उस मर्जानी का जब मैं ग्रोसर्री स्टोर से समान खरीद रहा था तो उसने कहा ,” तू तो कह रहा था कि बाहर जा रहा हू फिर ये सामान किसका है”
मैने कहा ये मेजर साहब के घर देना है देते हुए निकल जाउन्गा तो वो बोली कि तू क्यो किसी के पर्सनल काम करता है मैने कहा वो तेरी प्राब्लम नही है तू अभी जा पर वो तो आज जैसे फेविकोल की तरह ही चिपकने को तैयार थी अब मुझे कोफ़्त होने लगी थी अब करूँ तो क्या, खैर जैसे तैसे उस से पीछा छुड़ाया और पद्मिथनी के घर पहुच गया पद्मिूनी ने दरवाजा खोला तो उसके गीले बालों से आती महक मेरे दिल मे उतर ती चली गयी मैं अपने होश खोने लगा पद्मिउनी मुस्कुराते हुए बोली कि अरे अब यही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खीच लाई

उसके बदन से चंदन की भीनी भीनी आती खुसबू मुझ पर जैसे नशा सा करने लगी थी पीले रंग की साड़ी मे आज पद्मि नी किसी कयामत से बिल्कुल कम नही लग रही थी ना जाने क्यो जब जब मैं उसके पास आता था तो मैं अपने काबू मे नही रहता था मैने समान को टेबल पर रखा और पद्मितनी को अपनी बाहों मे ले लिया और उसकी गीली ज़ुल्फो को सुलझाने लगा वो बोली क्या बात है बड़े उतावले हो रहे हो पर मैं चुप ही रहा और उसके बदन की खुश्बू को अपने अंदर समेटने लगा

पता ही नही चला कब मेरे हाथ उसके उभारों को सहलाने लगे थे पद्मि नी बोली आओ पहले खाना खाते है फिर मस्ती करेंगे पर अब जिस्म की भूख को शांत करना ज़्यादा ज़रूरी था तो मैं पद्मिमनी को लिए लिए सोफे पर आ गया और उसके ब्लाउस के बटन्स को खोलने लगा और कुछ ही पॅलो मे पद्मिलनी उपर से नंगी थी उसकी छातिया और भी ज़्यादा बड़ी बड़ी लग रही थी मैं थोड़ा सा झुका और उसकी चूची पर अपने होंठो लगा दिए और उसको पीने लगा पद्मिोनी ने एक आह भरी और अपने बदन को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया और मैं उसके चूचियो से दूध निचोड़ने की कोशिश करने लगा


अब मैं बारी बारी से उसकी दोनो चूचियो से खेल रहा था वासना धीरे धीरे अपने रंग मे मुझे घोल रही थी कि तभी मेरा फोन बज उठा मैने पद्मिानी को हटाया और फोन देखा तो मिता की कॉल थी देवी जी ने कई दिन बाद कॉल की थी तो मैने फोन उठाया हाइ हेलो के बाद उसने बताया कि उसने आर्म्ड फोर्सस मे मेडिकल ब्रांच मे जॉब के लिए अप्लाइ कर दिया है मैने कहा पर यार मैने तुझे मना किया था कि तू बस सिविल जॉब करेगी तो उसने कहा कि अब जब पति फ़ौजी मिला है तो पत्नी भी फोजन होनी चाहिए ना

मैने कहा पागलो जैसी हरकत तो तू करती ही है ना कभी बात भी माना कर तो मिता बोली तू कब वापिस आएगा बड़े दिन हो गये है मेरे हॅनी की सूरत देखे अब रहा नही जा रहा है अब आ भी जा तो मैने कहा फोजी से दिल लगाया है तो इंतज़ार करना भी सीख ले पद्मि नी बड़े ही मज़े से हमारी चुहल भरी बातो को सुन रही थी मैने कहा मिथ्लेश एक महीने बाद पासिंग आउट होना है तो तू आजा तो वो बोली नो प्राब्लम आ जाउन्गी पर फिर तू भी कुछ दिन शिमला आएगा तो मैने कहा ये भी कोई कहने की बात है जान मैं तो तेरे साथ ही रहना चाहता हू बस जल्दी से शादी करलू तुझसे
मितलेश बोली मैं कुछ दिन मे माँ से बात करूँगी और उनको बताऊँगी तो मैने कहा कि तूने अभी तक बात भी नही की तो वो बोली कि हिम्मत नही होती है मेरी घबराहट होती है पर अब दिल पक्का करके कह ही दूँगी जो होगा देखा जाएगा मैने कहा तू चिंता मत कर अबकी बार गाँव आते ही तेरे घर आउन्गा तेरा हाथ माँगने मिटा बोली मैं इंतज़ार करूँगी फिर काफ़ी देर तक हम बाते करते रहे

काफ़ी देर चली थी हमारी बाते , मैने पद्मितनी को सॉरी कहा तो वो बोली कोई बात नही मिथ्लेश ज़्यादा ज़रूरी है पद्मिबनी बोली आओ खाना खा लेते है पहले तो मैने कहा लगा दो खाते खाते उन्होने कहा कि लड़की टूट के पसंद करती है तुमको ऐसी फिर ना मिलेगी इसका हाथ थाम के रखना मैने कहा भाभी अबकी छुट्टी मे बात करूँगा उसके घरवालो से वो बोली मुझे बुलाओगे अपनी शादी मे मैने कहा बिल्कुल आप तो मैने गेस्ट रहोगे

ऐसे ही हसी मज़ाक करते करते हम ने लंच फिनिश किया और फिर हम दोनो बेड पर आ गये पद्मिीनी ने अपने ब्लाउस को बंद नही किया था तो उसकी लटकती चूचिया बड़ी ही मनमोहक लग रही थी ठंड का मोसम था तो पद्मिननी ने रज़ाई खोली और हम दोनो ने ओढ़ ली मैं उसकी चूचियो पर हाथ फिराने लगा और पद्मिईनी ने मेरी पॅंट की ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से उसको सहलाने लगी

मैने उसकी साड़ी को हटा दिया और पेटिकोट को उपर उसकी कमर तक कर दिया और उसकी चूचियो को पीते पीते उसकी मांसल जाँघो पर हाथ फिराने लगा तेल से भी ज़्यादा चिकनी उसकी जांघे मेरा हाथ एक जगह ठहर ही नही रहा था मैं अपने हाथ को उपर ले गया और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल दिया
पद्मिेनी ने भी मेरे लंड के साथ ऐसा ही किया रज़ाई के अंदर अब काफ़ी गर्मी हो गयी थी दो जिस्म एक दूसरे मे समा जाने को बेताब हो रहे थे

कुछ देर हम एक दूसरे के अंगो को सहलाते रहे फिर मैं खड़ा हुआ और पूरा नंगा हो गया पद्मिेनी मेरी टाँगो के बीच आ गयी और मेरे लंड को चूमने लगी उसके गुलाबी होंठो लगातार मेरे लंड को किस किए जा रहे थे उसकी जीभ की वजह से मेरे लंड मे कंपन हो रहा था और जब जब वो सुपाडे पर जीभ को रगड़ ती तो पूरे बदन मे मस्ती छा जाती बड़ी ही बेतक्कलुफ्फि से वो लंड को चूस रही थी पूरा लंड उसके थूक से गीला हो चुका था


काफ़ी देर हो गयी थी उसे चूस्ते हुए तो मैने उसे लंड को मुँह से बाहर निकालने को कहा पर उसने कोई ध्यान ना देते हुए उसको चूसना जारी रखा पूरा औज़ार उसके गले मे काफ़ी अंदर तक जा रहा था पुच पच करके वो उसे चूसे जा रही थी उसकी गरम साँसे लंड पर पड़ती तो बड़ा ही मज़ा आता उसके होंठो का जादू पूरी तरह से लंड पर चल रहा था



मुझे लग रहा था कि अब तो इसके मुँह मे ही झाड़ जाउन्गा मेरा टाइम पल दर पल नज़दीक आता जा रहा था तो मैं उसके सर को अपने लंड ज़ोर से दबाने लगा मस्ती मे मैं पूरी तरह से डूब चुका था और फिर मैने वीर्य की एक तेज धार पद्मिरनी के मुँह मे छोड़ दी पद्मिसनी ने लंड को गले तक पहुचा दिया था तो वीर्य उसके गले मे गिरता हुआ पेट मे पहुच गया



जब उसका अच्छे से मन भर गया तो उसने लंड को बाहर निकाल दिया और अपनी नशीलीी आँखो से मेरी ओर देखते हुए बोली कि मज़ा आ गया कई दिनो बाद तुम्हारी मलाई खाने को मिली है दिल खुश हो गया मेरा तो फिर उसने कहा कि ड्रिंक करोगे तो मैने कहा कर लूँगा जी तो वो वोड्का की एक बॉटल निकाल लाई और जाम बनाने लगी कुछ ही देर मे हम ने दो दो पेग टिका दिए अब जब शराब और शबाब जब साथ मिल गये थे तो फिर कुछ धमाका तो होना ही था



मैने कहा डार्लिंग मज़ा नही आ रहा है अपने होंठो से पिलाओ को कुछ बात बने तो पद्मिगनी बोली माइ शोने बेबी अभी तुम्हारी विश पूरा करती हू पद्मिओनी ने कुछ घूंठ भरे और फिर अपने होंठो को मेरे मुँह से लगा कर मुझे पिलाने लगी आज तो शराब भी सेक्सी हो गयी थी



कुछ भी कहो औरते तो और भी मिली पर पद्मि नी जैसी कोई नही मिली मेरा लंड उसके चुतड़ों की दरार मे घुसा पड़ा था और अपने लिए एक छेद की तलाश कर रहा था पद्मिलनी मेरी गोदी मे बैठी हुवी अपनी गान्ड को हिला हिला कर मेरे लंड को परेशान कर रही थी तो मैने अब उसको बेड पर पटका और उसकी टाँगो को खोल के चूत मे अपनी दो उंगलियो को घुसा दिया और उनको अंदर बाहर करने लगा पद्मिोनी की छातिया तेज़ी से उपर नीचे होने लगी थी



अब मैं उस पर झुका और पानी से भरी उसकी चूत पे अपना मुँह लगा दिया और उसको दाँतों से काटने लगा पद्मिकनी तो जैसे बेकाबू हो गयी और अपनी टाँगो को इधर उधर पटाकने लगी मैं उसके दाने से छेड़खानी करने लगा जो कि उसका सबसे सेन्सिटिव पॉइंट था तो पद्मिानी अब अपने होश खोने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी मैं पूरा मज़ा लेते हुए पद्मिकनी की चूत से टपकते हुए रस की एक एक बूँद को पिए जा रहा था





8-10 मिनट तक मैने उसकी चूत का अच्छे से स्वाद लिया और फिर जब बात काबू से बाहर हो गयी तो मैने उसके चुतड़ों के नीचे तकिया लगाया और उसकी मोटी मोटी टाँगो को विपरीत दिशाओ मे करते हुए अपने लंड को चूत की दरार पर रगड़ने लगा जैसे ही लंड को चूत की गर्मी महसूस हुई वो और भी जोश मे आ गया और मेरा सुपाडा और भी फूल गया पद्मि नी ने अपनी गर्देन थोड़ा सा हिलाई और मैने अपना लंड चूत मे उतार दिया

पद्मिआनी की चूत ने फैलाते हुए मेरे लंड को रास्ता दिया और चूत का छल्ला लंड से चिपक गया पद्मिआनी ने आहे भरनी शुरू करदी और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी मैं उसपर पूरी तरह से छा चुका था और अपनी कमर को उचकाते हुए पद्मिअनी की चुदाई शुरू कर दी पद्मिरनी और मैं एक बार फिर से एक हो गये थे मैं उसके सेब से लाल लाल गालो को चूमने लगा



हम दोनो की साँसे अब भारी हो चली थी और एक दूसरे के मुँह मे घुल रही थी अब ना कुछ होश था ना कुछ खबर थी बस दो जिस्म एक जान बन गये थे गुज़रते लम्हो के साथ हमारी स्पीड भी बढ़ने लगी थी रज़ाई हमारे जिस्मो से उतार कर बेड के नीचे फर्श पर पड़ी थी पर अब सर्दी का कोई नामो-निशान नही था बस था तो हमारे जिस्मो की प्यास जो बुझने से पहले फड़फड़ा रही थी



मैं उसके चेहरे , गर्देन को बेतहाशा चूम रहा था और पद्मिझनी अपनी गान्ड को उठा –उठा कर के मेरे झटको का जवाब दे रही थी उसके अंदर की आग से मेरा जिस्म जैसे पिघल ही रहा था तो अब मैने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से उसके चुतड़ों को फैलाते हुए लंड को चूत से सटा दिया और उसकी कमर को पकड़ के उसकी चुदाई फिर से स्टार्ट कर दी पद्मिुनी की चूचिया किसी पके हुए फल की तरह हवा मे झूल रही थी



मेरे हाथ उसके कुल्हो , पेट छातियो सब जगह पर बारी बारी से फिसल रहे थे तप थप करती मेरी गोलियाँ उसके चुतड़ों से टकरा रही थी पद्मिोनी भी अपने चुतड़ों को पीछे करके पूरा मज़ा ले रही थी तभी वो बोली कि मेरा बस होने ही वाला है तो मैं फुल स्पीड से उसको चोदने लगा पच पुच पच पुच की आवाज़ अब और भी तेज हो गयी थी चूत से रिस्ता कामरस मेरे लंड से होता हुआ अंडकोषो को भिगोने लगा था



और फिर ऐसा लम्हा आ ही गया जब पद्मितनी डिसचार्ज हो गयी उसकी चूत से गरम पानी की नदी बह चली और उसका बदन शांत पड़ गया पर मैने उसको कमर से कस कर पकड़ लिया और तेज तेज स्ट्रोक लगाने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा था सांस जैसे बस निकलने ही वाली थी की तभी मेरे लंड ने एक झटका खाया और पद्मिरनी की चूत मे अपने गरम पानी को गिराने लगा अब जाके मुझे सुकून मिला था

फिर पूरे दो दिन तक जी भर कर मैने और पद्मिहनी ने अपने जिस्म की प्यास रगड़ रगड़ कर बुझाई पद्मि नी के साथ ये कुछ यादे थी मेरी जो जीवन भर का नाता जोड़े हुए है उन दो दिनो मे जैसे जमाने भर का सेक्स कर डाला था हम ने गार्डन, बाथरूम, बेडरूम , किचन उसके घर के हर एक कोने मे मैने उसको अच्छे से रगड़ा पद्मिानी किसी खिलते हुए गुलाब की तरह से महक गयी थी और अपना क्या अपन मूर्ति सर के आने से पहले ही वापिस होस्टल आ गये थे



जैसे जैसे पासिंग-आउट का दिन करीब आए जा रहा था मेरा दिल कुलाँचे मारने लगा था मेरे सामने एक नयी ज़िंदगी बाहें फैलाए मेरा इंतज़ार कर रही थी मैं बेताब था अपनी ग्रहस्ती को मिथ्लेश के साथ बसाने को बस अब मैं उसको अपनी दुल्हन के रूप मे देखना चाहता था मेरी बेताबी का आलम ना पूछो बस लग रहा था की आँख लगाए उड़ चलूं उस के साथ कही दूर किसी कोने मे



डेली सुबह उठ कर मैं कॅलंडर मे से रोज एक दिन और काट देता था लास्ट का महीने से भी कम समय बचा था लगभग टाइम आ ही गया था देहरादून को बाइ कहने का ये सहर तो यही रह जाना था साथ रह जानी थी तो बस कुछ यादे उन पॅलो की जो यहाँ जिए थे मैने इस बात पे कभी गौर ही नही किया था कि कब ये सहर अपना सा लगने लगा था

पर अब जब ज्यो ज्यो जाने का समय नज़दीक आ रहा था ना जाने क्यो मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा था तब जाके समझा कि लगाव क्या होता है अक्सर ठंडी शामों को मग्गी खाते हुए उर्वशी के दर्शन होते रहते थे अच्छी लड़की थी मेरे टेस्ट की भी थी एक दम बिंदास उसकी पर्सनॅलिटी मे जो खनक थी वो आज कल की लड़कियो मे जैसे खो ही गयी है



पद्मिीनी की झलक बस सनडे को ही देख पाता था जब लंच करने जाता था उसके घर पर इस अजनबी सहर मे वो ही मेरा परिवार थे एक शाम मैं और उर्वशी कॉफी पी रहे थे तो मैने कहा कि यार एक काम करेगी तो वो बोली करने का होगा तो कर दूँगी मैने कहा यार अब कुछ दिन बाद ही अपन तो यहाँ से निकल लेंगे यहाँ कोई दोस्त नही बना बस तुमसे ही जान-पहचान है तो क्या तुम एक दिन मेरे साथ लंच करने बाहर चलोगि



अब वो ठहरी जाटनी वैसे भी जाट सोलह दूनी आठ होते है सीधी बात कभी समझते नही तो उर्वशी बोली कि मेरे घर चल बाहर जाने की क्या ज़रूरत है जो कहेगा वो खिला दूँगी मैने कहा यार प्लीज़ अभी सीरियस्ली बता चलेगी क्या तो उसने कहा कि सोचूँगी फेर बताऊँगी मैने कहा यस या नो अभी बता तो वो बोली ठीक है चलूंगी अब शकल सुधार ले देख ऐसा मुँह हो रहा है जैसे बस रो ही पड़ेगा और खिल खिला के हँसने लगी



पता नही क्यो अब उसके टॉंट्स बुरे नही लगते थे दिल को अच्छी लगनी लगी थी वो अपना तो ऐसा ही था सगो से कभी रिश्ते निभाए नही गये और परायों का साथ कभी छूटा नही पाता नही भगवान ने तकदीर मे क्या लिखा अगर एक बार मुस्कुराया तो 100 बार रुलाया उसने पर हमने भी सबर कर लिया कि ले ले जितना इम्तहान लेना है ले ले ये साँसे तेरी ही अमानत है कभी भी ले ले



तो दिन बस कट ही रहे थे और हम लगे थे गान्ड को घिसने मे एक दोपहर मिता का फोन आया तो उसने पूछा कि बोलो तुम्हारे लिए क्या गिफ्ट लाउ मैने कहा तुम मेरी ज़िंदगी मे आई यही सबसे बड़ा गिफ्ट है अपने को और कुछ भी नही चाहिए तो वो हँसते हुए बोली कि मैं तो तुम्हारी ही हू पर जल्दी से बताओ कि तुम्हे क्या गिफ्ट चाहिए



काफ़ी देर सोच कर मैने कहा कि तुम उस तरह से आना मुझसे मिलने जैसे कि मैने तुमको पहली बार देखा था तो वो बोली सैयाँ जी बड़े रोमॅंटिक हो रहे हो मैने कहा डार्लिंग, अब रोमॅन्स करने का टाइम आ गया है बहुत इंतज़ार किया है तुम्हारा अब मिलन का समय नज़दीक ही है तो मिता शर्मा गयी और फोन को काट दिया पर दिल के किसी कोने मे आएगी हर पल तुझे मेरी याद वाला गाना बजने लगा




मिथिलेश, वो साँवली सलोनी सी सूरत जो अंजाने मे ही इस दिल मे उतर गयी कब इश्क़ की बेड़ियो मे मैं क़ैद हो गया था पता ही नही चला ना जाने कब हम दोनो एक दूसरे के करीब आ गये थे कि साथ जीने मरने की कसमे खा ली थी वैसे तो मेरा दिल भी साला पूरा कमीना ही था हमेशा धड़क ता ही रहता था पर जब भी मिथ्लेश का जीकर होता उसमे हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती थी




अब साला दिल ट्रैनिंग मे नही लगता था एक तरफ बदन मे ऑफीसर की वर्दी होने का एहसास और दूसरी तरफ इश्क़ को मुकम्मल करने की जूसतुजू समझ ही नही आ रहा था कि क्या हाल था मेरा बस एक लगन लग गयी थी प्रेमिका की बाहों मे अब ज़िंदगी गुजारनी थी वैसे तो अब तक कइयो ने अपनी बाहों मे पनाह दी थी मुझे पर अब बस मुझे एक ठिकाना चाहिए था



एक शाम मैं और उर्वशी दोनो ऐसे ही पार्क मे घूम रहे थे तो उसने पूछा कि जब तुम यहाँ से चले जाओगे तो क्या मुझे याद करोगे तो मैने कहा कि तू के मेरी लुगाई लगे सै जो तन्ने याद करूँगा तो वो बोली कही तो थी तेरे से उस दिन हिम्मत सै तो कर ले ब्याह तब तो तेरी आवाज़ बंद होगी आज होशियारी मारे सै उसका यही अंदाज दिल पे छुरी चला दिया करता था



मैं बोला तू तो गर्लफ्रेंड बनी कोन्या पर मैं तो तन्ने दोस्त ही समझू सूं तो सीधी सी बात यो सै के दोस्त की याद तो आवे ही गी घनी ना तो थोड़ी पर आवे ज़रूर गी मैं बोल्या यार तू मन्ने न्यू बता तू फोजिया ते क्यू चिड़या करे तेरा पिताजी फोजी अफ़सर तड़के तेरा ब्याह भी फोजी गेल ही करेगा तब के करेगी उर्वशी गुस्सा होते हुए बोली कि ना, कदे ना मन्ने तो मरना मंजूर सै पर फोजी गेल रिश्ता ना करूँ



मैने कहा छोरी तूँ सै रोहतक की जाटनी तन्ने बेरा सै ना तू के कह रही सै तो वो बोली तू मेरी फिकर ना कर आर नू बता तू के दूर का सै तू ठाकुरा की छोरी गेलया ब्याह क्यूकर कर ल्यावेगा मैने कहा मैं तो करूँगा चाहे जो भी हो उर्वशी बोली मैं तो यो ही चाहूं के तेरा घर राज़ी खुशी बस ज्या पर जै किमी उच नीच हो गी तो.... मैने कहा वो भी देखेंगे पर दिल साला घबरा गया

पर हम भी ठहरे फोजी वो भी दिमाग़ से पैदल वैसे भी दुनिया तो कहती ही है कि फोजी तो मेंटल होते है तो कर लिया निर्णय कि देख लेंगे हर उस दीवार को जो मुहब्बत के रास्ते मे आएगी पर क्या पता था कि दीवार तो क्या साला एक ईट भी ना उखाड़ सकेंगे खैर, तो आलम ये था कि बस पूछो मत मुहब्बत की चिंगारी जो सालो पहले जाली थी अब उसके शोलों ने आग का रूप ले लिया था



और वो आग अब रोज इस दिल मे जल रही थी मैने अपने घर फोन किया और पापा को बताया कि पासिंग आउट वाले दिन सभी घरवालो को आना होगा तो पापा बोले कि बेटे बड़ा ही मुश्किल होगा इस टाइम तो क्योंकि तुम्हारी चाची तो सफ़र कर ना पाएगी और तुम्हारी मम्मी उसके साथ ही रहेगी और ऑफीस मे भी वर्क लोड ज़्यादा है तो मुश्किल हो जाएगी पर तू रवि से पूछ ले अगर वो फ्री होगा तो वो आ जाएगा

मैने कहा पापा मेरी लाइफ का सबसे बड़ा दिन आने वाला है और घर से कोई भी नही आएगा तो कैसे चलेगा



पर उन्होने कहा की बेटे मजबूरी है तो नही आ पाएँगे तो मेरा मन उदास हो गया और फिर मैने ज़्यादा बात ना करते हुए फोन रख दिया रवि को फोन लगाया तो उसने भी काम का ही रोना रोया तो मैने कह दिया ऐसी तैसी कर्वाओ तुम सब कोई मत आना तुम ना आओगे तो क्या ऑफीसर ना बनेंगे




मूड थोड़ा ऑफ हो गया था तो पहुच गया कॅंटीन और एक बियर ली याडी भी साला जब देखो चूत के चक्कर मे लगा रहता था उसने कहा भाई एक नया माल हाथ लगा है कहो तो बात करूँ तुम्हारी भी मैने कहा ना भाई आज मूड नही है फिर कभी देखेंगे तो उसने कहा चलो कोई बात नही वैसे एक बात और बतानी थी तुम्हे वो जो सरिता थी ना उस दिन वाली




तो मैने कहा कॉन वो बोला भाई भूल गये क्या अरे वो गढ़वालन उस दिन अपन गये थे तो मैने कहा अरे हाँ याद आया तो क्या वो कहने लगा कि भाई वो तुमसे दुबारा मिलने को कह रही थी तुम इधर आए नही तो मैं बता नही पाया तो मैने कहा घोन्चु गधे कही के फोन कर देता तो वो बोला यार किया था पर तुम्हारा बिज़ी आ रहा था कहो तो मीटिंग लगाउ तो मैने कहा ना यार अभी सच मे मूड नही है




शेर शिकार करना छोड़ दे पर अपना चूत मारना छोड़ दे बात कुछ हजम होने वाली थी नही पर पता नही क्यो उसको मैने उस दिन मना कर दिया बियर शियर मारने के बाद अपन वापिस हॉस्टिल की तरफ चल पड़े तो रास्ते मे पद्मि नी के दर्शन हो गये वो अपने बेटे के साथ घूमने निकली थी तो उसने अपने बेटे को कुछ पैसे दिए और दुकान की तरफ भेज दिया




और मेरी तरफ मुखातिब होते हुए बोली की पासिंग आउट परेड कब है तो मैने उसको डेट बता दी उसने कहा कि पोस्टिंग से पहले क्या तुम मुझसे मिलोगे तो मैने कहा भाभी अगर टाइम मिला तो पक्का मिलूँगा तो वो बोली कि मैं चाहती हू कि तुम्हारे जाने से पहले हम कुछ गोलडेन मोमेंट्स साथ मे गुज़ारे मैने कहा भाभी पासिंग डे पर मेरी गर्लफ्रेंड भी आ रही है अगर टाइम मिला तो पक्का आपके साथ ही एंजाय करूँगा




पद्मि नी बोली अब तुम्हारी गर्लफ्रेंड आएगी तो फिर तुम मेरी ओर ध्यान दोगे नही मैने कहा ऐसी बात नही है मैं पक्का जाने से पहले आपको प्यार करूँगा तो पद्मि नी के चेहरे पर खुशी की चमक आ गयी हम बात कर ही रहे थे कि उर्वशी भी अपनी स्कूटी को दौड़ा ते हुए हमारी ही ओर आ गयी और मुझे बोली तू यहाँ कैसे मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया अबे मेरी मर्ज़ी मैं कही भी घूमू तो मैने कहा रोड के तेरे बाप की सै

उर्वशी बोली हम मेरे बाप की सै इब बोल अब पद्मिूनी हमारा मूह देख रही थी तो मैने उसका परिचय करवाया कि भाभी ये उर्वशी है ब्रिग.*********** की बेटी तो उसने पद्मिानी को नमस्ते किया इतनी देर मे पद्मिेनी का बेटा भी आ गया तो पद्मि*नी ने कहा कि आप लोग बाते करो मैं चलती हू और वहाँ से चली गयी उसके जाते ही उर्वशी ने कहा कि रै या सुथरी सी आंटी कॉन सै तो मैने उसको बताया कि ये हमारे ट्रैनिंग ऑफीसर की वाइफ है




वो बोली आंटी तो घनी चोखी सै तो मैने कहा तू क्या कम है तू भी तो बिजली है तो वो बोली कि रहण दे मने झाड़ पे ना चढ़ा छोरे मैने कहा अब तेरे लिए के मैं साची बात भी ना बोलू तो वो बोली मैं कितनी इतनी सुथरी सू मैने कहा किसी ते भी जा के पूछ ले फिर हमारी ऐसे ही थोड़ी देर और नोक झोक चलती रही शाम भी हो चुकी थी हल्का हल्का सा अंधेरा छाने लगा था तो उर्वशी बाइ बोल कर चली गयी

मैं भी होस्टल मे चला गया थोड़ा सा हाथ मूह धोया फिर एक टेस्टी डिन्नर के बाद मैं सोने के लिए बिस्तर पर पहुचा ही था कि मिता का फोन आ गया आजकल पता नही क्या सूझ रहा था उसको तकरीबन रोज रोज ही फोन कर लेती थी वो कहते है ना कि दूर रहने से प्यार बढ़ता है शायद वो ही बात थी उसकी इंटेर्नशिप भी बस ख़तम होने को ही थी और फिर कही ना कही जॉब पकड़ लेनी थी उसने भी




हसीन बहारों की रात ठंडी ठंडी हवा और ऐसे मे अपने दिलबर से बात हो जाए तो इस से अच्छा फिर कुछ नही हो सकता है बेसक हम एक दूसरे से दूर थे पर हमारी रूह एक दूसरे की मुहब्बत मे इस कदर जुड़ गयी थी कि हम दो जिस्म एक जान से भी बढ़कर हो गये थे मिथ्लेश की सबसे अच्छी बात ये थी कि वो समझ जया करती थी कि मेरे दिल के हालत को उसे हर पल पता होता था कि मैं क्या सोचता हू




मुहब्बत तो सदियो से चली आ रही है कितने लोगो ने की होगी और आज भी कही किसी कोने मे किसी ना किसी का दिल किसी ना किसी के लिए धड़क ही रहा होगा पर अपनी बात ही कुछ जुदा जुदा थी मेरे लिए मुहब्बत का वो दरिया थी जिसमे बस मैं अब डूब जाना चाहता था अब कुछ बाकी ना था बस जल्दी से जल्दी मैं मिथ्लेश का होना चाहता था सुबह 4 बजे तक हमारी प्रेम भरी बाते चलती रही

अगले कुछ दिन बड़े ही बेकार गुज़रे परेड की तैयारियो ने शरीर को बुरी तरह से तोड़ डाला थकान के मारे बुरा ही हाल हो रखा था पर टफनेस ही तो आर्मी लाइफ हमें सिखाती है पता ही नही चलता था कि कब नींद आई कब दिन निकला एक बार सज़ा भी मिली पर ये सब तो चलता ही रहता है जाटनी ने वादा किया था कि वो मेरे साथ लंच पर जाएगी पर मैं इधर से निकल ही नही पा रहा था


बस लगी पड़ी थी सभी कॅडेट्स अब पोस्टिंग का ही जिकर करते रहते थे कि मुझे वो जगह पसंद है मुझे वो जगह पसंद है मैं सोचता था कि यही देहरादून मे ही कुछ जुगाड़ हो जाए तो ठीक रहे पर ये सब तो अथॉरिटीज़ के हाथ मे था फिर अपने को तो नौकरी से मतलब चाहे कही भी करवालो




मैने सोचा कि पूरे दो महीने की छुट्टी के लिए अप्लाइ करूँगा और मज़े से गाँव मे चूत मारूँगा और कोई नया माल भी अड्जस्ट करूँगा पता नही क्यो मैं प्लॅनिंग भी बहुत करता रहता था तो कुल मिला कर बस अब दिन ही कट रहे थे बीच मे पद्मिमनी ने कहा सेक्स के लिए पर मैने बिज़ी होने का बहाना बना कर टाल दिया एक शाम मैने उर्वशी को बताया कि कल मैं फ्री रहूँगा और हम लंच पे चलेंगे




तो उसने कहा ओके मैं तुझे यहीं से पिक कर लूँगी और फिर निकल पड़ेंगे अगले दिन फोजी नहा धोकर पर्फ्यूम लगा कर एक दम जेंटल्मेन बन कर चल पड़ा उर्वशी के साथ मैने कहा किसी अच्छे रेस्टोरेंट मे चल तो वो बोली तू बस बैठ चुप चाप और कोई आधे घंटे बाद हम एक रेस्टोरेंट मे दाखिल हो गये हमेशा की तरह पर्फेक्ट लेडी की पर्फेक्ट चाय्स थी




एक ज़िंदा दिल लड़की की साथ थोड़ा टाइम बिताने को मिला इस से अच्छी बात और क्या हो सकती थी मेरे लिए सबकुछ उसकी पसंद का था जो भी वो चाहे उसकी खिल खिलाती हुई हसी आज भी कभी कभी जब याद आ जाती है तो मैं मुस्कुरा पड़ता हू वो बार बार अपने चेहरे पे आई बालो की लत को साइड मे करती पर उसकी जुल्फे भी मानो आज शरारत करने के मूड मे थी जैसे मैं तो बस उसे ही देखे जा रहा था चोर नज़रो से




उर्वशी ने मेरी नज़रो को पकड़ लिया और बोली कि अब यू ना देखो मुझे मुझे अनकंफर्टबल लग रहा है तो मैने कहा अब क्या आँखे बंद कर लू देखने की चीज़ तो देखी ही जाएगी वो बोली साची! जी तो करता है कि तेरे लगा दूं दो चार पर अच्छा भी लगता है तू हाय! जब तू चला जाएगा तो कसम से मैं कही मर ना जाउ तेरी जुदाई में तो मैने कहा दोस्ती तू कर नही रही है और मर जाएगी जुदाई मे




उर्वशी भी आज मानो पूरे मूड मे थी वो बोली कि अरे जालिम बलमा मैं तो ब्याह करने को मरी जा री सूं तेरे गेल और तू दोस्ती की पूछ पकड़ के बैठा है मैने चुस्की लेते हुए कहा कि दो मिनिट तो तुझे झेलना मुस्किल है कॉन पूरी उमर तेरे साथ बिताएगा मेरी जिंदगी तो झगड़े मे ही बीत जाएगी तू तो दोस्ती तक ही ठीक है तो वो बोली कि दोस्ती में के सै ब्याह कर और पूरी मौज मार




उसकी आँखे चमक उठी थी मैने कहा कि यार तू मज़ाक मे कह रही है या सीरीयस है तो उसने मुझे ही उलझाते हुए कहा कि तन्ने के लागे सै छोरे तो मैने कहा कि मने तो लागे सै कि तन्ने प्यार हो गया मेरे तै ये सुनते ही उर्वशी ने अपना पेट पकड़ लिया और बुरी तरह से हँसने लगी रेस्टोरेंट मे मोजूद और लोग हमारी तरफ देखने लगे

मैने कहा आराम से बैठ ना तो वो बोली कि हँसूंगी दुनिया जाए खड्डे मे और तू ना जोक तो कम से कम ढंग का मारा कर सारे मूड की लगा डाली मैने कहा ले देखो रे जमाना अब हम सच भी बोले तो इनको मज़ाक लगे है उर्वशी कहने लगी कि अभी मेरे इतने बुरे दिन ना आए है कि तुझ से प्यार करूँ और वैसे भी प्यार मे रखा ही क्या है



तू खुद पे ही ले ले तू इतने सालो से रिलेशन्षिप में है पर तूने कभी हाथ भी ना पकड़ा तेरी वाली का वो कहीं धक्के खाए तू कहीं खाए बस नाम है का प्यार है बाकी ज़रा गिन के बता कि कितना टाइम तुम लोगो ने साथ मे बिताया है तेरी वाली से ज़्यादा टाइम तो तू मेरे साथ ही बिता चुका होगा बता क्या फ़ायदा ऐसे प्यार का तो मैने कहा वो तो हम अपने अपने करियर को बनाने मे बिज़ी है



और जब भी मौका मिलता है तो हम अपने पलों को जी लेते है तो वो बोली बलम प्यारे बात को नही समझा तू अभी तक लाइफ को प्रॅक्टिकली देख और सोच कि प्यार करके तुम्हे क्या मिला तू जब देखो मेरे उपर लाइन मारता रहता है अगर तू उस से सच्चा प्यार करता तो तुझे ज़रूरत ही ना होती मेरी तरफ देखने की मैने कहा देख मुहब्बत और दोस्ती दो अलग चीज़ है




वो बोली अक्सर दोस्ती ही मुहब्बत मे तब्दील हो जाया करती है और फिर शुरू होती है परेशानी तू क्या जाने कि प्यार क्या होता है मैने कहा उर्वशी तू तो ऐसे ही कह रही है कि तूने तो मुहब्बत मे डिप्लोमा कर लिया है तो वो बोली जाटा की छोरी सूं डर लगता है वरना मेरे सीने मे भी एक धड़कता हुआ दिल है




मैने कहा यार इतनी पढ़ी लिखी होके तू भी रही गाँव की गँवार ही तू कैसी बात करती है जमाना कहा से कहाँ पहुच गया और तू अभी भी वही है जाटा की छोरी है तो के प्यार ना करेगी तू बता तू अगर किसी को पसंद करती है तो मैं तेरे लिए कुछ भी कर जाउन्गा बता कोई नज़र मे है तो मैं तेरा ब्याह करवाउन्गा उसके साथ उर्वशी ने एक गहरी सांस ली और बोली तू रहने दे तेरे बस की ना है



माहौल थोड़ा सा सेंटिमेंटल सा हो गया था अब खाने पर से ध्यान हट गया था उर्वशी थोड़ी संजीदा सी होने लगी थी मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और उसकी आँखो मे देखते हुए बोला कि यार कोई प्राब्लम है तो बता ना वो बोली कह दिया ना कि तेरे बस की ना है पर मैने ज़ोर देते हुए कहा कि तुझे बताना ही पड़ेगा तो वो बोली कि लगन लाग गी तेरे से छोरे मैं कर बैठी प्यार तेरे से

जैसे ही मैने ये सुना मेरे हाथो से चम्मच छूट कर नीचे कर गया और मैं शॉक हो गया मुझे कुछ ना सूझा काफ़ी देर तक हम दोनो मे से कोई भी कुछ ना बोला फिर मैने खामोशी को तोड़ते हुए कहा कि देख बात ऐसी है कि ………… मैं बोल ही रहा था कि उसने मुझे रोका और कहने लगी कि मने बेरा सै कि तू यो ही कहेगा कि तेरी दोस्त सै और तू उसके गेल ही ब्याह करेगा
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#43
उर्वशी बोली कमीने-कुत्ते तू क्यू आया मेरी लाइफ मे अच्छी भली चल रही थी मस्ती से जीती थी ना कोई चिंता ना कोई फिकर पर भगवान किसी को सुखी नही देख सकता तो उसने तुझे भेज दिया मुझे रुलाने को मैं बोला अब मैने क्या किया तो वो बोली कि पता नही कब तुझसे हो गया अब लागी छूटे ना बता मैं क्या करू अब मैं साला परेशान मैने कहा तू मेरी टाँग खीच रही है ना


तो वो बोली मैं सॅंडल फेक के मारूँगी मेरा दिमाग़ खराब किया तो जा ना खाना तेरा लंच मैं जा रही हूँ अब खुद ही सिचुयेशन कॉंप्लिकेटेड की और बिल फटे हम पर बड़ी ही ना इंसाफी है ये तो मैने उसका हाथ पकड़ कर उसको बिठाया और कहा देख यहाँ तमाशा सा हो रहा है सब लोग अपनी तरफ ही देख रहे है लंच नही करना कोई बात नही मैं बिल दे देता हू फिर चलते है



5-7 मिनिट बाद हम दोनो वहाँ से निकल गये अबकी बार मैं स्कूटी चला रहा था उर्वशी का मूड अब भी ठीक नही था तो मैने स्कूटी शहर से बाहर की ओर हरिद्वार रोड पर मोड़ दी और काफ़ी दूर निकल आया थोड़ा सा सुनसान एरिया आया तो मैने एक पुलिया के पास उसको रोका और कहा आ इधर बैठ कर बात करते है और हम दोनो पुलिया पर बैठ गये

कुछ देर खामोश रहने के बाद मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया और कहा कि देख तू घनी सुथरी , गजब, मोरनी सी छोरी सै अर मै सूं फोजी मेरे गेल्या लगन करके सदा दुख ही पावेगी फिर मैं बॉर्डर पे रहूँगा टाइम पे छुट्टी भी ना मिलेगी और ना जाने किस घड़ी किस गोली पे मेरा नाम लिखा हो और ये तो बाद की बाते है मैने भीतो किसी और का पल्ला पकड़ा हुआ है



उर्वशी ने अपना हाथ छुड़ाया और आलती-पालती मार के बैठ गयी और बोली कि यो सब तो तेरे आली के गेल भी हो सके सै मैने कहा बिल्कुल हो सके सै उर्वशी कहने लगी कि तेरे आली के मेरे ते भी घनी सुथरी सै मैने कहा ना वो तो तेरे पासिंग मे भी कोन्या वो बोली फेर के दिक्कत सै थोड़ा टेम मेरे गेल्या गुजारेगा तो मेरे ते प्यार करन लग ज्यागा
और वैसे भी पुरुषो का प्यार तो बस बिस्तर पर ही दिखया करे मने कुछ ना बेरा तू मेरे गेल्या ही ब्याह कर ले मैं ना रह सकूँ अब तेरे बिना लत लाग गी मने तेरी मैं काल ही अपने बापू ते बात करू सूं मैने कहा होश मे आ पागल जाटनी और गोर से देख मैं खुद फँसा पड़ा हूँ तू बस बाहर से ही मुझे जानती है पर मैं अंदर रोज जलता हू देख तन्ने बताऊ सूं



मेरी ज़िंदगी मे दो कन्या आई जो मने सच्चे मन से अच्छी लगी एक सै मिथ्लेश जो धड़कन बनकर मेरे दिल मे धड़क रही है और दूसरी सै निशा जो कदे मेरी बेस्ट फ्रेंड हुआ करती थी पर आजकल मने भूल गी अर ना जाने कित सै वा पर फेर भी वा भी दिल का एक कोना मे पड़ी सै देख मैं लाख खराब सूं मैं घटिया सूं पर मैं ब्याह करू तो बस मिता गेल ही क्योंकि यो जनम तो बस उ छोरी के साथ ही जिनो है



तू 16 सोमवार के व्रत कर ले के बेरा महादेव जी तुझे मुझसे तो लाख गुना बेहतर पति देंगे तू मने अच्छी तो बहुत लागे सै पर मैं मजबूर सूं मैं किसी और गेल वादा कर चुका हूँ अब तू ही बता मैं के करूँ तो उर्वशी खामोश हो गयी और फिर अचानक से बोली कि कामीने मैना करती तेरे से प्यार व्यार जै दुनिया निमाड़ भी ज्या ना तो मैं तेरी ना बनूँ मैं तो देखे थी कि तू कितने पानी मे सै



उसकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया मैने कहा फेर हो ली राज़ी आ गी तेरे कलेजे ने ठंड अब मेरा मूड साला सटक गया मैं उठा और उसको बोला कि देख तुझे दोस्त माना है मैने आइन्दा से फीलिंग्स वाला मज़ाक ना करियो बाकी तू चाहे जान माँग ले अभी दे दूँगा पर फीलिंग्स के साथ छेड़खानी नही होनी चाहिए तो उसने मेरे गाल को थपथपाते हुए कहा ही ओके बाबा सॉरी



जब वो सॉरी कह रही थी तो मेरी निगाह उसकी आँखो पे गयी तो मुझे उसकी आँखो मे पानी सा लगा तो इसका मतलब ये जो भी कह रही थी सच कह रही थी मैने कहा छोरी तेरी आँखो मे यो पानी कैसा तो वो अपनी चुन्नी से आँखो को पोंछती हुई बोली कि शायद कुछ कचरा चला गया होगा मैने कहा ये फिल्मी डाइलॉग ना बोल और साची बात बता



अब फँसी छोरी जाट की मैने कहा अब बता भी दे ना तो उसने कुछ नही कहा और सीधा आकर मेरे सीने से लग गयी मेरी तो साली धड़कन ही रुक गयी गले तो कइयो को लगाया था पर इस बार दिल भी साला ना फरमानी पे उतर आया मेरे हाथ अपने आप ही उसकी पीठ पर चले गये और उसकी पीठ को सहलाने लगे उसकी गरम साँसे मेरी छाती पर कहर ढाने लगी



दो मिनिट के लिए तो मेरा भी खुद पर काबू ना रहा फिर मैने उस को अपने से डोर हटा दिया पर उसका हाथ मेरे हाथ मे रह गया तो वो फिर से मेरे सीने से आ लगी उसकी साँसे भारी हो गयी थी उसकी छातिया मेरे सीने पर दबाव बना ने लगी थी अबकी बार मैने उसको अपन से अलग नही किया समय जैसे थम सा गया था तभी उसका चेहरा थोड़ा सा उपर हुआ और उसके होठ मेरे होंठो से छू गये
ना चाहते हुए भीं मैं अपने होंठो को रोक ना सका उसके लरजते हुए कोमल होंठ ऐसे थे जैसे कि पहाड़ो से बहता नदी का शीतल जल उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी बाहें मेरी पीठ पर थोड़ा ज़ोर से कस दी वक़्त का ना कुछ पता था मुझे ना मुझे कोई होश था 5 मिनट तक मैं उसके होंठो को ख़ाता रहा फिर वो मुझसे अलग हुई और लंबी सांस भरते हुए बोली कि मारेगा के छोरे


उर्वशी स्कूटी की ओर बढ़ी और डिग्गि से पानी की बॉटल निकाल कर पीने लगी एक ही सांस मे आधी बोतल गटक गयी और बोली कदे किसी छोरी की पप्पी ना ली के ऐसे चिपक गया जैसे कि इस जनम मे तो हटेगा ही नही पर मुझे थोड़ा सा अनकंफर्टबल फील होने लगा मैने कहा सॉरी डियर मुझे ऐसा नही करना चाहिए था तो वो बोली कोई बात ना फोजी तू भी के याद करेगा कि किसी जाटनी की पप्पी ली थी


कुछ तो बात थी छोरी मे एमबीए की स्टूडेंट होकर भी जिस तरीके से वो गाँव की देसी भाषा का प्रयोग करती थी कसम से मेरे दिल मे हुक उठ जाती थी पर सच्चाई ये थी कि मैं उसको अपना नही बना सकता था वैसे तो मैं कमीना था पर इस लड़की की फीलिंग्स के साथ मैं नही खेलना चाहता था मैने कहा जो हुआ उसके लिए मैं शर्मिंदा हू प्लीज़ फर्गिव मी



पर वो भी अपनी धुन की पक्की बोली फोजी अब मैं पीछे ना हट सकूँ या मीरा तो श्याम की दीवानी हो गयी सै इब चाहे दुनिया से लड़ना पड़े पर ब्याह तो करूँगी तेरे साथ ही अब मैं कुछना बोला और अपना माथा पकड़ कर पुलिया पे बैठ गया जी तो कर रहा था कि यही से नीचे कूद जाउ तभी शनि की दशा लगी और मिथ्लेश का फोन आ गया



मैं बात कर ही रहा था और उर्वशी मुझे तंग करने लगी तो मैने बिज़ी होने का बहाना बनाया और फोन कट किया मैने कहा उर्वशी मान भी जाना तंग ना कर आ अब वापिस चलते है तो उसने बोला कि कुछ देर और रुकते है फिर चलेंगे उर्वशी मुझ से सट कर बैठ गयी और बोली कि देख ले छोरे फेर ना कहीयो कि इसी सुथरी छोरी हाथ से निकल गी




मैं बोला तू तो पगला गयी है ऐसा नही होता है तो वो बोली फिर कैसा होता है मैने कहा मुझे नही पता वो मेरे साथ शरारत करने लगी मेरा लंड अपनी औकात मे आ गया पर इधर कुछ भी पासिबल नही था तो मैं और भी अनकंफर्टबल हो गया दिल तो अब दिल है कही भी फिसल जाता है तभी बिन मोसम हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे हमें भिगोने लगी




एक तो सर्दी का मौसम और उपर से बारिश जब बोछार थोड़ी ज़्यादा तेज हो गयी तो मैने कहा यार अब क्या करें तो उर्वशी बोली कि उधर पेड़ो के नीचे खड़े हो जाते है तो हम रोड से उतर कर कच्चे की तरफ चल पड़े और थोड़ी दूर घने पेड़ थे उनके नीचे जाकर खड़े हो गये यहाँ बारिश तो नही थी पर ठंडी हवा कुलफी जमा रही थी



देहरादून का मोसम भी बड़ा ही कमाल है उर्वशी ठंड से काँपने लगी और मुझ से सट कर खड़ी हो गयी दो भीगे हुए बदन एक दूसरी की गर्मी का अनुभव करने लगे तभी मुझे क्या सूझा उसके गीले बालो को मैने खोल दिया हमेशा से ही मुझे खुले बालो वाली लड़कियाँ बड़ी अच्छी लगती है उर्वशी बोली छोरे के करै सै



मैने कहा कुछ ना तू बस दो मिनट चुप रह उसकी गीली ज़ुल्फो की खुसबू मुझे मदहोश करने लगी थी पानी की बूंदे जब उसके गालो से टपक रही थी तो लगा जैसे कि पेड़ो से शबनम बह रही हो एक तो मोसम का ज़ुल्म और उपर से कयामत भी मेरी आँखो के सामने ही खड़ी थी अब मैं क्या करूँ मेरे शरीर मे खून ज़ोर मारने लगा



मैने एक हाथ उर्वशी की कमर मे डाला और उसको अपनी तरफ खीच लिया वो बिल्कुल मुझसे सट गयी हमारी आँखे चार हुई वो मुझे देखे मैं उसे देखु वक़्त ने अजीब हालात खड़े कर दिए थे ये ही एक ऐसी लड़की थी जिसके साथ मैं कुछ नही करना चाहता था और तकदीर आज इस लड़की को ही मेरी बाहों मे ले आई थी मैं तो जैसे पत्थर का बन गया था




उसकी आँखो मे बेपरवाह मुहब्बत का सैलाब दिख रहा था मुझे पर मैं अपने होश संभाले था पर कितनी देर तक वो बेशक उर्वशी थी पर मैं विश्वामित्र कतई नही था तभी कही दूर बिजली कडकी और उर्वशी और भी अच्छे से मेरी बाहों मे आ गयी उसके बदन की खुश्बू मेरे हार्मोंस को आक्टिव कर रही थी हर एक गुज़रते पल के साथ मेरा खुद पर कंट्रोल ख़तम होते जा रहा था आख़िर परिस्थिति ही कुछ ऐसी हो गयी थी

काम देव का बान कमान से निकल कर मुझे घायल करने को चल पड़ा था और उर्वशी का हाल भी कुछ ऐसा ही था अब की बार जैसे ही उसकी और मेरी नज़र मिली मेरे सबर का बाँध टूट गया और मैने दोनो हाथो से उसके सुर्ख हो चुके चेहरे को पकड़ा और किसी बिछड़े हुए दीवाने की तरह उसकी नरम होंठो को चूमने लगा उर्वशी ने कोई प्रतिकार नही किया




उसने अपने मूह को थोड़ा सा खोला और उसकी जीभ को मेरे मूह मे सरका दिया अब अगर कयामत भी हो जाती तो कोई गम ना था पता नही कितनी देर तक मैं उसके लबों की शबनम को पीता रहा फिर जब दुबारा से बिजली कडकी तो मुझे होश आया मैने उसके धक्का देकर अपने से दूर किया और अपनी उखड़ती हुई सांसो को दुरुस्त करने लगा कुछ ऐसा ही हाल उस पागल जाटनी का था



मैने कहा उर्वशी मेरे पास ना आ अगर मैं बहक गया तो फिर मुश्किल हो जाएगी बड़ी मुश्किल से संभाला है खुद को मैं तुझे खराब नही करना चाहता प्लीज़ इन घायल नज़रों से ना देख मुझे अगर मैं आज फिसल गया तो फिर सारी ज़िंदगी दिल पे बोझ रहे गा बारिश अब बेहद तेज हो गयी थी और ठंड भी अब तेज होने लगी थी



कैसी ये मृगतृष्णा थी कैसे हालत मे आज मैं आ गया था वरना ऐसी कोई चूत नही थी जिसपे दिल आने के बाद उसका मज़ा ना लिया हो पर इस मर्जानी की बात अलग थी ठंड से उसका बदन काँपने लगा था तो मैने अपनी जॅकेट निकाली और उसको ओढ़ा दी जब खड़े खड़े पैर दुखने लगे तो मैं पेड़ का सहारा लेकर बैठ गया गीली मिट्टी की खुसबू जो आई तो साथ काफ़ी यादे ले आई

उर्वशी साया फिल्म का गाना अये मेरी ज़िंदगी गुनगुनाने लगी थी तो मेरा ध्यान उसकी तरफ गया मैने कहा इधर आ और उसको अपने आगोश मे ले लिया मैं बोला देख जाटनी तू मुझसे एक वादा कर कि तू आज के बाद मुझसे कभी ना मिलेगी और ना ही कभी मेरे बारे मे सोचेगी मैं कुछ दिन मे यहाँ से चला जाउन्गा फिर ना जाने तकदीर कहाँ ले जाएगी




उर्वशी बस सुनती ही रही मैने कहा यार तू बहुत ही सच्ची लड़की है और मैं उतना ही कमीना तुझे अब क्या कहूँ तू खुद इतनी समझदार है बस कभी याद आ जाए तो एक सपना समझ कर भुला देना पर तेरा मेरा साथ अगर यही ख़तम हो जाए तो अच्छा होगा वरना तू भी दुखी और मैं भी



उसकी आँखो से झरता एक एक आँसू मेरे दिल मे छेद कर रहा था पर मैं भी तो मजबूर था ज़िंदगी मे इतना बेबस कभी नही हुआ था मैं अगर मिता ना होती तो एक पल ना लगाता इस छोरी का हाथ थामने मे . बादल अब और भी ज़ोर से गरजने लगे थे आज बारिश रुकना मुश्किल ही लग रहा था और हम दोनो शहर से दूर सुनसान मे फँस गये थे




हम दोनो खामोश बैठे थे कहने को शायद कुछ था पर ना वो बोल रही थी ना मैं दिल पे बोझ सा लग रहा था पर ये बोझ अच्छा था उस बोझ से जो उसको खराब करके मिलता शाम ढलने को आई थी वापिस अकॅडमी मे भी रिपोर्ट करना था हम तो साला बस बँध कर रह गये थे रूल्स मे . छाती मे दर्द सा होने लगा था अब करें भी तो क्या



उर्वशी मेरे पास आई और बोली कि अच्छा लगा तेरा साथ दो पल जो तेरे साथ बिताए खुल के जी ली ज़िंदगी इब जै मर भी जाउ तो कोई दुख ना सै मैने कहा ऐसा क्यो बोलती हो अभी तो पूरी लाइफ पड़ी है तुम्हारे आगे ये मुहब्बत भी अजीब है जहाँ होनी चाहिए वहाँ नही होगी और ना चाहते हुए भी हो जाती है इंसान तो बस फिर इसके इशारों पर नाचते है

बारिश अब और अंदर तक आने लगी थी तो हम पेड़ो के और अंदर चले गये यहाँ कुछ गर्मी भी थी और थोड़ा सूखा भी था तो कुछ आराम मिला उर्वशी कहने लगी कि अच्छा होता जै कभी तेरा मूह ना देखती मैने कहा जो कहना है कह ले निकाल ले तेरे मन की सारी भडास तो वो बोली जा कामीने तू जी अपनी जिंदगी मेरी फिकर ना करियो पर जाने से पहले एक काम कर्दे मुझे तेरे रंग मे रंग दे




ये उसका खुला निमंत्रण था मेरे लिए . उर्वशी का को मेरे जवाब का इंतज़ार था वो बोली अब इतना भी ना कर सकेगा मेरी खातिर तो मैने कहा जान भी माँग के देख एक पल मे दे दूँगा तेरे लिए पर मैं तुझसे प्रीत नही लगाउन्गा मुझमे इतनी हिम्मत नही है कि मैं तेरी प्रीत निभा पाऊ पर वो भी मगरूर जाटनी थी लगी बहस करने उसने कहा एक बात बता




मैने कहा दो पूछ वो बोली तेरा मेरा फिर क्या रिश्ता ये सुनते ही मुझे कुछ याद आ गया यही सवाल मैने कभी प्रीतम से पूछा था प्रीतम की याद आते ही दिल भी साला एमोशनल हो गया मैने अपनी आँखे पोन्छि और कहा कभी मैने भी किसी से यही बात पूछी थी मैं तेरे सवाल का जवाब ज़रूर दूँगा बस सांस लेने दे ज़रा




उर्वशी बोली अब बता भी दे मैने कहा तेरा मेरा रिश्ता ऐसा जैसे कि नदी के दो किनारों का साथ भी है और जुदाई भी है तेरा मेरा रिश्ता एक पवित्र बंधन है जो अनचाहे ही बँध गया है शायद तू समझ गयी होगी मैं बेचैन हो गया था मुझे लग रहा था कि कही इस दीवानी की तपिश मे कही मैं पिघल ना जाउ उर्वशी आज पता चल रहा था कि कैसे ऋषि विश्वामित्र को डिगा दिया था उसने





मैने कहा प्रेम-कहानियाँ उर्वशी , प्रेम कहानियाँ कुछ ऐसी ही है तेरी मेरी ये छोटी सी कहानी अगर इसको यही पे ना रोका गया तो तूफान आ जाएगा तेरा ना बिगड़ेगा कुछ पर मैं बह जाउन्गा और मेरे साथ मेरी प्रेयसी भी अब तू ही बता मैं क्या करूँ कैसे उसका हाथ छोड़ कर तेरा हाथ पकडू तो वो बोली तू जी अपनी जिंदगी मैं भी जी ही लूँगी किसी ना किसी तरह से




मैने उसके हाथ चूमे और कहा पर तू इस दिल मे हमेशा रहेगी दोस्त बनके अंधेरा घिरने लगा था और बारिश भी कुछ मंद हो गयी थी तो मैने कहा आजा अब चलते है तो फिर मैने स्कूटी स्टार्ट की और चल पड़े वापिस अपनी मंज़िल की ओर कुछ तो दिल पे बोझ और मोसम बेरहम और कुछ ये हसीन साथ उसका उसकी हर एक धड़कन अब भी जैसे मुझसे कई सवाल पूछ रही हो




जैसे तैसे अकॅडमी पहुच गये गेट पे एंट्री को लेकर बहस हुई तो उर्वशी ने मोर्चा संभाला उसने मुझे मेरे होस्टल के बाहर ड्रॉप किया और बोली तेरा फोन नंबर तो दे दे अब कदे कदे बात करन ते ना रोकियो इतना हक तो दे दिए मैने कहा हाँ ज़रूर नंबर लेने के बाद वो चली गयी और मैं उसको देखता ही रहा पता ही नही चला कब आँखो से दो आँसुओ ने गिरकर गालो को चूम लिया




उर्वशी चली तो गयी थी पर साथ मेरा चैन-सुकून भी ले गयी थी आज की रात भारी होने वाली थी पर अगर हम इतने ही कच्चे होते तो यहाँ आर्मी मे ना आते फोजी का सबसे बड़ा गुण यही होता है कि वो अपनी फीलिंग को दूसरो से बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकता है भूक ने दस्तक दे दी थी पेट मे डिन्नर टाइम भी ऑलमोस्ट हो ही गया था तो फटा फट मैने कपड़े चेंज किए और मेस मे पहुच गया




खाना खाने के बाद मैं वापिस आया तो सोचा कि घर पे फोन ही करलू तो पता चला कि फोन तो काम ही नही कर रहा है बारिश मे भीगने से ये खराब हो गया था ये नयी प्राब्लम हो गयी आउटपास आज ही तो लिया था तो नया फोन खरीदने जाने का सवाल ही नही था तो एक ठंडी आह भारी और सो गया

अगली सुबह और भी परेशानी सी भरी थी चूँकि अब लास्ट टाइम रेहेर्सल्स ही चल रही थी तो बड़े बड़े ऑफिसर्स परेड का इनस्पेक्षन करने आते थे बड़ी ही सावधानी रखनी पड़ती थी दोपहर तक हालत खराब हो गयी थी पर ये लास्ट एक हफ़्ता तो किसी ना किसी तरह से अड्जस्ट करना ही था मोबाइल खराब होने से मैं थोड़ा सा अजीब महसूस कर रहा था


शाम को ऑफ टाइम मे मैं पहुच गया अपने अड्डे पर मैने सॅंडविच का ऑर्डर दिया और अपनी कुर्सी पर बैठ गया कुछ ही देर मे उर्वशी भी आ गयी उसने कहा कि मैने तुझे फोन किया था पर मिल ही नही रहा था तो मैने उसको बताई कहानी तो वो बोली कि कोई ना मैं कल जब कॉलेज जाउन्गी तो तेरे लिए नया मोबाइल खरीद लाउन्गी तू बता कॉन सा लेगा



मैने कहा जो भी तुझे अच्छा लगे ले आना फिर हमारी बाते शुरू हो गयी उसके साथ टाइम पता नही कब निकल जाता था पता ही नही चलता था फिर मैने कहा आ एटीएम तक चलते है मैं तुझे पैसे भी दे देता हू वो बोली रहने दे मैं बाद मे ले लूँगी मैने कहा ठीक है फिर हम अपने अपने रास्ते हो लिए

अगला दिन भी भाग दौड़ के साथ आया जब मैं नाश्ता करने के लिए जा रहा था तो मूर्ति सर ने कहा कि शाम को तुम्हारी भाभी ने तुम्हें घर बुलाया है टाइम से आ जाना मैने कहा सर कोई खास बात है क्या तो वो बोले कि आज मेरे बेटे का बर्थ’डे है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है सर मैं आता हूँ



तभी मुझे कुछ सूझा मैने कहा सर दो मिनट के लिए आपका फोन यूज़ कर सकता हूँ क्या मेरा फोन खराब हो गया है सर का फोन लेके मैने उर्वशी को कॉल किया और कहा कि शाम को तू फ्री रहना मेरे साथ तुझे कहीं चलना है और शाम को तू एक काम कर एक बच्चे के लिए दो-चार बढ़िया वाले कपड़े खरीद लेना साइज़ ये होगा **** और एक बड़ा सा केक भी मस्त वाला मॅनेज कर लेना




वो पूछती रही कि किसके लिए तो मैने कहा तू अभी सवाल ना कर ऑफीसर के फोन से कॉल कर रहा हू शाम को मिलते है तो वो बोली तू चिंता ना कर काम हो जाएगा तो फिर पूरा दिन गान्ड घिसने के बाद शाम को 6 बजे मैं रेडी हो कर शॉपिंग सेंटर पर चला गया आधे घंटे बाद उर्वशी भी दन दनाती हुई आ गयी और बोली ले तेरा मोबाइल सबसे पहले




मैने कहा इसको रख ले बाद मे ले लूँगा वो बोली इतने प्यार से लाई हू खोल के तो देख नोकिया का एन72 मोबाइल जो उस जमाने मे काफ़ी हिट था मैने उसको थॅंक्स कहा आज भी वो मोबाइल रखा है मेरे सामान मे एक याद के रूप मे खैर, मैने कहा अब तू पीछे बैठ और मुझे चलाने दे और मैने स्कूटी दौड़ा दी पद्मिदनी के घर की ओर




मैने स्कूटी रोकी पहुच कर और उर्वशी को सारा समान लेकर आने को कहा गेट खुला तो था ही हम पहुच गये अंदर पद्मिकनी ने हमारा वेलकम किया पद्मिेनी ने उर्वशी को वेलकम ड्रिंक सर्व किया और मुझे अंदर आने को कहा जैसे ही मैं अंदर गया भाभी के सवाल शुरू हो गये पूछने लगी कि ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है मैने कहा नही बस दोस्त है भाभी नॉटी स्माइल देते हुए बोली इसको भी लपेट दिया क्या तो मैने कहा क्या आप भी




फिर थोड़ी देर बाद हम सबने मिलकर डेकोरेशन की और तैयारिया करने लगे तब तक उनका बेटा और मूर्ति सर भी आ गये फिर केक काटा गया और मस्ती शुरू हो गयी छोटी सी पार्टी थी कुछ ही लोगो को बुलाया गया था पर मुझे बहुत अच्छा लगा था इस परदेश मे बस ये तो था अपना छोटा सा परिवार तो फिर मैने कहा भाभी जल्दी से डिन्नर करवाओ मुझे तो निकलना होगा




आजकल नींद पूरी नही हो पाती थी और फिर लाइट्स ऑफ होने से पहले ही वापिस जाना था भाभी बोली कि तुम लोग किचन मे आओ जब हम गये तो भाभी ने प्लेट्स लगा दी और मैं और उर्वशी एक ही प्लेट मे खाना डाल कर खाने लगे वो भी क्या दिन थे आज बस तरसते है उन लम्हो के लिए बड़े से बड़े रेस्टोरेंट मे खाना खरीद सकते है पर वो प्यार कहाँ मिलता है पाता बताना ज़रा




भाभी ने कई चीज़े बनाई थी और वो भी घर पे बनी हुई तो खाने का मज़ा दुगना हो गया था एक बेहद ही मस्त टेस्टी डिन्नर के बाद उर्वशी बोली मैं बाहर वेट कर रही हूँ तुम जल्दी ही आ जाना मैने कहा अभी आया मैने इशारे से भाभी को अपने पास बुलाया और कहा कि कुछ जुगाड़ करो ना तो वो बोली कि मेरा बेटा है इधर तो पासिबल नही है



अपना तो दिल ही टूट गया मैने कहा कोई नही भाभी फिर उनसे विदा लेकर मैं बाहर आ गया उर्वशी ने स्कूटी स्टार्ट कर ली तो मैने कहा बंद कर इसको पैदल ही चलेंगे तो वो बोली यो के साइकल है मैने कहा मुझे दे मैं घसीटता हू इसको तो मैं स्कूटी को घसीटने लगा उर्वशी बोली ये लोग तुमको बड़ा मानते है मैने कहा यहाँ ये ही मेरी छोटी सी फॅमिली है जिसमे अब तुम भी हो



वो बोली छोरे तू भी ना अपने अंदर ही एक अलग ही दुनिया समेटे चले है भगवान से वो छोरी जिसने साजन के रूप मे तू मिलया सै अर म्हारी फूटी किस्मत जो तू पहलया ना मिला मैने कहा कोई ना अगली बार तेरा ही पति बनूंगा उर्वशी हँसने लगी और बोली मैं तो मीरा बानगी मेरे मोहन तेरे लिए अब तू माने ना माने मैने कहा ख़ुसनसीब होगा वो जिसकी तू दुल्हन बनेगी



वो बोली तू ही बना ले ना मने दुल्हन अर बन ज्या ख़ुसनसीब कसम खाऊ सूं जै तन्ने एक भी शिकायत का मौका दे दूं तो मैने कहा यार अब फिर से वही टॉपिक ना शुरू कर और मस्ती से जी वो बोली वैसे तूने अच्छा किया जो मुझे भी तेरी खुशियो मे थोड़ा हिस्सा दिया मैने कहा तू भी बन जा मेरे जैसी वो बोली ना रे मैं कित बन सकूँ सू तेरे सी

बात करते करते मैने उसको उसके घर तक छोड़ा और फिर तेज तेज कदमो से चलते हुए पहुच गया होस्टल मे तो दोस्तो ऐसे ही वो हफ़्ता भी गुजर ही गया और मेरी पासिंग आउट का दिन आ ही गया ये मेरी ज़िंदगी का एक बेहद इंपॉर्टेंट दिन था आज मैं पूर्ण रूप से फ़ौजी अफ़सर बन जाने वाला था सुबह से ही खुद को शाहरूक़ ख़ान से कम ना समझ रहा था मैं



फोन मे मिथ्लेश का एसएमएस था कि वो बस थोड़ी ही देर मे अकॅडमी मे पहुच जाएगी मैं नहा कर आया और फाइनल तैयारी कर ही रहा था की पापा का फोन भी आ गया उन्होने कहा कि बेटे हम लोग आ गये है और कुछ देर मे अकॅडमी मे आ जाएँगे आज का दिन ही मस्त था सब कॅडेट्स की फॅमिलीस आज आने वाली थी अकॅडमी का माहॉल आज अलग सा लग रहा था



आज मैने ने ड्रेस पहनी आज मेरे रोम रोम मे एक नया अहसास हो रहा था और फिर थोड़ी देर बाद मैं पहुच गया ग्राउंड मे सभी गेस्ट्स अपनी अपनी जगह ले चुके थे प्रेसीडेंट हमारे चीफ गेस्ट थे तो फिर शुरू हुआ अंतिम सफ़र हर एक लम्हे के साथ यहा गुज़रे हुए पल याद आने लगे दिल मे एमोशन्स भी थे तो खुशी भी थी अपने परिवार का पहला लौंडा जो ऑफीसर बना मैं


आज मेरी गर्दन कुछ ज़्यादा ही ऊँची हो गयी थी बहुत गान्ड घिसी थी मैने इस लम्हे के लिए आज धूप मे भी एक खनक थी हमारे जोश से आज इंडियन मिलिटरी अकादमी भी आज झूम उठी थी और फिर आख़िर हमने आख़िरी पग भी ले ही लिया स्टार्स शोल्डर्स पर लग गये थे कसम परेड ख़तम हो गया थी अब टाइम था फॅमिली से मिलने का



मैं दौड़ कर गया तो देखा कि पूरी फॅमिली ही आ गयी थी मम्मी, पापा , चाचा-चाची, चाची का पेट बाहर को फूला हुआ था प्रेग्नेन्सी की हालत मे भी वो मेरे लिए आ गयी थी ताऊ-ताइजी रवि-अनिता साक्षी गुड़िया भी थोड़ी बड़ी और हो गयी थी मेरी आँखो मे आँसू आ गये पर नज़रें अभी भी किसी को ढूँढ रही थी जब वो चेहरा दिखा तो दिल को ठंडक मिली



मिता, मेरी जान एक कोने मे कुर्सी पर बैठी थी मैं दौड़ कर गया और उसका हाथ पकड़ कर ले आया भाभी तो उसको देखकर ही खुश हो गयी मिता ने सर पर चुन्नी डाली और सबके पैरो को स्पर्श किया अब पापा और भाभी तो मिता को जानते थे पर मम्मी को कुछ समझ ना आया तो वो बोली ये लड़की कॉन है तो मैने कहा पापा से पूछ वो बताएँगे



तो पापा ने बात टालते हुए कहा कि ये इसकी दोस्त है मम्मी मुझे घूर्ने लगी अब माँ तो माँ होती है ना हम लोग बात-चीत कर ही रहे थे कि तभी उर्वशी ने भी दर्शन दे दिए आते ही बोली कि सॉरी यार थोड़ा लेट हो गयी अब घरवाले मूह फाडे तो मैने कहा कि पापा ये उर्वशी है और परिचय करवाया आज का दिन बन गया था मेरा पापा ने बताया कि वो गाड़ी बुक कर के लाए है और रात तक वापिस निकल जाएँगे



मैने कहा एक दो दिन तो रुक जाते तो उन्होने कहा कि मजबूरी है बस आ गये किसी तरह से ये ही बहुत है मम्मी बोली अब छुट्टी कब आएगा तो मैने कहा अभी कुछ पता नही जब मिलेगी तब आ जाउन्गा अकॅडमी मे ही आज लंच का इंतज़ाम था विदाई की दावत थी तो हम सब लोग लंच के लिए चले गये मिता अनिता भाभी से चिपकी हुई थी उर्वशी बोली कि वो शाम को मिलेगी और खिसक ली



शाम ढलते ढलते घरवाले भी रवाना हो गये अब बचे दो पंछी मैं और मिता मैने कहा मिता तू तो रुकेगी ना तो वो बोली कि हम 1-2 रुक जाउन्गी तो मैने कहा आ मैं तेरा जुगाड़ करता हू मैने पद्मिीनी को फोन किया और कहा कि भाभी मिथ्लेश आई है क्या दो दिन आपके घर रुक जाए तो भाभी ने कहा अरे ये भी कोई कहने की बात है तू उसको यहाँ ले आ



मैने कहा अभी आया भाभी और मिता को कहा कि आजा तेरे रुकने का इंतज़ाम हो गया है मिता बोली फालतू मे तकलीफ़ कर रहे हो मैं होटेल मे रूम ले लूँगी मैने कहा मेरी जान ठहर जा इधर ही और देख कि आर्मी लाइफ कैसी होती है आगे तुझे भी तो ऐसे ही माहौल मे रहना है तो वो बोली कि अब बातों मे तो तुमसे कोई नही जीत सकता चलो चलते है



पद्मि नी ने मिता का अच्छे से वेलकम किया और कहा कि तो वो तुम हो जिसने हमारे ऑफीसर का दिल चुराया है मिता शरमा गयी मैने कहा आप लोग बातें करो मैं चलता हू कल मिलते है रात पूरी आँखो आँखो मे कट गयी फोन मिता को जान के नही किया अगर रात भर बात करता तो अच्छा नही लगता क्योंकि वो किसी और के घर मे थी रात कटी तो सुबह हुई



आज का दिन फ्री था अब ना ट्रैनिंग की चिंता थी ना किसी और बात की एक दो दिन मे पोस्टिंग ऑर्डर्स हाथ मे आ जाने थे फिर पंछी उड़ जाना था नये बसेरे की ओर अब एक सुनहरा भविष्य बस दो कदम दूर ही खड़ा था आँखो मे हज़ार सपने थे एक छोटे से गाँव का लौंडा आज फौज मे लेफ्टिनेंट बन गया था और क्या चाहिए था ज़िंदगी से


सोच लिया था कल का पूरा दिन मिता के साथ ही बिताना था मुझे बस मैं और मेरी प्रेयसी कितने खूबसूरत होंगे वो पल जब मैं उसका हाथ थामुन्गा पता नही क्या क्या सोच लिया था मेरे अधीर मन ने बस इंतज़ार था अगली खूबसूरत सुबह का पर वो कहते है ना कि जब लगन लगी तो इश्क़ की तो फिर क्या दिन क्या रात पर थोड़ी मजबूरी थी तो फिर बस सोना ही था

सर्दी की लंबी रात बेशक थी पर दिन भी होना ही था मैं पोस्टिंग ऑर्डर लेने गया तो पता चला कि अपनी पोस्टिंग रॅस्टरिया रायफ़ल्स मे हुई है और लोकेशन मिली जंबू&कश्मीर जिसे इंडिया का स्वर्ग भी कहा जाता है एक हफ्ते बाद मुझे बटालियन मे जाय्न करना था मेरी इच्छा थी कि देल्ही या अलवर मिल जाए तो घर भी जाता रहूँगा आउटपास से पर हमारी कॉन सुने तो कागज़ी कार्यवाही पूरी की ओर रिलीव हो गये अकॅडमी से इन सब कामो मे दोपहर हो गयी


अपने रूम मे आया सारा सामान पॅक-सॅक किया कल मुझे कह देना था अलविदा इस जगह को ना जाने क्यो गला थोड़ा भारी भारी सा हो गया इतने दिन इस रूम मे निकले थे जी भर कर देख लेना चाहता था मैं इन दीवारो को कुछ देर बाद मैं चल पड़ा पद्मििनी के घर सुबह से कुछ खाया भी नही था तो पेट मे भी चूहे दौड़ रहे थे तो मैं दौड़ गया उधर



मिता बोली मैं कब से इंतज़ार कर रही हू फोन भी नही पिक किया तुमने तो मैने कहा सांस तो लेने दे और थोड़ा पानी पीनेके बाद सोफे पर बैठ गया पद्मििनी भी हमारे पास आकर बैठ गयी तो मैने कहा कि जम्मू कश्मीर मे पोस्टिंग मिली है ये सुनकर मिता थोड़ी परेशान हो गयी वो बोली और कही नही ले सकते थे क्या अब कों समझाए कि अपनी कहाँ चलती है




मैने पद्मि नी को कहा कि भाभी भूख लगी है कुछ खिला दो भाभी बोली मुझे पता था कि तुम यही आओगे तो तुम्हारी पसंद का खाना बनाया है मैने कहा मिता आओ खाना खाते है तो उसने कहा कि वो खा चुकी है पहले ही खाने के बाद मैं मिता को लेकर घूमने चला गया जम के खरीदारी की उसका साथ हमेशा से ही अच्छा लगता था




मैं हमेशा से ही चाहता था कि हर पल मैं बस उसके साथ ही जियुं हर सच-दुख बस उसके साथ ही बाटू फिर हमने बाहर ही डिन्नर किया और रात होते होते वापिस आ गये कॅंपस की सुनसान सड़को पर हम दोनो चल रहे थे मिथ्लेश किसी चिड़िया की तरह चहक रही थी जी मे आया कि इसको अपनी बहो मे भर लू हमेशा के मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपनी ओर खीच लिया मिता बोली क्या कर रही हो हम रोड पर है




मैने कहा फिर क्या हुआ अपनी वाइफ को छूने मे कैसा डर उसकी गरम साँसे जो मेरे चेहरे से टकराने लगी थी उस सर्दी की ठंड मे जैसे एक गरम झोंका ले आई मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको अपने से चिपका लिया उसके हाथो से समान के बॅग्स नीचे गिर पड़े सुनसान सड़क पर दो पागल प्रेमी एक दूसरे की बाहों मे भाए डाले खड़े थे उसकी धड़कन मेरी धड़कन से बाते करने लगी थी



मिता ने अपना सर मेरे सीने मे छुपा लिया मैं अब क्या बताऊ मेरे दोस्त, जो कुछ मैने उस पल महसूस किया जिस्मो से तो मैं खेलता ही रहता था पर ये जो मेरी रूह थी ना वो बस मिथ्लेश की ही दीवानी थी कितना टूट कर मैं चाहता था उसको और आज भी चाहता हू पता नही कितनी देर हम एक दूसरे की बाहों मे लिपटे खड़े रहे ना जाने क्या बात कर रही थी मेरी रूह उसकी रूह से



मैं तो बस उसके इश्क़ मे फन्ना हो जाना चाहता था मैं चाहता था कि बस मेरी ज़िंदगी चाहे हो लंबी हो या एक पल की हो बस मिथ्लेश की बाहों मे ही सिमट जाए और मेरी मुहब्बत अमर हो जाए मेरा दिल मेरा कहाँ रह गया था अब जब कुछ होश आया तो मिथ्लेश मुझसे अलग हुई और अपने हालातों पे काबू पाया और समान उठाने लगी मैने कहा ,,,,,,,,,

मिता ये कब तक चलेगा वो बोली क्या मैने कहा मेरी तड़प को यू नज़र-अंदाज ना कर ज़ालिम आ इश्क़ को मेरे किसी मुकाम पर पहुचा दे मिता बोली आ जा मेरे घर डोली लेके मैं कब मना कर रही हू मैने कहा कि आ इधर ही मंदिर मे शादी कर लेते है तो वो बोली कि इतनी तो शरम अभी बाकी है मुझमे प्यार किया है कोई चोरी नही की अपनी बना ना है तो ले आईओ बारात मेरे घर ठाकुरानी हू वादा किया है तेरी ही चूड़ी पहनुँगी चाहे कुछ भी हो जाए




और भाग कर फिर से मेरी बहो मे समाती चली गयी , उसकी यादो से आँख भर आई तो मिनट रुक के ज़रा आँख पोछ लू फिर लिखता हू तो जब मुझे लगा कि उसके जिस्म की तपिश से कही मैं बहकने ना लगूँ तो मैं उस से दूर हो गया और हम मूर्ति सर के घर की ओर चल पड़े अंदर गये तो भाभी सर को डिन्नर परोस ही रही थी हमे देख कर वो बोली आओ कितनी देर लगा दी तुमने




आओ जल्दी से बैठ जाओ मैं अभी परोसती हू वैसे तो हम बाहर से खाकर ही आए थे पर मिता को फॅमिली रिलेशन्स की बड़ी समझ थी और फिर इस परिवार ने मुझे बड़ा सहारा दिया था तो हम भी बैठ गये फिर काफ़ी देर तक बाते की अब मुझे जाना था तो सबको गुडनाइट बोल के मैं निकल पड़ा अगले दिन मिता को जाना था ये कैसा मिलन था हमारा जहा जुदाई ही जुदाई थी

अब उसको जाना था तो उसको मैं बस स्टॅंड छोड़ आया वापिस आ रहा था तो उर्वशी का फोन आया उसने पूछा कहाँ है तू तो मैने बताया उसने कहा मैं आती हू तुझे पिक करने थोड़ी देर बाद उसने मुझे पिक किया और बोली कि मेरे साथ मेरे कॉलेज चलेगा तो मैने कहा मेरा क्या काम वो बोली आ भी जा यार मेरे लिए इतना भी नही करेगा
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तो मैने कहा ये बात है तो चल फिर और हम पहुच गये कॉलेज मे वो किसी प्राइवेट कॉलेज मे पढ़ती थी हाइ रंगे वाले मे तो वहाँ अलग ही दुनिया बसी हुई थी गया तो मैं भी था कॉलेज मी कुछ दिन पर कहाँ सरकारी वाला और कहाँ इसका वाला वो मुझे कॉलेज घुमाने लगी एक दो उसके दोस्तो से भी मिला फिर हम कॅंटीन मे आकर बैठ गये


वो पूछने लगी कि कब जाओगे मैने कहा 8 इन का टाइम है जाय्न करने को सोच रहा हू कल निकल जाउ उर्वशी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और बोली कि एक चीज़ मंगु तो देगा मैने कहा बस मे होगी तो दे दूँगा वो बोली कि एक दिन मेरे साथ रहेगा मैने कहा तेरे साथ ही तो हूँ उसने कहा नही मेरे घर पर चलेगा क्या मैने कहा चल पड़ूँगा




तभी मुझे ख़याल आया कि यार क्या पता इस सुथरी छोरी से कभी मिलना होगा या नही आगे ज़िंदगी मे इसको भी कोई गिफ्ट देना चाहिए तो मैने कहा तू क्लास अटेंड करेगी वो बोली ना आज मैं ऑल क्लास बंक कर गयी हू तो मैने कहा आ फिर बाज़ार चलते है मुझे थोड़ा काम है पहली मैं बॅंक गया कुछ पैसे लिए फिर मैं उसको लेके एक सुनार की दुकान पे गया




मैने कहा उर्वशी जो भी तुझे लेना है ले ले मेरी गिफ्ट है तुझे तो वो बोली कि मंगल सुत्र ले दे मुझे तेरे नाम का मैने कहा सीरीयस हो जा वो बोली मुझे कुछ ना चाहिए मैने ज़िद्द की और उसके लिए एक जोड़ी मस्त पायल ले ही ली उर्वशी बोली तू ही पहना दे मैने कहा ना यार मैं ना पहना सकूँ तू ही पहनले फिर बात करते करते हम थोड़ा आगे की ओर आ गये




पता नही क्यो मेरा दिल कर रहा था कि उर्वशी का साथ हमेशा ही बना रहे पर मुझे तो जाना ही था दिल मे एक विचार आया कि यार ,., होते तो सही रहते 3-4 ब्याह तो कर लेते पर ऐसा कुछ होना नही था तो पूरा दिन उसके साथ यहा से वहाँ भटकता रहा शाम को 4 बजे हम कॅंपस मे आए उसने कहा की रिलीविंग ऑर्डर लेते ही मुझसे फोन कर दिए




मैने कहा ठीक है और मैं अपना काम करने चला गया जो भी उधार शुधार था चुकता किया अपना सारा सामान संभाला और अपने पेपर्स कलेक्ट कर के कह दिया अलविदा इस अकॅडमी को मैने सोचा कि एक दिन पद्मिलनी को रागडूंगा फिर निकल लेंगे जम्मू कश्मीर अब करंट मे रिज़र्वेशन भी नही हो सकता था तो जनरल बोगी मे ही लटक पटक के चले जाउन्गा




शाम 6 बजे मैने उर्वशी को फोन किया और कहा कि आजा तो कोई दस पंद्रह मिनट बाद वो मुझे लेने आ गयी और मैं बैठ गया उसकी स्कूटी पर मैने कहा मुझे पद्मिानी भाभी के घर ड्रॉप कर्दे वो बोली तू मूह बंद कर और चुप करके बैठ और कभी दाई कभी बाए मुड़ते मुड़ते आ गये एक बंग्लॉ के पास तो पता चला कि ये उर्वशी का घर था




उसने मेरी ओर देखा और कहा कि के देखे सै आजया अंदर उसने लॉक खोला और मुझे अंदर ले आई मैने कहा तेरे घरवाले कहाँ है तो उसने कहा कि मम्मी-पापा रोहतक गये सै एक शादी मे 3-4 दिन मे आएँगे मैने कहा और तू मुझे यहाँ ले आई ये तूने ठीक नही किया वो बोली के ठीक ना कारया इब के तू मेरा मेहमान भी ना बनेगा तो मैने कहा वो बात नही है पर




वो बोली पर वर कुछ ना इतनी तो कृशन जिब ही राधा नै ना तडपाया जितना तू मने तड़पावे सै इतना हक भी कोन्या के तू मेरे धोरे एक दिन रह सके मैने कहा यार चल तू जीती मैं हारा ठीक है पर अब मने कुछ बना के भी खिला भूक लगी पड़ी सै तो वो बोली कि मेरे साजन बता के खावेगा वो भी खुवाउन्गी तू बस हुकम कर मैने कहा कुछ भी पड़ा हो वो ही ले आ


उसने कहा तू बैठ मैं अभी तेरे लिए कुछ बनाती हू और किचन मे चली गयी मैं उसके घर को देखने लगा पहली नज़र मे ही पता चलता था कि किसी कड़क ऑफीसर का घर है बड़े ही करीने से हर चीज़ सजाई गयी थी मैने अपने जूते खोले और आँख बंद करके बेड पर लेट गया पालक झपकते ही मुझे झपकी आ गयी और मैं पहुच गया मिथ्लेश के पास सपने मे




थोड़ी सी देर ही सोया था कि किसी ने मुझे जगा दिया मैं कच्ची नींद मे था और उपर से मिथ्लेश का सपना था तो मैने उसको अपनी बाहों मे खीच लिया और अपने उपर लिटा लिया तो वो मुझ से दूर हो गयी और मुझे खड़ा कर दिया मैने जैसे तैसे आँखे खोली और देखा कि उर्वशी मेरे सामने खड़ी है तो मैने कहा क्या हुआ वो हंसते हुए बोली कि कुछ ना मेरा बालम मने साथ सूवा वे था



मैने तुरंत उसको सॉरी कहा और हाथ मूह धोने बाथरूम मे चला गया हाथ मूह धोकर आया और देखा कि उसने सॅंडविच और चाइ बना दी थी उसने कहा कि अभी ये खाले डिन्नर मे कुछ मस्त बना के खिलाउन्गी, मैने कुछ ही देर मे नाश्ता ख़तम कर दिया मैने गोर किया कि उसने कपड़े चेंज करके सूट सलवार पहन लिए थे मैने कहा अरे वाह! तू तो सलीकेदार कपड़े भी पहनती है तो उसने कहा कि घर मे हमेशा वो ये ही पहनती है




फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और उसकी जाँघ मेरी जाँघ से टच होने लगी थी तो मेरे बदन मे झुरजुरी होने लगी पता नही मुझे क्या हो गया था चूत खुद न्योता दे रही थी परंतु मैं कुछ करना नही चाहता था उर्वशी मुझ से और भी सट गयी और मज़े लेते हुए बोली मेरे प्यारे बलम शरमा क्यू रहे हो कभी किसी नारी को टच नही किया क्या



मैने कहा किया है ना टच भी और ……… तो वो बोली और क्या बता बता मुझे भी तो मैने कहा कि टच भी किया है और सेक्स भी किया है तो वो बोली अरे वाह! फ़ौजी तू बड़ा चालाक निकला ज़रा मुझे भी बता ना किस के साथ तूने रास लीला रचा ली क्या वो तेरी गर्लफ्रेंड थी मैने कहा ना री उसको तो छुआ भी ना आजतक तो वो उत्साहित होते हुए बोली फिर कित मोर्चा मार दिया तूने




मैने कहा तुझे बड़ी पड़ी है और दिखा तो ऐसे रही है जैसे कि तूने कभी ना किया हो तो उर्वशी बोली तेरी सौ मैने ना किया कुछ भी ऐसा मैं तो 16 आने टंच हूँ मैने कहा जा झूठी के तेरा कोई बाय्फ्रेंड ना बना तो वो बोली तू बना है ना इब तन्ने जै टच करली हो तो अलग बात सै बाकी और किसी की के हिम्मत जो मने देख भी ले वा तो तू ही सै जो इस दिल ने काढ़ ले गया

मैने कहा ठीक है जो ना किया कुछ ना रखा बस इक प्यास है जो जितना बुझाओ उतना ही भड़क जाती है उर्वशी अब मेरे इतना पास आ गयी थी कि उसके होठ मेरे होंठो से बस मामूली दूरी पे थे तो उसने कहा कि फोजी मैं तेरे ते कुछ कहना चाहू सूं मैने कहा फेर बोल ना घबरान आली के बात सै तो उर्वशी बोली कि मने आज आज तेरी दुल्हन बना ले



मैने कहा यार पागलों जैसे बात ना करा कर तू बस मेरी दोस्त है तो दोस्ती की हद मे रह मने कल जानो सै शान्ती से निकल जान दे उर्वशी बोली इक आखरी निशानी तो दे जा फ़ौजी मैने कहा यार देख मैं एक सामान्य आदमी हू अगर मेरी इच्छा भड़क गयी ना तो मेरे से कंट्रोल ना हो सकेगा फिर और जोश उतरा पाछे तू भी मने ही दोष देगी



रात भी घिर आई थी टाइम 8 के करीब हो रहा था तो मैने कहा आजा चल बाहर घूमने चलते है और फिर हम तैयार होकर सिटी नाइट का मज़ा लेने चल पड़े उर्वशी बहुत ही एनर्जेटिक लड़की थी तो उसके साथ माहौल हमेशा खुशनुमा बना रहता था हम दोनो एक ओपन रेस्टोरेंट मे पहुच गये मैं उसको कॅंडल नाइट डिन्नर करवाना चाहता था



उर्वशी बोली फ़ौजी जब तू मने प्यार ना करे तो इतने रोमॅंटिक माहौल मे क्यूकर ल्याया सै मैने कहा दिल किया तो ले आया बाते करते करते हम एंजाय करने लगे मैने कहा पेग शेक लिया करे के तो वो बोली ना रे बापू काढ़ देगा घर ते तो मैं हँसने लगा रात की खुमारी अपने शबाब मे थी पूरी रात रोशन थी हमारे चारो तरफ लव बर्ड्स लगे थे प्यार की पींगे बढ़ाने मे




उर्वशी भी पूरी कमीनि थी वो टेबल के नीचे से अपने पाँव को मेरे पाँव पर रगड़ने लगी तो मैने कहा यार छेड़ मत कर पर वो पागल जाटनी किसी की कहाँ मान ने वाली थी मैने कहा आजा आइस-क्रीम खाते है वो बोली सर्दी मे मैने कहा रे बावली आइस-क्रीम का असली मज़ा तो सर्दी मे ही है और ऑर्डर कर दिया पिघलती हुई आइस-क्रीम से भीगे हुए उसके होठ बड़े ही मादक लग रहे थे जी किया कि अभी अपने होंठो से निचोड़ लूँ पर फिर जाने दिया



ठंड भी अब सितम ढाने लगी थी और फिर उर्वशी जैसा माल साथ मैं सोच रहा था कि कही बहक ना जाउ और वो लगी थी मुझे सिड्यूस करने मे उसकी आँखो के नशे को पढ़ लिया था मैने रोमॅन्स मेरी नस-नस मे भरने लगा था तो कुछ देर और वहाँ बैठने के बाद मैने बिल पे किया और स्कूटी का कान मरोड़ दिया वापिस घर की ओर



वो मुझसे कतई चिपक कर बैठी थी जब कभी ब्रेक लगाना पड़ता तो उसकी चूचिया मेरी पीठ मे धसने को बेताब लगती और कुछ वो ज़्यादा अदा भी दिखा रही थी वो बोली एक राइड लगाते है फिर आराम से चलेंगे घर पर तो मैं सड़को पर ऐसे ही स्कूटी घुमाने लगा तभी जुलम देहरादून का मौसम और औरत का कॅरक्टर ना जाने कब फिसल जाए मूसलाधार बारिश आ पड़ी अब भीगने के सिवाय और कोई चारा ना था मैने स्कूटी घर की तरफ लहरा दी




आधे घंटे तक बारिश मे भीगते हुए हम उसके घर पहुचे तो वो अपने गीले कपड़े चेंज करने को बाथरूम मे घुस गयी और मैं इंतज़ार करने लगा पर काफ़ी देर हो गयी वो बाहर ना निकली मैने कहा यार आजा मुझे ठंड लग रही है दो चार बार आवाज़ लगाने पर वो बाहर आई पर जब वो बाहर आई तो मेरा लंड एक झटके मे खड़ा हो गया




उसने एक निक्कर और टी-शर्ट डाल ली थी ऑलमोस्ट उसके कुल्हो तक का हिस्सा पूरी तरह से मुझे दिख रहा था जब उसने देखा कि मैं बड़े ही गौर से उनके हुश्न को निहार रहा हू तो उसने कहा फ़ौजी कदे हॉट छोरी ना देखी के जा कपड़े बदल आ कदे ठंड से ना मर ज्याइए तू कपड़े बदलने के बाद मैने भी पयज़ामा डाल लिया और रज़ाई ओढ़ कर बैठ गया ठंड अब भी लग रही थी



उसने कॉफी बनाई और मेरा कप मुझे देते हुए वो भी रज़ाई की दूसरी साइड से पैर अंदर कर के बैठ गयी उसकी टाँगे मेरी टाँगो से टकराने लगी कॉफी पीते पीते हमारे जिस्म के हार्मोंस आक्टिव होने लगे वो अपने पैर से मेरी जाँघो के हिस्से को छेड़ने लगी थी मैने कहा यार मान जा तो वो बोली कि मैं के कर रही सू मैं तो बस कॉफी पी रही सूं




अब कितनी देर सहन करता ये तो मैने कंट्रोल किया हुआ था वरना अब तक तो पता नही कितनी बार चोद चुका होता इसको मैने भी शरारत करने की सोची और मैने डाइरेक्ट ही अपने पैर का अंगूठा जहाँ चूत होती है है वहाँ रख दिया और दबा दिया उर्वशी एक दम से खांस उठी मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली कुछ ,…………. कुछ नही




थोड़ी देर हम ऐसे ही मस्ती करते रहे उसका सीना बार बार उपर नीचे हो रहा था मैं समझ गया था कि ये अब पिघल रही है तो मैने अपनी शरारत बंद कर दी और चुप होके बैठ गया उसने नशीली आँखो से मुझे देखा और कहा कि क्या हुआ रुक क्यो गया मैने कहा वैसे ही तो वो बोली करना मुझे अच्छा लग रहा था और अब वो उठ के मेरी वाली साइड पे आकर बैठ गयी


वो काँपति सी आवाज़ मे बोली फ़ौजी मैने कहा हूँ उसने मेरी आँखो मे देखा मैने उसकी आँखो मे देखा मेरी धड़कन जैसे रुक ही गयी और ठीक उसी पल उर्वशी ने अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो से जोड़ दिया जैसे ही ये हुआ फिर मुझे कुछ याद ना रहा मैं भावनाओ मे बह गया वो बड़े ही मज़े से मेरे होंठो को काट रही थी कुरेद रही थी चबा रही थी


15-20 मिनट तक उसके होंठो को अच्छे से चूस डाला मैने फिर मैने अपने हाथ बढ़ाए और उसकी टी-शर्ट को उतार कर फेक दिया पर्पल ब्रा मे क़ैद उसकी चूचिया ब्रा से बाहर आने को मचल रही थी तो मैने ब्रा को हटा कर फेक दिया और उसकी चूचियो को निहारने लगा किसी ट्रक की हेडलाइट की तरह से चमकती उसकी चूचिया बेहद उन्नत और बहुत ठोस थी





मैने तुरंत एक निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और दूसरी को अपने हाथ से दबाने लगा उर्वशी की सांस उपर की उपर नीचे की नीचे रह गयी उसने एक तेज आह भारी और अपनी आँखो को बंद कर लिया और लंबी लंबी साँसे लेने लगी मेरे शरीर की नस नस मे अब वासना का बुखार चढ़ गया था अब मैं कंट्रोल कर ही नही सकता था सही ग़लत का ध्यान अब पीछे रह गया था

ज़ाटनी का अनछुआ जिस्म मेरी बाहों मे पनाह माँग रहा था और मैं तो खुद प्यासा था मैं तो भँवरा था और कली आज खुद मुझे अपना रस पिलाने को आतुर थी मैं बारी बारी से दोनो बोबो को मसलता पीता दाँतों से काट ता उसके लबों को चूमता उसकी गर्दन को काट ता सर्द मोसम मे दो गरम भूखे जिस्म अब मैदान मे आ गये थे चूची छोड़ कर मैं उसके पेट की तरफ बढ़ा



और उसकी नवल मे अपनी जीभ डाल कर कुरेदने लगा उर्वशी का पतला सा पेट बुरी तरह से काँपने लगा था जैसे भूकंप मे कोई इमारत थरथराती है वैसे ही उसका नरम नाज़ुक पेट कांप रहा था मैने अपनी उंगलिया उसकी निक्कर मे अटकाई और निक्कर को उतार कर फेक दिया अब बस एक छोटी सी पेंटी मे वो मेरे सामने बेड पर पड़ी थी और किसी नागिन की तरह बल खा रही थी



जैसे ही मेरे हाथ उसकी पेंटी पे टच हुए मुझे पता चला कि किस कदर उसकी चूत गीली थी उर्वशी काँपते हुए स्वर मे बोली लाइट…………………. लाइट बंद कर दो प्लीज़ पर मैने ध्यान नही दिया और उसकी पेंटी को भी उतार दिया पूर्ण रूप से नग्न हुस्न से भरी वो नशे की बॉटल मेरे सामने बिस्तर पड़ी मुझे खुला निमंत्रण दे रही थी कि आजा चख ले मुझे




मैने उसकी टाँगो को फैलाया तो देखा कि कसम से चूत तो ये थी चौड़ी फांको की जगह बस एक लाइन सी थी और ऐसा लगता था कि जैसे कभी बाल तो वहाँ पर उगे ही नही थे एक दम अन्छुइ कली थी वो चूत की दरार के नाम पर बस जैसे कि किसी ने पेन्सिल से एक पतली सी रेखा खीच दी हो उसके रूप की दीवानगी जो चढ़ि फिर मुझ पर तो बस मैं तो खो ही गया




जब मैने अपनी उंगलियो को उसकी चूत से टच किया तो उर्वशी ने अपनी जाँघो को भीच लिया और कहा कि प्लेज अंधेरा कर दो तो मैने लाइट बंद कर दी और अपनी उंगलियाँ हौले हौले से उसकी चूत पर फिराने लगा उसके बदन की थिरकन बढ़ने लगी उर्वशी की सांसो की आवाज़ उस खामोशी को चीर रही थी फिर जब मुझसे रुका ना गया तो मैने उसकी टाँगो को चौड़ा किया और अपने प्यासे तपते होंठो को उसकी चूत पर रख दिया ठीक उसी पल उर्वशी के बदन मे जैसे भूचाल आ गया मैने जीभ को लंबी किया और उसकी चूत से जो चिपचिपा पानी निकल रहा था उसको एक सुडपे से चाट लिया था




मेरी जीभ का खुरदुरा पन उर्वशी के प्रत्येक अंग मे ज्वाला जला रहा था वो अपनी सुडोल टाँगो को पटकने लगी थी वो बेशक कुछ बोल नही रही थी परंतु उसकी खामोशी ही उसकी कहानी बया कर रही थी मैने उंगलियो की सहयता से उसकी छोटी-छोटी फांको को फैलाया और उसके छोटे से छेद पर अब अपना मूह लगा दिया उर्वशी की चूत बहुत तेज़ी से पानी बहा रही थी




मेरे होठ पूरी तरह से उसके काम रस से भीग गये त पर मुझे कोई परवाह नही थी भाग्यवान था मैं जो उस कुँवारी चूत के रस को सबसे पहले पीने का मौका मुझे मिला था कभी मैं उसकी चूत के छेद को चाटू कभी मैं उसके दाने को दाँतों से काटू पल प्रतिपल उर्वशी बेकाबू होते जा रही थी वो अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए जा रही थी




जैसे कि कह रही हो कि पूरे सर को ही चूत मे डाल दो मैं बेफिकर उसकी चूत और जाँघो पे लगे उस खारे पानी को चाटे जा रहा था जितना मैं उसे सॉफ करता चूत से उतना ही पानी और बह चलता फिर मैने उसकी चूत छोड़ी और उसके उपर लेट के उसके अधरों से अपने होठ मिला लिए और उसको पिलाने लगा जो पानी मेरे होंठो पर लगा था वो अब उर्वशी के मूह मे जाने लगा


मेरा लंड पाजामा से बाहर निकल कर उसकी चूत मे घुसने को बेताब था कुछ देर उसके होंठो को निचोड़ने के बाद मैं फिर से उसकी चूत पर आ गया और उसकी टाँगो को दुबारा से खोलते हुए अपनी जीभ को जहाँ तक सरका सकता था चूत मे सरका दी पर तंग गली थी उसकी चूत पर कोशिश तो करनी ही थी उर्वशी की साँसे बेकाबू घोड़े की तरह भाग रही थी



उसका जिस्म भी उसका साथ अब छोड़ने ही वाला था चूत बहुत ही ज़्यादा चिकनी हो गयी थी उसके कूल्हे एक अंजानी ताल पर थिरकने लगे थे और फिर सहसा ही उसका पूरा बदन अकड़ गया और एक तेज चीख मारते हुए वो मेरे मूह के उपर ही झड़ने लगी उसने मेरे सर को बुरी तरह से अपनी योनि के मूह पर दबा लिया और अपने चरम सच को प्राप्त करने लगी




जब वो निढाल हो कर पड़ गयी तो मैने अपना मूह चूत पर से हटाया और साइड मे लेट गया कुछ पल अपनी सांसो को नियंत्रित किया फिर मैं अंधेरे मे ही पानी लेने रसोई मे चला गया वापिस आया तो मैने लाइट जला दी उर्वशी ने मुझे देखा और रज़ाई को अपने बदन पर ले लिया मेरा लंड पेंट मे तंबू बनाए हुआ था मैने एक सांस मे ही आधी बॉटल खाली कर दी



उर्वशी बेड से टेक लगा कर बैठ गयी हालत पे कुछ काबू आया तो मैने कहा कि कमिनि ये तूने मुझसे क्या करवा दिया मैने सोचा था कि मैं तुझे इस हालत मे नही लाउन्गा पर ये क्या कर दिया मैं तो वो बोली मेरी तो यही मर्ज़ी है अब तू देर ना कर जल्दी से मुझे अपनी बना ले

मैं शांत स्वर मे कहा कि उर्वशी ये ग़लत है अभी तू सो जा मैं नीचे सो जाता हू सुबह बात करेंगे तो उसने रज़ाई हटा दी और बोली कि देख इधर मैं अपना सबकुछ तुझे अर्पण करने को लाज शरम त्याग के बैठी हू और साहिब अब ग्यान दे रहा है वो उठाकर मेरे पास आई और मेरे लंड को हाथ मे पकड़ के बोली कि फ़ोज़ी दम ना सै के इसमे और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे कस लिया



मैने कहा दम तो बहुत है पर तू समझ अगर मैं तुझे चोद के आज चला गया तो मेरे दिल मे सदा ये बोझ रहेगा कि मैने एक पवित्र छोरी को खराब कर दिया जिसकी आत्मा शुद्ध थी हालाँकि कही मेरा दिल मुझसे कह रहा था कि सोच मत चोद इसको जल्दी चोद पर मैने धृड निस्च्य कर लिया था उर्वशी बोली मने ना सुन नी तेरी बकवास जिब मैं राज़ी राज़ी तन्ने कह रही सूं तो करले




और उसकी बात सच भी थी ऐसी करार माल को कोई भी नही छोड़ता पर ना जाने क्यो वो मेरे दिल के किसी कोने मे रहने लगी थी तो मैं परवाह करता था उसकी मैने सॉफ सॉफ मना कर दिया उसकी उसने मेरे पयज़ामे और कच्छे को नीचे सरका दिया और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी मैने उसको हटाया और बेड पर पटक दिया मैने कहा पानी पी और ज़रा समझ




पर जब चूत मे आग लगी ही तो कॉन किसकी समझे वो मुझे गालियाँ देने लगी पर मैं कुछ ना बोला मैं खुद को इतना बेबस पा रहा था पता नही क्यो मेरे हाथ उसके जिस्म को छूने से कतरा रहे थे मैने उसके कपड़े उठाए और उसको देते हुए कहा कि प्लीज़ अगर तुम थोड़ी बहुत भी मेरी इज़्ज़त करती हो तो इनको पहन लो उसने कुछ देर मुझे गुस्से से देखा और फिर अपने कपड़े पहन ने लगी




मैने उसको थोड़ा पानी पिलाया पर वो शांत नही थी और मेरे मन मे भी एक द्वन्द शुरू हो गया था उसकी आँखो से बहते आँसू मुझे विचलित कर रहे थे इसी लिए तो मैं किसी बंधन मे नही बंधना चाहता था मेरा दिल मे कुछ तो था उस मर्जानी के लिए जो मैं एक्सप्रेस नही कर सकता था क्योंकि कुछ राज अगर दफ़न ही रहे तो सबका भला होता है




मैने रुमाल लिया और उसकी आँखो से बहते पानी को सॉफ करते हुए कहा उर्वशी प्लीज़ मान जा आज की रात को इतनी मुश्किल ना बना कि फिर सुबह कुछ कहने को बाकी ही ना रहे मुझे आज की रात किसी तरह काट लेने दे इसे और भारी मत बना उर्वशी मैं मजबूर हूँ वरना इतना टाइम कभी नही लगाता तू मेरे दिल मे बसी है मुझे सेक्स का कोई लालच नही है


जाना है तो हँसी खुशी विदा कर्दे उर्वशी मेरे सीने से लग गयी और फुट-फुट कर रोने लगी अब मैं क्या कहता ग़लत आदमी से मुहब्बत कर बैठी थी वो और मैं करूँ भी तो क्या अगर इसका हाथ थाम लूँ तो बेवफा केह्लाउन्गा और ना थामू तो इसका मुहब्बत से विश्वास उठ जाएगा करूँ तो क्या करू कुछ समझ ना आए मैने उसको रोने दिया जब तक की उसके दिल का बोझ हल्का ना हो गया




ये दर्द भी कुछ ऐसा था कि इसका इलाज बस वक़्त ही कर सकता था वो कहते है ना कि दिल भी अपना और दर्द भी अपना जब उर्वशी कुछ नॉर्मल हुई तो मैं उसको बाथरूम मे ले गया और उसका मूह धुल्वाया रात आधे से ज़्यादा बीत गयी थी और हम दोनो की खामोश साँसे एक दूसरे से कई सवाल पूछ रही थी तो मैं उसको अपनी बाहों मे लिए लिए ना जाने कब सो गया



सुबह करीब 9 बजे मेरी नींद टूटी तो मैने देखा की उर्वशी बिस्तर पर नही थी मैं उठा तो देखा की वो किचन मे कुछ बना रही थी उसने मुझे देखा और कहा उठ गये मैने कहा हाँ वो नॉर्मल रहने की कोशिश कर रही थी उसने कहा मैं चाइ बना दूं मैने कहा हाँ कुछ देर बाद वो और मैं चाइ पी रहे थे मैने कहा उर्वशी तो वो बोली हाँ मैने कहा कल रात को एक ख्वाब समझ कर भूल जाना और जल्दी ही तुम कोई अच्छा लड़का देख कर शादी कर लेना

उसने कोई जवाब नही दिया बस चुप चाप चाइ पीती रही थोड़ी देर बाद उसने खाना लगा दिया एक अजीब सी तन्हाई आकर खड़ी हो गयी थी हमारे बीच मे पर ठीक ही था मैं उर्वशी की बस अच्छी यादे अपने साथ लेकर जाना चाहता था मर ही तो गया था उस पर मैं रात को काफ़ी ऐसे नझुक लम्हे आए थे कि बस टूट कर बिखरने से बाल बाल ही तो बचा था मैं




तो खामोशी को तोड़ते हुए उर्वशी ने कहा कि मेरी एक बात मानेगा मैने कहा बता तो उसने कहा कि आज आज और रुक जा तू मेरे साथ वैसे भी अभी काफ़ी टाइम है ड्यूटी जाय्न करने मे मैने कहा एक दिन क्या दो दिन रोक ले तो उसके चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कान आ गयी वो टूट ती हुई आवाज़ मे बोली तू भी मने प्यार करे सै ना मैने कहा बस एक इसी सवाल का जवाब नही है




हम दोनो फिर खामोश हो गये और अपनी प्लेट खाली करने लगे तो मेरे फोन की घंटी ने इस खामोशी को तोड़ा मैने देखा पद्मिीनी का फोन था उसने पूछा कहाँ हो तुम तो मैने कहा कि फ्रेंड के घर हू उसने कहा मैं तो घबरा ही गयी थी कि तुम बिना बताए ना चले गये हो उसने कहा कि घर आ जाओ मैने कहा आता हू कुछ देर मे दो चार बात और हुई और फिर मैने फोन रख दिया

आज सर्दी बहुत ही तेज पड़ रही थी मेरा नहाने का बिल्कुल मूड नही था तो मैं रज़ाई मे दुबक गया थोड़ी देर बाद उर्वशी भी अपना काम ख़तम करके मेरे पास आ गयी और रज़ाई को ओढ़ते हुए बोली कि फ़ौजी तन्ने उत मेरी याद आया करेगी मैने कहा अब याद है आए तो आ जाए ना आए तो ना आए ये तो डिपेंड करता है यादो पे वो बोली सीधे सीधे बता ना



मैने कहा यार तू भी कैसी बात करती है तेरी याद तो हमेशा आएगी वो संजीदा होते हुए बोली जब इसी बात सै तो फेर कर ले ना यह मेरे गेल मैने कहा यार तू घुमा फिरा के इधर ही आ जाती है वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली फ़ौजी एक वचन दे सके सै तू मने



मैने कहा हम बिल्कुल तो वो बोली कि धर मेरे सिर पे हाथ और कसम खा मैने उसके सर पर हाथ रखा और कहा कि मेरा वचन है कि ब्याह के अलावा तू जो भी कहेगी मैं तेरी मानूँगा तो वो बोली तू कल चला ज्यागा ईक दिन की खातिर मने तेरी लुगाई बना ले उर्वशी उठी और अपनी मम्मी की सिंदूर की डिबिया ले आई और बोली कि ले यो सिंदूर मेरी माँग मे भर के मने तेरी एक दिन की लुगाई बन ज्यान दे



मैने काफ़ी देर सोचा वो मेरे जवाब का इंतज़ार कर रही थी तो मैने कहा कि ठीक सै तू करले तेरी मन चाही पर कल को मने कोई दोष ना देगी और आज के बाद तेरी ज़िंदगी मे कदे भी मेरा जिकर ना करेगी वो बोली तन्ने ना भूल सकूँ मैं मैने कहा देख तेरी शर्त तो मैं पूरी कर दूँगा पर करूँगा अपने तरीके से तो उर्वशी किसी चिड़िया की तरह से चहकने लगी



वो बोली तू रुक मैं थोड़ी देर मे आउ सूं और बाथरूम मे भाग गयी करीब आधे घंटे बाद जब वो बाहर निकली तो उसके शरीर पे बस एक तौलिया ही था जो उसके योवन का भार संभाले हुए था उर्वशी बोली मैं चाहू सूं की तू आज मेरा सोलह शृंगार करे उसने मेरा हाथ पकड़ा और खुद के कमरे मे ले आई उसने अपनी अलमारी खोली और कहा



फ़ौजी जो भी कपड़ा तन्ने अच्छा लगे वो पहना मुझे आज तू सज़ा तेरी एक दिन की लुगाई ने ठंड के उस माहॉल मे भावनाओ की गर्मी जैसे बह चली थी इतना हक तो मिथ्लेश ने भी नही दिया था मुझे कभी और ये पगली कुछ ही दिनो की मुलाकात मे इतना करीब आ गयी थी उसकी झील सी गहरी आँखो मे मैं जैसे खो ही गया था उसमे ना जाने कैसा जादुई आकर्षण था

विधाता ने ना जानी किस अंजान डोर से मुझे उसके साथ बाँध दिया था मैं उसकी आँखो मे डूब ही जाने को था कि उसकी आवाज़ मुझे धरातल पे ले आई उसने कहा इतने जाड़े मे मैं कब तक यूँ खड़ी रहूंगी मैने उसकी अलमारी मे देखा तो एक सुर्ख लाल रंग की साड़ी दिखी मैने वो निकाल ली उर्वशी चहकते हुए बोली वाह लाल जोड़ा मेरे लिए



मैं बस हल्का सा मुस्कुरा दिया मैने उर्वशी को अपनी ओर खीचा तो उसका तौलिया खुल कर गिर गया उसने भी अपने शरीर को छुपाने की कोई कोशिश नही की उसके बदन से टपकती पानी की शबनबी बूंदे मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी गर्दन से रिस्ते पानी को चाटने लगा उर्वशी ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी मैने फिर उसके माथे पर एक चम्बन अंकित किया



और फिर उसको आईने के सामने खड़ी कर दिया आदमकद आईना भी उसकी खूबसूरती देख के शरमाने लगा बड़े ही प्यार से उसके प्रत्येक अंग को मैने तौलिए से पोछा और फिर उसके बदन को सहलाने लगा लाज़ के मारे उर्वशी ने अपनी आँखो को मूंद लिया वो मेरे आगे खड़ी थी मैने उसकी कमर मे हाथ डाला तो वो पीछे की ओर हो गयी मैं हौले हौले उसके बदन को सहलाने लगा



मेरा लंड तन चक्का था और उसके कुल्हो की दरार मे घुसने को बेताब हो रहा था पर ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसे मैं रोक नही सकता था उसको उसके पेट को सहलाते सहलाते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा उपर की ओर ले गया और उसके रूई से भी ज़्यादा नरम उभारों को अपनी मुट्ठी मे क़ैद कर लिया और कस कर दबा दिया उसके होंठो से एक दर्द भरी लेकिन मस्ती से भरपूर आह निकल गयी



उसकी चूचियो की निप्पल्स को अपनी उंगलियो से अच्छी तरह से मर्दन करने के बाद मैने अपने हाथ हटा लिए और पास रखी ब्रा को उसकी वक्ष-स्थल पर लगा कर पीठ पर पहुच कर ब्रा के हुको को जोड़ दिया मैने ब्रा को कुछ ज़्यादा ज़ोर से कस दिया तो उर्वशी ने एक आह भरी जो सीधे मेरे दिल मे उतर गयी मेरे हाथ काँपने लगे थे बड़ा ही मुश्किल लम्हा था मेरे लिए



ब्रा पहनाने के बाद मैने उसको घुमा कर अपनी तरफ किया उसकी होठ लगातार कांप रहे थे मैने अपने हाथ उसकी मांसल चौड़े कुल्हो पर रखे और उनको हल्का सा दबा लिया उर्वशी पूरी कोशिश कर रही थी खुद पर कंट्रोल कायम रखने की बड़ी ही नाज़ूक्ता से मैं उसके कुल्हो को सहलाता रहा फिर मैने उसको पास रखी स्टूल पर बिठा दिया



मैं फरश पर बैठ गया और अपने हाथो सी उसकी चिकनी जाँघो को सहलाने लगा मैने बॉडी लोशन की शीशी उठाई और उसकी जाँघो पर मलने लगा एक तो उसकी जांघे वैसे ही काफ़ी चिकनी थी और फिर कुछ बॉडी लोशन का असर मैं उसकी जाँघो पिंडियो पर अच्छे से अपने हाथ चला रहा था ठंड अब कुछ ज़्यादा ही तेज हो गयी थी पर उसके बदन की गर्मी भी कुछ कम नही थी



मैने उसकी टाँगो को फिर फैलाया तो जन्नत का द्वार मेरी आँखो क सामने था उसकी योनि कांप रही थी तो मैने अपने चेहरे को उसकी योनि पर झुका दिया और उसकी छोटी सी चूत को अपने मूह मे भर लिया नमकीन पानी का स्वाद जैसे ही मेरी जीभ को मिला लगा जैसे साक्षात अमृत पान ही कर लिया हो मैने चूत की खाल को जैसे ही अपने दाँत से थोड़ा सा काटा उर्वशी के गले से एक चीख उबल पड़ी

वो कराही रे साजन तेरा जुलम !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मैं ना चाहते हुए भी उसकी करारी चाशनी से भरी चूत को चाटने लगा था उर्वशी हल्के हल्के से मोनिंग करने लगी थी योनि की पतली सी दरार को मैं अपनी लपलपाति हुई जीभ से कुरेद रहा था उर्वशी को स्टूल पर बैठना अब मुश्किल होने लगा था क्योंकि उसके कूल्हे अब वासना के गीत की ताल पर थिरकने लगे थे



तो वो उठ कर बेड की किनारे पर अपनी टाँगे फैला कर बैठ गयी और एक भँवरा फिर से कली का रस पीने को तैयार हो गया उसकी चूत से जो रस निकल रहा था वो बड़ा ही कमाल था मस्ती से सारॉबार उर्वशी ने अपनी टाँगो को उपर की तरफ उठा लिया और मज़े से मेरी जीभ के घर्षण को अपनी चूत पर महसूस करने लगी उसका हुस्न अब अपने चरम पर था



जब मेरे दाँत उसकी जाँघो और कुल्हो के निचले हिस्से पर बाइट करते तो उसकी हालत देखने लायक थी ऐसे ही पूरे मज़े से वो अपने अंत की ओर बढ़ रही थी यी जिस्मो का खेल भी अजीब बनाया बना ने वाले ने जब ये आग लगे तो बड़े से बड़ा समुंदर भी इस आग की तपन को कम ना कर सके कैसी ये विडंबना थी



हर गुजरती हुई घड़ी के साथ उसकी सिसकारिया अब बढ़ती ही जा रही थी और फिर एक तेज आवाज़ के साथ उसने अपना सारा पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया और तृप्त हो गयी उसका शरीर शिथिल हो गया मैने पास ही पड़ा तौलिया उठाया और उसकी चूत को अच्छे से सॉफ कर दिया और पेंटी पहना दी




मैने कहा यार मुझे साड़ी पहना नी नही आती है तो ये तू खुद ही पहन ले तो उसने भारी भारी सांस लेते हुए कहा ना साजन आज तो तू ही पहनाएगा तो मैने कहा तू बता ज़रा मैं ट्राइ करता हू तो उसके कहे अनुसार उसकी साड़ी बाँध ही दी सुर्ख लाल सॅडी ने उसके अनुपम सौन्दर्य को और भी ज़्यादा निखार दिया था उसकी खिले हुए रूप को देखकर मेरे दिल ने बग़ावत कर ही दी



दिल से एक आवाज़ आई कि भर ले इसको अपनी बाहों मे पर साला दिल तो दिल है कही भी फिसल जाता है वो बोली के देखो सो मैने कहा तन्ने देखु सूं अक तू इतनी बटुए सी सुथरी क्यूकर सै सच ही तो कह रहा था मैं किसी कयामत से कम नही लग रही थी उर्वशी फिर मैने उसके चेहरे पर फेस-क्रीम लगाई और लिपीसटिक की स्टिक ले कर उसके होंठो पर लगाने लगा



जब मैं लिपीसटिक को उसके होंठो पर फेर रहा था तो उसके होठ आहिस्ता आहिस्ता लरज रहे थे तो बड़े ही प्यारे लग रहे थे जी चाहा कि इनका रस सदियो तक निचोड़ ता ही रहूं कुछ उसका भी हाल ऐसा ही था काश मैं दिल की बात पढ़ पाता तो उसके दिल के अंदर जो भी चल रहा था वो सब मैं आपको बता पाता वो लगभग तैयार हो ही चुकी थी



उसके बालो से बेहद ही मादक सुगंध आ रही थी मैने उसके गीले बालों को पोछा और फिर उनमे तेल लगाने लगा फिर कंघी की सहयता से उनको सुलझा दिया उर्वशी बोली जुड़ा बना दो तो मेरे मूह से बरबस ही निकल गया कि रहने दो अच्छे लगते है खुले बाल मुझे तो उर्वशी शरमा गयी रूप जैसे फुट पड़ा था उसके रूप की चाँदनी से मेरी आँखे भी चमक उठी थी


उसके तैयार होने के बाद मैने कहा आ अब पद्मिीनी भाभी के घर चलते है और कुछ पलों बाद हम दोनो निकल पड़े पद्मिानी भाभी ने जब इस रूप मे उर्वशी को देखा तो वो पलक झपकाना ही भूल गयी उन्होने मुझे किचन मे बुलाया और पूछा कि क्या बाद है इसको भी लपेट दिया क्या तो मैने कहा क्या भाभी आप भी ये तो बस दोस्त है
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#45
वो बोली मुझे तो दाल मे कुछ काला नज़र आता है वैसे अच्छी लड़की है और मेरे गाल पर हल्का सा चूम लिया मैने कहा भाभी कुछ करो ना मैं कल जा रहा हूँ तो वो बोली यार मैं भी मचल रही हू तुम्हारा ख़याल आते ही ये मेरी चिड़िया पानी छोड़ देती है पर मजबूर हू मैं और वैसे भी इतनी मस्त लड़की साथ लेकर घूम रहा है तो फिर मुझ बुढ़िया मे अब क्या रखा है



मैने कहा ले लो जीतने मज़े लेने है फिर टॉपिक चेंज करते हुए मैने कहा कि मैं आपसे मिलने ही आया हू कल मैं सुबह सुबह ही निकल जाउन्गा तो वो बोली जैसी तेरी मर्ज़ी है वो बोली तू जाकर उर्वशी के पास बैठ आज तेरे लिए स्पेशल साउत इंडियन फुड बनाया है मैं परोसती हू कुछ देर मी मेरा दिल भर आया ये भी तो मेरा छोटा सा परिवार ही था पर जाना ही था मुझे



शाम तक का टाइम मैं पद्मि नी भाभी के घर ही रहा दिल थोड़ा भारी था पर दिन हसी खुशी बीत गया सांझ ढल गयी थी सर भी आज कुछ जल्दी ही आ गये कुछ देर उनसे भी गुफ़्तुगू हुई उन्होने कहा कि शुरू के कुछ दिनो मे थोड़ी प्राब्लम आएगी क्योंकि फील्ड मे बिल्कुल अलग ही सिचुयेशन होती है ट्रैनिंग से बिल्कुल अलग सब कुछ रियल टाइम होता है



पर एक बार सिस्टम को समझ लोगे तो कोई प्राब्लम नही होगी उन्होने फिर कुछ टिप्स और दिए कुछ बेहद ज़रूरी हिदायती दी कि हर हाल मे बस ऑफीसर के ऑर्डर को ही फॉलो करना है इस बात को ना भूलना बात पूरी होने पर मैने सर के पाँव छुए और फिर उनसे अलविदा कह कर मैं और उर्वशी चल पड़े



मैने कहा बता आज डिन्नर के लिए कहाँ चलेगी तो वो बोली कि आज तुझे मैं खाना बना के खिलाउन्गी मैने कहा क्या बनाएगी तो वो बोली अपना देसी दाल- चुरमा , ये सुनते ही मैं खुश हो गया घर की याद आ गयी और चुरमा तो अपना आज भी फवरेट. है तो हसी-मज़ाक करते हुए हम पैदल पैदल उसके घर की ओर जाने वाली सड़क पर चल पड़े

घर आते ही उसने चेंज किया और मेरे पास आकर बैठ गयी दो दिन से वो कुछ ज़्यादा ही चिपक रही थी उसकी सांसो की खुश्बू जैसे मेरे जिस्म मे घुलने को बेताब ही थी बस मेरे हाँ कहने की ढील थी उसकी टी-शर्ट थोड़ी सी उपर हो गयी थी तो उसकी नवल दिख रही थी मैने अपनी उंगली उसमे डाल दी और गोल गोल फिराने लगा उर्वशी ने एक झुरजुरी ली



वो बोली क्या करते हो मैने कहा शरारत वो बोली तो जब मैं छेड़ा करूँ तो क्यो रोकते हो मैने कहा मैने कब रोका तो उसने बिना कुछ कहे मेरे लंड पर हाथ रख दिया और उसको दबा दिया एक पल मे ही लंड माजराज अपनी औकात पे आ गये और फनफना गये उर्वशी बोली यो तो तैयार सै मैने कहा है तो सही तो वो झट से बोली मैं भी कतई तैयार सूं



बात करते करते वो मेरी जाँघ पर सरक आई और अपने कुल्हो को मेरी जाँघ पर टिका कर बैठ गयी और मेरे गाल पर किस करने लगी मेरा लंड उसके कुल्हो मे समा जाने को पूरी तरह सी बेताब हो गया था गालो पर किस के बाद उर्वशी ने अपने प्यासे लबों को मेरे लबों से जोड़ दिया और मेरी गर्दन को अपने हाथो से पकड़ कर किस करने लगी उसने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाल दी



मैं उसकी जीभ को चूसने लगा मस्त हो गया था मैं दुनिया सच ही कहती है कि औरत के जिस्म के आगे अच्छे अच्छे लोग हार जाते है किस करते करते उसने मेरी शर्ट के सारे बटन खोल डाले और फिर मेरे सीने पर किस करने लगी और किस करते करते नीचे की और जाने लगी फिर उसने मेरे पयज़ामे मे हाथ डाला और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया



और उसको अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलाने लगी उसकी नाज़ुक उंगलियो की पकड़ लंड पर मजबूत होने लगी अब मैं दो दिन से भरा पड़ा था तो मैने सोचा य मुट्ठी मार कर ही मेरा पानी निकाल दे तो अच्छा है मैं भी थोड़ा सा मस्ती के मूड मे था तो मैने उसकी टी-शर्ट को निकाल कर फेक दिया और ब्रा के उपर से ही चूचियो मे मूह मारने लगा तो उर्वशी और भी मस्त होने लगी



कुछ ही देर मे उसकी ब्रा भी उतर गयी थी मैं उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को चूसने लगा वो मेरे बालो मे हाथ फिराने लगी उसकी चूचियो की गुलाबी निप्पल्स का नमकीन स्वाद मेरे मूह मे घुलने लगा था साथ ही साथ मैं उसकी पीठ को भी सहलाता जा रहा था उर्वशी अब उठ कर खड़ी हो गयी और मुझे भी उठा कर बेड पर ले आई और मेरे पयज़ामे को सरका कर मुझे नीचे से नंगा कर दिया



और मेरी जाँघो पर बैठ कर मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी तो मैने कहा कि तुम एक हाथ से मेरी गोलियो को सहलाओ और दूसरे हाथ से इसको हिलाओ तो वो वैसा ही करने लगी मैने अपनी आँखे बंद कर ली और उन मस्ती से भरे पलों का मज़ा लेने लगा मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था तो कुछ देर बाद मैने कहा उर्वशी क्या तुम इसको अपने मूह मे लेना पसंद करोगी

उसने अपने कंधे उच्काये और कहा ओके और कुछ पल लंड के सुपाडे को सूँघा और फिर घुप से लंड को अपने मूह मे भर लिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ एक पल मे ही मेरा शरीर झन झना गया कितने सॉफ्ट होठ थे उसके वो अपने मूह को लंड पे उपर नीचे करने लगी उसकी गरम साँसे लंड के सुपाडे पर टकराने लगी थी मैने अपने हाथ से उसकी पतली सुरहीदार गर्देन पे दबाव बढ़ा दिया उर्वशी ने अपने गले के अंतिम छोर तक मेरे लंड को अपने मूह मे लिया हुआ था



थूक उसके होंठो से बह कर उसकी जाँघो पर गिर रहा था वो बस लंड को चूसे जा रही थी मैं उठ कर बैठ गया ताकि वो अच्छे से लंड को चूस सके 15-16 मिनट तक मस्ती से लंड चूस्ती रही फिर मेरा डिसचार्ज होने का टाइम आ गया था पर मैने उसको लंड पर से हटा या नही



फिर लंड से गाढ़े सफेद द्रव्य की एक मोटी धार निकली और उर्वशी के मूह मे गिर गयी उसने पहले कभी ऐसा अनुभव नही किया था तो जैसे ही वीर्य उसके गले मे उतरा वो संभाल नही पाई और उसको खाँसी आ गयी और लंड बाहर आने से बाकी वीर्य की धारे उसकी छातियो और पेट पर गिर गयी वो तुरंत बाथरूम की ओर भाग गयी मैने बेड की चादर से ही लंड को सॉफ किया



और उसके पीछे पीछे बाथरूम मे चला गया वो अपना मूह धोकर कुल्ला कर रही थी वो थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली तुम बहुत ही गंदे हो मैने कहा इसमे गंदा क्या ये तो नॉर्मल है वो बोली ऐसा भी कोई करता है क्या मैने कहा अगर मेरा मूड होता तो मैं पता नही क्या क्या करता तेरे साथ वो शरमाते हुए बोली तो कर्लो ना किसी ने रोका है क्या



फिर हम किचन मे आ गये उसने डिन्नर बनाने की तैयारी शुरू करदी मैने कहा मैं तेरी हेल्प कर देता हू वो बोली अरे नही मैं कर लूँगी थोड़ी देर ही लगेगी पर मैने कहा मैं भी खाली बैठा बोर ही तो होऊँगा चलो साथ साथ ही खाना बनाते है वो बड़ी ही निपुण लड़की थी कुछ ही देर मे दाल- चुरमे की तैयारी करदी थी उसने दाल मे सीटी लग रही थी बस चूरमा ही बनाना था



उसने रोटियो को मिक्स्सर मे ग्राइंड कर लिया था बस घी ही मिलाना बाकी था उसने देसी घी का डिब्बा निकाला और मिलाने लगी मुझसे शरारत सूझी मैने उसकी निक्कर को नीचे सरका दिया पेंटी समेत और उसको अपनी तरफ किया और उठा कर स्लॅब पर बिठा दिया वो सवालिया नज़रों से मेरी तरफ देखने लगी मैने घी के डिब्बे को खोला और उर्वशी के पेट पर टपकाने लगा



घी उसकी नवल से होता हुआ चूत को भिगोने लगा सर्दी थी तो घी कुछ जमा जमा सा था अब मैने उसको चाटना शुरू किया मेरे होठ पूरी तरह से देसी घी मे डूब गये थे अब मैं उसकी घी से सनी चूत पर पहुच गया था चूत के खारे पन और घी के टेस्ट केआपस मे मिक्स होने से एक अलग सा ही मज़ा आने लगा था उर्वशी ने अपनी जाँघो को मेरे सर के इर्द गिर्द लप्पेट दिया

मैं बड़े ही मज़े से उसकी चूत को चाटे जा रहा था मैं तब तक लगा रहा जब तक कि उर्वशी का ऑर्गॅज़म नही हो गया फिर वो शरमाते हुए स्लॅब से नीचे उतरी और अपनी निक्कर को पहन लिया फिर वो खाना बनाने लग गयी उसके चेहरे पर एक नया नूर आ गया था मेरा लंड चीख चेख कर उसकी चूत मे जाने को गुहार लगा रहा था और मैं उलझा पड़ा था अपनी ही उलझनों मे

ऐसा दाल चुरमा फिर ज़िंदगी मे ना मिला खाने को क्योंकि उसमे उस मर्जानी का प्यार जो मिला हुआ था अगर मेरे दिल मे घर ना कर गयी होती वो तो कसम से अब तक उसके सारे छेद खोल चुका होता पर मैं भी अपनी ज़ुबान का पक्का ही था ना चोदु तो ना ही चोदु तो इतने स्वादिष्ट भोजन के बाद नींद तो आनी ही थी उर्वशी बोली मैं तेरे साथ सो जाउ



मैने कहा आजा और हम एक रज़ाई के अंदर ही आ गये उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और छेड़खानी करने लगी मैने कहा यार कल मुझे निकलना है तो अभी सो जा फिर थोड़ी मस्ती के बाद वो मेरे कंधे पर सर रख कर सो गयी सुबह जब मैं उठा तो वो बिस्तर पर नही थी मैने देखा तो वो किचन मे थी और चाइ बना रही थी




मैने उसको एक हल्का सा किस किया और फिर नहाने चला गया जब तक मैं आया उसने नाश्ता रेडी कर दिया था वो थोड़ी उदास लग रही थी तो मैने कहा क्या बात है उसने कहा तू आज चला जाएगा ना जाने इब कब तेरा दीदार होगा , होगा के नही होगा मैने कहा यार मैं तेरी कसम ख़ाता हू चाहे मेरी जो भी हालत हो मैं जियुं या मरूं पर तेरी एक आवाज़ पे दौड़ा चला आउन्गा ये मेरा वादा है तू जब जब पुकारे गी मैं ज़रूर आउन्गा



पर तू भी वादा कर कि अपनी लाइफ को पूरी मस्ती से जिएगी तो वो बोली जैसा तू कहे सामान तो पॅक ही था पर हर एक घड़ी बड़ी भारी भारी सी लग रही थी उर्वशी बोली मैं बस स्टॅंड आउ मैने कहा ना यार तू इधर ही रह तू साथ होगी तो जाने मे थोड़ी मुश्किल होगी मैने कहा मेरा नंबर तो है ही तेरे पास और अगर तू कभी चेंज करले तो बता दियो और हाँ बात भी कर लियो कभी कभी




बस ये कोशिश कर रहे थे महॉल को थोड़ा हल्का करने की पर दिल तो जैसी बस फटने को ही था तो आख़िर वो समय आ ही गया जब देहरादून को अलविदा कहना था अपने बॅग को कंधे पर टांगा और संदूक को सम्हाल कर उठा लिया साला फ़ौजी आदमी की सबसे बड़ी प्राब्लम यही है कि दिल पर कोई ज़ोर नही चलता बस कुछ होता है तो एक जुनून उस मिट्टी के प्रति जिसे धरती माँ कहते है

तो अपनी भावनाओ को काबू किया और उर्वशी का साथ छोड़ दिया वो अपने गेट पर बस रोते हुए मुझे देखती रही दिल तो रो रहा था मेरा भी पर आँखों को समझा दिया था कि एक भी आँसू नही आना चाहिए पता नही क्यो एक एक कदम लेना भारी हो रहा था पर मैं चलता ही रहा मैने गेट पर आके ऑटो लिया और चल पड़े बस स्टॅंड की ओर वहाँ जाकर एक स्लीपर बस ली और शिमला की टिकेट ले कर अपनी सीट पकड़ ली



चारो तरफ धून्ध की गहरी चादर छाई हुई थी बस चलने मे थोड़ी देर थी तो मैने सोचा कि एक चाइ ही पी लूँ तो मैं चाइ लेने चला गया जब मैं वापिस आया तो कनडक्टर ने बताया कि सर जी पूरी सीट्स फुल हो गयी है एक लेडी है शिमला तक जाएगी अगर आप थोड़ा अड्जस्ट कर्लो तो वो भी आराम से सफ़र काट लेगी मैने कहा ओके भाई कोई इश्यू नही है तू बता दे उनको



दो मिनट बाद वो एक पतली से लेडी को लेकर आया और उसको स्लीपर नंबर बता दिया बस अब चलने को ही थी तो हम अपने बॉक्स मे चढ़ गये वो लेडी थी थोड़ी पतली सी पर नैन नक्श बड़े ही काटीले थे तो बस चल पड़ी सर्दी भी साली कुछ ज़्यादा ही गजब ढा रही थी उसने कोच के पर्दे खीच लिए और अपनी साइड मे बैठ गयी मैं खिड़की से बाहर देखने लगा पर धुन्द थी तो कुछ ज़्यादा दिखाई नही दे रहा था


अब इतने दिन बिताए थे यहाँ पर और कुछ लोग भी ऐसे मिल गये थे तो दिल बड़ा भारी भारी सा हो रहा था जैसे जैसे बस आगे बढ़ रही थी लग रहा था कि जैसे मेरा कुछ पीछे छूट रहा है आँखो से आँसू छलक पड़े मैं अपनी हथेलियो से आँसू पोंछने लगा तो उस आंटी का ध्यान मुझ पर गया उसने कहा बेटे क्या बात है कुछ परेशानी है क्या



तुम रो क्यो रहे हो मैने भराई हुई आवाज़ मे कहा नही आंटी जी ऐसी कोई बात नही है बस ऐसे ही तो वो बोली तुम परेशान लग रहे हो क्या मैं तुम्हारी कोई हेल्प कर सकती हू मैने कहा थॅंक्स आंटी जी उन्होने कहा थोड़ा पानी पी लो बेहतर फील करोगे मैने बॅग से पानी की बॉटल निकाली और थोड़ा सा पानी पी लिया उन्होने कहा शिमला जाओगे मैने हम मे गर्देन हिला दी



थोड़ी देर बाद मैने मिथ्लेश को फोन लगाया तो उसका फोन ऑफ आ रहा था तो मैने रीना का नंबर मिलाया और उसको कहा कि मैं शिमला आ रहा हू तो मुझे पिक कर लेना उसने कहा कि ठीक है आप पहुचते ही फोन करदेना मैं तुरंत ही आ जाउन्गी फिर उसका हाल चाल कुछ इधर उधर की बात करने के बाद फोन रख दिया आंटी बोली पहेली बार जा रहे हो शिमला मे



मैने कहा जी हाँ कुछ दोस्त रहते है तो सोचा कि उनसे मिलता चलूं सफ़र काटना था बिना बोरियत से तो सोचा की आंटी से ही बाते कर लेता हू और हम बात-चीत करने लगे तो पता चला कि आंटी जी कॉलेज प्रोफेसर है और किसी सेमिनार मे देहरादून आई थी 6 घंटे का सफ़र था और मोसाम को देखते हुए थोड़ा लंबा ही हो सकता था आंटी थोड़ी बातुनी किसम की थी



थोड़ी देर मे मुझे भी मज़ा आने लगा था उनके साथ मैने गोर किया देखने मे ठीक ठाक ही थी मैने सोचा चूत दे दे तो थोड़ा सा मज़ा ही मिल जाए मैने सोचा ट्राइ करने मे क्या जाता है थोड़ी लाइन मारूँगा बात बनेगी तो ठीक नही तो कोई बात नही

मोसाम बड़ा ही जालिम हो रहा था आज तो बस किसी तरह से रेंग ही रही थी क्यों कि आज धुन्ध बहुत ही ज़्यादा थी जिसकी वजह से विज़िबिलिटी कम हो गयी थी आंटी बोली पता नही कब पहुचेंगे शिमला मैने कहा आप फिकर ना करे चल पड़े है तो पहुच ही जाएँगे उन्होने कहा दो दिन के लिए अपनी डॉटर को पड़ोसियो के भरोसे छोड़ कर आई हू



मैने कहा आपके हज़्बेंड नही संभाल सकते क्या तो उसने कहा कि 8 साल पहले उसने डाइवोर्स ले लिया था और वो अब अपनी डॉटर के साथ रहती है तो मैने सॉरी कहा वो बोली अरे नही ये तो लाइफ मे चलता ही रहता है शादी नही जमी तो अलग हो गये फालतू मे घिसटना क्यो मैने कहा आप काफ़ी बोल्ड बाते करती हो उन्होने जवाब दिया सेल्फ़-डिपेंडेंट औरत हू



अपना कमाती हू तो फिर डर किसका जैसे चाहे जियु उसने कहा तुम क्या करते हो मैने कहा जी कुछ खास नही तो वो बोली पर कुछ तो करते होगे मैने कहा जी आर्मी मे लेफ्टिनेंट हू अभी ईमा से पस्सौउट किया है तो वो बोली वेरी गुड ब्रावो सच्ची बताऊ लाइफ मे पहली बार किसी सोल्जर से मिली हू उन्होने कहा आर्मी लाइफ बोरिंग होती है ना मैने कहा जी ये किसने कह दिया आपसे



वो बोली ऐसा ही तो होता है साल साल मे छुट्टी मिलती है और हर टाइम बस रूल्स रूल्स मैने कहा हाँ थोड़ी बहुत प्रॉब्लम्स तो हर फील्ड मे होती है पर ठीक है वो मुस्कुरा दी शाम के 6:30 हो गये थे डेढ़ घंटा हो गया था बस को चले हुए पर कुछ ख़ास्स दूरी तय ना कर पाए थे मैने बॅग से सॅंडविच निकाले और आंटी को भी ऑफर किए


खाने के बाद फिर से हमारी गुफ़्तुगू स्टार्ट हो गयी मैने ताड़ लिया था कि आंटी थोड़ी सी फ्रॅंक औरत है तो ट्राइ किया जा सकता है और वैसे भी लंड को हर जगह बस चूत ही चूत नज़र आया करती है फिर वो कोई बुक पढ़ने लगी मैने भी इयरफोन कानो मे लगाया और म्यूज़िक सुनते हुए आँखो को बंद कर लिया पता नही कब नींद के आगोश मे चला गया



जब मेरा लटका टूटा तो देखा कि बाहर अंधेरा पूरी तरह से छा गया था मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो 9 बज गये थे मैने ईक अंगड़ाई ली आंटी एक कुंबले ओढ़ कर लेटी हुई थी मैने कहा कहीं रुकेगी क्या रास्ते मे वो बोली रुकनी तो चाहिए मैं कॅबिन से नीचे आया और संदूक से अपना स्लीपिंग बॅग लेकर वापिस चढ़ गया पर वो कॅबिन के हिसाब से काफ़ी बड़ा था तो मेरे लिए प्राब्लम खड़ी हो गयी



ठंडी का मोसम और रात का सफ़र अब मैं क्या करू मेरी परेशानी देख कर आंटी बोली कि तुम मेरे साथ कंबल शेर कर्लो आधा रास्ता तो कट ही गया है आओ मेरे साथ अड्जस्ट हो जाओ मैने उनको थॅंक्स कहा और उनके कंबल मे घुस गया गरम कंबल के अंदर जाते ही सच मे काफ़ी अच्छा महसूस हुवा आंटी और मेरा जिस्म एक दूसरे से रगड़ खाने लगा



हम दोनो आराम से लेटे हुए थे कुछ पल शांत रहने के बाद मैने ट्राइ करने का सोचा मैने अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और उसको सहलाने लगा उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही हुआ पर ये पक्का था कि वो भी जाग ही रही थी क्योंकि हमे लेटे कुछ ही देर हुई थी कुछ देर उनके पेट को सहलाने के बाद मैने डाइरेक्ट्ली उनके बोबे पर हाथ रख दिया



और उसको धीमे धीमे से दबाने लगा आंटी की हालत टाइट होने लगी उनकी सांस एक दम से ही गरम हो गयी थी पर उनकी तरफ से अभी कोई रिक्षन नही था मैं धीरे धीरे उनकी चूची को दबाता रहा कुछ ही देर मे चूची की निप्पल्स तन गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और साड़ी के उपर से ही चूत को दबा दिया अब आंटी फुसफुसाती हुए बोली ये तुम ये तुम क्या कर रहे हो



मैने आंटी का हाथ पॅंट के उपर से ही अपने लंड पर रखते हुए कहा कि कुछ नही आंटी जी ठंड कुछ ज़्यादा है तो बस गर्म होने की कोशिश कर रहा था आंटी ने लंड से हाथ हटा लिया और बोली चुप चाप सो जाओ वरना मैं शोर मचा दूँगी मैने कहा आंटी इतनी देर से बोबे मसलवा रही थी तभी क्यो नही मचाया शोर और दुबारा से उनके हाथ को अपने लंड पर रख दिया



उन्होने इस बार हाथ नही हटाया मैने कहा आंटी ऐसा चान्स कभी कभी ही मिलता है थोड़ा एंजाय कर्लो वो बोली पर पर…………….. मैं कहा पर वर कुछ नही आंटी जी मोसम भी मेहरबान है और आप भी कितनी हसीन हो कहते कहते मैं उनकी चूत पर अपने हाथ का दबाव बनाने लगा थोड़ी देर बाद वो भी गरम होने लगी मैं बोला तो क्या ख़याल है आपका उन्होने कुछ नही कहा पर मेरी पॅंट की ज़िप को खोल दिया ये उनका ग्रीन सिग्नल था



मैं तुरंत ही उनके उपर आ गया और उनके होटो पे किस करने लगा मैं बारी बारी से उनके गले, गालो और होंठो पर किस करने लगा आंटी फुसफुसाते हुए बोली नॉटी बॉय दाँत से मत काटो निशान लग जाएगा तो मैं वक़्त की माँग को समझते हुए थोड़ा कम जोश दिखाने लगा और बस अब उनकी लिप्स ही चूस रहा था कुछ चलती बस के हिचकोलो से भी मज़ा आ रहा था



जब मेरा मन उनके होंठो से भर गया तो मैने उनकी स्वेटर को उतार दिया और ब्लाउस को खोल के ब्रा भी उतार दी अब वो उपर से पूरी नंगी हो चुकी थी मैं टूट पड़ा उनकी चूचियो पर इतनी मोटी चूचिया तो नही थी पर ठीक थी अपना काम बन रहा था तो मैं उस आंटी के बोबो को मसल मसल के पीने लगा आंटी मस्त होने लगी और मचलने लगी



एक तो सर्द मोसम और उपर सी चलती बस मे चुदाई करने का मौका सीन बन गया था बोबो को अच्छे से निचोड़ने के बाद मैने अपना हाथ उनकी साड़ी मे घुसा दिया और होत अपने लबों से लगा दिए उनकी पतली पतली जाँघो को मैं सहलाने लगा आंटी ने अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी और मज़ा लेने लगी मैं अपने हाथो को जाँघो पर फिराते फिराते उनकी जाँघो के जोड़ की तरफ बढ़ने लगा

अपनी साली किस्मेत भी सच मे भी कमाल थी जिस भी चूत को पाने की ख्वाहिश हुई वो आगे से ही मिल गयी तो मैने अपना हाथ अब पेंटी के उपर से चूत पर रख दिया और उसको मुट्ठी मे भर के मसल्ने लगा जबकि उपर आंटी पूरे मज़े से अपने होठ चुस्वा रही थी मैने उनकी साड़ी और पेटिकोट कमर तक उपर कर दिए और पेंटी की एलास्टिक मे अपनी उंगलिया फसा के उसको सरकाते हुए निकाल दिया


नीचे से अब आंटी नंगी हो चुकी थी चूत पर बेहद ही महीन बाल थे चूत से रिस्ते झरने की वजह से मेरी हथेली पूरी तरह से गीली हो गयी थी तो मैने अपनी पॅंट और कच्चा उतार दिया अब हालत कुछ यू थे कि मैं आंटी की चूत से खेल रहा था और वो मेरे लंड से कुछ देर की खेल खिलाई के बाद मैने उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पर रखा और आंटी की चूत मे लंड को डाल दिया



आंटी धीमे से बस इतना ही बोलिकी आअहह थोड़ा आराम से पर अपना भी पक्के वाले हमारे लिए तो आराम तो वैसे भी हराम ही था तो दो पेल मे लंड को आंटी की चूत मे अच्छे से फिट कर दिया और आंटी को कहा कि तैयार हो जाओ जन्नत की सैर करने को दोनो ओर के पर्दे लगे हुए थे तो को चिंता वाली बात थी ही नही मैं धीरे धीरे से लंड को आगे पीछे करने लगा


जब जब मैं पेल मारता आंटी की चूचिया उपर को उछलती तो बड़ा अच्छा लगता मुझे कुछ देर उसी पोज़ मे चोदने के बाद मैं उनके उपर आ गया और उनके चेहरे को चूम ते हुए उनकी चूत मारने लगा आंटी की चूत काफ़ी तंग थी और लंड को खुल के घूमने का रास्ता नही दे रही थी तो चुदाई का आनंद डबल हो गया था क्यों कि मुझे पूरा ज़ोर लगाना पड़ रहा था



दो जिस्म एक दूसरे मे समा गये थे पूरा दम लगाते हुए मैं अपने लंड को आंटी की चूत की तंग गलियो मे घुमा ले रहा था और वो हौले हौले से सिसकारिया लेते हुए चुदाई का भरपूर मज़ा ले रही थी उनकी चूत ने लंड को बहुत ही बुरी तरह से अपने शिकंजे मे कस रखा था जिस से मुझे भी बड़ा अच्छा अनुभव हो रहा था बस अपनी गति से चल रही थी और हमारी चुदाई अपनी गति से



अब मैं उनके उपर से हटा और उनको घोड़ी बना दिया दो चार चुंबन उनके कुल्हो पर अंकित किए और अपने लंड को चूत से लगा के एक पेल मार दी आंटी का बदन थोड़ा सा आगे की ओर हो गया और वो और भी झुक गयी मैने मजबूती से उनकी कमर को थाम लिया और उनको बुरी तरह से चोदने लगा उनकी सांसो की रफ़्तार भी बढ़ गयी थी घप घप मेरी गोलियाँ उनके चुतडो से टकरा रही थी



आंटी अपनी दोनो जाँघो को आपस मे चिपका कर घोड़ी बनी हुई थी तो चूत जैसे चिपक सी गयी थी मैं बड़े ही मज़े से उनकी चुदाई कर रहा था आधे घंटे तक बहुत मस्त चूत मारी उनकी और फिर लगभग लगभग हम दोनो आगे पीछे ही झाड़ गये मैने अपना पूरा वीर्य आंटी की चूत मे उडेल दिया और उनको अपनी बाहों मे लिए लिए ही लेट गया



कुछ पल लेटने के बाद मैं उनके उपर से हटा तो लंड भी चूत से बाहर निकल आया आंटी ने अपने रुमाल से चूत को सॉफ किया और मुझे बोली तुम्हे ये नही करना चाहिए था मैने कहा पर आपको भी तो मज़ा आया ना फिर वो कुछ ना बोली वो बोली अगर मैं शोर मचा देती तो मैने कहा वो भी देखते शिमला आने मे अभी थोड़ी देर थी मैने उनको अपनी गोदी मे खीच लिया



आंटी ने मेरे लंड को अपनी गंद की क्रॅक के बीच मे फिट किया और मेरी गोद मे बैठ गयी मैने अपने हाथो से उनकी गर्दन को थामा और अपने लबों को एक बार फिर से उनके रसीले होंठो पर लगा दिया और मिठास को पीने लगा उनकी थिरकति गान्ड के स्पर्श से लंड भी अपना सर उठाने लगा एक मजेदार किस के बाद मैने उनकी चूची को मूह मे भर लिया और अपने हाथो से उनकी पीठ को सहलाने लगा



सर्दी मे जिस्म की गर्मी से अच्छा कुछभी नही हो सकता है तो हमारा खून फिर से गरम होकर दौड़ने लगा आंटी थोड़ा सा उठी और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर टिका कर उस पर बैठती चली गयी कुछ ही पलों मे पूरा लंड उनकी चूत मे था और उनके चूतड़ मेरी जाँघो से आ लगे थे उन्होने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और अपनी गान्ड को मटकाने लगी



मैं अपने हाथ नीचे ले गया और उनके कुल्हो को सहलाने लगा अब वो थोड़ा सा उपर उठती और फिर झट से वापिस नीचे आ जाती हौले हौले से उपर नीचे होते हुए वो चुदने लगी थी मुझे बड़ा जोश चढ़ गया था मैं अपने दाँतों से उनके कंधो और स्तनो पर काटने लगा था तो वो भी सिसकारिया लेने लगी थी चुदाई का रंग अब हवा मे पूरी तरह से घुल चुका था



उनको भी ऐसी मस्ती चढ़ि थी कि वो अब गोदी से उतरने की जैसे भूल ही गयी थी पर समय की माँग को देखते हुए मैने उनको लिटाया और उनके उपर चढ़ गया अब दोनो तरफ से ज़ोर लग रहा था मेरे हर शॉट के जवाब मे वो भी अपने चूतड़ उचका रही थी पच पुच की आवाज़ कॅबिन मे गूँज रही थी वो मेरे शोल्डर पर लव बाइट बनाने लगी

आंटी की चिकनी चूत मे लंड तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था उस सर्द मोसम मे भी हमारे बदन से पसीना टपक रहा था हमारे होठ एक दूसरे के साथ लॉक हो गये थे ना वो हटने को तैयार थी ना मैं, मैं अब पूरा दम लगा कर उनको चोदने लगा था आंटी का बदन अब रेल बन गया था और फिर एक आह के साथ ही उनका बदन शांत पड़ गया और वो खल्लास हो गयी मैने थोड़ी देर और लगाई और फिर मैं भी झाड़ गया

जब हवस का तूफान शांत हुवा तो मैने अपने कपड़े पहन लिए आंटी भी तैयार हो गयी मंज़िल अब आने ही वाली थी जब बस शिमला मे रुकी तो सुबह के तीन बज रहे थे बस से उतरते ही गान्ड जैसे फट ही गयी इतनी जोरदार धुन्ध थी कि क्या बताऊ मैं सोचा कि ये बस का ड्राइवर यहाँ तक ले कैसे आया आंटी बोली मेरे घर चलो सुबह चले जाना जहाँ जाना है



पर मैने मना कर दिया क्योंकि अब दिल मे तलब लग गयी थी प्रेयसी के दीदार की तो आंटी तो अपने रास्ते निकल गयी मैने मिता को फोन किया और कहा कि मैं शिमला आ गया हूँ वो बोली मेरा वेट करो मैं थोड़ी देर मे आती हू ठंड से बदन कांप रहा था तो मैने सोचा कि एक चाइ ही पी लू गरम चाइ की चुस्कियो ने तो इस सर्दी मे समा बाँध दिया जैसे



मैं उसका इंतज़ार करने लगा कोई पोने घंटे बाद वो आ ही गयी उसने मुझे फोन किया कि कॉन सी साइड मे हो तो मैने बता दिया कुछ मिनट बाद मिता मेरे पास थी मेरी आँखो के सामने मैने उसको अपनी बाहों मे भर लिया दिल को ठंडक सी मिली उसने कहा की ठंड बहुत है आओ जल्दी से चलो मैने कहा भूख लगी है यहीं कुछ खा- पी लेते है



वो बोली मेरे रूम पर क्या कुछ नही मिलेगा तुमको और वो मुझे खीचते हुए बाहर रोड पर ले आई टॅक्सी की और हम आधे घंटे बाद उसके रूम पर थे एक कमरा और रसोई का सेट लिया हुवा था उसने किराए पर जिसमे वो और रीना रहती थी मैने पूछा रीना कहाँ है तो उसने बताया कि तुम आने वाले थे तो वो किसी दूसरी फ्रेंड के साथ अड्जस्ट हो गयी है



मिटा बोली तुम बैठो मैं रोटी बना ती हू मैने कहा ना रहने दे अभी 4 तो बजे गये है मैं थक सा गया हू तो सो जाउ वो बोली जैसे तेरी मर्ज़ी उसके पास एक ही बड़ा गद्दा था जो फर्श पर डाल के बिस्तर बनाया हुआ था मैं कन्फ्यूज़ सा हो गया तो वो बोली क्या सोच रहे हो मैने कहा मैं कहाँ सोउंगा तो वो बोली हम यही सोएंगे और कहाँ



मैने कपड़े चेंज किए और रज़ाई मे घुस गया मिता भी मेरे पास ही लेट गयी आज ये पहला मोका था जब हमे यू साथ रहने का मोका मिला था मिथ्लेश ने अपना सिर मेरे सीने से टिका दिया और बोली कुछ दिन रुकोगे ना मेरे साथ मैने कहा 2 दिन है फिर रिपोर्टिंग करनी है वो बोली अपना साथ हमेशा ऐसे ही क्यो होता है मैने कहा मैं क्या जानू



और सच भी था ना जाने कैसा ये मिलन था हमारा दो पल साथ रहते फिर लंबी जुदाई हो जाती थी पर फिर भी दिलो से प्यार कभी ना कम हुआ मिता का चेहरा दमक उठा था वो थोड़ा सा और मेरी तरफ सिमट आई और मेरे सीने पर अपना सर टिका लिया मैं उसकी ज़ुल्फो को सहलाने लगा खामोशी थी पर उसमे भी कुछ अनकहे ज़ज़्बात बोल रहे थे

कुछ सफ़र की थकान भी थी तो बाते करते करते ना जाने कब नींद आ गयी पता ही नही चला जब मैं सोकर उठा तो दोपहर के 11 बज रहे थे टेबल पर एक चिट रखी थी मैने देखा मिता का मेसेज था कि वो कुछ ग्रोस्सरी का समान लेने मार्केट तक गयी है जल्दी ही वापिस आ जाएगी अब कुछ काम भी नही था और मेरा बदन भी अलसाया था



तो मैं फिर से बिस्तर मे घुस गया और जल्दी ही एक झपकी आ गयी फिर होश तब आया जब मिथ्लेश ने मुझे जगाया वो बोली कितना सोते हो तुम , तुम यहाँ मेरे लिए थोड़ी आए हो तुम तो बस सोने आए हो मैने कहा जान ऐसी बात नही है वो तो मैं ऐसे ही सो गया था उसने कहा उठ जाओ मैं तुम्हारे लिए चाइ बनाती हू मैने कहा जो हुकुम सरकार



करीब आधे घंटे बाद मैं चाइ-नाश्ता कर रहा था सफेद कलर मे मिता और भी निखार गयी थी मेरी नज़र उस पर से हट ही नही रही थी वो बोली मुझे यू ना देखो शरम आती है मैने कहा लो अब अपनी दिलरुबा को देखने का हक़ भी नही है क्या तो वो बोली तुम्हारी नज़र मेरे दिल को चीर जाती है कुछ कुछ होने लगता है मुझे मैने कहा क्या होता है मुझे भी बताओ ज़रा



वो शरमाते हुए बोली क्या तुम भी फिर उसने मुझे जल्दी से नाश्ता ख़तम करने को कहा वो बोली आज मैं तुम्हे शिमला घुमाती हू पर मैने मना करते हुए कहा कि डार्लिंग मैं तो बस तुम्हारा ही दीदार करना चाहता हू वो बोली जी हुज़ूर मैं कुर्सी पर बैठा था जब वो मुड़ने लगी तो मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीचा तो वो मेरी गोद मे आ गिरी




ये पहला मोका था जब वो इस तरह से मेरे करीब थी दो पल के लिए जैसे सब कुछ ठहर सा गया हो उसने उठने की कोई कोशिश नही की मेरा एक हाथ उसके पेट पर था और दूसरा हाथ उसके कंधे पर था अक्सर होता यू था कि हम बस खामोश हो जाया करते थे और हमारी धड़कने ही बाते किया करती थी मैं अपना हाथ उसके बालों तक ले गया और



उसके बालो से रब्बर को हटा दिया उसकी जुल्फे खुल कर बिखर गयी कमर तक आते उसके बाल मुझे बड़ा ही सम्मोहित करते थे मैं अपने हाथ से उसकी गर्दन को सहलाने लगा मिता के माथे पर पसीना छलक आया वो धीमे से बोली छोड़ो मुझे जाने दो पर मैने कुछ ना कहा उसके बदन की महक मुझे रोमांचित करने लगी थी मिता उठने लगी तो मैने उसको फिर से बिठा लिया



मुहब्बत की चिंगारी मे शोले अब भड़कने लगे थे मिता का शरीर हल्का हल्का सा काँपने लगा था वो बोली मुझसे दूर हटो कही मैं बहक ना जाउ वो उठी और थोड़ा सा दूर जाकर खड़ी हो गयी मैं उठा और उसके पास जाकर उसको अपनी बाहों मे भर लिया ये कैसी घड़ी थी दिल मे आरमनान तो कई थे पर ज़ुबान खामोश थी मिता की साँसे भारी हो रही थी



वो मेरे आगोश मे थी दो दिल एक धड़कन हो रहे थे मिता और मैं अब बिल्कुल चुप-चाप एक दूसरे की बाहों मे जकड़े हुए खड़े थे समझ नही आ रहा कि उन लम्हो का वर्णन कैसे करू मैं शब्द ही नही मिल रहे है मुझे उस पल को बस मैं जीना चाहता था अनंत काल तक इतना ही कह सकता हू उस सर्द मोसम मे जैसे आग लगने ही वाली थी कि किसी ने बाहर से दरवाजा खड़खड़ा दिया

बड़ी ही नज़ाकत के साथ वो मुझसे अलग हुई और दरवाजे की तरफ बढ़ गयी पता चला कि रीना आई थी उसने मुझे हाई-हेलो किया और फिर हाल चाल पूछा ना जाने क्यो मिथ्लेश के गाल लाल हो गये थे शायद इसलिए कि ऐसा कभी मोका नही मिला था की जब हम दोनो यू साथ रह सके और वैसे भी जवान जिस्मो की आग को भड़कने मे ज़्यादा देर कहाँ लगा करती है



कुछ देर बात करने के बाद रीना ने कहा कि भाई आप दोनो यहाँ रहो जब तक आप हो मैं अपनी फ्रेंड के पास रह लूँगी बस कुछ सामान लेने आई थी आप अपना टाइम एंजाय करो और अपना सामान लेकर चली गयी अब बचे हम दीवाने दो दोपहर बीतने को ही थी मिता बोली कुछ खाओगे क्या तो मैने कहा जो मर्ज़ी खिला दो मेहमान है तुम्हारे तो वो बोली की तुम मेहमान कहाँ हो तुम तो मेरा ही एक हिस्सा हो

कसम से टच कर गयी उसकी ये वाली बात उसकी ये बात ही तो मुझे मार गयी थी उसकी सादगी ही उसकी खूबसूरती थी जिस पर मैं मर मिटा था मैने कहा मिथिलेश तो अब हमारे फ्यूचर का क्या सोचा है मैं चाहता हू कि जल्दी से जल्दी हम शादी करले अब मुश्किल है तुम्हारे बिना रहना तो मिता बोली की उसने कई जगह इंटरव्यूस दिए है और जल्दी ही उसकी जॉब भी लग जाएगी



जॉब लगते ही वो अपने घरवालो से खुल के बात कर पाएगी तो मैने कहा ठीक है पर इस साल हम शादी कर ही लेंगे वो बोली हम बाबा हम ज़रूर फेरे लेंगे और मुस्कुरा पड़ी उसकी मुस्कान मे जादू था जब भी वो मुस्कुराती थी तो मैं जैसे सब कुछ भूल जाता था जी करता था कि बस हमेशा उसे यू ही मुस्काता हुआ देखता ही रहूं खैर, कुछ देर बाद वो बोली आओ बाहर चलते है
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#46
शाम भी हो ही गयी थी तो हम दोनो तैयार होकर घर से बाहर चल पड़े मेरे लिए तो अंजाना सहर था तो उस पर ही छोड़ दिया जहाँ वो ले जाए वही सही मिथ्लेश सबसे पहले मुझे जाखू टेंपल ले गयी पहली नज़र मे ही इस सहर की खूबसूरती मेरे दिल मे उतर गयी थी कुदरत की हर रंगीनी यहाँ थी दिल को आराम सा मिलता था यहा पर प्रकृति से जुड़ने का मौका



सफेद बरफ से ढके हुए रास्ते हमने दो कप चाइ ली और चलते चलते ही एंजाय करने लगे मिता के साथ बड़ा ही ख़ुशगवार लग रहा था मोसम भी जैसे आज मिता के मिज़्ज़ाज़ के अनुसार चुहलबाजी करने को तैयार था शिमला मे जो चीज़ सबसे अच्छी लगी वो थे माल यहाँ पर बहुत सी शॉपिंग की हमने प्लान तो था कि पूरा शिमला ही नाप दूं पर समय नही था मेरे पास


मैने मिता से कहा कि अपना हनी-मून हम शिमला मे ही मनाएँगे तो वो शरमा गयी और बोली कि पहले शादी तो कर्लो मैने कहा शादी के लिए मैं तो तैयार हू चाहो तो आज ही कर्लो आओ इसी मंदिर मे कर लेते है वो कहने लगी कि ऐसे कैसे कर लूँ शादी मुझे दुल्हन बनाना है तो मेरे घर बारात लेकर आना फिर मुझे ले जाना मैं कहा कि तुम्हारी तरफ से ही देर हो रही है



वरना मैं तो कब से तैयार हू मिता ने अपनी बाहें मेरे गले मे डाली और कहने लगी की मैं भी तो तैयार ही हू ना जल्दी से वो घड़ी आ जाए जब मैं दुल्हन बन कर तुम्हारे घर आउन्गि हर रात जब मैं सोती हू तो बस यही एक सपना देखती हू की कब तुम्हारे नाम की मेहन्दी मेरे हाथो से सजेगी मैने उसको अपने से चिपकते हुए कहा कि भगवान ने चाहा तो जल्दी ही अपनी मुराद भी पूरी होगी



रात अपने रंग मे रंग चुकी थी पर दो दीवाने सहर की गलिया नाप रहे थे मैं स्ट्रीट पर एक फेमस ढाबा था मिता अक्सर वहाँ जाती रहती थी तो हमने अपना डिन्नर वही करने का प्लान बनाया सच मे कसम से क्या टेस्ट था वहाँ के फुड का और उपर से मिता का साथ आधी रात होने को आई थी पर हम दोनो भटक रहे थे अंजानी गलियो मे



हल्की हल्की बरफ की चादर सड़को पर जैसे बिछ गयी थी मोसम भी आज जैसे कुछ कहना चाह रहा था मैं उस मर्जानी का हाथ थामे चल रहा था सर्द ठंडी रात मे उसकी दहक्ति सांसो की तपिश मेरी रूह को बड़ा आराम दे रही थी आज भी नही भुला हँ मैं शायद रात का 1 बजा था वो कोई चर्च था जिसके पास वाली गली मे मैने मिता का हाथ पकड़ा था

अंधेरी गली थी दूर किनारे पर एक लॅंप पोस्ट जल रहा था मेरे हालत बेकाबू होने लगे थे मैने मिता को अपनी ओर खीचा और अपने सीने से लगा लिया उसकी साँसे राजधानी एक्सप्रेस से भी ज़्यादा तेज गति से दौड़ रही थी मेरी बाहों मे झूलते हुए उसने कुछ कहना चाहा पर मैने उसके होंठो पर उंगली रख कर उसको चुप रहने को कहा



मैने मिता की कमर मे हाथ डाला उसने अपनी गर्देन थोड़ा सा उपर को उठाई और उसी पल मैने अपने प्यासे होठ उसके अनछुए लबों पर रख दिए दूर कही एक बिज़्ज़ली काड्की मिता और भी मुझ से लिपट गयी फिर क्या हुआ कुछ याद ना रहा मेरी दुनिया जैसे रुक ही गयी थी ये मेरे जीवन मे पहला मोका था जब मैने मिता को यू छुआ था ये हमारा पहला किस था



जो चिंगारी कही दबी पड़ी थी आज वो जैसे आग ही बन गयी थी ना जाने कब तक मैं उसको चूमता ही रहा अब हाई होश किसे अब हाई चैन किसे किसी मोम की गुड़िया की तरह मिथ्लेश मेरी बाहों मे जैसे पिघल ने लगी थी मैं इस अंधेरी रात मे अपनी प्रेयसी को बाहों मे थामे अंजनी गली मे खड़ा था मेरे पास शब्द ही नही है उन लम्हो को लिखने को


बस कुछ यादे ही बची है खैर , कुछ देर बाद मैं उस से अलग हुआ हमारी साँसे अब बहुत ही तेज़ गति से चल रही थी ना जाने क्यो वो और भी प्यारी लगने लगी थी मिता मूडी और कुछ कदम आगे की ओर चल पड़ी मैं वही रुका रहा तभी मैने उसको पुकारा मिता रुकी पीछे की ओर मूडी और भागकर मेरी बाहों मे समा गयी उसकी इस अदा ने तो साला कलेजा ही निकाल लिया मेरा एक पल मे

उस टाइम ना वो अपने आपे मे थी ना मैं कुछ होश मे था मुहब्बत बरस रही थी चारो तरफ मुझसे रुका ही नही गया मैं फिरसे अपनी प्रेयसी को चूमने लगा उसके सुर्ख होंठो से जैसे आज रस बह चला था मुहब्बत जैसे खुद आज मुझे इश्क़ का जाम परोस रही हो मैं मिता की गर्दन, गालो और होंठो पर चुंबनों की बरसात करने लगा



वो बस मेरे आलिंगन मे मचलती रही जब कुछ खुमारी टूटी तो हमने अपने आप को संभाला मिता ने शरम के मारे अपनी गर्दन झुका ली अब हम दोनो शांत थे तो मैने चुप्पी तोड़ ते हुए कहा कि आओ घर चलते थे रात भी काफ़ी हो गयी थी घर वहाँ से ज्यदा दूर नही था तो हम पैदल पैदल ही चलते हुए घर पहुच गये मिता थोड़ी चुप चाप सी थी



मैने कहा क्या हुआ तो वो कुछ ना बोली मैने उसके चेहरे को उपर किया और फिर से पूछा तो उसने बताया कि पहली बार किस किया तो थोड़ा सा अजीब लग रहा है मैने कहा इसमे अजीब क्या है वो और मैं बिस्तर पर पास पास बैठे हुए थे वो बोली कुछ दिन रुक जाते तो अच्छा रहता मेरा मन भी लगा रहता मैने कहा जान क्या करू मजबूरी है जाना तो पड़ेगा



वो मेरी गोद मे सर रख कर लेट गयी मैं उसकी ज़ुल्फो को सहलाने लगा रात धीमे धीमे बीत रही थी अगली सुबह मुझे निकल जाना था तो मैं भी थोड़ा उदास हो रहा था मैं तो अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा बस मिथ्लेश की बाहों मे ही बिताना चाहता था पर चाह कर भी हम साथ टाइम गुज़ार नही पाते थे मिता बोली कश्मीर सेन्सिटिव इलाक़ा है तुम अपना ख़याल रखना



मैं कहा डार्लिंग फ़ौजी की जिंदगी तो भगवान भरोसे है और जब तेरी दुआए साथ है तो फिर मुझे क्या हो सकता है तू बस आवाज़ देना मैं दौड़ा चला आउन्गा बात करते करते मैं मिता के पेट पर अपनी उंगलिया फिराने लगा वो बोली मुझे टच ना करो प्लीज़ मुझे कुछ कुछ होता है मैने कहा होने दो तो वो बोली कि पहले शादी कर्लो फिर कितना भी टच करना मना नही करूँगी



और मुझसे दूर हो गयी आँखो मे नींद तो थी पर कुछ और बाते करना चाहता था तो उस रात बस एक दूसरे की बाहों मे बाते ही करते रहे सुबह हुई तो मैने अपना सामान पॅक कर लिया मिता बहुत ही उदास फील कर रही थी दिल तो मेरा भी नही कर रहा था पर जाना तो था ही तो दो रोटी उसके हाथ की ख़ाके मैं निकल पड़ा एक नये सफ़र की ओर



दिल भारी भारी हो रहा था पर क्या करता कुछ सफ़र बीता था कि उर्वशी का कॉल आ गया पहले तो उसने कल गालियाँ बकि फिर पूछा कि दो दिन से फोन क्यू नही किया तो उसको सिचुयेशन समझाई पर वो कहाँ समझने वाली थी तो लगी रही अपनी धुन मे वो बोली तू वापिस आजा मेरा दिल नही लग रहा है अब उसको कॉन समझाए कि अपना देहरादून से बसेरा छूट गया था



ज़िंदगी भी क्या हो गयी थी अब कुल मिला के तीन लड़किया आ गयी थी जो मेरे दिल के बहुत ही ज़्यादा करीब थी एक मिता, दूसरी निशा , और लास्ट मे उर्वशी निशा की याद आते ही दिल जैसे तड़प उठा ना जाने कहाँ खो गयी थी वो पता नही क्या हालत होंगे उसके यही सोचते सोचते ना जाने कब आँख लग गयी सफ़र भी लंबा था तो सोते सोते ही कटा


ज़िंदगी मे पहली बार भारत के स्वर्ग जाने का मोका मिला था तो एक दिन जम्मू ट्रेसिट कॅंप मे रहने के बाद आर्मी गाडियो मे थका देने वाला सफ़र करके आख़िर मैं श्रीनगर पहुच ही गया बला का खूब सूरत सहर था आरआर मे पहुचने के बाद अपने डॉक्युमेंट्स जमा करवाए दो दिन बाद मुझे ओफ्फिसीयाली ड्यूटी संभालनी थी बंदा अब लेफ्टिनेंट जो हो गया था



पहले दिन अपने सीनियर के साथ जाकर उस पोस्ट का नज़ारा देख लिया जहाँ अपने को अब ड्यूटी पे तैनात होना था श्रीनगर का लाल चौक पता चला अक्सर यहाँ कुछ ना कुछ होता ही रहता था कभी कुछ स्टूडेंट्स मार्च करते तो कभी कुछ मार्केट के दुकानदार तो कभी मिलितंट्स आकर बम ब्लासटिंग कर जाते थे ड्यूटी का पहला दिन था मेरी 6 बन्दो की टीम थी



एक घर के बाहर वाले हिस्से मे छोटी सी पोस्ट बना रखी थी यहाँ से पूरे एरिया का नज़ारा दिखता था तो अपनी 24 अवर्स की ड्यूटी इधर ही थी खाना पीना इधर ही आ जाता था एक दो दिन तो शान्ती से गुजर गये पर इधर ज़्यादा दिन शान्ती नही चलती थी उस दोपहर लंच के बाद मैने कमॅंड संभाली ही थी कि हमारी पोस्ट से कोई 200 मीटर दूर एक वन मे ब्लास्ट हो गया



चारो तरफ अफ़रा तफ़री मच गयी हमने तुरंत अपनी पोज़िशन संभाली 3-4 मिलिटेंट्स थे मेरी पूरी टीम स्ट्राइक पोज़िशन मे आ गयी काफ़ी भीड़ थी तो बहुत प्राब्लम हो गयी थी कॅप्टन सर ने क्लियर कर दिया कि सिविलियल्न्स को बचा के कही बाद मे पंगा ना हो जाए चारो तरफ धुआ, धूल थी पर फिर भी जैसे तैसे करके 1 बंदे को तो पकड़ ही लिया


ये मेरा पहला ओप्रेशन था साला ट्रैनिंग मे तो ये सब बताया ही नही जाता था मेजर साहिब सच ही कहा करते थे कि रियल टाइम मे सिचुयेशन बहुत ही अलग होगी मैं बहुत ही ज़्यादा घबरा गया था क्योंकि इस से पहले मैने तो किसी को थप्पड़ भी नही मारा था मेरी गान्ड फट के हाथ मे आ गयी थी पर ये तो आर्मी वालो की रुटीन लाइफ थी यहाँ पर



धीरे धीरे माहौल मे मैं भी अड्जस्ट होने लगा कुछ दिन और गुजर गये अब मेरी पर्मनेंट ड्यूटी इधर ही थी मुझ मे भी अब कॉन्फिडेन्स आने लगा था एक बार हालत को समझ लो तो ज़्यादा दिक्कत नही आती है वैसे भी तो दिन कट रहे थे मैं छुट्टी के लिए अप्लाइ करना चाहता था पर बात नही बन रही थी ऐसे ही 20 दिन गुजर गये थे



जिस घर के पास हमारी पोस्ट थी वो एक कॉलेज टीचर का घर था और घर मे कुल 3 लोग ही थे सलीम साहिब, उनकी वाइफ रहमत और एक बेटी ज़ोया जो कॉलेज स्टूडेंट थी काफ़ी अच्छे ज़िंदा दिल लोग थे हमारी पोस्ट की वजह से उनको अक्सर परेशानी उठानी पड़ती थी पर कभी कुछ शिकायत नही किया करते थे

दो चार दिन और ऐसे ही गुजर गये कभी कभी रहमत आंटी चाइ वग़ैरा पिला दिया करती थी ड्यूटी भी बस घिसट ही रही थी मुझे जल्दी थी छुट्टी लेने की क्यों कि चाची को बच्चा भी होने वाला ही था मैं घर जाना चाहता था अब पर बात नही बन रही थी मैं भी परेशान हो चला था सीओ साहिब से बात की तो उन्होने कहा आजकल हालत थोड़े टाइट है थोड़े दिन बाद तुम्हारी छुट्टी सॅंक्षन हो जाएगी



कभी कभी मिथ्लेश से बात करता तो मन हल्का हो जाता था उर्वशी के फोन अब कम आते थे उसके फाइनल एग्ज़ॅम्स स्टार्ट हो गये थे तो वो भी बिज़ी ही हो गयी थी घर से रोज ही फोन आता था वो बस चाहते थे कि मैं जल्दी से जल्दी घर आउ पर अपनी मजबूरी कोई ना समझे उन दिनो घाटी मे हालत वास्तव मे बहुत ही ज़्यादा मुश्किल थे हर तरफ बस डर का माहौल था रोज कही ना कही फोजी मूव्मेंट चलती ही रहती थी



लाल चॉक पे एक चाइ नाश्ते की छोटी सी दुकान थी जिसे एक औरत चलाया करती थी उसका नाम तो पता नही था पर थी बला की खूब सूरत 28-29 साल की माशाअल्लाह क्या खूबसूरती थी उसकी जैसे कि मलाई वाले दूध मे किसी ने केसर मिला दिया हो कभी कभी मैं उसकी दुकान पर चाइ पीने चला जाया करता था कश्मीरी मसाले वाली चाइ तो वैसे ही मस्त होती है और जब वो अपने हाथो से बनाती तो फिर बस कहने ही क्या



ऐसे ही एक शाम के टाइम जब अंधेरा हल्का हल्का सा घिर ने लगा था ड्यूटी ख़तम करके मैं उधर चाइ पीने चला गया आज दुकान मे रोनक नही थी मैने उनको सलाम किया और कहा कि छाई मिलेगी तो वो बोली आज दुकान बंद है तो मैने कहा जी कोई बात नही मुझे पता नही था कि आज दुकान बंद है मैं फिर कभी आउन्गा और वापिस जाने के लिए मुड़ा ही था उन्होने आवाज़ दी



उन्होने कहा दुकान तो बंद है पर अगर आप चाहे तो पीछे मेरा घर है आप वहाँ आकर मेरे साथ चाइ पी सकते है मैने कहा जी शुक्रिया पर अभी मैं चलूँगा मैं जान बुझ कर नही गया क्योंकि अक्सर वहाँ के लोग मिलिटेंट्स से मिले होते थे और उनकी मुखबिरी किया करते थे मैं वापिस पोस्ट पर आ गया और एक कुर्सी डाल के बैठ गया रात हो गयी थी


आसमान मे चाँद कही दिख नही रहा था साथी हवलदार ने रेडियो ऑन कर दिया कुछ रोमॅंटिक गाने आ रहे थे बाजार मे हलचल भी कम हो चली थी आज पोस्ट पर हम तीन बंदे ही थे बस तो रात को कोई दो बजे के आस पास की बात है मेरे हवलदार ने मुझसे कहा कि साब अब आप थोड़ी देर सो लीजिए मैं पोस्ट संभालता हू आप सुबह से ही लगे हुए है अब मैं संभालता हू



मैने उसको गन और दूरबीन दी और खुद स्लीपिंग बॅग मे घुस गया किसी तरह से सोया ही था कि तभी किसी धमाके की आवाज़ से वातावरण कांप गया सामने की दुकान मे धमाका हो गया था हम तुरंत आक्टिव हुए मैं थोड़ी नींद मे था तो बस कुछ सेकेंड देर हो गयी एक गोली मेरे साथी को आ लगी मैं बुरी तरह से घबरा गया मेरा दोस्त मेरी बाहों मे झूल गया मुझे कुछ समझ नही आया



हे! राम ये क्या हो गया अचानक वैसे तो पोस्टपर 8-9 बंडो की पूरी टीम होती थी पर आज कुछ रीज़न्स की वजह से बस हम तीन ही थे किसी के भी लिए आसान मोका था हमे टारगेट करने का मैं अब क्या करू साथी को संभालू या वाइयरलेस पे बॅकप बुलाऊ या खुद की प्रोटेक्षन करू मैं उलझ गया मेरा साथी घायल पड़ा था तो मैने कमॅंडिंग ऑफीसर होने के नाते अपना निर्णय लिया



मैने हवलदार को कहा कि अब जो होगा देखा जाएगा तू जवान को संभाल और बॅक अप बुला मैं आर पार करता हू हवाल दार बोला सर हम खुले मे फस गये है अभी जान बचाते है बाकी बाद मे देखलेंगे मैने कहा नही तू मेरा ऑर्डर ले मैने जल्दी से इलाक़े का अब्ज़र्वेशन कर डाला तो पता चला कि टोटल 12 से15 लोग थे और हम बिल्कुल शूट पॉइंट पर थे गंद तो मेरी फट ही रही थी क्योंकि आज मरने मारने का पूरा बंदोबस्त हो गया था



बॅक अप जब तक आता गंद मर जानी थी मैने भगवान का नाम लिया और कहा सच्चे बादशाह आज इज़्ज़त रखना फोजी की और क्लियर प्लान बना लिया मैने अपनी गन ली और हलवदार की भी ले ली मैने सोच लिया था कि आर पार ही होगा जो होगा तभी मुझे एक प्लान आया दो स्ट्रीट लाइट बल्ब जल रहे थे मैने तुरंत ही उनको टारगेट किया और तोड़ दिया अब इलाक़े मे घुप्प अंधेरा था मैने नाइट विषन गॉगल्स पहने और मोर्चा संभाल लिया लोगो को पता तो चल ही गया था कि स्ट्राइक हो गयी है तो सब अपने घरो मे दुबक गये थे वैसे भी उनके लिए ये रोज का काम हो गया था



एक कमीना मुझसे कोई 30 मीटर की दूरी पर था मैं दबे पाँव उसकी ओर बढ़ा नाइट विषन गॉगल्स से बहुत मदद मिल रही थी जैसे ही वो मेरी रेंज मे आया जस्ट शूट और वो ढेर गोली चलने से उनके ग्रूप मे हलचल हो गयी वो कुछ समझ पाते उस से पहले ही मैने 4 बन्दो को ढेर कर डाला अब वो लोग बुरी तरह से झल्ला गये थे और अंधाधुंध फाइरिंग करने लगे



मेरे लिए बड़ी ही मुश्किल हो गयी मैने हवलदार से वाकी टॉकी पे पूछा कि बॅक अप आने मे कितना टाइम तो वो बोला सर टीम चल पड़ी है 15 मिनट मे आ जाए गी पर 15 मिनट बहुत ज़्यादा होते है उस टाइम पता चला मेरा असलाह ख़तम होने को था और अब मैं मेरी पोस्ट और मिलिटेंट्स के बीच मे कही था जिस पानी की टंकी के पास मैने ओट ली थी वही पर अब उनकी फाइरिंग तेज हो चली थी



क्योंकि अब उनकी आँखे भी अंधेरे मे अभ्यस्त हो चली थी मेरी मुश्किले तो बढ़ ही गयी थी तो मैं तेज़ी से फाइरिंग करता हुवा भागा और थोड़ी दूर पड़ी बेंच के नीचे घुस गया पर किसी के चिल्लाने की आवाज़ आई तो मुझे पता चला कि एक ओर गया आज की रात बहुत भारी हो गयी थी

साला बॅक अप आ नही रहा था मेरी गंद मर रही थी मेरा साथी घायल पड़ा था और मैं भी किसी भी पल जा सकता था फ़िल्मो मे एक हीरो इतने गुणडो को मारता है तो सोचते थे कि ताक़त है पर आज असली ज़िंदगी मे पता चल रहा था कि गंद फट ती है तो आवाज़ नही होती है मैने सोचा काहे फोज मे फस गये यार अब मर जाएँगे तो यार दुख होगा



दिमाग़ बहुत ही भारी भारी हो गया था सबकुछ आँखो के सामने घूम रहा था मेरा घर गाँव मिता निशा हर एक बीते पल की याद आँखो के सामने किसी फिल्म की तरह से चलने लगी थी फिर मैं तो रोने ही लगा था फिर फाइरिंग की आवाज़ से मैं धरातल पर आया तो आँसुओ को पोछा और गन संभाल ली


सर बँच से बाहर निकाला तो देखा कि दो आतंकवादी बीड़ी पी रहे है तो बस डाइरेक्ट फाइयर कर दिया पलक झपकते ही दो ऑर गये काम से पर अब भी कई बचे हुए थे मैं उस छोटे से एरिया मे बचता हुवा इधर उधर भाग रहा था तभी पता चला कि मेरे हवलदार ने भी पोस्ट पे मोर्चा संभाल लिया था



तो मुझे थोड़ा सा सुकून हुआ कि चलो अब कुछ तो सहारा मिलेगा मैं गुररिल्ला टेक्निक का प्रयोग करते हुई छुप छुप के एक एक को निशाने मे ले रहा था कुछ को हवलदार ने भी संभाल लिया था पर तभी वो हुआ जो बिल्कुल नही होना चाहिए था दो बंद एक घर मे घुस गये अब हम फँस गये थे ये उसी चाइ की दुकान वाली का घर था

मैं भी उनके पीछे पीछे घर मे एंटर हो गया उन्होने उसको पकड़ लिया था और शील्ड के रूप मे यूज़ करने लगे एक ने चिल्ला कर कहा फ़ौजी हमे जाने दे वरना इसको मार देंगे पर मुझे भी अब जुनून सा छा गया था मैने दीवार की ओट से चिल्लाते हुए कहा कि मार दे मेरी कॉन से घर की है इसको मार चाहे ज़िंदा रख मुझे क्या पर मैं तेरी माँ तो चोद के ही रहूँगा



पर मैं अंदर ही अंदर थोड़ा सा घबरा रहा था क्योंकि घाटी मे वैसे भी लोकल्स आर्मी को पसंद नही करते और अगर कोई सिविलियन मर जाए तो अपनी बॅंड भी बज सकती थी इंटर्नल इंक्वाइरी मे पर फिर सोचा जो होगा देख लेंगे अभी तो खुद की ही लगी पड़ी है फिर मेरा पहला सर्जिकल मिशन था तो मैं थोड़ा सा सावधान ही था अब ये साले हरामखोर लोग उस लेडी को मार भी सकते थे



तो मैने वॉकी-टॉकी पे हवलदार से बाहर की पोज़िशन पूछी तो उसने कहा कि सर ये लोग भी पूरे मूड मे है मैं किसी तरह से संभाल रहा हू अगर जल्दी ही बॅक अप ना आया तो पक्का मरना है आज मैं दोहरी तरफ से फस गया था मेरे दो साथी बाहर थे जिनमे से एक घायल था और इस लेडी की जान भी बचानी ज़रूरी थी पर करूँ क्या समझ नही आ रहा था तो मैने उस घर की लोकेशन को अच्छी से देखा



पर पंगा य था कि घर मे एंट्री का एक ही रास्ता था और कुछ भी करना मॅग्ज़िमम रिस्क था टाइम था नही मेरे पास क्योंकि मेरी पोस्ट भी ख़तरे मे थी दिमाग़ पूरी तरह से सुन्न हो गया था इसको बचाऊ या बाहर जाउ करू तो क्या करू फिर मैने तेज आवाज़ मे कहा इस औरत को मारना है तो मार दे मुझे रियली कोई फरक नही पड़ेगा पर मैं अंदर आ रहा हू तुम्हारी गंद तोड़ने


और मैं दरवाजे को तोड़ते हुए अंदर दाखिल हो गया दाखिल होते ही मैने एक साथ दो काम किए एक तो बचने के लिए ओट ढूंढी और दूसरा कि उन दो मे से एक को शूट कर दिया पर अब भी उनका ही पलड़ा भारी था दूसरा मिलिटंट थोड़ी घबराई सी आवाज़ मे बोला कि दूर हो जा फ़ौजी वरना मैं सच्ची मे मार दूँगा इसको मैने कहा मार दे कितनी बार बोलना पड़ेगा



वो बोला मैं सच मे मार दूँगा मैने कहा इसके मरते ही तेरी गंद मैं तोड़ दूँगा भाग तो तू सकेगा नही और माँ तेरी मैं चोद दूँगा तभी मेरी उस मोहतार्मा से आँखे चार हुई वो बहुत ही बुरी तरह से घबराई हुई थी अब जिसकी जान हलक मे अटकी हो तो उसकी हालत तो टाइट होगी ही ना मैने उसको इशारे से तस्सली दी कि घबराना मत मैं हू ना



तभी वॉकी-टॉकी पे हवलदार का मेसेज आया कि सर जी जल्दी आओ मैं फस गया हू मैने कहा बस दो मिनट संभाल ले मेरे भाई आता हू मैं मैने उस लेडी को इशारा किया कि किसी तरह से एक पल को इस से दूर हो जा तो उसने बिना कुछ सोचे उस बंदे की कलाई मे अपने दाँत गढ़ा दिए जैसे ही वो दर्द से तिलमिलाया मुझे रियेक्शन टाइम मिल गया और गोली सीधे उसकी खोपड़ी मे धँस गयी और भेजा बाहर आ गिरा



पर मेरे पास एक सेकेंड का भी समय नही था मैं तुरंत ही बाहर की ओर दौड़ा और अपनी पोस्ट की ओर भाग चला पर रास्ते मे मेरी तरफ फाइरिंग हुई तो रुकना पड़ा सिचुयेशन का जयजा लिया तो पता चला कि अब भी 3 लोग बचे है पर तभी प्राब्लम हो गयी मेरी राइफ़ल की मागनिज़े ख़तम हो गयी अब मैं निहत्था था पर दुश्मन मेरी रेंज मे था तभी मैने देखा कि पास मे एक तेल का खाली ड्राम पड़ा है


मैने ड्राम उठाया और उसकी तरफ दे मारा वो कुछ संभलता उस से पहले मैने ही उसको संभाल दिया और लात घूँसे से उसको धर लिया और मारने लगा बुरी तरह से उसको मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था तो अच्छे से गंद तोड़ी उसकी तब तक हवलदार ने बाकी को ठिकाने लगा डाला था तो अब कुल मिला के सिचुयेशन अंडर कंट्रोल हो गयी थी घड़ी मे देखा तो 4 बजने को थे मतलब कि दो घंटे हम फँसे पड़े थे और बहन्चोद बॅकप नही आया था मैने यूनिट मे कॉंटॅक्ट किया



मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मैने कहा मादरचोद बॅकप क्यो नही मिला तो ऑपरेटर ने बता या कि सर वी आर रियली सॉरी पर आज श्रीनगर मे सीरियल से हमला हुवा है जब आपके पास बॅकप फोर्स जा रही थी तो रास्ते मे उनपर ही हमला हो गया और वो लोग वहाँ पर फस गये मैने कहा मेरा एक जवान को गोली लगी है कुछ भी करके आंब्युलेन्स भेजो तो वो बोला की सर आप चिंता ना करे



दस मिनट मे आंब्युलेन्स आपके पास होगा मैं अपने जवान के पास गया और उसका हाल चाल पूछा उसने बताया कि सिर्फ़ पाँव मे गोली लग गयी है जाँघ मे गोली लगी थी ब्लड भी बह गया था शूकर है कि फर्स्ट एड किट पड़ी थी तो थोड़ा सा कंट्रोल था पर उसकी हालत बिकुल भी ठीक नही थी थोड़ी देर मे आंब्युलेन्स आ गयी थी तो उसको जल्दी से हॉस्पिटल के लिए रवाना किया


पर अभी भी काम ख़तम नही हुआ था सभी मिलिटेंट्स की डेड बॉडीस को इकट्ठा किया और काउंटिंग की तो पूरी 21 निकली उनको 1 जगह जमा किया थोड़ी देर मे यूनिट से मेजर, कर्नल, ब्रिगडियर सभी ऑफिसर्स आ गये थे पूरा इलाक़ा जैसे छावनी मे बदल गया था सभी ने मुझे वेल्डन कहा और ऑपरेशन को अच्छे से एक्सेक्यूट करने के लिए बधाई दी



पर मैं बिल्कुल भी खुश नही था मैने सीओ साहिब से कहा कि सर मुझे राइट टाइम पर बॅकप नही मिला ये तो बस किस्मेत अच्छी थी तो उन्होने कहा कि ऑफीसर यहाँ रियल टाइम सिचुयेशन्स होती है हमने टीम भेजी थी पर वो रास्ते मे फस गयी इसलिए प्राब्लम हुआ पर हमेशा ऐसा नही होगा फिर कुछ फॉरमॅलिटीस हुई और मैं सीधा यूनिट बेस कॅंप मे चला गया



सबसे पहले घर पे फोन किया आज तो बाल बाल बचा था पापा को पूरी बात बताई वो भी घबरा गये थे उन्होने कहा कोई सीरीयस चोट तो नही लगी मैने कहा नही पापा बस कुछ खरोचे आई है और थोड़ी थोड़ी सभी से बात की तो दिल को बड़ा अच्छा लगा फिर कुछ नही किया नहा धोके बस सो गया जब मैं शाम को उठा तो पता चला कि सीओ साहिब ने बुलवाया है तो मैं फटा फट पहुच गया



जाते ही एक जोरदार सल्यूट मारा तो उन्होने भी जवाब दिया फिर उन्होने कहा कि ऑफीसर तुम्हारे कल के टास्क के बाद मिलिटरी बोर्ड के सदस्यो ने ये डिसाइड किया है कि अभी घाटी मे अपनी यूनिट के जो भी ऑपरेशन इम्प्लान्ट होने उनमे तुम भी शामिल रहोगे तुम्हारी स्ट्राइक स्टाइल काफ़ी अच्छी है पर तुम अभी नये नये आए हो अगर तुम चाहो तो मना भी कर सकते हो मैं फोर्स नही करूँगा



मैने कहा सर वैसे तो मुझे ड्यूटी से मतलब है आप जहाँ चाहे वहाँ लगा दो पर वो क्या है ना कि मैं नया हू इधर की जियोग्रफी की बारे मे इतना नही पता है और फिर कल की स्ट्राइक से थोड़ा सा डिस्टर्ब भी हू तो आप कुछ दिन मुझे मेरी पोस्ट पर ही रहने दे फिर आप जहाँ चाहो वहाँ भेज देना तो वो बोले ठीक है और हाँ एक बात और दस दिन मे तुम्हारी 1 महीने की छुट्टी सॅंक्षन हो जाएगी



अब मेरे दिल को मज़ा आया मैने कहा तो मैं चलूं सर वो बोले बाहर गाड़ी खड़ी है वो तुम्हे लाल चॉक तक छोड़ आएगी और आगे से थोड़ा ख़याल रखना मेरे लिए मेरा हर जवान मेरे बेटे से भी बढ़कर है मैं किसी भी कीमत पर कॅषुयल्टीस नही चाहता हू मैने कहा डॉन’ट वरी सर और वहाँ से निकल गया और चल पड़ा अपनी पोस्ट के लिए



वहाँ जाकर देखा कि पोस्ट पर कुछ और बंदे बढ़ा दिए गये थे जिनको मुझे ही कमॅंड करना था क्योंकि हमारे कॅप्टन साहिब ने बाजार की दूसरी साइड मे भी एक पोस्ट और बना दी थी जिसपर वो खुद थे वो पूरी रात मैं बस सोया वहाँ पर अगले दिन दोपहर की बात है मैने साथी को कहा की मैं एक राउंड लगा के आता हू तब तक तुम इंचार्ज हो



और उसी चाय की दुकान पे पहुच गया मुझे वहाँ की चाइ वास्तव मे बहुत ही मस्त लगती थी दोपहर का टाइम था तो कुछ खास लोग नही थे मैं काउंटर पे गया और उन्ही मोहतार्मा से कहा कि आज तो चाइ मिलेगी तो वो मुझे देखते ही खुशी से बोली हुजूर आपकी ही दुकान है और झट से मेरे लिए मसाला चाइ और ब्रेड ले आई मैं चाइ की चुस्किया लेने लगा
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#47
मैनी गौर किया वो बार बार नज़रें बचा कर मुझे ही ताक रही थी मैने भी एक दो बार उसको देखा तो उसने झट से नज़र बदल ली कसम से चाइ का मज़ा और भी बढ़ गया था बार बार उसकी नज़र मुझसे चार होने लगी थी तो मैने एक चाइ और मंगवाली ताकि कुछ देर और उस ख़ातून का दीदार कर सकूँ



जब जब उसकी नज़रे मुझ से मिलती मोहतार्मा के चेहरे पर नूर आ जाता क्या ये नज़रो की जुगलबंदी कोई नयी कहानी लिखने वाली थी कुछ देर बाद मैने घड़ी पर नज़र डाली और फिर चाइ ख़तम करके पैसे देने काउंटर पर चला गया मैं पैसे देने लगा तो उसने बड़ी ही शराफ़त से कहा कि जी आपने हमारी जान बचाई है हम आपके कर्ज़दार है



आप से पैसे लेंगे तो दोज़ख़् मे भी जगह नसीब ना होगी तो मैने कहा और आप अगर पैसे ना लेंगी तो मुझे बुरा लगेगा आप की जगह कोई और भी होता तो उसको भी बचाता क्योंकि वो मेरा फ़र्ज़ था तो वो हल्का सा मुस्कुरा पड़ी दुकान थी तो ज़्यादा बात भी नही कर सकता था पर उसने पैसे नही लिए जब मैं जाने लगा तो उसने हौले से पूछा कि फिर कब आएँगे



मैने बस इतना कहा कि जब आप बुलाएँगी तभी हाज़िर हो जाउन्गा और वहाँ से निकल पड़ा जब मैं वापिस आ रहा था तो रास्ते मे ना जाने क्यो दिल गुनगुनाने लगा काफ़ी टाइम बाद मुझे काफ़ी खुशगुवार लग रहा था दिल कहने लगा कि एक चूत का और जुगाड़ हो गया है पर इधर ड्यूटी भी थी जब मैं पोस्ट पर पहुचा तो साथी ने पूछ ही लिया कि सर आज बड़ा खुश लग रहे है



तो मैने बात बदलते हुए कहा कि कुछ नही यार आज मोसम बड़ा अच्छा है तो वो बोला सर मोसम तो हमेशा ही अच्छा रहता है इधर कोई और बात है पर मैने जैसे तैसे बात टाल ही दी पर दिल तो झूम ही रहा था फिर दो चार दिन ऐसे ही गुज़र गये मैं पोस्ट पर ही पड़ा रहता था


एक शाम थोड़ा अंधेरा सा हो गया था मैने सोचा कि आज मोहतार्मा के दीदार कर आता हू ड्यूटी तो पहले से ही ऑफ हो गयी थी तो मैने कपड़े चेंज किए और उनकी दुकान पर पहुच गया बस एक दो ग्राहक ही थे क्योंकि वो अक्सर दुकान शाम को जल्दी ही बंद कर दिया करती थी



अपने को तो बस उनके दीदार से मतलब था तो पहुच गये वो मुझे देखते ही बोली वैसे तो अब दुकान बंद ही हो गयी है पर अगर चाहे तो मेरे साथ चाइ पी सकते है मेरे घर पर और नाश्ता भी मिलेगा मैने कहा मोहतार्मा ये कश्मीर है और यहाँ कोई किसी फोजी को घर पर यूँ नही बुलाता है तो वो बोली बेशक आप फोजी है पर मेरे लिए आप अल्लाह के बंदे है



अगर आप आएँगे तो हमे सुकून मिलेगा तो मैने कहा ठीक है जी तो मैं उसके साथ उसके घर पहुच गया वो बड़े ही सादगी से बोली आप बैठिए मैं अभी आती हू और कोई दस मिनट बाद चाइ और बिस्कट ले आई हम दोनो अब चाइ की चुस्किया ले रहे थे पर बातचीत नही हो रही थी तभी उसने पूछा कि जी आप उस्दिन ये क्यो बोले के मार दे इसको मुझे क्या


मैने कहा अरे आप उस बात को सीरीयस ना ले वो तो थोड़ी कंडीशन ऐसी थी तो उसको उलझाने के लिए बोल दिया वो बोली कि अगर उसने हमे सच मुच मे मार दिया होता तो मैने कहा जी फिर मैं वहाँ किस लिए था किसकी मज़ाल जो मेरे होते हुए आप को छू भी जाए तो वो हँस पड़ी और बोली आप पहले फोजी है जो अच्छे लगे बाकी तो बस अवाम पर ज़ुल्म ही करते है

मैने कहा जी ऐसा कुछ भी नही है हम जो भी कर रहे है आप लोगो की दह्शत्गर्दो से हिफ़ाज़त के लिए ही कर रहे है फिर वो बोली कि चलिए इन बातों को छोड़िए चाइ ठंडी हो रही है आप उसका लुफ्त ले घर मे कोई दिख नही रहा था तो मैने कहा कि आप अकेली रहती है क्या



तो उसने बताया कि नही उसके शौहर भी है पर वो कुछ दिनो के लिए बाहर गये हुए है तो उनकी गैर-मोजूद्गी मे वो ही दुकान का काम संभाल रही है वरना तो बाकी टाइम वो सिलाई और नक्काशी का काम ही किया करती है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है उसमे एक कशिश सी थी और खूबसूरत तो वो बला की थी और उसकी सादगी ने उसके नूर को और भी रोशन कर दिया था



जब वो चाइ के बर्तन उठा रही थी तो वो थोड़ा सा झुकी तो मेरी नज़र उसकी चूचियो पर पड़ी पर बस एक झलक ही थी पर अंदाज़ा हो गया कि माल तो ठोस है पर अभी थोड़ी देर थी तो बस नज़ारा ही ले लिया फिर मैने कहा कि जी अब इजाज़त दीजिए वापिस ड्यूटी पर जाना है तो वो बोली कि आपका जब भी दिल करे इसी वक़्त आप चाइ पीने सीधे घर पर ही आ जाया करे




मैने कहा जी ठीक है और उसको सलाम कहकर वापिस पोस्ट पर आ गया पोस्ट पर आया तो मेसेज था कि सीओ साहिब ने अर्जेंट बुलवाया है तो मैं फिर बेस कॅंप चला गया वहाँ जाकर पता चला कि मीडीया मे एक प्रेस कान्फरेन्स होनी है आतंकवादी हमले के उपर तो मैने कहा सर मुझे इन लफडो मे नही पड़ना है आप ही हॅंडल करो तो वो बोले माइ सन ये तुम्हारा टास्क था



जो भी किया तुमने किया है तुम बहादुरी से लड़े ऑल क्रेडिट ईज़ युवर्ज़ तो अब इधर भी तुम ही लीड करो उन्होने कहा फटा फट से ड्रेस पहनो और ऑडिटोरियम मे आ जाओ जब मैं वहाँ गया तो वहाँ सभी बड़े ऑफिसर्स थे सभी की चेस्ट पर इतने मेडल्स कि चेस्ट कम पड़ गयी पर मेडल्स बहुत थे तो फिर प्रेस की क्वेस्चन्स शुरू हुए कुछ आसान थे


पर जल्दी ही वो ह्यूमन राइट्स की पीपनी बजाने लगे तो मुझे गुस्सा आ गया मैं वहाँ से जाना चाहता था पर सीओ साहिब ने इशारे से मुझे बैठे रहने को कहा कोई 1 घंटे तक बस सवाल जवाब होते रहे मुझे प्रेस का रवैया बिल्कुल भी अच्छा नही लगा इस फालतू के काम के बाद मैं डिन्नर के लिए ऑफिसर्स मेस चला गया आज कुछ मुर्गा शुरगा लेने का मन हो रहा था



डिन्नर कर ही रहा था कि हमारी यूनिट के एक सीनियर ऑफीसर आ गये उन्होने बताया कि जल्दी ही मेरा नाम सेना मेडल के लिए भेजा जाएगा मैने कहा सर मुझे तो इस बारे मे कुछ पता नही है पर अंदर ही अंदर मैं खुश हो गया था फिर मैने कहा सर मुझे घर जाना है तो छुट्टी का कुछ करवा दो तो उन्होने कहा कि यार सीओ साहिब ने सबकी छुट्टिया रोक के रखी है



मैने कहा सर सीएल ही दिलवा दो तो वो बोले यार मैं तेरी रेकमेंडेशन तो कर दूँगा बाकी तो अब साहिब ही जाने हम पर तू एक –दो दिन का आउट पास लेना चाहे तो मैं अभी साइन कर दूँगा मैने कहा नही सर इधर कहाँ घमना फिरना पर थॅंक्स ऐसी कोई बात होगी तो मैं ज़रूर बताउन्गा फिर मैं पोस्ट पर नही गया दो चार पेग लगाए और बटालियन मे ही सो गया



अगले दिन जब मैं उठा तो सर भारी भारी सा हो रहा था रात का नशा अभी भी हिट कर रहा था शूकर है कि फील्ड एरिया मे पीटी-परेड नही होती वरना अपनी तो लग जाती रेडी होके पोस्ट पर गये तो पता चला कि सब राज़ी खुशी है फिर मैने अख़बार लिया तो पता चला कि कल की प्रेस-कॉन्फ्रेंसे के बारे मे छपा है और हमेशा की तरह आर्मी को ही विलेन बनाया गया है


तो दिल खट्टा हो गया मेरा साथी बोला सर जी इधर ऐसा ही होता है आप क्यो उदास होते हो आप की नयी पोस्टिंग है कुछ दिन गुज़ार लोगे तो सारा सिस्टम समझ आ जाएगा मैने कहा यार ये बात नही है बात ये है कि मुझे घर जाना है अरसा हो गया छुट्टी नही मिली है वो बोला साहिब इधर ऐसा ही है पीस मे पोस्टिंग होती तो आसानी होती अब बरफ पिघलेगी तो ही बात बनेगी



वो बेचारा भी मेरी हालत समझता था क्योंकि वो भी एक फोजी ही था आज सबकुछ तो था मेरे पास पर बस छुट्टी ही नही थी तो भाई दिल को समझाया और ड्यूटी बजाने लगे आज का साला दिन भी कुछ ज़्यादा लंबा हो गया था ये तो शूकर था कि फोज मे दो-दो घंटी मे ड्यूटी चेंज होती है बार बार मेरी निगाह दूर कोने मे चाइ की दुकान पर जा रही थी तो



हमारा हवलदार चुटकी लेते हुए बोला साहिब चाइ तो थरमास मे भी रखी है पर आपको वो कहाँ पीनी है और हँसने लगा मैने कहा यारा बस ऐसे ही थोड़ा सा टाइम पास है और कुछ नही तो वो बोला साहिब सही है आप तो यूनिट के हीरो हो और अफ़सर भी हो आप की तो मोज है मैने कहा तू दिन रात मेरे साथ रहता है कहाँ है मौज उस रात को मर जाते तो मौज निकल जाती तो वो थोड़ा सा सीरीयस हो गया



जैसे तैसे शाम हुई तो मैने कपड़े चेंज किए और पॅंट की जेब मे हाथ डाले घूमते घामते पहुच गये मोहतार्मा के घर उसने अपनी मुस्कुराहट के साथ मेरा स्वागत किया और मुझे घर के अंदर बुला लिया वो बोली आप दो पल इंतज़ार की जिए मैं अभी चाइ बना कर लाती हू तो मैने कहा आप बेकार तकल्लूफ़्फ ना करे मैं तो बस आपसे मिलने आया हू



तो वो पास वाली कुर्सी पर बैठ गयी और बोली कि जी कहिए हुजूर आपकी खिदमत मे क्या कर सकते है मैने कहा जी आप ने अभी तक आपका नाम नही बताया तो उसने कहा जी मेरा नाम महक है मैने कहा बड़ा ही अच्छा नाम है उसने शुक्रिया कहा मैं उसको साँचे मे ढालना चाहता था पर बिना किसी जल्दी के क्योंकि अगर वो बुरा मान जाती तो पंगा हो जाता



और फिर नोकारी पे भी बन सकती थी पर ये साला चूत का नशा भी अजीब होता है इंसान से कुछ भी करवा सकता है और हम तो फिर भी थर्कि इंसान थे बातों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए मैने कहा कि आपके शौहर कब तक आएँगे उस से भी मिल लेते तो वो बोली कि जी जब पर्ली पार की बरफ पिघलेगी आवाजाही होगी तभी आ पाएँगे मतलब कि अभी देर थी उसके आने मे



तो बात बन सकती थी रात गहराने लगी थी बातों का सिलसिला जारी था उसकी आँखो मे मुझे कुछ दिख रहा था मैने आख़िर दाँव खेलने का सोचा और कहा कि आपका अकेले का टाइमपास कैसे होता है वो बोली जी पूरा दिन तो दुकान मे निकल जाता है शाम को घर का काम हो जाता है फिर खाना पीना करके सो जाते है मैने कहा मिया जी की याद तो आती होगी



वो कहने लगी सरकार याद से क्या होता है ज़िंदगी कहाँ आसान है हमारी काम भी करना पड़ता है तब कुछ जुगाड़ कर पाते है मैने कहा मैं कुछ मदद कर सकता हू क्या तो वो बोली नही हुजूर आपका पहले से ही बड़ा अहसान है ये साँसे आपकी ही देन है आपका तो अहसान हम कभी नही उतार पाएँगे

मैने कहा ऐसा कहकर आप बस मुझे शर्मिंदा कर रही है अगर आप ऐसा फिर कहेंगी तो मैं चला जाउन्गा तो वो बोली जी मेरी इल्तिजा आपको नागवार गुज़री उसके लिए माफी चाहूँगी बातों को आगे बढ़ाते हुए मैने कहा कि क्या आप मेरा एक काम करेंगी तो वो बोली जी कहिए



मैने कहा मुझे यहाँ आए हुए थोड़ा ही अरसा हुवा है सहर के बारे मे ज़्यादा मालूमात नही है क्या आप मुझे सहर घुमा लाएँगी आप लोकल हो तो मुझे सहर को समझने मे थोड़ी मदद हो जाएगी तो वो बोली जी ये वादी है आपकी दिल्ली या मुंबई नही यहाँ अगर औरत अजनबी के साथ घूमेगी तो कयामत हो जाएगी मैने कहा पर आप मैं तो अजनबी नही है



तो वो बोली ये बात आप और मैं समझते है पर अवाम नही समझती है यहाँ के क़ानून अलग है अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया तो तलवारे निकलते देर नही लगती है हाँ पर मैं आपकी मदद ज़रूर कर दूँगी मेरी पहचान मे कोई है मैं उनसे बात करूँगी वो पक्का आपकी मदद कर देंगे अब कॉन समझाए उसको कि हमे तो बस एक बहाना चाहिए था उनके दीदार करने का



काफ़ी टाइम हो गया था तो फिर मैने उनसे इजाज़त ली और वापिस आ गया इधर आए हुए महीना होने को था पर फिर भी यहाँ के हालत को मैं बेहतर तरीके से समझ नही पाया था क्योंकि आज तक जहाँ मैं रहा था वो जगह यहाँ से तो बहुत ही अलग थी यहाँ हर कोई खुल कर नही जीता था हर तरफ एक डर सा था लोग हम से ज़्यादा आतंकवादियो का सपोर्ट करते थे



अब कॉन समझाए उनको कि फोज वहाँ बस उनकी हिफ़ाज़त के लिए ही तो थी पर मैं कर भी क्या सकता था हमे तो बस ड्यूटी बजानी थी और गंद घिसनी थी तो दिमाग़ पे कुछ ज़्यादा ज़ोर नही डाला रात को अचानक से ऋतु मॅम का फोन आ गया तो वो बड़ी ही नाराज़ थी क्योंकि मैने कई दिनो से उनको फोन नही किया था पहले तो उन्होने जमकर क्लास ली फिर पोस्टिंग का पूछा



मैने उनको सब कुछ तस्सल्ली से बताया और ये वादा भी किया कि मैं जब घर जाउन्गा तो उनसे मिलकर ही जाउन्गा तो वो बोली कि मैं कुछ दिनो के लिए ऋषिकेश घूमने जाउन्गी तो तुम बता देना फिर प्लान कर लेंगे मैने कहा जी ओके फिर कुछ और बातों के बाद उन्होने फोन रख दिया उनका फोन रखा ही था कि मेरा फिर से फोन बज उठा ये घर से था



चाचा का फोन था उन्होने बताया कि तेरी चाची को लड़का हुवा है तो तू अब जल्दी से छुट्टी लेकर घर आजा मेरे लिए ये बड़ी ही खुशी की बात थी मैने उन्हे बधाई दी और कहा कि मैं जल्दी ही आने की कोशिश करता हू सच्ची मे दिल खुश हो गया था मैने अपने साथियो को ये बात बताई पर मिठाई का अगले दिन कहा क्योंकि रात को दुकाने बंद थी



कभी कभी जब घर की याद आ जाती तो दिल उदास हो जाया करता था मैं दिलो जान से चाहता था कि जल्दी से जल्दी अब घर पहुचु पर कुछ बात बन नही रही थी मिलिटरी को घाटी मे बहुत प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ रही थी महॉल ठीक नही था पिछले कुछ दिनो मे बादशाम इलाक़े मे अलगाववादियो और सेना मे पंगा चल रहा था और एक दिन ऐसे ही हमारे इल्लाके मे भी कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स और सेना मे झड़प हो गयी



तो करफ़ू लगाना पड़ा हालत ऐसे थे कि अब छुट्टियों की बात करता तो चूतिया लगता चारो तरफ कब्रिस्तान सा सूना पन था ये वही कश्मीर था जिसे धरती पर स्वर्ग कहा जाता था मैं अपनी टीम के साथ कभी पोस्ट पर रहता तो कभी फ्लॅग मार्च मे घंटा रहता था कोई करफ़ू तोड़ने की कोशिश करता तो उसको धर लेते बाजार बंद होने से महक की तरफ भी नही जा पा रहा था



अबकी बार करफ़ू भी लंबा खिंच गया था और उपर से टाइट ऑर्डर्स के कारण कुछ घंटो की ढील भी नही दे रहे थे तो एक शाम की बात है मैं पेट्रॉल्लिंग से वापिस आ रहा था कि मैने देखा कि कुछ सोल्जर्स ने एक औरत को पकड़ा हुआ है मैं उधर गया तो पता चला कि वो महक थी मुझे देखते ही वो अपनी बाँह छुड़ा कर मेरी ओर भाग गयी



मैने पूछा कि इन्हे क्यो पकड़ा है तो पता चला कि महक ने करफ़ू तोड़ा है है मैने कहा कोई बात नही मैं इन्हे पर्सनली जानता हू आप लोग इन्हे मुझे हॅंडोवर करे और जाए मैं देख लूँगा तो वो लोग चले गये फिर मैं महक की तरफ मुखातिब हुआ और कहा आप क़ानून क्यो तोड़ रही थी तो वो गुस्से से बोली कि मेरे घर मे राशन ख़तम हो गया है मुझे खाना खाना था




अब आपने सख्ती की हुई है तो हमारा मरना हो गया है मैने कहा उपर से ऑर्डर है मैं क्या करू पर उसकी आँखो मे मुझे आक्रोश दिखा मैं उसकी परेशानी समझता था पर कुछ कर भी नही सकता था मैं उसको उसके घर ले गया और कहा कि आप यही रुकना बिल्कुल भी बाहर नही निकलना मैं आपके लिए कुछ लेकर आता हू मैने अपने साथी को फोन किया और सबसे पास की आर्मी कॅंटीन का अड्रेस लिया



तो पता चला कि सबसे पास तो बस हमारी यूनिट ही है तो मैं बटालियन मे चला गया कॅंटीन से जितनी मेरे कार्ड की लिमिट थी उस सब का ग्रोस्सरी का सामान ले लिया और महक के घर की ओर चल पड़ा रास्ते मे मैं सोच रहा था कि आज अगर महक की चूत मारने का चान्स बन जाए तो मज़ा ही आ जाए तो मैं अपने विचारो मे मगन उसके घर पहुच गया और उसको बॅग दिया



मैने कहा इसमे ज़रूरत का कुछ समान है करफ़ू हटने तक तुम्हारा काम इस से चल जाएगा तो प्लीज़ अभी तुम रूल मत तोड़ना वो बोली मदद का शुक्रिया मैने कहा एक दोस्त दोस्त के काम नही आएगा तो कॉन आएगा वो बोली जी घाटी मे औरत मर्द दोस्त नही हो सकते है मैने थोड़ी हिम्मत करते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और कहा कि आप मेरी कसम खाकर कहो कि आप मुझे दोस्त नही मानती है

तो उसने अपनी नज़रो को झुका लिया मैं समझ गया कि इसके दिल मे भी कुछ है तो मैने कहा कि मैं तो फोजी हू आज यहाँ कल यहाँ बस यादो मे ही जीता हू आपकी भी कुछ यादे ही रहेंगी पास तो वो बोली अब आप तो हमे रुसवा करने लगे मैने कहा रुसवा तो आप हमारी दोस्ती को कर रही है वो बोली जी अगर किसी को पता चल गया कि हमने गैर मर्द से दोस्ती की है तो


हमारे लिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी मैने कहा गैरो को कॉन बताएगा ना आप बताएँगी ना मैं तो महक कहने लगी कि बाते बहुत ही अच्छी करते है आप मैने कहा और आप बेहद ही खूबसूरत है तो वो थोड़ा सा शर्मा गयी और कहा आप तो बस यू ही तारीफ़ कर रहे है मैने कहा लो जी अब हम सच बोले तो वो झूट मानते है



वो बोली अब आप जो कहना चाहे कह सकते है आप और थोड़ा सा हँस पड़ी उसका हाथ तो मैने पहले से ही पकड़ा हुवा था तो मैने उसको खीचा मेरी ओर तो वो आगे को आ गयी और मेरे सीने से आ लगी वो तुरंत ही पीछे हटना चाहती थी पर मैने अपनी भुजाओ की पकड़ मजबूत करदी और उसको अपने सीने से लगा लिया



वो मेरी बाहों मे कसमसाने लगी तो मैने उसको जाने दिया उसके गोरे गाल एक मिनट मे ही सुर्ख हो गये थे वो बोली ये ये आपने क्या किया मैने कहा अपने दोस्त को गले लगाया वो शायद कुछ और भी कहना चाहती थी पर हया के कारण कुछ कह ना पाई मेरे लिए ये एक दम पर्फेक्ट टाइम था क्योंकि अभी मुझे पता चलना था आगे के रास्ते का



महक बोली आगे से ऐसा ना करना अगर कोई देख लेगा तो हमारी क्या आबरू रह जाएगी मैने कहा इसमे ग़लत क्या है अब अपने दोस्त को गले लगाना भी गुनाह-ए-अज़ीम हो गया है आपकी नज़रो मे वो बोली अब मैं आपको कैसे समझाऊ मैं उसके और पास गया अब हम दोनो बिल्कुल आमने सामने खड़े थे मैने एक उंगली उसके मुलायम होटो पर रखी



और उस से कहा कि श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कुछ भी कहने की ज़रूरत नही है तुम्हे बस दो पल खामोश रहो वो कुछ संभलती उस से पहले ही मैने उसकी पतली कमर मे अपना हाथ डाला और उसको अपनी गिरफ़्त मे ले लिया महक का बदन घबराहट से काँपने लगा जैसे ही वो मेरे आगोश मे आई उसकी चूचिया मेरे सीने से सट गयी



मेरे शरीर मे भी करंट दौड़ गया अब जो हो वो देखा जाए ये सोचते हुए मैने तुरंत ही अपने प्यासे होंठो को उसके शबनमी लबों पर रख दिया और उनको खाने लगा मैं दूसरा हाथ उसके कुल्हो पर ले गया और उनको मसल्ने लगा महक अलग होना चाह रही थी पर मेरी पकड़ मजबूत थी तो 3-4 मिनट तक मैं बस किस ही करता रहा



ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे मूह मे रूह आफ्ज़ा मिली मलाई घोल दी हो जब मैं हटा तो देखा कि महक का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया था वो पास रखी हुई कुर्सी पर बैठ गयी और नज़रो को झुका लिया मैं भी उसके पास ही बैठ गया और उसके हाथ को सहलाते हुए उस से पूछा कि क्या हुआ अच्छा नही लगा क्या पर वो खामोश बैठी रही



कुछ देर मैने उसके जवाब का इंतज़ार किया पर वो वैसे ही बैठी रही तो मैने कहा कुछ तो बोलो महक तो उसने मेरी ओर देखा और कहा मैं क्या बोलू आपने हमे छू लिया अगर किसी को पता चल गया तो हम तो मर ही जाएँगे मैने कहा और किसी को बताएगा कॉन अब टाइम था खुल के अपनी बात कहने का तो मैने गला खंखारा और कहा


महक देखो अब मैं तुमसे अपने दिल की बात कहने जा रहा हू आप बेहद ही खूबसूरत है जब पहली बार आपके दीदार हुए तो ही मेरा दिल मचल उठा था मैं झूट नही बोलूँगा और अब सीधी बात ही करूँगा महक आप मुझे बहुत ही अच्छी लगी मैं आपका दोस्त बन ना चाहता हू बल्कि सच कहूँ तो दोस्त से कुछ ज़्यादा



वो बोली जी मैं कुछ समझी नही तो मैने कहा कि देखो बात ये है कि मैं अकेला हू आप भी अकेली हो कुछ अरसे के लिए तो क्यो ना हम दोनो कुछ टाइम एक दूसरे के साथ गुज़ारे ये मेरा ओपन इन्विटेशन था उसके लिए मैने कहा महक आपके लिए ये चीज़ आसान नही होगी मैं जानता हू पर मेरी यही आरज़ू है


अगर इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे कुछ सुकून के पल आपके साथ गुज़ारने को मिले तो मेरे लिए इस से बेहतर कुछ नही होगा पर आप पे कोई ज़ोर नही है आप चाहे तो मना भी कर सकती है और वैसे भी दोस्त के रूप मे तो आपका साथ है ही मैने अपने मन की उसको बता दी थी अब बस इंतज़ार था उसके जवाब का


महक असमंजस मे पड़ गयी थी कि क्या कहे मैने कहा आपको अभी जवाब देने की ज़रूरत नही है आप आराम से सोच लीजिए अगर हाँ है तो ठीक और ना है तो भी ठीक मैं उस से बात कर ही रहा था कि तभी मेरी वॉकी-टॉकी पे मेसेज आया तो मैने कहा अभी मुझे जाना पड़ेगा आप मेरा मोबाइल नंबर ले लो और अगर आपकी हाँ हो तो फोन कर देना



ये कहकर मैं उसके घर से आ गया पर दिल मे दुधक लगी थी कि अगर मना कर देगी तो क्या होगा बॅंकर मे आया हाथ मूह धोया और थोड़ी देर लेट गया कुछ थकान भी थी तो आँख लग गयी जब मैं सोकर उठा तो शाम हो गयी थी 7 बज रहे थे फोन देखा तो कुछ नही था



दिल को थोड़ी सी निराशा हुई पर हम क्या करे मैने सोचा कई दिन हो गये है उर्वशी से ही बात कर लूँ तो फोन मिला दिया पहली रिंग मे ही फोन पिक हो गया हाई हेलो के बाद पता चला कि वो अपने गाँव मे आई हुई है और थोड़े दिन वही पे रहेगी मैने कहा ये तो अच्छी बात है उसने कहा फोजी मिलने कब आएगा मैने कहा छुट्टी मिलते ही



उसने बताया कि उसके कॉलेज मे प्लेसमेंट मेला लगेगा तो उसको क्या पता किसी अच्छी कंपनी मे जॉब मिल जाए मैने कहा टेन्षन ना ले तुझे तो अच्छी कंपनी ही मिलेगी वो बोली फोजी जे तू ब्याह कर लेता तो मैं इन झमेलो से बच जाती तेरी रोटी बना देती और ऐश से रहती मैने कहा यार तू तो अब भी मेरी ही है तो वो हँस पड़ी

उसकी हसी से मेरा दिल झूम उठा ज़िंदगी मे ले दे कर ये ही तो कुछ दोस्त बने थे बल्कि दोस्त कम ये भी मेरा परिवार ही थे मैने कहा यार इधर छुट्टी की मारा मारी चल रही है बोला तो है देखो कब तक कुछ होता है फिर आउन्गा तुमसे मिलने को वो बोली पापा से फोन कर्वाऊ क्या तेरी छुट्टी के लिए तो मैने कहा नही यार क्या पता अगले वीक तक वैसे ही हो जाए



वो बोली जो भी हो देख लेना अगर नेक्स्ट वीक तक कुछ ना हो तो मैं पापा से बोलकर अड्जस्ट करवा दूँगी फिर दो चार बात और मैने फोन रख दिया दिमाग़ और भी ज़्यादा खराब हो गया था पर तकदीर पर किसिका बस थोड़ी ना चलता है तो दो दिन और गुजर गये पर महक की तरफ से कुछ भी कैसा भी रेस्पॉन्स नही आया था उस्दिन सुबह सुबह



मुझे यूनिट मे तलब किया गया और बताया गया कि पास के एक गाँव मे कुछ मिलिटेंट्स ने एक कॉलेज मे बच्चो को पकड़ लिया है तो वहाँ पर टीम भेजी जा रही है और तुम भी टीम का हिस्सा हो ये सुनते ही मुझे तो झटका लग गया उस दिन तो किस्मेत से बच गये थे अब फिर इतने लोग है बटालियन मे हमारी गंद ही मिली मारने को जैसे तैसे सूखे गले से जी सर कहा



पर अंदर से मैं बस जैसे रोने को ही था तो पंद्रह बीस मिनट बाद कुल 16 लोगो की हमारी टीम चल पड़ी अपने मिशन पर ये सभी लोग तो ऐसे हँस बोल रहे थे जैसे की पिकनिक पर जा रहे हो और मैं चुप चाप बैठा था सर को झुकाए उस रात तो किस्मेत की मेहरबानी से सर्वाइव कर लिया था पर आज पता नही क्यू मैं कुछ ज़्यादा ही घबरा रहा था



मेरे सीनियर ने मुझे थोड़ा सा पानी दिया और कहा चिंता मत करो तुम ज़िंदा ही वापिस आओगे बस मेरी कही बात पर विश्वास रखना और अपने हौसले को टूटने ना देना अपने साथियो पर विश्वास रखना तुम अपने से आगे वाले को संभालना तो पीछे से कोई तुमको भी संभाल लेगा होसला बनाए रखना तुम नये हो तो वैसे भी हम तुम्हे पीछे ही रखेंगे तुम्हे यहाँ लाने का मकसद बस तुम्हे एक्सपीरियेन्स देना ही है सो डॉन’ट वरी



फिर माहौल को हल्का करने को कुछ हँसी मज़ाक शुरू हो गया और हम लगभग 45 मिनट बाद उस गाँव मे एंटर हो गये लोकल पोलीस ने चार्ज लिया हुआ था पर उनके बस की बात कहा थी तो उनको रिलीव किया और हमने पोज़िशन ले ली ऑर्डर क्लियर था कि किसी भी गाँव वाले या बच्चे , टीचर को नो कैजूअल्टी पर इसमे एक पंगा था कि कॉलेज की लोकेशन चारो तरफ से ओपन थी



तो अब ज़रूरत थी एक नया प्लान बनाने की पर ये टास्क बिल्कुल भी आसान नही होने वाली थी प्लान के मुताबिक हम लोग चार चार की टीम्स मे बॅट गये पर दिन मे बेहद मुश्किल था कुछ भी करना क्योंकि हम टोटली उनकी रेंज मे थे और उपर से उनका प्लस पॉइंट था कि कॉलेज मे बच्चे उनकी गिरफ़्त मे थे मैने बिना पूछे सलाह दे डाली कि सर डाइरेक्ट आंबश करते है



सभी टीम वाले मेरा मूह देखे मैने कहा सर देखो बात सिंपल सी है अगर हम ये सोचेंगे कि उनके पास प्लस पॉइंट है तो फिर हम कुछ नही कर पाएँगे पर अगर हम कॉनटर अटॅक करेंगे तो एक बार तो उनकी टाँगे कांप ही जाएँगी रहा सवाल कि बच्चो का तो वो उनको टच भी नही करेंगे क्योंकि जब उन पर प्रेशर आएगा तो वो उन्हे ही शील्ड बनाएँगे



पर अपना आइडिया उनको सही नही लगा और वैसे भी मैं टीम लीडर तो था नही तो फिर मैने चुप ही रहने का सोचा दोपहर का टाइम था पसीना बह चला मेरी गंद मे क्योंकि बस अब कार्यवाही का टाइम हो ही गया था समझो तो हमने टुकड़ो मे बॅट कर कॉलेज को घेर लिया पर प्राब्लम ये थी कि खुला एरिया होने से हम उनकी फुल रेंज मे थे



मैं कॉलेज के मेन गेट के पास एक पेड़ की आड़ मे छुप गया और इंतज़ार करने लगा कि पहली स्ट्राइक कॉन करता है और फिर जैसे ही पहली गोली चली महॉल मे गर्मी बढ़ गयी जल्दी ही बस फाइरिंग का शोर सुनाई दे रहा था मैने एके-56 को तो पीठ पर लटकाया और फटा फट से पेड़ पर चढ़ गया और अपनी दूसरी वाली गन स्नाइपर के लेंस को सही करके ज़ूम किया और कॉलेज के फर्स्ट फ्लोर पे छुपे आतंकवादी पर सेट कर दिया



और जैसे ही मेरी रेंज मे आया ट्रिग्गर दबा और उसकी खोपड़ी खुल गयी बस यही साला गजब हो गया पहली लाश गिरते ही मामला आर पार का हो गया कॉलेज के अंदर से चारो तरफ अंधाधुंड फाइरिंग हो रही थी तो मजबूर होके मुझे भी पेड़ से उतरना पड़ा और भाग कर कॉलेज की वॉल की ओट लेनी पड़ी हम ब्लूटूथ से सब एक दूसरे के कॉंटॅक्ट मे थे



अभी तक सभी सही थे तो भी दिल को सुकून मिला पर मामला उलझता ही जा रहा था हमारे टीम लीडर ने कहा कि ऐसे तो कॉलेज मे घुसना बेहद मुश्किल है तो मैने फिर अपना मूह खोलते हुए कहा कि सर हमे अंधेरा होने तक का इंतज़ार करना चाहिए और फिर अंधेरा होने के बाद कॉलेज मे घुस जाएँगे फिर देख लेंगे असल मे मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आ गया था



मैने कहा सर अगर आप ठीक समझे तो बस मुझे कैसे भी करके कॉलेज की बिल्डिंग मे एंटर करवा देना बाकी मैं संभाल लूँगा पर साहिब नही माने पर मैने डिसाइड कर लिया था कि रात होते ही मैं मामले को सॅल्टा दूँगा
उन्होने कुछ सोचा और कहा कि पर इस प्लान मे मॅग्ज़िमम रिस्क है और अगर उन्होने तुम्हे पकड़ लिया तो बहुत प्राब्लम हो जाएगी तो मैने कहा सर खून ख़राबा तो होना ही है ना जल्दी से मिशन को ख़तम करते है और चलते है फालतू मे टाइम वेस्ट करने का कोई सवाल ही नही है



तो कमॅंडिंग इंचार्ज ने कहा कि बच्चे खून गरम है तुम्हारा हालात को समझो अंदर बच्चे भी है उनकी सेक्यूरिटी हमारी मॅग्ज़िमम प्राइयारिटी है तो मैने कहा जैसा आप समझे और वापिस आकर पोज़िशन लेकर बैठ गया और सोचने लगा कुछ आक्च्युयली में महक के बारे मे सोच रहा था वैसे जान गले मे अटकी थी पर ये चूत का चक्कर भी अजीब होता है

आस पास रुक रुक कर फाइरिंग हो रही थी पर मुझे तो चूत का ख़याल आ रहा था अब इन चीज़ो पर किसका ज़ोर चलता है शाम भी हो ही रही थी पर हालत काबू मे कुछ लग नही रहे थे मैं कॉलेज की दीवार की ओट लिए पड़ा था तभी एक गोली बिल्कुल मेरे बाजू के बॅस से गयी और दीवार मे धँस गयी हाई राम ये क्या हुवा मेरी तो गंद फट के हाथ मे आ गयी



तो फिर से दुबक कर मैं बैठ गया मुझे गुस्सा चढ़ आया पर ऑर्डर के बिना कुछ नही कर सकता था तो मैने भी दो चार राउंड ऐसे ही फाइयर कर दिए किसी को लगे तो ठीक ना लगे तो ठीक तो फाइरिंग का जवाब फाइरिंग से ही आया और वो भी दना दन शुरू हो गये कभी हम गरजे तो कभी वो पर फिर साला गजब ही हो गया मुझे तो बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था की




उनके पास हाइ एक्सप्लोसिव्स भी होंगे एक हॅंड ग्रीनेड आया और जिस दीवार से हमने ओट ली हुई थी उस से थोड़ी दूर ही फट गया तो दीवार की ऐसी तैसी हो गयी एक पल मे ही दीवार मलबे मे बदल गयी और अपनी हालत भी मलबे जैसे ही हो गयी धूल मिट्टी से कुछ दिखाई ना दिया मिट्टी मेरे मूह मे भर गयी आँखो को कुछ दिखाई ना दे लगा जैसे कि शरीर से जान बस निकल ही गयी




जब धूल कुछ हटी तो देखा कि मैं और मेरे तीन साथी उस दीवार के मलबे के नीचे दबे पड़े है मेरी वर्दी जगह जगह से फट गयी थी और कोहनी से खून बह रहा था जैसे तैसे करके मैं मलबे से बाहर आया और फिर थोड़ी हिम्मत करके अपने साथियो को भी बाहर लेकर आया शूकर था कि किसी को भी सीरीयस इंजुरी नही हुई थी पर एक की हालत ख़स्ता हो गयी थी



मेरी कोहनी मे बहुत दर्द हो रहा था आँखो से आँसू निकल पड़े गले से आवाज़ तो निकली ही नही शूकर था कि हेल्मेट पहने होने से सर बच गया था वरना आज तो हो गया था निपटारा हमारे दूसरे साथी तुरंत ही हमारी ओर दौड़ते हुए आए और हमको संभाला उन्होने मुझे थोड़ा सा पानी दिया तो कुछ सांस आई चोट तो कई जगह लगी थी पर गरम खून मे इतना दर्द महसूस नही हुआ



मैने फटा फट से फर्स्ट एड ली तो कुछ आराम आया टीम लीडर अब मुझे पीछे रखना चाहते थे पर मैं ठहरा अपनी मर्ज़ी का मालिक मैने कहा सर मैं ठीक हू और मिशन पूरा करूँगा मैने दो चार पेन किलर्स और गटकी और गन संभाल ली हल्का हल्का सा अंधेरा भी होने लगा था मैने कहा सर आप मुझे एक चान्स तो दो मेरा दिमाग़ खराब हो रहा है





तो वो बोले तुझे वैसे भी इंजुरीस हुई है तू क्यू मरने की जल्दी कर रहा है मैने कहा सर ज़िंदा ही रहूँगा तो वो हँस पड़े और बोले कि बेटा फिल्मी डाइलॉग मत मार और तू ध्यान से फाइनल प्लान सुन क्योंकि अब साथी कम हो गये है तो हम कुछ चेंज कर रहे है पर मैने उनकी बात पे ध्यान नही दिया क्योंकि मैने सोच लिया था कि मुझे क्या करना है




सला चोट तो मुझे लगी थी खून मेरे शरीर से टपक रहा था हालत टाइट थी पर अब दिमाग़ गरम हो गया था मेरा डर कही छुमन्तर हो गया था बस अब किसी की गंद तोड़ने का मन कर रहा था मैं बस इंतज़ार कर रहा था कि रात का काला अंधेरा महॉल को अपने आगोश मे ले और मैं तहस नहस कर दूं सबकुछ उस टाइम बस मेरे दिमाग़ मे चल रहा था कि बस ख़तम करो अब इस को



तो मैने अम्मो लोड किया ड्रेस तो फट ही गयी थी तो एक गार्ड जॅकेट डाल ली और ऑर्डर को तोड़ते हुए अंधेरे का फ़ायदा उठा कर कॉलेज कॉंपाउंड मे दाखिल हो गया पर मेरे पास नाइट विषन ग्लास नही थे तो प्राब्लम थी मैने सोचा कि अगर किसी उसे किया तो फिर बड़ी मुसीबत हो सकती है तो मैने गन को पीठ पर डाला और खोकरी को निकाल लिया



और धीरे धीरे से एक एक कमरे को बड़ी ही सावधानी से चेक करने लगा दो कमरो मे कुछ ना मिला तो मैं गॅलरी की ओर बढ़ा यहाँ पर कुछ हलचल दिखी तो मैं मुस्तैद हो गया और कोने मे छुप कर खड़ा हो गया और इंतज़ार करने लगा कि कब वो मेरी ओर आए कोई 8-10 मिनट बाद एक आदमी मेरी ओर आने लगा जैसे ही वो मेरी रेंज मे आया




मैने उसको अपनी ओर लिया और उसके मूह पर हाथ रखते हुए उसकी गर्देन रेत डाली एक मिनट से भी कम समय मे उसकी लाश मेरे पाँवो मे पड़ी थी पेनकिलर लेने से थोड़ा आराम तो मिला था पर टीस तो उठ ही रही थी बदन मे पर फ़र्ज़ सामने खड़ा था छोटे छोटे बच्चे कब से उन कमिनो की क़ैद मे थे बाहर से मेरी टीम भी काउंटर अटॅक कर रही थी कुछ सोल्जर्स अंदर भी घुस गये थे
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#48
मैने इतनी देर मे नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया था एक को मैने मार दिया था और तीन चार मेरी टीम ने सॅल्टा दिए थे मैने टीम लीडर को बताया कि मैने नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया है ऑल क्लियर है तो उन्होने मुझे कहा कि मैं बाद मे लूँगा तेरी क्लास मैने कहा सर आप सभी एंटर कर जाओ अभी बातों का टाइम नही है टास्क करते है



तो आलम ये था कि उपर का फ्लोर था पूरी तरह से बुक सभी बच्चो और टीचर्स को उन्होने वही पे बंदी बनाया हुवा था नाइट विषन ना होने से मुझे गुस्सा आने लगा था मैने टीम लीडर को कहा कि सर मैं फर्स्ट फ्लोर पर एंटर कर गया हू आप बॅकप मे रहना पर अभी बिल्कुल फाइरिंग ना करना एक बार मैं हालात का आइडिया ले लू फिर रिपोर्ट करता हू



जल्दी ही मुझे पता लग गया कि कुल 9 लोग थे वहाँ पर और एक्सप्लोसिव के साथ थे मुझे लगा कहीं ये वो वाले जेहादी ना हो जो खुद को ही उड़ा लेते है क्योंकि वो साले मूडी होते है कुछ भी कही भी धमाका कर लेते है मैने हौले से कॅप्टन साहिब को कहा कि 9 बंदे है आप बॅक अप रेडी रखो मैं शॉट लगाने जा रहा हू वो मुझे रोकते रहे पर मैने स्नाइपर को लोड किया और खामोशी से एक को धर लिया



मैने लगातार खामोशी से टारगेट हिट किया और एक के बाद एक 2-3को लटका दिया अब छत्ते को छेड़ा तो मधुमक्खियाँ तो काटे ही गी तो मेरी तरफ एक एक्सप्लोसिव आया और ईटो के साथ मैं पीछे की तरफ फीक गया फिर कुछ याद ना रहा यारो वो पल क्या हुआ कुछ पता नही अपने होश खो गये

जब मुझे होश आया तो मैं हॉस्पिटल बेड पर था आँखे ठीक ढंग से खुल नही रही ती उठने की कोशिश की तो उठने मे भी बड़ी दिक्कत हुई पर तकिये का सहारा पीठ को देकर मैं बैठ सा गया दिमाग़ मे कुछ हॅंगओवर सा हो रहा था याददाश्त पर कुछ ज़ोर दिया तो याद आया वो पल जब वो घटना हुई थी कि तभी नर्स आ गयी उसने मुझे देखा और कहा



कि आप ऐसे क्यो बैठ गये और उसने मुझे फिर से लिटा दिया और कहा कि आप आराम करे मैं अभी डॉक्टर को बुला कर लाती हू और रूम से बाहर चली गयी थोड़ी देर बाद डॉक्टर आ गया उसने मुझे एग्ज़ॅमिन करना शुरू किया और बताया कि आपकी किस्मेत वाकाई मे बड़ी ही अच्छी थी जो उस ब्लास्ट मे आप बस घायल होकर रह गये है थॅंक गॉड बस कुछ छोटे ही आई है



तो पता चला कि मेरे पैर और पीठ मे चोटे लगी थी और चेहरे पर भी कुछ जख्म हो गये थे मैने डॉक्टर से पूछा कि सर मैं वापिस ड्यूटी कब जाय्न कर सकता हू तो वो बोले अरे अभी कहाँ ड्यूटी 4 दिन मे तो आपको आज होश आया है अभी आपको कम से कम 20-25 दिन तो बेड रेस्ट करनी ही पड़ेगी उसके बाद फिर से एग्ज़ॅमिन करूँगा फिर फाइनल डिसिशन होगा



मैने कहा सर कोई सीरीयस इंजुरी तो नही है ना कही जॉब मे कुछ प्राब्लम ना हो जाए वो बोले अभी तो नही लगती है पर पैरो की सिचुयेशन पे मेरी नज़र है फिर डॉक्टर ने कहा कि अभी तुम रेस्ट करो ज़्यादा बात मत करो और फिर मुझे विश करके निकल गया तो मैने अपने आँखो को मूंद लिया और विचार करने लगा एक महीन रेस्ट मतलब मैं होली पे घर नही जा पाउन्गा



मेरा दिल बहुत हो उदास हो गया कहाँ तो मैं बस जल्दी से घर जाने की सोच रहा था कहा ये नयी मुसीबत मोल ले ली थी मैने फालतू मे हीरो गिरी के चक्कर मे ये पहली बार था जब मेरी चाह पूरी नही हो रही थी मुझे घर की बड़ी याद आने लगी थी घर मे प्रोग्राम भी था पर फिर तकदीर को कोस कर सबर कर लिया , कर भी तो नही सकता था मैं कुछ


शाम को कर्नल साहिब पर्सनली मिलने आए हाल चाल पूछा थोड़ी देर बात चीत की और कहा कि हेल्त गेन करो अच्छे से अभी दिमाग़ मे कोई टेन्षन नही लेना जल्दी से फिट होकर ड्यूटी पर आओ आइ वॉंट बॅक माइ सोल्जर सून कोई आधा घंटा वो मेरे पास रुके वैसे तो वो कड़क ऑफीसर थे पर यहाँ उनका व्यवहार फॅमिली मेंबर जैसा ही था अच्छा लगा



तो भाई लोग अब हॉस्पिटल ही घर था अपना कुछ टाइम के लिए ज़ख़्म भी ताज़ा थे और दिल भी रो रहा था मैने नर्स से कहा कि सिस्टर आप मेरी यूनिट मे मेसेज भेज कर वहाँ से मेरा फोन मंगवा दो मुझे घर पे कॉल करनी है तो उसने कहा कि वो मेरा मेसेज फॉर्वर्ड कर देगी खाली पड़े टाइम पास भी तो नही होता था तो मैने सोचा कि घर पे बात हो जाएगी तो कुछ दिल हल्का हो जाएगा



पर अपने को तो पनोती लगी थी मुझे बताया गया कि ब्लास्ट मे मेरा मोबाइल भी टूट कर बिखर गया था ये मेरे लिए बड़ा सॉक था कंगाली मे आटा गीला वाली बात हो गयी थी अब मैं क्या करू जैसे तैसे करके वहाँ पर दिन काटने लगा पर दिन भी कुछ ज़्यादा ही लंबे हो गये थे पर दिन थे बीत जाने ही थे कैसे भी करके तो मैं भी अपना फोकस हेल्त गेन पर ही करने लगा

समय गुज़रता गया ज़ख़्म भी भरने लगे थे ताक़त भी लोटने लगी थी तो कोई 40-45 दिन बाद मैं हॉस्पिटल से डिसचार्ज होके यूनिट मे रिपोर्टिंग कर रहा था कड़क वर्दी पहने मैं सीओ साहिब के सामने खड़ा था मेरी फाइल टेबल पर खुली पड़ी थी सीओ के साथ ऑफीस मे एक मेजर और एक हमारी यूनिट के कॅप्टन भी थे मैं आया तो ड्यूटी जाय्न करने था पर यहाँ तो मामला ही अलग था



सीओ साहिब ने मुझे बैठने को कहा और कहा कि ऑफीसर सबसे पहले तो कंग्रॅजुलेशन की आप पूरी तरह से फिर होकर वापिस आ गये है पर मैं आपसे नाराज़ भी हू उन्होने कहा आप पर इल्लीगेशन है कि आपने अपने सीनियर का ऑर्डर फॉलो नही किया जिसकी वजह से आपकी जान ख़तरे मे पड़ी और आपकी टीम को टास्क कंप्लीट करने मे मुश्किल का सामना करना पड़ा



आप जिस कार्यवाही का हिस्सा थे वो कोई कॉलेज-कॉलेज का कोई गेम नही था मैं मानता हूँ आप बहादुर हो एनेर्जेटिक हो पर आर्मी के अपने रूल्स है एक ट्रडीशन है आपने रूल तोड़ा आपकी एक ग़लती की वजह से पूरी राष्रीआ य रायफ़ल्स का सर झुक सकता था और फिर आपकी खुद की जान जाते जाती बची है अभी आपको रिस्पोन्सबिलिटी लेनी होगी दिल तो कर रहा है कि आपको क्वॉर्टर गार्ड दे दूं



पर आपने पिछले मिशन मे बड़ी ही जबरदस्त ब्रेव पर्फॉर्मेन्स दी थी और फिर अभी आप काफ़ी टाइम हॉस्पिटल मे बिता के आए हो तो बस वॉर्निंग देकर छोड़ रहा हू और उम्मीद करूँगा कि आगे से आप की वजह से आरआर का नाम बस रोशन ही होना चाहिए और आपकी सज़ा ये है कि मैं आपका नाम सेना मेडल के लिए फॉर्वर्ड करने वाला था वो अब नही होगा



आप अपनी पोस्ट जाय्न करें और हाँ एक बात और बतानी थी कि कुछ दिन मे आपकी दो महीने की छुट्टी सॅंक्षन कर रहा हू ताकि आप अपने घर जाकर अपने परिवार के साथ कुछ टाइम स्पेंट कर सके मुझे पता है कि आप को काफ़ी टाइम हो गया है घर गये हुए ये सुनते ही मेरे चेहरे पे मुस्कान आ गयी मैने उनको थॅंक यू कहा और एक ज़ोरदार सल्यूट बजाकर अपनी पोस्ट पर जाने की तैयारी करने लगा



तो गाड़ी से मुझे मेन एरिया तक छोड़ दिया गया मुझे अपने लिए नया मोबाइल भी लेना था पर फिर सोचा कि अब कुछ दिनो मे घर जा ही रहा हू वही जाकर ले लूँगा वहाँ जाकर सभी से गले मिला सभी ने मुझे वापिस देखकर अभिवादन किया सभी खुश हो गये थे मैने पिछले दिनो की रिपोर्ट ली तो पता चला कि सब ऑल ओके है फिर थोड़ी और रिपोर्ट ली और एक जवान को कहा कि यार एक मस्त चाइ पीला तो वो चाइ लेने चला गया



तभी मेरा हवलदार जो मेरा अच्छा दोस्त बन चुका था उसने बताया कि साहिब वो जो सामने चाइ की दुकान वाली है ना वो कई बार आ चुकी है और हर बार आप को ही पूछ कर चली जाती है मैने कहा और तूने क्या बताया उसको तो वो बोला कि मैने उसको बताया कि आपको इंजुरीस हुई है और आप एमटी मे है मैने कहा यार इंटर्नल बाते काहे लीक की



वो कहने लगा सर उसने कहा कि वो आपकी दोस्त है और उसको बड़ी फिकर भी थी आपकी तो मैने उसको बता दिया मैने कहा लास्ट टाइम कब आई थी वो तो उसने कहा कि साब कल शाम को आई थी मैं घड़ी में टाइम देखा तो शाम के चार हो रहे थे तो मैने सोचा कि 6-6.30 के आस पास महक से भी मिल लूँगा

ना जाने क्यू मुझे घर की बड़ी याद आ रही थी तो मैने अपने साथी से कहा कि यार तू संभाल मैं ज़रा एसटीडी तक होके आता हूँ यार घर की याद आ रही है फोन कर लेता हू तो दिल को अच्छा लगेगा तो वो बोला जी सर आप जाइए मैं पैदल ही चलते हुए एसटीडी पर पहुच गया और घर का नंबर लगा दिया दो चार घंटी के बाद मम्मी ने फोन उठाया



मैने उनको नमस्ते किया और हाल चाल पूछा पर उनके उलाहने शुरू हो गये वो बोली अब तुझे माँ की याद आई है कमिने तेरे जैसा और भी नोकरी करता है कोई गाँव मे और भी फोजी है सब चक्कर लगाते ही रहते है पर एक मेरा बेटा है जिसका तो घर से मोह ही छूट गया है मैने कहा मेरी प्यारी मम्मी नाराज़ ना हो जल्दी ही घर आउन्गा वो बोली हर बार ऐसे ही बोलता है


अब उन्हे क्या बता ता कि डेढ़ महीना तो हॉस्पिटल मे काटा था उसके बेटे ने तो हँसते हुए माँ के उलाहने को ले लिया और कहा कि मम्मी साहिब ने कहा है कि इस हफ्ते के लास्ट तक पक्का छुट्टी का जुगाड़ हो जाएगा तो वो बोली बेटा तेरे बिना घर अब सूना सूना लगता है उन माँ बाप का भी क्या जीना है जिनका एक्लोता बेटा सरहद पर पड़ा रहता हो यहा किसी चीज़ की कमी थोड़ी ना थी तुझे



ना नोकरी मिलती तो खेती कर लेता कम से कम घर पर तो रहता मम्मी की बाते मेरे कलेजे को चीर रही थी पर वतन के रखवाले के हाथ बँधे थे करता भी तो क्या सब कोई हमें कहलो हम अपना हाल-ए-दिल किसके आगे कहे फोजी की मजबूरी तो बस फोजी ही समझे कई दिन बाद बात हो रही थी तो लंबी तो होनी ही थी मम्मी के हज़ार शिकवे थे मैने पूछा मम्मी घर पे सब ठीक है



तो वो बोली हम सब ठीक है साक्षी अब बोलने लगी है सारा दिन घर मे रोनक रहती है उसकी घर को तो अनिता ही संभालती है मेरे पैरो मे कुछ तकलीफ़ सी है तो खीतो मे नही जा पाती हू फिर तेरी चाची का बच्चा अभी हुवा है तो वो भी बस ज़्यादातर आराम ही करती है तो मैने कहा चाची से बात कर्वाओ ज़रा तो वो बोली अभी बुलाती हू चाची की भी वो ही शिकायत थी वो नाराज़ होते हुए बोली कि बच्चे के कुआँ-पूजन पर क्यू नही आया



तू तो अभी से ही पराया हो गया है हमे तो भूल ही गया है तू उनकी शिकायते अपनी जगह थी पर अपना हाल कोई ना पूछे मैने कहा अगले हफ्ते तक आ जाउन्गा घर पे फिर जी भर के अपनी भडास निकाल लेना मुझे भी घर की बहुत याद आती है पर मेरी भी मजबूरियाँ है तो वो बोली कि कम से कम एक फोन तो कर सकता है ना हमे बस तेरी ही चिंता लगी रहती है



तो मैने बताया कि चाची मेरा फोन टूट गया था और मैं इतना बिज़ी था कि बाज़ार निकल ही नही पाया अभी भी एसटीडी से ही फोन कर रहा हू मैं जानता हू कि सभी घर वाले नाराज़ है पर मैं आके सबको मना लूँगा मैने थोड़ी शरारत करते हुए कहा बेटा कैसा है तो वो बोली चुप बदमाश जीजी इधर ही है आजा फिर आराम से देख लेना बेटे को



दिल खुश हो गया था इस दुनिया मे कहीं भी रह लो पर जब घर की तडप उठती है दिल मे तो बस फिर एक हुड़क सी चढ़ जाती है कि पंख लगा के पहुच जाउ जल्दी से आधे घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था बात करते करते तो फिर मैने कहा कि चलो अब रखता हू ड्यूटी के बीच से आया था तो फिर मैं पीसीओ से बाहर आ गया शाम हो चली थी आकर ड्यूटी संभाल ली



ड्यूटी तो क्या थी बस चूतिया पन्ति थी फालतू की शाम हो गयी थी ठंडी ठंडी हवा चल रही थी अच्छा लग रहा था तो 7 बजे मैने अपनी ड्रेस चेंज की और हवलदार को कहा कि यार मैं बाजार जा रहा हू कुछ काम से आते आते थोड़ा लेट हो जाएगा वो बोला सर जी कोई ना इधर कॉन सा चेकिंग आने वाली है आप आराम से आना मैने उसको थॅंक्स कहा



और टहलते टहलते महक की दुकान की ओर चल पड़ा दुकान खुली थी पर भीड़ नही थी वैसे भी शाम के टाइम उधर भीड़ ना के बराबर ही रहती थी तो मैं एक स्टूल पर बैठ गया महक दुकान के अंदर नही थी तो मैने छोटू को चाइ का ऑर्डर दिया और महक का इंतज़ार करने लगा थोड़ी देर बाद वो भी आ गयी और मुझे देख कर जैसे उसके चेहरे पर एक नूर सा आ गया



वो मेरी ओर देख कर मुस्कुराइ और शायराना अंदाज मे बोली कि “वो आए हमारे घर पर कभी हम उनको कभी हम अपने घर को देखते है” मैने उसके सलाम का जवाब दिया वो मेरे पास आई और बोली अब तबीयत कैसी है आपकी तो मैने कहा अब ख़ैरियत से है आपकी दुआ से जान बच गयी है तो वो बोली कि जब मुझे पता चला तो मेरे पैरो तले ज़मीन ही खिसक गयी



खुदा का शूकर है कि आप सही सलामत है मैने उसको थॅंक्स कहा तो उसने कहा आप का फोन कई मर्तबा मिलाया पर मिला ही नही मैने कहा कि हाँ मेरा फोन टूट गया था तो अभी नया नही लिया है मेरी चाइ तो कब की ख़तम हो गयी थी बस बाते ही चल रही थी मैने कहा आज दुकान बंद नही करनी क्या तो वो बोली कि बस करूँगी कुछ लम्हो बाद


मैने कहा अब मैं चलता हू तो वो बोली अगर मैं एक इल्तीज़ा करू तो आप मानेंगे मैने कहा आप कह कर तो देखिए तो वो बोली कि क्या आज आप मेरे साथ खाना खाएँगे मेरे घर मैने कहा अरे इसमे पूछने की क्या बात मैं तो इसी चक्कर मे रहता हू कि कब कोई घर का खाना खिलाए वरना फौज की दाल किसे भाती है तो वो बोली कि आप कुछ टाइम बाद घर आ जाना तब तक मैं पका लूँगी



मैने कहा ठीक है और मैं दुकान से निकल गया मैं थोड़ी देर बाजार मे घुमा मैने महक के लिए कुछ मिठाई खरीद ली अगर वो कश्मीर मे ना होती तो उसके लिए गिफ्ट्स भी लेता पर चलो कोई नही तो फिर मैं उसके घर चला गया वो दरवाजे पर ही खड़ी थी मैने अगल बगल नज़र मारी और फिर उसके घर मे घुस गया महक ने किवाड़ को कुण्डी लगाई और मुझे अंदर वाले कमरे मे ले आई



हम बैठ कर बाते करने लगे मैने पूछा आपके शौहर नही आए क्या अभी तक तो वो बोली बीच मे आए थे उन्होने राजोरी मे कलीनो का काम शुरू किया है जब कुछ काम जम जाएगा तो फिर मुझे भी उधर ही बुला लेंगे मैने कहा ये तो अच्छा है पर तुम्हारी दुकान को कॉन संभालेगा तो वो बोली इसको किराए पर दे देंगे तो थोड़ा सा और पैसा आ जाएगा


इस आतंकवाद ने वहाँ लोगो का कितना जीना हराम किया था ये बात मैं अच्छी तरह से समझ सकता था फिर महक पूछने लगी कि उस दिन क्या हुआ था तो मैने बात को टालते हुवे कहा जाने दो उन बातों को हम कई दिन मे मिले है आप बताओ कैसी चल रही है ज़िंदगी मे तो वो बोली हुज़ूर हम जैसे लोग तो बस सांस ही लेते है ज़िंदगी के नाम पे मैने कहा बुरा टाइम भी बीत जाएगा होसला रखो



कुछ देर और गुफ्तगू के बाद महक ने खाना परोस दिया और हम साथ साथ खाने लगे ऐसे मस्त दम आलू मैने ज़िंदगी मे कभी नही खाए थे खाने मे बेशक आइटम कम थे पर जजबात बहुत थे महक के खाने का स्वाद आज भी कभी कभी याद आ ही जाता है तो एक बेहद ही लज़ीज़ डिन्नर के बाद वो केसर मिला दूध ले आई और दूध पीते पीते वो मेरे पास बैठ गयी


मैने दूध का गिलास साइड मे रखा और महक का हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा कि महक लास्ट टाइम मैने जाने से पहले आपसे एक सवाल पूछा था तो क्या आज उसका जवाब मिलेगा वो अपनी हया मे सिमट सी गयी और नज़रो को झुका लिया कुछ देर खामोशी छाई रही तो मैने कहा ठीक है तो मैं अब चलता हू और खड़ा हो गया उसने कहा कुछ देर रुक जाइए



मैने कहा किस हक़ से रुकु जब आप मुझे अपना दोस्त मानती ही नही है तो वो बोली अगर मेरे दोस्त ना होते तो इस पल आप यहाँ नही होते मैने कहा फिर इक़रार करने मे क्यो देरी तो वो बोली मैने इनकार भी तो नही किया आपको और अपने चेहरे को झुका लिया मैने कहा तो आपको हमारी दोस्ती क़ुबूल है एक बार आप अपने मूह से कह देती तो हमें भी तस्सल्ली हो जाती



महक शरमाते हुवे बोली की आप भी ना बड़े वो है मैने कहा वो क्या तो उसने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया मैं उसके पीछे गया और उसको पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया तो वो शरमाते हुवे बोली कि ये क्या कर रहे है छोड़िए हमें मैं उस से और भी चिपकते हुवे बोला कि ना अब नही छोड़ूँगा तुम्हे और उसके पेट को कस कर दबा दिया तो उसने एक आह सी भरी



महक के बदन की खुशबू मेरी सांसो मे समाने लगी थी मैं उस पर अपनी पकड़ और भी मजबूत करते हुवे उसकी गर्देन पर किस करने लगा महक की आँखे बंद होने लगी मैं थोड़ी देर तक उसकी गर्देन पर ही किस करता रहा पर तभी उसने खुद को मेरी गिरफ़्त से आज़ाद किया और थोड़ा सा दूर जाकर खड़ी हो गयी मैने उसको दुअबरा अपने आगोश मे भर लिया

महक काँपते हुए बोली आप हम से शरारत ना कीजिए तो मैने कहा आज आप मुझे ना रोकिए आज एक प्यासा दरिया के पास आया है तो अब दरिया कुछ घूँट पानी तो पिला ही सकता है ना तो वो बोली आप बाते बड़ी करते हो मैने कहा मैं बाते ही नही और कुछ भी बढ़िया करता हू तो वो बोली अच्छा जी मैने उसके चेहरे को थोड़ा सा उपर किया और उसके रस से लबा लब भरे हुए होंठो को अपने होंठो से जोड़ दिया


आज कई दिन बाद किसी औरत को टच कर रहा था तो बदन मे सरगर्मिया भी बढ़ गयी थी उसके होठ कश्मीरी सेब से भी ज़्यादा रसीले और मीठे थे तो मुझे उन्हे चबाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था महक भी कुछ देर बाद मेरा साथ देने लगी तो किस का मज़ा और भी बढ़ गया था मैं अपने हाथ नीचे ले गया और महक की गान्ड को सहलाने लगा

5-7 मिनिट तक बस मैं उसके होंठो से ही चिपका रहा बड़ा ही मज़ा आया मुझे उसको किस करने मे कसम से बड़ा ही लाजवाब टेस्ट था उसके होंठो का मैने महक को अपनी गोद मे उठाया और बेड की ओर ले चला और उसके उपर लेट कर दुबारा से उसको किस करने लगा और उसके बोबो को कपड़ो के उपर से मसल्ने लगा महक भी धीरे धीरे गरम होने लगी



मैं उसको चूमते चूमते अपना एक हाथ उसके सूट के अंदर ले गया और उसके पेट को सहलाते सहलाते उपर की ओर ले जाने लगा मैने अपने होठ उसके होंठो से अलग किए और उसके सुर्ख गालो को खाने लगा मैने अपना हाथ उसकी चूची पर रखा और उनको कस कर दबा दिया तो महक ने एक सिसकी ली और बोली आहिस्ता से दबाइए दर्द होता है मैने कहा इस दर्द का भी तो अपना ही मज़ा है ना



मैने उसके सूट को उतार दिया गुलाबी ब्रा मे क़ैद उसके गोरे गोरे बूब्स ब्रा की क़ैद से बाहर आने को मचल रहे थे मैने महक को थोड़ा सा टेढ़ा किया और उसकी ब्रा के हुको को खोल कर उसकी मस्तानी चूचियों को ब्रा की क़ैद से आज़ाद कर दिया उसकी नंगी चूचियो के दीदार करते ही मेरा लंड पॅंट को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो गया



मैं बिना देर किए महक के स्तनो पर झुक गया और उसकी एक चूची को अपने दाँतों से काटने लगा और दूसरी को अपने हाथ से दबा कर उसमे हवा भरने लगा महक की साँसे अब उबलने लगी थी वो अपनी टाँगो को लगातार इधर उधर पटक रही थी बड़ी ही बेसब्री से मैं उसकी चूचियो को पिए जा रहा था मुझे तो कई दिन बाद औरत को भोगने का मोका मिला था

तो मैं इस मोके को अच्छे से कॅश करना चाहता था तो उसके बोबो से छेड़खानी करते हुए मैं अपने हाथ को नीचे की ओर ले गया और उसकी सलवार के नाडे को पकड़ लिया और उसको खोल ही रहा था कि महक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाते हुवे बोली कि बत्ती बुझा दीजिए पर मैने कहा अगर बत्ती बुझा दूँगा तो आपके इस शोलो से दहक्ते हुए हुश्न का दीदार कैसे कर पाउन्गा



ये सुनकर महक ने अपना हाथ हटा लिया और मैने उसके नाडे को अपनी उंगलियो मे फसाया और खोल दिया मैने अपना हाथ अंदर सरकया तो मेरी उंगलिया उसके अन्द्रुनि हिस्से से जा टकराई तो पता चला कि उसने अंदर कच्छि नही पहनी हुई थी मैं अपने हाथ को उसके गद्देदार कुल्हो पर फिराने लगा और उनको दबाने लगा महक की साँसे पल पल भारी और भारी होती जा रही थी


अब मैं उठा और सलवार को खीच लिया और साइड मे रख दिया महक पूरी तरह से नंगी मेरी आँखो के सामने थी उसने अपने आप को समेट सा लिया शरम के मारे तो मैने भी जल्दी से अपने कपड़ो को जिस्म से जुदा कर दिया महक अपनी आँखे बंद किए छुई-मुई सी बैठी थी मैं उसके पास गया और उसके हाथ को अपने मचलते हुवे लंड पर रख दिया तो उसने उसको हल्का सा दबा दिया



मैने कहा इसको अपने कोमल कोमल हाथो से सहलाओ तो महक अपना हाथ मेरे लंड पर फिराने लगी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था कुछ दर तक ऐसे ही करने के बाद मैने उसको अपनी जाँघो पर बिठा लिया और उस के लबों का फिर से शिकार करने लगा महक जाँघो से थोड़ा सा उपर को सरक आई तो मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार से रगड़ खाने लगा दो जिस्मो की गर्मी मिली तो करंट की तरंगे उठने लगी



मैं उसके निचले होठ को चबाए जा रहा था उसको हल्का हल्का सा दर्द भी हो रहा था पर वो अपनी गोरी बाहें मेरे गले मे डाले बस उस पल को जैसे जी रही थी मैं अपने हाथो से उसकी पीठ और निचले हिस्से को सहलाए जा रहा था उसके चेहरे का नूर जैसे अब चमकने को ही था मुझ पर भी उसकी रवानी अब हद से ज़्यादा चढ़ने लगी थी



मैने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और उसके मोटे मोटे चौड़े कुल्हो पर अपनी जीभ फिराने लगा महक आहें भरने लगी मैं उसकी पीठ उसके कुल्हो और मोटी मोटी जाँघो के कुछ हिस्से को लगातार चाटे जा रहा था मेरा थूक से उसके चूतड़ बेहद ही चिकने चिकने हो गये थे फिर मैने उसके कुल्हो को थोड़ा सा फैलाया तो उसकी चूत के दर्शन किए हल्के हल्के घुंघराले बालो से धकि



बड़ी ही खूब सूरत सी चूत थी उसकी मैने अपनी उंगलियो से उसकी फांको को फैलाया तो अंदर से गुलाबी हिस्सा बड़ा ही मनमोहक सा लगा मुझे और उपर से जो काले बालो की घटा छाई थी उस ने उसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा दिए थे मुझ से रुका ही नही गया तो मैने अपनी एक उगली चूत के छेद पर रखी तो वो एक पल मे ही महक के रस से भीग गयी



मैं अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा तो महक हल्की हल्की सिसकारिया लेने लगी अब मैं एक हाथ से उसके उभारों को दबाए जा रहा था और दूसरे हाथ से चूत मे उंगली कर रहा था महक का शरीर किसी गरम भट्टी की तरह से सुलग रहा था उसकी आँखे वासना के ज्वर से लाल सुर्ख हो गयी थी जैसे किसी नशे से भरी हुवी बोतल हो वो



अब वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी थी तो शर्मो हया सब कही खो सी गयी थी वो भी अपने हुस्न का जाम आज मुझे पिलाने को आतुर हो गयी थी तो मैने उसको पटका और उसके कुल्हो के नीचे तकिया लगाते हुवे उसकी जाँघो को चौड़ा कर दिया किला मेरे सामने था बस फ़तेह करने की देर थी मैं उसकी जाँघो के बीच आया और अपने लंड को उसकी चूत की घाटी मे रगड़ने लगा

जैसे ही लिंग का स्पर्श योनि पर हुआ तो महक डार्लिंग के बदन मे जैसे चींटिया सी रेंगने लगी वो अपनी चूचियो को दबाते हुवे बोली कि आप यू ना हमे तडपाइये खुदा कसम आपने हमें छूकर इस बदन मे आग भर दी है बस अब आपसे इल्तीज़ा है कि हम पर आप मुहब्बत की बारिश करके हमे इस कदर भिगो दें कि बस रंग सा चढ़ जाए इस नाचीज़ पर



आप आज इस तरह हम मे समा जाएँ कि फिर सदियो सदियो तक मेरी रूह आपकी छुवन से गुलज़ार रहे आज इशाक़्क़्क़्क़ मुझ पे यू बरसा दी जीएएए की मेरी रूह बस फन्ना ही हो जाए मैने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसको गीला किया और महक की चूत से सटा दिया महक ने एक झुरजुरी सी ली और मेरा सुपाडा उसकी चूत की फांको को अलग अलग करता हुवा अंदर जाने लगा

उसकी छूट बेहद ही चिकनी हो रखी थी तो लंड को कुछ खास परेशानी ना हुवी महक ने एक मस्ती से भरपूर आह भरी और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी दो जिस्म एक जान हो गये थे दो –तीन झटको मे मैने पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक पहुच गया था महक की चूत मुझे बड़ी मस्त लगी वो मेरे लंड पर कस्ति चली गयी मैने उसके माथे को हल्का सा चूमा



मैने लंड अंदर डाल दिया था पर मैं अभी धक्के नही लगा रहा था कुछ देर मैं बस ऐसे ही उसके उपर पड़ा रहा तो महक से बर्दाश्त नही हुवा और उसने अपनी कमर को उचका कर मुझे जताया कि वो क्या चाहती है तो मैने तुरंत अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और पूरी ताक़त से दुबारा अंदर ठेल दिया महक चीख पड़ी उसी पल मैने उसके लबों को पीना शुरू कर दिया

मैं अपनी कमर को मचकाते हुवे उसको चोदने लगा उपर उसकी साँसे अब मेरे मूह मे चाशनी की तरह से घुल रही थी आज की रात महक ने मेरे लिए यादगार बना दी थी महक ने अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी जिसे मैं लोली पोप की तरह से चूसने लगा तो उसकी जिस्म की आग मे जैसे घी डल गया वो वो कभी मेरी पीठ को सहलाती तो कभी मेरे कुल्हो को



मैं महक को रोन्दे जा रहा था और वो भी हर एक धक्के से जैसे बस टूटके बिखरने को ही थी कई दिनो बाद चूत मिली थी नसों मे खून कुछ ज़्यादा ही ज़ोर मार रहा था अब मैने महक को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाल कर उसकी चुदाई करने ल्गा महक भी पूरी तरह से चुदाई हो रही थी तो मज़ा मैने उसके जुड़े को खोल दिया और उसकी ज़ुल्फो को आज़ाद कर दिया




मैं उसके मांसल कुल्हो को थामे लगातार तेज गति से अपने लंड को चूत के अंदर बाहर किए जा रहा था महक भी अपनी गाड़ को मटका मटका कर पूरा मज़ा ले रही थी और मुझे भी दे रही थी महक की चूत अब बहुत ही ज़्यादा पानी चोद रही थी और उसकी उफनती साँसे चीख चीख कर कह रही थी कि वो बस अब झड़ने ही वाली है तो मैने उसको लिटा दिया

और उसके उपर आके चोदने लगा उसकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरे हर धक्के के प्रहार से झूल रही थी महक ने अब अपनी टाँगो को टाइट कर लिया था और आपनी आँखो को बंद कर लिया था मैं समझ गया था कि बस ये करीब ही आ गयी है तो मैने अपनी रफत्तार और भी बढ़ा दी पसीना हम दोनो के बदन से टॅप टॅप करके टपक रहा था चूत के पानी से मेरे टटटे भी भीग गये थे


लगभग 12-13 तूफ़ानी झटके और मारे मैने और महक की चूत मे बाढ़ आ गयी एक तेज चीख मारते हुवे महक निढाल हो गयी उसकी चूत से जैसे झेलम का पानी बह चला था शायद वो भी कई दिनो बाद झड़ी थी तो काफ़ी पानी निकाला था महक मीठी मीठी सिसकारिया लेटे हुए अपने झड़ने का आनंद ले रही थी आज कश्मीर की कली का रस भी पी लिया था इस भंवरे ने



पर मैं लगा हुआ था तो महक टूट ती हुवी आवाज़ मे बोली बस कीजिए मुझे ज़रा दम लेने दीजिए मैने कहा बस दो पल की और बात है होने ही वाला है तो पूरा दम लगाते हुए शॉट लगा ने लगा मुझे कसम से बड़ा ही मज़ा आ रहा था मैने कुछ देर और उसको छोडा फिर अपने लंड को बाहर निकाला और उसके कुल्हो पर अपना वीर्य छोड़ दिया एक के बाद एक कई धारें उसके पेट पा गिरती ही चली गयी

कई दिन बाद सेक्स करके आत्मा प्रसन्न हो गयी थी और दम भी निकल गया था तो मैंन उसके बगल मे लेट गया महक मेरी ओर मूडी और अपनी टाँग को मेरी टाँग पर चढ़ा लिया और मुझसे लिपट गयी मैने महक की छाती पर चुंबन अंकित किया और पूछा कि मज़ा आया तो वो शरमाते हुए बोली कि बहुत और अपने सुंदर मुखड़े को मेरे सीने मे छुपा लिया



मेरे हाथ उसकी पीठ पर कस गये कुछ देर हम एक दूसरे से यू ही लिपटे पड़े रहे फिर महक मुझ से अलग हो गयी और बेड पर बैठ गयी मैं भी बैठ गया मैने महक की आँखो मे झाँक कर देखा और फिर महक को अपने लंड पर झुका दिया उसने कुछ पल मेरे लंड को सूँघा और अपने मूह को खोलकर उसको अंदर ले लिया उसकी गरम खुरदरी जीभ का स्पर्श पाते ही लंड मे सुरसूराहट होनी शुरू हो गयी



और वो उस हसीना के मूह मे फूलने लगा महक को लंड को अपने मुँह लेने मे परेशानी होने लगी फिर भी वो उसे जैसे तैसे चूस्ति ही रही उसके थूक से लंड बड़ा ही चिकना हो गया था और उसकी नसे फूल कर बड़ी ख़तरनाक लग ने लगी थी महक अब जोश ख़रोश से लंड पे अपना मूह उपर नीचे चला रही थी वो मेरा लंड चूस रही थी




तो मैंन अपना हाथ उसके चुतड़ों पर फिरने लगा बड़ी ही कसी हुई गान्ड थी उस हसीना की तो मैं उसकी गान्ड को सहलाने लगा जैसे ही मैने अपनी उंगली से उसकी गान्ड के छेद को सहलाया महक ने मेरे लंड को अपने मूह में कस के दबा लिया मैने उसके कुल्हो को फैलाया और अपनी दो उंगलिया चूत के अंदर सरका दी महक ने अपनी जाँघो को भीच लिया



जितनी ज़ोर से मैं चूत मे उंगली करता उतनी ज़ोर से ही महक लंड को चूस्ती मैने उसके चुतड़ों को अच्छे से फैला दिया और मज़े से उंगलियो को अंदर बाहर करने लगा महक की टाँगे काँपने लगी थरथराती हुई उसकी मोटी मोटी टाँगे बड़ी ही प्यारी लग रही थी कुछ देर बाद उसने लंड को अपने मूह से निकाल दिया और मुझे हल्का सा धक्का देते हुवे मेरी छाती पर चढ़ गई



वो मेरे सीने पर झुक कर मुझे किस करने लगी तो मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खाने लगा लंड भी थूक से पूरी तरह गीला था और मशाल्लाह चूत के तो कहने ही क्या थे वो तो आज दरिया बनी हुवी थी तो महक अपना हट नीचे ले गयी और लंड को चूत के छेद पर सेट करते हुवे उस पर अपना बोझ डालने लगी महक ने एक तेज आह भरी और लंड को जड़ तक चूत मे ले लिया



वो अब आहिस्ता आहिस्ता से अपनी गंद को लचकते हुवे चुदाई का मज़ा लेते हुए मुझे किस कर रही थी चूत बेहद चिकनी होने की वजह से लंड बार बार फिसल रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था दो सुलगते हुवे जिस्मो मे अब शोले भड़कने ही लगे थे मैने उसके कुल्हो को थाम लिया और उसको अपनी सवारी करवाने लगा उसको कोई जल्दी नही थी वो बेहद आराम से लंड पर झूल रही थी
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#49
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Nice story
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#50
वो पूरे जोश से मेरी गोद मे बैठी हुवी अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदाई का सुख ले रही थी और मैं उसके शराबी होंठो को पीए जा रहा था महक की हर सांस मेरे अंदर घुले जा रही थी वो अब मंझधार तक पहुच गयी ती तो मैने उसको अपने उपर से उतार दिया और उसकी टाँगो को फैलाते हुवे अपने मूह को चूत पर लगा दिया महक इस हरकत से पागल हो गयी



उसकी चूत का दाना फूल गया था तो मैने उसको अपने दाँतों मे दबा लिया तो महक किसी पागल हिरनी की तरह बेड पर मचलने लगी कभी वो अपने बोबो को दबाए कभी मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए कभी अपने बालो को नोचे सेक्स आज उसके सर चढ़ कर बोल रहा था जब उसका बस ना चला तो उसने अपनी जाँघो को मेरे मूह पर कस कर लपेट दिया और मस्त मस्त आहे भरने लगी



उसकी चूत से निरंतर खारा पानी बहे जा रहा था महक मस्ती के सागर मे आज डूब ही गयी थी अब मैने दाने को छोड़ा और चूत मे अपनी जीभ को सरका दिया महक की आँखे वासना से लाल सुर्ख हो गयी थी उसका बुरा हाल हो गया था वो एक ऐसी आग मे जले जा रही थी जिसमे जलने को हर कोई बेकरार रहता है महक की चूत का सारा पानी मैं चाट चाट कर सॉफ करने लगा




महक बोली रहम करो मुझ पर मैं बस फ़ना होने ही वाली हू आप मुझे यू ना तडपाइये और मेरी इस प्यास का कुछ इलाज कीजिए तो मैं खड़ा हुआ और उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसको चोदने लगा महक हर पल पागल होती जा रही थी उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईई हिय्ाआआईयईईईईईईईईईईईईईईई करती हुई वो मेरे शक्तिशाली प्रहारो को झेल रही थी मैं लंड को सुपाडे तक बाहर खीचता और फिर झट से अंदर डालता तो उसकी चूत का छेद फैल जाता



जिस से उसको दुगना मज़ा मिला रहा था महक मेरा जोश बढ़ाते हुवे बोल रही थी कि ऐसे ही कीजिए ऐसे ही कीजिए मैने कहा मेरी जान तुम फिकर ना करो बस मेर साथ बनी रहो महक की शानदार चुदाई चल रही थी मैं हर धक्के पर उसको पूरा मज़ा दे रहा था आलम ये था कि अब ऐसा लम्हा आ गया था कि हम दोनो ही पागल हो गये थे मेरे लंड की नस नस अकड़ गयी थी



तो बस अब हम दोनो टूट कर बिखरने ही वाले थे चुदाई तो मैने बहुत की थी पर इस कश्मीर की कली की बात थोड़ी जुदा जुदा सी थी उसने ऐसा मज़ा दिया था कि फिर बाकी सब बेकार सा लगने लगा था अब मेरा पानी निकलने को ही था तो मैं अब उसके उपर छा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा महक भी लास्ट मोमेंट पर आ गयी थी फिर कुछ देर बाद हम दोनो ने एक मज़े से भरपूर आह भरी और साथ साथ ही झड़ने लगे

कुछ देर मैं उस से चिपका पड़ा रहा फिर जब हवस की खुमारी उतरी तो मैं महक से अलग हुआ महक ने चादर से अपने नंगे जिस्म को धक लिया तभी मुझे ध्यान आया कि मुझे तो पोस्ट पर होना चाहिए था तो मैने जल्दी से अपने कपड़े पहने और महक को एक किस करके कहा कि अभी मैं चलता हू तो वो लेटे लेटे ही बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जल्दी ही और वहाँ से निकल गया



इस घनघोर चुदाई ने जिस्म से ताक़त का कतरा कतरा निचोड़ डाला था तो थकान महसूस लगी थी मैं पोस्ट पर पहुचा तो साथियो ने कहा कि सर आप कहाँ लापता थे थोड़ी देर का बोल कर गये थे और अब आ रहे हो तो मैने कहा यार कुछ अर्जेंट काम हो गया था वो बोले सर शूकर है कि चेकिंग नही आई वरना प्राब्लम हो जाती मैने थोड़ा पानी पिया



कुछ गहरी सांस ली और कहा कि यारो मैं बहुत तक गया हू अगर आप कहो तो मैं थोड़ी देर सो जाउ मैं कल डबल ड्यूटी कर दूँगा तो वो बोले अरे सर इसमे डबल ड्यूटी की क्या बात है आप आराम करे तो मैं सो गया अगले दिन मुझे बेस कॅंप जाना पड़ा कुछ काम से तो मैने सीओ से फिर पूछा कि सर छुट्टी का अड्जस्टमेंट करवा दो तो वो बोले कि शाम तक तेरी पर्मिशन सॅंक्षन हो जाएगी



तू जाकर अपनी पॅकिंग वग़ैरा कर ले और घर जाने की तैयारी कर ये सुनके मैं खुश हो गया समान के नाम पे तो अपने को बस एक बॅग ही ले जाना था दोपहर तक ही मुझे पर्मिशन मिल गयी और कुछ ज़रूरी प्रोटकोल्स के बाद उसी शाम मैं बेस कॅंप से घर के लिए निकल पड़ा दिल मे बड़ी खुशी थी इतने दिनो के बाद घर जाने की रिज़र्वेशन था नही




तो ट्रेन के जनरल बोगी मे ही धक्के खाते खाते अपने शहर को पहुच ही गये जब मैं स्टेशन पर उतरा तो रात के 2 बज रहे थे इस टाइम गाँव के लिए कोई साधन मिलना मुश्किल था तो अपने बॅग को कंधे पर लट काया और मैं पैदल पैदल ही गाँव की ओर चल पड़ा रास्ता जाना पहचाना और फिर दिल मे जल्दी से घर पहुचने की उमंग तो आधे पोने घंटे बाद मैं आख़िर गाँव की हद मे आ ही गया



अब रुकना मुश्किल हो रहा था तो मैं तेज तेज चलते हुवे गलियों को पार करते हुए अपने घर के दरवाजे तक आ गया दिल कुछ अजीब सा हो गया था मैने कुण्डी खड़काई दो-तीन बार पर अंदर से कोई नही आया तो मैने घड़ी मे टाइम देखा तीन का टाइम हो रहा था लगभग तो मैने सोचा अभी सभी गहरी नींद मे सो रहे होंगे शायद मैं भी थका हुआ तो था ही तो मैं घर के बाहर बने चबूतरे पर सो गया



कुछ ही देर सोया था कि तभी किसी ने जगा दिया मैने आँखे मलते हुए देखा कि शीला थी जो दूध लेने जा रही थी मैने कहा क्या भाभी सोने भी नही दिया बड़ी नींद आ रही थी तो वो बोली देवर जी आप कब आए तो मैने कहा रात3 बजे वो बोले घर के अंदर नही गये तो मैने कहा किसी ने दरवाजा ही नही खोला वो बोली सुबह हो गयी है अब जागने ही वाले होंगे


मैने घड़ी देखी तो सवा पाँच हो रहे थे गाँव मे आज भी लोग अक्सर जल्दी ही उठ जाया करते थे तो मैं लगा फिर से दरवाजा पीटने तो थोड़ी देर बाद पापा आए और दरवाजा खोला मुझे खड़ा देख कर उनकी नींद एक दम से गायब सी हो गयी मैने उनके पैर छुए और घर के अंदर चला गया और जाते ही सबको जगा दिया हम जगन और तुम मज़े से सोओ



मम्मी बोली आ गयी तुझे हमारी याद कितने दिनो बाद आया है तू मैने कहा मम्मी अब आप अपना नाटक चालू मत करो पहले कुछ चाइ-पानी तो दो कल से कुछ नही खाया है तो वो उन्होने चाची को आवाज़ लगाई और नाश्ता तैयार करने को कहा कुछ देर बात चित करने के बाद मैं बाथरूम मे घुस गया और फिर नाश्ता करके सीधा सोने के लिए अपने कमरे मे चला गया



जैसे ही कमरे का दरवाजा खोल कर मैं अंदर हुआ मेरी नज़र दीवार पर बनी निशा की तस्वीर पर गयी तो दिल साला तड़प सा गया ना चाहते हुए भी मैं थोड़ा सा दुखी सा हो गया घर आते ही उसकी यादो ने आ घेरा बड़ी मुश्किल से उसको कुछ टाइम के लिए भूला था पर फिर से आज उसकी याद आ गयी थी मुझे उसपर बड़ा गुस्सा आता था ना जाने कहाँ गायब हो गयी थी वो मुझे कैसे भूल गयी थी वो



दिमाग़ बोझिल सा होने लगा तो मैं वापिस नीचे आ गया और बैठक मे ही सो गया एक बार आँख लगी तो फिर मैं घोड़े बेच कर ही सोया होश जब आया जब शाम को अनिता भाभी ने मुझे उठाया वो मुझे झींझोड़ते हुए बोली उठो भी अब शाम होने को आई है कितना सोओगे अधखुली आँखो से मैने भाभी को देखा और अपनी ओर खीच लिया तो वो बोली क्या करते हो जल्दी से उठो



मैने कहा भाभी थोड़ा सा पानी पिलाना तो वो बोली अभी लाती हूँ पर तुम जल्दी से उठ जाओ मैने पानी पिया और फिर भाभी के साथ हॉल मे आ गया तो सारे घर वाले उधर ही थे मैने साक्षी को अपनी गोदी मे लिया और खिलाने लगा कुछ देर उसको खिलाने के बाद मैने चाची के बेटे को भी गोद मे लिया मैने कहा चाची ये तो बिल्कुल आप पर ही गया है



तो बस हँस पड़ी भाभी ने चाइ पकड़ा दी तो उसकी चुस्किया लेने लगा फिर मैने कहा कि मम्मी मैं ज़रा घूम फिर के आता हू और अपनी बाइक को बाहर निकाल कर धूल सॉफ करने लगा तो मम्मी बोली कि घूमने बाद मे जाना पहले तू तेरी भाभी के साथ ज़रा खेतों की तरफ हो आ दो दिन हो गये है उधर जाना ही नही हो पाया है मेरा बिल्कुल मूड नही था पर भाभी साथ जा रही थी तो मैने हाँ कर दी

मैने बाइक स्टार्ट की और भाभी को लेकर चल पड़ा खेतो की ओर गाँव की हद से बाहर निकलते ही भाभी मुझसे चिपक कर बैठ गयी उनकी चूचियाँ जो अब पहले से कही ज़्यादा बड़ी हो चुकी थी मेरी पीठ मे चुभने लगी कच्चे रास्ते पर जब मैं ब्रेक लगाता तो भाभी पूरी तरह से अपना पूरा बोझ मेरी पीठ पर डाल रही थी वो भी मुझसे चुहलबाजी के मूड मे थी



कोई 15 मिनिट बाद हम खेतो मे पहुच गये मैं बाइक खड़ी करने लगा और भाभी कुँए पे बने कमरे का ताला खोलने लगी भाभी बोली खेत सूखे पड़े है तो मोटर चला देती हू मैने खाट बाहर निकाली और टीन के नीचे बिछा दी नीली साड़ी मे भाभी जबरदस्त दिख रही थी और फिर कुँए पर हम दोनो अकेले भी थे तो मैने शरारत करने की सोची



वो अभी कमरे के अंदर ही थी तो मैं वहाँ गया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनकी चूचियो को ब्लाउज के उपर से ही मसल्ने लगा तो भाभी मुझसे छूटने का प्रयास करती हुवी बोली कि क्या तुम भी आते ही शुरू हो गये हो अभी टाइम तो देखो मैने कहा भाभी आपसे प्यार करने मे टाइम क्या देखना हम तो आपके हुस्न के दीवाने बचपन से ही है


भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की ओर कर लिया जिसे से मेरा लंड वहाँ पर दबाव बनाने लगा वो बोली अगर मेरे इतने ही दीवाने हो तो ड्यूटी पे से कभी फोन क्यू नही करते मैने कहा भाभी जब भी फ़ुर्सत मिलती है तो करता ही हूँ ना और फिर पिछला डेढ़ महीना तो बड़ा ही भारी था मुझ पे वो बोली ऐसा क्या हुआ तो मैने बात टालते हुवे कहा कुछ नही भाभी ड्यूटी थोड़ी सख़्त थी



मैने कहा भाभी आप तो अब और भी जबरदस्त हो गयी हो तो वो हँसते हुवे बोली कहाँ मैं तो अब बुढ्ढि होती जा रही हू मैने कहा अरे अभी तो आपकी जवानी गदराई है और आप अभी से बुढ़ापे की सोच रही हो वो बोली क्यू मुझे चने के पेड़ पर चढ़ा रहे हो मैने कहा हद है भाभी अब मैने उनको अपनी ओर किया और बिना कुछ कहे चुप चाप अपने होंठो को उनके होंठो से मिला लिया



अनिता भाभी के होठ आज भी शहद से ज़्यादा मीठे थे मुझे वो दिन याद आ गया जब मैने पहली बार उनके नरम गुलाबी होतो का चुंबन लिया था भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी थी उनकी सांसो ने एक सरगम सी छेड़ दी थी उन्होने अपनी आँखो को बंद कर लिया और खुद को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया काफ़ी दिन बाद भाभी के साथ अकेला था इसी अहसास से मैं बेताब होने लगा



मैं लगातार उनको चूमे जा रहा था कि तभी बाहर कुछ आवाज़ हुई तो हम दोनो एक दूसरे से दूर हो गये भाभी अपनी साड़ी सही करने लगी और मैं बाहर निकल आया तो मैने देखा कि गीता हमारी ओर ही चली आ रही थी जैसी ही उसने मेरी ओर देखा तो उसके गालो पर लाली आ गयी मेरे पास आकर उसने खुशी भरे स्वर मे कहा कि तुम कब आए



मैने कहा आज सुबह ही आया हू वो बोली कुछ दिन रुकोगे मैने कहा डेढ़ महीने की छुट्टी है जम के मोज मारूँगा तो वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि पिछली बार की तरह मैं कही इंतज़ार करती ही ना रह जाउ तो मैने कहा अब मैं आ गया हू ना तो बस आपका इंतजार भी ख़तम हम बात कर ही रहे थे कि अंदर से भाभी भी आ गयी तो गीता ने कहा



अनिता बहू तुम्हारा घी तैयार करके रखा है मैने पर दो दिन से तुम्हारे घर से कोई इधर आया ही नही आओ मेरे साथ चलो और अपना पीपा ले जाओ तो मैने कहा भाभी आप ट्यूबबेल मे पानी छोड़ दो मैं घी ले आता हू और गीता के पीछे पीछे उसके घर की तरफ चल पड़ा मेरी निगाह उसकी गान्ड पर पड़ी गीता अब थोड़ी मोटी हो गयी थी



उसके दोनो चूतड़ कुछ ज़्यादा ही चौड़े हो गये थे और घाघरा बेहद कसा हुआ था चुतड़ों वाले हिस्से पे कुछ देर में मैं उसके घर पहुच गया तो देखा कि उसने एक नया कमरा और बना लिया था और साइड मे कई भैंसे भी पाल ली थी मैने कहा गीता तुमने तो खूब तरक्की कर ली है तो वो बोली खाक तरक्की की है सारा दिन इन पशुओ मे ही लगी रहती हू



मैने कहा सही तो है तुम्हारा टाइम पास भी होता रहता है वो बोली वो तो है मैने कहा और बताओ क्या चल रहा है तो वो बोली बस जी ही रही हू तुम ऐसी लत लगा कर गये कि जीना मुश्किल हो गया है मैने कहा फिर किसी से सेट्टिंग क्यो नही कर लेती तो वो बोली तुम पर तो मुझे भरोसा है पर गाँव मे मैं बदनामी नही चाहती हू वो बोली बैठो मैं चाइ बनाती हू



मैने मना करते हुवे कहा कि नही चाइ की ज़रूरत नही है तुम अभी तो जल्दी से घी का पीपा दे दो ज़्यादा देर हो गयी तो अनिता भाभी पता नही क्या सोचेगी और फिर वैसे भी थोड़ी देर मे अंधेरा होने वाला है तो घर भी जाना है मैं एक दो दिन मे आउन्गा तुमसे मिलने फिर तसल्ली से लूँगा तुम्हारी तो शरमाते हुवे बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो



मैं उसके पास गया और घाघरे के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया ज़ोर से तो गीता के मूह से एक चीख सी निकल गयई और वो बोली तुम भी पूरे बदमाश हो ज़रा भी नही सुधरे हो मैने कहा जिसके पास तुम्हारे जैसा जबर माल हो वो सुधर के करेगा भी तो क्या मैं हँसने लगा उसने घी का पीपा मुझे दिया और कहा कि दिन मे मत आना डेरी का काम है तो लोग आते जाते रहते है


मैने कहा ठीक है वैसे भी असली मज़ा तो रात को ही आता है तो वो हँसने लगी मैने घी लिया और वापिस कुँए पर आ गया भाभी ने पानी की होदि भर दी थी और खेतो मे भी पानी छोड़ दिया था मैने कहा भाभी हमने गीता से घी क्यो लिया तो वो बोली कि अब हम लोग तो भैंस रखते नही है तो फिर इनसे ही ले ते है मैने कहा क्यो तो वो बोली कि तुम्हारी ताई जी तो अब ज्याटर खाट पर ही रहती है



और तुम्हारी मम्मी का सारा दिन खेतो को संभालने मे चला जाता है और फिर छोटी चाची पेट से थी तो वो तो रेस्ट ही करती थी और अब ऑपरेशन से बच्चा हुआ है तो 6 महीना और खाट काटेंगी फिर घर के सब मर्द काम धन्दे वाले है तो बची मैं . मैं अकेली तो बस सबकी रोटीपानी और घर के काम ही कर सकती हू तो पशुओ को कॉन संभाले इस लिए भैंसो को बेच दिया



मेरा पूरा दिन तो बस खाना बनाने मे और सॉफ सफाई मे ही चला जाता है अब तुम जल्दी से मेरी देवरानी ले आओ तो मुझे भी रिलॅक्स मिले मैने कहा भाभी जल्दी ही करता हूँ ये काम तो भाभी बोली कि चाची ने दो-तीन लड़किया भी देख ली है तुम्हारे लिए तो मैने कहा पर मैं तो मिता से ब्याह करूँगा , तो वो बोली मुझे क्या अपनी मम्मी को तो मना लो पहले

अंधेरा भी होने लगा था तो मैने कहा घर चलते है और फिर हम घर आ गये चूँकि मैं आ गया था तो रात के खाने पर सभी मोजूद थे हँसी मज़ाक चल रहा था मैने कहा कि पापा अब मेरी ट्रैनिंग भी पूरी हो गयी और पोस्टिंग भी मिल गयी है तो मैं सोच रहा हू कि क्यो ना हम लोग माता की सवामनी कर दें तो पापा ने कहा कि बेटा विचार तो अच्छा है परंतु 10 दिन बाद तेरी बुआ की जेठानी की लड़की की शादी है तो पूरे परिवार को वहाँ जाना है अब शादी है तो कुछ खर्चा भी ज़्यादा होगा बहन के ससुराल जाएँगे तो मान-तान और कपड़े वग़ैरा भी लेने पड़ेंगे तो उसके बाद ही कर पाएँगे



मैने कहा कोई ना पहले शादी मे हो आते है पर उनको भी गर्मियो मे ही शादी करनी थी तो वो बोले सब संस्कार की बात है तभी मम्मी बोली तेरा शादी का क्या विचार है मैने कहा हम अब मुझे भी शादी करनी है सोच रहा हूँ कि सर्दियो मे मैं भी घोड़ी चढ़ ही जाउ तो चाचा बोले अरे तुझे बड़ा चाव चढ़ा है झूठ-मूठ का ही मना कर देता



मैने कहा चाचा अब जो काम करना ही है उसमे क्यो देर करे तो मम्मी बोली कि मैने दो-तीन लड़किया देखी है तू देख ले फिर बात आगे चलाती हू मैनें कहा मम्मी मैने तो लड़की पसंद कर ही रखी है आपको पिछली बार बताया तो था ना तो मम्मी बोली उस चुड़ैल का भूत अभी नही उतरा कि तेरे सर से मैने कहा मम्मी इतनी प्यारी लड़की तो है



तभी पापा ने बात संभालते हुवे कहा कि चलो अभी सब खाना खाओ फिर बाकी बात बाद मे करते है मैने पूछा रवि कहाँ है तो पता चला कि वो साइट से आते आते लेट होज़ायगा तो मैने कहा ठीक है सुबह ही मिल लूँगा और फिर मैं थोड़ी देर चाची सी बात की फिर मैं सोने चला गया दिल कर रहा था मिथ्लेश से बात करने को



पर मोबाइल भी नही था

तो बस सो कर ही रात गुजारी अगले दिन मैं थोड़ा सा लेट उठा पापा चाचा तब तक ऑफीस जा चुके थे चाची छोटू को हॉल मे बैठी बैठी दूध पिला रही थी मैने कहा मम्मी कहाँ है तो वो बोली बाहर तक गयी है तो मैने चाची को एक जबरदस्त किस किया और कहा कि चाची मैं तो सोच रहा था कि घर जाते ही सबसे पहले चाची के साथ थोड़ी मस्ती करूँगा पर आप ने तो सारा मूड ही खराब कर दिया



तो वो प्यार से मेरी गालो को सहलाते हुए बोली कि बेटा क्या करूँ मैं मेरी मजबूरी है डॉक्टर ने 6 महीने के सख़्त परहेज दिए है वरना मैं क्या कभी तुझे मना कर सकती हू क्या पर अभी थोड़ी मजबूरी है तो मैने कहा कोई बात नही मैं कुछ और जुगाड़ कर लूँगा आप आराम करो मम्मी आए तो नाश्ते की कह देना मैं ज़रा नहा कर आता हू और बाथरूम मे चला गया



काफ़ी देर तक मैं मल मल कर नहाया फोज मे तो इतना टाइम ही नही मिलता था तो कोई एक घंटे बाद मैं बाहर आया खाली तोलिया लपेटे हुवे अपने कमरे मे जा कर पाजामा पहना और हाथ मे क्रीम की डब्बी ले कर नीचे आ गया मैने देखा कि मम्मी रसोई मे थी और चाची हॉल मे लेटे लेटे टीवी देख रही थी आक्च्युयली क्या था कि उस हादसे के जख्म तो भर गये थे



पर उनके निशान और कुछ टाँको के निशान बदन पर रह गये थे तो डॉक्टर ने कहा था कि इस क्रीम को निशानो पर लगा ने तो वो पूरी तरह से मिटेंगे तो नही पर हम हल्के ज़रूर हो जाएँगे तो रोज मुझे वो क्रीम लगानी पड़ती थी तो मैं सोफे पर बैठ कर वो ही लगा रहा था कि मम्मी रसोई से आ गयी और मेरे शरीर पर उन ज़ख़्मो के निशानों को देख कर बोली



कि ये तेरे बदन पर क्या हुआ है तो मैने बेफिक्री से कहा कि कुछ नही थोड़ी चोट लग गयी थी तो उसी के निशान है ये सुनकर मम्मी मेरे पास आई और बोली ये छोटी सी चोट के निशान है बता ये कैसे हुआ क्या हुआ था तुझे मैने बात टालनी चाही पर माँ तो माँ होती है मम्मी ने भी ज़िद पकड़ ली तो बताना पड़ा कि कैसे मुझे इंजुरीस हुवी और डेढ़ महीना हॉस्पिटल मे कटा



ये सुनकर मम्मी की आँखो मे आँसू आ गये वो बोली तुझे फोज मे जाने ही नही देना चाहिए था मेरा एक बेटा है तुझे कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता मैने कहा मम्मी फोजी की ज़िंदगी मे ऐसे लम्हे तो आते ही रहते है और फिर तुम तो बहादुर बेटे की माँ हो तुम कब से घबराने लगी तो वो बोली बेटा डर तो लगता है ना अगर तुझे कुछ हो जाता तो इस घर का होता



तेरे पास किस चीज़ की कमी है फालतू मे ही तू भरती हो गया कॉन सा तेरे पीछे वहाँ काम रुक रहा है मैने कहा मम्मी आप ज़्यादा ना सोचो छोटी मोटी चोट तो लगती ही रहती है ना आप अभी मुझे नाश्ता दो मैं शहर जा रहा हू मुझ फोन खरीदना है और छोटू और साक्षी के लिए खिलोने भी लाने है तो चाची बोली छोटू तो तीन महीने का ही है ये क्या खेलेगा



तभी मम्मी बोली कि अनिता भी कह रही थी शहर जाने को तू नाश्ता कर तब तक मैं उस से पूछ कर आती हू वो जाएगी तो फिर साथ ही निकल जाना मैने कहा जी और मैं नाश्ते को दबाने लगा मैने थाली सॉफ ही की थी कि मम्मी आ गई वो बोली कि थोड़ी देर रुक जा वो तैयार होके आ रही है तो मैं टीवी देखने लगा आधे घंटे बाद भाभी आ गयी साक्षी को लेके



तो मम्मी बोली कि अनिता साक्षी को इधर ही रहने दे बाजार मे ये परेशान करेगी इसको मैं संभाल लूँगी तो फिर मैं और भाभी चल पड़े गाँव से भर आते ही भाभी अपने मूड मे आ गयी तो मुझे भी मस्ती आने लगी मैने कहा भाभी अब मेरा रुकना मुश्किल है कुछ जुगाड़ करो मेरा तो वो बोली देवेर जी भला मैं क्या कर सकती हू आपका जुगाड़ तो अब घर वाले कर ही रहे है

मैने कहा भाभी आप मज़े मत लो और सीरियस्ली बताओ कि अब दोगि तो वो बोली ले लो चाहे अभी मैं कब मना कर रही हूँ तुम कहो तो अभी यही पे दे दूं मैं समझ गया कि भाभी आज मस्ती के मूड मे है और मेरी टाँग खीच रही है मैने कहा भाभी एक तो उधर लगी पड़ी रहती है और एक आप भी मज़े ले रही हो तो वो बोली अच्छा बाबा नाराज़ ना हो मोका लगते ही तुमको खुश कर दूँगी



ऐसे ही बात करते करते हम शहर पहुच गये मैने कहा भाभी पहले बॅंक चलते है तो वो बोली ठीक है मैं बॅंक गया और कुछ पैसे निकाल लिए फिर मैने मोबाइल और सिम खरीदा और जल्दी से उसको आक्टीवेट करने को कहा तो उसने कहा कि दो घंटे मे चालू कर देगा फिर मैने भाभी से पूछा कि उनको क्या लेना है तो वो बोली कि कुछ नयी साड़ियाँ और ज़रूरत का सामान

औरतो को तो बस मोका चाहिए शॉपिंग का भाभी ने बहुत वक़्त लगा दिया साड़ियाँ लेने मे फिर हमने बच्चों के लिए ढेर सारे खिलोने खरीदे भाभी को जूस पिलाने के बाद मैने घर के लिए कुछ मिठाई खरीदी और फिर कोई ढाई बजे हम वापिस चल पड़े मैने रास्ते मे ही भाभी को समझा दिया कि जल्दी से ही मेरा काम करना और उन्होने वादा किया

शाम होते होते सिम कार्ड भी आक्टीवेट हो गया था तो मैने मिथ्लेश को कॉल किया और कहा कि मैं गाँव आ गया हू अब तू भी आजा तो पहले तो उसने जी भर कर गलिया बाकी मुझे और कहा कि कितने दिन हो गये फोन क्यो नही मिलता था तेरा मैने उसको बताया कि कैसे फोन टूटा और सारी बात ये सुनकर मिथ्लेश बहुत ज़्यादा घबरा गयी उसने कहा तो और किसी के फोन से बता देता मैने कहा यार बस तुझे परेशान नही करना चाहता था

वो बोली बड़ा आया बाते बनाने वाला अगर तू मर वर जाता तो मेरा क्या होता मैने कहा मर जाता तो भी भूत बन कर तेरे पास ही रहता वो बोली अच्छा अब बाते ना बना और एक खुशख़बरी सुन मेरी नोकरी लग गयी है वो भी सरकारी ये सुनकर मैं तो जैसे झूम ही उठा मैने कहा यार अब तो शादी करले अब तेरे बिना जीना मुश्किल हो रहा है


तो मिता बोली कि मैं तो खुद मरी जा रही हू तेरे साथ ग्रह्स्थि बसने को पर घरवालो का सामना भी करना है मुझे पता नही कैसे कर पाउन्गी और नोकरी भी नही नही लगी है 10 दिन पहले ही अजमेर आई हू मैने कहा तू अभी अजमेर है तो वो बोली हमने यहाँ के गवरमेंट. हॉस्पिटल के जच्चा-बच्चा वॉर्ड मे जाय्न किया है मैने कहा चल फिर मैं कुछ दिन मे आता हू तुमसे मिलने


तो वो बोली हाँ तू ही आजा नयी नोकरी है तो मेरा छुट्टी लेना तो इंपॉसिबल है तेरे आने से मुझे भी अच्छा लगेगा तो मैने कहा कि यार बुआ के यहाँ शादी है उसके बाद पक्का अपनी डार्लिंग के साथ रहूँगा कुछ दिन हम पर अब मैं जल्दी से जल्दी शादी करना चाहता हू बस अब मेरी दुल्हन बन जा जल्दी से तो वो बोली तू मुझे 6-7 महीने का टाइम दे मैं देखती हू



मैने कहा यार तू अब अपने घर वालो से बात कर मानें तो ठीक नही तो कोर्ट मे शादी कर लेंगे बाद मे मना लेंगे उनको वो बोली तू चुप रह मैं कभी भी भाग कर शादी नही करूँगी तुझे पता है ना तो मैने कहा तो फिर अपने घर वालो को मना मिता बोली बोला तो है ना अब की बार घर आते ही सबसे पहले ये ही काम करूँगी फिर कुछ और बातों के बाद मैने फोन रख दिया



बात तो उर्वशी से भी करना चाहता था मैं पर उसका नंबर मिला नही दो-तीन बार ट्राइ किया पर नही मिला तो मैं हताश होकर रह गया मैं घर से निकला और बाहर घूमने चल दिया मंज़िल वोही थी अपना पुराना ठिकाना गाँव का तालाब तो जाकर उसी के किनारे उगी घास मे बैठ गया और अपने बीते दिनो को याद करने लगा मुझे पता नही क्यो निशा की याद आ रही थी



मैं वहाँ बैठा पानी मे तैरती हुवी जल्मुर्गियो को निहार रहा था तभी मुझे किसी ने पुकारा मैने पीछे मूड के देखा तो ये तो सोनू भाभी थी हम वही जो हमारे घर की निचली वाली गली मे रहती थी मैं उठ कर उनके पास गया वो बोली तुम छुट्टी कब आए तोमैने कहा भाभी एक दिन हुआ है आप यहाँ कैसे तो वो बोली कि वो तालाब किनारे की चिकनी मिट्टी लेने आई है



काफ़ी देर हो गयी उनकी परात भारी है कोई उठवाने वाला मिला नही कि तभी तुम पर नज़र गयी तुम परात उठवा दो मैने खा चलो और फिर परात को उनकी सर पर रखवा दिया मैने कहा मैं भी घर जा रहा हू साथ ही चलते है तो उन्होने कहा आ जाओ और हम बाते करते हुवे साथ साथ चलने लगे मेरी निगाह उनकी सुडोल गान्ड पर ज़्यादा जा रही थी



पिछली बार भी उनकी एक दो झलक पाकर ही रह गया था और अब तो टाइम भी था मेरे पास तो मैने सोचा चान्स ज़रूर लूँगा क्या पता जुगाड़ हो ही जाए तो मैने बतो का सिलसिला आयेज बढ़ते हुवे कहा की और भाभी क्या चल रहा है आज कल तो वो बोली क्या बतौ बस सारा दिन काम मे ही लगे रहते है कुछ फ़ुर्सत ही नही मिलती है तो मैने कहा भाभी इतना काम भी ना किया करो



तो सोनू बोली देवेर जी काम तो करना ही पड़ता है अब आपकी तरह हमारी तो ऐश है नही मैने कहा भाभी मेरी कॉन सी ऐश है तो वो बोली आप तो फोज मे अफ़सर हो आपका तो बस हुकम चलता है मैने कहा ये आपसे किसने कह दिया अफसरो की ही ज़्यादा परेड होती है सोनू बोली अब तुम शादी कर लो फिर जल्दी जल्दी घर आओगे मैने कहा भाभी घर जल्दी आने के लिए क्या शादी करने की ज़रूरत है



तो वो कहने लगी कि एक दिन आपकी मम्मी कह रही थी कि अबकी बार आते ही शादी कर दूँगी तभी सुधरेगा मैने कहा भाभी मैं अभी कहा बिगड़ रहा हू और आप जैसी कोई हसीना मिले तभी तो शादी करू मैं तो चूक गया और भाई उसके पति का नाम लेते हुए और वो आपको ले उड़ा तो सोनू शरम से गढ़ गयी और हँसते हुवे बोली कि मैं कहाँ से हसीना लगी तुम्हे



तो मैने कहा भाभी आप क्या किसी से कम हो चलती फिरती बिजली हो आप तो वो बोली अब रहने भी दो ना अब दो बच्चे हो गये है अब कहाँ पहले वाली बात रही है तो मैने दाना फैंकते हुए कहा कि भाभी कभी आईने के सामने खुद को देखना फिर बताना हमारे जैसे तो आपकी एक मुस्कान पर ही मर जाए तो वो बोली अब इतनी तारीफ भी ना करो हमारी ऐसे ही बाते करते करते हम घर की तरफ आ गये वो अपनी गली मे मूड गयी और मैं अपनी मे



घर के बाहर ही रवि कुर्सी पे बैठा था उसने मुझे देख कर कहा अरे फोजी कहा घूम रहे हो कब के आए हो और भाई से मिले नही तोमैने कहा कि यार मैने कल पूछा था तो भाभी ने बताया कि तुम आजकल लेट घर आते हो वो बोला हाँ यार काम का बड़ा प्रेशर है

आज मैं तुझसे मिलने के लिए थोड़ा जल्दी आ गया बस थोड़ा सा काम और है फिर तो फ्री ही रहूँगा तो हम बातें करने लगे वही बैठे बैठे काफ़ी टाइम हो गया था तो मैने कहा रवि पेग लगाएगा तो वो बोला हम क्यो नही मैने कहा तू रुक मैं आता हू और कुछ देर बाद हम पेग पर पेग लगा रहे थे और फिर वही पर बात करते करते सो गये



अगले दिन जब मैं उठ कर अंदर गया तो मैने देखा कि सोनू की सास हमारे घर आई हुई थी वो मम्मी से पशुओ की चारी लेने की बात कर रही थी तो मम्मी ने कहा कि ठीक है आप खेत मे आके देख लेना मैने कहा सुबह सुबह क्या चल रहा है तो वो बोली अरे कुछ नही तो रेडी हो जा तो मैने कहा मम्मी मैं खेत मे जा रहा हू उधर ही नहा लूँगा और थोड़ा घूम-फिर कर लेट आउन्गा



असल मे मैं सोच रहा था कि तोड़ा टाइम गीता के साथ गुज़ारू और उसको चोद लूँ पर सोनू की सास बीच मे टोकते हुए बोली कि अरे बेटा खेत जा रहा है तो तेरी भाभी को भी ले जा मेरे तो बस का नही है इतनी दूर आना –जाना वो ही चारी देख आएगी और आज ही ले भी आएगी ये सुनकर मेरे अंदर का शैतान खुश हो गया सोनू जैसी माल से मस्ती करने का मोका खुद चल कर आ रहा था तो मैं कैसे मना कर सकता था



तो मैने कहा ठीक है काकी आप उनको जल्दी से भेज दो मैं बस मुँह देख के निकल ही रहा हू मैने बाइक बाहर निकाल ली और भाभी का इंतज़ार करने लगा तो कुछ ही देर मे वो आ गयी उनको देखते ही मेरा लंड निक्कर मे से उनको सलामी देने लगा पीले ब्लाउज और नीले घाघरे मे क्या मस्त माल लग रही थी मैने कहा क्या भाभी कितनी देर लगती हो मैं अभी जाने ही वाला था



तो वो बोली मुझे पता था कि तुम मुझे लिए बिना नही जाओगे मैने कहा वो भला क्यूँ तो सोनू अपने खिलन्दड अंदाज मे बोली कि क्योंकि आप मेरे प्यारे देवर जो हो मैने कहा भाभी बातें ना बनाओ और जल्दी से बैठो तो वो बाइक पर बैठ गयी और मैं उनको ले उड़ चला खेत की ओर मैने दिल मे सोच लिया था कि आज कुछ भी करके सोनू को दाना चुगवा ही दूँगा क्योंकि अब अपने लंड को चूत की सख़्त दरकार थी

कभी कभी मैं बाइक के ब्रेक्स को जान कर के टाइट लगा देता था तो भाभी मेरी पीठ पर झूल जाती थी उनकी गोल संतरे सी चूचियो का स्पर्श अपनी पीठ पर पाकर मैं और भी रोमॅंटिक सा होने लगा मैने सोच लिया आज इसको चोद के ही रहूँगा चाहे कुछ भी हो तभी सोनू अपनी चूचियो को मेरी पीठ पर रगड़ते हुए बोली कि तुम थोड़ा धीरे धीरे चलाओ ना


मैने कहा आप थोड़ा सम्भल के बैठो तो वो बोली कैसे तेरी गाड़ी मे तो पीछे पकड़ने वाला भी नही है तो मैने कहा भाभी आप मुझे कस कर पकड़ लो तो उसने मेरी कमर मे अपना हाथ डाल दिया और कस के पकड़ लिया वो थोड़ा सा आगे की ओर झुक गयी थी तो अब उसके चूचे मेरी पीठ पर पूरा दबाव डाले हुए थे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और शायद उसे भी



ऐसे ही एक दूसरे से मज़े लेते हुए हम खेत मे पहुच गये मैने बाइक खड़ी की तो सोनू बोली अरे इधर तो चारी है ही नही मैने कहा अकल की दुश्मन मेरी प्यारी भाभी थोड़ा सबर तो कर अभी तुझे चारी दिखाता हू वो बोली मुझे तो नही दिख रही मैने कहा तुझे कुछ दिखता भी है इतना अच्छा देवर है तेरा वो भी कहाँ दिखता है तुमको तो सोनू बोली ज़्यादा बनो मत



मैं अच्छी तरह से समझती हू मैने मज़े लेते हुए कहा कि क्या समझती हो ज़रा हमें भी तो बताओ और मैं उसके बिल्कुल पास आकर खड़ा हो गया और उसकी भूरी आँखो मे झाँकने लगा तो सोनू ने बात बदलते हुए कहा कि चलो जल्दी से मुझे चारी दिखाओ फिर मुझे घर भी जाना है तो मैने कहा भाभी मेरे साथ आओ और उनको लेकर दूसरी तरफ के खेतो की ओर बढ़ चला
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Great speed of posting
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Waiting for the next
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पैदल पैदल चलते हुए हम दोनो कोई दस मिनिट बाद हमारे दूसरी तरफ के खेत मे पहुच गये मैने कहा भाभी देख लो चारी अच्छे से और जहाँ से पसंद हो वही से ले लेना सोनू बोली माजी ने कहा है कि हम 15 कूड़े लेंगे मैने कहा हिसाब किताब की बात घरवालो से करना तो वो बोली फिर तुमसे क्या बात करूँ तो मैने भी कह दिया कि मैं तो प्रेम पुजारी हू भाभी



बस प्यार-मोहबत की बातें करता हू काश आप जैसा हसी कोई हमे भी मिल जाए तो कुछ हमारा भी भला हो जाए तो सोनू बोली तुम्हारे कुछ ज़्यादा ही पर निकल आए है काकी जी से तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी तो मैने कहा लो जी अब तो किसी की खूबसूरती की तारीफ करना भी गुनाह ही हो गया है तो सोनू बोली देवेर जी मुझे तुम्हारे मन मे कुछ काला लगता है



मैने कहा भाभी मैं काला-गोरा नही समझता हू जो दिल मे है वो ही बता ता हू मैं बेशक दुनियादारी नही समझता पर एक दिल है जो कभी कभी गुस्ताख हो जाता है और सच कहूँ तो भाभी आप को देख कर मुझे पता नही क्या हो जाता है मेरे मन मे आपका ही ख़याल आता रहता है भाभी मैं दिल की बात बता रहा हू मुझे आप बड़ी ही अच्छी लगती हो



सोनू पगडंडी पे ही बैठ गयी और बोली कि मुझमे ऐसा क्या देख लिया तुमने मैं दो बच्चों की माँ हू और मान लो मैं तुमसे बोल-बतला भी लू अगर मेरे उनको मालूम हो गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा दाँव पर तो मेरी ग्रहिस्ती लगेगी ना तो मैं भी उनके पास बैठ गया और उनके हाथ को पकड़ कर बोला ना भाभी मैं ऐसा कोई काम करूँगा ही नही जिस से आपको कोई तकलीफ़ हो

मैं तो फोजी आदमी हू कभी आउन्गा कभी नही आ पाउन्गा सोचा दो पल आपके साथ हँस बोल लूँगा बाकी आपकी मर्ज़ी मेरी अरदास मानो या ना मानो मेरे मन मे जो बात थी वो मैने आपको बता दी है अब आपकी मर्ज़ी हम करो या ना करो तो सोनू बोली क्यू मुझे मुश्किल मे डालते हो और थोड़े दिन मे तुम्हारे घर वाले तुम्हारा ब्याह तो कर ही रहे है ना



मैने कहा ब्याह अपनी जगह है और आप अपनी जगह हो मैं ज़्यादा घूमफिरा कर बात नही करता मैने आपको बता दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हो और मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हू अब आप की जो भी बात हो मुझे जवाब ज़रूर देना मैं आपके जवाब का इंतज़ार करूँगा तो वो बोली मुझ दुविधा मे डाल रहे हो और तुमसे दोस्ती करके मुझे क्या मिलेगा



मैने कहा भाभी दोस्ती करने का कह रहा हू कोई सोदेबाजी नही कर रहा जो नफे-नुकसान की बात करूँ सोनू बोली मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि क्या कहूँ तुम्हे तुम मेरे बारे मे ऐसा कैसे सोच सकते हो तो मैने कहा मुझे नही पता भाभी मैं ऐसा कैसे सोचने लगा मैं खुद नही जानता कि कैसे मे आपको पसंद करने लगा सोनू बोली तुम ज़रा बात को समझो



मान लो अगर मैं तुमसे हाँ कर भी लेती हू , और किसी को पता चल गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा मारी तो मैं जाउन्गी ना मैने कहा भाभी मैं कॉन सा सात जनम का बंधन बाँध रहा हू तुमसे और फिर मुझे छुट्टी भी कितने दिन की मिलती है ज़रा सोचो मैं कितनी बार तुमसे मिल पाउन्गा मैने कहा आप आज शाम तक मुझे अपनी हाँ या ना बता देना



मैने कहा भाभी छोड़ो इस बात को अब और आओ मैं तुम्हे चारी कटवा देता हू धूप भी पड़ने लगी है फिर साथ साथ ही घर चलेंगे तो मैं उसकी मदद करवाने लगा एक तो उमस ज़्यादा थी और दूसरा हम अंदर की तरफ से चारी काट रहे थे तो जल्दी ही हमारा बदन पसीने से नहा गया सोनू अपने चेहरे पर आए पसीने को साड़ी के पल्लू से पोंछने लगी



तो उसका ब्लाउज मेरी आँखो के सामने आ गया और मेरी आँखे चमक उठी उसकी ठोस गोलाइयाँ ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रही थी ब्लाउज से उसकी निप्पल्स सॉफ दिख रही थी मतलब कि उसने अंदर ब्रा नही डाली हुई थी और पसीने की वजह से ब्लाउज सोनू के स्तनो से चिपक गया था और उसकी मस्त चूचियो को नुमाया कर रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरा लंड निक्कर मे टाइट हो गया


जब सोनू ने देखा कि मैं उसके स्तनों को घूर रहा हू तो उसने उनको अपने आँचल से ढक लिया और मेरी ओर देखती हुई बोली कि गर्मी बहुत है मैने कहा हम भाभी और हम फिर से कटाइ करने लगे पर किस्मत भी मुझ पर अपनी मेहरबानी दिखा रही थी तो सोनू थोड़ा झुक कर चारी काट रही थी तभी एक टिड्डा जिसे गाँव मे राम जी की गाय कहते है सोनू के ब्लाउज मे घुस गया



जब उसको ये अहसास हुआ कि उसकी चूचियो पर कुछ रेंगरहा है तो वो एक दम से घबरा गयी मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली कि कुछ घुस गया है मेरे ब्लाउज मे देखती हूँ पर वो टिड्डा अब उसकी पीठ की ओर चला गया जहाँ पर सोनू का हाथ नही पहुच पा रहा था और उसको डर भी लग रहा था कि कही काट ना ले तो मैने कहा भाभी लाओ मैं देखता हू



और उसका जवाब सुने बिना ही उसको अपनी ओर ले लिया और कहा कि भाभी कहाँ है कीड़ा तो वो डरती हुई बोली कि पीठ पर चल रहा है मैने मैने अपना हाथ घुसाने की कोशिश की पर टाइट गले का होने के कारण मेरा हाथ पीठ पर नही गया तो मैं अपने हाथ आगे को ले गया और उसके हुको को खोल दिया और उसकी नरम नरम चूचिया मेरे हाथो मे आ गयी



मैं सोनू से बिल्कुल चिपक कर उसके पीछे खड़ा था और मेरे हाथ उसके बोबो पर थे तो मैने बिना देर किए उसको बोबो को दबा दिया तो सोनू के मुँह से एक सिसकी निकल गयी और उसकी आँखे बंद हो गयी मेरे लिए ये एक दम सही समय था मैं उस से थोड़ा सा और चिपक गया और मेरा लंड उसके चुतड़ों पर अपना दबाव डालने लगा मैं हल्के हल्के से उसकी चूचिया दबाने लगा था



ये सब इतनी जल्दी हो गया था कि सोनू की तो सांस ही अटक गयी थी वो जैसे बुत बन गयी थी उसके उभार मेरी दोनो मुत्ठियों मे फड्फाडा रहे थे तो मैं थोड़ा सा आगे हुआ और उसकी गर्दन से बहते हुए पसीने को अपनी जीभ से चाटने लगा सोनू मेरी इस हरकत से अपने होश खोने लगी कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया और साड़ी के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया



तो सोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाती हुई आवाज़ मे बोली नही ऐसा मत करो और मेरी बाहों से बाहर निकल आई और अपने ब्लाउज को बंद करने लगी मैने भी उसको नही रोका क्योंकि मैं चाहता था कि वो खुशी से चुदवाये मुझसे मैने अपने लंड को अड्जस्ट किया सोनू कुछ देर बाद बोली कि बस आज के लिए इतनी चारी ही बहुत रहेगी मैने चारी उसके सर पे रखवाई और हम कुँए की तरफ बढ़ गये



कुँए पर आने के बाद चारी दीवार के सहारे लगाई और मुधे पर बैठ गयी और अपना पसीना पोछने लगी मैने मटके से पानी पिया और उसको भी गिलास भर के दिया फिर मैने कहा भाभी आप दो मिनिट बैठो मैं नहा लेता हूँ फिर घर चलेंगे तो वो बोली ठीक है पर जल्दी करना मुझे घर जाके खाना भी बनाना है मैने कहा बस भाभी अभी नहाया



मैने मोटर चलाई और कपड़े उतार कर कुण्डी मे कूद गया मैने फ्रेंची डाली हुई थी वो भी सफेद कलर की तो गीली होते ही मेरे लिंग से वो चिपक गयी और वो सॉफ सॉफ दिखने लगा मैं खड़ा होकर नहा रहा था तभी मैने देखा कि सोनू की निगाह मेरे लंड पर ही जमी हुई है तो मेर बदन मे रोमांच होने लगा और लंड अंगड़ाई लेने लगा और तन गया फ्रेंची मेरे तने हुए लंड को संभाल नही पाई और लंड का सुपाडा उपर की तरह निकल आया



पर मैने भी लंड को ढकने की कोई कोशिश नही की सोनू का चेहरा लाल सुर्ख हो गया था मतलब कि उसकी झान्टो मे भी आग लग गयी थी कुछ देर बाद मैं नहा लिया फिर हम घर को चल पड़े जब सोनू अपने घर जाने लगी तो मैने धीरे से कहा कि भाभी अपना जवाब जल्दी से देना तो उसने मुझ पर के भरपूर नज़र डाली और अपनी गाण्ड को मटकाती हुई चली गयी

अब मुझे चूत की सख़्त दरकार थी मैं घर के अंदर गया तो बुआ का फोन आया हुआ था तो मैं भी बात करने लगा मैने कहा बुआ आप कब आओगी तो वो बोली कि घर मे शादी है मेरा तो आना मुश्किल होगा तू एक काम कर तू आजा शादी के कामो मे हेल्प भी कर दियो और …………………………..तो मैने कहा और क्या बुआ तो वो बोली और मेरी भी और हँसने लगी मैने कहा बुआ दो-चार दिन मे आता हू



पर आपको मेरा ख़याल रखना पड़ेगा तो वो बोली आतो सही फिर देख ना अपनी बुआ की खातिर दारी को फिर मैने फोन चाची को दे दिया और अपने कमरे मे चला गया और बेड पर लेटकर सोनू के बारे मे सोचने लगा मुझे पूरी आशा थी कि सोनू मान ही जाएगी और अपनी चूत का रस मुझे ज़रूर चखाएगी मैं उसकी लेने के लिए बेताब हुए जा रहा था उसके ख़याल से ही मेरे लंड मे तनाव आने लगा



पर मैं मुट्ठी नही मारना चाहता था तो मैं उठा और अनिता भाभी के घर की ओर चल पड़ा अंदर जाते ही मैने देखा कि ताइजी सोई पड़ी है तो मैं सीधा भाभी के कमरे मे पहुच गया पर वो मुझे वहाँ नही मिली कुछ देर इंतज़ार किया पर वो नही आई तो मायूस होकर मैं अपने घर वापिस आ गया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगा कि यार अबकी बार पता नही क्या हो गया है चूत कर जुगाड़ हो ही नही रहा हे।

कुछ देर बाद चाची भी आ गयी और मेरे पास बैठ कर बातें करने लगी मैने कहा चाची आपके बिना रहना मुश्किल हो रहा है काश आप सही होती तो मज़ा आ जाता तो वो मेरे बालो पर हाथ फिराते हुए बोली बेटा तडप तो मैं भी रही हू तुमसे प्यार करने को पर मैं मजबूर हू डॉक्टर ने मना किया है वरना अब तक तो तुम को कई बार मज़ा दे चुकी होती मैने पूछा मम्मी कहाँ है तो उन्होने बताया कि वो अनिता के साथ खेतो मे गयी है



मैने कहा तो इसका मतलब घर पर हम दोनो अकेले है वो बोली हम अभी तो बस हम लोग ही है , मैं उठा और मेन डोर को लॉक करके वापिस आ गया मैने कहा चाची आप सेक्स नही कर सकती तो क्या हुआ हाथ से मेरे इसको हिला कर पानी तो निकाल ही सकते हो , तो चाची बोली हाँ अब तेरे लिए इतना तो कर ही दूँगी तो मैने झट से अपनी पॅंट और कच्छे को उतारा और चाची के पास जाकर खड़ा हो गया चाची ने मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और सहलाते हुए बोली कि ये क्या हमेशा खड़ा ही रहता है



मैं बोला हमेशा तो नही, पर पास मे आप जैसा जबरदस्त माल हो तो फिर तो खड़ा होगा ही ना चाची हँसने लगी और लंड पर अपनी पकड़ को मजबूत कर दी उनकी नाज़ुक उंगलियो का स्पर्श पाकर लंड मे जैसे करेंट दौड़ गया और वो अपनी फुल फोरम मे आ गया चाची अपने हाथ को हौले-हौले आगे पीछे करने लगी तो मुझे अच्छा लगने लगा वो मेरे लंड को हिलाते हुए बोली कि फोज मे तेरा काम कैसे चलता है



तो मैने उन्हे बताया कि आप जैसी ही कुछ दयालु महिलाए मदद कर्देति है तो काम चल जाता है वरना हमारी किस्मत मे कहाँ सेक्स का मज़ा लिखा है तो चाची बोली ज़्यादा ना बन मुझे सब पता है तेरा बस चले तो किसी को भी ना बख़्शे और वैसे भी तू कुछ दिनो मे बाई जी के यहाँ जा रहा है फिर तो उनके साथ ही लगा रहेगा और हँसने लगी मैने कहा आपने तो हाथ उपर कर दिए अब किसी ना किसी का सहारा तो लेना ही पड़ेगा



तो वो ठंडी आह भरते हुए बोली हम अब वैसे भी जब तुम्हे नया नया माल मिलेगा तो फिर तुम मेरे पास क्यो आओगे मैने कहा चाची आपसे टक्कर कोई कर सकती है क्या आप कहो तो अभी चोद दूं आपको तो वो बोली बताया ना तुझे कि मजबूरी है वरना मैं खुद ही कब का तेरी गोद मे आ जाती चाची अब अपना हाथ बड़ी तेज़ी से चलाने लगी थी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा था


मैने मस्ती से अपनी आँखे बंद कर ली और चाची के हाथ को अपने लंड पर महसूस करने लगा जब वो अपनी उंगली को मेरे सुपाडे पर रखती तो कसम से ऐसा लगता कि बस अब जान निकली मेरा पानी छूटने को हो रहा था तो मैने कहा चाची कुछ देर इसको अपने मुँह मे लो ना तो उन्होने अपनी नशीली आँखो से मुझे देखा और फिर अपने होंठो को जीभ से गीला करके अपने होठ लंड पर रख दिए



उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मुझे लगा कही लंड की चमड़ी उनके होंठो की गर्मी से जल ना जाए फिर उन्होने अपनी लंबी जीभ बाहर निकाली और सुपाडे पर घुमाने लगी मस्ती से मेरा पूरा बदन कांप गया मैने अपने हाथो से उनके सर को पकड़ लिया तो वो अब उन्होने आधे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसको गीला करते हुए चूसने लगी मेरी टाँगो मे कंपन होने लगा



तो मैने अपने हाथो को उनके सर पर कस लिया और पूरे लंड को उनके मुँह मे डालने लगा चाची अच्छे से लंड की चुसाइ कर रही थी उनकी लिज़लीज़ी जीभ मेरे पूरे लंड पर घूम रही थी मुझे पता था कि अब मैं ज़्यादा देर नही ठहर नही पाउन्गा तो मैने कहा चाची मैं झड़ने ही वाला हू आप ज़ोर से चूसो तो वो अपने मुँह को तेजिसे उपर-नीचे करने लगी


मेरे लिए अब खड़ा होना मुश्किल हो गया था मस्ती से मेरा रोम-रोम झूमने लगा था और फिर लंड से एक धार निकली और चाची के मुँह मे गिरने लगी मैं झड़ने लगा तो उन्होने अपने मुँह मे लंड को कस लिया और तेज़ी से चुप्पे लगाने लगी कुछ देर तक मेरे लंड से वीर्य निकल कर उनके मुँह मे गिरता रहा जिसे उन्होने अपने गले मे उतार लिया जब सारे पानी को पूरी तरह से उन्होने पी लिया तो मैने अपने लंड को उनके मुँह से बाहर निकाल लिया

और उनके पास ही सोफे पर बैठ गया

चाची ने अपने चेहरे को सॉफ किया और फिर मुझसे कहने लगी कि शादी के लिए खरीदारी भी करनी है तो तू जीजी के साथ बाजार चला जाना मैने कहा नही मैं नही जाउन्गा वो काम मम्मी और भाभी कर लेंगी अपन तो बस मस्ती मारेंगे तो वो बोली तू घरके कामों मे कभी मदद ना करियो बस ऐसे ही घूमता रहियो मैने कहा चाची इतनी ही छुट्टी मिली है तो थोड़ा एंजाय कर रहा हू और क्या



फिर मैने पूछा की चाची मेरे पीछे से निशा का कोई फोन या लेटर आया तो वो बोली नही आया तो मैं उदास हो गया मैने कहा पता नही चाची वो कहाँ चली गयी है कब से ढूँढ रहा हूँ उसकी तलाश मे मुंबई भी गया पर वो वहाँ भी नही मिली करूँ तो क्या करूँ चाची बोली तू उसकी इतनी फिकर क्यो करता है ज़िंदगी मे कई ऐसे मोड़ आते है जब कुछ नये लोग मिलते है और पुराने साथ छोड़ कर चले जाते है



मैने कहा चाची जब उनको जाना ही होता है तो वो फिर आते ही क्यो है निशा तो कही मज़े से रह रही होगी पर मैं उसके लिए तड़प रहा हूँ तो चाची बोली तू क्यो तड़प्ता है और फिर तेरी ज़िदगी मे मिथ्लेश है ना तो उसकी फिकर कर वैसे भी जीवन मे तुझे मिता के साथ आगे बढ़ना है मैने कहा बात तो सही है पर निशा भी मेरी कुछ लगती है तो चाची बोली तेरी बातें तू ही जाने मैं तो चली अपने कमरे मे



मैं कुछ देर वहीं बैठा रहा खेत पर घरवाले गये हुए थे तो गीता के पास भी नही जा सकता था हालाँकि अब वो भी मेरी आस थी जो मेरे लंड की गर्मी को अपनी चूत से शांत कर सकती थी तो सोचा कि शाम को पक्का जाना ही है गीता के दीदार करने कुछ भी करके मैने फ्रिड्ज से एक बियर का कॅन निकाला और सीप करने लगा और सोचने लगा मुझे बुआ के यहाँ भी जाना था , कुछ दिन मिता के पास भी रहना था और घर पे भी टाइम देना था



साला फोजी आदमी को खुशी के पल भी गिनकर ही मिलते है बस टुकड़ो टुकड़ो मे ही जीना पड़ता है पर फिलहाल तो मैं सोच रहा था कि किसी ना किसी की चूत मारने का अब दोपहर हो चली थी सोनू का दीदार होना तो मुश्किल था और वैसे भी सीधा उसके घर नही जा सकता था तो मैने सोचा की चलो प्लॉट मे ही चक्कर लगा आऊ मैने बियर को ख़तम किया और घर से बाहर निकल पड़ा



मैं प्लाट मे जा ही रहा था कि रास्ते मे मुझे प्रीतम की माँ मिल गयी तो मैने उनको नमस्ते किया उन्होने कहा बेटा कब आए तो मैने कहा कि दो दिन हुए है कुछ देर बात की फिर वो मुझे अपने घर ले गयी मैने मना किया पर वो ले ही गयी उन्होने कहा और बेटा कहाँ है तेरी ड्यूटी तो मैने कहा जी श्रीनगर मे वो बोली उधर तो खूब ख़तरा होता होगा



मैने कहा क्या करूँ माजी अब ड्यूटी भी तो करनी पड़ती है तभी प्रीतम की भाभी चाइ-नाश्ता ले आई काफ़ी दिन पहले देखा था उसको तो ठीक से याद नही आया पर अभी काफ़ी मस्त फिगर वाली हो गयी थी तो नज़रे बचाकर उसके हुस्न को स्कॅन कर ही लिया फिर मैने प्रीतम के भाई के बारे मे पूछा कि वो कब आया तो माजी बोली कि बेटा वो भी बस थोड़े दिन मे छुट्टी आने ही वाला है



मैने कहा चलो अच्छा ही है उस से भी मिल लूँगा काफ़ी दिन हो गये है उस से मिले हुए फिर मैने बातों का रुख़ प्रीतम की ओर मोड़ दिया और कहा कि प्रीतम तो आती रहती होगी तो उसकी माँ बोली कहाँ बेटा बस गर्मियो मे आती है 10-15 दिन अब वो अपनी ग्रहस्थी मे रम गयी है मयके का ख़याल कहाँ उसको अब कल ही फोन किया था तो कह रही थी कि कुछ दिनो मे जवाई बाबू के साथ आएगी



मैने कहा ये तो अच्छी बात है इसी बहाने उनसे भी मिलना हो जाएगा वो बोली हाँ बेटा फिर कुछ देर बैठने के बाद मैं वहाँ से निकल लिया और प्लाट मे पहुच गया मैं सोचरहा था कि इतने दिनो बाद प्रीतम से मिलना होगा पर क्या वो पहले वाली ही होगी क्योंकि अक्सर शादी के बाद लड़किया पुराने रिश्तो की तरफ देखती ही नहीं है पर दिल से किसी कोने से आवाज़ आई कि प्रीतम तो अपनी ही थी



प्लॉट मे काफ़ी सुखी घास इकट्ठा हो गयी थी तो मैने उसको इकट्ठा किया और जला दिया काफ़ी कचरा भी था तो मैने सोचा कि आज प्लॉट की सफाई ही कर देता हू इन सब कामो मे काफ़ी टाइम लग गया था और मैं थक भी काफ़ी गया था पहले तो पशु थे तो इधर कोई ना कोई आता जाता रहता था पर आजकल इधर बस ताला ही लगा रहता था प्लॉट के काम करते करते शाम हो गयी थी


मैने मोबाइल मे टाइम देखा तो शाम के साढ़े 5 हो रहे थे मैने जल्दी से अपने हाथ-मुँह धोए और घर जाने के लिए निकला ही था कि दूर से मुझे सोनू आती दिखी तो मैं वही रुक गया और उसके पास आने पर पूछा कि भाभी इस समय कहाँ जा रही हो तो वो बोली कि तुम्हारे भाई एक भैंस और ले आए है आज तो अब दो टाइम चारी लाया करूँगी



तो बस तुम्हारे खेत पर ही जा रही थी मैने कहा मैं भी उधर ही जा रहा था चल साथ साथ चलते है वो बोली ठीक है उसने कहा आज मोटर-साइकल नही है मैने कहा भाभी प्लॉट मे सफाई करने आया था तो पैदल ही आ गया मैने कहा तुम्हारी बहन भी तो है ना वो ना करती बाहर का काम तुम ही पिलती रहती हो तो वो बोली कि अरे ऐसा नही है वो घर का काम करलेगी



और मैं पशुओ का तो काम टाइम से निपट जाएगा हम बाते करते करते गाँव से बाहर की ओर आ गये थे और कच्चे रास्ते पर चल रहे थे वो बोली तेज तेज चलो मुझे वापिस घर भी तो जाना है और वैसे भी इतनी दूर खेत है तुम्हारे मैने कहा कहाँ दूर है भाभी बस अभी पहुच जाएँगे और लेट हो जाओगी तो अच्छा ही है मुझे आपके साथ रहने का थोड़ा टाइम और मिल जाएगा



तो सोनू अपनी आखें ततेरते हुए बोली कि आज कल कुछ ज़्यादा ही हवा मे उड़ने लगे हो तुम मैने कहा ये हवा भी आपकी वजह से ही लगी है मुझे तो वो बस मुस्कुरा कर ही रह गयी ऐसे ही उनके साथ मज़ाक-मस्ती करते हुए हम कुँए पर आ गये मैने देखा कि कमरे पर ताला लगा हुआ है इसका मतलब मम्मी और भाभी जा चुकी थी घर पर



सोनू चारी काटने को आगे की ओर चल दी तो मैं भी पीछे पीछे चल पड़ा वो बोली मेरा पीछा कर रहे हो मैने कहा नही भाभी सोचा कि आपकी चारी काटने मे हेल्प करवा दूं वो बोली आजकल बड़ी हेल्प कर रहे हो मेरी मैने कहा क्या करे भाभी सेवा करूँगा तभी तो मेवा खाने को मिलेगा ना तो वो बोली मेवा के चक्कर मे कहीं लेने के देने ना पड़ जाएँ ये भी देख लेना

मैने कहा आपके लिए तो मैं जान दे दूं आप कहो तो सही एक बार तो वो कहने लगी कि ज़्यादा बाते ना बनाओ और चारी काटने मे मेरी मदद करो काट ते काट ते मैने कहा कि भाभी आपने मेरी बात का जवाब नही दिया वो बोली कोन्सि बात तो मैने कहा कल मैने आपसे कुछ कहा था तो वो बोली क्यो मुझे संकट मे डालते हो आख़िर मुझमें ऐसा क्या दिख गया जो तुम मेरे पीछे पड़ गये हो



मैने कहा वो सब मुझे नही पता आप बस हाँ या ना बता दो अपनी सोनू ने एक गहरी सांस ली और बोली क्यो मुझे मरवाने पर तुले हो अगर कुछ उन्च-नीच हो गयी तो तुम तो निकल जाओगे फोज मे मुझे तो सदा ही यही रहना है मैने अब सोनू की कलाई पकड़ ली और कहा भाभी वादा करता हू आप पर कभी आँच नही आने दूँगा बस आप एक बार हाँ कह दो



मैने उसको अपनी ओर खीचा और अपने आगोश मे ले लिया वो बोली क्या करते हो छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा कोई नही है इधर हमारे अलावा सोनू बोली मुझे घबराहट हो रही है मैने कहा घबराना किसलिए मैं अपने एक हाथ से सोनू की कमर को सहलाने लगा मैने उसकी नशीली आँखो मे एक पल देखा और दूसरे ही पल अपने प्यासे होंठो को सोनू के काँपते होंठों से छुआ दिया



जैसे ही उसके होंठो से मैने अपने लबों को छुआ मेरे तन-बदन मे एक आग सी लग गयी मैने अपने दोनो हाथों से उसकी बलखाती हुई कमर को थाम लिया और उसको किस करने लगा उसके क्रीमी होठ एक चिंगारी पैदा कर रहे थे उसको चूमते चूमते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा नीचे की ओर ले गया और उसके कुल्हो को मसल्ने लगा तो सोनू ने मुझे धक्का दिया और अपने से दूर कर दिया

मैने कहा क्या हुआ वो बोली कमिने कही के मैने दुबारा से उसका हाथ पकड़ लिया ऐसे कोई करता है क्या तो मैने कहा भाभी अब मेरा रुकना मुश्किल है अपने प्यार की थोड़ी सी बरसात मुझ ग़रीब पर भी कर दो ना सोनू अपने कपड़ो को सही करते हुए बोली कि ठीक है पर बस एक बार ही करने दूँगी मैने कहा ठीक है भाभी पर यहाँ नही मैने कहा तो कहाँ वो बोली मैं तुम्हे बता दूँगी पर तुम ये वादा करो कि किसी को भी लीक नही करोगे



मैने कहा भाभी आपकी कसम खा कर कहता हू कि ये बात हम दोनो के अलावा किसी और को सपने मे भी पता नही चलेगी तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम अपना फोन नंबर मुझे दे दो मैं तुम्हे फोन करके बता दूँगी मिलने के बारे मे तो मैने अपना नंबर उसको दे दिया मैं उसको और किस करना और भीचना चाहता था पर उसने मना कर दिया



वो बोली मुझे देर हो रही है जल्दी से चारी कटवा दो फिर मैं जाती हू तो मैने उसको चारी कटवा दी वो जब चलने को हुई तो बोली कि तुम भी चलो घर तो मैने कहा भाभी आप जाओ मैं बाद मे आउन्गा और हाँ घर पे कह देना कि वो अपने दोस्त से मिलने गया है आते आते देर हो जाएगी तो सोनू चली गयी मैने खेली पर हाथ-मुँह धोए और गीता के घर की तरफ कदम बढ़ा दिए



शाम भी ढल ही गयी थी जब मैं उसके घर पहुचा तो गीता बैठी थी मुझे देख कर वो बड़ी खुश हो गयी और मेरे गले आ लगी मैने उसकी गान्ड को हल्का सा मसल दिया तो वो बोली आते ही शुरू हो गये मैने कहा डार्लिंग मैं तो कब्से तड़प रहा हू तुम्हारे हुस्न को देखने के लिए पर तुम दर्शन ही नही कर वा रही हो गीता कहने लगी अब कहाँ हुस्न बचा है सर के बाल देखो आधे से ज़्यादा सफेद हो गये है



अब तो बूढ़ी हो गयी हू मैं तो मैं उसकी गान्ड को सहलाते हुए बोला अरे अभी कहाँ डार्लिंग ये तुम्हारी गान्ड तो और भी फूल कर कितनी मोटी हो गयी है मैने कहा गीता मैं बहुत प्यासा हू आज मेरी प्यास बुझा दो तो वो मेरी बाहों मे सिमट ती हुई बोली मैं भी तो प्यासी हू कितने दिनो से पर अभी कोई आ ना निकले मैने कहा कोई नही आएगा वैसे भी शाम हो गयी है



तो वो बोली ठीक है वैसे भी मैं तुमको तो कभी इस चीज़ के लिए मना कर ही नही सकती हू बस एक मिनिट रूको गीता गयी और दरवाजे को बंद कर के आ गयी और मैने उसको अपनी बाहों मे दबोच लिया मैं तो सुलग रहा था चूत के लिए मैने एक झटके मे उसके घाघरे के नाडे को खोल दिया और घाघरे को उतार दिया उसने अंदर कच्छि नही डाली हुई थी



गीता की चूत पर काफ़ी बाल उगे हुए थे मैं अपनी उंगली उन पर फिराते हुए बोला काफ़ी फसल उगा रखी है कटाई क्यो नही करती हो तो वो बोली अब तुम आ गये हो ना कल ही सॉफ कर लूँगी तो मैने कहा नही रहने देना अच्छे लगते ये रेशमी बाल यहाँ और अपनी उंगलिया उसकी झान्टो मे घुमाने लगा गीता की साँसे मचलने लगी वो बोली क्यो इतने दिन लगा ते हो तुम मेरा यहाँ बुरा हाल हो जाता है



मैने कहा मैं भी तुम्हारे लिए बड़ा तरसता हूँ पर क्या करूँ अब नोकरी ही ऐसी है कि छुट्टी बहुत मुस्किल से मिलती है गीता अधिरता से बोली कि अब बातो मे टाइम खराब ना करो तुम्हे देखते ही मेरी चूत मे आग लग गयी है आओ और इस आग को जल्दी से बुझा दो मैने अपने कपड़े उतारते हुए कहा कि मेरी जान अब मैं आ गया हू ना बस अब मज़ा ही मज़ा है गीता ने भी अपनी चोली उतार दी और पूरी नंगी हो गयी


मैं उसके नंगे बदन को देखते हुए अपने लंड को सहलाने लगा तो गीता की आँखे भी चमकने लगी वो आकर मेरे सीने से लग गयी मैने बिना देर किए उसके होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया और उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को बड़े प्यार से सहलाते हुए उसको किस करने लगा गीता की उमर बेशक थोड़ी बढ़ गयी थी पर उसके बदन की गर्मी वैसे ही बरकरार थी



और फिर मेरे सिवा उसकी चूत का कोई और हकदार भी तो नही था मैंन एक उंगली से उसकी गान्ड की दरार को छेड़ने लगा तो गीता और भी मस्त होकर किस करने लगी 8-10 मिनिट तक बस मैं उसको चूमता ही रहा फिर मैं अपने हाथ उसके गुब्बारों पर ले गया और उनको बेदर्दी से मसल्ने लगा गीता की उत्तेजक आहें निकलने लगी वो बोली आहह दबाओ इन्हे भीचो इन्हे ज़ोर ज़ोर से बड़ा अच्छा लग रहा है



कुछ देर दोनो बोबो को दबाने के बाद मैं बारी बारी से उनको चूसने लगा गीता लेट गयी तो मैं उसके उपर आकर उसकी चूचिओ का रस्पान करने लगा मेरा लंड किसी गरम रोड की तरह से दहकने लगा था गीता ने लंड को अपने हाथ मे लिया और अपनी चूत की दरार पर रगड़ने लगी कसम से मेरा मज़ा पता नही कितने गुना बढ़ गया उसकी करारी चूत के रस भरे होठ मेरे लंड को बुलावा दे रहे थे



मैं भी चूत मारने को आतुर ही था कुछ ही देर मे मेरे लंड का सूपड़ा गीता की चूत से बहते हुए रस से पूरा गीला हो गया गीता आह भरते हुए बोली कि अब मत तडपाओ मुझे जल्दी से इसको मेरी चूत मे डाल दो ना तो मैने अपनी कमर को उचकाया और मेरा सुपाडा उसकी चूत की फांको को चीरता हुवा चूत मे घुस गया गीता के मुँह से एक तेज आह निकली


वो सिसकी ओह म्म्म्मतमममममममाआआआआआआआ धीरे से डालो ना काफ़ी दिनो बाद लंड अंदर ले रही हू थोड़ा आराम से करो गीता की चूत बड़ी ही टाइट थी और लंड को पूरी तरह अपने आगोश मे ले चुकी थी गीता अया अया उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफ्फ़ करते हुए अपनी गान्ड को बिस्तर पर मटकाने लगी मैने कहा बस चला ही गया और एक धक्का और लगाते हुए पूरे लंड को चूत के अंदर डाल दिया



गीता ने अपनी टाँगो को अच्छे से फैला लिया ताकि मैं उसकी चूत अच्छे से मार सकूँ मैने उसको किस करना शुरू किया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगा गीता की चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी तो पुच-पुच की आवाज़ आने लगी थी मेरे मन मे आ रहा था कि बस गीता को ऐसे ही चोदता राहु धीरे-धीरे मैं अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ाता गया और गीता भी मस्ती से आहे भरते हुए चुदने लगी



थोड़ी देर बाद गीता घोड़ी बन गयी उफ्फ उसके कूल्हे जो अब पहले से भी ज़्यादा मस्त हो गये थे उस पोज़िशन मे मुझे और भी उत्तेजित करने लगे मैने उसकी चूत पर लंड को सेट किया और उसकी कमर को थाम कर उसको चोदने लगा गीता ने अपने चुतड़ों को और भी उपर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से उसको चोद सकूँ और अब वो धीमे –धीमे सिसकारिया भर रही थी




मैने अपनी उगली पर थूक लगाया और उसको गीता की गान्ड मे डाल दी गीता दर्द से कराहती हुई बोली की आहह ईईई क्य्ाआआआआअ किया दर्द होता है मैने कहा डार्लिंग देख रहा था कि तुम्हारी गान्ड के क्या हाल है आख़िर उसे भी तो मारनी है ना तो गीता दर्द भरे स्वर मे बोली कि मेरा सब कुछ तो तुम्हारा ही है जब चाहे ले लेना पर अभी उंगली निकाल लो बाद मे पूरा लंड डाल देना मना नही करूँगी पर बस मैं झड़ने ही वाली हू तो थोड़ा मुझ पर ध्यान दो



मैने आगे हाथ बढ़ा कर उसके बोबो को थाम लिया और उनको दबातें हुए गीता की चूत मारने लगा मैं पूरी ताक़त से शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था गीता भी अपनी गान्ड को पीछे कर कर के चुदाई का मज़ा ले रही थी उसकी टाँगो की कंपन बढ़ती ही जा रही थी और फिर कुछ धक्के और उसके बाद गीता की चूत से काम रस की धारा बह चली और वो तेज आवाज़ करते हुए झड़ने लगी



कई दिनो बाद चुदि थी वो तो चूत से काफ़ी पानी निकल रहा था अब मैने उसको सीधा लिटाया और तेज़ी से चुदाई करने लगा गीता का बदन बुरी तरह से कांप रहा था मैं भी बस मंज़िल पे लगभग पहुच ही गया था गीता बोली जल्दी से कर लो ज़्यादा देर नही झेल पाउन्गी तो मैं बोला बस होने ही वाला है और दे दनादन उसको चोदने लगा और 20-25 तेज तेज धक्कों के बाद मैने जब मैं झड़ने ही वाला था तो मैने अपने लंड को चूत से निकाला और उसके पेट पर अपना वीर्य गिराने लगा गीता को चोद के काफ़ी अच्छा लग रहा था
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#54
कुछ देर गीता के साथ ही लेटने के बाद मैं उठा और अपने कपड़े पहन ने लगा तो गीता बोली अभी जाओगे क्या आज यही पर रुक जाते तो मैने कहा यार जाना पड़ेगा घर से बिना बताए निकाला हुआ हूँ पूरे दिन से और फिर मम्मी को तो तुम जानती ही हो ना एक दो दिन मे पूरी रात का जुगाड़ करता हू गीता भी उठ गयी और अपने कपड़ो को पहन लिया मैने उसको किस किया और फिर घर की तरफ चल पड़ा



घर आते-आते अंधेरा हो गया था और मैं भी थोड़ा सा थकान महसूस कर रहा था तो बस खाना खाते ही उपर छत पर बिस्तर लगाया और अपना रेडियो चला के गाने सुनते सुनते सो गया अगले दिल आँख खुली तो मैने देखा कि सूरज मेरे सर पर खड़ा है मैं उठा और बाथरूम मे घुस गया नहा-धोकर वापिस आया मोबाइल देखा तो मिथिलेश की 12-13 मिस्स्कल्ल आई हुई थी



तो उसको कॉल की , वो बोली कब से फोन मिला रही हूँ तुम उठाते ही नही हो मैने कहा फोन पास नही था उसने बताया कि वो 10 दिन बाद गाँव आ रही है 5-6 दिनो के लिए तो मैं अजमेर ना आउ मैने कहा ठीक है डार्लिंग ये अच्छा किया तुमने , तुम पास रहोगी तो जीने का अंदाज बदल जाएगा तुम बिन जीना भी कोई जीना है क्या मिता बोली अभी ज़्यादा बात नही कर पाउन्गी ड्यूटी पे हूँ बस ये ही बताना था रात को वापिस करूँगी फोन



मैने कहा आपकी मर्ज़ी है मिता से बात करके दिल थोड़ा खुश हो गया मैं नीचे आया तो घर मे कोई नही था मैं हॉल मे बैठा बैठा सोच रहा था कि घरवाले कहाँ जा सकते है तभी अनिता भाभी आ गयी कसम से गहरी नीली साड़ी मे क्या लग रही थी मैं तो उनके रूप का दीवाना था ही भाभी आकर मेरे पास बैठ गयी और बोली उठ गये मैने कहा जी



मैने कहा भाभी घरवाले कहाँ है तो वो बोली कि बाजार गये है काकी कहके गयी थी कि तुम्हारे लिए नाश्ता बना दूं मैने कहा क्या आप भी फॉरमॅलिटी करती रहती हो जो कुछ पड़ा है वो ही खा लूँगा पहले भी कहा कुछ स्पेशल बनता था मेरे लिए तो भाभी मेरे गालो को खीचते हुए बोली मेरे प्यारे देवर अब तुम अफ़सर आदमी हो गये हो तो तुम्हारा ख़याल रखना तो बनता है ना मैने कहा अफ़सर हो गया तो क्या हुआ दिल तो अपना आज भी आपके लिए ही धड़कता है ना



भाभी मुस्कुराइ और बोली जल्दी से बताओ क्या बनाऊ तुम्हारे लिए फिर मुझे लकड़ी काटने भी जाना है मैने कहा भाभी कुछ भी बना दो और अब कहाँ लकड़ी काटने जाओगी जंगल बचा ही कहाँ है तो वो बोली कि अरे तुम्हे नही पता क्या तुम्हारे भाई ने रोड के पर्ली तरफ एक नया प्लॉट ले लिया है उसी मे काफ़ी पेड़ लगे हुए है तो उधर से ही ईंधन ले आते है मैने कहा वाह भाभी नया प्लॉट ले लिया इस बात पे तो पार्टी बन नी चाहिए भाभी बोली जिसने प्लॉट लिया है उस से लो पार्टी मैने कहा रवि तो मस्त काम कर रहा है आजकल



तो वो बोली हाँ काम अच्छा चल रहा है मैने कहा भाबी मैं भी चलूं तुम्हारे साथ तो वो बोली चलो पर पहले खाना खा लो भाभी रसोई मे चली गयी तो मैं भी उनके पीछे-पीछे चला गया भाभी स्लॅब के पास खड़ी होकर दूध गरम कर रही थी मैं जाकर उनके पीछे खड़ा हो गया और उनकी चूचियो को दबाने लगा भाभी कसमसाती हुई बोली अहह क्या करते हो छोड़ो मुझे मैने कहा करने दो ना भाभी कितने दिनो बाद तो हमें अकेले रहने का मोका मिला है


भाभी मचलते हुए बोली पर अभी मुझे बड़ा काम है मैने कहा काम तो होता ही रहेगा मेरी जान पर मुझ ग़रीब पर भी तो अपने प्यार की थोड़ी बारिश कर दो ना देखो मेरा लंड तुम्हारी चूत मे जाने को कितना बेकरार है भाभी अपनी मस्त गान्ड को मेरे लंड पर रगड़ते हुए बोली अब तुम मनोगे तो नही ना चलो आओ तुम्हारी इच्छा पूरी कर देती हू मैने भाभी को अपनी गोद मे उठाया और बेडरूम मे ले आया और भाभी को दीवार के सहारे लगा कर के किस करने लगा



आज काफ़ी दिनो बाद मोका मिला था भाभी के करीब आने को भाभी मेरी पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनको चूमे जा रहा था भाबी के रसीले होंठो से जैसे शहद टपक रहा था कुछ देर की चूमा चाटी के बाद भाभी नीचे बैठ गयी और मेरी पॅंट को खोल कर घुटनो से नीचे सरका दिया और मेरे लंड को अपने हाथो से सहलाने लगी फिर वो अपने मुँह को लंड के पास ले गयी और उसको अपने मुँह मे दबा लिया

जैसे ही उन्होने अपनी खुरदरी जीभ को लंड पर फिराया मेरा तो पूरा बदन ही हिल गया भाभी अपने हाथ से मेरी गोलियो को मसल्ते हुए लंड को चूस रही थी मैं उनके बालो मे हाथ फिराते हुए बोला शाबाश मेरी जान बस ऐसे ही करो बड़ा अच्छा लग रहा है धीरे-धीरे उन्होने पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया और मज़े से किसी आइस-क्रीम की तरह उसको चूसने लगी


अब मैने भाभी को घुटनो के बल कर दिया और उनके पीछे आ गया भाभी ने अपनी चुतड़ों को अच्छे से खो दिया मेरे लिए मैने उनकी कमर को सहलाया और फिर अपने लंड को चूत से सटा दिया जैसे ही लंड अंदर गया वो थोड़ा सा आगे को झुक गयी मैने उनको अपनी बाहों मे जकड़ा और धक्के लगा ने लगा आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हह उूुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आस्स्स्स्स्स्शहह करते हुए भाभी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी मैं उनके कुल्हो पर थप्पड़ मारते हुए उनकी चूत का मज़ा ले रहा था




उनके कंधो पर हाथ रखे मैं दबा दब उन्हे चोदे जा रहा था भाभी की गरमा गरम सिसकारिया मुझे और भी उत्तेजित करने लगी थी फिर भाभी थोड़ी आगे को सरक गयी तो लंड बाहर निकल आया मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली एक मिनिट रूको भाभी बेड से नीचे उतरी और अपना एक पैर बेड पर टिका कर अपनी पीठ मेरी ओर करके खड़ी हो गयी और बोली अब डालो अंदर तो मैने उनकी कमर को थाम लिया और फिर से हमारा चुदाई कार्यक्रम शुरू हो गया



वासना की तो आज पराकाष्ठा ही हो गयी थी मैं और भाभी पूरी तरह से सेक्स के मज़े के समुंदर मे डूब गये थे मैं भाभी को चूमते हुए बोला ओह डार्लिंग तुम सच मे कमाल हो भाभी भी अपनी गान्ड को पीछे करके पूरा मज़ा ले रही थी भाभी की साँसे अब भारी हो चली थी पर जोश बरकरार था भाभी बोली अब तुम तेज तेज धक्के लगाओ मेरा पुर्जा पुर्जा हिला कर रख दो जब से तुम आए हो तड़प रही हू तुम्हारे साथ सेक्स करने को आज मोका लगा है मुझे निचोड़ दो



फिर भाभी बोली आज मैं तुमको उपर चढ़ कर चोदुन्गि मैनी कहा जो आपकी मर्ज़ी तो भाभी मेरी गोद मे चढ़ आई और लंड को अपनी चूत पर टिका कर उस पर बैठ गयी और उछलने लगी सच मे काफ़ी दिनो बाद ऐसी हार्डकोर चुदाई का मोका मिला था अनिता का ये ही था या तो देगी नही और देगी तो फिर नस-नस को मस्ती मे डूबा देगी मैं भाभी की गान्ड को सहलाने लगा और वो धाप-धप लंड पर कूदे जा रही थी

कुछ देर उन्होने गजब किया लंड पर बैठे बैठे ही वो घूम गयी इस तरह से उनकी पीठ मेरी तरफ हो गयी और वो बोली मैं अब जाने ही वाली हूँ तो वो पूरा दम लगाते हुए अपनी गान्ड को मटका कर मज़ा लेने लगी5 मिनिट तक वो ऐसे ही करती रही फिर वो किसी शराबी की भाँति मेरी बाहों मे झूल गयी और हाँफने लगी मैं समझ गया कि भाभी का काम हो गया है तो मैने उनको लिटाया और तेज़ी से उनको चोदने लगा और कुछ देर बाद मैं भी झड़ने के करीब आया तो मैने लंड को बाहर निकाला और उनके मुँह पर अपने वीर्य की धार मारने लगा

फिर मैं और भाभी दोनो थोड़ी देर बेड पर पड़े रहे जब साँसे दुरुस्त हुई तो भाभी अपने कपड़े पहन ने लगी मैने कहा भाभी अभी इधर ही रूको ना एक बार और करते है तो भाभी बोली तुम्हारी तरह फ्री नही हू काम नही करूँगी तो सासू माँ खाल खाएँगी मैने कहा भाभी आप घर की एक्लोति बहू हो फिर भी आपकी ज़रा भी नही चलती तो वो मुँह बनाते हुए बोली कि तू जल्दी से मिथ्लेश को ले आए तो मेरा भी भार कुछ कम हो मैने कहा भाभी जल्दी ही ले आउन्गा उसको बस कुछ दिनो की बात है



फिर मैने कपड़े पहने और हम घर से बाहर आ गये गेट बंद किया मैने कहा भाभी ट्रॅक्टर-ट्रोल्ली ले चलते है आज कई दिन की लकड़ी काट देता हू तुमको बार बार परेशान नही होना पड़ेगा तो हम ट्रॅक्टर ले कर नये वाले प्लॉट मे आ गये रवि ने काफ़ी बड़ा प्लॉट खरीद लिया था पर वहाँ बस चारो तरफ पेड़ ही पेड़ थे मैने कुल्हाड़ी ली और भाभी को कहा कि आप बस छड़ियो को उठा कर रखो मैं अभी कटाई करता हू




और मैं लकड़ी काटने लगा काम काफ़ी थका देने वाला था और घर से भी हम लोग सेक्स करके आए थे तो बदन टूटने लगा पर ये काम भी ज़रूरी था तो शाम तक हम दोनो लगे रहे और काफ़ी लकड़ी इकट्ठा कर ली मैने भाभी की साड़ी के पल्लू से अपना पसीना पोंचा और उनकी गान्ड को हल्का सा दबा दिया मैने कहा भाभी घर चलने से पहले एक बार और आपकी चूत कर पानी पिलाओ ना तो वो बोली ना बाबा ना मेरी इतनी हिम्मत नही है




अगर अब चुदुन्गि तो बस फिर तो मर ही जाउन्गी मैं उनके पास आया और बोला कि भाभी पहले तो आप कहते ही तैयार हो जया करती थी तो वो बोली मेरे प्यारे देवर जी पहले मैं माँ नही बनी थी और घर की भी ज़िम्मेवारी इतनी नही थी मुझ पर अब साक्षी है और फिर सासू जी तो ना के बराबर ही है खेत भी मैं ही संभालू तुम्हारे भाई तो बस अपने काम मे लगे रहते है ससुर जी कभी कभार देख लेते है



पीसती तो मैं हूँ ना अब बताओ मैं क्या करूँ मैने कहा भाभी बस एक बार शादी हो जाए फिर आपका हाथ बटाने वाली आ जाएगी तो वो बोली आएगी तब देखेंगे अभी घर चलते है तो हम घर आ गये मैं बुरी तरह से थक गया तो जाते ही नाहया और फिर सीधा बिस्तर पकड़ लिया अगले दिन आँख खुली तो देखा कि पापा और चाचा घर पे ही थे मैने कहा आज आप लोग ऑफीस नही गये तो चाचा बोले बर्खूदार आज सनडे है



मम्मी बोली तेरी बुआ जी कितने फोन कर चुकी है कब जाएगा उधर तो मैने कहा मम्मी कल निकल जाउन्गा फिर मैने कहा आज सारे लोग है तो खाने मे कुछ मस्त चीज़ बनाओ चाचा बोले जा रसोई मे तेरी चाची होंगी सबके लिए चाइ ले आ मैं रसोई मे गया तो चाची की उभरी हुई गान्ड देख कर दिल डोल गया मैने गान्ड पर चुटकी काट ली तो वो बोली तुम कभी नही सुधरोगे क्या



मैने कहा जिसकी इतनी मस्त चाची हो उसका बिगड़ना ही ठीक है तो वो बोली बस सुबह सुबह चालू ना हो और चल सबके लिए चाइ ले जा और मुझे रसोई से बाहर धकेल दिया मैं मन मे सोचते सोचते कि तुम जल्दी से ठीक हो जाओ फिर सारी कसर पूरी कर दूँगा सनडे था तो दोनो बाथरूम बिज़ी थे मैने दो बाल्टी पानी भरा और घर के भर चबूतरे पर बैठ कर नहाने लगा

मैं फ्रेंची पहने मस्ती से नहाए जा रहा था तभी सोनू आ निकली वो मेरी ओर देख कर बोली कुछ तो शरम किया करो गलियारे मे छोटी सी चड्डी पहन कर नहा रहे हो कुछ लाज-शरम है कि नही मैने कहा भाभी शरम और मुझे आप कहो तो ये भी उतार दूं सोनू बोली तुम पक्के वाले कमिने हो मैने कहा भाभी आप आज हमारी गली में तो वो बोली कि तुम्हारी मम्मी कल बाजार से जो गहने और कपड़े लाई है वो ही देखने आई हू और कह कर अंदर चली गयी



सोनू मेरे घर दिल तो किया आज चोद ही दूं इसको पर सब घर वाले अंदर थे तो फिर बस नहाने पे ही ध्यान दिया मैं नहा ही रहा था कि चाचा आ गये वो बोले और फोजी क्या चल रहा है मैने कहा कुछ नही चाचा अभी तो बस नहा ही रहा हू वो बोली अबे मैं पेग शेग के बारे मे कह रहा था मैने कहा बॉटल तो है नही कॅंटीन नही गया और ठेके पर भी नही गया हम फ्रिड्ज मे कुछ कॅन बियर पड़ी है तो वो बोले आज छुट्टी भी है फिर करें कुछ मैने कहा पापा भी तो है ना घर पे




इतने मे रवि भी आ गया तो मैने कहा यार आज कुछ दारू शारू का करें क्या तो वो बोला हम ठीक है मैने कहा चाचा मीट दारू लेकर कुए पर चलते है वही मोज उड़ाते है तो हमारा प्लान बन गया और मैने कहा रवि तू और चाचा सारा समान लेकर पहुचो मैं कुछ देर मे आ जाउन्गा तो फिर हम वहाँ से निकल गये और कुँए पर पार्टी शुरू हो गयी शाम तक हम लोग बस एंजाय करते रहे फिर जब अंधेरा होने लगा तो चाचा बोले चलो यार अब घर चलते है तो मैने ज़्यादा नशे मे होने का बहाना कर लिया




गीता बोली आते ही शुरू हो जाते हो मैने कहा तुम चीज़ ही इतनी सॉलिड हो खुद को रोक ही नही पता क्या करूँ वो बोली पहले मैं खाना बना लूँ और छोटे-मोटे काम करलू फिर आती हू तुम्हारे पास मैने कहा वो सब तो होता रहेगा बस तुम मुझे प्यार करो और मैने गीता को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उसकी चोली के उपर से ही उसकी चूचियो को दबाने लगा



जैसे ही गीता के दोनो कबूतर मेरे हाथो मे आए वो कसमसाने लगी मैं उसकी गर्दन को चूमता हुवा बोला आज तुझे जी भर कर प्यार करूँगा पूरी रात अच्छे से चोदुन्गा तुझे और उसकी चोली को खोल दिया उसकी 38 इंची चूचियो के निप्पल एक पल मे ही तन गये थे मैं उसके कंधे पर बाइट करते हुवे उसके बोबो के साथ खेलने लगा गीता बोली मान भी जाओ तुम



पर मैं उसकी कहाँ सुन ने वाला था मैं तो उसके जिस्म मे समा जाना चाहता था आज तो मैने उसको अपनी जाँघो पर ही लिटा दिया और उसकी एक चूची को मसल्ते हुवे दूसरी को अपने मूह मे भर लिया जब मैने उसके निप्पल को अपने दाँतों से काटा तो गीता जैसे चीख ही पड़ी वो बोली आ आराम से करो ना जख्म करोगे क्या मैने कहा तू बस देखती जा और मज़ा ले




काफ़ी देर तक मैं उसके बोबो से खेलता ही रहा उसका घाघरा उसकी जाँघो तक चढ़ आया था उसकी चमकती हुवी ठोस जंघे बड़ा ही मस्त नज़ारा पेश कर रही थी मैने गीता को खड़ा किया और उसके घाघरे का नाडा एक झटके मे ही खोल दिया और एक सेकेंड बाद ही घाघरा उसके पैरो मे आ गिरा और वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी मेरी निगाह उसकी योनि पर गयी तो आज वहाँ पर एक भी बाल नही था मैं उसकी चूत को मुट्ठी मे भरते हुवे बोला बाल कब सॉफ किए तूने तो वो आह भरते हुवे बोली कि आज सुबह ही किए है



मैने गीता की टाँगो को थोड़ा सा फैलाया और उसके पैरो मे बैठ गया वो भी समझ गयी थी कि मैं अब क्या करने वाला हूँ तो वो थोड़ा सा आगे को सर्की और अपनी प्यारी सी चूत को मेरे चेहरे पे रख दिया उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या सोंधी-सोंधी खुश्बू आ रही थी उसकी योनि मे से मैने उसकी योनि के होंठो को फैलाया और अपने होंठो मे चूत का अन्द्रुनि हिस्सा दबा लिया



जैसे ही मैने वहाँ पर बॅट्का काटा गीता की टाँगे थिरक गयी और मूह से एक आह निकल गयी उसकी नमकीन चूत का टेस्ट बड़ा ही अच्छा था मैं अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराने लगा मैने उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को अपने हाथो मे दबा लिया और उसकी चूत की तेज़ी से चूसा करने लगा गीता अपने पाँव पटक ने लगी थी मस्ती उसके सर चढ़ने लगी थी



चूत चूस्ते चूस्ते मे बीच बीच मे उसकी जाँघो पर भी काट लेता था तो बस वो तड़प कर रह जाती गीता बोली मुझे लेटने दो ज़्यादा देर खड़ी नही रह पाउन्गी पर मैं उसकी कहाँ सुन ने वाला था मैं लगा रहा अब मैने अपनी जीभ चूत के अंदर डाल दी और उसको अंदर बाहर करने लगा गीता की सिसकारिया बढ़ती जा रही थी तभी मैने अपनी उंगली को थूक से साना और गीता की गान्ड मे दे दिया गीता दर्द से बिल बिला उठी



मैने कहा ज़्यादा आक्टिंग ना कर और दोनो छेदों का मज़ा ले अब और उसकी चूत को चाटते हुए गान्ड मे उंगली करने लगा थोड़ी देर मे ही गीता फिर से आहे भरने लगी मैं जब अपनी खुरदरी जीभ से नीचे से उपर तक सड्पा मारता तो गीता मस्ती से झूम उठती ऐसे ही कोई 10-12 मिनिट तक मैं उसको अपनी जीभ और उंगली से मज़ा देता रहा और फिर उसने मेरे चहरे को अपनी जाँघो मे भींच लिया और अपना अपनी मेरे चेहरे पर छोड़ दिया और अपने सुख को प्राप्त हो गयी



कुछ देर उसने मेरे चेहरे को अपनी योनि पर दबाए रखा और फिर वो बेड पर बैठ गयी और चादर से अपनी चूत को सॉफ करने लगी मैं उसकी ओर देखते हुवे अपने कपड़े उतारने लगा अब मैं बेड पर आया और गीता की चूत पर लंड को रखा ही था कि वो बोली अभी अभी झड़ी हू दुबारा कुछ टाइम लगेगा मैने कहा मैं क्या करूँ तो उसने कहा तुम पीछे कर्लो वैसे तुम्हारी उंगली जाने से उधर भी खुजली होने लगी है मैने कहा वाह मेरी जान आज तो खुद ही गान्ड देने को राज़ी हो रही हो




गीता बोली मैं तो तुम्हारी ही हूँ जैसे चाहो वैसे बरत लो तो मैने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा गीता की गान्ड के छेद पर और उसको उल्टा कर के लिटा दिया और अपने लंड को गान्ड के छेद पर रगड़ने लगा और फिर थोड़ा थोड़ा दबाव करके लंड को अंदर ठेलने लगा गीता को दर्द तो हो रहा था पर वो मेरा पूरा सहयोग कर रही थी थोड़ी ही देर मे पूरा लंड गान्ड मे जा चुका था मैं अपने हाथ नीचे ले गया और उसके बोबो को पकड़ लिया



अब मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा था पर कसी हुई गान्ड मुश्किल पैदा कर रही थी तो मैने थोड़ा सा तेल और लगाया और अब उसकी गान्ड मारने लगा गीता की दर्द भरी आहे मुझे और भी आनंदित कर रही थी मैने उसके गालो को अपने दाँतों से काटना शुरू किया और पूरी रफ़्तार से उसकी गान्ड मारने लगा उसके मुलायम कुल्हो से मेरी गोलियाँ
हर धक्के पर टकरा रही थी कसम से बड़ा ही मज़ा आ रहा था



उसकी गान्ड के छल्ले से जब मेरा मोटा लंड रगड़ ख़ाता तो जो गीता की आह निकलती गीता बोली दिल तो करता है कि तुम्हारा लंड हमशा ही मेरी गान्ड मे फसा रहे और जब मैं चलूं तो मेरे तन-बदन मे मज़ा छा जाए मैने कहा काटले इसको और रख ले अपने पास वो बोली काटने से इसमे अब जैसी बात कहाँ रहेगी ऐसे ही पूरा मज़ा लेते हुए 20-25 मिनिट तक चक के उसकी गान्ड मारी मैने और अंदर ही अपना पानी छोड़ दिया




हम दोनो के बदन पसीने से चिप चिप करने लगे थे मैने अपने लंड को गाड़ से बाहर निकाल लिया और बेड पर ही लेट गया गीता उठी और अपनी गान्ड से टपकते मेरे पानी को कपड़े से सॉफ करने लगी मैने कहा यार थोड़ा पानी पिला दे बड़ी प्यास लगी है उसने मुझे पानी पिलाया और बोली तुम आराम करो मैं ज़रा नहा कर आती हूँ पूरा बदन चिपचिपा सा हो गया है मैने कहा मैं भी चलता हू आज साथ ही नहाते है तो वो बोली आ जाओ किसने रोका है तो मैं उसके साथ उसके बाथरूम मे घुस गया जैसे ही ठंडा पानी शरीर पर पड़ा सारी थकावट ना जाने कहाँ गायब हो गयी



मैने कहा मेरे पास आ मेरी जान आज मैं तुझे अपने हाथो से नहलाता हू गीता मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी मैने पानी का डिब्बा भरा और उसके बदन को भिगोने लगा मेरे स्पर्श से गीता के तन मे फिर से आग लगनी शुरू हो गयी और उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने उसके बालो की चोटी को खोलकर बालो को आज़ाद कर दिया गीता के शरीर को अच्छे से भिगोने के बाद




मैने साबुन लिया और उसके उभारों पर मलने लगा फिर उसके पेट से होते हुए जाँघो और फिर योनि प्रदेश और फिर मैने उसको पलटा और उसकी चिकनी पीठ , मांसल कुल्हो सब जगह अच्छे से साबुन लगा दिया मैं उसके पीछे उस से चिपक सा गया था तो मेरा लंड उसकी गान्ड से टकराने लगा था गीता अपना हाथ पीछे ले गयी और लंड को मुट्ठी मे भर लिया



मैं उसके साबुन से चिकने हो गये उरोजो का अपने हाथो से दबाने लगा गीता अपनी गान्ड को हल्का हल्का मटकाने लगी फिर उसने लंड को अपनी दोनो जाँघो मे दबा लिया और अपने बोबो को दब्वाने लगी बाथरूम मे भी एक सीन तैयार हो गया था कुछ देर तक हम दोनो एक दूसरे के शरीर को आपस मे रगड़ते रहे फिर मैने उसकी एक टाँग को थोड़ा सा उठाया और अपने लंड को चूत से छुआ दिया



और उसको योनि मुख पर रगड़ने लगा गीता जो गरम तो हो ही चुकी थी धीरे से बोली अब डालो भी ना अंदर तो मैने एक तेज शॉट लगाया और आधा लंड अंदर पहुचा दिया और उसकी कमर पर हाथ रख कर लंड को अंदर बाहर करने लगा गीता अब थोड़ा सा टेढ़ी हो गयी ताकि मैं उसको किस भी कर सकूँ बाथरूम मे चुदाई का मज़ा ही अलग होता है तो हमें भी बहुत मज़ा आ रहा था



और बीच बीच मे जब वो ठंडा पानी हम दोनो के जिस्म पे डालती तो क्या बताऊ कितना मज़ा आता था गीता अपनी हर अदा दिखाती हुई अपनी चूत मरवा रही थी थोड़ी देर बाद गीता फर्श पर घोड़ी बन गयी तो मैं उसको घोड़ी बना के रगड़ने लगा और फिर आधे घंटे बाद हम लोग साथ साथ ही झाड़ गये तो दोस्तो उस रात हम दोनो एक पल के लिए भी नही सोए पूरी रात मैं उसकी चूत और गान्ड दोनो को रगड़ता रहा गीता ने उस रात को अपने हुस्न की ताक़त से रंगीन कर दिया था सुबह मेरे शरीर मे बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी

गीता भी अलसाई सी मेरी बाहों पड़ी थी मे उठा थोड़ा सा पानी पिया जैसे तैसे करके अपने कपड़े पहने फिर गीता को कहा कि यार मैं घर जा रहा हू तो वो भी उठ गयी उसने कहा चाइ बना ती हूँ चाइ पीके जाना मैने कहा नही चाइ फिर कभी पियुंगा आज मुझे बुआजी के यहाँ जाना है तो जल्दी ही निकलना होगा गीता बोली आओगे कब मैने कहा थोड़े दिन तो लग जाएँगे



मैने गीता से कहा कि तुम्हे किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बताओ वो बोली नही जो है बहुत है मैने कहा यार तू क्या मुझे पराया समझती है क्या मैं तेरे लिए कुछ नही कर सकता वो बोली मैं तो तुम्हारी ही हूँ ना और मेरा ये छोटा सा घर भी तुम्हारा ही है फिर कभी ऐसी बात ना करना वरना मैं नाराज़ हो जाउन्गी फिर मैने गीता को किस किया और अपने कुँए पर आ गया



बाइक बाहर निकाली और घर की ओर उड़ चला फटाफट तैयार हुआ अपना बॅग पॅक किया और मम्मी से कहा कि मैं बाइक ले जा रहा हू तो मम्मी बोली लंबा सफ़र है बस से ही चला जा मैने कहा मम्मी बाइक पास रहेगी तो वहाँ काम ही आएगी फिर मैं अनिता भाभी के पास गया और कहा कि भाभी आपकी मदद चाहिए वो बता क्या कर सकती हू मैं तेरे लिए



मैने कहा आप निशा को तो जानती ही है ना वो बोली हाँ मैने कहा आप उसकी चाची से पता करो ना आजकल वो कहाँ है और कोशिश करना कि उसका कोई अड्रेस कोई फोन कुछ भी मिल जाए भाभी बोली तू क्या करेगा मैने कहा वो मेरी दोस्त थी काफ़ी दिन हो गये उसको ढूँढ रहा हूँ मुंबई भी गया उसकी तलाश मे पर बात नही बनी भाभी बोली एक बात बता आजकल तेरे दिल मे चल क्या रहा है कभी निशा कभी मिता कल को और किसी का नाम लेगा



आज तू बता ही दे तेरे दिमाग़ मे चल क्या रहा है मैने कहा भाभी अभी मैं जल्दी मे हूँ आप बस मेरा ये काम करदो कैसे भी करके सारी उमर आपके चरण धोकर पियुंगा अभी मैं चलता हू बुआ के यहाँ जा रहा हूँ तो भाभी बोली उधर आराम से रहना कोई शैतानी ना करना आजकल तेरा को भरोसा नही है मैने मोका देखकर उनके गालो को चूमा और कहा कि आप चिंता ना करो और फिर चल पड़ा बुआ की ससुराल की तरफ



दोपहर बाद तक मैं वहाँ पहुच गया सभी से दुआ-सलाम की शादी का घर था तो रोनक सी छाई हुई थी 4 दिन बाद शादी थी तो कुछ मेहमान लोग भी आए हुए थे बुआ बड़ी ही खुश हो गयी थी मुझे देख कर उन्होने मुझे चाइ-पानी करवाया और कहा कि तू कुछ देर आराम करले मैं कुछ काम निपटा कर आती हू



मैने कहा बुआ मैं ज़रा सबसे मिल लेता हूँ वैसे भी बुआ के यहाँ कई सालो बाद गया था मैं नलके पर अपना मूह धो ही रहा था कि तभी किसी ने कहा कि तो आ गये लेफ्टिनेंट साहब मैने पीछे मूड कर देखा तो बस देखता ही रह गया ये प्रिया थी फूफा के बड़े भाई की दूसरे नंबर वाली लड़की इसी की बड़ी बहन की शादी थी मैने रुमाल से अपना मूह पोंछते हुए कहा तुम प्रिया हो ना वो बोली शूकर है पहचान लिया मैं तो सोच रही थी कि जानोगे या नही



मैने कहा जानूंगा क्यू नही पर तू तो काफ़ी बड़ी हो गयी है वो बोली आप भी तो अब बड़े हो गये हो मैने कहा टाँग खीच रही है मेरी वो बोली हमारी इतनी हिम्मत कहाँ कि आर्मी ऑफीसर से पंगा ले मैने कहा यार सबको क्या हो गया है कोई यही बात रट के बैठा है फिर हम पास रखी कुर्सियो पर बैठ गये और बाते करने लगे मैने कहा यार और लोग कहाँ है कब से कोई दिख ही नही रहा है तो प्रिया बोली भाई लोग तो बाजार गये कुछ खरीदारी करने आते ही होंगे
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#55
मैने कहा और बता क्या चल रहा है तो वो बोली बस कट रही है लाइफ घिसत घिसट के जॉब के लिए टेस्ट दिया है देखो क्या रहता है मैने कहा अरे चिंता ना कर हो जाएगा सेलेक्षन मेरी नज़रे प्रिया के बदन की स्कानिंग करने लगी थी अब वो पूरी जवान हो गयी थी और निखर भी आई थी पता नही मेरे दिमाग़ मे ये ख़याल कैस आया तो मैने अपना ध्यान दूसरी तरफ लगाना चाहा



शाम होते होते सभी से मिल लिया था मैं प्रिया तो मुझे एक पल अकेला छोड़ ही नही रही थी जैसे तैसे उस से बच के मैने बुआ को पकड़ा और कहा आज रात को कुछ होगा क्या तो वो बोली घर मे तो गेस्ट है तो पासिबल नही होगा कल मैं तेरे साथ बाहर चलूंगी फिर मज़ा करेंगे मैने कहा ठीक है तो फिर वो रात बस ऐसे ही मस्ती मज़ाक मे कटने लगी



खाने-पीने के बाद हम सब लोग छत पर नीचे ही बिस्तर लगा के बाते कर रहे थे जिस तरफ हम थे उधर रोशनी थोड़ी कम थी जो भी थी बस चाँद की चाँदनी ही थी तभी मुझे लगा कि मेरे पैर पर कुछ रेंग रहा है मैने देखा तो ये दीप्ति थी जो अपने अंगूठे से मेरे पर को रगड़ रही थी मैने अपने पैरो को थोड़ा साइड मे कर लिया पर फिर कुछ देर बाद वो वैसा ही करने लगी



हम कई लोग थे तो इतने लोगो मे मैं दीप्ति को मना नही कर पाया तो उसको छेड़खानी करने दिया फिर हम बाते करते करते ही सो गये मुझे लगा कि कोई मेरे बदन पर हाथ फेर रहा है तो मैं जाग गया मैने देखा कि दीप्ति मेरे पास लेटी हुई है और उसका हाथ मेरे पयज़ामे के अंदर मेरे लंड पर था मैने पाजामे के उपर से ही उसके हाथ को पकड़ लिया और फुसफुसाते हुए कहा कि ये तुम क्या कर रही हो


तो उसने अपनी उंगली मेरे होंठो पर लगाई और मुझे चुप रहने को कहा और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर के सहलाने लगी मेरी सिचुयेशन टाइट हो गयी आस पास सारे भाई बहन सो रहे थे और दीप्ति तो भी मेरी बहन ही लगी थी ना कुछ देर वो मेरा लंड सहलाती रही फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खीच कर एक कमरे मे ले आई



ये कोई स्टोर रूम था उसने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमते हुए बोली कि ओह!!!!!!!! ****** जब से तुम आए हो मेरी नज़र तुमसे हट ही नही रही कितने हॉट हो तुम उसने दुबारा से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी मुझे समझ ही नही आ रहा था कि ये क्या हो रहा है मैने कहा दीप्ति तुम्हे पता है ना तुम क्या कर रही हो थोड़े दिन मे तुम्हारी शादी है



दीप्ति फुसफुसाती हुई बोली तुम शादी की टेन्षन मत लो और मुझ पर फोकस करो कहते ही उसने अपने होठ मेरे होंठों पर रख दिए और मुझे किस करने लगी और नीचे मेरे लंड को पूरे दम से हिलाए जा रही थी दीप्ति मेरी कज़िन थी और उपर से वो डाइरेक्ट ही मुझ पर पिल पड़ी थी तो मुझे अजीब सा लग रहा था ज़बरदस्ती का सेक्स अब कॉन करना चाहे मैने दीप्ति को अपने से दूर किया और कहा कि ये ठीक नही है




वो वापिस मुझसे चिपकती हुवी बोली क्या ठीक नही है मैं प्यासी हू मेरी प्यास बुझाना तुम्हारा कर्तव्य है और फिर अपने कजिन से चुदने मे कैसी बुराई ये कह कर वो नीचे बैठी और मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगी अब लंड ठहरा लंड वो कहा इंसानी रिश्तो को समझता है और मैं तो पहले ही रिश्तो को भूल चुका था मैने भी सोचा कि चल अब जो हो रहा है होने दे जब ये ही तैयार है तो तू भी थोड़ा मज़ा ले लेता हू




दीप्ति नीचे बैठ कर मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके बालो को सहलाने लगा 5-7 मिनिट बाद वो खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उसकी पाजामी को नीचे सरका दिया और उसके कुल्हो पर हाथ फेरने लगा मेरे स्पर्श से दीप्ति उत्तेजित होने लगी कुछ देर की चूमा चाटी के बाद मैने उसकी टी-शर्ट को उपर करके निकाल दिया और उसकी ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स प्रेस करने लगा



उसके मूह से सिसकारिया निकलने लगी तो मैने फुसफुसाते हुआ कहा कि ज़्यादा आवाज़ मत करो बाहर किसी ने सुन लिया तो मुश्किल हो जाएगी और उसकी ब्रा को खोल दिया उसके बोबे थोड़े छोटे साइज़ के थे तो मैं उनको चूसने लगा दीप्ति के बदन मे बिजलिया रेंगने लगी वो मेरे चेहरे को अपनी छातियो पर दबाने लगी इतना टाइम नही था कि खुल के सेक्स नही किया जा सकता था मैने कहा जल्दी से कर लेते है वो बोली हम मुझसे भी रुका नही जा रहा है



मैने उसकी कच्छि को नीचे सरकाया और चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा वहाँ पर एक भी बाल नही था और वो पूरी गीली भी थी तो मेरी उंगलियाँ फिसलने लगी मैने एक उंगली धीरे से उसकी चूत मे सरका दी और उसके होंठो को चबाने लगा दीप्ति मुझसे बुरी तरह से चिपक गयी थी और पूरा सहयोग कर रही थी फिर मैने उसको वही पर लिटा दिया और उसकी टाँगो को खोलते हुए लंड को चूत के मूह पर लगा दिया



जैसे ही सुपाडा अंदर जाने लगा दीप्ति का बदन टाइट होने लगा वो बोली दर्द हो रहा है मैने कहा पहले कभी किया नही क्या तो वो बोली किया है पर तुम्हारा बहुत मोटा है थोड़ा आराम से डालो मैने कहा इसकी मर्ज़ी है जैसे जाएगा वैसे ही जाएगा मैने दीप्ति पर अपनी पकड़ मजबूत की और एक तेज धक्का लगाते हुए लंड को उसकी चूत मे घुसाने लगा



दीप्ति मेरे शोल्डर पर काट ते हुए बोली कि आराम से डालो ना मैने कहा दो मिनिट रुक जा फिर सब सही हो गा और एक और शॉट मारते हुवी लंड को और अंदर डालने लगा दीप्ति की आँखे फैल गयी वो दर्द से कराहने लगी तो मैने उसके होंठो को अपने मूह मे भर लिया और उसके बदन को सहलाने लगा बेहद कसी हुई योनि थी उसकी थोड़े समय बाद मेरा लंड उसकी योनि मे सेट हो गया तो मैं उसकी रेल बनाने लगा



वो बोली कितना बड़ा है तुम्हारा मेरी तो आज फट ही गयी लगता है मैने कहा तू थोड़ी देर चुप रह ज़रा वो बोली मेरी पीठ पर फरश चुभ रहा है तो मैने उसको खड़ी किया और खड़े खड़े ही उसकी लेने लगा गुज़रते पलों के साथ हमारी साँसे भारी होने लगी और अंदर गर्मी भी बहुत थी तो पसीना आना शुरू हो गया था पर जब चुदाई का बुखार चढ़ा हो तो और बातों पर ध्यान कहाँ जाता है



हम दोनो एक दूसरे से लगे पड़े थे मैं उसके अंग अंग को चूमते हुवे उसको चोद रहा था फिर मैं उसकी चूची पीने लगा तो दीप्ति के तन बदन मे आग लग गयी वो लंबी लंबी साँसे लेते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी ना वो हर मान रही थी ना मैं अब मैने उसको पंजो के बल झुकाया और उसकी पतली कमर को थामते हुवे फिर से उसकी छोटी सी चूत मे मे लंड को उतार दिया



मैने एक हाथ उसकी गर्दन मे डाला और लगा ताबड तोड़ धक्के लगाने मे दीप्ति भी अपने कुल्हो को हिला हिला कर चुदाई मे सहयोग कर रही थी घपा घप चुदाई चल रही थी पर जिस चीज़ की शुरुआत होती है उसका अंत भी तो होता है ना कोई आधे घंटे तक एक दूसरे मे समाए रहने के बाद दीप्ति का बदन अकड़ गया और वो झड़ने लगी मैं भी बिल्कुल किनारे पर आ गया था मैने कहा अंदर ही डिसचार्ज हो जाउ क्या तो वो बोली नही बिल्कुल नही तो मैने जल्दी से लंड को बाहर निकाला और उसके कुल्हो पर ही अपने पानी की धार गिरानी शुरू कर दी



और फिर दीवार की सहारे खड़ा हो गया कुछ पलों बाद हमारी साँसे दुरुस्त हुई तो दीप्ति ने अपने कपड़े पहने और मुझे किस करके खिसक ली वहाँ से मैने भी अपने कपड़े डाले और बाहर आ गया मैने टाइम देखा तो सुबह के तीन बज रहे थे सभी लोग सोए पड़े थे पर मेरी नींद उचट गयी थी मैन मटके से गिलास भरा और पानी पीने लगा अब नींद तो आनी नही थी तो मैं एक कुर्सी पर बैठ गया और सोचने लगा



थोड़ी देर बाद दीप्ति भी मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली कि नाराज़ हो मुझसे मैने कहा तुमने जो भी किया ग़लत किया वो मेरा हाथ पकड़ की बोली कुछ भी ग़लत नही हुआ है और फिर यंग एज मे ये सब तो होता ही रहता है मैने कहा तुम्हारी बात ठीक है और मैं तो वैसे भी बहुत ब्रॉडमाइंडेड हू पर ना जाने क्यो अच्छा नही लग रहा है



दीप्ति बोली कॉफी पियोगे मैने कहा इस टाइम कॉन बनाएगा वो बोली तुम बैठो मैं दो मिनिट मे बना कर लाई और थोड़े टाइम बाद ही हम लोग कॉफी की चुस्कियाँ लेते हुए बात करने लगे मैने कहा तुम्हारे हज़्बेंड को पता चलेगा कि तुम वर्जिन नही हो तो वो क्या सोचेगा तो वो बोली ओह! कम ऑन आजकल कॉन इन सब बातों के बार मे सोचता है और 99% लड़किया तो शादी से पहले ही वर्जिनेटी लूज कर देती है



मैने कहा बात तो सही है पर फिर भी अजीब सा लग रहा है तो उसने कहा क्योंकि मैं बहन हू तुम्हारी इसलिए अगर मेरी जगह कोई और होती तो फिर गिल्ट नही होता तुम्हे और वैसे भी हर कोई किसी ना किसी की बहन होती है और मत भूलो हम दोस्त पहले है और अब सेनटी होना बंद करो मूड को फ्रेश करो तो मैं एक फीकी हसी हँस पड़ा फिर हम ने कुछ देर और बाते की और कुर्सी पर बैठे बैठे ही सो गये

सुबह जब मेरी आँख खुली तो बुआ चाइ लेके मेरे सामने खड़ी थी वो बोली अरे यहाँ कॉन सोया पड़ा था उपर नींद नही आई क्या ज़रूर सबने तंग किया होगा तुझे मैने कहा बुआ जी ज़रा सांस तो ले लो ऐसा कुछ नही है बस ऐसे ही इधर आके बैठा था फिर ना जाने कब आँख लग गयी तो वो बोली चल चाइ पी ले और जल्दी से रेडी हो जा आजकई काम है मैने कहा काम करने ही तो आया हू तो वो मुस्कुरा पड़ी और बोली तू नही सुधरेगा



नहा धोकर तैयार होने मे ही दस बज गये थे फिर खाना वाना खाकर हम मस्ती कर ही रहे थे कि बुआ आ गयी और बोली कि मुझे कुछ सदियो के ब्लाउज लेने सहर तक जाना है मेरा नाम लेते हुए वो बोली तू चल मेरे साथ इधर बोर हो जाएगा तो मैने कहा ठीक है जी चलिए वो बोली तू बाइक स्टार्ट कर मैं अभी आती हू और फिर हम चल पड़े पास के सहर मे जो कोई 20 किमी दूर था



मैने बाइक मेन रोड पर लगाई ही थी कि बुआ बोली बाइक को मोड़ ले और कच्चे रास्ते पर ले उधर से चलेंगे तो बुआ मुझे रास्ता बताने लगी और हम चल पड़े कोई 7-8 किमी चलने के बाद थोड़ा सा सुनसान सा इलाक़ा था एक साइड मे कच्चा रोड था और दूसरी साइड मे गन्ने के खेत थे थोड़ी खाली सी जगह देख कर बुआ बोली कि बाइक को यही लगा ले मैने बाइक इस तरह से छुपाई की किसी को दिखे नही और फिर बुआ गन्ने के खेत मे घुस गयी मुझे लेके



खेत के काफ़ी अंदर मैने थोड़ी सी खाली जगह बनाई और बुआ को अपने से चिपका लिया और उनके गुलाबी होंठो को चूसने लगा पिछले कई दिनो से चूत की बरसात हो रही थी पर बुआ की बात सबसे अलग थी दस पंद्रह मिनिट तक अच्छे से उनके होंठो का रास्पान किया मैने फिर मैने बुआ की सलवार का नाडा खोला और कच्छि समेत सलवार को उतार कर सावधानी से साइड मे रख दिया ताकि वो गंदी ना हो बुआ नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी



गुज़रते समय के साथ बुआ का जिस्म और भी गदरा गया था मैं उनके चुतड़ों पर थप्पड़ मारता हुआ बोला डार्लिंग तुम तो और भी गदरा गयी हो वो बोली सब तेरे कारण ही हुवा है पिछली बार तूने जो दमदार चुदाई की है सब उसी का असर है बात करते करते बुआ ने अपना सूट और ब्रा भी उतार कर साइड मे रख दिया मैने भी अपने कपड़े उतार दिए बुआ बोली तेरे लिए नंगी तो हो गयी हू पर कोई इधर आ ना निकले मैने कहा बुआ आप चिंता ना करो मैं हू ना



बुआ मेरे लंड को अपनी मुट्ठि मे भरती हुई बोली कि ये तो पहले से भी तगड़ा हो गया है मैने कहा सब आपकी चूत के पानी का कमाल है मैं बुआ को फिर से किस करने लगा बुआ मुझसे चिपक गयी और मेरे लंड को अपनी मस्त चूत पर रगड़ने लगी उन्होने अपना मूह थोड़ा सा खोला और अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी तो मैं उसको चूसने लगा बुआ मुझसे ऐसी लिपट गयी जैसे चंदन के पेड़ से कोई नागिन लिपटी हो उनकी मस्त जंघे मेरी जाँघो से रगड़ खा कर मेरे लंड को और जोश चढ़ा रही थी



एक जबर दस्त किस के बाद वो बोली अभी चूसने-चूसने का टाइम नही है और जगह भी नही है तुम सीधा काम तमाम करो फिर कोई मोका मिलेगा तो देखेंगे और घूम कर पंजो के बल झुक कर खड़ी हो गयी उनकी विशाल नितंब मेरे लंड के सामने आ गये मैने उनकी चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को चूत के छेद पर लगा दिया बुआ ने अपनी गान्ड को पीछे करके मुझे अंदर घुसाने का इशारा किया



तो मैने धक्का लगाया और लंड उनकी मस्तानी चूत की फांको को अलग करता हुआ चूत मे जाने लगा बुआ ने एक सिसकी ली और बोली जल्दी से पूरा अंदर डालो मैं तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने को मरी जा रही हू तो मैने दो धक्को मे ही पूरा लंड बुआ की गरम चूत मे पहुचा दिया और आगे हाथ ले जाकर चूत के दाने को मसल्ने लगा बुआ के पूरे शरीर मे करेंट दौड़ गया वो धीमे से बोली कि बस बेटा अब जल्दी से काम पूरा कर दे टाइम नही है अपने पास




मैने कहा अभी लो और मैने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा बुआ बोली मेरे बोबो को दबा तो मैने कहा थोड़ी सी उपर हो जाओ तो बुआ उपर को हो गयी और मैं आसानी से उनके बोबो को दबाते हुवे उनकी चूत मारने लगा बुआ आहे भरने लगी मेरा लंड उनकी चूत मे जाके आज निहाल हो गया था मस्ती के संसार मे दीन दुनिया से बेख़बर हम दोनो एक दूसरे की जिस्मो की प्यास बुझाने मे लगे हुए थे





ओह मेरी प्यारी बुआ कितनी मस्त हो आप काश आप मेरी वाइफ होती तो पूरी जिंदगी आपको अपने लंड पर बिठाये रखता बुआ बोली ओह बेटा अपनी पत्नी समझ कर ही चोद मुझे जब से तेरा लंड लिया है तेरे फूफा से मज़ा ही नही आता बस यही सोचती रहती हू कि कब कैसे तुझसे चुदु शाबाश बेटा ऐसी ही धक्के लगा फाड़ दे मेरी इस निगोडी चूत को आज इसकी ससेरी खुजली मिटा दे चोद दे अपनी बुआ की फाड़ दे अपनी बुआ की चूत को रगड़ दे मुझे और तेज और तेज चोद मुझे

मैने कहा मेरी जान बहुत करारी है तू मैं बेदर्दी से बुआ के उभारों को मसलता हुआ उनकी चुदाई कर रहा था और फिर आधे- पोने घंटे तक दमदार चुदाई के बाद हम लोग साथ ही झड गये मैने बुआ की रसीली चूत को अपने वीर्य से तर कर दिया फिर हम वहाँ से निकले और सहर पहुचे बुआ ने काफ़ी खरीदारी की वापसी मे उसी खेत मे बुआ को एक बार और चोदने के बाद हम वापिस आ गये

जब हम वापिस आए तो उनके घर की तरफ जाने वाली गली मे एक गाड़ी खड़ी थी गली आगे थोड़ी तंग थी तो गाड़ी आगे नही जा सकती थी तो मैने भी बाइक रोक ली बुआ बोली अपने ही मेहमान आए लगते है मैं आगे जाती हू तू आता रहियो मैने कहा जी ठीक है पर फिर कुछ ऐसा हुआ जो मैं कभी भूल ही नही सकता तब पहली बार मुझे पता चला कि सर्प्राइज़ किसे कहते है



उस गाड़ी से पहले एक रोबदार आदमी बाहर निकला देखते ही मैं समझ गया कि ये कोई अपने ही डिपार्टमेंट का बंदा है फिर एक औरत निकली और गली मे आगे को बढ़ गये पर फिर जो कुछ हुआ आप लोग विश्वाश नही करेंगे और सच कहूँ तो मुझे भी उस टाइम विश्वास नही हुआ गाड़ी से जो तीसरी जनि उतरी जैसे ही वो पलटी मेरा दिल साला इतनी ज़ोर से धड़का कि सीने मे दर्द सा होने लगा



वो कोई और नही उर्वशी थी मैं तो उसको देखते ही सब कुछ भूल ही गया पर उसकी नज़र मुझ पर नही पड़ी उसने गाड़ी का गेट बंद किया आगे की तरफ बढ़ चली तभी मैने बाइक का हॉर्न बजाया तो उसने पलट कर देखा और फिर हैरत से उसके हाथो से बॅग छूट गया उसने अपना हाथ अपने मूह पर रख लिया वो जैसे शॉक्ड हो गयी थी मैने बाइक को स्टॅंड पर लगाया और उसकी तरफ बढ़ निकला



उर्वशी भाग कर आई और मेरे गले लग गयी और बोली फोजी जाट तू यहाँ पर मैने कहा पागल जाटनी तू यहाँ वो मेरे गले लगी हुई थी और गली के लोग हमें ही देख रहे थे तो मैने उसको अपने से अलग किया और इशारो मे समझाया कि लोग देख रहे है तो वो बोली कमिने कुत्ते कित मर गया था तू और तेरा वो फोन कित सै ला दे उसने तो तोड़ के फेक दूँगी कदे मिले ही ना सै वो तो



मैने कहा ओ मेरी झाँसी की रानी शांत होज़ा और घर चल फिर सब बता ता हूँ तभी बुआ का लड़का आ गया मैने कहा बाइक को ले आइयो और मैने उर्वशी का बॅग उठा लिया और घर आ गये वो बोली तू के करे सै अठे मैने कहा मेरी बुआ की ससुराल है यहाँ और हम बात करते करते घर के अंदर आ गये मैने कहा तू यहाँ कैसे तो वो बोली बुआ के ससुर जी का नाम लेते हुए कि वो मेरे पापा के मामा जी है मैने कहा है मेरी तकदीर बड़ी मुश्किल से तुमसे पीछा छुड़ाया था तुम यहाँ पर भी आ गयी



तो उर्वशी मेरी चेस्ट मे मुक्का मारते हुवे बोली कमिने एक बार सब रिश्तेदारों से मिल लू फिर तेरी खबर लूँगी तो उर्वशी अंदर चली गयी मैं बैठक मे चला गया वहाँ उर्वशी के पिता भी थे तो फूफा जी ने मेरा उनसे परिचय करवाया तो मैने कहा सर मैं आपको जाता हू आप ब्रिगेडियर. ***************** है ना तो वो बोले बेटे आप मुझे कैसे जानते है तो मैने कहा सर मैने आइएमए देहरादून मे ही ट्रैनिंग ली है और इसी एअर पोस्टिंग ली है



तो वो बोले आइ’म इंप्रेस्ड फिर कुछ लंबी बाते ही खीच गये वैसे भी दो आर्मी वाले बैठ जाए तो फिर माहौल अलग हो जाता है मुझे खिसकने का मोका जब मिला जब प्रिया मुझे बुलाने आई उसने कहा कोई आपको चॉबारे मे बुला रहा है मैं समझ तो गया था कि उर्वशी ही होगी मैं तेज़ी से सीढ़िया चढ़ता हुआ उपर पहुच गया उर्वशी बोली आजा मेरे प्रीतम तेरा ही इंतज़ार कर रही थी मैं



मैने कहा तुझे जो भी सज़ा देनी है दे दे पर पहले मेरी बात सुन ले और फिर मैने उसको सारी कहा नी बताई तो वो एमोशनल हो गयी वो बोली इतना सब हो गया तेरे साथ और मुझे नही बताया तूने तो खैर मुझे अपनी समझा ही नही मैं कहा यार फोन टूट गया था तो तेरा कॉंटॅक्ट लॉस्ट हो गया वो बोली और कही सेव नही कर सकता था क्या चल अब तू सबसे पहले तेरा नंबर मुझे दे



तो मैने उसको अपना फोन नंबर दे दिया उर्वशी मेरे पास आई और बोली फोजी पता है कितनी राते मैने तेरी याद मे जाग जाग के काटी है हर बार तेरा फोन नही मिलता था तो बहुत बुरा लगता था फिर वो थोड़ा सा और आगे आई उसके और मेरे बीच मे बस कुछ इंच का ही अंतर था और फिर उसने आगे बढ़ कर मुझे किस कर लिया किस करके हम हटे ही थे कि बुआ आ गयी और हम दोनो को साथ देख कर बोली तू उर्वशी को कैसे जानता है

मैने कहा बुआ ये एक लंबी कहानी है बाद मे बताउन्गा और अभी आप हमें कुछ देर अकेला छोड़ दो



वो बोली पर तुम्हे ऐसे देखेगा तो क्या सोचेगा जल्दी ही नीचे आ जाना मैने कहा ठीक है और कुछ देर बाद हम नीचे आ गये उर्वशी अंदर लॅडीस के पास चली गयी तभी दीप्ति मेरे पास आई और बोली तेरा बाद लक है आज मेरी डेट्स आ गयी है वरना आज भी तुझे मज़ा करवाती मैने कहा चलो मेरी जान छूटी अब उसको कोन समझाए कि अपनेको कोई कमी थोड़ी है चूतो की



सारे घर मे मेहमान भरे पड़े थे तो समझ नही आ रहा था कि कहा जाउ मैं चाइ पी रहा था वही सीढ़ियो पर बैठ कर कि उर्वशी का मेसेज आया लिखा था रात को चॉबारे की छत पर मिलते है मैने रिप्लाइ ही नही किया था अब इतने मेहमानों मे कैसे रिस्क ले वो तो ठहरी पागल जाटनी पर अपनी बुआ का घर था यहाँ पर तो शराफ़त ज़रूरी थी



फिर बुआ मेरी तरफ आई तो मैने कहा बुआ इतने आदमियो को देख कर मेरा मन नही लग रहा यहाँ पर वो बोली बेटा शादी है तो मेहमान आएँगे ही ना दो दिन बाद शादी है अड्जस्ट तो करना ही पड़ेगा ना मैने कहा बुआ मेरा जी नही लग रहा और उपर से उर्वशी भी है वो थोड़ी पागल टाइप है मुझसे ही चिपकी रहेगी मैं नही चाहता कि मेरी वजह से कल को आपको कोई कुछ कहे



वो भी मेरे पास ही बैठ गयी और बोली पहले तू बता तू उसको कैसे जानता है तो मैने बुआ को सारी कहा नी बता दी बुआ बोली तो ये बात है वैसे लड़की अच्छी है मैं तो इसको बचपन से जानती तू कर ले इस से ब्याह मैने कहा क्या बुआ कुछ भी बोलती हो फिर बुआ बोली रात तक इंतज़ार कर फिर हम अपने घर चलेंगे कुछ मेहमान उधर भी होंगे पर मैं अड्जस्ट कर लूँगी कुछ भी करके चल अभी तू अपना मूड ठीक करले

मैने गोर किया कि सब भाई बहन बस अपनी ही पंचायत मे लगे हुवे थे वैसे भी टाइम तो निरंतर बदल रहा ही था तो लोग भी बदल रहे थे प्रिया मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली भाई आप आज कुछ उदास लग रहे हो मैने कहा नही यार ऐसी तो कोई बात नही है बस इतने लोगो को एक साथ देखने की आदत नही है ना तो वो बोली पर भाई फोज मे तो बटालियन होती है मैने कहा होती है पर वहाँ भी हम ऐसे नही रहते



फिर भाई लोग और उसके दोस्त भी आ गये और बोली कि भाई रात मे कुँए पर ड्रिंक्स का प्रोग्राम है आप आओगे ना तो मैने कहा नही यार आज कुछ तबीयत ठीक नही है तुम लोग ही एंजाय करो तो वो लोग अपना जुगाड़ करने चले गये मैं जाके फूफा की मंडली मे बैठ गया शाम तो हो ही गयी थी तो उधर भी बस दारू-शरु की ही प्लॅनिंग हो रही थी




अब मजबूरी थी तो उधर ही बैठा रहा बॉटल पर बॉटल खुल रही थी उर्वशी के पापा बोले ऑफीसर तुम भी एक शॉट लो मैने कहा नही सर मैं घर पे नही पीता तो वो बोले अरे खुशी का महॉल है कोई बहाना नही चलेगा और मेरे हाथो मे एक पेग दे दिया तो मैने भी फिर दो-तीन पेग टिका ही लिए उनकी फालतू की पार्टी जब मुझे बोर करने लगी तो मैं खाना खाने के लिए आ गया



प्रिया भी मेरे साथ ही आ गयी और हम दोनो डिन्नर करने लगे उर्वशी कही दिखाई नही दे रही थी अब शादी का घर था तो सोना किसे था लोग बेवजह इधर से उधर भटक रहे थे मैं कोफ़ी के सीप लेता हुआ चूतिया ड्रामे को देखे जा रहा था तभी मेरा फोन बजा बुआ की कॉल थी उन्होने कहा कि बस थोड़ी देर मे चलेंगे अपने घर कुछ मेहमान है उनको खाना करवा दूं फिर चलते है मैने कहा ठीक है



कोई आधे घंटे बाद बुआ दो बूढियो के साथ निकली और मुझे बोली आजा फिर हम बुआ की घर चल पड़े उसका घर बस दो गली दूर था बुआ ने अपना बेडरूम खोला और मुझे कहा कि तू आराम कर मैं थोड़ी देर मे आउन्गि मैने कहा मैं ज़रा नहा लेता हू मैने देखा कि इधर ज़्यादा मेहमान नही थे और तकरीबन बुजुर्ग ही थे इसलिय उनके रहने की व्यवस्था इधर की गयी थी



मैं नहा कर आया तो रात के11 बज गये त बुआ कमरे मे ही थी उन्होने कपड़े बदल लिए थे साड़ी निकाल कर अब वो एक मॅक्सी मे थी मेरे अंदर आते ही उन्होने गेट बंद किया और लाइट बुझा दी हम दोनो बेड पर लेट गये मैने कहा बुआ आप मुझे अपने बेडरूम मे ले आई अगर फूफा आ गये तो वो बोली तू टेन्षन ना ले उधर दारू की पार्टी चल रही है और तू तो जानता ही है कि तेरे फूफा को तो बस मोका चाहिए पार्टी करने का वो नही हिलेंगे उधर से और फिर मुझ तेरे लंड का चस्का लग गया है तो थोड़ा सा रिस्क तो ले ही सकती हू ना मैने कहा मेरी प्यारी बुआ



बुआ फटा फट नंगी हो गयी और मेरे कच्छे को उतारते हुवे बोली दो बार आज ही चुद चुकी हू पर चूत फिर भी फडक रही है मैने कहा चिंता ना करो डार्लिंग सुबह तक आपको लंड पर बिठाए रखूँगा और गान्ड भी मारूँगा तो बुआ बोली जो मारनी है मारले मिटा दे मेरी खुजली को तो मैं उनकी मस्त 38 इंची छातियो को दबाने लगा तो वो सिसकारिया भरने लगी और बोली ज़ोर से दबा इनको इस दर्द का भी अपना ही मज़ा है



मैने कहा बुआ आज तो रोल मे लग रही हो वो बोली तुझे तो खुश करना ही पड़ेगा ना वरना तू कहेगा कि बुआ ने खातिरदारी नही की और फिर अपना बोबा मेरे मूह मे देने लगी तो मैं उन्हे निप्पल को दाँतों से काटने लगा बुआ अब मेरी गोदी मे चढ़ आई उनकी नंगी गान्ड पर लंड रगड़ खाने लगा मैने कहा अभी तो बस गान्ड मे ही डालूँगा कई दिनो से किसी की गान्ड नही चोदि है



थोड़ी देर बाद बुआ मेरी गोदी से उतर गयी और फिर मेरे लंड पर टूट पड़ी मैने कहा आराम से चूसो मैं कही भागा थोड़ी ना जा रहा हू तो उन्होने अपनी जीभ को सुपाडे पर फेर दी मैं तो बहाल हो गया उनकी इस अदा पर मैने बुआ के बालो को पकड़ लिया और लंड उनके मूह मे अंदर बाहर करने लगा घुप घुप करते हुए मैं उनके मूह को चोदने लगा था



काफ़ी देर तक लंड को उनके मूह मे रखने के बाद मैने अब उनको बेड पर पटका और उनकी गान्ड को सहलाने लगा और अपनी उंगली को गान्ड मे डालने लगा बुआ बोली ऐसे नही जाएगी रूको मैं तेल देती हू वो अंधेरे मे ही तेल की शीशी ले कर आई और मुझे दे दी मैने ढेर सारा तेल उनकी गान्ड पर लगाया और अपने लंड पर भी मैने कहा करूँ वो बोली हाँ तो बुआ ने अपने हाथ पीछे ले जाते हुवे अपने कुल्हो को खोल लिया और मैने अपने सुपाडे को उनके छेद पर रख दिया



और थोड़ा सा दवाब डालते हुए अपने सुपाडे को अंदर घुसाने लगा बुआ का छेद फैल गया और उनके मूह से दर्द भरी आवाज़ निकली मैने बुआ को तड़पाने के लिए सुपाडे को छेद मे फसा दिया और रुक गया बुआ कराहती हुवी बोली तड़पाता क्यो है एक तो तेरी खुशी के लिए गान्ड मरवा रही हू और तू तडपा रहा है मैने कहा अभी ले मेरी जान अभी अंदर करता हूँ और थोड़ा थोड़ा करके लंड को अंदर डालने लगा एक तो उनकी गान्ड इतनी टाइट थी तो रगड़ खा खा कर लंड अंदर जा रहा था


जब जब मैं लंड को अंदर से बाहर खीचता लगता कि उनकी गान्ड का छल्ला भी साथ ही बाहर को निकल आएगा कई दिनो बाद किसी की गान्ड मे लंड गया था तो जोश भी कुछ ज़्यादा ही था और जुनून तो हद से ज़्यादा हमेशा की तरह मैं उनके उपर लदा हुआ अब अपनी रफ़्तार को कुछ तेज करता हुवा गान्ड मे दना दन लंड को पेलने लगा था और बुआ मेरे नीचे दबी हुई पिस रही थी




मैं उनके गालो को अपने दाँतों से काटने लगा तो वो मना करते हुवे बोली कि ऐसा ना कर गाल पर निशान लग गये तो मेरे लिए मुसीबत हो जाएगी मैने कहा डरती हो क्या किसी से तो वो कुछ ना बोली काफ़ी देर हो गयी थी उनकी गान्ड मारते हुए तो बुआ भी अब परेशान होने लगी थी वो बोली हुआ नही क्या तेरा अभी तक मैने कहा पता नही निकल ही नही रहा है

वो बोली अब बस उतर जा मेरे उपर से कब तक तेरा बोझ झेलती रहूंगी तो मैं उतार गया और बुआ को अपनी गोदी मे बिठा लिया बुआ ने कुछ पॅलो तक चूत पर लंड को रगड़ा और फिर उसे अपनी चूत मे लेते हुवे मेरी गोदी मे बैठ गयी मैने अपने होंठो मे उनके निचले होठ को दबा लिया और चूसने लगा क्या करारी जवानी थी उनकी बुआ अपनी बड़ी सी गान्ड को उचका उचका कर लंड पर कूद रही थी



उनके गुलाबी होंठो का सहद समान रस पीते हुए चुदाई का मज़ा बड़ा ही जबरदस्त था मैं और वो दोनो एक दूसरे मे खो गये थे थोड़ी देर बाद वो मेरी गोद से उतरी और खड़ी हो गयी मैने वही पर उनकी टाँगो को थोड़ा सा खोला और फिर से लंड को चूत मे डाल दिया और अपने हाथ आगे करके बोबो को थाम लिया और लगा उनको चोदने कभी मैं तेज तेज धक्के लगाता कभी बिल्कुल हौले हौले बुआ किसी शराबी की तरह मेरी बाहों मे झूल रही थी



और फिर ऐसे ही पूरी रात हम दोनो का प्रेमलाप चलता रहा तबीयत से चोदा उनको और उन्होने भी तबीयत से अपने जिस्म के अंग अंग को मेरे हवाले किया कमरे का कोई ऐसा कोना नही जहाँ मैने उनको नही रगड़ा वो रात भी मेरे लिए एक यादगार रात बन गयी थी सुबह साढ़े 5 बजे मैं उनके कमरे से निकला और बाहर की तरफ चला गया मैं थोड़ा खेतो की ओर घूमने चला गया

फ्रेश होकर दातुन करते हुए मैं आ ही रहा था कि मुझे रास्ते मे प्रिया और उर्वशी मिल गये तो उर्वशी ने प्रिया को कहा कि तू ज़रा आगे चल मैं अभी आती हू और मुझे गुस्से से देखते हुए मेरी ओर आने लगी फिर वो बोली कमिने दिखा दी ना तूने अपने वाली वैसे तो बड़ा दोस्ती का दम भरता है और कल दो पल भी ना दे सका मैने कहा शांत होज़ा मेरी झाँसी की रानी और मेरी बात सुन



वो बोली ना सुन ना मने कुछ भी तेरा और आइन्दा से बात ना करियो मेरे से मेरा दिमाग़ खराब हो रखा सै कुछ बोल दूँगी उल्टा सीधा मैने कहा यार बात तो सुन मैने प्रिया को कहा कि तू घर जा ये मेरे साथ बाद मे आ जाएगी तो उसने अजीब सी नज़रो से मुझे देखा और अपने कंधे उचकाते हुए चली गयी मैं उर्वशी के साथ वही पगडंडी पर बैठ गया और बोला कि यार कल बुआ ने मेहमानो के साथ ड्यूटी लगा दी थी अब उनको मना भी तो नही कर सकता था ना



पर आज का पूरा दिन तेरे साथ पक्का वाला प्रॉमिस करता हू चाहे कुछ भी हो जाए आज एक पल के लिए भी तुझसे जुदा नही होऊँगा तो वो बोली जा तू और तेरे वादे मैने कहा यार देख अब तू नाराज़ होगी तो मेरा जी भी नही लगेगा फिर थोड़ी मनुहार करके मनाया उसको दीप्ति की शादी मे बस आज का ही दिन था कल तो थी ही और फिर आज घरवाले भी आने वाले थे मैने कहा आज तुझे अपनी फॅमिली से मिलवाता हू बाते करते करते हम घर आ गये




आते ही प्रिया ने मुझे चाइ पकड़ाई और बोली भाई क्या सीन है उर्वशी के साथ और कैसे जानते हो मैने कहा लंबी कहानी है वो बोली बताओ ना क्यो भाव खा रहे हो मैने कहा तू क्या करेगी जानके वो बोली बस ऐसे ही तो मैने शॉर्ट मे उसको सारी बात बता दी वो बोली वाह भाई आप तो बड़े छुपे रुस्तम हो एक काम करो सब घरवाले तो है ही आप बात कर्लो उस से शादी की मैने कहा अरे बताया ना वैसा कुछ नही है बस दोस्त है



वो मुझे छेड़ते हुए बोली की शुरू मे तो सब दोस्त ही होते है मैने कहा अच्छा जी तुझे बड़ा पता है फिर मैं उसके पास से चला आया आज बस चारो तरफ काम ही काम थे हर कोई लगा हुआ था कुछ रस्मे चल रही थी हलवाई लग गया था टेंट वाले अपना काम कर रहे थे तभी उर्वशी ने मेसेज किया कि यार मुझे कुछ अर्जेंट समान लेना है आ ज़रा सहर तक चलते है




हालाँकि मेरी बिल्कुल भी इच्छा नही थी पर उसका दिल भी तो नही तोड़ सकता था तो मैने कहा मैं गली के बाहर इंतज़ार करता हू फटाफट से आजा और फिर 10 मिनिट बाद उसे लेकर मैं उड़ चला गाँव से बाहर वो बाते करते हुए बोली तू तो मुझे भूल ही गया है मैने कहा यार ऐसी बात नही है कुछ हालत ही ऐसे हो गये थे और मुझे खुद नही पता कि मेरी ज़िंदगी किस ओर जा रही है



मैने बाइक साइड मे रोक दी और उसको कहा कि तुम तो सब कुछ जानती ही हो पर पिछले कुछ दिनो से बड़ा ही बैचैन सा रहता हू मैं पता नही कैसे एक उदासी सी मेरे अंदर घर कर गयी है कुछ समझ नही आता कि करूँ तो क्या करूँ वो बोली फोजी कुछ परेशानी है तो मुझे तो बता ही सकता है तो मैने कहा यार वो ही तो पता नही चल रहा है बस एक घुटन सी हो रही है



तो उर्वशी बोली शायद तुझे जॉब का प्रेशर है पर थोड़े दिन मे ही तू सिस्टम मे रम जाएगा मैने कहा हो सकता है पर आ अब चलते है वापिस भी आना है तो हम सहर पहुच गये उर्वशी ने अपनी खरीदारी की और दोपहर होते होते हम वापिस आ गये जब हम पहुचे तो देखा कि घर वाले भी आ गये थे तो फिर उनसे बाते होने लगी तभी प्रिया आ गयी और बोली कि कहाँ थे तुम



मैने खाना भी नही खाया तुम्हारे इंतज़ार मे मैने कहा चल तू खाना लेकर आ मैं अभी आया तो वो बोली उपर चॉबारे मे आजा ना मैं उपर गया तो पूरी मंडली वही पर जमा थी सबसे पहले मैने खाने पे ध्यान दिया फिर ऐसा उलझा कि दिन कैसे निकला कुछ पता ही नही चला शाम को हलवाई के पास से आया तो देखा कि उर्वशी मम्मी से चिपकी हुई थी और काफ़ी हँस हँस कर के बाते कर रही थी



मैने सोचा ये क्या खुराफात कर रही है पर तभी फूफा आ गये और कुछ काम करने को बोले मैं वापिस आया तो रात हो गयी थी डीजे लगा हुवा था तो बस डॅन्स वॅन्स ही चल रहा था तभी बुआ का लड़का आया और बोला भाई एक वोड्का का शॉट लोगे क्या तो मैने कहा एक क्यो दो-चार ले लेता हू तो मैने थोड़ी सी वोड्का गले के नीचे उतारी मंडली आज अलग ही मूड मे थी



और पूरी रात धमाल मचाने का प्रोग्राम था और पता नही क्यो मैं भी मस्ती के मूड मे आ गया उर्वशी ने मुझे इशारा किया कि आजा डॅन्स करते है अब मैं ठहरा फोजी आदमी एक बार जो शुरू हुआ तो फिर बस उर्वशी इतना अच्छा डॅन्स करती है उस दिन पता चला मुझे हम अपनी मस्ती मे मस्त थे पर मेरी मम्मी की नज़रो ने मेरी और उर्वशी की नज़रो को पकड़ लिया



और वो थी भी तो इतनी प्यारी अगले दिन मुझे बुआ से पता चला कि मम्मी को उर्वशी जच गयी है और दीप्ति की शादी के बाद वो उर्वशी के पेरेंट्स से हमारे रिश्ते की बात करने वाली है अब ये क्या हुआ मम्मी तो वैसे ही शादी के लिए पीछे पड़ी रहती है और फिर उर्वशी भी तो यही चाहती है मैं थोड़ा सा परेशान हो गया मैने चाची को ये बात बताई तो वो बोली मैं कुछ नही कर सकती इस मामले मे
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#56
वो रात बस हँसते गाते खुशी के महॉल मे कट गयी पर ना जाने क्यो मुझे ऐसा लगा कि उर्वशी मेरे थोड़े और करीब आ गयी है सुबह के 3 बजे हम दोनो चॉबारे की छत पर लेटे हुवे बाते कर रहे थे वो बोली ****** मिता से ब्याह कब कर रहा है मैने कहा बस जल्दीही वो बोली पर वो तो अपनी जात की भी ना है उसके माँ बाप राज़ी होंगे क्या मैने कहा यार देखते है



उर्वशी बोली तू चिंता ना कर और वैसे भी अगर तेरी शादी उसके साथ ना हो सके तो मैं तो हूँ ही तेरे लिए मैने कहा यार क्यो बद्दुआ दे रही है शुभ शुभ बोल तो वो हँसते हुवे बोली भाग तो मेरे खराब है जो मुझसे पहले वो तेरी ज़िंदगी मे आ गयी पर जाने दे सब तकदीर के लेख है मैने कहा यार तू सेनटी क्यो होती है तुझे तो मुझसे लाख गुना अच्छा पति मिलेगा तो वो बोली पर तू तो नही मिलेगा ना फोजी



उर्वही मेरे सीने पर अपना सर रख कर लेट गयी और बोली फोजी साची साची बताना तुझे कश्मीर जाके मेरी याद आई मैने कहा यार तेरी कसम खा कर कहता हूँ हर पल तुझे याद किया पर तुझे बताया ना कि क्या हालत हो गए थे मेरे पर अब मैं वादा करता हू कि कही भी रहूं रोज़ तुझे पक्का फोन किया करूँगा पर तू तो जानती ही है ना कि एक फोजी की ज़िंदगी क्या होती है



तू तो अच्छे से समझती है कि वहाँ के क्या हाल हालात है और अबकी बार छुट्टी से जाते ही मुझे रॅपिड टास्क फोर्स मे ड्रेस सेक्टर मे भेज दिया जाएगा वहाँ के बारे मे तो तू जानती ही है ना ना जाने कॉन सी गोली बुलावा लेकर आ जाए तो उर्वशी ने मेरे मूह पर अपना हाथ रखा और बोली भगवान के लिए ऐसे ना बोलो मेरा दिल घबराता है मैने कहा यार अब पोस्टिंग ही ऐसी बटालियन मे मिली है क्या करूँ



वो कहने लगी चल छोड़ इनबातो को और अभी खुश हो जा तो मैं मुस्कुरा दिया उर्वशी बोली फोजी जब भी तेरे पास होती हू तो दिल कुछ शरारत करने को होता है मैने कहा खुद पे कोंटोल रख और वैसे भी मैं बड़ा थक गया हू तो चल थोड़ी देर सो जाते है मैने मोबाइल मे साढ़े पाँच का अलार्म लगाया और फिर हम सो गये मैं जब उठा तो वो वहाँ पर नही थी मैं भी आँखो को मसल्ते हुए नीचे आ या



आज सबसे पहले मुझे दीप्ति के दर्शन हुए उसने मुझे देखते ही अपना सवाल दाग दिया बोली क्या खिचड़ी पकाई तूने उर्वशी के साथ मैने कहा कुछ नही तुझे कॉन बोला तो वो बोली कल मामी कह रही थी कि तेरी और उर्वशी की जोड़ी अच्छी लगेगी मैने कहा अरे मम्मी तो कुछ भी बोलती रहती है और वो तो बस दोस्त है मेरे पिछली कुछ टाइम से जानता हू उसको बस इतनी सी बात हाँ वो बोली देख ले कही मेरे मंडप मे ही तुम्हारे फेरे ना हो जाए



मैने कहाँ यार सब घरवालों को पता नही क्या हो गया है सब हाथ धोकर पीछे पड़ गये है और सबको पता भी है कि मैं लव मॅरेज करूँगा फिर भी सब कैसे बिहेव कर रहे है दीप्ति चुटकी लेते हुए बोली ओये होये लव मॅरेज बताओ ज़रा कॉन है वो जिसने हमारे भाई का दिल चुरा लिया मैने कहा जब वो दुल्हन बनकर आएगी तो मिल लेना



फिर मैने एक चाइ पी एयेए शादी थी तो दिन बड़ा ही व्यस्त होने वाला था तो बस काम काम बस काम ही चलता रहा शाम तक सब तैयारिया हो गयी थी अब शादी थी तो रोनक तो होनी ही थी जब मेरी नज़र जाटनी पर पड़ी तो कसम से मैं तो बिन पिए ही झूम गया सुनहरी साड़ी मे क्या मस्त लग रही थी और उपर से क्या गजब का मेक अप मैने उसे इशारे से बताया कि बड़ी कॅटटो लग रही हो वो मेरे पास आई और बोली इतनी अच्छी लग रही हूँ तो कर लेना शादी घरवालो का खर्चा भी बच जाएगा



उसका ये बोल्ड अंदाज मुझे बड़ा भाता था खैर मैं कुछ बातों का ज़िक्र नही करूँगा वरना आप लोग कहोगे कि बोर करता है तो मैं सीधा फेरो पर आता हू फेरे चल रहे थे हम लोग मंडप के पास ही बैठे थे उर्वशी ने मुझे मेसेज किया और बोली पिछली गली मे आना थोड़ी देर मे तो मैने कहा ओके और फिर 15 मिनिट बाद हम दोनो वहाँ पर थे



वो मेरे सीने से लग गयी और बोली काश एक दिन मैं तेरी दुल्हनिया बनती मैने कहा जो हो नही सकता उसके बारे मे सोचना क्या उसने दो पल मेरी आँखो मे देखा और फिर अपने चेहरे को थोड़ा आगे करते हुए मेरे और करीब आई और फिर उसके थरथराते होठ मेरे लबों से छू गये कुछ पलों के लिए फिर कुछ ना याद रहा जब हम अलग हुए तो साँसे बुरी तरह से चरमरा गयी थी और कुछ ज़ज्बात उमड़ गये थे



मैने कहा यार तू इसतरह से ना चिपका कर डर लगता है कि कही मैं अपना कंट्रोल ना खो दूं वो बोली तो आना रोका किसने है मैने कहा सही समय आने पर दूँगा इस बात का जवाब तो वो बोली और वो सही समय कब आएगा मैने कहा कभी ना कभी तो आएगा ही वो मुझसे चिपकी खड़ी थी थोड़ी देर बाद उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया अब मना भी तो नही कर सकता था उसको खैर, तो दीप्ति की विदाई हो गयी माहौल थोड़ा सा गमगीन सा हो गया था मैने वही टेंट मे दो टेबल जोड़ी और अपना बिस्तर वही पर लगा दिया सोचा कि थोड़ी देर सो ही लूँ तो ठीक रहेगा पर अपनी ऐसी तकदीर कहाँ थी बस लेटा ही था कि प्रिया जी आ टपकी और बोली आज कल कुछ ज़्यादा ही उड़ रहे हो भाई मैने कहा यार सोने दे ना क्यो मेरा दिमाग़ खराब कर रही है उसने मुझे कॉफी का मग पकड़ाया और पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी और बोली कि उर्वशी सबसे कहती फिर रही है कि वो आपकी गर्लफ्रेंड है मैने कहा है तो उसमे क्या है



वो बोली भाई कब से चला आपका चक्कर मैने कहा एक मिनिट तू क्या सोच रही है डियर, ऐसा कुछ नही है बस दोस्त है तुझे बताया तो था ना वो बोली ना मैं ना मानती मैने कहा अच्छा ज़रा एक मिनिट रुक मैने उर्वशी को बुलाया अब वहाँ पर हम तीन लोग थे मैने उसका कान पकड़ा और कहा कि कमिनि तू क्या कह रही है सबको वो मुझे टीज़ करते हुवे बोली तो क्या ग़लत कहा मैने

मैं बोला ना रे इतनी बड़ी दुनिया मे तू ही है एक जो बस सच बोलती है तेरा मेरा चक्कर कब चला तो वो बोली फोजी अब तू मुकरे तो मुकर जा मैं तो झूठ ना बोलू और तू जो कहे तो प्रिया नै देहरादून की हर एक बात विस्तार से बता दयू मैने कहा प्रिया तू इसकी किसी भी बात पर विश्वास ना करियो ये एक नंबर की झूठी है तभी उर्वशी को उसकी मम्मी ने बुलाया तो वो चली गयी



मैनेकहा जान छूटी, पर प्रिया अपनी आँखो को गोल गोल घूमाते हुए मेरा मूह ताक रही थी मैने कहा क्या तो वो बोली कुछ नही मैने कहा तो जाना और मुझे सोने दे कुछ बडबडाते हुए वो भी चली गयी और मैने आँखे मींच ली आँख खुली तो देखा कि दिन चढ़ आया था टेंट वाला लड़का बोला भैया कब से आपको जगा रहे है आप उठ ही नही रहे हमें टेबल ले जानी है मैने कहा ले जा भाई



रगड़ रगड़ कर नहाने के बाद भी खुमारी नही उतरी थी हॅंगओवर सा लग रहा था मैने फिर कुछ गिलास लस्सी पी तो जी शांति मे आया तभी बुआ के दीदार हुवे उन्होने पूछा कि खाना खाया मैने कहा नही अभी तक नही खाया वो दो तीन दिन से ज़्यादा मसाले का खाना खा रहा हू तो मन सा भर गया है कुछ सिंपल सी दाल मिल जाती तो ठीक रहता तभी उर्वशी चुटकी लेते हुए बोली हाँ अब फोजी तो बेचारा उधर दाल ही
ख़ाता है तो इसको दाल ही भायगी मैं बस मुस्कुरा कर ही रह गया



बुआ बोली ठीक है मैं तेरे लिए दाल ही बना देती हू तो उर्वशी बोली आप रहने दो मैं बना देती हू वैसे भी मेरे हाथो का खाना ये उंगलिया चाट चाट कर ख़ाता है तो बुआ हंस पड़ी और बोली हाँ अब आगे आगे इसे तेरे हाथ का खाना ही तो खाना है मैने कहा क्या बोली बुआ आप तो बुआ बोली कुछ नही पगले और चली गयी तभी मम्मी आ गई और बोली अरे कहाँ है तू



कब से खोज रही हूँ तुझे मैने कहा जी कहिए तो वो बोली क्या कहिए तुझे तो अपनी मम्मी की कोई चिंता ही नही है मैने कहा ऐसा क्यो कहती हो वो बोली जिस माँ का जवान बेटा हो उसको तो फिकर ही होगी ना देख मैं सीधे सीधे तुझसे बात करती हूँ मुझे वो क्या नाम है उसका हम उर्वाहसीईईईई बहुत अच्छी लगी और पता चला है कि तू उसको पहले से ही जानता है तो तू कहे तो उस से तेरे रिश्ते की बाद चलाऊ


मैने कहा मम्मी कम से कम यहाँ पर तो मेरा तमाशा ना बनाओ आप सब जानती हो फिर भी आप कही भी मेरी नुमाइश करने को तैयार हो जाती हो मैने कहा चाची आप ज़रा समझाओ ना मम्मी को तो वो बोली मैं तुम दोनो मा-बेटो के बीच मे क्यो खराब होउ तुम देखलो जो भी है और वैसे उर्वशी अच्छी लड़की है खिली खिली रहती है अपने घर आएगी तो अच्छा रहेगा



मैने कहा पता नही इस ने क्या जादू कर दिया है सब पर आप लोगो को जो करना है करो पर मुझे माफ़ करो तो मैं वहाँ से उठ कर आ गया ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने रवि से कहा कि कुछ पड़ा है तो दे यार वो बोला भाई इस टाइम तो कुछ नही है थोड़ी देर रुक भेजता हू किसी को मैने कहा नही रहने दे बाद मे देखेंगे तभी उर्वशी मेरे लिए खाना ले आई और बोली रोटी खा लो मैने कहा भूख नही है



वो बोली अले ले मेला बाबू नाराज़ हो गया लगता है और मेरे पास ही बैठ गयी मैने कहा प्लीज़ यार मूड ऑफ सा हो रहा है वो बोली क्या बात हुई मैने कहा यार मम्मी भी ना जहाँ देखो मेरी नुमाइश करने लग जाती है वो बोली वो मम्मी है उनका हक़ है तुम पर मैने कहा है पर यार अच्छा नही लगता वो बोली चल जाने दे जल्दी से खाना खा ले और फिर कही घूमने चलते है



मैने कहा कहाँ पर ? वो बोली कहीं पर भी चलते है थोड़ा टाइम तेरे साथ स्पेंट करना चाहती हू मैने कहा ठीक है फिर खाना भी कही बाहर ही खाएँगे तभी एंट्री हुई प्रिया मेम्साब की वो बोली कहाँ जाने की प्लॅनिंग हो रही है मैने कहा हम घूमने जा रहे है वो मूरख बोली भाई मैं भी चलूं मैने कहा ना पर उर्वशी बोली चल तू भी फटा फट आजा तैयार होके




मैने कहा यार इसको यही रहने दे तो वो कहने लगी छोटी बहन है तुम्हारी उसको भी घूमाओ कुछ गिफ्ट दिला देना खुश हो जाएगी मैने कहा ठीक है पर बाइक पे तीन लोग कैसे तो वो बोली हम हमारी कार से चलेंगे और मुस्कुराने लगी जाटनी की स्माइल इतनी प्यारी थी कि बस मैं तो पिघल ही गया आधे घंटे बाद हम चल पड़े सिटी की ओर



कार वो ही ड्राइव कर रही थी और मैं उसके पास बैठा था प्रिया पीछे वाली सीट पर थी तो हम सहर पहुचे मैने उर्वशी को कहा कि एटीम के पास रोकना ज़रा और फिर कुछ पैसे निकाल लिए मैने सोचा पहले प्रिया को ही कपड़े दिलवा देता हू तो हम एक अच्छी सी शॉप पर गये और उसको कुछ ड्रेस दिलवाई फिर मैने कहा उर्वशी तू भी ले ले कुछ और उसको भी एक मस्त सूट दिलवाया



मैने अपने लिए भी एक टाई खरीदी फिर सबने आइस-क्रीम खाई और थोड़ी शॉपिंग की दिन कैसे गुजर गया पता ही नही चला शाम हो गयी थी हम लोग अभी भी सहर मे ही थे तो प्रिया बोली भाई अब घर चलना चाहिए मैने कहा हाँ चलते है अब की बार ड्राइव मैं कर रहा था अंधेरा घिरने लगा था तो रास्ते मे मैने कार हाइवे पे एक ढाबे पे रोकी और कहा कि डिन्नर यही करके चलेंगे तो घर पहुचते पहुचते हमे दस के करीब हो गये थे



हम घर पहुचे तो मैने देखा कि माहौल कुछ अजीब सा लगा है मैने अपने हाथ-मूह धोए और कपड़े चेंज करके आ गया तो उर्वशी के पापा बोले ऑफीसर तुम्हारी यूनिट कॉन सी है मैने कहा सर 45 आर/आर वो बोले बेटा ज़रा मेरे साथ आना मैं उनके पीछे पीछे चला आया बैठक मे पापा,चाचा, फूफा जी और भी कई लोग थे उन्होने टीवी चला दिया और न्यूज़ लगा दी



न्यूज़ देखते ही मेरे हाथों मे जो पानी की बॉटल थी वो हाथो से गिर गयी

न्यूज़ ही कुछ ऐसी थी कि मैं क्या बताऊ ड्रेस सेक्टर मे मेरी बटालियन की अड्वान्स पार्टी पर घात लगा कर उग्रवादियों ने हमला कर दिया था कई सैनिक शहीद हो गये थे और कॅषुयल्टीस भी बहुत थी ये एक बहुत ही बड़ी घटना थी उन दिनो क्यों कि लगने ही लगा था कि कश्मीर मे अमन चैन फिर से वापिस आने ही लगा है लगभग हर न्यूज़ चॅनेल पर यही घटना दिखाई जा रही थी



मैं तो एक दम शॉक ही हो गया घुटने काँप गये समझ ही नही आया कि कैसे रिएक्ट करू मैं दिमाग़ खराब सा हो गया था मेरा मैं वहाँ से उठा और आकर आँगन मे अपना माथा पकड़ कर बैठ गया फिर कुछ देर बाद मेरा फोन बजा नंबर देखते ही मैं समझ गया कि ये फोन क्यो आया है मैने फोन उठाया और बात की बस हाँ हूँ ही हुई



शॉर्ट मे एक संदेसा था मेरे लिए कुछ देर पहले मैं हसी ख़ुसी मस्ती मे घूम कर आया था मेरे कुछ प्लॅन्स थे जो मुझे इन 40 दिन की छुट्टियो मे पूरा करने थे पर हाई रे किस्मत तो सबर का घुट पिया और अंदर जाकर अपना सामान पॅक करने लगा कपड़ो की तह कर ही रहा था कि प्रिया आ गयी और बोली भाई क्या हुआ पॅकिंग क्यो कर रहे हो




अभी तो कुछ दिन और आपको यहाँ पर रुकना है मैने कहा हाँ पक्का रुकुंगा पर फिर कभी वो बोली भाई क्या हुआ कुछ उदास लग रहे हो सब ठीक तो है ना मैने कहा हाँ पगली सब ठीक है अभी तू जा और मुझे थोड़ा सा काम करने दे वो बोली भाई कुछ प्राब्लम है तो शेअर् कर सकते हो मुझे पता नही क्यो गुस्सा आ गया मैं उसको डाँट ते हुए बोला कहा ना कुछ नही है एक बार कहने से कुछ समझ नही आता क्या तो वो अपनी आँखो मे आँसू लिए वहाँ से चली गयी



मुझे फील हुआ कि उसको ऐसे नही डांटना चाहिए था पर मैं क्या करता मैं भी मजबूर था बॅग की चैन बंद ही कर रहा था कि उर्वशी आ धमकी बोली क्या हुआ मैने कहा देख अभी दिमाग़ काम नही कर रहा तो परेशान ना कर , वो बोली यार गुस्सा ना कर और बता भी दे क्या हुआ है मैने कहा यार जाना पड़ेगा वो बोली कहाँ जाएगा रात को तू



मैने कहा रात को तो नही पर सुबह होते ही निकलना पड़ेगा वो कहने लगी पर मैं तो अभी दो दिन और हूँ यहाँ पर तू मुझे छोड़ कर नही जाएगा मैने कहा मैं मजबूर हूँ यूनिट से फोन आया था सभी की छुट्टी कॅन्सल कर दी गयी है 72 घंटे मे मुझे रिपोर्ट करनी है वो घबराते हुए बोली कि क्या हुआ मैने फिर उसको विस्तार से पूरी बात बताई उर्वशी भावुक हो गयी



और मेरे सीने से लग के रो ने लगी दिल तो मेरा भी टूट गया था पर मैं ठहरा फोजी अपना दुख बता भी तो नही सकता था किसी को तो बस इतना ही कह पाया कि हँस के विदा करना अपने दोस्त को तो वो बस इतना ही बोली तू आया ही क्यो मेरी ज़िंदगी मे और उसके सवाल का कोई जवाब नही था मेरे पास तो बस उसको अपनी बाहों मे भर लिया बड़ा अच्छा सा लगा तो थोड़ी देर उसके आगोश मे ही रहा



फिर दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं उस से अलग हुआ ना चाहते हुए भी मेरी आँखे भी डबडबा आई थी मैने देखा तो बुआ थी वो बोली क्या चल रहा है तुम्हारा मैने कहा कुछ नही बुआ बस कल जाना है तो अपना बॅग देख रहा था वो बोली ऐसे नही जाने दूँगी कितने दिनो बाद तो आया है थोड़े दिन रह इधर ही मैने कहा जाना पड़ेगा बुआ मुझे लगा कि कही मैं रो ना पडू तो मैं कमरे से बाहर निकल गया



वो पीछे आवाज़ देते ही रह गयी मैं सबसे पहले पापा के पास गया और उनको सारी बात बताई और कहा कि मैं सुबह ही निकल जाउन्गा आप मम्मी को ना बताना वरना टेन्षन कर लेगी और पूरी कोशिश करूँगा कि जल्दी ही वापिस आने की पर मैं अंदर ही अंदर जानता था की ना जाने कितना समय लगेगा वापिस मूड कर आने मे पापा के माथे पर चिंता की लकीरे आ गयी थी



पर एक वो ही तो थे जो मेरी हालत को समझते थे रात आधी से ज़्यादा बीत गयी थी मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था नींद कहीं जैसे खो ही गयी थी पहली बार मुझे लगा कि आर्मी मे आके कोई बड़ी ग़लती कर दी मैने तभी उर्वशी हाथो मे दो मग कॉफी के ले आई और मुझे पकड़ते हुए बोली सोए नही अभी तक मैने कहा नींद नही आ रही



उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली तुम सोल्जर हो और ये लम्हे तो एक सोल्जर की लाइफ मे आते ही रहते है मैने कहा यार वो बात नही है मैं इसलिए दुखी नही हूँ कि छुट्टी रद्द हो गई बल्कि इसलिए दुखी हूँ कि कहीं मेरे किसी दोस्त को कुछ ना हो गया हो और तुम्हे तो पता ही है कि छुट्टी से जाते ही मैं खुद उधर ही जाने वाला था अब पता नही क्या हालत होंगे वहाँ के



हम लोग बाते कर ही रहे थे कि अनिता भाभी आ गया वो बोली अरे तुम लोग सोए नही अभी तक मैने कहा आओ भाभी बैठो ज़रा अनिता भी अपनी दोस्त थी तो उसके आग भी अपना दुखड़ा रोया वो बोली कल मैं भी तुम्हारे साथ ही घर चलूंगी मैने कहा आप आ जाना आराम से पर अब वो कहाँ मान ने वाली थी तो बस फिर सुबह तक हम तीनो बस बाते ही करते रहे



दिल के किसी कोने से आवाज़ आई कि इस रात की सुबह ही ना हो पर अपने चाहने या ना चाहने से क्या होता है तो सुबह होते ही मैने सबसे विदा ली उर्वशी एमोशनल हो रही थी मैने कहा यार तू नाराज़ ना होना टाइम मिलते ही पक्का फोन करूँगा तुझे और फिर भाभी को लिया और चल पड़ा गाँव की ओर घर आया और अपना सामान जो ले जाना था वो पॅक करने लगा



भाभी बोली कब आओगे मैने कहा कुछ पता नही वो बोली अभी तो आए थे और इतनी जल्दी जा रहे हो मैने कहा जाना पड़ेगा वो बोली कुछ बना दूं तुम्हारे लिए मैने कहा नही रहने दो क्यो तकलीफ़ करती हो मेरा मन नही है पता नही मुझे क्या हुआ मैं भाभी से लिपट कर रोने लगा मेरे सारे प्लॅन्स फैल हो गये थे तो बस फिर अपना सामान लिया और उनको अलविदा कहकर शाम को घर से निकल पड़ा

मेरे सहर के रेलवे स्टेशन ट्रेन आने मे थोड़ी देर थी मैने अपना सामान रखा और एक बेंच पर बैठ गया दिल बड़ा ही मनहूस था सोचा नही था कि ऐसे वापिस जाना पड़ेगा पर सब तकदीर के लेख है और अपना तो कहाँ बस चलता है तकदीर पर तो भाई पानी की बॉटल से कुछ बूंदे उडेली और अपने सुख़्ते हुए गले को तर किया और आँखो को बंद कर लिया



कुछ देर बाद फोन की घंटी बजी तो देखा बुआजी का कॉल था तो बेमन से फोन उठाया वो बोली कहाँ है मैने बताया कि वापिस ड्यूटी जा रहा हू तो वो बोली बेटा अपना ख़याल रखना और अच्छे से रहना पहले की तरह कोई चोट ना लगवा लेना मैने कहा जी ख़याल रखूँगा फिर उन्होने बताया कि उर्वशी भी मुरझा सी गयी है हो सके तो एक बार उस से बात कर लेना मैने कहा जी कर लूँगा



बुआ बोली अच्छा रहता कुछ दिन तू इधर ही रहता तो पर बेटा ड्यूटी भी ज़रूरी है बस तू अपना ख़याल रखना और जल्दी से वापिस आना मैने कहा जी कोशिश करूँगा फिर मैने फोन रख दिया और ट्रेन का इंतज़ार करने लगा रेल आई और मुसाफिर तैयार हो गया सफ़र के लिए ट्रेन चल पड़ी थी पर लगा कि जैसे पीछे मेरा कुछ छूट गया डेढ़ दिन का सफ़र करके मैं जम्मू ट्रांज़िट कॅंप पहुच ही गया



कॅंप मे नहाया धोया थोड़ी देर आराम किया पर मंज़िल दूर थी तो फिर सफ़र शुरू हो गया और ऐसे ही नॅशनल हाइवे वन पर धक्के खाते खाते आख़िर मैं बटालियन बेस कॅंप पहुच ही गया जाते ही रिपोर्टिंग करने गया तो पता चला कि सीओ साहिब तो थे नही तो मेजर को ही बताया और लाइन मे आकर बैठ गया पर अपने नसीब मे आराम कहाँ था



जल्दी ही ऑर्डर आ गया कि मैं एक टीम के साथ ड्रेस सेक्टर मे अड्वान्स पार्टी के रूप मे जाउ ये मेरी लाइफ का एक बेहद ही कड़ा इम्तिहान था जिसे मुझे लीड करना था और नो कैजूअल्टी के साथ ल्त.कर्नल सर के साथ एक लंबी मीटिंग चली टीम की और हमें एक अलग तरह का ही काम दिया गया था टास्क सेक्टर की पूरी गंदगी को सॉफ करने की



तो अड्वान्स पार्टी चल पड़ी एक नये मिशन पर ना जाने को मैने अपने फोन को स्विचऑफ किया और संदूक मे पटक दिया अगले दो दिन बड़े ही व्यस्त रहे वहाँ जाकर चार्ज लिया माहौल को चेक किया कुछ मॅप रीडिंग की और फिर लग गये स्ट्राइक मे मुझे खुद की तो कभी फिकर थी ही नही बस चिंता थी कि टीम लीडर मे था तो मैं कोई कैजूअल्टी नही चाहता था



पर गोली नाम लेकर थोड़ी ना आती है वो तो बस लग जाती है पता भी और फिर बाद मे ही चलता है कि लग गयी हालत भी तो हमारे अनुकूल नही रहते थे पर मिशन था तो बस पूरा करना ही था दाढ़ी बढ़ गयी थी पर शेव करने का टाइम नही था बल्कि यूँ कहूँ कि फेसिलिटीस ही नही थी इतनी मेरी टीम के पास कभी कभी तो राशन भी नही रहता था पर अम्मो पूरा था



अगले 3 महीने बड़े ही मुश्किल गुज़रे हमारे लिए कुछ साथी घायल हुए उनकी जगह दूसरे आते गये कारवा चलता गया कई बार मुझे भी चोट लगी पर हर ज़ख़्म से लिया हँस कर दिल मे एक जुनून सा था कि इन कमीनो की वजह से मेरी छुट्टी कॅन्सल हुई तो मैने और मेरी पूरी टीम ने अपनी पूरी ताक़त लगा रखी थी हर एक सिंगल इन्फर्मेशन चाहे वो सही हो या ग़लत हो हम काउंटर ज़रूर करते


आज भी वो दिन याद है मुझे हम जंगल मे सर्चिंग ऑपरेशन चलाए हुए थे बॅक टीम से हम कोई 25-30 किमी आगे थे मुझे बड़ी प्यास लगी थी तो मैं एक नाले मे पानी पीने के लिए उतर गया पानी पी ही रहा था कि तभी मुझे कुछ अलग टाइप की आवाज़ सुनाई दी तो मैने दूरबीन से देखा तो पता चला कि थोड़ी दूरी पर एक बड़ा सा लकड़ियो का घर बना हुवा है




मेरा माथा ठनका जंगल मे इतनी अंदर इतनी घनी लोकेशन पर कॉन रहेगा कहीं ये मिलाइटंट्स का अड्डा तो नही मैने तुरंत अपने साथियो को अलर्ट रहने का ऑर्डर दिया और हम छुपते छुपाते उस ओर बढ़ने लगे हमने तुरंत एक रण नीति बनाई कि हम टीन लोग जाकर देखते है कि क्या माजरा है और आप सब हमे बॅकप दोगे अब मैं था लीडर तो चलनी मेरी ही थी



तो भाई लोगो रेकी की तो पता चला कि अंदर कम से कम 15-20 लोग तो होंगे ही होंगे तो मैने कहा हम सब रात होने का इंतज़ार करेंगे और फिर सीधा अंबुश कर देंगे देख लेंगे जो होगा और करने लगे रात का इंतज़ार कोई सात घंटे का इंतज़ार करने के बाद आख़िर अंधेरा हो ही गया और हम लोग ऐक्शन के लिए तैयार थे एक छोटी मगर जोश से भरी स्पीच दी और बस अब इंतज़ार ख़तम



पर तभी उस घर से दो लोग निकले और दूसरी तरफ जाने लगे मैने अपने साथ दो और बन्दो को लिया और उनके पीछे हो लिया थोड़ी दूर जाने पर पता चला कि ये लोग तो साले टट्टी होने आए है मेरा साथी जवान बोला सर इनको ऐसी हालत मे ही शूट कर देते है मैने कहा नही रे गन की आवाज़ से बात बिगड़ जाएगी इनको तो वैसे ही धर लेते है तो भाई



तो रेंगते रेंगते उनकी रेंज मे गये और सीधा चाकू चला दिया बेचारे चीख भी ना सके और अपने खुदा को प्यारे हो गये मैने कहा यार तलाशी ले इनकी पर बदनसीबी से कुछ ना मिला तो हम लोग अब दौड़ते हुए वापिस आए और यल्गार कर दिया पहली गोली मैने चलाई जो ना जाने कहाँ जाकर लगी पर मैने अपने इरादे बता दिए थे उनको



पर बाद मे मुझे ख़याल आया कि क्या पता उनके पास ग्रनेड या लॉंचर भी हो सकते थे फिर मेरी गान्ड फट गयी क्योंकि इस से मेरी टीम ख़तरे मे फस सकती थी मैने फिर बाबा का नाम लिया और सोचा जो होगा देखा जाएगा रात अपनी गति से बढ़ रही थी और हम लोग लगे हुए थे उस मुठभेड़ मे ये एक ऐसा संघर्ष था जो किसी भी कीमत पर मुझे जीतना ही था

तो सुबह के उजाले तक फाइरिंग बिना रुके चलती ही रही कुछ मारे गये कुछ को हमने पकड़ लिया मिशन पूरा हो गया था फिर हम ने मकान की तलाशी लेनी शुरू की तो एक कमरे मे दबा कर रखा गया बड़ी मात्रा मे अमू मिला हमें ये एक बड़ी सफलता थी मैने तुरंत रेडियो पे अपने कमॅंडिंग ऑफीसर को सूचना दी और लोकेशन बताई शाम होते होते कुछ बड़े ऑफिसर्स आ पहुचे



फिर सीओ साहब ने कहा कि ऑफीसर तुम्हारी टीम ने पिछले कुछ दिनो मे अच्छा काम किया है पर अब मुझे लगता है कि तुम्हे रेस्ट करना चाहिए टीम अब यूनिट मे जाएगी और नये लोग तुम्हारी जगह ले लेंगे इस टाइम तुम्हे रिलीव किया जाता है मैने ऑर्डर बजाया और सल्यूट किया तीन दिन बाद मैं यूनिट मे था

यूनिट मे आने के बाद बस रेस्ट चल रही थी सुबह शाम बस वोलीबॉल्ल खेल कर ही टाइम पास हो रहा था कुछ छोटी-मोटी चोट लगी हुई थी तो वो भी ठीक हो रही थी ले देकर बस ज़िंदगी कट रही थी अपनी ही तरह से अब इधर ऐसे ही था सब कुछ एक शाम में कोर्ट मे प्रेक्टिस कर रहा था कि एक अरदली आया और बताया कि साहब आपको अभी सीओ साहिब ने बुलवाया है



मैने कहा ठीक है आता हूँ , हाथ मूह धोए वापिस आया ड्रेस पहनी और पहुच गये सलामी देने साहब को उन्होने कहा ऑफीसर ये लेटर तुम्हारे लिए देल्ही से आया है मिनिस्ट्री की तरफ से खोल कर देख लो मैने सोचा अब मिनिस्ट्री को मुझसे क्या काम खैर, लेटर खोला और पढ़ने लगा मुझे तो समझ ही नही आया कि मेरी रेकमेंडेशन



पर कैसे , मैने कहा सर ये कब कैसे तो वो बोले ऑफीसर पिछले कुछ महीनो मे हर टास्क को उम्मीद से बढ़कर तुमने पूरा किया है तो फिर मिनिस्ट्री की नज़रों मे तो आना ही था अब फ़ैसला तुम्हारा है यस या नो , मैने कहा पर सर यूनिट छोड़कर कैसे? सीओ साहिब बोले देखो बात ये है कि इस जॉब के लिए लाखो सोल्जर्स मे से बस कुछ किस्मत वालो को ही सेलेक्ट किया जाता है



और तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे तो खुद बुलाया गया है और फिर वैसे भी आजकल तो तुम यूनिट के बेस्ट कमॅंडोस मे से ही हो यूनिट के हीरो हो , मैने कहा सर मैं तो अपना काम ही करता हूँ बस तो वो बोले तो फिर ठीक है ना वहाँ जाकर भी तो बस तुम्हे अपना काम ही करना है नेशन को सर्व यहाँ भी करते हो उधर भी जाकर यही काम करना है बस उधर ये ड्रेस नही होगी तुम्हारे पास



पर तुम्हे मिलेगा भी बहुत कुछ सर बोले कल मॉर्निंग मे मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए ताकि मैं कुछ फॉरमॅलिटीस कर सकूँ मैने कहा जी सर फिर सल्यूट बजा कर वहाँ से निकल आया लेटर मेरी जेब मे था आप सोच रहे होंगे कि उस लेटर मे क्या था चलो बता ही देता हू , आक्च्युयली वो लेटर इंडियन इंटेलिजेन्स की तरफ से था उन्होने डिमॅंड की थी कि उनको मैं चाहिए था डेप्युटेशन पे




मैं सोचने लगा कि पता नही कितने लोगो को ये गोल्डन ऑपर्चुनिटी मिलती है और फिर घूमने-फिरने को भी मिलेगा और थोड़े दिन फोज की ज़िंदगी से भी रिलॅक्स मिल जाएगा तो मैने फ़ैसला ले लिया और अगली सुबह को साहिब को बता दिया कि मैं डेप्युटेशन पर जाने को तैयार हूँ तो बस फिर कुछ अफीशियल पेपर वर्क करने के बाद मैं चल पड़ा देल्ही की ओर



देल्ही आया एक दिन दोस्त के घर पर आराम किया और अगले दिन पहुच गया पीएमओ ज़िंदगी मे पहली बार आज मैने दर्शन किए थे वारना कहाँ मोका मिला करता है वहाँ पर एक खास व्यक्ति से मिला और फिर कोई घंटे भर बाद मैं एजेन्सी के ऑफीस मे था जो उसी बिल्डिंग मे किसी फ्लोर पर था पहला दिन तो बस यू ही गुजर गया शाम होते होते मुझे मेरे सर्विस क्वॉर्टर की चाबी भी मिल गयी



एक नये घर मे था मैं तो अजीब अजीब सा लग रहा था अब मिलिटरी बॅकग्राउंड का था तो एजंसी के काम काज को समझने मे कुछ ज़्यादा टाइम नही लगा और कुछ दिन यूँ ही गुजर गये फिलहाल तो बस डेस्क-जॉब ही चल रही थी सुबह जाता रात को आते आते आधी रात हो जाती थी बस फिर पड़ते ही सो जाना ज़िंदगी बस जी रहा था मैं किसी तरह से
दिन गुजर रहे थे इधर आए हुए भी दो महीने से ज़्यादा हो गये थे दीवाली भी चली गयी थी ठंड का मोसम आ गया था तो मैने एक दिन अपने बॉस को कहा कि सर मैं कुछ दिन के लिए घर जाना चाहता हूँ तो वो बोले ठीक है कुछ दिनो के लिए चले जाओ और 1 महीने की छुट्टी का जुगाड़ हो गया मैने सोचा कि सबसे पहले मिता के दर्शन ही करता हू


आज रात मैने संदूक से फोन निकाला ऑन किया तो साला चला ही नही रात को ही नया फोन खरीदा नंबर मिलाने ही वाला था कि फिर सोचा कि उसको सर्प्राइज़ देना चाहिए और फिर रात को ही मैने अजमेर की ट्रेन पकड़ ली तो अब बस मिता का दीदार ही करना था स्टेशन पर उतरते ही ऑटो वाले का कहा कि भाई जल्दी से मोड़ दे इसको गवरमेंट. हॉस्पिटल की तरफ ……………



उसके सहर मे आ गया था अब रांझे को बस हीर से मिलना ही था तो हॉस्पिटल पहुच कर पता किया तो पता चला कि मेडम आजकल सर्जिकल वॉर्ड मे है तो किसी से पूछ कर उधर ही हो लिए मिता किसी को इंजेक्षन लगा रही थी उसकी पीठ मेरी ओर थी तो मैने कहा जी क्या हमें भी दवाई मिलेगी बड़े परेशान है हम भी



उसने कहा अभी आती हू और जैसे ही पलटी मुझे देखकर उसको तो कुछ समझ ही नही आया मैने कहा रे पगली मैं ही हूँ वो चल कर मेरे पास आई और एमोशनल होते हुए बोली बड़ी देर लगा दी मेहर्बा आते आते आपके इंतज़ार मे मे तो आधी ही हो गयी मैने कहा यार आ तो गया हू ना किसी ना किसी तरह से



वो बोली तू बैठ मैं आती हू थोड़ी देर मे तो मैं उसका वेट करने लगा आधे घंटे बाद वो आई और बोली आजा घर चलते है मैने कहा ड्यूटी नही करेगी वो हँसते हुए बोली छुट्टी लिख दी है चल आजा फिर हम उसके घर पर आ गये मिता बोली क्या पीओगे चाइ- या कॉफी मैने कहा कुछ नही तुम बस ज़रा देर मेरी आँखो के सामने रहो मैं दीदार करना चाहता हू अपनी दिलरुबा का



वो मुझे चिढ़ाते हुवे बोली कि दिलरुबा ……………………. अपनी समझते तो फोन ना करते जब देखो वो डिब्बा बंद ही पड़ा रहता है मैने कहा डार्लिंग अभी इन फ़िज़ूल बातों का जिकर ना कर और ज़रा मुझे ठीक से देखने दे अपनी प्यारी मिता को कितने दिन हो गये ज़रा आँखो की प्यास बुझने दे…
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#57
वैसे तो मेरी ज़िंदगी मे कई औरते , लड़किया आई थी पर मिता जो मेरे लिए सबसे इंपॉर्टेंट थी उसी के साथ सबसे कम टाइम बिताने का मोका मिला था मुझे जब भी सोचता था कि अब थोड़ा सा जी लूँ उसके साथ तभी कुछ ना कुछ काम आ जाता था पर अब मैने सोच लिया था कि बस अपनी मोहब्बत के साथ ही जीना है मुझे काफ़ी देर तक उसके मासूम चेहरे को निहारता रहा मैं



तो वो शरमाते हुवे बोली क्या कर रहे हो तुम , तुम और तुम्हारी ये उट-पटांग हरकते मुझे शुरू से ही अजीब लगती है मैने कहा तुम नही समझोगी और शायद मैं कभी समझा भी नही पाउन्गा कि किस हद तक मैं तुम को चाहता हू अपनी हर एक साँस के साथ बस तुम्हारा ही नाम लेता हू तिल तिल करके मैं उस पल का इंतज़ार कर रहा हू जब तुम दुल्हन बनकर मेरे घर मे आओगी



मैने कहा मैं अब और इंतज़ार नही कर सकता हू वैसे भी इस से पहले की मेरी मम्मी किसी भी लड़की को मेरे पल्ले बाँध दे हमें शादी करलेनी चाहिए तो मिता मेरे पास सरकते हुए बोली कि पर मैं कैसे अपने घरवालो को फेस करूँ तुम तो जानते ही हो ना कि गाँव मे कितना मुश्किल है प्रेम पाना मैने कहा पर हम अपनी मोहबत की दास्तान सुनहरे अक्षरो मे लिखेंगे चाहे कुछ भी हो



अगर तुम्हारे बस की नही है तो फिर मैं तुम्हारे पिताजी से बात करता हूँ आख़िर कभी ना कभी तो हमें ये सब फेस करना ही पड़ेगा ना तो फिर हम ने आख़िर ये डिसाइडेड कर ही लिया कि अबकी बार मिता अपने घरवालो से ज़रूर बात करेगी मैने अपना सर उसकी गोद मे रख दिया और मैं लेट गया उसके बदन से आती भीनी-भीनी खुश्बू जैसे मेरी रूह मे उतरने लगी



मैने कहा डार्लिंग तू कुछ दिन की छुट्टी ले ले फिर घर चलते है अपने सहर का तो मज़ा ही अलग है और फिर कुछ यादो को भी जी लेंगे तो वो बोली ठीक है हम चलते है गाँव वैसे भी मुझे भी कई दिन हो गये है हमारी आँखो मे एक पल मे ही कई सपने तैर गये थे मिता मेरी रूह बन गयी थी जब जब वो मेरे पास होती थी मेरे दिल को सुकून मिलता था कुछ तो बात थी उसमे



मेरा दिल जो सीने मे धड़कता रहता था कई सालो पहले मिता ने उस पर अपना नाम लिख दिया था मिथ्लेश अपनी उंगलिया मेरे बालो मे फिराने लगी बड़ा ही अच्छा लग रहा था उसके साथ पर दिल मे भी कुछ कुछ होने लगा था मिता फिर उठी और बोली तुम आराम करो मैं लंच की तैयारी करती हू पर मैने उसका हाथ पकड़ लिया और उसको अपनी गोद मे खीच लिया



मैने कहा लंच होटेल से ऑर्डर करदो तुम बस मेरे साथ रहो , मेरी बाहोमे रहो मिता बोली बड़ा प्यार आ रहा है इरादे क्या है जनाब के मैने कहा अपने आप से ही पूछ लो जवाब तो तुम्हे पता ही है तो वो बस मुस्कुरा दी और मैने उसको किस करना स्टार्ट कर दिया उसकी साँसे बीच रह मे ही दम तोड़ने लगी मैं तो जैसे खोने ही लगा था



एक बेहद ही पॅशनेट किस के बाद मैं उस से अलग हुआ मिता अपनी उखड़ी सांसो को संभालती हुवी बोली कितनी बार कहा है तुमसे कि ऐसे ना किया करो मैं पिघलने लगती हू मैने कहा तो फिर किसने रोका है आओ मेरी बाहों मे समा जाओ आख़िर कब तक मुझे इंतज़ार करना पड़ेगा , तो वो मुझे परे हटा ते हुवे बोली जब तक हमारी शादी नही हो जाती और अपना फोन लेकर लंच ऑर्डर करने लगी



मैं नहाने चला गया फिर लंच किया और बाते एक बार फिर से शुरू हो गयी उसने पूछा और क्या चल रहा है तुम्हारा तो मैने उसे सब बताया पर इंटेलिजेन्स वाली बात छुपा ली आख़िर वो बात ज़रूरी भी नही थी आज का दिन भी कुछ ज़्यादा ही लंबा हो गया था मैने सोचा की चलो थोड़ी देर घर पे भी बात कर लूँ तो कॉल लगा दी मम्मी तो फोन उठाते ही मुझ पर बरस पड़ी



बोली तू तो हाथो से निकल गया है आवारा हो गया है तू तुझे भला अब घर परिवार की याद क्यो आने लगी मैने कहा अरे मम्मी अब मैं क्या करू मेरा काम ही ऐसा है पर तुम चिंता ना करो दो दिन मे आ रहा हू घर तो वो कहने लगी कि तू हमेशा की तरह झूठ बोल रहा है ना मैने कहा नही मेरी माँ पक्का आ रहा हूँ एक महीने क लिए परसो आ जाउन्गा



मम्मी बोली एक बार तू घर आजा अबकी बार तेरे हाथो मे बेड़िया डाल कर ही रहूंगी एक बार पत्नी घर आ जाएगी तो फिर जल्दी जल्दी छुट्टी लेकर घर आया करेगा अब उसको क्या पता कि मैं तो अपनी होने वाली पत्नी के साथ ही था अब घर वालो की बात भी वैसे सही ही थी कि शादी की उमर भी हो रही थी पर यहाँ बात मेरी और मिथ्लेश की शादी की थी



मैं अपने ख़यालो मे खोने लगा तो मिता बोली क्या सोचने लगे मैने कहा यार कुछ नही बस अपनी शादी के बारे मे ही सोच रहा था तू कल ही कुछ दिनो की छुट्टी ले लेना हम गाँव जाएँगे कल तो वो बोली एक दो दिन तुम इधर ही रुक जाओ ना मुझे भी थोड़ा टाइम मिलेगा तुम्हारे साथ बिताने को वरना तुम तो बस पता नही किन चीज़ो मे ही बिज़ी रहते हो



मैने उसके चेहरे को अपने हाथो मे थाम लिया और उसके चश्मे को हटा कर साइड मे रख दिया एक भोली भाली मासूम सी सूरत जो मेरे बचपन का प्यार था मैने कहा तुम्हे याद है हम लोग पहली बार कहाँ मिले थे तो वो बोली हाँ याद है मेले मे मैने कहा तब कैसी लगती थी तुम, तो वो तुनकते हुवे बोली तो तुम कॉन सा सलमान ख़ान थे तुम भी तो ऐसे ही थे



मैने कहा यार देख ना टाइम कितना बदल गया वो सब दिन ना जाने कहाँ खो गये है अब पता नही कब जी सकेंगे उन लम्हो को हम मैने कहा यार अब गाँव मे मेला लगेगा तो तू भी आना पहले मेले मे तो तू अजनबी बन कर मिली थी अब साथ साथ ही झूला झूलेंगे तो मिता बस मुस्कुरा दी और मेरी आँखो मे देखने लगी…

उसकी झील सी गहरी आँखो मे मैं जैसे डूबने लगा था फिर दिल ने धड़कन से कुछ कहा मेरी सांसो की रफ़्तार अचानक से भी बढ़ गयी थी नसे भड़कने लगी थी मैने मिता को अपने आगोश मे भर लिया वो छूटने की कोशिश करने लगी पर फिर उसने भी खुद को मेरे हवाले कर दिया और मैने एक बार फिर से उसके शरबती लबों को अपने लबों मे थाम लिया



जैसे ही उसके होंठो को छुआ लगा किसी ने शहद की बूंदे मेरे मूह मे उडेल दी हो मिता ने अपनी आँखे बंद कर ली थी वो मुझसे किसी लता की तरह लिपट गयी थी आख़िर दो जवान जिस्म एक साथ थे तो केमिकल रियेक्शन तो होना ही था मैने अपनी जीभ उसके मूह मे डाल दी जिसे वो अपनी जीभ से रगड़ने लगी तो मैं और भी उन्माद मे आ गया था



दो जवान जिस्म एक बंद कमरे मे एक दूसरे की बाहों मे और फिर उपर से मोसम भी सर्दी का मैने उसी पल आगे बढ़ने का सोच लिया और अपनी उंगलिया मिता की जीन्स के बटन पर पहुचा दी पर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली कि बस यही पर रुक जाओ कही ऐसा ना हो कि हम कुछ ऐसा कर बैठे जिसकी अभी कोई ज़रूरत नही है तो मैने उसको अपनी बाहों से आज़ाद कर दिया



वो बोली तुम्हारी आँखो मे नींद है थोड़ी देर सो लो तो ठीक रहेगा अब मेमसाहिब की बात तो मान नी ही थी मैं जब सोकर उठा तो शाम हो चुकी थी उसने मुझे चाइ बनाकर दी और कहा कि बाहर चलोगे क्या घूमने के लिए मैने कहा नही यार मैं तो बस तुम्हारे साथ ही रहना चाहूँगा वैसे भी इतनी सर्दी है अब कहा चल्लेन्गे वो बोली जैसा तुम चाहो



मिता ने रेडियो ऑन कर दिया कुछ पुराने गाने चल रहे थे तो मामला थोड़ा सा रोमॅंटिक सा हो गया था पर बिना उसकी मर्ज़ी से किस से आगे बढ़ भी नही सकता था तो बस वो रात भी गुजर ही गयी पर इतना तो था कि कम से कम अपनी दिलरूबा के पास था अगली सुबह मैं ज़रा लेट उठा तो टेबल पर नोट था कि वो हॉस्पिटल जा रही है दोपहर तक छुट्टी लेकर आएगी



फिर गाँव चलेंगे खाना फ्रिड्ज मे रखा है गरम कर के खा लेना तो मुझे हँसी आ गयी , मैने फोन निकाला और अनिता भाभी का नंबर डाइयल किया और बताया कि मैं मिता के साथ अजमेर हूँ कल तक घर आउन्गा तो मेरे रूम की सफाई कर देना तो भाभी बोली वाह देवेर जी अब हमें पता चला कि आख़िर क्यो आप को छुट्टिया नही मिलती और आप घर क्यो नही आते हो



आपने तो अपनी गृहस्थी बाहर ही बसा ली है , कही ब्याह तो नही रचा लिया उधर ही मैने कहा क्या भाभी आप भी कुछ भी बोलती हो छुट्टी मिल गयी थी तोसोचा कि मिथ्लेश से भी मिलता चलूं तो अजमेर आ गया अभी आ तो रहा हूँ ना घर पर कल , भाभी चुटकी लेती हुई बोली हाँ जी अब भाभी को क्या पता कि दुनियादारी क्या होती है



मैने कहा भाभी अब आप शुरू ना हो जाओ बताओ आपके लिए कुछ लाना है क्या तो वो फिर से मज़े लेते हुए बोली कि देख लो कही हमारी देवरानी जी बुरा ना मान जाए मैने कहा भाभी अब रहने भी दो ना कितनी टाँग खीचोगी तो उन्होने कहा कि नही उन्हे कुछ नही चाहिए बस तुम जल्दी से घर आ जाओ और हाँ मिता को मेरी तरफ से एक साड़ी गिफ्ट कर देना मैने कहा ठीक है मेरी जान और फोन रख दिया


घर-परिवार भी एक अलग सा ही अहसास है ख़ासकर हम जैसे ख़ानाबदोश लोगो के लिए 6-6 महीने परिवार से दूर रहो कभी होली पे नही आ पाते कभी दीवाली सूनी रह जाती है कभी कभी लगता है कि बस सिविल जॉब ही करनी चाहिए रात को आकर अपने घर सो जाओ पर हम लोग जो करते है वो भी तो ज़रूरी है ना , दिल थोड़ा सा एमोशनल सा हो गया था घर की याद से



लंच ख़तम करके बर्तन सॉफ कर ही रहा था कि मिता वापिस आ गयी और बोली कि अरे ये क्या कर रहे हो तुम मैं कर लेती अच्छा लगता है क्या चलो इधर आओ मैने कहा कोई ना , वो बोली दो हफ्ते की छुट्टी ले आई हू बस अब पॅकिंग कर लेती हू फिर चलते है मैने कहा वो सब बाद मे भाभी का फोन आया था उन्होने कहा कि देवरानी को मस्त वाली साड़ियाँ दिलवा दूं उनकी तरफ से तो चलो बाजार चलते है



पर मिता बोली उसकी कोई ज़रूरत नही है पर मैं नही माना और उसको खीच कर बाजार ले गया कुछ कपड़े अपने लिए भी खरीद लिए कितने दिनो से मैने भी नयी जीन्स नही खरीदी थी तो फिर आते आते देर हो गयी थी जल्दी से मिता ने बॅग पॅक किया और हम चल पड़े बस स्टॅंड अपने सहर की बस डाइरेक्ट तो थी नही तो जयपुर से चेंज किया अब रात का सफ़र था



कभी मोबाइल पे गाने सुनते, कभी एक दूसरे से बाते करते तो फिर थोड़ी देर सोकर सफ़र काट लिया और सुबह 7 बजे के आस-पास हम लोग आख़िर पहुच ही गये बस स्टॅंड पर ही फ्रेश वग़ैरह हुए फिर बाहर एक रेस्टोरेंट मे नाश्ता-पानी करने के बाद हम चल पड़े चौक की ओर जहाँ पर हमारे रूट का टेंपो स्टॅंड था , वहाँ जाकर देखा कि अब टेंपो नही चलते थे


उनकी जगह ऑटो आ गयी थी , अब वो मज़ा कहाँ था जो हमारे कॉलेज के दिनो मे था जब सुबह सुबह उदीतनारायण-कुमार शानू के रोमॅंटिक गाने बजा करते थे टेंपो मे तो दिल बस झूम ही जाया करता था हर सुबह बड़ी ताज़ा हो जाया करती थी मिता बोली क्या सोचने लगे चलना नही है क्या मैने कहा याद है तुम्हे जब हम कॉलेज जाते थे तो कितना मज़ा आता था



वो बोली हम पर अब वो दिन कहाँ है अब मैने कहा तुम्हे याद है एक टेंपो वाला होता था जो हर सुबह तुम्हे देखे मेरी आँखे वाला गाना ही बजाता था मिता हँसते हुए बोली कि तुम्हे तो सबकुछ याद है मैने कहा मेरी जिंदगी मे तुम्हारे बाद बस ये छोटे छोटे लम्हो की यादे ही तो है वरना बाकी तो मैं फकीर ही हूँ ना तो मिता बोली चलो अब सीट भी पकड़ लो



मैं तो वैसे भी काफ़ी थक गयी हूँ जाते ही नींद लूँगी फिर हम ने अपनी अपनी सीट पकड़ ली मिता के साथ तो हर सफ़र खुशनुमा लगता था फिर करीब बीस मिनट बाद वो अपने स्टॅंड पर उतर गयी और इशारो मे बोली कि फोन करेगी मैने कहा ठीक है अब बस इंतज़ार था अपने गाँव के अड्डे का



15 मिनिट बाद मेरा स्टॉप भी आ गया तो अपने बॅग को कंधे पर टांगा किराया दिया और चल पड़े घर की ओर रास्ते मे कुछ लोगो से दुआ-सलाम हुई तो ऐसे ही मैं पहुँच गया घर गेट खुला ही पड़ा था तो सीधा अंदर गया मम्मी और चाची रसोई मे लगी थी मुझे देखते ही वो खुश हो गयी बारी बारी से दोनो के पाँव छुए और फिर उनकी लंबी बातों का दौर शुरू हो गया



थोड़ी देर बाद भाभी भी आ गयी तो और भी अच्छा लगा , काफ़ी देर उनसब से बाते करने के बाद मैने कहा मैं थोड़ा थक गया हूँ कुछ देर सो जाता हूँ तो फिर मैं वही सोफे पर ही पसर गया जब शाम को मैं उठा तो हल्का हल्का सा अंधेरा हो गया था अब सर्दियो के दिन थे इसलिए तो फिर कही बाहर जाना भी नही हुआ रात बस फिर खाने और बाते करने मे ही बीत गयी पापा बोले अबकी बार तो रुकेगा ना मैने कहा हा इस बार पूरा 1 महीना इधर ही हूँ बिना किसी टेन्षन के तो वो बोले चलो अच्छी बात है हमारा भी दिल लगा रहेगा



मोका देखकर मम्मी ने भी अपना पुराना राग छेड़ दिया मेरी शादी का कहने लगी अब ये भी आ गया है उर्वशी के घरवालो से बात करके रोका कर लेते है मैने कहा मम्मी तभी तो मैं घर आता नही हूँ आया नही कि बस आप शुरू हो जाते हो वो कहने लगी अब क्या हम ही घर संभालती रहेंगी बहू आ जाए तो हमे भी आराम मिले मैने कहा हद है आपके आगे



मुझे पक्का पता था कि मम्मी एक दो दिन मे ही कुछ ना कुछ खुराफात कर डालेंगी तो मैने कहा कि जब तक मैं ना कहूँ आप अपनी तरफ से कुछ ना करना वैसे भी मिशन पे था पिछले 3 महीने तो थोड़ा रिलॅक्स होना चाहता हू कुछ दिन बाद आप जैसा कहोगे वैसे ही कर लेंगे तो वो भी खुश हो गये



अगली सुबा जब मैं दातुन कर रहा था तो मुझे सोनू भाभी दिखाई दी मैने उन्हे छेड़ते हुए कहा ओहो!!!!!!!! मालिको सुबह सुबह ये ताज़ा फूल कहाँ चला खुश्बू बिखेरने तो वो बोली तुम कब आए और आते ही मैं ही मिली क्या मसखरी करने को मैने कहा मेरी कॅटटो , मैं तो हमेशा सच ही बोलता हू अब बताओ सवारी कहाँ चली तो वो बोली नल कम ही आता है आजकल तो बस टंकी पर जा रही हू पानी भरने



मैने कहा पानी तो मैं दे दूं पर आप लेती ही नही हो तो उन्होने अपनी आँखो को नचाया और बोली तुम नही सुधरोगे बाद मे मिलती हू और टंकी की ओर चली गयी और मैं रह गया हसरते दीदार को अब हम करे भी तो क्या करे दातुन करके कुल्ला ही कर रहा था कि साक्षी आई और बोली कि चाचू मम्मी ने बुलाया है मैने कहा आता हू अभी



भाभी बोली तुम्हारी पसंद के आलू के पराठे बनाए है आओ नाश्ता कर लो मैने कहा वाह भाभी हो तो ऐसी फिर कुछ देर बस नाश्ता ही चलता रहा भाभी ने कहा की आज प्लॉट मे जाउन्गी चलोगे क्या मैने कहा ठीक है चलते है तो वो बोली बस काम समेट लूँ इधर का फिर चलते है मैने कहा बुला लेना मैं फिर घर आ गया और चाची से गप्पे लड़ाने लगा मैने कहा और बताओ कैसी हो वो बोली मैं तो एक दम ठीक हूँ तू बता घर कि तो याद ही नही आती



अपनी चाची को भी भूल गया तू मैने कहा ऐसा कुछ नही है उगरवादियो के पीछे था तीन महीने बड़ी मुश्किल से कटे है मैने पता है जंगलों मे पहाड़ो मे भटक ते रहो बस गोली लग गयी तो बस फिर काम तमाम अब अफ़सर है तो फिर दुगनी मुसीबत होती है पर नोकरी है तो करनी ही पड़ेगी चाची बोली अपन ख़याल रखा कर तुझे कुछ हो गया तो फिर हमारा क्या होगा



मैने कहा आप मम्मी को ना बताना ड्यूटी की बाते वरना फिर वो टेन्षन करेगी मैने कहा जाने दो उधर की बाते और अपनी बताओ मैं थोड़ा सा और उनके पास सरक आया और उनकी जाँघ पर अपना हाथ रख कर उसको रगड़ने लगा तो वो बोली आते ही बस शुरू हो जाते हो मैने कहा अब इतना मस्त माल घर मे है तो कंट्रोल कैसे करू आप ही बताओ



मैने कहा आओ चाची एक एक राउंड तो लगा ही लेते है तो वो बोली नही अभी नही मुझे बहुत काम है मैने कहा क्या आप भी हमेशा एक ही बात का रोना रोते रहते हो पहले तो कभी मना नही करते थे तो वो बोली बेटा बोला ना अभी नही फिर तुम्हारी मम्मी भी घर पे है मैने कहा कहाँ है वो तो बोली उपर है मैने कहा ठीक है अब आपकी मर्ज़ी है जब दोगि तभी दोगि



तो वो बोली कहा ना कर दूँगी तेरा भी जुगाड़ चल अभी जा और मुझे काम करने दे अब मैं क्या करता तो आ कर टीवी चला लिया और देखने लगा पर उसमे भी कुछ नही आ रहा था देखने लायक सच तो था कि अब टीवी देखने का मन ही नही होता था दिल किया कि गीता से मिल आउ अब हमारी तो वो ही एसी चूत थी जो कभी भी मना नही करती थी पर मम्मी भी खेत मे जाने वाली थी तो प्लान कॅन्सल कर दिया



मैने सोचा सो ही जाता हू तो बस आँख लगी ही थी कि भाभी आ गयी और बोली तुम इधर सोए पड़े हो प्लॉट मे नही चलना है क्या मैने कहा जी अभी चलते है मैने कहा बाइक से चलेंगे तो वो बोली अरे इधर वाले प्लॉट मे चलना है तो बाइक की क्या ज़रूरत है फिर मैं भाभी के साथ प्लॉट मे आ गया

अंदर आते ही मैने गेट बंद किया और भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया वो बोली क्या है मैने कहा बाकी काम बाद मे करना पहले मेरा काम करो वो बोली क्या समझ रखा है रात को तुम्हारे भाई नही सोने देते और दिन मे तुम मैने कहा अरे क्या तुम मैं क्या होता हूँ इधर और भाभी की चूची को दबाने लगा भाभी ससिसकी भरते हुवे बोली आह क्या करते हो दर्द होता है



मैने कहा अब नखरे ना करो और मान भी जाओ ना तो वो बोली अब मेरी क्या मज़ाल मैं अपने प्यारे देवेर को नाराज़ कर दूं मैने भाभी को गोद मे उठाया और अंदर खाट पर ले जाकर पटक दिया भाभी बोली आज तो मैं गयी काम से मैने फटा फट से अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया और फिर भाभी को भी नंगा कर दिया मैने कहा क्या बात है आज ब्रा-पेंटी नही डाली




तो वो बोली मुझे पता था कि तुम सेक्स किए बिना तो मनोगे नही इसलिए आज नही पहने मैने कहा मेरी प्यारी भाभी कितना ख़याल रखती हो मेरा और मैं भी उनके पास ही लेट गया और भाभी के गोरे गोरे पेट पर हाथ फिराने लगा भाभी खिसक कर मेरे से और सट गयी फिर मैं धीरे से अपना हाथ नीचे की ओर ले गया और उनकी योनिकी पंखुड़ियो से छेड़खानी करने लगा भाभी बोली वहाँ मत टच करो मैने कहा क्यों वो बोली गुदगुदी होती है



मैं अपने हाथ से उनकी चूत को दबाते हुवे बोला क्या आप भी और अपनी उंगली को अंदर सरका दिया भाभी ने आह भरी और अपनी टाँगो को आपस मे कस लिया मैने उनके हाथ मे अपना औज़ार दे दिया जिसे वो सहलाते हुए बोली बड़ा गरम हो रहा है ये मैने कहा आप भी कुछ कम नही हो और वैसे भी आज ठंड बहुत है अब बात ना करो और आओ मेरी बाहों मे वो हँसते हुवे बोली तुम्हे तो ज़रा सा भी सबर नही है तो मैने उनको अपनी बाहों मे भीच किया और किस करने लगा गुज़रते समय के साथ अनिता का हुस्न और भी निखर आया था



मैने उनकी टाँगो को फैलाया औ उनकी गुलाबी चूत पर अपना मूह रख दिया जीभ को बाहर निकाला और योनि पर फिराने लगा तो एक दम से उनके बदन मे सिरहन सी दौड़ गयी भाभी ने आह भरते हुवे कहा उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ईईईईई जुलम ना किया करो तुम जब जब तुम ऐसा करते हो बस फिर खुद पर किसी तरह का कंट्रोल नही रहता है



मैं उनकी तारीफ करता हुवा बोला जान तुम हो ही इतनी करारी कि बस फिर खुद पे काबू करना बड़ा ही मुस्किल है और अपने दाँतों से योनि की पंखुड़ियो को काट लिया जिस से भाभी और भी मचल गयी और मेरे बालो मे अपने हाथ फिराते हुवे बोली देवेर जी कसम से आज तो मार ही डालोगे कितनी गरम जीभ है तुम्हारी मज़ा ही आ गया और अपनी कमर को उचकाने लगी



मैने उनकी चूत को फैलाया और अंदर तक जीभ को घुसा कर रगड़ने लगा तो भाभी और भी मचलने लगी अब कामुक औरत की कशिश ही अलग होती है और सच कहता हूँ उनकी योनि के रस का मुक़ाबला तो टकिला का शॉट भी नही कर सकता है तो बड़ा मज़ा आ रहा था उनका रस पीने मे और भाभी भी दिल खोल कर मुझे अपनी चूत से लगाए हुए थी कुल मिला कर महॉल बड़ा ही गरम हो रखा था



पर पता नही क्यो आज भाभी जान कुछ जल्दी ही झाड़ गयी थी मैने अपना मूह पोछा और लंड को योनि की दीवारो पर घिसने लगा भाभी बोली थोड़ी देर तो रूको पर अब मैं कहाँ किसी की सुन ने वाला था मैने उनकी जाँघो को अपनी जाँघो पर चढ़ाया और लंड को अंदर ठेलने लगा भाभी ने एक तगड़ी वाली आह भरी और मैं उनके उपर छा गया


लंड को चूत की घेराई तक डालने के बाद मैं उनपर लेट गया और उनके सेब से गालो को खाने लगा तो भाभी और भी मादक होने लगी वो अपनी बाहों को मेरी पीठ पर रगड़ते हुवे बोली चलो आप शुरू भी हो जाओ काफ़ी काम पड़ा है वो भी ख़तम करना है तो मैने लिंग को बाहर तक निकाला और फिर अंदर डाल दिया काफ़ी देर तक बस मैं ऐसे ही करता रहा अब भाभी का पारा भी गरम हो गया था वो बोली क्यो तडपा रहे हो जो काम करना है सीधे सीधे वो करो ना और मुझे अपनी बाहों मे दबाने लगी




जन्नत का सा सुख मिल रहा था अब मैने अपनी रफ़्तार थोड़ी थोड़ी सी बढ़ा दी भाभी ने आगे को होते हुए अपने रसीले होठ मेरे होंठो पर फिर से रख दिए थे सहद सा मेरे मूह मे घुलने लगा था अब कुछ भी ठंड नही लग रही थी तो फिर बस धक्कम पेल शुरू हो गयी भाभी भी खुलकर चुदाई का सुख प्राप्त कर रही थी मैने कहा उठो ज़रा झुको थोड़ा सा तो भाभी फर्श पर घोड़ी बन गयी मुझे घोड़ी बनाकर चोदने मे बड़ा ही अच्छा लगता था जब वो झुकी तो उनका पिछवाड़ा और भी फैल गया बड़ा ही सेक्सी सा पोज़ था वो मैने उनकी पतली कमर पर अपना हाथ रखा और लंड को योनि से सटा दिया सरपट करता हुआ वो फिर से अपनी मंज़िल को पा गया था भाभी अपने कुल्हो को आगे पीछे करते हुए चुदने लगी



जब जब भाभी मस्ती मे डूब कर आह आह करती तो मेरा जोश और भी बढ़ जाता और मैं तेज तेज धक्के लगाने लगता था फिर मैने शरारत करते हुए अपनी एक उंगली उनकी गान्ड मे डाल दी तो दर्द के मारे कराहते हुए बोली निकालो उधर से दर्द होता है मैं कहा मज़ा भी तो आता है ना अब भाभी कि दोनो छेद भरे हुए थे तो बस वो मस्ती मे डूबती चली गयी



थोड़ी देर बाद मैने अपने दोनो हाथो से उनकी दूध से भरी चूचियो को थाम लिया और उनको दबाने लगा तो कुछ ही पॅलो मे उनसे दूध की धार निकलने लगी तो भाभी ने मेरे हाथ वहाँ से हटवा दिए इधर मैं भी झड़ने के करीब ही आ गया था तो मैने कहा भाभी मज़ा आ रहा है तो वो बोली हाँ बहुत ही अच्छा लग रहा है ऐसे ही लगे रहो बस थोड़ी देर की बात और है



मैं बोला भाभी मेरा भी होने वाला है तो वो बोली अंदर मत गिराना बाहर ही रखना मैने कहा ठीक है जानेमन और घचा घच चोदने लगा उनको अगले 5-7 मिनिट तक बस फिर कुछ होश ना रहा बस एक जुनून सा छा गया था हम दोनो पर फिर भाभी ने एक तेज आह भरते हुवे अपनी जाँघो को आपस मे भीच लिया और शांत हो गयी कुछ पॅलो बाद मैने अपने लंड को बाहर निकाला और उनके कुल्हो पर ही अपना पानी गिरा दिया और हाँफने लगा

भाभी ने मेरे रुमाल से अपने पर पड़े वीर्य को सॉफ किया और फिर से मुझसे चिपट गयी थोड़ी देर मेरी बाहों मे रहने के बाद वो उठी और अपने कपड़े पहन ने लगी मैने कहा एक बार और ………… पर वो बोली मुझे काम करना है और फिर घर भी तो जाना है अब फिर कभी देखेने अब आओ और मेरी मदद करो तो हम बाहर आ गये काम करते करते पूरी दोपहर ही चली गयी



एक तो जाड़े के दिन भी कब निकल जाए पता ही नही चलता दोपहर बाद हम घर पहुचे कुछ तो चुदाई से और फिर ढेर सारा काम तो मैं थक गया था मैने चाची से कहा कि पानी गरम कर दो मैं नहाउन्गा तो वो मेरा पानी रखने चली गयी और मैं लंच करने बैठ गया आज बड़ा ही लज़ीज़ खाना बना था तो फिर नहा कर बस सो ही गया



शाम को चाचा ने मुझे उठाया तो मैने कहा आप कब आए वो बोला काफ़ी देर हो गयी तू कब्से सोया पड़ा है उठ जा अब मैने कहा जी बस अभी उठ रहा हू फिर एक चाइ पी और मैं घर से बाहर निकल पड़ा घूमने के लिए थोड़ी तफ़री करी फिर मंदिर चला गया तो उधर जाते ही निशा की याद आ गयी तो दिमाग़ खराब होने लगा मैने प्रार्थना की भगवान एक बार तो मिलवा दो उस से



पता नही कैसी होगी , कहा होगी दिल जब भारी हो गया तो मैं उसी बगीची मे जाकर बैठ गया जहाँ कभी मैं और निशा अक्सर बैठ कर बाते किया करते थे मैं बैठा था कि पुजारी जी वहाँ आ गये तो दुआ –सलाम हुई बोले काफ़ी दिन बाद आए हो मैने कहा जी अब नोकारी ही ऐसी है कि छुट्टी नही मिलती तो कुछ देर उनसे बाते हुई फिर मुझे ध्यान आया कि मैने भाभी को कहा था निशा के बारे मे पता करने को



तो मैने वही से ही भाभी को फोन लगाया और पूछा तो वो बोली नही , कुछ भी पता नही चला कोई खबर नही है तो मैं और भी उदास हो गया दिल बेचैन हो रहा था पता नही कब आँखो से आँसुओ का झरना फुट चला आख़िर ऐसी क्या बेगानी हो गयी थी वो जो उसे अपने इस दोस्त का एक पल भी ख़याल ना आया अब मैं कर भी क्या सकता था सिवाय अपनी तकदीर को कोसने के



जब मैं वापिस घर आ रहा था तो शीला भाभी मिल गयी रास्ते मे मैने कहा भाभी आप भी जमाने की तरह बदल गयी हो प्रीत अधूरी छोड़ गयी तो वो बोली देवेर जी ऐसा ना कहो पर अब मेरा लड़का इधर ही रहता है तो बताओ मैं क्या करू मन तो मेरा भी होता है पर मजबूर हूँ वरना आपको कभी शिकायत का मोका ना देती मैने कहा देख लो आप


तो वो कहने लगी ठीक है जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा मैं बताउन्गी आपको उस से बात करते करते घर आ गया रात हो गई थी बस फिर डिन्नर और फॅमिली से गप्पे लड़ाना तो एक और दिन का अंत हो गया था सुबह मैं कुछ देर से उठा तो घर पे कोई नही दिखा मैं फ्रेश होकर आया फिर बाहर आया तो भी कोई नही दिख रहा था अब ये लोग कहाँ गये तो मैं बाहर चबूतरे पर ही बैठ गया



तभी चाची आ गयी और बोली अरे उठ गये तुम मैने कहा हाँ पर घर मे कोई नही है कहा गये सब लोग तो वो बोली की इधर पड़ोस मे ही गयी थी और तुम्हारी मम्मी बड़ी जेठानी के घर पे है आओ नाश्ता लगा देती हू तो मैं उनके पीछे पीछे रसोई मे आ गया वो प्लेट लगा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी उफ्फ क्या गान्ड थी गोल मटोल और पहले से तो बहुत ही ज़्यादा बड़ी हो गयी थी

मैने सोचा आज मोका भी ठीक है चाची को भी पेलते है तो मैं उनसे बिल्कुल चिपक गया और उनके पेट को सहलाने लगा वो बोली क्या करता है कोई आ जाएगा मैने कहा कोई नही आएगा बस आप ऐसे ही खड़ी रही मैं अब अपने लंड को पेंट के अंदर से ही उनके कुल्हो पर घिसने लगा तो चाची भी अपनी गान्ड को उस पर दबाने लगी मैने कहा आज तो मेरी डार्लिंग की लेकर ही रहूँगा



अब मैं चाची के उभारों से खेलने लगा था उन्होने अपनी आँखो को बंद कर लिया और सांसो को संभालने लगी अब मैं अपना हाथ आगे ले गया और घाघरे के उपर से ही योनि को रगड़ने लगा तो वो भी गरम होने लगी वो भी अपना हाथ पीछे ले गयी और लंड को पॅंट के उपर से ही दबोच लिया चिंगारी भड़क उठी थी और फिर मैने उनको अपनी ओर किया और किस करने लगा किस कर ही रहा था कि



बाहर से मम्मी की आवाज़ आई वो झट से मुझसे अलग हुई और नाश्ते की प्लेट मेरे हाथ मे देते हुए बोली जा बाहर जा , हाई रे किस्मत मोका चला गया तो फिर कैसा नाश्ता करना था थोड़ा कुछ खाया और फिर बस टीवी देखने लगा पर मेरा मन टीवी मे कैसे लगे तो उठ कर वापिस अपने कमरे मे चला गया ना मिता ने फोन किया था गाँव आकर बस सब कोई भूल ही जाता है हमे तो



हालाँकि मेरे पास गीता थी जो मुझे कभी भी मना नही करती थी सेक्स के लिए पर मे उधर नही जाना चाहता था अभी कुछ फ़ायदा भी नही था क्योंकि दिन मे आने को उसने पहले ही मना किया हुआ था अब साला टाइम पास ही ना हो करे तो क्या करे समझ ही ना आए तो फिर सोचा कि चलो मामा के घर ही फोन मिला लिया जाय वैसे भी कई दिन हो गये थे उधर का चक्कर लगाए हुए



तो फोन लगा दिया बड़ी मामी ने फोन उठाया ही-हेलो के बाद पता चला कि मामा की फील्ड मे पोस्टिंग होने के कारण वो आजकल गाँव मे ही थी तो मैने कहा कब बुला रही हो तो वो बोली तुझे मुझसे प्यार होता तो आ ना जाता मैने कहा नाराज़ ना हो दो-चार दिन मे आता हू आपसे मिलने फिर नानी से बात की तो अच्छा लगा अब हम जैसो को तो इतनी ही छुट्टिया मिटी है बस मिलने-मिलने मे ही कब पूरी हो जाती है पता ही नही चलता …

मैने सोच लिया था कि मेले के बाद दो चार दिन मामा के यहाँ भी दर्शन दे ही दूँगा फिर पूरा दिन शाम तक बस रेडियो पर गाने ही सुन कर टाइम पास किया दो दिन हो गये थे ये साली सोनू भी दर्शन नही दे रही थी अब की छुट्टिया बड़ी ही बोझिल सी काट रही थी पर अब कर भी क्या सकते है अपने चाहने से क्या कुछ होता है शाम को आख़िर सोनू का दीदार हुवा



मैने कहा मालिको नाराज़ हो क्या दिख ही नही रही वो बोली क्या बताऊ बड़ी ही बिज़ी हो रखी हूँ ननद के लड़का हुआ है तो मेले के अगले दिन चुचक है बस उसी की तैयारी मे लगे है मैने कहा ये तो अच्छी बात है पर हम ग़रीबो का क्या हाल आपके दीदार के बिना तो वो बोली तुम नही सुधरोगे मैने सोनू का हाथ पकड़ लिया तो वो घबराते हुए बोली गलियारे मे ऐसी हरकत कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा



मैने कहा तो फिर क्या करूँ आप तो रसीद दे ना रही हो वादा करके फिर गयी आप तो वो हँसते हुवे बोली एक काम करो मेरा फोन नंबर ले लो कल दिन मे फोन करना फिर बात करेंगे मैने कहा ठीक है फिर वो अपने काम से चली गयी वो गई थी ही कि अनिता भाभी आ गया बोली यहाँ क्यो बैठे हो मैने कहा बस ऐसे ही फिर मैं उसके साथ अंदर आ गया



चूत की संभावनाए तो चारो तरफ थी पर बात बन नही रही थी भाभी से बात कर ही रहा था कि पापा ऑफीस से आ गये तो मैं और भाभी उपर आ गये और मेरे कमरे मे बैठ कर बाते करने लगे वो बोली अब शादी कर ही लो तुम मैने कहा मैं तो तैयार हू बस मिता अपनी फॅमिली से बात करले फिर बस एक दो दिन मे ही बॅंड बजा देंगे भाभी बोली काकी जी को कॉन मनाएगा मैने कहा वो भी देखेंगे


भाभी बोली उनको तो उर्वशी जच गयी है बस तुम हा कहो तो वो कल ही रोका करवा दे मैने कहा भाभी आप सब कुछ जानते हुए भी कैसी बात करती हो मानता हूँ उर्वशी अच्छी लड़की है और मेरी दोस्त भी है पर ये दिल बस धड़कता ही मिता के लिए है अब मैं क्या करू मैं तो फस गया ना तो वो बोली और निशा का क्या , उस से क्या लेना देना है जब देखो पीपनि तो उसी की बजाता रहता है



मैने कहा भाभी वो स्पेशल दोस्त है तो उसकी याद आती है और कुछ नही है भाभी बोली तेरी लीला तू जाने वैसे मेरी तो इच्छा थी कि मेरी छोटी बहन है ना रेखा उसे ही तेरे साथ ब्याह देती पर तू जाने दे अब मैने कहा भाभी आप चूक गयी अब कुछ नही हो सकता फिर चाची भी आकर हमारी बातों मे शामिल हो गयी बातों बातों मे पता ही नही चला की कब टाइम बीत गया



नीचे आया तो फिर पापा के पास बैठ गया मैने कहा पापा मैं एक प्लाट ले लूँ क्या कही पे वो बोल फिर इधर कॉन रहेगा तो मैने कहा साची कहूँ तो पापा ये नया घर मुझे बिल्कु भी नही सुहाता यहाँ पर मुझे अजीब सा लगता है तो वो बोले तू क्या कहना चाहता है मैने कहा मैं अपने पुराने वाले घर मे ही रहना चाहता हू तो वो बोली क्या तू भी पागलो जैसी बात करता है मैने कहा अब आप कुछ भी समझो



तो वो बोले देख बेटा, आजकल मकान बनाना आसान नही है और फिर ये थोड़े टाइम पहले ही तो बनाए है बाकी अगर तू चाहे तो छत के जो हिस्सा खाली पड़ा है उधर तू अपनी मर्ज़ी से अपने लिए एक हॉल बनवा ले जैसा तू चाहे तेरी पसंद का मैं मना नही करूँगा फिर मम्मी ने कहने को बोल दिया तो बात आई गयी हो गयी खाने के बाद मैं अपने कमरे से चला गया
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#58
रात को 11 के करीब मिथ्लेश का फोन आया तो मैने कहा मिल गया फ़ुर्सत हम से मिलने की वो बोली क्या करू टाइम ही नही मिला काफ़ी कम लोग आए थे मैने कहा अब सुन परसो मेरे गाँव मे मेला है तो तुझे आना है काफ़ी दिन हुए मेला नही देखा तो वो बोली ठीक है मैं आ जाउन्गी मैने कहा धन्यवाद, फिर मैने कहा तूने अपने पेरेंट्स से बात की



तो वो बोली नही एक दो दिन मे कर ही लूँगी मैने कहा यार डिले ना कर मेरी छुट्टी बीत गयी तो फिर तुझे पता ही है ना तो वो बोली मैं जल्दी ही कर लूँगी फिर हमारी प्यार भरी बाते शुरू हो गयी तो पता ही ना चला कि रात कब कट गयी सुबह 5 बजे मैं सोने गया उस रात तो जाहिर था कि फिर दोपहर तक ही उठना था जिंदगी भी हम से अपने तरीके से खेल रही थी



अगले दिन मेरी आँख तब खुली जब चाची मुझे जगाने आई वो बोली देखो दिन कितना चढ़ आया आया है और तुम पड़े हो अभी तक मैं आँखे मलते हुए उठा और कहा कि थोड़ा सा पानी पिला दो तो वो मेरे लिए पानी लाने चली गयी मैं अपने होश सही करने लगा पानी पीने के बाद उनके पीछे पीछे नीचे आया तो घर मे कोई नही दिखा मैने कहा मम्मी कहाँ है तो पता चला कि वो खेत मे गयी है



ये सुनते ही मैने चाची को बाहों मे भर लिया और उनसे छेड़खानी करने लगा तो वो मुझे दूर हटा ते हुए बोली कमिने छोड़ मुझे तेरे चाचा आज घर पर ही है नहा रहे है मरवाएगा क्या तो मैने तुरंत ही उनको खुद से अलग कर दिया और पूछा आज किस खुशी मे वो ऑफीस नही गये तो पता चला कि कल वो चंडीगढ़ जाएँगे तो फिर छुट्टी ले ली मैने कहा ठीक है आप लोग फिर आज पूरा एंजाय करो मैं चला बाहर घूमने



वो मुझे बुलाती रह गयी पर मैं बाहर आ गया आज बिना नहाए धोए ही , बाइक बाहर ही खड़ी थी तो मैने उसे स्टार्ट किया और खेतो की ओर चल पड़ा आख़िर उधर भी तो जाना ही था तो आज उधर ही सही मैने बाइक स्टॅंड पर लगाई तो देखा कि मम्मी और गीता दोनो ही उधर खड़ी थी और बाते कर रही थी मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली कि सरसो को पानी देना पड़ेगा



और तेरे चाचा आज रात चंडीगढ़ जाएँगे फिर दो दिन लाइट का नंबर नही रहेगा मैने कहा आप क्यो फिकर करते हो मैं हूँ ना मैं पानी दे दूँगा और गीता की तरफ देख कर मुस्कुराया अब खेतो पर आया था तो मम्मी ने इधर उधर लगाए रखा तो कमर दर्द से अकड़ गयी पर मना भी नही कर सकता था मैने मन मे सोचा कि चाची को भी रगड़ने का मोका है और इधर गीता भी है अब पानी देने को बोल दिया था तो फिर इधर ही आना था



फिर हम घर गये अब पता तो था ही रात को फिर से खेत मे जाना है तो जल्दी से खाना वाना खाया वैसे भी सुबह से आज भूखा ही था बस फिर अपना कुछ समान लिया और फिर से हो लिए कुँए की ओर…

वहाँ गया पानी की मोटर को ऑन किया और खेतो मे पानी छोड़ दिया अब ठंड मे पानी देना भी किसी सज़ा से कम थोड़ी ना है फिर मैं गीता के घर गया और उसको कहा कि तू कुँए पर आ जाना आज की रात उधर ही रहना तू तो वो बोली ठीक है थोड़ी देर मे आती हू अब गीता को तो पता ही था कि आज उसकी चुदाई होने वाली है तो वो तो खुद ही आतुर थी



तीन खेतो मे पानी देना था मैने टॉर्च ली और चल पड़ा देखने की पानी की सप्लाइ मे कोई रुकावट तो नही है इस काम मे आधा घंटा से भी ज़्यादा समय लग गया और उपर से ठंड भी कड़ाके दार हालाँकि स्वेटर पहनी हुई थी पर पैर तो गीले ही थे बड़ा ही बुरा हाल हो गया मेरा कंपकंपी चढ़े वो अलग से, पर काम तो करना ही था


जब मैं वापिस आया तो देखा कि गीता आ चुकी थी उसके हाथ मे एक थर्मस था बोली मुझे पता था तुम्हे ठंड लगेगी तो चाइ ले आई और कप मे चाइ डाल के मुझे पकड़ा दी मैने कहा यार मेरी ठंड इस चाइ से दूर नही होगी अब तो वो हँसते हुए बोली तो क्या सेवा करू मेरे जानू की मैने कहा सेवा नही मुझे तो मेवा खाना है तो वो इठलाते हुए बोली तो फिर आ जाओ किसने रोका है



चाइ की चुस्किया लेते हुए मैने कहा की ऐसी नही ज़रा अपने कपड़े उतार कर अपने मस्ताने रूप का दीदार तो करवाओ मुझे तो वो बोली हम क्यो नही अभी लो और फिर खड़ी खड़ी ही उसने अपनी चोली की डोरी को खीच दिया तो वो उतर गयी काली ब्रा मे क़ैद उसके पुष्ट उभार बड़े ही सुंदर लग रहे थे उस पर ब्रा इतनी टाइट कसी हुई थी कि लग रहा था कि ये ब्रा ज़्यादा देर उनको क़ैद नही रख सकती है



फिर वो अपना हाथ घाघरे के नाडे पर ले गयी और एक सेकेंड मे ही घाघरा उसके पाँवो मे पड़ा था पेंटी भी काली मशाल्लाह गीता तो आज पूरी तैयारी करके आई थी उसकी ठोस, मस्त जंघे और मोटे मोटे कुल्हो पर कसी हुई वो छोटी सी कच्छि बड़ी ही सुंदर लग रही थी गीता अपने हाथ अपने बालो पर ले गयी और अपनी छोटी के रिब्बन को खोल कर अपनी रेशमी ज़ुल्फो को आज़ाद कर दिया



उसे अच्छी तरह से पता था कि मुझे खुले बालो वाली औरते बड़ी पसंद थी और फिर वो खुद भी तो मेरी दीवानी थी फिर वो अपने हाथो से अपने बोबो को दबाती हुई मुझे देखते हुए बोली कैसी लग रही हूँ मैं मैने चाइ का कप नीचे रखा और उसके पास जाते हुए कहा हमेशा की तरह लाजवाब लग रही हो और उसको अपने से चिपका लिया तो गीता एक मीठी सी आह भरते हुवे मुझसे लिपट गयी


लिपटे लिपटे ही उसने मेरे पयज़ामे मे अपना हाथ डाल दिया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भरते हुए बोली क्या हाल है इसका मैने कहा तुम खुद ही पूछ लो तो वो घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे पयज़ामे और कच्छे को नीचे सरकाते हुए लंड से खेलने लगी लंड को देख कर उसकी आँखे चमकने लगी थी थोड़ी देर तक सहलाने के बाद उसने अपनी लंबी जीभ बाहर निकली और लंड पर रगड़ने लगी



सच्ची मे बड़ा ही सुकून मिला मेरा तन बदन एक तरंग से भर गया मैने कहा आह ये क्या किया जालिम आज इरादे नेक नही है तुम्हारे तो उसने फिर से अपनी जीभ मेरे लंड पर फिरानी शुरू कर दी ठंड के मोसम मे उसकी गरम जीभ बड़ा ही आनंद दे रही थी फिर उसने मेरे सुपाडे को अपने होंठों मे दबा लिया और अपने हाथ से अंडकोषो को सहलाने लगी मैं तो उस रूहानी मज़े मे डूबता ही चला गया



मैने अपने दोनो हाथ उसके कंधो पर रख दिए और खुद को उसके हवाले कर दिया गीता के प्यासे तड़प्ते होठ मेरे लंड का स्वाद चखने लगे बड़ी ही अदा से आज वो लंड चूस रही थी बढ़ती उमर के साथ वो और भी मादक , और भी ज़्यादा जवान होती जा रही थी और उसके चूतड़ तो क्या बताऊ कितने चौड़े हो गये थे उसके हुस्न को देखते देखते लंड और भी ज़्यादा मचलने लगा था



वो पूरा लंड झटके से बाहर निकाल देती अपने मूह से और फिर से उसको चूस्ति थूक जब लंड से टपकता और वो उसको अपनी जीभ से चाट ती तो बड़ा ही मज़ा आ रहा था मुझे और वो तो बस लंड को चूसे जा रही थी बड़ी बेताकल्लूफ़ी से मेरी टाँगो मे सरसराहट होने लगी थी तो मैने कहा बस भी कर ना अब मुझसे रुका नही जा रहा है तो वो बोली तुम्हे क्या पता



कितने दिनो से मेरा गला सूखा पड़ा है आज तुम्हारे रस से अपने गले को तर करूँगी तो मुझे थोड़ा चैन मिलेगा मैने कहा डार्लिंग जैसी तुम्हारी इच्छा कर्लो अपने मन की और फिर मैं उसका सर पकड़ कर उसके मूह पर ही धक्के लगाने लगा गीता उूुउउ उूउउ करते हुए मेरे लंड को अपने मूह मे लेने लगी बार बार उसके बाल चेहरे पर आ रह था तो बड़े ही प्यारे लग रहे थे और मैं भी अब झड़ने के कगार पर आ गया था



मैने कहा गीता मैं तो जाने वाला हू तो उसने अपने होठ मेरे लंड पर अच्छे से कस दिए और मेरी गोलियो को रगड़ने लगी पता नही कैसा जादू था उसके हाथो मे मुझे लगा कि जैसे शरीर की सारी नसे खिच गयी और फिर लंड से स्रर्र्र्र्र्र्र्ररर करता हुआ गरमा गरम पानी गीता के हलक मे गिरने लगा पता नही कितना वीर्य निकला पर गीता काफ़ी देर उसे पीती ही रही



लंड जब तक सिकुड ना गया वो उसको पीती ही रही उफफफफ्फ़ गीता कितनी आग भरी थी उस औरत मे फिर उसने लंड को बाहर निकाला और अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बोले कसम से आज तो मज़ा ही आ गया मैने कहा तूने अपनी मनचाही कर ली अब मैं भी अपने मन की करूँगा वो बोली क्या करोगे मेरे राजा जी मैने कहा तुझे खेत मे चोदुन्गा



वो बोली पागल हुए क्या इतने जाड़े मे मे नंगी कैसे होउंगी उधर मैं उसकी ब्रा को खोलते हुए बोला चल ना काफ़ी दिनो से खेत मे चूत नही मारी अब इतना भी ना करेगी क्या तू तो वो बोली ठीक है अब तुम्हारी यही इच्छा है तो चलो फिर उसने फॉरन अपनी कच्छि उतरी और मेरे साथ खेत मे आ गयीचारो तरफ गहरी धून्ध छाई हुई थी और हम दो नंगे सरसो के खेत मे बीचो बीच खड़े थे

मैने अपना मूह उसकी चूची पर लगा दिया और हाथ से उसकी चूत को मसल्ने लगा गीता आहे भरने लगी गीता और मैं फिर से गरम होने लगे थे चारो तरफ बरसती धुन्ध मे दो जिस्मो का मिलन बड़ा ही रोमांचकारी अनुभव था और वैसे भी जब दो जिस्म गरम हो तो फिर कहाँ ठंड का ध्यान रहता है उसकी 38 साइज़ की चूचिया पूरी तरह से मेरे थूक से सन गयी थी



और योनि रस से भीगी हुई दो उंगलियाँ उसकी चूत मे लगातार अंदर भहर हुए जा रही थी गीता तो बस किसी तरह से अपनी सिसकारियो को संभाले हुए थी जब उस से रहा नही गया तो वो बोली बस अब इंतज़ार नही होता चोदो मुझे तो मैने वही खड़े खड़े ही उसकी टाँगो को थोड़ा सा फैलाया और अपना लंड चूत से लगा दिया मैने उसकी कमर को थामा और लंड को अंदर करने लगा घप की आवाज़ के साथ लंड अंदर घुसता चला गया चूत का छल्ला फैलता चला गया


जैसे ही गीता ने आह भरी मैने अपने होठ उसके लाल लाल होटो से चिपका दिए और उनका रस पान करने लगा गीता और मैं एक दूसरे मे समा गये थे उसने नरम होटो का अलग ही क्रीमी सा मज़ा था बड़ा ही अच्छा लग रहा था मैने मजबूती से उसके मोटे मोटे चुतड़ों को थाम लिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी जब जब ठंडी हवा का झौका आता तो बस फिर पूछो ही मत



कोई पागल ही होगा जो कड़ाके की ठंड मे खुले खेत मे चुदाई का कार्यकरम करेगा मैं गीता की जीभ को चूस्ते हुए ताबड तोड़ उसको चोदे जा रहा था गीता की हर एक आ उसके गले मे ही घुट गयी थी तभी मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और नीचे बैठ थे हुए उसके दाने को अपने मूह मे भर लिया बस फिर गीता तो जैसे पागल ही हो गयी थी



उसने मेरे सर को अपनी मांसल जाँघो मे कस लिया और बोली आहह उूुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ये क्या किया तुमने आज क्या जान लेने का इरादा है और अपनी टांगो को थिरकाने लगी मैं मज़े से उसकी चूत को चाटने लग गीता बड़ी ही चुदासी हो गयी थी इस टाइम तो उसने मुझे अपनी चूत से हठाया




और पंजों के बल झुकती हुई बोली फिलहाल मेरी चूत को लंड की सख़्त ज़रूरत है तो टाइम खराब ना करो और मुझे शांत कर ही दो वरना कही मर ना जाउ मैं , तो मैं उसके कुल्हो पर लंड रगड़ते हुए बोला मेरी जान आज रात तो मैं तुझे मरने दूँगा नही और फिर एक झटके मे जड़ तक लंड अंदर दे मारा और उसकी पीठ को चूमते हुए फिर से घम घाम चुदाई शुरू कर दी



गीता हाई हाई करते हुए अपने हाथो को घुटनो पर रखे चुद रही थी मैने कहा मज़ा आ रहा है क्या तो बोली बड़ा ठंडा ठंडा सा लगा रहा है तुम ऐसे ही करते रहो बड़ा अच्छा लग रहा है मैने कहा ठीक है मेरी जान आज पूरी रात तेरी चूत को चोदुन्गा तो गीता बोली मैं कहाँ मना कर रही हूँ बस तुम मुझे यू ही चोद्ते रहो



हर एक सेकेंड मेरी रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी गीता की कमर को अपने हाथो से दबाते हुए मैं दना दन उसको चोदे जा रहा था लगभग आधे घंटे तक ये काम चलता रहा गीता की चूत से रिस रिस कर पानी उसकी जाँघो तक आ गया था वो झड चुकी थी पर मेरा अभी बाकी था वो बोली मैं थक गयी हूँ इस तरह झुकी झुकी तो मैने उसे अपनी गोद मे उठा लिया



और उसका पूरा वजन अपने उपर लेटे हुए उसको उपर नीचे करने लगा पल पल मैं भी अंत की ओर बढ़ता जा रहा था और फिर आख़िर मेरे लंड से वीर्य की धार निकल कर चूत मे भरती चली गया और मैं उसके साथ एक असीम आनंद मे डूबता चला गया जब खुमारी उतरी तो मैने गीता को गोद से उतार दिया वो बोली अब जाड़ा लग रहा है कमरे मे चले क्या



मैने कहा तुम चलो मैं ज़रा पानी देख कर आता हू अब ठंड तो मुझे भी लग रही थी पर पानी का भी तो ध्यान देना था तो तीनो खेतो के पाइप्स देखे फिर वापिस आ गया तो मैने देखा कि गीता रज़ाई ओढ़े बैठी है मैं भी उसकी रज़ाई मे घुस गया और उसकी जाँघो को सहलाते हुए बोला जान मज़ा आया कि नही तो उसने अपना मूह मेरे सीने मे छुपा लिया थोड़ी देर हम लेट गये और बाते करने लगे



गीता ने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और उसको सहलाते हुए बोली ये पहले से ज़्यादा मोटा हो गया है मेरी चूत को तो चीर ही दिया है इसने अब तक टीस हो रही है मैने कहा कोई ना इस टीस का भी तो मज़ा है ना तो वो मुझे किस करने लगी उसके जिस्म की गर्मी से लंड मे फिर से करेंट आने लगा तो वो तनाव मे आने लगा मैने गीता को अपने उपर ले लिया



और उसके कुल्हो को दबाते हुवे किस करने लगा फिर मैं अपनी उंगली उसकी गान्ड पर ले गया और छेद को कुरेदने लगा तो उसने अपने चुतड़ों को भीच लिया पर उसे भी पता था कि गान्ड तो मैं मारूँगा ही कुछ देर बाद मैने उसे उल्टी लिटा दिया खाट पर और उसकी गान्ड के छेद पर अपनी जीभ फिराने लगा वो उसके कुल्हो मे थिरकन होने लगी वो मस्त आवाज़ मे बोली ये क्या कर रहे हो तुम



मैने कहा तुम बस आज की रात पूरा मज़ा लो मैं जीभ से उसकी गान्ड को चाटने लगा गीता तो मदहोश ही हो गयी पूरी तरह से मेरा मूह उसके चुतड़ों मे फसा हुआ था और कुछ वो अपनी गान्ड को मटका रही थी तो फिर कहने ही क्या काफ़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और उसको गान्ड से सटा दिया गीता ने अपने हाथो से चुतड़ों को फैला लिया




और ठीक उसी पल मैने अपने लंड को गान्ड की सैर हेतु तैयार करते हुए अंदर को ठेलना शुरू कर दिया धक्का कुछ ज़ोर से लग गया था तो लग्घग आधा लंड गान्ड मे घुस गया गीता की तो सिट्टी-पिटी ही गुम गयी उसकी सांस जैसे रुक गयी गले से बस एक तेज चीख निकली और वो छटपटाने लगी मैने उस पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी और उसको सॉरी कहते हुए लंड को आगे करने लगा


वो कराहते हुए बोली ऐसा कोई करता है क्या तुम तो मेरी जान लेकर ही मनोगे मैं उसके गालो को चूमते हुए उसको मना ने लगा और धीरे धीरे करके पूरा लंड अंदर डाल ही दिया जड़ तक मेरे अंडकोष उसके चुतड़ों से टकरा गये थे फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता से लंड को अंदर-बाहर करने लगा थोड़ी देर बाद गीता का दर्द भी मज़े मे बदल गया आख़िर कोई पहली बार तो गान्ड मरवा नही रही थी वो



मैने उसके बोबो को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और बेदर्दी से उनको मसल्ते हुए गीता की गान्ड मारने लगा उसका छेद और भी खुल गया था और लंड से जैसे चिपक ही गया था 25-30 मिनिट तक उसके उपर चढ़े चढ़े ही गान्ड को चोदता रहा मैं और फिर आख़िर मे गान्ड मे ही डिसचार्ज हो गया , और ऐसे ही सुबह 6 बजे तक हम दोनो एक पल के लिए भी ना सोए बस एक दूसरे के जिस्म का जम कर मज़ा लेते रहे फिर वो अपने घर चली गई

उसके जाने के बाद मैने भी हाथ मूह धोया हालाँकि वो कहकर गयी थी चाइ नाश्ता करने आ जाना पर मैं नही गया हाथ मूह धोया फिर खेतो मे ही फ्रेश होने चला गया आज मेला था गाँव मे तो सुबह सुबह ही मिता को फोन करके याद दिला दी बदन कुछ टूटा टूटा सा महसूस कर रहा था पर सोना नही चाहता था फिर मैं उधर ही खेली पर नहा लिया और फिर कमरे को ताला लगा कर घर चल पड़ा



सुबह सुबह बाइक चलाना भी बड़ा ही मुस्किल था और फिर ठंड तो थी ही खैर जैसे तैसे करके घर पहुच ही गया मिता ने कहा था कि वो 11 बजे तक आएगी मैं उसे पिक कर लूँ बाइक खड़ी करते ही मैं सीधा अनिता भाभी के पास गया और उनको बताया तो वो बोली देखो, काकी जी घर पर होंगी तो मिता को घर पे तो लाना मत वरना फिर ख़ामाखाँ ड्रामा होगा



और मेले मे भी थोड़ा सावधानी से उसके साथ घूमना वो क्या है कि मेला है तो हो सकता है कि उसके गाँव के लोग भी आए वहाँ पर समझ रहे हो ना मैं क्या कह रही हूँ मैने कहा भाभी आप टेन्षन ना लो भाभी रवि के लिए नाश्ता बना रही थी तो उन्होने मुझे भी परोस दिया मैं अपनी थाली लेकर रवि के पास आ गया फिर रवि ने जेब से कुछ रुपये निकाले और मुझे देते हुए बोला आज मेला है ले रख ले



मैने कहा भाई अब मैं कमाता हूँ तो वो बोला तू चाहे कितना भी बड़ा अफ़सर बन जा पर मेरे लिए तो छोटू ही है ना और फिर काफ़ी सालो बाद तू मेले मे जा रहा था रख ले मैने पैसे रख लिए देखा तो दस हज़ार की गद्दी थी मैं कुछ कहना चाहता था पर उसने कहा रख ले तो बस मैं मुस्कुरा कर ही रह गया था कभी कभी दिल मे आता था कि रवि इतना अच्छा इंसान है और मैं अनिता भाभी से रीलेशन रख कर उसे धोकाः दे रहा हूँ


बेशक मेरा और भाभी का रिश्ता ग़लत था पर वो खाली सेक्स के लिए ही नही था उसमे भी कुछ इमोशनल टच था जो बस मैं और वो ही समझते थे खैर, अब जो है वो है उसे बदला तो नही जा सकता था फिर मैने कपड़े चेंज कर लिए अब इंतज़ार था मिता के फोन का टाइम साला कट ही नही रहा था तो मैं फिर से घर से बाहर आ गया तो सोनू जी के दर्शन हो गये लाल साड़ी मे पूरा शृंगार किए



क्या मस्त माल लग रही थी मैने कहा मालिको आज तो गजब ढा रहे हो तो वो मेरे पास आई और कहने लगी कि आज मेला है ना तो उधर ही जा रही हू थोड़ी देर मे फिर उसने कहा कि फोन क्यो नही किया कल दोपहर मे तो मैने बता या कि भाभी मुझे तो ध्यान ही नही रहा तो वो बोली कि शाम तक घर वाले ननद के यहा जाएँगे मैं बहाना बना कर रुक जाउन्गी



मैं मज़े लेते हुए बोला पर मुझे क्यो बता रही हो तो वो मेरा गाल खीचते हुए बोली कमिने जब से तो मेरे पीछे पड़ा है और अब तू कह रहा है कि मुझे क्यो बता रहे हो मैने कहा भाभी छोड़ो मज़ाक कर रहा था तो वो अपनी आँखो को मटकाती हुई बोली रात को एक बार फोन करना फिर मैं बताउन्गी मैने कहा ठीक है जी फिर वो चली गई



और मैं खुश हो गया आख़िर एक चूत का और जुगाड़ हो गया था और वो भी इतनी मस्त औरत थी मैं अपने पुराने दिनो के बारे मे सोचने लगा कि कहा मैं सेक्सी कहानियो की किताबें पढ़ कर मुट्ठी मारा करता था और अब ज़िंदगी मे हर तरफ चूत ही चूत थी ऐसी कोई चूत नही जिसे मैने चाहा और चोदा ना हो पर मैं शायद ये भूल गया था कि वक़्त का पहिया घूमता है



सुख के बाद दुख भी आता है , फिर मैं खाना खाने चला गया कि इतने मे मिता का फोन भी आ गया तो मैं उसे पिक करने चला गया मिता को देखते ही मैं बड़ा खुश हो गया मेरी दिलरुबा आज बड़ी ही सुंदर दिख रही थी ना जाने क्यो उसे देखते ही मैने तो चाहा कि उसे अपनी बाहों मे भर लूँ पर लोक लाज से कर नही पाया



मैने बाइक शीला के पति की दुकान पे पार्क की और मिता के साथ पैदल ही चल पड़ा मेले की ओर सबसे पहले हम ने देवता को प्रसाद चढ़ाया और फिर हम लुत्फ़ लेने लगे मेले के मैने उसको कहा याद है मिता पहली बार तुम्हारे दर्शन इसी मेले मे हुए थे जब तुम्हारी चुन्नि मेरे चेहरे पे आ गयी थी तो वो बोली हाँ मुझे सब कुछ याद है




अचानक ही वो पहली छोटी सी मुलाकात आँखो के सामने आ गयी मैने देवता को धन्यवाद दिया की आख़िर उनके मेले मे ही तो मिता के दीदार हुए थे पर मैं खुश था कि आजक पूरा दिन मैं उसके साथ बिताने वाला था मैने उसका हाथ पकड़ा और झूले की ओर ले चला वो बोली क्या करते हो मैने कहा , हक़ है मुझे फिर उसने कुछ नही कहा



आख़िर वो भी तो सब जानती थी उसे झूले पर चढ़ाया और फिर मैं भी उसकी बगल मे बैठ गया उसका हाथ अपने हाथ मे थाम कर मिता के चेहरे की खुशी मैं सॉफ पढ़ पा रहा था और मेरी खुशी …………. ….. वो तो उसकी खुशी मे ही थी मेरा दिल पता नही क्यो आज बार बार बेकाबू सा हो रहा था मिता बोली कितना प्यार करते हो मुझसे मैने कहा तुम्हे नही पता क्या



मुझे पता था कि उसको गोल-गप्पे बड़े पसंद है तो मैं उसे फिर चांट के ठेले पर ले गया और कहा कि भाई मेमसाहिब के लिए ज़रा अच्छे वाले गोलगप्पे निकाल उसको छोटे बच्चो की तरह गोलगप्पे खाते देख कर अच्छा लगा मैं तो उसे निहारने मे ही खो गया वो शरमाते हुए बोली प्लीज़ तुम यूँ ना देखा करो मुझे मेरा दिल डोल जाता है मैने कहा तो फिर सुन लो ना अपने दिल की आख़िर क्या कहता है वो



वो बोली आओ घूमते है , वो फिर अपने लिए कुछ चूड़िया और हार पसंद करने लगी वो बोली कॉन से रंग की चूड़ियाँ ले लूँ , मैने कहा वो गाना है ना मैं ला दूं तुझे हरी हरी चूड़िया तो हरी ही लेले तो वो बोली तुम भी ना तो चूड़ी वाला उसके हाथो मे चूड़िया पहनने लगा मिता बोली मेरी ज़िंदगी का ये सबसे अच्छा गिफ्ट है मैं मुस्कुरा दिया



दोपहर हो चली थी हम दोनो एक साइड मे बैठ कर चने खा रहे थे कि तभी.......................................



मैने देखा कि मम्मी,चाची और भाभी हमे ही देख रहे थे मम्मी के चेहरे का तो जैसे रंग ही उड़ गया था पर अनिता भाभी चूँकि पहले भी मिता से मिल चुकी थी तो वो आगे बढ़ी और हमारे पास आ गयी उसने मिता को कहा कि चुन्नी कर लो सर पे और मम्मी के पाँव छुओ तो मिता ने वैसा ही किया मम्मी बड़े असमंजस मे थी आख़िर मैने बात को संभालते हुए बताया कि मैने ही मिता को मेले के लिए बुलाया है पर उन्होने कहा कि ऐसे घूमना शोभा देता है क्या



मैने कहा मम्मी अब हम बड़े हो गये है और फिर जल्दी ही शादी भी तो कर रहे है ना तो मम्मी कुछ बोलती उस से पहले ही चाची ने टोकते हुवे कहा कि जाओ तुम लोग मेला देखो बाद मे मिलते है तो मम्मी भी चुप कर गयी पर उनके चेहरे पर नाराज़गी सॉफ दिखाई दे रही थी चाची ने मिता को कुछ भेंट दी और फिर वो दूसरी तरफ को चले गये और हम वही पर रह गये



मिता अपनी आँखे ततेरते हुए बोली अगर घर वाले आ रहे थे तो पहले नही बता सकते थे क्या अब मैं क्या कहता मुझे तो ये बात ध्यान ही नही रही थी पर कभी ना कभी तो घरवालो को भी फेस करना ही था तो मैने ज़्यादा चिंता नही की पर मिता थोड़ा सा असहज फील कर रही थी तो मैने कहा जान सास है तुम्हारी और फिर सासू लोगो का स्वाभाव तो ऐसा होता ही है ना



तो वो बोली अरे मैं वो सब नही सोच रही बल्कि ये सोच रही हूँ कि कही मेरी फॅमिली मेंबर्ज़ भी ना टकरा जाए मेले मे वरना मुसीबत हो जाएगी मेरा भाई भी जवान है तो वो भी आएगा ही और पापा भी हो सकते है मैने कहा तो फिर ठीक है ना मैं भी अपने साले ससुर से मिल लूँगा और हँसने लगा पर मिता थोड़ा घबरा गयी थी वैसे बात उसकी भी सही थी बेशक हम लोग मॉडर्न हो गये थे पर आख़िर थे तो हम गाँव मे ही और गाँव का हाल तो आप सब जानते ही होना



मैने कहा तू एक काम कर चुन्नि को अपने चेहरे पर कस ले फिर कोई टेन्षन की बात नही है पर वो चुटकी लेते हुए बोली क्या पता फिर ऐसे मेला देखने का मोका मिले ना मिले और फिर प्यार किया तो डरना क्या जो होगा देख लेंगे मैं तो ऐसे ही रहूंगी मैने कहा वह मेरी झाँसी की रानी बड़ी दिलेरी आ गयी अभी तो डर लग रहा था वो बोली जब तुम्हारा हाथ पकड़ ही लिया है तो फिर डरना किसलिए



मुझे थोड़ी सी थकान भी होने लगी थी तो मैने एक कोल्ड ड्रिंक की बॉटल खरीदी और फिर मैं और मिता बगीची मे आ गये मैने कहा मिता जब तुम शिमला चली गयी थी और मैं यहाँ अकेला रह गया तो इधर ही बैठा करता था मैं पर ये नही बताया उसको कि अक्सर मेरे साथ निशा हुआ करती थी मिता बोली सच कहूँ तो मैं कभी तुम्हे समझ ही नही पाई हूँ एक तरफ तो तुम आर्मी ऑफीसर और इतने फॅशनबल और दूसरी तरह इतनी सादगी



मैने कहा बस तुम्हारी मोहब्बत का असर है तो उसने मेरा हाथ थाम लिया और बोली आज रात मैं अपने घरवालो से शादी की बात करने वाली हू मैने कहा तुम फिर घर जाते ही मुकर जाओगी तो वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली नही मुझे लगता है कि अब टाइम आ गया है मैं अब तुमसे दूर नही रह सकती मैने कहा मैं तो खुद मरा जा रहा हू तुम्हे दुल्हन के रूप मे देखने को



दिल मे ख़याल आया कि अभी इसको सीधा अपने घर ले चलूं पर अपने चाहने से थोड़ी ना कुछ होता है काफ़ी देर तक हम उधर ही बैठे बाते करते रहे टाइम कैसे गुजर गया पता ही नही चला मैं तो सोच रहा था कि आज का दिन इतना लंबा हो जाए कि शाम हो ही ना पर अपनी क्या बिसात , तो दोपहर भी बीत गयी थी फिर अनिता भाभी का फोन आया वो पूछने लगी कि कहा हो तो मैने कहा बगीची मे



वो बोली उधर ही रहना मैं आ रही हू शायद भाभी भी मिता से बात चीत करना चाहती थी मिता बड़ी खुशी से भाभी से मिली और फिर उनकी बाते शुरू हो गयी तो मैं बस उनका मूह ही तकने लगा शाम होने लगी थी मेला उजड़ने का टाइम हो गया था और फिर मिथ्लेश को भी घर जाना था तो भाभी ने अपने सोने के कंगन उतारे और उसको देते हुए बोली लो मेरी तरफ से ये रख लो



तो मिता बोली भाभी मैं ये कैसे रख सकती हूँ तो भाभी अधिकार पूर्वक बोली रख लो अभी तो मेरे पास ये ही है पर जब तुम मेरी देवरानी बनकर आओगी तो नये वाले भेंट करूँगी तुम्हे और भाभी ने ज़बरदस्ती वो कंगन मिता के हाथो मे पहना दिए मिता भाभी के गले लग गयी फिर हम ने एक दो चक्कर और लगाए इधर उधर और फिर आख़िर समय आ गया मिता के जाने का



उसको ऑटो मे बिठाने के बात मैने भी बाइक ली और घर आ गया अब मेले मे कुछ नही था मेरे लिए फिर हाथ मूह धोकर अपने कमरे मे चला गया और बेड पर लेटे लेटे अपने सुनहरे पलों को याद करने लगा घंटे भर बाद घरवाले भी आ गये तो मैने चाची से कहा कि चाइ बना लो वो रसोई मे चली गयी मैं सोफे पर बैठा था मम्मी भी उधर ही थी



पर उन्होने अपना मूह फुलाया हुआ था चाची मुझे चाइ पकड़ाते हुवे बोली अभी तुम चुप ही रहना जीजी गुस्से मे है मैने कहा पर किसलिए मैने मम्मी से कहा कि मम्मी आप नाराज़ क्यू हो तो वो बोली तुझे इस से क्या है तुझे तो अपनी मर्ज़ी करनी है तू कर मैं कोन हूँ तेरी ज़िंदगी मे मैने कहा पर बात क्या है वो तो बताओ तो वो बोली जब मैने तेरे लिए उर्वशी को पसंद कर लिया है तो



तो इस लड़की का साथ क्यो नही छोड़ देता और वैसे भी उर्वशी तेरी दोस्त तो है ही मैने कहा हाँ माँ वो तो है पर मिता मेरी ज़िंदगी है आप को पता है मैं आर्मी मे गया ही इसलिए था कि मिता के साथ ब्याह कर सकूँ और आप इस बात को समझ ती नही है मम्मी बोली पर बेटा वो अपनी जात बिरदरी की भी नही है और फिर उर्वशी देख कितनी सुंदर है




मैने कहा माँ तेरा बेटा भी कोई सलमान ख़ान या अक्षय कुमार तो है नही आप मेरे दिल की भी तो समझो आज तक जैसा भी घरवालो ने कहा बिना कुछ कहे मैने हर एक कहा किया है परंतु मेरा भी एक दिल है जो बस मिता के लिए ही धड़कता है मम्मी अगर आप चाहती ही हो तो करदो मेरा ब्याह उर्वशी के साथ पर उस से क्या मैं खुश रह पाउन्गा कभी नही



दोस्ती एक अलग चीज़ होती है और प्यार एक अलग चीज़ होती है आप तो माँ हो फ़ि भी आप अपने बेटे को नही समझ पाई ये कैसी ज़िद है आपकी मैं बात घुमा फिरा के नही करता मम्मी पर बस इतना ही जानता हू कि मिता नही तो मैं भी कुछ नही माँ उस से मेरा सांसो का रिश्ता है धड़कन बनकर धड़कती ही वो मेरे जिस्म मे बताओ अब मैं धड़कन को कैसे जुदा करू

मम्मी बोली अब मैं क्या कहूँ तू बड़ा हो गया है जब इतना बड़ा फ़ैसला तूने खुद कर ही लिया है तो फिर मैं कॉन होती हूँ रोकने वाली तुझे ज़्यादा कुछ कहूँगी तो फिर घर आना बंद कर देगा वैसे भी जमाना बदल रहा है आजकल माँ बाप कहाँ महत्व रखते है बच्ची के लिए मैने कहा आप का हक़ है आप कुछ भी कह सकती है पर ब्याह करूगा तो मिता के साथ ही बाकी आपकी हर बात मंजूर है मुझे




मुझे पता था कि अब मम्मी का ड्रामा लंबा चलने वाला है तो मैने फ्रिड्ज से एक बियर की कॅन निकाली और घर से बाहर आ गया मेरा मूड भी ऑफ हो गया था साला बचपन से बस घरवालो के अनुसार ही तो जिया था बस एक ही इच्छा अपनी कि मिथ्लेश को घरवाली बनाऊ दिल तो किया कि अभी निकल जाउ वापिस देल्ही पर छुट्टी भी बाकी पड़ी तो वहाँ भी ना जा सकता



तो फिर मैं निकल पड़ा बाहर की ओर पर दिमाग़ खराब था तो कुछ सूझ नही रहा था तो फिर ऐसे ही तालाब के किनारे पर जाके बैठ गया अंधेरा घिरने लगा था पर मैं वही बैठा हुआ था शांत होके मैं सोच रहा था कि काश घरवाले समझ सके मेरे दिल की बात , फिर मेरा फोन बजा तो देखा कि सोनू की कॉल थी वो बोली तुम 9 बजे तक आ जाना मैं आज रात अकेली ही हूँ घर पे



मैने कहा ठीक है वैसे भी मैं घर पे नही जाना चाहता था तो अच्छा हुआ उसका फोन आ गया भूख भी लग आई थी तो अड्डे पर ही थोडा बहुत खा- पी लिया और फिर कुछ देर घूमने फिरने के बाद चल पड़ा सोनू के घर पर वैसे भी जाड़े के दिनो मे सब लोग जल्दी ही सो जाया करते है और धून्ध थी तो मैं उसकी आड़ मे उसके घर पहुच गया




उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या लग रही थी सोनू उस लाल साड़ी मे कसम से कयामत से कम नही लग रही थी वो उपर से पूरी तरह का शृंगार मेरे अंदर आते ही उसने गली मे इधर उधर देखा और फिर झट से किवाड़ बंद कर लिया तो मैने उसको तुरंत ही बाहों मे भर लिया और उसकी गान्ड को दबाते हुए बोला क्या जाबर माल लग रही हो भाभी आज तो



तो वो मेरी बाहों से निकलते हुए बोली अब तुम इतने दिन से पीछे पड़े हो तो तुम्हारे लिए ही सजी हूँ आज सोचा कि आज तुमको ऐश करवा ही देती हू वरना तंग करते ही रहोगे सोनू बोली उपर चॉबारे मे चलो मेरा कमरा वो ही है तो मैं उसके पीछे पीछे उपर आ गया और आते ही उसको दबोच लिया और अपने होठ उसके सुर्ख होंठो पर लगा दिए वो भी किसी प्यासी की तरह मुझसे लिपट गयी



कुछ ही देर मैं उसकी पूरी लिपीसटिक चाट गया और साथ ही उसकी साड़ी भी उतार दी बेहद ही कसे हुए पेटिकोट से उसकी बाहर को निकलती गान्ड मे तो पागल ही हो गया बस फिर जल्दी से उसका पेटिकोट और ब्लाउज भी उतार दिया तो सोनू ने पास रखा कंबल ओढ़ लिया और बोली मुझे शरम आ रही है मैने कहा भाभी अब मुझसे क्या शरमाना और फिर मैने कंबल को हटा दिया



लाल ब्रा-पैंटी मे क्या मस्त लग रही थी वो देख कर ही मेरे शरीर की सारी नसें झन झना गयी मैने उसे अपनी गोदी मे बिठा लिया और ब्रा के उपर से ही उसके उभारों को रगड़ने लगा तो वो आहे भरते हुए बोली आहिस्ता से दबाओ तुम्हे तो ज़रा सा भी सबर नही है कितना दर्द होता है आआआआ मैने कहा भाभी बस अब कुछ ना बोलो तुम जो करता हूँ करने दो खुद को मेरे हवाले करदो



फिर मैने धीरे से ब्रा की हूकों को खोल दिया और उनके किलो किलो की चूचियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबा ने लगा तो सोनू पर भी खुमार चढ़ने लगा बोबो को सहलाते हुए मैं उसकी सुरहिदार गर्दन पर किस करने लगा तो सोनू काँपते हुए बोली उफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या कर रहे हो जालिम मैने कहा भाभी बस आपको थोड़ा सा प्यार कर रहा हू और कुछ नही मैं अब बेतहासा उसकी गर्दन और पीठ पर चुंबन अंकित करने लगा



सोनू मेरे चुंबनो से पागल होने लगी थी फिर मैं अपना हाथ उसकी जाँघो के बीच ले गया और कच्छि के उपर से ही दबा ने लगा तो चूत वाला हिस्सा गीला गीला सा हो रहा था मैने तुरंत ही भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगो के बीच आ गया और कच्छि के उपर से ही चूत पर किस करने लगा तो सोनू बेड पर मचलने लगी और मेरे सर पर सहलाते हुए बोली अनाड़ी तो नही हो तुम
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#59
मैने कहा भाभी आज के जमाने मे सब सीखना पड़ता है ना जाने कब काम आ जाए और फिर चूत पर अपने नुकीले दाँत गढ़ा दिए तो भाभी उछल ही पड़ी और मेरे सर को अपनी जाँघो के दरमियाँ दबा लिया कच्छि के उपर से उसकी चूत को चबाने मे बड़ा ही मज़ा आ रहा था मैने पैंटी की स्ट्रीप को साइड मे किया और उसकी झान्टो से भरी चूत की दरार पर अपनी उंगली फिराने लगा सोनू आहे भरते हुए अपनी गान्ड को उछालने लगी



मैने अपनी उग्लिया पैंटी मे फसाई और उसने भी अपनी गान्ड को उठा कर रास्ता क्लियर कर दिया पैंटी को अलग करने पर अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखो के सामने थी सोनू जितनी गोरी थी उसकी चूत उतनी ही अधिक काली थी और घुमावदार बालो ने उसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा दिए मैं अपनी उंगली को चूत के मुख पर रगड़ते हुए बोला भाभी बड़ी प्यारी योनि है आप की



तो वो शरमा गयी और अगले ही पल मैने अपनी उंगली चूत मे धंसा दी भाभी की सिसकी निकल गयी और उसने अपनी आँखे मूंद ली अंदर से बड़ी लाल लाल सी चूत को देखकर मैं तो पागल ही हो रहा था और लंड तो पॅंट मे ही मचल रहा था तो मैने अपनी पॅंट को उतार दिया और फिर भाभी की चूत को अपने होंठो मे भर लिया जैसे ही मैने ऐसा किया चूत की फांको से गाढ़े रस की धार बहकर मेरे मूह मे गिरने लगी खट्टा खारा पानी मेरी ज़ुबान को तर कर गया


मेरे जिस्म का रोम रोम अब बस सोनू भाभी मे समा जाने को आतुर हो रहा था और सोनू अपनी चूत चुस्वाते हुए पागल हुई जा रही थी मैं लगातार अपनी खुरदरी जीभ उसकी योनि पर रगड़ता जा रहा था और मेरा लंड बहुत ही कठोर हो गया था तो मैने अब उसको चूत पर लगा दिया बस कुछ सेकेंड की बात और फिर वो उस रसीली चूत मे समा जाता



पर तभी भाभी बोली एक मिनिट रूको ज़रा और उठ कर बेड की ड्रॉयर से कॉंडम निकाला और उसे मेरे लंड पर लगाते हुए बोली ये ज़रूरी है वरना कही बच्चा ना लग जाए तो मैने भी उनको रोका नही कॉंडम लगा ने के बाद मैने उसकी टाँगो को अपने कंधो पर रख लिया और सुपाडे को चूत पर सज़ा दिया भाभी ने एक तकिया अपने चुतडो के नीचे लगा लिया



अब हम दोनो पूरी तरह से तैयार थे एक दूसरे मे समा जाने के लिए जैसे ही भाभी की योनि मे मेरा सुपाडा अंदर की तरफ गया भाभी बोली मेरी टाँगो को उपर से उतारो तो उन्होने अपनी टाँगे फैला दी और बोली अब डालो अंदर को तो मैने एक तेज धाक्का लगाया और लगभग आधा लंड उसकी चूत मे घुसेड दिया भाभी के बदन ने झटका खाया और फिर मेरा लंड अपना रास्ता बनाते हुए उसकी मुलायम चूत मे जाने लगा



सोनू ने अपनी जाँघो को खीच लिया और अपनी सुडोल बाहें मेरे गले मे डाल दी और बोली पूरा गया क्या तो मैने कहा नही थोड़ा सा बाकी है और उस पर पूरी तरह से छाते हुए बचे हुवे लंड को भी अंदर पहुचा ही दिया तो वो बोली लगता है कि अंदर अड़ गया है मैने कहा ऐसा भी होता है क्या और अब मैं पूरी तरह से उन पर चढ़ गया था



सोनू ने अपनी पकड़ मेरे उपर मजबूत कर दी और मैने भी अपने चेहरे को उन के चेहरे पर झुकते हुए उनके लबों को अपन लबों से छू लिया तो एक रेशमी सा एहसास मेरे मूह मे जैसे घुलता सा चला गया और भाभी ने अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी कितना करेंट था उनकी लिज़लीज़ी जीभ मे मे तो बस अपना कंट्रोल खो ही बैठा मैने लंड को चूत के किनारों तक बाहर खीचा और फिर ज़ोर से एक ही शॉट मे पूरा अंदर सरका दिया



उसकी चीख मेरे गले मे ही घुट कर रह गयी मैने उसकी जीभ को अपने दाँतों मे दबा लिया और भाभी की चूत पर धक्के लगाने शुरू कर दिए सोनू भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी उसकी नरम चूचिया मेरे सीने के बोझ से दबी जा रही थी 5 फुट की वो हुस्न की देवी मेरी बाहों मे दबी पड़ी थी दो बच्चों की माँ होने के बावजूद उसकी चूत मे काफ़ी दम था



उसकी योनि की पंखुड़िया बार बार मेरे लंड से चिपक रही थी और उसकी झान्टो की रागड़ाई तो बड़ा ही मज़ा दे रही थी सोनू लगातार मुझे चूमे जा रही थी और मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था मेरे हर एक धक्के पर सोनू की चूत मचल मचल कर रस बहा रही थी लंड बार बार फिसलते हुए उस गहरी खाई की सैर कर रहा था आख़िर आज मैने सोनू को पा ही लिया था



अब उसने अपनी एक टाँग मेरी कमर पर लगा दी और दूसरी को बिल्कुल सीधी कर लिया मैं उसकी अदा का कायल हो गया मैं उसकी गर्दन पर लव बाइट लगा ता हुआ बोला भाभी बड़ी मस्त हो आप तो वो बोली अब तुम्हे बुलाया है तो मेरा फ़र्ज़ बनता है कि तुम्हे पूरा मज़ा कर्वाऊ वरना फिर कहते फ़िरोगे कि भाभी ने धोका दे दिया तो मैं उसके गालो को चूमता हुआ बोला तो फिर बताओ ना भाभी कैसा लग रहा है



भाभी बोली औज़ार बड़ा ही मोटा है तुम्हारा लगता है आज तो मेरी चूत चिर ही जाएगी पर मज़ा भी बहुत आ रहा है तुम जल्दी नही करो बल्कि धीरे धीरे धक्के लगाओ मैं दूर तक जाना चाहती हू तुम्हारे साथ बल्कि मैं तो कहूँगी कि कुछ देर ऐसे ही पड़े रहो मेरे उपर सोनू तो वास्तव मे बड़ी रंगीली थी मैने कहा भाभी आप तो पूरी मस्त मलाई हो



वो बोली थोड़े दिन पहले डीवीडी पर एक बीएफ दिखाई थी पातिदेव ने मेरी तो इच्छा थी उसकी तरह से ही चुदने को पर उनको कह ही ना पाई पर अब तुम हो तो आज मेरा अंग अंग तोड़ डालो मैं बस पिसना चाहती हूँ तुम्हारी मजबूत बाहों मे मैने कहा मेरी कॅटटो तेरी हर इच्छा पूरी करूँगा पर तुम्हे भी खुल कर मेरा साथ देना पड़ेगा तो वो बोली एक बार मुझे अच्छे रगड़ डालो



फिर बाद मे तुम जैसे चाहोगे मैं वैसे ही करूँगी पर अभी तुम मेरा कहना मानो फिर सोनू घूम गयी और मेर उपर आ गयी उसने अपना एक बोबा मेरे मूह मे डाल दिया और बोली ज़रा चख कर बताओ कि भाभी के थनो का स्वाद कैसा है तो मैने उनके निप्पल को अपने होटो मे दबा लिया और वो मेरे लंड पर अपनी गान्ड को हिलाने लगी सोनू सच मे बड़ी ही ख़िलाड़ीन औरत थी मैं समझ गया था कि पूरा निचोड़ ही डालेगी मुझे पर हम भी फोज की दाल पिए हुए थे



मैने उसके बोबो को पीना शुरू कर दिया था और वो मेरे लंड पर अपनी गान्ड हिला रही थी उसकी चूत की रगड़ से लंड बड़ा ही मस्त हो गया था भाभी बोली लगता है तेरा लंड मेरे पेट तक ही पहुच गया है मैने कहा अब जहाँ भी जाए जाने दो मुझे तो मज़ा आ रहा है और मैने मस्ती मे आकर चूची पर काट लिया


तो वो मना करते हुए बोली दाँत ना लगाओ तुम तो कल चले जाओगे पर पतिदेव को मुझे जवाब देना भारी हो जाएगा थोड़ा सा प्यार से करो ना और अपनी छातिया मेरे चेहरे पर रगड़ने लगी तो मैं और भी पागल हो गया मैने उन्हे कहा कि आप अपने चूतड़ उपर की ओर कर लो मैं नीचे से धक्के लगाता हू क्योनि अब मेरा रुकना मुश्किल हो रहा था



मैने उनके पुट्ठो को मजबूती से थामा और ताबड तोड़ धक्के लगा ने लगा तो उनका कामुक बदन हिलने लगा और वो मेरे सीने पर झुक गयी बड़ी ही प्यारी योनि को मैं अब बुरी तरह से रोन्द रहा था थोड़ी देर बाद मैने उन्हे अपने नीचे ले लिया तो उन्होने अपनी टाँगे मेरी कमर के इर्द गिर्द कर ली और एक बार फिर से हमारे लब एक दूजे से जुड़ गये थे अब ज़रूरत थी बस तेज रफ़्तार की



मेरा हर एक धक्के के बोझ से भाभी दबी जा रही थी भाभी का हिलता हुआ बदन मेरे जिस्म मे अँगारे भर रहा था और सोनू की चूत से तो काफ़ी ज़्यादा रस बह रहा था गीली योनि मे लंड बार बार फिसले जा रहा था सोनू अपना हाथ टाँगो के बीच ले गयी और मेरी गोलियो को सहलाने लगी तो और भी उत्तेजना होने लगी मैं पूरी रफ़्तार लगाते हुवे सोनू को रोन्दे जा रहा था और वो भी बड़ी ही खुशी से मेरी बाहों मे पिस रही थी

मैने कहा भाभी कोढ़ी हो जाओ थोड़ी देर तो वो बोली ना तुम ऐसे ही करो मैं बस झड़ने ही वाली हूँ तुम्हारे लंड को अंदर तक फील कर रही हू मुझे मेरे मज़े से वंचित ना करो बस थोड़ी सी देर की बात है और नीचे से अपनी गान्ड को उपर नीचे करने लगी उफ़फ्फ़ यार कितनी चुदासी औरत थी ये वैसे तो बड़ी सरीफ़ बनती है पर बेड पर देखो क्या कयामत है



खैर, मैं तो पूरी रफ़्तार से लगा ही हुआ था उनको चोदने को तो फिर कुछ मिनिट और बीते होंगे कि भाभी मुझ से किसी जोंक की तरह चिपक गयी उनके नाख़ून मेरी पीठ मे गढ़ गये गीली चूत और भी बह गयी थी भाभी मुझसे ऐसी चिपक गयी थी जैसे की फेविकोल लगा दिया हो बस उनकी कमर ही धीरे धीरे से हिल रही थी पर मेरी नसें भी अब खून के दोरे से भड़कने लगी थी



सारा खून बस नसों मे एकत्रित होने लगा था लंड की नसें उभर कर मोटी हो गयी थी मैं भी बस पल दो पल मे ही ढेर होने वाला था और फिर आख़िर मेरे लंड ने भी झटके खाते हुए अपना पानी कॉंडम मे ही छोड़ दिया और मैं भाभी के उपर ही पसर गया बड़ा ही सुकून मिला था मुझे करीब बीस पच्चीस मिनिट तक मैं झड़ने के बाद भी सोनू के उपर ही पड़ा रहा वो मुझे अपने से चिपकाए रही



लंड तो कबका सिकुड कर चूत से बाहर आ गया था फिर सोनू ने मुझे अपने उपर से हटाया औ शॉल ओढ़ कर बाहर चली गयी मैं भी उठा और मूतने चला गया आकर दो गिलास पानी पिया तो कुछ चैन आया ये भी एक अजीब सी आदत हो गयी थी कि चुदाई के बाद प्यास बड़ी लगती थी तो मैं फिर रज़ाई के अंदर घुस गया और भाभी की इंतज़ार करने लगा करीब बीस मिनिट बाद भाभी एक बड़े गिलास मे दूध लगी और बोली लो ये पी लो तुम्हारे लिए स्पेशल काजू-बादाम वाला दूध लाई हूँ



मैने कहा इसकी क्या ज़रूरत थी भाभी तो वो बोली पी लो आज बड़ी मेहनत करवानी है तुमसे मैने कहा इतना दम तो है मेरे अंदर भाभी पर तुम संभलना कही बीच रास्ते मे ना छोड़ देना तो वो मेरे साथ ही रज़ाई मे आ गयी मैं दूध पीने लगा और उसने अपने हाथ मे मेरा लंड ले लिया वो बोली तुम्हारा मूसल तो बड़ा गजब और कड़क है



मैने कहा आप भी कड़क माल हो सच बताऊ फोज मे कई बार आपके बारे मे सोच सोच कर ही मुट्ठी मारी है तो वो बोली मैं किस किस का ध्यान रखूं अब आज कल तो हर कोई किसी भी सुंदर औरत को नज़रो से ही चोद देता है मैने कहा अब आप इतने ज़ोर का माल हो तो लोगो का भी क्या कसूर तो भाभी बोली वो भी है मैं उनसे बाते करते हुए दूध को घूँट घूँट करके पिए जा रहा था मैने पूछा तुमको कैसे चुदना पसंद है तो वो बोली तुम्हारी जैसे मर्ज़ी आए वैसे चोद लो पूछते क्या हो मैने कहा बताओ ना



वो बोली क्या बताऊ आख़िर लंड जाना तो चूत मे ही है ना मैं बोला बड़ी गंदी बाते कर रही हो तो वो बोली अब मोका है तो मैं भी अपने मन की कर लूँ वरना ग्रहस्ती मे कहाँ फ़ुर्सत मिलती है सारा दिन घर के कामो मे पिलो रात को पतिदेव आए टाँगे उठाई और बस चोद कर सो गये पर तुम्हारी भूखी नज़रो को मैने पहले ही भाँप लिया था और वैसे भी फोजी लोग तो चूत के भूखे होते ही है



मैने कहा वो तो है भाभी , अब फोज मे तो बस गान्ड ही घिसनी है और कुछ नही बस तनख़्वाह मिल जाती है तो बजा रहे है ड्यूटी और कुछ नही है तो सोनू बोली पर तुम तो अफ़सर हो मैने कहा रे भाभी अफ़सर की ही तो गान्ड मे लट्ठ है 24 घंटे जान का जोखिम अलग से तुम्हे पता है कश्मीर मिली थी पहली पोस्टिंग डेढ़ महीना तो फोज के हस्पताल मे ही काटा मैने मैं ही जानू सू कि कैसे रहता हू वहाँ पर



और इधर घरवाले कुछ समझे ना वो बोली सब ठीक हो जाएगा उसके हाथो से स्पर्श से लंड मे दुबारा जान आने लगी थी तो भाभी गोलियो को भी पपोल्ने लगी थी मैं बोला भाभी लंड चूसो ना तो वो रज़ाई मे नीचे को हो गयी और फिर अपने मूह मे मेरी गोली को ले लिया मैने अपना सर बेड के सिरहाने से लगा लिया और भाभी की शरारतों का आनंद लेने लगा



भाभी के चूतड़ मेरी तरफ हो गये थे तो मैने उनको 69 मे ले लिया अब वो मेरे उपर आ गयी थी चूत से आती खुश्बू मेरी नाक मे समाकर मुझे मदहोश करने लगी थी जैसे ही उनके लबों ने मेरे लंड की खाल को टच किया ठीक उसी पर मैं अपने होंठो को चूत से छूने से रोक ना सका और मैने वहाँ पा किस कर दिया सोनू का बदन कांप ही गया



उसके होटो से निकलती भाप जब मेरे लंड पर पड़ी तो कसम से मज़ा ही आ गया मैं अपनी नाक से योनि को रगड़ने लगा तो सोनू भी लंड पर अपनी जीभ का जादू बिखेरने लगी पेशाब करने वाले छिद्र पर वो अपनी जीभ फिराते हुए बोली कितना टेस्टी है तेरा लंड दिल करता है किसी कुलफी की तरह मैं इसको चूस ही जाउ मई बोला भाभी तो फिर चूसो ना



सोनू की भूरी गान्ड का छेद मेरी आँखो के सामने था बेहद ही छोटा सा देखते ही मैं समझ गया कि गान्ड नही मरवाई है इसने अभी तक तो मैने अपनी जीभ वहाँ पर लगा दी और उसके छेद को जीभ से कुरेदने लगा सोनू ने अपने चुतड़ों को भीच लिया और बोली उफफफफफफफफफफफ्फ़ ये क्या कर रहे हो उधर कोई जीभ लगाता है क्या मैने कहा तुम्हारी गान्ड है ही इतनी मस्त कि इसका स्वाद भी तो चखना ज़रूरी है



वो बोली पागल हो तुम , मैं अब कभी उसकी चूत को चाट ता तो कभी उसकी गान्ड को सोनू की चूत फिर से बहने लगी थी और अपना लंड तो चूत देखते ही खड़ा हो जाता था तो उसका जिकर करना बेकार है

हम दोनो पूरी शिद्दत से एक दूसरे के गुप्तांगों का मज़ा लूट रहे थे सोनू जब अपने दाँत लंड पर गढ़ाती तो मेरी तो जान ही अटक जाती दस पंद्रह मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही लगे रहे फिर वो मेरे उपर से उतर गयी उसकी आँखो मे उतर आए नशे से मैं भी झूमने लगा था मैने बड़े प्यार से उसे बेड पर ही कोढ़ी किया और उसके चुतड़ों के बीच से होते हुए लंड को चूत के मुहाने से सटा दिया



सोनू ने अपने हाथो से बेड के सिरहाने को मजबूती से थाम लिया और मैने लंड को अंदर सरका दिया गरम चूत और गरम लंड जब आपस मे टकराए तो फिर चिंगारिया तो उठनी ही थी पर बात चिंगारियो तक नही रुकने वाली थी यहाँ तो शोलो से भड़कती हुए आग जल रही थी जिस्मो मे ये जिस्म की प्यास भी बड़ी ही शातिर होती है जितना भी भुजाओ गे उतनी ही भड़कती जाएगी



ये आग ऐसी जो पानी से भी ना बुझे और बस जलते ही रहो इस मस्तानी आग मे तो हम कॉन से जुदा थे तो फिर कर दी शुरुआत इस आग के दरिया मे डूब ने को मैने उसकी गर्दन को अपने हाथ मे पकड़ लिया और उसके कुल्हो को अपने लंड की ताल पर नाचवाने लगा सोनू का मादक जिस्म आज मेरी पनाह मे था सोनू थोड़ा सा आगे को झुक गयी मैं उसकी पीठ को चूमते हुए अब उसकी चुदाई करने लगा



उसने अपनी टाँगो को आपस मे जैसे चिपका ही लिया था इस वजह से चूत का दरवाजा बड़ा ही संकुचित हो गया था तो घर्षण का मज़ा थोड़ा बढ़ गया था अब लंड पंखुड़ियो से रगड़ ख़ाता हुआ चूत की गहराई को नाप रहा था सोनू आआआआआअ आआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ ओ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ हूऊऊऊऊऊऊऊऊओ ओूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ हाईईईईईईईईईईईईई हाई हाईईईईईईईईईईईईईईईईई



करने लगी थी उसकी सिसकियो से पूरे चॉबारे मे एक अलग सा ही मधुर संगीत जैसे बज रहा हो उसके मांसल चूतड़ लंड के हर धक्के से ताल से ताल मिलाते हुए हिल रहे थे क्या कशिश थी उसके चुतड़ों मे अगर नंगी खड़ी हो जाए तो ऋषि मुनियों का मन भी विचलित कर दे और मैं तो वैसे ही ठहरा हवस का पुजारी अब मैने उसकी कमर को कस कर थाम लिया



और फिर अपनी रफ़्तार को बढ़ाने लगा सोनू की मस्तानी टाँगे काँपने लगी थी उसका कंपन महॉल को और भी कामुक कर रहा था काफ़ी देर तक वो उसी पोज़िशन मे रही फिर वो बोली मेरे पाँव दुखने लगे है और आगे को सरक गयी तो लंड चूत से बाहर निकल आया मैने सोनू को खड़ी किया और खड़े खड़े ही चोदने लगा तो उसने अपने होठ आगे को किए और मुझे किस करने लगी



उसके मलाईदर होठ जैसे मेरे मूह मे घुल ही गये थे मैं उसकी गान्ड को दबाता उसे चोद रहा था और सोनू भी अपनी तरफ से पूरा ज़ोर लगा कर चुदाई का भरपूर आनंद उठा रही थी फिर वो बोली ऐसे ही करते रहो ऐसे ही करते रहो क्या मज़ा आ रहा है काफ़ी दिनो बाद तबीयत से चुद रही हूँ मैं सोनू तो तुम्हारी गुलाम हो गयी है अब जब भी बुलाओ गे तुम तो मैं सब कुछ छोड़ छाड़ कर आ जाउन्गी तुमसे चुदने को



निचोड़ दो मेरी निगोडी चूत की बूँद बूँद को दिल तो कर रहा है कि सारी उमर तुम्हारे मूसल को अपनी चूत मे डाले रहूं उसकी सेक्सी बाते चुदाई को और भी रोमॅंटिक बना रही थी वैसे भी सेक्सी बाते करते हुए चुदाई का तो मज़ा ही निराला है और सोनू तो चॅंपियन निकली थी फिर वो थोड़ी सी झुकी और मेरी चेस्ट पर अपने होंठो से किस करने लगी तो मेरी नसों मे उत्तेजना का पारा और भी बढ़ गया




घनघोर सर्दी के मोसम मे भी हम दोनो का बदन पसीने से नहा गया था फिर उसने जब मेरे निप्पल को अपने होंठो मे भर लिया तो मैं तो कुर्बान ही हो गया था लास्ट टाइम पद्मिपनी के साथ ही रफ सेक्स किया था मैने तो मैने सोनू को अब बेड पर पटका और उसकी टांगो को अपने कंधो पर टिका लिया और उसको अपनी तरफ सरका लिया सोनू की लॅप लपाती हुई चूत मे झट से लंड घुस गया



सोनू ने एक गर्म आह भरी और अपने बोबो को दबाने लगी मैं ताबड तोड़ लंड को अंदर बाहर किए जा रहा था बिस्तर पर मचलती हुई सोनू कीहालत को देख कर मेरा जोश और भी बढ़ ने लगा तो मैं और भी तेज तेज उसको चोदने लगा सोनू की चूत की चिकनाई काफ़ी बढ़ गयी थी जो की संकेत था कि वो झड़ने के करीब ही है और अपना हाल भी उस से कुछ जुदा ना था



8-10 मिनट तक मैने उसकी टाँग अपने कंधो पर ही रखी तो वो बोली कमर दुखने लगी है और मेरा……………. ……. मेरा ………………………. भी ………… पानी छूटने छूटने को हीईीई हाीइ ओह आआआआआआ अहह अहह आआआआआआआआआआआ अहह तूमम्म्ममममममममममममम तुम जल्दी से मेरे उपर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आआऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ जल्दी से ……………………………………………… ……………. ……….




उसकी आँखे वासना के नशे मे गुलाबी हो चुकी थी तो मैं उसके उपर आकर पूरी तरह से उसमे समा गया था उसके कामुक होंठो से टपकती लार को मैं चाटने लगा तो सोनू और भी मस्त होने लगी थी और फिर अचानक ही उसके बदन मे ऐंठन हुवी और वो झड़ने लगी और ठीक उसी पल मेरे लंड ने भी वीर्य उसकी चूत मे छोड़ दिया गरमा गरम गाढ़ा सफेद पानी उसकी योनि के रस मे मिलने लगा



मैं और सोनू दोनो एक साथ ही अपने अपने चरम को प्राप्त हो गये थे पता नही कितनी देर हम झड़ने के बाद भी एक दूसरे की बाहों मे खोए रहे कुछ याद नही बस याद था तो वो मदहोशी का आलम और जिस्मो मे जलती हुवी आग जो और भी भड़कनी थी आज की रात…

शायद थोड़ी देर के लिए हम दोनो की आँख लग गयी थी जब होश आया तो मैं सोनू के उपर से उतरा और बाहर पेशाब करने चला गया पीछे पीछे सोनू भी आ गयी और पास ही बैठ कर मूतने लगी चूत की फांके खुली और स्रर्र्र्र्ररर स्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर स्रर्र्ररर करते हुवे एक मोटी धारा पेशाब की छूट से फुट पड़ी सोनू की आह निकल गयी बाहर कड़ाके की ठंड थी तो गरम पेशाब से उसे अच्छा लगा



फिर हम दोनो रज़ाई मे घुस गये दो पल बाहर गये थे उसी मे ही बदन कांप गया था सोनू मेरी बाहों मे लेटी हुई थी मैने कहा भाभी गान्ड मर्वाओगी क्या तो वो बोली ना बाबा ना आज तक अपने पति से ही ना मरवाई तो तुमसे कैसे मरवा लूँ मैने कहा पर तुम तो कह रही थी कि जो चाहे कर लेना मैं बोला गान्ड तो देनी ही पड़ेगी भाभी वरना आज की रात अपना मिलन अधूरा रह जाएगा



मैने उसका हाथ अपन लंड पर रख रिया , वो बोली पर मैने आज तक गान्ड मे लंड नही लिया है बहुत दर्द होगा मैने कहा भाभी जब चूत मरवाई थी तब भी तो दर्द हुआ था फिर एक बार और सह लो पर सोनू मना करने लगी मैने कहा सुबह होने वाली है फिर पता नही कभी ये रात आए ना आए मुझे प्यासा ना छोड़ो तो वो बोली तुम ज़िद ना किया करो मैं बोला तुम प्यार से गान्ड मरवा लो मैं ज़िद नही करूँगा



वो मेरे लंड को सहलाते हुवे बोली मनोगे तुम नही , तो ठीक है आज की रात तुम मेरे मेहमान हो तुम्हारी हर इच्छा मैं पूरी करूँगी मैने कहा भाभी तुम चिंता ना करो बड़े ही प्यार से लूँगा तुम्हारी गान्ड तुम्हे पता भी नही चलेगा कि कब लंड अंदर घुस गया और फिर तुम्हारी गान्ड है भी तो इतनी प्यारी की मुझसे रुका ही नही जा रहा कब से तुम्हारे चुतडो मे लंड डालने की इच्छा है मेरी आज मुझे पूरी कर लेने दो भाभी




सोनू बोली ठीक है पर ज़्यादा दर्द ना करना आओ ले लो मेरी गान्ड मैने सोनू को उल्टी लिटा दिया जिससे उसके मोटे गद्देदार चूतड़ उपर की तरफ हो गये और मुझे अपनी ओर बुलाने लगे मैने लंड पर थूक लगाया और उसको गान्ड से स्टा दिया धक्का मारा पर गान्ड बेहद ही टाइट थी तो लंड फिसल गया बात नही बनी दो तीन बार ऐसा ही हुआ तो मैने बेड पर रखी बॉडी लोशन की शीशी उठाई



और ढेर सारा लोशन गान्ड के छेद पर माल कर उसको एक दम चिकनी कर दिया और फिर अपने पूरे लंड को भी मल लिया अब वो बेहद ही चिकना हो गया था तो अब मैने जब धक्का लगा या तो लंड का सुपाडा आधा अंदर छेद को चौड़ा करते हुए घुस गया सोनू कि तो जैसे आँखे ही बाहर आ गयी उसकी साँसे अटक ही गयी वो ज़ोर से चीखी ऊऊऊओ माआआआआआआआआआआआआआ मररर्र्रृिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई रीईईई




ओह निकाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ऊऊऊऊऊऊऊऊओ इसकूऊऊ मररर्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई मैईईईईई तूऊऊऊ मारीईईईई रीईईईईई नमआने तुरंत ही अपनी पकड़ उसके बदन पर मजबूत कर दी और एक और धक्का लगाते हुए लंड को अंदर को ठेलने लगा सोनू की गान्ड लंड की मोटाई के बराबर छोड़ी हो गयी तो उसको काफ़ी दर्द होने लगा वो चीखे जा रही थी पर मे लगा रहा



मुझे अच्छी तरह से पता था कि एक बार अगर लंड को गान्ड से हटा लिया तो फिर ये गान्ड कभी नही मिलेगी तो बिना उसकी परवाह किए पूरे लंड को अंदर कर के ही दम लिया मेरे अंडकोष उसके चुतडो से टकरा गये थे सोनू दर्द से रोते हुए बोली बड़ी जलन हो रही है अभिईीईईईईईईईईईईईई अभिईीईईई बाहर करो मैं बोला बस भाभी बस दो मिनट की ही बात है सब ठीक हो जाएगा


और उसके गालो को चूमने लगा पर उसको बड़ी तकलीफ़ हो रही थी पर ये बस थोड़ी देर की ही तो बात थी मैं शांति से उसके उपर पड़ा रहा काफ़ी देर वो सूबकिया ले ले कर रोती रही फिर जब लगा कि कुछ शांत हुई है तो मैने लंड को बाहर की ओर खीचा तो फिर से वो दर्द मे भर गयी मैने कहा भाभी जब इतना दर्द सहा है तो बस थोड़ा सह लो और



और फिर से लंड को गान्ड मे धकेल दिया सोनू दर्द से रोती हुई बोली आज आज मारले आज के बाद मेरी गान्ड को तो तू भूल ही जाना मैने कहा भाभी अगली बार तुम खुद आओगी अपनी गान्ड को मरवाने और फिर मैने दो तीन तेज धक्के मारे तो सोनू बोली आज तो जान ही निकालेगा क्या मेरी देख नही रहा कितनी तकलीफ़ मे हूँ मैं और तू रुक नही सकता क्या



मैने कहा मैं तो रुक जाउ पर ये लंड कम्बख़्त सोता ही नही है ये तो अपनी मर्ज़ी करता है इसे तो बस छेद चाहिए घुसने को और जब छेद आप जैसी गरम औरत का हो तो फिर कहने ही क्या बताओ कैसे कंट्रोल हो मैं सोनू को बातों मे लगाते हुए उसकी गान्ड मे लंड को अंदर बाहर करने लगा था सोनू की गान्ड वास्तव मे बहुत ही शानदार थी




अब उस गान्ड की तारीफ मे मे क्या लिखू जिसमे पहली बार बस मेरा ही लंड गया हो उसकी गान्ड की सील तोड़कर मुझे एक अन्द्रुनि खुशी हो रही थी मैं अब हौले हौले अपने लंड को घर्षण करने लगा था जब लंड को बाहर करता तो गान्ड का छल्ला भी खिच जाता उसकी गान्ड को लंड को बुरी तरह से कसा हुआ था लंड का दम घुट रहा था पर वो भी पक्का शूर वीर था



अब मैं तो बुरी तरह से गरम था तो मैं बस लग गया पूरी ताक़त सी उसकी गान्ड चोदने को सोनू दर्द सी आह आह कर रही थी पर अब मैं उसकी नही सुन ने वाला था तो मैं बस धक्के पर धक्के लगाने लगा और धड़ धड़ करते हुए लंड उसकी गान्ड को चिरने लगा सोनू तो बस मेरे झड़ने का ही इंतज़ार कर रही थी और उसकी गान्ड ने इतना दबाव डाल रखा था लंड पर कि बस मेरा पानी अब निकला अब निकला



सोनू बोली कितनी देर लगाओगे मैं मरी जा रही हू जल्दी से मेरा पीछा छोड़ो ना मैं तेज तेज धक्के लगाते हुए बोला भाभी बस होने ही वाला है तुम बस 5 मिनट रूको मे बस झड ही रहा हूँ और फिर मैने अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और भाभी की गोरे गोरी चुतडो को अपने वीर्य से नहला दिया और फिर तक कर साइड मे गिर गया

सुबा फिर चाइ नाश्ता कर के ही उसके घर से आया मैं, अपने घर आया तो किसी ने ना पूछा कि रात कहा था ना मैने कुछ ज़रूरत महसूस कि किसी से बात करने को सीधा अपने कमरे मे गया और सो गया दोपहर बाद मिता के फोन की रिंग से नींद टूटी तो आँख मल्ता हुआ मैं उठा और उबासी लेते हुए बात करने लगा तो पता चला कि उसने उसकी मम्मी से बात की थी



और उसकी माँ मुझसे मिलना चाहती है तो बताओ कब मैने कहा कल मैं मामा के घर जा रहा हूँ दो चार दिन के लिए आने के बाद मिलते है तो वो बोली अब तुम बहाने बना रहे हो पता है कितनी मुश्किल हुई मुझे मम्मी को ये सब बताने मे पर आख़िर मैने बोल ही दिया और अब तुम मामा के यहाँ तो बाद मे भी जा सकते हो मैने कहा यार मेरा घर वालो से झगड़ा हो गया है



तो अभी मेरा दिल भी नही कर रहा इधर रहने को तू रहने दे तेरे घर पे बोल अभी आ जाता हूँ बॅग उठा कर तो वो बोली ठीक है पर मामा के यहाँ से जल्दी ही आ जाना क्योंकि फिर मुझे भी जाना है अजमेर वापिस मैने कहा हाँ ठीक है वैसे भी अब मेरी छुट्टियाँ अजमेर ही कटेंगी तो वो बोली मैं नही रहने दूँगी तुम्हे अपने साथ और हँसने लगी फिर दो चार बातों के बाद मैने फोन रख दिया और बाहर आया



भूख लग आई थी तो खाना प्लेट मे डाला ही था कि तभी मम्मी भी बाहर से आ गयी और फिर से वो ही सब बाते शुरू हो गयी तो फिर हलक से नीवाला नीचे ना उतरा मैने प्लेट टेबल पर रख दी और बोला मम्मी आप टुकड़ो मे ना सूनाओ एक बार ही निकाल लो ना पूरी भडास तो वो बोली बस मैं एक बात ही चाहती हू कि अगर कोई मेरी बहू बने तो सिर्फ़ उर्वशी ही बने

मैने कहा आप ज़रा भी समझने की कोशिश नही कर रहे हो अभी तो मुझे मिथ्लेश के घरवालो से भी बात करनी है उनको भी मना ना है जब मेरी खुद की माँ ही नही मान रही है तो फिर उन लोगो की क्या उम्मीद लगाऊ मैं आप तो कम से कम मेरा साथ दो और वैसे भी मैं आपको बता चुका हू कि उर्वशी के साथ मैं नही रह पाउन्गा सुख से क्योंकि मोहब्बत तो बस मैं मिथ्लेश से ही करता हू



मम्मी बोली , हाई देखो कितना निर्लज़्ज़ हो गया है माँ के आगे ही कैसे बेशार्मो की तरह जवाब दे रहा है, पता नही क्या जादू कर दिया है उस लड़की ने तुझ पर मैने चाची से कहा क़ि आप ही कुछ समझाओ मम्मी को तो वो बोली मैं कुछ नही बोल सकती बेटे तुम्हारी मम्मी का स्वाभाव तो जानते ही हो और फिर अगर मैं कुछ बोलूँगी तो दो बाते मुझे भी सुना देंगी




हम ठहरे फोजी आदमी फोज मे थे तो अफ़सरो की गालियाँ खाओ , दो घड़ी घर आए तो घरवालो के अलग नखरे बस हम तो पैसा कमाने वाली मशीन बनकर ही रह गये साला सीने मे धड़कते मासूम दिल की धड़कन किसी को भी ना सुनाई दे जाउ तो कहाँ जाउ मैने कहा मम्मी आप से हाथ जोड़कर मैं अपनी खुशी माँगता हू और फिर घर के सभी लोग खुश है मिता से तो आप भी बेटे के सर पर हाथ रख दो



तो वो बोली यही बात बेटे पर भी लागू होती है मैने कहा माँ तू मेरी जान माँग ले फिर बात ही ख़तम हो जाएगी जानती है उधर ड्यूटी पर 24 घंटे जान हथेली पर होती है ना जाने कॉन सी गोली मोत से मुलाकात का संदेशा ले आए और जब घर आओ तो इधर आप लोग ऐसा बर्ताव कर ते है मम्मी बोली मुझे तेरी कोई सफाई ना सुन नी मैने कहा तो ठीक है मैं जा रहा हू वापिस



मुझे भी उस मनहूस दिन कुछ ज़्यादा ही गुस्सा चढ़ गया था मैने अपना बॅग पॅक किया और नीचे आ गया मैने कहा मम्मी मैं जा रहा हू तो वो बोली जा कही भी जा जब तू मेरी मानता ही नही है तो फिर मैं क्यो रोकू , मैने बाइक स्टार्ट की तो उन्होने कहा मोटरसाइकल इधर ही छोड़ कर जा ये मेरे पति के पैसो की है खरीद लेना अपनी नयी अपनी कमाई से



ये सुनकर मेरी आँखो से आँसू छलक आए मैने रोते हुए कहा क्या क्या वापिस माँगो गी मम्मी ये सब कुछ तुम्हारी ही तो देन है , मेरा जीवन मेरी हर एक सांस मैने बाइक बंद की और चाबी को टेबल पर रख दिया और आँसू पोंछते हुए बोला ठीक है माँ अब इस घर से दाना पानी उठ गया मेरा और फिर बॅग लेकर मैं बाहर की ओर चल पड़ा तो पीछे से मम्मी ताना मारते हुवे बोली जा रहा है ना तो सुन फिर मूड के मेरे घर ना आइयो



बस फिर ऐसा निकला उस घर से , साथ थे तो बस आँखो से निकलते कुछ आँसू गली मे मूड ही रहा था कि अनिता भाभी की आवाज़ से कदम ठिठक गये भाभी मेरे पास आई और बोली पागल क्यो हो रहे हो चलो वापिस चलो तो मेरी रुलाई फुट पड़ी मैं उनके गले लग कर फुट फुट कर रोने लगा फिर मैं अलग हुआ और अपने हाथ जोड़कर भाभी से बोला , भाभी को भूल चूक हुवी हो तो माफ़ करना



अब मैं तो परदेसी हो चला घर बेगाना हो गया मेरे लिए भाभी रोते हुवे मुझे रोकती रही पर अब कहाँ रुकना था दिल तो कर रहा था कि काश कोई मेरे पैरो मे बेड़िया बाँध दे पर जो तकदीर खेल खिलाए वो ही खेलना पड़ता है हम कठ पुतलियो को तो बस फिर मैने एक पल को भी मूड के ना देखा बस स्टॅंड आया और सीधा देल्ही की बस पकड़ ली



सारा सफ़र बस आँखो आँखो मे ही कट गया लगा की जैसे किसी ने शरीर से प्राण ही खीच लिए हो पर फोज मे बस यही सीखा था कि एमोशन्स को काबू मे रखो रोना नही चाहे हालत कुछ भी हो तो अगले दिन मैं पहुच गया र&ऑ मे बॉस को रिपोर्ट किया तो वो बोले इतनी जल्दी क्यो आ गये अभी तो कई दिन बाकी थे हॉलिडेज़ के मैने कहा सर बस उधर दिल ही नही लगा तो आ गया



वो बोले ठीक है वैसे मुझे भी तुमसे कुछ डिसकस करना है मैने कहा जी सर वो बोले कि देखो तुम्हे तो पता ही है कि हम लोग किस तरह से वर्क करते है और तुम तो अंबुस के स्पेशलिस्ट हो तो एक मिशन है जिसमे तुम्हारे जैसे जाँबाज़ ऑफीसर की सख़्त ज़रूरत है अगर तुम हम कहो तो फाइल तुम्हारा इंतज़ार कर रही है मैने कहा जैसा आप ठीक समझे सर ………

तो वो बोले कि ठीक है तुम एक दो दिन आराम करो फिर तुम्हे बता ता हू मैने कहा ठीक है सर और वापिस अपनी डेस्क पर आकर काम करने लगा कुछ ही देर मे मुझे मिशन से संबंधित रिपोर्ट मिल गयी तो मैं उसे ही रीड करने लगा तो ये था एक एजेंट के रूप मे मेरा पहला मिशन मुझे प्रयाग जाना था हमारा एक एजेंट वहाँ पर लापता था कुछ टाइम से काफ़ी तलाश किया गया था पर उसका कोई सुराग नही था और मैं नया रेक्रूट था तो खोज बीन के लिए एक दम उपयुक्त था
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मुझे कुछ और डेटा चाहिए था तो मैं साइबर सेल चला गया तो वहाँ मैं हमारे आनलिस्ट से जानकारी लेने लगा तो उसने कहा सर डेटा बेस हॅक होने मे थोड़ा टाइम लग रहा है मैने कहा कोई बात नही मैं वेट करता हू तो फिर उसने मुझे जानकारी दे ही दी मैं अपनी डेस्क पर कॉफी की चुस्किया लेते हुवे पूरे डेटा को अच्छे से रीड कर रहा था



तभी मेरे दिमाग़ की घंटी बजी मैं वापिस भागा साइबर सेल की ओर और जाकर उसी आनलिस्ट जिसका नाम समीर था , पकड़ा मैने कहा समीर तू किसी भी डेटा बेस को हॅक कर सकता है ना तो वो बोला जी सर तो मैने कहा यार मेरा एक पर्सनल काम है कर देगा वो बोला अरे सर आप तो बस हुकुम करिए आप का काम यू हो जाएगा मैने कहा यार एसबीआइ बॅंक के एंप्लायीस का सर्विस डेटा बेस हॅक कर देना



मुझे किसी की आइडेंटी सर्च करनी है तो वो बोला सर आप बैठो अभी कर देता हू तो मैने उसे निशा का नाम बताया अब बस नाम ही था मेरे पास तो खैर, उसने बताया कि सर एसबीआइ मे टोटल 9874 निशा नाम से वर्कर्स है बताओ आप वाली कॉन सी है मैने कहा तू एक काम कर सबका प्रिंट निकाल मैं अपने वाली को पहचान लूँगा तो वो बोला सर प्रिंटिंग मे थोड़ा सा टाइम लगेगा आप जाइए मैं आपकी डेस्क पर डेटा भिजवा दूँगा प्रिंट होते ही



मैने कहा यार थोड़ा सा जल्दी करना और फिर मैं आ गया पर आते ही बॉस ने बुलवा लिया और बोला कि परसो की फ्लाइट है तुम्हारी टिकेट कल सुबह तुम्हारी डेस्क पर होगी और एक नया पासपोर्ट भी जिस पर तुम्हे ट्रॅवेलिंग करनी है बाकी जो भी इन्फर्मेशन वहाँ से रिलेटेड है वो इस एन्वेलप मे है ध्यान से संभाल लेना तुम्हे वहाँ भी अपने लोग है तो चिंता ना करना किसी भी तरह की हर टाइम बॅक अप रहेगा तुम्हारे साथ




बॉस के साथ काफ़ी लंबी मीटिंग चली थी ख़तम होते होते रात के 8 बज गये थे मैं कॅबिन से बाहर आया तो पेट मे भी गुड गु होने लगी थी तो फिर मैं पार्लियामेंट की कॅंटीन चला गया डिन्नर करने के लिए तो लगभग साढ़े 9 बजे मैं वापिस डेस्क पर आया तो एस बीआइ वालो का डेटा मेरा इंतज़ार कर रहा था तो फिर एक कॉफी का ऑर्डर और दिया



और लग गया अपनी दोस्त को तलाशने मे इसी कोशिश मे रात का 1 से कुछ उपर हो गया पर काम नही बन रहा था आँखे भी नींद से बोझिल होने लगी थी पर तभी एक जाना पहचाना चेहरा मेरी नज़रो के सामने आ गया तो आँखे एक झटके मे ही खुलती चली गयी ये थी हमारी प्यारी निशा रानी मैने वो पेज अपने हाथो मे लिया और उसकी तस्वीर को चूम ही लिया



फिर गोर से उसकी सर्विस इन्फर्मेशन को रीड करने लगा तो पता चला कि मेडम साहिबा आजकल लोन मॅनेजर हो गयी है और पूना मे सर्विस कर रही है पर जहाँ पर उसका कॉंटॅक्ट नंबर था वहाँ पर शायद प्रिंटिंग मशीन से डबल प्रिंट हो गया था तो वो दिख नही हो रहा था पर मैं खुश था कि चलो कम से कम पता तो चला कि मेडम है कहाँ पर उसी टाइम मैं एजेन्सी से बाहर निकला और सीढ़ियो पर ही खुशी से नाचने लगा



समीर ने बड़ा ही अहसान किया था मुझ पर जो मैं कभी भी चुका नही सकता था जेब से फोन निकाल कर ऑन किया तो पता चला कि घर से ढेर सारे मिस कॉल थे पर मैने सोच लिया था कि वापिस कॉल करना ही नही है और नही उनका फोन उठाना है पर दिल मे एक तरफ निशा के मिलने की खुशी भी थी तो दिल साला पता नही कैसे बिहेव कर रहा था मैं तो पगला ही गया था



पर फिर वो खुशी थोड़े ही पलो मे दूर हो गयी क्योंकि अब मुझे प्राग जाना था तो बस फिर दिल को ऐसे ही समझा लिया कि जितनी जल्दी हो सके मिशन ख़तम करके फिर सीधा पूना पहुचना है तो दो दिन बाद मैं चल पड़ा अपनी ज़िंदगी के पहले हवाई सफ़र पर विदेश जाने का पहला मोका था तो दिल वैसे भी कुछ ज़्यादा ही उछाल रहा था तो पहुच ही गये वहाँ पर




एरपोर्ट पर ही मुझे हमारा दूसरा एजेंट मिल गया था तो उसके साथ फिर मैं ठिकाने पर चला गया सफ़र की थकान थी तो बस कुछ देर के लिए सो गया और फिर तरो ताज़ा होकर वहाँ की लोकल डीटेल्स ली और अपने मिशन को आक्टीवेट कर दिया मुझे बड़े ही ख़ुफ़िया तरीके से काम करना था क्योंकि हो सकता था कि एजेंट को किसी दूसरी ऑर्गनाइगेशन ने पकड़ लिया हो या फिर वो ही हमे डबल क्रॉस कर गया हो



एजेंट मे 90% का तो पता ही नही चलता की कॉन अपना है कॉन पराया जल्दी ही मैने वहाँ अपना नेटवर्क बना लिया और एक नये तरीके से अपनी रिपोर्ट बना ने लगा तो पता चला कि सेंसेस रोड पर एक पिज़्ज़ा शॉप है वो अक्सर क्या लगभग डेली ही उधर शाम को जाया करता था अब सरकारी पैसे का नेताओ के बाद कोई दुरुपयोग करता है तो बस वो ख़ुफ़िया एजेंट्स ही होते है



तो मैने भी सोचा कि थोड़ा टाइम इधर ही बिताना पड़ेगा ताकि कुछ इन्फर्मेशन निकाल सकूँ , तो हर शाम अपन भी उधर ही डेरा जमाने लगे साथी ने बताया था कि वहाँ पर एक वेटर काम करती है जेनी , उस से अपने बंदे का थोड़ा मेल मिलाप था ये सुनकर अपन और भी खुश हो गये क्या पता काम के बहाने चूत का भी जुगाड़ हो जाए तो कहने ही क्या पर मेन मुद्दा तो था अपने बंदे की तलाश करने का

मुझे मिलना था जेनी से पर पता चला कि पिछले कई दिनो से वो काम पर आ ही नही रही थी अड्रेस निकाला उसके फ्लॅट पर गया तो पता चला की वो भी कई दिनो से बंद ही है तो मैने एक रात को सोचा कि चुपके से उसके फ्लॅट की तलाशी ली जाए तो मैं अपनी योजना बना ने लगा एक अंधेरे मे तीर जलाने जैसा ही था पर अब काम तो होता है काम



तो एक रात आख़िर मैं मास्टर की से उसके फ्लॅट मे दाखिल हो ही गया और अपनी तहकीकात शुरू कर दी पूरा फ्लॅट छान मारा सब कुछ बड़े ही करीने से सजाया गया था पर मतलब का समान कुछ मिल नही रहा था तभी मेरी नज़र सेल्लिंग पर गयी बड़ी ही खूबसूरत डिज़ाइन बनी हुई थी तभी दिमाग़ मे आया कि सेलिंग की फिटिंग को भी देखा जाए वो भी एक अच्छी जगह थी कुछ छुपाने के लिए



मैने एक छड़ी की सहयता से जाँच करना शुरू किया और आख़िर मुझे एक जगह पर थोथा पन मिल ही गया तो मैने वहाँ से उसुको उखाड़ लिया और देखता क्या हूँ कि एक ब्लॅक कलर का बॅग था मैने बॅग को अपने क़ब्ज़े मे लिया और शांति से वहाँ से खिसक लिया और अपने अड्डे पर आ गया बॅग से 7-8 पासपोर्ट और करीब 1 लाख यूरो और कुछ ब्लू प्रिंट्स भी बरामद हुए शायद ये किसी तरह का प्लान था



मैने डॉक्युमेंट्स को अच्छे से रीड किया और फिर बॉस को फोन लगाया और बताया कि सर, मुझे पुर्तगाल जाना होगा और मुझे अब एक कंप्यूटर एक्सपर्ट भी चाहिए तो वो बोले की ठीक है मैं एक नंबर देता हू उसपे कॉल करो तुम्हारा जाने का इंतज़ाम हो जाएगा और पुर्तगाल मे पहुचते ही तुम्हे तुम्हारी टीम रेडी मिलेगी पर तुम्हे एक बार फिर से बताना चाहूँगा कि हमारा एजेंट हमें ज़िंदा चाहिए और हाँ वहाँ पर किसी को मार ना देना



क्योंकि पुर्तगाल के साथ हमारी टीटी नही है तो थोड़ा देख लेना मैने कहा आप चिंता ना करे मैं सब संभाल लूँगा तो फिर तैयारी हो गयी पुर्ताल जाने की , अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर मुझे कैसे पता चला कि जानी पुर्तगाल मे है दरअसल जब मैं उसके घर की तलाशी ले रहा था तो डस्टबिन मे मुझे कुछ रिसीट मिल गयी थी उसने किसी ट्रॅवेल एजेंट से वहाँ का टिकेट बुक कर वाया था



और देखा जाए तो वो बस एक ट्रॅप भी हो सकता था गुमराह करने के लिए पर मैने चान्स लेने का सोच लिया था तो बस पहुच गये वहाँ जाकर मैने होटेल मे अपने लिए रूम बुक किया और शवर लेने चला गया आकर कपड़े पहने ही थे कि गेट पर दस्तक हुई मैने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बेहद ही गोरी चिटी और मुझसे भी लंबी 39-40 साल की बड़ी ही खूबसूरत नीली आँखो वाली औरत खड़ी थी



गेट खुलते ही वो झट से अंदर आई और बोली कि कोड बताओ मैने कहा कॉन सा कोड तो वो बोली जिस ऑर्गनाइज़ेशन के लिए तुम काम करते हो मैं भी उसी की एजेंट हूँ मैने झूठ बोलते हुए कहा कि मेडम आपको कोई ग़लत फ़हमी गयी है मैं तो एक टूरिस्ट हूँ जो घूमने आया है तो उसने कहा एजेंट शेरशाह, आप कोड बताओ ताकि हम फिर बात कर सके



शेरशाह , तो इसे मेरा कोड नेम पता था पर ये सब तो नॉर्मल था एजेंट्स वास्तव मे बहुत ही शातिर होते है मैने कहा सॉरी ट्रूली आप को ज़रूर कोई वहाँ हुआ है तो वो बोली नोसिखिए लोगो के साथ काम करने का यही प्राब्लम होती है काम आता नही और आ जाते है फील्ड मे तुम्हे पता है तुम्हारा मिशन इम्प्लान्ट हो चुका है हमारा एजेंट पता नही ज़िंदा है या नही और तुम अपनी आइडी के बारे मे सोच रहे हो रूको एक मिनट


उसने तुरंत ही देल्ही हेडक्वॉर्टर मे बॉस से कॉंटॅक्ट किया तब मुझे उस पे ट्रस्ट हुआ और बॉस से लताड़ भी पड़ी बॉस बोले पता नही क्या सोच कर मिनिस्ट्री तुम जैसे को उठा लाई बॉस ने डेड लाइन दी और दो चार और बाते सुना दी मैने उस लेडी को सॉरी कहा उसने कहा की आगे से ध्यान रखना और हा थोड़े से फ्लेक्सिबल हो जाओ ये फील्ड बहुत इम्तिहान लेने वाली है तुम्हारे



मैने उसका नाम पूछा तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि वॉट’स इन आ नेम डियर , बट यू कॅन कॉल मी सोफीया , तो मैने कहा बाकी टीम मेंबर कहाँ है वो बोली शाम तक हमें कंप्यूटर एक्सपर्ट मिल जाएगा वैसे तुम्हे 3-4 लोगो से ही काम चल जाएगा ना मैने कहा हम हो जाएगा दो दिनो मे ही हम ने काफ़ी इनोफ़ॉर्मेशन निकाल ली थी एरपोर्ट के एग्ज़िट के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उसने एक टॅक्सी हाइयर की थी



तो उठा लिया टॅक्सी वाले को और जानी की फोटो दिखा कर पूछताछ शुरू की उसने तुरंत ही बता दिया कि कहाँ पर ड्रॉप किया था उसे तो मैने कृष्णन को उस एरिया मे भेजा रेकी के लिए तो पता चला कि जानी जिस घर मे रह रही थी वो वहाँ के एक लोकल गुंडे का घर था जो ड्रग्स मे डील करता था लोकल गुंडे का प्राग की सिटिज़न जानी से कैसे कनेक्षन बात कुछ समझ नही आई



सोफ़िया ने कुछ और जानकारी जुटाई थी जो बड़ी ही इंपॉर्टेंट थी मैं चाहता तो 10 मिनट मे जानी को उठा सकता था पर बॉस का ऑर्डर था कि चुपचाप टास्क कंप्लीट करना तो थोड़ी मुस्किल हो रही थी , सोफीया ने जुगाड़ करके जानी वाले बंगले की सामने वाली बिल्डिंग मे एक फ्लॅट का इंतज़ाम कर दिया था ताकि हम अच्छे से ओब्ज़र्व कर सके बस किसी तरह से ये कोनफेरम हो जाए क़ि मेरा एजेंट उसी बंगले मे है तो मैं उसे झट से निकल लाउ



पिछले कई दिनो से हम लोग अपने प्लान को फिनिश करने के चक्कर मे थे और जैसे ही अंदर के फोन का कॉल रेकॉर्ड मेरे हाथ मे आया तो मेरी आँखे चमक उठी मैने सोफ़िया को कहा कि क्या तुम मेरे साथ आज डिन्नर करने चलोगि कुछ ही दिनो मे उस से थोड़ी दोस्ती सी भी हो गयी थी उसने एक भरपूर निगाह मेरे उपर डाली और बोली ओके चलते है आज शाम

तो मैं भी खुश हो गया सोचा कई दिनो से काम मे पड़े है तो थोड़ा सा रेफ्रेशमेंट भी हो जाएगा और सोफीया जिसका फिगर गीता जैसा था तो उसपे भी थोड़ी सी लाइन मार लूँगा हालत अपने कुछ ऐसे हो गये थे कि कुछ दिन चूत ना मिले तो भारी भारी सा लगता था तो फिर उस शाम मैं और सोफीया निकल पड़े बाहर के लिए



उसको उस सहर के बारे मे काफ़ी अच्छी जानकारी थी तो उसी ने एक रेस्टोरेंट रेकमेंड किया डिन्नर काफ़ी शानदार था उसके बाद हम बाहर रोड पर ही बूज़ करते हुए घूमने लगे फिर हम एक टेलिफोन बूथ के नीचे बैठ गये और बाते करने लगे वो बोली तुम अच्छे पर्सन हो विद प्यूर हार्ट तो मैने कहा तुम भी अच्छी हो इंडिया मे मेरी एक फ्रेंड है तुम्हारी ही एज की



तो मुझे उसकी याद आती है जब भी तुमको देखता हूँ वो बोली मेरी एज की फ्रेंड ?????????????????????????? मैने कहा डियर, एवेरिवन हॅविंग सम नॉटी सीक्रेट्स तो वो मेरी आँखो मे देखते हुए बोली लगते नही हो पर हो बड़े ही घुटे हुए जो मैने कहा सच कहूँ तो तुम भी बड़ी ही प्यारी हो वो बोली इम मेच्यूर लेडी नाउ नोट आ प्रेटी यू कॅन सी सम वृन्केल्स ऑन माइ फेस मैने कहा देन व्हाट दट थिंग्स आर नोट मॅटर



इफ़ यू आर ब्यूटिफुल , यू आर …………. ………………….. तो वो ब्लश करने लगी वो बोली फ्लर्ट कर रहे हो मेरे साथ मैने कहा यार ऑल लॅडीस की यही प्राब्लम होती है अगर कोई उनकी तारीफ करे तो उनको लगता है कि फ्लर्ट कर रहे है वो बोली स्मार्ट आन्सर मैने कहा सोफीया मिशन के बाद हम अलग हो जाएँगे क्या पता फिर कभी मिल पाए या ना मिल पाए


तो वो बोली डॉन’ट वरी वी विल बी इन टच थ्रू फ़ेसबुक आइ विल टेल यू माइ ईद देअर मैने कहा पर यार मेरा तो एकाउंट है ही नही तो वो बोली कि डॉन’ट वरी मैं बना दूँगी तुम्हारा एकाउंट फिर हम वोड्का के सीप लेने लगे ठंडी हवा उसके खुले बालो को और भी लहरा रहे थे तो मुझे वो बड़ी अच्छी लगने लगी मैने कहा डियर कुड आइ एबल टू किस यू



तो उसने मुझे चीक्स पर किस कर दिया मैने कहा आइ डिज़र्व आ स्मूच डियर, तो उसने अपनी आँखे ततेरते हुवे कहा आर यू क्रेज़ी मैने कहा यस आइ आम, और अगले ही पल मैने आगे बढ़ कर उसके लबों को अपने लबों से जोड़ दिया और उसको किस करने लगा पर जल्दी ही मुझसे दूर हो गयी और बोली वी कॅन’ट डू दिस यू आर लाइक माइ सन’स एज मैने कहा डियर दिस थिंग डज़न’ट मॅटर



मैने बूथ का दरवाजा खोला और उसको अपने समेत अंदर खीच लिया उस छोटी सी जगह मे हम दोनो एक दूसरे से सट कर खड़े थे मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको अपने से चिपका लिया तो मेरा पॅंट मे उभरा हुवा लंड उसकी योनि वाले हिस्से पर दबाव डालने लगा मैने सोफीया की आँखो मे देखा और फिर से उसको किस करने लगा उसके क्रीमी होठ मेरे होंठों से जुड़ चुके थे मैने अपना हाथ उसकी स्कर्ट मे डाल दिया



और पेंटी क उपर से ही चूत को दबाने लगा वाइट पैंटी धीरे धीरे गेली होने लगी थी मैने फिर उसकी पैंटी को घुटनो तक सरका दिया और अपनी ज़िप खोलकर लंड को बाहर निकाल कर उसके हाथ मे दे दिया वो उसे सहलात हुए बोली यू गॉट सच आ हॉट रोड और उसे भीचने लगी जबकि मैं अब उसकी गर्दन को चूमने लगा था सोफीया का शरीर भी अब अच्छे से रेस्पॉंड करने लगा था


मैने उसकी ड्रेस को खोल दिया और उसकी ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो बोली डू इट फास्टर वी डॉन’ट हॅव मच टाइम डॉन’ट फर्गेट वी आर ऑन ड्यूटी उसने अपनी टाँगे थोड़ा सा फैला दी तो मैनी अपने लंड को वहाँ पर लगाया और अंदर डालने लगा सोफीया ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मैं धीरे धीरे करके लंड को अंदर करने लगा मेरे जीवन मे ये पहला चान्स था



किसी गोरी में को रगड़ने का तो मैं थोड़ा सा ज़्यादा ही उत्तेजित हो रहा था और उपर से कुछ शराब का नशा तो मैं उसके लबों को पीते हुवे बस चोदना शुरू किया ही था कि मेरे फोन की रिंग बज उठी मैने झट से फोन को पिक किया तो मेरी टीम मेंबर ने बताया कि सर इसी वक़्त आप यहाँ आ जाइए कुछ इंपॉर्टेंट इन्फर्मेशन हाथ लगी है अब उसे कॉन बताए कि सर भी तो इंपॉर्टेंट काम ही कर रहा था



मैने चूत से लंड को बाहर निकाला और पॅंट को पहन ने लगा तो सोफीया बोली व्हाट हॅपंड तो उसने मुझे देखते हुए स्माइल दी और बोली बेटर लक नेक्स्ट टाइम फिर हम ने पार्किंग लॉट से कार ली और अपने अड्डे पर पहुच गये अब साला काम भी ऐसा था कि इसमे तुरंत ही रेस्पॉंड ज़रूरी था वरना हम इंडियन्स तो हर काम को टालने मे बड़े ही माहिर है



मैने कहा हाँ भाई बता क्या बात है तो उसने कहा कि सर, दो दिन बाद जानी एक पार्टी ऑर्गनाइज़ कर रही है और बात चेट से पता लगा है कि कुछ माफिया डॉन्स और इंटरनॅशनल हेड्स भी आने वाले है मैने कहा जैसे कि तो वो बोला सर जैसे …….. तो वो बोला सर लिस्ट ये रही आप ही पढ़ लो जैसे जैसे मैं लिस्ट पढ़ता गया तो मेरी आँखे फैलती गयी



मैने कहा ज़रा अपने डेटा बेस से लिस्ट मॅच करो तो बोला सर वो मई पहले ही कर चुका हूँ पर ख़ास बात ये है कि कुछ नाम ऐसे है जिनके बारे मे अलग अलग लोकेशन्स पर हमारे एजेंट्स के मिशन आक्टीवेट है मैने कहा कनेक्ट टू दा बॉस इमीडीएटली तो लगा फिर से फोन बॉस को मैने कहा सर ये बात है ईमेल देखिए लिस्ट आपके पास आ चुकी है तो कुछ देर बाद वो बोले



देखो बात ऐसी है कि हम डाइरेक्ट रूप से मिशन आक्टीवेट नही कर सकते वहाँ पर इस से दुश्मनो को फिर से युनाइटेड नेशन्स मे हमारे खिलाफ केस करने का मोका मिल जाएगा हा पर अगर तुम कुछ ऐसा प्लान कर सको कि बस अपना काम भी निकल जाए और पता भी ना हो तो फिर कुछ हो सकता है बॉस की ये ही बात तो मुझे बड़ी बुरी लगती थी दोनो हाथो मे लड्डू रखना हमेशा



मैने कहा सर कुछ लोग मर वर जाएँ तो , वो बोले मुझे पता था कि तुम्हे खुजली हो गयी होगी जो करना है करो पर इतना ध्यान रखना कि कही से भी ये नही लगना चाहिए कि रॉ की इनवोलव्मेंट है मैने कहा सर यू डॉन’ट वरी अब मैं मिशन पूरा होने के बाद ही कॉल करूँगा मैने सीपी को कहा कि जल्दी से बंगले का इन्नर और आउटर नक्शे का एग्ज़ॅक्ट ब्लूप्रिंट दो तो वो अपने काम मे लग गया



शराब का नशा कब का उतर चुका था अब टाइम था अपने प्लान को एक्सेक्यूट करने का मैने कहा हम अलग अलग एंट्री करेंगे बंगल मे सोफीया तुम गेस्ट बनकर जाओगी, पंकज तुम केर्टेकर बनकर और मैं जाउन्गा वेटर बनकर मैने सीपी से कहा तुम इधर ही रहोगे और हमे मॉनिटेर करोगे और जो भी हो पल पल की रिपोर्ट हमे देते रहोगे और हाँ सबसे मेन बात देअर् इस नंबर प्लान बी अगर कोई भी गड़बड़ होती है तो सीधा अंबुस करेंगे जो होगा देखा जायगा

तो फिर आख़िर वो दिन आ ही गया जब हमें अपना टारगेट सेट करना था पर अभी तक ये कनफार्म नही हुआ था कि हमारा एजेंट उधर था या नही तो लास्ट मोमेंट मैने थोड़ा सा चेंज किया कि टीम जानी को उठाएगी और मैं अपने एजेंट को देखूँगा अंदर और क्या पता कुछ और इन्फर्मेशन निकल आए तो तय दिन हम सब अपने अपने तरीके से एंटर कर गये


मैं वेटर के भेस मे था तो आसानी से लगभग पूरे ही बंगल मे घूम फिर रहा था तो मैने ओब्ज़र्व कर ही लिया कि अपराध की दुनिया की कई बड़ी हस्तिया मोजूद थी पर अपने को क्या अपने को तो बस अपने काम से काम रखना था पर कही पर भी जानी नही दिख रही थी मैने सोफीया से कहा कि जानी दिखी तो उसने भी मना किया तो मैं सोच मे पड़ गया कि कही सालो का ट्रॅप तो नही है ये



पर जल्दी ही मेरी चिंता दूर हो गयी जानी अपने किसी दोस्त या बाय्फ्रेंड जो भी था उसके साथ ही आ गयी और फिर पार्टी शुरू हो गयी तो एक डेढ़ घंटे बस फालतू का नाच गाना ही होता रहा फिर हमारे सीपी ने इन्फर्मेशन दी कि सर उपर के एक कमरे मे एक मीटिंग शुरू हो गयी है और अपना बंदा भी उधर ही है वो ही कुछ ऑपरेट कर रहा था मतलब की साला डबल गेम खेल गया था एजेन्सी के साथ



मैने कहा सोफीया दस मिनट बाद हम अपना प्लान एक्सेक्यूट कर देंगे तुम्हारा फोकस बस इस बात पे होना चाहिए कि जानी को सफाई से किडनॅप करना और फिर तुम बस निकल जाना मेरी या किसी भी टीम मेंबर की कोई फिकर करने की ज़रूरत नही है जल्दी ही हम सब नये अड्डे पर मिलेंगे ऑर्डर मैने दोबारा से दोहराया मैने फिर अपने साथी को कहा मैं उपर जा रहा हू ठीक दो मिनट बाद लाइट कट कर देना



जो भी करना है बस दो मिनट मे ही होगा , मैने फुर्ती से गन पर साइलेनसर लगाया और नाइट विजन पहन लिया लाइट कट होते ही मैने उस कमरे का लॉक खोला और एंटर कर गया हर कोई लाइट वालो को ही चिल्ला रहा था जबकि मैने चुपके से अपने एजेंट के पास जाकर उसकी बाँह को पकड़ लिया पर मुझसे एक बड़ी चूक हो गयी थी कि मैं भूल गया था की आजकल पवर बॅकप भी होता है



एक मिनट मे ही बल्ब फिर से रोशन हो गये और प्लान की ये खामी अब बड़ी मुसीबत खड़ी करने वाली थी , लाइट आते ही मेरी सिचुयेशन अकवर्ड हो गयी थी मैं अब टेबल के पास अपने एजेंट की बाँह पकड़े खड़ा था पालक झपकते ही कई गन्स मेरी तरफ तन गयी , मैने थोड़ी फुर्ती करते हुए मेज को अपनी ढाल बनाया और खिड़की को तोड़ते हुवे नीचे को कूद गया उसको लेकर



पीछे से धना धन गोलिया चलनी शुरू हो गयी नीचे गिरते ही थोड़ी चोट सी लग गयी सेफ लॅंडिंग हो नही पाई थी दूसरे बंदे की वजह से तो फिर मैने अपने को जैसे तैसे कवर किया था कि हमारी गाड़ी आ गयी मैने उसको धक्का देते हुए अंदर डाला और फिर खुद भी चढ़ गया ये सब बड़ी ही तेज़ी से हो गया था मैने कहा निकलो यहाँ से पर हमारे पीछे कुछ ही सेकेंड्स मे उनकी कार्स भी लग गयी थी



और सबसे बड़ी प्राब्लम ये थी कि बॅकप नही था और कंट्री भी दूसरी थी पर अब जो होना था वो तो होकर ही रहना था मैने उसको गन के बट से मारकर बेहोश किया और अपने साथी से बोला कि तू बस पूरा फोकस यहाँ से निकलने मे लगा बाकी मैं देखता हू उसने कहा सर सीट के नीचे फुल कोटा है अम्मू का मैने कहा वाह मेरे शेर अब देख तू आगे और पीछे मैं संभालता हू




पर तभी गोलियो की बोछार से हमारी कार का पिछला शीशा टूट गया तो मैने भी फाइरिंग शुरू कर दी तो दो चार बंदे उधर के भी गिर ही गये पर वो लोग उम्मीद से बहुत ही ज़्यादा थे मैने कहा यार देख सच्चाई तो ये है कि हम इनका सामना नही कर पाएँगे तू कोई शॉर्ट कट है तो बता वो बोला सर आगे एक इलाक़ा आएगा जहा पर कई सुनसान घर है उधर कुछ हो सकता है



मैने कहा उधर ही चल पर वो लोग भी लगातार पीछे बने हुए थे आख़िर मैने मक्ष 9 गन ली उसकी फाइरिंग रेंज कमाल की होती है कुछ कुछ एके 56 जैसी ही होती है मैने कहा कोशिश तो करता ही हूँ कुछ तो साले कम होंगे ही उपर से मुसीबत ये हुई की इतनी फाइरिंग की वजह से लोकल पोलीस भी ऐक्शन मे आ गयी थी तो सिचुयेशन बिल्कुल भी हमारे पक्ष मे नही थी



पर बस हम थे , तो मतलब हम ही थे, उस इलाक़े मे पहुचते ही हम तुरंत कार से उतरे और ऑपोसिट साइड के एक फ्लॅट मे घुस गये और फिर जल्दी ही वो इलाक़ा पोलीस और गंडो से भर गया मैने कहा आगे पीछे की लोकेशन बता जल्दी से तो पता चला कि हमारे से दो बिल्डिंग छोड़ कर एक लेक थी मैने कहा ठीक है हम लेक के रास्ते ही यहाँ से एस्केप करते है वो बोला पर सर पासिबल नही है



मैने कहा देख पोलीस और माफिया भिड़ रहे है तो हमे थोड़ा टाइम मिल रहा है और क्या तूने कभी रन्निंग नही की क्या तो वो बोला ठीक है सर जैसा आप कहे तो मैने उस बेहोश बोझ को अपने उपर लादा और बिल्डिंग के पार्किंग एरिया के पिछले एग्ज़िट से होते हुए लेक के रास्ते से निकल गये अगली सुबह हम अपने अड्डे पर थे वहाँ जाकर पता चला कि अफ़रा तफ़री के महॉल मे सोफीया ने जानी को उड़ा लिया था

सभी लोग बड़े ही थक गये थे , तो कुछ खाने पीने के बाद मैने कहा सोफीया जानी को इंटेरोगेट करो अच्छे से और हाँ कोई भी रहम नही करना तो वो हँसी और बोली देखते जाओ मैं क्या करती हू, दूसरी तरफ मैने हेडक्वॉर्टर मे बॉस को सारी रिपोर्ट दी और कहा की सर भाई साहब तो बड़े खिलाड़ी हो गये है बताओ क्या करू तो वो बोले उसको अभी कुछ नही करना है



मैं जल्दी ही टीम के वहाँ से निकालने का इंतज़ाम करता हूँ तुम इसे लेकर आओगे और सोफीया गायब हो जाएगी और जानी को दूसरे मेंबर्ज़ कवर करेंगे वो बोले कल रात तक तुम्हारा इंडिया लोटने का इंतज़ाम हो जाएगा पॅकिंग कर्लो मैं भी रिलॅक्स हुआ चलो मिशन कंप्लीट हुवा मैने फिर सोफीया को बुलाया और कहा जाने दो साली को और ज़रा मेरे साथ आओ
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