Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 3.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#21
कुछ दिन कौशल्या मामी के साथ बिता लूँ जून मे तो कॉलेज की छुट्टियां पड़ जाएँगी तो मामा आ जाएँगे उस से पहले ही मोर्चा मार देता हूँ तो मैने घर वालो को कहा कि मैं कल मामा के जा रहा हूँ सुबह सुबह ही मैं निकल गया पहले मैं नाना नानी से मिला कुछ देर बैठा उनके पास फिर कौशल्या मामी के घर चल पड़ा मामी मुझे देखते ही खुश हो गयी बोली अब जाके मेरी याद आई है तुमको तो मैने कहा कि पूरा प्लान बना के आया हूँ जून मे तो मामा आजाएँगे तो इस लिए अभी आ गया अब दस पंद्रह दिन बस तुम और मैं फुल मस्ती मारेंगे मामी भी मुस्कुरा पड़ी मैने मेन गेट को बंद कर दिया और उनसे लिपट गया




तो वो बोली रात का इंतज़ार करो वैशे भी शाम तो ढल ही गयी है मैं फटा फट खाना बना लेती हूँ तेरी बड़ी मामी यहाँ नही है तो तू टिफिन ले जाना और माँ-बाबा को दे आईओ और वो कोई काम बताएँ तो मुझे कहियो मैने कपड़े चेंज किए मामी रसोई मे बिजी हो गयी मैं टाइम पास करने को नॉवेल पढ़ने लगा पर मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया मामी सब्ज़ी काट रही थी मैने उनके घाघरे के नाडे को खोल दिया फूलो के डिज़ाइन वाली पेंटी उनकी गान्ड की दरार मे फसि पड़ी थी मामी बोली तुमसे तो ज़रा सा भी सब्र नही होता है तो मैने कहा क्या करूँ आप इतनी अच्छी जो लगती हो तो वो बोली ज़्यादा मस्का मत लगा मैं उनके पीछे खड़ा हो गया और उनके चुतडो को कच्छि के उपर से ही मसल्ने लगा मामी बोली मत कर ना काम करने दे मुझको




तो मैने कहा मैं भी तो काम ही कर रहा हूँ ना उनको भी पता था कि मैं मान ने वाला तो हूँ नही तो उन्होने भी खुद को मेरे हवाले करता रहा मैने आहिस्ता से उनकी कच्छि को नीचे सरका दिया और उनकी चूत मे उंगली डाल दी मामी कसमसाने लगी वो बार बार मुझे मना कर रही थी कुछ देर बाद मैने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकाला और उसे मुँह मे लेके चुँसने लगा मैं बोला मामी आपकी इस गुड़िया का रस तो और भी स्वादिष्ट हो गया है तो वो बोली जो भी है अब तो तेरे लिए ही है आज रात तुझ जी भर के पिलाउन्गि पर अभी तू मुझे खाना बनाने दे तो मैने उनको छोड़ दिया और घर से बाहर आके बैठ गया शाम की बहती हुई ठंडी हवा मे मेरा रोम रोम पुलकित हो रहा था डूबते हुए सूरज का बेहद दिलकश नज़ारा ले रहा था


फिर कोई एक घंटे बाद मैने खाने का टिफिन लिया और बड़ी मामी के घर पे चल पड़ा नाना- नानी को खाना खिलाया तो नानी बोली बेटा दुकान से कुछ मोमबति के पॅकेट ले आ जब मैं दुकान पे जा रहा था तो मुझे रास्ते मे सरोज मिल गयी वो मुझे देखते ही बहुत खुश हो गयी और पूछा तुम कब आए तो मैने कहा आज ही आया हूँ वो बोली कुछ दिन रुकोगे तो मैने कहा कि मैं तो स्पेशली आपसे ही मिलने आया हूँ अब आप देखलो तो वो बोली कल आ जाना दोपहर मे फिर मैं आगे बढ़ गया कौशल्या मामी तक पहुँचते पहुँचते साढ़े 8 हो गये थे जाते ही मामी ने खाना परोस दिया घी मे पूरी तरह से डूबी हुई रोटियो को देख के मैं बोलो ये सब किसलिए तो वो बोली खा ले बेटा आज तुम्हे मेहनत भी बहुत करनी है ओरमेरी तरफ आँख मार दी इसी तरह दस बज गये गर्मी भी कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी मैने सोचा नहा ही लूँ तो मैने मामी का हाथ पकड़ा और उन्हे लेके बाथ रूम मे घूंस गया मैने शवर चला दिया तो मामी बोली कपड़े तो उतार दो भीग जाएँगे मैने कहा भीगने दो और उनको अपने साथ चिपका लिया अब हम दोनो भीगने लगा मैने मामी के जुड़े को खोल के उनकी ज़ुल्फो को आज़ाद कर दिया मामी मेरी आँखो मे आँखे डाले देख रही थी उनके पतले पतले होंटो से बहती पानी की बूंदे मेरी उत्तेजना को बढ़ाने लगी मैने उनकी चोली और घाघरे को उतार दिया अब वो बस ब्रा-पेंटी मे थी कुछ ही पॅलो मे वो भी फर्श पे पड़े हुए थी मामी का योवन मेरे सामने पड़ा था जो बस ये ही कह रहा था कि जितना लूट सके लूट ले मैने अपने कपड़ो को भी उतार दिया




कौशाल्या की कमर मे हाथ डाला और उसे अपनी ऑर खेंच के उसके होंठो को अपने से चिपका लिया और किस करने लगा उसके मुलायम होंठो की महक मेरी सांसो मे जैसे घुलने सी लगी थी मामी ने अपना हाथ आगे बढ़ा या और मेरे लंड पे रख दिया और उसी अपनी मुट्ठी मे भींचने लगी वासना हमारे शरीरो को काबू मे करने लगी थी मैं अब उनकी गरदन को चूमने लगा मेरे हर एक किस के साथ साथ उनकी मदहोशी बढ़ने लगी थी मैं उनके बोबो तक आ गया था मैं उनकी चूची को पीने लगा मामी के निपल कड़े होने लगे उनकी छातिया मस्ती से फूलने लगी ठंडे पानी की बोछार मे भी उनके शरीर की तपन मैं सॉफ सॉफ महसूस कर पा रहा था चूचियो का आज़ाद किया और मैं उनके पेट पे आ गया मैं उनके पूरे शरीर को चूमते चूमते अपनी मंज़िल की ओर आ रहा था



मैने अपने हाथो की पकड़ उनके चुतडो पे बनाई और अपना मुँह उनकी रसीली चूत से सटा दिया मामी ने अपनी टाँगो को खोल सा दिया था ताकि मुझे कोई परेशानी ना हो मैं उनकी चूत की दरार को अपने दांतो से खाने लगा मामी औचह आऊछ!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! करने लगी वो बोली थोड़ा आहिस्ता से काटो ना कही निशान ना लग जाए घाव ना हो जाए मैने अपनी उंगलियो की सहायता से चूत को थोड़ा सा फैलाया और अपनी जीभ से उनके मात्र के साइज़ जैसे दाने को चुँसने लगा मामी का पूरा बदन एक दम से कांप सा गया आख़िर हर औरत का सबसे सेन्सिटिव पार्ट तो ये ही होता है मामी ने अपने हाथो को मेरे सर पे कस लिया और अपनी चूत को चटवाने लगी मामी बोली कई दिनो से प्यासी पड़ी हूँ आज मुझे निचोड़ डाल



आज मेरी चूत की सारी खुंजलि को मिटा दे बस खा जा इसे टुकड़ी टुकड़े कर डाल इस निगोडी को ये बहुत तडपाती है मुझ को आज इसकी सारी हेकड़ी को निकाल दे मैं बस उनकी बातों को सुनते हुए उनकी चूत के दाने को चुँसे जा रहा था पर मैं उन्हे इस तरह से नही झड़ाना चाहता था तो 5-6 मिनट और चुँसने के बाद मैने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया और मामी को अपने घुटनों पे झुकाते हुए लंड को चूत मे प्रविष्ट करवा दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुए उन्हे रगड़ने लगा मामी भी मज़े लेने लगी थी एक तो चुदाई का गरम माहौल और एक उपर से गिरता ठंडा पानी कुल मिला कर माहौल बना पड़ा था मामी की गदराई जवानी को मैं पूरी तरह से लूट रहा था मेरे मारे गये हर धक्के की चोट को बड़े ही कामुकता के साथ झेल रही थी मामी ने अपने सर को थोडा और झुका लिया जिस से उनके चूतड़ और उपर हो गये मैं और आसानी से लंड को अंदर बाहर करने लगा आधे घंटे तक जबरदस्त संग्राम मचाने के बाद मैने उनकी चूत को अपने पानी से भर दिया और परम सुख का अनुभव करने लगा पूरी रात उनकी 4 बार रगड़ के चुदाई की

अगले दिन जब मैं सोकर उठा तो 11 बज रहे थे धूप चढ़ चुकी थी पूरी तरह से आसमान पर मामी ने मुझे देख के बोला आज तो बहुत देर तक सोए हो तो मैने कहा रात को तो आपने सोने ही नही दिया फिर मैं बाहर आया और होदि पे ही नहाने लगा तैयार होके मैं सरोज के घर की तरफ चल पड़ा पर वो ना मिली शायद कहीं गयी हुई थी मैं निराश हो गया और वापिस चल पड़ा पर मेरा मूड नही बन रहा था तो मैं ऐसे ही टाइम पास करने के लिए घूमते घूमते घर से थोड़ा बाहर की तरफ आ गया चारो तरफ दोपहर का सन्नाटा पसरा हुआ था लू चल रही थी साय साय करते हुए मेरी टी-शर्ट पसीने से भीग चूँकि थी मुझे प्यास सी भी लग रही थी गला सूखे जा रहा था थोड़ी और आगे चलने पर मुझे एक बगीचा सा दिखाई दिया



वहाँ पे एक छोटी सी प्याऊ भी बनी हुई थी मैने अपनी प्यास बुझाई और एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया आस पास काफ़ी घने पेड़ पौधे थे उपर से गर्मी की वजह से थोड़ी उमस भी हो रही थी मुझे वो स्थान भा गया तो मैं थोड़ा और अंदर की तरफ चल पड़ा पक्षी कुक रहे थे मैं अंदर और अंदर चल ता गया तो मैने देखा कि कुछ बकरिया और गधे चर रहे थे तो मैने सोचा कि अगर पशु है तो कोई इंसान भी होगा सोचते सोचते मैं और आगे चल पड़ा अब पेड़ पौधे और भी घने हो गये थे तभी मुझे एक पेड़ के साइड से कुछ दिखा मैने सोचा क्या पता कोई छुपा हो चेक करके देखना चाहिए तो मैने अपनी चप्पलो को हाथो मे लिया और उस साइड मे बढ़ने लगा थोड़ी साइड से मैने देखा कि एक लड़की है


सलवार घुटनो तक सरकाए हो चूत मे उंगली के मज़े लिए जा रही थी मेरे अंदर के शैतान ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी मैने गौर से देखा कि वो अपनी आँखो को बंद किए धीरे धीरे कुछ बुदबुदाते हुए उंगली करती जा रही थी मैने सोचा मौका ठीक है चौका मार देता हूँ मैं झट से उसके पास जाके खड़ा हो गया और उसको डाँट ते हुए पूछने लगा कि वो ये क्या कर रही है वो एक दम से घबरा गयी उसने जल्दबाज़ी मे अपनी सलवार उपर करनी चाही पर वो उसके हाथो से छूट गयी और उसके घुटनो से होते हुए उसके पैरो के पास गिर गयी वो थर थर काँपने लगी उसके माथे पे पसीना छलक उठा उसकी सिट्टी पिटी गुम हो गयी थी उसने अपनी नज़रो को झुका लिया और गर्देन नीचे करके खड़ी हो गयी

मैने बिना लग लप्पेट के उसे कहा कि देखो जो तुम कर रही थी वो तो नॉर्मल है सब लोग करते है तुम मुझसे घबराओ मत और अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे कई गुना ज़्यादा मज़ा करवा सकता हूँ जो तुम्हे अपनी उंगली से मिल रहा था वो कुछ बोलती उस से पहले ही मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया जो कि पूरी तरह से तन चुका था लंड को देखते ही उसकी आँखे चौड़ी हो गयी वो चमकने लगी मैने कहा अगर तुम चाहो तो हम दोनो एक दूसरे के अरमानो को पूरा कर सकते है कुछ देर तक वो खामोश खड़ी रही मैं उसके जवाब का इंतज़ार करने लगा फिर वोधीमे से बोली कि पर उसने कभी किसी के साथ किया नही है बस सहेलियो से चुदाई की बाते ही सुनी है और वो तो बस ऐसे ही कभी कभी अपनी चूत मे उंगली कर लेती है मैं बोला चल आज तू भी लंड का मज़ा ले ही ले और उसको अपनी तरफ खींच लिया


वो बोली पर कुछ होगा तो नही मैं बोला कुछ नही होगा तू बस हिम्मत राखियो मैने कहा क्या तुम तैयार हो तो वो बोली सुना है पहली बार मे बहुत ज़्यादा दर्द होता है मैं बोला सुना तो मैने भी है वो बोली कही मैं मर गयी तो ?


मैने कहा आज तक कोई चुदके मरी है क्या जो तुम मरोगी देनी है तो दे वरना भाड़ मे जा आज नही तो कल किसी ना किसी से पहली बार तो चुदेगि ही तो मुझसे ही करवा ले और अगर नही देगी तो तेरे पीछे पीछे तेरे घर चलूँगा और तेरे माँ-बाप को बताउन्गा तेरी करतूतो के बारे मे ये सुनके वो घबरा गयी और बोली ठीक है तुम कर्लो पर मज़ा तो आएगा ना मैने कहा तू खुद ही बता दियो तुझे मज़ा आया कि नही वो लड़की देखने मे तो कुछ भी नही थी पर मुझे क्या करना था



चूत तो चूत ही होती है और फिर किसी ज्ञानी पुरुष ने कहा भी है कि साँप और चूत जहाँ भी मिले चुको मत मार दो तो मैने अपनी पेंट को उतार दिया और साइड मे रख दिया नीचे से वो भी नंगी ही थी मैने उसे पेड़ से सटाया और उसके अनछुए होंटो को चूमने लगा उसको अपने होंटो पर पर पुरुष का स्पर्श कुछ अच्छा नही लग रहा था पर थोड़ी देर मे जब काम ने उसके बदन मे संचार करना शुरू किया तो वो भी मेरा साथ देने लगी मैं बिना रुके उसके होंठो को पिए जा रहा था मैने अपनी हथेली उसकी चूत पे रख दिया और उसको मसल्ने लगा उसकी चूत तो बहुत ही ज़्यादा गरम हो रही थी उसकी चूत की साइड से पसीना बह रहा था मैं अपनी उंगली को उसकी चूत के दाने और उसकी लाइन पे फिराने लगा उसके बदन मे कंपकंपी होने लगी


मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था तो देर करना उचित नही था मैने उसे वही पे पत्तो पे लिटा दिया और उसकी टाँगो को चौड़ा कर दिया मैने अपने मुँह को नीचे किया और ढेर सारा थूक उसकी चूत पे लगा दिया थोड़ा अपने लंड की टोपी पे भी लगाया और लंड को चूत पे सेट कर दिया पहली बार मे लंड फिसल गया कई ट्राइ की पर लंड घूंस ही नही रहा था तो मैने सुपाडे को कस के छेद पे रखा और अपना पूरा ज़ोर लगाते हुए धक्का मारा अबकी बार सुपाडा अंदर घूंस गया जैसे ही सुपाडा अंदर घूँसा उसकी आँखो की आगे तारे नाच उठे सांस गले मे ही अटक गयी उसने अपनी जीभ को दाँतों मे दिया आँखो से आँसुओ की धारा बह निकली वो रोते हुए बोली



रीईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ
आआआआआआआआआआआअ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्रर्डिईईईईईईईईईईईईईय्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआरीईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईई बाआआआआआआहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर न्न्र्रननननननननननन्न्निईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईिककककककककककककककाअ
आआआआआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल लीईईईईईईईईईईईईईईईईई अभी निकाल तू मुझे नही लेना मज्जाआाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ पर मुझे पता था कि एक बार अगर अगर लंड को बाहर निकाल लिया तो फिर ये हाथ नही आए गी वो किसी हलाल होती हुई मुर्गी की तरह हो रही थी तो मैने अपना हाथ उसके मुँह पे रख दिया ताकि वो चीख ना मार सके और एक और धक्का लगाते हुए पूरे लंड को उसकी चूत की गहराइयो मे उतार दिया

मैने उसे कस्के दबोच लिया था मैने अपने हाथ की पकड़ उसके मुँह पे कस दी तो बुरी तरह से फड़फड़ाने की कोशिश कर रही थी पर मेरी बाँहो के चंगुल से निकल नही पाई 5-7 मिनट तक मैं ऐसे ही उसके उपर लड़ा रहा वो भी कुछ शांत हुई तो मैने अपना हाथ उसके मुँह से हटाया उसकी सांसो की गति बहुत ही तेज हो गयी थी मैने पूछा ठीक हो तो वो बोली बहुत दर्द हो रहा है मैं बोला बस अभी दूर हो जाएगा थोड़ी हिम्मत करो मैने उसके होंठो को फिर से चुंसना शुरू किया और धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाने लगा बस धीरे धीरे ही समय बीतने के साथ वो कुछ नॉर्मल तो हो रही थी पर उसको दर्द तो हो ही रहा था उसकी चूत तो हद से ज़्यादा टाइट थी ऐसा एहसास तो मुझे आज तक कभी नही हुई था लग रहा था कि जैसे लंड किसी बोतल मे फस गया हो



चूत ने उसे पूरी तरह से लॉक कर लिया था मैने लंड को एक दम किनारे तक खेंचा और दुबारा अंदर डाल दिया उसने अपनी टाँगो को सीधा कर दिया काफ़ी देर हो चुकी थी तो मैने अब धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया उसके होंठ मेरे मुँह मे थे तो उसकी हर सिसकी मेरे मुँह मे ही घुल गयी थी मैं धक्के मारे जा रहा था उसके चूतड़ भी अब हिलने लगे थे मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरे लंड पे पिघला हुआ लावा उडेल दिया गया हो फिर उसने अपने होंठ हटाए और लंबी लंबी साँसे लेने लगी मैं पूछा अब ठीक हो तो उसने इशारा किया तो मैं भी आस्वश्त हुआ उसके हाथ मेरी पीठ पे रेंगने लगे उसके नाख़ून मेरी पीठ मे धँस गये वो बहुत ही ज़ोर से अपने नखुनो को गढ़ाए जा रही थी पूरी तरह से वो भी अब जवानी के मज़े मे बहने लगी थी



मैं अपनी गति को निरंतर बढ़ाए जा रहा था मैं उसकी थोड्डी को अपने दाँतों से खाए जा रहा था कुछ भी होश नही था मुझे तो मैं उसमे पूरी तरह से खो चुका था तभी उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर मे फसा लिया और बेसूध होकर पड़ गयी उसने अपने चरम को पा लिया था मैं भी बस थोड़ी ही दूर था तो मैने अपने लंड को बाहर निकाला और उसके पेट पे अपना वीर्य छोड़ दिया जब खुमारी उतरी तो मैने देखा मेरा लंड पूरी तरह से खून मे सना पड़ा था और उसमे बहुत ही जलन हो रही थी मैने किसी तरह से पेंट पहनी फिर उसको उठाया उसका भी हाल ज़्यादा बेहतर नही था उस से चला ही नही जा रहा था बड़ी ही मुश्किल से वो उठी कोई आधे घंटे बाद उसकी हालत थोड़ी सुधरी वो बोली ऐसी तैसी मे जाए ऐसा मज़ा आज के बाद सौगंध है मैं ना चुदु किसी से मेरी तो फट ही गयी





आज मैने कहा अगर तुम नॉर्मल ना हो पाओ तो घर पे कह देना कि तुम पैड से गिर गयी और टाँगो मे चोट लगी है वो बोली कुछ ना कुछ तो कहना ही पड़ेगा मेरे लंड मे बहुत ही तेज जलन हो रही थी थोड़ी देर बाद वो लन्गडाते लन्गडाते अपनी बकरियो के पास चली गयी मैं भी अपनी राह पे हो लिया प्याऊ के पास आके मैने डिब्बे मे पानी भरा और एक साइड मे जाके अपने लंड को धोया तो पता चला कि अंदर से वो बुरी तरह से छिल गया है जिस वजह से बहुत ही जलन हो रही थी अब ये नई मुसीबत हो गयी थी किसी तरह से घिसट घिसट के घर आया तो मामी बोली कहाँ गये थे तुम तो मैने बहाना बना दिया पर जलन बढ़ती ही जा रही थी तो मैने मामी कोसब बता दिया मामी बोली तुम तो बहुत ही शातिर हो गये हो जब घर मे मिल रही है तो वहाँ करने की क्या ज़रूरत थी मैं चुंप ही रहा फिर उन्होने कोई ट्यूब लंड पे लगाई मामी बड़बड़ाये जा रही थी कि मेरे रात के प्लान का बंटाधार कर दिया ये है वो है दवाई लगाने के बाद कुछ चैन मिला

अब ये और एक नया पंगा हो गया था इधर मामी झल्लाई पड़ी थी दूसरी तरफ सरोज भी तुड़ाई माँग रही थी पर हथियार ही घायल पड़ा था तो मैं भी क्या करता 5-6 दिन लग गये पूरी तरह से ठीक होने मे जून शुरू हो गया था कॉलेज की छुट्टिया पड़ गयी थी तो मामा भी बस दो-चार दिन मे आने ही वाले थे और मामी के बच्चे भी तब मामी चुदाई नही कर पाती मुझसे तो पूरे टाइम उनका मूड उखड़ा उखड़ा ही रहता था मैं खुद भी परेशान ही था मामी दिन मे तीन टाइम लंड की नारियल तेल से मालिश करती थी जख्म भर तो गया था पर मैं एक दो दिन और भी रुकना चाहता था ऐसे ही एक दिन वो मेरे लंड पे तेल मल रही थी मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ उनके हाथ मे था मामी की आँखो मे वासना के डोरे तैर रहे थे वो बोली आज तो कुछ कर्लो ना




तो मैं बोला हाँ कई दिन हो गये है आज कुछ तूफ़ानी करते है मामी के चेहरे पे एक गहरी मुस्कान आ गयी मामी खड़ी हुई और अपने सारे कपड़े उतार के नंगी हो गयी मैने भी ऐसा ही किया मैं सोफे पे बैठ गया तो वो आके मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बिना किसी ओपचारिकता के मेरे चिकने लंड को अपनी चूत पे लगाया और उसपे बैठती चली गयी पूरा लंड एक बार मे ही अंदर हो गया मामी ऐसे मुस्काई जैसे कोई किला फ़तेह कर लिया मामी बोली आज मुझे थोड़ा चैन मिला है मैं थोड़ी पीछे की ओर हो गया मामी अपनी कमर उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके कंधो पे रख दिए और चुदाई का आनंद लेने लगा मामी पूरी तरह से चुदासी हो रही थी फिर उन्होने अपने होंठ आगे किए जिनको मैने अपनो से मिला लिया मामी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी



मैने कहा नीचे आ जाओ पर उन्होने मना किया और अपनी कमर उचकाती र्है मेरा तेल मे सना लंड उनकी चूत मे घमासान मचाए हुए था 15मिनट तक मामी मेरे लंड पे बैठी रही मैने खुद को पूरी तरह से उनके हवाले कर दिया था आज मैं उनको नही बल्कि वो मुझे चोद रही थी काफ़ी देर तक वो बस कूदती ही रही फिर ऐसे ही वो झाड़ गयी उनकी चूत से बहता हुआ रस मेरे अंडकोषो तक को भिगो चुका था झड़ने के बाद भी मामी कुछ देर तक लंड पे ही बैठी रही फिर मैने उन्हे अपने उपर से उतारा और सोफे पे उल्टी कर के लिटा दिया पास रखी तेल की कटोरी से थोड़ा तेल उनकी गान्ड पे लगाया और लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी का शरीर एक बार टाइट हुआ पर तुरंत ही नॉर्मल हो गया मामी वैसे भी अपनी गान्ड ज़्यादा चुदवाती थी



उन्हे क्या फरक पड़ना था मैने अपनी हाथो से सोफे की पुष्ट को पकड़ लिया और मामी की गान्ड मारने लगा मामी भी अपनी चुतडो को हिलाने लगी कोई दस मिनट तक उनकी गान्ड मारने के बाद मैं भी ढह गया और उनको लिए लिए ही पसर गया कुछ देर बाद हम अलग हुए मामी ने अपनी कच्छि से अपनी गान्ड और चूत को पोन्छा और अपने कमरे मे चली गयी मैने भी अपने कपड़ो को पहन लिया और सोफे पे लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि बाहर से मम्मी मम्मी की आवाज़े आई मैने दरवाजा खोला तो बाहर मनीषा दी और राकेश खड़े थे मामी के बच्चे आ गये थे वो मुझे देखत ही बोल वाउ भैया आप भी आए हुए वो कितने दिनो बाद मिले है अब छुट्टियाँ मस्त बीतेंगी मामी उनको देखके भावुक गयी फिर रात ऐसे ही बातो बातो मे कट गयी


मामी ने चुप के से मुझे बता दिया था कि वो बच्चो के सामने कोई रिस्क नही लेंगी फिर पहले भी हमे बड़ी मामी ने पकड़ लिया था तो मैं भी कुछ रिस्क नही चाहता था फिर मेरे पास सरोज के रूप मे ऑप्षन भी था तो काम तो चलना ही था अगले दिन मैने सोचा एक राउंड उसी बगीचे की तरफ मार लू क्या पता वो लड़की मुझे फिर मिल जाए तो मैं उसी समय के आस पास्स चल पड़ा काफ़ी तलाशा पर वो मिली ही नही तो मैं वापिस आ गया जब मैं आ रहा था तो गली मे एक आइस्क्रीम वाला खड़ा था मैने एक खरीदी और उसे चुँसने लगा और आइस्क्रीम खाते खाते सरोज के घर पहुँच गया उसने गेट खोला और मैं अंदर उसके दोनो बच्चे घर ही थे मैं उस से बाते करने लगा वो बोली कल मेरा पति और बच्चे मेरी बहन के यहा जाएँगे


मैं बहाना कर के रुक जाउन्गि फिर पूरी रात हमारी ही होंगी मैने कहा देख लो वो बोली तुम चिंता मत करो कल रात तुम्हारी अच्छी तरह से खातिरदारी करूँगी रात को हम सब भाई बहन घर के बाहर अपनी अपनी खाटो पे पड़े थे मैं अपना फेव. प्रोग्राम लव गुरु सुन रहा था तभी राकेश बोला भाई आपने कभी लव किया है क्या मैं बोला मुझे नही पता लव क्या होता है तो मनीषा दी बोली भाई बताओ ना आजकल तो सभी लोग लव करते है अगर आप किसी से लव नही करते हो तो फिर ये लव गुरु क्यो सुनते हो मैं बोला यार तुम लोग भी कुछ भी बकवास करते रहते हो काफ़ी देर तक वो लोग ऐसे ही मुझे छेड़ते रहे उनकी बातों से मुझे मिता की याद आ गयी थी अब नींद तो नही आनी थी बस करवटें ही बदलनी थी रात्रि के लास्ट पहर मे जाके आँख लगी पर नींद मे भी मिता के ही सपनो मे खोया रहा सुबह थोड़ा लेट उठा

मैं उठना चाहता ही नही था पर राकेश ने जगा ही दिया वो मेरे पीछे ही पड़ गया था वो अपने साथ मुझे कही ले जाना चाहता था पर मेरे अपने भी कुछ प्लॅन्स थे पर उसकी सीधे मुँह पे टाल भी नही सकता था तो मैने कहा देखेंगे भाई और झट से बाथ रूम मे घूंस गया कुछ देर बाद एक जबरदस्त नाश्ते के बाद मैं कुछ सोच विचार कर ही रहा था कि राकेश फिर से मेरे पीछे पड़ गया तो मैं उसके साथ बाजार चला गया उसको कुछ शॉपिंग करनी थी मैं एक साइबर केफे मे गया और अपने रिज़ल्ट के बारे मे पूछा कि कब तक आएगा तो उसने बताया कि एक हफ्ते मे डिक्लेर हो जाएगा मैं एक एसटीडी मे गया और मिता का नंबर मिलाया पर बात नही हो पाई दोनो बार उसके घर मे किसी आदमी ने ही फोन उठाया



राकेश कुछ खाने पीने की ज़िद करने लगा फिर हम हाइवे पे बने एक रेस्टोरेंट गये कुछ खाया पिया और थोड़ा कुछ मनीषा दी के लिए भी पॅक करवा लिया कोई 5 बजे हम वापिस आए मेरा दिमाग़ बहुत तेज़ गति से दौड़ रहा था मैं मामी के पास गया और बोला मामी आज रात मुझे कहीं जाना है तो मामी बोली कहाँ पे तो मैने उनको बता दिया कि आज मुझे सरोज के घर जाना है मामी बोली तो उसने तुझे भी नही बख्शा मैं बोला अब आप तो कर नही सकती तो कुछ जुगाड़ तो करना ही पड़ेगा ना तो मामी बोली पर तुम ऐसे जाओगे तो बच्चो को क्या कहूँगी ये भी अब समझदार हो गये है मैं बोला मामी कुछ भी करके अड्जस्ट करवाओ मामी बोली तू ही देख ले मुझे कुछ नही पता मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे निकलु वहाँ से वो कहते है ना कि सावन के अंधे को तो बस हरा ही हरा दिखाई देता है



तो मेरा भी वो ही हाल था बस चूत और चूत रात हो चुकी थी मुझे इंतज़ार था भाई-बहेन के सोने का पर वो भी आज सो ही नही रहे थे मार्फिज़ का लॉ एक बार अपने सिद्धांत की पुष्टि कर रहा था मैं बैचैन होने लगा पर बेबस था मैं सोच रहा था कि सरोज मेरा इंतज़ार कर रही होगी पर मेरे भाई बहन मुझसे चिपके पड़े थे तो मैने भी सोचा भाड़ मे जाए सरोज चूत तो और भी मिल जाएँगी पर ये भाई-बहनो का प्यार कम को ही मिलता है तो मैं भी उनके साथ शामिल हो गया मैने अपने बॅग से कॅमरा निकाला और उन अनमोल पलो को क़ैद करने लगा काफ़ी देर तक हम लोग मस्ती करते रहे जब वो लोग सो गये तो मैं बैठक मे गया और अपनी डायरी मे लिखने लगा जब मेरी उंगलिया दुखने लगी तो मैं भी सो गया

अगली सुबह मैं 9 बजे ही सरोज के घर पहुँच गया वो गुस्सा होने लगीबोली रात को क्यू नही आए मेरे सारे मूड की माँ चोद दी तुमने पता है पूरी रात बस उंगली के सहारे ही कटी है मैने

मैने उसको समझाया कि यार मजबूरी हो गयी थी तब जाके वो मानी मैने कहा रात की सारी कसर अभी पूरी कर देता हूँ सरोज बोली वो तो करनी ही पड़ेगी तुम एक मिनट रूको मैं गेट बंद करके आती हूँ सरोज बोली मुझे नही पता तुमको आज यही पे रुकना पड़ेगा मैने कहा अगर मुमकिन होगा तो आ जाउन्गा गुलाबी रंग की साड़ी मे सरोज एक दम खिली खिली सी लग रही थी माल तो वो भी मस्त था मैं उसके पास गया और उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और उसको अपनी ओर खेंचने लगा सरोज गोल गोल घूमते हुए अपनी साड़ी को उतारने लगी कुछ ही पॅलो मे पूरी साड़ी मेरे हाथो मे थी



मैने उसको सूँघा और फिर साइड मे फेंक दिया और सरोज को अपने आगोश मे ले लिया आज उसका सबकुछ गुलाबी ही था होंठो की लिपीसटिक , साड़ी, पेटिकोट, ब्रा-पेंटी सब कुछ गुलाबी ही गुलाबी था मैने अपने हाथ उसके चुतडो पर रखे और उनको दबाने लगा रूई के गोलो को छूने जैसा एहसास था फिर मैने उसके गुलाबी हो चुके होंटो पे अपनी जीभ फिराने लगा उसकी लिपीसटिक मेरी जीभ की गर्मी से पिघलने लगी मैं बस अपनी जीभ को उसके होंठो पे फेरता जा रहा था मैं उसको किस करने की कोशिश भी नही कर रहा था उसके होंठ लरजने लगे थोड़ी ही देर मे उसकी पूरी लिपीसटिक सॉफ हो गयी फिर उसने अपने मुँह को थोड़ा सा खोला और मेरी जीभ को अपने मुँह मे ले लिया और चुँसने लगी मेरी जीभ को अपने दाँतों मे दबाए हुए वो उसे चुँसने लगी आज वो एक अलग स्तर पे थी

वो शायद मुझे अपनी अदा दिखाना चाहती थी फिर कल रात से वो भी प्यासी ही थी अब वो अपनी जीभ से मेरी जीभ को छेड़ रही थी हम दोनो के थूक को वो पिए जा रही थी 10-15 मिनट तक हम दोनो बस किस ही करते रहे बिना किसी जल्दबाज़ी के बस लगे ही रहे फिर मैं जाके उस से अलग हुआ हमारी साँसे फूल चूँकि थी उसकी छातिया बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी उसने खुद ही अपना ब्लाउस और ब्रा को खोल दिया और मेरे सर को अपनी छातियो मे छुपा लिया मैं ने भी बिना देर किए उसकी पर्वतों सी विशाल घाटियो को अपने मुँह मे भर लिया औरवही खड़े खड़े उसकी चूची पीने लगा सरोज बोली पियो इनको अच्छी तरह से पियो आज इनका सारा दूध बाहर निकाल दो चूँसो और ज़ोर से चूँसो मेरे मुँह मे उसकी आधे से ज़्यादा चूंची थी मुझे ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी गुब्बारे को चुंस रहा हूँ ज्यो ज्यो मेरी खुरदरी जीभ उसकी निप्पल्स पे रगड़ खाती


उसकी आहे निकल जाती उसकी चूचियो की निप्पलस 1 इंच के साइज़ के हो गये थे मेरे थूक से उनकी छातिया सन चुकी थी तब कही जाके उन्होने मुझे अपने से अलग किया अब उसने मेरे कपड़ो को उतारना शुरू किया मैं पूरा नंगा हो चुका था तो वो नीचे बैठ गयी और मेरे लंड ओ अपने मुँह मे दबा लिया और उसे चुँसने लगी मुझे बड़ा ही मज़ा आने लगा था वो पूरी तस्सली से लगी हुई थी मैं उसकी अदाओं का कायल हो गया था उसे अच्छी तरह से पता था कि जवानी को कॅश कैसे किया जाता है वो सुपाडे पे अपनी जीभ गोल गोल फिरा रही थी मुझे लगा कही मेरा छूट नही जाए तो मैने लंड को उसके मुँह से निकाल दिया वो किसी भूखी शेरनी की तरह मेरी तरफ देखने लगी मैने उसको अपनी गोदी मे उठाया और बेड पे लाके पटक दिया उसकी कच्छि को अलग किया और उसकी चूत को देखने लगा फिर मैने उसकी टाँगो को फैलाया और अपने लंड को सेट करके एक धक्का लगा लगाया .


चूत पूरी तरह से पनियाई पड़ी थी बिना किसी दबाव के ही पूरा लंड उस अंधेरी गुफा मे उतरता चला गया सरोज ने एक ठंडी आह भरी और मेरे मे खोती चली गयी उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर के चारो तरफ लप्पेट लिया और मुझसे चुदाई करवाने लगी हम दोनो के बदन एक हो गये थे पंखा पूरी रफ़्तार से चल रहा था पर फिर भी हमारे बदन से पसीना छलक ही आया था उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पे टिका दिया और बेतहासा लगी चूमने मुझे भी मज़ा तो आ ही रहा था उसने अपनी गौरी बाहों को मेरे गले मे डाल दिया और बस हम दोनो इस दीन-दुनिया से बेख़बर होते चले गये मेरा हर धक्का उसकी चूत पे तगड़ी चोट मार रहा था वो बस मेरे होंठो को खाए जा रही थी बहुत देर तक हम दोनो एक दूसरे मे खोए रहे अब मैने उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और दुबारा से उसकी चुदाई स्टार्ट कर दी

सरोज अपने बोबो को अपने हाथ से सहलाते हुए अपनी चूत मुझे दे रही थी सरोज की चूत अब बहुत ही ज़्यादा गीली हो चुकी थी मेरा लंड बार बार फिसले जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को सीधा किया और अब पूरी रफ़्तार से उसको चोदने लगा सरोज ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया था किसी भी पल वो झाड़ सकती थी मैं लगा हुआ था मेरे लंड मे भी उन्माद बढ़ चुका था सरोज का बदन अब काँपने लगा था वो किसी छोटे बच्चे की तरह मुझसे चिपकी पड़ी थी ठीक तभी उसकी पकड़ बहुत ही कस गयी और उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया सरोज हाँफने लगी और अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और लंड को उसके होंठो पे रख दिया और अपना वीर्य उसके होंठो और गालो पे छोड़ने लगा सरोज ने मेरे वीर्य को किसी क्रीम की तरह अपने मुँह पे मल लिया


फिर वो उठी और बाथरूम मे घूंस गयी मैं बेड पे ही लेट गया

दस मिनट बाद वो आई और मेरे पास ही लेट गयी सरोज बोली वैसे तो मैने कई लंड लिए है पर जब जब तुमसे चुदती हूँ तो एक अलग ही एक्सपीरियेन्स होता है ऐसा क्यो तो मैं बोला मुझे क्या पता बाते करते करते वो मेरे सीने पे अपना हाथ फेरने लगी थी फिर वो मेरे सीने पे झुंक गयी और मेरे निप्पल्स पे अपनी जीभ को फेरने लगी मेरे लिए ये एक नया एहसास था मेरे पूरे बदन मे झुरझुरी सी फैल गयी वो मेरे सीने पे किस करने लगी और अपने हाथ से मेरे अंडकोषो को सहलाने लगी मेरा लिंग अपना सर उठाने लगा सरोज मेरी गोलियो को मादक तरीके से सहलाए जा रही थी।
[+] 1 user Likes Pagol premi's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#22
थोड़ी ही देर मे मेरा पूरा लंड अपने वास्तविक आकर मे आ चुका था सरोज के बदन से फुट ती हुई गर्मी से मेरा बदन भी जलने लगा था अब मैने उसको अपने नीचे लिटाया और उसको उपर से नीचे तक चूमने लगा उसके बदन का मीठा स्वाद मेरी ज़ुबान पे चढ़ता ही जा रहा था सरोज के पूरे बदन पे मेरी लार लगी पड़ी थी तभी वो उठी और मुझे लिटा दिया और मेरे मुँह पे अपनी चूत को लगा दिया मैने अपने मुँह को थोड़ा आगे किया और उसकी पूरी चूत को अपने मुँह मे लेके चाटने लगा उसकी चूत का खारा पन मेरे मुँह मे घुलने लगा मैने अपने हाथो से उसकी मांसल जाँघो को पकड़ लिया और अपनी ज़ुबान को उसकी करारी चूत की दरार पे रगड़ने लगा उनकी चूत के दोनो होंठ बुरी तरह से फड़फड़ाने लगे थे चूत से बहते हुए उनके काम रस को मैं पूरे चाव से पिए जा रहा था


मैं उनकी झाट को अपने दाँतों से खीचने लगा सरोज तो जैसे पागल ही हो गयी थी मस्ती उसके रोम रोम से फूँटने लगी थी वो वासना की आग मे जल उठी थी बस धुआ ही नही दिखाई दे रहा था वो अब अपने चुतडो को मेरे मुँह पे हिलाने लगी थी जैसे वो धक्के मार रही हो तो मैने अपने हाथ उसके कुल्हो पे रख दिए वो बहुत ही उग्र हो गयी थी तो मैने उसको अपने मुँह से हठाया और वही बेड पे ही घोड़ी बना दिया उसकी चूत के साथ साथ गान्ड भी पीछे की ओर उभर आई थी मैं उसके पिछे आया और अपने लंड को चूत मे डाल दिया मैने उसकी कमर को पकड़ी औ र लगा दना दन चोदने हमारी इस रस्साकशी से पूरा बेड हिल रहा था मैं उसकी पूरी कमर और पीठ को सहलाते सहलाते उसको चोदेजा रहा था माहौल बहुत ही गरम हो गया था बीच बीच मे मैं उसके चुतडो पे थप्पड़ भी मार देता था उसके गौरे चूतड़ कई जगह से लाल हो गये थे



लंड अपनी पूरी रफ़्तार से उसकी चूत का कचूमर बनाए जा रहा था मामी सरोज आह आह करती हुई चुद रही थी मेरे हर धक्के पर वो थोड़ा सा आगे की तरफ झुंक जाती थी फिर मैने अपने लंड को उनके मुँह मे दे दिया वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड को चाटने लगाई 2-4 मिनट तक चटवाने के बाद मैने फिर से उनकी चूत छोड़ने शुरू करदी मैने उनकी कमर को कसकर पकड़ लिया था और तेज़ी से झटके पे झटके मारे जा रहा था और बीस पच्चीस मिनट तक उनको रगड़ने के बाद अपना पानी उनकी चूत मे ही छोड़ दिया और उनके साथ ही सो गया

मेरी आँख खुली तो दोपहर के तीन से थोड़ा उपर हो रहा था आँखे थोड़ी सेंटर मे आई तो देखा कि वो भी मेरी बगल मे ही सोई पड़ी थी मैं उठा और बाथरूम मे जाके मुँह धोने लगा फिर आके मैने अपने कपड़े पहने और कुर्सी पे बैठ गया कुछ देर बाद वो भी जाग गयी और नंगी ही इठलाती हुई बाथरूम मे घुस गयी मैने फ्रिज से एक पानी की बॉटल निकाली और पानी पीने लगा इतने में सरोज मामी भी आ गयी दो चार घूंठ उन्होने भी भारी फिर मैने कहा मामी अब मैं चलता हूँ तो वो बोली प्लीज़ रात को आ जाना मैने कहा अगर मोका मिला तो ज़रूर आउन्गा तो उन्होने कहा वैसे तुम कितने दिन और हो यहाँ तो मैं बोला बस 1-2 दिन मे निकल जाउन्गा वो बोली जब भी जाओ मुझसे मिलके ही जाना मैने गेट खोला पूरी गली सुनसान पड़ी थी


अब दोपहर मे कौन अपने घर से निकलेगा तो मैं मामी के घर चल पड़ा मामी ने मुझे नीबू पानी दिया और पूछने लगी कि कहाँ थे तुम तो मैने कहा बस ऐसे ही इधर उधर घूम रहा था फिर मैं कमरे मे गया और अपना बॅग पॅक करने लगा तो मनीषा दी बोली भाई आप कही जा रही हो क्या तो मैं बोला हाँ दी कल मैं वापिस जा रहा हूँ ये सुनके वो उदास हो गयी और मुझे रुकने की रिक्वेस्ट करने लगी तो मैने उनको समझाया कि परसो मेरा रिज़ल्ट आने वाला है फिर कॉलेज मे अड्मिशन भी लेना है कई डॉक्युमेंट्स भी बनवाने है तो काफ़ी टाइम जाएगा पर जब भी टाइम होगा मैं तुम लोगो से मिलने ज़रूर आउन्गा रात को मैं जान बुझ के मैं सरोज के यहाँ नही गया क्योंकि मैं थोड़ा टाइम फॅमिली के साथ ही स्पेंड करना चाहता था अगले दिन सुबह सुबह ही मैं नाना नानी से मिल आया



और फिर नाश्ता पानी करके अपना बॅग उठाया और उन सब से विदा लेके चल पड़ा ये 15-20 दिन पता ही नही चला कब बीत गये थे रास्ते मे सरोज का घर आया तो मुझे याद आया मैं अंदर चला गया वो मेरा बॅग देखके बोली कि तुम आज ही जा रहे हो क्या तो मैने कहा हाँ जाना पड़ेगा परसो मेरा रिज़ल्ट आने वाला है तो वो बोली मैं तो सोच रही थी कि एक दो दिन और मज़े करलेंगे तो मैने उसको किस किया और कहा डार्लिंग जब भी टाइम मिलेगा तुमसे मिलने आता रहूँगा थोड़ी देर उस से बाते की फिर मैं अपनी राह पे चल पड़ा सफ़र थोड़ा लंबा था पर शुरू हुआ तो कट ही गया जब मैं अपने गाँव पहुँचा तो अंधेरा हो चुका था मैं भी थक के चूर हो गया था



घर वालो से नमस्ते हुई और मैं सीधा बिस्तर पे पड़ गया अगली सुबह पापा बोले अगर तुम्हारा घूमना फिरना हो गया हो तो एनडीए एग्ज़ॅम की भी थोड़ी तैयारी कर लेना मैने हां की फिर मैं अपने दोस्तो के पास चला गया दिमाग़ मे रिज़ल्ट की ही टेन्षन थी रिज़ल्ट वाले दिन मैं सुबह सुबह ही सहर चला आया था 9 बजे साइबर केफे वाले को रोल नंबर दिया कुछ ही सेकेंड मे प्रिंट मेरे हाथो मे था मैने काँपते हाथो से उसको देखा 79% मार्क्स आए थे एक % से मेरिट रह गयी थी मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया था सारी उम्मीदे पल भर मे ही चूर चूर हो गयी थी वैसे तो ये मार्क्स भी कम नही थे पर मेरिट तो मेरिट ही होती है ना फिर मैने एक थम्सअप गटकाई तब जाके कुछ होश आया मैं सीधा पापा के ऑफीस गया और उनको रिज़ल्ट दिखाया वो तो बहुत ही खुश हो गये थे



उन्होने ऑफीस से आधे दिन की छुट्टी ली और मेरे साथ बाजार आ गये कुछ मिठाई खरीदी मेरे लिए कुछ नये कपड़े भी ले लिए शाम को मैं उनके साथ ही घर आ गया था घर पे तो जैसे आज जश्न ही होना था पर मैं आते ही सीधा मंदिर की ओर भागा देवता को प्रसाद चढ़ाया और इंतज़ार करने लगा निशा का अपनी राइट टाइम पे वो भी आ गयी तो मैने उसको बताया कि मेरा रिज़ल्ट आ गया है उसने मुझे बधाई दी और कहा कि वो मेरे लिए कॉलेज का अड्मिशन फॉर्म ला देगी वो बोली कल शाम को तुम मेरे घर आ जाना तो मैं बोला पर तुम्हारा घर है किस साइड तो उसने मुझे बताया मैने उसको थॅंक्स कहा मैने उसके लिए कुछ चॉककलेटेस खरीदी थी उसको दी फिर मैं घर आ गया मैने कॉलेज फोन किया तो पता चला कि मार्कशीट आने मे 10-15 दिन तो लग ही जाएँगे


पर कॉलेज मे अड्मिशन के लिए प्रॉविषनल सर्टिफिकेट ले लू . शाम को मैं निशा के घर चला गया निशा मुझे देखते ही खुश हो गयी उसने मुझे अपनी माँ से मिलवाया तो पता चला कि वो एकलौती संतान है और उसके पिता फोज मे थे जो कारगिल युद्ध मे शहीद हो गये थे उनकी पेन्षन से ही उनका गुज़ारा होता था और निशा स्कॉलर शिप से अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी ये सुनके मेरे दिल मे निशा के लिए और भी रेस्पेक्ट बढ़ गयी थी निशा ने मुझे चाइ पिलाई फिर उसने मुझे अड्मिशन फॉर्म दिया और बोली कल तुम हो सके तो मेरे साथ कॉलेज चलो मैं तुम्हारा फॉर्म जल्दी से सब्मिट करवा दूँगी तो मैने कहा कि कल तो मैं कॉलेज जाउन्गा डॉक्युमेंट्स लेने के लिए तो अगर हम परसो चले तो उसने कहा कि वो रोज 10 बजे कॉलेज जाती है


मुझ निशा का सरल स्वाभाव बहुत ही भा गया था रात को पापा बोले कि बता आगे क्या करेगा यही पे पढ़ेगा या बाहर का विचार है अब मुझे कहाँ जाना था तो मैने कहा यही से ग्रॅजुयेशन कर लूँगा तो घर वाले बोले तेरी मर्ज़ी है

अगले दिन हमारा पूरा ग्रूप कॉलेज कॅंटीन मे इकट्ठा था पेप्सी समोसे चल रहे थे कॉलेज मे आने की खुशी भी थी सब लोग अपने अपने प्लॅन्स को बता रहे थे तभी बातों बातों मे पता चला कि मिता और रीना दोनो नर्सिंग का कोर्स करने के लिए शिमला के नर्सिंग कॉलेज मे अड्मिशन ले रही है और थोड़े दिनो में ही निकल लेंगी ये सुनके मैं तो शॉक हो गया मैने तो सोचा था कि कॉलेज टाइम मिता के साथ ही कट जाएगा पर उनके तो प्लॅन्स ही अलग थे मेरा खास दोस्त देल्ही जा रहा था बचा मैं अपनी गान्ड यही घसनी थी
मैं थोड़ा उदास सा हो गया तो रीना बोली अरे हम सब लोग कॉंटॅक्ट मे रहेंगे और टाइम टाइम पे एक दूसरे से मिलते ही रहेंगे मिता ने मुझे प्रोमिस किया कि वो मुझे चिट्ठियाँ लिखा करेगी और जल्दी ही वो मोबाइल खरीद लेगी

फिर हम रोज बात किया करेंगी मैं बस हल्का सा हंस दिया कुछ ही दिनो मे सब पंछी अपने नये बसेरो की ओर उड़ गये थे रह गया था मैं अपनी यादो की साथ अक्सर ही मैं और निशा मंदिर के तालाब की सीढ़ियो पे बैठ जाया करते थे हर गुज़रते हुए दिन के साथ हमारी दोस्ती मजबूत होती जा रही थी एक दिन वो बोली क्या तुमने अपना फॉर्म सब्मिट कर दिया तो मैने कहा अभी नही किया है तो वो बोली लास्ट डेट सिर पे है तुम कब करोगे उसने कहा कल तुम मेरे साथ चलोगे मैं कुछ नही जानती तो मैने कहा गुस्सा मत करो मैं तुम्हारे साथ ही चलूँगा अगले दिन मैं निशा के साथ कॉलेज गया था आज पहली बार कॉलेज देखा था वहाँ का वातावरण मेरे मन को भा गया उसने मुझे अपने दोस्तो से मिलवाया काउंटर पे काफ़ी लंबी लाइन लगी थी


पर उसकी मदद से मेरा काम जल्दी ही हो गया फीस जमा करवाते करवाते दोपहर ही हो गयी थी पर खुशी भी थी कि अड्मिशन हो गया था मैने निशा से पूछा कि चलो मैं आज तुम्हे पार्टी देता हूँ तो वो बोली इसकी कोई ज़रूरत नही है पर मैने ज़िद की और उसको अपने साथ ले आया उन दिनो हमारे सहर मे शीतल के नाम से एक रेस्टोरेंट हुआ करता था क्या पता आज भी हो हम दोनो वहाँ पहुँच गये निशा थोड़ा घबरा सा रही थी पता नही क्यों तो मैने उसे रिलॅक्स होने को कहा कोई 1 घंटा हम वहाँ रहे ये मेरा पहला टाइम था किसी लड़की के साथ ऐसे पर दिल मे कोई ग़लत भावना नही थी शाम तक हम वापिस हो लिए क्लास लगनी तो चालू हो गयी थी पर मैने जाना शुरू नही किया था मैं अपने एनडीए की तैयारी मे लगा हुआ था


निशा कॉलेज के लिए दबाव डालती ही रहती थी एक दिन मेरे नाम की चिट्ठि आई मैने डाकिये से ली तो घर वालो ने पूछा तुझे कौन चिट्ठि भेजेगा मैने भेजने वाले का नाम लिखा था तो मिता देखा मैने चिट्ठी को जेब मे डाल लिया और घर वालो को कहा कि मेरे कुछ दोस्त जो बाहर पढ़ते है उनकी है अपने कमरे मे जाके मैने लेटर खोला मिता ने लिखा था कि उसको होस्टल मे रूम मिल गया है कॅंपस काफ़ी अच्छा है वातावरण भी ठीक है उसने अपना मोबाइल नंबर भी लिखा था और होस्टल का नंबर भी मैं उसका लेटर पढ़ के बहुत ही खुश हो गया था शाम को मैने चाचा से पूछा कि क्या मुझे एक मोबाइल मिल सकता है तो उन्होने कहा देख मैं तो सरकारी नौकरी करता हूँ मैने ही नही खरीदा आज तक फिर घर पे फोन तो है ही तू उसका ही यूज़ कर लिया कर तुझे जब ज़रूरत होगी तो देखेंगे मैं मायूष हो गया था पर ठान लिया था कि मोबाइल का जुगाड़ तो करना ही है मैं रोज मिता को एक चिट्ठी पोस्ट किया करता था ये मेरा अटल नियम बन गया था निशा अक्सर पूछा करती थी कि ये तुम किसको भेजते हो मैं बस ऐसे ही टाल दिया करता था एक दिन जब मैं और निशा कॉलेज से पैदल पैदल टेंपो स्टॅंड की ओर आ रहे थे तो मैने देखा की रिलाइयन्स का पोस्टर लगा है जो काफ़ी सस्ते मोबाइल बेच रहे थे मैं वहाँ गया और जानकारी ली वो आसान किष्तो मे मोबाइल बेच रहे थे मैने तुरंत ही दो फोन खरीद लिए एक खुद रखा और एक निशा को दे दिया निशा बोली मैं क्या करूँगी तुम रखो अपने पास तो मैने कहा ये मेरे दोस्त के लिए एक गिफ्ट है पर वो तैयार ही नही हो रही थी

काफ़ी देर समझाने के बाद मैने वो मोबाइल उसको दे ही दिया मैने मिता को अपना नंबर दे दिया अब रोज रात को हम बाते करते थे पर बस थोड़ी ही देर तक क्योंकि कॉल रेट भी महँगी होती थी और मिता के पास टाइम भी थोडा कम होता था इधर मेरी नज़दीकिया निशा से भी बढ़ती ही जा र्है थी तकदीर ना जाने क्या लिखने वाली थी

समय अपने पँखो के घोड़े पे लगातार दौड़े जा रहा था मैं दिल से एनडीए की तैयारियो मे लगा था सेक्स किए हुए भी काफ़ी दिन हो गये थे एक दिन मैं मानसिक रूप से बहुत ही ज़्यादा थक चुका था तो मैने अपने रंग उठाए और आँगन मे ही कॅन्वस लगा के पैंटिंग बना ने लगा आज कई दिनो बाद रंग मैने अपने हाथो मे लिए थे बनाना तो मैं चाहता था किसी और की तस्वीर पर जब मुझे होश आया तो देखा कि ये तो किसी और की ही बन गयी थी ये तो निशा का चित्र था मुझे एक झटका सा लगा क्या निशा मुझसे इस तरह जुड़ गयी थी कि मेरे दिमाग़ मे मिता की जगह लेने लगी थी या ये बस उसके साथ का ही असर था या कुछ और था ……… क्या ये तकदीर की तरफ से कोई इशारा था जो भी था उस टाइम मैं कुछ समझ नही पाया था।

दिल कई बार किया कि गीता से मिल लूँ पर मेरे कदम हर बार रुक गये बस मैं अपने आप मे ही खोया रहता था मेरे दिल मे एक अजीब सा बन्जरपन था जो मुझे सब से दूर हो जाने को कहता रहता था निशा के रूप मे मुझ एक बहुत ही अच्छी दोस्त मिल गयी थी जो मुझे हर हाल मे संभाल ही लेती थी कॉलेज मे भी मैं बस लाइब्रेरी मे ही बैठा रहा करता था एक दिन निशा ने बताया कि उसने बॅंक क्लर्क का फॉर्म भरा है अब वो जमके तैयारी करेगी क्या पता उसको नौकरी मिल ही जाए जुलाइ के शुरुआती दिनो की बात है यूपीएससी की तरफ से मेरा कॉल लेटर आ गया था मुझे एग्ज़ॅम देने देल्ही जाना था मैं पहली बार देल्ही जा रहा था मन मे एक चाव सा चढ़ गया था पापा बोले कि वो मेरे साथ चॅलेंज पर मैने कहा मैं अकेला ही चला जाउन्गा


पर समस्या थी रुकु कहाँ पे तो पापा बोले की उनका एक दोस्त है बीरसिंग वो गुडगांवा मे रहता है तू उसके घर रुक जइयो मैं उस से बात करता हूँ शाम को पापा ने उसका अड्रेस मुझे दे दिया मैने अपना बॅग पॅक किया और ट्रेन पकड़ ली जिंदगी मे पहली बार ट्रेन का सफ़र कर रहा था बहुत ही मज़ा आ रहा था बिल्कुल ही अलग सा अनुभव था मेरे लिए गाँव का लड़का पहली बार मेट्रो सिटी मे कदम रखने वाला था गुडगाँव स्टेशन पे उतरा ऑटो पकड़ा और बीरसिंग के अड्रेस पे पहुँच गया उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला तो मैने अपना परिचय दिया उसकी पत्नी जिसका नाम बबली था मैं तो उसको देखता ही रह गया एक नंबर का माल थी मेरा तो लंड झट से खड़ा हो गया उसने मुझे बैठाया चाइ-नाश्ता करवाया थोड़ी देर मे बीरसिंघ भी आ गया

वो बिजली विभाग मे लाइन मेन के पद पर नियुक्त था जब वो मुझसे बाते कर रहा था तब मुझे उसके मुँह से बहुत तेज़ बदबू आई दारू की वो बोला कभी कभी पी लिया करता हूँ पर मैं समझ ही गया था कि ये साला पक्का वाला ही है पर मुझे तो रात काटनी थी किसी तरह मेरा पूरा ध्यान तो बबली की मस्त गान्ड पे था तभी एक आदमी और आ गया और बोला बीरसिंघ ड्यूटी पे नही चलना है क्या तो फिर वो अपनी पत्नी से बोला कि कंट्रोल रूम मे मेंटेनिंग का काम हो रहा है उसकी 24 घंटे की ड्यूटी है तो जल्दी से खाना बना दे कुछ ही देर मे बबली से उसको टिफिन बॉक्स दे दिया बीरसिंग ने मुझे आराम करने को कहा और फिर वो अपनी ड्यूटी पे चला गया बबली बोली तुम नहा धोके फ्रेश हो जाओ फिर आराम करना जब मैं नहा के आया तो मैने देखा कि वो अपने गेट मे खड़ी होके किसी आदमी से बात कर रही थी और कह रही थी कि


आज नही हो पाएगा घर मे गेस्ट आया है तुम समझा करो मैं फिर कभी तुम्हारा काम कर दूँगी ये सुनके मेरे कान खड़े हो गये मैं उनकी बात छिप के सुन ने लगा वो कह रही थी प्यार तो मैं भी करती हूँ पर तुम समझो तो सही हमारे गाँव से आया है उसने देख लिया तो वहाँ जाके क्या कहेगा तो वो आदमी बोला चलो एक किस तो दे दो जब वो बबली को किस कर ही रहा था तो मैं एक दम से आ गया मुझे देख के वो आदमी तो तुरंत ही भाग गया बबली ने अपनी नज़र को नीचे कर लिया और अपने रूम मे चली गयी मैने गेट को बंद किया और उसके रूम मे चला गया वो कुर्सी पे बैठी थी मैने कहा आप ये क्या कर रही थी अगर अंकल को पता चल गया तो वो बोली प्लीज़ तुम किसी से कुछ नही कहना वो तो बस ऐसे ही मज़ाक कर रहा था


तो मैने कहा मुझे पता है वो कैसे मज़ाक था मैं बोला टेन्षन मत लो ये तो बड़े सहरो मे चलता ही रहता है पर अगर आप चाहो तो मैं आपके लिए कुछ कर सकता हूँ वो बोली क्या मतलब तो मैने कहा जिस मज़े की बात आप उस आदमी से कर रही थी वो मज़ा मैं भी आपको दे सकता हूँ ये सुनके वो मंद मंद मुस्काने लगी और बोली अब तुम ही बताओ क्या करू तुम्हारे अंकल तो मुझे खुश कर नही पाते है तो मेरे पास और कोई चारा भी नही है तो मैने कहा देख लो अगर आप चाहो तो आपका काम भी हो जाएगा और मेरा भी तो वो मेरे पास आते हुए बोली कि अब मेहमान को खूश करना तो मेरा कर्तव्य है मेरे मन मे लड्डू फूट रहे थे कि आज एक चूत का और शिकार हो जाएगा बबली कोई35 साल की होगी पर थी एकदम माल यौवन से भरी हुई और बेहद ही गौरी थोड़ी मोटी सी मैने उसे बेड पे लिटा दिया

मैं उसके उपर लेट कर उसको चूमने लगा उसके गुलाबी होंटो का रस पीने लगा बेहद ही मुलायम होंठ थे उसके थोड़े मोटे थे पर बेहद मुलायम मैं सब कुछ भूल के उसके होंठो को चूमने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना मुँह अलग किया और बोली तुम . तो नही लगते तो मैने कहा जो भी हूँ तुमको पता चल ही जाएगा और अपना हाथ उसकी मॅक्सी मे घूँसा दिया बबली की मक्खन सी टाँगो पे मेरे हाथ फिसल रहे थे मैं बुरी तरह से उसकी टाँगो को भींच रहा था दूसरी ओर उसके होंठ मेरे मुँह मे क़ैद हो चुके थे बबली की मॅक्सी उसके पेट तक उठ गयी थी लाल रंग की कच्छि उसके गौरे तन पे बहद फॅब रही थी मैं उस से अलग हुआ और उसकी मॅक्सी को हटा दिया वो अब मेरे सामने बस कच्छि मे ही बैठी थी मैं जल्दी से अपने कपड़ो को उतारा और नंगा हो गया


मेरे तने हुए लंड पे उसकी निगाहें जम गयी पर उसने कहा कुछ भी नही मैं उसके साथ लेट गया और उसकी चूचियों से खेलने लगा बहुत ही सॉफ्ट सॉफ्ट थी वो काफ़ी देर तक उनको दबा ता ही रहा उसने अपना हाथ मेरे लंड पे रखा और मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उसके नरम हाथ मेरे लंड को और भी जोश दिलाने लगे थे उसके मोटे मोटे चूंचको को चूस चूस के मैने अच्छी तरह से फूला दिया था बबली बहुत ही गर्म हो गयी थी मैने अपना हाथ उसकी टाँगो के भिच मे घुसाया और उसकी योनि से छेड़छाड़ करने लगा लंबे लंबे बालो से भरी हुई उसकी चूत बहुत ही चिकनी हो रही थी उसकी चूत के बाल उसके चिप चिपे पानी से भीग गये थे मैने अपनी दो उंगलिया बबली की चूत मे घुसेड दी और अंदर बाहर करने लगा वो उफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करने लगी काफ़ी देर तक मैं उसकी चूत मे उंगली ही करता रहा बबली का जिस्म वासनके रंग मे पूरितरह से रंग चुका था तो मैने उसकी टाँगो को खींच कर बेड के साइड पे किया

और उसकी मोटी मोटी सुडोल टाँगो को अपने कंधो पे रख लिया अब रास्ता क्लियर था एक ही झटके मे लंड चूत की पूरी गहराई को नाप चुका था मैं धीमे धीमे धक्के लगाने लगा उसने अपनी चूचियो को अपनी मुट्ठी मे दबा लिया और बबली आँहे भरते हुए चुदने लगी उसकी उमर के हिसाब से उसकी चूत इतनी ज़्यादा ढीली भी नही थी एक अलग सा कसाव था उसकी चूत मे जब जब लंड अंदर बाहर होता तो उसकी चूत की पंखुड़िया संकुचित होती तो मेरा मज़ा और भी बढ़ जाता था पूरी सख्ती से लंड उसकी चूत को खोले जा रहा था 5-7 मिनट तक उसकी टाँगो को अपने कंधे पे रखे रखे ही मैं उसे चोद्ता रहा फिर मैने उसकी टाँगो को आज़ाद किया और उसके उपर छा गया बबली की धीमी धीमी मस्ती भरी आँहे मेरा जोश और भी बढ़ा रही थीं .


हम दोनो एक दूसरे के सामर्थ्य को तौल रहे थे बबली की बड़ी बड़ी आँखो मे मस्ती सॉफ सॉफ देख रहा था मैं बबली बोली और तेज तेज करो तज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज करो और अपने कुल्हो को उपर कर दिया मैने भी अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया वो दीवानो की तरह मेरे होंठो को चबाने लगी बबली आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी थी कुछ ऐसा ही हाल मेरा भी था दना दन दना दान धक्के पे धक्के लग रहे थे उसकी मस्त चूत मे फिर उसने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और ठीक उसी पल मेरे लंड ने भी अपना दम तोड़ दिया मेरा वीर्य और उसका कामरस आपस मे घुलने से लगे हम दोनो किसी लाश की तरह शांत पड़ गये उसकी चूत अब भी फडक रही थी उसके चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि के भाव थे मैं उसके उपर से उठा पूछा कि आवाज़ के साथ लंड चूत से बाहर निकल आया मैने उसकी मॅक्सी से अपने लंड को सॉफ किया और साइड मे लेट गया वो वैसे ही पड़ी रही

कोई 15 मिनट बाद बबली उठी और अपनी मॅक्सी को पहनने लगी मैने कहा कि और नही करना है क्या तो वो बोली उसके बच्चो के कॉलेज से आने का टाइम हो गया है वो आते ही होंगे अब रात को देखेंगे तो मैने भी अपने कपड़े पहन लिए मुझे कुछ स्टेशनरी का समान खरीदना था तो उसने मुझे पास की मार्केट के बारे मे बताया और मैं चला गया सहर की चका चौंध मुझे बहुत ही अच्छी लग रही थी मन हो रहा था कि गाँव मे क्या रखा है रहना तो बस सहर मे ही चाहिए .

अपना समान खरीदके भी मैं इधर उधर ही तफ़री मारता रहा फिर मैं वापिस चला गया बबली मुझपे बहुत ही ज़्यादा मेहरबान हो रही थी वो बोली रात को जब बच्चे सो जाएँगे तो मैं तुम्हारे पास आ जाउन्गि मैने कहा ठीक फिर मैने अपना सारा समान चेक कर लिया था मौका देख कर बबली को भींच लिया था मैं बेसबर हो रहा था उसको फिर से रगड़ने के लिए खैर रात हुई एक बेहद लज़ीज़ डिनर के बाद ठंडी ठंडी कुलफी सच बताऊ मज़ा ही आगया था फिर उसने अपने बच्चो को सुला दिया हम सब का बिस्तर छत पे लगा हुआ था

बच्चो के सोने के बाद वो उठी और मेरे पास आकर लेट गयी मैने उसको किसी शिकारी की तरह दबोच लिया और उसको भींचने लगा जब मैने उसकी मेक्सी मे अंदर हाथ डाला तो पता चला कि अंदर से उसने कुछ भी नही पहना है उसकी तरफ से पूरी तैयारी थी मैने भी अपना पयज़ामा और कच्छा झट से निकाल दिया मैं अपने हाथ से उसकी चूत को मसल्ने लगा बबली भी एक प्यासी औरत थी जो हमेशा ही गरम चुदासी रहती थी बबली बोली तेरा लॉडा तो बहुत मस्त है तुझसे चुदके को मैं खिल गयी हूँ चल अब देर ना कर और फिर से मुझे अपनी बना ले मैने उनके मादक नितंबो को अपने हाथो से दबाते हुए कहा आंटी जी आप चिंता मत करो आपकी प्यास बुझाना तो मेरा परम कर्तव्य है और उनकी गान्ड की दरार मे अपनी उंगली घूँसा दी बबली चिहुन्क पड़ी और बोली क्या करते हो तो मैने कहा कि डार्लिंग आज मैं तुम्हारे हर छेद का मज़ा लूँगा वो बोली खुशी से और अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और मुझको किस करने लगी


जब वो मुझको किस कर रही थी तो मैं अपनी उंगली से उनकी चूत के दाने को छेड़ने लगा तुरंत ही रियेक्सन हुआ उनके बदन मे कँपकपी दौड़ गयी बहुत ही हल्क हल्के से मैं उनके दाने को रगड़ने लगा थोड़ी देर बाद उन्होने अपना मुँह अलग किया और नीचे जाते हुए मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चुँसने लगी क्या मस्त मज़ा आया था उसकी जीभ मे जैसे एक नशा सा था जो मुझपे छाने लगा था मैने कहा एक काम करो तुम 69 मे आ जाओ तो दोनो को ही और भी मज़ा आएगा अब हम दोनो एक साथ साथ एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे मैं उसकी चूत का रस पी रहा था और बबली मेरे लौडे को चूसे जा रही थी वैसे भी मुख्मैन्थुन का असली मज़ा तो साथ साथ ही आता है मेरे थूक से उसकी पूरी चूत सन गयी थी


चूत तो पहले ही बहुत चिकनी थी 10-15 मिनट तक एक दूसरे के अंगो को चाटने चूमने के बाद मैने उसको घोड़ी बना दिया और उसके चुतडो पे दो चार कस के पप्पी ली फिर अपने लंड को चूत से सटा दिया और उसको चूत पे रगड़ने लगा बबली बोली काहे तड़पाता है सीधा डाल ना अंदर तो मैने लंड को अंदर घूँसा दिया और एक बार फिर से हमारा ये अनोखा खेल शुरू हो गया रात को कुछ ज़्यादा ही गरम हवा चल रही थी उपर से गरमा गरम चुदाई कुल मिला के ठीक ही था मैने अपने हाथो को उसके कंधो पे कस लिया और पूरी ताक़त से बबली को चोदने लगा मैं बहुत ही तेज गति से धक्के मारे जा रहा था मेरे हर धक्के पे बबली का पूरा शरीर बुरी तरह से हिल रहा था उसकी साँसे भारी हो गयी थी मुझपे एक जुनून सा चढ़ गया था
Like Reply
#23
बबली ने अपनी गान्ड को और भी बाहर की तरफ उभार लिया था ताकि मैं बिना किसी रुकावट के उसकीचूत मार सकु उसकी चूत बहुत ही ज़्यादा फड़कने लगी थी मैं दनादन लगा हुआ था मैने उसके बोबो को अपनी हाथो मे दबोच लिया और उनको बुरी तरह से कुचलने लगा बबली का भी जोश बहुत ही बढ़ गया था 10-12 मिनट तक हमारा संग्राम निर्बाध गति से चलता रहा उसकी कमर की लचक सब कुछ बयान कर रही थी फिर वो हौले से बुद बुदाई कि मैं बस जाने ही वाली हूँ तो मैने दो चार जबरदस्त धक्के लगाए और अपने लंड को एक दम से बाहर निकाल लिया नीचे होते हुए अपने मुँह को उसकी चूत पे लगा दिया और अपनी जीब से चूत को रगड़ने लगा बबली मेरी जीभ का दबाव सहन नही कर पाई और मेरे मुँह मे ही झड़ने लगी


मैं उसका सारा पानी पी गया और बाद मे भी उसकी चूत को चाट ता ही रहा जब तक कि वो सूख ना गयी बबली का पूरा चेहरा पसीने से भीग गया था उसके बाल अस्त व्यस्त हो गये थे फिर मैने उसको उल्टी लिटाया और थोड़ा थूक उसकी गान्ड के छेद पे लगा दिया और बिना देर किए लंड को गान्ड मे घुसेड दिया बबली दर्द से दोहरी हो गयी और मुझे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी पर मैने खास ध्यान नही दिया थोड़ी से देर मे ही वो नॉर्मल हो गयी और गान्ड चुदवाने लगी बीच बीच मे वो दर्दभरी मस्ती से भरपूर सिसकारियाँ भी ले रही थी कोई 5-7 मिनट तक उसकी गान्ड मारने के बाद मैं भी डिसचार्ज हो गया और अपना पानी उसकी गान्ड मे ही छोड़ दिया फिर मैं बबली से अलग हुआ और उनकी छत की मुंडेर पे बैठ गया उसने अपनी मॅक्सी पहनी और मेरे पास ही आके बैठ गयी


वो बोली तुमने तो मेरा दिल जीत लिया है तुम वादा करो जब भी इधर आओगे तो मुझसे मिलने ज़रूर आओगे तो मैने कहा आउन्गा अब मैं तुमसे दूर थोड़ी रह सकता हूँ मैं उसको और चोदना चाहता था पर उसने मना करते हुए कहा कि कल एग्ज़ॅम देने भी जाना है अभी सो जाओ बात तो ठीक ही थी फिर हम अपने अपने बिस्तरॉ मे सो गये

अगले दिन मैने सुबह ही देल्ही की बस पकड़ ली मैने बबली को बता दिया था कि मैं पेपर देने के बाद सीधा गाँव निकल जाउन्गा वो मुझे एक दिन और रोकना चाहती थी पर मैने मना कर दिया टाइम से थोड़ा पहले ही मैं एग्ज़ॅम सेंटर पे पहुँच गया था ठीक टाइम पे पेपर शुरू हुआ एग्ज़ॅम तो बहुत दिए थे पर क्वेस्चन पेपर को देखते ही ख़याल आया साला ये सवाल तो पूरे कोर्स मे देखे ही नही दो चार मिनट तक दिमाग़ को शांत किया फिर लगा पेपर हाल करने मे पेपर दो शिफ्ट मे था तो पूरा दिन ही घुला था शाम सवा 4 बजे मैं फ्री हुआ कुल मिला के ठीक ठाक ही हो गया था सारा काम शरीर मानसिक और शारीरिक रूप से तक चुका था भूख भी लग रही थी तो कुछ समोसे ही ठूंस लिए थे देल्ही की भीड़ मे धक्के खाते हुए किसी तरह सराय रोहिल्ला स्टेशन पहुँच ही गया टिकेट ली और पोने 8 बजे ट्रेन पकड़ ली ट्रेन फ़ुल पड़ी थी पर जोड़ तोड़ कर के अड्जस्ट हो ही गया कुछ मेरी ही उमर के लड़के मिल गये


तो सफ़र बात चीत करते हुए कट गया अगली सुबह मैं अपने सहर मे उतरा मन मे उमंग लिए अब सुबह सुबह टेंपो तो चलते नही थे तो चाचा को फोन किया कोई आधे घंटे बाद वो मुझे लेने आ गये घर पहुँचा रात के सफ़र की थकान तो थी ही सीधा बेड पे पड़ गया और फिर शाम को ही उठा चाची ने मुझे शरबत बना के दिया और बोली तेरी एक और चिट्ठी
आई है तेरी अलमारी मे रखी है तो तुरंत भागा मिता की चिट्ठी थी उसने लिखा था कि वो एक हफ्ते के लिए गाँव आ रही है ये न्यूज़ पढ़के मैं बहुत ही खूष हो गया मैने उसको फोन किया पर उसका फोन बंद आ रहा था अगले दो-चार दिन यू ही कट गये पर मेरा मन कही लगता ही नही था नियत समय पे मैं मिता से मिलने गया था

आज हम सहर मे रेस्टोरेंट मे मिलने वाले थे उसे देखते ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा बहुत देर तक हम दोनो बाते करते रहे वो बताती रही अपने कॉलेज के बारे मे पर एक बार भी ये नही कहा कि उसने मुझे कितना याद किया पर उसका साथ ही मेरे लिए बहुत था उसने पूछा तुम्हारी स्टडी कैसे चल रही है तो मैने कहा कॉलेज तो मैं कम ही जाता हूँ एनडीए के चक्कर मे हूँ तो वो हँसते हुए बोली फोजी बनोगे मुझे नही लगता तुम फौज मे टिक पाओगे तो मैने कहा ऐसा क्यू वो बोली देखो बुरा मत मान ना पर तुम में वो बात नही है तुम थोड़े कूल टाइप के हो और सोल्जर्स अलग टाइप के होते है मैने कहा यार मैं तो बस ट्राइ कर रहा हूँ अगर मिल जाएगी तो देखेंगे फिर मैने कहा मिता अगर मैं आर्मी मे चला गया तो क्या तुम मुझसे शादी कर लोगि


तो वो बेफिक्री से बोली कि पहले तुम काबिल तो बनो जितनी बड़ी बड़ी तुम बातें करते हो उतना ही कुछ करो तो सही देखो बुरा मत मान ना पर अभी तक तुम सीरीयस ही नही हो कि आगे तुम्हे लाइफ मे क्या करना है घर से बाहर निकलो और दुनिया को देखो कितनी प्रतियोगिता है और तुम अपना टाइम यूँ ही खराब कर रहे हो ना जाने क्यो मुझे उसकी बात चुंभ गयी पर बंदी कह तो रही थी सौ फीसदी सही ही वो बोली प्यार करने से ही ज़िंदगी नही चला करती है मैं खामोश ही रहा फिर उसने टॉपिक चेंज कर दिया पर मुझे सोचने पे मजबूर कर दिया

पर मैं तो ठहरा मैं चिकना घड़ा कुछ देर मे ही मैं वापिस अपने मूड मे आ गया था मैं अक्सर निशा और मिता की तुलना करता रहता था ऐसे ही एक दिन मैं निशा के साथ कॉलेज कॅंपस मे था तो मैने पूछा कि निशा तुम्हे क्या लगता है क्या मैं फोजी बन सकता हूँ या नही


तो निशा बोली देखो अगर तुम मे अबिलिटी है तो ज़रूर बन सकते हो बस उस दिशा मे मेहनत करते रहो निशा हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती रहती थी समय तो बीत ही रहा था जैसे तैसे कर के आज कल मिता से भी बात चीत कम ही हो पाती थी ऐसे ही एक शाम को मैने शीला को सिग्नल दिया और अपने पास बुला लिया मैं बोला भाभी कई दिन हो गये है तुम तो कुछ करती ही नही हो तो शीला बोली आप ही मेरी तरफ ध्यान नही देते हो और मुझे ही दोष दे रहे हो तो मैने कहा तो कब हो सकता है तो वो बोली कल दोपहर मे घर आ जाओ मैने सोचा चलो इसको ही बजा लेंगे अगले दिन दोपहर को मैं शीला के घर चला गया शीला बस नहा के निकली ही थी और ब्रा और एक पतले से पेटिकोट मे ही थी मैने उसका मेन गेट बंद किया और उसके पास चला गया


मैने उसको उस रूप मे देखा और कहा भाभी अब नही रुका जाएगा तो वो बोली अरे मुझे तैयार तो हो जाने दो मैने कहा तैयार तो तुम अब चुदने के लिए हो जाओ और उसके पेटिकोट को खोल दिया अंदर उसने कच्छि नही पहनी थी तो बस एक ब्रा का टुकड़ा ही व्यवधान कर रहा था तो उसको भी उसके बदन से अलग कर दिया और उस नंगी को ही पकड़ लिया और उसकी चूचियो को दबाने लगा शीला का गीला बदन मेरा मन मोह रहा था मैं उसके गालो से टपकती हुई पानी की बूँदो को पीने लगा शीला का काला बदन पानी की बूँदो से चमक रहा था शीला बोली कमरे मे तो चलो अंदर पहुँचते ही मैने अपने कपड़ो का त्याग कर दिया और हम दोनो नंगे पलंग पे आ गये मैने उसके काले काले होंठ अपने मुँह मे ले लिए और चम्बन करने लगा


शीला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया थोड़ी देर बाद मैं उसके हर एक अंग को चूम रहा था शीला के बदन की गर्मी बढ़ने लगी साथ ही साथ मेरी भी मेरा लंड तो कबका तनकर उसको सलामी दे रहा था मैने उसके छोटे छोटे चुतडो को सहलाया और उसको पोज़िशन मे कर दिया काले रंग की झान्टो से भरी हुई चूत मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी शीला ने अपनी टाँगो को फैला लिया और कामुक इशारा करने लगी मैने अपने लंड की टोपी को उसकी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया काफ़ी देर तक मैं बस उसको रगड़ता ही रहा शीला की हालत खराब होने लगी वो बोली देवर जी क्यो मज़ा खराब कर रहे हो अब कर भी दो ना अंदर तो मैने कहा अभी ले भाभी और थोड़ा सा लंड अंदर डाल दिया शीला का छेद थोड़ा चौड़ा हुआ मेरे लंड को रास्ता देने के लिए .

फिर मैने पूरा लंड घुसा दिया और उसके उपर लड़ गया और शीला को चोदने लगा शीला किसी गुड़िया की तरह मुझसे लिपट गयी और अपनी गान्ड को उपर उठा उठा के अपनी चूत मरवाने लगी मैं उसकी जीभ को चुँसने लगा शीला बड़ी ही खुश हो गयी थी फिर मैने अपना मुँह हटा लिया शीला कहने लगी क्या बताऊ वो तो मुझे चोद्ते ही नही है आज तो आपने दिल खस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ही कर दिया आआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ बाआआआआआआआअहुनूउऊुुुुुुुुुुुउउ टत्त्टटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआ



आआअक्ककककककककककककककचह आआ लग रहा है बस ऐसे ही मेरे साथ करते रहो देवेर जी आप बहुत आक्कककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककक्सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ शीला बहुत जोरो से मोन कर रही थी मैने कहा भाभी थोड़ा आहिस्ते से आवाज़ करो क्या करती हो मरवाओगि क्या तो वो बोली कौन सा मेरी आवाज़ बाहर जा रही है उसने अपने हाथ मेरी पीठ पे लगा दिए और मुझ से चुदवा रही थी आधे घंटे से भी ज़्यादा उसको चोदा और फिर चूत मे ही ढह गया उसकी लेने के बाद फटा फट अपने कपड़े पहने और अपने कमरे मे आ गाया

ओक्टोबर का लास्ट ही चल रहा था सुबह सुबह मैं अख़बार पढ़ ही रहा था कि एक पन्ने पे यूपीएससी ने एनडीए का रिज़ल्ट डाल दिया था मैं फॉरन अंदर गया अपना रोल्नंबर लिया और मिलने लगा थोड़ी देर मे मेरा नंबर मुझे मिल गया मैं तो खुशी से पागल ही हो गया था एनडीए की लिखित परीक्षा मे पास जो हो गया था सारे घर वाले बहुत ही खुश हो गये थे ताइजी ने भी मुझे बधाई दी वो तो मन मे सोच रही होंगी कि बढ़िया है फोज मे चला जाएगा तो मेरी बहू का पीछा तो छोड़ देगा मैं बहुत ही ज़्यादा खुश था मेरे पैर तो ज़मीन पे पड़ ही नही रहे थे मैने निशा को फोन किया और कहा अर्जेंट मिलना है उसने कहा कॉलेज मे ही मिलते है मैं जल्दी से तैयार हो गया और कॉलेज पहुँच गया निशा बोली जो कहना है जल्दी कहो मेरा इंपॉर्टेंट लेक्चर है आज तो मैने कहा ठीक है मैं इंतज़ार कर लेता हूँ तो वो अपनी क्लास मे चली गयी एक घंटे बाद वो फ्री हुई तो मैने उसको बताया कि मेरा एनडीए एग्ज़ॅम पास हो गया है निशा ने मुझे बधाई दी तो मैने कहा चल तुझे आज पार्टी देता हूँ और फिर उसको शीतल रेस्टोरेंट ले आया.

निशा बोली तुम इतना मेरे साथ मत रहा करो कही मुझे तुम्हारी आदत ना हो जाए तो मैने कहा सब दोस्त तो चले ही गये है अब तुम ही तो हो तुम्हारे साथ भी ना रहूं क्या तो निशा बोली और जब तुम फोज मे चले जाओगे तब , तब मैं अकेली रह जाउन्गि तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा कि तुम तो हमेशा मेरे दिल मे हो कल को अगर तुम नोकरी करोगी तो क्या तुम नही जाओगी तो वो बोली हाँ ये भी है तभी मैने पूछा निशा तुम लव मॅरेज करोगी या अरेंज तो उसने कहा कि कौन मुझ काली कलूटी से प्यार करेगा अगर कही छोटी मोटी नौकरी मिल गयी तो भले ही कोई अपना ले ये सुनके मैने कहा तुम कौन से जमाने की बात कर रही हो तुम सुंदर हो फिर रंग से क्या होता है निशा थोड़ी एमोशनल हो गयी थी तो उसको थोड़ा मोरल सपोर्ट किया फिर हम वापिस गाँव आ गये दीवाली के कुछ ही दिन बचे थे कि एक शाम मैं अपने चबूतरे पे बैठा था तो डाकिया आया और मेरा लेटर मुझे दे दिया मैने खोल के देखा तो एसएसबी का कॉल था देहरादून जाना था कोई 7-8 दिन बाद तो मैने पापा से बात की जाने के बारे मे तो उन्होने कहा ठीक है मैं तेरे साथ चलूँगा और नियत दिन मैं उनके साथ अपने सेंटर पे पहुँचा गया पहली बार मिलिटरी एन्वाइरन्मेंट देखा बहुत ही अच्छा लगा पर मेरी मंज़िल तो बहुत ही दूर थी भरती प्रक्रिया शुरू हो गई थी एक हफ्ते तक सारा काम चला कभी सक्रीनिंग टेस्ट कभी पर्सनॅलिटी टेस्ट फिर फिज़िकल फिटनेस टेस्ट हर एक टेस्ट के साथ साथ कॅंडिडेट्स कम होते जा रहे थे लास्ट मे हम कुछ ही बचे थे हमारे सेंटर पे लास्ट दिन भरती ऑफीसर ने हमे बुलाया और कहा कि आपका सारा काम हो चुका है अब आप लोग वापिस जा सकते हो पंद्रह- बीस दिन मे फाइनल लिस्ट लग जाएगी अख़बार मे रिज़ल्ट आ जाएगा और यदि किसी के यहाँ अख़बार ना पहुँचता हो तो वो यूपीएससी की साइट से भी रिज़ल्ट देख सकता है फिर मैं बाहर आया और पापा को सारी बात बताई तो वो बोले बेटा मुझे लगता है कि तुझे ये नोकरी मिल ही जाएगी मैने कहा देखते है

8 दिनो तक होटेल मे रहकर मैं पक गया था मैने कहा पापा थोड़ी शॉपिंग करवा दो तो फिर हम देहरादून के फेमस पल्टन बाजार मे गये और खरीदारी की फिर हमने देल्ही के लिए ट्रेन पकड़ ली और ऐसे ही अपने गाँव आ गये निशा भी बार बार यही कहती थी कि उम चिंता मत करो तुमको पक्का ही एनडीए मे अड्मिशन मिलेगा पर मेरे दिमाग़ मे थोड़ी टेन्षन सी रहने लगी थी रिज़ल्ट को लेकर .

मुझे गीता से मिले हुए काफ़ी दिन हो गये थे लंड मे भी कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही थी तो मैं दोपहर को गीता के घर चल पड़ा दरवाजा खुला ही था मैं जाके पलंग पे बैठ गया गीता मुझ उलाहना देते हुए बोली आज बहुत दिनो बाद मेरी याद आई है रहते किधर हो तुम मुझे तो भूल ही गये हो तुम तो मैने उसको सबकुछ विस्तार से बताया तो गीता थोड़ी उदास सी हो गयी मैने पूछा तो बोली अगर तुम्हे नौकरी मिल जाएगी तो मुझको तो तुम भूल ही जाओगे मेरी जिंदगी तो फिर से सूनी हो जाएगी

मैने कहा तुम भी क्या बोलती हो मैं कोई हमेशा के लिए थोड़ी जा रहा हूँ छुट्टी मिलेगी तो वापिस भी आया करूँगा और अभी तो रिज़ल्ट वेटिंग है क्या पता मिले या ना मिले गीता बोली तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने को लाती हूँ तो मैने कहा डार्लिंग मैं तो तुमको ही खाउन्गा और गीता को पकड़ लिया गीता बोली रूको तो सही मुझे दरवाजा तो बंद करने दो गीता ने जल्दी से दरवाजा बंद किया और वही खड़ी होके अपने कपड़े उतारने लगी पहले उसने अपना लहँगा उतारा फिर ब्लाउज भी उतार दिया काले रंग की ब्रा पेंटी मे बेहद खूबसूरत लग रही थी वो फिर वो इठलाती हुई आकर मेरी गोदी मे चढ़ गयी और अपने तरसते हुए होंटो को मेरे होंटो से मिला दिया हम दोनो एक दूसरे की होंटो को चबाने लगे उसके रस से भरे मदमस्त प्यालो को मैं पीने लगा मैं अपने हाथो को पीछे ले गया और उसकी ब्रा को खोल कर फेक दिया और उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा


बहुत ही कोमल खाल थी उसकी एक दम नरम धीरे धीरे मैं अपने हाथो को उसके चुतडो पे ले गया और उनको मसल्ने लगा रूई के बड़े बड़े गोलो से उसके चूतड़ मैने अपने हाथ उसकी कच्छि की इलास्टिक मे डाले और गान्ड को मसल्ने लगा गीता बस मेरे होंठो को खाए जा रही थी काफ़ी देर बाद मैने उसको अपनी गोदी से उतारा वासना उसके पूरे बदन मे घर कर चुकी थी गीता ने मेरी शर्ट के बटन को खोलना शुरू किया और मेरी शर्ट को उतार दिया मैं भी गरम हो चुका था तो मैं उठा और अपनी पेंट और कच्छे को भी उतार कर साइड मे रख दिया गीता ने अपनी हाथ पलंग पे रखे और झुंक के खड़ी हो गयी मैने उसकी कच्छि को सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से उतार दिया और उसके चुतडो को अपने हाथो से फैला दिया हल्के हल्के बालों वाली उसकी गदराई चूत लपलपाने लगी थी मैं उसके पाँवो मे बैठा और अपने होंठ उस स्वर्ग के दरवाजे पे लगा दिए और उस नमकीन चूत का स्वाद लेने लगा गीता ने अपनी टाँगो को मेरे मुँह पे कस दिया और अपनी गान्ड को हिलाते हुए अपनी चूत को चुसवाने लगी मैने अपनी उंगलियो की सहयता से गीता की चूत को थोड़ा सा फैलाया और बड़े ही चाव से उसको चाटने लगा



गीता के बदन से गर्मी फूटने लगी थी गीता बोली बहुत दिनो बाद तुमने इस निगोडी को छुआ है आज तुम्हे ऐसे नही जाने दूँगी आज तो मुझपे अपने प्यार की बारिश करदो और इतनी करो कि मैं अपने होश खो बैठू मेरी पूरी जीभ गीता की योनि की शोभा बढ़ा रही थी गीता की काँपति टाँगो को मैने अपने हाथोसे थाम लिया था मैं उसके खारे पानी को बड़े ही चाव से चाटे जा रहा था ऐसे ही कर कर के मैं गीता की योनि को जब तक चुंस्ता रहा जब तक कि उसके अंदर से उस गरम खारे पानी का फव्वारा ना फुट पड़ा मैं गटागट उसका सारा रस पी गया फिर मैं उठा और अपने होंठ उसके होंटो से लगा दिए गीता भी मेरे होंठो पे लगे अपनी चूत के पानी को चाटने लगी बड़ा ही कामुक नज़ारा था फिर मैं पलंग पे लेट सा गया और अब गीता मेरी टाँगो के बीच आ गयी और थोड़ा सा झुकते हुए मेरे अंडकोषो को अपने मुँह मे ले लिया और उनको चूसने लगी वो बारी बारी मेरी दोनो गोलियो को किसी मिठाई की तरह खाए जा रही थी वो मेरे सबसे संवेदनशील अंगो पे अपने होंठ लगाई थी मेरे बदन मे खून ज़ोर मारने लगा कुछ देर बाद वो थोड़ा उपर हुई और मेरे लंड पे अपनी ज़ुबान का जादू दिखाने लगी

गीता बहुत ही जोश मे आ गयी थी वो लंड पे पहले थूकती फिर उसको चाट ती मुझे लगने लगा था कि आज तो ये ऐसे ही मुझे सखलित कर देगी तो मैने उसका मुँह अपने लंड से हटाया मेरी साँस उफन आई थी तो मैं उनको संभालने लगा गीता मेरी जाँघो पे चढ़ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी मेरा लंड उसकी गीली चूत पे फिराने लगा था थोड़ी देर तक उसने लंड को ऐसे ही रगड़ा फिर गॅप से उसको अपनी योनि मे उतार लिया मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे घूंस चुका था मस्ती से मेरी आँखे बंद हो गयी मैने अपने सर को सिरहाने से सटा लिया अब जो भी करना था गीता को ही करना था गीता बड़े ही आराम से अपनी गान्ड को उपर नीचे करते हुए संभोग के पॅलो के आनंद को बढ़ाने लगी जब वो मेरे लंड पे उछल रही थी तो उसके बोबे मेरे मुँह से लग रहे थे तो मैने उसके एक बोबे को पकड़ा और अपने मुँह मे भर लिया


जैसे ही मैने उसको चुंसना शुरू किया तो गीता के बदन मे बिजली की तरंग दौड़ गयी उसका मज़ा दुगना होगया गीता की स्पीड अपने आप ही बढ़ती ही चली गयी कुछ देर और गीता को अपने लंड की घुड़सवारी करवाने के बाद मैने उसको हटने को कहा और उसको नीचे लिटाते हुए दुबारा से चुदाई शुरू कर दी गीता बोली वो अभी नही झड़ना चाहती तो धीरे धीरे धक्के मारो गीता मेरे सीने गालो और पूरे मुँह को चूम रही थी मैं बस ऐसे ही अपनी कमर को नाममात्र का हिला रहा था वो पूरे लंड को अपनी चूत मे लिए पड़ी थी मेरा लंड उसकी चूत की क़ैद को तोड़ने को बेताब हुए जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को सीधा करवाया और अब लगा उसकी मारने को उसके निचले होंठ को मैं बुरी तरह से चबाए जा रहा था हर धक्के पे पलंग ककककककककककककककचहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर किए जा रहा था गीता तो मुझ से ऐसे लिपट गयी थी जैसे कि इस जनम मे तो अलग होगी ही नही पर हर चीज़ का अगर आगाज़ होता है तो अंत भी निस्चित ही होता है मैं बोला गीता मेरा होने वाला है तो वो बोली अंदर मत गिरना तो मैने अपने लंड को बाहर खींचा और उसकी सूंड़ी पे अपने वीर्य की धार मारनी शुरू कर दी उसका पेट बहुत ही वाइब्रट हो रहा था वीर्य गिरने के बाद मैं हान्फते हुए गीता की साइड मे ही लेट गया गीता बोली मेरा तो पूरा दम ही निकाल दिया तुमने और मुझ से चिपक गयी मैने उसके पेट पे पड़े अपने वीर्य मे अपनी उंगली लपेटी और गीता के मुँह मे डाल दी गीता उसको चुँसने लगी ऐसे करते करते मैने कई बार उसको उंगली चुसाइ और बाकी बचे को अपनी बनियान से सॉफ कर दिया फिर मैं उठा और पानी पीने लगा

गीता उठी और एक गिलास गरम दूध ले आई और मुझे दे दिया मैं दूध पीने लगा हम दोनो नंगे ही थे उसने कहा तुम इसे पियो मैं अभी आती हूँ मैनी पूछा कहाँ जा रही हो तो वो बोली पेशाब करके आती हूँ मैने जल्दी से दूध के गिलास को खाली किया और अपनी कमर को सीधा करने लगा गीता भी आ गयी थी एक दूसरे की बाहों मे बाहे डाले हम दोनो आलिंगंबध हुए पड़े थे गीता बोली आज तुम यही पे रुक जाओ ना तो मैने कहा मन तो मेरा भी है पर पहले से कोई प्लान नही बनाया तो वापिस जाना होगा पर मैं फिर आ जाउन्गा गीता बोली अगर एक रात यहाँ रुक जाओ तो मुझे भी अच्छा लगेगा मैं उसको समझाने लगा कि दिल तो मेरा भी उसपे ही लगा रहता है पर आजकल मैं बहुत ही व्यस्त रहता हूँ गीता बोली पर क्या मेरे लिए थोड़ा टाइम नही निकाल सकते मैं बोला डार्लिंग तुम समझो तो सही मैं वादा करता हूँ कि थोड़े दिन मे रात को ज़रूर आउन्गा


तो वो खुश हो गयी वो कहने लगी तुमने मुझे चुदने की ऐसी आदत डाल दी है कि बहुत मुश्किल हो गया है रात अकेले काटना तो मैने कहा किसी को पटा लो तो तुम्हारा भी जुगाड़ हो जाएगा वो नाराज़ होते हुए बोली कि मुझे समाज मे बदनामी नही करवानी है और फिर अगर एक से सेट हो भी गयी तो वो दूसरे को बतादेगा दूसरा तीसरे को बता देगा मुझे कोई रंडी नही बन ना है ज़्यादा खुजली होगी तो मूली या बैगन से काम चला लिया करूँगी पर तुम्हारे सिवा और किसी से नही चुदुन्गि मैने कहा यार मैं तो ऐसे ही कह रहा था यूँ नाराज़ मत हो और उसको अपने गले से लगा लिया उफफफफ्फ़ ये औरते भी ना गीता ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी चमड़ी को नीचे करके उसको सहलाने लगी उसकी मुलायम उंगलियो के स्पर्श से मेरे लंड मे सुरूर छाने लगा


मैं बोला रानी अब तेरी गान्ड मे डालूँगा तो वो बोली पहले मेरी चूत की खाज को मिटा दो फिर चाहे तुम कुछ भी कर लेना मैने कहा अभी थोड़ी देर पहले ही तो चूत मरवाई है तूने तो वो बोली एक बार और कर्लो ना तो मैने हँसते हुए कहा चल ठीक है तेरी खुशी मे ही मेरी खुशी है गीता ने अपने चुतडो के नीचे एक तकिया लगाया और टाँगो को चोडा करके लेट गयी चूत उपर की ओर उभर आई थी गीता की योनि बहुत ही प्यारी और सुंदर थी मैं झुका और उसकी चूत को सूंघने लगा उसमे से पेशाब की गंध आ रही थी मैं खुद को रोक नही पाया और अपने होंठ उसकी चूत पे टिका दिए और उसकी चूत की पंखुड़ियो को दाँतों से काटने लगा गीता आहे भरने लगी वो बोली क्या करते हो मुझे छोड़ो ना तो मैने कहा दो मिनट रुक जा बस दो मिनट और तेज़ी से अपनी जीभ को गीता की योनि पे फेरने लगा पर वो उतावली हो रही थी


तो मैं उसकी इच्छा का मान रखते हुए उसके उपर आ गया और लंड को चूत पे लगा दिया उसने अपने कुल्हो को उपर की ओर किया थोड़ा ज़ोर मैने भी लगाया और लंड महाराज अपनी गुफा की ओर अग्रसर हो गये जैसे ही लंड अंदर गया गीता बोली अब जाके मुझे चैन आया वो बोली कितना अच्छा हो अगर हमेशा के लिए मेरी चूत मे तुम्हारा लंड ऐसे ही पड़ा रहे तो मुझे हसी आ गयी मैं बोला क्या तुम भी कुछ भी बकवास करती हो ऐसा भी कभी हो सकता है क्या वो कुछ नही बोली तो मैने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और एक झटके मे दुबारा अंदर घुसा दिया गीता आआआआआआआआआआआ आआआआआआआआआआअहह


करने लगी थी उसकी आँखो मे नशा उतर आया था मैं उसकी पतली सुराही दार गर्देन को चूमने लगा था गीता ने अपनी अंगो को और भी फैला लिया था जिस से मैं और भी खुल के उसकी चिकनी चूत की चुदाई कर पा रहा था मेरे बोझ से गीता का बदन दबे जा रहा था गीता बोली बस ऐसे ही मुझे प्यार करते रहो तुम नही जानते मैं कितना तड़पति हूँ जब तुम मेरे पास नही होते हो मुझे तो तुम्हारी लत लग गयी है बस ऐसे ही मुझको चोद्ते रहो उसकी बातों से मुझे भी जोश चढ़ रहा था मैने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और ताबड़तोड़ चूत मारने लगा हमारी हथेलिया आपस मे गुथ गयी थी कमरे मे बिल्कुल खामोशी छाई हुई थी किसी मुर्दाघर की तरह पर बिस्तर पे एक युद्ध चल रहा था


चूत और लंड के बीच मे जैसे ही मैं दो पल रुकता तो गीता नीचे से अपनी गान्ड उचकाने लगती थी 15-20 मिनट तक घनघोर चुदाई की मैने उसकी गीता बहुत ही ज़्यादा मस्त हो चुकी थी वासना से उसकी आँखे मुन्दने लगी थी गीता ने जोश मे आकर मेरे कान को अपने दाँतों से काटना शुरू कर दिया मेरा लंड और टटटे गीता की चूत से निकलते हुए पानी से सन चुके थे गीता अब बुरी तरह से काँपने लगी थी और फिर वो पल भी आ ही गया जब गीता कमजोर पड़ गयी उसकी चूत ने हार मान ली थी और ढह गयी थी जैसे ही गीता का काम तमाम हुआ मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया औ उसको उल्टी लिटा लिया और अपने चिकने लंड को गान्ड के छेद पे सटा दिया पर..............


छेद तंग होने से वो अंदर नही घूंस पा रहा था तो गीता बोली थोड़ा तेल लगा लो फिर काम हो जाएगा तो मैं झट से तेल लाया और उसकी गान्ड पे कुछ बूँद टपका दी एक बार फिर से मेरा लंड तैयार थे उसकी मस्तानी मचलती हुई गान्ड मे घुसने को अबकी बार पहले धक्के मे ही सुपाडे से थोड़ा ज़्यादा लंड अंदर पहुँच गया गीता बोली आअहह आराम सीईईईईईईईईईई दर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहा है मैने कहा क्या यार बस चला गया अंदर और एक धक्का और लगाते हुए पूरे लंड को गान्ड मे सरका दिया और बिना देर करे गान्ड मारने लगा कसम से गीता का हर छेद बहुत ही जबरदस्त था


और मुझ पर तो वो कुछ ज़्यादा ही मेहरबान थी तो मेरी तो चाँदी तो चाँदी ही थी गीता की गरमा गरम गान्ड मारके मुझे तो स्वर्ग जैसे आनंद प्राप्त हो रहा था जब जब मेरी टांगे उसके चुतडो से टकराती तो बहुत ही मज़ा आता था चूँकि मैं पहले से ही संभोग कर रहा था तो ज़्यादा देर गान्ड नही मार पाया और 5-7 मिनट बाद ही उसके चुतडो पे ही ढेर हो गया थोड़ी देर बाद मैं उठा और वहाँ रखी हुई कुर्सी पे बैठ गया गीता लेटे लेटे मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी

फिर मैने अपने कपड़े पहने जेब मे हाथ डाल के मोबाइल निकाला तो देखा कि 5 मिसकाल थे निशा के मैने झट से फोन मिलाया तो फोन उठाते हुए निशा मुझ पे चढ़ बैठी मैने कहा मेरी माँ सांस तो ले ले और बता क्या बात है वो बोली कमिने तू है कहाँ पे कब से फोन मिला रही थी मैं तो मैने कहाकि मैं खेत मे आया हूँ वो बोली मुझे अभी तुमसे मिलना है जल्दी से घर पे आ जाओ मैने कहा यार थोड़ी देर तो लग ही जाएगी पर तू फिकर मत कर मैं आता हूँ और फोन काट दिया फिर मैने गीता से विदा ली और गाँव की तरफ हो लिया घर गया साइकल खड़ी की और सीधा निशा के घर पहुँच गया वो घर के बाहर ही बैठी थी उसने मुझे बताया कि कॉलेज का टूर जा रहा है जयपुर,अजमेर, पुष्कर घूमने के लिए 3-4 दिन का टूर है वो तो जा रही है क्या तुम भी चलोगे तो मैने कहा हाँ क्यो नही तो उसने मुझे फॉर्म दिया और कहा कि तुम टूर की फीस और ये फॉर्म जमा करवा देना फिर हम इकट्ठे ही चल्लेन्गे तुम चलोगे तो मुझे भी कंपनी मिल जाएगी तो दोस्तो एक प्लान और बन गया था अगले दिन ही मैने फॉर्म जमा करवा दिया फिर कुछ टाइम उसके साथ बिताने के बाद मैं अपने घर आ गया

घुसा ही था कि चाची बोली बेटा ये पकोडिया बनाई है जा अनिता भाभी को दे आ मैं जाउन्गि तो काफ़ी देर लग जाएगी मैं ताइजी की वजह से जाना तो नही चाहता था पर फिर चला ही गया गेट खडकाया तो भाभी ही थी मैने उनको डिब्बा दिया औ कहा चाची ने भेजा है उन्होने कहा अंदर नही आओगे क्या मैं उनको देखने लगा वो बोली चिंता मत करो घर पे कोई भी नही है तो मैं झट स अंदर गया और उनको दीवार से सटा दिया और चूमने लगा भाभी ने भी एक शानदार पप्पी दी और फिर अलग हो गयी मैने कहा भाभी कुछ जुगाड़ करो ना तुम्हारे बिना मरे जा रहा हूँ भाभी बोली तू कल छत पे रहियो मैं आँगन मे नहाउंगी तो तू मोका देखकर छत से कूदकर अंदर आ जाना तो मैने कहा ना भाभी रिस्क मैं नही ले सकता और कोई चान्स हो तो बताना तो वो बोली फिर तो मुश्किल ही है मैने कहा कोई बात नही तकदीर मे मिलना होगा तो कोई ना कोई जुगाड़ हो ही जाएगा और वापिस आ गया


जैसे ही रात होती थी मेरी तन्हाई चली आती थी एक अजीब सी उदासी की चादर जैसे मुँहे ओढ़ लेती थी मैं समझ ही नही पाता था कि ऐसा मेरे साथ क्यो होता है कुछ तो था जो मुझसे छूट रहा था पर मैं समझ ही नही पा रहा था रात के दो बज चुके थे


मेरी आँखो मे नींद थी ही नही मैं बहुत ही परेशान हो रहा था तो मैने मिता को फोन मिलाया घंटी जाती रही पर उसने फोन पिक नही किया वैसे भी इतनी रात को कौन फोन उठता है मैं हताश हो गया थोड़ा ठंडा पानी पीया तो चैन मिला पर मन मेरा तो प्यासा ही था तो मैने निशा को फोन मिलाया दो चार बार ट्राइ करने के बाद उसने फोन उठा ही लिया और उनीदी सी आवाज़ मे बोली कि इतनी रात को फोन क्यू किया है तो मैने कहा यार मुझे पता नही क्या हो गया है एक बैचैनि से छा गयी है मेरे दिल ओ दिमाग़ मे तुम मुझसे अभी मिल सकोगी क्या तो निशा ने सॉफ सॉफ मना कर दिया बोली उसके पास मेरी फालतू बातों के लिए टाइम नही है और फोन काट दिया अब मैं क्या करू तो मैं अंदर घर गया और पापा के पास जाके सो गया माँ बाप के आँचल से बढ़कर छाँव बच्चो के लिए और कहाँ है सुबह मैं कॉलेज गया तो पता चला कि टूर फाइनल हो गया है 3 दिन बाद घूमने के लिए जाने वाले थे जब कॉलेज मे था तो कॉलेज बहुत ही भाता था पर अब मेरा दिल करता ही नही था खैर 3 दिन बीते और हम चल पड़े ग्रूप टूर पे मैं और निशा एक साथ ही बैठे थे ये मेरी जिंदगी का पहला सफ़र था जो मैं किसी लड़की के साथ काट रहा था

सफ़र लंबा था पूरी बस मे हसी ठिठोली चल रही थी बहुत ही खुशनुमा माहौल था मैने अपना सर निशा के कंधे पे टिका दिया और वॉकमॅन पे गाने सुन ने लगा सफ़र मे म्यूज़िक हो तो और भी मजेदार हो जाता है शायद मैं कुछ देर के लिए सो ही गया था फिर बस एक ढाबे पे रुकी तो सर ने कहा कि चलो हाथ-मुँह धो लो और सभी फ्रेश होके थोड़ा चाइ-नाश्ता कर लो तो हम भी नीचे उतर आए मैने अपना कॅमरा लिया और आस पास की फोटो खेंचने लगा फिर मैने निशा के लिए कुछ चिप्स और कोल्ड्रींक्स ली थोड़ा सामान और लिया मैं पैसे दे ही रहा था कि पीछे से निशा ने आवाज़ लगाई कि थोड़ी भूनी हुई मूँगफली भी ले लेना मुझे वो बहुत ही पसंद है तो मैने दो पॅकेट खरीद लिए कोई घंटे भर बाद बस फिर से चल पड़ी थी मंज़िल अभी दूर थी निशा और मैं एक गहन चर्चा कर रहे थे देर रात ढले आख़िर हम जयपुर पहुँच ही गये टाइम 10 से थोड़ा उपर ही हो रहा था थके-मान्दे हम बस से बाहर आए और अपना अपना बेग संभाला तो फिर इनस्टरक्टर ने बताया कि लड़कियो और लड़को के लिए अलग अलग रूम बुक किए है और एक रूम को 3-3 के ग्रूप मे शेअर किया जाएगा फिर हमको सीरियल के हिसाब से अपने अपने रूम अलॉट कर दिए गये
Like Reply
#24
और डिनर रूम मे ही पहुँचा दिया गया बस मे बैठे बैठे मेरी तो कमर ही अकड़ ही गयी थी तो पड़ते ही नींद आ गयी सुबह सवेरे ही मैं नहा धोकर बिल्कुल रेडी हो गया था और नाश्ता करने के लिए नीचे पहुँच गया तो देखा कि निशा भी अपनी कुछ सहेलियो के साथ टेबल पे बैठी थी जैसे ही उसने मुझे देखा वो मेरे पास आ गयी तो मैने उस से नाश्ते के बारे मे पूछा वो बोली उसने तो अपनी फ्रेंड्स के साथ पहले ही कर लिया है तुम भी जल्दी से कर लो नाश्ता पानी के बाद आज हमको पूरे जयपुर का भ्रमण करना था तो सफ़र एक बार फिरसे चल पड़ा आज से पहले तो जयपुर के बारे मे बस किताबो मे ही पढ़ा था पर पता चला कि राजस्थान की शान क्या थी बड़ा ही प्यारा सहर लगा मैं तो हर तरह के रंगो से भरा अपने अंदर एक बेहद विशाल इतिहास को समेटे हुए आमेर का किला, मोटी डूंगरी , आल्बर्ट हॉल , हवा महल और भी बहुत कुछ मैं तो जैसे जयपुर खा ही हो लिया था और फिर दोपहर मे राजस्थानी भोजन का तड़का उस डाल बाटी चुरमे के स्वाद को तो मैं आजतक नही भूल पाया हूँ और फिर उपर से निशा का साथ पूरा दिन ऐसे ही हंसते गाते निकल गया

वो अपने दाँतों से लंड को काटने लगी तो मैनें कहा आह क्या करती हो अगर इसको ही खा जाओ गी तो मेरा क्या होगा उसने कहा बहुत दिनो बाद तुम्हारे साथ हूँ तुम बस चुंप रहो और मुझे करने दो जो मैं करती हूँ और बड़े ही मज़े से मेरे लंड पे अपने मुँह से चुप्पे लगाने लगी मैं प्रीतम के नशे मे डूबने लगा मुझसे बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था तो मैने कहा बस करना अभी हट जा पर उसने मेरे लंड को बाहर नही निकाला और पूरे मज़े से उसको चूस्ति ही रही मैं समझ चुका था कि आज ये मेरा पानी पीकर ही मानेगी तो मैने उसके सर को अपने हाथो से दबा लिया और अपने पलों का आनंद उठाने लगा मेरे झड़ने का समय पल पल करीब आता जा रहा था फिर मैनें अपने हाथो से उसके सर को कस लिया और अपनी धार उसके मुँह मे छोड़ने लगा


जो उसके गले से होते हुए उसके पेट मे उतरती चली गयी जब तक मेरा लंड मुरझा नही गया तब तक प्रीतम उसको चाट ती ही रही फिर वो खड़ी हुई और अपने कपड़े उतारने लगी मैने भी अपनी शर्ट और अपनी बनियान को उतार दिया प्रीतम भी नंगी हो चुकी थी वो बेड पर आ गयी और मुझे किस करने लगी कितने ही महीनो बाद मैं उसके शरीर को आज छू रहा था शादी के बाद प्रीतम के शरीर मे काफ़ी बदलाव आ गया था वो और भी ज़्यादा मोटी हो गयी थी उसकी चूचिया नीचे को लटक रही थी लगता था की उसके पति ने जम कर रस चूसा हो उनका और उसकी गान्ड भी बहुत फूल गई थी मैं बोला जानू थोड़ा वजन कम करले तो वो कहने लगी कि मेरे पति को मैं मोटी ही अच्छी लगती हूँ प्रीतम ने अपनी जाँघो को फैलाया और बोली कि चलो बाते बहुत हो गयी अब तुम भी जल्दी से इसको चाटो बहुत ही खुजली लग रही है इसमे तो मैने उसकी चूत की पंखुड़ियो को फैला दिया और अपनी जीभ उसकी चूत मे घुसा दी और उसकी चूत मे गोल गोल घुमाने लगा


वो बोली अभी जाके मज़ा आया है क्या बताऊ तुम्हे मेरा पति मुझे रगड़ता तो है पूरा दम लगा के पर इसको चाट ता नही है तो मेरी हसरत अधूरी रह जाती है अब उसको डाइरेक्ट्ली कह भी नही सकती हूँ तो मैने कहा चल कोई नही जब तक तू यहाँ है मुझसे रोज ही चटवा लिया कर तो कहने लगी कमिने एक हफ़्ता हो गया आए हुए तू पता नही कहाँ कहाँ घंटा बजाता रहता है चल जल्दी से मेरी प्यारी को थोड़ा प्यार तो करले और अपनी टाँगो को ठीक से फैला लिया मैने अपने होंठो पे जीभ फेरी और उसकी चूत पर टूट पड़ा मैं उसको ऐसे खाने लगा जैसे कोई बरफी का टुकड़ा हो शादी के बाद भी उसकी चूत इतना नही घिसी थी बहुत ही मोहक सुगंध रही थी उसमे से मैं अपनी जीभ से चुंपद चुंपद लगा हुआ था प्रीतम को दोनो जहाँ का मज़ा आ रहा था

उसकी मादक सिसकारियो की आवाज़ किसी मधुर संगीत की तरंग की तरह मेरे कानो मे घुल रही थी उसकी चूत बहुत ही खारा पानी छोड़ रही थी जिसको मैं चटखारे लेते हुए चाटे जा रहा था लग रहा था कि आज अगर उसको नही संभाला तो आज वो हर बाँध को तोड़ देगी और फिर बाढ़ तो आनी ही थी काफ़ी देर तक मैं पूरे मन से उसकी चूत को चाट ता रहा मेरा लॉडा भी दुबारा से तन चुका था तो मैने अपना मूह उसकी योनि से हटाया और उसके चुतडो को थप्तपाते हुए प्रीतम को खड़ी कर दिया अब हम दोनो एक दूसरे के आमने सामने खड़े थे मैने उसको अपनी ओर किया और उसकी एक टाँग को थोड़ा सा उपर किया और अपने लड को चूत के छेद से सटा दिया प्रीतम का बदन ऐसे तपने लगा था जैसे कि उसको बुखार चढ़ा हो मैने सपोर्ट के लिए अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया और लंड को चूत मे सरका दिया


चूत की पंखुड़ियो को चूमते हुए लड उस प्यासी चूत मे प्रवेश कर गया मेरे लगाए हर धक्के पर प्रीतम का बदन हिचकोले खाने लगा था प्रीतम ने अपने हाथो से मेरे कंधो को पकड़ लिया और झूलते हुए चुदने लगी बस थप थप की आवाज़ हमारी टाँगो के आपस मे टकराने से हो रही थी उसके अलावा सबकुछ खामोश ही था जब जब प्रीतम के साथ सेक्स करता था हर बार बिल्कुल ताज़ा ताज़ा सा ही लगता था कुछ तो बात थी ही उस मर्जानी में .

मैं थोड़ा सा आगे हुआ और प्रीतम के रस से भरे अधरो को चूम लिया प्रीतम ने अपना मूह खोल दिया और हमारे होंठ आपस मे चिपक गये नीचे मेरा लड अंदर बाहर हुए जा रहा था तभी प्रीतम ने अपना हाथ अपनी चूत की उपर वाले हिस्से मे लगा लिया और उसको सहलाते हवुए चुदने लगी उत्तेजना से मेरे कानो मे गर्मी बढ़ने लगी थी मुझसे कंट्रोल छूट चुका था तो मैं पूरा दम लगा के उसकी चूत की चटनी बनाए जा रहा था और फिर 30-35 मिनट तक एक बेहद ही मजेदार चुदाई करने के बाद मैं डिसचार्ज होने लगा मैने बिना किसी चिंता के अपना सारा पानी उसकी चूत मे ही डाल दिया

जितनी देर तक उसका वजन थामे रखने के कारण मेरे घुटने जवाब दे गये थे तो मैने उसको अपने से अलग किया और फर्श पे ही लेट गया और लंबी लंबी साँसे लेने लगा प्रीतम मेरे रुमाल से अपनी चूत से बहते हुए मेरे पानी को सॉफ करने लगी कुछ देर बाद मैं उठा और अपने कपड़े पहनने लगा तो प्रीतम बोली अरे अभी क्यू पहन रहे हो तो मैने कहा अभी मुझे जाना होगा वो मुझे रोकने की कोशिश कर रही थी पर मैं नही रुका पर जाने से पहले मैने उसको अपना नंबर दे दिया और उसको कहा कि मुझे कॉल करना फिर मैं सीधा अपने प्लॉट मे आ गया और चारपाई पे लेट गया मैने मिता को कॉल किया तो उसने बताया कि वो भी फ्री ही थी तो मैं उस से बाते करने लगा मैने उसको बताया कि बस थोड़े ही दिन मे एनडीए का रिज़ल्ट आने वाला है अगर सेलेक्ट हो गया तो तेरा यार फ़ौजी बन जाएगा मिता हँसने लगी जब जब वो हस्ती थी मेरा दिल कुछ ज़्यादा ही धड़कने लगता था जब तक मेरा बॅलेन्स ख़तम ना हो गया मैं बात करता ही रहा फिर फोन कट गया फिर उसने कॉल बॅक किया तो मैने कहा कि तू फोन रख दे मैं शाम को बात करूगा मुझे थोड़ी थकान सी भी हो रही थी तो मैं वही पे सो गया पता नही मैं कितनी देर सोया मोबाइल की रिंग से मेरी आँख खुली



तो मैं नीद मे ही फोन उठाया घर से था मेरी नींद अभी पूरी तरह से नही खुली तो बस ऐसे ही हाँ हूँ करता रहा पर समझ मे कुछ नही आया अधखुली आँखो से उठा मूह धोया तो दिमाग़ कुछ सेंटर मे आया फिर मैं घर चल पड़ा जाते ही मैने मम्मी को कहा कि मेरे सर मे बहुत दर्द है एक कड़क चाइ बना दो.


मैं चाइ पी ही रहा था कि तभी निशा का फोन आया वो मुझे बुला रही थी तो मैने कहा कि यार आज तबीयत थोड़ी खराब सी हो रही है एक काम कर तू मेरे घर आजा तो वो बोली ठीक है मैं आती हू मैं उसका इंतज़ार करने लगा 15-20 मिनट बाद वो आई चूँकि उसके पिता कारगिल युद्ध के सहीद थे तो उसको लगभग हर कोई जानता था फिर भी मैने उसको अपने घर वालो से इंटो करवाया मम्मी ने उसको बैठने को कहा और उसके लिए चाइ-नाश्ता लाने चली गयी हम बाते करने लगे कि मम्मी और चाची भी शामिल हो गयी बहुत ही खुशनुमा माहौल था कोई एक घंटे बाद वो बोली अंधेरा होने लगा है अब मुझे चलना चाहिए तो मैने कहा रूको मैं तुमको छोड़के आता हू फिर हम साथ साथ बाहर आ गये तो निशा बोली तुम्हारी तभी ठीक नही है तुम रहने दो मैं चली जाउन्गि तो मैं वापिस अंदर आ गया


लाइफ डेली रुटीन पे चल ही रही थी बस कट ही रही थी मेरा कॉलेज जाना ना जाना बराबर ही था मुझे आज भी याद है वो तारीख नवंबर 24 मिता का जनमदिन आ गया था पर वो नही थी मेरे साथ फोन पे ही शुभकामनाए दी उसको . कमरे से बाहर आया ही था कि पापा ने आवाज़ लगाई तो मैं दौड़ते हुए गया वो थोड़ी अधिरता से बोले कि तेरा रिज़ल्ट आ गया है जल्दी से रोल नंबर स्लिप लेकर आ ये सुनते ही मेरे शरीर मे घबराहट फैल गयी मैने स्लिप उनको देते हुए कहा कि पापा आप ही देखलो मुझसे ना हो गा तो वो देखने लगे आख़िर लास्ट वाली लाइन मे मेरा नंबर मिल ही गया था तो दोस्तो अपना सेलेक्षन हो गया था .

पापा की आँखे भीग गयी उहोने मुझे अपने सीने से लगा लिया और भावुक स्वर मे बोले बेटा आज तूने मेरा सर उँचा कर दिया मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था कि मेरा सेलेक्षन हो गया उस बंदे का जो कभी भी सीरीयस नही था बस ऐसे ही फॉर्म भर दिया था पापा ने उसी दिन कहा कि वो देवता की सवामनी करवाएँगे आख़िर उनका बेटा एक सोल्जर बन ने जा रहा था शाम तक खबर फैल गयी कि फलाना बंदे का एनडीए मे चयन हो गया है

मैं तो जैसे पंख लगाए उड़े जा रहा था जब शाम को मैने निशा को बताया तो उसे तो विश्वास ही नही हुआ फिर वो उदास हो गयी बोली तो ये तय है कि कुछ दिनो मे तुम भी चले जाओगे तो मैनें कहा क्या यार तुम ये बात लेके बैठ गयी हो यार जाना तो पड़ेगा ही ना मैं उसको पार्टी देना चाहता था पर उसका मन थोड़ा भारी भारी सा हो गया था तो मैने प्लान कॅन्सल कर दिया .

10 दिन बाद ही मेरा लेटर आ गया था मुझे खडकवास्ला पुआ जाना था टाइम भी कम ही था कुछ डॉक्युमेंट्स वग़ैरा तैयार करवाने थे और कॉलेज से अपने जमा करवाए सर्टिफिकेट्स भी वापिस लेने थे इस बीच सेक्स तो जैसे छूट ही गया था बस कुछ ही दिनो मे मुझे जाना था ट्रेन मे रिज़र्वेशन हो चुका था मेरी तरफ से तो सारी तैयारी पूरी हो ही चुकी थी बस इंतज़ार था रवाना होने का जैसे जैसे दिन करीब आता जा रहा था मेरा मन घबराने लगा था मैने सोचने लगा कि अगर मैं चला गया तो मेरी सेक्सी जिंदगी तो ख़तम ही हो गई थी मैं चूत मारे बिना कैसे रह पाउन्गा पर जाना तो था ही तो मैने सोचा कि क्यू ना थोड़ा एंजाय कर लू तो मैने अपनी दुविधा अनिता भाभी को बताई तो उहोने कहा एक काम कर आज रात तू मेरे कमरे मे आजा बाकी मैं संभाल लुगी उहोने कहा कि आना तो छत कूदके ही पड़ेगा कुछ सोच कर मैने हाँ कह दी और रात का इंतज़ार करने लगा

रात को साढ़े दस बजे मैं छत पे चढ़ा और भाभी की छत से उतरते हुए उसके आँगन मे पहुच गया अनिता के कमरे का दरवाजा खुला ही था जैसे ही मैं अंदर गया मेरे तो होश ही उड़ गये आज तो उहोने पूरा शृंगार किया हुआ था वो बेहद सुंदर लग रही थी भाभी ने गेट को बंद किया और वही खड़ी होके मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी इस कमरे से बहुत सी यादे जुड़ी हुई थी मेरी आख़िर उसी कमरे मे मैने पहली बार चूत का स्वाद चखा था वो भाभी ही तो थी जिन्होने मुझे मर्द होने का एहसास करवाया था

क्रीम कलर की साड़ी मे वो एक गुड़िया सी लग रही थी भाभी धीरे से मेरे पास आई और मेरी जाँघ पर बैठ गयी और मेरी आँखो मे देखने लगी मैं उकी ज़ुल्फो को सहलाने लगा उनके पतले पतले होंटो पे हल्के गुलाबी कलर की लिपीसटिक मेरा ध्यान भटका रही थी भाभी बोली इतनी गौर से क्या देख रहे हो पहले मुझे नही देखा है क्या तो मैने कहा देख लेने दो जी भर कर आगे क्या पता कब आपके दीदार होंगे भाभी खामोश हो गयी मैने उनके पतले होंठो पे अपने होंठ रख दिए और उनको किस करने लगा भाभी के बदन मे एक लहर सी उत्पन्न हो गयी भाभी ने भी मेरा सहयोग करना शुरू कर दिया था


शहद से भी मीठे उनके होन्ट जब पहली बार उनको चूमा था तब भी वो ऐसे ही ताजे थे जितने कि आज किस करते करते ही मैने उनकी साड़ी का पल्लू हटाया और उनके ब्लाउस के हुको को खोलने लगा अंदर उहोने ब्रा नही पहनी थी तो उनकी गौरी गौरी उन्नत छातियाँ तुरंत ही मेरे हाथो मे आ गयी जिनको मैने अपने हाथो मे थाम लिया और बड़े हो प्यार से सहलाने लगा अब मैने अपने होंठो को अलग किया और वो मेरी गोदी मे लेट सी गयी

मैं खुल के अपने हाथो को उनकी चुचियों पे चलाने लगा भाभी उत्तेजित होने लगी थी उनके बोबे पूरी तरह तन गये थे जैसे कि किसी पहाड़ की दो चोटिया हो मैं थोड़ा झुका और उनके एक बोबे को अपने मूह मे ले लिया और दूसरे को दबाने लगा कुछ ही देर मे मैने उनके दोनो बोबो को पी पी कर एक दम लाल कर दिया था फिर मैने उनको कपड़े उतारने को कहा और अपने कपड़े भी उतार दिए अब हम दोनो जनम्जात अवस्था मे थे अनिता ने मेरे लड को पकड़ लिया तो मैने उनको कहा कि चलो साथ ही करते है और हम दोनो 69मे हो गये उनके चूतड़ मेरे मूह पे थे तो मैने उनको थोड़ा नीचे किया और उनकी छोटी सी चूत को अपने मूह मे ले लिया भाभी की चूत फडक उठी मैं उनकी चूत और गान्ड दोनो को साथ साथ चाटने लगा

दूसरी ओर वो भी मेरे लड पे अपने होंठो का जादू चलाने लगी थी उनकी चूत रिसने लगी थी वो अपनी गान्ड को मटका मटका के मुझे अपना रस पिला रही थी उधर मेरा लड भी जैसे पिघलने लगा था उनके मूह मे और मैं बिल्कुल भी चोदे बिना झड़ना नही चाहता था तो मैने उनको अपने उपर से धक्का देकर हटा दिया और उनकी जाँघो को अपनी जाँघो पे चढ़ा लिया बस अब मिलन की देर थी मेरा सुपाडा उनकी चूत को टच करे जा रहा था तो भाभी ने अपने हाथो से उसको अपने छेद पे लगाया और मुझे घुसाने को बोली तुरंत ही आधा लड अपना रास्ता बनाते हुए उनकी चूत मे समा गया भाभी ने एक गहरी आह ली और मेरी बाहों मे खोती चली गयी मैं और भाभी एक दूसरे के सामर्थ्य को तौलने लगे वो बड़ी ही बेकरारी से मुझको चूमे जा रही थी

उनकी हथेलिया मेरे पूरे शरीर पर रेंग रही थी बेड पर एक तूफान आ गया था उनकी मचलती जवानी और मेरे जलते अरमान हर एक धक्के के साथ मैं उनमे पूरी तरह से समाने की कोशिश करे जा रहा था एक दीवानगी सी छा गयी थी हम दोनो पर . जितना कस कर मैं उनकी चूत पे धक्का लगाता उतना ही उनकी चूत मेरे लड पे कसी जा रही थी भाभी मेरे प्रति ऐसे समर्पित थी जैसे कि वो मेरी ही पत्नी हो आज की ये चुदाई हवस की ना होकर भावनात्मक लगाव की थी हम दोनो हर एक पल का पूरा आनंद ले रहे थे भाभी की गरमागरम साँसे मेरे मूह मे ही घुलसी रही थी मैं तो बावरा हो गया था उनके हुस्न की पनाह पाकर भाभी अब बेकाबू घोड़ी हो गयी थी मेरा लड उनकी चूत मे और भी गहरा धंसा जा रहा था मस्ती का आलम इस कदर चढ़ चुका था कि रज़ाई ना जाने कब हमारे उपर से उतर कर नीचे जा गिरी थी मैने इस कदर उनके होंठ को चबाया कि वो साइड से कट गया और खून निकल आया जिसे मैं चाटने लगा था तभी भाभी की पकड़ मुझपे मजबूत होने लगी उनके नाख़ून मेरी पीठ को खरोचने लगे और फिर एक तेज झटके के साथ वो ढीली पड़ गयी और उनकी चूत से रस की नदी बह निकली जिस से मेरी टांगे भी चिपचिपी हो गयी

पर मैं वैसे ही लगा रहा थोड़ी देर तो उहोने सहा फिर मुझे हटने को कहा मेरा मूड तो नही था पर मैं उनके उपर से उतर गया तो भाभी उठी और मेरी हालत को समझते हुए मेरे लड को अपने मूह मे भर लिया और अपनी चूत के रस से सने हुए लड को अपनी लंबी जीभ से चाटने लगी मेरे सुपाडे पे चलती उनकी जीभ को मेरा लड ज़्यादा देर तक नही सह पाया और उसने उनके मूह मे ही अपनी धार मारनी शुरू कर दी भाभी गाटा गट मेरे पानी को पीने लगी मैं निढाल होकर बिस्तर पर पड़ गया

ना जाने कब मेरी आँख लग गयी जब मेरी आँख खुली तो 3 बज रहे थे मैं उठा कपड़ो को संभाला और जिस रास्ते से गया था उसी रास्ते से वापिस आ गया बाहर गहरी धुन्ध छाई पड़ी थी ठंड से मेरी रीढ़ की हड्डी कांप गयी मैने किवाड़ खोला और बिस्तर मे घुस गया तब जाके थोड़ा सा चैन मिला नींद तो उड़ ही गयी थी मैं लेटे लेटे ही अपने जीवन के बारे मे सोचने लगा मुझे अपनी ज़िंदगी की एक नयी शुरुआत करनी थी कुछ ही दिनो मे मुझसे ये सब कुछ छूट जाएगा पता नही नया माहौल कैसा होगा ये सब सोचते सोचते सुबह के5 बज गये मैने मिता को फोन लगा दिया पहली ही घंटी मे उसने फोन उठा लिया तो वो कहने लगी कि वो पूरी रात सोई ही नही उसके समस्टेर के प्रॅक्टिकल्स चल रहे है तो वो पूरी रात बचे हुए काम को ही फिनिश कर रही थी मैने मिता से कहा कि तुम्हारी बहुत याद आती है तो उसने बात को टाल दिया पर मेरे दिल मे बहुत कुछ था उसको बताने के लिए पर वो बिजी होने का बहाना बना रही थी मुझे गुस्सा सा आने लगा था मैने कहा यार दो दिन बाद मुझे जाना है फिर पता नही लाइफ कैसी हो क्या पता फ्री टाइम मिले ना मिले मिता बोली प्लीज़ तुम समझो मेरा काफ़ी काम पेंडिंग है


मुझे प्रॅक्टिकल सब्मिट करनी है मैं तुमसे बाद मे बात करूगी और फोन काट दिया मैं हेलो हेलो करता ही रह गया मेरे दिमाग़ का फ्यूज़ ही उड़ गया वैसे मुझे कभी गुस्सा आता नही था पर उस दिन मैं आउट ऑफ कंट्रोल हो गया मैने फोन को सामने दीवार पर दे मारा एक मिनट मे ही उसके टुकड़े बिखर गये मैं कमरे के बाहर निकला और मंदिर की सीढ़ियो पे जाके बैठ गया आज ठंड भी कुछ ज़्यादा ही थी मेरी स्वेटर भी उसको नही रोक पा रही थी पर मैं वही बैठा रहा शांत पानी को देखता ही रहा उस शांत पानी को देखकर मुझे कुछ हॉंसला सा मिला पर मूड बहुत ही खराब था काफ़ी देर उधर ही बैठने के बाद मैं घर आया तो देखा कि घर वाले मेरी पॅकिंग करने मे लगे है मम्मी ने काफ़ी सारा सामान इकट्ठा का लिया था काजू, बादाम, गोंद के लड्डू , घी और मेरा फेव. गाजर का आचार जब मैने ये सब देखा तो मैने उनको सॉफ सॉफ कह दिया कि मैं कुछ नही ले जाउन्गा बस दो-चार जोड़ी कपड़े और अपना बेग बस और कुछ नही तो मम्मी बोली बेटा थोड़ा सा ही तो सामान है पर मैने मना कर दिया फिर मैने थोड़ा बहुत कुछ खाया पिया और अपने कमरे मे आया तो मेरी नज़र टूटे पड़े फोन पर गयी तो मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया .


पर अब कुछ नही हो सकता था मैं वही कुर्सी पे बैठ गया और सोचने लगा मिता के व्यवहार से मेरा मन बुझ गया था आज से पहले उसका बिहेवियर ऐसा कभी नही था मुझे चैन नही मिल रहा था तो मैने मम्मी से पैसे लिए और मैं सहर चला गया थोड़ा सामान भी खरीदना था वहाँ जाके मुझे निशा का ध्यान आया तो मैं कॉलेज गया और उसको अपने साथ ले लिया मैं उसको एक लॅडीस गारमेंट की दुकान पे ले गया और उसके लिए दो सूट खरीदे वो मना कर रही थी तो मैने उसका हाथ पकड़ा और उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए कहा कि देख मैं अब चला जाउन्गा ना जाने कितने दिन बाद आना होगा प्लीज़ यार तू मना मत कर आख़िर एक तू ही तो मेरी दोस्त है तेरे सिवा और कौन है मेरा मैं थोड़ा भावुक हो गया तो निशा ने हाँ कर दी फिर मैने उसकी पसंद के सूट खरीदे अपने लिए भी सामान खरीदा और शाम होते होते गाँव आ गये निशा का साथ मुझे बेहद सकुन देता था पर वो बस आख़िर दोस्त ही थी मेरी या दोस्त से कुछ ज़्यादा ही हो गयी थी जितना वो मुझे समझती थी उतना तो मिता कभी नही जानती थी पर मिता मेरी प्रेरणा थी

मैने तो बस एक ही सपना देखा था मिता के साथ एक छोटा सा आशियाना बसाने का फिर मुझे ऐसे क्यो लगता था कि मिता जैसे मुझसे दिन ब दिन दूर जाती जा रही हो और निशा दूर होकर भी पास ही लगती थी मेरा मन एक अजीब से द्वंद मे फस गया था ये कैसी गुत्थी थी जिसको मैं सुलझा नही पा रहा था तकदीर कैसा खेल खेलने जा रही थी ये तो बस वक़्त के गर्भ मे ही छुपा था खैर मैने सोच लिया था कि अगला पूरा दिन मैं निशा के साथ ही बिताउन्गा तो अगले दिन मैने पापा से रिक्वेस्ट करके उनका स्कूटर माँग लिया और निशा के साथ नहर पे चला गया हम दोनो नहर पे बनी हुई पुलिया पे बैठे थे हल्की सी धूप बिखरी पड़ी थी मंद मंद चलती हुई सर्द हवा तो मैने अपने बॅग से कॅमरा निकाला और निशा को पास के सरसो के खेत मे खड़ा करके उसकी तस्वीरे लेने लगा ना जाने क्यो उसका साथ इतना अच्छा लगने लगा था मुझे हम दोनो मस्ती कर रहे थे तो निशा बोली कि उसने मेरी नौकरी के लिए मन्नत माँगी थी और तुम भी कल चले जाओगे तो क्यो ना हम आज ही चल कर मंदिर मे माता को चुन्नी चढ़ा आए तो मैने कहा चल और स्कूटर का कान मोड़ दिया


हम मंडी पहुचे पूजा का समान लिया फिर निशा ने पूजा की मैं बस उसको देखता ही रहा तभी पता चला कि मंदिर मे भंडारा लगा हुआ है तो हम भी वही बैठ गये और जीमने लगे मंदिर मे हमे काफ़ी टाइम लग गया था जब हम वापिस आ रहे थे तो निशा ने कहा अब तो तुम नौकरी वाले हो गये हो वहाँ जाकर मुझे भूल तो नही जाओगे तो मैने कहा तुम्हे क्या लगता है तो वो बोल ऐसी कहावत है ना कि पंछी जब अपना घोंसला छोड़के जाता है तो फिर वापिस नही आता तो मैने कहा तू हमेशा मेरी दोस्त थी और मरते दम तक रहेगी ……………………………

मैने उसको कहा कि मैं वहाँ जाकर जल्दी ही फोन खरीद लुगा फिर मैं उस से बाते तो करता ही रहूँगा तो वो कहने लगी कि मुझे तो अब तुम्हारी आदत पड़ गयी है भगवान जाने कैसे अड्जस्ट करूगी तुम्हारे बिना शाम तक मैं उसके ही साथ रहा मैं आज भी कहता हू कि वो मेरी जिंदगी का सबसे यादगार दिन था वो दिन आज भी भुलाए नही भूलता आज भी यू बेरंग हो चुकी तस्वीरो को देखता हू तो दिल बस तड़प कर रह जाता है


अगले दिन मैं कुछ जल्दी ही उठ गया था पर मेरे मन मे एक उधेड़बुन सी चल रही थी घर का माहौल थोड़ा टेन्षन वाला सा था आज मुझे अपने नये सफ़र पर जाना था आज लग रहा था कि जैसे मैं एक पल मे ही बड़ा बन गया था सभी घर वाले उदास से लग रहे थे तो मैं मम्मी के पाँवो मे बैठ गया और उसे कहा कि एक ना एक दिन तो कमाने जाना ही पड़ता ना तो फिर अब आप सभी लोग ऐसे करोगे तो कैसे चलेगा पर अंदर से मेरा मन भी भारी हो रहा था फिर मैं तैयार होने चला गया इसी तरह दोपहर हो गयी थी मेरी दो बजे की ट्रेन थी तो मैने अपना बॅग उठाया और घर वालो से विदा ली वो सभी स्टेशन आना चाहते थे पर मैने उनको मना कर दिया जब मैं प्लॅटफॉर्म पे पहुचा तो देखा कि निशा वहाँ पहले से ही एक बेंच पर बैठी थी उसने मुझे देखा और एक फीकी मुस्कान की साथ मेरा अभिवादन किया मैं चुपचाप उसके साइड मे बैठ गया ना वो कुछ बोल रही थी ना मैं कुछ बोल पाया

ट्रेन आने मे अभी कुछ देर थी मैं उस से बात करना चाहता था पर मेरी ज़ुबान को जैसे लकवा मार गया हो मेरे अंदर कुछ घुटने सा लगा था ना चाहते हुए भी मेरी आँखो मे आँसू आ गये मैं अपनी हथेली से उनको पोंछ ही रहा था कि तभी ट्रेन आने की अनाउसमेंट हो गयी और कुछ ही मिंटो मे ट्रेन लग गयी मैं बस इतना ही कह पाया कि निशा मेरे गले नही लागो गी और वो मेरी बाहों मे समा गयी मुझे किसी की परवाह नही थी कोई देखे तो देखे निशा के आँसू उसके गालो से होते हुए बहने लगे अब मैं उस से अलग हुआ ट्रेन बस चलने को ही थी तो मैने उसको बस इतना ही कहा कि मुझे भूल मत जाना और ट्रेन मे चढ़ गया जब तक वो मेरी नज़रो से ओझल ना हो गयी मैं गेट पे खड़े खड़े उसको ही देखता रहा ना जाने क्या सोच कर मैने अपने आँसुओ को बहाने से नही रोका

ढाई दिन का सफ़र बस उदासी के माहौल मे ही कटा मेरा , पर रेल चल पड़ी थी तो मंज़िल पे पहुचनी ही थी स्टेशन से बाहर आया तो अकादमी की बस थी मेरे जैसे औरो को भी ले जाने के लिए आज पहली बार मैं घर से बाहर अकेला था पर ये ही तो लाइफ है अकादमी पहुच गये और अपना पास कलेक्ट किया ब्रिगडियर साहिब के एक जोशीले भाषण से हमारा स्वागत हुआ कुछ दिन ऐसे ही फॉरमॅलिटीस मे निकल गये मेरा यहाँ मन नही लगता था पर अब तो ये ही घर था कुछ दोस्त बन गये थे तो उनके साथ ही थोड़ा बहुत टाइम पास हो जाया करता था हर सुबहा अब पोने चार बजे शुरू होती थी और रात दस बजे दिन ख़तम होता था पहले महीने मे तो बहुत ही मुश्किल आई पर फिर धीरे धीरे आदत हो गयी थी


सुबह सुबह ड्रिल्स चलती फिर क्लासस फिर शाम को ड्रिल और अदर आक्टिविटीस पर अच्छी बात ये भी थी स्थाईफंड भी मिलने लगा था तो जेब मे दो पैसे भी रहते थे मुझे यहाँ आए हुए नो महीने हो गये थे इस बीच एक बार भी मिता और निशा से बात नही की थी घर भी बहुत ही कम बात चीत ही वो भी एसटीडी से अकॅडमी से बाहर जा ही नही पाता था लाइफ अपने आप मे सिमट ही गयी थी हर पल बस कुछ ख्वाब थे जिनको पूरा करने की आस थी दिन तो गुजर ही रहे थे


एक दिन हिम्मत कर के सनडे के दिन अपने मेजर साहिब से आउटपास का जुगाड़ कर ही लिया अब शाम तक मैं आज़ाद पंछी की तरह विचरण कर सकता था इतने दिनो बाद आज सिविल कपड़े पहने थे मैं गेट से बाहर आया और एक एसटीडी से मिता को फोन मिलाया आज इतने दिनो बाद उस से बात की मैने मिता ने पहले तो मुझ जी भर के गालियाँ दी मैं चुप चाप सुनता रहा जब वो थोड़ी शांत हो गयी तो मैने उसको बताया कि यार इधर बाहर आने का बिल्कुल भी मौका नही मिलता है और मैं नया फोन भी नही खरीद पाया हू तो कैसे बात करता फिर पूरा दिन इतनी मेहनत होती है कि रात को पड़ते ही नींद आ जाती है मिता बोली वो दो बार गाँव भी जाके आई है बिल बढ़ता जा रहा था पर मुझेकॉई चिंता नही थी अपनी दिलरुबा से इतने दिनो के बाद बात करके मेरा तो रोम रोम झूम उठा था मिता बताने लगी कि वो मुझे बहुत ही याद करती है हर पल बस मेरे ही बारे मे सोचती है मैने उसको कहा कि जब छुट्टी मिलेगी तो मैं आउगा तुमसे मिलने को कोई एक घंटे तक बाते चलती रही फिर मैने ईक पिक्चर देखी और बाहर ही खाना खाया अंदर का बेस्वाद खाना खा खा कर पक गया था मैं फिर शाम को मैं वापिस चल पड़ा अपने सरल व्यवहार के कारण मैं मेजर साहिब की नज़रो मे आ गया था वो मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही ध्यान देते थे उनकी विशेष कृपा से अकॅडमी मे ट्रैनिंग थोड़ी आसान हो गया थी


ऐसे ही धक्के देते देते 15 महीने गुजर गये तो अब हमे 20 दिन का हॉलिडे अ लॉट हुआ मैं बहुत ही खुश था इतने दिनो को जैसे किसी क़ैद की तरह मैने काटा था छुट्टी की स्लिप ली और सारी कार्यवाही करके अपना बेग और संदूक उठाया और चल पड़े अपने गाँव की ओर रिज़र्वेशन था नही तो जनरल बोगी मे ही पंडा रहा पर मन मे उमंग थी तो सफ़र कट ही गया मैने अपने गाँव की मिट्टी को प्रणाम किया और अपने घर पहुच गया सभी मुझे देखते ही बहुत खुश हो गये और ऐसा लगा कि घर मे दुबारा हसी खुशी का माहौल लौट आया हो

मुझे भी इतने दिनो बाद वापिस आकर बहुत ही अच्छा लग रहा था मैने मौका देखकर चाची को किस किया आज कई दिनो बाद मैने किसी औरत को टच किया तो मेरी सोई हुई हसरते एक दम से जाग गयी थी पर क्यूकी सभी घरवाले थे तो कुछ हो नही सकता था सांझ ढले मैं निशा से मिलने उसके घर गया तो उसकी माँ ने बताया कि वो तो यहाँ नही है बॅंक की तैयारी कर रही है तो कोचैंग करने के लिए जयपुर गयी हुई है ये सुनकर मैं उदास हो गया और ठंडे कदमो से वापिस लौट आया

मेरा मन बुझ सा गया था रात को मैने निशा का नंबर ढूँढा और उसको अपने घर वाले फोन से कॉल की निशा तो जैसे भरी ही पड़ी थी मुझ पर बरस पड़ी बोली तुमने डेढ़ साल मे एक बार भी फोन नही किया चिट्ठी भी नही लिखी जानते हो मैं क्या क्या सोच रही थी तो मैने उसको कहा कि यार वहाँ बाहर जाने का मौका नही मिलता और मेरे पास फोन भी नही था तो बता क्या कर सकता था तो मैने उसको कहा कि मैं छुट्टी आ गया हू तू कब मिलेगी तो उसने कहा कि वो नही आ पाएगी तुम ही टाइम निकाल कर जयपुर आ जाओ तो मैने कहा मैं एक हफ्ते बाद आउगा और फिर कुछ देर बातचीत करने के बाद फोन काट दिया ये मेरी ग़लती थी जो मैने उसको कॉंटॅक्ट नही किया था पर मैं करता भी क्या मेरी तो खुद की गान्ड गले मे अटकी पड़ी थी मैने सोचा कि अगले दिन जाके गीता को ही बजाउन्गा सबसे पहले ये सोचते सोचते मैं सो गया अगले दिन नहा धो कर मैं निकल पड़ा अपनी रांड़ से मिलने के लिए


जब मैं उसके घर पहुचा तो देखा कि वो बाहर चबूतरे पे कपड़े धो रही थी चबूतरा शायद उसने बाद मे बनवाया था फिर मैं आया भी तो काफ़ी टाइम के बाद था जब गीता की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो खुश हो गयी वो उठी और मेरे पास आकर बोली कि बड़े दिन लगाए वापिस आने मे तो मैने कहा अब सरकारी बंदे है जब छुट्टी मिले तभी आना होता है गीता का लहंगा पानी से भीग कर उसकी जाँघो से चिपक गया था जिस से उसकी वी शेव नज़र आ रही थी और मैं तो इतने दिनो का प्यासा था बस बीच मे कभी कभार मुट्ठी ही मारी थी मेरी आँखो मे हवस चढ़ने लगी गीता भी शरमाने लगी वो बोली कितने दिन की छुट्टी आए हो तो मैने कहा अभी तो हू कुछ दिन इधर ही मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था तो मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने सीने से लगा लिया गीता बोली तुम अंदर चलो मैं अभी कपड़े धो कर आती हू तो मैने कहा नही जो भी काम है बाद मे करना अभी तो तुम बस मेरी ही हो और उसको अपनी गोद मे उठा के अंदर ले आया



गीता किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह शरमाने लगी थी मैने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके ब्लाउस और ब्रा को उतार दिया गोल गोल ठोस चूचिया एक झटके मे बाहर आ गयी मेरी प्यास एक दम से भड़कने लगी मैं गीता के पास लेटा और उसके काँपते होंटो को चूम लिया गीता मुझसे चिपक गयी मेरा हाल ऐसा था कि जैसे किसी भूखे को सालो बाद नीवाला मिला हो मैं बेकरारी से उसके होंटो को निचोड़ने लगा और अपने हाथों से उसके उन्नत उभारो को मसल्ने लगा गीता भी एक प्यासी औरत थी तो जल्दी ही वो भी गरम हो गयी उसका बदन तपने लगा कोई दस मिनट तक मैं बस उसके होंटो से शहद ही निचोड़ ता रहा फिर मैने अपना हाथ उसके लहंगे मे घुसा दिया और उसकी गौरी टाँगो पे फिराने लगा गीता की चिकनी टांगे और भी भारी भारी लग रही थी


अब मेरा हाथ उसकी टाँगो के जोड़ की तरफ बढ़ने लगा था जब मैने उसकी चूत पे हाथ रखा तो कच्छि वहाँ से गीली गीली थी मत लब उसकी चूत अपना पानी छोड़ने लगी थी मैने उसके लहंगे को उतार दिया काले रंग की कच्छि मे गीता का गोरा बदन एक कयामत से कम नही था मैने भी जल्दी से अपने कपड़ो को बदन से अलग किया और नंगा हो गया मेरा लड हवा मे झूलने लगा गीता मेरे लंड को देखते हुए बोली कि अरे ये तो और भी तगड़ा हो गया है और गीता ने खुद ही अपनी कच्छि उतार दी उसकी चूत पे ढेर सारे बालो को देखकर मैने कहा ये क्या हाल बना रखा है तुमने तो वो बोली अब तुम्हारे अलावा इसका कौन हकदार है जब तुम ही नही थे तो इसका ख़याल कौन करता मैने अपना मूह उसकी चूची पे लगाया और उसकी चूची पीने लगा और साथ ही अपनी उगली गीता की चूत मे सरका दी चूत बहुत टाइट लग रही थी गीता ने एक झुरजुरी ली

और बोली आहाआआआआआआअ आहिश्ता से करो ना मैं बारी बारी से उसकी 36इंची चूचियो का मज़ा लेने लगा कुछ ही देर मे वो फूल कर तन गयी थी मेरी उगली पूरी तरह से गीली हो गयी थी तो मैने उसको गीता के मूह मे डालके उसको चूसने लगा आज मैं जी भर कर गीता को भोगना चाहता था तो मैने उसकी टाँगो को खोला और झांतो से भरी हुई चूत को अपनी नाक से सुघने लगा चूत की नमकीन गंध मेरे नथुनो मे उतर ती चली गयी उसकी भीनी भीनी खुश्बू से मेरी मस्ती और भी चढ़ गयी तो मैने अपनी जीभ को वहाँ पर रख दिया और एक सड्पा लिया तो गीता की आँखे अपने आप बंद हो गयी उसकी चुदासी चूत अपना रस बाहर फेंकने लगी मैने गीता से कहा मेरी जान आज इस अमृत को जी भर कर पिला दे मुझे आज तू रोकना नही और
Like Reply
#25
और मैने अपने मूह मे पूरी चूत को भर लिया और उसको किसी गोल गप्पे की तरहा से खाने लगा मैं उसकी चूत से रिस्टी हर बूँद को पीना चाहता था गीता अपने बोबो को मसल्ने लगी वो भी मेरे जितनी ही प्यासी थी आज तो तुफ्फान आना पक्का था तभी मेरी नज़र साइड पे रखी रूहफ्ज़ा शरबत की बॉटल पे गयी तो मैं उसको उठा लाया और गीता की चूत को शरबत की चाशनी से पूरा भर दिया अब उसकी चूत बहुत ही चिप चिपि हो गयी थी मैं उगली से उस गाढ़ी चासनी को चूत के अंदर तक लसेडने लगा गीता अपनी टाँगो को मारने लगी तो मैने उसकी टाँगो को उपर उठा दिया जिस से उसकी चूत उभर गयी उसकी झान्टे शरबत के रस मे डूब चुकी थी गीता बोली अयाया आरीईईई तुम ये क्या कर रहे हो तो मैं कहा मैं तो बस अपनी जान को प्यार कर रहा हू इतने दिन तरसा हू तुम्हारे लिए अब मुझे मत रोको तुम तो गीता बोली मैं भी तो तुम्हारे लिए ही तडपी हू अब तुम मुझ पे अपने प्यार की बारिस कर दो मुझे बहा लो अपने प्यार मे

मेरी जीभ का खुरदुरा पन गीता को मदहोश किए जा रहा था शरबत की चासनी बहती हुई उसकी गान्ड को भी गीला कर गयी थी तो मैने उसकी गान्ड के छेद को भी चाट लिया मुझे उसकी गान्ड भी बड़ी करारी लगी तो मैं चूत और गान्ड दोनो पे अपनी जीभ फिराने लगा गीता के चूतड़ उछालने लगे थे वो अपने बालो को नोचने लगी थी वासना का ज़ोर अपने चरम पर था मैं अपने काम मे लगा हुआ था काफ़ी देर हो गयी थी उसकी चूत को चाट ते हुए मेरी पूरी जीभ अब उसके अंदर थी और जिसको मैं अंदर बाहर किए जा रहा था गीता ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया तो मैं समझ गया कि अब वो बस जाने ही वाली है तो मैने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू कर दिया और मात्र दो मिनट मे ही गीता की चूत से एक नदी बह निकली और मेरे मूह मे गिरने लगी उसने अपनी टाँगो को मेरे मूह पर कस लिया था और अपने काम रस को मेरे मूह मे छोड़ दिया अंतिम बूँद तक को मैं पी गया उसकी तो जैसे टाँगो का सारा दम ही निकल गया हो वो ऐसे पड़ी थी जैसे किसी ने उसकी जान ही निकाल ली हो 5-6 मिनट बाद गीता को की चेतना वापिस आई वो कहने लगी कि आज तो मेरी जान ही निकाल दी और असली खेल तो बाकी ही पड़ा है तो मैने कहा आजा थोड़ी देर तू भी चूस ले तो वो मेरी टाँगो के बीच बैठी और मेरे लड पे अपने गर्म होंठ लगा दिए और उसपर किस करने लगी उसके होंठो की गर्माहट से मुझे मेरा लड जलता हुआ सा महसूस हुआ गीता उपर से नीचे तक पूरे लड को चूमे जा रही थी मुझे मज़ा आने लगा था उसके मूह से बहता हुआ थूक लड को चिकना किए जा रहा था वो बारी बारी से लड और दोनो गोलियो पे अपनी जीभ फेरे जा रही थी तो मैने उसको हटाया और उसी बोतल से काफ़ी सारी चाशनी अपने लड और गोलियो पे टपका दी गीता ने मुझे अपनी नशीली आँखो से देखा और मुस्कुराते हुए दुबारा अपना मूह मेरे गुप्ताँग पे लगा दिया और बड़े ही प्यार से उस मीठी मीठी बूँदो को चाटने लगी लड का सुपाडा पूरी तरह से चिप चिपा हो गया था और उसमे गीता का थूक भी मिल गया था एक नया कॉकटेल बन गया था गीता पूरी शांति से मुझे लड चुसाई का मज़ा दे रही थी मेरा मज़ा काफ़ी बढ़ गया था मैं भी अपने रास्ते पर चल पड़ा था मेरे शरीर का सारा खून लड की नसो मे इकट्ठा होने लगा था मेरे कान बहुत ही गरम हो गये थे मैने गीता को दबाव बढ़ा ने को कहा तो उसने अपने होंठो को लड पे कस्के दबा लिया और ठीक उसी पल कई दिनो से रुका पड़ा मेरा वीर्य नसो से बह चला और पिचकारियो का रूप लेते हुए उसके गले मे बहने लगा आज तो बहुत ही ज़्यादा पानी निकला था काफ़ी देर तक उस गाढ़े पानी को गीता पीती ही रही मेरे चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि का भाव था

मैं लेते लेते अपनी सांसो के सामान्य होने का इंतज़ार करता रहा गीता ने अपने मूह को सॉफ किया और कुल्ला करने लगी और मेरी छाती पे सर रख कर लेट गयी वो पूछने लगी कि तुम्हे वहाँ मेरी याद आई तो मैने कहा डार्लिंग मैं ही जानता हू कि इतने दिन मैने कैसे गुज़ारे है कई बार दिल मे आया कि भाग चलूं पर तुम तो जानती ही हो आजकल नौकरी आसानी से कहाँ मिलती है ये भी ना जाने कैसे मिल गयी


गीता बोली जल्दी जल्दी छुट्टी आ या करो मैने उसको बताया कि अभी तो ट्रैनिंग ही है जब पोस्टिंग मिलेगी तो कुछ आसानी होगी बाते करते करते ही गीता ने मेरे लड को अपन हाथ मे ले लिया और उस को सहलाने लगी उसकी उग्लिया मेरे सुपाडे से छेड़खानी कर रही थी गीता बोली वहाँ पर तुम्हारा जुगाड़ कैसे होता होगा तो मैने कहा वहाँ इतना टाइम ही नही मिलता है पूरा दिन बस मेहनत करते करते ही निकल जाता है और बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाती है इतने हिम्मत ही नही बचती कि मैं सेक्स के बारे मे सोच सकूँ उसके सहलाने से लड मे तनाव आना शुरू हो गया था और थोड़ी देर बाद ही वो फुफ्कारने लगा था तो मैने उसको लड पर बैठने को कहा गीता मेरे उपर आई और अपनी चूत पर लड के सुपाडे को भिड़ा लिया और लड पर बैठ गयी काफ़ी दिनो बाद वो लड ले रही थी उसकी चूत बहुत ही कसी हुई थी तो उसको थोड़ी परेशानी सी हो रही थी पर जब झन्टो मे आग लगी हो तो बस चुदाई ही दिखती है कुछ समय बाद लड चूत मे सेट हो गया तो उसने अपनी गान्ड हिलानी चालू की मैने उसके मस्ताने चुतडो को अपने हाथो से थाम लिया मैं बोला गीता तेरी चूत बहुत ही मस्त है जब जब तेरे साथ करता हूँ मुझे बहुत ही मज़ा आता हाँ गीता ये सुनकर खुश हो गयी और पूरे उत्साह से मेरे लड पर उपर नीचे होने लगी गीता की फूली हुई साँसे उसके जोश को बयान कर रही थी मैने अपने सर को थोड़ा सा उठाया और उसकी चूची को अपने मूह मे भर लिया तो उसको और भी जोश आ गया अब कमरे मे बस गीता की सिसकारिया ही गूँज रही थी होशोहवास तो जैसे था ही नही पंद्रह मिनट तक उसको अपने लड की सैर करवाने के बाद मैने उसको हटाया और उसको अपने नीचे लेते हुए चोदने लगा हमारे होंठ एक बार फिर से आपस मे चिपक गये थे उसके होंठ जैसे कोई क्रीम वाली टॉफ़ी हो बहुत ही मज़े से मैं गीता को चोद रहा था जैसे ही मैं रुकता वो फॉरन नीचे से अपनी गान्ड उठा के धक्के लगाने शुरू कर देती मुझे लगा इसकी चूत मे कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही है

हमारी आँखे एक दूरसरे को तौल रही थी दना दान धक्के पे धक्के पड़ रहे थे मेरे माथे से पसीना टपकने लगा था बिस्तर की चादर अस्तव्यस्त हो गयी थी उसकी सलवटें हमारे कांड की कहानी कह रही थी मैने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी जाँघ को पकड़ा और उसको टेढ़ा कर दिया अब मेरे हाथ उसके मोटे मोटे चुतडो को मसल रहे थे और मैं आराम से उसकी ले रहा था मैने अपनी उगली को मूह मे लेके गीला किया और उसकी गान्ड मे घुसा दी गीता की हालत ऐसी हो गयी जैसे की किसी ने उसकी गान्ड मे मिर्ची लगा दी हो वो बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह क्या करते हो मुझे दर्द हो र्हा है तो मैने कहा मेरी जान आज तू दोनो तरफ से मज़ा ले और अपनी उगली को गान्ड मे अंदर बाहर करने लगा चूत मे लड घुसा पड़ा था और गान्ड मे उगली थोड़ी से ही देर मे गीता बहुत ही मस्त हो गयी और मज़े से दोनो साइड मज़ा लेने लगी थी आज तो बहुत ही मजेदार चुदाई चल रही थी आधे घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था पसीने से हमारे शरीर लथपथ थे पर हम दोनो लगे हुए थे आज से पहले गीता इस तरह कभी ना चुदि थी तो मैने अपनी उगली उसकी गान्ड से निकाल ली और उसके उपर पूरी तरह से छा गया और पूरी ताक़त लगाते हुए अब बेरहमी से उसको रगड़ने लगा 10 मिनट और चूत चोदनेके बाद हम आगे पीछे ही झाड़ गये मेरे गरम लावे ने उसकी चूत को भर दिया फिर भी मैं उसके उपर ही पड़ा रहा मैं बहुत ही खुश था और गीता भी .

फिर वो उठी अपने शरीर को सॉफ किया और अपने कपड़े पहन लिए मैं भी उठ गया तो गीता कहने लगी तुम हाथ मूह धो लो मैं अभी खाना बना लेती हू फिर साथ साथ ही खा लेंगे मैने कहा ठीक है गरमा गरम रोटियो मे देसी घी खाकर मुझे तो बहुत ही आनंद आ गया उसके बाद दो गिलास भूना जीरा डाली हुई लस्सी मन प्रसन हो गया खाने के बाद मैने उसको पूछा कि उसको कोई रुपये-पैसे की दिक्कत तो नही है तो उसने बताया कि वो तो मज़े से जी रही है जितनी भी फसल होती है वो सेठ को बेच देती है तो इकट्ठी रकम मिल जाती है फिर भैंस भी पाल ली है तो दूध और घी बेच कर भी कमाई होती है इतना ही बहुत है उसके लिए ,

फिर भी मैने कहा कि तुम्हे किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बताना वो बोली ठीक है फिर मैने कहा अब मैं जाता हू तो उसने कहा जल्दी ही आना और मुझे मज़ा देते रहना तो मैने उसको किस किया और वापिस चल पड़ा रास्ते मे दो-चार लोग और मिल गये फोजी बन ने से गाँव मे थोड़ी इज़्ज़त बन गयी थी ऐसे ही घूमते फिरते मैं अपने घर आ गया

आते ही चाची बोली कहा थे तुम पूरे दिन से तो मैने कहा दोस्तो से मिलने गया था तो वो बोली बता के तो जाता हमे चिंता हो रही थी थोड़ी देर बाद पापा भी ऑफीस से आ गये थे तो मैने उनको बताया कि मेरे पास अकाउट मे इतने रुपये है आप ले लो तो वो बोले बेटा वो तेरी कमाई है तू ही खरच कर इधर मुझे और तेरे चाचा को काफ़ी सॅलरी मिलती है तू बस एंजाय कर तो मैने उको कहा कि मैं जयपुर जाउन्गा एक दो दिन मे तो वो बोले क्यू तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि पापा मेरे साथ का एक लड़का उधर रहता है तो उस से मिलने तो उन्होने कहा ठीक है पर इतनी ही छुट्टिया है यही रहता तो अच्छा लगता तो मैने कहा मैं अगले दिन ही आ जाउन्गा मैने निशा को फोन किया और कहा कि मैं कल आ रहा हू तू अपना अड्रेस बता तो उसने कहा कि वो तो पीजी मे रहती है तुम आकर फोन करना मैं आ जाउन्गी तो मैने कहा ठीक है ना जाने क्यों मेरा दिल मचलने लगा तो मैं रात को ही निकल गया और बस पकड़ ली सुबह की चाइ अब जयपुर मे ही पीनी थी सिंधी कॅंप उतरते ही एसटीडी ढूंढी और निशा को फोन लगा दिया और बताया कि मैं आ गया हू उसने अपना अड्रेस बताया और कहा कि तुम ऑटो पकड़ लेना मैं तुम्हे गेट पर तैयार मिलुगी ऑटो वाले को अड्रेस बताया और चल पड़ा अपनी दोस्त से मिलने के लिए .

20 मिनट बाद ही मैं उसके पीजी के गेट पर था मैने किराया दिया और उतर गया थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर वो आ ही गयी जब मैने उसको देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गये मैं तो पहचान ही नही पाया उसको कहाँ गाँव की सीधी साधी लड़की और कहाँ वो अब ब्लू जीन्स और वाइट टी-शर्ट मे क्या लग रही थी वो मैं तो जैसे खो ही गया निशा दौड़ती हुई मेरे गले लग गयी और मुझे गलियाँ देते हुए बोली कमिने कुत्ते कहाँ चला गया था तू कॉंटॅक्ट भी नही किया जानता है मैं कितना रोई हू तो मैने कहा ओ मेरी माँ सांस तो लेने दे तेरे लिए ही तो आया हू,

ये सुनकर वो मुस्कुराने लगी वो मेरे बालो मे हाथ फिराते हुए बोली अरे वहाँ जाकर तो तू गंजा ही हो गया तो मैने कहा यार ऐसा ही है वो मुझे गंजा गंजा कहकर चिढ़ाने लगी उसको हँसता देखकर मुझे बहुत खुशी हुई थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा फिर मैने कहा चल बहुत भूख लगी है आ कुछ खाते है तो उसने मुझे बताया कि पास ही एक बढ़िया होटल है वो अक्सर वहाँ जाती रहती है तो हम वही चले गये खाने से ज़्यादा ध्यान मेरा निशा पर ही था वो बार बार अपने चेहरे पर आती लटो को हटा ती तो मैने कह ही दिया रहने दो ना अच्छी लगती है वो शरमा गयी फिर हम एक घंटे मे इनोक्स मे आ गये तो मैने कहा चल यार कोई मूवी देखते है वो मना कर रही थी पर मैं उसको खींच ही ले गया फिर मैने उसको थोड़ी शॉपिंग करवाई शाम हो ही गयी थी वो बोली अब उसे जाना चाहिए तो मैने कहा डिन्नर के बाद ही चले जाना तो उसने कहा नही लेट हो जाएगा और पीजी के भी कुछ रूल्स है तो मैने कहा कल फिर मिलते है और उसको छोड़ के आया फिर मैने एक होटेल मे रूम ले लिया करने को कुछ और था नही तो कुछ खाया और फिर सो गया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

अगली दोपहर हम दोनो आमेर मे थे यहाँ हम पहले भी आ चुके थे तो पुरानी यादें ताज़ा हो गयी हम अपने टाइम का पूरा लुत्फ़ उठा रहे थे मैं उसको पूछा और बताओ क्या चल रहा है लाइफ मे तो उसने बताया कि दो बार पीओ का एग्ज़ॅम दे चुकी है पर मेरिट मे रह जाती है अबकी बार बहुत मेहनत कर रही है तो उम्मीद है मैने कहा चिंता मत कर तुमको ज़रूर ये जॉब मिलेगी उसने मुझे थॅंक्स कहा फिर लंच हमने वही के रेस्टोरेंट मे किया शाम को निशा मुझे हवा महल ले गयी तो मैने कहा निशा बूज़ करेगी क्या तो उसने कहा मैं समझी नही तो मैने कहा चल एक एक बियर मारते है तो वो बोली तुम कब से ड्रिंक करने लगे तो मैनें कहा यार अब आर्मी का हिस्सा हू तो हो जाती है निशा बोली मैं समझ सकती हू तो मैं लीक़ुर शॉप गया और फॉस्टर की दो कॅन ले आया मैने कहा यार पेप्सी समझ कर ही पी ले एक-दो सीप लेते ही उसने थूक दिया और बोली वो नही कर पाएगी तो मैने कहा अरे कुछ नही होता आज कल तो सब करते है चल चढ़ा ले जल्दी से

उसको थोड़ा जोश दिलाया तो बंदी एक साँस मे ही आधी कॅन को टांक गयी थोड़ी से देर मे उसका दिमाग़ थोड़ा सा घूम गया शायद पहली बार थी तो उसको नशा सा चढ़ गया था वो जो भी मन मे आए बोलने लगी उसको संभालना मुश्किल हो गया तो मैं नींबू पानी लेके आया और उसको पिलाया काफ़ी देर लगी उसको संभालने मे फिर उसको पीजी ड्रॉप किया और वापसी मे एसटीडी ढूंढी और मिता को फोन लगा या कुछ देर उसका हाल चाल पूछा फिर वो ही बोरिंग से होटेल मे जाकर सो गया

निशा के साथ दो दिन बहुत ही अच्छे गुजर गये थे अगले दिन हम राधा कृशन जी के मंदिर गये पूजा अर्चना की फिर मैने कहा अब मुझे वापिस जाना होगा तो वो बोली अच्छा होता हम थोड़ा टाइम और साथ बिता पाते तो मैने कहा एक काम कर ना तू भी गाँव चल पर उसने मना कर दिया कि वो कोचिंग नही छोड़ सकती मैं उदास हो गया पर मुझे वापिस आना ही था तो फिर मैने बस पकड़ ली पर जाने से पहले उसको अपना चिट्ठी वाला अड्रेस लिखवा दिया और ये वादा भी किया कि मैं वापिस जाते ही नया फोन भी खरीद लूँगा अगले कुछ दिन बस घर पर ही बीते मम्मी मुझे अपनी नज़रो से दूर होने ही नही देती थी सारा दिन बस ये खाले वो खाले ही लगा रहता था हर रोज एक दिन कम हो जाता था मेरा ये छुट्टियो के दिन कुछ ज़्यादा ही जल्दी गुजर गये थे जयपुर वाली फोटो मैने डिव्लॉप करवा ही ली थी मैं उनको देख ही रहा था कि चाची कमरे मे आ गयी उन्होने भी उन तस्वीरो को देखा और कहा तो तू निशा से मिलने गया था जयपुर लगता है तेरा और उसका कुछ चल रहा है तो मैने कहा चाची ऐसा कुछ नही ले दे कर वो ही तो मेरी दोस्त है तो बस चला गया उस से मिलने के लिए तो उहोने कहा इन फोटो को छुपा के रख दे अगर तेरी मम्मी ने देख ली तो पूरा घर सर पर उठा लेंगी और फिर तू जानता ही है

मैने कहा हाँ और उन तस्वीरो को अपने बॅग मे रख लिया और कमरे को बंद कर के बाहर आ गया ना जाने क्यो मेरा मन अब गाँव मे नही लगता था सब कुछ पराया पराया सा लगता था घर वाले भी ये बात भाँप गये थे पापा बोले बेटा कोई परेशानी है क्या तो मैने कहा पाप मेरा मन ही नही लगता यहाँ पर तो वो बोले बेटा तू कई दिनो मे आया है ना इस लिए तुझे ऐसे लगता होगा फिर घर तो तेरा ही है ना तू दिमाग़ मे ज़्यादा ज़ोर मत डाल और रिलॅक्स रहा कर अगले दिन मैं अपने खेतो पे चल दिया मेरा मकसद तो था गीता को चोदना पर जब मैं कुवे पे पहुचा तो मुझे बिम्ला काकी की बेटी मिल गयी मैने पूछा तू कब आई तो वो बोली मुझे तो एक महीने से उपर हो गया है आए हुए और हम बाते करने लगे और वो मेरे साथ साथ ही कुवे पर आ गयी मैने गौर किया कि उसका रूप कुछ ज़्यादा ही निखर आया था पहले वो पतली सी हुआ करती थी पर अब उसका बदन भर गया था उसको देख कर मेरा ईमान डोलने लगा पर डाइरेक्ट्ली उसको कह भी नही सकता था मैं अपनी आँखो से ही उसको नंगी करने लगा था उसने मुझे अपनी ओर घूरते हुए पाया तो उसने कहा ऐसे क्या देख रहा है तो मैने कहा मैं तो तुमको ही देख रहा हूँ तुम बहुत ही सुंदर हो गयी हो ससुराल मे क्या होगया हमे भी तो बता दे

वो थोड़ा ब्लश करने लगी मैने सोचा ट्राइ करने मे क्या जाता है क्या पता काम बन ही जाए तो मैने उसको शीशे मे उतारना शुरू किया पर मुझे जल्दी ही अंदाज़ा हो गया कि वो भी खिलाडिन है ये दाँव पेच उसपर नही चलने वाले तो मैने सीधे ही उसको कह दिया कि अगर वो मेरा एक काम करेगी तो मैं उसको दो हज़ार रुपये दूँगा

ये सुनकर वो बोली कि ऐसा कौन सा काम करवाए गा जिसके लिए मुझे इतने पैसे दे रहा है तो मैं उठा और उसकी चूचियो पर अपनी उगली रख कर कहा कि मुझे ये चाहिए तो वो बोली तुझे पता भी है तू क्या माँग रहा है तो मैने कहा जो तू समझी और मैं अपनी उगली को उसकी चूची की घाटी पे फिराने लगा तो वो बोली मत कर मेरे साथ ऐसा वरना मैं अपनी माँ को बुला लाउन्गि तो मेरे मूह से निकल गया कि तेरी माँ तो खुद मुझसे कई बार करवा चुकी है तो वो बोली जा मैं नही मानती तो मैने कहा अगर मैं तुझे सबूत दूं तो क्या तू मुझे अपने साथ करने देगी तो उसने कुछ देर सोचा फिर ठंडी साँस लेकर बोली ठीक है तो ये शर्त लगी अगर तू मेरी माँ को चोद के दिखा देगा तो मैं भी तेरे साथ करूगी वरना तू मुझे दो हज़ार वैसे ही देगा



मैने कहा ठीक है तो मैने उसको कहा कि देख मैं अभी तेरे घर जाता हू तो थोड़ी देर बाद आना और छुप कर हम को देखना पर ध्यान रखियो की तेरी वजह से बीच मे कोई दिक्कत नही आनी चाहिए तू कोई रियेक्शन नही दिखाए गी तो वो बोली ठीक है मैं छुप कर देखूँगी तो फिर प्लान के मुताबिक मैं बिम्ला काकी के घर पे चल दिया

मैने जाके काकी को राम राम की वो बोली लल्ला बहुत ही दिनो बाद आए हो तो मैने बताया कि काकी जब छुट्टी मिलेगी तभी तो आउन्गा थोड़ी देर तक बातें करने के बाद मैने कहा काकी तुम्हारे घर आया हू कुछ खातिरदारी नही करोगी तो वो बोली लल्ला तेरा ही घर है बता तुझे क्या चाहिए तो मैने कहा मुझे तो आप ही चाहिए और उनकी गान्ड पे अपना हाथ रख दिया काकी बोली मेरी लड़की आई हुई है वो यही पास मे ही गयी हुई है आती ही होगी तो मैने कहा क्या काकी अब आप भी टालने लग गयी हो तो वो बोली ऐसी बात नही है पर अगर वो बीच मे आ गयी तो मेरी इज़्ज़त का कचरा हो जाएगा तो मैने कहा मैं जल्दी ही करलुगा तो वो कहने लगी कि कही फँस ना जाए तो

मैने कहा आप चिंता मत करो कुछ नही होगा और उनको चूमने लगा काकी तो सदा ही चुदने को तैयार रहती थी तो बस दो मिनट मे ही वो अपने रंग मे आ गयी और मेरा पूरा सहयोग करने लगी मैं उके मोटे मोटे होंठो को चूसने लगा दूसरी तरफ मेरा हाथ उनके घाघरे मे घुस चुका था और उनकी चूत की फांको को मसले जा रहा था काकी की चूत जल्दी ही रस छोड़ने लगी थी मैने चूत मे दो उगिया सरका दी चूत तो कहना उचित नही होगा उनका तो भोसड़ा ही था पता नही आजतक कितने लड खा चुकी थी वो पर मुझे क्या करना था मैं लगातार उगली किए जा रहा था थोड़ी ही देर मे उनकी हालत बुरी हो गयी तो वो फटा फट से खाट पर लेट गयी और अपने घाघरे को पेट तक उपर कर लिया और बोली ले लाला फटा फॅट से काम निपटा ले तो मैने अपनी ज़िप खोलकर लड को बाहर निकाला और काकी की चूत पर टिका दिया लॅप लपाती हुई चूत पे रख दिया और

पहले धक्के मे ही वो पूरा अंदर चला गया उनकी चूत अब बहुत ही ढीली पड़ गयी थी खाप से ही लड घुस गया था मुझे तो पता ही नही चला पर उसको चोदना भी ज़रूरी था तो मैने उनको चोदना चालू किया अब चुदाई तो चुदाई ही होती है तो मुझे भी मज़ा सा आने लगा था काकी अब पूरी तरह से मस्ता चुकी थी और मेरे लड को अपनी चूत मे लिए जा रही थी वो बोली बहुत दिन बाद तुझ से छू रही हू आज तो मज़ा ही आगया तभी मैने देखा कि उसकी लड़की पीछे वाले जंगले से हम दोनो को देख रही थी मैने आँख के इशारे से उसको समझाया कि थोड़ा सा चुप जाए वो तो वो ओट मे हो गयी और अपनी माँ को चुदते हुए देखने लगी मैं पूरी तरह से काकी पर छा चुका था वो चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी

20-25 मिनट तक घमासान मचाने के बाद मैं और काकी साथसाथ ही अपने चरम पे पहुच गये फिर हम अलग हुए और उनके आँगन मे आ गये तो काकी ने कहा लाला अब तेरा काम हो गया अभी तू जा मेरी बेटी आने ही वाली होगी तो मैने उनको एक किस किया और वापिस अपने कुन्वे पर आ गया मुझे आए हुए कुछ ही मिनट हुए थे कि वो भी भागती हुई आ गयी और मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुए बोली मुझे ऐसी उम्मीद बिल्कुल नही थी कि मेरी माँ आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्साआआआआआआआआआअ//////////////????????????????????????????????????????? तो मैने कहा देखो बुरा मत लगाना पर वो ऐसी ही है और ना जाने कितनो के साथ कर चुकी है वो अपना सर झुका कर बैठ गयी उसको अभी भी विश्वाश नही हो रहा था

कुछ देर बाद वो संयंत हुई तो मैने कहा अब बोल क्या करना है तो वो मेरी ओर देखने लगी तो मैने कहा देख मैं तुझे फोर्स नही करूगा देने के लिए पर मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा ना आगे तू देख ले तो वो कुछ नही बोली मैं उसके पास गाया और उसको उठा कर कमरे मे ले गया और दीवार से सटा कर अपने होंठ उसके होंठो से लगा दिए पर उसने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया तो मैने कहा चल ठीक है तुझे नही करना तो मत कर पर एक बार तेरी इसके दर्शन तो करवा दे और उसकी चूत को सलवार के उपर से ही मसल दिया वो पूरी तरह कांप गयी

जब उसने कुछ नही कहा तो मैने एक बार उसकी चूत को मसल दिया वो बोलीी आआआआआआ क्या करते हो मुझे दर्द होता है तो मैं उस से अलग हो गया तो वो बोली कि मैं बस एक बार ही दिखाउन्गि तो मैने कहा कि तो उसने थोड़ा शरमाते हुए से अपनी सलवार का नाडा खोल दिया मैने कहा क्यू तरसाती है दिखा भी दे ना मुझसे रुका ही नही जा रहा था उसने अपनी सलवार को ढील छोड़ा दिया वो उसके पैरो पे आ गिरी अंदर नीले रंग की कच्छि उसकी सुडोल जाँघो पर कसी हुई थी मुझे उसकी कच्छि पर एक धब्बा दिखा जो शायद जब बना होगा जब वो मेरी और उसकी माँ की चुदाई देख रही होगी तो वो भी उस टाइम गरम हो गयी होगी


उसने फिर अपनी कच्छि की एलास्टिक मे हाथ डाला और उसको झट से अपने घुटनो तक सरका दिया बेहद गोरी चूत जिस पर बस हल्के हल्के से ही बालो के रुवे थे बहुत ही सुंदर चूत थी उसकी मैं तो उसी पल उसका दीवाना हो गया दो पल ही बीते थे कि उसने अपनी कच्छि को उपर कर लिया और अपनी सलवार को बाँधने लगी तो मैने कहा रुक और उसकी सलवार को पकड़ लिया वो कहने लगी बस छोड़ो मुझे अभी तुमको जो देखना था वो तो देख ही लिया अभी मुझे जाने दो तो मैने कहा कि अरे कहाँ देखा ऐसे भी कोई दिखाता है क्या मैं तो पूरी तरह से देख भी नही पाया तो वो बोली फिर कैसे देखो गे देख तो लिया है तुमने तो मैने कहा इतनी सुंदर चीज़ को जी भर कर देखने दे और उसकी सलवार को नीचे करके उसकी टाँगो को थाम लिया पहली बार उसकी टाँगो को टच करते ही मुझे पता चल गया था कि वो बेहद तगड़ा माल साबित होगी अगर चोदने को मिल गयी तो मैं उसकी कच्छि के उपर से ही चूत पे अपना हाथ फिराने लगा


उसकी हालत टाइट होने लगी वो लरजते हुए बोली जल्दी से देख लो तो मैने उसकी कच्छि को नीचे सरका दिया जब मैं उसको नीचे कर रहा था तो मेरे हाथ उसके कुल्हो से टच हो गये मेरा लड तो एक पल मे ही तन गया अब मैने अपनी उगली उसकी चूत की दरार पे लगा दी और घुमाने लगा उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और मुझे रोकने लगी तो मैने कहा देख एक तो तू अपने वादे से फिर गयी है और मुझे इसको अच्छे से देखने भी नही दे रही है मेरा दिमाग़ खराब मत कर वरना तेरी ले भी लूँगा चाहे मुझे ज़बरदस्ती ही करनी पड़े तो उसने अपना हाथ हटा लिया मैं दुबारा अपनी उगली को उसकी पतली सी दरार मे उपर नीचे करने लगा थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैने अपनी उगली को अंदर सरका दिया उसने अपनी टाँगो को आपस मे कस लिया मैं अपनी उगली को गोल गोल घुमाने लगा फिर मैने अपनी उगली बाहर निकाली और अपने मूह मे लेके चूसने लगा वो बोली चहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई गंदी जगह पर डालके मूह मे लेते हो तुम कितने गंदे हो ,


मैने कहा रे बावली अगर चूत का रस नही पिया तो क्या पिया उसने अपना मूह नीचे कर लिया और मंद मंद मुस्कने लगी मैने कहा आगे से तो देख लिया अब पीछे से और देखूँगा और उसके जवाब से पहले ही उसको पंजे पर झुका दिया उसके गोल मटोल चुतड बाहर की तरफ निकल आए और उसकी चूत भी थोड़ी उभर आई चूत की दोनो फांके एक दूसरी से चिपकी पड़ी थी मैं उसके चूतड़ सहलाने लगा और चूत को भी छेड़ ने लगा उसकी टांगे कांप रही थी वो बार बार बस हो गया हो गया कह रही थी पर मैं उसकी सुनने के मूड मे नही था तो मैं उसकी टाँगो के बीच मे बैठ गया और उसकी चूत को अपने हाथो से थोडा सा फैलाते हुए अपना मूह उसकी जाँघो के जोड़ पर लगा दिया और अपनी जीभ से सूपादने लगा उसकी टांगे इतनी बुरी तरह से कांप गयी वो मुझे मना करना चाहती थी पर कर ना पाई तो मैने उसकी जाँघो को थोड़ा खोला और मज़े से चूत का रस पीने लगा सामुद्री नमक से भी ज़्यादा नमकीन चूत थी


उसकी ना चाहते हुए भी उसके मूह से मादक आह निकल ही गयी मैं समझ गया था कि अब ये मुझे नही रोकेगी तोमैने उसको खाट पर लिटाया और मज़े से चूत की चुसाइ करने लगा दो पल बाद ही उसके चूतड़ हवा मे उठते चले गये मैं कभी उसके दाने को चूस्ता कभी चूत मे जीभ डालता उसका पूरा बदन मस्ती के सागर मे हिलोरे मारने लगा था 8-10 मिनट तक मैने उसकी चूत चाटी वो ज़यादा देर मेरा हमला सह नही पाई और उसकी चूत से रस का फव्वारा छूट गया एक बेहद खट्टा खारा पानी मेरे गले मे उतर गया मेरे लड ने भी पॅंट मे दबाव बनाया हुआ था तो मैने जल्दी से अपनी पॅंट उतारी और झट से उसकी चूत मे अपने लड को घुसा दिया उसने बस इतना ही कहा थोड़ा आराम से मारो गे क्या पर अब मैं कहाँ किसी की सुन ने वाला था मैने पूरी ताक़त से एक धक्का लगा या और उस मे समा गया अब वो पूरी तरह से मेरे कंट्रोल मे थी तो मैने उस से कहा बस अब तू थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जा और मज़ा ले और दाना दान उसको चोदने लगा खाट बुरी तरह से चरमराने लगी थी मैने उसके होंठो पे अपना मूह लगाया तो उसने अपना मूह थोड़ा सा खोल दिया जिस से मैने उसके निचले होंठ को अपने होंठो मे दबा लिया और चूसने लगा बहुत ही सॉफ्ट होंठ थे उसके 5 मिनट बाद ही वो भी पूरी तरह से चुदाई के रंग मे रंग गयी थी


उसकी गान्ड भी अब उपर नीचे होने लगी थी उसने मुझसे कहा कि आख़िर तुमने मार ही ली मेरी तो मैने कहा मारी नही मार रहा हू चूँकि वो भी खुल गयी थी तो चुदाई का मज़ा ही दुगना हो गया था अब मैने उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रखा और बस फिर उसे कुछ याद नही रहा बस याद था तो उसकी सिसकारिया और चरारती हुई खाट आधे घंटे से भी ज़्यादा देर तक पूरी तस्सल्ली से उसकी चुदाई की जब मैं झड़ने को आया तो मैने पूछा कहाँ पे निकालु तो उसने कहा बाहर तो मैने झट से लड को निकाला और उसे हिलाते हुए उसके पेट पर अपना वीर्य गिराने लगा जब चुदाई की खुमारी उतरी तो मैं हटा उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और चलने को हुई तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया वो बोली छोड़ो मुझे तो मैने कहा अपने पैसे तो ले जा और वो दो हज़ार उसको दे दिए उसने जल्दी से वो अपनी ब्रा मे ठूँसे और बाहर चलने को हुई की तभी
Like Reply
#26
तभी बाहर से किसी ने किवाड़ को खड़का दिया हम दोनो की तो गान्ड बुरी तरह से फॅट गयी फिर एक आवाज़ आई तो मैं तो जैसे मर ही गया ये तो मम्मी आ गयी थी और अंदर हम दोनो बचने का कोई रास्ता भी नही था वो लगता किवाड़ को खड़काए जा रही थी पसीना छलक आया मेरे माथे पे तो मैने गेट खोल दिया आख़िर कब तक ना खोलता जैसे ही वो अंदर आई और नज़ारा देखा मैं और वो काकी की लड़की खाट पे पड़ी गुड्दती हमारी कहानी को बयान कर रही थी वो तो तुरंत ही मम्मी के पाँवो मे पड़ गयी और रोते हुए बोली कि ताइजी मेरी कोई ग़लती नही है इसने मुझे पकड़ लिया और यहाँ ले आया तो मम्मी ने उसको कहा कि तू अपने घर जा वो तुरंत ही भाग छूटी अब बचा मैं मम्मी ने पहले तो तीन चार थप्पड़ रसीद किए मैने अपनी गर्दन झुका ली

उनका बीपी हाइ हो गया तो अब लगी मुझे गलियाँ बकने बहुत देर तक वो मुझे बकती रही मैं चुपचाप सुनता रहा जब वो कुछ शांत हुई तो मैं तुरंत ही वहाँ से भाग चला और सीधा घर आकर ही रुका मेरी गान्ड तो मर ही गयी थी मुझे बदहवास सा देखकर चाची पूछने लगी कि क्या हो गया तो मैने उको सारी कहानी बता दी वो बोली बेटा अब तो तू गया हम भी तुझे नही बचा सकते कोई दो घंटे बाद वो घर आई पर कुछ जिकर ना किया मुझे थोड़ी शान्ती मिली पर डर था कि कही पापा को कुछ ना बता दे माहौल काफ़ी टेन्षन वाला था रात को खाने तक सब ठीक ही था जब मैं सोने के लिए जा रहा था तभी पापा ने मुझे अपने कमरे मे बुलाया मैं अंदर जाके गर्दन झुका कर खड़ा हो गया तो उहोने कहा कि तेरी मम्मी ने आज तेरी शिकायत की है

मैं चुप ही रहा तो वो बोले बेटा ये जो हरकत तूने की है वो कही से भी माफी लायक नही है अब तू बरा बर का हो गया है तो क्या तुम्हे मारु बस इतना ही कहना चाहता हू कि अभी थोड़े मेच्यूर हो जाओ औरा आगे से ऐसा कोई काम मत करना जिस से तुम्हारी और परिवार की बदनामी हो माना कि तुम जवान हो पर थोड़ा कंट्रोल करो जैसे ही तुम्हारी पोस्टिंग होगी हम तुम्हारी शादी करवा देंगे पर तब तक तुम्हारी ऐसी कोई भी शिकायत नही आनी चाहिए मैने उनके पाव पकड़ लिए और माफी माँग ली वैसे भी मुझे दो दिन बाद जाना था तो दो दिन मैने घर पे ही काटे मम्मी तो मुझे दुश्मनो की तरह ही समझने लगी थी वो हर पल मेरे पिछे ही लगी रहती थी तो मैं भी शांत ही रहा दो दिन भी निकल गये और मैं अपनी जिंदगी को घिसने फिर से खडकवास्ला आ गया

वापिस आकर दो हफ्ते बहुत ही टाइट गुज़रे पर फिर धीरे धीरे मैं माहौल मे रंग ही गया समय अपनी गति से दौड़ता ही रहा मैने नया फोन खरीद लिया था तो दोस्तो से बाते भी होती ही रहती थी पर मैं अपने घर कम ही फोन करता था हफ्ते मे दो बार निशा की चिट्ठिया आ जाया करती थी कभी कभी मिता भी मेहरबानी कर दिया करती थी कुल मिला कर लाइफ कट ही रही थी कभी आउट पास मिल जाता तो दो- चार बॉटल बियर शाइर टिका दिया करते थे कभी कभी ऑफिसर्स की मॅडमो और लड़कियो को देखकर लड मे जोश आ जाता तो मुट्ठी ही मार लेता था इसी तरह से गान्ड घस्ते हुए मौसम बदल ता रहा और एक साल और गुजर गया अब बस 6 महीने और थे फिर हमे एनडीए देहराडू मे शिफ्ट होना था

हमारे ट्रैनिंग हवलदार ने एक दिन बताया कि अबकी बार टुकड़ो मे कॅडेट्स को 20 दिन की छुट्टी मिलेगी जो जाना चाहता है अपना नाम लिखवाओ हालाँकि मेरी भी इच्छा थी पर ना जाने क्यो मैने मना कर दिया और अकॅडमी मे ही रह गया 75-80% अकॅडमी खाली ही थी अब कुछ दिनो के लिए सुबह ड्रिल के बाद ज़्यादातर टाइम मैं खाली ही रहता था बस तीन टाइम मेस मे खाना खाना और सो जाना ये ही लाइफ थी एक दिन मेजर साहिब ने मुझे बुलाया और कहा कि अगर तू कहे तो मैं तेरी अरदली की ड्यूटी लगवा दूं कुछ दिनो के लिए तो तेरा टाइम भी ही पास हो जाएगा और कुछ एक्सपीरियेन्स भी हो जाएगा तो मैनें कहा कि जैसा आप ठीक समझे सर तो अगले दिन उन्होने मुझे दुबारा से बुलवाया और कहा कि तुम कॅप्ट.डॉक्टर. ऋतु चौहान के पास चले जाओ


दो हफ्ते तक उनके सूपरविषन मे काम करोगे और उन्होने लेटर इश्यू करके मुझे दे दिया मैने उनको एक जोरदार सल्यूट ठोका और साइकल उठा कर एमएच की तरफ आ गया वहाँ आकर ड्र. ऋतु के बारे मे पूछा तो पता चला कि वो सर्जिकल वार्ड मे मिलेंगी तो मैं वहाँ गया उको सल्यूट किया और अफीशियल लेटर उनको दे दिया उहोने मुझे उपर से नीचे तक देखा और कहा कि तुम बाहर स्टूल पर बैठो और मेरा वेट करो कोई एक घंट बाद वो आई और मुझे अपने साथ ले लिया तो मैने कहा मॅम मैं अपनी साइकल ले आउ तो उहोने हम कहा फिर हम पैदल ही उनके घर की तरफ चल पड़ा क्या मस्त घर था उका बाहर एक छोटा सा बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूल थे स्टॅंड पर एक तोता भी था मैने कहा मॅम आपका घर तो बहुत ही सुंदर है

तो उहोने कहा जब तुम्हारी पोस्टिंग हो जाएगी तो तुमको भी ऐसा ही घर अलॉट हो गा मैं थोड़ी देर के लिए सपनो की दुनियाँ मे खो गया फिर उहोने कहा कि जाओ मेरे लिए एक ग्रीन टी बना कर लाओ तो मैने मूर्खो की भाँति कहा कि मॅम ये को सी चाइ होती है तो वो बोली तुम्हे ग्रीन टी के बारे में नही पता तो मैने कहा जी मैने तो नाम ही आज सुना है तो उहोने कहा चलो कोई बात नही आज मैं ही तुमको बनाकर पिलाती हू वो किचन मे चली गयी और मैं बाहर ही बैठ गया थोड़ी देर बाद वो दो कप लेके आई और हम साथ साथ ही चाइ पीने लगे उसके बाद वो बोली मैं शॉपिंग जा रही हू तब तक तुम घर की सफाई कर्लेना मैने कहा ऑर्डर पूरा हो जाएगा वो चली गयी काम कुछ ज़्यादा नही था सफाई करने के बाद मैं बाथरूम मे गया

और अपने हाथ मूह धोने लगा तो मेरी नज़र मॅम की ब्रा और पेंटी पर पड़ी इतनी सिल्की लिंगेरिएस मैने आज से पहले नही देखी थी मैं उनकी कच्छि को सुघने लगा एक अजीब सी महक आ रही थी उसमे से मेरा लड तन गया तो मैने अपने लड को बाहर निकाल लिया और उनकी कच्छि पर रगड़ने लगा मुझे थरक चढ़ गयी मैने आव देखा ना ताव और मुट्ठी मारने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपना पानी कच्छि पर ही छोड़ दिया मेरे गाढ़े पानी से कच्छि भीग गयी तो मैने उसको तह किया और वापिस रख दिया और बाहर आके बैठ गया मैं सोच विचार करने लगा कि अगर मॅम पट जाए तो यहाँ पे भी चूत का जुगाड़ हो जाएगा और सोचा-विचार करने लगा उको आते आते शाम हो गयी थी तो जैसे ही वो आई उन्होने मुझे ऑफ किया और मैं वापिस होस्टल आ गया

अगले दिन मैं फिर से उनकी खिदमत मे हाजिर था दोपहर तक हम एमएच मे ही रहे फिर उन्होने कहा अरे तुमने लंच किया या नही तो मैने कहा अभी नही हुआ मॅम तो वो बोली कोई बात नही आओ घर चलते है फिर साथ ही करेंगे तो मैने कहा आप कष्ट मत करो मैं मेस मे खा लुगा पर उन्होने फोर्स किया तो मैं मना नही कर पाया कोई तीन बजे मैं उनके साथ लंच कर रहा था कुछ देर तक बस चम्मच-प्लेट की ही आवाज़ आती रही फिर आचनक ही उहोने पूछा कि कल उनकी पेंटी से मैने छेड़ छाड़ की थी ना उनके पूछते ही मेरा नीवाला गले मे ही अटक गया और मुझे खाँसी आ गयी उहोने मुझ पानी का गिलास दिया दो घूँट लेने पे थोड़ा कंट्रोल हुआ कुछ देर चुप रहने के बाद उहोने फिर कहा तुमने मेरे सवाल का जवाब नही दिया

तो मैने कहा जी मॅम वो ओूऊऊऊऊऊ तो उहोने मुझे रोका और कहा कि तुम शांत हो जाओ मैं तुम्हारी मनोदशा समझ सकती हू हम ऐसी ही सर्विस मे है टाइम पर छुट्टी नही मिल पाती है घरवालो से दूर रहते है फिर कुछ फिज़िकल नीड्स भी होती है पर इसका ये मतलब नही कि हम किसी के भी अडरवेर्ज़ को खराब करे है ना तो मैने उनको सॉरी कहा तो वो थोड़ी फ्रेंड्ली होते हुए बोली कोई बात नही फिर उहोने मुझे खाना खाने को कहा लंच करने के बाद हम गॅलरी मे बैठे थे तो उन्होने पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैने कहा मॅम है तो पर ना के बरा बर ही है तो वो पूछने लगी तो मैने उनको मिता के बारे मे बताया तो उन्होने डाइरेक्ट्ली ही पूछ लिया है कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स भी किया है

तो मैने कहा मॅम उसके साथ तो नही पर मैं काफ़ी बार सेक्स कर चुका हू तो मॅम मेरी पर्सनल लाइफ के बारे मे और जानकारी लेने लगी उन्हे बहुत इनेरेस्ट हो रहा था मुझसे बात करते करते बार बार उनका हाथ अपनी जाँघो पर जा रहा था वो कहने लगी कि लगता है कि तुम्हे मेच्यूर लॅडीस ज़्यादा ही पसंद है तो मैने कहा ऐसा नही है मॅम अब जो भी मिल जाए वो ठीक ही है तभी उन्होने पूछा मैं तुम्हे कैसी लगती हू तो मैने कहा आप भी अच्छी है तो उन्होने कहा अच्छी या ……………………………………………………………… फिर उन्होने कहा कि उस टाइम तुमने मेरी पेंटी मे मास्टरबेट किया तो मेरी ही फॅंटेसी की होगी तुमने तो मैने कुछ नही कहा उन्होने फिर पूछा तो मैने धीरे से कह दिया जी मॅम उनके गाल गुलाबी हो गये वो मेरे पास आई

और बोली अगर तुम्हारी फॅंटेसी सच हो जाए तो ????????????????????????????????????????????????????????????????????????
तो मॅम मेरी तो लाइफ बन जाएगी तो उन्होने मुझे कहा कि अभी तो शाम हो गयी है अभी तुम लाइन मे जाओ और कल सुबह ही आ जाना मैं घर पर ही रहूंगी तो मैं वापिस आ गया और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा खाली टाइम था तो मोबाइल ऑन किया ऑन करते ही निशा का मेसेज आया कि कॉल मी तो मैने उसको फोन किया तो वो बड़ी ही खुश लग रही थी किसी कोयल की तरह चहक रही थी वो मैने कहा यार बात तो बता दे तो उसने कहा कि उसकी जॉब बॅंक मे लग गयी है सुबह ही रिज़ल्ट आउट हुआ है ये सुनकर मुझे बहुत ही खुशी हुई तो उसने कहा जल्दी से छुट्टी लेकर आजा फिर जम कर पार्टी शार्टी करेंगे

तो मैने उसको बताया कि यार मैने तो इस टर्न की छुट्टिया जानकार ली ही नही काश तूने कुछ दिन पहले बताया होता तो मैं अड्जस्ट कर लेता अब तो मुश्किल ही होगा तो वो थोड़ी उदास हो गयी बहुत लंबी बात चलती रही हमारी मुझे तो बहुत ही खुशी हुई थी अगले दिन मैं शॉपिंग सेंटर गया और मिठाई खरीद के लाया और अपने साथियो को बाटी फिर मैं मेजर साहिब के ऑफीस गया और उनको प्रोटोकॉल दिया और उनको भी मिठाई दी फिर मैं नहा धोकर ऋतु मॅम की क्वॉर्टर पर चल पड़ा जाते ही उनको एक जोरदार सल्यूट मारा वो एक गाउन पहने हुई थी पतला सा जिसमे से उनका यौवन बाहर निकलने को बेताब सा हो रहा था मैने सबसे पहले उनका मूह मीठा करवाया तो वो बोली ये मिठाई किस खुशी मे तो मैने उनको पूरी कहानी बताई

तो उहोने कहा कि अच्छा तुम्हारी गर्लफ्रेंड की जॉब लगी है ये तो बड़ी ही अच्छी बात है फिर हम अंदर चले गये मॅम सोफे पर टाँग पर टाँग चढ़ा कर बैठी थी पतले से गाउन मे उनकी जंघे सॉफ नुमाया हो रही थी मॅम बोली क्या देख रहे हो तो मैने कहा आप बहुत ही सुंदर है तो वो हँसने लगी थोड़ी देर बाद उहोने कहा ड्रिंक करोगे तो मैनें कहा श्योर तो उहोने फ्रिज खोला और एक विस्की की बॉटल ले आई थोड़ी ही देर मे हम दो दो पॅक टिका चुके थे वो बोली बस मैं दो पॅक से ज़्यादा नहीलूगी वरना फिर गड़बड़ हो जाएगी तो मैने कहा जी आपकी मर्ज़ी है फिर वो मेरे पास आई और मेरी टी शर्ट मे अपना हाथ घुसा के मेरे सीने को सहलाने लगी बोली तुम्हारी बॉडी तो काफ़ी मस्त है तो मैने कहा जी वो तो रेग्युलर ड्रिल होती है तो फिटनेस बन गयी है

तो उहोने कहा कि क्या तुम फॅंटेसी को रियल करना चाहोगे तो मैने कहा यस मॅम तो उहोने कहा मुझे बस ऋतु ही कहो और वो झुकी और मेरे गालो को चूमने लगी अब उन्होने पहल कर ही दी थी मैं भी पीछे कहाँ रहने वाला था मैने ऋतु को उठाया और डाइनिंग टेबल पर बिठा दिया नशे मे उनकी खुमारी और भी बढ़ने लगी थी मेडम की गौरी टाँगो को मैं चूमने लगा मॅम भावनाओ मे बहने लगी मैने उनके गाउन के बटन खोलने शुरू किए और कुछ पॅलो मे ही उसको उनके बदन से अलग कर दी फिर ऋतु की सिल्की ब्रा के उपर से ही मैने उनके बोबो को मसलना शुरू किया तो वो बोली पहले अपने कपड़े भी उतारो तो मैने फॉरन से अपने कपड़े उतारे तो

मेरे लड को भी खुल्ली हवा मे आकर सांस मिला वो गरम औरत को देख कर अपने पूरे रंग मे आ गया था जैसे ही उनकी नज़र उसपर पड़ी तो वो बोली अरे वह तुम्हारा हथियार तो बड़ा ही शानदार है मेरे हब्बी का तो इसके सामने कुछ नही है तो मैने कहा मॅम तो फिर इसको प्यार करो ना मॅम टेबल पर बैठी हुई थी और मैं खड़ा था तो उन्होने अपने हाथ को झुकाया और मेरे लड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया काफ़ी दिनो बाद किसी औरत का स्पर्श मिला था उसको तो वो और भी तनाव मे भर गया उसका गुलाबी सुपाडा और भी फूल गया तो मैने ऋतु को अपनी ओर किया और उसके लाल होंटो को पीने लगा वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी उसने अपनी जीभ आगे की तो मैने अपना मूह खोला और उसकी जीभ को मूह मे ले लिया और लगी हमारी जीबे आपस मे टकराने

उनकी रस से भरी जीभ मेरे पूरे मूह मे घुल सी गयी थी बड़े ही मज़े से मैं उनको किस करे जा रहा था उनको तो जैसे कोई परवाह ही नही थी वो तो खो ही गयी थी 10-12मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा उहोने भी मेरा पूरा सहयोग किया फिर मैं उसे अलग हुआ और उनकी ब्रा की लेस को खोल दिया तो आधा –आधा किलो के मस्त संतरे आज़ाद होकर मेरे हाथो मे आ गये ऋतु का शरीर रेशम से भी ज़्यादा मुलायम था मैने उनकी निप्पलस को अपने अंगूठे से सहलाया तो उनके मूह से एक आह निकल गयी उनके गालो पे रंगत चढ़ चुकी थी और उपर से थोड़ा ड्रिंक का नशा तो मैने उनको टेबल पर ही लिटा दिया और वाइन की बॉटल से थोड़ी शराब उनकी चूचियो पर गिरा दी जो बह कर उनकी नाभि से होती हुई पेंटी के अंदर तक चली गयी

उस सीन को देखकर मेरा लड और भी फडक उठा तो मैं उनपे थोड़ा झुका और उनकी एक चूची को अपने मूह में ले लिया निप्पल पर लगी वाइन का टेस्ट और भी बढ़ गया मैने उनका आधा बोबा अपने मूह मे ले लिया और मज़े से उनका दूध निकालने की कोशिश करने लगा ऋतु अपनी टांगे टेबल पर पटाकने लगी कामदेव का तीर ऋतु के कलेजे को बेधता चला गया ऋतु अपनी उग्लियो मे मेरे सर पर फिराने लगी मस्ती उसके रोम रोम से छलकने लगी उन्होने हाथ बढ़ा कर मेरे लड को पकड़ लिया और मेरे सुपाडे पर अपने लंबे नाख़ून रगड़ने लगी मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर उस जोश के आगे सब कुछ फीका था बहुत देर तक मैं उनके बोबो को ही पीता रहा तो वो बोली अब बस भी करो ना मेरे बूब्स मे दर्द होने लगा है तो मैं थोड़ा नीचे सरक आया

और उनके पेट को चूमने लगा उनकी नाभि मे कंपनहोने लगा फिर मैं और थोड़ा सा नीचे हुआ और उनकी पेंटी पर अपना मूह लगा दिया और जहाँ चूत होती है वहाँ पर अपने दाँत गाढ़ने लगा नीचे से पेंटी पूरी तारह गीली हो चुकी थी जिस से उनकी चूत की शेप उस पर उभर आई थी तो मैने उनकी पेंटी को पकड़ा और उसको नीचे की तरफ सरकाने लगा ऋतु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा उठाया और उनका अंतिम वस्त्र भी अब अलग हो गया मैने उनकी पेंटी को कुछ देर सुघा और फिर उसको साइड मे फेंक दिया उनकी शेव की हुई पतली सी चूत मेरी आँखो के सामने थी काले रंग की चूत पर अंदर से थोड़ी गुलाबी सी थी मैने कहा आपकी शादी को कितने दिन हो गये तो उन्होने कहा 3 सालल्ल्ल्ल्ल्ल उनका स्वर काँपने लगा था मैने अपना अंगूठा उनके दाने पर रखा

और उसको कुरेदने लगा उनके बदन मे तरंगे लहराने लगी मॅम की आँखे मस्ती से बंद हो गयी मैं बहुत ही धीरे धीरे से उनकी चूत मे उगली अंदर बाहर करने लगा ऋतु की साँसे जैसे ठहरने लगी थी वो काँपते हुए लहजे मे बोली बस अब मेरा कंट्रोल छूट रहा है तुम जल्दी से अपना काम स्टार्ट करो तो मैने उनकी टाँगो को चौड़ा किया और अपना लड उनकी चूत पर टिका दिया वो बोली रूको पहले कॉंडम तो लगा लो तो मैने कहा मॅम मैने आज तक कभी कॉंडम नही लगाया है तो वो बोली एक मिनट रूको वो अपने बेडरूम मे गयी और कुछ पीस ले आई और रॅपर को फाड़ कर कॉंडम को मेरे लड पर चढ़ा दिया और बोली चलो अब स्टार्ट करो तो मैने उनको वहाँ रखी कुर्सी पर बिठाया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए लड को चूत पे रखा

और एक धक्का लगाया पहले मे ही मुझे समझ मे आ गया कि रास्ता टाइट है तो दुबारा कोशिस की तो टोपा घुस गया मॅम के मूह से आहह निकली और उनकी टांगे थोड़ा उपर को हो गयी जिस से मुझे और भी आसानी हो गयी लड तो चूत को महसूस करते ही बेकाबू हो गया और अगले ही पल आधा लड ऋतु की चूत मे था मेरे हाथ उनकी जाँघो पर कस गये और मैं अपने लड हो और अंदर सरकाने लगा मॅम बोली ओह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! माआआआआआआआआआआआआआ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आज तो कई दिनो बाद लड अपने अंदर लिया है मज़ा ही आ गया है मैं बोल पड़ा मॅम मेरा भी हाल ऐसा ही कुछ है ये तो आपकी मेहरबानी है वरना इधर तो अपने हाथ से ही इसको घिसना पड़ता है

वो बोली पर अब तो हम एक दूजे का सहारा है ना और अपने होंठो को आपस मे रगड़ने लगी मैने लड को बाहर तक खींचा और झटका मारते हुए वापिस चूत की गहराइयो मे उतार दिया ऋतु की चूत का छेद थोड़ा सा फैल गया अब मैं उनकी टाँगो को पकड़े उनको चोदने लगा दनादन धक्के लग रहे थे उनकी चूत पे मॅम पूरी तरह से मस्तानी हो गयी थी तेज तेज धक्को की वजह से कुर्सी थोड़ा सा पीछे की तरफ सरक गयी तो मुझ वो पल याद आ गया जब सरोज को चोद रहा था तो कुर्सी टूट गयी थी तो मैने उनको खड़ा किया और टेबल पर झुका दिया और पीछे से अपने लड को चूत पर सटा दिया मैने अपने दोनो हाथ उनके बोबो पर रख दिए और उनको दबाते हुए ऋतु की मारने लगा उनके कानो से पसीना बह चला जिसे मैने अपनी जीभ से चाट लिया मैं बीच बीच मे उनके गालो को भी चूम लेता था

हमारे दोनो के शरीर पूरी तरह से चिप चिपे हो गये थे पर उन्माद तो जारी था चूत से रिस्ता कामरस उनकी जाँघो तक बहता हुआ आ चुका था मॅम की चूत तो जैसे नलका बन गयी थी थप थप की आवाज़ ही आ रही थी बस मॅम की टांगे अब कांप ने लगी थी वो अब थोड़ा सा और झुक गयी तो लड अब सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होने लगा था उनको चोद्ते हुए आधा घंटा होने को आया था पर वो भी मेरे साथ साथ ही लगी हुई थी मैं बहुत बेदर्दी से उनके बोबो को दबाए जा रहा था तभी उनका शरीर थरथराने लगा और वो अपने चरम को पाने लगी मैने उनकी कमर को कस कर पकड़ लिया और बेहद तेज़ी से उनकी चूत मारने लगा मस्ती का आलम उन पर इस कदर था कि उनके होश गुम हो गये थोड़ी देर बीती थी कि मेरे बदन मे भी कंपकंपी होने लगी और मैं भी झड़ने लगा

जब खुमार उतरा तो मैने लड को बाहर निकाला कॉंडम पूरी तरह से चूत के पानी से भीगा हुआ था जब मैं कॉंडम को उतार रहा ही था तो ऋतु ने उसको ले लिया और अपने वाइन के ग्लास मे मेरे सारे वीर्य को उडेल दिया और उसमे फिर थोड़ी सी शराब और मिलाई और बरफ का टुकड़ा डाल कर उसको किसी ड्रिंक की तरह से सीप लेते हुए पीने लगी फिर उन्होने अपना ड्रिंक फिनिश किया और अपनी गान्ड को मतकाती हुई बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया उन्होने शवर ऑन कर लिया था और अपने बदन को टपकती हुई बूँदो के हवाले कर दिया उकी चूचियो से बहता हुआ पानी उनके पेट से होते हुए उनकी चूत से होकर टाँगो पे गिर रहा था मैं भी जाकर उनसे चिपक गया मेरा लड उनकी जाँघो मे घुस गया

मैने उनको थॅंक्स कहा मुझपर अपनी जवानी लुटाने के लिए वो बोली इसमे मेरा भी तो फ़ायदा हुआ है फिर काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के अंगो को मसल्ते हुए हम नहाते रहे नहाने के बाद हम उनके बेडरूम मे आगये वो अपने गीले बालो को पोंछ रही थी तो मैने कहा बाल खुले ही रखना मुझे खुले बाल बहुत अच्छे लगते है तो वो मुस्कुरा पड़ी और मुझे कहने लगी कि तुम बड़े ही इंट्रेस्टिंग पर्सन हो अच्छा लगा तुम्हारे साथ रहकर तो मैने कहा मुझे भी………..

मॅम बोली एक काम करो फ्रिड्ज से एक पानी की बॉटल ले आओ जब मैं बॉटल लेने गया तो मुझे एक बॉक्स मे कुछ पेस्ट्री रखी मिली तो मैं उस बॉक्स को अपने साथ ले आया

मॅम बोली तुम्हे ये खानी है क्या तो मैने कहा खानी तो है पर ऐसे नही खाउन्गा तो वो बोली फिर कैसे खाओगे तो मैने पेस्ट्री की उपर की क्रीम उनके मूह पर लगा दी पूरे गालो और होंटो पर और फिर उसको चाटने लगा वो बोली तुम तो बड़े ही नॉटी हो और फिर हमारे होंटो एक होगये इस किस का वर्णन में शब्दो मे कर ही नही सकता बस जेहन मे एक याद है बहुत ही क्रीमी किस था वो उपर से वो पेस्ट्री की मिठास मज़ा ही आ गया फिर मैने उस पूरी क्रीम को अच्छे से चाट कर सॉफ कर दिया फिर मॅम बेड पर आ गयी तो मैने एक पेस्ट्री और उठाई और उनकी चूत पर अच्छे से रगड़ दिया पूरी चूत क्रीमी क्रीमी हो गयी तो मैं अब उल्टी तरफ हुआ 69 की तरह और उनके उपर आके अपने मूह को उस पेस्ट्री से भरी हुई चूत पर लगा दिया

और मज़े से उसको खाने लगा दूसरी तरफ मेरा लड उनके मूह पर टकरा रहा था जल्दी ही ऋतु की चूत अपना पानी छोड़ने लगी जो पेस्ट्री मे मिक्स होने लगा मैं तो पूरे मज़े से लगा हुआ था उनकी चूत मे फिर से खुजली शुरू हो गयी थी तो मैने उनकी चूत की पंखुड़ियो को थोड़ा सा हटाया और अपनी जीभ अंदर सरका दी मॅम की तो हालत टाइट हो गयी उहोने आव देखा ना ताव और मेरे लड को अपने मूह मे डाल लिया अब हम दोनो एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे ऋतु अपनी जीभ से मेरे सुपाडे को पी रही थी मुझे तो बहुत ही ज़्यादा आनंद आ रहा था इधर मेरी पूरी जीभ उनकी योनि मे घुसी पड़ी थी 15 मिनट तक हम दोनो ऐसे ही लगे रहे फिर मैं उनके उपर से हट गया पास रखी पानी की बॉटल को अपने हलक मे उडेल लिया

ना जाने क्यू सेक्स करते टाइम या करने के बाद मुझे प्यास बहुत लगती थी जब मैं पानी पीकेर पलटा तो मैने देखा कि ऋतु घोड़ी बन चुकी थी उसके हिलते हुए चूतड़ मुझे निमंत्रण दे रहे थे तो मैने उनके चुतडो पे दो चार किस किए और एक बार फिर अपने लड को चूत पर लगा दिया और पहले झटके मे ही पूरा लड अंदर डाल दिया और लगा अपनी कमर हिलाने को मॅम की सिसकारिया अबकी बार और भी तेज थी वो बस आ आआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआहह कर रही थी अबकी बार वो खुद भी अपनी गान्ड को मटका रही थी चुदाई पूरे शबाब पर चल पड़ी थी उनकी पतली कमर पे मैने अपने हाथ रखे और उसको सहलाते हुए मैं उनको चोदे जा रहा था


उनकी कमर बहुत ही ज़्यादा चिकनी थी मैं बोला कसम ख़ाके कहता हू आप तो मॅम बहुत ही ज़्यादा गरम औरत हो तो वो बोली गरम तो हू मैं अब ज्यो ज्यो उनकी चूत पर धक्के मारता त्यो ही उनके चुतडो पर थप्पड़ भी लगा देता उनके गौरे चूतड़ लाल हो गये टमाटर के जैसे टाइम बीते जा रहा था हम अपने काम मे लगे हुए थे हम दोनो चुदाई के सागर मे गहरे उतर गये थे मैं अपने दाँत भिचे हुए लगा था उनको चोदने तभी वो बोली थोड़ी स्पीड और तेज करो मैं बस जाने ही वाली हू तो मैने कहा मैं भी जाने वाला हू और पूरी ताक़त लगाते हुए चूत मारने लगा दो मिनट बाद ही वो आगे की ओर पसर गयी और झड़ने लगी चूत एक दम गीली हो गयी थी ठीक उसी पल मेरे लड ने भी लावा उगल दिया और उनकी चूत को भर दिया

जब आख़िरी बूँद भी झाड़ गयी तो मैने अपने लड को बाहर निकाला और मॅम की ब्रा से पोंछ दिया थोड़ी देर लेटने के बाद वो उठी और बाथरूम मे घुस गयी मैने अपने कपड़े पहने और बेड पर ही बैठ गया वो आई और कहने लगी तुमने तो पूरी जान ही निकाल दी और मेरे सर को थप थपा दिया फिर बोली भूक लग आई है मैं कुछ बनाती हू तो दस मिनट मे ही वो मैगी बना लाई फिर हम एक ही बोवल से खाने लगे दोपहर ढल चुकी थी तो मैने कहा मॅम अब मैं चलु तो उहोने कहा कि अपना मोबाइल नंबर तो दे दो तो मैने उनको अपना नंबर दिया और वापिस होस्टल आ गया

अरदली की ड्यूटी कर रहा था तो शाम को कुछ खास था नही करने को तो शॉपिंग सेंटर की तरफ घूमने चला गया और एक साइड मे बैठ कर टाइम पास करने लगा ऑफिसर्स की मेडम और लड़कियो को ताड़ रहा था मैं . हर तरफ एक से एक माल था पर जल्दी ही मेरा मन उचटने लगा तो मैने निशा का नंबर डाइयल कर दिया पर उसका फोन बंद था तो मैं हताश हो गया अगले 5 दिनो को ऋतु मॅम ने जन्नत मे बदल दिया था हर आंगल से वो मुझसे चुदि थी खैर, दिन तो ऐसे ही गुजर रहे थे ट्रैनिंग फिर से स्टार्ट हो गयी थी और एग्ज़ॅम्स भी होने ही वाले थे शेड्यूल बहुत ही बिजी हो गया था एक दिन शाम को अंजान नंबर से कॉल आया तो दूसरी तरफ से ऋतु मॅम थी उहोने मिलने की इच्छा जताई तो मैने कहा मॅम अभी तो कोई चान्स ही नही है एग्ज़ॅम तक तो बिल्कुल भी नही तो वो थोड़ा नाराज़ सा होने लगी मैने कहा मैं क्या करू आप ही बताओ आउट पास का जुगाड़ करवा दो तो वो बोली वो कोशिश करेंगी और फोन काट दिया



पर मुझे पता था कि आउट पास अब मिलेगा ही नही क्योंकि टर्म बिजी चल रही थी एक दिन घर से फोन आया कि दादी चल बसी है मुझे बहुत दुख हुआ पापा बोले कोशिश करना कि छुट्टी मिल जाए पर आर्मी हॅज़ देयर ओन रूल्स मैं उनके अंतिम दर्शन भी नही कर पाया मेरा मन बहुत ही उदास था कई बार मेरे मन मे आया कि यहाँ से भाग जाउ पर ऐसा भी नही कर पाया गुज़रते हुए वक़्त के साथ मैं भी नॉर्मल होने लगा ऋतु मॅम का थोड़ा सहारा था कभी कभी उनके साथ थोड़ा टाइम स्पेंड हो जाया करता था मिता के फाइनल एअर चल रहा था तो वो बहुत ही बिजी रहा करती थी एक दिन शाम को मैं बाहर गया हुआ था मुझे निशा की बहुत ही याद आ रही थी लास्ट टाइम उस से जब बात हुई थी जब उसने बताया था कि उसकी जॉब लग गयी है उन बातो को भी दो-ढाई महीने हो गये थे पर अब उसका फोन हमेशा स्विच ऑफ ही रहता था मैं एक रेस्टोरेंट मे बैठा था तो वहाँ एक गाना बज रहा था जो यूँ था कि “ तेरे खामोश होंठो पे मोहब्बत गुनगुनाती है ”बहुत ही अच्छा लगा वो सॉंग मुझे पर दिल मे कहीं पर थोड़ा सा दर्द बढ़ गया था जितनी फिकर मैं निशा की करता था उतनी तो मैं मिता के बारे मे सोचता भी नही था आख़िर कैसा बंधन था मेरा उसके साथ वो कौन सी डोर थी जो अनचाहे ही उस से जुड़ गयी थी मेरा मन घबराने लगा था मुझे इस बेचैनी का कुछ ना कुछ इलाज तो करना ही था अगले दिन मैं ऋतु मॅम से मिला मैने उनको कहा कि मॅम अक्सर ही मेरा मन बहुत ही घबरा जाता है उन्होने बीपी चेक किया

सब कुछ नॉर्मल ही था तो उन्होने पूछा कि कोई घर की परेशानी है तो मैने कहा नही तो उहोने पूछा कि गर्लफ्रेंड से झगड़ा हुआ है क्या तो मैने फिर से मना किया तो उन्होने फिर पूछा कि किस टाइप की टेन्षन रहती है तो मैने उनको निशा के बारे मे बताया तो वो बोली ऐसा अक्सर होताः है जब आदमी दो नावो की सवारी करता है मैं बोला मॅम मैं कुछ समझा नही तो वो बोली निशा से प्यार करते हो मैने कहा नही मॅम बिल्कुल नही तो वो बोली फिर उसकी इतनी फिकर क्यो

क्यो बस उसका ही ख़याल होता है तुम्हे जबकि तुम्हारा दिल तो मिथ्लेश के लिए धड़कता है क्यो हर बार मिता की जगह निशा होती है तुम्हारे जहन मे उनके किसी भी सवाल का जवाब नही था मेरे पास . मॅम बोली ये पानी पियो और रिलॅक्स फील करो देखो हम सब की एक इंडिविजुयल लाइफ है हम रिश्ते-नाते भी निभाते है पर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई है ये आर्मी लाइफ जब तुम्हे तुम्हारी पहली पोस्टिंग मिलेगी तो तुमको सब समझ मे आ जाए गा प्यार, मोहब्बत सब झूठ लगने लगे गा बस रह जाएँगी तो मुट्ठी मे कुछ यादें , वो यादे जिनके सहारे तुम्हारा आगे का जीवन कटेगा तो मेरी बात मानो तो मानसिक रूप से थोड़ा मजबूत बनो क्या हुआ अगर तुम अपनी दोस्त से बात नही कर पाए, क्या हुआ अगर तुम्हे छुट्टी नही मिली यू अरे आ डॅम सोल्जर अपकमिंग ऑफीसर ऑफ दिस बॅच यू विल मेक प्राउड अस वन डे सो जस्ट बी काम आंड फर्गेट ऑल अनेक्सेसॅरी थॉट्स आंड मस्ट फोकस ऑन दट पथ विच यू हॅव चोज़न

कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों, ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने..

उहोने जो भी कहा था वो सोलह आने सच ही था मैं अपनी उस लाइफ को तो पहले ही छोड़ आया था फिर इतने दिन हो गये थे क्या निशा को मेरा ख्याल नही आया था वापसी मे मैं कॅंटीन गया और एक बियर ली और अपने यादो को भूलने की कोशिश करने लगा पर क्या ये सब इतना आसान था,नही मेरे दोस्त बिल्कुल नही फोज भी अजीब होती है अपने अंदर एक अलग ही दुनिया को समेटे हुए रहती है मैं सीप ले ही रहा था कि एक जवान मोबाइल पर दिल तो खोया है कही पे गाना बजाए जा रहा था ना जाने कब मेरे होंठो पे एक मुस्कान आ गयी तो मैने ऋतु मॅम को फोन किया और कहा कि मॅम क्या हम सनडे को मिल सकते है तो उहोने कहा हम क्यो नही तुम टाइम से ही आ जाना थोड़ा एंजाय भी कर लेंगे…

तो मुझ अब इंतज़ार था सनडे का जो कि दो दिन बाद आने वाला था दो दिन भी कट ही गये अब वक़्त पे किसका ज़ोर चलता है वो तो अपनी मर्ज़ी से ही चलेगा ना , तो सनडे को मैं एक दम रेडी होकर सबसे पहले शॉपिंग सेंटर गया और कुछ रंग और पेपर्स खरीदे उनको एक फोल्डर मे पॅक किया और मॅम के घर पहुच गया मैने घंटी बजाई तो उहोने गेट खोला आज तो बड़ी ही टिप-टॉप लग रही थी वो जीन्स और टॉप मे एक दम गजब पीस , मैं अंदर गया तो उन्होने पूछा कॉफी पियो गे तो मैने मना कर दिया मैने कहा मॅम यहाँ का सफ़र तो अब पूरा ही हो गया समझो अब कुछ दिनो मे देहरादून जाना है बाकी बची ट्रैनिंग के लिए पर जाने से पहले आपको एक गिफ्ट देना चाहता हू तो मैने कहा मैं आपकी एक पैंटिंग बनाना चाहता हू और उनको बाहर झूले पर बिठा दिया


मैं काफ़ी देर तक रंगो से खेलता रहा पर चेहरे पे एक चमक भी थी कोई एक डेढ़ घंटे के अथक प्रयास के बाद मेरा काम ख़तम हुआ तो मॅम उठ कर मेरे पास आई और उस तस्वीर को देखने लगी वो बोली अरे वाह!!!! तुम तो बड़े छुपे रुस्तम हो क्या मस्त तस्वीर बनाई है मॅम बोली इसको मैं फ्रेम करवा कर दीवार पर लगाउन्गि फिर मैं अपने हाथ धोने बाथरूम चला गया जब मैं वापिस आया तो मॅम अपने टॉप को निकाल रही थी उहोने ब्रा नही पहनी तो टॉप उतरते ही उनके उभार आज़ाद हो गये और नीचे की ओर लटक गये उनकी नंगी पीठ पर जब मैने अपने होंठ रखे तो वो कसमसा गयी और बोली फक मी टिल माइ लास्ट ब्रेत तो मैने कहा जी और अपनी उग्लिया उनकी जीन्स के अंदर घुसा दी और उनकी योनि को उपर से ही मसल्ने लगा

दूसरी तरफ मैं उनकी पीठ को चूमे जा रहा था ऐसा लगा जैसे मलाई घुल रही हो मेरे मूह मे फिर मैने उनकी जीन्स के बटन को ढीला किया और जीप खोल दी मॅम ने अपने चूतड़ मच्काये और जीन्स उनके घुटनो तक सरक गयी रेड कलर की जैल दार पेंटी ने उनके सौदर्य को और भी बढ़ा दिया था मैने कहा आपकी ये पैंटी तो बहुत ही अच्छी है इसमे तो आप एक दम जबरदस्त लग रही है तो वो बोली तुम्हे ये पसंद आई मैने कहा बहुत फिर वो मुझसे दूर हटी और अपनी जीन्स को निकाल दिया तो मैने उनको गोदी मे लिया और बेडरूम मे ले आया वास्तव मे आज वो कुछ ज़्यादा ही सुंदर लग रही थी

मैने उनके बालो मे लगी हुई पिन को निकाल दिया तो उनके बाल फिसलते हुए उनके कुल्हो तक आ गिरे ऋतु कहने लगी कि यार तुम्हारा अंदाज बिल्कुल हट कर है जो भी तुम्हारी वाइफ बनेगी वो बहुत ही लकी होगी तो मैने कहा मॅम ऐसी कोई बात नही है बस जो मुझे अच्छा लगता है वो ही करता हू वो बोली मैं तो तुम्हारी फॅंटेसी की कायल हो गयी हू काश मेरे पति तुम्हारे जैसे होते तो मेरी लाइफ सेट थी
Like Reply
#27
मैं बस मुस्कुरा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा जब मैने अपना कच्छा उतरा तो मेरे झान्टो को देख कर वो बोली तुम इनको भी तो सॉफ करा करो तो मैने कहा मॅम इधर टाइम ही नही मिलता है आप तो जानती ही हो तो उहोने कहा रूको मैं अभी आई और हेर रिमूवर क्रीम उठा लाई और मेरे झान्टो पर लगा ने लगी वो बोली बस थोड़ी देर की बात है ये अभी हट जाएँगे अब मैने तो कभी ये लगाई नही थी अपन तो एक रुपये वाली ब्लेड से ही काम निपटा दिया करते थे दस मिनट मे ही लड एक दम चिकना हो गया था फिर मैने उसको पानी से धो दिया ताकि बची क्रीम भी सॉफ हो जाए मॅम उसे अपने हाथो से पोंछने लगी फिर वो झुक कर बैठ गयी और अपनी चूचियो पर उसको रगड़ने लगी उका मुलायम एहसास पाकर मेरे लड मे तनाव आने लगा थोड़ी देर तक वो उसको अपने बोबो से दबाती रही फिर मैने कहा कि मॅम अगर बुरा ना माने तो एक बात कहूँ तो वो बोली यस, तो मैने कहा कि अगर आप की इजाज़त हो तो एक बार ये भी ट्राइ कर ले और उनकी गान्ड पर हाथ रख दिया तो वो ब्लश करते हुए बोली अरे ये तो मेरी भी विश थी पर मैने सोचा कि तुम्हारा यहाँ इंटेरेस्ट नही होगा वरना मैं ये काम तो पहले ही कर लेती



मैने कहा थॅंक यू मॅम तो वो बोली तुम हमेशा इतने फॉर्मल क्यो रहते हो कितनी बार कहा है कि मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो तो मैने कहा क्या करू प्रोटोकॉल की आदत हो गयी है ना, तो अब मैने उको उल्टा लिटाया और उनके चुतडो को फैलाते हुए उनकी गान्ड के छोटे से छेद को देखने लगा गहरे भूरे रंग का वो छेद बड़ा ही मस्त लग रहा था मैने अपनी उगली वहाँ पर रगड़नी शुरू की पर उनकी गान्ड थोड़ा टाइट सी थी तो मैने बेड के सिरहाने रखे हुए बॉडआइलोशन को उठाया और उनकी गान्ड पर ढेर सारा लगा दिया और फिर अपने लड पर भी मल लिया और उसको गान्ड के मुहाने पर रख दिया


मैं बोला डालु तो उहोने कहा हम तो मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया गान्ड एक दम चिकनी होने के कारण सूपड़ा झट से उसके अंदर जाकर अटक गया जैसे ही ऋतु की गान्ड चौड़ी हुई उका बदन दर्द से दोहरा हो गया आँखे जैसे बाहर को आने को हो गयी तो मैं रुका और पूछने लगा कि आपने पहले पीछे नही डलवाया है क्या तो वो बोली नही ऐसी बात नही है8-10 बार कर चुकी हू पर मेरे हब्बी का तुम्हारे जैसा मोटा नही है और फिर गान्ड तो वैसे भी टाइट हो ही जाती है तो मैने कहा अगर आपको तकलीफ़ हो रही है तो मैं बाहर निकाल लू तो उन्होने कहा अरे नही बस थोड़ा थोड़ा करके डालते रहो वो कराहते हुए बोली और मैं भी फॉजन हू पीछे नही हाटुगी उनकी गान्ड तो वैसे ही पूरी चिकनी थी तो थोड़ा सा और अंदर चला गया ऋतु गहरी साँसे लेते हुए मेरे लड को अपनी गान्ड मे लेने लगी धीरे धीरे करके मैने अपना पूरा लड उनकी गान्ड मे डाल ही दिया


मेरे अंडकोष उनकी गान्ड पे चिपक गये थे मैं उन पर लेटा पड़ा था कुछ देर बाद उहोने धीरे धीरे करने को कहा तो मैं अपनी कमर को हिलाने लगा उनकी गान्ड मे मेरा लिंग जैसे लॉक हो गया था उस पर बहुत दबाव पड़ रहा था वैसे ऋतु की गान्ड थी बड़ी ही मस्त मज़ा आ रहा था मारने मे कोई 5-7 मिनट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी थी और मज़े से गान्ड मरवाने लगी मैने अपने हाथ उनके बोबो पे रखा और उको निचोड़ते हुए गान्ड मारने लगा मैने अपने दाँत उनके गालो पे गढ़ा दिए तो उहोने कहा प्लीज़ काटो मत कही निशान पड़ गये तो दिक्कत हो जाएगी तो मैं उनके गालो को बस चूमने लगा 20-22 मिनट तक दबा के उनकी गान्ड मारी और फिर अपना पानी अंदर ही छोड़ दिया

जब मैने अपने हथियार को ऋतु की गान्ड से बाहर निकाला तो मेरा पानी भी बाहर आ गया और थोड़ा नीचे की ओर बहने लगा मैने बेड की चादर से उसको सॉफ कर दिया और उनकी बगल मे ही लेट गया ऋतु ने अपनी गान्ड को हाथ लगाया और बोली तुमने तो पूरी तरह से सूजा दिया है लगता है गरम पानी का सेक करना पड़ेगा तो मैने कहा कुछ नही होगा थोड़ी देर मे नॉर्मल हो जाएगी वो अपना हाथ मेरे साइन पे फिराने लगी और बोली कसम से तुम्हारे साथ रहकर मैं तो एक दम बदल गयी हू पहले तो मैं अपनी इच्छाओ को कंट्रोल कर लिया करती थी पर अब बहुत ही मुश्किल हो गया है मैने लीव के लिए अप्लाइ कर दिया है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो मैं कुछ दिन अपने पति के पास रहूंगी तो मैने कहा चलो ठीक ही है आपको भी क्वालिटी टाइम बिताने को मिलेगा फिर वो मेरे पेट पर अपना सर रख कर लेट गयी


वो कहने लगी कि आज मुझे इतना चोदो कि मेरा अंग अंग खिल जाए तो मैने कहा कि शाम तक आपका ही हू जो चाहे कर्लो तो वो थोड़ा सा घूमी और मेरे लड पर अपनी लंबी जीभ को फिराने लगी मेरे बदन मे सुरसूराहट तैर गयी मैने कहा मॅम थोड़ा गीला कर्लो इसको तो ऋतु ने थोड़ा सा थूक सुपाडे पर लगाया और उसको चाटने लगी

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और वो मज़े से मेरे लिंग को चूसने लगी थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा अब वो मेरी तरफ पीठ किए हुए लड को चूस रही थी जिस से उनके चूतड़ मेरी तरफ थे और उनकी चूत पूरी तरह से मेरी आँखो के सामने थी तो मैं उके कुल्हो को सहलाने लगा और अपनी दो उग्लिया उनकी योनि मे सरका दी और उनको अंदर बाहर करने लगा
Hindi Sex kahaniya - Antarvasna Sex Stories - Bangla Choti Kahini
Find Reply
10-05-2019, 01:35 PM, #178

sexstories
Administrator

Posts: 48,341
Threads: 1,348
Joined: May 2017
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
ऋतु की योनि तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी दूसरी ओर वो मज़े से मेरे लड को चूसे जा रही थी तो मैने उनके कुल्हो को थोड़ा पीछे की ओर किया अपना मूह उनके चुतडो पर लगा दिया और उनको काटने लगा मॅम हाई हाई करने लगी कुछ देर बाद मेरे होंठ उनकी चूत की फांको पे चिपक चुके थे ऋतु बहुत ही ज़्यादा गर्म हो चुकी थी मेरी नाक उनकी गान्ड मे धँस रही थी उसमे से अभी भी मेरे वीर्य की महक आ रही थी जब मेरी जीभ उनकी चूत की गर्माहट से जलने लगी तो मैने उनको अपने उपर से उतार दिया ऋतु ने मुझे अपनी नशीली आँखो से देखा तो मैने कहा आओ और अब इसकी सवारी करो तो उसने लिंग को पकड़ा और अपने छेद पर रखा और उसको अंदर लेने गई कुछ ही पॅलो मे चूत पूरे लड को खा गयी थी उन्होने मेरे सीने पर अपने हाथ रखे और उपर नीचे कूदने लगी

अब ऋतु ने अपनी उगली मेरे मूह मे डाली तो मैं उसको चूसने लगा वो पूरा दम लगाते हुए उपर नीचे हो रही थी मस्ती रोम रोम से फूटने लगी थी उसकी चूत के गीलेपान से मेरी जंघे भीगने लगी थी बहुत देर तक वो ऐसे ही अपनी गान्ड को मटकाती रही पर फिर उनकी स्पीड कम होने लगी वो थकने लगी तो मैने उनको हटने को कहा और उनको लिटा ते हुए उनकी टाँगो को अपने कंधो पर रख लिया और लगा दमदार शॉट लगाने मेरे हरर धक्के पे उनकी चूचिया बुरी तरह से हिल रही थी लड उनके पेट तक झटके मारे जा रहा था मॅम मदहोश हो गयी थी ऋतु अपने दाँतों से अपने होंठ को काटने लगी वो बोली य्स यससेसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ौअर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर वेरयययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययी गगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्
द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड

ककककककककककककककककककककककूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊंमीईईईईईईई
ईईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊवन्न्नऊनननननननननणणन् फक मी फुक्कककककककककककककककककककककककककककककककककककककककक
कककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककक्क
क्मीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हरद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्
द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ!!!!!!!!!!!!!!!!!!ह
ह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! य्स्स सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स

आआआआआआआआआआअ मत रुकना मत मैने कहा आप चिंता ना करूऊऊऊऊऊऊऊऊओ और पूरा दम लगाते हुए चूत मारने लगा ऋतु की चूत अब बहुत ही गीली हो गई थी उसमेमेरा लड बार बार फिसलने लगा था तो मैने उनकी टाँगो को अपने कंधो पर से हटा या और उनको चौड़ा करते हुए उनमे समा गया और दुबारा उनको चोदने लगा उनके हावभाव देख कर मुझे लगने लगा था कि वो बस अब जाने ही वाली है और2-3 मिनट बीते होंगे कि उनकी चूत ने उनका साथ छोड़ दिया ऋतु का शरीर एक दम कुन्द पड़ गया और वो अपने सुख को प्राप्त करते हुए एक अलग दुनिया मे ही पहुच गयी उन्होने मुझे कस कर भींच लिया पर मैं नही रुका मैं लगातार उनको चोदे जा रहा था चूँकि उनका जोश अब ठंडा पड़ गया था उनको अब परेशानी होने लगी वो बोली तुम अपने इसको बाहर निकाल लो मेरी योनि मे जलन होने लगी है तो मैने कहा बस कुछ ही मिनट की बात है तो मैं लगा रहा कुछ देर तो उन्होने बर्दास्त किया




फिर वो बार बार निकालने को कहने लगी पर मेरी मंज़िल अभी बहुत ही दूर थी तो मैने उनकी एक ना सुनी वो अपने नाख़ून मेरी पीठ मे गढ़ाने लगी पर मैं तो वासना मे पागल हो चुका था हर धक्के के साथ उकी हालत पतली होती जा रही थी उनकी शकल रौआंसी हो गयी और वो बोली प्लीज़ मुझे जाने दो मुझे बहुत ही तेज सूसू आई है तो मैने कहा यही पर कर दो वो बोली अब हट भी जाओ ना पर मैं धक्के मारता ही रहा

तो वो बोली की हट जाओ मेरा मूत निकलने ही वाला है ईईईईईई तो मैने झट से अपने लड को निकाला और अपने मूह मे चूत को भर लिया मेरे होंठ चूत पर लगे ही थे कि एक गरमा गरम धार सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करती हुई मेरे मूह मे गिरने लगी मैं किसी कोल्ड ड्रिंक की तरह उके सारे मूत को पी गया फिर मैने अपना मूह हटाया ऋतु अपनी फटी आँखो से मेरी तरफ देख रही थी एक नॉटी सी स्माइल के साथ पर मेरा लड तो अभी भी खड़ा था तो मैने कहा इसका भी कुछ करो तो वो बोली आगे लेने की तो मेरी हिम्मत बची नही है तुम पीछे ही कर्लो और प्लीज़ जल्दी से फारिग हो जाना मेरा तो पुर्जा पुर्जा हिल गया है तो मैने उनको उल्टी लिटाया और अपने लड को गान्ड मे उतार दिया और गान्ड मारने लगा वो एक बार फिर दर्द भरी आहे निकालने लगी 10-12 मिनट तक फ़ुर्सत से उनकी गान्ड मारी जब मुझे लगा कि अब मैं जाने वाला हू तो मैने अपने लिंग को बाहर निकाला और उनके गौरे गौरे चुतडो पर अपना सफेद पानी छिड़कने लगा जैसे ही मेरा पानी छूटा मेरी टांगे ऐसे काँपी कि जैसे उनकी सारी शक्ति किसी ने निचोड़ लिया हो तो मैं हार कर उनके पास ही पड़ गया …

आधे पोने घंटे तक हम दोनो बेड पर ही पसरे रहे फिर वो उठी और तौलिए से अपने शरीर को सॉफ करने लगी मुझे भी पेशाब आ रहा था तो मैं बाथरूम मे चला गया और थोड़ी देर बाद आया तो देखा की ऋतु एक बार फिर बेड पर लेट गयी है तो मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली पूरा शरीर मीठा मीठा सा दुख रहा है सोचा थोड़ी देर सो लूँ तो मैने कहा ठीक है आप सो जाओ मैं वापिस होस्टल चला जाता हू तो वो बोली एक मिनट रूको और अपनी अलमारी खोलकर एक छोटा सा पॅकेट निकाला और मुझे देते हुए बोली ये लो मैने तुम्हारे लिए कुछ लिया है तो मैने कहा क्या है ये तो उन्होने कहा कि इसे अभी मत खोलो अपने रूम मे जाकर खोलना फिर मैने उन्हे बाइ किया और बाहर आ गया मुझे भूक भी लग आई थी

पर अब तक तो मेस बंद हो गया होगा तो मैं शॉपिंग सेंटर की तरफ चल पड़ा वहाँ एक छोटा सा रेस्टोरेंट था तो वहाँ जाकर दो संडविच खाए मैं अपने रूम मे आया और उनके पॅकेट को खोल कर देखा उसमे एक टाइमेक्स की स्पोर्ट्स घड़ी थी जो बहुत ही मेह्न्गि लग रही थी मैने उनको थॅंक यू का मेसेज भेजा . दो- चार दिन यू ही गुजर गये और खडकवास्ला से विदा लेने का टाइम आ ही गया अब मंज़िल थी डिफेन्स अकॅडमी देहरादून मैं खुश था क्योंकि इसके कई मायने थे देहरादून से शिमला भी ज़्यादा दूर नही था तो चान्स तो मिता से मिलने के लिए और फिर मैं पहले भी देहरादून आ चुका था तो यादे भी थी ट्रेन बुक थी तय समय पर हम स्टेशन पर आ गये थे आर्मी की स्पेशल ट्रेन हमे ले जाने वाली थी

मैने अपना फोन निकाला और निशा का नंबर डाइयल किया पर एक बार फिर से मुझे स्विच ऑफ ही सुनाई दिया दिल मे एक कसक सी उठ गयी मैने एक ठंडी आह भरी और पेप्सी की बॉटल को अपने होंठो से लगा लिया सभी कॅडेट्स आपस मे हसी-मज़ाक करते हुए सफ़र का आनंद ले रहे थे पर मेरा मन निशा के बारे मे सोचके उदास हो गया था तो मैने अपनी डायरी निकली और उसमे रखी उसकी तस्वीरो को देखने लगा ना जाने कब मेरी आँखो से दो आँसू आकर गालो पे लुढ़क गये तो मैने डायरी को वापिस बॅग मे रखा और गेट पर आकर बैठ गया ठंडी हवा के थपेड़े मुझे जीवन की हक़ीकत समझाने लगे रात को आधी बॉटल वोड्का की टिका ली मैने और गहरी नींद मे सो गया जब मेरे साथी ने मुझे जगाया तो पता चला कि गाड़ी प्लेटफॉर्म पर लग चुकी है

तो मैं अपनी आँखे मलता हुआ उठा उसने मुझे पानी की बॉटल दी मूह धोने के लिए फिर हम दौड़ ते हुए लगेज के कोच मे गये और अपना अपना समान कॅरी किया एक संदूक और कंधे पर दो बॅग बस ये था अपना जुगाड़ मास्टर जी ने सभी कॅडेट्स की काउटिंग पूरी की फिर हम लाइन से बाहर आ गये तो पता चला कि आर्मी की गाडियो मे जाना था तो अपनी सीट पकड़ ली आधे घंटे बाद हम उस गोरवशाली गेट के सामने खड़े थे जिसके अंदर जाने का सपना तो बहुत लोग देखते है पर कामयाब बस कुछ ही होते है मैं घुटनो के बल झुका और उस गेट की मिट्टी को अपने माथे से लगा लिया और प्रणाम किया फिर एंट्री हुई फॉरमॅलिटीस को निपटा ते हुए शाम ही हो गयी थी एक सफ़र की थकान और उपर से नहाए धोए भी नही थे पर सूकर था कि अलॉटमेंट पूरी हो गयी थी

शाम को डिन्नर से पहले ब्रिगडियर साहिब के जोशीले भासन ने हमे अंदर तक हिला दिया मेरे तो कान पक गये ऐसे फालतू भासन सुन सुन कर मेरा तो दिल कर रहा था कि बस दो रोटी मिल जाए तो चिंता मिटे कोई एक हफ्ते बाद की बात है हमारी क्लास ख़तम ही हुई थी कि अरदली ने आकर सूचना दी कि तुमसे मिलने कोई आया है तो मैं विज़िटर्स रूम मे गया तो मुझे तो यकीन ही नही हुआ मेरे पापा आए थे मैं दौड़ कर उनके गले लग गया वो रुधे गले से बोले बेटा कितने दिन हो गये पिछले तीन सालो मे तुम बस एक बार ही घर पे आए हो क्या घर की याद नही आती तुम्हे तो मैने कहा कि पापा आप तो जानते ही हो कि 5 साल तक ये सब झेलना है तब कमिशन मिलेगा डिग्री तो मिल गयी अब यह टाइम काटना है बस पोस्टिंग के बाद तो थोड़ी आसानी हो जाएगी

उन्होने मुझे बॅग देते हुए कहा कि ये ले तेरे लिए कुछ समान है मैने खोल के देखा तो लड्डू , घी और भी ना जाने क्या क्या चीज़े थी फिर मैं उनको अपने रूम मे ले गया और हम बाते करने लगे उहोने कहा कि तेरी बहुत याद आती है जब भी घर के बाहर को आहट होती है सारे जने देखते है कि क्या पता तू आ गया हो मैं भी थोड़ा एमोशनल हो गया मैने कहा पापा अबकी बार जैसे ही छुट्टी मिलेगी मैं सीधा घर आउन्गा फिर मैने उनको पूरी अकॅडमी दिखाई शाम होते होते वो वापिस हो लिए मैं मजबूर था उनको रोक भी नही सकता था बस मन मसोस कर रह गया


उस रात डिन्नर नही किया गले से उतरा ही नही भावनाओ मे जो बह गया था दिन गुजरने लगे मैने अपना मोबाइल नंबर वहीं वाला रखा था रोमिंग लगती रहती थी पर एक आस थी कि क्या पता निशा का फोन आ जाए पर आता ही नही था ये तो शूकर था कि मिता हफ्ते दो हफ्ते मे याद कर लिया करती थी वरना मैं तो टूट कर बिखर ही जाता 5 महीने और ऐसे ही कट गये टर्म का राउन्ड पूरा हो गया था कॅडेट्स अब चाहे तो अब कुछ दिनो के लिए घर जा सकते थे तो ईक दिन मैने छुट्टी की अप्लिकेशन लगा ही दी मेरी तो सारी ही पेंडिंग पड़ी थी तो हफ्ते भर बाद ही मुझे 45 दिन का ऑफ मिल गया और शाम 5 बजे मैं वहाँ से निकल पड़ा ट्रेन मिली नही तो देल्ही तक बस ले ली रात का सफ़र काटना था देल्ही आया फ्रेश अप हुआ और फिर थोड़ा कुछ खाया पिया और अपने सहर की बस ढूँढने लगा तो पता चला कि धोला कुआँ से मिलेगी तो ऑटो पकड़ कर धौला कुआँ आया जैसे ही ऑटो से उतरा बस एक दम तैयार मिली अब कोई 4-5 घंटे और लगने थे तो कानो मे वॉकमॅन की लीड लगाई और सो गया बस अपनी रफ़्तार से चल पड़ी जब मैं पहुचा तो दोपहर के तीन बज रहे थे साथ मे सामान भी था तो मैने रिक्शा किया और पापा के ऑफीस चल पड़ा वो अपने कॅबिन मे थे जैसे ही मैने दरवाजा खोला उनके चेहरे की चमक बढ़ गयी


वो बोले आने से पहले बता देता तो मैं बस स्टॅंड आ जाता तो मैने कहा कोई बात नही पापा अब तो आदत हो गयी है और वैसे भी फोजी और कुली मे कोई ज़्यादा फरक नही होता है तो वो हँसने लगे तो मैने कहा पापा घर चले तो उहोने अपने असिस्टेंट को बुलाया और कुछ समझाया और फिर हम स्कूटर पर चल पड़े संदूक को जैसे तैसे अड्जस्ट कर ही लिया मैने जब हम घर पहुचे तो मैं हैरान रह गया

मेरे घर की जगह पर एक चमचमाती हुई कोठी खड़ी थी मैने कहा पापा ये क्या तो उन्होने कहा कि बेटा तू अब अफ़सर बन गया है तो तेरे स्टॅंडर्ड के हिसाब से ही घर भी होना चाहिए ना और फिर मकान पुराने भी हो गये थे तो उन सबको तुड़वा कर पिछले साल ये नयी कोठी बनवा ली तो मैने कहा पर पापा मुझे तो वो घर ही पसंद था मुझे अच्छा नही लगा अब ना घर के सामने नीम का पेड़ था जिस पर मैं बचपन मे झूले पर पींगे चढ़ाया करता था ना वो पुराना छप्पर था सब कुछ बदल दिया गया था पापा बोले क्या सोचने लगा चल अंदर चल जब उहोने घंटी बजाई तो मम्मी ने दरवाजा खोला जैसे ही उहोने मुझे गेट पर खड़े हुए देखा खींच कर दो-चार झापड़ मुझे लगा दिए और भावुक आवाज़ मे बोली मिल गयी तुझे फ़ुर्सत आ गयी माँ-बाप की याद तुझे क्या पड़ी है हम लोग जिए या मरे तुझे अब हमारी चिंता कहाँ तो मैने कहा मम्मी अंदर तो आने दो मम्मी की शिकायते चलती ही रही तो मैने उनको बताया कि अभी आप चुप हो जाओ मैं आ गया हू तो अब पूरे डेढ़ महीने यही पर रहूँगा तब जाकर उको थोड़ी से शान्ती हुई ना जाने क्यू मुझे ये नया घर अपना सा नही लगा मेरी सारी यादे तो उस पुराने वाले घर के साथ ही जैसे खो गयी थी

मेरा दम सा घुटने लगा तो मैने पूछा मेरा कमरा कौन सा है तो पता चला कि मम्मी पापा नीचे रहते है और उपर वाली मंज़िल पर चाचा और मेरा कमरा था मैने अपना संदूक उठाया और उपर चल पड़ा मैने कमरा खोला काफ़ी बड़ा कमरा था जिसके बीचो बीच एक बेड पड़ा था और साइड मे एक अलमारी थी मैने अलमारी खोली तो उसमे बस मेरे कुछ कपड़े ही रखे हुए थे बाकी कुछ नही था तो मैं नीचे आया और मम्मी से पूछा कि मेरा पुरानी अलमारी मे जो सामान रखा था वो कहाँ पर है तो मम्मी बोली कि वो सब कचरा तो उन्होने जला दिया मेरा तो दिमाग़ ही घूम गया मुझे बहुत तेज गुस्सा आया पर किसी तरह खुद को कंट्रोल करते हुए मैने कहा मम्मी आप जानती थी ना कि वो मेरे जीवन मे बहुत इंपॉर्टेंट था फिर भी आपने उसको जला दिया तो वो बोली उनको अपने घर मे कचरा पसंद नही है तो मैने एक फीकी मुस्कान के साथ कहा हाँ मम्मी मैं तो भूल ही गया था कि ये आपका घर है और मैं उसी समय वहाँ से निकल गया मैं तो बड़ा ही खुश हो कर चला था कि इतने दिनो बाद गाँव जाउन्गा पर सारी खुशी पल भर मे ही काफूर हो गयी थी मैं पैदल ही गाँव के बाहर की ओर चल पड़ा एक बात मैने गौर की कि अब ये मेरा वो गाँव नही रह गया था

सब कुछ इन चार सालो मे बदल गया था रास्ते मे कुछ लोगो ने पहचाना और कुछ ने नही गाँव के बस अड्डे का तो नक्शा ही बदल गया था वो सादगी ना जाने कहा छुप गयी थी मुझे वो पानी की टंकी नही दिखी जहाँ पर अक्सर मैं अपने मूह को धोया करता था हम एक साइड मे वाटरकूलर ज़रूर लगा हुआ था तो मैं मंदिर की तरफ चला गया तालाब की सीढ़ियो पर जाके बैठा तो अनचाहे ही कुछ यादो ने घेर लिया मैने अपने जूते खोले और अपने पैरो को ठंडे पानी मे डाल दिया पता नही कब मेरी आँख भर आई बहुत देर तक मैं वही पर बैठा रहा जब कुछ होश आया तो घड़ी शाम के सात बजा रही थी कि मुझे निशा का ख़याल आया तो मैं उसके घर की तरफ मूड गया पर उसके घर पे ताला लगा था धूल जमी पड़ी थी जैसे कयि दिनो से वहाँ कोई आया नही हो तो मैं पड़ोस के घर मे गया और एक औरत से पूछा कि यहाँ पर निशा रहती थी तो वो मुझे अंदर ले गयी और बिठाया और बताया कि वो निशा की चाची है वो कहने लगी कि उसकी बॅंक मे नौकरी लग गयी तो वो बस एक दिन ही आई थी और अगले दिन ही अपनी माँ को लेकर चली गयी डेढ़ साल हो गया है पर उसने ना कोई फोन किया ना कोई संदेशा आया हम तो खुद ही बड़े परेशान है गाँव मे लोग कहते है कि वो भाग गयी मैने कहा ऐसा नही हो सकता

तो वो बोली बेटा उपर वाला ही जाने फिर मैं उके घर से वापिस हो लिया मेरा मूड और भी ऑफ हो गया था एक तो घर आते ही और उपर से निशा का भी पता नही मिला मैं जंगल की तरफ जाने वाली पुलिया पर बैठ गया और विचार करने लगा रात घिर चुकी थी अंधेरा फैल गया था टाइम 9 से उपर हो रहा था कि तभी चाचा मुझे ढूँढते हुए उसी तरफ आ गाए जब उहोने मुझे पुलिया पर बैठे तो उनकी सांस मे सांस आई वो बोले अरे मैं कब से तुझे ढूँढ रहा हू और तू यहाँ पर बैठा है घर नही आना क्या तो मैने कहा कि कौन सा घर चाचा वो मेरा घर नही है वो तो मम्मी का घर है तो चाचा बोले की और मम्मी किस की है तो मैं कुछ नही बोला वो बोले बेटा अगर घर वाले कुछ कह भी दे तो ऐसे नाराज़ नही होते है सब कुछ तेरा ही तो है


चल अभी आजा तो मैं चुपचाप स्कूटर पे बैठ गया और वो थोड़ी देर बाद हम घर आ गये मैं सोफे पर बैठ गया पापा आए और बोले बेटे क्या बात है तो मैने कहा पापा मम्मी ने मेरा पुराना सामान जला दिया बस वो ही तो था मेरे पास मेरी यादे थी उसमे सभी पुराने दोस्तो की तस्वीरे थी मैं जैसे रोने को आ गया तो उन्होने कहा कि बेटा देख अब जो हो गया वो वापिस तो नही हो सकता पर मैं वादा करता हू आगे से तेरी मर्ज़ी के बिना तेरे किसी भी सामान को कोई घर वाला नही छुए गा चल अभी आजा खाना खाते है देख सब कुछ तेरी ही पसंद का बनाया है मेरा मूड नही था पर मैने उनको मना नही किया खाना खाते खाते मैने पूछा कि चाची दिखाई नही दे रही है तो पता चला कि वो अपने मायके गयी हुई है और कुछ दिनो मे लौट आएँगी खाने के बाद मैं अपने कमरे मे गया और अपनी डायरी मे आज की घटनाओ को उतारने लगा

अगले दिन मैं जल्दी ही उठ गया मैं पापा के पास गया और कहा कि अगर आप कहे तो मैं एक बाइक खरीद लू तो उहोने कहा कि बोल कितने पैसे चाहिए तो मैने कहा कि पापा अभी पैसो की चिंता नही है तो वो बोले ठीक है खरीद लियो तो मैं बोला मैं तैयार हो जाता हू आप मुझे बॅंक ड्रॉप करते हुए चले जाना वो बोले ठीक है कोई दस बजे मैं बॅंक मे था पर अभी थोड़ा टाइम था तो मैं वही पास के स्टेशनरी स्टोर पर चला गया और कुछ पैंटिंग के पेपर और रंग खरीद लिए फिर मैने पैसे निकलवाए और बाइक के लिए चल पड़ा कोई दो तीन मॉडेल ट्राइ किए पर अपना दिल तो बुलेट पर ही आया सभी फॉरमॅलिटीस पूरी करते करते दुपहर के दो बज गये थे तो मैं एक रेस्टोरेंट चला गया वही लंच किया फिर मैं कॅंटीन गया कुछ ग्रोसरी का समान लिया

और रास्ते मे दारू के ठेके पे दो कॅन बियर भी ले ली और फिर गाँव का रास्ता पकड़ लिया समान को रखा बियर फ्रिड्ज मे पटकी और अपने कमरे मे आ गया थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो मैं कुछ देर सो गया शाम को 6 बजे मैं उठा और नीचे आया तो देखा कि अनिता भाभी आई हुई थी उनकी गोदी मे एक बच्चा था तो मैने कहा भाभी ये कौन है तो उहोने कहा कि ये तुम्हारी भतीजी है मुझे तो यकीन ही नही हुआ मैने कहा भाभी इतनी बड़ी बात आपने मुझसे शेअर नही की तो उन्होने कहा अब तुम तो कभी फोन करते नही हो और घर से कोई करता है तो तुम पिक नही करते हो तो तुम्हे कौन बता ता मैने झट से उस गुड़िया को अपने हाथो मे लिया

और पूछा इसका नाम क्या है भाभी को उन्होने कहा साक्षी , अपनी अगली पीढ़ी को देखते ही मेरे अंदर की सारी उदासी गायब हो गयी मैं बहुत ही खुश था मैने भाभी को थॅंक यू कहा तो वो बोली किसलिए तो मैने कहा हमे इतनी प्यारी गुड़िया देने के लिए तो भाभी शरमा गयी कि तभी रवि भी आ गया तो मैने कहा भाई आज तो पार्टी होगी तभी पापा आ गये वो बोले कि किस बात की पार्टी हो रही है तो मैने कहा कि पापा साक्षी के जनम के समय तो मैं यहाँ पर नही था तो ऐसे ही कुछ सेलेब्रेशन कर ना चाहते है तो उहोने कहा दो दिन बाद तुम्हारी बुआ और फूफा भी आ रहे है तभी कुछ करते है रात को मैं और चाचा चटाई बिछा कर छत पर पड़े थे तो वो बोले फ्रिड्ज मे बियर तूने रखी है ना तो मैने कहा हम वो बोले तू कब से …


……………………… तो मैने कहा क्या चाचू आप भी ना अभी आर्मी मे है तो चल जाती है फिर मैने पूछा कि चाची कब आएगी तो वो बोले यार ऑफीस मे काम ज़्यादा है तो टाइम नही मिल रहा है उधर जाने का एक काम कर तू ले आ उसको घूम भी आइयो और तेरी चाची को भी ले आइयो मैने कहा मैं देखूँगा बाते करते करते हम दोनो सो गये अगले दिन जब मेरी आँख खुली तो सूरज सर पर चढ़ आया था मैं जम्हाई लेते हुए उठा तो मेरी नज़र शीला के घर पर गयी थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होकर आया तो देखा कि घर पर कोई नही था मैं बाहर निकला और शीला के घर पे आ गया मुझे देख कर वो खुश हो गयी मैने उसको पकड़ लिया और बोला भाभी बहुत दिन हो गये है आज मेरा काम करना पड़ेगा तुमको तो वो बोली अभी उसको ज़रूरी काम है

तो मैने कहा कि क्या भाभी मैं इतने दिनो बाद आया हू और आप बहाने बना रही हो लगता है अब आप को मैं अच्छा नही लगता तो वो बोली जी ऐसे बात नही है चलो पहले आपको ही खुश कर देती हू काम तो बाद मे भी कर लुगी तुम अंदर चलो मैं गेट बंद कर के आती हू

आते ही मैने शीला को दबोच लिया और उसकी चूचियो को बहुत ज़ोर से दबा दिया तो वो दर्द से कराहती हुई बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआअ तो मैने कहा वो क्या है ना भाभी कई दिनो मे आज किसी औरत के नज़दीक आने का मौका मिला है तो थोड़ा जोश चढ़ रहा है वो बोली अभी आपका जोश ठंडा करती हू और मेरे पयज़ामे को नीचे सरकाते हुए मेरे लड को पकड़ दिया और उसको मसलते हुए बोली कि अरे ये तो बहुत ही ख़ूँख़ार हो गया

है आज तो मेरी जान निकालेगा ये तो मैने बिना देर करते हुए भाभी के साँवले होंठो को अपने होंठो से मिला लिया और उनको चूमने लगा भाभी के होंठो की गर्माहट मेरे मूह मे घुलने लगी बहुत देर तक उनको बस चूमता ही रहा उनकी संतरे जैसी चूचिया उपर नीचे होने लगी थी मैने उनके ब्लाउस को खोल दिया अंदर ब्रा नही थी तो उनकी काली काली चूचिया तुरंत ही मेरे हाथो मे समा गयी मैं उनकी घुंदियो पे अपनी उग्लिया फिराने लगा शीला लगातार मेरी मुट्ठी मारे जा रही थी मेरा लड अब एक दहक्ता हुआ शोला बन चुका था जिसको अब बस चूत के रस की धार ही ठंडा कर सकती थी मैने भाभी के घाघरे को खीच कर हटा दिया अब बस एक कच्छि ही थी उनकी अमानत को अपने मे समेटे हुए तो मैने उनको लिटाया

और उस पर किसी शिकारी कुत्ते की तरह टूट पड़ा कुछ देर उसकी चूचियो को निचोड़ने के बाद मैने उसकी कच्छि मे हाथ डाला और उसको नंगी कर दिया गहरे काले रंग की चूत फड़फदा रही थी मैने फ़ौरन ही अपने तड़प्ते हुए लौडे को चूत के मूह पर लगा या आ और अगले ही पल वो शीला की चूत मे समा गया था शीला ने एक आह भरी और मुझसे लिपट गयी एक बार फिर से मैं उसकी होंठो को खाने लगा दो मिनट मे ही मेरा लड चूत मे अड्जस्ट हो गया था और हमारी चुदाई शुरू हो गयी शीला की बेहद कसी हुई चूत मे अपना लड डाल कर मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था शीला बोली आप जब नही थे तो आपके इस मज़े की बहुत ही याद आती थी मैं तो रोज ही आप की आने की राह देखती थी मैं लरजते हुए स्वर मे बोला भाभी अभी तो मैं आ गया हू

अभी पूरे डेढ़ महीने तक आपको ढंग से चोदुगा वो बोली हाअ मेरे देवेर जीिइईईईईईईईईईईई आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईई आअपका लड इसस्स्स्स्स्स्स्सस्स चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊथततटटटटटटतत्त मे रहना चाहिए और शीला भी नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर चुदने लगी हम दोनो के शरीर दो जिस्म एक जान हो गये थे मैं पूरी रफ़्तार से शीला की चूत मारे जा रहा था शीला ने अपने दाँत मेरे कंधो मे गढ़ा दिए और जोश से वहाँ पर काटने लगी मैं बोला भाभी धीरे फिर अगले दस पंद्रह मिनट तक कुछ आवाज़ नही हुई बस हमारी चुदाई की ही हल्की हल्की आवाज़े आती रही पूरे आधे घंटे तक शीला की चूत मारने के बाद मैने अपना पानी उसकी चूत मे ही गिरा दिया और ढह गया

अपना काम हो जाने के बाद मैने अपना पयज़ामा पहना और उसकी दो- तीन पप्पी ली और घर आ गया मैं अपने कमरे मे गया और मोबाइल को देखा तो मिता के 22 मिसकाल थे मैने उसको फोन मिलाया तो पता चला कि अगले सनडे को वो आ रही है तो मैने कह दिया कि मैं उसको स्टेशन पर ही मिलुगा फिर थोड़ी बहुत बातचीत के बाद मैने फोन काट दिया चलो ये भी अच्छा ही था मिता के सहारे छुट्टिया काट जाएँगी मैं बेड पर लेट गया और आराम करने लगा अभी तक मैं गीता से भी नही मिल पाया था तो मैं प्लॅनिंग करने लगा मैने सोचा कि आज शाम को उधर भी राउन्ड मार ही दूँगा मैं सोच ही रहा था कि तभी ऋतु मॅम का फोन आ गया उहोने बताया कि उनकी पोस्टिंग रुड़की मे हो गयी है तो मैने कहा कि ठीक है मॅम अब आप भी पास आ गये हो तो मिलना भी हो जाएगा मैने उनको बताया कि अभी तो मैं गाँव आया हू पर लास्ट के एक दो दिन उनके साथ ही बिताउन्गा तो वो बोली पक्का आना कही भूल मत जाना बात थोड़ी लंबी चली शाम को चार बजे के आस पास मैने बाइक ली और गीता के घर की तरफ चल पड़ा पर उसके घर पर ताला लगा था थोड़ी देर इंतज़ार किया पर वो नही आई तो मैं वापिस घर आ गया थोड़ी देर साक्षी के साथ खेलता रहा

रात को छत पर मैं रवि और चाचा इकट्ठे थे मैने चाचा को पटा लिया था बॉटल खुल चुकी थी पूरी मस्ती चल रही थी अपनो के साथ रहने का मज़ा ही कुछ और होता है फिर टन होकर हम वही पर गिर पड़े पता नही क्यो आज कल मैं देर से ही उठने लगा था मैं नहा कर आया ही था कि अनिता भाभी आ गयी वो बोली चाची जी तो खेत मे गयी है चलो मैं तुम्हारे लिए कुछ बना दूं बताओ क्या खाओगे तो मैने पूछा तुम इतनी देर यहाँ रहोगी तो ताइजी शक नही करेंगी तो वो बोली रवि यहाँ रहते है तो मुझे थोड़ी आज़ादी है तुम उनकी चिंता मत करो


मैने कहा भाभी मैं तो तुमको ही खाउन्गा और उनका हाथ पकड़ लिया और कहा कि भाभी आज मौका भी है चलो कुछ करते है तो वो बोली अब तुम मानोगे तो नही और फिर तुम्हारी इच्छा तो पूरी करनी ही पड़ेगी तो मैने उनको सोफे पर पटक दिया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको एक झटके मे ही उतार दिया भाभी की गौरी गौरी टाँगो की चमक देख कर मेरी आँखे चौंधिया गयी मैं उनकी टाँगो को सहलाते हुए बोला भाभी आप तो और भी ज़्यादा निखर गयी हो तो वो बोली अब बच्ची होने के बाद पहले वाली ताज़गी नही रही तो मैने कहा भाभी आप तो हमेशा एक खिला हुआ फूल हो
Like Reply
#28
तो वो मुस्कुरा पड़ी मैने अपना मूह उनकी पेंटी पर लगा दिया और उसको सुघने लगा भाभी मचलने लगी वो भी गरम होने लगी मैं कच्छि के उपर से ही उनकी योनि को चूमने लगा भाभी अपनी टाँगो को इधर उधर हिलाने लगी उहोने अपने सूट और ब्रा को खुद ही उतार दिया था मैने भी अपने कपड़े उतार दिए भाभी ने बिना कुछ कहे ही सीधे मेरे लड को अपने मूह मे लिया और चूसने लगी वो मेरे सुपाडे को किस करने लगी भाभी के गुलाबी होंठो के स्पर्श से मेरा लड और भी ज़्यादा फुफ्कारने लगा जब जब उनकी जीभ मेरे लड पर फिरती मुझे तो बहुत ही आजा आता मैं भाभी को लड चूसा ही रहा था कि बाहर से किसी ने घंटी बजा दी भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने मैं उपर चला गया कुछ देर बाद मैं आक्टिंग करते हुए नीचे आया तो पता चला कि बुआ-फूफा आ गये है अब इन्हे भी इसी टाइम पर ही आना था खैर, तो मैने उनके पाँव छुए और बाते करने लगा भाभी चाइ- नाश्ता बना ने लगी कुछ देर इधर उधर की बाते होती रही फिर मैने कहा आप लोग बैठो मैं मम्मी को बुला लाता हू और बाइक निकल कर कुँए पर चल पड़ा जब मैं वहाँ पर पहुचा तो गीता मम्मी के पास ही बैठी थी मैने उसको नमस्ते किया तो उसने पूछा अरे तुम कब आए

तो मैने उसको बता दिया फिर मैने मम्मी को कहा कि जल्दी चलो बुआ आई है वो बोली मैं अभी आई मैने गीता से कहा कि मैं कल आया था पर तुम थी नही तो उसने बताया कि वो सहर गयी हुई थी मैने कहा मैं जल्दी ही आउन्गा वो खुश हो गयी फिर मैने मम्मी को लिया और वापिस घर आ गये फिर पूरा दिन ऐसे ही हसी मज़ाक मे निकल गया आज तो चूत मिलते मिलते रह गयी थी अगले दिन मैं नहा कर आया और अपने कमरे मे खुद को तौलिए से पोंछ ने लगा मैने दरवाजा बंद नही किया बल्कि हल्का सा ही अड़ा दिया था वैसे भी मेरे कमरे मे कोई आता तो था नही तो मैं अपनी शरीर पर तेल की मालिश करने लगा मैने सोचा लड को भी थोड़ा तेल पिला देता हू और उसपर थोड़ा तेल लगा के उसकी मालिश करने लगा अब लड तो ठहरा लड वो साला तन गया मैं ज़ोर से उसपर तेल का हाथ रगड़ने लगा तभी दरवाजा खुला और मैने देखा कि बुआ दरवाजे पर चाइ का कप लिए खड़ी थी और अंदर मैं बिल्कुल नंगा हाथ मे अपना खड़ा लड लिए सिचुयेशन बड़ी ही अकवर्ड हो गयी थी मुझे रिएक्ट करने का टाइम मिला ही नही बुआ मूडी और नीचे चली गयी कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया अब बुआ मुझसे नज़रे चुरा रही थी और मैं नाश्ता कर ही रहा था कि

मिता का फोन आ गया वो बोली कि वो बस कुछ ही देर मे ट्रेन पकड़ रही है और कल सुबह 11 बजे तक आ जाएगी मैने कहा ठीक है अगले दिन फूफा भी जाने वाले थे तो मैने कहा कि बुआ तो कुछ दिन यही पर रह जाएगी तो वो बोले हम ये भी कई दिनो बाद मायके आई है कुछ दिन रह लेगी फिर मैं बाजार चला गया साक्षी के लिए कुछ नयी ड्रेस और ढेर सारे खिलोने खरीदे और शाम होते होते मैं वापिस आ गया दिन बस ऐसे ही गुजर रहे थे ज़्यादातर टाइम मैं बोर ही होता रहता था करने को भी कुछ ख़ास नही था एक हफ़्ता गुजर चुका था पर कुछ खास हुआ नही था अब मेरी प्यास बस गीता ही बुझा सकती थी पर उसके पास जाने का मौका ही नही मिल रहा था अगले दिन मैने फूफा को बस मे बिठाया और फिर स्टेशन की ओर बढ़ गया वहाँ जाकर पता चला कि बस ट्रेन आती ही होगी और कोई बीस मिनट बाद रेल आ गयी मिता ने फोन किया और बताया कि वो कहाँ खड़ी है मैं दौड़ता हुआ गया उसके पास .

आज साढ़े चार साल बाद मैं अपनी प्रेयसी को आमने सामने देखने जा रहा था थोड़ी सी फॅशनबल बन गयी थी, आँखो पर चश्मा चढ़ गया था और थोड़ा शरीर भी भर गया था मिता मुझे देख कर मुस्कुराइ मेरे तो जैसे दोनो जहाँ रुक गये थे उस पल मे तभी किसी ने पीछे से मुझे थपकाया मैने मुड़कर देखा तो रीना थी मैं बोला अरे तू भी आई है क्या तो वो बोली अब आपकी नज़र मिथिलेश से हटे तो औरो का भी ख़याल आए आपको मिता बोली तू चुप कर फिर हम बाहर आए और एक खाली पड़ी बेंच पर बैठ गये रीना बोली भाई आप तो एक दम बदल गये हो बिल्कु जेंटेल्मन लग रहे हो मैने कहा अब आर्मी मॅन हो गया हू तो बस थोड़ा सा फरक आ गया है और कुछ नही बहुत देर तक हम लोग अपनी पुरानी यादो को ताज़ा करते रहे फिर मैने कहा तुम लोगो को भूख लगी होगी चलो कुछ खाते है और हम रेस्टोरेंट मे आ गये एक बेहद लज़ीज़ लंच के बाद मिता बोली अब उनको चलने चाहिए फिर वो बोली वो फोन करके बता देगी मिलने के बारे मे फिर वो टेंपो स्टॅंड की तरफ बढ़ गयी और मैं भी चल पड़ा

मिता से मिलने के बाद मुझे एक अजीब सा अहसास हो रहा था शाम को सारा परिवार बैठा था बात चीत हो रही थी तो बुआ ने कहा कि अब हमे इसकी शादी के बारे मे कुछ सोचना चाहिए देखो ना इसके पाँव तो घर मे टिकते ही नही है बस पूरा दिन उड़ा उड़ा ही रहता है मम्मी को तो मौका मिल गया वो बोली मैं तो कब से कह रही हू कि हमे ये काम कर देना चाहिए तो मैने कहा और मैं भी कई बार बता चुका हू कि जब तक पोस्टिंग नही मिल जाती मैं शादी नही कर सकता हू तो वो बोली अरे तो सगाई करले शादी पोस्टिंग के बाद कर लेना मैने सोचा आज तो ये पूरे मूड मे है बकरे को काटने के लिए
तो मेरे मूह से निकल गया कि मैं अपनी मर्ज़ी से शादी करूगा


पापा ने मेरी तरफ देखा और कहा कि क्या कहा तूने अभी तो मैने कहा मैं अपनी मर्ज़ी की लड़की से शादी करूगा और इनफॅक्ट मैं किसी को को बेहद पसंद करता हू और उसी से ही ब्याह करूगा मम्मी ने अपनी चप्पल उतारी और मेरी तरफ फेंक कर मारी और पापा की तरफ देखते हुए बोली और आज़ादी दो इसको देख लिया ना मुझे तो पहले ही पता था कि ये एक दिन हमारी नाक ज़रूर कटवाएगा तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है मैं किसी से प्यार करता हू


और उसके साथ अपनी लाइफ गुज़ारना चाहता हू इसमे ग़लत क्या है तो मम्मी चीखते हुए बोली कि हाँ तू ही सही है हम तो कोई हैं ही नही गाँव है भाईचारा है समाज भी कुछ होता है ना हम दुनियाँ से क्या कहेंगे कि बेटे ने भागकर शादी कर ली तो मैने कहा अब इसमे भागने की बात कहाँ से आ गयी मम्मी बकने लगी कौन है वो कुलटा मेरे बेटे को फास लिया फलाना धिमकाना मुझे खीज होने लगी मैने कहा मैं तो उसी से शादी करूगा चाहे जो भी हो जाए तो पापा ने कहा आ मेरे साथ चल और हम घर से बाहर आ गये वो बोले देख बेटा मैं समझता हू ये उमर ही ऐसी है लड़के लड़किया इस उमर मे थोड़ा अलग सा बिहेवियर करते है बेटा ये प्यार मोहब्बत कुछ नही होता है फिर माँ बाप तेरे लिए कोई ग़लत लड़की थोड़ी ना चुनेंगे बेटा हमारे भी कुछ अरमान है और फिर क्या पता उस लड़की के माँ बाप इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे भी या नही फिर समाज भी है तू ठंडे दिमाग़ से सोच फिर हम इस बारे मे बात करेंगे फिर हम अंदर चले गये फिर ज़्यादा कुछ नही हुआ रात को छत पर मैं और चाचा पड़े थे तो वो बोले अरे ये क्या पंगा खड़ा कर दिया तूने मुझे ठीक से बता तो मैने कहा कि चाचा मेरे साथ एक लड़की पढ़ा करती थी शुरू से ही हम एक दूसरे को पसंद करने लगे थे .

ना जाने कब हमे प्यार हो गया वो नर्स का कोर्स कर रही है उसी के लिए मैने एनडीए जाय्न करा है वरना आप तो जानते ही हो कि मैं और फ़ौज़ मे ये आसान थोड़ी ही ना था मेरे लिए पर उसके लिए मैं नौकरी लगा अब बताओ मेरी क्या ग़लती है वो बोले बेटा प्यार व्यार बड़े शहरों की बाते है गाँव का माहौल अलग होता है अब तू बच्चा तो रहा नही बराबर का हो गया है आगे तेरी मर्ज़ी ,


थोड़ी देर बाद हम सो गये अगले दिन जब मैं नहा ने जा रहा था तो बुआ बस नहा कर निकली ही थी उनका सूट आगे से थोड़ा सा गीला होकर उनकी मोटी मोटी चूचियो से चिपक गया था ब्रा ना पहनी होने के कारण उनके निपल्लस मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे मेरा लड तो पाजामे मे ही तन गया उन्होने भी मेरे पयज़ामे मे बने हुए उभार को देख लिया था फिर वो चली गयी मैं जल्दी से अंदर गया वहाँ मुझे बुआ की गीली ब्रा टकी हुई मिली मैं उसको सुघने लगा एक बहुत ही मस्त सी खुश्बू आ रही थी उसमे से मेरा लड झटके मारने लगा तो मैं बुआ के बारे मे सोच कर मुट्ठी मारने लगा आज से पहले उनके प्रति मुझे ऐसी कभी फीलिंग नही आई थी मुट्ठी मारकर थोड़ा चैन मिला मुझे


दिन ऐसे ही गुजर रहे थे दो तीन दिन और भी बीत गये एक दिन मैं सोया पड़ा था तो बुआ छत पर झाड़ू निकाल रही थी उनकी पीठ मेरी तरफ थी उनका सूट पीछे से थोड़ा सा उठ गाया था तो उनकी सुडोल गान्ड जो टाइट सलवार मे कसी होने के कारण बड़ी ही सुंदर लग रही थी अचानक ही मैं बुआ को अपनी आँखो से नंगा करने लगा मैं उनके प्रति आकर्षित होने लगा अब हवस मे आदमी को रिश्ते नातो का ध्यान कहाँ रहता है उसको तो बस हर औरत मे बस चूत ही दिखती है कुछ ऐसा ही हाल मेरा था मैने सोच लिया बुआ को भी ट्राइ करके देखूँगा क्या पता चान्स बन जाए मेरे दिल मे उनको चोदने की हुड़क जाग चुकी थी पर कैसे पटाऊ उनको ये ही सोचता रहा मैं पूरे दिन पर कुछ ना सूझा उसी दिन शाम को मैं घर के साइड वाली नाली को सॉफ कर रहा था तो मैने देखा कि बुआ छत पर मुडेर वाली साइड पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो

मुझे एक आइडिया आया मैने अंजान बनते हुए अपनी ज़िप खोली और लड को बाहर निकाल कर गली मे ही पेशाब करने लगा उपर बुआ मुडेर पर खड़ी थी मैने तिरछी निगाहों से देखा कि उनका ध्यान मेरे लड पर ही था मैने भी जान बुझ कर थोड़ी देर उसको बाहर ही रखा फिर मैं एक दम से पलटा और छत की तरफ देखा बुआ तुरंत ही सरक ली मैं बुआ को बस अपनी ओर आकर्षित करना चाहता था इसी उधेड़बुन मे एक दिन और गुजर गया

मैने उनको कहा उपर आ जाओ मेरे कमरे मे वो बोली बुआजी कहाँ है तो मैने कहा सो रही है वो बोली कही फस ना जाए मैने कहा तू चिंता मत कर और मेरी प्यास बुझाने का जुगाड़ कर मैं भाभी को अपने कमरे मे ले आया और बेड पर पटक दिया और अनिता के उपर चढ़ कर उसके गालो को खाने लगा मैं उनकी चोली को खोल ही रहा था कि उहोने कहा अभी कपड़े नही निकालो घर खुला ही पड़ा है और फिर बुआ उठ गयी तो परेशानी हो जाएगी तो मैने कहा ठीक है मैं बोला भाभी आपके बिना कैसे जीता हू वहाँ पर मैं ही जानता हू आपकी बहुत याद आती है भाभी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गयी उःन्हॉने अपने होंठ मेरे मूह से लगा दिए और अपने सेब से मीठे होंठो को मुझे पिलाने लगी उनकी लिपलिस्टिक मेरे होंठो पर लग गयी

बहुत ही मस्ती से मैं उनको चूमे जा रहा था ना जाने कब मेरे हाथ उनके घाघरे के अंदर पहुच गये और उनकी चूत को मसल्ने लगे उनकी कच्छि पुरी तरह से गीली हो चुकी थी मैने उसको उतार दिया और उनकी चूत को आज़ाद कर दिया मैने अपनी बीच वाली उगली को चूत मे सरका दिया और अंदर बाहर करने लगा भाभी ने अपनी टाँगो को आपस मे चिपका लिया मेरी पूरी उगली उनकी योनि मे धँस चुकी थी दूसरी ओर मैं उनके होंठो को चूमे ही जा रहा था हमारी साँसे फूलने लगी थी पर एक भी पीछे हटने को तैयार नही था भाभी ने मेरी पेंट की चैन को खोला और मेरे हथियार को बाहर निकाल लिया और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी अब जलती आग मे घी पड़ चुका था मैने भाभी को बेड पर ही घोड़ी बनाया और उनके घाघरे को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया

और उनके पीछे होते हुए अपने लड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया जैसी ही चूत ने लड को महसूस किया उसके होंठ फडक उठे एक हल्के से धक्के के साथ आधा लड भाभी की चूत मे पनाह ले गया भाबी की एक आह निकली और दीवारो से टकरा कर खो गयी मैने लड को थोड़ा सा पीछे की ओर खींचा और अबकी बार एक तेज प्रहार करते हुए पूरे लड को गहराइयो मे उतार दिया और उनकी कमर को थाम कर चुदाई शुरू कर दी भाभी बोली देवर जी आज कितने दिनो बाद आपके इसको अपने अंदर महसूस किया है मेरी अधूरी प्यास भड़क गयी है आज उसे पूरी करदो अब ये तो औरतो की खास आदत थी जब तक लड चूत मे नही गया तब तक हज़ार नखडे होते है और एक बार लड अंदर गया तो फिर बस …………… मैं उनकी चूत पर पूरी रफ़्तार से धक्के लगाए जा रहा था

भाभी की हल्की हकली सिसकारिया लगा तार मेरा जोश बढ़ाए जा रही थी उनके चुतडो से टकराती मेरी गोलिया एक अलग सी आवाज़ कर रही थी दस मिनट तक उनको घोड़ी बनाए रखा भाभी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि मैं बता नही सकता हू जैसे किसी नदी मे उफान आ गया हो उनकी आँखो मे नशा भर गया था उस नशे के आगे तो महनगी से महनगी दारू भी बेकार तो मैं हटा और बेड पर लेट गया अनिता मेरे उपर आई और लड पर बैठ गयी और अपनी गान्ड को मटकाते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी मुझ से रहा नही गया तो मैं अपने हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी चोली को उतार ही दिया और ब्रा के उपर से ही उनकी दूध से भरी छातियो को भींचने लगा भाभी बोली मैने मना किया था ना पर तुम कभी भी किसी की बात नही मानते हो

मैने ब्रा को भी खोल दिया और बोबो को मसल्ने लगा मैने एक चूची को थोड़ा कस कर दबा दिया तो उसमे से दूध की धार निकली और मेरे मूह पर आ गिरी भाभी हँसते हुए बोली देवर जी अब पहले वाली बात नही रही अब मैं माँ बन चुकी हू और खिल खिलाने लगी मैने उनकी चोली से अपने मूह को सॉफ किया भाभी बोली दूध पीना है तो देख लो

मैने कहा नही मुझे नही पीना भाभी की खनखनाती चूड़ियो की आवाज़ मेरे दिल मे उतरती जा रही थी अनिता की स्पीड अब बढ़ गयी थी मैं समझ गया था कि वो झाड़ ने ही वाली है तो मैने उसको अपनी नीचे लिया और बेहद तेज रफ़्तार से अनिता की चूत मारने लगा भाभी भी अपनी कमर को उचकाने लगी थी वो कुछ ऐसे पल थे जब मैं बिल्कुल उनमे खो ही गया था की तभी भाभी ने अपने शरीर को कस लिया और मुझसे चिपकते हुए झड़ने लगी

और ठीक जब वो झाड़ रही थी मेरे लड ने भी अपना रस चूत मे उडेल दिया और हम साथ साथ ही झाड़ गये कुछ देर हम दोनो एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे फिर मैं उनके उपर से उतरा मेरी पॅंट आगे से उनके रस से भीग कर खराब हो गयी थी तो मैने उसे निकाल कर बेड पर ही फेक दिया और दूसरी पेंट पहन लिया भाभी भी रेडी हो गयी थी तो हम नीचे आ गये…

बुआ अभी तक सो ही रही थी तो मैने भाभी से कहा कि कुछ बना दो मेरे लिए भूक लग आई है तो वो रसोई मे चली गयी वो चावल पका ही रही थी कि बुआ भी उठ गयी और मेरे पास आकर ही बैठ गयी हम बाते करने लगे पर मेरी निगाह तो उनके बोबो पर ही थी बुआ भी शायद समझ रही थी पर उन्होने कुछ कहा नही पंद्रह बीस मिनट बाद हम तीनो साथ ही खाना खा रहे थे उसके बाद कुछ करने को था नही बुआ अनिता भाभी के साथ ताई के घर चली गयी और मैं अकेला रह गया एक तो मेरी तन्हाइयां और उपर से ये घर भी मुझे काटने को दौड़ता था मैं वही सोफे पर ही पसर गया और गाने सुनते सुनते सो गया शाम को कोई साढ़े 6 बजे पापा ने मुझे जगाया वो अभी अभी आए ही थे वो बोले अरे सोना था तो बेड पर सोता यहा कैसे पड़ा है मैं उठा और हाथ मूह धोने चला गया मैं जब तक आया तो मम्मी ने चाइ बना दी थी मैने घर वाले फोन से चाची के गाँव फोन मिलाया और पूछा कि वो कब आए गी वो मेरी आवाज़ सुनते ही खुश हो गयी वो बोली कि दस दिन बाद मैं आ जाउ उनको लेने तो मैने कहा ठीक है फिर मैं थोड़ा घूमने फिरने चला गया अगले दिन सुबह कोई दस बजे की बात है

मैं नहा धोकर अपने कमरे मे आया ही था कि बुआ वहाँ पर थी वो बोली इधर आ मैं गया तो उनके हाथ मे मेरी पॅंट थी जिस पर चुदाई के निशान थे वो दाग लगे थे वहाँ पर और उनके दूसरे हाथ मे अनिता की चड्डी थी जो वो शायद पहन ना भूल गयी थी बुआ ने वो चीज़े मुझे दिखाते हुए कहा ये सब क्या है मैने झूट बोलते हुए कहा कि मुझे नही पता तो वो बोली चल मान लिया तुझे नही पता पर ये पॅंट तो तेरी ही है ना अब मेरे पास कहने को कुछ नही था उहोने कहा कि नीचे चल अभी तेरी मम्मी को बता ती हू तो मैने कहा नही बुआ जी प्लीज़ ऐसा मत करना घर मे वैसे ही इतनी टेन्षन चल रही है और कबाड़ा हो जाए गा तो बुआ बोली पहले सच सच बता कि ये सब चक्कर क्या है और तू घर पर किस को लेकर आया था मैने कहा बुआ अब रहने भी दो ना तो वो थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि बता ता है या ले चलूं तेरी मम्मी के पास तो मैने कहा कि कल दोपहर को जब आप सो रही थी तो मैं अपनी किसी दोस्त को लेकर आया था और्र???????????????????????????????????????
वो बोली और क्य्ाआआआआआआआआआआअ तो मैं बोला आगे आप समझ ही जाओ तो वो बोली क्या समझू मैं

बता आगे क्या तो मैने तैश मे आ कर कह दिया कि फिर हमने सेक्स किया बस अब तो आप खुश हो गयी हो ना वो बोली मैं तो तुझे शरीफ बच्चा ही समझती थी पर तू तो सबके पर काट गया मैने कहा बुआ जी मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है कुछ चीज़ो की मुझे भी ज़रूरत महसूस होती है तो वो कहने लगी कि तो फिर करवा ले शादी हम कब से कह रहे है तो मैने कहा कि बुआ मैने शादी से मना थोड़ी किया है बस मैं तो अपनी पसंद की लड़की से ब्याह करना चाहता हू इतनी सी तो बात है बुआ बोली ये आज कल की औलादे भी ना फिर अचानक से उन्होने कहा तू मुझे इतना घूर घूर कर क्यो देखता ही रहता है मैने कई बार नोटीस किया है ख़ासकर जब मैं झुक कर काम कर रही हू उस वक़्त अब माल पर निगाह तो जाएगी ही मैं बुदबुदा दिया वो बोली क्या बोला तू अभी तो मैने कहा कुछ नही वो बोली बता तो मैने कहा आप मुझे अच्छी लगती हो बुआ ने अपने मूह पर हाथ रख लिया और बोली कमिने अपनी बुआ के बारे मे ऐसे विचार रखता है शरम नही आई तुझे तो मैने कहा आप सुंदर हो तो आपकी तारीफ ही करूगा ना बुआ ब्लश करने लगी औरतो की बस थोड़ी सी तारीफ़ करदो वो खुश हो जाती है फिर उहोने मुझे वो पॅंट और कच्छि दी

और बोली आगे से थोड़ा हिसाब से रहियो अगर तेरी माँ को पता चल गया तो फिर तू जानता ही है जाते जाते बुआ दरवाजे पर रुकी और मेरी तरफ एक मुस्कान फेक कर नीचे चली गयी तो मैने भाभी की कच्छि को अलमारी मे रखा और अपनी पॅंट को बाथरूम मे डाल दिया धोने के लिए मेरी शाम तकरीबन मंदिर के तालाब पे ही गुजरा करा करती थी अब कोई दोस्त भी नही था जिस से थोड़ा टाइम पास हो जाए और जो दोस्त थी वो पता नही कहाँ खो गयी थी मम्मी ने एक दो जगह मेरी शादी का जिकर चला दिया था पर मुझे क्या फरक पड़ना था मैं तो आज़ाद परिंदा था रात को मैं और मिता लंबी बाते कर लिया करते थे पर इन सब के बीच मैं गीता के दर्शन ना कर पाया था मैने अपना पूरा ध्यान बुआ पर लगाया हुआ था पर कुछ लटको झटको के अलावा कुछ बात बन नही रही थी इधर मेरा लड उनको देखते ही खड़ा हो जाता था जिसे वो भी आजकल महसूस करने लगी थी मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे उनको चुदाई के लिए तैयार करू पता नही मेरी किस्मत को क्या हो गया था आस पास चूत ही चूत थी अनिता ,शीला पर मौका ही नही मिल रहा था कभी कोई आजाता कभी कोई आजाता ऐसे ही एक दिन ताइजी को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा

तो ताऊ जी, मम्मी और अनिता भाभी उनके साथ चले गये पापा और चाचा तो ऑफीस थे तो बचे बस मैं और बुआ जी तो मैने सोचा चलो कुछ ट्राइ करके देखता हू तो मैने एक प्लान बनाया और देखा कि वो हॉल मे बैठी थी तो मैं सीढ़ियो पर खड़ा हुआ और झूठ-मूठ अपने फोन को कान पर लगाया और उनको सुनाते हुए बोलने लगा कि अरे आज घर पर कोई नही है मैं बिल्कुल अकेला ही हू तू आजा ऐश करेंगे ये सुनते ही बुआ के कान खड़े हो गये फिर मैने फोन को अपनी जेब मे डाल लिया और अपने कमरे मे चला गया

और टीशर्ट और कच्छे मे ही जाकर बेड पर लेट गया कुछ देर बाद बुआ उपर आई और मेरे बेड पर ही बैठ गयी और बोली अभी तू किस से बात कर रहा था तो मैने कहा किसी से नही बुआ जी तो वो बोली मुझे सब पता चल गया है तू क्या कह रहा था तो मैने कहा बुआ जी मैं जवान हू मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है मैं बस थोड़ा सा एंजाय करना चाहता हू तो वो बोली मैं सब जानती हू तू किस एंजाय्मेंट की बात कर रहा है मैने कहा आप को जो भी समझना है समझो मैं तो वो ही करूगा जो मुझे ठीक लगे गा बुआ से बात करते करते ही मेरा लड खड़ा होने लगा बुआ की नज़र भी मेरे कच्छे पर ही थी तो मैने पूछा क्या देख रहे हो बुआ जी तो वो सकपका गयी और थूक गटकते हुए बोली कुछ……. कुछ नही तो मैं उठा और बुआ के बराबर मे जाके बैठ गया

उनकी मांसल जाँघ से मेरी टाँग रगड़ खाने लगी मैने पक्का ठान लिया था कि आज अगर बुआ को नही चोदा तो फिर कभी नही चोद पाउन्गा तो मैने फिर पूछा बुआ जी बताओ ना आप क्या देख रही थी तो उन्होने कहा कि बताया तो कुछ नही बस ऐसे ही तो मैने उनका हाथ पकड़ा और अपने लड पर रख दिया बुआ ने तुरंत ही अपना हाथ हटा लिया और उनको गुस्सा आ गया पर मैं तो आज फ़ैसला कर ही चुका था बुआ बड़े ही गुस्से मे आ गयी थी पर मैं शांत था मैने अपने कच्छे को उतार दिया और नीचे से नंगा हो गया मेरा नागराज हवा मे झूलने लगा बुआ के आँखे अचानक ही मेरे लड पर आकर ठहर गयी सरसो के तेल से मालिश करने के बाद और भी ज़्यादा फूल गया था वो बुआ तो जैसे पॉज़ ही हो गयी थी मैने उनको पकड़ा और दीवार से सटा दिया


अरे, मैं आपको बुआ के बारे मे बताना तो भूल ही गया उनका नाम प्रमिला है एक हाउसवाइफ है उमर लगभग 36-37 होगी, बेहद ही गौरी और एक दम गरम माल बड़े बड़े बूब्स और बेहद शानदार गान्ड उनको देख कर कोई बता भी नही सकता था कि दो बच्चो की माँ होंगी
तो मैने बुआ को दीवार से सटा दिया वो अलग होने की कोशिश करने लगी तो मैने अपनी पकड़ को मजबूत कर दिया वो कहने लगी मुझे जाने दे वरना अच्छा नही होगा तो मैं बोला अब जो होगा वो देखा जाएगा पर आज तो मैं अपने मन की कसर मिटा कर ही रहूँगा और अपने होंठ बुआ के होंठो पर टिका दिए और उनके गुलाबी शरबती होंटो का रस चाटने लगा पर वो अपना मूह बार बार हिला रही थी तो मैं ढंग से उनको चूम नही पा रहा था

इधर मेरा लड उनकी चूत मे धसने को बेताब हो रहा था और उनकी चूत पे रगड़ खा रहा था बुआ मेरे लड को अपनी चूत पर महसूस कर के शर्मिंदा सी हो गयी पर मुझे क्या फरक पड़ना था क्योंकि ये ही एक रास्ता था उनकी चूत मारने का तो मैं अपनी कोशिश मे लगा पड़ा था मैं अब पूरे जोरो से बुआ को चूमने लगा उनके होंठ मेरे मूह मे जैसे पिघलने से लगे थे कोई दस मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा नीचे मेरे लड की रगड़ से उनकी चूत मे हलचल मची पड़ी थी तो मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उनके पेट से होकर सलवार मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा बुआ के जिस्म मे तो जैसे भूचाल ही आ गया था वो काँपति हुई आवाज़ मे बोली मुझे जाने दे अपनी बुआ की इज़्ज़त को खराब मत कर

पर मुझ पर तो जैसे वासना का खुमार चढ़ चुका था मैं बस इतना ही कह पाया कि बुआ बस एक बार मुझे करने दे बस एक बार करने दे मैं लगा तार उनकी चूत को मसले ही जा रहा था नीचे से उनकी चूत भी रस छोड़ने लगी थी बुआ का विरोध भी अब इतना त्रीव नही था बस कुछ सिसकारियो के साथ उका विरोध भी आधा ही रह गया था तो अब मैने बुआ को जल्दी से बेड पर पटका और दरवाजे की कुण्डी लगा दी ताकि वो भाग ना जाए मैने बुआ के दोनो हाथो को पकड़ लिया और उनकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसको उतार कर फेक दिया उनकी गौरी गौरी सुडौल केले के तने जैसी जाँघो को देखकर मेरी तो आँखे चुन्धिया ही गयी बहुत ही गौरी थी वो और उपर से नीले रंग की डिजाइन दार पेंटी ने मेरा मन मोह लिया बुआ अब भी दबी दबी आवाज़ मे मुझे रुकने को कह रही थी

तो मैने अपनी उग्लिया उनकी पेंटी मे फसाई और उसको भी उनके बदन से अलग कर दिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
क्या बताऊ ऐसी मस्त चूत तो मैने आजतक नही देखी थी कई औरतो को रगड़ दिया था पर बेहद शानदार चूत थी बल्कि यू कहूँ मैं कि चूतो की सहजादी थी बुआ की चूत एक दम मस्त आज तक कई औरतो की काली चूत तो देखी थी पर पार्मिला बुआ की चूत बहुत ही जबरदस्त थी थोड़ी लंबी सी और एक दम हल्के भूरे रंग की और उपर से हल्की हल्की झान्टो ने उनकी चूत की सुदरता मे चार चाँद लगा दिए मैने बुआ के हाथो को छोड़ दिया तो उहोने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और बोली बस तुम यही पर रुक जाओ तो मैने अपने लड पर हाथ फेरते हुए कहा

कि बुआ जी क्या आप को मेरा लड पसंद नही आया उन्होने अपनी नज़र झुका ली मैं बोला बुआ अब आपका सब कुछ मैने देख तो लिया ही है प्लीज़ मेरी बात मान जाओ मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू बस एक बार मुझे कर लेने दो देखो अगर मैं ज़बरदस्ती करूगा तो आपको भी तकलीफ़ होगी और मज़ा भी नही आएगा प्लीज़ मेरी बात मान जाओ पर वो बोली कि वो अपने भतीजे के साथ ऐसा हरगिज़ नही कर सकती है मैने कहा पर मैं तो आपकी लेकर ही मानूँगा चाहे आप राज़ी हो या ना हो आपकी मर्ज़ी और बुआ को दबोच लिया और उनके उपर चढ़ गया और एक बार फिर से उनको चूमने लगा बुआ फिर से मेरा विरोध करने लगी पर आज मैं रुकने वाला नही था तो मैं अपना हाथ नीचे ले गया

और अपनी उगली उनकी चूत मे घुसा दी उफफफफफफफ्फ़ कितनी गर्माहट थी उस चूत मे पर थोड़ी मुझे वो गीली भी लगी तो मैं उनको चूमते चूमते उनकी चूत मे उगली करने लगा अब बुआ भी कोई अलग तो थी नही वो भी एक औरत ही थी और फिर चुदास तो उनके मन मे भी उठती थी तभी बुआ का मूह थोड़ा सा खुल गया और उसी का फ़ायदा उठाते हुए मैने अपनी जीभ उके मूह मे सरका दी उनका मूह मेरे मूह मे लॉक था तो वो कुछ नही कर सकती थी मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चूमने लगा बुआ के शरीर मे भी वासना की लहर उठने लगी लगातार उगली करने से उनकी चूत भी कामरस छोड़ने लगी तो मैने अपना मूह उनके मूह से हटाया और उनके एक बोबे को अपने मूह मे ले लिया

बुआ का पूरा बदन हिलोरे मारने लगा पर अभी ऐसा टाइम नही था कि मैं उनके बोबो को मज़े से चूस सकूँ तो मैं तुरंत ही नीचे आया उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए अपना मूह उनकी रस से भरी हुई योनि पर लगा दिया बुआ कुछ समझ पाती उस से पहले ही मैं उनकी चूत को चाटने लगा जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी योनि को टच किया उनका सारा विरोध एक पल मे ना जाने कहाँ गायब हो गया क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत से रिस्ते हुए पानी का थोड़ा सा नमकीन और थोड़ा सा शरबती जैसे ही मैने अपनी खुरदरी जीभ को उपर से नीचे तक सुर्रा लगाया बुआ की आह निकलगई

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह हह ओहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह मैने कहा क्यो बुआ मज़ा आया तो वो कुछ नही बोली पर उनके गालो की लाली अपनी कहानी को बयान कर रही थी मैं हौले हौले उनकी चूत को चाटे जा रहा था बुआ के चूतड़ अपने आप मटकने लगे थे हिचकोले खाती उनकी कमर उनकी मादकता को बता रही थी मैं बड़े ही प्यार से उनको मज़ा दे रहा था हर गुज़रते हुए मिनट के साथ उनकी साँसे भारी हो ती जा रही थी तो मैने उनकी चूत की पंखूड़ियो को मूह मे भर लिया और अपने दाँतों से काट ते हुए उपर लगे चूत के पानी को पीने लगा

बुआ अब पूरी तरह से मेरे काबू मे आ चुकी थी मेरा लड इतनी बुरी तरह से उत्तेजित था कि उसमे अब दर्द होने लगा था पर मैं बुआ की चूत का रस पीना चाहता था तो मैं तेज तेज उनकी चूत को चाटने लगा आख़िर वो पल भी आया जब बुआ ने अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और मीठी मीठी आहे भरते हुए अपनी चूत को चटवाने लगी पूरे 20 मिनट तक उनकी चूत को मैने चाटा तब जाकर उनकी चूत ने अपना पानी छोड़ा जिसे मैं मज़े से पी गया बुआ हान्फते हुए बेड पर पसर गयी और अपनी टूट ती हुई सांसो को इकट्ठा करने लगी ठीक उसी पल मैं उनके उपर आया और अपने लड को चूत पर रख दिया बुआ को भी पता था कि अब बस दो पल मे ही उनकी चुदाई शुरू होने वाली है तो उहोने अपनी आँखो को बंद कर लिया

मैने धक्का लगाया और मेरा लड उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए अंदर जाने लगा बुआ बोली आहह कितना मोटा है तेरा कही खून तो नही निकल आया तो मैं बोला क्या बुआ आप भी आज कल तो कुवारि कन्याओ की चूत से खून नही निकलता और आप शादी शुदा होकर ऐसी बात बोल रही हो और अगले झटके के साथ लड को जड़ तक उनकी योनि मे घुसा दिया उनकी चूत ने मेरे लड को अपने मे कस लिया और मैं अब लगा धक्के लगाने मैने उनके उपर वाले होंठ को अपने दोनो होंठो के बीच मे दबा लिया और उसको चूमते हुए उनके थूक को भी पीने लगा बुआ इस कदम से और भी मस्त हो गयी उन्होने अपने हाथ मेरे सर पर रखे और मेरे बालो को सहलाने लगी

मेरा जोश और भी बढ़ने लगा मैने भी आज तक ऐसे करारी चूत नही ली थी मुझे ना जाने क्यो फूफा से जलन सी होने लगी मैं पूरी रफ़्तार से बुआ को चोदे जा रहा था बेड का गद्दा जैसे टूटने को आया था धम्म से मेरी गोलिया उनके चुतडो से टकराई बुआ को चोद कर पता चला था कि चूत क्या होती है इतनी कसी हुई चूत बहुत ही मज़ा दे रही थी समय गुज़रे जा रहा था और मैं लगातार उनको ठोके जा रहा था बुआ भी अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी हर एक धक्के पर उनकी चूत बलिहारी जा रही थी हमारे शरीर पसीने से पूरी तरह भीग गये थे उपर चलता पंखा भी गरम हवा ही फेक रहा था तो अब मैने अपना मूह उनकी चूची पर लगाया

और उसको पीते पीते उनको रगड़ने लगा बुआ अब और भी चुदासी हो गयी चूत तो बहुत ही पानी छोड़ने लगी थी बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी अब मैं बहुत तेज तेज झटके लगा ने लगा था बुआ हाई हाई ही कर रही थी फिर एका एक उनका जिस्म आकड़ा और चूत की पंखुड़िया मेरे लड पर कस गयी और वो फिर से झड़ने लगी अब उनको कोई होश नही था जैसे बेहोशी छा गयी थी उन पर पर मैं अभी नही झाड़ा था तो मैं लगा रहा मैने उनको खीचा और बेड के किनारे पर ले आया और उनकी टाँगो को अपने कंधो पर रखा और दुबारा से चोदने लगा 10-12 मिनट तक और ढंग से उनको बजाया और फिर जल्दी से उनके उपर झुका और अपने लड से निकलती हुई हर एक पिचकारी से उनकी चूत को भरने लगा

बुआ बेसुधि की हालत मे थी उनकी चूत अभी भी फडक रही थी जब मेरा लड बिल्कुल मुरझा गया तो मैने उसको चूत से बाहर निकाला

फिर मैं नंगा ही नीचे गया और फ्रिड्ज से ठंडे पानी की बॉटल निकाली तोड़ा पानी खुद पीया और बाकी ले जाकर बुआ को दिया उन्होने भी अपने गले को तर किया और फिर अपने कपड़ो को उठाया और नंगी ही बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया जब मैं दरवाजे के पास पहुचा तो वो सीट पर बैठ कर पेशाब कर रही थी सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए पेशाब की मोटी धार उनकी चूत से निकल रही थी फिर बुआ उठी और अपने अंगो को धोने लगी तो मैं जाकर उनके पीछे चिपक गया तो वो बोली अब भी तेरा मन नही भरा है क्या आज तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली तूने तो मैने कहा बुआ आप भी तो मज़े ले कर चुद रही थी सच बताना आप को मज़ा आया ना तो वो कुछ नही बोली और अपनी चूत और टाँगो को धोती रही वो बोली चल अभी मेरे पीछे से हट तो मैने उनकी चूची दबाते हुए कहा कि बुआ अभी मेरा मन नही भरा है और उनको वही पर पंजो के बल झुका दिया और अपने लड को चूत से सटा दिया बुआ बोली वो बहुत थक गयी है मैं और तंग ना करू उनको पर मेरा लड कहाँ मान ने वाला था मैने कमर उचकाई और एक बार फिर मेरा लड बुआ की गरमा गरम चूत मे उतर चुका था

बुआ की कमर को अपने दोनो हाथो से थामे मैं उनको लगा चोदने थोड़ी देर बाद वो भी पूरे रंग मे आ गयी और अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदने लगी थोड़ी देर तक उनको वही चोदने के बाद मैं उनको अपनी गोद मे उठा कर वापिस कमरे मे ले आया और उनको घोड़ी बना कर उनकी सवारी करने लगा बुआ बस आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊवझज्झहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माअंम्म्ममममममममममममम आआआआराअंम्म्मममममममममम सीईईईईईईईई
Like Reply
#29
ऐसी ही आवाज़े निकाल रही थी मैं उनकी मोरनी सी गर्दन को चूमते हुए उनकी चूत मारे जा रहा था बुआ को पाकर तो जैसे मैने साक्षात स्वर्ग का सफ़र ही कर लिया था जब मैं अपने लड को सुपाडे तक बाहर निकालता और फिर झट से पूरा अंदर डालता

तो बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो जाती तो मैने अपने लड को निकाला वो मेरी ओर देखने लगी ती मैने कहा अभी आप थोड़ी देर उपर आजाओ और मैं लेट गया बुआ मेरे उपर आई और अपने हाथ से लड को चूत पे लगाया और उस पर बैठ गयी मुझे ऐसे लगा कि जैसे अंदर किसी चीज़ से टकराया हो बुआ अब लगी अपनी गान्ड को मटकाने उनके बोबे बहुत तेज़ी से हिल रहे थे जब जब वो उपर नीचे होती उनके बोबो का उछालना देखना ही बनता था तो मैने अपने हाथ उनके मुलायम चुतडो पर रख दिए और उनको दबाने लगा और फिर अपनी उगली उनकी गान्ड के छेद पर फिराने लगा तो मेरी थोड़ी सी उगली आराम से अंदर चली गयी बुआ ने अपने चुतडो को थोड़ा सा टाइट कर लिया मैं समझ चुका था कि वो गान्ड भी मरवाती होंगी चलो मेरे लिए तो अच्छी ही बात थी बुआ का सारा मेकप पसीने की वजह से उतर गया था तो मैने कहा की बुआ तोड़ा तेज तेज करो तो वो पूरी ताक़त से अपनी गान्ड को मटकाने लगी और मुझे मज़ा देने लगी थोड़ी देर बाद मैने उनको अपने उपर से उतारा और उनको बेड पर लिटा कर दुबारा से रगड़ने लगा अब बस कमरे मे हम दोनो की फूली हुई सांसो की ही आवाज़ आ रही थी बेहद घनघोर चुदाई के सैलाब मे हम दोनो बहक चुके थे

मैं काफ़ी देर से उनको चोद रहा था और झड़ने के करीब ही था तो मैने कुछ जोरदार झटके लगाए और फिर हम साथ साथ ही अपनी मंज़िल को पा गये मैं साइड मे लेट गया बुआ ने भी काफ़ी दिनो बाद ऐसी दमदार चुदाई की थी मैं भी थोड़ा सा थक गया तो पता ही नही चला कि कब नींद आ गयी जब मैं सोकर उठा तो शाम के 5 बज रहे थे मैने अपने कपड़े पहने और नीचे आ गया बुआ हॉल मे ही बैठी थी उन्होने मुझे देखा और मेरे लिए चाइ बनाने चली गयी मैं भी रसोई मे ही चला गया और उनको किस करने लगा तो वो बोली अब सब कुछ तो मेरा लूट लिया अब क्या चाहिए मुझे तो मैने कहा बुआ मैं तो आपका दीवाना हो गया हू अब मैं रोज ही आपकी लिया करूगा तो वो कुछ ना बोली फिर मैने उनको कहा बुआ रोज दोगि ना तो वो हँस पड़ी फिर हमने साथ साथ चाइ पी मेरे बदन मे मीठा मीठा सा दर्द हो रहा था तो मैं नहाने चला गया पर अभी भी बदन कुछ टूट सा रहा था पर दिल मे एक खुशी भी थी कि आज बुआ को भी चोद डाला था आज मैने एक किला और फ़तेह कर लिया था फिर कुछ मौका मिला नही अंधेरा होने से पहले मम्मी पापा भी आ गयी थी पता चला कि ताइजी के घुटने मे इन्फेक्षन हो गया था तो मैं उसे मिलने चला गया

काफ़ी देर लग गयी उनके घर पर ही खाने के बाद मैने बुआ से कहा कि रात को कुछ चान्स बनेगा तो उन्होने सॉफ सॉफ माना कर दिया तो बस अब सोना ही था…

अगले दिन मोबाइल की आवाज़ से मेरी नींद टूटी मैने फोन उठाया तो मिता बोली कि आज मिलते है तो मैने कहा ठीक है मैं कोई एक घंटे मे उसे मिलता हू तो उसने कहा कि वो मुझे सहर मे मिलेगी मैं वहाँ आने के बाद उसको फोन करलू मैं जल्दी से तैयार हुआ और चल पड़ा सहर की ओर मैने फिर मिता से कॉंटॅक्ट किया तो उसने मुझे अपनी लोकेशन बताई मैने उसको पिक कर लिया तभी मेरे दिल मे एक विचार आया मैने अपनी बाइक कॉलेज की ओर मोड़ दी कोई दस मिनट बाद हम दोनो वहाँ थे मिता बोली अरे हम यहाँ पर क्यो आए है तो मैने कहा डार्लिंग अपना कॉलेज है पुरानी यादे है और फिर यही पर तो अपना प्यार परवान चढ़ा था मिटा थोड़ा सा शर्मा गयी फिर हम अंदर गये तो कुछ पुराने टीचर्स मिल गये उनको नमस्ते किया और अपने बॅच के बारे मे बताया

फिर प्रिन्सिपल से पर्मिशन ली और विज़िट करने लगे हम कॉलेज की अपनी क्लास मे गये बेहद ही अच्छा लगा मुझे अपनी कॉलेज लाइफ की याद आ गयी आँखो के सामने हर एक बिताया हुआ लम्हा जैसे जी उठा फिर हम कॅंटीन गये और उसी कौने मे जा बैठे जहा अपना अड्डा हुआ करता था मिटा बोली ये तुमने बहुत ही अच्छा किया जो मुझे यहाँ ले आए सच मे ये मेरे लिए एक बेस्ट गिफ्ट है आइ लव यू सो मच और मेरे गले लग गयी कोई दो घंटे वहाँ पर बिताने के बाद अपनी आँखो मे उन लम्हो को समेटे हम वापिस हो लिए दिल जैसे भर सा आया था दोपहर हो गयी थी तो फिर हम लंच करने के लिए चले गये आज के पूरे दिन मेरी दिलरुबा मेरे साथ ही रहने वाली थी लंच के बाद हमने थोड़ी शॉपिंग की फिर मैने कहा मिता आज मैं तुमको किसी से मिलवाता हू

वो बोली किस से बताओ तो सही तो मैने बस इतना ही कहा कि बस तुम चलो फिर खूद ही देख लेना और थोड़ी देर बाद हम पापा के ऑफीस मे थे मैं मिता के साथ उनके कॅबिन मे गया मिता थोड़ी से हैरान परेशान थी तो मैने कहा पापा ये मिथ्लेश है मैने बताया था ना मिता ने अपने सर पर चुन्नि डाली और पापा के पाँव छू लिए आक्च्युयली मैं ऐसे ही उसको ले आया था तो ना वो समझ पाई कि कैसे रिएक्ट करे और ना ही पापा पापा ने नाश्ता मंगवालिया और फिर मिता से बाते करने लगे उसकी पढ़ाई लिखाई के बारे मे फॅमिली के बारे मे कोई एक घंटा वहाँ बिताने के बाद हम वहाँ से निकल पड़े अब शाम भी हो ही रही थी तो मैने उसको टेंपो स्टॅंड के पास ड्रॉप किया और मैं भी घर आ गया रात को मैं और पापा बात कर रहे थे

तो मैने पूछा पापा मिता कैसी लगी तो वो बोले बेटा लड़की तो ठीक है पर उसके गाँव से अपना भाई चारा है और फिर उसके पिताजी को मैं तो जानता नही हू अब उनकी फॅमिली के बारे मे क्या कह सकते है पर मैं कुछ कोशिश करूगा फिर देखते है पर पहले तेरी मम्मी को भी तो समझाना पड़ेगा तो मैने कहा पापा ये सब आप संभाल लेना फिर मैं सोने चला गया आज गर्मी कुछ ज़्यादा ही थी तो मैं और चाचा आज हॉल मे ही कूलर की हवा मे सोए पड़े थे कि रात को कोई 3 बजे फोन की घंटी से मेरी नींद खुली मैं आँखे मल्ता हुआ उठा और मैने फोन उठाया तो दूसरी तरफ मामी थी उन्होने बताया कि नाना जी की तबीयत बहुत ही ज़्यादा खराब हो गयी है उनको हॉस्पिटल मे अड्मिट करवा दिया है पर तुम्हारे मामा को आने मे कुछ दिन लग जाएँगे

तो मैने कहा आप दो मिनट रूको मैने जाकर पापा को जगाया उन्होने मामी से बात की और उनको आश्वस्त किया कि वो अगले दिन ही आ जाएँगे पापा बात कर ही रहे थे कि मम्मी भी आ गयी उनको जब नाना जी की तबीयत के बारे पता चला तो वो थोड़ा घबरा सा गयी थोड़ी भावुक हो गयी तो हम सब ने उनको संभाला अब किसे नींद आनी थी इधर घर मे कुछ दिनो बाद ताई जी की घुटने का दुबारा ऑपरेशन होना था और उधर नाना की तबीयत भी अचानक से बिगड़ गयी थी सुबह होते ही मम्मी पापा नाना से मिलने के लिए निकल गये चाचा भी ऑफीस चले गये बचे मैं और बुआ तो बुआ ने कहा कि घर मे राशन ख़तम होने को है और थोड़ा सामान और भी खरीदना है तो मैने कहा बुआ आप तैयार हो जाओ फिर बाज़ार चलते है

इतना सामान मैं अकेला बाइक पर नही ला पाउन्गा तो वो बोली ठीक है कोई 11 बजे हम दोनो सहर की ओर चल पड़े आसमानी कलर की साड़ी मे बुआ एक दम गजब ढा रही थी मेरा लड तो एक झटके मे ही खड़ा हो गया मैने उनको अपनी बाहों मे लिया तो वो बोली अभी मुझे मत छेड़ो चलो चलते है फिर हमने ताला लगाया और चाबी अनिता भाभी को दी और चल पड़े बुआ मुझसे थोड़ा सा चिपक कर बैठी थी उनकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरी पीठ मे जैसे धन्से जा रही थी मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था सबसे पहले हमने राशन का सामान लिया फिर मुझे थोड़ा सा पर्सनल समान लेना था वो लिया मैने बुआ से पूछा कि आपको कुछ चाहिए तो उन्होने मना कर दिया फिर मैं एक फ्रूट शॉप पर गया और ताइजी के लिए कुछ फ्रूट लिए और साक्षी के लिए ढेर सारे चॉकलेट

फिर बुआ को जूस पिलाया और दो घंटे बाद हम वापिस आ गये मैं कुछ ज़्यादा ही तेज बाइक चला रहा था मुझे हुड़क चढ़ि थी बुआ की लेने की तो जल्दी से घर पहुचना चाहता था जैसे ही हम घर पहुचे मैं चाभी लेने गया और फ्रूट्स और चॉकलेट भाभी को पकडाई और वापिस आ गया अब घर मे बस हम दोनो के सिवा कोई नही था

मैने देखा कि बुआ रसोई मे बर्तन धो रही थी तो मैं भी वही पर चला गया और पीछे से उनको बाहों मे भर लिया वो बोली छोड़ मुझे बहुत काम पड़ा है तो मैने कहा काम तो होता रहेगा और अभी कौन सी आफ़त आ रही है मैने उनके बोबो को ब्लाउज के उपर से पकड़ लिया और उनको दबाने लगा बुआ कसमसाने लगी उनकी दो दो किलो की चूचिया बड़ी ही मस्त थी मेरे हाथो मे आती ही नही थी मैं लगा तार उनके बोबो को मसले जा रहा था
बुआ बोली मनोगे या नही तो मैने कहा एक बार दे दो मान जाउन्गा और उका मुँह अपनी तरफ करके अपने होंठ उनके रसीले होंठो से जोड़ दिए और उनका रस पीने लगा बुआ ने भी अपना मुँह खोल दिया और मज़े से अपने होंठो को चुसवाने लगी एक बहुत ही गहरे किस के बाद मैं उससे अलग हुआ और उनकी साड़ी को खीच कर उनके बदन से हटा दिया पेटिकोट मे बुआ के बाहर को निकलते हुए चूतड़ बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे मैने झट से उनको नंगा करना शुरू किया और 5 मिनट मे ही हम दोनो बिल्कुल नंगे आमने सामने खड़े थे मेरी टाँगो के बीच मे झूलता हुआ मेरा लड उनकी चूत को सलामी दे रहा था मैने बुआ को नीचे बिठा दिया और अपना लड उनके गालो पर रगड़ने लगा उनके गोरे गालो पर लाली छा गयी थी कुछ देर बाद मैं लड को उनके होंठो पर रगड़ने लगा तो अचानक ही उन्होने अपने मुँह को खोला और मेरे सुपाडे को मुँह मे भर लिया और मेरी गोलियो को अपने हाथो से सहलाते हुए मेरा लड चूसने लगी वो अपनी नशीली आँखो से मेरी ओर देखते हुए बड़ी ही कातिलाना अदा से मेरे लड को चूसे जा रही थी


धीरे धीरे करके उन्होने पूरा लड अपने मुँह मे ले लिया और अपनी जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसका मज़ा लिए जा रही थी मैं बोला बुआ आप तो बड़ा ही अच्छे तरीके से लड चूस्ति हो तो उन्होने अपने दाँत मेरे लड पर गढ़ा दिए मैं दर्द से कराह उठा 10 मिनट तक उनको खूब लड चूसाया फिर उन्होने अपने थूक से सने मेरे लड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया मैने उनको उठाया और रसोई की स्लॅब पर बिठा दिया और उनकी मांसल जाँघो को फैला दिया बुआ थोड़ा सा पीछे की तरफ हो गयी जिस से उनकी चूत आगे हो गयी उन्होने खुद अपने हाथ से अपनी चूत को फैलाया तो मैने अपना मुँह वहाँ पर लगा दिया और एक जोरदार चम्मी ली बुआ की नस नस मे वासना चढ़ गयी वो बोली आआआआआआआआआआआआआहह
आईसीईईईई ही चूस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स बहुत मज़ा आता है जब तू इसको चाट ता है मैं तो निहाल ही हो गाइिईईईईईईईईईईईईईईईई ओककककककककककककककककककककककककककककक मैने कहा बुआ कइयो की चूत का पानी पी चुका हू पर जो मज़ा आपकी मे आया है वो और कही नही आया

बुआ अपनी तारीफ़ सुन कर बेहद खुश हो गयी और मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा लिया और मज़े से अपनी चूत की चुसाई करवाने लगी उनकी चूत का खारा पन मेरे मुँह मे समा ने लगा बुआ बड़ी ही मस्त हो चुकी थी मैं लगातार उनको अपनी जीभ से मज़ा दिए जा रहा था तो कुछ देर बाद उन्होने मुझे हटने को कहा वो बोली वो ऐसे नही झड़ना चाहती है फिर वो नीचे उतरी और स्लॅब पर अपने दोनो हाथ रखते हुए थोड़ा सा झुक गयी मैं उनके पीछे आया और अपने लड को चूत से सटा दिया


बुआ बोली अब देर ना कर जल्दी से अंदर डाल तो मैने एक झटके मे ही पूरा लड घुसा दिया वो बोली अरे आअर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्राआआआम से कर ना मैने अपने हाथ उनके कंधो पर रखे और उनकी चूत की हसीन वादियो मे खोता चला गया बुआ की चूत ने पूरे लड को निगल लिया बुआ बोली ओह क्या कर दिया है तूने मुझे देख अपने ही सगे भतीजे से चुदवा रही हू तूने तो मुझे बिल्कुल ही बेशरम कर दिया है और अपनी गान्ड को पीछे करके हिलाने लगी मैं उनके गौरे गौरे गालो को चूमता हुआ उनको चोदने लगा मैं उनके सेब से गालो को अपने दाँतों से काटने लगा बुआ की चूत मेरे लड को अपने मे समेटे जा रही थी मैं बस बड़े ही प्यार से धीरे धीरे लड को चूत मे अंदर बाहर करे जा रहा था बुआ की टांगे थर थराने लगी तो उन्होने मस्ती मे आकर अपनी गान्ड को और भी ज़्यादा उभार लिया और मरवाने लगी तो मेरे हाथ उनकी कमर से हट कर उनकी चूचियो पर पहुच गये और मैं मज़े से उनको दबाने लगा बुआ और मैं पूरी तरह से मस्ती मे जैसे खो ही गये थे थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैं उन्हे हॉल मे ले आया और सोफे पर बैठ गया बुआ ने एक नज़र मेरी ओर देखा और फिर झट से आकर मेरी गोदी मे चढ़ गयी और लड पर तेज तेज कूदने लगी बुआ काँपति हुई आवाज़ मे बोली तेरे फूफा भी मुझे बहुत चोद ते है पर ऐसी तसल्ली वो भी नही कर पाते है तूने तो मुझे एक अलग ही सुख दिया है तो मैने अपने होंठ उनके मुँह पर रख दिए और चूमने लगा बुआ मेरी जीभ को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी थी बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था और उपर से कूलर की ठंडी हवा एक अलग सा ही आनंद प्रदान कर रही थी तभी बुआ बोली कि मैं उपर आ जाउ उनका होने ही वाला है तो मैने उनको अपने नीचे किया और बेहद तेज गति से उनकी चूत को चोदना शुरू किया बुआ अब अपने काबू मे नही थी उनको ना कोई होश था बस थोड़ी देर मे उन्होने अपने बदन को इतना टाइट कर लिया और उनकी चूत बह चली बुआ मुझसे लिपट ते हुए अपने चरम सुख को प्राप्त करने लगी कुछ देर मैने और धक्के लगाए फिर मैने अपने लड को चूत से बाहर निकाला और बुआ के मूँह मे डाल दिया जैसे ही मेरे सुपाडे को उनकी जीभ का स्पर्श हुआ मेरे लड ने भी मैदान छोड़ दिया और मैं अपना वीर्य उनके मुँह मे गिराने लगा बुआ उसको ऐसे चाटने लगी जैसे कि कोई चॉकलेट हो लड के मुरझाने तक बुआ उसको चाट ती ही रही फिर उन्होने अपने कपड़े समेटे समेटे और बाथरूम मे चली गयी मैने भी कपड़े चेंज किए और ताइजी के घर चला गया
ताइजी की हालत कुछ खास ठीक नही थी उनका घुटना और भी सूज गया था और दर्द भी ज़्यादा ही हो रहा था तो मैने कहा कि ऑपरेशन कब होना है तो ताऊ जी ने बताया कि एक हफ्ते बाद इधर ताइजी भी ठीक नही थी उधर नाना जी भी बीमार थे साला ये पंगा भी अभी होना ही था कुछ देर उनके वही बैठा रहा साक्षी को खिलाया फिर वापिस अपने घर आ गया तो मैने देखा कि बुआ आराम कर रही है मैं भी उनकी बगल मे जाकर लेट गया और उसे छेड़खानी करने लगा मैं उनके कुल्हो को दबाते हुए बोला बुआ एक बार गान्ड भी मरवा लो तो वो बोली कि अभी वो बहुत ही ज़्यादा थक गयी है मैं उनको परेशान ना करू तो मैने कहा कि ठीक है आप आराम करो मैं बाहर जा रहा हू आपके लिए कुछ लेकर आना है क्या तो उन्होने मना कर दिया तो मैं शीला की तरफ चला गया बाहर से देखा तो पप्पू घर पर ही था तो तुरंत ही वापिस हो लिया ये छुट्टियाँ बड़े ही बोरिंग तरीके से कट रही थी निखट दोपहर का टाइम था लू चल रही थी अब जाउ भी तो कहा जाउ ना कोई दोस्त था यहा पर जिसके सहारे थोड़ा टाइम पास ही हो जाए तो मैं मंदिर की बगीची मे चला गया सब कुछ जैसे उबल रहा हो गर्मी आज हद से ज़्यादा ही पड़ रही थी ये वो जगह थी जहा मैं अक्सर निशा के साथ अपने सुख-दूख की बाते कर लेता था सूखे पत्ते हवा से उड़ रहे थे एक बार फिर निशा की यादो ने मेरे दिल को झींझोड़ दिया था मैं बड़ा ही परेशान था उसको लेकर कहाँ पर होगी , कैसी होगी

आख़िर मैं क्यो उसको इतना याद किया करता था जिंदगी के सफ़र मे पता नही कितने लोग मिलते है कितने बिछड़ जाते है फिर मैं क्यो निशा को अपनी लाइफ से अलग नही कर पा रहा था आख़िर क्यो मुझे हर पल वो इतनी अज़ीज़ थी क्यो वो मेरे लिए मिता से भी ज़्यादा बढ़ कर होने लगी थी जब गर्मी को सहना मुश्किल हो गया तो मैं वापिस घर आ गया और थोड़ी देर सो गया दो दिन और ऐसे ही गुजर गये थे मैने सोच लिया था कि आज गीता से ज़रूर मिलने जाउन्गा मैं तैयारी कर ही रहा था कि पापा का फोन आ गया उन्होने बताया कि तेरे नाना जी एक्सपाइर हो गये है ये सुनते ही मुझे सॉक लगा वो बोले कि डेड बॉडी को गाँव लेकर आ रहे है अंतिम संस्कार मे आ जाना तो मैने तुरंत ही चाचा को फोन किया और बताया तो उन्होने कहा कि मैं अभी आता हू कोई आधे घंटे बाद वो घर आ गये तो मैं रवि और चाचा चल पड़े मामा के गाँव सूकर है चाचा ने कार बुक कर ली थी वरना कहाँ धक्के खाते जब हम वहाँ पर पहुचे तो माहौल काफ़ी गमगीन सा था चारो तरफ चीख पुकार मची थी मेरी भी रुलाई फुट पड़ी शाम तक अंतिम संस्कार भी हो गया था सभी घरवालो का हाल परेशान सा था चूँकि मैने पहले किसी की डेथ देखी नही थी तो मुझे थोड़ा सा अजीब अजीब लग रहा था खैर ये बारह दिन तो बड़े ही मुश्किल गुजरने थे रोज अलग अलग रिश्तेदारियो से लोग आते थे अपनी संवेदना प्रकट करने के लिए तीन चार दिन ऐसे ही बीत गये अब ताइजी का ऑपरेशन भी करवाना था तो पापा मुझे बोले कि वैसे तो तेरे मामा है ही पर फिर भी तू भी थोड़ा संभाल लियो हमे जाना पड़ेगा भाभी का ऑपरेशन है तो पापा और चाचा निकल गये घर मैं शाम को होदि पे नहा रहा था तो मेरी मुलाकात सरोज से हो गयी वो मेरे पास आई और बोले अरे तुम तो हमारा रास्ता भूल ही गये तो मैने कहा हाँ वो थोड़ी छुट्टियो की प्राब्लम रहती है तो उसने कहा कि अभी तो यही हो फिर हमारी तरफ भी कुछ ध्यान देना तो मैने कहा कि इधर घर पे तो सारा दिन रोना- पीटना ही चलता रहता है मैं तो खुद ही परेशान हू तो उसने कहा कि कल मेरे कुँए पे आ जाना फिर मैं तुम्हारा मूड तोड़ा हल्का करती हू तो मैने कहा कि पर मुझे तो आपके कुँए का पता ही नही है तो उसने कहा तुम अपना नंबर मुझे दे दो मैं कल तुम्हे फोन करूगी तो मैने अपना नंबर उसके फोन मे सेव कर दिया

मैने सोचा चलो ये भी ठीक है कल इसको ही चोद लुगा और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा रात को मैं सोया ही था कि मिता के फोन की वजह से मेरी नींद टूट गयी वो मुझसे मिलना चाहती थी तो मैने उसको अपनी मजबूरी बताई पर मैने कहा कि मैं जल्दी ही टाइम सेट कर लुगा अब मिता से बात हो रही थी तो नींद किसे आनी थी मैं नीम के पेड़ के नीचे अपनी खाट डाले अपनी प्रेयसी से बाते कर रहा था मिता की कशिश मुझे अपनी ओर खीचे जा रही थी मैं अपना दिल जो हार बैठा था उसपे जब तक हमारा बॅलेन्स नही ख़तम हो गया हम लगे रहे दिल मे एक तस्सल्ली थी कि चलो कोई तो है अपना भी इस दुनियाँ मे एक आस थी उसको अपना बना ने की जिस के सहारे मैं जी रहा था आँखो मे एक सपना संजोया था अपनी प्रेयसी के साथ घर बसाने का .

अगले दिन मैं थोड़ा सा खुश था कि आज तो सरोज की चूत मारने को मिलेगी कोई 11 बजे मुझे सरोज का फोन आया और उसने मुझे बताया कि कौशल्या के घर के पास जो आम का बाग है उस के थोड़ी आगे चलने पर ही उसका कुँआ है मैं उधर ही आ जाउ तो मैं पैदल ही उस तरफ सरक लिया और आधे घंटे बाद मैं सरोज की आँखो के सामने था मैं बोला मामी इधर कोई आ गया तो ?????????????????


सरोज बोली अरे मैं तुम्हारे साथ हू ना पहली बात तो ये है कि इतनी गर्मी मे कोई आएगा ही नही और फिर अगर कुछ बात हुई भी तो मैं हू ना संभालने के लिए तुम तो बस जो आग मेरे अंदर लगी पड़ी है उसको बुझा दो बस सरोज ने अपने घाघरे का नाडा खोला और उसको उतार कर साइड मे रख दिया अंदर कच्छि ना पहनी होने के कारण नीचे से वो नंगी ही थी कुछ ही देर मे उसने अपना ब्लाउज और ब्रा भी उतार कर जनमजात अवस्था मे आ गयी और खड़ी खड़ी ही अपनी चूचियो को दबाती हुई मेरी तरफ हवस से भरी हुई नज़रो से देखने लगी उनको नंगी देखते ही मेरा लड तो झट से अपनी औकात मे आ गया तो मैने भी अपने कपड़ो को उतार फेंका और उनको अपने से सटा ते हुए उनके होंठो को चबाने लगा उनके गुलाबी होंठ देखकर ऐसा लगा जैसे अभी उसमे से खून छलक उठेगा और दूसरी तरफ अपने हाथो से उसके मोटे मोटे कुल्हो को थाम लिया और उनको दबाने लगा मैं कई दिनो से गान्ड मे लड नही डाला था तो मैने कहा मामी पहले मैं तुम्हारी गान्ड मारूगा तो वो बोली पर मेरी तो इसमे आग लगी है और अपनी चूत मे उगली करने लगी तो मैने कहा मामी बहुत दिन हो गये गान्ड नही मारी है तो पहले मैं आपकी गान्ड ही मरूगा आप जल्दी से तैयार हो जाओ तो वो बोली अब तुम्हारी इच्छा तो पूरी करनी ही पड़ेगी मैं तो तुम्हारी गुलाम हो गयी हू चलो आओ और खोल डालो मेरी गान्ड का ढक्कन मैं खुश हो गया उसके कुल्हो का कटाव देखते ही बनता था बीते सालो मे उसकी जवानी और भी निखर आई थी अब उसको चुदाई के अलावा और काम भी क्या था मैं उसकी गान्ड पर थूका और अपनी एक उगली को अंदर सरका दिया उसने अपने कुल्हो को भींच लिया और इतराते हुए बोली कि आह तोड़ा सा आराम से इसको फाड़ोगे क्या मैं उगली अंदर बाहर करने लगा ।

जब मुझे लगा कि अब उसकी गान्ड लड लेने के लिए एक दम तैयार है तो मैने मोर्चा संभाला और अपने लड पर भी थोड़ा थूक लगाया और उसको सरोज की गान्ड पर सटा दिया और एक झटके के साथ मेरा सुपाडा उसके छेद को चीरते हुए गान्ड मे घुसता चला गया सरोज थोड़ा सा आगे की ओर हो गयी और उसके चूतड़ टाइट हो गये तो मैने कहा आराम से डलवा ले ना तो वो फिर से सही पोज़िशन मे आ गयी 2 मिनट बाद पूरा का पूरा लड मामी सरोज की गान्ड की शोभा बढ़ा रहा था

मैं उनकी पीठ को चूमते चूमते उनकी गान्ड मारने लगा इतनी टाइट गान्ड थी उनकी कि लगा जैसे मेरे लड का दम ही घुट जाएगा घप घाप लड अंदर बाहर हुए जा रहा था मेरे घुटने फर्श पे धँसने को ही थे मुझे लगा कि कही घुटने छिल ना जाए तो मैने उसको फर्श पर उल्टा लिटा दिया और दुबारा से उसकी गान्ड मारने लगा वो बस दर्द भरी आहे लेते हुए अपनी गान्ड मरवा रही थी 15-20 मिनट तक मैं उनकी रागड़ाई कर ता रहा फिर मैने उनके कुल्हो पर ही अपना पानी छोड़ दिया और साइड मे पड़ गया


कुछ देर हम दोनो पड़े रहे फिर सरोज उठी और पानी के डब्बे से अपनी गान्ड सॉफ की और मेरे लड को भी धो दिया ठंडे पानी के एहसास से मेरे बदन मे कंपकपि हो गयी मैं ऐसे ही लेटा पड़ा था तो सरोज मेरी तरफ पीठ की ओर मेरे लड पर अपने चेहरे को झुका लिया और उस पर अपनी जीभ फेरने लगी मैं उसके चुतडो के बीच से झाँकती उसकी चूत को देखने लगा काफ़ी गीली और चिपचिपी सी लग रही थी वो उसके होंठो के जादू से मेरा लड दुबारा अपना सर उठाने लगा था लड चूसने मे तो वो बड़ी ही कुशल थी तो मैने अपनी बीच वाली उगली उसकी चूत मे उतार दी और उसको गोल गोल घुमाने लगा सरोज को और भी ज़्यादा जोश चढ़ गया और वो बड़ी ही तल्लिन्ता से लड को चूसने लगी


12-15 मिनट तक वो उसको चूस्ति ही रही फिर वो हटी और लेट गयी अब टाइम था मेरे पोज़िशन मे आने का मैं उसकी खुली पड़ी टाँगो के बीच मे आया और अपने लड को चूत पर उपर से लेके नीचे तक रगड़ने लगा उसकी उत्तेजना और भी ज़्यादा बढ़ने लगी वो बोली अब यूँ ना तडपाओ मेरा भी कुछ ख़याल करो ना तुम्हारे बारे मे सोच सोच कर रात से ही इसका बुरा हाल हुआ पड़ा है अब जल्दी से मुझ मे समा जाओ तो मैने कहा मेरी जान ले अभी और अपने लड को चूत का रास्ता दिखा दिया जैसे ही लड अंदर गया सरोज के चेहरे पे ऐसे भाव आ गये जैसे रेगिस्तान मे भटकते हुए किसी को पानी का दरिया मिल जाए मैं पूरी तरह से उसपर छा चुका था और उसकी चुदाई शुरू हो गयी


सरोज भी पूरी एक्सपर्ट थी तो चुदाई का मज़ा ही अलग हो गया था वो बड़ी ही तेज़ी से मेरे होंठो को अपने मुँह मे दबाने लगी मैने कहा सांस तो लेने दो पर अब वो जंगली बिल्ली कहाँ सुन ने वाली थी बड़े ही आक्रामक अंदाज मे वो किस किए जा रही थी मेरे धक्को की स्पीड अपने आप ही बढ़ती जा रही थी उसकी उछलती हुई गान्ड बता रही थी कि सरोज भी पूरा मज़ा ले रही है हम दोनो का मुँह लार से भर चुका था जिसे सरोज ने अपने पेट मे उतार लिया मैं लगातार उसकी चूत के छेद को और भी ज़्यादा खोले जा रहा था मस्ती का तूफान ही आ गया था वहाँ पर जिसमे मैं और सरोज दोनो गोते खा रहे थे उसने अब अपनी टाँगो को मेरी कमर के चारो तरफ लपेट दिया था तो और भी आसानी से लड चूत को रौदते जा रहा था सरोज अपने हाथो से मेरे कुल्हो को दबाते हुए बोली कि बस ऐसे ही मुझे चोद्ते रहो पसीने से भीगे उसके बालो से एक मदहोश करने वाली खुश्बू आ रही थी कोई 5-7 मिनट और बीते होंगे कि सरोज का बदन एक दम से आकड़ा और फिर निढाल हो गया उसका स्खलन हो गया था कोई 5 मिनट और मैने उसकी मारी फिर मैने भी अपने रस से उसकी चूत को लबा लब भर दिया ऐसे ही एक बार और उसको चोदा और शाम को साढ़े तीन बजे मैं वापिस चल पड़ा


मैं घर आया तो थोड़ी सी थकान भी हो रही थी तो मैं नींबू पानी पी ही रहा था कि कौशल्या मामी मेरे पास आकर बैठ गयी उनको भी कई दिनो बाद फ्री टाइम मिला था मैने कहा मामी कैसे हो आप तो वो बोली कि ठीक हू तुम्हारे मामा की ड्यूटी अब गाँव के कॉलेज मे ही है तो बढ़िया गुजर रही है मैने कहा चलो ठीक है अब आपकी खुजली का इलाज तो हो गया अब तो हर रात आपके मज़े ही मज़े है तो वो बोली अरे कहाँ वो तो बस मेरी गान्ड ही बजाते है कभी कभी मैं जब नाराज़ हो जाती हू तभी मेरी लेते है ना जाने कहाँ से उनको गान्ड मारने की लत लग पड़ी मेरी चूत तो प्यासी ही पड़ी रहती है


मेरा पिछला छेद तो इतना बड़ा कर दिया है कि दो उग्लिया ऐसे ही अंदर चली जाती है मुझे थोड़ी हँसी आ गयी मैने कहा मामी मुझे सेवा का मौका दो फिर करते है आपकी प्यास बुझाने का इंतज़ाम तो वो बोली मैं तो कब्से तैयार हू पर घर मे माहौल ठीक नही है और इतने सारे लोग है कैसे होगा फिर बच्चे भी है किसी ने देख लिया तो अलग मुसीबत समझ नही आ रहा कि क्या करू तो मैने कहा देख लेना कोई चान्स बने तो इशारा कर देना फिर कुछ देर बैठने के बाद वो चली गयी वैसे तो दो दो मामियाँ थी चुदने को बेसबर पर मौका नही बन सकता था इधर मिता भी बुला रही थी पर मैं जाने से पहले एक बार दोनो मामियों की सेवा ज़रूर लेना चाहता था तो मैं बड़ी मामी के पास गया और उसे पूछा कि कुछ जुगाड़ हो जाएगा क्या तो वो बोली मैं तो तैयार हू पर करेंगे कैसे तुम्हारे मामा भी है और घर मे रिश्तेदार भी है कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए

तो वो बोली कि एक उपाय हो सकता है मैं बोला क्या वो बोली कि कल जब मैं नहाने जाउ तो तू भी मोका देख कर अंदर घुस जाना फिर हमे इतना टाइम मिल जाएगा कि छोटी सी चुदाई तो कर ही लेंगे मामी के आइडिया मे दम था तभी मैने कहा मामी क्या ऐसा हो सकता है कि मैं आपको और कौशल्या मामी दोनो को एक साथ मेरा मतलब है कि हम तीनो एक साथ सेक्स कर सके तो मामी बोली तू दोनो मामियों को चोद्ता है इसका मतलब ये नही है कि कुछ भी मन मे आया वो करेगा हमारे बीच मे थोड़ी शरम तो रहने दे और फिर क्या मुझे शरम नही आएगी उसके आगे तुमसे चुद्ते तो मैने कहा मामी मेरी बात मान लो ना बड़ा मज़ा आएगा पर उन्होने सॉफ सॉफ मना कर दिया और बोली कि तुझे मेरी चाहिए तो कल जब मैं नहाऊ तो बाथरूम मे घुस जइयो और चली गयी पर मैं और कुछ ही सोच रहा था कि तभी मेरे फोन पर सरोज का फोन आया तो उसने कहा कि उसकी एक सहेली है जो उसकी ही तरह मस्ती से भरपूर है और जब सरोज ने उसे मेरे बारे मे बताया तो वो भी मुझे मिलना चाहती है अगर तू कहे तो बात करू तो मैने कहा कि मामी मैं देखूँगा तो सरोज बोली अरे वो ठकुराइन है और उस से भी ज़्यादा मस्त औरत है उसको चोद के तुमको मज़ा आ जाएगा

और मैने उसको वादा भी कर दिया है तो मैने कहा कि मामी अभी मैं थोड़ा सा बिजी हू मैं आपको कल बताउन्गा और फोन काट दिया मैं सोचने लगा कि अगर मैं एक लड़की होता तो अब तक एक नंबर की रंडी बन गया होता मैं ऐसा तो ना था इस चूत नामक छोटे से छेद के लिए मैं क्या से क्या बन गया था जब मैने गौर किया तो पाया कि सदा से मैं ऐसा ही तो था एक नंबर का अय्याश आवारा अपने से दोगुनी उमर की औरतो को भी चोद चुका था मामी , बुआ किसी को भी तो नही छोड़ा था ना जाने मुझे आज क्यो खुद से ही घिंन सी आने लगी थी ऐसे ही सोचते सोचते मैं सो गया रात को कोई डेढ़ दो बजे मैं उठा बड़ी ही प्यास लगी थी तो मैने देखा कि बगल वाली खाट पर मामा का लड़का अशोक भाई नही था जबकि सोए तो हम साथ ही थे



अब इतनी रात को ये कहाँ पर गया तो मेरे फ़ौजी दिमाग़ ने अपने घोड़े दौड़ाए मैने आस पास देखा तो कुछ समझ नही आया मैं मुड़ने ही वाला था कि मुझे छप्पर के पीछे की तरफ से कुछ आवाज़ सी आई तो मेरे कान किसी कुत्ते की तरह खड़े हो गये तो मैं उस ओर गया तो मैने देखा कि अशोक भाई किसी लड़की के साथ लगा पड़ा था तो मैं वही छुप कर उनकी चुदाई को देखने लगा देखने क्या लगा इतना अंधेरा था तो कुछ सॉफ सॉफ तो दिख नही रहा था पर अब मैं कहाँ जाउ तो मैं वही रुक गया जब भाई का काम ख़तम हो गया तो वो आया तो मैने कहा हम भाई काम हो गया तो वो थोड़ा हकलाते हुए बोला

कि कौन सा काम भाई मैं तो बस ऐसे ही टहलने गया था तो मैने कहा यार रात को ढाई बजे तू बड़ा टहल रहा है पागल समझा है क्या मैने लाइव देखा है सब कुछ मैं बोला भाई अब बता भी दे मुझसे क्या छुपाना तो वो बोला कि ये अपने पड़ोस की लड़की है इसका नाम लिली है मेरा इस से टांका भिड़ा है कई बार चोद चुका हू इसको तो मैने कहा फिर घबराने की क्या बात है जो करना है बिंदास कर वो बोला भाई किसी को बताना मत तो मैने कहा तू चिंता मत कर चल अभी सो जा और मुझे भी सोने दे तो मैने पानी पिया और सो गया
Like Reply
#30
अगले दिन मैने लिली को देखा तो मैने सोचा यार इतने ज़ोर का माल साला मेरी नज़र से कैसे बच गया मैं सोचने लगा कि इसको तो चोदना ही पड़ेगा पर वो तो भाई की सेट्टिंग थी तो समस्या थी तो मैने एक प्लान बनाया और सरोज को फोन किया और कहा कि मामी मेरी एक समस्या है जिसका समाधान आप ही कर सकती हो तो वो बोली बताओ मैने कहा कि मामी आपको मेरे लिए किसी को एक बार अपनी चूत देनी पड़ेगी तो वो बोली किसको तो मैने कहा अशोक भाई को तो वो बोली पागल है क्या मोहल्ले का मामला है और फिर वो तो मेरे बेटे जैसे ही तो है उसकी मम्मी मेरी सहेली है तो मैने कहा मैं भी तो आपके बेटे सा ही हू जब मुझसे चुद सकती हो तो उस से भी चुद लेना प्लीज़ बहुत समझाने पर मामी मानी वो बोली देख मैं बस तेरे क़म के लिए उस को दे रही हू


अब बारी थी अशोक से लिली के बारे मे पूछने की मैने उसको कहा भाई मुझे भी लिली की दिलवा दे तो वो भड़क गया और बोला यार वो मेरी सेट्टिंग है वगेरह वगेरह तो मैने कहा कि भाई मैं भी बदले मे तुझे एक मस्त चूत दिलवा दूं तो ये सुनते ही वो बोला कौन किसकी जल्दी बता तो मैने कहा सरोज की तो वो बोला सरोज चाची की क्या बात कर रहा है तू कब कैसे तो मैने कहा तू आम खा ना भाई बोल मंजूर है या नही तो वो बोला भाई मुझे थोड़ा टाइम दे मैं लिली से बात करता हू फिर बताउन्गा इधर इन सब बातों के चक्कर मे मैं बड़ी मामी के बारे मे भूल ही गया अब वो नाराज़ थी वो अलग शाम को भाई ने बताया कि यार लिली मान ही नही रही तो मैने कहा की ठीक है अब तुझे सरोज की चाहिए तो मुझे लिली की दिलवानी ही पड़ेगी चाहे कुछ भी कर . वो बोला कोशिस कर तो रहा हू


इधर मैने कौशल्या को कहा कि मामी मेरी छुट्टियाँ क्या ऐसे ही बीत जाएँगी प्लीज़ मेरा कुछ तो ख़याल करो तो वो बोली ठीक है चाहे कुछ हो जाए आज रात तेरी प्यास ज़रूर बुझा दुगी तो मैने कहा कि कैसे तो वो बोली कि रात को मैं अपने घर पे रहूंगी तेरे मामा तो यहाँ पर रहेंगे तू वही आ जाना फिर मैं अड्जस्ट कर लुगी तो मैने कहा ठीक है डार्लिंग जब मामी जाने लगी तो उन्होने मामा से कहा कि बच्चे भी यही है तो मामी मेरा नाम लेते हुए बोली कि इसको भी घर ले जाती हू इधर गम के माहौल मे ये थोड़ा सा उदास है तो थोड़ा सा फ्रेश भी हो जाएगा तो मामा बोले हम ठीक है वैसे भी फौज मे परेशान ही है बेचारा फिर मैं और कौशल्या मामी उनके घर चल पड़े


मामी आज बड़ा ही मुस्कुरा रही थी उनके घर पहुचते ही मामी बोली मैं पहले नहा लेती हू पूरा शरीर पसीने से भरा पड़ा है तो मैने कहा चलो साथ ही नहाते है तो वो बोली कि नही कही कोई आ गया तो तुम बाहर होदि पे नहा लो तो मैने अपने कपड़े उतारे और पानी के होद मे उतार गया ठंडे पानी मे जाते ही मेरी सारी थकान एक दम गायब ही हो गयी मैं बहुत देर तक ठंडे पानी मे पड़ा रहा फिर मैं बाहर आया और कपड़े पहने जब मैं अंदर गया तो मामी ने बस एक ढीली सी मॅक्सी ही डाल रखी थी वो भी आधे से ज़्यादा गीली थी उनके बालो से टपकती बूँदो की वजह से उनकी पीठ पूरी भीगी हुई थी


मैं सीधा उनके पास गया और उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उनके बतख से होंठो का रस निचोड़ने लगा मामी ने भी एक मजेदार किस दिया और फिर बोली कि तुमसे कभी भी सबर नही होता है तुम हमेशा ही इतने उतावले रहते हो तो मैने कहा कि मामी चार साल बाद आज आपकी चूत मारने का मौका मिला है अभी भी उतावला ना होऊ तो कैसे चलेगा तो मामी बोली रूको बाहर का दरवाजा तो बंद कर लू मामी ने दरवाजा बंद किया और बोली आँगन मे ही चारपाई बिछा लेते है यही पर सोएंगे तो मैने कहा कि मामी आज की रात कौन सोएगा तो मामी मुझे अपनी आँखे दिखाने लगी खाना वाना खाने के बाद रात को कोई साढ़े 9 बजे मैं कौशल्या मामी के साथ बिस्तर मे लेटा हुआ था मेरे हाथ मामी के शरीर पर साँप की तरह रेंगने लगे थे मामी बोली मुझे तुम्हारी बहुत याद आती थी तुम्हारे बारे मे सोच कर ना जाने कितनी बार मैने अपनी चूत मे उगली करके ही गुज़ारा किया है तो मैने कहा मामी कुछ ऐसा ही हाल मेरा है अब बात मत करो और बस मुझ मे खो जाओ…

अट प्रेज़ेंट
मैं क्या कहूँ तुझे ज़िंदगी अगर तू इतनी कठोर है तो मुझे कभी तू चाहिए ही नही थी मैं अकसर यही सोचता रहता हू कि लोग कहते है कि ज़िंदगी खूबसूरत होती है फिर तू ऐसी क्यो है क्यो कोई रंग नही है मेरे इस जीवन मे क्यो मैं ऐसा हू पर आख़िर मैं तुम्हे क्यो दोष दे रहा हू वो मैं ही तो था जिसने इस राह को चुना था पर अब मैं तंग आ चुका हू अपने इस बन्जारेपन से एक घुटन सी महसूस करता हू मैं अपने आप मे सिमट कर रह गया हू कोई भी तो नही है पास मेरे बस मैं हू और मेरा परिचय है ज़िंदगी मैं अक्सर सोचता हू कि तू इतनी बेरहम कैसे है अगर तू ऐसी है तो मौत कैसी होगी क्या बो खूबसूरत होगी या वो भी बस तेरी तरह एक छलावा भर ही है भटक ता रहता हू मैं यहाँ से वहाँ मैं वो मुसाफिर हू जिसकी कोई मंज़िल कोई ठिकाना नही है बस एक खाना बदोश ज़िंदगी ज़ीनी है

मैं हू कौन, एक सैनिक या एक कातिल एक प्रेमी या एक आवारा बहुत कोशिश करता हू खुद को एक पहचान देने की पर नाकामी ही मिला करती है मैं घुट ता रहता हू हर पल एक लाश ही हू मैं बस फरक इतना है कि सांस कुछ बाकी सी है इस सफ़र मे साथी तो कई मिले पर हमसफ़र पास होकर भी दूर है मैं आज एक ऐसे मुकाम पर आ खड़ा हू कि वापिस जाने को कोई राह दिखाई ही नही देती है बस अकेलेपन को ही साथ लेकर चलना है यार-दोस्त सन्गि-साथी कभी मिले ही नही जो भी मिला बस लूट ही ले गया थोड़ा थोड़ा किसी ने देखा ही नही कि इस सीने मे भी एक चीज़ धड़कती है जिसे लोग दिल कहा करते है ये खूबसूरत वादियाँ भी मेरे दर्द को कम नही कर पाती है इतने नकाब है मेरे कि अब भूल ही गया हू मैं कि असल मे मैं हू कौन एक आम इंसान या कोई छलावा दिल मे एक उमंग थी तो मैने ये राह चुन ली पर कांटो के इस सफ़र मे रोज मेरे पाँव छिलते गये हर अपना मुझ से दूर और दूर होता गया घर छूट गया अपने रूठ गये पर सबर कर लिया कि देश तो अपना ही है लोग अपने है पर कौई साला कदर करता है हीरो की और फिर क्या फरक पड़ता है हम रहे या ना रहे सबकुछ अपना दाँव पर लगा दिया सोचा था कि एक छोटा सा आशियाना अपना भी होगा पर साली तकदीर जब लेने पे आई तो कुछ भी बाकी ना छोड़ा सब कुछ वसूल कर लिया मैं हैरान परेशान सोचता रहता हू कि आख़िर मैने कौन सी ग़लती करदी क्या गुनाह हो गया मुझ से ऐसा कि ये सज़ा मिली है मुझ को मैं तो हार ही चुका हू ज़िंदगी तेरे आगे बस इतनी सी मेरी गुज़ारिश मान ले और मुझे इस दर्द से आज़ाद कर दे


मौत तू मुझे कोई दुख ना देना मैं बहुत थक गया हू तुझसे पनाह माँगता हू मैं बहुत भाग लिया अब रुकना चाहता हू थमना चाहता हू मुझे अपनी बाहों मे ले ले ना तू कम से कम तू तो मेरी बात मान ले आख़िर कब तक मैं यू ज़िंदा रहूं अब कुछ भी तो नही है ना वो गाँव मेरा है ना वो घर मेरा है अब सर्दियो मे लहराती वो सरसो की फसल नही दिखती है मुझे ना गाँव मे नीम के पेड़ पे झूला झूलती वो मुटियारे दिखती है सब कुछ खो गया है इस चका चौध मे वैसे तो अब पूरी दुनियाँ ही मेरी है पर वो छत कहाँ है जहा मैं दो पल आराम कर सकूँ कहाँ है वो आँगन जहाँ मैं बैठ कर अपने बचपन को याद कर सकूँ कुछ भी तो नही है फिर क्यो मैं इस ज़िंदगी का एहसान लूँ आख़िर क्या लगती है ये मेरी होगी वो बहुत खूबसूरत होंगी उसमे हज़ारो रंग पर मैं क्यों फिर बेरंग हू है कोई जवाब तेरे पास

बुरा लगता है मुझे जब लोग साले समझ ही नही पाते है कि क्या खोते है मेरे जैसे लोग दिन महीनो मे और महीने साल मे बदल जाते है पर हम मजबूरी का घूँट पी कर रह जाते है हाँ सही है कि हम अपनी तकदीर खुद लिखते है पर किस के लिए कोई नही समझता बहुत दर्द होता है बदन मे पीठ ज़ख़्मी है करवट नही बदल पाता हू मैं शूकर है हाथ सही सलामत है और थॅंक्स टू टेक्नालजी जिसने ये आइपॅड जैसे गॅड्जेस्ट्स बनाए जिनके सहारे मैं अपने मन की बात आप तक पहुचा पाता हू कल पूरी रात दर्द से कराहता ही रहा कभी कभी सो नही पाता हू इसको मैं सोच ता हू कि काश कोई अपना होता जो मेरा थोड़ा दर्द बाँट लेता पर अब तो आदत सी हो गयी है दर्द मे भी मुस्कुराने की मेरी इन भीगी आँखो मे भी कुछ सपने है जो मैं शायद कभी पूरा ना कर पाऊ सबकुछ पैसा नही होता अगर होता तो आज मैं दुखी नही होता कभी जब घर की याद आती है तो कलेजा चीर जाती है तब दारू का पेग भी गम भुलाने मे कोई मदद नही कर पाता है इच्छा होती है कि बुढ़ापे मे घर वालो का सहारा बनू उनकी राह देखती आँखो का सुना पन दिखता है मुझे पर मजबूर हू तकदीर के हाथो
क्या लिखू इन कागज के टुकड़ो पे अब कुछ बाकी ना रहा जबसे छूटा तेरा साथ अपना कोई साथी ना रहा
बस मैं हू और ये अधूरी हसरते है और एक ये दिल है जो साला मानता ही नही है क्या करू
................................................................

मामी मुझसे और भी चिपक गयी और मेरे पयज़ामे को नीचे सरकाते हुए मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और उसको सहलाने लगी मैने उनकी गर्दन मे हाथ डाला और उनके चेहरे को अपनी ओर करते हुए उनके पतले पतले होंठो को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा करीब दस पंद्रह मिनट तक बस मैं उनके होंठो का रस ही पीता रहा इधर लगातार उनका हाथ मेरे लड पर था तो वो भी पूरी तरह तन्कर एक दम टाइट हो चुका था और मामी की चूत की बखिया उधेड़ने को तैयार हो गया था मामी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और अपनी मॅक्सी भी उतार कर साइड मे रख दी और मामी का संगमरमरी बदन मेरी आँखो के सामने था मामी का फिगर आज भी ऐसा ही था जैसे पहले हुआ करता था एक इंच भी फरक नही आया था

तो मैने मामी को लिटाया और दुबारा से उनके होंठो को चूमने लगा थोड़ी देर चूमा था कि मामी बोली बस ज़्यादा मत चूसो होंठ सूज गये तो कही तुम्हारे मामा शक ना कर ले तो मैने कहा ठीक है मैं थोड़ा नीचे आया और और अपना मुँह उनकी एक साइड की चूची पर लगा दिया और उनके निप्पल को चूसने लगा और दूसरे वाले को अपने हाथ से दबाने लगा कुछ ही देर मे मामी की चूचियो मे कठोरता आ गयी वो ऐसे हो गयी जैसे की ठोस गोले हो आधे घंटे से भी ज़्यादा टाइम तक मैं मामी की दोनो चूचियो को पीता ही रहा जब मैने अपना मुँह उनसे से हटाया तो वो बिल्कुल लाल हो गयी थी मामी की आँखो मे वासना के डोरे तैरने लगे थे उन्होने मेरे हट ते ही अपनी टाँगो को चौड़ा कर लिया काली झान्टो से भरी हुई उनकी चूत के अंदर से आती सुगंध ने मुझ पर जैसे जादू सा कर दिया था मैने उनकी मांसल जाँघो को थामा और अपना मुँह उनकी पानी छोड़ती थी हुई चूत पर लगा दिया

मामी की चूत हद से ज़यादा पानी बहा रही थी तो मैं उस रिश्ते हुए पानी को अपनी जीभ से चाट ने लगा जैसे ही मेरी जीभ उनकी चूत से टच हुई मामी के बदन मे जैसे शोले से उठने लगे मामी ने अपनी टाँगो को थोड़ा सा टाइट सा कर लिया नीचे मैने चूत के छेद मे अपनी जीभ फसाई हुई थी और उपर मैं चूत के दाने को अपने अंगूठे से रगड़ने लगा तो मामी है है करने लगी मामी के होंठो से फुट ती हुई कामुक सिसकारियो से मेरे कान भी गरम होने लगे थे 5 मिनट मे ही कौशल्या के चूतड़ उपर की तरफ उठ गये थे अब वो चारपाई पर थोड़ा बैठी सी हो गयी थी मैं पूरे मज़े से उनकी रस से भरी हुई चूत को चाटे जा रहा था जब मैं अपने दाँतों से उनकी चूत की फांको को दबाता तो खारा पानी झट से मेरे मुँह मे भर जाता

मामी को थोड़ा दर्द होता पर वो बस मस्ती से मुस्कुरा ही देती मामी के सरीर मे अब कंपन बढ़ने लगा था तो मुझे हिंट मिल रहा था कि बस कुछ ही देर मे वो झड़ने को ही है तो मैं और ज़ोर से अपनी जीभ को चूत पर रगड़ने लगा और 4-5 मिनट बाद ही उनका कामुक शरीर अकड़ गया और चूत से रस का फव्वारा छूट गया मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने नमक की पूरी कटोरी को ही मेरे मुँह मे उडेल दिया हो मैने मामी की चूत को चाट चाट कर एक दम चमका दिया मैं अपना मुँह उनकी चूत से हटाने ही वाला था तो मामी बोली थोड़ी देर और चाटो ना मज़ा आ रहा है तो मैने फिर से अपनी जीभ उनकी योनि से सटा दी और दुबारा से चूत से छेड़खानी करने लगा शायद मामी आज बहुत ही आतुर थी तो थोड़ी देर बाद ही उनकी योनि फिर से गीली होने लगी

तो मैने अपना मुँह वहाँ से हटा या और अपने लड को जो कि काफ़ी देर से परेशान हो रहा था उसको मामी की चूत पर टिका दिया मामी ने अपने चुतडो के नीचे एक तकिया लगा या और बोली चलो अब डाल भी दो इसको अंदर मेरी प्यासी चूत देखो कैसे फाड़ फाडा रही है इसको अपने अंदर लेने के लिए तो मैने एक धक्का लगाया और पहले धक्के मे ही आधा लड अंदर चला गया मामी के चेहरे पे एक चमक सी आ गयी जिसे शायद उस वक़्त मैं ही समझ सकता था और अगले धक्के के साथ मेरा लड मामी की चूत की गहराइयो को नाप रहा था अब मैं मामी के उपर नीचे होने लगा हर धक्के के साथ उनकी आँखो मे नशा उतरने लगा था मामी ने अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी और मैं उसको चूमने लगा मेरी उग्लिया उनकी उग्लियो मे उलझ गयी थी

बेहद खामोशी से सितारो से भरी रात के नीचे हम दोनो अपनी चुदाई मे मशगूल थे मैं अपने हर एक धक्के के साथ मामी मे समाए जा रहा था आज एक आह भी नही फुट रही थी हमारी साँसे भी जैसे आज गूंगी हो गयी थी पर पसीने से लथ पथ हमारे शरीर एक अलग ही दास्तान कह रहे थे अब मैने मामी को अपनी तरफ टेढ़ी कर लिया और उनकी टाँगो को अपनी कमर पर रख लिया और उनके चूतड़ को थामते हुए उनकी धुँआधार चुदाई शुरू कर दी मैं तेज तेज धक्के लगाते हुए मामी को उनकी मंज़िल की ओर पहुचाने लगा मामी के साथ साथ मैं भी बहुत मस्त हो गया था मेरा वीर्य मेरे टट्टो मे इकट्ठा होने लगा था मैं मामी के कान को काट ते हुए बोला जान मैं बस झड़ने ही वाला हू तो मामी बोली कि दो मिनट और बस मैं भी जाने ही वाली हू और कहते कहते ही इधर उनकी चूत से रस छूटा और मेरे लड से वीर्य की पिचकारी एक साथ ही हम दोनो अपनी अपनी मंज़िल को पा गये थे कुछ देर बाद हम दोनो अपनी अपनी सांसो को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे थे

फिर मामी उठी और अपनी मस्त गान्ड को मतकती हुई अंदर चली गयी और एक ठंडे पानी की बॉटल ले आई थोड़ा खुद पिया थोड़ा मुझे पिलाया गला एक दम तर हो गया फिर मामी वापिस मेरे पास आकर लेट गयी और हम बाते करने लगे वो कहने लगी कि आज कितने दिन बाद मेरी चूत को आराम मिला है तुम्हारे मामा तो बस मेरे चूतड़ छोड़े करने मे ही लगे रहते है महीने मे बस दो चार बार ही चूत मरते है पर गान्ड उनको डेली चाहिए तुम ही बताओ मैं क्या करू तो मैने कहा अब मैं क्या कर सकता हू ये आप हज़्बेंड –वाइफ के बीच का मॅटर है मैं भला क्या कर सकता हू

मामी ने मेरे लड को हाथ लगाया और बोली तेरा ये कभी डाउन भी होता है जब देखो खड़ा ही रहता है तो मैने कहा मामी जब आप जैसा चोखा माल पास हो तोये कैसे ढीला रह सकता है मामी बोली बाते बनाना तो कोई तुमसे सीखे और हँसने लगी तो मैने कहा कि मामी लड चूसो ना तो वो बोली अरे ये भी कोई कहने की बात है अभी लो और अपने चेहरे को मेरे लड पर झुका दिया और उसको चाटने लगी मामी के मुँह मे जाते ही लड और भी फुफ्कारने लगा मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था कि तभी मामी ने उसे अपने मुँह से निकाल दिया और बोली मैं अभी आई और अंदर चली गयी कुछ मिनट बाद जब वो वापिस आई तो उनके हाथ मे एक कटोरी थी जिसमे मलाई पड़ी थी तो मामी ने ढेर सारी मलाई मेरे लड पर चुपड दी और फिर उसको अपने मुँह मे ले लिया मलाई लगने से लड बेहद मुलायम और चिकना हो गया था मामी बड़े ही चटखारे लेते हुए बड़े ही मज़े से अब मेरे लड को चूसे जा रही थी

मैने उनके चेहरे के सामने आ गये उनके बालो को साइड मे किया मामी के गुलाबी होंठ मेरे लड पे किसी लॉक की तरह कसे हुए थे अब वो खाली बस मेरे सुपाडे को ही चूस रही थी और अपने हाथो से मेरी गोलियो को लगातार सहलाए जा रही थी मुझे वहाँ पर बेहद गुद गुदि महसूस हो रही थी मुझे अब लगने लगा था कि कही उनके मुँह मे ही मेरा वीर्य ना छूट जाए तो मैने उनको अपने लड से हटा दिया और मामी को घोड़ी बना दिया जब मैने उनको घोड़ी बनाया तो मैने गौर किया कि उनकी गान्ड का छेद दो बेहद खुल गया है शायद रोज गान्ड मरवाने के कारण तो अब मैने अपना लड एक बार फिर से चूत पर सटा दिया मामी ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा हिलाया और अगले ही पल मेरा लड उनकी चूत मे घुस गया था और मेरी गोलिया उनके चुतडो से टकराने लगी थी मैने उनकी चूचियो को अपने हाथो मे दबा लिया

और उनको बेरहमी से दबाते हुए मामी की चूत मारने लगा मामी भी लगातार अपने कुल्हो को आगे पीछे करे जा रही थी मैं बहुत ज़ोर से उनके बोबो को भिंचे जा रहा था उनको दर्द भी हो रहा था पर उन्होने मुझे एक बार भी नही रोका वो तो बस आज जी भर कर चुदना चाहती थी बस चुदना और कुछ नही उनकी चूत से पच पुछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ आने लगी थी उनकी चूत से बहता पानी लड को लगातार भिगोएे जा रहा था तो अब मैं उनको चोद्ते चोद्ते उनकी पीठ को भी चूमने लगा था मामी के हर एक अंग से मस्ती जैसे फूटने लगी थी मैं अपने दाँत भींचे चूत को चोदे जा रहा था तभी मुझे पता नही क्या सूझा मैने लड को निकाला और उनके चुतडो को थामते हुए उनकी चूत को पीछे से ही चूमने लगा

मामी का तो पूरा बदन ही कांप गया मैं उनके दाने को कुरेदे जा रहा था मामी बहुत ही ज़्यादा मस्ता गयी थी वो लरजती हुई आवाज़ मे बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ आईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स मात्त्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबभहिईीईईईईईईईई

कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबभहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुझीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबुउुउउस्सुउुुुुुुुुउउस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स लाआआआआआाअंद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड ही ईईईईईईईईईईईईईईईई चाहियीईईइईईईईईईईईईईईईईईईई तो मैं हटा और

लड को दुबारा घुसा कर उनकी ढलती हुई जवानी को लूटने लगा मैने कोई 25-30 धक्के और मारे थे कि मामी एक बार फिर ढह गयी और औधी पड़ गयी मामी झड चूँकि थी और उनकी हिम्मत अब जवाब दे गयी थी वैसे तो मैं भी बेहद ही करीब था तो मैं उनपर लगा ही रहा और तेज तेज धक्के मारने लगा जब मुझे लगा कि अब बस काम होने ही वाला है तो मैने अपने लड को बाहर निकाला और मामी के मुँह मे दे दिया वीर्य की धार उनके गले से टकराई और फिर लगातार टकराती ही गयी मामी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया फिर उन्होने मेरी बनियान से अपने मुँह को सॉफ किया और मेरी बाहों मे आकर लेट गयी और हाँफती हुई बोली कि बस अब मेरी ओर हिम्मत नही है एक बार और चुदि तो फिर सुबह उठ नही पाउन्गि तो मैने कहा कोई बात नही आप आराम कर लो तो मामी और मैं एक दूसरे से चिपक कर ही सो गये

सुबह 5 बजे ही मामी ने मुझे जगा दिया मैं नंगा ही खाट पर पड़ा था मैने झट से अपने कपड़े पहने तो मामी बोली तुम फ्रेश हो जाओ मैं चाइ बना देती हू फिर तुम सबके लिए चाइ लेकर बड़ी मामी के घर चले जाना मैं घर का सारा काम निपटाने के बाद आ जाउन्गि तो मैं फ्रेश वगेरह हुआ और चाइ का थर्मस ले कर बड़े मामा के घर आ गया चाइ पीते पीते मैने जेब से मोबाइल निकाला तो मिता के कई मिस कॉल आए पड़े थे फोन वाइब्रेशन मोड पे था तो पता ही नही चला तो मैने सोचा कि बाद मे तस्सली से बात करलुगा उस से फिर मैं बाल्टी भरने के लिए नलके पर गया तो सुबह सुबह ही मेरी मुलाकात लिली से हो गयी मुझे बड़ी कॅटिली छुरी लगी वो पर भाई की सेट्टिंग थी तो कुछ कर भी नही सकता था तो दिल को मसोस कर अपनी बाल्टी भरी और वापिस आ गया

नहा –धोकर रोटी खा ही रहा था कि चाचा का फोन आ गया वो बोले कि तेरी ताई जी का ऑपरेशन एक दम ठीक हो गया है पर अभी कुछ दिन हॉस्पिटल मे ही रहना पड़ेगा और तुम्हारी मम्मी भी थोड़ी गमगीन है और पीहर मे ही है तो और अनिता बहू तो हॉस्पिटल मे ही है फिर साख्सी को भी संभालना है अब जीजी अकेली क्या क्या संभालेगी तो तू एक काम कर आज के आज तू तेरी चाची को लेने चला जा मैने फोन कर दिया है वो तैयार होंगी तो मैने कहा ठीक है जैसी आपकी आग्या और फोन काट दिया मैने अपना सामान पॅक किया मम्मी को सारी बात बताई और चल पड़ा अशोक भाई ने मुझे सहर तक छोड़ दिया था शाम तक मैं धक्के खाते हुए चाची के गाँव पहुच गया सभी ने मेरा बहुत ही आदर-सत्कार किया

चाची तो मुझे देख कर बहुत ही ज़्यादा खुश थी अगली सुबह मैं उनको लेकर चल पड़ा लंबा सफ़र और वो भी बस का मेरी तो पूरी कमर ही जैसे टूट गयी हो जैसे तैसे गाँव पहुचे मैं तो इतना ज़्यादा थक चुका था कि पड़ ते ही सो गया फिर सुबह ही होश आया मैं नीचे आया और चाची से पूछा कि बुआ कहाँ है तो उन्होने कहा कि वो तो तेरे चाचा के साथ हॉस्पिटल चली गयी है वो क्या है ना अनिता रात भर वही पर रुकी थी तो वो अब घर आ जाएगी और बुआ वहाँ रुक जाएगी तो चाची ने नाश्ता लगा दिया पर मैं तो बस उससे ही बाते करना चाहता था तो मैने उनको अपनी गोद मे बिठा लिया और बोला चाची कितने दिनो बाद मैं छुट्टी आया और आप गाँव चली गयी तो वो बोली कि अरे मुझे पता होता कि तुम आने वाले हो तो मैं जाती ही नही

फिर मैने उनको किस किया तो वो बोली चल अभी शरारत मत कर मुझे घर का काम करना है और वो रसोई मे चली गयी मैं नहाने चला गया कोई दस बजे अनिता भाभी भी आ गई तो मैने साख़्शी को ले लिया और भाभी का खाने लगी तभी मैने देखा कि जब मैं साक्षी को खिला रहा था तब मैने चाची की आँखो मे नमी देखी फिर अनिता भाभी बोली मैं कुछ देर सोउंगी और साक्षी को लेकर अपने घर चली गयी मैं टीवी देख ही रहा था कि चाची बोली तू यही बैठ मैं अभी आई जब वो वापिस आई तो उनके हाथ मे कुछ चिट्ठिया थी पुरानी सी उन्होने कहा कि ले तेरी अमानत तेरी मम्मी से नज़र बचाकर मैने डाकिये से ले ली थी मैने उन लेटर्स को देखा तो सेनडर वाली जगह पर वो नाम लिखा था जिसे मैं डर डर ढूँढ रहा था

वो लेटर्स निशा के थे ठीक कोई 1 साल पुरानी थी मुझे तो विश्वास ही नही हुआ मैने चाची को अपनी बाहों मे ले लिया और बोला चाची आपने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है आपका उपकार मैं कभी नही भूल सकता हू तो वो बोली कि निशा की कई चिट्ठिया आई थी पर तुम्हारी मम्मी ने ज़्यादतर को जला दिया बस ये कुछ ही मैं बचा पाई हू तुम पढ़ लो मैने खोल के देखा नही है इनको मैं आती हू कुछ देर मे मैने तुरंत ही उनको खोला और पढ़ने लगा उसने लिखा था कि जब वो पहली बार मुंबई आई थी तो उसका सूटकेस स्टेशन पर ही चोरी हो गया था तो वो थोड़ी टेन्स हो गयी थी फिर कुछ दिन उसे जाय्न करने और घर का जुगाड़ करने मे लग गये उसने मुझे कॉंटॅक्ट करने की कोशिश की थी पर एक दिन उसका मोबाइल रिसेट हो गया


और सभी कॉंटॅक्ट्स के नंबर डेलीट हो गये तो वो फिर कोई संपर्क ना कर पाई हर पल उसे मेरी याद आती है मुंबई मे वो खुद को बहुत ही तन्हा महसूस करती है मैने उसकी सारी चिट्ठिया पढ़ी ना जाने कब मेरी आँखो से आँसू बहने लगे झार झार आँसू बहते ही रहे एक चिट्ठी मे उसने अपना अड्रेस भी लिखा था पर मेरी छुट्टिया तो बस 10 दिन की ही बची थी फिर मुझे मिता से भी मिलने जाना था मैं बुरी तरह से फस गया था हालात के आगे मजबूर सा हो गया था मेरा दिल मचल रहा था पर मैं अभी मुंबई भी नही जा सकता था की तभी चाची आ गयी और मुझे रोता देख कर चकित हो गयी

मैने अपना मुँह उनके आँचल मे छुपा लिया और रोते हुए बोला चाची आपने पहले मुझे इन चिट्ठियो के बारे मे क्यू नही बताया पर वो क्या कहती निशा के इन लेटर्स ने मेरे दिल मे इक तूफान खड़ा कर दिया था जो अब आसानी से नही थमने वाला था बहुत देर तक मैं चाची की गोदी मे ही सुबक्ता रहा मेरा दिमाग़ बहुत ही ज़्यादा खराब हो गया था ये साला दिल भी ना बड़ा ही कमीना होता है

फिर शाम को मैं अनिता भाभी को हॉस्पिटल छोड़ने गया और वापसी मे बुआ को साथ ले आया अब एक हार्डकोर चुदाई ही मुझे आराम दे सकती थी तो मैने रास्ते मे ही बुआ को बता दिया था कि रात को चाचा तो चाची को चोदेन्गे ही तो मैं आपके कमरे मे आ जाउन्गा और फिर हम भी कुछ तूफ़ानी करेंगे तो बुआ बोली देख ले कही कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा तुम सब कुछ मुझ पर छोड़ दो और बस चुदने की तैयारी करो तो बुआ बोली बेशरम सीधे सीधे ही बोलता है बाहर तो थोड़ी शरम कर लिया कर रास्ते मे मैने बाइक रोकी और दो किलो रसगुल्ले खरीद लिए बुआ बोली इतने का क्या करेगा तो मैने कहा आपको पता चल ही जाएगा फिर हम घर आ गये दोनो औरते रसोई मे बिजी हो गयी मैने एक बियर की बॉटल खोली और छत पर बैठ गया

और पीते पीते निशा के बारे मे सोचने लगा जब दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया तो मैं नीचे आया मैं ऐसे ही खाक छान रहा था तो मुझे अपना पुराना सीसी रेडियो मिल गया धूल खाए पड़ा था तो उसको सॉफ किया नये सेल डाले और उसको चला दिया गुज़रते हुए वक़्त के साथ वो भी बदल गया था चॅनेल्स तो वो ही थे पर अब अपने प्रोग्राम नही आते थे रेडियो सिटी पे अब लव गुरु का प्रसारण नही होता था फिर भी कुछ देर गाने सुनता ही रहा अपने मन को तसल्ली देने के लिए ये टाइम भी ना एक बार हाथ से निकल जाए तो फिर कभी वापिस नही आता रात को साढ़े दस बजे के लगभग पूरा घर अंधेरे मे डूबा पड़ा था चाचा चाची अपने कमरे मे मस्त थे पापा बैठक मे सो रहे थे तो मैं बुआ के कमरे मे घुस गया

वो मेरा इंतज़ार ही कर रही थी मैने झट से कुण्डी लगाई और अपनी बुआ को बाहों मे भर लिया और उनके थोड़े सूखे से होंठो को अपने होंठो से गीला करने लगा वो भी किसी प्यासी की तरह मेरा साथ देने लगी उनको किस करते करते ही मैं उनके कपड़े उतारने लगा मैने अपनी उग्लिया उनकी सलवार के नाडे मे फसाई और उसको खीच दिया सलवार सीधे उनके पैरो मे जा गिरी मेरा मुँह जैसे बुआ के मुँह से लॉक ही हो गया था तो मैं अपने हाथ नीचे ले गया और उनकी कच्छि के उपर से ही उनके चुतडो को दबाने लगा मुझे ऐसा लगा जैसे मैं फूलो को मसल रहा हू तभी बुआ ने कहा कि तू जल्दी से कर ले कही कोई आ ना जाए तो मैने कहा आप खम्खा ही चिंता कर रही हो अब मैं उनकी गर्दन पे चूमने लगा बुआ भी धीरे धीरे गरम होने लगी

मैने उनकी कच्छि के साइड से अपनी उगली अंदर डाली और चूत मे सरका दी चूत तो पहले से ही गीली हुई पड़ी थी मैं अपनी उगली चूत मे रगड़ने लगा बुआ ने भी अब मेरी पॅंट को खोल दिया और मेरे नागराज को अपने हाथ मे पकड़ लिया मैने उनके सूट और ब्रा को भी उतार दिया अब वो बस खाली कच्छि मे ही खड़ी थी तो मैने बिना देर किए उसको भी उनके जिस्म से अलग कर दिया और नंगी बुआ को देखने लगा उनकी उठी हुई चूचिया , बेहद ठोस और चिकनी जंघे और सबसे बेहतर चीज़ उनकी भूरी सी चूत जिसका मैं रसिया बन चुका था बुआ मेरे लड को अब चूत पर रगड़ने लगी थी तो मैने उनकी टाँग को थोड़ा सा उठाया और अपने लड को चूत मे घुसा दिया बुआ ने एक हल्की सी आह भरी मैने उनके चुतडो को थाम लिया

उनके होंठो को पीते हुए उनकी चूत मे लड आगे पीछे करने लगा हम खड़े खड़े ही चुदाई करने लगे थे मैं उनके निचले होंठ को बुरी तरह से काटने लगा था बुआ की मक्खन जैसी चूत मे मेरा गरम लड की छुरी की तरह घुसा पड़ा था थोड़ी देर उनको उसी पोज़िशन मे छोड़ने के बाद मैने उनके हाथ बेड की साइड पर टिकाए और उनको झुका दिया और फिर से अपने लड को सैर करवाने लगा तभी मैने अपनी उगली से उनकी गान्ड के छेद को सहलाना शुरू किया जब वो थोड़ा सा नरम हुआ तो मैने अपनी थोड़ी उगली गान्ड मे डाल दी बुआ ने अपने जिस्म को थोड़ा सा टाइट कर लिया और पीछे मुँह करके बोली ये मत करो तो मैने कहा अभी तो आपकी गान्ड मारनी तो बाकी ही है आज वहाँ भी अपना लड घुसाउन्गा ही तो बुआ बोली अरे नही मुझे दर्द होगा

तो मैने कहा आप नाटक मत करो क्या पहले कभी गान्ड मे नही लिया क्या तो वो चुप हो गयी मैं लगातार उनको चोदे जा रहा था कूलर की ठंडी हवा मे हमारी गरमा गरम चुदाई चल रही थी अब मैं अपने हाथ नीचे ले गया और उनके चुतडो को थोड़ा सा चौड़ा किया और गपा गॅप उनकी चूत मारने लगा बुआ भी लगातार अपनी गान्ड को हिलाए जा रही थी फिर कोई बीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनो आगे पीछे ही झाड़ गये तो मैने अपने लड को उनकी चूत से निकाल लिया उनकी चूत से मेरा गाढ़ा वीर्य अभी भी रिस रहा था तो उन्होने अपनी चुन्नी से चूत को सॉफ किया और मेरे बगल मे बैठ गयी रात के बारह बज चुके थे तो वो बोली कि चलो अब तुम भी जाकर सो जाओ और मुझे भी सोने दो तो मैनें कहा कि अभी तो गान्ड लेउगा तो

वो बोली कि अभी तुम जाओ मैं कल ज़रूर तुम्हे अपनी गान्ड दे दुगी तो मैने अपने कपड़े पहने और वापिस अपने कमरे मे आ गया पर मुझे नींद नही आ रही थी तो मैं छत की दूसरी साइड की तरफ आ गया और मैने देखा कि

एक कौने मे चाची खड़ी थी मुझे ऐसे लगा कि जैसे वो सूबक रही हो तो मैं उनके पास गया और पूछा कि क्या बात है तो उन्होने कहा कुछ नही और तुरंत ही अपने कमरे मे चली गयी मैं हैरान-परेशान वही पर खड़ा रहा वैसे भी मुझे लग ही रहा था कि चाची के स्वाभाव मे कुछ अंतर आ गया है वो पहले की तरह नही चहक्ती थी एक अलग सी उदासी उनके चेहरे पर थी जिसका कारण मुझे पता करना ही था

अगले दिन मैं पापा मामा के गाँव चले गये बुआ हॉस्पिटल तो घर पर बस मैं और चाची ही थे तो मैं उनके कमरे मे गया और बोला कि चाची आप आजकल इतने उदास क्यो रहते हो रात को भी आप रो रहे थे बात क्या है मुझे तो बताओ तो वो बोली कि बस ऐसे ही थोड़ी डिस्टर्ब थी तो मैने ज़ोर देते हुए कहा कि आप झूट मत बोलो और सच सच बताओ कि बात क्या है तो वो थोड़ी सी एमोशनल हो गयी और बोली कि जब वो साक्षी को देखती है तो उसे तकलीफ़ होती है कि मैं अभी तक माँ नही बन पाई हू मुझे भी हसरत है कि मेरी भी औलाद हो मेरा भी मन करता है कि मैं अपनी गोदी मे बच्चे खिलाऊ तो मैने कहा कि चाची हम सब आपके ही बच्चे तो है तो वो बोली हम पर एक फीलिंग होती है तो मैने कहा की चाची एक उपाय है अगर मानो तो कहूँ तो वो बोली हाँ बोलो तो मैने कहा कि आप मुझसे सेक्स करके देख लो ना क्या पता आप प्रेग्नेंट हो जाओ तो वो बोली तू तो हमेशा मुझे लपेटने की ही सोचता रहता है तो मैने उका हाथ पकड़ा और बोला कि चाची मज़ाक की बात नही है आप एक चान्स तो ले कर देखो क्या पता आपका काम हो जाए और अगर प्रेग्नेंट ना हुई तो समझ लेना कि आपने अपनी चूत मुझे गिफ्ट मे दी थी तो चाची बोली कि पर मैं तेरे चाचा से पूरी तरह सॅटिस्फाइ हू तो मैने कहा कि मैं जानता हू डार्लिंग पर यहाँ बात एक बच्चे की है क्या पता आप मुझ से प्रेग्नेंट हो जाओ
Like Reply
#31
चाची ने एक ठंडी आह भरी और कहा कि ठीक है वो सोचेंगी और बाद मे मुझे बता देंगी फिर उन्होने कहा कि चल खाना खाते है फिर मिता का फोन आ गया तो उसने बताया कि आज वो शाम को माता के मंदिर मे आरती मे जाएगी तो अगर हो सके तो मैं आ जाउ मैने कहा कि ठीक है मैं आ जाउन्गा ज़्यादा कुछ करने को था नही तो मैं और अनिता भाभी गप्प्पे लड़ाने लगे चाची भी हमारी बातों मे शामिल हो गयी फिर मैं थोड़ी देर के लिए सो गया शाम को मैं उठा जल्दी से नाहया धोया और साढ़े 6 बजे मैं मिता के गाँव की तरफ निकल पड़ा काफ़ी दिनो बाद आज उधर का रास्ता पकड़ा था जब मैं पहुचा तो देखा कि मंदिर अब और भी बड़ा हो गया था और बहुत ही सुंदर भी सबसे पहले मैने माता के दर्शन किए आरती होने मे थोड़ी देर थी फिर मैने देखा कि हाथो मे पूजा की थाली लिए मेरी दिलरुबा चली आ रही है कुछ तो बात थी उस साँवली सलोनी मे जो पहली ही नज़र मे मेरा दिल चुरा ले गयी थी बड़ी ही नज़ाकत से उसने मुझे देखा और मेरा अभिवादन किया फिर हम आरती मे खड़े हो गये ये पल भी बड़े ही अलग से थे बस हमारी धड़कने ही एक दूसरे को सुन पा रही थी

आरती के बाद वो मेरे पास आई और बोली कैसे हो तुम तो मैने कहा कि अपनी जान के बिना अधूरा हू ना जाने कब मेरी जान मुझे मिलेगी और कब मैं पूरा हो पाउन्गा वो हँसने लगी अब उसका गाँव था तो खुल के बात भी नही कर सकते थे बस ये एक छोटी सी मुलाकात थी कुछ देर रुकने के बाद वो अपनी राह चली गयी और मैं वही मंदिर मे बैठ गया मुझे बहुत ही सुंकून मिलता था मंदिरो मे एक अलग सी शांति मिलती थी मुझे टाइम 8 होने ही वाला था तो मैं भी अपनी राह उड़ चला घर पहुचा खाना वाना खाया और अपने कमरे मे आ कर लेट गया कोई 9 बजे मिता का फोन आया उसने बताया कि आज मंदिर मे तुमसे मिल कर बड़ा ही अच्छा लगा तो मैने कहा कि तू किसी दिन मेरे घर भी आ जाना तो वो बोली कि ससुराल तो वो फेरे लेने के बाद ही आएगी और हँसने लगी मुझे भी हँसी आ गयी


मैने उस से बोला कि यार तुझे क्या लगता है तेरे घर वाले मान जाएँगे क्या तो वो बोली कि उसके पिताजी पे डिपेंड करता है उसमे इतनी हिम्मत नही है कि वो अपने पिता से डाइरेक्ट्ली मेरे बारे मे बता सके तो मैने कहा देख एक ना एक दिन तो हमे ये सब फेस करना ही पड़ेगा तो वो कहने लगी कि उसे बड़ा डर लगता है प्रेम कहानिया सुन ने मे तो ठीक लगती है पर असली ज़िंदगी मे बड़ी ही मुश्किल राह है ये तो मैने कहा अगर तू मेरे साथ खड़ी रही तो मैं जमाने से भी तुझे जीत लाउन्गा मिथ्लेश मेरी थी और मेरी ही रहेगी मिता गहरी सांस लेते हुए बोली मेरा तो बस ये ही सपना है की दुल्हन बनूँगी तो तुम्हारी वरना फिर मर ही जाउन्गि तो मैने कहा ऐसा क्यो सोचती है भगवान हमारे साथ है फिर क्यो घबराना देख मेरी फॅमिली तो ऑलमोस्ट तैयार है ही अभी थोड़ा तू भी देख ले तू सब से पहले अपनी मम्मी से बात कर फिर देखते है आगे क्या होता है तो वो बोली कि मुझे डर लगता है धीरे धीरे रात गुजरने लगी हम दोनो अपनी बाते करते रहे पर उसका कहना भी उचित ही था प्यार करना और प्यार पाना दो अलग अलग बाते थी फिर समाज की बंधिशे भी थी मैं एक आम आदमी का बेटा और वो ठहरी ठाकूरो की कन्या ना जाने क्यो मुझे आज पहली बार एक डर सा लगा कि अगर उसके घरवाले ना माने तो ???????????????????????????????????

ये प्रेम का धागा भी बड़ा ही मजबूत होता है एक बार जुड़ जाए तो फिर उलझ ही सकता है पर आसानी से
टूट नही सकता गुस्ताख़ी तो कर ली थी मोहब्बत करने की अब ना जाने अंजाम क्या होगा सोचते सोचते मैं
कमरे से बाहर आया और छत की मुदेर पर बैठ कर उस चाँद के सुने पन को निहारने लगा रात आज
बिल्कुल खामोश थी हवा भी नही चल रही थी पर मेरे इस दिल मे एक तूफान ज़रूर चल रहा था
मोहब्बत करना एक अलग बात थी और उसको अंजाम तक ले जाना अलग बात थी मेरे सामने
एक बेहद मुश्किल चुनोती खड़ी थी कि कैसे मिथ्लेश को अपनी दुल्हन बना पाउन्गा पर वो मोहब्बत
ही क्या हो इतनी आसानी अपने अंजाम तक पहुच जाए एक डर सा लगने लगा था मुझे कि अगर मिता मेरी
ना हो पाई तो मैं क्या करूगा मैं कैसे जी पाउन्गा उसके बिना रात के सन्नाटे को मेरे दिल की
धड़कने चीरे जा रही थी मैं सोचने लगा कि एक बार ट्रैनिंग ख़तम हो जाए फिर पोस्टिंग के बाद
ही चर्चा करूगा मिथ्लेश के घरवालो के साथ .


अब मैं कोई फिल्मी हीरो तो था नही जो जमाने से लड़
जाउ उसके लिए सच्चाई फिल्मी दुनिया से बहुत अलग होती है परिवार की इज़्ज़त की तरफ भी देखना था तो कोई
ग़लत कदम भी नही उठा सकते थे और वैसे भी मिता ऐसी लड़की थी ही नही जो भाग कर ब्याह रचा लेगी
मैने एक गहरी सांस ली और अपने आप को तकदीर के हवाले छोड़ दिया पर मैं एक बात भूल गया था कि
मैं तो उन लोगो मे से था जो अपनी तकदीर को खुद ही लिखा करते है फिर वैसे भी मेरी आत्मा तो सेक्स के
दलदल मे धँस चूँकि थी मैं तो दोहरी जिंदगी ही जी रहा था मेरे कुछ राज़ थे जो बस मैं अपने
अंदर ही समेटे पड़ा था मैं आज बहुत गहराई मे उतर गया था मेरे और मिथ्लेश के बीच मे एक
बहुत गहरी खाई थी हमारी ग्रहस्ति के बीच मे कई रोड़े आने वाले थे मैं एक बार चाहता था कि
वो अपने घर वालो से हमारे रिश्ते का जिकर तो कर्दे ताकि उनका जो भी रिक्षन हो पता तो चले पर
मिता तो खुद ही घबराई हुई थी और वैसे भी किसी भी लड़की के लिए ये सब इतना आसान थोड़ी ही ना होता
है मुझे उदासी ने घेर लिया था मैने दुबारा से मिता को फोन मिलाया शायद वो भी जाग ही रही थी
पहली रिंग मे ही फोन पिक हो गया मैने कहा क्या हुआ सोई नही तुम अभी तक उसकी आवाज़ से ही पता
लग गया था कि वो भी परेशान थी मैने कहा मिता कभी ना कभी तो हमे ये सब फेस करना ही
पड़ेगा ना तो वो बोली पर मैं अभी तैयार नही हू हम इंतज़ार करते है तुम्हारी ट्रैनिंग ख़तम होने
तक ,


जब तक मेरी इंटेरन्शिप भी पूरी हो जाएगी और क्या पता मुझे भी कोई जॉब मिल जाए तो मैं भी
इनडिपेंडेंट हो जाउन्गि फिर हम अपनी शादी की बात घरवालो के सामने रखेंगे तो मैने कहा देख ले
तो वो बोली मैने सोच लिया है मैने बस इतना ही कहा कि मेरा इंतज़ार करना तू वो बोली कमिने मैं और
कही भाग के जा रही हू क्या .

मुझे ये तो पता था कि चाहे कुछ भी हो जाए मिता मेरे साथ ही खड़ी रहेगी तो फिर टेंशन किस बात की
जो भी होगा देख लेंगे अपन डरते है क्या किसी से पर अब नींद नही आ रही थी तो मैने अपनी अलमारी
खोली और रंगो को बाहर निकाल लिया और अपने दिमाग़ के ख़यालो को एक चेहरे का रूप देने लगा
थोड़ा टाइम लगा पर मैने अपनी दिलरुबा की एक बेहद शानदार पैंटिंग बनाई आज से पहले मेरी
कला इतना उभर कर कभी नही निखरी थी पर आज तो मैने एक बेहद सुंदर रचना कर दी थी पर दिल मे एक टीस अब भी मोजूद थी

लेट सोया तो लेट ही उठा चाची नहा धोकर तैयार थी मैं भी बाथरूम मे घुस गया नाश्ते के बाद हम दोनो उनके रूम मे ही थे तो मैने उनकी चूची पे हाथ रखा और उसको ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा तो चाची बोली तुझे आज बड़ी मस्ती सूझ रही है तो मैने कहा कि अब जब आपके जैसा गर्म माल साथ हो तो मस्ती तो आएगी ही ना और कस्के उनकी चूची को दबा दिया मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउस के हुको को खोलने लगा और कुछ ही पलो मे उसको उतार दिया चाची ब्लू कलर की जालीदार ब्रा मे बहुत ही कामुक लग रही थी तो मैने अपना मुँह ब्रा के उपर से ही बोबो पर लगा दिया और उनको सुघने लगा बेहद ही जबरदस्त खुसभू मेरी नाक मे उतरती चली गयी फिर मैं अपना हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी ब्रा को भी उतार कर फेक दिया

और उनकी 36 इंची चूचियो को मसल्ने लगा चाची बोली आह थोड़ा आराम से करना ऐसे मत दबा पर मैने उनकी बात पे कोई ध्यान दिया ही नही और उनके बोबो को बारी बारी से चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ को उनकी साड़ी मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा चाची भी अपना हाथ मेरी पीठ पर फिराने लगी थोड़ी देर तक उनकी चूचियो को चूसने के बाद मैं हटा और उनकी साड़ी और पेटी कोट को हटा दिया वो बस अब ब्लू पेंटी मे ही बेड पर पड़ी थी तो मैने कहा आप ऐसे ही रहना मैं अभी आया और मैं भागते हुए नीचे गया और फ्रिज से वो रसगुल्ले वाला डब्बा उठा लाया चाची बोली ये किसलिए लाए हो तुमको रसगुल्ले खाने है क्या तो मैने कहा खाने तो है पर ऐसे नही तो वो बोली

फिर कैसे तो मैने कहा आप बस देखो और रसगुल्ले की चासनी उनके चेहरे पे निचोड़ने लगा उनके गालो होंठो पर हर जगह और फिर एक रसगुले को उनके मुँह मे दिया और उसको खाने लगा साथ ही साथ मैं उनके चासनी से सने हुए होंठो को भी चाटने लगा चाची तो एक दम मस्त हो गयी थी धीरे धीरे मैने उनके पूरे चेहरे की चासनी को सॉफ कर दिया फिर मैने उनकी कच्छि को उतारा और उनकी चूत के छेद को थोड़ा खोला और उसको भी चासनी से पूरा भर दिया जब तक मैं रस टपकाता रहा जब तक कि उनके छेद से रस खुद ब खुद बाहर ना रिसने लगा फिर मैने एक उगली चूत के अंदर घुसेड दी और थोड़ी देर तक घुमाने के बाद बाहर निकाली और चाची के मुँह मे डाल दी चाची उस उगली को बड़े ही प्यार से चूसने लगी

तो मैने कहा कि चाची आपकी चूत का टेस्ट कैसा लगा तो वो बोली चुप कर बदमाश तो मैने अपने मुँह मे उनकी छोटी सी प्यारी चूत को भर लिया और चाटने लगा मैं अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा तो चाची अब होने लगी मस्त वो बेड की चादर को अपने हाथो से उमेठने लगी तो मैने उनकी चूत को थोड़ा सा फैलाया और बड़े ही मज़े से वहाँ पर लगी हुई चासनी को चाट ने लगा चाची पूरी मस्ती से आहे भरने लगी थी मुझे उनकी आहे सुन कर बड़ा अच्छा लग रहा था बबिता चाची के होंठो से निकलती हर एक मादक सीत्कार मेरे जिस्म मे जैसे चिंगारी सी भरने लगी थी मैं जब तक उनकी चूत को चाट ता रहा जब तक कि पूरी चासनी ख़तम ना हो गयी चासनी मे चूत का रस मिक्स होने से उसका टेस्ट भी थोड़ा मीठा थोड़ा खारा सा हो गया था

तो मैने सोचा कि चाची कही ऐसे ही झाड़ ना जाए तो मैं खड़ा हुआ और चाची की आँखो मे देखने लगा मेरा लड तो पैंट मे क़ैद था तो मैने अपनी पॅंट को नीचे कर दिया और लड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से उसको सहलाने लगा तो बेड पर पड़ी चाची ने कहा कि इसको ऐसे ही हिलाएगा या कुछ आगे भी करेगा तो मैने कहा कि मैं तो जाने कब से तैयार हू चाची पर आप ही नही मानती तो वो बोली अभी तो मान गयी हू ना चल तू भी आज अपने मन की कसर पूरी कर ले जब मैने उनके ये शब्द सुने तो मुझे विश्वास ही नही हुआ तो मैने कहा क्या चाची तुम सच कह रही तो तो उन्होने कुछ नही कहा बल्कि मुझे अपनी ओर खिचा और मेरे लड के सुपाडे को अपनी चूत पर रगड़ने लगी उनकी चूत से उठती हुई भाप से जैसे मेरे सुपाडे की खाल झुलस सी गयी थी तो मैने भी बिना कोई देर करते हुए उनकी मोटी मोटी टाँगो को अपने मजबूत कंधो पर रखा और अपने लड को चूत पे टिका दिया

आज मैं अपने सपनो की रानी को चोदने से बस एक कदम ही दूर था तो मैने एक ज़ोर का झटका लगाया और आधे लड को चूत के अंदर डाल दिया तो चाची थोड़ी कराहते हुए बोली आहह
थोड़ा आराम से डाल ना फाड़ेगा क्या तो मैने कहा कि अब कंट्रोल नही होता चाची और एक धक्का और लगाते हुए अपनी गोलियो को उनके चुतडो से सटा दिया चाची बोली आराम से करना दर्द हो गया है तो मैने कहा अब कहाँ दर्द होगा तुमको चाची तुम भी ना कितना झूट बोलती हो तो वो बोली कमिने सच मे दर्द हो रहा है थोड़ा आराम से कर एक तो तेरा लड इतना मोटा है मेरी तो पूरी चूत ही खिच गयी है


तो मैं आराम आराम से अपने लड को अंदर बाहर करने लगा पर एक बार जब चुदाई शुरू हो जाए तो फिर स्पीड कहाँ काबू मे रहती है गुज़रते हुए लम्हो के साथ साथ उनकी सिसकारियो की आवाज़ और मेरे लड की स्पीड अपने आप बढ़ ती ही गयी कोई दस मिनट तक मैं उनको धीरे धीरे चोदता रहा फिर मैने उनकी टाँगो को अपने कंधो से उतारा और उनके उपर आते हुए उनकी चूत मे लड को डाल दिया और अपने होंठो को उनके शहद से भी मीठे होंठो पर रख दिया और लगा उनकी चुदाई करने उनके होंठ इतने क्रीमी थे कि लग रहा था कि जैसे मक्खन पिघल रहा हो हमारे होंठ एक दूसरे मे घुलने लगे थे लड किसी मशीन के पिस्टन की तरह बड़ी ही तेज़ी से चूत के अंदर बाहर हुए जा रहा था चाची के चूतड़ भी अब उपर उठने लगे थे

तो अब चाची ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस दिया और मेरी पीठ को सहलाती हुई मेरा जोश बढ़ाने लगी 20-25 मिनट से लगातार उनकी चुदाई चल रही थी पर चाची भी पूरे रंग मे थी और झड ही नही रही थी पर हर एक धक्के के साथ उनकी चूत मे कंपन बढ़ता ही जा रहा था खास बात ये थी कि हमारा किस नही टूट रहा था सांस तो जैसे जुड़ ही गयी थी मैं लगातार उनके होंठो का रस निचोड़े जा रहा था बहुत ही मज़ा दे रही थी चाची मुझे अब मेरा शरीर मुझे संकेत देने लगा था कि मैं अब जाने ही वाला हू तो मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी जैसे ही मेरे धक्को ने और रफ़्तार पकड़ी तो चाची मुझ से किसी बंदरिया की तरह चिपक गयी और अपने चुतड़ों को बिल्कुल टाइट कर लिया चाची की चूत से एक गरम धारा निकली और मेरे लड को नहलाने लगी मैने कुछ शॉट और मारे और फिर मैने भी अपना पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया और उनके उपर ही पसर गया .

कमरे मे कूलर चल रहा था फिर भी मेरा शरीर पसीने से पूरी तरह लड़ गया था मैने चाची को चूमा और कहा कि चाची थॅंक यू आपने मुझे आज जो दिया है उसका कोई मोल नही है आज आपने मेरी बरसो की मुराद पूरी करदी तो वो कहने लगी कि इसमे उनकी भी गरज है वो बस प्रेग्नेंट होना चाहती है इस लिए ही उन्होने मेरे साथ सेक्स किया है मैने कहा चाची आप भी ना अब मैं क्या कहता हर औरत की इच्छा तो होती ही है माँ बन ने की मैं मन ही मन सोच रहा था कि हे भगवान चाची को भी माँ बन ने का सुख प्रदान कर दो

थोड़ी देर बाद चाची खड़ी हुई और बोली देख तूने क्या किया है मेरा पूरी बॉडी चिपचिपी हो गयी है और बेड की चादर भी चासनी से खराब हो गयी है तो मैने कहा कि मेरे शरीर पर भी तो चासनी लगी है तो मैने चाची को अपनी बाहों मे उठाया और बाथरूम मे लेकर आ गया और शवर ऑन कर दिया उपर से गिरता पानी हमारे बदन को भिगोने लगा कुछ देर गीले होने के बाद मैने साबुन लिया और चाची की मुलायम चूचियो पर लगानी शुरू किया फिर उनके पेट जाँघो चूत और कुल्हो पर खूब साबुन लगाया मैं चाची के पीछे खड़ा हो कर उनके चिकने शरीर को दबा रहा था तो मेरा लड उनके कुल्हो का स्पर्श पाकर एक बार फिर खड़ा हो चुका था

तो मैने अपने लड पर भी साबुन लगाया और उसको झाग से ढक दिया मैने चाची को पंजो के बल झुकाया और उनके मोटे मोटे चुतडो को थोड़ा सा फैलाया और अपने लड को उनकी लंबी सुरंग के मुँह पर लगा दिया मेरे हाथ चाची की जाँघो पर थे तो चाची ने अपने चुतडो को पीछे करके मुझे सिग्नल दिया और मैने अपने लड को चूत मे क़ैद कर दिया और एक बार फिर हमारी चुदाई शुरू हो गयी थी चाची के सांसो का वजन बढ़ने लगा वो बोली तू तो बढ़िया काम करता है तो मैं बोला आपको मेरा काम पसंद आया तो वो बस मुस्कुरा दी

कुछ देर चोदने के बाद चाची ने मुझे हटने को कहा और अपनी चूत को पानी से धोने लगी तो मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली की साबुन की वजह से अंदर थोड़ी जलन सी हो रही थी चूत को पानी से धोने के बाद मैने भी लड को सॉफ किया और दुबारा से उनको चोदने लगा 10-15 मिनट तक चाची वैसे ही झूँकि रही फिर वो हटी और मुझे फर्श पर बैठने को कहा और खुद मेरी गोद मे आकर बैठ गयी और अपनी कमर को उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पर लगा दिए और उनके नरम माँस को दबाने लगा चाची की उछलती हुई चूचिया मुझे बड़ी ही प्यारी लग रही थी मैं उनकी ओर देखे ही जा रहा था तो चाची ने अपने हाथो से एक चूची को मेरे मुँह से लगा दिया जिसे मैने अपने मुँह मे भर लिया अब निप्पल्स औरत के सेन्सिटिव पार्ट्स होते है तो चाची और भी उत्तेजित हो गई और पूरी ताक़त से मेरे लड पर उछल कूद मचाने लगी मैं बारी बारी से दोनो चूचियो को पिए जा रहा था और वो मेरे लड पे अपनी गान्ड का ज़ोर दिखा रही थी मैं तो मस्ती के आलम मे डूब गया था जब मुझसे रहा नही गया

तो मैने उनको फर्श पर ही लिटा दिया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए चाची के अंदर समा गया उन्होने अपनी टाँगो को मेरी कमर के गिर्द लपेट दिया और नीचे से झटके मारने लगी चाची बोली आज तो वो मर ही जाएँगी चाची अपने दांतो से मेरे होंठो को काटने लगी उन्होने इतनी ज़ोर से काटा की मेरी चीख निकल गयी वो मेरे होंठो गालो और कान पे काटने लगी मैने कहा मेरी जंगली बिल्ली थोड़ा कंट्रोल रख खुद पर मेरा चेहरा बिगाड़ो गी क्या मेरा लड तो इसलिए पूरे जोश मे था कि वो चाची की चूत का साथी बना था आज खुशी से मेरा दिल गोते खा रहा था पर आज तो चाची ने सारे बंधन तोड़ने की कसम ही खा ली थी वैसे तो हम बाथरूम मे चुदाई कर रहे थे पानी की ठंडक थी फिर भी हमारी चुदाई से वहाँ पर भी गर्मी हो गयी थी तो मैने शवर को दुबारा से चला दिया और उसके नीचे फिर चुदाई करने लगे मैने कहा चाची बहुत ही मज़ा आ रहा है उनकी चूत बेहद ही टाइट थी तो लड पे एक कसाव था जो चुदाई के मज़े को बेहद बढ़ा रहा था

चाची नीचे से पूरा ज़ोर लगा रही थी इस बार हमे काफ़ी टाइम हो गया था मेरी पीठ दुखने लगी थी इतनी लंबी चुदाई आज से पहले मैने कभी नही की थी मेरे पूरे जिस्म का खून एक जगह इकट्ठा होने लगा मीरी पूरी ताक़त मेरी गोलियो मे समाने लगी मैं फारिग होने के बेहद करीब हो गया था और फिर मेरी टांगे कांप गयी और मेरा साथ छोड़ गयी मेरे लड का गाढ़ा सफेद पानी चाची की चूत को भिगोने लगा जैसे ही मेरा काम हुआ चाची का भी काम तमाम हो गया उनकी चूत ने वीर्य की एक एक बूँद को अपने अंदर समेट लिया

काफ़ी लंबी चली थी ये चुदाई मेरी तो हालत पस्त हो गयी थी कुछ ऐसा ही हाल
चाचिका था कई देर हम बाथरूम मे ही पड़े रहे फिर चाची ने कहा कि तुम नहा कर बाहर जाओ उन्हे थोड़ा टाइम लगेगा क्यों कि बेड की चादर भी धोनी है तो मैं नहा कर बाहर चला गया आधे घंटे बाद चाची भी तैयार होकर आ गयी तो मैने कहा कि मुझे बहुत तेज़ भूख लगी है कुछ बना दो तो वो बोली कि वो भी थक गयी है पूरा बदन टूट के जैसे बिखर रहा है वो अभी रसोई मे नही जा पाएँगी तो मैने कहा कोई बात नही आप आराम करो मैं बाहर से कुछ खाने का ले आता हू तो मैं गाँव के अड्डे से कुछ समोसे और कचोरिया ले आया फिर हम साथ साथ खाने लगे 4 बज गये थे तो मैं सो भी नही सकता था पर चाची को चोद कर दिल मे एक खुशी छा गयी थी

इधर मेरी छुट्टियो का अंत होने ही वाला था और मैं गीता से मिलने नही जा पाया था जब से बुआ की चूत मिली थी मैं गीता को जैसे भूल ही गया था फिर एक तो मम्मी घर नही थी और ताइजी की तबीयत ठीक ना होने के कारण मैं थोड़ा सा परेशान भी था शाम हो चूँकि थी गरम हवा अभी भी चल रही थी तो मैं पैदल ही मंदिर की तरफ चल पड़ा बस अब वो ही तो एक जगह थी जहा थोड़ा मान हल्का हो जाता था मैने अपने कपड़े उतार कर तलब किनारे की सीढ़ियो पर रखे और तालाब के शांत पानी मे उतर गया और तैरने लगा सारी थकान एक पल मे ही उतर गयी थी थोड़ी देर तक मैं पानी मे ही पड़ा रहा फिर मैं बाहर आया मोबाइल देखा तो उसमे रीना की मिस कॉल थी तो मैने उसको फोन किया तो उसने कहा की कल उसके घर मे एक छोटी सी पार्टी है

सभी बॅच मेट्स को बुलाया है तो मैं भी टाइम से पहुच जाउ मैने कहा ठीक है जब मैं वापिस घर आ रहा था तो रास्ते मे शीला भाभी मिल गयी वो अपनी दुकान से सब्ज़ी ले कर आ रही थी तो उसने कहा आज कल तो आप आते ही नही हो क्या बात है तो मैने कहा भाभी चारो तरफ काम बिखरा पड़ा है नाना जी की डेथ हो गयी और ताइजी भी हॉस्पिटल मे है तो एक पाँव इधर रहता है और एक पाँव उधर आप ही बताओ मैं क्या करू वो बोली की देख लेना अगर थोड़ी फ़ुर्सत हो तो आ जाना वैसे भी आप चले जाओगे तो बहुत याद आती है एक बार मिल लेते तो ठीक रहता मैने कहा भाभी मैं ज़रूर आउन्गा अब साली चूते तो इतनी थी चारो तरफ पर टाइम नही था घर पहुचा तो डिन्नर रेडी था तो सबने साथ साथ ही खाया फिर मैं उपर चला गया

चाचा चाची अपने कमरे मे घुसे पड़े थे मैं चौबारे की छत पे चटाई बिछाए पड़ा था और रेडियो पे गाने सुन रहा था कि बुआ ने आवाज़ लगाई मैं उतर के गया तो वो बोली आज कुछ नही करना है क्या तो मैने कहा बुआ जी आज थोड़ा मन नही लग रहा है तो मूड नही है उन्होने कहा कोई बात नही तो मैने कहा बुआ क्या मैं आपके पास सो जाउ वो बोली हाँ क्यो नही तो मैं उनकी गोद मे सर रख कर सो गया सुबह के कोई 3 बजे मैं एक सुंदर सपने मे खोया हुआ था मैं और निशा एक दूसरे के साथ मस्ती कर रहे थे बेहद अच्छा सपना था मैं उस से पूछ रहा था कि तुम्हारा पता क्या है वो मुझे बताने ही वाली थी कि तभी मेरी आँखे खुल गयी मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया मैने देखा तो याद आया कि मैं बुआ के पास ही सोया पड़ा था

बुआ साइड मे लेटी हुई गहरी नींद मे थी उनकी उपर नीचे होती छातियाँ बड़ी ही प्यारी लग रही थी दीन-दुनियाँ से बेख़बर वो अपने सपनो की दुनियाँ मे खोई पड़ी थी मैं उठा और बाहर आया पानी की बॉटल ली और थोड़ा पानी पिया फिर मैने बुआ को जगाया और कहा कि बुआ चलो कुछ करते है तो वो अलसाए अंदाज मे बोली कि अभी इसी टाइम तू दिन मे कर लेना अभी मुझे सोने दे तो मैने कहा नही बुआ बस एक बार करने दो ना फिर सो जाना तो उन्होने कहा ठीक है मैं अभी आती हू और बाहर चली गयी मैने अपने कपड़े उतार दिए और खाली अडरवेर मे ही लेट गया कोई दस मिनट बाद बुआ आ गयी और मेरे सीने पर चढ़ बैठी और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका कर चूसने लगी मैं उनकी पीठ को सहलाने लगा बुआ बड़ी ही बेसब्री से मुझे चूम रही थी

तो मैने अपने हाथो से उनकी मॅक्सी को कमर तक हटा दिया तो पता चला कि अंदर से वो नंगी थी मैने एक झटके मे ही मॅक्सी को उतार कर फेक दिया और उनके भरे हुए गौरे तन को देखने लगा उनकी चूचिया ऐसे चमक रही थी जैसे कि किसी कार की हेडलाइट्स तो बुआ ने मेरे कच्छे को उतार दिया और मेरे इठलाते हुए लड को अपने होंठो से लगा लिया तो मैने कहा मेरी जान एक मिनट रूको वो बोली क्या हुआ तो मैने उन्हे 69 मे आने को कहा बुआ हंसते हुए बोली बदमाश पूरा ठरकी है तू तो अगले ही पर बेड पे हम दोनो के सर एक दूसरे की टाँगो मे घुसे हुए पड़े थे मैने उनकी चूत की फांको को थोड़ा सा फैलाया और उसपर एक लंबी चम्मी ली तो बुआ ने अपने दाँत मेरे लड पर गढ़ा दिए मैं कसमसा कर रह गया बुआ जैसी गान्डस औरत की लेना हर बार नया सा ही लगता था


सबसे ज़्यादा खास बात तो उनकी चूत थी बेहद रस से भरी और कसी हुई थी वो हम दोनो एक दूसरे से होड़ करते हुए एक दूसरे के गुप्त अंगो को चाटे चूमे जा रहे थे मेरा पूरा लड उन्होने अपने गले मे अंदर तक उतार लिया था तो मैने भी अपनी पूरी जीभ उनकी नमकीन चूत मे घुसा दी थी मैं अपने हाथो से उनके मोटे मोटे कुल्हो को दबाते हुए उनकी रस से भरी चूत को चाटे जा रहा था बुआ हौले हौले मस्ती से भरी हुई आहे निकालते हुए अपनी चूत का रस मुझे पिलाए जा रही थी अब मेरी जीभ बहुत ही तेज़ी से चूत की दरार पे रगड़ खाने लगी थी दूसरी ओर वो भी मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाए जा रही थी 15-20 मिनट से हम दोनो एक दूसरे के अंगो का मज़ा लिए जा रहे थे तो एका एक मेरे लड से वीर्य की एक मोटी सी धार निकली और बुआ के गले से जा टकराई

मेरा लड उनके मुँह मे झटके खाने लगा और हर झटके के साथ मेरा पानी उनके मुँह मे गिरने लगा मैं पूरी तरह झाड़ चुका था पर फिर भी बुआ मेरे लड को चूसे ही जा रही थी इधर उनके मटकते चूतड़ बता रहे थे कि वो भी अब जाने ही वाली है तो मैं उनके दाने को और भी ज़ोर से चूसने लगा और दो चार मिनट बाद बुआ का चिप चिपा रस भी मेरे मुँह और थोड्डी पे बिखरा पड़ा था तो मैं उसे अलग हो गया बुआ ने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे मुँह पर लगे हुए अपनी चूत के रस को अपनी गरम जीभ से चाट ने लगी

फिर बुआ बोली तुझे मेरा पानी अच्छा लगता है तो मैने कहा कि हाँ मूज़े बड़ा ही मज़ा आता है आपकी प्यारी चूत चाटने मे बुआ शरमा गयी तो बुआ बोली की चल अभी थोड़ी देर मैं सो जाो फिर 6 बजे उठना भी है तो मैने कहा जैसे आपकी इच्छा मैं उनके कमरे से निकला और हॉल मे आ गया अभी सवेरा होने मे थोड़ा टाइम था तो मैने कूलर चलाया और सोफे पर सो गया कोई 9 बजे मेरी आँख खुली मैं उठा तो बुआ ने मुझे चाइ दी वो आज हॉस्पिटल नही गयी थी मैं चाइ पी ही रहा था कि तभी रीना का फोन आ गया उसने कहा कि दोपहर तक आ जाना याद से तो मैने चाची से कहा कि मुझे कही बाहर जाना है मेरा ब्लेज़र और जीन्स बाहर निकाल कर रख दो मैं नहाने जा रहा हू ठीक दस बजे मैं एक दम रेडी हो गया था मैने बाइक स्टार्ट की और शहर की तरफ चल पड़ा मुझे रीना के लिए गिफ्ट्स भी तो लेने थे शॉपिंग मे काफ़ी टाइम लग गया और मैं 11:30 पर उसके घर पहुचा उसने बड़ी ही गरम जोशी से मेरा स्वागत किया और अपने घरवालो से मिलवाया बड़ी खुशी हुई मुझे उसे मिलकर हमारा पूरा ग्रूप वहाँ पर था सभी काफ़ी दिनो बाद एक दूसरे से मिल रहे थे तो वातावरण मे एमोशन्स बह रहे थे

तो मैं मिता के पास गया आज तो मेरी परी बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी मैने उसको गले लगया तो लगा जैसे समय रुक सा गया हो हम सब अपने पुराने दिनो को याद करके उन पॅलो को दुबारा जीने की कोशिस कर रहे थे आज सब लोग अपनी अपनी फील्ड मे थे सब के कोर्सस बस कुछ ही दिनो मे पूरे होने वाले थे जब वो मज़े से अपने कॉलेजस के किस्से सुनाते तो मैं थोड़ा सा उदास हो गया अब अपनी ट्रेनिंग तो बस गान्ड घसाई थी और क्या था पर जब अपने दोस्त खुश तो अपन भी खुश और क्या चाहिए हम सब बाते कर ही रहे थे कि मिता ने एक अनाउसमेंट कर के सब को चौका दिया वो बोली कि उसका कोर्स पूरा होने के बाद वो आर्मी की मेडिकल कॉर्प मे जॉब के लिए अप्लाइ करेगी ये सुन कर सबसे ज़्यादा तो मैं हैरान हो गया रीना चुटकी लेते हुए बोली हाँ क्यो नही अब जहाँ भाई वहाँ पर भाभी तो रीना ने सभी दोस्तो को मेरे और मिथ्लेश के रीलेशन के बारे मे बता दिया सभी बेहद खुश हो गये सभी ने हमे मुबारकबाद दी पर मैने कहा कि मिता बस मज़ाक कर रही है वो आर्मी मे नही जॉब करेगी तो कुछ देर बाद मिता मुझे साइड मे ले गयी

और पूछा कि मैने ऐसा क्यो कहा तो मैने कहा कि यार तू सिविल मे ही जॉब करना ताकि तू घर भी संभाल पाए काफ़ी समझाया उसको फिर वो मानी फिर हम लंच करने लगे रीना ने बहुत ही अच्छा प्रोग्राम अरेंज किया था पूरा दिन हसी खुशी से बीत गया मैने कुछ तस्वीरे ले ली थी जो मेरे आगे के सफ़र मे मेरा सहारा बन ने वाली थी तभी अनिता भाभी का फोन आ गया कि मैं उन्हे हॉस्पिटल से पिक कर लू वो कल शाम से ही हॉस्पिटल मे थी तो मैने कहा कि ठीक है मैं आधे घंटे मे आता हू फिर मैने रीना से कहा कि अब मुझे जाना होगा पर वो बोली कि नही भाई डिन्नर कर के ही जाओगे तो मैने उसको सिचुयेशन बताई पर वो बोली की भाभी को इधर ही ले आओ हम भी साक्षी को देख लेंगे फिर घर निकल जाना मैं उसको मना नही कर पाया मैं हॉस्पिटल आया और भाभी को लिया और वापिस रीना के घर चल पड़ा भाभी ने पूछा कि हम कहाँ जा रहे है तो मैने कहा मेरे दोस्त के घर वो साक्षी और आपसे मिलना चाहते है फिर मैने उनको पूरी बात समझाई जब हम रीना के घर पहुचा तो बस कुछ लोग ही बचे थे मैने भाभी को रीना और मिता से मिलवाया ।
Like Reply
#32
मिता ने साक्षी को अपनी गोदी मे ले लिया और उसको खिलाने लगी मैने भाभी को बता दिया कि मिता उनकी होने वाली देवरानी है तो भाभी बेहद खुश हो गयी भाभी ने बहुत देर तक मिता से बात की डिन्नर कर ही रहे थे कि मिथ्लेश को लेने उसका भाई आ गया चूँकि मैं उसको जानता नही था और ना ही मिता ने उस से इंट्रोडक्षन करवाया रात को 8 बजे हम भी वापिस घर की ओर मूड गये आज का दिन एक याद गार दिन था रास्ते मे भाभी बोली तेरे फ्रेंड्स तो बहुत अच्छे है कभी तू भी इनको अपने घर बुला ले तो मैने कहा भाभी आप तो मम्मी को जानती ही हो ना कोई भकेड़ा खड़ा कर देंगी तो भाभी ने कहा तू घबरा मत मैं मॅनेज कर लुगी तू जब भी बुलाए तो बता देना मैं तेरे साथ हू फिर मैने पूछा भाभी मिता कैसी लगी आपको तो वो बोली ठीक है पर लव मॅरेज वो भी अपने घर मे बहुत बड़ी बात है मैने कहा भाभी दुल्हन तो वो ही बनेगी चाहे कुछ भी हो जाए ऐसे ही बाते करते हुए हम घर आ गये

अब भाभी के घर कोई नही था तो आज हमारे यहाँ ही सोने वाली थी अंदर गये तो पता चला कि बुआ चाचा के साथ हॉस्पिटल गयी हुई थी तो आज बुआ रुकने वाली थी रात को वहाँ पर इसका मतलब चाची के साथ चान्स बन सकता था चाची ने खाने के बारे मे पूछा तो मैने बता दिया कि हम खाकर आए है तो वो बोली कहाँ पर तो अनिता ने उनको सारी बात बता दी फिर कुछ देर हमने बाते की फिर भाभी बुआ वाले कमरे मे सोने चली गयी वो थोड़ी थकि हुई भी थी मैं और चाची उपर चले गये

तो मैने सीढ़ियो वाले गेट को बंद किया मुड़ा तो देखा कि चाची ने छत पर ही हमारा बिस्तर लगा दिया है मैं उनकी गान्ड को सहलाने लगा नाइटीमे उनका दिल्कश बदन और भी सुंदर लग रहा था मैने जल्दी से अपने पयज़ामे को नीचे सरका दिया और अपने लड को उनके चुतडो से सटा दिया चाची बोली आज बड़े उतावले लग रहे हो तो मैने कहा मैं तो हमेशा ही रेडी रहता हू जहाँचूत मिले वही मार लेता हू पर आज मैं आपकी गान्ड मरूगा तो वो बोली नही नही वहाँ पर तो बहुत दर्द होता है तो मैने कहा मुझे कुछ नही पता अब कह दिया तो कह दिया और उनके चूतड़ पर एक चपत लगा दी चाची बोली मानोगे नही

मैने कहा गान्ड लिए बिना तो बिल्कुल नही वो बोली चाहे मेरी जान ही क्यो ना निकल जाए तो मैने कहा चाची सेक्स से कोई कभी मरता है क्या क्या तुम भी नखरे दिखाती रहती हो और मैं रूठने का नाटक करने लगा तो वो मेरे पास आई और

बोली कि ठीक है ज़्यादा आक्टिंग ना करो चलो आज तुम्हे अपने पिछवाड़े का मज़ा

भी दे ही देती हू उन्होने मुझे कहा कि उनके कमरे मे ड्रेसिंग टेबल मे आयिल

बॉटल पड़ी है मैं ले आउ मैं तुरंत ही गया और तुरंत ही आया जब मैं आया तो

देखा कि चाची अपने चूतड़ उपर किए हुए उल्टी लेटी पड़ी थी उनके मोटे मोटे

चुतडो से मेरी निगाह हट ही नही रही थी तो मैं बड़े ही प्यार से उनके कुल्हो को

मसल्ने लगा चाची ने एक आह भारी मैने अपनी उगली उनकी गान्ड के छेद से लगा

दी और उसको कुरेदने लगा छेद काफ़ी टाइट लग रहा था मैने पूछा कि चाची

चाचा गान्ड मारते है क्या तो वो बोली की हाँ कभी कभी कर लेते है अब मैने

अपने लड पे तेल लगाना चालू किया और उसको उपर से लेकर नीचे तक पूरा तेल से

सान लिया और एक ढक्कन तेल उनकी गान्ड पर भी डाल दिया और अपनी चिकनी उगली
को गान्ड मे घुसा दिया जैसे ही चाची की गान्ड मे उगली गयी उन्होने अपने

चुतड़ों को टाइट कर लिया और दर्द भरी आवाज़ मे बोली

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह इसको बाहर

निका लो मुझे मिर्ची लग रही है तो मैने कहा कुछ नही होगा बस तुम अपना

शरीर ढीला छोड़ो और थोड़े नखरे कम करो फिर मैने अपने लड को गान्ड पर

लगा दिया और एक धक्का लगाते हुए थोड़ा सा उसको गान्ड मे डाल दिया चाची का

शरीर दर्द से दोहरा हो गया तो मैने अपनी पकड़ को उनको शरीर पर मजबूत कर

दिया और अगले धक्के के साथ मेरा लड उनकी गान्ड को और चौड़ा करते हुए आगे

की ओर सरक गया उनकी आँखो से आँसू छलक गये पर मैं कहाँ रुकने वाला था तो

मैने दो झटक और लगाए और अपने टट्टो को उनके चुतडो से सटा दिया चाची

कराहते हुए बोली कि प्लीज़ तुम जल्दी से अपना काम कर लो मुझे बहुत तेज दर्द हो

रहा है मैं हौले से अपनी कमर को आगे पीछे कर ने लगा थोड़ी देर बाद उनको

थोड़ा सा सुंकून मिला तो मैने भी अपना गियर चेंज किया और थोड़ी सी स्पीड को

बढ़ा दिया मैं अपने हाथ नीचे की ओर ले गया और उनके बोबो को पकड़ लिया और

उनपर दबाव डालते हुए उनकी गान्ड मारने लगा उनकी गान्ड इतनी टाइट थी कि मुझे

बहुत ज़ोर लगाना पड़ रहा था लड उनकी गान्ड की गर्मी को बर्दास्त नही कर पा

रहा था जब जब लड आगे पीछे होता ऐसा लगता कि गान्ड का छेद लड से चिपक

गया है मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था उनके चूतड़ बड़े ही लाजवाब थे

मैने लड को बाहर निकाला थोड़ा सा तेल उस पर और लगाया और फिर से गान्ड मे

धकेल दिया

मैं उनके गालो को चूमने लगा वो बार बार कह रही थी जल्दी करो

जल्दी करो मैने कहा कर तो रहा हू और कितनी जल्दी करू इधर गान्ड का दबाव

भी लड पर बढ़ता ही जा रहा था जैसे ही मेरे धक्के तेज हुए उनका दर्द भी

बढ़ता गया अब वो थोड़ी तेज आवाज़ मे कराहने लगी थी उनके कुल्हो का कंपन एक

मधुर आवाज़ उत्पन्न कर रहा था उत्तेजना से मेरे कान लाल हो गये थे मैने

उनको कस के पकड़ लिया और बेहद द्रुत्त गति से लड को अंदर बाहर करने लगा

और कोई 15-17 मिनट तक उनके चुतड़ों को बुरी तरह से हिलाता रहा तभी चाची

बोली कि वीर्य तो मेरी चूत मे ही गिराना भूल मत जाना मैने कहा ठीक है

कुछ मिनट बाद मुझे लगने लगा कि अब पानी बस छूटने ही वाला है तो मैने

उनको सीधा लिटाया और लड को योनि मे सरका दिया और बीस पच्चीस तेज तेज धक्के

लगाते हुए अंदर ही डिसचार्ज हो गया उनकी चूत मे मेरे पानी की छोटी से छोटी

बूँद भी समा गयी मैं उनके उपर पड़े पड़े ही उनको चूमता रहा वो भी

मेरा सहयोग करती रही फिर मैं साइड मे हो गया वो उठी और हाथ लगा कर अपनी

गान्ड को देखने लगी और मुझसे कहने लगी कि लगता है फट गयी है फिर वो

बड़बड़ाती रही और मेरी बनियान से अपनी गान्ड को सॉफ करने लगी और बोली कि कभी

कोई तेरी गान्ड मारे तो तुझे पता चले कि कितना दर्द होता है और मुंडेर पर

बैठ कर पेशाब करने लगी मैने पयज़ामा पहना और नीचे चला गया फ्रिड्ज से

पानी की बॉटल निकाली और वापिस आ गया मैने उनको भी पानी पिलाया फिर हम दुबारा
बिस्तर पर लेट गये

चाची मेरे सीने पर हाथ फिराते हुए बोली तुम्हारी छाती पर बाल नही है

मैने जवाब देते हुए कहा कि मैं ट्रिम्मर से सॉफ करता रहता हू ना इसलिए नही

है चाची मेरी छाती पर किस करने लगी वो मेरी छाती पे अपनी जीभ फेरने लगी

मुझे एक अलग सा एहसास होने लगा था अब वो मेरे निप्पल्स को चूसने लगी थी

मेरे बदन मे उत्तेजना का संचार होने लगा मैं तो उनकी हरकत का दीवाना ही हो

गया था जैसे जैसे हमारा सेक्स बढ़ता जा रहा था मुझे उनकी नयी नयी अदाए

देखने को मिल रही थी वो मेरी छाती पर चढ़ि हुई थी और ना जाने कब मेरी

उग्लिया उनकी चूत के अंदर पहुच चूँकि थी मैं अपनी दो उग्लियो को अंदर डाल

कर अंदर बाहर करने लगा वो अपनी जाँघो को बार बार भीचने लगी वासना की आग से

उनका शरीर तापने लगा था तो मैने उनको बिस्तर पर बिठा दिया और उनकी जाँघो को

फैलाते हुए उनकी टाँगो के बीच मे घुस गया और चूत को चाट ने लगा जैसे


ही मैने उनकी चूत के दाने को मुँह मे लिया मस्ती से उनकी आँखे बंद हो गयी

और वो गहरी गहरी साँसे लेने लगी तो मैने अपने दाँत वहाँ पर गढ़ा दिए चाची की

मस्ती बढ़ती ही जा रही थी उनकी योनि बहुत ही गीली हो गयी थी मैने कुछ देर ही

चाटा था तो उन्होने मुझे हटा दिया और बोली कि चलो अब जल्दी सी काम पर लग जाओ

मैं बहुत ही गरम हो गयी हू अगर जल्दी ही ठंडी ना हुई तो इस गर्मी को झेल

नही पाउन्गी और मेरे लड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी और आहे भरने लगी तो

मैने अपनी कमर को थोड़ा सा उचकाया और सुपाडा उनकी फांको को अलग करता

हुआ अंदर धस्ता चला गया उन्होने मुझे पूरी तरह से अपनी ओर खीच लिया

और मेरे कान मे फुसफुसाते हुए बोली कि मुझे बेदर्दी से चोदो तुम मैने

कहा चोद तो रहा हू और अपने लड को किनारे तक बाहर निकाला और पूरी ताक़त

लगाते हुए वापिस अंदर डाल दिया मैने उनके उपर वाले होंठ को अपने मुँह मे

दबा लिया और मज़े से उसको चूसने लगा चाची तो पहले ही वासना की आग मे जल

रही थी उनकी गर्मी को मेरा लड महसूस कर रहा था तो मैने अब अपना काम

शुरू कर दिया चाची भी मेरा पूरा सहयोग कर रही थी मेरे लड की गति और उनके

चुतडो की थप थप एक लयबद्ध धुन की रचना करे जा रही थी . से भी ज़्यादा


चिकनी चूत मे मैं अपना घोड़ा दौड़ाए जा रहा था उनकी हर एक सांस अब मेरे

मुँह मे ही क़ैद होती जा रही थी हर गुज़रते हुए पल के साथ मेरा जोश और भी

ज़्यादा होता जा रहा था चाची और मैं एक दूसरे से चिपक गये थे मेरा खून

हिलोरे मारने लगा था और फिर कोई आधे घंटे तक मैं उनको जबरदस्त तरीके

चोदा और फिर डिसचार्ज हो गया


अगले दिन मैने उठते ही मिथ्लेश को एसएमएस किया और पूछा कि क्या हम मिल सकते है तो उसने कहा कि मैं उसको पब्लिक लाइब्ररी के बाहर मिलू मुझे थोड़ा बॅंक का काम भी था तो मैने वो निपटाया फिर मिता को पिक कर लिया
आज तो वो बहुत ही प्यारी लग रही थी उसने पूछा हम कहाँ जा रहे है तो मैने कहा बस ऐसे ही घूमने के लिए और अपनी बाइक को नहर पे बने डॅम की ओर मोड़ दिया थोड़ी देर मे हम वहाँ पहुच गये एक अजीब सा सन्नाटा सा फैला हुआ था वहाँ पर अब गर्मी मे कौन आता वहाँ पर मैं और निशा तो अक्सर ही घूमते रहते थे वहाँ पर पर मिता के साथ आज पहली बार आया था पास ही एक बेरो का बगीचा था तो मिता बोली चलो बेर खाते है तो हम उस ओर चले गये वहाँ पर बस एक अम्मा ही थी तो उसे कुछ बेर लिए और इजाज़त ली कि क्या हम थोड़ी देर बाग मे घूम ले तो उन्होने हाँ कर दी



वहाँ के माहौल मे थोड़ी ठंडक सी थी तो गरम लू भी अच्छी लग रही थी मिता बोली एक बात मान नी पड़ेगी तुम्हारी चाय्स बहुत ही अलग है तुम साधारण चीज़ो को भी अलग बना देते हो तुम्हारी इसी बात पर तो मैं मर मिटी हू मैने मिता के हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया हम एक पेड़ के नीचे बैठ गये उसने पूछा कब जाना है तो मैने कहा एक हफ्ते बाद वो बोली मत जाओ ना मैं क्या कहता बस इतना ही कह पाया कि जाना पड़ेगा अब एक फ़ौजी का नसीब यही तो होता है गिनती के ही दिन मिलते है अब उसमे क्या क्या कर ले मिता ने अपना सर मेरे कंधे पर टिका दिया और कहने लगी कितनी जल्दी ख़तम हो गये तुम्हारे हॉलिडे तो मैने कहा यार तेरे प्यार के लिए ही तो नौकरी की है अब बस तू जल्दी से मेरी ज़िंदगी मे आ जा वो भावुक होते हुए बोली कि मैं तो आज आ जाउ पर घरवालो से बात कैसे करू कुछ समझ नही आता है

रोज सोचती हू कि मम्मी से बात करू बट हिम्मत नही पड़ती है

मेरा गला भी भर आया मैं बस इतना ही कह पाया मिथ्लेश नही जी पाउन्गा तेरे बिन जितनी भी साँसे है बस तेरे लिए ही है पहली और आख़िरी पसंद बस तू ही है कुछ भी कर पर बस तुम मेरी ही दुल्हन बन ना मैं बोला अगली छुट्टी आते ही चाहे कुछ भी हो मैं तेरे घर आउन्गा तेरा हाथ माँगने के लिए

मितलेश कहने लगी की तब तक उसका कोर्स भी ख़तम हो जाएगा और वो भी जॉब करने लग जाएगी कोई डेढ़ दो घंटे तक हम लोग वही रहे फिर मैने कहा यार भूख लग आई है चल चलते है और हम वापिस शहर की तरफ आ गये मैं उसको एक नये खुले रेस्टोरेंट मे ले गया और साथ ही हमने लंच किया मैं आज का पूरा दिन बस मिता के साथ ही बिताना चाहता था

जब वो साथ होती थी तो टाइम भी बहुत तेज़ी से दौड़ लगाने लगता था मैने बाइक को पार्किंग मे लगाया और पैदल ही बाजार की तरफ निकल गये मैने कहा कुछ लेना है वो मना करने लगी पर मैने उसके लिए कुछ ड्रेस खरीद ही ली फिर मैने उसके लिए एक घड़ी खरीदी तभी वो बोली कि मुझे गोलगप्पे खाने है तो मैं उसको लेकर खोम्चे पे गया लड़किया भी ना गोल्गप्पो के लिए बड़ी ही क्रेज़ी होती है वो बड़े चाव से खाती रही और मैं बस उसको देख कर खुश होता रहा


अब ज़िंदगी मे ये कुछ लम्हे ही तो थे जिनके सहारे मैं वहाँ आर्मी मे जीता था ये यादे ही तो मुझे हौसला देती थी मिता भी मेरी मनोस्थिति को समझ रही थी पर वो बेचारी भी क्या कर सकती थी वो बस मुझे खुश करने की कोशिश ही कर रही थी तभी मुझे एक स्टेशनरी की शॉप इखी तो मैने कुछ नये पैंट और ब्रश खरीद लिए

मिथ्लेश बोली अब भी पैंटिंग करते हो तो मैने कहा की हा जब भी तुम्हारी याद आती है कर लेता हू वो हँस पड़ी उसको खिल खिलाते हुए देख कर मेरा दिल भी झूम उठा जब जब वो मेरे पास होती थी मेरे दिल की धड़कन ऑटोमॅटिकली बढ़ जाती थी


हम दोनो एक शॉप की सीढ़ियो पर बैठे हुए थे वो पॉपकॉर्न खा रही थी मैं पेप्सी पी रहा था मैने कहा यार देख टाइम कितना चेंज हो गया है ना कभी हम एक समोसा खा कर ही खुश हो जाते थे और आज इतने रुपये खर्च करने के बाद भी मज़ा नही आता है तो वो बोली तुमने अच्छा याद दिलाया एक काम करो चलो आज फिर से अपनी पुरानी लाइफ को याद करते है आओ चले मैं उसके पीछे पीछे चल दिया हम वापिस उसी गली मे पहुच गये थे जहा अक्सर हम जलेबिया और समोसे खाया करते थे वो दुकान आज भी वैसे ही थी मैने कुछ जलेबिया ली आज भी वो दोनो मे ही देता था

गर्म गरम जलेबियो के साथ काजू-बादाम वाला दूध का कुल्हड़ पीकर मज़ा ही आ गया मैने दुकानदार को बताया कि कैसे हम 10+2 मे यहाँ आते थे हर तीसरे चौथे दिन वो भी थोड़ा खुश हो गया बिल पे करने के बाद मैने मिता को थॅंक्स कहा ऐसे ही शाम तक हम पैदल पैदल घूमते रहे तफ़री मारती रहे फिर हम पार्किंग आए बाइक ली अब बस घर ही जाना था
तो मैने मिता से पूछा कि वो कब तक रुकेगी तो वो बोली कि वो तो दो महीने रुकेगी क्योंकि कॉलेज की टर्म ऑफ हो गयी थी मैने कहा कि मैं उस से मिलने शिमला आउन्गा उसने कहा कि वो पैदल ही टेंपो स्टॅंड तक जाएगी मैने सर हिलाया और उसको जाते हुए देखता रहा मेरा थोड़ा दिमाग़ उलझ सा गया था तो मैने एक ठंडी बियर खरीदी और गटकाने लगा

ये सुनहरी रेत जो बार बार मेरे हाथो से फिसल जाती है अपने आप मे ना जाने कितनी ही कहानियाँ समेटे बैठी है कुछ हम जानते है और कुछ इस रेत मे ही दफ़न हो गयी तपती दुपहरी मे जब ये हवा से से चलती है तो मैं अक्सर अपनी इस पोस्ट से थोड़ा बाहर आकर खड़ा हो जाता हू ये गरम लू मेरे शरीर को जैसे छलनी कर डालती है पर ये गरम हवा भी जैसे मुझसे नाराज़ है मानो मुझसे कह रही हो कि वो भी मेरी तरह जुदाई का गम लिए बह रही है जब रात होती है तो ये रेत मुझ अपने आगोश मे ले लेती है बिल्कुल किसी माँ के आँचल की तरह एक सुकून सा मिलता है कल की बात है

अचानक से बारिश आ गयी ठंडी बूंदे मेरे तन को भिगो गयी लगा जैसे वो बरसात मेरी प्रेयसी का संदेशा लेकर आई थी जब मेरे चेहरे पर बारिश की फुहार पड़ी तो लगा कि जैसे मेरी प्रियतमा का चुंबन हो कभी कभी मैं अपने जज्बातो को काबू कर नही पता हू आख़िर मैं भी तो एक इंसान ही तो हू कभी कभी कोफ़्त होती है इस खाना बदोश ज़िंदगी से मुझे सबकुछ होकर भी कुछ नही है मेरे पास मैं यहा टुकड़ो मे जी रहा हू वो कही इसी हाल मे जी रही है मैं उसको भी क्या दोष दूँ बहुत मना किया था उस दीवानी लड़की को कि मैं तो एक झोंका हू कभी इस पल कभी उस पल पर वो भी मर्जानी मानी ही नही पर खुशी भी है कि वो दूर होकर भी हर पल पास ही है मेरी रूह से इस कदर जुड़ चुकी है वो कि शब्दो मे बया ही नही कर सकता दिल की बाते दिल मे ही कहीं रह जाती है कोशिश तो करता हू पर होंठो पे आ ही नही पाती है पर मैं करू भी तो क्या आज यहा कल वहाँ अब तो पूरी डुंजया ही मेरा घर हो गयी है जहा जगह मिली वही चद्दर तान कर सो गये सवेरा हुआ तो चल दिए ना किसी से कोई शिकवा है ना कोई गिला है आख़िर इस ज़िंदगी को मैने ही तो चुना था अपने लिए शिकायत नही कर रहा हू बस कभी कभी थोड़ा सा तल्ख़ हो उठता हू

जब कभी लगता है कि टूट के बस बिखर ही जाउन्गा तो अपनी इस पोस्ट के बाहर आकर खड़ा हो जाता हू बस थोड़ी ही दूरी पर एक बंकर और दिखता है जहा मेरे जैसा ही कोई और दिखता है बोली भाषा भी मेरे जैसी ही पर बीच मे एक तारो की दीवार है जिसे हम सरहद कहते है ना इस पर कुछ फरक है ना उस पार कुछ फरक है बस ये बाद हमे जुदा कर देती है अक्सर पेट्रॉल्लिंग टाइम पे उसे भी गुफ़्तुगू होती ही रहती है कभी ज़ुबान बात करती है कभी बंदूक कभी छुपकर जश्न भी साथ होता है तो कभी आँसू भी भा लेते है मैं कभी भी समझ नही पाता हू इंसानी भावनाओ को कभी तो अपनो को भी जुदा कर देती है और कभी दुश्मनो के लिए भी रुला देती है

पर मैं करू भी तो क्या मेरी तो फ़ितरत ही है ऐसी और फिर कातीलो का कहाँ कोई ईमान होता है बहुत ही घुटन महसूस करता हू आज़ाद परिंदे की तरह उड़ना चाहता हू पर क़ैद हू पिंजरे मे ये मेरी अधूरी हसरते मुझे हर रोज रूलाती है पर मैं कुछ ज़्यादा तो नही माँगता हू ना फिर सब कुछ तो ज़िंदगी ने पहले ही छीन लिया है बस ये साँसे ही चल रही है ऐसी राह चुन ली चलने को कि सबका साथ छूट गया बस पता नही वो पगली क्यो रह गई मेरे इंतज़ार मे उसका बहुत शुक्रगुज़ार हू मैं हर वो ज़िम्मेदारी निभाती है जो मैं पूरी ना कर पाया दिल मे आती है उसकी याद बात करने को जी चाहता है पर फोन मे उसका नंबर डाइयल करने की हिम्मत नही हो पाती है हम उसके ईमेल रो ज ही आ जाते है पर कभी शिकायत नही करती है साथ रहना ही तो प्यार नही होता है दूर रहकर पास होना ही प्यार है अबकी बार सोचा है कि दीवाली पे घर ज़रूर जाउन्गा

घर , पर मेरा घर है कहाँ उस गाँव को तो मैं बहुत पहले ही छोड़ आया था कितना ख़ुदग़र्ज़ हो गया था मैं अब किस मुँह से जाउ मैं वापिस हिम्मत ही नही होती है कई बार कोशिश भी की पर नही जा पाया आख़िर वो बुरी यादे मेरा रास्ता रोक लेती है बाप की बूढ़ी आँखे आज भी मेरी राह तकती होंगी माँ का क्या हाल होगा पता नही परिवार ने मेरे लिए बहुत कुछ किया पर मैं अपनी ईगो और जिद्द के कारण सब तबाह कर आया मानता हू टाइम बदल गया है पर आज भी वो घर मुझे ही पुकारता है बहुत याद आता है मुझे अपना गाँव घर रोज घुट घुट के जी रहा हू अब छुट्टिया प्रेयसी के फ्लॅट पे ही काट लेता हू पर याद आती है माँ के हाथ की बाजरे की रोटिया पैसा तो बहुत कमाता हू पर रोटियो मे वो मिठास नही मिलती जो अपने घर के खाने मे आती थी जब कभी शीशे मे खुद को देखता हू तो नज़रे नही मिला पाता हू हँसता भी हू जीता भी हू पर अंदर अंदर कुछ जैसे छूट रहा है करू भी तो क्या करू अब मैं ख़ुदग़र्ज़ जो ठहरा

ये मेरा अधूरा पन जो कभी पूरा नही हो पाएगा बस अब तो देखना है कि कितनी सांस बाकी है

अक्सर मिता से मिलने के बाद मैं उदास हो जाया करता था मैं उसकी जुदाई बर्दस्त

कर ही नही पाता था पर मेरे पाँवो मे मजबूरियो की बेड़िया पड़ी थी पर इन चार

सालो मे इतना तो सीख ही गया था कि अपने गम को कैसे छुपाया जाए घर आया


तो पता चला कि ताइजी की हॉस्पिटल से छुट्टी हो गयी थी तो उनसे मिलने चला गया

थोड़ी बात चीत की रवि बोला भाई आज का खाना तू इधर ही खाएगा तो मैने कहा ठीक है मैं ज़रा नहा धो लू फिर आता हू वापिस आकर मैं बाथरूम मे घुस गया आज पानी की ठंडी बूंदे भी मेरे मन की आग को ठंडा नही कर सकती थी

नहा कर थोड़ा अच्छा लगा चाची बोली क्या बात है आज बड़ा उदास लग रहा है क्या बात है तो मैने कहा छुट्टिया ख्तम होने वाली है वो बोली वो तो है पर कर भी तो क्या सकते है फिर मैने कहा कि मैं आज खाना रवि के यहाँ खाउन्गा तो
आप मत बना ना और घर से बाहर निकल पड़ा


भाभी ने सब कुछ मेरी पसंद का ही बनाया था बेहद ही लज़ीज़ भोजन था अपनी

लाइफ इन छोटे छोटे लम्हो पर ही तो टिकी हुई थी खाने के बाद मैं आँगन मे डाली

चारपाई पर लेट गया और लेटे लेटे हुए बाते करने लगा परिवार जो इंसान का सबसे

बड़ा सहारा होता है फिर भाभी खीर ले आई पेट तो पहले ही ठूंस ठूंस कर

भरा हुआ था अनिता भाभी बर्तन धोने रसोई मे चली गयी तो मैं भी वही

चला गया और उससे बाते करने लगा मैने कहा भाभी खाना तो बड़ा ही

बढ़िया था पर मेरा मन अभी नही भरा तो वो कहने लगी कि तो ऑर ख़ालो किसने

रोका है मैने कहा कि भाभी मुझे तो अभी बस आपको ही खाना है तो वो बोली

जल्दी ही मोका निकालूंगी तुम्हारे लिए और वो भी मेरे साथ मस्ती करने लगी काफ़ी

देर हो गयी थी वहाँ पर तो बुआ ने नज़र बचा कर मुझे इशारा किया तो मैं और

बुआ अपने घर आ गये तो बुआ कहने लगी कि मेरी झान्टे सुलग रही है और तू

वहाँ टाइमपास कर रहा था तो मैने कहा बुआ चाची भी इधर ही है उनको सो

जाने दो फिर मैं आपके कमरे मे आ जाउन्गा तो वो बोली ठीक है अब उपर चाची

नीचे बुआ जब मैं उपर गया तो चाची ने पकड़ लिया और किस करने लगी तो मैने

कहा चाची आज मैं थोड़ा सा थक गया हू आज नही करूगा तो वो हताश हो गयी

और बोली एक बार तो करले पर मैने सॉफ सॉफ मना कर दिया पर चाची कहाँ

मान ने वाली थी वो मुझे खीचते हुए अपने कमरे मे ले गयी और कुण्डी बंद

कर ली और मुझसे चिपकते हुए बोली कि मेरी चूत तो मारनी ही पड़ेगी चाहे राज़ी या

बेराजी तो मैने कहा कि चाची क्या मेरा रेप करोगी तो वो हँसने लगी और बोली रे

चाकू चाहे खरबूजे पर गिरे या खरबूजा चाकू पर कट ता तो खरबूजा ही है

और हँसने लगी और अपने घाघरे के नाडे को खोल दिया घाघरा उनके पैरो मे जा

गिरा अंदर कच्छि नही पहनी थी उन्होने तो नीचे से पूरा शरीर किसी ट्यूबलाइट की

तरह चमकने लगा एक पल मे ही मेरे लड ने सिटी मार दी चाची ने अपनी चोली

भी खोल दी और नंगी होकर बेड पर चढ़ गयी और मेरी पॅंट को खोलने लगी बड़ी ही

नज़ाकत से उन्होने मेरी पॅंट को नीचे किया और थोड़ा सा झुकते हुए मेरे लड

को अपने मुँह मे क़ैद कर लिया लड जो पहले ही करेंट मे आ चुका था और भी ज़ोर

से फुफ्करने लगा चाची अपने दाँतों से मेरे लड की खाल को काटने लगी मैने कहा

क्या करती हो मुझे तकलीफ़ हो रही है तो उन्होने और भी ज़ोर से अपने दाँत वापिस से

गढ़ा दिए मेरा पूरा लड उनके मुँह मे था कुछ देर तक वो पूरी तल्लिनता से उसको

चूस्ति रही फिर मैने उनके मुँह से उसको बाहर निकाला और चाची को बेड पर

खीच लिया उनको मैने टेडी लिटाया और उनकी पीठ के नीचे से हाथ ले जाते हुए

उनके एक बोबे को अपने हाथ से कस कर पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उनकी टाँग को

थोड़ा सा उपर उठा दिया मैने अपने शरीर को और भी उससे सटा दिया अब मेरा

लड चूत से कुछ ही इंच की दूरी पर था तो मैने अपने सुपाडे को गरमा

गरम चूत के मुख पर लगा दिया और एक कस कर धक्का लगा दिया चाची की एक

आ निकली और मेरा लड उनकी चूत मे समाता चला गया अब मैने अपने दोनो

हाथो मे उनके खरबूज़ो से उन्नत उभारो को थाम लिया और कस कस के धक्के

लगाने लगा चाची मीठी मीठी आहे भरने लगी चाची ने अपने चुतड़ों को

थोड़ा सा पीछे की ओर कर लिया ताकि मैं और भी अच्छे ढंग से उनकी चुदाई कर

सकूँ तो अब शुरू हो चुका था हमारा हवस का खेल

चाची जैसी मस्त माल को

चोदने का एक अलग ही मज़ा था दूसरी ओर मैं ये भी सोच रहा था कि बुआ मेरा

इंतज़ार कर रही होंगी पर इधर भी चोदना ज़रूरी ही था तो मैं लगा हुआ था

कुछ देर बाद मैं पूरी तरह से चाची के उपर आ गया था तो उन्होने अपनी टाँगो

को मेरी कमर के चारो तरफ लपेट लिया था और बेहद ही मस्ती से अपनी रस से

भरी हुई चूत मुझे दे रही थी मैं उनके गुलाबी होंठो को अब चूसने लगा था

चाची बोली तुम थोड़ा आराम से किस करा करो मेरे होंठ सूजा कर ही दम लोगे क्या

मैं बोला चाची अब आप बीच मे मज़ा किरकिरा मत करो और खुद भी मज़े लो और

मुझे भी मज़ा लेने दो तो वो मेरे माथे पर किस करती हुई बोली हाँ मेरे बेटे

चल अब बाते बहुत हो गयी थोड़ी स्पीड बढ़ा और जल्दी से मुझे मंज़िल पे

पहुचा दे तो मैं अब तूफ़ानी गति से चाची की चूत से मक्खन निकालने की

कोशिश कर रहा था चाची की चूत की पटरी पर मेरे लड की रेल सरपट सरपट

दौड़ती हुई स्टेशन की ओर बढ़ रही थी हम दोनो के बदन अब टूटने लगे थे और

फिर चाची का बदन धनुष की तरह तन गया और उनकी चूत से रस की नदी बह

चली मैने उनको मेरी बाहों मे कस लिया और तेज तेज धक्के लगाते हुए अपनी

मलाई से चूत को भर दिया चाची ने एक करारी किस दी और फिर साइड मे लेट गयी

और अपनी उफनती हुई सांसो को नियंत्रित करने लगी
Like Reply
#33
चाची मेरे सीने पे हाथ फिराते हुए बोली

आज मैं इधर ही तेरे पास सो जाती हू तो मैने झूट बोलते हुए कहा कि चाची घर पे कोई नही है तो मैं नीचे ही सोउँगा तो उन्होने बुरा सा मुँह बनाया और कुछ बड़बड़ाते हुए अपने कमरे मे चली गयी तो मैं कुछ देर रुका फिर मैने कच्छा

और बनियान पहनी और वैसे ही नीचे चला गया बुआ जाग ही रही थी मैने एक
नज़र उनपे डाली और रसोई मे चला गया फ्रिज खोला और थोड़ा सा पानी पिया बुआ
भी रसोई मे आ गयी और बोली कि इतनी देर लगा दी क्या कर रहा था तो मैने कहा
बुआ थोड़ा सा काम था तो बस वो ही निपटा रहा था बुआ थोड़ा सा और मेरे पास
आई और मेरे कच्छे के उपर से लंड को सहलाते हुए बोली कि तूने मुझे क्या
बना दिया है पहले मैं बस तेरे फूफा के साथ ही सेक्स करती थी और अब देख किसी

रंडी की तरह तुझ से चुदने को मरी जा रही हू पता नही वापिस अपने घर

जाके मेरा कैसे गुज़ारा होगा तो मैने उनकी चूचियो पर हाथ फिराते हुए कहा

कि बुआ फूफा से जाकर दबा के चुदना तो वो हँसने लगी और मेरे कच्छे को नीचे

सरका दिया और लंड को हिलाने लगी कुछ देर वो उसको हिलाती रही फिर वही रसोई के

फरश पर घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड को अपने गालो पे रगड़ने लगी

फिर वो लंड को अपने मुँह मे लेने ही वाली थी कि अचानक से वो मेरे लंड के

सुपाडे को सूंघने लगी और बोली कि इसमे से ये कैसी स्मेल आ रही है तो मैने कहा पेशाब की आ रही होगी तो उन्होने मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और
तुरंत ही वापिस निकाल दिया और उठ कर रसोई की लाइट जला दी और मेरी ओर थोड़ा गुस्से

से देखते हुए बोली कि कामीने इस पर तो चूत का पानी लगा है बता किसको चोदा
है तूने .

मैं कुछ बोल पाता उस से पहले ही वो बोली कि अच्छा अच्छा तभी मैं कहूँ

कि उपर तुझे इतना टाइम क्यो लग गया तो तूने बबिता भाभी को भी नही बख्शा तो

मैने उनको पूरी बात डीटेल मे बता दी तो वो बोली चल ठीक ही है मैं उसकी इच्छा

समझती हू सबको ही होता है कि वो भी माँ बने अब क्या पता तेरी कोशिश से ही

उसकी गोद भर जाए और आँगन मे एक नये मेहमान की किल्कारिया गूँजे बुआ ने

लाइट बंद की और बोली अब आजा कमरे मे चलते है तो मैने कहा कि बुआ यही पे

करे क्या तो वो बोली नही कमरे मे ही आओ फिर खुल कर एंजाय करेंगे तो मैं उनके

पीछे पीछे कमरे मे आ गया बुआ अपने कपड़ो को उतार रही थी मैं उनके पीछे जा

कर खड़ा हो गया और अपने लंड को उनके चुतड़ों से सटा दिया बुआ के शरीर की

गर्मी बढ़ गयी मैने उनकी ब्रा को खोला और पीठ पर किस करने लगा इतने मे

बुआ ने सलवार और पैंटी को एक साथ ही उतार दिया हम दोनो अब नंगे हो चुके

थे बस एक तूफान और आने का इंतजार था लंड को बुआ ने अपनी मोटी मोटी जाँघो

मे दबा लिया था तो मैने उनकी चूचियो को अपने दोनो हाथो मे भर लिया और

उनको दबाने लगा बुआ की चूचियो की घुन्डियो से जब मैने छेड़ खानी करनी

शुरू की तो कुछ ही देर मे उनका साइज़ एक एक इंच से भी थोड़ा उपर हो गया बुआ

अपनी मदमस्त गान्ड को हिलाते हुए बोली कि आहह थोड़ा आराम से दबा बेटा

थोड़ा प्यार से दबा इनको मैं बुआ की गर्दन पे किस करता हुआ बोला बुआ आज की

रात को मेरे लिए याद गार बना दो तो बुआ बोली मैं तो तेरी ही हू जो चाहे कर ले

तो मैने बुआ को बेड पर घोड़ी बना दिया और उनके पीछे आते हुए उनकी बिना

बालों की जुवैसी चूत पे अपने होंठ लगा दिए

बुआ के चुतड एक दम से काँप उठे

मैंन उंगली की सहायता से उनकी योनि की दरार को थोड़ा सा फैलाया और अपनी लंबी

जीभ को चूत मे घुसा दिया और उसके गीलेपन को चाटने लगा बुआ ने बेड की

चादर को अपनी मुट्ठी मे कस लिया और अपने मोटे मोटे सुडोल चुतड़ों को और भी

ज़्यादा उपर की ओर कर लिया ताकि मैं अच्छे से अपनी जीभ फेर सकूँ तो अब मैं बुआ की

चूत और गान्ड दोनो को बारी बारी से चाट रहा था बुआ तो बहुत ही ज़्यादा मस्त हो

गयी थी और अपनी गान्ड को उछाल उछाल कर अपनी चूत से बहते हुए उस रस के प्याले

को मुझे पिला रही थी 8-10 मिनट की चूत चुसाई के बाद बुआ मुझसे अलग हो

गयी और बोली कि बस अब नही रह पाउन्गि अब मुझे ये चाहिए और लंड की ओर इशारा

किया और बेड के किनारे पर ही अपनी टाँगो को चोडा करके बैठ गयी तो मैने अपने

लंड को चूत पर सेट किया और एक ही धक्के मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया

बुआ कराहती हुए बोली

आआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररराआआअम्म्म्मममम
म्म्म्मरममममममममममम सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईई




मैने सॉरी कहा और अब दनादन शॉट लगाना चालू किया बुआ हर एक धक्के के

साथ मस्त और मस्त होती चली गयी बुआ की चूत इतनी चिकनी थी कि क्या बताऊ बड़े

से बड़ा लूब्रिकॅंट भी फैल था उस चिकनाई के आयेज और फिर वो तो मेरी पसंदीदा

चूत थी और उनकी चूत का छल्ला बेहद कसा हुआ था कुछ देर ऐसे ही रगड़ने

के बाद मैने उनको लिटा दिया और उनके उपर आकर उनको चोदने लगा बुआ ने

मेरी जीभ को अपने मुँह मे भर लिया और उसको चूस्ते हुए अपनी चूत मरवाने

लगी बुआ आज कुछ ज़्यादा ही चुदासी हो रही थी और नीचे से अपनी गान्ड को उचका

उचका कर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी मैं पूरी रफ़्तार पकड़ चुका था और

दना दन चूत पे धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और फिर वो लम्हा भी आया

जब बुआ मुझसे बुरी तरह लिपट गयी उन्होने अपने लंबे लंबे नाख़ून मेरी

पीठ में धंसा दिए और अपनी चूत से काम रस की बरसात करने लगी तो मैने

अपना और ज़ोर लगाते हुए और तेज़ी से उनको चोदने लगा बुआ इन धक्को को सहन

नही कर पा रही थी तो चूत और ज़ोर से बहने लगी उनकी सांस बुरी तरह से फूल गयी

थी तो वो हान्फते हुए बोली कि मैं चूत से लंड को निकाल लू पर मेरा तो लंड अभी

मैदान मे डटा ही था तो मैने कहा कि बुआ थोड़ी देर बस मैं भी फारिग हो जाता

हू तो वो बोली कि तू पीछे डाल ले मैं अभी चूत मे नही ले पाउन्गि मुझे जलन हो

रही है तो मैने उनको उल्टा किया और उनके चुतड़ों के छेद पे थूक लगाया और

अपने लंड को गान्ड मे डालने लगा उनकी गान्ड का छल्ला सुपाडे के दबाव से फैलने

लगा और धीरे धीरे करके मैने अपने पूरे लंड को गान्ड के अंदर पहुचा ही

दिया बुआ को थोड़ा दर्द हो रहा था पर वो गान्ड मरवाने को बिल्कुल तैयार थी

इनफॅक्ट लंड को उनकी गान्ड मे ही घुसा हुआ था मैंन उनके कंधो को पकड़ा और

गान्ड पे धक्के लगाने लगा बुआ की टाइट गान्ड का दबाव लंड पर पड़ने लगा था जब

जब मैं लंड को पीछे खीचता लगा की गान्ड का छेद साथ ही आएगा ऐसे ही मैं

उनकी गान्ड मारता रहा और कोई दस मिनट के बाद मैने अपना लावा गान्ड मे ही

गिरा दिया


कुछ देर बाद मैने लंड को बाहर निकाला बेचारा मुरझा कर सिकुड चुका था

दो दो गरमा गरम हुस्न की मल्लिकाओ को चोदने के बाद मैं भी थोड़ी थकान महसूस करने लगा था बुआ भी बहाल बेड पर पड़ी थी मैने दरवाजा खोला और बाथरूम मे चला गया बुआ भी थोड़ी देर बाद आ गयी और मेरे सामने ही मूतने लगी वो नज़ारा बहुत ही उत्तेजक था पर अब मेरा मूड नही था बुआ पेशाब करने के बाद चली गयी मेरे शरीर मे पसीने की चिप चिप हो रही थी तो मैं नहा ने लगा नहाने के बाद मैं वापिस आया तो सोचने लगा कि उपर जाके सोऊ या नीचे ही सो जाउ फिर मैं सोफे पे ही लेट गाया मैने मोबाइल निकाला और मिथ्लेश को एसएमएस कर दिया कि कल मिलना है ज़रूर


दरअसल मैं चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा टाइम मैं उसके साथ बैठू तो फिर मैं सोफे पर ही सो गया अगले दिन मैं दस बजे उठा मोबाइल देखा तो पता चला कि मिता की कई मिस कॉल थी तो उसको फोन लगाया वो थोड़ा सा नाराज़ होने लगी तो मैने कहा कि यार मैं तो सो रहा था जस्ट अभी उठा ही हू तो उसने कहा कि वो मुझे वही पर मिलेगी जहाँ कल मिली थी मैं उसको पिक कर लू तो मैने कहा कि आधे घंटे मे आ जाउन्गा और जल्दी से नहाया-धोया और बाइक उठा कर चल पड़ा अपनी सपनो की रानी से मिलने उसको पिक किया पर शहर मे ऐसी कोई जगह नही थी जहाँ हम टाइम बिता सके तो मैने कहा डार्लिंग मेरे घर चलेगी क्या तो वो बोली कि ऐसे कैसे चल सकती हू पर मैने कहा मान भी जा यार होने वाली पत्नी के नाते ना सही तो एक दोस्त के नाते तो चल मैने कहा कि तू अपने दुपट्टे को मुँह पर लपेट ले ताकि कोई पहचाने ना और फिर मैं उसको अपने घर ले ही आया .


आज मेरी होने वाली दुल्हन मेरे घर आई थी बुआ और चाची को तो समझ ही नही आया कुछ पर मिता को देखकर वो खुश हो गयी अनिता भाभी तो बेहद ही खुश हो गयी थी मिता साक्षी को खिलाने लगी तो मैने कहा भाभी कुछ नाश्ते पानी का इंतज़ाम तो करो तो भाभी बोली हाँ अभी लाई और रसोई मे चली गयी बुआ और चाची मिता से बाते करने लगी कुछ ही देर मे मिता के व्यवहार ने उनका दिल जीत लिया फिर नाश्ते के बाद मैने कहा मिता आओ तुम्हे कुछ दिखाता हू और उसको अपने कमरे मे लाया अब साला यही पे थोड़ी सी प्राब्लम हो गयी मेरे कमरे की एक दीवार पर मिथ्लेश की तस्वीर बनी थी और एक दीवार पर निशा की मिता बोली कि ये किस की तस्वीर है तो मैने कहा कि ये मेरी दोस्त थी जो अब ना जाने कहाँ है तो मिता मेरे पास आई और बोली कि बस दोस्त ही है या कुछ ऑर तो मैने कहा तुम्हे क्या लगता है तो वो बोली अब तुम्हारे मन की मैं क्या जानू पर मुझे लगा कि वो कुछ सोच रही है तो मैने कहा यार मेरी पहली और आखरी ख्वाहिश तो बस तुम ही हो


तो वो बोली अरे रिलॅक्स हो जाओ मैं तो मज़ाक कर रही हू अब ये तुम्हारी दोस्त है तो मेरी भी दोस्त हुई ना मैं आल्बम ले आया जिसमे हमारी तस्वीरे थी कॉलेज टाइम की मिता थोड़ी सेनटी हो गयी तो मैने उसको कहा कि यार एमोशनल क्यो हो हम साथ ही तो है मिता बोली क्या हमारी शादी हो पाएगी तो मैने कहा कि हो पाएगी नही हो गी ही फिर कुछ देर बाद हम नीचे आ गये मिता सबको ही बहुत पसंद आई थी कुछ तो बात थी ही मेरी पसंद मे अनिता भाभी तो उसे एक मिनट के लिए छोड़ ही नही रही थी कुल मिला कर माहौल बड़ा ही अच्छा बना हुआ था मैं तो आज बहुत ही खुश हो रहा था

आख़िर खुशी की ही तो बात थी मेरी प्रियतमा जो मेरे घर आई हुवी थी आज टाइम भी कुछ ज़्यादा ही जल्दी गुजर रहा था मिता ने पूछा कब जा रहे हो मैने कहा अगले सोमवार को वो थोड़ा सा और मेरे पास खिसक आई और बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जैसे ही छुट्टी मिलेगी सबसे पहले मैं शिमला आउन्गा तुम्हारे पास मैने उसको प्रॉमिस किया तब जाके उसको थोड़ा सा चैन मिला अब ये ही तो थी जिंदगी जब दूर थे तो दूर थे अब दिल ही नही कर रहा था उस से दूर होने को पर क्या करे जाना तो था ही मिथ्लेश बोली कि अब मैं जितना हो सके उतना टाइम तुम्हारे साथ ही स्पेंड करूँगी ना जाने फिर ये टाइम मिले ना मिले तो मैने कहा पगली ऐसा क्यो सोचती हो मैं वापिस भी तो आउन्गा तुम ऐसे ना बोलो हम बाते कर ही रहे थे क़ी चाची ने नीचे से आवाज़ लगाई चाइ पीने के लिए टाइम भी 4 हो रहा था तो हम ने चाइ पी फिर मैं मिथ्लेश को ड्रॉप करने चला गया
आज मैं बहुत ही अलग सा महसूस कर रहा था मिता जितना भी टाइम रुकी थी रोनक सी

आ गयी थी मेरे घर मे मैं सोच रहा था कि जब वो दुल्हन बनकर मेरे घर

आएगी तो ये घर तो खुशियो से झूम ही उठेगा वापिस घर आते आते 5 बज गये

थे तो बुआ बोली कि जा दुकान से कुछ सब्ज़िया ले आ और कुछ छोटा मोटा सामान

है ये भी लेता आईओ तो मैने झोला उठाया और दुकान की तरफ चल पड़ा दिल मे एक

अलग सी ही उमंग छाई हुई थी जब मैं दुकान पर पहुचा तो काफ़ी भीड़ थी तो

मैं साइड मे खड़ा हो गया और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा अब मैं आपको एक

बात बता ता हूँ कि दुकान दो भागो मे बटी हुई है एक साइड मे तो जनरल स्टोर

है और सब्ज़ी वग़ैरा बेचते है और दूसरी ओर आटा चक्की बनाई हुवी है तो मैं

अपनी बारी का इंतज़ार कर ही रहा था कि मोहल्ले की एक भाभी जिनका नाम सोनू है

उन्होने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि मैं आटे का बोरा उनके सर पर रखवा

दूं तो मैं उनकी ओर गया जब मैं उनको बोरा उठवा रहा था तो मेरी नज़र उनकी

चूचियो पर पड़ी . बेहद ही बड़ी बड़ी ठोस चूचियाँ ब्लाउस मे तो समा ही नही

पा रही थी और लग भग आधी चूचिया ब्लाउस से बाहर ही निकली पड़ी थी




भाभी भी ये भाँप गयी थी तो उन्होने चुटकी लेते हुए पूछा कि आटा उठवाओ ये

तो बाद मे देख लेना तो मैं थोड़ा सा झेंप गया और उनको बोरा उठवा दिया वो

अपने घर की ओर चल पड़ी और मैं उनके 61-62 करते हुए चुतड़ों को ताड़ने लगा

मैने सोचा अरे ये कैसे नज़र मे नही आई मेरा लंड अब पेंट मे परेशान

होने लगा था पर किसी तरह से कंट्रोल कर ही लिया अब सामान लेने का होश नही रहा

था बल्कि दिमाग़ मे प्लॅनिंग चल रही थी सोनू भाभी को चोदने की पर ये आसान
तो होना नही था पर इस को आसान बना ना ही था अगर ऐसी पटाका औरत को नही

चोदा तो क्या चोदा

सोनू का घर हमारे घर से थोड़ी सी दूरी पर नीचे की तरफ को था सोनू कोई 26-

27 साल की उमर की थी उसके दो बच्चे थे कोई साढ़े 4 फुट की लंबाई वाली सोनू

बेहद गोरी थी और फिगर तो बहुत ही अच्छा था बेहद ही तराशि गयी मूरत की

तरह चूचिया 34 डी के साइज़ की होंगी और चुतड तो बुआ से भी मोटे मोटे थे

उसके मैने पक्का सोच लिया कि कुछ भी करके सोनू भाभी की चूत तो मारनी ही है




मैं घर आया और चाची को समान पकड़ाया और छत पर चला गया बुआ छत

पर ही बैठी थी आज थोड़ी ठंडी हवा चल रही थी तो वातावरण भी अच्छा ही था मैं

भी बुआ के पास जाकर बैठ गया और उनसे बाते करने लगा नीचे चाची तो रसोई

मे बिज़ी थी और मेरा लॉडा पेंट मे उछल कूद मचा रहा था तो मैं उठा और

सीढ़ियो वाले गेट की कुण्डी लगाई और बुआ को बोला बुआ आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा

ही मचल रहा है इसको ज़रा शांत करो ना तो वो बोली ये कोई टाइम है क्या तो मैने

कहा बुआ मैं देर नही लगाउन्गा बस 5 मिनट मे ही कर लूँगा तो बुआ बोली ठीक

है आजा तेरी प्यास तो बुझाउन्गि ही पर तू देर ना लगाना कही बबिता शक ना कर ले

तो मैने कहा बुआ अब आओ तो सही कुछ ही देर मे हम कमरे मे आ गये मैने

अपनी ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की सलवार और कच्ची को उनके

घुटनो तक सरका दिया और उनकी एक टाँग को जंगले मे रखा और अपने लंड पर

थोड़ा थूक लगा कर उसको एक दम से चिकना कर लिया और बुआ की चूत से सटा दिया

बुआ ने मस्ती से अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने उनकी कमर मे अपना हाथ

डाला और लंड को आगे करते हुए धक्का लगाया लंड उनकी चूत की पंखुड़ियो को

अलग अलग करता हुआ चूत मे समाता चला गया बुआ के मुँह से आह निकली बुआ

बोली फटा फट काम सॅल्टा दो और उन्होने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा मेरी ओर कर दिया

तो मैं अब उनको चोदने लगा बुआ भी अपनी गान्ड को हिलाते हुए मेरे लंड का मज़ा

लेने लगी बुआ आहा आहह आ करते हुए चूत मरवाने लगी थी मेरा लंड

पूरी ताक़त से उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए पूरे मज़े से बुआ की चूत मार

रहा था मैने अपने हाथ उनके सूट मे घुसाए और ब्रा के उपर से ही उनके कोमल

उभारों को दबाने लगा बुआ और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी आख़िर क्यो ना हो जब

चूत मे गर्म लंड पड़ा हो तो कोई भी औरत मज़ा तो पूरा लेगी ही ना दना दन

चूत पर धक्को की बोछार हो रही थी कुछ देर बाद बुआ ने अपने पैर जंगले से

हटाया और वही खड़े खड़े ही दोनो पैरो पर झुक गयी तो मैने फिर से लंड को

अंदर सरका दिया और बुआ की चूत का भोग लगा ने लगा बुआ बार बार बोल रही थी कि

जल्दी कर जल्दी कर पर अब चुदाई मे टाइम तो लगता ही है हालाँकि मैं अपनी तरफ से

पूरी कोशिश कर रहा था कि जल्दी से झाड़ जाउ मैं उनको चोद ही रहा था कि उनके

बदन मे एक झूर झूरी आई और बुआ पस्त हो गयी तो मैने भी अपनी कोशिश और

तेज कर दी और 3-4 मिनट बाद एक ज़ोर का झटका लगाया और अपने वीर्य से उनकी

चूत को धोने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा बुआ ने मुझे अलग हटाया और

अपनी सलवार को उपर चढ़ाते हुए नाडा बाँधने लगी मैने भी फिर पेंट को

चेंज किया और बाहर पड़ी चारपाई पर आकर लेट गया


कुछ देर बाद बुआ भी अपने हुलिए को ठीक कर के आ गयी और मेरे पास ही आके

बैठ गयी मैने कहा मैं अभी आया मैने सीढ़ियो के गेट को खोला और रसोई

मे चला गया

चाची जान खाना बनाने मे ही लगी थी मैने फ्रिज खोला और पानी को बॉटल ली

और वापिस छत पर आ गया बुआ बोली कि तू भाभी को फोन करके पूछ ले कि वो

कब आएँगी मुझे यहाँ आए कई दिन हो गये है फिर मुझे भी तो अपने घर जाना

है तो मैने नाना के घर फोन मिलाया तो मम्मी ने कहा कि वो 3-4 दिन बाद
आएँगी
तो मैने सारी बात बुआ को बता दी तो वो बोली चल कोई नही थोड़े दिन और तेरे

साथ सो लूँगी तो मैने उनकी चूची को मसल दिया वो थोड़ा सा दर्द से बोली अरे

ऐसा मत कर तू फिर हम नीचे आए बुआ थोड़ी देर अनिता भाभी के घर चली गयी

चाची आटा गूँथ रही थी



तो मैं उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनकी साड़ी को पीछे से उठाते हुए

उनकी गान्ड को दबाने लगा तो चाची बोली कि अभी मस्ती मत कर मुझे बहुत काम

है तो पहले काम करने दे फिर आराम से देउँगी तुझे तो मैंने कहा कि चाची मैं

थोड़ा घूम कर आता हू और घर से बाहर निकला और मंदिर की तरफ चला गया तालाब के किनारे बैठ ना

मुझे बहुत ही अच्छा लगता था पानी मे खिले हुए कमल के फूल बहुत ही

सुंदर लग रह थे कुछ छोटे बच्चे तालाब मे डुबकिया लगा लगा के नहा रहे थे

मैं बहुत देर तक उनको देखता ही रहा अच्छा लग रहा था फिर मैं वापिस घर चल

पड़ा



जब मैं घर के करीब पहुचा तो मैने रास्ता बदला और सोनू भाभी की गली की

तरफ मूड गया पर उसका दीदार ना हुआ तो मैं चूतिए की तरह अपने घर आ

गया थोड़ी थकान भी हो रही थी तो मैने सोचा कि नहा ही लूँ नहा कर मैं ताइजी

के घर चला गया थोड़ी देर बात चीत की साक्षी को देखते ही मेरा मन बहुत ही

खुश हो जाया करता था तो मैं उसको खिलाने लगा भाभी बोली रोटी बना ली है प्लेट

लगा दूं क्या तो मैने कहा नही चाची बना रही है तो उधर ही खाउन्गा रात तो

हो ही चुकी थी बुआ छत पर टहल रही थी तो मैं उधर ही चला गया मैने बुआ

को कहा कि बुआ आज मैं थोड़ा सा थक गया हू मेरे सर मे थोड़ी मालिश करदो तो

वो बोली कि हाँ अभी आयिल लाती हू तू इधर बैठ जा बुआ मालिश करने लगी मुझे

बहुत अच्छा महसूस हो रहा था तो मैने कहा कि दो दो रांडो को चोद कर मैं

थक गया हू आज रात ना तुम्हे चोदुन्गा ना चाची को तो बुआ बोली अरे ऐसा मत

कह तेरे बिना तो मुझे नींद आएगी ही नही तो मैं बोला एक काम करो तुम दोनो

रांड़ एक साथ ही बेड पर आ जाओ तो मैं तुम दोनो को एक साथ ही चोद लूँगा तो

बुआ बोली नही ऐसा नही हो सकता मेरे और बबिता के रिश्ते मे शरम रहने दे

पर मैने कहा कि बुआ मुझे कुछ नही पता चोदुन्गा तो मैं तुम दोनो को साथ

ही चोदुन्गा वरना मैं ऐसे ही सो जाउन्गा .



तो बुआ बोली बेटा फालतू की ज़िद ना किया कर और वैसे भी चल एक मिनट के लिए मैं

मान भी लू तो बबिता मानेगी क्या तो मैने कहा बुआ अब ननद भाभी मे वैसे

भी खुला पन तो चलता ही है और रही बात चाची की तो मैं उनको मना लूँगा

चाहे कुछ भी हो जाए पर आप मेरा साथ देना तो बुआ ने एक गहरी सांस ली और

बोली ठीक है तेरे आगे नंगी हो गयी हू अब बबिता के आगे भी हो जाउन्गि पर ये

सब मैं तेरे लिए कर रही हू मैने उनके होटो पर किस किया और उनको थॅंक्स कहा

और नीचे आ गया अब बारी थी चाची को तैयार करने की तो मैं उनके पास गया वो

बोली कि खाना ख़ालो तुम जल्दी से तो मैं भी फ्री हू तो मैने कहा कि चाची आपसे

एक बात करनी थी तो वो बोली हाँ बता क्या कहना चाहता है तू तो मैने कहा कि बुआ

को पता चल गया है कि आप और मैं सेक्स करते है ये सुनते ही चाची के चेहरे

का सारा नूर गायब हो गया और माथे से पसीना छलक उठा वो बोली हाई राम

अब बस यही बाकी रह गया था मेरी तो लुटिया डूब गयी मैं अब क्या करू कहाँ जाउ

तो मैने कहा ओवेरक्टिंग मत करो चाची और पूरी बात तो सुनलो पहले तो वो बोली

बक जल्दी से तो मैने कहा कि बुआ चाहती है कि मैं उनके साथ भी सेक्स करू




तो चाची ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और बोली हाई राम दीदी तुझसे कैसे

चुद सकती है तो मैने कहा कि जैसे आप चुद्ते हो तो चाची बोली पर तो मैने

कहा पर वर कुछ नही अब मैं उनको चोदुन्गा तो क्यो ना आप भी साथ आजा ओ सार्रे

खुल के ही मज़े लेते है तो चाची बोली ना बाबा ना मैं ऐसा काम नही करूँगी तो

मैने कहा जब बुआ को कोई प्राब्लम नही है तो आप को क्या दिक्कत है चाची बोली

मुझे कुछ समझ नही आ रहा है तो मैने कहा कि डार्लिंग आप दिमाग़ मे

ज़्यादा ज़ोर मत डालो और बस मज़े लेना और फिर एक बार कपड़े उतारने के बाद

शरम तो अपने आप ही गायब हो जाती है चाची बोली मुझे थोड़ा टाइम दे मैं

कुछ सोचती हू

मैने घड़ी मे टाइम देखा तो साढ़े आठ हो रहे थे मैने कहा चाची आप

खाना लगाओ मैं थोड़ी देर मे आता हू और बाइक ली और ठेके की तरफ दौड़ा दी


मैने एक वाइन की बॉटल ली और आते आते एक बॉटल थम्सअप और कुछ पेस्ट्रीस भी

ले ली वापिस आते ही मैने कोल्ड ड्रिंक और पेस्ट्रीस को फ्रिज मे रखा और दारू की

बॉटल को उपर छुपा दिया अब बस दोनो हुस्न की मल्लिकाओ को एक बेड पर लाना था

मैने बुआ को बता दिया था कि चाची लगभग मान ही गयी है तो बुआ बोली आज तो घर को रंडी खाना
बना के ही छोड़ेगा तू फिर हम सबने मिलकर जल्दी से डिन्नर ख़तम किया और हम तीनो छत पर आ
गये मैने कहा आज हम साथ ही सोएंगे मैने एक बात पे गोर की कि दोनो औरते थोड़ी टेन्षन मे
लग रही थी वैसे तो मैं पहले भी थ्रीसम कर चुका था प्रीतम और ज्योति के साथ पर आज बात
थोड़ी अलग थी मैं थम्सअप को गिलास मे भरा और उसमे वाइन भी मिला दी ताकि दोनो थोड़े नशे मे
आ जाए तो उनकी शरम जल्दी उतर जाए और गिलास लेके उपर आ गया मैने उनके गिलास उनको पकड़ा
दिए चाची बोली आज पेप्सी कुछ कड़वी कड़वी लग रही है तो मैने कहा चाची ये थम्सअप है इसका
टेस्ट थोड़ा स्ट्रॉंग ही होता है कुछ ही देर मे हम तीनो ने दो दो गिलास टिका लिए अब टाइम था कुछ
करने का तो मैने चाची को अपनी गोद मे बिठा लिया और किस करने लगा चाची बुआ की मोजूदगी से थोड़ी
सी खुल नही पा रही थी तो बुआ बोली भाभी मुझे सब कुछ पता चल चुका है और आपको भी मेरे
बारे मे पता चल ही गया है तो आप रिलॅक्स हो जाओ चाची मेरी गोदी मे बैठी थी तो मैं उनकी मॅक्सी के
उपर से ही उनकी चूचियो को बुरी तरह से मसल्ने लगा चाची हल्की हल्की चीख मारने लगी बुआ अभी
तक अपनी जगह पर ही बैठी थी मैने कुछ ही देर मे चाची की मॅक्सी को उनके बदन की गिरफ़्त से आज़ाद
कर दिया था और ब्रा के हुको को खोलते हुए उनके उनके मम्मो को भीचने लगा चाची धीमी धीमी
आवाज़ मे मत कर मत कहने लगी थी .

मुझे तो इंतज़ार था कि कब नशा उनपर थोड़ा सा हावी हो और इस
खेल का रोमांच और भी बढ़ जाए अब मैं एक हाथ से उनकी चूची भीच रहा था और दूसरे हाथ से
उनकी चूत को रगड़ने लगा था पैंटी तो उनकी गीली हो ही गयी थी बुआ बस हमे देखे जा रही थी इधर
मेरा लंड भी कच्छे मे तन चुका था और चाची के मुलायम मुलायम चुतड़ों की दरार मे फसा
पड़ा था उत्तेजना से मेरे कान लाल हो चुके थे तो अब मैने चाची को अपनी ओर घुमाया और उनके
गुलाबी रस से भरे हुए होंठो पर अपने होंठो चिपका दिए चाची ने अपने हाथ मेरी पीठ पर चिपका
दिए और वो भी बड़े जोश के साथ मेरे होटो को किस करने लगी मैने कनखियो से देखा कि बुआ अपने
उरोजो को हल्के हल्के दबा रही है तो मैने चाची को छोड़ा और बुआ के पास पहुच गया और उनको
किस करते हुए उनके बूब्स को मसल्ने लगा मैने बुआ के सूट को निकाल दिया अंदर ब्रा तो थी नही तो
उपर से वो भी नंगी हो चुकी थी मैने उनकी एक चूची को मुँह मे ले लिया और उसको पीने लगा मैं
चूची पीते पीते बोला कि चाची आ जाओ मैने चाची को इशारा किया कि आप भी बुआ की एक चूची पर
क़ब्ज़ा जमा लो तो चाची ने कुछ सोचा और फिर उन्होने भी दूसरी चूची को अपने मुँह मे भर लिया
हम दोनो बुआ की चूची पीने लगे थे बुआ के बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी एक तो नशे की
हालत और उपर से चुदाई का सुरूर तो माहौल गरम होना ही था कुछ ही देर मे बुआ की सिसकारिया फुट
चली उन्होने अपनी सलवार का नाडा खोला और उसको नीचे सरका दिया और फिर कच्छि को भी उतार दिया और


नंगी हो गयी बुआ ने चाची की पैंटी को भी खीच कर घुटनो के बल कर दिया और अपना हाथ उनकी
जाँघो के जोड़ मे घुसेड दिया इधर हम दोनो बुआ के बूब्स पर लगे हुए थे बुआ एक हाथ से चाची
की चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी कुछ ही मिनट बाद हम ने
बुआ की चूचियो को एक दम लाल लाल कर दिया था बुआ की आँखो मे वासना के डोरे सॉफ सॉफ दिखाई दे
रहे थे कुछ ऐसा ही हाल चाची का भी था तभी मुझे कुछ याद आया तो मैं भाग के रसोई मे गया
और वो पेस्ट्रीस का बॉक्स ले आया और दो पॅस्टी को बुआ के मुँह बोबो और चूत पर मसल कर लगा दिया
और सेम चाची के साथ भी किया अब मेरी दोनो रांड़ बिस्तर पर लेटी हुवी थी मैं बारी बारी दोनो के
शरीर पर लगी हुवी क्रीम को चाटने लगा दोनो रांडो को अब पूरी तरह नशा चढ़ चुका था कभी एक
जनि मुझे अपनी ओर खीचती कभी दूसरी वाली मुझे खीचती तो मैं बुआ के बूब्स को अच्छी तरह से
चाटने के बाद उनकी टाँगो के बीच मे घुस गया और उनकी कुछ मीठी कुछ खारी चूत पर अपने होंठो
लगा दिए और उनकी चूत को किस करने लगा .

इधर चाची भी उत्तेजना से पागल हो रही थी तो मैने कहा
कि चाची मैं बुआ की चूत को चाटूँगा तुम अपनी चूत बुआ के मुँह से लगा दो तो चाची बुआ के मुँह के
उपर बैठ गयी और बुआ उनकी पेस्ट्री से लिस्डी हुवी चूत को अपनी ज़ुबान से खाने लगी नीचे मैं बुआ की
चूत को खा रहा था बड़ा ही मजेदार सीन चल रहा था हम तीनो पूरी तरह से मस्ती मे डूब
चुके थे मैने अपनी पूरी जीभ बुआ की चूत मे डाल रखी थी बुआ की गान्ड बार बार उपर नीचे हो रही थी


बुआ मेरे सर को पूरी ताक़त से अपनी चूत पर दबा रही थी और उपर चाची कातिल बनी हुवी थी मैं
ज़ोर ज़ोर से बुआ की चूत को चाटे जा रहा था चूत से रिस्ते हुए पानी की मात्रा बढ़ती ही जा रही थी और
फिर वो लम्हा आ ही गया बुआजी ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया और एक झटके से गाढ़े चिपचिपे पानी की
नदी चूत से बह निकली मैने जल्दी जल्दी उस सारे पानी को सॉफ किया और बुआ के उपर से खड़ा होते हुए
जल्दी से चाची जान की टाँगो को फैलाया और अब उसका नंबर लगा दिया चाची भी झड़ने के कगार पर आ
ही चुकी थी बस कुछ ही देर की बात थी और 5 ,मिनट बाद उन्होने भी अपना पानी मेरे मुँह मे उडेल
दिया आज दो दो हॉट औरतो का पानी पीकर मैं निहाल हो गया

चाची और बुआ तो अपनी मंज़िल पा चुकी थी पर मेरा लंड तो खड़ा ही था तो मैने उसको चाची के
मुँह मे डाल दिया चाची उसको चूमने लगी बुआ अभी साइड मे पड़ी पड़ी हमे देख रही थी शायद वो
थोड़ा सा थक गयी थी पर उनकी आँखे चमक रही थी चाची के गुलाबी होंठो मे मेरा सुपाडा दबा
हुआ था मैंने बुआ को इशारा किया तो बुआ भी हमारे पास आ गयी और अपने सर को नीचे झुकाते हुए
बुआ मेरी गोलियो पर अपनी सप्निली जीभ फिराने लगी उपर चाची लंड पर जीभ चला रही थी और बुआ
गोलियो पर उनका ये डबल अटॅक मुझे बहुत ही मज़ा दे रहा था मेरा लंड कभी बुआ के मुँह मे
कभी चाची के मुँह मे झटके खा रहा था तभी चाची ने बॉक्स से एक पेस्ट्री को लिया और मेरे लंड
और गोलियो पर मल दिया और अब दोनो हसीनाए उस पेस्ट्री की क्रीम को बड़े ही चाव से खाने लगी दोनो
मेरे लंड पर ऐसे टूट रही थी जैसे कुत्ता हड्डी पर टूट ता है मैं तो आज सातवे आसमान पर पहुच
गया था.

आज दीवानगी सारी हदें पार करने को बेताब थी आज जैसे रात फिर कभी जिंदगी मे दुबारा नही
आई अब दोनो मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ को फेर रही थी तो उनकी जीबे आपस मे भी टकराने लगी थी
दोनो औरते बड़े ही प्यार से एक दूसरे को देख रही थी अब मेरी हालत खराब होने लगी थी मुझे लग
रहा था कि अब मैं उन प्यासी औरतो के आगे ज़्यादा देर नही ठहर पाउन्गा मेरी टाँगो का कंपन
बढ़ने लगा था तो मैने कहा आप और ज़ोर से चूसो तो मानो बुआ और चाची मे जैसे होड़ लग गयी और
दोनो बड़े ही जोश से बारी बारी से लंड को चूसने लगी मुझसे ऐसे लगा जैसे दोनो औरते एक दूसरे को
दिखाना चाहती हो कि कॉन ज़्यादा अच्छा लंड चूस्ति है मेरा पारा अब गरम हो चुका था मेरे बदन
मे कंपकंपी होनी चालू हो गयी थी तो मैने अपने लंड को चाची के मुँह से बाहर निकाला और उसको
हिलाते हुए दोनो के मुँह पर अपनी वीर्य की बोछार करनी शुरू कर दी आज एक बात थी वीर्य भी आज
बहुत ज़्यादा निकला था वीर्य की पिचकारी कभी बुआ के मुँह पर पड़ती तो कभी चाची के मुँह पर पड़ती
मेरा झटके ख़ाता हुआ लंड बारी बारी से उनके चेहरो को भिगोता चला गया और फिर मैं चटाई पर
पसर गया बुआ ने अपने चेहरे पर लगे सारे वीर्य को चाट लिया और चाची ने उसको मेरी बनियान से
सॉफ कर दिया

एक दूसरे के अगल बगल लेते हुए हम लोग हाँफ रहे थे मैं उन दोनो के बीच मे लेटा हुआ था बुआ
बोली आज तो बड़ा ही मज़ा आया तो चाची बोली हाँ बाई सा आज तो बहुत ही मज़ा आया है तो मैने कहा कि
अभी मज़ा तो बाकी ही है मज़ा तो जब आएगा जब तुम्हारी चूत और गान्ड मे लंड डालूँगा तो बुआ बोली कि
हाँ वो तो है मैने कहा बुआ आप चाची को किस करो ना तो वो बोली कि मैं कैसे तो मैने कहा बुआ चूत
लंड का खेल तो खेलती ही हो आज चूत चूत का भी तो मज़ा लो असल मे मैं उनके बीच लेस्बियन सेक्स
करवाना चाहता था ताकि वो दोनो एक दूसरे से और भी अच्छी तरह खुल जाए मैने बुआ के हाथ को
चाची के बोबो पर रखा और चाची के हाथ को बुआ की चूत पर रखा और कहा अरे आप लोग भी थोड़ा
एंजाय करो तो बुआ चाची के बोबो को दबाने लगी और फिर चाची ने भी अपने हाथ से बुआ की गदराई
हुवी चूत को मसल दिया बुआ ने चाची के बोबे पर अपना मुँह लगा दिया तो चाची ने भी उनकी चूत
मे अपनी उंगली को सरका दिया आज टक्कर होनी थी दो हुस्न और जवानी से लबरेज ऐसी औरतो के बीच जो इतनी
सेक्सी थी कि किसी मुर्दे मे भी प्राण फूँक दे अब वो दोनो अपनी शरम को पीछे छोड़ चुकी थी अब उन्हे
कोई फरक नही पड़ने वाला था मेरी मोजूदगी का वो तो बस एक दूसरे मे खो जाने को तैयार हो गयी थी
Like Reply
#34
बुआ बड़े ही मज़े से चाची के दोनो उभारों को दबाते हुवी चूस रही थी और चाची का हाथ पूरी
रफ़्तार से बुआ की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था फिर बुआ ने चाची को थोड़ा सा अड्जस्ट किया और दोनो
औरते 69 मे आ गयी और एक दूसरे को दिखाने लगी कि किसमे कितना दम है दोनो बड़े ही प्यार से एक दूसरी
की मखमली चूत को चाटे जा रही थी उनके इस हॉट सीन को देखकर पता ही नही चला कि कब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया

दोनो की गरम गरम साँसे मैं महसूस कर रहा था अब मुझे भी चूत चाहिए थी पर मैं इंतज़ार
कर रहा था कि इनमे से कोई एक झड जाए तो मुझे थोड़ी आसानी हो जाए दोनो सडॅप सडॅप जीभ
चलाते हुए एक दूसरे के सामर्थ्य को तोल रही थी और फिर कोई 12-13 मिनट के बाद बुआ ने अपनी हार
मान ली और झाड़ गयी जैसे ही बुआ का काम हुआ मैने चाची को उनके उपर से हटाया और चाची की
मोटी मोटी टाँगो को फैलाते हुए उनको अपने कंधो पर रखा और अपने लंड को चाची की करारी चूत
मे पेल दिया चाची के मुँह से एक चीख निकल गयी क्योंकि उनकी चूत मे झटके से लंड घुस गया था



मैं पूरा ज़ोर लगाते हुए उनकी चुदाई करने लगा बुआ पास मे ही अपनी आँखो को बंद किए लेटी हुई थी
मेरा लंड थप तप करता हुआ चाची की चूत के छेद मे पड़ा था चाची का आधे से ज़्यादा काम
तो बुआ ने सॅल्टा ही दिया था तो चाची पूरी मस्ती से चुदते हुए अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रही थी तो
उन्होने कहा कि मेरे उपर आजा फिर कर तो मैं उनपे छा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा 8-10
मिनट ही चोदा था कि चाची का बदन अकड़ गया और चूत पूरी तरह से गीली हो गयी और चाची भी
पस्त हो गयी पर मैं लगातार धक्के पे धक्के लगाए ही जा रहा था पर चाची की हालत अब खराब हो
गयी थी थकान उनपर छा गयी थी तो वो कराहते हुए बोली कि बस अब वो और नही चुद पाएगी वो बोली
कि मुझ पर रहम खा और अब तू तेरी बुआजी को चोद तो मैने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाल
लिया और उनको अपनी पकड़ से आज़ाद कर दिया चाची साइड मे लेट गयी और लंबे लंबे सांस लेने लगी



मैने बुआ की टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उनकी चूत पर टिकाया तो बुआ बोली कि मैं अब नही ले
पाउन्गि अभी अभी मैं झड़ी हू थोड़ा टाइम लगेगा दुबारा तैयार होने मे तो मैने कहा डार्लिंग मैं
क्या करू ना चाची दे रही है ना तुम तो बुआ बोली की मेरी गान्ड मार ले ये सुनके मैं बहुत खुश हो
गया और बुआ घोड़ी बन गयी मैने उनकी गान्ड पर थूक लगाया और अपने लंड को गान्ड मे हौले हौले
करके घुसा दिया उनकी गान्ड का छेद अब काफ़ी खुल गया था पर फिर भी काफ़ी टाइट था मैने अपने हाथ
आगे बढ़ा कर उनके बोबो को पकड़ लिया और अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी गान्ड को
चोदने लगा बुआ भी अपनी गान्ड को हिला हिला कर गान्ड मरवा रही थी पूरे 15 मिनट तक उनको घोड़ी
बना कर उनकी गान्ड मारी जब मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हू तो मैने लंड को उनकी गान्ड से निकाला
और पास मे लेटी हुवी चाची की चूत मे डालके 10-12 जोरदार शॉट मारे और फिर वही पर अपना सारा
पानी छोड़ दिया
अब हम तीनो बहुत ही बुरी तरह से थक चुके थे शरीर का एक एक पुर्जा जैसे बिखरने को था तो फिर हम तीनो एक दूसरे की बाहों मे सो गये ।

अगले दिन मैं उठा दो देखा कि मैं नंगा ही पड़ा था तो मैने अपने कपड़े पहने

और बाथरूम मे चला गया फ्रेश होने के लिए फिर मैं नीचे गया तो पता चला कि

बुआ और चाची दोनो ही रसोई मे थी मैने बारी बारी दोनो को किस किया और पूछा

कल रात को मज़ा आया तो वो शर्मा गयी मैने कहा जल्दी से नाश्ता लगा दो मुझे

रेलवे स्टेशन जाना है दरअसल मैने रिज़र्वेशन नही करवाया था तो मैने

सोचा की अब आर्मी कोटे से ही सीट का जुगाड़ कर लूँगा तो वारंट कॅश करवाना था तो

मैं नाश्ता पानी करके रेलवे स्टेशन चला गया वहाँ काफ़ी भीड़ थी तो दोपहर

वही पर हो गयी गर्मी ने हालत और भी ज़्यादा खराब कर दी मेरी पर मजबूरी थी

तो मैं लाइन मे खड़ा खड़ा अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा मैं लाइन मे लगा

पड़ा था कि तभी ऋतु मॅम का फोन आ गया वो कहने लगी कि तुम तो मुझे भूल

ही गये हो मुझसे मिलने कब आओगे तो मैने कहा कि मॅम घर पे कुछ ज़रूरी

कामो मे अटक गया था अभी तो मिलना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि अब तो 6 दिन ही

बचे है पर देहरादून जाने के बाद जब कभी आउटपास मिलेगा तो पक्का आपकी

खिदमत मे हाज़िर हो जाउन्गा तो ऋतु नाराज़ होने लगी और बोली कि यार अगर नही आना

था तो पहले ही मना कर देते तुम्हारे चक्कर मे मैने भी लीव सॅंक्षन नही

करवाई और गुस्सा होने लगी पर मैं सिर्फ़ सॉरी बोलने के अलावा और कुछ कर भी तो

नही सकता था काफ़ी टाइम लगा ऋतु को समझाने मे फोन रखा ही था कि मेरा

नंबर भी आ गया तो रिज़र्वेशन ऑफीसर ने बताया कि भाई अभी तो पूरी सीट फुल

है पीक सीज़न जो चल रहा है तो मैने आर्मी कोटे का पूछा उसने कहा कि एमसीओ

तो पूरा बुक है अभी कुछ नही हो पाएगा अभी तो जनरल डिब्बे मे ही सफ़र के

मज़े लो या फिर बस पकड़ लो अब साली ये भी दिक्कत ही हो गयी बस से जाउ तो 12

घंटे चंडीगढ़ के और फिर 2-3 घंटे आगे और फिर बस मे ट्रेन जैसा मज़ा कहाँ

तो दिसाइड किया कि अब भाई तो जनरल डिब्बे मे ही जाएगा आज का तो दिन स्टेशन पर

ही घुल गया था और कुछ काम भी नही हुआ था तो मैं बाहर आया और एक

नींबू पानी पिया तब थोड़ा मज़ा आया फिर बाजार से कुछ छोटा मोटा सामान

खरीदा और घर को चल दिया गाँव के मोड़ पर मुझे शीला भाभी मिल गयी वो

अपनी भैंस को तालाब पर नहला कर लाई थी वो मेरे पास आई और बोली कि देवेर जी

कहाँ रहते हो कभी मुझ ग़रीब पर भी कृपा करदो तो मैने कहा भाभी जैसे ही

मोका मिलेगा आपको भी खुश करूँगा चूत तो चारो तराफ़ बिखरी पड़ी थी पर

घर मे ही दो दो माल थे तो बाहर जाने का दिल ही नही कर रहा था वैसे मैं

गीता से मिलने ज़रूर जाना चाहता था पर जा ही नही पा रहा था


और अब दो चार दिनो मे गाँव से अपना दाना पानी तो वैसे ही उठने वाला था मैं घर

गया और अपने कमरे मे जाकर लेट गया थोड़ी देर बाद मैने अपनी अलमारी खोली

और उन चिट्ठियो को पढ़ने लगा जो निशा ने मुझे भेजी थी मैने ये पक्का सोच

लिया था कि अब जब भी छुट्टी मिलेगी पहला काम मुंबई जाना ही होगा कुछ भी

करके उस से मिलना ही होगा निशा को लेकर मैं बहुत ही प्रोटेक्टिव हो जाता था अक्सर

फिर मैने अपने सारे सामान को मेरे बॅग मे डाला और कमरे को बंद कर के

नीचे आ गया मैने बुआ को चाइ बनाने को कहा और चाची के पास जाकर बैठ

गया और बाते करने लगा कुछ देर मे बुआ भी आ गयी और हमे चाइ के कप

पकड़ाते हुए बातों मे शामिल हो गयी चाइ पीने के बाद मैने अनिता भाभी को

आवाज़ लगाई तो वो बोली कि अभी आ रही हू आते ही उन्होंने पूछा कि हाँ बताओ क्या बात

है तो मैने कहा कि भाभी कल आप मेरे साथ मार्केट चलना साक्षी के लिए

कुछ नयी ड्रेस और खिलोने लाने है तो भाभी बोली कि अरे उसके पास पहले से ही

ढेरो खिलोने है तुम इतना खर्चा मत करो तो मैने कहा भाभी अभी उसका

चाचा कमाता है और फिर अगर बच्चो पर खरच ना करेंगे तो फिर ऐसी कमाई


का क्या फ़ायदा तो भाभी बोली अब तुम मानोगे तो नही ठीक है हम कल शहर

चलेंगे तभी मुझे कुछ याद आया तो मैने कहा भाभी कुछ घी का जुगाड़

भी कर देना अबकी बार मैं घी का डिब्बा भी ले जाउन्गा तो भाभी बोली तुम उसकी

चिंता मत करो सब रेडी है शाम तो हो ही चुकी थी तो मैने कहा कि बुआ आज

खाने मे कुछ स्पेशल बनाओ तो वो बोली ठीक है आज तेरे लिए चुरमा बनाती हू

मैने कहा ठीक है मैं ज़रा घूम कर आता हू मैं घर से निकला और अड्डे की

तरफ चल पड़ा

मैं आधे रास्ते गया ही था कि देखा की सामने से प्रीतम का

भाई बोरिया बिस्तर लिए चला आ रहा है उसने मुझे देखा और गले लगा लिया और

पूछा कि तुम कब छुट्टी आए तो मैने कहा भाई अब तो जाने का टाइम हो गया ट्रेन

है 4 दिन बाद की वो बोला क्या यार मैं आज आया और तूने जाने की तैयारी कर दी

मैने कहा कोई बात नही भाई तू तो समझता है ना फोर्स के रूल को तो वो बोला हाँ

भाई तो मैने उसका आधा सामान उठा लिया और उसके घर की तरफ चल पड़े

अच्छा लगा उसको देख कर थोड़ी देर मे उसके घर पहुचे तो उसने घंटी बजाई

जैसे ही दरवाजा खुला सामने के बेहद ही मस्त औरत दिखाई दी मैं उसको जानता

नही था तो मैने कहा भाई ये कॉन है तो उसने कहा पहले अंदर तो आने दे फिर

बता ता हू प्रीतम की माँ भी बाहर आ गयी और अपने बेटे को देखकर खुश हो

गयी मैं सोफे पर बैठ गया मिलने मिलाने के बाद उसने कहा कि ये तेरी भाभी

है तो मैने कहा कि अब तूने शादी कब करली हमे पता ही नही चला तो उसने कहा

कि भाई एक साल होने को है अब तेरा फोन नंबर तो था नही तो तुझे न्योता ना

दे पाया उसके लिए माफ़ कर्दे मैने कहा कोई नही भाई फिर उनके घर ही चाइ

नाश्ता किया मुझे वो पल याद आ गये जब मैं इसी घर मे प्रीतम को चोदा करता

था मैने पूछ ही लिया कि प्रीतम नही आई गर्मियो मे तो उसकी माँ बोली बेटा

उसको दूसरा बच्चा होने वाला है कभी भी हो सकता है तो अब तो बच्चा होने के

बाद ही आएगी मैने कहा ये तो खुशी की बात है तो प्रीतम की माँ बोली कि बेटा

अब तू भी शादी करले नौकरी भी मिल गयी तो मैने कहा एक बार पोस्टिंग मिले

तभी तो कुछ होगा मुझे उनके घर गये काफ़ी टाइम हो गया था तो मैने कहा

की चल भाई अभी मैं चलता हू बाद मे मिलेंगे और मैं घर आ गया


घर पे गरमा गरम खाना मेरा इंतजार कर रहा था तो आते ही पेट पूजा की मैने चाची और बुआ को बता दिया था कि आज मैं किसी से भी सेक्स नही करूँगा क्योंकि कई दिन हो गये थे मैं अच्छे से सो नही पाया था और फिर जैसे जैसे छुट्टी ख़तम होती जा रही थी मैं थोड़ा सा परेशान होने लगा था तो उन्होने भी मुझे फोर्स नही किया मैं डिन्नर करके अपने कमरे मे चला गया मेरी आँख लगी ही थी कि तभी मिथ्लेश का फोन आ गया आँखो को मलते हुए मैने फोन उठाया और हेलो कहा
मिटा: आज तुमने फोन क्यो नही किया
मैं: यार आज बहुत ही बिज़ी था ट्रेन मे रिज़र्वेशन टाइम से नही करवाया तो अभी थोड़ी दिक्कत हो गयी है
मिता: अरे यार तुम कभी कोई काम टाइम पर करते ही नही हो
मैं: अरे यार ध्यान ही नही रहा अभी देखते है
मिता: यार मैं सोच रही हू कि तुम्हारे साथ देहरादून चलूं फिर वही से शिमला निकल जाउन्गि
मैं: पर डार्लिंग तुम तो बाद मे जाने वाली थी
मिटा: अब मैं तुम्हारे साथ आ रही हू तो कोई प्राब्लम है क्या
मैं: अरे नही यार ऐसी बात नही है तुम साथ आओगी तो सफ़र भी अच्छा कट जाएगा और हम थोड़ा टाइम और साथ बिता सकेंगे
मिता: तो ठीक है मैं रीना को भी बता दूँगी आख़िर वो भी तो मेरे साथ ही जाएगी ना
मे: हाँ ठीक है
मिता: क्या बात है आज कुछ उखड़े उखड़े लग रहे हो
मे: नही यार ऐसी कोई बात नही है पता नही आज कल अजीब सा लगता है
मिता: शायद वापिस जाने का टाइम आगया इसलिए
मे: अब मैं क्या कहूँ पर जाना तो पड़ेगा ही ना अब अपनी ज़िंदगी ही ऐसी है आज यहाँ कल कही ऑर पर तुम आदत डाल लो मेरे बिना रहने की वरना कल को कहोगी कि फोजी से ब्याह करके मैं तो पछतायी
मिता: वह तुम तो ऐसे कह रहे हो कि जैसे मैं हमेशा से ही तुम्हारे साथ रही हू
मे: यार तू तो हर पल मेरे साथ है जब से तुझे पहली बार देखा था तब से आज तक हर पल मैने अपने पास महसूस किया है हर पल हर लम्हा बस तुझे ही महसूस करता हू जब तुम दूर होती हो तो मैं ही जानता हू कि कैसे एक एक लम्हा काटा है तेरे बिन
मिता: अब मैं मेरा हाल किसको बताऊ


मे: मैं हू ना
मिता: यार मैं सीरीयस हू और तुम्हे मस्ती सूझ रही है जाओ मैं नही करती बात
मे; अच्छा बाबा
मिता: यार आज माँ कह रही थी कि अब मिता के लिए भी कोई लड़का देख ही लेना चाहिए
मे: तो उनको मेरे बारे मे बताना था ना
मिता: ना बाबा ना
मईटा: मेरी हिम्मत नही होती है मेरे घर वालो को तो तुम जानते ही हो अगर पता चलेगा कि चोरी प्रेम करे से तो मेरी जान ही ले लेंगे
मे: पर तेरी जान तो मैं हू
मिता: बी सीरीयस
मे:ओके ओके
मिता: यार क्या हमारी शादी हो पाएगी
मे: क्यो नही होगी अगर हमारा प्यार सच्चा है तो हम ज़रूर एक होंगे
मिता: पर ये सब होगा कैसे
मे: एक बार मुझे पोस्टिंग मिलने दे फिर आउन्गा तेरे घर तेरा हाथ माँगने बस तू मेरा साथ देना बाकी मैं संभाल लूँगा
मिता: अगर घर वालो ने मना कर दिया तो
मे: वो भी देखेंगे
ऐसे ही हम दोनो काफ़ी देर बात करते रहे जब फोन कटा तो रात का एक बज रहा था मैं उठा और पानी पीने के लिए नीचे आ गया मैं पानी पीकर जा ही रहा था कि मेरी नज़र बुआ के कमरे मे पड़ी तो मैने देखा कि उनकी नाइटी उनकी कमर तक उठी पड़ी है और लाल रंग की पैंटी क्या खूब फॅब रही थी उनके गोरे चुतड़ों पर मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया और मैं उसको सहलाने लगा मैने अपना कच्छा नीचे सरकाया और बुआ के पास जाकर लेट गया और उनको अपनी बाहों मे लेके जगाने लगा


बुआ ने अपनी अधखूली आँखो से मुझे देखा और बोली दूर हट मुझे सोने दे तो मैं उनकी चूत को मसालते हुए बोला बुआ बस अभी जल्दी से कर लेते है फिर सो जाना तो वो बोली कोई टाइम होता है सेक्स का भी अभी क्यो मेरी नींद खराब कर रहा है बुआ बोली कि अभी टाइम देख एक काम कर अभी तू भी मेरे पास ही सोजा मैं सुबह उठते ही तुझे दे दूँगी तो मैने कहा ठीक है जैसे आपकी मर्ज़ी और उनको अपनी बाहों मे लिए लिए ही सो गया

मैं गहरी नींद मे सो रहा था कि किसी ने मुझे झींझोड़ कर उठाया तो मैने अधखूली आँखो से देखा तो अनिता भाभी खड़ी थी उन्होने कहा अब कितना सोओगे चलो उठ भी जाओ बाजार नही चलना है क्या तो मैने काहा बाजार का क्या काम है भाभी तो वो बोली भूल गये क्या कल तो खुद ही मुझे तैयार किया था और अभी मुझ से ही पूछ रहे हो तो मैने कहा ज़रा रूको आप और अपने होश को संभालने लगा गुलाबी कलर की साड़ी मे भाभी तो गजब लग रही थी मैने कहा भाभी आप तो कयामत लग रही हो आज तो वो बोली क्या तुम भी उठते ही सुरू हो गये चलो अब फटा फट से रेडी हो जाओ फिर चलते है तो मैं उठा और बाहर आ गया बुआ बाथरूम मे अपने कपड़े धो रही थी तो मैने कहा बुआ आपने सुबह मुझे क्यो नही जगाया तो उन्होने कहा कि मैने जगाया था पर तुम उठे ही नही तो मैं क्या करती मैने कहा अच्छा अभी आप बाहर आ जाओ मुझे नहाना है तो उन्होने कहा कि वो कपड़े धो रही है


मैं छत पर जाकर नहा लूँ तो मैने कहा जी अच्छा नहाने धोने और नाश्ता करने मे काफ़ी टाइम खराब हो गया था तो मैने बाइक निकली और मैं भाभी और साक्षी चल पड़े शहर की ओर भाभी मुझसे चिपक कर बैठी थी तो बड़ा ही मज़ा आ रहा था चूँकि छोटी गुड़िया भी थी तो मैं बाइक नॉर्मल स्पीड पर ही चला रहा था तो हम ऐसे ही बाजार पहुच गये और शुरू हो गयी खरीदारी ढेर सार खिलोने बच्ची की लिए खरीदे और फिर कुछ ड्रेससेस्स भी उसके बाद मैने कहा भाभी आओ तुम्हे कुछ दिखाता हू और मैं उनको उस दुकान पर ले आया जहाँ हम कॉलेज टाइम मे समोसे और जलेबिया खाया करते थे दुकान वाला मुझे देखते ही खुश हो गया अब एक ये ही जगहा तो थी जहाँ मुझे भी स्पेशल ट्रीट मेंट मिला करता था पिस्ते वाला दूध और गरमा गरम जलेबिया खाकर भाभी खुश हो गयी कुछ जलेबिया घर के लिए पॅक करवाई मैने सोचा कि भाभी को भी कुछ गिफ्ट देना चाहिए तो मैने बाइक सुनार की दुकान की ओर मोड़ दी और भाभी के लिए एक चाँदी की चैन खरीद ली भाभी मना करती रही पर मैं कहा मान ने वाला था बाजार मे ही बहुत टाइम लग गया था तो मैने कहा भाभी और कुछ लेना है क्या उन्होने मना किया तो हम घर वापिस हो लिए




गरम लू के थपेड़े खाते हुए जब हम घर आए तो देखा कि मम्मी पापा

और चाचा भी आ गये थे मैने उनका हाल चाल पूछा तो पापा बोले कि बाजार

गया था तो तेरी बुआ जी को भी ले जाता वो भी अपनी पसंद के कपड़े खरीद लेती तो

मैने कहा पापा बुआ को कल शॉपिंग करवा दूँगा तो मम्मी बोली कोई बात नही

वो जाएँगी बुआ के साथ मैने कहा ओके पापा बोले कब जाएगा तू तो मैने कहा

परसो सुबह तो उन्होने कहा की पॅकिंग टाइम से कर लियो कही कुछ रह ना जाए

मैने कहा पापा बस आइ कार्ड ही मैंन चीज़ है बाकी जो पुराने कपड़े लाया था वो

तो मैं यही छोड़ जाउन्गा और बस एक बॅग ही ले जाना है वो बोले जैसा तुझे ठीक

लगे मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोली कि बेटे अब कब आओगे तो मैनें

कहा कि जब भी तुम बुलाओगी तभी आ जाउन्गा फिर मैं अपने कमरे मे चला गया

अब चूँकि सारे लोग आ गये थे तो अब चूत मिलनी मुश्किल हो गयी थी तो मैं

सोचने लगा कि कैसे बुआ को रगडू क्योंकि चाचा आ गये थे तो आज तो वो ही

चोदेन्गे चाची को मैने इशारे से बुआ को पास बुलाया और पूछा तो वो बोली कि

तू चिंता मत कर मैं अड्जस्ट कर लूँगी

खाने पीने के बाद जब सोने का टाइम हुआ

तो बुआ मेरा नाम लेते हुए कहने लगी कि मैं तो इसके कमरे मे ही सो जाउन्गि

वहाँ कूलर भी है और फिर हम बुआ भतीजा गप्पे भी लड़ा लेंगे तो मम्मी बोली

आपकी मर्ज़ी है बाई जी तो मम्मी बोली कि नीचे से चारपाई ले जा और तेरे कमरे मे

लगा दे मैं तो खुश था ही मैने तुरंत बुआ का बिस्तर लगा दिया पर वो लगी थी

मम्मी पापा से बाते करने मे मुझे खीज होने लगी थी पर उनको घरवालो के

सामने डाइरेक्ट्ली कह भी नही सकता था उनकी बातो बातो मे 10:30 हो गये तब

कही जाके वो सोने को चले कमरे मे आते ही मैने कुण्डी लगाई और खिड़की पर

परदा लगा दिया टाइट कर के ताकि हवा से वो उड़े ना जब तक मैं पर्दे को सही कर

रहा था बुआजी ने अपने सारे कपड़ो को उतार दिया और नंगी हो गयी थी और अपने

हाथों से अपनी चूचियो को थामे खड़ी थी अब मैं कहाँ रुकने वाला था तो मैने

फटा फट अपनी निक्कर और बनियान को उतारा और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड

बुआ को सलामी देने लगा बुआ मटकती हुवी मेरे पास आई और मेरे लंड को अपने

हाथ मे लेके मसल्ने लगी कुछ देर सहलाने के बाद वो फर्श पर बैठ गयी और

मेरे लंड के सुपाडे की खाल को पीछे की ओर सरकाते हुए उसको अपने मुँह मे

डाल लिया और लॉलिपोप की तरह से उसको चूमने लगी मेरे पूरे बदन मे एक दम

से करेंट सा दौड़ गया मैने कहा चूस मेरी रांड़ अछि तरह से चूस इसे और

अंदर ले इसको और अंदर ले तो बुआ ने मेरे पूरे लंड को मुँह मे ले लिया और गुलूप

गुलूप चूसने लगी जब बुआ लंड चूस्ते हुए अपने हाथो से गोलियों को अपनी मुट्ठी

मे दबाती तो मुझे बड़ा ही मज़ा आता था 5-7 मिनट तक बुआ बहुत ही अच्छी तरह

से लंड को चुस्ती रही फिर मैने अपने लंड को उनके मुँह से निकाला लंड उपर से

लेके नीचे तक बुआ की लार से सना पड़ा था बुआ के गुलाबी होंठो थूक से गीले हो

गये थे तो मैने अपने होंठो उनके मुँह पर लगाए और उनके होंठो पर लगे हुए

थूक को चाटने लगा मैं बुआ को किस करते करते अपने हाथ नीचे की ओर ले गया

और उनके तरबूज जैसे चुतड़ों को अपने हाथो से मसल्ने लगा कुछ देर तक उनको

ऐसे ही किस करने के बाद मैने उन्हे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उनकी

मांसल जाँघो को उपर की ओर करते हुए अपने लंड को चूत मे धकेल दिया बुआ ने

अपने होंठो को गोल किया और एक आह भरी और अगले धक्के के साथ मेरा पूरा लंड

बुआ की चूत का गहना बन चुका था बुआ की चूत ने मेरे लंड को वेलकम कर

दिया था बुआ थोड़ी सी बैठी हो गयी अब बहुत अच्छी तरह से लंड पूरी चूत को

नाप रहा था बुआ हाई हाई करती हुई चुद रही थी मैने एक हाथ उनकी गर्दन मे

डाल दिया और उनको अपनी ओर खीचते हुए चूत के मज़े लेने लगा बुआ की चूत

से बहता हुआ पानी उनकी गान्ड के छेद को भी गीला कर चुका था थोड़ी देर बाद

बुआ लेट गयी और मुझे अपने उपर ले लिया और्र पूरे मज़े लेते हुए उन पॅलो का



मज़ा लूटने लगी समय गुजरने के साथ हम और भी वाइल्ड होते जा रहे थे और

हमारी प्यास बढ़ती ही जा रही थी बुआ के नरम नरम होंठ मेरे होंठो से जुड़े

पड़े थे गपा गॅप लंड चूत मे अंदर बाहर अंदर बाहर हुए जा रहा था

हर एक धक्के का जवाब बुआ अपनी चुतड उपर करके दे रही थी मेरी साँसे अब

फूलने लगी थी तो मैने कहा बुआ मेरा होने वाला है पानी कहाँ गिराना है तो वो

बोली की अंदर ही तो अब मैने तेज तेज शॉट लगाने शुरू किए और फिर एक ठंडी आह

भरते हुए अपने पानी को बुआ की चूत मे गिराना शुरू किया पर बुआ अभी नही

झड़ी थी तो मैं तेज तेज झटके मारता ही रहा और कुछ पॅलो बाद बुआ ने भी अपना

पानी गिरा ही दिया सेक्स के इस राउंड के समाप्त होने के बाद भी मैं बुआ के उपर

पड़ा रहा और उनके होंठो और गालो को ख़ाता रहा जब मेरा लंड मुरझा कर उनकी

चूत से बाहर आ गया तो बुआ ने मुझे अपने उपर से हटा दिया तो मैं उनकी

बगल मे लेट गया हम बाते करने लगे तो मैने पूछा बुआ मैं कई औरतो को

चोद चुका हू सबकी चूत या तो काली होती है या कुछ की लाल लाल हल्की गुलाबी सी पर

आपकी चूत ब्राउन है चूत की बात ही अलग है तो वो कहने लगी कि हाँ मेरी ये थोड़ी

अलग है मैने कहा बुआ आप यहाँ पर बाल नही रखती तो वो बोली कि जवानी के दिनो

से ही वो सॉफ ही रखती है क्यों कि बालों से उनको खुजली होती थी फिर आदत हो गयी और

तेरे फूफा जी को भी सॉफ सुथरी चूत ही अच्छी लगती है बुआ ने उनकी चूत से रिस्ते

मेरे वीर्य को पास पड़ी मेरी बनियान से सॉफ किया और मेरी छाती पर अपना सर

रख कर लेट गयी और मेरी नाभि मे अपनी उंगली डाल कर शरारत करने लगी

मैने बुआ को साइड मे लिटाया और उनकी मोटी फूली हुवी चूची को मुँह मे ले लिया और

अपने दाँत गढ़ाते हुए पीने लगा बुआ ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और गहरी

गहरी सांस लेने लगी चूची पीते पीते मैं अपने हाथ को उनकी चूत पर ले गया

और उसको दबा के मसल्ने लगा तो बुआ बोली आहिस्ता से उंगली फिरा तो मैं हौले

हौले उनकी चूत पर उंगली फिराने लगा अब औरत के दो सबसे सेनसेटिव अंगो से मैं

खेल रहा था तो बुआ के शरीर की गर्मी बढ़नी तो थी ही मेरी दो उंगलिया बहुत तेज़ी

से उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रही थी जब मुझे लगा कि बुआ की गाड़ी अब रेडी

है तो मैने अपना मुँह चूत पर लगा दिया आज तो चूत एक दम भट्टी की तरह

गरम हो रही थी और उपर से नीचे तक उस पर अपनी जीभ को फिराने लगा बुआ का

शरीर किसी धनुष की तरह तन गया बुआ बोली आह तेरी जीभ से ना एक आग लग जाती

है मेरे तन बदन मे तो मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और पूरी जीभ को

बुआ की चूत के अंदर घुसेड दिया और चूत के खारे पन को महसूस करने लगा

जैसे ही मेरी जीभ ने चूत की गहराइयो को नापा बुआ के चुतड अपने आप उपर

को उठते चले गया 7-8 मिनट तक लगातार बुआ की चूत को खूब अच्छे से चाट्ता रहा

मैने बुआ की हालत अब खराब हो गयी थी मैने जल्दी से उनको घोड़ी बनाया और

अपने लंड को एक बार फिर से चूत से घुसा दिया और लगा शॉट लगा ने उनकी चूत

भी बड़ी ही मस्त थी हर बार लगता था कि जैसे पहली बार ही सेक्स कर रहा हूँ उनके

साथ मैं उनकी चूचियो को बेदर्दी से मसल्ते हुए उनको चोदे जा रहा था

जितने दबाव से मैं उनकी चूची को मसलता बुआ उतने ही जोश से अपनी गान्ड को पीछे

की ओर करके चुदाई का मज़ा ले रही थी मैं प्रभु को धन्यवाद दे रहा था कि

मैं प्रमिला बुआ की चूत मार रहा था चिकनी चूत के दोनो फांके मेरे लंड पर

कसी हुवी थी ठप ठप करते हुए मेरे अंडकोष बुआ के चुतड़ों से टकरा रहे

थे बुआ मेरे कुल्हो पर अपने हाथ रखे हुए मुझे और तेज थे चोदने का सिग्नल

दे रही थी मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था अपनी कमर को धकियाते हुए मैं

पूरे जोश ख़रोश के साथ बुआ की रात को रंगीन करने मे लगा हुआ था


बुआ

की खुशबूदार साँसे मेरे मुँह मे घुले जा रही थी 20-25 मिनट से उपर हो

गये थे पर हम दोनो एक दूसरे के प्यास बुझाने मे लगे हुए थे फिर बुआ ने

अपने होंठो को अलग किया और मेरे कान मे बोली कि अब पूरी ताक़त से धक्के लगाना

मेरा काम होने ही वाला है अब तू रुकना मत तो मैने अपनी पकड़ को बुआ के

शरीर पर कस दिया और और भी ज़ोर से चुदाई करने लगा बुआ अब बदहवास सी हो

गयी थी उनके बाल बिखर गये थे पर मेरा लंड पूरे जोश से चूत के अंदर

बाहर हो रहा था फिर बुआ के हाथ मेरी पीठ पर बुरी तरह से कस गये उनकी

टाँगे मेरी टाँगो मे उलझ गयी और वो

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ

आआआहह

हह करते हुए झड़ने लगी चूत से जो रस की धार छूटी उस से

उनकी ओर मेरी जांघे गीली हो गयी बुआ का बदन झटके खा रहा था और वो काँपते

हुए झाड़ रही थी मेरा टाइम भी लगभग हो ही गया था तो मैने अपनी रफ़्तार को

और भी तेज कर दिया और बोली अब ना सह पाउन्गि तू जल्दी से फारिग हो तो मैने कहा

बस बुआ दो चार मिनट और और फिर मेरे बदन मे एक मीठी सी कंपकंपहाट

हुवी और मेरे लंड से सफेद मलाई निकल कर चूत मे गिरने लगी गरम गरम

वीर्य को बुआ की चूत झट से पी गयी मैं कुछ देर बुआ के उपर ही पड़ा रहा फिर

मैं साइड मे उठ के बैठ गया बुआ वैसे ही पड़ी रही कुछ देर हम मे से कोई कुछ

नही बोला फिर बुआ ने शांति तोड़ते हुए कहा कि तूने कभी ब्लूफिल्म देखी है तो

मैने कहा बुआ हाँ देखी है पर काफ़ी दिन हो गये है तो बुआ बोली कि घर पे तेरे

फूफा के पास कई सीडी है वो मुझे भी दिखाते है और फिर मुझे वैसे ही चोद्ते है

मैने कहा बुआ ये तो जबरदस्त बात बताई तुमने अगर तुम कहती तो मैं बाजार से

कुछ सीडी खरीद लाता बुआ बोली कोई बात नही तुम तो बेड पर ही फिल्म बना देते हो

देखो मेरा अंग अंग तोड़ कर रख दिया है तो मैने कहा बुआ आप इतना मस्त माल

हो क्या बताऊ बात करते करते मैं बुआ की चूची पर हाथ फिराने लगा बुआ के

बदन मे सिरहन होने लगी बुआ बोली मन नही भरा है क्या तो मैने कहा बुआ जब

सामने हुस्न का भंडार खुला पड़ा होगा तो मन कैसे भरेगा बुआ अपनी तारीफ़

सुन कर खुश हो गयी मैने कहा डार्लिंग मेरा लंड चूस ना तो बुआ उठी और

अपने सर को मेरी टाँगो पर झुका के मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसपर

लगे हुए खुद की चूत के पानी को जीभ से सॉफ करने लगी उनकी गरम जीभ के

स्पर्श ने मेरे लंड मे जान डाल दी लंड मे धीरे धीरे तनाव आने लगा कुछ

देर लंड चूसने के बाद मैने कहा कि बुआ ऐसे मत चूसो आप अपने चुतड

मेरी तरफ करो फिर लंड चूसो तो बुआ उल्टी तरफ हो गयी और दुबारा लंड पर टूट

पड़ी मैं बुआ के कुल्हो पर अपने हाथ फेरने लगा बुआ के कूल्हे बेहद ही सुंदर थे

जैसा कि मैं बार बार बता ही चुका हू मैं उनपर हाथ फेर रहा था उनकी गान्ड का

भूरा छेद मुझे बड़ा सुंदर लगता था मैं अपनी उंगली से उसको कुरेदने लगा तो

बुआ ने अपनी गान्ड को भीच लिया मैने कहा बुआ ज़रा अलमारी से तेल की शीशी तो

निकालना तो बुआ बोली क्या इरादा है तो मैने गान्ड के छेद को कुरेदते हुए कहा कि

अब इरादा ना पूछो आपको पता ही है तो बुआ नखरे से उठी और तेल की शीशी मेरे

हाथ मे दे दी और दुबारा मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चुप्पे मारने लगी

मैने अपनी उंगली को अच्छे से तेल से नहलाया और बुआ की गान्ड मे घुसा दिया बुआ

बोलियाआआआआआआआआआआआआआआआअ थोड़ा सा

धीरीईईईईईईईईईईईईईईईईईई




पर मैं तो तेरा मनमौजी अब मैं गान्ड मे उंगली को अंदर बाहर करने लगा बुआ

के चुतड थिरकने लगे बुआ थोड़ी दर्द भरी आवाज़ करते हुए लंड को चूस रही

थी बुआ भी बदला लेने को बार बार अपने दांतो से लंड को काट रही थी एक उंगली

गान्ड मे तो घुसी पड़ी ही थी तो मैने शरारत करते हुए दूसरी उंगली को चूत मे

घी डाल दिया और अब उंगलियो को हिलाने लगा बुआ और भी मस्त हो गई और दुगने जोश

से लंड को पीने लगी बुआ के तीनो छेद अब भरे हुए थे बुआ का पूरा बदन

मस्ती से भर चुका था तो मैने अपने लंड को उनके मुँह से निकाला थूक से

सना हुआ लंड एक नाग की तरह लहरा रहा था मैने बुआ जी को बेड पर उल्टा

लटकाया और उनकी गान्ड पर लंड रगड़ने लगा बुआ बोली कि अब तू मानेगा तो नही चल

गान्ड ही सही मार ले गान्ड तेल से चिकनी तो थी ही तो सूपड़ा गान्ड के छल्ले को फैलाता

हुआ अंदर जाने लगा बुआ ने अपने दाँत भीच लिए और अपनी दर्द भरी आह को

मुँह के अंदर ही दबा लिया दो मिनट मे ही पूरा लंड गान्ड मे पहुच चुका था

अब बुआ ने अपने हाथों से अपने कुल्हो को फैला दिया ताकि मैं खुल के गान्ड मे तूफान

मचा सकूँ तो मैं जुट गया गान्ड चुदाई करने मे ज़िंदगी मे अगर ऐसे मुलायम

चुतड चोदने को मिल जाए तो बस फिर और किसी चीज़ की तम्मन्ना क्या करना मैं

बड़े ही प्यार से बिना किसी जल्दी के आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाते हुए गान्ड चुदाई का

मज़ा ले रहा था बुआ तकिये मे अपना मुँह दिए पसीने से भीगी हुवी अपनी दर्द

भरी मस्त आहो को समेटने की कोशिश कर रही थी बुआ लरजते हुए स्वर मे बोली

जल्दी से कर्लो मुझे जलन हो रही है तो मैने कहा बुआ पहले तो नही हुआ वो बोली

पता नही कैसे पर अभी हो रहा है तो मैने कहा बस 5-7 मिनट मे ही कर लूँगा

बुआ बोली जो भी करो जल्दी से करो बहुत जलन हो रही है
Like Reply
#35
मैने अपने धक्के तेज

कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई

तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ

को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा

जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है

चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और

लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़

गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो

मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ

की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी

मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर

मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर

नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली

गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी

हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक

अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया

थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी

आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है

और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया

सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की

चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो

गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको

बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा

गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो

को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि

एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के

वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप

ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब

जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी

ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की

बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत

का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा

गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार

दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे

झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए

और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार

निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो

चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस

अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे


पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो

मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया

और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर

सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर

पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही

करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप

भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और

शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल

उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा

था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की

रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ

मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते

हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी
प्रमिला ने तो मेरी लाइफ को एक अलग मोड़ पर ही ले जाकर खड़ी कर दिया था मेरा

लंड सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होये जा रहा था करीब 10 मिनट तक

बुआ के उपर चढ़े चढ़े उनकी चुदाई करने के बाद मैने उनको फर्श पर

खड़ा किया और खड़े खड़े ही बुआ को चोदने लगा बुआ की चूत की चिकनाई बहुत

ही बढ़ गयी थी और कोई 12-13 मिनट बाद बाद मैं और बुआ साथ साथ ही झाड़

गये

चुदाई ख़तम होने के बाद बुआ ने फटाफट अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक किया ताकि किसी को भी कमरे को देख कर ये ना लगे कि रात भर कमरे मे घमासान मचा था कमरे की हालत ठीक करने के बाद बुआ ने कहा कि वो नीचे जा रही है और चली गयी मैं बाहर छत पर आकर टहलने लगा आज कई दिन बाद इतनी सुबह उठा था उगते सूरज को देखना बड़ा अच्छा लगा था मुझे कुछ देर बाद अंगड़ाई लेते हुए चाची भी अपने कमरे से बाहर निकल आई और मुझे देख कर बोली कि आज तुम सवेरे सवेरे ही उठ गये तो मैने कहा हाँ चाची फिर चाची फ्रेश होने चली गयी मैंन नीचे गया तो बुआ ने चाइ बना ली थी मैने चाइ पी


अब आज का दिन ही बचा था गाँव मे कल मुझे जाना था तो मन थोड़ा भारी सा होने लगा पर हमारे जैसो को तो एमोशन्स पर कंट्रोल करना पड़ता ही है खैर टाइम तो अपनी रफ़्तार से ही चलता है ना उसपे कहाँ किसी का ज़ोर चलता है कुछ तैयारिया करनी थी तो मैं उनमे जुट गया चाचा को बोल दिया था बाइक का रेजिस्ट्रेशन नंबर वो ले आए पॅकिंग शेकिंग मे दोपहर ही हो गयी थी सभी घरवाले थोड़ा सा सॅड सॅड हो रहे थे पर अपनी भी कुछ मजबूरिया थी 45 दिन जम कर ऐश ली थी वो दिन भी ऐसे ही गुजर गया एक बोझिल महॉल के साथ रात को मैने मिता को फोन किया तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम्हे टाइम पर बस स्टॅंड मिलूंगी फिर हम साथ ही निकलेंगे तो मैने उसको टाइमिंग बता दी और फोन काट दिया रात को फिर से बुआ जी के साथ जम कर घमासान मचाया अगले दिन मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली मुझे दस बजे निकलना था तो मैं बातरूम मे घुस गया और फटाफट तैयार होने लगा तैयार होके मैने फटाफट से नाश्ता पानी किया और फिर ताइजी के घर चला गया सब से मिलने साक्षी को थोड़ी देर खिलाया फिर वापिस आ गया अपना बॅग उठाया और सभी घरवालो से अब विदा लेने का टाइम आ गया था

मम्मी बोली कि जैसे ही छुट्टी मिले तुरंत ही घर आना और जब भी टाइम मिले फोन ज़रूर करना तो मैने कहा जी ठीक है फिर थोड़ी देर बाद मैने सहर जाने के लिए टेंपो पकड़ लिया जब मैं बस स्टॅंड पहुचा तो मिता ओर रीना मेरा वेट ही कर रही थी मैने उनको कहा मैं अभी टिकेट लेकर आता हू तो रीना बोली भाई टिकेट मैने ले ली है फिर कुछ खाने पीने का सामान लिया और हम चल पड़े अपने सफ़र को मुझे हमेशा से ही बस का सफ़र बड़ा ही चूतिया लगा करता था पर अपनी डार्लिंग साथ होने से वो बोझिल सफ़र भी बड़ा प्यारा लग रहा था बस पूरी रफ़्तार से हाइवे पर दौड़ रही थी हम तीनो बाते करते हुए अपना टाइम पास कर रहे थे रास्ते मे पानीपत मे बस एक ढाबे पर रुकी हम सब फ्रेश हुए और कुछ खाया पिया और एक बार फिर उस थकाने वाले सफ़र का हिस्सा बन गये

चंडीगढ़ पहुचते पहुचते रात के साढ़े 9 बज गये थे चंडीघर के बारे मे सुना तो बहुत था पर मोका आज मिला था देखने का सेक्टर 17 के बस स्टॅंड पर हम तीनो उतर चुके थे रात गहरा ही चुकी थी तो एक रेस्टोरेंट मे खाना खाया और फिर एक होटेल मे दो रूम ले लिए एक मेरे लिए और एक उन दोनो के लिए सफ़र की थकान थी तो पड़ते ही नींद आ गयी हालाँकि मैं थोड़ा टाइम मिथ्लेश के साथ बात करना चाहता था पर पिछली कुछ रातो से मैं ठीक से सोया नही था और फिर आज एक लंबा थकाऊ सफ़र भी किया था तो पड़ते ही नींद आ गयी

अगली सुबह तैयार होने मे ही 9 बज गये थे मिता तो मेरे साथ चंडीघर घूमना चाहती थी पर मुझे शाम तक रिपोर्ट करना था तो मैने कहा डार्लिंग मेरे पास टाइम कम है वैसे तो चंडीगढ़ से देहरादून का सफ़र कोई ज़्यादा नही था पर अब रास्ते मे क्या हो जाए तो मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था मैने कहा तुम दोनो घूम लेना पर मैं अभी निकलूंगा तो मिता उदास होते हुए बोली कि यार तुम भी ना प्लान भी बनाया और कुछ मज़ा भी नही आया तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा डार्लिंग मैं जल्दी ही शिमला आउन्गा फिर जी भर के घूमेंगे थोड़ा उसको समझाया तो मिता बोली ठीक है जब तुम जा ही रहे हो तो मैं और रीना भी शिमला ही निकल जाते है एक दूसरे के गले लगने के बाद हम ने अपनी अपनी बस पकड़ ली और चल पड़े अलग अलग रस्तो पर अपनी अपनी मंज़िल के तलाश मे बस मे मेरी आँख लग गयी होश जब आया जब कडक्टर ने जगाया और बोला भाई अब उतर जा तो अंगड़ाई लेते हव मैं बस से उतरा और सिटी बस पकड़ कर मिल्लिटरी अकादमी की ओर चल पड़ा एक बेहद ही
गोरवशाली और गर्व से भरी इमारत का गेट

मेरी आँखो के सामने खड़ा था यहा आते ही दिल से इक मीठी सी आह निकल पड़ी मैने सर को झटका और चल पड़ा गेट पर एंट्री करवाई फिर सीधा रिपोर्ट की कुछ सवाल जवाब हुए और फिर मैं अपने रूम मे पहुच गया साथ वाले भाइयो से दुआ सलाम हुवी कुछ घर की याद भी आ रही थी तो थोड़ी देर बाद मैं कॅंपस मे ही घूमने चला गया तो चिंकारा कॅंटीन मे एक अपना याडी बन गया था वो भी एक नंबर का चोदु था कई बार बता ता रहता था अपने किस्से तो मैं उसके पास चला गया शाम का टाइम था तो कॅंटीन मे इतनी भीड़ भी नही थी तो हम दोनो बाते करने लगे मैने कहा और भाई बता कुछ नया ताज़ा तो वो बोला भाई एक दो माल पे नज़र है एक तो कर्नल साहब की लड़की है इधर देहरादून से ही एमबीए कर रही है माल तो बड़ा ही चोखा है पर मैं तो ठहरा जवान मुझे तो क्यो घास डालेगी तू तो भाई कोई दिन मे एलटी हो जाएगा तू ट्राइ करले तो मैने कहा भाई मैं तो जानता ही नही पहले इंट्रो तो करवा तो वो बोला भाई तू डेली शाम को आया कर वो अक्सर शाम को ही कॅंटीन मे आती है तो

मैने कहा यदि अब जब भी वो आए तो तू मुझे फोन करियो फिर देखते है क्या होता है एक नयी चूत के बारे मे सुनकर मेरे लंड मे भी खुजली होने लगी थी तो मैने कहा भाई उसकी माँ चोद और तेरी पुरानी वाली सेट्टिंग्स मे से ही किसी का जुगाड़ करवा दे तो वो बोला भाई जुगाड़ तो बहुत है इधर पर मेरी एक शर्त है तो मैने कहा हाँ भाई तू बता तो वो बोला कि भाई अपना सीधा सा हिसाब है एक हाथ दे इक हाथ ले तू मुझे दिलवा मैं तुझे तो मैने कहा भाई कोई माल फसि तो तेरा ध्यान भी रखूँगा पक्का प्रॉमिस अब उस चूतिए को कॉन समझाए कि वो खुद को चूत का शिकारी समझता था तो मैं तो उसका बाप था

एक दो दिन मे पूरा बॅच वापिस आ गया था तो अपनी धक्कम पेल शुरू हो गयी थी कुछ तो छुट्टी का आलस था कुछ चूत मारके टूटे पड़े थे तो इतनी हिम्मत ही नही होती थी कि ट्रैनिंग मे अव्वल दर्जे की पर्फॉर्मेन्स दे सके अक्सर ही पनिशमेंट मिलती ही रहा करती थी वो अलग हमारा मेजर जो हमारा ट्रैनिंग इनस्टरक्टर था वो हम कुछ 4-5 दोस्तो का ग्रूप था उसकी बॅंड बजाने मे ही लगा रहा करता था नाम था नागार्जुन मूर्ति चेन्नई का निवासी एक तो उसकी लॅंग्वेज समझ नही आती थी और उपर से गान्ड घिसाई भी ज़्यादा ही करवाता था दो हफ्ते से उसके कहर को झेल रहे थे हम सब दोस्त उसकी फालतू की पनिशमेंट से बेहद ही परेशान हो चुके थे हम सोच रहे थे कि कैसे उस से पीछा छूटे पर फोज मे अपना बस कहा चलता है चलता है तो बस चूतिया ऑफिसर्स का ऑर्डर

तो भाई लोगो मैं आ चुका था बेहद तंग एक दिन टाइम पे ड्रिल करने के बाद साले ने मार्क्स काट दिए तो मेरी खोपड़ी सतक गयी मुझे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था मैने सोच लिया कुछ भी करके मेजर की गान्ड तो लाल करूँगा ही चाहे फिर सज़ा क्यो ना मिले 28 दिन क्वॉर्टर गार्ड ही क्यो ना काटना पड़े पर इसकी माँ चोदुन्गा तभी चैन मिलेगा तो मैं लगा मेजर की गान्ड तोड़ने के मौके मे पर भाई अपना नसीब भी इधर आकर कुछ ज़्यादा ही चूतिया हो जाता था खैर दिन कट रहे थे मेरी गान्ड मरते हुए एक दिन मैं कॅंटीन से शेव लोशन खरीद के आ रहा था शाम का टाइम था मेजर साहब सिविल ड्रेस मे एक औरत के साथ हंस हंस के बाते करते हुए पैदल ही स्विम्मिंग पूल की तरफ जा रहे थे मेरा माथा ठनका भाई अब इस चूतिए के साथ ये कॉन है तो मैं भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा वहाँ जाकर पता चला कि ये तो साहब की मेम्साब है

अब मुझे हँसी आ गयी हे भगवान ये तेरी कैसी लीला इस ढक्कन की बीबी ऐसी खूबसूरत बेहद ही गोरी जैसे दूध मे केसर का रंग घुल गया हो मैं तो देख के हैरान हो गया पूल साइड पर इतनी लोगो की भीड़ नही थी मेजर गोते मार मार कर नहा रहा था और मेम साबमुझे दिखाई नही दी शायद गयी होंगी चेंज वेंज करने तो मैने मोका देख कर मेजर की जेब से उसका आइडी कार्ड चुरा लिया और वहाँ से सरक लिया अब बजेगी पुँगी साले तूने बहुत खून पिया है अब साले तेरी माँ चुदेगि ये सोचते हुए मैं खुशी से पागल हुआ जा रहा था क्योंकि आइडी कार्ड अगर खो गया तो बंदे को क्वॉर्टर गार्ड मिलता है मैं आकर चैन की नींद सो गया

अगले दिन सुबह से ही हमारी सुताई हो गयी आज मेजर साहब की जगह सूबेदार जसपाल सिंग हमारी एक्सर्साइज़ करवा रहे थे बड़े ही जिंदा दिल आदमी थे बड़ी ही इज़्ज़त करते थे लोग उनकी तो हमे भी मज़ा आ रहा था फिर 9 बजे नाश्ते मे दो गिलास चाइ और चार पूरी तोड़ने के बाद मैं सूबेदार साहब के पास गया और उनको प्रोटोकॉल देने के बाद पूछा कि आज साहब कहाँ गए तो उनको भी कुछ ज़्यादा पता नही था पर मुझे तो हुड़क चढ़ि थी मैं मेजर साहब के एक्सप्रेशन देखना चाहता था पर वो पूरा दिन आया ही नही अब इधर ना मुझे चैन ना उधर उसको चैन अगले दो दिन साहब के दर्शन ना हुए दो दिन बाद मुझे ट्रैनिंग मे फिर से सज़ा मिल गयी थी उसको पूरा करके जब तक मैं मेस पहुचा तो मेस भी बंद हो गया था मैं कुक के पास गया और बोला भाई जो भी पड़ा है तो दे दे तो वो बोला भैया अभी कुछ देर रुक जाओ तो मैं चाइ कॉफी या नाश्ता अरेंज कर सकता हू तो

मैने कहा भाई पेट मे आग लगी है तू चाइ पिलाने की बात कर रहा है मैं पैर पटकते हुए वापिस आ गया आज पूरा दिन से भूखा था अब बिस्कुट से भूख थोड़ी ही ना मिट ती है तो मैं शॉपिंग सेंटर की तरफ चल पड़ा तभी मुझे ख़याल आया कि यार मेजर 3 दिन से दिखा ही नही कही साला टेन्षन टेन्षन मे कुछ कर ना ले और कही फिर इंकवारी हो गयी तो और भी पंगा हो जाएगा तो मैने सोचा मेजर अपनी माँ चुदाये उसको आइ कार्ड वापिस कर देता हू और क्या पता इसी बहाने से वो सज़ा देना भी बंद कर दे हल्का हल्का सा अंधेरा भी छाने लगा था सावन का मौसम वैसे चल रहा था

तो मैं पैदल पैदल साहब की घर चल पड़ा घर क्या था ऑफीसर बंग्लॉ था घंटी बजाई तो मेम साहब ने दरवाजा खोला और मुझे सवालिया नज़रो से देखने लगी और मैं उन्हे हवस की नज़रो से देखने लगा फिर उन्होने मेरी तंद्रा तोड़ ते हुए पूछा कि एस किस से मिलना है आपको तो मैने कहा की मॅम मुझे मेजर साहब से मिलना है और अपना नाम बताया तो वो बोली कि यही रूको मैं आभी आती हू कुछ मिनट बाद उन्होने मुझे अंदर बुलाया और सोफे पे बैठने को कहा और खुद भी बैठ गयी मेरी नज़र उनसे हट ही नही रही थी पर प्रोटोकॉल भी देना पड़ता है फोज चलती ही चूतिया रूल पर है थोड़ी देर बाद मूर्ति सर भी आ गये थोड़े परेशान ही लग रहे थे पर मुझ से नॉर्मल ही बात की और एक कॉफी पिलाने के बाद आने का कारण पूछा तो मैने जेब से उनका कार्ड निकाला

और कहा कि सिर मुझे ये कॅंपस मे मिला तो आपको देने आया हूँ आइ कार्ड देखते ही मेजर की आँखो मे चमक आ गयी उसने चैन की सांस ली और बार बार मेरा थॅंक यू करने लगा वो बोला कि तुमने मेरी बहुत मदद की है बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हू मैं पूरे दिन से भूखा था तो मुँह से निकल गया कि सिर भूख लगी है थोड़ा खाना ही खिला दो तो

मेम्साब जोरो से हँसने लगी और बोलो तुम बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ लाती हू उनके घर दबा के मैने इडली डोसा खाया पर नज़र तो मेरी मेम्साब की मोटी मोटी चूचियो पर ही थी खाने के बाद मैने कहा सर अब मैं चलता हू सावन का महीना था तो बारिश के से आसार हो रहे थे तो सर ने एक बार फिर से मुझे थॅंक यू कहा और गेट तक छोड़ने आए

कुछ दूर ही आया था की हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे मेरे चेहरे से होती हुवी मेरे तन बदन को भिगोने लगी बारिश का मज़ा लेते हुए मैं अपने होस्टल की ओर चले जा रहा था इधर नीचे पॅंट मे लंड जीने नही दे रहा था चूत दिलवाओ ऐसा शोर मचाए जा रहा था तो जाते ही मुट्ठी मारी तब जाके सांस आई पूरी रात बारिश हुवी थी तो अगली सुबा सब कुछ ताज़ा ताज़ा सा ही लग रहा था चहकते हुए पक्षियो की मधुर आवाज़े बड़ी ही अच्छी लग रही थी पर अपनी तकदीर मे कहाँ नज़ारे है अपनी तो

सुबह होते ही गान्ड घसाई शुरू हो गयी थी तो भाई लोगो दिन ब दिन ऐसे ही काट रहे थे मुझे आए हुए बीस दिन के आस पास आ गये थे तो एक दोपहर को घर से फोन आया दूसरी तरफ चाची थी बड़ी ही चहक रही थी वो उन्होने शरमाते हुए बताया कि काम हो गया है इस बार उनकी डेट्स नही आई तो उन्होने प्रेगञेंसी टेस्ट किया है और वो पॉज़िटिव आया है तो मैने कहा ये तो बेहद ही खुशी वाली बात बताई है आपने मुझे सच मे बहुत ही खुशी हुवी थी फिर थोड़ी देर मम्मी से भी बात चीत कर ली और फोन काट दिया मैं सोचने लगा कल को जब चाची के जो भी बच्चा या बच्ची होगा उसको मैं भाई बहन कहूँगा या बेटा बेटी अब मैं तो कोंफूज़ हो गया पर फिर सोचा अपने को क्यो टेन्षन लेनी जो भी हो अच्छा ही है एक दिन सुबह की ड्रिल के बाद मैं नाश्ते के लिए जा रहा था तो तभी मूर्ति सर ने मुझे कॉल किया मैं सोचा अब क्या हो गया मैं दौड़ते हुए उनके पास गया

तो उन्होने मुझे अपने ऑफीस मे आने को कहा मैं उनके साथ चला गया उन्होने मुझे एक टिफिन दिया और बोले कि ये मैं तुम्हारे लिए लाया हू आज तुम साउत इंडियन ब्रेकफास्ट करो मुझे तो यकीन ही नही हुआ कि ये साला मेरे पे कभी मेहरबान भी हो पाएगा बेहद ही टेस्टी इडली और नारियल की चटनी मज़ा ही आ गया मुझको तो दिन ऐसे ही मज़े लेते हुए कट रहे थे एक दिन कॅंपस मे बड़ा खाना हुआ तो पार्टी पूरे जोश मे चल रही थी मैंन भी दो पेग टिका दिए थे सभी ऑफिसर्स चाहे सीनियर हो या जूनियर अपनी अपनी फॅमिली के साथ आए हुए थे एक से एक माल घूम रहा था आस पास पर अपन को तो मुट्ठी मार कर ही सोना था तो मैने तीसरा पेग भी उठा लिया

तभी मुझे अपना याडी दिख गया मैं उसके पास गया और बोला भाई आज तो लंड जीने ही नही दे रहा है आज तू कुछ जुगाड़ करवा भाई तो वो बोला भाई एक जुगाड़ तो है पर कुछ ख़ास्स नही है मैने कहा जो भी है अड्जस्ट तो करवा तो वो बोला आ मेरे साथ पार्टी मे ही उसने मुझे इक लड़की से मिलवाया लड़की तो क्या लड़की के नाम पे कलंक ही थी साली इतनी पतली जैसे ही बस अब हवा चली और अब वो उड़ी और आँखो पर नज़र का चश्मा उसको देख कर मैने सोचा कि यार कहाँ तो एक से एक माल को रगड़ दिया और कहाँ इसकी लेनी पड़ेगी तो मैने कहा भाई ये कही मर वर ना जाए तो वो बोला भाई एक बार इसके साथ जाके तो देख फिर कहना तो उसने मेरा इंट्रो उस लड़की से करवाया और सारा मामला सेट करवा दिया अब जगह की दिक्कत थी तो मैने आइडिया लगाया पास मे ही जॅंकयार्ड था जहा पुराने आर्मी वेहिकल्स पड़े थे तो वहाँ एक आर्मी बस भी खड़ी थी मैं सबसे बचते बचाते उस लड़की को उस बस मे ले गया

मैने धीमे से उसका नाम पूछा तो उसने कहा उषा उमर को बीस इक्कीस की होगी चूची छोटी छोटी सी थी किसी बड़े वाले नींबू जैसे फिगर तो कुछ ख़ास नही था पर अब ये ही जुगाड़ था तो अब ये ही सही


बस मे घोर अंधेरा छाया हुआ था मैने उस को अपने पास खीचा और उसके सूट के उपर से ही उसकी छोटी छोटी चूचियो को मसल्ने लगा वो आहे भरने लगी कुछ ही देर मे उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और पेंट के उपर से ही उसको सहलाने लगी अब चूत चाहे कैसी भी हो होती तो चूत ही है ना मैने उसके सूट को थोड़ा सा उपर किया और ब्रा के उपर से ही चूचियो को मसल्ने लगा उषा भी मुझे कुछ चुदासी ही लगी वो भी कुछ ज़्यादा ही रेस्पॉंड कर रही थी मैने उसके सूट को उपर सरका दिया और ब्रा के उपर से बोबो को पूरी ताक़त से मसल्ने लगा जिसका रिक्षन कुछ यू दिया उसने कि उसने मेरी पॅंट को खोल कर नीचे कर दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से ज़ोर से हिलाने लगी कुछ देर तक उसको स्मूच करने के बाद मैने उसके कान मे धीमे से लंड चूसने को कहा तो वो बिना शरमाये नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को मुँह मे ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे कि किसी ब्लू फिल्म की हेरोयिन लंड चूस रही हो बड़ी ही अदा से वो लंड के सुपाडे को चूमते हुए मुझे मज़ा देने लगी थी वो अपनी जीभ को गोल गोल करते हुए मेरे लंड को चूस रही थी कुछ ही पॅलो मे उसने पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था तो मैने उसके सर को अपने हाथो से पकड़ लिया और कमर हिलाते हुए उसके मुँह को छोड़ने लगा उषा गगगगगगग्गगुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ गगगगगगगगगगगगग्गगुउुुुुउउ करने लगी 5-7
मिनट अच्छे से उसको लंड चूसाया फिर मैने उसको खड़ी किया और उसकी सलवार और पैंटी को उतार कर साइड मे रख दिया और उसको बस की सीट पर लिटा दिया मैने पर्स से कॉंडम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया और उषा की सुखी सुखी टाँगो को फैला के अपने लिए रास्ता बनाया और लंड को उसकी चूत पर टिका दिया जैसे ही आधा लंड चूत मे गया उषा के बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो दर्द भरी आवाज़ मे बोली आहह उूउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुंम्म्ममममममममममममममय्ययययययययययययी कितना मोटा है तुम्हारा माणिईीईईईईईईईईईईईईईईई तूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ गाइिईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मीईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई तो ऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआअटततटटटटटटटटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईई गयी आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज

तो मैने कहा आज तक तू लुल्ली से ही चुदि होगी चल अब लंड का भी मज़ा ले और दो तीन धक्को मे ही पूरा लंड उषा की चूत मे पहुचा दिया उसस्स्स्स्स्शहााआअ दर्द सीईईईईई दोहरी हो गयी ओूऊऊऊओ बूऊओलीइीईईई कीईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तूऊऊऊऊऊऊ तुमनीईईईईईई फफफफफफफफफफफफफफफफफफ़ाआआआआआाााद्द्द्द्द्द्द्दद्ड हीईीईईईई द्दददाााआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीईईईईईई और आवाज़ करने लगी तो मैंन झट से अपने मुँह से उसके मुँह को लॉक कर दिया अब उसकी आवाज़ मेरे मुँह मे ही घुट के रह गयी तो मैं लगा अब लंड को आगे पीछे करने उषा के होंठो को पीते पीते मैं चूत के मज़े लेने लगा था थोड़ी देर मे उषा की ट्रेन भी मस्ती के प्लतेफोर्म पर आ गयी और वो भी अपनी गान्ड को उचका उचका कर चुदाई का मज़ा लेने लगी अब उसको लंड मोटा नही लग रहा था पच पुच की आवाज़ बस मे आ रही थी तो इस तरह से 30-35 मिनट तक उषा की बुरी तरह से चुदाई की मैने और फिर डिसचार्ज हो गया मैं उसके उपर से उतरा कॉंडम को निकाल कर वही बस मे ही फेक दिया कपड़े सही किए और फिर सावधानी से वहाँ से खिसक लिए पार्टी अभी चल ही रही थी फिर खाना वाना खाया और एक दो पेग और टिका दिए

चूँकि रात को पार्टी थी तो अगले दिन का ऑफ मिला था तो मैं भी लेट ही उठा उस दिन कई दिन की नींद पूरी करली मैने तो दोपहर को मैने सोचा कि क्यो ना एक दो समोसे ही खा लू तो मैं शॉपिंग सेंटर पहुच गया तो मैने देखा कि वहाँ पर मूर्ति सर की वाइफ भी थी उनके पास दो बॅग थे तो मैं उनके पास चला गया उनको नमस्ते किया तो वो बोली कि अरे तुम यहाँ कैसे तो मैने कहा कि माँ समोसे खाने आया हू तो उन्होने कहा आओ घर चलो मैं तुमको मस्त डोसा और संभर खिलाती हू तो मैने उनके दोनो बॅग उठा लिए और उनके साथ उनके घर आ गया ब्लू जीन्स और पिंक टॉप मे वो बड़ी ही जबरदस्त लग रही थी बॅग थोड़े भारी थे तो मैं उनसे थोड़ा सा पीछे रह गया उनकी गान्ड बड़ी ही भारी थी और जीन्स मे तो और भी कयामत लग रही थी

मेरा मन डोलने लगा था कोई दस मिनट बाद मैं उनके घर था मैने सामान रखा और सोफे पर पसर गया अपनी एक बात थी कि मैं कभी फॉरमॅलिटी के चक्कर मे नही पड़ता था मॅम बोली कि कुछ पियोगे तो मैने कहा जी ठंडा पानी तो उन्होने मुझे बॉटल ला कर दी और फिर मुझसे बाते करने लगी कि मैं कॉन से ट्रेड मे हू कहाँ से बिलॉंग करता हू वाईगरे वाईगेरा कुछ ही देर मे वो मुझसे काफ़ी फ्रॅंक हो गयी और मैं तो उनकी सुंदरता पर मोहित हो ही गया था फिर

मैने कहा मॅम एक बात पुछु अगर बुरा ना मानो तो उन्होने कहा अरे पूछो जो तुमको पूछना है तो मैने कहा मॅम आपका नाम क्या है तो वो खिल खिला कर हँस पड़ी और फिर बोली मेरा नाम पद्मिकनी है मैने कहा बड़ा ही प्यारा नाम है जी आपका तो वो बोली हम वो तो है हम ऐसे ही गॉसिप करते रहे की अचानक उन्होने मुझे टोका और कहा कि क्या तुम बार बार मॅम मॅम बोलते रहते हो तुम मुझे भाभी भी कह सकते हो इधर घर मे नो प्रोटोकॉल तो मैने कहा जी भाभी मुझे कोई डेढ़ दो घंटे हो गये थे उनके यहाँ आए हुए तो मैने कहा भाभी अभी मैं चलता हू तो उन्होने कहा की जब भी तुम्हारा मन कुछ खाने को हो तो तुम सीधे यही आ जाना मैंन कहा जी आ जाउन्गा और फिर वहाँ से आ निकला मुझे आए हुए दो महीने होने को थे पर मिता का एक भी फोन नही आया था और ना ही मैने फोन किया था तो उसकी याद भी आ रही थी पर चूँकि उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी तो मैं भी उसको ज़्यादा डिस्टर्ब नही करना चाहता था और निशा की याद तो कभी दिल से जाती ही नही थी मुझे तो नेक्स्ट होलिडे सॅंक्षन होने का इंतज़ार था कि कब मैं मुंबई पेहच्यू दो तीन दिन मे घर पर भी बात कर लिया करता था तो वो भी खुश हो जाते थे ऐसे ही सबको खुशिया देते हुए मैं खुद अपने दुख मे झुलसे जा रहा था पर एक बात थी कि मेजर साहिब अब मुझसे इतनी सज़ा भी नही देते थे और अपने कई काम भी मुझसे करवा लिया करते थे हर सनडे को उनके घर का भोजन उड़ाता था मैं पद्मिईनी जी से भी काफ़ी हसी मज़ाक कर लेता था वो बेहद ही सुलझी हुवी लेडी थी और मूर्ति सर भी कुछ ऐसे ही थे पर ये आर्मी थी तो टफनेस तो दिखानी पड़ती है ना
एक दिन मैं पद्मि नी भाभी से ऐसे ही मिलने चला गया तो वो अपने बगीचे मे पोधो को पानी दे रही थी अब पानी का काम था तो थोड़ा कीचड़ भी हो गया था जब वो मेरी तरफ आ रही थी तो अचानक ही उनका पैर स्लिप हो गया और वो फिसल कर सामने वाली दीवार से टकरा कर गिर गयी मैं दौड़ कर उनकी तरफ गया और झट से उनको बाहों मे उठा लिया तो मेरी कोहनिया उनके बूब्स से टकराने लगी पर मैने इतना ध्यान नही दिया क्योंकि वो बहुत ही ज़्यादा दर्द मे थी तो मैं उनको अपनी बाहों मे उठाए ही अंदर ले गया और बेड पर लिटा दिया अब

उनके कपड़े तो कीचड़ के हो गये थे तो चादर थोड़ी सी गंदी हो गयी पर उनको लिटाना तो था ही वो दर्द से बुरी तरह से कराह रही थी तो मैने जल्दी से मूर्ति सर को पद्मि नी के फोन से कॉल किया और पूरी सिचुयेशन बताई तो वो भी टेन्षन मे आ गये पर उन्होने कहा कि वो आज सीनियर ऑफिसर्स के साथ बोर्ड मीटिंग मे है कुछ ऑफिसर्स का डेलिगेशन बाहर से आया है तो वो तो रात तक फ्री नही हो पाएँगे तो उन्होने मुझे कहा कि तुम पद्मिननी को जल्दी से एमएच (मिलिटरी हॉस्पिटल ) ले जाओ तो मैने कहा ऑर्डर का पालन होगा सर और कॉल कट कर दी मैने पद्मिीनी को कहा कि मैं आपको एमएच ले जा रहा हू इसी टाइम तो वो सुबक्ते हुए बोली कि पर मेरे कपड़े गंदे है तो मैने कहा मैं बाहर वेट करता हू आप चेंज कर्लो फिर मैं आपको लेके चलूँगा उन्होने उठने की कोशिश की पर वो उठ ना पाई और रोते हुए बोली कि मेरे हिप्स मे बहुत ही दर्द हो रहा है आइ कॅन’ट एबल टू मूव तो मैने कहा मॅम ऐसे गंदे कपड़ो मे तो नही ले जा सकता ना तो उन्होने कहा एक काम करो मेरी अलमारी से मेरा ट्रॅक्सयूट निकालो और मुझे पहनाओ मैने कहा भाभी मैं कैसे ये कर सकता हू तो उन्होने कहा मुझे कुछ नही पता है मैं पेन को बर्दास्त नही कर पाउन्गि तुम बस मेरी हेल्प करो मुझे अंदर ही अंदर खुशी भी थी कि उनके हुस्न का दीदार हो जाएगा पर उनकी पेनफुल सिचुयेशन से दुख भी था तो मैने अलमारी से उनका ट्रॅक सूट लिया तो भाभी बोली जल्दी से मेरे कपड़े चेंज करो तो मैने उनकी बाहों को उपर किया और उनके टॉप को आहिस्ता से निकाल दिया ।
Like Reply
#36
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मेरा तो मरण हो गया ब्लू ब्रा मे क़ैद ठोस गोले बाहर आने को बेताब थे पद्मिानी भी भाँप गयी थी कि मैं क्या देख रहा हू पर वो भी मजबूर थी तो उन्होने बस इतना ही कहा कि जल्दी से करो तो मैने फिर उनकी जीन्स के हुक पर अपना हाथ रख दिया भाभी का पूरा बदन कांप गया अपने दर्द को जैसे वो उस पल भूलही गयी समय जैसे रुक सा ही गया था हम दोनो के लिए किसी भी औरत के लिए ये सब आसान नही होता है सिचुयेशन चाहे कुछ भी हो इस तरह से अपने कपड़े उतरवाना बेहद मुश्किल होता है पर अब मजबूरी थी तो मैने देखा कि पद्मि नी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी पर उनकी पतले पतले होंठो लगातार कांप रहे थे तो आख़िर मैने हिम्मत करके जीन्स के हुक को खोल ही दिया और ज़िप भी खोल दी जीन्स थोड़ी ढीली हो गयी पर चूँकि भाभी के कुल्हो पर चोट लगी थी तो मैने अब उनकी दोनो जाँघो को पकड़ कर उठाया आहिस्ता से और जीन्स को सरकाते हुए नीचे जाँघो तक ले आया आज तो कयामत को ही अपनी आँखो के सामने देख लिया था मैने बेहद ही सुंदर दृश्य था वो जितना लिखू उसके बारे मे उतना ही कम पड़े सच मे भगवान कुछ औरतो को बना ही इतनी सुंदर देता है कि फिर पूछो ही मत पद्मि नी की ब्लू कलर की जालीदार पैंटी मे से मुझे उसकी बिना बालों की सॉफ सुथरी काली काली चूत के दर्शन हो रहे थे मैं मंत्र मुग्ध सा अपनी सांस रोके उसको देखे ही जा रहा था तभी पद्मिीनी की आवाज़ से मेरी तंद्रा टूटी वो बोली अब इतना क्या देख रहे हो मैं तो दर्द मे पड़ी हू और तुम सिचुयेशन का अड्वॅंटेज लेने मे लगे हो तो मैने जल्दी से जीन्स को निकाला और उनको ट्रॅक पॅंट पहना ने लगा जब मैं उसको पहना रहा था तो मैंन आहिस्ता से पद्मिऔनी की चूत को दबा दिया इस तरीके से कि उसको लगे कि बस हाथ छू गया है पर वो भी अनुभवी औरत थी वो झट से मेरी हरकत को पकड़ गयी पर बोली कुछ नही तो मित्रो कपड़े चेंज करने के तुरंत बाद मैं उनको एमएच लेके गया और डॉक्टर्स उनको एग्ज़ॅमिन करने लगे कोई 15-20 मिनट बाद डॉक्टर्स ने बताया कि कूल्हे मे फ्रॅक्चर तो नही है पर अंदर के माँस मे चोट लगी है जिसे गुम चोट भी कहते है तो उनको कुछ दिनो तक मालिश वग़ैरा करनी पड़ेगी पर लेफ्ट पेर के आंकल मे हेरलाइन फ्रॅक्चर हो गया है तो हम ड्रेसिंग कर रहे है पर वो एक माइनर सा है तो ये थोड़ी देर मे ही घर जा सकेंगी और थोड़ा चलने फिरने मे सावधानी बरतनी पड़ेगी मैने ये सुनकर चैन की सांस ली और उनकी दवाइयाँ खरीदने चला गया शाम होते होते मैं उनको घर ले आया मैने मूर्ति सर को फिर फोन किया और बताया तो वो बोले की थॅंक्स जो तुमने हमारी हेल्प की मैं तो लेट नाइट तक ही आ पाउन्गा जब तक मैं ना आउ तुम भाभिजी के साथ ही रहना और मस्ट टेक केर ऑफ हर तो मैने कहा जी ठीक है
घर आके मैने उनके बेड को सही किया और उनको लिटा दिया और आराम करने को बोला मैं किचन मे गया दूध गरम किया और भाभी जी को मेडिसिन्स दे दी और थोड़ी देर सोने को कहा और मैं वही पास मे कुर्सी पर बैठ कर एक मॅग्जीन पढ़ने लगा दवाइयों के असर से उनकी आँख लग गयी सोते हुए पद्मि नी बड़ी ही प्यारी लग रही थी मैं बार बार उसको ही देख रहा था उनको सोए हुए 2 घंटे से उपर का टाइम हो गया था और 7 बजने को थे मुझे भी जाना था पर उनको छोड़के भी नही जा सकता था तो क्या करूँ तो मैने सोचा कि कोई नही एक सज़ा और सही क्या फरक पड़ता है वैसे भी जब जब वो सांस लेती तो उनकी उपर नीचे होती छातियाँ मुझे उत्तेजित करने लगी थी मेरा मन तो किया की चोद डाल यही पर ऐसा कर थोड़ी ना सकता था मैं बाहर पानी पीने चला गया तभी उनकी आँख खुल गयी तो मैने पूछा कि अभी ठीक हो तो वो बोली हाँ और मुझे थॅंक्स कहा फिर वो बोली कि ज़रा मुझे बाथरूम तक ले चलो तो मैने कहा क्यों तो वो बोली क्यों का क्या मतलब मुझे टाय्लेट कर ना है तो मैने कहा भाभी जी इस हालत मे आप सीट पर नही बैठ पाओगे तो आप यही पर कर्लो लेटे लेटे ही मैं सॉफ कर दूँगा तो वो बोली कि नही मैं ऐसा कैसे कर सकती हू तुम मुझे लेके तो चलो तो मैने कहा जैसी आपकी मर्ज़ी और उनको सहारा देकर खड़ा किया ही था कि ग़लती से उनका चोट वाला पैर ही फर्श से टच हो गया और पूरा बॉडीवेट उस पर आ गिरा पद्मिलनी की एक चीख निकल गयी और हालत टाइट हो गयी तो मैने उनको दुबारा से लिटा दिया और कहा आप मेरी बात मानो मैं सॉफ कर दूँगा आप इधर ही कर्लो काफ़ी देर उनको समझाया इधर उनका पेशाब भी बाहर आने को मचल रहा था वो बार बार कस मसा रही थी तभी मुझे आइडिया आया मैने कहा मैं एक मिनट मे आया और उनके बाथरूम से टब ले आया और एक छोटी वाली कुर्सी को उसमे रख दिया कहा कि भाभी आप यहाँ बैठ कर आराम से सू सू कर लो आपको कोई प्राब्लम भी नही आए गी वो बड़ी प्रभावित हुवी और बोली हां ठीक है तो मैने उसको सहारा देकर कुर्सी पर बिठा दिया और पूछा कि

पायजामा नीचे करू तो वो बोली कि मैं कर लूँगी और मुस्कुरा दी शायद उसे दोपहर वाली बात याद आ गयी थी तो मैं कमरे से बाहर आके खड़ा हो गया दरवाजे के पास मेरे कानो में सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ अगले एक मिनट तक आती रही फिर उन्होंने मुझे बुलाया तो मैने उनको वापिस लिटा दिया और टब को लेके बाहर आ गया एक गिलास के लगभग पेशाब था टब मे तो मैने एक काँच के गिलास मे वो डाल दिया और उसको किसी विस्की के पेग की तरह सीप लेकर पीने लगा

अब ऐसी कयामत औरत का पेशाब मिल जाए वो ही बड़ी बात थी फिर मैने टब को सॉफ किया फिर गीले कपड़े से कुर्सी को फिर आके पद्मिडनी के पास बैठ गया कुछ देर खामोश रहने के बाद उन्होने चुप्पी तोड़ ते हुए कहा कि आज तुम ना होते तो बड़ी प्राब्लम हो जाती इम सो थॅंकफुल टू यू और थोड़ी सी एमोशनल हो गयी अब इसी टाइम मुझे उसको शीशे मे उतारना था तो मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और डाइरेक्ट्ली उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए कहा कि आप मेरी दोस्त हो और दोस्त को कभी थॅंक्स नही कहते ये डायलॉग मैने कई फ़िल्मो मे सुना था तो आज यहाँ पे चिपका दिया फिर जब वो कुछ ना बोली तो मैने कहा क्या हुआ भाभी क्या मैं आपका फ्रेंड नही हू तो वो बोली आज से तुम मेरे बेस्ट फ्रेंड हो तो मैने उनके हाथ को हल्का सा दबा दिया और उनके होटो पर भी मुस्कान आ गयी मैने पूछा कि अब दर्द हो रहा है तो उन्होने कहा कि पेनकिलर से आराम है पर कभी कभी एक टीस सी लगती है तो मैने कहा कि हो जाएगा ठीक कुछ दिनो मे तब तक आप रेस्ट करो फिर मैं किचन मे गया और दो कप चाइ बना लाया और हम चाइ पीने लगे एक बात मैने नोटीस की कि पद्मिननी को बाते करने मे बड़ा ही मज़ा आता था वो हमेशा ही मेरी पर्सनल लाइफ के बारे मे पूछती रहती थी और मैं भी उसको कुछ बता ता कुछ छुपा लिया करता था बातों बातों मे पता चला कि उनका एक बेटा भी है जो 6थ मे बोर्डिंग कॉलेज मे पढ़ता है मैं तो शॉक हो गया ये सुनकर तो मैने कहा मैं मानता ही नही आप को देख कर लगता ही नही कि आप को बच्चा भी होगा यू आर सो यंग यू आर लाइक आ डिवा तो वो बोली अब सच तो ये ही है फिर उन्होने बताया कि वो नेवी मे एसएससी पाइलट के रूप मे काम कर चुकी है और फिर उन्होने वीआरएस ले लिया ये सुनकर मैं तो बड़ा ही इंप्रेस हो गया बाते करते समय वो अपनी सारी तकलीफे भूल जाती थी और जब बार बार वो अपनी ज़ुल्फो की लटो को हाथ से सुलझाती तो और भी प्यारी लगती थी बातों बातों मे टाइम का पता ही नही चला फिर मूर्ति सर आ गये आते ही उन्होने अपनी वाइफ का हाल चाल पूछा और थोड़ी देर उनसे बाते की मैं वही बैठ कर उनकी बात सुन ने लगा पर तमिल थी या टेलेगू या मलयालम अपने को भाई आती नही थी तो पता नही चला कि वो क्या कह रहे थे पर बात कोई दस मिनट तक चली फिर सर ने मुझे कहा कि मैं पिज़्ज़ा ऑर्डर कर रहा हू तुम भी यही खा लेना

पिज़्ज़ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ अब साला गाँव का लौन्डा यही मार खा गया समोसा, कचोरी बुरगुर चोवमीन भी ठूंस ली थी पर ये साला पिज़्ज़ा क्या होता है नाम ही आज सुना था अपना तो आज भाई पोपट हो गया ये पिज़्ज़ा क्या होता है ना कभी नाम सुना पर फिर सोचा कि जब ये खाएगा तो मैं भी खा लूँगा और ऐसे ही विचार करते करते सोचने लगा पिज़्ज़ा के बारे मे………….. कोई आधे घंटे बाद डेलिवरी बॉय लेके आया पिज़्ज़ा जब उन्होने सर्व किया तो पता चला कि ऐसी भी कोई चीज़ दुनिया मे होती है भाई उस दिन बहुत दुख हुआ कि काहे फोज मे आ गये गान्ड मरवाने कॉलेज ही चले जाते खैर दो मिनट देखा कि वो कैसे खाते है तो फिर मैने भी खाना शुरू किया कुछ भी कहो था टेस्टी तो पिज़्ज़ा के बाद मैने उनको बाइ बोला और होस्टल आ गया रात हो गयी थी पर आँखो मे पद्मिीनी की काली काली चूत का दृश्य ही घूमे जा रहा था तो भाई गये बाथरूम मे और मारी मुट्ठी पद्मिपनी को सोच के और आके धम से पड़ गये बिस्तर पर



मेजर शहाब अगले दिन भी ग्राउंड पर थे हमारी गान्ड मे डंडा करने को तो ब्रेक मे मैं उनके पास गया और पूछा कि सर आपने लीव नही ली मेम्साब का ख़याल कॉन रखेगा तो वो बोले कि यार मैं क्या करूँ मैं फसा हुआ हूँ बाहर से कुछ लोगो का डेलिगेशन आया हुआ है अकादमी को सूपरविषन करने को तो मजबूरी है तो मैने कहा कि सर अगर कुछ एमर्जेन्सी हो गयी तो उनको कॉन संभाले गा तो वो सोच मे डूब गया अब वो मुझपर ही तो ट्रस्ट करता था तो उसने मुझे कहा कि तुम दो चार दिन पद्मिमनी की केर करो तो मैने कहा सर मैं कडेट हूँ आप किसी अरदली की ड्यूटी घर पे लगवा दो तो वो कहने लगे कि यार तुम फॅमिली मेंबर्ज़ ही तो हो हमारे तुमपे मुझे ट्रस्ट है तो तुम मेरा ये काम करदो फाइनल एग्ज़ॅम मे मैं तुम्हारी ग्रेड सुधारवा दूँगा अब उस को कॉन समझाए कि मैं तो ये ही चाहता था तो उसको शक ना हो तो थोड़ी आक्टिंग की तब जाके मैं माना तो उसने कहा कि तुम आब्सेंट की चिंता ना करना मैं वो सब अड्जस्ट कर दूँगा तो मैने कहा कि ओके सर और फिर जैसे ही उन्होने कहा मैं उनके घर चल दिया रास्ते मे मैने सोचा कि उनके लिए कुछ खरीद लूँ तो एक बॉक्स डार्क चॉकलेट का ले लिया और फिर उनके घर गया वो आराम ही कर रही थी हाई हेलो के बाद मैं उनके पास बेड पर ही साइड मे बैठ गया और अपना लाया हुआ चॉकलेट का डिब्बा उनको दे दिया तो उन्होने थॅंक्स कहा फिर मैने उनके पैर को देखा और उसको सहलाने लगा मेरे टच करते ही एक लहर उनके बदन मे तरंग बनकर दौड़ गयी मैं उनके पैर की नाज़ुक उंगलियो को सहला रहा था और उनसे बाते कर रहा था फिर मैने कहा कि आपने दवाई ली तो उन्होने कहा कि हम पर पैर की मालिश नही की क्योंकि वो खुद नही कर सकती तो मैने कहा लाओ मैं कर देता हू वो मना करने लगी पर मैं कहाँ मान ने वाला था तो मैने स्टूल पर रखी दवाइयों मे से मालिश वाले आयिल की शीशी को लिया और टखने की गरम पट्टी को खोल दिया और अपने हाथो से हल्के हल्के मालिश करने लगा तो उनको भी बेहद आराम मिला बीच बीच मे मैं थोड़ा सा दबाव भी टखने पर डाल देता था जिस से उनक दर्द होता पर ये ज़रूरी भी था अच्छे से मालिश करने के बाद मैने गरम पट्टी दुबारा लगा दी और तेल की शीशी रख ही रहा था कि भाभी ने कहा कि अरे हिप्स की मालिश नही करनी है क्या तो मैने कहा सॉरी मैं तो भूल ही गया था तो मैने भाभी को उल्टा लिटा दिया और उनके पैर के नीचे तकिया लगा दिया ताकि टखने पे प्रेशर ना आए और उनकी टीशर्ट को थोड़ा सा उपर कर दिया उनकी गोरी गोरी पीठ दिखने लगी मैने अपना हाथ वहाँ टच किया तो बहुत ही सॉफ्ट स्किन थी तो मैने उनकी पाजामी के एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ फसाई और उसको थोड़ा सा नीचे कर दिया तो भाभी बोली अरे ज़्यादा मत नीचे करना वरना कल की तरह आज भी सब कुछ देख लोगे तुम बड़े नॉटी हो गये हो आजकल तो मैने कहा भाभी जी वो तो मेरी मजबूरी हो गयी थी इसलिए देखना पड़ा पर अब कूल्हे की निचली साइड मे चोट लगी है तो पाजामी तो सरकानी ही पड़ेगी तो वो बोली अरे तुम प्लीज़ नाराज़ ना होओ मैं तो बस मज़ाक कर रही थी अब तुमसे क्या छिपा है एक बार देखो या हज़ार बार देखो चलो मालिश करो वरना मैं ठीक कैसे होउंगी आज पता चला था कि हाइ क्लास मे इन चीज़ो को ज़्यादा महत्व नही दिया जाता है अब ये तो हम गाँव वाले ही है जो चूत गान्ड के चक्कर मे पड़े रहते है तो मैने उनकी पाजामी को जाँघो तक कर दिया आज भी उन्होने कल वाली पैंटी ही पहनी हुई थी जो बस एक डोर से ही उनकी गान्ड के दोनो फांको के बीच मे घुसी पड़ी थी और पूरे चुतड तो नुमाइश कर रही थे मैं मन ही मन सोच रहा था कि पद्मिेनी के चुतड किस साइज़ के होंगे मैं अपने ख़यालो मे खोया हुआ था कि उनकी आवाज़ ने मेरा ध्यान भंग किया और वो बोली अरे मालिश करो ना पूरा दिन क्या मैं इसी तरह पड़ी रहूंगी तो मेरा ध्यान आया पर मैं कुछ बोला नही तो वो चुटकी लेते हुए बोली कि अरे कही तुम मेरे हिप्स देख कर मेरे फिगर के बारे मे तो नही सोच रहे हो ना तो मैं सकपका गया उन्होने यूँ ही मेरे मन की बात पकड़ ली तो मैने हकलाते हुए कहा कि नही जी ऐसा कुछ नही है तो वो बोली कि चलो मैं तुम्हे बता ही देती हू वरना तुम फिर से ख़यालो मे खो जाओ गे तो उन्होने मज़े लेते हुए कहा कि मेरा फिगर है 37-31-39 तो मेरे मुँह से निकल गया इट’स टू हॉट साइज़ तो वो हंस पड़ी मैने दवाई वाला तेल चोट की जगह पर लगाया और चुतड को अपने हाथ से दबाने लगा बड़े ही सॉफ्ट थे वो जैसे समोसे का घून्था हुआ आटा हो इतने बड़े मलाई दार चुतड मेरे हाथ मे समा ही नही रहा था मुझे मालिश से ज़्यादा तो उनको सिड्यूस करने मे मेरा ध्यान था मैं अच्छे से उनकी मालिश करता रहा कई बार मेरा हाथ चूत की ओर जाने की कोशिश करता पर मैं उसे रोक लेता पद्मिानी को तो चोदना ही था

मुझे हर हाल मे पर उसकी मर्ज़ी से ही वरना पंगा खड़ा हो जाता अब थी तो वो भी एक माल ही जब जब मैं उसके कुल्हो को छेड़ता तो उसके जिस्म मे तरंगे उठ जाती आख़िर उसके मुँह से एक आह निकल ही गयी ये वो आह थी जिसका मतलब मैं अच्छे से समझता था तो मैं अब उनकी कमर पर बैठ सा गया और उनके दोनो कुल्हो को दबाने लगा वो तकिये मे अपना मुँह दिए मस्ती का अनुभव करने लगी थी मेरा लंड जिसने पेंट मे टेंट बना रखा था उनके चुतड़ों की दरार से टच होने लगा था अब उनको भी पता था कि ये मेरा लंड ही है जो उनको चुभ रहा था पर वो कुछ नही बोली हा उनकी साँसे ज़रूर गहरी हो गयी थी पर फिर मैने खुद को किसी तरह से कंट्रोल कर लिया और उनकी पयज़ामी को वापिस उपर चढ़ा दिया फिर मैं तुरंत ही उनके बाथरूम मे गया और मुट्ठी मार कर ही वापिस आया मॅम भी थोड़ी संयमित लग रही थी फिर मैने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मॅम आज आपने बाथ नही लिया तो वो बोली कि तुम्हे कैसे पता चला क्या मेरे बदन से पसीने की बदबू आ रही है तो मैने कहा नही मॅम तो वो बोली बताओ तो मैने कहा कि आपने सेम अंडरगार्मेंट्स पहन रखे है ना इसलिए तो वो बुरी तरह से झेंप गयी और बोली कि वो क्या है ना चोट लगी है तो इसलिए नही नहाई मैने कहा टेक इट ईज़ी मॅम होता है ऐसे ही हम टाइमपास करते रहे लंच टाइम हुआ तो मैं मेस से खाना ले आया और उनके साथ ही लंच किया लंच के बाद पद्मि नी सो गयी तो मैं भी बाहर आकर सोफे पर थोड़ी देर सो गया जब मेरी आँख खुली तो 6 बज रहे थे मुँह धोया और मॅम को जगाया फिर उनको कल की तरह ही सूसू करवाया और चाइ बना कर दी आज मूर्ति सर कुछ जल्दी आ गये थे तो मैं भी वापिस होस्टल आ गया कुछ प्रॉजेक्ट्स अधूरे थे तो वो पूरा किए फिर सो गया


अपनी तो मौज थी अगले दिन ठीक दस बजे नाश्ता पानी करने के बाद मैं फिर से पद्मि नी जी की खिदमत मे था हाई हेलो के बाद मैंने जो टिफिन अपने साथ लाया था मेस से वो उनको दिया और साथ मे दूध भी दिया गरम करके फिर उनके घर की थोड़ी से सफाई की अब चूत के चक्कर मे क्या क्या करना पड़ता है पता चल रहा था फिर उनके और सर के कुछ कपड़े थे वो वॉशिंग मशीन मे डाले और उसको चला दी पर यूज़ करना नही आता था तो पद्मिुनी से डाइरेक्षन ली और उन कपड़ो को भी सूखने को टाँग दिया इन सब मे एक बज गया था तो पद्मििनी बोली यार मेरी वजह से तुमको बहुत परेशानी हो रही है तो मैने कहा दोस्त के लिए तो कुछ भी कर सकता हू फिर आपका घर मेरा घर और अपने घर मे काम करने मे कैसी शरम पद्मिेनी बुरी तरह से इंप्रेस हो गयी थी फिर वो बोली कि मेरे बालों मे बहुत तेज इचिंग हो रही है खुज़ला खुज़ला कर परेशान हो गयी हू तो मैने कहा कि शम्पू कर लो तो वो बोली कि यार तुम भी हमेशा ना मेरी टाँग खीचते रहते हो अभी इस हालत मे मैं कैसे शम्पू करू तो मैने कहा अगर आप कहो तो मैं कर दूँगा तो वो बोली ठीक है तुम मेरा सर धो दो तो मैने एक कुर्सी बाथरूम मे लगा दी और पद्मिरनी को वहाँ ले जाकर बिठा दिया यार ये पद्मि नी सच मे बहुत ही हाइ क्लास बोर्ड माइंडेड औरत थी तो सारी तैयारी कर ली थी उसके पैर को पोलिथीन से भी कवर कर दिया था ताकि कही पैर गीला ना हो जाए तो मैने उसके सर पे बँधे बालों के जुड़े को खोला और उसके रेशमी बालों को आज़ाद कर दिया और उनको पानी से धोते हुए शम्पू करने लगा तभी मेरी नज़र उनकी नाइटी के अंदर गयी और चूचियो की खाई दिखने लगी तो मैं मज़े लेते हुए थोड़ा थोड़ा पानी उनकी नाइटी पर भी चलकाने लगा तो पद्मिखनी बोली अरे ऐसे मत करो मेरी नाइटी गीली हो रही है अब गीली तो मेरी पॅंट भी हो रही थी तो मैने कहा कि क्या मैं अपनी पॅंट उतार कर साइड मे रख दूं क्योंकि वो गीली हो रही है तो उन्होने कहा कि रख दो तो मैं दुबारा से उनके सर मे शम्पू करने लगा तभी अचानक से मेरे हाथ से पानी का डिब्बा छूट गया और उनकी नाइटी पूरी तरह से गीली हो गयी तो मैने जल्दी से सॉरी कहा तो वो बोली कोई बात नही हो जाता है तो मैने कहा कि मॅम आप अभी नहा ही लो क्योंकि पूरा तो भीग गये हो मैं बाहर खड़ा हू कोई प्राब्लम हो तो आवाज़ लगा देना और पानी की बाल्टी भर कर उनके पास रख दी और साबुन या जो भी चीज़ उन्हे चाहिए थी सभी कुछ वही पर रख दिया और बाहर आकर खड़ा हो गया


अब यही तो मेरा प्लान था मैने सब चीज़ तो रख दी थी पर तौलिया नही रखा था कोई बीस मिनट बाद उन्होने मुझे आवाज़ लगाई तो मैने बाहर से ही कहा जी भाभी जी तो वो बोली की टवल चाहिए तो मैने कहा कि मैं दरवाजे के पास रख देता हू आप ले लेना तो वो बोली स्टुपिड मैं कैसे लूँगी तुम ही आकर दो तो मैने कहा जी अभी आया और झट से गेट खोल कर अंदर घुस गया मैंन सोच रहा था कि वो नंगी होंगी पर वो तो पुराने वाली ब्रा पैंटी मे ही थी ब्रा उन्होने उतारी नही थी और पैंटी वो उतार सकती नही थी और उन्हे इस तरह देखने से कोई खास फरक पड़ना भी नही था तो उन्होने तौलिए से अपने शरीर को पोन्छा और फिर उसको चूचियो पर लाते हुए ब्रा भी खोल कर एक साइड मे फेक दी और मुझे उन्हे खड़ा करने को कहा तो मैने उन्हे सहारा देकर खड़ा कर दिया तो उन्होने कहा आँख बंद करो तो मैने कर ली फिर उन्होने अपनी पैंटी को सरकाया और टवल को लपेट लिया और फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता से उनको वापिस कमरे मे ले आया हालाँकि मैं उनको नंगी देखना चाहता था पर इस हालत मे नही वो जो इतना टेस्टी नाश्ता करवाया करती थी उसका भी तो कुछ लिहाज़ था मॅम ने कहा कि मेरी अलमारी से मेरे अंडरगारमेंट्स लाकर दो मुझे मैने अलमारी खोली और ब्रा पैंटी के कई सेट्स पड़े थे वहाँ पर तो मैने एक पिंक वन चूज़ की और उनको दी दी मैने मुँह फेर लिया ताकि वो चेंज कर सके उन्होने ब्रा तो पहन ली थी पर पैंटी नही पहन पा रही थी तो उन्होने मुझे कहा कि ज़रा पैंटी डालने मे मेरी हेल्प करो तो पर मैने कहा कि माँ आप डाइरेक्ट पाजामी ही पहन लो ना जब आप खुद डाल सको तो ये भी पहन लेना आक्च्युयली मेरा लंड खड़ा हो रहा था तो मैं थोड़ा सा उलझ गया था तो पद्मि नी बोली कि यार तुम भी बड़े ही फॉर्मल हो पाजामी पहन ने मे भी तो तुम्हारी ही मदद लूँगी ना तो पैंटी डालने मे भी हेल्प करो और हाँ ये क्या बार बार मॅम मॅम कहते रहते हो कितनी बार कहा है कि भाभी कहा करो तो मैने कहा जी वो मुँह से निकल जाता है तो मैने पैंटी को उनकी टाँगो मे फसाया और उपर की ओर सरकाने लगा जब वो जाँघो तक आ गयी तो मैने टवल को पूरी तरह से अलग कर दिया उनकी रस से भरी चूत मेरी आँखो के सामने थी मुझे ऐसा लगा जैसे चूत की पंखुड़िया काँपी हो पद्मि नी ने जब देखा कि मैं उनकी चूत को ही निहार रहा हू तो वो थोड़ा सा टाइट लहजे मे बोली कि कितनी देर लगाओ गे जल्दी से पहना दो ना तो मैने उनके कुल्हो को अपने हाथ की हेल्प से थोड़ा सा उपर किया और पैंटी को उपर करने लगा पर मैं ठहरा ठर्की तो चूत को सहला ही दिया भाभी हल्की सी मुस्कुरा ही पड़ी फिर मैने थोड़ी देर उनके कुल्हो की मालिश की और फिर उनको कपड़े भी पहना दिए अब मेरा तो टाइम उनके घर ही कट ता था दोपहर को फिर मेस से खाना लाया फिर वो थोड़ी देर सो गयी मैं उनके घर के बरामदे मे कुर्सी पर बैठा था कि तभी मेरे उस कॅंटीन वाले याडी का फोन आया कि भाई आज तू पक्का कॅंटीन आ जाना 7 बजे के आस पास तो मैने कहा कि कोशिश करूँगा फिर मैने सोचा कि मैं भी थोड़ा सुस्ता लूँ और चटाई बिछा कर लेट गया पता नही कैसे आज थोड़ी गहरी नींद लग गयी पता नही कितनी देर सोया मैं कि तभी एक तेज आवाज़ से मेरी आँख खुली ऐसे लगा कि जैसे कुछ गिरा हो तो मैं फॉरन ही अंदर भागा तो देखा कि फ़राश पर नाइट लॅंप गिरा पड़ा है और बेड पर पद्मि नी एक अजीब सी हालत मे थी वो अपने शरीर को टाइट करे हुए थी और काँपते हवुए बोली कि कहा थे तुम कम्बख़्त इधर मेरा बुरा हालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊऊऊऊ गया है
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुझीईईईईईईईई सूसुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ करना हाईईईईईईईई आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब माणिईीईईई औत्त्त्तत्त ओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओकककककककक्क्कोंंनननननननननननणणनतत्त्टत्त्ट्रोल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हू चुकी हू कितनी देर से मैं पुकार रहियिइ हू जल्दी
सीईईई लीईई ककककककककचााालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल मकहियीईईईईईई इधहर्र्र्र्र्र्ररर हीईीईईईईईईईईिनाआआ निकल जाए तो आईईईईईईईईई माणिईीईईईई उन्हीईई उठााआआआआनीईईईईईई वाला आआआआआआआअ हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई था कि तभी उनकी चूत ने उनको धोखा दे दिया और पेशाब की धार छूट पड़ी अब ना जाने कब से वो मुझे पुकार रही थी बेचारी और उनकी पाजामी गीली होने लगी तो मैने तुरंत ही पाजामी के रब्ब्ड मे हाथ डाला और उसको सरका दिया और पैंटी के उपर से ही अपने होंठ चूत पर लगा दिए और उस गरम पेशाब को किसी जाम की तरह पीने लगा एक तो पेसाब का प्रेशर और फिर चूत पर मेरे प्यासे होंठो पद्मितनी को 440 वॉल्ट का झटका लग गया जब तक पेशाब आता रहा मैं उसको पीता रहा पेशाब बहना रुक गया था पर मैने अपने होंठो नही हटाए थे और बल्कि पैंटी की लाइन को साइड मे सरकाते हुए चूत को मुँह मे भर लिया भाभी जी बोली अफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और फिर वो कुछ ना बोल पाई उनकी आँखे अपने आप बंद होती चली गयी मैं अपने दाँतों से चूत की फांको को काटने लगा ऐसी नमकीन चूत जैसे गुजरात का सारा नमक यही पे रख दिया वो भाभी अपनी आँखे मुन्दे बस मोनिंग ही कर रही थी और मैने अपनी पूरी जीभ उस कयामत की चूत मे सरका दी थी मैने सोच लिया कि अब जो भी हो पीछे नही हटना है चाहे ये बाद मे सूली पे ही चढ़वा दे दो मैं पूरे मज़े से उसकी चूत का रस चाट ने लगा पदमिनी की चूत भी फड़ फडाने लगी ना जाने कब उसके हाथ मेरे सर पर आ गये और वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और हल्के हल्की आवाज़ मे येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ओह ईईईईईईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कोँम्म्ममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममममम ओन्न्न्ननननननननननननननननननणणन् ौउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ लिक्किंन्नननननननननननननननननननननननननननननगगग
गगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग सूऊऊऊऊ नाइस करने लगी 8-10 मिनट तक मैं पूरे मज़े से चूत को चाट ता रहा फिर एका एक उनका पूरा शरीर टाइट हो गया और चूत ने अपना पानी मेरे मुँह मे गिरा दिया एक एक बूँद को मैं चाट गया

फिर मैने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया और कमरे से बाहर निकल गया और पूरी एक बॉटल पानी पी गया फिर मैं कमरे मे गया तो वो वैसे ही आँखे मुन्दे पड़ी थी तो मैने कहा आप ठीक तो हो तो हो बोली हाँ आइएम ओके मैने फिर उनकी ड्रेस चेंज की और रसोई मे चला गया कोफ़ी बना ने के लिए कोफ़ी बनाते हुए मैं सोच रहा था कि अब पद्मिकनी का क्या रियेक्शन होगा क्योंकि अभी तक तो वो शांत ही थी और मैं उसकी चूत को किस कर गया था फिर हम कॉफी पीने लगे पर बोल कोई कुछ नही रहा था तो मैने चुप्पी तोड़ ते हुए कहा कि भाभी अभी थोड़ी देर पहले जो कुछ मैने किया उसके लिए इम रियली सॉरी मैं बहुत शर्मिंदा हू तो वो बोली नो आइ’म नोट आंग्री इट ऑल इनफॅक्ट मैने भी तो ऑर्गॅज़म को एंजाय किया है दट वाज़ सच आ वेरी प्लीज़िंग फीलिंग तो मैने कहा कि भाभी वो आपका पेशाब निकल गया था तो मुझे कुछ सूझा नही और फिर सब अपने आप ही हो गया तो वो थोड़ा सा हँसी और बोली कि तुम बड़े ही नॉटी हो तुम्हे देखकर लगता है कि यू हॅव एनफ एक्सपीरियेन्स टू सॅटिस्फाइ एनी काइंड ऑफ विमन तो मैने कहा जी अब इसके बारे मे मैं क्या कहूँ तो वो बोली कि क्या कभी तुमने डर्टी सेक्स किया है तो मैने कहा जी मुझे ये तो नही पता कि डर्टी सेक्स क्या होता है पर मैने जब जब भी सेक्स किया है अपनी फॅंटेसी को रियल ज़रूर किया है तो वो बोली वाउ और कैसी फॅंटेसी है तुम्हारी तो मैने कहा कि अब जाने भी दो ना तो वो बोली की अरे मुझे तो बताओ तो मैने कहा कि आप बुरा मान जाओगी तो वो बोली क्या मैं कभी तुमसे नाराज़ हो सकती हू चलो जल्दी से मुझे बताओ तो मैं उनके पास गया और अपने होंठ उनके कॉफी से सने होंठो पर रख दिए और स्मूच करने लगा आज पद्मिोनी को ये मेरा पहला किस था मलाई जैसे उसके मुलायम होंठो मेरे मुँह मे समाए थे जब तक सांस निकलने को ना हुई मैं किस करता ही रहा तब कही जाकर मैं उनसे अलग हुआ मैने डाइरेक्ट्ली कह दिया था कि यू आर माइ फॅंटेसी तो वो अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली कि यार इट’स नोट पासिबल यू नो आइ हॅव फॅमिली तो मैने कहा आइ नो बट यू कॅन गिव सम मोमेंट्स टू युवर फ्रेंड आप अपना टाइम ले सकती है वैसे भी ट्रैनिंग के बाद मैं कहाँ आप कहाँ बस कुछ यादे ही होंगी जो ना आप भूल पाओगी ना मैं तो वो बोली कि मुझे सिड्यूस कर रहे हो तो मैने कहा आप जो भी समझे फिर उन्होने टॉपिक चेंज कर दिया कोई आधे घंटे बाद सर आ गये थे तो फिर मैं निकल पड़ा और लगभग दौड़ते हुए कॅंटीन गया तो वो बोला यार तू भी ना कहाँ रह गया था वो अभी अभी गयी ही है तो मैने कहा किस तरफ वो बोला भाई दो रास्ते है अब मैं क्या जानू तो मैने कहा यार भाई थोड़ा सा बिज़ी हो गया था चल कोई नही फिर कभी ट्राइ मार लेंगे मैं घूमते घूमते लीकर सेकशन की तरफ चला गया तो मैने देखा कि स्टॉक मे महारानी बियर पड़ी थी एक बकवास चीज़ तो मैं बोला यार कभी कोई मस्त बियर शियर भी लाया करो तो वो बोला कि भैया सूबेदार मेजर ये ही मँगवाता है हम तो खुद परेशान है क्या करें तू एक काम कर वोड्का की बॉटल ले जा मैने कहा नही यार अभी नही फिर कभी खोलेंगे बॉटल साथ आर्मी लाइफ भी ना कमाल की लाइफ है जिन्हे मिल जाती है वो ही बता सकते है थोड़ी परेशानी तो है पर मस्त है एक दम यहा का माहौल सबसे अलग सबसे जुदा फिर मैं सीधा मेस की तरह चल पड़ा आज तो मुर्गे की टाँग तोड़नी थी
मुझे पूरे ग्रूप के साथ बैठ कर खाना खाना भी एक अलग ही मज़ा है दबा के भोजन किया फिर सीधा बिस्तर पर पर आज नींद नही आ रही थी सोच रहा था कि क्या पद्मिभनी पट जाएगी और मुझे उसको चोदने का सुख प्राप्त हो गा अब भविष्य के गर्भ मे क्या छिपा है कॉन जाने मैं तो अपनी तरफ से प्रयास ही कर रहा था पद्मिोनी को सोचते सोचते आँखो आँखो मे रात कट गयी दिल मे कई सवाल पनप रहे थे मैंन सोचने लगा कि यार जब चूत का रसिया ही बन ना था तो फौज मे क्यो गान्ड मरवाई अगली सुबह हुई अब मेजर की कृपा से कुछ दिन ड्रिल से बचा था तो मैने सोचा कि आज स्विम्मिंग पूल मे जाकर ही नहाउन्गा वो क्या था कि वहाँ पर ऑफिसर्स की जवान लड़किया और उनकी मम्मियाँ भी आया करती थी और फिर स्विम्मिंग करने मे मज़ा भी बड़ा आता था तो मैं पूल साइड पर पहुच गया पर वहाँ बैठे गार्ड ने मज़ा खराब कर दिया वो बोला कि भाई अभी तो लॅडीस लोगो का टाइम चल रहा है तू 11 बजे के बाद आईओ तो मैने कहा साले थोड़े दिन मे एलटी बन जाउन्गा फिर तेरी गान्ड तोड़ूँगा तो वो बोला यार समझा कर रूल है और फिर कोई कंप्लेंट कर देगा तो मैं फसा ना वो बोला आजा इधर ही बैठ जा और नज़ारे ले तो मैं भी स्टूल पर बैठ गया और बिकिनी मे नहाते हुए मस्त मस्त माल को ताड़ने लगा मैं भी अब एक नंबर का ठर्कि बन गया था मैं सोच रहा था कि तीन साल खड़ावास्ला मे चूतिए की तरह मुट्ठी मार कर गुज़ार दिए तो भाई कोई मोटी कोई पतली औरत लड़की मेरा लंड खड़ा हो गया पर करे भी तो क्या खैर 11बजे मैं पानी मे उतरा और नहाने लगा अकेला ही था उस टाइम अब लोंडे ये सब फालतू कामो मे उलझते नही पर मैं तो मैं हू आधे घंटे नहाने के बाद अब मुझे जाना था पद्मिलनी के घर पर तो भाई अपनी 11 नंबर की बस पर सवार होकर मैं चला हौले हौले
Like Reply
#37
निखत दोपहर मे जलता हुआ मैं उनके घर गया तो मालूम हुआ कि कुछ गेस्ट आए हुए थे पद्मि नी ने मुझे देखा और कहा कि अरे तुम इतनी लेट कैसे आए पता है मैं कब्से राह देख रही थी कितनी बार फोन मिलाया तुमको तो मैने फोन चेक किया पूरी 36 मिस कॉल थी तो मैने कहा सॉरी मॅम तभी एक मेहमान मे से बोला कि पद्मिचनी आपको कैसा नौकर अलॉट हुआ है जो बिल्कुल डीसिपलिन मे नही है नौकर मैं , मेरा मन किया साले के चस्मे पर ही खीच कर दो तीन दूं पर फिर सोचा कि पद्मिैनी का मेहमान है कही इस गान्डु के चक्कर मे हाथ आई मुर्गी ना निकल जाए तो मैने झट से कहा की सॉरी सर आइ’एम एक्सट्रीम्ली सॉरी तो पद्मिानी ने कहा तुम मेरा एक काम करो गेस्ट काफ़ी देर से बैठे है तुम जल्दी से जाओ और इनके लिए कुछ खाने को ले आओ मुझे तो आ रहा था कि जहर ला दूं इस चस्मे वाले को कहाँ से आ गये ये लोग मैने कहा मॅम आप के फुड के बारे मे मुझे ज़्यादा पता नही है तो आप पर्ची बना दो मैं ला दूँगा तो उन्होने ऑर्डर लिख दिया और मैं चला कॅंपस के बाहर मैं भी ठहरा पूरा जुल्मी पूरे एक घंटे बाद ही गया वापिस खैर वो लोग आपस मे बाते कर रहे थे एक तो उनकी लॅंग्वेज मेरे उपर से जा रही थी तो मैं गेट से बाहर आकर बैठ गया और रोड की तरफ देखने लगा गरमी भी लग रही थी पर अंदर जाना नही चाहता था तो वही बैठा रहा कोई दो घंटो के बाद शाम के 4 सवा 4 बजे वो चले गये तो मैं अंदर गया और जो भी सामान था उसको सॉफ किया फिर पद्मि नी के पास जाकर बैठ गया वो बोली सॉरी मेरे गेस्ट्स ने तुम्हे कुछ कुछ कहा तो मैं बोला कि इट’स ओके होता है फिर मैने पूछा कि टाय्लेट वग़ैरा जाना है क्या या और कुछ तो वो बोली नही अभी तो बस तुमसे बाते करूँगी तो मैंन कहा जैसा आप ठीक समझे फिर उन्होने पूछा कि फोन क्यो पिक नही किया तो मैने कहा कि आज मैं पूल साइड गया था तो फोन पॅंट मे था और मैं नहा रहा था तो पता नही चला तो वो बोली पूल साइड पर लड़किया ताड़ने तो मैने कहा जी अपनी आदत लड़की ताड़ने की नही है मैं तो सीधा सेक्स मे बिलीव रखता हू तो वो बोली कि क्या खुद को कॅसनोवा समझते हो अब साला ये कॅसनोवा क्या …………………………………………………………………………..
तो मैने कहा कि जी वो ही समझ लो तो वो बोली मैं क्यो सोचु जाओ अपनी गर्लफ्रेंड को समझाओ मुझे क्या लेना है तुमसे तो मैने कहा भाभी गर्लफ्रेंड का तो मैने कभी हाथ ही नही पकड़ा है वो बोली भला क्यो कम से कम किस तो करते तो मैने कहा कि अबकी बार किस तो ज़रूर ही करूँगा तो वो मज़े लेते हुए बोली कि मुझे भी बताओ कि कैसे करोगे किस तो मैने अपने चेहरे को उसके चेहरे पर झुका लिया उसकी गरम साँसे मुझ से टकरा गयी वो अपनी नशे से भरी आँखो से मुझे देखने लगी और मैने बिना देर किए अपने होंठ उसके होंठो से मिला लिए और उनको पीने लगा उसने अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया तो मैने उसके निचले होंठो को दबा लिया और उसको मज़े से किस करने लगा मैने अपने हाथ उसके बोबो पे रख दिए और टी-शर्ट के उपर से ही उनको प्रेस करने लगा तो उसने अपने हाथ से मुझे रोक दिया पर किस करती रही थोड़ी देर बाद मैने किस तोड़ी तो उसकी छातिया उपर नीचे हो रही थी हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे लगातार देखे जा रहे थे तो मैने फिर से उसको किस करना शुरू कर दिया और अपने दोनो हाथ उसकी टी-शर्ट मे घुसा दिए और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा



क्या सॉफ्ट बूब्स थे पद्मिेनी के लगा कि जैसे साक्षात खजुराहो से कोई मूर्ति निकल कर मेरे सामने आ गयी अब मैं उसके बोबो को अच्छे से निचोड़ने लगा पर कुछ देर बाद उनसे मुझे हटा दिया और बोली कि प्लीज़ कंट्रोल करो मुझे डर लग रहा है कि मैं कही बहक ना जाउ प्लीज़ अभी तुम कुर्सी पर बैठो तो मैने कहा बी रिलॅक्स वो बोली जब से तुम मेरी लाइफ मे एंटर हुए हो एक कशिश है तुम मे पता नही क्यो मैं खिचती हू तुम्हारी तरफ तो मैने कहा तो फिर आ जाओ ना किसने रोका है वो बोली कि मेरी फॅमिली है अगर कुछ ग़लत हो गया तो मैं तो रोड पर आ जाउन्गी तो मैने कहा कुछ नही होगा तो वो बोली प्लीज़ तुम समझो एक हेल्थि रीलेशन ईज़ ओके पर सेक्स नेवेर विद यू तो मैने कहा कि आपने दोस्त समझा वोही बहुत है मेरे लिए अपने को और कुछ नही चाहिए ऐसा बोल तो दिया मैने नंबर बना ने को पर लंड को तो पद्मिरनी की चूत मे घुसना ही था तो पद्मिानी बोली कि थॅंक्स फॉर अंडरस्टॅंडिंग माइ फीलिंग्स वो बोली कि तुम जब चाहो मुझे किस कर सकते हो पर उसके आगे कुछ नही प्लीज़ तो मैने उसके बोबो की तरफ देखते हुए कहा कि एक बात कहूँ तो वो बोली हाँ तो मैने कहा कि क्या मैं वहाँ पर किस कर सकता हू चूत की तरफ इशारा करते हुए तो वो बोली यू नॉटी कुछ देर बाद वो बोली ओके पर जब मैं कहूँ तभी तो मैने कहा जी ठीक है
कुछ टाइम बाद मैने उनकी पाँव की गरम पट्टी को खोला और फिर आयिल से मालिश कर दी मैने कहा अब वापिस एग्ज़ॅमिन कब करवाना है तो वो बोली कि मूर्ति को पता है फिर बाते करते करते शाम हो गयी सर के आने के बाद मैं वापिस आ गया थोड़े दिनो मे पद्मि नी एक दम फिट हो गयी और मैं भी अपनी ट्रैनिंग मे बिज़ी हो गया अब कॅडेट्स पर काफ़ी प्रेशर आ ने लगा था तो कुछ टाइम के लिए पद्मिीनी मेरे माइंड से आउट हो गयी स्क्वाड्रेन्स बन गयी थी अलग अलग हर टास्क मे बस बेस्ट ही देना होता था बारिश का टाइम था पर बारिश मे भी ड्रिल्स करनी पड़ती थी एक हाड़ माँस के शरीर को फॉलाद बनाया जा रहा था आगे चल कर हमे ही इस आर्मी के सम्मान की रक्षा करनी थी दिल मे इच्छा थी कि इस बार सावन मे ऋषिकेश मे भोले बाबा के दर्शन करने ही है पर आउट पास का जुगाड़ नही बन पा रहा था फिर 15 अगस्त भी आना था तो अकादमी एक दम चेंज हो गयी थी अब ड्रिल्स मे बड़े बड़े ऑफिसर्स सूपरविषन करने आते थे तो गान्ड पे डंडा अटका रहता था अब तो घर भी कम ही फोन कर पाता था हा पर हर सनडे का खाना मैं पद्मिोनी के घर ही ख़ाता था और मोका देख कर किस भी कर लेता था पर इस से ज़्यादा कुछ हो नही रहा था
15 अगस्त के बाद दस पंद्रह दिन का ऑफ पीरियड्स था क्योंकि कुछ कॅडेट्स को कॅष्यूयली घर जाना पड़ा था तो मैं फ्री ही था तभी एक दिन बातों बातों मे पद्मि नी ने जिकर किया कि वो अपनी फ्रेंड की शादी मे मुंबई जा रही है मुंबई का नाम सुनते ही मेरे मन मे हलचल हो गयी अब मुझे भी मुंबई जाना था तो मैने कहा कि मॅम आप कब जाओगे तो वो बोली एक नेक्स्ट वीक मैने कहा मॅम मुझे भी मुंबई मे एक ज़रूरी काम है और शिफ्ट भी ऑफ है तो अगर आप सर से कहेंगी तो मैं भी मुंबई हो आउन्गा कुछ दिनो के लिए तो उन्होने पूछा कि क्या काम है तो मैने उनको निशा के बारे मे सब कुछ बता दिया तो वो बोली अरे यार तुम भी ना कहाँ कहाँ उलझे पड़े हो ऐसे कोई किसी के पीछे जाता है क्या तो मैने कहा मॅम आप नही समझो गे इस बात को प्लीज़ आप मेरी हेल्प करदो ना तो वो बोली कि आज शाम को मूर्ति से बात करती हू पर तुम मूर्ति को ये ना बोलना कि तुम मुंबई जा रहे हो मैने कहा जी ओके अगले दिन मैं अप्लिकेशन के साथ मूर्ति सर के ऑफीस मे खड़ा था वो बोले कि देखो मैं तुम्हारी लीव सॅंक्षन तो करवा दूँगा तुमने पद्मिवनी को कहा डाइरेक्ट्ली मुझे ही कह देते आख़िर तुम मेरे छोटे भाई जैसे हो मैने उनको बार बार थॅंक यू कहा उन्होने मेरा अप्लिकेशन लिया और कहा कि मैं सीओ से बाद करूँगा तीन दिन ऐसे ही कट गये पर मूर्ति सर की तरफ से जवाब नही आया अब दो दिन बाद पद्मिटनी को जाना था तो उसने मुझे कह दिया था कि उसने मेरी टिकेट भी करवा दी है साथ ही जाएँगे तो सफ़र भी अच्छा कट जाएगा मैं परेशान मैने पद्मिीनी से बात की तो वो बोली कि यार मैं मूर्ति को फोर्स नही कर सकती क्योंकि मैं भी जा रही हू कही वो मुझपर शक ही ना कर बैठे तो फिर मैने दुबारा उनसे नही कहा जिस दिन पद्मि नी को जाना था उस से एक दिन पहले शाम को 5 बजे मुझे ग्राउंड से बुलवाया और छुट्टी का लेटर देते हुए कहा कि कडेट 8 दिन की लीव सॅंक्षन करवा दी है कॅषुयल लीव है ये बड़ी ही मुश्किल से किया है तेरा काम तो मैने उनको थॅंक्स कहा मैने उनके पैर पकड़ लिए और थॅंक्स बार बार कहा उन्होने कहा अरे कोई बात नही तुम एंजाय करो

अगली दोपहर को मैं पद्मि नी के साथ स्टेशन था थॅंक गॉड मूर्ति सर उनको ड्रॉप करने नही आए थे आज पहली बार एसी1 का सफ़र करने वाला था मैं ट्रेन टाइम पर थी तो हम गाड़ी मे सवार हो गये पद्मिरनी ने हमेशा की तरह जीन्स और टॉप ही डाला हुआ था ये वाला कोच तकरीबन तकरीबन खाली ही था हम अपनी अपनी सीट्स पाट बैठ गये थे हमारा कॅबिन दो सीट्स का ही था तो टीटी को टिकेट चेक करवाने के बाद उन्होने परदा लगा दिया और आराम से लेट गयी मैं भी लेट गया वो कोई बुक पढ़ने लगी तो मैने कानो मे इयरफोन लगाए और गाने सुनते सुनते सो गया मेरी नींद तब खुली जब उन्होने मुझे जगाया वो बोली कि ट्रेन रुकी है तुम वॉटर बॉटल ले आओ तो मैं नीचे उतरा और पानी की दो तीन बॉटल पेप्सी और कुछ चिप्स ले आया अंधेरा हो गया था तो मैने घड़ी मे टाइम देखा 9 बज रहे थे इसका मतलब मैं बहुत देर तक सो या था वापिस आने के बाद मैने कहा कि अपने मुझे जगाया क्यो नही तो वो बोली कि तुम बड़े प्यारे लग रहे थे सोते हुए तो नही जगाया फिर पेंट्री वाले को कहने का ऑर्डर लिखवाया उन्होने कुछ देर मे डिन्नर भी आ गया 10 बजे के आस पास वो बोली कि चलो सो जाते है पर मैने कहा थोड़ी देर और बाते करते है फिर सोएंगे वो बोली कि ओके बात करते करते मैने कहा कि भाभी आइ नीड आ किस तो वो बोली कि व्हाट तो मैने कहा आइ नीड किस तो वो बोली कि यहाँ पागल हो मैने कहा हम प्राइवेट कॅबिन मे है और थोड़ी देर मे लाइट स भी डिंम हो जाएगी और कॅबिन भी लॉक है अंदर से तो वो बोली तुम नही मनोगे तो कर्लो जल्दी से मैने कहा जल्दी से क्या होता है किस तो किस की तरह से ही होगा ना फिर मैने पद्मिअनी की गर्दन मे हाथ डाला और उसके चेहरे को अपनी ऑर खेचा और उसके पतले पतले सुर्ख होंठो को अपने मुँह मे भर लिया ऐसा लगा कि जैसे गुलाब की पंखुड़िया मेरे मुँहमे भर गयी हो मैं मज़े से उसको किस कर रहा था तभी उसने ऐसी हरकत की जो मैने सोचा नही था उसने अपनी जीभ मेरे मुँह मे सरका दी मेरी जीभ से उसको टच करने लगी

मेरी उत्तेजना 200% बढ़ गयी मैं अपना हाथ उसके टॉप मे ले गया और उसके खरबूजो को दबाने लगा अब उसने कोई विरोध नही किया तो मैं और भी मज़े से उनको दबाने लगा

थोड़ी देर दबाने के बाद मैं अपना हाथ नीचे ले गया और जीन्स की उपर से ही चूत को दबाने लगा पद्मिैनी और भी पॅशनेट तरीके से किस करने लगी बल्कि अब मैं नही वो मेरे होटो को खा रही थी मैं लगातार उसकी चूत को मसले जा रहा था जब हमारी साँसे उखाड़ने लगी तो हम एक दूसरे के होंठो से अलग हुए कॅबिन का टेंप्रेचर गरम हो गया था नशा उसकी आँखो मे उतर आया था अब मैने अपना हाथ उसकी जीन्स मे थोड़ा सा घुसा दिया और पैंटी के उपर से चूत को कस के मसल दिया वो बोली प्लीज़ वहाँ टच मत करो मुझे कुछ कुछ होता है तो मैने कहा भाभी मैं वहाँ किस करू तो वो बोली कि नही मैं बोला प्लीज़ भाभी तो वो बोली कि ठीक है पर ओन्ली किस उनके कहते ही मैने झट से जीन्स का हुक खोल दिया और उसको पैंटी सहित घुटनो तक कर दिया मैं तो उसको पूरा ही निकालना चाहता था पर उन्होने मना कर दिया तो मैने पद्मिपनी की टाँगो को उपर किया और अपनी नाक से उनकी छूट से उठती हुवी महक को सूंघने लगा हाथ लगा कर देखा तो वो पूरी तारह से गीली हो गयी थी मैने झट से उस चूत को गोलगप्पे की तरह मुँह मे भर लिया और बड़े ही प्यार से उस प्यारी सी औरत की प्यारी चूत को किस करने लगा मुझे अब पकका लगने लगा था कि जल्दी ही पद्मि नी की चूत मे लंड भी डाल दूँगा वो भी धीरे धीरे सिड्यूस हो रही थी खैर अब मैं लगा उसकी चूत को चाटने पद्मिरनी बेहद हल्की आवाज़ मे आहे भर रही थी और अपने हाथो से मेरे सिर को चूत पर दबा रही थी

मैने उनके दाने को अपने दाँतों मे दबा लिया और उनकी चूत मे अपनी मिड्ल फ़िंगर घुसा दी और दाने को काट ते चूस्टे हुए चूत मे उंगली करने लगा पद्मिंनी भी एक हॉट माल थी तो वो भी अब खुल कर मैन्दान मे आ गई थी और मीठी मीठी सिसकारिया लेते हुए अपनी चूत चुस्वाई का पूरा मज़ा ले रही थी मैं तेज तेज उंगली करने लगा और दाने को भी जीभ से कुरेदने लगा 12-13 मिनट हो गये थे चूस्ते चूस्ते तो पद्मि नी ने कहा कि अपनी जीभ को अंदर डाल दो और अपनी कमर को तेज तेज हिलाने लगी मैने पूरी जीभ उस नमकीन चूत मे घुसा दी और फिर कुछ पॅलो बाद ही पद्मिपनी की चूत ने लावा उगल दिया उसका पानी मेरी ठोडी से होता हुआ नीचे गिरने लगा जिसे मैं चाटने लगा पद्मिकनी अब बेहद शांत हो गयी थी मैने रुमाल से उसकी चूत को सॉफ किया तो उसने जीन्स को उपर कर लिया मैने कहा मज़ा आया तो वो बोली याह इट वाज़ गुड इधर मेरा लंड पॅंट मे उछल कूद मचा रहा था तो मैने कहा भाभी बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ वो बोली कहो तो मैने कहा कि मेरा ये भी परेशान है अगर आप इसे अपने हाथ से हिला कर शांत कर दो तो ………………………………………………………………………………………….



पद्मि…नी ने कुछ सोचा और कहा लाओ जब तुम मुझे ओर्गसम करवाया है तो मैं भी तुम्हारा करवाती हू तो मैने अपनी पॅंट और कच्छे को उतार दिया और पद्मि्नी के पास जाकर खड़ा हो गया उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे लिया और बोली इट’स टू हॉट कितना गरम है ये तो मैने कहा कि भाभी आपको देख कर गरम हो गया है फिर उन्होने पूरे लंड पर अपना हाथ फेरा और बोली कि युवर टूल ईज़ गुड आइएम इंप्रेस्ड मैने कहा आपको पसंद आया वो बोली और क्या बोली मैं फिर वो हौले हौले उसको अपने हाथ से आगे पीछे करने लगी मैने आँखे बंद करली मुट्ठी मरवाने लगा कुछ देर बाद उसने अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा पर थोड़ी देर बाद तो हद हो गयी मैं अपनी आँखें मूंडे मज़ा ले रहा था तभी मुझे लगा कि कुछ गीली चीज़ मेरे लंड से टकराई मैने आँखे खोल के देखा तो पद्मि नी ने मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया था मैं तो बेहद ही खुश हो गया था मैने उसके सर पर अपने दोनो हाथ टिका दिए और थोड़ा सा दबाव दिया तो उसने लंड को पूरा मुँह मे ले लिया और चूसने लगी मैं तो एक दम से सातवे आसमान पर पहुच गया अपने को उस टाइम फिर कुछ याद ना रहा बस पुच पच की ही आवाज़ उसके मुँह से निकल रही थी 15 20 मिनट तक तबीयत से लंड चूसाया उसको फिर मेरा भी टाइम हो गया था तो मैने उसके सर को अपने लंड पर कस लिया और अपने गरम वीर्य की धार को उनके मुँह मे छोड़ दिया जिसे वो गटा गट पी गयी


कुछ देर शांत होने के बाद उन्होने अपने बॅग से नॅपकिन निकाला और अपने फेस को सॉफ किया और बोली कि काफ़ी स्टॅमिना है तुम मे और तुम्हारा माल भी टेस्टी था तो मैने कहा आप को जब भी टेस्ट करने का मन हो आप बता देना तो वो बोली हम अब मैं कभी कभी टेस्ट ज़रूर करूँगी कुछ देर बाते करने के बाद हम दोनो सो गये तो फिर सुबह ही आँख खुली आज का दिन और लगना था मुंबई पहुचने मे रात के 2 बजे के आस पास पहुचना था वहाँ पर तो दिन तो ऐसे ही निकल गया पर वो साथ थी तो मैं बोर ना हुआ तो रात को एक बार फिर से हम ने 69 मे एक दूसरे को झाड़ दिया था गाड़ी ने ठीक टाइम पर हमें मुंबई मे उतार दिया पामिनी की फ्रेंड ने गाड़ी भेजी थी तो कोई परेशानी ना हुई वो बंडारा मे एक पॉश सोसायटी मे रहती थी और घर देख कर पता चलता था कि काफ़ी अमीर फॅमिली से बिलॉंग करती थी तो साढ़े तीन बजे हम उनके घर पर पहुचे शादी का माहौल था तो कुछ लोग सो रहे थे कुछ जाग रहे थे उसकी फ्रेंड ने हमारा वेलकम किया और कहा कि वैसे तो सभी गेस्ट्स के रहने का इंतज़ाम होटेल मे किया है पर आप लोग अभी इस टाइम पहुचे हो तो अभी यही रेस्ट कर्लो सुबह मैं आपको होटेल रूम मे पहुचा दूँगी पद्मिअनी अपनी फ्रेंड से बाते करने लगी और मैं वही एक साइड मे ही सो गया सुबह पद्मिमनी ने मुझे जगाया और कोफ़ी दी बोली हाथ मुँह धो लू फ्लॅट मे काफ़ी भीड़ है तो हम होटेल जा रहे है तो मैने कहा कुछ खाना मिल जाता तो वो बोली अभी होटेल मे ही खा लेना और फिर कोई आधे घंटे बाद ड्राइवर ने हमे होटेल पहुचा दिया 5 स्टार होटेल मे जाने का पहला अनुभव था मेरा तो मैं थोड़ा एक्शिटेड हो गया पर पद्मिननी के लिए तो ये सब नॉर्मल ही था नहाने धोने मे ही दोपहर हो गयी तो मैने कहा मॅम मुझे अब अपनी फ्रेंड के घर जाने का है तो वो बोली ओके तुम मिल आओ मैं सीधा नम्रता के घर जाउन्गी और रस्मो को एंजाय करूँगी तुम सीधा वही आ जाना तो मैने अड्रेस ले लिया और एक टॅक्सी वाले को निशा का अड्रेस दिया और मन मे हज़ार उमंगे लिए चल पड़ा अब मुंबई का ट्रॅफिक दो घंटे लग गये मुझे पर जैसे तैसे पहुच ही गया उसके अड्रेस पर पहुच कर मैने घंटी बजाई तो एक बुजुर्ग आंटी ने गेट खोला तो मैने कहा कि जी मुझे निशा से मिलना है मैं उसके गाँव से आया हू तो वो बोली कि कॉन निशा बेटा इधर कोई निशा नही रहती है मैं बोला पर आंटी उसने लेटर मे तो यही का अड्रेस लिखा था तो वो बोले कि बेटा पिछले डेढ़ साल से भी ज़्यादा टाइम से इधर मैं और मेरे हज़्बेंड रेंट पर है हो सकता है हम से पहले वो इधर रहता हो पर हम को कुछ मालूम नही डेढ़ साल हूंम्म्मममम चिट्ठी भी तो इतने टाइम पुरानी ही थी खैर अब क्या करू तो मैं भारी मन से वापिस मुड़ा ही था कि आंटी ने बुलाया और कहा की एक काम करो सन तुम इस फ्लॅट के ओनर के पास चले जाओ हो सकता है कि वो तुम्हारी कोई मदद कर सके और मुझे मकान मालिक का पता दे दिया तो मैने फिर से टॅक्सी ली और चला गया शाम हो गयी वहाँ पहुचते पहुचते अंजान सहर कुछ रास्तो का पता नही तो मैं उनसे जाकर मिला तो उन्होने बताया कि हम निशा वो एसबीआइ वाली रहती तो थी पर फिर उसकी शायद ट्रान्स्फर हो गयी थी तो वो मेरा फ्लॅट खाली कर गयी अभी वो कहाँ रहती है आइ हॅव नो आइडिया फिर से मायूसी ही हाथ लगी मुझे निशा पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था आख़िर क्यो वो मुझसे दूर हो गयी थी आख़िर क्या था वो कारण जो इस कदर उस की बेरूख़ी मुझे सहनी पड़ रही थी ऐसे ही रात घिर आई थी पर वो कहते है ना मुंबई मे कभी रात नही होती है मैं वही रोड पर ही एक पेड़ के पास बैठा था बिल्कुल मायूष हताश कि तभी पद्मिरनी का कॉल आया उसने कहा कि वो होटेल आ गयी है तुम कब तक आओगे तो मैने कहा कि आता हूँ और टॅक्सी लेकर होटेल आ गया पद्मि नी ने मेरी उजड़ी हुई शकल देखी और कहा कि हे मिस्टर क्या हुआ तो मैने रोते रोते उसको पूरी बात बड़ा दी आज फोजी अपनी भावनाओ पर कंट्रोल नही कर पाया था उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया और चुप करवाने लगी पर मैं बहुत देर तक सुबक्ता ही रहा जब सारा दर्द आसू बन कर बह गया तो मैं रिलॅक्स हुआ फिर मैं बाथ रूम मे गया और मुँह धोकर आया पद्मिंनी ने पूछा कि खाना खाया तो मैने कहा भूख नही है तो वो बोली कि ऐसे कैसे भूख नही है अभी ऑर्डर करती हू थोड़ी देर मे ही खाना आ गया तो वो मुझे अपने हाथो से खिलाने लगी कुछ देर बाद मेरा मूड ठीक हो गया मैं पूरा दिन का थका हुआ था तो खाना खाते ही मैं सो गया अगले सुबह पद्मि नी ने मुझे झींझोड़ कर उठाया और कहा कि क्या तुम भी कितना सोते हो मैने आँखे खोली तो आज उसका एक दूसरा ही रूप देखा आज उसने साड़ी पहनी हुवी थी और उपर से ढेर सारी गोल्ड ज्वेल्लेरी ऐसा लगा जैसे स्वर्ग से कोई देवी ही उतर आई हो उसने कहा अब ऐसे देखना बंद करो और रेडी हो जाओ हम नम्रता के घर जा रहे है मैं चाहती हू तुम भी

शादी को एंजाय करो ताकि थोड़ा अच्छा फील करो तो मैने कहा कि मेरे पास तो शादी के कपड़े है ही नही तो वो बोली कोई बात नही हम रास्ते मे कुछ ड्रेस ले लेंगे फिर मैं तैयार हो गया और रास्ते मे शॉपिंग के बाद हम निकल पड़े उनकी फ्रेंड के घर पर


अब साउत इंडियन शादियो की फालतू रस्मे पद्मिपनी का तो कल्चर था और फिर उनकी लॅंग्वेज मुझे थोड़ी कम ही आती थी तो मैं एक कुर्सी ली और साइड मे बैठ गया और देखने लगा मैने नज़र दौड़ाई तो देखा कि माल तो यहाँ पर भी कम नही थे पर मेरी नज़र तो पद्मितनी पर ही थी और मेरे जैसे और भी कोई ठर्की थे वो भी उसको ही ताड़ रहे थे पर वो कहते है ना कि शादी ब्याह का माहौल ही कुछ ऐसा होता है कि आदमी का मन रम ही जाता है पर एक बात मैने नोटीस की कि वो लोग बड़े ही रेस्पेक्टफुल थे तो मुझे और भी अच्छा लगा तभी आंटी जी आई और बोली बेटा कुछ चाहिए तो शरमाना मत तो मैने कहा आंटी जी मेरा ही घर है आप चिंता ना करो और कोई काम हो तो बताना वो बोली अरे बेटा आप लोग तो गेस्ट हो आप बस एंजाय करो और चली गयी मैने कुछ खाया नही था तो मैने पद्मिपनी को बुलाया और कहा कि डियर, लंच कब होगा तो वो बोली कि कुछ देर मे होटेल्स से आता ही होगा फिर आधे घंटे बाद लंच भी आ गया कुछ लोग लंच कर रहे थे कुछ एंजाय कर रहे थे ऐसे ही पता ही नही चला कि कब शाम हो गयी पर उनकी रस्मे चलती ही रही शाम को कुछ रिश्तेदार डॅन्स कर रहे थे तभी वेटर आगया वाइन सर्व कर रहा था मैने दो पटियाला पेग लगाए और अब फोजी को चढ़ि हुड़क तो फोजी ने भी भांगड़ा कर ही डाला बड़ा ही मज़ा आया कुछ लड़के लड़किया भी मेरा साथ देने लगे समा सा बँध गया था जब तक मैं पसीने पसीने ना हो गया डॅन्स करता ही रहा फिर रात को 9 बजे हम लोग निकल गये रास्ते मे पद्मितनी ने कार रुकवाई और कहा कि चलो हम स्ट्रीट फुड टेस्ट करते है तो हम एक ठेले के पास गये और पाव भाजी ऑर्डर की पद्मिेनी बोली मुझे हमेशा से ही स्ट्रीट फुड बहुत पसंद है उस रात हम ने वही डिन्नर किया और 11 बजे के लगभग हम होटेल आ गये कपड़े वग़ैरा चेंज करने के बाद हम बात कर रहे थे ब्लॅक नाइटी जो उसके घुटनो तक ही आती थी उसमे से पद्मि नी एक सेक्स बॉम्ब लग रही थी वो कहने लगी अच्छा डॅन्स करते हो तुम तो मैने कहा जी वो तो बस कभी कभी ऐसे ही तो वो बोली कि तुम ड्रिंक कर के डॅन्स कर रहे थे ना मैं बोला आपको क्या पता तो वो बोली कि फ़ौजी की वाइफ हू और खुद फॉजन रह चुकी हू मैने कहा आप करती हो ड्रिंक वो बोली हम तो मैने कहा चलो बूज़ करते है तो मैने दो बॉटल बियर और आइस क्यूब का बॉक्स ऑर्डर कर दिया ऑर्डर आते ही हम दोनो लगे अपनी अपनी बॉटल पीने कुछ ही मिनट मे उसने अपनी बॉटल खाली कर दी और मैने भी ऐसे ही हमारा मज़ाक मस्ती चल रहा था तो मैने उसको अपनी तरफ खीच लिया और अपनी गोदी मे बिठा लिया वो अपनीी नशीली आँखे मेरी आँखो मे डाल के बोली यू फफफफफफ्फ़ क्या करते हो छोड़ो मुझे तो मैने कहा भाभी कुछ देर यही बैठो ना अच्छा लगता है और मैं अपनी उंगलिया उनके गालो पर फिराने लगा और एक उंगली उनके मुँह मे डाल दी वो उसको चूसने लगी मैं दूसरे हाथ से उनकी पीठ को सहलाने लगा पद्मिसनी क़ी आँखो मे मुझे आज वासना के डोरे दिखाई दे रहे थे उसकी उभरी हुवी चूचिया तन कर मेरे सीने मे समाने को आतुर लग रही थी तो मैने उसके मुँह से उंगली निकाली और उसको खुद के मुँह मे डाल के चूसने लगा वो बोली कि कभी कभी तुम मुझे पागल ही कर देते हो मैने उसके होंठो को हल्के से सहलाया पद्मिानी मेरी गोद मे बैठी बैठी काँपने सी लगी उसके बड़े बड़े चुतड़ों का दबाव मेरी टाँगो पर पड़ रहा था तो मैं उसके सुर्ख होंठो को चूमने लगा साथ ही साथ मैं उसके कुल्हो को भी दबाने लगा 10 मिनट तक उसके होटो से ही जुड़ा रहा मैं थूक लार सब को मैं चाट गया
पद्मिसनी की आँखो मे हवस आज एक नयी इबारत लिखते हुए मुझे दिख रही थी फिर मैने उसकी नाइटी की किनारो को पकड़ा और उपर उठाते हुए उसको निकाल दिया अब वो खाली गोलडेन कच्छि बॉडी मे मेरी गोदी मे बैठी थी मैं अपना हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा को भी खोल दिया रेशमी डोरी के खुलते ही उसकी चूचियाँ मेरे सीने पर झूल गयी तो मैने उसको थोड़ा सा अड्जस्ट किया और एक चूची को अपने मुँह मे ले कर निप्पल को पीने लगा पद्मिऔनी के पूरे बदन मे एक करंट सा भर गया पर वो मुँह से कुछ ना बोली वो मेरे बालों मे अपनी कोमल उंगलिया फिराने लगी मैं बारी बारी दोनो निप्पल्स को चूस्ता रहा आधे घंटे से भी अधिक टाइम तक मैं उसकी चूचियो पर ही लगा रहा जब वो बिल्कुल लाल हो गयी तब मैने उनको छोड़ा और फिर पद्मि नी को अपनी बाहों मे उठा कर बेड पर पटक दिया और उस पर चढ़ गया और फिर से उसको किस करने लगा पद्मिकनी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और उसको उतार दिया और मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी
Like Reply
#38
2 मिनट किस करने के बाद मैं नीचे आया और उसके पेट को चूमने लगा उसकी स्किन बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थी तो वो गुदगुदी से उछलने लगी कुछ देर उसकी नवल को चूमा फिर पैंटी के उपर से ही चूत पर दाँत गाढ़ने लगा वो तो जल बिन मछली की तरह से बेड पर काम वासना मे जलती हुई तड़प रही थी और आहे भर रही थी पद्मिेनी के बदन की गर्मी से कमरा भी जैसे सुलग ही उठा था मैं उसके उपर से हटा और जल्दी से पूरा नंगा हो गया खुली हवा मे आते ही लंड महाराज अपना रोद्ररूप दिखाने लगे मैने उसकी पैंटी को सरकाने की कोशिश की तो उसने अपने कुल्हो को थोड़ा सा उपर कर लिया और मैने आसानी से पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया अब हम दोनो नंगे ही बेड पर थे मैने उसकी टाँगो को फैलाया और चूत पर जीभ फिराने लगा पद्मि नी की चूत बेहद गरम हो रही थी कुछ देर चाटने के बाद मैने आइस बॉक्स से एक कूब निकाली और चूत पर रख दी पद्मिननी तो जैसे पागल ही हो गयी थी उस टाइम मैने क्यूब को चूत पर रगड़ना चालू किया चूत की गर्मी से वो पिघलने लगी और पद्मिोनी अपनी टाँगे पटाकने लगी थी जब क्यूब थोड़ी सी छोटी हुवी तो मैने उसको चूत के छल्ले मे फसा दिया और दाने को चूमने लगा पद्मि नी का पूरा बदन काम वासना से भर चुका था तो कुछ देर उसकी चूत के साथ मस्ती करने के बाद मैने अपने लंड को चूत पर टिका दिया और वही पर हौले हौले रगड़ने लगा पद्मिननी अपनी आखे फाडे मुझे ही देख रही थी तो मैं उस पर झुकते हुए उसके कान मे बोला भाभी डालु क्या तो वो बस इतना ही बोली कि हूंम्म्मममममममममममम और अगले ही पल मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए अंदर जाने लगा उसका पूरा बदन एक दम से टाइट हो गया वैसे तो वो भी एक्सपीरियेन्स होल्डर थी ही वो बोली अम्म्म्मममममममममममममाआआआआआआआआआआ कितना मोटा है तुम्हारा मेरी चूत तो छिल गयी लगता है मैने कहा भाभी कुछ नही होता बस एक मिनट और , और अगले झटके के साथ मैं पूरी तरह से उसमे समाता चला गया चूत का छल्ला मेरे लंड पर बुरी तरह से कसता चला गया बेहद ही गदराई हुवी चूत थी पद्मिलनी की तो मैने उसकी मोरनी सी गर्दन को चूमना शुरू किया और उसको चोदने लगा कुछ मिनट बाद उसने भी रफ़्तार पकड़ ली और मेरा साथ देने लगी बेड पर मैने आज तक इतनी हॉट औरत कभी नही चोदि थी अब वो मेरे होंठो को चूस रही थी और लगातार नीचे से सुर मे सुर मिलाते हुए चुद रही थी कुछ मिनट बाद उसने अपनी टाँगे उठा कर मेरे कंधो पर रख दी और फिर से चुदवाने लगी मैं बुरी तरह से उसकी चूत को पीट रहा था हम दोनो एक दूसरे मे समाए हुए जिंदगी के सबसे बड़े सुख की तलाश कर रहे थे

हमारी सांसो की सरगोशिया एक गीत सा गाने लगी थी थप थप मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था आज मैने पद्मि नी को पा ही लिया था काफ़ी देर तक मैं उसको वैसे ही चोदता रहा फिर मैं एक बार फिर से उसपे सवार हो गया और दबा दबा उसकी चूत मारने लगा आधे घंटे से भी उपर हो चला था पर हम दोनो लगे हुए थे फिर आख़िर पद्मिेनी की चूत ने दम तोड़ दिया और वो एक तेज आह भरते हुए झड़ने लगी लंड उसके पानी से और भी ज़्यादा गुस्से मे आ गया और मैं तेज तेज स्ट्रोक लगाने लगा और थोड़ी देर बाद मैने भी उसकी चूत को अपने पानी से लबा लब भर दिया बेशक मैं झड गया था पर लंड का तनाव बिल्कुल कम नही हुआ था और ना मेरा जोश ठंडा हुआ था तो मैने दुबारा धक्के लगाने शुरू किए कुछ देर बाद वो बोली कि हटो मुझे छोड़ो अब मुश्किल हो रहा है तो मैने चूत पर थोड़ा थूक लगाया और फिर से उसको चोदने लगा अब वोहैईईईईईईईईईईईई आहियीईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करने लगी और छोड़ने को कहने लगी पर मैं लगातार उसको चोदे जा रहा आ था

मुझ पर एक जुनून सा चढ़ गया था मैने उसकी चूची को मुँह मे लिया और पीते पीते लंड को अंदर बाहर करने लगा पद्मिूनी पर इसका जादुई असर हुआ और वो भी दुबारा से गरम होने लगी उसके बाल बिखर गये थे होंठो की लिपीसटिक उड़ चुकी थी कुछ मेरे होंठो पर लगी पड़ी थी एसी चल रहा था तब भी हमारे पसीने आ रहे थे बेड पर चोद्ते चोद्ते कई देर हो गयी थी तो मैने उसको फर्श पर घोड़ी बना दिया और चूत को चाटने लगा चूत से मेरे वीर्य और उसके पानी का मिला जुला टेस्ट आ रहा था जल्दी ही उसके चुतड फडक उठे तो मैने लंड को चूत मे डाला और दे दना दान दे दना दान घोड़ी बनी पद्मिमनी को स्वर्ग की सैर करवाने लगा पद्मिेनी तो अब पागला ही गयी थी और तमिल मे कुछ कुछ बड़बड़ा रही थी पसीने से हमारा शरीर बुरी तरह चिप चिप कर रहा था पर मैं उसकी पतली कमर को थामे लगातार उसको चोदे जा रहा था और वो भी मस्ती मे चुदे जा रही थी कभी मैं उसके बोबो को मसलता कभी चुतड़ों पर थपकी लगाता तो कभी उसकी पूरी पीठ को चूमता पता नही कितना टाइम बीत गया था वो फर्श पर घोड़ी बनी हुई थी फिर वो ज़ोर से बोली कि मैं जाने वाली हू तो मैने उसको लिटाया और और भी तेज़ी सी उसको चोदने लगा वो बार बार अपनी मुत्ठियो को खोल बंद कर रही थी तभी मेरे सारे बदन का ज़ोर लंड की नसों मे इकट्ठा होने लगा और फिर जैसे ही उसकी चूत से काम रस का बाँध टूटा मेरा लंड भी पिघल गया और हम दोनो के रस आपस मे मिलने लगे हम दोनो आज धन्य हो गये थे आज की रात एक ना भूलने वाली रात थे मेरे लिए डिसचार्ज होने के बाद भी मैं उसके उपर ही पड़ा रहा और फिर ना जाने कब हमारी आँख लग गयी

अगले दिन जब मेरी आँख खुली तो मैने देखा कि मासूम पद्मियनी मेरे सीने पर अपना सर रखे सो रही थी मैने उसको जगाया तो खुद को नंगी देख कर वो शर्मा गयी और कपड़े पहन ने लगी तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा भाभी कल आपने जो मुझे दिया उसके लिए थॅंक्स तो वो बोली कि कल रात जो भी हमारे बीच हुआ हम दोनो की सहमति से हुआ था और ये राज हमारे बीच ही रहना चाहिए तो मैने कहा आप इस बात की टेन्षन मत लो तो वो नंगी ही शीशे की तरफ गयी और बाहर देखने लगी तो मैने उनके पीछे जाके उनको बाहों मे ले लिया और उनके उभारों को दबाने लगा तो वो बोली उठते ही चालू तो मैने कहा कि आप हो ही इतनी स्वीट तो कैसे रुकु वो अपनी गान्ड को पीछे करके हिलाने लगी तो मेरे लंड मे तनाव आना शुरू हो गया मैं लगातार उसकी भारी भारी चूचियो को दबाए जा रहा था जैसे ही लंड अपने रोल मे आया मैने उसको वही पर घुटनो के बल झुका दिया और एक ही झटके मे उसकी गीली चूत मे लंड को घुसा दिया पद्मििनी ने एक गहरी सांस भरी और मैं उसकी कमर को थामे लगा लंड आगे पीछे करने पद्मि नी की पूरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मैं उसको चोदे जा रहा था वो उफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह ईईईईईईईईईईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ईईसस्सययययययययययययययययययययययययययययययययययययययसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कोँम्म्मममममममममममममममममममममममममममममममममम्मूऊऊऊन्न्नमनननननननननननननणणन् फुउऊुऊउक्कककककककककककक मीईईईईईई फुउऊुुुुऊउक्ककककककककककककककक मिईीईईईईईईईईईईईई किए जा रही थी वो थोड़ा ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी जिस से मुझे और भी मज़ा आ रहा था पद्मिोनी को चोदने मे ऐसे ही काफ़ी देर तक उसको चोदने के बाद मैने उसको बेड पर लिटाया और फिर से घमासान शुरू हो गया वो किसी गुड़िया की तरह से मुझ से चिपक गयी थी आधे घंटे तक दबा के उसकी चूत मारी फिर हम ढेर हो गये चुदाई के बाद वो बाथरूम मे घुस गयी और मैं वही बेड पर ही लेट गया पूरे एक घंटे बाद नो नहा धोकर बाहर आई।

अब मेरी बारी थी तैयार होने मे ही दोपहर हो गयी थी फिर हम नीचे रेस्टोरेंट मे लंच के लिए गये पद्मिोनी ने नम्रता को बता दिया था कि आज हम मुंबई घूमने जा रहे है तो फिर लंच करके सीधा बंद स्टॅंड की तरफ निकल गये


ये मुंबई के प्रेमियो का एक जबरदस्त अड्डा है तो हम वहाँ पहुच गये बड़े बड़े पत्थरों के बीच प्रेमी जोड़े घुसे पड़े थे तो थोड़ी देर घूमने के बाद हम ने भी एक शांत सी जगह चूज़ की और बैठ गये भाभी कुलफी खा रही थी तो मैं भी उनकी कुलफी ही खाने लगा मैं कुलफी कम खा रहा था और उनके होंठो को ज़्यादा खा रहा था मैने उनकी चूचियो पर हाथ रखे तो उन्होने मना किया थोड़ी देर चूमा चाटी के बाद हम वहाँ से निकल लिए अब बांद्रा स्टॅंड थे तो सलमान का घर भी देख लिए रोड के किनारे खड़े होके फिर थोड़ा कुछ खाया पिया तो मैने सिद्धि विनायक के बारे मे बड़ा सुना था तो शाम को हम आरती मे गये वहाँ पर बड़ा ही अच्छा लगा प्रभु की शरण मे आकर काफ़ी टाइम उधर ही बिताया रात तो हो ही गयी थी पर ये ही तो टाइम था मुंबई विज़िटिंग का फिर मूर्ति सर का फोन आया तो वो उनसे बात करने मे बिज़ी हो गयी मैं थोड़ा साइड मे खड़ा हो गया तभी एक लड़की मेरे पास आई और बोली कि चलता है क्या तो मैं बोला कहाँ चलना है तो वो बोली अरे नही समझा क्या मैं बोला ना तू ही बता तो वो मराठी मे कुछ बोली पर अपने पल्ले ना पड़ा वो फिर डाइरेक्ट्ली बोली की चूत मारेगा 1000 रेट है तू 800 दे दियो तो मैने कहा चल भाग इधर से साली रंडी चूतिया समझा है क्या तो वो मुझसे उलझने लगी तबी पद्मिेनी आ गयी और उसने बात को संभाला फिर हम वहाँ से चल पड़े थोड़ा और घूमने के बाद हम वापिस होटेल आ गये अगले दिन नम्रता की शादी थी तो वहाँ भी जाना था रूम मे आते ही मैने पद्मििनी को पकड़ लिया और मसल्ने लगा वो बोली दो मिनट तो रूको ना ऐसा भी क्या है मुझमे जो तुम इतने बेसब्रे हो जाते हो तो मैने कहा आप को नही पता आप तो एक दीया हो अब औरत कोई भी हो अपनी तारीफ़ सुनकर खुश ही हो जाती है उसकी तारीफ़ करते करते ही मैने उसको नंगी कर दिया तो वो नीचे बैठ गयी और मेरी पॅंट को खिसकाते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपने मुँह मे भर के चूसने लगी सुपाडे पर उनकी जीभ की थिरकन ने मेरे बदन मे आग लगा डाली वो बड़ी ही कुशलता ही आहिस्ते आहिस्ते लंड को अपने मुँह मे अंदर बाहर करते हुए चूसे जा रही थी फिर उन्होने लंड को बाहर निकाल दिया और टट्टो पर टूट पड़ी उनको दाँतों से काट ते हुए वो मुझे एक अलग प्रकार का ही मज़ा दे रही थी मैं बस अपनी आँखे बंद किए मस्ती से आहे भरता हुआ उनको लंड चुस्वाए जा रहा था 10-12 मिनट तक चुसवाने के बाद मैने थूक से सने हुए लंड को उनके मुँह से बाहर निकाला और उनको बेड पर उल्टी लिटा दिया और उनके छोड़े छोड़े चुतड़ों को फैलाते हुए गान्ड के भूरे भूरे छेद को उंगलियो से सहलाने लगा जैसे ही मैने उनकी गान्ड मे थोड़ी सी उंगली को घुसाया उन्होने अपने कुल्हो को भींच लिया और बोली आराम से पेन होता है तो मैने कहा भाभी थोड़ा सा पेन सह लो मैने अपना मुँह गान्ड पर लगा दिया और गान्ड को चाटने लगा उनका बदन हल्के हल्के से काँपने लगा 5-7 मिनट बाद मैने अपना मुँह उनके कुल्हो से हटा लिया

और बॅग से वसलीन निकाल कर गान्ड के छेद पर अच्छे से मल दी उसके बाद मैने लंड को वहाँ सटा ते हुए एक धक्का मारा तो गान्ड का रास्ता अपने आप खुल ता चला गया और सुपाडा बड़ी ही शान से उस प्रवेश द्वार को चीरते हुए गान्ड मे घुस गया उन्होने एक दर्द भरी चीख मारी तो मैने उनको टाइट पकड़ लिया वो बोली प्लीज़ आराम आराम से करना तो मैने कहा ओके और आहिस्ता आहिस्ता करते हुए लंड को गान्ड मे आगे करने लगा इस तरह थोड़ी मेहनत के बाद मैने जड़ तक लंड को गान्ड मे पहुचा दिया और फिर कोई 10 मिनट बाद जब पद्मि्नी थोड़ी सी सामान्य हुई तो मैं लंड को आगे पीछे करने लगा पर वो फिर से दर्द भरी सिसकारिया लेने लगी मुझे उसकी गान्ड मारने मे चूत से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था कुछ देर बाद मैने उसको बेड के सिरहाने पर झुका दिया और गान्ड मे दना दान लंड पेलने लगा पद्मिेनी हाई हाई करती हुए लंड के झटको पर नाचने लगी गान्ड मारते मारते मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले गया और दाने को मसल्ने लगा अब वो और भी ज़्यादा मस्त हो गयी और उसकी सिसकारियो ने पूरे रूम के तहलका ही मचा दिया जैसे मैं आगे से उसकी चूत मे लगातार उंगली कर रहा था और पीछे से गान्ड मे लंड डाले था तो उसको एक तरह से दोहरा मज़ा प्राप्त हो रहा था उसके मुँह से निकलती हर एक आह मुझे बेकाबू कर रही थी अब उसको गान्ड के दर्द की कोई परवाह नही थी वो तो बस उस मज़े को लूट रही थी और मैं तो खुश था ही मुझे पद्मिीनी जैसे माल से संससर्ग करने का मौका मिल रहा था फिर अचानक से उसने अपनी दोनो टाँगो को भीच लिया और एक गहरी आह भरते हुए झड़ने लगी उसकी चूत से रिस्ते पानी से मेरी उंगलिया पूरी तारह से भीग गयी थी और ठीक उसी टाइम मैने लंड ने गान्ड मे ही पिचकारी मारी और मेरे लंड से भी सफेद गाढ़े रस की धारा बह चली पद्मिपनी की लिए ये एक दम नया एक्सपीरियेन्स था कुछ तो दिन भर की थकान थी और कुछ इस चुदाई ने बदन तोड़ डाला था तो फिर ना जाने कब नींद ने अपने आगोश मे ले लिया

अगले दिन जब मैं उठा तो मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था मैने देखा कि पद्मिदनी बेड पर नही थी मैने बाथरूम का डोर नॉक किया तो पता चला कि वो अंदर है तो मैने कहा गेट खोलो ना तो उसने गेट खोल दिया मैने जब उसको देखा तो देखता ही रह गया साबुन के झाग मे लिपटा उसका गोरा भरा हुआ बदन बड़ा ही सेक्सी लगा मुझे पर मुझे मूतना था तो मैं पेशाब करने लगा वो मेरे लंड से निकलते हुए पेशाब की धार को देखने लगी फिर मैं वही कॅमोड पर बैठ गया और उसको नहाते हुए देखने लगा उसने शवर ऑन कर दिया और अपने बदन को रगड़ते हुए साबुन को हटाने लगी वो भी आज कुछ अलग ही मूड मे थी तो नहाते नहाते वो अपनी चूत पर उंगली फिराने लगी और अपने निचले होंठो को दाँतों से काट ते हुए मेरी ओर देखने लगी और फिर उसने दो उंगलिया अपनी चूत मे घुसा ली और तेज तेज उनको अंदर बाहर करने लगी मुझे उसको ऐसा करते हुए देख कर बड़ा ही मज़ा आ रहा था थोड़ी देर वो तेज तेज उंगलिया चलाती फिर वो उन उंगलियो को अपने मुँह मे डाल कर चाटने लगती वो मुझे तडपा रही थी अपनी अदाए दिखा कर पर मैं बिल्कुल शांत कॅमोड पर बैठे उसको ही देखे जा रहा था फिर वो चल कर मेरे पास आई और अपनी चूत से उंगली निकाल कर मेरे मुँह मे डाल दी मैं उसकी चूत के रस से सनी उंगली को किसी आइस-क्रीम स्टिक की तरह चूसने लगा उसने एक आह भरी और फिर से चूत मे उंगली करने लगी उसका पूरा बदन बेहद गोरा था पर उसकी चूत एक दम काली थी जिस से वो बड़ी ही प्यारी लगती थी

मुझे पर उसका इरादा समझ नही आ रहा था तो मैने कहा कि डार्लिंग आज क्या प्लान है तो उसने अपनी उंगली मेरे होंठो पर रख दी और बोली कि तुम बस शांत रहो फिर उसने मुझे खड़ा किया और बाथरूम के बीच मे ले जाकर खड़ा कर दिया और बॉडी वॉश की बॉटल लेकर मेरे पूरे शरीर पर रगड़ने लगी उसे कोमल कोमल हाथ जब मेरे शरीर पर रेंग रहे थे तो मुझे एक बेहद ही अच्छा महसूस हो रहा था मैं अपनी सारी चिंता सब कुछ भूल गया था और बस मेरे सामने थे पद्मि नी वो बड़े ही प्यार से मेरे शरीर के प्रत्येक अंग को बॉडी वॉश से सॉफ किए जा रही थी आधे घंटे तक वो मेरी शरीर को रगड़ती रही फिर उसने मुझे नहलाना शुरू किया मैं जैसे कही खो गया था मुझे नही पता वो क्या कर रही थी क्या नही कर रही थी मुझे अच्छे से नहलाने के बाद वो नीचे बैठी और मेरी गोलियो पर जीभ फेरने लगी उसकी लंबी जीभ का लिज़लीज़ा स्पर्श से मेरे अंडकोष टाइट होने लगे और लंड मे खून ज़ोर मारने लगा तो लंड उत्तेजित होकर उसकी नाक से टकराने लगा वो सुपाडे को सूंघने लगी काफ़ी देर तक वो बस गोलियो को ही चूस्ति रही फिर उसने कुछ ऐसा किया कि मैं तो एक दम हैरान ही हो गया और उसकी अदा का दीवाना हो गया


हुआ कुछ यू कि वो मेरी गोलियो को चाट ते चाट ते वो थोड़ा सा और नीचे की तरफ गयी और मेरी गान्ड पर अपना मुँह लगा कर उसको चाटने लगी मेरा पूरा बदन हिल गया उसकी इस हरकत से मान गया बॉस सुना तो था कि औरत मे इतनी आग होती है आज देख भी लिया था वो मेरे कुल्हो पर अपनी जीभ फेरे जा रही थी मुझे थोड़ा सा अजीब भी लग रहा था पर मैने उसको रोका नही जब तक उसका मन नही भरा वो अपनी मन मानी करती ही रही फिर हम रूम मे आ गये उसने मुझे बेड पर लिटाया और पास रखी हनी के बोतल से कुछ हनी अपने हाथ मे लिया और मेरे चेहरे पर गिराने लगी आज पद्मि नी का एक नया रूप देखने को मिला था मुझे मेरे होंठो गालो और गर्दन पर शहद लगाने के बाद उसने कुछ सहद मेरी चेस्ट पर गिराया और फिर ढेर सारा मेरे लंड और गोलियो पर भी गिरा दिया और वो मेरे उपर चढ़ बैठी और लगी मेरे होंठो और गालो को खाने बड़ी ही वाइल्ड हरकते कर रही थी वो आज पर मैने उसको एक सेकेंड के लिए भी नही टोका कमरे मे बेहद शांति थी बस कभी कभी सांसो की आवाज़ भूले-भटके सुनाई दे जाती थी चेहरे को चाटने के बाद वो मेरी चेस्ट पर झुक गयी और मेरी निप्प्लस पर लगे हनी को जीभ फिरा फिरा कर मज़े से खाने लगी जब उसके दाँत मेरी चेस्ट मे धंसते तो मैं मस्ती मे भर उठा आज तक मैने ना जाने कितनी औरतो की चूची निचोड़ निचोड़ कर पी थी पर आज पद्मिमनी मेरी चेस्ट के साथ खिलवाड़ कर रही थी

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और खुद को उसके हवाले कर दिया 5-7 मिनट बाद वो अब लंड पर पहुच गयी पर लंड को एक छोटा सा किस करके साइड से गोलियो पर आ गयी और उनको मुँह मे भर के खाने लगी मैं सोच रहा था कि शूकर है कि इसके पास लंड नही है वरना आज तो गान्ड ही मर्वानी पड़ती फिर उसने मेरी टाँगे खोली और गान्ड पर लगे हनी को भी चाटने लगी अब मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी थी कि बस अब मैं उसको पटक कर चोदने ही वाला था कि तभी वो मेरे लंड पर आ गयी और उसको अपने गले तक ले जाते हुए खप खप मुँह मे ले के अंदर बाहर करने लगी लंड अब भरा तो बैठा ही था लंड चूस्ते चुस्ते ही वो 69 मे आ गयी और बोली कि चलो तुम भी मुझे थोड़ा सा आनंद दो तो मैने अपनी गर्दन थोड़ा सा उठाई और उसकी टपकती चूत को अपने मुँह मे लेके उसके रस को निचोड़ने लगा दूसरी तरफ वो मेरे लंड पर अपने होंठो का जादू दिखा रही थी आज उसकी चूत से कुछ ज़्यादा ही पानी बह रहा था और लग भी बड़ा टेस्टी रहा था तो दोस्तो 10-15 मिनट तक हम दोनो एक दूसरे की तस्सल्ली करते रहे फिर हम लगभग साथ साथ ही झाड़ गये और बेड पर पसर कर अपनी अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगे

फिर पद्मिचनी उठी और मुझे पानी का गिलास भर के दिया एक के बाद एक करके मैं तीन चार गिलास पानी खीच गया जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हू कि सेक्स के बाद मेरा गला कुछ ज़्यादा ही सूख जाता है फिर हम दुबारा से बाथरूम मे घुस गये और फटाफट तैयार होने लगे आज नम्रता की शादी थी तो दोपहर तक हमे वेन्यू पर पहुचना था पद्मिमनी ने टिपिकल साउत इंडियन साड़ी पहनी थी तो मैने जीन्स पर ब्लेज़र लगा लिया था जल्द बाजी मे कुछ थोड़ा बहुत खाया और फिर जो भी ज़रूरी सामान लेना था कॅरी किया और चल पड़े हम वहाँ जाकर देखा तो सभी मेहमान आ गये थे चूँकि शादी दिन मे थी तो मुझे थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि हमारे यहाँ तो रात मे शादी होती है पर अपने को क्या तो मेरे पास उस दिन वाले लड़के लड़किया आ गये और बोली भैया चलो ना डॅन्स करते है मैने कहा आप करो मेरा मूड नही है तो बोले भैया प्लीज़ तो मैने कहा ठीक है पर थोड़ी देर तो वो बोले ओके भैया जैसे जैसे टाइम बीत रहा था धमाल मच रहा था और मेरी नज़र तो बस पद्मिानी पर ही थी अब वो नम्रता की खास दोस्त थी तो वो उसके ही साथ थी तो मैने उसको इशारे से बुलाया और उसका हाथ पकड़ कर डॅन्स फ्लोर पर ले गया और ड्ज को बोला एक मस्त गाना लगा पंजाबी तो वो बोला कि सर यहाँ तमिल गाने चलाने को ही बोला गया है तो मैने कहा अबे तू बिंदास बजा मैं देख लूँगा तो भाई लगवा के गाना मैं लगा ड्ज पर नाचने जब एक बार फोजी का पैर खड़क गया तो फिर चाहे तमिल सोन्ग हो या और कुछ अपन तो लगे कुछ और लोग भी आ गये जो उस दिन मेरे साथ डॅन्स कर रहे थे मैने पद्मि नी को कहा आपके दोस्त की शादी है लगा दो दो चार ठुमके तो वो भी आ गयी फिर भाई मैं ना रुका ना वो रुकी पूरे डॅन्स फ्लोर पर अपना ही कब्जा था 20-25 मिनट तक जम के डॅन्स किया सभी लोग पूरा एंजाय कर रहे थे फिर मैं वहाँ से हट गया और एक कुर्सी पर जा कर बैठ गया गर्मी लगने लगी थी तो ब्लेज़र को निकाल कर रख दिया तो पद्मिगनी मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक ले आई और मेरे साथ वाली कुर्सी पर ही बैठ गयी मेरा ध्यान कोल्ड ड्रिंक से ज़्यादा उसकी उपर नीचे होती चूचियो पर था तो मैने कहा भाभी चलो कुछ तूफ़ानी करते है वो बोली अब क्या करोगे तो मैंन हौले से कहा कि चुदाई और क्या तो वो बोली यहाँ पे पागल हो क्या तो मैने कहा ये भी एक अड्वेंचर ही है आप किसी तरह से टाय्लेट मे घुस जाओ बाकी मैं देख लूँगा तो वो बोली कि शादी का माहौल है कही कुछ प्राब्लम ना हो जाए अभी रहने दो रात को कर लेना जो भी करो तो मैने कहा अरे कुछ नही होगा आप ये बताओ कि लॅडीस टाय्लेट कॉन सी साइड है तो वो बोली कि उपर वाले फ्लोर पर लेफ्ट साइड मे तो मैने कहा कि आप मोका देख कर वहाँ खिस्को और फिर मुझे मिस कॉल करना मैं आ जाउन्गा तो वो बोली ठीक है मैं करती हू अड्जस्ट चलो तुम्हारे साथ ये एक्सपीरियेन्स भी

हो जाएगा तो दस मिनट बाद उनकी मिस कॉल आई मैं नज़र बचाते बचाते उपर के फ्लोर पर पहुच गया वहाँ तो सन्नाटा पसरा पड़ा था क्यों कि सभी शादी मे बिज़ी थे मैं झट से अंदर घुस गया और डोर को बंद कर लिया और पद्मिीनी को अपनी बाहों मे ले लिया वो डरते हुए बोली कि जल्दी से ही करना कही कोई आ ना जाए मैने कहा आप अभी कुछ मत बोलो अब किस भी नही कर सकता था कही लिपीसटिक ना खराब हो जाए तो झट से पॅंट को नीचे किया और भाभी को भी थोड़ा सा झुका दिया साड़ी और पेटिकोट को उपर किया और पैंटी को नीचे सरका दिया लंड के टोपे पर थूक लगाया और लंड को चूत मे पेल दिया और दना दन पद्मिोनी की ठुकाई शुरू कर दी पद्मिचनी गहरी साँसे लेने लगी मैने उनकी कमर को कस के पकड़ लिया और तूफ़ानी चुदाई शुरू कर दी मैं भी जल्दी से ही काम निपटाना चाहता था पर ये काम जल्दी से निपट ता ही नही है पद्मि नी अपने दाँत भीचे बार बार कह रही थी कि जल्दी करो जल्दी करो मैने कहा दो मिनट चुप रहो और दना दन चूत को फाड़ने लगा मस्ती का रंग तो उस पर भी था पर वो थोड़ा सा घबरा रही थी इसलिए तो 15-20 फिर भी लग ही गये और एक बार फिर से मैने उसकी चूत को वीर्य से भर दिया उसने अपनी पैंटी से ही चूत को पोन्छा और फिर उसको पहन लिया फिर उसने थोड़ा सा अपने कपड़े ठीक किए और इधर उधर देख कर निकल गयी
Like Reply
#39
कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया शादी मे टाइम बहुत लग रहा था तो मैं एक साइड मे बैठे बैठे एंजाय करने लगा पद्मिमनी मंडप मे चली गयी थी खैर जैसे तैसे उनका विवाह हो ही गया फिर चला फोटो सेशन तो हम भी अपने गिफ्ट देने उन्हे चले गये खाना वाना खाते रात के 12 से उपर का टाइम ही हो गया था तो मैं थोड़ा सा थक भी गया था और अगली रात हमारी वापसी की ट्रेन भी थी तो मैने पद्मिगनी से कहा कि अभी चलते है तो वो बोली कि बस कुछ देर तो फिर वो सभी से मिली कुछ बाते नम्रता से की और फिर हम होटेल के लिए निकल गये

होटेल पहुचने मे भी आधा पोना घंटा लगना था तो पद्मिछनी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर लेट सी गयी और एक झपकी सी लेने लगी सोते हुए वो बेहद ही मासूम लगती थी खैर हम होटेल पहुच गये और अपने रूम मे जाते ही वो मेरे सीने से लग गयी और बोली कि आइ’म रियली थॅंकफुल टू यू बिकॉज़ यू गेव मे सच आ प्लेषर यू सॅटिस्फाइड मी विद आ न्यू फ्लेवर तुम्हारे साथ रहकर मैने सेक्स को एक नये तरीके से महसूस किया है मूर्ति तुम्हारा जैसा नही कर सकता वो बहुत ट्रडीशनल है थॅंक्स फॉर कमिंग इन माइ लाइफ फिर वो बोली कि आज मैं तुमसे एक चीज़ मांगती हू तो मैने कहा सब कुछ ही आपका है जो माँग ना हो माँग लो तो वो बोली कि क्या तुम मेरे लाइफ टाइम फ्रेंड बनॉगे आइ मीन ट्रैनिंग के बाद जब तुम्हारी पोस्टिंग कहीं ओर हो जाएगी तब भी क्या तुम मुझे कभी कभी मिलोगे तो मैने कहा मॅम ये दोस्ती बड़ी ही अलग सी चीज़ होती है क्या आप निभा पाओगे तो वो बोली कि आइ प्रॉमिस टू यू तो मैने कहा ठीक है हमारा ये रिश्ता हमेशा रहे गा जब भी आप बुलाओगे मैं आउन्गा और अगर मैं बुलाउन्गा तो आप को भी आना पड़ेगा तो वो बोली कभी भी आजमा कर देख लेना मैने कहा थॅंक्स फॉर युवर फ्रेंड शिप मैं उसके चुतड़ों को मसल्ते हुए बोला कि चलो इसी बात पे गान्ड मर्वाओ तो वो बोली कि मार लो तुम्हे किसने रोका है सब कुछ तुम्हारा ही है जैसे चाहो उसे करो तो मैने कहा कि भाभी आपकी यही अदा तो मुझे दीवाना कर देती है तो मैने उनकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और वो गोल गोल घूमते हुए अपनी साड़ी को उतरवाने लगी बिल्कुल फिल्मी अंदाज मे जैसे ही साड़ी उतरी वो फिर से मेरे सीने से आ लगी उनकी ढोंकनी सी उपर नीचे होती हुवी छातिया मेरे सीने मे दबने लगी उनकी गरम सांस मेरे चेहरे पर पड़ रही थी तो मुझे एक नशा सा चढ़ने लगा उनकी सांसो किखुश्बू से मुझे मदहोशी छाने लगी तो मैने पेटिकोट के नाडे मे हाथ फसाया और उसके नाडे को खोल दिया और उनकी मक्खन सी चिकनी जाँघो पर मेरा हाथ रेंगने लगा पद्मि नी मेरी बाहों मे समाने को आतुर थी तो मैने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी ब्रा और पैंटी को
भी उतार कर उसको पूरा नंगा कर दिया और अपने कपड़े भी उतार दिए तो पद्मि नी मेरी गोद मे आकर सिमट गयी तो मैं उसकी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ते हुए उसके बोबो से खेल ने लगा फिर उन्होने अपना मुँह मेरी ओर घुमाया और हमारे होंठो एक दूसरे से जुड़ गये माहौल बड़ा ही रस से भर चुका था सरगोशिया दौड़ ने लगी थी वातावरण मे रात भी अपने पूरे शबाब पर थी तो मैने बिना देर करते हुए उनको उल्टी लिटाया और अपने लंड को पद्मि नी की मोटी गान्ड पर लगा दिया और एक धक्का लगा दिया पद्मि नी ने अपने बदन को टाइट कर लिया पर लंड गान्ड मे आधा चला गया उनको थोड़ा दर्द भी हो रहा था पर उन्होने एक उफ्फ भी ना की उन्होने अपने बदन को पूरी तरह से मुझे समर्पित कर दिया था मैने थोड़ी पेल और मारी और लंड को जड़ तक पद्मिझनी की मस्तानी गान्ड मे उतार दिया और हिचकोले खाते हुए पद्मिदनी की गान्ड को मारने लगा थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा तो उसने भी अपने शरीर को ढीला कर दिया और मुझसे बाते करते हुए अपनी गान्ड मे लंड लेने लगी पद्मियनी बोली कि बस तुम ऐसे ही मुझे अपनी बाहों मे लेकर प्यार करते रहो मैं चाहती हू कि ये टाइम यही पर रुक जाए और हम दोनो यू ही एक हुए पड़े रहे तो मैने कहा डार्लिंग हम तो अब एक ही है ना तो मैं उनके गोलगप्पे जैसे गालो को खाते हुए गान्ड मारने लगा

गान्ड मेरे लंड पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल रही थी जिस कारण मैं तेज तेज धक्के नही लगा पा रहा था पर फिर भी मज़ा आ रहा था कभी कभी जब उसके मुँह से एक दर्द भरी आवाज़ निकल पड़ती तो मेरा जोश और भी ज़्यादा हो जाता था पूरे आधे घंटे तक दबा कर मैने पद्मि नी की गान्ड मारी जब मेरा होने वाला था तो उसने कहा कि तुम अपना वीर्य मेरी नाभि मे गिराना तो मैने तुरंत ही उसको पलटा और उसकी नाभि को लंड से निकलते पानी से भरने लगा और फिर उसकी बगल मे जाके लेट गया पद्मिकनी लेटी लेटी नाभि मे पड़े वीर्य मे उंगली गोल गोल घुमाने लगी और फिर उस उंगली को अपने मुँह मे डाल के चूसने लगी फिर मैं पेशाब करने चला गया थोड़ा पानी पिया और वापिस उसके पास आ गया तो वो बोली कि एक काम करो मेरी चूत मे उंगली करके मुझे भी शांत करदो तो मैने कहा थोड़ी देर रुक जाओ तो चोद ही दूँगा पर वो बोली नही अभी तो तुम उंगली से ही मुझे शांत कर दो तो मैने दो उंगलिया पद्मिोनी की प्यासी फूली हुई चूत मे डाल दी और बड़े ही प्यार से चूत को मसल्ने लगा उसकी चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी और फिर मैं तेज तेज उंगली को अंदर बाहर कर रहा था पद्मिबनी लंबी लंबी सांस ले रही थी और मुस्कुराते हुए अपनी चूत मे उंगली करवा रही थी 8-10 मिनट तक मैने खूब ज़ोर से चूत को दबाया मसला और फिर पद्मिहनी ने भी अपना पानी मेरी हथेली मे गिरा दिया और फिर मेरी बाहों मे पसर गयी मैं उसको लिए लिए उसकी बाहों मे सो गया

जब मेरी आँख खुली तो पद्मिेनी मेरी बाहों मे लिपटी सोई पड़ी थी हमारी ट्रेन रात की थी तो पूरा दिन हमें होटेल मे ही स्पेंड करना था तो मैं उसको डिस्टर्ब नही करना चाहता था तो मैंन आहिश्ता से खड़ा हुआ और बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होकर वापिस आ गया पद्मिसनी सो ही रही थी तो मैने घर फोन कर दिया और सब का हाल चाल पूछने लगा कई दिन बाद घर फोन किया था तो बात थोड़ी ज़्यादा लंबी हो गयी मैने फोन कट किया और मूड कर देखा तो पद्मितनी जाग गयी थी और मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी मैने कहा आप सो रहे थे तो मैने सोचा क्यों ना घर पे ही फोन कर लू फिर उन्होने पूछा कि घर पे सब ठीक है तो मैने कहा सब भले चन्गे है फिर उन्होने मुझे एक प्यारी सी किस दी और बाथरूम मे घुस गयी

मैं उसकी मटकती गान्ड को घूर घूर कर देखता रहा आधे घंटे बाद जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे ही थी तो मेरा लंड फिर से उत्तेजित होने लगा तो मैने अपना कच्छा उतार दिया और पद्मिरनी को लंड चूसने का इशारा किया वो मटकते हुए मेरे पास आई और घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी अबकी बार वो तेज तेज मुँह चला रही थी और लंड चूस्ते चूस्ते अपने हाथ से मेरे टट्टो को भी मसल्ने लगी तो मैं उत्तेजना से भर उठा पद्मितनी की होंठो से थूक बहकर उसकी चूचियो और उसकी जाँघो पर पड़ रहा था पर उसे कोई परवाह नही थी वो अपनी बड़ी बड़ी आँखो से मुझे देखते हुए मेरे लंड पर कहर ढा रही थी तो करीब 5 मिनट तक उसको लंड चुसवाने के बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगो को उठा ते हुए उनकी कच्छि को उतार दिया मैने बड़े ही प्यार से उनकी पैंटी को अपने मुँह मे दबा कर चूमा और फिर साइड मे एक दिया और उसकी काली काली चूत पर अपने चेहरे को झुका लिया और अपनी जीभ को गोल गोल करके घुमाने लगा पद्मिकनी की नस नस मे वासना की तरंग दौड़ उठी और वो अपनी मस्त जाँघो को बेड पर पटाकने लगी उसके तन बदन मे जैसे भूचाल सा आ गया था पद्मिपनी काँपते हुए लहजे मे बोली कि यार तुम इसको लीक बहुत ही अच्छा करते हो तो मैं और भी मस्ती से चूत के खारे पानी को चाटने लगा थोड़ी देर बाद मैं बेड पर लेट गया और अपने खड़े लंड को दिखाते हुए पद्मिीनी को लंड पर बैठने का इशारा किया तो वो मुस्काई और झट से मेरे उपर आते हुए लंड को पकड़ कर चूत के मुंहाने पा रख दिया और उस पर बैठ ने लगी

जब पूरा लंड चूत मे समा गया तो फिर वो खुल के मैन्दान मे आ गई और मेरी चेस्ट पर अपने हाथ मजबूती से रखते हुए अपनी गान्ड को हिलान लगी उसकी गान्ड की थिरकन से मेरा लंड और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया मैने अपने हाथ से उसके कुल्हो को थाम लिया और चुदाई का मज़ा लेने लगा पद्मिहनी के मोटे मोटे चुतड़ों को मसल्ते हुए मैं पूरा मज़ा ले रहा था और वो भी पूरे जोश से मेरे लंड पर कूद रही थी फिर वो थोड़ा सा आगे को झुकी तो मैने उसकी झूलती हुवी चूची को अपने मुँह मे ले लिया जैसे ही उसके निप्पल्स पर मेरी जीभ टच हुई पद्मिकनी और भी ज़्यादा गरम हो गयी और बेहद तेज़ी से लंड पर कूदने लगी दूसरी ओर मैं अपने हाथो से उसके कुल्हो पर दबाव डाल रहा था पद्मि नी काफ़ी देर से मेरी लंड पर झूल रही थी तो उसको थकान होने लगी थी तो वो उपर से उतर गयी और मैं उसके उपर चढ़ गया और अब मेरी बारी थी उसकी चूत पर धक्के लगा ने की पद्मिढनी ने अपनी टाँगे मेरी कमर के चारो ओर लपेट ली और मेरे होंठो को चूमते चूमते अपनी चूत मुझे दे रही थी मैं तेज तेज धक्के मारता वो अपने बदन को उतना ही टाइट कर रही थी मेरे बदन मे भी अब झड़ने का सिग्नल आ रहा था तो मैने कहा डार्लिंग मैं जाने वाला हू तो वो बोली कि कुछ देर और सर्वाइव करो मैं भी समझो पहुच ही गयी पर मैं तो किनारे पर ही आ गया था तो मेरे लंड से वीर्य छूट गया पर फिर भी मैने कुछ धक्के और मारे और फिर पद्मि नी भी झाड़ गयी तो उसने मुझे धक्का देते हुए अपने उपर से उतार दिया और मेरे सीने से लग कर आहे भरने लगी फिर कुछ देर बाद हम ने कपड़े पहने और फिर मैने नाश्ता रूम मे ही मंगवा लिया और वही खाने लगे नाश्ते के बाद मैने कहा भाभी आप पॅकिंग को चेक कर लो कहीं कुछ रह ना जाए तो वो बोली कि सब सामान रख लिया बस शाम को चलना ही है तो मैने कहा कि मुंबई के ट्रॅफिक का कोई भरोसा नही है तो थोड़ा पहले ही निकलेंगे तो वो बोली हम पर अभी तो पूरा दिन ही पड़ा है तो मैं उनके चुतड़ों पर चिकोटी काट ते हुए बोला कि पूरा दिन पड़ा है तो …. वो कहने लगी कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो किया है थोड़ा रेस्ट करते है फिर चलने से पहले एक बार और तुमको खुश करूँगी तो मैने कहा ओके फिर वो टीवी देखने लगी और मैं आँखे बंद कर के लेट गया एक बार सोया तो फिर सीधा शाम को 6 बजे ही आँख खुली तो मैं उनको बोला आपने दुपहर मे मुझे जगाया क्यो नही तो वो बोली कि अरे तुम गहरी नींद मे थे तो मैने तुम्हे डिस्टर्ब नही किया और फिर सेक्स तो हम ट्रेन मे भी कर लेंगे तो मैने कहा ठीक है अब जल्दी से एक बार सामान को चेक कर्लो फिर हम निकल जाएँगे ।

7 बजते बजते हम ने होटेल छोड़ दिया और टॅक्सी लेकर स्टेशन का रास्ता पकड़ लिया ट्रेन आने मे टाइम था तो हम वेट करने लगे उन्होने कुछ पत्रिकाए खरीद ली थी पढ़ने के लिए जब ट्रेन आई तो मैने चार्ट मे अपना और उनका नाम चेक किया और फिर अपने डिब्बे की तरफ बढ़ चले एक बार फिर एक कॅबिन हमारे लिए रिज़र्व था तो कोई टेंशन की बात नही थी ट्रेन ने सीटी मारी और फिर चल पड़ी हमे लेकर जैसे ही लाइट्स डिंम हुवी मैं पद्मिटनी पर टूट पड़ा और जब तक ट्रेन देहरादून स्टेशन पर पहुचि मैं पद्मिपनी को कई बार चोद चुका था एक हफ्ते की लगातार सदाबहार चुदाई से पद्मिटनी का यौवन और भी ज़्यादा खिल गया था स्टेशन पर उतरते ही पद्मिटनी ने कहा कि मैं अभी जाउन्गी और तुम दो तीन घंटे बाद आना तो मैने कहा कि नो प्राब्लम तो मैं फिर शाम तक ही अकादमी मे एंट्री किया और रिपोर्टिंग के बाद होस्टल चला गया

मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा

मैने भी सोच लिया था कि आज इसके बदन पर अपनी जवानी का सिग्नेचर ज़रूर करना है और कुछ इस तरह से करना है कि ये भी हमेशा याद रखे की मिला था कोई कुछ देर बाद मेरी गरम सांसो से उसके होंठो जलने लगे पर मैं उसको नही छोड़ रहा था जब तक कि उसके निचले होंठो से खून ना निकला मैं उसके होंठो को निचोड़ता ही रहा जब वो मुझसे अलग हुई तो वो अपने होंठो से रिस्ते खून को जीभ से चाट ती हुई मुझे बड़े ही गौर से देखने लगी फिर वो मेरे पास आई और पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ते हुए कहा कि तुम्हारे साथ मज़ा आएगा और फिर मेरी पॅंट को खोल के मेरे लंड को हिलाने लगी मैने भी अपने हाथ उसकी चूचियो पर रख दिए और उनको दबा दिया उसकी एक आह निकली तो मैने और भी कस के चूची को दबा दिया अब वो मेरी टाँगो के बीच मे बैठी और मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उस पर जीभ फेरते हुए मेरी तरफ देखने लगी

उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बड़ी ही खुरदरी थी उसकी जीभ मेरे सुपाडे को जैसे छील ही गयी मैने एक आह भरी तो उसने आधे लंड को अपने मुँह मे लिया और दिलकश निगाहो से मुझे देखती हुवी लंड पर काटने लगी लंड मे भी तनाव आना शुरू हो गया था तो वो भी अब फड़कने लगा था कुछ ही देर मे वो पूरे साइज़ मे आ गया सरिता की आँखो मे भी नशा भरने लगा था वो अब तेज तेज लंड पर चुप्पे लगाने लगी थी 8-10 मिनट तक उसने जी भर कर मेरे लंड को चूसा फिर वो खड़ी हुवी तो मैने उसको अपने सीने से लगा लिया और थोड़ा झुक कर उसको फिर से किस करते हुए उसकी स्कर्ट को उतार दिया अंदर उसने पैंटी नही डाली हुई थी शायद जान बुझ कर छोटे छोटे बालों से भरी उसकी चूत अच्छी दिख रही थी तो मैने उसको बेड पर पट का और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया चूत किसी भट्टी की तरह गरम तप रही थी जैसे ही मेरे होंठो ने चोट को छुआ सरिता जैसे पिघल सी गयी अब उसको किसी का डर तो था नही तो उसने कमरी को सर पर उठा लिया कुछ ज़्यादा ही ज़ोर ज़ोर से वो आहे भरते हुए अपनी चूत को चुस्वा रही थी बार बार वो अपनी टाँगों को भीचती कभी खोलती कभी कुल्हो को मतकाती हुई वो चूत पर मेरी रेंगती हुवी जीभ का मज़ा ले रही थी कुछ टाइम ऐसे ही करने के बाद मैने लंड पर कॉंडम लगाया और उसने अपनी टाँगो को फैलाते हुए मुझे चूत तक आने का रास्ता दिया जैसे ही मैने लंड को अंदर घुसाया उसका चेहरा लाल हो गया उसने अपनी मुत्ठिया बंद कर ली और आँखो को बंद कर लिया तो मैने पूरी ताक़त लगाते हुए धक्का मारा और लंड को उसकी बच्चेदानी तक अड़ा दिया सरिता दोहरी हो गयी और मैं उस पर झुकता चला गया वो किसी गुड़िया की तरह से मुझसे चिपक गयी थी तो मैं अपने लंड को आहिस्ता आहिस्ता से अंदर बाहर करने लगा तो

सरिता मेरी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ती हुई बोली कि ज़ोर ज़ोर से करो तो मैने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उस गढ़वालन को चुदाई का असली सुख देने लगा इस छोटी सी जिंदगी मे मैं कई तरह की औरतो से मिल चुका था कइयो से दोस्ती थी कइयो को चोद चुका था पर सरिता जैसी चुड़दकड़ से कभी पाला नही पड़ा था वो बार बार मुझे तेज तेज करने को कह रही थी जब कि मैं पूरी स्पीड पकड़ चुका था तो मुझे खीज होने लगी मैने अपना लंड बाहर निकाला और साइड मे बैठ गया मैने कहा जा जो तेज तेज करे उस से चुदवा मैं अभी नही चोदता तुझे सरिता की चूत मे आग लगी थी तो वो बोली अरे वो तो मैं तुम्हारा जोश बढ़ने के लिए कह रही थी तो मैने कहा कि मुझे मेरे जोश पर भरोसा है तुझे चुदना है तो इज़्ज़त से चुद वरना मैं चला तो सरिता मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बोली कि अरे आप तो बुरा मान गये और मुझे लीप किस करने लगी अब लंड तो मेरा भी खड़ा था तो मैने उसे गोदी मे ही लंड पर बिठा लिया और झूला झुलाने लगा मेरा लंड सरिता की बच्चेदानी से टकराने लगा था मैं मजबूती से उसके कुल्हो को थामे था और वो बड़े मज़े से उछल रही थी मेरी गोद मे उसकी चूत से पानी रिस्ते रिस्ते मेरी जाँघो को गीला कर रहा था उसकी चूचिया जब जब मेरे सीने से रगड़ खाती तो उतना ही मेरा लंड झटके ख़ाता मैं कभी उसके होंठो चूमता कभी उसकी गर्दन को फिर मैने उसे दुबारा से लिटा दिया और सरिता की सवारी करने लगा अब वो हद से ज़्यादा गरम हो चुकी थी अब वो झड़ने के बेहद करीब आ गयी थी और मैं भी बुरी तरह से उसको चोद रहा था कुछ सेकेंड बाद ही सरिता का बदन झटके खाने लगा और वो झड़ने लगी उसकी चूत से काफ़ी पानी निकला थोड़ी देर बाद मैने भी अपना पानी से कॉंडम को भर दिया अपनी फूली हुवी सांसो को काबू मे किया और सरिता के उपर से उतर कर साइड मे बैठ गया ।

कुछ देर बाद सरिता भी उठी और बेड की चादर से ही अपनी चूत को सॉफ किया और सामने वाली कुर्सी पर ही नंगी ही बैठ गयी और मेरी तरफ नशीली आँखो से देखने लगी मैं कॉंडम उतार रहा था कि वो बोली कि इसे मुझे दे दो तो मैने उसके हाथ मे कॉंडम रख दिया उसने मेरे वीर्य को अपनी चूचियो पर किसी लोशन की तरह लगाना शुरू कर दिया मैं उसको देखता ही रहा फिर सरिता उठी और किसी कुतिया की तरह चलते हुए मेरे पाँवो तक आई और फिर अपने मुँह को मेरी जाँघो के बीच मे दे दिया और मेरे सोए पड़े लंड को अपने मुँह मे लेके जगाने लगी वो अपनी जीभ को लंड और गोलियो पर अच्छे से फिरा रही थी लंड मे भी दुबारा से सुर सुराहट होने लगी थी साली एक नंबर की एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे कुछ ही मिंटो मे लंड को दुबारा तैयार कर दिया था मैने उसके हाथ कुर्सी पर रखवाए और उसको झुकाते हुए पीछे से लंड को चूत पर लगा दिया और रगड़ने लगा अभी मेरा इरादा नही था डालने का तो मैं कुछ देर लंड को चूत पा रगड़ता फिर सुपाडे को अंदर डाल कर तुरंत ही बाहर निकाल लेता और फिर से रगड़ ता अब सरिता तो थी ही चुदासी रांड़ ऐसी हरकतों से वो तड़पने लगी और मैं उसके मज़े लेता रहा जब उसका सबर बिल्कुल टूट गया तो वो बोली अब इतना भी मत तड़पाओ डाल भी दो ना अंदर तो मैने एक ही झटके मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया इस धक्के से सरिता संभाल नही पाई और आगे को हो गई तो मैने उसकी कमर खीच कर उसको अड्जस्ट किया और उसकी चूचियो को मसल्ते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी सरिता उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ
उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ की आवाज़े निकलते हुए अपनी चूत मे समाए मेरे लंड का मज़ा लूट रही थी आज एक बात तो पक्की थी कि उसकी चूत का साइज़ आज इनक्रीस होने वाला था खैर मैंन उसके सर के बालों मे हाथ डालते हुए उसके चेहरे को उपर की ओर किया और डाना दन लंड को चूत मे पेलने लगा चोद्ते चोद्ते मैने पूछा कि गान्ड भी मरवाती हो क्या तो वो बोली कि पहले ईईए कभीइ आआअहह आअहह पहले कभी तो नहियीईई आआहह आअहह मरवाई है पर तुम मारलो कुछ टाइम के लिए तुम्हारी ही हू जो चाहे कर लो पर अभी प्लीज़ मेरा पाणिीईईईईईईईईईईईईईई
आआआआआआआआआआआआआआआआअहह आअहह आअहह मस्ती से सिसकारिया भरते हुए बोल रही थी कि अभी मेरा पानी निकलने दो मैने कहा हां और बेहद कस कस कर धक्के लगा ने लगा मैं दोनो हाथो से उसके बोबो को मसल रहा था तो वो भी अपने चुतड बार बार पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही थी उसके माथे से टपकती हुवी पसीने की बूंदे काँपति हुए टाँगो की थिरकन जैसे मुझे पागल ही करने पर तुली थी अब कमरे मे बस ठप ठप के सिवा कुछ आवाज़ नही आ रही थी सरिता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी उसके लाल लाल होंठो हल्के हल्के से कांप रहे थे उसके हाव भाव से मुझे लगने लगा था कि अब बस ये जाने ही वाली है तो मैने उसे बेड पर पटक दिया और तेज तेज से चोदने लगा 5 मिनट के अंदर ही उसकी चूत लंड से हार गयी और सरिता का बदन एक दम से ढीला पड़ गया उसकी छातिया तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी तो मैने उसे पलट दिया और उसके चुतड़ों पर ढेर सारा थूक लगाते हुए लंड को गान्ड पर लगा दिया और एक तेज शॉट मार दिया तो सुपाड़ा गान्ड को चीरते हुए आगे की ओर घुस गया सरिता दर्द से दोहरी हो गयी उसकी सांस जैसे अटक सी गयी और उसको खाँसी आ गयी आँखो से आँसू बह चले और वो रो पड़ी मेरा सुपाडा वैसे ही अटका पड़ा तो मैने उसके बदन को मजबूती से दबोचा और एक झटका और लगाया और आधा लंड गान्ड मे डाल दिया इस बार सरिता की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी वो रोते रोते मुझे बोली क़ि मुझीईईईईईईई नाआआआआहियीईईईईईईईईईई मरानी है ओमम्म्मममममममम्मूऊऊुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममममममममममय्ययययययययययययययययययययययी तूमम्म्ममममममममममममममममममममममममम णीईीईईईईिकककककककककककककककककााआआआआआआलो इसे पर मैने उसकी बाद पर ज़्यादा ध्यान नही दिया वो अब सूबकिया लेने लगी थी मैने एक धक्का और लगाया और पूरा लंड गान्ड मे उतार दिया सरिता की हालत बहुत ही टाइट हो गयी थी वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी पर रोए तो रोए मैने दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारने लगा उसका बदन एक दम से तपने लगा था वो रोए जा रही थी पर अब गान्ड मरवाएगी तो दर्द तो झेलना ही पड़ेगा वैसे मैं दयावान आदमी हू पर उस टाइम मैने कोई दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारता ही रहा वो बार बार कह रही थी कि निकाल लो निकाल लो पर एक बार घुसने के बाद इतनी आसानी से कहाँ निकलता है तो मैं उसकी गान्ड तब तक मारता रहा जब तक कि मैं झाड़ ना गया तब कही जाके मैने लंड को उसकी गान्ड से बाहर निकाला और उसकी बगल मे पड़ गया फिर जब मेरी साँसे नियंत्रण मे आई तो मैने देखा कि उसकी गान्ड बुरी तरह से छिल गयी थी और खून निकल आया था


मैने उसे खड़ा किया तो जैसे तैसे वो उठी और लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे चली गयी उसकी आँखे रो रो कर सूज गयी थी मैने अपने कपड़े पहन लिए थे अब टाइम हो गया था वहाँ से जाने का कोई दस मिनट बाद वो भी आ गयी और अपने कपड़े पहन ने लगी पर मुझ से कोई बात नही कर रही थी कुछ देर बाद हम नीचे आए फिर मैं अपने याडी के साथ वापिस हो लिया
______________________________
बदन मे थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो रास्ते मे एक पपीता शेक पिया तो थोड़ी जान आई मुझे कुछ कपड़े खरीदने थे तो हम पल्टन बाजार चले गये एक दो जॅकेट ली और लेदर शूस भी खरीद लिए वही पे लंच किया और शाम होते होते हम वापिस अकादमी आ गये ये अकादमी की दीवारो के अंदर भी एक अलग ही दुनिया थी जिसमे हम रहा करते थे सिविलियेन्स से बिल्कुल अलग हर चीज़ रूल से चला करती थी


मैं खुश था कि मैं अपने खानदान का पहला लड़का था जिसके बदन पर सैनिक की वर्दी थी पर मुझे क्या पता था कि आगे ये लाइफ जिसे मैने बड़े ही चाव से चुना था मेरी पूरी जिंदगी को मंझदार मे लटका देगी और मैं किसी पिंजरे मे क़ैद पंछी सा हो जाउन्गा कुछ बॅच मेट्स थे जो मुझसे बहुत ही सुपीरियर थे हर चीज़ मे पर्सनॅलिटी मे और स्किल्स मे भी मैं तो एक आवारगी ट्रेनी था कभी भी टास्क मे टॉप नही किया था मैने बेस्ट कडेट बन ना तो बहुत दूर था

पर अपने को क्या अपन तो ऐसे ही जिए जैसे अपन चाहे अब बॅच मेट्स मे होड़ लगी थी एक दूसरे को पछाड़ने की और अपने अपने ग्रेड्स उँचे करने की उस टाइम तक मुझे ज़िंदगी से कोई शिकायत नही थी क्योंकि हर चीज़ थी मेरे पास जो मुझे चाहिए थी पर ना जाने क्यो एक ख़ालीपन सा महसूस होता था

फौज हमे सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो भाई चारे की भावना सिखाती है पर ना जाने क्यो मैं अपने आप मे ही रिज़र्व रहने लगा था बैच मेट्स से भी आज कल कम ही बात किया करता था ना दोस्तो मे बैठ ता था पद्मिरनी पर भी अब मैं इतना ध्यान देता था एक अजीब सा खाली पन सा था


क्या ये असर था निशा की यादो का जितना मैं उसे अपने दिमाग़ से आउट करने की कोशिश करता उतना ही मैं ताड़पता था मैं कई बार फोन देखता इस आस मे कि क्या पता कभी निशा का कोई फोन आ जाए पर ना जाने वो मर्जानी मुझे यू कैसे भूल गयी थी मैं बेहद परेशान रहने लगा था

मिता की कॉल आती पर मैं उस से भी बात नही करता था मेरे अंदर का बंजरापन मुझ पर हावी होने लगा था और उपर से ट्रैनिंग का प्रेशर बस संभाले हुए था मैं किसी तरह से खुद को पर अंदर अंदर टूट रहा था ना जाने क्यो मैं इतना बेताब था निशा को देखने के लिए , मैं उसका हाथ पकड़ना चाहता था मैं उसके गले लग कर रोना चाहता था कितनी ही बाते थी मेरे दिल मे जो मैं उसको बताना चाहता था


पर ना जाने वो कहाँ छुपी बैठी थी आख़िर क्यो वो मुझसे इतनी दूर हो गयी थी हर रोज मैं अपनी डायरी मे उसके बारे मे लिखा करता था ये कैसी डोर थी जो अब भी मुझे उसके साथ जोड़े हुए थी मैं अक्सर सोचा करता था कि क्या वो भी मुझे ऐसे ही याद करती होगी जैसे मैं उसको करता हू जितनी कशिश मुझे उसके लिए थी उतनी किसी के लिए भी नही थी पर कहाँ से लाउ उसको कहाँ ढूंढू मैं उसको ये एक ऐसा यक्ष प्रश्न था मेरे सामने जिसका कोई जवाब नही था

हर दिन मैं जब जाग ता तो निशा की याद आती और जब सोता तो वो खुद सपनो मे चली आती कही मैं पागल तो नही होने लगा था एक दिन मूर्ति सर ने मुझे घर बुलाया और समझाने लगे कि यू मस्ट फोकस ऑन युवर ट्रैनिंग इतने दिन सब कुछ झेला है फिर लास्ट मे क्यो दम तोड़ रहे हो मैने कहा सर आइ डॉन’ट नो व्हाट ईज़ हॅपनिंग वित मी इट’स आन एंपटिनएस्स ऑन माइ हार्ट

तो वो बोले की होता है कडेट ऐसा होता है कई कई दिन फॅमिली से दूर रहते है अकेलापन हावी हो जाता है पर यू आर ब्रेव सोल्जर फर्गेट ऑल थिंग्स आंड थिंक ऑफ युवर फ्यूचर यू विल लेड आर्मी सून और वैसे भी हम भी तुम्हारी फॅमिली जैसे ही है ना सच ही तो कह रहे थे वो फॅमिली की तरह ही तो ट्रीट करते थे वो मुझे वरना आज के जमाने मे कॉन किसका हुआ है


मुझे वापिस होस्टल जाना था तो मैने कहा सर मैं निकलूं तो वो बोले कि अरे अभी कहाँ जा रहे हो डिन्नर करके ही जाना बस थोड़ी देर लगेगी तो मैने कहा ओके सर और वही पर बैठ कर टीवी देखने लगा कुछ मिनट बाद सर बोले तुम बैठो मैं ज़रा शॉपिंग सेंटर तक होके आता हू तो मैने कहा सर मुझे बता दो क्या सामान लाना है मैं ला देता हू तो वो बोले अरे नही तुम बैठो मैं ही होके आता हू


और वो निकल गये उनके जाते ही पद्मि नी ने मुझे किचिन मे बुला लिया और मुझ से चिपक गयी और बोली कि घर क्यो नही आते कितना इंतज़ार करती हू मैं तुम्हारा तो मैने कहा डार्लिंग अभी आपको तो पता ही है ना कि थोड़ा मेंटली डिस्टर्ब हू निशा की वजह से तो वो बोली कि डियर , उसको तुमसे मिलना होगा तो ज़रूर गॉड कुछ ना कुछ करके मिलवाएँगे बट मस्ट हॅव फेत और अभी तुम प्रॉमिस करो की पूरे कॉन्सेंट्रेशन से ट्रैनिंग करोगे तो मैने कहा अब आपका कहा थोड़ी ना टाल सकता हू
Like Reply
#40
तो उन्होने मेरे माथे पर किस किया तो मैं बोला डार्लिंग लिप्स पर भी तो उन्होने अपने रसीले होंठो पर जीभ फेर कर उनको गीला किया और उनको मेरी तरफ बढ़ा दिया मैं थोड़ा आगे हुआ और उनके सहद से भी मीठे होंठो का रस चाटने लगा एक मिनट मे ही पद्मिलनी गरम हो गयी उसकी छातिया मेरे सीने मे सामने को आतुर हो उठी मैं अपने लबो से उसके लबो पर प्यार की एक नयी इबारत लिखने की कोशिश करने लगा कुछ देर उसको यू ही किस किया पर अभी हम सेक्स कर नही सकते थे तो थोड़ी सी चूमा-चाटी के बाद मैं वापिस आकर बाहर वाले रूम मे बैठ गया


थोड़ी देर बाद ही पद्मिूनी ने खाना लगा दिया ये भी एक सुख ही था कि यहा कभी कभी घर का खाना नसीब हो जाता था वरना बाकी तो आपको पता ही है तो एक बेहद शानदार डिन्नर के बाद मैं अपने होस्टल की तरफ चल पड़ा काफ़ी दबा के खाया था तो बस अब सोना ही था

अगले दिन मैं जब उठा तो खुद को तरो ताज़ा महसूस कर रहा था आज ग्राउंड पर मैं एक नये जोश के साथ था मैने सोच लिया था कि अभी निशा को बस भूल ही जाउन्गा जब उसको मेरी कोई परवाह नही है तो मैं क्यो उसके बारे मे इतना सोचु मैने सोच लिया था कि अब बस प्रॅक्टिकल लाइफ ही जीऊँगा अभी टाइम था खुद के बारे मे सोचने का आज ड्रिल्स मे एक अलग ही एनर्जी थी मुझमे पर क्या निशा को भूलना सच मे इतना आसान था ना जाने दिल के किस कोने मे उसने अपना मकान बना लिया था पर मैं अब कठोर होना चाहता था वैसे भी ट्रैनिंग के कुछ ही महीने बचे थे सर्दी पड़ने लगी थी दीवाली भी बीत गयी थी पर चाहत का एक दिया मेरे दिल मे हमेशा जलता रहता था जिसे मिथ्लेल्श ने जलाया था

दिल मे आस थी कि पोस्टिंग मिलते ही मिथ्लेश से शादी करूँगा फिर अपना भी परिवार हो जाएगा और हमारी प्रेमकहानी को भी अंजाम मिल जाएगा तो मैं पूरी शिद्दत से ट्रैनिंग की हर मुश्किल को पार कर रहा था 24 नवेंबर को मिथ्लेश का जनमदिन था पर बस फोन पर ही विश करना था उसको वो भी समझती थी मेरी मजबूरी को तो बस थोड़ी देर प्यार भरी बाते की उस से और कुछ ज़्यादा टाइम भी नही मिला ऐसे ही दिन गुजर रहे थे एक दोपहर मैं कॅंटीन मे था तो उस लड़की के दीदार हो ही गये जिसके हुस्न के चर्चे अक्सर मेरा याडी करता रहता था क्या लड़की थी यार वो मुझ से भी लंबी जिस्म पर कही पर भी फालतू चर्बी नही लगा कि यार इसको किसने साँचे मे ढाला सुतवा शरीर हरियानवी मे कहूँ तो मुँह बटुवे सा एक नज़र मे ही भा गयी फोजियो का ये एक गुण है की वो हमेशा लड़की, औरतो को ताड़ते ही रहते है

अब नाम पता मालूम नही पर दिल को भा गयी रूप ऐसा कि जैसे खिलता गुलाब हो एक अलग सी ही बेतक्लुफफी सी थी उसमे अदाए ऐसी की किसी को भी पलट कर देखने को मजबूर कर दे उसने धूप का चश्मा आँखो से उतारा और अपनी ज़रूरत का सामान लेने लगी यदि धीरे से बोला कि भाई माल तो चोखा है मैं तो इसे याद करके मुट्ठी मार सकूँ सूं तू देखले कुछ हो तो अब वो थी बड़े ऑफीसर की छोरी तो डाइरेक्ट्ली अप्प्रोच भी नही कर सकता था और वो इतनी स्टाइलिश थी कि मेरी तरफ देखे भी ना पर दिल तो दिल है कर डाली डिमॅंड कि इस्पे भी दाँव लगा ले क्या पता काम बन जाए मैने कहा लेट’स हॅव आ चान्स बात बने तो ठीक नही तो और कोई देखेंगे ट्राइ मारना तो बनता है तो कॅंटीन मे एक दुक्का ही लोग थे इतनी हलचल नही हो रही थी

तो मैने उसी टाइम चान्स लेने की सोची और सीधा चल के उसके पास गया और डाइरेक्ट्ली कहा कि मैं आपसे फ्रेंडशिप करना चाहता हू तो उसने बड़े ही आस्चर्य के साथ अपनी आँखो को गोल गोल घुमाया और बोली कि क्या आप मुझ से बात कर रहे है तो मैने कहा कि यस आइ’म टॉकिंग टू यू तो वो थोड़ा सा मेरे करीब आई और मेरी आँखो मे आँखे डालते हुए बोली कि होश मे रह कर बात करो कहा मैने कहा तुम ऐसा सोचने से पहले एक बार खुद को आईने मे देख तो लिया होता तो मैने कहा कि दोस्ती मे इन सब चीज़ो का क्या लेना देना और फिर कुछ दिनो मे मैं एलटी. बन जाउन्गा तो वो बोली उसमे कॉन सी बड़ी बात है यहाँ पता नही कितने लोग ऑफीसर ट्रैनिंग के लिए आते है फिर मैं क्यो तुम से फ्रेंडशिप करू

मैं तो तुम्हे जानती भी नही और तुम मेरे मत्थे चढ़े जा रहे हो मान ना मान मैं तेरा मेहमान लगता है ज़मीन आसमान का फरक भूल गये हो जानते हो मेरे डॅडी कॉन है अगर तुम्हारी कंप्लेंट कर दी तो ये जो एलटी एलटी फुदक रहे हो ना ना नौकरी होगी और ना


तुम साली की बात घमंड से भरी थी दिल हर्ट हो गया मैने बस इतना कहा कि गाँव का लड़का हू फर्स्ट चान्स मे ही जॉब मिल गयी सहर के नखरो का अंदाज़ा नही है आपको देखा तो दिल किया तो डाइरेक्ट्ली कह दिया तो वो बोली कि तुम मेरा टाइम वेस्ट कर रहे हो उसने अपना सामान काउंटर पे पटका और बिल बनाने को कहा और मेरी ओर आँखे निकालते हुए कहा कि आज के बाद मेरे रास्ते मे कभी मत आना वरना मैं तुम्हे देख लूँगी और फिर अपना सामान लेके जाने लगी जाते जाते वो पलटी और टॉंट मारते हुए बोली कि देख लो सपना इंडिया मे सपने देखने पर टॅक्स नही लगता तो मैं उसके पास गया और कहा कि ये मेरा वादा है कि एक दिन मैं तेरा ईगो ज़रूर मिटाउंगा वो हँस के बोली कि चॅलेंज आक्सेप्ट और अपनी गान्ड को मतकाती हुवी चली गयी मैं उसके चुतड़ों की गोलाईयों को घूरता ही रहा

तभी तो मुझे सहर की लड़किया पसंद नही थी क्योंकि उनमे सादगी नही होती थी और ये तो वैसे भी एक बिगड़ी हुवी राईसजादी थी मैने एक बियर की बॉटल निकाली और उसको गटाकने लगा याडी मज़े लेते हुए बोला भाई तुझ से ना पटेगी ये तो मैने कहा पस्स्सिन्ग आउट से पहले इसकी चूत मे लंड डाल दूँगा तो वो बोला भाई देख लियो कही लेने के देने ना पड़ जाए मैं बोला अब जो भी हो इसको तो चोदुन्गा और वो भी इसकी मर्ज़ी से अब चाहे जो भी हो इस की चूत पे अपने लंड की मोहर तो लगा नी ही थी चाहे कुछ भी हो फिर मुझे अच्छी भी लगी थी वो बात थोड़ी बिगड़ गयी थी पर कोई नही क्या पता आने वाले टाइम मे दोस्ती हो ही जाए

उसको देख कर लंड भी जोश मे आ गया था मैने जेब से फोन निकाला और पद्मि नी का नंबर डाइयल किया और कहा कि भाभी जी अभी मिलना हो सकेगा क्या तो वो बोली क्या बात है आज बड़े उतावले हो रहे हो मेरा दीदार करने को इतने दिनो से तो बच बच कर निकल रहे थे मैने कहा ऐसी कोई बात नही है फिर आपको तो सब पता है अभी थोड़ा टाइम मैं फ्री हू देख लो कुछ हो सकता है क्या तो वो बोली कि मूर्ति अभी थोड़ी देर पहले ही लंच करके गया है तो शाम तक मैं फ्री ही हू तुम आधे घंटे बाद आ जाना फिर थोड़ा टाइम तुम्हे भी देती हू और फोन पर ही किस करते हुए फोन काट दिया

मैं कॅंटीन से निकला और जेब मे हाथ डालके गुन गुनाते हुए पैदल पैदल पद्मिॅनी के घर की तरह सरक लिया आज साला रास्ता भी कुछ ज़्यादा लंबा लग रहा था खैर, घूमते फिरते मैं पहुच ही गया पद्मिलनी के घर गेट बंद था तो बेल बजाई कोई दो मिनट बाद उसने गेट खोला जैसे ही उसके दीदार हुए मैं तो खो ही गया सीधा नाहकार बाथरूम से ही निकली थी कमर तक आते उसके लंबे बाल जो गीले थे शॅमपू की खुश्बू आ रही थी बदन पे कपड़ो के नाम पर एक झीनी सी नाइटी ही डाल रखी थी और सॉफ सॉफ पता चल रहा था कि अंदर ब्रा-पैंटी नही पहनी है उसने



उसने मुझे अंदर लिया और धडाम से गेट क्लोज़ कर दिया मैं तो उसके इस रूप को देख कर ही उत्तेजित हो गया था मैने उसको पकड़ा और दीवार से सटा ते हुए उसके गुलाबी होंठो को अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा पद्मि नी ने तुरंत ही रियेक्शन देते होते मेरी पॅंट की ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगी उसकी सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलिया जब मेरे लंड से टकराई तो लगा कि जैसे कामदेव का तीर मुझे चीरता हुआ चला गया वो लंड को सहलाते हुए बोली कि ये हमेशा खंबे की तरह तना ही रहता है क्या तो मैने कहा नही बस आपको देखकर ही इसे पता नही क्या हो जाता है


मैने पद्मिीनी की नाइटी को उतार दिया और हुस्न का ज़लज़ला नंगा मेरी आँखो के सामने था उसकी खरबूजों जैसी चूचिया हवा मे झूल रही थी पद्मिकनी की आँखो मे मैं वासना के डोरे तैरते हुए सॉफ देख रहा था मैने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और उसके बदन से चिपक गया उसके बोबो को मसल्ते मसल्ते मैं उसके होंठो की शबनम को निचोड़ रहा था मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था लंड बार बार चूत से टकरा रहा था तो दोनो के बदन मे एक अलग सा एहसास हो रहा था मैं बस उसके चेहरे को ही चूमे जा रहा था फिर उसने कहा कि चलो अब बेड पर चलो ज़्यादा टाइम नही है तो तुम जल्दी से फिनिश कर्लो आज तक मेरी समझ मे ये बात नही आई कि कोई भी औरत या लड़की जब भी चुदती है तो ये क्यो कहती है कि जल्दी से कर्लो

अब कोई जल्दी झाड़ जाए तो उसपे ये ही औरते ना मर्द का टॅग लगाने मे देरी नही करती और वैसे कहती रहती है कि जल्दी करो जल्दी करो तो हुआ यूँ कि मैं बेड पर लेट गया और पद्मिजनी मेरे सीने पर चढ़ के मुझे अपनी चूची पिलाने लगी मेरे मुँह मे जहाँ तक वो डाल सकती थी उसने अपनी चूची को डाल दिया मैं दोनो हाथो से उसके जबरदस्त चुतड़ों को मसल रहा था माखन से भी मुलायम उसके दोनो चुतड मेरा हाथ बार बार फिसले उन पर से तो मैं और भी उत्तेजित हो गया मैने उसको कहा कि लंड चूसो ना तो वो तुरंत ही घूमी और अपनी गान्ड को मेरे मुँह की तरफ करते हुए मेरे लंड पर टूट पड़ी उसकी गान्ड बिल्कुल मेरे मुँह के पास हो गयी थी और चूत के फड़कते होंठो को मैं सॉफ देख रहा था मैं अपनी नाक को चूत के पास ले गया चूँकि पद्मिैनी अभी नहा कर निकली थी


तो उसकी चूत से बेहद ही भीनी भीनी सुगंध आ रही थी मैं पूरी नाक चूत पे रगड़ने लगा और उसको अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा जैसे ही चूत तो टचिंग हुई पद्मि नी भी मस्ताई और मेरे लंड को और भी अच्छे से चूसने लगी कुछ देर सूंघने के बाद मैने अपनी जीभ लपलापाई और उसकी चूत मे सरका दी जैसे ही जीभ की रागड़ाई चूत पर हुई पद्मिऔनी ने अपने चुतड़ों को कस लिया और मेरे मुँह पर दबाव बना ने लगी मैं बेहद ही हौले हौले उसकी चूत से रिस्ते हुए उस नमकीन पानी के चटखारे ले रहा था और दूसरी तरफ लंड अब इतना उत्तेजित हो चुका था कि बस अब वो मुँह से निकल कर चूत मे घुसना चाहता था तो मैने उसको अपने उपर से हटा दिया
अब मैने पद्मि नी को टेढ़ी कर के बेड पर लिटाया और अपना हाथ कमर के साइड से ले जाते हुए उसकी एक चूची को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी टाँग को थोड़ा सा उपर उठा के अपने लंड को चूत पर लगा दिया रस से भीगी चूत पर जैसे ही लंड का स्पर्श हुआ लंड मे एक तरंग सी दौड़ गयी और वो बेताब होकर चूत मे जाने के लिए मचलने लगा मैने पद्मिडनी से कहा कि डालु तो वो बोली नही अभी आरती उतारूँगी फिर डालना तो मैं उसकी चूची को दबाते हुए लंड को चूत मे धकेल दिया पद्मि नी ने एक गहरी आह भरी और और भी टेढ़ी हो गयी तो लंड फिसलता हुआ चूत मे पहुच गया अब मैने दोनो हाथो से उसके बोबो को पकड़ लिया था और मेरे धक्के अब चूत पर पड़ने शुरू हो गये थे
पद्मिलनी अपने दाँतों से निचले वाले होंठो को काट ते हुए बोली कि आहह कितने दिन बाद तुम्हारे लंड को लिया है कलेजे मे ठंडक पड़ गयी है मेरे उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्य्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ नस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शहाआआआआआआआआआआआआआआआआआअ भरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर देते हो तुम तुम्हे देखते ही मेरे तन बदन्ंननननणणन् मीईईईईईईईई आआहहाआआआआआआआआआआआआआआआहाहहाआआआआआआआआ तुम्हे देखते ही मेरे तन बदन मे ईईईईईईईईई औचह मेरे तन बदन मे एक आग सी लग जाती है पता है इस आग मे दिन रात अब जलती हू मैं आज इस आग को बुझा दो और मुझे शांत करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ

एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! कम ऑन फक मी लिकक्कककककककककक्क्ीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बित्त्त्टटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटट्त्तचह ओह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स वीईईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्रररयययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययययी गूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड
कम ऑन फक मी हार्ड मैं उसकी मोरनी सी गर्दन की खाल को चूम रहा था मेरे हर धक्के से बेड हिल रहा था कुछ देर तक उसको उसी पोज़िशन मे चोदा फिर मैने उसको अपने उपर ले लिया और उसको लंड पर कूदने लगा पद्मिमनी मेरे सीने पर अपने हाथ फेरते हुए पूरी फुर्ती से लंड पर अपने चुतड पटक रही थी अब कुछ बाकी नही रह गया था बस अब टूट कर एक दूसरे की बाहों मे बिखरना ही था तो बस धक्कम पेल चालू थी आहे हम दोनो ही भर रहे थे तकरीबन दस बारह मिनट उसको अपने लंड पर बिठाए रखा फिर वो बोली कि अब तुम उपर आओ तो मैने पलटी खाई और उसने तुरंत
ही अपनी टाँगे मेरी कमर पे लपेट दी और अपनी चुदाई का आनंद प्राप्त करने लगी पद्मिरनी मेरे कंधो पर अपने दाँतों का प्रयोग करते हुए काट रही थी तो जोश मे आकर मैने भी उसके होंठो को चबा डाला उफ्फ क्या लिखू आज भी लंड खड़ा हो जाता है जब उसकी याद आती है अब हम दोनो झड़ने के करीब ही आ गये थे पद्मिदनी की पकड़ टाइट हो गयी थी तो मैं भी अब पूरी ताक़त से शॉट लगा रहा था और फिर अचानक से ही उसकी टाँगे काँपी और उसका बदन टाइट हो गया चूत से जैसे गरम लावा बह निकला आज काफ़ी देर तक वो झड़ती ही रही जैसे ही उसका पानी बहना रुका मेरे लंड ने हिचकोला खाया और पद्मिउनी की चूत को मैं अपने गाढ़े सफेद पानी से भरने लगा और उसके उपर ढह गया


जब मैं थोड़ा संयमित हुआ तो उसको अपने सीने से लगा लिया अपनी नशीली आँखो से मुझे देखते हुए पद्मिननी बोली की एक बार मे ही मेरा पूरा शरीर हिला कर रख दिया है मैं तो थक गयी हू मैने कहा भाभी मैं भी थक गया हू तो वो बोली कि चलो कपड़े पहनो मैं कुछ बनाती हू तुम्हारे लिए तो मैने कहा कि भाभी एक बार ऑर करते है तो वो बोली नही तुम समझो अभी रात को फिर मूर्ति को भी तो देनी पड़ेगी ना तो मैने कहा ठीक है जी मैने कहा भाभी मैगी बना दो तो वो बोली कि क्या तुम भी बच्चो वाली चीज़े खाते हो तो मैने कहा भाभी पसंद है मुझे तो वो बोली चलो तुम आ जाओ मैं बनाती हू मैने कपड़े पहने और उनके पीछे पीछे ही किचन मे चला गया
पद्मिहनी ने एक ढीली सी मॅक्सी पहन ली थी पर फिर भी गान्ड का कटाव सॉफ झलक रहा था वो मैगी बना रही थी और मैं उनसे शरारत करने लगा तो वो बोली की प्लीज़ मुझे ना छेड़ो मैं अभी गरम नही होना चाहती हू तुम जाकर टीवी देखो मैं दो मिनट मे आती हू तो मैं आकर सोफे पर बैठ गया और टीवी चला लिया कुछ देर बाद वो भी आ गयी और मुझे मैगी का बोल पकड़ा दिया मुझे भूख भी लगी थी तो मज़ा ही आ गया फिर उन्होने कहा कि चलो अभी तुम जाओ और फोन करते रहा करो पता है मैं कितना मिस करती हू तुमको तो मैने उनको एक मस्त स्मूच किया और फिर होस्टल आ गया
घर फोन किया सबका हाल चाल पूछा ख़ासकर चाची का उनको अपना ख़याल रखने को कहा तो उन्होने कहा कि कब आओगे तो बताया कि अभी तो पासिंग-आउट परेड के बाद ही बात बनेगी दो महीने बचे थे फिर हम भी खुली हवा मे सांस ले पाएँगे सबसे थोड़ी थोड़ी देर बात की फिर भी काफ़ी टाइम लग गया फोन काटने ही वाला था कि चाची बोली ले अनिता आ गयी इस से भी बात करले तो मैने उनका हाल चाल पूछा फिर साक्षी के बारे मे पूछा और भाभी को हिदायत दी कि चाची का ध्यान रखे तो वो बोली तुम यहाँ की चिंता मत करो यहा सब ठीक है और तुम छुट्टी मिलते ही सीधा घर आ जाना फिर थोड़ी देर हाँ-हूँ करने के बाद फोन कट कर दिया रात हो गयी थी तो मैं मेस की तरफ चल पड़ा डिन्नर के लिए


दिन यूँ ही कट रहे थे सर्दियो के दिन वैसे भी छोटे ही होते है तो पता ही नही चला कि कब आधा दिसंबर निकल गया कड़ाके की ठंड और वो भी देहरादून की तो मज़ा भी था और सज़ा भी इतनी ठंड थी की लंड छोटा से कच्छे मे दूबका पड़ा रहता था कई बार चेक करना पड़ता था कि है भी या नही इस बीच दो चार बार उन मेमसाहब से भी टकरा गये थे कभी बॉल रूम मे कभी शॉपिंग सेंटर मे वो भी बेतक्कलुफि से देख लिया करती थी वो एमबीए कर के खुद को पता नही क्या समझती थी अब भाई हम भी यूपीएससी की परीक्षा पास करके आए थे एक शाम मैं शॉपिंग सेंटर मे चोवमीन उड़ा रहा था जब से मैगी खाई थी तो एक शौक सा चढ़ गया था तो वो भी आ गयी और अपना ऑर्डर लेके मेरे पास ही आकर बैठ गयी और बोली की तुम डेली यहा आते हो तो मैने कहा कि मैं क्यू बताऊं तुम्हे तो वो बोली ज़्यादा अटिट्यूट मत दिखाओ
तो मैने कहा अरे वाह! तुम्हारा अटिट्यूट अटिट्यूट और हमारा कुछ नही तो वो बोली कि क्या तुम भी घिसे पिटे फिल्मी डायलॉग मारते रहते हो कभी नॉर्मल बात भी किया करो तो मैने कहा कि उस दिन नॉर्मली ही तो पूछा था ना फ्रेंडशिप के लिए फिर काहे इतना रोब झाड़ा तो वो बोली कि अरे क्या आदमी हो तुम भी ऐसे डाइरेक्ट्ली कोई किसी को कहता है क्या और फिर मैं क्यो करूँ तुमसे फ्रेंडशिप तुम कॉन मैं कॉन तो मैने कहा अपना तो ये ही है देख लो वो बोली अरे ऐसा नही होता है मैने कहा अगर ऐसा नही होता है तो फिर तुम मेरे पास क्यू आई और भी जगह है वहाँ बैठ जाती तो वो बोली कि अरे एक तो तुम्हे कंपनी दी और मुझे ही दो बात सुना रहे हो और थोड़ा गुस्सा होते हुए उठने लगी


तो मैने उसका हाथ पकड़ कर वापिस बिठाया और कहा चलो यार पुरानी बात पर मिट्टी डालो अब तो दोस्त बन जाओ तो वो बोली कि ऐसे ही मैं तुम्हारी दोस्त नही बन सकती और फिर मैं जानती भी नही हू तुम्हारे बारे मे तो मैंने कहा कि एक बात बताओ जो भी तुम्हारे फ्रेंड्स है उनको क्या तुम बाइ बर्थ जानती हो तो वो सकपका गयी और बोली कि बातों से तो कोई तुमको जीत नही सकता मैने कहा दोस्त मत बनो पर क्या एक बार मेरे साथ चाइ पीने चलोगि तो वो बोली हद है तुम्हारे आगे दुनिया कॉफी के लिए पूछती है तुम चाइ की कह रहे हो खुद का नही तो मेरा ही ख़याल कर लिया होता मैने कहा क्या तुम बार बार अपने हाइ फॅशन लाइफ का घमंड झाड़ाती रहती हो और मुझे गँवार समझती हो कुछ दिन मे एलटी. बन जाउन्गा और मैं खुद कमाता हू तुम्हारी तरह बाप के पैसे बर्बाद नही करता हू जिस दिन तुम ये घमंड छोड़ दोगि एक अच्छी इंसान ज़रूर बन जाओगी कभी मेहनत से एक पैसा भी कमाओगी तो पता चलेगा तुम्हे

मेरा थोड़ा टेंपर हाइ हो गया था तो झड़का दिया उसको उसका मुँह खुला का खुला रह गया मेरा मूड ऑफ हो गया था तो मैं उठा और उसको कहा कि दोस्ती एक बेहद ही अच्छी चीज़ होती है जो बस ख़ुसनसीब लोगो को ही मिला करती है और क्या तुम फॅशन फॅशन करती रहती हो कभी किसी सादगी वाली लड़की को दो मिनट गोर से देखना तुम्हारा गुरूर उतर जाएगा अब चोवमीन ना उतरनी थी गले से तो बिल पे किया और वहाँ से पार हो लिया और वो मुझे जाते हुए देखती रही पर मैने मूड के ना देखा
मैं भी ना जाने किन किन चक्करो मे उलझे ही जा रहा था दिन ऐसे ही गुजर ते जा रहे थे और क्रिस-मस के दो चार दिन पहले की ही बात है कि पद्मिऐनी का फोन आया तो उसने बताया कि मेरे बेटे की छुट्टिया पड़ गयी है और मूर्ति उसे लेने के लिए जा रहे है तो दो दिन मैं बिल्कुल फ्री हू

अभी तुम बच नही सकते हो और इन दो दिनो को मैं जी भर कर तुम्हारे साथ जीना चाहती हू तो कुछ भी कैसे भी करके ये दो दिन मुझे देने ही होंगे मैने कहा भाभी दिन का तो मैं मॅनेज कर लूँगा पर रात को होस्टल से बाहर रहना आप समझ सकती हो कि अगर चेकिंग हो गयी तो मेरी तो लग जाएगी

पद्मिएनी बोली तुम कैसे भी करके अड़जस्ट करो और फिर अभी कुछ दिन फेस्टिव सीज़न है तो कॉन इतना सोचेगा कि कडेट ****** हॉस्टिल से रात को गायब है और कोई बात होती तो मैं मॅनेज कर लेती पर मैं अगर बार बार मूर्ति से तुम्हारी सिफारिश करूँगी तो उसको भी शक़ तो होगा ही ना तुम कुछ भी करके बस दो दिन मेरे साथ मेरी बाहों मे ही बीताओ गे

मैं कुछ नही जानती अब मैं फसा मैने कहा मैं नाइट का तो कह नही सकता पर दिन तो पक्का आपका ही है तो वो बोली की नाइट भी मेरी ही होनी चाहिए सॉफ दिख रहा था आईने मे के एक दिन ये चूत का चक्कर मुझे बर्बाद करके ही छोड़ेगा दोपहर को थोड़ा सा टाइम मिलता है तो मैं रेफ्रेश रूम की सीढ़ियो पर बैठ था और सोच-विचार मे मगन था

तो मेरा बॅच मेट आया और बोला भाई उदास क्यो बैठा है मैने उसको टालते हुए कहा भाई कोई बात नही है वैसे ही बस तो वो बोला अरे बता ना जब इतनी बाते शेअर् की है तो अपनी परेशानी भी बता मेरे भाई तो मैने कहा कि यार मुझे दो नाइट होस्टल से बाहर जाना है तो वो ही सोच रहा था

तो वो बोला क्या भाई किस से मिलने जाना है तो मैने कहा कि यार मेरी एक फ्रेंड है बस उस से मिलने वो मज़े लेते हुए बोला कि भाई तो दिन मे जाना मैने कहा भाई वो वाला जुगाड़ है अब हो गयी तुझे तस्सली तो वो बोला तू चिंता मत कर तेरा भाई किस दिन काम आएगा तूने भी मेरी कई बार मदद की है मैं तेरा ये काम करवा दूँगा

मैं बोला कि वो कैसे तो उसने बताया कि वॉर्डन मे जो हवलदार है ना उस से अपनी सेट्टिंग है कुछ पैसे खरच करने पड़ेंगे तो वो तेरी मदद कर देगा मैने कहा भाई पैसे तू जितने ले पर अड्जस्ट करवा दे तो वो बोला चल आ अभी चलते है और मैं उसके साथ वॉर्डन ऑफीस की तरफ चल दिया मन मे एक चोर भी था कि अगर बात नही बनी तो????????????????


पर मेरा बॅच मेट भी पूरा खिलाड़ी था वहाँ जाकर पता चला कि वो इस सेवा का लाभ कई बार ले चुका है तो उसने 4000/ रुपये मे मेरी सेट्टिंग करवा दी वॉर्डन ने मेरा फोन नंबर ले लिया ताकि अगर कोई एमर्जेन्सी हो तो वो तुरंत मुझे कॉंटॅक्ट कर ले और उसने ये भी कहा कि रास्ते मे कोई भी गार्ड तुझे रोके तो मेरा नाम ले देना या मेरी बात करवा देना सच बता रहा हू बेहद सुकून मिला

मुझे अब बस इंतज़ार था पद्मिननी से मिलने का मैने अपने मेट को थॅंक्स कहा फिर मैं थोड़ा घूमने के लिए निकल गया सबसे पहले पद्मिलनी को फोन किया और बताया कि भाभी मैं आ जाउन्गा मैने सारा कम अड्जस्ट कर लिया है पद्मि‍नी की आवाज़ से ही मैं उसकी खुशी का अंदाज़ा लगा सकता था उसकी सुरीली आवाज़ खनक उठी थी


मैं पद्मिुनी से बात कर ही रहा था कि मैने देखा कि हमारी घमंडी दोस्त स्कूटी लिए मेरी ही ओर आ रही थी उसने स्कूटी बिल्कुल मेरे सामने रोकी और सीधे बोली की बैठो तो मैने कहा एक मिनट और पद्मि नी को कहा कि मैं आपको बाद मे फोन करता हू और फोनी कट कर दिया और उस से बोला कि क्यो बैठू कही ले जा कर मरवा दोगि तो , वो बोली अभी बात ना करो ओर जल्दी बैठो मैं फ्री तो था ही तो बैठ लिए एक लड़की के पीछे बॅक्सीट पर बैठना अच्छा नही लगा पर सोचा कोई नही और वो कभी दाए कभी बाएँ मुड़ती हुई चल पड़ी अकादमी मे बाहर की तरफ


हम अब थोड़ी सी आउटर साइड मे आ गये थे उसने एक छोटी सी चाइ की गुमटी के पास स्कूटी रोकी और कहा की चल आज मैं तुझे चाइ पिलाती हू और हम वहाँ जाकर बेंच पर बैठ गये वो कोई ज़्यादा बड़ी दुकान नही थी बस एक खोखा सा ही था जहा चाइ और ब्रेड मिलती थी

थोड़ी देर मे ही चाइ आ गयी पहली ही घूंठ मे पता चल गया कि छाई का स्वाद लाजवाब था दो घूंठ पीते ही मज़ा आ गया मैने उसको थॅंक्स कहा इतनी अच्छी चाय पिलाने के लिए तो वो बोली कि मूरख! मैं भी मिट्टी से जुड़ी हुवी लड़की ही हू लोग बस मेरा हाइ-स्टाइल देखते है पर दिल मेरा भी खलिश देसी ही है

मैं तो उसका नया रूप देख कर हतप्रभ हो गया था मैने पूछा कि वैसे तुम कहाँ से बिलॉंग करती हो तो वो बोली कि हरियाणा मे रोहतक से तो मैं बोला अच्छा तो जाटनी है तू तो वो हरियानवी लहजे मे बोली “तन्ने कोई शक सै के ” मैं बोला ना कोई शक नही है अचानक से उसके इस बदले व्यवहार से मैं सरप्राइज हो गया वो बोली ये सब छोड़ मैं बस तुमसे बात करने तुम्हे यहाँ पर लाई हू कुछ तो बात है तुम मे मैं बोला तुम इतनी बड़ी सख्शियत मुझ पर कैसे मेहरबान हो गयी वो बोली अब रहने भी दे ना कब तक मेरी टाँग खीचेगा , मैं बोला अब तो दोस्ती कर ले वो बोली साची बात बोलू तुम मे ना फ्रेंडशिप वाला मेटीरियल है ही नही

मैने कहा, ये तुम कैसे बता सकती हो आख़िर तुम जानती ही कितना हो मेरे बारे मे तो वो बोली बस मैने कह दिया ना तो कह दिया

मैने उसकी आँखो मे झाँकते हुए कहा कि कभी आजमा कर देख लियो वो बोली देख तू मेरे स्टॅंडर्ड का नही है माना तू कुछ दिन मे ऑफीसर बन जाएगा और फिर यहाँ से चला जाएगा और मैं यही पर रहूंगी इसी सहर मे तेरा मेरा क्या मेल मैने कहा ओ इधर देख दोस्ती के लिए बोल रहा हू शादी का प्रस्ताव नही दे रहा

वो बोली अबे तुझ जैसे जो विरले होते है ना उनकी दोस्ती कब जाने प्यार मे बदल जाती है पता नही चलता और फिर शुरू होती है कॉंप्लिकेशन्स मैं बोला तू दूर की ना सोच वो बोली कि तू जो भी समझ पर मेरी ना है पर तू मुझे अच्छा लगा
मैने बस इतना कहा कि ये बात तो तू अकादमी मे भी कह सकती थी ना इतनी दूर आने की क्या ज़रूरत थी तो वो बोली तेरे साथ चाइ जो पीनी थी कुछ भी हो लड़की दिल मे घाव कर गयी थी

ज़ाटनी की अदा आज मार गयी थी फोजी को , खैर अब मैं क्या करूँ उसने वापिस मुझे अकादमी कॅंपस मे ड्रॉप कर दिया कई मुलाकात कर चुका था उस से पर नाम नही पूछ पाया था तो सोचा कि अगली बार नाम तो ज़रूर ही ज़रूर पूछना ही है मैं थोड़ा सा उदास हो गया था पर लाइफ मे ये सब तो चलता ही रहता है ना मैं कॅंटीन की तरफ जा ही रहा था कि पद्मि नी का फोन आ गया वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ खास नही तो वो बोली मूर्ति कल सुबह 8 बजे तक चले जाएँगे तुम 10 बजे के आसपास आ जाना मैने कहा आप चिंता ना करो मैं आ जाउन्गा


वो बोली कि कुछ समान भी मंगवाना है तो क्या तुम ले आओगे मैने कहा जो भी चाहिए उसकी लिस्ट स्मस कर दो मैं ले आउन्गा तो वो बोली कि थोड़ी देर मे करती हू फिर मैं कॅंटीन चला गया तो पता चला कि अपना याडी तो छुट्टी निकल गया अब मैं वहाँ क्या करता तो उल्टे पाँव वापिस हो लिया पैदल चल चल कर मैं परेशान हो गया था तो सोचा कि पोस्टिंग के बाद एक बाइक और खरिदुन्गा यूनिट मे रखूँगा उसे चुतिये की तरह पैदल घूमता रहता था मैने अपने फ्यूचर प्लॅन्स बहुत ही क्लियर्ली सोच रखे थे पर कहाँ किसी का सोचा हुआ कुछ पूरा हुआ करता है कल मुझे पद्मिहनी से मिलना था तो लंड भी साला कुछ ज़्यादा ही उछल कूद मचा रहा था पॅंट मे सोचा मुट्ठी मार कर इसको शांत कर दूं

पर फिर सोचा कल चूत तो मिल ही रही है तो मुट्ठी मारना कॅन्सल कर दिया कभी कभी इस आर्मी लाइफ से मैं उकता जाया करता था ये हमेशा रूल्स का ढिंढोरा अजीब सा लगता था कई रूल्स तो अंग्रेज़ो के जमाने के थे यूस्लेस पर घसीट रहे थे पर फिर भी मैं खुश था क्योंकि छोटी उमर मे ही नौकरी मिल गयी थी और जवानी मे कदम रखते ही हसिनाओ की बाहों मे पनाह मिल गयी थी अब तक के छोटे से सफ़र मे ही वो मज़ा लूट लिया था जिसके लिए अक्सर लोगो की उमर गुजर जाया करती है कभी कभी प्रीतम की याद भी आ जाया करती थी पर वो गाँव के आशिक़ प्रेमिकाओ की शादी के बाद उनके बच्चो के मामा के नाम से ही जाने जाते है पर मैं तो एक प्यासा भँवरा था

एक फूल से दूसरी दूसरी से तीसरा अपना तो ऐसे ही कुछ चल रहा था देहरादून से भी प्यार सा ही हो गया था काफ़ी अच्छा सहर था मन लग ता था यहाँ पर मेरा कभी कभी सोचता था कि कुछ पैसे होंगे तो यही कही एक घर खरीद लूँगा फिर पास ही हरिद्वार था , ऋषिकेश था महादेव जी का वास अपने को और क्या चाहिए पता नही क्यो आजकल मैं बस प्लॅन्स ही बनाता रहता था पर दिल मेरा भी घबराता था कि मिथ्लेश से ब्याह की गाड़ी किस तरह से पटरी पर आएगी क्योंकि भाग कर वो आएगी नही और ये जालिम समाज माने ना माने बस वो ही टेन्षन थी दिल मे बाकी तो लाइफ कट ही रही थी रात अपने शबाब पर अहिश्ता आहिश्ता से बढ़ रही थी पर मेरी आँखो मे नींद नही आ रही थी

हताश मन से मिथ्लेश का नंबर डाइयल किया पर उसका फोन बंद था थक कर सो रही होगी शायद तो मैं रूम से बाहर निकला और गॅलरी मे आकर खड़ा हो गया ठंडी हवा रूह बनकर मेरे जिस्म मे उतर ती चली गयी कॅंपस लाइट्स से रोशन था , कुछ खाती मीठी यादे लेकर चला जाउन्गा यहाँ से कुछ ही दिनो मे मैं सोचने लगा फ़ौजी लोगो की भी कोई ज़िंदगी होती है आज यहाँ कल यहाँ कंधे पर बिस्तर बाँधकर घूमते ही रहते है आप लोगो ने तो बसों मे , ट्रेन्स मे देखा ही होगा पर जब ये वर्दी बदन पर सजती है ना तो फिर कोई परेशानी याद नही रहती याद रहता है तो वो फ़र्ज़ जिसे निभाने मे पूरी जिंदगी बीत जाती है आज पता नही क्यो मेरे मन मे हज़ारो सवाल उमड़ आए थे एक बैचैनि सी मुझे भटका रही थी अगले दिन मुझे पद्मि नी से भी मिलना था अब आँखे भी भारी भारी होने लगी थी तो फिर आके बिस्तर मे पड़ गया और नींद ने किसी माँ के आँचल की तरह मुझे अपने आगोश मे ले लिया

अगले दिन जब मैं उठा तो मन कुछ ज़्यादा ही प्राफ़्फुलित सा हो रहा था फॉरमॅलिटीस को निपटा ते निपटाते 9 बज गये थे तो मैं वॉर्डन रूम मे गया और उस हवलदार को बता कर पद्मिमनी के घर की तरफ चल पड़ा दिसेंबर की वो सर्द सुबह थी और ठंड तो इतनी पड़ रही थी उस दिन की बस पूछो ही मत उपर से वो तेज हवा के झोंके जो पूरे बदन मे ठंड की लहर दौड़ाए जा रहे थे मैने अपनी जॅकेट की चैन उपर तक चढ़ा ली और अपने काँपते हाथो को आपस मे रगड़ते हुए एक गीत गुनगुनाते हुए पद्मिपनी के घर की ओर हौले हौले बढ़ रहा था दिल मे उमंग थी कि चलो कुछ टाइम तो अच्छे से मिलेगा पद्मिकनी के साथ बिताने को


मैं अपनी धुन मे चला जा रहा था कि तभी किसी ने पीछे से मेरे बिल्कुल पास मे स्कूटी रोकी मैने मूड के देखा तो जाटनी थी उसने पूछा कहाँ जा रहे हो तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि आउट ऑफ कॅंपस जा रहा हू कुछ पर्सनल काम है तो वो बोली है, तेरा पर्सनल काम हमें नही बताएगा कही गर्लफ्रेंड से तो मिलने नही जा रहा है तो मैने कहा जब तू ही गर्लफ्रेंड नही बनी तो और कोई क्यो बनेगी तू अपना रास्ता नाप तो वो बोली यार तुम हमेशा इतने उखड़े उखड़े क्यो रहते हो मैने कहा यार मैं किसी इंपॉर्टेंट काम से जा रहा हू तू अभी मस्ती ना कर

वो बोली लो जी कर लो बात !! एक तो लोगो की हेल्प करो और फिर उनकी जली कटी सुनो भलाई का तो जमाना ही नही रहा मैने कहा यार अब तू अपना रास्ता नाप और मुझे फ्री कर वो बोली आजा एक एक कप कोफ़ी पीते है वैसे भी ठंड बहुत ही ज़्यादा है आज कुछ गप्पे लड़ाते है फिर तू निकल जाना मैने सोचा कि ये ऐसे पीछा तो छोड़ेगी नही और उपर से कड़ाके की ठंड तो कोफ़ी तो बनती ही थी तो मैने हाँ कह दी मैने कहा आज तू पीछे बैठ स्कूटी मैं चलाउन्गा तो वो बोली आराम से चलाना कही गिरा ना दियो पता नही तुझे चलानी आती भी है या नही

तो मैने कहा घर पे बुलेट है बावली चोरी और जब पाछे तेरे जैसी हूर परी बैठी हो तो तू खुद ही समझ ले तो वो बोली बात ना कर अर चाल अब आगे नै जाटनी की ये ही तो बात बड़ी अच्छी लगती थी इतनी हाइ फॅशनबल लड़की थी वो पर जब कभी कभी इस तरह ठेठ देसी अंदाज मे बात करती थी तो दिल पे कटार ही चल जाया करती थी
[+] 1 user Likes Pagol premi's post
Like Reply




Users browsing this thread: 6 Guest(s)