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05-12-2020, 03:18 PM
मेरा नाम $$$$ है. मैं एक गाँव मे रहता हू उस समय मेरी उमर तो कुछ खास नही थी पर वीसीआर पे ब्लूफिल्म ऑर सेक्सी कहानियो वाली किताब पढ़ कर थोड़ा जल्दी ही जवानी की ओर कदम बढ़ा दिए थे.ये कहानी शुरू हुवी जब मैं अपनी भाभी यानी मेरे तौजी के बेटे की वाइफ के पार्टी आकर्षित होने लगा उनका नाम अनीता था
23-24 की होगी उस टाइम पे वो काफ़ी हँसी-मज़ाक भी करती रहती थी. मैं नया नया जवान हुआ था तो दिल मे चूत मारने की कसक लगी रहती थी. धीरे धीरे अनिता भाभी मुझसे खुलने लगी हम कई देर बाते करते रहते थे और दिन कट रहे थे पर एकाएक दिन लगभग 11 बजे के आसपास्स मैं अपनी छत पर गया तो अचानक मैने देखा कि .........................................
अनिता अपने आँगन मे नहा रही है मेरे तो होश ही उड़ गये!उसको देख कर आप समझ सकते हैं कि गाँव मे लोग ऐसे ही नहाते है बाथरूम वगेरा का चलन गाँवो मे थोड़ा कम ही होता हैं,पानी मे भीगा हुआ उसका गोरा बदन
देख कर मेरी तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी ज़िंदगी मे पहली बात किसी औरत तो ऐसा देखा था
बस एक काले रंग की कछि ही उसके बदन पे थी उसकी बड़ी बड़ी चूचिया देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब होगया अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी तो वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराइ पर मैं तुरंत ही नीचे भाग गया. बस मेरे दिमाग़ मेउसका मादक बदन ही घूम रहा था शाम को मैं उसके घर पे गया तो वो अकेली ही थी हम बात करने लगे
फिर अचानक से उसने पूछा कि दोपहर को क्या देख रहे थे ? मैने उसको बताया कि कैसे वो सब हो गया. फिर वो हँसने लगी तभी मेरे दिमाग़ मे एक फिल्म का डायलॉग आया कि हसी तो फसी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसको पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा वो एकदम से पीछे हुई और मेरी ओर देखने लगी
मैने बिना देर किए उसको आइ लव यू बोल दिया और दोबारा अपनी बाहों मे भरने की कोशिश की परंतु उसने कहा कि वो सोच के बताए गी और मुझे जाने को कहा क्योंकि उसकी सास आने वाली थी खैर अगले दिनो कुछ खास नही हुआ मैं सोच रहा था कि कब उसको चोदु.................
5-6 दिन बाद अनिता की सास हमारे घर आई और बताने लगी कि वो और उसके पति खाटू शामजी के दर्शन करने के लिए जा रहे है एक हफ्ते के लिए अगले दिन वो चले गये.
अब मैं जुगाड़ मे था कि कैसे अनिता भाभी को चोदु पर बात नही बन रही थी.शाम को हम ऐसे ही बैठे थे तो उसके पति रवि ने जिकर किया कि उसको काम के सिलसिले मे बाहर जाना पड़ेगा कुछ दिनो के लिए पर घर पे कोई नही है तो वो कैसे जाए तो
पापा बोले कि वो जाए और घर की तरफ से बे फिकर रहे.अगली सुबह रवि काम पे निकल गया शाम को पापा ने मुझे बुलाया और कहा कि जब तक रवि या उसके मा-बाबा नही आ जाते मुझे उनके घर पे ही सोना है और भाभी की मदद भी करनी है
कानो मे मैं तो ये सुनके मस्त हो गया पर उपर से ऐसा शो किया कि मेरी कोई इच्छा नही है उनके घर जाने की. खैर धीरे धीरे शाम हुई और मैं उनके घर की ओर चल दिया ...................................
मुझे देख कर भाभी हँसते हुए बोली कि आ गये फिर हम ने चाइ पी और बातें करने लग गये. लगभग 9 बजे हम ने सोने की तैयारी की उन्होने मेरी खाट अपने पलंग के पास ही बिछा दी मैं लेटे लेटे उसको चोदने का सोचने लगा
भाभी घाघरे चोली मे बहोत ही मादक लग रही थी जबकि वो गाँव मे एक नॉर्मल ड्रेस ही होती है.मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था आख़िर मैने फ़ैसला किया और भाभी के पलंग पे जा के बैठ गया और उनका हाथ पकड़ लिया भाभी उठ कर मेरे पास बैठ गयी और बोली "क्या बात है नींद नही आ रही क्या"
मैने कहा ,"भाभी मुझे कुछ हो रहा है मैं अपने को कंट्रोल नही कर पा रहा हू"तो भाभी बोली कि मैं क्या मदद करू तुम्हारी इतना सुनते ही मैं उस से लिपट गया और उनके गालो की पप्पी ले ली थोड़ी देर मैं उनसे लिपटा रहा फिर मैने उनके होंटो को चूसना शुरू किया पता नही कितनी देर मैं किस करता रहा फिर उन्होने किस तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी
मैने दुबारा किस करना शुरू किया और धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया
पर मैने कहा "भाभी आज मत रोको आज बस जो होता है हो जाने दो" तो वो बोली अगर किसी को मालूम हो गया तो मैने कहा चिंता मत करो अभी बस इन लम्हो मे खो जाओ और मेरे हाथ उनकी चूचियो पर कस गये उनके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी जिस से मैं और उत्तेजित हो गया
मैने भाभी की चोली को खोल दिया और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा फिर मैने ब्रा को भी उतार दिया और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़े हल्के हल्के निकलने लगी
मैं बारी बारी से दोनो चुचियो को पीता रहा अब भाभी की आँखो मे खुमारी छाने लगी थी मैने भाभी को खड़ा किया और उनके घाघरे का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा मेरी अनंखे खुशी से चमक उठी उन्होने कछि नही पहनी थी
वो पूर्ण रूप से नंगी मेरे सामने खड़ी थी शरम से उनकी आँखे बंद हो गयी और मेरी नज़रे तो उनकी चूत से ही नही हाथ रही थी काले काले बालों से धकि हुई हाली लाल लाल सी चूत को देख कर मेरा लंड जो पहले से ही ज़ोर मार रहा था और बेकाबू हो गया भाभी बोली लाइट बंद करदो मुझे शरम आ रही है
पर मैने मना किया कि भाभी आज इस हुस्न के दर्शन करने का मौका आया है और आप लाइट को बंद करने के लिए कह रही हो.अब रुकना मुश्किल था मैने अपने कच्छे को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और भाभी को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उनको किस करने लगा
मेरे हाथ उनकी चुतडो पर पहुच गये और मैं उन्हे सहलाने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार पर महसूस हो रहा था वो मस्ती मे आ चुकी थी अब मैने भाभी को लिटा दिया और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया भाभी की पप्पी लेते लेते मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा जैसे ही मेरी उंगलिया उनकी झांतो से टकराई उनकी आँखे मस्ती से बोझिल होने लगी
अब मैने उनकी मांसल केले के पेड़ जैसे तनी जाँघो को चूमना शुरू किया तभी मुझे याद आया कि बीएफ मे आदमी औरत की चूत को चाट ता हैं तो मेरे मन मे फितूर हुआ और मैने अपने होंठ भाभी की चूत पे रख दिए जैसे ही मैने चूत पे होंठ रखे भाभी का पूरा बदन कांप उठा
और उनके मूह से लरजती हुई आवाज़ बोली कि ये क्या कर दिया जालिम थोड़ा धीरे यह सुनके मुझे थोड़ा जोश आ गया और मैने उनकी टाँगो को चौड़ी किया और अब चूत पूरी तरह से मेरे सामने थी छोटी सी बालो से धकि चूत मुझे बहुत ही प्यारी लग रही थी
जी मे आया के एक ही झटके मे लंड घुसा दूं पर मैं इस रात को यादगार बनाना चाहता था मैने अपना मूह उनकी गदराई चूत पे रख दिया और उसको अपने मूह मे भर लिया जैसे ही मैने ऐसा किया भाभी की सिसकारियो से कमरा गूँज उठा क्योंकि घर मे हमारे अलावा और कोई नही था तो वो भी थोड़ा खुलके मैदान मे उतर आई थी
चूत से निकलता रस मेरे मूह मे जा रहा था भाभी ने अपने दोनो हाथ मेरे सिर पे रख दिए और मेरे सर को अपनी चूत पे दबाते हुए बोली " मेरे राजा पी जा आज इसका सारा रस निचोड़ ले मेरा आज से मैं तेरी हो गयी" आहह आआआआअहहााआअ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओह! मेरे राजा और अंदर जीभ डाल दो निचोड़ दो मुझे
मैं भी पूरे जोश मे उनकी चूत चाट रहा था अब वो अपनी दोनो चूचियों को खुद ही भींच रही थी और लगातार अपने कुल्हो को हिला रही थी थोड़ी ही देर मे उनका पूरा बदन अकड़ गया और वो काँपते हुए लंबी लंबी साँसे लेने लगी उनकी चूत से बहुत सारा रस निकलने लगा फिर भाभी बेड पे निढाल से पड़ गयी
अब मैने अपना कच्छा उतार दिया और भाभी के साथ लेट गया और उनसे लिपट ते हुए उनके गालों को काटने लगा और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया जैसे ही उनका हाथ मेरे लंड पे कसा उसने एक ज़ोर का झटका खाया भाभी मेरे लंड को सहलाते हुए बोली वाह यह तो बहुत गरम हो रहा है और मेरे लंड के सुपाडे पे उंगलिया फेरने लगी
उनकी उंगलियो से मेरे लंड का संवेदनशील भाग सहलाए से मेरे शरीर पे कंपकंपी चढ़ गयी यह देख के भाभी हँसने लगी और बोली कभी यह आधे रास्ते मे ही दम नो तोड़ दे मैने कहा आजमा ले मेरी रानी और उनको अपने लंड पे झुका दिया भाभी नीचे बैठ गयी और मेरे लंड के सुपाडे पे भी जीभ फेरने लगी
ज़िंदगी मे पहली बार किसी औरत ने ऐसा किया था तो मेरी आँखे मस्ती मे बंद हो गयी भाभी अपनी जीभ को धीरे धीरे लंड पे फेरने लगी मेरा तो हाल टाइट हो गया था भीर उन्होने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और किसी आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी मैं तो मस्ती के सातवे आसमान पे पहुच गया था
भाभी ने अब मेरी गोलियो को अपने मूह मे भर लिया और मुझे एक अलग ही सुख को प्रदान करने लगी पूरा लंड उनके थूक से भर गया था अब मैने उनको बिस्तर पे लिटा दिया और उनके उपर लेट के उनके होंटो का रस पीने लगा आग दोनो तरफ बराबर की लगी थी
भाभी मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर रगड़ने के बाद वो मेरे कान मे बोली अब देर मत करो घुसा दो अंदर मेने हल्का सा धक्का मारा तो सुपाडा चूत मे चला गया उनकी चूत काफ़ी टाइट और गरम थी उनके मूह से आआआआआअहह की आवाज़ निकल गयी
मैने थोड़ा और झटका मारा और आधा लंड अंदर डाल दिया वो बोली थोड़ा धीरे और अपने कुल्हो को हल्का सा हिला अब रुकना मुश्किल था एक धक्का और मेरा लंड पूरा उनकी मस्त चूत मे घुस गया भाभी की सिसकी निकल गयी उन्होने अपनी आँखे बंद करली मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए
थोड़ी देर मे वो भी सहज होने लगी और उन पलो का आनंद लेने लगी हमारे होंठ एक दूसरे के होंठो से जुड़ गये और हम एक दूसरे मे समाते चले गये उन्होने अपनी जाँघो को फैला दिये ताकि मैं खुल के धक्के मार सकु 15 मिनिट तक ऐसे ही धक्के लगाने के बाद भाभी ने मुझ ने अलग किया और घोड़ी बन गयी
अब मैं पिछे आया और लपलपाति चूत पे अपने लंड रखा और धक्के मारने लगा साथ साथ उनके गोरे गोरे चुतडो को सहलाने लगा फिर मैने हाथ आगे बढ़ा कर उनकी मस्त चूचियों को पकड़ लिया और उनको भींचते हुए भाभी को चोदने लगा
उनकी कामुक सिसकारियो से मेरा जोश भी बढ़ रहा था पसीना हमारे शरीर से बहने लगा था पर इस खेल का आनंद तो अलग ही था हम दोनो लगातार एक दूसरे को इस खेल मे हराने की कोशिश कर रहे थे फिर मैने भाभी को दुबारा लिटा दिया और उनके उपर आकर चूत मारने लगा
भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर के पे लिपटा दी और बोली शाबाश ऐसे ही लगे रहो तभी उनका बदन फिर ऐंठ गया और चूत की चीकक्नई अंदर से बढ़ गयी मैं समझ गया कि वो चर्म सुख की ओर बढ़ गयी है
उसी पल मुझे मेरे शरीर मे तनाव महसूस हुआ लगा सारे शरीर का खून एक जगह जमा हो गया है और भाभी के मादक बदन से चिपकते हुए मेने अपना वीर्य उनकी चूत मे छोड़ दिया और उनके उपर लेटे लेटे ही हाँफने लगा वो मेरी ओर देख के मुस्कुराइ और मेरे होटो को चूम लिया .
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फिर वो बाहर सुसू करने चली गयी और मैं पलंग पे लेट गया थोड़ी देर बाद वो भी आकर मेरे पास ही लेट गयी रज़ाई के अंदर हमारे जिस्म क़ैद हो गये थे भाभी टेढ़ी होकर लेटी हुई थी मैं भी उनसे चिपक गया मेरा लंड उनके कुल्हो से टकराता हुआ जाँघो के बीच मे फँस गया और मैने उनकी चूची को हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया
वो बोली के क्या हुआ मन नही भरा क्या तुम्हारा तो मैं बोला भाभी ये प्यास इतनी आसानी से नही मिटने वाली और चूची को कसकर भींच दिया तो उनके मूह से एक दर्द भरी कराह निकल गयी वो मेरी ओर गुस्से से देखते हुए बोली थोड़ा धीरे करो दर्द होता हैं.
मैने अब भाभी को अपनी ओर कर लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उनके होंठो को पीने लगा मेरा मन तो बस कर रहा था कि उनके होंठ चूस्ता ही रहू उनमे एक हल्का सा मीठा सा स्वाद था 3- 4 मिनिट किस करने के बाद मैने अनिता की निप्पल को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ उसपे फेरने लगा
भाभी भी अब मस्त होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे कस गया और वो मेरी मूठ मारने लगी मैं पूरी मस्ती से बारी बारी दोनो चूचियो को चूस रहा था भाभी की सिसकी बढ़ने लगी थी उनकी साँसे भारी होने लगी थी अब उन्होने मेरे लंड से अपना हाथ हटा लिया
और मेरे सर पे फेरते हुई बोली मेरे राजा पी जा आहह अहह अहह सीईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई पी जा आज मेरा दूध निकाल दे मेरे राजा आज पूरी रात मैं तेरी दुल्हन हू आज मेरी हर हसरत मिटा दे अहह बीच बीच मे निप्पल को जब मैं दांतो से काट लेता था तो वो और भी मस्त हो जाती थी
महॉल गरम होने लगा था मैने भाभी को अपनी उपर उल्टी तरफ आने को कहा जिससे उनका मूह मेरे लंड की तरफ और कूल्हे मेरे मूह की तरफ हो गये थे भाभी भी पूरी खेली खाई थी वो समझ गयी कि मैं क्या चाहता हू उनकी चूत मुझसे कुछ ही इंच दूर थी अब वो थोड़ा सा नीचे हुई और मैने अपनी जीभ उनकी फूली हुई चूत पे फेर दी
अहह अहह उनकी मस्त आहे निकल गयी मैने धीरे धीरे चूत को चाटना शुरू कर दिया उन्होने अपने चूतड़ पूरी तरह से मेरे चेहरे पे रख दिए ताकि मैं अच्छी तरह से चूत का रस पी सकु मेरी पूरी जीभ चूत के अंदर घूम रही थी भाभी ने धीरे धीरे अपने मोटे मोटे चुतडो को हिलाना शुरू कर दिया और पूरा वजन मेरे चेहरे पे डाल रही थी उनकी मस्ती बढ़ती जा रही थी
तभी अचानक से भाभी ने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया और चूस ने लगी मेरे आनंद का कोई ठिकाना ना रहा मैं बोला जियो भाभी आज तो क़यामत ही कर दी और हम एक दूसरे का रस निचोड़ने मे लग गये भाभी की चूत बहुत रस छोड़ रही थी अब उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से निकाला और मेरे टट्टो पे जीभ फेरने लगी
वो बारी बारी से लंड और गोलियो को अपनी जीभ का मज़ा दे रही थी मैं तो उस लम्हे को कभी नही भूल सकता हू, फिर मैने भाभी को अपने उपर से हटाया और उनके उपर आ गया और उनकी पप्पी लेते हुए लंड को चूत के छेद पे रगड़ने को कहा मैं उनके गुलाबी होंटो को पी रहा था और वो मेरे लंड को अपनी चूत के द्वार पे रगड़ रही थी
बीच बीच मे जब मेरा सुपाडा चूत के दाने पे रगड़ ख़ाता तो उनका पूरा बदन ऐसे कांप जाता था जैसे कि करंट लग गया हो अचानक से उन्होने सुपाडे को अपनी चूत मे हल्का सा पुश किया मैं समझ गया कि वो चुदने के लिए एकदम तैयार है मैने उन्हे फरश पे खड़ी किया और एक टाँग को उपर किया और अपना लंड चूत मे घुसा दिया
जैसे ही झटके से लंड अंदर गया उनकी चीख निकल पड़ी.आआआअहह अहह वो मोन करने लगी मेरे हाथ उनके कुन्हो पे कस गये और लंड चूत मे अंदर बाहर होने लगा फ़च पहचछचह की आवाज़ आ रही कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनकी छातियो को मसलते हुए चूत मारने लगा भाभी के बदन मे कंम्पकंपी बढ़ती जा रही थी और वो लगातार मेरा जोश बढ़ा रही थी
हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईई मेरे राजा मज़ा आ गया मेरे राजा बस ऐसे ही करते रहो उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कितना मज़ा आ रहा है15 मिनिट तक उसी पोज़िशन चोदने के बाद मेरी साँस थोड़ा फूलने लगी थी क्यों कि मैं काफ़ी देर से जोरदार धक्के मार रहा था चूत से बहता रस भाभी की जाँघो तक पहुच गया था पर वो भी बराबर मैदान मे डटी हुई थी अब मैं पलंग पे लेट गया और भाभी को इशारा किया वो अब मेरे लंड पे बैठ गयी और अपनी गंद को हिलाने लगी
भाभी मेरे लंड पे झूल रही थी और उनकी आँखे मस्ती से बंद होने लगी थी थोड़ी देर बाद वो मेरे उपर लेट सी गयी जिस से उनके चूचिया मेरे चेहरे पे लटक गयी मैने आव देखा ना ताव और एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया अब भाभी सातवे आसमान पे थी वो पूरे जोश से मेरे लंड पे कूद रही थी
जब वो उपर नीच होती तो थप थप की आवाज़ आ रही थी मेरे हाथ उनको कुल्हो पे थे मैने उनकी गंद के छेद को सहलाना शुरू कर दिया बहुत ही छोटा सा छेद था मैने अपनी उंगली से उसको कुरेदना चालू किया तो भाभी अपने चूतड़ को टाइट करते हुए बोली ना देवेर जी उधर मत छेड़ो प्लीज़
पर मैं हल्के हल्की सहलाता रहा 5 मिनिट बाद वो काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी उनका चेहरा एकदम लाल सुरख हो गया था तभी उनके बदन ने झटका खाया और वो आ हाहह आह करते हुए निढाल होकर मेरे उपर लेट गयी और लंबी लंबी सांस लीने लगी
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद अब मैं उनके उपर आ गया और तबड तोड़ धक्खे मारने लगा उनकी साँस उखड़ रही थी उन्होने अपनी बाहें मेरी पीठ पे कस दी और मेरा हॉंसला बढ़ा ने लगी मैने 10-15 शॉट और मारे और अपने वीर्य से उनकी चूत को लबालब भर दिया और उनके उपर ही लेट गया हम अपनी अपनी सांसो को नियंत्रित करने की कोशिस कर रहे थे..
उस रात हमारा एक नया रिश्ता शुरू हो गया था जो ग़लत होते हुए भी खूबसूरत लग रहा था ,वो कहते हैं ना कि शुरू मे हर चीज़ अच्छी लगती है खैर, दो बार की चुदाई के बाद हम दोनो काफ़ी थक गये थे बदन से गर्मी फूट रही थी हम अभी भी नंगे लेटे हुए थे भाभी मुझसे लिपट ते हुवे बोली “
मैने तुम्हारी मन की मुराद पूरी करदी तुम्हे भी मेरा ध्यान रखना होगा और मुझे भी तुमसे कुछ चाहिए.”
मैने उनसे वादा किया कि मैं उनकी विश को हर हाल मे पूरा करूँगा. रात के 11 बज चुके थे पर हमारी आँखो मे नींद का नामोनिशान नही था उस वक़्त लग रहा था कि क्या पता ये रात कभी आए या ना आए अनिता मुझसे पूरी तरह खुल चुकी थी भाभी बोली क्यो ना एक-एक चाइ पी जाए मैने हाँ करदी उसने अपने कपड़े उठाए और रसोई की और जाने लगी तो मैने कपड़े छीन लिए और बोला कि जब घर मे और कोई नही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है और उनको नंगी ही जाने को कहा जैसे ही वो जाने क लिए मूडी तो उनके मटकते हुए चुतडो को देख कर मेरे लंड मे सरसराहट शुरू हो गयी
और मैं भी रसोई की और चल दिया भाभी मेरी और देख के बोली कि यहाँ क्यू आ गये मैं बोला कि मैं आपके बिना एक मिनिट भी नही रह सकता और भाभी को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया और उनसे चिपक के खड़ा हो गया भाभी छाई बना रही थी और मैं उनसे छिपा हुआ उनके गरम शरीर का मज़ा लेने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार मे फसा हुआ था और गर्मी पाकर धीरे धीरे फूलने लगा था
भाभी मज़े लेते हुए बोली कि ये क्या मेरे चुतडो को चुभ रहा है तो मैने बोला कि खुद ही देख लो किसने रोका है तो भाभी ने अपने हाथ नीचे किया और मेरे लंड को पकड़ते हुवे बोली कि ये तो कही भी तन जाता है तो मैने कहा कि अब तो बस तुम ही इसके तनाव ख़तम करसकती हो और उनकी चूत को कसकर भींच दिया भाबी के मूह से चीख निकल गयी और वो मुझसे दूर हो गयी
उन्होने मुझसे शांत रहने को कहा और चाइ को दो कपो मे डालने लगी तो मैने उन्हे कहा कि डार्लिंग आज बस एक कप मे ही चाइ पिएँगे तो वो मुस्कुराने लगी अब हम बारी बारी एक ही कप से चाइ पी रहे थे महॉल काफ़ी रोमॅंटिक सा लग रहा था जैसे कोई फिल्म का सीन सो. चाइ ख़तम होते ही मैने अनिता को खीचकर अपनी बाहों मे भर लिया और उनके होंठ चूमने लगा भाभी भी मेरा साथ देने लगी मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी और उनकी जीभ को चूसने लगा
भाभी तो पूरी खिलाड़ी औरत थी वो तो इशारे इस ही समझ जाती थी कि मैं क्या चाहता हू जैसे के मैं उनका पति हू लगभग 10 मिनिट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे मेरा लंड नीचे अनिता की चूत के थोड़ा उपर रगड़ खा रहा था जिस से हमारे बदन मे एक अलग सी कसक पैदा हो रहा था अब मैने उनका मूह रसोई की स्लॅब की ओर कर दिया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनसे चिपकते हुवे गर्देन पे किस करने लगा
एक सेक्सी कहानी मे पढ़ा था कि औरत की गर्देन पे चूमने से उनको सेक्स जल्दी चढ़ जाता है मैं लगातार उनकी सुरहिदार गर्देन को चूम रहा था भाभी हल्के हल्के मोन कर रही थी अबकी बार मैने बिल्कुल आराम से उनको चोदने का सोच लिया था बीच बीच मे मैं उनके गालो को भी चूस रहा था भाभी बोली कि थोड़ा धीरे काटो कही निशान ना पड़ जाए मेरा लंड बुरी तरह से फडफडा रहा था और उनकी गान्ड मे घुसने के लिए बेताब हो रहा था
भाभी धीरे से फुसफुसा कर बोली कि चलो बिस्तर पे चलते है परंतु मैने माने कर्दिया और अपने हाथ उनके उन्नत उभारो पे पहुचा दिया भाभी की चूचिया बहुत ही ठोस थी जितना मैं उनको भींचता उतना ही वो फूलती जाती थी भाभी ने अपने कूल्हे थोड़ा पीछे की ओर कर्दिये और आगे की ओर झूक गयी अब उनकी छातियों को भींचने मे और भी मज़ा आने लगता साथ ही साथ वो अपनी मस्त गान्ड को लगातार हिला रही थी जिस से मेरा लंड बेकाबू होने लगा था
मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था पर मैं थोड़ा लंबा जाना चाहता था इस लिए कोई जल्दी नही दिखा रहा था तभी मेरी नज़र रसोई मे रखी सहद की बॉटल पे गयी मैने भाभी को हटाया और बॉटल को उठा लिया मुझे ना जाने क्या सूझा मैने सहद को भाभी की छातियो मे डालना शुरू किया भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैने उन्हे चुप चाप देखने को कहा और
उनकी पूरी छातियो को शहद से भिगो दिया औब मैने उनकी बूब्स को बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चाटना शुरू किया तो भाभी की मस्ती बढ़ने लगी उनकी पीठ दीवार से सट गयी थी मैं किसी बच्चे की तरह उनकी चूची पी रहा था भाभी के मूह से मादक सिसरिया निकलने लगी थी क्योंकि हम अकेले थे तो वो भी बहुत ही खुल के इस खेल को खेल रही थी
आहहहह
हह
हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
वो लगातार सिसक रही थी जब जब मेरी खुरदरी जीब उनकी चूचियों की घुंदियो पे फिरती तो उनके चूचियों का तनाव सॉफ महसूस हो रहा था उफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करते हुवे वो बोली अब बस भी करो ना पर मैं ना माना और उनके बोबो को बारी बारी चूस्ता रहा जब तक कि वहाँ पे लगा सहद पूरी तरह ख़तम नही हो गया भाबी की गोरी गोरी छातियों का रंग सुर्ख लाल हो गया था
अब मैने उन्हे स्लॅब पे बिठा दिया और उनकी सूंड़ी को चूसने लगा भाभी तो जैसे पागल ही हो रही थी वो मुझे मना कर रही थी परंतु मैं तो एक अलग ही मुकाम मे जाने की सोच चुका था भाभी की जाँघो को पूरी तरह से फिलाने के बाद मैने काफ़ी सारा सहद उनकी चूत पे और झन्टो पे डाल दिया तो भाभी मेरी ओर देखते हुवे बोली तुम तो पूरे रसिया निकले और हँसने लगी
मैने कहा देखती जाओ आज कैसे रस निचोड़ ता हू और अपनी खुरदरी जीभ को भाभी की हल्की हल्की झान्टो पे फेरने लगा भाभी ने अपने हाथ पीछे की और टिका दिए मैने झांतो पे दाँत गढ़ाने लगा तो भाभी दर्द भरी आहे भरने लगी अब मैं धीरे धीरे नीचे की और आने लगा मैने जैसे ही चूत की गुलाबी फांको को अपने होंटो मे दबाया भाभी का बदन सिकुड गया और अँकखे मस्ती से बंद हो गयी भाभी अपनी मादकता मे और भी सुंदर लग रही थी
मैं लगातार चूत की फांको को चूस्ता जा रहा था ह्बीयेयेयीयाया हह उफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ
]हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईहह हहिईीईईईईईईईीहुंम्म्मंंननननननननननननननननननननननननननणणन् हहुउऊुुुुुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममममममममममममम ]जैसे आवाज़े उनक मूह से लगा तार निकल रही उनकी चूत से बहता हुआ कामरस सहद मे मिलकर एक बहुत ही मादक स्वाद लग रहा था अब मैने अपनी पूरी जीभ भाभी की गरमागरम चूत मे डाल दी और पूरे जोश से काम रस पीने लगा
भाभी ने अपने कूल्हे पूरी तरह से उपर उठा दिए ताकि मैं खुल के चूत का रस पी सकु मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था मेरा लंड बराबर पुकार रहा था कि मैं उसे चूत मे घुसा दू पर मैने ना जाने कैसे अपने आप को कंट्रोल किया हुआ था 5-6 मिनिट तक लगातार चूत को चाटने से भाभी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और लरजती हुई आवाज़ मे बोली देवेर जी अब बस करो अब जल्दी से कर लो रुका नही जा रहा है प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैं अब नही रुक सकती मैने उनकी बातो पे कोई गोर नही किया और काम रस को पीता रहा उनकी चूत बहुत ही ज़्यादा रस बह रहा था
तभी उन्होने अपने बदन को कस लिया और मेरे मूह मे ही स्खलित होने लगी आआआआअहह आह मे गयी कहते हुवे उन्होने अपनी मोटी मोटी जाँघो ओ मेरे चेहरे पे कस दिया और उनकी चूत से बहते फव्वारे का पानी उडेलने लगी वो बुरी तरह से हाँफ रही थी उनका पूरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था . मैने पूरा रस चाट चाट कर अच्छी तरह से सॉफ कर दिया उनकी गोरी चूत अब एकदम चमक रही थी अब मैने सहद को अपने लंड और गोलियो पे अच्छी तरह से लगा दिया और भाभी की ओर देखने लगा
भाभी मेरी और मंद मंद मुस्काने लगी और फॉरन ही फर्श पे बैठ गयी और अपने गुलाबी होन्ट मेरे लंड पे टिका दिए और बड़ी अदा से उसे चूमने लगी क्या बताऊ वो तो लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट ही लग रही थी उनकी जीभ पूरे लंड पे घूम रही थी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उन्हने मेरे सुपाडे को मूह मे भर लिया और अपनी गीली लिज़लीज़ी जीभ उसपे
फेरते हुवे चूसने लगी
मुझे ऐसे लगा कि एक मिनिट मे ही मेरा पानी छूटने वाला है मैने अपने आँखे बंद करली और लंड को मस्ती से चुसवाने लगा अब मेरा पूरा लंड भाभी के मूह मे था वो पूरी मस्ती से लंड चूस
रही थी अब उन्होने लंड को बाहर निकाला और गोलियो को चूमने लगी भाभी का मैं गुलाम बन गया था मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने भाभी के सर को कस के पकड़ लिया और अपने लंड को उनके मूह मे अंदर तक डालने लगा मैने ईक जोरदार झटका मार दिया जिस से भाभी को खाँसी आ गयी और आँखो मे पानी आ गया वो मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखते हुवे बोली कि जानवर मत बनो सबकुछ मुझ पे छोड़ दो मैं करती हू मैने उनसे माफी माँगी
उन्होने फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर लिया और मुझे मज़ा देने लगी उन्होने अपने हाथो से मेरी कमर को थाम लिया और तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगी मेरी मस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी अब मैने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर्दिया था भाभी पूरे जोश मेरा लंड चूसे जा रही थी उनके मूह से थूक निकल कर उनकी छातियो पे गिर रहा था अब मुझे महसूस हो रहा था कि मैं झड़ने के करीब ही हू तो मैने उनके सर को कस कर थाम लिया और पूरा लंड उनके मूह मे क़ैद हो गया था
मैने उनको ज़ोर से चूसने का इशारा किया तो वो और तेज़ी से चुप्पे मारने लगी तभी मैने ज़ोर से झटका खाया और मैने पूरे ज़ोर से उनके सर को अपने लंड पे दबाते हुवे अपना वीर्य उनके मूह मे छोड़ना शुरू कर दिया अबकी बार काफ़ी ज़्यादा वीर्य निकल रहा था भाभी लगातार लंड से निकले वीर्य को पी रही थी आख़िर मैं निढाल हो गया पर भाभी लंड को जबतब पीती रही जब तक उन्होने अंतिम बूँद तक निचोड़ ली..........
रात आधी से ज़्यादा गुजर चुकी थी मैने अनिता का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और गोदी मे उठा कर बिस्तर पे पटक दिया और उसकी बगल मे लेट गया भाभी ने अपना सर मेरे सीने पे रख दिया और मुझसे चिपक कर लेट गयी ऐसे ही लेटे लेटे ना जाने कब आँख लग गयी .
सुबह 6:30 के लगबघ मैं जगा तो देखा कि भाभी बिस्तर पे नही थी मैने खुद को संयत किया और कपड़े पहने और बाहर आया तो देखा कि भाभी आँगन मे झाड़ू निकाल रही थी मैने भाभी को पीछे से पकड़ लिया तो वो मुझसे दूर हट ते हुवे बोली कि अभी नही दिन हो गया है
कोई भी आ सकता है और मुझे चाइ के लिए पूछा परंतु मैने मना कर दिया और उनसे कहा कि भाभी मैं घर जा रहा हू और अपने घर पे पहुच गया तो देखा कि पापा अख़बार पढ़ रहे हैं उन्होने मुझे देखा और कहा कि आ गये तो मैने कहा जी हां और अंदर अपने कमरे मे पहुच गया
पूरा बदन टीस रहा था रात को काफ़ी देर तक सोने के कारण नींद भी आ रही थी पर सो भी नही सकता था क्यों कि घर वालो को शक हो सकता था खैर जैसे तैसे नहा धो कर हल्का सा नाश्ता करके कॉलेज की ओर चल दिया
कॉलेज मे भी कुछ खास नही था 11थ के एग्ज़ॅम भी लगभग 1 महीना दूर थे और 11थ क्लास की कोई खास टेन्षन भी नही थी पर मन साला बार बार भटक रहा था नींद के बोझ से आँखे भी बोझिल हो रही थी पर किसी तरह मॅनेज कर रहा था बार बार मेरा ध्यान बस भाभी की ओर ही जा रहा था बड़ी ही मुश्किल से टाइम कटा
छुट्टी होते ही मैं घर की ओर भाग पड़ा पैदल कॉलेज तो रोज ही जाता था पर उस दिन रास्ता भी कुछ ज़्यादा ही लंबा हो गया था घर पहुच कर खाना वाना खाया और भाभी के घर जाने की सोच ही रहा था कि मम्मी ने सहर जाने का ऑर्डर दे दिया मन तो नही था पर जाना पड़ा मजबूरी थी
सिटी को 5 किमी दूर पड़ती थी तो मैने अपनी ख़तरा साइकल उठाई और बुझे मन से चल दिया वाहा जाके राशन का सारा समान खरीदा और कुछ सब्ज़ी वगैरहा ली और थोड़ा कुछ खाया पिया इन सब मे 1.5-2 घंटे लग गये और टाइम लगभग 5 का हो गया था
जब मैं घर की ओर लॉट रहा था तो आधे रास्ते के बीच टाइयर पंक्चर हो गया आस पास कोई दुकान भी नही थी पैदल ही ख़तरा साइकल को घसीटते हुवे मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था पर कुछ कर भी नही सकता था गरह पहुचहते पहुँचते 6 बज गये थे मेरा मूड बहुत ही खराब था
पापा अभी तक नही आए थे सारा समान मम्मी को पकड़ाया और अपने कमरे मे जाके थोड़ी देर लेट गया फिर कॉलेज का काम निपटाया ऐसे ही खाने का टाइम हो गया तो मैं बाहर गया तो देखा कि अभी खाना नही बना है तो मैने मम्मी से पूछा की कितनी देर लगेगी
तो मम्मी बोली की थोड़ा टाइम लगे गा तू एक कम कर अनिता के घर तो सोने जाएगा उधर ही खाना खा लियो उसको भी अच्छा लगेगा ये सुनते ही मेरे मन मे लड्डू फूटने लगे पर मम्मी की आगे मैने बुरा सा मूह बनाया और टीवी खोलके बैठ गया
लगभग सवा 8 बजे मैने मम्मी को बताया और अनिता भाभी के घर की ओर चल दिया मैने कुण्डी खड़खड़ाई थोड़ी देर मे भाभी ने दरवाजा खोला और बोली पूरे दिन क्यों नही आए अब मेरी याद आई मैने कहा पहले अंदर तो आने दो अंदर आते ही दरवाजा बंद किया और भाभी को अपनी बाहों मे भर लिया
और अपने होंठ उनके होंटो पे रख दिए और चूसना शुरू किया 15 मिनिट तक बस ऐसे ही होंठ चूस्ता रहा फिर भाभी ने मुझे हल्का सा धक्का देते हुवे अपने से दूर किया और हाँफने लगी वो बोली क्या करते हो आते ही शुरू हो गये मैं बोला भाभी तुम चीज़ ही ऐसी हो कि क्या करू रुका ही नही जाता
मैं तुम्हे कैसे बताऊ की कितना तडपा हू पर आज कामों मे इतना फस गया कि अब फ़ुर्सत मिली है मैने भाभी से बोला कि मुझे बहुत भूख लगी है तो वो बोली कि खाना बना लिया है आओ साथ साथ ही खाते है हम बैठक मे बैठ के ही खाना खाने लगे फिर भाभी ने मुझे एक गिलास मे दूध दिया तो मैं उनकी चूचियो की ओर इशारा करते हुवे बोला कि मुझे तो वो वाला दूध ही पीना है
तो भाभी हंसते हुवे बोली कि वो भी पी लेना पहले इसे ख़तम करो फिर हम ने डिन्नर ख़तम किया तो भाभी बोली तुम टीवी देखलो मैं काम ख़तम कर के आती हू … मैं टीवी देखने लगा 15 मिनिट बाद भाभी आकर मेरे पास बैठ गई आज भाभी ने सफेद कलर की चूड़ीदार पाज़ामी और सूट पहन रखा था जिसमे उनके उभर काफ़ी तने हुवे लग रहे थे मैने भाभी को अपनी गोद मे बिठा लिया और उनके लाल सुर्ख होंटो को अपने होंटो मे मिलाने लगा
भाभी बोली कितना चुसोगे कही मेरे होंठ सूज ना जाए वरना जब रवि आए गा तो कही वो शक ना कर ले मैने कहा डरो मत कुछ नही होगा बस एंजाय करो और दुबारा होंठ चूमने लगा उनके होंठ बहुत ही मादक थे अब उनके टमाटर से गालो की बारी थी
मैने उनको काटना शुरू किया तो वो मना करने लगी कि दर्द होता है पर मैं कहा रुकने वाला था जी भर के उनके पूरे चेहरे को चूम के बाद मैने उनके सूट को उपर की ओर उठाया और निकाल दिया आज भाभी ने लाल कलर की ब्रा पहनी थी जिसमे उनकी छातिया बहुत ही मुश्किल से समा रही थी
मैने ब्रा के उपर से ही चूचीयो को भींचना शुरू कर दिया तो भाभी आहे निकालने लगी मैने अब ब्रा को खोल दिया और भाबी की बूबो को चूसना शुरू कर दिया भाभी गरम होने लगी थी वो मेरी गोदी मे बैठे हुवे धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाते हुवे अपने दूध मुझे पिला रही थी भाभी अपने हाथो से मेरे सर को हल्के हल्के सहला रही थी मैं पूरे जोश मे उनकी चूचियो को निचोड़ रहा था अब उनकी सांस भारी हो रही थी
अहहाा अहह अहहसिईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह आआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ
जैसी आवाज़ उनके मूह से निकल रही थी थोड़ी देर बाद मैने उनको उठाया और उनकी सलवार और पेंटी को ऐक ही झटके मे उतार दिया अब वो पूर्ण रूप से नंगी मेरी आँखो के सामने खड़ी थी मैनी फॉरन अपने जिस्म से कपड़ो को जुदा किया और नंगा हो गया मैने भाभी को सोफे के किनारे पे घोड़ी बनाया और ढेर सारा थूक अपने लंड पे लगाया और भाभी की चूत मे एक ही झटके मे घुसा दिया
जिस से भाभी का थोड़ा बॅलेन्स बिगड़ गया और उनके मूह से चीख निकल गयी वो बोली आराम से करो ना मैं भाग के जा रही हू क्या मैने सॉरी बोला और दुबारा लंड डालने के लिए तैयार हो गया भाभी ने अपने गोल मटोल चुतडो को पीछे की और कर्दिया और डालने का इशारा किया मैने भाभी की कमर को थाम लिया और लंड का सुपाडा चूत मे धंसा दिया
भाभी की आह निकल गयी चूत बहुत ही चिकनी हो रही थी एक धक्का और लगाया तो आधा लंड अंदर पहुच गया मैं ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलने लगा भाभी भी जोश मे आ गयी थी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा उपर की ओर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से चोद सकु अबकी बार मेरा लंड जड़ तक अंदर पहुच गया था मेरे हाथ फिसलते हुवे चूचियों पे पहुच गये थे मैं काफ़ी ज़ोर ज़ोर से उनको चोद रहा था और बहुत बुरी तरह से चुचियों को दबोच रहा था भाभी लगातार चोदो चोद्दो कह कर मुझे रोमांचित कर रही थी
मैं लंड को टोपी तक बाहर निकल ता और झटके से अंदर घुसाता तो भाभी बोली इतना ज़ुल्म मत करो और अपनी भाभी को प्यार से चोदो जब बैठक मे बस थप ठप की आवाज़ गूँज रही थी मैं दनादन उनको चोद रहा था चूत से कामरस बहते हुवे मेरे अंडकोषो तक आ रहा था भाभी की जांघे भी भीग चुकी थी लगभग आधा घंटा ऐसे की चोदने के बाद मैने अपना रस चूत मे ही छोड़ दिया और ऐसे ही उनको लिए लिए सोफे पे पड़ गया
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मैं उठा और पानी पीने के लिए चला गया भाभी अब उठकर बैठ गई थी थोड़ा पानी उन्हे भी पिलाया और उनके पास ही बैठ गया मेरा दिल फिर से मचल ने लगा मैने कहा चलो कमरे मे चलते है और उनको लेके अंदर आ गया मैने भाभी को नीचे फर्श पे बिस्तर लगाने को कहा अब हम दोनो बिस्तर पे बैठे हुवे थे बस एक दूसरे हो देख रहे थे
भाभी की नशीली आँखे मुझे निमंत्रण दे रही थी मैने भाभी को पकड़ कर अपनी गोद मे बिठा लिया भाभी बोली मैं बहुत थक गयी हू प्लीज़ अभी सो जाते है मैं तो तुम्हारी ही हू जब मन चाहे तब कर लेना तुम्हारी कोई मनाही तो है नही मैने जवाब देते हुवे कहा कि भाभी पर ये रातें जो हम दोनो को अकेले मिल रही है ये तो नही मिलेंगी ना
और आप हो ही इतना टंच माल कि जितना भी भोग लू उतनी ही इच्छा और बढ़ती जाती है मैं क्या करू आप ही बताओ और भाभी के चुतडो को सहलाने लगा भाभी मेरे सीने पे अपने हाथ फेरने लगी अचानक मैने अपनी उंगली उनकी गान्ड के छेद पे रख दी और उसे सहलाने लगा भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैं बोला भाभी आपकी गान्ड कितनी मस्त है
अबकी बार इसे भी मार लू क्या तो भाभी मना करने लगी पर मैने ठान लिया था कि गान्ड तो मारनी ही है अब मैने भाभी को गोदी से उठा कर बिस्तर पे उल्टी लिटा दिया था भाबी भी समझ गयी थी कि आज तो गान्ड मराई हो के रहे गी मैने मदमस्त कुल्हो को सहलाते हुवे पूछा कि रवि ने भी आपकी गान्ड तो मारी ही होगी तो भाभी शरमाते हुवे बोली कि 3-4 बार मारी है
और मुझे बहोत दर्द होता है प्लीज़ तुम जितनी चाहे चूत मारलो मैं मना नही करूँगी पर गान्ड मत मारो मैं भी ज़बरदस्ती से उनकी गान्ड नही चोदना चाहता था तो मैने कहा भाभी प्लीज़ एक बार करने दो अगर आपको ज़्यादा दर्द होगा तो नही करेंगे भाबी मेरे लिए एक बार मान जाओ तो भाभी ने हां कर दी अब मैने उनके चुतडो को थाम लिया और उनको फैलाते हुवे गान्ड के छेद को सहलाने लगा हल्के भूरे कलर का छेद काफ़ी सेक्सी लग रहा था
मैं लगता उसको सहला रहा था , मैं भाग के रसोई मे गया और एक कटोरी मे तेल लेके आया और उनकी गान्ड के छेद को बिल्कुल चिकना कर दिया मैने अपनी उंगली तेल मे भिगोइ और गान्ड मे डालने लगा जैसे ही थोड़ी से उंगली अंदर गयी तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गयी और वो बोली के प्यार से करो वरना मैं नही करने दूँगी मैने बहुत ही धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर को सरकाने लगा पर उनकी गान्ड बहुत ही ज़्यादा टाइट थी
और उपर से भाभी भी कुछ ज़्यादा ही नखरे दिखा रही थी जिस से काम थोड़ा मुश्किल हो रहा था मैं भाभी के नीचे एक तकिया लगाया अब उनकी गान्ड और भी उपर की ओर हो गयी थी अब मैने देर ना करते हुवे उनकी गान्ड मे उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया भाभी भी मस्ता रही थी वो
उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफ़फ्फु हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईइहिहीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ करने लगी थी मैने कहा भाभी मज़ा आ रहा है तो वो बोली ऐसे ही करते रहो बस ऐसे ही लगे रहो अब गान्ड थोड़ा खुलने लगी थी तेल की वजह से वो काफ़ी चिकनी हो गयी थी मैने देखा भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी और मस्ती भरी आहे भर रही थी
लगभग 10 मिनिट तक मैं उनकी गान्ड मे सिर्फ़ उंगली ही करता रह अब मुझसे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था अब मैने अपने लंड पे भी काफ़ी सारा तेल लगाया और उसको भी एकदम चिकना कर लिया था अब मेरे काला लंड किसी नाग की तरह लग रहा था पूरा लंड उपर से लेके जड़ तक एकदम चिकना हो चुका था मैने भाभी को तैयार होने के लिए कहा और अपने लंड को उनकी गान्ड के छेद पे रगड़ने लगा
भाभी पूरी तरह से गान्ड मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी उन्होने अपने हाथो को पीछे की ओर किया तो अपने चुतडो को फैला लिया जिस से उनकी गान्ड और भी उभर गयी और मैं पूरी मस्ती मे अपना लंड रगड़ने लगा भाभी की चिकनी गान्ड पे लंड फिराने से मेरे शरीर मे झुरजुरी दौड़ने लगी थी मैने अपनी कमर को हल्का सा झटका दिया और लंड का आधा सूपड़ा गान्ड मे घुसा दिया मैं भाभी को बहुत ही आराम से रगड़ना चाहता था
ताकि वो मेरा बिल्कुल विरोध ना करे भाबी के मूह से दर्द की आह निकल गयी अब मेरा पूरा सुपाडा अंदर जा चुका था उनकी गान्ड का छेद भी थोड़ा खुल गया था चूँकि गान्ड तेल लगाने से खुल गयी थी तो थोड़ी परेशानी कम हो गयी थी मैने धीरे धीरे लंड को अंदर करना शुरू किया तो भाभी ने अपने शरीर को सिकोड़ना शुरू कर्दिया जिस से गान्ड बहुत ही टाइट हो गयी थी
ऐसे मेरे लंड पे वो किसी छल्ले की तरह कस गयी थी मुझ उसका दबाव मेरे लंड पे सॉफ महसूस हो रहा था लग रहा था कि बस वो जल्दी ही झाड़ जाएगा मेरे लंड की नसे उभर आई थी मैने और धक्का मारते हुवे आधे से ज़्यादा लंड भाभी की गान्ड मे घुसा दिया था और हल्के हल्के घस्से मारने लगा था भाभी ने थोड़ा रुकने को कहा और सांस लेने लगी
मुझसे तो कंट्रोल ना हुआ और मैने पूरी ताक़त से एक जोरदार शॉट मारा और पूरा लंड गान्ड मे अंदर तक गुसेड दिया अनिता ज़ोर से चिल्लाई है माआआआआआआआआआआआआआआआ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ माअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर दिया रे पपीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह मीईईईईईईईईईईरीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई गाआआआआआआआआआअन्न्नआननननननननननननननननन्न्ँद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड फहाआद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड डीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
और उनकी आँखो मे आँसू आ गये . भाभी बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और छूटने की कोशिस कर रही थी मैने उन्हे अपनी मजबूत बाहों मे दबोच लिया और उनके गालो पे लुढ़क आए आँसू पीता हुआ बोला बस भाभी हो गया हो गया वो मुझ से छूटने के लिए तड़पने लगी पर मैने उन्हे नही छोड़ा और एक हाथ नीचे ले जाके उनकी गोलाईयो को सहलाने लगा
उनके निप्पल भी सहलाता जा रहा था जिस से उनको थोड़ी मस्ती आने लगी मैने उनके गालो को चूमना शुरू कर दिया काफ़ी देर बाद भाभी थोड़ी शांत हुवी अब मैने अपने लॅंड को धीरे धीरे गंद मे हिलने लगा भाभी आह अहह अफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
करने लगी मैं बहुत ही आराम से गान्ड मार रहा था ताकि उनको भी कोई परेशानी ना हो तभी मैने पूरा लंड एक झटके से बाहर निकाल लिया और ढेर सारा थूक गान्ड पे थूक दिया और फ़च से उसे फिर से अंदर घुसा दिया अब मैने देर ना करते हुवे धक्को की गति को बढ़ा दी और भाबी को भी मज़ा आने लगा था मेरे अंडकोष उनके चुतडो पे टकरा रहे थे
बहुत ही कामुक वातावरण हो गया था मैं दे दना दन गान्ड मारे जा रहा था और भाभी मस्ती से बिलबिला रही थी अब मैने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुवे अपने लंड को दुबारा से गान्ड मे डाल दिया और चुदाई करने लगा बीच बीच मे उनकी मोटी मोटी चूचियों भी भींच रहा था भाभी भी अपने चूतड़ मटका मटका के मेरे लंड का जोश बढ़ा रही थी
आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..
आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया
अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.
तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.
मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है
मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी
वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी
तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा
भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया
और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी
तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया . मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा
जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी
मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा
भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो
बताओ ना तो वो बोली हां मज़ा आया बहुत मज़ा आया जी करता है पूरी रात तुमसे अपनी चूत को चुस्वाती रही
और इस आनंद को बार बार प्राप्त करती रहू मैं हँसते हुए बोला तो किसने रोका है मैं अभी आपकी इस इच्छा को
पूरी कर देता हू
और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया एक बार फिर मेरी जीब का
जादू भाभी पे चलने लगा था भाबी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी मांसल जंघे मेरे चेहरे पे
लॉक की तरह कस दी मैने कभी नही सोचा था कि मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई मोड़ अचानक आएगा कहाँ तो कुछ दिन
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था
मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था तो भाभी अपनी कमर को उचका रही थी जैस ही मैं उनके दाने
को काट ता उनकी सिसकारी निकलती थी थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर मैने उनको 69 मे होने को कहा ताकि
मैं भी थोड़ा आनंद ले सकु मैने दुबारा चूत की फांको को अपने मुँह मे ले लिया
और उसी पल भाभी के होंठ
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था उनकी गीली जीब से मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रही
थी पर वो बहुत ही मजेदार पल थे भाभी लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट से भी ज़्यादा थी वो बहुत ही प्यार से मेरा लंड चूस रही थी .
साथ साथ लंड को अपने मुँह मे अंदर तक ले जाती थी बहुत ही मुश्किल है उन पलो का
वर्णन करना यहाँ पे बस कोशिश ही कर सकता हू अब अनिता ने पूरे जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया था
उनका थूक बाहर आकर गिर रहा था इधर मैं भी पूरे जोश से चूत का रस पी रहा था काफ़ी देर तक ऐसे ही
चलता रह अब मैं बस उनको चोदना चाहता था मैने उन्हे हटाया और नीचे लेट गया वो समझ गयी कि मैं क्या
चाहता हू और झट से आके मेरे लंड पे बैठ गई
गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी
चूत मे समा गया उनके और मेरे मुँह से एक साथ ही मस्ती की आह निकल गयी मैने हाथ बढ़ा के उनकी बालो की
चोटी को खोल दिया अब उनके बाल पूरे चेहरे पे फिसलने लगे जिस से उनकी खूबसरती और भी बढ़ गयी .
भाभी अपने मासल कुल्हो को उछालते हुए मेरे लंड पे कूद रही थी पच
पcउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुचह की आवाज़ उस घर्षण से आ रही थी मैं अपना
हाथ पीछे करते हुए उनकी गान्ड पे फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड मे डाल दी अब अनिता ने अपने चुतडो को
भींच लिया जिस से उनका मज़ा और भी दुगना हो गया अब वो थोड़ा धीरे धीरे उपर नीचे हो रही थी उन्होने
मुझे गान्ड मे ज़ोर ज़ोर से उंगली करने को कहा और मैं वैसा ही करने लगा
हम दोनो संभोग की नयी इबारत
लिखने मे जी जान से लगे हुए थे 15 मिनिट तक मैने उन्हे अपने लंड पे बिठाए रखा अब भाभी की स्पीड और
भी स्लो होने लगी थी क्यों कि वो शायद थोड़ी थकान महसूस कर रही थी मैं ये बात समझते हुए उनको उठाया
और फरश पे खड़ी कर दिया और थोड़ा झुकते हुए एक पैर को पलंग पे रख दिया इस तरह वो आधी घोड़ी
बन गई थी मैने थोड़ा थूक लंड पे लगाया और चूत मे घुसा दिया
अनिता ने खुद को पीछे की ओर झुका लिया
मैं बहुत ही तेज़ी से उनको चोद रहा था मेरे हाथ उनकी छातियो को मसल रहे थे उन्होने अपने मुँह को थोड़ा सा
टेढ़ा किया और अपनी जीब मेरे मुँह मे डाल दी सच बताऊ उस चुदाई को आज तक नही भूला हू अनिता अपनी गान्ड
को हिला हिला के चुद रही थी
काफ़ी देर चुदाई चलती रही तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने अपने
लंड को चूत से निकाला और भाभी के मुँह मे दे दिया भाभी फुर्ती से चुसाइ करने लगी फिर वो पल भी आया जब
मैने अपना गरमा गरम पानी उनके हलक मे उतार दिया भाभी बहुत ही मज़े से मेरा वीर्य पी रही थी मेरे हाथ
उनके चेहरे पे कसे हुए थे वो बहुत ही मज़े से आखरी बूँद तक निचोड़ने मे लगी हुवी थी
मेरा पूरा बदन कांप रहा था लग रहा था जैसे टाँगो की सारी शक्ति ख़तम हो गयी थी मैं बुरी तरह से थक के चूर हो
गया था भाबी तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक वो पूरा सिकुड ना गया उनके और मेरे चेहरे पे एक अजीब सा
भाव था जिसे केवल हम दोनो ही समझ सकते थे
दो बार की चुदाई के बाद मुझे थकान होने लगी थी पिछली रात भी पूरी नींद नही ली थी कुछ ऐसा ही हाल
भाभी का भी ता. आँखो मे खुमारी चढ़ ती ही जा रही थी मैने उन्हे अपने आगोश मे लिया और उनकी बाँहो मे सो
गया .बहुत ही प्यारी नींद आई उस रात को सुबह मैं जल्दी ही उठ गया क्यों कि गाव मे लोग थोड़ा जल्दी जाग जाते है
मैं आँगन मे आया तो देखा कि अभी उजाला नही हुवा था हल्का सा अंधेरा सा था मैने पानी भरा और
मुँह धोने लगा तभी मुझे भाभी का ध्यान आया मैने सोचा कि शायद वो रसोई मे होंगी चाइ वग़ैरा बना रही
होंगी पर वहाँ नही थी मैने उन्हे घर मे ढूँढा पर वो घर मे थी ही नही मैने मैन गेट की ओर चेक
किया तो वो बाहर से बंद था टाइम देखा तो 5 :15 ही हुए थे मैं हैरान परेशान हो गया कि हमारी भाभी
जान कहाँ गायब हो गयी
खैर मैं बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होने लगा जब मैं वापिस आया तो भी भाभी
का कोई आता-पता नही था फिर पोने 6 बजे दरवाजा खुला और वो अंदर आई उनके हाथ मे दूध की बाल्टी थी
उन्होने बताया कि वो बाडे चली गयी थी पशुओ को चारा खिलाने और दूध भी निकालना था और वो मुझे सुबह
सुबह उठाना नही चाहता थी इसलिए वो अकेले ही चली गयी थी वो बोली तुम बैठो मैं चाइ बनती हू पर
मैने कहा मेरा मूड तो दूध पीने का है और उनकी चूची को मसल दिया तो भाभी बोली कि सुबह सुबह चालू
हो गये
मुझे पता था कि ये अब लास्ट चुदाई होगी क्यों कि आज भाभी के सास-ससुर वापिस आने वाले थे तो फिर मोका मिलना बहुत ही मुश्किल था लगभग नामुमकिन सा ही मुझे और फिर दिन भी होने वाला था मैने देर ना करते हुए उनके ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू किया और ब्रा को थोड़ा उपर करके उनके बोबो को अपनी मुठ्ठी मे भरने लगा भाभी बोली तो फिर जल्दी से कर्लो अभी टाइम नही है
मैं लगातार उनके बोबो को भींच रहा था दो दिन मे ही उनकी चूचिया काफ़ी हद तक फूल गयी थी और बहुत ही कामुक लग रही थी मैने उनका ब्लाउज ऑर ब्रा को उतार दिया और उनका एक निप्पल को चूसने लगा भाभी ने मेरे चेहरे को अपनी छातियों मे धसा लिया और उन्हे मेरे मुँह मे देने लगी क्या बताऊ भाभी बिल्कुल मेरे जैसे ही थी बहुत ही कामुक प्रवर्ती की पर उन्हे देखके कोई नही कह सकता था की दिन मे इतनी संस्कारी रहने वाली औरत बिस्तर पे इतनी हॉट भी हो सकती थी मैं बारी बारी दोनो चूचियों का नंबर लगाते हुए उनमे से दूध निकालने की कोशिश कर रहा था भाभी भी उत्तेजना से भरती जा रही थी उन्होने मेरे पयज़ामे को थोड़ा नीचे सरकाया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और हिलाने लगी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिला रही थी ताकि मैं ऐसे ही झाड़ जाउ पर मैने उन्हे रोका और उनकी साड़ी को उतारने के लिए पकड़ा तो
उन्होने कहा अभी कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर्लो मैं उनकी बात मान गया और बस साड़ी को उपर उठाया और कछि को खींच लिया अब मैं उनकी साड़ी मे घुस गया और उनकी जाँघ को चूमने लगा भाभी की जांघे बहुत ही ठोस थी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पे रखे और उनको अपने मुँह की ओर खीचा और चूत को मुँह मे भर लिया उनकी चूत बहुत ही छोटी साइज़ की थी जैसे किसी बच्ची की चूत हो मैं उन्हे बोला कि जान आपकी चूत का रस बहुत ही अच्छा है तो वो ये सुनके खुश हो गयी औरत हर हालत मे अपनी तारीफ ही सुन ना चाहती है भाबी ने मुझे जल्दी जल्दी चाटने को कहा थोड़ी देर चाट ता रहा चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी और उसकी काँपति फांके मुझे लंड घुसाने का निमंत्रण दे रही थी मैने भाबी को उठा के खाट पे पटक दिया और उनपे छाता चला गया लंड चूत के दरवाजे पे टिक चुका था मैने हल्का सा झटका दिया और मेरा घोड़ा चिकनी सुरंग की सैर करने लगा
भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर पे लपेट दी और चुदाई का मज़ा लेने लगी मैं उन्हे भोग रहा था वो मेरे प्रति पूरी तरह से समर्पित हो गयी थी हम दो एक दूसरे के जोश को तोल्ते हुए अपने जिस्मो की भूख मिटा रहे थे भाभी नीचे से गान्ड उठा उठा के अपनी चुदाई करवा रही थी अब मैने उनकी चूची को पीना शुरू कर दिया जिस से वो और भी रोमांचित हो गयी और पूरे जोश से चुदने लगी कमरे मे हमारी साँसे और धप धप की आवाज़ ही गूँज रही थी अब मैने भाभी को खाट से उठाया और कमरे मे रखी मेज पे बिठा दिया और उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और ताबड तोड़ चुदाई करने लगा
अनिता बोली जल्दी करो जल्दी करो दिन निकल आया है तुम्हारी मम्मी आ सकती है मैने दे दना दन धक्के मारने शुरू कर दिए मेरी साँस बुरी तरह से फूल रही थी फिर वो पल भी आया और मैने अपना पानी छोड़ दिया और उनके उपर ही लुढ़क गया कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं उठा और अपना लंड भाभी के होंटो पे रगड़ते हुए उन्हे सॉफ करने को बोला भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और फटा फट चाटने लगी कोई 5 मिनिट तक
मैने लंड को उनके मुँह मे ही रखा फिर उन्होने उसे निकाला हमने अपने अपने कपड़े सही किए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे मैने उन्हे कहा कि घर जा रहा हू और वो भी मेरे पिछे पिछे गेट तक आई मैने फिर एक जोरदार चुंबन लिया और बाइ कहतेः हुए घर की ओर चल दिया ना जाने क्यों आज सुबह बहुत ही प्यारी लग रही थी
घर पहुच कर मैं नाहया धोया नाश्ता किया और कॉलेज की ओर चल दिया आज मैं बिना साइकल के ही जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था गाना गाने को मन कर रहा था कॉलेज मे कुछ खास पढ़ाई होती नही थी बस एग्ज़ॅम का वेट था और 11थ क्लास को कोई सीरीयस लेता भी नही था
दोपहर को मैं घर आया कपड़े वग़ैरा चेंज किए फिर सोचने लगा कि भाभी के घर का राउंड मार आउ क्या पता अगर वो अकेली हो तो एक ट्रिप का जुगाड़ हो जाए मैं जाने का सोच ही रहा था कि मेरी चाची ने कटोरी मे परसाद लेके मुझे दिया और बताया कि रवि के ममी-पापा थोड़ी देर पहले ही आए है
ये सुनके मेरा मूड बहुत ऑफ हो गया पर मैने बाहर से कुछ शो नही किया और परसाद खाने लगा फिर चाची बोली कि प्लॉट मे लकड़ी कम हो गयी है तुम कुछ दोस्तो को साथ ले जाओ और जंगल से थोड़ा ईंधन काट लाओ मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया एक तो साला भाभी से मिलने की टेन्षन थी और ये घरवाले भी जब देखो मुझे ही पेलते रहते थे
घर का बड़ा बेटा होना भी एक गुनाह से कम नही होता है खैर जाना तो था ही एक-दो दोस्तो को पूछा पर कोई भी तैयार ना हुआ सब एग्ज़ॅम की तैयारी का बहाना कर के टरक लिए. अपनी साइकल उठाकर मैं जंगल की ओर चल पड़ा जंगल गाँव से कोई 2-3 किमी दूर था पर ग्रामीण वातावरण के कारण पास ही लगता था और कोई डर वाली बात भी नही थी
क्यों कि कोई ना कोई ईंधन लेने के लिए वहाँ जाता ही रहता था रास्ते मे मुझे हमारे ही मोहल्ले की एक लड़की जिसका नाम प्रीतम था वो मिल गयी उसने मुझसे पूछा कि ईंधन लेने जा रहे हो तो मैने हाँ कहा ,मैने पूछा तुम अकेली क्यो जा रही हो तो वो बोली उसकी मा वहाँ पहले से ही लकड़िया काट रही है और वो उसकी मदद के लिए जा रही है तो मैने उनसे अपनी साइकल पे बिठा लिया और हम जंगल की ओर चल पड़े
अब मैं आपको पहले प्रीतम के बारे मे थोड़ा बता दूं उसकी उमर कोई 20-21 होगी, पर वो बहुत ही मोटी थी मोटी से मतलब थुलथुल नही थी बल्कि उसकी चूची और गान्ड तो कई आन्टियो से भी बड़ी थी पढ़ाई उसने कई साल पहले ही छोड़ दी थी घर मे उसकी बूढ़ी मा और एक भाई ही था मैं ज़्यादा उसके बारे मे नही जानता था क्यों कि उनका घर हमारे घर से काफ़ी दूर था
हाँ उनका पशुओ का बाडा हमारे प्लॉट के पास था पर उस से इतना कुछ लेना देना कभी हुवा नही था पर सुना था कि वो थोड़ा चालू टाइप थी और घर से भी दो बार भाग चुकी थी खैर हम जंगल पहुच ने ही वाले थे वो मुझसे बाते करने की कोशिश कर रही थी पर उस टाइम मेरा ध्यान तो भाभी के बारे मे लगा हुआ था ऐसे ही हम जंगल मे पहुच गये मैने सावधानी से अपनी साइकल एक ओर खड़ी कर दी ताकि पंक्चर ना हो जाय
फिर हम पैदल ही अंदर की ओर चल पड़े थोड़ी देर के बाद मुझे उसकी मा मिल गयी मैने उन्हे नमस्ते किया और अपने लिए लकड़ी काटने लगा शाम तेज़ी से घिरती जा रही थी और मैं बहुत ही सुस्ती से लकड़ी काट रहा था तो प्रीतम की मा जिसने अपने लिए बहुत सी लकड़िया जमा करली थी उसने मुझे अपने ढेर मे से कुछ लकड़िया लेने के लिए कहा पर मैने मना कर दिया तो वो बोली बेटा अंधेरा होने वाला है तुम एक काम करो मेरी वाली लकड़ियों को मेरे सर पे रखवा दो और प्रीतम तुम्हारी मदद कर देगी और यह भी थोड़ी और लकड़ी काट लेगी
फिर तुम दोनो साइकल पे अपना गठ्ठर रख के साथ साथ ही आ जाना और ज़्यादा देर मत लगाना अंधेरा घना होने से पहले ही वापिस आ जाना कहीं कोई जानवर ना मिल जाए और वो हमे छोड़ कर घर की ओर चल पड़ी अब मैं तेज़ी से कुल्हाड़ी चलाने लगा और वो लकड़ियों को जमा करने लगी आधे घंटे मे हम ने ठीकठाक ईंधन का जुगाड़ कर लिया अब बस घर चलने की तैयारी थी तभी प्रीतम मुझे बोली तू आगे चल मैं आती हू तो मैने मना करते हुए कहा नही मेरे साथ ही चल तो वो बोली अच्छा तू यही रुक मैं अभी आती हू मैं रोकता रहा और वो पास की झाड़ियों की ओर चल पड़ी झाड़ियाँ थोड़ी कम घनी थी कुछ सॉफ सॉफ तो नही दिख रहा था पर पास होने के कारण मैने देखा कि उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे बैठ गयी
सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुउुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ सी आ रही थी तो मैं समझ गया कि वो मूतने के लिए गयी थी थोड़ी देर बाद वो वापिस आ गई और बोली क्या देख रहा था मैने सकपकाते हुए कहा कुछ नही तो वो बोली पहले किसी को मुतते नही देखा क्या तो मेरे मुँह से कुछ आवाज़ ना निकली फिर हम पैदल पैदल ही घर की ओर चल पड़े क्यों कि साइकल पे लकड़ी का गठ्ठऱ रखा हुवा था वो लगा तार मुझसे बात करती जा रही तो मैं भी उस से खुलने लगा
ऐसे ही हम प्लॉट पे पहुच गये मैने अपनी लकड़िया वहाँ रखी और उसको कहा कि मैं तुम्हारी वाली तुम्हारे बाडे मे रख देता हू और उसका गठ्ठर उठा लिया वो अपनी मस्त गान्ड को मटकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी उनका बाडा ज़्यादा बड़ा नही था 2 कमरे थे चारे के लिए और कुछ टीनशेड्स थी जहाँ वो अपने पशु बाँधते थे लकड़िया एक कोने मे रखने के बाद वो बोली खेली पे हाथ-मुँह धो लो और वो भी अपना मुँह धोने लगी
हम पास पास ही खड़े थे अचानक से मेरा पैर फिसला और मैने उसकी चूची पे हाथ रख दिया गिरने से बचने के लिए आक्च्युयली मैं उसका कंधा पकड़ना चाहता था पर हाथ मे चूची आ गयी ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसका भी बॅलेन्स बिगड़ गया और हम दोनो गिर गये मैं उसके उपर वो मेरे नीचे थी उसकी चूचिया मेरे सीने मे चुभ रही थी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसके होटो का चुंबन ले लिया
अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि ये क्या कर दिया मैं उठा और सीधा घर की ओर भागने लगा वो पिछे से चिल्लाने लगी रुक रुक पर मैं तो सीधा घर आके ही रुका अब मेरी गान्ड फॅट रही थी कि अगर उसने अपने घरवालो को बता दिया तो गान्ड तुड़ाई पक्की है मेरी तो हालत टाइट हो गयी थी टेन्षन इतनी हो गयी थी किक्या बताऊ भूक प्यास सब खो गयी ना जाने कब आँख लग गयी सुबह उठा आज सनडे था तो पापा भी घर पे ही थे जिस से मेरा डर और बढ़ गया था
अब करू तो क्यँ करू पापा बोले उठ गया तो जा प्लॉट मे भैंसो को नहला आ और टॅंक मे पानी भी भर आइयो अब उनका घर रास्ते मे पड़ता था और साली प्राब्लम , पापा को मना करूँ तो वैसे दिक्कत सो चल दिया मैं नॉर्मल रहने की कोशिश कर रहा था पर गान्ड तो फॅट ही रही थी खैर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ नही हुआ था उसने किसी को नही बताया था
प्लॉट मे मुझे लगभग 2 घंटे हो गये थे तभी दरवाजा पर दस्तक हुई तो मैने खोला गेट पे प्रीतम ही खड़ी थी मैं उसे देखके घबरा गया तो वो बोली कि पानी की मोटर लेने के लिए आई है मैने कहा अंदर कमरे से ले लो उस वक़्त हम दोनो ही थे तो मैने सॉरी बोलने का सोचा और उसके पीछे कमरे मे आ गया मैने उसे कल शाम की घटना के लिया माफी माँगी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि कोई बात नही तुमने जान बूझ के थोड़ी किया था ग़लती से हो गया होगे और मेरी ओर गोर से देखते हुए वापिस जाने लगी
पता नही मेरे मुँह से अचानक से निकल गया कि प्रीतम अगर जान बूझ के होता तो वो एकदम से पलटी और बोली कि तो भी वो मुझसे कुछ नही कहती और अपनी गान्ड मट काति हुई चली गयी मेरे दिमाग़ मे खुराफात होने लगी कि क्या पता ये पटने के लिए तैयार है कोशिश करके देखता हू और मैं उसकी चुदाई की सपने देखने लगा
प्लॉट का काम करके मैं सीधा भाभी के घर की ओर चल दिया मैं उन्हे देखने के लिए मरा जा रहा थॉ वहाँ गया तो पता चला कि रवि भी वापिस आ गया है मैं रवि के साथ खाना खाने लगा भाभी हमें खाना परोस रही थी बातों बातों मे रवि ने बताया कि उसे नीमराना मे किसी कंपनी मे जॉब मिल गयी है सॅलरी भी बहुत अच्छी है और वो वहाँ शिफ्ट हो रहा है उसने रेंट पे घर ले लिया है और अनिता भी उसके साथ ही जाएगी मेरी तो साँस ही अटक गई
ये साली एक और नयी मुसीबत आ गयी थी पर मैं क्या कर सकता था 4-5 दिन मे रवि और भाभी चले गये रवि मुझे कुछ दिनो के लिए वहाँ ले जाना चाहता था पर एग्ज़ॅम डेट आ गयी थी तो मेरा जाना कॅन्सल हो गया एक तो पेपर और उपर से भाभी भी नही थी ज़िंदगी जैसे झंड हो गयी थी मैं भाभी की याद मे झुलस रहा था उन्होनी मुझे चूत का ऐसा पानी पिलाया कि हर औरत मे मुझे बस चूत ही चूत दिखने लगी थी मेरा ध्यान प्रीतम की ओर था
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पर एक तो उसका घर दूर और कोई सीधा कॉंटॅक्ट भी नही था हाँ कभी कभार रास्ते मे देख लिया करता था और वो भी मुझे देख कर एक दिलकश स्माइल देते रहती थी दिन इसी तरह गुजर रहे थे आधे पेपर भी हो चुके थे अचानक एक मस्त घटना हुई मोहल्ले मे एक लड़की की शादी थी तो हम सब वहाँ पे काम वग़ैरा करवा रहे थे प्रीतम उस लड़की की खास सहेली थी तो वो भी वहाँ पे थी मुझे पता था कि वो पूरी रात वही पे रहेगी क्या पता आज उसको चोदने का जुगाड़ हो जाए
गुलाबी कलर के सूट मे वो बहुत ही हॉट लग रही थी मैने पूरा निश्चय किया कि जो करना है आज ही करना है मैने देखा कि वो कुछ प्लेट उठा के टेंट के पीछे की तरफ जा रही है लोगो से बचते बचाते मैं भी वहाँ पहुच गया और उसका हाथ पकड़ लिया
वो बोली छोड़ो मुझे तो मैने उसके करीब आते हुए कहा कि छोड़ने के लिए नही पकड़ा है और उसको अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठो को चूम लिया वो फॉरन वहाँ से भाग गयी वो भी वहाँ पर काम करवा रही थी और मैं भी हमारी आँखे बार बार टकरा रही थी
एक तो शादी का महॉल और उपर से नैन मटक्का कुल मिला कर काम एक दम मस्त साथ था तभी ताइजी ने प्रीतम को बुलाया और मेरी ओर इशारा करते हुए कहा कि उंसके साथ जाओ ऑर उपर चॉबारे से कुछ बिस्तर नीचे लाके बिछा दो ताकि बाद मे अफ़रा तफ़री ना मचे और हम चल पड़े
चॉबारे मे देखा तो पूरा बिस्तरॉ का ढेर लगा पड़ा था अगर कोई छुप भी जाय तोकिसी को पता ना चले मैने गेट को हल्का सा बंद किया और प्रीतम को दीवार के सहारे चिपकाते हुए उसके गुलगी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा 2 मिनिट तक चूसने के बाद वो मुझसे दूर होते हुए बोली कि क्या है क्यों मेरे पीछे पड़े हो
तो मैने उसको अपनी बहो मे भरते हुए कहा कि क्या तुम्हे नही पता और दुबारा से किस करने लगा अबकी बार उसने कोई विरोध नही किया वो भी मेरी ओर आकर्षित थी मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी तो मैने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया
तो वो बोली प्लीज़ अभी नही किसी ने देख लिया तो मेरे लिए प्राब्लम हो जाएगी तो मैने उस से वादा लिया रात को मिलने का तो वो बोली कि देखे गी और हम बिस्तर लेके नीचे आ गये इस बीच और कुछ ना हुआ बस ऐसे ही आँख-मिचोली चलती रही शादी की गहमा गहमी थी इसलिए कोई किसी को ज़्यादा सीरीयस भी नही ले रहा था इसी तरह रात का 1 बज गया था फेरे चल ही रहे थे प्रीतम के भाई ने कुछ ज़्यादा ही ड्रिंक कर ली थी और वो थोड़ा बेसूध सा हो गया था हमे डर था कि कही वो किसी से पंगा ना कर्दे शादी का महॉल थोड़ा खराब हो चुका था प्रीतम भी उसको देख के थोड़ा टेन्स हो गयी थी उसने मुझसे कहा कि मैं उसके भाई को घर छोड़ आउ पर वो साला मान ही नही रहा था तो मैने उसको थोड़ी और पिलाई अब उसकी हालत और खराब हो गयी थी पर अच्छी बात थी कि वो लगभग बेहोशी की ओर बढ़ रहा था मैने उसको लिया और उसके घर छोड़ने के लिए ले जाने लगा
वहाँ पे जाके देखा तो दरवाजे पे ताला लगा हैं तो मैने उसको वही पे बिठाया और चाभी के लिए वापिस जाने लगा तो देखा प्रीतम दौड़ते हुए आ रही थी उसने जल्दी से ताला खोला और उसको बिस्तर पे लिटा दिया और वही पे बैठ गया थोड़ी ही देर मे वो गहरी नींद मे पहुच गया मैं उठा और दरवाजे को बाहर से कुण्डी लगा दी
अब बस वहाँ पे मैं और प्रीतम ही थे उसकी मा तो शादी मे थी और हमारे गाँव मे रिवाज़ है कि जबतक दुल्हन विदा ना हो जाए बुजुर्ग औरते वही पे रहती हैं अचानक ही मुझे मोका मिल गया था मैने उनका मेन गेट भी बंद कर दिया और उसको अपनी बाहों मे भर लिया वो मना कर रही थी पर मैने उसको चुप रहने का इशारा किया और उसको पकड़ के साइड वाले कमरे मे ले आया हम दोनो एक दूसरे की तरफ देख रहे थे मुझे तो उसे हर हाल मे चोदना था और आज तो दस्तूर भी था
मैने उसको बेड पे लिटा दिया और उसके चेहरे को चूमने लगा उसक्के लाल लाल होन्ट मेरे होंटो मे समाए हुए थे और मैं उसकी चूचिया भी मसलने लग गया था अब मैने उसके सूट को उपर किया और निकाल दिया वो बोली कपड़े मत निकालो तो मैं बोला कि डरो मत कुछ नही होगा उसने अंदर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसपे 36 का टॅग लगा था जिस से मैने आइडिया लगा कि उसकी बूब्स का साइज़ ये है मैने ब्रा के उपर से ही उनको चूमना शुरू कर दिया था
प्रीतम थोड़ी मोटी थी पर काफ़ी थी हॉट माल अब उसकी ब्रा फर्श पे पड़ी थी उसके उभार मेरे हाथो मे थे वो लेटे लेटे सिस कारियाँ भर रही थी और मैं उसका स्तन पान करता जा रहा था मुझे बहोत मज़ा आ रहा था मैं बारी बारी से उसके निप्पल चूस रहा था अब मेरा हाथ उसकी सलवार के नाडे पे पहुच चुका था बहुत ही प्यार से उसका नाडा खोलते हुए उसकी सलवार को भी उतार दिया
प्रीतम बिल्कुल भी नही शर्मा रही थी काले कलर की छोटी इस पेंटी मे वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लग रही थी उसके आधे से ज़्यादा चूतड़ कछि से बाहर आ रहे थे मैने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया वो मेरे लंड को देखते हुए बोली ये क्या है ये तो मेरी चीर-फाड़ कर देगा मैने अपना लंड उसके हाथ मे दे दिया वो उसे सहलाने लगी और मैने उसकी पेंटी को उसके जिस्म से अलग कर दिया
हम दोनो पूर्ण रूप से निर्वस्त्र अवस्था मे बेड पे लेटे हुए थे हालाँकि थोड़ी सर्दी थी पर उस टाइम तो हम काफ़ी गरम थे मैं उसके पूरे शरीर को चूम रहा था उपर से लेके नीचे तक प्रीतम बोली जो करना है जल्दी करो कही उसका भाई उठ गया तो प्राब्लम हो जाए गी मैने उसकी बात को मानते हुए उसकी टाँगो तो फैला दिया अब उसकी चूत मेरे आँखो के सामने थी ब्रेड की तरह फूली हुवी चूत जिसपे एक भी बाल नही था
पर उसकी फांके भाभी की चूत की तरह से गुलाबी ना होके काली थी मैने उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया और चाट ने लगा प्रीतम की चूत थोड़ी खुली खुली लग रही थी शायद वो कई लोगो से चुदवा चुकी थी पर उस टाइम यह सोचने का वक़्त नही था मेरी पूरी जीब उसकी चूत का मज़ा ले रही थी और वो हल्के हल्के सिसकारिया ले रही थी उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओमम्म्मममममममममममममममममममममममममममाआआआआआआआआआआआआआआआअ माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ झ्झीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ मैं तो मर गई मेरी
प्रीतम अपनी छातियों को खुद ही भींच रही थी और अब उसकी गान्ड भी हिलनी शुरू हो गयी थी उसने इस से पहले कभी अपनी चूत नही चटवाई थी इसलिए उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था 5 मिनिट मे ही उसने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल सी हो गयी मैने उसके होंटो को चूमा और अपना लंड चूसने को कहा पहले तो वो मना करती रही फिर मैने कहा एक बार ट्राइ तो कर ले तो उसने मेरे लंड को पकड़ा और धीरे से अपने मुँह मे ले लिया और उसे चूसने लगी वो बिना किसी जल्दी के आराम से चूसने लगी ये उसका पहला अनुभव था इस लिए वो थोड़ा अजीब सा फील कर रही थी अब उसकी पूरी जीब मेरे लंड पे घूम रही थी
मैने अपना लंड निकाला और मैं बेड पे लेट गया अब वो झुक कर लंड पे अपने मुँह का जादू चलाने लगी और मैं पीछे से उसकी चूत मे उंगली करना चालू कर दिया था उसने अपनी टाँगो को कस लिया जिस से उसे और भी मज़ा आने लगा था 15 मिनिट तक वो मेरा लंड चूस्ति रही फिर मैं उठा और उसको लिटाया और अपने लंड को चूत के छेद पे रख दिया उसकी चूत किसी गरम भट्टी की तरह तप रही थी और बहुत ही गीली हो रही थी मैं अपना लंड वहाँ रगड़ने लगा वो मोन करने लगी मैं जान बुझ कर उसे तड़फ़ड़ा जा रहा था आख़िर उसने खुद मेरे लंड को पकड़ा और चूत मे घुसने का आमंत्रण दिया
पहले ही धक्के मे सुपाडा उसकी फांको को चोडा करते हुए अंदर घुस गया था उसकी चीख निकलगई वो बोली अहह क्क्या कर रहे हो म्म्म्म मममममममममाअओरो गई क्या अब मेरा आधा लंड अंदर घुस गया था उसकी चूत का छेद चौड़ा हो गया मैने एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत को चीरते हुए उसमे समा गया था वो थोड़ा असहज महसूस रही थी मैं लगातार उसके गालो को चूम रहा था
अब मैने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था उसने अपनी टाँगो को खूब चौड़ा कर दिया हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़े हुए थे मैं लंड को चूत के बाहर तक खींचता और झटके से अंदर घुसा देता तो वो चिहुन्क जाती थी मेरे अंडकोष उसकी जाँघो से टकरा रहे अब वो भी पूरी आज़ादी से अपनी चूत मरवा रही थी और नीचे से गान्ड को उचका रही थी काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही प्रीतम को चोद्ता रहा फिर उसने अपने बदन को भींच लिया और झड़ने लगी चूत मे जैसे बाढ़ आ गयी थी
मेरा भी होने वाला था मैने 15-20 झटके और मारे और जैसे ही पानी निकलने को आया मैने लंड को निकाला और उसके पेट पे सारा पानी गिरा दिया वो बोली ये क्याकिया मैने फॉरन उसके निचले होंठ को चूसना शुरू किया और ऐसे ही लेट गया काफ़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे मैं एक बार और करना चाहता था पर उसने मना किया अब मैने कपड़े पहने थोड़ा पानी पिया और शादी की तरफ चल पड़ा प्रीतम अपने घर पे ही रह गयी थी मैं वहाँ गया और प्रीतम की माँ को बता या कि उसके भाई ने ज़्यादा ड्रिंक करली थी और प्रीतम घर पे ही रुक गयी है उसे संभालने के लिए और वही कुर्सी पे बैठ गया ……
मैं बैठे बैठे सोचने लगा कि कैसे 15-20 दिन मे ही मेरी ज़िंदगी कितनी बदल गयी थी कहाँ तो मैं ऐसे ही टाइम पास करते भटकता रहता था और अब दो-दो मालो को रगड़ चुका था सुबह 6 बजे तक शादी का सारा काम समाप्त हो गया था और मैं अपने घर आ गया था पूरी रात जागने के कारण बहुत ही नींद भी आ रही थी तो मैं फटकार के सो गया चार बजे शाम को मैं उठा हाथ मुँह धोया थोड़ा कुछ खाया पिया तभी चाची ने कहा कि मम्मी प्लॉट मे गयी है मैं वहाँ जाके उनकी मदद कर दूं मैने कहा आप क्यों नही चली जाती तो वो बोली कि घर का काम भी तो करना ज़रूरी है थोड़ी देर मे मैं प्लॉट मे था मैने थोड़ी देर वहाँ काम किया और तफ़री मारने के लिए निकल पड़ा रास्ते मे मेरी नज़रे प्रीतम को ढूँढ रही थी पर वो ना मिली खैर शाम हुई और मैं घर की ओर चल पड़ा कुछ करने को था नही तो मैं टीवी देखने लगा और फिर सो गया
अगले दिन मैं प्लॉट मे नहा रहा था तो प्रीतम वहाँ पे आई वो फिर पानी की मोटर लेने के लिए आई थी मैं खाली एक छोटी सी फ्रेंची मे ही था वो भी सफेद कलर की और पूरी गीली होने के कारण मेरा लंड उसमे से सॉफ नज़र आ रहा था. वो बड़ी गोर से उसे देखने लगी फिर वो बोली मोटर चाहिए थी मैने उसे अंदर से लेने को कहा और भाग कर प्लॉट का दरवाजा बंद कर दिया और भाग के कमरे मे गया और उसको पकड़ लिया वो छूटने की कोशिश करने लगी और छिटक के दूर हो गयी और बोली अभी नही मेरी मा बाडे मे हैं मैं मोका देख के बताउन्गि पर फिर भी मैने चुम्मी तो ले ही ली और उसे जाते हुए देखता रहा.नीचे साला लंड फड़फडा रहा था एक बार तो आया कि मुट्ठी मार लू पर फिर खुद को कंट्रोल किया और कपड़े पहन ने लगा 2-3 दिन ऐसे ही गुजर गये मैं कामवासना मे जल रहा था प्रीतम से आँख-मिचोली तो हुई पर बात बन नही रही थी
कुछ सोच विचार करने के बाद मैने प्रीतम को एक लेटर लिखा कि मुझे वो बहुत ही अच्छी लगती है हर पल मैं उसके ही बारे मे सोचता रहता हू
और उस से मिलने के लिए तड़प रहा हू उस रात जो हमारा मिलन हुआ वो अभी तक मेरे शरीर मे महसूस होता हैं ऐसे ही मैने कई मीठी मीठी
बाते लिखी और लिखा कि मैं जल्दी से जल्दी उस से मिलना चाहता था मैने अपनी चिठ्ठी उस को दे दी थी अब बस इंतजार था उसके जबाब का
अगले दिन वो मिली और एक काग़ज़ का टुकड़ा पकड़ा के फॉरन ही चली गयी थी मैने जल्दी से पढ़ा तो लिखा था शनिवार शाम जंगल मे. मेरे चेहरे
पे एक गहरी मुस्कान छा गयी अब इंतज़ार था शनिवार का मेरे मन मे एक विचार आया कि क्यों ना प्रीतम को एक गिफ्ट दूं मैने मम्मी से 500 रुपये
माँगे पहले तो उन्होने मना कर दिया पर फिर दे ही दिए 200 रुपये का जुगाड़ मैने चाची से कर लिया और प्रीतम के लिए एक जोड़ी पायल खरीद ली
जैसे तैसे दिन निकले और शनिवार आया आज मैं बहुत ही उत्साहित हो रहा था शाम को 5 बजे के लगभग मैं जंगल की ओर चल पड़ा
मैं काफ़ी देर उसका इंतज़ार करता रहा तब जाके वो आई मैने उसका हाथ पकड़ा और जंगल मे गहराई की ओर चल पड़े मैं कोई ऐसी जगह ढूढ़ रहा था
जहाँ अगर कोई आ भी जाए तो हमें ना देख सके लगभग 10 मिनिट बाद हम काफ़ी घने पेड़ो के अंदर पहुच गये थे प्रीतम मेरे सीने से लग गयी थी
उसकी छातिया किसी ढोँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी
मैं उसकी पीठ को सहला रहा था इस टाइम हमारी फीलिंग्स सेक्स की ना होकर थोड़ी रूमानी हो गयी थी तभी प्रीतम बोली कि जो भी करना हैं तुम
जल्दी से कर लो मेरे पास ज़्यादा वक़्त नही है हालाँकि मैं इतने दिनो से उसकी चूत मारने को बेताब था पर ना जान मुझे क्या हो गया था मैं बस चाहता
था कि वो मेरे पास ही रहे मेरी बाहों मे मोके की नज़ाकत को समझते हुए मैने उसको अपनी बाहों मे भर लिया और उसके हल्के गुलाबी होंटो को चूमने लगा
प्रीतम भी थोड़ी उतावली हो रही थी वो भी मेरा सहयोग करने लगी उसको चूमते चूमते अब मैने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी हम दोनो की जीब
एक दूसरे से टकरा रही थी और हम बहुत ही मज़े से किस कर रहे थे हमारे मुँह मे काफ़ी थूक इकठ्ठा हो गया था बस एक दूसरे को चूमे ही जा रहे थे हमारी
साँस उखड़ने लगी थी फिर भी हम ऐसे लगे थे जैसे ये हमारा लास्ट चुंबन हो
आख़िर प्रीतम ने किस तोड़ी और हाँफने लगी अब मैने उसकी सलवार के नाडे पर हाथ रखा और एक ही झटके से उसको ढीला कर दिया सलवार उसकी
टाँगो मे नीचे को गिर गयी मैं अब एक हाथ से उसके गान्ड को कछि के उपर से दबाने लगा प्रीतम भी कामुक हो रही थी और दूसर हाथ उसकी चूत पे
रख के उसको मसल्ने लगा कच्छि के उपर से ही पता चल रहा था कि चूत से पानी बह रहा है
कुछ ही देर मे उसकी कच्छि भी नीचे पड़ी थी मैने एक उंगली अंदर डाली और रगड़ने लगा प्रीतम ने भी मेरे लंड को पेंट के उपर से ही सहलाना शुरू कर
दिया था मैं लगातार उंगली करता जा रहा था वो अपने दांतो से होन्ट को काट रही थी उसकी आँखे पूरी तरह वासना मे डूब रही थी उसने मेरी ज़िप
खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से मसल्ने लगी मैने उसे लंड को गीला करने को कहा तो उसने नीचे झुकते हुए लंड को मुँह
मे भर लिया और चुप्पे मारने लगी
पूरा लंड उसके मुँह मे था थूक उसके मुँह से बहता हुवा नीचे गिर रहा था अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था मैने उसको खड़ा किया और उसके हाथो को
घुटनो पे रखते हुए थोड़ा सा झुकाया और अपने थूक से सने हुए लंड को उसके गोल चुतडो से रगड़ ते हुए चूत मे धकेल दिया प्रीतम की मुँह से आह
निकल गयी मैने उसकी कमर को थाम लिया और चुदाई करने लगा दो जवान जिस्म जंगल मे हुस्न के मज़े लूट रहे थे उस टाइम हमें दुनिया की कोई
खबर नही थी बस सब से बेख़बर हम एक दूसरे मे समाए हुए जन्नत की सैर कर रहे थे हर लम्हे के साथ मेरे धक्के तेज होते जा रहे थे
प्रीतम भी लगातार अपनी गान्ड को पीछे कर रही थी और लगातार आहे भर रही थी अब मैने अपने हाथ उसके सूट के अंदर डाले और ब्रा के उपर से ही
चूचियो को मसल्ने लगा जिस से प्रीतम का मज़ा और भी बढ़ गया हमे चुदाई करते हुए 20 मिनिट से भी ज़्यादा हो गये थे पर कोई भी हार मान ने को
तैयार नही था चूत से लगातार रस बह रहा था और कामरस से भीगा हुवा लंड फ़चा फ़च अंदर बाहर हो रहा था ना जाने मुझे क्या सूझा मैं अपने अंगूठे को
पीतम के दाने से रगड़ने लगा और पीछे से धक्के भी मार ता जा रहा था प्रीतम का शरीर काँपता जा रहा था थप थप चुदाई होये जा रही थी तभी प्रीतम की
चूत की फांके मेरे लंड पे कस गयी और प्रीतम झाड़ ने लगी उसी पल मेरे लंड ने भी अपन गरमा गरम पानी छोड़ दिया और हम दोनो एक साथ चर्म सुख
को प्राप्त हो गये…
मैने प्रीतम की पेंटी को उठा लिया और अपनी जेब मे रख लिया फिर उसने हंसते हुवे सलवार पहनी और थोड़ा खुद को सही किया और वापिस चल पड़े तभी मुझे याद आया और मैने पायल निकाली और प्रीतम के पाओ मे पहना दी वो बोली ये क्यू तो मैने कहा बस ऐसे ही और फिर हम अलग अलग रास्तों से घर की ओर चल पड़े
जब मैं घर पे पहुचा तो अंधेरा होना शुरू हो गया था दादी ने कस के मुझे डाँट पिलाई और पूछा कि मैं कहाँ गया था तो मैने झूठ बोल दिया कि ऐसे ही क्रिकेट खेलने के लिए गया था.
तभी मम्मी ने बताया कि रवि और अनिता आए हुए है ये सुनके मैं बहुत खुश हुआ मुझे भाभी को मिले 2 महीने के लगभग हो गये थे ये तो सूकर है कि प्रीतम से टांका भिड़ गया था वरना पता नही मेरा क्या होता
मैं उनके घर की और दौड़ पड़ा और उनसे मिला हम सब बैठ के बाते कर रहे थे पर मेरी नज़रे तो बस अनिता भाभी की ओर ही थी भाभी भी ये समझ रही थी और मेरे मज़े ले रही थी
तभी भाभी चाइ बना ने के बहाने रसोई मे चली गयी थोड़ी देर बाद उन्होने मुझे आवाज़ लगाते हुवे कहा कि सब के लिए चाइ ले जाओ मैं सीधा रसोई मे गया और उनको दीवार से लगाते हुए चूम लिया
भाभी बोली अभी नही तुम्हारे भाई आ जाएँगे मैं सुबह 5 बजे बड़े मे पशुओ को चारा डालने आउन्गि तुम वही मिलना ये सुनके मैं बहुत ही खुश हुआ और चाइ की ट्रे लेके बाहर आ गया
थोड़ी देर इधर उधर की करने के बाद मैं घर आ गया और घड़ी मे 4.30 का अलार्म लगाया और लेट गया पर आँखो मे नींद भी नही आ रही थी बार बार मैं अनिता भाभी को चोदने का सोच के रोमांचित हो रहा था
रात भी कुछ ज़्यादा ही लंबी हो गयी थी कट ही नही रही थी और नींद भी नही आ रही थी खैर जैसे तैसे रात कट ही गयी मैं चुप चाप उठा और घर मे देखने लगा कि क्यों कि मम्मी और ताइजी अक्सर अर्ली मॉर्निंग ही उठ जाती थी
क्यों कि खेतो और पशुओ का बहुत काम होता था घर का काम तो चाची संभाल लेती थी और वे दोनो बाहर का अड्जस्ट कर लेती थी मैं बाडे मे ठीक 5 बजे पहुच गया था
तो भाभी वही पे थी जैसे ही उन्होने मुझे देखा वो दौड़ ते हुए मेरे सीने से आ लगी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी मैने भी पूरा साथ देते हुवे उनके रसभरे अधरो को चूसना शुरू किया
उफफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ उनके सुर्ख होंठ शहद से भी मीठे थे वो भी ऐसे शो कर रही थी जैसे जन्मो की प्यासी हो मैने अपना हाथ उनके घाघरे मे डाला और उनकी गरमा गरम चूत पे रख दिया भाभी ने पेंटी नही पहनी थी वो पूरी तैयारी कर के आई थी मैने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया
भाभी ने अपनी टाँगो को कस लिया थोड़ी देर दाने को रगड़ने के बाद मैने दो उंगलिया एक साथ उनकी चूत मे घुसा दी तो वो चिहुनकते हुवे बोली आअहह फाडो गे क्या तुम कितने बेसबरे हो भाबी ने मेरे कान मे धीरे से कहा जल्दी से काम ख़तम करो कही उसकी सास ना आ जाए
मैने अपना पयज़ामा सरकाया और अपने लंड को चूसने कोकहा भाबी नीचे बैठ गयी और लंड को अपने मूह मे भर के गपा गॅप चूसने लगी मैने उनका सर पकड़ लिया और मज़े से लंड को चुसवाने लगा 5 मिनिट बाद उन्होने लंड को बाहर निकाला और घास के ढेर पे लेट गयी मैं उनकी चूत को चाटने के लिए बढ़ा तो उन्होने मुझे रोक दिया और सीधा चोदने को कहा अब मैं उनके उपर आ गया और लंड को चूत पे सेट करते हुवे उनमे समाता चला गया
भाभी की चूत बहुत ही कुलबुला रही थी वो भी ऐसे चुद रही थी जैसे ये उनकी अंतिम चुदाई हो और हल्के हल्के मेरे कान को अपने दांतो से काट रही थी भाभी के नाख़ून मेरी पीठ पे रगड़ रहे थे अब भाभी ने मेरे कुल्हो पे दबाव बनाते हुवे धक्को की गति को तेज करने का इशारा किया वो जल्दी से चुदना चाहती थी मैं भी दे दनादन लगा हुवा था चूत और लंड अपनी लड़ाई करने मे लगे हुवे थे
मैने भाभी को अपनी के अपने से कस लिया और चूत मे घसा घस पानी छोड़ने लगा उनकी चूत की दीवारे मेरे पानी से भीग रही थी उसी पल भाबी भी स्खलित हो गयी थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे जैसे ही मैं पयज़ामा पहेन रहा था तभी ताइजी वहाँ पे भैंसो का दूध निकालने वाली बाल्टी लेके आ गयी और हमें वहाँ देखा या यू कहूँ मुझे वहाँ देख के हैरान हो गयी मैने झूठ बोलते हुए कहा कि मैं दौड़ करने जा रहा था कि भाभी को अकेला देखा तो उनके पास आ गया था
हालाँकि मैने बहाना तो बना दिया था पर मैं जानता था कि ताइजि ने दुनिया देखी थी ताइजी ने मुझे जाने को कहा और अनिता की ओर घूर्ने लगी मैं समझ गया था कि उन्हे शक हो गया था पर मैं सूकर मना रहा था कि उन्होने हमे रंग हाथ नही पकड़ा था वरना हालत गंभीर हो सकती थी खैर टेन्षन तो अब भी थी मैं सोच रहा था कि वो भाभी से सवाल जवाब तो कर ही रही होंगी चूत तो मिल गयी थी पर ताइजी की नज़रो मे गिरने का ख़तरा हो गया था जो ना मेरे लिए ठीक था ना भाभी के लिए
मेरा हलक सूख गया था कदमो मे जैसे जान ही ख़तम हो गयी थी हालाँकि मैं पकड़ा नही गया था पर ये घर की बात थी और भाभी की ग्रह्स्थि को मेरी वजह से ख़तरा हो सकता था मैं धीमे धीमे कदमो से चलते हुवे घर पहुच गया और वहाँ बने चबूतरे पे बैठ गया था वैसे तो सारे घर वाले उठ गये थे पर मुझे कोई भी सीरियस्ली नही लेता था मेरे मन मे एक द्वंद चल रहा था मेरा भाबी से एक अलग सा ही रिश्ता था जो बस हम दोनो ही समझते थे ( उस टाइम तो मैं ऐसा ही सोचता था पर हक़ीकत बाद मे पता चली) मन बार बार विचलित हो रहा था मैं जल्दी से अनिता को मिलके तस्सल्ली करना चाहता था कि सब ठीक है या नही
पर मेरी हिम्मत नही हो रही थी हालाँकि मेरे और उनके घर मे बस एक दीवार का ही अंतर था फिर भी ना जाने क्यों मेरी हिम्मत नही हुवी दोफर को भाभी हमारे घर आई मैं उन्हे देख के हल्की से मुस्कुराया पर उन्होने मुझे कोई रसीद नही दी और दादी के पास चली गयी मैं भी दादी के पास जाके बैठ गया और भाभी से पूछा कि भाभी क्या हुवा फिर से उन्होने कोई जवाब नही दिया मेरा दिमाग़ और भी खराब होने लगा था मैने बहुत कोशिश की पर शायद ताइजी ने उन्हे मुझसे दूर रहने को कहा होगा
नया नया जवान हुवा था दुनिया के तोर-तरीके नही समझता था इस लिए दिल टूट सा गया था पर सब से ज़्यादा दुख भाभी के बर्ताव से हो रहा था मैं तो बस एक बार उनसे बात करना चाहता था कि मेरे जाने के बाद क्या हुवा था . मैं हताश होने लगा था फिर वो दिन भी आया कि रवि और भाभी वापिस चले गये इधर मैं प्रीतम पे भी ध्यान नही दे पा रहा था उसने कई बार मिलने के लिए संदेश भेजा पर मैने कोई जवाब नही दिया मैं ग्लानि से जलने लगा था कोई एक हफ्ते बाद रवि का फोन आया और उसने बताया कि वो कोई इंपॉर्टेंट डॉक्युमेंट्स भूल गया है मैं वो लेके उसे देने के लिए निमराना पहुच जाउ.
मैने अड्रेस लिखा और कहा कि मैं अगले दिन आ जाउन्गा . मैं थोड़ा खुश हो गया की चलो वहाँ पे भाभी से मिल सकूँगा . अगले दिन मैं उनके पास पहुच गया रवि ने मुझे गले से लगाया और हेल्प के लिए थॅंक्स कहा भाभी ने कोई खास तवज्जो ना देते हुवे फ़ॉर्मलटी के लिए हाल चाल पूछा और अपने कामो मे बिज़ी हो गयी रवि ने बताया कि कुछ दिनो से वर्क लोड ज़्यादा हैं तो वो नाइट शिफ्ट कर रहा हैं ये सुनके मैं खुश हो गया कि चलो रात तो अपनी ही हैं 8 बजे तक हम ने अपना डिन्नर ख़तम कर लिया था क्योंकि रवि को साइट पे जाना था फिर वो हमे बाइ बोलके निकल गया
मैने डोर बंद किया और किचन मे भाभी जो बर्तन धो रही थी उनके पिछे जाके खड़ा हो गया और उनकी गर्देन पे हल्के से अपने होंठ टिका दिए और अपनी लिजलिजि जीभ उनकी गर्देन पे फेरने लगा अनिता क बदन मे सिरहन दौड़ गयी भाभी बोली प्लीज़ मत करो मुझे बर्तन धोने दो मैने काँपति आवाज़ मे कहा कि मैं कहाँ रोक रहा हू पर भाभी ने मुझे रसोई से निकाल दिया और रूम मे जाने को कहा पर मैं नही माना और उनका हाथ पकड़ के उन्हे अपने साथ रूम मे ले आया और पास रखी कुर्सी पे बैठ गया और उनको अपनी गोदी मे बिठा लिया
भाभी ने बिल्कुल विरोध नही किया और आराम से गोद मे बैठ गयी काले रंग की साड़ी मे वो बहुत ही मस्त लग रही थी मैने अपने हाथ उनकी छातियों पे कस दिए और ब्लाउज के उपर से ही उन्हे बुरी तरह से मसलने लगा आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई वो थोड़ा चिल्लाई और बोली थोड़ा आराम से मैने दुबारा उनकी मोरनी सी गर्देन को चूमना शुरू किया और ब्लाउस के बटन को खोलना शुरू कर दिया मैं आराम से उनके एक एक बटन को खोल रहा था और उसे निकाल के फरश पे फेंक दिया आज उन्होने गोल्डन कलर की ब्रा डाली हुवी थी उनकी ये अदा मुझे बहुत पसंद थी कि वो बहुत ही सुंदर सुंदर ब्रा-पेंटी पहनती थी जिनमे उनके बदन की सुंदरता और भी निखर जाती थी
अब ब्रा को भी उतार दिया गया था मैं मज़े से छातियों को सहला रहा था ख़ासकर उनके निप्पल्स को जैसे ही मैं उन्हे रगड़ ता वो बहुत रोमांचित हो जाती थी बोबो को निचोड़ ने के बाद अनिता खड़ी हुवी और मैने उनकी साड़ी का पल्ला पकड़ लिया और साड़ी को खींच कर अलग कर दिया अब पेटिकोट की बारी थी एक झटके मे उसका नाडा भी खुल गया और वो भी फर्श की शोभा बढ़ा रहा था अब मेरी जान खाली गोल्डन पेंटी मे थी पेंटी भी ऐसी जिसने खाली बस चूत की गुलाबी फांको को ही छिपाया हुवा था मैने उन्हे धक्का देकर बेड पे गिरा दिया और फॉरन ही अपने कपड़े उतार दिए लंड तो किसी गुस्साए साँप की तरह फुफ्कार रहा था
मैने कहा जान देखो ना आपके बिना इसकी क्या हालत हो गयी हैं तो भाभी ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी और बोली क्या बात हैं देवेर जी यह तो बहुत गरम हो रहा हैं मैने कहा कि भाभी आप ही इसे ठंडा कर सकती हो और भाभी ने ये सुनते ही अपने होंठ मेरे लंड पे टिका दिए और सुपाडे को चूसने लगी मेरा पूरा शरीर उन्माद मे डूब गया उन्होने लंड को मूह से निकाला और कहा कि तुम लेट जाओ मैं लेट गया और फिर से उन्होने लंड को चूसना शुरू कर दिया मैने हाथ बढ़ा के उनके जुड़े को खोल दिया और उनके बालो को आज़ाद कर दिया अब भाभी और भी सुंदर लग रही थी
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वो पूरे जोश से चूस रही थी और मैं उनके चुतड सहला रहा था भाभी के होंटो का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था साथ ही वो मेरे अंडकोषो को भी सहला रही थी मेरे बदन मे मस्ती छा रही थी वो मेरे लंड को बुरी तरह से चूस रही थी बीच बीच मे जब वो अपने दाँत मेरे लौडे पे लगाती तो मज़ा और भी बढ़ जाता था और वो पलभी पास ही था जब मैं झड ने वाला था मेरे लंड ने ज़ोर्से झटका खाया और भाभी के मूह मे ही बरसात करनी शुरू कर दी पर भाभी पे कोई फरक नही पड़ा और वो मज़े से पूरा वीर्य पी रही थी और वीर्य भी निकले जा रहा था इतना तो पहले कभी नही निकला था झड़ने के बाद भी वो काफ़ी देर काफ़ी देर तक चुस्ती रही
फिर मैने उन्हे परे किया और पानी माँगा वो अपनी गान्ड को कुछ ज़्यादा ही हिलाते हुवे पानी लाने मूड गयी मैने थोड़ा पानी पिया अब भाभी लेटी हुवी था मैने उनक्की नाभि मे अपनी उंगली डाली और उन्हे छेड़ने लगा भाभी मचलते हुवे बोली क्या अपनी भाभी जान का रस नही पियोगे मेरे प्यारे देवर जी भाभी ने मुझे आमंत्रण दिया तो मैं कैसे पीछे रहता उन्होने अपनी गान्ड उठा कर कछि को खुद ही निकाल दिया उनकी छोटी से चूत जो हल्के हल्क बालो से धकि हुवी थी उसकी गुलाबी पंखुड़िया कामरस से भीगी हुवी कांप सा रही थी
मैने अपनी उंगलिया उनकी झांतों मे फेरनी शुरू करदी और कुछ देर ऐसे ही करता रहा उन्होने अपनी आँखे बंद कर ली थी अब मैने उंगली को चूत की फांको पे फेरना चालू किया भाभी की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी अब मेरी उंगली अंदर बाहर होने लगी थी भाबी आहे भरने लगी थी मैं भी गरम हो रहा था मैं बेड के सिरहाने पे टेढ़ा होके बैठ गया और भाभी को हल्का से खड़ा करते हुवे उनकी गुलाबी फांको को अपने मूह मे भर लिया और उनका नमकीन कामरस चाट ना शुरू कर दिया उनके रोम रोम से मस्ती फूट रही थी वो अपनी चूत को मेरे चेहरे पे रगड़ते हुवे चिल्ला रही थी
अहह प्पीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई जऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और ज़ोर फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बहुत हिस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह आआआआआअहह और चाटो चटूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ
करती हुवी चूत का रस पिला रही थी इधर लंड भी दुबारा तन गया था मैने देर ना करते हुवे अनिता को घोड़ी बनाया और एक ही झटके मे अपना लंड चूत मे घुसा दिया और उनकी पतली कमर को थाम कर उन्हे चोदने लगा भाभी की गान्ड पूरी तरह से पीछे थी और वो बार बार उसे हिला रही थी मैने उनके चुतडो पे हल्के हल्के थप्पड़ लगाने शुरू कर दिए जिस से उनकी गोरी गान्ड हल्की लाल हो गयी और वो और जोश से अपने कुल्हो को पिछे करते हुवे चूत मरवाने लगी थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद अब मैने उन्हे नीचे लिटाया और उनकी टाँगो को अपने कंधो पे रख लिया और तबाद तोड़ शॉट लगाने लगा भाभी अपनी छातियो को भींच रही थी 10 मिनिट बाद भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया और कस्के मुझ से लिपट गयी ।
मैं कुछ देर ऐसे ही रहा फिर लंड को चूत से बाहर निकाला और उनको उल्टा लिटा दिया और ढेर सारा थूक उनकी गान्ड के छेद पे लगा दिया भाबी ने बिल्कुल मना नही किया और मैने उनकी चूत के रस से सने लंड को गान्ड के छेद पे लगाया और सुपाडे को गान्ड मे घुसा दिया भाभी के मूह से दर्द भरी आह निकल गयी मैने होले होले लंड घुसाना जारी रखा और ऐसे ही पूरा लंड गान्ड मे जड़ तक घुसा दिया अब भाभी भी थोड़ा नॉर्मल हो गयी थी मैने गान्ड मारनी चालू की और हाथो को उनकी बूब्स पे रख दिया और उन्हे दबाते हुवे गान्ड मारने लगा कमरे मे बस भाभी की आहें ही गूँज रही थी ऐसे ही उनकी गान्ड चुदाई चलती रही 20 मिनिट तक गान्ड मारने के बाद मैने उनके चुतडो पे ही अपना पानी गिरा दिया और उनकी बगल मे लेट गया
अब मैने उनका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा और उसे सहलाते हुवे पूछा कि वो ऐसा रूखा व्यवहार क्यो कर रही थी तो उन्होने थोड़ा शर्मिंदा सा होते हुवे कहा कि उनकी सास यानी ताइजी को उनपे शक हो गया हैं उन्होने भाभी को बहुत डाँट-फटकार लगाई थी ताई ने उसको भरपूर गालिया दी थी आक्च्युयली हुवा ये था कि जब हम चुदाई मे व्यस्त थे तभी वो वहाँ पे आगयि थी हमे देख लिया था ये सुनके मैं हैरान हो गया था
अब मुझे पता चल गया था कि उस टाइम भाभी मुझसे उखड़ी उखड़ी सी रहती थी भाभी ने बताया कि मैं उनके दोस्त से बढ़के उनके लिए हू पर उनकी एक ग्रह्स्थि भी है जिसमे वो बहुत खुश है और वो किसी भी हाल मे अपना घरेलू जीवन बर्बाद नही करना चाहती मैं कशम कश मे फस गया था क्यों कि मैं थोड़ा उनसे एमोशनली कनेक्ट भी था
उनके रूप मे मुझसे एक कशिश सी महसूस होती थी भाभी ने कहा कि वो अब मेरे साथ सेक्स का रिश्ता नही निभा पाएगी पर वो हमेशा मेरी दोस्त रहेगी अब वो इंतज़ार कर रही थी कि मैं कुछ कहूँ मैने काफ़ी सोच विचार करके उन्हे वचन दिया कि मैं कभी भी उनके घरेलू जीवन के आड़े नही आउन्गा और ऐसी कोई भी हरकत नही करूँगा मैने उन्हे कह दिया कि ये राज हमेश मेरे सीने मे दफ़न हो के रहे गा
ये सुनके भाभी ने मुझे गले लगा लिया और थॅंक्स कहा मैं हल्के से मुस्कुरा दिया पर मेरे दिल मे एक टीस उभर आई थी जो शायद भाभी ने भी समझ लिया था तभी वो बोली कि मैं तुम्हारे लिए कुछ करना चाहती हू मैं तुम्हे अपनी एक रात देती हू तुम जब भी चाहोगे किसी भी अवस्था मे मैं तुम्हारे लिए अड्जस्ट करूँगी ये मेरी तरफ से तुम्हारे लिए एक तोहफा होगा
पर मैने कहा कि आपने पहले ही इतना किया है मैं उसी से खुश हू और अपने कपड़े पहन ने लगा भाभी ने भी एक मॅक्सी डाल ली थी रात काफ़ी गुजर गयी थी पर बैचैनि बढ़ गयी थी तभी मैं भाभी के गले लग गया और रोने लगा भाभी मेरी पीठ को सहलाते हुवे मुझे चुप करा रही थीं ना जाने मैं कितनी देर रोता रहा वो कहते हैं ना कि रोने से अक्सर दर्द कम हो जाता हैं भाभी भी थोड़ा सेंटी हो गयी थी कुछ हालत ऐसे हो गये थे कुछ अपना करम
अब आगे तो बढ़ना ही था सुबह भी होने ही वाली थी ना जाने कब आँख लग गयी सुबह 8 बजे मैं उठा तो रवि आ चुका था और नहा रहा था फिर मैं भी फ्रेश होने चला गया आधे घंटे के बाद हम सब नाश्ता कर रहे थे रवि मुझे बहुत प्यार करता था मेरा बहुत ख्याल रखता था नाश्ते के बाद मैने अपना बॅग लिया और भाई से जाने की इजा जत माँगी तो उसने कहा कि इतनी जल्दी क्या हैं अभी रुक जाओ
हमे भी अच्छा लगे गा तो मैने कहा भाई घर पे भी कई काम होते हैं और बहाना करके उस से विदा ली और चल पड़ा रवि ने बस स्टॅंड छोड़ने को कहा पर मैं उसको परेशान नही करना चाहता था क्योंकि पूरी रात वो ड्यूटी पे था तोमैने मना किया और पैदल पैदल बस स्टॅंड की ओर चल पड़ा कोई घंटे बाद मैं घर पहुच गया दोपहर का टाइम था घर पे पहुचते ही बॅग रखा और तौलिया उठा ते हुवे सीधा बाथ रूम मे घुस गया जैस ही अंदर घुसा तो मेरे तो होश ही उड़ गये
चाची पूरी नंगी मेरी आँखो के सामने भीगी हुवी खड़ी थी उनका गदराया हुस्न देख कर मैं तो सन्न हो गया मुझे कुछ ना सूझा ये सब इतना तेज़ी से हुआ कि उनको भी कुछ करने का वक़्त ना मिला तभी उन्होने अपने पेटिकोट से अपने जिस्म को ढकने की असफल कोशिश की टाँगे तो ढक गयी थी पर उपर का हिस्सा अभी भी नंगा ही था तो वो चिल्लाते हुवे बोली दफ़ा होज़ा यहाँ से और मैं भाग के अपने कमरे मे घुस गया और कुण्डी लगा ली.।
मेरे दिमाग़ मे चाची की चूचिया बार बार आ रही थी मैं अपने विचारो पे नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहा था अब मैं बाहर आके दादी के पास बैठ गया चाची भी नहा के अपने रूम मे जा चुकी थी तो मैं कुछ सोचते हुवे उनके कमरे मे गया तो वो बोलिक्या है वो भी थोड़ा अजीब मह सूस कर रही थी क्यों कि मैने उन्हे नंगा देख लिया था मैं उनके बेड पे बैठ गया और उनसे माफी माँगने लगा तो वो बोली आइन्दा से जब भी बाथरूम मे जाओ पहले चेक कर लेना और हंस पड़ी मुझे भी थोड़ा रिलॅक्स फील हुवा
समय अपनी गति से चल रहा था गर्मी अपने चरम पे थी मैं रात को छत पे सोता था हर रात को मैं रेडियो सिटी पे लव गुरु शो को सुनता था हो सकता है आप मे से कुछ लोगो को वो याद हो हर रोज रात दस से बारह हौले हौले संगीत चल रहा था उन दिनो मेरे जैसे का रेडियो एक बहुत ही बड़ा सहारा होता था चाहे गाने सुनो या क्रिकेट कॉमेंटरी सुनो रेडियो तो जैसे स्टेटस सिंबल होता था
टाइम शायद ग्यारह से उपर ही हो रहा होगा लाइट का कुछ अता पता नही था गाँवो मे तो कभी भूले भटके आ जाती या कभी दिन मे कभी रात मे ऐसे ही चलता रहता है मुझे ज़ोरो से प्यास लग रही थी मैं उठा और नीचे जाने लगा तभी मेरी नज़र आँगन मे पड़ी हालाँकि लाइट नही थी पर थोड़े दिन पहले ही पूर्णिमा थी तो थोड़ी रोशनी थी चंद्रमा की तो मैने देखा की फोल्डिंग पे दो जिस्म घमासान मचा रहे है गोर से देखा तो चाचा –चाची अपने तन की प्यास बुझाने मे लगे हुवे थे उन्हे देख कर मेरा लंड भी अंडरवेर मे मचलने लगा लाइव शो मेरी आँखो के सामने चल रहा था चाची टेढ़ी होकर लेटी हुवी थी और चाचा पीछे से उनको चोद रहे थे मैं थोड़ा दुबक के उनको देख रहा था हालाँकि इतना सॉफ सॉफ तो नही था कि चूत दिख जाए क्योंकि रात थी पर काम चलाऊ तो दिख रहा था चाचा- चाची दबा दब लगे हुवे थे
फिर कुछ देर मे दोनो शांत पड़ गये अब मैं पानी पीना भूल गया था मैं चटाई पे लेट गया और अपनी आँखो को मूंद लिया पर मेरी आँखो मे बार बार वो ही सीन चल रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे हाथ लंड पे पहुच गये और मैं उसे सहलाने लगा उस टाइम चूत का जुगाड़ तो हो नही सकता था भाभी का साथ तो पहले ही छूट गया था और प्रीतम भी उस वक़्त तो ना मुमकिन ही थी तो बस अपने हाथ का ही सहारा था
तभी मुझे पता नही क्या हुवा मैं चाची की कल्पना करते हुवे मुट्ठी मारने लगा मैने अपनी आँखे बंद कर रखी थी और अपने लंड को हिला रहा था आज तो हिलाने मे चुदाई से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था तभी मेरा पानी निकल गया और फिर मैं सो गया सुबह मैं अभी भी सोया पड़ा था तभी चाची चाइ का कप लेके मुझे जगाने आई
मैं गहरी नींद मे था और सपने मे प्रीतम को चोद रहा था तभी चाची अपने हाथ से मुझे झिंजोड़ते हुवे उठाने लगी चूँकि मैं थोड़ी नींद मे था और सपने मे प्रीतम के होने की वजह से मेरे मूह से अचानक प्रीतम का नाम निकल गया जिसे चाची ने सुन लिया परंतु उन्होने कुछ रिएक्ट नही किया और चाइ का कप मुझे देके चली गयी मैने सोचा कि हो सकता हैं कि उन्होने ना सुना हो ये सोच के ही दिल दो तसल्ली दी और चाइ पी के नीचे पहुच गया
पेपर तो ख़तम हो चुके थे रिज़ल्ट आने मे थोड़े दिन थे तो मैं भी पूरा टाइम फ्री ही था नहाते हुवे मैं प्रीतम को मिलने की सोच रहा था पर फ्री होने के नुकसान भी होते है सारे दिन घर के कामो मे पिलते रहो. पापा ऑफीस जाने की तैयारी कर रहे थे तो मैने उनसे कुछ पैसे माँगे ये पहली बार था कि बिना कोई सवाल पूछे उन्होने पैसे दिए हो खैर अपना काम तो हो गया ही था आज मैं सहर जाके पिक्चर देखना चाहता था उन दिनो मर्डर फिल्म लगी हुवी थी कई दोस्तो से सुना था कि बहुत मस्त फिल्म है पर शायद किस्मत को मंजूर नही था
तभी ताइजी घर आ गयी और मम्मी को पूछने लगी मैने इशारे से बताया कि वो अपने कमरे मे है अब उनको भी उसी दिन सिटी जाना था मम्मी बोली कि आज घर पे ही रहना और कही जाना मत मुझ गुस्सा तो बड़ा आया पर मन मारके रह गया और अपने कमरे मे चला गया ऐसे ही दोपहर हो गयी तभी चाची आवाज़ लगा ने लगी मैं उठ के गया तो वो बोली कि आटा ख़तम होनी वाला हैं स्टोर मे चलो और गेहू निकालने मे मदद करो
स्टोर मे जाके देखा तो कई बोरियो को चूहो ने कुतर दिया था जिस से काफ़ी गेहू खराब हो गया था तो मैने कहा कि चाची ये तो नुकसान हो गया तो वो बोली हां यहा पे दुबारा से इनको सॉफ करना पड़ेगा आज का तो पूरा दिन जाए गा तो मैने सॉफ मना कर दिया पर वो ज़ोर देते हुवे बोली कि करना तो पड़ेगा ही वरना खाएँगे क्या तो मैने कहा कि अभी तो टंकी से गेहू निकाल लो बाकी काम बाद मे कर लेंगे पर वो नही मानी मैं क्या कहता
अपने को तो पिल्ना ही था मैं टंकी का निचला द्वार ओपन करने लगा पर वो खुल ही नही रहा था शायद जाम हो गया था काफ़ी कोशिस के बाद भी वो नही खुला तो चाची ने कहा कि ऐसे करते हैं कि मैं बोरियो पे चढ़ के उपर का ढक्कन खोलती हू और बाल्टी से गेहू निकाल लेते है और बाद मे चाचा से टंकी को ठीक कर वा लेंगे अब चाची ने अपनी चुनरिया मूह पे बाँध ली और बोरियो के ढेर पे चढ़ने की कोशिश करने लगी मैने कहा कि मैं स्टूल लाता हू फिर आप आराम से चढ़ जाना तो उन्होने कहा एक काम करो तुम मुझे पकड़ के चढ़ा दो
कोई ज़्यादा उँचान तो हैं नही मैने उनको कमर से पकड़ा और उपर को उठाने लगा आज ज़िंदगी मे पहली बार मैने उनको टच किया था उनकी कमर का माँस बहुत ही सॉफ्ट था मेरी उंगलिया उनकी कमर मे धँस रही थी मैं हल्का सा खो गया था तो वो बोली अरे क्या हुवा उपर तो करो फिर मैने उन्हे बोरियो पे चढ़ा दिया उन्हने ढक्कन खोला और मुझे गेहू पकड़ाने लगी हमे स्टोर मे आधा घंटा हो गया था उपर से गर्मियों के दिन थे पसीना भी आने लगा था तभी चाची का पैर फिसल गया और वो बाल्टी को लिए लिए मुझ पे आ गिरी मैने उनको थामने की असफल कोशिस की पर नाकाम रहा और इसी बीच मेरे हाथ उनके चुतडो पे लग गये या यू कहूँ कि उनके चुतड मेरे हाथो से दब गये
परंतु उस समय इतना ध्यान नही गया उनकी छातिया मेरे सीने पे गढ़ रही थी मैने उन्हे परे धकेला और वही फर्श मे बैठ गया चाची अभी भी फर्श पे पड़ी हुवी थी उनको उठा ते हुवे मैने पूछा कि आप ठीक तो हो तो उन्होने कहा कि घुटना फर्श पे ठुक गया है और बहुत दर्द हो रहा हैं वो रुआंसी हो गयी थी मैने उन्हे सहारा दिया पर वो चलने की हालत मे नही थी तो मैने कहा चाची बुरा ना मानो तो मैं आपको उठा के ले चलूं
तो उन्होने हाँ करदी हीरो बन ने के चक्कर मे कह तो दिया था पर उठाया जब पता चला कि वो दिखती पतली सी हैं पर वजन पूरा है थोड़ा कोशिस करके उन्हे उनके रूम मे पहुचा दिया और बेड पे लिटा दिया उनकी कोहनी मे भी खरास लग गयी थी मैने कहा दिखाओ कि कहाँ कहाँ लगी है फिर मैं डेटोल लाया और उनकी कोहनी पे लगाया तो जलन से उनकी आह निकल गयी मैने उनका पैर पकड़ा और उसे हिलाने लगा तो वो बोली मत कर बेटा बहुत दर्द हो रहा है
तो मैने पूछा कि चाची घर मे इयोडीक्स है वो बोली बैठक की अलमारिमे है मैं फॉरन ही ले आया और बोला लाओ चाची मैं लगा देता हू तो चाची ने मना करते हुवे कहा कि तुम जाओ मैं लगा लूँगी तो मैने कहा कि नही चाची आप भी तो इतना करती हो घर के लिए तो मेरा भी कुछ फर्ज़ है और मैं बेड पे बैठ गया और उनका पैर उठा के अपनी टाँगो पे रख लिया पर चोट तो घुटनो पे लगी थी ये भी साला एक अजीब ही ट्विस्ट हो गया था
अरे मैने चाची के बारे मे तो बताया ही नही चाची का नाम बबिता है उमर 31 हैं गोरा रंग पतली कमर और मांसल गान्ड बहुत ही गोरी हैं किसी गुड़िया की तरह लगती हैं उनकी शादी को 7 साल हो चुके हैं पर अभी कोई संतान नही हुवी है मैने कहा चाची लहंगा थोड़ा उपर कर्लो तो मैं इयोडीक्स लगा लू उन्होने थोड़ा सा उपर कर लिया पर घुटना अभी थोड़ा दूर था
तो मैने खुद ही उसे उठा दिया तो वो बोली ये क्या कर रहे हो तोमैने कहा कि अगर लहंगा उपर नही करूँगा तो बॉम कैसे लगाउन्गा तो वो कुछ ना बोली और अब मैं उनके घुटने पर इयोडीक्स की मालिश कर रहा था मैने उनके पैर को थोड़ा उपर उठा दिया जिस से अंदर का नज़ारा मुझे सॉफ दिख रहा था गोरी गोरी टाँगे दिख रही थी पर पेंटी नही दिख रही थी क्यों कि पैर इतना ज़्यादा नही उठा सकता था मैं पूरी लगन से उनकी मालिश कर रहा था
मेरे हाथ बीच बीच मे फिसल कर जाँघो पे भी चले जाते थे पर उन्होने कुछ ना कहा अब मैने पैर को थोड़ा सा और उठा दिया और एक नज़र चाची पे डाली वो अपनी आँखे बंद करके लेटी हुवी थी अब घाघरे के अंदर का सब कुछ दिख़रहा था उन्हों नीले कलर की पेंटी पहनी हुवी थी ये देख कर मेरा लंड निक्कर मे थी खड़ा हो गया अब मेरे हाथ घुटने को छोड़ कर थोड़ा उपर की ओर रेंगने लगे थे
क्या बताऊ चाची का बदन बहुत ही कोमल था मेरी रगड़ तेज होती जा रही थी तभी उन्होने कहा कि अब वो थोड़ा ठीक फील रही और उठ के बैठ गयी
इधर मेरी निक्कर मे लंड फॅन फानाया हुवा था जिस से थोड़ा बाहर की ओर कुछ फूल सा गया था चाची की नज़र उधर पड़ी तो वो कुछ गोर से देखने लगी
मैं भी भाँप गया था मैने फॉरन अपनी बनियान को नीचे कर लिया अब चाची ने भी अपना ध्यान हटाया और कहा कि मैं जाकर स्टोर मे बिखरे गेहू इकट्ठा कर दूं ऑर वो खाना नही बनाएगी और थोड़ी देर सोना चाहती है
मैने कहा कोई बात नही आप आराम करो और मैं स्टोर मे चला गया वहाँ काफ़ी देर लग गयी थी आया तो पूरा शरीर पसीने और धूल मे सना हुवा था और मैं सीधा बाथ रूम की ओर चल पड़ा मैं नहा रहा था तभी मेरी नज़र वहाँ रखी कछियो पे पड़ी ऐसे ही मैने उन्हे उठा लिया और देखने लगा
मुझे बार बार चाची का ही ध्यान आ रहा था पर ये नही पता था कि उनकी पेंटी कॉन सी है पर मैने एक को अपने लंड पे रख दिया और उस से लंड पे रगड़ने लगा बहुत ही अच्छा लग रहा था ऐसे ही मैने मूठ मारनी शुरू करदी
मैने अपनी आँखे बंद करली और चाची को सोचते हुवे मूठ मार रहा था और थोड़ी देर बाद अपना वीर्य उसी कछि पे गिरा दिया और उसे वही पे रख दिया जहाँ से उठा या था और नहा कर बाहर आ गया था फिर थोड़ी देर आराम किया और फिर प्लॉट की ओर चल दिया
…. वहाँ जाके घास काटी और पशुओ को चारा खिलाया अब बारी उन्हे नहलाने की थी मैने पानी भरने के लिए टंकी का नल खोला तो उसमे पानी बहुत ही धीरे आ रहा था मैं अंदर गया तभी ध्यान आया कि मोटर तो प्रीतम के बाडे मे है मैं उसे लेने गया
तो देखा वो और उसकी मा वही पे थे मैने मोटर माँगी तो प्रीतम बोली तुम चलो मैं थोड़ी देर मे देने आ जाउन्गि और मैं वापिस आ गया थोड़ी देर बाद वो आई चूँकि प्लॉट मे और कोई नही था मुझे खुराफात सूझी मैने उसे पकड़ लिया और वही पे एक खटिया पड़ी थी उसपे गिरा दिया
तो वो कसमसाते हुवे बोली छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो जाने दोमुझे पर मैं तो चुदाई की आग मे जलने लगा था मैने उसकी सलवार मे हाथ डाल दिया और चूत को मसल्ते हुवे बोला कुछ नही होगा बस 10 मिनिट मे ही कर लूँगा पर वो नही मानी वो बोली मेरी मा इधर ही हैं अगर मैं ज़्यादा देर रुकूंगी तो वो कही इधर ही ना आ जाए तो मैने थोड़ी देर उसको किस किया और फिर जाने दिया
उस दिन और कुछ ज़्यादा नही हुवा भाभी का साथ तो छूट ही गया था प्रीतम भी कुछ ज़्यादा काम आ नही र्है थी कुल मिलाके बस कट ही रही थी और मैं चाची के प्रति आकर्षित होने लगा था अब मेरी नज़र बदल गयी थी
अब वो मुझे बस एक चूत दिखती थी जिसमे मैं अपना लंड डालना चाहता था पर ये बहुत ही मुश्किल था तभी एक अच्छी बात हुई गाँव मे मेला लगा मैने पहले ही पूरा प्लान बना के प्रीतम को लिख दिया था कि मेले वाले दिन वो किसी तरहा हमारे प्लॉट मे आ जाय और हम थोड़ा टाइम साथ बीतायँगे और उसने कहा अगर चान्स मिला तो वो ज़रूर आ जाए गी आख़िर उसकी चूत भी कुलबुला रही थी
आप तो समझ सकते हैं कि गाँव के लोगो के लिए मेलों की क्या अहमियत होती हैं जो मज़ा मेले मे आता था वो मज़ा हज़ारो र्स खर्च करके भी शॉपिंग माल मे नही आता हैं
मेले वाले दिन मैं 11 बजे घर से मेला जाने को कह कर निकला और प्लॉट मे पहुच गया अब बस प्रीतम डार्लिंग का इंतज़ार था काफ़ी समय बीत गया पर वो अभी तक नही आई थी फिर कुछ देर बाद उसने गेट पे दस्तक दी मैने जल्दी से उसको अंदर किया और गेट बंद कर दिया और जल्दी से उसको लेके कमरे मे आ गया
वो झट से मेरे गले लग गयी मैने भी उसको अपनी बाहों मे भर लिया उसकी गरम सांस मेरे चेहरे पे पड़ रही थी उनमे एक अलग सी खुश्बू थी जो हर पल के साथ मुझे मद होश कर रही थी मैं उसकी गान्ड को सलवार के उपर से ही सहलाने लगा
वो भी अधीर होते हुवे बोली कि तुम जल्दी ही कर लेना उसे मेले भी जाना हैं मैने अपनी उंगली उसके होंटो पे रख दी और उसको चुप करवा दिया उसकी नशीली आँखें मेरे उपर डोरे डालने लगी थी मैने बिना देर किए उसके होन्ट अपने मुहमे भर लिए और उनको चूमने लगा
वो भी मेरा साथ देने लगी मेरी जीभ उसके मूह मे घूम रही थी और मैने उसके हाथ को अपने लंड पे रख दिया और वो उसे मसल्ने लगी काफ़ी देर तक उसके होंठ ही चूस्ता रहा तब उसने मुझे हटा या और बोली अब क्या इन्हे सुजा के छोड़ोगे मैने उसके सूट को उपर करना शुरू किया और निकाल ही रहा था की वो बोली पागल मत बनो कोई आ गया तो मैने कहा गेट अंदर से बंद है और आज मेला हैं तो इतना रिस्क तो बनता है
वो हँसते हुवे बोली एक दिन तुम मुझे मरवाओगे सफेद ब्रा मे उसकी मोटी मोटो चूचिया बाहर आने को मचल रही थी मैने देर ना करते हुवे उनको आज़ाद किया और एक को थोड़ा नीचे झुकते हुवे अपने मूह मे भर लिया इधर प्रीतम ने मेरे पाएजामे और अंडरवेर को नीचे करते हुवे लंड को बाहर निकाल लिया और अपनी उंगलिया उसपे कस दी मैं उसकी चूची पी रहा था बिल्कुल गुलाबी निप्पल्स बहुत ही संवेदन शील थे जितना मैं उनपे जीभ फेरता उतना ही प्रीतम के बदन मे मस्ती का संचार हो रहा था अब मैने उसकी सलवार और पेंटी एक साथ ही उतार दी और उसको नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड उसकी चूत पे रगड़ खा रहा था वो बोली जल्दी करो ना तो मैने लंड पे थूक लगाया और उसकी एक टाँग को थोड़ा उठाया और लंड को चूत मे डाल दिया और खड़े खड़े ही चूत मारने लगा
प्रीतम की चूत से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी और हर लम्हे के साथ वो मस्ती मे डूब ती जा रही थी अब मैने उसको वही फरश पे लिटा लिया और उसकी टाँगो को चौड़ा किया और उसमे समाता चला गया मैं दुबारा उसके होंटो का रस पीने लगा था चुदाई के समंदर मे हमारी नाव तेज गति से तैर रही थी तभी मुझे ध्यान आया कि उस रात चाचा किस पोज़िशन मे चाची को रगड़ रहे थे।
तो मैने अपना लंड निकाला और उसको टेढ़ी करते हुए उसकी एक टाँग को थोड़ा उठाया और पीछे से चूत मे लंड को घुसा दिया प्रीतम बोली आहहह ये क्या करते हो थोड़ा आराम से डालो मैने अपना एक हाथ उसके साइड से निकालते हुवे चूची को पकड़ लिया और उसे भींच ने लगा लंड सरपट सरपट चूत के अंदर बाहर हो रहा था मैने अब उसके गालो को चूसना शुरू कर दिया था प्रीतम भी पूरी मस्ती मे अपने गुदाज कुल्हो को पीछे कर रही थी गर्मी की दुपहरी मे दो जवान पसीने से भीगे जिस्म एक अलग ही लड़ाई मे लगे हुवे थे।
अब मैने उसे सीधी लिटाया और चुदाई करने लगा उसके कुल्हो की थिरकन बढ़ ती ही जा र्है थी तभी उसने अपने चुतड पूरी तरह उठा दिए और अपने बदन को ऐंठते हुवे झड़ने लगी चूत मे पानी की बढ़ आ गयी थी जिस से लंड फिसलने लगा मैं भी लग भग करीब आ ही गया था और कुछ देर में एक ज़ोर की आह भरते हुवे चूत मे ही झाड़ गया…………
अब वो उठी और अपने कपड़े उठाने लगी तो मैने उसके हाथ को पकड़ ते हुवे कहा कि अभी क्यों पहन रही हो अभी थोड़ी देर रुक जाओ पर वो नही मानी और बोली तुम को जो चाहिए था वो तो तुम्हे दे ही दिया है मैं तुम्हारी लगती भी क्या हू मैं तो तेरे लिए एक रांड़ हू बस चोदने के लिए उसकी बात मुझे चुभ गयी
मैने कहा कि क्या तुम मेरी दोस्त नही हो तो वो बोली कि रे बावले दोस्ती को क्यों बदनाम करता है ये तू भी जानता है कि जिस दिन मुझसे अच्छी मिल जायगी मुझे भूल जायगा और थोड़ी एमोशनल होगयि बात तो उसने 100% सही कही थी आख़िर उसका मेरा रिश्ता ही क्या था दोस्ती तो बस चुदाई के लिए ही थी
तो मैने भी पूछ लिया कि जब तुम्हे पता ही हैं तो क्यों आती हो वो बोली अच्छा लगता हैं तेरा साथ जब तेरे साथ होती हू तो थोड़ा हँसने-मुस्कुराने का बहाना मिल जाता है ना जाने क्यो उसकी बात दिल के अंदर धाड से लगी मैने कुछ भी नही कहा और बस उस को अपनी बाहों मे भर लिया
उसने मुझे हटाया कि छोड़ो पेशाब करना है और बाहर जाके मूतने बैठ गयी साली कमिनी थी पूरी ज़ालिम मेरी ओर मूह कर की ही मूत रही थी मैं चूत से बहती पेशाब की धार को देख रहा था जो उसकी फांको को भिगोरहि थी फिर वो मेरे पास आके बैठ गयी और बोली क्या सोचने लगे तो मैने कहा कुछ नही मैने अपनी जेब मे हाथ डाला और 300 रुपये उसको देते हुवे बोला ये मेरी तरफ से रख लो
तो वो नाराज़ होती हुए बोली मैं तेरे साथ सोती हू पर रंडी नही हू जो पैसो से तोल रहा है तो मैं बोला तुम ग़लत समझ रही हो ये तो मेले के लिए गिफ्ट है तो वो बोली अगर गिफ्ट देना ही था तो खुद खरीद भी सकते थे और गुस्से मे पैर पटक ते हुए चली गयी मैं उसे रोकना चाहता था पर ना रोक सका ना चाहते हुवे भी आज उसने दिल मे एक हूक सी जगा दी थी
मैं भी उठा और थोड़ा पानी पिया और मुँह धोया पता नही चुदाई के बाद प्यास कुछ ज़्यादा ही लगती थी फिर घर की ओर चल दिया वहाँ जाके देखा कि मेन गेट पे ताला लगा हैं तो ध्यान आया कि घर वाले तो मेले मे गये हैं भूख भी लग रही तो मैं भी मेले की ओर चल दिया
हालाँकि मुझे पसंद नही था पर मेरे कदम चल ही पड़े उस ओर या यूँ कहूँ कि तक़दीर कुछ ओर ही खेल खेलना चाहती थी वहाँ पहुच के सबसे पहले दो समोसे खाए तब थोड़ी जान आई गरम हवा सरपट दौड़ रही थी और कुछ भीड़ गर्मी सब कुछ जैसे उबल सा रहा था तो सोचा कि लगे हाथ क्यों ना गन्ने का रस भी पी लिया जाए मैं भी अब मेले के रंग मे रंगने लगा था
तभी एक विचार आया कि क्यों ना प्रीतम की लिए कुछ खरीद लूँ थोड़ा डर भी था कभी कोई देखना ले कि मैं लड़कियों का समान किस के लिया खरीद रहा हू और कुछ गले मे पहन ने के लिए देखने लगा
तभी पीछे से कोई मुझसे टकरा गया मैने फॉरन पीछे मूड कर देखा तो बस देखता ही रह गया साँवली रंगत चेहरे पे हल्की सी ज़ुल्फ़िें बिखरी हुई उसने फॉरन ही मुझसे सॉरी कहा तो मैं भी मुस्कुरा दिया ये उसकी ऑर मेरी पहली मुलाकात थी वो मुस्कुराइ और इठलाती हुई आगे बढ़ गयी मैं बस उसे जाते हुवे देखता ही रहा………………
वो लड़की कुछ ही सेकेंड मे एक छाप से छोड़ गयी थी फिर प्रीतम के लिए कुछ खरीदा और थोड़ी देर मेले मे घूमने के बाद घर की ओर प्रस्थान किया शाम हो चली थी लाइट भी नही आ रही थी तो ओर भी मुश्किल सी हो गयी थी मैने आँगन मे खाट बिछाई और उसी पे लेट गया
चाची झाड़ू लगा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं उनकी गान्ड को देख रहा था साली जिंदगी भी दो तरह से चल रही थी एक तरफ मैं लुस्ट मे डूबा जा रहा था और दूसरी ओर एक नयी राह भी थी जिसपे चलने की तैयारी होने लगी थी मेरा ध्यान पूरी तरह से चाची पे ही था जी कर रहा था कि उसी वक़्त उन्हे चोद दूं पर मजबूरी थी तो सीधा उठके बाथरूम मे घुस गया और उनकी कच्छि को लंड पे रगड़ते हुए मूठ मारने लगा
अब जाके थोड़ा चैन आया उन दिनो साला लंड भी जब चाहे खड़ा हो जाता था पेंटी को उसकी जगह पे रखा और हाथ मूह धोके मैं फिर वापिस आ गया पापा और चाचा भी आ चुके थे तो मैं उनसे बाते करने लगा मई के लास्ट दिन चल रहे थे
तभी चाचा बोले कि 10+2 मे वो मेरा अड्मिशन सिटी मे करवाएँगे ताकि मैं बेहतर ढंग से स्टडी कर सकूँ ये सुनके मैं बहुत ही खुश हो गया तभी चाचा बोले कि जा रसोई मे देखके आ कि खाना बन ने मे कितनी देर हैं मैं वहाँ पे गया तो देखा कि चाची आटा ही लगा रही थी वो बोली बस बना ही रही हैं वो स्लॅब के पास खड़ी आटा लगा रही थी अचानक मुझे पता नही क्या सूझा मैं उनके पीछे खड़ा हो गया
थोड़ी चापलूसी करते हुए बोला चाची आप सारा दिन कितना काम करती हो कभी आराम भी किया करो घर मे ऑर भी हैं वो भी खाना बना सकते है तारीफ औरत की सबसे बड़ी कमज़ोरी होती हैं मैं थोड़ा और मक्खन लगाते हुए बोला कि क्या मैं उनकी हेल्प करू और थोड़ा और उनके करीब सट गया अब मेरी जांघी उनके पिछवाड़े पे टच हो रही थी मेरा नागराज भी खड़ा होने लगा था मैने थोड़ी हिम्मत करते हुए अपना हाथ उनके पेट पे रख दिया और उसपे हाथ फेरने लगा चाची थोड़ा कसमसा गयी पर कुछ ना बोली और आटा लगाती रही मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी और मैं उनसे बिल्कुल ही चिपक गया था लंड उनके कुल्हो पे रगड़ खा ने लगा था मुझे सॉफ पता चल रहा था कि उनकी सांसो मे ठहराव आ गया था तभी उन्होने भी अपने कुल्हो को थोड़ा पीछे कर दिया
अब हम दोनो ही जानते थे कि ये चाची-बेटे के प्यार से थोड़ा बढ़ कर कुछ ऑर ही हो रहा था तभी चाचा ने आवाज़ लगाई और मैं घबराते हुए बाहर की ओर भाग चला. फिर कुछ नही हुवा डिन्नर के बाद मैने अपना बिस्तर छत पे लगाया और रेडियो को ऑन करके लेट गया आज गाने भी कुछ ज़्यादा ही रोमॅंटिक चल रहे थे
मुझे तभी उस लड़की का ध्यान आया जो मेले मे टकराई थी दो पल की मुलाकात फिर से मुझ पे हावी होने लगी थी कुछ तो रोमॅंटिक गानो का सुरूर ओर कुछ उस लड़की की कशिश हालाँकि कशिश तो मैने भाबी और प्रीतम मे भी महसूस की थी पर ये कुछ अलग ही था नींद उड़ गयी थी मैने सोचा गाँव की तो नही हो सकती है होती तो पता चल ही जाता पता नही कॉन थी कहाँ रहती थी
एक तो वैसे ही बैचैन था उपर से लव गुरु भी रेडियो पे उस खुमारी को ऑर भी बढ़ा रहे थे गला सूखने सा लगा था पानी की बॉटल टटोली तो पाया आज तो बोतल नीचे ही भूल आया था मैं नीचे की ओर चल पड़ा रसोई मे जा ही रहा थी कि तभी किसी के हल्के से हँसने की आवाज़ आई तो मेरे कान खड़े हो गये
थोड़ा दीवार की पास चिपक के आँगन की ओर देखा कि चाचा ने चाची को पलंग पे घोड़ी बनाया हुवा हैं . दोनो संभोग करने मे मस्त हैं मैं छुप के उन्हे देखने लगा जाने कब मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा
कुछ ज़्यादा सॉफ तो नही दिख रहा था पर जितना भी था काफ़ी था अब चाची चाचा के लंड पे बैठ के उछल कूद मचा रही थी मेरा पानी भी निकलने ही वाला था तभी साला जुलम हो गया लाइट अचानक आ गयी और पूरे आँगन मे बल्ब की रोशनी मे नहा गयी मैं एक दम से हड़बड़ा गया छिपने की कोई जगह भी नही थी और तभी चाची की नज़र मेरे उपर पड़ी
उनकी आँखे हैरत से फैल गयी मेरे हाथ मे मेरा तना हुआ लंड झूल रहा था और उधर वो नंगी अपने पति के लंड पे कूद रही थी मैने आव देखा न ताव और सीढ़ी पर दौड़ लगा दी और घर के बाहर चबूतरे पे आके बैठ गया …………..
सुबह हुई तो मैं सीधा प्लॉट मे चला गया रात का घटना क्रम आँखो के सामने ही घूम रहा था समझ नही आ रहा था कि कैसे चाची को फेस करूँगा फिर प्रभु का नाम लिया और सोचा कह दूँगा ग़लती हो गयी और माँफी माँग लूँगा
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नहाया धोया पशुओ को नहलाया उसी मे काफ़ी टाइम हो गया था पेट मे चूहे भी दौड़ने लगे थे पर हिम्मत नही हो रही थी घर जाने की तो मैने सोच कि गाँव के बस स्टॅंड की ओर घूम आता हू और वही कुछ खा भी लूँगा
जैसे ही जेब मे हाथ दिया तो वो खाली थी कोई बात नही दिल को समझाया और फिर भी उधर ही चल पड़ा तभी विचार बदला और सोचा क्यों ना प्रीतम के घर की तरफ राउंड लगाया जाए कई दिन से उसका दीदार भी नही हुआ था
तो वो अपने गेट मे ही खड़ी थी मैने उसे देखा और स्माइल पास की उसने अपनी छोटी को घूमाते हुए मुझे चिड़ाया तभी उसने आने का इशारा किया मैने चारो ओर देखा और साव धानी से उसके घर मे घुस गया
उसने फॉरन ही गेट बंद कर दिया मैने पूछा घर वाले कहाँ गये तो वो मंद मंद मुस्कते बोली कि उसकी मा और भाई सहर गये हैं और और शाम तक ही वापिस आएँगे मेरे चेहरे पे कुटिल मुस्कान छा गयी
पर मुझे भूक लग रही थी तो मैने उस से रोटी के लिए कहा तो बोली अभी तो कुछ नही हैं रात की बासी रोटी ही हैं और थोड़ी चटनी हैं तुम चाहो तो वो ख़ालो या रुक जाओ मैं गरम बना दूं
तो मैने कहा कि जो है वो ही दे दो और रोटी खाने लगा उसने एक गिलास मे लस्सी भी डाल दी. उस दिन पता चला कि खाने का स्वाद क्या होता हैं थी तो बस चटनी रोटी पर आज तक उस स्वाद को तरसता हू
मुझे खाना खाते देख प्रीतम बहुत ही खुश हो रही थी खाना ख़तम हुवा उसने बर्तन समेट दिए और मुझे उनके चॉबारे मे ले आई और मेरी गोद मे आ के बैठ गयी
मैं उसकी पीठ सहला रहा था उसने अपने होंठ आगे को बढ़ाए तो मैने मना करते हुए कहा कि पहले मैं उस से कुछ बात करना चाहता हू तो बोली हाँ क्यों नही मैं तो बेताब हू कि कब तू मेरी तारीफ करेगा
तो मैने उसकी नशे से भरी आँखो मे देखते हुए पूछा कि तू मेरी कॉन है तो बोली तुझे क्या लगता है तो मैने कहा घुमा मत और बता कि तू मेरी क्या लगती हैं तो बोली कि मैं तेरी अधूरी प्यास हू जो जितना बुझती है उतना ही भड़कती जाती हैं
तो मैने कहा तेरे मेरा क्या रिश्ता है तो वो बोली नदी के दो किनारों का मैने फिर पूछा कि तेरे- मेरे रिश्ते का क्या अंजाम वो हँसते हुए बोली ना कोई आगाज़ ना कोई अंजाम
बोली इतना मत सोचो आख़िर एक ना एक दिन तो हमे बिछड़ना ही होगा तो फिर हम क्यों आस करे कुछ तो बात थी उस लड़की मे उसने मेरी तरफ बढ़ते हुए कहा कि जो चल रहा हैं उसी तरह चलने दो या सब बंद कर दो पर कोई आस कभी मत पालना
क्योंकि जब उम्मीद टूट ती है तो संभालना मुश्किल हो जाता हाँ और नीचे चली गयी कुछ देर बाद वो एक प्याला लेके आई जिसमे कुछ रसगुल्ले थे और मेरी और बढ़ाते हुए बोली कि लो खाओ तो मैं बोला तुम ही खिला दो क्या पता फिर तुम्हारे हाथ से कुछ खाने को मिले या ना मिले
तो वो मेरी गोद मे वापिस आके बैठ गयी और बड़े ही प्यार से मुझे खिलाने लगी उसकी उंगलिया चाशनी मे भीग गयी थी रसगुल्ले के साथ साथ मैं उसकी उंगलियो को भी चाटने लगा वो बस मुस्कुरा रही थी
दो-तीन पीस खाने के बाद मैने उसे खड़ा किया और उसके कपड़े उतारने लगा और खुद के भी उतार दिए अब हम दोनो एक दूसरे के जिस्मो अपनी आँखो से तोल रहे थे मैने एक रसगुल्ला उठाया और उसकी चाशनी प्रीतम के होंटोपे निचोड़ दी
तो वो बोली अरे ये क्या कर रहे हो तो मैने उसे खामोश रहने को कहा कि वो मुझे मेरी मर्ज़ी से उसे प्यार करने दे और उसके मीठे मीठे अधरो को चूमने लगा बहुत ही मनमोहक पल था वो चासनी हमारे मूह मे घुलने लगी थी
ना जाने कितनी देर हम ऐसे हुए एक-दूसरे को चूमते रहे उसकी सांसो को मैं अपने अंदर महसूस कर रहा था अब उसे लिटाया और उसकी 36 इंची चूचियों पे भी थोड़ा रस बिखेर दिया ।
और उसके निप्पल को चूसने लगा प्रीतम के निप्पल बहुत ही सेन्सिटिव थे और जैसे ही मैं उन्हे चूस्ता तो वो झट से गरम हो जाती थी धीरे धीर मैं उसके पूरे शरीर को चाटने चूमने लगा वो पड़ी पड़ी बस आहें भर रही थी ।
अब मैं उसकी चूत की ओर बढ़ने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत के बालो पे फेरने लगा उसने अपनी जांघे थोड़ा उपर की ऑर फैला ली कमरे मे बस हमारी गहरी साँसे ही गूँज रही थी जीभ अब उसके दाने पे घूमने लगी थी और उसके हाथ उसकी गोल गोल चुचियों को मसल रहे थे ।
मैने कुछ चाशनी चूत पे भी गिरा दी थी जिस से उसकी चूत का रस और मीठी चासनी मिक्स हो गये थे और खारा मीठा सा टेस्ट आ रहा था अब पूरी गहराई में जहाँ तक मैं जीब डाल सकता था प्रीतम की चूत मे डाल थी
और अंदर बाहर करने लगा वो तो सातवे आसमान मे पहुच गयी थी और उसकी टाँगे बुरी तरह से मेरे चेहरे पे कसी पड़ी थी उसकी चूत की गर्मी मेरे चेहर पे सॉफ पड़ रही थी तभी वो ज़ोर से चीख मारते हुए ढीली पड़ गयी मैं उसका सारा रस पी गया और वो हाँफने लगी
मैने फिर से उसके होटो पे एक लंबा चुंबन दिया और उसके चेरे पे अपना लंड रगड़ने लगा अब लंड उसके होंटो पे रगड़ खा रहा तो उसने अपना मूह खोला और सुपाडे को अपने मूह मे ले लिया और किसी कुलफी की तरह उसे चूसने लगी
चूस्ते चूस्ते उसने लंड को बाहर निकाल दिया तो मैने कहा क्या हुवा तो वो बोली सारा मज़ा क्या तू ही लेगा और बची हुवी चाशनी मेरे लंड और गोलियों पे गिरा दी मैं अब फरश पे खड़ा होके उसे लंड चूसा रहा था और वो नीचे बैठी हुवी थी मैने उसके सर को पकड़ लिया और हल्के हल्के धक्के से मारने लगा
तभी उसने अपनी चूत मे उंगली रगड़नी शुरू कर दी ये देख कर मुझे और भी जोश आ गया 5-7 मिनिट और चूसने के बाद मैने उसे घुटनो के बल झुकाया और चूत मे लंड को सरका दिया उसकी कमर को थामे मैं उसे चोद रहा था प्रीतम भी पूरा सहयोग कर रही थी
तभी मैं अपना एक हाथ उसकी कमर से हटाया और चूत पे रख दिया मेरी उंगली अब उसके दाने को टटोल ने लगी थी ऐसा करने से प्रीतम की उत्तेजना मे और भी इज़ाफा हो गया था वो बोली रे जालिम ये क्या कर दियाआआअ आआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआ
आज तो मेरी जान ही निकाले गा क्या और बोली ऐसे चोद्ता रह मुझे जब तब मेरी जान ना निकले बस चोद्ता ही रह मुझे बस इसी तरह मेरी प्यास बुझाता रह रुक मत और हाँफने लगी मेरी भी साँस फूलने लगी थे पर मैं अभी झड़ना नही चाहता था
तो मैने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे लिटा ते हुए अपने होंठ एक बार फिर उसकी गरमा गरम चूत पे रख दिए प्रीतम तो जैसे बावली हो गयी थी उसने काँपति आवाज़ मे कहा आक्टिंग मत कर और चोद मुझे ये सुन के मुझे हँसी आ गयी और मैने उसकी टाँगो को अड्जस्ट किया और उसे चोदने लगा
वो भी पूरे जोश मे थी कुल मिलाके कमरे मे एक तूफान आया हुवा था काफ़ी देर तक चुदाई चलती रही और फिर ऐसे ही हम काम सुख की ओर बढ़ गये पता नही कितनी देर मैं उसके उपर ही पड़ा रहा फिर उसने धक्का देते हुए कहा कि उठो और मैं साइड मे लेट गया दोपहर हो गयी थी
वो बोली मैं खाना बना लूँ तब तक तुम लेट जाओ तो मैने कहा पहले एक राउंड और मार लू तो वो हंसते हुए बोली कि खाना बनाने के बाद और कपड़े पहने और नीचे चली गयी मैने भी अपने को अड्जस्ट किय और उसके पीछे पीछे नीचे चल पड़ा
वो रसोई मे खाने की तैयारी कर रही थी मैं भी वही बैठ गया और उस से बाते करने लगा फिर हम ने खाना खाया इस सबमे लग भग एक घंटा तो लग ही गया होगा कुछ समय बाद हम फिर से बिस्तर पे पहुच चुके थे कपड़े नीचे फर्श पे पड़े हुए थे मैं लगा तार उसकी गान्ड के छेद को सहला रहा था तो वो बोली क्या इरादा है
तो मैं अपनी उंगली गान्ड मे डालने की कोशिश करता हुआ बोला मुझे ये चाहिए अभी तो वो बोली तुम कब से कुछ पूछ के लेने लगे जो अब पूछ रहे हे मैं खुश हो गया और उसको चूम लिया मैने उंगली पे थूक लगाया और गान्ड मे सरका दी प्रीतम की गान्ड तो अनिता भाभी से भी ज़्यादा टाइट थी खैर मोर्चा तो फ़तेह करना ही था
मैने प्रीतम को उल्टा लिटाया और ढेर सा थूक उसकी गान्ड पे लगा दिया और लंड को वहाँ पे रगड़ने लगा प्रीतम को मैने थोडा रिलॅक्स होने को कहा तो वो बोली जिसकी गान्ड मे लंड घुसने वाला हो वो रिलॅक्स कैसे हो सकता हैं तभी मैने लंड को अंदर डालने की कोशिश की पर वो फिसल रहा था मैं थोड़ा थूक और लगाया और थोड़ा ज़ोर लगाते हुए लंड को थोड़ा अंदर डाल ही दिया
जैसे ही लंड अंदर गया उसकी आँखो की आगे अंधेरा छा गया और वो बेहोशी के कगार पे पहुच गयी पर मैने लंड निकाला नही क्योंकि मुझे पता था कि अगर निकाल लिया तो फिर ये डालने नही देगी आँसू आ गये उसकी आँखो मे और वो ज़ोर से रोती हुए बोली ओहमेरी मा आज तो मर ही गयी
तुम अभी इसको बाहर निकाल लो पर मैने उसे थोड़ा सबर करने को कहा और उसे बातो मे उलझाने लगा कुछ देर बाद अब मैने लंड को अंदर सरकाने का सोचा और थोड़ा और अंदर डालने लगा अब वो भी थोड़ा सहज फील कर रही थी तो मुझे भी तसल्ली हुवी और ऐसे ही धीरे धीरे मैने पूरा लंड अंदर घुसा दिया अब मेरे अंडकोष उसके गद्देदार चुतडो पे टकरा रहे थे मुझसे रुका नही जा रहा था आधे लंड को बाहर की ओर खिचा और फिर से अंदर डाल दिया
अब उसकी गान्ड भी थोड़ा रेस्पॉन्स करने लगी थी मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए प्रीतम अभी भी दर्दभरी सिसकारिया निकल रही थी धक्को की रफ़्तार भी अब बढ़ने लगी थी मैं प्रीतम के गालो को मस्ती से काट ते हुए गान्ड चोद रहा था दास-पंद्रह मिनिट तक ऐसे ही करने के बाद मैने अपने लंड को निकाला और उसके मांसल कुल्हो पे अपने वीर्य की धार छोड़ दी उस दिन प्रीतम को कुल तीन बार चोदा घड़ी देखी तो4 .30 हो गये थे प्रीतम बोली अब तुम जाओ घर वाले भी आने ही वाले होंगे और फिर एक किस के बाद मैं उसके घर से निकलकर अपने घर की ओर चल पड़ा
ज्यों ज्यों घर नज़दीक आ रहा था अब मेरी गान्ड फटने लगी थी कि अगर चाची ने रात वाली बात मम्मी को बता दी हो गी तो आज तो गया पर घर तो जाना ही पड़ता वो ही तो एक ठिकाना था दरवाजे पे ही मम्मी के दर्शन हो गये वो मुझे देखते ही गुस्से से बोली कहाँ मर गया था तू सुबह से कुछ अता-पता नही हैं यहाँ हम कितने परेशान है और ये साहिब आवारगार्दी करते घूम रहे थे आज आने दे तेरे पापा को अंदर गया तो चाची टीवी देख रही थी उन्होने मुझ पर एक भरपूर निगाह डाली और उठकर मेरे लिए खाना डालने लगी ।
मैं भी रसोई मे चला गया था मुझे प्लेट देते हुए बोली कहाँ गये थे सुबह से तो मैं कुछ नही बोला तो वो हल्के से डाँटते हुए बोली कि आज कल बहुत बड़ा हो गया है तू मैं चुप ही रहा तो वो बोली कल रात को क्या देख रहा था तो मैने गर्देन नीचे करली और कुछ नही बोला उन्होने फिर सवाल किया बोली आजकल तुम कुछ ज़्यादा ही उड़ रहे हो लगता हैं तुम्हारी शिकायत दीदी से करनी पड़ेगी तो मैं उनके पाँवो मे गिर गया और माफी माँगने आगा तो वो बोली जा अभी खाना खा ले बाद मे बात करेंगे अब कैसा खाना खाना था
पर फिर भी खा ही लिया थोड़ा बहुत तभी चाचा भी आ गये मैं टीवी देखने लग गया रात घिर आई थी मैं तो रोज छत पे ही सोता था दिनभर जो चुदाई की थी तो थकान से जल्दी ही सो गया अगले दिन जब मैं नहा रहा था तो देखा कि आज वहाँ एक सुंदर सी ऑरेंज कलर की पेंटी रखी थी अब तो मेरी आदत ही बन गयी थी चाव्ही की पेंटी मे मूठ मारने की की एक बार फिर मैने वैसे ही दोहराया और फिर नहा के बाहर आ गया मम्मी खेत पे जाने की तैयारी कर रही थी तभी चाची बोली दीदी क्यों ना आज मैं खेत मे चली जाउ
इधर घर ही घर में रहते हुए थोड़ा बोर सा हो गयी हू तो मम्मी ने हाँ करदी और मुझे बुला के कहा कि चाची के साथ खेतो पे चले जाओ और उनकी मदद करना मैं थोड़ा खुश सा हो गया एक घंटे बाद हम खेतों की ओर चल पड़े खेत कोई एक-डेढ़ किलोमीटर दूर पड़ ते थे हम पैदल ही जा रहे थे चाची ने आज हल्केहरे रंग की साड़ी और वाइट ब्लाउज डाला हुवा था जिसमे उनकी खूबसूरती और भी बढ़ गयी थी धूप तेज होने के कारण उनको पसीना आने लगा था तो मैने रुमाल उनको देते हुए कहा चाची पसीना पोंछ लो
तो वो बोली तुझे आजकल मेरी बहुत पड़ी है बड़ा ध्यान रखने लगा हैं मेरा तो मैं बोला यह तो मेरा फर्ज़ है तो वो चुटकी लेते हुवे बोली कि हां तभी तो आज कल मेरी कछियो पे बड़ा फ़र्ज़ निभा रहे हो और मेरी ओर देखने लगी मैने कुछ नही कहा तो बोली अब बड़ा शर्मा रहा हैं जब ये कांड करते हो जब शरम नही आती तो मेरे मूह से निकल गया कि चाची आप हो ही इतनी मस्त रुका ही नही जाता ये सुनके उनके गाल लाल हो गये और मुझे हल्की सी चपत लगाते हुए बोली शरम नही आती अपनी चाची पे लाइन मारते हुए और जोरो से हँसने लगी
तो मैं भी मुस्कुरा दिया अब मेरा डर पूरी तरह से दूर हो गया था मैने विचार किया कि शायद वो भी रूचि ले रही है और ऐसे ही बाते करतहुए हम खीतो मे पहुच गये मैं तो सीधा ही पानी की होदि मे कूद गया और नहाने लगा चाची वही पड़ी चारपाई पे बैठ गयी और मुझे देखने लगी मैं नहाते हुए बोला क्या देख रही हो तो वो कुछ नही बोली और उठ के होदि के पास आ गयी और अपना मूह धोने लगी तो मैने कहा कि अगर इच्छा है तो नहा ही लो तो वो बोली कपड़े नही है और उपर से तुम भी तो हो जो वैसे ही इतनी तान्क झाँक करते रहते हो तो ना चाहते हुए भी मेरे होंटो पे एक शरारती स्माइल आ गयी
नहा के मैने वापिस कपड़े पेहन लिए और बोला कि चलो चाची अब थोड़ा काम कर लेते है और खेतो की उस तरफ चल पड़े जहा कुछ घास उगी हुई थी हम घास काट रहे थे तो चाची जल्दी ही थक गयी क्यों कि वो ऐसे भारी काम थोड़ा कम ही करती थी तो मैं भाग के एक डब्बे मे उनकेलिए पानी लाया और उन्हे दिया जब वो पानी पी रही तो थोड़ा पानी उनके ब्लाउज पे भी गिर गया जिस से अंदर ब्रा दिखने लगी वैसे भी उनके उभार हमेशा ब्लाउज की क़ैद से बाहर आने को मचलते रहते थे मैने उन्हे बैठने को कहा और खुद घास काटने लगा फिर उसको पोटली मे बाँधा और चाची के सर पे रख दिया वो घास की पोटली उठाए मेरे आगे आगे मटकती हुई चल रही थी
मुझे लगा आज उनकी गान्ड कुछ ज़्यादा ही मटक रही थी फिर हम कुवे के पास बने कमरे पे पहुचे और उन्होने पोटली वहाँ रख दी आज कई काम करने थे मैने अब कस्सि उठाई और उग आई खरपतवार को काटने लगा दोपहर होने को आई थी और उपर से गर्मी का क़हर मैने काम को रोका और चाची की पास आके बैठ गया ऑर उन्हे देखने लगा वो भी थका थका महसूस करने लगी थी तो मैने कहा कि अगर वो चाहे तो थोड़ी देर चारपाई पे लेट जाए और चारपाई को कमरे के अंदर डाल दिया वो अब लेट गयी और मैं बाहर आके बचा काम खातम करने लगा पूरे काम मे एक घंटे से भी ज़्यादा लग गया था
जब मैं कमरे मे गया तो चाची अपनी आँख बंद करके लेटी हुई थी पर मेरे जाने से वो जाग गये और बोली अगर काम हो गया तो तुम भी थोड़ा आराम कर्लो मैं बोला मैं नीचे ही लेट जाता हू तो उन्होने कहा कि नही इधर मेरे पास ही चारपाई पे आ जाओ ये सुनके मुझे बड़ी ख़ुसी हुई मैं तो निक्कर बनियान मे ही लेट गया खाट दो लोगो के लिए थोड़ी छोटी थी पर अड्जस्ट तो करना ही था थोड़ी देर बाद मैने अपना हाथ उनके पेट पे रख दिया और उसे सहलाने लगा चाची की आँख बंद थी मैं धीरे धीरे उनके पेट को सहलाता रहा और फिर अपनी एक उंगली उनकी नाभि मे डाल दी और उस से छेड़खानी करने लगा
चाची की छातिया जोरो से उपर नीचे होने लगी थी माथे पे पसीना छलक आया था पर उन्होने आँखे नही खोली और ना ही मुझे रोका मेरा लंड निक्कर मे टॅंट बना ने लगा था अब मैने सोचा जो होगा देखलेंगे और अपना हाथ उनके ब्लाउज पे रख दिया और धीरे से उनकी चूची को दबा दिया उनके मुँह से आहा निकल गयी मुझे पता चल गया कि वो सोने का नाटक कर रही है मैं धीरे से उनके बोबो को दबाने लगा उनका बदन काँपने लगा था अब मेरी हिम्मत बहुत ही बढ़ गयी थी और मोका भी ठीक ही था
तो मैने उनके हाथ को अपनी लंड पे रख दिया उन्होने फॉरन हाथ हटा लिया मैं दुबारा से उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया और इस बार अपने हाथ से थोड़ा दबाव भी डाल दिया अब मैं मस्ती से उनकी चूची भींच रहा था और तभी उन्होने अपने हाथ से मेरे लंड को हल्का सा दबा दिया हम दोनो का बुरा हाल था उत्तेजना से परंतु अभी कुछ शरम बाकी थी मैने अपने होंठ उनकी गर्देन पे रख दिए और हल्का सा चूम लिया वो कुछ ना बोली मैं पूरी मस्ती से उनकी गर्देन चूमने लगा
उनका हाथ धीमे धीमे मेरे लंड को निक्कर के उपर से ही सहलाने लगा था मैने अब अपने काँपते होंठ उनके गालो पे रख दिए और उनको चूमने लगा मैं उनके गालो पे लगे सारे . को चाटने लगा चाची मदहोश होने लगी थी उनके हाथ का दबाव मेरे लंड पे बढ़ने लगा था अब मैने उनके गालो को छोड़ा और काँपति हुई आवाज़ मे बोला चाची अब तो आँख खोल दो उन्होने अब आँखे खोली और बोली उफफफफफफ्फ़ ये तुम क्या कर रहे हो मैं चाची तुम्हारी हू रुक जाओ हमे ये नही करना चाहिए हालाँकि कोई विरोध नही था
तो मैं बोला मैं आपको बहुत पसंद करता हू प्लीज़ बस एक बार ऑर उनकी चूत को साड़ी के उपर से कस्के मसल दिया ये ही जो लम्हा था जब मैने उनके होंटो पे अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा और साथ साथ चूत को मसलता भी जा रहा था अचानक उन्होने मुझे धक्का दिया और बाहर की ओर भागी मैं समझ ना पाया कि उन्हे क्या हुआ पर फुर्ती दिखाते हुए उन्हे फिर से अपनी बाहों मे जाकड़ लिया पर वो छूटने के लिए ज़ोर लगा रही थी तो मैने पूछा कि क्या हुवा तो वो शरमाते हुए बोली कि उन्हे पेशाब आ रहा हैं
जाने दो प्लीज़ पर मैने भी शरारत करते हुए कहा कि चाची यही करदो ना तो वो बोली नही मुझे जाने दो वो लरजते हुए बोली जाने दो कहीं यही ना निकल जाए तभी मुझे कुछ सूझा और उनकी साड़ी उठा के अंदर घुस गया और कछि के उपर मूह लगाते हुए बोला कि चाची आप मेरे मूह मे पेशाब कर दो तो वो हैरनहो गयी मैने फॉरन उनकी चड्डी नीचे सरका दी और चूत को मूह में भर लिया और उनकी कमर को मजबूती से थाम लिया और चाची का कंट्रोल भी खो गया और पेशाब की मोटी धार मेरे मूह मे गिरने लगी
मेरा मूह किसी लॉक की तरह उनकी चूत पे कसा हुआ था पेशाब की आखरी बूँद तक मैने पी ली और अपने दाँत हल्के से गढ़ाते हुए चूत को चूम लिया और वापिस उन्हे चड्डी पहना दी और उनके बराबर मे खड़ा हो गया चाची मुझे गाली देते हुए बोली कमिने कुत्ते तो तो बहुत बड़ा खिलाड़ी निकला मैं तो तुझे बच्चा समझती थी मैने हँसते हुए कहा कि बहुत ही टेस्टी था तो वो शरमा गयी और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया मैं कमरे का गेट बंद करने ही वाला था कि
तभी मेरी निगाह हमारी ओर आती हुई मम्मी पे पड़ी मैने कहा चाची मम्मी आ रही हैं उन्होने फॉरन अपने कपड़ो को ठीक किया और सलीके से चारपाई पे बैठ गयी और मैं बाहर पानी की होदि की तरफ चल पड़ा और हाथ मूह धोने का बहाना करने लगा मेरा तो साला खड़े लंड पे धोका हो गया था चाची खुद पके फल की तरह गोद मे गिरने को तैयार हो गयी थी पर पता नही मम्मी क्यों टपक पड़ी
अब कर भी क्या सकता था चान्स तो चला ही गया था मम्मी भी पहुच गयी थी और बोली कि तुम लोग दोपहर का खाना तो घर पे भूल आए थे तो मैं ले आई अब उन्हे कैसे बता ता कि उनके बेटे को किस चीज़ की भूक लगी थी, अब दबा के कहाँ या थोड़ी देर आराम किया फिर मम्मी बताने लगी कि कहाँ कहाँ से खरपतवार हटानी थी दिन ढलने तक उन्होने हमे खेतो मे जोता फिर हम घर की ओर चल पड़े चाची अब ओर भी प्यारी लगने लगी थी
मैं मायूस सा उनके साथ साथ चल रहा था एक तो चाची की मटकते चुतड और दूसरा मेरा लंड कुलबुला रहा था घर पहुचे फिर मैं टीवी की आगे बैठ गया पर मन नही लग रहा था तो मैं बाहर की ओर चला गया रास्ते मे मुझे प्रीतम का भाई मिला तो उसने बता या कि उसको आरपीएफ मे जॉब लग गयी है तो मैने उसे बधाई दी तो वो बोला चल यार तुझे मिठाई खिलाता हू और हम गाँव के अड्डे की तरफ चल पड़े वो बोला कि अगर मैं बुरा ना मानूं तो वो एक दो पॅक ड्रिंक करले तो मैने कहा अरे बिंदास होके करना अभी तो तू जॉब वाला हो गया और हम हँसने लगे और दारू के ठेके पे चल दिए
मैं पेप्सी पीने लगा और उसने साले ने पूरा हाफ ही टाँग दिया बिना पानी के और थोड़ी देर मे ही झूम ने लगा उसके कदम बहकने लगे अब साली नयी प्राब्लम हो गयी थी तो मैने फ़ैसला किया और उसको लादे लादे उसके घर पे गया छोड़ने के लिए तो देखा कि प्रीतम की मा आराम कर रही थी और प्रीतम रोटी बना रही थी मैने उसके भाई को खाट पे लिटाया और सुला दिया फिर उसकी मा के बारे मे पूछा तो उसने बताया की मा को बुखार सा हैं इसलिए वो आराम कर रही हैं पर हमारी बाते सुनके वो भी आ गयी और प्रीतम के भाई को देख के गुस्सा करने लगी और मुझे धन्यवाद दिया कि मैं उसको लेके आया तो मैने कहा कि कोई बात नही और वापिस होने के लिए मुड़ा
तो मैने सुना कि प्रीतम की मा कह रही थी कि ये कमीना तो नशे मे पड़ा हैं और मेरी तबीयत ठीक नही हैं अब तू ही जाके बाडे मे सो जइयो आजकल पशु चोर बहुत आते हैं और बॅट्री भी ले जाना और कोई दिक्कत हो तो पड़ोस वाली ताई को जगा लियो ये सुनके मेरा दिल खुराफाती हो गया और मुझे चूत का जुगाड़ दिखने लगा था दौड़ के घर गया और जल्दी से डिन्नर किया और फिर पापा को हुक्का भर के दिया और चापलूसी करते हुए बोला पापा आज कल पशु चोरो ने आतंक मचाया हुवा हैं रोज अख़बार मे आता हैं अगर आप कहे तो मैं प्लॉट मे सो जाया करू उन्होने हैरानी से मेरी ओर देखा ओर कहा तू कब से ज़िम्मेदार होने लगा
वैसे बात तो ठीक है पर तू एक काम करियो तेरे चाचा को भी साथ ले जइयो. ये ऑर मुसीबत हो गयी मैने चाचा को बताया कि आज उन्होने भी मेरे साथ जाना है प्लॉट मे और उधर ही सोना हैं तो वो बोले कि तू खुद तो उल्टे काम करता है और मुझे भी लप्पेट लिया तो मैने कहा कि आप मत जाओ बस पापा को पता ना चले मैं अकेला चला जाउन्गा तो वो बोले ये मेहरबानी किसलिए तो मैने कहा कल 100 रुपये दे देना तो वो हँसने लगे मैं नो बजे प्लॉट मे पहुच गया और अपना बिस्तर लगाया और लेट गया
प्रीतम के बाडे पे नज़र मारी तो वहाँ कोई दिखा नही था अब बस इंतज़ार ही था कोई आधे घंटे बाद फिर देखा तो वहाँ पे लाइट जल रही थी तो मैं समझ गया कि वो आ गयी होगी मैं कच्छे-बनियान मे ही था सावधानी से इधर उधर देखा और उसके बाडे की दीवार पे चढ़ के अंदर कूद गया धम्म्म्म की आवाज़ हुई तो वो थोड़ा चोंक गयी और थोड़ा ज़ोर से पूछा कॉन है मैं जल्दी से उसके पास गया तो वो मुझे देखते हुए बोली तुम यहाँ कैसे क्या कर रहे हो तो मैने उसे चुप करते हुए कहा मैं तो तुमसे मिलने आया हू उसने फॉरन लाइट बंद की ओर हम वहाँ बैठ गये
वो फुसफुसाते हुए बोली कि तुम भी मुझ मरवा के छोड़ोगे एक दिन इतनी भी क्या आग लगी है अब उसे क्या बता ता कि किस कदर आग लगी पड़ी थी मैने उसे मक्खन लगाते हुए कहा कि बिना आग के तुमसे मिलने नही आ सकता क्या तो वो थोड़ा फूल गयी और मेरा हाथ हल्का सा दबा दिया मैने उसे कहा कि चलो मेरे प्लॉट मे चल ते है मैने पूरा इंतज़ाम कर दिया हैं बस तुम्हारा ही इंतजार था तो वो बोली कि यहाँ पे रहना भी तोजरूरी है अगर कोई पशु चोर आ गया तो मैने उसे आश्वस्त करते हुए कहा कि डार्लिंग मेरा प्लॉट पास ही तो हैं और कुछ ऐसा होगा तो हमे पता चल ही जायगा
पर वो मान ही नही रही थी बहुत मिन्नते करने के बाद वो मानी और बोली अभी तुम जाओ मैं कुछ देर मे यहाँ पे पूरी तसल्ली करने के बाद आउन्गी तुम लाइट बंद रखना और गेट खुला छोड़ देना. फिर मैं बचते बचाते वापिस आ गया और उसका इंतज़ार करने लगा पूरे एक घंटे बाद वो आई और खुद ही गेट बंद कर्दिया और सीधा मेरे सीने से आके लग गयी आज रात भर के लिए वो मेरे पास थी ये सोचते ही मेरे बदन मे आग जल उठी
मैं बेतहाशा उसे चूमने लगा वो भी नागिन की तरह मुझे लिपटी हुई थी आज दो प्यासे फिर इस युद्ध के मैदान मे आ डटे थे प्रीतम बहुत ही खुली हुई लड़की थी ख़ासकर सेक्स के मामले मे जिस से मेरा मज़ा और भी बढ़ जाता था मैं उसके निचले होंठ को अपने दांतो से काट रहा था और उसने मेरे कच्छे मे हाथ डालके मेरे लंड को हिलाने लगी थी वो अपने अंगूठे से मेरे सुपाडे की खाल को रगड़ने लगी मेर मूह से आह फूट गयी तो वो और ज़ोर से रगड़ने लगी मैं उसकी अदा का कायल हो गया
मैने एक झटके मे उसका सूट निकाल दिया और खाट पे रख दिया मैं उसके पीछे आके खाड़ा हो गया और पीछे से उसको बाहों मे भर लिया लंड महा राज प्रीतम की गान्ड मे घुसने को मचल उठे ब्रा के उपर से ही उसके गदराई हुई चूचियो को सहलाने लगा वो मदहोश होने लगी कुछ ही देर मे ब्रा भी उतर चुकी थी मैं बोला डार्लिंग क्या बात हैं तुम्हारी चूची तो बहुत ही मोटी हो गयी है तो वो बोली तुमने ही तो किया हैं और मुझसे ही पूछ रहे हो और हम हँसने लगे मैने फॉरन सलवार खोली और कच्छि के साथ ही उतार दिया और अपनी बनियान भी उतार दी
मैने उसे अपनी बहो मे उठाया और वहाँ बने बाथरूम की ओर लेके चल दिया उसने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी बाथरूम तो क्या था बस इटो को लगा के नहाने का जुगाड़ सा किया हुआ था वो मुझसे चिपके हुई खड़ी थी मैने पानी दोनो के शरीर पे डालना शुरू किया ठंडा पानी जब उसके गरम शरीर पे पड़ा तो उसे कंपकंपी होने लगी मैने साबुन उठाया और उसके कोमल जिस्म पे लगाना शुरू किया उसकी बूबो पे साबुन बार बार फिसल रहा था बहुत ही मज़ा आ रहा फिर उसकी पीठ से होते हुए उसकी गान्ड पे ढेर सारा साबुन लगा दिया था अब मेरे हाथ उसकी ठोस जाँघो पे थे
और चूत की ओर बढ़ रहे थे उसके पूरे शरीर पे साबुन लगाने के बाद अब साबुन प्रीतम के हाथ था उसने भी वो ही प्रिकिरया दोहराई और मेरे लंड को पूरा साबुन के झाग से ढक दिया चुदाई का कीड़ा अब कुलबुलाने लगा था मैने प्रीतम को वही पे घोड़ी बनाया और अपना लंड चूत मे पेल दिया प्रीतम की चूत मे घप से लंड घुस गया और उसके कूल्हे पीछे की ओर हो गये मैं उसे चोदने लगा बीच बीच मे मैं हमारे शरीर पे पानी भी डालता जा रहा था जिस से साबुन भी अपना कमाल दिखा रहा था
मेरे हाथ प्रीतम की बोबो पे फिसल रहे थे बहुत ही जोरो से हम चुदाई मे लगे हुए थे टाँगो के बीच से फ़च पच की सर्ली आवाज़ आ रही थी अब प्रीतम खड़ी हुई और मेरी गोदी मे बैठ के चुदने लगी हमारे होंठ एक दूसरे स जुड़ चुके थे वो पूरी जोश से अपने कुल्हो को हिला रही थी बहुत ही जबरदस्त अनुभूति हो रही थी प्रीतम पूरे जोशमे लंड पे कूद रही थी उसकी साँस फूलने लगी थी पर वो पूरी ताल मेरे लंड पे दे रही थी मेरे हाथ उसके कुल्हो को सहला रह थे कुछ देर तक कूदने के बाद वो आकड़ी और निढाल होके गोदी मे ही लेट सी गयी मैने थोड़ी देर झटेक दिए और फिर मैं भी झाड़ गया
पर वो ऐसे ही गोदी मे बैठी रही कुछ देर बाद वो उठी ओर अपने शरीर पे पानी डालने और चूत को भी पानी से सॉफ करने लगी और फिर उसने मेरे लंड को भी सॉफ किया हम काफ़ी देर तक ऐसे ही
छेड़खानी करते हुए नहाते रहे फिर मैने उसके संगमरमरी बदन को तोलिये से पोन्छा और उसको उठा के बिस्तर पे लिटा दिया और खुद भी उस हुस्न की अप्सरा के पास लेट गया वो मेरे सीने को सहलाते हुए बोली तुम पता नही क्या करते हो मैं तुम्हे कभी मना कर ही नही पाती हू तो मैने भी कहा कि मैं कॉन सा तुम्हारे बिना तड़प ता ही रहता हू उसने पूछा कि कभी ओर किसी को चोदा हैं क्या तुमने तो मैने सॉफ झूट बोल दिया कि नही तुम ही मेरी पहली चूत हो
तो मेरे सीने मे मुक्का मारते हुए बोली कुत्ता कहीं का और अपना चेहरा मेरे सीने मे छुपा लिया मैं उसकी गोल गान्ड को सहलाने लगा था जो नहाने के बाद थोड़ा चिकनी हो गयी थी प्रीतम ने भी देर ना करते हुए मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और पपोल्ने लगी उसकी उंगलियो मे भी नशा था मेरा लंड हौले हौले झूमने लगा था शरीर मे जोश का संचार होने लगा था मैने प्रीतम के चुतडो को थपथपाया और उसे 69 की पोज़िशन मे कर दिया प्रीतम ने बड़े ही प्यार से अपनी चूत मेरे मूह से लगा दी और दूसरी तरफ लंड को अपने होंटो की तपिश देने लगी
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उसकी चूत से क्या मोहक सुगंध आ रही थी मैं उपर से नीचे पूरी चूत को चाट रहा था चूत से हल्का हल्का पानी बहने लगा था वो बाद ही प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी अब उसके चुतड हिलने लगे थे वो मेरे चेहरे पे अपने कुल्हो का दबाव डालने लगी थी अब मैने अपनी जीभ उसकी चूत मे सरका दी दो उसने भी मेरे लंड को जड़ तक अपने मूह मे भर लिया अपने थूक से सान दिया तभी प्रीतम ने लंड को मूह से निकाला और बोली बस अब देर ना करो और जल्दी से डाल दो और अपनी टाँगे फैला की लेट गयी मैने लंड को उसकी चूत की छेद पे रगड़ना शुरू किया ।
वो ओर भी गरम हो गयी और बोली अब डाल भी दे ना कितना तडपाएगा मुझसे रुका नही जा रहा है तो मैने ईक शॉट मारा और उसपे छाता चला गया मैं बहुत धीरे धीरे अपनी कमर को हिला रहा था तभी उसने अपना एक बोबा मेरे मूह मे दे दिया और मैने भी उसे गॅप से अपने मूह मे भर लिया वो थोड़ा टेढ़ी हो गयी मेरी तरफ मूह करके अब मैं उसकी चूची पीते हुए उसे गपा गॅप रगड़ रहा था मैं उसकी गान्ड को भी मसल रहा था अब उसका निचला होंठ मेरे मूह मे था और मैं बहुत ही मज़े से उसे निचोड़ रहा था
कुछ देर बाद उसकी जांघे मेरे कंधो पे थी वो अपने बोबे खुद ही मसल्ने लगी थी और मेरे लंड को अपनी चूत मे ले रही थी मैने लंड को चूत से निकाला और उसके मूह मे दे दिया और बोला ले आज अपनी चूत का रस भी चख ले प्रीतम ने बुरा सा मूह बनाया और लंड को मूह मे भर लिया 5 मिनिट चूसने के बाद मैने फिर से चूत की शोभा बढ़ाई और लंड को उसकी गहराइओ मे उतार दिया प्रीतम का बदन हर धक्के पे हिल रहा था और तभी उसकी चूत की फांके फड़फडाने लगी उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे कस दिया और चूत से काम रस की नदी बह चली
उसने चूत से लंड निकाल दिया और सुसताने लगी मैने कहा इसका तो काम करो वो बोली कुछ देर रुक जाओ पर मेरा भी बुरा हाल था मैने फॉरन उसे उल्टा लिटाया और ढेर सारा थूक उसकी गान्ड पे लगाया और लंड को गान्ड मे उतार दिया चूँकि ये सब बहुत ही जल्दी हो गया था वो संभाल ना पाई उसकी दबी दबी सी चीख निकल गयी और मुझे गालियाँ देने लगी मैने कहा इतरा मत पहले भी तो गान्ड मरवाई थी तूने तो वो बोली आराम से करना मेरी जान निकाले गा क्या मैने उसकी बातों पे ध्यान नही दिया और गान्ड मारने लगा लंड मस्ती से गपा गॅप अंदर बाहर हो रहा था सच कहूँ तो चूत से ज़्यादा मज़ा गान्ड मारने मे आ रहा था प्रीतम हाई हाई कर रही थी ऐसेही 15-20 शॉट मारने के बाद मैं भी गान्ड मे ही झाड़ गया और उसके उपर ही पसर गया और अपनी सांसो को समेटने लगा
कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे रात अपने पूरे शबाब मे थी फिर वो उठी और पेशाब करने गयी सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर उसकी चूत से बहते पेशाब की आवाज़ मुझे सॉफ सॉफ सुनाई दे रही थी तो मैंभी उसकी ओर चल पड़ा मुझे देख के वो बोली अब क्या है चैन से मूतने भी नही देगा क्या तो मुझे हँसी आ गयी फिर मैने भी पेशाब किया और लंड को पानी से धोया औ फिर से बिस्तर पा आ गये मैने उसके सर के बालो को सहलाना शुरू कर दिया रोमॅन्स अपने चरम पे था प्रीतम भी मेरी बाहों मे सिमट सी गयी थी
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रात काफ़ी बीत चुकी थी पर हमारी हसरते अभी भी बाकी थी मैं उसे छेड़ते हुए बोला आज कल तू बहुत मोटी हो गयी है क्या बात हैं कुछ मुझे भी तो बता दे तो वो बोली इतना चुदुन्गि तो माँस तो चढ़ेगा ही ना मैं अपनी टाँगो को उसकी टाँगो से रगड़ने लगा वो बोली अब मैं जाती हू तो मैने कहा कुछ देर ओर रुक जाओ ना तो वो बोली अब कर तो लिया और क्या बाकी हैं अब मुझे जाने दे ना पर मैं चाहता था कि वो आज पूरी रात मेरे साथ गुज़ारे क्यों कि ये बहुत ही अनोखे पल थे जो हर किसी को नसीब नही होते हैं अब मैने उसको खींच और अपने उपर लिटा लिया उसके गोल मटोल बोबे मेरी छाती मे धँस गये बिल्कुल किसी फोम की तरह
और लंड उसकी चूत पे रगड़ खाने लगा मैने उसके माथे को चूम लिया और धीरे से अपने होन्ट उसकी गालो से लगा दिए टमाटर से लाल गाल मुझे उसके गाल चूमना बहुत पसंद था साथ ही साथ एक हाथ से उसके चुतड भी सहलाता जा रहा था उसने लंड को अपनी मोटी मोटी जाँघो मे दबा लिया तभी उसे पता नही क्या सूझा उसने अपने होन्ट आगे बढ़ाए और मेरे होंटो को चूसने लगी मैं भी उसका साथ देने लगा अचानक से ही वो बहुत ही आक्रामक हो गयी थी मुझे उसका ये अंदाज बहुत अच्छा लगा मैं उंगली से उसकी गान्ड के छेद को कुरेदने लगा उसके चुतड मचलने लगे थे वासना का संचार शरीर मे होने लगा था ।
प्रीतम की चूत के गीले पन को मेरा लंड महसूस करने लगा था उसे घुमाया और मैं उसके उपर आ गया उसने लंड को अपने हाथ मे लिया और चूत पे रगड़ने लगी मेरे बदन मे सिरहन दौड़ गयी ओर मैं और भी ज़ोर से उसकी जीभ को चूसने लगा वो लगातार लंड को रगडे जा रही थी मैं बुरी तरह से उत्तेजित होता जा रहा था कुछ ऐसा ही हाल उसका भी था मैने अंदर घुसाने को थोड़ा सा धक्का लगाया तो उसने इशारे से मुझे रोक दिया और वैसे ही लंड को रगड़ती रही मज़ा भी बहुत आ रहा था अब रुकना मुश्किल था मैने उसका हाथ हटाया लंड को थोड़ा सेट किया और सीधा उसकी चूत के अंदर पहुचा दिया और एक दूसरे मे समा गये
उसने अपने टाँगे विपरीत दिशाओ मे चौड़ी कर ली मैं खुल के स्ट्रोक मार रहा था उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पे रगड़ने शुरू कर दिए थे वो मस्ती के पूरे शबाब मे थी वो लगातार नखुनो को धंसा रही थी जिस से मुझे चुभन भी हो रही थी परंतु उस चुबन का भी एक अलग सा ही मज़ा था जो शब्दो मे व्यक्त किया ही नही जा सकता हैं मैं लंड को पूरा बाहर की तरफ निकालता और झटके से अंदर घुसा देता था तो प्रीतम भी अपने कुल्हो को उठा कर लंड का स्वागत कर रही थी ऐसे ही चुदाई चल रही थी उसकी आर्म्पाइट से बहते पसीने की स्मेल मुझे मदहोश कर रही थी
उसके हाथ मेरे कुल्हो पे पहुच गये थे और वो दबाव डाल रही थी जैसे की मैं पूरा ही उसकी चूत मे घुस जाउ खाट हमारे धक्को से चरमराने लगी थी मैं पूरी ताक़त से उसे चोद रहा था फिर मैने उसे घोड़ी बनाया और पीछे सी चोदने लगा मेरे हाथो ने उसकी कमर को थामा हुवा था और लपा लॅप चूत मारी जा रही थी प्रीतम हाँफ रही थी उसकी चूचिया बहुत नीचे की ओर लटकी हुई थी मैने हाथ बढ़ा के उनको पकड़ लिया लंड चूत मे फिसलता हुए अंदर बाहर हो रहा था मुझे लगने लगा था कि किसी भी पल मैं डिसचार्ज हो सकता हू तो मैने लंड को निकाला और उसके मूह मे दे दिया
और उसके सर को कस के पकड़ लिया और अपना सफेद पानी उसके मूह मे छोड़ दिया जो सीधा उसके गले से होते हुए पेट मे चला गया प्रीतम ने झट से लंड को बाहर निकाला और खांसने लगी और उल्टी करने की कोशिश करने लगी मैं भाग के गया और एक गिलास पानी लाके दिया तब उसकी जान मे जान आई और वो बैठ गयी टाइम 3 से उपर हो गया था तो उसने अपने कपड़े पहने फिर मैं उसको हिफ़ाज़त से उसके बाडे मे छोड़ने चला गया वो खुद की खाट पे लेट गयी मैं भी उसकी बगल मे ही पसर गया वो मुझे जाने को बोली तो मैने एक लंबा किस किया और वापिस आके सो गया
सुबह काफ़ी देर तक सोता रहा धूप सर चढ़ आई थी रात के बाद शरीर बुरी तरह थक गया था बिस्तर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी किसी तरह खुद को संभाला और नहाया-धोया और घर का रास्ता नापा. पापा और चाचा जा चुके थे दादी और मम्मी आँगन मे बैठे थे चाची ने मुझे नाश्ता दिया जैसे ही उनका हाथ मेरे हाथ से टकराया पूरे बदन मे झंझनाहट दौड़ गयी चाची मुस्कुरा के रसोई मे चली गयी आज उनकी गान्ड कुछ ज़्यादा ही उभरी हुई लग रही थी जल्दी से नाश्ता किया और रसोई मे प्लेट रखने के बहाने से घुस गया
और इधर उधर देखती हुए उनको पकड़ लिया और गान्ड को मसल दिया तो उन्होने आँख तरेरते हुए कहा बड़ी शैतानी करने लगे हो मेरा हाथ उनकी गोल गान्ड पे रेंग रहा था मैने पूछा कि आज खेत पे चलोगे क्या तो उन्होने मना करते हुए कहा कि नही वो नही जाएँगी तो मेरा दिल टूट गया तभी मम्मी ने आवाज़ लगाई और कहा कि आज तुम्हे पापा के ऑफीस जाना है तैयार हो जाओ मैने बुरा सा मूह बनाया और साइकल उठा के सहर की ओर चल दिया आधे-पोने घंटे बाद मैं वहाँ पहुच गया था उन्होने मुझे बैठने को कहा
और बोले कि अब तुम्हारा दाखिला यहा के ईक कॉलेज मे करवा रहे हैं तो चलो तुम एक बार कॉलेज देख लो मैं खुश हो गया अब तक तो बस सरकारी मे ही गान्ड घिसी थी अब मोका मिला था प्राइवेट कॉलेज मे पढ़ने का ये कॉलेज थोड़ा सिटी के आउटसाइड था कॉलेज क्या था कॉलेज ही लग रहा था हम अंदर गये फॉर्म वग़ैरा खरीदा और कुछ फॉरमॅलिटीस पूरी की इन्सब मे कोई दो घंटे लग गये थे एक हफ्ते बाद से क्लास लगनी थी जब मैं घर पहुचा तो साढ़े 3 बज गये थे
अंदर गया तो देखा आज मम्मी भी घर पे ही थी ओर सो रही थी दादी भी आराम कर रही थी मैं दबे पाँव चाची के कमरे की ओर बढ़ने लगा वो कुर्सी पे बैठ के कोई किताब पढ़ रही थी मुझे देख के बोली खाना दूं क्या तो मैने मना किया और उनके बेड पे बैठ गया वो बोली भूक नही है क्या तो मैने डबल मीनिंग यूज़ करते हुए कहा भूक है तभी तो आपके पास आया हू तो वो थोड़ा ब्लश करने लगी मैने उन्हे दीवार के सहारे लगा दिया औ उनके मिस्री से भी मीठे होन्ट चूसने लगा
वो थोडा डर रही थी की कही कोई आ ना जाए मैं मस्ती से लगा हुवा था कहा कुछ महीनो पहले बस मुट्ठी ही मार कर गुज़ारा होता था अब चूते ही चूते थी पता नही कितनी देर मैं उन्हे चूमता रहा उफ्फ कितने क्रीमी होंठ थे उनके बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट फिर उन्होने मुझे हटाया और अपनी सांसो को नियंत्रित करनी लगी उनकी चूचिया बहुत तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी फिर वो बाहर की ओर भाग गयी बकरे की मा कब तब खैर मनाएगी ये सोचते हुए मैं भी बरामदे मे आ गया
चाइ का टाइम हो गया था मम्मी भी उठ गयी थी फिर चाइ पी थोड़ी बातचीत दादी से की ओर बाहर खेलने चल पड़ा मैं अब चाची को जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था क्यों कि फिर मेरी समस्या का समाधान हो जाता भाभी का साथ तो छूट ही गया था प्रीतम भी रेग्युलर्ली नही मिल पाती थी तो मैं सोच रहा था अगर चाची चुद जाए तो पर वो हाथ नही आ रही थी तो मैं थोड़ा हताश भी होने लगा था तभी मुझे एक आइडिया आया और मैं फॉरन दुकान पे गया और एक कम पॉवर का बल्ब खरीद लिया और मोका देख के आँगन वाले बल्ब से बदल दिया
क्यों कि चाचा-चाची रात को वही सोते थे अब बल्ब की रोशनी कम होगी तो मैं उन्हे छुप के देख पाउन्गा डिन्नर हो ही गया था तभी पापा बोले आज प्लॉट मे सोने नही जाएगा क्या तो मैने झूठ बोल दिया कि उधर मच्छर बहुत ज़्यादा हैं तो नींद नही आती और अपना बिस्तर छत पे लगा दिया और इंतज़ार करने लगा छत से हल्का सा झाँका तो पाया कि आज चुदाई नही हो रही थी और वो दोनो घोड़े बेच के सो रहे थे मैं अब बाथरूम मे गया और चाची की पेंटी उठा लाया और उसपे मुट्ठी मार के सोगया
अगले दिन मुझे प्रीतम मिली और उसने बताया कि दो दिन बाद उसका भाई ट्रैनिंग पे चला जाएगा फिर उसकी मा पशुओ के पास सोया करेगी और वो घर मे अकेली ये सुनके मैं खुश तो हो गया पर अब मेरा मन तो बस चाची की चूत मे ही बस गया था पर प्रीतम का ख्याल रखना भी ज़रूरी था आख़िर वो भी मुझे बहुत कुछ देती थी दो दिन ऐसे ही कट गये बिना कुछ ख़ास हुए अब कॉलेज भी शुरू होने वाला था अब ये दोहरी जिंदगी मुझे पीसने को तैयार थी प्रीतम को लेटर लिखा कि कब आऊ उसके घर तो उसका जवाब बहुत ही निराशा जनक था उसने लिखा कि उसे मासिक आया हुवा हैं तो अभी कुछ नही कर सकते अब ऑर प्राब्लम खड़ी हो गयी
इधर चाची भी चूमा चाटी से आयेज नही बढ़ रही थी शायद उन्हे भी मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था इसी तरह कुछ दिन ऑर निकल गये नया कॉलेज बहुत ही अच्छा था पर प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा थी तभी किस्मत ने एक खेल ऑर दिखाया जब मैं लाइब्ररी जाने के लिए सीढ़िया चढ़ रहा था तो मेरी नज़र एक चेहरे पे पड़ी वक़्त जैसे एक पल के लिए ठहर ही गया था अरे यह तो वो ही लड़की थी जो उस दिन मेले मे मुझसे टकरा गयी थी उसकी साँवली सी रंगत दिल मे उतर गयी चलो ये तो पता चल ही गया था कि वो मेरे ही कॉलेज मे पढ़ती थी
अब पता करना था किस क्लास में पढ़ती है अब पढ़ाई मे किसका ध्यान था अगले ही दिन उसका पीछा किया और पता कर लिया कि 10+2 सेक्षन सी मे थी और मैं ए मे. अब किताबो मे वो ही दिखती थी अब ना घर मे मन लगे ना कही ऑर प्रीतम भी कई बार मिलने का बोल चुकी थी पर मैने बहाना करते हुए मना कर दिया हम चाची से थोड़ी बहुत शरारत हो ही जाती थी मैने सेक्षन चेंज की अप्लिकेशन भी लगा दी थी पर उसमे कंडीशन थी तो हिस्टरी छोड़के पब्लिक आडमिन. सब्जेक्ट ले लिया और ए से सी मे पहुच गया
इत्तेफ़ाक़ से वो मेरे साइड वाले बेंच की शोभा बढ़ाती थी मेरा तो ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा उसी पे रहता था उसका नाम भी पता चल गया था मिता साला दिल मे उतर गया वो बहुत ही ब्राइट स्टूडेंट थी और बहुत प्यारी भी थी समय पंख लगाए दौड़ रहा था एक महीना ऐसे ही गुजर गया था प्रीतम भी नाराज़ चल रही थी क्यों कि कई दिन से मैं उस से मिला नही था
पर वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर हैं पर अंधेर नही मामा का फोन आया तो उन्होने बताया कि वो सवामनि कर रहे हैं अब वहाँ सारे परिवार को जाना था प्रोग्राम से एक दिन पहले हम सब मामा के गाँव पहुच गये शाम को भजन का प्रोग्राम था और अगले दिन जीमना था चूँकि हम सब लंबा सफ़र करके आए थे तो थके भी थे तो चाची ने कहा कि वो भजन मे थोड़ी ही देर जाएँगी फिर थोड़ा सोएंगी और मेरी ओर निगाह डाली मैने सोच लिया कि ये उनका मुझे निमंत्रण है और खुश हो गया
हालाँकि उन्होने वो बात जनरली ही कही थी पर मैने उसका ग़लत अर्थ लगा लिया था मुझे पता तो था ही उनके सोने का इंतज़ाम सबसे अंदर वाले कमरे मे किया हुआ था मैं भजन मंडली मे बैठा था परंतु ध्यान चाची पे ही था मेरी आँखे उन्हे तलाश रही थी पर वो दिख नही रही थी तो मैने सोचा कि वो सोने गयी होंगी और बचते बचाते अंदर वाले कमरे मे पहुच गया वहाँ देखा कि वहाँ पे कुल 3 बिस्तर लगे थे दो पे तो कोई लड़किया सोई थी और एक पे एक बूढ़ी थी और एक पे कोई चादर ओढ़े हुए थे मैने सोचा ये ही चाची होंगी
पर दिमाग़ से काम लेते हुए सबसे पहले बल्ब को उतार दिया अब कमरे मे घुप अंधेरा हो गया मैं फॉरन ही उस चादर मे घुस गया और उनसे सट गया मेरा हाथ उनकी टाँगो पे फेरते हुए मैने साड़ी को उपर कर्दिया ऑर सीधा चूत पे हाथ रख दिया था वो घबराते हुए बोली कॉन हैं मैनी झप से उनके मूह पे हाथ रख दिया और बोला घबराओ मत मैं हू और फॉरन उनके उपर लेट गया वो अब मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी क्यों कि उन्हे भी पता था कि अब आगे क्या होगा वो मेरा विरोध करने लगी थी
पर मैने तो ठान ही लिया था कि अब नही तो कभी नही और थोड़ा ज़ोर मैं भी लगाने लगा किसी तरह अपनी ज़िप खोली और तने हुए लंड को निकाला उन्होने कच्छि पहनी नही थी तो सीधा लंड एक झटके से घुसा दिया वो उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उूुुुउउ कर रही थी बहुत ही धीमे धीमे क्यों कि आस पास ऑर लोग भी सोए हुए थे मैने धक्के मारने शुरू कर दिए कोई 7-8 मिनिट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी क्यों कि चूत गीली होने लगी थी उनके चुतड थोड़े से उपर की ओर उठ गये थे अब मुझे भी थोड़ी तसल्ली हुई ऑर मैने उनकी मूह से अपना हाथ हटा लिया ओर फुसफुसाते हुए बोला कैसा लगा मेरी जान तो वो काँपति हुई बोली तुम कॉन हो हालाँकि कोई विरोध नही था
क्यों कि उन्हे भी मज़ा मिल रहा था अब मैं घबरा गया ये तो कोई और थी और चाची कहाँ थी पर मैने सोचा कोई भी हो चूत तो मिल ही रही है अभी तो इसे ही बजा देता हू और उसके होंटो पे अपने होंठ लगा दिए तो उसने फॉरन अपना मूह फेर लिया तो मैने उसके कान मे फुसफुसाते हुए बोला कि अब जो होना था वो तो हो ही गया हैं तुम भी थोड़ा मज़ा ले लो वो कुछ नही बोली और ऐसे ही पड़ी रही पर चूत और लंड तो कोई रिश्ता नही समझ ते हैं मैं लगातार उन्हे चोदे जा रहा था
आख़िर वो थी तो एक औरत ही अब उसके मूह से भी मादक सिसकिया फूटने लगी थी अब मैने अपने होन्ट दुबारा उसके होंटो पे रख दिए और हौले हौले उनका रस पीने लगा वो भी मचलने लगी और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फेरने लगी उसके होंठ बहुत ही पतले से थे तो मज़ा और भी बढ़ गया था उसकी पतली कमर भी अब थिरकने लगी थी आख़िर वो पल भी आया जब हम दोनो ने लग भग एक साथ ही अपने पानी छोड़ दिया
मैं उसकी बगल मे लेट गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ छिटक दिया और अपना मूह दूसरी ओर कर लिया तो मैं उस से सट ता हुआ चिपक गया और धीरे से बोला कि देखो किसी ओर के भरोसे मे तुम चुद गयी हो मेरी तुम्हारे प्रति कोई ग़लत भावना नही थी पर अब जो हो गया वो बदला भी नही जा सकता हैं और धीरे से उसके नितंबो को सहला दिया पर वो कुछ ना बोली
मैं लगातार उसके नितंबो को मसल ता जा रहा था पर वो कोई रियेक्शन नही दे रही थी तभी वहाँ सोई बूढ़ी उठी ऑर बोली रे कोशल्या बड़ी प्यास लगी हैं थोड़ा पानी पिलइओ ओह ये क्या हो गया ये तो मेरी मामी थी जिसे मैने अभी अभी चोद डाला था
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चूत मारने की खुशी पल भर मे ही काफूर हो गयी थी मामी उठी ऑर उनके लिए पानी लेने बाहर चली गयी अंधेरे का फ़ायदा उठाके मैं भी उनके पीछे चल पड़ा उहोने मूड के मुझे देखा तो उनकी आँख आश्चर्य से भर गयी ओर वो गुस्से से मुझे डाँटती हुई बोली कि मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी तुमने अपनी सग़ी मामी को खराब करके पाप किया हैं तो मैने उन्हे शांत करते हुए कहा कि प्लीज़ एक बार मेरी बात तो समझ लो और उन्हे मनाने लगा उन्होने पानी भरा और अंदर चली गयी
कोई 15 मिनिट मैं वही खड़ा रहा पर वो वापिस ना आई तो मैने कुछ सोचते हुए कमरे मे घुस गया और मामी की बगल मे जाके लेट गया और उनका हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया और धीरे से बोला मामी इसमे आपकी कोई ग़लती नही है ये सब अंजाने मे हुआ है प्लीज़ माफ़ करदो तो वो रुआंसी सी आवाज़ मे बोली पर मेरी इज़्ज़त तो चली गयी ना तो मैं उन्हे दिलासा देते हुए बोला कि मामी ये राज बस हमारे ही बीच रहेगा आप निसचिंत रहो
और उन्हे मना ने लगा काफ़ी मिन्नते करने के बाद वो मानी और मुझे जाने को कहा पर मैं वही लेटा रहा और अपना हाथ उनकी चूचियों पे रख दिया और हल्का सा दबा दिया मामी घबराते हुए बोली ये क्य्ाआआ कर रहे हो तो मैने अपनी उंगली उनके होंटो पे रखते हुए उन्हे चुप रहने का इशारा किया ऑर उनकी गोलाईयों को दबाने लगा वो खुल के विरोध भी नही कर सकती थी क्यों कि उनकी ही बदनामी थी वो हल्के हल्के मुझे रोक रही थी पर मैं तो चुदाई के खेल मे बहुत गहराई में उतर चुका था औरतो की नस नस से वाकिफ़ हो गया था ।
मैने सोच लिया था कि अगर उन्हे एक बार चोद लिया तो दुबारा भी चोद सकता हू और फिर मोका भी बिल्कुल चोका मारने का था मैने एक हाथ उनकी साड़ी मे डाल और सीधा चूत पे रख दिया और एक उंगली चूत मे घुसा दी ना चाहते हुए भी कोशल्या मामी की आह निकल गयी उनकी चूत का दाना थोड़ा मोटा सा था मैं उसे मसल्ने लगा मामी भी अपनी टाँगो को पटकने लगी थी अब हालात पूरी तरह मेरे कंट्रोल मे थे मैं उठा और उनकी साड़ी मे घुस गया और सीधा उनकी पतली सी छोटी सी चूत को अपने मूह मे किसी गोलगप्पे की तरह भर लिया मामी की तो सांस उपर की उपर ओर नीचे की नीचे अटक गयी
शायद ये पहली बार था कि किसी ने उनकी चूत चाटी हो मैं बड़े मज़े से उनकी चूत का पानी चाटने लगा बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था उसका मामी ने अपने दाँतों को कस के भींच लिया कि कही उनकी आह ना निकल जाए तभी उन्होने मुझे उठाया और बोली मेरे पीछे आओ और बाहर की ओर चल पड़ी मैं सधे कदमो से पीछे पीछे चल पड़ा घड़ी मे टाइम देखा तो पोने एक हो रहा था मामी चलते चलते काफ़ी बाहर की ओर बने एक स्टोर के गेट पे आके रुक गयी और मेरी तरफ देख के झाप से अंदर घुस गयी
ये उनका भूसी रखने का कमरा था कमरा लगभग भरा ही था बस एक कोने मे ही थोड़ी सी जगह थी मैने जल्दी से कुण्डी अटकाई और मामी को पकड़ लिया मेरे आगोश मे आते ही काँपने लगी ऑर घबराते हुए बोली कि मैं उन्हे क्यों खराब करने मे लगा हू तो मैने कहा कि अगर उन्हे अपनी इज़्ज़त की इतनी ही चिंता हैं तो वो यहाँ पे मेरे साथ क्या कर रही है मैने बिना डरे कहा कि मामी सच तो ये हैं कि आपकी टाँगो के बीच आग लगी है जिसे भुजाने आप यहाँ आई हो तो वो बोली तुम बड़े बदतमीज़ हो ऐसे कोई बोलता है क्या
तो मुझे प्रीतम की कही बात याद आई और मैने उन्हे बोला कि मामी चूत और लंड कोई रिश्ता नही जानते हैं ये तो बस एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते हैं मैने आखरी दाँव खेलते हुए कहा कि अगर आपकी मर्ज़ी है तो ही मैं आपके साथ सेक्स करूँगा और मैं माफी माँगता हू कि उस कमरे मे जो कुछ हुआ वो मेरी ग़लत फहमी से हुआ . तो वो मेरे पास आई और बोली अगर किसी को पता चल गया तो मैने कहा कि किसी को कौन बताएगा आप ………………………………. नही ना तो फिर क्यों चिंता करती हो तो वो बोली कि ठीक है
पर ये जो भी होगा बस आज रात ही होगा तो मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और उन्हे अपने से सटा लिया कोशल्या मामी कोई 38-39 साल की औरत थी उनकी शादी को 20 साल हो चुके थे और 3 बच्चे भी थे जो बाहर पढ़ते थे मामी थी तो पतली सी पर चुचि भी कुछ खास नही थी शायद 32 होंगी और गान्ड भी ठीक ही थी पर उनके होन्ट बहुत ही पतले और मादक थे मामी के लाल लाल होंठ काँपते होंटो पे मैने अपनी जीभ जैसे ही फेरी उनका समुचा बदन कांप गया मैं बस अपनी जीभ उनके मुलायम होंटो पे फेरता ही जा रहा था मेरा एक हाथ उनकी पतली कमर को थामे हुए था
मेरे दिल मे लड्डू फूट रहे थे कि चलो चाची की चूत ना मिली तो क्या हुआ मामी ही सही अब मेरी जीभ उनके मूह मे जाने की कोशिस कर रही थी उनका मूह हल्का सा खुला और मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी मामी मेरे अंदाज की कायल हो गयी उनकी जीभ भी अब मेरी जीभ से छेड़खानी करने लगी थी आख़िर उत्तेजना चीज़ ही ऐसी होती है बस एक ही पल मे उनकी सारी शरम पता नही कहाँ खो गयी थी हमारी सांस एक दूसरे मे घुलने लगी ओर मदहोशी का आलम ये था कि अब वो मुझसे ऐसे चिपकी हुई थी जैसे किसी चंदन के पेड़ से कोई नाग चिपकता हैं
अब मैं अलग हुआ और उनका आँचल हटाया और ब्लाउज के उपर से उनकी छोटी छोटी गेंदो को पकड़ लिया और बड़े ही प्यार से उनको दबाने लगा और ब्लाउज के बटन को खोलने लगा तो वो बोली कपड़े मत उतारो तो मैने कहा कि आप थोड़ी देर चुप रहो और बस देखती जाओ और उनके ब्लाउज को उतार दिया अंदर ब्रा नही पहनी थी मैने अब उनकी संतरे जैसे चुचि के निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगा मामी की आह्ं निकल गई और वो बोली तू तो बड़ा अच्छा चूस्ता हैं अब वो भी खुल गयी थी और खुद ही बारी बारी से अपना दूध मुझे पिलाने लगी दूसरी ओर मैने उनकी साड़ी भी उतार दी थी अब बस एक पतला सा पेटिकोट ही बचा था मैने झटके से उसका नाडा खोला और वो भी उनके जिस्म की क़ैद से आज़ाद हो गया
मामी पूरी नंगी मेरे सामने थी पर अंधेरे की वजह से उनके हुस्न का दीदार नही कर पा रहा था बस महसूस ही कर सकता था अब मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और उनको पीछे से पकड़ते हुए अपना लंड उनकी गान्ड से छुआ दिया तो वो बोली अरे ये क्या हैं जो मुझे पीछे चुभ रहा हैं तो मैने कहा आप ही देख लो ना और उनका हाथ पीछे ले जाते हुए अपने लंड पे रख दिया मामी ने लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरूकर दिया मैं उनकी पीठ को चूमने लगा मैं मामी पे अपनी छाप छोड़ना चाहता था ताकि वो मुझे याद रखे मेरे हाथ उनके पेट को सहलाते हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ रहे थे गहरे बालो से धकि उनकी चूत , झप से मेरी उंगली उनकी चूत की दीवारो से रगड़ खाती हुई अंदर घुस चुकी थी उन्होने अपनी जाँघो को भीच लिया
जिस से उंगली पे चूत कस गयी थी तो मैने अब अंगूठे से उनकी चूत के दाने को रगड़ना चालू किया मामी अब हल्के हल्के गर्म हो रही थी वो शो नही करना चाहती थी पर उनके जिस्म पे उनका कोई ज़ोर भी नही चल रहा था मैं अब नीचे बैठ गया और मामी की पतली पतली जाँघो को चूमने लगा चूमते चूमते उनकी चूत को हल्का सा काट लिया तो वो चीख उठी अब मैने उनकी चूत की फांको को चूसना शुरू किया तो मामी के शरीर मे भूकंप आ गया वो बोली ये तुमने क्या किया
अहहह अहह मात्त्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ मुझे करेंट साआआआआआआआआआ लगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग र्हाहह माहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो मैने कहा मामा नही चूस्ते क्या तो वो बोली कि आज तुमने ही पहली बार चुसूइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह
चूत से खारे पानी की नहर बह चली थी मैं रिस्ति एक एक बूँद को अपने गले मे उतार रहा था मामी के पैर थरथराने लगे थे अब मैं उठा और अपना लंड उन्हे चूसने को कहा तो वो बोली कि उसे ये पसंद नही मैने कई बार कहा पर उन्होने नही चूसा वो बोली मुझे उल्टी आती है तो मैने भी ज़्यादा फोर्स नही किया अब वो पल आने ही वाला था जब हमारे जिस्म एक दूसरे मे समाने वाले थे मैने उधर टटोला तो एक पल्ली मिल गयी मैने उसे बिछाया और उसपे हमारे कपड़े बिछा के एक कामचलाऊ बिस्तर सा बना दिया और मामी को लिटा दिया और उनकी टाँगो के बीच आ गया अब रुकना नामुमकिन था लंड पे थोड़ा थूक लगाया और उसे चूत मे घुसा दिया
मामी की सिसकी निकल गयी मैने उनके होन्ट अपने होंटो से चिपका दिए और उन्हे चोदने लगा मामी भी खुल के चुदाई का आनंद लेते हुए मेरी पीठ पे अपने हाथ फेर रही थी लंड ओर चूत का संग्राम एक बार फिर से शुरू हो गया था कुछ ही देर मे मामी भी अपनी गान्ड उछाल उछाल के चुद रही थी मेरे धक्को की रफ़्तार अब गति पकड़ रही थी मैं उनकी होंठ एक पल की लिए भी नही छोड़ रहा था घनघोर चुदाई के आलम मे बस मामी की मंद मंद ससिसकारिया ही गूँज रही थी मामी जिस तरह चुद रही थी कोई नही कह सकता था कि वो ऐसे भी चुद सकती हैं उनका जोश तो अच्छे अच्छे को पानी पिला दे तभी मामी उठी ओर खुद ही घोड़ी बन गयी
मैने मामी के चुतडो को चूमना शुरू कर दिया मामी उफ्फ उफ्फ करने लगी और बोली अभी मत तडपाओ ऑर मुझे शांत करदो बस तो मैं एक बार फिर लंड को उनकी चूत की सैर करवानी शुरू कर दी मामी के चुतड बुरी तरह से थिरक रहे थे उनका शरीर टाइट होने लगा था मैं उनकी पतली कमर को थामे उनकी चुदाई कर रहा था पसीना बहने लगा था पर रुक भी नही सकता था मामी की चूत की होन्ट बुरी तरह खुल ओर बंद हो रहे थे और मेरे लंड को कस रहे थे मेरे शरीर मे हलचल होने लगी थी
जो संकेत था कि अब किसी भी पल वो लम्हा आ सकता हैं जब इस चुदाई का अंत होगा मैने अपने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी और उस पल की ओर बढ़ने लगा और एक तेज धक्के से अपना गर्म गर्म लावा मामी की चूत मे छोड़ दिया और दुनिया के सबसे बड़े सुख को प्राप्त हो गया
मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी ने पेटिकोट उठाया और अपनी चूत को सॉफ करने लगी उनकी आर्म पिट से बहते पसीने की खुसबू मुझे मदहोश कर रही थी तो मैने अपना मूह उनकी आर्म्पाइट पे लगाया और वहाँ अपनी जीभ फेरने लगा मामी के बदन मे एक तरंग सी दौड़ गयी वो बोली अरे यह क्या कर रहे हो मुझे गुदगुदी होती हैं पता ही नही चला कब मैं उनके उपर आ गया था मैं लगातार उनकी कांखों के पसीने को चाट रहा था मेरे लंड मे दुबारा खून का दबाव बढ़ने लगा था और वो उनकी टाँगो के जोड़ पे रगड़ खा रहा था
मामी बोली चलो अब वापिस चलते हैं कही कोई मुझे ढूँढ ना रहा हो तो मैने कहा बस थोड़ी देर और फिर जाना तो हैं ही और क्या पता फिर कभी ज़िंदगी मे आपकी चूत मारने को मिले या ना मिले तो वो शरमा गयी और मेरे चेहरे को अपनी छातियों पे दबा लिया अब मेरा मूह उनकी चुचियो की घाटी मे दबा हुवा था और वो बहुत दबाव डाल रही थी उनकी गर्मी से अब मेरे कान भी सुर्ख होने लगे थे चुदाई की कहानी की एक ओर इबारत लिखने की शुरुआत हो रही थी तभी मामी बोली कि उन्हे पेशाब करना है चूँकि वो नंगी थी तो मैने कहा आप इधर ही एक कोने मे कर लो तो वो तपाक से बोली कि मैं तुम्हारे सामने कैसे करू तो मैने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझसे चुद सकती हो परंतु मूत नही सकती वैसे भी अंधेरा है आप कॉन सा दिख रही हो कर्लो जल्दी से
तो मामी भी मज़े लेते हुए बोली मेरी मर्ज़ी मेरा मूत है मैं चाहे जल्दिकरु या देर मे तुझे क्या हैं और वही कोने मे बैठ गयी सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की सी आवाज़ मेरे कानो मे आई तो मुझे भी शरारत सूझी मैने मूत ती हुई मामी को अचानक से उठा दिया और उनकी चूत को अपने मूह मे भर लिया उनका मुतना एकदम से रुक गया और वो बोली प्लीज़ मुझे फारिग होने दो कंट्रोल नही हो रहा है पर मैने ध्यान नही दिया और चूत को अपने होंटो से दबाने लगा अब मामी बुरी तरह से फस गयी थी कुछ देर उन्होने कंट्रोल किया और फिर अपनी धार मेरे मूह मे छोड़ दी
उनका पेशाब बहुत ही गरम और एकदम समुन्द्रि नमक सा खारा था उनका मूत मेरे होंटो से होता हुआ नीचे बह रहा था अब उनका मुतना रुक गया था पर मैं अभी भी उनकी चूत को चाट रहा था मामी भी बिना किसी झिझक के खड़ी खड़ी मस्ती से अपनी चूत को चटवा रही थी और अपने हाथो से मेरे सर को सहला रही थी ना जाने क्यों मुझे चूत का रस पीना बहुत ही अच्छा लगता था मैने अपने हाथो का दबाव उनके चुतडो पे कसते हुए उन्हे थोड़ा और आगे की ओर धकेला मामी ने अब अपनी टाँगो को थोड़ा चौड़ा कर लिया ताकि मैं अच्छे से चूत की चुसाइ कर सकूँ मेरी जीभ घूमते हुए उनकी चूत के हर कोने को बराबर चूस रही थी
उनका गीलापन बढ़ने लगा था मामी की कमर अब हिलने लगी थी वो बहुत ही मस्त हो रही थी उनके पैरो का कंपन बढ़ता जा रहा था काश उधर उस टाइम लाइट का जुगाड़ होता तो मज़ा और भी बढ़ जाता मामी के बदन से गर्मी फूट रही थी चूत से उठ ती काम रस की खुसबु मुझे और भी प्रेरित कर रही थी और तभी ठीक उसी पल मामी ने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह कस लिया और अपना गाढ़ा पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया उनका रस पीके मेरी आत्मा तृप्त हो गयी अब हम थोड़ी देर लेट गये मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो मेरे लंड को आहिस्ता आहिस्ता हिलाने लगी
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मैं उनकी गान्ड को पे हाथ फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड के दरवाजे पे रगड़ने लगा उनका छेद काफ़ी बड़ा सा लग रहा था मैने अपनी उंगली को थूक से गीला किया और मामी की गान्ड मे घुसा दी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा भींच लिया पर उंगली आराम से अंदर चली गयी तो मैने कहा मामी आप तो गान्ड भी खूब मरवाती हो तो उन्होने जवाब नही दिया बल्कि मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे ज़ोर से दबा दिया मेरे मूह से आह निकल गयी ऐसे ही हमारी छेड़खानी चल रही थी तो वो बोली अब बस करना और चलने को कहा तो मैने कहा एक राउंड और तो वो बोली अब मेरी हिम्मत नही हैं और नींद भी आ रही हैं
तो मैने कहा बस कुछ देर तो रुक जाओ और जल्दी सी अपने लंड को उनकी चूत पे सेट किया और सुपाडे को अंदर डाल दिया और ऐसे ही खिलवाड़ करने लगा मामी कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही फिर बोली अब डाल भी दे क्यों तडपा रहा हैं बेदर्दी उनका कहना था और मैने झट से लंड को एकक ही धक्के मे अंदर डाल दिया इस बार मामी के साथसाथ मेरी भी आह निकल गयी मामी ने अपनी टाँगे उठा ली और मेरे कंधो पे रखते हुए बोली भानजे जी अब अपनी मामी की सेवा करो ये सुनके मैं खुश हो गया और उनकी टाँगो को मजबूती से थामते हुए लंड को अंदर बाहर करने लगा
मेरे हर धक्के पे मामी का पूरा वजूद हिल रहा था आज अगर खाट होती तो वो शर्तिया टूट ही जाती अब मैने कुछ नया ट्राइ करते हुए मामी की दोनों टाँगो को उपर उठाया पर दोनो को एक दूसरी से बिल्कुल चिपका दिया इस तरह उनकी चूत की दोनो फांके आपस मे चिपक गयी जैसे उनके कोई सील लगी हो इस पोज़िशन मे चुदाई का मज़ा दुगना हो गया था मैं मामी के चुतडो को थामे हुए उन्हे चोद रहा था मामी अब बस अपनी आँखे मुन्दे उन पलो का आनंद ले रही थी अब उन्होने अपनी टाँगे चौड़ी की और मुझे अपने उपर आने को कहा मामी के होंटो का रस स्वादन करते हुए चुदाई चालू थी मामी मेरे जोश की कायल हो गयी थी और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी चुदाई करते हो
किसने सिखाया है तुमको तो मैने कहा बस आप जैसे की मेहरबानी है और कुछ नही और अपने धक्को की गति बढ़ा दी मेरी टाँगे अब जवाब देने लगी थी पर मैं हार नही मान ना चाहता था और मामी भी उचक उचक कर नीचे से ज़ोर लगा रही थी हमें आधे घंटे से भी ज़्यादा हो गया था पर मेरा पानी निकल ही नही रहा था मैने अब पूरी ताक़त से उनको चोदना शुरू किया मेरा शरीर बहुत ही तेज़ी से उनके शरीर मे समाए जा रहा था और कोई दस मिनट बाद मेरे शरीर मे हलचल होने लगी जो संकेत था मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और अपने वीर्य की धार मामी के मूह मे डालने लगा …
मामी समझ नही पाई कि ये क्या हुआ और थोड़ा गुस्सा करने लगी तो मैने रुमाल से उनका चेहरा पोंछ दिया उन्होने फटा फॅट अपने कपड़े पहने और अपने को दुरुस्त किया और बाहर निकल गयी पर मैं कुछ देर वहाँ पे ही खड़ा रहा और कोई 15 मिनिट बाद वापिस गया सब लोग भजनों मे मस्त थे तो तो मैने अपने लिए सोने का जुगाड़ किया और सपनो की दुनिया मे खो गया सुबह मैं जल्दी ही उठ गया था आँखे थोड़ी लाल लाल सी हो रही थी और उनमे जलन भी थी मैने ठंडे पानी से मूह धोया
आज का दिन काफ़ी बिज़ी होने वाला था पूरा दिन बस गहमा गहमी मे निकल गया एक-दो बार मामी कोशल्या से सामना भी हुआ पर मैने उनसे नज़र नही मिलाई और ना ही उन्होने कोई तवज्जो दी रात को हम काफ़ी देर गप्पे लड़ाते रहे महॉल बहुत ही ख़ुसनूमा था अब मैं थोड़ा अपनी मम्मी की फॅमिली के बारे मे बता दूं मेरे दो मामा है एक आर्मी मे हैं और एक टीचर हैं जो कोशल्या मामी हैं वो मेरे छोटे मामा की पत्नी हैं मामा की पोस्टिंग बाड़मेर के र्राइव. सेकेंडरी कॉलेज मे थी वो बस महीने में 3-4 दिन के लिए ही आ पाते थे
बड़े वाले मामा के हिस्से गाँव वाला मकान था और छोटे वाले मामा ने खेतो मे अपना मकान बनाया हुआ था अगले दिन सब अपनी अपनी पॅकिंग मे लगे हुए थे क्योंकि अब घर भी जाना था नाश्ता पानी हो चुका था बस अब चलने की देर थी तभी कौशल्या मामी ने मम्मी को कहा कि दीदी आप *********** को कुछ दिन इधर ही छोड़ जाइए वैसे भी ये काफ़ी दिनो बाद ननिहाल आया हैं मेरे बच्चे तो बाहर ही पढ़ते हैं और ये भी कई कई दिनो मे आते हैं तो कुछ दिन मेरा भी मन लग जाएगा
तो मम्मी ने पापा से पूछा तो उन्होने अपनी रज़ामंदी दे दी कि मैं 2-3 दिन और वही पे रह लूँ फिर वो लोग चले गये और मैं मामा के साथ कुछ बचे हुए कामो को निपटाने लगा और भी रिश्तेदार जो फंक्षन मे आए थे धीरे धीरे अपने घरो की ओर जाने लगे इसी तरह सांझ ढलने लगी तो कौशल्या ने बड़ी मामी से इजाज़त माँगी और अपने घर जाने को कहा बड़ी मामी मुझे अपने घर ही रखना चाहती थी पर मैने कहा कि मैं छोटी मामी के घर जाउन्गा और सुबह उनके पास आ जाउन्गा और अपना बॅग उठा के मामी के पीछे पीछे चल पड़ा
कोई पंद्रह मिनिट पश्चात हम उनके घर पहुच गये मामी ने ताला खोला और मुझे आराम करने को कहा मैं सोफे पे लेट सा गया थोड़ी थकान भी हो रही थी मामी रसोई मे जाके खाने की तैयारी करने लगी मैने टीवी ऑन करलिया और गाने चलाने लगा लगभग एक घंटे बाद मामी खाना लेके आई और हम साथ बैठ कर खाने लगे फिर उन्होने मुझे दूध का गिलास दिया खाना ख़ाके मैं थोड़ा बाहर की साइड पे आ गया क्योंकि मुझे थोड़ी गर्मी सी लग रही थी बाहर आके थोड़ा अच्छा फील हुआ
मैने कुएँ पे लगी मोटर ऑन की और नहाने के लिए पास ही बनी होदि में पानी छोड़ लिया और मस्ती से नहाने लगा ठंडे ठंडे पानी की बोछारे बहुत ही सुकून दे रही थी मामी भी बाहर आ गयी और मुझे देखने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ तो वो बोली नही मैं तुम्हारे साथ नही नहा सकती हू तो मैने कहा हम आप तो बस चुद सकती हो ऑर कुछ नही कर सकती मैं जानता हू आपने मुझे अपनी झान्टो मे लगी आग ओ बुझाने के लिए ही तो रोका है फिर अब नखरे क्यों दिखाती हो जब मज़ा करना हैं तो खुल के करो
ताकि उसका पूरा मज़ा मिले वरना क्या फ़ायदा तो वो कुछ सोच के बोली कि पर अगर कोई आ गया तो मैने कहा इस टाइम कॉन आएगा आगे अपपकी मर्ज़ी ????
वो कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही तो मैं उनके पास गया और उन्हे उठा के पानी की होदि मे डाल दिया
तो वो बोली बाहर का बल्ब तो बंद कर दो मुझे उनकी ये बात सही लगी और फॉरन ही मैने उसे बंद कर दिया मामी की घाघरा चोली पूरा भीग गये थी हम बड़े ही मज़े से एक दूसरे से अठखेलिया कर रहे थे मैने मामी को अपनी बाहों मे भर लिया और उनके कपड़े उतारने लगा कुछ ही पलो मे हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरी गोदी मे आके बैठ गयी ठंडे ठंडे पानी मे हमारे जिस्मो की गर्माहट घुलने लगी पता नही कितनी ही देर हम पानी मे पड़े रहे बाहर निकलने का मन ही नही कर रहा था
बस ऐसे ही उनको गोदी मे बिठाए रखा तो मामी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चलो अब अंदर चलते है पानी से भीगी हुई मामी का योवन अपने पूरे शबाब पे था अंदर आके मैने एक तोलिया लिया और उनके बदन को पोंछने लगा आज उन्हे मैं रोशनीमे देख रहा था मैने उन्हे चूमना शुरू किया मेरे तपते होंठ उनके बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे आज मामी बहुत ही फ़ुर्सत से चुदने वाली थी मैं बहुत देर तक उन्हे चूमता रहा फिर मैने उन्हे लंड चूसने को कहा
तो उन्होने मना करते हुए बोला कि उन्होने आज तक कभी लंड नही चूसा तो मैने कहा प्लीज़ एक बार तो चूस लो काफ़ी देर पटाने के बाद उन्होने कहा ट्राइ करती हू और नीचे बैठ के मेरे लंड को सूंघने लगी कुछ देर सूंघने के बाद उन्होने घप से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी वैसे तो मैं दो दो को लंड चूसा चुका था पर ऐसा मज़ा पहली बार आया था मामी का थूक उनके मुँह से बाहर गिर रहा था
तभी लाइट चली गयी मामी ने फॉरन लालटेन जला दी लालटेन की मध्यम रोशनी मे उनका बदन और भी सेक्सी लगने लगा था मामी ने दुबारा मेरा लंड अपने मुहमे भर लिया और उसपे अपना जादू चलाने लगी मेरी उंगलियाँ उनके सर के बालो मे फँसाने लगी थी मामी अब बहुत ही चाव से लंड की चुसाइ कर रही थी मामी सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ को घुसाने की कोशिश कर रही थी उनकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे उत्तेजना के आसमान मे लगा तार उड़े जा रहा था
मैं बोला ओह ममीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई भूत ही अह्चॅयेयीययाया लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग र्हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईन्न्ननननननननणणन्
तभी उन्होने लंड को बाहर निकाला और मेरी गोलियों को छूने लगी कामुकता अपने चरम पे थी उनकी गरम जीभ मेरी गोलियो पे सितम ढा रही थी तो मैने उन्हे रोका और उठा के बेड पे पटक दिया और उन्हे देखने लगा मामी अपनी चुचियो को मादक तरीके से मसल्ति हुई मेरी ओर देख रही थी तभी मामी ने अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह हरकते करने लगी थी मामी अपनी चूत मे उंगली करती हुई मुझे वो दिलकश नज़ारा दिखा रही थी चूत का गीलापन उनकी उंगलियो पे सॉफ नज़र आ रहा था
शरीर के प्रत्येक कोने मे काम का संचार हो उठा था तो मैने उनकी टाँगे पकड़ी और उन्हे सरकते हुए बेड के किनारे पे ले आया और अपने लंड को चूत पे रख दिया मामी की चूत बहुत ही गरम हो गयी थी बस अब तपते लोहे पे हथौड़ा मारने की देर थी मैं भी लंड को चूत के दाने पे हल्के हल्के रगड़ ने लगा मामी तड़पने लगी उन पलो को सोच के आज भी शरीर का रोम रोम कांप उठता हैं उनकी चूत की पंखुड़िया फडक रही थी और लंड को अपनी ओर बुला रही थी मैने अब एक धक्का मारा और लंड उन कम से भरी पंखुड़ियों को चूमते हुए चूत मे पहुच गया
आज मामी अपने पूरे शबाब पे थी मुझे भी आज पता चल रहा था कि वास्तव मे एक गरम औरत कैसी होती थी मामी ने अपनी कामुक आवाजो से पूरे घर को सर पे उठाया हुवा था तभी वो थोड़ा उठी और बैठी सी पोज़िशन मे हो गयी अब मेरा लंड सटा सट मामी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था मामी का चेहरा सुर्ख लाल हो गया था और वो अपने दाँतों को भिचे अपनी चूत मरवा रही थी मामी की संतरे सी चूचिया मेरे हर धक्के पे बुरी तरह हिल रही थी और तभी मामी बेड पे गिर पड़ी और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी मैं समझ गया कि उनका स्खलन हो गया है
तो मैं उनके पास लेट गया और उनके होन्ट पीने लगा वो किसी गुड़िया की तरह मेरी बाहों मे सिमट सी गयी थी पर मेरा लंड अभी तक हिलोरे मार रहा तो मैने उनको उल्टी लिटाया और उनके चुतडो पे लंड को रगड़ने लगा मामी ने भी मेरा इरादा समझते हुए एक तकिये को अपने पेट के नीचे लगाया और अपनी गान्ड को उँचा उठा लिया मैने ढेर सारा थूक उनकी गान्ड पे लगाया उनका छेद बहुत ही खुला खुला सा था छेद को एकदम चिकना करने के बाद मैने लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी ने भी लंड का स्वागत करते हुए अपनी गान्ड के छेद भींच लिया शायद मामी को चूत से ज़्यादा गान्ड मरवाने का शोक था मेरा पूरा वजन उनपे पड़ रहा था वो भी गान्ड को मटकाते हुए मेरा लंड ले रही थी मैं उनके गालो को काट ते हुई मस्ती से गान्ड मार रहा था और कोई दस मिनिट बाद अपने पानी से उनके छेद को भर दिया और उनकी बगल मे लेट गया …………………..
हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे बिस्तर की चादर सी सलवटें हमारी कहानी को बयान कर रही थी मैं बोला मामी आपकी गान्ड तो बहुत ही मस्त है तो उन्होने बताया कि पिछले कई सालो से उसके मामा चूत तो बहुत ही कम मारते हैं और बस गान्ड ही मारते रहते थे शुरू मे उन्हे बिल्कुल अच्छा नही लगता था पर आहिस्ता आहिस्ता उन्हे आदत हो गयी और अब वो भी जम के मज़ा लेती हैं बोली तुम्हारे मामा कई कई दिन मे आ पाते हैं तो बस चूत मे मूली या बैगन डाल लेती हू कभी कभी गान्ड मे भी मूली चढ़ा लेती हू पर असली मज़ा तो लंड मे ही आता हैं इसीलिए तुम्हे कुछ दिनो के लिए रोक लिया
तभी मामी ने पूछा कि उस रात जब तुमने मेरी ले ली तब तुम किसको चोदना चाहते थे अब उन्हे थोड़े ही बता सकता था कि मैं चाची के चक्कर मे था तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि एक लड़की थी जो मुझे इशारे कर रही थी पर ग़लती से आप चुद गई तो मामी आह भरते हुए बोली चलो अच्छा ही हुआ अब मुझे तेरा लंड मिल गया अपनी प्यास बुझाने के लिए और हँसने लगी मैने भी हां मे हाँ मिला दी मामी बोली अब तो थोड़ी बूढ़ी होने लगी हू तो इतना दम नही बचा है मैने जवाब देते हुए कहा कि आप तो अभी भी बहुत दमदार माल हो तो वो थोड़ा शर्मा गयी
मामी लंड को अपने हाथ मे दबाती हुई बोली कि तेरा शेर भी कुछ कम नही है मैने पूछा आपको पसंद आया तो वो बोली पसंद आया तभी तो तेरे साथ इधर हू मैने भी निर्णय कर लिया था कि जब तक मैं कौशल्या के साथ रहूँगा उसे जी भर के भोगुंगा क्योंकि मैं बहुत ही कम ननिहाल मे जाता था पर अब एक जायज़ वजह मिल गयी थी मामी नारियल तेल की शीशी ले आई और ढेर सा तेल मेरे लंड पे उडेल दिया और मालिश करने लगी उनके चिकनी उंगलिया सुपाडे से जब टकराती तो बदन मे एक ल़हेर सी दौड़ जाती धीरे धीरे लंड अपनी औकात दिखाते हुए उनके हाथो मे फूलने लगा
मामी ये देख के बोली अरे ये कभी शांत भी होता है जब देखो तना ही रहता है तो मैने बोला जब पास मे इतना टंच माल हो तो ये तो अपनी खुराक माँगे गा ही तो मामी ने भी अपने हाथो का दबाव बढ़ा दिया और उसे मसल्ने लगी उनके हाथो का जादू अपना रंग दिखाने लगा था उपर से जो चिकनाई तेल की वजह से हुई थी मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और लेट गया मामी मेरे पास बैठी मूठ मारने लगी उफफफफफफफफफफ्फ़ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू एक अजीब से नशे से मेरी आँखे बोझिल हो रही थी उनका वो आहिस्ता आहिस्ता मुट्ठी मारना बहुत ही गजब ढा रहा था
तो मैने पूछ ही लिया कि क्या इरादा है तो वो बोली बस तुम देखते जाओ मैं उत्तेजना की आग मे जलने लगा था पर मामी अब एक धीमा और लंबा सेक्स चाहती थी अब वो उठी और मेरे लंड को अपनी निप्पल्स पे रगड़ने लगी उफ्फ क्या जादुई एहसास था कुछ देर रगड़ने के पश्चात उन्होने मेरे लंड को अपने दोनो बोबो मे भींच लिया और दबाते हुए रगड़ने लगी मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था फिर वो उठी और मेरे उपर आके खड़ी हो गयी और अपनी कोमल चूत को मेरे मूह पे रख दिया मैने भी उनके कुल्हो को दबाते हुए चूत को मूह मे भर लिया और एक ज़ोर की चुम्मि ले ली
तो मामी बोली मेरी शादी को इतने साल हो गये हैं पर तुम्हारे मामा ने कभी इसे इस तरह प्यार नही किया वो तो बस सीधा अंदर डालते और बस लग जाते थे तो मैने मूह हटाया और कहा चिंता मत करो मैं हू ना और दुबारा चूत का रस पीने लगा मामी ने अपने हाथ बेड की पुस्त से टिका दिए और मस्ती मे डूबने लगी खारे पानी से मेरा मूह भर ने लगा था तभी मैने कुछ रस अपने मूह मे इकठ्ठा किया और उठते हुए उनको चूमने लगा जैसे ही कौशल्या ने अपने को मूह खोला मैने वो उनके मूह मे डाल दिया जो सीधे उनके गले से नीचे उतर गया तो मामी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि
ये क्या किया तुमने ऐसा भी कोई करता हैं क्या तो मैने कहा कि मामी आप भी तो अपनी चूत के रस को टेस्ट करके देखो कितना अच्छा हैं अब वो गोदी मे आई और मेरी छाती पे अपनी जीभ चलाने लगी आज से पहली किसी ने ऐसा नही किया था मैं रोमांचित होगया काफ़ी देर वो ऐसे ही करती रही फिर जब उनसे बर्दास्त ना हुआ तो एक झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी मैं बोला क्या करती हो इसको तोडो गी क्या तो उन्होने जवाब नही दिया और अपनी गान्ड को उछालने लगी चूत की गर्मी पाकर लंड और भी फूलने लगा था वो लगातार उपर नीचे हो रही थी उनकी पतली जांघे मेरे शरीर पे धम धम पड़ रही थी
इस चूत के छोटे से छेद का भी क्या नशा होता है इसके बल पे औरत कुछ भी करवा लेती हैं मैने कहा कि आप नीचे आ जाओ तो वो बोली कि वो अपनी मर्ज़ी से चुदेगि जैसा उसके मन मे आएगा वो वैसा ही करेगी और भी ज़ोर से अपनी गान्ड को हिलाने लगी काफ़ी देर बाद वो उठी और कोढ़ी होगयि मैने देर ना करते हुए फॉरन पीछे से लंड को अंदर किया और घनघोर चुदाई स्टार्ट कर दी मैं पूरी ताक़त से उनकी चूची को भींच रहा था पर उनके मूह से उफ्फ भी ना निकली वो बस चुदे जा रही थी 15 -20 मिनिट तक हमारे शरीर एक दूसरे से लगे रहे पर हर शुरुआत की तरह अंत भी होना था तो मैने उन्हे लिटाया और अपना लंड को उनके मूह मे डाल दिया और सारा पानी उन्हे पिला दिया जब तक लंड सिकुड ना गया मैने उनके मूह को अपने लंड पे दबाए ही रखा फिर एक गहरी साँस लेके बेड के किनारे पे पड़ गया
जितना मैं उन्हे चोद्ता उतनी ही मेरी प्यास बढ़ती जाती थी इतनी आग तो मुझे अनिता भाभी और प्रीतम के साथ भी नही लगी थी जबकि वो दोनो तो सेक्स बॉम्ब थे पर मामी के पास एक्सपीरियेन्स था जितनी मेरी उमर थी उस उसे ज़्यादा साल तो उन्होने चुद्ते हुए बिता दिए थे बदन थक गया था पर आँखो मे नींद का नामो निशान नही था ।
घड़ी की सुई टिक टिक करते हुवे अपना सफ़र कर रही थी पर शायद हम दोनो चाहते थे कि उस रात की कभी भी सुबह ना हो आख़िर कॉन नही चाहेगा कि हुस्न के दरिया मे डुबकी लगाने को मामी मेरी ओर शरारती नज़रो से देखती हुवी बोली कि सोना नही हैं क्या
तो मैने कहा कि आप सो जाओ मुझे नींद नही आ रही है तो वो बोली ठीक हैं मैं भी तुम्हारे साथ ही जागूंगी मैं उठ के बाहर आ गया रात का आखरी पहर चल रहा था ठंडी ठंडी हवा मेरे जिस्म से टकरा रही थी जो एक अलग सा ही एहसास था पता नही कितनी देर ऐसे ही खड़ा रहा फिर मामी आके पीछे से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी कुछ तो ठंडी हवा का असर और फिर मामी के हाथो का स्पर्श मेरे सोए लंड मे सुरसूराहट होने लगी मैने चुटकी लेते हुवे कहा मामी मन नही भरा क्या आपका तो वो बोली इस चीज़ से कभी किसी का मन भरता हैं क्या
जितनी मिले उतना थोड़ी और मेरी गोलियों को अपनी मुट्ठी मे कस लिया मेरे मूह सी एक दर्दभरी आह निकल गयी पर मुझे पता नही क्यों थोड़ी भूक लग आई तो मैने कहा मामी मैं कुछ खाना चाहता हू वो बोली दूध चलेगा तो मैने हाँ करदी वो एक लोटा दूध ले आई मैं उसे पी रहा था तो थोड़ा दूध छलक के मेरी ठोड्डि और सीने पे गिर गया मैं सॉफ करने ही वाला था तो मामी ने इशारे से मुझे रोका और अपनी जीभ से उसे चाटने लगी आज तो वो मेरी जान निकालने पे तुली हुवी थी मैने भी एंजाय करते हुवे उपर से थोड़ी थोड़ी बूंदे छलकानी शुरू कर दी
और वो उसे चटकारे लेते हुवे चाटने लगी ऐसे ही चलता रहा जब तक पूरा लोटा खाली ना हो गया तो मैने कहा मैं क्या पीउंगा सारा दूध तो आप पी गयी तो उन्होने कहा तू मेरे से निकाल ले दूध को और फिर पी लियो मैने भी कहा कि अब तुम मे कहाँ दूध आता हैं तो वो बोली कि गाय तो तैयार हैं गवाले मे दम हैं तो निकाल ही लेगा और हँसने लगी मैने कहा तो चलो देख लेते हैं मैने एक चारपाई उठाई और बाहर बिस्तर लगा दिया और मामी को अपनी बाहों मे उठा के उसपे पटक दिया मामी बोली आह थोड़ा धीरे मारो गे क्या तो मैने कहा हाँ आज तो आपकी इतनी मारूँगा कि आपने सोचा भी नही होगा
और उनपे झुक गया मेरे होंठ जैसे ही उनके लरजते हुवे होंटो से टकराए उन्होने अपना मूह खोलते हुवे मेरे होंटो को रास्ता दिया और हम चूसने लगे एक होड़ सी मच गयी थी हमारे अंदर . दोनो के मूह मे ढेर सारा थूक इकट्ठा हो गया था पर कोई भी किस तोड़ने को तैयार नही था दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहे थे कि उनकी धड़कन सॉफ सुनाई दे रही थी उनकी गोरी गोरी चूचिया मेरे सीने मे घुसने को बेताब हो रही थी अब ना कोई होश था ना कोई खबर थी मामी तो पूरी खिलाड़ी थी उन्हे हराना इतना आसान ना था और वोभी तब जब उन्होने खुद इस खेल की शुरुआत की थी ।
और फिर हाफते हुवे हमारे होंठ एक दूसरे से जुदा हो गये हम दोनो गहरी साँस ले रहे थे मामी अपनी नशीली आँखो से मुझे देख रही थी और मैने उन्हे थोड़ा नीचे सरकाते हुवे उनके एक बोबे को अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगा जैसे कोई बच्चा अपनी मा का दूध पीने के लिए चूस ता हैं कोई आधे घंटे तक बस मैं उनकी छातियों से दूध निकालने की कोशिश करता रहा महॉल काफ़ी गरम होने लगा था मैने मामी को 69 मे आने को कहा और वो झट से तैयार हो गयी और बड़ी ही फुर्ती से मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया मैने भी बिना किसी देर के उनकी चूत मे अपनी जीभ घुसा दी
साथ साथ एक दूसरे के अंगो को चूमने का आनंद एक अलग ही एहसास देता हैं मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो को चाटने लगा मामी ने लंड को अपने दांतो से काटना शुरू कर दिया था जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ होने लगी थी तो मैने भी चूत के होंटो को कस के अपने दांतो मे दबा लिया एक दूसरे को तडपाते हुवे बहुत ही मज़ा आ रहा था जब जब मैं उनकी चूत को काट ता वो उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अयू ईईईईई
करते हुवे अब शोर मचाने लगी थी उनका चिपचिपा पानी और भी ज़ोर से बहने लगा था मेरे लंड से भी प्रिकूं निकलने लगा था मामी बुरी तरह से लंड चूसे जा रही थी तब मैने उन्हे अपने उपर से हटाया और उनके उपर छाता चला गया मामी की जंघे मेरी कमर पे लिपटी हुवी थी और उनकी मटकती गान्ड संभोग के सुख को और भी बढ़ा रही थी उनके लाल लाल होंटो को पीते हुवे मैं ताबड तोड़ चूत मारे जा रहा था हमारे धक्को से खाट चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करने लगी थी ।
मेरे हर धक्के से लंड उनकी चूत मे और अंदर और अंदर पहुच रहा था उनके बोबे बहुत ही तेज़ी से लहरा रहे थे पूछ प्कूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूवयाच्च्की आवाज़ आ रही थी मामी ने अपनी बाँहे मेरी पीठ पे कस दी थी और मज़े से चूत मरवा रही थी अब मैं थोड़ा उपर हुआ और उनकी टाँगो को उठाते हुवे एम शेप मे करदी और फिर से उन्हे चोदने लगा पूरे आधे घंटे तक दबा के उनकी चूत मारने के पश्चात हम दोनो लगभग साथसाथ ही झाड़ गये और मैं उनपे लेटे लेटे ही नींद के आगोश मे चला गया
नींद ने एक बार फिर मुहे अपने आगोश मे पनाह दे दी थी मिता ना जाने कब सपनो मे आने लगी थी उसका मुस्कुराता हुवा मासूम सा चेहरा बस देखते ही बनता था मैं अपने सपनो की दुनिया मे मिता के साथ था कि आँख खुल गयी काफ़ी देर लग गयी खुद को संभालने मे सर काफ़ी भारी हो रहा था घड़ी की तरफ निगाह पड़ी तो पता चला की 11 बज रहे थे मतलब काफ़ी देर तक मैं सोता रहा था कपड़ो को दुरुस्त किया और बाहर की तरफ आते हुवे मामी को आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही आया देखा तो पता चला कि वो घर पे नही थी तो मैं रसोई मे गया
और एक कड़क अदरक वाली चाइ बनाने लगा मेरा सर बहुत तेज दुख रहा था चाइ पी के थोड़ा बेहतर लगा फिर मैं नहाने चला गया इन्सब मे कोई आधा घंटा लग गया पर मामी अभी तक वापिस नही आई थी तो मैं बेड पे लेट गया और अपनी आँखे बंद करली पर चैन ना मिला मिता की सूरत बार बार मेरी आँखो मे छा रही थी दिल मे एक हूक सी उठने लगी पता नही ये कैसे डोर थी जो मुझे उसकी ओर खींच रही थी जबकि वो तो मुझे ठीक से जानती भी नही थी तक़दीर एक बार फिर मेरी ज़िंदगी मे कुछ नयी इबारत लिखने का ठान चुकी थी ये दिल मे उठती कसक भी खुदा की ओर से एक इशारा था जो उस वक़्त मैं समझ नही पा रहा था
तभी मामी आ गयी उन्होने बताया कि वो गाँव के पोस्ट ऑफीस चली गयी थी मामा ने मनी ऑर्डर भेजा था वो लेने फिर वो बोली मैं अभी तुम्हारे लिए फटा फट खाना बना देती हू तो मैने मना कर दिया मैने कहा मेरे सर मे बहुत दर्द हो रहा हैं तो वो बोली चलो मैं तुम्हारे सर मे मालिश कर देती हू और तेल की बॉटल उठा लाई मालिश से बहुत रिलॅक्स फील हुआ फिर वो रसोई मे चली गयी मैने टीवी ऑन कर लिया पर उसमे भी मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया
और रसोई के दरवाजे पे खड़े होके मामी को देखने लगा नीले घाघरे और सफेद ब्लाउस मे एक दम कहेर ढा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं जाके उनसे चिपक गया और उनकी पतली कमर को अपने हाथो से सहलाने लगा उनका पेट धीरे धीरे काँपने लगा मामी बोली पूरी रात तो मुझे चोद्ते रहे फिर भी मन नही भरा क्या मैने अपने को ऑर उनसे सटाते हुवे कहा आप हो ही इतनी पटाखा कि बस रुका ही नही जाता और उनकी चूची को दबा दिया मामी ने अपनी गान्ड थोड़ी उभार ली और मेरे लंड पे उसका दबाव डालने लगी कुछ देर हम ऐसे ही मज़े लेते रहे
तो मैं उनके ब्लाउस के बटन खोलने लगा तो वो बोली अभी नही मुझे बहुत काम करना हैं खाना बनाना है और नहाई भी नही हू पहले मैं अपने काम निपटा लू फिर तुम्हारी मुराद भी पूरी करूँगी और मुझसी दूर हो गयी मैने भी अपने आप को संभाल लिया मैने उन्हे बताया कि मैं थोड़ा घूमने जा रहा हू थोड़ी देर मे आउन्गा और बाहर की ओर चल पड़ा मैं खेतो की पगडंडी पे चलता जा रहा था गरम हवा चल रही थी पर खेतो की वजह से अच्छी लग रही थी मैं थोड़ा और आगे बढ़ गया एक तरफ बहुत पेड़ थे मैं उसी ओर चला गया वो एक आम का बाग था बहुत ही ठंडक महसूस हुवी
इधर उधर देखा तो कोई दिखा नही मैने दो आम उठाए और खाने लग खा ही रहा था तो एक औरत भागती हुवी मेरी ओर आई ऑर गुस्से सी बोली कि कॉन है तू ऑर आम क्यों चुराए तो मैने कहा कि आपको थोड़ी ग़लत फहमी हो गयी हैं मैं तो इधर घूमते घूमते आ गया फिर मैने उन्हे मामा का नाम बताते हुवे कहा कि मैं मास्टरजी का भांजा हू तो वो बोली अरे तो पहले बताना था और माफी माँगी तो मैने कहा कोई नही तो वो मुझे अपने साथ ले गयी ऑर बहुत से आम एक पन्नि मे डालके मुझे दे दिए मैं मना करता रहा पर वो मानी ही नही तो वो मुझे लेने पड़े ।
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कुछ देर और घूमने के बाद मैं वापिस चल पड़ा पेट मे चूहे भी उछल कूद मचाने लगे थे घर आया तो मामी नहा रही थी उन्होने अंदर से ही आवाज़ देते हुवे कहा कि रसोई से खाना ले लू तो मैने कहा कि आप नहा लो फिर साथसाथ ही खाएँगे तभी मुझे आइडिया आया मैं फॉरन नंगा हुआ और बाथरूम की ओर चल दिया दरवाजे को धकेला तो पता चला कि मामी ने अंदर से कुण्डी लगाई हुवी हैं तो मैने कहा कि मामी ज़रा कुण्डी तो खोलो उन्होने बिना वक़्त गवाए दरवाजा खोल दिया मैं तो दंग रह गया उन्हे देख के पूर्ण रूप से नंगी औरत वो भी भीगे हुवे उनके खुले बाल उनके चुतडो को छू रहे थे उन्हे इस तरह देखके मेरा लंड एक दम तन गया और उन्हे सलामी देने लगा
मैं उनकी गोल गान्ड सहलाने लगा मामी मुझसे चिपक गयी तभी उन्होने फव्वारा चला दिया पानी हम दोनो के जिस्मो को भिगोने लगा मैं उनकी गर्देन चूमे लगा वो कस्के मुझसी चिपकी थी मेरा लंड उनके पेट पे दस्तक दे रहा था मैं दोंनो हाथो से गान्ड को दबा रहा था मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो पे रख दिया और उन्हे चूमने लगी मामी का खुद ही पहल करने का अंदाज बहुत ही निराला था थोड़ी देर चूमने के बाद मैं नीचे बैठ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा कोई आधे इंच भर की नाभि बहुत ही प्यारी थी मामी गरम होने लगी थी उनके पेट पे गुदगुदी हो रही थी
जिस से वो थोड़ा विचलित हो रही थी फिर मैने उनकी टाँगो को थोड़ा आगे पीछे किया और चूत को अपने मूह मे भर ने वाला ही था तो उन्होने मुझे हटाया और झट से फरश पे घोड़ी बन गयी और बोली मेरे प्यारे ज़रा पीछे से भी तो अपनी मामी की चूत देख मैं हंसा और उनके पीछे आते हुवे उनके चुतडो पे एक चपत लगा दी पल भर मे ही उनका गोरा चूतड़ लाल हो गया वो दर्द भरे स्वर मे बोली आह ये क्यों करते हो तो मैं हँसने लगा और बोला क्यों मज़ा नही आया क्या मेरी रानी और एक चपत और लगा दी और बैठ के मामी की चूत पे अपनी जीभ चलाने लगा
सच मे इस पोज़िशन मे चूत चाटने मे और भी मज़ा आ रहा था और कुछ उपर से गिरता पानी भी ……………………… मेरी जीभ लपा लॅप रेंग रही थी तभी मैने उनकी गान्ड पे भी किस करनी शुरू कर दी गान्ड पे मेरे होंटो का स्पर्श पाके मामी मचलने लगी 15 मिनिट तक मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो छत ता रहा फिर मैने अपने लंड को चूत पे लगाया तो मेरा मन बदल गया मैने लंड को गान्ड पे रखा और अंदर सरका दिया मामी का पूरा बदन हिल गया क्यों कि मैने एक तेज धक्के से लंड को अंदर डाला था उनका जिस्म थोड़ा आगे की ओर हो गया
पर कुछ ही पॅलो मे उन्होने अपने को संभाल लिया और गान्ड को मेरी ओर करते हुवे बोली मज़ा आ गया मेरे दीवाने भानजे अरे भांजा काहे का अब तो तू मेरा पति ही बन गया हैं एक तरह से और मेरी ओर आँख मार दी मुझे भी थोड़ा जोश आ गया मैने तुरंत लंड को सुपाडे तक बाहर खींचा और दुगनी ताक़त से अंदर घुसा दिया मामी अब चिल्लाने लगी थी और पता नही क्या बॅड बड़ा रही थी मैं अपने हाथ उनकी कमर मे डाले और बड़े ही मज़े से गान्ड चोदने लगा मामी किसी रंडी से कम नही थी पूरी रात दब के चुदि थी और अब फिर से गान्ड मरा रही थी मेरा उफनता हुवा लंड उनकी गान्ड को और भी चौड़ी कर रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड मटका मटका के दे रही थी
जब मैं लंड अंदर करता तो वो बड़ी ही अदा से अपनी गान्ड सिकोड लेती थी जिस से रागड़ाई का मज़ा बढ़ जाता था काफ़ी देर गान्ड मारने के बाद मैने कहा कि चूत मे डालु तो वो बोली सबकुछ तेरा हैं जहा मर्ज़ी आए वहाँ डाल मैं कॉन हू तुझे रोकने वाली तो मैने लॅंड को एक इंच नीचे करते हुवे चूत मे धंसा दिया अब मामी की टाँगे काँपने लगी थी दना दन मैं उन्हे चोदे जा रहा था मामी भी पूरे जोश मे मज़े ले रही थी मेरा पानी छूटने ही वाला था बस थोड़ी ही देर की बात थी मैने 10-15 धक्के खेंच के मारे और अपना पानी उनके गर्म चुतडो पे छोड़ दिया
बाथरूम मे चुदाई का मज़ा ही आगेया था नहाने के बाद हम कमरे मे चले गये मैने अपने हाथो से मामी को कपड़े पहनाए और उनका शृंगार किया मन तो कर रहा था कि एक बार ऑर चोद दूं पर उन्होने मना कर दिया फिर हम ने खाना ख़तम किया और बैठ के बाते करने लगे तभी मुझे याद आया कि बड़े मामा के घर भी जाना था आज रात उनके रुक के फिर अपने घर जाना था तो मैने मामी की एक बार और चूत मारी और बड़े मामा के घर की ओर चल पड़ा . शाम के 5 बज गये थे मामा बोली बड़ी देर लगाई फिर कुछ ख़ास नही हुआ बस इधर उधर की बातें डिन्नर हुआ और हम सो गये
मैं चॉबारे मे सोया हुआ था रात को मेरी आँख खुली तो पता चला लाइट नही है पूरा बदन पसीने से भीगा था तो मैं बाहर की तरफ आया और पानी के मटके से पानी पी ही रहा था कि मेरे कानो मे चूड़ियों की आवाज़ आई अब इस वक़्त कॉन हो सकता था आवाज़ आती जा रही थी तो मैं बरामदे की ओर मुड़ा ही था कि मैने देखा मामा ने मामी को अपने नीचे लिटाया हुआ है और चुदाई का कार्यक्रम चालू हैं मेरा दिमाग़ घूम गया और लंड झट से खड़ा हो गया ऐसे मे कौसल्या मामी की बड़ी याद आई पर इतनी रात गये उनके पास भी नही जा सकता था तो अपने कच्छे को सरकया और मुट्ठी मारने लगा
उन्हे देखते हुवे और फिर वापिस जाके सो गया सुबह मे जल्दी ही उठ गया और नीचे गया तो देखा मामी झाड़ू लगा रही हैं उनके बोबे ब्लाउस से बाहर छलक रहे थे मैं उन्हे देखता ही रहा उन्होने मेरा ध्यान हटाया और बोली क्या देख रहे हो सुबह सुबह तो मैं सकपका गया और बात बदल दी नहाने धोने और खाना वाने मे ही साढ़े नो से उपर होगये थे अब मुझे जाना था तो उनसे विदा ली और घर की ओर प्रस्थान किया एक लंबे और थकाऊ सफ़र के बाद जब घर पहुचा तो लगभग रात ही हो गयी थी हाथ मूह धोया और घर वालो सी थोड़ी देर बातचीत की फिर दबा के पेट को खुराक दी
इस बीच मौका देख के चाची को चूम भी लिया था और गान्ड भी मसल दी थी फिर उन्हे बताया कि आज मैं प्लॉट मे सोउंगा और अपना बिस्तर उठा के प्लॉट मे पहुच गया असल मे मैं सोच रहा था कि तोड़ा टाइम प्रीतम के साथ भी बिता लूँ पर मैं ये भूल गया था कि उसके भाई के जाने के बाद वो घर पे ऑर उसकी मा उनके बाडे मे सोती थी मैं बहुत उत्साहित सा हो रहा था लगभग साढ़े ग्यारह बजे मैं उठा और उसके बाडे मे पहुच गया और सीधा बिस्तर पे कूद गया उसकी मा शोर मचाते हुवे उठ गई ऑर चोर चोर चिल्लाने लगी मेरी गान्ड फॅट गयी ऐसा भागा वहाँ से कि सीधा प्लॉट मे आकर रुका
सांस बुरी तरह फूल रही थी आज तो बाल बाल बच गया था वरना सारी आशिकी निकल जाती पता नही इतनी इंपॉर्टेंट बात कैसे भूल गया था दिल की बेकाबू धड़कनो को संभालने मे थोड़ा वक़्त लिया मैने अपनी आँख बंद की और पता नही कब नींद आ गयी खैर सुबह हुवी कॉलेज भी जाना था फटाफट घर गया और तैयार हुआ साइकल उठाई तो साला पंक्चर निकला वाह रे मेरी किस्मत पापा के साथ स्कूटर पे जाता तो लेट हो जाता बिना नाश्ता किए ही बस स्टॅंड की ओर भागा शूकर है टेंपो मिल गया था कोई दस मिनिट बाद अगले गाँव मे सवारियाँ छड़ी तो मेरा उनमे से एक मिता थी
चूँकि बहुत भीड़ थी आप तो समझ सकते हैं स्टूडेंट कितने धक्के खाते हुवे अपना सफ़र तय करते है तो मैं उठा और अपनी जगह मिता को दे दी और बाहर लटक गया आधे घंटे के बाद हम सहर पहुच गये अब थोड़ी दूर पैदल ही चलना था मैने किराया दिया और बॅग को कंधे पे लट काते हुवे आगे बढ़ गया तभी पीछे से किसी ने मेरा नाम पुकारा मैने देखा तो मिता भागते हुवे मेरी ही ओर आ रही थी उसकी ज़ुल्फ़िें उसके चेहरे पे लहरा रही थी जिन्हे वो एक हाथ से बार बार हटा रही थी वो आते ही बोली कितना तेज चलते हो मेरे लिए रुक नही सकते थे क्या
मैने जवाब के लिए मूह खोला ही थाकि उसने मुझे थॅंक यू कहा तो मैने पूछा किसलिए तो वो बोली मुझे अपनी जगह देने के लिए तो मैं बस हल्का सा मुस्कुरा दिया फिर हम साथसाथ चलने लगे उसने पूछा तुम्हारा गाँव कॉन सा है तो मैने उसे बताया आज मैं बहुत खुश था मैं मिता से बात कर रहा था मैने दुकान से दो चॉकलेट खरीदी और एक उसे दी उसने बिना किसी झीजक के ले ली ऐसे ही पता नही कब कॉलेज आ गया मैने मन मे सोचा काश ये रास्ता कभी ख़तम ही ना होता तो कितना अच्छा रहता क्लास मे भी मैं नज़र बचा के उसे ही देख लेता था मास्टर ने ताड़ लिया कि मेरा ध्यान कही ऑर हैं और कस्के सूट दिया
उसके सामने तो कचरा ही हो गया पर ये भी बचपन की कुछ बहोत ख़ास्स यादे है लाइब्ररी जाते हुवे मैने ख़ास दोस्त जो मेरी ही बेंच पे बैठता था उसे अपनी पूरी सिचुयेशन बताई उसने पूरी बात सुनी और कहा यार ये मिता बहुत ही गुस्से वाली लड़की हैं मेरे भाई बच के रहियो और बस अपनी स्टडी पे ध्यान दे इस साल बोर्ड एग्ज़ॅम हैं पर मेरे तो दिल मे वो बस गयी थी शायद प्यार का बीज का अंकुरित होने ही वाला था खैर छुट्टी हुवी और फिर हम दोनो एक ही टेंपो से घर वापिस आ रहे थे
वो बिल्कुल मुझसे सट के बैठी थी पर उस टाइम मेरे मन मे कोई ग़लत भावना नही थी मैं बस उसके बदन की खुसबू ले रहा था फिर उसका स्टॅंड आ गया वो बड़ी ही नज़ाकत से उतरी ओर मेरी ओर देख के बहुत ही धीमे से मुस्काई जिसे केवल मैं ही देख पाया मैं अपने घर पहुचा तो साढ़े चार बज रहे थे पता चला दादी भी मम्मी के साथ खेतो मे गयी थी मैने कपड़े चेंज किए और कुछ खाया पिया तभी चाची अपने कमरे से आई और बोली चाइ बना दूं क्या तो मैने कहा मैं दूध पियुंगा तो वो बोली ठीक हैं मैं अभी गरम कर देती हू और रसोई मे चली गयी मैने फॉरन मेन गेट को बंद किया
और रसोई मे जाके चाची को अपनी बाहों मे भर लिया वो बोली छोड़ो मुझे अगर कोई आ गया तो मैने कहा चिंता मत करो गेट बंद कर दिया है वो फिर भी बोली जेठानी जी भी आने वाली है तुम मरवाओगे मुझे तुम्हारे उपर लगाम डालनी पड़ेगी आज कल तुम मेरी छूट का ग़लत फ़ायदा उठाने लगे हो तो मैं उनकी चूची को मसल्ते हुवे बोला कि मेरी प्यारी चाची मैने अभी तक तो कुछ किया भी नही है और आप भी कहाँ कुछ करने देती हो तो वो बोली अभी तेरे लिए इतना ही बहुत है मैने उन्हे दीवार के सहारे लगा दिया ।
और उनके होंटो को अपने मूह मे दबा लिया और उनका रस पीने लगा वो उूुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुुुुुुुुुुुउउ करने लगी और छूटने की कोशिस करने लगी पर मेरी पकड़ मजबूत थी मैने उन्हे कस के दबोच लिया और काफ़ी देर उन्हे चूस्ता ही रहा फिर मैने अपने होंठ हटाए और चाची से कहा अगर वो बुरा ना माने तो क्या मैं उन्हे किस करू तो वो बोली कि अभी क्या किया था तो मैने चूत पे हाथ रखते हुवे कहा इधर चाची तो वो शर्मा गयी और मना करने लगी वो बोली तुम इतनी ज़िद मत करो खुद तो मरोगे और मुझे भी मरवाओगे गे पर मैने उनकी सलवार का नाडा खोल दिया
और चढ्ढि समेत उसे उनके घुटनो तक सरका दी चाची की बालो से धकि गुलाबी चूत देख कर मेरा लंड पॅंट मे फड़फड़ाने लगा दिल मे तो आया कि अभी उसे चोद ही दूं पर मैं उनकी मर्ज़ी से ही उन्हे चोदना चाहता था आधी तो वो मेरी तरफ हो गयी थी ही बस थोड़ा और इंतज़ार था वो शरमाते हुवे बोली जो करना हैं जल्दी से करले कही कोई आ ना जाए मैने बस उनकी चूत पे अपना मूह लगाया ही था कि धाड़ से दरवाजा बज उठा चाची को पसीना आ गया उन्होने फॉरन अपनी सलवार उठाई और नाडा बाँधने लगी
मैने गेट खोला तो मम्मी खड़ी थी उन्होने सीधा सवाल दागा कि गेट क्यों बंद था तभी पीछे से आती हुवी चाची बोली जीजी वो पड़ोसियों की बकरिया घुस जाती है इसलिए बंद किया था तो मम्मी बोली अच्छा किया और अंदर आ गयी दादी ताई जी के पास रुक गयी थी फिर चाची ने मम्मी को चाइ पकडाइ मैं भी उनके पास ही बैठ गया मेरा मोका चला गया था पर कुछ कर भी नही सकता था साढ़े पाँच बजे मैं घूमने निकल पड़ा सोच रहा था कि अब बस प्रीतम का ही सहारा है वो मिल जाए तो करार कर लूँ पर वो भी साली नाराज़ थी क्यों कि कई दिनों से उस से मैं मिला नही था पर उसके दर्शन भी नही हुवे ऐसे ही इधर उधर खाक छान ने के बाद अब जाना तो घर ही था छत पे बिस्तर जमा ही रहा था कि चाचा मेरे पास आ गये
और बोले क्या बात है कभी तो इधर सोता हैं अचानक प्लॉट मे चला जाता हैं चक्कर क्या हैं तो मैने शराफ़त से जवाब दिया कि बस कभी दिल करता हैं तो उधर चला जाता हूँ और कोई बात नही हैं तो वो बोले अरे मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था बुरा मत मानना फिर वो भी मेरे साथ ही वही लेट गये और बाते करने लगे कुछ देर बाद वो चले गये दिल मे चूत लेने की इच्छा हो रही थी अब मुट्ठी मारने का तो मन ही नही करता था पर कोई जुगाड़ भी नही हो रहा था अगले दिन शनि वार था तो दो दिन की छुट्टी थी इधर लंड कच्छे को फाड़ के बाहर आने को मचल रहा था तो मैं एक फ़ैसला किया कि आज रात को प्रीतम के घर पहुचा जाए मुझे पता तो था ही कि उसकी मा तो बाडे मे सोएगी तो उसकी चूत मारनी ही हैं मैने दृढ़ निश्चय किया
और घर वालो के सोने का इंतज़ार करने लगा पर वो भी सो ही नही रहे थे खैर इंतज़ार ख़तम हुआ कोई ग्यारह बजे मैने जायज़ा लिया कि सब सो गये या कोई कमी हैं पूरे घर की लाइट बंद थी धीरे से गेट खोला और चल पड़ा अपने शिकार की ओर रास्ता साला कुछ ज़्यादा ही लंबा लग रहा था पर राही अगर चला था तो मंज़िल पे पहुचना था ही मैने सावधानी से चारो तरफ देखा दूर दूर तक सब सुनसान ही था तो हौले से उसका गेट खड खड़ाया पर कोई नही आया काफ़ी देर ऐसे ही मैं धीरे धीरे गेट खड़खड़ाता रहा पर कोई आया ही नही अब इतनी रात को ज़ोर से भी नही खड़का सकता था अब क्या करू पर प्रीतम को तो चोदना ही था मैं सोचने लगा कि किस तरह घर के अंदर जाउ
गोर से देखा तो पाया कि उनके गेट के पास की दीवार पे दो मोखे बने थे जिनमे पैर फसा के चढ़ा जा सकता था मैने सोचा कोशिश तो करू पहली बार मे बात नही बनी पर दूसरी बार मैं किसी तरह चढ़ ही गया और अंदर की पानी की टंकी पे पैर रख के आराम से उतर गया अब थोडिशांति मिली आँगन का बल्ब चालू था तो देखा कि दोनो कमरो मे ताले थे मतलब वो चॉबारे मे सो रही थी मैं दबे पाँव उपर चल दिया किवाड़ खुला ही था पर यहाँ का बल्ब बुझा हुवा था मुझे पता तो था ही कि बेड कहाँ हैं तो मैं वही पहुचा और प्रीतम को टटोलने लगा जैसे ही मेरे हाथो पे नारी के जिस्म का स्पर्श हुवा मैं सीधा उसपे चढ़ गया वो एकदम इस हमले से घबरा गयी और चीख पड़ी पर ये आवाज़ तो किसी ओर की थी अब ये क्या हुआ ।
तभी लाइट जल गयी मैने चोन्क्ते हुवे उधर देखा तो प्रीतम तो बिजली के बोर्ड के पास थी बल्ब उसी ने जलाया था मैने फॉरन वापिस देखा ये तो कोई और ही लड़की थी मैं उस से दूर हटा ओर वही बेड पे ही एक साइड मे बैठ गया अब प्रीतम ने मोर्चा संभाला और राशन पानी लेके मुझपे चढ़ गयी वो बोली कमिने तू यहाँ कैसे अगर कोई प्लान बनाना था तो पहले मुझे बता तो देता हाई राम अब मैं क्या करूँ जब मैं पीछे पीछे फिरू तब तो रसीद नही देता और अब इस तरह यहाँ पे टपक पड़ा है मैने उसे कहा चुप करो और थोड़ा पानी पिलाओ तो वो लड़की नीचे चली गई तो मैने प्रीतम से पूछा ये कॉन है तो वो बोली कि ये मेरी मोसी की लड़की है कुछ दिन इधर रहने आई हैं
तो मैं बोला अब कैसे करेंगे तो वो गुस्से से बोली कि जब तुझे ज़रूरत हो तो आ जाता हैं मैं इतने दिनो से बुला रही हू तो कहाँ गायब था मैने उसे सारी बात बातयी और उस से चिपक गया तभी वो लड़की आ गई और मुझे पानी की बॉटल दी ठंडा पानी पीके थोड़ा सुकून मिला प्रीतम बोली ज्योति तू नीचे वाले कमरे मे सोजा मैं कुछ देर मे आ जाउन्गि अब ज्योति भी जवान लड़की थी कोई 22 की होगी तो सब समझ रही थी उसके गाल भी लाल हो गये थे वो बोली दीदी मुझे अकेले मे डर लगता है तो प्रीतम उसे डाँट ते हुवे बोली कि ज़्यादा श्यानी मत और चुप चाप जाके सो जा और वो गुस्से से पैर पटकते हुवे नीचे चली गयी ज्योति भी वैसे माल ही थी प्रीतम से थोड़ी पतली थी पर माल तो माल ही होता हैं
प्रीतम बोली तुमसे जोड़ी ना बनती तो चैन से रहती तेरा क्या हैं चला जाएगा पर संभालना तो मुझे ही पड़ेगा तो मैने कहा अब बस भी कर और उसे लिए लिए बेड पे पड़ गया उसकी चूत को सलवार के उपर से ही मसल्ने लगा आज उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही फूली फूली लग रही थी कुछ ही देर मे हमारे कपड़े इधर उधर बिखरे पड़े हुवे थे मैने उसके निचले होन्ट पे अपने दाँत रगड़ने चालू कर दिए वो सिसकारिया निकालने लगी मैं उसके निचले होन्ट को बहुत ही ज़ोर से चूस रहा था प्रीतम ने मेरे लंड को अपने हाथ मे थाम लिया और मसल्ने लगी उसकी मुलायम उंगलियाँ मेरे लंड के सुपाडे पे अपना कमाल दिखाने लगी वही दूसरी ओर हमारी जीभ एक दूसरे से शरारत करने लगी थी
बड़े ही प्यार से उसकी जीभ मेरे मूह मे घूम रही थी मैने अपनी एक उंगली प्रीतम की करारी चूत मे सरका दी और उसने अपनी जाँघो को फॉरन भींच लिया ये उसकी कुछ खास अदाओं मे से थी मैं भी आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली उसकी गीली चूत मे फिराने लगा मुझे ऐसे महसूस हुआ कि उसकी चूत का साइज़ थोड़ा बढ़ सा गया हो तो मैने उसे अलग करते हुवे कहा कि प्रीतम एक बात बता मेरे पीछे से क्या तू किसी ऑर से भी चुदवाती है क्या तो वो बोली तुझे ये क्या सूझा तो मैने कहा सच सच बता तो वो बोली अरे मैं एक टाइम मे बस एक से ही चुदती हू तो मैने कहा फिर ये इतनी कैसे फूल गयी तो वो गुस्से से बोली कमिने जब अपना लौडा गपा गॅप इसमे अंदर बाहर करता है
तब नही पूछता अब वकील बन रहा है और अपना मूह फूला के दूसरी तरफ बैठ गयी मुझे भी गुस्सा चढ़ आया मैने कहा जा साली इतने नखरे मुझे मत दिखा दे तो दे वरना मत दे तेरी चीज़ हैं तू जाने और बगल मे बैठ गया और अपने लंड को सहलाने लगा प्रीतम कनखियो से मुझे देख रही थी तो वो बोली मुझे पे हुकम मत लगाया कर मैं तेरी पर्सनल रंडी नही हू मेरी अपनी मर्ज़ी है मैं चाहे जो करूँ मैने कहा साली पूछा ही तो हैं इतना गरम क्यों हो रही हैं तो वो बोली एक बात समझ ले अगर तेरे साथ सोती हू तो इसका मतलब ये नही है कि मैं कोई रंडी हू क्या कभी मैने तुझसे कोई डिमॅंड की हैं क्या वो बस गुस्से मे आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही थी
मुझे भी ताव आने लगा था मैने उसे पानी की बॉटल दी ओर पानी पिलाया ओर वो रोते हुवे बोली साले कुत्ते मैने तुझे अपना दोस्त समझा और तूने मुझपे शक किया तू भी औरो की तरह निकला और मेरे सीने से लग के फूट फूट के रोने लगी ज्योति भी उपर आ गयी हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो हमें इस तरह देख के थोड़ी परेशान हो गयी पर वो वापिस नही गयी और वही पे साइड मे रखी स्टूल पे बैठ गयी और बोली अबे तुमने क्या चक्कर लगा रखा है ना खुद सो रहे हो ना किसी किसी को सोने दे रहे हो तो प्रीतम बोली तू अपना काम करना और मुझसे हटी और अपनी सलवार पहन ने लगी पर मैने उसका हाथ पकड़ लिया तो प्रीतम बोली देख आज मेरा दिमाग़ बहुत खराब हैं
आज मुझे माफी दे और तू जा कहाँ तो चुदाई के सपने थे और कहाँ महॉल ऐसा हो गया था मैने भी उसकी फीलिंग्स का सम्मान करते हुवे अपने कपड़े पहनने चालू किए मैने उसके सर को हल्के से सहलाया और उसके माथे पे एक चुंबन अंकित किया और वापिस चलने को मुड़ा थी था कि वो बोली एक काम कर इस ज्योति को चोद दे ये सुनके ज्योति की तो गान्ड ही फॅट गयी तो प्रीतम बोली अरे घबरा मत ये तो मुझसे भी जबरदस्त चीज़ है आजा इसको चोद दे ज्योति की तो सांस ही अटक गयी उसने अपनी कोहनी प्रीतम को मारते हुए कहा कि दीदी चुप हो जाओ हालाँकि मोका मिल भी रहा था पर मैने प्रीतम की ओर देखते हुवे मना किया और चुप चाप वापिस हो लिया
रात का अंधेरा मेरे साए को अपने मे समेटे था मैं गाँव के तालाब की ओर चल पड़ा उसके शांत पानी को देख के मन को बहुत अच्छा लगा सुबह तक मैं वही बैठा रहा घर जाने का मन ही नही हो रहा था प्रीतम मुझे अपना दोस्त मानती थी पर मेरे लिए वो एक चूत से ज़्यादा कुछ नही थी मैने सोचा कि कल मिलते ही उस से माफी माँग लूँगा फिर मैं खुद के और मिता के बारे मे सोचने लगा मैने गोर किया तो पाया कि मैं दो तरह की जिंदगी जीने लगा था एक तरफ मैं चुदाई के सागर मे डूबता जा रहा था दूसरी ओर खड़ी थी मिता उस टाइम मुझे अंदाज़ा भी नही था कि उसकी वजह से एक दिन मेरी ज़िंदगी मे एक भूचाल आएगा जो मेरा सब कुछ तबाह कर ले जाए गा खैर, दिन निकलने लगा था चिड़ियों की मधुर आवाज़ गूंजने लगी थी मैने अपना मूह धोया और घर चल पड़ा
जाते ही सीधा रसोई मे गया आज वहाँ मम्मी थी उन्होने चाइ बिस्कट दिए और मैं उन्हे लेके बैठक मे आ गया पापा अख़बार पढ़ रहे थे दोस्तो उन दिनो रंगीन अख़बार पढ़ने का बड़ा चाव होता था फिर चाची के दर्शन हुवे वो मुझे साइड मे ले गयी और बोली रात को कहाँ पे था तू तो मैने कहा मैं तो छत पे ही सोया पड़ा था वो गुस्से से बोली झूठ मत बोल रात को तेरे चाचा भी छत पे सोने चले गये थे तेरे पास पर तू वहाँ नही था वो गुस्से मे हैं अब तू जाने उनको ही जवाब दियो और चली गयी अब मैं फसा क्या करू तभी पापा ने आवाज़ लगाई ऑर बोले कि बानिए की दुकान से भैंसो के लिए बाजरी की दो बोरिया ले आईओ मैं बोरिया लेके प्लॉट मे पहुचा तो चाचा वही पे नहा रहे थे उन्होने सीधे सीधे पूछा कि रात के बारे मे तो मैने कहा कि मैं गाँव के तालाब के पास बैठा था पूरी रात झूठ बोलने का कोई फ़ायदा तो था नही मैने स्पस्ट रूप से कह दिया कि आज कल मेरा मन थोड़ा विचलित रहता है तो मैं अक्सर वहाँ चला जाता हू तो वो बोले बेटे पर पूरी पूरी रात घर से बाहर रहना भी तो ग़लत हैं ना मैं समझता हू कि तुम्हारी उमर मे बच्चो को कुछ प्रॉब्लम्स होती हैं पर बेटे जमाना खराब हैं तुम हमारे घर के इक्लोते बच्चे हो हमें फिकर हैं तुम्हारी आगे थोड़ा ध्यान रखना और कोई प्राब्लम हो तो हम से शेअर करना और मेरे गाल को थप थपा दिया
सच बटाऊ उनकी इस बात ने दिल छू लिया फिर हम घर आए और पूरा दिन मस्ती मे बीत गया शाम को प्रीतम मिली तो बोली आज तेरा इंतजार करूँगी 11 बजे आ जइयो चुप चाप मैं बस हल्के से हंस दिया अब बस प्लान बनाना था क्यों कि मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था क्यों कि अगर अब मैं पकड़ा जाता तो संभालना मुश्किल हो जाता मैं चाची के पास गया और उनको बताया कि मुझे थोड़ी मदद चाहिए तो बोली बता तो मैने कहा मुझे आज रात कहीं जाना हैं और चाचा फिर से छत पे नही जाने चाहिए आप कुछ भी करके अड्जस्ट करो तो वो बोली पहले बता कहाँ जाएगा तू तो मैने झूठ बोला कि मेरे एक दोस्त के घर पे आज वीसीआर लाए हैं मैं फिल्म देखने जाउन्गा
तो चाची बोली उसके लिए आज से पहले कभी तूने पर्मिशन नही ली अगर सच बताएगा तो मैं कुछ मदद करूँगी वरना तू जाने तेरा काम जाने और अपने काम मे वापिस लग गयी मैं उन्हे नही बताना चाहता था कि मेरा प्लान क्या है तो बस चुप चाप आके छत पे लेट गया खाना भी नही खाया और ना ही किसी ने पूछा पर मैनी सोच लिया था अगर जाना है तो जाना है देखा जाएगा जो होगा जैसे ही घर वाले सोए मैं चुप चाप वहाँ से खिसक लिया कदम अपने आप मंज़िल की ओर बढ़ने लगे
जैसे ही उसके दरवाजे पे दबाव डाला वो खुलता चला गया प्रीतम ने दरवाजा खुला ही रखा था आज मैने उसे बंद किया और अंदर चला गया मंज़िल वोही चॉबरा था ज्योति भी जाग रही थी उसने मेरी ओर देखा और हंस पड़ी वो उठ के नीचे जाने लगी तो मैने कहा अरे थोड़ी देर तो बैठो तो वो फिर से बैठ गयी मैने प्रीतम को कहा कुछ पड़ा हैं तो खिला दे वो बोली मेरे इधर क्या होटल खुला हैं अपने घर से ख़ाके आता और बॅड बड़ाते हुवे नीचे चली गयी और एक प्लेट मे कुछ रोटिया और सब्ज़ी लेके आई प्रीतम के घर खाना बहुत अच्छा लगता था माना कि वो गाँव भर मे बदनाम थी पर मैं उसे बहुत अच्छी तरह से जान ने लगा था दोस्ती निभाना कोई उस से सीखे
मैने खाना ख़तम किया थोड़ा पानी पिया और प्रीतम की गोद मे सर रख के लेट गया ज्योति बहुत ही गोर से हमे देख रही थी प्रीतम मेरे बालो मे हाथ फिराने लगी फिर उसने ज्योति को नीचे जाने को कहा पर ज्योति बोली आप लोग लाइट बंद कर लो और फिर जो चाहे वो करना मुझे अकेले डर लगता हैं तो मैं एक साइड मे सो जाउन्गि आपको डिस्टर्ब नही करूँगी तो प्रीतम बोली ठीक है और मुझे क्या ऐतराज़ होना था पर मैं नीचे गया और एक चारपाई उठा लाया और उसपे बिस्तर बिछा के ज्योति से बोला तुम इधर सो जाना अब प्रीतम ने लाइट बंद की ओर नंगी होके बिस्तर पे आ गयी जैसे ही मेरे हाथों ने उसके जिस्म को महसूस किया मैने भी अपने कपड़े उतार दिए दो नंगे जिस्म एक दूसरे मे समा जाने को बेताब थे
मैने प्रीतम के बोबे पीने शुरू कर दिए और वो ज़ोर से उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म की आवाज़ निकालने लगी मैने कहा ज्योति का ख्याल तो करले कमिनि तो वो मेरे कान पे अपने दाँत गढ़ाते हुवे बोली तू उसकी फिकर मत कर और मेरी तरफ ध्यान दे और मेरे कान को चूमने लगी आज वो कुछ ज़्यादा ही आवाज़ निकाल रही थी मैं बारी बारी से दोनो बोबे चूमने मे लगा था कोई 15 मिनिट तक ऐसे ही चलता रहा फिर उसने मेरी गोद मे अपना सर रखा और लंड को चूसने लगी
मेरा हाथ भी उसके गोल मटोल चुतडो पे पहुच गया उफफी इतने बड़े चूतड़ कामुकता उफान भरने लगी थी वो गप गुप करते हुवे लंड चूसे जा रही थी मैने उसकी चोटी को खोल दिया उसके बालो ने पूरे चेहरे को ढक लिया आज लड़ चूसने मे बहुत मज़ा आ रहा था पूरा लंड थूक से गीला हो गया था अब वो मेरे उपर आई और मेरे लंड को अपनी चूत के बुलंद दरवाजे पे रगड़ने लगी और उसे अपनी चूत मे ले लिया प्रीतम के मूह से अहह्ा अहहाआआआआआआआआआआआआहह
की मस्ती भरी आ निकल गयी प्रीतम अब अपने कुल्हो को हिलाने लगी लंड चूत की दीवारो को भेदते हुवे अंदर बाहर हो रहा था चूत से रिस्ता रस लंड को ओर चिकनाई प्रदान कर रहा था कुछ मिनिट ऐसे ही चलता रहा तभी प्रीतम झट से उठी ओर लाइट जला दी ज्योति भी जागी पड़ी थी और मेरे चूत के रस से भीगे खड़े लंड सिचुयेशन थोड़ी अजीब सी हो गयी थी तो प्रीतम बोली अरे तू भी आजा और थोड़े मज़े ले ले वरना बाद मे कहेगी कि दीदी ने अकेले अकेले सब माल खा लिया और उसके कपड़े उतारने लगी पर ज्योति थोड़ा शर्मा रही थी तो प्रीतम ने उसकी चूची को बुरी तरह से मसल्ते हुवे कहा पूरे दिन से लंड लंड कर रही थी और अब सती- सावित्री बन रही हैं
आजा जल्दी से और अपनी आग बुझा ले तो ज्योति बोली पर दीदी हम तीनो एक साथ ? तो प्रीतम गाली देती हुवे बोले जा तेरी मा चुदा कुत्ति तेरे चक्कर मे मेरी भी लगी पड़ी हैं चुदना है तो आ वरना ऐसी तैसे करा और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर के हिलाने लगी तो ज्योति बोली ठीक है दीदी और हमारे साथ बेड पे आ गयी ब्लॅक पेंटी ही थी कपड़ो के नाम पे उसके बदन पे चूचिया 34 तो होंगी ही पर बहुत ही सॉफ्ट थी बिल्कुल रेशम की तरह वजन भी आधा किलो से कम तो नही था ज्योति ने लाइट ऑफ करदी मैं समझ सकता था अब मैं बीच मे लेटा था और मेरे अगल बगल दो हुस्न की चिंगारिया थी जो शोलो मे बदलने को बेताब थी दोनो मैने ज्योति का हाथ पकड़ा और अपने लंड पे रख दिया
ज्योति ने उसे बस छू भर लिया मैने उसे अपनी ओर खींचा और उसके दहक्ते हुवे होंटो पे अपने होंठ रखे और चूसने लगा वो उउउउउउउउउउउउउउउउ करने लगी तभी प्रीतम ने अपने हाथो से उसकी चूचियो को भींचना शुरू कर दिया और बोली आज तुझे पता चल जाएगा चूत कैसे मरवाते हैं लंड तो कई खाए होंगे तूने पर आज एक अलग ही मज़ा लेगी तू और उसे गरम करने लगी मैं तो बस उसके होंठ चूमे ही जा रहा था ज्योति की साँसे मेरे चेहरे पे पड़ रही थी आज घमासान मचना पक्का था तभी प्रीतम ने उसे मुझसे हटाया और मेरे लंड पे चढ़ती हुवी बोली पहले मैं अपना मज़ा लूँगी क्योंकि मैं बड़ी हू तू थोड़ा वेट करले और लंड पे धड़ा धड़ कूदने लगी
मैं बोला थोड़ा धीरे जानेमन कही पेट मे दर्द ना हो जाए उसने अपने हाथ मेरे सीने पे फेरने चालू किए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैने ज्योति के कान मे कहा कभी चूत को छत वाया हैं वो बोली ना मैने कहा एक काम कर मेरे मूह पे आजा वो भी थोड़ा रोमांचित हो रही थी शायद फटा फट हो पोज़िशन पे आगयि मैने उसके कुल्हो पे हाथ रखा और अपनी ओर खींचा और कच्छि के उपर से चूत को थोड़ा दबाया तो मचल गयी मैने कच्छि को फॉरन उसके घुटनो पे खींच दिया
दूसरी ओर प्रीतम अपनी गान्ड का पूरा ज़ोर लगाते हुवे लंड पे कूद रही थी जैंसे ही ज्योति की चूत मेरे मूह मे आई मुझे पता चल गया कि बाल तो सॉफ हैं मुझे ख़ुसी हुवी और मैने बड़े ज़ोर से चूत को काट लिया ज्योति की चीख निकल गयी वो बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआआअ मुंम्म्ममममममममममममममममय्यययययययययययययययययययययययययययययी औचह्ा आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
मैं अब पूरी चूत को अपने मूह मे भरके चूस रहा था उसकी पहली चूत चुसाइ थी तो उसका रोम रोम इस आनंद से भर गया और काम रस की धार बह निकली अब मुझे दो तरफ से मज़ा आ रहा था कमरे मे सांसो का तूफान छा गया था ज्योति अपनी गान्ड मचका मचका के चूत का पानी मुझे पिला रही थी और बड़ी ही ज़ोर से अहह
औचह्ा आआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
मैं अब पूरी चूत को अपने मूह मे भरके चूस रहा था उसकी पहली चूत चुसाइ थी तो उसका रोम रोम इस आनंद से भर गया और काम रस की धार बह निकली अब मुझे दो तरफ से मज़ा आ रहा था कमरे मे सांसो का तूफान छा गया था ज्योति अपनी गान्ड मचका मचका के चूत का पानी मुझे पिला रही थी और बड़ी ही ज़ोर से अहह भोऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउत्त्त्टटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त अचहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ लग रहा हैं बस आईसस्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई करो बुसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आईसीईईईईईईईईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
तभी प्रीतम लंड पे से खड़ी हुवी और ज्योति को धक्का देते हुवे लेट गयी और अपनी मांसल जाँघो को मेरे कंधो पे रख दिया मैने भी झट से उसके टाँगे थामी और लंड को अंदर घुसा दिया और उसे जन्नत की सैर कराने लगा ज्योतिनराज़ होते हुवे बोली तो प्रीतम ने कहा बस कुछ देर रुक जा फिर तू भी अपनी तस्सली करलियो और मुझे धक्के तेज करने को कहा मैने भी शक्ति प्रदर्शन करते हुवे चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी थी इधर ज्योति अगन मे जलती हुवी खीजने लगी थी पर प्रीतम का तो ध्यान बस अपनी चूत मरवाने मे ही था हमारी साँसे बुरी तरह फूल रही थी
शरीर का सारा खून जैसे बस चेहरे पे ही छा गया था 15-20 मिनिट तक बस कमरे मे चुदाई की आवाज़ ही गूँजती रही और फिर हम दोनो लग भग साथ साथ ही झाड़ गये मैं पूरी ताक़त से उसपे लड़ा था और जब तक लंड सिकुड कर खुद ब खुद बाहर ना निकल गया उसके उपर से उठा ही नही इधर ज्योति का हाल भी बहुत बुरा हो रहा था
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मैं उठा और पानी की बॉटल अपने मूह से लगाली तभी प्रीतम ने लाइट जला दी और अपने बालो को बाँधते हुवे बोली मैं नीचे सोने जा रही हू तुम दोनो एंजाय करो अगर मेरा मन हुआ तो मैं फिर आ जाउन्गि तब तक तुम लगे रहो और नंगी ही नीचे चली गयी अब बचे हम दोनो ज्योति ने बेड की चादर अपने पे लपेट ली थी मैने किवाड़ को बंद किया पर कुण्डी नही लगाई और बेड पे आके ज्योति के पास बैठ गया हमारी आँखे एक दूसरे से टकराई वो शरमाते हुवे बोली प्लीज़ बल्ब बुझा दो तो मैने कहा फिर मैं तुम्हारे इस मादक जिस्म का दीदार कैसे करूँगा तो उसने अपने चेहरा नीचे की ओर कर लिया मैने उसके मुखड़े को अपने हाथो से उपर की ओर उठाया और उसके होंटो पे अपनी उंगलिया फेरने लगा
उसका बदन पता नही क्यों कांप रहा था तो मैने उसे बिल्कुल रिलॅक्स होने को कहा और बोला कि अगर वो कंफर्टबल नही है तो रहने देते हैं तो वो बोली नही ठीक हैं तो मैने अपना हाथ उसकी गर्दन मे डाला और उसे थोड़ा मेरी ओर खींच लिया ज्योति कसमसाने लगी मैने देर ना करते हुवे उसके गालो को चूम लिया अब गरम तो वो थी ही बस थोड़ा ठहराव आ गया था गालो को चूमते चूमते मैं उसके हल्के लाल लाल होंटो की ओर बढ़ रहा था और फिर मैने अपने होंठ उसके होंटो से जोड़ दिए ऐसा लगा जैसे को पिघली हुवी आइस क्रीम हो धीरे से मैने उसके शरीर पे लिपटी चादर को एक साइड कर दिया और उसकी पीठ सहलाने लगा फिर उसे लिटा दिया और उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया
अबकी बार उसने बिना किसी शरम के उसे थाम लिया मैं एक बार फिर से उसके कोमल अधरो का रस चूसने लगा वो उत्तेजना के शिखर की ओर अग्रसर होने लगी उसके हाथ का दबाव लंड पे बढ़ता ही जा रहा था ज्योति का बदन ऐसे तप रहा था जैसे उसे बुखार चढ़ा हो अब मैने उसके बोबे को चूसना शुरू किया और उसकी चूत पे अपनी उंगलिया फेरने लगा बिना बालो की एक दम करारी चूत जिसपे आज मेरे लंड की मोहर टिकने वाली थी उसकी निप्पल बिल्कुल गुलाबी रंग की थी वो खुद मेरे चेहरे को अपनी छातियों पे दबाए जा रही थी जब मेरी उंगलिया उसकी चूत से टकराई तो मैने गीलापन सॉफ मह सूस किया उसकी चूत थोड़ी लंबी सी थी बाकियों से थोड़ी अलग सी मैं उसके दाने को जोरो से रगड़ने लगा
उसकी टाँगे अकड़ने लगी मैं थोड़ा उपर हुआ और उसके होंठो को एक बार फिर अपने मूह मे भर लिया मैं बहुत ही ज़ोर से उंगली करता जा रहा था ज्योति बुरी तरह कांप रही थी मैने दूसरी उंगली भी चूत मे सरका दी और पूरी स्पीड से अंदर बाहर किए जा रहा था उसका हाल बहुत बुरा हो रहा था फिर मैं झट से नीचे आया और चूत पे अपने होंठ टिका दिए अब मेरी जीभ उसे अपना कमाल दिखाने लगी वो 5 मिनिट भी ना टिक पाई और अपना गाढ़ा सफेद पानी छोड़ दिया और किसी लाश की तरह पसर गयी उसकी आँखे बंद थी और छातिया किसी ढोँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी मैं उसके पास लेट गया और उसे से सट गया उसने आँख खोली और बड़े प्यार से मेरी ओर देखने लगी
मैने कहा ज्योति इसे चुसोगी तो उसने अपना सर हां मे हिला दिया और मेरी टाँगो के पास बैठ ते हुवे लंड को अपने मूह मे भर लिया और तुरंत ही निकाल भी दिया और थूकते हुवे बोली ये तो खारा खारा हैं असल मे उसपे मेरा और प्रीतम का काम रस लगा हुआ था जो मैने सॉफ नही किया था तो मैने कहा कुछ नही होता जानेमन दुनिया तो इसे चाटने के लिए मरती है और तुम्हे पसंद नही आ रहा तो उसने उसे पानी से धोया और चूसने लगी उसकी जीभ का स्पर्श बहुत ही जबरदस्त था मेरे हाथ खुद ब खुद उसके सर पे कस गये वो बड़ी ही अदा से लंड चूस रही थी पहले वो उसे पूरा मूह मे लेती चुस्ती और झट से बाहर निकाल देती थी
दस मिनिट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैने उसे लिटाया और उसकी जाँघो को अपनी जाँघो पे चढ़ा लिया और लंड को चूत के मूह पे सेट कर दिया अब बस देर थी घुसने की मैने थोड़ा ज़ोर लगाते हुवे पहले ही झटके मे लगभग आधा लंड उसकी चूत मे डाल दिया था उसका बदन थोड़ा अकड़ सा गया मैने पूछा क्या हुवा वो बोली दर्द हो रहा हैं तो मैं बोला कि तुम पहले भी तो करवा चुकी हो तो उसने कहा कि करवाया तो है पर बस 4-5 बार ही इसी लिए दर्द हो रहा हैं तो मैने कहा घबराओ मत कुछ नही होगा और अगले धक्के मे पूरा लंड जड़ तक ज्योति की चूत मे घुसा दिया वो चीखते हुवी बोली मारो गे क्या थोड़ा रुक भी जाते आप तो बेदर्दी निकले मैं आपके पास ही थी
इतनी जल्दी किस लिए उसकी आँखो मे आँसू आ गये और गालो पे बहने लगे मैने उसके आँसू चाट लिए और उसके कान मे कहा थोडा अड्जस्ट करने की कोशिश करो ये दर्द बस कुछ ही देर मे गायब हो जाएगा और उसके होंठ चूमने लगा कुछ मिनिट बाद मैने लंड को थोड़ा सा खींचा और फिर से अंदर डाल दिया ज्योति की आआआआआआः निकल गयी मैं धीमे धीमे धक्के मारने लगा उसकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट थी और मेरे लंड पे पूरा दवाब पड़ रहा था ज्योति ने अपनी बाहें मेरी पीठ पे कस दी और अपने दाँतों से मेरी गर्दन पे काटने लगी वो किसी जंगली बिल्ली की तरह बिहेवियर कर रही थी
मैने लंड को बाहर निकाला उसपे थूक लगाया और फिर से चूत मे धकेल दिया अब लंड चूत की सड़क पर सरपट दौड़ लगाने लगा ज्योति मेरी गर्दन पे बुरी तरह काट रही थी दूसरी तरफ उसके नाख़ून मेरी पीठ मे धन्से जा रहे थे तो मैने भी जोश मे उसके निचले होंठ को बुरी तरह काट लिया उसमे से खून की बूंदे छलक उठी वो कराहती हुवी बोली ऐसा मत करो ना तो मैने कहा अभी तुम क्या कर रही थी नीचे लंड गपा गॅप अंदर बाहर हो रहा था मेरी उंगलिया उसकी उंगलियो मे फसि पड़ी थी चुदाई अपने शबाब पे थी कमरे का वातावरण बहुत ही गरम हो चुका था मेरा लंड ज्योति की चूत को चौड़ा किए जा रहा था अब वो भी नीचे से धक्के लगाने लगी थी
फॅक फॅक की ही आवाज़ आ रही थी उसकी चूत से बहता पानी मेरी गोलियो तक को भिगो चुका था ऐसी गरमा गरम चूत तो आज तक नही मारी थी ज्योति मेरे कान मे फुस्फुसाइ कि उसकी पीठ मे दर्द होने लगा हैं तो मैने फॉरन एक तकिया उसकी कमर पे लगाया इस के दो फ़ायदे हुवे एक तो उसकी कमर को आराम मिला और दूसरा उसकी चूत और भी उभर आई मैने अब लंड को दुबारा सेट किया और फिर से उसमे समा गया उसकी आहें मुझे रोमांचित कर रही थी और मैं अपने अंत की ओर बढ़ रहा था मैने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी ज्योति बहुत मज़े से चुदवा रही थी
शायद वो भाँप गयी कि मैं झड़ने वाला हू तो वो बोली आप अंदर मत गिराना तो मैने कहा ओके और कस के धक्के लगाने लगा अब रुकना बहुत ही मुश्किल था बस कुछ ही पलो की बात थी मैने झट से अपना लंड बाहर निकाला और ढेर सारा वीर्य उसकी नाभि पे गिरा दिया और उसकी बगल मे लेट गया ज्योति भी अपनी सांसो को सभालने मे जुट गयी ज्योति ने अपनी नाभि मे एक उंगली डाली
और मेरे वीर्य को उंगली से चाटने लगी तो मैने कहा डार्लिंग अगर ऐसा था तो पहले ही कह देती तो तुम्हारे मूह मे ही डिसचार्ज हो जाता तो वो हंस पड़ी और धीरे धीरे पूरे वीर्य को चाट के सॉफ कर दिया इतना दिलकश नज़ारा तो कभी प्रीतम या भाभी नी भी नही दिखाया था फिर वो बोली मैं अभी आती हू पेशाब करके तो मैने कहा ओके और वो अपनी गान्ड मटकाती नीचे चली गयी मैं लेट गया कुछ देर मे ज्योति वापिस आ गयी और मेरे साथ लेट गयी मैने पूछा मज़ा आया तो वो शर्मा गयी मैने उस से बात करनी शुरू करदी
तभी मुझे सूझा कि क्यों ना दोनो लड़कियो को एक साथ चोदु कई ब्लूफिल्मों मे ऐसा देखा था तो मैं बोला ज्योति मैं अभी आया और प्रीतम के पास नीचे चला गया साली नंगी ही पसरी पड़ी थी मैने उसे जगाया और चॉबारे मे ले आया तो वो खीजती हुवे बोली अरे इतना अच्छा मोका दिया था तुम दोनो को फिर मुझे क्यों जगाया तो मैने कहा कि प्लान थोड़ा चेंज हो गया है डार्लिंग अब मैं तुम दोनो बहनोको एक साथ चोदुन्गा प्रीतम तो झट से एक्शिटेड हो गयी पर ज्योति बोली मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा हैं तो प्रीतम बोली नखरे मत कर और आजा थोड़ा उसको समझाने पे वो मान गयी तभी मैने प्रीतम से कहा कि यार मैने कई बार तेरा पिशाब पिया हैं
आज तू भी ट्राइ करेगी क्या तो वो बोली मैं तो हमेशा तैयार ही रहती हू और तेरे लिए तो कुछ भी कर सकती हू तो ज्योति बोली आप लोग बहुत गंदे हो चाइयीयैआइयैआइयैयीयीयियी ऐसा भी कोई करता हैं क्या प्रीतम नीचे बैठ गयी और लंड को अपने मूह मे भर लिया जैसे ही पेशाब निकलने लगा मुझे शरारत सूझी और मैने उसे बाहर निकाल दिया तो सीधी धार उसके चेहरे को भिगोनी लगी प्रेशर बहुत तेज़ था पूरा पानी उसके मूह से होता हुआ चूचियो को भिगोते हुवे पेट से होकर नीचे फर्श पे फैलने लगा तभी उसने दुबारा लंड को मूह मे भर लिया और पेशाब को अपने हलक मे उतारने लगी और अंतिम बूँद तक गटक गयी फिर उसने ज्योति की चुन्नी से खुद को पोन्छा
और बोली आजा ज्योति तुझे मैं पिलाती हू पर वो मना करने लगी तो मैने कहा ट्राइ तो करले पसंद आए तो ठीक वरना तेरी मर्ज़ी तो ज्योति ने जवाब दिया पर मैं लड़की होके लड़की के साथ कैसे ????????????????????????????????????????????????????????????????????? तो प्रीतम बोले मेरी चूतिया बहन इसी मे तो असली मज़ा होता हैं और आज जैसे मोके बार बार नहीमिलाकरते हैं तू बस सारी शरम लिहाज़ छोड़ दे और बस जो होता हैं उसे होने दे प्रीतम ने अपनी टाँगो को चौड़ा कर लिया और चूत पे उंगली फेरते हुवे बोली
आजा ज्योति तो ज्योति झुकी और उसने अपने होंटो को प्रीतम की चूत पे लगा दिया प्रीतम ने अपनी गान्ड को सिकोडा और अपने पेशाब को ज्योति के मूह मे छोड़ दिया प्रीतम ने उसके सर को बहुत कस के पकड़ा हुवा था तो ज्योति अब छुड़ा के भाग भी नही सकती थी तो मजबूरी मे उसे सारा पिशाब पीना पड़ा उसकी शकल ऐसी हो गयी थी जैसे कभी भी उल्टी कर देगी उसकी हालत देखके प्रीतम ज़ोर से हँसने लगी वो आगे बढ़ी और ज्योति कोआपनी बाहों मे भर लिया और उसको किस करने लगी ज्योति प्रीतम का ये रूप देख के हैरान हो गयी दोनो बहने एक दूसरे के होंटो को खाए जा रही थी मेरा लंड भी अपना सर उठाने लगा था दोनो की मोटी मोटी चूचियाँ एक दूसरे को पिच्काये जा रही थी
सीन बहुत ही उत्तेजित करने वाला था मैं अपने लंड को सहलाने लगा और बेड पे चढ़ गया मैने दोनो के चुतडो पे एक एक थप्पड़ लगाया और ज्योति को अपनी बाहों मे भर लिया तो प्रीतम भी कॉन सा पीछे रहने वाली थी मैने ज्योति के होंटो का रस पान करना शुरू किया और प्रीतम नीचे बैठी और ज्योति की चूत को चाटने लगी ज्योति की नस नस मे वासना का बुखार चढ़ना शुरू हो गया और उसने भी अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे मसल्ने लगी उसके गरम हाथो की गर्माहट पाकर लंड और भी फूल गया आज पहली बार मैने उसकी उभरी हुई नसों को महसूस किया मेरे कान इतने गरम होरहे थे कि जैसे अभी उनमे से धुआ निकलने लगा हो
नीचे प्रीतम ज्योति की चूत मे तूफान मचाए हुवी थी ज्योति की टाँगे बुरी तरह काँप रही थी प्रीतम ने अब अपनी उंगली भी उसकी चूत मे सरका दी थी और उसके दाने पे बड़ी तेज़ी से जीभ रगड़ रही थी उपर मैं उसके होंटो को बुरी तरह निचोड़ रहा था ज्योति हमरे बीच फसि पड़ी थी तभी उसने जोरदार झटका खाया और अपना काम रस प्रीतम के मूह मे छोड़ दिया जिसे प्रीतम चटखारे लेते हुवी पी गयी आज की रात बड़ी जुल्मी थी और उपर से दो दो चुते फिर प्रीतम उठी और ज्योति को परे हटाते हुवे
मुझसे चिपक गयी और किस करने लगी तभी मुझे एक आइडिया आया
मैने दोनो को कहा कि एक साथ मेरा लंड चूसो और दोनो को नीचे बिठा दिया दोनो बारी बारी से लंड को अपने मूह की सैर करवाने लगी मैं तो सीधा जन्नत के दरवाजे पे पहुच गया दोनो के मिक्स थूक से पूरा लंड भीग गया था अब ज्योति के मूह मे मेरा लंड था और प्रीतम मेरी गोलियो को चूस रही थी ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नही मिला था दो गरम चुदासी लड़किया और मैं दोनो अपनी जीभ का कहर ढाए जा रही थी मुझे बहुत तेज गुद गुदि होने लगी थी मैने उन्हे रुकने को कहा पर वो तो मेरी सुन ही नही रही थी बस ऐसे लगी थी जैसे आज के बाद कभी लंड के दर्शन होंगे ही नही मैने भी अपने आप को दो शिकारी कुत्तियो के आगे छोड़ दिया
दोनो मे होड़ लगी हुवी थी लंड को बेहतर तरीके से चूसने की मुझे पता था कि ये दोनो आज मेरा पानी पी के ही दम लेंगी मेरी उत्तेजना का ज्वालामुखी बस फूटने ही वाला था कभी भी मैं डिसचार्ज हो सकता था और फिर वो लम्हा आ ही गया मेरी टाँगे कांप उठी और लंड से निकलती सफेद पानी की धार दोनो रंडियो के चेहरे को भिगोने लगी उन दोनो के चेहरे खुशी से लाल हो गये थे दोनो बहने पूरे मज़े से मेरे वीर्य को चाट रही थी मुझे उन्हे देख के बहुत सकून मिल रहा था मैने एक तकिया लिया और बेड पे लेट गया और उन्हे भी अपने पास लिटा लिया आज की रात बड़ी जबरदस्त थी
आज मुझे औरत का एक अलग रूप ही देखने को मिल रहा था मैने कहा कि उम दोनो 69 ट्राइ करो बस कहने की देर थी प्रीतम झट से शुरू हो गयी कुछ ही पॅलो मे दोनो के सर एक दूसरी की जाँघो के बीच फसे पड़े थे उन्हे इस तरह देख के बड़ा अच्छा लग रहा था जैसे कोई पॉर्न मूवी चल रही हो मैने उन्हे अलग किया और ऐसी सिचुयेशन बनाई कि प्रीतम को बेड के सिरहाने पे बिठाया और ज्योति अब उसकी चूत को चूसने लगी थी वो घुट नो के बल झुकी हुई थी प्रीतम अपने आप खुद की चूचियों को मसल रही थी मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था मैने भी झुकी हुवी ज्योति के चुतडो पे अपने दाँतों से काटना शुरू कर दिया
ज्योति चिहुनक पड़ी दूसरी ओर प्रीतम ज़ोर ज़ोर से मोन कर र्हाहियीईईईईईईईईई थी आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ ओहमाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
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ज्योति अब ओर ज़ोर से प्रीतम की चूत चूसने लगी मैने भी ज्योति के चुतडो पी जीभ फेरते हुवे उसकी लंबी सी चूत की ओर अपने लबो को बढ़ाना शुरू किया ऐसी गोरी गोरी चूत चाटने को मिले तो लोग घी-दूध को भूल ही जाए मेरा लंड भी तन ने लगा था महॉल ऐसा था कि आज तो कामसूत्र का कोई नया ग्रंथ लिखा जा रहा हो प्रीतम ने अपनी मांसल टाँगो पे ज्योति के सर को ऐसे लप्पेट लिया था जैसे कोई नागिन ने कुंडली मारी हो ज्योति की लाल लाल चूत पूरी नदी बनी हुवी थी उसका रस मेरे होंटो से होते हुवे ठोड्डी तब को भिगो रहा था काफ़ी देर तक चुसाइ चलती रही मेरा तो फ्यूज ही उड़ गया था
लंड को बस अब चूत ही चाहिए थी तो मैने उसे प्रीतम की चूत से हटाया और उसे लिटाते हुए उसकी टाँगो को अपने कंधो पे रखा और एक ही झटके मे पूरा लंड ज्योति की चूत मे घुसा दिया ज्योति ने हल्की सी आहाः भरी और उसकी चूत ने मेरे लंड को बुरी तरह कस लिया अब मैने दना दान शॉट लगाने चालू किए प्रीतम कहाँ पीछे रहने वाली थी वो अब ज्योति के मूह पे आके बैठ गयी और दुबारा अपनी चूत को चटवाने लगी मेरे हर धक्के पे मेरे अंडकोष उसकी गान्ड पे टकरा रहे थे हम तीनो एक दूसरे मे खोए हुवे थे मैं ज्योति को कुचले जा रहा था उसकी गान्ड भी अब चुदाई की ताल पे थिरकने लगी थी तभी प्रीतम ने मुझे उसपे से हटाया
और गॅप से मेरे लंड पे बैठ गयी औ अंपनी गान्ड को उछाल ने लगी उस टाइम ज्योति को बहुत मज़ा आ रहा था लंड को अपनी चूत से ऐसे निकलते देख उसे गुस्सा आ गया वो बोली दीदी अभी तो मेरी बारी है आप रूको पर प्रीतम कभी कहाँ किसी की मानती और उसने ज्योति की तरफ ध्यान भी नही दिया और बस मेरे लंड पे उछलने लगी अब ज्योति अपनी चूत मे उंगली करने लगी और प्रीतम को गालियाँ भी बक रही थी मुझे हँसी आ गयी अब मैने प्रीतम को अपने उपर से हटाया और उन दोनो को एक साथ घोड़ी बन ने को कहा
तो वो तुरंत ही बन गयी उफफफफफ्फ़ क्या वर्णन करू उस सीन का कोई शब्द ही नही हैं दोनो के मदमस्त चूतड़ पूरी तरफ मेरी ओर उभरे हुवे और बस एक हल्की लकीर सी चूत की दरार मैने अपना लंड ज्योति की चूत मे डाला और उसे चोदने लगा फिर झट से लंड को निकाला और प्रीतम की चूत मे डाल दिया इस तरह मैं बारी बारी से दोनो को चोद ने लगा आज एक तड़प भरी चुदाई हो रही थी कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैने कहा तुम दोनो मे से एक को थोड़ी देर रुकना पड़ेगा तो प्रीतम बोली मैं बस झड़ने ही वाली हू तो पहले मुझे ठंडी करदो मैने ज्योति की ओर देखा तो उसने कहा ठीक है ।
तो मैं झट से प्रीतम पे सवार हो गया और पूरी ताक़त से उसे चोदने लगा कोई 5 मिनिट बाद ही उसकी साँसे तेज होने लगी मैने भी स्पीड और थोड़ी बढ़ाई और फिर उसकी चूत की पंखुड़ियो ने मेरे लंड को अपने मे कस लिया और प्रीतम स्खलित हो गयी थोड़ी देर मैं उसपे ऐसे ही पड़ा रहा फिर जैसे ही मैने लंड को बाहर निकाला ज्योति फट से मेरी गोद मे आ के बैठ गयी और लंड को अपनी चूत के दाने पे रगड़ने लगी मैं अब बहुत ही रोमांचित हो गया था पूरे शरीर मे कामवासना हिलोरे मार रही थी मैने ज्योति को इशारा किया तो उसने झट से लंड को सीधा किया और उसपे बैठ गयी ।
मैं उसकी निप्पल को चूसने लगा और वो अपनी मोटी गान्ड को हिलाते हुवे मुझे काम सुख देने लगी उसकी चूची का निप्पल बिल्कुल हार्ड हो गया था उसे चूसने मे बहुत मज़ा आ रहा था कुछ देर तक उसे अपने लंड पे झूला झुलाने के बाद मैने उसे लिटाया और उसमे फिर समा गया ज्योति ने अपने होंठ बढ़ा के मेरे होंटो पे रख दिए और चूसने लगी मैं दनादन ज्योति को चोदे जा रहा था 20 मिनट तक मैने उसे जी भर के चोदा और फिर उसकी चूत मे ही झाड़ गया …………………………………………………………….
मेरा पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था मैने पानी को बॉटल उठाई और अपने सर पे उडेल दी तब जाके थोड़ी राहत मिली प्रीतम अपनी आँखे बंद करके बेड के कोने मे लेटी हुवी थी ज्योति भी अपने आप को नियंत्रित कर ही रही थी घड़ी की तरफ नज़र गई तो पता चला कि साढ़े तीन बज गये हैं थोड़ी भूक भी लग ने लगी तो मैने प्रीतम से पूछा कि अभी कुछ मिलेगा क्या तो वो बोली 4 बजे वो चाइ बनाएगी और फिर बाडे मे जाएगी उसकी मा को चाइ देने तब ही पी लेना तो मैने कहा ठीक है और वो फिर से लेट गयी मैने ज्योति को इशारा किया और बाहर की तरफ आ गया अब मैं चॉबारे के छज्जे पे खड़ा था बहती हवा मेरे बदन मे सर सराहट पैदा कर रही थी
कि तभी ज्योति ने पीछे से अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और मुझसे चिपक के खड़ी हो गयी उसकी उंगलिया मेरे सीने पे रेंगने लगी हम दोनो मे से कोई कुछ नही बोल रहा था कुछ देर हम ऐसे ही खड़े रहे फिर मैने उसे अपनी बाहों मे उठाया और नीचे की ओर ले चला प्रीतम के बरामदे मे एक तखत पड़ा था उसपे ज्योति को लिटा दिया और उसके बदन को उपर से लेके नीचे तक सहलाने लगा ज्यों जो मेरी उंगलिया उसके बदन को नाप रही थी ज्योति मचलने लगी हालाँकि वक्त का तक़ाज़ा ये था कि मुझे उस टाइम उनके घर से निकल जाना चाहिए था क्यों कि गाँव मे लोग सुबह सवेरे ही जाग जाते थे
चार बजने मे कुछ ही देर थी पर मैं निकल ही नही पाया ज्योति के गरम जिस्म की दावत को मैने एक बार ऑर स्वीकार कर लिया था मैं उसके चेहरे पे झुका और उसके माथे को चूम लिया और उसके गालो की ओर बढ़ा उसके गाल बहुत ही सॉफ्ट थे मैं उन्हे अपने दाँत से काट रहा था तो वो मचल ने लगी और बोली आहह दर्द होता है आप ऐसे मत करो तो मैने अपने होन्ट उसके होटो से लगा दिए तो उसने अपना मूह खोल के मेरी जीभ को रास्ता दिया अब हमारी जीभ एक दूसरी से टकरा रही थी उसने अपना हाथ मेरी गोलियो पे रखा और उन्हे सहलाने लगी मेरे लंड मे करेंट आना शुरू हो गया अब वो गोलियो को भींचने लगी मुझे थोडा दर्द महसूस हुआ
पर मज़ा भी मिल रहा था हमारे होंठ थूक से लिसडे पड़े थे पर वो भी स्वादिष्ट लग रहा था उधर घड़ी सरपट दौड़ रही थी तभी प्रीतम नीचे आई और हमारी तरफ देख के बोलो कमिनो फिर चालू हो गये और मुझे बोली जल्दी से करले और भाग जा कही किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी मैने कहा तू चिंता मत कर मैं अड्जस्ट कर लूँगा और दुबारा अपने होंठ ज्योति के होटो से लगा दिए ये भी एक अजीब सा ही हैं जितना रस किसी के होंटो से निचोड़ो उतना ही कम पड़ जाता है उसके होन्ट छोडने का मन होता ही नही था कुछ देर बाद मैने ज्योति को कहा की चल साथ साथ एक दूसरे के अंगो का रस पीते है और उसे झट से मेरे उपर उल्टा लिटा दिया
और अपने हाथ ज्योति की मस्त गान्ड पे टिका दिए तभी मुझे खुराफात सूझी और मैने अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद पे रगड़नी चालू कर दी सॉफ पता चल रहा थी की उसने अभी गान्ड मरवाने का सुख प्राप्त नही किया है पर अभी टाइम भी इतना ही था चूत चुद जाए वो ही बहुत था मैने फॉरन उसके चुतडो को अपने मूह पे सेट किया और अपनी लहराती जीभ उसके दाने से टच कर्वादी ज्योति का संपूर्ण अस्तित्व कांप गया उसके बदन मे झूर झूरी दौड़ गयी और उसने तुरंत ही मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया वो मेरे लंड पे अपने दाँतों से काट ने लगी थी पहले उसे अपने थूक मे भिगोति फिर उसे दांतो से काट ती तभी प्रीतम रसोई से चिल्लाई चाइ पियोगे या नही
तो मैने कहा हाँ बना और दुबारा अपना मूह ज्योति की टाँगो के बीच मे घुसेड दिया उसकी चूत का दाना बहुत ही वाइब्रट कर रहा था जिस से मुझे और भी जोश आ रहा था अब उसने अपनी जीभ मेरे अंडकोषो पे फेरनी शुरू की जब कोई ऐसा करता था तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था काफ़ी देर हम एक दूसरे के अंगो से ज़ोर आज़माइश करते रहे प्रीतम अपना चाइ का कप लेके हमारे पास आ चुकी थी और वही पे कुर्सी डाले हमारी लाइव चुदाई देखते हुवे चाइ की चूस्किया ले रही थी
अब मैने ज्योति की कुल्हो को थप थपाया और उसे इशारा किया हटने का वो वॉरान ही हट गयी।
मैने उसकी लाल हो चुकी आँखो की ओर देखा कुछ तो उनमे वासना का ज़ोर था और कुछ पूरी रात की नींद थी मैने देर ना करते हुवे फॉरन उसकी टाँगे चौड़ी की और उसमे समाता चला गया ज्योति ने एक बार अपने शरीर को थोड़ा सा कसा और फिर मस्ती के सागर मे हिलोरे लेने लगी मैं उसकी चूत पे धक्के लगाए जा रहा था उसने अपने दाँत एक बार फिर मेरे गले पे गढ़ा दिए और मस्ताते हुवे मेरे गले को कचॉटने लगी मैं और वो एक दूसरे का ज़ोर पूरी तरह आज़माने पे तूल गये थे मैं पूरी ताक़त लगाते हुवे उसको चोद रहा था वो भी अब अपने चुतड उपर उठाने लगी थी तभी प्रीतम चिल्लाई कितनी देर लगाओगे आज तो हम सब गये काम से पर हम ने उसकी ओर बिल्कुल भी ध्यान नही दिया
और अपना काम जारी रखा हमें चुदाई करते काफ़ी देर हो गयी थी परंतु इस बार पानी निकल ही नही रहा था पता नही क्या हो गया था मैं भी थकने लगा था तो मैने ज्योति से कहा कुछ देर वो मेरे उपर आ जाए वो झट से उपर आ गयी और अपनी कमर हिलाते हुवे धक्के लगाने लगी इधर प्रीतम बार बार टाइम का रोना रो रही थी दिन निकलना शुरू हो गया था पर मैं भी फसा पड़ा था पानी निकल ही नही रहा था और कोई दस मिनिट और ऐसे ही बीत गये तो मैने कहा तू नीचे आ और उसकी टाँगो को अपने कंधो पे रखा और तबड तोड़ शॉट लगाने चालू किए ज्योति बस कोई दो मिनिट ही उस स्पीड को झेल पाई और उसने अपना पानी छोड़ दिया इधर मुझे लग तो रहा था
कि मंज़िल करीब है पर कुछ हो नही रहा था अब ज्योति को भी तकलीफ़ होने लगी थी क्यों कि चूत का गीलापन ख़तम हो गया था वो बोली अब मैं और नही कर सकती मुझे मा फ करो मैने खींच के एक झापड़ उसे लगाया और और थोड़ी स्पीड बढ़ा दी मैं धक्के मारे ही जा रहा था की तभी एका एक मेरी टाँगे कांप उठी और गाढ़ा वीर्या ज्योति की चूत को भिगोता चला गया मेरी साँस बहुत बुरी तरफ फूल गयी थी कुछ मिनिट लग गये उन्हे संभालने मे तभी प्रीतम ने मुझे मेरे कपड़े दिए और बोली मैं बाहर जाकर देखती हू कि रास्ता सॉफ है या नही और मेरा इशारा मिलते ही तू निकल जाना मैने कहा ओके और मोका मिलते ही घर की राह पकड़ ली भोर हो चुकी थी इसका मतलब ये था कि मेरे घर वाले भी जाग चुके होंगे अब समय था एक ऑर झूठ बोलने का.
थकावट से पूरा शरीर दुखने लगा थामेहनत भी तो बहुत हुई थी पिछली रात को आँखो मे नींद चढ़ आई थी अब दिमाग़ भी काम नही कर रहा था जब मैं घर पहुचा तो देखा कि मैं गेट तो अंदर से बंद हैं मैं तो खुला छोड़ के गया था अब मैं अंदर कैसे जाउ ये सोचते हुए मैं बाहर बने चबूतरे पे बैठ गया अब मैं फसा कैसे अंदर जाउ आज तो पक्का फसा मैं पर और कोई जुगाड़ भी नही था तो बस इंतज़ार ही करना था कि कब कोई दरवाजा खोले और मैं अंदर जाउ कोई पंद्रह मिनिट बाद गेट खुला और हाथ मे झाड़ू लिए चाची ने दर्शन दिए वो मुझे ऐसे बाहर बैठा देख के बुरी तरह चोंक गयी और बोली तू यहाँ क्या कर रहा हैं तो मैने कुछ नही कहा और झट से भाग कर सीधा अपने कमरे मे घुस गया
शूकर था कि सनडे की वजह से फॅमिली मेंबर आज लेट तक सोए पड़े थे तो मैने अपने कपड़े उतारे और पलंग पे लेट गया और अपनी आँखो को बंद कर लिया थोड़ी देर ही सोया था कि किसीने बुरी तरह झिंजोड़ते हुए मुझे उठा दिया मेरी तो आँखे ही नही खूल रही थी जब कुछ सॉफ सॉफ दिखा तो पता चला मम्मी थी उन्होने मेरा बाजू पकड़ते हुए कहा पूरी रात भी कम पड़ती हैं क्या और मुझे खड़ा कर दिया मैने कहा आप चलो मैं अभी आता हू तो वो बोली नही अभी मेरे साथ चल अब मजबूरी थी तो बाहर आना ही पड़ा बैठक मे गया तो सभी लोग वही थे मैने दादी के पैर पड़े और एक साइड मे बैठ गया तो चाचा बोले जा चाइ ले आ रसोई से हमारे लिए
तो मैं वहाँ गया चाची कपो मे चाइ डाल ही रही थी तो मैने बोला चाची अगर कुछ बिस्कट या नमकीन है तो वो भी दे दो तो वो बोली तुझे भूक भी लग आई और गुस्से से मेरी ओर देखा मैने नज़र झुका ली वो धीरे से बोली बेटा तू मुझे तो बता ही सकता हैं कि आज कल तू रात भर कहाँ रहता हैं क्या मेरा इतना भी हक़ नही है तुझ पर तू कब्से बाते छुपाने लगा है तो मैने कहा मैं फिर कभी बताउन्गा अभी मुझे चाइ दो ओर ट्रे लेके बैठक मे आ गया मेरी हालत बहुत ही खराब हो रही थी नींद अपनी बाहें फैलाए मुझे बुला रही थी परंतु मैं मजबूर था सो नही सकता था मैने पापा से कहा कि आज क्या हम पनीर की सब्ज़ी बना सकते है
तो वो बोले हाँ क्यों नही और चाचा से बोले कि बस स्टॅंड से ले आइयो चाचा ने मेरी तरफ देखा मैं समझ गया कि ये भी मुझपे ही पड़ने वाली है तो मैं सीधा बैठक से बाहर निकल गया तभी ख्याल आया कि क्यों ना नाहया जाए मैं बाथरूम मे घुस गया मैं नहा ही रहा था कि मेरी नज़र चाची की पेंटी पे पड़ी शायद उन्होने नया पीस लिया था उनका ख्याल आते ही लंड महाशय अपनी औकात पे आगये चाची का ख्याल आते ही मेरे अंग मे तनाव आ गया और ना चाहते हुए भी मैं मुट्ठी मारने लगा और हमेशा की तरह उनकी कच्छी पे ही अपना रस गिरा दिया और उसे ठीक करके रख दिया नहा धो के निकला फिर टीवी पे रंगोली देखने लगा
तब तक भोजन भी तैयार हो गया था दबा के लिया और फिर अपने कमरे की ओर चल पड़ा मैं अपनी अलमारी की सफाई कर ही रहा था कि एक बॉक्स मे रंग मिल गये ना जाने कितने दिनो से मैने चित्रकारी नही की थी पता नही कितनी देर रंगो से खेलता रहा पर जब काम पूरा हुआ तो चेहरे पे मुस्कान आ गयी मिता का चित्र उकेर दिया था वहाँ पे दिल को सुकून सा मिला कई देर तक उसे देखता रहा फिर उसे अलमारी मे रख दिया ना चाहते हुए भी आख़िर आँख लग ही गयी और मैं सो गया जब मैं उठा तो 3 बज रहे थे घर मे सन्नाटा छाया हुआ था मैने देखा तो कोई नही दिखा तो मैं चाची के कमरे की ओर बढ़ा तो वो भी वहाँ पे नही थी अब ये लोग कहाँ गये
पर मेन गेट तो अंदर से बंद था तभी बाथरूम से चाची निकली नहा के उनके बालो से पानी टपक रहा था जो उनके ब्लाउस को पूरा भिगो रहा था और एक पेटिकोट नीचे लपेटा हुआ था जिसमे उनकी टाँगो का कटाव सॉफ सॉफ दिख रहा था तो मैने पूछा कि सब लोग कहाँ गये है तो उन्होने बताया कि दादी तो ताइजी के घर पे हैं और तुम्हारे चाचा भाई साब और दीदी अपने किसी दोस्त के घर गये है और शाम तक ही वापिस आएँगे तो मैने कहा कि तो आप ने मुझे पहले क्यों नही उठाया तो वो बोली कि तू सोया पड़ा था और रात को भी तू जगा ही होगा इसलिए डिस्टर्ब नही किया अब मैं उनकी ओर बढ़ा और उनके चुतडो पे चिकोटी काट ली वो बोली बाज आजा तू वैसे तो तुझे चाची चाहिए और बाकी तो उसे कुछ बताता भी नही हैं
मैने उनके चूतड़ कस्के मसल दिए और बोला चाची ऐसा कुछ नही हैं अगर होता तो मैं ज़रूर बताता मैने उन्हे अपनी बाहों मे भरते हुए कहा कि चाची बस एक बार कर लेने दो ना तो वो बोली नही , मैं तुम्हारे चाचा से संतुष्ट हू और उन्हे धोखा नही दूँगी मैने मस्का लगाते हुए कहा कि इसमे धोखा देने वाली बात क्या है थोड़ा प्यार मुझे भी चाहिए ना तो वो सीधा बोली बेटे जब जवान लड़का पूरी पूरी रात घर से बाहर भटकने लगे तो वो प्यार ही पाता हैं अगर तू मुझे बता दे कि तू कहाँ जाता हैं तो मैं तेरे लिए कुछ कर सकती हू तो मैने उत्साहित होते हुए कहा कि
अगर आप मुझे एक बार दे दो तो मैं बता दूँगा तो वो बोली हाई राम कैसे बात करता है कितना अश्लील होगया है तू ना जाने तुझे क्या हो गया हैं मैने कहा तो बताओ उन्होने कुछ सोचा और अपनी चूत पे उंगली फेरते हुए बोली कि मैं तुझे यहाँ पे किस करने दूँगी जब तू चाहे
मैं बोला उसमे कोन्सि बड़ी बात हैं वो तो मैं वैसे भी करलूंगा फिर मैने कहा कि अगर आप मेरे इसको चूसे तो मैं बता दूँगा तो बोली नही तो मैने भी कहा कि फिर आपकी मर्ज़ी तो उन्होने कुछ सोचा और बोली और एक बार ही चुसूगी तो मैं खुश होते हुए बोला कि ओके चाची जान और उनको चूम लिया और अपनी गोदी मे उन्हे उठाया और उनके बेड पे पटक दिया मैने दुबारा उन्हे चूमना शुरू किया और उनकी चूची भी मसल्ने लगा वो बोली क्या कर रहे हो पहले बताओ तो मैने उनसे वादा लिया कि वो किसी को भी नही बतायेन्गि तो उन्होने हम कह दिया अब बारी मेरी थी
मैने बिना लग लप्पेट के उन्हे कहा कि मेरी एक लड़की से दोस्ती हैं और मैं उस से मिलने जाता हू तो वो बोली बस दोस्ती या कुछ ऑर तो मैने कहा कि हमारे शारीरिक संबंध भी है तो उनकी आँख हैरत से फैल गयी वो बोली कब से चल रहा हैं तो मैने कहा कि कोई 2-3 महीने हो गये हैं उनका मूह खुला का खुला रह गया अब उन्होने सवाल दागा कि कोन हैं वो क्या अपने ही गाँव की हैं तो मैने कहा कि हम अपने ही गाँव की है उसका नाम प्रीतम है
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वो बोली अपने मोहल्ले वाली मैने कहा हां तो उन्हे बहुत तेज़ गुस्सा आ गया और बोली तुझे ओर कोई ना मिली कितनी बदनाम लड़की है घर से भी भाग चुकी हैं तू कैसे उसके चक्कर मे पड़ गया तो मैने कहा चाची जैसा आप समझ रहे हो वो बिल्कुल वैसी नही है तो चाची बोली तू तो कहेगा ही आख़िर तेरा काम जो निकालती हैं चाची बोली तुझे उसका साथ छोड़ना होगा कहीं तू किसी मुसीबत मे ना फस जाए तो मैने उन्हे बताया कि चाची वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं चाची बोली तू समझने की कोशिश कर ये सब ठीक नही हैं तू बस अपनी स्टडी पे ध्यान दे तो मैने उन्ह सॉफ सॉफ कह दिया कि मैं सेक्स के बिना नही रह सकता हू तभी मैने कुछ सोचा और कहा कि चाची वो सब छोड़ो और अभी आप अपना वादा निभाओ और मैने अपनी पॅंट की जीप खोलते हुए लंड को बाहर निकल लिया और उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया
तो चाचिबोली कि मैं जब चुसुन्गि जब तू वादा करेगा कि प्रीतम से अब कभी नहीमिलेगा तो मैने कहा ठीक है नही मिलूँगा तो वो बोली कमरे मे चलो फिर हम उनके कमरे मे पहुच गये वो मेरे पास बैठी मेरे लंड को सहलाने लगी चाची बोली वैसे तुम्हारा औज़ार मस्त हैं तो मैने कहा कि चाची आपको पसंद हैं तो इसे अंदर क्यों नही डलवाती हो वो बोली तू समझा कर और लंड के सुपाडे पे उंगलिया फेरने लगी मैने पुछा कि क्या मैं आपको नंगी कर दूं तो वो बोली नही पर मैने उनके पेटिकोट के अंदर अपना हाथ घुसा दिया और चड्ड़िक़े उपर से चूत को मसल्ने लगा
मैने कहा चाची आपकी चूत बहुत ही मस्त है तो वो शर्मा गयी मेरा लंड पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था मैने चाची का सर पकड़ा और अपने लंड पे झुका दिया चाची ने अपने गरम होंठ मेरे लंड के सुपाडे पे टिका दिए उफफफफफफफ्फ़ मेरी तो जान ही निकल गयी कितने दहक्ते होंठ थे उनके ऐसे लगा जैसे लंड की खाल जल ही जाएगी थोड़ी देर तक बस वो अपने होटो से ही सुपाडे को प्यार करती रही मैं उनकी पीठ को सहलाने लगा उन्होने आगे बढ़ते हुए थोड़े से लंड को मूह मे भर लिया और अपनी जीभ से उसे चाटने लगी बहुत ही मादक अनुभूति थी वो बहुत धीमे धीमे लंड को चूस रही थी अब मैने उनकी एक चूची को अपनी मुट्ठी मे भर लिया
और उसे मसल्ने लगा उनमे भी वासना का संचार होने लगा चाची पूरी तरह लंड पे झुकी हुवी थी कुछ देर मैं ऐसे ही बोबो को मसलता रहा फिर अपने हाथ को उनके गोल मटोल चुतडो की ओर लेगया और पेटिकोट को उपर तक उठा दिया और उनकी कच्छि को घुटनो तक सरका दिया उधर उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था मैं उनके मस्त चुतडो को दबाने लगा फिर मैने अपनी उंगली उनकी गान्ड के छेद मे डालने लगा तो उन्होने चूतड़ कस लिए और बोली औच क्या करते हो तो मैने कहा कि आप बस चूसो और बाकी चीज़ो पे ध्यान मत तो तो उन्होने फिर से लंड को अपने मूह मे भर लिया अब मैने उंगली उनकी मदमस्त चूत पे रखी
तो वो पूरी गीली हो गयी मैने झट से उंगली को चूत मे सरका दिया चाची ने अपनी टाँगो को थोड़ा कस सा लिया था वो अब पूरी मस्ती मे लंड को चूसे जा रही थी और मैं भी उनकी चूत मे उंगली करे जा रहा था उनका बदन बहुत गरम हो गया था उन्हे लंड चूस्ते 12-13 मिनिट हो गये थे इधर मैने अपनी दो उंगलिया चाची की गरम चूत मे घुसेड दी थी तभी मेरे बदन मे गुदगुदी होने लगी ये सिग्नल था कि बस अब पानी निकलने वाला ही हैं तो मैने चूत से हाथ हटाया और उनके सर को अपने दोनो हाथो से लंड पे कस के दबा लिया और एक झटके से अपना गरमा गरम पानी चाची के मूह मे छोड़ दिया
क्या बताउ क्या फीलिंग आई थी 5-6 धार उनके मूह से होती हुई सीधा उनके गले को पार करती हुए उनके पेट मे पहुच गयी थी चाची ने भी लंड को बाहर निकालने की कोई जल्दी नही दिखाई और जब तक वो मुरझा नही गया तब तक चुस्ती ही रही फिर वो उठी और अपने पेटी कोट से मूह को पोंच्छा और मेरी ओर देखने लगी तो मैने उनके होंटो को चूमा और थॅंक यू कहा तो वो अपनी नज़रे नीचे करते हुए बोली अब तू भी थोड़ा कुछ चख ले मैं ये सुनके मुस्कुराया और उनके पेटी कोट मे घुस गया चूत से बहुत ही अच्छी खुसबू आ रही थी मैने देर ना करते हुए उनकी चूत को अपने मूह मे भर लिया
और अपनी जीभ चूत के अंदर डाल दी चाची मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी और आहे भर ने लगी चाची बोली जब तू इसे चूस्ता हैं तो मुझे बहुत अच्छा लग ता हैं तेरे चाचा कभी ऐसा नही करते है बस ऐसे ही चााआआआआआआटततटटटटटतत्त ज़ाआआआअ आईईईईईईईईईई ओह
हह हह हह हह
मैं उनके चुतडो को मजबूती से थामे हुए चूत को चूस रहा था तभी मुझे एक आइडिया आया मैने अपने हाथ चुतडो से हटाए और उनकी टाँगो को थोड़ा चौड़ा किया और एक हाथ से उनके दाने को अंगूठे और उंगली से दबा लिया और उसे रगड़ते हुए उनकी चूत का रस चाटने लगा चाची पूरी तरह से मस्ता गयी थी उनकी गरम साँसे पूरे कमरे मे गूँज रही थी उनकी चूत और भी गीली हो गयी थी जैसे किसी ने वहाँ पे कोई नल खोल दिया हो उनकी आहिएन्ंनणणन् बढ़ती ही जा रही थी टाँगे कांप रही थी मैने अब ओर ज़ोर से दाने को मसलना शुरू कर दिया था कोई5 मिनिट और लगी और फिर उनका जोश ठंडा पड़ गया मैने उनकी मक्खन सी छूट को पूरी तरह अपने मुहमे भर लिया
और काम रस की एक एक बूँद को पी गया फिर चाची और मैं बेड पे लेट गये मैं उन्हे चूमता ही रहा कोई आधे घंटे हम ऐसे ही शरारत करते रहे फिर वो बोली जाओ दादी को बुला लाओ तब तक मैं तैयार हो लेती हू तो मैने उनकी चूत को मसला और बाहर चल पड़ा. ///
ताइजी के घर पे गया और दादी को कहा कि चाची बुला रही हैं तो उन्होनी कहा ठीक हैं अभी चल ते हैं , जब से अनिता भाभी वाला कांड हुआ था ताइजी हमेशा मुझे गुस्से से ही देखती रहती थी पर यारो को क्या फरक पड़ना था जब तक हम आए चाची चाय बना चुकी थी और हमे कप पकड़ाते हुई बोली कि वो लोग तो शाम तक ही आ पाएँगे तो भैंसो का दूध तो मैं निकाल लूँगी तू थोड़ा खेतो की तरफ चक्कर लगा अइयो पानी की होदि को भर दियो और साइड वाली बाड भी देखता हुवा आइयो हालाँकि ऐसे काम करने मे मेरा बिल्कुल मन नही होता था पर करने भी पड़ते थे तो मैने अपनी उसी ख़टरा साइकल को लिया और खेतो की ओर निकल पड़ा और कुछ ही देर मे पहुच गया
कमरे का ताला खोला और पानी चलाने के लिए स्विच ऑन किया तो पता चला लाइट नही हैं पर रास्ते मे तो कई लोगो की मोटर चल रही थी , हमारे खेतो की ओर कुछ मकान बने हुए थे तो उनसे थोड़ी जान पहचान थी मैने सोचा कि एक बार उनसे पूछ लेता हू कि लाइट हैं या नही क्योंकि हमारे तार भी उनकी तरफ से ही आए हुए थे तो मैं उनके घर की तरफ चल पड़ा मैने देखा कि दोनो कमरे मे ताले लटके पड़े हैं मैने सोचा कि शायद कहीं गये होंगे मैं वापिस मुड़ने ही वाला था कि छप्पर से कुछ आवाज़ आई तो मैं सीधा छप्पर मे चला गया जैसे ही मैं अंदर दाखिल हुआ मेरे तो होश ही उड़ गये मैने देखा कि बिम्ला काकी पूरी नंगी खाट पे पड़ी हैं
और एक बुड्ढ़ा जिसे मैं नही जानता था वो उनपे चढ़ा हुआ था , मुझे देखते ही दोनो की सिट्टी पिटी गुम हो गयी बुड्ढे ने फॉरन अपनी धोती को सही किया और नो दो ग्यारह हो गया अब बचे हम दो नो काकी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी मैने उन्हे चुप रहने को कहा और उनका लहनगा उठा के उन्हे दिया और बाहर आ गया पास रखे मटके से एक गिलास पानी भरा और अंदर जाके उन्हे पिलाया अब तक उन्होने भी अपने कपड़े पहन लिए थे मैं उनके पास ही बैठ गया तो वो बोली बेटा तूने जोभी देखा इसका जिकर किसी से मत करियो तो मैने कहा कि वो आदमी कॉन था उन्होने बताया कि वो पड़ोसी गाँव का ज़मींदार है
और उसके खेत भी कुछ दूरी पे ही हैं वो बोली तेरे काका कुछ काम धाम तो करते नही हैं बस दारू पीके पड़े रहते हैं ज़मींदार मेरी पैसो से मदद करता है और बदले मे कभी कभी …………………………………………………………………………………………… उन्होने शब्द अधूरे छोड़ दिए तो मैने कहा कभी कभी तुमको चोद्ता हैं उन्होने सर नीचे झुका लिया अब काकी को क्या पता कि मैं तो खुद ही चूत का आशिक़ था और ये तो भगवान की तरफ से गिफ्ट ही मिल गया था मैने दाँव खेलते हुए कहा कि अगर मैं इस बात का जिकर बाहर ना करूँ तो मुझे क्या मिलेगा तो काकी बोली मैं भला तुझे क्या दे सकती हू
तो मैने अपना हाथ उनकी पपीते जैसे चुचि पे रख दिया और हल्के से दबा दिया तो उन्होने गोर से मेरी ओर देखा और बोली कि तुम तो मेरी लड़की से भी छोटे हो तुम्हारे साथ कैसे तो मैने कह दिया देख लो काकी अब कोई ज़ोर ज़बरदस्ती तो हैं नही बस इतना हैं क्या पता कहीं मेरी ज़ुबान फिसल ना जाए , तो उन्होने सोचा और दुखी आवाज़ मे कहा ठीक हैं तू भी तेरी मनचाही कर ले तो मैने कहा कि काकी मैं आपकी मजबूरी का फ़ायदा नही उठाना चाहता हालाँकि मेरे मन मे है आपको चोदने की पर अगर आप राज़ी हो तो ही और डरो मत मैं किसी से नही कहूँगा आप निस्चिन्त रहो मुझे भी चूत की ज़रूरत हैं पर मैं ग़लत फ़ायदा नही उठाना चाहता तो काकी मुझे देखते ही रह गयी
मैं उठा और बाहर की ओर चल पड़ा तभी काकी भी पीछे पीछे आई और बोली कि जब तेरा जी करे आ जइओ और हँसने लगी मन तो हो रहा था कि अभी रगड़ दूं पर वक़्त नही था मेरे पास तो मैं अब खेत मे आया लाइट आ चुकी थी पानी भरा फिर बाड को देख के आया इन्सब मे काफ़ी टाइम लग गया अंधेरा होने लगा था तो मैने साइकल उठाई और तेज तेज घर की ओर चल पड़ा दिल मे एक उमंग थी कि एक चूत और मिलने वाली थी घर पहुचा तब तक वोलोग भी आ चुके थे मैने हाथ मुँह धोया और पापा को बताया कि बाड़ की तारबंदी करवानी पड़ेगी और कुवे वाला कमरा भी ख़स्ता हालत मे हैं
तो उसे तोड़के दो पक्के कमरे बना ले तो ठीक हो गा तो पापा ने चाचा से पूछा कि उनकी क्या राय हैं उन्होने कहा बात तो ठीक हैं काम तो करवाना ही पड़ेगा अगले महीने से बारिश होनी शुरू हो जाएगी उस से पहले ही करवा लेते हैं मैने तुरंत ही कह दिया कि मैं कोई भी ज़िम्मेदारी नही उठाउंगा इस काम की तो वो लोग हँसने लगे इसी तरह टाइम बीत रहा था कोई दस पंद्रह दिन ऐसे ही गुजर गये थे जुलाइ ऐसी ही बीत गयी
चूत मारे भी पंद्रह दिन से ज़्यादा हो गये थे , प्रीतम की तरफ से कोई मोका भी नही मिला था आज कल उसकी मा उसके आगे पीछे मंडराती ही रहती थी चाची भी कोई खास रसीद नही दे रही थी बस किस ही करने देती थी मुट्ठी मारने का ही सहारा था पर उसमे भी मज़ा नही आता था , शेर को खून मूह लग चुका था .कॉलेज में पढ़ाई जोरो से चालू थी मिता बस एक नज़र भर देख लिया करती थी पर वहाँ भी गाड़ी पॅसेंजर ट्रेन की तरह बस चल ही रही थी मैं रोज उसकी बेंच पे एक चॉकलेट रख देता था उसकी पसंद वाली जिसे वो चुपके से उठा के अपने बॅग मे रख लेती थी दिन गुजर रहे थे वो रोज टेंपो से कॉलेज आती थी मैं अपनी ख़टरा साइकल पे गान्ड घिसा करता था
एक दिन मैं और मेरा दोस्त कॉलेज की कॅंटीन मे बैठे हुए चर्चा कर रहे थे तो उसने आइडिया लगाते हुए कहा कि देख तू भी रोज टेम्पोसे ही आया कर ऐसे तुझे ज़्यादा वक़्त मिलेगा उसे देखने का और साथ साथ सफ़र करोगे तो क्या पता बात पक्की बन ही जाए आइडिया मे तो दम था पर साइकल का भी तो कुछ इलाज करना था तो मैं और वो कॉलेज के बाद एक कबाड़ी के पास गये और 800 मे साइकल बेच दी घर पे आके कह दिया कि साइकल किसी ने चुरा ली और रोनी सूरत बना ली बात आई गयी हो गयी . अब रोज सुबह सुबह टेंपो पकड़ते कॉलेज जाने के लिए और बड़ी ही सराफ़ात से अपनी सीट मिता को ऑफर करते फिर साथ साथ ही बातचीत करते हुए क्लास रूम तक पहुचते
क्लास मे भी नज़रे चुरा के एक दूसरे का दीदार कर ही लिया करते थे तभी घोसना हुवी कि कॉलेज मे चित्रकारी की प्रतियोगिता हैं कोई भी स्टूडेंट अपनी रचना देना चाहता हो तो निर्धारित तारीख तक जमा करवा दे नया नया आशिक़ी का जुनून तो था ही तो मैने भी अपने बनाए चित्र को जमा करवा दिया और किस्मत से उसे प्रथम पुरूस्कर मिला पूरी क्लास मे मेरे ही चर्चे हो रहे थे हर कोई पूछ रहा था कि ……….. कॉन हैं इज़्ज़त एक दम से बढ़ गयी थी एक दिन मैं वॉटर कूलर के पास खड़ा था तो मिता अपनी सहेलियो के साथ आई उसकी सहेलिया आगे बढ़ गयी पर वो रुक गयी
वो शायद कुछ कहना चाहती थी पर थोड़ी उलझन मे थी, उसकी उंगलिया उसकी चुन्नी के कोने को गोल गोल घुमा रही थी मैने कहा हाँ बताओ क्या बात हैं, तो उसने कहा कि क्या तुम मुझे पैंटिंग सिख़ाओगे मैने कहा इसमे पूछने की क्या बात हैं आप जब भी चाहे ये सुनके उसके चेहरे पे मुस्कान आगयि और वो बड़ी ही अदा से इठलाते हुए चली गयी मैं उसे जाते हुए देखने लगा जब छुट्टी हुई तो टेंपो मे इतनीभीड़ नही थी वो मेरे सामने वाली सीट पे बैठी थी और कनखियो से ही मेरी ओर देख लेती थी उपर से टेंपो वाला भी आशिक़ी फिल्म का धीरे धीरे से मेरी जिंदगी मे आना वाला गाना चलाए हुए था
मेरे शरीर मे इश्क़ हिलोरे मारने लगा आज तो टेंपो वाले ने दिन बना दिया था फिर वो अपने स्टॅंड पे उतर गयी, कुछ देर बाद मैं भी अपने स्टॅंड पे पहुचा बॅग को कंधे पे लटकाए हुए मैं घर की ओर जा रहा था रास्ते मे प्रीतम देवी मिल गयी मैने पूछा कि कहाँ जा रही हो तो वो बोली दुकान गयी थी पेप्सी लेने तो मैने धीमे से कहा आज कल मिलती नही हो वो बोली कल लकड़ी काटने जाउन्गि जंगल मे मिल लियो टाइम लगे तो मैं खुश हो गया घर पहुचते ही सीधा अपने कमरे मे घुस गया कपड़े चेंज किए और किताबो मे खो गया आज काम काफ़ी ज़्यादा था शाम को ही बाहर निकला
चाचा आ चुके थे वो थोड़े हड़बड़ाये हुए थे मैने कहा क्या हुआ तो वो बोले चंडीघर जाना पड़ेगा कोई फाइल अटक गयी है उर्जेंट क्लियर करवानी पड़ेगी मैने कहा मैं भी चलूं घुमाई हो जाएगी तो वो बोले फिर कभी ले चलूँगा और पॅकिंग करने लगे रात की ट्रेन पकड़नी थी पापा भी आ चुके थे डिन्नर के बाद वो उठे और चलने को तैयार हो गये तो पापा ने स्कूटर की चाबी देते हुए कहा कि मैं उनको स्टेशन छोड़ आऊ और स्कूटर आराम से चलाने को कहा मैने एक किक मारी और चल दिए सहर की ओर कोई बीस मिनिट मे ही उन्हे स्टेशन पहुचा दिया ट्रेन टाइम पे ही थी
जब वापिस आ रहा था तो एक ख़याल आया और स्कूटर को बाजार की ओर मोड़ दिया और एक स्टेशनरी शॉप पे पहुँच गया और कुछ वाइट पैंटिंग पेपर ओर कई तरह के रंग खरीद लिए और उन्हे गिफ्ट पॅक करवा लिया बिल पे किया और घर की तरफ मूड गया घर पहुचा तो दस बज चुके थे
तो पापा बोले काफ़ी देर लगा दी तो बहाना बना दिया कि ट्रेन लेट थी और अंदर जा ही रहा था कि उन्होने हुकुम दिया कि तेरे चाचा नही हैं तो खेत पे तू ही सो जा थोड़ा समान पड़ा हैं अगर बारिश हो जाए तो संभाल लियो क्योंकि वहाँ पे काम चलाया हुआ था मैने कहा स्कूटर ले जाउ साइकल तो हैं नही उनकी इच्छा तो नही थी पर उन्होने हाँ कह दी मैने गिफ्ट पॅक को अपने कमरे मे जल्दी से छुपाया और खेतो पे चल दिया
वहाँ पहुचा ही था की बूंदा-बंदी शुरू हो गयी भाग के सारे सामान को ढका बेरिश तेज होने लगी थी तभी लाइट भी चली गयी हवा काफ़ी ज़ोर से चल रही थी बिजली कडकने लगी मैने बॅट्री ढूंढी पर जल्दबाज़ी मे वो घर पे ही रह गयी थी सामान तो सुरक्षित कर ही दिया था पर सोने की जगह तो थी ही नही तभी मुझे बिम्ला काकी का ध्यान आया मैने सोचा जब तक बारिश होती हैं उनके घर ही बैठ जाउन्गा स्कूटर स्टार्ट किया और उनके घर पहुच गया मैं पूरा भीग चुका था उनके बरामदे मे स्कूटर खड़ा किया और उन्हे आवाज़ दी वो लॅल्टेन लेके बाहर आई
और मुझे देख के बोली तुम इस वक़्त यहाँ पर तो मैने बताया कि आप तो जानती ही हो कि काम चल रहा हैं कुवे पे और बारिश आ गयी तो मैं इधर आ गया वो बोली अच्छा किया और एक तोलिया मुझे दिया मैने पूछा काका कहाँ हैं तो वो बोली कि सहर मे एक सेठ के गोदाम की चोकीदारी करता हैं और रात मे उधर ही रहता हैं दिन मे आता हैं मैने कहा ये तो बहुत बढ़िया बात हैं उन्होने कहा हाँ ठीक ही हैं कम से कम दारू तो नही पिएगा मैने पूछा आपका लड़का ???????????????????? तो उन्होने बताया कि वो नवोद्या कॉलेज मे पढ़ता हैं और वही रहता हैं कभी कभी आता हैं तभी मुझे छींक आई तो वो बोली तू अपना बदन पोंछ मैं तेरे लिए दूध गरम करती हू
मैने मना किया पर वो नही मानी और अंदर चली गयी मैने अपने गीले कपड़े उतार दिए और निचोड़ के खूँटि पे टांक दिए बारिश अब बहुत ज़ोर से बरसने लगी थी और मैं बस गीले कच्चे मे खड़ा था काकी एक गिलास मे गरम दूध ले आई उसे पिया तो थोड़ी जान आई काकी मेरे जिस्म को निहारने लगी मैने पूछा क्या देख रही हो तो वो सकपका गयी मैने झट से गिलास ख़तम किया वो अंदर चली गयी मैं उनकी गान्ड को ही देख रहा था उनकी गान्ड बहुत ही बड़ी थी बिल्कुल किसी मटके की तरह तभी मेरे मन मे विचार आया कि आज तो काकी को चोद देता हू मैने अपना कच्छा भी उतार दिया और नंगा खड़ा हो गया
कुछ देर बाद वो वापिस आई तो मुझे नंगा देख बोली ये क्या है तो मैने कहा काकी उस दिन आपकी चूत उधार थी आज मोसम भी कुछ ऐसा ही हैं क्यों ना आज कुछ हो जाए उन्होने एक गहरी साँस ली और बोली ठीक हैं तेरा उधार आज चुका ही देती हू तो मैने कहा चलो छप्पर मे ही चल ते हैं लालटेन की रोशनी से पूरा छप्पर रोशन हो गया उन्होने फॉरन एक चारपाई पे बिस्तर लगाया मैं नंगा तो था ही उनके लहंगे का नाडा भी फॅट से खोल दिया 45 की उमर मे भी क्या गान्ड थी उनकी इतनी बड़ी गान्ड आज पहली बार देख रहा था मैं फॉरन उनसे चिपक गया
और अपने लंड को उनकी मोटी मोटी जाँघो के बीच दे दिया क्या गर्मी मिली उस टाइम सारी सर्दी एक मिनिट मे ही गायब हो गयी काकी बोली लंड तो काफ़ी गरम हैं तेरा कितना टाइम हो गया ऐसा कड़क लंड नही लिया हैं तो मैने कहा चिंता मत कर आज तेरी सारी इच्छा पूरी कर दूँगा और उनके ब्लाउस को भी निकाल दिया अब वो पूरी नंगी मेरे आगे खड़ी थी उनकी चूचिया बहुत ही भारी थी जैसे कोई पपीते हो मैने उन्हे बेदर्दी से मसलना शुरू किया तो वो दर्द से कराहती हुए बोली थोड़ा आराम से कर आज कल के लौडे भी ना किसी औरत को देखते ही कंट्रोल खो देते हैं
मैने कहा आज तू देखमेरा कंट्रोल और उसके निप्पल कस्के मसल दिया नीचे मेरा लंड उसकी टाँगो मे फसा हुआ मचल रहा था काकी ने अपनी मदस्त गान्ड को ओर पीछे की तरफ उभार लिया बेरिश भी अब बहुत ही तेज हो गयी थी मैने उनके कंधे पे काटना शुरू किया तो वो बोली आह ये क्या करता हैं मैने कहा आज तू कुछ मत बोल और बस देखती जा मैं उसके कंधो को चूमता चूमता गर्दन पे पहुच गया था मेरी लॅप लपाती जीबू उसकी गर्दन पे चल रही थी वो बोली मुझे गुद गुदि होती हैं अब मैने एक हाथ से उनका बोबा भींचना शुरू किया और दूसरा हाथ उनकी चूत पे रख दिया
चूत पे बालो का पूरा जंगल ही उगा पड़ा था मैने अपनी उंगली उनकी चूत की दरार पे फेरनी शुरू की उनकी साँस गरम होने लगी वैसे तो वो अड़ेढ़ औरत थी पर आज तो वो ही मेरी रानी थी जब मेरी उंगली उसकी चूत के दाने से टकराई तो मैने महसूस किया की उनका दाना किसी चने के जितना बड़ा था मैने उसे ज़ोर से मसल दिया काकी के होश उड़ गये वो बोली रे ज़ालिमम्म्मममममममममममममममममममममममममममममममममममममम ईईईईईईईई क्ीईईईईईईईईईईईई कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर हराआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ हैंन्नननननननननननननननननननननननननणणन् तुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउमिअन भी गरम हो रहा था मैने कहा बस तू देखती ज़ाआाआआआआआआआआआआआआआआआअ
और उनके दाने को मसल्ने लगा वो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी बोली करेंट सा ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआअगा रहाआआआआआआआअ हियंन्ननणन्नमत्त्तटटटटटटटटटटटटतत्त कररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर मुझ भी जोश चढ़ना शुरू हो गया लंड अब पूरे जोश मे फडक रहा था काकी की चूत बुरी तरह से थर थरा रही थी उसमे गीला पन आना शुरू हो गया था काकी बोली छप्पर का दरवाजा बंद कर्दे ठंड आ रही हैं मैने फॉरन उसकी कुण्डी अटकाई और काकी को फिर से दबोच लिया इस बार उनका मूह मेरी ओर था मेरा लंड उनके पेट से टकरा रहा था चूत की गर्मी मेरी जाँघो पे महसूस हो रही थी मैने उनकी गर्दन मे हाथ डाले
और उनके मोटे मोटे होंटो को अपने होंटो मे क़ैद कर लिया और चूसने लगा कोई दस मिनिट तक मैं बस उन्हे चूस्ता ही रहा इस बीच उन्होने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और पपोल्ने लगी तब उन्होने अपने होंठ छुड़ाए और लंबी साँस लेने लगी अब मैने उन्हे खाट पे लिटा दिया और उनकी एक चुचि को अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगा और दूसरी को मसलता रहा तभी कही दूर बिजली कडकि तो उन्होने मेरे मूह को कस्के अपनी चुचि पे दबा दिया 15-20 मिनिट तक उनका रस निचोड़ ता ही रहा वो भी हाई हाई करने लगी थी इधर मेरा लंड बेकाबू हो रहा था अब मैने उनकी चिकनी जाँघो को थोड़ा अड्जस्ट किया और अपना मूह उनकी झान्टो से भरी चूत पे टिका दिया
काकी की चूत थोड़ी बड़ी और लंबी थी शायद उस उमर तक़ाज़ा आते आते चूतो का हाल ऐसा हो जाता होगा उनकी चूत की पंखुड़िया बाहर को लटकी पड़ी थी पूरी चूत काली थी आज तक तो बस लाल और गुलाबी चूत ही चोदि थी आज काली भी लिस्ट मे जुड़ने वाली थी मैने उनकी चूत को फैलाया और उसके दाने को अपने मूह मे भर लिया काकी को जैसे स्वर्ग का दरवाजा दिख गया उनकी टाँगे अपने आप उपर की ओर उठ गयी वो अपने बोबो को खुद ही मसल्ने लगी मैं उनके दाने को अपने दांतो से काटने लगा काकी तो जैसे पागल ही हो गयी थी सिसकारिया उनके मुहसे निकाल ती हुई जा रही थी वो बोली रीईईईईईई आआआआआआआआआज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तो
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रे अब मैने दाने को छोड़ा और चूत को उपर से लेके नीचे तक चाटने लगा काकी की कमर मटकने लगी थी वो बहुत ज़ोर से बड बड़ा रही थी मैं सरपट जीभ को उपर नीचे कर रहा था
चूत से गाढ़ा पानी रिस रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और उनकी चूत के अंदर डाल दिया उनका तो पूरा बदन बुरी तरह से हिल गया था कुछ देर ओर ऐसे ही चूत को चाटने के बाद मैं उठा तो काकी ने झट से अपनी टाँगो को फैलाया और मुझे चूत तक पहुचने का रास्ता दिया मैने अपने लंड को चूत पे रखा और घप से पूरा लंड एक ही झटके मे अंदर चला गया उनकी चूत थोड़ी ढीली थी पर ऐसे टाइम मे वो ही सहारा थी मैं पूरी तरह से उनपे छा गया था काकी बोली मुझे चोद दे
बस जल्दी से चोद दे नही तो मर ही जाउन्गि मैने लंड को सुपाडे तक बाहर खींचा और पूरी ताक़त से दुबारा अंदर डाल दिया काकी की आह निकल गयी अब मैने धक्के मारने शुरू किए उसकी जंघे मेरी टाँगो पे चढ़ि हुवी थी मैं पूरी तरह उसपे झुका उसे चोद रहा था मैने उसके निचले होन्ट को काटना शुरू किया वो और भी मस्त हो गयी और नीचे से गान्ड को उछालते हुए मेरा पूरा सहयोग कर रही थी वास्तव मे बहुत ही गरम पीस निकली वो तो मेरे होंटो ने उसके निचले होन्ट को बुरी तरह दबाया हुवा था
और लंड अपना जादू उसकी चूत पे चलाए जा रहा था मेरा हाथ काकी की गान्ड पे फिसल रहा था तो मेरी उंगली उनकी गान्ड के सुराख से टकरा गयी वो तो बहुत ही बड़ा लगा मुझे तो मैने कहा तेरे चूतड़ इतने मोटे कैसे हैं तो वो बोली मैने गान्ड खूब मराई हैं चूत तो बस बच्चे पैदा करने के लिए ही होती हैं असली धन तो गान्ड ही हैं तो मेरे कान खड़े हो गये ये तो साली पक्की वाली रंडी निकली नीचे मैं लगातार उनकी चूत पे धक्को की बरसात करे जा रहा था मैने उंगली पे ढेर सा थूक लगाया और उसकी गान्ड मे घुसा दी
अब उसे दोनो छेदों से मज़ा मिल रहा था काकी इस हमले के आगे ज़्यादा देर ना टिक पाई और थोड़ी देर मे ही अपनी संतुष्टी को प्राप्त कर गयी उनकी चूत से गंगा बह निकली पर मैं उन्हे दनादन चोदे ही जा रहा था और कोई 5 मिनिट बाद मैने भी अपने पानी से उनकी चूत को भर दिया
और उनके उपर ही लेट गया काकी बोली वाह रे तू तो छुपा रुस्तम निकला मुझे जवानी के दिनो की याद दिला दी तो मैने उनकी चुचि मसल्ते हुए कहा अभी तो पूरी रात हैं मेरी रंडी अगला नंबर तेरी गान्ड का लगेगा वो मुझसे चिपटते हुए बोली सब कुछ तेरा हैं जैसे तेरी इच्छा हो वैसे गान्ड मार या चूत बस मुझे ऐसे ही रगड़ता रह मैं तो तेरी गुलाम हो गयी हू और अपने मूह को मेरे सीने मे छुपा लिया ।
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कोई आधे घंटे तक हम एक दूसरे से चिपके पड़े रहे फिर वो उठी और बोली कि मैं अभी आती हू पेशाब करके तो मैने कहा की अंदर ही कर्लो बाहर बारिश मे कहाँ जोआगी तो वो बोली तेरे सामने शर्म आएगी तो मैने कहा अभी लंड ले लिया जब शरम नही आई तो वो हँसने लगी और दरवाजे के पास बैठ गयी उनकी चूत से पानी की एक मोटी धार निकली और धरती पे गिरने लगी सीन बहुत ही प्यारा था पेशाब करने के बाद उन्होने एक डिब्बे मे पानी भरा और चूत को धोने लगी अरे वाह मेरे मूह से निकल गया अब वो फिर से मेरा साथ लेट गयी थी मैने उसकी गान्ड को मसल्ते हुए पूछा कि तू तो कई लोगो से चुदि होगी
तो वो बोली अब तो याद भी नही आता कि कितने लंडो का पानी पी चुकी हू अब पहले वाली बात नही रही उमर भी हो चुकी हैं तो मैने कहा पर तुम तो अभी भी गरम माल हो ये सुन के वो शर्मा गयी औरत अपनी तारीफ की बहुत भूखी होती हैं मैं उठा और बाहर की तरफ आया तो देखा बेरिश की रफ़्तार कुछ कम हो गयी थी पर बरस अभी भी रही थी मैने मटके से पानी पिया और अंदर गया तो देखा कि काकी अपनी चूत पे हाथ फेर रही थी मुझे देख के उनसे बड़े ही बेशरम भाव से चूत मे उंगली सरका दी मैं खाट के पास खड़ा हो गया और उसे कहा कि लंड चुसेगी तो वो बोली हाँ क्यों नही और खाट पे बैठ गयी उसने मेरी एक गोली को अपने मूह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगी
मैं बहुत खुश होगया मैने कहा शाबाश बिम्ला बहुत अच्छे फिर उसने ऐसे ही दूसरी के साथ किया अब वो थोड़ा उपर की ओर बढ़ी और मेरे लंड को अपने मूह मे लेके चूसने लगी लंड झट से तन गया था मैने कहा तू तो बहुत ही अच्छा लंड चुस्ती है कहाँ से सीखा तो वो बोली लाला जितनी तेरी उमर हैं उस से ज़्यादा सालो से इस खेल को खेल रही हू और तू मुझे सिखा रहा हैं मैने उसके सर को अपने लंड पे दबाना शुरू कर दिया वो लपा लॅप लंड चूसे ही जा रही थी थूक उसके मूह से उसकी चूचियों पे गिर रहा था तभी वो बोली लाला आज तो तेरे गन्ने का रस पियूंगी तो मैने कहा रस भी पिला दूँगा पर पहले मैं तेरी इस मोटी गान्ड को चोदुन्गा
तो वो बोली ठीक हैं और खाट पे घोड़ी बन गयी मैने अपने हाथ उसकी मस्तानी गान्ड पे अपने हाथ रख के उसे सहलाने लगा उफ्फ क्या गान्ड थी बिम्ला की एक दम जबरदस्त गान्ड नसीब वालो को ही मिलती है खैर, मैने ढेर सारा थूक काकी की गान्ड पे लगाया और उसे बिल्कुल चिकना कर दिया और अपने लंड को उसके छेद पे टीका दिया जैसे ही सुपाडा अंदर गया तो काकी ने एक बार अपने शरीर को टाइट किया और फिर ढीला छोड़ दिया वो थी पूरी गान्ड मर्वानी थी एक बार उफ्फ तक ना किया और पूरा लंड अपनी गान्ड मे डलवा लिया और अपने चुतडो को और भी उभार लिया और बोली लाला मारले काकी की गान्ड लगा ज़ोर और चुतडो को मचका दिया मैने कहा ठीक है
और लंड को पूरा बाहर निकाल दिया और फिर झट से अंदर डाल दिया गान्ड क्या थी पूरा गुड़गाँव ही था छेद बहुत ही ज़्यादा खुला हुआ था मैं ऐसी ही लंड को बाहर निकालता और फिर घाप से अंदर डाल देता काकी भी मज़े ले रही थी कुछ देर तक मैं उन्हे घोड़ी बनाए ही उनकी गान्ड मारता रहा खाट हमारे बोझ से चरमराने लगी थी फिर मैने बिम्ला को उल्टा लेटने को कहा वो झट से लेट गयी और अपने हाथों को पीछे लाते हुए अपने दोनो कुल्हो को थोड़ा चौड़ा किया अब रास्ता सॉफ था मैने एक बार फिर से अपने लंड को उनकी गान्ड पे टिकाया और अंदर धकेल दिया अब गान्ड मारने मे बहुत ही मज़ा आ रहा था घाप घाप लंड गान्ड मे घुसे जा रहा था
मैने काकी के गालो मे अपने दाँत गढ़ा दिए और उन्हे काट ते हुए चूस रहा था काकी बोली लाला बस पूरी रात ऐसे ही मेरी गान्ड मारता रह बस बिल्कुल इसितरह पूरी गान्ड को चोद डाल रगड़ दे इसे फाड़ दे इसे ऐसा कहते हुए वो मेरा जोश बढ़ाए जा रही थी मैं भी पूरी ताक़त लगाते हुए उनकी गान्ड को और चौद किए जा रहा था तभी मैने कहा कि काकी लंड पे तो तू बहुत बार बैठी होगी पर क्या गान्ड मे लंड लेके बैठी है क्या तो वो बोली अब तक तो नही बैठी पर आज ज़रूर बैठूँगी ये सुनते ही मैं उनके उपर से उतर गया और खाट पे लेट गया काकी ने मेरे लंड पे थोड़ा थूक और लगाया और अपनी गान्ड का निशाना लंड के सुपाडे पे सेट करती हुवी लंड पे धीरे धीरे बैठने लगी
कुछ ही देर मे पूरा लंड एक बार फिर से काकी की गान्ड मे था वो थोड़ा आहिस्ती आहिस्ते लंड पे उपर नीचे होने लगी काकी बोली लाला सही कह रहा था तू ऐसे उछलने मे तो बहुत ज़्यादा ही मज़ा आता हैं मैने उनकी चुचियों को थाम लिया और मसल्ने लगा तो वो बोली पी ले बेटा पी ले तेरी ही हैं जी भर के पी धीरे धीरे काकी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मज़े से कूदने लगी उनके भारी भारी चूतड़ मेरी टाँगो से टकरा रहे थे पूरे आधे घंटी तक मैने इस तरह उनकी गान्ड मारी जब मेरा पानी छूटने को हुआ तो मैने कहा कि मेरा पानी पीना था ना तुझे तो पी ले बस निकलने ही वाला है तो वो झट से उपर उठी
लंड गान्ड से बाहर निकल गया उसने फॉरन उसे अपने मूह मे दबा लिया और तभी मेरे लंड से एक धार फूट पड़ी और सफेद पानी उसके मूह मे गिरने लगा जिसे वो बड़े चाव से पी गयी इसके बाद एक दौर ओर सेक्स का चला फिर उसे अपनी बाहों मे लिए लिए मैं सो गया इतनी चुदाई के बाद नींद तो गहरी आनी ही थी जब मैं उठा तो देखा काकी बिस्तर पे नही थी लाइट आ चुकी थी मैने कपड़े पहने और छप्पर से बाहर आया तो देखा कि बारिश रुक गयी थी चारो ओर एक नमी सी फैली थी थोड़ी ठंड महसूस हुवी सब कुछ गीला गीला सा था मैं बाहर की ओर गया सूसू किया और वापिस आ गया देखा तो पता चला कि वो रसोई मे दूध गरम कर रही थी
वो बोली उठ गये अभी तुम्हारे लिए चाइ बना देती हू मैं उनसे चिपटते हुए बोला चाइ नही बस चूत का रस ही पीऊंगा तो वो बोली पूरी रात तो मुझे रगड़ा था अब तक बदन टूट रहा हैं अब हिम्मत नही होगी तो मैने उनके गाल पे किस करते हुए कहा कि रात मे तो बड़े जोश मे थी अभी इतनी जल्दी सारा जोश निकल गया क्या और कस्के उसके बोबो को दबाने लगा बिम्ला मचलती हुए बोली कि तुम मनोगे तो नही , अब तो देनी ही पड़ेगी मैने अपनी पेंट सर्काई और कच्छे समेत निकाल के साइड मे रख दी और उसके घाघरे को उपर उठाते हुए अपने लंड को उनकी गान्ड पे घिसने लगा एक असीम आनंद मिला मैं उसके ब्लाउस को उतार ही रहा था कि वो बोली अभी मत उतारो
कपड़ो मे ही चोद लो मैने कहा ठीक हैं और अपने लंड पे थूक लगाया और उनको थोड़ा झुकाते हुए चूत मे घुसा दिया काकी ने हल्की सी झूर झूरी ली और गान्ड को ऑर पीछे कर लिया मैने उनकी कमर को थाम लिया और चूत चोदने लगा वो मेरी बाहों मे झूलने लगी मस्ती उनके बदन मे दौड़ने लगी वो बोली जल्दी से कर्लो बाकी फिर कभी देख लेंगे मैने कहा कर तो रहा हू अब टाइम लगेगा तो लगेगा ही मेरे बस मे तो हैं नही और तेज़ी से उन्हे चोदने लगा काकी की चूत से काम रस बहता हुआ मेरी गोलियो तक आपहुँचा था तभी मैने अपने लंड को चूत से निकाला और उन्हे खींच के बाहर ले आया वो मेरी ओर देखते हुए बोली क्या
तो मैने कहा तुझे यहाँ चोदुन्गा और उन्हे बरामदे मे पड़ी खाट पे गिरा दिया और उनकी मदमस्त टाँगो को अपने कंधो पे उठा लिया और अपने लंड को चूत से भिड़ा दिया वो हँसी तभी मैने एक ज़ोर का झटका मारा और चूत की दीवारो को बेधता हुवा मेरा लंड जड़ तक गहराई मे उतर गया उनकी टाँगे मेरे कंधो पे पनाह माँग रही थी मेरे हर धक्के पे चूचियाँ बुरी तरह काँपते हुए हिल रही थी बिम्ला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था और मेरे नीचे पड़ी हुवी उस अनोखे आनंद को भोग रही थी अब उन्होने अपने हाथ उन विशाल चुचियों पे रख लिए
काले काले निप्पल्स को रगड़ने लगी इधर मैं धक्के पे धक्के मारे जा रहा था उनकी चूत अंदर से बिल्कुल चिकनी हो गयी थी लंड ऐसे दौड़ रहा था जैसे हाइवे पे कोई बेलगाम कार कोई पोने घंटे तक हमारा घमासान चलता रहा इस बीच बिम्ला की चूत दो बार झाड़ चुकी थी मेरे पैर कांप रहे थे जैसे उनकी सारी शक्ति किसी ने निचोड़ ली हो अब मैने उनकी टाँगो को नीचे किया और उनमे फिर से समा गया काकी पड़ी पड़ी है हॅयियी कर रही थी पर मैं उन्हे पागलो की तरह चोदे जा रहा था और फिर एक जोरदार एहसास को प्राप्त करते हुए मैं उनकी चूत मे ही झड गया जब मैने लंड को बाहर निकाला तो बहता हुआ भी वीर्य चूत से बाहर निकलने लगा जिसे मैने वहाँ पड़े तोलिये से पोंछ दिया
काकी कुछ देर पड़ी रही फिर बोली मैं फटा फट से चाइ नाश्ता बना देती ख़ाके चला जइयो तो मैने कहा कि कर तो लिया नाश्ता और उनकी तरफ आँख मारी वो हंसते हुए बोला आता रहियो मैने कहा कि देखूँगा और स्कूटर को किक मारी और अपने खेत पे जाके देखा तो पूरी सीमेट बर्बाद हो गयी थी अब मैं चला घर की ओर रात भर बारिश ने तगड़ा उधम मचाया था हवा मे नमी होने से ठंड लगने लगी थी जल्दी ही घर पहुच गया और अपने बिस्तर पे जाके पसर गया थोड़ी देर बाद मम्मी आई तो मैने बताया कि पूरी सेमेंट खराब हो गयी और थोड़ा और नुकसान भी हुआ हैं मम्मी बोली मुझे तो तेरी बड़ी चिंता हो रही थी
मैने कहा हाँ एक दम से बारिश हो गयी थी तो मैं बिम्ला काकी के घर चला गया था तो वो बोली ये तूने अच्छा किया तो बोली जल्दी से तैयार हो जा कॉलेज भी तो जाना हैं मैने कहा हाँ और बाथ रूम मे घुस गया तैयार होते होते मैं थोड़ा लेट हो गया था आज टेंपो मे मिता ना मिली मैं भागता हुआ क्लास मे दाखिल हुआ वो अपनी सीट पे बैठी थी मैं भी बैठ गया उसने पूछा आज लेट कैसे तो मैने कहा बस हो गया लंच ब्रेक मे मैने अपना गिफ्ट पॅक निकाला और उसे दिया तो उसने बड़ी ही विनम्रता से मना करते हुए कहा कि वो उसे नही ले सकती कोई क्या सोचेगा मैने कहा एक बार देख तो लो वो बोली प्लीज़ तुम समझो एक लड़की एक लड़के से ऐसे गिफ्ट लेगी तो क्लास मे बाते होंगी और वो अपनी इमेज को लेकर बहुत ही क्लियर हैं
मेरा मन थोड़ा भारी हो गया मैने बॉक्स को वही बेंच पे रखा और बाहर आ गया साँस जैसे अटक सी गयी थी बाकी टाइम मैं क्लास मे गया ही नही लाइब्ररी मे ही बैठा रहा जब छुट्टी हुवी तो मैं धीमे कदमो से कॉलेज गेट की ओर चल पड़ा तभी मिता भागते हुई मेरी तरफ आई उसकी सांस फूल रही थी वो हान्फते हुए बोली अरे तुम क्लास मे क्यों नही थे तो मैने झूठ बोल दिया कि थोड़ी तबीयत ठीक नही थी इसलिए लाइब्ररी मे ही बैठ गया था उसने मेरे माथे पे हाथ रखा और बोली बुखार तो नही हैं,ये उसका पहला स्पर्श था फिर वो बोली आओ चलते हैं
मैने कहा हम, बाजार का रास्ता पार कर ही रहे थे कि इन्द्रदेव को गुस्सा आ गया बारिस एक बार फिर से चालू हो गयी सभी लोग बचने को इधर उधर भागे हम पे भी बौछारे पड़ने लगी हम दोनो एक दुकान के बाहर टीन शेड के नीचे खड़े हो गये हालाँकि बारिश से तो बच गये थे पर कोई कोई बूँद शरीर पे फिर भी पड़ ही जाती थी कोई एक घंटे तक बारिश होती रही हम दोनो एक दूसरे से सट के खड़े थे क्योंकि और भी हमारी तरहस्टूडेंट्स बारिश से बचने को वही पे अड्जस्ट हो गये थे,खैर किसी तरह बारिश रुकी हम अपनी राह चल पड़े तभी वो बोली अगर तुम मुझे कुछ गिफ्ट देना चाहते हो तो प्लीज़ थोड़ा छुपा के देना क्लास मे वैसे भी बाते बनती रहती हैं,
मैं तुम्हे अपना दोस्त मानती हू पर मैं एक लड़की भी हू हर चीज़ को देखना पड़ता हैं मैने उसे सॉरी कहा तो वो बोली प्लीज़ थोड़ा ध्यान रखना आगे से अब मुझे थोड़ा चैन मिला तभी उसने कहा कि हर सनडे वो उनके गाँव मे माता के मंदिर जाती हैं 9 बजे मैने कहा कि ये तो बहुत ही अच्छा हैं, वो बोली रे बुद्धू मेरे कहने का मतलब था कि अगर हो सके तो तुम भी दर्शन करने आ जाना मैने कहा मैं ज़रूर आउन्गा फिर हम ने टेंपो पकड़ा आज सवारियाँ ज़्यादा थी तो बाहर ही लटकना पड़ा आज थोड़ा लेट हो गया था घर पहुचते पहुचते फटाफट कपड़े चेंज किए खाना वाना खाया और किताबो को लेके बैठ गया साढ़े पाँच के लगभग हो चुके थे
तभी ध्यान आया कि प्रीतम का करार भी हैं तो सीधा भागा जंगल की ओर कोई आधा घंटा और लग गया जैसे तैसे पहुचा पर बारिश का सीज़न होने के कारण पेड़ पोधो पे भी कुछ ज़्यादा ही निखार आ गया था हर तरफ बस हरियाली ही हरियाली छाई हुवी थी जंगल और भी घना लगने लगा था थोड़ा टाइम लगा पर मैने साली कमिनि को ढूँढ ही लिया प्रीतम बोली कितनी देर से तेरी राह देख रही हू बस वापिस जाने ही वाली थी मैने कहा दोपहर मे बारिश के कारण आने मे लेट हो गया बस पहुँचा ही हू तो वो बोली चल अब देर मत लगा देख ये कितना पानी छोड़ रही हैं और अपनी चूत को मसल्ने लगी मैने उसके गालो को थप थपाया और बोला अभी करता हू इसका इलाज़ .
हम दोनो जंगल मे अंदर की ओर चल पड़े आज हम काफ़ी दूर निकल आए थे यहाँ पे इतनी ज़्यादा रोशनी नही थी एक सेफ सी जगह देख कर मैने प्रीतम को अपनी बाहों मे दबोच लिया और उसे चूमने लगा वो बोली जल्दी ही ही काम सुलटा दियो एक तो तू लेट आया हैं और फिर घर पहुचते पहुचते अंधेरा भी हो जाएगा मैने कहा तू मत घबरा और अपना हाथ उसकी सलवार मे डाल दिया और कच्छि के उपर से ही उसकी मोटी चूत को मसल्ने लगा हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ चुके थे आज उसके होन्ट बड़े रसीले लग रहे थे मैने काफ़ी देर तक उनका रस निचोड़ा .
फिर फटाक से अपनी ज़िप खोली और अपना लॉडा बाहर निकाल लिया वो नीचे बैठी और उसे अपने मूह मे लेके चूसने लगी मज़ा ही तो आ गया, मैने उसके सर को पकड़ लिया और उसके मूह को चोदने लगा करीब 5 मिनिट तक लंड चूसाने के बाद मैने उसे खड़ा किया और सलवार को खोल दिया कच्छि को सरकाया और उसे घुटनो के बल खड़ी करते हुए अपने लंड को चूत मे डाल दिया उसकी आहह निकली उसने अपने हाथ घुटनो पे रखलिए और चुदने लगी मैं उसकी कमर को थामे हुए उसे चोदने लगा , प्रीतम अपने दाँतों को भींचे मेरे लंड को अपनी चूत मे ले रही थी अब मैने उसके सूट को थोड़ा उपर की तरफ किया और अपने हाथों से उसके बोबो को पकड़ लिया
और उन्हे ब्रा के उपर से ही मसल्ने लगा प्रीतम की सिसकारी फूट उठी वो धीमे धीमे मोन करने लगी थी काफ़ी देर तक मैं उसे ऐसे ही चोद्ता रहा पर अब मेरे पैर दुखने लगे थे मैने उसे हटाया और वही ज़मीन पर घोड़ी बना दिया उसके गोरे गोरे चुतडो का कटाव बड़ा ही मस्त था जी मे तो आया कि सीधा गान्ड मे ही घुसा दूं प्रीतम ने अपनी गर्दन पीछे घुमाई और बोली क्या सोच रहा हैं अब डाल ना अंदर तो मैने अपने लंड को चूत के छेद पे रखा और बस टोपी को ही अंदर जाने दिया उसने अपनी गान्ड को हिलाया ये सिग्नल था उसका पर मैं बस टोपी टोपी को ही अंदर बाहर करता रहा प्रीतम चुदासी हो रही थी और मैं उसके मज़े ले रहा था
फिर मैं ईक ही झटके मे लंड को चूत मे पहुचा दिया और प्रीतम की चूत मारने लगा काफ़ी दमदार चुदाई चल रही थी पसीना मेरे माथे पे छू आया था तभी प्रीतम काँपते हुवी आवाज़ मे बोली जलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल दी ईईईईईईईईईईईईईईईईई झलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लदीीईईईईई करंन्नईनननननननननननननननननननननणन्नाआआआआआआआआआआ मेरााआआआआआआआआआआअ होनीईईईईई वलाआआआआआआआआ हियंन्ननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननणणन्
और अपनी कमर पीछे को करने लगी मैने फॉरन से अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी उभरी हुई चूत पे अपनी जीभ रखड़ी जैसे ही जीभ का स्पर्श उसकी चूत से हुआ उसका काम रस बह चला उसने अपनी गान्ड को मटकाते हुए मुझे त्रप्त कर दिया था तो मैं एक बार फिर से लंड को चूत के दर्शन करवाए और धक्के लगाने लगा मैं अब बहुत ही तेज गति से प्रीतम को चोदे जा रहा था30-40 शॉट जल्दी जल्दी लगाए और अपने पानी से उसकी चूत को धो दिया ।
जैसे ही मेरा काम हुआ प्रीतम उठी और अपनी सलवार को उपर चढ़ाते हुए नाडा बाँधने लगी मैने भी लंड को पेंट मे डाल लिया फिर हम वहाँ आए जहाँ उसकी कटी हुवी लकड़ियो का गत्थर पड़ा था वो मैने उसके सर पे रखा और वो अपनी गान्ड को कुछ ज़्यादा ही मटकाते हुए चल पड़ी मैने दूसरा रास्ता पकड़ लिया .
फिर मैं थोड़ी देर बस स्टॅंड पे घुमा और फिर घर आ गया कुछ देर किताबो मे सर खपाया फिर भोजन का आनंद प्राप्त किया चाचा आए नही थे तो एक बार फिर मुझे कुँए पे जाना था मैं पैदल ही चल पड़ा ,घूमते घूमते जब मैं वहाँ पहुचा तो देखा कि एक कमरे की छत तो आज डाल दी गयी थी बस दूसरे की बची थी खाट को बिछाया और पसर गया एक मन तो किया कि बिम्ला काकी की चूत फिर से मारी जाए पर फिर ना जाने क्यों कॅन्सल कर दिया कुछ ही देर मे नींद आ गयी सूभ मैं उठा फ्रेश वग़ैरा हुआ ऑर घर की ओर चल दिया पापा बाहर ही बैठ कर अख़बार पढ़ रहे थे मुझे देखके बोले आज तू छुट्टी कर लियो कुँए का काम तो लगभग हो ही चुका हैं जो बचा हैं तू संभाल लियो तभी मुझे एक आइडीया आया
आक्च्युयली हमारे घर के पिछली तरफ हमारी थोड़ी जगह खाली पड़ी हुई थी तो मैने कहा पापा क्यों ना हम एक कमरा पिछे भी बनवा ले काम तो चल ही रहा हैं,और उधर की जगह भी कंट्रोल मे हो जाएगी तो वो बोले ठीक हैं करवा लियो फिर मैं अंदर चला गया दिन ऐसे ही बीत रहे थे मिता से मेरी नज़दीकिया और गहरी होती जा रही थी पूरा टाइम पता नही कब ख़तम हो जाता था कॉलेज की पढ़ाई का प्रेशर फिर घर के पचासो काम हालत बहुत ही बुरी हो गयी थी मैं चाची को बुरी तरह से चोदना चाहता था पर वो मान ही ना रही थी और आज कल तो किस विस भी ना के बराबर ही थी प्रीतम तो दिखाई ही नही देती थी दिन बस कट ही रहे थे किसी तरह से खेतो मे बाज़रे की फसल लहलहाने लगी थी बस कटाई कुछ ही दूर थी पूरा डेढ़ महीना हो गया था चूत की शकल ना देखी ,
मैने अपना डेरा नये बनाए कमरे मे बसा लिया था इसके दो फ़ायदे अगर रात को प्रीतम के घर चला भी जाउ तो मेरे घर वालो को कुछ पता नही चलना था और मुझे पूरी आज़ादी थी एक दिन प्रीतम को मैने रास्ते मे रोक लिया और बोला कब देगी मैं तो मरा जा रहा हूँ वो बोली क्या करूँ माँ पीछा ही नही छोड़ती मैं खुद फसि पड़ी हू तू थोड़ा रुक मैं करूँगी कुछ ना कुछ मुझे थोड़ी तस्सली मिली जिस साइड मे हमारा नया वाला कमरा बना हुआ था उधर वाली साइड मे बस एक ही घर था क्योंकि उसके आगे पहाड़ अड़ा हुवा था वो घर पप्पू भाई का था उसकी सब्ज़ी की दुकान थी बस स्टॅंड पे वैसे तो आदमी अच्छा था परंतु कभी कभी शराब पी के उसकी पत्नी को पीट देता था कई बार मैं उसकी दुकान से फ्रूट खरीदता था ऐसे ही एक दिन रात को कोई 11 बजे होंगे मैं पढ़ ही रहा था तभी मैने कुछ रोने की आवाज़ सुनी मैने गेट खोला तो देखा कि पप्पू अपनी पत्नी को पीट रहा था तो मैने जाके बीच- बचाव किया और उसे समझाया तो वो मान गया और सो गया भाभी बुरी तरह रोए जा रही थी मैने उन्हे थोड़ा पानी पिलाया और शांत किया और उनके आँसुओ को पोंछ दिया थोड़ी देर बाद मैं वापिस आ गया उसके बाद जब भी भाभी मुझे मिलती मेरी ओर देख के हंस देती थी मैं भी मुस्कुरा के जवाब दे देता था थोड़ा समय और बीत गया एक दिन दादी बोली बेटा मुझे मंदिर तक छोड़ के आजा आज वहाँ कीर्तन हैं तो मैने कहा मम्मी को कह दो तभी मुझे याद आया कि मिता ने बताया था कि वो हर सनडे मंदिर जाती हैं इतनी इम्पोर्टेंट बात कैसे भूल गया संयोग से
अगले दिन सनडे ही था तो उस दिन कोई 8 बजे मैं मिता के गाँव की तरफ चल पड़ा साइकल साइड पे लगाई और मंदिर की तरफ चल पड़ा बहुत ही बड़ा और सुंदर मंदिर था माता रानी के दर्शन किए और मंदिर मे घूमने लगा जैसे ही मैं पिछली वाली साइड मे गया तो देखा कि मिता वहाँ कबूतरो को दाना खिला रही हैं, उसे देखते ही धड़कने बेकाबू हो गयी थी मेरी सादगी मे लिपटी हुवी साँवली सी मूरत हल्के नीले रंग के सूट मे बहुत ही प्यारी लग रही थी जैसे ही उसकी नज़र मुझपे पड़ी उसके चेहरे पे लाली बढ़ गयी वो बड़े ही सलीके से मेरे पास आई और बोली तो आज फ़ुर्सत आई हैं तुम्हे यहाँ आने की मैं कुछ बोलने ही वाला था कि उसने मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया थोड़ी दूर एक सुनसान सी जगह थी वहाँ पे पत्थरो पे हम दोनो बैठे हुए बातें कर रहे थे ऐसे ही एक अजीब सा खुमार चढ़ने लगा था फिर वो बोली अब मैं चलती हू मैं उसे रोकना चाहता था पर रोका नही बस उसे जाते हुए देखते रहा घर पहुचते पहुचते दोपहर हो गयी थी मैं बहुत ही ज़्यादा खुश था खुशी छुपाए नही छुप रही थी मैने मम्मी को आवाज़ लगाई पर वो घर मे नही थी तो मैं चाची के पास गया और मम्मी को पूछा तो उन्होने कहा कि बेटा तेरे लिए एक बुरी खबर हैं मैं थोड़ा डर सा गया कि कही मेरे कांडो का पता तो नही चल गया घरवालोको
मैने पूछा क्या हुआ तो उन्होने कहा कि आज तेरी प्रीतम की सगाई करने लोग आए हुए हैं और मम्मी उन्ही के घर गीतो मे गयी हैं अब साला ये क्या स्यापा हो गया मैने कहा इसमे बुरी खबर क्या हैं चाची ये तो होना ही था हर लड़की का रिश्ता एक ना एक दिन होता ही है, तो वो बोली तुझे सच मे बुरा नही लग रहा क्या तो मैने कहा नही पर अंदर ही अंदर मैं हिल गया था
एक वो ही तो थी जो मेरे लंड की प्यास जब चाहे बुझा देती थी पहले अनिता भाभी अब प्रीतम की भी सगाई हो गयी थी चाची बोली अब तेरा काम कैसे चलेगा तो मैने कहा वो कॉन सा डेली ही मेरे साथ सोती थी और जिसकी आप जैसे चाची हो उसे भला क्या कमी होगी कहते हुए मैने उनकी चूची को भींच दिया वो बोली अभी रुक बताती हू पर मैं सीधा अपने कमरे मे भाग गया कुछ दिन ऐसे ही ओर गुजर गये
एक दिन शाम को मैं अपना कमरा खोल के बैठा ही था कि शीला भाभी आ गई वो बोली इतना थोड़ा सामान क्यों हैं यहाँ तो मैने कहा भाभी मेरा कमरा तो अंदर हैं ये तो बस मैं पढ़ाई के लिए यूज़ करता हूँ वो बोली अच्छा हैं और मेरे फोल्डिंग पे बैठ गयी कुछ देर बात करनी के बाद वो बोली मैं चाइ बना रही हूँ तुम भी आ जाओ मैने उन्हे मना किया तो वो बोली मैं दूसरी जात की हू इसलिए हमारी चाइ नही पियोगे तो मैने कहा कमाल करती हो भाभी ऐसी बात दुबारा मत करना आप चलो मैं थोड़ी देर मे आता हू और उनके घर चला गया छोटा सा आशियाना था उनका दो कमरे और साइड मे एक तीन शेड डालके रसोई बनाई हुवी थी उनके लिए बहुत था उन्होने मुझे कुर्सी दी और चाइ का गिलास पकड़ा दिया हम चाइ पीते पीते बात कर रही थे
मैने पूछा भाभी आप पूरा दिन बोर नही होते तो वो बोली इनका स्वभाव तो तुम जानते ही हो इनकी अपने भईओ से बनती नही तो मैं उधर जा नही सकती बस ऐसे ही टाइम पास कर लेती हू अब तुम इधर रहने लगे हो तो हमे भी सहारा हैं, मैने कहा वो तो हैं भाबी फिर मैने चाइ के लिए उनका धन्यवाद किया और वापिस आ गया मैने कुछ सोचा और प्लॉट की तरफ चल दिया वहाँ जाके तान्क झाँक की तो पता चला कि प्रीतम अपने बाडे मे हैं मैं सीधा वहाँ चला गया उसने मुझे देख के अनदेखा किया और अपना काम करती रही मैने कहा क्या बात हैं नाराज़ है क्या तो वो बोली कि अब मेरी सगाई हो गयी हैं मैं एक नयी शुरुआत कर रही हू तो मैने कहा मैं तो बस तुझसे एक बार मिलना चाहता था वो बोली मैं कोशिश करूँगी तो
मैने कहा कि आजकल मैं हमारे घर के पिछे की तरफ वाले कमरे मे रहता हू मोका लगे तो आ जइयो उसने कहा कि वो देखे गी दिन बहुत ही तेज गति से गुज़रते जा रहे थे सर्दियो ने दस्तक देनी शुरू कर दी थी चूत मारे पता नही कितने दिन हो गये थे अब तो याद भी नही था एक दिन कोई 7 बजे शाम को मैं अपनी स्टडी टेबल पे बैठा था किवाड़ खुले ही थे तभी प्रीतम धड़ धड़ाते हुए आ गयी और मुझसे लिपट गयी मैं हैरान हो गया कि ये यहाँ बिना बताए और वो भी ऐसे टाइम पे उसने मेरे होंटो पे एक किस दिया और बताया कि वो आज लास्ट टाइम के लिए आई हैं
आज के बाद वो मुझे कभी नही मिलेगी तो मैं उसे आज लास्ट टाइम चोद लू हालाँकि मेरा लंड निक्कर मे तन गया था पर मैने कहा दोस्ती की हैं तुझसे चूत का क्या हैं वो तो और भी मिल जाएँगी पर तेरे जैसे दोस्त नही मिलेगी उसकी आँखे थोड़ी नम हो गयी मैने उसे अपने सीने से लगा लिया कुछ देर हम ऐसे ही खड़े रहे फिर मैने उसे कहा अब तू जा वो जाने क लिए मूडी ही थी कि फिर से मेरे गले लग गयी और एक जोरदार किस शुरू कर दी पूरे 10 मिनट तक वो किस करती ही रही फिर मैने उसे हटाया और कहा मैं तुझे कुछ देना चाहता हू तो वो बोली तेरे साथ इतना टाइम बिताया वो ही बेस्ट गिफ्ट हैं और बाहर चल पड़ी जैसे ही वो निकली शीला भाभी अपने गेट से बाहर आ निकली उन्होने प्रीतम को मेरे यहाँ से निकलते हुए देख लिया पर प्रीतम ने कोई गोर ना किया और अपने रास्ते चली गयी
शीला मेरे पास आई ओर बोली जी ये यहाँ क्या लेने आई थी मैने कहा कि ये मेरी दोस्त हैं और मुझसे मिलने आई थी और आप प्लीज़ किसी को जिकर ना करना . भाभी ने एक शरारती मुस्कान मेरी ओर फेक्ते हुए कहा जी बिल्कुल ठंड बढ़ने लगी थी रज़ाईयाँ बाहर आ चुकी थी दीवाली कुछ ही दिन दूर थी कॉलेज भी बंद पड़ा था पर इन दिनो शीला के व्यवहार मे थोड़ा चेंज आने लगा था जब भी मुझे बात करती तो चुन्नी नही डालती थी और कई कई चक्कर लगा देती थी या अपने गेट से मेरे कमरे की तान्का झाँकी करती ही रहती थी अब मैं थोड़ा शीला की बारे मे बता दूं उमर कोई 33 के आस पास होगी उसका एक लड़का हैं जो उन दिनो अपनी बुआ के गया हुआ था शीला का रंग एक दम काला हैं पतली सी हैं चूची भी कुछ खास नही हैं पर नैन-नख्श बहुत ही तीखे हैं हाइट भी थोड़ी छोटी ही थी
उस दिन साढ़े 9 बज रहे थे सब लोग अपने अपने बिस्तरॉ मे दुब्के पड़े थे लाइट का हाल तो आपको पता ही हैं कि गाँवो मे उसके दर्शन कम ही होते हैं, मैं लॅंप की रोशनी मे अपनी किताबो मे खोया हुआ था कि पप्पू केघर से कुछ आवाज़ आई मैं उधर गया तो देखा कि वो नशे मे बुरी तरह धुत्त है पैर ज़मीन पे टिक ही नही रहे थे और वो शीला को गालिया बक रहा था तभी वो उसे मारने भागा पर मैने उसे पकड़ लिया नशा इतना ज़्यादा था कि वो मुझे पहचान नही पाया और गुस्से मे बड बड़ाने लगा मैने उसे धमकाया तभी उसने शीला को धक्का दे दिया मुझे बहुत गुस्सा आया मैने दो चार रख दिए उसे वो पलंग पे पड़ा और बेसूध सा हो गया
मैने उसे उठाया और अंदर ले जाके पटक दिया और शीला बुरी तरह से कांप रही थी मुझसे उसका हाल देखा ना गया उधर पप्पू अब भी बड बड़ाये जा रहा था कि आज तो इस रंडी को मार के ही छोड़ूँगा आज इसकी मौत आई हैं मैने सोचा कि अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया तो फिर शीला को मारेगा कही इसकी हड्डी पसली ना तोड़ दे नशे नशे मे तो मैं वही बैठ गया पर वो साला सो ही नही रहा था हालाँकि उसपे नशा छाया हुआ था हिम्मत तो उसकी खाट से उठने की भी नही हो रही थी पर मैं रिस्क नही लेना चाहता था नशेडियों का क्या भरोसा क्या कर दे
तो मैने कुछ सोचा और शीला का हाथ पकड़ा और उसे घर्से बाहर ले आया और उसके गेट पे ताला लगा दिया वो हक्की बक्की मेरी ओर देखने लगी मैं उसे अपने कमरे मे ले आया मैने उसे पानी की बॉटल देते हुए कहा कि देख भाभी पापु नशे मे हैं क्या पता क्या कर बैठे मान ले तू सोई पड़ी हैं और वो तुझे बुरी तरह से पीटने लगे तो कोन बचाएगा तू इधर ही सो जा सुबह जल्दी चली जइयो तब तक वो भी ठंडा हो जाएगा एक रात की ही तो बात हैं
मैने दरवाजे की कुण्डी लगा दी हम दोनो एक दूसरे के आमने सामने खड़े थे शीला के चेहरे पे एक कसमकश थी मैने उसका हाथ पकड़ा और उसे फोल्डिंग पे बिठा दिया और बोला भाभी घबरा मत ये भी तो तेरा ही घर हैं वो घबराई सी आवाज़ मे बोली जी पर बिस्तर तो एक ही है तो मैने कहा कॉन से जमाने की है तू हम दोनो इसी मे अड्जस्ट करलेंगे एक रात की ही तो बात हैं वो बोली जी पर मुझे संकोच हो रहा हैं मैं पहले किसी गैर मर्द के साथ ऐसे नही सोई हू तो मैने कहा वाह भाभी कर दिया ना पराया अब मैं गैर हो गया तो वो बोली जी ऐसी बात नही हैं पर कही कुछ ग़लत ना हो जाए
ये सुनते ही मैं चोंका , ये तो एक मोका था उसे चोदने का इतने टाइम से ये बात दिमाग़ मे आई ही नही थी ,मैने उसे मक्खन लगाते हुए कहा भाभी क्या ग़लत हो जाएगा और फिर कुछ हो भी गया तो माफ़ कर देना क्या इस देवर का आप पे इतना हक़ भी नही है मैने कहा डरो मत कुछ नही होगा और फिर भी आपका मन नही कर रहा तो आप अपने घर चली जाओ पर जब पप्पू मारेगा तो मैं नही आउन्गा अब वो फँसी काफ़ी देर सोचने के बाद बोली जी आपकी बात ठीक हैं मैं यही रुक जाती हू आप कोई पराए तो नही हो कम से कम मार से तो बचूंगी और रज़ाई मे घुस गयी
मैने अपनी निक्कर और स्वेटर उतारी अब मैं खाली कच्छे बनियान मे था वो बोली जी कपड़े क्यों उतार रहे हो तो मैने कहा भाभी मैं तो ऐसे ही सोता हू और मैं भी रज़ाई मे घुस गया फोल्डिंग 2 लोगो के हिसाब से थोड़ा छोटा था हमारे जिस्म एक दूसरे से सटे हुए थे कुछ देर ऐसे ही पड़े रह फिर मैने पूछा भाभी सो गयी क्या तो वो बोली जी नींद नही आ रही हैं वो दूसरी तरफ करवट लेके लेटी हुवी थी उनकी पीठ मेरी तरफ थी मैं भी उस से सट गया था मेरा लंड कच्छे मे सिर उठाने लगा था मैने अपने हाथ उसके पेट पे रख दिया और सहलाने लगा उसका पेट बुरी तरह काँपने लगा वो थर थराती आवाज़ मे बोली जीिइईईईईईईई कयययययययययययययययययययययययययययययययी कर रहीईईईईईईईईई हूऊऊऊऊऊऊऊऊ मैने कहा कुछ भी नही मैने लंड को कच्छे की क़ैद से आज़ाद कर दिया अब मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो रहा था मैने उस से ऐसे चिपका पड़ा था जैसे किसी ने फेविकोल से चिपका दिया हो मैं उसके पेट को सहलाए जा रहा था तभी मैने अपनी उंगली शीला की नाभि मे डाल दी और अंदर बाहर करने लागा वो फिर बोली जी ये आप क्या कर रहे हो ये ठीक नही है
मैं उसके कान मे धीरे से बोला की भाभी देवेर तो बस आपसे थोड़ा खेल रहा हैं वो बोली जी ऐसा खेल ठीक नही हैं मैने अपना हाथ उसकी छोटी छोटी चूची पे रखते हुए कहा भाभी ऐसा खेल रोज रोज तो होता नही हैं आज तो खेल के ही मानूँगा और चूची को दबाने लगा शीला भी पूरी औरत थी वो समझ तो गयी ही थी कि मैं क्या कहना चाह रहा हू उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोली जी ये ठीक नही हैं मैने कहा भाभी मैं बहुत दिनो से तुम्हे चाहता हू क्या मुझे तुम्हे थोड़ा प्यार करने का हक़ भी नही हैं
तो वो बोली जी हक़ तो है पर मेरी तो इज़्ज़त चली जाएगी ना मैं अपने पति को मूह कैसे दिखाउन्गि तो मैने कहा भाबी इसमे कोई बदनामी नही होगी तेरी और उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया मेरे गरम लंड को महसूस करते ही शीला मे करंट दौड़ गया उसने अपना हाथ हटा लिया और बोली जी आप रुक जाओ मुझे खराब मत करो मैने दुबारा उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया और बोला वैसे तो अपना मानती हो और आज पराया समझ रही हो भाबी आपको मेरी कसम एक बार मेरी प्यास बुझा दो प्लीज़
तो वो कुछ नही बोली बस मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे कस लिया और बोली तेरा ये तो बहुत बड़ा हैं उनका तो इस से पतला हैं, अब मैने उन्हे दुबारा से लिटा दिया और उनसे फिर चिपक गया वो बोली जी आप पे भरोसा करके अपनी इज़्ज़त आपको दे रही हू मेरी बदनामी ना करवाना
मैने कहा कुछ नही होगा मैने उनका चेहरा अपनी ओर किया और उनके काले काले होंटो को अपने होंटो मे भर लिया शीला काली बेशक थी पर थी गान्डस औरत उनके होन्ट डार्क चॉकलेट की तरह थे मैं पूरे मज़े से उन्हे चूसे जा रहा था वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी काफ़ी देर तक उसके होंटो का रास्पान करने के बाद मैं हटा रज़ाई के अंदर बहुत ही गर्मी हो गयी थी मैने उसकी चूची को चोली के उपर से ही दबाना शुरू किया वो आहे भरने लगी
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वो बोली जी थोड़ा आराम से कीजिए ना दर्द हो रहा हैं मैने कहा कि दर्द मे ही तो मज़ा होता हैं मेरी डार्लिंग और उसकी चोली को खोल दिया ब्रा तो डाली नही थी उसने काले रंग की चूचिया बिल्कुल पहाड़ो की तरह तनी हुई मुझे निमंत्रण दे रही थी मैने अब उसके घाघरे को भी उतार दिया वो मना करती रही पर मैं कहाँ रुकने वाला था अब हम दोनो नंगे रज़ाई ओढ़े पड़े थे मैने उसकी छोटी सी चूची को अपने मूह मे भर लिया और किसी बच्चे की तरह पीने लगा शीला पे कामुकता चढ़ने लगी मेरा हाथ उसकी पतली पतली जाँघो पे रेंग रहा था मैं उसकी चूची को निचोड़े जा रहा था वो पूरी कोशिश कर रही थी कि उसकी उत्तेजित आहे ना निकले अब मेरा हाथ उसकी जाँघो के जोड़ पे पहुचा उसने टाँगो को थोड़ा सा फैलाया तो मैने कस के उसकी चूत को दबा दिया चूत क्या थी बस कोई 2-3 इंच लंबी सी लाइन भर ही थी मैने उस पे अपनी उंगलिया फेरते हुए पूछा ये तो बहुत ही छोटी सी हैं एक बच्चा कैस निकाल दिया इसमे से तो वो शरमाते हुए बोली कि बच्चा तो ऑपरेशन से हुआ था और वो कई कई दिनो मे लेते हैं शायद इसलिए मैने अपनी उंगली चूत की लाइन पे फेरनी चालू की
एक तरफ तो बोबा चूसा और दूसरी तरफ चूत से छेड़खानी शीला बहुत ही उत्तेजित हो गई थी वो पूरे जोश से मेरे लंड को हिलाने लगी मैं शीला को पूरी तरह गरम कर देना चाहता था इस कदर कि वो खुद मेरे लंड को अपनी चूत मे डाले मैं बारी बारी से दोनो चूचियों को चूसे जा रहा था शीला के निप्पल तनाव से भर उठे थे पूरे एक इंच के हो गये थे जिन्हे मैं अपनी जीभ से रगडे जा रहा था शीला मस्ताती जा रही थी उसके मूह से कामुक सिसकारी निकलने लगी थी दोनो चुचिया मेरे थूक से भीगी पड़ी थी
मैं बोला भाभी तू तो बहुत गरम है और पप्पू तुझे पीट ता हैं शीला बोली जी उनको मेरी कदर ही नही हैं पिछले 5 महीने से एक बार भी नही ली हैं उन्होने मैने कहा चिंता मत कर भाभी अब मैं तेरी सारी कसर पूरी कर दूँगा और अपनी उंगली उसकी चूत मे सरका दी चूत क्या थी पूरी गरम भट्टी थी वो तो मैने पूरी उंगली अंदर घुमानी शुरू कर दी वो बोली जी ये आआआआआआआआआआआआआआआआआप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प क्याआआआआआआआआआआआआआआआआअ कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररहीईईईईईईईईईईईईईई हैं मैने कुछ देर उंगली घुमाई और फिर उसे अपने मूह मे डालके चूसने लगा वो बोली छी छी ये आप क्या करते है गंदी जगह मे डाली हुवी उंगली को ऐसे कोई चूस्ता हैं क्या तो मैने कहा मेरी रानी ये गंदी जगह थोड़ी ना है ये तो जन्नत का दरवाजा है और उसे उठा के रज़ाई के उपर लिटा दिया मैने उसकी दोनो टाँगो को जोड़ते हुए उपर उठा दिया जिस से उसकी चूत उभर आई मैने शीला से कहा कि देख मेरी रानी तुझे कैसे अब मैं जन्नत की सैर करवाता हू और अपनी जीभ उसकी चूत पे रख दी शीला का पूरा बदन झंझणा गया मैं जीभ को उपर नीचे करते हुए उसकी छोटी सी चूत को चाटने लगा चूत से उठती भाप की सुगंध मुझ पागल बनाए जा रही थी चूत से हल्का हल्का कामरस बहना शुरू हो गया था भाभी की टाँगे बुरी तरह कांप रही थी मैं उसे खुल के चाटना चाहता था पर उस पोज़िशन मे थोड़ा मुश्किल हो रहा था तो मैने उनकी टाँगे छोड़ी और उनको विपरीत दिशाओ मे फैला दिया काले रंग की चूत हल्के से बालो से भरी और सबसे कामुक तो उसकी वो पंखुड़िया थी जो अनचुई सी लग रही थी
अब उनकी पूरी चूत मेरे गीले होंटो के पास थी मैने बिना देर किए उसकी पंखुड़ियो को अपने मूह मे भर लिया औ चूसने लगा गाढ़े रस की धार निकली और मेरे मूह मे गिरने लगी शीला के हाथ उसके बोबो पे खुद ब खुद पहुच गये वो उन्हे बुरी तरह मसल रही थी पूरी जीभ उस गरम चूत का कोना कोना नाप रही थी फिर मैं थोड़ा उपर की ओर बढ़ा और उसके दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा बहुत ही छोटा प्यारा सा दाना शीला के बदन मे ज्वाला भड़क उठी थी उसकी मुत्ठियाँ रज़ाई के कोनो पे कस गयी थी उसके चूतड़ अब थिरक रहे थे कमर झटके खा रही थी मैं उसके मस्त दाने को चूसे ही जा रहा था अब मेरी जीभ दाने से लेके चूत के अंतिम छोर तक रेंग रही थी तभी शीला ने अपने चुतडो को उपर उठा दिया और उसकी चूत मे रस की नहर बह गयी ढेर सारा गाढ़ा चूत का रस मेरे मूह मे भर गया थप से वो फोल्डिंग पे गिरी और बहुत ही लंबी लंबी साँसे लेने लगी कुछ देर बाद वो नॉर्मल हुई
उनके चेहरे पे संतुष्टि के भाव थे चेहरे पे एक चमक सी आ गयी थी मैने उनके होटो पे एक पप्पी ली और पूछा मज़ा आया उन्होने शरमाती हुए कहा कि हम बहुत ही अच्छा लग रहा हैं तो मैने कहा चलो अब तुम्हारी बारी हैं तुम भी ऐसे ही इसे चूसो और अपने लंड को उनकी ओर किया तो वो बोली हाई राम मैं इसे कैसे अपने मुँह में ले सकती हू मुझे तो उल्टी आ जाएगी तो मैं बोला अरे डार्लिंग कुछ नही होता औरतें तो मरती हैं लंड चूसने के लिए देखो अभी जब मैने तेरी चूत को चूसा तो तुम्हे कितना मज़ा आया अब तुम्हारी बारी हैं तो मना कर रही हो शीला बोली ठीक हैं पर मैं बस दो मिनिट ही मूह मे लूँगी मैने कहा ठीक है
तो उन्होने अपने सर को झुकाया और मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया जैसे ही उनकी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पे टकराई मेरे बदन मे सिरहन पैदा हो गयी उन्होने अब मेरे सुपाडे पे अपनी जीभ फेरनी शुरू की उनके थूक से लंड गीला होने लगा अब उन्हे भी लंड चूसना पसंद आ रहा था कहाँ तो वो कह रही थी कि दो मिनिट ही मूह मे लेंगी और अब चूसे ही जा रही थी मैने उनके सर को अपने लंड पे दबाव डालते हुए थोड़ा और झुकाया अब पूरा लंड शीला के मूह मे था जो उसके गले तक पहुच गया था और गले मे उतरने को बेताब हो रहा था पर शीला उसे अपने मूह से निकाल नही रही थी मुझे तो बहुत ही ज़्यादा मज़ा रहा था
मुझे लगा कही मैं उसके मूह मे ना झाड़ जाउ तो मैने उन्हे हटाया पूरा लंड थूक से सना एक दम चिकना हो गया था भाभी को मैने अपने नीचे किया और उसकी पतली पतली जाँघो को अपनी टाँगो पे चढ़ाया और अपने लंड को चूत पे रगड़ने लगा मैं उन्हे थोड़ा तड़पाना चाहता था ताकि वो खुद मुझे चोदने के लिए कहे मेरा सुपाडा उनकी चूत के छेद मे फसा पड़ा था जिसे मैं वहाँ पे रगडे जा रहा था भाभी की साँसे गरम होने लगी थी आँखे मस्ती से मूंद रही थी मैं बिना किसी जल्दी के अपने लंड को चूत के द्वार पे घिसे जा रहा था तभी उनके मूह से निकला कि अब क्या देर हैं डाल भी दो ना इस मेरी चूत मे ये सुनते ही मैने एक धक्का मारा और चूत की दीवारो को चीरता हुआ आधा लंड अंदर घुस गया शीला की आहह निकल गई उसके होंठ गोल हो गये वो बोली धीरे से दर्द हो रहा है
आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैने कहा दर्द कैसे हो रहा है वो बोली कई दिन मे चुद नही रही हू ना इस लिए और कराहने लगी मैने कहा बस अभी ठीक हो जाएगा और एक धक्का और मारते हुए लंड को पूरी जड़ तक अंदर घुसा दिया चूत की फांके लंड से बिल्कुल चिपक गयी थी वो दबी दबी आवाज़ मे बोली हाईईईईईईईईईईईईईईईई राआआआआआआआआआअम्म्म्मममममममममममममममम
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म्म्म्मआमममममममम आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तो मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
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तो मैने उन्हे कहा कि तू क्या कुँवारी लड़की की तरह कर रही हैं कुछ नही होगा तो वो बोली क्या करू दर्द तो होता हैं ना तो मैने कहा अभी देख तेरा दर्द छू मंतर हो जाएगा और उसकी गर्दन को चूमने लगा उसकी सांस मेरे चेहरे पे टकरा रही थी
आज तो शीला ने रात बना दी थी मैने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर घुसा दिया शीला की सिसकारिया मेरा जोश और भी बढ़ाने लगी थी चूत मे लंड जाते ही उसकी सारी लाज़ शरम खो गयी मैने उसके होटो को चूसना शुरू कर दिया था वो भी मज़े से अपने होटो को चुसवाने लगी थी हमारा थूक आपस मे घुलने लगा बस कुछ ही देर मे लंड शीला की चूत मे अड्जस्ट हो गया था
और अब वो मज़े से चुद रही थी उसकी सिसकारिया मूह मे ही क़ैद हो गई थी शीला ने अपनी बाँहे मेरी पीठ पे कस दी और मज़े से अपनी चूत को मरवाने लगी मैं पूरा दम लगा के उसकी चूत मार रहा था बहता हुवा पानी चूत को चिकनाई प्रदान कर रहा था शीला ने अपने होंठ छुड़ाए और बोली जी बस ऐसे ही करिए बहुत दिन बाद आज मन की मुराद पूरी हो रही हैं वो तोमेरि तरफ देखते भी नही हैं मेरी बिल्कुल कदर नही करते है आपका बहुत धन्यवाद जो अपने मुझे ये ख़ुसी दी मैने अपने मन मे सोचा कि रे पगली थॅंक्स तो मुझे कहना चाहिए क्योंकि मेरे लिए एक और चूत का जुगाड़ हो गया था मैं ताबड तोड़ उसे चोदे ही जा रहा था
शीला ने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट दिया और अपने चूतड़ मटकाते हुए मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी कमरे मे गर्मी एक दम से बढ़ गई थी शीला की मस्त चुदाई पूरे ज़ोर से चालू थी तभी उसने मुझे अपनी बाहों मे बुरी तरह कस लिया और मुझसे चिपक गयी उसके चुतडो की थाप ढीली पड़ गयी थी चूत की फांके फड़फदाई और वो निढाल हो गयी मैं समझ गया कि वो झाड़ गयी हैं पसीना उसके माथे से बह रहा था पर मैं नही रुका मैं उसे लगातार चोदे ही जा रहा था वैसे तो मेरा भी इतने टाइम तक निकलजाता हैं पर पता नही क्यों उस टाइम मुझे टाइम लग रहा था मैं बस शीला को चोदे जा रहा था शीला अब हाई हाई करने लगी थी
चूत का पानी भी सूखने लगा था जिस से घर्षण मे परेशानी सी हो रही थी तो मैने लंड को बाहर निकाल कर उसपे थूक लगाया और फिर से चूत मे धकेल दिया मैं शीला को ऐसे चोद रहा था कि वो मेरा लास्ट सेक्स हो शीला भी थोड़ी परेशान होने लगी थी पर मैं नही रुका तभी वो बोली मुझे चोदो चोदो मैने कहा क्या हुआ बस कुछ ही देर की तो बात हैं तो वो बोली जी मुझे दो मिनिट जाने दो मैने कहा नही तो वो बोली जी कहीं मेरा मूत ना निकल जाए मैने शॉट मारते हुए कहा निकलने दो मैं पी जाउन्गा वो सोची कि मैं मज़ाक कर रहा हू वो अब बुरी तरह से मचलने लगी थी वो लरजते हुए बोली जी मैं अब ना रोक सकूँगी और उसका बदन ऐंठने लगा
मैने लंड को झट से बाहर निकाला और अपना मूह उसकीचूत पे लगा दिया कुछ पलो बाद एक गरम धार मेरे मूह मे आके गिरी खारा सा मूत मुझे बहुत अच्छा लगा मैने शीला का सारा पेशाब पी लिया जैसे वो कोई जूस हो मैं पूरा खारा पानी गाटा गट पी गया शीला के चेहरे पे हैरानी के भाव थे वो बोली आप बहुत ही गंदे हो ऐसा भी भला कोई करता हैं क्या तो मैने कहा तुम बस देखती जाओ क्या क्या होता हैं और उसकी टाँगो को चौड़ी करते हुए दुबारा से लंड को अंदर डाल दिया मैं उसे बहुत ही बेदर्दी से चोदे जा रहा था मैं अपनी मंज़िल को हर हाल मे पाना चाहता था मैने कुछ धक्के और लगाए और शीला पे गिर गया
लगा जैसे मेरी जान ही निकल गयी हो लंड से वीर्य की पिचकारी निकले ही जा रही थी जो उनकी चूत मे समाती जा रही थी उनकी चूत ने वीर्य की एक एक बूँद को अपने अंदर समेट लिया बहुत देर तक मैं उनके उपर ही पड़ा रहा शीला मुझसे किसी छोटी बच्ची की तरह चिपकी पड़ी थी आज उसने एक अलग तरह से चुदाई के सुख को प्राप्त कर लिया था मैं भी उसे चोद के तृप्त हो गया था
मैने शीला के चुतडो पे हाथ फेरते हुए पूछा कि मज़ा आया तो वो बोली मेरे ब्याह को इतने दिन हो गये पर आज तक ऐसे कभी नही चुदि हू मैने उसके चुतडो को मसल्ते हुए कहा अब तो आदत डाल लेना अब ऐसी चुदाई बार बार होगी तुम्हारी ये सुनके उसने मेरे सीने मे अपना मूह छुपा लिया मेरी उंगलिया उसकी गान्ड की दरार से होती हुवी छेद तक पहुच गयी थी मैने गान्ड के छेद मे उंगली फसाई तो वो बहुत ही ज़्यादा टाइट था मैने पूछा कि भाभी कभी यहा पे लंड डलवाया है तो वो बोली अरे ये तो टट्टी की जगह है यहाँ कोई थोड़ी डालता हैं मैं बोला रे मेरी प्यारी तू कितनी भोली हैं अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद कर रही थी अब तू सही ठिकाने पे आई हैं देख मैं तुझे कितना मज़ा देता हू
वो बोली जी आप चाहे कुछ भी करो बस मेरी बदनामी ना होनी चाहिए मैने कहा तू बस मज़े ले और बाकी मुझ पे छोड़ दे वो बोली चलो अभी सो जाते हैं तो मैने उसे रोका और कहा आज ना सोउंगा ना तुझे सोने दूँगा मेरी रानी और उसका हाथ मे अपना लंड दे दिया मैं कहा अभी तो तेरी गान्ड भी फाड़नी हैं मुझे वो बोली मैं गान्ड नही मारने दूँगी
मैं उसके उपर आया और उसके होटो पे अपनी जीभ फेरने लगा शीला ने अपने मूह को खोला और मेरी जीभ को अंदर ले लिया और उसकी ज़ुबान मेरी से टकराने लगी एक मिठास सी मेरे मूह मे भरने लगी थी मेरा पूरा वजन शीला की चूचियो पे पड़ रहा था
काफ़ी देर तक मैं उसे किस करता रहा शीला की सांसो का भार बढ़ गया था अब मैने उसे टेढ़ी किया और उसके पीछे आके लेट गया मेरा लंड उसकी गान्ड से टकरा रहा था शीला के पसीने की उठती खुसबू मुझे मदहोश कर रही थी मैने एक हाथ उसकी साइड से निकाला और उसकी एक चुचि को पकड़ लिया और उसे दबाने लगा शीला की गान्ड खुद ही पीछे हो गयी जिसकी गर्मी पाकर मेरा नागराज बेकाबू होने लगा था मैने उसे शीला की गान्ड मे थोड़ा फिट किया मेरे होठ उसकी गर्दन को चूमने लगे थे एक हाथ उसकी चूची को दबाने मे व्यस्त था तो मैने दूसरे हाथ को उसकी चूत पे रख दिया और उसके दाने को छेड़ने लगा शीला जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी थी
वो बोली जी मुझसे कंट्रोल नही हो रहा हैं जल्दी से चोदो मुझे मैने कहा अभी तो शुरुआत हुई हैं अंजाम तो बाकी हैं और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी मे भर के मसल्ने लगा एक गरम औरत की मस्त जवानी और वो भी सर्दियों की रात महॉल तो जबरदस्त था ही मैने दो उंगलिया उसकी चूत मे एक साथ घुसेड दी और उन्हे अंदर बाहर करने लगा शीला मेरी बाहों की क़ैद मे मचल रही थी मेरी उंगलिया उसके रस से पूरी भीग गयी थी कुछ देर तक दोनो उंगलियो को अंदर बाहर करने के बाद मैने उन्हे चूत से निकाला और शीला के मूह मे डाल दिया वो अपनी ही चूत का रस चाटने लगी ये सीन देख के मेरे रोम रोम मे वासना और प्रबल हो गयी
मैने अब उसकी एक टाँग को थोड़ा उँचा उठाया और अपना लंड उसकी गीली चूत पे टिका दिया लंड को अपने मूह पे महसूस करते ही चूत के होंठ अपने आप खुल गये और लंड अपना रास्ता बनाता हुवा शीला की चूत की सैर करने लगा मेरे दोनो हाथ उसकी चुचियों पे कस चुके थे शीला मस्ती के आलम मे खोने लगी थी उसकी गरम आहिीईईईईई चुदाई का जोश बढ़ा रही थी किसी पतीली औरत को टेढ़ी करके चोदने मे बड़ा ही मज़ा आता हैं शीला की चूत लंड पे दबाव डाल रही थी उसकी गर्मी से मेरे लंड की नसे और भी उभर आई थी मैने अब उसकी टाँग को थोड़ा अड्जस्ट किया और अपने शॉटो की गति को बढ़ाने लगा शीला ने अपनी चूत को थोड़ा टाइट कर लिया था
जिस से उसे चोदने मे और भी मज़ा आ रहा था शीला बस आअहह्ा आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह ह्यूम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म कर रही थी वो भी धीमी आवाज़ मे .
कुछ देर बाद मैं हटा और उसे फर्श पे खड़ी कर दिया आप मैने उसे गोदी मे उठाया और अपने लंड पे बिठा दिया वो मेरी बाहों मे थी मैने उसे मजबूती से थाम लिया और वो भी अपने कुल्हो को हिलाते हुए लंड पे उपर नीचे होने लगी थी मेरे हाथ उसके चुतडो पे जमे हुए थे इस पोज़िशन मे लंड पूरा उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था चुदाई का ये वाला स्टेप तो बहुत ही जबरदस्त था उसके चूतड़ पसीने से गीले होने लगे थे जिस से उसे थामने मे थोड़ी परेशानी होने लगी थी चूत का पानी बहता हुवा उसकी जाँघो तक आ पहुचा था वो मुझसे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपकी हुवी थी उसे काफ़ी देर तक ऐसे ही थामने की कारण मेरी टाँगे दुखने लगी थी तो मैने उसे नीचे उतारा और मेरी स्टडी टेबल पे लिटा दिया अब मैने उसकी टाँगो को चौड़ा किया और एक बार फिर से मेरा लंड चूत की मौज लेने लगा मैं खड़ा खड़ा उसे चोद रहा था शीला बस मेरा साथ दे रही थी मेरे अंडकोष पूरी गति से उसके कुल्हो से टकरा रहे थी कमरे मे हमारी सांसो के अलावा बस थप थप की आवाज़ ही गूँज रही थी 40 मिनिट तक हमारी दमदार चुदाई चलती रही फिर शीला ने अपने घुटने टेक दिए और अपने काम सुख की ओर बढ़ चली मेरा भी बस होने ही वाला था मैने अपने लिंग को बाहर की ओर खींचा और उसे हिलाते हुए अपना वीर्य उसकी चूचियों पे छोड़ दिया
चुदाई के सफ़र मे एक पड़ाव और पार कर लिया था मैने संतुष्टि मेरे चेहरे पे झलक रही थी शीला ने अपनी चोली से चूचियो पे पड़े वीर्य को सॉफ किया और फिर अपने कपड़े पहने लिए मैने कहा कि रूको अभी एक राउंड ऑर चलेगा तो उसने साफ माना कर दिया कि अगर एक बार और चुदेगि तो वो फिर सुबह उठ नही पाएगी मैने भी उसका मन रखते हुए ज़्यादा ज़िद नही की कुछ ही देर मे वो सो गयी और मैं अपनी स्टडी टेबल पे बैठ के अपनी एक और दास्तान को डायरी मे दर्ज करने लगा
काफ़ी देर तक मैं पन्नो को स्याही से भिगोता रहा मेरी आँखो से नींद जैसे रूठ गयी थी मैं बस अपनी धुन मे लगा रहा जब उठा तो देखा कि साढ़े 4 बज रहे हैं मैने शीला को उठाया अपनी आँखो को मल्ति हुवी वो उठी उसे एकदम से कुछ समझ नही आया फिर थोड़ा होश आया तो रात की याद आके वो शरमा गयी मैने उसे कहा कि अब तुम्हे जाना चाहिए मैं उसके साथ उसके घर गया पप्पू गहरी नींद मे सोया पड़ा था मैने शीला को समझाया कि अगर उसे कुछ याद भी आए तो तू बोल दियो की तू तो यही पे सोई पड़ी थी उसने कहा हम तो मैने उसे किस किया और अपने रूम मे आ गया सर्दियों की सुबह थी तो घर वाले भी नही उठे थे मैं बिस्तेर पे लेट गया
और अपनी जिंदगी के बारे मे सोचने लगा मैने सोचा अगर मिता को पता चल जाए कि मैं किस तरफ दोहरी जिंदगी जी रहा हू एक तरफ मेरा दिल था जो बस मिता के लिए ही धड़कता था और दूसरी तरफ मैं ऐसा भँवरा था जो हर फूल का रस चूसने के चक्कर मे रहता था पता नही ये जिंदगी आगे चल के क्या गुल खिलाएगी ये सब सोचते हुए कुछ देर के लिए मेरी आँख लग गयी एक हल्की सी झपकी ली ही थी कि किसी ने बुरी तरह किवाडो को खड खड़ा दिया मैने अधखुली आँखो से किवाड़ खोले तो पापा खड़े थे बोले उठना नही है क्या मैने ताला लगाया और उनके पीछे पीछे घर चल पड़ा सुबह हमेशा की तरह बड़ी ही व्यस्त होती थी कॉलेज की तैयारी करना बड़ी ही मुश्किल होती थी
उन दिनो कॉलेज लाइफ की कभी याद आ जाती हैं तो मूड उदास हो जाता हैं खैर ये सब तो पार्ट है लाइफ के उस टाइम कॉलेज जाना बुरा लगता था कॉलेज मे कुछ ख़ास दोस्त बन गये थे हमारा एक ग्रूप था जिसमे मैं, मिता, रीना , अजय भाई और नीनु थी अब साला पढ़ाई का प्रेशर भी पड़ने लगा था मुझपे खास कर 24 घंटे बहुत ही कम लगते थे पता ही नही चलता था कि कब अगला दिन आ गया था कॉलेज मे एक्सट्रा क्लासस लगनी शुरू हो गयी थी घर आते आते अंधेरा हो ही जाता था बीच मे दो तीन बार शीला की चूत मार ली थी पर वो सब ऐसे ही जल्दी जल्दी मे हुआ था कोई मज़े वाली बात नही थी इसलिए उसका वर्णन नही करूँगा समय अपनी चाल चले जा रहा था
नवेंबर आ चुका था दिन बस कट रही लाइफ बिल्कुल झंड हो चुकी थी बस स्टडी स्टडी और स्टडी मूतने का भी वक़्त नही था चूत के बारे मे सोचना तो बड़ा गुनाह सा था 24 नवंबर को मिता का जनमदिन था मैं उसे कोई गिफ्ट देना चाहता था पर जेब खाली थी मैने घरवालो से 3000 रुपये माँगे उन्होने पूछा कि इतने पैसे क्यों चाहिए अब बता भी नही सकता था जबकि उसके लिए हर हाल मे उसके लिए गिफ्ट तो लेना ही था अब मेरी अंतिम आस मेरी प्यारी चाची थी पर उन्होने भी अपने हाथ खड़े कर दिए बोली पैसो का हिसाब मैं नही रखती पर उन्होने पूछा कि किसलिए चाहिए मैने बताया की मेरी दोस्त का जनमदिन हैं उसे गिफ्ट देना हैं मैने उन्हे मिता के बारे मे बता दिया
उन्होने कहा मैं कुछ करती हू उन्होने अपनी अलमारी खोली और एक चाँदी की चैन मुझे दे दी और बोली कि ये दे देना मैने कहा ये तो बहुत महँगी होगी चाची तो वो बोली तू ले ले और वो चैन मुझे दे दी मैं भी खुश हो गया अब बस इंतज़ार था 24 नवंबर का और आख़िर वो दिन आ ही गया बड़े ही जोरो से उसका बर्थ’डे सेलेब्रेट किया हमारे ग्रूप ने किराए पे कॅमरा लेके आए वो तस्वीरे आज भी जब देखता हू तो दिल मुस्कुरा देता हैं सारी तैयारी कर ही ली थी हम सब कॉलेज कॅंटीन मे बैठे हुए थे काफ़ी मस्ती चल रही थी मिता उठी और बाहर की तरफ आ गयी मैं भी उसके पिछे पीछे आ गया मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा मैं उस से कुछ कहना चाहता था
पर हिम्मत नही हो पा रही थी वो बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ नही वो बस हल्का सा मुस्कुरा के रह गयी समझ तो गयी थी वो भी पर मेरे मूह से शब्द निकले ही नही फिर उसने कहा छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा देखने दो उसने पूछा क्या हक़ है तुम्हारा मैने बस इतना ही कहा कि अपने आप से पूछ लो वो हसी और अंदर चली गयी आज का दिन पूरी तरह मस्ती मे बीता सांझ ढले घर आया कपड़े बदले डिन्नर किया थोड़ी देर घर वालो से गप्पे लड़ाई और फिर अपने रूम की ओर चल पड़ा कमरा खोल के बस थोड़ा समान जो अस्त व्यस्त पड़ा था उसे सेट कर ही रहा था कि शीला ने दस्तक दी मैने कहा तू इस समय क्या????????????????????? तो वो बोली कि आज ये एक शादी मे गये हैं और सुबह ही आएँगे तो मुझे अकेले डर लगेगा आप आ जाओ तो और उसने बात को अधूरी छोड़ दिया मैने कहा तो क्या तो वो बस मंद मंद मुस्कुराने लगी ये एक तरह से उसका मुझे बुलावा था मैने कहा थोड़ा काम हैं और थका हुआ भी हू तो उसने बच्चों जैसे ज़िद करते हुए कहा मुझे नही पता आपको चलना ही पड़ेगा
अब चूत की ज़रूरत किसे नही होती थोड़े नखरे करने के बाद मान ना तो था ही मुझे मैने उसकी पप्पी ली और बोला तुम चलो मैं एक घंटे बाद आउन्गा वो क्या हैं अभी इतना टाइम नही हुआ है कोई आ निकला तो कही दिक्कत ना हो जाए वो खुश होके चली गयी कोई साढ़े 9 बजे मैने ताला लगाया और शीला के घर पहुच गया
जब मैं उसके कमरे मे गया तो वो बिस्तर को ठीक कर रही थी मुझे देख के उसकी आँखो मे चमक आ गयी और वो थोड़ा झुक के पलंग की चादर को ठीक करने लगी उसकी गान्ड मेरी तरफ थी जो हिलती हुई मुझे बुला रही थी मैने कुण्डी लगाई और शीला को पीछे से पकड़ लिया और सीधा उसके बोबो को पुचकार्ने लगा वो बोली आह इन्हे ऐसे ना दबाओ दर्द होता हैं
मैने कहा पर मज़ा भी तो आता है तो वो हंस पड़ी मैने बिना देर करते हुए नंगी करना शुरू किया कुछ ही पलो मे उसके बदन पे कपड़ो का नामो निशान भी नही था मैने अपने कपड़े भी उतार दिए शीला मुझे देखते हुए बोली आज तो बड़े उतावले हो रहे हो मैने कहा तेरी चूत मे कम आग लगी हैं क्या जो मुझे बुलाने पहुच गयी थी शीला मेरी ओर बढ़ी
और लंड को अपनी मुट्ठी मे भरते हुए बोली कि मैं तो इसके लिए गयी थी और मेरी गोलियो को भींच दिया मैने भी जोश मे आकर उसकी चूत के बालो को खींच दिया उसके बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो बोली ऐसे कोई करता है क्या मैने बोला तुम करो तो ठीक है मैं करू तो ग़लत मैं पलंग पे बैठा और उसे खींच के अपनी गोद मे बिठा लिया और उसके गालो को अपने दांतो मे दबा लिया मेरा लंड उसकी गान्ड मे सेट हो गया था
मैने उसके गालो को चूसना शुरू किया जी कर रहा था कि उन्हे कच्चा ही चबा जाउ आज मैं पूरी तस्सली से उसे चोदना चाहता था. लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और बस किसी छेद की तलाश कर रहा था. उसने अपने होठ मेरी तरफ बढ़ाए तो मैने भी रेस्पॉंड करते हुए उसके अधरो को अपने होंठो मे दबा लिया वो मेरे सर के बालो को सहलाने लगी शरीर गरम होने लगे थे होंठ ऐसे चिपके पड़े थे जैसे इस जनम मे तो अलग होंगे ही नही 15 मिनिट का लंबा चुंबन बस चलता ही रहा फिर वो बोली मेरी गान्ड मे ये चुभ रहा हैं
और मेरी गोदी से उतर गयी मैने उसेके हाथ पलंग की पुष्ट पे रखे और उसे चोपाया बना दिया उसके काले काले पर चिकने चूतड़ बाहर की तरफ़ निकल आए थे मैने अपनी जीभ उसकी गान्ड पे फेरनी चालू की उसकी खाल थोड़ी टाइट सी थी मेरे मूह से टपकता थूक उसके चुतडो को और भी चिकना कर रहा था शीला अपनी गान्ड मटका रही थी मुझे उत्तेजित करने के लिए अब मैने उसके चुतडो को थोड़ा फैलाया और और चूत मे एक उंगली उतार दी शीला
सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईीकारने लगी मैने एक झापड़ उसके कुल्हो पे लगाया और उसको थोड़ा और नीचे झुका दिया पानी टपकाती चूत अब मेरी रेंज मे आई , मैने नीचे बैठते हुए उसकी चूत को थोड़ा फैलाया और अपना मूह उस से सटा दिया शीला की टाँगे थोड़ा बॅलेन्स खोने लगी अब मैं पूरी तरह से उसकी टाँगो के बीच आ चुका था मैने अपने होठ उसकी झन्टो से भरी चूत पे रख दिए और उसे चूसने लगा वो
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ करने लगी उसकी दोनो पंखुड़ियो को मैने अपने मूह मे भर लिया और उन्हे काट ते हुए चूसने लगा मेरे होंठ उसके खारे रस से पूरी तरह भीग चुके थे ज्यो ज्यो मैं उसकी चूत को चाट ता जा रहा था उसके चूतड़ हिलने लगे थे शीला मस्ता गयी थी अब उसकी हिलती गान्ड बड़ी ही प्यारी फीलिंग दे रही थी
इधर लंड भी आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था मैने उसपे थूक लगाया और शीला की कमर को पकड़ते हुए एक ही झटके मे पूरा लंड चूत मे पहुचा दिया शीला दोहरी हो गयी वो बोली आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
फ़ाआआआआआााअद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड डियीयियैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैयियीयिकाइयेयीययाया हीयीईयी माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ
ऐसे कोई करता है क्या मैने लंड को थोड़ा पीछे खींचा और फिर से एक तगड़ा धक्का मार के उसे वापिस पहुचा दिया शीला कुछ बॅड बड़ाये जा रही थी मैने उसकी गर्दन को चूमते हुए कहा क्यो नखरे दिखाती हैं चूत तो रोड होती है लंड जैसे कितना ही ट्रॅफिक गुज़रे रोड का क्या बिगड़ता हैं
और अपनी कमर को हिलाते हुए चूत पे धक्के लगाने लगा लंड चूत मे अच्छी तरह सेट हो चुका था तो शीला भी अब मज़ा लेने लगी थी उसने अपना मूह थोड़ा पीछे घुमाया तो मैने उसके होंठो को एक बार थाम लिया और चूमने लगा चुदाई का नशा हम पर अब पूरी तरह छा गया था हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड मचका मचका कर दे रही थी कोई दस मिनिट तक चोदने के बाद मैने लंड को चूत से निकाला वो मेरी तरफ ऐसे देखनी लगी जैसे किसी कुत्ते के आगे से हड्डी छीन ली हो मैं पलंग पे लेटा और उसे अपने लंड पे बैठ ने को कहा उसने लंड को अपने हाथ मे लिया और चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर तक रगड़ा फिर धीरे धीरे लंड पे बैठ गयी मैं उसकी चूचियों से खेलने लगा कुछ ही देर मे उसने गाड़ी को टॉप गियर मे लगा दिया और मस्ती से सारॉबार होते हुए लंड पे कूदने लगी चूत के रस से लंड पूरा चिकना हो गया था और बड़ी ही तेज़ी से चूत मे फिसल रहा था मेरे हाथ उसके चुतडो पे कसे हुए थे अब मैं अपनी एक उंगली को गीला किया और उसकी गान्ड मे डालने की कोशिस करने लगा पर गान्ड बहुत ही ज़्यादा टाइट थी तो वो जा नही पा रही थी।
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मैने दम लगाया तो थोड़ी सी उंगली गान्ड मे घुस गयी शीला के बदन मे दर्द की लहर चल पड़ी उसने अपनी गान्ड को भीच लिया और बोली क्या करते हो दर्द होता है तो मैने कहा थोड़ी ढीली तो करनी ही पड़ेगी ना आख़िर गान्ड भी तो मारनी है तुम्हारी तो वो बोली वो सब बाद मे देखेंगे अभी मेरी चूत की आग तो बुझाओ पहले तो मैने कहा हाँ मेरी जान तेरी आग बुझाने के लिए ही तो यहाँ हू और उसे अपने उपर से उतार दिया अब वो अपनी टाँगो को विपरीत दिशाओ मे फैलाए पलंग पे पड़ी थी
मैने उसकी गान्ड के नीचे तकिया लगाया और अपने लंड को चूत पे घिसने लगा बेकाबू लंड चूत मे खुद ही रास्ता ढूंढता चला गया अब मैं पूरी तरह शीला पे छा चुका था उसने अपनी बाहें कस दी थी पूरा मज़ा लेते हुए मुझे भी काम सुख प्रदान कर रही थी मेरे हर धक्के पे उसकी चूचिया उछल कूद मचा रही थी दिल कर रहा था कि ये रात कभी ख़तम ही ना हो मेरा लंड चूत का भुर्ता बना ने पे तुला हुवा था शीला की बाहें मुझे ऐसे जकड़े पड़ी थी कि मेरे पूरे शरीर को चूत मे घुसाना चाहती हो
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करते हुए वो अपनी चूत मरवा रही थी वो बस पागलो की तरह आहे भरे ही जा रही थी मैने कहा थोड़ा धीरे कही कोई सुन ना ले तो वो बोली सुन ने दो आज मैं खुल के चुदुन्गि आज मैं अपने मन की करूँगी मैने सोचा ये मान ने वाली नही है
उसके नाख़ून ने मेरी पीठ को बुरी तरह खरोच डाला था वो बस आहें भरे जा रही थी मैं उसके होटो पे अपने दांतो से काटने लगा पर उसने बिल्कुल मना नही किया बोली कुचल दो मुझे आज लूट लो मुझे आज आज मैं दिल खोल के चुदुन्गि बस आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईईईीईीईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई छोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड
द्द्दद्डूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ
ऊऊऊओचद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड
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द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्डूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊमुज्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह
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चोदो चोदो मुझे मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी वो जंगली हो चुकी थी उसकी गान्ड पूरी तरह उपर उठी हुवी थी वो बड़े ही मज़े से चुद रही थी उसका कंपन बढ़ता जा रहा था मैं समझ गया था कि बस किसी भी पल वो झाड़ सकती है मैं पूरे दम से उसे चोदे जेया रहा था कुछ मिनिट ही बीते होंगे की उसने अपने शरीर को टाइट कर लिया वो बुरी तरफ से मुझसे चिपक गयी और एक ठंडी आह के साथ वो झड़ने लगी चूत से पानी बह चला आख़िर कब तक रुकता उसका चल ही रहा था कि मैं भी ढेर हो गया लंड से निकलती पिचकारी चूत के हर कोने को भिगोने लगी दोनो का पानी एक जगह इकट्ठा होने लगा मैने उसकी एक लंबी पप्पी ली और उसके उपर ही लेट गया .
मैने अपने होठ उसके चेहरे से हटाए और उसके उपर से उतार कर साइड मे लेट गया शीला ने अपना चेहरा मेरे सीने पे रख दिया मैं उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा मैने उस से पूछा भाभी तुम मेरे साथ रहोगी या औरो की तरह वक़्त आनेपे तुम भी पतली गली पकड़ के निकल जाओगी वो बोली जी देखो मैं सीधी सादी औरत हू, मुझे दुनिया दारी की इतनी समझ नही है मैं बस इतना ही कह सकती हू जब तक बस चलेगा आपके साथ रहूंगी मेरे चेहरे पे एक फीकी हँसी आ गयी मैं उठा थोड़ा पानी लिया और अपने सूखे गले को तर किया वो भी उठ के आँगन मे आ गयी और मूतने के लिए बैठ गयी
सररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र
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र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए वो पेशाब कर रही थी मैं उसे देखे जा रहा था मूतने के बाद वो उठी नही बल्कि बैठे बैठे ही थोड़ी अदा से अपनी चूत को सहलाया और नखरे के साथ खड़ी हुवी
वो इठलाते हुए मेरी ओर आ रही थी उसकी हिलती चूचियो का कंपन मुझे महसूस होने लगा था हाइट थोड़ी छोटी होने के कारण वो और भी मस्त लग रही थी फिर उसने गिलास भरा और पानी पीने लगी उसके होटो से टपकती पानी की बूंदे उसे और भी सेक्सी बना रही थी थोड़ा पानी छलक के उसकी छातियो पे गिर गया था जो एक लकीर बनाते हुए उसकी नाभि तक पहुच गया था अब हम कमरे मे आ चुके थे वो मेरी गोद मे अपना सर रख के लेटी हुई थी मेरा लंड उसके गालो से टच हो रहा था उसने अपना मूह खोला और बड़े ही प्यार से मेरे सिकुडे हुए लंड को अपने मूह मे भर लिया और उसपे अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगी मेरे सोए पड़े लंड मे हरकत होने लगी
मैं अपने हाथो से उसके सर के बालो को सहलाने लगा वो वैसे ही लेटे लेटे मेरे लंड को चूसने लगी लंड का साइज़ अब बढ़ने लगा था मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और मुखमैथून का आनंद लेने लगा उसने अपने मूह को थोड़ा अड्जस्ट किया और एक बार फिर लंड पे टूट पड़ी एक सेकेंड के लिए भी वो उसे अपने मूह से बाहर नही निकाल रही थी थोड़ी देर और लंड चूसने के बाद मैने उसे हटाया और अपनी बाहों मे समेट ते हुए कहा भाभी गान्ड मारने दो गी क्या वो बोली मेरी गान्ड के पीछे क्यो पड़े हो मैने कहा सब मरवाती है मज़े ले लेकर और एक तुम हो जो मना करती रहती हो उसने कहा आजतक मेरे पति ने नही मारी फिर आपको क्यों दूं ??
मैने कहा आज तक मैने जितनी भी औरत या लड़कियो को चोदा है गान्ड ज़रूर मारी है तेरी भीमारूँगा बोल देगी या नही उसने काफ़ी देर तक कुछ सोचा फिर बोली बस एक बार मर्वाउन्गि मैने कहा हम ठीक है मेरी कॅटटो और जल्दी से उसे उल्टा लिटा दिया उसकी गान्ड लाजवाब थी अन्चुइ पर आज उसकी सील पक्का टूटने वाली थी मैने सरसो के तेल की शीशी उठाई और एक ढक्कन तेल उसकी गान्ड के छेद पे फैला दिया और अपनी उंगली को चिकना करके उसकी गान्ड मे डालने की कोशिश करने लगा मैने कहा भाभी थोड़ा ढीला करो चुतडो को वरना कैसे होगा उसने थोड़ी ढील दी मैने ज़ोर लगाते हुए एक इंच के लगभग उंगली गान्ड मे फसा ही दो वो बोली
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ दर्द होता है बाहर निकालो
मैने कहा एक मिनिट रूको तो सही और थोड़ी उंगली ऑर अंदर सरका दी और हौले से अंदर बाहर करने लगा गान्ड काफ़ी टाइट थी थोड़ी दिक्कत हो रही थी उपर से शीला कुछ नखरे भी कर रही थी पर मुझे तो झंडा गाढ़ना ही था चाहे कुछ भी हो मुझ पे जुनून चढ़ गया था मैने ढेर सारा तेल अपने लंड पे लगा लिया और थोड़ा ऑर उसकी गान्ड पे ऊडेला मैने उसके कुल्हो को थोड़ा चौड़ा किया और लंड को गान्ड के छेद पे रख दिया अब बस घुसने की देर थी पर ये इतना आसान नही था
मैने अपने हाथो से शीला को दबोच लिया और टाँगो को अपनी टाँगो मे उलझा लिया अब वो किसी कबूतारी की तरह मेरी गिरफ़्त मे थी पहली ट्राइ मे लंड फिसल गया दूसरी मे भी फिसल गया फिर ट्राइ किया सुपाडे को छेद पे सेट किया और इस बार धक्का लगाने पे आधा सूपड़ा अंदर चला ही गया भाभी चिल्लाईईईईईईईईईईईई ओह
हहहह माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआआआआअमररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई रीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
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और मुझे हटने को कहने लगी पर मुझे पता था कि ये पहला और आखरी मौका है दुबारा वो हाथ नही लगाने देगी मैने उसे अपने शिकंजे मे कसा और एक झटका और मारा तो सुपाडा उनकी गान्ड को फाड़ते हुए अंदर घुस गया शीला की आँखे दर्द से पथारा गयी आँसू टपकने लगे पर मैने अपनी पकड़ ढीली नही की शीला रोने लगी और उसका विलाप बढ़ता ही जा रहा था मैने कहा बस हो गया भाभी हो गया पर वो दर्द से दोहरी हुई जा रही थी मैने दो –तीन झटके और लगाए और आख़िर पूरा लंड उसकी गान्ड मे डाल ही दिया उसकी हालत बहुत ही बुरी हो गयी थी शीला लगभग बेहोशी के कगार पे पहुच गयी थी अब मैने उसे दिलासा देना शुरू किया
मैने कहा भाभी देखो पूरा ले लिया तुमने अपनी गान्ड मे अब थोड़ी ही देर मे तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा पर उसकी तो सुध बुध ही खो गयी थी उधर अंदर उसकी गान्ड मेरे लंड पे बहुत ज़्यादा दबाव डाल रही थी मैं अपने हाथ नीचे ले जाते हुए उसके बोबो पे रखे और उसके गालो पे बहते आँसुओ को चाट ते हुए उसे किस करने लगा इन सब मे कोई दस मिनिट के लगभग बीत गये अब शीला थोड़ी नॉर्मल सी हुवी वो मरी सी आवाज़ मे बोली ये आपने अच्छा नही किया मेरे साथ मैने कहा भाभी एक बार तो दर्द होता ही है चाहे आगे से डालो या पीछे से वो बोली आप बहुत गंदे हो अब मैने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और फिर से वापिस धकेल दिया वो फिर से चिल्लाआआआआआआआईयईईईईई आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ दर्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड होता है ना
मैं उनके बदन को सहलाते हुए बोला बस भाभी समझो हो ही गया है थोड़ी देर बाद वो कुछ नॉर्मल हुई मैने अब अपनी कमर हिलानी शुरू की ऑर धीरे धीरे धक्के मारने लगा वो अब भी दर्द भरी आवाज़ निकाल रही थी पर उनका तड़पना कम हो गया था अब टाइम था मेरे ऐक्शन मे आने का मैं उनके कान को अपने दाँतों से काट ते हुए चूमने लगा उनके बदन मे गर्मी का संचार होने लगा था मैने अब स्पीड थोड़ी और बढ़ाई गान्ड तो बहुत मारी थी पर आज पता चला था सील पॅक गान्ड के मायने क्या होते है ऐसी चिकनी गान्ड मैं तो निहाल हो गया था पूरी तरह गान्ड की गर्मी मेरे लंड का दम घोंटने को तैयार खड़ी थी शीला अबहहाआआआआआआआआआआआआआआआअ
आआआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुउउ
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करती हुवी गान्ड चुदवा रही थी शीला बोली कही मेरी टट्टी ना निकल जाए मैने कहा चुप रहो तुम ऐसा कुछ नही होता है बस तू चुदवाती रह मेरे झटके उसके चुतडो पे धड़ धड़ पड़ रहे थे आज तो मज़े की सारी इंतहा ही पार हो गयी थी पर थोड़ा दुख भी था शीला को दर्द देने की वजह से मैं उसके गालो को चूमते हुए गान्ड मार रहा था गान्ड का गुडगाँवा बन गया था आज उसका दर्द तो कम हो गया था शायद अब उसे भी गान्ड मराई का मज़ा आ रहा था पर अब भी वो कराहे ही जा रही थी पर अब वो मुझे ना तो रोक रही थी और ना ही लंड गान्ड से बाहर निकालने को कह रही थी उसके चूतड़ बिल्कुल शांत से पड़ गये थे
मैने अपने धक्के रोके और उस से कहा की भाभी अगर ज़्यादा प्राब्लम हो रही है तो बाहर निकाल लूँ तो उन्होने अपना चेहरा थोड़ा पीछे घुमाया और बोली जब मेरी गान्ड के दो टुकड़े कर रहे थे तब तो नही पूछा पूरी गान्ड तो फाड़ दी अब चापलूसी लगा रहे हो मैने कहा भाभी जब गान्ड फट ही गयी है तो अब क्या घबराना अब तो गान्ड मार के ही उतरूँगा तेरे उपर से शीला बोली तो मेरे कहने से कोन सा रूको गे बस जल्दी से कर्लो
और मेरा पीछा छोड़ो मैने अब तबाद तोड़ धक्के लगाने शुरू किए हैवानियत जैसे मेरी आँखो मे उतर आई थी वो आह आह आह करे जा रही थी पर मैने ध्यान ना देते हुए अपनी चुदाई चालू रखी कोई बीस-बाइस मिनिट तक लगातार गान्ड मारने के बाद जब मैने अपना गाढ़ा सफेद पानी उसकी गान्ड मे छोड़ा तो बहुत ही अच्छा महसूस हुआ मैने लंड को बाहर निकाला तो वीर्य भी बाहर निकल आया और गान्ड से बहते हुए चुतडो के नीचे जाने लगा जैसे ही लंड गान्ड से निकला शीला ने चैन की सांस ली मैं साइड मे लेट गया
शीला बड़ी ही मुश्किल से बिस्तर से उठी ऐसा लग रहा था जैस किसी ने टाँगो की जान ही निकाल दी हो उसने अपना हाथ गान्ड पे लगाया और देखने लगी गान्ड का छेद बुरी तरफ से छिल गया था थोड़ा सा खून भी निकल गया था शीला ने बुरा सा मूह बनाया और कहा ये क्या कर दिया मैं तो बर्बाद हो गयी हू अब कल जब वो वापिस आ जाएँगे तो मैं उन्हे क्या मूह दिखाउन्गि और रोने लगी बात तो टेन्षन की ही थी मैने कहा घबराओ मत इतना ज़्यादा नुकसान नही हुआ है मैं दवाई लगा देता हूँ वो रोते हुए वापिस बिस्तर पे पड़ गयी मैने कपड़े पहने और अपने रूम मे आ गया ढूँढने पर एक सॉफ़्र्मयसयणे की ट्यूब मिल गयी मैं तुरंत ही वापिस गया चूल्हा जलाया और थोड़ा गरम पानी किया और एक डब्बे मे लेके अंदर गया शीला अब भी सूबक रही थी मैने कहा अपने चुतडो को थोड़ा चौड़ा कर तो उसने अपने हाथों से उन्हे फैला दिया अब गान्ड का छेद मेरे सामने था पूरा सूज गया था और काफ़ी खुल भी गया था मैने रूई को गरम पानी मे भिगोया और शीला की गान्ड पे लगाया उसकी सिसकारी निकल गयी पूरी तरह से गान्ड को सॉफ किया और फिर क्रीम लगाई गरम पानी की सिकाई से उसको बहुत आराम मिला अब दर्द भी थोड़ा कम हो गया था फिर मैं उसे अपनी बाहों मे लिए लिए ही सो गया
सुबह थोड़ी देर से आँख खुली 6 बजे थे मैं फटाफट उसके घर से निकला और सीधा अपने घर पहुच गया चाची रसोई मे डेरा डाल चुकी थी उन्होने मुझ कप दिया और बोली आज रात भी बाहर ही कहीं मूह मार रहा था ना तू मुझे झटका सा लगा मैने कहा मैं तो पूरी रात अंदर ही था वो बोली थोड़ी देर पहले मैं गयी थी तुझे चाइ देने पर ताला लगा था मैने झूट बोलते हुए उन्हे बताया कि वो मैं फ्रेश होने चला गया था हालाँकि उन्हे मेरी बात का थोड़ा कम ही विश्वास था पर उन्होने उस वक्त और ज़्यादा कुछ नही पूछा चाइ के बाद मैने मोका देख कर चाची के होंटो को चूम लिया और बोबो को भी दबा दिया फिर तैयार होने मे घंटा भर लग गया स्टॅंड पे पहुचा और शहर के लिए टेंपो पकड़ लिया जैसे ही टेंपो उनके स्टॅंड पे रुका मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी
हमारी नज़रो ने एक दूसरे को सलाम किया बड़ी ही नज़ाकत से वो बैठ गयी उसकी इसी सादगी का मैं कायल था लड़किया तो बहुत थी दुनिया मे खूबसूरत भी होंगी एक से बढ़कर एक परंतु उसकी सादगी पे मर मिटा था टेंपो वाला भी उपर से रोमॅंटिक गाने बजा के चिंगारी को शोलो मे बदलने का प्रयास कर रहा था अब तो डेली का ये ही रुटीन था मिता की शरारती मुस्कान मेरे दिल को मजबूर कर देती थी प्यार का धुआ सुलगने लगा था
मैने उस टाइम बिल्कुल सोचा ही नही था कि ये हँसी ठिठोली जिंदगी के मायने ही बदल देगी आज ठंड भी कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी वो शॉल मे सीमटे हुए मेरे साथ साथ चल रही थी पर आज ना जाने क्यों हम दोनो खामोश थे मैने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा क्या बात है उदास लग रही हो वो बोली थोड़ी सर्दी लग गयी है
मैने कहा तो घर पर ही आराम करना चाहिए था क्या ज़रूरत थी कॉलेज अटेंड करने की वो बोली कॉलेज भी तो ज़रूरी है ऐसे ही बातें करते हुए हम कॉलेज पहुच गये क्लास शुरू हुई दिसंबर टेस्ट सर पे आ चुके थे तो टाइम बिल्कुल ही नही था हर दिन और और व्यस्त होता जा रहा था स्टडी की टेन्षन चेहरे पे सॉफ दिखयी देती थी उपर से मिता मेरिट मेरिट करती रहती थी वो हमेशा मेरिट मे आती थी टॉपर थी कॉलेज की और मैं बस फर्स्ट डिवीजन. मे ही खूष हो जाता था कंप्लीशन का पता तो सिटी मे आके चला वरना गाँव के कॉलेज मे तो बस गान्ड ही घिसाई थी शाम को वापिस आया तो सबसे पहले शीला का हाल चाल पूछा वो लंगड़ा के चल रही थी उसने बताया कि दर्द तो कम हो गया है पर अजीब सा लगता है जब चलती हू मैने कहा थोड़े दिनो मे ठीक हो जाएगा मैने पप्पू के बारे मे पूछा तो उसने बताया कि वो तो दोपहर को ही आ गया था उसने कहा मैं अड्जस्ट कर लूँगी मैने उसे 500रुपये दिए वो खुश हो गयी मैं अपने रूम मे आ गया कुछ दिन और गुजर गये दिसंबर आ गया था 1 को मेरा बर्थ’डे था पर हर साल की तरह खाली सा ही बीत गया खैर यूनिट टेस्ट शुरू होने वाले थे तो मैने कॉलेज जाना बंद कर दिया था बस स्टडी और स्टडी एक कमरे मे क़ैद होके रह गया था जैसे तैसे करके टेस्ट भी ख़तम हो गये थोड़ा प्रेशर से आज़ादी मिली इनके स्कोर से हमे हमारी औकात का पता चलना था अब 20 दिन की छुट्टिया थी अगली सुबह बहुत देर तक सोया घर वालो ने भी नही जगाया उठा तो दस बज रहे थे पर धुन्ध छाई हुवी थी मम्मी ने कहा अगर तुझे ठीक लगे तो आज खेतो की तरफ चक्कर लगा आ मैने कहा ठीक है साइकल ली और चल पड़ा चला ही था कि दुकान के पास प्रीतम दिख गयी उसने मेरा हाल पूछा मैने भी जवाब दिया थोड़ी बात की तो उसने बताया की उसकी शादी की डेट फिक्स हो गयी है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है वो बहुत ही चहक रही थी उसे खुश देख के अच्छा लगा उसने बताया कि शादी जनवरी 2 को है तू आयगा तो मैने कहा हम अब तो आना ही पड़ेगा और फिर मैं चल दिया रास्ते भर प्रीतम के बारे मे ही सोच ता रहा कुवे पे पहुचा आज काफ़ी दिनो बाद आया था सरसों काफ़ी लंबी हो गयी थी थोड़ा जयजा लिया फिर गेहू की फसल की ओर बढ़ा तो पगडंडी पे विमला काकी मिल गयी मुझे देख के खुश होते हुए बोली कि लाला उस रात के बाद तो दर्शन ही ना दिए तूने तो मैने कहा टाइम ही नही मिलता क्या करूँ तो वो अपने होटो पे जीभ फेरते हुए बोली लाला तू कहे तो कोठरे पे आ जाउ मैने कहा आप चलो मैं गेहू देख के आता हू तो वो बोली वो तो बाद मे देख लियो अभी तो इसकी आग मिटा और अपना घाघरा उठा के मुझे अपनी नंगी चूत दिखाने लगी मैने कहा काकी तू बड़ी कमिनि है मैने उसे आगे चलने को कहा दरअसल मैं उसकी मटकती तरबूज़ो जैसी गान्ड को देखना चाहता था वो भी कुछ ज़्यादा ही लचक के चल रही थी मैने वही पड़ी हुवी एक टहनी उठाई और उसकी गान्ड पे हल्के से मारा उसने मूड के देखा और हँसने लगी कुछ ही देर मे हम कुँए पे पहुच गये
अंदर पहुचते ही मैने अपनी पेंट और कच्छा उतार दिया कुण्डी लगाई और विमला को पकड़ लिया और उसकी पपीते सी चूचियों को मसल्ने लगा काकी बोली लाला कई दिनो से लंड नही लिया है आज तसल्ली कर्दे मैने उनका ब्लाउस खोलते हुए कहा चिंता मत कर
और ब्लाउज को उनके बदन से आज़ाद कर दिया इतनी विशाल छातिया जितना निहारो उतना कम पड़ जाए मैने अपना हाथ बढ़ाया और घाघरे का नाडा खीच दिया काकी पूर्ण रूप से जनम्जात अवस्था मे खड़ी थी मैने उन्हे अपने से चिपकाया और मोटे मोटे चुतडो को पकड़ते हुए अपनी ओर खीचा
मेरा लंड उनके पेट पे टकरा रहा था मैं लगातार उसके कुल्हो को मसले जा रहा था फिर काकी नीचे बैठी और लंड को अपने मूह मे लेके चूसने लगी मेच्यूर औरतो को चोदने का भी एक अलग ही मज़ा है काकी अपनी जीभ से मेरी गोलियो को चाट रही थी उनकी लिज़लीज़ी जीभ जब वहाँ पे टच होती तो बहुत ही मजेदार गुदगुदी होती थी
काकी पूरे मन से लंड को चूस रही थी लंड भी अब पूरी तरफ तैयार हो चुका था तभी उन्होने लंड को मूह से निकाला और अपनी चूचियो की घाटी मे दबा लिया क्या सुखद अहसास था वो ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने दो बड़े बड़े गुबारो को लंड पे डाल दिया हो
फिर वो अपनी काले अंगूर से निप्पल्स को मेरे सुपाडे पे रगड़ने लगी मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने काकी को इशारा किया तो वो उठी और अपनी टाँगे चौड़ी कर के खाट पे लेट गयी झान्टो से भरी चूत मुझे बुला रही थी मैने कहा कभी इन बालो को सॉफ भी कर लिया करो वो बोली करूँगी
मैने उनकी टाँगे अपने कंधो पे रखी और लंड को चूत मे घुसा दिया काकी बोली आहियीई थोड़ा धीरे से , मैने ईक धक्का और मारा और पूरा लंड उनके अंदर समा गया चुदाई का खेल शुरू हो गया था काकी बोली लाला इतनी जल्दी काहे मचा रहा है थोड़ा आराम से कर मुझ भी कुछ मज़ा लेने दे मैने कहा तुझे मज़ा दे तो रहा हू
और उसकी जाँघो को पूरी मस्ती से थामते हुए उसकी चूत मारने लगा चूत की अंधेरी घाटियो मे लंड सैर कर रहा था कई देर तक ऐसे ही उनको रगड़ने के बाद मैने उनकी टाँगे नीचे उतारी और उनको फैलाते हुए दुबारा चोदने लगा काकी की उछलती हुई चूचिया मेरे धक्को की सफलता की कहानी कह रही थी उन्होने अपने बोबे को मेरे मूह मे डाल दिया जिसे मैं पूरे जोश से चूसने लगा था
उपर उनका बोबा मेरे मूह मे था और नीचे लंड चूत मे अपने कमाल दिखा रहा था बिम्ला की गान्ड नीचे से उचकते हुए मेरा साथ दे रही थी मैने कुछ देर चुचि चूसने के बाद मूह से निकाली और उनके होटो को अपने मूह मे भर लिया काकी के मोटे मोटे होंठ पीने मे बहुत ही मज़ा आ रहा था हमरी सांसी एक दूसरी मे घुल रही थी काकी ने अपनी टाँगो को गोल किया और मेरी कमर पे लपेट दी जिस से उनकी चूत और भी अच्छी तरफ से लंड पे कस गयी
अब वो थोड़ी कड़क लग रही थी गॅप गॅप लंड अंदर बाहर हो रहा था हमे लगे लगभग आधे घंटे से उपर हो गया था काकी तो पूरी खिलाड़ी थी चुदाई मे डिप्लोमा था उनके पास तो मैने अब अपनी स्पीड और भी ज़्यादा की खाट चरमरा रही थी कुछ 20-25 झटके मारे ही थे कि काकी की चूत ने मैदान छोड़ दिया काकी अपनी उखड़ी हुवी सांसो की डोर को पकड़ने लगी तो मैने अपना लंड बाहर निकाला और उनके मूह मे दे दिया काकी बड़े ही प्यार से अपनी चूत के रस से सने हुए मेरे लंड को चाट रही थी
मैने पूछा काकी कैसा लगा तेरी चूत के पानी का स्वाद वो बोली लाला अब कहाँ स्वाद बचा है इसमे अब तो ये भोसड़ी बन गयी है बस गुज़ारा ही होता है अब तो अब पहले जैसी बात कहा रही और उन्होने पूरे लंड पे लगे चूत के रस को चाट के सॉफ कर दिया काकी थोड़ी थक सी गयी थी मैने उन्हे घोड़ी बना दिया और थोड़ा थूक उनकी गान्ड पे थूका और कुछ अपने लंड पे लगाया काकी की गान्ड पे लंड को टीकाया और उसे अंदर डाल दिया
काकी का बदन बस एक सेकेंड के लिए टाइट हुआ फिर नॉर्मल हो गया उनकी गान्ड मैं पहले भी मार चुका था फिर काकी तो शौकीन थी ही उन्होने अपनी कमर को पीछे कर लिया ताकि मैं अच्छे से गान्ड मार सकु मैं उनके चुतडो को सहलाते हुई पूरी गति से गान्ड चोद रहा था काकी घोड़ी बनी मेरा पूरा साथ दे रही थी कमरे मे पूरी तरह खामोशी छाई हुई थी
मैने अपने हाथो को थोड़ा आगे सरकाया और उनकी छातियो की घुंडीयों को मसल्ने लगा गान्ड मारने का मज़ा दुगना हो गया था काकी की गान्ड का छेद हर धक्के पे खुल और बंद हो रहा था कोई 15 मिनिट तक गान्ड मारने के बाद अब मेरा टाइम आ गया था मैने लंड को बाहर निकाला और उनके चुतडो पे अपना पानी गिरा दिया
मैने काकी के घाघरे से अपने लंड और उनके चुतडो को सॉफ किया फिर काकी उठी और अपने कपड़े पहन ने लगी तो मैने कहा अभी तो एक राउंड ही हुआ है तो वो बोली तेरे काका घर है मैं बस थोड़ी देर की कह के आई थी कही वो इधर ही ना आ निकले और फिर आज मेरी लड़की भी आने वाली है काकी बोली लल्ला एक आध दिन मे फिर चक्कर लगा लियो मैं कहाँ भागने वाली हूँ तो मैने उनके बोबो को मसला और फिर वो चली गयी हालाँकि दोपहर का टाइम था पर धुन्न्ध और भी ज़्यादा गहेरा गयी थी लगता था कि शायद बारिश ना हो जाए मैने भी अपनी पेंट पहन ली और बाहर की तरफ आ गया
मोटर चला के पानी की हौदी भरी और फिर पानी खेतो मे ज़रूरत के हिसाब से छोड़ दिया कुछ नयी नालिया वग़ैरह बनाई काफ़ी टाइम लग गया सर्दी और फिर उपर से ठंडे पानी मे काम करना मुझ पे थोड़ा ठंड का असर होने लगा था मैने कुछ सूखा ईंधन इकट्ठा किया और आग जला ली टाइम शायद शाम के चार के लगभग होगा पर दिन ऐसा हो रहा था जैसे की शाम हो चूँकि हो कुछ तो धुन्न्ध का असर और कुछ मौसम जो टपकने को तैयार खड़ा था मेरी आग ने मुझे बस गरम ही किया था कि तभी बारिश आ पड़ी घनघोर बारिश शुरू हो गयी
मैने सोचा चलो अच्छा हुआ फसल की पानी की पूर्ति हो जाए गी पर थोड़ी ही देर मे तेज हवा चलने लगी आसमान पूरी तरह से काला हो गया था मैने बल्व जला दिया ठंडी हवा के थपेडो से मेरा बदन काँपने लगा बारिश होते काफ़ी टाइम बीत गया था पर आज बदल कहाँ रुकने वाले थे मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो साढ़े पाँच बज रहे थे अब ऐसे मौसम मे घर भी नही जा सकता था काकी के घर उसकी लड़की आ गयी होगी और ऐसे मौसम मे काका भी काम पे नही जाएगा तो ये विचार कॅन्सल किया और वही खड़ा होके बारिश की टपकती बोछारो को देखने लगा
सर्दी बहुत तेज लग रही थी हवा से पेड़ बुरी तरह हिल रहे थे सायययी सायययययययययययययययी यइईईईईईईईई का शोर कानो मे गूँज रहा था आज अच्छी मुसीबत मे फसा तभी मुझे ख्याल आया तो मैने साइड वाले कमरे का ताला खोला उसमे बिस्तर मिल गया अब थोड़ी जान मे जान आई पर वो थोड़ा धूल से भरा था मैने सोचा माँ चुदाये दुनिया दारी अभी तो ये ही जान बचाएगा और उसे उठाया और बिना ताला लगाए ही वापिस आ गया बिस्तर बिछाया पेंट गीली हो चूँकि थी तो उसे उतार दिया ठंडी हवा से मेरी टाँग काँप रही थी
हवा से बचने के लिए मैं किवाड़ को बंद ही कर रहा था कि मैने देखा कि एक औरत भागती हुई हमारे कुन्वे की तरफ आ रही थी पूरी तरह भीगी हुई कुछ ही देर मे वो आ पहुँची और कमरे मे घूंस गयी वो बुरी तरह हाँफ रही थी ऑर ठंड से काँप रही थी मैने पूछा आप कौन हो तो उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी मैने पानी का गिलास भरा और उसे पिलाया कुछ मिनट बाद उसे थोड़ा साँस आया मैने फिर पूछा आप कौन हो और यहाँ पे इस हाल मे कैसे आक्च्युयली मैं थोड़ा कंफ्यूज हो गया था उसे इस तरह की स्थिति मे उसने बताया कि उसका नाम गीता है और परली तरफ उसका खेत है उसके पति के मरने के बाद उसके घर वालो ने उसे निकाल दिया था तो वो अपने हिस्से के एक खेत मे ही रहती है
और इस तूफान की वजह से उसकी टीन शेड उड़ गयी है उसने बताया कि वो मेरी मम्मी को बहुत ही अच्छी तरह से जानती है और कई बार हमारे खेतो मे काम भी कर चूँकि है मैने कहा वो तो ठीक है पर यहाँ क्यों
मैने कहा तुम्हारी मर्ज़ी मैने चाइ को गिलास मे डाला और उसे दी वो सटा सॅट पी गयी मैने खाने का डिब्बा खोला और उसे भी खाने को कहा तो उसने पहले मना किया पर फिर ले लिया आख़िर भूक तो सब को ही लगती है ना कुछ ही देर मे पूरा खाना सॉफ हो चुका था बदन मे थोड़ी ऊर्जा का संचार हुआ अब मैने उसे थोड़ा गौर से निहारा कद काठी से सामान्य ही थी रंग थोड़ा उजला था कोई 40 के फेर की होगी कुछ कुछ बाल सफेद भी थे पर ठीक ही थी मैने सोचा अगर ये दे दे तो रात मस्त कट जाएगी अब बारी थी उसे शीशे मे उतारने की मैने कहा बिस्तर तो एक ही है अगर आप चाहो तो मेरे साथ सो जाना एक रात की ही तो बात है अड्जस्ट तो करना ही पड़ेगा
वो बोली कि वो कौने मे बैठ के ही रात काट लेगी मैने कहा तुम्हारी मर्ज़ी मैने बिस्तर रेडी किया ऑर उसमे घूंस गया और अपने गीले कच्छे को उसे दिखाते हुए बाहर फेंक दिया वो मुझे देखती ही रह गयी अब मैं नीचे पूरा नंगा था उसने अपना मुँह फेर लिया और आग तापने लगी मेरी नज़र उसकी पीठ पे थी बारिश तो रुकने का नाम ही नही ले रही थी आग की तपिश भी अब ठंडी पड़ने लगी थी और लकड़ियाँ थी नही और बाहर की लकड़िया तो गीली हो चुकी थी कोई एक घंटे बाद आग बस नाम मात्र की ही थी अब ठंड ने अपना खेल दिखया कुछ उसके गीले कपड़े उसकी हालत टाइट होने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ इधर थोड़ा अड्जस्ट तो करना ही पड़ेगा
उसने कुछ सोचा और खाट के सिरहाने आके खड़ी हो गयी वो बेचारी किस्मत के खेल के आगे विवश थी मैने कहा गीले कपड़ो मे आप सो नही सकते हो क्यों कि फिर बिस्तर भी गीला हो जाएगा और वो मेरे सामने कपड़े उतारे कैसे नारी की शरम तभी मैने एक निर्णय लिया और रज़ाई को हटा ते हुए उसके सामने नंगा खड़ा हो गया वो चोन्क्ते हुए बोली ये ईईए तुम क्या कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर च्ीईीईईईईईईईईईईई तो मैने कहा देखो शरम करने से कुछ नही होगा मैं नंगा हूँ हर आदमी ऐसा ही होता है अंदर से और हर औरत तुम्हारे जैसी अभी तुम शरम करके क्या पाओगि गीली रहोगी पूरी रात फिर बीमार हो जाओगी पति तुम्हारा है नही कौन तुम्हे संभाले गा यहाँ मैं और तुम ही हैं मैं किसी से जिकर करूँगा नही और तुम भी किसी को नही बताओगि ये तो मजबूरी है बाकी आप जानो या तो शरम छोड़ के आराम से गरम बिस्तर मे सो ओ या अपनी शरम को ओढ़ के पूरी रात ठंड मे मरो वो बोली बात तो ठीक है पर?
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मैने कहा पर वर कुछ नही आओ सो जाओ तभी कही दूर बिजली काड्की पर गर्जना से पूरा महॉल थर्रा उठा हवा के ज़ोर से किवाड़ चरमराने लगा वो काफ़ी देर तक सोचती ही रही फिर उसने चिमनी को बुझा दिया अगले कुछ पलो तक बस उसकी सांसो की ही आवाज़ आती रही फिर वो झट से रज़ाई मे घुस गयी ज्यों ही उसका तन मुझ से छुआ मेरे रोम रोम मे करंट दौड़ गया दो जिस्म नंगे एक बिस्तर मे
तभी उसका हाथ मेरे लंड से टकराया उसने फॉरन अपना हाथ हटा लिया मैं उस से बाते करने लगा चूँकि हमारे शरीर आपस मे टच थे तो मेरा लंड खड़ा होने लगा जो उसे भी महसूस हो रहा था तभी उनसे मुझसे कहा क़ि तुम मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नही करोगे ना मैने अंजान बनते हुए कहा ऐसा वैसा क्या .?
उसने कहा जो एक आदमी औरत करते हैं मैने कहा क्या सीधे सीधे बताओ तो उसने कहा चुदाइ मैने कहा अगर तुम्हारे मन मे है तो कर लूँगा और अगर तुम मना करो गी तो नही करूँगा तो वो कहने लगी कि उसके पति को मरे 3 साल हो चुके है कइयो ने उसे पटाने की कोशिश की पर उसने आज तक अपने को हवस के भेड़ियो से बचा के रखा है
मैने कहा कि देखो मिलती चूत को कोई छोड़ दे तो वो तो बेवकूफ़ ही है पर तुम मजबूरी मे मेरे साथ इस हालत मे हो और मैने आज तक किसी की मजबूरी का फ़ायदा नही उठाया है और आज तुम मेरे सहारे हो तो बिना तेरी मर्ज़ी के मैं ऐसी कोई हरकत नही करूँगा और अगर नींद मे ग़लती से हाथ लग जाए तो माफी दे देना तुम पूरी निश्चिंत रहो मैं खुशी से चूत मारता हूँ पर किसी का फ़ायदा नही उठाया आज तक वो बहुत ही प्रभावित हो गयी हालाँकि मेरा लंड पूरी तरह तन चुका था काफ़ी देर हम बात चीत करते रहे इधर लंड साला अपनी औकात पे आए बिना मान ही नही रहा था कुछ देर मैने अड्जस्ट किया पर मेरा मन बेकाबू होने लगा था
मैने अपने लंड को हाथ मे लिया और उसे हिलाने लगा वो बोली ये तुम क्या कर रहे हो तो मैने कहा ठंड बहुत लग रही है तो शरीर को गरम कर रहा हूँ
गीता बोली ये तो ग़लत बात है मैने कहा हाँ पर अभी और कोई चारा भी नही है और ज़ोर से लंड हिलाने लगा वो बोली ऐसा मत करो तो मैने अपने हाथ लंड से हटा लिए और उस से थोड़ा और चिपक सा गया अब मेरा लंड उसके चुतडो पे घिस रहा था उसके चूतड़ बहुत ही मुलायम थे उसे भी ये पता था पर वो इग्नोर कर रही थी तभी मैने पूछा इतने दिनो से बिना चुदे कैसे रही हो तुम क्या मन नही करता तो वो बोली शुरू शुरू मे दिक्कत होती थी पर फिर आदत हो गयी है कभी ज़्यादा ही ज़ोर उठता है तो उंगली से ही खुद को शांत कर लेती हूँ
पर किसी पराए मर्द की तरफ नही गयी मैने कहा अगर कोई पराया मर्द तुम्हारे पास आ जाए तो ………………..उसने कुछ जवाब नही दिया मैने अपना हाथ उसकी चूची पे रखा और उस से कहा कि देखो आज मौसम बहुत ही घातक है ये पुरानी रज़ाई कुछ खास गर्मी नही दे पाएगी अगर तुम राज़ी हो तो क्यों ना हम एक दूसरे के शरीर से थोड़ी गर्मी प्राप्त कर ले तो वो बोली मैं समझ रही हूँ कि तुम मेरे साथ करना चाहते हो तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है और फिर मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा ना मैने उसकी चूची को हल्का सा दबा दिया उसने कहा पर ये ग़लत है वो साली काबू मे ही नही आ रही थी अब हम दोनो खामोश थे मैं लगातार उसकी चूची को सहलाए जा रहा था उसके निप्पल्स मे तनाव आना शुरू हो गया था रज़ाई के अंदर तापमान बढ़ने लगा था
वो बोली मत छेड़ो मुझे तो मैने आख़िरी दाँव खेलते हुए कहा की अगर वो मुझे उसे छोड़ने दे तो मैं उसे 2000 रुपये दूँगा पर वो बोली मैं ऐसी औरत नही हूँ.
मैं उसकी चूची को अब पूरी तरह दबाने लगा था उसकी आवाज़ मे लड-खड़ाहट आनी शुरू हो गयी थी मैने कहा 3000 उसने ना कहा तो मैने कहा कि ठीक है मैं तुझे 3500 रुपये दूँगा और तेरी टीन को लगाने मे मदद भी करूँगा और उसका जवाब सुने बिना ही उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया सालो बाद उसने लंड को अपने हाथो मे फील किया था चाह के भी वो अपना हाथ ना हटा सकी मैने कहा देख भगवान ने अगर मौका दिया है तो उसे कॅश करले अपने तन की आग बुझा ले इसमे तेरा फ़ायदा भी है और उसकी चूची को कस के भींचने लगा उसके मुँह से आह निकली मैं समझ गया था कि यही सही टाइम है हथौड़ा मारने का
मैं दोनो हाथो से उँची गोलाईयो को मसले जा रहा था वो पर पर कर रही थी मैने अपनी उंगली उसके होंठो पे रखी और बोला बस अब तुम कुछ नही बोलोगि जो होता है होने दो मैने अपने होंठ उसके प्यासे होंठो पे रख दिए उफ़फ्फ़ क्या तपिश थी गीता मे
आज कितने ही सालो बाद उसके अधरो को किसी ने चूमा था गीता अभी थोड़ा संकोच कर रही थी पर मुझे तो बस अब उसे चोदना ही था जैसे ही हमारे होंठो ने एक दूसरे को चूमा एक तरंग उसके बदन मे दौड़ गयी गीता के प्यासे लबो की प्यास आज बुझने वाली थी मैने बड़े ही प्यार से उन्हे चूमना शुरू किया वो शायद कुछ कहना चाहती थी पर उसकी आवाज़ उसके गले मे ही घुट के रह गयी उसके नरम होंठो को मैं बहुत ही प्यार से धीमे धीमे चूस रहा था
मैं पूरी तरह उसके उपर आ चुका था मेरा लंड उसके पेट से टकरा रहा था उसके काँपते होंठ मेरे थूक से गीले हो चुके थे क्या पता कितने ही देर तक मैं उन मदिरा के प्यालो का रस्पान करता रहा तभी बाहर कही बिजली काड्की तो मुझे जैसे होश आया और मैं उस से अलग हुआ उसकी साँस फूल गयी थी वो लंबी लंबी सांस ले रही थी मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी पहाड़ों सी विशाल घाटियो के जैसी चूचियो को देखने लगा उसके भूरे रंग के दोनो निप्पल उत्तेजना से 1 इंच के हो गये थे मैने बिना देर किए उसकी लेफ्ट साइड वाली चूची को अपने मुँह मे लिया और चुँसने लगा साथ ही दूसरी चूची को मुट्ठी मे भर के भींच ने लगा गीता की कामुक आहे बरसात के शोर मे दब सी गयी थी
इतने दिनो बाद किसी पुरुष का स्पर्श अपने बदन पे पाके गीता धन्य हो गयी थी वो बस अपनी सांसो को समेटने की कोशिश कर रही थी मस्ती से उसका अंग प्रत्यंग भड़क रहा था कामदेव का तीर उसके हृदय को छलनी किए जा रहा था उसकी बैचैनि बहुत ही बढ़ गयी थी कोई 20 मिनट तक उसकी चूचियो को मैने बारी बारी जी भर के चूसा अब मेरी जीभ उसकी चूचियो से होती हुई नीचे की ओर चली उसका गोरा पेट कांप रहा था मैने उसकी नाभि मे अपनी जीभ डाल दी और उसे चूसने लगा उसके शरीर की थर थराहट और भी बढ़ गयी थी कुछ देर बाद मैं और थोड़ा नीचे सरका अब मैने उसकी टाँगो को फैलाया वो मना कर तो रही थी
पर उसके विरोध मे कोई दम नही था बस दिखावे के लिए वो मत करो मान जाओ ऐसा कह रही थी पर मुझे कहाँ रुकना था अब उसकी सालो से उपेक्षित चूत और मेरे मुँह मे बस कुछ ही इंच का फासला था और तभी मैने उसे चूमते हुए अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रख दिया एक बहुत ही मादक खुसबू मेरी नाक से टकराई क्या गंध थी उसकी चूत की उत्त्तेज्ना की अधिकता से चूत से बहुत ही पानी बह रहा था मैं भी ज़्यादा टाइम ना लेते हुए उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया गीता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी उसे अब कुछ ना याद रहा उसकी हाथो ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपनी चूत पे दबाने लगी अब गीता पूरी तरह से मेरे रंग मे रंग चुकी थी
कई सालो का जमा खारा पानी चूत रूपी नदी के हर बाँध को तोड़ने को आज बेताब था मेरी जीभ पूरी चूत पे किसी साँप की तरह रेंग रही थी वो लगातार मुझ पे अपने हाथो का दबाव डाल रही थी जैसे कि कह रही हो पूरे शरीर समेत ही चूत मे घूंस जाओ कोई 5-7 मिनट ही बीते होंगे कि उसके बदन ने एक झूर झूरी ली और गीता का काम तमाम हो गया मैं बड़े ही चाव से उसके सारे पानी को पी गया बहुत सा पानी मेरे होंठो और थॉडी पे भी लग गया था कई दिनो के कारण उसकी चूत ने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था मैं किसी विजेता की तरह उठा उसने अपनी आँखो को मीच रखा था मैने अपने होंठो से उसके होंठो को दबाया और उन्हे चूमने लगा दो चार लंबे लंबे चुंबनो के पश्चात मैने उसकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उसकी करारी प्यासी चूत पे रख दिया
जैसे ही मैने धक्का मारा लंड फिसल गया तो मैने थोड़ा थूक लंड के सुपाडे पे लगाया और अबके एक धक्के मे ही सुपाडा चूत की दीवारो को फाड़ता हुआ अंदर पहुँच गया गीता दर्द से रो पड़ी कई सालो बाद लंड चूत मे गया था तो थोड़ी तकलीफ़ तो होनी थी ही उसने अपने दांतो को भींच लिया मैने ईक धक्का मारा और आधा लंड चूत मे पहुँचा दिया गीता की तकलीफ़ थोड़ी और बढ़ गयी आँसू छलक गये आँखोसे मैने पूछा रुकु क्या तो वो बोली ना करते रहो रुकना नही मैने दो धक्के और मारे और लंड उसकी चूत मे जड़ तक उतार दिया कुछ देर मैं शांत पड़ा रहा चूत ने भी खुद को थोड़ा ढाल लिया था अब मैने अपनी कमर उचकानी शुरू की
और उसके होंटो को फिर से चूमने लगा उसकी हर मस्त सिसकी मेरे मुँह मे ही घूँट रही थी अब ना बारिश का ध्यान था ना सर्दी का हम दोनो एक दूसरे मे खो चुकी थे हमारे शरीरो का मिलन चालू था मैं पूरा दम लगाके गीता की चूत मार रहा था गीता मेरे हर धक्के पे मचल रही थी उसने पूरे कमरे को अपने सर पे उठा लिया था और तेज अहह करते हुए वो चुद रही थी उसके दोनो हाथ उसके बोबो को मसल रहे थे वो बड़े ही प्यार से मेरी तरफ देख रही थी मुझे उसे चोद के बहुत ही संतुष्टि फील हो रही थी कोई अंदाज़ा नही था कि कितनी देर हो गयी थी उसे चोद्ते हुए गीता अपनी मस्त जवानी को दुबारा से फील कर रही थी मैने उसके होंठो और गालो को बुरी तरह काट खाया था उसके गालो पे मेरे दांतो के निशान उभर आए थे गीता किसी बंदरिया की तरह मुझसे चिपकी पड़ी थी और फिर वो लम्हा भी आया जिसका मुझे इंतजार था मैने अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और 5-6 पिचकारिया अपने गाढ़े सफेद रस की उसके पेट पे गिरा दी इतना वीर्य शायद पहली बार निकला था लंड से निकलती धार को देख के गीता मुस्कुरा उठी
गीता ने अपने पेट पे पड़े मेरे वीर्य मे अपनी उंगलिया घुमाते हुए कहा कि तेरा घी तो बड़ा ही गाढ़ा है रे तो मैने कहा तुम्हे घी पसंद है वो बोली बेहोट तो मैने कहा अगली बार चखा दूँगा उसने पास पड़े गम्छे से उसे पोंछ दिया और अपनी चूत मे उंगली डाल के देखने लगी मैने पूछा क्या देख रही हो तो उसने कहा देख रही हूँ कही फट तो ना गयी मुझे हसी आ गयी मैने कहा फटी फ़टाई चूत का क्या फटेगा
फिर मैने पूछा कि गीता तुम्हे कैसा लगा वो बोली बता नही सकती आज ऐसा लगा जैसे मैं फिर से सुहागन बन गयी हूँ मैने कहा कि अब कभी कभी आ जाया करूँगा तुझे चोदने तो वो बोली देखेंगे आज तो मौसम बहुत ही बेरहम हो गया था मैं उठा और नंगा ही किवाड़ तक आया जैसे ही उसे खोला ठंडी हवा की लहर ने कमरे को अपने आगोश मे ले लिया
मेरा बदन अंदर तक काँप गया फिर भी मैं हिम्मत करके बाहर आया स्याह काला अंधेरा हर तरफ फैला पड़ा था कुछ भी दिखाई नही दे रहा था बस बादलो की तेज गर्जना और कड़कती बिजली की आवाज़ बारिश ने आज अपनी हद पार कर दी थी मैने पेशाब किया और वापिस आ गया किवाड़ की कुण्डी लगाई तो थोड़ा चैन मिला मैने गीता को कहा आज तो बरसात नही रुकने वाली उसने कहा उसका पूरा सामान बह गया होगा और थोड़ी दुखी हो गयी मैने उसके कंधे पे हाथ रखा और कहा की चिंता मत कर जितना हो सकेगा मैं तेरी मदद करूँगा वो बस हल्के से हंस पड़ी पर उस हँसी मे उसकी चिंता छुपी थी मैने उसे खड़ा किया हाइट मे वो मेरे कंधो तक ही आती थी मैने उसे अपनी बाँहो मे भर लिया वो किसी छोटी बच्ची की तरह मेरे आगोश मे समा गयी
उसकी ठोस छातियो का स्पर्श पाके मैं निहाल हो गया मैने अपने हाथ उसके मदहोश कुल्हो पे रखे और उन्हे दबाने लगा मखमल से उसके चूतड़ मेरे हाथ उनपे फिसलने लगे थे उसने वक़्त की नज़ाकत को समझा और अपनी ऐदियो को उँचा उठाते हुए अपने कोमल होंठ मुझे सोम्प दिए मैने खुशी खुशी उसके निचले होंठ को अपने मुँह मे भर लिया उसका हाथ ना जाने कब मेरे लंड पे पहुँच गया था मैं उसके होंठ को चबाने लगा वो ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ करने लगी पर मैं अपने काम मे जुटा रहा मैं इस रात को गीता की दूसरी सुहागरात बना देना चाहता था मेरे हाथ उसकी गान्ड पे कसे पड़े थे उसकी मांसल टांगे मेरी टाँगो से रगड़ खा रही थी
शरीर का रोम रोम पुलकित हो रहा था जब दो जिस्म एक दूसरे मे समाने की कोशिस कर रहे हो तो माहौल तो बन ना ही था खूब मज़े से गीता के होंठ को चबाया मज़ा ही आ गया तब मैने उसे छोड़ा वो तुरंत ही नीचे बैठी और मेरे लंड पे अपने गीले होंठ रख दिए उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फ्फ़ ज़ुल्म ही कर दिया था उस औरत ने बड़ी ही सादगी से वो मेरे लंड को चुंस रही थी बहुत ही धीरे धीरे बिना किसी जल्दी के बस अपने काम मे लगी हुई थी सुपड सुपड उसकी जीभ मेरे लंड पे रेंग रही थी कुछ देर लंड चूसने के बाद मैने उसे गीता के मुँह से निकाला और गीता का हाथ पकड़ कर उसे उठाया वासना के नशे मे उसकी आँखे जल रही थी कुछ ही पलो मे मैने उसे 69 मे कर दिया अब मेरा सर उसकी टाँगो के बीच फसा हुआ था
और उसका मेरी टाँगो के बीच मैने अपनी लंबी जीभ को थोड़ा तिकोना किया और उसकी रेशमी चूत मे घूँसा दिया खुरदरी जीभ जब उसकी चूत की कोमल दीवारो से रगड़ खाती तो गीता की मस्ती का आलम और भी रंगीन हो गया जहा तक मेरी जीभ की हद थी मैने पूरी जीभ गीता की चूत मे उतार दी थी और बस उसे हौले हौले हिलाते हुए चूत मे रगड़ रहा था दूसरी ओर गीता ने भी मेरे सुपाडे को अपने मुँह मे भर लिया था चुसाइ दोनो तरफ से चालू थी एक होड़ सी थी कि कौन . तरीके से चूस्ता है गीता मेरी गोलियो को सहलाते हुए मेरे लंड पे अपनी ज़ुबान फिरा रही थी मैं भी पीछे नही था अब मैने अपनी जीभ को बाहर निकाला और उसके छोटे से दाने को अपने होंठो मे दबा लिया गीता की सांस अटक गयी मस्ती से भर उठी वो उसके दान का नमकीन स्वाद मेरे मुँह मे चढ़ गया था जैसे किसी ने हल्का सा नमक छिड़क दिया हो
वहाँ पे काफ़ी देर तक मैं बस उसका दाना ही चाट ता रहा गीता भी मेरे लंड को पूरा मज़ा दे रही थी बस हमारी आहे ही निकल रही थी अब मैने दाने से अपने होंठ हटाये और उसकी पूरी चूत को चाटने लगा उसकी गान्ड के छेद तक जब मेरी जीभ उसकी गान्ड के छेद से टकराती तो उसके चुतड बुरी तरह हिल जाते थे मैने अपने हाथो से उसके कुल्हो को . लिया ताकि अच्छी तरह से चूत की चुसाइ कर . मेरा पूरा लंड गीता के गले की गहराईयो मे उतारा हुआ था वो अपने थूक को गटकते हुए मेरे लंड को अपने मुँह का मज़ा दे रही थी हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे मे खोए हुए थे अब ना बारिश का ख्याल था ना किसी ओर चीज़ का बस एक दूसरे के अंगो को चाट ते हुए मस्ती के सागर मे डूबे जा रहे थे मुझे महसूस होने लगा था कि मेरा पानी अब कभी भी निकल सकता है मैने गीता को कहा कि वो और ज़ोर से लंड को चूसे मेरा बस होने ही वाला है मैं उसे कह ही रहा था कि तभी लंड से वीर्य निकला और गीता के मुँह मे फैलने लगा पूरी क्रीम उसके गले मे उतारने लगी बड़े ही सेक्सी अंदाज से गीता मेरे पानी को पी रही थी कुछ पलो के लिए मैं सबकुछ भूल गया था उसने वीर्य के छोटी से छोटी बूँद तक को निगल लिया था मेरा काम तो हो गया था पर वो अभी तक नही झड़ी थी तो मैने भी कस्के उसकी चूत को चुंसना स्टार्ट किया गीता अब और भी मचलने लगी थी चूत बिल्कुल चिकनी हो चूँकि थी और कोई 2 मिनट बाद ही गीता ने अपनी टांगे मेरे सर पे कस दी और एक लंबी आह भरती हुए झाड़ गयी
कुछ देर बाद गीता उठी और बाहर चली गयी उसकी गान्ड की लचक बड़ी ही मस्त थी मैने रज़ाई ओढ़ ली और लेट सा गया थोड़ी देर बाद वो आई अपना शरीर पोन्छा और मेरे बगल मे आ गयी मैने उसकी कमर पे अपना हाथ फेरते हुआ पूछा की गीता दुबारा कभी ऐसा अवसर मिला तो क्या तुम्हरे इस बदन का आनंद मिलेगा तो उसने शरमाते हुए कहा कि कभी कभी वो दे दिया करेगी पर किसी को पता नही चलना चाहिए और मेरे सीने मे अपना सर छुपा लिया मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं गीता की गान्ड भी मार लू पर शीला वाली घटना को देखते हुए मैं हिचक रहा था पर फिर भी मैने अपनी उंगली गीता के चुतडो के दरार मे अटका दी और उसे वहाँ पे फेरने लगा
मैने कहा कभी यहाँ लंड डलवाया है तो उसने शरमाते हुए कहा पहले कभी कभी कर लिया करती थी तो मैने कहा क्या उसे पसंद था गान्ड मरवाना तो वो बोली इतना पसंद तो नही था क्यों कि थोड़ा दर्द भी होता था पर अपने पति की इच्छा के लिए वो करवा लिया करती थी मेरी उंगली अब उसकी गान्ड के छेद तक पहुँच चूँकि थी मैने कहा क्या मुझसे गान्ड मर्वाओ गी तो उसने कहा कुछ नही तो मैने कहा अगर तुम्हे ज़रा सी भी तकलीफ़ होगी तो मैं नही करूँगा उसने हाँ कर दी मैने अपना एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ लिया और दूसरी से उसकी गान्ड के छेद को खोलने लगा
गीता और मुझ से चिपक गयी मैं उसकी निप्पल से खेल रहा था मेरे लंड मे फिर से सुर सुराहट होने लगी थी उसकी गान्ड की सॉफ्टनेस उफ्फ क्या बताऊ उसके बारे मे तभी मेरी निगाह कलाई घड़ी पे पड़ी 1 बज रहा था मैने गीता को उल्टी लिटा दिया और उसके चुतडो पे किस करने लगा कितने मुलायम चूतड़ थे उसके मैने उनको खूब मसला फिर मैने उसके कुल्हो को थोड़ा सा फैलाया और अपना मुँह उसकी गान्ड पे लगा दिया और उसकी गान्ड को चाटने लगा गीता बोली अरे ये क्या कर रहे हो मुझे गुदगुदी होती है पर मैं लगा रहा मेरी जीभ का नुकीला हिस्सा उसकी गान्ड मे घुसाने की कोशिश कर रहा था
साथ ही साथ मैं उसपे थूकता भी जा रहा था ताकि गान्ड का छेद खूब चिकना भी हो जाए गीता अपनी गान्ड को उचकाने लगी थी कोई पन्द्रह मिनट तक मैने उसे खूब चाटा इधर मेरा लंड पूरी तरह तैयार खड़ा था मैने लंड पे भी काफ़ी थूक लगाया उसके चुतडो को अड्जस्ट किया और सुपाडा गीता की गान्ड पे भिड़ा दिया मैने कहा घुसाऊ तो वो बोली आराम से डालना तेज झटका ना मारना मैं खुद बहुत सावधान था बड़े ही प्यार से बस थोड़ा सा ज़ोर लगाया पर लंड ना घुसा बाहर फिसल गया मैने गीता को कस्के पकड़ा और इस बार सुपाडे को अंदर घुसा दिया
पर बस इतना ही घुसा था कि की गान्ड का आधा छेद ही पार हुआ था गीता को दर्द भरा झटका लगा उसके मुँह से दर्द भरी चीख निकली तो मैने कहा बाहर निकालु क्या तो उसने कहा थोड़ा रूको मैं रुक गया कोई 5 मिनट बाद वो बोली अब करो इसी तरह धीरे धीरे करते हुए मैने पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुसेड दिया थोड़ी देर लगी पर काम हो ही गया था मैं पूरी तरह गीता पे पड़ चुका था मैने अपने हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूचियो को पकड़ लिया था और उन्हे भीचते हुए गीता की गान्ड मे लंड अंदर बाहर करने लगा उसकी गान्ड का छेद चौड़ा होके लंड की मोटाई के बरा बर हो गया था
उसे थोड़ी तकलीफ़ भी हो रही थी पर वो गान्ड भी मरवा रही थी जब जब मेरे अंडकोष उसके मखमली चुतडो पे टकराते तो बहुत ही अच्छा लग रहा था कोई दस मिनट बाद गीता भी अपने कुल्हो को मटकाने लगी थी अब गीता भी पूरी तरह गान्ड मरवाने मे लगी थी मैं गीता के गाल चूमते हुए बोला वाह क्या गान्ड है तेरी तू पहले क्यो ना मिली उसके टमाटर से गालो को मैं बुरी तरह से काट रहा था गीता ने अपनी गान्ड को और भी उपर की तरफ उठा लिया था मैं बिना रुके उसकी गान्ड को चौड़ा किए जा रहा था अब मैने अपने लंड को गान्ड से बाहर निकाला और एक तकिया उसके पेट के नीचे लगाया
इस से गीता की गान्ड और भी उभर आई फिर थोड़ा सा थूक और उसकी गान्ड पे लगाया और इस बार सीधा एक ही झटके मे पूरे लंड को गान्ड मे घुसेड दिया गीता इस अचानक के हमले को सह ना पाई और उसकी चीख निकल गयी वो बोली क्या जल्दी है रेल छूट रही है क्या मैने सॉरी कहा और आराम आराम से उसकी गान्ड मारने लगा काफ़ी टाइम हो गया था उसकी गान्ड मारते हुए गीता बस मीठी मीठी सिसकारिया भर रही थी और इस अहसास को अपनी आत्मा मे भर रही थी मैने कहा छूटने वाला है गान्ड मे ही छोड दूँ क्या तो वो बोली तेरी मर्ज़ी है मैं बिल्कुल किनारे पे आ चुका था और एक ठंडी आह के साथ मेरी टांगे काम्पि और मैं उसकी गान्ड मे स्खलित हो गया जब तक लंड मुरझा के बाहर ना निकला मैं उसपे ही पड़ा रहा
फिर मैं उठा और साइड मे लुढ़क गया थकान बहुत ही ज़्यादा हो गयी थी गीता की हालत भी ऐसी ही थी मैने कुछ देर उसे चूमा और एक दूसरे की बाहों मे हम सो गये. जब मेरी आँख खुली तो सुबह के सवा 6 हो रहे थे लाइट अभी तक नही आई थी मैने अपना कच्छा पहना किवाड़ को खोला तो देखा कि अंधेरा ही था और बरसात अभी तक हो रही थी हाँ हवा ज़रूर शांत हो गई थी मैने वही खड़े खड़े पेशाब किया और वापिस आके गीता की बाहों मे पनाह ले ली उठ तो वो भी गयी थी पर जान बुझ के लेती ही हुई थी उसने टाइम पूछा मैने बताया तो बोली अब उसे चलना चाहिए
अगर कोई इस तरफ आ निकला तो कई सवाल खड़े हो जाएँगे मैने कहा बाहर बरसात हो रही है कहाँ जाओगी ये सुनके वो खाट पे ही बैठ गयी उसने पूछा कि कपड़े सूखे क्या मैने कहा नही अभी भी थोड़े गीले ही है पर पहनने के लायक तो है ही गीता के नंगे बदन की तपीस से मेरी सोई आग फिर से भड़कने लगी मैने उसे लिटाया और उसकी चूत पे अपने होंठ रख दिए अभी भी पेशाब की गांध आ रही थी गीता बोली ना अब और नही तो मैने कहा कि बस एक बार और अपना मुँह चूत मे धसा दिया कुछ ही पॅलो मे गीता आहे भर रही थी ये सब ठंड का असर था वरना इतनी चुदाई मैने कभी नही की थी गीता की चूत की फांके मेरे मुँह मे थी और वो खाट पे मचल रही थी
गीता हौले से बोली बस आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स हीईईईईईईईईईईईईई ईई ईईई ईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईई ओह हह हह हह हह हह हह बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स भीईीईई ईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर र्र्र्र्ररर र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ नाआआआआआआआआआआआआआआआअन्न्नऊनननननननणणन् न्न्आआ्नननननननननननणणन् न्न्आआआननननननननननननननननननननननननननननणणन् न्न्आआआननननननननननननननननननननननननननननननणणन् न्न्आआआननणन्नाआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआआआआ
कुछ ही पॅलो मे गीता फिर से एक गरम चुदासी औरत मे बदल चूँकि थी गीता लगातार उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ आआआअहह हह हह हह करती हुई अपनी गान्ड को नीचे से उछालते हुए अपनी चूत को चटवा रही थी कोई दस मिनट तक मैने जी भर के गीता की चूत का रस चाटा वीर मैने उसकी जाँघो को एम शेप मे किया थोड़ा उन्हे उठाया और अपने प्यासे लंड को उसकी चुदासी चूत मे डाल दिया
उसकी चूत ने एक बार फिर से लंड को निगल लिया था तभी गीता बोली जी करता है सारी उमर तेरा लंड अपनी चूत मे ही रखूं तो मैने कहा किसने रोका है जब भी मन हो बुला लेना गीता का चेहरा पूरा लाल हो गया था उत्तेजना से गीता बोली और ज़ोर से चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्दद्ड
द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्डूऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ मुज्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहीईए
ईईईईईईईईईईईईईईई और जूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊररर्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से चोदो मुझे मेरा सब कुछ ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊओ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओट लो आज बस मुझे जब तक चोदो जब तक मैं मर ना जाउ
शाबाश बस ऐसी हीईीईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैं पूरी स्पीड से गीता की चूत मार रहा था गीता चुदाई मे पूरी तरह पागला चूँकि थी अब मैने उसे घोड़ी बनाया उसका पूरा पिछवाड़ा बाहर निकल आया क्या दिलकश नज़ारा था वो पीछे से लंड को चूत पे रगड़ने लगा अब उसकी हालत खराब होने लगी वो बोली जल्दी घुसाओ ना क्यो मज़ा बिगाड़ रहे हो मैं एक ही झटके मे उसकी चूत का रास्ता नाप दिया मैने उसके बोबो को पकड़ लिया और उन्हे बेदर्दी से मसल्ने लगा जितना भी उन्हे मसलता उतना ही वो और फिर फूल जाते मैने अपनी रफ़्तार तेज़ करते हुए गीता से कहा अभी नही झड़ना थोड़ा लंबा चलेंगे
उसने अपनी दोनो टाँगो को बिल्कुल चिपका लिया जिस से चूत और भी टाइट हो गयी अब मैं अपने दोनो हाथ उसके सुडोल कंधो पे रखे उसे भोग रहा था गीता की चूत से पच पच की आवाज़ आ रही थी गीता के जिस्म को पाके मैं धन्य हो गया था चोद तो कइयो को चुका था पर गीता उनमे बेस्ट निकली थी और वैसे भी जब औरत अपनी शरम का त्याग कर दे तो उसकी हर अदा और भी निखर आती है गीता मेरे हर धक्के का भरपूर मज़ा ले रही थी चूत ने लंड को ऐसे दबा लिया था जैसे उसका पर्मानेन्ट प्लॉट काट दिया हो वहाँ पे गीता भी पीछे की ओर अपनी गान्ड को हिला हिला के चुदाई का आनंद और भी बढ़ा रही थी ऐसे ही पूरे एक घंटे की मैराथन चुदाई के बाद हम लगभग एक साथ ही झाड़ गये एक बार फिर से मैने अपने वीर्य से उसकी चूत को निहाल कर दिया
मैं गीता से अलग हुआ एक जोरदार चुंबन लिया फिर हमने अपने अपने कपड़े पहने मैने किवाड़ खोला हल्का हल्का उजाला हो गया था पर ठंड काफ़ी लग रही थी फटा फट खाट को सही किया रात के सारे सुबूत सॉफ किए एक बार फिर गीता की गान्ड मसली और होंठ चुँसे फिर हम बाहर आए बारिश का ज़ोर भी ढल चुका था पर थोड़ी थोड़ी बूंदा बाँदी हो रही थी गीता बोली मैं चलती हूँ तो मैने कहा रूको मैं भी तुम्हारे साथ ही चलता हूँ और उसके पीछे पीछे चलने लगा चारो तरफ बस पानी ही पानी था घुटनो घुटनो तक पगडंडी का कही कुछ अता पता ही नही था फसल छितरा गयी थी इस बार नुकसान पक्का था गीता की हिलती गान्ड देख के मेरा लंड ललचाने लगा था पर अब मोका नही था कोई दस मिनट बाद हम गीता के खेत मे पहुँच गये
एक साइड मे एक ही कमरा था उसका जो मैने देखा उसका सब सामान पूरी तरह से गीला हो चुका था टीन टूटने की वजह से उसका बहुत ही नुकसान हो गया था गीता रौआंसी सी हो गयी मैने उसे दिलासा दिया कि घबराओ मत सब ठीक हो जाएगा अब हम लगे काम पर उसकी दोनो खाट पानी से फूल गयी थी उनका पानी निचोड़ा और उन्हे ठीक किया थोड़ी धूप लगने से वो इस्तेमाल लायक हो जाती मैने कहा तुम रूको मैं आता हूँ वापिस आया साइकल उठाई और गाव आ गया अपने कुछ दोस्तो को इकट्ठा किया और उन्हे लेके गीता के खेत मे आया उनकी मदद से गीता के मकान की टीन को दुबारा से लगाया और मजबूत तार से कस दिया इन सब मे काफ़ी टाइम लग गया था दोपहर ढल चूँकि थी भूख से बुरा हाल था पर दिल मे तसल्ली भी थी उसकी मदद करके पर उसका सारा सामान सेट कर दिया था
फिर मैं अपने कुन्वे पे आया और वहाँ पड़े बिस्तरे को लादा और गीता को दे दिया कि जब तक तुम्हारा सामान सुख ना जाए तुम ये इस्तेमाल कर लेना फिर मैं अपने दोस्तो के साथ वापिस हो लिया तभी मैने देखा कि कुन्वे पे पापा और चाचा आ गये थे उन्होने हमे देखा तो मैने उन्हे विस्तार से गीता के बारे मे बताया वो बोले ये तूने बहुत ही अच्छा काम किया वो लोग फसल को देखते हुए बोले कि अबकी बार तो नुकसान पक्का है मैने हाँ की फिर मैने कहा मैं कल रात से परेशान हूँ मैं घर जा रहा हूँ और अपने दोस्तो के साथ गाँव आ गया घर पहुँचा तो मम्मी को सारी बात बताई शाम तो हो ही चूँकि थी भूखा मर रहा था तो सबसे पहले दबा के खुराक पूरी की तो जैसे थोड़ी जान आई कुछ देर बाद पापा भी वापिस आ गये
मैने मम्मी की अलमारी से कुछ रुपये निकाले और सीधा गीता के पास पहुँच गया उसे रुपये दिए मैने कहा अभी मेरे पास इतने ही है पर जल्दी ही तुम्हारे पूरे कर दूँगा तो उसने कहा उसकी ज़रूरत नही है तुमने इतनी मदद की काफ़ी है तो मैने कहा जो मदद तुमने की है उसके आगे ये कुछ भी नही है मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया कुछ देर बाद मैने कहा अब मैं चलता हूँ और वापिस घर आ गया रात ढल चूँकि थी मैं अपने रूम मे आया ही था कि शीला ने दस्तक दे दी शीला बोली क्या बात है आज कल मेरी तरफ नही देखते हो मैने कहा ऐसी बात नही है थोड़ा टाइम नही रहता आज कल तो शीला बोली आज अकेली हूँ आओगे क्या तो मैने उसे कहा नही भाभी कल खेत मे फस गया था पूरी रात नही सोया बहुत ही थकान है प्लीज़ आज नही तो उसने बुरा सा मुँह बनाया और वो अपने पैर पटकते हुए चली गयी मैने गेट बंद किया और चादर तान के सो गया
कॉलेज ऑफ था तो कोई टेन्षन थी नही सुबह थोड़ा लाते उठा नाश्ता कर ही रहा था तभी मेरे दोस्त का फोन आया कि कुछ नये एग्ज़ॅम नोट्स आए है खरीद लियो मैने नाश्ता ख़तम किया और घर वालो को बताया कि सहर जा रहा हूँ कुछ किताबें लेनी है और चल दिया स्टॅंड पे प्रीतम मिली उसने बताया कि वो सहर जा रही है कुछ सामान लाने मैने कहा कि मैं भी वही जा रहा हूँ टेंपो पकड़ा और सहर पहुँच गये मैने अपनी किताबे ली उसने अपने लिए कुछ दुपट्टे लिए और सॅंडेल्ज़ ली मैने कहा समोसा खाओगि तो उसने कहा अरे हाँ चलो हम एक दुकान मे बैठ गये आज काफ़ी दिनो बाद उसके साथ टाइम मिला था थोड़ा रिलॅक्स फील हुआ काफ़ी देर बाते की उसके साथ उसने बताया कि शादी सर पे आने वाली है बहुत काम रहता है उसे आज कल मैने कहा शादी है तो काम भी ज़्यादा होगा ही वो बोली मुझे याद करते हो मैने कहा तू क्या मेरी प्रेमिका है जो तुझे याद करूँगा वो हँसने लगी फिर उसने छोटी-मोटी खरीदारी और की और हम वापिस आ गये घर आके मैं नयी किताबो मे खो गया 2-3 दिन बस ऐसे ही गुजर गये मैं गीता से मिलने जाना चाहता था पर मेरी स्टडी को देखते हुए चाचा ने खेतो की ज़िम्मेदारी संभाल ली थी तो मौका नही बन रहा था कुछ दिनो बाद सनडे आया अब हमेशा की तरह मिता से मिलने जाना था सर्दी की चुमकती हुई धूप भी बहुत अच्छी लगा करती है तय समय पे मैं मंदिर पहुँच गया कुछ देर बाद मेरे सपनो की मल्लिका आई उसकी सादगी ही उसकी खूबसूरती थी पर आज उसके साथ एक लड़की और भी थी
अब मैं उस से बात कैसे करू तो मैं मंदिर के खंबे का सहारा लेके बैठ गया मेरी नज़र बार बार मिता को ही देख रही थी थोड़ी देर बाद दोनो लड़किया मेरी ओर आई मिता ने बताया कि ये उसकी बहन है उसकी बहन ने मुझे कहा तो तुम हो वो जिसके नाम की रट ये दिन रात लगाए रहती है मैने कुछ नही बोला फिर थोड़ा टाइम उनके साथ बिताने के बाद मैं अपनी राह चल पड़ा आज दिल उड़ान भरने के मूड मे था घर आते ही रेडियो ऑन लगाया रोमॅंटिक गाने मेरे अहसास को और भी बढ़ा रहे थे चाची मज़े लेते हुए बोली आज कल क्या बात है तुम्हारे रंग ढंग बदले बदले लग रहे है मैने कहा सब मौसम का असर है
जब जब मैं मिता से मिलके आता था उसका रंग चढ़ जाता था मुझ पे हम मस्ती कर ही रहे थे कि तभी मम्मी आ गई उन्होने बताया कि तेरी बड़ी मामी का फोन आया था तेरे मामा और भाई को इस बार छुट्टी मिलने मे कुछ प्राब्लम हो रही है और फस्लो को भी संभालना है तेरे पापा तो ड्यूटी की वजह से बिजी है तेरी छुट्टियाँ है तो तू ही चला जा उनकी मदद के लिए मैने कहा मैं नही जाउन्गा तो मम्मी ने ज़ोर देते हुए कहा कि जाना ही पड़ेगा कल सुबह जाना है और चली गयी मैं भी अपने रूम मे आ गया फिर सोचा कि चलो इस बहाने से कौशल्या मामी से भी मिल लूँगा और जाने की तैयारी करने लगा
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बाकी टाइम ऐसे ही गुजर गया रात को थोड़ी देर मैने कुछ पेंटिंग्स बनाई और वही सो गया खैर, सुबह हुई कोई दस बजे मैं तैयार होके मामा के गाँव चल पड़ा बस की टिकिट ली और सफ़र के नज़ारे लेते हुए मैं सोच ने लगा कि सबसे पहले सीधा कौशल्या मामी के घर जाउन्गा और जाते ही उसे चोदुन्गा ये सोच सोच के मेरा लंड बस मे ही टाइट हुए जा रहा था किसी तरह सफ़र कट ही गया कोई बजे मैं उनके स्टॅंड पे उतर मैं तेज तेज कदमो सी रास्ता नापता हुआ कौशल्या मामी के घर की ओर चला जा रहा था मैने गेट खड़खड़ाया जैसे ही गेट खुला मेरा तो केएलपीडी हो गया क्योंकि गेट मामा ने खोला था किसी तरह खुद को संभाला नमस्ते की और अंदर चला गया तो पता चला कि कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थी
इसलिए मामा घर आए हुए थे मेरा तो पूरा मूड ही ऑफ हो गया था पर अब किया भी क्या जा सकता था बातचीत कर ही रहे थे कि मामा बोले तुम बैठो मैं अभी दुकान जाके आता हूँ और घर से बाहर चले गये उनके जाते ही मैने कौशल्या को पकड़ लिया और अपने होंठ उनके होंठो पे रख दिए और कस्के चुँसने लगा और अपना हाथ उनकी साड़ी मे डालते हुए उनकी छोटी सी चूत को मसल्ने लगा मैं उन्हे किस कर ही रहा था कि उन्होने मुझे अपने से दूर किया और बोली अभी नही तुम्हारे मामा पास ही गये है अब तुम आ गये हो तो मैं कुछ ना कुछ जुगाड़ करूँगी पर अभी थोड़ा कंट्रोल करो मैं शांत होके सोफे पे बैठ गया कुछ ही देर मे मामा भी आगये तो मैने उन्हे बताया कि बड़ी मामी ने बुलाया है
मामा मुझे उनके पास रोकना चाहते थे पर मैने कहा कि मैं दिन मे आउन्गा और फिर उन्हे बोलके बड़ी मामी के घर चल पड़ा नाना-नानी मुझे देखते ही खुश हो गये फिर अंदर से मामी भी आ गयी तो मैं उनके पास चला गया दुआ सलाम हुई वक़्त पता ही नही कैसे बीत गया खाना वाना हो चुका था मैं नानी से बात कर ही रहा था कि मामी बोली तुम मेरे पास उपर ही सो जाना मैं तो अकेली रहती हूँ गप्पे लड़ाएँगे मैने कहा जी ठीक है फिर मामी ने घर का काम समेटा और हम चॉबारे मे चल पड़े वहाँ पे उन्होने मेरा बिस्तर लगाया और फिर अपना हम काफ़ी देर तक बात चीत करते रहे फिर मामी बोली चलो अब सो जाओ रात काफ़ी हो गयी है कुछ ही देर मे मैं सपनो की दुनिया मे खो गया अगली सुबह मैं उठा
फटा फट फ्रेश हुआ नाहया धोया और घर के बाहर बैठ गया मेरा मान कौशल्या की तरफ भटक रहा था तभी मामी ने नाश्ते के लिए बुला लिया नाश्ता करने के बाद मैने कहा मामी मैं कौशल्या मामी के यहाँ जा रहा हूँ दोपहर तक आ जाउन्गा तो मामी मुझे घूरते हुए बोली क्या बात है पिछली बार भी तुम उनके ही यहाँ से वापिस चले गये थे और अब भी उन्ही की तरफ भाग रहे हो मैं सकपका गया मैने कहा ऐसी कोई बात नही है बस ऐसे ही तो वो बोली हाँ घूम आओ मैं तो ऐसे ही कह रही थी मैं भर आया और घूमते घूमते कौशल्या के दरवाजे पे पहुँच गया मामा घर पे ही थे मुझे देखते ही कौशल्या के चेहरे पे एक गहरी मुस्कान आ गयी जिसका अर्थ बस मैं ही जानता था
मामी बोली नाश्ता लगा दूं क्या तो मैं बोला नही मैं नाश्ता करके आया हूँ मैं उनसे बाते करने लगा तभी मामा बोले कि तुम लोग बातें करो मैं सहर जा रहा हूँ गॅस का कनेक्षन सिंगल से डबल करवाना है और पेंडिंग वाला सिलिंडर भी लेके आना है कुछ देर बाद चले गये मामी ने गेट बंद किया और सीधा आके मेरी गोदी मे बैठ गयी और अपने लाल लाल होंठो को मेरे होंठो से जोड़ दिया उनके नरम नरम पतले होंठ बहुत ही रसीले थे मैने जी भर के उनका रस पिया मामी बोली क्या बताऊ तुम्हारे जाने के बाद बस तुम्हे याद करके चूत मे उंगली करके ही गुज़ारा किया है अभी तुम्हारे मामा आए तो कुछ चैन मिला पर मेरी आग तो अब तुम्ही ठंडी करोगे और दुबारा किस करने लगी मैं भी उत्तेजित होने लगा था
मैने उन्हे गोदी से उतारा और अपनी पेंट की चैन खोल के लंड को बाहर निकाल लिया लंड देखते ही कौशल्या की आँखे चमक उठी उन्होने तुरंत ही मेरे लंड को अपने मुँह मे क़ैद कर लिया और किसी आइस क्रीम की तरह उसे चुँसने लगी उनके चेहरे की खुशी देख के लग रहा था कि कई जन्मो के प्यासे को आज पानी मिला हो बड़ी ही अदा से वो मेरा लंड चुँसने लगी थी धीरे धीरे करते हुए उन्होने मेरा पूरा लंड अपने मुँह मे डाल लिया था थूक उनके होंठो से टपकते हुए नीचे गिरने लगा था उनकी आँख वासना से चमकने लगी थी पूरे दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मैने उन्हे अपने लंड से हटाया और उनके कपड़े उतारने लगा तो उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्लीज़ कपड़े ना उतारो वो क्या है दिन का टाइम है कोई भी आ सकता है मैने उनकी बात मान ली और उनकी साड़ी मे हाथ डालते हुए उनकी काले रंग की कच्छि को उनके कुल्हो से खींच के निकाल लिया अब साड़ी के अंदर वो नंगी ही थी
मैने उन्हे सोफे पे ही घोड़ी बनाया और उनकी साड़ी को कमर तक उचा उठा दिया काले काले बालो से भरी उस प्यारी चूत को मैं कई दिनो बाद देख रहा था मैने गौर किया कि मामी की गान्ड का साइज़ कुछ बढ़ गया था मैने पूछा मामी गान्ड तो मोटी हो गयी है तुम्हारी कही किसी ओर से तो नही चुदवाने लगी हो तो वो बोली नही बस तेरे मामा के बाद तुझे ही दी है किसी और से चुदवा तो लू पर इज़्ज़त का डर है कही बदनामी हो गयी तो ग्रहस्ती उजड़ जाएगी वो बोली अभी सर्दिया मे ज़्यादा घी खाने से थोड़ी मोटी हो गयी हूँ और कुछ बात नही है मैने कहा मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था और मामी की चूत की फांको पे अपनी उंगली फेरने लगा कौशल्या के चूतड़ थिरकने लगे थे अब मैं उनकी चूत मे उंगली करने लगा मामी आहे भरने लगी
कुछ देर उंगली करने के बाद मैने अपना मुँह चूत पे लगा दिया आज कई दिनो बाद कौशल्या का पानी टेस्ट करने का मौका मिला था मेरी नाक उनकी गान्ड से टकरा रही थी चूत की खुसबु ने मुझे पूरी तरह मदहोश कर दिया था मैं बड़े ही चाव से मामी की चूत चाटने लगा मामी के चूतड़ अब बुरी तरह थिरक रहे थे कई देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मामी बोली बस अब इंतज़ार नही होता जल्दी से रगड़ दो मुझे तेरे लंड के लिए मरी जा रही हूँ जल्दी करो चोदो मुझे मैने बिना देर करे अपने लंड को उनकी चूत के छेद पे लगाया और अंदर की तरफ धकेल दिया मामी बोली ये हुई ना बात और अपने चुतडो को पीछे कर लिया अगले झटके के साथ पूरा लंड चूत की वादियो मे खोता चला गया मैने मामी की पतली कमर को थाम लिया और उनकी चूत मे तूफान मचाने लगा मामी बहुत ही मस्त हो गयी थी
उन्होने अपनी आँखो को मूंद लिया और मेरे हर धक्के को अपने अंदर महसूस करते हुए चुदने लगी मेरे हाथ उनकी कमर पे फिसल रहे थे और लंड उनकी चूत मे कोई पंद्रह मिनट तक घोड़ी बना कर चोदने के बाद मैं हटा और सोफी पे ही लेट गया मामी ने एक बार फिर अपनी साड़ी को उपर किया और सीधा आके मेरे लंड पे बैठ गयी और अपने कुल्हो को उचकाते हुए मेरे लंड का मज़ा लूटने लगी मैने उनके चुतडो को थाम लिया और आनंद लेने लगा मामी के माथे पे पसीने की बूंदे उभर आई थी पर वो बड़े ही जोश से अपनी कमर को उचका रही थी मेरे हाथो की गिरफ़्त उनके मुलायम चुतडो पे कस्ति जा रही थी और फिर कुछ तेज धक्को के बाद मामी एक दम से निढाल होके मेरी बाहों मे समा गयी उनकी चूत ने उनका साथ छोड़ दिया था
मैं भी मंझदार मे था मैने फॉरन उन्हे अपने नीचे लिटाया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए लंड चिकनी चूत मे घूँसाया और ताबड तोड़ धक्के मारने लगा कोई 5 मिनट तक मैने खूब तेज तेज धक्क्के लगाए और उनका पुर्जा पुर्जा हिला दिया और फिर अपने पानी से उनकी चूत को गीला कर दिया अब मैं उनके उपर से उतरा और बैठ गया मामी भी खड़ी हुई अपनी साड़ी को सही किया और मेरे पास ही आके बैठ गयी मैने उनकी चूची को दबा दिया और पूछा मज़ा आया कि नही तो वो बोली आज तो पूरी हड्डी-पसली एक हो गयी है मैने चूची को ओर ज़ोर से दबाया तो वो बोली आह दर्द होता है ना वो उठी और बोली तुम बैठो मैं कुछ खाने को लाती हूँ और रसोई मे चली गयी फिर हमने कुछ खाया पिया थोड़ी देर बैठे पर मेरा मन नही भरा था
तो मैने उनका हाथ पकड़ा और उन्हे बेडरूम मे ले आया मैने कौशल्या का ब्लाउस खोल दिया और उनकी चूची पीने लगा मामी भी पूरे हक से मुझे अपना दूध पिलाने लगी वो बारी बारी अपनी दोनो चूचिया मुझे चूसा रही थी मामी को भी मेरी जीभ के खुरदरे अहसास से अच्छा लग रहा था मैने पूछा मामा कब तक वापिस आएँगे तो वो बोली 2-3 घंटे तो लग ही जाएँगे मैने कहा तब तो ठीक है जब तक उनके निपाल पूरी तरह ना तन गये मैं उनके बोबो को पीता ही रहा मामी की आँखो मे नशा भर गया था मामी बिस्तर पे लेट गयी औ अपनी टाँगो को चौड़ा कर लिया उनकी चौड़ी टांगे मेरे लंड को बुला रही थी मैने उनकी चूत पे एक जोरदार पप्पी ली और फिर लंड को चूत पे सेट कर दिया चूत की गर्मी से मेरा लंड झुलस उठा
मैने ईक ही धक्का लगाया और लंड चूत मे घूंस गया मैं पूरी तरह उनपे चढ़ गया था मामी ने अपनी टाँगो को मेरी टाँगो मे उलझा लिया उन्होने अपना मुँह खोला और मैने अपनी जीभ उनकी मुँह मे सरका दी मामी बड़े ही प्यार से मेरी जीभ को चुँसने लगी इधर मैं धक्के पे धक्के पे लगाए जा रहा था उधर मामी मेरी जीभ से चुँसे जा रही थी महॉल फुल रोमॅंटिक था अब मैने अपनी जीभ उनकी जीभ से लड़ानी शुरू की नीचे मामी ने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे जाकड़ दिया और चुदाई का मज़ा लेने लगी थी बस थप थप की आवाज़ के सिवा और कुछ भी नही सुनाई दे रहा था बेड की चादर पे सिलवाते पड़ रही थी मामी के हाथ मेरी गर्दन और पीठ पे रेंग रहे थे कौशल्या एक मिनट के लिए भी मेरे होंठो को नही छोड़ रही थी
चूत से रस बहता ही जा रहा था जो हमारी टाँगो तक आ पहुँचा था जाँघो पे चिप चिपाहट होने लगी थी मामी ने भी अपने चुतडो को उछालना शुरू कर दिया था मैं समझ गया कि वो झड़ने के करीब ही है मैने अपने धक्के और तेज कर दिए मेरी हर चोट पे उनकी चूचिया बुरी तरह उछल रही थी मेरा लंड बहुत ही खूँखार हो चुका था मामी की जंगली चुदाई हो रही थी उनके बाल बिखर गये थे होंठो की लिपीसटिक गायब हो गयी थी पर वो चुदे जा रही थी फिर उन्होने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया अपनी टाँगो को बुरी तरह लपेट लिया और चूत को ढीला छोड़ दिया मेरा पूरा लंड उनकी चूत के रस मे भीग गया मैने पूछा मामी रस चाखोगी तो उन्होने अपना मुँह खोल दिया मैने तुरंत ही लंड को चूत से निकाला और उनके मुँह मे दे दिया
और कुछ झटके मारने के बाद उन्हे अपना पानी पीला दिया जिसे पीके मामी का चेहरा चमक उठा मामी ने पूरे लंड को चाट के सॉफ कर दिया हम एक दूसरे की बाहों मे लेटे रहे फिर मामी उठी और बोली मैं अब अपनी हालत ठीक कर लेती हूँ ये आने ही वाले होंगे तो मैने कहा थोड़ी देर रूको मैं भी उठा और उनकी गान्ड को सहलाने लगा मामी बोली मैं थक गई हूँ अब और नही कर सकती फिर रात को तुम्हारे मामा को भी खुस करना पड़ेगा मैने कहा मेरी प्यारी मामी जब तक तेरी गान्ड नही मारूँगा तब तक मुझे चैन नही आए गा तो मामी बोली तुम मेरा कहा माना करो मैं कल दीदी के यहाँ आउन्गि दोपहर मे और मोका देख के तुम्हे गान्ड की सैर करवा दूँगी पर अभी मुझे छोड़ो और फिर वो बिस्तर को ठीक करने लगी फिर उन्होने अपना हुलिया ठीक किया फिर उन्होने मुझे चाइ पिलाई और शाम को 5 बजे मैं बड़ी मामी के घर की ओर चल दिया
मामी को चोदने के बाद मैं बहुत ही खुस था मेरी खुशी बड़ी मामी ने भाँप ली और बोली क्या बात है कौशल्या ने क्या दे दिया है बड़े खुश लग रहे हो तो मैने भी मस्ती से कह दिया कि दिया है कुछ स्पेशल और हँसने लगा कुछ देर ऐसे ही मज़ाक होता रहा फिर मामी बोली आज रात को लाइट का नंबर है हम सरसो मे पानी देने चलेंगे मैने कहा ठीक है मामी बोली अच्छा हुआ तुम आ गये तुम्हारे मामा और भाई को इस बार छुट्टी नही मिली पापा जी के बस की है नही मैं अकेली क्या क्या करू मैने कहा आप चिंता मत करो मैं सब संभाल लूँगा मामी ने मेरे सर पे हाथ फेर दिया रात को कोई साढ़े 8 बजे हम दोनो खेतो पे जाने को बिल्कुल तैयार थे मामी ने कपड़े चेंज करके सूट-सलवार डाल लिया था उनके खेत नज़दीक ही थे
कोई 5-7मिनट मे ही हम पहुँच गये मामी ने मोटर चालू की पानी बहुत ही ठंडा था मेरी तो आत्मा ही कांप गयी मामी पूरे खेत मे चक्कर लगा के चेक कर रही थी कि हर कौने मे पानी पहुँच रहा है या नही इस तरह हमे दो घंटे से उपर हो गये थे खेतो मे पर अभी काम अधूरा ही था उपर से पड़ती धुन्ध की वजह से कुछ ठीक से दिखाई भी नही दे रहा था मामी कस्सि से नाली को ठीक कर रही थी तभी उनका पाँव फिसल गया और वो गिर पड़ी जब वो गिरी तो कस्सि उनके हाथ से छूट गयी और उसका नुकीला वाला हिसा उनके कुल्हो पे पड़ गया मामी कराहने लगी मैं दौड़के उनके पास गया मैने उन्हे सहारा देकर उठाया और कोठरी तक ले आया मामी को काफ़ी दर्द हो रहा था उनकी सलवार पूरी तरह से कीचड़ मे सन गयी थी कोठरी मे बस सूखी घास ही थी
और कुछ औजार पड़े थे मैने उन्हे घास पे उल्टी लिटा दिया और जाँघ को दबाते हुए पूछा कहा पे लगी तो उन्होने कराहते हुए कहा थोड़ा उपर तो मैने अपने हाथ को उनके नितंब पे रख दिया ऐसा लगा जैसे मैने किसी रूई के ढेर पे हाथ रख दिया हो मामी को थोड़ी शरम भी आ रही थी पर उन्होने कुछ नही खाया मैने उनके चूतड़ को दबाया तो उन्हे बड़ा ही तेज दर्द हुआ मैने कहा मामी लगता है काफ़ी चोट लगी है उनकी आवाज़ दर्द से काँपने लगी थी मैने कहा आपकी सलवार पूरी तरह से गंदी हो गयी है और अगर आप ठीक समझे तो सलवार को थोड़ा नीचे कर दे ताकि मैं देख लू कि कस्सि से कही खाल तो नही कट गयी या कोई जख्म ना हो गया हो
अब चोट भी चूतड़ पे लगी थी मामी खुद नही देख सकती थी मामी के चेहरी के भाव पढ़के मैने कहा इस टाइम शरम की ज़रूरत नही है और वैसे भी जब डॉक्टर इंजेक्षन लगाता है तो भी करते ही हो ऐसा ही समझ लो तो उन्होने कुछ सोचा और उनकी सलवार का नाडा खोल दिया तभी मुझे पता नही क्या सूझा मैने उनकी सलवार घुटनों तक सरका दी मामी अस्चर्य से मुझे देखती ही रह गयी ऐसे मोटे मोटे चूतड़ तो मैने आज तक नही देखे थे एक एक चूतड़ कम से कम 7----------------8 किलो का तो होगा ही उन्होने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी जो बस एक लाइन से ही उनके गुप्तांगो को ढके थे और पूरे चूतड़ मेरे सामने थे मामी लरजती हुई आवाज़ मे बोली जल्दी से चेक कर्लो मैने अपने हाथ उसके चुतडो पे फिराने लगा
और बोला मामी शुकर है कोई जखम नही हुआ घर चल कर पेन किल्लर ले लेना ठीक हो जाएगा और अपने हाथ से चूतड़ को सहला दिया मामी के चुतडोमे कंपन मैने सॉफ महसूस की पर मैं नही चाहता था कि वो ये सोचे कि मैने जान बुझ के ये किया है तो मैने उनकी सलवार वापिस उपर कर दी तो उन्होने अपना नाडा बाँध लिया इधर मेरे लंड ने उनके गौरे गौरे चुतडो को देखते ही पयज़ामे मे तंबू बना दिया था मैने कहा आप थोड़ी देर लेटे रहो मैं पानी दे दूँगा जैसे ही मैं उठा मामी ने मेरे तने हुए लंड को देख लिया मैने भी छुपाने की कोशिश नही की अपना तो काम ही यही था कि कब कोई मिले मैं बाहर आया
और पयज़ामे को नीचे सरका दिया और मूठ मारने लगा आँखों के सामने वो विशाल चूतड़ ही घूम रहे थी कुछ देर मे मैं झाड़ गया फिर पानी देने मे लग गया जब हम घर पहुँचे तो 2 बज रहे थे बिस्तर पे गिरते ही मैं सो गया अगली सुबह मैं उठा तो मैने देखा कि मामी मुझसे नज़रे नही मिला रही थी तो मैने डाइरेक्ट्ली पूछा कि क्या हुआ वो रात वाली घटना से थोड़ा शर्मा रही थी मैने कहा मामी ऐसी सिचुयेशन तो किसी के साथ भी हो सकती है अगर मैं गिर गया होता तो क्या आप मेरी मदद नही करती तब जाके उन्हे थोड़ी तस्सली हुई नाना रोज की तरह ताश खेलने चले गये नानी भी पड़ोस मे गयी हुई थी मामी बोली तुम बैठो मैं नहा कर आती हूँ मैने कहा ठीक है इधर मामी का जाना हुआ और उधर कौशल्या का आना हुआ
आज तो नीले घाघरे और सफेद ब्लाउस मे एक नंबर का माल लग रही थी मैं उसे कहा चॉबारे मे चलो मैने कहा मामी अभी नहाने गयी है आधे घंटे से पहले नही आएगी इतने मे अपना काम हो जाएगा वो बोली कही फस ना जाए मैने कहा कुछ नही होगा तुम चलो तो सही और मैं उसे चॉबारे मे ले आया मैने कौशल्या को अपनी बाहों मे ले लिया और लगा चूमने जी भर के उसके होंठो गालो का रस्पान किया फिर मैं उसका घाघरा उपर किया और उसे घोड़ी बना दिया आज उसने कच्छि नही पहनी थी मामी बोली कुण्डी तो लगा लो मैने कहा खुला ही रहने दो वैसे भी अभी कोई नही आएगा मैने अपना लंड निकाला और उनकी गान्ड पे रगड़ने लगा मामी बोली जल्दी से कर्लो ज़्यादा देर ना लगाना मैने गान्ड पे थूक लगाया और लंड अंदर डाल दिया और अपने हाथो को आगे बढ़ा कर उसके बोबो को भी बाहर निकाल लिया
और लगा उसकी गान्ड मारने मामी धीरे धीरे मोन करने लगी कौशल्या को गान्ड मरवाने का बहुत ही ज़्यादा शौक था और उसकी गान्ड थी भी एक दम मस्त जितना मारो उतनी कम मामी की गान्ड मारते कुछ ही मिनट हुए थे कि तभी मानो भुंचाल आ गया बड़ी मामी चॉबारे मे आ गयी और हमे इस तरह देख के उनके होश उड़ गये हमे भी संभालने का कोई मोका नही मिला वो दरवाजे मे खड़ी थी और कौशल्या फर्श पे घोड़ी बनी हुई थी मेरा लंड उसकी गान्ड मे अटका पड़ा था हम दोनो तो सुन्न ही हो गये दिमाग़ जैसे बंद ही हो गया था हमारा फिर कौशल्या एक दम से हटी मुझे अपने से दूर किया तो मेरा लंड फॅक से गान्ड से बाहर निकल आया और हवा मे लहराने लगा बड़ी मामी की नज़र मेरे लंड पे जम गयी
ये सब इतनी जल्दी हुआ कि रिएक्ट करने का टाइम ही नही मिला कौशल्या ने जल्दी से अपने ब्लाउस के बटन बंद किए और बड़ी मामी के पैरो मे गिर गयी और रोने लगी हाथ पाव तो मेरे भी ठंडे पड़ गये थे मामी बस एक तक मेरे लंड को ही देखे जा रही थी जो किसी गुस्सैल साप की तरफ लग रहा था फिर उन्होने कहा इसे अंदर करो तब जाके मुझे होश आया कौशल्या उनके पाँवो मे पड़ी थी और माफी माँग रही थी मामी ने उसे गुस्से से देखा और बोली तुझ से ये उम्मीद ना थी अपने भान्जे के साथ ही कब से चल रहा है ये सब तो कौशल्या ने पूरी कहानी उन्हे बता दी तो उन्होने कहा तू अभी घर जा मैं बाद मे तुझसे बात करूँगी कौशल्या तुरंत ही नो दो ग्यारह हो गयी अब बचा मैं ……….. मैने अपनी गरदन नीचे की ओर बेड के किनारे पे बैठ गया
मामी भी आके वही बैठ गयी और बोली तू कब से इतना बड़ा हो गया और अपनी ही मामी के साथ तुझे शरम नही आई मैने कहा शरम कैसी सब लोग तो करते है मामी बोली क्या करते है मैं कहा चुदाई मामी हैरान हो गयी बोली कुछ शरम कर ले तो मैने कहा मामी अब शरम करने को बचा ही क्या सबकुछ तो आपने देख ही लिया है फिर वो बोली आज पता चला कि तू बार बार कौशल्या की तरफ क्यो भागता है मैने कहा मामी मुझे चाहे कोई भी सज़ा दे दो पर आप उनका जिकर किसी से मत करना प्लीज़ तो वो बोली तू तेरी चिंता कर उसकी छोड़ और वो नीचे चली गयी मैं वही बैठा रह गया
मुझे अपनी फिकर नही थी बस मैं कौशल्या मामी के लिए परेशान होगया था अगर बड़ी मामी ने उनके पति को बता दिया तो गड़बड़ होनी तय थी कुछ देर बाद मैं नीचे आया मैने बाहर जाने के लिए गेट खोला तभी मामी बोली कहाँ जा रहा है तू तो मैने कहा मेरी मर्ज़ी है कही भी जाउ तो मामी गुस्से सो बोली बता कहाँ जा रहा है तो मैने बताया कि मैं कौशल्या मामी के घर जा रहा हूँ मामी बोली तू कहीं नही जाए गा इधर ही बैठ मेरा दिमाग़ भी अब कहराब होने लगा था मैने कहा मामी प्लीज़ मुझे जाने दो मामी बोली पहले मुझे बता क्यों जाना चाहता है तू क्या दुबारा वो सब करने के लिइईईईईईईईईईईईईईईईईईईई………………………………………..
तो मैने कहा मामी प्लीज़ उन्हे संभालना ज़रूरी है आप चाहे वो सज़ा मुझे दे देना पर अभी मुझे जाने दो तो उन्होने कहा तू कही नही जाएगा मुझे बुरी तरह से खीज होने लगी थी मैं बोला ठीक है नही जाउन्गा पर आप प्रॉमिस करे कि आप इस घटना के बारे मे किसी को कुछ नही बताएँगी तो उन्होने कहा और मैं ऐसा क्यो करू मुझे क्या मिलेगा मैने कहा जो आप चाहो बस ये बात लीक ना होनी चाहिए मामी ने कहा देखो जो भी तुम लोगो ने किया है वो है तो ग़लत ही पर फिर भी वो सोचेंगी कि क्या करना है मैने कहा इसमे सोचना क्या है तो उन्होने कुछ नही कहा और चली गयी मैं बैठक मे जाके लेट गया इसी तरह सोचते सोचते मेरी आँख लग गयी जब मैं उठा तो शाम पूरी तरफ ढल गयी थी मैने अपना मुँह धोया दिमाग़ घूम रहा था
सर मे काफ़ी दर्द भी हो रहा था मैने नानी से पूछा मामी कहाँ है तो उन्होने बताया कि वो कौशल्या के घर गयी है काफ़ी देर हो गयी वापिस नही आई है ये सुनके मेरी गान्ड फट गयी मैं बाहर की ओर भागा आधा रास्ता पार किया ही था कि मामी मुझे आती हुई दिखी उन्होने मुझे रोका और अपने साथ वापिस घर ले आई मैं हताश हो गया था फिर मैने कुछ पेन किलर्स ली तब जाके कुछ राहत मिली मैं नाना नानी के साथ बैठा था पर मेरा मन बातचीत मे नही था मैं उठ के मामी के पास रसोई मे गया और पूछा कि आप कौशल्या के घर क्यों गयी थी उन्होने कहा मुझे कुछ काम था मैने कहा क्या काम था वो बोली तुझे क्या लेना देना है मैं चुपचाप वापिस आके बैठ गया फिर मैने सोचा छोड़ सारी टेन्षन जो होगा देखा जाएगा
मैं विचार कर ही रहा था कि मेरे मन मे आया की अगर मैं किसी तरह से बड़ी मामी को चोद दूं तो फिर वो किसी से कुछ नही कह पाएँगी पर उन्हे चोदना आसान थोड़ी ही ना था मैने पूरा निस्चय कर लिया कि आज रात हर हाल मे मामी को चोद के ही रहूँगा चाहे जो कुछ भी हो जाए एक बार चुदने के बाद वो खुद फस जाएँगी फिर कोई टेन्षन हो गी ही नही पर कैसे होगा ये??????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????मैं काफ़ी देर तक सोचता रहा फिर मामी ने आवाज़ लगाई कि खाना रेडी हो गया है ख़ालो आज मेरी फेवरेट. मटर-पनीर की सब्ज़ी थी खाना ख़तम करने के बाद उन्होने मुझे गुड वाला दूध दिया
अब बस सोना ही था मैं कमरे मे गया और कपड़े चेंज करने लगा मैने आज बिना अंडरवेर के ही सीधा पयज़ामा डाल लिया था कोई 10 बजे मैं और मामी चॉबारे मे थे मामी रज़ाई ओढ़ के बेड पे लेट गयी पर मैं पलंग पे बैठा ही रहा मामी बोली नींद नही आ रही है क्या मैने कहा मुझे आपसे बात करनी है कुछ तो उन्होने कहा हाँ बोलो तो मैं उठ के उनके पास बैठ गया मैने कहा मामी मैं बिल्कुल झूट नही बोलूँगा देखो छोटे वाले ममाजी अपनी ड्यूटी के चक्कर मे कई कई दिनो मे आते है वो अकेली पड़ जाती है फिर उनकी कुछ पर्सनल नीड्स भी होती है किन्ही पॅलो मे मेरा और मामी के बीच ये रिश्ता बन गया है और वो काफ़ी एंजाय भी करती है तो मामी बोली तेरे मामा भी फोज मे है और 6-6 महीने मे घर आते है
पर मैने तो ऐसा कभी नही किया मानती हूँ कुछ नीड्स होती है पर इसका मतलब ये तो नही कि किसी के भी साथ ऐसा करे मैं कहा मामी मैं मानता हूँ पर देखो उन्होने बाहर तो किसी से नही करवाया अगर घर मे ही उनको वो खुशी मिल रही है तो इसमे ग़लत क्या है मामी बोली पर अपने पति को धोखा देना ??????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????? मैं थोड़ा बोल्ड होते हुए बोला इसमे धोखा क्या है वो कही बाहर तो नही जा रही है क्या आपने आज तक उनके कॅरक्टर मे कुछ कमी देखी है तो वो चुंप हो गयी मैने कहा मामी आपने हमे बेशक रंगे हाथ पकड़ लिया हो आप घर में किसी को भी बताएँगी
तो कोई भी आपका विश्वास नही करेगा और कौशल्या तो सॉफ मना कर देगी और मैं भी फिर आपके पास कोई पक्का सबूत भी नही है तब आप क्या करेंगी मामी बोली तुम तो बड़े तेज निकले मामी बोली ठीक है मैं किसी से कुछ नही कहूँगी पर आगे से तू उसके साथ ऐसा कुछ नही करेगा मैने कहा चाहे आप बुरा मानो पर मैं उसका साथ नही छोड़ूँगा क्यों कि मुझे बड़ा ही मज़ा आता है उनके साथ तो मामी बोली कैसा मज़ा ??? मैने कहा आपको नही पता क्या वो बोली बेशरम कुछ तो शरम कर हाई राम ये आजकल के बच्चे भी ना,………………………………………….. तो मैने कहा गौर से देखो मैं अब बच्चा नही रहा ट्रेलर आप दोपहर मे देख ही चूँकि हो मामी बोली चुंप कर बदमास्शह मुझे तो उन्हे शीशे मे उतारना था
मैने कहा मामी इमॅजिन करो अगर कौशल्या की जगह आप होती तो
ये सुनते ही उनके गाल शरम से लाल हो गये वो बोली ये तू क्या सोच रहा है मैने कहा देखो मामा आर्मी मे रहते है काफ़ी टाइम ड्यूटी पे ही बिता ते है तो आपको भी मन मे आता होगा सेक्स करने के बारे मे तब आप क्या करती है मामी को समझ नही आ रहा था कि क्या हो रही है उनके बेटे से भी छोटी उमर का लड़का उनसे ऐसी बाते कर रहा है वो शरम से गढ़ी जा रही थी पर मैं नही रुका मैने कहा बताओ ना मामी तब आप क्या करती है चूत मे उंगली या फिर लंबे बैंगन से ही काम चलाती हो
मामी बोली कमिने तू चुंप हो जा और थोड़ा गुस्सा करने लगी पर मैं नही रुका मुझे तो अपना प्लान कामयाब करना ही था मैने कहा क्यो सच्ची बात कड़वी लगती है ना
अब थोड़ा कौशल्या की स्थिति को समझो एक आप हो जो अंदर ही अंदर अपनी इच्छाओ का गला घोंट रही है और दूसरी तरफ वो देखो कैसे खिल गयी है आपको पता है कितने मज़े ले लेके चुदती है मामी हैरान हुए जा रही थी मैं जान बुझ के उनकी तुलना कौशलया से कर रहा था नारी का तो ये नैसर्गिक गुण है जलने का अब टाइम था उन्हे मक्खन लगाने का मैने कहा हालाँकि वो आप जैसी हॉट नही है परंतु मज़ा बहुत देती है
मामी बोली रे अब मैं हॉट कहा रह गयी हूँ बुढ़ापे के द्वार पे खड़ी हूँ मैने कहा आप को क्या पता जब आप मटक के चलती हो तो रास्ते मे कितने लोगो का खड़ा हो जाता होगा मामी के चेहरे पे एक चमक आने लगी थी वो बोली गंदी बाते मत करो आख़िर मैं तुम्हारी मामी हूँ तो मैने कहा मैं तो एक दोस्त समझ के आपको सच्ची बात ही बता रहा हूँ मामी अब ब्लश करने लगी थी मामी बोली तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगता है
मैं समझने लगा था कि वो अब लाइन पे आने लगी है तो मैने अपना हाथ उनकी रज़ाई मे घुमाया और उनकी छातियो पे रख दिया और उन्हे थोड़ा दबा दिया मामी की आह निकल गयी वो बोली ये क्या किया तुमने मैने कहा आपने ही तो पूछा था कि क्या अच्छा लगता है तो वो बोली बस ये ही अच्छी लगती है तो मैने कहा मुझे तो आप पूरी ही अच्छी लगती हो पर मेरी ऐसी किस्मत कहाँ कि आपको ठीक से देख सकूं मामी बोली रोज तो मुझे देखते हो मैने कहा हाँ पर उस तरह नही तो वो बोली खुल के बताओ तो मैने कहा नंगी.......................
मामी बोली तुम अपनी लाइन पार कर रहे हो
मैने कहा वो तो मैं पहले ही पार कर चुका हूँ मैने उन्हे कहा मामी प्लीज़ एक बार अपने इस बदन के दर्शन करवा दो ना जब से आपके कूल्हे उस दिन देखे थे मैं तो पागल हो रहा हूँ मामी बोली तुम चुंप हो जाओ वरना एक लगाउन्गि खीच के
मैने कहा एक क्या कई लगा लेना पर एक बार नंगी होके दिखा दो
मामी बोली तुम बहुत ही गंदे हो तभी मैने उनकी रज़ाई थोड़ी सर्काई और उनक बिस्तर मे घूंस गया मामी घबराते हुए बोली तुम यहाँ क्यो सो गये जाओ अपने बिस्तर मे जाओ मैने कहा थोड़ी देर मे चला जाउन्गा मुझे तो हर हॉल मे आज उन्हे चोदना ही था मैं फिर से उन्हे छेड़ने लगा मैने कहा मामी आप इतने इतने दिन कैसे अड्जस्ट कर लेते हो बताओं ना वो बोली मेरा अपने शरीर पे कंट्रोल है और अब इतनी उमर हो गयी है मैंखुद को संभाल सकती हूँ तो मैने कहा हाँ पर जब कोई आपके साथ एक ही बिस्तर मे हो और आपके साथ छेड़खानी करे तब भी
वो बोली हाँ तब भी
मैने कहा मैं नही मानता वो बोली तो मत मानो फिर कुछ देर खोमोशी रही मैने अपना हाथ उनके पेट पे रख दिया और उसे मसल्ने लगा मामी बोली क्या कर रहे हो मैने कहा कुछ भी तो नही ……………
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मेरे मन मे एक उम्मीद जाग गयी थी कि बड़िमामी को चोदने मे कामयाब हो ही जाउन्गा रात अपने शबाब पे आ चुकी थी मैं खाना खाते ही सीधा चॉबारे मे चला गया था कोई आधे घाटे बाद मामी भी आ गयी जब मामी कुण्डी लगा रही थी तो उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं खड़ा हुआ और उन्हे पीछे से पकड़ लिया मामी चोंक गयी और मुझसे अलग होने को बोली पर मैने पक्का सोच लिया था कि आज तो उनको चोद के ही मानूँगा मामी बोली,” छोड़ो!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मुझीईईईई कोई आ जाएगा तो ”
मैने कहा क्या मामी आप भी अभी कौन आएगा यहा पे और अपने हाथो से उनके उन्नत रसीले उभारों को भींचने लगा मामी लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी पर आज मेरा पक्का निश्चय था तो मैने अपनी पकड़ और भी टाइट करदी मेरा लंड उनकी साड़ी से ही गान्ड मे घुसने को बेताब हो रहा था जिसकी तपिश उन्हे भी अपने चुतडो मे महसूस होने लगी थी
मामी बोली ये पाप है ऐसा मत करो
मैने कहा पाप-पुन्य कुछ नही होता आप मुझे बस एक चान्स तो देके देखो बस एक चान्स और उनके ब्लाउस के हूकों को एक ही झटके मे खींच दिया ब्लाउस फट के मेरे हाथो मे आ गया गुलाबी कलर की ब्रा मे क़ैद उनकी गौरी गौरी मस्ती से भारी चूचियो को देख के मेरा हाल बुरा हो गया मैं उन्हे ब्रा के उपर से ही भींचने लगा मामी बोली अब मान भी जाओ बस बहुत हो गया तो मैने कहा अभी तो सुरू भी नही हुआ और आप कहती हो मान भी जाओ मैने कहा मामी आज मत रोको जो होता है बस होने दो और उनकी गर्दन पे चूमने लगा जैसे ही मेरे होंठ उनकी गर्दन से टकराए मामी के बदन मे एक लहर दौड़ गयी मामी की आवाज़ कांप उठी मामी बोली प्लीज़ रुक जाओ तूमम्म्मममममममम पर मैं लगा रहा उनकी गरदन को चूमते चूमते उनके बोबो से खेले जा रहा था मामी मना तो कर रही थी पर अब उनके स्वर मे इतनी तीव्रता नही थी कोई पंद्रह मिनट तक मैं उनके बोबो को दबाता रहा फिर मैं अपने हाथो को पीछे ले गया और उनकी ब्रा के हुको को खोल दिया और ब्रा को हटा दिया अब नंगी छातिया नीचे को लटक पड़ी
मैं अब पूरी तरह से उनको सहलाने लग गया उनके निप्पल्स का तनाव सॉफ दिखने लगा था मामी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था अब मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया ओर उनकी साड़ी के उपर से ही चूत को मसल्ने लगा मामी की सिसकी निकल गयी उन्होनी अपनी टाँगो को भींच लिया मैं मामी के कान मे बोला मामी अब मान भी जाओ ना कर भी दो मेरी इच्छा पूरी मामी कुछ नही बोली मैने उनकी साड़ी को उनके शरीर से अलग कर दिया अब बस पेटिकोट ही बचा था मैने उसके नाडे को पकड़ा ही था कि मामी बोली रुक जऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ म्म्म्म्माआआआआआआआआअत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ तो मैने कहा ओह कम ऑन मामी अब रुकने को मत बोलो और कुछ ही सेकेंड्स मे उनका पेटिकोट उनके पैरो मे पड़ा था मामी का हाहा कारी योवन मेरे सामने खुला पड़ा था बस चूत को गुलाबी कच्छि ने ढक रखा था मैने मामी को बाहों मे भर लिया और उनके लाल लाल होंठो को चुँसने लगा मामी भी कुछ हद तक गरम हो गयी थी मैं अपनी जीभ को उनके होंठो से रगड़ने लगा तभी उन्होने अपना मुँह खोल के मेरी जीभ को अपने मुँह मे ले लिया मैं असचर्यचकित हो गया
अब मैं उनके कुल्हो को दबाते हुए उनको किस कर रहा था बहुत ही लंबा किस चला उनके साथ कोई भी हटने को तैयार नही था मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था और उन्हे भी उनके नरम नरम होन्ट मेरे होंठो से चिपके पड़े थे मैं तो जैसे उनमे खो गया था पता ही नही कब तक उनके होंठो का रस्पान करता रहा उन्होने भी हटने की कोई कोशिश नही की थी जब मेरी साँस हद से बेकाबू हो गयी तब मैने मामी के होंठो को छोड़ा और अपने होंठो पे जीभ फेरी मैने कहा मामी तुम तो बड़ी ही रसीली निकली क्या स्वादिष्ट होंठ है आपके मामी अपनी तारीफ सुनके खुश हो गयी अब उनकी शरम भी थोड़ी हद तक गायब हो गयी थी मैने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और पूरा नंगा हो गया
मेरा लंड जो कपड़ो की क़ैद से छटपटाने को बेताब हो रहा था वो बाहर ताजी हवा पाते ही मचलने लगा मामी की आँखे मेरे लंड पे जम गयी मैं कहा अच्छी तरह से देखलो इसे अब ये ही आपकी हर अधूरी हसरत को पूरा करेगा मैं उनके पास गया और फिर से उन्हे किस करने लगा मेरा लंड उनकी चूत पे चुंभने लगा अगर बीच मे कच्छि नही होती तो अब तक वो चूत मे घुस चुका होता मुझे कोई भी जल्दबाज़ी नही थी मेरा प्लान था कि मामी को ऐसे चोदु कि वो पूरी तरह मेरी गुलाम बन जाए उन्हे मेरा चस्का लग जाए मैं अपने प्लान के अनुरूप ही स्टेप बाइ स्टेप जा रहा था मामी की चूचिया मेरे सीने मे घुसने को हो रही थी
एक बहुत ही बेहतरीन चुंबन के बाद मैने उन्हे बेड पे लिटा दिया और खुद भी उनके पास आ गया मैं अपनी उंगलिया मामी के होंठो पे फिरते हुए बोला मामी कैसा लगा पर मामी ने संकोच के कारण कोई जवाब नही दिया मैं मामी की साइड मे लेट चुका था तभी मैने उनकी चूची को अपने मुँह मे भर लिया और अपने हाथ से उनकी मांसल टाँगो को सहलाने लगा बहुत ही गौरी और चिकनी टांगे जैसे उनपे मलाई की मालिश की गयी हो मेरा हाथ बार बार उनपे फिसलने लगा उनकी चूची बहुत ही मुश्किल से मैं मुँह मे ले पा रहा था मामी पे भी अब कामदेव के तीर का असर होने लगा था मामी की गदराई जवानी के सागर मे आज मैं डुबकी लगाने वाला था उनकी चूची मेरे थूक से सन चुकी थी मैने उसे बाहर निकाला और दूसरी वाली को चूसने लगा मामी की आहे निकलने लगी थी कई देर तक ऐसे ही चलता रहा आहिस्ता आहिस्ता उनके अंदर काम वासना फूटने लगी थी अब मैं हटा और उनकी टाँगो के बीच आके बैठ गया मैने उनके पैर को अपने हाथो मे थामा और उसे चूमने लगा मेरी जीभ उनकी नरम नाज़ुक पिंडली पे फिसले जा रही थी मैं आज बिल्कुल ही अलग मूड मे था धीरे धीरे मैं उनको चूमते चूमते उनकी मोटी मोटी जाँघो की ओर बढ़ चला बहुत ही सॉफ्ट थी वो उनको किस करते हुए बीच बीच मे मैं अपने दाँत भी उनकी जाँघॉमे गढ़ा देता था मामी की गौरी जाँघो पे मेरे काटे के निशान पड़ गये थे मामी उछलने मचलने लगी थी मैं उनकी जाँघो को अपने थूक से गीला करते हुए और उपर की तरफ बढ़ने लगा और फिर वो पल भी आया जब मैने अपना मुँह उनकी कच्छि के उपर से उस जन्नत के दरवाजे पे रख दिया
मैने उनकी कच्छि पे गीला पन महसूस किया तो मेरा दिल उछलने लगा मैने अपने हाथ बढ़ाए और उनकी कच्छि की इलास्टिक को पकड़ लिया मामी ने अपने कुल्हो को थोड़ा सा उठा लिया और मैने झट से उस अंतिम वस्त्र को भी उनके शरीर से जुदा कर दिया अब वो जनमजात अवस्था मे मेरे सामने बेड पे पड़ी थी कुछ देर मैने उनकी कच्छि को सूँघा फिर उनकी टाँगो को फैला दिया उनकी चूत पे एक भी बाल नही था शायद आज ही उन्होने सॉफ किए होंगे काले रंग की फूली हुई चूत के होंठ मस्ती से खुल बंद हो रहे थे मैने उनकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपना मुँह उनकी रेशमी चूत पे लगा दिया जब मेरी गरम जीभ ने उनकी चूत के मस्ताने छोटे से दाने को छुआ तो उनको 440 वॉल्ट का झटका लगा और उनकी मुत्ठिया बेड की चादर पे कस गयी और उनके चूतड़ उपर की ओर उठ गये उनकी चूत का टेस्ट थोड़ा खट्टा सा था मन को भा गया उनकी चूत का वो स्वाद मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया ना जाने कितने दिनो से उन्होने पुरुष स्पर्श प्राप्त नही किया था चूत बहुत ही गरम हो गयी थी
फांको को अलग अलग करने के बाद मैने चूत के अन्द्रूनि हिस्से को चाटना शुरू किया मामी पे मस्ती छाने लगी मामी बोली ऊहह हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआहह क्य्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर टेट्ट्ट्टीयीईयी हूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और अपनी जीभ को अपने दांतो तले दबाने लगी जब भी कोई औरत अपनी चूत को चुसवाती है तो ये उसकी जिंदगी का अनमोल पल होता है इन्ही लम्हो मे उसकी सारी शर्मो-हया दूर हो जाती है मेरी जीभ मामी की चूत पे अपना असर दिखाने लगी थी
मैं जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उनकी पंखुड़ियो को चूमे जा रहा था फिर मैने मामी को उठाया और फर्श पे झुंकते हुए खड़ा कर दिया और उनके चतड़ो को चूमने लगा और चूत के दाने को अपने अंगूठे से कुरेदने लगा मामी की टाँगो की थिरकन बढ़ गयी थी मैने उनके चुतडो पे जगह जगह काटा बिल्कुल लाल हो गये उनके चूतड़ अब मैने उन्हे सीधा किया और उनकी टाँगो मे अपना सर डाल के बैठ गया और पूरे उत्साह से चूत चु
पूरे उत्साह से चूत चुसाइ करने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी टाँगो मे दबा लिया और उन स्वर्णिम पॅलो का आनंद लेने लगी मामी की उत्तेजित सांसो की आवाज़ मेरा जोश और भी बढ़ा रही थी चूत से अब रस छूटना शुरू हो गया था मैने अपने दाँत उनके दाने पे गढ़ा दिए मामी मस्ती के शिखर की ओर बढ़ चली ।
उनकी चूत से रिस्ते चिप चिपे पानी से मेरे होंठ भीग रहे थे मैं अपनी जीभसे उनके पूरे योनि प्रदेश को नाप रहा था मामी की कोमल उंगलियाँ मेरे बालो को सहला रही था 15-20 मिनट तक निरंतर ये सब चलता रहा फिर मामी की चूत ने उनकी हसरतो का साथ छोड़ दिया और वो झड़ने लगी उनका बहता हुआ अनमोल रस मेरे होंठो से होता हुआ नीचे टपकने लगा इतना पानी मैने आज तक किसी भी औरत का नही देखा था शायद कई दिन मे झड़ने के कारण और वो थी भी तो बहुत ही जाबरदस्त माल बिल्कुल 24 करेट खरा सोना उनके झड़ने के बाद भी मैं चूत को चुंस्ता ही रहा फिर उन्होने मेरा मुँह अपनी चूत से हटाया और पास रखे जग से पानी पीने लगी फिर वो बेड पे लेट गयी मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो बोली मनोगे नही तुम मैने कहा आपका तो हो गया इस बेचारे का भी कुछ ख्याल करो मामी ने लंड की चमड़ी को हटाया और मेरे सुपाडे को निहारने लगी कुछ देर तक वो ऐसे ही देखती रही फिर उन्होने अपने हाथ को लंड आगे पीछे करना शुरू किया और मेरी मुट्ठी मारने लगी लंड की सारी नसो मे जोश भर गया थोड़ी देर तक वो मेरे लंड से खेलती रही फिर मैने उनकी टाँगो को पकड़ा और शेप मे करते हुए अपने लंड को उनकी चूत के सामने रख दिया मामी मेरी आँखो मे देख रही थी मुझे बहुत ही खुशी हो रही थी आज एक किले को और भेदने वाला था मैं
मैने उनके चुतडो को थोड़ा नीचे की ओर खिसकाया और अपना लंड उनकी चूत पे रख दिया एक हल्के से झटके से मेरा सुपाडा मामी की चूत पे किस करता हुआ अंदर घुस गया मामी की आँखे मस्ती के बोझ से मूंद गयी जैसे ही लंड ने चूत को टच किया वो अपनी औकात मे आ गया और एक ऑर धक्के के साथ आधा लंड मामी के अंदर था मैं कुछ देर उसे वही से अंदर बाहर करता रहा तो मामी ने अपनी आँखो को खोला और मेरी ओर सवालिया निगाहों से देखने लगी पर मैं रुका ही रहा तो उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा हिला के इशारा किया मैने हँसते हुए एक झटका और मारा और पूरा लंड उनके अंदर उतार दिया मामी की टाँगो को पकड़ट हुए अब मैने अपनी कमर को उचकाना शुरू किया मामी आआआअहह आआआआआआहह करने लगी बहुत ही धीमी धीमी आवाज़ मे चूत की फांको ने लंड को अपने मे कस लिया था लंड चूत की चिकनी दीवारो पे फिसले जा रहा था मामी को ऐसे ही चोदे जा रहा था फुन्च फुन्च की आवाज़ आ रही थी
लंड भी अच्छे से सेट हो चुका था तो मैने उनकी टाँगो को नीचे किया और पूरी तरह से उनके उपर छा गया मैने अपने मुँह को आगे करते हुए उनके चेहरे की तरफ बढ़ाया तो उन्होने भी स्वागत करते हुए अपना मुँह खोल दिया मैने उनके निचले होंठ को अपने मुँह मे भर लिया और लगा चूमने नीचे मेरा लंड सरपट सरपट उन्ही चोदे जा रहा था मामी ही हर मस्ती से भरी आह उनकी सांसो के साथ मेरे मुँहमे घूमने लगी वक़्त गुजरने के साथ साथ मेरी स्पीड भी अब बढ़ने लगी थी मामी पूरी तरह मेरे रंग मे रंग चूँकि थी मस्ती का महॉल से पूरा कमरा महक उठा था गरमा गरम चुदाई चल रही थी मैने अपने होंठ हटाए और उनके सुडोल कंधो को चूमने लगा मामी ने अपने दोनो हाथो को मेरी पीठ पे कस लिया और अपने कुल्हो को उचकते हुए मेरा साथ देने लगी मामी की चूत से बहुत ही ज़्यादा पानी बह रहा था जिस से मेरा लंड बार बार फिसल रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड हिला हिला के दे रही थी मामी का चुदाई का अनुभव तो बहुत ही ज़्यादा था
इस बार उन्होने मेरे होंठो को पकड़ लिया और अपने अंदर की जंगली औरत के रूप का दर्शन मुझे करवाने लगी उन्होने पलटी मारी अब वो मेरे उपर आ गयी थी उन्होने अपने हाथ मेरी चेस्ट पे रखे और लंड पे कूदने लगी लंड जड़ तक चूत मे समाए जा र्हा था उनके मुलायम हाथ मेरी चेस्ट को सहलाए जा रहे थे मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और बस उनके स्पर्श को फील करने लगा काफ़ी देर तक वो अपनी कमर को हिलाते हुए मेरे लंड पे उछल कूद मचती रही फिर वो मुझसे कस के चिपक गयी मैं समझ गया कि वो झाड़ रही है मैने उनकी कमर को थामा और नीचे से धक्के लगाने लगा उनका चरम सुख को पाने का मज़ा और भी बढ़ गया था मामी ने अपने मज़े के सफ़र को पूरा कर लिया था अब एक बार फिर से मैं उनके उपर चढ़ गया था अब मैने उनकी तूफ़ानी चुदाई शुरू की
मेरे हर धक्के पे वो आहे भर रही थी कोई 20-22 तेज शॉटो के बाद मेरा टाइम भी हो गया मेरे लंड ने उनकी चूत को गीला करना शुरू कर दिया गरम पानी की फुहारो को वो अपनी चोट मे महसूस करने लगी उनके चेहरी पे जमाने भर की खुशी छा गयी थी लंड से निकलती हर एक छोटी से छोटी बूँद को उनकी चूत ने अपने मे सोख लिया था थोड़ी देर बाद मेरा मुरझाया हुआ लंड मामी की चूत से निकला लंड पे उनके कामरस की एक सफेद सी पतली परत बन गयी थी मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी मुझसे सट गयी मैने उनके चेहरे को उपर किया और पूछा मामी अब बताओ मज़ा आया कि नही तो उन्होने शरमाते हुए अपनी गर्दन से हाँ का इशारा किया मामी मेरे सीने पे अपने हाथ चलाने लगी मामी बोली तू तो बड़ा माहिर निकला तेरा छोटू तो बड़ा ही दमदार है अब समझी कौशल्या तेरे आगे पीछे क्यों घूमती रहती है
मैने कहा क्या आप और नही चुदवाओगि तो उन्होने मेरी चेस्ट मे मुक्का मारते हुए कहा जब तक तू यहाँ रहेगा मैं रोज कर्वाउन्गि तुझसे और अपने चेहरे को मेरे सीने मे छुपा लिया मामी मेरी छाती पे हल्के हल्के से किस करने लगी मैं उनकी गुदाज पीठ को सहलाने लगा मामी ने अपनी टाँगो को मेरी टाँगो पे लपेट लिया मेरे हाथ उनकी पीठ से होके उनके कुल्हो की ओर चल पड़े अब मैं उनकी गान्ड की दरार को अपनी उंगली से कुरेदना लगा अब मामी की जीभ मेरी छाती पे फिर रही थी मामी के रूप मे मुझे साक्षात कामदेवी के दर्शन होने थे आज मैने मामी के बालो मे बँधे हेर बॅंड को खोल दिया तो उनके नागिन से गहरे बाल आज़ाद हो गये उनके बाल उनकी गान्ड तक लंबे थे मैं अपनी उंगलिया उनकी रेशमी ज़ुल्फो मे फिरने लगा खुले हुए बालो ने उनकी सुंदरता को ऑर भी बढ़ा दिया मैं उठ के खड़ा हुआ और मामी बेड पे बैठ गयी मामी ने मेरे मुरझाए पड़े लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे सहलाने लगी साथ ही साथ मेरे अंडकोषो को भी अपनी मुट्ठी मे भर लिया और उन्हे दबाने लगी मेरे लंड मे एक बार फिर से हरकत होने लगी उसमे हल्का सा तनाव आना शुरू हो गया मैने मामी के सर को पकड़ा और अपने लंड पे झुका दिया मामी ने अपनी लंबी जीभ को बाहर निकाला और उसे मेरी गोलियो पे फेरने लगी
मैं अपना कंट्रोल खोने लगा हालाँकि मैं कई औरतो को चोद चुका था पर आज एहसास हो रहा था कि मेच्यूर औरतो को चुदाई का कितना अनुभव होता है मामी मुझे अपनी स्पेशल क्लास दिखा रही थी मैं तो उनकी उन कातिल अदाओ का दीवाना हो गया था उसी पल से फिर वो थोड़ा उपर की ओर बढ़ी ओर लंड को चुँसने लगी उनके थूक से लंड पे चमक सी आ गयी थी अब उन्होने अपने होंठो को गोल किया और मेरे सुपाडे को अपने लाल होंठो मे दबा लिया उनकी गरमा गरम जीभ को मेरा लंड सहन नही कर पा रहा था लग रहा था कि मैं ज़्यादा देर उनके आगे नही ठहर पाउन्गा मज़ा अपनी हर सीमा तो आज लाँघ गया था मेरे पूरे बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी मेरी कनपटिया सुर्ख हो गयी थी पता ही नही चला कब उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने गले मे उतार लिया और मुझे मुख मैन्थून का मज़ा देने लगी मैं तो धन्य हो गया था उनका साथ पाके वो बड़ी ही कुशलता से मेरे लंड को अपने मुँह मे अंदर बाहर किए जा रही थी अब वो मेरे लंड को हिलाते हुए चूस रही थी मैं अपने होश खोते जा रहा था मैने कहा बस करो मामी छोड़ दो इसे पर उन्होने मेरी एक ना सुनी और अपना काम करती रही मामी लंड को चुंस्ते चुंस्ते उसे अपने मुँह से निकालती और अपने गालो पे फिराती और फिर से चुँसने लगती थी मेरे लिए अब सहना मुश्किल हो रहा था मैने उनके सर पे अपने हाथो की पकड़ को और भी मजबूत कर दिया और अपनी आँखो को बंद कर लिया और उस अद्भुत मस्ती को फील करने लगा मामी ने कोई 15 मिनट तक मेरा लंड चूसा ऐसी तल्लिनता से वो उसे चूस रही थी कि क्या बताऊ फिर मैने उनके सर को बुरी तरह से दबा लिया लंड उनकी गले मे अटक गया और ठीक उसी पल मैने अपना गाढ़ा गरमा गरम वीर्य से उनके गले को तर कर दिया मामी का मुँह मेरे पानी से भर गया था जिसे वो चटखारे लेके पीने लगी काफ़ी देर बाद उन्होने मेरे लंड को बाहर निकाला मैं बेड पे लेट गया वो मुझे देख के मुस्कुरा रही थी दो पल के लिए जैसे सब कुछ थम सा गया था मैं तकियो का सहारा लिए लेटा था तो मामी बेड पे चढ़ि और मेरे मुँह मे आके खड़ी हो गयी उन्होने अपनी चूत की दोनो पंखुड़ियो को अपनी उंगलियो से अलग करते हुए अपनी चूत को मेरे होंठो पे रख दिया और मेरे मुँह पे बैठ गयी मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और उनकी चूत मे घुसा दिया जैसे ही मेरी जीभ चूत मे घुसी उनके बदन ने एक झुन्र्झुरि ली जैसे जैसे मैं उसे चाट ता जा रहा था वैसे वैसे उनके मोटे मोटे कूल्हे थिरकने लगे थे उनके बोझ से मेरा चेहरा दबा जा रहा था पर मैं लगा रहा मामी बोली वेरीयियीयैआइ
गगगगगगगगगगगगगगगगगगूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह
हूऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईई मैं उनके चुतडो को दबाया और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को उनकी चूत पे रगड़ने लगा मामी की साँसे अटकने लगी वो बहुत ही तेज़ी से अपनी गान्ड को हिला रही थी जैसे कोई वाइब्रटर लगा हो काफ़ी देर तक मैं चुसता रहा फिर मैने उन्हे अपने उपर से हटाया क्यों कि मैं उनके बोझ से दबा जा रहा था फिर वो चित लेटी और मैने दुबारा से उनकी चूत को दबा लिया कोई दस मिनट ही बीते होंगे कि उनकी चूत की दीवार एक बार फिर से ढह गयी और वो झाड़ गयी मैने बेड की चादर से उनकी चूत को पोंछ दिया मामी अपनी चूचियो को मसल रही थी मैने गेट खोला और बाहर पेशाब करने चला गया ठंड से पूरा बदन हिल गया मामी भी मेरे पीछे ही आ गयी और छज्जे पे बैठ के अपना मूत्र त्याग करने लगी वापिस आके बिस्तर मे घुसने पे ठंड से राहत मिली मामी अब टेढ़ी होके लेटी हुई थी मैं उनसे चिपका पड़ा था मैने उनके बोबो को सहलाना शुरू किया मामी ने अपना हाथ पीछे किया और लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया उनकी उंगलियो का टच होते ही मुर्दा पड़े लंड मे फिर से जान आने लगी मैं एक हाथ से उनके बोबो को भींच रहा था और दूसरे से उनकी चूत मे उंगलिकरते हुए उन्हे गरम करने मे लगा था थोड़ी ही देर मे हम फिर से तैयार थे मैने उनकी एक टाँग को थोड़ा सा उपर किया और अपना लंड उनकी चूत मे धकेल दिया मामी ने अपनी गान्ड को पीछे करके मुझे रास्ता दिया मैने उनकी गर्दन पे अपने दाँतों के निशान छोड़ दिए और उनकी कमर मे डाले उन्हे चोदने लगा हम दोनो अपनी सुध बुध खोए हुए एक दूसरे की बाहों मे खोए हुए थे इस पोज़िशन में उनकी चूत काफ़ी टाइट लग रही थी मेरे लगाए हर धक्के का मज़ा ले रही थी मामी, काफ़ी देर तक हम लगे रहे फिर मैने उन्हे घोड़ी बना दिया और उनकी चूत को दो-तीन बार किस किया और थोड़ा थूक लगा के वापिस अपने लंड को अंदर डाल दिया मामी तो जैसे आज अपनी चूत का पूरा खजाना मुझ पे लुटाना चाहती थी
ये चुदाई बहुत देर तक चली मामी के खुले बाल उनके सर पे उलझे पड़े थे मैने उनकी गर्दन मे हाथ डाल के उन्हे थोड़ा उपर की ओर उठाया और लगा उन्हे करीब करीब 45 मिनट तक उन्हे जी भर के चोदा और फिर आगे पीछे ही डिसचार्ज हो गये इस तरह सुबह के 6 बजे तक मैने उन्हे उस रात मे 5 बार चोदा हम दोनो के चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि की भाव थे मामी के शरीर का एक एक जोड़ हिला दिया था मैं और कुछ ऐसा ही हाल मेरा था
जब मैं सो के उठा तो दोपहर का 1 बज रहा था अपनी आँखो को मसलता हुआ मैं नीचे गया तो नानी बोली बेटा आज तो बहुत लेट तक सोए हो मैने कहा हाँ नानी थोड़ी तबीयत ठीक नही थी इसीलिए मैने देखा मामी मेरी ओर देख के मंद मंद मुस्कुरा रही थी कोई ढाई बजे मैं कौशल्या मामी के घर था मामा वही थे तो कुछ ज़्यादा बातचीत नही हो पा रही थी फिर कोई आदमी आया तो मामा उसके साथ बाहर चले गये मैने कौशल्या को पकड़ा और अपनी गोदी मे बिठा लिया और उसे बताया कि अब घबराने की कोई बात नही है बड़ी मामी से प्रॉमिस ले लिया है वो किसी को हमारे बारे मे नही बताएँगी ये सुनके वो बहुत खुश हो गयी और एक जोरदार पप्पी दी पर मैने उसे ये नही बताया कि मैने बिर्मा मामी को भी रगड़ दिया
है
मैने कहा अब तुम कब दोगि तो वो बोली अभी तो रुकना पड़ेगा उसकी डेट्स शुरू हो गयी है तभी मैने कहा कि मामी की सहेली है ना वो सरोज वो मुझे अजीब से नज़रो से देख रही थी और अपने घर भी बुलाया है तो मामी बोली अरे वो एक नंबर की रांड़ है,छीनाल औरत है उसके चक्कर मे मत आ जइयो फिर वो मेरी गोदी से उतरी और कपड़ो को प्रेस करने लगी मामा भी वापिसा गये पर मेरे दिमाग़ मे आया कि इस सरोज रांड़ को भी चेक करना ही पड़ेगा कुछ देर बाद मैं वापिस हो लिया उनके घर से निकल के मैं खेतो की तरफ घूमने निकल पड़ा काफ़ी देर तक इधर उधर भटकता रहा जब मैं घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी गली एक दम सुनसान पड़ी थी जाते ही नानी ने कई सवाल पूछे उन्हे बताया कि ऐसे ही घूमने चला गया था
रात को बिर्मा एक बार फिर मेरे नीचे अपनी टांगे चौड़ी किए हुए पड़ी थी थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये मैं दिन मे मोका लगते ही मामी की चूत मार देता था और रात तो अपनी ही थी मामी की रंगत कुछ ही दिनो मे बदल गयी थी उनकी चाल मस्तानी हो गयी थी उन्होने भी अपनी आप को मुझ पे पूरी तरह न्योछावर कर दिया था ऐसा कोई एंगल नही था जिसे मैने उन्हे चोद्ते हुए उसे नही किया था हर रात हमारी सुहागरात होती थी बस दो दिन रह गये थे मेरे वापिस जाने मे मैं जाने से पहले कौशल्या को चोदना चाहता था पर चान्स ही नही बन रहा था और उस सुबह जब मैं दुकान से सब्जी लेके आ रहा था तो मुझे सरोज मिल गयी वो अपने घर के बाहर हॅंडपंप से पानी भर रही थी उसने मुझे देखा और बोली भान्जे सा आप तो हमारी तरफ आते ही नही कितनी बार बुलाया कभी हमे भी खातिर दारी का मौका दो
और अपने होंठ को दांतो से काट सा लिया मैं समझ गया था कि ये तो खुद ही तैयार है मैने कहा मामी आज ज़रूर आउन्गा अभी तो जाना होगा तो वो बोली दोपहर को आना मैं ये सुनके आगे को बढ़ गया दोपहर को मैने कहा कि नानी मैं थोड़ा घूमने जा रहा हूँ और सरोज के घर चल दिया वो मुझे देखते ही खुश हो गयी और मुझे अंदर ले गयी उसका घर भी काफ़ी बड़ा था मैने कहा और कोई नही दिख रहा है तो उसने बताया कि बच्चे तो अपनी बुआ के गये हैं छुट्टियाँ चल रही है ना और सास-ससुर है नही और ये अपनी दुकान पे गये है रात तक ही आना होता है वो मेरे लिए कुछ नाश्ता सा ले आई और बिल्कुल मेरे से सट के बैठ गयी उसकी टांगे मेरी टाँगो से रगड़ खाने लगी मैं इतना तो समझ ही गया था कि पका हुआ आम है बस चूसने की देर है
तो मैने नाश्ता छोड़ा और सीधा उसे अपनी गोदी मे लिटा लिया वो बोली अरे ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे तो मैने कहा देखो आक्टिंग मत करो मैं जानता हूँ तुमने मुझे क्यों बुलाया है सीधा पॉइंट पे आ जाओ ये सुनके वो बोली तुम तो बड़े तेज निकले मैने कहा तेज लोगो के साथ तेज होना पड़ता है और उसके गालो पे किस करने लगा सरोज उठी और मेन गेट बंद करके आई मैने उसे दबोच लिया और फॉरन से ही उसके घाघरे को उतार दिया नीचे कच्छि नही पहनी थी उसकी काले बालो से भरी चूत को देखते ही मेरी राल टपक गयी मैने उसका ब्लाउस भी उतार दिया और उस नंगी हुष्ण की मूरत को देखने लगा उसने मेरी पेंट के उपर से ही मेरे लंड को भींचा और मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया अब हम उसके बेडरूम मे थे
मैने भी अपने कपड़ो को हटा दिया मेरे लंड को देखते ही वो बोली अरे बाप रे हथियार तो पूरा ले रखा है पर चलाना भी आता है तो मैने कहा तुम चलाने की बात कर रही हो ये ना जाने कितने शिकार कर चुका है सरोज आके मेरी जाँघो पे बैठ गयी और अपनी बाहें मेरे गले मे डाल के मुझे किस करने लगी उसकी नरम जीभ मेरे मुँह मे घुलने लगी थी उसपे चूतड़ तेरी टाँगो पे धसने लगे थे 5-6 मिनट तक वो मेरे मुँह मे अपनी जीभ डाले रही उसके थूक का स्वाद बड़ा ही मीठा मीठा था मैं उसके चुंबन मे खो सा गया सरोज के साथ आने वाले पल मजेदार होने वाले थे वो मेरे होंठो को नोच खसोट रही थी वो अपना ख़ूँख़ार पन दिखा रही थी मैने किस तोड़ी और उसे अपनी गोदी मे ही लिटा लिया और उसके स्तनो को दबाने लगा
मोस्मि जैसे उसकी चूचियो मे बहुत ही कसाव था एक दम ठोस बॉल जैसे थी वो मज़े से उन्हे दबाने लगा सरोज गरम होने लगी कुछ देर बाद मैने उसे उठाया और उसकी नंगी टाँगो के बीच मे अपना सर घुसा दिया काले रंग की छोटी सी चूत बिल्कुल छोटे छोटे रोयेन्दार बालो से भरी और उपर से दाने पे तिल क्या गजब नज़ारा था मेरा मन मो लिया उसने मैने अपनी जीभ खोली और उसकी दिलकश चूत पे रख दी सरोज ने एकदम से अपनी आँखो को बंद कर लिया उसकी टाँगो को थोड़ा सा फैलाया और उसके दाने को अपने मुँह मे भर के चुँसने लगा कुछ ही देर मे उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चूँकि थी सरोज की सांसो का भार बढ़ने लगा था वो किसी नागिन की तरह मचलने लगी थी
उसने अपनी टाँगो को बिल्कुल उपर कर लिया जिस से उसकी चूत बाहर की तरफ उभर आई मैं उसे अपने दांतो से चबाने लगा बड़े ही चाव से मैं अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रगड़े जा रहा था जैसे ही उसे लगा कि अब वो झड़ने वाली है उसने मुझे हटा दिया और खुद लेट ते हुए मुझे अपने उपर खींच लिया और मेरे लंड को अपनी चूत पे टिकाते हुए बोले भानजे सा बस अब देर ना करो बना लो अपनी मामी को लुगाई मैने भी कोई देर ना की एक ही झटके मे लगभग आधा लंड सरोज की चूत मे उतार किया उसने अपने बदन को अड्जस्ट किया थोड़ी देर बाद पूरा लंड अंदर गोते खा रहा था उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट दिया और अपने तपते गरम होंठ मेरे होंठो से जोड़ लिए
और चुदाई के सागर मे हमारी नाव चल पड़ी मैं बहुत ही बेरहमी से उसे चोद रहा था पर वो भी पूरी पक्की वाली थी मेरी हर चोट पे अपनी गान्ड को उछालती हुई वो चुदे जा रही थी मैं उसकी जीभ को चुँसे जा रहा था काफ़ी देर तक वो मुझे अपनी मस्ताई हुई जवानी का रस चखाती रही फिर उसने अपने शरीर को टाइट कर लिया और ठंडी आह भरते हुए अपने सुख को पा लिया मैने उसे उल्टी लिटाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा मैं अपने दांतो से उसकी गरदन को काटने लगा हर धक्के के साथ लंड उसकी गान्ड से टकरा रहा था कोई पंद्रह मिनट ऑर लगे और मैने भी उसकी चूत को भिगो दिया
फिर मैं उठा और सरोज की चुनरिया से अपने लंड को सॉफ किया वो भी उठ के बैठ गयी और अपनी चूत से रिस्ते वीर्य को सॉफ करने लगी मैं अपनी पेंट पहन ही रहा था कि उसने मेरी बेल्ट को पकड़ लिया और अपनी नशीली आँखे मेरी आँखो मे डालते हुए बोली बस क्या एक बार मे ही थक गये और मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया मैने कहा चलो ठीक है एक राउंड ओर हो जाए क्या पता फिर कब मिलना हो सरोज मामी के हाथो की गर्माहट पाकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा मैने कहा मामी इसे थोड़ा गीला तो कर्लो तो उन्हने उसपे थोड़ा थूक दिया और उसे हिलाने लगी मैने कहा ऐसे नही तो वो बोली कैसे मैने उनने लंड चुँसने का इशारा किया तो वो हँसी और तुरंत ही मेरे लंड को अपने होंठो मे दबा लिया बड़ी ही बेफिकरि से सरोज ने मेरा लंड चुंसना चालू किया
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उसकी लॅप लपाटी जीभ मेरी चॅम्डी पे साँप की तरह घूमने लगी वो मेरे सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ घुसाने का प्रयत्न कर रही थी जिस से मुझे एक अलग ही प्रकार का मज़ा मिल रहा था लंड पे लगे थूक को वो चाटे जा रही थी लंड पूरी तरह भड़क चुका था मैने उसे हटाया और बेड के सिरहाने पे झुंका दिया और अपना मुँह उसके कुल्हो मे घूँसा दिया कुछ देर तक उसकी चूत का मज़ा लिया अब वो एक दम तैयार हो चूँकि थी तो अपने लंड को उसके मखमली दरवाजे पे लगाया और थोड़ा सा घूँसा दिया मामी थोड़ी सी पीछे की ओर हुई और उसी समय मेरा लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर मंज़िल पे पहुँच गया मेरे हाथो ने सरोज की उछालती हुई गोलाईयो को थाम लिया और उनको दबाते हुए उसकी चूत मारने लगा पसीना उसकी कनपटी से होता हुआ गर्दन की ओर बह रहा था मैं उसके पसीने को अपनी जीभ से चाटने लगा
सरोज की मस्ती और भी बढ़ गयी वो मेरे धक्को को अपने अंदर ले रही थी उसकी छातियो को बुरी तरह मसल्ने लगा और वो बार बार उतना ही फूले जा रही थी तभी मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और सरोज के मुँह को नीचे की ओर करते हुए उसके मुँह मे डाल दिया सरोज अपनी चूत के रस से साने लंड को चुँसने लगी थोड़ी देर लंड छूसाने के बाद मैं वहाँ रखी प्लास्टिक की कुर्सी पे बैठ गया और वो मेरे लंड पे बैठती चली गयी वो हौले हौले अपनी गान्ड को हिला रही थी शायद सेक्स को लंबा खींचना चाहती थी उसने मेरे कंधो पे अपने हाथ रखे और अपना एक्सपीरियेन्स मुझे दिखाने लगी उसकी कातिल छातिया मेरे सीने मे रगड़ खा रही थी मैं बस उसके बालो को सहला रहा था समय के साथ साथ उसकी गान्ड तेज़ी से हिलने लगी थी
कुर्सी के पाए हम दोनो के बोझ से चरमराने लगे थे मैने उसे कहा कि उतरो ओर बेड पे चलो पर उसने नही सुना और लगी रही सरोज पूरी रफ़्तार मे थी कुर्सी बुरी तरह लरजने लगी थी मैं बस अपने चरम पे पहुँचने ही वाला था कि तभी कुर्सी ने धोका दे दिया और उसकी एक टाँग टूट गयी मैं सरोज को लिए धड़ से फर्श पे गिरा पीठ मे थोड़ी चोट लग गयी उसकी भी कोहनी छिल गयी थी पर उस समय नसो मे खून ज़ोर मार रहा था तो ज़्यादा गौर नही किया और उसे दबोच ते हुए उसकी पतली सी टाँगो को अपने कंधो पे रख लिया और एक बार फिर से लगा उसे चोदने हम दोनो एक दूसरे मे खोए पड़े थे कि तभी बाहर से किसी ने आवाज़ लगाई सरोज का मज़ा किरकिरा हो गया उसने जल्दी से कपड़ो को डाला और बाहर चली गयी मैं बेड के नीचे छुप गया
पता नही कौन था पर सरोज को वापिस आने मे 10-15 मिनट लग गये थे महॉल भी ठंडा सा हो गया था लंड भी छोटा हो गया था तो उसने कहा बाहर आ जाओ मैं निकला उसने झट से अपने कपड़े उतारे और मेरी ओर देखने लगी मैने उसे बेड पे लिटाया और 69 मे आ गये जल्दी से दोनो को अपनी आग को दुबारा से जगाना था जल्दी ही उसकी योनि मे कामरस का संचार होने लगा रस की बूंदे छल छला उठी इधर लंड भी जोश मे आने लगा था एक दूसरे के अंगो को चूमने मे एक अलग ही मज़ा आ रहा था कुछ देर मे हम दोनो एक दम रेडी थे मैने उसके चुतडो पे एक नरम तकिया लगाया और उसकी टाँगो को उपर करके एक साथ जोड़ दिया अब चूत उभरी हुई और आपस मे चिपक गयी थी मैने लंड को सेट किया और घप से अंदर डाल दिया सरोज की एक मस्त आह निकल गयी
वो बोली बहुत अच्छे हर गुज़रते लम्हे के साथ हम एक दूजे मे खोते जा रहे थे मेरा लंड दबादब लगा हुआ था अब उसे चोद्ते हुए आधे घंटे से उपर हो चला था मैं बस कुछ ही पॅलो का मेहमान था तो मैने कहा मामी मेरा होने वाला है तो वो हाँफती हुई बोली बस थोड़ी देर और थोड़ी डीईईईईईईईईईईईररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर और ठीक उसी पल हम दोनो एक साथ ही झाड़ गये मेरा और उसका पानी एक दूसरे मे मिक्स हो गये मेरे माथे पे पसीने की बूंदे छल छला आई थी पर सरोज के चेहरे पे सुख के भाव थे थोड़ी देर वो आँखे बंद किए पड़ी रही मैं उठा और अपने कपड़े पहन लिए और बेड पे बैठ गया वो उठी और नंगी ही अपनी अलमारी की ओर चल पड़ी
उसने 500 के कुछ नोट निकाले और मेरे हाथ मे दे दिए बोली भानजे आज तुमने मुझे बहुत खुश किया है मेरी तरफ से एक छोटी सी भेंट तुम्हारे लिए मैं उसे मना करना चाहता था पर ना जाने क्या सोच कर मैने वो पैसे रख लिए सरोज फिर तैयार हुई थोड़ा शृंगार किया फिर खाना खिला कर मुझे विदा किया
वापिस जाते ही मामी पिल पड़ी कि कहाँ गये थे मैं कब से राह देख रही हूँ भूक नही लगती क्या एक साथ कयि प्रश्न कर डाले उन्होने तो मैने कहा कि बस ऐसे ही घूम रहा था फिर सवालो से बचने के लिए थोड़ा खाना और ठूंस लिया जैसे ही सोफे की पुष्ट से मेरी पीठ टिकी बॅक साइड मे एक दर्द की लहर उठी गिरने से जो चोट लगी थी वो अब रंग दिखा रही थी मैने अपनी जॅकेट और शर्ट को उतारा और हाथ फिरा के देखने लगा तभी मामी आ गयी मैने कहा देखिए ना तो उन्होने बोला तुम्हे तो चोट लगी है और फिर उन्होने दवाई लगा के थोड़ी ड्रेसिंग कर दी फिर लगी वो पूछने कि कैसे लगी ये चोट तो मैने सच बता दिया कि मैं पूरी दोपहर सरोज के साथ था और हमारे बीच जो भी हुआ वो सब उन्हे बता दिया मामी बोली कमिने कहाँ कहाँ मुँह मारता फिरता है
उस को तो मैं बताउन्गि मेरे भानजे को भी नही छोड़ा उस रंडी ने मैं थोड़ा थक सा गया था और कुछ दवाई का असर था तो मैं सो गया उठा तो सात बज चुके थे अगले दिन वापिस निकल ना था तो कपड़े पॅक कर ही रहा था कि मामी बोली कुछ दिन और रुक जाओ ना तो मैने कहा मामी अब घर भी जाना ज़रूरी है 15 दिन हो गये यहाँ आए हुए फिर कुछ दिनो मे कॉलेज भी ओपन हो जाएँगे दिल तो नही कर रहा पर क्या करू पर जब भी मोका मिलेगा तो आपके पास ज़रूर आउन्गा मामी थोड़ा मुस्काई और फिर नीचे चली गयी जब हम खाना खा रहे थे तो मामी ने नानी से कहा माजी अब कल तो ये चला जाएगा और अशोक को आने मे भी कोई 10-12 दिन लग ही जाएँगे(अशोक उनका बेटा) तो क्यों ना आज एक बार और खेतो मे पानी दे दें फिर बाकी काम अशोक आके देख लेगा
नानी बोली हाँ क्यो नही ज़रूर नानी बोली रात को आते आते काफ़ी देर हो जाती है और इतनी रात गये बाहर ठीक नही है तुम लोग रात को वही पे सो जाना और सुबह ही आना ये सुन के मुझसे ज़्यादा मामी के बदन मे चिंगारिया उठ पड़ी उन्होने जल्दी से अपना घरेलू काम समेटा और चॉबारे मे चली गयी मैने स्कूटर पे दो जोड़ी बिस्तर लाद दिए अब पैदल कौन जाता इस बोझ के साथ कोई 20 मिनट बाद वो नीचे आई एक दम सजी धजी बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह किसी नवयुवती को भी पछाड़ दे उस समय हल्के सफेद सूट सलवार मे गजब का पीस लग रही थी सूकर है नानी नाना सो चुके थे नही तो वो सब समझ जाते गेट को बाहर से ताला लगाया और स्कूटर पे बैठ के चल पड़े खेतो की ओर थोड़ा सुनसान रास्ता आते ही मामी ने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया
और शरारत करने लगी धुन्ध काफ़ी गहरा गयी थी तो थोड़ी परेशानी सी हो रही थी परंतु किसी तरह हम पहुँच ही गये मामी ने कॉटडे का ताला खोला और हम अंदर गये अब समस्या थी कि वहाँ पे चारपाई नही थी पर चूँकि दो कंबल थे तो उनको और एक रज़ाई को बिछा के इक गदम सा बिस्तर सा बना लिया था मैने कहा मामी आप यही रहो मैं मोटर चला के आता हूँ और फिर मैने पानी क्यारियो मे छोड़ दिया कॉटडे के द्वार को बंद किया और मामी की ओर बढ़ चला मामी बोली तुम कल चले जाओ गे तो मैने सोचा कि आज कुछ खास करू तुम्हारे लिए और वो मेरी बाहों मे आ गयी मैने अपने होंठो पे जीभ फेर के उनको गीला किया और उनके लिपीसटिक से सने होंठो को चूमने लगा डार्क चॉककलेट फ्लेवर की पूरी लिपीसटिक को चाट गया मैं मामी बोली आज की रात को यादगार बनाना है
तुम्हारे जाने के बाद भी मैं इन पॅलो को याद करके जीती रहूं और फिर से अपने रसीले होंठ मुझ से सटा दिए और लगी बेतहाशा चूमने ना जाने कब तब लगी रही वो फिर मैने उनके सूट को निकाल दिया उनकी सलवार उनकी गान्ड मे फसि हुई थी मैने अपना हाथ घुसा के उसे सही किया जमुनई रंग की ब्रा मे उनकी कसी हुई चूचिया बाहर निकलने नो बेताब हो रही थी मैं उनको चूमते चूमते उनकी गान्ड को भी सहलाने लगा था मामी ने मेरी जॅकेट को निकाल दिया वो कुछ ज़्यादा ही उतावली हो रही थी मैने उनकी सलवार के नाडे को पकड़ा और खोल दिया उन्होने अपने चूतड़ उपर किए और मैने सलवार को अलग कर दिया जमुनई ब्रा-पेंटी मे वो बहुत ही ज़्यादा हॉट लग रही थी उनकी कच्छि बहुत ही फॅशनबल थी बेसक छोटी सी लाइन थी चूत को भी पूरा नही ढक पा रही थी
और गौरे चूतड़ तो पूरे ही नंगे थे मेरा लंड एक दम से ही तन गया मैने जल्दी से कपड़े उतारे और नंगा हो गया वो मेरे सीने से चिपक गयी और बोली थोड़े दिन और रुक जाओ ना मैने उन्हे समझाया और उनकी गौरी पीठ को सहलाने लगा और उनकी ब्रा के हुन्को को खोल दिया मामी की चूचिया मेरे सीने पे गिर पड़ी हद से ज़्यादा कोमल मैने उनके लाल होंठो को एक बार फिर से दबा लिया और उनके चुतडो को सहलाने लगा मामी ने मुँह खोल के अपनी जीभ को मेरे मुँह मे सरका दिया था जिसे मैं चुँसने लगा मेरा हाथ उनकी गान्ड की दरार मे पहुँच चुका था मैं मज़े से उनकी गौरी गान्ड को मसल्ने लगा मामी चिहुनकने लगी मैने किस तोड़ी और उनकी गर्दन को चूमने लगा
उन्होने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसपे अपना हाथ फेरने लगी मैने अब उनकी गदराई हुई टाँगो को उपर किया और उनकी कछि को बाहर निकाल दिया छोटे छोटे बालो से भरी हुई काली चूत जो पिछली कई रातो से मेरी प्यास बुझा रही थी एक बार फिर से मेरी आँखो के सामने थी मामी बोली इतने गौर से क्या देख रहे हो तो मैं बोला डार्लिंग अब ना जाने कब मौका मिले इस रस से भरी प्याली को पीने का और झुकते हुए अपने दाँत उनकी फांको मे गढ़ा दिए मामी बोली ओह जुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लमीीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीईईईईईईईईईईईईईईई अपनीईईईईईई मान्ंननननननणणन् कीईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआअ ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मानाआआअ लीईईई मेर्रर्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दूस्स्स्स्स्स्स्स्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सवूऊयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूववूचेयेयीयायगग्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ग्गर्र्र्रयाययीयट्ट्ट्ट ओह बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स माआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईई टत्त्टटटटटटटतततूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ मारीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
एक दम से चूत गीली हो गयी थी उपर से नीचे तक मैं उसे चाट चाट के सुखाए जा रहा था मामी तो शाम से ही उत्तेजित थी तो चूत बुरी तरह से पनियाई पड़ी थी और रही सही कमी जीभ ने पूरी कर दी चूत से पानी बहे जा रहा था मामी मेरे सर को चूत पे दबाए पड़ी थी मामी का हाल तो बस पूछो ही मत 5 मिनट भी नही बीते होंगे और मामी झाड़ पड़ी पूरा खारा पानी मेरे मुँह मे समा गया मामी बेधल होके पड़ गयी आज मेरा दिल उनकी गौरी गान्ड पे आ गया था और वैसे भी कई दिनो से गान्ड मे लंड नही घूँसाया था तो मैने उन्हे औंधी किया अपना मुँह उनकी गान्ड पे लगा दिया और उसे चाटने लगा मामी बोली ये क्या करते हो गुदगुदी हो रही है पर मैं लगा रहा थोड़ी देर चाटने से मामी की गान्ड का छेद खुलने और बंद होने लगा
उपर से गिरते हुए थूक से और भी चिकना हो गया था मैने अब उनके कूल्हों को थोड़ा सा चौड़ा किया और अपने लंड को वहाँ पे टिका दिया ज़ोर लगाने पर मेरा सुपाडा अंदर घूंस गया मामी को थोड़ा दर्द सा हो रहा था पर वो भी तैयार थी अपनी गान्ड मुझे देने क लिए मामी की गान्ड ज़्यादा टाइट नही थी तो ज़्यादा मुश्किल नही हुई और कुछ प्रयासो के बाद मेरा पूरा लंड अंदर तक समा गया मामी बोली ज़ोर ज़ोर से मेरी गान्ड चोदना मैं कहा डार्लिंग चिंता मत करो बस मेरा साथ दो मैने पूरे लंड को बाहर निकाल लिया और फिर एक दम से वापिस अंदर डाल दिया मामी बोली आआक्ककककककककककककककककककककककककककककुउुुुुुुुुुुुुुुउउ मैने कहा अभी तो कह रही थी कि ज़ोर से चोदना तो फिर उन्होने चूं ही नही की और मैं लगा स्टार्ट होने आज कई दिनो बाद गान्ड मार रहा था तो लंड भी थोड़ा ज़्यादा ही कड़क हो रहा था
मामी मेरे हर प्रहार की शक्ति को अपने चुतडो पे झेल रही थी मामी के नरम नरम चुतडो से जब मेरी टांगे टकराती तो उनका पूरा बोझ उनपे पड़ने लगा था वो मेरे बोझ से दबी जा रही थी उनकी गान्ड का छेद मेरे लंड पे किसी टोपी की तरह कसा हुआ था 20 मिनट तक लगातार गान्ड चुदाई चलती रही मामी भी फुल एंजाय कर रही थी मेरी रफ़्तार टॉप गियर मे थी अब मेरा बस निकलने ही वाला था तो मैने दो-चार झटके और मारे और लंड को बाहर निकाल के उनके गौरे गौरे चुतडो पे सफेद पानी की बारिश कर दी एक झटके से लंड बहार आने से मामी को भी थोड़ा आराम मिला चुतडो पे सफेद चिपचिपी बूंदे चमकने लगी थी मैं काफ़ी देर तक उनके चुतडो को ही निहारता रहा फिर मैं उठा और बाहर आया और पानी से अपने लंड को धोने लगा
मामी भी आ गयी और अपनी गान्ड को सॉफ करने लगी कुछ छपके उन्होने अपनी चूत पे भी मारे मैने कहा आप अंदर चलो मैं एक बार पानी की सप्लाइ को चेक करके आता हूँ और पानी की क्यारियो की तरफ चल पड़ा एक तो धून्ध ज़्यादा पड़ रही थी तो थोड़ी परेशानी हो रही थी और उपर से ठंड मे पानी मे खड़े होना कोई15 मिनट बाद मैं वापिस कॉटडे मे गया मामी रज़ाई ओढ़े लेटी थी मेरी हालत ठंड से टाइट हुई पड़ी थी तो रज़ाई मे घूंस के चैन मिला मामी ने मेरी ओर करवट ली और मुझसे लिपट गयी बहुत ही अच्छा लगा मामी ने मेरी जाँघो पे अपना हाथ फेरने लगी जो धीरे धीरे मेरे अंडकोषो पे पहुँच गया उन्होने अपनी मुट्ही मे मेरी गोलियो को भर लिया और उनसे छेड़खानी करने लगी सुरूर फिर से छाने लगा था मामी मेरी आँखो मे आँखे डाले हुई थी
उनके होंठ थोड़े लरज रहे थे मैने भी अपनी उंगली उनकी चूत मे घूँसा दी और उसे अंदर बाहर करने लगा उनकी चूत बहुत ही गरम लग रही थी उन्होने मेरा हाथ हटाया और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पे रख के रगड़ने लगी जब जब मेरा संवीदनशील सुपाडा ऐसे रगड़ती तो मुझे बहुत ही तेज गुदगुदी होने लगी लंड कुछ ही देर मे पूर्ण रूप से तन चुका था तो मैने कहा बस मामी और उनकी मांसल टाँग को अपनी कमर पे रख लिया और लंड को एक बार मे ही अंदर घूँसा दिया मामी इस हमले के लिए तैयार नही थी वो थोड़ा सा टेढ़ी और हुई और अपनी बाहों को मेरे गले मे डाल दिया लंड सरपट दौड़ने लगा अब ऐसा चिकना रोड मिले तो लंड की पर्फॉर्मेन्स तो जबरदस्त अपने आप ही होनी थी मामी बोली धक्के मत मारो मैं बस तुम्हारे लंड को अपने अंदर महसूस करना चाहती हूँ
मैं रुक गया मामी ने मेरे होंठो को अपने मुँह मे भर लिया और उन्हे चबाने लगी कोई 5-6 मिनट तक वो बस मेरे लंड को फील ही करती रही मेरा हाल थोड़ा अजीब हो रहा था तो मैने उन्हे अड्जस्ट किया और उनके उपर गया अब मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया मामी ने भी अपनी टाँगो को खूब फैला लिया और अपनी चूत मराई का मज़ा लेने लगी मामी की चूत फुदक रही थी आज काफ़ी ज़्यादा गीलापन था उसमे से बस हमारी सांसो की सरगोसियाँ हर तरफ फैली हुई थी रज़ाई के अंदर उनको भोग रहा था मैं आधे-पोने घंटे तक ढंग से बजाया उनको और फिर एक बार अपने पानी से उनकी चूत की सिंचाई कर दी इस तरह सुबह होने तक ना मामी सोई ना मुझे एक पल को भी सोने दिया पूरी रात उनकी हवस को मिटाया ना जाने कितनिबार वो चुदि
कभी वीर्य पिया कभी लंड गान्ड मे लिया कभी बस चूसा ही इस तरह से पूरी रात उन्होने अपनी इच्छा को पूरी किया जितना उनकी आग भुजती उतना ही और भड़क जाती सुबह 7 बजे वो मुझसे अलग हुई और अपने कपड़े पहन ने लगी वो कच्छि को टाँगो पे चढ़ा ही रही थी कि मैने उन्हे रोका और उस छोटी से कच्छि को अपनी पेंट की जेब मे रख लिया मामी हँसी और सलवार को उपर चढ़ा लिया बाहर अभी भी थोड़ा अंधेरा सा ही था पंप बंद किया ताला लगाया और हम घर वापिस चल पड़े बदन बुरी तरह से थक चुका था ऐसा ही हाल मामी का भी था
घर पे आते ही मैं सीधा बाथरूम मे घूंस गया और नहाने लगा मामी रसोई मे चली गयी कोई 11 बजे मैं एक दम रेडी था वापिस होने के लिए बस पकड़ी और सहर चल पड़ा बस स्टॅंड आया अपनी टिकेट ली और अब वापसी का सफ़र करना था पूरी रात की नींद थी और सफ़र भी लंबा था तो बस मे सो गया कोई 5बजे मैं उठा बस एक ढाबे पे खड़ी थी बाहर आके मुँह धोया कुछ खाया पिया अभी एक घंटा और लगना था कुछ देर मे बस फिर चल पड़ी मैने अपने सर को खिड़की पे टिका लिया और हवा के झोंको का आनंद लेने लगा अपने सहर आते आते 7 बज गये थे अंधेरा पूरी तरह छा चुका था टेंपो भी नही मिलने वाला था इस टाइम लिमिटेड सर्विस ही चलती थी तो अब पैदल ही चलना था उपर से मेरा बॅग भी थोड़ा भारी था
पर और कोई रास्ता भी नही था तो चल पड़ा पेट मे चूहे कूद रहे थे सो अलग जैस तैसे करके धक्के खाते हुए घर पहुँच ही गया घरवालो से दुआ सलाम हुई फिर खाना वाना खाया कुछ सफ़र की थकान भी थी तो बस अपना कमरा खोला और बिस्तर पे पड़ गया फिर ना कोई होश रहा सुबह ही आँख खुली अपने होश संभाले कमरे की थोड़ी सफाई की इन सब मे ही दोपहर हो गयी फिर मैं अंदर गया तो बस चाची ही थी उन्होने बोला कुछ खाएगा मैने हाँ की तो उन्होने प्लेट मे खाना डाल के मुझे दिया और मेरे पास ही बैठ गयी उन्होने पूछा इस बार तो कई दिन लगा दिए क्या कोई मिल गयी थी वहाँ तो मैने कहा क्या आप भी ना पूरा टाइम खाल खेंचती रहती हो फिर खाना ख़तम किया मैने पूछा सब लोग कहाँ है तो बोले दो तो ऑफीस गये है
दीदी और मांजी प्रीतम के घर गयी है कुछ रस्मे चल रही है तब मुझे याद आया कि उसकी शादी मे बस3-4 दिन ही बचे है मैं तो उसे भूल ही गया था चाची मज़े लेते हुए बोली बेटा अब तेरी चिड़िया तो उड़ जाएगी अब कहाँ जुगाड़ करेगा तो मैने कहा आप हो ना और उन्हे अपनी बाहों मे ले लिया वो छूटने की कोशिस करने लगी बोली कम्बख़्त टाइम पास मत कर छोड़ दे, मुझे भी प्रीतम के घर जाना है तू इधर ही रहियो और घर का ध्यान राखियो पर फिर भी चुम्मि तो ले ही ली मैने चाची भी चली गयी मैं अलमारी मे कुछ ढूँढ रहा था कि तभी कुछ गिर पड़ा ये तो मिता की पैंटिंग थी उसे देखते ही मूड रोमॅंटिक सा हो गया मैने कॅन्वस सेट किया और लगा एक ब्लॅक आंड वाइट पैंटिंग बनाना उसमे इतना खोया कि पता ही नही कब तब लगा रहा
जब मम्मी चाइ का गिलास लेके आई तो मेरा होश टूटा उन्होने मेरे उकेरे चित्र को देखा और बोली ये किसकी तस्वीर बनाई है तूने तो मैने कहा मम्मी बस यू ही बन गयी अब माँ तो माँ होती है उन्होने ताड़ ही लिया था वो बोली तेरा कोई चक्कर-वक्कर तो नही चल रहा ना वैसे भी पिछले कुछ महीनो से तेरे अंदाज बदले हुए है मैने कहा क्या मम्मी कुछ भी बोलती हो अब मुझ से कौन लड़की रिश्ता जोड़ेगी ये तस्वीर तो ऐसे ही बन गयी बात आई गयी हो गयी पर मुझे लगा कि मम्मी से झूट बोलना इतना आसान नही है खैर, छोटा मोटा काम किया तभी प्रीतम का भाई आ गया और बोला यार कल मेरे साथ सिटी चलियो कुछ फर्निचर का सामान पेंडिंग है लाने चलना है मैने कहा ठीक है भाई फिर मैं उसके साथ साथ उसके घर चला गया
तो पता चला कि ज्योति भी आई हुई है और उसकी भाभी ने मुझे देख के ज्योति ने उसके कान मे कुछ ख़ुसर फुसर किया तो वो हँसने लगी मैने सोचा ज्योति को रगड़ दूं मोका मिले तो मैं बैठा था कि तभी उपर से प्रीतम के दीदार हुए खुदा कसम क्या कयामत लग रही थी उबटन और मेकप से एकदम खिल चुकी थी उसने आँखो के इशारे से मेरा हाल पूछा मैने मुस्कुरा के जवाब दिया फिर उसका भाई प्लॅनिंग बताने लगा मैने कहा कि तू चिंता मत कर सब अच्छे से हो जाएगा टेन्षन मत ले 8 बज चुके थे म्यूज़िक चल रहा था कुछ रिलेटिव्स डॅन्स कर रहे थे अब शादी का घर था तो माहौल तो बन ना ही था पर मुझे कुछ बैचैनि सी हो रही थी ना जाने क्यो शायद प्रीतम के दूर जाने की वजह से दिल मे कुछ चुभन सा लगा क्या ये प्यार था ????????????????????????????????????????????????????????? नही, बिल्कुल नही ये बस एक दोस्त के दूर जाने का रिएक्सन था फिर मैं अपने घर आया तो रास्ते मे शीला मिल गयी वो थोड़ा नाराज़ सा होते हुए बोली कि आज कल कहाँ रहते हो मेरी तरफ देखते भी नही पहले तो मेरी आदत बिगाड़ दी और अब दूर भागते हो मैने कहा ऐसी बात नही है भाभी बस थोड़ा सा बीजी हूँ फिर वो अपने घर हुई और मैने अपने कमरे मे आज कई दिनो मे किताबो की शकल देखी थी साला दिमाग़ घूम ही गया एक दम से कुछ नोट्स वैगरह बनाए टॉपिक्स शॉर्टलिस्ट किए कॉलेज तो ओपन हो ही गये थे पर मैने डिसाइड किया कि प्रीतम की शादी के बाद ही जाउन्गा अगला पूरा दिन बाजार मे ही बीत गया अब बस 2 दिन रह गये थे मैं रात को अपने कमरे मे था
कोई 10 साढ़े दस का टाइम रहा होगा मेरे गेट की कुण्डी खाड़की मैने गेट खोला तो शीला थी वो अंदर आई और बोली आज कुछ हो जाए मैने कहा पप्पू कहाँ है तो वो बोली पी के पड़ा है आप जल्दी से कर्लो ना कई दिन हो गये है आप तो मुझे भूल ही गये है ना जाने मेरा दिल शीला से हट सा गया था तो मैने उसे टालते हुए कहा कि भाभी हमने जो भी किया वो ग़लत बात है हम बहक गये थे पर इस सिलसिले को यही पे ख़तम कर देना चाहिए तो शीला बोली सॉफ सॉफ क्यो नही कहते कि आपका मन भर गया है मैने उसे समझाने की लाख कोशिस की पर वो मान ही नही रही थी वो बोली आपने ही तो मुझे पर पुरुष के लंड का चस्का लगाया है और अब आप ही मना कर रहे हो
शीला ने मेरे पयज़ामे के अंदर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को मसल्ने लगी पर ना जाने क्यो मेरा मूड बिल्कुल भी नही था मैने उसे अपने से दूर हटाया और बोला कि भाभी मान जाओ आज कल मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नही रहती है और मुझपे थोड़ा प्रेशर भी है प्लीज़ आप तो समझो मैं किसी भी तरह से उसे टालना चाहता था पर वो मान ही नही रही थी तो मैने अपने आप को हालत पे छोड़ दिया और सोचा चलो ठीक है ये भी खुश हो जाएगी शीला ने मेरे पयज़ामे को नीचे सरका दिया और मेरे लंड से खेलने लगी थोड़ी देर वो ऐसे ही उसे हिलाती रही फिर वो नीचे बैठी और मेरे लंड पे अपने होंठ लगा लिए पूरे लंड को अपने मुँह मे लेके वो चुँसने लगी लंड मे भी तनाव आने लगा था आख़िर उसने भी मामी के बाद कुछ किया नही था
तो जल्द ही वो भी फूल गया शीला तो थी ही उतावली मैने उसे खड़ी की और उसके ब्लाउस को खोल ही रहा था कि वो बोली कपड़े मत उतारो अभी वापिस जाउन्गि बस जल्दी से मुझे शांत कर दो और फोल्डिंग पे लेट गयी मैने उसके घाघरे को कमर तक हटाया उसकी चूत का गीलापन जाँघो तक आ चुका था शीला पूरी तरह से चुदासी हो रही थी मैने उसकी टाँगो को खोला और अपने लंड को अंदर सरका दिया शीला के चेहरे पे खुशी छा गयी हम दोनो संभोग रत हो गये बिना मर्ज़ी के उसे चोद रहा था बस ये सोचके कि जल्दी से जल्दी उसे यहा से दफ़ा कर सकु पर एक बार चूत मे लंड गया तो बाकी कुछ याद ना रहा मैने उसके मुँह को अपने से जोड़ लिया और वो भी नीचे से गान्ड उछालते हुए चुदने लगी उसे थोड़ी जल्दी भी थी तो वो कुछ ज़्यादा ही जोश दिखा रही थी
मैं भी कहा कम रहने वाला था उसे किस करते हुए बस छोड़े जा रहा था अगले कुछ मिंटो तक बस सन्नाटा छाया रहा 20 मिनट तक बस चुदाई ही चलती रही तब जाके उसने अपना छोड़ा और लंबी साँसे लेने लगी पर मैं उसे चोदे ही जा रहा था थोड़ा टाइम और लगा और मैने भी मैदान छोड़ दिया जैसे ही मेरा काम हुआ शीला उठी और अपने घाघरे से चूत को सॉफ किया और अपने घर चली गयी मैने पयज़ामा पहना और कुण्डी लगा के कुर्सी पे बैठ गया
गला खुश्क हो गया था थोड़ा पानी पिया नींद तो जैसे रूठ सी गयी थी उन्दिनो बहुत ही कम सो पता था रेडियो ऑन कर लिया खामोशी मे संगीत की धुन तैर गयी अपना फेव. प्रोग्राम चालू था दिल को सुकून मिला कागज पेन लिया और अपने विचारो को शब्दो का रूप देने लगा मुझपे रोमॅंटिक महॉल छाने लगा मिता की याद बहुत जोरो से आने लगी पर वो उस टाइम कहाँ मिलती दिल साला बहुत ही उदास सा हो गया बिना बात के एक सर्द उदासी ने मुझे अपने आगोश मे ले लिया दिल बस मिता मिता कर रहा था और वो बेख़बर कही गहरी नींद मे सो रही होगी आज भी याद है वो मेरे जीवन की एक बेहद मुश्किल रात थी थोड़ा पानी और पिया कुछ देर बाद मेरी साँसे नियंत्रण मे आई बहुत ही मुश्किल से रात कटी सुबह मैं जल्दी ही प्लॉट मे चला गया ।
मैने देखा कि प्रीतम के बाडे का बल्व जल रहा था मैने सोचा कि कौन होगा यहाँ पर उसकी माँ फिर सोचा छोड़ कोई भी हो पर थोड़ी से उत्सुकता हो गयी थी मैने सोचा सुबह सुबह चान्स लिया जाए मैं निकला और उधर चला अंदर घुसा तो देखा कि ये तो ज्योति है वो भैंसो को चारा डाल रही थी मैने उसे पीछे से पकड़ लिया वो घबरा गयी पर जब मुझे देखा तो शांत हुई मैने कहा चलो एक चान्स हो जाय तो वो बोली अभी मर्वाओगे क्या मेरी भाभी आने वाली है यहाँ मामी के साथ पर मैं जल्दी ही टाइम सेट करूँगी और तुम्हे बता दूँगी अभी तुम वापिस जाओ तो मैं निकल आया अब कुछ होना तो था नही तो घर पहुँच गया जाते ही एक चाइ पी तो मम्मी बोली तेरे कपड़े कितने गंदे हुए पड़े है इन्हे धो भी ले आज कल पता नही तेरा ध्यान कहाँ रहता है
ये बात उन्होने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर देकर कही थी पापा ने मुझे घूरा पर फिर अपनी नज़र हटा ली मैने कहा आज ही धो लूँगा और चाची के पास चला गया चाची भी आजकल मेरे फुल मज़े लेती थी वो बोली क्या बात है बेटा कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है प्रीतम जा रही है तो दुखी है मैने कहा क्या चाची एक बात को पकड़ के बैठी हो उसके सिवा और भी कई काम है मुझे अब वो जा रही है तो आप ही कुछ मेहरबानी कर दो ना वो बोली जितनी करती हूँ उतना ही ठीक है ज़्यादा सपने मत ले जा दुकान जा और ये समान ले के आ मैने पर्ची ली और दुकान पे चल पड़ा किस्मत से ज्योति दुकान पे टकरा गयी उसने जल्दी से कहा कि प्रीतम तुमसे मिलना चाहती है आज दोपहर मे हम तुम्हारे प्लॉट मे मिलेंगे तुम मॅनेज करना अब प्रीतम का क्या पंगा लग गया
घर पे समान रखा और कपड़े धोने लगा काफ़ी टाइम लग गया उनको धोने मे मैने कहा मम्मी कपड़े सूख जाए तो अलमारी मे रख देना और प्लॉट मे पहुँच गया थोड़ी ही देर मे वो दोनो भी आ गयी मैने कुण्डी लगाई प्रीतम दौड़ के मेरे सीने से लग गयी बोली कल मेरी शादी है मैने कहा हाँ मुझे पता है वो बोली जाने से पहले वो एक बार मेरे साथ थोड़ा टाइम बिताना चाहती है मैने कहा पर अगर कोई आ गया तो वो बोली डरता है क्या मैने कहा नही तेरे लिए कुछ भी डार्लिंग तो उसने कहा चल कुछ करते है उसने ज्योति को कहा तू थोड़ी देर इधर ही बैठ और प्रीतम मेरा हाथ पकड़ के अंदर कमरे मे आ गयी मैने कहा प्रीतम कल तेरी शादी है फिर पति के साथ ही कर लियो तो वो बोली मुझे गिफ्ट नही देगा क्या और मुझे किस करने लगी ना जाने कितने दिनो बाद उसके होंठो को छुआ था कितने प्यासे थे वो ,
प्रीतम पागलो की तरह मुझे चूमने लगी मैने कहा पगली सांस तो लेने दे पर उसने जैसे सुना ही नही बिल्कुल बेकाबू हो गयी थी वो काफ़ी देर तक बस किस ही चलती रही फिर वो हटी और अपनी सलवार और कच्छि को निकाल के नीचे से नंगी हो गयी पर उसने सूट नही निकाला पहले से बहुत ही ज़्यादा मोटी हो गयी थी वो मैने उसकी चूत को अपने हाथ से मसल दिया कुछ देर तक बस उसे मसलता ही रहा फिर उसे चारपाई पे लिटाया और उसकी टाँगो को चौड़ा कर दिया बिना बालो की चूत को देखने का ये लास्ट मौका था मैं अपने होंठो पे जीभ फेरी और प्रीतम की चूत की मस्त पंखुड़ियो को अपने मुँह मे ले लिया आज तो कयामत होनी थी प्रीतम बहुत ही ज़ोर से मोन करने लगी तो मैने कहा जान थोड़ा कंट्रोल कर पर आज वो बिल्कुल अलग ही मूड मे थी आज वो सब बंधन तोड़ने को बेताब थी।
बस वो मुझमे खो जाना चाहती थी उसने कहा चूसो मेरी मुनिया को तो मैं ईक बार फिर अपना मुँह उसकी टाँगो के जोड़ मे घूँसा दिया और उसकी रस से भरी चूत को पीने लगा प्रीतम बहुत ही ज़ोर से आहे भर रही थी उसकी पूरी चूत मेरे मुँह मे थी प्रीतम की सिसकारिया लगातार बढ़ती ही जा रही थी इतने दिनो बाद उसका साथ पाकर मुझे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था उसकी चूत को अपने दांतो से काट ते हुए मैं चाटे जा राहा था प्रीतम ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया और पूरा मज़ा लेने लगी 15 मिनट तक चाटने के बाद उसने अपना पानी मेरे मुँह मे ही छोड़ा दिया मैने उसे पूरा चाट लिया प्रीतम जल्दी से उठी और मेरी पॅंट को खोल के लंड को बाहर निकाल लिया और जल्दी से अपने मुँह मे लेके चुँसने लगी
लंड चुँसने मे तो उसका डिप्लोमा ही था तभी ज्योति बाहर से बोली दीदी जल्दी करो काफ़ी देर लग रही है तो मैने अपने लंड को उसके मुँह से निकाला और उसे वही पे घोड़ी बना दिया उसके उभरे हुए चुतडो के बीच चूत को देख के मेरी लार टपक गयी मैने लंड पे थोड़ा थूक लगा के उसे चिकना किया और प्रीतम की कमर को थामते हुए अपने लंड को उसकी चूत मे डाल दिया और बस फिर फ़च पच की आवाज़ ही कमरे मे गूँज रही थी क्या गजब की चुदासी थी वो घोड़ी बनी चुद रही थी उसका चेहरा लाल हो गया था मैं पूरी ताक़त लगा के उसे चोद रहा था उसने अपने हाथ मजबूती से फर्श पे टिका लिए थे और अपनी चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी 10-12 मिनट तक ऐसे ही वो चुदती रही फर्श पे होने के कारण मेरे घुटने मे दर्द होने लगा था
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तो मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे खड़ी करते हुए एक किस किया और उसको सीधा खड़ा कर दिया अब मैने उसकी एक टाँग को थोड़ा सा खोला और एक ही झटके मे दुबारा से लंड को अंदर घूँसा दिया प्रीतम ने अपने हाथ मेरे कंधो पे रख दिए और अपनी आँखो को बंद कर लिया मैं उसके चुतडो को थामे लगा उसकी लेने प्रीतम बोली मज़ा आ रहा है तुझे तो मैने कहा तेरे साथ की तो बात ही कुछ ओर है वो बस एक फीकी सी हँसी हँस दी अब उसकी टाँगो का कंपन बढ़ने लगा था मैं समझ गया था कि वो कुछ ही देर की मेहमान है तो मैने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया और हम दोनो एक साथ से स्खलित हो गये कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों मे लिपटे खड़े रहे
फिर वो अलग हुई और अपनी सलवार पहन ने लगी वो बोली मेरा जाने का मन नही है मैनेकहा क्यो तो वो मेरे गले लग के रोने लगी बोली मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं नही रह पाउन्गि तेरे बिना तो मैने कहा पागल मत बन कल बारात आ जाएगी तेरी ऑर मेरी राहे अलग है तू भी जानती है पर तू हमेश इस दिल मे दोस्त के रूप मे रहेगी उसकी आँखो मे आँसू भर आए मैने उसे शांत किया और समझाया अब कैसे बता ता कि मेरा दिल तो मिता के लिए धड़कने लगा था जैसे तैसे प्रीतम को वापिस भेजा दिल तो मेरा भी भर आया था पर मेरी ज़िंदगी कही ओर थी कुछ रिश्तो की डोर इतनी गहरी उलझ चूँकि थी कि उन्हे सुलझाना बेहद मुश्किल था मेरी ज़िंदगी कई टुकड़ो मे बँट चूँकि थी बस एक दिल ही था जो मिता के लिए धड़कता था बाकी तो बस मेरे लंड की भूख का नतीजा थी
मैं सोचने लगा कि प्रीतम भी कल चली जाएगी जब उसे पटाया था तो उसे चोदने के लिए ही पर अब वो मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी मूड ऑफ हो गया था मैने प्लाट का गेट लॉक किया और घर की ओर चल दिया वहाँ पहुँचा तो एक नया तमाशा मेरा इंतज़ार कर रहा था मुझे देखते ही मम्मी लगी गलियाँ बकने और दो-चार झापड़ रसीद कर दिए मैने सोचा किसी कांड के बारे मे तो नही पता चल गया इनको मम्मी का टेंपर पूरा हाइ था फिर उन्होने मिता की तस्वीरे दिखाते हुए बोला कौन है ये लड़की और तेरी अलमारी मे इसकी इतनी सारी तस्वीरे क्यो है मैने कहा मम्मी उस दिन भी आपको बताया था कि ये मेरी प्रेरणा है जब भी पैंटिंग करता हूँ तो ये ही चेहरा बन जाता है वो बोली माँ हूँ तेरी मुझे सिखा मत और सब सच सच बता दे ये क्या चक्कर है
कही तू इसके चक्कर मे तो नही पड़ गया आज आने दे तेरे पापा को वो ही पूछेंगे अब मेरी गान्ड फट गयी मैने कहा मम्मी बिना बात का इश्यू मत बनाओ पर वो ना मानी और गुस्से मे उन सारी तस्वीरो को फाड़ दिया ओह माँ ये क्या कर दिया मुझे बहुत बुरा लगा पर कुछ कर भी नही सकता था ग़लती मेरी ही थी अगर मैं उनको कपड़ो को रखने को ना बोलता तो ना वो अलमारी खोलती और ना वो उन तस्वीरो को देखती टाइम थोड़ा खराब चल रहा था शाम को पापा के आगे शिकायत पहुँची तो उन्होने ज़्यादा कुछ नही किया दो-चार दुनिया दारी की बाते समझाई और स्टडी पे फोकस करने को कहा मैं भी खुश था कि चलो जान छूटी वहाँ से निकला ही था और चाची ने पकड़ लिया और लगी पूछने तो मैने उन्हे बता दिया कि वो तस्वीरें इस घर की होने वाली बहू की है
उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया वो कुछ कहती उस से पहले ही मैं निकल लिया रात को मैने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं प्रीतम की शादी मे नही जाउन्गा अब छोटी-मोटी प्रेमकहानियो का अंत तो प्रेमिका की शादी के टेंट मे कुर्सिया लगाते लगाते ही हो जाता है और फिर अगले दिन सनडे भी था तो मुझे मिता से मिलने भी जाना था अगले दिन ठीक 9 बजे मैं मंदिर मे था 10 बज गये फिर 11 फिर 12 पर वो ना आई मैं हताश होने लगा पर तकदीर पे किसका ज़ोर दो बजे तक उसका इंतज़ार किया पर दर्शन ना दिए प्राणप्यारी ने तो अब वापिस जाना ही था हताश मन से चल पड़ा सोचते हुए कि क्यो ना आई वो पर दिल मे तो हुडक लगी थी वो माना ना तो आइडिया लगाया कि उसके गाँव का एक चक्कर मारा जाए क्या पता किसी घर मे उसके दर्शन हो जाए
दो चक्कर मारे पर सारे प्रयास मिथ्या दुखी मन से वापिस आ गया सर मे दर्द सा हो रहा था तो बस आते ही लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी कि चाचा आ गये बोले बेटे मुझे ऑफीस के काम से कल सुबह जल्दी जाना है अगर तुझे कोई प्राब्लम ना हो तो तू कुन्वे पे सो जइयो फसल मे नील गाय घुस आती है थोड़ा ध्यान रख लियो कल मैं संभाल लूँगा मैने कहा ठीक है चाचा जी मुझे भी ठीक लगा क्यों कि मैं प्रीतम के यहाँ नही जाना चाहता था तो मैने साइकल ली और निकल पड़ा तभी मुझे कुछ याद आया तो वापिस घर गया और जो पैसे मुझे सरोज ने दिए थे वो मैने पर्स मे डाले और चल दिया कुन्वे पे गया साइकल खड़ी की ऑर गीता के घर की ओर चल पड़ा
जब मैं पहुँचा तो वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी मुझे देख के वो बहुत खुश हो गयी और बोली आज मुझे ग़रीब के घर कैसे मैने तो सोचलिया था कि तुम मुझे भूल गये होंगे तो मैने कहा कि अपनो को कोई भूलता है क्या गीता शरमाते हुए मेरे गले लग गयी कुछ तो कशिश थी उस औरत मे उस से टच होते ही मेरा लंड अपना काबू खोने लगा मैने वो पैसे निकाले और उसके हाथ मे दे दिए गीता बोली वो ये नही लेगी तो मैने अधिकार पूर्वक कहा कि आप रख लो कुछ काम आ जाएँगे पर वो मना करने लगी पर मैने उन्हे वो पैसे दे ही दिए गीता बोली खाना बना रही हूँ तुम भी साथ ही खा लेना मैने कहा आप बना लो तब तक मैं कुन्वे पे राउंड मार लेता हूँ काम कुछ ख़ास था नही साइकल को कमरे के अंदर खड़ा किया और खाट पे लेट गया
थोड़ा थकान सी महसूस हो रही थी अंधेरा भी छाने लगा था मैने कमरे को बंद किया और पैदल चलते हुए गीता के घर हो लिया फिर हम डिन्नर करने लगे उसने मुझे दूध का गिलास पकड़ाया और बोली मैं अभी नहा कर आती हूँ फिर आराम से बातचीत करेंगे और चली गयी मैं दूध पीने लगा अब उसके मकान की दशा पहले से बहुत ही बेहतर लग रही थी हर चीज़ सलीके से सजी पड़ी थी कोई 20-25 मिनट बाद वो आई मैं तो उसे देखते ही रह गया बेहद पतले से पेटिकोट मे उसकी गीली टांगे जो सॉफ सॉफ नुमाया हो रही थी और उसके गीले बाल जो उसके चुतडो तक पहुँच रहे थे कसम से आज तो गीता भी रोल मे थी वो मुस्कुराते हुए बोली आज यही रहोगे ना तो मैने कहा अब तुम रोकोगि तो रुकना ही पड़ेगा गीता तौलिए से अपने गीले बदन को पोंछने लगी
मैने गेट को अंदर से बंद कर दिया और अपने कपड़ो को उतरने लगा पूरा नंगा होने के बाद मैं गीता के पीछे जाके खड़ा हो गया और उसके पेटिकोट के नाडे को खोल के उसे हटा दिया मेरा लंड उसके गौरे चुतडो से सट गया मैने अपने हाथ उसके उभारो पे रखे और ब्लाउस को भी अलग कर दिया अब हम दोनो पूर्ण नंगे हो चुके थे उसके गीले बालो से आती शॅमपू की खुश्बू मेरे नथुनो मे सामने लगी मैं उसके बालो को सहलाने लगा उसकी गदराई जवानी मेरी बाहों मे आने को बेताब हो रही थी मैं अब उसके चेहरे को अपनी ओर किया और बिना कुछ बोले उसके गुलाबी होंटो को चूमने लगा गीता के प्यासे होंठ अपना रस मुझे पिलाने लगे नीचे लंड उसकी जाँघो के बीच घूँसा हुआ था बहुत देर तक बस उसके होंठो का रस ही पिया
गीता तो मेरे आने से ही खुस हो गयी थी मैने अपने हाथो को उसकी मुलायम गान्ड पे कस दिया था और उसे मसल्ने लगा फिर उसने किस तोड़ी और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी मैने उसे पलंग पे लिटा दिया और फिर चूमने लगा मैं इतना उतावला हो गया था कि जैसे पहली बार किसी को चोदने जा रहा हूँ होंठो को छोड़के गालो पे आया और उन्हे अपने दाँतों से काटने लगा गीता मस्ती से सिसकने लगी वासना उसके शरीर मे भरने लगी उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उस से खेलने लगी नहाने के बाद उसका बदन और भी मादक हो गया था अब मैं उसकी गर्दन पे जीभ चलाने लगा गीता उत्तेजित हो गयी थी थोड़ा नीचे आते हुए मैं अब उसके 36इंची बोबो पे आ चुका था एक को तो मैने अपने मुँह मे भर लिया और दूसरे को सख्ती से दबाने लगा
कुछ ही मिनट मे गीता की चूचिया पूरी तरह से तन चूँकि थी मैं नीचे सरकते हुए उसके पेट पे आया और पूरे पेट को चूमने लगा गीता मोन कर रही थी अब मैं उसकी नाभि तक आ गया था थोड़ी देर वहाँ रुका फिर सीधा उसकी मखमली छूट पे आ पहुँचा आज तो वहाँ पे एक भी बाल नही था शायद उसने नहाते हुए ही सॉफ किए थे एक दम खिली हुई चूत ने मेरा मन मोह लिया था मैने कहा जान आज तो आग लगा रही हो तो वो बोली तुम्हारे लिए ही इसे चमकाया है मैने ईक जोरदार चुम्मि ली गीता की चूत की तो गीता बहुत ही गरम हो गयी वो बोली चाट लो ना इसे और अपनी टाँगो को चौड़ा कर लिया मैने उस रस से भारी प्याली पे अपने होंठ टिका दिए गीता के बदन मे भूंकंप आ गया उसने अपनी मुठ्थियों को कस लिया और बोली मेरे सरताज अपनी इस प्यारी की चूत को आज मज़े से भर दो जब से तुम गये हो मैं इस कामग्नी मे जल रही हूँ आज अपने प्यार की बारिश से मेरी अगन को बुझा दो मुझ अधूरी को फिर से पूर्ण कर दो
मैं बेफिकरि से उसकी चूत को चाट रहा था मैने सोच लिया था कि इसको ऐसे ही झाड़ दूँगा एक बार तो मैं लगा मैने पूरी जीभ उसकी चूत मे डाल दी खुरदरी जीभ ने अंदर जाते ही आतंक मचा दिया गीता की चूत ने गाढ़ा पानी छोड़ना शुरू कर दिया गीता की टांगे मचल रही थी हर गुज़रते पल के साथ गीता के बदन की कंपकपाहट बढ़ती ही जा रही थी मेरी जीभ अंदर और दाँत उसके छोटे से दाने पे लगे पड़े थे गीता को बहुत ही मज़ा मिल रहा था
वो बस हाई हाई करे जा रही थी गीता का बदन अब उसके काबू मे नही था और ऐसे ही करते हुए वो झाड़ गयी उसका पानी मेरे चेहरे पे लग गया था मैने अपनी बनियान से मुँह को पोंच्छा और गीता पे चढ़ गया उसने मेरे लंड को खुद अपनी चूत पे सेट किया और बोली जल्दी से डालो पहले धक्के मे ही आधा लंड गीता की चूत मे पहुँच गया गीता ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पे कस लिया और अपने होंटो को गोल कर लिया एक और धक्के के साथ पूरा लंड चूत की गहराई मे उतर गया अब मैने शुरू की गीता की रेल बनानी गीता की चूत दुबारा गीली होने लगी थी गीता बोली बहुत ही बढ़िया लग रहा है मैने कहा बढ़िया तो लगेगा ही जानेमन और उसको किस करने लगा गीता भी बेकरारी के साथ चुदने लगी थी गीता को चोदना मेरे स्वर्णिम पल था पूरे आधे घंटे तक उसकी रेल बनाई जम के उसने इस बीच एक बार और अपना छोड़ दिया था मैने कहा पानी कहाँ निकालु तो उसने कहा प्यासी हूँ तो पिला ही दो तो मैने लंड को निकाला और उसके मुँह मे दे दिया और लपा लॅप चुँसने लगी दो मिनट मे ही मैने उसके मुँह को भर दिया जिसे वो बड़े ही चाव से पी गयी
हम दोनो निढाल पड़े थे गीता के मन मे एक बार और चुदने की थी पर मैने कहा जान पिछले कई दिनो से मेरी नींद है और कल मुझे कॉलेज भी जाना है तो अभी सो जाओ मैं फिर कभी तुम्हारी पूरी तस्सली कर दूँगा तो वो मान गयी सोने की कोशिश की तो प्रीतम की याद फिर से आ गयी एक अजीब सी कशमकश मे फस गया था गीता बोली क्या बात है तो मैने उसे अपनी परेशानी बताई वो बोली ये जीवन का सफ़र बड़ा ही अजीब होता है ना जाने कितने मुसाफिर मिलते है पर हमसफ़र तो कोई एक ही बन ता है जितना इन सब के बारे मे सोचोगे उतना ही परेशान होवोगे फिर उसने मेरा सर दबाना शुरू किया थोड़ा आराम मिला और ना जाने कब मैं सो गया सुबह 6 बजे उसने मुझे जगाया मैने कपड़े पहने और उसको मस्त चूमा और अपने कुन्वे पे आ गया साइकल ली और घर चल पड़ा जल्दी से तैयार हुआ और बिना नाश्ता किए ही बस स्टॅंड चल पड़ा
टेंपो पकड़ा नियत समय पे वो मिता के गाँव के स्टॅंड पे रुका बड़ी ही नज़ाकत से मेरी प्रेयसी चढ़ि और ठीक मेरे सामने बैठ गई आँखो से आँखे टकराई सिटी आए और किराया अदा कर के कॉलेज की तरफ चल पड़े मैने पूछा कल तुम मंदिर क्यो नही आई तो वो बोली पहले तुम बताओ तुम कहाँ थे दो हफ़्तो से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी थोड़ी सी डिप्रेस्ड थी और कुछ मेहमान भी आए हुए थे सो कल नही गयी उस तरफ तो मैने उसे बताया कि मामा के घर जाना पड़ा था मजबूरी थी ऐसे ही बातें करते हुए हम कॉलेज तक पहुँच गये लंच तक एक मिनट की फ़ुर्सत ना मिली हर टीचर हद से ज़्यादा प्रेशर डाल रहा था जैसे आगे चलके हमे ही दुनिया को बदलना था
लंच मे हमारा पूरा ग्रूप इकट्ठा हुआ और टाइम पास करने लगे सब अपनी अपनी छुट्टियों की बाते बता रहे थे पर मेरा ध्यान तो मिता पे ही था जब वो हँसती थी तो उसकी मुस्कान सीधा मेरे दिल मे उतर जाती थी मिता का जादू मुझ पे चल चुका था उस दिन कुछ ज़्यादा कुछ ख़ास नही हुआ बस पढ़ाई और पढ़ाई फिर वो स्टुपिड सी एक्सट्रा क्लास दिमाग़ का दही हो गया पूरी तरह से पर ये तो लाइफ थी उस टाइम कॉलेज लाइफ बहुत ही बुरी लगती थी पर आज वो पल याद आके दिल मे एक टीस जगा देती है और उपर से बाली उमर का इश्क़ जो आने वाले समय मे मोहबत की एक नयी इबारत लिखने वाला था अगले 15-20 दिन कब गुजर गये मुझे पता ही नही चला बस स्टडी और स्टडी मुझे जुनून था मेरिट लाने का खाना पीना सब कुछ छूट गया था सेक्स तो बहुत दूर उसका ख्याल भी नही किया था
दिनचर्या बस सिमट सी गयी थी शीला कभी कभी आ धमकती थी पर उसे कड़े शब्दो मे समझा दिया था कि अभी कुछ नही होगा बस लाइफ घिसट ते हुए कट रही थी जनवरी का लास्ट चल रहा था मैं कॉलेज से आया तो देखा कि रवि और अनिता भाभी आए हुए थे मैने उन्हे नमस्ते किया भाभी मुझे देख के खुश हो गयी तो रवि ने बताया कि कंपनी ने उसकी पोस्टिंग बॅंगलॉर कर दी है 6-7 महीने वो उधर ही काम करेगा और अनिता गाँव मे ही रहेगी मैने कहा चलो ठीक है इधर रहेगी तो हमारा भी मन लगा रहेगा भाभी ने गहरी नज़र से मेरी ओर देखा शाम का टाइम उन लोगो के साथ ही स्पेंड किया फिर डिन्नर करके मैं अपने अड्डे मे पहुच गया
स्टडी टेबल पे बैठ तो गया था पर ध्यान बार बार अनिता भाभी की ओर ही जा रहा था मैं सोचने लगा कि उस दिन उनके साथ रिश्ता तोड़ लिया था तो अब वो देगी या नही क्या पता दुबारा बात बन जाए ये सोचते सोचते मैं सो गया सुबह मैं तैयारी कर रहा था कि पापा बोले चल आजा आज मैं तुझे कॉलेज छोड़ देता हूँ और तेरे टीचर्स से प्रोग्रेस रिपोर्ट भी ले लूँगा मेरा दिल तो नही था पर क्या करता कॉलेज पहुँचते ही मैं सीधा क्लास मे चला गया और पापा प्रिन्सिपल ऑफीस चले गये थोड़ी देर बाद मिता भी आ गयी और बोली आज जल्दी आ गये मैं तो सोच रही थी कि तुम शायद छुट्टी करोगे तो मैने कहा कि आज पापा आए है प्रिन्सिपल ऑफीस मे है प्रोग्रेस रिपोर्ट ले रहे है वो बोली ओह! थोड़ी देर मे क्लास स्टार्ट हो गयी.।
और फिर वो ही बोरिंग टाइम लंच मैने उसके साथ किया हम खा ही रहे थे कि रीना आ गयी और बोली आज तो भाई भाभी साथ ही खा रहे है तो मिता बुरी तरह झेंप गयी मैने रीना को लताड़ा कहा क्या कुछभी बोलती है पागल है क्या मिता का चेहरा शरम से लाल हो गया काफ़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई मैने रीना को समझाया कि अभी ऐसा कुछ नही है बस दोस्ती से थोड़ा ज़्यादा है जब होगा तो मैं ज़रूर बताउन्गा पर अंदर ही अंदर मैं बड़ा खुश हो रहा था
अनिता भाभी से कभी कभी आँख मिल जाती थी पर ताइजी उसके सर पे मंडराती रहती थी तो मैं भी ज़्यादा रिस्क नही लेना चाहता था कॉलेज की दो दिन की छुट्टी थी तो मैने सोचा कि गीता से मिल आउ वैसे भी काफ़ी दिन हो गये थे तो शाम को मैं गीता से मिलने चल पड़ा आज मैं पैदल ही था कुन्वे के पास मुझे बिम्ला काकी मिल गयी बोली लल्ला इधर का रास्ता तो भूल ही गये हो तुम थोड़ा हम ग़रीबो का भी ख्याल कर लिया करो कई दिन हो गये तेरे लौडे का स्वाद चखे हुए घर पे भी कोई नही है चलो आ जाओ हो जाए दो-दो हाथ और मुझे अपने घर ले आई मैं पूछा काका कहाँ गये तो उसने बताया कि वो मेरी लड़की के ससुराल गया हुआ है काकी ने अपने सामान को रखा और बोली तुम कमरे मे चलो मैं अभी आई कुछ देर बाद वो आ गयी
काकी नेआते ही सीधा मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाते हुए बोली लल्ला आज आएगा मज़ा कुछ देर उसे हिलाने लगी लंड मे तनाव आ गया फिर वो खड़ी हुई और तुरंत ही नंगी हो गयी अन्द्रूनि कपड़े तो वो कभी पहनती ही नही थी मैने काकी को लिटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा मैं काकी की छूट पे उगे बालो के जॅंगल मे अपना हाथ फेरते हुए बोला कभी इन्हे काट भी लिया करो इन्हे वो बोली टाइम ही नही मिला और फिर इनसे मेरी ये छुपी रहती है कोई इस्पे अपनी बुरी नज़र नही डालता है तो मैने कहा इस्पे कोई बुरी नज़र कैसे डालेगा तुम खुद ही चुदने को तैयार रहती हो तो वो हँसने लगी बोली इसमे आग ही इतनी लगती है मैं क्या करू और अब तो आदत हो गयी है अब तो मरने पे ही ये आदत छूटे गी मैं चूत पे हाथ फेरने लगा उसके झान्टो पे अपनी उंगली गोल गोल घुमाने लगा काकी बोली ऐसा मत करो बाल टूट जाएँगे दर्द होगा
पर मुझे मज़ा आ रहा था काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही करता रहा तो काकी बोली अब बस भी करो ना काकी की चूत उन बालो मे छुपी पड़ी थी दिख ही नही रही थी तो मैने उनकी टाँगो को थोड़ा चौड़ा किया और अपनी दो उंगलियो को चूत मे घुसेड दिया काकी बोली आराम से लल्ला पूरा हाथ डालेगा क्या तो मैने कहा इसमे तो हाथ भी आराम से चला जाएगा मैं अपनी उंगलिया अंदर बाहर करने लगा काकी उत्तेजित होने लगी थी 5-6 मिनट तक उंगली ही करता रहा काकी बोली चूँसोगे नही तो मैने कहा जब तक इन बालो को नही कटोगी मैं तेरी चूत नही चाटूँगा तो वो बोली आगे से सॉफ ही रखा करूँगी मेरी उंगलिया पूरी तरह भीग चूँकि थी तो काकी बोली बस अब उंगलियों से काम ना चलेगा अब तो लॉडा चाहिए मुझे चल जल्दी से चोद मुझको तो मैने उन्हे घोड़ी बना दिया
और अपने लंड को उनके विशाल चुतडो पे घिसने लगा वो बोली लल्ला तडपा मत कर भी ले ना तो मैने उनकी चूत मे लंड डाल दिया और हाथो को आगे बढ़ा के उनकी मोटी मोटी चूचियो को थाम लिया और उनको दबाने लगा बिम्ला काकी का बदन मस्ती मे ऐंठ गया उनके चूतड़ अपने आप ही पीछे हो गये जब मैं धक्का मारते मारते रुक जाता तो वो खुद ही अपनी गान्ड को पीछे हिलाने लग जाती थी उनके बोबे और भी मोटे लग रहे थे शायद ज़्यादा चुदाई से ऐसे हो गये थे वो चुदती भी तो बहुत ही थी बस नये नये लंड ही ढूँढती रहती थी मैने भी अपने बदन को झुकाते हुए अपना बोझ उनपे डाल दिया और अपने दाँतों से उनके कंधो और गर्दन को काटने लगा काकी और भी मस्ता गयी और जोश से चुदने लगी हम दोनो मे से कोई भी कुछ नही बोल रहा था
बस लगे पड़े थे दस मिनट बाद मैं हटा तो वो मेरे उपर चढ़ गयी और अब वो मुझे चोद रही थी बहुत ही तेज़ी से वो मेरे लंड पे उछल रही थी मैने कहा थोड़ा सा धीरे पूरा लंड एक ही झटकेमे बाहर निकालता और फिर तुरंत ही चूत मे घूंस जाता था लंड किसी टॉवर की तरह खड़ा था उसे भी कई दिनो बाद चूत की खुराक मिली थी तो वो भी पूरे जोश मे था काकी भी अपने पूरे अनुभव को इस्तेमाल कर रही थी उन्हे तो पता था ही कि कैसे किसी पुरुष को मज़ा दिया जाता है मैने उन्हे अपने नीचे लिया और उनको किस करते हुए लगा चूत मारने उन्होने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट लिया था बहुत ही जोश से मैं उनके मोटे मोटे होंठो को चबाए जा रहा था मैं अब जल्दी से फारिग होना चाहता था काकी भी नीचे से अपनी गान्ड को मटका रही थी
मैने अपनी पूरी शक्ति लगा दी और बेरहमी से काकी को चोदे जा रहा था मंज़िल बस करीब ही थी कुछ मिनट और फिर मेरे लंड से पिचकारियों की बारिश निकलने लगी कई दिनो से जमा सारा वीर्य काकी की चूत मे झाड़ गया था शांत होने के बाद मैने कलाई घड़ी मे टाइम देखा तो पता चला पोने घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था उनको चोदते हुए मैने अपने कपड़े पहने वो ऐसे ही पड़े रही अब गीता के घर जाने का टाइम नही था तो मैं वापिस अपने घर चल पड़ा ।
घर के बाहर ही मुझे अनिता भाभी मिल गयी वो कहने लगी कि मैं तो तुमसे मिलने आई थी पर तुम ना जाने कहाँ लापता रहते हो अपनी भाभी को भूल ही गये हो तो मैने कहा भाभी मैं नही चाहता हूँ कि मेरी वजह से आपकी लाइफ मे कोई प्राब्लम ना हो फिर उपर से ताइजी भी शक करती है तो इसलिए मैं थोड़ा दूर ही रहता हूँ वरना याद तो बहुत आती है आपकी
भाभी बोली हाल तो मेरा भी ऐसा ही है चलो कभी तकदीर मे होगा तो देखेंगे और कहने लगी कि रवि ने कुछ कपड़े लिए थे तुम्हारे लिए अंदर रखे है देख लेना मैने उनको थॅंक्स कहा और अंदर चला गया और अपने नये कपड़े देखने लगा एग्ज़ॅम शुरू होने मे हफ़्ता ही बचा था मैं मेहनत भी बहुत कर रहा था अगले दिन कॉलेज मे मैने मिता से कहा कि मुझे तुमसे एक बात करनी है
अकेले मे तो उसने कहा कि लंच टाइम मे मैने कहा ओके , लंच मे हम बैठे थे तो उसने पूछा क्या कहना चाहते थे तुम मैने कहा ये बात तुम्हारे और मेरे बारे मे है मतलब हमारे फ्यूचर के बारे मे तो उसने कहा कि सॉफ सॉफ बोलो ना तो मैने कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ वो पागलो की तरह हँसने लगी बहुत देर तक हँसती ही रही फिर वो रुकी ऑर बोली क्या तुम मज़ाक कर रहे हो तो मैने कहा नही बिल्कुल नही तो वो भी थोड़ा सीरीयस हो गयी और बोली जिस रास्ते पे तुम चलने को कह रहे हो वो डगर बेहद मुश्किल होगी देखो हम गाँव मे रहते है कुछ सामाजिक परंपराए भी होती है और फिर हमारी फॅमिलीस क्या गॅरेंटी है कि वो हमारे रिश्ते को आक्सेप्ट करेंगे
मैने कहा अगर तुम इस राह पे साथ चलो तो सब आसान हो जाएगा क्या तुम मेरा साथ दोगि तो उसने कहा कि मेरे हाँ कहने से कुछ नही होगा अगर मेरी मानो तो इस चीज़ को थोड़ा पेंडिंग कर दो क्योंकि एग्ज़ॅम सर पे है अभी कोई और टेन्षन नही चाहिए तो मैने कहा कि तुम अपना टाइम लो ।
मिता बहुत ही समझदार लड़की थी टाइम अपनी रफ़्तार से चलता रहा एग्ज़ॅम स्टार्ट हो चुके थे प्रेशर तो था ही अब टाइम था कुछ करके दिखाने का मैं बहुत ही ज़्यादा मेहनत कर रहा था एक जुनून था बस मेरिट मे नाम आना चाहिए हर हालत मे कोई 20 दिनो मे एग्ज़ॅम निपट गये रिज़ल्ट आने मे कोई 3 महीने तो लगने ही थे मैं भी फ्री ही था एक दिन सुबह नाश्ते पे हम सब बैठे थे कि पापा बोले अब आगे क्या करोगे तो मैने कहा कॉलेज मे अड्मिशन ले लूँगा
तो पापा बोले देख बेटे मैं और तेरे चाचा तो बस बाबू बन के ही रह गये रवि तो प्राइवेट सेक्टर मे सेट्ल है तेरे ताऊ भी घर पे ही रहते है अपने परिवार मे कोई भी अधिकारी नही बना अब तुझ से ही आस है अगर तेरी इच्छा हो तो एनडीए के लिए अप्लाइ कर दे तो मम्मी बोली इक्लोता बेटा है फोज ठीक नही है कही ओर ट्राइ कर लेगा तो मैने कहा मम्मी ट्राइ करने मे क्या जाताहै और कौन सी नोकरी हाथ मे ही रखी है तो पापा बोले फॉर्म मैने खरीद लिया है तू फिल कर्दे मैं पोस्ट कर दूँगा मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी मैने तुरंत ही फॉर्म को भर के उन्हे दे दिया दिन यू ही गुजर रहे थे एक दिन घर पे मैं ओर चाची ही थे तो मुझे मस्ती सूझ रही थी मैने चाची को अपनी बाहों मे भर लिया
और उनको चूमने लगा चाची भी मस्ती कर रही थी मैने उनके गुलाबी होंठो का रस्पान करना शुरू कर दिया था कई दिन बाद मैं थोड़ा रिलॅक्स था तो मैं भी मूड मे था मैं उन्हे लेके उनके कमरे मे आ गया और उनका हाथ मेरे लंड पे रख दिया उन्होने अपना हाथ मेरे पयज़ामे के अंदर डाल दिया और लंड को मसल्ने लगी उनके जादुई हाथो का स्पर्श पाकर मेरे लंड मे तनाव आने लगा फिर चाची ने मेरे पयज़ामे को पूरा नीचे कर दिया और खुद भी नीचे बैठ गयी और अपने कातिल होंटॉको मेरे लंड पे रख दिया और उसे चूमने लगी उन्होने कई किस मेरे लंड पे किए मैने उनके सर पे हाथ रखे और उनको चुँसने का इशारा किया तो उन्होने अपना मुँह खोल के मेरे सुपाडे को अपने मुँह ए भर लिया
और बस उसे ही चूसने लगी वो अपनी जीभ को गोल गोल करके मेरे लंड पे फिरा रही थी आज कई दिनो बाद कोई औरत मेरे लंड को चुंस रही थी मैं उनके बालो को सहलाने लगा था चाची बहुत ही कुशल तरीके से लंड को चूस रही थी बहुत ही प्यार से और थोड़ा थोड़ा करके लंड को अपने मुँह मे लेती जा रही थी ऐसे करते करते उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चुप्पे मारने लगी उनकी नाक से निकलती गरम हवा मेरे पेट के निचले हिस्से पे गुदगुदी सी कर रही थी 10-15 मिनट गुजर चुके थे मैं बस उस मज़े को महसूस कर रहा था मैने कहा चाची बस होने ही वाला है तो उन्होने लंड को अपने मुँह से बाहर निकल लिया और मेरी मुट्ठी मारने लगी
दो मिनट बाद ही मैने अपना पानी छोड़ दिया उनके हाथ मेरे पानी से चिपचिपा हो गया था बहुत मज़ा आया उन्होने अपना हाथ बेड की चादर से सॉफ किया मैने कहा थॅंक यू चाची उनको किस किया और बाहर जाने लगा तो वो बोली कहाँ जा रहे हो तुम भी तो इसको टेस्ट करो तो मैने कहा टेस्ट की क्या बात मैं तो इसमे घुसने को तैयार हूँ पर आप ही टाँग अडाये रहती हो चाची ने कुछ नही कहा और बेड पे लेट गयी और अपने घाघरे को जाँघो तक उठा लिया उनकी योवन से भरी चिकनी टांगे चमकने लगी मैने कहा चाची आज तो हो जाने दो अपनी चुदाई तो वो बोली जितना मैं करती हूँ किसी ओर की चाची करेगी क्या तुम्हे तो हर टाइम आग लगी रहती है बाहर मुँह मारते फिरते तो हो ,
उधर शीला को चोद्ते रहते हो फिर भी नही मानते मेरे होश उड़ गये मैने कहा कि आपको कैसे पता चला तो उन्होने कहा कि बाद मे बताउन्गि पहले तुम इसका काम करो और अपनी टाँगो को उपर कर लिया मैने उनकी काले रंग की पेंटी को उतार दिया और उसे सूंघने लगा क्या मस्त खुसभू आ रही थी रोयेन्दार बालो से भरी गुलाबी चूत बस ये ही एक ऐसे थी जिसमे मैं अपना लंड नही डाल पाया था पर करूँ भी तो क्या वादा किया था कि उनकी मर्ज़ी से ही चोदुन्गा उनको तो मैं भी फसा पड़ा था मैने उनकी मांसल जाँघो को थामा और उनको चूमने लगा मेरी जीभ उनकी चिकनी टाँगो पे रेंगने लगी चाची ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपने बदन को ढीला छोड़ दिया टाँगो को चूमते चूमते मैं अब चूत की ओर बढ़ चला
कुछ उसे सूँघा बहुत ही मादक खुसबू आ रही थी मैनी बिना देर किए उनकी रसभरी चूत पे अपने होंठ टिका दिए और उन्हे किस करने लगा चाची उत्तेजना से काँपने लगी मैने अपने हाथ से उनकी चूत की फांको को अलग किया और उनके दाने को चाटने लगा साथ ही एक उंगली भी चूत मे सरका दी उपर से मैं दाने को चुँसे जा रहा था और्नीचे से उंगली किए जा रहा था चाची की साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी उनके चूतड़ काँपने लगे थे फिर मैने अपनी उंगली को हटाया और अपनी जीभ को अंदर डाल दिया चाची के अंग अंग से मस्ती फुट पड़ी कामरस को चाटे जा रहा था माइंड उस मिनट तक बड़े ही मज़े से उनकी चूत पे अपना मुँह लगाए रखा चाची की गान्ड बहुत ही ज़्यादा उछलने लगी थी वो अपनी टाँगो को पटक रही थी
तो मैने ईक बार फिर से उनकी चूत के दाने को अपने दांतो के बीच मे दबा लिया और उंगली करने लगा मैं बहुत ही ज़ोर ज़ोर से उंगली कर रहा था तभी उन्होने अपनी टाँगो को आपस मे कस लिया मेरा सर उनकी टाँगो के बीच मे क़ैद हो गया और उसी पल चूत से एक फव्वारा बह चला चाची भी झाड़ गयी थी मैं उनके बगल मे लेट गया और उनकी ज़ुल्फो से खेलने लगा उन्होने अपने घाघरे को नीचे कर लिया मैने अब पूछा कि आपको कैसे पता चला कि मैने शीला की ले ली है तो वो बोली कि जब तू मामा के गया हुआ था तो एक दिन मैं तेरे कमरे की सफाई करने गयी थी तो तेरे बिस्तर के नीचे मुझे एक औरत की कछि मिली थी अब उस गली मे तो बस वो ही रहती है जो रात को तेरे पास आ सकती है फिर मैने सोचा कि क्या पता प्रीतम आई हो कभी रात मे पर कछि दो देख के अनुमान लगा लिया कि प्रीतम तो मोटी है तो उसकी तो हो ही नही सकती और शीला भी कई बार पूछ चूँकि थी तुम्हारे बारे मे कि कब आएगे तो मैने आइडिया लगा लिया
मैने कहा अब भाभियो की सेवा करना तो देवर का फरज है और हँसने लगा
पूरी दोपहर चाची के साथ ही रहा कैसा ये रिश्ता बन गया था उनके साथ सब कुछ तो देख चुका था उनका पर चोद ही नही सका था पर जो था वो भी ठीक ही था कोई 4 बजे हम कमरे से बाहर आए उन्होने चाइ बनाई और थर्मस मुझे देते हुए बोली कि जा खेत मे दे आ फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी थी कई लोगो ने तो कटाई शुरू भी कर दी थी हमे भी शुरू करनी थी तो मैने थर्मस लिया और साइकल चलाते हुए कुन्वे पे पहुँच गया मम्मी को थर्मस दिया और खेतो का एक राउंड लगाने निकल पड़ा धूप कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी बैसाख की शुरुआत हो चूँकि थी ही कुछ दूर चलने पे पता चला की अनिता भाभी भी यही थी मैं उनकी ओर गया तो देखा पसीने और धूल से तर बतर वो सरसो काटने मे लगी हुई थी
मैने कहा भाभी मदद कर्वाऊं क्या तो उन्होने कहा हाँ करनी तो पड़ेगी ही फिर मैं भी उनके साथ लग गया मैने पूछा भाभी आप मम्मी के साथ आई हो क्या तो उन्होने कहा सासू माँ भी है बिम्ला काकी के यहाँ गयी हुई है बस आती ही होंगी हम बाते करते हुए सरसो काट रहे थे फिर मम्मी भी आ गयी और भाभी को बोला ले पहले चाइ पी ले फिर बाद मे काट लियो तो भाभी एक साइड मे बैठ गयी ऑर चाइ पीने लगी तभी ताइजी भी आ गयी ताइजी बोली सरसो तो बस कट ही चूँकि है कुछ क्यारिया ही बची है इस के बाद गेहूँ का नंबर लगाएँगे ताइजी उस घटना के बाद मुझसे थोड़ा कम ही बोलती थी मैं भी उनसे कटा कटा रहता था तभी उन्होने कहा कि तू कल जाके थ्रेसर वाले को ले आइयो सरसो निकलवालेंगे मैने कहा जी हो जाएगा काम करते करते शाम हो चूँकि थी
मम्मी ने कहा जीजी घर चले तो ताइजी ने भाभी को कहा हाथ मुँह धो ले चलते है तो मम्मी बोली अनिता तो इसके साथ आ जाएगी थोड़ी सी सरसों ही तो बची है ये काट के आ जाएँगे और फिर हमे तो पैदल चलना है ये इसे साइकल पे ले आएगा हालाँकि ताइजी ये बिल्कुल नही चाहती थी पर मम्मी के आगे मना भी नही कर पाई तो वो बेमन से मम्मी के साथ चली गयी बचे हम दोनो काम पूरा करने मे हमे कोई डेढ़ घंटा और लग गया टाइम 7 के आस पास हो रहा था फिर हम पानी के टॅंक पे आए और हाथ पैर धोने लगे जब पानी की बोछारे उनके चेहरे पे पड़ रही थी तो वो बेहद सुंदर लग रही थी मुझे कुछ कुछ होने लगा वो बोली क्या देख रहे हो तो मैने कहा आपको कितने दिनो बाद थोड़ा टाइम मिला है आपके साथ रहने को तो वो बोली मैं भी तो तुमसे मिलना चाहती हूँ पर सासू माँ के होते हुए बहुत मुश्किल है ।
वो बहुत ज़्यादा शक करती है रात मे भी मेरे कमरे के कई चक्कर लगा लेती है तो मैने कहा भाभी ये सब मेरी जल्दबाज़ी से हुआ है उस दिन अगर ताइजी ना आतितो बात ही कुछ ऑर होती वो बोली ये तो है तभी वो बोली अभी हम अकेले है अगर तुम चाहो तो ……………………………………………………………………………………………………………….. और अपने शब्दो को अधूरा छोड़ दिया तो मैने कहा हाँ और उनका हाथ पकड़ के उनको कमरे के अंदर ले गया जल्दी से कुण्डी लगाई और उनको अपनी बाहों मे ले लिया भाभी बोली वैसे तो बहुत ही बेताब हूँ तुमसे मिलन करने के लिए पर अभी तो तुम जल्दी से ही कर्लेना वापिस भी जाना है अगर ज़्यादा देर हो गयी तो पचास बात सुन नी पड़ेंगी उनके बदन से आती पसीने की स्मेल मुझे मदहोश करने लगी मैं ब्लाउस के उपर से ही उनकी चूचियो को दबाने लगा
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भाभी की साँसे भारी होने लगी उन्होने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया और दबाने लगी भाभी ने धीरे से पॅंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे खड़ा करने लगी मैने उनके घाघरे मे हाथ डाला और उनके कुल्हो को सहलाने लगा ऐसे ही सहलाते सहलाते उनकी पेंटी को घुटनों तक सरका दिया उनके हाथो के कमाल से लंड दो मिनट मे ही पूरे उफान पे आ चुका था भाभी बोली जल्दी से करो तो मैने उनके हाथो को दीवारो पे लगाया और उनको पंजो पे झुंका दिया घाघरे को कमर तक उठाया उनके गौरे चुतडो को काफ़ी दिनो बाद आज देखा था थोड़ा माँस और चढ़ गया था उनपे और बहुत ही मुलायम भी हो गये थे मैने अपने लंड पे थूक लगाया और उसे भाभी की चूत मे एक धक्के मे ही घुसेड दिया और हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियो को दबाने लगा
तो अनिता बोली थोड़ा जल्दी ही कर लेना फिर कभी टाइम मिलेगा तो तुम्हे अच्छी तरह से खुश कर दूँगी मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और लगा अपने धक्को को रफ़्तार देने लगा भाभी भी अपनी गान्ड को पीछे करने लगी कुछ ही देर मे मैं अपनी टॉप स्पीड पी आ चुका था भाभी का पूरा बदन वासना से कांप रहा था मैने उनके ब्लाउस के हूकों को खोल दिया और उनके बोबो को बाहर निकाल के उनको बलपूर्वक भींच ने लगा भाभी की चूत से रस की धारा बहने लगी थी चूत बहुत ही गीली हो गयी थी लंड बार बार फिसल रहा था तो मैं उनके पीछे से हटा और उनको खाट पे लिटा दिया और उनपे चढ़ गया भाभी ने अपने होंठो को मेरे होंठो पे रखा दिया मैं उन्हे किस करते करते चोदे जा रहा था भाभी के मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था
भाभी तो जैसे कही खो ही गयी थी मैं बड़े ही प्यार से उनके रस से भरे होंठो को खाए जा रहा था तो भाभी बोली कि क्या कर रहे हो इन्हे सुजाओ गे क्या बस अब और मत चूँसो तो मैने अपने होंठ हटा लिए नीचे चूत और लंड एक दूसरे को हराने मे लगे हुए थे भाभी की चूत को मेरे लंड ने मस्त कर रखा था मुझे ऐसे लग रहा था कि मेरे सारे शरीर का खून बस मेरे लंड मे ही इकट्ठा हो गया हो जो बस अब खौलता हुआ लावा बन कर उनकी चूत मे बरसने को बेताब हो रहा था मैने कुछ झटके ओर मारे और फिर उनको अपनी बाहों मे कस के भींच लिया और उनकी चूत मे ही झड़ने लगा एक बहुत ही मजेदार चुदाई का अंत हो गया था भाभी ने एक बार फिर से मेरे जीवन मे प्रवेश कर लिया था फिर मैं उनके उपर से उठा उन्होने अपनी कच्छि से चूत को पोन्छा और फिर मेरे वीर्य से सनी कच्छि को ही पहन लिया
थोड़ी देर बाद मैने उन्हे साइकल पे बिठाया और घर चल पड़े रास्ते मे मैने उन्हे बता दिया था कि मैं आज कल घर के पीछे जो नया कमरा बनाया है उधर ही रहता हूँ अगर मौका लगे तो उधर भी आ जाना तो उन्होने कहा कि वो कोशिश करेंगी कुछ जुगाड़ करने का ऐसे ही प्लॅनिंग करते करते हम घर आ गये कुछ देर मे रात हो चूँकि थी मैने मामा के घर फोन किया और मामी से बात करने लगा तो उन्होने कहा कि तुम्हारे मामा छुट्टी आए हुए है लावनि के बाद हम तुम्हारे घर आएँगे मिलने के लिए मैं ये सुनके खुश हो गया क्या पता मामी को चोद पाऊ ये सोचके फिर थोड़ी देर और बात की फिर फोन रख दिया उन दीनो मेरी राते कुछ अजीब सी होती थी मुझे हर तरफ बस चूत ही चूत नज़र आती थी रास्ते मे कोई लड़की और औरत मिल जाए तो मेरी नज़र बस उसके चुतडो पे ही ठहर जाती थी
मेरी आदत खराब होती जा रही थी अगले दिन फिर से फसल काटने जाना था तो मैं जल्दी ही सो गया मैं चाचा के साथ सुबह सवेरे ही खेतो पे चला गया और काम संभाल लिया आज बिम्ला काकी भी थी हमारी मदद करने के लिए जैसे ही मोका लगा तो मैं उनके पास गया और मैने पूछा कि ककई क्या आप किसी और की दिलवा सकती हो तो वो बोली लल्ला मुझसे मन भर गया क्या तो मैने कहा ऐसी बात नही है काकी बस दिल मे किसी ऑर को चोदने की आ रही है तो वो बोली चल सोचती हूँ कुछ तेरे लिए तो मैने कहा ध्यान रखना और फिर से कटाई मे लग गया दोपहर तक सभी घरवाले आ चुके थे काम अब तेज़ी से हो रहा था मुझे भूक लग आई थी तो मैं एक पेड़ के नीचे बैठ के खाना खाने लगा तभी गीता भी आ गयी मम्मी ने उसको बुलाया था
मैने उसे नमस्ते किया वो मुस्कुराइ पर सभी घरवाले आस पास ही थे तो ज़्यादा बात भी नही कर सकता था गीता झूक के काम कर रही थी मेरी नज़र उसकी गान्ड से हट ही नही रही थी मेरा लंड ज़ोर मारने लगा पर इस समय कुछ भी नही हो सकता था किसी तरह लंड को कंट्रोल किया पूरे दिन कड़ी मेहनत की थक के चूर चूर हो गया था थ्रेसर वाला भी आ गया था तो निकली सरसो को बोरियो मे डाला और ट्रॅक्टर पे लदवा दिया अब वापिस जाना था तो मैने घरवालो से कहा आप सब लोग चलो मैं बाकी बचा छोटा मोटा काम निपटा के आउन्गा तो घर वाले ट्रॅक्टर के साथ ही चले गये अब 3 लोग बचे थे मैं, बिम्ला और गीता तो बिम्ला बोली कि लल्ला मैं भी चलती हूँ चाइ पीने का मन हो तो घर आ जइयो असल मे ये उनका इशारा था
तो मैने कहा आप चलो मैं आया गीता बोली मैं भी चलती हूँ और वो भी अपनी मदमस्त गान्ड को मटकाती हुई अपने घर की तरफ चल पड़ी उनके जाने के बाद मैने अपने कपड़े उतारे और पानी की होदि मे उतर गया एक बेहद अच्छा एहसास हुआ काफ़ी देर तक मैं नहाता ही रहा सारी थकान दूर हो गयी थी फिर मैने अपने कपड़े पहने औजारो को रखा और ताला लगा के गीता के पास चल पड़ा उसने मुझे देखा तो बोली मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे तो मैने कहा क्या करू तुम्हारे बिना मन ही नही लगता तो वो बोली क्या मैं इतनी पसंद हूँ तुमको तो मैने कहा हाँ बिल्कुल और उसकी कमर पे चिकोटी काट ली तभी मैने देखा कि उसका पूरा खेत खाली था मैने पूछा तुम्हारी फसल तो उसने कहा कि मैने अपनी खड़ी फसल को ही साहूकार को बेच दिया था पूरे 56000 का फ़ायदा हुआ है
अब इस मकान की छत को पक्की करवा लूँगी और कुछ पैसे बच गये तो एक भैंस भी खरीद लूँगी मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छा है फिर वो अपने प्लॅन्स बताने लगी मैं उसकी कमर को सहलाने लगा मैने कहा कि आज थोड़ी मस्ती हो जाए तो वो बोली वैसे तो मैं तुम्हारे लिए हमेशा ही उपलब्ध हूँ पर आज थोड़ी सी थकान हो रही है तुम तो जानते ही हो तो मैने कहा कोई बात नही फिर कभी कर लेंगे ऐसी कोई जल्दी नही है कोई आधा घंटा और बिताया उसके साथ फिर मैं घर आ गया तो चाचा बोले कि यार एक काम कर तू बाहर वाला कमरा खाली कर दे ये सरसो की बोरिया वही रखवा देता हूँ जब बेचेंगे तो आसानी होगी मैं कुछ कहने ही वाला था तो वो बोले वैसे भी गर्मिया आ गयी है तू तो छत पे ही सोया करेगा तो मैने कहा कि चाचा आप इनको ताऊजी के घर रखवा दो वैसे भी उनके 2-3 कमरे हमेशा खाली ही रहते है
मैं अपना सामान नही हटाउंगा तो वो बोले तेरी मर्ज़ी फिर हमने मिलके वो बोरिया ताऊ जी के यहाँ रखवादी मैं अपने कमरे मे जा ही रहा था तो शीला अपने गेट पे खड़ी थी मैने उसे कहा कि आज बात बन जाएगी क्या तो वो बोली करती हूँ कोशिश अगर वो पीके आए तो आ जाउन्गि मैने कहा गेट खुला ही रहे गा 11 बजे तक राह देखी पर वो आई ही नही तो मैं सो गया सुबह सुबह मैं डेली साढ़े 5 बजे मंदिर जाता था पिछले 1 महीने से मेरा नियम सा बन गया था वहाँ पे एक लड़की डेली मुझसे पानी का घड़ा उठवाती थी कुछ खास सुंदर नही थी बिल्कुल काली रंगत लिए हुए पर शरीर भरा भरा था मैं सोचता था अगर ये तैयार हो तो इसे ही चोद दूं
पर मेरी हिम्मत नही होती थी उस से बात करने की वो भी बस अपना मटका उठवाती थी इस से ज़्यादा कुछ नही होता था एक दिन मैने हिम्मत करके पूछ ही लिया कि तुम्हारा नाम क्या है तो वो बोली निशा और इठलाती हुई चली गयी कुछ दिन ऑर गुजर गये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा एक दिन की बात है उस दिन कोई इक्का दुक्का लोग ही थे मंदिर पे तो मैने उसे कहा कि निशा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी तो उसने कहा कि वो सोच के बताएगी वो बोली मैं शाम को भी पानी लेने आती हूँ आप शाम को मिलना तो मैने कहा ठीक है मैं आ जाउन्गा दिन इसी उधेड़बुन मे कटा शाम को मैं फिर गया
पूरे 1 घंटे इंतज़ार करने के बाद वो आई तो उसने कहा कि पहले तुम बताओ की मुझस दोस्ती क्यूँ करना चाहते तो मैं तो कोई सुंदर भी नही हूँ तो मैने कहा मैं कौन सा सलमान ख़ान हूँ वो बोली आजकल के लड़के बस लड़कियो से एक चीज़ के लिए ही दोस्ती करते है मुझे उसकी साफ़गोई बहुत पसंद आई मैने कहा देखो मेरे लिए दोस्त बस दोस्त होता है तो वो बोली सभी ऐसे ही कहते है शुरू मे तो मैने कहा आजमा के देख लो वो बोली क्या थोड़ा टाइम दे सकते हो मैने कहा इंतजार करूँगा तुम्हारे जवाब का
मैने बिम्ला काकी पे पूरा दबाव बनाया हुआ था कि किसी और चूत का जुगाड़ करवा दे एक दिन उन्होने कहा की एक औरत से बात की है उनसे उमर मे तो मुझे कोई साल दो साल छोटी है पर है पूरी पटाखा पर 500 रुपये माँगे है एक बार के तो मैने कहा कि तुम मिलवा दो तो उन्होने कहा कल दुपहरी मे बुलवा लूँगी उसको तुम भी आ जाना आमने सामने बात कर लेना मैने कहा ठीक है पिछले कई दिनो से चूत नही मारी थी तो लंड भी कुलबुला रहा था मैने शीला को पकड़ लिया और बोला आज रात को अगर तूने नही दी तो तेरा मेरा रिश्ता ख़तम तो वो बोली मैं कोशिश करूँगी मैने कहा पक्का ही आ जाना बहुत दिन हो गये तुम्हे प्यार किए हुए तो शीला बोली कल इनको अपने गाँव भेजूँगी मेरे लड़के को लाने के लिए अब उसे यही पे पढ़ाउंगी अगर ये चले गये तो दो दिन बस तुम्हारे लंड को ही अंदर लिए पड़ी रहूंगी
तो मैने कहा कुछ भी करके पप्पू को भेज ही दियो बोल्ली कोशिश तो कर ही रही हूँ खैर, वो रात भी ठंडी ही निकल गयी अगली सुबह ठीक 11 बजे मैं बिम्ला के घर पहुँच गया काकी बोली वो भी बस आती ही होगी कोई 20-25 मिनट बाद एक औरत आई मैं तो उसे देखते ही रह गया कोई 38-40 की उमर की होगी पर थी पूरी पटाखा वो तो काकी से भी जबर माल थी काकी बोली ये दयावंती है मेरी पुरानी सहेली है स्पेशल तेरे लिए बुलाया है तुझे ठीक लगे तो देख ले तो मैने कहा मुझे पसंद है फिर मैने उस से पूछा कि आपको कोई परेशानी तो नही है तो उसने कहा पैसा तो पूरा मिलेगा ना तो काकी बोली तू चिंता मत कर मैने पूरी बात कर ली है तो मैं काकी को साइड मे ले गया और पूछा करूँगा कहाँ तो वो बोली तू यही पे कर ले
वैसे भी तेरे काका तो है नही फिर कोई आएगा तो मैं संभाल लूँगी 2-3 घंटे तू मौज कर तो मैने उनको किस किया और थॅंक यू कहा
दयावंती पहले ही कमरे मे आ गयी थी मैने उसको बैठने को कहा और उसे रिलॅक्स होने को कहा अब मैं भी उसके पास बैठ गया और उसके कंधे पे अपना हाथ डाल दिया वो मेरी ओर देख रही थी मैने कहा कोई परेशानी है क्या तो वो बोली नही ऐसी कोई बात नही है पर तुम्हारी उमर तो मेरे बच्चो से भी कम है इसलिए थोड़ा अजीब सा लग रहा है तो मैने कहा एक बार जब सब हो जाएगा तो शरम खुल जाएगी और उसकी पीठ को सहलाने लगा वो बोली दवाजा तो बंद कर्लो तो मैने कुण्डी लगा दी मैने कहा अब शुरू करे तो उसने बस अपनी गर्दन हिला दी मैं तो उतावला हुए जा रहा था ।
उसे चोदने को मैने उसके चेहरे को अपने हाथो मे लिया और उसके थोड़े मोटे होंठो को अपने मुँह मे भर लिया उनको चूसने लगा थोड़ी देर तो वो बेमन से चुसवाती रही पर धीरे धीरे गरम होने लगी उसने अपने मुँह को थोड़ा सा खोल दिया तो मैने अपनी जीभ उसके मुँह मे सरका दी दयावंती ने मेरी जीभ को चुंसना शुरू कर दिया हम दोनो के होंठ एक दूसरे मे समा गये थे 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैने अपने होंठो को उस क़ैद से हटाया और उसको बोला देखो अगर खुल के मज़ा लेना है तो शरम को मारो गोली मैने उसके सूट को निकला दिया सफेद ब्रा मे क़ैद उसके बड़े बड़े खरबूजो को वो ब्रा संभाल ही नही पा रही थी
तो मैने ब्रा को भी उतार दिया उसकी चूचिया ठोस नही थी बल्कि थोड़ी लटकी हुई थी मैने उन्हे अपन हाथो मे थाम लिया और उनको दबाने लगा उनके निप्पल पूरी तरह से काले थे और थोड़े बड़े भी थी वो चूचिया मेरे हाथो मे भी नही आरहि थी मैं उसके पीछे आके खड़ा हो गया और उसकी चूचियो को भींचने लगा दयावंती का शरीर गरम होने लगा 10-12 मिनट तक बस मैं ऐसे ही उसके बोबो का मज़ा लेता रहा वो भी कोई जल्दी नही दिखा रही थी मेरे लंड ने पेंट मे तंबू बना दिया था तो मैने अपनी पेंट और कच्छे को नीचे सरकते हुए लंड को आज़ाद कर दिया और उसकी गान्ड पे घिसने लगा वो भी मेरे लंड को अपनी गान्ड पे महसूस करने लगी
उसके बोबो मे तनाव आ चुका था उसकी सांसो के साथ उपर नीचे होते बोबो से सॉफ पता चल रहा था कि उसके शरीर को कामदेव का तीर घायल करने लगा है फिर मैने अपने हाथ को नीचे सरकाते हुए उसकी सलवार के नाडे पे लाया और उसको खोल दिया सलवार एक झटके से उसके पाँवो मे आ गिरी बस एक कच्छि ही बची थी ऑरेंज कलर की कच्छि बड़ी ही मुश्किल से उसके चुतडो को पूरा ढक पा रही थी मैं उसकी जाँघो पे अपना हाथ फिराने लगा बहुत ठोस टांगे थी उसकी जाँघो को सहलाते सहलाते मेरा हाथ उसकी कच्छि पी आ चुका था मैने कुछ देर उसकी कच्छि के उपर से ही चूत को सहलाया और फिर अपना हाथ उसकी कच्छि मे घूँसा दिया उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया था योनि प्रदेश पे हाथ टच होते ही पता चल गया कि चूत पे एक भी बाल नही था मैने उसकी गर्दन पे चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथ से चूत को रगडे जा रहा था
उसकी चूत का तापमान बढ़ते ही जा रहा था मैं पूरी तरह समझ गया था कि ये औरत अब लंबे समय तक मज़ा देगी मैं अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत की दरार पे घुमा रहा था पर बिल्कुल भी अंदर नही जाने दे रहा था उसकी टाँगो मे कंपन चालू हो गया था उसने अपने हाथ को थोड़ा पीछे किया और मेरे लंड को पकड़ लिया ये उसका संकेत था वो मेरे सुपाडे पे अपनी उंगलिया चलाने लगी मैं बस अपनी उंगली को रगडे जा रहा था उसकी सांसो की गर्मी बहुत हद तक बढ़ गयी थी मैने उसकी कच्छि को घुटनों पे सरका दिया और अब पूरी आज़ादी से चूत मे उंगली करने लगा 10 मिनट तक मैं ऐसा ही करते गया जब तक कि वो झाड़ ना गयी मेरी पूरी हथेली उसके चिपचिपे पानी से भर गयी थी मैने उसको चादर से सॉफ किया और उसको लिटा दिया
और लेटे लेटे ही उसके बोबो को पीने लग गया वो भी समझ चूँकि थी कि वो किसी नौसखिए खिलाड़ी से चुदवाने नही आई थी उसने मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी मेरा सुपाडा उसके कामरस से गीला होने लगा मुझ से भी रुका नही जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को फैलाया और अपना लंड एक ही झटके मे उसकी प्यारी सी चूत में डाल दिया दयावंती बोली एक बार मे ही पूरा डाल दिया और अपने चुतडो को उचका दिया मैने अपने दाँत उसके मोटे मोटे गालो पे गढ़ा दिए और उसको चोदने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपनी उंगलियो को उसकी उंगलियो मे उलझा लिया और उसके होंठो को पीते हुए उसकी चूत मारने लगा मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड को हिला हिला के दे रही थी
दयावंती वास्तव मे एक पटाखा ही निकली थी वो बस खामोशी से उस सेक्सी टाइम का मज़ा ले रही थी मेरा लंड उसकी चूत की बेहतरीन चुदाई किए जा रहा था अब मैने उसके निचले होंठ को अपने दाँतों मे दबा के चबाना शुरू कर दिया वो मेरा पूरा सहयोग कर रही थी उसका स्टॅमिना भी जबर दस्त था झाड़ ही नही रही थी तो मैने लंड को निकाला और उसको कोढ़ी कर दिया उसकी बेहद ही बड़ी और मोटी गान्ड मांसल टांगे और उनके बीच से झाँकती फूली हुई चूत बेहद ही दिलकश नज़ारा था मुझसे रुका ही नही गया तो मैने उसके चुतडो पे अपना मुँह लगा दिया और रस से भीगी पड़ी चूत को चाटने लगा उसका रस भी बड़ा ही मस्त था मज़ा ही आ गया उसकी चूत को चाटने मे उसके चूतड़ बुरी तरह से हिल रहे थे मैं उपर से नीचे तक उसकी चूत को चाटे जा रहा था
वो अपनी सिसकारियो को रोकने का प्रयत्न कर रही थी परंतु वो रोक नही पा रही थी उसकी हर कत मेरे जोश को दुगना कर रही थी कुछ देर ओर चाटने के बाद मैने अपने लंड को चूत पे रगड़ा और टोपी को अंदर सरका दिया अब मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको चोदने लगा पंद्रह बीस मिनट तक बहुत ही मज़े से उसकी चूत को मारा मैने इस बीच वो अपना पानी छोड़ चूँकि थी अब मैं भी मंज़िल को छूने वाला था तो मैने दो-चार धक्के पूरी ताक़त से लगाए और दयावंती को चूत को लबा लब भर दिया और उसे लिए लिए ही खाट पे पड़ गया काफ़ी देर तक मैं उसके पास ही लेटा रहा फिर मैने उस से पूछा कि मज़ा आया तो वो बोली तुम तो पूरे जवान हो तो मैने उसके चुतडो पे चपत लगा दी
हम दोनो नंगे पड़े थे वो बोली अब मैं जाउ तो मैने कहा कुछ देर ओर रुक जाओ वो बोली ठीक है तो मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और उस से बाते करने लगा कुछ देर बाद मैने उसके हाथ मे अपना लंड दे दिया वो उसे हिलाने लगी तो मैने कहा कि क्या तुम इसे अपने मुँह मे लोगि तो वो मेरी टाँगो पे झूँकि और मेरे लंड को चुँसने लगी मेच्यूर औरतो के साथ चुदाई करने का सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये ही है कि उनको कुछ समझाना नही पड़ता और वो मज़ा भी पूरा देती है ज्यो ज्यो उसकी जीभ मेरी खाल से टकरा रही थी मेरे लंड फूलने लगा 5-6 मिनट मे ही वो एक बार फिर से तैयार हो चुका था मैने उसे लंड पे बैठने को कहा तो वो थोड़ा आगे आई और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पे रगड़ने लगी दो चार मिनट रगड़ने के बाद उसने सुपाडे को अपनी चूत मे ले लिया
और धीरे धीरे मेरे लंड पे नीचे होने लगी अब पूरा लंड उसके पेट मे जा चुका था अब उसने मेरे लंड पे कूदना शुरू कर दिया मैने अपनी गर्दन को थोड़ा सा उपर की ओर किया और उसकी लटकती हुई चूची को अपने मुँह मे भर लिया और उसके निप्पल को चुँसने लगा दयावंती भी जोश मे आ गयी और अपनी गान्ड को तेज़ी से हिलाने लगी मैं बारी बारी उसके दोनो बोबो को पिए जा रहा था दूसरी ओर वो भी अपना जलवा बिखेरे जा रही थी मेरी गर्दन थोड़ी दुखने लगी थी तो मैने उसकी चूचियो को आज़ाद कर दिया और अपने दोनो हाथो से उसकी गान्ड को मसल्ने लगा वो पूरी ताक़त से मेर लंड पे उछले जा रही थी मुझे तो इतना मज़ा पहले कभी नही आया था मैं उसे बोला थोड़ा और ज़ोर लगाओ
मेरा बस छूटने ही वाला है तो वो पूरी ताक़त से गान्ड को हिलाने लगी मुझे कंट्रोल नही हुआ और एक बार फिर मेरे लंड से निकलती धार उसकी चूत मे गिरने लगी मेरा पूरा शरीर पसीने से नहा गया था जब वो लंड पे से उठी तो उसकी चूत से गाढ़ा पानी बाहर निकल आया उसने अपनी चूत को कपड़े से सॉफ किया और अपने वस्त्रो को पहन लिया मैने भी अपने कपड़े पहने और उसके हाथो मे 700 रुपये रख दिए मैने कहा ये मेरी तरफ से तो उसने वो अपनी ब्रा मे डाल लिए मैने कहा क्या दुबारा मिलोगि तो उसने कहा जब तुम्हारी इच्छा हो तो बिम्ला को बता देना मैं आ जाउन्गि तो मैने कहा नही उसकी अब कोई ज़रूरत नही है तो उसने अलमारी से पेन लिया और अख़बार के टुकड़े पे एक नंबर लिखा और मुझे देते हुए बोली ये मेरे पड़ोसियो का फोन है तुम इस्पे बात कर्लेना फिर मैं काकी के घर से निकला और अपनी राह पकड़ ली
कुछ दूर चलने के बाद मैं एक नीम के पैड के नीच बैठ गया और दयावंती के साथ बिताए पलो के बारे मे सोचने लगा मेरे अंदर दिन ब दिन बस सेक्स की भूख जागती ही जा रही थी मेरी अंतरआत्मा हर पल मुझे कहती रहती थी कि ये सब काम ग़लत है पर इस अंधे कुन्वे मे बहुत गहरा उतर चुका था हर औरत चाहे वो नाते मे मेरी कुछ भी लगती हो पर मुझे वो बस एक चूत और गान्ड ही लगती थी अपनी उमर से दुगनी औरतो के साथ सो चुका था मैं हर दिन एक नयी शुरुआत हो रही थी जहाँ देखो बस चूत और चूत ही थी पर फिर भी कुछ था जो मुझसे छूटा जा रहा था वो था मिता का साथ कई दिन हो गये थे पेपर ख़तम होने के बाद उस से मिला भी नही था ये मेरा दृढ़ निश्चय था कि अपना घर तो उसके साथ ही बसाउन्गा पर......................
ये कोई आसान बात भी नही थी काफ़ी देर वही बैठे बैठे सोच-विचार करता रहा पापा ने एनडीए एग्ज़ॅम के लिए कुछ नयी किताबें ला दी थी मैं एग्ज़ॅम की भी तैयारी कर रहा था कुछ दिन यू ही गुजर गये एक दिन मम्मी बोली तेरे मामा को फोन तो लगा वो आने को कह रहे थे तो मैने उनकी बात कर्वादी पता चला कि वो अगले दिन आएँगे मैं भी खुश था उनसे मिलने के लिए स्पेशली मामी से मैं आतुर था उनको एक बार और भोगने के लिए उनकी याद आते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं बाथ रूम मे चला गया मुट्ठी मारने के लिए शाम को मैं निशा से मिलने चला गया मोका मिलते ही उस से कहा कि तुमने आभी तक कोई जवाब नही दिया तो वो बोली दोस्ती तो मुझे कबूल है पर उसके आगे कुछ नही होगा मैने कहा जो तुम चाहो तो इस तरह से मेरे जीवन मे एक और कन्या का प्रवेश हो गया था
वो दिन भी यूँ ही गुजर गया अगले दिन मैं बहुत ही उत्साहित सा हो रहा था मामा-मामी जो आने वाले थे तो मैने पूरा दिन घर पे ही रहने का सोचा शाम तक वो लोग आ गये थे मामी को देख के मैं बहुत खुश हो गया था वो भी नज़रे बचा बचा के मुझे लाइन दे रही थी थोड़ा अकेलापन पाके मैने उनको अपनी बाहों मे भर लिया और बोला मामी आज रात को तुम्हे जी भर के चोदुन्गा तो वो बोली मरवाओगे क्या भरे पूरे घर मे मुमकिन ना हो पाएगा तो मैने कहा तुम मुझ पे सब छोड़ तो बस तुम मेरा इशारा पाते ही आ जाना मामी बोली कही मरवा मत देना मैने कहा टेन्षन मत लो मेरी जान और उनकी गान्ड को मसल दिया रात हो गयी थी भोजन भी कर चुके थे तो अब बारी थी सोने की मामा तो बैठक मे सोने वाले थे
मामी दादी के कमरे मे सोने वाली थी मैने भी बोल दिया था कि मैं आज अपने अंदर वाले कमरे मे ही सोउंगा कुछ देर बाद सब ने अपना अपना बिस्तर पकड़ लिया था कोई 11:30 के लगभग मैं दबे पाँव बाहर आया पूरा घर अंधेरे मे डूबा हुआ था मैं उनकी खाट के पास गया और उन्हे उठाया वो जागी तो पड़ी थी चुपचाप उठ के मेरे साथ आ गयी अब हम दोनो मेरे कमरे मे थे अब मेरा बिस्तर तो बाहर वाले कमरे मे था तो मैं ईक चटाई बिछा ली और मामी पे टूट बड़ा मामी भी उतावली हो रही थी वो बोली बस तुमहरे लिए ही ये रिस्क ले रही हूँ चलो जल्दी से चोद दो मुझे मैने कहा मेरी कॅटटो जल्दी क्या है और उनके बोबो को दबाने लगा मामी ने झट से मेरे कच्छे मे अपना हाथ डाल दिया है और मेरे लंड को पपोल्ने लगी
मैने बिना कोई देर किए मामी की सलवार कंमीज़ को उतार दिया और बस अब वो कच्छि-बॉडी मे ही थी मैने अब उनको अपने सामने किया और उनके रसीले होंठो को चूमना स्टार्ट कर दिया मेरे हाथ उनकी कच्छि के उपर से उनके गुदाज नरम चुतडो को दबाने लगे मैने कहा डार्लिंग गान्ड तो और भी मोटी कर ली है तो वो बोली तेरे मामा ने पिछले एक महीने सेमेरी रेल बनाई हुई है हर रात तगड़ी कब्बड़ी खेलते है तो मैने कहा चलो हम भी अपनी कब्बड़ी शुरू करते है और उनकी कच्छि को उतार दिया मामी ने खुद ही अपनी ब्रा को भी खोल दिया हम दोनो नंगे खड़े थे मैने अपने होंठ फिर से उनके होंठो पे टिका दिए एक जोरदार किस करने के बाद वो नीचे लेट गयी मैं उनकी जाँघो के बीच आया और उनकी मदमस्त चूत को अपने मुँह मे भर के खाने लगा
मामी का बदन धनुष की तरह हो गया मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया और उनकी चूत की दरार को जीभ से चाटने लगा मामी की चूत का खारापन जब मेरी जीभ ने टेस्ट किया तो मुझे बहुत मज़ा आया मैने कहा आप तो और भी ज़्यादा करारी हो गयी हो तो मामी शरमाते हुए बोली चुंप कर बदमाश कुछ भी बोलता है मामी की गदराई चूत चिपचिपी होने लगी थी मामी ने अपने चुतडो को थोड़ा उठा लिया और पूरे मज़े से अपनी चूत को रस मुझे चखा ने लगी गुज़रते समय के साथ साथ मामी की चूत से और रस बहने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फिराने लगी मामी धीरे से बोली आज तुम्हे अपना रस पिला के ही उठने दूँगी मैं बस उनकी चूत को पिए जा रहा था
धीरे धीरे उनके हाथो का दबाव मेरे सर पे बढ़ने लगा उनकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी फिर ऐसे ही उन्होने अपना झरना छोड़ दिया मेरा पूरा मुँह उनके चिपचिपे खारे पानी से भर गया जिसे मैने निगल लिया मैं दो मिनट रुका फिर अपने लंड की टोपे को उनकी चूत पे लगाया और उनमे समाता चला गया मामी की चूत मेरे लंड पे कस्ति चली गयी मामी ने अपने हाथ मेरे कुल्हो पे रख दिए और उनको सहलाते हुए मेरा जोश बढ़ाने लगी मैं उनकी चुदाई करते हुए उनके गालो को चूमने लगा मामी बोली मुझे धीरे धीरे चोदो मैं तुम्हे अपने अंदर बस फील करना चाहती हूँ मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और मैं बस अपनी कमर को हिलाने लगा मामी ने अपना मुँह मेरे मुँह से चिपका दिया और लगी ज़ोर आज़माइश करने को धीरे धीरे मैं अपने धक्को की गति को बढ़ाने लगा मैं उनके माथे, गालो, होंठो और गर्दन पे बेतहाशा किस किए जा रहा था उनका पूरा चेहरा मेरे थूक से सन गया था मामी ने भी अब अपनी गान्ड को उपर करलिया और चुदाई का पूरा आनंद उठा रही थी काफ़ी टाइम हो गया था पर हम दोनो मे से कोई भी हार मान ने को तैयार नही था तो मैने उनक उल्टी लिटा दिया और पीछे से उनपे लेट के चूत मारने लगा मेरे बोझ से वो दबने लगी थी मैने अपनी बाहों मे कस्के उनको दबा लिया और पूरी रफ़्तार से उनकी चूत का मर्दन करने लगा अगले दस मिनट तक हार्डकोर चुदाई चलती रही हमारे बदन पसीने से चिपचिपे हो रहे थे मैने उनके कान मे कहा कि मामी मैं झड़ने वाला हूँ तो वो काँपति आवाज़ मे बोली कि वो भी बस जाने ही वाली और तो मैने स्पीड और भी तेज कर दी
और फिर साथ साथ ही हम दोनो गिर पड़े चूत का रस और मेरे वीर्य का मिश्रण उनकी चूत की दीवारो पे रंग गया था मैने लंड को निकाला तो वो गीला था मैं उसको उनके चुतडो पे रगड़ने लगा मैं अभी अभी ही स्खलित हुआ था पर फिर भी मेरा लंड खड़ा ही था तो मैने मामी को घोड़ी बनाया और दुबारा से उनकी चूत मे लंड घुसा दिया मामी बोली थोड़ी देर रुक जाओ ना पर मैने अनसुना कर दिया औरउनके बोबो को दबाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी मेरा लंड धड़ धड़ उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और मेरे अंडकोष हर धक्के पे उनके नरम नरम चुतडो से टकरा रहे थे मामी लगातार चुदाई के लिए तैयार नही थी पर फिर भी चुद रही थी हर झटके के साथ उनकी चूत का गीलापन सूखने लगा तो उन्हे जलन सी होने लगी
उन्होने कहा लंड को निकालो तो मैने कहा क्या हुआ तो बोली चूत सुख गयी है तो मैने उनको लिटाया और उसे चाटने लगा मामी अपने बोबो को अपने हाथो से दबाने लगी और मैं उनकी चूत को चाटे जा रहा था कुछ ही देर मे वो फिर से उत्तेजित होने लगी 5-6 मिनट तक जबरदस्त चूत चुसाइ करने के बाद उनकी आँखो मे वासना के डोरे तैरने लगे थे तो वो खुद ही घोड़ी बन गयी मैने अपने लंड को थोड़ी देर उनके छेद पे रगड़ा और फिर घपप से अंदर डाल दिया और उनकी कमर को थामे हुए लगा उनको चोदने मैने अपने दाँत उनकी पीठ मे गढ़ा दिए और उनकी पीठ कंधो और गर्दन पे अपने निशान छोड़ने लगा मामी बहुत ही मुश्किल से अपनी मस्त आहो को रोक रही थी उनके पीछे की ओर हिलते चूतड़ मेरे लंड को दुगना जोश दिला रहे थे मामी ने आज की रात को पूरी तरह से रंगीन कर दिया था मैं सोच रहा था कि ये रात यही पे रुक जाए
इस रात की कभी सुबह हो ही ना मामी के दो-दो किलो के चुन्चे हवा मे झूल रहे थे मैं बेहद प्यार से उनको चोद रहा था मामी ने अपने बदन को मेरे हवाले कर दिया था मुझे अपना पति ही समझ लिया था उन्होने मेरे घुटनो मे दर्द होने लगा था पर मैं नही रुका मैं बस लगा ही रहा जब तक कि मेरे लंड का दम ना निकल गया वीर्य की पिचकारिया दना दन मामी की चूत मे फिर रही थी उनकी चूत पूरे वीर्य को पी गयी
मैं चटाई पे पसर गया मामी मेरे सीने पे अपना सर रख के लेट गयी और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी फिर मामी बोली अच्छा अब मैं सोने जातीहूँ तो मैने कहा मत जाओ ना यही पे सो जाओ तो वो बोली तू समझा कर फिर और भी मौके आएँगे जब तू घर आएगा तो तेरे साथ ही तो सोया करूँगी उन्होने अपने कपड़े पहने और चुपके से बिस्तर मे घुस गयी मैने भी अपनी आँखो को मूंद लिया पूरी रात उनके ही सपने आते रहे सुबह जब मैं उठा तो तो मेरी नज़र अपने लंड पे गयी पूरे लंड पे मामी की चूत के रस की पपड़ी सी जमी थी रात को मैं नंगा ही सो गया था जल्दी से कपड़े पहने और बाथ रूम मे घूंस गया नहा-धोके आया फिर नाश्ता किया तो पता चला कि मामा आज ही वापिस जाएँगे उनकी पोस्टिंग नासिक हो गयी थी
और मामी भी कुछ महीनोके लिए उनके साथ ही जा रही थी तो मैने उनसे कहा कि मामी आप तो नासिक चले जाओगे फिर छुट्टियो के प्लान की तो बॅंड ही बज जाएगी तो मामी बोली तेरे मामा अब सूबेदार हो गये है और उनको कैसे मना करूँगी फिर तू कौशल्या के साथ अड्जस्ट कर लियो अब जाने वाले को कौन रोक सकता था दोपहर तक वो लोग वापिस चले गये मुझे याद आया कि मिता ने मुझे अपने घर का फोन नंबर दिया था तो मैने फोन किया लक से उसकी बहन ने फोन उठाया मैने उसे बताया तो वो बोली बात तो मैं करवा दूँगी पर थोड़ी सी देर में हो पाएगी फिर मिता लाइन पे आई उसने कहा कि आयेज से फोन करो तो दोपहर को करना तब घर मे कोई नही होता है फिर दो-चार मिनट उस से बात मैने पूछा कि क्या हम मिल पाएँगे तो उसने मना कर दिया
बोली अभी तो पासिबल नही हो पाएगा पर अगर कुछ होता है तो वो मुझे सूचना दे देगी फिर मैने फोन काट दिया कभी कभी प्रीतम की याद आ जाया करती थी जितना मैं बाहर से शांत दिखता था अंदर से उतनी ही उथल पुथल छाती रहती थी शाम को हर रोज ही दस पंद्रह मिनट निशा से बातचीत कर ही लिया था उसके साथ भी एक अलग सी बोंडिंग हुए जा रही थी बहुत ही सुलझी हुई सी लड़की थी वो हर टॉपिक पे कुछ ना कुछ होता था उसके पास पता चला वो बी.एससी 2न्ड एअर मे पढ़ा करती थी मैं सुबह शाम मंदिर जाता तो भगवान के साथ साथ उसके भी दर्शन कर लिया करता था कुछ ही दिनो मे ऐसे लगने लगा जैसे वो कई बरसो से मेरी पहचान मे है दिन ऐसे ही गुज़रते जा रहे थे मई आधी जा चुकी थी तो मैने सोचा.............................
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