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Adultery सहेली थी रांड
#1
Doston mein ek story start kar raha hun asha hai aap log support karenge
 UPDATE - 1
तो दोस्तो, मेरा नाम बिंदु है और मेरी शादी आज से 3 साल पहले विमल से हुई थी।
विमल मेरी माँ की सहेली का बेटा है और वो एक कंपनी में जॉब करता है और अक्सर टूर पर रहता है…
उन दिनों हमारी “सेक्स लाइफ” ठीक नहीं चल रही थी।
आप को विश्वास हो ना हो शादी से पहले मैं बिल्कुल “कुँवारी” थी, जी हाँ यानी किसी मर्द ने मेरी चूत नहीं चोदी थी!!!
अब मैं अपने बारे में बता दूँ। मेरा रंग गोरा है, कद 5 फीट 5 इंच और जिस्म थोड़ा भरा हुआ है…
मेरी चूची 36-सी है और गाण्ड 38 इंच और कमर 28 इंच है… …
मैं जवानी से ही अपनी चुचियों और गाण्ड की “सरसों के तेल” से रोज़ाना मालिश करती हूँ, जिससे मेरी चुचियाँ और गाण्ड एकदम कसी हुई और सुडौल हैं!!! !!
इसके साथ ही हफ्ते में एक बार मैं अपनी चुचियों और गाण्ड पर “फेस पेक” भी लगती हूँ और अक्सर अपनी गाण्ड पर “स्क्रब” भी करती हूँ, जिससे मेरी चुचियाँ और गाण्ड बेहद नरम और मुलायम हैं और साथ में चमकदार भी!!! !!
शादी से पहले मेरी एक सहेली थी “शशि” जिसने मुझे यह सब राय दी थी…
उस वक़्त वो “ब्यूटीशियन” का कोर्स कर रही थी!!
शशि, मेरी सहेली भी थी और साथ ही विमल की चचेरी बहन भी थी…
शशि की शादी आज से दो साल पहले “अविनाश” से हुई थी।
अविनाश भी “टूरिंग जॉब” पर था।
शशि, शुरू से ही एक “चालू लड़की” थी, जिसका कई लड़कों के साथ अफेयर चलता था!!!
कई बार अच्छा “मुर्गा” फंसने पर वो “वैश्या वृति” करने से भी नहीं हिचकिचाती थी!!! !!
शादी के बाद उसका ससुराल देल्ही में था, लेकिन अब उसके पति का ट्रान्स्फर हमारे शहर यानी गुड़गांव में हो गया था।
उस दिन अचानक मुझे शशि का फोन आया – साली रंडी बिंदु, मैं तेरे शहर आ रही हूँ… खूब मज़े करेंगे, दोनों… सुन, अगर विमल भैया से मन भर गया हो तो मेरे पास बहुत “हट्टे कट्टे यार” हैं जो मेरी तसल्ली खूब अच्छी तरह करवाते हैं… अगर विमल भैया के लण्ड से बोर हो गई हो, तो बता देना… तेरी चूत को “गरम ताज़े लण्ड” से चुदवा दूँगी… मैं इस इतवार को पहुँच रही हूँ… मेरा पता लिख ले, वहीं मिलते हैं… और बता, विमल भैया का 6 इंच का लण्ड अभी तक तुझे खुश रख रहा है या नहीं… ??
इधर मैं शशि की बात सुन कर शरम से लाल हो रही थी और कहीं विमल ना सुन ले इसलिए बोली – अच्छा, ठीक है यार… चल मिलते हैं…
किसका फोन था, बिंदु… ?? विमल ने पूछा।
मेरी सहेली और आपकी बहन “शशि” का… अविनाश की ट्रान्स्फर भी गुड़गांव में हो गई है… जल्द ही, वो यहाँ आ रहे हैं…
तभी अचानक ही मेरी नज़र विमल की पैंट के सामने वाले हिस्से पर गई, जहाँ मुझे नज़र आ रहा था की उसका लण्ड खड़ा हो रहा था!!! !!
अच्छा, तब तो अच्छा है, तेरी सहेली आ जाएगी और तेरा मन भी बहल जाएगा… शशि बहुत “हँसमुख लड़की” है… नहीं… अच्छी कंपनी मिल जाएगी, हम लोगों को…
विमल नॉर्मल ही बात कर रहा था, लेकिन मुझे लगा की वो शायद शशि के प्रति “आकर्षित” हो रहा है!!!
मेरी आँखों के सामने शशि का “मांसल जिस्म” उभर आया। मेरी सहेली के नितंब भरे थे, जिनको अक्सर मैंने अपने पति को निहारते हुए देखा था!!
आज कल मेरी और विमल की “सेक्स लाइफ” बोरियत भरी हो चुकी थी…
शादी को तीन साल हो चुके थे और रोज़ रोज़ एक ही 6 इंच का लण्ड लेकर मैं बोर हो गई थी… …
इन दिनों जब भी उनका मुझे चोदने का मूड होता, मैं टाल जाती और हमारी बहस हो जाती… अक्सर बहस लड़ाई में बदल जाती थी…
रोज़ रोज़ टालने के बाद भी इनकी समझ में नहीं आता था और कुत्ते की तरह अपना लण्ड हिलाते हुए मेरे पीछे घूमते रहते थे…
लेकिन इधर शशि के नाम पर मेरे “चूत के पिल्लू” पति का लण्ड तन गया था…
खैर, इतवार के दिन मैं और विमल शशि को मिलने गये…
शशि ने उस दिन बहुत ही टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जिससे उसके नितंब बहुत उभरे हुए थे…
ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें उसके भारी वक्ष बाहर आने को तड़प रहे थे!!! उसके निप्पल भी कड़क थे और बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे!!! !!
विमल भैया, कैसे हो… ?? अपनी शशि की कभी याद नहीं आई, भैया… ?? आप तो हमको भूल ही गये लगते हो – कहते हुए शशि मेरे पति के गले लग गई और विमल ने उसको आलिंगन में ले लिया।
दोनों ऐसे मिल रहे थे जैसे “बिछड़े आशिक” मिल रहे हों… !!!
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#2
UPDATE - 2

शशि ने उस दिन बहुत ही टाइट जीन्स पहनी हुई थी, जिससे उसके नितंब बहुत उभरे हुए थे…
ब्लू जीन्स के ऊपर उसने सफेद टी शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें उसके भारी वक्ष बाहर आने को तड़प रहे थे!!! उसके निप्पल भी कड़क थे और बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे!!! !!
विमल भैया, कैसे हो… ?? अपनी शशि की कभी याद नहीं आई, भैया… ?? आप तो हमको भूल ही गये लगता है – कहते हुए शशि मेरे पति के गले लग गई और विमल ने उसको आलिंगन में ले लिया।
दोनों ऐसे मिल रहे थे जैसे “बिछड़े आशिक” मिल रहे हों… !!!
Ab aage
इधर अविनाश ने इसका बिल्कुल बुरा नहीं माना और वो मेरी तरफ बढ़ा और मैं उसकी बाहों में समा गई – जीजाजी, क्या हाल हैं… ?? आप ने तो कभी फोन भी नहीं किया… क्या बात है, शशि ने ऐसा क्या जादू कर दिया है; जो हम याद ही ना रहे, जीजाजी… ??
अविनाश ने मुझे आलिंगन में लेकर प्यार से मेरी पीठ पर हाथ फेरा और बोला – क्या बताऊँ बिंदु, काम में इतना व्यस्त हो गया था की टाइम ही नहीं मिला… अब आराम से मिलेंगे… बस इस हफ्ते मुझे टूर पर जाना है, अगले वीक मैं फ्री हूँ… विमल भैया, आप फ्री होंगे क्या अगले वीक… ?? पार्टी करेंगे!! इसी बहाने हमारी बीबियाँ खुश हो जाएँगी और हम भी दो दो पेग पी लेंगें…
विमल हंस कर बोला – ठीक है, मैं भी इस हफ्ते टूर कर लेता हूँ और अगला हफ़्ता फ्री रख लेता हूँ… …
मैंने देखा की विमल का हाथ शशि की चूची पर रेंग रहा था…
उधर अविनाश ने भी मेरी चूची को अंजाने में या जानबूझ कर दबा दिया!!!
मेरे जिस्म में भी एक करेंट सा लगा और मैं तरतरा गई… …
थोड़ी देर में विमल और अवी पीने लग पड़े और हम दोनों सहेलियां गप्पे मारने लग पड़ीं…
शशि बोली – अब बता, मेरी बन्नो… कोई नया यार बनाया की नहीं… ?? या फिर सिर्फ़ भैया से ही चुदवा रही है… ?? भैया तो नये शिकार की तलाश में लग रहे है… !! बिंदु मेरी रानी, मर्द एक औरत से बँध कर नहीं रह सकता… …
मैं हंस कर बोली – और मेरी जान, तेरे जैसी “चालू लड़की” एक मर्द से खुश नहीं रह सकती… !! अब यहाँ मेरे पति को पटाने आई है, छीनाल… ?? साली, रांड़ याद रखना विमल तेरा भाई भी है… … कहीं अपनी आदत से मजबूर हो कर मेरे पति को “बहन-चोद” ही ना बना देना… सोच ले, नहीं तो मैं भी तेरे पति को पटा लूँगी… … …
अब शशि मेरे गले में बाहें डालती हुई बोली – बिंदु, मेरी रानी, तेरा पति तो है ही “बहन-चोद” ना जाने कब से बहन-बहन बोल कर मेरे साथ फ़्लर्ट करता रहा है… अभी भी मेरे प्यारे भैया राजा, मेरी चूची पर हाथ फेर रहे थे… … दिखाई नहीं दिया था, मेरी छन्नो… और फिर मर्द और लण्ड का कोई “धर्म ईमान” नहीं होता… जहाँ औरत देखी, चोदने की प्लान बना लेते हैं, ये लोग… अविनाश कौन सा कम है… अगर मौका मिले तो अभी तुझे चोद डाले… मर्द ज़ात तो होती ही है कुत्ती… देख मैं मानती हूँ की मैं हूँ “सेक्स से भरी हुई कुतिया” जिसकी तसल्ली एक लण्ड नहीं करवा सकता… और रंडी की बच्ची, तू भी वही है… सच बात तो यह है की तुझे मौका नहीं मिला, छीनाल… अब छोड़ ये सब और बता अभी तक कोई यार बनाया है की नहीं… ??
मैंने अब शशि को बता दिया कि विमल के साथ सेक्स में अब वो मज़ा नहीं रहा, लेकिन मैंने कोई यार नहीं बनाया… या कहूँ बना नहीं…
फिर शशि बोली – यार, मैं तो खुलम खुला बोलती हूँ कि मैं हूँ “चुदाई की भूखी रंडी” और अगर तू या कोई भी औरत सच में एक औरत है और उसको चूत में कोई प्राब्लम नहीं है तो उसका भी मन तरह तरह के लण्ड ज़रूर लेना चाहता होगा… भले ही बहन की लौड़ी ऊपर से कितनी ही शरीफ क्यूँ ना बने… देख मैं तो उस औरत या मर्द की पूजा करूँगी, जिसने चूत या लण्ड सामने होते हुए सेक्स नहीं किया हो… बता, है आज की दुनिया में कोई ऐसा… ?? अब किसी मर्द का लण्ड चूत में लेने का कभी मौका ही नहीं मिला और तू कहे की मैं “सती सावित्री” हूँ, भले ही ना जाने किस किस के नाम की मूठ मारती हो; ये कौन सा “सावित्रीपना” है… ?? ?? चल खैर, छोड़ ये सब… अब मेरी बात बहुत ध्यान से सुन… हम अब ऐसा करेंगे कि तू अवी को पटा लेना और मैं विमल भैया को पटा लूँगी… एक एक बार चुदवा कर हम “परमानेंट स्वैपिंग” करने का माहौल बना लेंगे… जब अवी तुझे और विमल मुझे चोदना चाहेगा, तो हम दोनों ये काम खुलाम खुला करने की शर्त रखेंगे… बस फिर तो सब हमाम में नंगे हो जाएँगे… बोल क्या बोलती है… ??
मैं सोच में थी और मुझे कोई जवाब नहीं सूझ रहा था… !!
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#3
UPDATE - 3


चल खैर, छोड़ ये सब… अब मेरी बात बहुत ध्यान से सुन… हम अब ऐसा करेंगे कि तू अवी को पटा लेना और मैं विमल भैया को पटा लूँगी… एक एक बार चुदवा कर हम “परमानेंट स्वैपिंग” करने का माहौल बना लेंगे… जब अवी तुझे और विमल मुझे चोदना चाहेगा, तो हम दोनों ये काम खुलाम खुला करने की शर्त रखेंगे… बस फिर तो सब हमाम में नंगे हो जाएँगे… बोल क्या बोलती है… ??
मैं सोच में थी और मुझे कोई जवाब नहीं सूझ रहा था… !!
Ab aage
तो शशि फिर बोली – देख मेरी छन्नो, उसके बाद हमारी चाँदी हो जाएगी… मेरी रानी, दिल्ली में मेरे बहुत यार हैं – “रघु, वीरू, शाहिद, आफताब, राजू, आरिफ़, पप्पू, अजय, अखिलेश, अनूप, रवि, सोनू, अर्पित, यासिर, राज, विक्टर, मनोज, जॉन, जगन” और बाकी मुझे याद नहीं है… मेरा वादा है सारे के सारों के साथ ऐश करवाऊँगी तुझे… बोलेगी तो “दो” से साथ में भी चुदवा दूँगी… एक तेरी चूत में और एक तेरी गाण्ड में… मेरी जान, असल में चुदाई क्या होती है, तुझे पता चल जाएगा… तेरी चूत का “भोसड़ा” ना बन जाए, तो मुझसे कहना… … मुँह में क्या लण्ड फंसा है बहन की लौड़ी, कुछ बोलेगी या नहीं… ??
मैं तो शशि की बात सुन कर दंग ही रह गई थी… कम से कम “20 लड़कों” के नाम गिनने के बाद वो बोली थी कि बाकी उसे याद नहीं… दो लड़कों के लण्ड एक साथ लेने वाली बात से मेरी चूत से भी पानी बहने लगा और मुझे अपनी चूची पर “अवी जीजाजी” के हाथ अब भी स्पर्श करते महसूस होने लगे… … …
अब मैं अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोली – साली, तू बहुत बड़ी छिनाल है, रंडी… एक दम “कोठे” वाली… मुझे पता है तू अपनी “गोल गोल गाण्ड” हिला हिला कर पटा लेगी विमल को… ?? साली छन्नो, मुझे याद है तू कैसे “अमीर मुर्गो” को फँसा कर “सस्ते होटलों” में चुदती थी… पर मेरा पति तेरा ग्राहक नहीं है, समझी… !!
शशि अब तेश में आ कर बोली – साली, याद तो मुझे भी है; रांड़ तो तेरी माँ भी थी, हम दोनों ने “मिश्रा अंकल” को तेरे घर से कितनी बार निकलते देखा था, कॉलेज से आते समय… भूल गई क्या… क्या पता, तू अपने बाप की औलाद है या किसी और की… चुप क्यूँ हो गई छन्नो, अब बोल ना… !! शर्त लगा ले, 5 मिनट में तेरे पति विमल को मैंने “बहन-चोद” ना बना दिया तो, मेरा नाम बदल कर “मुन्नी बाई” रख देना… सिर्फ़ 5 मिनट के अंदर वो मुझे चोदेगा भी और दीदी भी बोलेगा… समझी… !!
हम दोनों कुछ देर शांत हो गए और फिर थोड़ी देर बाद एक दूसरे को देख कर हंस पड़े… …
फिर शशि बोली – मेरी जान, तू बिल्कुल घबरा मत, बस पहले अपने जीजाजी को पटाने की सोच… अरे पगली, तू क्या सोचती है विमल या तेरे जीजाजी टूर पर दूसरी लड़कियों को नहीं चोदते होंगें… जैसे, हम जानते हैं ना हमारे पति बाहर जाकर ज़रूर मुँह मारते हैं, वैसे ही हमारे पति भी जानते है कि उनकी गैर हाज़री में हम लोग भी लण्ड लेती हैं… और फिर आजकल तो हमारा सारा “कच्चा चिट्ठा” मेडिकल साइन्स चुटकियों में खोल देती है, मेरी जान… एक बार तू प्रेग्नेंट हुई या एबॉर्शन हुआ, तो तेरी समझ आ जाएगा… यार, आजकल तेरी “माँ का जमाना” थोड़ी है, जो किसी से भी बेफ़िक्र चुदते रहो… खैर, मेरा पति तो जानता है मैंने बहुत “लण्ड खाए” है और मैं भी जानती हूँ उसने भी खूब “चूत चोदी” हैं… इसलिए उसे पटाने में तुझे तो कोई प्राब्लम नहीं है और मेरे विमल से चुदने में अवी को कोई प्राब्लम नहीं होगी… तो अगर तू तैयार है तो मेरे पास एक प्लान है… जल्दी बोल… …
मैंने चुपचाप हाँ में सिर हिला दिया… …
मेरे हामी भरते ही शशि तपाक से बोली – हम भी अंदर जा कर शराब पी लेती हैं और “नशे का बहाना” बना कर आज ही पति बदलने का काम कर लेती हैं…
मैं कुछ समझ ना सकी, तो बोली – वो कैसे… ??
शशि बोली – ये तू मुझ पर छोड़ दे!!! !!
हम दोनों जब अंदर गए तो शशि शरारत से बोली – अवी यार, हम को भी महफ़िल में शामिल नहीं करोगे… ?? विमल भैया क्या हम को थोड़ी सी शराब भी ऑफर नहीं करोगे… ??
शशि जानबुझ कर अपनी गाण्ड मटकाती हुई विमल के सामने गई और उसकी जांघों पर हाथ फिरती हुई बात करने लगी…
मेरा पल्लू भी सरक गया और अवी मेरे अधनंगे वक्ष एक “भूखे जानवर” की तरह देखने लगा…
अब मेरा मन भी कर रहा है था कि मैं एक पेग पी ही लूँ…
पीना सिर्फ़ मर्दों का ही अधिकार तो नहीं है, क्यों जीजू… ?? कहते हुए मैं आगे की तरफ और झुक गई, जिसस से मेरी चूची अवी के सामने लगभग “पूरी नंगी” हो गई… … …
दोस्तो, कहानी जारी है…
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…

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#4
UPDATE - 4
शशि जानबुझ कर अपनी गाण्ड मटकाती हुई विमल के सामने गई और उसकी जांघों पर हाथ फिरती हुई बात करने लगी…
मेरा पल्लू भी सरक गया और अवी मेरे अधनंगे वक्ष एक “भूखे जानवर” की तरह देखने लगा…
अब मेरा मन भी कर रहा है था कि मैं एक पेग पी ही लूँ…
पीना सिर्फ़ मर्दों का ही अधिकार तो नहीं है, क्यों जीजू… ?? कहते हुए मैं आगे की तरफ और झुक गई, जिसस से मेरी चूची अवी के सामने लगभग “पूरी नंगी” हो गई… … …
Ab aage
उधर विमल ने भी शशि को अपनी तरफ खींच लिया और शशि ने अपना सिर उसके सीने पर रख दिया।
विमल ने कहा – मुझे कोई एतराज़ नहीं, अगर तुम लोग पीना चाहते हो… क्यों अविनाश… ?? हो जाए थोड़ी से मस्ती… लेकिन मेरी बहना, कहीं पी कर बहक मत जाना… !!
शशि ने भी अपनी बाहें विमल के गले में डालते हुए कहा – भैया राजा, अगर बहक भी गई, तो क्या होगा… ?? यहाँ मैं आपकी बहन हूँ और बिंदु लगती है अवी की साली… भाई बहन में कोई भेद होता नहीं और साली तो होती ही है “आधी घरवाली” क्यों अवी… ??
वो बस हंस पड़ा और मेरे कंधों पर हाथ फेरने लगा… !!
मेरा बदन अब “सेक्स की आग” से जलने लग पड़ा था… …
भैया, हमको भी दो ना… मैं ग्लास ले कर आई – कह कर शशि किचन से ग्लास लेने चली गई।
जब वो चल रही थी तो विमल बिना किसी शरम के शशि के “मादक कूल्हे” निहार रहा था और ये अवी भी देख रहा था।
विमल यार, तू तो बहुत बेशरम हो गया है… बहन-चोद अपनी “बहन की गाण्ड” घूर रहा है, वो भी “सगे चाचा की लड़की” की… साले शशि मेरी पत्नी है… !! बिंदु यहाँ है, उसको गाण्ड देख, अच्छी तरह…
विमल भी हंस कर बोला – मेरे यार, यारों में तेरा क्या और मेरा क्या… जो मेरा है, वो तेरा है और जो तेरा है, वो मेरा है… अब तेरी पत्नी पर मेरा भी तो कुछ हक है की नहीं… ?? जब तू बिंदु को “आलिंगन” में ले रहा था तो मैंने कुछ बोला… ?? यारों में सब कुछ बाँट लिया जाता है, अगर दोनों को एतराज़ ना हो… चल एक और पेग बना… आज का दिन यादगार बना देते हैं… …
तभी शशि आ गई और उसने दो पेग बना लिए…
मैं बहुत कम पीती हूँ और मुझे जल्दी ही नशा हो जाता है…
शराब कड़वी थी, तो मैंने कहा – शशि यार, साथ में कुछ नमकीन नहीं है… ?? ये बहुत ही कड़वी है… मैंने घूँट भरते हुए कहा।
शशि बोली – चल, हम किचन में जा कर एग्स फ्राइ कर लेते हैं… ये दोनों भी खा लेंगे… क्यों अवी एग्स खायोगे… ??
अवी हंस कर बोला – जानेमन, आज तो तुम लोगों को खा जाने का मन कर रहा है… अगर खिलाना ही है तो थोड़े अपने “आम” चुसवा लो, हम दोनों से… क्यों विमल… ?? और अगर आपको कुछ खाना है, तो हमारे “केले” हाज़िर हैं… !!!
मेरा तो शरम से बुरा हाल हो गया, उसकी बेशरामी की बात सुन कर पर शशि उससे ज़्यादा बेशर्मी से बोली – खा लेंगें आपके “केले” भी अवी… लेकिन अगर केले में दम ना हुआ तो… ?? वैसे मैं और बिंदु भी बहुत भूखी हैं… ऐसा ना हो हम केले के साथ आपके “लुकाट” भी चूस लें… …
सभी ज़ोर से हंस पड़े और मैं और शशि किचन में एग्स फ्राइ करने चले गये…
पहुँचते ही शशि ने मेरे ब्लाउज में हाथ डाल कर मेरी चूची मसल डाली और बोली – बिंदु मेरी जान, क्यों ना आज ही पति बदल कर टेस्ट किया जाए… अवी और विमल अब पूरे नशे में हैं… हमको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है… विमल भैया, तो कब से मुझे “सेक्सी नज़रों” से घूर रहे हैं और अवी तो कल्पना में तेरे कपड़े उतार रहा है… क्यों ना देखा जाए की विमल को मैं कैसी लगती हूँ और तुझे अवी का लण्ड कैसा लगता है… एक बार खुल गये तो हम लोग बिना किसी डर के “फ्री सेक्स” की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं… मेरी रानी, आज कल “ग्रूप सेक्स” का बहुत फैशन है… खूब मज़े करेंगे।। ज़रा सोच मेरी छन्नो, तू अपने पति के सामने चुदेगी और मैं अपने पति के सामने… “पचासों लण्ड” खा कर मुझे वो मज़ा नहीं आया, जो सिर्फ़ अपने पति के सामने चुदने की कल्पना कर के आ रहा है… सोच मत मेरी जान, बस कर डाल… ठीक है… ??
सच में अपने पति के सामने चुदने की बात सोच कर मेरी चूत भी अपने पूरे शबाब पर थी… मेरा “अंग अंग” मचल रहा था…
जी चाह रहा था, बस अभी “नंगी” हो जाऊं… …
ऐसा लग रहा था मेरे अंदर एक “आग” भड़क उठी हो… !!
मुझे अवी एक “कामुक मर्द” नज़र आ रहा था और मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था…
वासना अब मेरे सिर पर “नंगा नाच” नाच रही थी और उत्तेजना में आ कर मैंने शशि को आलिंगन में ले लिया और उसके होंठों को बेतहाशा चूमने लगी… …
कुछ पल मैं फिर होश आया तो मैंने शशि से कहा – साली छीनाल, तू मुझे भी रंडी बना कर ही रहेगी… तूने मुझे आज बहुत ज़्यादा गरम कर दिया है, और ऊपर से ये साली शराब का नशा… आज जो होना है हो जाने दो… मुझे अपने पति के साथ चुदाई कर लेने दे और तू मेरे पति से चुदवा ले, मेरी छन्नो… …
मुझसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था और मैंने शशि की चूची मसल डाली… …
मेरी साँस बहुत तेज़ी से चल रही थी… …
मेरा अपने आप पर काबू नहीं रहा था…
“औरत की वासना” क्या होती है, इसका एहसास मुझे आज हुआ था… !!!
दोस्तो, कहानी जारी है…
जल्द ही आगे की कहानी हाज़िर करुँगी… …
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…

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#5
UPDATE - 5


कुछ पल मैं फिर होश आया तो मैंने शशि से कहा – साली छीनाल, तू मुझे भी रंडी बना कर ही रहेगी… तूने मुझे आज बहुत ज़्यादा गरम कर दिया है, और ऊपर से ये साली शराब का नशा… आज जो होना है हो जाने दो… मुझे अपने पति के साथ चुदाई कर लेने दे और तू मेरे पति से चुदवा ले, मेरी छन्नो… …
मुझसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था और मैंने शशि की चूची मसल डाली… …
मेरी साँस बहुत तेज़ी से चल रही थी… …
Ab aage
शशि बोली – अब यह हुई ना बात… … चल फिर बिंदु, पहले हम कपड़े बदल लें… इस से काम ज़्यादा आसान हो जाएगा…
शशि मुझे अपने रूम में ले गई और उसने आनन फानन में अपने सारे कपड़े उतार दिए…
वो मेरे सामने पूरी “नंगी” थी… एक “ब्यूटीशियन” होने का असर उसके अंग अंग में झलक रहा था… …
एक लड़की होकर मैं एक लड़की को नंगा देख कर उत्तेजित हो रही थी, ना जाने क्या हो रहा था मुझको…
अपने “गोल सुडौल मम्मे और गाण्ड” पर मैं बहुत इतराती थी पर शशि का पूरा बदन मुझसे ज़्यादा “सुडौल और आकर्षक” था… उसका पूरा बदन चमक रहा था और ग़ज़ब की चिकनाहट थी उसके शरीर पर…
शशि ने अपनी नाभि को छिदवा रखा था…
ख़ासतौर पर मेरा ध्यान उसकी चूत पर गया जिसका रंग बिल्कुल उसके बदन जैसा ही “दूधिया” था… उसकी चूत पूरी शेव थी और एकदम “चिकनी और गोरी” थी… !!!
बदन तो मेरा भी कम नहीं था पर मेरी “चूत का रंग” मेरे बाकी बदन से थोड़ा डार्क था… !!!
खैर, उसने अलमारी से कपड़े निकाले और एक खुला हुआ घुटनों तक पहुँचने वाला लोवर और बिना बाज़ू की शर्ट पहन ली और मुझे भी ऐसी ही एक और ड्रेस दे दी… …
ना जाने क्यूँ, मेरा भी मन कर रहा था की मैं शशि के सामने पूरी नंगी हो जाऊँ और वो मेरे “नंगे बदन” को निहारे… !!!
जिंदगी में पहली बार मैं “नंगी” होने को बेताब हो रही थी…
जब मैंने अपनी साड़ी और ब्लाउज उतरा तो मेरी तरह शशि भी मस्ती से भर गई…
मैंने ब्रा का हुक इतनी ज़ोर से खोला की वो टूट गया, शशि ने मेरे पेटीकोट का नाडा खोला और मेरी “नंगी चूत” शशि के सामने थी… …
मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और मेरी चूत पूरी गीली थी… …
शशि का हाल भी कुछ मेरे जैसे ही था उसने फ़ौरन मेरी “नंगी गीली चूत” को मुट्ठी में भर कर कस लिया और एक हाथ से मेरे निप्पल को मरोड़ दिया… …
मेरी चूत इतनी गीली थी की शशि का हाथ गीला हो गया!!!
अब वो बोली – मादार-चोद छीनाल, तू तो बहुत गरम हो गई है, मेरे पति से चुदने के विचार से… अवी “पटक पटक” कर चोदेगा तुझे, मेरी बन्नो… साली, तेरी चूत से तो अभी से “गंगा जमुना” बह रही है… हाय, क्या मज़ा आने वाला है यार… मेरा पति मेरे सामने तुझे चोदेगा और मैं अपने पति के सामने चुदूँगी, वो भी अपने “चचेरे भाई” से… यार, कसम से कहती हूँ, इतना “एक्साइटमेंट” मुझे कभी नहीं हुआ, आज तक… चल अब अंदर जा कर देखते हैं इन कपड़ों में क्या बिजलियाँ गिराती है, तू मेरे “पति देव” पर…
मैंने भी अब जल्दी से कपड़े पहन लिए… लोवर और शर्ट के नीचे हम दोनों बिल्कुल नंगी थीं… …
शर्ट का गला तो इतना “लो कट” था की अवी को कल्पना की कोई ज़रूरत ही नहीं बचनी थी… …
जब मैं अंदर जाने के लिया मूडी तो शशि ने मेरी गाण्ड पर ज़ोर से चांटा मारा तो मेरी तो चीख ही निकल गई!!!
मैं बोली – शशि, साली रांड़… मार क्यों रही है, साली… ??
शशि मुस्कुराती हुई बोली – हरामजादी, क्या “मस्त गाण्ड” है तेरी… मेरा पति तेरी इस “गोल मटोल गाण्ड” पर चांटे ज़रूर मरेगा… अच्छा ये बता, तूने अभी तक अपनी गाण्ड का उद्घाटन किया या नहीं… ??
मैं बोली – नहीं यार, विमल ने बहुत बार कहा पर मुझे डर लगता है… !!!
शशि बोली – बहन की लौड़ी, चूत खुलने में दर्द नहीं होता क्या… चल कोई बात नहीं पर आज तैयार रहना… मेरा पति नहीं छोड़ने वाला, तुझे… तेरी गाण्ड फटना तो आज तय है… …
बातें करते करते जब हम दोनों कमरे में पहुँचे तो मर्दों की आँखें खुली की खुली रह गईं…
विमल के मुँह से निकल ही गया – उफ़ बहन-चोद कितनी “सेक्सी” हैं ये दोनों औरतें, यार… !!!
अवी तो बस मुँह खोल कर देखता ही रह गया…
तभी शशि बोली – यार, गरमी बहुत थी, तो हमने चेंज कर लिया… पसीने से भीग रही थीं, हम दोनों… तुम लोग तो यहाँ “एसी” में बैठे हो और हम औरतों को किचन में काम करना पड़ता है… मेरे तो बूब्स से पसीना नीचे तक जा रहा था… उफ़, बिंदु यहाँ कितना आराम मिल रहा है… चल बैठ कर शराब के मज़े लेते हैं… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…

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#6
अपडेट - 6
विमल के मुँह से निकल ही गया – उफ़ बहन-चोद कितनी “सेक्सी” हैं ये दोनों औरतें, यार… !!!
अवी तो बस मुँह खोल कर देखता ही रह गया…
तभी शशि बोली – यार, गरमी बहुत थी, तो हमने चेंज कर लिया… पसीने से भीग रही थी, हम दोनों… तुम लोग तो यहाँ “एसी” में बैठे हो और हम औरतों को किचन में काम करना पड़ता है… मेरे तो बूब्स से पसीना नीचे तक जा रहा था… उफ़, बिंदु यहाँ कितना आराम मिल रहा है… चल बैठ कर शराब के मज़े लेते हैं… …
Ab aage
विमल ने इधर ताश की गड़ी उठा ली और बोला – चलो दोस्तो, कुछ मस्ती हो जाए… सब कार्ड्स खेलते हैं… सभी का मनोरंजन हो जाएगा, क्यों बिंदु खेलोगी… ??
मैं भी अब इस “सेक्स के खेल” में शामिल होने को बेताब थी… !!
मैं बोली – यार, आज जो खेल भी खेलोगे मैं तुम्हारे साथ हूँ… मुझे लगता है की आज का दिन हम भुला नहीं पाएँगे… लेकिन खेल की शर्त क्या होगी… ?? हारने वाला कितने पैसे देगा, जीतने वाले को… ?? भाई, मेरे पास तो बस “500 रुपये” हैं…
तो अवी बोल उठा – मेरी प्यारी साली साहिबा, अँग्रेज़ लोग एक खेल खेलते हैं – “स्ट्रीप पोकर” वो ही क्यों ना खेला जाए… जो हारता है, अपने जिस्म से उसे एक कपड़ा उतारना पड़ता है… मेरी शशि को ये खेल बहुत पसंद है, क्यों, है ना जान… ??
शशि हंस पड़ी और बोली – यार, “नंगी” तो आज हमे होना ही है, फिर “ताश के खेल” में कुछ अदा से ही क्यों ना हुआ जाए… ?? मज़ा औरत को नंगी देखने में नहीं, असल मज़ा तो उसके नंगी होने के अंदाज़ में है… …
मैंने सोचा शशि को मर्दो को लुभाने की हर कला मालूम है और एक मैं हूँ जो अपने पति को ही खुश नहीं रख पाई… मैंने शशि की इस बात को गाँठ बंद लिया की “असल मज़ा औरत के नंगी होने के अंदाज़ में है”… …
अवी और विमल, वो ही प्लान बना कर बैठे थे जो मैं और शशि बना कर आए थे…
इधर, मुझे अपने जीजाजी से चुदने से ज़्यादा उत्तेज्ना इस बात की हो रही थी की मैं विमल के सामने चुदुंगी… …
खेल अभी शुरू भी नहीं हुआ था पर इसी विचार से मेरी चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया… …
खैर, अब हम चारों बैठ गये और विमल ने कार्ड्स बाँट दिए और मुझसे बोले – बिंदु, मेरी जान… अभी से सोच लो, अगर हार गई तो सभी के सामने कपड़े उतारने पड़ेंगें…
मैं भी अब “वासना और शराब” के नशे में थी, मज़े की बात तो यह थी विमल के लिए मेरे दिल से मैल धूल सा गया था…
मैं विमल से बड़े दिनों बाद पूरे प्यार और कशिश से बोली – मेरे “प्यारे पति देव” को अगर अपनी “पत्नी को नंगा” दिखाने में कोई शरम नहीं है तो भला पत्नी को क्या एतराज़ होगा… आप तो मेरे परमेश्वर है, आप जो कहेंगे मुझे करना पड़ेगा…
और सभी ज़ोर से हंस पड़े…
आपको ज़रूर कुछ अजीब लगे पर मैंने महसूस किया की विमल की आँखों में मेरी लिए प्यार था!!! !!
खैर, पहली गेम विमल हारा…
शशि ने तुरंत आगे बढ़ कर कहा – विमल भैया की पैंट उतारी जाए…
हम सभी ने हंस कर मंज़ूरी दे दी और सिर्फ़ इस एहसास से की मेरा पति अब दो और लोगों के सामने नंगा होने वाला है, मेरी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया…
मैं लोवर के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी, जिससे मेरी चूत के आस पास मेरा लोवर गीला हो चुका था। सो, मैं टाँग पर टाँग चड़ा कर बैठ गई…
इधर, शशि बड़ी अदा से विमल के सामने अपने घुटने मोड़ कर बैठी और अवी की तरफ देखते हुए विमल की बेल्ट खोलने लगी…
फिर उसने बड़ी धीरे से उसकी पैंट की बटन और ज़िप खोली और धीरे धीरे उसे नीचे सरका दिया…
शशि अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी और लगातार अवी की तरफ देख रही थी और अवी का हाथ अंजाने में ही अपने लण्ड को पैंट के ऊपर से सहला रहा था…
इधर, विमल मेरी तरफ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था, उसके दोनों हाथ अपने सिर के पीछे थे और उसकी पैंट अब उतर चुकी थी… वो अब सिर्फ़ अंडरवियर पहने हुए बैठा था, जिसमे उसके लण्ड का उभार साफ दिख रहा था…
उसको कोई शरम नहीं थी की उसका लण्ड ताना हुआ था…
और यहाँ मुझे विमल के लण्ड को अपने मुँह में लेने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी, जो थोड़ा अजीब था क्यूंकी आम तौर पर मुझे लण्ड चूसना इतना पसंद नहीं था… …
अब शशि ने अवी को आँख मारते हुए विमल की जांघों पर हाथ फेरा तो विमल सिसक उठा, उसकी आँखें बंद हो गईं और उसका सिर छत की तरफ उठ गया और मुँह से – आहह: की आवाज़ निकल गई… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#7
अपडेट - 7
और यहाँ मुझे विमल के लण्ड को अपने मुँह में लेने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी, जो थोड़ा अजीब था क्यूंकी आम तौर पर मुझे लण्ड चूसना इतना पसंद नहीं था… …
अब शशि ने अवी को आँख मारते हुए विमल की जांघों पर हाथ फेरा तो विमल सिसक उठा, उसकी आँखें बंद हो गईं और उसका सिर छत की तरफ उठ गया और मुँह से – आहह: की आवाज़ निकल गई… …
Ab aage
इससे अवी बोल उठा – शशि मेरी जान, इतना ज़ुल्म मत करो डार्लिंग, विमल का तो पहले ही “फटने” तक खड़ा है, अगर तुमने हाथ फेरा तो कहीं बेचारा “छूट” ही ना जाए…
हम सभी खिलखिला कर हंस पड़े!!! !!
दूसरे गेम में हार हुई शशि की…
अवी ने कहा – विमल यार, अब बारी तेरी है। ले ले खुल कर बदला मेरी बीवी से… मेरी मान तो इसका लोवर उतार दे… कम से कम अपनी “बहन की चूत” के एक बार दर्शन तो कर ले… !!
विमल मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुए उठा और कहा – ठीक है यार, अगर तू अपनी “बीवी की चूत” दिखवाना चाहता है तो देख ही लेते हैं। क्यूँ शशि, मेरी बहना… कहीं नीचे पैंटी तो नहीं पहन रखी… ??
शशि तो है ही “सस्ते कोठे की रांड़”, पूरी बेशरामी से बोली – भैया, लगता है अपनी “बहन की चूत” देखने का तुम्हें बहुत शौक है… मुझे तो लगता है की तुम बहुत बरसों से मेरी चूत के दीदार करने के इच्छुक हो… क्यों बिंदु की चूत देखने में मज़ा नहीं आता क्या… ??
विमल मेरी तरफ देखते हुए बोला – बिंदु जैसी “हसीन बीवी” की चूत देख कर किस चूतिए को मज़ा नहीं आएगा… पर फिलहाल तुम बच नहीं सकतीं, मेरी प्यारी बहना…
विमल आगे बड़ा तो शशि उठते हुए बोली – अगर आप लोग को दिक्कत ना हो तो आपके लिए मैं यह “शुभ काम” खुद करना चाहूँगी…
विमल ने शशि को होंठों पर छोटा सा किस क्या और मेरी तरफ देखते हुए बोला – बिल्कुल…
शशि पीछे मूडी और बड़ी अदा से अपनी “गाण्ड हिला हिला” कर अपना लोवर नीचे खिसकाने लगी… थोड़ा सा लोवर खिसका कर वो उसे फिर ऊपर खींच लेती… आख़िर अपने पैर के अंगूठे तक झुक कर उसने पूरा लोवर उतार दिया…
इधर दोनों मर्द उफ़… उम… वाउ… की आवाज़ निकाल रहे थे…
अब उसकी टाँगें बिल्कुल सीधी थी और वो पूरी झुकी हुई थी और उसकी गाण्ड की “गोलाई और चिकनाई” साफ दिख रही थी…
फिर उसने एक हाथ से अपनी गाण्ड पर चाटा मारा और उसी हाथ को अपनी चूत पर रखकर सामने की ओर मूड गई…
अब उसने अपने लोवर को दूसरे हाथ से उठाया और अवी की और फेक दिया, अवी ने उसे फ़ौरन लपक लिया और अपने हाथ पर लपेट लिया…
शशि ने एक “नागिन” की तरह “बलखाते” हुए सिर्फ़ एक पल के लिए अपनी चूत से हाथ हटाया और फिर रख लिया… …
फिर उसने दूसरे हाथ से अपने टॉप को नीचे अपनी चूत तक खींचा और एक झटके से ऊपर उठा दिया और अपनी दोनों टाँगें जोड़ लीं!!! !!
विमल शशि की टाँगों के बीच एकटक देखे जा रहा था…
उससे रहा नहीं गया और उसने अपनी उंगलियाँ शशि की चूत के उपरी हिस्से पर फिरा दी…
शशि और मेरी दोनों की आँखें बंद हो गईं और हम दोनों के मुँह से एक साथ “उम्म्म” की आवाज़ निकल पड़ी…
अपने पति को शशि की चूत पर हाथ फिराते देख, मैंने अपनी चूत बहुत ज़ोर से दबा ली…
इधर मुझे लगा की अवी का इस दौरान जिस्म अकड़ा और उसका पानी छूट गया…
खैर, शशि और विमल के बैठते ही अवी मुस्कराते हुए बोला – विमल साले, तू हरामी का हरामी रहा… माँ के लौड़े, शशि की चूत को छूने की इजाज़त तुझे किस ने दी… ?? साले, बहन-चोद अपनी “बहन की चूत” पर हाथ फिरा रहा है… ??
शशि बोली – अवी, मेरे विमल भैया से शिकायत मत करो, जब तुम्हारी बारी आएगी तो बिंदु की चूत पर हाथ नहीं “जीभ” भी फिरा लेना… … …
मैं मुस्कुराने लगी और विमल की तरफ देखा। उसने मुझे तुरंत आँख मार दी…
मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी की “सेक्स” में कभी इतना मज़ा भी आ सकता था… …
शशि को अपनी चूत दिखाते देख मुझे भी मर्दो से कम मज़ा नहीं आया था… …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#8
अपडेट - 8
खैर, शशि और विमल के बैठते ही अवी मुस्कराते हुए बोला – विमल साले, तू हरामी का हरामी रहा… माँ के लौड़े, शशि की चूत को छूने की इजाज़त तुझे किस ने दी… ?? साले, बहन-चोद अपनी “बहन की चूत” पर हाथ फिरा रहा है… ??
शशि बोली – अवी, मेरे विमल भैया से शिकायत मत करो, जब तुम्हारी बारी आएगी तो बिंदु की चूत पर हाथ नहीं “जीभ” भी फिरा लेना… … …
मैं मुस्कुराने लगी और विमल की तरफ देखा। उसने मुझे तुरंत आँख मार दी…
Ab aage
तीसरी बाज़ी अवी हारा…
अब विमल ने मुझे उसकी पैंट उतारने को बोला…
शशि की ही तरह मैं भी अपने पति को देखते हुए उठी और तब समझी शशि बार बार अवी को क्यूँ देख रही थी… इस बात से ज़्यादा की मैं किसी “गैर मर्द” की पैंट उतारने जा रही हूँ, मुझे यह बात ज़्यादा पागल किए दे रही थी की मैं ऐसा अपने “पति के सामने” कर रही हूँ…
मैं चाह रही थी की विमल ऐसा करते हुए मुझे देखे और मैं भी अवी की पैंट कुछ ऐसे उतारू की मेरे पति को बस मज़ा आ जाए और उसे और अवी दोनों को ये पल ताउम्र याद रह जाए… …
मैं लगातार विमल की तरफ देख रही थी और विमल भी मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था।
मैं अवी के पास गई और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगी और एक झटके से उसकी दोनों टाँगों को फेला दिया और उसकी टाँगों के बीच अपने घुटनों पर बैठ गई…
उसके दोनों घुटनों से शुरू करके उसकी जांघों को अपने हाथ से सहलाते हुए उसके लण्ड के एकदम करीब से मैं अपने हाथ ले गई और उसका बेल्ट खोल दिया…
अवी का लण्ड एकदम तना हुआ था और मुझे महसूस हो रहा था की उसने अंडरवियर नहीं पहना है… मेरा यह अंदाज़ा भी सही था की वो झड़ चुका था…
उसके पैंट पर “वीर्य का निशान” साफ दिख रहा था!!! !!
अब मैं अपनी जीभ निकाल कर उसके लण्ड के ऊपर से ले गई और “दांतो” से उसके पैंट की बटन खोल दी…
अपने दांतो में ही पकड़े पकड़े मैंने उसके पैंट को अपनी तरफ खींच जिससे उसकी जीप खुल गई और अवी का “नंगा लण्ड” उचक कर सामने आ गया… …
एकदम से लण्ड उचकने से मेरे दाँत से अवी की पैंट छूट गई और मेरे हाथ उसके “नंगे लण्ड” से जा टकराए…
अब मेरी नज़र विमल पर पड़ी और मैंने उसके चेहरे पर “परम उत्तेज्ना” के भाव देखे… वो बहुत कस कर अपने “लण्ड के टट्टो” को दबा रहा था और उसके “लण्ड का सुपाड़ा” उसकी अंडरवियर से बाहर झाँक रहा था… …
इधर अवी हंस पड़ा और बोला – क्यूँ साली साहिबा, हमारा “हथियार” पसंद नहीं आया… ?? आपकी “प्राण सखी” तो काफ़ी खुश है, इसकी क़ाबलियत से… …
उसका लण्ड किसी “नाग” की तरह फुफ्कार रहा था… उसका लण्ड विमल के लण्ड से थोड़ा सा बड़ा था… …
अब तक मेरी चूत का भी बुरा हाल था लग रहा था की बस “फट” ही जाएगी… !!
अगली गेम फिर शशि हार गई और बिना कुछ बोले वो इतराती हुई उठी और विमल के सामने जाकर खड़ी हो गई और बिल्कुल एक “पोल डांसर” की तरह इठलाती हुई अपनी टी शर्ट उतारने लगी…
अपनी चूत की ही तरह अपने मम्मे दिखाने में भी उसने दोनों मर्दों को खूब इंतेज़ार कराया…
विमल की उत्तेजना तो मैं समझ सकती थी पर अवी भी शशि के चुचे देखने के लिए जिस तरह से बेसब्र था, उससे मुझे काफ़ी आश्चर्य हुआ… …
ठीक विमल की ही तरह अवी के हाव-भाव भी ऐसे लग रहे थे की वो “शशि के चुचे” पहली बार देखने वाला हो… …
इधर आख़िर में विमल से सब्र नहीं हुआ उसने शशि की शर्ट उतार डाली… !!
अब शशि के गोरे गोरे बेहद “सुडौल मम्मे” सब के सामने थे, उसके “छोटे छोटे भूरे निप्पल” एकदम कड़े थे… …
अब मेरी सखी दो मर्दो और एक औरत के सामने पूरी “नंगी” हो गई…
एक पल को उसका “आकर्षक बदन” देख कर थोड़ी ईर्ष्या हुई पर अगले ही पल विमल ने आगे झुक कर उसके निप्पल को चूम लिया…
और मेरी चूत में फिर चीटियाँ रेंगने लगीं। ठीक उसी वक़्त अवी के लण्ड ने दूसरी बार पिचकारी छोड़ दी…
विमल की अंडरवियर भी अब तक सामने से पूरी गीली दिख रही थी और इधर मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की मैंने सीधे “धुला हुआ लोवर” ही पहन लिया हो… …
तभी अवी बोल पड़ा – बहन-चोद विमल, ये फाउल है… मादार-चोद तेरी बीवी अब तक एक भी गेम नहीं हारी और मेरी को तू पूरा नंगा कर चुका है और तो और भोसड़ी वाले अपनी बहन का दूध भी पी रहा है… …
विमल बोला – यार, तू भी मेरी बीवी को हरा दे और कर दे नंगा, मुझे कोई एतराज़ नहीं… तेरी तरह मैं भी बेसब्र हूँ अपनी बीवी को तेरे सामने नंगा होते देखने के लिए।। …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#9
अपडेट - 9
तभी अवी बोल पड़ा – बहन-चोद विमल, ये फाउल है… मादार-चोद तेरी बीवी अब तक एक भी गेम नहीं हारी और मेरी को तू पूरा नंगा कर चुका है और तो और भोसड़ी वाले अपनी बहन का दूध भी पी रहा है… …
विमल बोला – यार, तू भी मेरी बीवी को हरा दे और कर दे नंगा, मुझे कोई एतराज़ नहीं… तेरी तरह मैं भी बेसब्र हूँ अपनी बीवी को तेरे सामने नंगा होते देखने के लिए।। …
Ab aage
ना जाने क्यूँ मुझे विमल की बात सुनकर बहुत खुशी हुई और मैं भी “नंगी” होने के लिए “मचलने” लगी… …
वैसे भी अब तक विमल के सिवा मुझे किसी दूसरे मर्द ने नंगा नहीं देखा था, आज जब मौका आया था तो वो भी मेरे पति के सामने ही… इससे मेरी “वासना” मेरे सिर चढ़ कर बोल रही थी… …
जल्द से जल्द मैं विमल और अवी की “भूखी नज़रे” अपने बदन को घूरते हुए देखना चाहती थी!!! !!
मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और अब की बारी मैं हारी तो मेरे साथ ही सभी बहुत खुश हुए…
अवी फ़ौरन बोल पड़ा – साली साहिबा, अब आई हमारी बारी… अभी आपकी शर्ट उतार कर आपके “चुचे नंगे” करता हूँ… देखूं तो सही की किसकी चुची ज़्यादा सेक्सी है पत्नी की या साली की… ??
इससे पहले मैं शशि की तरह अपनी “मादक अदाएँ” दिखा कर अपनी शर्ट उतार पाती अवी उठा और अपने हाथों को फ़ौरन मेरी “चुचियों” पर रख दिया… और मैं सब भूल गई… …
कसम से अवी का हाथ लगते ही मैं पागल हो गई और विमल की तरफ देख कर आहें भरने लगी…
उधर विमल अपने अंडरवियर के ऊपर से अपने लण्ड को बुरी तरह मसल रहा था और उसका पूरा सुपाड़ा उसके अंडरवियर के बाहर आ चुका था…
अवी ने हाथों ने पहले तो मेरी चूची को अच्छी तरह टटोला… और फिर मेरी शर्ट को लगभग फाड़ ही दिया…
मैंने देखा दो बार पानी छोड़ कर भी उसका लण्ड बुरी तरह फड़क रहा था…
और आख़िरकार मेरी हसरत पूरी हो गई और मेरी चुचियाँ भी दो मर्दो और एक औरत के सामने “नंगी” हो गई…
अब मेरा ध्यान शशि की तरफ गया…
वो अपने एक हाथ से बहुत ज़ोर से अपने दूध मसल रही थी और दूसरे से अपनी चूत ऊपर से पागलों की तरह रगड़ रही थी…
उसकी चूत का पानी उसकी जांघों पर चमक रहा था…
इधर कुछ देर मेरी चुचियाँ सहलाने के बाद अवी ने मेरी चूची को किस किया तो मैं बिल्कुल ही “चुदासी” हो गई और अपने लोवर में हाथ डाल कर अपनी चूत में उंगली घुसा ली और बुरी तरह हिलाने लगी!!!
सिर्फ़ दो तीन बार उंगली अंदर बाहर करने पर ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया…
मेरी चूची इतनी कड़ी हो गई की ऐसा लगा की बस अब फट जाएगी…
मेरे बदन का एक एक रोंगटा खड़ा हो गया और मैं बोल पड़ी – अवी मत करो, प्लीज़…
अवी ने मुझे होंठों पर किस क्या और बोला – साली साहिबा, आपने भी हाथ लगा कर मेरे लण्ड को “दीवाना” बनाया था, भूल गईं… ?? अभी तो आपकी चूत को नंगा करना बाकी है… …
वासना उस कमरे में “नंगा नाच” नाच रही थी… …
चूत के “काम रस” और “वीर्य” की महक से पूरा कमरा महक रहा था!!!
और फिर हारा अवी और विमल ने मुझे तुरंत कहा – बिंदु डार्लिंग, अब अपने जीजा को कर दो पूरा नंगा… उतार दो इसकी कमीज़ भी… …
मैंने अपनी पति की आज्ञा का पालन किया और ठीक वैसा ही किया…
अब कुछ भी धीरे धीरे करना का सब्र किसी में बाकी नहीं था…
मैंने एक झटके से अवी की शर्ट खींच दी… पूरे कमरे में उसके बटन बिखर गये… …
उसका सीना “काले बालों” से ढका हुआ था और फिर मैंने विमल की तरफ देखते हुए अपनी जीभ उसके निप्पल पर फिराई और दूसरे हाथ से उसका दूसरा निप्पल मसलने लगी…
अवी बिल्कुल मदहोश हो गया और उसने एक हाथ मेरे लोवर में डाल कर मेरी चूत को स्पर्श किया तो मेरी सिसकारी निकल गई…
मेरी चूत से लगभग तीन बार पानी की धारा बह चुकी थी और मेरी चूत और लोवर इस तरह गीले थे जैसे मैंने “पेशाब” कर दी हो…
अवी लोवर के ऊपर से मेरी चूत सहलाने लगा और मैं सिर पीछे करके – आह आहह… इश्स… उम्म… नहीं प्लीज़… आहह… आ: मेरी माँ… करने लगी…
इधर शशि और विमल बुरी तरह से अपनी चूत और लण्ड को मसल रहे थे… …
शशि की “गोरी चिकनी जांघें” पर उसका “काम रस” चमक रहा था और उसको मूठ मारते देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था!!!
इधर विमल भी बहुत तेज़ी से अपना लण्ड मसल रहा था और साथ साथ अपनी गाण्ड हिला रहा था…
ठीक मेरी ही तरह वो कभी मुझे और अवी को देख रहा था तो कभी शशि को… …
तभी शशि उठी और … …
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#10
अपडेट - 10
शशि की गोरी चिकनी जांघें पर उसका “काम रस” चमक रहा था और उसको मूठ मारते देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था!!!
इधर विमल भी बहुत तेज़ी से अपना लण्ड मसल रहा था और साथ साथ अपनी गाण्ड हिला रहा था…
ठीक मेरी ही तरह वो कभी मुझे और अवी को देख रहा था तो कभी शशि को… …
Ab aage
तभी शशि उठी और कुर्सी के ऊपर ही विमल को धक्का दे कर पेशाब करने वाले पोज़ में बैठ गई और ज़ोर से अपनी चूत रगड़ने लगी और कुछ ही पल में उसकी चूत से तेज़ धार के साथ उसकी पेशाब विमल के लण्ड के ठीक ऊपर गिरने लगी…
विमल के हाव भाव से समझ आ रहा था की शशि का उसके लण्ड पर पेशाब करना उसे बहुत उत्तेजित कर रहा है…
शशि के पेशाब करते करते ही विमल के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी… …
इधर मेरा हाल भी बुरा था, अवी के चूत सहलाने और यह सब देख कर मैं भी बुरी तरह उत्तेजित हो गई…
मैंने अवी का हाथ पकड़ कर ठीक अपनी टाँगों के बीच किया और उसके हाथों पर अपना पानी छोड़ दिया… …
अवी अपनी उंगलियाँ चाटते हुए बोला – साली साहिबा, आपकी चूत तो पागल हुई जा रही है। क्यों ना इसका इलाज मैं अपने लण्ड से कर दूँ… ?? विमल यार, आज मेरी बात मान ले, तू जी भर के मेरी पत्नी शशि को चोद और मुझे बिंदु की चूत चोद लेने दे… इतनी “गरम चुदासी चूत” तो लण्ड में आग लगा देगी, यार… अगर किसी को कोई एतराज़ है, तो अभी बोल दे…
विमल और शशि ने तुरंत हाँ बोल दिया… …
पर सब के सब हैरान हुए, जब मैंने कहा – मुझे एतराज़ है, जीजाजी… !! मेरी एक शर्त है… अगर करना ही है तो फ़ैसला हो जाए की ये अरेंजमेंट हमेशा के लिए होगा… हम चारों आपस में किसी के साथ भी, जब चाहें जो करना हो कर सकते हैं… अगर मंज़ूर है तो बोलो… …
अवी ने मेरी चूची को चूमते हुए कहा – साली साहिबा, आपने तो मेरे मन की बात कर डाली… लेकिन शायद विमल को रोज़ रोज़ अपनी “बहन चोदना” पसंद ना आए…
विमल ने शशि को अपनी गोदी में उठाते हुए कहा – अगर बहन को या बीबी को कोई प्राब्लम नहीं तो फिर इसमे कोई एतराज़ क्यों… ?? चलो एक पेग और बनायो, हमारे इस “नये रिश्ते” के लिए… …
शशि उठी और अपनी गाण्ड हिलती हुई पेग बना कर ले आई…
इधर अवी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और शशि आकर विमल की गोद में जा बैठी…
विमल के सिवा हम सभी नंगे थे… …
अवी का “खड़ा नंगा लण्ड” मेरी गाण्ड में घुसने की पूरी कोशिश कर रहा था…
इधर मैंने देखा तो विमल शशि की चूत को हाथों से रगड़ रहा था और जब उसके ग्लास से कुछ बूँदें शशि की चूची पर गिरी तो विमल उसको चाटने लगा… …
शशि बोली – आह: मेरे भाई, ये क्या कर रहे हो… ना जाने कितने लोगों ने मेरी चुची चाटी, पर तुम्हारे जीभ लगाते ही ऐसा लग रहा है कि बस अब तो फट ही जाएगी… लो ज़ोर से चूसो ना मेरी चुची, मेरे प्यारे भैया… हाय मैं मर गई… मेरी चूत तो शोला बनी हुई है… बस करो भैया… अब नहीं रहा जाता… पेल डालो अपना “पापी लण्ड” अपनी बहन की चूत में… चोद डालो अपनी बहन की चूत… बहन चोद भैया… आह… धीरे रगड़ो नहीं, तो मैं मूत दूँगी…
विमल बोला – तो मूत ना मेरी बहना… किसने मना किया है… तेरी “मूत की गरमी” ने तो मुझे पागल कर दिया है… भर दे मेरा खाली ग्लास… देखते हैं शराब में ज़्यादा “नशा” है या तेरी “गरम मूत” में… मूत ना मेरी बहना…
शशि बोली – उम्म… मेरे भाई… आह। अपनी बहन की मूत पिएगा, बहन-चोद… ग्लास में नहीं, सीधे अपने मुँह में पी… बोल पिएगा… आहह… बोल ना…
यह कह कर शशि ने विमल को उठाया और नीचे फर्श पर लिटा दिया और उसके मुँह के ठीक ऊपर अपनी चूत खोलकर बैठ गई और अपने हाथों से ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के उपरी हिस्से को रगड़ने लगी… …
कुछ ही पल में उसकी चूत से उसकी मूत बह निकली और उसने फ़ौरन विमल का सिर पकड़ कर अपने मुँह में घुसा लिया…
विमल भी शशि की मूत को “कोल्ड ड्रिंक” की तरह गटागट पीने लगा…
इधर शशि बहुत ज़ोर से ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी – आह… पी पी पी… पी बहन चोद पी… आ आ आ आह… पी तेरी माँ की चूत… इश्स इस्स… आह… उम्म्म… खोल अपना मुँह… और शशि विमल के बाल पकड़ कर उसके मुँह को अपनी चूत में घुसा रही थी… …
चुदाई की सेज सज चुकी थी… !!!
चार “सूरज की गरमी” से भी गरम जिस्म “वासना” में जल रहे थे… !!!
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#11
अपडेट - 11
कुछ ही पल में उसकी चूत से उसकी मूत बह निकली और उसने फ़ौरन विमल का सिर पकड़ कर अपने मुँह में घुसा लिया…
विमल भी शशि की मूत को “कोल्ड ड्रिंक” की तरह गटागट पीने लगा…
इधर शशि बहुत ज़ोर से ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी – आह… पी पी पी… पी बहन चोद पी… आ आ आ आह… पी तेरी माँ की चूत… इश्स इस्स… आह… उम्म्म… खोल अपना मुँह… और शशि ने विमल के बाल पकड़ कर उसके मुँह को अपनी चूत में घुसा रही थी… …
Ab aage
इससे पहले जब एक दो बार विमल ने सिर्फ़ मुझे पेशाब करते हुए दिखाने को ही कहा था, तो मैंने उसे छी:, गंदे, स्वीपर और ना जाने क्या क्या उपाधि दे दी थी और इधर अब मेरी चूत भी “मर्द के जिस्म” पर मूतने के लिए बुरी तरह मचल रही थी… …
इधर जैसे ही शशि विमल के ऊपर से मूत कर उठी, अवी ने अपना लण्ड हिलना बंद किया और शराब की कुछ बूँद अपने लण्ड के सुपाड़े पर गिरा डाली और मुझे चाटने को बोला… उसका सुपाड़ा उठक बैठक कर रहा था और बुरी तरह “फड़क” रहा था… …
जैसे ही मैं उसको चाटने के लिए झुकी तो उसने लण्ड मेरी मुँह में डाल दिया…
मैंने आँखें बंद कर के लण्ड चूसना शुरू कर दिया और उसके अंडकोष हाथों में ले कर बुरी तरह मसलने लगी… …
मैं अवी के ऊपर मूतने के लिए मचल रही थी और अवी लगातार मेरा मुँह चोदे जा रहा था… … … …
अवी, मेरे मुख को किसी चूत की तरह चोदने लगा और बोला – तेरी माँ की चूत, बिंदु… बहन की लौड़ी, बिल्कुल रांड़ है तू तो मेरी पत्नी जैसी… क्या मस्त चूस रही है रे, छन्नो तू… धीरे कर छीनाल वरना मैं झड़ जाऊंगा… भोसड़ी की, साली… बस कर, रंडी… …
मैं भी अवी को झड़ने नहीं देना चाहती थी, इसलिए फ़ौरन रुक गई… …
अवी ने अपना लण्ड फ़ौरन बाहर निकाला और ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए, मेरे चेहरे पर ही अपनी मूत की जोरदार धार छोड़ दी…
एकदम से धार पड़ने से पहले तो सकपका गई पर फिर मैं किसी “झरने” की तरह उसकी मूत की गरम धार का आनंद लेने लगी… …
मूत के अवी थोड़ा शांत हुआ और विमल से बोला – विमल, हमको हमारे डबल बेड पर जा कर एक साथ चुदाई शुरू करनी चाहिए। यार, मैं तुझे अपनी बहन और बीवी को चोदते देखना चाहता हूँ…
विमल ने शशि का नंगा जिस्म बाहों में उठा लिया और उसको बेड पर ले गया। इधर, अवी ने मुझे उठा लिया और मैं और शशि के साथ साथ नंगी बेड पर लेट गई… …
दोनों, मर्द लोगों के लण्ड रोड की तरह खड़े थे।
तभी अवी बोला – साली साहिबा, मैं तुझे घोड़ी बना कर चोदना चाहता हूँ क्यों की आपकी गाण्ड मुझे बहुत सेक्सी लगती है… … मैं अपना लण्ड पीछे से आपकी चूत में जाता हुआ देखना चाहता हूँ… …
मैं उसकी आज्ञा का पालना करती हुई घोड़ी बन कर हाथों के बल अपने घुटनों पर झुक गई… !!!
शशि अब बोल पड़ी – हाँ मेरे “हरामी पति देव” मैं जानती थी तू यही करेगा… अब मेरी सहेली की गाण्ड भी चाट ले मादार चोद… मेरी गाण्ड तो तू आइस क्रीम की तरह चाटता है बहन के लौड़े…
फिर वो विमल की तरफ मूडी और उससे बोली – मेरे लिए क्या हुकम है बहन-चोद भैया… ?? मुझे भी घोड़ी बनायोगे, क्या… ?? और घोड़ी बनते हुए बोली – पर पहले मेरी चूत पर मूत कर रास्ता तो साफ कर लो… …
विमल शशि के पीछे आया और अपने लण्ड को पकड़ कर दो तीन बार हिलाया और अपनी मूत की धार शशि की चूत पर छोड़ दी…
शशि ने अपने हाथ पीछे किए और दोनों हाथों से अपनी गाण्ड खोल ली जिससे विमल की मूत सीधे उसकी चूत के अंदर जाने लगी…
मूतने के तुरंत बाद विमल ने उसे सीधा किया और बोला – बहना, कब से तम्मना थी, तुझे चोदने की… पहली बार तो देखना चाहता हूँ की मेरी बहना भी चुदाई के लिए तैयार है, अपने भैया से… मेरी लाडो बहना, मैं चाहता हूँ की तुम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे बहन चोद बनायो… मैं अपनी बहन की चूत में अपना लण्ड जाता हुआ देखना चाहता हूँ… लेकिन पहले एक बार अपनी चूत मेरे मुख से लगा कर अपनी नमकीन रस का स्वाद तो चखा दो, मेरी बहना… अपनी चूत को मेरी ज़ुबान पर रख दो और एक बार अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दो…
विमल लेट गया और शशि उसके ऊपर चढ़ कर अपनी चूत चटवाने लगी, ठीक वैसे ही जैसे उसने थोड़ी देर पहले उसके मुँह में मूता था, बस इस बार उसकी गाण्ड विमल के मुँह की तरफ थी… !!!
दोस्तो, कहानी जारी है…
फिलहाल विदा…
धन्यवाद…
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#12
 
अपडेट - 12
मूतने के तुरंत बाद विमल ने उसे सीधा किया और बोला – बहना, कब से तम्मना थी, तुझे चोदने की… पहली बार तो देखना चाहता हूँ की मेरी बहना भी चुदाई के लिए तैयार है, अपने भैया से… मेरी लाडो बहना, मैं चाहता हूँ की तुम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे बहन चोद बनायो… मैं अपनी बहन की चूत में अपना लण्ड जाता हुआ देखना चाहता हूँ… लेकिन पहले एक बार अपनी चूत मेरे मुख से लगा कर अपनी नमकीन रस का स्वाद तो चखा दो, मेरी बहना… अपनी चूत को मेरी ज़ुबान पर रख दो और एक बार अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दो…
विमल लेट गया और शशि उसके ऊपर चढ़ कर अपनी चूत चटवाने लगी, ठीक वैसे ही जैसे उसने थोड़ी देर पहले उसके मुँह में मूता था, बस इस बार उसकी गाण्ड विमल के मुँह की तरफ थी… !!!
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इधर अवी ने पीछे जा कर एक शशि की गाण्ड पर एक में जोरदार चांटा मारा और अपनी एक उंगली डाल कर उसकी गाण्ड चोदने लगा…
शशि की गाण्ड, विमल के चेहरे पर तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी…
अब मैंने भी विमल का लण्ड पकड़ा और शशि को आगे झुका कर उसका लण्ड शशि के मुँह में घुसा दिया… …
अपने पति का लण्ड पकड़ कर अपनी सहेली और उसकी बहन के मुँह में घुसने में जो आनंद मुझे मिला उसको मैं शब्दो में नही ब्या कर सकती… …
अवी अब फिर से मेरे पीछे आ गया और मेरी गाण्ड पर चांटा मार कर मेरी गाण्ड को उंगली से चोद्ने लगा…
इससे मुझसे काबू नहीं हुआ और मेरी पेशाब निकल गई…
मैं घोड़ी बने हुए मूत रही थी और पीछे अवी मेरी मूत की पूरी धार अपने लण्ड पर ले रहा था… …
मैंने जी भर के अवी के लण्ड पर मूता…
जैसे ही मैं रुकी अवी झुका और अपनी ज़ुबान को मेरी गाण्ड में घुसा कर चाटने लगा…
मेरी गाण्ड आज तक कुँवारी थी… …
उधर शशि अब उठी और अपनी दोनों जांघों को फैला कर विमल के लण्ड पर सवार होने लगी…
विमल ने अपने हाथ उसकी चूची पर कस दिए और शशि ने उसका लण्ड हाथ में पकड़ कर अपनी चूत पर एक झटके में घुसा दिया और ऊपर नीचे होने लगी… !!!
अवी ने भी अब गाण्ड चाटना बंद कर दिया और मेरी चूत पर चढ़ गया…
अवी का सुपाड़ा किसी “आग के शोले” जैसा गरम था… उसने मेरी गाण्ड को फैलाया और जांघों के बीच से लण्ड मेरी चूत में पेल दिया…
अपनी जिंदगी में पहली बार मेरे मुँह से गाली निकली – मा द र च चो द धीरे…
इधर शशि चिल्लाए जा रही थी – आ बहन चोद क्या मस्त अंदर जा रहा है तेरा लण्ड… मज़ा आ गया… आ आ आ आ आ… चोद चोद चोद चोद चोद चोद चोद… बहन-चोद विमल भैया… तेरी बहन चुद रही है तुझ से आज माँ के लौड़े… शाबाश मेरे भाई… आह आह आह आह आह… इश्स… चोद गांडू चोद… चोद चोद चोद मुझे अपने पति के सामने चोद… फाड़ डाल मेरी चूत… देख अवी तेरी बीबी तेरी आँखों के सामने चुद रही है… इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया… देख अवी बहन के लौड़े देख… तुझे मेरी चूत चुद्ते देखनी थी ना… अब जी भर के देख… …
मैंने गौर किया हम चारों को अपनी अपनी चुदाई अपने पति और बीवियों को दिखाने मे ज़्यादा मज़ा आ रहा था… इधर मेरी नज़र भी बार बार विमल की तरफ जा रही थी की वो मुझे चुद्ता देख रहा है या नहीं, वहीं विमल भी मेरे देखते ही शशि को ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगता…
उधर अवी और शशि की भी यही कहानी थी… …
अब लग रहा था की विमल का लण्ड शशि की चूत की जड़ तक समा गया था… अवी का सूपड़ा भी मेरे अंदर जा चुका था और मैं “आनंद सागर” में गोते लगा रही थी…
अवी मुझे सड़क की कुतिया की तरह चोदने लगा। मैं भी अपनी कमर उचका कर अपनी गाण्ड उसके लण्ड पर मारने लगी।
कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ों से गूँज उठा…
एक ही बेड पर हम चार लोग “जन्नत की सैर” कर रहे थे।
अब विमल ने अपनी बहन के कूल्हे पकड़ लिए और नीचे से चोदने लगा। अवी भी अब एक कुत्ते की तरह हाँफ रहा था।
उसे इस हालत में देख कर मैं बोल उठी – अवी साले मादार चोद, थक गया… उधर देख बहन के लौड़े, मेरा पति कैसे चोद रहा है तेरी पत्नी को… तुझ में दम नहीं है भोसड़ी वाले… साले बहन चोद… जितनी देर में मेरे मर्द ने एक बार छोड़ा उतने में तूने तीन बार छोड़ दिया… दम लगा और चोद अपनी साली को… हाँ ऐसे… ज़ोर से… शाबाश… चोद चोद चोद… तेरी माँ की चूत… चोद… और ज़ोर से… आ आ आ आ आ… आह… इश्स… अंदर तक… और अंदर पेल अपना लण्ड… जीजा… पेल… उम्म्म…
अवी को इससे शायद गुस्सा आ गया और उसने मेरे बाल पकड़ लिए और घोड़े की लगाम की तरह खींच कर मुझे चोदने लगा…
अब उसका लण्ड मेरी कोख से टकराने लगा। बाज़ू में अपनी सहेली और अपने पति को देख कर मेरी उत्तेजना की कोई सीमा ना रही और मैं भी झरने लगी…
अवी ने भी धक्के तेज़ कर दिए और मुझे लगा की वो भी मंज़िल के नज़दीक है…
अचानक लण्ड रस की गरम धारा मेरी चूत में गिरने लगी और मेरा चूत रस अवी जीजाजी के लण्ड रस से मिल गया…
उधर शशि ने एक चीख मारी और विमल पर ढेर हो गई…
एक लंबी चुदाई के बाद चारों झड़ चुके थे… … …
सेक्स की इस अदभुत गाथा अब यहीं से गति पकड़ने लगी ।।
आशा है आपने कहानी का भरपूर मज़ा लिया होगा!!
मेरे कहानी के बारे में आप अपनी राय दे सकते है…
धन्यवाद
 

THE END
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