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मैंने मासी की होंठ चूसना शुरू किया। इस बार मासी भी साथ दे रही थी। मुझे अब मासी के होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मै मासी के होंठो को चूस चूस कर उनकी पीठ को सहला रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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मासी भी मुझे बड़ी कातिलाना नजरों से देख रही थी।
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मासी और हम एक दुसरे के होंठो को बारी बारी से चूस चूस कर लाल कर दिया। मासी की होंठ गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लाल लाल दिखने लगे।
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मै मासी की बूबा को दबाने लगा। मासिने भी मेरे लंड को सहला रही थी। मैंने अपना लंड मासी के करीब कर दिया। मासी मेरा लंड हाथ में ले के हिला हिला कर मजे ले रही थी।
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मासी को मैंने खड़ी होने को कहा। मासी खड़ी हो गयी।
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मासी को मैंने खड़ी होने को कहा। मासी खड़ी हो गयी। मैंने मासी के गले पर किस करते हुए मासी की समीज निकाल दी।
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मासी दीवाल से चिपकी खड़ी रही। मासी ब्रा में एकदम झक्कास लग रही थी।
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मैंने मासी के सलवार का नाड़ा खोला।
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नाड़ा खुलते ही सलवार नीचे गिर गया। मासी ने लाल रंग की ही ब्रा और पैंटी पहनी थी।
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मासी की सॉलिड बॉडी देखते ही मेरा लंड चोदने को बेकरार हो गया। मैंने भी अपना पैजामा निकाला और अपना बड़ा मोटा लंड मासी के सामने पेश किया।
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सी मेरे बड़े मोटे लंड को देखकर चौक गई।
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पने मुँह पर हाथ लगाकर बोली- बाप रे इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने पहली बार देखा है। मुझे तो यकीन नहीं होता की तुम्हारा इतना बड़ा लंड है।
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वो सिर्फ मेरे लंड को हाथों में लेकर खेल रही थी। मुठ मारते हुए मासी झुकी हुई थी।
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ने मासी की ब्रा को निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया। मासी ने जब अपना सर उठाया तो मैं उनकी चूंचियों को देखता ही रह गया।
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मासी की मैंने बिस्तर पर लिटाकर उनका दूध पीने लगा।
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मासी कक काले रंग का निप्पल बहुत ही आकर्षक लग रहा था। मैं मासी दोनों चूंचियों को जोर जोर से दबा दबा कर पी रहा था।
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मासी की साँसे गरम गरम बाहर निकल रही थी। जब भी मै मासी का निप्पल काटता मासी..अई…अई… अई..अई. .इसस्..स्स्स्..स्स्..स्स् करने लगती।
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मैंने मासी की चूत पर बार बार अपनी हाथ को फिर रहा था। मासी बहुत ही गर्म हो चुकी थी।
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मासी की पैंटी को मै चूंचियां पीते पीते ही निकाल रहा था। मासी भी अब मजे ले ले लेकर मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी।
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मैंने भी अपनी टी शर्ट उतारी।
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