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उनका पेट मेरे छरहरे पेट से लड़ रहा था जिससे चटर चटर की आवाज हो रही थी। एक बार फिर से अमर भैया विराट कोहली की तरह मेरी चूत की पिच पर अपने लौड़े से बैटिंग कर रहे थे। मैं एक बार फिर से चुद रही थी। और अपने सगे भाई का लंड खा रही थी। आज तो अमर भैया ने मेरी रसीली और चिकनी बुर फाड़कर रख दी थी। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाज निकाल रही थी। अमर भैया का लंड बड़ी आराम से सट सट मेरी गुलाबी चूत में सरक रहा था। मैं मजे से चुद रही थी। मैंने जोश में आकर अपने नाख़ून अमर भैया की पीठ में गड़ा दिया था। हम दोनों भाई बहन गरमा चुदाई का मजा ले रहे थे। अमर भैया बार बार मेरी चिकनी जांघो को सहला रहे थे। मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। वो मेरे पुरे जिस्म को अपने हाथ से सहला रहे थे। मैं बहुत गजब का चिकना माल थी। आज मेरे सगे भाई ही मेरे साथ सम्भोग कर रहे थे। मेरी चिकनी और सेक्सी योनी में उनका लंड घुसा हुआ था और मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था। मैं तो जैसे सातवे आसमान की सैर कर रही थी। अमर भैया तो एक भी सेकेंड के लिए रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मुझे जल्दी जल्दी वो चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था की वो कोई कद्दू काट रहे है। कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद मैं बड़ी देर तक उनका लंड चूसती रही। जब मैं चुदवाकर चली आई तो लाईट आ गयी। कुछ देर में मेरी भाभी बाजार से आ गयी। मेरे भैया अपने कमरे में पूरी तरह से नंगे होकर लेटे थे। जब अमर भैया ने भाभी को देखा तो बिलकुल चौंक गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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“तुम कहाँ गयी थी????” अमर भैया से हैरान होकर पूछा
“मैंने तो ३ घंटे से बजार गयी थी कुछ समान खरीदना था!!” भाभी बोली
उसके बाद भैया जान गये की उन्होंने गलती से मुझे अपनी बीवी समझ कर चोद लिया है। पर ये बात उन्होंने भाभी को नही बतायी। आज भी मुझे अपने अमर भैया की ठुकाई बार बार याद आती है।
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भाभी की रसीली बुर चोदने के चक्कर में मैं भैया से पिट गया
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मै आप को बता दूँ, मेरे पापा दो भाई है, और मेरे बड़े पापा के दो बेटे है। मै अपने पापा का इकलौता बेटा हूँ। मेरे बड़े पापा के बड़े बेटे की शादी हो चुकी है। शादी को दो साल हो गया है और अभी तक भैया और भाभी ने बच्चा नही किया था। मेरी भाभी के बारे में बात करे तो, उनकी 24 वर्ष होंगी। मेरा और मेरे भाभी का कद काफी मिलता जुलता था। भाभी तो किसी हेरोइन से कम नही है। आंखे बड़ी बड़ी और गोल गोल बिल्कुल दिव्या भारती की तरह। उनके लाल लाल होठो की बात ही ना करो, उनके होठ लाल २ हलके से मोटे, बिल्कुल मलाई की तरह मुलायम थे। उनके मम्मों का तो जवाब नही क्या मम्मे है। गोरे गोर मैदे की तरह, संतरे की तरह गोल गोल और हवा भरे हुए गुब्बरे की तरह मुलायम। उनको दबाने का मजा ही अलग होगा। और उनकी चूत तो रबड़ी की तरह रसीली और बहुत मस्त थी।
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मेरा और मेरे बड़े पापा का घर अगल बगल में ही था। एक महीने पहले की बात है गर्मी की छुट्टी चल थी, मेरे कॉलेज में छुट्टी चल रही थी। मै दोपहर के समय टाइम पास करने के लिए अपने बड़े पापा के घर चला जाता था। बड़े पापा ज्यादातर घर से बाहर ही रहते थे और भैया [अमन] तो सुबह ही अपनी सरकारी नौकरी की ड्यूटी करने चले जाते थे। अब उनके घर में बड़ी मम्मी बचती और सुमित [अमन का छोटा भाई ] बचता। बड़ी मम्मी तो हमेशा बाहर बरामदे में ही रहती थी। मै रोज दोपहर में भाभी के कमरे में जाता और भाभी के कमरे में बेड पर लेट कर टीवी देखता और भाभी से मज़े लेते हुए उनसे खूब बातें करता। भाभी दिल की बहुत अच्छी थी और साथ साथ बहुत मजाकिया भी थी।
मै एक दिन भाभी के कमरे में लेटे हुए मूवी देख रहा था। भाभी ने मुझसे कहा – क्या देवर जी क्या देख रहें हो इतनी ध्यान से टीवी में?
मैंने कहा – “कुछ नही बस थोड़ी सी मस्त सीन चल रहा है वही देख रहा हूँ”। भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा – “जब शादी हो जायेगी तो ये सब देखने से काम नही चलेगा करना भी पड़ेगा”। मैंने भी बिना शर्माए हुए बोल दिया – “वो तो करना आता है। मुझे जब शादी होगी तो किसी तरह से कर ही लूँगा। और अगर नही आयेगा तो आप सिखा देना”। भाभी ने हस्ते हुए कहा – “मै क्यों तुम्हे सिखाऊँगी” मै तुम्हारी बीवी थोड़ी ना हूँ। मैंने कहा – भाभी तो हैं।
जब मै भाभी से ये सब बातें कर रहा था मेरा लंड तो बेकाबू हो रहा था और एकदम से तना हुआ था। मै रोज भाभी के पास आता, और उनसे खूब मजाक करता। धीरे धीरे मजाक इतना आगे बढ़ गया था की अब तो सारी बातें मै बिना शरमाये हुए कह देता था और भाभी भी मुझसे बिना शरमाये कुछ भी ही कह देती थी।
एक दिन मै भाभी के कमरे में बैठ था। भाभी भी पास में ही बेड पर लेटी हुई थी। बातों ही बातों में भाभी ने पूछा – कोई गर्लफ्रेंड बनायी की वैसे ही काम चला रहें हो? मैंने उनसे कहा – “पहले आप मेरे एक सवाल का उत्तर दीजिए तो मै भी आप के सवाल का उत्तर दूँगा”
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भाभी ने कहा पूछा क्या – मैंने भाभी से पूछा की शादी से पहले आप का कोई बोयफ़्रेंड था क्या??
भाभी कुछ देर कुछ ना बोली। फिर उन्होंने कहा किसी को बताना मत मै ये केवल तुम्हे बता रही हूँ। हाँ जब मै इंटर में थी तो एक लड़का मुझे बहुत लाइक करता था और मै भी उसे बहुत लाइक करती थी। मैंने फिर पूछा – “आप लोगो के बीच कुछ हुआ था कि नही”। भाभी मुस्कुराते हुए बोली हाँ एक बार मै मैंने कॉलेज बंक करके उसके दोस्त के रूम पर गई थी और हम लोगो ने किस के साथ 2 सेक्स भी किया था। मेरा लंड खड़ा हो गया था, ये सब बाते करके भाभी से। भाभी ने कहा – “किसी से भी ये बात कभी मत कहना मैंने तुम से बता दिया है” मैंने भी भाभी को अपने बारे में सब बता दिया – मेरी एक गर्लफ्रेंड है, और हम लोग भी बहुत बार चुदाई कर चुके है। मैंने कभी भी भाभी को गलत नजरो से नही देखा था। बस केवल मै उनसे एक दोस्त कि तरह से बातें करता था। दोस्तों कुछ ही दिन पहले की बात है भैया को 15 दिनों के लिए मुंबई जाना था अपनी नौकरी के सिलसिले में। भैया मुंबई चले गये, तो भाभी अकेली हो गयी। उनकी कुछ दिनों से चुदाई भी नही हुई थी।
एक दिन मै दोपहर के समय भाभी के कमरे में आया, भाभी अपने कमर में मैक्सी पहने हुए लेटी हुई थी। और टीवी देखने में बिजी थी मैंने चुपके से पीछे से उनकी आँखों को पकड लिया। भाभी ने मेरे हाथो को सहलाते हुए पकड़ा, लेकिन वो पहचान नही पाई। भाभी के आँखों को पकड़ते समय मेरा हाथ भाभी के मम्मो में छु गया। भाभी की कई दिनों से चुदाई नही हुई थी, इसलिए मेरा हाथ उनकी चूची में छूते ही उनकी सांसे बढ़ने लगी थी। मैंने अपना हाथ उनके मम्मो पर जल्दी से हटा लिया। मेरा भी लड़ खड़ा हो गया था। मै भाभी के बगल में ही बैठ गया।
दोस्तों, मैंने अपनी तरफ से कुछ भी नही किया भाभी को चोदने के लिये। भाभी ही अपनी चुदाई करवाने के चक्कर में थी। मै भाभी के बगल मे बैठा हुआ था, भाभी की मैक्सी बहुत हल्की थी। उनके बूब्स की छाप उनकी मैक्सी पर दिख रहा था। मै ये सब देख कर कामातुर हो रहा था। मेरा भी मन किसी को चोदने को कर रहा था। लेकिन मुझे क्या पता था कि मै अपने भाभी को ही चोदने वाला हूँ।
थोड़ी देर बाद भाभी ने अपने हाथ को अंगडाई लेने के बहाने से मेरे जांघ पर रख दिया। मेरा लंड खड़ा था, मै अपने लंड को दबाने लगा था। भाभी ने अपने हाथ को मेरी जांघ से नही हटाया और अपनी उंगलियों को हिलाने लगी, जिससे उनकी उँगलियाँ मेरे जांघ में छू रही थी। मेरा तो लंड और भी टाईट होता जा रहा था। कुछ देर बाद भाभी ने अपने हाथ को हल्का सा आगे बढ़ाया और अपने हाथ को मेरे नुन्नू तक पंहुचा दिया। मुझे पता चल गया था कि आज भाभी का चुदने का फुल मूड है। मैंने भाभी के हाथ को अपने लंड से दूर कर दिया और कहा – आप क्या कर रही है??
भाभी ने बड़े जोश से कहा – बिट्टू तुम्हारे भैया इतने दिनों से बाहर है, जब वो थे तो मेरी रोज चुदाई करते थे। लेकिन बहुत दिनों से मेरी चुदाई नही हुई है और तुम्हारा हाथ मेरी चूची पर लगने से मेरा मन चुदने को कहने लगा। क्या तुम मुझे आज चोद सकते हो बिट्टू??
मैंने भाभी से कहा – “कहीं ये बात किसी को पता चल गयी तो??” भाभी ने मुझसे कहा – ‘किसी को पता नही चलेगा”।
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मेरा भी मन चुदाई करने को कह रहा था क्योकि मैंने बहुत दिनों से किसी की बुर नही चोदी थी। भाभी ने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया। और मेरे पास आई, मैंने उनके हाथो को पकड़ा और उनके हाथो को कुत्ते की तरह चाटते हुए, उनकी गर्दन की तरफ बढ़ने लगा। मै जैसे जैसे भाभी की गर्दन की ओर बढ़ने लगा भाभी बहकने लगी। मैंने उनके गर्दन को पीना शुरू किया, मेरे गर्दन पीने से भाभी तो मचल रही थी उनको बहुत मजा आ रहा था। मै उनकी गर्दन को पीते हुए अपने हाथो से भाभी के मुसम्मी की तरह गोल, रसीले और संगमरमर की तरह चिकने मम्मो को भाभी के मैक्सी के ऊपर से ही दबाने लगा। भाभी का तो पूरा शरीर जोश से गरम हो गया था।
मैंने भाभी के गले को पीना बंद कर दिया और उनकी होठो को पीने लगा। भाभी का भी जोश बढ़ने लगा, उन्होंने भी मुझे अपने बाँहों में भरते हुए मेरे होठो को चूसने लगी। मेरा भी जोश बहुत बढ़ रहा था मै अपने आप को सम्हाल नही पा रहा था। मैंने भाभी के मुह में अपना जीभ डाल कर उन्हें किस करने लगा। भाभी तो मेरे निचले होठो को बड़ी मस्ती से पी रही थी। 20 मिनट तक बिना रुके किस करने के बाद मैंने भाभी की मैक्सी को निकल दिया और उनको बेड पर लिटा दिया। उनका शरीर तो जैसे मैदे का बना हो, इतना गोरा था। भाभी की मैक्सी उतारने के बाद वो केवल ब्रा और पैंटी में थी। मैंने उनके पैरों की उंगलियों को चूसना शुरू किया, मै बड़े प्यार से भाभी के पैरों की उंगलियों को चूसते हुए उनके घुटने के ओर बढ़ने लगा। भाभी के बदन की खुशबू मेरे जोश को और भी बढ़ा रही थी। भाभी तो कामोत्तेजना से उनका शरीर तो ऐंठता जा रहा था। मै भाभी के घुटने को पीते हुए उनकी चिकनी, कोमल, और गुलगुले जांघों को पीने लगा। भाभी को बहुत मजा आ रहा था।
मैंने भाभी की चूत को सहलाते हुए उनकी नाभि को भी पीने लगा और अंत में मैंने भाभी की ब्रा को निकाल दिया और उनके मम्मो को पीने का सुख लेने लगा। मैंने अपने हाथो को भाभी के गोल, रसीले और मुलायम मम्मो को मसलते हुए पीने लगा। और भाभी अहह……. अहह..आ आ आ….. ओह ओह …..हा हा…. करके सिसकने लगी। मैंने उनकी चूची की अपने दांतों से काट के पी रहा था और भाभी मेरी इस हरकत से तनमना उठती ।
मै लगातार उनकी मम्मो को दबाते हुए उनकी बूब्स को पी रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की पैंटी को खीचने लगा, खीचने के बाद जब मै पैंटी को छोड़ता तो भाभी की कमर और उनकी चूत से चट चट की आवाज़ आती। मैं उनकी पैंटी को निकल कर सूंघने लगा, उनकी चूत की खुशबू पैंटी से मेरे नाक में जा रही थी। भाभी की बुर तो बहुत सुंदर और साफ थी।
मैंने भाभी से कहा – “आप की चूत तो बहुत साफ है” भाभी ने कहा मै रोज अपनी झांटों को साफ करती हूँ इसलिए ये साफ है। मैंने पहले उनकी चूत पर अपने हाथो से सहलाने लगा और कुछ देर बाद मैंने अपने जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा। भाभी भी सहल उठी थी जब मैंने उनकी चूत को चूसना शुरू किया। मै भाभी की मलाई की तरह मुलायम और नाजुक बुर को अपनी मोटी और हल्की खुरदरी जीभ से मस्ती से चाट रहा था। मै उनकी चूत को पीते पीते उनके मम्मो को भी मसल रहा था। जब मेरी जीभ भाभी की चूत में घुस जाती, तो भाभी अपने गांड को हल्का सा उठा देती। भाभी बहुत मजे के साथ अपनी चूत को मुझसे चटवा रही थी।
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उनकी चूत को चाटने के बाद मैंने अपना 9 इंच का बड़ा सा और बैगन की तरह मोटे लंड को भाभी के चूत पर सहलाने लगा। मैंने पहले अपने लंड को थोड़ी देर तक भाभी के चूत पर रगड़ता रहा और कुछ देर बाद मैंने जानवरों की तरह जोर लगा के अपने लंड को भाभी की नाजुक सी चूत में घुसा दिया। मेरे लंड के घुसने से भाभी के चूत का रास्ता बड़ा हो गया और वो तेजी से आंहे भरने लगी। मैं उनकी चूत को बड़ी मस्ती से चोदने लगा और भाभी का इस चुदाई से बुरा हल था, मै जितनी तेज उनी चूत बजाता वो अपने चूत को मसलते हुए…“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..”
मेरा लंड भाभी की बुर में लगातार अंदर बाहर हो रहा था और भाभी भी आंहे भरते हुए अपनी चुदाई का मजा ले रही थी। मै बहुत तेजी से भाभी की चूत मार रहा था। मेरी स्पीड बढती ही जा रही थी। लगातार मेरा कड़ा लंड भाभी की नरम सी चूत को फाड़ते हुए उनकी चूत में घुस रहा था और भाभी अपने मम्मो को एक हाथ से मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी और …….अहह …ई ई ई ई ई…….उफ़ उफ़ उफ़……. उई माँ उई माँ………….करके चीख रही थी। भाभी को भी बहुत मजा आ रहा था। अब वो अपनी कमर को उठा कर मुझसे चुदवाने लगी।
बहुत देर बहुत तक उनकी चूत मारने के बाद मैंने अपने लंड को भाभी की फुद्दी से बाहर निकल लिया क्योकि अब मै ज्यादा देर तक टिकने वाला नही था। मैंने अपने लंड को भाभी के दोनों मम्मो के बीच में रखकर उनकी चूची को दबाकर, मै उनकी चूची को पेलने लगा। मैं अपना पूरा जोर लगाकर भाभी की बूब्स के बीच मे चोद रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा माल निकलने वाला था, इसलिए मेरी स्पीड और भी तेज हो गयी। और कुछ ही देर बाद मेरा माल निकलने लगा, मेरी आँखों के सामने अँधेरा सा छा गया जब मेरा माल निकला। भाभी की चुदाई पूरी होने बाद भी मैंने बहुत देर तक भाभी के चूत को पीता रहा। चुदाई खत्म होने के बाद मैंने भाभी से पूछा – “आज के बाद भी क्या कभी चुदाई करने का मौका मिलेगा मुझे”
भाभी ने जवाब दिया – “जब तक भैया नही है तब तक तुम रोज दोपहर में आना और मेरी जमकर चुदाई करना”
मै हर रोज दोपहर में भाभी के कमरे में उनकी खूब चूत बजाता। जितने दिन भैया नही थे मैंने उतने दिनों तक लगातार भाभी की चूत को चोदा। कुछ दिनों में भैया आ गये, अब मुझे भाभी को चोदने का मौका नही मिल रहा था। एक दिन घर में कोई नही था मैंने भाभी से चूत देने को कहा, भाभी मना कर रही थी मैंने किसी तरह से उनको मना लिया और उनके कमरे में उनकी चुदाई करने लगा।
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(13-11-2020, 03:08 PM)neerathemall Wrote: उनकी चूत को चाटने के बाद मैंने अपना 9 इंच का बड़ा सा और बैगन की तरह मोटे लंड को भाभी के चूत पर सहलाने लगा। मैंने पहले अपने लंड को थोड़ी देर तक भाभी के चूत पर रगड़ता रहा और कुछ देर बाद मैंने जानवरों की तरह जोर लगा के अपने लंड को भाभी की नाजुक सी चूत में घुसा दिया। मेरे लंड के घुसने से भाभी के चूत का रास्ता बड़ा हो गया और वो तेजी से आंहे भरने लगी। मैं उनकी चूत को बड़ी मस्ती से चोदने लगा और भाभी का इस चुदाई से बुरा हल था, मै जितनी तेज उनी चूत बजाता वो अपने चूत को मसलते हुए…“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..”
मेरा लंड भाभी की बुर में लगातार अंदर बाहर हो रहा था और भाभी भी आंहे भरते हुए अपनी चुदाई का मजा ले रही थी। मै बहुत तेजी से भाभी की चूत मार रहा था। मेरी स्पीड बढती ही जा रही थी। लगातार मेरा कड़ा लंड भाभी की नरम सी चूत को फाड़ते हुए उनकी चूत में घुस रहा था और भाभी अपने मम्मो को एक हाथ से मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी और …….अहह …ई ई ई ई ई…….उफ़ उफ़ उफ़……. उई माँ उई माँ………….करके चीख रही थी। भाभी को भी बहुत मजा आ रहा था। अब वो अपनी कमर को उठा कर मुझसे चुदवाने लगी।
बहुत देर बहुत तक उनकी चूत मारने के बाद मैंने अपने लंड को भाभी की फुद्दी से बाहर निकल लिया क्योकि अब मै ज्यादा देर तक टिकने वाला नही था। मैंने अपने लंड को भाभी के दोनों मम्मो के बीच में रखकर उनकी चूची को दबाकर, मै उनकी चूची को पेलने लगा। मैं अपना पूरा जोर लगाकर भाभी की बूब्स के बीच मे चोद रहा था। थोड़ी ही देर में मेरा माल निकलने वाला था, इसलिए मेरी स्पीड और भी तेज हो गयी। और कुछ ही देर बाद मेरा माल निकलने लगा, मेरी आँखों के सामने अँधेरा सा छा गया जब मेरा माल निकला। भाभी की चुदाई पूरी होने बाद भी मैंने बहुत देर तक भाभी के चूत को पीता रहा। चुदाई खत्म होने के बाद मैंने भाभी से पूछा – “आज के बाद भी क्या कभी चुदाई करने का मौका मिलेगा मुझे”
भाभी ने जवाब दिया – “जब तक भैया नही है तब तक तुम रोज दोपहर में आना और मेरी जमकर चुदाई करना”
मै हर रोज दोपहर में भाभी के कमरे में उनकी खूब चूत बजाता। जितने दिन भैया नही थे मैंने उतने दिनों तक लगातार भाभी की चूत को चोदा। कुछ दिनों में भैया आ गये, अब मुझे भाभी को चोदने का मौका नही मिल रहा था। एक दिन घर में कोई नही था मैंने भाभी से चूत देने को कहा, भाभी मना कर रही थी मैंने किसी तरह से उनको मना लिया और उनके कमरे में उनकी चुदाई करने लगा।
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v
iiiiiiiiiii
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चुदाई के बीच में ना जाने कहाँ से भैया आ गये, मुझे और भाभी को उन्होने रंगे हाथो पकड लिया। पहले तो भैया ने अपने कमरे में मेरी खूब पेलाई की और फिर भाभी को भी खूब पेला। उन्होंने मुझसे कहा फिर दोबारा मेरे घर में मत आना। मै फिर दोबारा उनके घर नही गया और ना ही फिर कभी भाभी की चुदाई की।
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पिछली रक्षाबंधन पर भैया ने मुझे ऐसे चोदा था!
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आज मैं अपने ज़िंदगी की एक बात आपसे बताना चाह रही हु, अक्सर भाई बहन का रिश्ता पवित्र रिश्ता होता है, पर पिछले साल जो हुआ वो शायद नहीं होना चाहिए था, पर क्या करती वो मुझे ऐसा जाल में फंसाया की मैं निकल नहीं सकी और अपने भाई से ही चुदवा बैठी,
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मेरा नाम शीतल है, मैं उत्तरप्रदेश से हु, मेरे घर में मैं भाई बहन और मम्मी पापा है, मैं १९ साल की हु, और मेरा भाई २० साल का, ये बात पिछले साल की है, मेरा भाई दिल्ली में पढता है और मैं पास के भी कॉलेज में पढ़ती हु, मैं अपने शहर का नाम नहीं बताना चाह रही हु, होली के चार दिन पहले ही मैंने अपने भाई को फ़ोन की की राहुल भइया आप टाइम पर आ जाना क्यों की पिछले साल आप राखी के सुबह सुबह आये थे, ऐसी भी क्या पढाई करना की अपने बहन को ही भूल जाएँ, प्लीज इस बार एक दिन पहले ही आना, और हां मेरा गिफ्ट दिल्ली से ही ले के आना, भैया बोले तुम चिंता नहीं करो मैं पहले ही आ जाऊंगा, पर इस बार सिर्फ मैं ही गिफ्ट नहीं दूंगा बल्कि मैं गिफ्ट लूंगा भी.
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मैं बोली ठीक है भैया, आप बताओ आपको क्या चाहिए, कल ही मैं बाजार जाकर ले आती हु, या तो ऑनलाइन आर्डर कर देती हु, तो राहुल भैया बोले नहीं पगली तुम कुछ भी मत खरीदना, मैं बाहर की चीज नहीं लूंगा, वो तुम्हारे पास है, मैं बोली चलो ठीक है जो भी मेरे पास है ले लेना, तो भैया बोले, तुम्हे कसम खाना पड़ेगा की तुम जरूर दोगी, मैंने कहा भैया आप अपने बहन पर विश्वास करो, मैं आजकल आपसे कोई भी चीज नहीं छुपाई, बाँट कर खाया और प्यार से दिया, चाहे कितनी भी कीमती और मेरी प्यारी क्यों नहीं हो. इसलिए तुम चिंता नहीं करो, मैं तुम्हारी कसम कहती हु, जो भी मेरा पास होगा जो तुम्हे पसंद है जरुरु दूंगी, राहुल भैया बोले, अब तुम बताओ क्या लोगी.
मैंने कहा, मुझे इस बार अनारकली ड्रेस और एक मोबाइल फ़ोन चाहिए, पापा बोले थे की जब तुम अठारह साल की हो जाएगी मैं मोबाइल दूंगा, पर मुझे पापा को याद दिलाना ठीक नहीं लगा था की मैं अठारह की हो चुकी हु, तो भैया इस बार तुम ही लेके आना, भैया बोले ठीक है, मैं लेके आऊंगा, और फिर मैं खुश हो गई थी की अब मैं भी व्हाट्सप्प और फेसबुक चलाऊंगी, और अपनी अच्छी सेल्फी लुंगी, राखी के एक दिन पहले ही भैया आ गए थे शाम को. मुझे बहुत ख़ुशी हुई थी. मैं दौड़कर भैया के पास गई और बोली मेरा गिफ्ट लेके आये हो? उन्होंने बोला हां, मैं तुम्हारे लिए दोनों गिफ्ट लेके आया हु.
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मैं ज़िद करने लगी की जल्दी दिखाओ जल्दी दिखाओ, तभी माँ बोली अरे सुबह सुबह गिफ्ट लेना जब राखी बान्धोगी, मैंने कहा नहीं नहीं सुबह सुबह जब राखी बांधूंगी तक तो मैं एक हजार नोट लुंगी, तो भैया बोले अरे बाबा ठहर, और उन्होंने अपने बैग से एक मोबाइल निकाला, और पैकेट समेत मुझे दिया, वो पैकेट पहले से खुला हुआ था, उन्होंने बोला, मोबाइल में मैंने ३२ जीबी का मेमोरी और सारे एप्प्स डाउनलोड भी कर दिया हु, तो मैं बोली मैंने तो पहले से ही सिम भी ले ली. मैंने सिम भाई के तरफ बढ़ाया और उन्होंने सिम मेरे मोबाइल में लगा दिया. दोस्तों आप सोच नहीं सकते मैं कितनी खुश थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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रात को मैं अपने मोबाइल में लगी रही, नींद भी नहीं आ रही थी. बहुत ही ज्यादा खुश थी. मैंने तुरंत ही फेसबुक पर भी अकाउंट बना ली और व्हाट्सस्प में कई सारे फ्रेंड को भी मैसेज भेज दी. की मेरा नया मोबाइल आ गया है. फिर मैं इंटरनेट चलाई, उस समय रात के करीब एक बज रहे थे. दोस्तों जैसे ही मैंने इंटरनेट चलाया
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स्टोरी डॉट कॉम साइट दिखा, शायद इस साइट को भैया ही ओपन किया थे, और उसमे एक कहानी जो थी, एक भाई बहन की सेक्स की. मैंने पूरी कहानी पढ़ी, पहले तो मुझे लग ही नहीं रहा था की ऐसा ही होता है, कोई भाई और बहन सेक्स कर सकता है, फिर मैं ऐसी करीब १० से जयादा कहानियां पढ़ ली. इसी वेबसाइट पर. दोस्तों अब मुझे धीरे धीरे समझ आने लगा की मेरा भाई मुझसे क्या गिफ्ट मांग रहा था, मैं पहली बार सेक्स के बारे में इतनी कहानियां पढ़ी, सच पूछिए तो मुझे भी चुदने का मन करने लगा था, मेरी चूत पहली बार इतनी गीली हुई थी. मेरी पेंटी भीग गई थी चूत के पास. मैं अपनी चूचियों को दबाने लगी थी, पहली बार मेरी साँसे गरम गरम चल रही थी. मैं अपने चूत को सहलाने लगी. और मुँह से सिसकियाँ आने लगी.
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फिर सो गई क्यों की तीन बज रहे थे. सुबह का इंतज़ार था. मैं छह बजे उठी. उठा कर तैयार हुई. लाल रंग की एक ड्रेस पहनी, बढ़िया से मेकअप की, बाल खुले थे चूतड़ तक लटक रहे थे. चूचियां बड़ी बड़ी थी, आगे की और टाइट थी, मैंने नई ब्रा पहनी जो की चूचियों को आगे से नुकीला कर रहा था. मेरी माँ देखि वो बोली, अरे मेरी बेटी तो आज राजकुमारी लग रही है. अब तो तेरे लिए मुझे लड़का देखना पड़ेगा. मैं शरमा गई. बोली चुप हो जाओ माँ आप ऐसी ही बोलते रहती हु.
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