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Adultery अंकल, मम्मी ओर कोरोना
#1
कोरोना, अंकल ओर मम्मी
अब आगे
अंकल ओर मम्मी एक दूसरे की बाहों में डेढ़ घंटे तक सोते रहे 7.30 पर मम्मी की आंख खुली वो तुरंत खड़ी हो गयी अंकल भी उठ गए थे, कहाँ जा रही हो मेरी जान, अंकल मम्मी का हाथ पकड़ कर बोले, मम्मी बोली छोड़िए न खाना बनाना है वो भूखे होंगे, अंकल बोले डार्लिंग बाद में बना लेना पहले एक कप चाय बना दो, मम्मी ने अपनी चड्डी पहनी ओर ब्रा पहन कर चाय बनाने चली तो अंकल ने रोक लिया , रचना मेरी जान चाय में तुम्हारे थन के दूध की पियूँगा, मम्मी शर्मा गयी  बोली आप ही निकाल लो मेरा दूध, अब अंकल ने मम्मी को टेबल पर झुका दिया और ब्रा खोल दी और किचन से बर्तन ला कर मम्मी के गुलाबी स्तनों के नीचे रख दिया और सामने खड़े हो गए मम्मी चुप चाप सिर झुकाए खड़ी थी अब अंकल ने उन का एक उभार दोनो हाथो से दबाते हुए निपल को अपनी उंगली ओर अंगूठे से निचोड़ा तो दूध की धार निकल कर बर्तन में गिरने लगी आआह मेरी जान बहुत दूध है इन थनों में, मम्मी बोली आप ही ने चोद चोद कर भरा है , दोनो उभार आप के हाथों में है निचोड़ लिजिये इन को, अंकल अब दोनों हाथों से उन उभारो को बारी बारी से दबाते हुए दूध निकाल रहे थे करीब एक कप दूध निकल गया था उधर मम्मी अपने थनों को अंकल के हाथों निचुड़ते हुए देख के शर्म से लाल हो रही थीं, मम्मी बोली अब काफी है छोड़ो न दर्द हो रहा है अंकल ने उन को चूम कर खड़ा कर दिया और अपने हाथों से उन को ब्रा पहना दी, मम्मी अपनी सलवार पहनने लगी तो अंकल ने रोक दिया, जान मेरी क्या जरूरत है ऐसे ही रहो आज, मम्मी चुप चाप सिर झुकाए किचन में जा कर चाय बनाने लगी, अंकल ने स्पेशल दूध की चाय पी ,वाह क्या स्वाद है रचना तेरे दूध की चाय का मजा आ गया, तभी पापा का फ़ोन आया , खाने का क्या हुआ मम्मी बोली सो रही थी अभी बना कर लाती हु, अब वो खाना बनाने चली गई , ब्रा ओर पेन्टी में उन का गोरा गदराया हुस्न अंकल के बेचैन कर रहा था, एक पतिव्रता नारी अपने ही घर मे गेर मर्द के सामने ब्रा पेन्टी में घूम रही थी, मम्मी खाने के तैयारी में लग गई, अंकल उन की गदराए हुस्न को दरवाजे से घूर रहे थे आज उन्हों ने सोच लिया था कि मम्मी को इतना गर्म करना है कि वो खुद अपनी टाँग अंकल के सामने खोल दे, मम्मी स्लैब पर आटा गूंद रही थी I अंकल ने एक वियाग्रा की गोली निकाल कर खा ली और उन के पीछे आ कर खड़े हो गए और  कूल्हों पर हाथ फेरते हुए गर्दन पर किस करने लगे, आआह छोड़िये न काम करने दीजिए, पर अंकल बोले सुनो रचना मेरी जान तुम काम करती रहो में अपना कर रहा हु, ओर वो मम्मी के गुलाबी उभारो को पीछे से मसलने लगे, मम्मी आटा गूथ रही थी और अंकल उन के उभारो को,अब अंकल जमीन पर बैठ गये ओर स्लैब की तरफ अपनी पीठ कर ली ओर मम्मी की टांगों को चौड़ी कर अपने दोनों तरफ कर लिया, अब अंकल का मुह उन के पेंटी में कसी ओर मोटी जांघों में फांसी चूत के सामने था,  उन्हों मम्मी के गुदाज हिप्स अपने दोनों हाथों में पकड़ कर उन की चूत अपने मुह के पास कर ली और पेन्टी के ऊपर से ही मम्मी की उभरीं चूत पर अपने दांतों से काटने लगे, मम्मी तो चिंहुक पड़ी और छूटने की कोशिश की पर अंकल ने उन हिप्स पकड़ कर अपने मुह से चूत को दबा रखा था, रचना मेरी जान चुप चाप अपना काम करती रहो में रसीली चूत को तैयार कर रहा हु रात भर चुदने के लिए, अब अंकल ने मम्मी की पेन्टी नीचे सरका दी और अपनी खुरदुरी जीभ चूत के होठो पर फिराने लगे, मम्मी सी सी कर रही थी पर न चाहते हुए भी खाना बना रही थीं क्यो की ऊपर पापा भूखे थे, अंकल ने अपनी जीभ  उन की चूत की दरार पर नीचे से ऊपर फिरानी शुरू की मम्मी की तो हालात खराब हो रही थी, अंकल बोले रचना मेरी जान तेरी फूली हुई चिकनी चूत किसी हिंजड़े का भी खड़ा कर सकती है में तो मर्द हु, आज साली को रात भर  चोद कर इस का भोसड़ा बना दूंगा ओर वो मम्मी की चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चोदने लगे, मम्मी से काम नही ही पा रहा था वो कामुक सिसकियां ले रही थी,  अंकल ने उन की दोनो टाँगों को अपने कंन्धो पर रख के कूल्हों से दबोच कर अपने ऊपर बिठा लिया औऱ उन की चूत मुह में दबा के चूसने लगे, आआआईईईईईईईईईईईईईईईईईईएरेरर मेरी माँ थोडी देर सब्र करो न ,आप ही कि रंडी हु कही भागी नही जा रही, उन की चूत रस छोड़ रही थी जिसे अंकल चूस चूस कर पी रहे थे, रस उन की जांघों से टपक रहा था जिसे अंकल अपनी जीभ से चाट रहे थे, आधे घंटे तक यही चलता रहा अब मम्मी बोली अब छोड़िए में उन्हें खाना दे कर आती हु फिर सारी रात आप की  टांगों के नीचे पडी रहूंगी जितना चाहो जैसे चाहो चोद लेना अपनी रंडी को, अंकल ने छोड़ दिया ओर मम्मी ब्रा पेन्टी के ऊपर गाउन पहन लिया और खाना ले कर पापा को देने चली गई, पापा इंतज़ार ही कर रहे थे आज देर लगा दी,थकी हुई भी लग रही हो मेरी चिंता में सो नही पा रही शायद, कल से राजू नही आया कोई काम हो तो बुलाऊ, मम्मी बोली नही अभी कोई काम नही, वो पापा को क्या बोलती की राजू तो कल से गया ही नही है और वो उन को बीबी को रंडी की तरह चोद रहा है, मम्मी अब बर्तन ले के पापा को by कर नीचे आ गई और पापा ने दरवाजा बंद कर लिया, रात के 9 बजे थे अब वो अकल से बोली आप भी खा लीजिए, दोनो ने खाना खाया इस दौरान अंकल उन की जांघों पर हाथ फेरते रहे, अंकल सोच रहे थे अब यह जवानी रात भर मेरी बाहों में रहेगी ओर कल्पना करते हुए उत्तेजित हो गए थे उधर मम्मी भी गर्म थी पर नारी सुलभ लज्जा के मारे बोल नही पा रही थी, राजू अंकल बोले रचना गाउन खोलो अपना, आज तो तुम्हारी चूत का रस पीना है मुझ को, मम्मी शरमाते हुए बोली आप खोल दीजिए मुझे शर्म आती है, अरे मेरी जान टाँग उठाने में शर्म नही आती पर कपड़े खोलने में आती है अंकल बोले ओर मम्मी का गाउन उतार दिया,  उन की ब्रा पेन्टी  खोल कर नंगा कर दिया ,भाभी चलो अपना हुस्न का रस पिलाओ ओर उन की कमर में हाथ डाल कर उठा के उलटा कर दिया, मम्मी का सिर नीचे ओर पैर अंकल ले कंन्धो के तरफ थे , रचना चुसो इसे बोल कर अपना लन्ड मम्मी के मुह में दे दिया और उन की चूत अपने मुह में भर ली, आआह मेरे राजा आज खा ही जाओगे क्या चूत को, मम्मी मुह से लन्ड निकाल कर बोली , पर अंकल तो आज पागल हो हो रहे थे वो उसी पोजीशन में सोफे ओर बेठ गए, चुप चाप चूसती रहो लन्ड को आज में तुम्हारी चूत का वो हाल करूँगा की तुम कई दिन ठीक से चल भी नही पायोगो, कहते हुए जोर से मम्मी की पूरी चूत अपने मुह में भर ली और अपनी जीभ उस पर फिराने लगे, मम्मी के सुडौल कूल्हों को जोर से भीच रखा था औऱ लगातार मम्मी के हलक तक लंड पेल रहे थे, मम्मी गूँ गूँ की आवाज निकाल रही थी, आज अंकल का लंड कुछ ज्यादा ही कड़क हो रहा था क्यो की वो वियाग्रा खा चुके थे, आधा घंटा हो चुका था, मम्मी 3 बार अंकल के मुह में झड़ चुकी थीं पर अंकल के तो कोई आसार ही नही लग रहे थे, मम्मी पसीना पसीना हो रही थी, आधे घंटे तक सिर नीचे ओर पैर उपर कर उल्टी पोजीशन में रहने के कारण उन का चेहरा लाल हो गया था और वो हांफ रही थी, अचनाक अंकल ने उन को सीधा कर दिया वोले, रचना मेरी जान अब तैयार हो जाओ तुम को चोदूंगा, ओर उन्हें सोफे पर ही पटक दिया, मम्मी याचना भरे शब्दो मे बोली आज क्या हो गया है आप के ऐसा क्यों कर रहे हो, अंदर बेड रूम में ले चलो न फिर जम कर चोदना मुझ को, यहाँ से ऊपर आवाज जॉयगी उन को पता चल गया तो अनर्थ हो जाएगा , पर  अंकल आज वहशी हो रहे थे  बोले चुप रह रचना, औरत कहाँ कब और कैसे चुदेगी यह मर्द फैसला करता है औरतों का काम तो सिर्फ इतना है के जब मर्द कहे अपनी टाँगे उस के लिए खोल दे, ओर कहते हुए मम्मी के पैर पकड़ कर उन के सुडोल कूल्हों को सोफे के हतथे पर रख दिया अब मम्मी का सिर नीचे सोफे पर था औऱ उन के कुल्हे सोफे के हाथ रखने की जगह पर थे , वो हैरान थी, भइया क्या हो गया है आज आप को ऐसा क्यों कर रहे हो, अंकल उन के दूधिया स्तन मसलते हुए बोले अभी तक तुझे अपने दोस्त की बीबी ओर अपनी प्यारी भाभी समझ कर प्यार से चोद रहा था पर आज रंडी समझ कर चोदूगा चल पैर उठा अपने, मम्मी ने रुआँसी हो कर अपने पैर उठा दिए अंकल ने उन को मम्मी के मुह के पास तक दबा दिया और बोले रचना पकड़ ले इन को अपने हाथों से, मम्मी कोई  चारा नही देख चुप चाप वो कर रही थी जो अंकल बोल रहे थे उन के दोनों पैरों की ऐडीया उन के कानों को छू रही थी ,अब ऐसे ही पकड़ ले अपने हाथों से अंकल बोले तो मम्मी ने अपने हाथों से अपने पैर पकड़ लिए ओर दम सांधे अंकल के अगले आदेश का इंतज़ार करने लगी उन के सुडोल कुल्हे सोफे के हथत्ते पर टिके थे उन की प्यारी चूत उभर गई थी, उस पर हाथ फेरते हुए अंकल बोले रचना अब इस को चोदने की बारी है आज इस का भोसड़ा नही बना दिया तो राजू मेरा नाम नही, मम्मी सुबक रही थी, प्लीज् यहाँ नही अंदर ले जा कर चोदो न, चुप कर रंडी अंकल बोले ओर जमीन पर उन के कूल्हों की तरफ खड़े हो गए ओर एक हाथ से अपना वियाग्रा से तन लन्ड को उन की चूत के होठो पर रगड़ने लगे फिर अपना मुट्ठी जैसा सुपाड़ा चूत के छोटे छेद पर रख कर दबाया तो पट्ट की आवाज के साथ चूत चौड़ी करता हुआ घुस गया मम्मी तड़प उठी पर आज अंकल को कहां परवाह थी  उन्होनें मम्मी के दोनो स्तनों को अपने हाथ से दबोच कर एक जोर का शॉट मारा तो पूरा लन्ड गच्च से अंदर घुस कर गर्भाशय तक छू गया मम्मी दांत भीच के अपनी चीख रोकने के कोशिश कर रही थी, अब अंकल ने  दमदार शॉट मारते हुए उन को चोदना शुरू किया, मम्मी दर्द के मारे अपना सिर इधर उधर कर रही थी उन्होंने अपनी टाँगे कस कर पकड़ रखी थी और अपने होठ भीच रखे थे अंकल के भारी कुल्हे मम्मी के मांसल कूल्हों को रौंदते हुए चूत पर थाप दे रहे थे धीरे धीरे अंकल अपनी स्पीड बढ़ा रहे थे उन का 10 इंच का लंड पूरा बाहर आता और एक झटके में ही वापस मम्मी की कसी हुई चूत में गुम हो जाता, मम्मी अपने होठ भिंचे इस भयंकर चुदाई को झेल रही थीं, पूरे कमरे में ठप ठप ठप ठप की  अवाज गूंज रही थी अंकल की जांघे मम्मी की मांसल जांघों को बुरी तरह से पीट रही थी चूत से फच फच फच फच की आवाज आ रही थी, मम्मी असहाय सी सोफे पर पड़ी थी औऱ अंकल उन को जानवरों की तरह चोद रहे थे[img][Image: 169943464_screenshot_2020-10-21-00-44-26...native.jpg][/img] तभी मम्मी के फोन की घंटी बजी, दोनो चुप हो गए, अंकल ने हाथ बढ़ा के उठाया तो वो पापा का था, अंकल ने फोन पिक कर मम्मी के कान से लगा दिया, पापा थोड़े गुस्से में थे, रचना क्या हो रहा है यह आवाज कैसी आ रही है नीचे, ओर तुम हांफ क्यो रही हो, मम्मी बोली बर्तन स्टैंड निकल गया है उसे ही ठोक रही हु, ओर मूसल बहुत भारी है उठ नही रह इस लिए हांफ रही हु, आप सो जाओ, पापा बोले सुबह कर लेना मेरा सिर दुख रहा है, ओर फोन काट दिया , अंकल हँसे साले तेरी बीबी चुद रही है उस की आवाज है, ओर कुछ सोच कर उनहोने मम्मी की गोद मे उठा लिया और बेड रूम में ले गए, मम्मी बोली हा अब यहाँ आप मुझे जैसे चाहो चोद लो रात भर, अंकल ने मम्मी को उल्टा लिटा दिया और उन के हिप्स पलँग के किनारे कर दिए, मम्मी के पैर जमीन पर थे अंकल ने उन्हें उठा कर पलँग के दोनों तरफ सीधा कर दिया अब चूत ओर गाँड़ पलँग के बिलकुल किनारे पर थी ओर पैर पलँग की पट्टी की सीध में दोनो तरफ फैले थे अब अंकल ने  उन के दोनों पैर पलँग के सिरहाने बांध दिए और आगे से हाथ भी उसी पोजीशन में पलँग के अगले सिरहाने बांध दिए, मम्मी सुबक रही थी क्यो कर रहें हो ऐसा, चुद तो रही हु आराम से फिर बांध क्यो दिया है ,चुप रंडी चुप चाप पड़ी रह ऐसे ही, फिर वो मम्मी के पीछे कुरसी पर pag ले कर बैठ गये और धीरे धीरे सिप  करते बेठ गए मम्मी समझ नही पा रही थी  उन की जांघे स्ट्रेच हो कर पलँग के किनारे से पैरलल बंधी थी उन की चूत ओर मादक भारी कुल्हे चोडें हो गए थे  अब अंकल ने मोबाइल से शैलेश अंकल को फोन किया भाई कहां हो, शैलेश बोले घर पर ही हु, राजू अंकल बोले सुन रचना भाभी को चोदना हो तो आ जा, अरे तू वहीं है क्या शैलेश बोले तो राजू ने कहा हा यार मेरे सामने नंगी पड़ी है [img][Image: 169942742_screenshot_2020-10-27-12-29-24...native.jpg][/img]पलँग पर बंधी हुई, में तो चोद भी चुका हूं उस को एक बार, आजा यार मिल कर रगड़ेंगे ईस की जवानी को, मम्मी तो रोने लगी , उन की क्यो बुलाया आप ही चोद लेते रात भर, अंकल बोले चुप रह तू  सांझा चुल्हा है हमारा अपनी मर्जी से चोदेगे तुझ को,  ओर दारू पीते हुए उन के मांसल कूल्हों को सहलाते रहे, वाह रचना क्या गाँड़ है तेरी 10 लोग भी कूदे इस पर तो झेल लेगी, ओर कहते हुए थोड़ी शराब उन की कूल्हों की दरार पर डाल दी जो बहती हुई चूत पर गई और अंकल अपनी जीभ से चाटने लगे, आआह ओह्ह मम्मी आहे भर रही थी , चलो रचना अभी तो में एक बार भी नही छुट पाया हूं , शैलेश के आने से पहले चोद लेता हूं फिर बाद में मिल कर चोदेगे ओर वो पलंग पर पेट के बल लेटी मम्मी की मखमली पीठ को ओर कूल्हों को सहलाते हुए उन की चूत में अपना लन्ड एक ही झटके में घुसा दिए और आहे भरते हुए उन को चोदने लगे, मम्मी तो सिसक रही थी, रो रही थी अंकल बेरहमी से उन को चोद रहे थे पूरा पलँग उन के मजबूत धक्कों से हिल रहा था  आधा घंटा ऐसे ही वो मम्मी को चोदते रहे फिर आआह करते हुए अंदर ही झड़ गए और हाँफते हुए उन को पीठ पर लेट गए मम्मी भी हाफ रही थी, अब तक खोल दो मुझे दर्द हो रहा है पर अंकल मूड में नही थे बोले चुप रह आज इसी स्टाइल में होगी तेरी चुदाई, तभी अंकल का फोन पर मिस कॉल आया शैलेश अंकल दरवाजे के बाहर खड़े थे राजू ने उन्हें अंदर ले कर दरवाजा फिर बन्द कर दिया, राजू अब तक नंगे ही थे उन का मोटा लन्ड मम्मी के काम रस से चिकना था ओर टपक रहा था, शैलेश बोले यार क्या बात है लगता है तुम को राजी से अपनी चूत दे रही है रचना, हा यार अभी अभी उस को चोद कर ही आया हु, अब तू एक बार चोद ले अंदर पलँग पर पड़ीं है, फिर दोनों मिल कर चोदेगे, पूरी रात पड़ी है, अब शैलेश अंदर गया, रचना भाभी तुम तो पहले से ही चुदने को तैयार हो , राजू बहुत ध्यान रखता है हमारा, हम मिल बांट कर खाते है अरे मेरी जान को बांधा क्यो है , डार्लिंग खोल रहा हु प्यार से चुद लो और उन्होनें मम्मी की खोल दिया , मम्मी ने राहत की सांस ली , शैलेश बोले आज तुम मुझे चोदो ओर वो कपड़े खोल कर पलँग पर लेट गए मम्मी उन का लन्ड मुह में ले कर चूसने लगी[img][Image: 169941787_20201029070210.jpg][/img] थोडी देर में वो मम्मी के गुलाबी होठो की गर्मी से तन गया अब मम्मी अपनी दोनो टांगो को अंकल के दोनों तरफ कर उन के लन्ड पर बैठ गयी , अंकल ने उन की कमर पकड़ के उन को नीचे दबा दिया ,गीली चूत में गच्च से पूरा अंदर चला गया, आआह मम्मी की आँखे बंद हो गई, अंकल ने उन के दोनों उभारो को पकड़ कर चोदना शुरू किया, [img][Image: 169941906_20201029133244.jpg][/img]मम्मी भी उन के लन्ड ओर कूद रही थी, थोड़ी देर में वो थक गयी और उठ कर पलँग पर लेट गई, भइया अब आप चोदो , अंकल उन के ऊपर आ गए, जो हुक्म मेरी जान चलो टाँगे उठाओ अपनी, मम्मी ने वैसा ही किया अंकल ने उन को अपने कंधे पर रख कर चोदना शुरू किया मम्मी असहाय सी आंख बंद कर पड़ीं थीं और चुपचाप चुद रही थी[img][Image: 169941994_20201029070516.jpg][/img] घण्टे भर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद शैलेश ने मम्मी को छोड़ा तो वो अधमरी हो चुकी थी, उस रात दोनो ने मिल कर मम्मी को अलग अलग आसनो से बेरहमी[img][Image: 169943654_20201029070808.jpg][/img] से चोद कर सुबह 5 बजे  शैलेश चले गए और राजू मम्मी के बेहोश बदन को अपनी बाहों में भर कर सो गए 
समाप्त
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