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Adultery फार्म हॉउस पर मम्मी की चुदाई पहला और दूसरा दिन
#1
फार्म हाउस पर मम्मी की चुदाई
बहुत दिन से पापा के दोस्तो ने मम्मी को नही चोदा था क्यो की मौका ही नही मिला था पर अब पापा 15 दिन के लिए कम्पनी टूर पर गए थे 6 महीनों में मम्मी ओर भी गदरा गई थी बूब्स ओर मोटे हो गए थे कूल्हे भी कुछ भारी हो गए थे और जांघे ओर मोटी, गुदगुदी औऱ चिकनी हो गई थी, राजू अंकल ने भाभी को कहा बहुत दिन हो गए रचना को फार्म हाउस पर ले चलो, सभी पिकनिक के लिए तैयार हो गए, उर्वशी भाभी ने मम्मी को फोन कर बुला लिया औऱ सब शैलेश अंकल के फार्म हाउस पर पहुँच गए, महरून कलर की साड़ी ब्लाउज़ में मम्मी कयामत लग रही थी, साड़ी उन के बूब्स ओर हिप्स पर कसी जा रही थी, सभी अंकल देख कर पागल हो गए, अंकल आपस मे बोले यार आज तो कयामत लग रही है रचना इस को जम कर रगड़ेंगे पूरा रस निचोड़ लेंगे, सभी अपने मन मे मम्मी के नंगे गदराए बदन की कल्पना कर मुठ मार रहे थे औऱ रात का इंतज़ार कर रहे थे, हँसते खेलते पूरा दिन बीत गया अब श्याम हो चुकी थी सभी भाभी ओर मम्मी खाना बनाने में व्यस्त हो गए और अंकल दारू की बोतल ले कर बैठ गए, रमा भाभी पकोड़े तल कर मम्मी से बोली रचना अंदर दे आओ मम्मी डर रही थी क्यो की अंदर 5 मर्द दारू पी रहे थे, वंदना बोली रचना डर क्यो रही हो खा थोड़ी जायंगे तुम को, ओर थोड़ी जवानी हमारे पतियों को चखा दोगी तो हमे भी आराम मिलेगा, वैसे भी अब 7 दिन तक हमे आराम है तुम उन पांडवो की द्रोपदी हो कह कर सब हंसने लगी, मम्मी न चाहते हुए भी अंदर काजू बादाम की प्लेट सजा के देने गई सभी उन को देख कर होठों पर जीभ फेरने लगे मम्मी घबरा कर जल्दी से भाग गई उन के पायल की झंकार से सभी के लन्ड खड़े हो गए, शैलेश ने उर्वशी को इशारा किया  , भाभी बोली इन को पता नही कितना समय लगेगा हम खा लेते है और सभी ने वही खाना खा लिया मम्मी को केसर बादाम का दूध पिलाया क्यो की रात भर चुदने के लिए ताकत चाहिए थी, अब तक सभी अंकल भी नशे में आ चुके थे उन्होंने खाना लगाने को बोला सभी भाभियो ने खाना ले कर मम्मी को भेजा जब मम्मी जाने लगी तो वन्दना ने मम्मी की साड़ी खोल दी,मम्मी ने विरोध किया तो बोली तुमहारे पुराने चुदाई के वीडियो पापा को दिखा देंगे चुप चाप वो करो जो कहे  , मम्मी रुआंसी हो कर खाना ले के अंदर टेबल पर लगाने लगी सभी अंकल आँख फाड़ कर उन का पेटिकोट ब्लाऊज में कसा जिस्म देखने लगे, यार राजू इस के बोबे तो देख खरबूजे जितने बड़े हो गए है पिछली बार तो आम जैसे थे और गांड तो ऐसी हो गई है जैसे 2 तरबूज , मजा आ जाएगा मम्मी सिर झुकाकर चुपचाप वापस आ गई,  थोड़ी देर बाद फिर अंकल की आवाज आई रचना को भेजो, अब की बार उर्वशी भाभी ने मम्मी का ब्लाऊज ओर पेटिकोट भी खोल दिया अब वो काली लाल ब्रा ओर चड्ढी में थी, पैरो में पायल, हाथ मे मेहंदी, माथे पर सिंदूर ओर सुहाग की बिंदी, हाथो में खनकती चुडिया, गजब का सेक्सी हुस्न था मम्मी अब टेबल साफ कर चुकी थी तभी भाभियां भी आ गई और बोली अब हम चलती है घर आप लोग एक हफ्ते इस छमिया को यही रखो ओर जो चाहे करो पर प्यार से, रचना तुम्हारे कपड़े भी हम ले जा रहे है क्यो की वैसे भी हमारे मर्द तुम को पहनने नही देंगे, तुम्हें तो नंगा ही रहना है और सब भाभी गाड़ी ले कर चली गई, अब सभी ने मम्मी को दबोच लिया राजू अंकल उन के नाजुक होंठ चूस रहे रहे, शैलेश अंकल नीचे बैठ के मम्मी की पेंटी के ऊपर से उन के चूत दांतो से काट रहे थे , मनोहर अंकल उन की चिकनी गांड सहला रहे थे और दिनेश ओर सुरेश ब्रा के ऊपर से दबा रहे थे, राजू अंकल बोले अब सहन नही हो रहा इस को बेडरूम में ले चलो ओर उन्होंने मम्मी जो कन्धों पर उठा कर अंदर पलँग पर डाल दिया, [img][Image: 167875586_img_20201016_124437.jpg][/img]यारो जल्दी नंगा करो रचना को कहते हुए मनोहर अंकल ने मम्मी की चड्डी खिंच के उतार दी और राजू ने ब्रा खोल के फेक दी अब मम्मी की गदराई नंगी जवानी उन के बीच पड़ी थी [img][Image: 167875702_23-01-08_1759-1.jpg][/img], सभी ने अपने कपड़े भी उतार दिए औऱ अपने गधे कैसे मोटे लन्ड सहलाने लगे, उठो रचना भाभी चुसो इन को पर मम्मी रुआंसी हो रही थी, बहुत मोटे है भाई साहब में नही ले पाऊंगी आप वैसे ही एक एक कर चोद लो चूत में भी मुश्किल से जायंगे, शैलेश बोला यार यह तो आना कानी कर रही है मजा नही आएगा, तब राजू बोले मुझ पर छोड़ दो यह लन्ड भी चुसेगी ओर हमारा वीर्य भी पिएगी उन्होंने मम्मी के हाथ सर की तरफ उठा कर आपस मे कस कर बांध दिए[img][Image: 167874560_img_20201016_230400.jpg][/img] फिर उन की जांघो को हवा में ऊपर उठा कर उन के दोनों पैरों कस के उन के कानों के पास तक दबा दिया मम्मी दोहरी हो गई उन के पैर की पाजेब उन के कानों को छू रही थी जिन को भी अंकल ने हाथो के साथ बांध दिया अब शैलेश अंकल ने मम्मी की जांघो को कसते हुए पीठ की तरफ कस कर बांध दिए अब हालात ऐसे थे कि मम्मी गुड़िया की तरह दोहरी हो के पलंग पर आपस मे बंधी पड़ी थी और अपनी मर्जी से हिल भी नही सकती थी उन के बूब्स ओर तन गए थे , चूत ओर उभर गयी थी, अब शैलेश ने प्यार से मम्मी के होठों को चूमा उन के मुम्मे दबाये ओर चूत की चुम कर खड़े हो गए और उन की कमर को दोनो हाथो में उठा लिया मम्मी का मुंह जमीन की तरफ था उस के सामने शैलेश का लन्ड लटक रहा था और उन की चूत अंकल के मुह की तरफ थी ओर मनोहर से बोले इस का मुह कैसे चोदता हु देख साली नखरे कर रही थी न ऐसा बोलते हुए उन की चूत में जीभ डाल के धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे, क्या मखमली चूत है साली की चोदने में मजा आ जाएगा मम्मी भी आह भर रही थी तभी अंकल ने अपना लन्ड उन के मुह में डाल दिया टोपा गच्च की आवाज के साथ मुह में फंस गया मम्मी  गूँ गूँ कर रही थी पर अंकल ने उन का मुह नीचे सोफे पर टिका दिया और चूत ऊपर सोफे के सिहराने पर थी, अंकल घुटनो के बल सोफे पर थे मम्मी के मुह में लन्ड दिए हुए थोड़ा और जोर लगाया तो एक तिहाई लन्ड मम्मी का मुह चीरता हुआ उन के हलक में चला गया, मम्मी छटपटा रही थी , साली प्रेम से चूसने को बोला था नही मानी अब पूरा मुह चोदूगा बोलते हुए जोर से मम्मी की चूत काट ली वो जोर से चीखने की कोशिश कर रही थी तभी मौका देख कर अंकल ने पूरा लन्ड उन की गर्दन तक उतार दिया उन के लंड के गोले मम्मी की नाक को टच कर रहे थे फिर उन्हों ने मम्मी की चूत दाँतो से चबाते हुए और उन के गांड में दोनों हाथों का अंगूठा डाल कर कूल्हों पकड़ लिया जोर जोर से उन का मुह चोदने लगे 10 मिनट बाद वो मम्मी के मुह में झड़ गए और सारा वीर्य उन के हलक में उतार दिया जब उन को छोड़ा तो मम्मी की हालात खराब हो चुकी थी वो रो रही थी अब उन को उसी स्तिथि में पलँग पर लिटा दिया औऱ उन के बालों को प्यार से सहलाते हुए उन के होठों को चूस ने लगे औऱ उन के बूब्स दबाने ओर निचोड़ने लगे मम्मी के आंसू निकल रहे थे भइया प्लीज़ छोड़ दो न पर सभी हंसने लगे रचना अभी तो कुछ हुआ ही नही है, शैलेश का लन्ड फिर से तन गया था वो पलँग पर चढ़ गया और मम्मी की चूत के नीचे तकिया लगा दिया जिस से औऱ ऊपर हो गए फिर उन की टाइट छूट पर हाथ फेरते हुए बोला रचना भाभी अब तैयार हो जाओ चूत चुदवाने के लिए, राजू अंकल बोले भईयाइस कि चूत छोटी है आप आराम से घुसाना फट जॉयगी थोड़ी क्रीम लगा लो शैलेश बोले कितनी भी छोटी हो हर चूत चुद ही जाती है औऱ क्रीम की जरूरत नही अपने आप पानी छोड़ेगी बोलते हुए अपना लन्ड मम्मी की चूत में घुसा दिया एक बार मे आधा चला गया मम्मी जोर से चीखी ओ मेरी माँ मर गई, मनहोर अंकल ने उन का मुह दबा दिया पर शैलेश बोले छोड़ दे चिल्लाने दे जितने चीखेगी चोदने में उतना मजा आएगा फिर एक शॉट ओर लगाया तो पूरा 10 इंच का लन्ड चूत में गायब हो गया अब उन्होंने मम्मी के बूब्स दोनो हाथों से दबोच कर भयंकर चुदाई शुरू कर  दी पलँग की आवाज के साथ अंकल ओर मम्मी की जांघो के टकराने की आवाज, फक फक फक, ठप ठप, फुच फुच की आवाज के साथ ही मम्मी की आहो, कराहों ओर सिसकियी की आवाज सब को पागल के रही थी आधा घंटे ही ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अंकल ने मम्मी को छोड़ा और उन की टांग खोल दी पर हाथ नही खोले, वो गहरी गहरी सांसे लेते हुए पलँग पर पड़ी थी , राजू अंकल बोले थोड़ी सांस लेने दो इस को नही तो मर जॉयगी, तब तक एक एक पेग ओर लगा लेते है सब राजी हो गए, थोड़ी देर बाद राजू अंकल ने मम्मी के हाथ खोल दिये और प्यार से सहलाते हुए बोले गुड़िया थोड़ी सर्विस करो फ्रिज से बर्फ ओर ड्राई फ़्रूट ले आओ, कहना मानोगी तो प्यार से चुदोगी नही तो जबर्दसी पर चुदने से तो बचोगी नही,  मम्मी धीमी चाल से सब ले आयी क्यो की कोई चारा नही था अब मनोहर अंकल ने उन को अपने सामने बिठा लिया और लन्ड चूसने को बोले अब मम्मी बिना विरोध के उन का लन्ड चूस रही थी[img][Image: 167874180_img_20201016_230950.jpg][/img] और अंकल उन के बूब्स मसल रहे थे वो दारू नही पीते थे बोले यार तुम सब पेग लो मुझे तो भाभी की गांड देख कर ही नशा हो रहा है, अब वो मम्मी को ले कर खड़े हो गए ओर सिंगल सोफे के पास ले जा कर सोफे के पीछे से उन को आगे की तरफ झुका दिया अब मम्मी की गांड उभर के उन के समाने थी, अंकल ने उन की टांगों को चौड़ा कर सोफे की टांगों से बांध दिया और फिर उन के हाथों को भी आगे सोफे की दोनों टांगो से बांध दिया मम्मी हिल भी नही सकती थी, बोली भईया क्या कर रहे हो अंकल उन की मोटी गांड मसलते हुए बोले रचना डार्लिंग तुमहारी तरबूज जैसी गांड का भोग लगाऊंगा,[img][Image: 167875878_img_20201016_230336.jpg][/img] अब वो आगे मम्मी के मुह पर आ गए और बगल में हाथ डाल के मुम्मे मसलते हुए मुह में लंड दे दिया, डार्लिंग चूस कर  टाइट करो इस को क्यो की तुम्हारी गांड बहुत कड़क है, कुछ देर बाद उन का लन्ड मूसल के तरह तन गया अब वो मम्मी के पीछे आ गए और मम्मी के गांड के छेद को हाथो से फैला के देखने लगे, बहुत ही छोटा छेद था चारो तरफ भूरे रंग का  गोल छल्ला बना हुआ था, अंकल मस्त हो के बोले वाह रचना डार्लिंग अब असली सुहाग रात बनेगी जब सील टूटेगी, मम्मी गिड़गिड़ाते हुए बोले भईया चूत चोद लो गांड मत मारो मर जाऊंगी पर अंकल ने एक न सुनी थोड़ा क्रीम गांड के छेद पर लगाया और लन्ड तो थूक से गीला था ही अब हाथ के अंगूठो से चोडा करते हुए टोपा गांड में डाल दिया पुट्ट कि आवाज के साथ टोपा गांड के छल्ले जो चीरता हुआ अंदर चला गया, आआआआय्य्य्य्य्यीई मेरी माँ, मर गई मम्मी की चीखें निकल गयी और वो सिर इधर उधर पटकने लगी , सारे अंकल एक हाथ में ग्लास ले कर दूसरे से मुठ मारने लगे उधर मनहोर अंकल ने मम्मी के चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए एक भरपूर शॉट मारा तो पूरा लन्ड उन की गांड में चला गया उन के बॉल्स मम्मी की चूत पर थपेड़े दे रहे थे अंकल ने जम कर उन की गांड मारनी शुरू की मम्मी चिल्ला रही थी पर सुनने वाला कौन था करीब आधा घंटा चोदने के बाद अपनी वीर्य उन की गांड में छोड़ दिया और हाँफते हुए अलग हो कर बैठ गए, अब राजू अंकल खड़े हुए और बोले रहम करो यारो रचना पर, नाजुक माल है प्यार से पेश आओ लंबा चोदना है तो, ओर मम्मी को खोल दिया उन की गांड सूज गई थी ओर चला भी नही जा रहा था, अंकल उन को बाथरूम ले गए और गांड साफ कर वापस कमरे में ले आये और पलंग पर लिटा दिया मम्मी आंखे मूंदे पड़ी थी उन की चुचियाँ सांस के साथ ऊपर नीचे हो रही थी हल्की झाटों के बीच चूत कपकपा रही थी,[img][Image: 167876283_img_20201016_230527.jpg][/img] अंकल खड़े हुए इस हुस्न को देख रहे थे अब वो पलँग पर आ गए और मम्मी के नाजुक होठो का रस चूसने लगे, [img][Image: 167876080_23-01-08_1805-1.jpg][/img]उन की गर्दन, गाल कंधे चाट रहे थे साथ ही उन के उभारो की मसल रहे थे[img][Image: 167876590_22-02-08_1927-0.jpg][/img] काट रहे थे निपल चूस रहे थे , एक हाथ से उन की जांघो को सहलाते हुए चूत पर फेर रहे थे अचानक दो उंगली उन की टाइट चूत में डाल दी,[img][Image: 167876390_pdvd_1723.gif][/img] उइ मा, मम्मी चिंहुक पड़ी, उँगली से उछल रही हो अभी लन्ड जायगा मेरी गुड़िया रानी, तैयार हो जाओ बोल कर उठ गए और मम्मी को पलंग के किनारे खींच लिया अब उन के पैर नीचे लटक रहे थे और कूल्हे किनारे पर थे उन की गोरी गोरी जांघो को थपथपाते हुए टांगो को उठा कर मम्मी के कंधों की तरफ कर दिया उन के हाथों की उंगलियों में अपनी उंगली फंसाते हुए उन के मुह को अपने मुह में दबा कर चूत में एक ही झटके में लन्ड डाल दिया, मम्मी की चींखें मुह में ही घुट कर रह गयी अब अंकल ने उन के हाथ और मुह छोड़ के मोटे मोटे मुम्मे पकड़ लिए ओर जोर जोर से चोदना शुरू किया, मम्मी सिर इधर उधर पटक रही थी और ऐसे सिसक रही थी जैसे सांड बकरी पर चढ़ा हो , अंकल उन को जम कर चोद रहे थे थाप थाप थाप थाप, फुच फुच फुच फुच, पट पट पट पट, के साथ ही हर धक्के पर आह आह, ओह ओह उइ मा की आवाज गूंज रही थी, कमरा वासना से भर उठा था, अंकल मम्मी के मुम्मे पकड़ कर जबर्दस्त चोद रहे थे, आआह गुड़िया मजा आ गया क्या मखमली चूत है तेरी ऐसा लग रहा है माखन की टिकिया लन्ड पर कसी है कि मुम्मे तो कड़क खरबूजे जैसे हैैं तुझे तो जिंदगी भर चोदे तो भी मन नही भरेगा, हर धक्के पर मम्मी की पायल बज रही थी छन छन की आवाज अंकल को मदहोश कर रही थी मम्मी की चूत लाल हो चुकी थी जांघे भी रुई की तरह धुन रही थी वो करीब करीब बेहोश होने लगी थी आखिर 45 मिनट बाद अंकल ने पानी उन की चूत में छोड़ दिया और हाँफते हुए अलग हो गए और मम्मी को ऊपर पलँग पर लिटा दिया, अब दिनेश अंकल ओर सुरेश अंकल पलँग पर चढ़ गए मम्मी की चूत को साफ किया और उन को करवट के बल लिटा दिया अब सुरेश अंकल ने मम्मी के दोनों हाथों को सर के ऊपर एक हाथ से पकड़ के अपनी लंड उन की मुह में दे दिया और दिनेश अंकल ने उन का एक पैर हवा में उठा के लंड चूत में डाल दिया ओर घप घप चोदने लगे सुरेश एक हाथ से मुम्मे मसल रहे थे और मुह चोद रहे थे, थोड़ी देर में सुरेश अंकल ने मम्मी को घोड़ी बना दिया और जम कर चोदने लगे उधर दिनेश अंकल उन का मुह चोद रहे थे अब सुरेश अंकल ने अपना लन्ड चूत से निकाल कर मम्मी की गांड में डाल दिया और पलट के पीठ के बल लेट गए मम्मी उन के ऊपर पीठ के बल थी उन की गांड में सुरेश अंकल का मोटा लन्ड फंसा था, अंकल ने मम्मी की दोनों टांगो को पकड़ कर ऊपर अपने मुह की तरफ कर दिया और उन की जांघो को नीचे से हाथ डाल के मम्मी के बूब्स को पकड़ लिया और दिनेश अंकल को इशारा किया उन्होंने एक ही झटके में मम्मी की चूत में गधे जैसा लन्ड डाल दिया, मम्मी हलाल होते बकरे की तरह चीख रही थी पर हिल नही पा रही थी और दोनों अंकल जम के उन के दोंनो छेद चोदे जा रहे थे अब मम्मी बेहोश हो चुकी थी पर दोनों बेरहमी से उन को मसल रहे थे, काट रहे थे और चोद रहे थे घंटे भर ही तूफानी चुदाई के बाद अपना अपना माल मम्मी की चूत औऱ गांड में छोड़ कर अलग हो गए, राजू अंकल ने उन की चूत ओर गांड साफ की ओर उन को पलँग पर छोड़ दिया मम्मी टाँग चौड़ी कर हाथ ऊपर कर मदहोशी में पडी थे [img][Image: 167874017_img_20201016_230629.jpg][/img]मुम्मे काटने के निशानों से भरे थे जांघे लाल थी चूत सूज के पाव जैसी हो गई थी, अभी रात के 2 बजे थे, राजू अंकल बोले अभी एक राउंड औऱ होगा पर अब की बार प्यार से सम्भल कर चोदना अभी 3 दिन तक चोदना है इस लायक रहनी चाहिए नही तो छुट्टी बेकार हो जाएंगी , सब मान गए और बिस्तर जमीन पर लगा कर मम्मी को उठा कर नीचे लिटा दिया और सब उन के आस पास लेट गए, रचना मेरे माल उठो अभी तो औऱ चुदना है अभी मन नही भरा मनोहर अंकल कान में बोल रहे थे कोई उन के सिर पर हाथ फेर रहा था कोई होटो ओर गालो को चूस रहा था कोई प्यार से उन के मुम्मे चूस रहा था कोई उन की जांघो ओर चूत को प्यार से सहला रहा था मम्मी अब होश में आ गई और कुनमुना रही थी , सुनो रचना हमारा प्लान तुम को टॉप की रंडी बनाने का है जो हमारे बिजनेस को बड़ा कर सके इस लिए जम कर चुदने की आदत डाल लो,मम्मी अभी अर्ध बेहोशी की हालत में थी राजू अंकल उन के गाल थपथपा कर बोले रचना मेरी रंडी आंखे खोलो में तुमहारे हुस्न का दीवाना तुम से बेहद प्यार करता हु जीवन भर करता रहूंगा आंखे खोलो मुझे देखो, मम्मी ने थोड़ी आँखे खोली अंकल बोले डार्लिंग मुह खोलो मम्मी ने हल्का सा मुह खोल दिया अंकल ने उन के मुह में जीभ डाल दी और होटो को चूसने लगे मम्मी सिहर उठी और उन्होंने आंखे बंद कर ली और खुद को ढीला छोड़ दिया अंकल उन की भारी भारी बगलों को चूमते हुए उन के कंधों को चूमते हुए निपल मसल रहे थे प्यार से उन के गर्दन चूम रहे थे अब उन का लन्ड खड़ा हो चुका था बोले रचना डार्लिंग अब चोदूगा अपनी टांगे खोलो अंकल ने दो तकिये उन की गांड के नीचे लगा दिए जिस से उन की चूत उभर गयी, मम्मी ने अपनी रसीली टांगे खोल दी और हाथ ऊपर कर आंखे बंद कर चुपचाप पड़ी रही और दूसरे दौर के लिए समर्पण कर दिया, अंकल ने उन की गदराई बाहों के नीचे से हाथ डाल के कंधों को पकड़ लिया और धीरे से मम्मी की मखमली चूत पर लन्ड रख कर दबा दिया टोपा अंदर चला गया मम्मी सिसक उठी, अंकल प्यार से चूमते हुए धीरे धीरे पूरा मूसल चूत में घुसा चुके थे अब धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया मम्मी आहे भर रही थी अंकल ने अब स्पीड बढ़ा दी और जम कर उस गदरायी जवानी को रौंदने लगे मम्मी असहाय पड़ी चुद रही थी , अचानक शैलेश ने अंकल को हटा कर मम्मी के ऊपर पोजीशन ले ली और जोर जोर से चोदने लगे, आह रचना मेरी जान क्या माल हो मजा आ गया, इस तरह कभी कोई तो कभी कोई मम्मी की चूत चोद रहा था मनोहर ने उन को उल्टा कर फिर उन की गांड मारी इस तरह पूरी रात उन के मादक शरीर से खेला फिर उन को दबोच के सो गए।
दूसरा दिन
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फार्म हाउस का दूसरा दिन

सुबह 10 बजे तक सब उठ कर फ्रेश हो चुके थे, नास्ता बाजार से मंगवा लिया था अब उन्होने मम्मी को भी उठाया, रचना जानेमन तैयार हो जाओ और नास्ता कर लो, मम्मी भी फ्रेश हो कर नाहा धो कर बाहर आ गयी और माथे पर बिंदी ओर सिन्दूर लगा लिया जो रात भर की चुदाई में बिखर गया था कपड़े नही थे ब्रा ओर पेंटी ही पहन कर सब को नाश्ता लगा रही थी, चेहरा शर्म से सुर्ख हो रहा था इतने मर्दो के बीच अकेली औरत वो भी ब्रा पेंटी में, राजू बोले डार्लिंग हमारे पास बैठो हमारा बटर जेम तो तुम्हरा हुस्न ही है कहते हुए खींच कर अपने पास बिठा लिया, सब ने नास्ता किया मनोहर अंकल बोले यारो में तो रचना के रसीले बूब्स का ताज दूध पियूँगा, उन्हों ने मम्मी को गोद मे उठाया औऱ अलग सोफे पर बैठ गए उन का सिर अपनी गोद मे थोड़ा ऊपर रख दिया उन के बूब्स अंकल की दोनों जांघो पर थे ओर सिर पीछे झुका था पैर सीधे थे अब प्यार से मम्मी के होठो को चूम कर बोले रचना मेरी जान तुम्हारा मीठा दूध पी कर जो ताकत मिलेगी उस से तुमहारी मखमली चूत चोदूगा कल तो गांड ही मारी थी फिर उन्हों ने धीरे से मम्मी की ब्रा के स्ट्रिप्स उन के दोनों कन्धों से नीचे कर दी और उभरे हुए बूब्स कसी हुई ब्रा से बाहर निकल लिया, आआह मेरी जान क्या माल हो, आधा लीटर दूध तो होगा इन थनों में  अब दोनों हाथों में एक बोबा पकड़ कर निपल पर जीभ फिराने लगे थोड़ी देर में निपल टाइट हो गए  अंकल ने अंगूठे आए दबाया तो दूध की बूंद टपक पड़ी, वाह रचना क्या मीठा दूध है अब वो दोनों हाथों से एक एक बूब पकड़ कर बारी बारी से दूध पीने लगे, मम्मी आहे भर रही थी उन के दोनों स्तन गीले हो गए थे ओर उन्होंने अंकल का सिर पकड़ रखा था शैलेश बोला रंडी को क्या मजा आ रहा है चुसवाने में इस को ऊपर टेबल पर लाओ सब उठे और मम्मी को अंकल की गोद से उठा के बीच मे टेबल पर लिटा दिया अब राजू औऱ मनहोर अंकल एक एक बूब्स निचोड़ कर पी रहे थे मम्मी का सिर नीचे लटक रहा था शैलेश अंकल ने मम्मी की चड्ढी उतार दी और एक क्रीमरोल हाथ मे ले लिया और बोले चलो दोनो खाते है, उन्होंने अपने लन्ड पर खूब सारी क्रीम लगा ली और अपना लन्ड मम्मी के मुह में डाल दिया और हाथ वाला रोल मम्मी की चूत में डाल दिया अब अंकल उन के चूत से धीरे धीरे क्रीमरोल खा रहे थे औऱ अपने क्रीम लगे लन्ड से मम्मी का मुह चोद रहे थे उघर चूत में रोल खत्म हुआ इधर अंकल ने अपनी क्रीम भी मम्मी के मुह में छोड़ दी, रचना बेबी पी लो इसे ताकत आएगी तब तक मम्मी के बूब से दूध की एक एक बूंद निचुड़ चुकी थी अब सब हट गए ब्रा ओर चड्डी पहना कर मम्मी को छोड़ दिया, डार्लिंग जाओ थोड़ा फ्रेश हो जाओ हम थोड़ा काम कर लेते है, मम्मी बाथ टब में खूब देर तक नहाई ओर अपनी चूत भी खूब चिकनी कर दी ताकि चुदते समय थोड़ा दर्द कम हो फिर कमरे में तैयार होने लगी,  राजू अंकल बोले सजने दो इसे जितना सजेगी उतना बजेगी दोपहर का खाना खाने के बाद सब थोड़ी देर आराम करने लगे मम्मी भी कमरे में सो गई, पर राजू अंकल सोने के मूड में नही थे वो अंदर कमरे में चले गए और मम्मी के गालो को थपथपा कर धीरे से कान में बोले रचना भाभी उठो, मम्मी ने धीरे से आंखे खोली अंकल प्यार से उन के होठो को उंगली से सहला रहे थे उठो जानू यहाँ सब लोग है कहीं और चलते है बोल कर गुड़िया की तरह उन्हें कंधे पर उठा लिया और बाहर स्विमिंग पूल के पास ले गए वहाँ ईजी चेयर पर लेट कर मम्मी को बाहों में भर लिया और प्यार से उन के बालों को सहलाते हुए उन के रसीले होठ चूमने लगे, उन के कंधों, कान की लो, गदराई बगलों को चूमते हुए उन के मोटे मोटे उभार सहला रहे थे अब  उन्होंने मम्मी के बाल पकड़ कर लन्ड पर झुका दिया रचना चुसो इसे, मम्मी उन का लन्ड चूस रही थी अब अंकल ने उन की ब्रा पेंटी उतार कर उन की दोनो जांघे हाथों से पकड़ कर अपनी गोद मे बिठा लिया और अपना लन्ड उन की चूत पर सेट कर उन को कन्धों से दबा दिया, सरररररररररर की आवाज के साथ लन्ड चूत में चला गया, मम्मी सिसक उठी, अंकल ने उन के चूतड़ों को पकड़ के एक शाट ओर दिया पूरा लन्ड मम्मी की चूत में खो गया अब अंकल ने उन को कस कर बाहों में भर लिया, मम्मी कर बूब्स अंकल की छाती से दबे हुए थे मम्मी ने अंकल का सिर पकड़ रखा था अंकल उन की नंगी चिकनी पीठ सहलाते हुए उन के होटो को अपने होटो में जकड़ कर नीचे से शाट पर शाट मार रहे थे, मम्मी की चूत पानी छोड़ रही थी उन के मुह से आआह निकल रही थी, थोड़ी देर बाद अंकल उसी पोजीशन में खड़े हो गए ओर मम्मी को पीछे झुका दिये अब मम्मी के हाथ सिर के पीछे से चेयर पर थे चेहरा पीछे लटका हुआ था उन के बूब्स तन गए थे दोनो टांगो के बीच अंकल का मूसल जैसा लन्ड चूत में फंसा हुआ था मम्मी की टांगे अंकल की कमर में लिपटी हुई थी, अंकल ने इन की पतली कमर पकड़ के जानवरों की तरह चोदना शुरू किया हर धक्के के साथ पायल बज रही थी और बूब्स उछल उछल के ऊपर नीचे हो रहे थे मम्मी सिर इधर उधर पटक रही थी आंखे बंद थी मुह खुला था बाल बिखर चुके थे, अंकल आहे भरते हुए मम्मी के मादक हुस्न को रौंद रहे थे, आआह रचना मेरी जान क्या माल हो तुम चोदने से मन ही नही भरता, मम्मी भी  न चाहते हुए बोल पड़ीं चोदो न तुम्हारा ही तो माल हु मर्जी आये जब चोदो मुझे जैसे चाहो चोदो मुझे में तुम्हारी हु, सब बेहरहमी से चोदोते है तुम प्यार से , जब भी बुलाओगे में आ जाऊंगी पर इन को मत बताना, अंकल तो बहुत खुश हो गए सुन कर अब उन्हों ने मम्मी को गोद से उतार कर उन को खड़ा कर दिया और टागे फैला कर पीठ पर जोर देते हुए आगे झुका दिया मम्मी के हाथ फर्श पर थे वो दोहरी हो के फर्श पर झुकी थी , गोरी गोरी गांड उभर के अंकल का जोश बढ़ा रही थी उन पर हाथ फेरते हुए बोले रचना जान गाँड़ में लोगी, मम्मी शर्मा कर बोली आप के सामने नंगी घोड़ी बनी हुई हु , आप की ही चूत है गांड है आप जैसे चाहो मेरी चूत ओर गांड का यूज़ करो, अंकल तो एकदम पागल हो गए कभी मम्मी की गांड कभी चूत में लन्ड डाल कर चोदने लगे मम्मी के बड़े बड़े बूब्स बुरी तरह उछल रहे थे अंकल ने उन को कब्जा के आखरी शॉट मारने शुरू किए जैसे है छूटने लगे जल्दी से मम्मी के बाल पकड़ के लन्ड मुह में डाल कर दबा दिया और सारा रस उन के गले मे उतार दिया , आह मेरी जान मजा आ गया मम्मी भी हाँफते हुए नजर झुकाये खड़ी थी अब अंकल ने वापस ब्रा पेंटी पहना कर मम्मी को गोद मे उठा लिया और अंदर पलँग पर चादर ओढ़ के सुला दिया और खुद आराम करने चले गए

दोपहर 3 बजे
दूसरा दिन
अभी मम्मी सो भी नही पाई थी कि मनोहर अंकल कमरे में आ गए और मम्मी को उठाने लगे, रचना भाभी उठो न थोड़ा प्यार कर लेने दो न अपने हुस्न से, मम्मी मुश्किल से आंखे खोल पा रही थी , सोने दो न भइया रात में चोद लेना अभी थोड़ा तो आराम करने दो, सुन मेरी जान रात में तो चोदेगे ही पर अभी लन्ड खड़ा है तो चूत में जा कर ही दम लेगा तुम सो जाओ ज़्यादा तंग नही करूँगा चलो नंगी हो जाओ मम्मी ने ज्यादा बहस नही की अपनी ब्रा उतार दी फिर चड्ढी भी उतार कर पलंग पर आंखे बंद कर लेट गईं, आआह रंडी क्या मस्त लग रही है अंकल बोले औऱ उन के मादक हुस्न से रबर की गुड़िया के तरह खेलने लगे फिर उन्हों ने मम्मी को उल्टा के दिया और हिप्स उठा के 5 तकीये नीचे लगा दिए अब मम्मी बिल्कुल दोहरी हो के पलँग पर पड़ी थी, उन का मुह बिस्तर में धंसा था गाँड़ तकीये पर थे अंकल ने उन के पैर फैला दिए और चिकनी पीठ चूमते हुए बोले रचना भाभी अपनी चूत ढीली करो और फडवाने को तैयार हो जाओ, मम्मी सिसक रही थी बहुत मोटा है कैसे जायगा भइया, चुप साली रंडी नखरे तो ऐसे कर रही है कि पहली बार लन्ड ले रही है चल चूत खोल, मम्मी ने दोनों हाथों को पीछे कर अपनी चूत के होठो को हाथ से यथासंभव छोड़ा कर दिया, लो भइया आराम से चोदना, अंकल ने उन की चूत में टोपा रख के कमर पकड़ के एक झटका दिया तो आधा लन्ड गच्च से अंदर चला गया, आआईईईई मर गई उफ , अंकल बोले मेरी जान अभी तो आधा बाकी है शरीर को ढीला छोड़ दो मम्मी ने दोनों हाथों से चादर कस कर पकड़ ली और मुह भी कस के बंद कर लिया अब अंकल के दूसरे शॉट से पूरा लंड बच्चेदानी तक पहुँच गया, आआह क्या मस्त चूत है तेरी, क्या नरम ओर गर्म चूत है साली मजा आ गया और जम कर मम्मी की चूत चोदने लगे, उन की घुटी हुई चीख़ गूंज रही थी आई आई उफ उफ मआआआआ छोड़ दो न मर जाऊंगी पर अंकल उन के मुम्मे दबाते हुए तूफानी रफ्तार से चोद रहे थे अचनाक अंकल ने मम्मी की चोटी पकड़ के अपने हाथ मे लपेट ली और खिंचा तो मम्मी का सिर ऊपर हो गया सामने पलँग के सिरहाने शीशा था बोले भाभी अपनी चुदाई देखो और दना दन चोदने लगे, थोड़ी देर बेस्ड उन को उसी पोजीशन में सीधा कर दिया अब मम्मी की टांगे उन के सिर की तरफ थे अंकल उन के बूब्स मसलते हुए बुरी तरह चोद रहे थे 30 मिनट बाद उन का पानी छूटने लगा तो जल्दी से लन्ड मम्मी के मुह में डाल कर हलक तक दबा दिया, सारा पानी मम्मी के गले मे चला गया, आआह भाभी चूत में मजा आ गया, अब कब दोगी , मम्मी हाँफते हुए बोली आप लोगो के रहम पर हु जब चाहो चोद लेना अभी तो 24 घंटे भी नही हुए है पता नही कितने दिन रखोगे यहाँ मुझे, चोदने ही तो लाये हो अब जाओ और सोने दो, मम्मी इतनी थकी हुई थी कि उसी पोजीशन में सो गई श्याम के 4 बजे थे अंकल चले गए
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#2
दूसरी रात
सभी रात 8 बजे तक आराम करते रहे फिर उठ कर तैयार हो गए मम्मी अपने कमरे में सो रही थी मनोहर अंकल ने उन्हें उठाया रचना डार्लिंग अब तैयार हो जाओ और 9 बजे तक हॉल में आ जाना, मम्मी नाहा धो कर फ्रेश हो गई और अपनी चुदाई के लिए तैयार होने लगी, भाभीजी उन के सब कपड़े ले गई थी पर सभी ब्रा पेंटी छोड़ गई थी, मम्मी ने पिंक कलर की ब्रा पेंटी पहनी पिंक लिपिस्टिक लगाई बालो की ढ़ीली छोटी बनाई जो कमर तक आ रही थी माथे पर बिंदी ओर सिंदूर लगाया पिंक ओर गुलाबी चूड़ी पहन के पाव में पायल ओर बिछुये पहने उन को समझ आ गया था कि चुदने से तो बच नही सकती कम से कम प्यार से तो चोदेगे सब उन को, उधर राजू अंकल बोले शैलेश ले कर आओ रचना को अंकल कमरे में आये और मम्मी को बोले चलो भाभी सब अपना लंड हाथ मे ले कर इंतज़ार कर रहे है, मम्मी धीमी रफ्तार से चल कर सब के सामने नजरें झुका कर खड़ी हो गई, आआह रचना भाभी क्या माल लग रही हो जान ही लोगी क्या, मम्मी धीरे से बोली जान तो आप लोग ले लोगे मेरी चोद चोद कर, पता नही चूत बचेगी या नही, , डार्लिंग चिंता मत करो प्यार से चूत मारेंगे हमारा कहना मानती रहो, मम्मी शर्मा कर बोली कितने दिन यहाँ रखोगे घर कब चलेंगे, डार्लिंग अभी 3-4 दिन तो हमारी रंडी बन कर रहना होगा मम्मी सिहर गई, डार्लिंग आओ ओर सब को तैयार करो, मम्मी नीचे बैठ गई और सभी के लन्ड चूस के खड़ा करने लगी सारे गधे जैसे लंड तन कर खड़े हो गई अब सब खड़े हो गए मम्मी बीच मे खड़ी थी राजू अंकल ने उन की ब्रा उतार दी और मनहोर अंकल ने उन की चड्ढी फिर राजू अंकल ने पीछे से उन के दोनों जांघो में हाथ डाल उठा लिया उन के पैर दोनो तरफ फैला दिए मम्मी ने हाथ पीछे के अंकल की गर्दन में डाल दिये औऱ उन के कंधे पर अपना सिर टिका के आंखे बंद कर ली, डार्लिंग तैयार हो न किस का लोगी पहले, मम्मी शर्माते हुए धीमी आवाज में बोली हाँ, कोई भी चोद लो मेरी चूत तो सब के लिए है आगे पीछे सब से चुदनी है, वाह मैरी जान समझदार हो और शैलेश अंकल ने उन की चूत में अपना 10 इंच का लण्ड एक झटके में घुसा दिया और चोदने लगे , राजू अंकल कस कर उन की जांघो को पकड़े थे ठप ठप ठप ठप के आवाज के साथ चूत में लन्ड के सरसराहट साफ सुनाई दे रही थी दोनो आहे भर रहे थे अब राजू अंकल ने मम्मी को उसी पोजीशन में आगे झुका दिया शैलेश ने अपना लन्ड मुह में दे दिया और मनोहर ने उन के हाथ पीछे के पकड़ लिए ओर एक हाथ से स्तन जस लिए उधर दिनेश ओर रमेश अंकल ने एक एक पैर पकड़ लिया राजू अंकल ने उन को हवा में चोदना शुरू कर दिया थोड़ी थोड़ी देर में सब अपनी जगह बदल के मम्मी की चुदाई करते रहे एक घण्टे के बाद सब ने अपना वीर्य मम्मी को पिला कर उन को छोड़ दिया सभी हांफ रहे थे मम्मी आँखे मूंद के गहरी सांस लेते हुए लेती थी उन के उभार ऊपर नीचे हो रहे थे, अब एक दौर दारू का शुरू हो गया , पीते हुए अंकल बोले रचना बात करो हम से मम्मी लेते हुए ही सिर हिला रही थीं, डार्लिंग बोलो तुम कौन हो , मम्मी बोली रंडी हु आप की, माल हु आप का, हम कौंन है और आप यहाँ क्या कर रही हो, आप सब मेरे हुस्न के मालिक हो में आप की दासी, सब मुझ को चोदने लाये हो, कब तक चुदोगी, जब तक आप की इच्छा हो चोदो, मेरी चूत गाँड़ ओर यह बूब्स आप के लिए है मर्जी हो जैसे स्तेमाल करो, वाह पक्की रंडी हो गई रचना तो, मनोहर तुम पीते नही हो सर्व तो कर सकते हो दारू यह बिचारी तो थकी हुए है, मनोहर अंकल बोले सर्व तो यही करेगी सभी उन को प्रश्नवाचक निगाहों से देखने लगे, मनोहर अंकल ने मम्मी को उठा कर उन के हाथ पीछे बांध दिए, क्या कर रहे हो भइया, चुप रह रंडी देखती जा फिर उन की दोनो टैंगो को भी उठा के पीछे सिर की तरफ बांध दिया अब मम्मी के हाथ पैर उन के पीछे बंधे थे मोटी जांघो के बीच फूली हुई चूत उभर आई थी मुम्मे तन गए थे, आआईई लह रही है क्या कर रहे हो, चुप रहो भाभी बोल के एक बोतल उठा के मम्मी की चूत में घुसाने लगे मम्मी चीख रही थी पर धीरे धीरे गर्दन तक बोतल उन की चूत में उतर गई वो दर्द से दोहरी हो गई पर अभी कुछ बाकी था मनोहर अंकल ने उन के दोनों बूब्स पकड़ कर उन को उठाया और मम्मी की गाँड़ में अपना लन्ड घुसा दिया , आआआआय्य्य्य्य्यीई मर गई चूत ओर गाँड़ दोनो फट गई निकालो पर अंकल उन की उठा के सभी अंकल के गिलास में शराब डालने लगे, वाह मनोहर क्या आईडिया लाया है हमारा भी काम हो रहा है तब तक तू भी गाँड़ मार ले रचना की, अंकल मम्मी की बगल में हाथ डाल कर उनके मोटे मोटे बूब्स दबाते हुए कुर्सी पर बैठ गए और नीचे सर उन की गाँड़ मारते रहे बीच बीच मे सब की गिलास ने दारू डालते रहे जब बोतल खत्म हो गई तो खींच कर चूत में से निकाल ली और मम्मी को अपनी तरफ घुमा के लन्ड छूट में डाल के दोनों हाथों से उन की चिकनी पीठ सहलाते हुए रसीले होटो को चुसते हुए प्यार से चोदने लगे बोतल की वजह से चूत चौड़ी हो गई थी आराम से चुद रही थी जब तक दारू का दौर चला अंकल मम्मी को बाहों में भर कर चोदते रहे अब दारू खत्म हो रही थी अंकल भी छूटने वाले थे तो चूत से निकाल कर लन्ड मम्मी के मुह में डाल दिया मम्मी सारा पानी पी गई, अब उन के हाथ पैर खोल दिये गए और वो पलँग पर गिर पड़ी राजू बोले यार बोतल के चक्कर मे रचना की चूत ढीली हो गई मजा नही आएगा पर मनोहर बोले थोड़ी देर में अपने आप ठीक हो जॉयगी बच्चा भी तो निकलता है फिर शेप में आ जाती है, शैलेश बोले हां पर समय लगता है न ओर वो कम है, रचना उठो जानु कुछ करो, मम्मी धीरे से उठ के लड़खड़ाते हुए किचन में चली गई पानी गर्म कर उस मे फिटकरी ओर नीबू डाल कर चूत को डुबो कर बैठी रही 10 मिनट में वो पहले से भी टाइट हो गई अब वो अंदर आ कर बोली लो तुम्हारा खेत तैयार है हल चलाने को , राजू अंकल ने उन की चूत में उंगली डाल कर देखी वो भी मुश्किल से जा रही थी, वाह रचना भाभी टॉप क्लास रंडी बनती जा रही हो, मम्मी शर्मा कर सिर झुकाए खड़ी थी, बोली जब आप मुझे चोदने के लिए लाए हो तो मै तो आप की गुलाम हु अब चूत मेरे पास आप लोगो की अमानत है, राजू अंकल ने उन को दीवार से सटा के खड़ा कर दिया और मम्मी का एक पैर उठा के खड़े खड़े चोदने लगे , ओर उन के होठों को चूसने लगे, झड़ने से पहले शैलेश ने मम्मी को खीच लिया और आगे झुका के टाँगे चोडी कर पीछे से चोदने लगे ,उन के मुम्मे बुरी तरह उछल रहे थे, वासनामय माहौल था सिर्फ आहे सुनाई दे रही थी, चोदे मेरे राजा जोर से चोदो अपनी रंडी को मम्मी बड़बड़ा रही थी तभी मनोहर ने मम्मी को फर्श पर बिछे कालीन पर खीच लिया खुद सोफे पर बैठ के मम्मी के जांघे फैला के सोफे के दोनों तरफ कर दी उन का मुह नीचे कालीन पर बाहर की तरफ था तभी अंकल ने उन के दोनों हाथों को अपने पैरों से दबा दिया और बैठे बैठे मम्मी की रसीली चूत कुचलने लगे मम्मी आहे भरने लगी तो दिनेश अंकल नीचे बैठ कर इन के बूब्स मसलने लगे और मुह में लण्ड डाल के चोदने लगे, आधे घण्टे की चुदाई के बाद जब मम्मी को छोड़ा तो रमेश अंकल फर्श पर ही मम्मी को मिसनरी पोजीशन में चोदने लगे, रात के 2 बजे थे मम्मी पता नही कितनी बार झड़ चुकी थी अब सब ने एक एक पेग ओर हाथ मे लिया और चुस्कियां लेते हुए फर्श पर पड़ी मम्मी को देख कर मुठ मारने लगे, रचना मजा आया कि नही,मम्मी बोली में तो आप के मजे के लिए ही हु आप को आना चाहिए जैसे चाहो मेरे बदन से खेलो, अच्छा जानेमन अब हम नॉन स्टॉप तेरी चूत चोदेगे 3 घण्टे तक मम्मी सिहर कर बोली जैसी आप लोगो की मर्जी, मेरा शरीर आप के धरोहर है पर में तक चुकी ही अलग अलग आसनों की बजाय लिटा कर चोदो , हां मेरी जान कह कर अंकल ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उन के हाथ दोनो तरफ टेबल की टांगो से बांध दिए उन टांगो को उठा कर चोडी के जांघों को दोनो तरफ से टेबल के नीचे से बांध दिया अब वो हिल भी नही पा रही थी, बारी बारी से सभी उन बूब्स मसलते हुए चोदने लगे राजू अंकल बोले रचना बाकी सारी रात हम ऐसे ही तुम्हे चोदेंगे शरीर ढीला छोड़ दो और आंख बंद कर लो गहरी सांस लेती रहो 3-4 घंटे ऐसे ही चुदोगी कह के उन को प्यार से चूमते हुए स्तनों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगे मम्मी सिसकारी ले रही थी प्यार से राजा तुम्हरी रंडी की जान निकल जॉयगी कल के लिए भी छोड देना, अंकल बोले मेरी जान कल की कल देखेंगे अभी तो अपनी नंगी जवानी चखने दो अब एक के बाद एक मम्मी को चोदने लगे मम्मी बेहोश हो चुकी थी पर सभी उन की जवानी को मसलने में लगे थे सुबह 6 बजे तक सभी 3-3 बार उन को चोद चुके थे ओर 2-2 बार गाँड़ भी मार चुके थे मम्मी की चूत ओर गाँड़ सूज गई थी उभार मसलने से लाल हो चुके थे जगह जगह काटने के निशान थे होठ भी चूस चूस के सूज गए थे पर किसी ने अपना पानी चूत या गाँड़ में नही छोड़ा था सब ने उन के मुह में छोड़ा था,जब सब थक गए तो हट गए ,यार देख रचना मर तो नही गई , नही बेहोश है घण्टे भर में होश में आ जॉयगी ऐसे ही पड़ी रहने दो और सब वही फर्श पर सो गए
आगे का किस्सा अगले भाग में
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#3
(17-10-2020, 11:07 PM)Funeyboy Wrote: दूसरी रात
सभी रात 8 बजे तक आराम करते रहे फिर उठ कर तैयार हो गए मम्मी अपने कमरे में सो रही थी मनोहर अंकल ने उन्हें उठाया रचना डार्लिंग अब तैयार हो जाओ और 9 बजे तक हॉल में आ जाना, मम्मी नाहा धो कर फ्रेश हो गई और अपनी चुदाई के लिए तैयार होने लगी, भाभीजी उन के सब कपड़े ले गई थी पर सभी ब्रा पेंटी छोड़ गई थी, मम्मी ने पिंक कलर की ब्रा पेंटी पहनी पिंक लिपिस्टिक लगाई बालो की ढ़ीली छोटी बनाई जो कमर तक आ रही थी माथे पर बिंदी ओर सिंदूर लगाया पिंक ओर गुलाबी चूड़ी पहन के पाव में पायल ओर बिछुये पहने उन को समझ आ गया था कि चुदने से तो बच नही सकती कम से कम प्यार से तो चोदेगे सब उन को, उधर राजू अंकल बोले शैलेश ले कर आओ रचना को अंकल कमरे में आये और मम्मी को बोले चलो भाभी सब अपना लंड हाथ मे ले कर इंतज़ार कर रहे है, मम्मी धीमी रफ्तार से चल कर सब के सामने नजरें झुका कर खड़ी हो गई, आआह रचना भाभी क्या माल लग रही हो जान ही लोगी क्या, मम्मी धीरे से बोली जान तो आप लोग ले लोगे मेरी चोद चोद कर, पता नही चूत बचेगी या नही, , डार्लिंग चिंता मत करो प्यार से चूत मारेंगे हमारा कहना मानती रहो, मम्मी शर्मा कर बोली कितने दिन यहाँ रखोगे घर कब चलेंगे, डार्लिंग अभी 3-4 दिन तो हमारी रंडी बन कर रहना होगा मम्मी सिहर गई, डार्लिंग आओ ओर सब को तैयार करो, मम्मी नीचे बैठ गई और सभी के लन्ड चूस के खड़ा करने लगी सारे गधे जैसे लंड तन कर खड़े हो गई अब सब खड़े हो गए मम्मी बीच मे खड़ी थी राजू अंकल ने उन की ब्रा उतार दी और मनहोर अंकल ने उन की चड्ढी फिर राजू अंकल ने पीछे से उन के दोनों जांघो में हाथ डाल उठा लिया उन के पैर दोनो तरफ फैला दिए मम्मी ने हाथ पीछे के अंकल की गर्दन में डाल दिये औऱ उन के कंधे पर अपना सिर टिका के आंखे बंद कर ली, डार्लिंग तैयार हो न किस का लोगी पहले, मम्मी शर्माते हुए धीमी आवाज में बोली हाँ, कोई भी चोद लो मेरी चूत तो सब के लिए है आगे पीछे सब से चुदनी है, वाह मैरी जान समझदार हो और शैलेश अंकल ने उन की चूत में अपना 10 इंच का लण्ड एक झटके में घुसा दिया और चोदने लगे , राजू अंकल कस कर उन की जांघो को पकड़े थे ठप ठप ठप ठप के आवाज के साथ चूत में लन्ड के सरसराहट साफ सुनाई दे रही थी दोनो आहे भर रहे थे अब राजू अंकल ने मम्मी को उसी पोजीशन में आगे झुका दिया शैलेश ने अपना लन्ड मुह में दे दिया और मनोहर ने उन के हाथ पीछे के पकड़ लिए ओर एक हाथ से स्तन जस लिए उधर दिनेश ओर रमेश अंकल ने एक एक पैर पकड़ लिया राजू अंकल ने उन को हवा में चोदना शुरू कर दिया थोड़ी थोड़ी देर में सब अपनी जगह बदल के मम्मी की चुदाई करते रहे एक घण्टे के बाद सब ने अपना वीर्य मम्मी को पिला कर उन को छोड़ दिया सभी हांफ रहे थे मम्मी आँखे मूंद के गहरी सांस लेते हुए लेती थी उन के उभार ऊपर नीचे हो रहे थे, अब एक दौर दारू का शुरू हो गया , पीते हुए अंकल बोले रचना बात करो हम से मम्मी लेते हुए ही सिर हिला रही थीं, डार्लिंग बोलो तुम कौन हो , मम्मी बोली रंडी हु आप की, माल हु आप का, हम कौंन है और आप यहाँ क्या कर रही हो, आप सब मेरे हुस्न के मालिक हो में आप की दासी, सब मुझ को चोदने लाये हो, कब तक चुदोगी, जब तक आप की इच्छा हो चोदो, मेरी चूत गाँड़ ओर यह बूब्स आप के लिए है मर्जी हो जैसे स्तेमाल करो, वाह पक्की रंडी हो गई रचना तो, मनोहर तुम पीते नही हो सर्व तो कर सकते हो दारू  यह बिचारी तो थकी हुए है, मनोहर अंकल बोले सर्व तो यही करेगी सभी उन को प्रश्नवाचक निगाहों से देखने लगे, मनोहर अंकल ने मम्मी को उठा कर उन के हाथ पीछे बांध दिए, क्या कर रहे हो भइया, चुप रह रंडी देखती जा फिर उन की दोनो टैंगो को भी उठा के पीछे सिर की तरफ बांध दिया अब मम्मी के हाथ पैर उन के पीछे बंधे थे मोटी जांघो के बीच फूली हुई चूत उभर आई थी मुम्मे तन गए थे, आआईई लह रही है क्या कर रहे हो, चुप रहो भाभी बोल के एक बोतल उठा के मम्मी की चूत में घुसाने लगे मम्मी चीख रही थी पर धीरे धीरे गर्दन तक बोतल उन की चूत में उतर गई वो दर्द से दोहरी हो गई पर अभी कुछ बाकी था मनोहर अंकल ने उन के दोनों बूब्स पकड़ कर उन को उठाया और मम्मी की गाँड़ में अपना लन्ड घुसा दिया , आआआआय्य्य्य्य्यीई मर गई चूत ओर गाँड़ दोनो फट गई निकालो पर अंकल उन की उठा के सभी अंकल के गिलास में शराब डालने लगे, वाह मनोहर क्या आईडिया लाया है हमारा भी काम हो रहा है तब तक तू भी गाँड़ मार ले रचना की, अंकल मम्मी की बगल में हाथ डाल कर उनके मोटे मोटे बूब्स दबाते हुए कुर्सी पर बैठ गए और नीचे सर उन की गाँड़ मारते रहे बीच बीच मे सब की गिलास ने दारू डालते रहे जब बोतल खत्म हो गई तो खींच कर चूत में से निकाल ली और मम्मी को अपनी तरफ घुमा के लन्ड छूट में डाल के दोनों हाथों से उन की चिकनी पीठ सहलाते हुए रसीले होटो को चुसते हुए प्यार से चोदने लगे बोतल की वजह से चूत चौड़ी हो गई थी आराम से चुद रही थी जब तक दारू का दौर चला अंकल मम्मी को बाहों में भर कर चोदते रहे अब दारू खत्म हो रही थी अंकल भी छूटने वाले थे तो चूत से निकाल कर लन्ड मम्मी के मुह में डाल दिया मम्मी सारा पानी पी गई, अब उन के हाथ पैर खोल दिये गए और वो पलँग पर गिर पड़ी राजू बोले यार बोतल के चक्कर मे रचना की चूत ढीली हो गई मजा नही आएगा पर मनोहर बोले थोड़ी देर में अपने आप ठीक हो जॉयगी बच्चा भी तो निकलता है फिर शेप में आ जाती है, शैलेश बोले हां पर समय लगता है न ओर वो कम है, रचना उठो जानु कुछ करो, मम्मी धीरे से उठ के लड़खड़ाते हुए किचन में चली गई पानी गर्म कर उस मे फिटकरी ओर नीबू डाल कर चूत को डुबो कर बैठी रही 10 मिनट में वो पहले से भी टाइट हो गई अब वो अंदर आ कर बोली लो तुम्हारा खेत तैयार है हल चलाने को , राजू अंकल ने उन की चूत में उंगली डाल कर देखी वो भी मुश्किल से जा रही थी, वाह रचना भाभी टॉप क्लास रंडी बनती जा रही हो, मम्मी शर्मा कर सिर झुकाए खड़ी थी, बोली जब आप मुझे चोदने के लिए लाए हो तो मै तो आप की गुलाम हु अब चूत मेरे पास आप लोगो की अमानत है, राजू अंकल ने उन को दीवार से सटा के खड़ा कर दिया और मम्मी का एक पैर उठा के खड़े खड़े चोदने लगे , ओर उन के होठों को चूसने लगे, झड़ने से पहले शैलेश ने मम्मी को खीच लिया और आगे झुका के टाँगे चोडी कर पीछे से चोदने लगे ,उन के मुम्मे बुरी तरह उछल रहे थे, वासनामय माहौल था सिर्फ आहे सुनाई दे रही थी, चोदे मेरे राजा जोर से चोदो अपनी रंडी को मम्मी बड़बड़ा रही थी तभी मनोहर ने मम्मी को फर्श पर बिछे कालीन पर खीच लिया खुद सोफे पर बैठ के मम्मी के जांघे फैला के सोफे के दोनों तरफ कर दी उन का मुह नीचे कालीन पर  बाहर की तरफ था तभी अंकल ने उन के दोनों हाथों को अपने पैरों से दबा दिया और बैठे बैठे मम्मी की रसीली चूत कुचलने लगे मम्मी आहे भरने लगी तो दिनेश अंकल नीचे बैठ कर इन के बूब्स मसलने लगे और मुह में लण्ड डाल के चोदने लगे, आधे घण्टे की चुदाई के बाद जब मम्मी को छोड़ा तो रमेश अंकल फर्श पर ही मम्मी को मिसनरी पोजीशन में चोदने लगे, रात के 2 बजे थे मम्मी पता नही कितनी बार झड़ चुकी थी अब सब ने एक एक पेग ओर हाथ मे लिया और चुस्कियां लेते हुए फर्श पर पड़ी मम्मी को  देख कर मुठ मारने लगे, रचना मजा आया कि नही,मम्मी बोली में तो आप के मजे के लिए ही हु आप को आना चाहिए जैसे चाहो मेरे बदन से खेलो, अच्छा जानेमन अब हम नॉन स्टॉप तेरी चूत चोदेगे 3 घण्टे तक मम्मी सिहर कर बोली जैसी आप लोगो की मर्जी, मेरा शरीर आप के धरोहर है पर में तक चुकी ही अलग अलग आसनों की बजाय लिटा कर चोदो , हां मेरी जान कह कर अंकल ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उन के हाथ दोनो तरफ टेबल की टांगो से बांध दिए उन टांगो को उठा कर चोडी के जांघों को दोनो तरफ से टेबल के नीचे से बांध दिया अब वो हिल भी नही पा रही थी, बारी बारी से सभी उन बूब्स मसलते हुए चोदने लगे  राजू अंकल बोले रचना बाकी सारी रात हम ऐसे ही तुम्हे चोदेंगे शरीर ढीला छोड़ दो और आंख बंद कर लो गहरी सांस लेती रहो 3-4 घंटे ऐसे ही चुदोगी कह के उन को प्यार से चूमते हुए स्तनों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगे मम्मी सिसकारी ले रही थी प्यार से राजा तुम्हरी रंडी की जान निकल जॉयगी कल के लिए भी छोड देना, अंकल बोले मेरी जान कल की कल देखेंगे अभी तो अपनी नंगी जवानी चखने दो अब एक के बाद एक मम्मी को चोदने लगे मम्मी बेहोश हो चुकी थी पर सभी उन की जवानी को मसलने में लगे थे सुबह 6 बजे तक सभी 3-3 बार उन को चोद चुके थे ओर 2-2 बार गाँड़ भी मार चुके थे  मम्मी की चूत ओर गाँड़ सूज गई थी उभार मसलने से लाल हो चुके थे जगह जगह काटने के निशान थे होठ भी चूस चूस के सूज गए थे पर किसी ने अपना पानी चूत या गाँड़ में नही छोड़ा था सब ने उन के मुह में छोड़ा था,जब सब थक गए तो हट गए ,यार देख रचना मर तो नही गई , नही बेहोश है घण्टे भर में होश में आ जॉयगी ऐसे ही पड़ी रहने दो और सब वही फर्श पर सो गए
आगे का किस्सा अगले भाग में

तीसरा दिन
रात भर की चुदाई के बाद सब थक के 5 बजे ही सोये थे, मम्मी उसी तरह टेबल पर बंधी थी, 6 बजे करीब वो होश में आई तो देखा सब सो रहे है उन्होंने धीरे से आवाज दी प्लीज् अब तो खोल दीजिए, सब नींद में थे पर राजू अंकल उठ कर मम्मी के पास आ गए डार्लिंग अभी खोलता हु ओर धीरे से उन के हाथ पैर खोल दिये और उठा कर खड़ा कर दिया, मुझे बाथरूम जाना है मम्मी बोले तो अंकल ने उन के पीछे से जांघों में हाथ डाल कर उठा लिया और दोनों उभारो को थाम कर बाथरूम ले गए अब मम्मी की चूत को दोनो हाथो से दबोच कर बोले जानू मूत लो मम्मी ने मूतना शुरू किया उधर अंकल भी मूत रहे थे, ई डार्लिंग अभी चूत टाइट है धार सीधी जा रही है अब दोनों हल्के हो गए अंकल ने उन की चूत ओर अपना लन्ड अच्छे से धो कर साफ किया और मम्मी को गोद मे उठा के बरामदे में ले गए जहाँ झूला लगा था, आओ रचना मेरी जान सुबह सुबह की चुदाई का आनंद ही औऱ है, चोदू न तुम को मेरी जान, हाँ आप ही कि तो हूँ मम्मी बोली, अंकल ने झूले पर बैठ के मम्मी को गोद मे बिठा के धीरे से अपना लन्ड उन की चूत में सरका दिया टोपा अंदर चला गया आआह मेरी जान कितनी गर्म चूत है , फिर अंकल ने मम्मी के कूल्हों को दबा कर धीरे धीरे पूरा लन्ड डाल दिया उन के आंड मम्मी की चूत पर टकरा गए अब मम्मी ने अपने पैरों को अंकल की कमर में लपेट लिया और हाथो को अंकल की पीठ पर, अंकल ने उन के नाजुक बदन को अपने मजबूत बाहों में कस लिया उन की गोरी चिकनी पीठ को सहलाते हुए नीचे से धीरे धीरे लन्ड को झटका दे रहे थे, रचना अच्छा लग रहा है न, हाँ मेरे सरताज बहुत आनंद आ रहा है, आप का लन्ड बच्चेदानी के मुह पर टच हो रहा है, मम्मी अधमुँदी आँखों से अंकल को देख रही थी, रचना डार्लिंग बड़ा प्यार आ रहा है, मम्मी शर्माते हुए बोली आप पूर्ण पुरुष हो चोदते हो तो अच्छा लगता है बाकी सब तो मुझे रौंदने में मर्दानगी समझते है,  अंकल बोले में तो तुम को पत्नी समझता हूं वो तो रंडी समझते है शादी कर लो मुझ से जिंदगी भर प्यार करूँगा, पर में शादी शुदा हु, तो क्या हुआ शास्त्र संवत है द्रोपदी ने भी तो की थी, तुम सिर्फ मेरे लण्ड की मालकिन होगी और में तुम्हारी चूत का मालिक , जब बुलाऊ आ जाना चुदने के लिए बाकी अपने पति के साथ रहो, चाहोगी तो बच्चा भी दे दूंगा, ठीक है कहते हुए मम्मी ने शर्मा के अंकल के सीने पर अपना मुह छुपा लाया, वाह मेरी जान , अंकल प्यार से उन के गालो ओर होठों को चूसने लगे एक हाथ से मक्खन जैसी गोरी पीठ सहलाते हुए दूसरे हाथ से मम्मी के सुडौल उभारो को प्यार से मसलने लगे दोनो के सांसे गर्म हक रही थी मम्मी आनंद में अपने कूल्हे अंकल के लन्ड पर दबा रही थी उन की चूत रस छोड़ रही थी जिस को पी कर अंकल का लन्ड औऱ मोटा हो गया था, झूला धीरे धीरे चु चु की आवाज के साथ चल रहा था दोनो आंखे बंद कर एक दूसरे में खो गए थे , रचना मेरी जान i love you बहुत प्यारी हो तुम छोड़ने का मन नही करता, मम्मी बोली मत छोड़ो न तुम्हारी ही हु चोदते रहो ऐसे ही जब तक चाहो, इन सैक्सी बातो से दोनो चरम पर पहुँच गए थे, डार्लिंग अब जोर से चोदू हाँ मेरे सरताज, अंकल ने अब जोर जोर से शॉट मारने चालू कर दिये,  उइ मा ओर जोर से करो फाड़ दो निगोड़ी चूत को मम्मी चिल्ला रही थी, हाँफते हुए अंकल बोले अंदर छोड़ दु पानी, मम्मी बोली बच्चादानी में जायगा , बच्चा ठहर गया तो, शादी कर लूंगा तुम से कहते हुए जोर से अपना लन्ड मम्मी की चूत से दबा दिया और वीर्य का गर्म गर्म फुवारा उन की बच्चे दानी से टकराया मम्मी भी आनंद से भर कर अपनी चूत दे लन्ड को निचोड़ने लगी करीब 5 मिनट तक दोनों , मम्मीझड़ते रहे इस दौरान आंखे बंद कर आआह भरते रहे, फिर अंकल ने मम्मी को गोद से उतार कर प्यार से अपने बनियान से उन का पसीना पोंछा ओर चूत साफ की ओर मम्मी से बोले मेरा लन्ड चाट के साफ करो, को हुक्म मेरे मालिक कहते हुए मम्मी अंकल का वीर्य ओर चूत के पानी से सना लंड अपने मुह में ले कर जीभ से उस को चाट चाट के साफ कर दिया, अब जाओ मेरी जान बाकी सब जगने वाले होंगे, मम्मी कमरे में जा कर ब्रा, चड्डी ढूंढने लगी टेबल के नीचे चड्ढी उठा कर पहनी ओर सोफे के पास ब्रा लेने झुकी तभी शैलेश बोल पड़े चुदवा आई रंडी राजू से गर्मी शांत नही हो रही तेरी चूत की, मम्मी रुआंसी हो गई में रंडी नही हु तुम ने बना रखा है अब मुझे इसी लिए तो यहाँ लाये हो कोई भी कभी भी चोद लेता है, अरे मेरी जान तुम तो बुरा मान गईं कहते हुए मम्मी को गोद मे खींच लिया, छोड़ो मुझे जाने दो आराम करना है नींद आ रही है मम्मी आँखों मे आंसू भर कर सुबक रही थीं, चली जाना जान पहले अपने थन का दूध तो पिला दो कल तो मनोहर पी गया था कहते हुए उन जे दोनो मोटे मोटे गोरे उभारो को दबोच के बारी बारी से निपल चूसने लगे जब एक को चुसते तो दूसरे को मसलते ओर दूसरे को निचोड़ते तो पहले को मसलते मम्मी सुबक रही थी पर अंकल 10 मिनट तक उन को निचोड़ते रहे एक एक बूंद निचोड़ने के बाद उन को छोड़ा औऱ ब्रा पहना कर बोले अब जाओ रचना, मम्मी अपने कमरे में चली गई तभी पीछे पीछे मनोहर अंकल अंदर आ गए, मुझ में कांटे लगे है क्या, मम्मी रुआंसी हो गई भगवान के लिए अभी सोने दो रात को चोद लेना, नही भाभी अभी नही छोडूंगा सिर्फ मुठ मरूँगा, तुम मेरी मारो में तुम्हारी, चुप चाप लेट जाओ, कोई चारा नही था मम्मी लेट गयी अंकल ने उन की ब्रा के अंदर से अपना लन्ड दोनो उभारो के बीच फंसा दिया और उन के बूब्स चोदने लगे  अब ब्रा खोल दी और दोनो हाथो से उन के उभारो को पकड़ कर बीच मे लन्ड फंसा कर चोदने लगे वो मम्मी की छाती पर बैठे थे उन का गधे जैसा लंबा लंड हर धक्के से उभारो के बीच से होता हुआ मम्मी के मुह में चला जाता , भाभी जीभ से चूसती रहो इस तरह धना धन उन के बूब्स ओर मुह का चुदाई हो रही थी जब अंकल का वीर्य छूटने वाला था बोले भाभी हाथ से मुठ मारो ओर मुह खोल कर रखना, मम्मी चूड़ी भरे खनकते हाथों से उन का लण्ड पकड़ के मुठ मारने लगी  अपना मुह खोल के उस के सामने रखा था आआह कि आवाज के साथ उन की पिचकारी मम्मी के मुह में छूटी हलक तक गई मम्मी ने पी लिया और चाट कर अंकल का लन्ड साफ कर दिया, अब भाभी में तुम्हारी मुठ मरूँगा कहते हुए उन की चड्ढी उत्तर दी और टाँग चौड़ी के प्यार से जांघों पर औऱ मखमली चूत पर हाथ फेरने लगे, फिर एक उंगली उन की चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगे, मम्मी की चूत पनीय गई तब उन्हों ने दूसरी उंगली भी डाल दी जब दिनों गीली हो गई तो चूत से निकाल कर उन की गाँड़ में डाल दी, उइ मा मत करो न, चुप चाप लेटी राह रचना करने दे जो कर रहा हु कहते हुए अँगूठा छूट में डाल दिया और चूत ओर गाँड़ को अंगूठे ओर उंगलियों से मसलने लगे और बोले चूत ओर गाँड़ ढीली छोड़ दो, मम्मी ने वही किया चूत से पानी आने लगा तो अंकल ने मम्मी की टाँगे उठा के पलंग के सिरहाने कर बोला अपने हाथों से दबा कर रखो नही तो बांधनी पडेंगी, नहीं प्लीज् में करती हूं,  अब उभरी हुई चूत में सपनी 3 ऊँगली डाल कर चोदने लगे डर अंगूठा भी डाल दिया मम्मी सिसक रही थी छूट दर्द कर रही थी अंकल का हाथ हथेलियों तक चूत के अंदर जा रहा था, आआईईईई क्या कर रहे हो लग रही है न ,तुम चोदते नह ही ओर चूत की हालात खराब कर देते हो भइया, चुप कर रंडी मुझे ऐसे ही मजा आता है अंकल ने ओर जोर लगाया तो उन का हाथ कलाई तक चूत में चला गया, आआईईईई मायाAआआह मर गई मम्मी चिल्ला पड़ी तो अंकल ने एक हाथ से मुह दबा दिया, चुप रह नही तो सब आ जाएंगे फिर झेलना ,मम्मी सहम कर चुप हो गईं पर सुबकना जारी रखा अंकल का हाथ कलाई तक चूत में अंदर बाहर हो रह था चूत पानी फेक रही थी अब अंकल हाथ अंदर डाले ही रुक गए, जरा देखु तो सही कितनी गहरी है तेरी चूत रचना कहते हुए धीरे धीरे हाथ अंदर कलाई से भी 5 इंच अंदर डॉल दिया अब लग भग कोहनी तक उन का हाथ चूत में था और वो अंदर उँगली से बच्चेदानी सहला रहे थे मम्मी बार बार अपने कूल्हे उछाल रही थी अब हो गया पूरा हाथ अंदर अब तो निकाल लो न बहुत दर्द हो रहा है मम्मी गिड़गिड़ा रही थी, अरे छमिया अभी क्लाइमेक्स तो बाकी है अंकल बोले, क्यो दूसरा हाथ भी डालोगे क्या, नही मेरी जान देखती जा कहते हुए अंकल अंदर चूत में अपनी मुठ्ठी बन्द कर ली, ओह मेरी माँ आज तो मर ही जाउंगी सच मे, साली अब तेरी मुठ मरूँगा तैयार रह कहते हुए एक हाथ से मम्मी की गाँड़ के नीचे 2 तकिये लगा दिये अब चूत उपर हो गई तो अंकल हाथ अंदर डाले हुए ही घूम के मम्मी के मुह पर आ गए और अपना तना हुआ लन्ड मुह ने घुसा दिया और फिर धीरे से अपनी कोहनी चूत से खेचनी शुरू की बन्द मुठ्ठी आ कर चूत ओर अटक गई अंकल ने एक हाथ से चूत के होठो को सहलाते हुए झटके से मुठ्ठी बाहर खीच ली पक के आवाज के साथ हाथ बाहर निकल गया मम्मी लन्ड मुह में होने के कारण चीख नही पाई पर छटपटाने लगी चूत का गोला 5 इंच तक खुल गया था अंदर से लाल गर्भशय दिख रहा था फिर धिरे धीरे वो बन्द होने लगा पर इस से पहले बन्द होता अंकल ने फिर बन्द मुट्ठी गच्च से चूत में डाल दी, मम्मी दोहरी हो गई अब अंकल ने बिजली की तेजी से उन की चूत को अपने मुट्ठी बन्द हाथ से कोहनी तक अंदर बाहर कर चोदना शुरू कर दिया 15 मिनट तक चूत का मलीदा बनाते रहे चूत आधी बाल्टी पानी छोड़ चुकी थी पर मम्मी बेहोश ही चुकी थी अब हाथ मुट्ठी सहित आराम से अंदर बाहर ही रहा था तब उन्हों ने उसे निकाल लिया और अपना मुह खुली चूत में नाक तक घुसा दिया और उन का पानी पी लिया साथ ही अपना पानी भी मम्मी के मुह में छोड़ दिया और हाँफते हुए खड़े हो गए, मम्मी की चूत ऐसी लग रही थी कि अभी जुड़वा बच्चे बाहर निकले हो फिर अंकल, उसी अवस्था मे मम्मी को पड़ी छोड़ चले गये
शेष अगली बार 
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#4
तीसरा दिन सुबह 11 बजे
मम्मी को होश आया रहा था वो दर्द के मारे रो रही थी उन की आवाज सुन कर राजू अंकल अंदर गए और उन की हालत देख कर तुरंत बाहर आये और मनहोर अंकल पर गुस्सा हो गए, सालो यह हम सब की भाभी है कोई रंडी नही  है अब क्या होगा , मनोहर अंकल शर्मिंदा हो गए सॉरी भाई रचना की जवानी है ही ऐसी में काबू नही रख पाया, पर अब 3-4 दिन इस हालत में नही होगी न कि उस को चोद सके, छुट्टी खराब हो गई, हा यार , सभी निराश हो गए अब चलना चाहिए फिर कभी इस को बुला लेंगे , पर राज अंकल के मन मे तो बहुत कुछ चल रहा था बोले इसे ऐसे न ले कर जा सकते है न अकेले छोड़ कर जब तक ठीक नही हो जाती, तुम सब जाओ मै वन्दना को बुला लेता हूं, हा यही ठीक रहेगा हम चलते है राजू तुम देख लेना ओर निराश हो कर मनहोर को कोसते हुए सब चले गए, राजू अंकल के मुख पर कुटिल मुस्कान आ गई क्यो की अब 3- 4 दिन रचना की जवानी सिर्फ उस की है, वो मम्मी को उठा के बाथरूम में ले गए और गर्म पानी से बाथ टब भर के उस मे लिटा दिया फिर रसोई से फिटकरी ला के एक कपड़े में भर कर उन की चूत में रख दी, जानू तुम एक घण्टे गर्म पानी मे सो जाओ आराम मिल जाएगा तब तक मे तुम्हारे लिए खाना और कपड़ो का इंतजाम करता हु 2 दिन से सिर्फ वीर्य पी कर ही पेट भर रही हो, मम्मी ने आंसू भरी आंखों से अंकल को देखा और रिलैक्स हो कर आंखे मूंद ली, अंकल चले गए ओर फोन पर कुछ लोगो से बात करते रहे 12 बजे तक मम्मी नार्मल हो गई थी , फिटकरी की पोटली निकाल कर अच्छी तरह से नहाई  ओर बदन पोंछ कर कमरे में आई तो वहाँ नया  ब्लाऊज, पेटीकोट ,साड़ी ओर ब्रा अंडरवियर रखे थे जो काले रंग के थे वो इमोशनल हो गई 3 दिन बाद आज कपड़े पहन रही थी , कपड़े पहन कर बाल सुखाती हुई अंकल के सामने आई तो अंकल तो उस गोर हुस्न को काले कसे कपड़ों में ओर खुले बालो में देख कर बावले हो गए क्यो की यह अनमोल हुस्न अब उन का है किसी को बांटना नही पड़ेगा, आओ मेरी जान खाना खा लो फिर सो जाओ अब कोई तुम को तंग नही करेगा और दोनों ने खाना खाया और मम्मी कमरे में जा कर सो गई, अंकल अपनी रात की योजना में लग गए, बाहर बग़ीचे में एक मंडप फेरो के लिए सजवा दिया, एक ओर कमर फूलो से सजा दिया और शादी का लाल जोड़ा ओर जेवर मंगवा के रख दिये और 3 बजे सो गए करीब 8 बजे उठ कर मम्मी के उठने का इंतज़ार करने लगे , वो कमरे में जा कर उन के पास बैठ गए मम्मी के खुले बाल उन के चेहरे पर बिखर कर मादक बना रहे थे बिना मेकआप के ओर बिंदी सिंदूर जे मम्मी ओर भी मासूम लग रही थी, वो प्यार से गालो को थपथपा के बोले रचना उठो , अब कैसा लग रहा है मम्मी उठ गई एक दम फ्रेश लग रही थी अंकल बोले नाहा कर यह कपड़े पहन लो, एक पैकेट ममी को थमा दिया , क्या है ये, को अंकल बोले दुल्हन का जोड़ा है आज तुम को अपनी दुल्हन बनाऊंगा मेरी जान, मम्मी शर्मा गई और अंदर भाग गई अंकल भी  अपने कमरे में तैयार हो के नए कपड़ो में दूल्हे की तरह सज गए उधर मम्मी भी खुद को सजा रही थी, बिछुये , पाजेब, हरी ओर लाल नई चुडिया सुहाग का कड़ा,  नाक की नथ पहन के बिंदी लगा कर कमाल की दुल्हन लग रही थी पर कुछ सोच कर सिंदूर नही लगाया, अब अंकल अपनी अगली चाल चलते हुए मम्मी का हाथ पकड़ कर मण्डप तक ले आएं, मासूम मम्मी तो उन की चाल को समझ नही पा रही थी और सच मे उन की पत्नी बनने के ख्याब से ही रोमांचित थी, पर अंकल तो फंसा रहे थे ताकि बाद में उन को इमोशनल ब्लैक मेल कर सके, उन्हों ने आग जला कर 7 फेरे लिए ओर फिर मम्मी की मांग भर दी, लो डार्लिंग अब तुम मेरी अमानत हो तुम्हारा हुस्न अब मेरा है, मम्मी शर्मा कर नजरे झुका जर बोली हा मेरे सरताज आज से तन और मन से तुम्हारी हुई, ले चलो मुझे ओर प्यार करो, अब अंकल मम्मी को गोद मे उठा के सजे हुए कमरे में ले आये और फूलो से लदे पलँग पर उन की बाहों में भर कर लेट गए, प्यार से उन के काँपते अधरों को चूम कर बोले खुश हो न मेरी जान, मम्मी ने शर्मा कर अपना मुह अंकल के सीने में छुपा लिया, अब अंकल धीरे धीरे मम्मी पर हाथ फेरते हुए उन के कपड़े उतारने लगे, पहले साड़ी उतरी फिर पेटीकोट का नाडा खोल के प्यार से उन के मखमली जांघो से नीचे सरका के उन पर हाथ फेरते हुए टैंगो सर अलग के फेक दिया अब ब्लाऊज की बारी थी जिसे उतारते ही उन का लन्ड खड़ा हो गया क्यो की मम्मी सिर्फ कसी हु पेंटी ओर ब्रा ने आंखे मुंडे उन के सामने पड़ी थी , अंकल खड़े हो गई और अपने कपड़े उतारते हुए मम्मी के हुस्न जो निहारते रहे, अब वो भी सिर्फ अंडर वीयर में थे , प्यार से मम्मी की छातियों पर हाथ फेरते हुए एक झटके में उन की ब्रा का हक तोड़ दिया औऱ उछाल के दूर फेक दी, आआह रचना कितने  गोल मटोल उभार है तुम्हरे , अब यह हमेशा के लिए मेरे है, ओर उभारो के बीच मंगलसूत्र से खेलते हुए उन को एक एक कर चूमने ओर मसलने लगे  मम्मी काँपते होटो से आंखे बंद कर के आहे भर रही थी अंकल ने उन के दोनों हाथों में अपनी उंगलिया फंसा के उन के होटो को अपने होठो में जकड़ लिया और उन का रस पीने लगे, मम्मी भी उन के जीभ ओर होठ चुने लगी , रचना चड्डी उतारो मेरी अपने नाजुक हाथो से मम्मी ने शर्मा कर मुह फेर लिया, अरे जान अपने माल के दर्शन तो कर लो और उन का हाथ अपने लन्ड पर रख दिये मम्मी ने बन्द आंखों से ही उन का अंडरवियर उतार दिया अंकल का लन्ड उछल कर एक दम तन गया, अब उन्हों ने मम्मी की चूत दांतो से काटते हुए उन की चड्डी अपने दांतों ने फंसा के टांगो से उतारनी शुरू की ओर नीचे फेंक दी, अब मम्मी नंगी अंकल के सामने पड़ी थी, अंकल उन के नाजुक बदन पर लेट गए और बाहों में भर लिया, आआह मैरी जान आज तो इस हुस्न का सैंडविच बना के खा जाऊंगा,  हा अब आप जो चाहे करो आप की ही तो हु, अंकल बहुत देर तक उन के गोरे नाजुक बदन से खेलते रहे प्यार से मम्मी को मसलते रहे फिर बोले डार्लिंग अब तुम्हारी चूत का उदघाटन होगा मेरे लन्ड से, तैयार हो न रात भर चोदूंगा हा  मेरे राजा चोद  लो पर प्यार से तुम्हारी ही चूत है , अंकल ने अपनी टांगों से मम्मी की मोटी जांघों को चोडा कर दिया और उन पर लन्ड रख के एक झटका दिया तो आधा अंदर चला गया, आआह , मम्मी सिसक उठी सब अंकल ने धीरे धीरे अपना पूरा 10 फिट का लन्ड चूत में डाल दिया और उन को बाहों में ले कर  एक हाथ से उभारो को मसलते हुए और मम्मी के रसीले होटो को चूमते हुए धीरे लेकिन कड़क धक्कों से उन को चोदने लगे, मम्मी आहे भर रही थी उन का नाजुक बदन अंकल के भारी बदन के नीचे दबा हुआ था पलँग की चु चु की आवाज ओर हर धक्के के साथ पायल की झंकार ओर चूडिओ की खनक उन को ओर पागल बना रही थीं मम्मी आँखे बन्द कर चुप चाप पड़ीं थी और अपने नए साजन से चुद रही थी, इस तरह अंकल ने आराम से मम्मी को सुबह तक अलग अलग आसनों से चोदा, फिर उन के हुस्न को बाहों में भर कर सो गए, अब तो चिड़िया जाल में थी, हमेशा के लिए उन की थी , कुछ नही बदला था सिर्फ चुदाई का अधिकार मिल गया था, इस तरह अगले 2 दिन अंकल ने मम्मी को चोदा किचन से बाथरूम तक ओर स्विमिंग पूल से ले कर बगीचों में, नंगी तो वो अब भी रही थी पर सिर्फ अंकल के लिए, 2 दिन बाद वो अपनी यादों के साथ वापस लौट गए क्यो की पापा वापस आने वाले थे मम्मी ने वादा किया जब बुलाओगे आ जाउंगी पापा से नही चुदवाउंगी आप ही चोदना, इस तरह  7 दिन पहले शुरू हुए मम्मी की चुदाई कि कहानी चुदाई के साथ ही खत्म हुई बस अंत बदल गया पर न लन्ड बदला न चूत
समाप्त
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