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Aapne bilkul thik kaha lekin aapne shayad ye baat nhi dekhi ki meri kahani ka original hissa ab kisi aur kahani se jud gaya... Isliye mujhe sab kuch badal kar likhna pad raha hai... Dusri baat meri do kahaniyan chal rahi hai aur do nyi kahaniyon pr meine itne bade antral se kaam kiya hai.. ab to mei khud apni hi kahani ke kirdaaron ke naam se confuse hun... Yahan tk ki kal mei update dene wala thaa lekin jab meine review liya apni hi kahani ke naye update pr to mere naye update me kiradoron ke naam ko lekar ulat pulat ho gaya... Is kahani mei meine dusri kahani ke kirdaar likh diya.. fir mujhe unkaa naam badlna padaa... Aur dusri baat mujhe is kahani ke pichle 2 se 3 update firse padhne pade... Taaki mei is kahani ko mere phle se nirdhaarit dishaa se mod kr ek nyi dishaa ki aur le jaa saku...
HAA MEI JAANTA HUN ITNE DINO KE ANTRAAL KE BAAD JAB ME KHUD KAHANI KE KIRDAARON KO BHUL BAITHA TO AAP KO KAISE YAAD RAHENGE.. ISI LIYE MEINE NIRNAY LIYA HAI KI IS KAHANI KO MEI DO BHAGON ME LIKHUNGAA...
IS KAHANI KA PAHALA BHAAG JALD SE JALD KHATM KARUNGAA TAAKI MEI DUSRAA BHAAG LIKH SAKU... PURI TRAH SE SACHET HOKAR AUR DHYAAN RAKH KAR KI ISBAAR KAHANI MEI KOI ULAT FER NA HO...
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Aaj ek chota sa update is kahani ka zarur dunga... Taaki aap logo mei se kaafi log jinhe ye vishwas nhi ki mei is kahani pura karunga ya nhi wo ye jaan le ki mei kahani adhuri nhi chodta.... Haa meri kahani ke update mei niyamittaa nhi hai... Jo aajkl ki bhaag daud bhari zindagi me sambhav bhi nhin hai... Koi bhi writer kisi ki kahani ko tab pura nhin likh saktaa jab tak wo original writer ki imagination ke saath puri trah waaqif na ho.. aur mujhe khud apne purani imagination ke saath waaqif hone ke saath saath usse alag likhna hai... Aur us se behtar bhi...
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अपडेट - 28
करीब दोनो राज़ और दोनों कोमल नीचे आ जाते है... नीचे आकर जब देखते है तो गुड्डी के हाथों में अभी भी कोमल वाली चादर थी...
नया जोड़ा कोमल और राज उसे देख कर शर्मा जाते है वही पुराना जोड़ा कोमल रानी का उस चादर को लेकर मुस्कुरा पड़ते है..
अब आगे....
कोमल रानी: हम्म रात को कोई चीख रहा था।
गुड्डी: हाँ भाभी कोई इतना चीख रहा था कि मैं सो भी नहीं सकी।
अब कोमल रानी तो कोमल रानी बस ननद की थोड़ी सी बात चाहिए फिर तो अपने आप उसकी खिंचाई हो जाती है।
कोमल रानी : हैं गुड्डी तुम्हारे कमरे से भी बहुत आवाज आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई तुन्हें मार रहा हो।
कोमल: इसे कौन मारेगा?
गुड्डी: मुझे तो किसी ने नहीं मारा मगर मारने वाली चीज हम दोनों की मारी गयी।
कोमल रानी: (मुस्कुराते हुए ) ये तो मेरी ननद के बोल है। मेरे सैंया जो कि गुड्डी के संस्कारी भैया है उनकी संस्कारी बहन के बोल तो नहीं है।
गुड्डी कोमल रानी को जोर से गले लगा कर
गुड्डी: आपने बिल्कुल ठीक कहा भाभी। आपकी वो संस्कारी ननद ना कहीं खो गयी।
कोमल: कहीं खो गयी या फट गयी।
गुड्डी : ये तो आप ही बताओ दीदी क्योंकि मुझे तो लगता है अब हमारी संस्कारी कोमल दीदी भी कहीं खो गयी।
गुड्डी के इस तर्क पर पांचों हंसने लगे।
कोमल रानी: अच्छा चलो नास्ता कर लो फिर राज को नैंसी के पास ले जाना।
कोमल : जी दीदी
राज़: नैंसी? ये कौन है?
अब कोमल रानी अपने सैया की तरफ देखती है जो कि बुरी तरह से शर्मा रहे थे।
कोमल रानी : है एक जादूगरनी तुम्हे एक बहुत ख़ूबसूरत जादू सीखा देगी।
राज़ को जैसे ही जादूगरनी शब्द सुनाई बढ़ता है उसे राजकुमारी नैना याद आ जाती है। अब तो उसका भी समय आ गया है वो कभी भी आ सकती है।
नाश्ता करने के बाद कोमल और राज दोनो नैंसी के यहाँ निकल जाते है। अब नैंसी कौनसा जादू करती है इसके लिए तो आप लोगो को कोमल रानी की कहानी पढ़नी होगी। क्योंकि नैंसी किरदार का जन्म कोमल जी की ही देन है। खैर करीब 1 से 1.30 घण्टे तक नैंसी के यहां रुक कर कोमल राज को कहीं और भी ले जाती है। ये कोई ब्यूटी पार्लर था। नैंशय और ब्यूटी पार्लर के बारे में जोरू का ग़ुलाम कहानी में डिटेल से लिखा है कृपया कर के उस कहानी को ज़रूर पढ़े मैं यदि उस अंक को यहां लिखूंगा तो मेरो कहानी का अंश नहीं होगा और कोमल जी के शब्दों को मैं भी अपने शब्दों में व्यक्त करने में असमर्थ हूँ।
राज जब नैंसी के यहां से बाहर आया तो काफी भौंचक्का था लेकिन जब ब्यूटी पार्लर से आया पूरी तरह से स्तब्ध खड़ा रह गया। राज़ ने वो सब न तो पहले कहीं देखा था और ना ही आज से पहले कहीं सुना था।
कोमल: क्या हुआ राज़?
राज़: कोमल ये सब क्या था?
कोमल : वही जो तुम्हे सीखना है?
राज़: मगर कोमल....
कोमल: राज़ एक बात बताओ जब चंचल ने तुम्हारी बहनो के साथ बदतमीजी की तो तुम्हे बढ़ा मज़ा आया होगा ना?
राज़:- कोमल....! ये क्या बेहूदा सवाल है?
कोमल: तो फिर तुम मेरे बदले में मेरा साथ क्यों नही दे सकते?
राज़: क्या मतलब ?
कोमल: जो तुमने अभी देखा, सुना और सीखा है वो सब तुम्हे उनके साथ करना है जिन्होंने में तुम्हारी बहनों के साथ साथ मेरा भी मजाक बनाने कि कोशिश की...
राज़: लेकिन मैं ये सब कैसे कर सकता हूँ?
कोमल: देखो राज़ तुम्हे कुछ भी नहीं करना है सब कुछ मैं करूँगी बस तुम्हे जब भी मैं डॉक्टर और ब्यूटी पार्लर का नाम लूँ तो बस ये दो ही जगह दिमाग मे रखना और यहाँ आ जाना। ये ही दुनिया के सबसे बेहतरीन डॉक्टर है।
राज़: जैसा तुम कहो कोमल...
कोमल: वैसे एक ही रात में कोमल आप से कोमल बनकर बहुत अच्छा लगा रहा है।
राज़ झेंप जाता है और बस मुस्कुरा कर रह जाता है।
वहीं दूसरी और राज की दोनों बहनें और मम्मी राज़ के लिए खुश थी कि अब वो थोड़ा बहुत बाहर के लोगो से भी घुल मिल रहा है।
करीब 6 घण्टे कोमल के साथ और बिता कर राज़ अब घर लौट रहा है?
राज अपने घर पहुंच कर बेल बजाता है। घर के अंदर से राज़ की माँ सरिता आ कर दरवाजा खोलती है।
सरिता :- अरे राज़ इतनी जल्दी आ गये? और वो कोमल कहाँ है?
राज एक तक सरिता को देखता रह जाता है।
सरिता भी राज को देख रही थी। सरिता सोचती है क्या बात है, राज़ उसे इस तरह से घूर कर क्यों देख रहा है।
सरिता: राज़?..... राज़.... राज़???(तीसरी बार थोड़ा जोर से बोलती है)
राज़ जैसे ख्वाबों से बाहर आया हो।
राज़: अम्म हाँ वो मैं, वो मैं,
सरिता: वो मैं , ये मैं ये सब बाद में करना पहले अंदर आजाओ। या फिर तुम्हे वहीं बाहर से ही बात करनी है?
राज़: ओह सॉरी, (राज़ जैसे ही अंदर आने लगता है)
सोनिया: हाँ , हाँ अनादर आजाओ भी इसे अपना ही घर समझों, वैसे भी शादी के बाद लड़कियां परायी होती है लड़के नहीं।
राज़ सोनिया का इशारा समझ जाता है और एक पल कोमल का ख्याल कर शर्माने लगता है।
वही दूरी और रानी किसी से बात कर रही थी।
रानी:- लेकिन यार ये कैसे हो सकता है। मुझे तो अब डर लग रहा है। हेलो कोमल सुन रही हो ना, तुम जैसा सोच रही हो ये सब इतना भी आसान नहीं है।
कोमल: वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो।
फ़ोन कट...
रानी कुछ समय तक थोड़ी परेशान रहती है मगर फिर सोचती है जब राज़ साथ है तो कोई परेशानी नहीं होगी।
वही दूरी और कोमल किसी को फ़ोन करती है।
अब कोमल की तरफ बाद में चलेंगे फिलहाल राज़ के घर चलते है।
रानी: सोनिया कौन था?
(सोनिया जैसे ही रानी के कमरे में आती है)
सोनिया: और कौन तोता अपनी मैंना के पास से लौट रहा है।
रानी : (थोड़ा समझमे की कोशिश करती है फिर) ओह तो राज़ वापस आया है।।
दोनो बहने खिलखिला कर हँसने लगती है।
करीब आधे घंटे बाद राज़ फ्रेश होकर बाहर आता है तब तक शाम के करीब आठ बज जाते है। सरिता खाना लगा कर सब को नीचे बुला लेती है। और सब खाना खाने लगते है।
राज़ थोड़ा सा उदास होजाता है लेकिन अपने चेहरे पर अपनी परेशानी झलकने नहीं देता।
आज राज़ को अपने पिता गिरधारी की बहुत याद आ रही थी।
रात करीब 10 बजे राज को बेहद नींद आने लगती है और राज सो जाता है। वही दूसरी तरफ कोमल का फ़ोन रानी के पास आता है।
कोमल: हेलो...
रानी: हेलो डार्लिंग...
कोमल और रानी दोनों हसने लगती है।
कोमल:- हेलो डार्लिंग , अच्छा सुनो मैंने बात कर ली है कल सुबह 10 बजे तुम दोनों राज़ को लेकर आ जाना और हाँ वो भी लेती आना याद करके।
रानी :-ओके लेकिन बहुत सोच समझ कर कोमल...
कोमल: तुम चिंता मत करो सब सम्हाल लुंगी में।
फ़ोन कट
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Superbbb bro
Jari rakho story acchi jaa rhi h
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kafi din bad update padh kar acha laga.
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Bhai yah kya 1 update fir se gayab...
Bhai story ka flow bigad rha hai
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Nice story. Update dete rho bro
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नया अपडेट कब तक आएगा बता दें pls
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अपडेट -29
कोमल:- हेलो डार्लिंग , अच्छा सुनो मैंने बात कर ली है कल सुबह 10 बजे तुम दोनों राज़ को लेकर आ जाना और हाँ वो भी लेती आना याद करके।
रानी :-ओके लेकिन बहुत सोच समझ कर कोमल...
कोमल: तुम चिंता मत करो सब सम्हाल लुंगी में।
फ़ोन कट
अब आगे
सरिता: राज़ खाना तैयार है.... (राज़ ऊपर सीढ़ियों से नीचे उतरता हुआ आ रहा होता है)
नीचे खड़ी सरिता खाने की टेबल पर खाना रख रही थी। तभी रानी और सोनिया भी ऊपर से आ रही होती है।
रानी :अरे राज़ क्या बात है आज सुबह सुबह किधर चल पड़े।
राज़ :- वो मैं अपने दोस्तों के पास जा रहा था।
सोनिया: दोस्तों से फिर कभी मिल लेना आज हमारे साथ चलो।
राज़ : लेकिन
रानी : लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस तुम चल रहे हो। जब देखो तब या तो दोस्तों के साथ व्यस्त रहोगे या फिर कोमल के साथ जैसे हमारे लिए तो तेरे पास वक़्त है ही नहीं।
राज़:- अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है मगर
सरिता: राज़ चले जाओ ना, जब ये दोनों इतना बोल रही है तो चले क्यों नहीं जाते।
राज़: जी जैसा आप कहें।( नीचे गर्दन करके खाना खाता रहता है)
रानी: अरे वाह माँ क्या बात है आपके एक बार कहने भर से मान गया इधर हम इतनी देर से मना रहे है हमारी बात का कोई असर ही नहीं होता है।
राज़ : (घबराते हुए) नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं
सरिता: क्या बोल रही हो रानी ऐसा कुछ नहीं है
( सरिता के चेहरे पर डर और शर्म के मीले जुले भाव थे, और वहीं राज के चेहरे पर भी ठीक वैसे ही भाव थे जिन्हें देख कर रानी और सोनिया एक पल को चौंक गए मगर ज्यादा कुछ विचार नहीं किया।)
करीब आधे पौन घण्टे बाद रानी और सोनिया दोनो राज़ के साथ घर से निकल जाती है।
कोमल: हेलो चंचल कहाँ हो?
चंचल: अरे यार घर पर ही हूँ।
कोमल: अच्छा सुनो कोई है जो पार्टी में आ रहा है।
चंचल:कौन?
कोमल: और कौन तुम्हारा आशिक़, तुम्हारा प्रेमी, तुम्हारा दिलबर , तुम्हारा प्यार राज़ (हंसते हुए)
चंचल: धत्त.... (शर्माते हुए)
कोमल: अच्छा पार्टी में और कौन-कौन आने वाले है?
चंचल: बस तुम, मैं, रानी ,सोनिया और प्रिया, और उसका भाई, और दो लड़कियां प्रिया की सहेली है।
कोमल : अरे यार फिर राज़ कैसे रहेगा पार्टी में उसे तो बोर लगेगा।
चंचल: क्यों ? बोर क्यों लगेगा हम है तो सही
कोमल: अरे यार हम सब राज़ को कितना जानते है? और फिर राज़ अपनी बहनों के साथ पार्टी कितना एन्जॉय करेगा?
चंचल: हैं ये भी सही है, तो क्या करें?
कोमल: (कुछ देर सोचने का नाटक करके) अरे हाँ तुम्हारी एक बहन है ना जो राज़ के साथ ही पढ़ती है?
चंचल: हाँ? श्रेया राज के साथ ही है क्यूँ?
कोमल: अरे यार तो फिर उसे पार्टी में बुला लो ना, राज़ का दिल भी लगा रहेगा और हम लोग मस्ती भी कर सकेंगी। वैसे भी राज की हम उम्र भी होगी वो और राज और श्रेया एक दूसरे को जानते भी होंगे बस राज़ आराम से पार्टी में रुक जाएगा।
चंचल: क्या? श्रेया को? नहीं, पागल हो क्या? उसके सामने हम लोग क्या मस्ती करेंगे। और फिर हमारी मस्ती में और श्रेया की मस्ती में बहुत अंतर है? हम उसके सामने वो सब नही कर सकेंगे?
कोमल: अरे यार तुम भी ना, श्रेया कौनसा पूरी पार्टी में रहेगी। आधे पौन घंटे बाद श्रेया को चुप चाप भेज देना तब तक अपन राज को सेट कर लेंगे। श्रेया तो सिर्फ राज़ को पार्टी में बोर ना लगे इसलिए बहाना है। अब तुम बताओ जब पार्टी में राज ही नही होगा तो क्या मस्ती करेंगे? बाद में उसे भेज देना कौनसा उसे पूरी पार्टी में रखने को बोल रही हूँ। अच्छा चलो रखती हूँ कहीं ऐसा ना हो कि राज थोड़ी देर बाद ही बोलने लगे कि मैं जा रहा हूँ, चलो यहाँ से चलते है। अगर ऐसा हुआ तो राज की बहनें भी राज को नहीं रोक पाएंगी। अच्छा बाद के बात करती हुए बाय...
चंचल: लेकिन ( फोन कट) अरे सुनो तो!
चंचल फोन को एक टक देखती रहती है कुछ पल सोचती रहती है फिर अंततः उसे कोमल की बात माननी पड़ती है। चंचल श्रेया को जाकर पार्टी के लिए मनाने लगती है।
चंचल : श्रेया ? श्रेया?
श्रेया : हाँ दीदी बोलो! ( किताब में गर्दन झुकाये हुए)
चंचल : चल तैयार हो जा, आज हम पार्टी करेंगे।
श्रेया : (चोंकते हुए) क्या पार्टी? और आपकी पार्टी में मैं?
चंचल: अरे पागल अब तू बड़ी भी तो हो गयी है। और वैसे भी आज की पार्टी में तुम्हारा क्लास मेट राज भी आ रहा है।
श्रेया: क्या राज ? सच में? (खुश होते हुए)
चंचल: है सच में, लेकिन एक शर्त है !
श्रेया : शर्त? कैसी शर्त?
चंचल: जब मैं कहूँ तब पार्टी से चुपचाप अपने कमरे में आ जाना। क्योंकि उसके बाद में अपनी फ्रेंड्स के साथ पार्टी एन्जॉय करना चाहती हूँ।
श्रेया : ठीक है दीदी ( श्रेया खुशी से चंचल के गले लग जाती है)
आज पहली बार चंचल को श्रेया से स्नेह महसूस हो रहा था। चंचल मुस्कुराते हुए अपने कमरे में जाने लगती है तभी चंचल का फिर से फ़ोन बजने लगता है।
चंचल: हेलो! हाँ प्रिया बोलो!
प्रिया: चंचल वो सब सामान रेडी कर लिया लेकिन यार तो जेब ढीली हो गयी।
चंचल : (हंसते हुए) कितने लगे?
प्रिया : 27000रु.
चंचल : कोई ना तू सामान ले आ बाकी मैं देती हूँ तुझे।
प्रिया: ओके बाय...
फ़ोन कट....
इधर कोमल मेडिकल से 2 - 3 दवाईयां ले लेती है।
वहीं दूसरी तरफ रानी और सोनिया राज के साथ थोड़ी सी शॉपिंग करके तैयार होने लगती है और राज को भी तैयार करती है।
रानी का फ़ोन:-
रानी: हेलो, हाँ कोमल बोलो?
कोमल : रानी सोनिया कहाँ है?
रानी : मेरे साथ और हां राज़ भी मेरे साथ ही है (हंसते हुए)
कोमल : (शर्माते हुए) अच्छा सुनो थोड़ा राज से दूर होकर बात करना।
रानी : हैss हाँss हम्मssss एक मिनट....हम्म अब बोलो...
कोमल : रानी आज पार्टी में तुम दोनों जल्दी फ्री हो जाओगी।
रानी : क्या मतलब....?
कोमल : वो आज पार्टी में चंचल और उसकी बहन श्रेया भी शामिल होने वाली है.... श्रेया के लिए मैंने ही चंचल को कैसे जैसे बातों में उलझाया है...तो पार्टी में......... (कोमल रानी को पूरा प्लान बताती है..... ) अब बस तुम्हारा और सोनिया का साथ चाहिए , तुम दोनों पार्टी में रहोगी तो शायद राज कुछ कर ना पाए।
रानी: लेकिन कोमल राज़ कैसे अपने आप को संभाल पायेगा।
कोमल : रानी तुमसे भी ज्यादा राज की फिक्र मुझे है। मैं राज को एक सेकंड के लिए भी अकेला नहीं छोडूंगी ये मेरा वादा है।
रानी : ठीक है । फिर मैं घर जाकर मम्मी से क्या कहूंगी राज के लिए?
कोमल : कह देना राज आज की रास्त मेरे घर रुकेगा। मेरे भैया आये हुए हैं तो मेरे भैया ने राज को आज घर पर रोक लिया क्योंकि मेरे भैया ने फैमिली और फ्रेंड्स के लिए पार्टी रखी हुई है।
रानी : ठीक है... आई होप कुछ गड़बड़ ना हो।
कोमल : गड़बड़ तो होगी लेकिन चंचल के साथ हमारे साथ नहीं।
रानी : ओके बाय... लगता है राज मुझे ढूंढते हुए चेंजिंग रूम में आ गया।
कोमल : ओके बाय और हां सोनिया को सारा प्लान समझ देना।
रानी : ओके बाय
कोमल : बाय...
रानी चेंजिंग रूम का दरवाजा खोल कर बाहर आती है।
रानी: क्या हुआ?
राज: आप इधर हो और दीदी उधर ढूंढ रही है।
रानी : हाँ, वो , तुम सोनिया को ज़रा इधर भेजना.... मुझे कुछ पूछना है।।।
राज़ : क्या?
रानी : (राज़ के सवाल पर आखों से इशारा करते हुए) क्या....क्या? जाओ , वैसे भी लेडीज टॉक है तुम इसमें ध्यान मत दो।।
राज: (सर खुजाते हुए मुस्कुराता है और सोनिया को बोलने चला जाता है...
सोनिया और रानी आपस में बात कर रही होती है कि राज दूसरी तरफ चला जाता है। शॉपिंग मॉल में जगह -जगह मिरर लगे हुए थे। राज एक साइड में जाकर आने हाथ को सर पर घुमाकर बाल बनाने लगता है। तभी राज को एहसास होता है कि उसके हाथों में से हल्की नील रंग की रोशनी रह रह कर निकल रही है। राज़ को याद आता है कि ये निलांकर है। तभी राज़ को ये भी याद आता है कि दादा जी की डायरी में साफ लिखा हुआ था कि जैसे जैसे राजकुमारी नैना का और मेरा सामना होगा वैसे वैसे नीलांकर का असर बढ़ता जाएगा। और जैसे ही मैं राजकुमारी नैना को खत्म कर दूंगा वैसे ही नीलांकर भी मेरे शरीर से निकल जायेगा।
राज अभी अपने ख्यालों में ही खोया था कि सोनिया और रानी आकर राज को वाओएस वर्तमान में ले आती है।
रानी : मजनूं जी चले अब...
राज : (शर्माते हुए) जी चलिए।
रानी और सोनिया अपनी एक फ्रेंड के घर से ड्रेस चेंज करती है और वही से राज भी ड्रेस चेंज करता है और सब पार्टी में जाने के लिए रवाना हो जाते है।
शाम 7 बजे ...
राज , रानी और सोनिया के साथ चंचल के घर पहुंच जाता है। राज डोर बेल बजाने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाता है रानी राज को रोक कर खुद डोर बेल बजाती है।
राज : में कर रहा था ना...
रानी : हम्म.... (धीरे से सोनिया) इसे डोर बेल बजाने की पड़ी है जबकि कोमल पता नही क्या क्या बजाएगी।
रानी और सोनिया दोनों धीरे धीरे हसने लगती है...
तभी चंचल दरवाजा खोलती है। चंचल आज वाकई खूबसूरत लग रही थी। या कह लो कि हॉट आइटम...
रानी और सोनिया : (दोनों साथ) वाव चंचल यु लुक्स गॉर्जियस...
चंचल : थैंक यू एंड यु बोथ अरे लुकिंग सो प्रीटी...( हग करते हुए) हेलो हैंडसम... अंदर आ जाओ, या फिर दरवाजे पर ही रैगिंग का गुस्सा निकालने का इरादा है।
राज: ( झेंपते हुए) नहीं वो बस ऐसे ही।
चंचल: ( मन में) कोमल सही कह रही थी अगर पार्टी में आज श्रेया को इन्वॉल्व नहीं करती तो ये पक्का जल्दी भाग जाता।
राज ,रानी और सोनिया , चंचल के साथ घर के अंदर बने बेसमेंट में जाते है। जहां पर पहले से ही पार्टी चल रही थी।
रानी : क्या यार हम लोग लेट हो गए पार्टी तो कब की शुरू हो रखी है।
चंचल : अरे नहीं यार ये सब तो म्यूजिक सिस्टम वगैरा चेक करके निकल जाएंगे। बस प्रिया और उसका भाई है यहां पर बाकी पहुंच जाएंगे। तुम लोग बैठो मैं अभी आयी।
रानी सोनिया प्रिया से बात करने लगती है और राज घूम घूम कर ओर बेसमेंट को देख रहा था। लाइटिंग, म्यूजिक फ्लोर सब कुछ एक दम डिस्क जैसे लगा हुआ था लग ही नहीं रह था कि ये घर में पार्टी ही रही है बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे ये कोई डिस्को बार हो। हांलांकि राज कभी डिस्को बार में तो नहीं गया लेकिन फिल्मों वगैरा में जरूर देखा होगा इसलिए राज हर चीज़ को अच्छे से देख कर एन्जॉय कर रहा था। राज एक साइड में लगे वार्डो को देखते हुए आगे जा ही रह था कि एक हल्के नेट के कोड जैसा पर्दा उसके हाथ में आया जो बहुत ही मुलायम और एक अलग ही ख़ुशबू वाला था। राज उस कपड़े को पकड़ कर देख ही रह था कि कोई राज का हाथ पकड़ लेता है।
चंचल : हैंडसम ये पर्दा नहीं मेरी छोटी बहन का टॉप है (हंसते हुए)
राज : ( झेप जाता है) ओह सॉरी... (खड़ा होता है तो श्रेया पर नज़र पड़ती है) हेय श्रेया....!
श्रेया : हाय...
राज : तो श्रेया आपकी सिस्टर है...
चंचल : ( मुस्कुराते हुए) तुम लोग बात करो मैं आती हूँ।
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Aap dusri kahani pe bhi update de sakte ho kya?
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(12-09-2020, 03:36 PM)Kartik123 Wrote: Aap dusri kahani pe bhi update de sakte ho kya?
जी ज़रूर दूंगा एक या दो हफ्तों मैं
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राज : ( झेप जाता है) ओह सॉरी... (खड़ा होता है तो श्रेया पर नज़र पड़ती है) हेय श्रेया....!
श्रेया : हाय...
राज : तो श्रेया आपकी सिस्टर है...
चंचल : ( मुस्कुराते हुए) तुम लोग बात करो मैं आती हूँ।
अब आगे....
चंचल : ( जाते हुए) प्रिया मेरे साथ आना तो
प्रिया : हाँ आती हूँ...
वही कोमल भी पार्टी में आ जाती है। कोमल ओर पार्टी हॉल पर नज़र दौड़ाती है तो एक कोने में श्रेया और राज को अकेले देखती है।
कोमल धीरे-धीरे राज़ की तरफ जाती है।
कोमल: हेलो लैला मजनूं...
(राज और श्रेया दोनों चोंक कर देखते है )
राज़ : कोमल??
श्रेया : (शर्माती रहती है) हेलो दीदी
कोमल: ज्यादा चोंकने की ज़रूरत नहीं है समझे.... तुम लोग पार्टी एन्जॉय करो मैं तब तक रानी और सोनिया से बात कर लेती हूं।
कोमल राज़ के पास के सीधे रानी और सोनिया की तरफ जाती है...
कोमल : हेलो! का8सी हो तुम दोनों, यु बोथ लुकिंग गॉर्जियस ....
रानी और सोनिया दोनों मुस्कुराकर कोमल को थैंक यू बोलती है... कोमल भी रानी और सोनिया दोनों को गले लगती है। रानी के गले लगते हुए कोमल...
कोमल: वो लेकर आई हो...
रानी : हम्म , हाँ
कोमल: चलो वाशरूम होकर आते है।
सोनिया कोमल और रानी के वाशरूम जाने की सुनकर प्रिया के भाई की तरफ़ चली जाती है और उसे बातों में उलझाने लगती है।
कोमल और रानी दोनों श्रेया की तरफ जाकर श्रेया से...
कोमल : श्रेया तुम्हारा वाशरूम किस तरफ है..
श्रेया राज़ के सामने शर्माते हुए रानी और कोमल को ऊपर सीढ़ियों की तरड़ इशारा करती है।
रानी: थैंक यू श्रेया...
कोमल रानी को ऊपर की तरफ जाने का बोलकर खुद एक साइड जाती है जहां पर जूस और शराब पार्टी के लिए रखे हुए थे... कोमल वहां जाकर 2 ग्लास में ऑरेंज जूस डालती है और एक गिलास में वो जो रानी लेकर आयी थी। उस सफेद रंग के पाउडर को अच्छे से मिक्स कर के कोमल दोनी गिलास श्रेया और राज की तरफ ले जाती है।
कोमल : हे श्रेया तुम्हारा दोस्त आया है तुम्हारे यहाँ पार्टी में और तुम हो कि उसे जूस के लिए भी नहीं पूछ रही... चलो कोई बात नहीं मैं ले आयी। कोमल एक गिलास राज़ को और दूसरा श्रेया को देकर वाशरूम की तरफ चली जाती है।
कोमल के जाते ही चंचल वहाँ पार्टी हॉल में आती है। चंचल कुछ देर सबसे बात कर के पार्टी में बाहर से सजावट के लिए आये लोगों को बाहर भेज देती है और उन्हें उनका भाड़ा और पैसे देकर रवाना कर देती है। चंचल अंदर आकर राज़ और श्रेया की तरफ देखती है। राज़ के हाथ में ऑरेंज जूस देख कर चंचल खुश हो जाती है लेकिन अगले ही पल श्रेया को भी ऑरेंज जूस की आखिरी घूँट लेकर खत्म करते देख चंचल के पैरों तले से ज़मीन निकल जाती है।
चंचल: ( थोड़ा जोर से ) प्रिया...?
प्रिया : क्या हुआ ?
चंचल : राज़ वो ऑरेंज जूस पी रहा है...
प्रिया : अच्छा है ना तो उसमें वोडका मिला कर लायी थी में... अब राज़ खुद पीने लग जायेगा।
चंचल : बेवकूफ श्रेया भी ओरंज जूस पी रही है।
प्रिया : क्या ? लेकिन श्रेया क्यों... मेरा मतलब कैसे?
अभी चंचल और प्रिया की बाते चल ही रही थी कि कोमल और रानी भी ऊपर से से नीचे आ जाते है।
कोमल चंचल के और प्रिया के गले लगती है। चंचल प्रिया को कुछ इशारा करती है तो प्रिया रानी को लेकर आने भाई की तरफ चली जाती है जहां सोनिया प्रिया के भाई से मन मारकर जबरदस्ती बात कर रही थी।
रानी और प्रिया के दूर जाते ही चंचल....
चंचल : यार गड़बड़ हो गयी।
कोमल : क्यों क्या हुआ?
चंचल : यार वो राज़ और श्रेया ओरंज जूस पी रहे है।
कोमल : हाँ तो वो मैंने ही उन्हें दिया था।
चंचल : पागल है तू? ( थोड़ा जोर से) (फिर कोमल का हाथ पकड़ कर दूर ले जाते हुए..) तुझे मालूम भी है उस जूस में वोडका मिलाई हुई थी....
कोमल : (टेशन में) क्या?
चंचल : और नही तो क्या? मैंने वो जूस सिर्फ राज़ के लिए बनवाया था ताकि वो पार्टी में बहक जाए।
कोमल : ओह माय गॉड चंचल , ये तूने क्या किया?
थोड़ी देर बाद श्रेया को चक्कर आ जाता है और वो राज से बात करते करते ही राज की गोद में गिर जाती है।
राज़ : श्रेया? श्रेया? क्या हुआ तुमको?
राज़ की आवाज इतनी जोर से थी कि पार्टी के लाइट म्यूजिक को चीर कर सबके कानो में राज़ की आवाज गयी।
चंचल और कोमल दौड़ कर श्रेया के पास जाते है और रानी , प्रिया, सोनिया , उनकी दोनों सहेलियां , प्रिया का भाई भी।
श्रेया हल्की बेहोश सी थी। रानी तुरन्त पानी लाकर श्रेया के चेहरे पर छिड़कती है। श्रेया धीरे धीरे होश में आती है।
अब सभी चैन की सांस लेते है। तभी श्रेया अपना पेट पकड़ कर रोने लगती है। वोडका के कारण श्रेया की आंखे नही खुल रही थी ।
चंचल : अब इसे ये क्या हो रहा है...
कोमल : ( लगता है उसका असर शुरू हो गया) ( धीरे से चंचल के कान में) श्रेया का शरीर वोडका को सहन नही कर सका होगा तो उसे पेट दर्द हो रहा होगा ऊपर से वोडका के कारण इसका सर भी चकरा रहा होगा। इसव तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर चलो।
चंचल : (कोमल की तरफ देख कर) इसकी वजह से हमेशा मेरी जिंदगी नरक बन जाती है पड़ी रहेगी अपने कमरे में...
कोमल : ( धीरे से ) पागल है क्या जो हुआ अच्छा हुआ। एक काम कर मैं रानी और सोनिया को बोलती हूँ मेरी एक जाकर दोस्त है डॉक्टर ये दोनों श्रेया को उसे दिखाने चली जायेगी। फिर पार्टी में सिर्फ हम और राज ही होंगे। तो बस रानी और श्रेया से रिक्वेस्ट कर लेना।
चंचल : ( मुझे बस ये पार्टी चाहिए इसके लिए तो मैं किसी से भी रिक्वेस्ट कर लुंगी) हाँ ठीक है...
कोमल : रानी , यार वो मेरी फ्रेंड है ना डॉक्टर, तुम श्रेया को उसे दिखा आओ।
रानी : लेकिन उनका एड्रेस तो सोनिया को मालूम है....
चंचल : ( बीच में बोल पड़ती है ) तो यार तुम दोनों चली जाओ ना प्लीज...
सोनिया : लेकिन राज़
राज़ : कोई बात नहीं आप दोनों श्रेया को डॉक्टर के पास ले जाओ तब तक मैं यही पार्टी में रहूंगा।
सोनिया : डॉक्टर पास में नहीं है हमे सुबह हो जाएगी वापस आते हुए अभी 8 बज रहे है।
कोमल : तो कोई बात नहीं यार देखो चंचल भी अपनी बहन के लिए परेशान हो रही है।
चंचल : ( रुआंसा मुह बनाकर) प्लीज यार
रानी और सोनिया एक बार चंचल की तरफ देख कर
रानी : चलो ठीक है , सब लोग श्रेया को गाड़ी में बिठाओ मैं ड्राइव करती हूं , प्रिया मुझे एड्रेस बता देगी।
15 मिनट में रानी और सोनिया श्रेया को लेकर चंचल के घर से डॉक्टर नैनसी की तरफ निकल जाती है।
चंचल और कोमल एकण्डुसरे की तरफ मुस्कुरा कर देखती है।
चंचल : कोमल अभी एक काम और है...
कोमल : अब क्या बाकी रह गया...
चंचल: ये देखो... अब में इसकी चार गोलियां राज को देने वे हूँ....
कोमल :वियाग्रा (घबराकर)
चंचल बिना कोमल कीतरफ देखे काउंटर की तरफ से वक और ओरंज जूस का गिलास लेकर उसमें चार गोलियां मिला देती है। वही दूरी तरफ कोमल घबरा जाती है क्योंकि वियाग्रा राज को देने से तो राज आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएगा फिर ये प्लान कोमल के हिसाब से नहीं चंचल के हिसाब से चलेगा। अब कोमल सोच में पड़ जाती है कि क्या करे।
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कोमल : अब क्या बाकी रह गया...
चंचल: ये देखो... अब में इसकी चार गोलियां राज को देने वे हूँ....
कोमल :वियाग्रा (घबराकर)
चंचल बिना कोमल कीतरफ देखे काउंटर की तरफ से वक और ओरंज जूस का गिलास लेकर उसमें चार गोलियां मिला देती है। वही दूरी तरफ कोमल घबरा जाती है क्योंकि वियाग्रा राज को देने से तो राज आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएगा फिर ये प्लान कोमल के हिसाब से नहीं चंचल के हिसाब से चलेगा। अब कोमल सोच में पड़ जाती है कि क्या करे?
अब आगे.....
चंचल : हेलो राज़...
राज़ : हेलो ...
चंचल : क्या हुआ तुम अपसेट क्यों हो?
राज़ : कुछ नहीं वो...
चंचल : अरे तुम चिंता मत करो रानी और सोनिया साथ में है ना, और फिर मेरी बहन है मुझे इतनी फिक्र नहीं है तो फिर तुम क्यों....
राज़ : ( गौर से चंचल को देखता है ) नहीं ऐसा कुछ नहीं है बस ,
चंचल : अच्छा वो सब छोड़ो ये लो तुम ऑरेंज जूस पियो...
राज़: जूस नहीं , अभी मन नहीं है..
तभी कोमल चंचल को हाथ पकड़ कर एक साइड में ले जाती है....
कोमल : ये राज़ तुमसे अजीब तरीके से बात क्यों कर रहा है?
चंचल : पता नहीं शायद हमारी पहली मुलाकात को अब तक भूला नहीं है।
कोमल : अगर ऐसा होता तो वो यहां कभी नहीं आता। तुम रुको मैं कुछ बात करती हूं राज़ से...
कोमल राज़ से बात करने लगती है.. कोमल बहुत ही धीरे से राज़ को कुछ समझाने लगती है, राज़ मना करने लगता है तो कोमल राज़ का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रख देती है...
राज़ थोड़ा सा डर से और मायूसी से नीचे देखने लगता है फिर थोड़ी सी बात होती है और कोमल उठ कर चंचल के पास चली जाती है..
चंचल : क्या हुआ?
कोमल : (फीकी मुस्कान चेहरे पर लाकर) नहीं कुछ नहीं लाओ मैं राज़ को जूस दे देती हूं।
चंचल : बात क्या है कोमल ?
कोमल : जाने दे ना...
चंचल : चल जाने दिया क्यों कि राज के साथ फन का मन है मेरा अभी...
कोमल : घबराकर अरे नहीं जाने देने का मतलब राज़ के साथ फन भी भूल जाओ ( अगर इसने आगे पूछा ही नहीं तो मेरा इरादा और प्लान कामयाब कैसे होगा)
चंचल : कोमल साफ साफ बोलो क्या कहना चाहती हो...
कोमल : अब जब तुम इतना जोर देकर आउच रही हो तो बुरा मत मानना..
चंचल : तुम ये बताओ बात क्या है..
कोमल : श्रेया....
चंचल : क्या हुआ श्रेया को...?
कोमल : श्रेय को कुछ नहीं हुआ लेकिन उसने जाने से पहले तुमरे खिलाफ राज़ को बहुत कुछ बोल दिया।
चंचल : मेरे खिलाफ लेकिन क्यों??
कोमल : क्योंकि मैंने श्रेया को गलती से ये बोल दिया कि आज तुम्हारी दीदी और राज पार्टी की शान है तुम्हारी दीदी चंचल राज़ से प्यार करती है। और मैंने तुम्हें शायद ये नहीं बताया कि श्रेया राज़ को पसंद करती है और राज मुझे...
चंचल : क्या? कमीनी राज़ तुझे पसंद करता है।
कोमल : अरे मेरी बात छोड़ो मैं तुम दोनों के बीच कभी नहीं आऊंगी लेकिन श्रेया....? उसका तुम क्या करोगी?
चंचल : ( गुस्से में) राज़ के लिए मैं उसे मार भी सकती हूं
कोमल : पागल है क्या उससे क्या होगा ? तो जेल में , श्रेया ऊपर भगवान जे पास फिर में राज को कैसे खुद से दूर रखूंगी।
चंचल : क्या मतलब..
कोमल : कुछ ऐसा कर की श्रेया खुद राज़ के पास आने से डरे या राज़ से नज़र ना मिला पाए...
चंचल : क्या मतलब ?
कोमल : श्रेया को किसी और के साथ राज देखेगा तो श्रेया को वैसे ही राज़ मना कर देगा।
चंचल : मगर वो किसके साथ ?उसका तो कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है?
कोमल : तब तो श्रेया के अरमान जगाने पड़ेंगे ताकि वो किसी को अपना बॉयफ्रेंड बना ले...
चंचल : पागल है क्या? वो मुझे लड़को के साथ देख कर इतना चिड़ती है तो वो भला कैसे किसी को...
कोमल : एक बात बोलूं, श्रेया को अभी जिस डॉक्टर के पास रिया और सोनिया लेकर गयी है ना वो डॉक्टर एक एक्सट्रीम बॉडी मॉडिफिकेशन मैं एक्सपर्ट है.. बड़े बड़े पोर्न स्टार्स को हॉट बना देती है।
चंचल : तो अगर हम डॉक्टर से बात करें तो..
कोमल : बिना श्रेया को पता लगे हम उसके शरीर मे वो परिवर्तन करवा सकते है जो आज से 5 या 6 साल बाद उसके शरीर में होंगे...
चंचल : लेकिन ...
कोमल : देख मैंने तो तुझे दो रास्ते बात दिए... और तीसरा रास्ता तुम्हारे पास है... उस बिचारी को मारने का...
चंचल : (गुस्से से कोमल को देखते हुए) तो क्या आरती उतारूँ उसकी... जिससे मैं प्यार करती हूं उसी को मेरे खिलाफ भड़क दिया.. अब तो उसे रंडी भी बना दूँ तो चैन नहीं आएगा मुझे...
कोमल : तो बना दे ना उसे रंडी.. जब वो रंडी बन जायेगी तो ना तो वो तुझे कुछ बोल पाएगी और ना राज़ को।।।
चंचल : (एक-टक कोमल को देखती है)
कोमल फ़ोन राज़ की तरफ करते हुए
कोमल : डॉक्टर
चंचल : लेकिन में डॉक्टर से क्या बोलूंगी... मुझे तो कुछ पता भी नहीं है।
कोमल : तुम्हे बस अप्रूवल देना है कल पेपर साइन कर देना जाकर... बाकी मैं डॉक्टर को समझा देती हूँ...
चंचल : हाँ मैं गर्दन हिला कर अपनी सहमति कोमल को दे देती है... और साथ ही फ़ोन पर डॉक्टर से बात करके फोन कोमल को दे देती है...
कोमल : हेलो , जी मैंने आपसे बात की थी......
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Sandar update kafi Samay baad maine apna email khola usme Aapki story ka notification dekh kr maine turant khola padh kr anand aaya...
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Bhai corona ne pakad liya kya
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