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Thriller कामुक अर्धांगनी
कुछ देर तीनों एक दुज़े से चिपके रहे फिर विरजु उठ मधु के संतुष्ट जिस्म से अलग हो गया और मधु ने कालू के लौड़े से अपनी चुत को अलग कर दी और कालू अपने रसदार लड़ को चमका कर बोला क्या मालकिन थोड़ा चाट के देख तोह कितना मस्त है मेरा लोडा और मधु ने कालू के लड़ को चूस के सूखा इठलाती बोली चलो अब हाथ मुँह धो लो , चलो खाना खाते है कह कर वो अपने चुदे छेदों को मेरे करीब करती बोली लिजेए जी ज़रा साफ़ कर दीजेए और आप भी खाना खाने चलिए और मैं मधु के तृप्त छेदों को लपालप चाटने लगा और उसके दोनों छिद्रों से दोनों मर्दों के रस अपनी कमुक अर्धग्नि के रस से युक्त चाट कर मधु के होंठो को चूमने लगा और फिर दोनों गुसलखाने जा कर ठंडे पानी से नहा कर निकले और हम सब ने मिल कर खाना खाया ।



चुदाई तोह अत्यंत संतुष्टि भरी हुई जिस कारण कोई कमुक न था बस सब नंगे एक साथ हॉल मे बैठ गए , कालू और विरजु ने भले ही मधु को एक रांड की तरह चोदा था पर वो हॉल मे फर्श पर ही बैठे और लाख कहने पर भी सोफे पर बैठने से मना कर दिया जिस वजह से वो दोनों मधु के लटकते झाघो पर हाथों को रख बिराजमान थे ओर मैं मधु को अपने जिस्म पर चिपकाए उसके चुचियों को सहला कर आराम से बैठा था ।



खाना खाने के पश्चात यू सब बैठे आपस मे बातें कर है रहे थे कि दरवाज़े पर दस्तक ने मधु को चौका दिया और वो बोली तुम दोनों अंदर जाओ और मैं उठ लुंगी लपेट कर दरवाज़े की और बढ़ा और मधु नंगी किचन मे जाती बोली लगता है शर्मा जी मरवाने आये होंगे दीदी के साथ ।


मैं ने दरवाज़े को खोला तोह देखा शालिनि भाभी और शर्मा जी है दरवाज़े पर है और भाभी निःसंकोच किचन की और चली गई और मे दरवाज़े पर खड़े शर्मा जी को अंदर बुला कर दरवाज़े को बंद करते सोफे पर ले आया और वो बिराजमान होते बोले भाईसाहब आपकी वज़ह से शालिनि ने बर्षों बाद मुझे ऐसा रोमांच दिया कि आपको धन्यवाद किये बिना रहा न गया और वो मुझे घूरने लगे और मैं अशमंजस मैं पड़ा बोला मुझे खुशी हुई जान के की आपके और भाभी के दरम्यान सारी गलतफेमी मिट गई है और वो अपने कुर्ते से मीठा पान के पुड़िया निकालते बोले चलिए मुँह मीठा करते है और उधर मेरी अर्धग्नि निर्वस्त्र शर्मा जी के सामने आते उनके गोद मे बैठ बोली भाईसाहब हम्हे भी मीठा पान खिलाएं और शर्मा जी शर्म से पसिने पसिने होते हक़ाबका हो गए और काँपने लगे , मधु ने बाहों की हार उनके गले मे डाल दी और वो निसब्द्ध से मूर्तिमान हो गए । ज्वाला की भार फुट पड़ी जब शर्मा जी ने शालिनि भाभी को निर्वस्त्र मेरे पास बैठते देखा और उनकी आँखें फटने लगी । भाभी ने मेरी लुंगी खिंच मेरे नग्न झाघो पर अपनी गदरायी गाँड रख दी और बोली कैसा लगा कालू और विरजु का लोडा मधु , मधु अत्यंत उत्साह से बोली मस्त चोदा दोनों ने भाभी और भाभी हँसते बोली विरजु ये कालू आ जाओ बाहर और वो दोनों नंगे बाहर आ शालिनि भाभी को देखते उनके चरणों पर हाथ लगा कर आशीर्वाद ले फर्श पर बैठ गए और भाभी ने शर्मा जी की और इशारा करते बोली तेरे मालिक है और वो दोनों शर्मा जी का चरणवंदना कर वापस फर्श पर अबोध बालक की तरह बैठ गए ।
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bahut khoob bhai
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कमुक अर्धाग्नि


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चर्मसुख

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वसंत के लड़ का नशा

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उत्साहित मधु

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मधु के अंतर्मन की अभिलाषा



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wah Aage Badhegi kahani ...?
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(05-10-2020, 11:31 AM)Bhikhumumbai Wrote: wah Aage Badhegi kahani ...?


बिल्कुल बढ़ेगी
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update please
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Khani ab ek kamre se bahar bhadni chaiye
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(06-10-2020, 07:19 AM)vat69addict Wrote: update please


कोशिस तोह रोजना अपडेट का रहता है पर समय नहीं मिलने के कारण थोड़ा बिलंभ हो रहा है इसका खेद है ।
Namaskar
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(06-10-2020, 07:53 AM)justafantasydear Wrote: Khani ab ek kamre se bahar bhadni chaiye

ये बस दूसरी रात है ,कहानी अवश्य भ्रमण करेेगी बस थोड़ा वक़्त लगेेगा , विश्ववा रखिए आपको रोमांंचित करने का प्रयास करता रहूँगा ।
Namaskar
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शर्मा जी ने मधु के नग्न गाँड की गर्मी महसूस करते शर्मा गये पर मधु ने निर्लज्जतापूर्वक उनके होंठो को चूमा और उनके हाथों को अपने कोमल स्तनों पर रख डाला , शर्मा जी कामुक्ता के बसीभूत होने लगे ओर दिल खोल मधु के स्तनों को सहलाते चुम्बन का मज़ा बटोरने लगे और मधु ने उनके छोटे लिंग पर हाथ फेरा और उनका लिंग सख्त हो कड़क हो गया जिसे देख शालिनि भाभी अति प्रसंचित हो मेरे होंठो को चूसते बोली देख रहे हो अपनी बीवी के जलवे मेरे गांडू मर्दवा को भी कड़क कर दी जबकि मे तीन बार चुदवा के आई इस गांडू की गाँड फड़वाने और ये सुन मेरा रोम रोम सिहरण से भर उठा और मैं शालिनि भाभी की चुत मे दो उँगली डाल रगड़ने लगा और वो सिसकी लेती मेरे होंठो को काटने लगी और कमर हिला अपनी चुत रागड़वाने लगी ।



मधु ने बड़े प्यार से शर्मा जी के कड़क लड़ पर अपनी चुत लगा दी और उनसे चिपक कर चुम्बन करने लगी ओर शर्मा जी बड़े चाव से मधु के स्तनों को दबाते रहे । अब शर्मा जी मेरी तरह गांडू ठहरे उनका लड़ कहाँ मेरी अर्धाग्नि के गर्म चुत को झेल पाता और बिना हिले बिना झटके वो वीर्य त्याग कर हाँफने लगे ,मधु उनके वीर्य को अपनी चुत पर महसूस करती उनके होंठो को खींच बोलने लगी क्या भाभी जी भाईसाहब तोह झड़ गये और शालिनि भाभी हँसते बोली गांडू झड़ेंगा नहीं तोह क्या करेगा , मधु ने शर्मा जी को सोफे पर लेटा अपनी चुत उनके मुँह पर लगा बोली चाट खाइये भाईसाहब आज कालू ओर विरजु से आपकी भी गाँड फड़वा देती हूं बोल मधु ने चुत से शर्मा जी को उनका है वीर्य चटवाया और शर्मा जी बेबस अपनी वीर्य चाट खाने लगे ।



शर्मा जी ने मधु के चुत को बड़े चाव से चाट खाया मानो वो मधु के चुत से अपना वीर्य नहीं अपितु मधु के चुत का रस चाट रहे हो पर अक्सर हवस की लालसा शर्मा जी जैसे ढीले मर्दो को ऐसा एहसास करवा देती हैं कि वो मतिब्रह्म मे पड़ ही जाते है । मधु ने जान बूझ कर अपने कमुक चुत का स्वाद उनको दिल खोल के खिलाया और उठ कर उनके सिकुड़े लड़ पर गाँड टिका के बैठ बोली दीदी क्या भाईसाहब की नथ उतवारने लाई हो और शालिनि भाभी ज़ोर से हँसते हँसते बोली हँ रे इनकी गाँड फड़वाने के लिए आई हूँ ओर ये सुन मेरी लूली सुगबुगने लगी और सुगबुगाहट महसूस कर भाभी बोली क्यों देवर जी तुझे तोह मधु ने चुदवा ही दिया होगा और मैं लज्जित महसूस करता मुँह फेर लिया ।




मधु ने कुढ़ करते भाभी को बोला आपके देवर ने दोनों मर्दो के साथ अपनी गाँड मरवाई है अब शर्मा जी की बारी है ये भी मरवा लेंगे तोह हम दोनों आराम से नए नए ताज़े मर्दो को बुला के चुद्वती रहेंगे । भाभी ने तेज़ स्वास खिंच कर कालू को इशारे से अपने झागों के पास बुलाते बोली अपने मालिक की गाँड फाड़ दो और ऐसा फाड़ो की हफ्ते भर ये चल न पाए और ये बोल भाभी ने विरजु के सर के बालों को सहलाते बोली तू ज़रा मेरी चुत चोद दे इस गांडू ने आग लगा तोह दी पर बुझा नहीं पाया ।
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Bahut khoob....ab sharma ji ki baari...kisi college k ladke se madhu ko maza dilwao...uski virginity dilwao madhu ko
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शर्मा जी ने जिस कदर अपनी चीखों को मधु के चुत चाट छुपाया था ये देख मुझे मालूम पड़ रहा था कि शालिनि भाभी के सामने इनकी फजीहत हो चुकी है जिस वजह से ये बड़े आराम से गांडू बन बैठे है क्योंकि मुझे पक्का यकीन था कि जब भाभी संग ये अपने बिस्तर पर जोश से गये होंगे भाभी की अद्भुत गर्मी से ये निढ़ाल हो गए होंगे और भाभी ने बखूबी इनको जली कटी सुनाई होगी और ये अंदर ही अंदर शर्म से पहले ही चुल्लू भर पानी मे डूब मरे होंगे बाकी भाभी ने अपने रंग मे इनको रंग के मधु के सामने नीचा दिखाने लाई होगी और इस वजह से वो बिना नख़रे कालू के मूसल लोडे के वॉर के वावजूद चुपचाप मरवा रहे है और कालू भी आनंद भाव से शर्मा जी की सख्त छेद चोदे जा रहा था ।


इधर विरजु के लपलपाते जीभ ने शालिनि भाभी को गरम कर दिया था और वो विरजु के बालों को खीच अपनी चुत पर दबाते बड़बड़ाती जा रही थी और बर्दाश्त के बाहर होने पर विरजु को एक लात मार फर्श पर गिरा कर उसके लड़ को पागल कुतिया की तरह चुसने लगी थी और विरजु भाभी के उत्साह को भोगता गुमान से उनका सर लौड़े पर दबाता जा रहा था , उफ्फ्फ विरजु के तगड़े लड़ की ललक से भाभी अति उतेजित हुई जा रही थी और सब्र का बांध तोड़ वो उठ कर उसके लड़ ओर जा बैठी और उछाल मारने लगी और सिशकिया फूटने लगी थी और कालू मुड़ कर भाभी के गाँड को सहलाते शर्मा जी की गाँड मार रहा था एक जगह बिपरीत दिशा मे पति पत्नी दोनों गैर मर्दो से चुदे जा रहे थे और मेरी खुद की बीवी एक गांडू भाईसाहब से अपनी योनि चटवाती ऊर्जावान हो रही थी ।



कालू और विरजु ने न जाने कितनी बार शालिनि भाभी को कुतिया की तरह चोदा था और भाभी प्यासी औरत बन के दोनों के लौड़े पर नाची थी और अकेले विरजु को मज़ा लेते देख कालू ने एक उँगली भाभी के गाँड मे डाल कर बोला मालकिन थोड़ी देर तेरे गांडू को छोड़ तुझे चोदुगा और भाभी हवस मे अंधी बोली डाल कालू मेरी गाँड मे दिखा भड़वे गांडू को की उसकी बीवी कैसे चुद्वाती है ।



कालू ने शर्मा जी के गाँड से लड़ खीच कर मुड़ते ही भाभी को बिरजू के बदन पर धकेलता अपने लड़ को उनके गाँड पर घिसता धकेलने लगा और शर्मा जी लज़्ज़ा के कारण मधु के चुत से मुँह हटाए बिना घोड़ी बने पड़े रहे और कालू ने धक्कों से अपना लड़ भाभी के गाँड मे घुसेड़ के रफ्तार शुरू किया और भाभी मदमस्त दोनों के लड़ साथ चुद्वती रही ।



मधु ने शर्मा जी को अपने ऊपर खिंचा और बोली भाईसाहब मज़ा आया न मरवा के और वो शर्मा के मधु के चुचियों पर मुह छुपाने लगे और मधु मुझे देखते बोली आप दोनों कल से घर सम्हाल लिजेए वैसे भी आप दोनों न तोह मर्द है ना है औरत सुध गांडू नामर्द है अब क्या फायदा ऐसे पतियों का अच्छा होगा नए नए लौड़े लाइये और देखिये अपनी बीवियों को मज़े करते और शर्मा जी ये सुन पानी पानी हो गए पर मैं तोह बेफिक्र रहा क्योंकि मैंने खुद अपनी अर्धाग्नि को गैर मर्द से चुदवाया था ।
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Gazab. Sharma ji bhi gaye gand se...
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दोनों मिल कर शालिनि भाभी को बेताबी से चोदे जा रहे थे और कमुक भाभी की सिशकिया कमरे मे गूँजती जा रही थी और बेचारे शर्मा जी लज्जित भाव से मेरी अर्धाग्नि के दमकते योवन पर पसरे हुए अपनी बीवी की चितकरी सुन निर्लज्जता महसूस करने लगे थे और मधु भाईसाहब को अपने उँगलियों से सहलाते रोमांचित करती बोली आपका लुल्ली भाभी की खुशी देख कर भी सख्त नहीं हो रहा या फिर मेरे बदन की गर्मी से ही अपना लड़ खड़ा किजेए ओर मुझे चोदिये न भाईसाहब । शर्मा जी बिल्कुल नामर्द से लुल्ली मे कोई तनाव न उत्पन्न कर पाने से शर्माते मधु से बोले नहीं खड़ा होता क्या करूँ ,मधु थोड़ी गुस्सा करते बोली तोह मेरे ऊपर चढ़े क्या हुए है चलिए चोद तो पाइयेगा नहीं कमसेकम नीचे जा के चाट तोह दीजेए आपको ऊपर लेटा के क्या फायदा ,चलिए चाटिए मेरी चुत और गाँड ओर मुझे त्यार किजेए मर्दो के लौड़े के लिए यहीं कर सकते है आप कहती मधु ने भाईसाहब की इज्जत उत्तार दी और वो रूवासी मुँह लिए मधु के टाँगों के बीच बैठ चुत चाटने लगे और मधु बोली अच्छी तरह जीभ निकाल के चाटिए न नहीं तोह दोनों को बोल के आपकी गाँड मे दोनों का लोडा डलवा दूँगी ये सुनते भाईसाहब जीभ निकाल पूरी तरह मधु के चुत का स्वाद लेने लगे और मधु टाँगे फैलाई उनके विवस्ता को खूब जलील करने लगी ।



भाभी तेज चीत्कार मारती झड़ कर हाँफते बोली उफ्फ्फ क्या चोदा मेरे कालू तूने उफ्फ्फ मेरे विरजु हहह ये सुनते कालू बोला मालकिन मधु जी ने हमदोनों का लोडा एक साथ चुत मे लिया आपको भी ऐसे चोदू शालिनि भाभी हँसते हाँफते बोली डाल ना और कालू ने भाभी को उल्टा अपने जिस्म पर लेटा कर लड़ पेला और ऊपर चढ़ विरजु ने अपना लड़ घुसेड़ा और भाभी तेज़ करहाती बोली हहह और दर्द संग मज़े का भाव भरी कौंधती बोली उफ्फ चोद मेरी चुत फाड़ दे साथ मिल के और विरजु ने लड़ आगे पीछे किया और कालू ने भाभी की गाँड हवा मे उठा कर अपना लड़ हिलाया और भाभी अतिउतेजीत भाव करती दोनों के लड़ को एक साथ चुत मे लेती चुदने लगी और मधु हँसते बोली भाईसाहब एक आपका लड़ क्या मज़ा देगा मेरी दीदी को जब दो लड़ एक साथ भाभी को चाहिए और अपनी अघुठे को उनके मुँह मे डालते बोली चुसिये आपको मे अपना कुत्ता बना लूँगी और शर्मा जी मधु के अँगूठे को चुसते चुत पर हाथ फेरने लगे और मधु आँखे बून्द बोली सहलाओ मेरे कुत्ते अपनी मालकिन की चुत ।
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Gaint update next update asap
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भाईसाहब को मधु ने अपनी चुत के सेवा मे लगाती अपनी दीदी की संभोग को देखती खुद ही अपनी मदमस्त चुचियों को सहलाने लगी और मधु की आँखे नशीली होने लगी और वो हल्की आहे भर्ती बोली क्या कुत्ते चाटना भी नही आता तुझे साले गांडू ओर बेचारे भाईसाहब ज़ोर लगा चुत चाटने लगे और मधु ने पूरी टाँगों को खोल इठलाती बोली कुछ उँगली भी डालो और शर्मा जी ने अपनी तीन उँगलियों को मधु के तड़पते चुत मे डाल हिलाया और वो गाँड उठाती बोली चाटो भी भाईसाहब ये मेरी प्यासी चुत है आपकी गाँड नहीं जो बस ऐसे ही शान्त हो जाएगी ।


बेचारे शर्मा जी पहली ही रात मधु के गुलाम बन इतनी निर्लज्जता देख मधु की सन रह गये थे पर अब उन्होंने खुद को समर्पित भाव से कुत्ता मान लिया था ओर प्रयासरथ रहते हुए एक अनुभव अर्जित कर रहे थे ।


भाभी की गदराई जवानी को दोनों मर्दो ने बखूबी रौदते उनकी प्यासी चुत को अपने अपने तगड़े मूसल लौड़े से अच्छी तरह फैला कर घर्षण से उनको मंत्रमुग्ध करते हुए चर्मसुख के मुहाने पहुँचा दिया था पर अनुभवी भाभी ने अपने जिस्म को बांधे रखते हुए यथासिग्रह झड़ना नहीं सीखा था वो तोह उन औरतों मैं सुमार थी जो मर्दो को चूस लेती और आह भी नही करती ।



भाभी की चुत पर विरजु ने थूककर थोड़ा लिंग के घर्षण को कम किया और फच फच की मधुर ध्वनि गूँज उठी और भाभी की चढ़ी आँखे ये बता रही थी कि वो कितनी प्यासी औरत है ।


करिब आधे घंटे के बाद कालू ने हँसते अंदाज़ मे बोला मालकिन घोड़ी बनोगी और भाभी मुश्कुराते बोली बना ले और बीरजु ने मेरी मधु की और देखते बोला मालकिन तुम भी मेरी घोड़ी बन जाओ और ये सुनते मधु ने लात मार शर्मा जी को अपने झाघो के बीच से फौरन अलग करते बोली चल कुत्ते जा मेरे गांडू पति के पास बैठ और देख मर्दो के जोश को ,दोनों गांडू हो गाँड मे खुजली मचेगी तोह बताना अपनी बीवियों की चुदाई देख के हम तुम दोनों की मरवा देंगे और शर्मा जी अति लज्जित हो मेरे पास आ बैठे और मधु और मधु की कमुक दिदी एक दुज़े के आमने सामने घोड़ी बन एक दुज़े के लबों को चूमने लगे और कालू प्यासी भाभी के पीछे और विरजु उतावली मधु के पीछे अपना सख्त कड़क लड़ लिए कमर पकड़ चुत सहलाते एक दूसरे को देखते दोनों के चुत मे लड़ डाल हलके हल्के धकों से कुतिया चुदाई आरम्भ कर अपनी दोनों मालकिनों के समलैंगिक चुम्बन के मनोरम दृश्य को देखते हम दोनों को तरीची नज़र देख हँसते सोच रहे थे क्या मदमस्त बीवी है दोनों की पर दोनों साले छक्के है ।
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