06-03-2019, 09:15 AM
update continues from last page
Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
|
06-03-2019, 09:15 AM
update continues from last page
09-03-2019, 09:50 AM
Waiting for update dear....
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html [b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b] https://xossipy.com/thread-2651.html Hawas ka ghulam https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
10-03-2019, 12:23 PM
10-03-2019, 02:00 PM
'वो 'और मिसेज खन्ना प्याला पकड़ते हुए भी उनकी अंगुली कुछ ज्यादा देर तक उनकी ऊँगली को छूती रही। लेकिन मिसेज खन्ना बहुत ही पॉलिश्ड ,सॉफिस्टिकेटेड थीं और अगले ही पल वो अपने 'रीगल सेल्फ ' में थी और उनसे बहुत पोलाइटली तारीफ़ करती कह रही थीं ' इट इज गुड दैट आफटर अ लांग ग्रूअलिंग डे ऐट आफिस , यू फाइंड टाइम ऐंड एनर्जी टू शेयर योर वाइव्स वर्क ऐट होम " पकौड़े को निबल करती वो बोल रही थीं , लेकिन मैंने एक बल्कि दो करेक्शन जारी किये , " नो मैडम , जस्ट टू स्माल करेक्शन , ही डज नाट शेयर ,ही डज एवरीथिंग आल अलोन । " उन्होंने जोर से ब्लश किया , और मिसेज खन्ना ने पहले तो उनकी ओर देखा और फिर तारीफ़ से मेरी ओर। मैंने बात जारी रखी , " और मैडम जो आप आफिस में हार्ड वर्क की बात कर रही थीं न , तो उसके बारे में मुझे शक है , मुझे अंदाज है अच्छी तरह से ये लोग आफिसमें क्या करते हैं।" बात काटने के लिए इन्होने मिसेज खन्ना को एक पनीर का पकौड़ा पेश किया। मिसेज खन्ना ने एक बाइट लेके उनकी तारीफ की और फिर मेरी बात में हामी भरती हुयी बोलीं , " यू आर राइट , सारा दिन बस आफिस में चैटिंग , गप्पे और सर्फिंग सारी गर्ली साइट्स पे , यहाँ तक की जो लोग टॉप पोजीशन में हैं , एक्सपीरियंस्ड वो भी। " मैंने मिसेज खन्ना की बात को आगे बढ़ाया , " एकदम सही कहा आपने मैडम , और समबडी हैज सेड व्हाट इज ट्वेंटी इयर एक्सपीरिएंस , वन इयर एक्सपीरियंसरिपीटेड ट्वेंटी टाइम्स , सिर्फ डिक्टेशन के बहाने , स्टेनो के बूब्स देखते रहते हैं , मीटिंग में क्या मेनू होगा ये तय करते हैं ," पनीर पकौड़ा खत्म करते हुए मुस्कराकर उन्होंने मेरी बात की ताकीद की। और उन्होंने जोड़ा , " और फिर जब आफिस बंद होने का टाइम आता है तो दिन भर का काम याद आता है , और रोज लेट आने का बहाना। " " एकदम मैडम कंपनी उन्हें अच्छी तरह से स्क्रू करती है , " मैं बोली। “एकदम सही बोली तुम , दे आर सो मच स्क्रूड दैट व्हेन दे कम बैक, दे आर नाट गुड एनफ फॉर स्क्रू ऐट होम " वो बोलीं, और हम दोनों जोर से खिलखिलाने लगीं। बातचीत में हमदोनो उन्हें इग्नोर कर रहे थे , जैसे वो वहां हों ही नहीं। जैसे आप टैक्सी में जाते हैं और कुछ भी बिना झिझक बोलते रहते हैं जैसे टैक्सी ड्राइवर वहां हो ही नहीं। लेकिन मुझे कुछ भी बुरा नहीं लग रहा था , आखिर लेडीज भी जब इन लोगो के साथ क्लब में , किसी के घर पे मिलते हैं तो बस आफिस की बातें ऐसे चालू हो जातीहै , जैसे वहां के सब मसले अभी सुलझा लिए जाएंगे। और आफिस की बातें खत्म हुयी तो क्रिकेट , बिना ये सोचे की लेडीज को इन बातों में कोई इंट्रेस्ट आ रहा है की नहीं. लेकिन नहीं , मिसेज खन्ना के मैनर्स एकदम परफेक्ट थे। वो उन्हें कत्तई इग्नोर नहीं कर रही थीं। कहते हैं न महिलाये अपनी भावनाएं कई ढंग से व्यक्त करती हैं , तो बस वही काम अभी मिसेज खन्ना की मंझली उंगली कर रही थी। लम्बी ,पतली ,गोरी,पर्फेक्ट्ली मैनिक्योर्ड , और लम्बे ब्लड रेड पेंटेड नेल्स , लेकिन सबसे चमकदार थी उसमे पिजन ब्लड रूबी , स्पार्कलिंग ,पूरे ६ कैरट की, मिसेज खन्ना की ऊँगली उनके जींस पर सरकती ,रेंगती , मैं दूर बैठी उनकी उस उंगली का दबाव महसूस कर रही थी। जिप से मुश्किल से डेढ़ दो इंच दूर और अब उनका बल्ज कड़ा , हल्का हलका खडा साफ नजर आ रहा था। उनकी देह गिनगीना रही थी , लेकिन वो ,… अचानक वो बोल पड़ीं , " अच्छा मैं चलती हूँ , देर हो रही है। " उनकी ऊँगली का दबाव और गहरा हो गया था। " नहीं नहीं मैडम कहाँ जा रही है ,वैसे भी मिस्टर खन्ना तो अब्रॉड गए हैं रुकिए न " मैंने इसरार किया। " हाँ ,मैडम रुकिए न बस थोड़ा सा और , मैं आपको कॉकटेल स्नैक्स खिलाता हूँ मैंने मिसेज तनेजा के यहाँ सीखे थे , बस थोड़ा टाइम लगेगा। " उन्होंने मेरा हिंट समझ लिया था और अब वो भी रिवेस्ट कर रह थे। मिसेज खन्ना मान गयीं।
10-03-2019, 02:44 PM
मेरे ' वो ' , मिसेज खन्ना और... लेडीज क्लब
वो ट्रे में प्लेट ,कप्स लेके किचेन में वापस गए और पीछे पीछे मैं , और उन पर डांट शुरू , " तुम भी न क्या नयी नयी कच्ची लौंडियों की तरह शरमा रहे थे , उस रंडी को अपने उभार दिखाने में शरम नहीं और तुम लाज से सिकुड़े जा रहे थे ,क्या सोचेंगी वो की मेरा हबी कितना , .... " " नहीं , असल में मैंने सोचा की कही , कहीं ,.... तुम्हे न बुरा लगे की मैं उनके वो , वो ,… देख रहा हूँ। " बिचारे उन्होंने ने अपना डर जाहिर कर दिया। इत्ते सीधे वो मैं मुस्कराने लगी और बोली , " तू भी न , तुझे इत्ता मैंने सिखाया , मम्मी ने सिखाया , और ये वो वो क्या बोल रहे हो , सीधे से जोबन ,चूंची नहीं बोल सकते क्या. मुझे कुछ बुरा नहीं लगेगा ,वो छिनार फ़्लर्ट करना चाहती है तो खुल के करो न, मेरे लेडीज क्लब के प्लान के लिए वो बहुत इम्पॉर्टेंट है , अरे यार वी पी की वाइफ है , तुझे छू रही है तो सिकुड़ क्यों रहे थे बल्कि इनकरेज करो उसको , .... और हाँ स्नैक्स जल्दी ले आना , और वाइनग्लास अच्छी साफ कर के ले आना। " उनके गाल पे हलके से पिंच करके मैं बाहर फिर मिसेज खन्ना के पास आ गयी। मैं मन ही मन मुस्करा रही थी। असल में उनका बिहेवियर एकदम नॉरमल था , थोड़ा झिझकना ,शरमाना , थोड़ा अनप्रोचेबल। मिसेज खन्ना को ऐसे ही पसंद था , वह अपने शिकार के साथ पहले खेलना पसंद करती थी। शी इज अ परफेक्ट क्विन बी, हु लाइक्स हर स्टीक्स , रेयर ,लाइटली कुक्ड। और ये मेरी गैम्बिट थी। मैं सोशल स्केल पे क्लाइम्ब करना चाहती थी , जल्दी नहीं , … बहुत जल्दी। और उनका ये रूप जो मिसेज खन्ना को लुभा रहा था मेरा लिए बहुत इम्पॉरटेंट था। मुझे लेडीज क्लब कासेक्रेटरी होना ही था , और ही , ही में बी माई सैक्रिफाइसियल लैम्ब। " बीच बीच में कुछ सिखाना पड़ता है ,इसलिए थोड़ी देर के लिए किचेन में , .... " मैंने मिसेज खन्ना को एक्सप्लेन किया। मुस्करा के वो बोलीं , " सही कह रही हो ट्रेनिंग आफ अ मेल इज नेवर कम्प्लीट , तब भी तुमने इस नादान बालक को बहुत ट्रेंड कर दिया , शुरू में तो एकदम स्माल टाउन मिडल क्लास मेन्टलटी, और , ही वाज सो रिजिड , तुमने तोएकदम जादू कर दिया , यू विल बी अ परफेक्ट चेंज मैनेजर इन ऑर्गनाइज़ेशन। " ' थैंक्स सो मच मैडम , ये आपकी ब्लेसिंग्स हैं ,मैं तो सिर्फ आपकी फालोवर हूँ। वैसे कुकिंग के साथ लाँड्री ,क्लीनिंग सारे काम, … " मैंने मैडम को थैंक्स दिया और तबतक वो आये अपने पिंक फ्लोरल एप्रन में , उन्होंने टेबल सेट की ,प्लेट ,फोर्क्स और फिर वाइन ग्लास में थोड़ा सा वाइन निकाल के मैडम को ऑफर किया। उन्होंने पहले स्निफ किया , फिर रोल करके थोड़ा सा टेस्ट किया और उनकी ओर हाँ की निगाह में देखा। उन्होंने पहले उनकी ग्लास में , फिर मेरी ग्लास में वाइन पोर किया। " क्यों पिछले साल से चीजें बहुत ज्यादा नहीं बदल गयी " मिसेज खन्ना ने वाइन सिप करते हुए आँख नचा के मेरी ओर देखते हुए मुस्करा के कहा। मैं समझ गयी उनके इशारे को , हम लोग नए नए आये थे।
10-03-2019, 03:04 PM
क्यों पिछले साल से चीजें बहुत ज्यादा नहीं बदल गयी " मिसेज खन्ना ने वाइन सिप करते हुए आँख नचा के मेरी ओर देखते हुए मुस्करा के कहा। मैं समझ गयी उनके इशारे को , हम लोग नए नए आये थे। लास्ट इयर न्यू इयर पार्टी में , और वो उनका प्री रिफ़ारमेशन ,प्योरिटन डेज थे , हर चीज में नहीं नहीं करने वाले और अभी कंट्रोल मैंने अपने हाथ में नहीं लिया था। मेल्स तो सारे हार्ड ड्रिंक्स कर रहे थे ,सिवाय इनके। और लेडीज भी ज्यादातर ,वाइन्स कुछ तो हार्ड ड्रिंक्स भी , बस दो चार सॉफ्ट ड्रिंक्स वाली थीं , जिनमें मैं भी थी। हालाँकि इसके पहले कितनी बार मैं ड्रिंक्स ट्राई कर चुकी थी , मेरी भाभियों ने कुछ कभी जबरदस्ती तो कभी धोखे से , मुझे सारे नशे टेस्ट करवा दिए थे और वैसे भी सोशल ड्रिंक्स मेरे मायके में कॉमन था। उस दिन पार्टी में कुछ लोगों ने शरारत कर के , लिम्का में जिन और कोला में रम मिला के जो लेडीज सॉफ्ट ड्रिंक कर रही थीं उन्हें कुछ ज्यादा ही , … और इसका असर मिड नाइट में डांस में हुआ , जब मिड नाइट के टाइम लाइट आफ कर दी गयी , जो लेडीज नए नए नशे में थी उन्होंने भी खूब मस्ती की। लेकिन जब उन्हें बाद में पता चला तो उन्होंने बहुत हंगामा किया। वो भी इशारा समझ गए थे , और वाइन पोर करते हुए मिसेज खन्ना से ऑलमोस्ट अपालोजेटिकली बोले , " मैडम , …आई वाज नाइव। " " नेवर माइंड , वी आल लर्न एंड नाउ यू मस्ट कम्पन्सेट " मुस्कराते हुए मिसेज खन्ना बोलीं और अपने बगल में बैठने का इशारा किया। " जस्ट अ मिनट लेट मी ब्रिंग स्नैक्स , आप के लिए स्पेशली बनाया है। " मुस्करा के वो बोले और फिर वापस किचेन की ओर, पिछले साल की बात याद कर मैं और मिसेज खन्ना खिलखिला पड़े। चीज प्लैटर , चिकेन टिक्का ,शामी कबाब और श्रिम्प्स। उन्होंने स्नैक्स टेबल्स पर रख दिए और अबकी बिना कहे मिसेज खन्ना के बगल में बैठ गए। मिसेज खन्ना थोड़ा और उनकी तरफ , और अबकी जब आँचल सरका तो वो नदीदों की तरह सीधे गोरी मांसल गहराइयों में ,और मिसेज खन्ना ने आँचल ठीक करने की कोई जहमत नहीं फरमाई। " तो अब ये क्या क्या , क्या ट्रेनिंग करवाई तूने " मिसेज खन्ना अब फिर मेरी ओर थीं। " सब कुछ मैडम , बस नाउ ही नोज की इनका काम है सैटिस्फाई करना ,प्लीज करना , ...और ही डज इट." मेरी बात बीच में काट के मिसेज खन्ना बोलीं , " यू हैव डन अ ग्रेट जॉब। आई आलवेज थाट ,ही इन अनटेमेबल लेकिन तूने , यू डिड मैजिक। आई थिंक यू कैन, " मैं इतनी देर से जिस बात का इन्तजार कर रही जिसे सुनने के लिए मेरे कान तरस रहे थे , अंत में मिसेज खन्ना ने बोल दिया , " कैन यू हेल्प मी इन रनिंग दिस लेडीज क्लब , … राइट नाउ , … यू नो , इट इज सो,… बूरिश ,सो टिपिकल बहेनजी टाइप, मिडल क्लास। "
10-03-2019, 03:26 PM
लेडीज़ क्लब ,... सेक्रेटरीशिप ,... ड्रीम कम ट्रू
मिसेज खन्ना ने बोल दिया , " कैन यू हेल्प मी इन रनिंग दिस लेडीज क्लब , … राइट नाउ , … यू नो , इट इज सो,… बूरिश ,सो टिपिकल बहेनजी टाइप, मिडल क्लास। " मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। " श्योर मैडम आईटी विल बी अ प्रिविलेज जैसा आप कहें , मैं तो किसी भी कैपिसिटी में , और आप की बात एकदम सही है , इट इज सो ड्रेब अण्ड बोरिंग , … " मैंने अपनी ख़ुशी छिपाते बोला। " लेकिन यू नो , सेक्रेटरी इज ओनली पोस्ट ,जहाँ से कुछ चेंज हो सकता है , सारी फंक्शनल पावर तो , और यू आर टू यंग ,टू जूनियर " मिसेज खन्ना ने जो मुझे डर था वो खोल के कह दिया। " मैडम ,पूरी दुनिया जानती है रिएल पावर इज विद यू। जब मैं यहाँ आई थी तभी से सब लोग कह रहे हैं की होता वही है जो मैडम चाहती हैं , और आप लेडीज क्लब में अगर कल्चर चेंज करना चाहती हैं , … " मैंने भी अपनी बात रख दी। और उनको इशारा किया की मैडम का ग्लास खाली है। उन्होंने पूछ लिया , " मैडम इफ यू एन्जॉय अ कॉकटेल आफ शेरी , आई कैन ब्रिंग वन फॉर यू , एक बार प्लीज ट्राई कर के देखिये न " उन्होंने ऐसा इसरार किया की मिसेज खन्ना ने तुरंत हामी भर दी। मिसेज खन्ना की निगाहें उनकी पीठ पर चिपकी थीं , फिर फुसफुसा के कुछ मुझसे कुछ खुद से वो बोलीं " लुकिंग ऐट ,जो आदमी पांच छ महीने पहले छू नहीं सकता था एंड यू मेक हिम एक्सपर्ट एंड इगर इन मिक्सिंग कॉकटेल्स , ओनली पर्सन , अगर कोई लेडीज क्लब को बहन जी टाइप बनने बचा सकता है , यू … आर द ओनली पर्सन , वरना ये सब ओल्ड लेडीज एकदम इसको महिला समिति बना के दम लेंगी। यू मस्ट ऐक्सेप्ट चैलेन्ज एंड बिकम सेक्रेटरी। ' मेरे लिए दुहरी ख़ुशी की बात थी , मैडम ने मेरे मन की बात खुद बोल दी थी और अगर उनके ड्रिंक्स को देख के मैडम इतनी सरप्राइज थीं तो उनकी मायकेवालियों की तो फट के , .... तब तक वो कॉकटेल लेके आ गए थे , और पहली सिप के साथ ही मैडम ने एकदम अप्रोविंग निगाह से उनकी ओर देखा और फिर मेरी ओर। उन्होंने मेरे साथ ड्रिंक टोस्ट किया , फार आवर न्यू हाट सुपर हाट क्लब ,बोलो व्हाट आइडिया यू हैव। " मैडम वी कैन आर्गनाइज समथिंग लाइक फुल मांटी , या आप सोच रही हैं की कुछ ज्यादा हो जाएगा , लेडीज एक्सक्यूसिव नाइट के लिए , " मैंने दांव फेंका। " नहीं नहीं , वेरी गुड आइडिया , और वैसे भी वो लेडीज एक्सक्ल्यूसिव नाइट होती है लेकिन करेंगे कैसे " मिसेज खन्ना ने मेरी बात मानते हुए बात फिर मेरी ओर ठेल दी। " मैडम बस योर ब्लेसिंग्स आर रिक्वायर्ड , कई बार सारे जेंट्स एक साथ कांफ्रेंस के लिए या कन्वेंशन के लिए बाहर चले जाते हैं , एंड देयर आर इवेंट मैनेजर्स , कम से सात आठ स्ट्रिपर्स , विद स्ट्रांग मसल्स , दे विल सेंड पिक्चर्स फर्स्ट आप सेलेक्ट कर लीजियेगा। " मैंने बोला। वो अब मिसेज खन्ना के साथ एकदम सट के बैठे थे , और उनकी निगाहैं खुल के उनकी उभारों को ललचाते सहला रही थीं। ग्लास खत्म होने के पहले ही उन्होंने तुरंत भर दिया। " सही बोल रही है तू ,आखिर ये लोग भी तो बाहर जाते हैं तो स्ट्रिपटीज ,बार गर्ल्स सब कुछ , … हाँ मसल्स में एक ख़ास मसल्स जरूर चेक कर लेना।" हँसते हुए वो बोलीं , इस समय उनकी रूबी की अंगुठीं वालीऊँगली सीधे उनके तने बल्ज पे थीं। " मैडम वो मसल्स चेक करने का प्रिविलेज आपका होगा , " हँसते हुए मैं बोलीं। अच्छा अब मैं चलती हूँ वो बोलीं एंड यू हैव ब्रिलियंट आडियाज ,, यू मस्ट एक्सेप्ट टू बिकम सेक्रटरी आफ लेडीज क्लब। " चलते चलते वो बोलीं। " हे जाओ ,मैडम को घर तक छोड़ आओ " मैंने उनसे कहा। पहले तो मिसेज खन्ना ने मना किया लेकिन मैंने चिढ़ाते हुए कहा , " मैडम ही विल बिहेव आप घबड़ाइये मत। " मेरे कान में वो खिलखिलाते बोलीं , " आई विल प्रिफर इफ ही डज नाट बिहेव ". उनका तम्बू तना था और मिसेज खन्ना की निगाहें वहीँ चिपकी थीं। वो मिसेज खन्ना को छोड़ने गए , और मैं सोच में डूब गयी ,मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।
10-03-2019, 06:41 PM
मिसेज खन्ना - वो
वो मिसेज खन्ना को छोड़ने गए , और मैं सोच में डूब गयी ,मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। ' साली सीनियर्स सबकी अब झांटे सुलगेंगी . अणिमा, मीता ,साल्ली सीधे मुंह बात नहीं करती थीं न ,बहुत घमंड था सीनियर्स होने का अब करवाउंगी सबको स्ट्रिप. मुझे और मेरी सहेलियों को 'बच्ची लोग' बोलती थीं न अब दिखाउंगी उनको असली जलवा। " मैं सोच रही थी मिसेज खन्ना की बातें , मेरी शैतान की चरखी वाला दिमाग उन्हें एकदम पसंद आ गया। और उन्होंने खुद भी तो उसमें कित्ता नमक मिर्च लगा के , … अब अगर वो चाहतीं है ये सब करना तो बस अगले महीने के पहले पहले लेडीज क्लब मेरी मुट्ठी में और सिर्फ सेक्रेटरी ही नहीं मैं बनूँगी , बाकी कमेटी में भी जितने मेरी सहेलियां हैं , अजिता , अनन्या,सुजाता सब मेरी तरह से यंग न्यूली वेड्स , … २२ -२४ साल के अंदर की उम्र वाली और जितने पुराने डल ड्रेब फंक्शन थे ,बिना फ़न वाले सब एकदम नए ढंग से , पिछले साल हसबैंड डे में , सारे मेल्स मेम्बर्स को बोला गया था , सिर्फ एक फीमेल मेकअप पहनने को लेकिन अबकी कम्प्लीट ट्रांसफॉर्मेशन होगा , साडी ब्लाउज सब ,एकदम ब्राइडल मेकअप के साथ जैसे सुहाग रात के लिए कोई दुल्हन तैयार हो के आई हो , और फुल नाइट उसी ड्रेस में रहना होगा . ( बिचारे ये , पिछली बार एकदम किल ज्वाय थे ये , मैंने एक बिंदी सिर्फ इनके माथे पे लगाई थी वो भी नन्ही मुन्नी सी ,लेकिन ये इतना उछले , पर आज जिस तरह से इन्होने मिसेज खन्ना के सामने कानपकड़ के अपनी गलती मानी , हम दोनों हंस के लोट पोट हो गए। ) मिसेज खन्ना ने उनकी सजा भी सुना दी , "तुम अभी से प्रैक्टिस शुरू कर दो , साडी पहन के कैट वाक् करने की , तुम्हे फर्स्ट आना होगा , आखिर सेक्रेटरी के हबी होगे। " मैं समझ रही थी ,जितना मिसेज खन्ना को मेरी आइडिया पसंद आई उससे ज्यादा ये , और इनका चेंज्ड , ट्रान्सफार्मड लुक।
12-03-2019, 01:43 PM
Wow, superb update..
Waiting for more updates
12-03-2019, 05:18 PM
12-03-2019, 05:19 PM
12-03-2019, 07:24 PM
घर आया मेरा साजन मैं समझ रही थी ,जितना मिसेज खन्ना को मेरी आइडिया पसंद आई उससे ज्यादा ये , और इनका चेंज्ड , ट्रान्सफार्मड लुक। इनको गए आधे घंटे से ऊपर हो गए थे मुश्किल से १०-१५ मिनट लगता मैडम को छोड़के आने में , बची हुयी कॉकटेल मैंने खत्म कर दी ,इन्तजार करते सब सामान भी समेट दिया। बार बार नजर घडी की और दौड़ती थी। पचास मिनट हो गए और तब ये आये। इन्हे देखते ही पहली नजर में मैं समझ गयी , अब मुझे सेक्रेटरी बनने से कोई रोक नहीं सकता। कांटा चुभ गया। इनकी शर्ट आधे से ज्यादा बाहर निकली थी , और इनके होंठों पे स्मज्ड पिंक लिपस्टिक , वही जो थोड़ी देर पहले मिसेज खन्ना के होंठों पे थीं. मैंने उन्हें बाँहों में भर के चूम लिया , लिपस्टिक का स्वाद भी अनमिस्टेकेबल था ,मैडम की खास इम्पोर्टेड लिपस्टिक मेरे होंठों ने उनको होंठों को दबोच लिया , जैसे मैं उनके नहीं मिसेज खन्ना के होंठों को खा रही हूँ , मैंने उनकी शर्ट उतार के वहीँ ड्राइंग रूम में फ़ेंक दी , अंदर बनयान पे मिसेज खन्ना का स्पेशल इम्पोर्टेड चैनेल परफ्यूम, यू हैव बीन अ गुड ब्वॉय , वेरी गुड ब्वॉय , यू डिजर्व अन अवार्ड ,स्पेशल अवार्ड टुनाइट , लेट इट बी इ स्पेशल नाइट फॉर यू , और मैं उन्हें आलमोस्ट ड्रैग करते हुए बेडरूम में ले गयी।
12-03-2019, 07:26 PM
(This post was last modified: 24-06-2020, 05:11 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बचपन की चाहत , मस्त माल
कहने की बात नहीं की डबलबेड पर पहुँचने से पहले हम दोनों के कपडे उतर चुके थे , और आज अपने और उनके दोनों के कपडे मैंने ही उतारे। पहुंचते ही मैंने इनाम भी सुनाया ,और हुकुम भी. " आज मैं तुम्हे तुम्हारी जिंदगी की पहली चाहत से मिलवाउंगी , तेरा पहला प्यार जिसका नाम लेके तूने पहली बार मुट्ठ मारी। लेकिन आँखे बंद और मैं जैसे कहूँ वैसे करना , आँख खुलनी नहीं चाहिए तेरी और हाँ हचक के चोदना उसे” उन्होंने तुरंत आँखे बंद कर ली। " भैया ,आओ न इत्ती देर से इन्तजार कर रही हूँ तेरा , बहुत मन कर रहा है। " आवाज एक किशोरी की थी , जी उनके ममेरी बहन कम मस्त माल की ,… गुड्डी की। ........................ "मिलो मेरी सेक्सी छिनार ननद , … अपने बचपन के मस्त माल , पक्की चुदवासी , गुड्डी से , आज दबा दबा के मसल मसल के कच्चे टिकोरों की ऐसी की तैसीकर देना , इस छिनार की अनचुदी चूत को , हचक हचक के चोद के फाड़ के भोसड़ा कर देना। " उनके कान में मैं अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोला।मैं उनके पीछे थी ,और अपनी लेसी काली ब्रेजियर और काली साटिन की थांग से जबरदस्त ब्लाइंड फोल्डउनकी आँखों पे बाँध दिया। और एक मिनट बाद मैंने उसे अपनी बाहों में दबोच रखा था , अपने कड़े कड़े गदराये उरोज उसके सीने पे रगड़ रही थी, " भैय्या ,भैय्या , मुझसे पकड़ो न हाँ और जोर से , कस के , हग मी हग मी हार्ड। कित्ते दिनों से में इन्तजार कर रही थी इसी के लिए , भैय्या मेरे प्यारे भैय्या , वेटएंड वेटिंग , बहुत मन कर रहा है ,आज , … दबा दो ,मसल दो। " मैं परफेक्ट मिमिक थी , न सिर्फ गुड्डी की किशोर आवाज , बल्कि उसका उतावलापन , उसकी उँगलियों की हरकतें सब कुछ एकदम गुड्डी की तरह ,… उनकी आँखे एकदम बंद थी लेकिन होंठ बेताब ,उतावले बेचैन थे। शुरू में तो वो थोड़ा झिझके , पहले किस के समय , लेकिन मेरी मोंस की आवाज , सिसकियाँ,फुसफुसाहटें ,और वो फिर अपनी सपनो की दुनिया में खो गए। अगले ही पल उनके प्यासे , भूखे होंठ ने कचाक से मेरे कड़े ,खड़े निपल को काट लिया। “उईइइइइइइइइइ , " मैं जोर से चीखी , एकदम गुड्डी की आवाज में। " उईई भैय्या ,लगता है न धीरे से … "मेरी दर्द भरी चीख के साथ मस्ती भरी सिसकियाँ और उनके होंठ मेरे दूसरे जोबन पर पहुँच गए , लिकिंग ,किसिंग ,सकिंगसब एक साथ। हम दोनों डबल बेड पे लेटे थे और वो मेरे ऊपर। लेकिन मैंने उन्हें और उकसाया ,वही गुड्डी की आवाज ,गुड्डी की हरकतें , " भैया करो न , मन कर रहा है ,बहोत मन कर रहा है ,दो न " और जैसे गलती से मेरी उँगलियाँ उनके लिंग से जैसे छू गयीं। एकदम लोहे का राड , पूरे जोश में , एकदम तैयार खड़ा ,कड़ा। और मैंने हलके हलके से उसे पकड़ लिया जैसे कोई किशोरी पहली बार झिझकते शरमाते पकड़ रही हो। " कित्ते दिनों से मेरा मन कर रहा है , इसका ,तुम न भैय्या पूरे बुद्धू हो ,जरा भी इशारा नहीं समझते ,मैं तो ,… उस दिन भी जब केयरफ्री के लिए बोला था ,… तुमएकदम बुद्धू हो भैय्या और , आज भी बुद्धू ही हो ,.... " और अब मैंने जैसे अपनी किशोर उँगलियों का दबाव हलके हलके उनके तने शिश्न पर बढ़ा दिया और धीमे धीमे सहलाने लगी। उनकी हालत खराब थी। मैंने अपनी लता सी टांगों को उनकी पीठ के ऊपर कर के अच्छी तरह बाँध दिया , और अब लिंग मेरी गीली योनि से बार बार रगड़ खा रहा था। मैं एकदम गुड्डी के रोल में थी न सिर्फ आवाज ,बल्कि बॉडी लैंग्वेज , थोड़ी शर्म झिझक के साथ कुछ हो जाने का मन , जिस तरह से वो अपने चेहरे को एक अदा केसाथ मोड़ती थी , हल्की सी टिल्ट , उसकी लम्बी उँगलियों के तरीके सब कुछ , और अब एक बार फिर मैंने अपने हाथ से पकड़ के उनका हाथ अपने जोबन पे रख दिया। और अब वह भी उसी तरह मुझे गुड्डी मान के , थोड़ा झिझकते ,थोड़ा सम्हल के मेरे जोबन छू रहे थे ,सहला रहे थे। " भैय्या , भाभी के तो बहुत बड़े हैं न एकदम कड़े कड़े , … " मैंने उन्हें बोलने के लिए उकसाया। :" हाँ तू सही कह रही है , तेरी भाभी के उभार बहुत मस्त हैं ,खूब रसीले ,एकदम परफेक्ट। " वो बोले। मुझे अच्छा तो बहुत लगा उनके मन से अपनी तारीफ़ सुन के लेकिन मैं रोल से बाहर नहीं होना चाहती थी ,इसलिए मैं मुंह फुला के बोली , "मतलब ,भैय्या आपको मेरा नहीं ,… " " अरे नहीं ,तेरे भी खूब छोटे छोटे हैं लेकिन कड़े कड़े , " मेरे उरोजों को सहलाते वो बोले। " पूरा खोल के बोलिए न भैया वरना मैं गुस्सा हो जाउंगी , हाँ आप भी न , भाभी से तो आप एक दम खुल के , … बोलिए न ,बताइये न क्या कड़े कड़े ,… " एकदम परफेक्ट गुड्डी की आवाज और मैनरिज्म , वही नखड़े , " तेरे जोबन , ये तेरी छोटी छोटी कड़ी कड़ी , … " मैंने एक जोर की सिसकी भरी और उन्हें और उकसाया , हाँ भैय्या ऐसे ही प्लीज ,मुझे बहुत मन करता है आप अपने दिल की बात खुल के बोलो न " और साथ में अपने उरोज उनके सीने से रगड़ दिए। बस जैसे उन्हें आग लग गयी , सब मन के बाँध टूट गए। इतने दिनों की बात सामने गयी। " गुड्डी , ये तेरे छोटे छोटे कड़े मस्त जोबन , ये चूंचियां ,तुम जानती नहीं , मेरा बहुत मन करता था इन्हे छू लूँ ,दबा दूँ ,कस के मसल दूँ , कचकचा के काट लूँ ,कित्तेकड़े हैं कित्ते मस्त , दो न मुझे। "[
12-03-2019, 07:29 PM
(This post was last modified: 24-06-2020, 06:07 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
छोट छोट जोबना दाबे में मज़ा देय
" गुड्डी , ये तेरे छोटे छोटे कड़े मस्त जोबन , ये चूंचियां ,तुम जानती नहीं , मेरा बहुत मन करता था इन्हे छू लूँ ,दबा दूँ ,कस के मसल दूँ , कचकचा के काट लूँ ,कित्ते कड़े हैं कित्ते मस्त , दो न मुझे। "[ ………………… " लो न भैय्या ,मैं तो हरदम से तुम्हे खुद देने को तैयार थी अपनी चूंचियां , दबा दो ओह्ह ओह्ह हाँ ऐसे ही , मैं चाहे चीखूं चिल्लाऊं ,प्लीज भैय्या खूब जोर जोर से मसलो , रगड़ो , और आगे से भी जब भी तेरा मन करे , .... अगर तुम ज़रा भी शर्माएं न , या तुमने पूछा न तो मैं गुस्सा हो जाउंगी। हाँ , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। "[ मैं बोली ,गुड्डी की आवाज में। फिर तो दोनों हाथों से मेरी चूंचियों की वो रगड़ाई हुयी और बीच बीच में कभी वो निपल काट लेते तो कभी चूंची पे दांत गड़ा देते। मैं उन्हें और उकसा रही थी और चढ़ा रही थी एकदम अपनी उस कच्ची कली ननद की तरह। लेकिन अब मैं भी गीली हो रही थी ,मेरा मन कर रहा था बस अब ये हचक के पेल दें। उनका हथियार अब एकदम तैयार था मस्ती से बर्स्ट कर रहा था। उसे दबाते मैंने कहा , " भैया अब डाल दो न , प्लीज बहुत मन कर रहा है ,लेकिन रुकना मत मैं चाहे जितना चीखूं चिल्लाऊं , आज फाड़ दो न मेरी। " " तू भी तो साफ साफ़ बोल ,बोल न गुड्डी ,क्या डाल दूँ ,कहाँ डाल दूँ ," मस्ती में भरे जोर से मेरी गीली चूत पे अपना मोटा सुपाड़ा रगड़ते ,चिढ़ा के वो बोले। लेकिन मैं अब पीछे हटने वाली नहीं थी।
12-03-2019, 07:48 PM
(This post was last modified: 24-06-2020, 06:33 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बहुत हुयी अब आँख मिचौली
खेलूंगी मैं रस की होली " भैय्या यही ,अपना मोटा मस्त लंड , अपनी गुड्डी की कसी कच्ची चूत में डालो न भैय्या। " जोर से उनके लंड को अपनी चूत पे रगड़ते मैं बोलीं। फिर क्या था मेरी दोनों टांगें उनके कंधे पे , जांघे पूरी तरह फैली , और एक धक्का पूरी ताकत से ,… लेकिन मैंने भी अपनी चूत खूब जोर से सिकोड़ ली थी जिससे उन्हें यही लगे की अपनी कुँवारी अनचुदी ममेरी बहन की चूत में लंड पेल रहे हैं। एकदम एक लजीली शर्मीली किशोरी की तरह जो पहली बार घोंट रही हो , ओह्ह उईइइइइइइइइ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह फट गयी भैय्या मेरी बहुत दर्द हो रहा है , ओह्ह आह , नहीईईईईईईईईई ,निकाल लो बहुत ,ओह्ह्ह्ह फाड़ दी भैय्या तूने मेरी , आह। मैं चीख रही थी ,चिल्ला रही थी चूतड़ पटक रही थी ,सिसक रही थी / वो भी अब जब आधे से ज्यादा लंड घुस चुका था तो कभी मेरी चूंचियां सहलाते तो कभी होंठ चूम के ढांढस दिलाते। कुछ देर में मैंने दर्द कम होने का , और हलके से चूतड़ उचकाया , फिर क्या था वो , हचक के चुदाई की उन्होंने और नाम ले ले के। गुड्डी ले ले , घोंट मेरा लंड , बहुत मन करता था तुझे चोदने का यार किती बात तुझे देख के मुट्ठ मारा , ओह्ह ले ले और मैं भी एकदम गुड्डी की आवाज में कभी चीखती तो कभी सिसकती तो कभी उन्हें उकसाती " दो न भैय्या ,पूरा दो ओह्ह दर्द हो रहा है लेकिन अच्छा भी लग रहा है। " और अब वह भी पूरे मूड में थे , बस ऐसे चोद रहे थे ,जैसे अपनी ममेरी बहन कम मस्त माल को ही हचक के चोद रहे हों। और मैं भी एक कम उमर की कच्ची किशोरी की तरह जिसकी चूत में पहली बार मोटा मूसल घुस रहा हो , चीख रही थी,सिसक रही थी ,चूतड़ पटक रही थी। मैंने चूत खूब कस के सिकोड़ रखा था और उनका मूसल रगड़ता ,दरेरता,फाड़ता घुस रहा था। उन्होंने अपने लेसन इतने दिनों में अच्छी तरह से सीख लिया था। वह जान गए थे की उनका पहला काम , प्लीज करना , मजे देना , सटिस्फाई करना है और इससमय भी , उनकी उंगलियां ,होंठ और सबसे बढ़कर मूसल , गुड्डी बनी मुझे मजे देने में लगा हुआ था। उनके होंठ निपल चूसने में लगे थे , और दूसरा निपल उनकी अंगूठे और तरजनी के बीच ,धक्को की रफ्तार और ताकत अब बढ़ गयी थी , मेरी चीखों और सिसकियोंके बीच , हर चौथा पांचवा धक्का सीधे बच्चेदानी पे , साथ में लंड के बेस को जिस तरह वो क्लिट पे रगड़ देते मैं गिनगीना उठती। और सबसे मजा तो तब आता जब वो चोदते हुए खुश होके बोलते , " ओह्ह गुड्डी क्या मस्त चूत है तेरी रानी , क्यों तड़पाया मुझे इत्ते दिन तूने। " और मैं भी जोर जोर से अपने जोबन उनके सीने पे रगड़ती , अपने लम्बे नाखून उनके कंधो पे धँसाती ,उन्हें और जोर से अपनी ओर खींचती बोलती। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैय्या ,ओह्ह चोदो न मैं भी तू तुमसे चुदवाने को इतने दिनों से तड़प रही थीं , तुम्ही बुद्धू थे , तुम कभी भी चोद देते न मैं मना थोड़े ही करती " और जवाब में उनका अगला धक्का मेरी चूत को चीर के रख देता। " ओह्ह गुड्डी यार बहुत मजा आरहा है तुझे चोदने में ,ओह्ह आह क्या मस्त छोटी छोटी चूंचियां हैं तेरी , ओह क्या कसी चूत है है , मैं ही बुद्धू था , सच में तुझे पकड़ के कब का जबरदस्ती पेल देना चाहिए था। " गुड्डी बनी मैं गुड्डी की आवाज में बोलती , ओह भैय्या , हाँ ओह्ह जैसे भाभी के साथ करते हो वैसे करो न खूब जोर जोर से ओह्ह्ह हाँ , बहुत मजा आ रहा है भैया , अब तक क्यों नहीं चोदा मुझे , मेरी सारीसहेलियां कब की अपने भाइयों से चुदवा चुदवा के मजे ले रही हैं। ओह्ह अह्ह्ह्हह्ह जोर से हाँ हाँ " मारे मस्ती के वो अपना मोटा लंड ,सुपाड़े तक निकाल के फिर एक झटके में पूरा अंदर ढकेल देते , और जोर सेबोलते , " गुड्डी मेरी जान ,आज तो तूने मुझे बहनचोद बना ही दिया , सच बोल क्या तेरा सच में मन करता था मेरा लेने का , बोल आज खुल के बता न अब तो बहनचोद बन ही गया मैं " “भैय्या हाँ अरे बहनचोद बन गए तो अपनी इस बहन के साथ खुल के मजे लो न , हचक हचक के चोद बहनचोद आज। हाँ भैय्या , मेरी सारी सहेलियां मुझे इतनाछेड़तीं थी , तेरा नाम लेके , इतना उकसाती थीं , तेरा इतना स्मार्ट भाई है , तगड़ा , तुझसे इतना घुला मिला , तुझे इतना चाहता है घोंट ले इसका। दे दे जुबना का दान , लेकिन मैं इतना लिफ्ट देती थी पर , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह , पर तुम ही बुद्धू थे एकदम। बहुत मन करता था भैय्या तेरे साथ मजे करने का तेरा अंदर घोंटनेका , मैंने तो तय कर लिया था मेरी सहेली फटेगी तो तुझसे , लेकिन इत्ते दिन बाद, ओह्ह हां बहुत मजा आ रहां है , ओह्ह " गुड्डी बनी मैं उन्हें और उकसा रही थी , चढ़ा रही थी। फिर तो उन्होंने वो हचक हचक के चोदा , पांच -छ मिनट में मैं झड़ गयी , उन्हें चोदते १२-१५ मिनट हो गए थे। थोड़ी सी रफ़्तार कम हुयी बस , और उसके बाद दुबारा , मैं जब दुबारा झड़ी तो वो मेरे साथ झड़े और सारी की सारी मलाई अंदर। [ ब्लाइंड फोल्ड मेरी ब्रेसियर और पैंटी का ऐसे ही मैंने लगा रहने दिया। कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे फिर मैंने गुड्डी की आवाज मैं आधे पौन घंटे के ब्रेक के बाद मूसल फिर तैयार था , और मैं भी चुदवासी। गुड्डी बनी मेरा सेकेण्ड राउंड चालू हो गया। और ये पहले से भी भीषण था। और जिस तरह वो खुल के बोल रहे थे गुड्डी के छोटे छोटे उभारो के बारे में , अब मुझे पता चला की उनकी ममेरी बहिन की कच्ची अमिया ने क्या जादू कर रखा था। खूब खुल के रगड़ा मसला , चूसा ,कचकचा के काटा , और गुड्डी की आवाज में मैं भी भी उन्हें खूब उकसाया। और चुदाई में चूतड़ उठा उठा कर उनका मैं साथ दे रही थी। अबकी भी मुझे झाड़ने के बाद ही वो झड़े। तीन बार झड़े वो , कम से कम कटोरी भर गाढ़ी रबड़ी मलाई मेरी चूत में लबालब भरी थी ,छलकती , लेकिन एक बूँद भी मैंने बाहर नहीं निकलने नहीं दिया। मेरी पूरी देह टूट रही थी रात भी खत्म होने के कगार पर थी। रात की कालिख धीमे धीमे हलकी हो रही थी। और अब मेरे ऊपर चढ़ने की बारी थी। मेरी भरी भरी गोरी गोरी जाँघों के बीच उनका सर दबा हुया था , झुक के मैंने उनके आँखों पे बंधी अपनी काली लेसी ब्रेजियर और पैंटी खोल दी ,उसके साथ ही हमदोनों अपने रोल से बाहर.
15-03-2019, 09:32 AM
(This post was last modified: 03-07-2020, 09:54 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
ऊपर मैं ,नीचे तुम
और अब मेरे ऊपर चढ़ने की बारी थी। मेरी भरी भरी गोरी गोरी जाँघों के बीच उनका सर दबा हुया था , ऊपर मैं ,नीचे तुम और अब मेरे ऊपर चढ़ने की बारी थी। मेरी भरी भरी गोरी गोरी जाँघों के बीच उनका सर दबा हुया था , झुक के मैंने उनके आँखों पे बंधी अपनी काली लेसी ब्रेजियर और पैंटी खोल दी , उसके साथ ही हमदोनों अपने रोल से बाहर, … मैं जोर जोर से अपनी चूत उनके मुंह पे रगड़ रही थी , जिसे थोड़ी देर पहले उन्होंने अपनी ममेरी बहन समझ के हचक हचक के चोदा था और उनकी गाढ़ी कटोरी भरमलाई उसमें भरी थी। कुछ दिन पहले ही वो चूत चाटने के नाम पे बिदकते थे लेकिन अब तो पक्के चूत चटोरे , और मैंने तय किया था की इन्हे नंबरी कम -स्लट बना के छोडूंगी / " चाट बहनचोद , अपनी गुड्डी के यार अभी बहन समझ के रहा था न जरा अब अपनी जीभ से चाट चाट के साफ कर दो।" उनकी जीभ आलरेडी मेरी बुर के अंदर , हर कोने में चारो ओर , अच्छी तरह से चाट चुट के ,… और उनकी इस चूत चटाई से मैं दो बार फिर झड़ गयी। अपनी थकी चूत को कुछ आराम देने के लिए मैंने पोजीशन थोड़ी बदली और अब बजाय अगवाड़े के पिछवाडे का छेद सीधे उनके मुंह पे ,और मैंने भी दोनों हाथ से अपने नितम्बों को फैला लिया और सीधे अपनी गांड उनके होंठ पे ,चेहरे पे , अबदोनों हाथों से मैं जोर जोर से उनके बाल पकड़ के अपनी ओर खींच के " चाट साले , अपनी ममेरी बहन के भंडुए चाट , गांड हाँ खूब जोर से अंदर तक जुबान डाल के ,हाँ हाँ ऐसे ही चाट बहनचोद। तेरी उस छिनाल बहना की गांड भी ऐसेमस्त चाटने लायक है , खूब गांड मटका मटका के पूरे शहर में आग लगा रखी है छिनार ने , बोलती है मेरे भैया ये मेरे भइया वो ,उसी भैया से सबके सामने खुलेआँगन में गांड न मरवाई तो , बोल मारेगा न उस गुड्डी छिनार की गांड , बोल साल्ले बोल , " मैं जोर जोर से उनके ऊपर बैठी गांड सीधे उनके मुंह के ऊपर रगड़ रही थी , बिचारे मेरी बात का क्या जवाब देते ,बस गों गों आवाजें निकाल पा रहे थे। लेकिन मैं सुनना तो उनके मुंह से अपनी उस छिनाल ननद का हाल खुलासा सुनना चाहती थी , इसलिए मैंने जरा सा चूतड़ सरकाया , जोर से उनका बाल खींचा औरबोला " अरे जरा खुल के बोल न अपनी बहिना के गांड के बारे में कैसे लगती है छिनाल की गांड , " झिझकते शर्माते उनके बोल फूटे , "हाँ हाँ ,उसके ,उसका पिछवाड़ा , उसकी ,… गांड बहुत मस्त है। " और जोर से अपनी भारी भारी जांघो के बीच उनके सर को दबाते , उन्हें हड़काते मैं बोली , " अरे बहन के भडुवे , तेरी सारे खानदान की गांड मारू , उस छिनार की बुर चोदते शर्म नहीं लगेगी , नाम लेने में शर्म लगती है। पूरे शहर के लौंडे उस साल्ली का नामले ले के मुट्ठ मारते हैं , बिना नागा और तू उस का नाम लेने में ,.... बोल साफ नाम ले के ,क्या करेगा उसकी गांड का जब मैं दिलवाऊँगी ,बोल ,… " " हाँ हाँ ,गुड्डी के छोटे छोटे चूतड़ बहुत मस्त हैं, चाटूंगा उनको , जो बोलोगी वो सब करूंगा। " अब वो बोले। और इनाम के तौर पे मैंने फिर अपनी गांड से उनका मुंह सील कर दिया , और फिर गांड के बाद थोड़ी ही देर में एकबार फिर चूत चटाई , सुबह की पहली किरण , अँधेरे की चादर उठा के झाँक रही थी , हलकी सुनहली रोशनी पूरब की ओर से परदे को उठा के आ रही थी। सुबह की पहली सुनहली किरण मेरी देह को हलके हलके छेड़ रही थी
15-03-2019, 03:20 PM
(This post was last modified: 03-07-2020, 10:25 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बेड टी
सुबह की पहली किरण , अँधेरे की चादर उठा के झाँक रही थी , हलकी सुनहली रोशनी पूरब की ओर से परदे को उठा के आ रही थी। सुबह की पहली सुनहली किरण मेरी देह को हलके हलके छेड़ रही थी। मैंने अपनी निगाह नीचे की ,मखमली अँधेरे को कच्ची धूप हलके हलके सहला रहा थी और उसके बीच , मेरे लम्बे घने बाल आगे मेरे पथरीले कड़े उरोजों को थोड़ाछिपाते , थोड़ा दिखाते , उनपे नाख़ून और दांत के निशान और खूब कड़े इंच भर के कांच के कंचे ऐसे निपल , नीचे पतली सिंहनी सी कमर , गहरी नाभी , जहाँ हलकी हलकी पसीने की बूंदे झलक चमक रही थीं। और उसके ठीक नीचे जाकर मेरी निगाह ठिठक कर अटक गयी , मेरी गुलाबी परी के अधखिले होंठ,अधखुले जैसे सुबह की किरन ने छेड़ के किसी सोती कली को अभी जगाया हो , और उन अधखुले गुलाबी होंठों के बीच रात की गाढ़ी थक्केदार रबड़ी मलाई का एक कतरा ,जैसे अब निकला तब निकला। मेरे अधखुले , फड़कते भगोष्ठ उन के प्यासे नदीदे होंठों से मुश्किल से इंच दो इंच भर दूर रहे होंगे। और उन का चेहरा मेरी जाँघों के बीच कस के दबा ,भींचा , सुनहली धूप का एक शरारती टुकड़ा आके मेरे गुलाबी भगोष्ठों के बीच में आके बैठ गया था। मैंने अपने रसीले निचले होंठ थोड़ा और नीचे किया और वो तड़प उठे , " प्लीज दो न , दो न प्लीज " [i मैं कौन होती अपने प्यासे साजन को तरसाने वाली , … मैंने दो उँगलियों से अपने तितली की तरह फड़कते अधखुले निचले होंठों को खोल के ,… और अबउनकेप्यासे भूखे होंठों के बीच मेरे रसीले होंठ। वो दुष्ट ,उसने अपनी जीभ से पहले एक लकीर सी खींची मेरे दोनों फड़कते तड़पते भगोष्ठों के चारो ओर , और मैं और तड़प उठी। फिर वो दुष्ट जोभ सीधे मेरे तिलस्म के बटन पे , मेरी पिंकी को फ्लिक करने लगी , और मैं जोर जोर से सिसकियाँ भर उठी। लेकिन कुछ देर में क्या कोई खेला खाया लंड घुसेगा , जिस तरह से उनकी जीभ मेरी तड़पती चूत में घुस गयी और कोई कोना न बचा होगा ,रात की मलाई का एकएक कतरा , " साल्ला पक्का कम स्लट बन गया है , एकदम चूत चटोरा। इसकी उस बिचारी ममेरी बहन की क्या हालत होगी जब उसकीकच्ची चूत इससे मैं चटवाउंगी , " और जैसे उन्होंने मेरे मन की बात सुन ली हो और खुश हो के वो ,खूब जोर जोर से चूसने चाटने लगे.बीच बीच में मेरी क्लिट पे भी ,जोर जोर से वो चूसता औरकभी चूसने के साथ जीभ से क्लिट को प्रेस भी कर देता। मेरी हालत खराब थी ,मेरी आँखे कब की मूँद चुकी थीं , जांघे खूब फैली बस लग रहा था अब गयी ,तब गयी ,एक जोर का प्रेशर जाँघों के बीच बन रहा था और मैंने अपने को अपने बालम के हवाले कर दिया था . उसके दोनों तगड़े हाथ भी अब मेरे कमर पे थे और मुझे जोर जोर से अपनी ओर खींच रहे थे , मैं एकदम झड़ने के कगार पे थी और मुझसे ज्यादा वो ये बात जान रहा था। लेकिन तभी एक और प्रेशर चालू हो गया। सुबह का टाइम था और ये टाइम ही था , … फिर कल रात मैंने कई वाइन के पेग और उस के बाद इत्ती उनकी बनायीकॉकटेल , मेरी अपनी चूत की मसल्स पर बहुत कंट्रोल था , मैं रेगुलर केजेल एक्सरसाइज करती थी लेकिन इस समय प्रेशर बहुत बढ़ रहा था। मैंने छुड़ाने की कोशिश करते हुएकहा ,प्लीज छोडो , बाथरूम , बस , छोडो न। उसकी आँखों में अजब की शरारत छा गयी और हाथों में न जाने कहाँ से बला की ताकत आ गयी। उसने खूब जोर से मेरे कमर को अपनी ओर खींच लिया और जैसेकोई तितली पंख फड़फड़ाये , मेरे क्लिट और चूत के होंठों पे उसकी जुबान , " छोड़ो न ,प्लीज ," मैं अब बेताब हो रही थी , किसी भी पल , " उंहु , बिन बोले उसने सर हिला के मना किया। [ " प्लीज , सुसु आ रही है बस अभी कर के आती हूँ जाने दो वरना यहीं हो जायेगी , छोडो न " झुंझला के मैं बोलीं। " तो हो जाने दो न " बिना रुके अबकी उसने बोला और पूरी क्लिट मुंह में दबा के जोर जोर से चूसने लगा। मेरी आँखों के सामने कितनी गोल्डन शावर की मूवीज नाच गयीं ,जो हमने साथ देखी थीं , फीमेल डॉमिनेटिंग फोर्सफुली मेकिंग , .... उसकी आँखों में शरारत नाच रही थी ,एक पल रुक के वो बोला , " हो जाने दो न ,मेरी बेड टी हो जायेगी ," " लेकिन बेडटी रोज पीनी पड़ती है। " मैंने भी शरारत से मुस्करा के कहा। अब मैं भी मूड में आ गयी थी। उसके होंठ अब सीधे यूरेथ्रा ( योनि का मूत्र -छिद्र ) पर आ गए थे ( बहुत कम मर्द होंगे जिन्हे उसकी लोकेशन भी मालूम होगी ). जोर जोर से सीधे अब वो उसी कोचूस रहे थे , एक पल के लिए रुक के बोले , " एकदम और सिर्फ एक बार नहीं , चाहे जितनी बार चाहो उतनी बार। तू नहीं देगी तो जबरदस्ती पी लूंगा। " और ये कह के उन्होंने ' वहां' बहुत हलके से दांत लगा दिया , अब मेरे लिए रुकना मुश्किल था। एक बर्निंग सेंसेशन हो रहा था , प्रेशर बहुत ज्यादा हो रहा था मैं क्यों पीछे रहती शरारतों में उनसे और मैंने अपनी एक शर्त औरलगा दी, " सिरफ बेड टी से काम नहीं चलेगा , फिर ब्रेकफास्ट भी कराऊंगी , " मैंने झुक के उनकी आँखों में झांकते हुए साफ साफ कहा और उनकी नाचती मुस्कराती आँखों ने हामी भर दी। और अब इस प्रेशर को रोकना मुश्किल हो गया। उनके दोनों होंठ जोर से मेरी चूत दबोचे हुए थे और पूरी ताकत से चूस रहे थे , जीभ मूत्र छिद्र को छेड़ रही थी , अब किसी भी पल , " एक भी बूँद अगर बाहर गिरी न तो बहुत पीटूंगी " मैं बोली और उस के ही साथ , आई हैड क्रास्ड प्वाइंट आफ नो रिटर्न एंड इट स्टार्टेड , पहले तो एक दो बूँद , फिर ट्रिकल , सुनहली धूप में वो सुनहली धार साफ़ दिख रही थी। और मैंने आँख बंद कर ली। उसके बाद तो जैसे बाँध टूट पड़ा , कुछ देर बाद बस इतनी रिलीफ मिली और जब मैंने अपनी आँख खोली , वो अपने वादे के पक्के थे , एक भी बूँद बाहर नहीं गयी , सब ,… और उसके बाद बिना रुके जिस तरह से उन्होंने ' उससे ' पूरी तरह भीगी गीली मेरी चूत को चूसना शुरू किया, बस मेरी जान नहीं निकली। मैंने पूरी ताकत से अपनेलम्बे लाल नेल पालिश से रंगे नाखून उनके कंधो में पैबस्त कर रखे थे। क्या कोई सक्शन पम्प सक करेगा , और बीच में मेरी क्लिट पे कभी जीभ से फ्लिक कभीदांत से हलके से , कुछ ही देर बाद एक के बाद एक वेव्स मेरी देह में उठनी शुरू हो गयीं , एक लहर खत्म नहीं होती की दूसरी चालू हो जाती। मेरी पूरी देह पिघल रही थी। मैं बिलकुल आपा खो चुकी थी , पता नहीं कब तक ये चलता रहा , मैं बस ये कह सकती हूँ की मेरा अबतक का ये बेस्ट आर्गाज्म था। और उस के बाद मैं एक बार फिर बिस्तर पे जैसे बेहोंश पड़ गयी और थोड़ी देर बाद आँखे खुली ,उन की आवाज से , " बेड टी। "
15-03-2019, 03:21 PM
(This post was last modified: 03-07-2020, 10:32 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
और कुछ देर बाद जब वो तैयार होके आफिस जा रहे थे , आफ कोर्स मेरी लेसी पैंटीज में ,जो मैंने पिछले २४ घंटे से पहन रखी थी ,
और जिसमें मेरी 'देह गंध ' के अलावा भी बहुत कुछ लगा था, पतली सी चांदी पायल जो उनके नाजुक पैरों से एकदम चिपकी थी ,उन्हें उनके नए रूप ,नयी पोजीशन का अहसास दिलाते। मैंने जोर से उनके होंठों को चूमा ( हाँ और मैंने उन्हें न पेस्ट करने दिया था मुंह वाश करने , जिससे 'गोल्डन बेड टी ' का स्वाद गंध दिन भर बची रहे )और शैतानी से पूछा " क्यों मुन्ने को मजा आया बेड टी में " उन्होंने भी उतनी ही शैतानी से मुझे बाँहों में दबोच के कान में बोला , " लेकिन ब्रेकफास्ट नहीं मिला। " खिलखिलाते अपने को छुड़ाते मैं बोली , " घबड़ा मत मिलेगा वो भी मिलेगा और बहुत जल्द मिलेगा मेरे मुन्ने। " " और रात में मजा आया अपनी उस माल कम बहना को हचक हचक के नाम ले ले के चोदने में ,क्या मस्त चोद रहे थे साली को है न " मैंने और छेड़ा। और क्या जबरदस्त ब्लश किया उन्होंने ,गौने की दुल्हन मात। " अरे सोच यार जब ख्यालों में चोदने में उस माल को ये मजा आ रहा था तो सच में जब चोदेगा उस साल्ली को टांगे उठा के उसकी कच्ची चूत को तो कितना मजा आएगा ,घबड़ा मत अबकी तुझे तेरे मायके ले चलूंगी न तो उसकी दिलवाऊँगी , जरूर पक्का। और जब वो आफिस जाने के लिए निकल चुके थे तो दरवाजा बंद करते मैं बोलीं " बहन चोद तो तुझे बना ही दिया है , अब मादरचोद भी जल्द ही ,… " बोला मैंने धीरे था , लेकिन उन्होंने सुना जरूर होगा।
15-03-2019, 03:21 PM
(This post was last modified: 03-07-2020, 11:01 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मॉम के इंस्ट्रक्शंस
उनके जाने के बाद मेरी आँख लग गयी , रत जगे का असर. सोते सोते मैं सोच रही थी , मेरी पूरी कोशिश है की उसके ऊपर जो झूठे वैल्यूज का सो काल्ड संस्कारों का बोझ उसके मायकेवालों ने लाद दिया था , वो सारे बड़े बड़ेपत्थर मैं किसी तरह ठेल ठाल के उसे मुक्त करा दूँ , जिससे ही शुड बी ट्रू टू हिज पर्सनाल्टी , वो खुल के जिंदगी का मजा ले सके , जो भी चीजें उसे बचपन से अच्छीलगती थीं , लेकिन जिसका मजा वो नहीं ले पाया। मुझे कल रात जिस तरह उसने अपनी ममेरी बहन समझ के हचक हचक के , और सबसे मजेदार तो जिस तरहआज आफिस जाते समय उसने मुझे चैलेन्ज किया , " ब्रेकफास्ट तो नहीं खिलाया न। " मैंने मन ही मन बुदबुदाया , घबड़ा मत मुन्ना , वो भी मिलेगा और बहुत जल्द मिलेगा। मैं मुश्किल से आधे घंटे नींद में थी की मम्मी के फोन से नींद खुल गयी। वैसे भी ये रोज का समय उनके आफिस जाने के बाद का मम्मी बेटी संवाद का होता था। मैंने पहले भी कई बार कहा है की मॉम से मैं कुछ नहीं छिपाती थी। और वो खोद खोद के सब बात पूछ भी लेती थीं। जब मैंने उन्हें बताया की कैसे कल रात अपनी ननद बन के मैं चुदी और उनके मन की सब बातें बाहर अ गयीं , तो वो खूब खिलखिलायीं और बोली "मैं तुझसे पहले ही कह रही थी चल पहले तू उसे पक्का बहनचोद बना और फिर मैं उसे मादरचोद बना के ही छोडूंगी। " " अरे मम्मी आप के मुंह में घी शक्कर , वो तो बहुत खुश हो जाएंगे , " मैंने भी हँसते हुए उनकी हाँ में हाँ लेकिन दलबदलने में मम्मी मेरी ,नेताओं के कान काटती थीं ,खास तौर से अगर उनकै जमाई राजा का मामला हो। पैदा उन्होंनेमुझे किया लेकिन झट्ट से पाला बदल के अपने दामाद के सपोर्ट में आ जाती थीं। जैसे मैंने उनसे 'बेडटी और ब्रेकफास्ट ' की बात की , एकदम से वो मेरे ऊपर अलफ्फ , और अपने दामाद की ओर से बोलने लगीं , " सही तो कह रहा था वो , मेरा मुन्ना। ब्रेकफास्ट तो कराना चाहिए था ना , और थोड़ा सा क्यों पूरा कराती पेट भर। " लेकिन मैं भी तो अपनी मम्मी की बेटी थी ,पलट के जवाब दिया मैंने , " सब कुछ बीबी ही सीखा देगी तो सास क्या करेंगी आके , अब बाकी काम आपके जिम्मे। " वो जोर से खिलखिलायीं और चैलेन्ज स्वीाकार करते बोलीं, " आने दे मुझे तू बिंचारे मेरे मुन्ने को जरा से ब्रेकफास्ट के लिए तड़पा रही है ,मैं तो उसे लंच डिनर सब करूंगी भर पेट और नहीं मानेगा तो जबरदस्ती।" " एकदम मॉम ,वैसे भी वो आपके पिछवाड़े के दीवाने हैं , " मैंने मम्मी को मक्खन लगाया , लेकिन बात सच भी थी। " मुझे मालूम है ," खुश हो के मम्मी बोलीं , और जोड़ा , " लेकिन मैं भी उसके पिछवाड़े की दीवानी हूँ। " " मम्मी उनके पिछवाड़े का भी कुछ करना पडेगा , वो दरवाजा अभी तक बंद है। " मैंने बोला और फिर हाल खुलासा सुनाया की कैसे कब वो १४ साल के थे तो चुदते चुदते रह गए थे और उस के बाद पांच छ बार बाल बाल बचे। " " ये तो बहुत जुल्म है , माखन ऐसी गांड , ऐसा चिकना लौंडा , …चल अब तूने बोल दिया है तो उसका भी कुछ प्लान करते हैं। " मॉम बोली। फिर उन्होंने टॉपिक चेंज कर दिया उनके ड्रेस के बारे. "मैं सोच रही हूँ अबकी आउंगी तो तेरे लिए कुछ साड़ियां ले आऊं " वो बोलीं। मन ही मन मैं सोचा ,नेकी और पूछ पूछ लेकिन उन्हें चिढ़ाते बोली , " और अपने उस चाहने वाले कम दामाद के लिए कुछ नहीं लाइयेगा क्या ,मुंह फुलाकर बैठ जाएगा। " " एकदम लाऊंगी , उस के लिए तो मैं चुन चुन कर अपनी वो पुरानी साड़ियां ला रही हूँ जो मैंने खूब पहनी हैं और अब एकदम घिस गयीं हैं ,मेरी देह की महक औररस से भरपूर। हरदम सास की महक आती रहेगी उसे। लेकिन तुमने उस की लिए कुछ नए कपडे सिलवाये की नहीं उसके नाप के। " और अब मुझे डांट पड़ गयी। बात मॉम की सही थी। थोड़ी देर तक हम दोनों इसी बारे में बात करते रहे , और फिर ऐज यूजुअल , बात उनकी समधन या मेरी सास के बारे में चालू हो गयी। " मैं चढ़ा तो दूँगी उसे तेरी सास के ऊपर , लेकिन उसे तैयार करने का काम , छेड़ने का काम , मन में आग सुलगाने का काम तेरा भी है , वो बोलीं फिर उन्होंने कुछहिंट्स भी दिए। घंटे बाहर माँ बेटी संवाद चलता रहा ,और जैसे ही मैंने फोन रखा मैंने देखा , मिसेज खन्ना की मिस्ड काल थी , गनीमत थी सिर्फ पांच मिनट पहले की।
16-03-2019, 10:10 AM
मेरी कहानी फागुन के दिन चार , पी डी ऍफ़ में ,...लिंक नीचे है ,
कृपया गुमनाम जी को इस बड़े उपन्यास का लिंक पोस्ट करने के लिए धन्यवाद जरूर दें , क्योंकि बहुत लोगों ने इस की मांग की थी https://xossipy.com/thread-4434-page-4.html |
« Next Oldest | Next Newest »
|