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Thriller कामुक अर्धांगनी
madhur kaalu or birju ke sath masti karte ap[ne pati se sexy bate kare jaanu inko kaho naameri chahte is ram dekho inke layde kitne lambe hi meri to faad denge
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कालू ने बड़े आराम से अपनी उँगलियो को मधु के चुदासी चुत पर चला कर मधु को पूर्ण रूप से बसीभूत कर चुका था और विरजु गाँड मे एक उँगली करते मधु को और उतेजना देने के लिए उसने दो उंगलिया मधु के सकरी गाँड की छेद पर डाला मधु करहाती मचलने लगी और तेज़ सिशकिया लेती काँपते बोलने लगी अब नहीं सह सकती तुम दोनों मिल के चाहे मेरी चुत गाँड साथ फाड़ दो बस अब अपनी कुतिया चोद दो , कालू मधु के निप्पल को तेज दाँतो से खींच काटने लगा और मधु चीख़ने लगी और कालू ने विरजु से बोला अब तू कुतिया की गाँड मे लड़ डाल फाड़ दे और विरजु बड़े खुशमिजाज हो अपनी लुंगी उतार फेका और उसके काले लंबे तगड़े लिंग को देख मेरी गाँड सनसना गईं ।



विरजु ने मधु के कमर को कस के जकड़ लिया और अपनी लड़ की नोंक को मधु के गाँड के छिद्र पर गिस्ता हल्का दबाब बनाते एक झटके से अपने लड़ को मधु के कसी गाँड पर दे मारा मधु पूरी तरह छटपटाने लगी पर कालू ने मधु को ऐसे पकड़ लिया कि मधु एक बेबस अबला की तरह उसी अवस्ता मे लौट आई और विरजु एक और झटके मार मधु के गाँड को लहूलुहान करते हँसते बोला भाई कालू मालकिन के गाँड से खून बहने लगा ,कालू बोला साले तूने सुखी गाँड पेली है चमड़ी उदेढ़ दी अब चल कुतिया की गाँड फाड़ दे बाकी का बाद मे देखेंगे और ये कहते कालू मस्त चुचियों को खींच दूध चुसते मधु को विरजु के लिए घोड़ी बनाये नीचे पड़ा हुआ था और विरजु तगड़े झटके मार मधु को चिखवाता गाँड मारने लगा और मधु रोती बिलखती रही कि कालू ने बड़े अनोखे अंदाज से अपनी लुंगी उठा कर अपने लड़ को सहलाते बोला विरजु कुतिया की टांग खिंच मेरा त्यार है इसकी चुत मस्त गरम है मुझे ऐसी ही चुत चाहिए और विरजु ने लड़ अंदर जड़ तक डाले मधु के टाँगों को खींच कमर नीचे करते मधु की चुत कालू के लड़ से मिलवा दिया और हाथों से कमर दबाते कालू ने बड़े आराम से अपना लड़ मधु के चिपचिपे चुत मे डाला और मधु करहाती दोनों के लड़ लिए बिलखने लगी और दर्द से नाक बहाते बोली बहुत दर्द हो रहा है निकालो और कालू हँसते बोला कुतिया अब तोह दोनों तभी निकलेंगे जब हमारा निकल जायेगा और मधु गिड़गिड़ाती रही और विरजु धक्के मरता रहा और मधु के चुत गाँड के दरम्यान जो पतली चमड़ी थी वो जलती मधु को रुलाती रही और वो दोनों मधु के छेदों को चोदने लगे ।



मधु एक लड़ की प्यासी औरत बन चुकी थी भले दर्द से बिलख रही थी पर लड़ चुत के अंदर मिल जाने से खुद को झड़ने से रोक नही पाई और कालू ने जैसे मधु की चुत का पानी अपने लड़ के ऊपर महसूस किया वो हँसते बोला विरजु मालकिन मस्त कुतिया निकली पानी छोर रही है तू तेज़ गाँड फाड़ सली को इतना झड़वाना है कि घंटे भर हिल न पाए और विरजु पूरे ताकत से मधु की गाँड मारने लगा और मधु के गाँड की छेद के पास मधु के गाँड का गु भरने लगा और इधर कालू रुक रुक झटके मारता चुचियों को चुसता लगा रहा ।



मधु थोड़ी देर मे सामान्य हो गई और बिलखती आवाज़ अब कमुकता मे तब्दील होने लगीं और कालू ने मधु के हाथों को गमछे के जकड़ से आज़ाद कर दिया और मधु गाँड पीछे करते कालू को होंठो से होठ लगा चुसने लगी और खुद कमर हिलाते दोनों कुत्तों की सवारी करने लगी ।


मेरी अर्धागनी एक रांड बन चुकी थी वो इतना हवस मैं खुद को जलने दे रही थी कि देख लग रहा था कही ये कुत्ते हाँफते हाँफते मधु से हार न मान ले ।



मधु के छेदों से फच फच करती ध्वनि गूँजने लगी और विरजु के झटके से बदन के मिलन का स्वर कमरे मे फैलने लगा था और ये कामुक्ता का नंगा नाच देख मेरा लड़ फंफ़नाते बिस्तर पर गिसने लगा था ।


बड़ी बुरी तरह दोनों मधु को चोद रहे थे पर मधु दोगुने जोश से दोनों का साथ दे रही थी और कालू मधु को बाहों मे जकड़े अपने बदन पर दबाये होंठो का रस पान करते यू लग रहा था कि वो अपनी घरवाली को लड़ पर बिठा पेल रहा हो और विरजु ने मधु के कमर को यू दबा के पकड़ा था जैसे कोठे वाली कोई रांड नख़रे कर रहीं हो ।


मधु के अति उतेजित अवस्ता मे चले जाने से उसका योवन उफान मारते फिर अकड़ गया और मधु छोटे अंतराल मे पुनः झड़ गई ओर कालू के होंठो को खिंचते जंगली औरत बन करहाती बोली मादरचोद तेज़ से झटके दे इतना ही दम है तेरे लौड़े मे विरजु कुत्ते , विरजु ये सुनते ही मधु के गाँड पर थपड़ जड़ते तेज़ी से चोदने लगा और थपड़ मार अपने बेइजती का गुसा निकालने लगा और मधु खुशी से झूम कालू के होंठो को काट खाने लगी ।

कालू ने खीच के मधु को जकड़ लिया और मधु के होंठो को बेताहाशा चुसने लगा और मधु भी कालू के बालों को खिंचती संभोग के आग मे जलती रही और विरजु ने मधु के गोरे गदराए गाँड को हाथों से लाल कर पसिने से तरबतर जैसे तैसे जोश कायम रखा ।


करिब आधे घंटे के ताबड़तोड़ गाँड फाड़ चुदाई के बाद विरजु हार मान बैठा और मधु के बालों को खींच ताबड़तोड़ दस बारह झटके लगा ठंडा पड़ गया और हाँफते हाँफते मधु की गाँड की गहराई मे वीर्य त्याग करते मधु के पीठ और निढ़ाल होते बोला भाई कालू मालकिन बड़ी ऊची रांड निकली और कालू मधु के तरबतर चेहरे को चाट बोला नई नई ठुकाई की लत लगी है ना जाने कितने लौड़े कुरबान हो जाएंगे पर इसकी आग नहीं बुझ पाएगी ।
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Madhu aur pati ke beech bhi kutch samwad dalo. Kaise wo behave karenge is sab ke baad.
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विरजु थक हार चूर होके बिस्तर पर लेट गया और कालू ने मधु के कमर को पकड़ चुचियो को चुस रहा था और मधु की गाँड से विरजु के वीर्य चुत से बह कालू के लड़ को बिगोता उसके आडो पर पहुँच चुका था और मधु हल्के हल्के अपनी कमर हिलाते कालू के लड़ को चुत की दीवारों पर घिसते अपना स्तपान करा रहा थी और उसकी कामुक्ता जवान सी दिख रही थी ।


कालू एक मंझे मर्द की तरह थोड़ा रुक खुद को वापस मधु के लिए तैयार करता नीचे लेटा था और कोई जल्दबाज़ी न दिखाते हुए बस मधु को ये एहसास दिलाये था की विरजु भले ही निढ़ाल हो गया हो पर कुत्ता अभी अपनी कुतिया के लिए खड़ा है ।


करिब थोड़ी देर कालू ने मधु के स्तनों को अच्छे से चूसा और फिर मधु के सुर्ख़ गुलाबी होंठो को चुसते मधु के जीभ को बड़े चाव से खींच चूस बोला मालकिन अब आएगा मज़ा जब तुझे कुतिया बना तेरी आग बुझाऊंगा और कहते मधु को अपने जिस्म से नीचे कर खड़ा हो के मधु के बालों को खींच उसका मुँह अपने गीले लौड़े पर रख बोला चूस मेरी कुतिया दिखा तू कितनी प्यासी है कालू के लिए और मधु मुँह खोल के लड़ को चुसने लगी कि कालू ने हलक तक लड़ डाल बोला तू पक्की रांड है मालकिन ज़रा भी नखरा नही तेरे योवन मैं और वो वापस लड़ निकाल मधु से लड़ चुसवाते उसके बालो को खिंचे करहाते अपना लड़ चुसवाने लगा और मधु एक प्यासे अर्धागनी की तरह कालू के लड़ को बड़े चाव से चुस्ती नागिन की तरह अपने जिस्म को बिस्तर पर इठलाती रही ।


कालू के लड़ की चमड़ी मधु के होठो से खुल बंद होती उसके गुलाबी सुपरारे को चमकदार बना रही थी और थूक की बूंदे हीरे सी चमक रही थी और कालू बस मधु मेरी कुतिया मेरी मालकिन क्या चुस्ती है रे तू बोलता सुखी खड़ा था ।



मधु ने कालू के लड़ को हाथों से पकड़ अण्डों को चाटने लगी और कालू प्रसंचित मुद्रा धारण किये आँखे मूंद स्वर्ग का सुख लेने लगा और मधु एक प्यासी औरत की तरह कालू के लड़ को स्वामी मान पूर्ण समर्पण भावना से सेवा करती रही और एक समय ऐसा आया कि कालू का रोम रोम रोमांचित हो उठा और वो मधु को खींच कर घुटनों के बल बिस्तर पर खड़ा कर उसके होंठो को बेताहाशा चुसने लगा और पागल की तरह उसके चुचियों को मसलते अपने लड़ को मधु के नाभि पर धकेले पड़ा था ।



कालू ने मधु के गाँड की गोलाई को हाथों से जकड़ दबाते मधु को पलट के बिस्तर पर कुतिया बना दिया और मधु की चुदासी सूरत मेरे सामने आ गयी , मधु की आँखे लड़ को तरसती जान पड़ रही थी और उसका योवन पसिने से चमक रहा था और वो मुड़ कालू को देख रही थी और कालू अपने हाथ से मधु की चुत छुवे अपने लड़ को चुत पर घिसते मधु के सिसकियों को हवा दे रहा था और फिर वो मधु के केसों को हाथों से जकड़ झटके से अपने लड़ को चुत की गहराईयों मे पहुँचा चुका था ।

मधु आँखे मूंद सर को खिंचाव से ऊपर उठा होंठो से फड़फड़ाती हहह उफ्फ्फ करती बड़ी सुंदर लग रही थी और ये देख मुझे आनंद हो रहा था और कालू ने धीरे धीरे अपनी कुतिया की सवारी शूरू कर दी और घर्षण से मेरी अर्धांगनी रोमांचित हो कालू के नाम की माला जपने लगी और कालू ने बालों को छोड़ मधु के कंधों को पकड़ रफ्तार बढ़ा दिया था और मधु के योवन के लिए वो रफ्तार चर्मसुख पर पहुँचने का मार्ग बन गया था जो कुछ है देर मे मधु को कपकपवाते अकड़ देता बह उठा था और कालू के लड़ को भिगो कालू के लिए सुगम चिकनी राह बना दिया था जिसपर कालू अपने लड़ को बड़े आराम से दौड़ाने लगा था और मधु पसीने से तरबतर होती गाँड पीछे कर अपने आनंद कर इज़हार कर रही थी ।


मधु की दमकती योवन को देख मैंने लेटे लेटे उसके होंठो को चूमा ओर वो बोली अपने मुझे जो ये मर्दों के सुख दिया ये एहसान सदा मान रखूंगी, आपके कारण आज मेरा रोम रोम खुशी से झूम रहा है और ये सुन कालू हँसते बोला मालकिन आप मालिक की जोरू है मालिक ने तोह बस पति धर्म निभाया है ।
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bahut khoob bhai...ab ye poori randi ho gayi h...is k pati aur ko beizzat karwao
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कालू मस्त लड़ अंदर बाहर करता बोला मालकिन क्या मालिक भी अपनी गाँड मे लेंगे , मधु थोड़ी शर्माती लजाती मेरी आँखों मे देखते बोली हाँ कालू इनको भी शौक है अपनी गाँड किसी तगड़े मर्द से मरवाने का , क्या तुम मेरे प्यारे पति की गाँड मरोगे ।


मेमसाहब आप के जवानी को पा कर मेरा मन मस्त हो गया और साहब की गाँड मिल जाये तोह सोने पे सुहागा हो जाए , आप चुसोगी न मालिक के लिए मेरा लड़ और खुद हाथों से उनके गाँड के छेद पर थूक के बोलोगी न कालू फाड़ दे मेरे सुहाग की गाँड बना दे मेरे मर्दवा को गांडू , मधु दिल खोल हँसते हँसते बोली हाँ कालू खुद चूस के रास्ता दिखाउंगी तेरे लौड़े को मेरे मर्दवा की गाँड का ।


कालू मदमस्त मधु को चोदते मेरी ठुकाई की बाते करने लगा और मधु हँसते हँसते मुझे बोली सुनिए जी कालू तोह बड़ा मचल रहा आपकी नथ उतारने को , मैं मधु के पास होंठो को ले जा कर चूमते बोला मेरी जान मेरी मधु मुझे भी बड़ी खुजली हो रही है और वो मेरे होंठो को खिंचते बोली बस जी जैसे ही मैं एक बार और झड़ जाऊ फिर आपके गाँड की ही बारी है और कालू थपाक मधु के चुतरो पर हाथ मारते बोला मालकिन शालिनि मालकिन तोह बोली मधु के मर्दवा साड़ी पहन के मरवाएगा और हँसने लगा मधु पीछे मुड़ कालू को देखते बोली ओह तोह तुझे मेरा पति साड़ी मे चाहिए और हँसने लगी ।



कालू बोला नथ उत्तरवाओगी अपने मरद का ज़रा अच्छे से सजा दो वैसे भी एक बार ही नथ उतरेगी फिर तोह ये गांडू बन जाएंगे न ,मधु मेरी और देखते बोली देख रहे है जी आपकी हर ख्वाइश पूरी होगी अब तोह बड़ा शौक था न आपको दुल्हन बनने का लिजेए कालू और विरजु दो मर्द मिल आपकी सुहागरात मनेगी और पहली बार होगा कि खुद बीवी सेज सजायेगी अपने मर्द की गरम गाँड ठुकाई के लिए ।




मेरी गाँड के छेद मे चिट्कोरी छाने लगी और मधु मुझे बोली जाईये जल्दी से नाहा धो कर जो भी थोड़े थोड़े बाल है मेरे ब्लेड से उड़ा दीजेए और चिकनी जवानी ले आईये फिर आपको त्यार करूँगी अब मैं भी तोह देखु कैसे मेरे पति बिलख रोयेगा जब गाँड की सील टूटेगी ।



मधु की बात सुन कालू हँसते बोला वाह मालकिन आपकी बातें बडी मज़ेदार है और वो मधु के कमर को पकड़ अपने लड़ पर खिंच उसके पीठ पर सवार हो गले पर सर रखता बोला दोनों मिया बीवी एक बिस्तर पर चुदे तोह मज़ा आ जावे चोद के और मधु हल्का घूम जीभ निकाल कालू के होंठो पर फेरती बोली कहा है मिया अब यहा दो बीवी है तेरी कालू और कालू मधु के जीभ को चुसते हाथों को मधु के लटकते चुचियों पर फेरता बोला मालकिन एक दुधारू बीवी है पर एक तोह सपाट बछड़ा है , मधु बोली दो चार दमदार रात तेरे नीचे रहेगा ये बछड़ा तोह दूध फुट ही पड़ेगा और कालू मधु के स्तनों को कस के निचोड़ता बोला मालकिन तू देखती जा कैसे तेरे पति को दुधारू बना दूँगा और मधु मुझे देखती सिसकी लेती बोली आप जाइए जी त्यार हो जाइए तब तक ये कालू ज़रा मेरी खेत गहराई तक जोत ले फिर तोह इसे सूखे खेत पर हल चलाना है जहाँ पानी नहीं खून बहेगा और दोनों हँसने लगे ।


मैं उठ कर खड़ा हुआ तोह कालू बोला साहब ज़रा उतारो तोह ये मर्द वाले कपड़े देखु तोह कैसी है आपकी जवानी और मधु हँसते बोली कालू मखन माल है मेरा पति मज़ा आ जायेगा तुझे रगड़ के और मैं खुद से अपनी इज़्ज़त उतार जमीन पर गिराने लगा और निर्वस्त्र खड़ा हो गया , कालू मेरी छोटा सा लिंग देख हँसते बोला मालकिन ये चवनि सा लड़ है आपके मरद का और मधु झेंपती बोली लड़ नहीं ये मेरे पति की लुल्ली है जब तू चोदेगा तोह यहीं लुल्ली गरम हो के झड़ेंगी अब गाँड से पानी तोह निकल नही सकता न तोह भगवान ने मेरे पति को लुल्ली दी है और कालू ज़ोर से हँसते बोला मालकिन ज़रा मेरी बछड़े को बोल न घूम के गाँड दिखा दे और मधु हँसते बोली अजी क्या खड़े है अपने दीवाने को झुक के आराम से गाँड  दिखा दीजेए और मैं शर्मा कर मुड़ गया और झुक के गाँड दिखाने लगा जो देख विरजु बिस्तर से उठ कर बोला माँ कसम मालकिन मुझे मौका दे दो कालू तोह बहुत ज़्यादा मज़ा किया है ।


कालू हँसते बोला वाह जहाँ गाँड दिखी तुझे तेरा लोडा फ़नफनाने लगा ,विरजु बोला क्या भाई तेरा भी लड़ चुत के लिए फड़फड़ाता है और तुझे तोह अपनी बीवी चोदने दी , तू क्या मुझे इस चिकने मालिक की गाँड नही देगा और कालू हँसते बोला हॉ चल तू ही खोल मालिक के दरवाज़े वैसे भी मालकिन का खोल मैं तोह घुसा बैठा हूँ ।
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कहानी मस्त जा रही है
कालू से मालिक की लुल्ली चुसवाओ
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bahut sahi bhai...is k paati ki poori tarah gaand phad do..ek saath dono lund ghusa do...gandu k andar
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Mast kahani ab birhu or kalu apne malik ko apniluagai bana kar chodenge us se gandi gandi baate madhu bi un mi shamil hogi birju kaalu madhu se bate karte madhu raani ab tera mardwa nahi balki lugaai hi kus naam rakhe ho is chamakchallo ka tanik humhe to batao to madhu pyar se apne choti lulli wale mard se , are ase kya khadi kadi sun rahi ye aaj raat hamar mardwa to tumar bi to mardwa hi aaj raat ke to batao apbe mardwa ko tumara naam kya hi jara batao inko tabhi tumhe tuhar jawani ka maza deye acha se maza dau apne mardwa ko
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मैं लजाते गुसलखाने चला गया और साबुन रगड़ खुद को मधु के रेजर से चिकना कर जैसे ही औरत की तरह तौलिया लपेट बहार निकला तोह मेरी नज़र मधु पर पड़ी वो कालू के धमाकेदार झटकों से चीख़ती हवस मे डूबी सिशकिया ले रहीं थी और कालू कमर पकड़ फाटक फाटक अपना बदन मधु के गदरायी गाँड पर ताबड़तोड़ टकराये जा रहा था और जोरदार धक्कों से मधु की चुदाई किये जा रहा था और विरजु मासूम बच्चे सा नीचे लेटा मधु का स्तनपान कर रहा था और एक जोरदार चीख के साथ मधु निढ़ाल हो गई और कालू के लड़ को अपने योवन के रस से तरबतर करती हाँफती विरजु पर गिर पड़ी और कालू हल्के हल्के लड़ को मधु के चुत पर घिसते मधु के योवन का रस संपूर्ण लड़ पर भिगोने लगा  ।



कालू लड़ चुत से खींच मधु के गाँड पर चाटा मारते बोला उठ जा मेरी मालकिन देख मेरा बछड़ा कैसे जनानी बन श्रृंगार को खड़ा है और मधु थके संतुष्ट आंखों से मुझे ताकती बोली वहाँ क्या खड़े है जी आईये सीसे के सामने अब आपकी ही बारी है , मैं सीसे के सामने जा खड़ा हुआ और मधु इठलाती उठकर कालू के लड़ को चुस्ती बोली ज़रा इसे सजा लू फिर वापस लेती हूँ और कालू हँसते मधु के चुचियों को दबाते बोला मालकिन रात भर लेन देन होता रहेगा वैसे भी अब तोह दोनों साथ चीखोगी कहते वो मधु के होंठो को चुसते बिस्तर पर जा बैठा और मधु मेरे पास आ कर मेरे तोलिये को खींच बोली देखूँ अच्छे से चिकने हुए की नहीं आप और मेरी चिकने बदन पर हाथ फेरती वो मुझे चुम कर स्टूल पर बिठा मेरे बालो को क्लिप लगाती मेक अप करने लगी और आधे घंटे मे मधु ने मुझे नचनियों की तरह सजा दिया और अलमारी से लाल साड़ी निकाल कर मेरे छाती पर लाल ब्रा डाल दी और हुक लगा कर बोली टाइट तोह नहीं है ना जी ।

मुझे लाल पैंटी देती बोली पहन लिजेए वैसे भी ये विरजु फड़ेगा ही और फिर पेटीकोट की डोरी कस कर मेरी कमर पर बांध मधु ने मेरे जवानी पर साड़ी लपेट दी और हाथों मैं चुड़िया पहना कर अपने गले का मंगलसूत्र मेरे गले मे डालते बोली सुहागण है आप नथ उत्तरवाती है , नही तोह जमाना आपको कुल्ठा कहेगा और लिक्विड सिंदूर लगा मेरी मांग भरते मधु ने मेरे पाँवो मैं अपनी पायल डाल दी और बिंदी लगा कि बोली अब लग रही हो औरत मेरी जान और मेरे सर पर घुघट डाल बोली चलो मेरे पतिदेव जी देखूं विरजु कैसे आपकी नथ उतारेगा और कहती मधु मुझे बिस्तर पर ला बिठाई ।
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आप सभी पाठकों का तहे दिल से धन्यवाद की आप मेरा उत्साह बढ़ाते रहते है और कॉमेंट के जरिये मुझे और लिखने को प्रेरित करते है ,इस कारण मैं बड़े भाव से आप सभो से जुड़ने की कोशिस करता हूँ ।

समय की व्यस्तता के कारण कहानी लिखने मे थोड़ा कम समय दे पा रहा हुँ और कहानी थोड़ी छोटी पोस्ट हो रही है पर आप सभो के प्यार के कारण रोज कुछ पल निकाल लेता हूं ।


आप ऐसे है प्यार देते रहे जल्द ही बड़ी पोस्ट लिख कर आप सभो का मनोरंजन करूँगा ।

Namaskar
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Bahut bhadiya update tha... Nath utrai mein maza ayega.. fategi gaand, bahega khoon.
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Ab aayega maza...
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मधु ने विरजु को बोला तेरी बीवी इंतज़ार कर रहीं जाओ नाहा धो लो तब न मज़ा आएगा कैसे मेरी गाँड फाड़ पसिने से भीगे हो और विरजु गाँड सुनते ही गुसलखाने दौड़ पड़ा और मैं घुघट से देख रही थी कि अब मैं औरत बन जाऊँगी तोह मर्दाग्नि का गुमान क्या करना और खुद को औरत मान मैं बैठी थी और कालू खड़े खड़े मधु के दूध को सहलाते पीछे से अपना लड़ घिसते बोला मालकिन क्या नाम है मेरी नई बीवी का और मधु हँसते बोली इसका नाम अनुराधा पर तुम प्यार से अनु बुलाना और मैं समझ गई अब मैं मधु की बहन अनु हूँ और मैंने खुद को औरत मान लिया था ।


विरजु नाहा के गीले बदन बिस्तर पर आ बैठा और मेरी घुघट उठा अपने उँगलियों को मेरी होठो पर रगड़ते बोला क्या चिकनी माल है तू रानी आज बरसों बाद कोई कच्ची जवानी मिली है देख मेरी आँखों मे कैसे तेरे लिए प्यार उमड़ रहा और मैं सरमती नज़रे झुकाये बैठी थी और विरजु ने मेरे गालो को कस के दबाया और बोला जान तेरा मर्दवा हुँ मेरे नाम की सिंदूर लगायी है और मंगलसूत्र पहनी है और मुझे ही नहीं देख रही कहते विरजु ने मेरे होंठो को रगड़ दिया और मैं अठहठहठहठहठहठह  करती मचल गई और विरजु मुझे खिंच अपने जिस्म पर चिपका बोला देख मेरी रानी विरजु के प्यार को देख और मैं पलके उठा के विरजु के आँखों मे देखी और वो मेरे कमर को खींच मेरी होंठो को चुसने लगा और मधु हँसते बोली वाह विरजु लूट अपनी कमसिन बीवी के योवन को चोद मेरी अनु को देख तेरे लिए कैसे मचल रही थी ।



विरजु ने मेरे होंठो को खूब चूसा और बिस्तर पर पटक मेरे ऊपर सवार हो गया और मेरे गर्दन पर जीभ फेरता रहा और मैं सिशकिया लेती मचलती रही और विरजु का हाथ मेरे चुचियों पर दबने लगा और मेरी निप्पल सख्त हो गई और वो मेरे चुचियों को मसलने लगा और मे चीख़ने लगी हये क्या बेदर्दी की तरह वो मेरे चुचियों को रगड़ रहा था मानो मेरी जान अटक जाए उफ्फफग विरजु कि मर्दाना हाथों से अपनी कोमल चुचियों को मसलवा के मेरी जवानी तपने लगी और न जाने कब मैं विरजु के लड़ को पकड़ सहलाने लगी और वो मेरी साड़ी छाती से खींच ब्रा के ऊपर से मेरे निप्पलों को काटने लगा और मैं उसके लड़ को दबाने लगी और कामुक्ता से भर बैठी ।


विरजु बड़े बेरहमी से मेरे चुचियों पर दाँतो से प्यार की निशानियां दिए जा रहा था और मधु मुझे तड़पते देख बोली अनु तू कुतिया है ना विरजु कि , मेरी हवस की कोई सीमा न थी और मैं सिशकिया लेती बोली मैं कुतिया हुँ मधु दीदी विरजु की और मधु ज़ोर से हँसते बोली वाह मेरी जान तू तोह बड़ी समझदार निकली मर्द के नीचे पहुँचते ही मुझे दीदी बना ली अब आएगा मज़ा जब हम दोनों रोज नए पति बना के एक ही बिस्तर पर चुदेंगे कहते मधु कालू की तरफ मुड़ रासलीला करने लगी और विरजु मेरी ब्रा मे हाथ डाल मेरी छाती मसलते बोला अनु मेरी कुतिया देखना कैसे तेरी ये चुचियों को तेरी दीदी इतने बड़े कर दूँगा कहते विरजु दोनों हाथों से पूरी ताकत लगा दबाने लगा और मैं रोती बिलखती काँपने लगी ओर विरजु हँसते बोला मेरी जान तेरी ये जवानी अब मेरी है बस तू ऐसे रोती रहेगी जब जब विरजु तेरी जिस्म को छुवेगा ।


विरजु ने नीचे हाथ डाल ब्रा की हुक खोल मुझे बोला देख मेरी रानी कैसी लाल हो गई तेरी चुचिया और फूल गई ,मेरी नज़र पड़ी तोह देख मैं शर्मा गई मेरी छाती पर सिलवटे ही सिलवटें थी और विरजु ने पूरी तरह रगड़ मेरी छाती फुला दी थी और दाँतो से न जाने कितने प्यार के निशान भर दिए थे ।


विरजु मुझे खिंच बोला जान लोडा चुसेगी अपने मरद का और मैं लजाती हाँ मे सर हिलाई और विरजु बिस्तर पर लेट बोला चूस मेरी बीवी अपने मरद को गरम कर दे और मैं विरजु के कमर पर सर रख लौड़े को हाथों से पकड़ चूमने लगी और होठो पर रगड़ने लगी ।


मधु ने मेरे होंठो पर थूका और बोली गीला कर के चूस अनु मर्द का जितना गीला करेगी दर्द उतना कम होगा और मैं मधु के थूक को विरजु के लड़ पर होंठो से रगड़ने लगी और चाटने लगी ,विरजु मेरी साड़ी खिंच बोला जान अपनी गाँड तोह मेरी तरफ कर दे , मैं कमर उठा अपनी गाँड विरजु के पास कर उसके लड़ को मुँह मे ले चुसने लगी और उसका छिलका खुल गया और सूपड़ा मेरे मुँह मैं घुसते ही मुझे इतना आनंद आया कि मैं ज़ोर से चुसने लगी और विरजु मेरी पायल पर हाथ फेरते मेरे चिकने टाँगों को सहलाता मेरी झाघो को मसलने लगा और मैं आंख मूंद विरजु के लड़ को चुस्ती रही और एक संपूर्ण औरत का सुख भोगने लगी ।
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bahut khoob bhai...ab samay aa gaya h
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clps clps clps clps clps clps
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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विरजु का लड़ का स्वाद मेरे मुँह मैं घुलने लगा और मैं रोमांचित होती मधु से जलती सोची उफ्फ्फ ये कितना मज़ा लेती है और मैं ना जाने क्यों बरसों से तड़पती रही पहले अगर किसी का लड़ चूस ली होती तोह न जाने कब की जान जाती ये लड़ कितना स्वादिस्ट होता है और चूस के कितनी बिजली कौंधती है जिस्म पर ।


मैं बडे चाव से विरजु का लड़ चुस्ती मुँह से निकाल कर खुद के चेहरे पर रगड़ती और जीभ से चाट फिर चुसने लगती और विरजु मेरी झाघो को सहलाता गुदगुदी देता और मैं भावविभोर हो और ज़्यादा लड़ मुँह मे डालती ।


मुझे यू आँखे मुंद लड़ चुसते देख मधु बोली हाये री अनु तू तोह बड़ी चुदासी निकली उफ्फ्फ कितने मज़े से चूस रही जैसे तेरी मनपसंद मिठाई हो और वो मेरे गालो को सहलाते कालू से बोलती देख कालू हुँ न मैं भाग्यशाली जो मुझे ऐसी बहन मिली और कालू हँसते बोलता जी मालकिन तू तोह बड़ी सौभाग्यशाली है पति मिला तोह खुले मन का बहन मिली तो खुले योवन की ।



मैं तत्परता से बस लिंग पान करती रही और विरजु मेरी झाघो को सहलाता मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी गाँड सहलाते बोलता चूस मेरी जान आज विरजु तेरी गाँड फाड़ तुझे अपनी कुतिया बना लेगा और तू विरजु के लिए दरवाज़े पर बैठ गाँड सहलायेगी,  मैं विरजु की बातों से उतेजित होती उसके लड़ को और प्यार से चुस्ती चाटती और चेहरे पर रगड़ती ।



मधु मुझे देख बोली कालू तू भी लेट जा मैं भी अपनी अनु के साथ तेरा लड़ चुसुंगी और हम दोनों साथ साथ तुम दोनों की कुतिया बन जाएंगे और कालू बोला मालकिन चूस लो आप बाकी कुतिया तोह आप दोनों पहले से बन चुके हो और अब हम दोनों मिल के आप दोनों को ऐसे रगड़ देंगे कि दरवाज़े तक चलने लायक न रहोगी,  आप दोनों बस दिन वो रात हम दोनों के लिए तड़पी रहेंगी ।



मैं विरजु के लड़ के ऊपर दाँत रगड़ती उसके लड़ को ब्रश की तरह आपने मुँह मैं चलाने लगी और विरजु मेरी साड़ी खिंचते बोला उफ्फ्फ कुतिया तू तोह ऐसे चूस रही जैसे न जाने कितने लौड़े चूसी हो अठहठहठहठहठहठह करता मेरी साड़ी पेटीकोट के डोरी से अलग कर बोला हाये मेरी खिंचा जवानी तेरी ये छोटी गाँड कमाल की है उफ्फ्फ ।



विरजु ने हाथों को गाँड पर फेरता पैंटी के किनारों को खिंचता मेरे अण्डों को दबाते बोला कुतिया ये आंड न होती तोह तू मधु मालकिन की तरह न जाने कितनों की रांड होती और वो मेरे अण्डों को खींच हाथों मे दबाते मुझे चीख़ने पर मजबूर कर दिया और मैं लड़ पकड़ चीख़ने लगी और वो बेरहम की तरह मेरी गोटियों को आपस मे मिला ऐसे दबाने लगा कि मैं छटपटाने लगी और उसने अपने टाँगों को मेरे ऊपर रख मेरे सर को दबाते बोला चूस मेरी जान और मैं लड़ गले तक लेती रोती सिहर गई और वो मेरी अण्डों को खिलौना समझ खेलता दर्द देता रहा और बोला कल से इसे बांध कर रख वैसे भी बेकार का लटकता रहता है ना इसमें मलाई हैं ना ही कुछ कहते विरजु ने मेरी लुल्ली को खिंचा और सर पर पाव दबाते अपना लड़ गले मे फसाये बोला ये चमड़ा है बस की तू मुतें और कोई काम का नहीं और उँगली से पीछे दबाते उसने मेरी लुल्ली को लुल्ली के अंदर गायब कर बोला देखो मालकिन कैसे अनु की लुल्ली गायब हो गई और मधु हँसते बोली कल से ही बांध के रखूंगी अनु की लुल्ली और अण्डों को की मेरी बहन भूल जाये कि वो कभी मर्द समझ मुझे विहा लाई थी ।



कालू ने मधु के मुँह मे लड़ डाल गले मे उतार दिया और मेरे सर को दबाते बोला देखु कौन सी कुतिया पहले छटपटाती है ।


करिब पाँच मिनट बाद कालू खुद हम बहनों को छोड़ते बोला साली दोनों एक से बढ़ एक कुतिया है फिर मधु के ऊपर सवार हो होंठो को चुसने लगा और विरजु पलट मेरे ऊपर चढ़ बोला जान अब तेरी गाँड को प्यार करूँगा ।


विरजु मेरे होंठो को चुसते मेरी पेटीकोट उठा कर पैंटी अपने पाव से नीचे करते मेरी लुल्ली रगड़ता बोला चुत लगवा ले जान तुझे ओर मज़ा दूँगा और मैं विरजु को बाहों मैं दबोच गाँड उठा पैंटी नीचे करवाती सोचने लगी उफ्फ्फ न जाने कैसे झेल पाऊँगी ऐसे मर्द को जो इतना बेरहम है और मेरी पैंटी मेरे टाँगों से दूर हो गई और मेरी टाँगे खुद चुदासी रंडी की तरह खुल गई और विरजु का लड़ मेरे अण्डों पर दबने लगा ।



विरजु उठकर मेरी टाँगों को ऊपर करते बोला अनु पकड़ अपनी टाँगे और मैं टाँगों को पकड़ी गाँड के छेद पर विरजु के उँगलियों को महसूस करती सिशकिया लेने लगी और बिरजू मेरी गाँड के ऊपर थूक कर लड़ घिसते बोला देख जान दर्द तोह होगा बस तू नख़रे मत करना तेरा दूल्हा हुँ दर्द सह कर मज़ा दे देना अपने पति को और विरजु ने लड़ का सूपाड़ा मेरी खुजाती मचलती गाँड पर रख मेरे झाघो को दबोच एक झटका मारा और मैं टांग छोड़ती चिलाने लगी और रोती विरजु को धकलने लगी कि मधु मेरे हाथों को विरजु के जिस्म से हटा पकड़ती बोली बस अनु दो और झटके फिर तू औरत बन जाएगी और मैं बिस्तर पर बिलखती चीखते रही और विरजु ने लड़ खिंच झटका मारा और मेरी जान अटक गई और लगा मेरी गाँड किसी ने काट दी हो धारदार हथियार से ।



विरजु रुक मुझे देखते बोला उफ्फ्फ अनु मेरा लोडा छील गया क्या जवानी है तेरी तू तोह पक्की खिंचा माल निकली कैसे दिखाऊ तुझे की तेरी झिल्ली टूट गई और तेरी गाँड ने खून फेकना शूरू कर दिया ।



मैं बस चीख़ती रोती रही , दर्द से मरी जा रही थी और विरजु ने एक झटका मार पूरा लड़ मेरी गाँड की गहराईयों मे उतार मेरे ऊपर सवार हो गया और मेरी हाथों को सर के ऊपर दबा मेरे होंठो को चुसने लगा और बोला बस जान हो गया अब तू विरजु की कुतिया बन गई फाड़ दी मैंने तेरी गाँड खोल दिया अब तुझे चुत नही बस लड़ खोजेगी मधु की तरह हर पल ।
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bahut khoob bhai....isse aur rula rula k chodo
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मेरी गाँड के चारों तरफ़ एक अजीब जलन और दर्द सुगबुगति रही और विरजु मेरे होंठो को चुसता रहा और ऐसे मैं भी मैं अपनी टाँगे खोली रही और विरजु कमर उठा मेरी गाँड मारने लगा और हौले हौले मेरी अकड़ कामुक्ता मे बदलने लगी और मे सिशकिया भरने लगी थी । विरजु मेरे होंठो को दाँतो से खींच संपूर्ण औरत का सुख देता रहा ।


मधु ठीक मेरे बगल मैं घोड़ी बन कालू से चुदने लगी , कालू ने मधु के चुतरो को तेज चाटो से गरम किया और मधु मदमस्त होती बोली विरजु तू उठ जा मुझे चुसने दे अनु के लबो को तू झटके मार के मेरी बहन के गाँड के मज़ा ले ।


विरजु मुझे कस के चुम मेरी टैंगो को उठा कर रुक गया और मधु मेरे होंठो से होठों को मिला कर चुसने लगी और मैं चाह के भी आहे न भर पा रही थी और विरजु मेरी झाघो पर चाटे मरता मेरी गाँड फाड़ने लगा और मैं मधु के बालों को खीच अपनी बेदना दरसाने लगी पर मधु खुद कालू के मदमस्त लड़ से उतेजित उसके चाटो से भावविभोर होती मेरी बेदना को अनदेखी करती बस मुझे चूमते रही ।



विरजु ने लड़ खीच के निकाला और मेरी गाँड दर्द से करहाने लगी कि झटके से विरजु ने पूरा लड़ एक वार मे मेरी गाँड के गहराईयों मे पेल दिया और मैं मधु के जीभ को खींच रोती रही ।

हाये क्या अजीब सुख है मर्द के लड़ का मेरी जवानी लड़ से तड़प रही थी पर मेरा मन झटकों से मचल रहा था ।



मैं खुद मे इठलाती कमर उठाने लगी और विरजु मेरी गाँड को सहलाते बोला वाह कुतिया तू तोह मालकिन की तरह मज़ा ले रहीं लगता हैं विरजु के लौड़े की दीवानी बन गई तू मेरी एक रात की बीवी और मैं हाँफते आहे भरते बोली विरजु एक क्या तू हर रात मेरी गाँड ऐसे रौंद दे क्या सुख है लौड़े का उफ्फ्फ दर्द से आँखे भारी है पर गाँड झटके मांग रहा इतना सुनते विरजु ने अपनी गति बढ़ा दी और मधु को खींच मेरे ऊपर से हटा कर मेरी चुचियों को रगड़ने लगा और बेताहाशा मेरी गाँड मारने लगा उफ्फफग विरजु मेरे राजा कहती मे मरवाती रही ।


विरजु ने मुझे एक थपड़ मारा और मेरी गालो को दबाते बोला साली क्या मस्त गाँड है तेरी और फिर थपड़ मार झटके देता मुझे बेदर्दी से चोदते बोला साली तू मेरी रखेल बनेगी और तुझे बीच बाजार लौंडिया बना घूमूंगा और जहाँ मन करे चोदुगा साली ।


ओह विरजु और तेज़ उफ्फफगफ साली रंडी कहते विरजु ने लड़ निकाल के मुझे कुतिया बना दिया और मेरी गाँड पर थपड़ मारते अपना लड़ झटके से पेल गाँड मारने लगा और मेरी लुल्ली अब सन्सानने लगी जैसे एक औरत मर्द के चुदाई से गर्म होती वैसे मैं भी अब गर्म हो गयी थी कि तभी विरजु मेरी लुल्ली खिंचते बोला कुतिया तेरी लुल्ली गरमा रही हैं झाड़ेगी क्या तू ।



झाड़वा दे विरजु और चोद न कहती मे चीख़ने लगी और विरजु अण्डों समेत मेरी लुल्ली मुठी मे भर दबाते झटके पेलता रहा और उधर मधु कालू के ताबड़तोड़ चुदाई से पस्त होती बोली कालू ज़रा अनु के मुँह मे लड़ डाल इसको मेरी चुत के पानी का मज़ा दो न कालू हँसते बोला मालकिन जैसा आप कहो और वो मेरे बालो को पकड़ अपना लड़ मेरी हलक मे डालता बोला भाई विरजु और झटके दे । सोच रहा अनु की गले मे मुठ निकाल दु साली बड़ी मस्त माल निकली कहते कालू ने मुझे स्वस्रहित कर दिया और मैं छटपटाने लगी और विरजु बोला देख कालू शाली कैसे लहरा रही है और कालू ने लड़ खिंच बोला अनु आदत बना ले वैसे भी गांडू से मर्द ज़्यादा चुसवाते है क्योंकि उन सब की बीवियां चुस्ती नहीं और तू तोह पक्की छमिया बन गई तुझे तोह बूढ़े और जवान सब चोदेगे वो भी पटक के क्योंकि गांडू मतलब पूरी आज़ादी चाहे जैसे मज़े लो क्योंकि औरतें नख़रे करती पर गांडू बस मज़ा देते है । इतना कहते ही कालू ने मेरे हलक मे लड़ डाल दिया और मैं सोचने लगी हाये कितने लड़ लुंगी मे अब मज़े से बस ये कालू बता तो देता कहाँ मिलेंगे लौड़े जो मेहनत न करनी पड़े ये सोचते मैं विरजु के दबाये अपनी लुल्ली से पानी छोड़ती काँपने लगी और विरजु हँसते बोला झड़ गई कुतिया और अपने हाथों पर लगा वीर्य मेरे आँखों पर रगड़ बोला कालू देख अनु पहली बार झड़ी लग रहा अब ये बिना लौड़े जी नहीं पाएगी ।


कालू मेरी मुँह चोदने लगा और विरजु गाँड अब मैं संपूर्ण सुख लेने लगी और वीर्य त्याग के बाद पसिने से तरबतर दोनों मर्दों को मज़ा देने लगी और मधु बोली वाह रे अनु पहली ही रात मेरे दोनों मर्दो को फास ली तू साली बड़ी कुत्ती बहन निकली ।
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wah maza aa gaya
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