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Thriller कामुक अर्धांगनी
Yaar content aur story ko agar side main bhi rakh do ( Dont take it otherwise you are one of the best erotica writer)....your consistency of posting update almost daily is also something to be appreciated
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(22-08-2020, 08:51 PM)Mgaya Wrote: Yaar content aur story ko agar side main bhi rakh do ( Dont take it otherwise you are one of the best erotica writer)....your consistency of posting update almost daily is also something to be appreciated

Not taken ....
 thanks a lot 

Still learning to write hope you keep appreciating  Namaskar
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मर्द ओर ये क्या बोलती हो तुम भी, शालिनी भाभी तपाक से बोल हँसने लगी और मोनिका झुक गयी ओर बोली सच्ची भाभी कुछ चुभा मुझे ,मोनिका के झुकते ही मेरी आँखों के सामने उसके छोटे छोटे नारंगी इतने बड़े चूचिया दिखाई देने लगी और मेरी मूंगफली वाकई पूरी सख्त हो गई , भइया कुछ तोह चुभा मुझे ऐसे बोलती वो मेरे पैंट के ऊपर हाथ सहलाने लगी और मेरी बईमान नज़र उसके चुचियो से हटे नहीं हट रही थी और मधु ने कोहनी मार तंज कसते बोला क्यों जी बहन के संतरे को क्या घूर रहे हो , सब ज़ोर से हँसने लगे और शालिनी भाभी बोली देखने दो वैसे भी बहनचोद तोह नहीं बन सकता मेरा देवर पर बहन की चुत तोह चाट ही सकता है और बहन खुद ही झुक कर अपने जहरीले योवन को दिखा रही तोह भइया करे भी तोह क्या ,गांडू ज़रूर है मोनिका का भइया पर चुत चाटने मे इसका जबाब नहीं ।


मैंने फ़ौरन अपनी नज़र फेर ली लेकिन मोनिका ने बिना सोचे मेरी ज़िप खिंच कर अपनी हाथ को मेरे फंफ़नाते लड़ पर रख शरमाते बोली भाभी बस इतना सा , मधु मेरे कंधे पर हाथ रखती बोली क्यों अब नहीं बोलेगी चुभ गया भाभी , सभी मज़े ले हँस पड़े और मोनिका बोली भाभी जो भी हो भइया का लॉलीपॉप लग रहा है , शालिनी भाभी मुशक्ति बोली तोह चूस ले लॉलीपॉप । मोनिका बड़े मासूम आवाज़ मे बोली भइया लॉलीपॉप चुसने दो न और मेरे बेल्ट को खोलने लगी और मैं शर्म से उसके हाथों को पकड़ लिया तभी मधु बोली अजब करते है कोई बच्चों को लॉलीपॉप के लिए मना करता है क्या और मेरी हाथों को मोनिका के हाथों से हटाते बोली ननद जी दिल खोल के चुसो तुम तोह ।


सबने ग्लास उठा कर चियर्स किया और मोनिका घुटनों पर बैठ मेरी पैंट उतारने मे मग्न हो गई और मधु ने घुट मारी और मुँह सिकुड़ती बोली छी कड़वा है , सुनीता भाभी बोली कड़वा नहीं तोह क्या लड़ जैसा रसीला होगा ,दारू है ये ,चल एक घुट मे खत्म कर फिर समझ जाएगी इसके मज़े को , मधु ने कड़वा दवाई समझ एक घुट मे अपनी गिलास खाली कर दी और मोनिका ने मेरी पैंट खिंच झाघो तक उतार दिया और मेरे मूंगफली से लिंग को निहारतीं झुक कर अपने नर्म जवां होंठो को ऊपर रख कर चूमने लगी और मधु ने उसके सिर को दबा कर मेरे लिंग को मोनिका के मुँह मे घुसा दिया और बोली चूस देवरानी अपने नामर्द भाई का लड़।

उधर सभी औरते पीने मैं व्यस्त थी और मोनिका मेरे लिंग का रस पान करती मुझे पागल बना रही थी और मेरे लिंग के टोकरे मे वीर्य सुख चुकी थी जिस कारण मेरा सीघ्र पतन हों नही रहा था और मेरे बदन मे अजीब खुमारी दौड़ने लगी थी और अनायास ही मेरा हाथ मोनिका के संतरो पर फ़िसलने लगा और उसके नर्म मुलायम चुचियों को मे सहलाने लगा , ये देख मेरी धर्मपत्नी मेरे गालो को खींच कर बोली क्यों जी कैसे टिके पड़े हो बिना झड़े कहीं बहनचोद तोह नहीं आप ।

मैं प्रतिक्रिया देने ही वाला था तभी फातिमा भाभी बोल पड़ी बहन ऐसी जवान मिले तोह बहनचोद बन जाने मे फायदा है , मेरी खुद की जवानी चढ़ि और भाइयों ने ही उतारी और सुनीता भाभी बोली फातिमा तुम लोगों मै होता है , वैसे कभी बताई नहीं किस भाई ने तेरी झिल्ली चटका दी थी , फातिमा भाभी अपनी पेग गटक कर बोली याकूब ने , ओह तोह तुझे तेरे सबसे छोटे भाई ने रंडी बनाया ,फातिमा भाभी बोली हॉ याकूब ने ही मुझे लड़ का शौकीन बना दिया सुनीता और जब वो कॉलेज चला गया तब मोहल्ले के फरीद ने मेरी प्यास बुझाई और फिर अकरम, गुड्डू,  सोएब ये सब बारी बारी मुझे चोदने लगे और मेरी भूख बढ़ने लगी और एक रात आदिल भाईजान ने कमरे मे घुस कर ऐसा चोदा की उनकी गुलाम बन गई और फिर बस उनके लड़ से चुदवाते रही ओर फिर अब्बू ने निकाह पढ़वा कर विदा कर दिया और ये असरफ मेरे सोहर नामर्द निकल गए और मेरी ज़िंदगी जहनुम बन गईं । शुक्र है अल्लाह का जो इशिका भाभी से दोस्ती हुई और मेरी तड़पती चुत फिर से गीली रहने लगी ।

इशिका भाभी हँसते बोली फातिमा अगर शालिनि भाभी से मैं ना मिली होती तोह मैं भी आज चुदाई के सुख से वंचित रहती , सुनीता भाभी बोली हा री तुम सच कहती हो शालिनि भाभी ने ही हम सबको सुख दिलवाया है और देख मधु के नसीब को कितना सुख लिखा है जो इसके मर्द ने खुद चूस कर इसको चुदवाया । मधु अपने चेहरे पर गुमान लाती बोली हाँ दीदी मेरे पति लाखों मे एक है , ये ना होते तोह कैसे वसंत से चुद कर जान पाती चुदाई होती कैसी है और इधर शालिनि भाभी मुझे देखते बोली मेरा देवर बहनचोद है देख कैसे बहन की चुचियों को दबा कर लड़ चुस्वा रहा है ।


मधु हल्के नशे मे झूम उठी और मोनिका के टॉप को उतार फेकि और बोली जब भइया झड़ ही नहीं रहे तोह कितना चुसेगी स्कर्ट उतार के मूंगफली की सवारी कर ले न मेरी प्यारी ननद । मोनिका उठ खड़ी हुई और अपने छोटे छोटे संतरो को बेशरम की तरह दिखाती बोली भाभी क्या भइया मेरी पैंटी खोल के मेरी चुत नहीं चाटेंगे , मधु बोली क्यों नहीं चाटेंगे मेरी ननद की चुत और वो मेरे हाथों को पकड़ के मोनिका के कमर पर रख के बोली चलिए जी सबको दिखा दीजेए आप बहनचोद है और मेरी ननद की आग भड़का दीजेए बाकी आपसे और कुछ होगा तोह नहीं , आग भड़की रहेगी तोह मेरी ननद कही किसी मर्द के नीचे लेट के बुझा आएगी ,मोनिका बोली नही भाभी अब तोह भइया से ही ठंडी होऊँगी मे चाहे जो हो और स्कर्ट की हुक खोल खिंच धीरे से मैंने मोनिका को रंडियों के बीच बस पैंटी मे ला खड़ा किया और मोनिका सोफे पर चढ़ मेरे मुँह पर पैंटी रगड़ती बोली भइया आपको मेरी कसम चाटिए न । मादक खुसबू और अति उतेजित योवन वाली बाली उमर की मेरी बहन के झाघो के बीच का स्पर्श मेरे होंठो पर होते मेरी हालत खराब हो गयी थी और मैंने जीभ निकाल कर फेरना शुरू कर दिया था और मोनिका अपने पैरों के तलवों को मेरे मूंगफली पर रगड़ती बोली भइया चाटिए और मुझे चोदिये भइया अहह भइया उफ्फ्फ , मधु बोली चटवा ले बाकी चोदने से पहले तेरा भइया झड़ जाएगा और तभी तू समझेगी की तेरी भाभी रंडी क्यों बानी ।


ऐसी जवान चुत की खुश्बू से मेरा सम्हलना मुमकिन नहीं था और मैंने झटके से मोनिका की पैंटी खिंच कर उसके नर्म गाँड को हाथों से दबाते उसकी चुत को अपने होंठो पर दबा लिया और वो मेरे बालों को खिंचती सिशकिया लेती बोली भइया खा जाईये अपनी बहन के चुत, चाटिए भइया अहह उफ्फ्फ ,मैंने जीभ डाल कर अपने अनुभव को एक मासूम जवान चुत पर आजमाया और परिणाम स्वरूप मोनिका एक धार मरती मेरे चेहरे को भिगोने लगी और फौरन अकड़ती मूतने लगी , मेरी जीभ चुत मे फसी रही और ओह भइया सॉरी भइया रोक नहीं पाई कहती नमकीन गर्म मुत की धार से मुझे भिगोती रही और थोड़ी बहुत मुत मेरे मुँह मे घुसती चली गईं और वो चुत दबाती बेहाया बन कर वो कर गुज़री जो मधु से अपेछा थी ।


उफ्फ्फ ननद जी क्या कर दी भइया को चुत का रस न पिला के मुत पिला बैठी , मोनिका चुत मुँह पर रगड़ती बोली भाभी नही पता कैसे इनके चाटने से झड़ते ही मुत आ गई और ये हो गया , मधु हँसते बोली अच्छे से मज़ा ले भइया है तुम्हारे बस चुत नही गाँड भी चाटते है ,मोनिका हँसते बोली चटवा लुंगी भाभी अपनी पूरी जवानी भैया के जीभ से और वो अपने घुटनों को मेरे कंधो पर मोड़ कर उठ खड़ी हुई और गाँड मेरे होंठो पर रख कर बोली भइया चाटो न और पकड़ो मुझे गिरने नही देना ।
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मस्त एपिसोड।
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(23-08-2020, 03:00 PM)bhavna Wrote: मस्त एपिसोड
 
Dhanyawad.  Namaskar
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मोनिका की पतली कमर को हाथों से जकड़ कर जीभ की नोंक से उसके गाँड को सहलाते मे अति आनंद विभोर हो गया और मोनिका उफ्फ्फ भइया बोलती मेरी उतेजना को चर्म पर ले जाने लगी और अपनी कमर डोलाने लगी जिस कारण मेरी नाक उसके गिले चुत पर दब गई और मैं साँसे खिंचता एक अदभुत सुख को भोगने लगा । अजीब होती है ये जिस्म की क्रीड़ा न जाने कब कैसे क्या नया अनुभव दे जाए ओर मैं अभी वैसे ही नए अनुभव को ग्रहण करता आत्मविभोर हो रहा था और मोनिका की सिसकिया और काँपते जिस्म की भार उठाये बस अपनी जीभ को फेरता चला जा रहा था , भइया उफ्फ भैया अहह ये शब्द मेरे कानों को अजीब सुख देने लगे और मान मर्यादा सब धूल समान बन चुका था और बस कामदेव की वासना हावी हुई पड़ी थी कि मोनिका एक दम से मेरे बालों को खिंची ओर मेरे नाक पर तेज धार मारती बोली ओए माँ और एकदम से हाँफने लगी और मेरे जिस्म पर सरकती मेरी गोद पर बैठ लिपट गई और इस फ़िसलन से मेरी लूली उसके नर्म गीले चुत पर जा घुसी और उसके गर्म सासों से मेरा संपूर्ण बदन रोमांचित हो गया और मधु हल्के हाथों से मोनिका के नंगे पीठ को सहलाते बोली क्यों रे मेरी प्यारी ननद थक गई क्या भइया से चटवा के जो आ बैठी इनके लड़ पर ,मोनिका सासों को सम्हालती बोली भाभी कसम से ऐसे कभी किसी ने मेरी चुत गाँड नहीं चाटी, भइया के जीभ से इतना रोमांच और आनंद मिला कि अब बस भइया पटक कर चोद दे तोह सारी गर्मी निकल जायेगी मेरी ।


मधु बोली तू खुद उछाल मार ले वैसे भी इतने छोटे लड़ पर उछल कर ही कुछ मज़ा आएगा और हँसते हुए मेरी और चढ़ि आँखों से देखती बोली वाह मेरे पतिदेव क्या मज़ा लुटा आपने बहन के कमसिन जवानी का ,लगता है सच मे बहनचोद हो आप तभी आपका लड़ ढीला नहीं पड़ा और ननद ही सही कोई तोह मिली आपको जिसके साथ आप ये समझ पाओ की कुछ छण के लिए चुदाई नहीं होती ,चुदाई तोह इतनी होनी चाहिए कि जिस्म पसिने से तर बतर हो जाये और देखिये बहन की कच्ची उमर के जोश तले दोनों कैसे भीगे पड़े है और आपकी लूली अच्छे से गर्मी महसूस करती अभी तक कड़क बनी पड़ी है ।


सुनीता भाभी ने हँसते हुए बोला मधु तेरे पति को कहीं जवान चुत ने तोह नहीं मर्द बना दिया , मधु मुश्कुराते दारू की सिप मारती बोली क्या दीदी मैं भी तोह ऐसे कच्ची मिली थी इनको ,कहाँ कभी इनका ये रूप दिखा मुझे ,कल रात तक एकदम खिंचा योवन लिए इनके साथ रही वो तोह वसंत ने मेरी चुत के दीवारों की नस नस खोली और गहराई मैं उत्तर कर महसूस करवाया की आखिर चुदाई होती क्या है , सभी भाभियाँ हँसने लगी और मोनिका थोड़ी शांत होती कमर को मेरे लिंग पर घिसती बाहों की हार गले मै डालती अपने नर्म होठों को मेरे सूखे होठो पर रख चूमने लगी और गाँड हिलाती गोते मारने लगी और आनान्यास ही मेरा हाथ मोनिका के मटकती गाँड पर फिरने लगा और उंगलिया बहन की सुर्ख़ गाँड की छेद को सहलाने लगी ।


मोनिका एक अनाड़ी की तरह मुझे बेताहाशा चूमती रही और अपनी जीभ से मेरी जीभ फ़साती थूक के अदान प्रदान को सुनिशित करती चली गयी और उसके हिलती नाज़ुक कमर से मेरा लड़ पहली बार इतनी देर तक घिसता रहा और सुपाडे ने अजीब नए सुख को महसूस कर मेरे अन्तरमन मे ये बोध करवाया की आखिर लड़ को कैसी अनुभूति होती है जब वो चुत को भोग रहा होता है ।


मोनिका के रुकते ही मैंने उसके संतरो को हाथों मे ले कर निचोड़ दिया और वो अपने केसों से मुझे ढक कर स्तनपान करवाने को बेताब होती बोली भइया चुसिये न और हल्का दबाव बनाती अपनी गर्म बदन को मेरे जलते जिस्म पर दबाने लगी और मे एक मासूम बच्चे सा अपनी बहन के निप्पल को चुसता बेदर्दी से दबाता रहा और वो भइया भइया करती मुझे उकसाती चीख़ती लिंग पर चुत को दबाती रही ।

छोटे मुलायम निपल को जीभ से सहला कर खिंचने का सुख लेता मे ज़ोर से स्तन दबाये जा रहा था और वो प्यासे की तरह अपने आप को मुझे लुटाते जा रही थी और मादक सिसकियों से ये जता रही थी कि वो सुख भोग रही है , मेरे बदन पर खुद के जिस्म को रगड़ कर । मैंने आहिस्ता से मोनिका को वापस लड़ पर बिठा कर उसके नर्म होंठो को चूम कर बोला तेरी गाँड किसी ने मारी की नही, वो हल्का शर्माती मेरे लबों को चूम कर बोली नहीं भइया और मैं अपने हाथों को उसके गाँड पर दबाता बोला भइया का लॉलीपॉप लोगी गाँड मे , मोनिका झेंप कर बोली भइया दर्द होगा न ,अरे नहीं दर्द कैसा इतने छोटे लड़ से ,वो हँसते बोली हुआ तोह , मैं चाट चाट कर आराम दे दूँगा और वो बोली बिना कुछ लगाए कैसे जाएगा भइया ,थूक लगा लो न ढेर सारा और बैठ जाओ मोनिका ।

उफ्फ्फ भइया आप ही लगा दीजेए और डाल लिजेए मुझसे नहीं होगा , मधु मेरे कान को खिंचती बोली क्यों जी बेचारी ननद की गाँड पर नज़र गड़ाये है क्या ओर शालिनी भाभी बोली गाँड देख तो गांडू के बहन की एकदम ऐसी है कि गली मोहल्ले बाजार के कितने लड़ बेताब होंगे मारने के लिए और मेरा देवर  मारने को तड़प रहा तो क्या अजीब है वैसे भी इसकी बहन छिनाल है आज नही तोह कल कोई न कोई साली को पटक के गाँड खोलेगा ही जब तक कोई मर्द ढीला न कर दे क्यों न मेरा देवर अपनी मूंगफली ही सेक ले ।
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wow maza aayega jab madhu ka pati madhu ke grahako ki sewa karega madhu ke samne uske ashiqo ke sath madhu ki jawani ke baare mi gandi gandi baate karega madhu unki godh mi baithi adnangi wo unke liye peg banaye madhu apne hath se pilaye unko cigrate unke samne wo pati ko jalil kare uska ashoq bi
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Madhu apne pati ko apna mundu banaye or apne dosto ke samne or uske madhu ke yaar bi madhu ki jawani ko chakhte uske pati ko ase treat kare jaise wo sach mi unka mundu ho
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शालिनि भाभी की बातों से मुझे एक नया जोश मिला था और मैं उठ खड़ा हुआ और मेरी कमसिन जवान बहन मेरी बाहों मे लिपटी हुई थी और मैं धीमे कदमों से चलने लगा तोह मेरी अर्धागनी बोली कहा चल दिये जी मेरी ननद को ले कर , मैं बोला बिस्तर पर ,उफ्फ्फ यहाँ सामने गाँड मारने मे आपको क्या परेशानी आ गईं जो अकेले ले चले मेरी ननद को , मैं बिना मुड़े बस चलता चला और शालिनि भाभी बोली तू भी न मधु जाने दे ना ,कौन सा तीर मरेगा अकेले मे और वैसे भी तुझे तोह चिंता होनी नहीं चाहिए गांडू की, तू तोह बस ये सोच तेरी चुत का भोसड़ा कौन बनाइयेगा , और मधु बोली दीदी वो तोह आप बताओ जिसे भी बुलाओगी मैं तोह चुदवा लुंगी और इतना सुनते मे रंडियो के टोली से दूर शांत कमरे मे दाखिल होते दरवाज़े को हल्का धकेल मोनिका को लिए बिस्तर पर गिर पड़ा और वो मेरे नीचे दब गई और उसकी कमुक आँखें मुझे देख शर्म हया से बंद हो गई और उसके शर्मो हया से लाल चेहरे को देख मैंने उसके पलको को चूमते बोला अरे मेरी गुड़िया रानी मुझसे क्या नज़रे चुराना , मैंने तोह तुझे गोद पर खिलाया कितनी दफ़े तुम मेरे झाघो पर मुती हो और देखो आज तोह अपने भइया को मुत भी पिला दी चुत के रस के साथ , वो और लजाती मुझे खिंच कर अपने जिस्म पर दबाने लगी और तेज़ सासों से अपनी उतेजना महसूस कराती बड़े मासूम लहजे मैं बोली भइया ज़रा धीरे से डालना गाँड मे और मैं उसके होंठो को दाँतो से खिंचते बोला मेरी बहन हल्के हल्के डालूंगा वैसे भी तेरा भइया कोई पक्का मर्द तोह है नहीं जो तू इतना डरी पड़ी है ।


मोनिका मेरे बालो को सहलाते बोली आप मेरे लिए मर्द ही हो भइया रोज आऊँगी आपसे लिपट के चुत चटवाने ,उफ्फ्फ सच्ची मेरी बहन ,हाँ मेरे भइया सच्ची और मैंने इतना सुनते ही नाज़ुक संतरो को हाथों मैं भर बेदर्दी से दबाते बोला तोह ये कैसे हुआ कि तुम इस बाली उमर मे रण्डी भाभियों के बीच आ पहुँची , मोनिका थोड़ी शर्माती झेंपती बोली अपनी माँ को चुदवाते देख खुद को रगड़ती रहती थी और वसंत माँ को इतने ज़ोर से चोदता था कि भइया मेरी चुत झड़ने लगती थी और मेरी माँ मस्त टांग खोले बस कहती ओर करो राजा बड़ी तड़पती जवानी है मेरी और वसंत बोलता तेरी रंडी चुत तोह आग उगलती है साली और तेरी जवान बेटी को देख तुझे चोदने मैं और मज़ा आता है , बोल मेरी छिनाल कब तेरी बेटी को देगी मेरे नीचे , माँ हवस की आग मे तपती बोलती जब जी करे पटक के चोद दे मेरी बेटी पर अभी मेरी आग बुझा दे ।


ऐसा रोज होता और मेरी माँ मुझे वसंत के लड़ से चुदवाते रोज नीलाम करती और पापा के आते है घर का माहौल भक्तिमय रहता और मैं आँखे बंद कर बस माँ और वसंत की चुदाई के बारे मे सोचती खुद को रगड़ती रहती और एक दिन मुझसे रहा न गया और मैं वसंत के दुकान जा पहुँची और उसकी आँखें मुझे देख चमक उठी, मैं सीधे पर्दे के पीछे जा खड़ी हो गई और आधे घंटे बाद वसंत सभी ग्राहकों को निबटा कर मेरे पास आ कर बोला मोनिका क्या चाहिए ,मैं पूरी तरह चुदने को तड़प रही थी पर खुल के बोलने को हिचक रही थी और लड़ की जगह बोल पड़ी ब्लाउज सिलानी है ,वो फीता ले कर पास आ कर बोला कैसी ब्लाउज चाहिए तुझे ,मैं बोली बिना बाह के पीछे एक दम खुली और आगे बस एक हुक वाली ,वसंत ये सुनते बोला किसको दिखाएगी पहन के ऐसी ब्लाउज ,तुझे क्या मैं जबाब देती बोली , वो बोला मुझे क्या बस सोच रहा था तेरी माँ क्या सोचेगी तुझे ऐसे ब्लाउज मे देख कर , माँ का जिक्र आते मेरी आँखों के सामने वसंत का लड़ और माँ की सिसकिया गूँजने लगी और मैं खो सी गयी और वसंत मेरे कंधो को हिलाते बोला क्या सोचने लागी , मैं झेप गई और वसंत बोला तेरा बदन अभी अच्छी तरह भरा नहीं इशलिये नाप कपड़ो के साथ लूंगा तोह ढीली हो जाएगी ,मैं उसके हरामी इरादों को समझ गई और उसके लड़ की आग की प्यासी होती बोली तोह क्या उतारू जो नाप अच्छे से ले पाओगे , वसंत बेशर्मी से बोला ये टॉप उतारनी पड़ेगी और समीज भी ,मैं इतराती बोली यहीं उतार दु या दुकान बंद करोगें ,वो बोला उतार दे दुकान क्यों बंद करू , दस मिनट मे नाप लूंगा तुझे ,मैं हवस की आग तले बाबली हुई पड़ी थी और खुद अपने हाथों से टॉप उतार फेकी और समीज खोल के अर्धनंगी खड़ी हो गईं, वसंत मेरे अन्छुवे छोटे नर्म स्तन को देख अपने लड़ को दबाने लगा और बोला मोनिका घूम जाओ और मैं घूम गई और वो फीता मेरे कंधो पर रख मेरे दोनों संतरो को दबोच आहिस्ता सहलाने लगा और मेरी चुत बह उठी और सिसकिया फुट पड़ी और वो बेफिक्र मेरे निपल्लों को उँगलियों से सहलाते खुद के लड़ को मेरी गाँड पर घिसते बोला तू अपनी माँ से ज़्यादा चुदासी है ,और मेरे गर्दन को पहले मर्द के चुम्बन का सुख देते बोला इशिका भाभी के यहाँ एक घंटे बाद मिलो तेरी प्यास बुझा दूँगा और नाप भी ले लूंगा और वो मुझसे दूर हो वापस अपने गल्ले पर जा बैठा और मैं कपड़े पहन कर बिना नज़रे मिलाए सीधे इशिका भाभी के पास पहुची और उनसे लिपट गईं ।


इशिका भाभी ने मुझे कस कर दबोचा और बोली लगता है सयानी हो गई तुम और हाथ पकड़ कर बिस्तर पर लेटा मेरे ऊपर चढ़ कर बोली कह से आ रही हो , मैं उनको दुकान की बात सुनाई और भाभी मुझे चूमते बोली इतनी जल्दी सुहागरात का सुख लोगी और मेरे जिस्म से एक एक वस्त्र निकाल खुद नंगी हो कर मेरे चेहरे पर अपनी चुत लगाती बोली चाटो और मे ऐसे अजीब परिस्थितियों मे इशिका भाभी के कहे करने लगी और भाभी ने मेरी चुत चाट कर बोला लगता है अब तेरे भइया के आने तक वसंत हम दोनों को बजायेगा और हँसने लगी और एक उँगली मेरी चुत मे डाली और मे उछल कर बैठ गई और भाभी हँसते बोली उँगली से डर गई वसंत तोह चार उँगलियो इतना मोटा लड़ डालेगा तब क्या करेंगी और फिर मुझे बिस्तर पर लेटा कर उँगली करने लगी और उनके ऐसा करने से मे रोमांचित हो गाँड हिलाने लगी और भाभी हँसती बोली वाह तू सच मे त्यार है चुदवाने को और दरवाज़े पर दस्तक हुई , भाभी नंगी ही बाहर गई और वसंत के गोद मे अंदर आई, मुझे संपूर्ण नग्न देख वसंत बोला वाह तूने तोह मेरी छिनाल की बेटी को तैयार रखा है और वो झट से नंगा हो मेरे पास आ बैठा और बोला मोनिका तेरी माँ रोज कहती थी चोद ले मोनिका को पर देती नही थी और आज देख खुद मोनिका मेरे नीचे लेटने के लिए नंगी हुई पड़ी है और वो मेरे जिस्म पर लेट गया और होंठो को चुसते मेरी झाघो को खोल अपने लड़ को मेरी कच्ची चुत के सामने घिसते बोला तुझे दर्द होगा सह लेगी न ,मैं हवस का बसीभूत बोली बस चोद दो हर दर्द सहूँगी और इशिका भाभी मेरे सिरहाने बैठ कर बोली चिंता मत करो चीखने नहीं दूँगी और वसंत उठ कर मेरी टाँगों को फैला कर लड़ चुत पर रगड़ने लगा और इशिका भाभी ने मेरे दोनो हाथों को जकड़ के मेरे होंठो को अपने होंठो से दबा दिया और एक तेज़ धार सी कटारी की वार सहती मैं तड़प उठी और वसंत ने मुझे अपने हाथों से दबा कर बंधक बना लिया और एक झटके से अपना आधा लिंग मेरी चुत फाड़ता रुक गया और मेरे दाने को सहलाते ओर एक जोरदार झटके से पूरा लड़ चुत के सीमाने तक डाल मेरे चुचियों को मसलने लगा और बोला इशिका मेरी जान छोर दे अब ,भाभी ने मुझे मुक्त किया और मेरी आंखों से बहते आशु देख वसंत बोला तू अपनी माँ से बड़ी रांड बनेगी और मेरे ऊपर गिर के होंठो को चुसते तेज़ झटकों से मुझे चोदने लगा और मैं अंदर ही अंदर दर्द से तड़पती रही और आधे घंटे बाद एक अजीब सुख को महसूस करती गाँड हिलाने लगी और वसंत उठ कर मेरे झाघो को सहलाते बोला मोनिका अब तू कुँवारी नहीं मेरी रंडी बन गईं और फिर बेताहाशा चोदने लगा और मेरी कमर उठ उठ उसका साथ देती रही और मेरे जिस्म के अकड़न के साथ वो भी अकड़ गया और मेरे चुत को अपने वीर्य से नहलाने लगा और मैं खुशी से वसंत को चूमने लगी ।


मोनिका की बातें सुन कर मैंने अपने होठों को उसके गर्दन से ले कर सम्पूर्ण अंगों पर जीभ फेरता उसके नाभी को जीभ की नोक से सहलाता झाघो को चूमता रहा और चुदासी मेरी बहन ने पूरी टांग खोल दी और मेरे लबों को कमसिन गुलाबी चुत की मिठास ने बसीभूत कर लिया और मैंने अपने होठों को उसके चुत की दीवारों पर रख हाथों को आगे बढ़ाते बहन के संतरो को मसले लगा और वो मेरे सर को दबाते बोली भइया जीभ डालो न चाटो अपनी  बहन को देखो अब वो जवान हो गईं अब बिना भइया के प्यार के कैसे कटेगी जवानी ,ऐसी बातों से मोनिका मुझे उकसाती चली गईं और मैं दरिंदे की तरह कोमल चुत की दीवारों को दाँतो से नोचने लगा और जीभ डाल कर सहलाने लगा और छोटे नर्म चुचियों को रगड़ते पागल हो गया और मोनिका चीख़ती चिलाती बोलने लगी अहह भइया उफ्फ मेरे भइया और मेरी हवस ऐसी आग बन गईं की मैंने झटके से एक उँगली मोनिका के गाँड मे घुसाया और वो मचलती बोलने लगी भइया दर्द हो रहा है थोड़ा थूक तोह लगा लेते अहह , मैं रुक कर दोनों हाथों से उसके गाँड को उठाया और चाटने लगा और उसकी नज़रे मुझे देखते अपने होंठो को दबाते सिसकिया भर तड़प उठे और वो गाँड हिलाने लगी मानो वो मेरे जीभ को अपनी गाँड की गहराइयों मे लेना चाह रही हों और मेरा उतेजित मन बिना सोचे समझे गाँड चाटता रहा और वो चीख़ती बोली अब ओर नहीं सह सकती गाँड मार दो भइया उफ्फ्फ मैं गाँड पर थूकने लगा और जीभ से दरार पर फ़ैलाते बोला तू भी अपनी थूक लगा बहन और वो अपने हाथ पर थूक कर मेरे सामने लाते बोली लिजेए लगा दीजेए भइया और मैं उसकी थूक चाट कर गाँड पर थूकने लगा और एक उँगली डाल हिलाने लगा और वो सिसकिया भर्ती वासना से लबरेज होती बस भइया भइया उफ्फ्फ करती रही और मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके टाँगों को पेट पर दबते अपने मूंगफली को गाँड की सुराख पर रख ज़ोरदार झटके से धकेल दिया और थूक के फ़िसलन से मेरा संपूर्ण लिंग बहन की गाँड को चीरता घुस गया और मेरी बहन आँखों को नम किये बोली बड़े बेदर्दी भाई हो आप इतने ज़ोर से क्यों डाले ,मैं उसके टाँगों को फैला कर जिस्म पर लेटा और बोला क्या करता छोटा सा है ना कैसे धीमे डालता और वो हँसते बोली अब चोदिये भी भइया मेरी गाँड और मैं कमर उठा कर गाँड मारने लगा और मोनिका बोलने लगी भइया बड़ा दर्द हो रहा है ,मैं बोला बस मेरी बहन थोड़ी देर और और वो बोली घंटे भर से खड़ा है आपका अब कब झाड़ेगा ,मैं हँसते बोला तेरे भाई की थैली सुख चुकी हैं अब झाड़ेगा की नही वो तोह नही जानता पर तेरी नर्म गाँड के अंदर मज़ा बहुत आ रहा और वो हँसते बोली भइया फिर गाँड मैं रखे रहो जब तक चाहो और मेरे गले मे बाहो की माला डाल मुझे अपने जिस्म पर खिंच ली ।
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मोनिका को बाकी की खेली खाई रंडियों बीच लाकर कहानी के नायक से गांड चुदाई करवाना बहुत लाजवाब लगा। एक उपेक्षित मर्द भी एक कमसिन लड़की को सुख दे सकता है। ये एक सुकून देने वाली बात हुई। हो सकता है लेखक इस मूंगफली से कुछ बड़े काम करवा लेगा। एपिसोड्स को रंगीन बना देगा। सिर्फ सेक्स ही सेक्स भरा होगा तो इतना बढ़िया नहीं लगता। थोड़ा प्यार दुलार भी नयापन लाएगा।
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(24-08-2020, 11:47 PM)bhavna Wrote: मोनिका को बाकी की खेली खाई रंडियों बीच लाकर कहानी के नायक से गांड चुदाई करवाना बहुत लाजवाब लगा। एक उपेक्षित मर्द भी एक कमसिन लड़की को सुख दे सकता है। ये एक सुकून देने वाली बात हुई। हो सकता है लेखक इस मूंगफली से कुछ बड़े काम करवा लेगा। एपिसोड्स को रंगीन बना देगा। सिर्फ सेक्स ही सेक्स भरा होगा तो इतना बढ़िया नहीं लगता। थोड़ा प्यार दुलार भी नयापन लाएगा।

Kosis kr rha hu ki bariki se har pehlu ko sajha kru , umeed krta hu apko pasand aayega
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आख़िरकार मेरे मूंगफली पर अकड़ छाने लगी और झटकों के आभास से मेरी सयानी बहन समझ गयी और गाँड की छेद सख्त करती मेरे लड़ से निकली हल्की धार को अपनी गाँड के दीवारों पर महसूस करती बोली भइया आपने तोह हार मान ली और हँसते मुझे कस कर बाहों मे जकड़ बेताहाशा चूमने लगी और मेरे मूंगफली की अकड़ ढीली पड़ते अचानक जोश से तन गई मनो मोनिका का मुझे भइया बोलना मेरे लिंग को भा गया ओर वो सुर्ख़ छेद की गीली गर्माहट को ओर महसूस करने को उत्सुख हो, गाँड की दीवारों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते कह रहा हो तेरी इस मदमस्त गाँड से मूंगफली का दिल अभी भरा नहीं ।


झड़ने के बाबजूद मेरे लिंग पर तनाव महसूस करती मेरी बहन जोश खरोश से मुझे बोली भइया ऐसा क्या है मुझमें की आज आप ठंडे नहीं पड़ रहे ,दोपहर तक सब भाभियाँ आपको नामर्द गांडू कह के चिढ़ा रहे थे और मुझे तोह आप पक्के मर्द मालूम हो रहें है और मोनिका की बातें सुन मैंने उसके दोनों संतरो को सहलाते बोला तेरी ये उनीस साल की कमसिन जवानी जो है ना बहना और तेरा यू मुझे भइया बुलाना मुझे नामर्द से मर्द बना रहा है और वो शरमाते बोली फिर तोह ये तय रहा कि अब भइया के लड़ की लाडली मैं ही हूँ और कोई नहीं ।


हाँ बस तू मेरी लाड़ली है और सदा रहेगी ,उसके सख्त निप्पलों को उँगलियों से सहलाते वो सिहर कर बोली उफ्फ भइया दुखता है धीरे मसलों न क्या तड़पाने मे आपको मज़ा आता है अपनी छोटी बहन को ,उफ्फ्फ हाँ मैं तुझे चाट के खा जाऊँगा और ये नसीलि आँखे मे दु मे डूबा रहूँगा और उसके हाथों को सर के ऊपर करते उसकी काँखों को सूँघते बोला तेरे बदन की ये खुशबू ऐसी है कि तेरा भइया का बस चले तोह तू सारी जिंदगी बस ऐसे ही लेटी रहे मेरे जिस्म के नीचे और तुझे यू ही प्यार करता रहूँ ।


मोनिका मेरे नाक के स्पर्श को अपने काँखों पर महसूस करती इठलाने लगी और सिसकी लेती बोली भइया ये क्या कर रहे गुदगुदी हो रहीं ,मैंने हौले से जीभ फिराते मोनिका को रोमांचित करता उसके जिस्म को मेरे जिस्म के तले कसमसाते महसूस करता बोला बहन बड़ी स्वादिस्ट है तेरी ये पसिने से लतपत खुरदुरी जगह ,वो हाथों को झटकने को तत्पर काँपते लबों से बोली नहीं भइया न करो सुसु लग जायेगी , उफ्फ तोह कर दो सुसु मेरी बहन ,न भइया न करो न और मैं जीभ से चाटने लगा और मेरी बहन के सब्र के बांध को तोड़ने लगा और वो विरोध करती इठलाने लगी और मेरे जीभ के चाटने से पूरी तरह बाबली हो गई और अपनी टांगो को मेरे कमर पर जकड़ती गाँड उठा उठा कर बोलने लगी न भइया ऐसा न करो उफ्फ्फ भइया नहीं और थोड़े ही पल के बाद मेरे जिस्म को अपने गर्म सुसु से गीला करती बोली भइया आप बड़े गंदे हो , मैंने उसके लबों को अपने लबों से मिला चूमने लगा और बोला मेरी बहन ऐसे गर्म सुसु से नहला दिया करो भइया को हर सुबह आ कर वो शर्माती बोली उफ्फ्फ भइया आप सच मे गन्दे हो और हँसते बोली बढ़े दिनों बाद सुसु बिस्तर पर की हुँ न जाने भाभी कितना गुससा करेगी ,मैं निप्पलों को मसल कर बोला तेरी भाभी रोज ही करेगी बिस्तर पर सुसु अगर तू सुबह आ कर ऐसे उसके काँखों को चाट दोगी तोह और वो हँसने लगी और हम दोनों चिपक कर आनंद लेने लगे ।


देखो गांडू को रंडी बहन पर चढ़ा पड़ा है और ये रंडी भइया के नीचे कितनी खुश है , शालिनी भाभी पास आते बोली और उनके पीछे सभी भाभियाँ आ पहुँची और हँसने लगी , मेरे किसी भाभी के बदन पर पैंटी के सिवाय कोई और वस्त्र नहीं था और मेरी नज़र अपनी अर्धांगनी को तलाशती रही कि फातिमा भाभी बोली क्यों देवर जी मधु को ढूंढ रहे हो क्या ,मैं झेप सा गया और वो बोली आ रही है तेरी बीवी तुम तोह बस अभी बहन पर धयान दो ।


मधु हँसते लड़खड़ाते कदमों से कमरे मे दाखिल होती चीखते बोली ओह बहनचोद अभी भी खड़ा है मेरे गांडू पति का लड़ और मेरी गाँड पर थपड़ मरती बोली बहन से ही विहा लेते मुझे तोह मर्द मिल जाता ।


सब हँसने लगी और मधु मेरी गाँड फैला कर बोली बेलन डाल देती हूँ गाँड मे आपके या बिरजू को कह के फड़वा देती हूँ और मेरे बदन पर कूद लेट गई और मोनिका चीखते बोली अहह भाभी ,चुप कर ननद मेरी न जाने क्या जादू कर दी मेरे मरद पर की नामर्द से मर्द बन बैठा बहन के लिए और वो अपनी गाँड हिलाते बोली ऐसे गाँड मरूँगी आपकी और फातिमा भाभी बोली कितना परेशान करेगी तू दोनों को चल छोड़ और मेरी चुत चाट ।


इशिका भाभी झट से बिस्तर पर लेट शालिनी भाभी को खिंचते बोली दीदी मेरी चुत चाटो न आप और मेरे आँखों के सामने बिस्तर पर चारों रंडिया नंगी हो एक दूसरे को नोचने लगी और मेरी बहन बोली भइया लगता है अब आज रात कई मर्दो की दावत होगी ।



क्यों क्या हुआ ,अरे मेरे भोले भइया ऐसा इशिका भाभी के यहाँ एक बार हुआ था उस रोज भी ऐसे सब एक दुज़े को नोच रही थी और फिर गरम हो कर मर्दों को बुलाने लगी ,मैं तोह वसंत से चिपकी रही बाकी फातिमा भाभी तोह तीन मर्दो का सुख भोगी ,इशिका भीभी दो और शालिनी भाभी ने तोह चार मर्दो को चिपका लिया था ।


एक बिस्तर पर सभी भाभियाँ सिसकिया लेती बस कामवासना मे खोई हुई थी ओर वसंत खड़े खड़े मुझे लड़ पर फ़सा कर चोदा ।


मोनिका की बातों से तय हो गया कि मेरा घर आज कोठा बनेगा और शालिनि भाभी जोश मे इशिका भाभी की चुत लप लप चाटते खुद के चुत को सहलाते बोली मधु तू कितने लड़ लेगी , मधु लप लप करती फातिमा भाभी के चुत पर टूटी पड़ी थी और तड़पती बोली दीदी कम से कम दो मर्द चाहिए मुझे ,फ़ातिमा भाभी बोली दीदी मुझे तोह तीन दिला दो और शालिनि भाभी ने इशिका भाभी की चुत पर दाँत काट पूछा और तुझे ,वो अहह करती बोली दो तोह चाहिए दीदी मुझे और शालिनि भाभी बोली कामिनी सब दस मर्द बुलानी पड़ेगी फिर तोह ओर फ़ातिमा भाभी बोली दीदी आप तोह मर्दो की लाइन लगा दोगी । शालिनि भाभी उठ खड़ी हुईं और बोली चलो सब खाना खा लो मैं देखती हूँ और उठ कर बाहर चली गईं पर वासना के बसीभूत मेरी अर्धागनी ओर फ़ातिमा भाभी चिपकी पड़ी थी और इशिका भाभी अपनी गाँड उठा कर मेरे चेहरे पर रगड़ते बोली बस बहन को मज़ा दोगे मेरी भी चाट के देखो रसीली है और मोनिका बोली भइया भाभी की चाट खाओ और मेरी जीभ शालिनी भाभी के चुत पर फिरने लगी और मेरी बहन हाथ उठा कर भाभी की लटकती चुचियों को खिंचने लगी और भाभी बोली दोनों भाई बहन मिल बैठे क्या और सिसकिया भर्ती बोली मधु तेरा ये गांडू पति तोह जीभ ऐसे घूमता है कि चुत की दीवारें सिहर जाती और मेरी मधु बोली थोड़ा वक्त दो चुत की दीवारें रिशने भी लगेगी दीदी ,और फ़ातिमा भाभी ने मधु को अपने चुत पर टाँगों से फ़सा बोलने लगी जैसा पति वैसी उसकी बीवी, मधु अब रुक मत ओर मधु झाघो के बीच दबी चुत से स्वास लेती जीभ फिराती लगी रही और फ़ातिमा भाभी को ठंडा कर उठ उनके ऊपर चढ़ कर होंठो को चुस्ती बोली दीदी चाटना तोह पति से सीखी हुँ और इधर शालिनि भाभी गाँड हिलाती चीख़ती बोली मोनिका तू ऐसे निप्पलों को रगड़ना क्या भइया से सीखी क्या और मेरी बहन अपनी कमर हिलाते मेरे मूंगफली पर झटके मरती बोली हाँ भाभी अभी अभी भइया ने ऐसे मेरे निप्पलों को मसला था और मेरी चुत गरम हो बह गयी थी ।
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mast hi dost bus lago raho bhai itni sari ayrato ko ek sath mat rakho ek akeli aurat ke sath 2 mard bulao alag alag tab jayda maza aayega
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mast likhe ho...wo monica wala episode detail mei likhte ki kaise kuwari choot phaadi...kuch jaldi mei likh diye
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Bhai agla update kab aayega
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अरे फ़ातिमा उठ जल्दी तेरे सोहर तुझे गली गली ढूँढ रहे ,फ़ातिमा भीभी ये सुनते हड़बड़ा कर मेरी मधु को अपने तपते गर्म जिस्म से उतारती मुरझा सी गई और डरती घबराती बोली दीदी मेरे कपड़े ,शालिनि भाभी ने भुरका देते बोला मेरी चुदासी रांड तू बस भुरके मे आई थी भूल गई क्या ओर फ़ातिमा भाभी भुरका पहन खुद को वेवस्तित करती चेहरे को धो कर सरीफ औरत बन बोली अकेली जाउंगी तोह मेरे सोहर झगड़ा करेंगे दीदी तुम साथ चलो न ,शालिनि भाभी बोली इशिका को  लेकर जा तू क्योंकि मेरे पति मुझे देख लेंगे तोह यहीं डेरा डाल देंगे और तेरे चक्कर मे कोई चुद न पायेगा और इशिका भाभी मेरे मुँह पर गाँड दबाती बोली वाह दीदी मुझे क्यों फ़सा रही हो देखती नहीं अपने गांडू देवर से चटवा रहीं  अपनी प्यासी गाँड और शालिनि भाभी बोली वाह री छिनाल ये मत भूल की फ़ातिमा का सोहर लौट आया तोह साथ तेरे पति भी होगा ,इतना भी नहीं याद तुझे की दोनों साथ काम करते है और इशिका भाभी ये स्मरण करते बोली हये रे किस्मत कहा लौड़े का सोच चटवा रहीं थी और कहा अब ढीले पति से पेलवानी पड़ेगी झूट का अहह अहह करती और वो मेरी मुँह से गाँड हटाती बोली देवर जी अब तोह उधार रहा और उठ सतिसावित्री बन बालो को ठीक कर के फ़ातिमा भाभी के साथ निकल पड़ी और मेरी अर्धागनी बिस्तर पर दारू के नशे मे खुद को सहलाते बोली दीदी जो भी हो मुझे तोह लड़ चाहिए और शालिनि भाभी हँसते बोली तेरे लिए इंतज़ाम कर दूँगी रे थोड़ा सांझ तोह हो जाने दे ।


मेरी बहन मेरे होंठो को चूमते बोली भइया मुझे घर नहीं जाना कुछ उपाय कर दो न मुझे आपके साथ मज़ा आता है और मैं अपनी नन्ही बहन को निहारते बोला जा घर बोल आ माँ को की तू मधु भाभी के यहाँ रुकेगी और तेरी माँ वैसे भी वसंत को बुला ही लेगी तेरे पापा जो निकल चुके कमाने , मोनिका हँसते बोली भइया भाभी को ले जाऊं की माँ रोके न रोक पाए ,मधु बोली ओह ननद जी तुम घर जाओ मैं खुद तुझे ले कर आ जाऊँगी और मोनिका बोली ठीक है भाभी पर जल्दी क्या है अभी थोड़ी देर भइया के पास और रह लू ,क्या भाभी मुझे अपनी चुत चटवाओगी कहती मेरी बहन तिरछी नज़र मधु पर डाली और मधु उठ कर घोड़ी बन के मोनिका के चेहरे के ऊपर गाँड हिलाती बोली तू चुत चाट तेरे भइया से गाँड चटवा लेती हूँ और शालिनि भाभी बोली अरे सब कितने कमीने हो मेरी कोई पूछता नहीं और मेरी धर्मपत्नी हँसते बोली दीदी आप मेरे सामने लेट जाओ न आपकी चुत मैं चाटे देती हूँ और इस तरह वापस माहौल वासना से भरने लगा ओर मेरी मुंफली आनान्यास बहन की गाँड पर हिलने लगा और मेरी बहन सिसकी लेती गाँड चुदाई का लुप्त उठाने लगी और मैं अपनी बीवी की गाँड के सुराख को जीभ से सहलाने लगा ।



शालिनि भाभी की सिशकिया अति उतेजित ही चुकी थी जिस कारण मधु उँगलियों के सहारे उनकी चुत सहलाने लगी थी और मधु के तीन उँगलियों के गहराई मे प्रेवेश हो जाने से शालिनि भाभी की भाषा अभद्र होने लगी और वो बोली तेज़ उँगली चला रंडी साली आग लगी है और तू सहला रही है ,ज़ोर से चोद , मधु जीभ से चाट, दाँतो से खरोच कर बोली रंडी दीदी लौड़े का मज़ा उँगली से कहा मिलेगी बुला ले मर्दो की टोली और चुदवा मे तोह ऐसे ही तुझे तड़पाउंगी और शालिनि भाभी अहह मधु उफ्फ्फ मधु करती मधु की उंगलियों पर गाँड हिलाती मचलती रही और मेरी बहन मधु भाभी के चुत की चमड़ी दाँतो से खिंचती जीभ घुमाते चली गईं और मेरी जीभ गाँड के छेद को खुलते सिकुरते महसूस करता रोमांचित हों उठा और सोचने लगा कि आज मेरी अर्धागनी की सुर्ख़ गाँड का भी भौसड़ा बन जाएगा।

मोनिका को मधु की रसीली चुत चाट जोश उमड़ आया और वो मेरे मूंगफली पर दबाव बनाने लगी और मधु के निप्पलों को बेदर्दी से मसलने लगी जिस कारण मधु चीख़ती बोली क्यों री बहन की लोड़ी मार डालेगी क्या भाभी को और मोनिका तेज़ दबाव बनाती बोली वाह भाभी वसंत का झेल चुकी और मैं तुझे मारने लगी और शालिनि भाभी बोली मधु तू मेरी निपल्लों को रगड़ ले बाकी हैवानों के आने से पहले थोड़ा दर्द झेल लेने से दर्द कम हो जाएगा और मधु शालिनि भाभी के निप्पलों पर चिट्कोरी मारती बोली दीदी आप पक्की रांड हो जैसे कहती हो वैसा ही होता होगा और भाभी चीख़ती अपनी चुत चुदवाती चर्मसुख के मुहाने पहुँच गईं और जैसे ही भाभी के स्वर बदलने लगे मेरी शयनी बहन ने मधु की चुत मे उँगली कर मधु को मचलने पर विवश कर दिया और सीघ्र ही शालिनि भाभी झड़ गईं और मधु की हिलती गाँड मेरे चेहरे पर दबाब बनाने लगी और तेज़ उँगलियों के सहारे मोनिका ने अपनी भाभी को विवश कर बहने पर मजबूर कर दिया और मधु झट से शालिनि भाभी के ऊपर चढ़ कर उनके लबों का रस पान करने लगीं और मोनिका मेरे मुँह मे उँगली डाल मुझे अपनी अर्धागनी का वीर्य चुसवाने लगी और मेरी मर्दाना जोश को उकसाने लगी जिस कारण मैं हवस मे अंधा हो गाँड उठा उठा कर बहन की गाँड मारने लगा और मोनिका भइया धीरे अहह भइया अहह कहती चीखने लगी और अपने टाँगों को मेरे कमर पर लिपट रूवाशी होती मेरे झटकों को झेलती एक धार मरती निढ़ाल हो गईं और हाँफने लगी पर मेरा जोश ठंडा पड़ ही नही रहा था कि शालिनि भाभी बोली ओह देवर जी इतनी आग लगी हैं तोह अपनी बीवी की गाँड खोल दे बेचारी तोह थक गई है और मैं उठ कर मधु को बिस्तर पर लेटा टाँगे उठा कर थूक से उसके गाँड को भिगोने लगा और मेरी पत्नी बोली बहनचोद अगर जल्दी झड़े तोह टांग खोल चकले पर बैठ जाऊँगी और मैं जोश मैं आ कर एक झटके से बीवी की गाँड को चीरता संपूर्ण मुंफली डाल बैठा और वो चीखते रोने लगी और मुझे धक्के देने लगी और मैं मधु को दबा कर ज़ोर से गाँड मारने लगा और वो ज़ोर से चीख़ती बोली मादरचोद बहन के लौड़े दर्द हो रहा है और मैं मधु के गाल पर थपड़ मरता बोला साली रांड वसंत के साथ दर्द नहीं हुआ तुझे मेरे छोटे लड़ से दर्द हो रहा है कुतिया और झटका देते खुद के जिस्म मे एक अदभुत आनंद को भोगने लगा ।


मेरी हवस को देख शालिनि भाभी बोली देवर जी फाड़ दे शाली की गाँड और मधु ये सुन कर करहाती बोली दीदी तू छिनाल है मेरी हालत देख मज़ा ले रहीं और भाभी हँसते बोली अच्छा हुआ पहले पति से ले रही कोई मर्द डालता तोह मुँह से आवाज़ नहीं निकलती और शालिनि भाभी उठ मधु के मुँह पर जा बैठी और निपल्लों को सहलाते बोली देवर जी और तेज़ करो आज बता दो अपनी बीबी को की जब गांडू जोश में आ जाएं तोह क्या होता है । भाभी साली चकला मे टांग खोलेगी इतना चोदुगा कि चल नहीं पाएगी कहते मैं हैवान बन बैठा और मधु दबी चुत के नीचे बिलखती रही और मेरी बहन ये देख खुद के जिस्म को सहलाते बोली भइया मेरी चुत ऐसे चोद डालो माँ कसम रोकूंगी नहीं चाहे जितने तेज़ झटके मारो और शालिनि भाभी बोली वाह वाह देख इस बहन को कैसे भइया के लड़ की दीवानी बनी पड़ी है ।
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मस्त।
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Bahut khoob bhai
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clps clps 








































[Image: eshanya-maheswari-in-half-saree2.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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[Image: 53084627-258359488386502-2889304326281363456-o.jpg]
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