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Adultery पत्नी एक्सचेंज
#41
[Image: wife_5caad89b2b9ff.JPG]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#42
(08-08-2020, 04:58 AM)exbiixossip2 Wrote: hi bro...
aapki thread read ki to bahut maza aaya par apse ek baat kahonga ki itni clear hindi words ka use ne kuch logo ki liye thread ko kamuk or adhiktar logo ke liye ye hindi words ko samjhna kafi problem wala tha
mai apse bas itna kahna chahunga ki aapne sanjay ki bibi laxmi ko chudwa bhi diya wo bhi badi masumiyat ke sath...

bro.. story me asleel words use karte to is thread par itne comment aate or rats bhi ki aap apne aap par garv mahsus karke.. par kya kare lagta hai aapne hindi me PHD ki hai ya aap kisi Bramhad jati ke hai....
lage raho par jara ye dekho ki jis lakshya ko lekar hum thread write karte hai us par readers ko interest bhi to hona chahiye...

khair ye sab chhodo .... last me itna kahoonga ki bus kuch readers ka pani jaroor nikalwa diya last me....
thanks bro..
[Image: images?q=tbn%3AANd9GcR3F5NW5m4udRAcloJVd...w&usqp=CAU]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#43
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#44
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#45
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#46
Smile 
बिजनेसमैन पति करता था

पत्नी की अदला- बदली, जबरन तीन दोस्तों से बनवाए शारीरिक संबंध
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#47
(21-08-2020, 02:17 PM)neerathemall Wrote:
बिजनेसमैन पति करता था
पत्नी की अदला- बदली, जबरन तीन दोस्तों से बनवाए शारीरिक संबंध

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक पति ने अपनी पत्नी के साथ घिनौनी हरकत की। साल 2017 से उसने अपने दोस्तों से कई बार पत्नी का रेप करवाया। पीड़िता का आरोप है कि उसका पति वाइफ स्वैपिंग यानियों पत्नियों की अदला- बदली का शौकीन है और उसने जबरदस्ती उसे अपने दोस्तों के हवाले कर दिया। 46 वर्षीय आरोपी पति पेशे से एक बिजनेसमैन है और उसकी 39 वर्षीय पीड़िता पत्नी ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है।
महिला के पास कथित तौर पर वारदात का एक वीडियो भी मौजूद है। महिला की ओर से मामला दर्ज कराए जाने के बाद मैजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से आरोपी बिजनेसमैन को 23 दिसंबर तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
महिला ने बताया कि उसके पति ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया तो उसकी हत्या कर देगा। महिला के अनुसार 15 जून साल 2017 को पहली बार उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए। इस दिन रात के खाने के बाद पति ने उसे अपने एक दोस्त से मिलवाया था।
महिला की ओर से दिए गए बयान के अनुसार जबरन उसके पति ने उसे अपने दोस्त के साथ कार में आगे की सीट पर बैठने को कहा और खुद दोस्त की पत्नी के साथ पीछे की सीट पर बैठ गया। जब महिला ने इसका विरोध किया तो पति ने कहा, 'कुछ नहीं होता'। महिला ने बताया कि उसके बिजनेसमैन पति के शारीरिक संबंध दोस्त की पत्नी के साथ थे।
हवस के आगे अंधे हो चुके महिला के पति ने सिर्फ एक नहीं बल्कि अपने तीन दोस्तों से एक के बाद एक कई बार उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। एक बार तो इस रेप को देखते हुए पति ने अपने फोन से शूट भी किया। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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#48
(05-08-2020, 02:40 PM)neerathemall Wrote:
विनय ने औरत-औरत के सेक्स की बात उठाई और पूछा कि मुझे कैसा लगता है यह?

“शुरू में जब मैंने इसे ब्लू फिल्मों में देखा था, उस समय आश्चर्य हुआ था।”

“अब?”

“अम्म्मे ‍, पता नहीं! कभी ऐसी बात नहीं हुई। पता नहीं कैसा लगेगा।”
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#49
मेरी सहेली












Namaskar
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#50
(21-08-2020, 02:25 PM)neerathemall Wrote:
मेरी सहेली












Namaskar
मैं और कामिनी बचपन की सहेलियाँ है. हम स्कूल से लेकर कॉलेज तक साथ साथ पढ़े. और अब मेरी और कामिनी की शादी भी लगभग एक ही साथ हुयी थी. मेरा घर और उसका घर पास में था. कामिनी का पति बहुत ही सुंदर और अच्छे शरीर का मालिक था. मेरा दिल उस पर शुरू से ही था. मैं उस से कभी कभी सेक्सी मजाक भी कर लेती थी. वो भी इशारों में कुछ बोलता था जो मुझे समझ में नहीं आता था. कामिनी भी मेरे पति पर लाइन मारती थी ये मैं जानती थी. जब हमारे पति नहीं होते तो हम दोनों साथ ही रहते थे.
उन दोनों के ऑफिस चले जाने के बाद मैं कामिनी के घर चली जाती थी. कामिनी आज कुछ सेक्सी मूड में थी.
मैंने कामिनी से कहा- ‘आज चाय नहीं..कोल्ड ड्रिंक लेंगे यार.’
‘हाँ हाँ क्यों नहीं…’
हम सोफे पर बैठ गए. कामिनी मुझसे बोली- ‘सुन एक बात कहूं… बुरा तो नहीं मानेगी…’
‘कहो तो सही..’
‘देख बुरा लगे तो सॉरी… ठीक है ना…’
‘अरे कहो तो सही…’
‘कहना नहीं… करना है…’
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#51
‘तो करो… बताओ..’ मैं हंस पड़ी.

उसने कहा- ‘रीता.. आज तुझे प्यार करने की इच्छा हो रही है…’

‘तो इसमे क्या है… आ किस करले..’

‘तो पास आ जा..’

‘अरे कर ले ना…’ मुझे लगा कि वो कुछ और ही चाह रही है

कामिनी ने पास आकार मेरे होटों पर अपने होंट रख दिए. और उन्हे चूसने लगी. मैंने भी उसका उत्तर चूम कर ही दिया. इतने में कामिनी का हाथ मेरे स्तनों पर आ गया और वो मेरे स्तनों को सहलाने लगी. मैं रोमांचित हो उठी.. ‘ये क्या कर रही है कामिनी…’

‘रीता मुझसे आज रहा नहीं जा रहा है… तुझे कबसे प्यार करने कि इच्छा हो रही थी…’

‘अरे तो तुम्हारे पति… नहीं करते क्या..’

‘कभी कभी करते है… अभी तो 7-8 दिन हो गए हैं… पर रीता मैं तुमसे प्यार करती हूँ… मूझे ग़लत मत समझना..’

उसने मेरे स्तनों को दबाना चालू कर दिया. मूझे मजा आने लगा. मेरी सहेली ने आज ख़ुद ही मेरे आगे समर्पण कर दिया था. मैं तो कब से यही चाह रही थी. पर दोस्ती इसकी इज़ज्ज़त नहीं देती थी. मुझे भी उसे प्यार करने का मौका मिल गया. अब मैंने अपनी शर्म को छोड़ते हुए उसकी चुन्चियों को मसलना शुरू कर दिया. वो मन में अन्दर से खुश हो गयी. वो उठी और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया. मैं भी उसके पीछे उठी और उसके नर्म नर्म चूतड पकड़ लिए. कामिनी सिसक उठी. बोली -‘मसल दे मेरे चूतडों को आज… रीता… मसल दे…’

मैंने कामिनी का पजामा और टॉप उतार दिया. अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी. मैं भी अपने कपड़े उतारने लगी. पर वो बोली- नहीं रीता… तू मुझे बस ऐसे ही देखती रह… मेरे बूब्स मसल दे… मेरी छूट को घिस डाल… उसे चूस ले… सब कर..ले ‘

मैं उसे देखती रह गयी. मैंने धीरे उसके चमकते गोरे शरीर को सहलाना चालू कर दिया. पर मुझसे रहा नहीं गया. मैं भी नंगी होना चाहती थी. मैंने भी अपना पजामा कुरता उतार दिया, और नंगी हो कर उस से लिपट गयी. हम दोनों एक दूसरे को मसलते दबाते रहे और सिसकियाँ भरते रहे.

अब हम बिस्तर पर आ गए थे, हम दोनों 69 की पोसिशन में आ गए. उसने मेरी चूत चीर कर फैला दी और अपनी जीभ से अन्दर तक चाटने लगी. अचानक उसने मेरा दाना अपनी जीभ से चाट लिया. मैं सिहर गयी. मैंने भी उसकी चूत के दाने को जीभ से रगड़ दिया. उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर धीरे धीरे मारना चालू कर दिया. और मेरी चूत को जोर से चूसने लगी. मैंने उसकी चूत मैं अपनी उंगली घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगी. वो आनंद से भर कर आहें भरने लगी. मेरी चूत में उसकी जीभ अन्दर तक घूम चुकी थी. मुझे मीठा मीठा सा आनंद से भरपूर अह्स्सास होने लगा था. हम दोनों की हालत बुरी हो रही थी. लगता था कि थोडी देर में झड़ जाएँगी.

उसी समय मोबाइल बज उठा. कामिनी होश में आ गयी. हांफती हुयी उठी और मोबाइल उठा लिया.
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#52
मेरी सहेली संग लेस्बियन रासलीला







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#53
त तब की है जब मुझे कनाडा से आये हुए कुछ माह बीत चुके थे और पतिदेव ही दिल से चूत और और गांड को ठोक रहे थे, मैं भी सन्तुष्ट थी।

मेरी सहेली
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मेरी एक बचपन की सहेली कविता (बदला नाम) है, अक्सर मेरी उससे फोन पर बात होती रहती है, मैं उसके बारे में सबसे घर में बातें करती रहती थी।
वो मेरी ही उम्र की है, उस समय शादी को 3 वर्ष हो चुके थे और एक 5 माह का बेटा भी है। उसका पति एक सरकारी कार्यालय में था और अब एक अधिकारी है। कविता के पति का तबादला मेरे शहर में ही हो गया था।

एक शाम पतिदेव और मैं शाम को ऑफिस से घर पहुंचे तब मैंने देखा कि कविता मेरे घर आई हुई थी, मुझे इस बारे में बिल्कुल पता नहीं था कि वो मेरे घर पर आई है।
मेरे घर वाले उससे पहली बार मिले थे, मेरे घर वालों ने उसे रात का खाना हमारे घर ही खाने के लिए कहा, थोड़ी देर बाद मना करने के बाद वह मान गई।
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#54
त को खाना खाने के बाद हम अकेले में बैठकर बातें करने लगे और वो मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछने लगी।
मैंने भी हंसकर कहा- बहुत अच्छी चल रही है।
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मैंने भी उसकी सेक्स लाइफ के बारे पूछा तो उसने भी यही बताया कि बहुत अच्छी चल रही है।
हमने बहुत सारी बातें शेयर की।

कुछ देर ऐसे ही बातें करने के बाद उसने जाने के लिए बोला, तो मैंने मेरे पति को बुलाकर उसे घर तक छोड़ने के लिए कहा और हम दोनों उसे उसके घर तक छोड़ आये।
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उसने अपने घर हमें चाय के लिए बोला तो हमने मना कर दिया।

कुछ दिन ऐसे ही सब कुछ चलता रहा, कभी बाजार में मिलना हो जाता था।
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वो मुझे कई दिनों से उसके घर बुला रही थी, मेरा मन बहुत हो रहा था पर काम इतना रहता था कि समय नहीं मिल पाता था, और थक भी बहुत जाती थी।

एक दिन मैंने पतिदेव को मनाया पर नहीं माने पर थोड़ी जिद करने पर उन्होंने मुझे ही जाने के लिए कहा।
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मेरी अधनंगी सहेली

मैं उसके घर पर पहुँच गई। मैंने घण्टी बजा कर दरवाजा खटखटाया, उसने मुझे अंदर बुलाया और कुछ देर बैठने के लिए कहा।
वो नहाकर ही आई थी और ब्लाउज पेटीकोट में थी और पेटीकोट भी उसने नाभि के नीचे बाँधा हुआ था।

मैंने उसके पति के बारे में पूछा तो कहा कि वो शाम तक आएँगे, बाहर गए हुए हैं ऑफिस के काम से।

ब्लू मूवी

कुछ देर से मुझे कुछ अजीब सी आवाज आ रही थी, मैंने नजर दौड़ाई पर कुछ दिखा नहीं, बाद में मैंने कविता से ही पूछा की मुझे कुछ आवाज आ रही है, पर समझ नहीं आ रहा कि यह आवाज किसकी है।

तो वो मुस्कुराई और टीवी की तरफ इशारा किया, उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए, उसमें ब्लू फ़िल्म चल रही थी।
मैंने उसकी तरफ देखा तो हँस रही थी।
फिर वो उसके बच्चे को दूध पिलाने लगी और टीवी से ध्यान हटाकर हम बातें करने लगीं।

जब उसका बच्चा सो गया तब वो खाना बनाने किचन में गई, मैं भी उसकी मदद कर रही थी।
उसके बाद हमने खाना खाया और फिर बैठकर बातें करने लगी।
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#55
अचानक ही उसने ब्लू फ़िल्म फिर से लगा दी। मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी और मेरा हाथ भी चूत पर पहुँच गया था और मैं साड़ी के ऊपर से ही चूत को मसलने लगी और साड़ी में ही मेरा स्खलन हो गया।

मैंने जब कविता की तरफ देखा तो वो भी गर्म हो चुकी थी, उसे भी इस हालत में देखकर मेरे मन में लेस्बियन सेक्स की इच्छा होने लगी, पर मैं चाहती थी कि शुरुआत वो करे!
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#56
मन में एक सवाल यह भी था कि वो क्या सोचेगी मेरे बारे में?
क्या वो ये सब करेगी?
क्या उसके मन में भी लेस्बियन सेक्स का ख्याल आता होगा?
और भी बहुत कुछ!

अचानक ही उसने मेरे एक मम्मे को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत मसलने लगी।
मेरे पूरे बदन में एक करन्ट सा दौड़ गया, मैंने कहा- क्या कर रही है छोड़ मेरे स्तन को!
उसने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया तो मैंने ही उसे अलग किया हालांकि मैं ये सब नहीं चाहती कि वो मेरे स्तनों से हाथ हटाये पर हाथ हटाना भी जरूरी था।
लेकिन वो उसकी मस्ती में ही मगन रही जब तक झड़ नहीं गई।

कुछ देर बाद जब वो सामान्य हो गई तब मैंने पूछा- तूने मेरे मम्मों पर हाथ जानबूझ कर रखा या मदहोशी में ध्यान नहीं था?
कविता- क्या करूँ यार, मदहोशी में कुछ ध्यान नहीं रहा।

मैं- इतनी मदहोशी कि तुझे औरत और मर्द का भी ध्यान भी नहीं रहा?
कविता- नहीं यार, ऐसी बात नहीं है।
मैं- तो फिर कैसी बात है!
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#57
इतना सुनकर वो मेरी ओर हवस भरी नजर से देखने लगी।
अब इसके आगे मैं बताना जरूरी नहीं समझती बस इतना समझ लीजिए कि गर्म लोहे पर हथौड़ा लग गया।
हालांकि उसके मन थोड़ा डर जरूर था और मेरे मन में भी।

फिर हम एक दूसरे को चुम्बन करने लगी।
मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था, उसके नर्म होंठ जो मेरे नर्म होंठों को काट रहे थे।

मैं पहले मेलीना के साथ कनाडा में यह सब कर चुकी थी तो मुझे थोड़ा लेस्बियन अनुभव था, पर एक डर भी था।
यह सारी बात भूलकर मैं उसे किस करती रही, चुम्बन करते हुए उसने ब्लाउज, पेटीकोट, पेंटी, ब्रा सब एक झटके में निकाल दिया और मैंने भी!

थोड़ी ही देर बाद वो मेरे मम्मे चूसने लगी, कुछ देर बाद मैं उससे अलग हुई और बिस्तर पर बैठ गई और उसे भी मेरी गोदी में बैठा लिया जैसे मेरे पतिदेव मुझे बैठाते हैं, और दोबारा चूमा चाटी करने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#58
ब बारी मेरी थी मम्मे चूसने की, जरा सा दबाने पर ही उसके मम्मों से दूध की धार लग गई।

जब उसका दूध मेरे मुँह में गया तो एक अजीब सा नशा छाने लगा था, अब मुझे समझ में आ रहा था कि मेरे पतिदेव क्यों मुझे हर कभी उनकी गोदी में बैठाकर घण्टों तक मेरे मम्मे चूसा करते है!

15-20 तक ऐसे ही उसके मम्मे चूसती रही और निप्पल भी काटती रही।
वो बस ‘सीईईई ईईईए और अह्ह्ह्ह् ह्ह्ह.’ की आवाज निकाल रही थी।

इसके बाद हम दोनों फिर से चुम्बन करने लगे।

मैंने उसे धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी, वो बस सिसकारियाँ ले रही थी।
मैं 10 मिनट तक उसकी ऐसे चूत चाटती रही, जब उसका वीर्य निकलने को आया तो मैंने उसकी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगी और कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

कुछ देर बाद बिस्तर पर अब वो मेरी चूत चाट रही थी, मेरी भी ऐसी ही सिसकारियाँ निकल रही थी।
अचानक ही मुझे कुछ देर बाद 69 पोजीशन का ध्यान आया तो दोनों उस आसन में आ गए।
दस मिनट तक ऐसे ही सब चलता रहा, कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।

तब वो बोली- तेरी चूत की फांकें तो बहुत खुली हैं, लगता है जीजा जी तेरा कुछ ज्यादा ही ध्यान रखते हैं?
मैंने भी कहा- तेरा भी तो रखते हैं!
और फिर हम दोनों सहेलियाँ हंस दी।
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#59
थोड़ी देर बाद कविता रबर का एक नकली लण्ड लेकर आई।
जब मैंने इसके बारे पूछा तो कहा कि उसके पति ने दिया है।
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फिर हम बारी बारी एक दूसरे की चूत में डाल कर हाथ से ही चोदने लगे।
कुछ देर बाद कविता ने लण्ड को कमर बाँधा और मेरी दोनों टांगों को उसके कंधे पर रखकर एक जोरदार धक्का लगाया और आधा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया, और फिर दूसरा झटका भी ऐसे ही लगाकर पूरा मेरी चूत में डाल दिया।
मेरी चीख निकल गई और दर्द भी होने लगा।

धीरे धीरे मेरा दर्द कम होता गया और मजा भी आने लगा लगभग।
दस मिनट में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, मैं ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी रही और कविता मेरे दोनों मम्मों को चूस रही थी पर वो नकली लण्ड अभी भी मेरी चूत में फंसा हुआ था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#60
कुछ देर बाद मैंने ही लण्ड को उसकी कमर से निकाला और मेरी कमर पर बाँध लिया और उसे कुतिया बनाया।
मैंने एक उंगली उसकी गांड में डाली।

मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही उसने कहा- अगर चाहे तो तू मेरी गांड में डाल सकती है, पति ने तो गांड चोद कर ही सुहागरात मनाई थी।

पर मैंने चूत में ही डाला और चोदने लगी, मुझे इसका अनुभव नहीं था तो कविता ने खुद ही लण्ड उसकी चूत में डाल लिया और धक्के लगाने के लिए कहा, मैं धक्के लगाने लगी।

सच में मुझे इसमें बहुत ही आनन्द आ रहा था और मैं उसके चूतड़ पर चपत भी लगा रही थी और कविता भी ‘अह्ह्ह. ह्ह्ह्हह्ह. अह्ह. ह्ह्ह्हह्ह.’ की आवाज निकाल कर मजे ले रही थी।

ऐसे ही कुछ देर चोदने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गई और कविता मेरे ऊपर बैठ नकली लण्ड चूत में डालकर खुद को चोद रही थी और ‘अह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह उन्ननम्नन.’ की सिसकारियाँ भर रही थी।

जब वो झड़ने पर आई तो अचानक उसने गति तेज कर दी और कुछ ही देर में उसने पानी निकाल दिया और ऐसे ही बैठी रही, उसका रस चूत से बहकर मेरे ऊपर आ रहा था।
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थोड़ी देर बाद हम दोनों एक दूसरी के लबों को चुम्बन कर रही थी और एक दूसरी की पीठ भी सहला रही थी।
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