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Thriller कामुक अर्धांगनी
#81
अब ये शालिनी भाभी क्या बोलना चाह रही है। सस्पेंस भी डाला है कहानी में। अपडेट जल्दी दीजिये।
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#82
Ye shalini bhabhi kya bala hain??ye kahan se tapak padi
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#83
भाई क्या लिखते हो आप पढ़कर मज़ा आ गया।
अब जल्दी से अग्ला अपडेट दे दीजिए।
अभी तो और रिश्तेदार भी होंगे जिनको वसंत चोदेगा।
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#84
aaj koi update nahi aaya bhai
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#85
शालिनी भाभी बुदबुदाती वापस आ कर मेरे सामने बैठ गई और बोली मिल गई तेरे कलेजे को ठंढक , कुल का नाम स्वाभिमान मिट्टी करके खुश है ना तू , शर्म नहीं आई तुझे, मान मर्यादा सब भूल गया ऐसी क्या मज़बूरी आन पड़ी थी कि तू इतना गिर गया , और कलमुँही कैसे नंगी सोई है बेशरम कहीं की कुलटा पापिन बेहाया और वो मेरी तरफ देखती बोली तुझे क्या साँप सूँघ गया या जबान कट गई बोल क्या मिला तुझे घर की आबरू लुटा के ।

मैं शर्म से नज़रें झुका के बस चुप चाप बैठा रहा और भाभी के ताने सुनकर रोने लगा और शालिनी भाभी मेरे बगल मे आ बैठी और कांधे पर हाथ फेरती बोली बहुत गलत हुआ ये ,एक गैर मजहबी को तूने कैसे ! आखिर क्यों !

वो मुझे पुचकारती बड़बड़ाती रही और उठ कर एक गिलास पानी देते बोली जो हुआ सो हुआ अब रोना बंद करो और फिर मधु के पास जा कर बैठ गईं ।

कुछ देर कोई आवाज़ न आई तोह चुपके चुपके कमरे के दरवाज़े पर चला गया और अंदर झांकने लगा और देखा शालिनि भाभी मधु के चेहरे को पुचकार रही है और एक हाथ से झाघो के बीच सहला रही है और मधु गहरी नींद मे देवर जी ईश देवर जी चोदिये न बड़बड़ाती जा रही है और भाभी सब सुन कर रोमांचित भाव से बस मधु के जिस्म पर उँगलियों को फेरे जा रही है और अचानक मधु की आँखे खुल जाती है और वो शर्मा कर सकपकाई आवाज़ मे बोलती है दीदी आप ।

क्यों रे मधु ऐसे तोह बढ़ा दीदी दीदी करती रहती है और मज़े खुद अकेली ले के नंगी मुँह काला करवा के आराम से सोयी है, और तेरा मरद घर रहते तू कैसे ?
भड़वा है ये दीदी एक नंबर का गांडू है ये , मधु रोती बोली क्या बताऊँ दीदी इसने मुझे कहि मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा , वो दर्ज़ी है ना दीदी उसको घर बुला कर मेरी इज़्ज़त लुटवा दी ।

शालिनी भाभी गुसा करते बोली क्या रे कुल्ठा साली पापिन क्यों इस बेचारे को बदनाम कर रही हैं , तू खुद मर्ज़ी से उस मुल्ले से चीख चीख चुदवाई और भड़वा मेरा देवर हो गया ।

मधु शर्म और डर से चुप चाप उठ बैठी और बोली दीदी ।

चुप कर जो हुआ सो हुआ अब ये बात मोहल्ले के हर कुल्ठा जान गई कि तू चरित्रहीन है और आज इस खुशी मे दावत होगी , उठ कर गरम पानी से नाहा ले अपनी ये चुत जा के सेक और चलने लायक बन जा फिर ठीक दो बजे सब मिल कर तय करेंगे आगे क्या करना है और हा ये जो वसंत है ना तेरी चुत का भोसड़ा बनाने से पहले मोहल्ले की तुझ जैसी कई प्यासी को रंडी बना चुका है ।


शालिनी भाभी मेरे पास आ कर बोली देवर जी थोड़ा ड्रामा बनता है , वैसे भी तेरे भाईसाहब शर्मा जी भी गांडू ही है बस मानते नहीं और हाँ दवात आपके यहाँ ही होगी और क्या आर्डर करना है मैसेज कर दूँगी मँगा लिजेएगा और वो मटकती हँसती दरवाज़ा खोल चल गई और मधु अहह सुनिए जी करहाती बोली बड़ा दर्द हो रहा है थोड़ा उठा कर गुसलखाने ले चलिए न ।

मधु बड़े मासूम सी बन कर बोली आपकी भाभी तोह मुझसे बड़ी छिनाल निकली और ये मादरचोद वसंत तोह और भी हरामी निकला अब समझी क्यों शर्मा जी रात पान खिलाने आए थे ज़रूर शालिनी भाभी जासूस बना कर भेजा होगा ये देखने की मैं रंडी बनी की नही ।


आप कुछ बोलियेगा या बस चूतिये की तरह सुन कर रहना है ,दावत हैं रंडियो कि घर पर खुश है ना अब ।

मधु क्या बोल रही हो तुम, ऐसी भाषा क्या तुम्हें सोभा देती है , ओह तोह भड़वे जब अपनी बीवी की चुदाई देख रहा था तभी शिष्टाचार क्या गाँड मे डाल लिया था अब बड़ी भाषा सिखा रहे हो ।

सुन मेरी बात ध्यान से शालिनी भाभी मुझे बताई थी बरसों पहले गैर मर्दो के बारे मे पर मैं समझी नहीं थी कि वो वसंत ही है और मैं आपकी अर्धांगनी थी उस दिन, अब रखेल बन गई हूं तोह एडजस्ट करो और चुप चाप तमाशा देखो की बाकी की रंडियो के मन मे क्या है ।


मधु पाखाने के पैन पर बैठी और मैं ज्यूँ मुड़ कर चलने लगा वो चिल्ला कर बोली ओह मेरी मांग के सिंदूर यही खड़े रहो , चलने लायक नहीं है तेरी बीवी , भूल गए भोसड़ा बना पड़ा है चुत का , देखो कैसे नोचा है उस मर्द ने , मधु बेहाया की तरह बातें करती मुझे वहीं हाथ पकड़ खड़ी रखी ।

नित्य क्रिया के पश्चात बोली टब मे पानी भर दो और बिठा दो मुझे लगता है बहुत समय लगेगा इस दर्द से उबरने मे और मैं कुत्ते की तरह आज्ञा का पालन करते हुए पत्नी की बातें पूरी कर वापस बाहर आ कर हॉल मे बैठा और शालिनी भाभी का लिस्ट मिला और अंत मे लिखा था तुम ही आज नौकर रहोगे क्योंकि मोहल्ले मैं बस तुम ही ऐसे हो जो जनता हैं कि उसकी बीवी रंडी है बाकी तुम समझदार हो और हाँ धयान रहे मधु अच्छी तरह त्यार हो लगनी चाहिए नई रांड आई मोहल्ले मैं ।


मेरी प्रतिष्ठा स्वाभिमान गरिमा सब एक गलती से धूल मे मिल चुकी थी और पूजनीय भाभी और प्यारी अर्धांगनी दोनो ऐसे लहजे से बोल रहे थे कि मानो मैं कोई दलाल हूँ । 

ग्यारह गजरे , गुलाब की पंखुड़िया , गुलकंद वाली पान , कोल्ड ड्रिंक्स , दो वोडका की बोतलें , मोर सिगरेट के चार पैकेट , ग्यारह लाल चूडियों का डब्बा , दो किलो ड्राई मटन , एक किलो चिकन लेग पीस , दो दर्जन बड़ी काँच की ग्लास , ग्यारह सेट सफेद बेडशीट , और सलाद ।

ये पढ़ समझ नहीं पाया आखिर क्या होने वाला है मेरे इस घर मे और क्या सच मे अब दलाल की ज़िंदगी जियूँगा मैं । खैर जो भी हो पर ये तय था कि कुछ गहरा राज है इस वसंत के पीछे और जाने अनजाने मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी थी ।
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#86
ya to naya hi natak shuru ho gaya...
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#87
(19-08-2020, 08:14 AM)vat69addict Wrote: ya to naya hi natak shuru ho gaya...

Zindagi ek natak h dost bus kirdar pr bharosha kro aur meri patkatha ko pyar do...

Namaskar
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#88
(19-08-2020, 01:27 PM)kaushik02493 Wrote: Zindagi ek natak h dost bus kirdar pr bharosha kro aur meri patkatha ko pyar do...

Namaskar

Bahut khoob...chaliye..jaisa aap kehte h...waisa hi sahi...aapki kabiliyat pe humei shak nahi...dekhte h aagey kya hota h
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#89
Ohh great, excellent writing.
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#90
Waiting..
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#91
अजी सुनते है ….मधु की आवाज़ सुन मेरा ध्यान टूटा और मैं दौड़ कर पहुँचा , मधु गुस्सा करती बोली अब क्या सोच रहे हो जो खोये खोये हो , मधु प्यार से मेरे कंधो पर धस कर बोली चलिए नहीं करूंगी रंडियों सी बातें आपसे , उठा कर ले चलिए न गोद मे अपनी मधु को , मधु  आपकी धर्मपत्नी है जी और सदा रहेगी ।

अचानक मधु के वेव्वाहर मे परिवर्तन देख मैं पागलपन महसूस करने लगा ,वैसे भी सुबह से जो कुछ भी हो रहा था वो मेरे लिए सामान्य नही था , मधु तोह ऐसे वैसे खुश थी कि कुछ भी हो उसकी प्यास बुझाने वाला मिल ही गया था बाकी मेरी तोह हालत अजीबो गरिब बन गयी थी ।

शालिनी भीभी और मोहल्ले की छिनालो की दावत , मधु का सस्ती लहजे मे बात करना , भाभी का मुझे नौकर बन रहने का फ़रमान और फिर मधु का प्यार से बोलना ।

मैं मधु को गोद मे उठाये आईने के सामने बिठा कर खड़ा हो गया और वो खुद के नोचे बदन को देखती बोली जी क्या लगता है मोहल्ले की सब रंडियो को मुझसे क्या काम होगा , कहीं वो लोग मुझे धंदे वाली तोह नहीं बना देगी और हँसने लगी ।

मधु क्या तुम मानसिक संतुलन खो बैठी हो ।

नहीं तोह जी खोई कहा कुछ बस पाई हूँ , देखिये न मेरे गोरे बदन पर निसान और ये फटी चुत , मधु ज़ोर से हँसते बोली कल तक बोल रहे थे किसी से चुदवा आना तेरी चुत चाट खाऊँगा मधु , अब क्या हुआ , क्यों डर रहे है ,क्या मज़ा नहीं आया देख के ।

मैं घुटनों पर बैठ मधु के झाघो पर सर रख के बोला मज़ा आया लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि शालिनी भाभी क्या चाहती है और लिस्ट मे जो लाने बोली है वो भी समझ के परे है ।

लिस्ट कहा है लिस्ट दिखाओ , ओह तोह सब रंडिया यहीं खेल करेंगी ।

क्या मतलब ।

मतलब ये मेरे पतिदेव यहां औरतों की वासना औरतें मिटाएगी , नंगी औरतें एक दूसरे से लिपट कर मर्दों की बातें करेंगी और आप इकलौते ऐसे पति होंगे जो कि ये देख सकेंगे क्योंकि आपने ख़ुद जो मुझे चुदवाया है ।

मधु क्या सोचेंगे सब मेरे बारे मे बताओ कैसे सह पाउँगा उनके ताने ।

मधु हँसती हुई बोली ताना कोई नहीं मरेगा मेरे पति को,  बस आपकी ये छोटी सी लुल्ली देख कर ज़रूर कहेंगे अच्छा किया जो आपने अपनी अर्धांगनी को चर्मसुख दिला दिया , उनके पति भी तोह ढीले मर्द ही है तभी तोह वो सब रंडिया है ।

चलिए चिंता मत किजेए और ज़रा मेरी चुत चाटिए न बड़ी खुजली हो रहीं है ।

मधु निडर हो चुकी थी और यही अदा उसकी मुझे और डरा रही थी , खैर मैं भी घुटनों के बल उसके झाघो के बीच जा पहुँचा और वो टाँगे खोल मेरे बालों को खींच चुत पर लगा कर बोली आपकी वज़ह से मैं जानी की जिस्म की प्यास होती क्या है लेकिन आजीवन आपके नाम का मंगलसूत्र और सिंदूर पहन के ही चुदवाऊंगी और आप हमेशा इतना विश्वास रखना की मैं लाख गन्दी बातें करू ओर चुड़वाऊं पर अन्त मे आपके जीभ से चटवा कर की आपकी बीवी खुश होगी ।


मधु की बातें सुन मुझे उसके पतिव्रता होने पर गर्व होने लगा और जीभ डाल मैंने भी कुत्ते की तरह उसके चुत को सुख दिया जिसके फलस्वरूप मधु ने मेरे मुख को चुत के पानी से भिगो कर कृतार्थ करते बोली अब उठिए और बाज़ार जा कर सामान लेते आईये ।


मैं जीभ घुमा कर अपने होंठो को चाट मधु के होंठो पर चुम्बन दे कर बोला भाभी बोली हैं मधु को ऐसे त्यार होना है कि देख के लगे नई रंडी हो , मधु हँसते बोली समझ लिजेए आप ऐसे ही मुझे देखेंगे जैसे कि आपकी अर्धांगनी एक नई नवेली रंडी हो और आँख मारते बोली जी बाज़ार जा ही रहे है तोह 34डी की कुछ सतरंगी ब्रा भी लेते आईये मैचिंग पैंटी के साथ और मैं बोला फैंसी वाली ला दूँगा जान की कोई देखे तोह बोले महँगी रांड है ये तोह ।

मैं पैंट शर्ट पहन के बाजार निकल गया और सब समान ले कर लेडीज कार्नर वाली दुकान मैं दाखिल हुआ और एक गबरू जवान लड़के ने मुश्कुराते मेरा अभिवादन करते पूछा क्या दिखाऊ , मैं बेशर्म हो ही चुका था तोह बेफिक्र बोला 34डी की फैंसी ब्रा दिखाओ एकदम नई , वो हँसते बोला डिज़ाइन कैसी , मैं बोला कुछ ऐसा दिखाओ की देख कर मिजाज हरा हो जाए , वो मुश्कुराते बोला एक दम लटेस्ट दिखता हुँ जैसी फिल्मों मैं हीरोइन पहनतीं है ना वैसी । करिब आधा दर्ज़न कमुक अंग वस्त्र देखने के बाद मैंने छ ब्रा ले लिया और फिर वो बोला भाईसाहब पैंटी भी है एक से एक देखोगें, मैं बोला दिखाओ, वो बड़ी मनमोहक पैंटी दिखाते बोला मैचिंग वाली दे देता हूँ भाभी पे जचेगी । उसके मुँह से भाभी सुन कर लगा कि हो न हो कही एक रात मधु इससे ही न स्टाइलिश अंगवस्त्र उतवाने लग जाए ये सोच मेरा मूंगफली सनसनाहट महसूस करने लगा था ।


खैर चंचल मन कुछ भी सोचे होता तोह वही है जो होना होता है ।

सारी खरीदारी कर मैं घर की और चल पड़ा और मोहल्ले के चौक पर पान बनवाने लगा । किसी के हाथों का स्पर्श कांधे पर महसूस कर मुड़ा तोह देखा शर्मा जी मुश्कुराते बोले आप कब से पान खाने लगे , मैं हँसते बोला अरे शर्मा जी मैं कहा, वो मधु मंगाई है अपनी सहेलियों के लिए वो हँसते बोले लगता है भाभी जी को ये गुलकंद वाली पान पसंद आने लगी और मेरे खरीदारी पर इशारा करते पूछे क्या क्या ले लिया लगता है पूरी बाजार खरीद आये , अरे नहीं बस कुछ घर का रासन है ।

बातों बातों मे पान की पुड़िया मेरे हाथों मे समेट कर पान वाले ने देते हुए बोला बाबू जी लिजेए और मैं पैसे दे कर शर्मा जी से बोला चलिए , वो बोले नहीं थोड़ा घूम आता हूं शालिनी कही जा रहीं काम से तोह अकेले क्या करूँगा घर पे ।
ओह तोह शालिनी भाभी ने शर्मा जी को चूतिया बना दिया था और ये जनाब निकल भी पड़े घूमने , मैं उनसे विदा ले घर की और चल पड़ा और देखा शालिनी भाभी दरवाज़े से अंदर गयी ।

मैं भी उनके पीछे दाखिल हो दरवाज़ा बंद कर दिया और भाभी मेरे पास आ कर बोली ढीला पति हो तोह तेरी तरह हो , खुद मर्दो से अपनी बीवी चुदवा दे । भाभी की बाते सुन मेरा हलक सुख गया और वो बोली देवर जी क्या हर टाइम सोचते रहते हो ।

मेरे हाथों से सामान ले कर किचन मे रख कर बोली चलो देखूं तोह मधु त्यार हुई कि नहीं ।

मधु नंगी बैठ अपने कुदरती गोरे गालो को बाज़ार के मेक अप से चमका रही थी कि भाभी बोली क्यों रि मधु अब किसका लेगी जो सज धझ रही है और मधु के पीठ को सहलाते गले मे हाथों को डाल उसके चुचियों को पकड़ कर बोली मस्त निचोड़ा कुत्ते ने तुझे तोह , मधु शर्मा कर झेप गई और भाभी निप्पलों को सहलाते बोली शर्माती क्या है वसंत से भी तगड़े मर्द है बोल तोह आज रात एक को बुला दु तेरी ये प्यासी चुत के लिए । मधु बिल्कुल शर्मा के बोली क्या दीदी , शालिनी भाभी बोली सच्ची रे मधु मैं सबसे चुदाई हुँ ,इतना मज़ा आता क्या बताऊँ एक बार तू भी पार्टनर बदल बदल कर चुदवा तोह फिर देखना कैसे नशा करेगी तू मर्दो का , वैसे भी तेरा मरद तोह मस्त है सामने चुदवा बिना किसी डर से , मधु शर्म से लाल हो चुकी थी और आँखे हवस की और बढ़ चली थी तभी भाभी ने चुचियों को मसल कर बोला क्या वसंत ने बोला तुझे दर्द मे उसे मज़ा आता है , मधु हाँ मे सर हिला कर आईने से शालिनी भाभी की आँखों मे देखी ओर भाभी बोली मर्द जात जो होते है ना ये जिस्म को नोच कर ही संतुष्ट होते है वैसे भी लड़ के लिए थोड़ी तकलीफ सहनी पड़ती है और मधु शर्मा कर पलके झुका ली तोह शालिनि भाभी बोली अरि पगली कितना शर्माती है ,चल बता न कैसा लगा लड़ वसंत का जब उसने डाला तेरी सख्त सुखी चुत में , आपको कैसे पता सुखी चुत मे मधु इतना बोल झेप गई ओर भाभी बोली अरे पगली तुझे क्या लगता है मेरी चुत पोछे बिना उसने डाला था क्या और दोनों हँसने लगे और भाभी बोली सच कहूँ रात शर्मा जी जब बोले कि वसंत देवर है मधु का , सुन के समझ गई कि मेरी भोली भाली मधु रंडी बन गई अब तोह और सुबह सुबह वसंत को जाते देख गीली हो गई मे जान कर की मेरी छोटी बहन एकलौती ऐसी बीवी हैं जिसके खसम के सामने नथ उतरी ।

मधु होंठो को दबा हँसती हुई बोली क्या बताऊँ दीदी इनका ही मन था देखने का और इनके कहने पर ही बुलायी , ओह तोह मेरा देवर इतना प्यार करता है तुझे की खुद के हाथों से तेरी प्यास बूझवा दि, शालिनी भाभी मेरी और मुड़ कर बोली देवर जी मस्त पति हो तुम अगर कभी शर्मा जी को समझा पाए तोह समझा देना की शालिनी कितना छुप छुप चुदवाते फिरेगी अच्छा तोह होगा कि सामने चुदवा दे ।

भाभी इतनी बड़ी रांड होगी ये सोच मेरा दिमाग खराब होने लगा पर ये अलग बात है कि मेरी मूंगफली तन गई थी और फिर शालिनि भाभी ने अपनी साड़ी खिंच कर उतार फेंकी और ब्लाउज पेटीकोट पहने बिस्तर पर बैठ बोली मधु तेरे मरद से चटवा लेती हूँ और हँसते टांग उठा पेटीकोट ऊपर कर के अपनी झांटो वाली चुत पर उंगली फेरती बोली देवर जी आओ चख कर बताओ कैसी है तेरी भाभी की चुत और मधु मुझे देखते बोली चलिए जाईये चाटिए न ।

मैं भाभी के टैंगो के बीच मुँह लगा कर झांटो को सूंघने लगा और भाभी बोली हरकतें मर्दों वाली है पर मर्द नहीं हो तुम , झांटो को बढ़ा कर रखी हुँ एक जवान लड़के के लिए , जानते हो मेरी बूढ़ी चुत उसे झांटो से भरी चाहिए तभी वो अपना जवान लड़ डालेगा , मधु बोली कौन है दीदी वो , शालिनी भाभी बोली तेरे घर ही चुदवाउँगी देख लेना वैसे भी मोहल्ले मे अब तेरा ये बिस्तर ही हम सब रंडियो को शान्त करेगा और मेरे बालों को खीच कर चुत पे लगाती बोली मधु खायेंगी न रोज नए लौड़े ।


मधु शर्मा कर बोली दीदी खिलाओगी तोह खाऊँगी न और मैंने कुत्ते की तरह चुत चाटना शूरु कर दिया और भाभी चित्कारिया भर्ती बोली वाह देवर जी तोह ऐसे ही चाट कर तुमने मेरी मधु को इतने सालों तक सम्हाला और मेरे सर को चुत पर दबाती चीखते बोली जीभ घुमाओ अंदर देवर जी हफ्ते भर से तड़प रहीं थी , आज तुझे पिलाऊंगी पानी , मधु बोली नाक नहीं कटवा दीजेएगा भाभी को झाड़ दीजेए आपको मधु की कसम है , शालिनी भाभी सिसकी लेते बोली वाह रे रांड अब तू खुल के बोली , मज़ा आ रहा है तेरे इस नामर्द से चटवाने मे जी चाहता है मुत दु इसके मुँह मे, मधु बोली जो करना है करो भाभी ये सब पसंद करते है और भाभी बोली अहह मधु तेरे पति का जीभ भी न मुत निकलने नहीं देगा ऐसे लप लप कर रहा है कि लड़ की याद आ गई और कुछ ही देर मे शालिनी भाभी झड़ते हुए मेरी मुँह भीगा कर हाँफने लगी और मैं चाट कर मधु को चूमने लगा और फिर भाभी के ऊपर चढ़ कर उनके लबो को चुसते चूची सहला कर बोला बहुत रसीली चुत है भाभी ।
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#92
bahut khoob bhai...mast update tha....maza aagaya
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#93
Colony ki randi bana duo madhu ko
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#94
शालिनी भाभी के निप्पलों पर हाथ फेरते मैंने हुक पे उँगली लगाई और वो करहाती मेरे होंठो को खिंचते चुदासी हो गयी और मेरे होंठो पर दाँतो को गाढ़ने लगी जैसे वो मर्दो के नीचे हद से ज़्यादा चुदाई थी और  हैवानियत वाली चर्मसुख भोग एक रांड बन चुकी थीं , मैंने हुक खोलते खोलते भाभी की हल्की गुलाबी ब्रा पर हाथों से दबाब बनाया और उनके जीभ को चुसते चुसते खिंचने लगा और अपनी मूंगफली को उनके कमर पर दबाने लगा और मधु हँसती हुए बोली जी क्या कमर हिला रहे है , दीदी को लड़ चाहिए आपके खजूर से इनकी चुत शान्त नही होंगी और भाभी मुझे बिस्तर पर धकेल ज़ोर से हँसती उठ बैठी और अपनी चुदासी चेहरे से योवन टपकाती उठ मधु के पास जा कर बोली तेरा मरद ऐसे ही तुझे गर्म करके रखता था क्या , मधु फ़ौरन भाभी की कमर से लिपट कर बोली हाँ दीदी ऐसे ही ये मुझे तड़पाते थे और मन ही मन चुदवाने का सोचते रहते थे और इशलिये कल वसंत ने मुझे इनके सामने दिल खोल कर पेला और नोच नोच कर वो मज़ा दिया कि क्या बताऊँ दीदी ।


शालिनी भाभी ने मधु के बालों को सहलाते पूछा अब क्या सोचती है आज दो तीन नए नए लौंडो को बुलाकर सामुहिक सुख ले मेरे साथ और फिर देखना कैसे तू  सयानी चुड़ैल बन जाएगी , मधु ने भाभी के कमर को कस कर पकड़ कर तेज़ साँसे भर्ती बोली बुलाओ न दीदी खुजली मच गई आपको देख और भाभी बोली दिन दहाड़े रंडी नाच करेगी क्या ,रात होने दे बुलाती हुँ दोनों मिल के रात भर उछल उछल संभोग सुख लूटेंगे और भाभी ने ब्लाउज उतार फेंकी और ब्रा उतार झुक के मधु के मुँह मे अपने नर्म गर्म गुदगुदे निप्पल को दे कर बोली चूस मेरी बहन और मधु ने भाभी के चुचियों को मसल स्तनपान करते भाभी को भावविभोर कर दिया ।

मेरा मूंगफली सिकुड़ गया ये सुन के की ये दोनों न जाने अब किसको बुला चुदवाते मेरे नामर्द होने का प्रचार करने वाले है और उधर मधु और शालिनी भाभी आलग ही दुनिया मे पहुँच गए और हौले से पेटीकोट की रस्सी खिंच मधु ने भाभी के जिस्म से आखरी वस्त्र को भी उतार दिया था और भाभी की झांटो वाली चुत पर हाथ फेरती उँगली डाल उनको उकसाती बोली दीदी मुझे तीन लौड़े एक साथ चाहिए ,भाभी हँसते बोली दिला दूँगी तेरे तीनों छेद के लिए एक एक मर्द पर फिर तू एक से कभी शांत नहीं हो पाएगी और रंडी बन जाएगी ।प्यास बुझाने को कही घर पर चकला न चलाने लगो , मधु शर्माती हुई भाभी के चुत पर उँगली तेज़ तेज़ अंदर बाहर करती बोली आप ली हो न दीदी तीन एक साथ , भाभी रांड की तरह मधु को झुक कर बोली हाँ मैं तोह गयारह मर्दों से एक साथ कि हूँ और मधु आश्चर्य के भाव लिए बोली कहा मिले इतने लोग , भाभी बोली सब बता दूँगी रे अब तोह तू भी रांड हैं अभी दूध पी और भाभी निप्पल चुस्वाती मज़ा लेने लगी, मधु की उँगली चुदाई चलती रहीं और मैं ये देख सोचा अब पक्का दलाल बना ही देगी ये दोनों रंडिया मुझे ।


मधु ने भाभी के निप्पल को वैसे ही दाँतो से नोची जैसे रात खुद के नोचवाई थी और भाभी करहाती बोली तू एक रात में सब सिख गईं रे कुल्ठा और अपने हाथों से मधु के दोनों निप्पलों को खिंचती बोली धंदे वाली बन जा हफ्ते भर चुदवाईगी तोह अनगिनत लौड़े भी मिलता हैं और पैसे भी , मधु बोली बन जाऊँगी दीदी बस अब लड़ चाहिए मेरी चुत को ,भाभी बोली अरि करमजली तेज़ उँगली चला झड़ने वाली हुँ और मधु उँगलियों को तेज चलाती भाभी के जिस्म को अकड़ती देखती खुद भी झड़ गईं ।


भाभी वापस बिस्तर पर लेट गई और मधु बोली चाटिए जी मेरी दीदी के चुत को देख नही रहे तड़प रही है और भाभी बोली काश ये मर्द होता रोज तेरे यहाँ चुद्वती तेरे मरद से ,मधु हँसते बोली अगर ऐसा होता दी तोह पता कैसे चलता ,ये नामर्द निकले तोह न आज आप जान पाई , भाभी बिना कुछ बोले मेरे मुखमैथुनवक का आनंद लेती रही और मधु देखती रोमांचित भाव से अपनी ख़ुद के निपल्लों को सहलाने लगी ।

भाभी ने बोला बस करो देवर जी अब बिना लड़ उपाय नहीं है और मैं उठ खड़ा हुआ और भाभी एक एक करके अंगवस्त्र धारण करती बोली क्यों रे क्या पहनेंगी दावत मैं , मधु शर्माती बोली सोच रही ऐसे ही रहूँ , उफ्फ साली पूरी छिनाल बन गईं तू तोह चल तेरे कसम ने जो जालीदार ब्रा पैंटी लाई है वो पहन के साड़ी डाल और है मांग मैं गहरे लाल वाली सिंदूर लगाओ और गले मे वो मंगलसूत्र जो विवाह के समय पहनी थी , कोई देखे तोह लगे किसी की बीवी हो तभी मर्द अच्छे से पेलते है ये सोच के की जो भी हो साली बस चुदाई करवाएगी बाकी कोई भुवक ड्रामा नहीं चोदेगी इश्लिये हम जैसे विवाहित महिलाएं मर्दो की कमज़ोरी है और उनका लड़ ही खोजते हमलोग बाकी बाबू सोना नहीं ।


भाभी एक परिपक्व रांड थी जिसके फलस्वरूप मेरी मधु का आकर्षण उनकी ओर सुदृढ़ होने लगा और वो एक रांड बन जीने के लिए उतारू होती बोली दीदी सब मिल कर जब चोदते है तोह कैसी हालत होती हैं, अरे जान क्या बताऊँ अंग अंग तृप्त हो जाता है उनके छुवन से और बस कुतिया बन चुपचाप जो बोले जैसा बोले करती जा ओर आखिर मे इतना थका देंगा की तू स्वर्ग पा लेगी बिस्तर पर टाँगे खोले उनके लड़ से और फिर अमृत बरसा कर नहला भी देगा बदन को ।
मधु अपनी चुत सहलाते बोली दीदी मुझे वहीं स्वर्ग दिलवाओ न ,अरि बाबली सब भोगेगी उतावली काहे को हो रही और क्या खुद से खेल रहीं ,चुत मर्दो के लिए होती है ना कि खुद के सहलाने के लिए चल जा पहन कपड़े देख थोड़ी देर मे मोहल्ले की रंडिया आयेंगी और फिर सब की बात सुन कही उनके सामने तू चुत रगड़ने लगी तोह हो गया । मधु मेरी और देखती बोली सुनिए जी ज़रा मेरी मांग भर दीजेए अच्छे से और पहना दीजेए मंगलसूत्र अब तोह दीदी की कृपा से कई लौड़े भोग लगाएंगे मुझे और आप उनके दिए अमृत को चाट चाट खा कर मुझे प्यार देंगे हैं ना जी, बिल्कुल मेरी जान अब क्या सोचना जब चुदना है ही तुझे तोह क्या फ़र्क पड़ता है एक चोदे या अनेक और मैंने मेरी अर्धागनी की मांग गहरे लाल सिंदूर से सजा मंगलसूत्र चुचियों के बेच डाल उसके होठों को चुसते बोला ,मधु मेरी जान आखिर मे मेरी जीभ ही तेरी चुत को आराम देगी और वो मेरे चेहरे पर हाथ फेरती बोली हाँ जी ।


मधु लाल साड़ी ब्लाउज और नई लाल ब्रा पैंटी पहन कर तैयार हो गईं और पल्लू को रंडी की तरह अपने उभारो से अलग रखते बोली कैसी लग रहीं हुँ दीदी , शालिनी भाभी बोली एक दम मस्त रांड लग रही है चल एक बड़ी बिंदी लगा के झुमके पहन और लिपस्टिक लगा ओर हाँ बालों को चुटिया बना कर रखना क्योंकि मर्द जब घोड़ी की सवारी करते है उनको बाल खिंच के थप्पड़ गाँड पर जड़ कर ही जोश मिलता है और तू जितना जोश दिलाएगी उतनी तेरी चुदाई होगी ।


मधु ने भाभी की हर बात को मान कर वैसे ही खुद को त्यार किया और हल्के कदमों से चल के शालिनि भाभी के पास जा कर खड़ी हो गयी और मैं घुटनों के बल बैठ टेबल चाटने लगा जिसपर मधु बैठी थी और झड़ी थी , भाभी मुझे देख बोली चल अच्छा हुआ तेरा पति ऐसा निकला रोड पे भी चुद गई तोह ये वही तेरी चुत चाट कर तुझे फिर किसी और लौड़े के लिए तैयार कर देगा और दोनों हँसते मेरा उपहाश उड़ाते हॉल की और बढ़ चले और मैं अपने मूंगफली के बेईमानी को झेलता अकड़ गया और दिन के पहले मैथुन का त्याग कर फुर्ती से उठ हॉल की और बढ़ चला ये सोच कही कुछ देखने सुनने से वंचित न रह जाऊ ।
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#95
bilkul zabardast update....gazab bhai...ye to alag hi level ki story h
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#96
भाभी और मधु किचन मे लाये सामानों को वेवस्तित कर रही थी और आपस मे गुप्तगु करती बहुत खुश मिज़ाज लग रही थी और शराब देख मधु बोली दीदी ये क्या है ,शालिनी भाभी ने मधु के कंधों पर हाथ रखते बोला दो घुट जब लेगी तभी झेल पाएगी मर्दो को नहीं तोह जलन और दर्द से खुद को सम्हाल नहीं पाएगी ,बस समझ रंडियों के लिए दवाई है वो भी बिना किसी गंद के दो घुट लगा के कही चली जा कोई नहीं पकड़ पाएगा और मधु बोली दीदी नशा हो गया तोह , हट पगली कही की लड़ से बड़ा नशा होता है क्या ।

मधु झेंपती बोली नही दीदी लड़ से बड़ा नशा कहा, क्या बताऊँ सुबह से वसंत के लौड़े के लिए चुत मचलि जा रहीं है , भाभी बोली यही होता है ,सुन वसंत को मार गोली आज तुझे मे बिरजू और कालू से मिलवाऊंगी और फिर देखना क्या मज़ा आयेग तुझे देसी देहाती लड़ से चुद के ,देसी देहाती क्या दीदी , अरे मेरी भोली भाली देवरानी ये दोनों मज़दूरी करते है और बिल्कुल गवार है और सबसे अच्छी बात ये है कि दोनों के लड़ एकदम मोटे और लंबे है वो भी छिलके के साथ समझी और दोनों की बीवियाँ देती नहीं दोनो को दर्द के मारे और हम तुम जैसी प्यासी दूसरे की बीवियों को ये दम भर पेलते है और मेमसाहब मेमसाहब बोल के चर्मसुख दे बस पाव छु कर चले जाते , जानती है तू जब मैं पहली बार मिली और दोनों का चूसी दोनों मेरे कुत्ते बन गए और इतना चोदा मुझे की मे घंटे भर हाँफती रही और दोनों प्यार से बोले मेमसाहब एक बार और कर लूं ।


मधु ने शालिनी भाभी को कस कर पकड़ लिया और बोली सच्ची दीदी इतना जोश वाला है दोनों , हाँ रे पागल तेरी प्यास भी बुझा देगा और घर के काम भी कर  देगा इतने भोले भाले है दोनों की क्या बताऊँ मेरी नस नस उनके चुदाई से रोमांचित रहती है ,आज रात का बोल दी हुँ , देखना फिर कैसे तुझे अपने झटकों से दोनों चोद चोद कर थका देंगे और पांव दबा के मालिश करके फिर तुझे बोलेंगे मेमसाहब एक बार और कर लूं ।

दोनों हँसते हुए सामान देखने लगे और मेरी प्यासी बीवी अपनी दीदी के सामने खड़ी हो कर उनके नाज़ुक लबों पर अपने होंठो को रख दिया और दोनों चुम्बन करने लगे और मेरी हलक सूखने लगी ये सोच की ऐसे माहौल मे मेरी मूंगफली तोह सुख जाएगी और बस नस ही तनेगी बिना किसी बरसात के ।


दोनों वासना मे डूबे एक दुज़े कि जीभ को चुसते उभारों को सहलाते हुए खोए थी कि दरवाज़े पर दस्तक पड़ी और भाभी बोली उफ्फ्फ मधु तू तोह बड़ी चालू निकली मुझे ही अपनी जादू से फ़सा रही है और दोनों मटकाती कमर लिए दरवाज़े की और बढ़ने लगे और दरवाज़े को खोल अपनी रंडी बहनों का स्वागत करते मधु आवाज़ लगाती बोली सुनिए जी सहेलियाँ आ गई ज़रा ठंडा पानी और बोतल के साथ कुछ चकना लगा दीजेए और ये सुन सुनीता भाभी बोली वाह री मधु तेरा दूल्हा तोह सच मे तेरी पल्लू से बंधा हुआ है , इशिका भाभी बोली दीदी मधु के हस्बैंड तोह इतने अच्छे है कि कल रात भर वसंत का चूस कर खड़ा करते रहे कि मधु चुदवाती रहे ,सब ज़ोर से हँसते बोले क्यों रे मधु अपने जेठ को भी समझा देगी क्या, मधु शर्म से लाल होती बोली न दीदी न ।


मैं ट्रे मे ग्लास, ठंडी पानी की बोतल और वोडका लाकर रखा ही था कि फातिमा भाभी बोली अल्लाह की मेहर है ऐसा सोहर मिला मधु को और मीठी आवाज़ से मोनिका बोली भैया तोह बड़े अच्छे है भाभी , मैं पलट कर देखा तोह योवन टपकाती महज़ उन्नीश साल की मोनिका स्कर्ट क्रॉप टॉप पहनी रंडी भाभियों के बीच विराजमान थी और शालिनी भाभी बोली देवर जी क्या हुआ जिस मोनिका को गोद मे खिलाया वो अब जवान हो गईं है , ज़्यादा मत सोचो और चखना भी लेते आओ और मैं आश्चर्य चकित चिकन को प्लेट मे सजा कर सिगरेट माचिस के साथ पहुँचा और देखा सब मुझे घूर रहीं है और मुझे बड़ी लज़्ज़ा आने लगी और मे मुड़ कर जाने ही वाला था कि मोनिका बोली मधु भाभी क्या मैं भइया के गोद मे बैठ जाऊ , मधु बोली हाँ मेरी ननद बैठ जा न वैसे भी तेरे भैया की गोद बस बैठने के काम आती है और सब हँसते हुए मोनिका को मेरी और बढ़ते देखने लगे और मोनिका बेशर्म बेहाया सी मेरे पास आ कर अपने हाथों को गले मे फ़साती बोली भइया जी बिठाओ न गोद मे अपनी बहन को और मेरी हालत बिगड़ गयी और मधु ने इस मौके को भी नहीं जाने दिया और अपनी और शालिनी भाभी के बीच जगह बनाती बोली यहाँ आ कर बैठिये जी और मोनिका हाथ खिंचती मुझे वहा बिठा कर खुद मेरे मूंगफली पर अपनी जवान गाँड टिका कर बैठ गयी और गाँड हिलाते बोली हाये भाभी बड़ा सुकून है भैया की गोद मे और सब हँसने लगे और सुनीता भाभी पेग बनाती बोली क्यों रे मधु कैसा लगा वसंत का , मधु अहह करती बोली फट गई दीदी , सब हँसने लगे और मोनिका बोली भाभी मेरी तोह उसने तीन झटके मार झिल्ली तोड़ कर मुँह दबा कर जो पेला था कि एक हफ्ते बुखार से तड़पी थी ,मधु उसके पीठ को सहलाते बोली तड़प किस बात की थी ननद जी , सब ज़ोर से हँसते मोनिका को शर्मिन्दा कर दिया और वो मेरे सीने मे सर छुपाए लिपट गई और मधु बोली कैसे भाई हो पकड़ो कस के शर्माती बहन को देख नही रहे बेचारी कैसे झेंप गई हैं ।


मैंने मोनिका को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और वो अपनी तेज़ सासों को मेरे सीने पर छोड़ती मुझे पागल करने लगी और उसकी नर्म गाँड मेरे मूंगफली को अति उतेजित करती ओर मोनिका आउच करती उछली और बोली भाभी कुछ चुभ रहा है , मधु हँसते बोली हये राम सात सालों से विहाई हुँ मुझे तोह कभी नही चुभा और सात मिनट मे तुझे क्या चुभ गया ननद जी , सब हँसते बोले कहीं बहन की गाँड की गर्मी से भाईसाहब मर्द तोह नहीं बन गए ।
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#97
वाह वाह।
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#98
(22-08-2020, 12:48 AM)bhavna Wrote: वाह वाह
धन्यावाद  Namaskar
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#99
Mast likhte ho bhai...
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(22-08-2020, 01:01 AM)justafantasydear Wrote: Mast likhte ho bhai...

Dhanyawad  Namaskar
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