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Incest भाई ने सलवार उतारकर चोदा
#1
banana भाई ने सलवार उतारकर चोदा 







[Image: 449602_01big.jpg]














welcome
बहन चोदो
Heart Heart Heart
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
मेरा नाम सोनू उर्फ़ सादिया है और में 22 साल की हूँ और में दिखने में बहुत मस्त आकर्षक लगती हूँ और मेरे फिगर का आकार 36-28-36 है, जिस पर बहुत से लड़के मरते है. में बहुत हॉट सेक्सी लड़की हूँ और में हर समय सेक्स के लिए तैयार रहती हूँ, क्योंकि मेरी चूत को शांत करने के लिए में लंड की तलाश में रहती हूँ. मुझे शुरू से ही से करना और अपने बदन को दिखाकर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने में बहुत मज़ा आता है. दोस्तों में दिल्ली में रहती हूँ और मेरे दो भाई और एक बहन है, मेरे बड़े भाई का नाम साजिद है.
एक दिन मैंने भी मन ही मन में सोचा कि क्यों ना में भी अपने भाई के साथ कुछ ऐसा करूं, जिसकी वजह से वो मुझे चोद दे और में अपने गरम जिस्म को ठंडा कर लूँ और उसकी आग को बुझा दूँ? तो में ना जाने कब से वैसे किसी मौके की तलाश में रहने लगी थी.
दोस्तों मेरे भाई की उम्र 26 साल है और उसको शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक है, क्योंकि वो तो बस पूरी तरह से सलमान ख़ान बनना चाहता था, में जब भी उसके मस्त गठीले बदन को देखती हूँ, तो पता नहीं मुझे मेरे पूरे बदन में अजीब सा कुछ होने लगता था? में उसको देखकर अब मन ही मन सोचने लगी थी कि किस तरह में अपने छोटे भाई को मेरे साथ सेक्स करने के लिए अपनी तरफ आकर्षित किया जाए और वो मेरी जमकर चुदाई करे और वैसे उसकी मुझ पर नज़र तो बहुत पहले से ही थी.
दोस्तों जब भी में घर में झाड़ू लगाती हूँ तो वो मेरी कमीज़ के अंदर झांककर मेरे लटकते हुए गोरे गोल सेक्सी बूब्स को देखने की हमेशा कोशिश किया करता था और वो हमेशा यह समझता था कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है. मैंने अब सोचा कि क्यों ना इसको परेशान किया जाए, जिससे यह खुद ही आगे बढ़कर मेरे साथ वो सब कुछ करे, जो में इससे करवाना चाहती हूँ.



[Image: 449708_04big.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
अब गर्मियों में एक बार जब मेरे घर में कोई भी नहीं था, बस मेरे और साजिद के तो मैंने अपने भाई से बोला कि साजिद में अब नहाने जा रही हूँ, तुम इसलिए अभी बाहर नहीं जाना और मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े भी बाहर छोड़ दिए. थोड़ी देर के बाद जब में नहाकर फ्री हुई तो मेरे प्लान के हिसाब से मैंने अब साजिद को बाथरूम के अंदर से आवाज़ देकर उससे कहा कि साजिद ज़रा तुम मेरे कपड़े तो लाकर देना, वो में गलती से लाना भूल गई हूँ प्लीज और जब वो मेरे कपड़े लेकर आया तो मैंने अपने कपड़े लेने के बहाने से अपने हाथ को थोड़ा सा ज्यादा आगे बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वो मेरे बूब्स को बहुत आराम से जी भरकर देख ले और ठीक वैसा ही हुआ.
अब जब वो मुझे मेरे कपड़े देने लगा तो उसकी प्यासी नज़र मेरे एक नंगे गोरे बूब्स पर चली गई और वो उसको लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखता ही रहा. उस दिन मुझे उस खेल में बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद जब में वापस बाहर आई तो वो तुरंत वॉशरूम में जा घुसा और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो क्या करने जा रहा था.[Image: 449602_07big.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
इस तरह से दूसरे दिन जब में झाड़ू लगा रही थी तो उस दिन मैंने जानबूझ कर थोड़े ज्यादा बड़े गले की कमीज़ पहनकर में झाड़ू लगाने लगी थी, वो उस समय टी.वी. देख रहा था और मैंने नीचे बैठकर झाड़ू लगाने की जगह खड़े होकर झाड़ू लगानी शुरू कर दी. अब उस वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स मेरे बड़े आकार के गले वाले कपड़ो, ब्रा से बाहर नज़र आ रहे थे और उसने जब वो देखा तो वो अपनी चकित आखों से देखता ही रह गया और उसकी वजह मेरी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैंने कुछ देर बाद उसकी तरफ देखकर उससे पूछा कि तुम ऐसे क्या देख रहे हो? तब वो मेरी बात को सुनकर होश में आकर एकदम से घबराकर मुझसे बोला कि कुछ नहीं सादिया? दोस्तों तीन चार दिन में मैंने उसको ऐसे ही अलग अलग तरह से बहुत जमकर तंग कर दिया, जिसकी वजह से वो अब बिल्कुल पागल हो चुका था और में उसकी हरकतों को देखकर समझ चुकी थी कि वो अब मेरे साथ कुछ करने के मौके देख रहा है. दोस्तों हम दोनों शुरू से ही अलग अलग रूम में सोते थे और हमारे मम्मी, पापा उनके एक अलग रूम में सोते थे. एक दिन अचानक ही हमारे एक रिश्तेदार की म्रत्यु हो गई, जिसकी वजह से मेरी मम्मी और पापा को वहां पर पूरे एक सप्ताह के लिए जाना पड़ा, क्योंकि वो दूसरे शहर में रहते थे.
अब उस वजह से हमारे घर में सिर्फ़ हम दोनों भाई और बहन रह गए थे. दोस्तों अब तो मुझे और भी बहुत अच्छा मौका मिल गया था अपने भाई को गरम करने का, उसको अपना गोरा बदन दिखाकर पागल करने का और उसके साथ मज़े लेना का मेरे पास उससे अच्छा मौका कोई भी नहीं था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
अब में जानबूझ कर बिना ब्रा के झाड़ू लगाने लगी, जिसकी वजह से मेरे जिस्म का नशा उसके सर पर कुछ ज्यादा ही चड़ गया और अब मेरे बिना ब्रा के नीचे झुककर झाड़ू लगाने की वजह से मेरे बूब्स उसको पूरे पूरे साफ नज़र आने लगे थे, जिसकी वजह से वो तो अब हर रोज़ मेरे झाड़ू लगाने का इंतज़ार करता था कि कब में झाड़ू लगाऊं और वो मेरे लटकते हुए आमो को देखे और में उसकी वजह से बिल्कुल अंजान बनी रहती थी, क्योंकि वो अब तक मेरे पूरे जाल में फंस चुका था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
दूसरे दिन रात को जब में सो रही थी, तब मुझे अचानक से महसूस हुआ कि कोई है जो मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबा रहा था, लेकिन में चुप रही और सोने का नाटक करती रही. थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आंख को थोड़ा सा खोलकर देखा तो वो साजिद ही था, जो मेरी कमीज़ के ऊपर से मेरे बूब्स को दबा रहा था और अब भी मैंने अपनी आखों को बंद रखा, क्योंकि में भी तो उससे यही सब चाहती थी.
उसने कुछ देर बाद धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और अब वो अपने एक हाथ को अंदर डालकर मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा था. अब जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी थी और में अपनी धीमी आवाज से मोन करने लगी थी, आहहह उह्ह्हह्ह और अब वो मेरे दोनों कबूतरों को अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने के साथ साथ उनकी निप्पल को दबा भी रहा था और उसका दूसरा हाथ मेरी सलवार में बड़ी तेज़ी से चल रहा था, शायद वो अपने लंड को जोश में ला रहा था.
कुछ देर तक मेरे बूब्स को दबाने चूत को सहलाने के बाद वो उठकर चला गया, शायद उसने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया था.
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#8
जब वो ठंडा हो गया तो अपने रूम में चला गया. मैंने भी अपनी सलवार को नीचे करके अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे इतना मज़ा आया कि बस आअहह्ह्ह्ह मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत में साजिद ऊँगली कर रहा है और कुछ देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, जिसकी वजह से अब में भी एकदम ठंडी हो गई.
उसके बाद में उसके बारे में सोचकर ना जाने कब सो गई और मुझे पता था कि जब तक मेरे पापा और मम्मी घर नहीं आएगें, तब तक साजिद मेरे रूम में जरुर आएगा. दोस्तों पूरे दिन भर वो मेरे साथ एकदम ठीक तरह से रहा, जैसे हमारे बीच कुछ हुआ ही ना हो और रात को सोते समय मैंने अपने भाई की आसानी के लिए उस रात को कपड़ो के अंदर जानबूझ कर अपनी ब्रा और पेंटी को नहीं पहना और में अपने सभी कामो से फ्री होकर अपने कमरे में आकर बेड पर लेटकर अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक करके अपने भाई के आने का इंतज़ार कर रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
कुछ देर बाद मुझे आवाज आई और कमरे का दरवाज़ा खुला और मैंने अपनी आखों को ज़ोर से बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगी. वो मेरे करीब आया और मेरे साथ मेरे बेड पर बैठ गया, उसने सबसे पहले मेरे बूब्स को कमीज़ के ऊपर से दबाना सहलाना शुरू किया और मेरे बूब्स के निप्पल पहले से ही तने खड़े थे और वो उसके छूने की वजह से और भी खड़े हो गए थे.
अब उसने मेरी कमीज़ के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और वो मेरी छाती को सहलाता और धीरे धीरे दबाने लगा था, जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और जब वो मस्ती में आकर मेरे निप्पल को दबा रहा था, उसी समय उस काम को करने के साथ साथ उसका हाथ धीरे धीरे मेरी जांघो की तरफ बढ़ने लगा था, जिसकी वजह से में बहुत गरम होने लगी थी और में अब बिल्कुल कामुक हो रही थी.
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#10
अब उसने मेरी सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और वो मेरे नरम छोटे छोटे बालों से होता हुआ मेरी कामुक गीली चूत तक पहुंच गया और चूत को सहलाने लगा. अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त ना हुआ और में अपनी दोनों आखें खोलकर उससे एकदम बोल पड़ी, साजिद तुम यह क्या कर रहे हो? तभी वो बैचारा एकदम से घबराकर कहने लगा कि कुछ नहीं, प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और मम्मी, पापा से नहीं बोलना, वरना वो मुझे घर से बाहर निकाल देंगे. मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक वैसे भी में कौन सी कहने वाली थी.
मैंने मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम अब वही करोगे, क्योंकि जो तुम अभी मेरे साथ कर रहे थे, उससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मेरे कहने की देर थी और उसने तुरंत मेरी बात को सुनकर मुझे अपनी बाँहों में लेकर इतनी ज़ोर से दबाया कि मेरे बूब्स उसकी छाती में दब गए और अब वो मुझसे कहने लगा कि में तो पहले ही समझ चुका था कि तुम भी यही चाहती हो, इतना कहकर उसने तुरंत अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और एक किस करके और साथ साथ उसका एक हाथ मेरी कमीज़ में से होता हुआ मेरी छाती से भी दबाने लगा और उसने फ्रेंच किस के बीच दो बार मेरे होंठो पर हल्के से काट भी लिया.
मैंने उससे कहा कि यह क्या कर रहे हो? तब वो बोला कि रंडी चुदकड़ आज से तू मेरी बहन नहीं रंडी है, जो में आज के बाद तुझसे कहूँगा, तू वही करना क्यों ठीक है? अब में उसकी बात को सुनकर एकदम चुप हो गई और में अपने भाई के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई. तभी उसने मेरी कमीज़ को एक ही झटके में नीचे उतार दिया और अब वो मेरी छाती को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो मेरे निप्पल को इतनी ज़ोर से चूस रहा था कि उस दर्द की वजह से मेरे मुहं से हल्की सी चीख निकल गई, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने में मज़ा भी बहुत आ रहा था और में अपने गरम भाई को अपने सेक्सी जिस्म की वजह से पागल होता हुआ देख रही थी.
अब उसने मेरी सलवार की तरफ अपने हाथ को बढ़ाकर मेरी सलवार को पूरा उतार दिया और वो नीचे मेरी रसभरी वर्जिन चूत को देखकर बोला वाह क्या ज़बदस्त चूत है? और वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठो को अलग करते हुए अपनी एक ऊँगली को उसके अंदर डालने की कोशिश करने लगा.
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#11
अब में उस दर्द से आहें भरते हुए उससे कहने लगी, आईईई उफफ्फ्फ् प्लीज भाई थोड़ा धीरे करो, आह्ह्ह मैंने पहले कभी नहीं मरवाई. उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके कपड़े उतारकर उसके लंड को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया, जिससे वो और भी गरम हो रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में सिसकियाँ लेते हुए उससे कह रही थी, आअहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ भाई और ज़ोर से चाटो, खा जाओ अपनी बहन की कुंवारी चूत को आआहह भाई हाँ और ज़ोर से करीब दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाली थी.
मैंने उससे कहा हाँ भाई चूसो और प्लीज भाई और ज़ोर से चाट मेरी चूत को खा जा और एक हल्की सी चीख के साथ में झड़ गई, आहह. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं की तरफ बढ़ा दिया और मुझसे कहा कि तुम अब इसको अपने मुहं में लो.
मैंने उससे कहा कि पहले तुम इसको साफ तो करो, लेकिन तभी उसने ज़बरदस्ती मेरे सर के बाल पकड़कर मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और वो कहने लगी कि रंडी मैंने तुझसे अभी कुछ देर पहले क्या कहा था कि में जैसा जैसे कहूँ चुपचाप करती रहना. दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसके लंड का बड़ा ही अजीब सा स्वाद था और में उसका लंड हल्के हल्के चूसने लगी और मुझे भी अब बड़ा मज़ा आने लगा था, इसलिए में मज़े लेती हुई वो करने लगी. तभी उसने कुछ देर बाद अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़कर अपने लंड से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी साँसे रुक रही थी, लेकिन वो तो अब भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, वो मुझसे बोल रहा था कि वाह सादिया आज तूने मुझे बहुत मज़ा दिया है, आअहह.
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#12
मैंने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर अब अकड़ रहा था और वो झड़ने लगा था. दोस्तों मेरे मुहं में जब तक उसके वीर्य की आख़िरी बूंद नहीं गई, उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर नहीं निकाला. उसके बाद हम दोनों एकदम बैहाल होकर पूरे नंगे ही बेड पर लेट गए. कुछ देर के बार वो से उठा और वो मेरे एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निप्पल को दबाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मुझे एक बार से मस्ती छाने लगी. तभी मुझसे मेरा भाई बोला कि अब तुम मेरा लंड दोबारा से चूसना शुरू करो, अभी तो हमारा असली खेल बाकी है और दोबारा से उसने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया. में दोबारा उसका लंड चूसने लगी थी और अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए थे और जब उसका लंड एकदम मज़बूत लोहे के सरिये की तरह हो गया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
तब मैंने उससे कहा कि प्लीज साजिद अह्ह्ह्ह प्लीज तुम अब अपनी रंडी बहन को आज बहुत जमकर चोद दो प्लीज आईईईई जल्दी करो, लेकिन वो तो अब भी मेरी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने उससे कहा कि भाई प्लीज अब चोद ना अपनी बहन को वैसे तो तू जब भी में झाड़ू लगाती थी, तब मेरे बूब्स को हर रोज़ घूर घूरकर देखता था.
वो उठा और उसने अपना लंड मेरे पेट पर रगड़ना शुरू कर दिया और में धीरे धीरे आगे होने लगी और अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और उससे कहा प्लीज अब जल्दी से तू अब मेरी इस आग को ठंडा कर दे, लेकिन शायद उसको तो मुझे परेशान करने में ही मज़ा आ रहा था, में अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी, लेकिन उसका लंड तो हर बार फिसलकर इधर उधर हो जाता. साजिद मुझसे कहने लगा, अच्छा रंडी तुझे ज्यादा जल्दी है तो यह ले और उसने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे जिस्म में एकदम उस दर्द की लहर दौड़ गई. मैंने उससे कहा आह्ह्हह्ह्ह्ह आहईईईीइसस्स सस्स्स्टता धीरे करो में अभी तक वर्जिन हूँ.
वो जोश में धक्के देते हुए बोला कि ले और ले उसने एक और झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई गरम सरिया मेरे जिस्म में डालने के कोशिश कर रहा है और में उस दर्द से चीखने लगी, आईईइ ऊईईईईई माँ में मर गई, बाहर निकालो इसको, मैंने उससे छूटने की भी कोशिश की, लेकिन उसके हाथ मेरी ताक़त से ज्यादा मज़बूत थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
अब में चिल्ला रही थी, आह्ह्हह्ह प्लीज साजिद अब इसको बाहर निकालो वरना में आज मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों वो अब मेरी कहाँ सुन रहा था, उसने एक और झटका लगाया और अब उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया. अब वो मुझसे बोला ले और ले रंडी और एक ज़ोरदार झटका लगाकर उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, आआहहहहह जिसकी वजह से मेरी दर्द भरी चीख निकल गई और मेरी साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उसका लंड तब मेरी चूत के अंदर ही था, तब मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे कोई लोहे का गरम सरिया मेरी चूत के अंदर है और उसने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. तब मैंने उससे कहा कि साजिद प्लीज थोड़ा आराम से उईईईइईई स्सीईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#15
उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं होगा अभी थोड़ी देर में तुम्हारा यह दर्द मज़े में बदल जाएगा और वो अपने लंड को अंदर बाहर हिलाने लगा, जिसकी वजह से अब मुझे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था, ऊहह्ह्ह्हह्ह आअहह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आराम से साजिद मज़ा आ रहा है, आराम से आआहह हाआंन्णणन्. उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिया और मुझे भी बहुत मज़ा आया. मैंने उससे कहा शाबाश मेरे भाई ज़ोर से और ज़ोर से हाँ फाड़ डाल अपनी बहन की चूत को, फाड़ डाल शाबाश आहह्ह्ह्ह करीब 15 मिनट के बाद उसने और ज़ोर से हिलना शुरू कर दिया और वो बोला कि सादिया अब में झड़ने वाला हूँ, आईईईई में गया.
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#16
मैंने उससे कहा कि हाँ में भी अब गई, आईईईइ उससे पहले में झड़ गई और मैंने अपनी चूत से उसके लंड पर अपनी गिरफ़्त मज़बूत कर दी. कुछ ही देर के बाद वो भी झड़ गया और हम दोनों की सांसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े हुए थे. जब मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी चूत के तरफ देखा तो वहां से खून और वीर्य की वजह से मेरी ऊँगली एकदम लाल हो गई थी और साजिद का लंड भी लाल हो रहा था और उस पर भी मेरी चूत का खून लगा हुआ था
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#17
दोस्तों उस रात को हमने तीन बार जमकर चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद वो अपने कमरे में जाकर सो गया. दोस्तों क्योंकि सुबह रविवार का दिन था, इसलिए में देर तक बहुत मज़े से सोने के बाद जब उठकर अपने कमरे से बाहर गई तो मैंने देखा कि साजिद पहले से ही उठा हुआ था. अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझसे कहा कि सादिया वाह मज़ा आ गया कल रात को, में उसकी बात से एकदम शरमाने लगी और तभी उसने पीछे से आकर मेरे बूब्स को एक बार से पकड़ लिया.
अब मैंने उससे कहा कि यह क्या करते हो, कोई देख लेगा, हम दोनों भाई बहन है? उसने कुछ भी नहीं कहा, वो मेरे बूब्स को मसलता रहा और उस दिन हम दोनों ने उसी शाम को एक बार से वही खेल खेला, जो हम दोनों ने पिछली रात को खेला था, जिसकी वजह से उसने मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#18
भाई ने सलवार उतारकर चोदा
25/03/2017Incest

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और में 22 साल की हूँ और में दिखने में बहुत मस्त आकर्षक लगती हूँ और मेरे फिगर का आकार 36-28-36 है, जिस पर बहुत से लड़के मरते है. में बहुत हॉट सेक्सी लड़की हूँ और में हर समय सेक्स के लिए तैयार रहती हूँ, क्योंकि मेरी चूत को शांत करने के लिए में लंड की तलाश में रहती हूँ. मुझे शुरू से ही से करना और अपने बदन को दिखाकर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने में बहुत मज़ा आता है. दोस्तों में दिल्ली में रहती हूँ और मेरे दो भाई और एक बहन है, मेरे बड़े भाई का नाम साजिद है.

एक दिन मैंने भी मन ही मन में सोचा कि क्यों ना में भी अपने भाई के साथ कुछ ऐसा करूं, जिसकी वजह से वो मुझे चोद दे और में अपने गरम जिस्म को ठंडा कर लूँ और उसकी आग को बुझा दूँ? तो में ना जाने कब से वैसे किसी मौके की तलाश में रहने लगी थी.

दोस्तों मेरे भाई की उम्र 26 साल है और उसको शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक है, क्योंकि वो तो बस पूरी तरह से सलमान ख़ान बनना चाहता था, में जब भी उसके मस्त गठीले बदन को देखती हूँ, तो पता नहीं मुझे मेरे पूरे बदन में अजीब सा कुछ होने लगता था? में उसको देखकर अब मन ही मन सोचने लगी थी कि किस तरह में अपने छोटे भाई को मेरे साथ सेक्स करने के लिए अपनी तरफ आकर्षित किया जाए और वो मेरी जमकर चुदाई करे और वैसे उसकी मुझ पर नज़र तो बहुत पहले से ही थी.

दोस्तों जब भी में घर में झाड़ू लगाती हूँ तो वो मेरी कमीज़ के अंदर झांककर मेरे लटकते हुए गोरे गोल सेक्सी बूब्स को देखने की हमेशा कोशिश किया करता था और वो हमेशा यह समझता था कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है. मैंने अब सोचा कि क्यों ना इसको परेशान किया जाए, जिससे यह खुद ही आगे बढ़कर मेरे साथ वो सब कुछ करे, जो में इससे करवाना चाहती हूँ.

अब गर्मियों में एक बार जब मेरे घर में कोई भी नहीं था, बस मेरे और साजिद के तो मैंने अपने भाई से बोला कि साजिद में अब नहाने जा रही हूँ, तुम इसलिए अभी बाहर नहीं जाना और मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े भी बाहर छोड़ दिए. थोड़ी देर के बाद जब में नहाकर फ्री हुई तो मेरे प्लान के हिसाब से मैंने अब साजिद को बाथरूम के अंदर से आवाज़ देकर उससे कहा कि साजिद ज़रा तुम मेरे कपड़े तो लाकर देना, वो में गलती से लाना भूल गई हूँ प्लीज और जब वो मेरे कपड़े लेकर आया तो मैंने अपने कपड़े लेने के बहाने से अपने हाथ को थोड़ा सा ज्यादा आगे बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वो मेरे बूब्स को बहुत आराम से जी भरकर देख ले और ठीक वैसा ही हुआ.

अब जब वो मुझे मेरे कपड़े देने लगा तो उसकी प्यासी नज़र मेरे एक नंगे गोरे बूब्स पर चली गई और वो उसको लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखता ही रहा. उस दिन मुझे उस खेल में बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद जब में वापस बाहर आई तो वो तुरंत वॉशरूम में जा घुसा और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो क्या करने जा रहा था.

इस तरह से दूसरे दिन जब में झाड़ू लगा रही थी तो उस दिन मैंने जानबूझ कर थोड़े ज्यादा बड़े गले की कमीज़ पहनकर में झाड़ू लगाने लगी थी, वो उस समय टी.वी. देख रहा था और मैंने नीचे बैठकर झाड़ू लगाने की जगह खड़े होकर झाड़ू लगानी शुरू कर दी. अब उस वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स मेरे बड़े आकार के गले वाले कपड़ो, ब्रा से बाहर नज़र आ रहे थे और उसने जब वो देखा तो वो अपनी चकित आखों से देखता ही रह गया और उसकी वजह मेरी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी.

मैंने कुछ देर बाद उसकी तरफ देखकर उससे पूछा कि तुम ऐसे क्या देख रहे हो? तब वो मेरी बात को सुनकर होश में आकर एकदम से घबराकर मुझसे बोला कि कुछ नहीं सादिया? दोस्तों तीन चार दिन में मैंने उसको ऐसे ही अलग अलग तरह से बहुत जमकर तंग कर दिया, जिसकी वजह से वो अब बिल्कुल पागल हो चुका था और में उसकी हरकतों को देखकर समझ चुकी थी कि वो अब मेरे साथ कुछ करने के मौके देख रहा है. दोस्तों हम दोनों शुरू से ही अलग अलग रूम में सोते थे और हमारे मम्मी, पापा उनके एक अलग रूम में सोते थे. एक दिन अचानक ही हमारे एक रिश्तेदार की म्रत्यु हो गई, जिसकी वजह से मेरी मम्मी और पापा को वहां पर पूरे एक सप्ताह के लिए जाना पड़ा, क्योंकि वो दूसरे शहर में रहते थे.

अब उस वजह से हमारे घर में सिर्फ़ हम दोनों भाई और बहन रह गए थे. दोस्तों अब तो मुझे और भी बहुत अच्छा मौका मिल गया था अपने भाई को गरम करने का, उसको अपना गोरा बदन दिखाकर पागल करने का और उसके साथ मज़े लेना का मेरे पास उससे अच्छा मौका कोई भी नहीं था.

अब में जानबूझ कर बिना ब्रा के झाड़ू लगाने लगी, जिसकी वजह से मेरे जिस्म का नशा उसके सर पर कुछ ज्यादा ही चड़ गया और अब मेरे बिना ब्रा के नीचे झुककर झाड़ू लगाने की वजह से मेरे बूब्स उसको पूरे पूरे साफ नज़र आने लगे थे, जिसकी वजह से वो तो अब हर रोज़ मेरे झाड़ू लगाने का इंतज़ार करता था कि कब में झाड़ू लगाऊं और वो मेरे लटकते हुए आमो को देखे और में उसकी वजह से बिल्कुल अंजान बनी रहती थी, क्योंकि वो अब तक मेरे पूरे जाल में फंस चुका था.

दूसरे दिन रात को जब में सो रही थी, तब मुझे अचानक से महसूस हुआ कि कोई है जो मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबा रहा था, लेकिन में चुप रही और सोने का नाटक करती रही. थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आंख को थोड़ा सा खोलकर देखा तो वो साजिद ही था, जो मेरी कमीज़ के ऊपर से मेरे बूब्स को दबा रहा था और अब भी मैंने अपनी आखों को बंद रखा, क्योंकि में भी तो उससे यही सब चाहती थी.

उसने कुछ देर बाद धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और अब वो अपने एक हाथ को अंदर डालकर मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा था. अब जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी थी और में अपनी धीमी आवाज से मोन करने लगी थी, आहहह उह्ह्हह्ह और अब वो मेरे दोनों कबूतरों को अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने के साथ साथ उनकी निप्पल को दबा भी रहा था और उसका दूसरा हाथ मेरी सलवार में बड़ी तेज़ी से चल रहा था, शायद वो अपने लंड को जोश में ला रहा था.

कुछ देर तक मेरे बूब्स को दबाने चूत को सहलाने के बाद वो उठकर चला गया, शायद उसने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया था.

जब वो ठंडा हो गया तो अपने रूम में चला गया. मैंने भी अपनी सलवार को नीचे करके अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे इतना मज़ा आया कि बस आअहह्ह्ह्ह मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत में साजिद ऊँगली कर रहा है और कुछ देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, जिसकी वजह से अब में भी एकदम ठंडी हो गई.

उसके बाद में उसके बारे में सोचकर ना जाने कब सो गई और मुझे पता था कि जब तक मेरे पापा और मम्मी घर नहीं आएगें, तब तक साजिद मेरे रूम में जरुर आएगा. दोस्तों पूरे दिन भर वो मेरे साथ एकदम ठीक तरह से रहा, जैसे हमारे बीच कुछ हुआ ही ना हो और रात को सोते समय मैंने अपने भाई की आसानी के लिए उस रात को कपड़ो के अंदर जानबूझ कर अपनी ब्रा और पेंटी को नहीं पहना और में अपने सभी कामो से फ्री होकर अपने कमरे में आकर बेड पर लेटकर अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक करके अपने भाई के आने का इंतज़ार कर रही थी.

कुछ देर बाद मुझे आवाज आई और कमरे का दरवाज़ा खुला और मैंने अपनी आखों को ज़ोर से बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगी. वो मेरे करीब आया और मेरे साथ मेरे बेड पर बैठ गया, उसने सबसे पहले मेरे बूब्स को कमीज़ के ऊपर से दबाना सहलाना शुरू किया और मेरे बूब्स के निप्पल पहले से ही तने खड़े थे और वो उसके छूने की वजह से और भी खड़े हो गए थे.

अब उसने मेरी कमीज़ के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और वो मेरी छाती को सहलाता और धीरे धीरे दबाने लगा था, जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और जब वो मस्ती में आकर मेरे निप्पल को दबा रहा था, उसी समय उस काम को करने के साथ साथ उसका हाथ धीरे धीरे मेरी जांघो की तरफ बढ़ने लगा था, जिसकी वजह से में बहुत गरम होने लगी थी और में अब बिल्कुल कामुक हो रही थी.

अब उसने मेरी सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और वो मेरे नरम छोटे छोटे बालों से होता हुआ मेरी कामुक गीली चूत तक पहुंच गया और चूत को सहलाने लगा. अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त ना हुआ और में अपनी दोनों आखें खोलकर उससे एकदम बोल पड़ी, साजिद तुम यह क्या कर रहे हो? तभी वो बैचारा एकदम से घबराकर कहने लगा कि कुछ नहीं, प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और मम्मी, पापा से नहीं बोलना, वरना वो मुझे घर से बाहर निकाल देंगे. मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक वैसे भी में कौन सी कहने वाली थी.

मैंने मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम अब वही करोगे, क्योंकि जो तुम अभी मेरे साथ कर रहे थे, उससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मेरे कहने की देर थी और उसने तुरंत मेरी बात को सुनकर मुझे अपनी बाँहों में लेकर इतनी ज़ोर से दबाया कि मेरे बूब्स उसकी छाती में दब गए और अब वो मुझसे कहने लगा कि में तो पहले ही समझ चुका था कि तुम भी यही चाहती हो, इतना कहकर उसने तुरंत अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और एक किस करके और साथ साथ उसका एक हाथ मेरी कमीज़ में से होता हुआ मेरी छाती से भी दबाने लगा और उसने फ्रेंच किस के बीच दो बार मेरे होंठो पर हल्के से काट भी लिया.

मैंने उससे कहा कि यह क्या कर रहे हो? तब वो बोला कि रंडी चुदकड़ आज से तू मेरी बहन नहीं रंडी है, जो में आज के बाद तुझसे कहूँगा, तू वही करना क्यों ठीक है? अब में उसकी बात को सुनकर एकदम चुप हो गई और में अपने भाई के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई. तभी उसने मेरी कमीज़ को एक ही झटके में नीचे उतार दिया और अब वो मेरी छाती को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो मेरे निप्पल को इतनी ज़ोर से चूस रहा था कि उस दर्द की वजह से मेरे मुहं से हल्की सी चीख निकल गई, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने में मज़ा भी बहुत आ रहा था और में अपने गरम भाई को अपने सेक्सी जिस्म की वजह से पागल होता हुआ देख रही थी.

अब उसने मेरी सलवार की तरफ अपने हाथ को बढ़ाकर मेरी सलवार को पूरा उतार दिया और वो नीचे मेरी रसभरी वर्जिन चूत को देखकर बोला वाह क्या ज़बदस्त चूत है? और वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठो को अलग करते हुए अपनी एक ऊँगली को उसके अंदर डालने की कोशिश करने लगा.

अब में उस दर्द से आहें भरते हुए उससे कहने लगी, आईईई उफफ्फ्फ् प्लीज भाई थोड़ा धीरे करो, आह्ह्ह मैंने पहले कभी नहीं मरवाई. उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके कपड़े उतारकर उसके लंड को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया, जिससे वो और भी गरम हो रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में सिसकियाँ लेते हुए उससे कह रही थी, आअहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ भाई और ज़ोर से चाटो, खा जाओ अपनी बहन की कुंवारी चूत को आआहह भाई हाँ और ज़ोर से करीब दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाली थी.

मैंने उससे कहा हाँ भाई चूसो और प्लीज भाई और ज़ोर से चाट मेरी चूत को खा जा और एक हल्की सी चीख के साथ में झड़ गई, आहह. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं की तरफ बढ़ा दिया और मुझसे कहा कि तुम अब इसको अपने मुहं में लो.

मैंने उससे कहा कि पहले तुम इसको साफ तो करो, लेकिन तभी उसने ज़बरदस्ती मेरे सर के बाल पकड़कर मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और वो कहने लगी कि रंडी मैंने तुझसे अभी कुछ देर पहले क्या कहा था कि में जैसा जैसे कहूँ चुपचाप करती रहना. दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसके लंड का बड़ा ही अजीब सा स्वाद था और में उसका लंड हल्के हल्के चूसने लगी और मुझे भी अब बड़ा मज़ा आने लगा था, इसलिए में मज़े लेती हुई वो करने लगी. तभी उसने कुछ देर बाद अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़कर अपने लंड से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी साँसे रुक रही थी, लेकिन वो तो अब भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, वो मुझसे बोल रहा था कि वाह सादिया आज तूने मुझे बहुत मज़ा दिया है, आअहह.

मैंने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर अब अकड़ रहा था और वो झड़ने लगा था. दोस्तों मेरे मुहं में जब तक उसके वीर्य की आख़िरी बूंद नहीं गई, उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर नहीं निकाला. उसके बाद हम दोनों एकदम बैहाल होकर पूरे नंगे ही बेड पर लेट गए. कुछ देर के बार वो से उठा और वो मेरे एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निप्पल को दबाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मुझे एक बार से मस्ती छाने लगी. तभी मुझसे मेरा भाई बोला कि अब तुम मेरा लंड दोबारा से चूसना शुरू करो, अभी तो हमारा असली खेल बाकी है और दोबारा से उसने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया. में दोबारा उसका लंड चूसने लगी थी और अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए थे और जब उसका लंड एकदम मज़बूत लोहे के सरिये की तरह हो गया.

तब मैंने उससे कहा कि प्लीज साजिद अह्ह्ह्ह प्लीज तुम अब अपनी रंडी बहन को आज बहुत जमकर चोद दो प्लीज आईईईई जल्दी करो, लेकिन वो तो अब भी मेरी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने उससे कहा कि भाई प्लीज अब चोद ना अपनी बहन को वैसे तो तू जब भी में झाड़ू लगाती थी, तब मेरे बूब्स को हर रोज़ घूर घूरकर देखता था.

वो उठा और उसने अपना लंड मेरे पेट पर रगड़ना शुरू कर दिया और में धीरे धीरे आगे होने लगी और अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और उससे कहा प्लीज अब जल्दी से तू अब मेरी इस आग को ठंडा कर दे, लेकिन शायद उसको तो मुझे परेशान करने में ही मज़ा आ रहा था, में अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी, लेकिन उसका लंड तो हर बार फिसलकर इधर उधर हो जाता. साजिद मुझसे कहने लगा, अच्छा रंडी तुझे ज्यादा जल्दी है तो यह ले और उसने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे जिस्म में एकदम उस दर्द की लहर दौड़ गई. मैंने उससे कहा आह्ह्हह्ह्ह्ह आहईईईीइसस्स सस्स्स्टता धीरे करो में अभी तक वर्जिन हूँ.

वो जोश में धक्के देते हुए बोला कि ले और ले उसने एक और झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई गरम सरिया मेरे जिस्म में डालने के कोशिश कर रहा है और में उस दर्द से चीखने लगी, आईईइ ऊईईईईई माँ में मर गई, बाहर निकालो इसको, मैंने उससे छूटने की भी कोशिश की, लेकिन उसके हाथ मेरी ताक़त से ज्यादा मज़बूत थे.

अब में चिल्ला रही थी, आह्ह्हह्ह प्लीज साजिद अब इसको बाहर निकालो वरना में आज मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों वो अब मेरी कहाँ सुन रहा था, उसने एक और झटका लगाया और अब उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया. अब वो मुझसे बोला ले और ले रंडी और एक ज़ोरदार झटका लगाकर उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, आआहहहहह जिसकी वजह से मेरी दर्द भरी चीख निकल गई और मेरी साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उसका लंड तब मेरी चूत के अंदर ही था, तब मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे कोई लोहे का गरम सरिया मेरी चूत के अंदर है और उसने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. तब मैंने उससे कहा कि साजिद प्लीज थोड़ा आराम से उईईईइईई स्सीईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं होगा अभी थोड़ी देर में तुम्हारा यह दर्द मज़े में बदल जाएगा और वो अपने लंड को अंदर बाहर हिलाने लगा, जिसकी वजह से अब मुझे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था, ऊहह्ह्ह्हह्ह आअहह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आराम से साजिद मज़ा आ रहा है, आराम से आआहह हाआंन्‍णणन्. उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिया और मुझे भी बहुत मज़ा आया. मैंने उससे कहा शाबाश मेरे भाई ज़ोर से और ज़ोर से हाँ फाड़ डाल अपनी बहन की चूत को, फाड़ डाल शाबाश आहह्ह्ह्ह करीब 15 मिनट के बाद उसने और ज़ोर से हिलना शुरू कर दिया और वो बोला कि सादिया अब में झड़ने वाला हूँ, आईईईई में गया.

मैंने उससे कहा कि हाँ में भी अब गई, आईईईइ उससे पहले में झड़ गई और मैंने अपनी चूत से उसके लंड पर अपनी गिरफ़्त मज़बूत कर दी. कुछ ही देर के बाद वो भी झड़ गया और हम दोनों की सांसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े हुए थे. जब मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी चूत के तरफ देखा तो वहां से खून और वीर्य की वजह से मेरी ऊँगली एकदम लाल हो गई थी और साजिद का लंड भी लाल हो रहा था और उस पर भी मेरी चूत का खून लगा हुआ था.

दोस्तों उस रात को हमने तीन बार जमकर चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद वो अपने कमरे में जाकर सो गया. दोस्तों क्योंकि सुबह रविवार का दिन था, इसलिए में देर तक बहुत मज़े से सोने के बाद जब उठकर अपने कमरे से बाहर गई तो मैंने देखा कि साजिद पहले से ही उठा हुआ था. अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझसे कहा कि सादिया वाह मज़ा आ गया कल रात को, में उसकी बात से एकदम शरमाने लगी और तभी उसने पीछे से आकर मेरे बूब्स को एक बार से पकड़ लिया.

अब मैंने उससे कहा कि यह क्या करते हो, कोई देख लेगा, हम दोनों भाई बहन है? उसने कुछ भी नहीं कहा, वो मेरे बूब्स को मसलता रहा और उस दिन हम दोनों ने उसी शाम को एक बार से वही खेल खेला, जो हम दोनों ने पिछली रात को खेला था, जिसकी वजह से उसने मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया.

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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#19
भाई ने सलवार उतारकर चोदा



हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और में 22 साल की हूँ और में दिखने में बहुत मस्त आकर्षक लगती हूँ और मेरे फिगर का आकार 36-28-36 है, जिस पर बहुत से लड़के मरते है। में बहुत हॉट सेक्सी लड़की हूँ और में हर समय सेक्स के लिए तैयार रहती हूँ, क्योंकि मेरी चूत को शांत करने के लिए में लंड की तलाश में रहती हूँ। मुझे शुरू से ही से करना और अपने बदन को दिखाकर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने में बहुत मज़ा आता है। दोस्तों में दिल्ली में रहती हूँ और मेरे दो भाई और एक बहन है, मेरे बड़े भाई का नाम साजिद है। दोस्तों  जिसकी मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लिए और उन सभी कहानियों में बहुत सारी कहानियाँ सेक्सी होने के साथ साथ बहुत मज़ेदार दिलचस्प भी होती है, जिसमें भाई और बहन के बीच उनकी चुदाई के सच्चे किस्से पढ़े, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया और मेरे पूरे बदन में ज्यादा आग बढ़ने लगी थी, जिसको शांत करने के लिए में अब लंड की तलाश में रहने लगी थी। अब एक दिन मैंने भी मन ही मन में सोचा कि क्यों ना में भी अपने भाई के साथ कुछ ऐसा करूं, जिसकी वजह से वो मुझे चोद दे और में अपने गरम जिस्म को ठंडा कर लूँ और उसकी आग को बुझा दूँ? तो में ना जाने कब से वैसे किसी मौके की तलाश में रहने लगी थी।

दोस्तों मेरे भाई की उम्र 26 साल है और उसको शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग का बहुत शौक है, क्योंकि वो तो बस पूरी तरह से सलमान ख़ान बनना चाहता था, में जब भी उसके मस्त गठीले बदन को देखती हूँ, तो पता नहीं मुझे मेरे पूरे बदन में अजीब सा कुछ होने लगता था? फिर में उसको देखकर अब मन ही मन सोचने लगी थी कि किस तरह में अपने छोटे भाई को मेरे साथ सेक्स करने के लिए अपनी तरफ आकर्षित किया जाए और वो मेरी जमकर चुदाई करे और वैसे उसकी मुझ पर नज़र तो बहुत पहले से ही थी।

दोस्तों जब भी में घर में झाड़ू लगाती हूँ तो वो मेरी कमीज़ के अंदर झांककर मेरे लटकते हुए गोरे गोल सेक्सी बूब्स को देखने की हमेशा कोशिश किया करता था और वो हमेशा यह समझता था कि जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं है। फिर मैंने अब सोचा कि क्यों ना इसको परेशान किया जाए, जिससे यह खुद ही आगे बढ़कर मेरे साथ वो सब कुछ करे, जो में इससे करवाना चाहती हूँ। अब गर्मियों में एक बार जब मेरे घर में कोई भी नहीं था, बस मेरे और साजिद के तो मैंने अपने भाई से बोला कि साजिद में अब नहाने जा रही हूँ, तुम इसलिए अभी बाहर नहीं जाना और फिर मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े भी बाहर छोड़ दिए। फिर थोड़ी देर के बाद जब में नहाकर फ्री हुई तो मेरे प्लान के हिसाब से मैंने अब साजिद को बाथरूम के अंदर से आवाज़ देकर उससे कहा कि साजिद ज़रा तुम मेरे कपड़े तो लाकर देना, वो में गलती से लाना भूल गई हूँ प्लीज और जब वो मेरे कपड़े लेकर आया तो मैंने अपने कपड़े लेने के बहाने से अपने हाथ को थोड़ा सा ज्यादा आगे बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वो मेरे बूब्स को बहुत आराम से जी भरकर देख ले और फिर ठीक वैसा ही हुआ। अब जब वो मुझे मेरे कपड़े देने लगा तो उसकी प्यासी नज़र मेरे एक नंगे गोरे बूब्स पर चली गई और वो उसको लगातार अपनी खा जाने वाली नजर से देखता ही रहा।

उस दिन मुझे उस खेल में बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद जब में वापस बाहर आई तो वो तुरंत वॉशरूम में जा घुसा और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो क्या करने जा रहा था। फिर इस तरह से दूसरे दिन जब में झाड़ू लगा रही थी तो उस दिन मैंने जानबूझ कर थोड़े ज्यादा बड़े गले की कमीज़ पहनकर में झाड़ू लगाने लगी थी, वो उस समय टी.वी. देख रहा था और मैंने नीचे बैठकर झाड़ू लगाने की जगह खड़े होकर झाड़ू लगानी शुरू कर दी। अब उस वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स मेरे बड़े आकार के गले वाले कपड़ो, ब्रा से बाहर नज़र आ रहे थे और उसने जब वो देखा तो वो अपनी चकित आखों से देखता ही रह गया और उसकी वजह मेरी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी। फिर मैंने कुछ देर बाद उसकी तरफ देखकर उससे पूछा कि तुम ऐसे क्या देख रहे हो? तब वो मेरी बात को सुनकर होश में आकर एकदम से घबराकर मुझसे बोला कि कुछ नहीं सादिया? दोस्तों तीन चार दिन में मैंने उसको ऐसे ही अलग अलग तरह से बहुत जमकर तंग कर दिया, जिसकी वजह से वो अब बिल्कुल पागल हो चुका था और में उसकी हरकतों को देखकर समझ चुकी थी कि वो अब मेरे साथ कुछ करने के मौके देख रहा है। दोस्तों हम दोनों शुरू से ही अलग अलग रूम में सोते थे और हमारे मम्मी, पापा उनके एक अलग रूम में सोते थे। एक दिन अचानक ही हमारे एक रिश्तेदार की म्रत्यु हो गई, जिसकी वजह से मेरी मम्मी और पापा को वहां पर पूरे एक सप्ताह के लिए जाना पड़ा, क्योंकि वो दूसरे शहर में रहते थे।

अब उस वजह से हमारे घर में सिर्फ़ हम दोनों भाई और बहन रह गए थे। दोस्तों अब तो मुझे और भी बहुत अच्छा मौका मिल गया था अपने भाई को गरम करने का, उसको अपना गोरा बदन दिखाकर पागल करने का और उसके साथ मज़े लेना का मेरे पास उससे अच्छा मौका कोई भी नहीं था। अब में जानबूझ कर बिना ब्रा के झाड़ू लगाने लगी, जिसकी वजह से मेरे जिस्म का नशा उसके सर पर कुछ ज्यादा ही चड़ गया और अब मेरे बिना ब्रा के नीचे झुककर झाड़ू लगाने की वजह से मेरे बूब्स उसको पूरे पूरे साफ नज़र आने लगे थे, जिसकी वजह से वो तो अब हर रोज़ मेरे झाड़ू लगाने का इंतज़ार करता था कि कब में झाड़ू लगाऊं और वो मेरे लटकते हुए आमो को देखे और में उसकी वजह से बिल्कुल अंजान बनी रहती थी, क्योंकि वो अब तक मेरे पूरे जाल में फंस चुका था। फिर दूसरे दिन रात को जब में सो रही थी, तब मुझे अचानक से महसूस हुआ कि कोई है जो मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबा रहा था, लेकिन में चुप रही और सोने का नाटक करती रही। फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आंख को थोड़ा सा खोलकर देखा तो वो साजिद ही था, जो मेरी कमीज़ के ऊपर से मेरे बूब्स को दबा रहा था और अब भी मैंने अपनी आखों को बंद रखा, क्योंकि में भी तो उससे यही सब चाहती थी। फिर उसने कुछ देर बाद धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ा सा ऊपर कर दिया और अब वो अपने एक हाथ को अंदर डालकर मेरे बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा था।

अब जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी थी और में अपनी धीमी आवाज से मोन करने लगी थी, आहहह उह्ह्हह्ह और अब वो मेरे दोनों कबूतरों को अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने के साथ साथ उनकी निप्पल को दबा भी रहा था और उसका दूसरा हाथ मेरी सलवार में बड़ी तेज़ी से चल रहा था, शायद वो अपने लंड को जोश में ला रहा था। फिर कुछ देर तक मेरे बूब्स को दबाने चूत को सहलाने के बाद वो उठकर चला गया, शायद उसने बाथरूम में जाकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया था। फिर जब वो ठंडा हो गया तो अपने रूम में चला गया। फिर मैंने भी अपनी सलवार को नीचे करके अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे इतना मज़ा आया कि बस आअहह्ह्ह्ह मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत में साजिद ऊँगली कर रहा है और कुछ देर के बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, जिसकी वजह से अब में भी एकदम ठंडी हो गई। उसके बाद में उसके बारे में सोचकर ना जाने कब सो गई और मुझे पता था कि जब तक मेरे पापा और मम्मी घर नहीं आएगें, तब तक साजिद मेरे रूम में जरुर आएगा। दोस्तों पूरे दिन भर वो मेरे साथ एकदम ठीक तरह से रहा, जैसे हमारे बीच कुछ हुआ ही ना हो और रात को सोते समय मैंने अपने भाई की आसानी के लिए उस रात को कपड़ो के अंदर जानबूझ कर अपनी ब्रा और पेंटी को नहीं पहना और फिर में अपने सभी कामो से फ्री होकर अपने कमरे में आकर बेड पर लेटकर अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक करके अपने भाई के आने का इंतज़ार कर रही थी।



फिर कुछ देर बाद मुझे आवाज आई और कमरे का दरवाज़ा खुला और मैंने अपनी आखों को ज़ोर से बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगी। वो मेरे करीब आया और मेरे साथ मेरे बेड पर बैठ गया, उसने सबसे पहले मेरे बूब्स को कमीज़ के ऊपर से दबाना सहलाना शुरू किया और मेरे बूब्स के निप्पल पहले से ही तने खड़े थे और वो उसके छूने की वजह से और भी खड़े हो गए थे। अब उसने मेरी कमीज़ के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और वो मेरी छाती को सहलाता और धीरे धीरे दबाने लगा था, जिसकी वजह से मुझे मस्ती चड़ने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और जब वो मस्ती में आकर मेरे निप्पल को दबा रहा था, उसी समय उस काम को करने के साथ साथ उसका हाथ धीरे धीरे मेरी जांघो की तरफ बढ़ने लगा था, जिसकी वजह से में बहुत गरम होने लगी थी और में अब बिल्कुल कामुक हो रही थी। अब उसने मेरी सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और वो मेरे नरम छोटे छोटे बालों से होता हुआ मेरी कामुक गीली चूत तक पहुंच गया और चूत को सहलाने लगा।

अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त ना हुआ और में अपनी दोनों आखें खोलकर उससे एकदम बोल पड़ी, साजिद तुम यह क्या कर रहे हो? तभी वो बैचारा एकदम से घबराकर कहने लगा कि कुछ नहीं, प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और मम्मी, पापा से नहीं बोलना, वरना वो मुझे घर से बाहर निकाल देंगे। फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक वैसे भी में कौन सी कहने वाली थी। फिर मैंने मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम अब वही करोगे, क्योंकि जो तुम अभी मेरे साथ कर रहे थे, उससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मेरे कहने की देर थी और उसने तुरंत मेरी बात को सुनकर मुझे अपनी बाँहों में लेकर इतनी ज़ोर से दबाया कि मेरे बूब्स उसकी छाती में दब गए और अब वो मुझसे कहने लगा कि में तो पहले ही समझ चुका था कि तुम भी यही चाहती हो, इतना कहकर उसने तुरंत अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और एक किस करके और साथ साथ उसका एक हाथ मेरी कमीज़ में से होता हुआ मेरी छाती से भी दबाने लगा और उसने फ्रेंच किस के बीच दो बार मेरे होंठो पर हल्के से काट भी लिया। फिर मैंने उससे कहा कि यह क्या कर रहे हो? तब वो बोला कि रंडी चुदकड़ आज से तू मेरी बहन नहीं रंडी है, जो में आज के बाद तुझसे कहूँगा, तू वही करना क्यों ठीक है? अब में उसकी बात को सुनकर एकदम चुप हो गई और में अपने भाई के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई।

तभी उसने मेरी कमीज़ को एक ही झटके में नीचे उतार दिया और अब वो मेरी छाती को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो मेरे निप्पल को इतनी ज़ोर से चूस रहा था कि उस दर्द की वजह से मेरे मुहं से हल्की सी चीख निकल गई, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने में मज़ा भी बहुत आ रहा था और में अपने गरम भाई को अपने सेक्सी जिस्म की वजह से पागल होता हुआ देख रही थी। अब उसने मेरी सलवार की तरफ अपने हाथ को बढ़ाकर मेरी सलवार को पूरा उतार दिया और वो नीचे मेरी रसभरी वर्जिन चूत को देखकर बोला वाह क्या ज़बदस्त चूत है? और फिर वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठो को अलग करते हुए अपनी एक ऊँगली को उसके अंदर डालने की कोशिश करने लगा।

अब में उस दर्द से आहें भरते हुए उससे कहने लगी, आईईई उफफ्फ्फ् प्लीज भाई थोड़ा धीरे करो, आह्ह्ह मैंने पहले कभी नहीं मरवाई। फिर उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके कपड़े उतारकर उसके लंड को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया, जिससे वो और भी गरम हो रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में सिसकियाँ लेते हुए उससे कह रही थी, आअहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ भाई और ज़ोर से चाटो, खा जाओ अपनी बहन की कुंवारी चूत को आआहह भाई हाँ और ज़ोर से करीब दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाली थी। फिर मैंने उससे कहा हाँ भाई चूसो और प्लीज भाई और ज़ोर से चाट मेरी चूत को खा जा और एक हल्की सी चीख के साथ में झड़ गई, आहह। फिर कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं की तरफ बढ़ा दिया और मुझसे कहा कि तुम अब इसको अपने मुहं में लो। फिर मैंने उससे कहा कि पहले तुम इसको साफ तो करो, लेकिन तभी उसने ज़बरदस्ती मेरे सर के बाल पकड़कर मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और वो कहने लगी कि रंडी मैंने तुझसे अभी कुछ देर पहले क्या कहा था कि में जैसा जैसे कहूँ चुपचाप करती रहना।

दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसके लंड का बड़ा ही अजीब सा स्वाद था और फिर में उसका लंड हल्के हल्के चूसने लगी और मुझे भी अब बड़ा मज़ा आने लगा था, इसलिए में मज़े लेती हुई वो करने लगी। तभी उसने कुछ देर बाद अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़कर अपने लंड से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी साँसे रुक रही थी, लेकिन वो तो अब भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, वो मुझसे बोल रहा था कि वाह सादिया आज तूने मुझे बहुत मज़ा दिया है, आअहह। फिर मैंने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर अब अकड़ रहा था और वो झड़ने लगा था। दोस्तों मेरे मुहं में जब तक उसके वीर्य की आख़िरी बूंद नहीं गई, उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर नहीं निकाला। उसके बाद हम दोनों एकदम बैहाल होकर पूरे नंगे ही बेड पर लेट गए। फिर कुछ देर के बार वो फिर से उठा और वो मेरे एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निप्पल को दबाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मुझे एक बार फिर से मस्ती छाने लगी। तभी मुझसे मेरा भाई बोला कि अब तुम मेरा लंड दोबारा से चूसना शुरू करो, अभी तो हमारा असली खेल बाकी है और दोबारा से उसने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया। फिर में दोबारा उसका लंड चूसने लगी थी और अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए थे और जब उसका लंड एकदम मज़बूत लोहे के सरिये की तरह हो गया।

तब मैंने उससे कहा कि प्लीज साजिद अह्ह्ह्ह प्लीज तुम अब अपनी रंडी बहन को आज बहुत जमकर चोद दो प्लीज आईईईई जल्दी करो, लेकिन वो तो अब भी मेरी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि भाई प्लीज अब चोद ना अपनी बहन को वैसे तो तू जब भी में झाड़ू लगाती थी, तब मेरे बूब्स को हर रोज़ घूर घूरकर देखता था। फिर वो उठा और उसने अपना लंड मेरे पेट पर रगड़ना शुरू कर दिया और में धीरे धीरे आगे होने लगी और अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और उससे कहा प्लीज अब जल्दी से तू अब मेरी इस आग को ठंडा कर दे, लेकिन शायद उसको तो मुझे परेशान करने में ही मज़ा आ रहा था, में अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी, लेकिन उसका लंड तो हर बार फिसलकर इधर उधर हो जाता। फिर साजिद मुझसे कहने लगा, अच्छा रंडी तुझे ज्यादा जल्दी है तो यह ले और उसने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे जिस्म में एकदम उस दर्द की लहर दौड़ गई। फिर मैंने उससे कहा आह्ह्हह्ह्ह्ह आहईईईीइसस्स सस्स्स्टता धीरे करो में अभी तक वर्जिन हूँ।

फिर वो जोश में धक्के देते हुए बोला कि ले और ले फिर उसने एक और झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई गरम सरिया मेरे जिस्म में डालने के कोशिश कर रहा है और में उस दर्द से चीखने लगी, आईईइ ऊईईईईई माँ में मर गई, बाहर निकालो इसको, मैंने उससे छूटने की भी कोशिश की, लेकिन उसके हाथ मेरी ताक़त से ज्यादा मज़बूत थे। अब में चिल्ला रही थी, आह्ह्हह्ह प्लीज साजिद अब इसको बाहर निकालो वरना में आज मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों वो अब मेरी कहाँ सुन रहा था, उसने एक और झटका लगाया और अब उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया। अब वो मुझसे बोला ले और ले रंडी और एक ज़ोरदार झटका लगाकर उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, आआहहहहह जिसकी वजह से मेरी दर्द भरी चीख निकल गई और मेरी साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उसका लंड तब मेरी चूत के अंदर ही था, तब मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे कोई लोहे का गरम सरिया मेरी चूत के अंदर है और फिर उसने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया। तब मैंने उससे कहा कि साजिद प्लीज थोड़ा आराम से उईईईइईई स्सीईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं होगा अभी थोड़ी देर में तुम्हारा यह दर्द मज़े में बदल जाएगा और फिर वो अपने लंड को अंदर बाहर हिलाने लगा, जिसकी वजह से अब मुझे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था, ऊहह्ह्ह्हह्ह आअहह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आराम से साजिद मज़ा आ रहा है, आराम से आआहह हाआंन्‍णणन्। फिर उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिया और मुझे भी बहुत मज़ा आया। फिर मैंने उससे कहा शाबाश मेरे भाई ज़ोर से और ज़ोर से हाँ फाड़ डाल अपनी बहन की चूत को, फाड़ डाल शाबाश आहह्ह्ह्ह करीब 15 मिनट के बाद उसने और ज़ोर से हिलना शुरू कर दिया और वो बोला कि सादिया अब में झड़ने वाला हूँ, आईईईई में गया। फिर मैंने उससे कहा कि हाँ में भी अब गई, आईईईइ फिर उससे पहले में झड़ गई और मैंने अपनी चूत से उसके लंड पर अपनी गिरफ़्त मज़बूत कर दी। फिर कुछ ही देर के बाद वो भी झड़ गया और हम दोनों की सांसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े हुए थे।


फिर जब मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी चूत के तरफ देखा तो वहां से खून और वीर्य की वजह से मेरी ऊँगली एकदम लाल हो गई थी और साजिद का लंड भी लाल हो रहा था और उस पर भी मेरी चूत का खून लगा हुआ था। दोस्तों उस रात को हमने तीन बार जमकर चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद वो अपने कमरे में जाकर सो गया। दोस्तों क्योंकि सुबह रविवार का दिन था, इसलिए में देर तक बहुत मज़े से सोने के बाद जब उठकर अपने कमरे से बाहर गई तो मैंने देखा कि साजिद पहले से ही उठा हुआ था। अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझसे कहा कि सादिया वाह मज़ा आ गया कल रात को, में उसकी बात से एकदम शरमाने लगी और तभी उसने पीछे से आकर मेरे बूब्स को एक बार फिर से पकड़ लिया। अब मैंने उससे कहा कि यह क्या करते हो, कोई देख लेगा, हम दोनों भाई बहन है? उसने कुछ भी नहीं कहा, वो मेरे बूब्स को मसलता रहा और फिर उस दिन हम दोनों ने उसी शाम को एक बार फिर से वही खेल खेला, जो हम दोनों ने पिछली रात को खेला था, जिसकी वजह से उसने मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया ।।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#20
सरिता की चूत का पानी
14/01/2020Desi Kahani
Antarvasna, hindi sex stories: लखनऊ से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं दिल्ली आ गया था और दिल्ली में ही मैं नौकरी करने लगा। दिल्ली में मेरी एक कंपनी में नौकरी लग गई और कुछ समय तक मैंने दिल्ली में जॉब की और फिर मैं नौकरी करने के लिए कोलकाता चला गया। कोलकाता से मुझे एक अच्छी कंपनी में जॉब करने का मौका मिला और मैं कोलकाता में नौकरी करने लगा। मैं कोलकाता में जॉब करने लगा था मैं काफी खुश था और बहुत ही जल्द मेरा प्रमोशन भी हो गया था। कोलकाता में ही मेरे ऑफिस में काम करने वाली सुनीता के साथ मेरा अफेयर चलने लगा हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे लेकिन सुनीता पहले से ही शादीशुदा थी और उसका तलाक कुछ समय पहले ही उसके पति से हुआ था। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते थे इसलिए मुझे और सुनीता को एक दूसरे का साथ काफी अच्छा लगता।
मैं चाहता था कि मैं सुनीता के साथ ही शादी करुं लेकिन सुनीता के जीवन में कई सारी परेशानियां थी इसलिए वह मुझसे दूर हो गई। मैं काफी ज्यादा परेशान था सुनीता और मेरे बीच काफी ज्यादा दूरियां हो चुकी थी और अब शायद हम दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा दूर हो चुके थे इसलिए मैं काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था। मैं चाहता था कि मैं वापस लखनऊ चला जाऊं कुछ समय के लिए मैं लखनऊ चला गया और जब मैं लखनऊ गया तो लखनऊ में मुझे काफी अच्छा लगा। काफी समय बाद मैं अपने पापा और मम्मी के साथ में अच्छा समय बिता पाया था। अपने पापा और मम्मी से मिलकर मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से उन लोगों से इतने लंबे समय के बाद मेरी मुलाकात हुई थी उससे मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और पापा मम्मी भी बहुत ज्यादा खुश थे। कुछ दिनों तक लखनऊ में रहने के बाद मैं वापस कोलकाता लौट आया।
जब मैं कोलकाता वापस लौटा तो यह भी एक अजीब इत्तेफाक था, जब मैं सरिता से मिला तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और सरिता को भी बड़ा अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे से बात की। सरिता कोलकाता में ही रहती है और उसने मुझे बताया कि वह कोलकाता पिछले 5 महीनों से रह रही है। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम यहीं जॉब करती हो तो उसने मुझे बताया हां मैं कोलकाता में ही नौकरी करती हूं। सरिता मेरे दोस्त की बहन है और उससे मिलकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। सरिता का ऑफिस मेरे ऑफिस के पास ही था इसलिए हम दोनों एक दूसरे से हर रोज मिला करते थे। मैं जब भी सरिता से मिलता तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगता। मेरी जिंदगी से सुनीता दूर हो चुकी थी मैं सुनीता को भुलाने की कोशिश कर रहा था। मैं सुनीता को भुला चुका था मैं और सरिता एक दूसरों को हर रोज मिलने लगे थे और जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सरिता मेरे इतने करीब आ जाएगी कि हम दोनों का रिलेशन चलने लगेगा। हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और इसी वजह से हम दोनों हर रोज एक दूसरे को मिलते हैं।
जब भी मैं सरिता को मिलता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था और उसे भी बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करने लगे थे। यह बात अब सरिता के परिवार वालों को भी मालूम चल चुकी थी और उन्होंने सरिता को जब इस बारे में पूछा तो सरिता ने मेरे और अपने रिलेशन के बारे में अपने घर पर बता दिया था। सरिता के परिवार वालों को इससे कोई भी ऐतराज नहीं था और वह लोग भी चाहते थे कि हम दोनों की शादी हो जाए। मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब करता हूं और सब लोग मुझे पहले से ही जानते थे इसलिए हम दोनों की जिंदगी में अब काफी बदलाव आने लगा था। हम दोनों ने सगाई करने का फैसला कर लिया था हम दोनों की जब सगाई हुई तो उसके बाद हम दोनों के बीच और भी ज्यादा नजदीकियां बढ़ती चली गई और अब हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे। यही वजह थी कि हम दोनों जल्द से जल्द एक दूसरे से शादी करना चाहते थे।
मैंने पूरी तरीके से सोच लिया था कि अब मैं और सरिता एक दूसरे से शादी कर लेंगे और हम दोनों ने शादी करने के बाद कोलकाता में ही रहने का फैसला किया। मैं भी कोलकाता में जॉब करता हूं और सरिता भी कोलकाता में ही जॉब करती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ रहने लगे थे। हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी शादी के कुछ महीनों बाद ही मैंने और सरिता ने एक फ्लैट लेने के बारे में सोचा और हम लोगों ने जल्द ही कोलकाता में एक फ्लैट ले लिया। हम दोनों बड़े ही खुश थे कि हम लोगों ने वहां पर फ्लैट ले लिया था और अब हमारी जिंदगी और भी अच्छे से चलने लगी थी और हम दोनों के बीच की नजदीकियां भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश किया करते। काफी लंबे समय बाद हम लोग लखनऊ वापस लौटे थे। जब हम लोग लखनऊ वापस गए तो हम लोगों ने अपने परिवार के साथ में अच्छा समय बिताया और कुछ दिन के लिए सरिता भी अपने घर पर चली गई थी।
सरिता अपने घर पर गई तो सरिता कुछ दिनों के लिए अपने घर पर ही रही और फिर मैं कुछ दिन बाद सरिता को लेने के लिए उसके घर पर गया और वहां पर मैं एक दिन के लिए रुका। हम लोग अब जल्द ही कोलकाता वापस लौटने वाले थे और जब हम लोग कोलकाता वापस लौटे तो हम दोनों को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मैं भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी था और सरिता भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे को कम समय दे पा रहे थे। मैंने अपनी छुट्टी के दिन सरिता से कहा कि आज तुम भी ऑफिस से छुट्टी ले लो क्योंकि सरिता को उस दिन ऑफिस जाना था और वह सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी थी। मैंने सरिता से कहा कि आज तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो तो सरिता ने भी मेरी बात मान ली और उसने उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली। जब सरिता ने ऑफिस से छुट्टी ली तो मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी कि हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता पाएंगे। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंट किया और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा।
उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए गए और रात में हम लोगों ने अपने घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर हम लोगों ने डिनर किया फिर हम लोग घर लौट आए। अगले दिन हम दोनों को ही ऑफिस जाना था इसलिए हम दोनों जल्दी ही सो गए थे और अगले दिन हम दोनों अपने ऑफिस चले गए। उस दिन जब हम लोग घर लौटे तो मैंने और सरिता ने उस दिन सेक्स के बारे मे सोचा और हम दोनो उस रात डिनर करने के बाद जब साथ मे लेटे थे तो हम दोनो तडप रहे थे। मेरा हाथ सरिता के स्तनो पर था और मैं उसके स्तनो को चूसना चाहता था। जब मैंने सरिता के कपडो को खोलकर उसके स्तनो को चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आ रहा था और वह मेरा साथ देने लगी थी। जब मैं और सरिता एक दूसरे को गरम कर रहे थे तो मुझे मजा आ रहा था। सरिता मेरे लंड को चूसने के लिए तडप रही थी। मैंने सरिता के सामने लंड को किया तो सरिता मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड से पानी निकलने लगा। सरिता मेरे लंड को कठोर बना चुकी थी और मुझे लग चुका था वह अब रह नहीं पाएगी इसलिए मैंने सरिता की चूत को भी चाटना शुरु किया।
सरिता की चूत से उसका गिला पदार्थ निकल रहा था। मैंने सरिता की चूत को अच्छे से चाटा। मुझे सरिता की चूत को बहुत देर तक चाटा मेरी गर्मी बहुत बढ चुकी थी। मैं सरिता की चूत को बहुत देर तक चाटता रहा। मुझे अब सरिता को पूरी तरह गरम कर दिया था वह मेरे लंड को चूत मे लेने को तरस रही थी। मैंने सरिता की चूत के अंदर लंड डाला। मेरा लंड सरिता की चूत की दीवार तक जा चुका था और मैं सरिता को तेजी से चोदने लगा। सरिता भी अपने पैरो को चौडा करने लगी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं सरिता की चूत के मजे ले रहा था और मुझे बहुत अच्छा लगता जिस तरह से मैं सरिता की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करता जा रहा था। अब सरिता और मैं पूरे जोश मे आ चुके थे। सरिता मुझे बोली और तेजी से चोदते जाओ। मैं सरिता के पैरो को अपने कंधे पर रख चुका था और सरिता की चूत मारने मे मुझे मजा आ रहा था। मेरा लंड आसानी से सरिता की चूत के अंदर बाहर होता तो वह भी मेरा पूरा साथ देती।
सरिता की चूत के अंदर से निकलता हुआ पानी मेरे लंड को और भी गरम करता जा रहा था। अब सरिता मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडने की कोशिश कर रही थी। मैं सरिता की चूत पर तेजी से प्रहार कर रहा था और मेरी गर्मी सरिता की चूत के अंदर बाहर होती जिस से मेरी आग बढने लगी और सरिता की चूत से निकलता पानी बहुत अधिक हो चुका था। मैंने सरिता की चूत मे अपने माल को गिराया और उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला तो वह उसे चूसने लगी। वह मेरे लंड को जिस तरह से चूस रही थी उस से मुझे मजा आ रहा था और मैं खुश था। उसने मेरे लंड पर लगे माल को चाट लिया था और अब हम दोनो साथ मे लेटे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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