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Adultery बीवी की पार्टी
#61
Waiting.....
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#62
Mast story hai..
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#63
Aurat ki chut me ek baar dusra loda gaya ki uski chut ki raand bahar aa jaati he
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#64
राजेश के उंगली से चोदने से रेनू अपने आपको सम्हाल नहीं पा रही थी. रेनू की साँसे जैसे फुफकार मार रही थी. बेड पर वह अपने चूतडो को उछाल के फिर पटक रही थी. उसके दिल की धड़कन की रफ़्तार तेज हो गयी.
मैं जान गया के अब मेरी बीबी झड़ने वाली है. वह कामुकता के चरम पर पहुँच रही थी. उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने स्तनोँ को चूसने और मलने के लिए इशारा करने लगी.

राजेश ने जब यह देखा तो उसने एक हाथ से रेनू के दूध दबाने शुरू कर दिए. मैं भी उसकी दूसरी चुन्ची पर चिपक गया और उसे चूसने और जोर से दबाने लगा. उस समय न सिर्फ मेरी बीबी बल्कि हम तीनों कामुकता की ज्वाला में जल रहे थे. रेनू तब झड़ने वाली थी.

फिर एक कराह और एक आह्ह की सिसकारी छोड़ते हुए रेनू एकदम ढीली होकर बिस्तर पर ढेर हो गयी. अब उसकी साँसें भी धीमी हो गयी. करीब पांच मिनट तक राजेश की ऊँगली से चुदने पर उत्तेजना के चरम पर पहुँचने के बाद वह बुरी तरह से झड रही थी.
 
कुछ देर बाद उसने मेरे गले में अपनी बाहें डाली और मेरे होठों से होंठ मिलाकर बिना बोले उन्हें चूसने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे इस नए अनुभव के लिए वह मेरा शुक्रिया अदा कर रही थी.

मेरी शादी के इतने साल में यह पहला मौका था जब मेरी बीबी ने आगे बढ़कर मुझे चूमा था वरना ये पहल हमेश मुझे ही करनी पडती थी. उधर वह दूसरे हाथ से राजेश के लण्ड को आराम से सहलाये जा रही थी.

थोड़ी देर बाद रेनू ने अपना मुंह राजेश के लण्ड की ओर किया और धीरे से राजेश की और नजर उठाते हुए उसके लण्ड को चाटने लगी. रेनू ने धीरे धीरे राजेश को लण्ड को मुंह में डालने की कोशिश की और धीरे धीरे वह उसमें इतनी मग्न हो गयी की राजेश के लण्ड को वह बार बार चूमने लगी और जैसे वह उसे छोड़ना ही नहीं चाह रही थी.

राजेश उत्तेजना के शिखर पर पहुँच रहा था. उसी उत्तेजना में उसने रेनू का सर हाथ में लेकर अपना मोटा और लंबा लण्ड रेनू के मुंह में घुसेड़ दिया. रेनू ने अपना मुंह और खोला और राजेश के लण्ड से अपने मुंह को चुदवाने लगी. राजेश का बदन एकदम अकड़ गया था. इस हालत में राजेश अपने आप को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और थोड़ी देर में एक आह्हःके साथ उसके लण्ड में से वीर्य का फव्वारा छूटा और मेरी बीबी के मुंह को पूरा भर कर उसके नंगे बदन पर गिरा और फ़ैल गया.

तब मैं मेरी बीबी के चुन्चियो को मेरे दोनों हाथो से दबा रहा था. राजेश का गरमा गरम वीर्य मेरे हाथों को छुआ और मेरी बीबी के चुन्चियो पर जैसे कोई मलाई फैली हो ऐसे फ़ैल गया. वह मलाई धीरे धीरे और भी नीचे टपकने लगी. पता नहीं कितना माल राजेश ने मेरी बीबी के मुंह में भर डाला था.

राजेश के झड़ने पर मैंने देखा तो रेनू थोड़ी निराश सी लग रही थी. मैं समझ गया की शायद उसे इसलिए निराशा हो रही होगी की अब राजेश तो झड़ गया. अब वह उसे चोद नहीं पायेगा. मैं धीरे से रेनू के कान के पास गया और उसके कान में बोला, “डार्लिंग, निराश न हो. वह थोड़े ही अपनी बीबी को चोद रहा है, जो थक जाएगा या ऊब जाएगा? वह तो दुसरे की बीवी को चोदने जा रहा है. और दुसरे की बीवी के लिए उसका लण्ड हमेशा खड़ा रहेगा. उलटा एक बार झड़ जाने से उसका स्टैमिना अब और बढ़ जायेगा. राजेश अब तुम्हें आसानी से नहीं छोड़ेगा. वह अब उस दिन से भी ज्यादा जोर से चोदेगा.

मेरी इतने खुले से ऐसा कहने पर मेरी शर्मीली बीबी शर्म से लाल हो गयी पर अब रेनू को मुझसे कोई संकोच नहीं रहा. रेनू ने राजेश को अपनी बाँहों में लिया और उसके होठों पर चुबन की एक चुस्की लेकर अपने चुन्चियो को राजेश के मुंह में डाल दिया. वह उसे अपने मम्मो को चुसवाना चाहती थी. जैसे ही राजेश ने मेरी बीबी के मम्मो को चूसना शुरू किया तो रेनू के बदन में जोश भर गया और उसने अपने मुंह में मेरा लण्ड लिया.
 
वह मुझे यह महसूस नहीं होने देना चाहता थी, की वह मुझे भूलकर राजेश के पीछे लग गयी है. मैं भी रेनू का सर पकड़ कर उस के मुंह को चोदने लगा. मुझे आज उसके मुंह को चोदने में बहुत आनंद आ रहा था, क्योंकि आज मैं अपनी बीबी की मुंह चुदाई मेरे पडोसी के सामने कर रहा था.

थोड़ी ही देर में मैं भी अपने जोश पर काबू नहीं रख पाया और मैंने मेरी बीबी के मुंह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया. रेनू राजेश के वीर्य का स्वाद तो जानती ही थी. मेरी बीबी मेरा वीर्य भी पहले ही की तरह निगल गयी.
मेरे इतने सालों की शादी में यह पहली बार हुआ की मेरी बीबी मेरे वीर्य को निगल गयी हो.

उस दिन से पहले जब भी रेनू मेरा लण्ड मुंह में लेती तो पहले ही मुंह में वीर्य नहीं छोड़ने की शर्त रख देती थी.
मैं रेनू के इस काम से बहुत खुश हुआ और मैंने राजेश के कानों में बोलाराजेश भाई आज आप रेनू को सेक्स का ऐसा अनुभव कराएं जो उसने पहले कभी किया ना हो?”

राजेश ने मेरी और देखा और मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर सख्ती से पकड़ा और बोला, “चिंता न करो. आज इसे उस दिन से ज्यादा मजा दूंगा और उस दिन तो तुम्हारी बीवी नशे में थी. आज देखो पूरे होश में चुदने को तैयार बैठी है.

तब तक रेनू उठ खड़ी हुयी और मेरी गोद मैं बैठ गयी. उसने अपने दोनों पाँव मेरी कमर के दोनों और फैला कर मुझे अपने पाँव में जकड लिया.

मेरे होठ से होठ मिलाकर बोली, “डार्लिंग पूरी दुनिया में तुम शायद गिने चुने लोगों में से होगे जिसने अपनी बीबी को गैर मर्द से चुदवा डाला है पर अगर मुझे इसकी लत पड़ गयी तो तुम क्या करोगे?” ऐसा बोल उसने मुझे पुरे जोश से चूमना शुरू किया.

तब तक राजेश उसके पीछे सरक कर पहुँच गया और मेरे और रेनू के बीच में हाथ डालकर रेनू की चूँचियों को सहलाने और दबाने लगा. रेनू ने राजेश का हाथ पकड़ा और राजेश को अपनी और खिंचा. राजेश रेनू के कूल्हों से अपना लण्ड सटाकर बैठ गया. रेनू की गरम चूत को छूते ही मेरा लण्ड कड़क होने लगा.

वीर्य का फौवारा निकलने पर भी राजेश का लण्ड तो ढीला ही नहीं पड़ा था खैर उस दिन माहौल ही कुछ ऐसा था. मेरा लण्ड भी तो एक बार झड़ने के बाद फिर से कड़क हो गया था.

थोड़ी देर तक मेरी नंगी बीबी को चूमने के बाद मैंने उसे पलंग के किनारे लिटाया और उसे अपनी टांगें नीचे लटकाने को कहा. राजेश तो जैसे रेनू से चिपका हुआ ही था. जब रेनू पलंग के किनारे अपनी टाँगे नीचे लटका के पलंग के ऊपर लेट गयी तो राजेश उसकी छाती पर अपना मुंह रख कर लेट गया. मैं झट से पलंग के नीचे उतरा और अपनी बीबी की टांगो को फैला कर उसकी चूत चाटने लगा.

मेरी जीभ जैसे ही रेनू की चूत में घुसी तो रेनू छटपटाने लगी. मुझे पता था की रेनू की फुद्दी चाटने से या फिर उसको उंगली से चोदने से वह इतनी कामान्ध हो जाती है की बार बार चोदने के लिए गिड़गिड़ाती है. आज मैं उसे इतना उत्तेजित करना चाहता था की वह सारे बंधन तोड़ कर हम दोनों से एक साथ चुदवाए.

मेरी बीबी की छटपटाहट पर ध्यान ना देते हुए मैंने उसकी फुद्दी में एक उंगली डाल कर उसे बड़ी फुर्ती से अंदर बाहर करना शुरू किया. रेनू के छटपटाहट देखते ही बनती थी. वह अपना पूरा बदन हिलाकर अपनी गांड को बेड पर रगड़ रगड़ कर कराह रही थी. उसका उसके बदन पर कोई कण्ट्रोल नहीं था.

वह मुझे कहने लगी, “मनीष उफ्फ्फ डार्लिंग आह्ह्ह्ह ऐसा मत करो. अअब मुझे चोदो. तुम नहीं तो आआझ्ह्ह मुझे राजेश से चुदवाओ पर अह्ह्ह्हह यह मततत्तत आघ्ह्ह्ह करो. मैं पागल हो रहीईईइ हूँ. आआह्ह्ह्ह

मैं रेनू की बात पर ध्यान दिए बगैर, जोर शोर से उसको उंगली से चोद रहा था. तब रेनू ने राजेश का मुंह अपने मुंह पर रखा और उसे जोश चूमने लगी.

मैंने उसे राजेश को यह कहते हुए सुन लिया, “राजेश अपने दोस्त से कहा, मुझे चोदे. आओ तुम भी आ जाओ आज मैं तुम दोनों से चुदवाऊंगी. आज मैं फिर से तुमसे चुदवाऊंगी. पर मनीष मना करो. उसको वहां से हटाओ

जब मैं फिर भी ना रुका तो एकदम रेनू के मुंह से दबी हुयी चीख सी निकल पड़ी, “आह.. ह.. ह.. मनीष.. राजेश..ऐसे बोलते ही रेनू एकदम ढेर सी शिथिल हो कर झड़ गयी.

मैंने आज तक रेनू को इतना जबरदस्त ओर्गास्म करते नहीं देखा था. उसकी बुर में से एक फव्वारा सा छूटा और मेर हाथ और मुंह को उसके रस से भर दिया. रेनू का उस रात शायद चौथा ओर्गास्म था. मैं हैरान रह गया. मेरी बीबी आज तक इतने सालों में ऐसे कभी नहीं झड़ी होगी.
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#65
मैं रुक गया. मैंने देखा की रेनू थोड़ी सी थकी हुई लग रही थी. मैं उसे ज्यादा परेशान नहीं करना चाहता था. मुझे तो उसको हम दोनों से चुदवाने के लिये मजबूर करना था, सो काम तो हो गया. रेनू ने थोड़ी देर बाद अपनी आँखे खोली और मुझे और राजेश को उसके बदन के पास ऊपर से उसको घूरते हुए देखा.

उसने हम दोनों के हाथ अपने हाथों में लिए और अपनी पोजीशन बदल कर बिस्तर पर खिसक कर सिरहाने पर सर रख कर लेट गयी. उसने मुझे अपनी टांगों की और धक्का दिया. मैं फिर उसकी चूत के पास पहुँच गया. तब रेनू ने मुझे खींच कर मेरा मुंह उसके मुंह से मिलाकर मेर लण्ड को अपने हाथ में लिया और अपनी टांगो को फिर ऊपर करके मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी पर रगड़ने लगी. वह मुझसे चुदवाना चाहती थी.


पर मैंने राजेश को खींचा और खुद वहाँ से हट गया. अब राजेश रेनू की टांगो के बीच था. मेरी बीबी समझ गयी की मैं उसे पहले राजेश से चुदवाना चाहता हूँ. राजेश का मुंह मेरी बीबी के मुंह के पास आ गया. दोनों एक दूसरे की आँखों में झांकने लगे.

राजेश झुक कर मेरी बीबी को बड़े जोश से किस करने लगा. राजेश का लंड एकदम लोहे की रॉड जैसा हो गया था और जल रहा था. जिसको चोदने के वह सपने देखता था वो रेनू १० दिन दूसरी बार नंगी उसके नीचे लेटी थी और उससे दुबारा चुदने वाली थी.

रेनू समझ गयी की अब क़यामत की घडी आ गयी है. राजेश का लटकता लण्ड रेनू की फुद्दी पर टकरा रहा था. रेनू ने धीरे से राजेश का मोटा और लंबा लण्ड अपने हाथों में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी.

अचानक वह थोड़ी थम सी गयी और कुछ सोच में पड़ गयी. राजेश ने अपने होंठ रेनू के होंठ से हटाये और पूछा, “क्या बात है जानेमन? क्या सोच रही हो? क्या अब भी शर्मा रही हो?”

तब रेनू राजेश के कानों में फुसफुसाई, “अरे आपका इतना मोटा और लंबा है. मेरा छेद तो छोटा सा है. उस दिन तो मैं नशे में थी तो दर्द बर्दाश्त कर लिया था. ज़रा ध्यान रखियेगा." और फिर रेनू ने राजेश को अपनी बाहों में इतना सख्त जकड़ा और इतने जोश से उसे चुबन करने लगी और राजेश की जीभ को चूसने लगी की मैं तो देखता ही रह गया.

राजेश ने रेनू से कहा, “तुम ज़रा भी चिंता मत करो. मैं पूरा ध्यान रखूँगा.

उस दिन मैंने अपनी बीबी का ये पहलु पहली बार देखा. राजेश ने ध्यान से अपने मोटे और लम्बे लण्ड को रेनू के छेद पर रखा. फिर उसे उसकी फुद्दी के होठों पर प्यार से रगड़ने लगा. मेरी बीबी की चूत में से तो जैसे रस की धार बह रही थी. राजेश का लंड मेरी बीवी के रस से सराबोर हो गया.

राजेश ने धीरे से अपने लण्ड को मेरी बीवी की चूत में थोड़ा घुसाया. रेनू ने भी राजेश के लण्ड को थोड़ा अंदर घुसते हुए महसूस किया. उसे कोई भी दर्द महसूस नहीं हुआ. राजेश की आँखे हर वक्त रेनू के चेहरे पर टिकी हुयी थीं. कहीं रेनू के चहेरे पर थोड़ी सी भी दर्द की शिकन आए तो वह थम जाएगा, यही वह सोच रहा था.
 
राजेश ने राजेश ने थोड़ा और धक्का दे कर अपना लण्ड रेनू की फुद्दी में थोड़ा और घुसेड़ा. अब रेनू को राजेश के लण्ड की मोटाई महसूस होने लगी. फिर भी उसको ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था. राजेश ने जब अपना लण्ड थोड़ा और जोर से रेनू की फुद्दी में धकेला तो रेनू के मुंह से आह निकल पड़ी.

रेनू की आह सुनकर राजेश थोड़ी देर थम गया. उसने धीरे से अपना लण्ड थोड़ा निकाला. रेनू को थोड़ी सी राहत हुयी. तब उसकी बात सुन कर मैं तो भौचका ही रह गया.

रेनू: डालिए अंदर. दर्द तो हो रहा है पर यह दर्द भी मीठा है.

राजेश का मोटा लण्ड लगभग आधा अंदर जा चूका था. मेरी बीबी की फुद्दी के दोनों होठ पुरे फुले हुए थे और राजेश के लौड़े को बड़ी सख्ती से अपने में जकड़ा हुआ था.

राजेश के लण्ड और रेनू की फुद्दी के मिलन सतह पर चारों और उनके रस की मलाई फैली हुई थी, ऐसे लग रहा था जैसे एक पिस्टन सिलिंडर से अंदर बाहर होता है तब चारो और आयल फैला हुआ होता है.

मुझे राजेश के मोटे लौड़े को रेनू की छोटी सी फुद्दी में जकड़ा हुआ देख कर आश्चर्य और उत्तेजना दोनों हुए. मेरी प्यारी बीवी की चूत की चमड़ी खिंचकर एकदम पतली हो गयी थी और मुझे डर था की कहीं वह फट न जाय और खून न बहने लगे.

राजेश ने एक और धक्का दिया और मेरे देखते ही देखते उसका तीन चौथाई लण्ड अंदर चला गया. रेनू के माथे  से पसीने की बूंदें टपकने लगीं. पर रेनू के मुह से एक आह भी नही निकली.
 
उसे काफी दर्द हो रहा होगा यह मैं उसके चेहरे के भाव अभिव्यक्ति से अनुभव कर रहा था. वैसे भी, रेनू जब मुझसे भी चुदाई करवाती थी तब भी हमेशा उसे थोड़ी सी परेशानी जरूर महसूस होती थी. खास कर तब जब वह मूड मैं नहीं होती थी, उसकी फुद्दी सुखी होती थी और वह चुदाई करवाते परेशान हो जाती थी.

राजेश का लौड़ा तो मेरे से मोटा था. परेशानी तो उसे जरूर हुयी होगी. पर उसकी फुद्दी रस से सराबोर थी. उपर से राजेश का लौड़ा भी चिकनाई से लथपथ था. उसे दर्द तो हुआ पर शायद उतना नहीं जितना हो सकता था. पर मैंने देखा की राजेश के मोटे और लंबे लण्ड के धीरे धीरे अंदर बाहर होने से अब मेरी बीबी की कामुकता बढ़ रही थी और दर्द उसे मीठा लगने लगा था.

धीरे धीरे चुदाई करते हुए राजेश ने जब देखा की अब रेनू मज़े लेने लगी है तो एक थोड़े जोर का धक्का दे कर उस ने अपना पूरा लण्ड रेनू की चूत में पेल दिया
.
मेरी प्यारी बीवी के मुंह से एक जोरों की चीख निकल गयी. राजेश एकदम रुक गया और जैसे ही अपना लौड़ा निकाल ने लगा था की रेनू बोल पड़ी, “राजेश मत रुकिए. मुझे यह दर्द बहुत अच्छा लग रहा है. अब आप मुझे बगैर रुके चोदिये. मेरे दर्द की परवाह मत करिए. अब मैं बिना रुके चुदना चाहती हूँ.

मेरी शर्मीली बीबी का ये छिनाल रूप मैंने पहली बार देखा. मेरी बीबी राजेश से बिना रुके चुदना चाहती थी. यह मेरी वही बीबी थी जो किसी गैर मर्द के करीब आने से भी डरती थी.
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#66
Ab renu raand ban gayi he. Ab rajesh use dusro ke bistar garam krne bhejega.
राजेश को बोलो Is raand ko छत पर ले जाकर chofe
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#67
मस्त अपडेट।
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#68
शानदार ज़बरदस्त ज़िंदाबाद।
आपकी लेखन में जादू है जनाब।
लौड़े को रॉकेट बना देते हो।
ना पंच की पंचायत। ना सरपंच का दंड।
अपनी मुट्ठी। अपना लंड।
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#69
please visit xfun.live
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#70
जैसे जैसे राजेश ने अपनी चोदने की गति बढ़ायी वैसे ही रेनू का दर्द उसकी कामाग्नि में जल कर राख हो गया. मेरी बीबी की चुदाई की भूख बढ़ती ही जा रही थी. वह उँह.. उँह.. की आवाज करती हुयी चुदवाने का मजा ले रही थी. जैसे ही राजेश रेनू की चूत में जोर का धक्का देता था वैसे ही रेनू के मुंह से अनायास ही उँह की आवाज निकल जाती थी. अचानक रेनू ने राजेश को थमने का इशारा किया और मुझे एक तकिया अपने कूल्हे के नीचे रखने को कहा.


मैंने फ़टाफ़ट एक तकिया मेरी बीबी की गाँड़ के नीचे रखा. रेनू ने राजेश का मुंह अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसका लण्ड अपनी चूत में रखे हुए राजेश को पुरे जोश से अपनी बाँहों में लिया. उसने राजेश के होठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और एक जबरदस्त किस में राजेश और रेनू जकड गए.

राजेश की जीभ को रेनू ने अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी. उसने फिर राजेश को उसकी जीभ अपने मुंह में अंदर बाहर करने का इशारा किया. मुझे ऐसे लगा जैसे रेनू अपना मुंह भी राजेश की जीभ से चुदवाना चाहती थी. राजेश अपने लण्ड से रेनू की चूत के साथ साथ रेनू का मुंह अपनी जीभ से चोदने लगा.

रेनू अपने चूतड़ उठा उठा कर राजेश के लण्ड के एक एक धक्के को अपने अंदर पूरी तरह से घुसवा रही थी. उस दिन रेनू राजेश के लण्ड को अपने बदन की गहराईयों तक ले जाना चाहती थी जहां उसका पति भी नहीं पहुँच पाया था. अपनी वासना की धधकती आग में जलते हुए मेरी बीबी ने तब राजेश को साफ़ शब्दों में कहाराजेश आज पूरी रात आप मुझे एक रंडी की तरह चोदो. यह मत सोचो की मुझे तुमने पहले भी चोदा है बल्कि तुम यह सोचो की तुम मुझे कब से चोदना चाहते थे और आज अचानक मैं तुम्हारे हाथ लग गयी हूँ और तुम्हे दुबारा कभी शायद ही ऐसा मौका मिले तो तुम मुझे ऐसा चोदो की जैसा तुमने दिव्या को कभी नहीं चोदा.

बस फिर क्या था. राजेश रेनू को ऐसे जोर जोर से धक्के पेलने लगा की मुझे डर लग रहा था की कहीं वह मेरी बीबी की चूत को फाड़ न दे पर मेरी बीबी भी कोई कम थोड़ी ही थी. वह भी राजेश के नीचे अपने चूतड़ ऐसे उछाल रही थी जैसे उसपर कोई भूत सवार हो गया हो.

राजेश का मोटा लण्ड उसे गजब का मजा दे रहा था. उन दोनों की चुदाई की फच्च फच्च और फट्ट्ट फट्ट की आवाज बेडरूम में गूंज रही थी. साथ ही साथ मेरी बीबी जोर जोर से हर एक गहरे धक्के के साथ ऊँह ऊँह करती हुयी मेरे पडोसी के हर धक्के का बराबर जवाब दे रही थी. रेनू राजेश को नीचे से धक्का दे रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे दोनों के बीच चोदने की होड़ लगी थी.

आज की मेरी बीबी की उत्तेजना जैसी थी वैसी मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. मैं अपनी बीबी की मेरे पडोसी से चुदाई देखने में इतना मशगूल हो गया था की जब रेनू ने मेरा हाथ पकड़ा और दबाया तब मैं अपने ख्यालों से बाहर आया और मैंने रेनू को चरम पर देखा. वह उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुकी थी और झड़ने ही वाली थी.

उसने एक लम्बी कामुक आवाज में आहह ह ह ह भरी और झड़ गयी. मैं उसकी चूत से निकलते रस को राजेश के लण्ड और मेरी बीबी की चूत के बीच से बहते देख रहा था. रेनू को झड़ते देख राजेश कुछ देर तक रुक गया. उसका लण्ड तब भी पुरे तनाव में था. बल्कि रेनू को झड़ते देख राजेश की उत्तेजना और बढ़ गई पर फिर भी उसने धीरे से अपना लण्ड मेरी बीबी की चूत से निकाला.

रेनू ने राजेश से पूछा डार्लिंग आप रुक क्योँ गए? मैं अभी बिलकुल नहीं थकी हूँ. मेरी तड़प कम नहीं हुयी उलटी बढ़ गयी है. प्लीज अब आप रुकना नहीं

लेकिन राजेश ने मेरी और देखा और मुझे रेनू पर चढ़ने के लिए कहा. मेरा पडोसी मुझे मेरी ही बीवी को चोदने का आमंत्रण दे रहा था. इस हालात में शायद ही कोई चुदक्कड़ रेनू के उपर से उतरेगा लेकिन राजेश तब खुद झड़ना नहीं चाहता था.

रेनू मुझसे बोलीअब राजेश के सामने तुम मुझे चोदो. अब राजेश को भी हमारी चुदाई देखने का मजा लेने दो.

मैं तो इंतेजार ही कर रहा था की कब मेरा नंबर लगे. मैं राजेश को मेरी बीबी की चुदाई करते देख अपने लोहे की छड़ के सरीखे तने हुए लण्ड को सहला कर अपनी कामुकता को शांत करने की कोशिश कर रहा था. जैसे ही राजेश रेनू के ऊपर से हटा मैंने मेरी बीबी की खूबसूरत टाँगों के बीच में अपनी पोजीशन ले ली. रेनू ने अपनी दोनों टांगें मेरे सर के दोनों और मेरे कन्धों पर रख दी.

अपने लण्ड को अपने ही हाथ से सहलाते हुए मैंने प्यार से मेरी बीबी की चूत के छेद के साथ रगड़ा. रेनू ने उसकी चूत के पुराने साथी को अपने हाथों में लिया और धीरे से अपने हाथ से मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी में घुसेड़ा. मेरे एक धक्का देते ही मेरा लण्ड मेरी बीबी की चूत में घुस गया. राजेश के मोटे और लंबे लण्ड से इतनी देर चुदने के बाद मेरे लण्ड को अंदर घुसाने में रेनू को कोई परेशानी नहीं हुई.

मेरी बीबी को राजेश से चुदते हुए करीब से देखने की मेरी महीनों पुरानी इच्छा आज पूरी हुयी थी इस वजह से मैं कामुकता की उस स्टेज पर पहुँच गया था की अब अपनी बीबी को चोदने में अनोखा नशा हो रहा था. मेरी बीबी को राजेश से चुदवाने के बाद जब मैं उसपर चढ़ा तो वह तो मुझ पर इतनी मेहरबान हो गयी की मैं हैरान रह गया. उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसे अपने सर के साथ लगाया. मेरे होठ अपने होठ पर चिपका कर वह मुझे जोरों से किस करने लगी. जैसे उसने राजेश से अपना मुंह चुदवाया था, वैसे ही वह मुझसे भी अपना मुंह चुदवाना चाहती थी.

उसने मुझे थोड़े जोर से जिसे राजेश भी सुन सके कहामैं दुनिया की सबसे भाग्यशाली बीबी हूँ कि मुझे आप जैसा पति मिला. मैं आज आप दोनों से खूब चुदना चाहती हूँ कि मैं ये रात कभी भूल पाऊँ. यह रात हमारी जिंदगी की सबसे यादगार रात बने.

बस फिर क्या था. मैं पूरे जोश में रेनू को चोदने लगा. रेनू भी उछल उछल कर मेरा पूरा साथ दे रही थी. राजेश का मुंह मेरी बीबी की चूँचियों पर जैसे चिपका हुआ था. वह रेनू के मम्मों को मुंह से निकाल ही नहीं रहा था. उसकी जीभ रेनू की निप्पलों को चूस रही थी. कभी कभी वह उन निप्पलों को अपने होठों के बीच जोरसे दबा कर चूसता हुआ खींचता था. रेनू के हाथमें राजेश का तना हुआ लण्ड था, जिसे वह बड़े प्यार से सहला और हिला रही थी.


कभी कभी वह राजेश के लंड को नजाकत और प्यार से सहला रही थी और दुलार कर रही थी तो कभी वह उसको थोड़ी सख्ती से दबा देती थी. राजेश आंखे बंद करके इसका मजा ले रहा था और बीच बीच में आँखे खोल कर मुझे रेनू को चोदते हुए देख लेता था.

मैं उस रात दुबारा झड़ने की तैयारी में था. मैं शिखर पर पहुंचा हुआ था. अपनी उत्तेजना के कारण मैंने हलके हलके गुर्राना शुरू किया. मेरी बीबी को यह इशारा थी की मैं तब मेरा फव्वारा छोड़ने वाला था. पर रेनू थी की धीरे पड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. तब ऐसे लग रहा था जैसे मैं उसे नहीं वह मुझे चोद रही थी.
 
उसकी गति तो पहले से और तेज हो गयी. उसने अपनी चूत के बीच मेरा लण्ड सख्ती से जकड़ा था और वह अपनी पीठ को उछाल उछाल कर नीचे से ही मुझे चोद रही थी. मैंने बड़े जोर से हुंकार करते हुए एकदम अपना फव्वारा छोड़ा और मेरी बीवी की फुद्दी को मेरे वीर्य से भर दिया.

तब मेरे लण्ड पर मेरी बीवी की पकड़ कुछ ढीली पड़ी. मेरा माल पूरा निकल जाने पर मेरा लण्ड भी ढीला पड़ गया जिसे मैंने धीरे से फुद्दी में से निकालना चाहा. तब मैंने देखा की मेरी बीबी पर तो जैसे भूत सवार था. वह मेरा लण्ड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी. मैंने जैसे तैसे मेरा लण्ड निकाला और मैं रेनू पर पूरा लेट गया.

मैंने अपने होंठ रेनू के होंठ से मिलाये और मैं अपनी बीबी के होठों को चूमने लगा. तब मेरी बीबी ने मुझे कान में धीरे से कहा, “मैं अब भी बहुत चुदाई करवाना चाहती हूँ. मुझे चोदो.“ तब मैंने राजेश को इशारा किया और रेनू ने राजेश को अपनी तरफ खींचा. राजेश ने रेनू के चुन्चियो से अपना मुंह हटाया तब मैंने देखा की मेरी बीबी के गोरे गोरे मम्मे लाल हो चुके थे. राजेश के दाँतों के निशान भी कहीं कहीं दिखते थे.

रेनू की निप्पलें कड़क तनी हुयी थी. जैसे ही मैंने रेनू के इर्दगिर्द से मेरी टाँगें हटायीं और उसके दोनों पॉंव मेरे कंधे से उतारे तो मेरी बीबी ने मेरे पडोसी को अपने ऊपर चढ़ने का आह्वान दिया. राजेश का लण्ड तो जैसे इस का बेसब्री से इन्तेजार कर रहा था की कब मैं उतरूँ और कब वह अपनी पोजीशन दोबारा सम्हाले.
 
राजेश का घोडे के लण्ड के सामान लंबा और मोटा लण्ड तब मेरी बीबी की फुद्दी पर रगड़ने लगा. तब भी वह अपने पूर्व रस झरने से गिला और स्निग्ध था. मेरी बीबी की फुद्दी भी मेरी मलाई से भरी हुई थी. शायद राजेश के मन में यह बात आयी होगी की उसे अब वह आनंद नहीं मिलेगा जो पहली बार रेनू को चोदने में मिला था, क्योंकि रेनू की फुद्दी मेरी मलाई से भरी हुयी थी.

पर उसकी यह शंका उसके रेनू की फुद्दी में अपने लण्ड का एक धक्का देने से ही दूर हो गयी होगी, क्योंकि जैसे ही राजेश ने अपना लण्ड मेरी बीबी की फुद्दी में धकेला की मेरा सारा वीर्य रेनू की फुद्दी से बाहर निकल पड़ा. रेनू के मुंह से तब एक हलकी सी सिसकारी निकल पड़ी. वह आनंद की सिसकारी थी या दर्द की यह कहना मुश्किल था.

धीरे धीरे राजेश ने मेरी बीबी को बड़े प्यार से दोबारा चोदना शुरू किया. रेनू को तो जैसे कोई चैन ही नहीं था. राजेश के शुरू होते ही रेनू ने अपने फुद्दीड़ों को उछालना शुरू किया. वह राजेश की चुदाई का पूरा आनंद लेना चाहती थी. राजेश की चोदने रफ़्तार जैसे बढती गयी वैसे ही रेनू की अपने कूल्हों को उछाल ने की रफ़्तार भी बढ़ गयी.

राजेश के हाथ तब भी मेरी बीबी के मम्मों को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे थे. रेनू ने राजेश का सर अपने हाथों में लिया और चुदाई करवाते हुए रेनू ने राजेश को अपने चुन्चियो को चूसने को इशारा किया. मुझे ऐसा लगा की राजेश का रेनू के मम्मों को चूसना रेनू को ज्यादा ही उत्तेजित कर रहा था.

उनकी चुदाई देख कर मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था. ऐसा लग रहा था की दोनों में से कोई भी दूसरे को छोड़ने को राजी नहीं था. मुझे इन दोनों की चुदाई से इतनी उत्तेजना हो रही थी की मुझसे रहा नहीं गया और मैंने रेनू की फुद्दी पर हाथ रखा और मेरे अंगूठे और अंगूठे के पास वाली उंगली से राजेश के पिस्टन जैसे लण्ड को दबाया.
राजेश अपने लण्ड को रेनू की फुद्दी के अंदर घुसेड़ रहा था और निकाल रहा था. उसकी फुर्ती काफी तेज थी. जब मैंने अंगूठे और तर्जनी से उसके लण्ड को मुठ में दबाने की कोशिश की तो शायद राजेश को दो दो चूतो को चोदने जैसा अनुभव हुआ होगा.

रेनू ने भी मेरा हाथ पकड़ा और वह बड़ी खुश नजर आ रही थी. अचानक राजेश थम गया. रेनू राजेश को देखने लगी की क्या बात है. राजेश ने रेनू की फुद्दी में से अपना लण्ड निकाल दिया और मेरी बीबी की कमर को पकड़ कर उसे पलंग से नीचे उतरने का इशारा किया. रेनू पहले तो समझ न पायी की क्या बात है. पर जब राजेश ने उसे पलंग से सहारा लेकर झुक कर खड़ा होने को कहा वह समझ गयी की राजेश उसे डोगी स्टाइल में (जैसे कुत्ता कुतीया को चोदता है) उसे चोदना चाहता है.

रेनू उस ख़याल से थोड़ा डर गयी होगी की कहीं राजेश उसकी गांड में अपना लण्ड घुसेड़ न दे, क्योंकि उसने मेरी और भयभरी आँखों से देखा. उसके डर का कारण मैं समझ गया था. मैंने उसे शांत रहने को और धीरज रखने का इशारा किया. शायद मेरा इशारा समझ कर वह चुपचाप पलंग पर अपने हाथ टीका कर आगे की और झुक कर फर्श पर खड़ी हो गयी. राजेश मेरी बीबी की खूबसूरत गांड को अपने हाथों में मसलने लगा. आगे की और झुकी हुई और अपनी गांड और फुद्दी राजेश को समर्पण करती हुई मेरी बीबी कमाल लग रही थी.

ऐसे लग रहा था की कोई कुतिया अपने प्यारे कुत्ते से चुदवाने के लिए उतावली हो रही थी. रेनू पूरी गर्मी में थी. उस पर राजेश से चुदवाने का जनून सवार था. उस समय यदि राजेश मेरी बीबी की गांड में अपना लण्ड पेल भी देता तो वह दर्द से कराहती और शोर भी जरूर मचाती पर शायद राजेश को छोड़ती नहीं और उस से अपनी गांड भी मरवा लेती.

राजेश रेनू के पीछे आ गया और उसने थोड़ा झूक कर अपना लण्ड रेनू की गांड पर और फिर उसकी फुद्दी पर रगड़ा. फिर राजेश ने और झूक कर रेनू के मम्मों को दोनों हाथों में पकड़ा और उन्हें दबाने, मसलने और खींचने लगा. उसने अपने दोनों अंगूठे रेनू के चुन्चियो पर दबा रखे थे. फिर उसने अपना लण्ड बड़े प्यार से मेरी बीबी की गरमा गरम चूत में धीरे से डाल दिया.

राजेश का चिकना लण्ड मेरी बीबी की फुद्दी में घुस तो गया, पर जैसे ही राजेश ने एक धक्का देकर उसे थोड़ा और अंदर धकेला तो रेनू दर्द से चीख उठी. उसने राजेश को पीछे हटाने की कोशिश की. राजेश ने अपना अंदर घुसा हुआ लण्ड थोडा सा वापस खिंच लिया. मेरी सुन्दर बीबी ने एक चैन की साँस ली.

पर राजेश ने फिर एक धक्का मारा और अपना लण्ड फिर अंदर घुसेड़ा. रेनू के मुंह से फिर चीख निकल गयी. फिर राजेश ने थोड़ा वापस लिया और फिर एक धक्का मार कर और अंदर घुसेड़ा.
 
तब मैंने देखा की मेरी बीबी अपनी आँखे जोर से बंद करके, अपने होठ भींच कर चुप रही. उसने कोई चीख नहीं निकाली, हालांकि उसे दर्द महसूस हो रहा होगा. रेनू के माथे पर पसीने की बूंदें झलक रही थी. आज तक मेरा लण्ड कभी भी मेरी बीबी की फुद्दी की उस गहरायी तक नहीं पहुँच पाया था, जहाँ तक राजेश का लण्ड उस रात पहुँच गया था.

राजेश और मेरी सुन्दरछिनाल बीबी अब एक दूसरे से आनंद पानेकी कोशिश कर रहे थे. धीरे धीरे रेनू का दर्द कम होने लगा होगा. क्योंकि अब वह दर्द भरे भाव उसके चेहरे पर नजर नहीं आ रहे थे. उसकी जगह वह अब राजेश के धक्कों के मजे ले रही थी.

राजेश ने धीरे से अपनी चोदने की रफ़्तार बढ़ाई. साथ ही साथ वह मेरी बीबी के मम्मों को भी अपनी हथेली और अंगूठों में भींच रहा था. रेनू उसके इस दोहरे हमले से पागल सी हो रही थी. तब मेरी बीबी को शायद थोड़ा दर्द, थोड़ा मजा महसूस हो रहा होगा. राजेश की बढ़ी हुयी रफ़्तार को मेरी बीबी एन्जॉय करने लगी थी.

रेनू ने सिस्कारिया भरना शुरू किया तो राजेश को और भी जोश चढ़ा. अब वह मेरी बीबी की चूत में इतनी फुर्ती से अपना मोटा और लंबा लण्ड पेल रहा था की रेनू अपना आपा खो रही थी. उधर जैसे ही अपना लण्ड एक के बाद एक तगड़े धक्के देकर राजेश मेरी बीबी की फुद्दी में पेलता था, तब अनायास ही के उसके मुंह से भी ओह.. हूँ.. की आवाजें निकलती जा रही थी.

रेनू की सीत्कार तेज होने लगी. अब वह दर्द के मारे नहीं पर उत्तेजना और कामाग्नि के मारे हर एक धक्के पर कराह रही थी. जैसे जैसे वह अपने चरम शिखर पर पहुँच रही थी वैसे वैसे रेनू ने जोर से कराहना शुरू किया और फिर राजेश को और जोर से चोदने के लिए कहने लगी.

राजेश मुझे और चोदिये और जोर से. आःह्ह्ह रुकियेगा मत. मैं अब झड़ने वाली हूँ. हायययी चोदिये मुझे. हाय.. आह.. बापरेऑफ़..ऐसे कराहते हुए मेरी बीबी उस रात पता नहीं शायद चौथी या पांचवी बार झड़ी.
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#71
रेनू के झड़ने से राजेश जैसे ही थम रहा था वैसे ही मेरी बीबी ने उसे लताड़ दिया. अरे आप रुक क्यों गए? मैं अभी भी खड़ी हूँ. खैर चलिए अब मैं आपको चोदती हूँ.ऐसा कह कर मेरी बीबी ने राजेश का हाथ पकड़ कर उसे पलंग पर लिटा दिया.


खुद वह राजेश के ऊपर चढ़ गयी और उसकी दोनों टाँगों को फैला कर अपनी दोनों टांगों को राजेश की फैली हुयी टांगो के बीच रख कर अपनी टांगों को टेढा कर अपने घुटनों पर बैठ गयी. धीरे से रेनू ने राजेश का तना और मोटा लण्ड अपनी चूत के अंदर डाला और उसे अंदर घुसेड़ा.

धीरे धीरे जैसे रेनू अपने चुतड ऊपर नीचे करने लगी वैसे ही राजेश भी नीचे से धक्के लगाकर रेनू की चूत में अपने लण्ड को घुसेड़ रहा था पर रेनू को कोई दर्द नहीं बल्कि उसके चेहरे पर एक आनंद की लहर दौड़ रही थी. वह उस रात सेक्स की देवी बनी हुई थी.

किसी भी पोजीशन में राजेश रेनू की चुन्चियो को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था. उसने मेरी बीबी के चुन्चियो पर जैसे अपना अधिकार जमा रखा था. मेरी शर्मीली बीबी पर भी जैसे चुदने का बुखार चढ़ गया  था. वह उछल उछल कर राजेश को चोद रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वह पूरी रात राजेश को नहीं छोड़ेगी.

जैसे रेनू उछलती तो उसके मम्मे भी उछलते थे और साथ में राजेश के हाथ भी जिनसे राजेश ने उन मम्मों को दबा रखा था. सारा दृश्य देखने लायक था. मैंने पहली बार मेरी बीबी को इतने जोश में चोदते देखा था.

 
जब रेनू मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदती थी तब उसे भी और मुझे भी चुदाई में अनोखा आनंद मिलता था. रेनू भी बहुत उत्तेजित हो जाती थी, और मैं भी. हम दोनों जल्दी ही झड़ जाते थे. पर रेनू इन दिनों थक जाने का बहाना करके मेरे ऊपर चढ़ कर चोदने से बचना चाहती थी. पर उस रात की बात कुछ और ही थी उस रात मेरी बीबी के चेहरे पर थकान का नामो निशान नहीं था.

वह जैसे ही एक धक्का मार कर राजेश के लण्ड को अपनी फुद्दी की गहराईयों में घुसेड़ती तो उसके साथ एक कामुकता भरी आवाज में ऊम्फ….” की आवाज निकालती. मेरी प्यारी और सेक्सी बीबी रेनू बहुत जल्द झड़ने वाली थी. उसके चेहरे का उन्माद बढ़ने लगा था. वह राजेश को सेक्स का पूरा आनंद देना चाहती थी और राजेश से पूरा आनंद लेना चाहती थी. रेनू ने राजेश के निप्पलों को अपनी उँगलियों में जोर से भींचा और कामुकता भरी दबी आवाज में बोल पड़ी, “हाय…… राजेश…. मनीष…. ऑफ़….. ओहमैं अब अपना रस छोड़ने वाली हूँ.”  ऐसे कहते हुए रेनू ने अपनी रफ़्तार बढ़ाई.

मैंने महसूस किया की राजेश भी तब अपनी कामुकता की चोटी पर पहुँच रहा था. वह मेरी बीबी के मम्मों को कस कर अपनी हथेलियों में भींचते हुए बोल पड़ा, “रेनू मैं भी झड़ने वाला हूँ. अंदर ही निकाल रहा हूँ

रेनू ने कहा, “हां आज मैं सेफ हूँ. तुम आराम से मेरी फुद्दी भर दो.

"न भी होती तब भी भर देता" राजेश बोला और वो दोनों एक दूसरे से चिपक गए. दोनों ने एक दूसरे को अपने  आगोश में इतना कस कर भींच लिया जैसे वह एक ही हो जाना चाहते हों. उनके मुंह एक दूसरे ऐसे चिपके थे की उन दोनों के मुंह में क्या हो रहा था वह सोचा ही जा सकता था.

राजेश शायद उस समय मेरी बीबी को न मात्र अपने लण्ड से बल्कि अपनी जीभ से भी चोद रहा था. जैसे ही दोनों ने एक साथ अपना रस छोड़ा तो दोनों की कामुक कराह से सारा कमरा गूंज उठा. मैंने इस से पहले ऐसा दृश्य ब्लू फिल्मों में भी नहीं देखा था.

राजेश का लण्ड जो मेरी बीबी की फुद्दी में था और अपना घना और गाड़ा वीर्य रेनू की फुद्दी में उँडेल रहा था. रेनू ने मुझे भी राजेश के साथ साथ अपनी बाँहों में जकड लिया. अब रेनू शर्म का पर्दा पूरी तरह से फाड् चुकी थी.

उस रात मैंने और राजेश ने मिलकर मेरी बीबी को खूब चोदा और जब तक दम रहा चोदते रहे. रेनू भी हमसे जोश से चुदवाती रही. सुबह जाने से पहले राजेश ने रेनू से बोला "मेरी ऑफिस मैनेजर नौकरी छोड़ कर चली गयी है. जब तक मुझे कोई दूसरा नहीं मिलता क्या तुम मेरे काम में हेल्प करोगी. मनीष ने मुझे बताया था की तुमने बिज़नस मैनेजमेंट की पढाई की है".

रेनू ने मेरी तरफ देखा तो मैंने कहा "पडोसी ही अगर पडोसी के काम न आये तो क्या फायदा?"

राजेश बोला "ठीक है. कल तुम १२ बजे तैयार रहना मैं तुम्हे लेने आऊंगा" और ये कहकर वो चला गया. रातभर की चुदाई से थकी हुई रेनू बिना कुछ बोले सो गयी.


उसके बाद हम तीनों जिस्म से अलग जरूर थे, पर हम सेक्स से एक ही बंधन में बंधे थे.
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#72
गजब कहानी थी। मजा आ गया।
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#73
Bahut badhiya ab chut rajesh ke liye dhandha karegi
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#74
Bhosdi ko office me bina penty ke bhejna
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#75
UPDATE PLEASE
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#76
update please
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#77
Update
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#78
mast..........
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#79
Dm me javab to do. Arora ne kitni baar bivi ko chod diya ye to batao
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#80
PLEASE UPDATE
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