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Thriller कामुक अर्धांगनी
#41
Vasim ki maa aur bhabhi kisase chud rahi he. Vasim.ki ammi konse kothe par chut bech rahi he.vasim ke kitne baap he
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#42
मधु की तपन चर्म पर थी और वसंत आग में घी की तरह बस मधु के जिस्म को सुलगाए जा रहा था , वो इतना खुल चुका था कि वो बेपरवाह हो के दोनों हाथों को मधु के झागों के ऊपर सहलाते बोला भाभी जी लगता है भाईसाहब झड़ने वाले हैं , मधु चौक गई और उठ कर बैठ गई और हस्ते हुए बोली तोह मेरे देवर जी समझ ही गए माजरा ,वसंत बोला जब आप बुलाई और भाईसाहब घर पर ही थे तभी समझ गया कि भाभी ने क्यों बुलाया है और बस इतना सुनते ही मेरा काम निपट गया और दोनों हँसने लगे ।

वसंत बड़े आदर से बोला भाभी जी जब राज खुल ही गया है तोह मुझे बस इतना दिखा दो की वो कितने गीले हुए हम दोनों को देख कर ,मधु हँसते बोली धत और उठ कर मेरे पास आ कर बोली, कहीं थी न गढ़ा निकलेगा और वो हाथ डाल कर मेरे मुरझाए मुंगफली को मुठ सहित रगड़ती बोली वाह एकदम चिप चिप कर रहा है और मुझे बोली दिखा दीजेए देवर जी को अब तोह क्या पर्दा , मैं उठ खड़ा हुआ मधु ने पैंट खिंच दी और मूंगफली से लड़ को सहलाते बोली देख लिया ।

वसंत हँसते हुए बोला बस इतना सा है इनका , उफ्फ भाभी फिर तोह महीनों लग जायेगा आपको अच्छी तरह शांत करने मे , मधु बोली लगा लो जितना समय लगे बस रोज़ाना मिल जाना चाहिए मुझे ऐसा न हो कि तरसती रहू ।

वसंत बोला क्या भाभी रोज तीन टाइम तो फिक्स रहेगा सुबह उठ कर दोपहर खाने से पहले और रात खाने के बाद ,मधु होटो को दबाती बोली दोपहर तोह दुकान मे ही दे देना जब खाना पहुँचाने जाऊँगी तभी ,वसंत बोला ठीक ह भाभी वैसे भी दुकान की वो बेंच जब से ख़िरीदा हु उसे इश्तमाल भी नहीं किया हु वहीं लेटा कर दे दूँगा या लेट कर ले लूँगा ।

मधु मेरे लड़ को रगड़ रगड़ कर लाल कर दी और मेरा मुठ सुख कर गायब हो गया और वो बोली अब बोलिये क्या चाहते हैं वसंत के साथ अकेली जाऊ बैडरूम के बिस्तर पर या आप भी चलेंगे , अब तोह मैं बिना चुदे रहने वाली नही और न ही वसंत बिना चोदे जाने वाला है इशलिये बोलिये ओर देख पाएँगे आप या संतुष्ट हो गए इतना देख कर , क्या आपको लगता है आप वसंत का चूस पाएंगे मेरे सामने ,इसका गढ़ा तेज़ धार वाला वीर्य चाट पाएंगे अपनी बीवी की चुदासी चूत से ।

मधु ने मुझे अशमंजस मे फ़सा दिया और वसंत के सामने नामर्द साबित कर दिया अब मे क्या कहता क्या करता समझ के परे हो गया लेकिन मधु ने लड़ को नही छोड़ा और मसलती रही जिससे मेरी आँखें शर्म से झुक गयी और आत्म गिलानी होने लगी ।

अब सब साफ था कि मधु वसंत से जब चाहें जहाँ चाहें चुदवाती रहेंगी और मुझे ये सहन करना पड़ेगा आखिर ग़लती मेरी है और मुझे ही भुगतना होगा।
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#43
bahut khoob...ab jab itna bol hi diye to ab isse poora beizzat karo
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#44
वसंत ने मधु को खींच के बाहों मे भरते हुए बोला अगर भाईसाहब देखना चाहें तोह क्या दिक़्क़त है देखने दो न वैसे भी अब रोज ही चुदाई होंगी , मधु बोली मुझे क्या देखें या नहीं तुम तोह बस चलो बिस्तर पर वैसे भी शाम से तड़प रहीं हूँ तेरे लड़ के लिए ।

वसंत ने मधु को गोद मे उठा कर बोला इतना तड़पी हो भाभी जी तोह सुबह तक चोद कर हिसाब बराबर कर देता हूं और दोनों बेडरूम मे दाखिल हुए और मैं भी पीछे पीछे जा पहुँचा ।

दरवाज़े के सहारे थोड़ी दूर से मैंने देखना सही समझा और वसंत ने कमर पर हाथ रखते ही झटके से साड़ी खिंच दी और मधु हँसते हुए उसके बेल्ट को खोलने लगी ,मधु बस पेटिकोट और बिना ब्रा के ब्लाउज मैं खड़ी वसंत के पैंट का बटन खोली और खिंच कर नीचे करती अपने हाथ को अंडरवेयर मे डाल कर बोली उफ्फ्फ इतना मोटा और वसंत बोला चुसेगी तब समझ आएगा देवर के लड़ का असली साइज, मधु बोली अच्छा देवर जी और वो उसके शर्ट को खोल कर छाती के बालों को सहलाते बोली देवर जी बड़े घने बाल है और दोनों चुम्बकन करने लगे ।

वसंत ने पीठ सहलाते ऊपर नीचे दोनो ब्लाउज की डोरी खोल दी ओर मधु उसके स्पर्श को महसूस करती उसके जीभ को चुस्ती होटो के मिलन का आनन्द लेती रही ।


एक दूसरे की होंठ और जीभ को चूस कर वसंत बोला भाभी 69 जानती हो , मधु बोली वहीं सब देख कर ही इतने साल ख़ुद को ठंडा की हूँ और मेरी तरफ़ इशारा करते बोली नही तोह ये तोह बस आग लगा के खुद झड़ के शान्त हो जाते थे ।

वसंत ने पेटीकोट की डोरी खिंचते बोला चलो आज अपको वो चर्मसुख दूँगा की भाईसाहब का फिर झड़ेगा ओर सरकता मधु का पेटीकोट फर्श पर गिरा और उससे कम समय मे वसंत ने लटकते ब्लाउज को जमीन पर फेंक दिया ।

मधु बिल्कुल नंगी उसके सामने थी, वसंत घूरते हुए बोला भाभी तेरी गांड मस्त है झुक के दिखाओ न ,मधु बेड पकड़ के गांड उठा के दिखाने लगी और वो सहलाता गांड की दरार मे उँगलियी फेरता बोला साड़ी मे पता नहीं चलता इतनी कातिल गांड है और चटाक थपड़ मार के बोला क्या मस्त जवानी मिली है, मधु उफ्फ करती बोली इतनी जोर से नहीं दर्द होता हैं वसंत हँसते हुए बोला लाल कर दूँगा तेरी ये गोरी गांड बस घोड़ी तोह बना लू पहले ,मधु शर्मा के हँसते हुए बोली बहुत बदमास हो वो बोला इश्लिये तोह आज यहाँ नंगी भाभी नाप रहा हु सरीफ होता तोह बस मुठ मारता तेरे नामर्द पति की तरह ,मधु ज़ोर से हँसते बोली लगता है तुझे मैं बस एक रांड लगती हुँ, वसंत बोला तुम ऐसी वैसी रांड नही भाभी बस मेरी रंडी हो वसंत की रखैल हो तुम और ये तेरा पति दलाल है इश्लिये मुझे बुलाया है तेरी जवानी की आग बुझाने और तेरी चुत गांड मुँह चोदने ।


वसंत एकदम गंदी लहजे मे बातें करने लगा और मधु बोली रखैल हूं न तेरी तोह चल चोद फिर वो बोला चोदूगा जल्दी क्या है पहले तुझे लाल तोह कर दूँ और वो मधु के झुकें गांड पर थपड़ बरसाता पूछा बता तू कौन हैं ?
मधु अहह करती बोली वसंत की रांड हु मैं ।

वसंत और तेज़ थपड़ मरता बोला तेरा दलाल कौन हैं ?

मधु बोली मेरा भड़वा पति ।

वसंत बोला चल गांड खोल के छेद दिखा ।

मधु दोनो हाथों से गांड खोल कर बोली देखो ।

वसंत थूक कर गांड की छेद पर उँगली फेरता बोला गांड मरवायेगी कुतिया भाभी ।

मधु बोली हा गांड फाड़ दे मेरी ।

वसंत बोला मस्त जबाब देती हैं तो और उंगली को गांड के छेद मे दबाने लाग 

मधु ज़ोर से चित्कारिया मरती बोली धीरे डालो 

वसंत बोला चुप साली झाट सी उंगली से दर्द हो रहा है तुझे लड़ डालूंगा तोह क्या मोहल्ले को चिल्का कर बता देगी 

मधु उफ्फ्फ करती बोली देवर जी चोदो न
वसंत बोला लगता है रांड गीली हो गई और वो चुत सहलाते बोला बड़ी जल्दी मैं हो और मुझे इसारा करते बोला भाईसाहब आईये चाटिए रण्डी की चुत मुझे सुखी चुत मैं डालना पसन्द है तभी कुतिया सही चीखेगी और सुन के चुत फाड़ने मे मज़ा अलग आता है ।
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#45
मधु मुँह सिकुरते बोली तुम चाटो वो तोह जब से विहाही हूँ चाट ही रहे है ,वसंत हँसते हुए बोला उफ्फ्फ भाभी ठीक है मैं ही चाट कर सूखा दूँगा और वो कस के मधु की गांड पर चाँटा मारते बोला लेकिन लड़ अब ये नामर्द भैया ही चूसेंगे, मधु उफ्फ्फ आउच करती बोली चूसेंगे वो तभी तोह चुदूँगी मैं ।

वसंत नीचे बैठ कर मधु की झाघो को सहलाता बोला टांग खोलेगी रंडी , मधु टांग चौड़ी करती बोली कुत्ते चाट न भाभी की गीली चुत साले बहा दे पानी , वसंत मुँह लगा कर अपने लंबे जीभ को फेरता बोला क्या स्वाद है कुतिया के चुत का एकदम स्वादिस्ट और दाँतो से काटने लगा मधु थरथराती काँपने लगी और बोली अहह वसंत उफ्फ्फ वो चुत के बाहरी होटो को दाँतो से खिंचते बोला भोसड़ा बना दूँगा साली रंडी तेरी चुत चोद के और मधु बस चित्कारिया मरती चुत पर वसंत के हवस की निशानी और गर्माहट लेती ख़ुद को लुटाती रही ।


वसंत दो उँगली डाल कर मधु को बेसब्र करता बोला एकदम टाइट माल है तू भाभी और उँगली से चुत चोदता जीभ फेरता मधु को अत्यधिक उतेजित करते बोला पहले पता होता तेरा पति भड़वा है तोह न जाने कब का तुझे दुकान पर पटक पटक कर चोद देता ।

मेरी हालत कुत्ते से बतर होने लगी और मैं शर्म से घुटनों पर बैठ गया और मधु की बेताबी और वसंत की दरनदिगी देखने लगा ,वो मधु के चुत को दाँतो से ऐसे नोच रहा था कि महीनों निशान न जाएं और मधु बस बेड को कस कर पकड़ी खुद को हवस की आंधी मे डूबाती चली गई ।

मुझसे रहा नही गया और मैं घुटनों के बल चलता वसंत के पास आ गया और उसके लड़ को अपने नाक से रगड़ने लगा ।
वसंत उँगली डाले बोला देख कुतिया तेरा ये नामर्द पति तुझसे ज़्यादा मेरे लौड़े को बेताब हो रहा है ,मधु मुड़ कर देखते बोली चुसने दे इनको तुम बस चाटो खाओ मेरी चुत अहह और मैंने भी उसके अंडरवियर से लड़ निकाल कर वहीं जमीन पर लेट चाटने लगा ।

वसंत बोला रुको भैया जी उतार ही देता हूँ अच्छे से चूस कर मेरी रांड के लिए तैयार कर दो मेरा लड़ और उठ कर अंडरवेयर उतार मेरे मुँह पर फैक के बोला सूँघो और इस कुतिया को भी सूंघने दो ।

मैं सूँघ मधु को बढ़ाते बोला देखो न मधु कितना मर्दाना सुंगन्द है वो बोली अच्छा जी और मैंने मधु के चेहरे पर उसके अंडरवियर को फ़सा दिया वो निर्विरोध सूँघते बोली लगता है अब देवर की एक रांड और एक गांडू मिल गया ।

वसंत दाँतो से ज़ोर से काट कर बोला दोनों को कुतिया बना के रखूंगा और मैं नीचे फर्श पर लेट कर वसंत के अर्ध सख्त लड़ को चुसने लगा , वसंत का लड़ एक दम काला था , झाट पसीने से भीगी हुई थी , गोटियां एक दम झूल रहीं थी और मैं मुँह मैं लिए मज़े से चुसने लगा ,लड़ इतना मोटा था कि मेरे मुँह मे बड़ी मुश्किल से घुसा और आधा खड़ा लड़ भी गले तक पहुँच रहा था ।

मधु बोली वसंत कैसा चुसता है मेरा क़सम , वसंत बोला लगता नहीं पहली बार चूस रहा हो ज़रूर पहले से गांडू है तेरा पति भाभी । मधु बोली हा मुझे भी लगता हैं कभी कभी ये बात छुपाते हैं ।
वसंत बोला सब बता देंगे जब गांड फाड़ने लगूँगा तभी , मधु बोली उफ्फ्फ पहले मेरी चुत तोह फाड़ दे ।
वसंत ने मधु की चुत लाल कर दी और सूखा कर बोला ले अब तुझे चोदने मैं मज़ा आएगा भाभी जब बस चमड़ी रगड़ खायेंगी , गीली चुत मे असानी से होता है लेकिन मुझे तोह लड़ छिल जाए वो चुदाई पसंद हैं ।

मधु बोली कैसे डालोगे पहली बार वो बोला बस ऐसे ही झुकी रहो खड़े खड़े डालूंगा ।
मधु एक दम सी उतावली होती बोली सुनिए जी चलिए बहुत चूस लिए लिजेए ये अंडरवियर पोछ दीजेए लड़ और खुद हाथों से मेरी चुत दिखा दीजेए लड़ को बाकी देवर जी की मर्ज़ी और हा यहा आ के ज़रा लड़ का स्वाद अपने होटो से मुझे भी दीजिये ।
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#46
our do tin low classs male chaiye is female keliye, gangbang hona chaiye.very sexy story. our likhiye ji. mast story
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#47
मैंने वसंत के लड़ को पोछ कर बिस्तर पर चढ़ गया और मधु को चूमने लगा वो मेरे कमर को पकड़ कर जीभ डाल कर वसंत के लड़ का स्वाद लेने लगी और अपनी गांड उठा कर लड़ के लिए तड़पने लगी, वसंत अपने तगड़े लड़ को मधु के चुत के ऊपर सहलात्ते चला गया और मधु मचलती रही, मधु के झूलते चुचियों को मैंने हाथों मैं ले लिया , मधु के निप्पल्स एक दम कड़क थे और मैंने निप्पल्स को कस के सहलात्ते सहलाते मधु को और उतावले पन पर ला दिया जिसकी वजह से वो कामुक्ता के चर्म पर जा पहुँची और वसंत से कमुक आवाज़ मैं बोली डालो न देवर जी नहीं तोह झड़ जाउंगी वसंत बोला उफ्फ भाभी डालता हूँ थोड़ी देर रूको सब्र करो, मधु बोली नहीं रहा जाता अब ।

वसंत ने लड़ के सुपारे को मधु की मचलती चुत पर घीसा और कमर को एक हाथ से पकड़ दूसरे हाथ को कांधे पर रख कर बोला भाभी ये लो और तगड़े झटके के साथ उसने लड़ को धका दिया और मधु मुझे नाखूनों से नोचती बोली मर गई अहह और आँखे आँसुओ से भर गई और लड़ आधा चुत मैं फ़स गया , वसंत थोड़ा रुक कर पूछा कैसा लगा भाभी वो नाक बहाती रूवासी आवाज़ मे बोली जैसा सहेलियों ने बताया था सुहागरात मैं होगा वो आज समझी मैं और वसंत ने दोनों हाथों को कांधे पर रख कर एक और झटके से अपना मोटा तगड़ा लिंग मधु की चुत मैं गहराई तक घुसा कर बोला तेरी सहेलियों को कहा पता था कि उसके जीजा गांडू है और वो तगड़े झटके मरता सुखी चुत घिसने लगा और मधु चीखती चिलाती मुझे नोचती अहह वसंत उफ्फ वसंत आये माँ उफ्फ करती उसके झटके को झेलती आँसू बहाती रही और काँपने लगी ।


वसंत ने चटाक कर उसके गांड पर चाँटा मार कर पूछा झड़ेंगी क्या रांड ऐसे क्यों इठला रही है ।

मधु बहुत उतेजना से सिशकिया भर्ती चिखती लड़ को झेलती एक दम सी अकड़ गई और कप कपाते झड़ने लगी , और हल्का झुक कर मुझे कस कर पकड़ के हाँफने लगी और वसंत झटके मरता बोला बड़ी जल्दी झड़ गई कुतिया मेरी और कमर पकड़ के बेतहाशा चोदने लगा और मधु की चित्कारिया कमुक सिशकिया बन फच फच की मधुर आवाज से ताल मिलाती गूँजने लगी और वसंत भी मदमस्त चोदता गया ।

काफी देर ऐसे चोदने के बाद उसने लिंग खिंच कर निकाला और मधु ज़ोर से चीखते बोली अहह वसंत ।

वसंत ने दोनों हाथों से मधु की गाँड फैलाई और बोला भाभी तेरी चुत से तोह खून निकल गया और अपने लिंग को खून के हल्के धब्बे से गिला देख कर बोला देखो भाभी , मधु किसी तरह खड़ी हुई और दर्द से इठलाते वसंत के काले लिंग पर लाल चुत के धब्बों को उँगलियों से सहलाते बोली फट गई क्या ।

वसंत हँसते बोला अभी और फटेगी तेरी ये चुत रांड चल लेट बिस्तर पर खोल टांग , मधु दोनों टांग को पूरा खोल के लेट गई और वसंत बोला भाईसाहब आप भी देख लो कैसे आपकी बीवी की झिल्ली फटी है , मैं सामने बैठ कर हाथ से मधु की चुत के चारों और खून देखने लगा और वो बोला बाद मैं देखना अब और दोनों टांगो को अपने हाथों से पूरी तरह चौड़ा कर के वसंत ने झटके से लड़ पेल दिया और मधु दर्द से चिखती वसंत के कमर को धकेलने लगी और वसंत बोला क्या भाईसाहब क्या कर रहे है ,देखते नहीं आपकी बीवी को दर्द हो रहा है पकड़िए इसके हाथों को ,मैं मधु के हाथों को ऊपर कर के पकड़ उसके काँखों को चाटने लगा और वो तेज़ धकों से मधु को चोदने लगा और मधु की चुचिया मतवाली हो झूमने लगी और सिसकियों की गूँज से कमरा भर गया ।

मधु बेतहाशा हवस की आग मैं रम गई और उसका कमर लड़ के साथ हिलने लगा और वसंत बोला वाह भाभी अब मज़ा आया तुझे ।

मधु की आँखे बंद थी ,सर बिस्तर पर उठा हुआ था और होटो पर बस सिशकिया और वसंत के नाम की माला जापे जा रही थी और मैं काँखों को चाटे जा रहा था कि मधु की कमर एक दम से बिस्तर से उठी और वसंत के लड़ पर टिक गई और वसंत बोला नहला रांड नहला दे अपने देवर के लौड़े को रंडी चुत के पानी से और मधु झड़ गईं ।


वसंत ने खिंच के लड़ को निकाल कर वापस झटके से पेल दिया और मधु के जिस्म पर खुद को रख कर बोला भाईसाहब हटिये और मैं दूर हो गया और वो मधु के होटो को चुसने लगा मधु उसके पीठ को सहलाने लगी और वसंत आहिस्ता आहिस्ता कमर हिलाता मधु के गीले चुत को लड़ का सुख देने लगा और मधु से बोला देखो मुझे भाभी ,मधु वसंत की आंखों मैं देखने लगी और वो कमर उठा कर झटके मारने लगा ,मधु की तमतमाते चेहरे को देख वसंत पूछा मेरी रखैल बनेगी न , मधु अहह उफ्फ करती बोली तेरी रखैल हूं अब क्या बाकी रह गया जिस प्यास को तड़प रही थी तूने तोह आधे घंटे मैं दो बार बुझा दिया ,वसंत बोला अभी एक बार और झड़ेंगी तू रांड तब जा के तेरी चुत भरूँगा ।

मधु इठलाती वसंत के आँखों मे देखती बोली थोड़ा तेज़ चोदो न, वसंत हँसते हुए बोला पहले तड़प तोह थोड़ी देर फिर जा के तुझे झड़ने मैं मज़ा आएगा साली छिनाल ओर वो मधु को तरसता धीरे धीरे ही लड़ को आगे पीछे करता रहा और होटो को चुसता रहा ।


कुछ देर बाद मधु बोली ज़ोर से चोद न कुत्ते वसंत मधु के होठ को दाँतो से खींच कर बोला कुतिया भिक माँग गिड़गिड़ा रंडी मेरे झटकों के लिए ।

मधु ने वसंत के पीठ को नाखूनों से नोचती बोली कुत्ते मत तड़पा अपनी रांड को ,ऐसे मत तरसा कुतिया को , मार झटके लड़ के मेरी प्यासी चुत पर और भर दे मेरी चुत अपने पानी से , तेरे ही लड़ के पानी से आग बुझेगी मेरी ।

वसंत ने होठों को चूमते गांड उठा कर ज़ोरदार झटकों से मधु को को बेताहाशा चोदने लगा और मधु उसके बालों को कस कर पकड़ के नोचने लगी ।

वसंत झटकों की बरसात करता पूछा बोल मधु कौन है तू ?

मधु सिसकिया भर्ती मचलती मदहोश होती चीखते बोली वसंत की राड हुँ मैं ,उसके लड़ की रखैल हुँ है ये मधु ।

ये देख सुन मेरा लड़ फंफ़नाने लगा और वसंत उठ कर मधु की टांग पकड़ कर झटके मारते मेरी और देखते बोला क्या भाईसाहब फिर खड़ा हो गया ना ।

वसंत ने मधु को बोला देखा तूने भड़वे पति को कैसे तुझे रांड बना के कड़क हो रहा है आज , मधु बोली ये तोह दलालों का दलाल है ,वसंत बोला चूस अपने भड़वे का तीनों साथ झड़ेंगी और मधु मेरे लड़ को पकड़ चुसने लगी ।

मधु झटकों की रफ़्तार से बेताबियाँ मे डूबी हुई थी और चुसते चुसते मेरे लड़ को दाँतो से काट कर चबा लेती और मेरी चीख फुट पड़ती और वसंत हँसने लगता ।

मैंने मधु के मुँह मैं पूरा लड़ घुसा कर उसके हाथों को पकड़ लिया और मुँह चोदने लगा ,मधु विरोद्ध कर रही थी लेकिन मेरे पकड़ से बेबस हो गई और जैसे ही वो फिर से अपने जिस्म को अकड़ने लगी वसंत बोला भाईसाहब देखिये रांड झड़ने वाली है और वो कस कर झटके देने लगा और वो दोनों एक साथ झड़ गए और मेरा वीर्य भी निकल गया ।
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#48
मधु ने मेरे लड़ को जीभ से अच्छी तरह चाट कर धक्का देती बोली , वसंत इस भड़वे के मुँह लगाते ही अपने लड़ को प्यासी भाभी के मुँह मैं डालो ,वसंत हँसते हांफते बोला बस मेरी रांड वहीं करूँगा वैसे भी तेरे जीभ का स्वाद मेरे लौड़े ने चखा भी नहीं और तुझे रांड बना लिया , मैं मधु के धक्के से हट कर उसके चुत और वसंत के वीर्य से सने लड़ के के ऊपर मुँह लगा कर लेट गया और वो लड़ खिंच कर मेरे चेहरे पर रखता मेरे सर को दबाते बोला चाटो बीवी के तृप्त चुत से उसके देवर का पानी और मेरे चेहरे को गाढ़े वीर्य से गिला कर वो मधु के खुले मुँह मैं लड़ डाल उसके चुचियों पर चढ़ बैठा और मैंने मधु की चुत मुँह से सील कर दी कि एक बूँद भी बर्बाद न हो जाये , मैं जीभ घुमाता मधु के अति तृप्त और वीर्य से लबरेज़ चुत को चाटने लगा और वो कमर हिलाती मानो कहने लगी हो लो अब बन गयी तेरी अर्धांगनी नंगी रांड और करा दी तुझे मर्द के वीर्य का पान ।

वसंत चूचियो पर चढ़ लंबे लड़ को मधु के जीभ से चटवाते झुक कर गले तक उतार दिया और मधु सघर्ष करती उसके मर्दाना जिस्म को धक्का देने लगीं और वो बोला रांड हाथ हटा जल्दी साली छिनाल तू हिमत कैसे कर रहीं मुझे रोखने की ये तेरा जिस्म मेरा है जैसे चाहूँगा नोचूंगा खाऊंगा और मधु अपने हाथों को बिस्तर पर फैला कर वसंत के लड़ को हलक पर दबते सहती रही और मैं वसंत के वीर्य को जीभ की नोंक से धीरे धीरे मुँह मैं लेता रहा ।

वसंत के यू मुँह मैं डालने से मधु सकपकाए इठलाने लगी और छटपटाती बेडशीट को खिंचती रही और वसंत ने थोड़ा उठ कर मधु को साँस लेने दिया और बोला मेरी रंडी मुँह खोल के बोल ज़ोर से मुँह चोद दे वसंत ।

मधु तेज़ सासे लेती वसंत के जिस्म का वजन अपने गदराई कोमल चुचियों पर सहती हाँफते बोली मेरे प्यारे देवर जी मुँह चोदिये अपनी रांड का , वसंत बालों से मधु के चेहरे को खीच कर ऊपर करते होटो को दाँतो से खिंचते बोला चोद रहा हूं ।
 भाभी बहुत तड़पा हु तेरी इस इठलाती जवानी के लिए, बरसों से मुठ मारा हूँ तेरे नाम की आज तुझे ऐसे चोदूँगा की तू सुबह हर कदम चलते अहह वसंत उफ्फ वसंत करती रहेगी और इस जिस्म को जहाँ छुएगी वहीं मेरी याद आएगी ।


मधु के सर को बिस्तर पर पटक कर वो लड़ डाल कर लेट गया और बोलने लाग वाह कुतिया तेरी हलक तोह चुत जैसी कोमल है जी चाहता है यू ही डाले रखूं, मधु ऐसे अनुभव की अपेछा नही करी थी लेकिन वो वसंत के आगोश मैं पूर्ण रूप से समर्पित थी जिसके फलस्वरूप वसंत अपनी मर्ज़ी से मधु के मुँह को बस एक छेद समझ लड़ की मनोकामना पूर्ति करता रहा और फिर थोड़ी देर रुक कर मधु को बस सास लेने देता और फिर हलक मैं लड़ डाल तड़पते महसूस करता अपने गांड के नीचे , ये खेल वसंत काफ़ी मज़े से खेलता रहा और मधु के चेहरे को लाल कर दिया और आँखे आँसू बहाती रही पर वो बस लड़ को खुसी देता रहा और उठ कर मधु के मुँह को चोदने लगा और वो कसमसाती बिस्तर पर इठलाती काँपने लगी और मधु के मुँह से थूक बहता उसके ही चेहरे को भिगोने लगा , मधु की आँखे लाल हो गई और नाक थूक से भर गया और थूक की झाग ने थोड़े ही देर मैं मधु की आँखे बंद कर दी और वो बेबस वसंत के लड़ के धक्के को अपने जुबान पर फ़िसलती हलक से टकराती सहन करने लगी और कमर उठा कर मेरे मुँह मैं दबाने लगी मानो वो उतेजना महसूस कर रहीं हो और मै दोनों हाथों से उसके झाघो को कस कर पकड़ लिया और हिलते कमर से मधु ने वसंत के वीर्य की पिचकारी मुँह मैं देती रहीं ,मुझे समझते देर न लगी कि मधु झड़ने को बेताब हो चूंकि है और मैं तेज़ी से उसके चुत से वीर्य पीने लगा , जीभ चुत के कोमल छिले दीवार से चाट खाने लगा और वो कमर उठा उठा कर मेरे जीभ को लड़ समझ धक्का देने लगी ।


वसंत बोला वाह मेरी प्यासी भाभी तेरी इस अदा ने मुझे फिर उतेजित कर दिया और लड़ मधु के चेहरे पर रख बोला चाट मेरी गोटियां अब तोह मेरा वीर्य तेरी हलक पर ही गिरेगी ।

मधु के मुँह पर वो गोटियों को दबाता थूक से सने लड़ को चेहरे पर रगड़ता वो पूर्ण रूप से अपने शौक को पूरा करने लगा और मधु भी खुल कर चादर को कस के पकड़ बिना विरोद उसके हर ख्वाइश को पूरा करती रहीं ।

मैंने भी तसली से उसके चुत को चाट वीर्य का एक एक बूँद पी लिया और चुत के दाने को जीभ से सहलाने लगा और मधु ने कमर ज़ोर से झटक कर मेरे कंधे पर टांग फ़सा कर मुझे चुत पर दबा लिया और मेरा चेहरा उसके  टांगों के बीच दब गया और वो इठलाती मानो मुझे बोल रही हो चाटते रहिये कुत्ते की तरह अपनी रंडी बीवी की चुत ।

दोनों गोटियों को मधु ने चूस कर थूक से नहला दिया और वसंत के कड़कते लड़ को चेहरे पर फिरते महसूस करती लंबी सासे भरने लगी और वसंत ने नाक के छेद पर लड़ दाब कर बोला सूँघ और मधु तेज़ सास खिंचती मचलती रही और वो लड़ होंठो पर फेरता बोला जीभ निकाल बाहर ,मधु जीभ निकाल कर उसके लड़ के ऊपर घुमाने लगी और वो चूचियो पर दबाब बढ़ाते बोला क्या गद्देदार चुचिया है, बैठ कर लग रहा है किसी मुलायम नर्म गद्दे पर बैठा हूँ बस तेरे दोनों कड़क निप्पल्स की चुभन मुझे कह रही है कि तू मेरी रांड है ।

मधु हाथों से उसके लड़ को पकड़ कर बोली देवर जी नीचे डालो मेरी चुत मैं आग लगा दी भड़वे ने ,वो हँसते बोला अच्छी बात है पति ऐसा ही होना चाहिए जो बीवी को गर्म कर दे , वो अपने आँखों से थूक की परतों को पोछती बोली ठंडा तोह मर्द से ही होना होगा ना ।

वसंत ने मधु के सुर्ख़ लाल आँखों मे झांकते बोला चल ऊपर चढ़ के उछल भाभी , मधु टांगो से मेरे चेहरे को आज़ाद करती बोली हट जाईये अब तोह आपकी धर्मपत्नी सवारी करेगी मर्द के लड़ का और वसंत बिस्तर पर लेट हाथों को सर के नीचे रख कर बोला चढ़ जा मेरी रांड अपने देवर के लड़ पर और उछाल अपनी चुचियों को , मधु ने चुत की छेद पर लड़ के टोपे को रख कर नीचे से उसके लड़ को रगड़ती दबाती सिसकिया लेती पैरों को अच्छी तरह बिस्तर पर दबाती घप से बैठ गई और वसंत का मोटा काला चौड़ा लंबा लड़ चुत के गहराई मैं खो गया और वो झुक कर उसके सीने पर इठलाती बोली देवर जी दूध नहीं पियोगे भाभी का , वसंत झट से दोनों चुचियों को हाथों मैं भरता बोला उफ्फ पियूँगा मेरी जान चूस चूस कर पियूँगा काट खाऊंगा ये नर्म कड़क किशमिस के दोनों दानों को और मधु झुकती उसके मुँह मैं निपल देती गाँड उठा कर लड़ पर हिलाने लगी ।
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#49
जब कमैंट्स और फीडबैक मिलता हैं तोह बड़ी उत्साह होती है कि मेरी मेहनत और कोशिस आप पाठको को पसंद आ रहीं है , कृपया पढ़ने के बाद दो सब्द लिख कर मुझे आशीर्वाद दे । Namaskar
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#50
Bahut badhiya.
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#51
Hot update
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#52
Nice update keep it up bro...
[+] 1 user Likes Raj321's post
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#53
bahut khoob bhai
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#54
Awesome bhai.. keep on writing!!
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#55
Your grip on hindi is outstading
..sex story written in literature format... really good
Thanks and waiting
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#56
(13-08-2020, 12:46 AM)bhavna Wrote: Bahut badhiya.

Thanks
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#57
(13-08-2020, 07:59 AM)Curiousbull Wrote: Hot update

Thanks
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#58
(13-08-2020, 08:07 AM)Raj321 Wrote: Nice update keep it up bro...

Thanks
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#59
(13-08-2020, 03:23 PM)randwasingh Wrote: Awesome bhai.. keep on writing!!

Thanks
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#60
(13-08-2020, 04:53 PM)Mgaya Wrote: Your grip on hindi is outstading
..sex story written in literature format... really good
Thanks and waiting

Thanks for so inspiring words that's mean a lot
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