Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
#61
(05-03-2019, 04:00 PM)Boob420 Wrote: Nice update bro

Thank you....
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
(05-03-2019, 04:04 PM)Pandu1990 Wrote: Good update

Thank you....
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#63
Nyc updates dear ..!!!!
 
 
.................... Heart .......................

Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti mai ..
Kisi ke baap ka hindostan thodi hai ...

.....................  :s .......................
Like Reply
#64
(06-03-2019, 11:27 AM)jonny khan Wrote: Nyc updates dear ..!!!!

Thank you so much...
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#65
अपडेट - 10 


लेकिन एक बात आज तक नानी को परेशान किये हुए थी कि मैंने राज को जब राज पहली बार कहानी के लिए बोला था तो उसे वही उस तिलिशमी आईने की कहानी क्यों सुनाई?

यूँही कहानियां सुनते सुनाते और राज की बदमाशियां झेलते हुए राज और नानी को पता ही नही चला कि गर्मी की छुट्टियां कब खत्म हो गयी।


अब आगे......








[Image: 5c7f7f9da4a71.jpg] 

एक दिन नानी ने राज को सुबह उठाते हुए कहा...

नानी: बेटा तुम्हारे पापा का फ़ोन आया था। वो कल आ रहे है। 

राज: ल लेकिन क्यों नानी?

नानी प्यार से राज के गाल सहलाते हुए..

नानी: क्योंकी मेरे राजा बेटा अब तुम्हारी छुट्टियां खत्म हो चुकी और अब तुम्हे पढ़ने के लिए शहर जाना होगा ना। वहां तुम्हारे पुराने दोस्त तुम्हे याद कर रहे होंगे।

अचानक से अपनी छुटियों की सुन कर राज का चेहरा उतर गया।

राज: ठीक है नानी लेकिन आज मैं छोटू के साथ नदी पर नहाने जाऊंगा। अब आखिर दो दिन तो यहां के दोस्तों के साथ गुजार लेने दो नानी।

नानी बहुत विचार करती है कि राज को जाने दूँ की नहीं फिर एक नज़र राज के उदास चेहरे पर पर डालती है जिस से मासूमियत के साथ साथ नदी पर जाने की इच्छा साफ झलक रही थी।

नानी: ठीक है लेकिन एक शर्त पर.. 

राज: और वो क्या है नानी?

नानी: तुम वहां से जल्दी घर लौट आओगे उस दिन जैसे कहीं नही खोना न खूबसूरती में न बदसूरती मैं...

राज उछाल कर नानी के गालों को चूमता हुआ बोलता है..

राज: ठीक है नानी मंज़ूर है...

राज इतना बोलकर घर से भागता हुआ निकल जाता है। और नानी पीछे से चिल्लाती रह जाती है..


नानी: अरे अपने कपड़े तो लेता जा...

लेकिन राज नानी की बात सुन नही पाता.. राज अभी थोड़ी ही दूर तक पहुंचा था कि उसे मंगल दिखाई देता है।


मंगल और राज मिलकर बाकी दोस्तों को ढूंढते है और सारे दोस्त अपने अपने काम छोड़ कर नदी किनारे पहुंच जाते है। इसबार सभी अपने अपने कपड़े उतार कर बिना ना नुकुर के सीधे नदी में और राज भी।

कालू, श्याम, मंगल और छोटू राज के कपड़े खोलते ही उसकी नूनी पर नज़र कर लेते है। आज तीन महीनों बाद वो राज की नूनी देख रहे थे। राज की नूनी अब एक किशोरावस्था के किशोर की भांति बड़ी लम्बी और मोटी हो चुकी थी जिसे लोग अब लन्ड कहते है।

[Image: 5c7f7f1990466.jpg] 

कालू, मंगल, श्याम और छोटू चारों राज के साथ हंसी मजाक करते हुए नहा रहे थे। पांचों को नहाते हुए काफी वक्त बीत गया था। तो पांचो अपनी जल क्रीड़ा खत्म करके नदी से बाहर निकलते है और अपने-अपने कपड़े पहन ने लगते है।


[Image: 5c7f7f52ca112.jpg] 

कपड़े पहनने के बाद राज अपने बाकी दोस्तों को अपने शहर लौट जाने की खबर सुनाता है। राज के वापस लौटने की खबर से राज़ के सभी दोस्त उदास हो जाते है। 

कालू बाकी सभी को संभालता है। लेकिन छोटू को राज से कुछ ज्यादा ही लगाव हो चुका था इसलिए छोटू बहुत रो रहा था। कालू राज के चेहरे के भाव जान लेता है कि राज छोटू को इस तरह रोता देख कर बहुत दुखी हो रहा है।

राज को इस तरह से दुखी देख कर कालू छोटू के पिछवाड़े पर लात मारता है। फिर कालू जोर से छोटू को डांट झपट लगा कर बोलता है...


कालू : साले चूतिये चुप हो जा नही तो राज बाद में शहर जाएगा मैं पहले तेरी बहन चोद दूंगा।




जिसके बारे में कालू के मुह से ऐसी बात सुन कर छोटू को गुस्सा तो बहुत आता है लेकिन कालू उस से उम्र और शरीर दोनो से बड़ा था और छोटू कालू से भिड़ भी नहीं सकता था इसलिए अपना पूरा जोर लगा कर फफकते हुए छोटू खुद को शांत कर लेता है।

राज भी छोटू के कंधे पर हाथ रख कर शांत होने को बोलता है। और अपने सभी दोस्तों से अलविदा कहते हुए बोलता है।

राज: दोस्तों उदास मन से मुझे विदा मत करो। वरना मैं भी दुखी मन से शहर जाऊंगा और फिर मेरा वहां पढ़ने में मन भी नही लगेगा।

कालू: और नही तो क्या। उल्लू के पट्ठे राज पढ़ने के लिए ही तो जा रहा है कुछ दिनों में फिर लौट आएगा।

राज कालू की इस बात पर मुस्कुराते हुए फिर लौट कर आने का मन बना लेता है और सोचता है कि इस बार फिरसे गर्मी की छुट्टियों में मैं गांव ज़रूर लौट कर आऊंगा।

राज: बिल्कुल सही कहा कालू ने, मैं गर्मी की छुट्टियों में ज़रूर गांव आऊंगा।

इसी तरह बाते करते-करते और एक दूसरे को मनाते हुए राज और राज के दोस्त एक दूसरे से विदा लेते है।

राज अपनी नानी के घर आ जाता है। घर पर आते ही नानी राज को खाना खिला कर बोलती है।

नानी: बेटा तू घर पर ही रुकना मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ । पड़ोसी के यहां जा रही हूँ। और सुन घर का ध्यान रखना कहीं इधर-उधर मैं ही लगा रहे।

राज खाना खाते हुए ही नानी को अस्पष्ट से जवाब देता है।।

राज: ह्म्म्म जी नानी ( मुह में खाना दबाये हुए)

नानी प्यार से राज के सर पर हाथ फेरते हुए घर से निकल जाती है।

करीब 2 मिनट के इंतजार के बाद राज भी 5 मिनट के समय के किये घर से गायब हो जाता है।

जब नानी घर लौट कर आती है तो राज बाहर आंगन में नहीं था। नानी अंदर जाकर देखती है तो राज अपना सामान जमा रहा था।

रात को नानी ने फिर से राज को कहानी सुनाई। और फिर देर रात को दोनों नानी और दोहिता सो गए।

भोर होते होते चिड़ियों की चेहचहाट से राज की आंख खुलती है। नानी घर के काम में लगी हुई थी। और राज के पिता बाहर आंगन में बैठे राज की नानी मेरा मतलब अपनी सास से बाते कर रहे थे।



राज भी बाजार निकलता है। सुबह सुबह उठते ही राज अपनी नानी और पापा के पैर छूता है। दोनों राज को खुश रहने का आशीर्वाद दे देते है।करीब एक घंटे तक नानी के घर पर रहने के बाद राज के पापा नानी से इजाजत मांगते है वापस शहर लौट जाने की।

नानी खुशी खुशी आने दोहिते और दामाद का तिलक करके शगुन के तौर पर जुहारी दी जाती है वो देकर राज को विदा कर देती है।

राज अपना सामान लेकर जब बाहर निकलता है तो राज का सामान तीन बेग मैं था। जिसे देख कर राज के पापा और नानी दोनो चोंक जाते है।

गिरधारी(राज के पाप): बेटा ये सब क्या है। 

राज: पाप ये सब वो वो वो मेरे दोस्त बन है ना नए नए इस गांव में तो उन सब ने मुझे कुछ कुछ उपहार दिए है तो वो सब इन बेग में है। और एक बैग में तो मेरा सामान है ही।

नानी और राज के पापा राज को खुश देख कर राज से ज्यादा सवाल नही पूछ पाते। कुछ पंद्रह - बीस मिनट के बाद राज के पाप राज को लेकर शहर के लिए रवाना हो जाते है।

आज लौटते वक़्त कोई चमत्कार नही हुआ ना ही कोई अजीब सी घटना हुई। क़रीब दो-तीन घंटों के सफर के बाद राज और उसके पापा शहर में अपने घर पहुंच जाते है जहां पर राज की मम्मी राज का स्वागत करती है।


[Image: 5c7f8090b0553.jpg] 


राज की दोनों बहनें अभी बाहर कॉलेज गयी हुई थी।

[Image: 5c7f8039d6c17.jpg] 


 राज नहा कर फ्रेश हो जाता है और तब तक राज की मम्मी राज के लिए खाना बना लेती है। राज की मम्मी की नज़र जैसे ही राज पर पड़ती है वो राज को खाना खाने के लिए बुला लेती है। राज भी खाना खा कर अपने रूम में चल जाता है और सो जाता है।

राज अभी गहरी नींद में थी था की अचानक राज को सपना आता है कि उसके नाना जी उसे आवाज दे रहे हो। उसे नींद में ही ऐसा लगता है जैसे उसके नाना जी उसे मदद के लिए पुकार रहे हो। जब राज को ये सपना आ रहा था उसी वक़्त राज का बैग एक हल्की नीली रोशनी से चमक रहा था।


अचानक राज को नींदों मैं ऐसा लगता है जैसे उसके लन्ड से कोई छेड़छाड़ हो रही हो। वो हल्की-हल्की गुदगुदी महसूस कर रहा था। नींदों में ही राज का लन्ड धीरे-धीरे खड़ा होने लगता है।

कमाल की बात ये थी कि राज इस वक़्त ना तो कोई सेक्सी सपना देख रहा था ना ही अब तक उसके मन मैं ऐसे कोई शुभ विचार आये थे। अचानक राज को लगता है कि कोई उसका गला दबा रहा हो। राज थोड़ी देर तक बैचैनी मैं इधर उधर सर घूमता है लेकिन जब उसके बर्दाश्त के बाहर हो जाता है तो अचानक से उठ कर बेड पर बैठ जाता है। 

राज के पूरे चेहरे पर पसीने थे यहां तक कि राज की टी-शर्ट भी पसीनों से गीली हो चुकी थी। राज पास मैं ही रखे लैंप के पास से पानी का गिलास उठा कर पानी पीने लगता है।

पानी पीकर जैसे ही राज गिलास रखता है उसकी नज़र अपने बेग पर जाती है। जिसमे से अभी भी हल्के नील रंग की रोशनी निकल रही थी।

राज अपने बैग के पास जाने के लिए जैसे ही खड़ा होता है। उसके लन्ड में भयंकर दर्द होने लगता है। राज को इस वक़्त ऐसा मेहसूस हो रहा था जैसे हजारों सुईयां राज के लन्ड में चुबाई जा रही हो। राज दर्द को बर्दाश्त करते हुए धीरे-धीरे अपना पेंट खोलता है लेकिन उसे और तेज दर्द होने लगता है।

अब दर्द इतना बढ़ चुका था कि राज बहुत तेजी से चिल्लाता है।

राज: मम्मीsssssssssssssss 
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply
#66
bhai mast update badiya h
Jldi jldi kahani aage badao ja pr xossip pr thi jldise bahi pr pahuchao
Like Reply
#67
https://xossipy.com/thread-4421.html Pure desi gujarati erotic and sexy story with daily new updates
Like Reply
#68
(06-03-2019, 02:49 PM)Aditya Hooda Wrote: bhai mast update badiya h
Jldi jldi kahani aage badao ja pr xossip pr thi jldise  bahi pr pahuchao

Thank you... Zarur...
Fossil ke update se jyada bade update aa rhe hai abhi to jaldi ho jayenge..
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#69
(06-03-2019, 02:51 PM)jems143007 Wrote: https://xossipy.com/thread-4421.html  Pure desi gujarati erotic and sexy story with daily new updates

Thank you...
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#70
Kuch technical problems ke chalte mei update nhi kar pata hun... Meine yahan pr mention bhi kiya hai.. kayi baar mei is site ko open hi nhi kar pata hun aur kayi baar mere update post karte karte...

MyBB has experienced an internal SQL error and cannot continue.

SQL Error:
1226 - User 'xossipy1_bb' has exceeded the 'max_user_connections' resource (current value: 30)
Query:
[READ] Unable to connect to MySQL server
Please contact the MyBB Group for technical support.


"Is trh ke message se mujhe fir se update taiyar karna padta hai....)
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#71
बड़ी मुश्किल से खोजा है इस आईने के तिलिस्म को... .gif



[Image: 5c80c209ab471.gif]


[Image: 5c80c2264e6d5.gif]




[Image: 5c80c23488300.gif]
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply
#72
Nyc updates bro ..!!!!
 
 
.................... Heart .......................

Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti mai ..
Kisi ke baap ka hindostan thodi hai ...

.....................  :s .......................
Like Reply
#73
(07-03-2019, 03:04 PM)jonny khan Wrote: Nyc updates bro ..!!!!

Thank you so much...
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply
#74
Aage ka update???
Like Reply
#75
waiting next
 
 
.................... Heart .......................

Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti mai ..
Kisi ke baap ka hindostan thodi hai ...

.....................  :s .......................
Like Reply
#76
Bhut shandaar update wait for another hot update
Like Reply
#77
अपडेट- 11


राज अपने बैग के पास जाने के लिए जैसे ही खड़ा होता है। उसके लन्ड में भयंकर दर्द होने लगता है। राज को इस वक़्त ऐसा मेहसूस हो रहा था जैसे हजारों सुईयां राज के लन्ड में चुबाई जा रही हो। राज दर्द को बर्दाश्त करते हुए धीरे-धीरे अपना पेंट खोलता है लेकिन उसे और तेज दर्द होने लगता है।

अब दर्द इतना बढ़ चुका था कि राज बहुत तेजी से चिल्लाता है।

राज: मम्मीsssssssssssssss 


अब आगे.....


राज मम्मी चिल्लाते हुए घुटने मोड़ कर बैड पर लेट जाता है।

नीचे राज की मम्मी सरिता राज के पाप गिरधारी से इधर-उधर की बातें कर रही थी कि अचानक से राज की चीख सुनाई पड़ती है।

राज की ये चीख सुनकर कोई भी कह सकता था कि लड़का वाकई में भयंकर दर्द से गुजरा होगा तभी ऐसी चीख निकली है।

राज की चीख सुनकर गिरधारी और सरिता दोनो दौड़ते हुए राज के कमरे में घुसते है।

जैसे ही गिरधारी और सरिता राज के कमरे में घुसते है वो नीली रोशनी जो राज के बैग से निकल रही थी अब बन्द हो गयी थी। लेकिन राज अभी भी दर्द में तड़प रहा था।

राज को ऐसे दर्द में तड़पता देख कर राज की मम्मी सरिता राज को दुलारते हुए उसे पूछती है कि क्या हुआ। लेकिन राज आंखें बंद करके रोये जा रहा था।

गिरधारी राज की मम्मी के कंधों को पकड़ कर उसे भी संभाले जा रहा था।
तभी सरिता की नज़र राज के हाथों पर जाती है। राज के हाथ पेंट के ऊपर से अपने लन्ड को पकड़े हुए थे।

सरिता एक बार तो सकते में आ जाती है फिर कुछ सोच कर मुस्कुराने लगती है।

[Image: 5cd19c0848333.jpg] 

सरिता: ओह! तो ये बात है।

गिरधारी: क्या हुआ????

सरिता : आपके लाडले ने चैन में फसा लिया होगा तभी तो इतना....

(सरिता इतना बोलकर मुह पर हाथ लगा कर हँसने लगी)

[Image: 5cd19c5fb4366.jpg] 

तभी राज अपनी पेंट से हाथ हटा कर बेहोश हो जाता है।

अचानक से राज को बेहोश होते ही सरिता और गिरधारी दौनो बुरी तरह से डर जाते है।



गिरधारी: अरे यार तुम डॉक्टर हो तुम देखो ना क्या हुआ है राज को

लेकिन सरिता तो जैसे बुरी तरह से डर गई थी। आखिर माँ है ना। एक माँ के सामने जब उसका 10 वीं में पढ़ने वाला बच्चा दर्द से कराहता हुआ बेहोश हो जाये तो उस पर क्या गुजरती है ये कोई भी शब्दों में नही बता सकता। 

गिरधारी सरिता के कुछ भी ना कर पाने से परेशान हो जाता है। गिरधारी तुरंत राज को गौद मैं बिठा कर गाड़ी नीचे गाड़ी में ले जाता है। पीछे पीछे सरिता भी दौड़ी दौड़ी चली जाती है।

गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल में ले जाता है। जहां पर शाम के समय ज्यादातर डॉक्टर चाय के लिए कैंटीन की और जा चुके थे। तभी किसी वार्ड से एक लेडी डॉक्टर निकलती है।

वो जैसे ही बाहर निकलती है बाहर सरिता को देखती है। 


[Image: 5cd19cfe9e6b8.jpg] 

(डॉक्टर का नाम है प्रिया)

डॉक्टर प्रिया: हे सरिता मेम आप यहां ?
सरिता उस डॉक्टर को पहचान ने की कोशिश करती है लेकिन नही पहचान पाती...

तभी बीच में गिरधारी 

गिरधारी: डॉक्टर प्लीज आप मेरे बच्चे को देखिए ये अचानक से बेहोश हो गया।
डॉक्टर: हुआ क्या है इसको, कोई चोट वगैरा?

सरिता : नहीं नहीं ऐसा कुछ नही हुआ ये ऊपर कमरे से अचानक से चिल्लाया और जब हम पहुंचे तो ये थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया।

डॉक्टर: ठीक है मैं देखती हूँ इतना बोलकर प्रिया स्टाफ से बोलकर राज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करवा देती है। 
ये इमरजेंसी वार्ड एक बन्द कमरा था। डॉक्टर प्रिया तुरंत मुह पर मास्क लगा कर 2 नर्स को लेकर रूम मैं चली जाती है। 


[Image: 5cd19d8316eab.jpg] 

डॉक्टर: रिमूव क्लोथ्स,

नर्स आपस में मिलकर राज के कपड़े उतारने लगती है।जैसे ही राज का शर्ट उतारती है तो देखती है कि राज का खास तौर पर सीने, पेट, हाथ, की मसल बुरी तरह से खींच रही हो। 
दूसरी नर्स राज का पेंट उतारती है तो राज का लन्ड एक दम खड़ा था लेकिन अंडरवियर में था। 

प्रिया राज के खड़े लन्ड को देख कर मुस्कुरा पड़ती है।

प्रिया मन ही मन सोचती है कि " आज कल के लड़के भी ना इतनी छोटी सी बात पर बेहोश हो जाते है। और ये तो लड़कियों से भी ज्यादा कमजोर लग रहा है।

अभी प्रिया ये सोच ही रही थी को नर्स ने राज की अंडरवियर भी निकाल दी। 
राज की अंडरवियर निकलते ही नर्स समेत डॉक्टर प्रिया का मुह भी खुला का खुला रह जाता है।.

नर्स: मैडम ये....

नर्स ने अभी इतना ही कहा था कि प्रिया ने उसे रुकने का एक हाथ से इशारा कर दिया।

प्रिया और नर्स राज के लन्ड को देखते है कि राज का लन्ड करीब पांच इंच लंबा और तीन साडे तीन इंच मोटा था। लेकिन इस से भी बड़ी चोंकाने की बात ये थी कि राज का लन्ड बेहोशी में भी खड़ा था ओर उसका रंग....

राज के लन्ड का रंग एक दम बैंगनी पैड गया था। राज के लन्ड की एक-एक नस साफ-साफ देखी जा सकती थी। राज के लन्ड को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे किसी बहुत ही ज़हरीले सांप ने काट लिया हो और उसका लन्ड नीला पड़ गया हो।
प्रिया जल्दी जल्दी राज को कुछ इंजेक्शन लगाती है और उसे हॉस्पिटल के कपड़े पहना कर बाहर आ। जाती है। 
जैसे ही प्रिया इमरजेंसी रूम से बाहर निकलती है गिरधारी और सरिता प्रिया से राज के बारे में बैचैन होकर पूछने लगते है।

डॉक्टर प्रिया: ही इज ऑल राइट... अभी सो रहा है आप 2-3 घंटों में उस से मिल सकते है ही इस फाइन।

सरिता और गिरधारी: लेकिन डॉक्टर उसे हुआ क्या था?

डॉक्टर प्रिया: अम्म्म मैम क्या मैं आपसे अकेले में बात कर सकती हूँ प्लीज।
सरिता चोंकते हुए गिरधारी की तरफ देखती है और फिर यस श्योर बोलकर प्रिया के साथ उसके केबिन में चली जाती है।

प्रिया: मेम आपने मुझे पहचाना नहीं?

सरिता:??????? नहीं तो, क्या मैं आपको जानती हूँ?

प्रिया: मेम मैं प्रिया हूँ याद आपने मुझे मुम्बई मैं उस आ इंटर्न ट्रैन किया था और फिर आपने ही मुझे कॉलेज में स्टूडेंट ऑफ द ईयर का अवार्ड भी दिया था।

सरिता थोड़ा सा दिमाग पर जोर डालते हुए।

सरिता: प्रिया...... ओह हाँ याद आया। अब क्या बोलू तुमसे। इतने बड़े हॉस्पिटल में तुम्हे अस आ डॉक्टर देख कर ही मुझे खुशी है कि तुम ने अपनी लाइफ का गोल पा लिया।

प्रिया: थैंक यू मेम

सरिता: लेकिन प्रिय वो मेरे बेटे को हुआ क्या है?,

प्रिया: क्या? ये आपका बेटा है?

सरिता : हाँ! क्यों?

प्रिया: मेम मैं आपसे कॉलेज टाइम से फ्रैंक एंड अस आ फ्रेंड रही हूँ सो मैं आपको खुल कर सारी बात बताती हूँ।

सरिता: हाँ बिल्कुल बताओ न क्या हुआ है मेरे बेटे को?

प्रिया: पहले ये बताईये इसकी उम्र कितनी है

सरिता : अभी 16 मैं लगा है।क्यों?

प्रिया: मैडम क्या आप अपने बेटे को कोई मेडिसिन दे रही है या फिर ये खुद कुछ ले रहा हो???

सरिता: नो वे! मेरा बेटा तो सर्दी झुकाम की दवाइयां भी नही लेता। उसे तो मेडिसिन के नाम से ही नफरत है।

प्रिया: मैडम मैं गोल गोल बात नही घुमाउंगी। दर असल आपके बेटे का पेनिस अपनी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा है और बहुत तेजी से डवलप हो रहा है। पता नही या तो उसे कोई मेडिसिन का रिएक्शन है या फिर कुछ और। आपके बेटे का पेनिस बिल्कुल पर्पल कलर का पड गया था। और उसकी मोटाई मैडम लगभग तीन साडे तीन इंच के करीब होगी।

सरिता: व्हाट???? ये क्या बकवास कर रही हो तुम! तुम्हे मालूम है ना इस तरह से पेशेंट के घर वालो को डरना एक जुर्म है।

प्रिया: सॉरी मेम बट आप मेरे साथ चलिए।

प्रिया सरिता का हाथ पकड़ कर सरिता को राज जिस रूम मैं एडमिट था वह ले जाती है। प्रिया राज के पास बैठ कर राज का हॉस्पिटल वाला गाउन पकड़ साइड करती है। ऐसा करते हि राज का लन्ड सरिता के सामने आ जाता है। इतना करके प्रिया हाथ बांध कर दूर खड़ी हो जाती है।


[Image: 5cd1b046d7f97.jpg] 

सरिता अपने मुह पर हाथ लगाए राज के लँड का साइज मोटाई देख रही थी। यहां तक कि अब उसे समझ आ रहा था कि प्रिया उसे कुछ गलत नही बोल रही थी। लेकिन सरिता सबसे ज्यादा परेशान जिस बात से थी वो थी राज के लन्ड का रंग। जो कि अब फिर भी नार्मल हो रहा था धीरे धीरे लेकिन अब भी उसका रंग गहरे बैंगनी रंग का सा था। जैसे कोई जहर का असर हो।

करीब 2 घंटों बाद राज नींद के असर से मुक्त होता है। राज को जब होश आता है तो राज खुद को हॉस्पिटल में पाता है। फिर राज को वो इंसिडेंट याद आता है जो उसकी बेहोशी से पहले हुआ था।

राज बिना किसी को बोले अपने कपड़े पहन लेता है और हॉस्पिटल के कमरे से बाहर निकलता है। राज जैसे ही बाहर निकलता है राज किसी से टकराता है।

राज जिस से टकराता है वो ओर कोई नही डॉक्टर प्रिया थी। जो कि इस वक़्त हॉस्पिटल की यूनिफार्म मैं नहीं थी लेकिन उनका आइडेंटी कार्ड उनके गले में लटक रहा था।


[Image: 5cd1b07a12bd9.jpg] 

प्रिया: अरे तुम होश में आ गये? और ये क्या चुप-चाप कहाँ जाने का इरादा है? हम्म चलो अंदर बैठो तुम्हारे कुछ टेस्ट करने है।

राज: वो मैं वो वॉशरूम...

प्रिया: वो तो रूम में ही है छोटू लाल... तुम बाहर कहाँ जा रहे हो।

राज: देखिये...

प्रिया: हैं बोलो ना छोटू लाल। (मुस्कुराते हुए)

राज खीझ जाता है ।

राज: एक्सक्यूज मी मैडम पहली बात तो ये है की मेरा नाम राज है। दूसरी बात मैं कोई छोटू लाल नही हूँ।

प्रिया एक बार तो राज का व्यवहार देख कर चोंक जाती है। लेकिन अगले ही पल हंसते हुए राज का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले जा कर बिठा देती है।

प्रिया: हाँ देखा मैंने काफी बड़ा हो गया है.... (बोलते हुए आंख मारती है)

राज झेंपते हुए जीsssss बस इतना ही बोलता है कि प्रिया को समझ आता है कि उसने क्या बोल इसलिए अपनी बात पलटते हुए प्रिया आगे बोलती है।

प्रिया: मेरा मतलब काफी बड़ा हो गया। काफी अच्छी हेल्थ बना ली है। अच्छा खासा मोटा भी हो गया है।

प्रिया बोलते हुए राज को पीठ देकर अपनी जीभ दांतों के बीच दबा लेती है। दरअसल प्रिया फिलहाल जो कुछ भी बोल रही थी सब का सब डबल मीनिंग जा रहा था। प्रिया राज के शारीरिक विकास के बारे में बोल रही थी लेकिन इनडाइरेक्टली उसकी बात राज के लन्ड के लिए जा रही थी।

राज प्रिया की बातें सुन कर बुरी तरह से झेंप जाता है और बहुत एम्बरसिंग मेहसूस करता है।

प्रिया : चलो मुझे टेस्ट करने दो...


राज एक दम से डर कर अपने दोनो हाथ अपने लन्ड पर रख लेता है और जोर-जोर से गर्दन हिला कर मना करता है।

प्रिया को भी एहसास हो जाता है कि वो फिलहाल कुछ भी बोल रही हो सीधा सीधा डबल मीनिंग ही जा रहा है। ये परिस्थिति खुद प्रिया के लिए भी एम्बरसिंग थी। अचानक से प्रिया की नज़र राज के भोले से चेहरे पर पड़ती जिसे देख कर प्रिया मुस्कुराने लगती है। प्रिया राज को टीज़ करने के मूड में आ गयी थी।

प्रिया: चलो अपनी पेंट उतारो...

राज प्रिया के मुह से इतना सुनते ही शर्मसार हो जाता है। राज ना में गर्दन करता है कि प्रिया की नज़र घडी पर पड़ जाती है जो 6 बजने का संकेत दे रही थी।

अचानक से प्रिया खड़ी हो कर राज को घर कर देखने लगती है और राज से थोडा से गुस्सा दिखा कर पेंट उतारने को बोलती है।

प्रिया: लिसेन आई एम ए डॉक्टर ओके। और मुझे तुम्हारे टेस्ट करने ही पड़ेंगे। तो चुपचाप पेंट उतारो।

राज प्रिया के बदले व्यवहार से डर जाता है। राज बिना कुछ बोले अपनी पेंट उतार देता है। वैसे भी राज के पास इसके अलावा कोई और रास्ता भी नहीं था।

प्रिया राज का लन्ड एक इंच टेप से नापती है और जो रिजल्ट प्रिया के सामने आता है प्रिया थोड़ी सी चोंकती है फिर सोचती है शायद राज को मैंने कुछ ज्यादा ही डरा दिया इस लिए ये रिजल्ट आ रहा है।


जब प्रिया ने राज का लैंड इंच टेप से नापा तो राज का नार्मल लन्ड साइज़ 1.8 इंच के करीब आता है। 


प्रिया राज के चेहरे की तरफ देखती है। राज आंखें बंद किये दूसरी और देख रहा था। प्रिया को राज की सिचुएशन समझ कर राज पर दया आ जाती है और वो राज को नार्मल बोल कर हॉस्पिटल से छुट्टी दे देती है।

हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद राज गिरधारी और सरिता के साथ गाड़ी में बैठ कर घर के लिए रवाना हो जाता है।

रास्ते भर गिरधारी सरिता से राज की प्रॉब्लम के बारे में पूछता रहता है। लेकिन सरिता गिरधारी को कोई भी जवाब नही देती सिर्फ इतना बोलती है घर चलो फिर बताती हूँ। 

वही घर पर राज की दोनों बहनें रानी और सोनिया अपने माँ बाप का इंतजार कर रही थी।


दोनो घर के गेट के बाहर ही बैठी थी क्यों कि घर तो लॉक था। लगभग 10-15 मिनट में गिरधारी अपने बेटे और पत्नी के साथ घर पहुंच जाता है।

राज और उसका पूरा परिवार एक साथ घर में प्रवेश करता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply
#78
अपडेट - 12 


दोनो घर के गेट के बाहर ही बैठी थी क्यों कि घर तो लॉक था। लगभग 10-15 मिनट में गिरधारी अपने बेटे और पत्नी के साथ घर पहुंच जाता है।

राज और उसका पूरा परिवार एक साथ घर में प्रवेश करता है।


अब आगे....


राज बड़ी शर्मिन्दगी से चुप-चाप कमरे में चला जाता है। राज अपने बेड पर जा कर बैठ जाता है। और सोचने लगता है कि उसे आखिर हुआ क्या था। अचानक से ऐसा दर्द। अचानक से राज चोंक जाता है। उसे फिर से फ़्लैश बैक याद आता है कि जब उसे दर्द हो रहा था तब वो बक्शा, वो बक्शा चमक रहा था। 

राज बहुत धीरे धीरे चलता हुआ अपने सामान के पास पहुंचता है और वो बक्शा बाहर निकालता है। तभी राज की मम्मी राज को आवाज देती है।


सरिता: राज..... राज ये दरवाजा अंदर से लॉक क्यों किया है अगर फिरसे प्रॉब्लम हुई तो।


[Image: 5cd4859207dd3.jpg] 


राज अचानक से अपनी मम्मी की आवाज सुनकर वो बक्शा अपने बिस्तर के नीचे छिपा देता है। और राज अपने कमरे के दरवाजे की तरफ देखता है। वो दरवाजा तो खुला था अंदर से कोई लॉक नही किया था। और दरवाजा खुलते वक़्त आवाज तक नही करता फर से फंस कैसे गया। राज जैसे ही थोड़ा शांत होता है राज के कमरे का दरवाजा खुद ब खुद खुल जाता है।

सरिता अचानक से राज का दरवाजा खुलने से अंदर की तरफ गिरने वाली हो जाती है । दरअसल सरिता राज के कमरे के दरवाजे के सहारा लेकर खड़ी थी तो अचानक से दरवाजा खुलते ही अंदर की तरफ गिरते गिरते बचती है। लेकिन सरिता खुद को बचाने में अपनी साड़ी का पल्लू नही संभाल पाती जो कि नीचे गिर जाता है। और सरिता की दूधिया चुंचिया उभर कर सामने की तरफ राज को नज़र आने लगती है।

[Image: 5cd48548dd5e0.jpg] 


गनीमत थी कि राज ने ऐसे वैसे ख्याल कभी अपने मन में लाये ही नही इस लिए आज को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा। 

सरिता भी जल्दी से खुद को संभाल कर नीचे की और जाने लगती है। लेकिन जाते जाते राज को खाने के बोलकर उसे नीचे 10 मिनट में आने का आदेश भी दे जाटी है।

राज तुरंत जल्दी जल्दी अपना लोअर और टी-शर्ट पहनता है और नीचे के लिए निकल पड़ता है।

रानी और सोनिया भी राज के लिए परेशान थी। तो दोनों ने सरिता से खूब पूछ ने की कोशिश की, की आखिर राज को हुआ क्या था। लेकिन सरिता दोनो को नार्मल सा पेट दर्द बताया जो कि गैस प्रॉब्लम से हो गया। 

रानी और सोनिया राज की गैस प्रॉब्लम समझ कर राज का मजाक बनाती रही और राज भी हल्के हल्के मुस्कुराता रहा। क्यों कि राज को कम से कम अपनी बहनों के सामने शर्मिंदा नही होना पड़ रहा था।

सभी अपने अपने कमरे में चले गए लेकिन सरिता ने राज को रानी के साथ सोने के लिए रानी के कमरे में भेज दिया। क्यों कि सरिता को डर था कि कहीं फिर से दर्द हुआ तो।

रानी भी हसी खुशी राज को अपने साथ सुलाने के लिए मान जाती है। 


[Image: 5cd485cb8ac30.jpg] 

वही दूसरी और सरिता और गिरधारी मैं बहस चल रही थी कि आखिर सरिता गिरधारी को कुछ बता क्यों नही रही कि राज को क्या हुआ है।


सरिता गिरधारी को अपने हाथ से इशारा करके बोल रही थी कि राज के लिंग का आकार अभी से इसी उम्र में इतना बड़ा हो गया है। जब डॉक्टर ने उसकी जांच की तो वो गहरे पर्पल कलर का था। जैसे किसी ज़हरीले जानवर ने काटा हो।

गिरधारी ये सुनकर चोंक जाता है। लेकिन अगले ही पल गिरधारी सरिता को गले लगाते हुए बोलता है।

गिरधारी: अरे आखिर बेटा किसका है।

सरिता: अच्छा ये बात है। लेकिन उसका तो अभी इसी उम्र में आपके बराबर हो गया। जब राज थोड़ा और बड़ा होगा तो आप तो उसके सामने बच्चे नज़र आएंगे। 

गिरधारी: अरे बड़ा हो भी जाये तो क्या। अपनी बीवी की मेरी तरह चीखें थोड़ी निकलवा सकता है। जैसे मैं आपकी निकलवाता हूँ।

इतना कह कर गिरधारी सरिता को बेड पर लेकर गिर जाता है और सरिता को बेइंतेहा चूमने लगता है।

सरिता गिरधारी के अचानक से रोमांटिक होने से मुस्कुरा पड़ती है लेकिन रह रह कर सरिता के मन में अपने बेटे राज को लेकर कई तरह के ख्याल आया रहे थे। 


जैसे ही गिरधारी और सरिता एक होते है सरिता को ऐसा लगता है जैसे वो गिरधारी के साथ नही राज के साथ हो। अचानक से सरिता के मुह से आहsssss राजsssss निकल जाता है जिसे गिरधारी सुनकर अनदेखा कर देता है लेकिन सरिता अपनी मुह से निकले बोलो को अनदेखा नही कर पाती। 

सरिता अब बहुत ज्यादा भावुक हो रही थी। सरिता ने अचानक से गिरधारी को अपने ऊपर से उठाया और अपने कपड़े पहन लिए और गिरधारी की तरफ पीठ करके सो गई। गिरधारी ने भी सरिता को फ़ोर्स करना ठीक नही समझा। अपना हाथ जगन्नाथ समझ कर गिरधारी भी सो गया।



इसी तरह 2 साल निकल गए। इन दो सालों में राज के 4-5 बार और दर्द होता है लेकिन राज इस बार खुद को एम्बर्समेंट से बचाने के लिए किसी को नही बोलता और खुद बा खुद दर्द सहन करता गया।

वही दूसरी और सरिता और गिरधारी के रिश्ते पर भी कुछ अच्छा असर नही पैड रहा था। हर बार जब जब सरिता गिरधारी से एक होने की कोशिश कर रही थी उसे बार बार राज और राज का लन्ड याद आ जाता जिस कारण से सरिता गिरधारी का बिस्तर पर पूरी तरह से साथ नही दे पाती थी।

वही दूसरी ओर रानी और सानिया अपनी कॉलेज पूरी करके एस. एम. एस. कॉलेज ऑफ मेडिकल साइनस से डॉक्टरी के लिए एडमिशन के चुकी थी। और राज आज पूरे दो साल बाद एक बार फिर से अपनी नानी के गांव लौट आया। 

पिछले दो साल में राज को वो बक्शा खोलने का वक़्त तो मिल गया था लेकिन वो उसकी रहस्य नही समझ पाया।

राज नानी के घर पहुंच कर नानी को प्रणाम करता है। 2-3 दिन तक राज अपने गांव के दोस्तों से नही मिलता राज केवल बक्शे से निकले नक्शे को देखता रहता है। अचानक से राज को वो नक्शा समझ आ जाता है। क्यों की उसमे जो इंस्ट्रक्शन दिए हुए थे वो जगह राज की देखी हुई थी।

राज जब नक्शे को ध्यान से देखता है तो उस नक्शे पर बहुत ही हल्की जैसे कोई तेल जैसा पदार्थ गिराकर कोई चीज बनाई गई थी। राज बस उसी को समझने की कोशिश कर रहा था। 

राज के दिमाग में बार-बार दो सवाल उमड़ रहे थे।

पहला सवाल तो ये की ये अगर कोई संकेत है तो क्या है? ऐसा क्या है जिसे मैं छोड़ रहा हूँ या भूल रहा हूँ? शायद मैं जानता हूँ या शायद नहीं। कहीं ये इस नक्शे से मोदी कोई अहम बात बागी तो हो सकती है। ऊपर से इस नक्शे में इंस्ट्रक्शन दिए हुए है कोई खजाना है या नहीं इस का कोई भी संकेत नही है।

दूसरा सवाल ये है कि कहीं के गलती से गिरा कोई पदार्थ तो नहीं जिसे मैं बेवजह ही इतनी अहमियत दिए जा रहा हूँ। 

पिछले 3-4 दिन से राज रोज नक्शे को समझने के लिए दिमाग आगा रहा था। लेकिन हर बार बात उस तेल जैसे निशान पर आकर रुक जाती थी। दूरी परेशानी की बात ये भी थी कि जिस जगह पर नक्शे का अंतिम लक्ष्य था उस जगह पर हल्का हल्का काले रंग का धब्बा था।


[Image: 5cd48692b46e7.jpg] 

राज ने पिछले 2 साल में नक्शे पढ़ने के निशानों पर बहुत खोज की थी। जिस तरह के ये निशान थे वो सिर्फ तीन चीजो की और इशारा करते थे। 

1: कोई गहरी खाई हो।
2: कोई अंधेरी सुरंग हो।
3: खतरा

राज अपना दिमाग लगा कर देखता है। राज निर्णय बनाता है। वह पर गहरी खाई जैसी कोई चीज नही हो सकती। सुरंग..... नहीं बिल्कुक नहीं उस जमाने में क्या आज के टाइम में भी ऐसी परिस्थिति में सुरंग बनाना नामुमकिन है। खतरा..... हाँ! ये हो सकता है।

लेकिन खतरा? किस तरह का खतरा ? राज हर बार उस काल निशान और तेल के धब्बे पर आकर उलझ जाता था।

बहुत मशक्कत के बाद भी जब राज उस नक्शे को नही सुलझा पाया तो राज ने सोचा ये नक्शा किसी काम का नहीं है। शायद ये गलत नक्शा है इसके बारे में किसी भी किताब में कुछ भी नही है। शायद दादाजी से ये गलत बन गया होगा। इसीलिए इसे ज़मीन में गाड़ दिए। लेकिन दादाजी ने इसे गाड़ा क्यों? इस नक्शे को दादाजी जला भी तो सकते थे ।

राज उस नक्शे को देखते-देखेते अचानक से खुश हो जाता है। 

राज मन ही मन सोचता है:- जलाना... ओह हाँ! जलाना.. अगर मैं नक्शे को आग के पास लेकर जाऊं तो जो इस नक्शे में अस्पष्ट कृतियाँ है वो साफ नजर आ जायेगी। ये मैंने पहले क्यों नही सोचा।

राज जल्दी से बाहर आकर नानी जी से मोमबत्ती के लिए पूछता है। राज की नानी राज को बताती है कि यहां पर मोमबत्ती तो नही है। लेकिन का केरोसिन का लैंप और एक पुरानी चिमनी है। 




राज बिना नानी की पूरी बात सुन जल्दी से चिमनी लेकर कमरे में जाता है और दरवाजा बंद कर लेता है। राज चिमनी जला कर उस नक्शे को देखता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply
#79
Best story
Like Reply
#80
(10-05-2019, 09:04 AM)Pandu1990 Wrote: Best story

Thank you dear...
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
Like Reply




Users browsing this thread: 2 Guest(s)