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Thriller कामुक अर्धांगनी
#1
ये कहानी है मेरी कामुक बीवी की जीसे मैं उतेजजीत तो कर देता था लेकिन कभी चर्मसुख नहीं दे पाता जिसके वजह से वो शारीरिक सुख से बंचित रहा करती ।
लेकिन एक दिन जब ओ बाज़ार से लौटी तो उसका चेहरा सुर्ख़ लाल और आँके एकदम सी नसेली थी ।
ऐसा भाव मैने बरसों बाद देखा था ।
मैं समझ गया ज़रूर इश्के पीछे कोई गहरी बात छिपी है और ऐसे मौके पे वो बात उसके मुख से जानने के लिए मुझे ही उसे उतेजजीत करते हुए बस में करना पड़ेगा।
मैने समय को अच्छी तरह से भांप के उसके पसिने से लबरेज वदन को अपने उंगली से सहलाया और करीब आ कर होटो से चूमते छटते पूछा मधु क्या बात हैं आज बड़ी कहर बरस रही है तुम्हारे आंखों से ,वो सर्म से आँखे चुराते बोली नही तो ऐसा तो कुछ भी नहीं है जी ,मुझे उसके बदन से कामुकता की महक आने लगी और मैंने उसको गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके साड़ी पेटिकोट को झटके से कमर तक उठा कर अपने मुंह को उसकी पैंटी पर लागने लगा और वो बोली आआहआ मत किजेए ना लेकिन मैंने एक बात नहीं सुनी और उसकी जाघ को फ़ैलाते हुए टांग चौड़ी कर के अपने मुंह को करिब ले जाके सूंघते हुए  चाटने लगा और महसूस हुआ कि मेरी मधु की पैंटी एकदम गीली हैं और ये पसिने से नहीं अपितु उसके योवन मैं आग लगने की वजह से है ।
जीभ से चाटते हुए उसके महकते जवानी रस को लपा लपालप चखने लगा और उसकी सिसकिया तेज़ी से बढ़ने लगे और वो मेरे सर को अपनी गीली चुत पे दबाने लगी ।

धीरे से मैंने पैंटी खिस्का के गुदा को ज़ोर से चाटते हुए पूछा मधु ये तो बता दो की ये हालत किस मर्द ने  कर दी , उसकी सिसकिया तेज़ी से बढ़ी और बोली बात न किजेए बस चाट के मेरी आग बुझा दीजेए जी , मैं समझ गया किसी मर्द ने मेरी मधु के बदन को छुआ और सहलाया है जिसकी वजह से ये इतनी गरम हुई है और ये राज अगर मैंने उसकी चुत झड़ने से पहले नही जाना तो कभी नही जान पाऊंगा इश्लिये मैं जीभ को चुत से हटा के पूछा बाता दो न मधु ,मैं किस मर्द के स्पर्श से हुई ये गीली चूत चाट रहा हूँ वो बोली प्लीज चाटिए न प्लीज् मैं बोला बता दो न जान तुम तोह जानती हो अगर तुम इस चूत मैं किसी तगड़े मर्द का वीर्य भी भर के लाओगी तो मैं ख़ुशी ख़ुशी चाट लूंगा वो सिसकिया लेती बोली ऐसा मत बोलिये हहहह और मैं ज़ोर से चाटने लगा और बोला बता भी दो मेरी जान ये हालत किस मर्द ने की ।
मधु अब झड़ने के बेहद करीब थी और मैं उठ के दूर बैठ गया ,मधु ज़ोर से बोली ऐसा मत किजेए चाट दीजेए न मैं बोला नही पहले ये बताओ की किसने तुझे गरम किया वो खुद ही चुत सहलात्ते बोली बतातती हु चाटिए और मैन मुह लगा दिया और वो बोली वो वसंत है ना मैं पूछा कोन वो दर्ज़ी वो बोली है ।

वसंत ने आज नाप लेते हुए बहुत सहलाया और मैं गर्म हो गयी और भाग निकली कही कुछ गलत न हो जाये मुझसे ,मैं बोलै गलत क्या होता चुदवा आती न ऐसे तड़प के चली आयी वो ये सुनते ही झड़ने लगी और मेरा मुह उसके चूत के पानी से भरने लगा और मैं चाट के पूरा पीते हुए बोला मधु अगली बार चूत मैं उसके लौड़े का पानी भर के चटवाओगी न मुझे वो शर्माती हुई बोली आप बहुत गंदे हैं ।
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#2
Mast
Thoda speed se thoko
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#3
फिर आया जिहादी Fake ID से!
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#4
Bhai mast h bas thoda bada update do
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#5
Bhai chutiyo se sawdhan unpar dhyan mat dena 
Story h bass maze kro
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#6
aagey bhi likho bhai
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#7
कटुए ही fake ID से हिन्दुओं को ही आपस में लड़वा भी रहे।
जा के check करो जा के stories के पहले ही page पे कितने कटुए लड़के और हिन्दू लड़कियों का कहानी है,विवेक होगा तो समझ जाओगे की agenda क्या है!
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#8
मधु पूर्ण रूप से झड़ के पसीने से महकती हुई मेरे होटो को चूमते हुए बोली आप बहुत गंदे है और मुझे बिस्तर पे पलट कर मेरे लौड़े को सहलाती हुई खीच के मेरी पैंट और झांगहिय को उतार कर मेरे लड़ को चूमते हुए मुँह मैं ले के चूसने लगी और मेरा लड़ उसके लबो के बीच जीभ की कोमलता और थूक से लबरेज हो के उतलवाला हो गया और मधु समझ गयी उसका पति कभी टिक नही सकता और वो ज़ोर से चुस्ती हुई मुस्कुराई और मैं झड़ने लगा और वो चुस्ती हुए मेरा वीर्य गटकने लगी और मेरा कमज़ोर लिंग सिकुड़ गया और वो मेरे बदन पे लेट के मेरे होटो को चूसने लगी और आपने जीभ से मेरा ही वीर्य का स्वाद मुझे चखाने लागी ।


मधु की कामुकता आज और दिनों की तुलना मे कही अधिक थी ।
मैंने मधु से बोला जान मेरे मुंह मे बैठ कर मुझे चूत चटवाओगी, बड़ी रसीली है आज तेरी चूत की महक और स्वाद, वो शर्म से लाल होती बोली आज आपको क्या हुआ है इतनी जल्दी फिर से ,मै बोला बस जिस चुत मैं एक पराए मर्द ने आग लगाई हो उसका स्वाद बहुत उतेजित कर देना वाला होता है और मैं फिर से वसंत की छुवन से गीली हुई इस चूत को चाट के तुझे वही सुख दूंगा जो बिस्तर पे लौड़े से चोद के नही दे पाता और तुम प्यासी रह जाती हो।

मधु शर्म से लाल होती हुई बोली आप गंदी बाते करते है ,तोह क्या हुआ इन् बातो को सुन के तू भी झाड़ती है ना फिर सरमती क्यों है देखना एक दिन वसंत इस चूत को चोद के फाड़ देगा और तुम चर्मसुख ले के वापस आओगी और खुद ही चटवाओगी और बोलोगी देखिये न जी मेरी चुत कैसे खुल गयी और लाल हो गयी है आप चाट के देखिये ना ।

मेरी बातें सुन के मधु और कामुक होती हुई मेरे होटो पे चूत लगा के बोली बस भी किजेए और मैं उसकी चूत चाटने लगा,जीभ डाल के घुमाने लगा और ओ सिसकिया लेती मेरे पेट पर लेट गयी और मेरे मुरझाये लोडे को चाटने लगी।

मैने दोनों हाथों से उसकी गांड चौड़ी कर के गांड पे नाक रगड़ने लगा और वो अधिक उतेजना मैं आ के बोली छि वो गंदा है मत किजेए , मैं रुक के उसकी चुत को मुँह से ऊपर उठा के बोला मेरी जान ये गांड की महक इतनी नसीलि है कि क्या बताऊँ देखना वसंत चुत फाड़ के तेरी इस गांड को भी चोदेगा और तुम उसको रोक नही पाओगी क्योंकि उसके लौड़े की गुलाम बन जाओगी और वो आहा करती बोली मत बोलिये ऐसी बाते ,मैं बोलै क्यों फिर से चुत मैं खुजली होने लगी क्या वसंत की बातों से बोलो तोह बुला लेता हूं खुद चूस के उसका लंड तेरी इस चुत मैं रख दु और ओ झटके से डाल के तेरी प्यासी चुत की आग बुझा दे और चूत मैं अपना गढ़ा वीर्य भर दे और मैं लपालप चाट के तेरी चुत फिर से चुदने के लिए तैयार कर दू।


मेरी बातों को सुन के मधु ने मेरे मुँह को अपनी चूत से बंद कर दिया और रगड़ने लगी , उसकी चुत धधक रही थी कामुकता की आग में और मैं अच्छी तरह चाटे जा रहा था और वो मेरे लौड़े को बेतहाशा चूसे जा रही थी ।

उसकी हिलती गांड मेरे मुँह मैं ये बता रही थी कि वसंत की खुमारी उसके बदन मैं समा चुकी है और वो बस एक बार फिर झड़ने को तड़प रही है।
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#9
hmm very hot
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#10
super hot please continue ignore bad comments
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#11
Nice story pls update
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#12
Mast story hai
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#13
मैंने जीभ से मधु को दिल खोलकर चाटने लगा और एक उंगली उसकी गांड के छेद मे हल्के हल्के रगड़ने लगा ,उसकी सिसकियां चरम पे पहुँच चुकी थी और वो बोलने लगी उँगली डालिये ना जी ,मैं बोला नहीं मधु अब वसंत ही चोदेगा मैं बस चाट कर मज़ा दूंगा अगर तुम चाहो तोह जा के प्यास बुझा आओ या यही बुला के चुदवा लो ,वो बोली ऐसा मत किजेए डालिये न अब रहा नही जाता और वो मेरे लौड़े को दांतों के बीच दबाती बोली काट लुंगी डालिये उँगली ,मैं बोला काट खाओ मधु वैसे भी किस काम का है जब तेरी आग बुझा ही नही पाता, वो लड़ को काटने लगी और मैं चुत पे दाँत लगा कर बोला मधु बोलो न वसंत से चुदेगी न उसका लोड लेगी न बोल न मेरी जान ।

वो हहहह करती चिलाती बोली हा बुला लिजेए बना दीजेए मुझे रंडी यही चाहते है ना आप की वसंत मुझे रंडी समझ चोद दे ।

मैं मधु के आग से एक दम कड़क हो गया और लोडा तन गया मधु बोली यही बातें कर के आप गरम होते हैं और तुरंत मेरे लौड़े पे बैठ गयी और बोली वसंत का नही आपके लड़ से चुत चुदवाना है और वो उछलने लागी ।

हमेशा की तरह कुछ मिनटों मैं मेरा वीर्य बह गया और मधु गुस्सा करती बोली आप बस गरम करते हैं कभी ठंडा नही करते और वीर्य भरे चुत को मेरे होटो प रगड़ के बोली चाटिए वसंत का पानी प्यासी बीवी की चुत से ।

अपनी ही वीर्य को मधु की चुत से चाट के पी गया और बोला जान इतनी आग लगी है मेरी बात मान लो वसंत से संभोग के सुख को ले आओ वैसे भी इतने बरसों की वैवाहिक जीवन मे मैंने कभी तुम्हें चर्म सुख नहीं दिया लेकिन आज खुद वो सुख तुम्हें बुला रहा है आगे बढ़ के लेती क्यों नहीं, मैं तेरा पति हु और मेरी यही तमन्ना है कि तेरी ये जिस्म की प्यास बुझते देखूं अब शर्म हया छोड़ कर खुल के मस्ती करो मेरी मधु।

वो मेरी बातें सुन के बोली सुनिए न ऐसा मत कहिए आप जैसे भी हक़ी आपके साथ मुझे कोई परेशानी नही हैं आप क्यों मुझे एक पराए मर्द की बातों से उतेजित कर रहे है।

मतलब तुम्हें वसंत की बातें उतेजित करती है ये मानती हो तुम है ना ,वो शर्म से आँखे चुराती बोली नहीं प्लीज आप ऐसा मत बोलिये और मैन मधु को खींच के बिस्तर पर लेटा के ऊपर चढ़ कर होटो को चूसते चुचियो को मसलते हुए बोला मधु सच तो यह है कि मुझे कोइ आपत्ति नहीं अगर मेरी जगह वसंत इस तरह तुम्हारे नंगे बदन पर लेटे रहे और तुम्हारे इस गुलाबी होटो को चूमे ये बड़े बड़े चुचियो को मसल दे और तुम खुद उसके लंड को अपने हाथ से अपनी गीली चूत प रख के बोलो चोदो वसंत मेरी गीली चूत और वो झटके से तेरी चुत मैं डाल के ज़ोर ज़ोर से तुझे चोदे और तुम मर्द के लौड़े से एक नहीं कई बार झाड़ती रहो और बोलो और तेज़ चोदो वसंत और तेज़।

मधु आँखे बंद कर के मुँह फेर ली और मैंने उसकी झागों को फैला के चुत प हाथ फेरने लगा और मधु एक दम गीली चुत लिए लेटी रही और मैं बोला देखो ये सबुध है कि तुम्हे अब सच मे वसंत की बातें उतेजित करती ह और ये आग वही बुझा सकता ना कि मैं और मैंने तीन उंगली डाल के आगे पीछे किया और वो बोली सुनिए जी क्या सच मे आपको बुरा नहीं लगेगा गर मैं पराये मर्द से चुदवा लू तोह ,मैं बोला लगेगा अगर तुम चोरी छुपे चुदवा आयी तोह लेकिन अगर वो सामने चोदे तोह मैं उसका लंड खुद चूस के खड़ा कर के तेरी चुत मैं डालूंगा।


मधु की कमर मेरे ही उंगलियों पे हिलने लगी उसके उतेजना चरम पे पहुच गयी और वो मेरी ही उंगलियों पे चुत दबाने लगी और मैं निप्पल चुसता मधु की कामुक्ता को निहारता रहा ।
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#14
hi bro... new thread to mast hai itna hi read karke maza a gaya ab dekhna hai ki age kya hota hai or waseem ko sex chat full secude karana... with pics
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#15
bahut zabardast update h..aagey bhi likho bhai
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#16
मधु चरम सुख के बेहद करीब आ गई जब मैंने उंगली खीच ली और होटो को चुसते हुए उसके दोनों हाथों को सर के ऊपर पकड़ लिया वो झड़ने को बेताब हो गई और पूरे ताक़त से मेरे इस कर्म का विरोद करने लगी और मैं होटो को चूसना छोर के उसकी और देखने लगा वो कामुकता की आग मैं जल रही थी और चिलाती हुई बोली छोड़िये न मुझे झड़ने दीजेए ,मैं बोला नहीं झड़ने दूंगा तुझे ऐसे ही तड़पते रहो वो और उतेजित गुस्से से बोली क्यों ऐसा करते है ।


मैं बोल बैठा अगर तू झड़ना चाहती है तो बोल वसंत से चुदवा के आएगी न ,चुत मे उसके लंड का पानी लेगी न, अपने प्यासे चुत मैं और घर आ के खुद बोलेगी न चुदवा आयी लिजेए साफ किजेए ।

ओ इतनी नसे मैं थी कि बोली हा कल ही जाउंगी और उसकी रंडी बन के चुदवा आउंगी देखना आप, घर ले के आऊंगी सामने वो मुझे चोदेगा और आप उसका लड़ चूस के खड़ा किजेएगा ।

वो गुस्से से बोली अभी बुला लू देखना है आपको ,मुझे नंबर दिया है बोला है जब बुलाओगी घर आजाउँगा मधु भाभी।


मैं बोला कॉल करो मधु वो सच मे वसंत को कॉल लगा दी और बोली घर आ सकते हो अभी, वसंत बोला जी भाभी आ जाता हूँ कोई खास काम, वो बोली हा मन नहीं लग रहा है अकेले मैं, वो हँसते बोला बस अभी आया भाभी ।

वो गुस्सा करती बोली लिजेए आ रहा हैं वसंत खुद चल के जाइये दरवाज़े पे अन्दर बुला के अपने सामने ही मेरे नंगे बदन पे लेटा दीजेए और क्या कर सकते है आप,वैसे भी आज तक कभी आपके चोदने से झड़ी नहीं फिर भी कभी शिकायत नहीं की लेकिन आपको ये पसंद नहीं ,आप तोह ये चाहते हैं कि मैं एक रण्डी बन जाऊं तोह वहीं सही वैसे भी अब जो भी होगा उसके ज़िमेदार आप होंगे सिर्फ आप ।

मधु इतना बोल के बाथरूम चली गयी और वापस आते ही अपने बालों को संवारने लगी , वो नंगी आईने के सामने बैठ के आपने हुस्न को मेक अप से खूबसरती के परे ले जाने लगी ।

वो सुर्ख़ लाल लिपस्टिक लगती बोली देखिये गा इस होटो से उसके लौड़े को चुसुंगी और वो स्टोन की नथुनी पहनते बोली आप बस देखते जाईये कैसे वसंत का खड़ा होगा मुझे देखते ।

मधु की गंदी बातें मेरे लौड़े और बदन मैं आग की तरह फैलने लगा लेकिन मै खुद को सम्हालता बस चुपचाप देखता रहा कि मधु किस हद तक मुझे ले जाएंगी।

वो उठ के सुर्ख़ लाल ब्लाउज जिसमें बाजु नहीं थी और बस एक पतली डोर ऊपर और एक नीचे बांधने वाली थी बिना ब्रा के अपने चुचियों पे रखती बोली आईये डोर लगा दीजेए ना, मैं उतेजित मुद्रा मैं उसके डोरी को कस के बंधा और बोला ये तोह वही ब्लाउज है जिसे पहन के तुम बोली अब नहीं पहनूँगी इसमें सब दिखता हैं ,वो पलट के बोली आज दिखाना हैं ना इसलिये तोह पहन रही हूँ।

मधु हल्का मुस्कुराते बोली पैंटी क्या पहनूँगी वैसे भी वसंत उतारने के लिए मेहनत करेगा बस पेटीकोट और साड़ी ही पहन लेती हूँ ।

वो दिल खोल के मुझे जलाती बेशर्म की तरह खुल के सजती सवर्ती साड़ी पहन के बोली सुनिए न दोनों हाथों में चुड़िया डाल लेतीं हु वैसे भी आपसे तोह कभी बिस्तर पे चुड़िया टूटी नहीं लेकिन वसंत मर्द है चुड़िया टूटेंगी न,वो मुझे दिखा दिखा के हाथों मैं चुड़िया पहनें लगी और साड़ी को नाभि के नीचे कर के पतली घुघरू वाली कमरबन्द पहनते बोली ये घुघरू बजेंगे जब वो आपकी बीवी को सहलायेगा ।


मेरी हालत पस्त होने लगीं ,ऐसा प्रतीत होने लगा कि मैं बस मधु की बेबाक बातों से झड़ जाऊंगा ।

वो भारी पायल अलमारी से निकालती पैरों मैं डाल कर जमीन मैं पटक कर बोली जब वो झटके से चोदेगा तोह पायल के घुघरू बज उठेगें और आप आवाज़ से समझ जाएंगे कितनी तेज़ वो आपकी अर्धांगनी को चोदे जा रहा हैं।

मधु की बातें एक दम पागल करने वाली हो चुकी थी और वो आंखों मै काजल लगाती बोली सुनिए जी कैसी लग रही हूं।

मैं आति उतेजित हो चुका था और करीब जाने के लिए बढ़ा की वो बोली रुक जाईये ये जिस्म अभी आपकी बीवी का नहीं वसंत की रखेल का है , ये सुनते ही मेरा लड़ झड़ने लगा, वो हँसते हुए बोली छी किस नामर्द की बीवी बनी हुईं थी मैं ।

मैं खुद के लौड़े को हिला हिला कर सारा पानी बहा दिया और जमीन पे बैठ गया और पसीने से भीग गया ।

मधु बोली छि आपने मेरे बेडरूम को गंदा कैसे कर दिया चलिए चाट के साफ किजेए जल्दी वसंत आता होगा ये देख के क्या सोचेगा ।

मैं मानो मधु के कुत्ते जैसा बन गया और जीभ से अपने वीर्य को जमीन से चाट के चट कर गया ।

वो सिंदूर से अपनी माँग को सजाती बोली देखिये लग रही हूँ न सेक्सी गृहणी ।

मैं निहारता बोला बस मधु अब और नहीं ।

वो बोली देखिये आपने मुझे विवश किया अब इसका परिणाम देखना और सहना पड़ेगा ।

आज आपके सर की कसम खा के कहती हूँ वसंत से संभोग करूँगी और उसके लड़ को आपके मुँह मैं दूँगी जितना गंदा आपने मुझे तड़पाते बोला सब करूँगी चाहे जो हो ।
मधु अपने काख को सेंट से सहलाते बोली वसंत ने जब मेरी काख को सुंघा था तोह बोला था बहुत चिकनी और रसीली है मधु भाभी, देखिये उसके लिए ही सेंट लगा रही हूँ ।

मधु हवस की आग मै जलती आज बेशर्म हो चुकी थी और मै मजबूर बेबस से बस उसकी गंदी बेबाक बेशर्म बातों को सुन के खुद जलील होने लगा ।
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#17
मस्त। अब देखना ये है कि वसंत भी खरा उतरता है या नहीं?अगर प्रेम प्यार करते हुए मस्ती में इस काम को अंजाम देता है क्या? हम पाठकों को भी मजे देता है क्या?
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#18
(05-08-2020, 12:13 AM)bhavna Wrote: मस्त। अब देखना ये है कि वसंत भी खरा उतरता है या नहीं?अगर प्रेम प्यार करते हुए मस्ती में इस काम को अंजाम देता है क्या? हम पाठकों को भी मजे देता है क्या?

Pehle toh tahe dil se dhanyawaad ki aap humhare dwara likhe ish kahani ko padh rhe hai ...mai purn rup se kosis krunga ki aap kahani pdh k romanchit hote rhe aur aapna pyar dete rhe ...Aap jaise pathako ki wazah se likhne ki prerna milti hai ...Aapka abhar
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#19
मधु ने दो इंच वाली सैंडल अपने पैरों मैं डाला और कमर मटकाती चलने लगी और दरवाज़े से बाहर जाने से पहले बोली ज़रा बिस्तर ठीक कर दीजेए और एक नई चादर बिछा दीजेए और कमरे को थोड़ा वेवस्तित कर दीजेए जी ।

वो मुस्कुराती कमरे से बाहर चली गईं और उसके पायल की आवाज़ सुनते मे उठ के पुरानी चादर और तक़किये के कवर को हटा के एक साफ सुथरी बेडशीट लगा के जमीन पे पड़े उसके और अपने कपड़ों को वाशिंग मशीन मैं डाल दिया और नहाने चला गया ।

नहाते नहाते मधु ने आवाज़ लगाई जल्दी बाहर आईये कितने देर नहाने मे लगा रहे है ,मैं जल्दी ही टावेल से खुद को पोछता बाहर आया और टॉवल लपेट के पूछा बताओ क्या बात हैं ।

मधु बोली देखिये एक घंटा होने को है वसंत आया नहीं ।

मैं मधु की बेबस आंखों मैं देखता रहा उसकी गालो की लाली आग उगल रही थी , उसके चुचियो की दरार के आस पास पसिने की बूंदे चमक रही थी उसके कमरबन्द के घुघरू स्वत ही बज रहे थे और होटो मे एक अजीब सा सूखापन उभर रहा था ।

एक अजीब अनजान इंतज़ार की रेखाएं उसके ललाट पे बन आयी थी और और वो दोनों हाथों को कमर पे रख के खड़ी मेरे बोलने का इंतज़ार कर रही थी ।

मैं बोला मधु वो आ जायेगा ज़रूर दुकान मैं ग्राहक होंगे और उसे कहा पता है कि उसकी मधु भाभी उसके लौड़े को तरस रही है ,सब्र रखो वो आएगा मेरी जान और इस बिस्तर पे ही तुझे चोदेगा मेरे सामने रंडी की तरह और तुम चीखोगी अहह वसंत चोदो ज़ोर से अपनी मधु भाभी को ,देखो तेरे भइया तेरे लड़ का वीर्य मेरी चुत से चाटने को मचल रहे है ,भर दो मेरी प्यासी चुत अपने तगड़े लड़ के अमृत से ।

मधु मेरी बातें सुन के बोली चलिए जमीन पे बैठ जाइए जल्दी ,मैं फ़ौरन बैठ गया और वो साड़ी उठा के मेरे कंधे पे सैंडल को रखते बोली मैं नहीं चाहती वसंत की जगह आप से गीली हो जाऊं ,जल्दी से चाट के साफ किजेए और अति उतेजित बातें मत किजेए की मे फिर से आपके बेकार लड़ की और आकर्षित हो जाऊं।

मैं सरपट उसकी गीली चुत पे जीभ लगा के चाटने लाग और वो दबा के मेरे होटो पे चुत रगड़ने लगी ।

वो हद से ज़्यादा गीली थी जिसकी वजह से मुझे चाटने मे असीम आनंद आने लगा और वो सिसकियों भर्ती बोलने लगी अच्छी तरह चाटिए सब पी लिजेए उफ्फ्फ न जाने वसंत कब आएगा कि जीभ की जगह लौड़े से सुख ले पाऊँगी ।

वो ख़ुद ही अपने बदन को आग बनाती जा रही थी और जल्द ही उसके हाथ से साड़ी छूट गयी और मैं उसके अंदर समा गया और कुत्ते की तरह चुत चाट चाट कर मज़ा लेने और देने लगा ।


एक पतली धार सी पानी बही और वो बोली उफ्फ्फ मॉफ किजेए रोक नहीं पाई और बड़बड़ाती बोली हे भगवान कैसे हालत हो गई कि मुठ की जगह मुत निकल गई और ये उसको भी चाट रहे है, मै बोला मधु मुतेंगी क्या पी जाऊंगा वो गुस्से से बोली लिजेए पीजिये अब आप जो भी गंदा  घिनोना कहेंगे सब करूँगी क्योंकि मै समझ चुकी हूं आप बहुत घेनोने है और तेज़ धार मेरे मुँह पे चुत दबा के मधु मूतने लगी और मे गटकने लगा ।


उसकी मुत पी के चुत सूखा कर दिया और वो टांग उतारने लागि और बोली आप इतने गंदे है जिसकी कोई सीमा नही हैं और आप गन्दी फिल्मे देख कर ऐसे हो गए कि आज खुद आपकी सती सावित्री अर्धनि पराये मर्द के इंतज़ार में तड़प रही हैं ।

मैं मधु को देखता अपने जीभ से अपने होटो को चाटने लाग और बोला जाओ चाय तोह बना दो वो बोली क्यों गरम नमकीन मुत पी के भी मन नहीं भरा क्या।

मैं बोला मीठा पीने का मन कर रहा है वो आंखे सिकुड़ते चली गयी और मे पैंट शर्ट पहन के हॉल मैं बैठ गया और घड़ी पे नज़र पड़ी तोह देखा आठ बजने को हैं ,मैं मधु को आवाज़ लगता पूछा क्या मंगा दु तुम दोनों के लिए डिनर मे ,वो बोली नॉन वेज ही आर्डर किजेए और चाय टेबल पे रखते बोली वो मेरे मांस को नोचेंगा तोह मांस ही परोसोगी तभी तोह ठीक से रात भर कर पायेगा ।

मधु एकदम बेबाक बातें करती हस्ती बगल मैं बैठ कर बोली सुनिए जो भी हो आपकी बीवी हु अगर कभी ताना या कोसा कोसी आपने की तोह बहुत खराब होगा क्योंकि आज जो भी होगा बस आपके वजह से और आपके लिए ।

चाय की चुस्की लेते बोला टेंशन न लो जान तुम मेरी जान हो और हज़ारो लौड़े ले के भी मेरी जान ही रहोगी ।

एक दमदार मुका मधु ने मेरे बाह पे मार कर बोली रंडी नहीं हूं मे जो हज़ारो लौड़े लेती फिरूँ आपकी बीवी हु ।

दोनों हँसते हुए चाय का आनंद लेते रहे और मधु ने मटन और राइस आर्डर कर दिया ।
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#20
नायाब
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