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Adultery बीवी की पार्टी
#41
थोड़ी देर चोदने के बाद राजेश उठा और रेनू को लेटे रहने का इशारा करके अन्दर चला गया. वो एक तकिया और एक जेली ट्यूब लेकर वापस आया. रेनू कुछ समझती उससे पहले ही उसने रेनू की टांगें सीधी कर दी और पैर आसमान की तरफ उठा लिए. राजेश ने रेनू की कमर के नीचे तकिया लगा कर गांड को ऊपर कर लिया.

 
राजेश ने अपने लंड पर उस जेली को अच्छी तरह लगाया और रेनू की गांड के छेद पर लगा दिया.
 
मनीष ने कभी रेनू की गांड नहीं मारी थी. रेनू पिछवाड़े से एकदम कुवारी थी. वो कुछ बोलती इससे पहले ही राजेश ने एक जोरदार शाट मारा और आधा लंड रेनू की गांड के पार हो गया.
 
रेनू जोर से चीखी: नहीईईईइ.....निकालोऊऊऊओ....मरर्रर्र गैईईईईईइ....   

मनीष रेनू की चीख सुन कर परेशान हो गया पर राजेश पर कोई फरक नहीं पड़ा. उसने दूसरे शाट में अपना लंड थोडा और रेनू की गांड में घुसेड दिया.

 
रेनू दर्द से बेहाल थी पर राजेश ने रेनू की टांगों को कसकर पकड़ा और जोर जोर से रेनू की गांड चोदने लगे. राजेश के हर शाट से रेनू की चूंचिया हवा में उछल-कूद करती और रेनू ऊंची आवाज में  चिल्लाने लगती. रेनू के चिल्लाने से राजेश का जोश और बढ़ जाता और वो और जोर से चोदने लगता.
 
रेनू छटपटाने लगी लेकिन वो उसके ऊपर से नहीं हटा.
राजेश का लंड रेनू की गांड में उतरता चला गया.


धीरे-धीरे करके राजेश ने अपना पूरा लंड रेनू की गांड में उतार दिया. फिर वो अपनी कमर को हल्के-हल्के हिलाने लगा. उसका लंड रेनू की गांड में हरकत करने लगा और उसके छेद के अंदर-बाहर होते हुए उसकी गांड के छेद पर घर्षण करने लगा.

रेनू कराह रही थी. राजेश ने उसको अपने शरीर के नीचे दबाया हुआ था.

फिर उसने स्पीड एकदम से तेज कर दी और रेनू चीखने लगी.

लेकिन राजेश ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया. वो कुछ देर रुका और फिर उसने अपना हाथ उसके मुंह से हटा लिया. रेनू अब शांत हो गई थी. उसने दोबारा से उसकी गांड को चोदना शुरू किया. एक-दो बार तो रेनू को दर्द महसूस हुआ लेकिन फिर वो भी राजेश से अपनी गांड चुदाई का मजा लेने लगी.

अब रेनू के मुंह से फिर से सिसकारियां निकलने लगीं. राजेश ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर दोनों ही गांड चुदाई का मजा लेने लगे. दोनों के मुंह से कामुक सिसकारियां निकल कर कमरे में गूंजने लगी. आह्हस्स्स हय ओह्ह आह्ह जान तेरी गांड कितनी टाइट है. मैं तो तेरी गांड पर मर मिटा हूं. राजेश के मुंह से इस तरह के शब्द निकल रहे थे और मेरी बीवी रेनू अपनी गांड चुदवाने में मग्न हो गई थी.

दो मिनट के बाद ही मेरी बीवी अपनी गांड को ऊपर उठाने लगी. राजेश भी जोर से उसकी गांड में धक्के लगाने लगा. दोनों ही चुदाई का आनंद ले रहे थे.

काफी देर रेनू की गांड मारने के बाद राजेश ने अपना लंड रेनू गांड चूत से निकाला और रेनू को कुर्सी पर एक टांग मोड़कर खड़ी कर दिया और फिर पीछे से चूत में लंड पेल दिया.

 
राजेश पीछे से रेनू की चूत में लंड पेलने लगा और रेनू आगे पीछे होकर चुदाई का मजा लेने लगी. राजेश बहुत जोर जोर से रेनू की चूत चोद रहा था और रेनू की चूंचिया हवा में लहरा रही थी.
 
थोड़ी देर में राजेश ने लंड को चूत से निकाला और ऐसे ही पीछे से रेनू की गांड में ठूंस दिया. अब रेनू को कोई ख़ास तकलीफ नहीं हुई और राजेश जोर जोर से रेनू की गांड चोदने लगा. रेनू बडे़ मजे से आंखें बंद किए हुए चुद रही थी.
 
काफी देर तक बालकनी में रेनू की चूत और गांड मारने के बाद अब राजेश वापस रेनू को लेकर बेड पर आ गया और उसकी कमर पकड़ कर दरवाजे की तरफ रेनू का मूह करके उसे अपने लंड पर बिठाने लगा. वो जानता था की मनीष वापस अपनी बीवी की चुदाई देखने आयेगा और ऐसा ही हुआ.
 
मनीष वापस दौड़ कर दरवाजे पर आ गया और राजेश ने जैसे रेनू को बिठाया था मनीष को दरवाजे से उसकी बीवी का मुह साफ़ दिखाई दे. रेनू भी चुदाई की आग में जल भुन रही थी तो उसने खुद ही राजेश का लंड पकड़ कर अपनी चूत के मूह पर सेट कर दिया.
 
अभी रेनू ने राजेश का लंड अपनी चूत के मूह पर रखा ही था कि राजेश ने एक ज़ोरदार झटका मारा और आधा लंड रेनू की चूत में घप्प्प से घुस गया.. रेनू की टांगे काँप गयी. दर्द से रेनू पूरी की पूरी काँप रही थी.
 
इस पोज़िशन में रेनू को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसकी चूत के रास्ते से ज़बरदस्ती अंदर घुस रहा हो.
 
अभी रेनू संभाल भी नहीं पाई थी की राजेश ने एक और ज़ोर दार झटका मारा और लंड सीधा रेनू की बच्चेदानी पर लगा. रेनू काँपते हुए झड गयी.. रेनू के झड़ते ही रेनू की चूत एक बार फिर से अंदर तक चिकनी और गीली हो गयी.
 
बस अब और क्या चाहिए था राजेश को. राजेश नीचे से ताबड तोड़ धक्के मारने लगा अभी फिर से कोई मुश्किल से 1.30 मिनिट ही गुज़रा होगा कि रेनू का पूरा बदन फिर से अकड़ने लगा और रेनू अपनी कमर हिलाते हुए झडने लगी.
 
रेनू करीबन 20-25 सेकेंड तक झड़ती रही अब राजेश एक बार फिर से बिना रेनू को संभालने का मोका दिए पूरी ताक़त से धक्का मार रहा था. राजेश का हर धक्का रेनू की बच्चेदानी को ठोक रहा था.

रेनू को यकीन नहीं हो पा रहा था कि वो राजेश की ऐसी चुदाई बर्दाश्त कर पा रही है और किसी में ऐसा स्टॅमिना हो सकता है. पिछले कई घंटो से राजेश उसकी बिना रुके चुदाई कर रहा था जिसमे वो ना जाने कितनी बार झड चुकी थी. अब तो रेनू की चूत में जलन हो रही थी. और राजेश था कि रुकने का नाम भी नहीं ले रहा था.

अभी फिर से मुश्किल से 2.30 या 3 मिनिट ही हुए थे कि रेनू पूरी तरह से काँप जाती है और फिर एक झटके से अपनी कमर उपर उठा देती है.. काफ़ी देर तक रेनू झड़ती रहती है.

इतनी बार झड़ने के कारण रेनू के शरीर में काफ़ी कमज़ोरी आ गयी थी. रेनू की चूत बुरी तरह से सूज गयी थी.

इतनी चुदाई के बाद अब राजेश का लंड भी हल्की-हल्की जलन करने लग गया था. अब राजेश भी अपना माल छोड़ना चाहता था.. अब राजेश ने रेनू को बिस्तर पर उल्टा पटक कर पीछे से उसकी चूत में ताबड तोड़ झटके मारने लगा ..

करीब 2-3 मिनिट बाद रेनू फिर से झड रही थी लेकिन राजेश ने उसके झड़ते हुए भी चुदाई नहीं रोकी. अब राजेश खुद भी अपने अंतिम चरम सुख की ओर बढ़ रहा था. देखते ही देखते राजेश ने पूरे ज़ोर से अपनी कमर का झटका दिया और राजेश का लंड रेनू की बच्चे दानी के मूह से भिड़ कर अपना माल खाली करने लगा. इतना ज़्यादा माल कि रेनू की चूत पूरी तरह से भर गयी और इतना गाढ़ा माल कि वो आसानी से बहते हुए बाहर भी नहीं आ रहा था. राजेश ने 3-4 धक्के और मार कर अपना पूरा लंड रेनू की चूत में खाली कर दिया.

मनीष राजेश की ऐसी चुदाई देख कर दंग रह गया. उसको भी यकीन नहीं हो रहा था कि राजेश ने अच्छे-अच्छे जवान लोंडो को कहीं पीछे छोड़ दिया था. ऐसी चुदाई तो कोई रंडियों की भी नहीं करता जैसी राजेश ने उसकी बीवी की की थी.

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#42
Good
राजेश को बोले रेणु को मारना नहीं चाहिए। रांड को सिर्फ लोडे से मारे। हाथ पर से नहीं। सुबह इस चुत को बाथरूम में ले जाओ। वहां राजेश इसको अपने मुत से नहला देगा। राजेश इससे बोलेगा अब तू हमेशा रांड जैसी रहेगी। चुत कभी पेन्टी नहीं पहनेगी। भले साड़ी पहने या स्कर्ट चुत हमेशा अंदर से नंगी बहेगी
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#43
Renu ke mangalsutra or sindoor se bhi khelo
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#44
राजेश कुछ देर रेनू पर पड़ा रहा और जैसे ही राजेश ने अपना लंड बाहर निकाला रेनू की चूत खुली की खुली रह गई यही कोई 1-1.5 इंच तक रेनू की चूत अपना मूह खोले अपनी गहराई दिखा रही थी. राजेश का सारा माल रेनू की चूत में समा गया. मुश्किल से 2-3 बूंदे रिसते हुए बाहर चूत की दीवारों पर लगी वो भी रेनू की चूत के पानी मे मिक्स होकर पतला हो गया था.


राजेश रेनू के उपर से उठ कर देखा तो रेनू गहरी गहरी साँस लेते हुए आधी बेहोशी की हालत में पड़ी थी. रेनू इतना ज़्यादा झड चुकी थी कि उसमे उठने की ताक़त भी नहीं थी. यहाँ तक कि रेनू वहाँ पड़ीपड़ी नींद के आगोश में चली गयी..

राजेश ने अपना लंड रेनू की ब्रा से पोंछ लिया और वहाँ रखा एक ग्लास पानी का पी कर कपड़े पहन कर कमरे से निकला. बाहर मनीष अभी भी खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था.

राजेश: देखी अपनी बीवी की चुदाई.

मनीष: हाँ, मजा आ गया राजेश भाई. कमाल कर दिया आपने.

राजेश: चलो सिगरेट पिए.

राजेश उसे साथ आने का इशारा करता है और कमरे से थोड़ी जाकर एक सिगरेट सुलगा लेता है. मनीष भी उसका साथ देता है और अपनी सिगरेट सुलगा लेता है.

राजेश: देखो अभी तो रेनू मजे से चुदी क्योंकि नशा भी था और वासना भी लेकिन कल सुबह ये नशा उतर जायेगा और वासना भी गायब हो जाएगी और उसकी जगह होगी गिल्ट. अगर उसका गुस्सा बढ़ा तो वो तुमसे भी पूछ सकती है की तुमने ऐसा क्यों किया. तुम क्या बोलोगे.

मनीष: हाँ ये तो मैं भी सोच रहा था पर उसने भी तो मजे लिए है. अपनी मर्जी से चुदवाया है आपसे...

राजेश: ये मत बोल देना. एक तो मैंने उससे कह दिया है की तुमने मुझसे २ करोड़ रूपये लिए थे और वापस नहीं कर पा रहे और ब्याज भी नही दे रहे इसके बदले में तुम्हारी चूत ले रहा हूँ. तुम भी उसको यही कहानी सुना देना की मैंने तुम्हे बिज़नस के लिए पैसा दिया और गलत सलाह देकर वो पैसा डूबवा भी दिया.

मनीष: पर इससे क्या होगा...

राजेश: तुम उससे कहना की मैं तुम्हे पैसा वापस न करने पर जेल भिजवा देता अगर तुम रेनू को मुझसे शेयर नहीं करते. इससे तुम उसकी नजरो से नहीं गिरोगे और वो तुम्हारी मजबूरी समझेगी और तुम्हारी बीवी के नाते तुम्हारी मजबूरी उसकी भी मजबूरी है और इसी मजबूरी में वो पूरे होशो हवास में फिर से मुझसे चुदेगी. ये उसका गिल्ट भी केवल तब तक ही है फिर उसके बाद कुछ नहीं होगा. कुछ दिन बाद तुम कह देना की तुमने मुझे पैसे वापस कर दिए लेकिन मैं तब तक उसे रांड बना दूंगा.          

मनीष: ठीक है. यही करूंगा. लेकिन अभी क्या करू. आपके रूम में जाऊं या...

राजेश: रेनू सो गयी है तो बस तुम भी जाकर रेनू के बगल में सो जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं.

मनीष: ठीक है. सुबह मिलेंगे.

राजेश: उसके बगल में नंगे ही सोना और सुबह अपनी तरफ से उससे कुछ मत कहना. समझे.

कहकर राजेश अपने कमरे में चला जाता है और दरवाजा बंद कर लेता है. मनीष भी जल्दी से अपने रूम में घुस कर दरवाजा बंद कर लेता है. वो अपने कपडे उतार कर सोफे पर डाल देता है और रेनू के बगल में लेटकर सो जाता है.

सुबह रेनू की नींद खुलती है तो उसका सारा बदन टूट रहा होता है. वो उठती है तो अचानक तेज़ दर्द से वापस बैठ जाती है. किसी तरह वो वापस खड़ी होती है और बाथरूम जाती है. अंदर शीशे में वो देखती है की उसकी चुन्चियो पर काटने के कारण नीले नीले निशान हो गए हैं. शरीर पर जगह जगह वीर्य के धब्बे पड़े है. उसकी गांड में भी बहुत दर्द हो रहा था. फिर उसे रात की बाते याद आती है की कैसे रात भर राजेश ने उसे बेरहमी से चोदा है.

वो किसी तरह नहा धोकर बाहर आती है तो देखती है की बेड पर तो मनीष सो रहा है. उसको लगता है की क्या उसने कोई सपना देखा है या फिर सच में राजेश ने ही उसे चोदा है. अगर उसने सपना देखा होता तो उसके बदन का दर्द. नहीं नहीं ये कोई सपना नहीं था. रात भर एक गैर मर्द ने मुझे बेरहमी से कुचला है. ओह ये मैंने क्या किया. लेकिन ये मैंने नहीं किया. मुझे तो मनीष ने कमरे में भेजा था और फिर खुद आने की बजाय राजेश को भेज दिया था. उसे याद आता है की राजेश ने उसे कहा था की वो मनीष का राजेश को बर्थडे गिफ्ट है. वो कुछ पैसे की बात भी तो कर रहा था. वो परेशान हो कर मनीष को जगाने जाती है पर फिर न जाने क्यों रुक जाती है. वो सोचती है की वो मनीष से क्या कहेगी क्योंकि वो तो खुद ही राजेश के साथ मजे लेकर चुद रही थी. वो चाहती तो राजेश उसको हाथ भी नहीं लगा सकता था. वो इसी उधेड़बुन में लगी थी की वो मनीष से बात करे या न करे तब तक मनीष जाग जाता है.

मनीष: गुड मोर्निंग. अरे तुम तो तैयार भी हो गई.

रेनू: तुम कब आये थे?

मनीष: तुम्हे याद नहीं? क्या हुआ? मनीष चालाकी से बात टाल देता है.

रेनू: अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही. जल्दी से उठो और तुम भी तैयार हो. घर वापस चलना है या नही. मैं नीचे धुप में जा रही हूँ. जल्दी आ जाओ.

रेनू मनीष से बोलकर रूम से बाहर चली जाती है. मनीष खुश हो जाता है की रेनू ने उससे कुछ पूछा नहीं. वो फौरन राजेश को फोन मिलाता है.

मनीष: गुड मोर्निंग राजेश भाई. अभी आता हूँ आपके कमरे में.

राजेश: गुड मोर्निंग. यार मैं तो सुबह जल्दी वापस लौट आया. ऑफिस में एक मीटिंग थी. और रेनू कैसी है.

मनीष: मुझे तो एकदम ठीक लग रही है. मुझसे रात के बारे में कुछ नहीं पुछा...

राजेश: गुड. तुम भी कुछ मत कहना. वो जानती है की तुम जानते हो की कल मैंने उसकी ली है लेकिन वो इस बारे में तुमसे बात नहीं करना चाहती. तुम भी एकदम अंजान बन जाओ जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अब आगे क्या करना है मैं तुम्हे बताऊँगा. तुम दोपहर को ऑफिस आ जाना. लंच भी कर लेंगे और आगे का प्लान भी.

मनीष: ओके. मैं २ बजे तक आ जाऊँगा.

मनीष भी फटाफट तैयार होता है और रेनू को लेकर घर आ जाता है. रस्ते में भी रेनू कुछ नहीं कहती. दोनों घर आकर चुपचाप नाश्ता करते है और मनीष दफ्तर के लिए निकल जाता है. मनीष के जाने के बाद रेनू पेन किलर खाकर सो जाती है.  
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#45
Nice story
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#46
Wow great
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#47
Update dedo..
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#48
रेणु को उसके घर पर chudvaao। साली को पेटीकोट ब्लाउज में मल्टी में ghumavaao
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#49
मनीष दोपहर तक अपना काम निपटा कर राजेश के ऑफिस पहुच जाता है. राजेश उसी का इंतज़ार कर रहा था.


राजेश (हाथ बढ़ाते हुए) : आओ भाई बड़ी देर लगा दी. तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.

मनीष: अब हाथ वाथ नहीं मिलाइए, गले मिलिए. आपने मेरी एक तमन्ना तो पूरी कर दी. पर अब आगे कैसे करेंगे. कैसे उसे आगे के लिए राजी करेंगे.

राजेश हँसते हुए मनीष से गले मिलता है और कहता है

राजेश: यार सब हो जायेगा. तुम्हारी बीवी की लाइव चुदाई भी दिखा दी तुमको कल. अब तो मुझ पर भरोसा करो. अभी दो चार दिन कुछ नहीं करेंगे. तुम भी रेनू को मत चोदना. उसको नोर्मल होने दो. उसके बाद उससे कहना की तुमने मुझे ड्रिंक पर इनवाईट किया है. अगर वो मना नहीं करती तो आधा काम तो वही हो गया बाकी का मैं रात को कर दूंगा.

मनीष: लेकिन अगर उसने मना किया तो...

राजेश: तुम एक काम करना ४-५ दिन बाद जब तुम उसके साथ बैठे हो तब मुझे मिस काल कर देना. मैं तुम्हे काल करके खुद को ही इनवाईट कर लूँगा.

मनीष: समझ गया राजेश भाई.

राजेश: अच्छा एक बात बताओ. तुम्हारी शादी को ५ साल हो गए हैं लेकिन तुमने अभी तक बच्चे नहीं किये. कोई प्रोब्लम है क्या?

मनीष: नहीं बस ये थोडा बिज़नस जमने का वेट कर रहा था. अब इसी साल प्लान कर रहे थे. क्यों?

राजेश: यार तुम्हारे कहने से तुम्हारी बीवी चोदी और बिना तुम्हारे कहे अपनी बीवी भी तुम्हारे हवाले कर दी. अब तुम्हारी फंतासी पूरी करने के लिए आगे भी रिस्क ले रहा हूँ बदले में मुझे भी एक चीज चाहिए.

मनीष: जो आप कहें.

राजेश: यार बहुत लड़कियां चोदी लेकिन किसी में रेनू वाली बात नहीं है. मैं चाहता हूँ की मैं तुम्हारी बीवी से एक बच्चा पैदा करूँ. मेरी बड़ी तमन्ना थी की मेरे दो बच्चे होते लेकिन दिव्या दुसरे के लिए नहीं मानी. अब मेरी तमन्ना तुम पूरी करो.

मनीष ये सुनकर बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन फिर सम्भलते हुए बोला

मनीष: मुझे कोई एतराज नहीं अगर रेनू तैयार है तो.

राजेश को उम्मीद नहीं थी की मनीष इतनी जल्दी मान जायेगा लेकिन जब मनीष ने हाँ कहा तो वो बहुत खुश हो गया. थोड़ी देर तक दोनों आगे की प्लानिंग करते रहे फिर मनीष घर आ गया.

रेनू पूरे दिन सोती रही थी. मनीष ने ही उसको जगाया. अब उसका दर्द लगभग ख़तम हो गया था लेकिन रह रह कर उसके दिमाग में यही घूम रहा था की कैसे कल रात भर एक गैर मर्द ने उसे बुरी तरह चोदा. वो तय नही कर पा रही थी की मनीष को कुछ बोले या नहीं. खासतौर पर जब मनीष ऐसे दिखा रहा है की कुछ हुआ ही नहीं.
चार पांच दिन ऐसे ही निकल गये और रेनू भी अब काफी नोर्मल हो गयी थी. अब उस रात की याद करके उसे गिल्ट फील नहीं हो रहा था बल्कि वो उत्तेजित हो जाती थी. ऐसे में एक दिन शाम को वो मनीष के साथ बैठकर चाय पी रही थी की अचानक मनीष के फोन बजा. रेनू ने फोन के स्क्रीन पर राजेश का नाम देखा तो उसके बदन में एक झुरझुरी दौड़ गयी.

मनीष ने फोन स्पीकर पर लगा दिया.

मनीष: हेल्लो राजेश जी.

राजेश: हेलो मनीष. क्या हाल है. भाई तुम तो उस दिन के बाद गायब ही हो गए. न कोई फोन, न कोई बात.
मनीष: नहीं नहीं राजेश जी. ऐसी कोई बात नहीं. बस थोडा काम में बिजी था.

राजेश: अरे यार ऐसा भी क्या काम. और रेनू के क्या हालचाल हैं. मुझसे नाराज है क्या? कल सामने से निकल गयी न हाय न हेल्लो.

मनीष: नहीं नहीं नाराज़गी की क्या बात है. देखा नहीं होगा...

राजेश: अभी क्या हो रहा है.

मनीष: कुछ ख़ास नहीं. बस हम दोनों चाय पी रहे थे.

राजेश: अरे यार. ये कोई चाय पीने का टाइम है. ये तो कुछ और पीने का टाइम है. मेरे एक दोस्त ने एक ख़ास बोतल भिजवाई है बाहर से. एक काम करता हूँ मैं लेकर तुम्हारे घर आता हूँ. साथ में ख़तम करते है. आता हूँ आधे घंटे में.

इतना कह कर राजेश ने फोन काट दिया.

रेनू: अरे मना नहीं कर सकते थे. अकेले आएंगे या दिव्या भी होंगी.

मनीष: यार देखा तो तुमने कोई मौका कहां दिया उन्होंने. और ये तो बोला नहीं की अकेले होंगे या दिव्या भी साथ होंगी.

रेनू: अब इस वक़्त आ रहे हैं तो खाने वाने का इन्तेजाम देखना होगा न.

मनीष को लग रहा था की कहीं रेनू ज्यादा नाराज न हो जाए लेकिन जब उसने देखा की वो तो खाने की चिंता कर रही है तो वो बहुत खुश हुआ.

मनीष: अरे वो सब तुम छोड़ो. मैं फोन करके सब मंगा लूँगा. तुम रिलैक्स करो.

रेनू चाय के बर्तन लेकर अंदर चली गयी और मनीष ने फोन करके स्नेक्स और खाना आर्डर कर दिया. आधे घंटे से पहले ही राजेश आ गया. मनीष ने उसे ड्राइंग रूम में बिठाया. राजेश ने मनीष को बोतल पकड़ाते हुए पुछा.

राजेश: रेनू कहाँ है.

मनीष: रेनू. देखो राजेश जी आ गए है. गिलास वगेरह दे दो.

मनीष के बुलाने पर रेनू गिलास, बर्फ और स्नेक्स लेकर बाहर आई. मनीष ने देखा की रेनू ने कपडे बदल लिए थे. सलवार सूट उतार कर उसने साडी पहन ली थ और हल्का सा मेकअप भी कर लिया है. मनीष के लंड ने ये सोचकर एक झटका लिया की उसकी बीवी राजेश के लिए रेडी हुई है.    

रेनू ने गिलास रखते हुए पुछा: दिव्या जी नही आई?

राजेश: मेरा एक दोस्त है. उसने शादी वादी नही की. अकेला रहता है. आज उसे दिव्या की जरूरत महसूस हुई तो उसे ले गया. कल वापस आ जाएगी. मैंने भी नहीं रोका सोचा आज तुम लोगों के साथ थोडा टाइम बिताया जायेगा.
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#50
Wow... Mast update.
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#51
Nice planning
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#52
राजेश की इस तरह की बात सुन कर रेनू थोडा शर्मा गई. वो गिलास और स्नेक्स रख कर वापस जाने लगी. तब राजेश फिर बोला.


राजेश: अरे सिर्फ दो ही गिलास? तुम्हारा गिलास कहा हैं? अब ये न कहना की तुम नहीं पीती क्योंकि उस दिन पार्टी में तो तुमने खूब पी थी. पार्टी याद है न कि भूल गईं?

राजेश के मुह से पार्टी की बात सुन कर रेनू की आँखों के सामने राजेश और उसकी चुदाई का नज़ारा घूम गया. फिर भी अपने को संभालते हुए बोली

रेनू: जी मैं कभी कभार पार्टी वार्टी में पी लेती हूँ वरना नहीं.

राजेश: अरे तो आज भी तो पार्टी ही है. आ जाओ एक गिलास और लेकर.

रेनू: नहीं आज मन नहीं है. आप लोग पीजिये. मुझे थोडा किचन में काम है.

मैंने सोचा की एक तरफ तो रेनू राजेश के लिए साडी पहन कर मेकअप करके तैयार हुई लेकिन दूसरी तरफ साथ में बैठने से भी झिझक रही है. अभी ये तय नहीं कर पा रही है की इसे क्या करना है.

मनीष: अरे मन नहीं है तो मत पीना लेकिन हमारे साथ तो बैठो.

रेनू: जी अभी आई.

कह कर रेनू अन्दर चली गई लेकिन काफी देर तक वो बाहर नहीं आई. राजेश मैं दोनों हो सोच रहे थे की क्या हुआ.

राजेश: यार ये आई नहीं. लगता है की अभी तैयार नहीं है. मेरे आने पर नाराज़ हो रही थी क्या?

मनीष: नहीं भाई नाराज तो नहीं हुई बल्कि आपके खाने की चिंता कर रही थी. देखा नही ये मेकअप साडी आपके लिए ही तो है.

राजेश: अच्छा फिर तो काम हो गया समझो. मतलब तैयार है लेकिन शर्मा भी रही है. तुम एक काम करो थोड़ी देर के लिए अन्दर जाओ और किसी बहाने से उसे बाहर भेजो.

राजेश की बात मानकर मनीष अन्दर आया तो उसने देखा की रेनू बेडरूम में बैठी हुई है.

मनीष: अरे तुम अकेली यहाँ क्यों बैठी हो.

रेनू: बस ऐसे ही.

मनीष: अच्छा वो कबाब और हैं क्या?

रेनू: हाँ काफी सारे रखे है.

मनीष: तो तुम गरम करके बाहर दे दो. राजेश को बहुत अच्छे लग रहे है.

ये कह कर मनीष बाथरूम में घुस गया. रेनू प्लेट में कबाब लगाकर बाहर ले आई और टेबल पर रख दिए. टेबल पर रखते ही राजेश ने उसको खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया. रेनू इस हमले से सकपका गई.

राजेश: क्यों जानेमन अब हमारी कोई बात नहीं मानोगी. साथ पीने को बोला तो मना कर दिया. साथ बैठने को कहा तो अंदर चली गई. अब साथ सोने को बोलूँगा तो मना मत करना.

रेनू: उफ़ छोडिये भी. मनीष आ रहा होगा.

राजेश: तो क्या हुआ? उसको तो पता है की तुम मुझसे चुदी हो.

रेनू: प्लीज् छोडिये न.

राजेश: एक किस दो तब छोडूंगा

रेनू को डर था की कहीं मनीष न आ जाये. उसने फ़ौरन राजेश के होठो पर एक किस कर दी

राजेश: अरे मैं कोई छोटा बच्चा हूँ क्या जो ऐसे किस कर रही हो

रेनू ने दुबारा राजेश के होठ अच्छी तरह से चूसे. फिर बोली...

रेनू: अब तो छोडो

राजेश (रेनू को छोड़ते हुए): अब यही बैठना. तुम्ही को तो देखने आया हूँ जान.

जैसे ही रेनू उठ कर खड़ी हुई वैसे ही मनीष भी बाहर आ गया क्योंकि वो ये सब छुप कर देख रहा था.
अब रेनू वही बैठ गई और चुपचाप टीवी देखने लगी और राजेश और मैं वापस पीने में लग गए. कुछ ही देर मे हमने आधे से ज्यादा बोतल गटक ली. मुझे बढ़िया नशा हो गया था. राजेश को भी मजा आ रहा था. वो पीते पीते रेनू को ताड़ रहा था पर रेनू बोर हो रही थी.

रेनू: काफी देर हो गयी है. खाना लगा दूं?

राजेश: यार अब ये इतने सारे कबाब वगेरह खा लिए अब खाना कौन खायेगा?

मनीष: सच में यार अब बिलकुल भूख नहीं है. एक काम करो तुम खा लो.

रेनू: ठीक है मैं अब खाकर सोने जा रही हूँ पर तुम सारी रात न पीते रहना.

ये कह कर रेनू अंदर चली गई. हम दोनों ने थोड़ी देर में पूरी बोतल ख़तम कर दी. अब हमे अच्छा खासा नशा हो गया था.    

राजेश: सुनो अब तुम एकदम बेहोशी का नाटक करना. मैं तुम्हे बेडरूम में ले चलूँगा. तुम बस मेरी हाँ में हाँ मिलते रहना.

अब मैं नशे की एक्टिंग करने लगा और राजेश मुझे सहारा देकर अंदर बेडरूम में ले गया. रेनू बेड पर लेटी थी. उसने साड़ी बदल कर नाईटी पहन ली थी. राजेश को देख कर वो उठ बैठी. राजेश ने मुझको बेड के एक किनारे लिटा दिया और फिर बोला

राजेश: कुछ नहीं थोड़ी ज्यादा हो गयी है. तुम लेट जाओ आराम से.

रेनू कुछ कहती इससे पहले ही राजेश ने रेनू को भी बेड पर लिटा दिया और खड़े होकर उसका हुस्न निहारने लगा. रेनू को बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन वो वापस नहीं उठी.

राजेश: यार अब इतने नशे में कहाँ अकेला सोऊंगा. तुम कहो तो यही सो जाता हूँ.

उसकी ये बात सुनकर मनीष के लंड ने एक जोर का झटका मारा और उसके मुह से केवल इतना निकला "हाँ लेकिन जगह."

राजेश: जगह बहुत है.

राजेश ने रेनू को मनीष की तरफ धक्का दिया और रेनू कुनमुनाते हुए बेड के बीच में आ गयी और मनीष से चिपक गयी. राजेश ने अपनी टीशर्ट और लोअर उतार दिया और सिर्फ अंडरवियर में आ गया.

राजेश: यार कपड़े पहन कर मुझसे सोया ही नहीं जाता.

रेनू ने देखा की उसके अंडरवियर में एक बड़ा सा टेंट बना था. वो कुछ बोलती उससे पहले ही राजेश रेनू के बगल में लेट गया. अब रेनू बीच में और एक तरफ मैं और एक तरफ लगभग नंगा राजेश. रेनू को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है. इसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी की ऐसा भी हो सकता है.

इधर राजेश ने लेटते ही रेनू की नाईटी जो पहले ही उसके घुटनों तक थी खीच कर जांघो तक कर दी और उसकी जांघो को चूमने लगा. राजेश की मूंछे रेनू की जांधो में चुभी तो वो अचानक मनीष से चिपक गयी और सिस्कारिया लेने लगी.

अब मनीष धीरे से उठा और रेनू को अलग करके अपने कपडे भी उतार दिए. राजेश ने एक नज़र मनीष की तरफ  देखा और हलके से मुस्कुराया और उसने रेनू की पेंटी को खीच कर नीचे कर दिया और धीरे से उसके पैरों से निकाल कर उतार दिया और सूंघने लगा. रेनू शर्म से लाल हो गयी. रेनू हर हफ्ते ही झाटे शेव करती थी और उसने आज सुबह ही शेव की थी और उसकी चिकनी गुलाबी चूत राजेश की आँखों के सामने थी.

मनीष वापस रेनू के बगल में लेट गया और उसकी नाईटी कंधे से नीचे करके उसकी एक चूंची बाहर निकाल कर चूसने लगा. अब रेनू भी काफी गर्म हो गयी थी. उधर राजेश ने भी अपना अंडरवियर उतार दिया और पूरा नंगा हो कर रेनू की चूत को चूसने लगा. रेनू मस्ती से तड़प उठी. मनीष ने रेनू की चूची छोड़ कर देखा की राजेश का लंड एकदम लाल था और उसके लंड से बड़ा और ज्यादा मोटा भी था. उस पर एक भी बाल नहीं था और वो झटके मार रहा था. 

अब राजेश ने रेनू की चूत छोड़ी और उपर आकर उसकी चूंची चूसने लगा. मनीष ने रेनू का हाथ उठाकर राजेश के लंड पर रख दिया. रेनू उत्तेजना से राजेश का लंड मुठीयाने लगी. अब मनीष ने अपनी बीवी की चूत का रुख किया. रेनू की चूत एकदम पनिया गयी थी. मनीष ने जोरो से उसकी चूत चूसना शुरू किया. रेनू के मुह से एक तेज़ सीत्कार निकली लेकिन राजेश ने उसका मुह अपने होठो से बंद कर दिया. अब राजेश ने रेनू को धीरे से उठाया और उसकी नाईटी को उतार कर एक तरफ फेंक दिया. अब मनीष की बीवी भी राजेश और मनीष की तरह पूरी नंगी हो गयी.
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#53
Continue please
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#54
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#55
Renu ko aise hu chodunga
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UPDATE PLEASE
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#59
राजेश अपने से लगभग १५ साल छोटी औरत को पूरा नंगा देखकर अपना अप खो बैठा और रेनू के उपर टूट पड़ा. अब मैं एक किनारे बैठकर मेरी बीवी और मेरे पडोसी की काम लीला देख रहा था. राजेश सर से पांव तक मेरी बीवी को चूम चाट रहा था और रेनू उत्तेजना से पागल हुई जा रही थी. मुझे ये देख कर अच्छा लग रहा था.

वैसे तो मैंने उसे पहले भी राजेश से चुदते देखा था पर वो काफी दूरी से था और रेनू को पता भी नही था की मैं देख रहा हूँ. पर आज मैं सोच रहा था की मेरे कमरे में होते हुए आज जब राजेश उसे चोदेगा तो उसे कैसा लगेगा.


इधर राजेश और रेनू के रसभरे होंठ मिल गये थे और राजेश रेनू का सर पकड़ कर रेनू के होठों को चूसना शुरू कर दिया था. रेनू की आँखे बंद थीं. उसने जैसे ही राजेश की मूछें अपने मुह पर महसूस की तो उसने आँख खोली और मुझे उनकी तरफ देखते हुए  पाया. वह थोड़ी छटपटाई और मुंह हटाने लगी पर राजेश ने उसका सर कस के पकड़ा था.

वह हिल न पायी और तब मैंने उससे कहा "परेशान मत हो. बस राजेश का पूरा साथ दो" और फिर वो राजेश के किस में उसका साथ देने लगी. मेरी बीबी मेरे पडोसी को लिपट कर किस कर रही थी. रेनू ने जब देखा की वह उसकी जीभ को भी चूसना चाहता था तब रेनू ने राजेश के मुंह में अपनी जीभ को जाने दिया.

राजेश मेरी बीबी को ऐसे किस कर रहा था जैसे वह अब उसे नहीं छोड़ेगा. रेनू साँस नहीं ले पा रही थी. उसने अपना मुंह राजेश के मुंह से हटाया और जोरों से सांस लेने लगी. उसका मुंह राजेश की और था. मैं उस के पीछे लेटा था. उसने एकबार फिर राजेश के होंठ से अपने होंठ मिलाये और अब वह और जोश से राजेश को किस करने लगी. राजेश और मेरी बीबी ऐसे किस कर रहे थे जैसे दो प्रेमी सालों के बाद मिले हों.

रेनू के दोनों हाथ राजेश के सर को अपनी बाँहों में लिए हुए थे. राजेश ने भी मेरी बीबी को कमर से कस के अपनी बाँहों में जकड़ा हुआ था. मेरा लण्ड भी एकदम कड़क हो गया था. मैंने भी रेनू को पीछे से मेरी बाहोँ में जकड़ा और मेरी बीबी की दोनों चुन्चियो को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर मसलना शुरू किया.

हम तीनों पलंग पर लेटे हुए थे. मैंने फिर मेंरे कड़े लण्ड को मेरी बीबी की गांड में डालना चाहा. मैं उसे पीछे से धक्का दे रहा था. इस कारण वह राजेश में घुसी जा रही थी.

अब राजेश ने रेनू का हाथ पकड़ कर अपने दोनों पांव के बीच अपने लण्ड पर रख दिया और ऊपर से रेनू के हाथ को जोरों से अपने लण्ड ऊपर दबाने लगा. मेरे पीछे से धक्का देने के कारण रेनू के बहुत कोशिश करने पर भी वह वहां से हाथ जब हटा नहीं पायी तब रेनू ने राजेश के लण्ड को अपने हाथों में पकड़ा. मैंने तब रेनू को पीछे से धक्का मारना बंद किया और मैं पीछे हट गया. अब रेनू चाहती तो अपना हाथ वहां से हटा सकती थी. परंतु मुझे यह दिख रहा था की रेनू ने अपना हाथ वहां से नहीं हटाया बल्कि धीरे धीरे मुठीयाने लगी.

वो आज फिर से राजेश के लण्ड की लंबाई और मोटाई नाप रही थी. मेरी बीवी जब राजेश के लण्ड की पैमाइश कर रही थी तब उसने रेनू के दोनों मम्मो को अपने दोनों हाथों में बड़ी मुश्किल समाते हुए रखा और बोला "रेनू इन चुन्चियो का कोई मुकाबला नहीं. मैंने कभी किसी भी औरत के इतने सुन्दर मम्मे नहीं देखे. मेरी बीव दिव्याके भी नहीं.

मैंने मेरी बीबी की तरफ देखा तो वह शर्म से लाल हो रही थी. उसे समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे. तब मेरी बीबी ने राजेश को अपनी और खींचा और उसके मुंह को अपने चुन्चियो में घुसा दिया. राजेश का मुंह बारी बारी कभी एक मम्मे को तो कभी दूसरे को जोर से चूसने लगा.

जब वह मेरी बीबी की एक चूंची को चूसता था तो दूसरे को जोर से दबाता और खींचता था और अपनी उँगलियों में रेनू की निप्पलों को जैसे चूंटी भर रहा हो ऐसे दबाता था. कई बार तो वह इतना जोर से दबा देता की रेनू के मुंह से टीस सी निकल जाती. तब वह राजेश को धीरे दबाने का इशारा करती.

जैसे ही राजेश रुका तो मुझे मौका मिल गया था. मैंने भी रेनू की सुडौल चुन्चियो को चूसना शुरू किया. फिर तो राजेश कहाँ रुकने वाला था? वह रेनू के दूसरे मम्मे को अपने मुंह में रख कर उसकी निप्पल को काटने लगा. रेनू के हाल का क्या कहना? उसकी जिंदगी में पहली बार उसके चुन्चियो को दो मर्द एक साथ चूस रहे थे.

रेनू इतनी गरम और उत्तेजित हो गयी थी की वह अपने आप को सम्हाल नहीं पा रही थी. अब तक जो मर्यादा का बांध उसके अपने मन में था अब वह टूटने लगा था. अपने चुन्चियो पर राजेश के मुंह के स्पर्श से ही अब वह पागल सी हो रही थी.

मैंने झुक कर प्यार से मेरी प्यारी बीबी के रसीले होठों पर किस किया. तब मेरी शर्मीली खूबसूरत बीबी ने अपनी आँखे खोली और और मेरी आँखों में आँखे डाल कर मुस्कुराई. उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों में लेकर मेरे होंठ अपने होंठो पर दबा दिए और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी. राजेश ने जब हमारा आपस में प्रेमआलाप देखा तो वह भी मुस्कुराया. अब हम दोनों उसके दोनों और बैठ गए और उसकी चूचियों को चूसने लगे. रेनू ने हम दोनों को बड़े प्यार भरी नजर से देखा और फिर अपनी आँखें बंद करली.

मैं धीरे से उसकी नाभि और उसके पतले पेट का जो उभार था उसको प्यार से सहलाने लगा. मेरी बीबी मेरे स्पर्श से काँप उठी. मैंने मेरे हाथ रेनू की पीठ के नीचे डाल दिए और उसे धीरे से बैठाया. राजेश ने रेनू के दोनों चुन्चियो को ऐसे ताकत से पकड़ रखा था की जैसे वह उन्हें छोड़ना ही नहीं चाहता था. कभी वह उन्हें मसाज करता था तो कभी निप्पलों को अपनी उँगलियों में दबाता तो कभी झुक कर एक को चूसता और दूसरे को जोरों से दबाता.

रेनू अब इतनी कामोत्तेजित हो चुकी थी की  उससे अपने जिस्म को नियत्रण में रखना मुश्किल हो रहा था.

मैं देख रहा था की अब वह अपने कामोन्माद से एकदम बेबस लग रही थी. रेनू तब अपनी कमर और अपनी नीचे के बदन को उछालते हुए बोलने लगी, “मनीष, राजेश जल्दी करो, और चुसो जल्दी आह्ह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह.. और दबाव ओओफ़फ़फ़."

तब मुझे लगा की वह अपनी चरम सीमा पर पहुँच रही थी. मैंने राजेश को इशारा किया और हम दोनों उसके मम्मों को और फुर्ती से दबाने और चूसने लगे.

जल्द ही मेरी बीवी एक दबी हुयी टीस और आह के साथ उस रात पहली बार झड़ गयी. उसकी साँसे तेज चल रहीं थी. थोड़ी देर के बाद उसने अपनी आँखें खोली और हम दोनों की और देखा.

उसके दो पांव के बीच में उसकी चूत  का उभार किसी भी शरीफ आदमी का ईमान खराब कर देने वाला था. उसकी चूत के होठ एकदम साफ़ और सुन्दर गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे और उनमें से जिस तरह रस चू रहा था वो  रेनू के हालात को बयाँ रहा था. राजेश ने आगे बढ़कर फिर से रेनू को अपनी बाहों में ले लिया. 

वह अपने हाथोँ से रेनू के नंगे बदन को सहला रहा था. उसके दोनोँ हाथ रेनू की पीठ में ऊपर नीचे हो रहे थे. कभी वह अपना हाथ रेनू के चूतड़ों के ऊपर रखता और रेनू की गाँड़ को दबाता, तो कभी अपनी उंगली को गांड के बीच की दरार में डालता था. राजेश ने मेरी बीबी को इस हालात में देखने की कल्पना बहुत समय से की थी. और आज एक हफ्ते में दुबारा मेरी बीवी का बदन उसका होने वाला था.

राजेश की दोनों टाँगे मेरी बीवी के ऊपर लिपटी हुयी थीं. मेरी बीबी उसमे जैसे समा गयी थी. राजेश का लण्ड रेनू की चूत पर रगड़ रहा था. ऐसे कड़क लण्ड को सम्हालना राजेश के लिए वास्तव में मुश्किल हो रहा होगा. रेनू और राजेश एक दुसरे के आगोश में किस कर रहे थे. रेनू ने एक हाथ में उसका लण्ड पकड़ रखा था. उसका दुसरा हाथ मेरी और बढ़ा और मेर लण्ड को पकड़ा.

मेरी बीबी तब एक हाथ में मेरा और दूसरे हाथ में राजेश का लण्ड पकड़ कर बड़े प्रेम से सहला रही थी. हम तीनों एक दूसरे को लिपटे हुए थे. रेनू बीच बीच में राजेश के अंडकोष को अपने हाथों से इतमे प्यार से सहलाती थी की मैं जानता था की उस समय राजेश का हाल कैसा हो रहा होगा. रेनू के हाथ में एक जादू था. वह मेरे एंडकोष को ऐसे सहलाती थी की मैं उस आनंद का कोई वर्णन कही कर सकता.

उधर राजेश और मेरी बीबी ऐसे चिपके थे जैसे अलग ही नहीं होंगे. रेनू भी राजेश की बाँहों मैं ऐसे समा गयी थी के पता ही नहीं चलता था के वह गयी कहाँ. राजेश के हाथ रेनू के नंगे पिछवाड़े को सहला रहे थे.
राजेश का हाथ बार बार रेनू के कूल्हों को दबाता रहता था और उसकी उँगलियाँ कूल्हों के बीच वाली दरार में बार बार घुस कर रेनू की गांड के छेद में घुसेड़ता रहता था.

इस से रेनू और उत्तेजित हो कर बोली राजेश जी ये आप  क्या कर रहे हैं? प्लीज मत आहहह.." रेनू की उत्तेजना उसकी धीमी सी कराहटों में मेहसूस हो रही थीं. अब रेनू इतनी गरम और उत्तेजित हो चुकी थी की वह कामोत्तेजना में कराह रही थी. उसने राजेश से अपने आप को अलग कर उसे अपनी टांगो के पास जाने का इशारा किया और उसका मुंह अपनी नाभि पर रखा. राजेश को और क्या चाहिए था. उसे मेरी बीवी का आदेश जो मिला था. उसने रेनू की पतली कमर पर अपना मुंह रख कर वह मेरी बीबी की नाभि को चाटने एवं चूमने लगा.

उसकी जीभ से लार रेनू के पेट पर गिर रही थी, वह उसे चाटकर रेनू के पेट पर अपना मुंह दबाकर उसे इतने प्यार से किस कर रहा था की मेरी बीबी की कामुक कराहटें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं. अपना मुंह रेनू के पेट, नाभि और नीचे वाले उभार पर इतने प्यार से चूमने से मेरी बीबी की कामाग्नि की आग और तेज़ी से भड़क रही था. मैं मान गया की आज तक मैंने इतने सालों मे अपनी बीबी के बदन को इस तरह नहीं चूमा था.

उसका हाथ अनायास ही मेरी बीबी की चूत पर रुक गया. रेनू की चूत का उभार कितना सेक्सी है वह तो मैं जानता ही था. मुझे यह भी पता था की वहाँ हाथ रखने मात्र से मेरी बीवी कैसे फुदकती है. राजेश के वहां छूते ही रेनू अपने कूल्हों को गद्दे पर रगड़ने लगी और जब राजेश ने उसके छोटे छेद में अपनी उंगली डाली तो रेनू एकदम उछल पड़ी.

वह राजेश की उँगलियों को अपनी चूत के छेद से खेलते देख कर पगला सी गयी थी. राजेश ने जब रेनू की फुद्दी के दोनों होठों को चौड़ा कर के देखा तो कुछ सोच में पड़ गया और फिर बोल उठारेनू तुम्हारा छेद तो मैंने चौड़ा कर दिया था अब फिर से एकदम छोटा हो गया है."

मैं तो जानता था की मेरी बीबी को सेक्स के लिए तैयार करने का इससे बेहतर कोई रास्ता नहीं था. जब रेनू को चुदवाने के लिए तैयार करना होता है तब मैं उसकी चूत में प्यार से अपनी एक उंगली डाल कर धीरे धीरे रगड़ कर उसे चुदवाने के लिए मजबूर कर देता हूँ. मैंने ये बात राजेश को बताई थी जो आज वो अमल में ला रहा था.

राजेश बड़े प्यार से मेरी बीबी की चूत में अपनी उंगली को जगह रगड़ रहा था. रेनू एकदम पागल सी होकर चुदवाने के लिए बेबस हो रही थी. रेनू की बेबसी अब देखते ही बनती थी. राजेश के लगातार क्लाइटोरिस पर उंगली रगड़ते रहने से रेनू कामुकता भरी आवाज में कराहने लगी. जैसे जैसे रेनू की छटपटाहट और कामातुर आवाजें बढती गयी, राजेश अपनी उंगली उतनी ही ज्यादा फुर्ती से और रगड़ने लगा.

मेरी बीबी को अब मेरे वहाँ होने न होने से कोई फर्क नहीं पद रहा था. वो राजेश का हाथ पकड़ कर कहने लगी राजेश जी यह मत करो. मैं पागल हुयी जा रही हूँ. मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही. आओ आप जल्दी से मुझ पर चढ़ जाओ और प्लीज मेरी चुदाई करो.

पर राजेश तो रुकने का नाम नहीं ले रहा था. उस रात जैसे उसने ठान ली थी की अब तो वह रेनू को अपनी बना कर ही छोड़ेगा. वह रेनू को इतना उत्तेजित करेगा की रेनू आगे भी सालों तक राजेश से चुदवाने के लिए तड़पती रहे.
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#60
मस्त एपिसोड।
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