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Adultery Indian Housewife's Adventures by jpink2010
#61
page 25
 horseride  Cheeta    
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#62
WOW!
THANK YOU VERY MUCH
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#63
बाहर सुष्मिता और धर्मेश का बुरा हाल था उन्हें विनोद की बातों को सुन कर ही पता चल रहा था की अन्दर चुदाई चल रही है. डिस्टर्ब ना हो इसलिए वो लोग अन्दर देखने नहीं गए. सुष्मिता ने तो एक मैगज़ीन उठा ली थी पर उसके कान में आती हुई विनोद की आवाज और सुरभि के मदमस्त कराहने की आवाज से ही उसकी चूत गीली हुई जा रही थी. उस पर विनोद का मुख़र्जी को ये कहना की “अंकल नाउ गो फ़क योर बहु हार्ड” सुन कर वो अपने आपको ही अपने ससुर से चुदती हुई महसूस कर रही थी. थोड़ी देर बार जब वो लोग बाहर आये तो सुरभि ने अपने चेहरे को ठीक कर लिया था पर अभी भी वो सेक्सी टी शर्ट और शोर्ट में थी. वो झेंप रही थी और किसी से भी नजरें नहीं मिला पा रही थी. पर फिर भी एक बार उसकी और सुष्मिता की नजरें मिली तो सुष्मिता ने मुस्कुरा कर उसे आँख मार दी. सुरभि ने सर झुका लिया और वो बाथरूम में घुस गयी अंकल काउच पर बैठ गए. जब सुष्मिता अन्दर जाने लगी तो मुखेर्जी ने उसे आवाज दी,
“अरे बेटा सुष बेस्ट ऑफ़ लक... अच्छे से करना विनोद बहुत एक्सपर्ट है अच्छा विडियो शूट करेगा बस थोडा बोल्ड हो कर मूवी करना.”
“जी बाबा.” सुष बोल कर अन्दर रूम की तरफ बड गयी. मुखेर्जी अपनी बहु की गांड सेक्सी स्कर्ट में जाते हुए देख रहा था और याद कर रहा था की कैसे आज उसे बरसों बाद एक मस्त टाइट चूत चोदने को मिल गयी थी. वो लेट गया और थकान के कारण थोड़ी ही देर में उसकी आँख लग गयी. वो इतना तृप्त हो चुका था की उसने अपने कान में पड़ा इयर फ़ोन भी निकाल दिया था.


“नाउ सुष .. आप और धर्मेश गर्ल फ्रेंड बॉय फ्रेंड है इसलिए इसमें एक दुसरे को पटाने जैसी कोई बात नहीं है बल्कि ये एक ड्रीम सीक्वेंस हैं और इसमें आप दूर से आएँगी और धर्मेश पर जम्प करेंगी धर्मेश आप को गोद में उठा लेगा पर आप अग्रेस्सिव हो कर उसे किस करेंगी मैं पूरा गोल घूम कर आप दोनों का किस सीक्वेंस लूँगा इसलिए आप दोनों को तब तक किस करते रहना है जब तक मैं कट ना बोल दूं. उसके बाद धर्मेश आपको इस बेड पर गिरा देगा और उसके बाद का सीक्वेंस में बाद में बताऊंगा. ओके..... रेडी?” दोनों ने सर हिलाया पर सुष्मिता काफी नर्वस नजर आ रही थी. विनोद उसके पास आया और अपने रुमाल से उसके माथे और गाल पर आई पसीने की हलकी बूंदों को पोछ कर बोला
“अरे अभी थोड़ी देर पहले सुरभि भाभी भी आपकी तरह ही घबरा रही थी पर बाद में उन्होंने इतना माइंड ब्लोविंग शॉट दिया की पूछो मत. और वैसे भी मैंने सुना है की कल के कम्पटीशन में आप ही फर्स्ट आई थी तो हमें भी प्रूव कीजिये की आप सुरभि से बीस है उन्नीस नहीं.” सुष ने जल्दी से सर हिलाया तो विनोद ने मुस्कुरा कर अपना कैमरा उठा लिया. उनको उनकी पोजीशन पर खड़ा करके विनोद ने एक्शन बोल दिया. सुष्मिता दौड़ कर आती तो थी पर वो अपनी जम्प को टाइम नहीं कर पा रही थी. उसे धर्मेश के ऊपर चड़ने में झिझक हो रही थी. उससे अपनी उडती हुई स्कर्ट से भी परेशानी थी.


“अरे सुष आप क्यों इतना घबरा रही है स्कर्ट उड़ेगी तो क्या होगा अरे इस लाइन में डायरेक्टर और एक्टर्स के सामने expose करने से घबराओगी तो फिर कुछ नहीं होगा. स्कर्ट और पेंटी की चिंता छोड़ो और भाग कर जम्प लगाओ .. एक्शन. इस बार सुष्मिता ने जम्प लगा ही दी और धर्मेश ने उसे अपनी बाँहों में भर लिया, उसने अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट के ऊपर उसकी गांड पर रखा और दूसरा उसकी बाँहों के नीचे उसकी पीठ पर. पर सुष्मिता को जम्प करते ही धर्मेश पर चुम्बनों की बौछार करनी थी पर वो उस जम्प से इतनी खुश हुई की आगे का सीन ही भूल गयी. इसलिए विनोद ने कट करके गोद वाली पोजीशन से ही शूट शुरू किया. सुष्मिता एक प्रेमिका की तरह धर्मेश के पहले गाल और होठों को चूमने लगी और विनोद दोनों के चारो ओर घूम कर शूट करने लगा. विनोद बोला,
“हाँ सुष्मिता ऐसे ही चूमती रहो थोड़ी देर धर्मेश अभी तुम कुछ नहीं करोगे. हाँ सुष्मिता अब तुम्हे उसके होठों को फ्रेंच किस करना है हाँ ऐसे ही .. हाँ धर्मेश अब तुम भी एक्साइट होने की एक्टिंग करो हाँ पीछे हाथ थोडा दबाओ.”
पीछे से उसका मतलब सुष्मिता की गांड से था. धर्मेश ने समझ कर उसकी गांड को कस के दबाया जिसे विनोद ने क्लोज अप में शूट किया.
“हाँ अब धर्मेश तुम भी बराबर किस करना शुरू करो.” 


अब धर्मेश भी किस करने लगा दोनों बहुत देर से पिछले शूट को सुन कर उत्तेजित हो रहे थे इसलिए उन्हें उत्तेजित होने की एक्टिंग करने की जरूरत नहीं थी वो दोनों तो पहले से ही उत्तेजित थे. हॉट किस का असर दोनों पर ही बराबर हो रहा था. विनोद ने पूरा शूट करके कट बोल दिया
“अब धर्मेश तुम सुष को बेड पर गिरा दो और सुष तुम जिस भी पोजीशन में गिरोगी अपनी स्कर्ट को ठीक करने की कोशिश नहीं करोगी नहीं तो एकदम अजीब लगेगा. गिराने के बाद धर्मेश और तुम प्यार करोगे और थोड़ी देर बाद कट होने से पहले धर्मेश तुम सुष की स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी पेंटी निकाल देना. सुष ने घबरा कर विनोद की तरफ देखा तो विनोद बोला ”घबराओ मत अगर सीन में तुम्हारी स्कर्ट ऊपर उठ भी गयी है तो धर्मेश इस बात का ध्यान रखेगा की पेंटी उतारते वक़्त तुम्हारी स्कर्ट ठीक से ढकी हुई हो और तुम्हारा कोई भी अंदरूनी अंग कैमरे के सामने ना आये. ‘वो अंदरूनी अंग की जगह चूत बोलना चाहता था पर उसे पता था की अभी टाइम नहीं हुआ था.’ ऐसा सुनने के बाद सुष्मिता को थोड़ी राहत मिली पर पूरी नहीं. क्योंकि जो भी हो उसकी पेंटी तो अब उतरने ही वाली थी.
 horseride  Cheeta    
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#64
शूट शुरू होने से पहले धर्मेश ने उसे फिर गोद में उठा लिया और विनोद के कहने पर दोनों फिर से किस करते हुए गोल गोल घूमने लगे और एक्शन बोलते ही उसने घुमा कर सुष्मिता को बेड पर गिरा दिया. और जो की होना ही था सुष्मिता की छोटी सी स्कर्ट उसकी जाँघों पर ऊपर तक चढ़ गयी और उसकी पेंटी नीचे की ओर से नजर आने लगी.
उधर जब सुरभि वाशरूम से वापस आई तो उसने यह देख कर राहत की सांस ली की मुख़र्जी सो चुके थे. वरना वो उनका सामना कैसे करती उसे भी नहीं पता था. उसने वाशरूम जाने से पहले अपने कान से इयर फ़ोन निकाल दिया था पर अन्दर क्या हो रहा है ये सोच कर उत्सुकता वश


उसने फिर से उसे अपने कान में लगा दिया और साथ में ही वो एक मैगज़ीन ले कर पड़ने लगी हालाँकि उसका ध्यान अन्दर की आवाजों में ही था.
अन्दर विनोद बोला
“हाँ धर्मेश नाउ सुष इज योर गर्लफ्रेंड उसे कैसे ट्रीट करना है ये तुम्हे बताने की जरूरत नहीं.” विनोद ने बोलते हुए अपना लंड सम्भाला. उसे पता था अब धर्मेश सुष्मिता को छोड़ने वाला नहीं है. धर्मेश ने सुष्मिता को कस कर चुम्बन लेना शुरू कर दिया जिसका कुछ ही मिनटों में सुष पर असर पड़ने लगा. विनोद बोला
“सुष तुम्हारे चेहरे पर एक्सप्रेशन लाओ हाँ ऐसे उत्तेजना भरे हाँ और तुम ज्यादा एक्साइट हो रही हो इसलिए इसकी पीठ पर हाथ फिराओ हाँ गुड अब इसकी टी शर्ट उतारने की कोशिश करो हाँ. धर्मेश अब तुम टी शर्ट उतार कर फेंक दो हाँ, गुड तुमने बनियान नहीं पहनी है, हाँ सुष अब इसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराओ, नाख़ून से इसे एक्साइट करो , धर्मेश अब मैं फेस पर क्लोज अप ले रहा हूँ इसलिए तुम दोनों किस करते रहना हाँ सुष इसके होठ काटो, हाँ हलके से, ओके गुड, धर्मेश एक हाथ चेहरे से होते हुए नीचे लाओ गुड, बूब्स पर हाँ दबाओ हलके से, गुड एक्सप्रेशन, सुष कोई बूब्स दबा रहा है तुम्हारे, कुछ चेहरे पर दिखाओ एक बार फिर हाँ ऐसे ही और इस बार हलकी सी कराह निकलेगी तुम्हारे मुह से ओके धर्मेश एक बार और दबा दो भाभी के बूब्स.. हाँ वैरी गुड...”


“aaahhhhhh /”
“हाँ गुड भाभी मस्त बूब्स है आपके.” अब आप और उत्तेजित हो चुकी हो और ड्रीम चूँकि तुम्हारा है तुम ख़ुद धर्मेश की पेंट उतारने की कोशिश करो उसके बाद धर्मेश बाकी की उतार देगा ओके ....एक्शन.”
सुष्मिता ने उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए उसकी पेंट उतारने की एक्टिंग की. वो कोई प्रोफेशनल एक्टर तो थी नहीं, नंगा धर्मेश उसके ऊपर चढ़ कर उससे चूम रहा था ये उसके लिए टू मच था. उसे लग रहा था की कुछ गीला पन उसकी चूत में जरूर आ गया होगा. उधर धर्मेश ने अपनी पेंट भी उतार कर फेंक दी अब वो केवल एक फ्रेंची में था जिसमे से उसका खड़ा लंड देख कर सुष्मिता के गाल लाल हो गये. विनोद ने शूट थोडा रोका और उनको अगला सीक्वेंस बताने लगा.
“धर्मेश अब भाभी के ऊपर चड़ने से पहले तू उनकी पेंटी उतारेगा और नीचे डालेगा, मैं चड्डी को फोकस करूँगा इसलिए उसे धीरे से नीचे डालना लेकिन ध्यान रखना की भाभी की स्कर्ट ठीक से नीचे हो. ऊपर चड़ने के बाद मेरा कैमरा भाभी के बूब्स पर फोकस करेगा, भाभी अब आप अपनी टी शर्ट के बटन्स खोल दीजिये क्योंकि आपके सेक्सी बूब्स अब अगले सीन को सेक्सी बनायेंगे. हाँ ठीक है. एक बात माननी पड़ेगी आप दोनों भाभियाँ एकदम सेक्सी और हॉट हैं.” विनोद ने सुष को चडाते हुए कहा. सुरभि भी बाहर सुन कर खुश हो गयी.
फिर विनोद धर्मेश के पास आया और उसकी फ्रेंची को थोडा नीचे खींच दिया जिससे की धर्मेश की गांड पीछे से आधी नंगी हो गयी. कोई कुछ बोलता उससे पहले ही विनोद ने बोल दिया एक्शन. और धर्मेश सुरभि के ऊपर आ गया. पहले उसके होठों को चूमते हुए वो विनोद के कहने पर नीचे की ओर आ गया और उसके बूब्स के उघडे हुए भाग को चूमने लगा. सुष उसके सर पर हाथ फेर रही थी.


“हाँ सुष मस्त एक्सप्रेशन है ऐसे ही. धर्मेश दोनों हाथों से बूब्स नीचे से प्रेस करते हुए किस कर हां ऐसे ही अरे.... कट.”
सुरभि उसकी ओर देखने लगी क्योंकि धर्मेश ने तो मस्त तरीके से उसके बूब्स दबाये थे उसे मज़ा आ ही रहा था की विनोद ने कट बोल दिया. विनोद पास आया और बोला
“एकदम से जोश में आ गया धर्मेश. इतनी जोर से दबाया की देख इधर वाला निप्पल ही बाहर आ गया.” सुष्मिता ने देखा तो शर्म से लाल हो गयी उसके बायीं चूची पूरी ही बाहर निकल आई थी और उसे पता नहीं चला. वो उसे अन्दर करने लगी थी की विनोद बोला,
”नो सुष रुको.” उसने ऐसा आदेश दिया था की सुष्मिता रुक गयी, विनोद पास आया और बोला
“एक्चुअली सुष अपने विडियो में हम निप्पल नहीं दिखा सकते पर अब इसे सिर्फ इतना अन्दर करेंगे की निप्पल का बाहरी भाग हल्का हल्का नजर आये जिससे की दर्शक मदमस्त हो जाए. रुको मैं करता हूँ.”
और कैमरा एक तरफ रख कर विनोद बेड के पास घुटनों के बल बैठ गया और सुष्मिता कुछ सोचती उससे पहले ही विनोद अपने दोनों हाथों से उसकी बहार आ गयी भारी चूची को पकड़ा और उसकी टी शर्ट के अन्दर धकेल दिया. वो ऐसे कर रहा था जैसे सुष के कपडे ठीक कर रहा था और उसके इस कॉन्फिडेंस को देख कर सुष्मिता चाह कर भी कुछ बोल न सकी.
 horseride  Cheeta    
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#65
विनोद ने फिर से एक हाथ अन्दर डाला और एक हाथ से टी शर्ट को और दुसरे से उसकी उसी चूची को दुबारा धीरे धीरे बाहर निकाला जब तक की उसकी निप्पल का बाहरी ...गहरा भूरा भाग टी शर्ट के बाहर नजर न आने लगा फिर विनोद ने हाथ कर दूसरी चूची के साथ भी ऐसा ही किया.अब उसकी दोनों चुचिया निप्पल तक टीशर्ट के बाहर थी. और टी शर्ट के पतले कपडे के अन्दर से उसकी नुकीली निप्पल झाँक रही थी. सुष्मिता को अपनी हालत बेहद ही दयनीय लग रही थी उसे लग रहा था की धर्मेश की हलकी सी हरकत से ही दोनों निप्पल फिर से बाहर आ जाएगी और विनोद फिर से कट कर देगा. पर विनोद बोला.
“सुष आप थोड़ी देर ऐसे ही रहिये, बहुत सेक्सी लग रही है मैं आपको इसी पोज में चारों तरफ से शूट कर लेता हूँ अगर वापस से निप्पल बाहर आ ही गयी तो हम उसे एडिट कर देंगे और इस सीन से रिप्लेस कर देंगे.” विनोद ने “वैरी गुड ...व् एरी गुड” बोलते हुए शूट कर दिया फिर धर्मेश को एक्शन बोल दिया. धर्मेश पहले बड़े अहतियात से उसकी चुचियों को चूमने लगा उसके बूब्स पर बड़े हलके से हाथ फिराने लगा. सुष्मिता भी उसकों चूमने लगी, धर्मेश का लंड अकड़ कर उसकी स्कर्ट के ऊपर से उसकी चूत पर दस्तक मारने लगा. उसका नंगा मर्दाना बदन उसको कुचल रहा था उसके होठ उसके बूब्स पर आग लगा रहे थे.


सुष्मिता को समझ नहीं आ रहा था कैसे इस सीन को पूरा करे वो बस धर्मेश की पीठ और सर पर हाथ फिराए जा रही थी और जब कभी धर्मेश ऊपर की ओर आता तो उसको चूम लेती थी. धर्मेश का मन कर रहा था की चड्डी को थोडा सा नीचे और उसकी स्कर्ट को थोडा ऊपर खिसकाए और एक झटके में पेल दे. उसे पता था की साली रांड बिना किसी आवाज के पूरा ले लेगी और उछल उछल कर चुद्वायेगी. पर वो जानता था इससे विनोद नाराज हो जाएगा क्योंकि इससे वो मूवी अधूरी रह जायेगी. ये विनोद और उसके बीच अंडर स्टैंडिंग थी की जो भी धमाल वो करते थे मूवी पूरी शूट होने के बाद ही करते थे जिससे की उन्हें कोई नुक्सान ना हो. ये सही भी था सुष्मिता अब पूरी तरह से लेने के लिए तैयार थी पर विनोद ने एक बार फिर से कट कर दिया.
“ऐसे ही लेटे रहो दोनों. मैं एक मिनट में आया .”
धर्मेश नंगा उसके ऊपर लेटा और विनोद बाहर निकल गया. धर्मेश उसकी ओर देख कर मुस्कुराया जवाब में वो भी मुस्कुरा दी. धर्मेश बोला
“गांडू साला ऐसी पोजीशन में लिटा कर चला गया है की क्या बोलू.” धर्मेश की गन्दी भाषा इस्तेमाल करने के बावजूद उसकी हालत पर सुष्मिता मुस्कुरा दी.
“ये ऐसे ही शूट करते है क्या?” उसने पुछा 


“अरे कई बार .. इसे सारे आईडिया शूटिंग के बीच में ही आते है. एक बार तो एकदम यंग लड़के को आपके जैसी सेक्सी लड़की के ऊपर ऐसे ही छोड़ गया और वो लड़की भी बदमाश थी उसने पता नहीं उसके साथ क्या किया उसका वहीँ काम तमाम हो गया उसने लड़की के सारे कपडे खराब कर दिए बाद में काफी देर में शूट स्टार्ट हुई.”
धर्मेश ने स्टोरी सुनाई जो की सच थी पर सुष्मिता उससे और एक्साइट हो गयी.
उधर विनोद को आया देख सुरभि चौंकी पर विनोद ने उसकी ओर देखा भी नहीं वो एक साइड विंडो पर पड़ा हुआ सिल्क का पर्दा उतार कर वापस ले गया. विनोद को अन्दर आया देख कर दोनों चुप हो गए.
“भाभी आप बाकी के कपडे उतार कर शूट कर लेंगी क्या.” विनोद ने बड़े मासूमियत से सुष्मिता से पुछा.
“मतलब?” सुष्मिता को विश्वास भी नहीं हुआ की वो इतनी आसानी से ऐसा पूछ सकता है.
धर्मेश अपने लंड का दबाव उसकी चूत पर बढाता हुआ बीच में बोला


“मतलब पूछ रहा है की आप नंगी शूट कर सकती है क्या.”
“क्या?” उसकी इतने नंगे रूप से बताने पर उसकी ये प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी. पर विनोद बोला
“अबे धर्मेश क्यों भाभी को डरा रहा है.. भाभी आप नंग मतलब कपडे तो उतारेंगी पर आप दोनों इस सिल्क के परदे के नीचे ढके रहेंगे. आप लोगो के कपडे उतरते देख कर दर्शकों को ये आभास होगा की आप दोनों रियल में चुदाई कर रहे है पर ऐसा होगा नहीं आप लोग उतना ही करेंगे जितना आपने अभी तक किया है.”
“पर यार भाभी इतनी हॉट है की मेरा कण्ट्रोल से बाहर हो रहा है.”
“तू चुप कर धर्मेश मैं जानता हूँ तो ये भाभी को डराने के लिए बोल रहा है, भाभी आप चिंता मत करो ये बहुत सारी शूटिंग कर चुका है और प्रोफेशनल है. और अगर आपको कुछ भी गलत लगे तो आप रुक कर बैठ जाना बस मैं समझ जाऊँगा और शूट रोक दूंगा ओके.
 horseride  Cheeta    
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#66
“पर मैं कैमरे के सामने...”
“अरे नहीं मैं आपके ऊपर ये सिल्के का पर्दा दाल दूंगा उसके बाद आप अपने कपडे उतारना. एक्चुअली बिस्तर के बगल में दर्शक जब सारे कपडे पडे हुए देखता है तब उसका दिमाग बिना कुछ दिखाए ही सब कुछ देख लेता है.”
विनोद मुस्कुराया तो सुष्मिता भी शर्मा कर मुस्कुरा दी. धर्मेश ये सोच कर मुस्कुराया की अगर सुष्मिता इतनी एक्साइट न होती तो वो इस बात के लिए राजी ना होती और अगर दर्शकों के लिए वो कपडे बाहर दिखाने थे तो चादर के अन्दर वो दुसरे कपडे पहन कर भी शूट कर सकते थे. पर ये उन दोनों की सोची समझी स्क्रिप्ट थी और इसी के सफल होने पर उनकी क्लाइमेक्स में चुदाई पक्की होती थी. सुष्मिता के मानते ही विनोद ने उनके ऊपर सिल्क का पर्दा डाल दिया. पर्दा उन दोनों के कन्धों से नीचे से शुरू हो कर उनके घुटनों पर ख़तम हो रहा था. विनोद के कहे मुताबिक़ उसके एक्शन बोलने पर दोनों वापस से वोही किस करने लगे एक दुसरे पर हाथ फिराने लगे. विनोद ने कस कर उसके बूब्स को दबाया तो सुष्मिता आह कर उठी और साथ ही उसे यह एहसास भी हो गया की उसके अटके हुए निप्पल्स अब पूरी तरह टी शर्ट के बाहर थे क्योंकि धर्मेश के हाथ अब उसके निप्पल्स से खेल रहे थे उसने भी उत्तेजना में अपने नाख़ून उसकी पीठ में गडा दिए. विनोद ने कट कर दिया और उनको कपडे उतारने के लिए बोला.


धर्मेश ने उसकी टी शर्ट और स्कर्ट उतारने में मदद की और बड़ी फुर्ती से अपनी फ्रेंची उतार कर विनोद को दे दी सुष्मिता थोड़ी देर पहले सोच भी नहीं सकती थी कि वो धर्मेश के साथ पूरी तरह मादर्जात नंगी लेट जायेगी. पर ऐसा हो चुका था और धर्मेश के नंगे लंड को वो अपनी जांघ के आस पास मस्ती करते हुए महसूस कर पा रही थी. उसे लग रहा था की उसके ससुर बाहर बैठे हुए सब कुछ सुन रहे होंगे पर उसे इस बात का कोई डर नहीं था. क्योंकि उन्होंने जिस तरह से अपने से आधी उम्र की सुरभि को चोदा था इससे उसकी हिम्मत भी काफी बड गयी थी. वैसे भी वो सिर्फ नंगी हुई थी चुदवा थोड़ी रही थी. ऐसा सोच कर उसने अपने को सांत्वना दी. और देखा की पिछले शूट की तरह ही इस शूट में भी विनोद बिस्तर के पास धीरे धीरे गिरते हुए कपड़ो को शूट कर रहा था. नंगे होने के बाद सुष्मिता ने परदे को गर्दन तक करने की कोशिश की तो वो नीचे से धर्मेश की गांड तक ऊपर आ गया. विनोद आया और उसने परदे को खिसका कर नीचे विनोद की आधी पीठ तक कर दिया जिससे अब सुष्मिता के आधे नंगे कंधे और उसके विनोद की छाती से कुचले हुए बूब्स भी काफी हद तक नजर आ रहे थी.
“आप चिंता मत करो अगर ये पर्दा थोडा नीचे भी खिसक गया तो भी मेरी शूट नीचे नहीं जाएगी मैं आपको आपके बूब्स के ऊपर से फेस तक ही शूट करूँगा. अब आप लोग ऐसी एक्टिंग कीजिये की बिलकुल वाइल्ड फकिंग कर रहे हो कभी धर्मेश ऊपर तो कभी आप ऊपर और रुकना नहीं करते जाना. ओके एक्शन ...!!!!”

उसके एक्शन बोलते ही धर्मेश ने चार्ज ले लिया और सुष्मिता के होठों को चूमने लगा उसका एक हाथ सुष्मिता की कठोर चुचियों के साथ व्यस्त हो गया और दूसरा उसकी गांड के नीचे जा कर उसे दबाने लगा सुष्मिता सिर्फ उसके सर पर हाथ फिर रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था की ये एक शूटिंग है या उसे असलियत में सेक्स करना है. जिस प्रकार वो दोनों नंगे थे और उसकी चूत पर जो धर्मेश के सख्त लंड की दस्तक का असर हो रहा था वो उसे पूरी तरह से आश्वस्त कर रहा था की ये कोई शूट नहीं ये तो एक सेक्स है चुदाई है फक्किंग है. फिर भी उसे कोई ऐतराज नहीं था. कल तक जिस लड़के को उसने देखा भी नहीं था आज वो वो सब करने वाला है जो सिर्फ उसके अपने पति का अधिकार है. और वो बेशर्मों की तरह उसके नीचे नंगी पड़ी है जबकि बाहर उसके ससुर बैठे हुए है. उसे ध्यान आया की कैसे कल रात को भी उसने एक अनजान व्यक्ति को अपना शरीर सौंप दिया था. लेकिन अगर उसे ये बात पता चल जाती की कल जिस व्यक्ति से उसने चुदवाया था आज उसके ही बेटे के लंड के सामने उसने अपनी चूत परोस दी है तो शायद वो कभी राजी ना होती पर अब तो उसकी चूत धर्मेश के लंड के स्पर्श से पनियाने लगी थी और उसकी गांड ख़ुद बा ख़ुद नीचे से उछल कर उसके लंड से मिलने की कोशिश कर रही थी.
“हाँ अब चुदाई की एक्शन करो.” विनोद बोला तो धर्मेश चुदाई की तरह धक्के मारने लगा उसे लग रहा था की अगर अभी वो सुष्मिता की चूत में लंड घुसायेगा तो शायद वो उसे रोक देगी.


“हाँ धर्मेश बिलकुल सही. सुष तुम भी अपनी गांड चलाओ और चेहरे पर एक्सप्रेशन चुदाई के लाओ हाँ ऐसे गुड चेहरे पर ऐसे मादक भाव लाओ जैसे आपका बॉयफ्रेंड आपकी मस्त चुदाई कर रहा है.” विनोद मस्ती में ऐसे शब्द यूज़ कर रहा था जो की नोर्मली किसी हाउस वाइफ के सामने यूज़ करने पर जूते पड़ जाए, पर सुष्मिता तो ऐसे शब्द सुन कर और एक्साइट हो रही थी. धर्मेश का लंड भी पूरी तरह से कड़क हो चुका था और सुष्मिता की चूत भी रसीली हो गयी थी. तभी धर्मेश को अपने लंड पर सुष्मिता का हाथ महसूस हुआ तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा वो उसके इधर उधर फिसलते लंड को अपनी चूत के मुहाने पर सेट करना चाह रही थी. धर्मेश ने अपने झटकों को एक सेकंड के लिए रोका और जैसे ही उसके लंड को चूत का द्वार मिला उसने सधे हुए शॉट में पूरा लंड अन्दर डाल दिया. एक ही प्रहार में उसका मोटा मुसल सुष्मिता की चूत को चीरता हुआ उसके गर्भाशय तक पहुच गया
“आअह्ह्ह्ह .” सुष्मिता के मुह से मादक कराह निकल गयी... वो इतनी देर से सिर्फ चेहरे पर नकली एक्सप्रेशन ला रही थी लेकिन जब लंड असलियत में उसकी चूत में घुसा तो विनोद को वो एक्सप्रेशन मिल गये जो वो चाहता था. साथ ही उसे साफ़ पता चल गया की धर्मेश ने चूत फतह कर ली है पर फिर भी वो अनजान बना रहा और बोला.
 horseride  Cheeta    
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#67
“वाह सुष्मिता ये दिया है आपने एक्सप्रेशन असली चुदाई जैसा. हाँ धर्मेश ऐसे ही धक्के लगाओ और सुष आप ऐसी ही आवाज निकालो, मस्त गुड यार.”
विनोद बोलता रहा और सुष्मिता अपनी गांड उछाल कर धर्मेश का लौड़ा अपनी चूत में लेती रही. विनोद जानता था अगर ऐसे ही चलता रहा तो धर्मेश थोड़ी देर में झड जाएगा इसलिए उसने बोला
“कट.” लेकिन असली चुदाई कर रहे दोनों लोग कैसे रुकते , हालाँकि धर्मेश की स्पीड कुछ धीमी पड़ी, पर वो रुके नहीं. विनोद फिर जोर से चिल्लाया
“कट कट कट..” विनोद की कर्कश आवाज सुन कर धर्मेश को अपनी चुदाई रोकनी ही पड़ी पर उसका तन्तानाया लंड सुष्मिता की चूत में ही था.
“अरे यार तुम लोग तो एक्टिंग में बहुत मशगूल हो गए हा हा हा. अब सुष्मिता तुमको धर्मेश के ऊपर आना है और थोड़ी देर धर्मेश लेटा रहेगा और तुम उसके ऊपर बैठ कर चुदाई की एक्टिंग करोगी लेकिंग ये सीन ज्यादा लम्बा नहीं होगा और जब मैं बोलूँगा तो तुम सुष्मिता को उल्टा लेटा देना और फिर पीछे से धक्के लगाने की एक्टिंग करना. और जब मैं बोलूँगा क्लाइमेक्स तब तुम दोनों ऐसे एक्टिंग करना की तुम दोनों का काम हो गया है उसके बाद सुष्मिता कैमरे की तरफ मुह मोड़ कर पीछे देखोगी और धर्मेश तुम सुष्मिता के ऊपर लेटे हुए ही उसको किस करोगे ओके .. चलो अब पोजीशन ले लो.”



धर्मेश ने धीरे से सुष की चूत से अपना लंड निकाला और उसको अपने ऊपर करता हुआ ख़ुद पीठ के बल लेट गया. अब प्रॉब्लम ये थी की अगर सुष्मिता उसके लंड पर बैठती है तो वो चादर से ढकी नहीं रह सकती.
“भाभी ये शूट मैं आपके पीछे से लूँगा जिसमे सिर्फ आपकी नंगी पीठ दिखेगी और आप उछलते हुए नजर आओगी, आप अपने हाथ से चाहो तो अपने बूब्स छिपा लो या ना भी छुपाओ तो कोई बात नहीं क्योंकि कैमरा आपके पीछे रहेगा.
“लेकिन नीचे...” सुष्मिता का इशारा अपनी गांड की तरफ था जिसके की बाहर दिखने का डर था
“वो मैं देखता हूँ.. पहले आप अपनी पोजीशन पर बैठिये. हां ऐसे. “ सुष्मिता धर्मेश के लंड पर बैठ गयी पर लंड उसकी चूत में घुसा नहीं. उसने अपने दोनों हाथों से अपने भारी बूब्स को पकड़ किया. जिससे वो और भी ज्यादा हॉट और सेक्सी नजर आने लगी. विनोद ने उसकी गांड को अच्छे से निहारा फिर परदे से उसको ढकते हुए परदे को आगे धर्मेश के पेट की ओर कर दिया. वो जानता था की जब ये लोग मूवमेंट स्टार्ट करेंगे तो वो पर्दा फिर से गिर जाएगा और न केवल उसकी गांड बल्कि धर्मेश का लंड भी नजर आ जायेगा. पर फिलहाल उसने सुष्मिता को कन्विंस कर दिया था. उसकी सेक्सी पोजीशन देख कर धर्मेश का लंड उसकी गांड के नीचे फिर से अकड़ने लगा. उसने हलके इशारे से सुष्मिता को ऊपर उठने के लिए कहा. सुष्मिता ने देखा की विनोद का ध्यान अपने कैमरे की ओर है तो उसने अपनी गांड ऊपर की ओर उठा दी और जैसे ही धर्मेश ने अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया, सुष्मिता ने धीरे से नीचे होते हुए उसे अपने अन्दर ले लिया. हालाँकि ये बिलकुल धीरे से किया था पर सुष के मुह से फिर भी हलकी से आह निकल ही गयी और विनोद जो की जान भूजकर कैमरे की ओर देख रहा था उसे साफ़ पता चल गया की धर्मेश ने अपनी ‘पोजीशन’ ले ली है. वो सुष्मिता की पीठ के पीछे आ गया और बोला, “एक्शन”


धर्मेश ने तो धीरे धीरे धक्के लगाना पहले ही शुरू कर दिया था और एक्शन सुनते ही उसने धक्को की स्पीड बड़ा दी. सुष्मिता भी गांड उछाल उछाल कर उससे चुदने लगी उसके मुह से अब सी सी सी की आवाजें निकलने लगी उसने अपने दोनों बूब्स को अभी भी अपने हाथों से पकड़ रखा था.
“वाह बहुत अच्छा सीन चल रहा है तुम दोनों बहुत अच्छा कर रहे हो. काश भाभी आपके सामने आकर आपके एक्सप्रेशन ले पाता पर कोई नहीं इधर से भी अच्छा शूट हो रहा है.”
धर्मेश ने अपने दोनों हाथ बडाये और सुष्मिता के हाथों को उसके बूब्स से हटा दिया. थोड़ी ताकत लगाने के बाद सुष्मिता ने हाथ हटा दिए और अब उसकी भारी मदमस्त चूचियां आजाद हो कर पागलों की तरह इधर उधर कुलांचे मारने लगी. सीन धर्मेश को पागल कर रहा था ऐसी मस्त चुदाई इतनी आसानी से मिल जाएगी उसने सोचा भी न था. वो अपनी गांड नीचे से जोर जोर से उछालने लगा और सुष्मिता उसके साथ ताल से ताल मिला कर चुदने लगी और विनोद ‘मस्त मस्त’ बोल कर अपना लंड संभालते हुए उनकी चुदाई को शूट करता रहा. धर्मेश ने अपने दोनों हाथों से उसकी उछलती चुचियों को थाम लिया और उनको जोर जोर से मसलने लगा जितना वो उन्हें दबाता उतना ही उसका लंड द्रुत गति से उसकी चूत में जाता. सुष्मिता आनंद से सराभोर हुई जा रही थी.


उसकी गांड को ढकने वाला पर्दा कब का नीचे सरक चुका था और विनोद बड़े आराम से धर्मेश के लंड को उसकी चूत में जाते हुए क्लोज उप में शूट कर रहा था. वो एक सॉफ्ट पोर्न नहीं इस वक़्त पूरी पोर्न मूवी लग रही थी, हालाँकि विनोद उस portion को अपने रिकॉर्ड के लिए एडिट करके रखने वाला था. विनोद का मन भी कर रहा था की वो भी पीछे से नंगा हो कर सुष्मिता की मांसल गांड को सहलाते हुए अपना लंड उसकी गांड में प्रवेश करा दे पर उसको मालूम था अभी इसका समय नहीं है नहीं तो सारा किया कराया काम बिगड़ जाएगा. वैसे भी उसने घडी में देखा की 6 बज चुके थे और उसे वो खेल अब ख़तम करना था सुष्मिता और धर्मेश अब अपने तूफानी ओर्गास्म के नजदीक ही थे की विनोद ने ‘कट’ बोल दिया. इस बार सुष्मिता के चेहरे पर गुस्से का भाव वो साफ़ देख सकता था क्योंकि उसके कट बोलते ही धर्मेश ने चुदाई बंद कर दी थी. कट बोलते ही उसने बोला “ पोजीशन फॉर क्लाइमेक्स”. और उसके निर्देश अनुसार धर्मेश ने पहले सुष्मिता को खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया जिससे उसके बूब्स धर्मेश की छाती में गड गए और सुष्मिता के उसके ऊपर झुक जाने से उसको अपना लंड बाहर निकालने में कोई परेशानी नहीं हुई. फिर उसने पोजीशन लेने के लिए सुष्मिता को उल्टा लेटा दिया. सुष्मिता के शरीर में कंपकपी छूट रही थी और वो जल्दी से जल्दी उसके लंड को अपनी चूत में घुसाना चाहती थी. वो तुरंत अपने पेट के बल उलटी हो कर लेट गयी.
 horseride  Cheeta    
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#68
उसकी उभरी हुई कंचन काया सी छरहरी गांड देख कर धर्मेश से रहा न गया और उसने एक तमाचा उसकी गांड पर लगा ही दिया. सुष्मिता की गांड चटाक की आवाज के साथ थिरक उठी उसने गुस्से से पीछे देखा तब तक धर्मेश अपने ऊपर वो पर्दा डाल रहा था और साथ ही अपने लंड से उसकी चूत का सुराख ढूँढ रहा था. जैसे ही उसकी चूत से उसके लंड का सुपाडा टकराया सुष्मिता सब कुछ भूल गयी और उसने लंड को अन्दर लेने के लिए अपनी गांड को थोडा सा ऊपर को कर लिया.
विनोद ने सब कुछ सेट देखा तो फिर से एक्शन बोल दिया और परदे के नीचे धर्मेश ने धीरे धीरे धक्के मारते हुए अपना लंड सुष्मिता की चूत में प्रवेश कर दिया. धर्मेश ने अपने दोनों हाथ आगे ला कर सुष्मिता की चुचियों पर फिर से कब्जा कर लिया और फिर उसने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए उसको दनादन चोदना शुरू कर दिया. इस पोजीशन में सुष्मिता को कुछ भी नहीं करना था बस आनंद से उसके लंड को अपने अन्दर लेना था और वो वोही कर रही थी आँख बंद करके वो इस नए पोज में चुदाई का नया अनुभव ले रही धर्मेश के धक्के जब उसकी गांड पर पड़ रहे थे तो थप थप की आवाज पुरे कमरे को गुंजायमान कर रही थी. विनोद ने कुछ देर ऐसे ही शूट करने के बाद अब उनके ऊपर से परदे को पूरी तरह हटा दिया और अपने रिकॉर्ड के लिए उनकी नंगी चुदाई रिकॉर्ड करने लगा धर्मेश के गांड के पास ले जा कर वो क्लोज उप में उसके लंड की सुष्मिता की चूत में यात्रा का पूरा विवरण रिकॉर्ड करने लगा फिर सामने आ कर उसने आँख बंद करके मदमस्त लेटी हुई सुष्मिता के चेहरे के प्राइस लेस एक्सप्रेशन को भी रिकॉर्ड किया.



जब धर्मेश को लगने लगा की उसका क्लाइमेक्स होने वाला है तो उसकी स्पीड द्रुत गति से चल पड़ी सुष्मिता का एक क्लाइमेक्स तो इस पोज में आते ही हो गया था, पर जब धर्मेश की स्पीड बड़ी तो उसके अन्दर भी उत्तेजना का प्रवाह बड़ने लगा और धर्मेश के हाथों का उसकी चुचियों पर दबाव इस कदर बड गया था की उसको मस्ती के साथ दर्द भी होने लगा और ये भी महसूस हो गया की अब उनकी ये शूट कुछ ही सेकंड्स की मेहमान है. थोड़ी देर में धर्मेश अपने स्पर्म की आखरी बूँद सुष की चूत में छोड़ने के बाद हांफता हुआ उसकी पीठ पर पड़ा था. सुष्मिता अपने जीवन की सबसे शानदार चुदाई करवा कर आँख पडे नंगी पड़ी थी.
“सुष फाइनल सीन के लिए एक बार पीछे मुद कर देखो?” सुष्मिता थोड़ी देर ऐसे ही पडे रहना चाहती थी पर विनोद के कहने पर उसने न चाहते हुए भी मुस्कुराने की एक्टिंग करते हुए पीछे देखा , धर्मेश ने उसके होठों पर हल्का सा किस किया और विनोद ने ‘कट’ बोल दिया. सुष्मिता फिरस से मुह छिपा कर आँख बंद करके लेट गयी.
विनोद ने टाइम देखा और जल्दी से अपने कैमरे को पैक कर दिया और उस रूम की बाकी चीजों को व्यवस्तित करके वो बैग लेकर बाहर चला गया सुरभि बाहर बड़ी बेचैनी से घडी देख रही थी उसने इयर फ़ोन भी निकाल दिया था उसे अब घबराहट ये हो रही थी की कहीं उसका पति विजय वहां न आ जाए. विनोद आया तो उसने घडी की ओर इशारा किया क्योंकि काउच पर खराटे मार रहे मुख़र्जी को वो जगाना नहीं चाह रही थी. विनोद बोला


“ बस भाभी शूट पूरी हो गयी उन लोगों को थोड़ी देर लगेगी रिलैक्स होने में.” बोल कर विनोद ने सुरभि को आँख मार दी जिसे देख कर सुरभि मुस्कुरा दी. बैग अपना काउच के पीछे छिपा कर विनोद फिर से रूम के अन्दर चला गया. उसने देखा की धर्मेश सुष्मिता के ऊपर से उठ चुका था, विनोद ने उसे घडी दिखा कर इशारा किया तो धर्मेश ने जल्दी से अपने कपडे पहन लिए. सुष्मिता भयंकर चुदाई की खुमारी में ऐसी ही नंगी पड़ी थी. शायद उसकी आँख भी लग गयी थी विनोद ने देखा की वो नींद में भी मुस्कुरा रही थी. विनोद उसकी बगल में बैठ गया और उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा. ‘साली नंगी पड़ी है फिर भी चोद नहीं सकता क्या किस्मत है’, विनोद ने सोचा. फिर उसने सुष्मिता को हिला कर जगाया. अपनी हालत देख कर सुष्मिता एक दम शर्मा गयी और अपने को ढकने के लिए पर्दा ढूँढने लगी जो की विनोद ने पहले ही अपनी जगह पर पंहुचा दिया था. वो उठ कर बैठ गयी तो विनोद ने उसकी नंगी कमर पर हाथ डाल कर कहा
“अरे भाभी हमसे क्या शर्माना .. पर अब आपको शादी के लिए तैयार होना है इसलिए जल्दी कीजिये और अपने ये कपडे पहेन लीजिये. विनोद ने उसे कपडे दिए और उठ कर बाहर चला गया. शर्म के मारे जमीन में गड़ी जा रही सुष्मिता धीरे धीरे कपडे पहनने लगी.


Sorry bhailog kabhi kabhi bilkul time nahi mil paata , par jab bhi milega post jaroor karunga.....
aap log bas saath bane rahiye aur comments karte rahiye..
thanks..!!
 horseride  Cheeta    
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#69
सुष्मिता कपडे पहन कर बाहर आई तब तक मुख़र्जी भी खुमारी भरी नींद ले कर उठ चुका था. विनोद और धर्मेश ने जल्दी जल्दी अपने बैग रेडी किया और बाहर जाने लगे. तो मुख़र्जी बोला
“अरे धर्मेश हमें मूवी कब देगा.”
“अंकल अभी तो एडिटिंग वगेरह करना है आज तो शादी की शूटिंग करनी है इसलिए टाइम नहीं मिलेगा. पर आप चिंता मत कीजिये हम लोग अभी एक हफ्ता यही रुकने वाले है आपको मूवी दे कर ही जायेंगे. अभी आप लोग भी रेडी हो जाईये टाइम बहुत हो गया है.” कहकर दोनों बाहर चले गए.
सुरभि के मोबाइल पर तभी रिंग बजने लगी उसने देखा तो विजय का फ़ोन था. देख कर उसका चेहरा फक पड़ गया क्योंकि इस वक़्त वो सुष्मिता की निकर पहने हुए थी और अगर विजय ने उसे इस हालत में देखा तो वो क्या सोचेगा. फिर भी डरते हुए उसने फ़ोन उठाया
“हेल्लो सुरभि कहाँ हो तुम तुम्हारा रूम लॉक क्यों है.”
“वो मुझे मुख़र्जी अंकल की बहु सुष्मिता ने बुला लिया था अपने रूम में.”


“हाँ वो तो मुझे पता है पर तुम अभी तक वहीँ हो. अब तक तो तुम्हे रेडी हो जाना चाहिए था.”
“वो मैं अपने रूम में ही थी अभी थोड़ी देर पहले ही आई हूँ सुष्मिता की मदद करने.”
“ओह ओके एक्चुअली मैं रूम लॉक देख कर मुख़र्जी के रूम पर ही आ रहा था की मिस्टर रहेजा ने मुझे नीचे बुला लिया था. वो भी तुम्हारे बारे में पूछ रहे थे. ठीक है तुम अपने रूम में आओ में पांच मिनट में आता हूँ.” विजय ने इधर अपना वाक्य पूरा किया उधर सुरभि तेजी से चाभी ले कर अपने रूम की ओर भागी. अन्दर घुसते ही उसने जल्दी से लॉक किया और शादी में पहनने वाली साड़ी और बाकी कपडे ले कर वो बाथरूम में घुस गयी. वो अभी घुसी ही थी की उसके कमरे की डोर बेल बज गयी. सुरभि जान गयी थी की वो विजय ही है इसलिए उसने जल्दी से सुष्मिता वाली शॉट उतारी और सिर्फ एक टॉवल अपने इर्द गिर्द लपेट कर दरवाजा खोलने पहुंची अपनी उस हालत को देख कर एक बार तो वो ख़ुद ही उत्तेजित हो गयी विजय ने जब दरवाजा खुलने पर उसको देखा तो उसके होश ही उड़ गये. उसने जल्दी से दरवाजा बंद किया और बोला
“अरे पागल हो क्या अगर कोई और होता तो क्या सोचते.”
“कोई और क्यों होता अभी आपने ही तो फ़ोन किया था की आप आ रहे है.”
“विजय ने उसे बाँहों में भर लिया और बोला


“अरे डार्लिंग तुम वाकई में बहुत भोली हो अगर कोई भी तुम्हे इस कंडीशन में देखेगा तो उसका मन जरूर डोल जायेगा.”
“क्यों आपका डोल रहा है क्या?” सुरभि ने उसको छेड़ा .
“हाँ डोल तो रहा है पर अभी हमे तैयार होना है जल्दी से.”
“हाँ मैं वही तो कर रही थी इतने में आप आ गए. चलिए मैं जाती हूँ और जल्दी से आती हूँ.” कह कर सुरभि बाथरूम में घुस गयी और तैयार होने लगी. आधे घंटे बाद सभी लोग तैयार हो कर बरात का इन्तजार कर रहे थे. सुरभि ने बिना बैक का एक सेक्सी ब्लाउज पहना था जिसमे उसकी गोरी पीठ जहा सभी के लंड को टाइट कर रही थी वहीँ वो विजय को भी परेशान कर रही थी क्योंकि बुडा हो या जवान एक बार उसकी नंगी पीठ को देख कर या तो आहें भर रहा था या अपने लंड को सहला रहा था. विजय को जहाँ एक ओर अपनी सेक्सी बीवी पर गर्व हो रहा था वही वो मर्दों की वेह्शी नज़रों को उस पर रोकने में नाकामयाब था. वो सुरभि के एन पीछे ही खड़ा था जब उसके बॉस रहेजा ने सुरभि को हग किया था और वो देख रहा था कैसे उसके बॉस का बड़ा सा हाथ सुरभि की पूरी नंगी पीठ की सहला सहला कर यात्रा कर रहा है. विजय ने देखा की सुष्मिता भी काफी हॉट साड़ी पहन कर आई है और हमेशा की तरफ बहुत डीप क्लीवेज दिखा रही है.


थोड़ी देर में सुष्मिता और सुरभि साथ खड़ी हो गयी विजय सुरभि के एक तरफ खड़ा हो गया और मुखेर्जी सुष्मिता की एक तरफ, दोनों सेक्सी माल उन दोनों के बीच साथ साथ खड़े बातें कर रहे थे. तभी विनोद और धर्मेश दोनों तैयार हो कर आ गए. वो दोनों शादी के हिसाब से तैयार थे लेकिन विनोद विडियो कैमरा ले कर और धर्मेश स्टिल कैमरा ले कर शूटिंग के लिए भी तैयार थे. सभी लोग एक दुसरे से बात कर रहे थे और वो एक नार्मल शादी का वेन्यू बन गया था. धर्मेश जगह जगह जा कर स्टिल्स ले रहा था. उसने देखा एक तरफ उसके डैड और दृष्टि बात कर रहे थे. दृष्टि जिस तरह से उनसे बात कर रही थी ऐसे लग रहा था की वो कोई बहुत ही महत्वपूर्ण बात थी. धर्मेश को अपने डैड का और दृष्टि का कनेक्शन समझ नहीं आया वो धीरे से उस परदे के पीछे चला गया जिस के पास वो दोनों बात कर रहे थे. उसने सुना
“आप समझ नहीं रहे है मामाजी आप तो चले जायेंगे लेकिन वो कमीना विजय मुझे वो विडियो दिखा दिखा कर ब्लैकमेल करेगा.”
“अरे तो तुम्हारा क्या बिगड़ लेगा बेबी तुम ही तो कह रही थी की उसका लंड किसी काम का नहीं.”
धर्मेश ये सुन कर चौंका. एक तो वो लोग विजय की बात कर रहे थे जो की सुरभि का पति था और दुसरे उसके डैड दृष्टि से ऐसी लंड चूत की बात कर रहे थे जैसे की वो उनकी गर्ल फ्रेंड थी. उसका इंटरेस्ट और बड गया और वो कान लगा कर सुनने लगा
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#70
“वोही तो अगर ढंग का होता तो भी उसे झेल लेती बिना काम के ऐसे आदमी को झेलना मेरे बस की बात नहीं. आप कुछ करो और इससे पीछा छुडाओ मेरा.”
“अरे मैं न उसे जानता हूँ न उसकी आइटम वाइफ को कैसे करू मैं ये सब.”
“कुछ तो सोचो मामा मेरा इस शादी में भी मन नहीं लग रहा.”
“ह्म्म्म आईडिया ... ऐसा करो अभी सब शादी में बिजी है, किसी तरह विजय को पटा कर अपने रूम में ले जाओ और कुछ सेक्स करो मैं तुम्हरा विडियो रिकॉर्ड कर लूँगा फिर उल्टा हम उसे ब्लैक मेल करेंगे की अगर तुझे परेशान किया तो उसकी वाइफ और मिस्टर रहेजा को बता देंगे.”
“”हम्म पर वो आएगा क्या...”
“अरे इतनी सेक्सी दिख रही हो कोशिश करोगी तो जरूर आएगा. बाद में तुम्हे इसी ड्रेस में चोदने का बड़ा मन है मेरा.”
उसको आँख मारते हुए मामा ने बोला तो धर्मेश दंग रह गया. वो अपने ठरकी बाप को जानता था, पर उसे नहीं पता था की वो इतने से दिनों में आ कर अपने से आधी उम्र की लड़की को चोद रहा था. धर्मेश को तो ये भी नहीं पता था की दृष्टि के अलावा उसका बाप सुष्मिता पर भी हाथ साफ़ कर चुका था. खैर धर्मेश उस वक़्त वहाँ से निकल गया और अपने फोटोग्राफी के काम में लग गया था. एक बात उसे समझ आ चुकी थी और वो ये की सुरभि के इतनी आसानी से चुदवा लेने का एक बड़ा कारण उसका ख़ुद का पति ही था जो की बकौल दृष्टि बिना काम के लंड वाला आदमी था. वो फिर वहीँ चला गया जहाँ सभी लोग बरात का इन्तजार कर रहे थे. तभी मिसेज रहेजा बोली


“अरे धर्मेश कहाँ इधर उधर क्लिक मार रहा है जब सारी सेक्सी महिलायें यहाँ खड़ी है.” उन्होंने बोला तो सभी हसने लगे.
“अरे नहीं बुआ वो तो मैं सभी को कवर कर रहा था इसलिए.” कह कर धर्मेश उन सब के क्लिक करने लगा मिसेज रहेजा ने कुछ पिक्स अपने पति रहेजा के साथ खिचवाये फिर कुछ अन्य रिश्तेदारों के साथ उसके बाद उसने सुरभि और सुष्मिता को अपने दोनों साइड पर ले कर फोटो खिचवाना शुरू कर दिया. धर्मेश को तीनों के पिक्स लेने में मजा आने लगा वो उनके अलग अलग एंगल से पिक्स ले रहा था. तभी मिस्टर रहेजा आया और उसने अपना एक हाथ अपनी बीवी की कमर पर और दूसरा सुरभि की कमर पर लपेट कर दोनों को अपने पास कस लिया और धर्मेश और विनोद दोनों को शूट करने का इशारा किया. दोनों सेक्सी महिलायों की नंगी कमर पर लहराते हुए हाथ देख कर विजय को जलन होने लगी पर अपने बॉस के सामने वो कुछ भी नहीं कर सकता था. उसको इस बात से सुकून हुआ की सुरभि इस बात को बड़ी सहजता से ले रही है अगर वो बॉस का हाथ झटक देती या कुछ उन्हें उल्टा सीधा कह देती तो उसकी नौकरी पर आ बनती. पर विजय ने सोचा की इस पार्टी के बाद जरूर वो इन सब की शिकायत उससे करेगी.


धर्मेश ने देखा की सुरभि का पति विजय उसे सुरभि के पिक्स लेता देख कर कसमसा रहा है पर जब से उसने दृष्टि की बात सुनी थी तब से उसे उसकी कोई परवाह नहीं थी. उसने अनजान बनते हुए जान्भूजकर सुरभि के पास जा कर उसके कंधे से पल्लू सही करके कभी उसके बाल ठीक करके फोटो खींचना जारी रखा जिससे की विनय और बेचैन हो उठा. पर वो कुछ भी नहीं कर सकता था. तभी उसने देखा की दृष्टि उसे इशारे से कोने की तरफ बुला रही है. उसने इधर उधर देखा और जब संतुष्ट हो गया की कोई उसकी तरफ नहीं देख रहा है तो धीरे से दृष्टि की ओर बड गया. धर्मेश ने उसे जाते हुए देखा तो उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कराहट आ गयी. तभी बरात आने की आवाज आ गयी. धर्मेश चाह कर भी विजय के पीछे नहीं जा पाया पर उसे जाने की जरूरत भी नहीं थी क्योंकि काम की बात उसे पता चल ही चुकी थी इसलिए उसने अपना सारा ध्यान बारात पर और उसमें आई सेक्सी लड़कियों पर रखना उचित समझा साथ में उसे सुरभि सुष्मिता और मिसेज रहेजा का भी तो ख़याल रखना था. और इस काम में उसके पार्टनर विनोद का भी पूरा साथ था. ये अलग बात थी की इस वक़्त मैरिज को कवर करने के लिए एक प्रोफेशनल ग्रुप भी विडियो ग्राफी कर रहा था. और एक से एक आधुनिक उपकरणों एवं ड्रोन आदि के साथ फोटोग्राफी एवं शूटिंग की व्यवस्था हो रही थी.
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#71
“क्या हुआ क्यों बुलाया है मुझे.” विजय ने दृष्टि से पुछा

“क्या अभी भी शादी के कामों में उलझे है, अपना अधूरा काम पूरा नहीं करोगे क्या?” दृष्टि ने उसे आँख मार कर कहा . अपने गोल्डन लहंगे में वो काफी सेक्सी लग रही थी.
“पागल हो क्या ....इस वक़्त.” विजय के लंड में हालाँकि गुदगुदी हो गयी की एक कमसिन लड़की उसे इनविटेशन दे रही थी पर फिर भी वो संभल कर बोला.
“वक़्त तो सबसे बढ़िया है सब लोग नीचे है मेरे रूम में कोई नहीं है. मैं जा रही हूँ पांच मिनट में आ जाना.” कह कर दृष्टि मुड़ कर चल दी उसे पता था की वो जरूर आएगा.
पांच मिनट बाद विजय ने धीरे से दृष्टि की कमरे में दाखिल हो कर दरवाजा बंद कर दिया. वो अन्दर गया तो उसने देखा की दृष्टि अपने सुन्दर लहंगे में सोफे पर बैठी थी.
“साली का लहंगा उठा कर चोदने में मजा आ जायेगा.” विजय ने मन में सोचा और धीरे से उसके पास आया. उसने इस वक़्त काला सूट पहना हुआ. जैसे ही वो दृष्टि के पास आया दृष्टि उठ कर खड़ी हो गयी और विजय ने उसे बाँहों में भर लिया और उसे बेतहाशा किस करने लगा दृष्टि ने भी उसे किस करने की मस्त एक्टिंग की.

और जब उसने किस बंद किया तो दृष्टि घुटनों के बल बैठ गयी और जल्दी से उसने विजय की बेल्ट खोल दी. और फिर उसकी ज़िप खोल उसने उसकी पेंट को अंडरवियर सहित जूतों तक नीचे पहुंचा दिया. विजय का लंड तुरंत फनफना उठा . दृष्टि इस काम में ज्यादा समय वेस्ट नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने बड़े प्यार से उसके लंड को अपने मुह में लिया और चूसने लगी. विजय मस्ती से सराबोर हो गया इस बात से अनजान की धर्मेश का बाप और रहेजा का साला उसकी इस लंड चुसाई की विडियो बना रहा था. जैसे ही दृष्टि को एहसास हुआ की विजय का काम तमाम होने वाला है उसने अपने मुह से उसके लंड को निकल दिया. विजय जैसे ही छूटने को हुआ उसने अपने लंड को दूसरी ओर कर लिया जिससे की दृष्टि की ड्रेस ख़राब न हो. लेकिन जब वापस घूमा तो उसका चेहरा पीला पड़ गया जब उसने कीर्ति के मामा को एक छोटे कैमरे के साथ वहाँ खड़ा देखा.
“अप अआप याहां.” विजय हकलाने लगा.
“अरे चिंता मत करो भाई तुमने भी तो हमारा विडियो बनाया है बस अपनी सेफ्टी के लिए हमने भी बना लिया कहीं तुम हमें ब्लैक मेल न करने लगो.”
“नहीं मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था.”
“लेकिन दृष्टि को करने का इरादा तो था न.”

“नहीं आप विश्वास रखिये मैं इसको कभी नहीं करूँगा.?”
“वो तो तुम अब कह रहे हो क्योंकि अब तुम्हे पता है की अगर ये लंड चुसाई का विडियो तुम्हारी बीवी के पास या तुम्ह्रारे बॉस के पास पहुँच गया तो तुम्हारी शादी शुदा जिंदगी और तुम्हारी नौकरी का क्या होगा.”
“नहीं प्लीज देखिये मैं आपका और दृष्टि का विडियो डिलीट कर देता हूँ आप मेरा कर दीजिये.”
“अरे घबराओ मत उसकी कोई जरूरत नहीं तुम चाहो तो उसे रख लो मैं तो ये रखूँगा ही. पता नहीं फ्यूचर में कब काम आजाये. वैसे अगर दृष्टि की कभी मर्जी हो और वो तुम्हे बुलाये तो जरूर आ जाना उसे परेशान मत करना.. समझे ..” आखिर में अपने शब्दों में कठोरता लाते हुए मामाजी ने बोला तो विजय ने जल्दी से सर हिलाया. उसे ध्यान आया की उसने तो अपनी पेंट भी ऊपर नहीं की है और उसका लंड पूरी तरह से मुरझा कर एक मरे हुए चूहे जैसा हो गया है. उसने जल्दी से पेंट ऊपर की तो देखा मामाजी कमरे के बाहर जा रहे है. चिंतित अवस्था में अपने हुलीये को ठीक करता विजय नीचे को ओर चल दिया. दृष्टि भी अपनी सहेली कृति की वरमाला होने से पहले उसके पास पहुचना चाहती थी, वो भी दौड़ पड़ी.

abhi aur aa rahaa hai.......
 horseride  Cheeta    
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#72
कीर्ति के पास उसकी कई सहेलियों के अलावा उसकी मम्मी भी खड़ी थी और वो अपने साथ सुरभि और सुष्मिता को भी ले आई थी. दृष्टि के वहां आते ही कीर्ति चिल्लाई
“अरे कहा मर गयी थी ऐन वरमाला के मौके पर.”
“कहीं सुहागरात की अरेंजमेंट तो नहीं कर रही थी.” एक सहेली बोली तो सब जोर जोर से हँसे. उन सभी लेडीज को वरमाला के लिए कीर्ति के साथ ही जाना था.
सुरभि सुष्मिता भी स्पेशल गेस्ट की तरह ट्रीट हो रहे थे. कीर्ति की जब वरमाला हो रही थी तो लड़के वालों की तरफ से आये लड़के खूब हंसी ठिठोली कर रहे थे और सुरभि और सुष्मिता भी उनकी अश्लील फब्तियों का निशाना बन रहे थे. विनोद उनका विडियो बड़े नजदीक से ले रहा था. फोटो सेशन के वक़्त विजय के साथ दूल्हा दुल्हन के स्टेज पर फोटो खिचवाते वक़्त सुरभि को मौका मिला गया विजय से थोड़ी बात करने का.
“विजय इसके बाद खाना खा कर घर चलते है.”
“मुझे तो मुश्किल लग रहा है. बॉस ने कहा था सारा काम निपटा कर सुबह जाना.”
“तो एक बार उनसे पूछ लेना की मुझे घर छोड़ आने के लिए.”
“ठीक है चलो डिनर करते है फिर पूछता हूँ.” 


डिनर करने के बाद एक जगह मिस्टर और मिसेज रहेजा को साथ में देख कर विजय और सुरभि उनसे पूछने उनके पास गये. जब मिसेज रहेजा ने सुना तो काफी नाराज हुई और बोली
“अरे सुरभि तुम्हे क्या करना है घर जा कर अभी रात को फेरों के वक़्त सब लोग सो जाते है उस वक़्त घर के ख़ास लोग ही रहते हैं साथ में, तुम और सुष्मिता मेरे साथ रहोगी. विजय तो रहेजा का राईट हैण्ड है ही. इसलिए तुम लोग कल ही जाओगे बस. तभी उसे दृष्टि ने बताया की कीर्ति के फेरों के वक़्त पहने जाने वाली ड्रेस तो डिज़ाइनर के पास से आई ही नहीं.
“क्या कीर्ति सो रही थी क्या अब तक. वो तो दोपहर तक आने वाली थी न. अब तक तो वो बुटिक बंद भी हो गया होगा ओह गॉड.. उस डिज़ाइनर साले की हिम्मत कैसे हुई.. वो ख़ुद डिलीवर नहीं कर सकता था.”
मिसेज रहेजा का चेहरा तमतमा उठा था. लग रहा था किसी भी वक़्त उसके मुह से माँ बहन की गालियों निकलने लगेगी. उसने तुरंत उस डिज़ाइनर को कॉल किया तो उसने बताया की ड्रेस तो रेडी था पर कोई लेने नहीं आया और उसे भी urgently देश से बाहर जाना पड़ा. पर उसने बताया की उसके शोरूम में एक लड़का है वो उसको कॉल कर देगा पर ड्रेस और उसके साथ के मैचिंग ओर्नामेंट्स उनको ख़ुद ही देख कर लाने होंगे.


“ओह गॉड मैं अभी यहाँ का अरेंजमेंट देखूंगी की....... सुनिए आप जा कर ले आईये वो ड्रेस.” मिसेज रहेजा ने अपने पति रहेजा से कहा क्योंकि उसके और कीर्ति के अलावा वो ही जानता था उस डिज़ाइनर का घर और उस ड्रेस के बारे में.
“लेकिन डार्लिंग मैं ड्रेस तो ले आऊंगा पर वो मैचिंग चीजों का और बाकी यू नो.” मिसेज रहेजा समझ गयी और तुरंत बोली
“तुम सुरभि को ले जाओ, ये मैचिंग सेलेक्ट करके ले आएगी.” सुरभि एकदम से अपना नाम सुन कर घबरा गयी पर इस वक़्त मिसेज रहेजा का मूड देख कर कोई कुछ नहीं बोला. विजय लेकिन बेचैन हो गया ये सोच कर की सुरभि रहेजा के साथ जाएगी.
“हम्म ठीक है ऑडी की चाभी दो.. और विजय तुम भी चलो तुम ऑडी चला लेना मैंने थोडा ड्रिंक कर लिया है इसलिए.”
“ओके सर.” विजय ने राहत की सांस लेते हुए ख़ुशी से चाभी ले ली. मिसेज रहेजा को भी थोडा आश्चर्य हुआ. उसने तो रहेजा को सुरभि के साथ एक लास्ट चांस मारने का मौका दिया था पर उसने ख़ुद ही विजय को अपने साथ ले जा कर अपने पैरों पर ख़ुद ही कुल्हाड़ी मार ली. शायद अभी उसको भी बेटी की शादी का ज्यादा टेंशन था. मिसेज रहेजा सुरभि की ओर देख कर फिर बोली


“अभी फेरे में काफी टाइम है, तुम देखना की ड्रेस के साथ ओर्नामेंट्स अच्छी तरह मैच हो जाए मैं रहेजा के whatsapp पर अभी कीर्ति से ले कर उस ड्रेस के पिक्स भेज दूंगी इससे तुम्हे आसानी हो जायेगी.” सुरभि ने सर हिलाया. उसे समझ में नहीं आ रहा था की वो इस शादी में इतनी इम्पोर्टेन्ट कैसे हो गयी. पर उसे इस बात की तसल्ली थी की विजय इस बार साथ है नहीं तो इतनी अच्छी ड्रेस में भी रहेजा उसे चोदे बिना नहीं रहता इतना उसे विश्वास था. वैसे अब उसे रहेजा से चुदने में कोई ऐतराज नहीं था उसे तो बस अपनी इस ड्रेस के खराब होने का डर था. विजय ऑडी ले कर आया तो रहेजा तुरंत एक बॉस की ही तरह पीछे जा कर बैठ गया. सुरभि असमंजस सी स्तिथि में थी की विजय ने उसके लिए आगे का दरवाजा खोल दिया. सुरभि अपने पति विजय की बगल में बैठने ही वाली थी की रहेजा बोला
“अरे सुरभि तुम भी यही आ जाओ पीछे क्योंकि अभी whatsapp पर ड्रेस की पिक्स आएँगी तो तुम देख लेना.” विजय बेचारा गहरी सांस ले कर रह गया और ख़ुद ही बोला
“हाँ सुरभि बॉस ठीक कह रहे है तुम पीछे ही बैठ जाओ. कह कर विजय ने आगे का दरवाजा बंद कर किया और सुरभि पीछे रहेजा की बगल में जा कर बैठ गयी. विजय ने रियर मिरर में देखा तो उसे केवल रहेजा नजर आ रहा था सुरभि उसके मिरर की रेंज से बाहर थी और विजय चाह कर भी मिरर की सेटिंग अपने बॉस के सामने सेट नहीं कर सकता था. नाभि से नीचे बंधी हुई सेक्सी साड़ी बेक लेस ब्लाउज जिसमे उसकी पूरी पीठ नंगी और आगे से दूधिया चुचियों का इतरा कर हिलना सुरभि को वैसे ही सेक्सी बना रहा था और अब वो केवल रहेजा से एक फीट की दूरी पर बैठी थी. रहेजा ने न तो उसके पास खिसकने की कोशिश की न ही उसे अपने पास बुलाया. उसने बस विजय को बता दिया की कहाँ चलना है. विजय ने सुना और गाडी बड़ा दी उसे वहाँ पहुचने में कम से कम आधा घंट लगना था.
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#73
“और बताओ सुरभि आपको शादी में कोई परेशानी तो नहीं हुई?”
“नहीं कोई नहीं.” सुरभि इतना ही कह पाई क्योंकि जितना मजा उसने इस शादी में लिया है अपनी शादी में भी नहीं लिया होगा. रहेजा को भी याद आया की कैसे उसने इस शरीफ पत्नी को जम के अपने बिस्तर पर चोदा था. याद करके उसका लंड अकड़ने लगा उसने बिना ज्यादा हरकत किये अपने लंड को ठीक किया. तभी उसके मोबाइल पर whatsapp मेसेज आया उसने खोल कर देखा तो मिसेज रहेजा ने कीर्ति के वो ड्रेस पहने हुए कई सारे पिक्स भेजे थे.
“हाँ पिक्स आ गए ये जब कीर्ति ने ट्रायल दिया था तब के है.” रहेजा बोला लेकिन उसने मोबाइल अपने हाथ में ही रखा और अपना हाथ सुरभि की तरफ बिलकुल भी नहीं बढाया. हार कर सुरभि को ही रहेजा की तरफ खिसकना पड़ा जब वो उसकी तरफ खिसकी तो रहेजा भी सुरभि की तरफ खिसक गया और अब दोनों की जांघें एक दुसरे से सट गयी. मिरर में विजय ने उन लोगों को खिसकते तो देखा पर वो उसे नेचुरल लगा पर वो नीचे उनकी जुडी हुई जांघे नहीं देख पाया. सुरभि के रोंगटे एक बार फिर खड़े हो गये लेकिन वो अपना ध्यान बंटाते हुए रहेजा के मोबाइल पर ड्रेस की पिक्स देखने लगी.
“काफी सुन्दर ड्रेस है.” सुरभि इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह सकी.
“हाँ मिसेज रहेजा की चॉइस है .”



“हाँ आज वरमाला वाला लहंगा भी काफी यूनिक था.”
“मिसेज रहेजा किसी भी चीज को आसानी से पसंद नहीं करती. अब सोच लो सुरभि तुम भी कितनी यूनिक होगी जो की पहली बार में ही उनको पसंद आ गयी.” रहेजा ने बड़े आराम से सुरभि के पति के सामने ही अपने मन की बात कह दी जिसे सुन कर सुरभि शर्मा गयी. और बोली
“आप भी न सर कहा की बात को कहा ले गए.”
“अरे मैं सच कह रहा हूँ, क्यों विजय तुम बताओ मिसेज रहेजा इतनी आसानी से किसी को पसंद करती है क्या.”
“नहीं सर कभी नहीं.” विजय अपने चिर परिचित चापलूसी वाले अंदाज में अपने बॉस से बोला.
“ये देखो ये उसके मैचिंग ओर्नामेंट्स है जो तुम वहीँ से सेलेक्ट कर लेना.”


“हम्म लवली है.” बोलते ही सुरभि घबरा गयी जब एक सांप की भाँती मिस्टर रहेजा का एक हाथ उसकी कमर के पीछे घुस गया और उसे अपनी ओर और जोर से कस लिया. रहेजा जानता था की मिरर से उसके चेहरे के एक्सप्रेशन विजय को दिख सकते है इसलिए वो ऐसे ही प्रकट कर रहा था जैसे केवल उसका इंटरेस्ट सुरभि को फोट दिखाने में ही हो जबकि उसके एक हाथ ने सुरभि की नंगी कमर को सहला कर उसे उत्तेजित करना शुरू कर दिया था. सुरभि ने एक बार रहेजा की तरफ देख कर आँखों ही आँखों में उससे ये सब बंद करने की गुजारिश की जिसका उस पर कोई असर नहीं हुआ. बल्कि उसका हाथ सुरभि की कमर के नीचे उसकी गदरायी गांड तक को सहलाने लगा मसलने लगा. हालाँकि रहेजा को एक ही हाथ से मोबाइल पकड़ कर फोटोज स्वाइप करना मुश्किल हो रहा था पर वो करता रहा. एक क्लोज अप फोटो में कीर्ति बहुत ही खूबसूरत लग रही था जिसे देख कर सुरभि “wow” कर बैठी
“बहुत ही सुन्दर लग रही है कीर्ति इसमें.”


“हाँ .. लो विजय को भी दिखाओ ये फोटो.” उसने सुरभि को मोबाइल पकडाते हुए कहा .. फिर विजय से बोला
“देखो विजय कितनी सुन्दर लग रही है कीर्ति इस ड्रेस में. ध्यान से देखना ड्राइव करते हुए.” अब सुरभि को मोबाइल पर पिक दिखाने के लिए उठना पड़ा और आगे की सीट पर विजय को मोबाइल पर पिक दिखाने लगी. रहेजा को वो पिक विजय को घंटा दिखानी थी उसे तो इस बहाने सुरभि को उठाना था और उसकी गांड पर अपना अधिकार ज़माना था. जैसे ही सुरभि की मदमस्त कमर और उसके नीचे उसकी गांड सामने आई रहेजा ने अपने बायें हाथ की हथेली से उसकी गांड का मान मर्दन करना शुरू कर दिया. अचानक हुए इस हमले से सुरभि हलकी सी चिहुंकी पर उसने विजय को इसका हल्का सा भी आभास नहीं होने दिया. रहेजा ने जब उसकी गांड को फील किया तो उसका लौड़ा गनगना उठा ये जानकार की सुरभि ने अभी भी कोई पेंटी नहीं पहनी है. उसने अपनी बीच की ऊँगली उसकी गांड में घुसा कर साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत को स्पर्श करके छोड़ दिया इतने में ही सुरभि विजय को फोटो दिखा कर वापस अपनी जगह पर बैठ गयी.
“बहुत अच्छी लग रही है कीर्ति बेबी इसमें.”
“हाँ .. अरे विजय तुम्हारी ये सुरभि कीर्ति से बड़ी है पर फिर भी अगर ऐसी ड्रेस में सुरभि का फोटो निकाले तो सुरभि इससे भी कही ज्यादा अच्छी दिखेगी.” रहेजा ने कोई झूठी तारीफ नहीं की थी.. सुरभि के सामने कीर्ति कुछ भी नहीं थी.
“अरे सर इतनी शानदार ड्रेस के तो हम लोग सपने ही देख सकते है.”
 horseride  Cheeta    
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#74
“अरे विजय वैसे सही बोलूं तो सुरभि को इतनी शानदार ड्रेस की जरूरत ही नहीं है वो तो सिंपल सी ड्रेस में भी सेक्स मतलब बहुत सुन्दर दिखती है.” विजय को बड़ा अजीब लग रहा था की उसका बॉस उसकी बीवी की तारीफ किये जा रहा है पर वो उसकी हाँ में हाँ मिलाने के अलावा कर भी क्या सकता था. उधर अपने पति की मौजूदगी में जिस तरह से रहेजा ने उसकी चूत तक अपनी ऊँगली पहुंचा दी उससे सुरभि को डर तो लगा था पर न जाने क्यों उसको डर से ज्यादा उत्तेजना हो रही थी उसको साफ़ महसूस हो रहा था की रहेजा की वो छोटी छोटी हरकते उसकी चूत में धीरे धीरे पानी भर रही थी. रहेजा का हाथ उसकी पीठ से होते हुए उसके नंगे पेट को सहला रहा था. सुरभि को अब ये भी लग रहा था की जब विजय की मौजूदगी में ये हाल है अगर वो सिर्फ रहेजा के साथ आई होती तो अब तक उसकी एक बार तो चुदाई हो ही चुकी होती. इतना सोचने भर से ही उसके रोम रोम में करंट दौड़ने लगा. उसे लगने लगा की वो रहेजा का हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दे ताकि उसकी चूत में उठ रही लहर को वो शांत कर सके. तभी रहेजा ने उसकी कमर पर रखा हाथ हटा लिया जिससे सुरभि को लगा की शायद उनकी मंजिल आ गयी है. पर नहीं सीधे हाथ से अपने मोबाइल को देखते हुए रहेजा के उलटे हाथ ने सुरभि के सीधे हाथ की कलाई को थाम लिया और अपनी ओर खींचने लगा.


सुरभि फिर डर गयी की कहीं विजय ने देख लिया तो. उसने दम लगा कर रोकने की कोशिश की पर रहेजा नहीं माना. सुरभि को लगा की इस खींचा खींची में कही विजय को पता न चल जाए इसलिए उसने हारकर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया. वो जानती थी की रहेजा क्या चाहता है वो अपनी पेंट के ऊपर से अपने लंड की शान्ति चाहता था. लेकिन जब उसका हाथ उसकी पेंट के ऊपर पहुंचा तो उसके मुह से सिसकारी निकल गयी क्योंकि रहेजा ने अपनी ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल रखा था. नंगे लंड पर उसके कोमल हाथ पड़ते ही उसके मुह से सिसकारी निकल गयी. सिसकारी सुनते ही विजय घूमता इससे पहले ही रहेजा ने उससे पूछ लिया.
“क्या हुआ सुरभि?” सुन कर विजय रियर व्यू मिरर में ही देखना लगा की क्या हुआ. रहेजा के चेहरे पर चिंता के भाव देख कर विजय को सब नार्मल लगा.
“कुछ नहीं सर वो मेरी पायल है उसका लॉक कभी कभी चुभ जाता है.” सुरभि ने शानदार एक्टिंग की पर हाथ में पकडे रहेजा के लौड़े को नहीं छोड़ा. रहेजा तो उसकी इस अदा पर और मस्त हो गया. 


“ओह तो सुनार को बोल कर ठीक क्यों नहीं करवाती.
“हाँ करवा लुंगी.” सुरभि बोली अपनी ख़ुद की बेशर्मी पर ही उसको शर्म आ रही थी उसका चेहरा अगर विजय देख सकता तो बता सकता था की कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है पर वो बेचारा तो सिर्फ शातिर रहेजा का चेहरा देख सकता था जिससे उसको कुछ भी पता चलने वाला नहीं था.
सुरभि का हाथ रहेजा के लंड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करके सहलाने लगा. रहेजा ने अपने लंड और उसके हाथ को अपने मोबाइल से ढक रखा था. लेकिन तभी उसका मोबाइल बज गया और सुरभि ने घबरा कर अपना हाथ खींच लिया. लेकिन रहेजा पक्का खिलाड़ी था उसने मोबाइल की रिंग बजते रहने दी पहले अपने उलटे हाथ से अपने लंड को पेंट के अन्दर किया फिर धीरे से अपनी ज़िप बंद की उसके बाद बड़े इत्मीनान से मोबाइल उठाया. जैसे ही उसकी मोबाइल पर बात ख़तम हुई विजय ने गाडी साइड में रोक दी.


abhi garma garam aur tayyar hai...................


 horseride  Cheeta    
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#75
“हम पहुँच गए सर.” उसने एक तीन मंजिला ईमारत के सामने गाडी रोकी. ये एक पोश मार्किट था जिसकी उपरी मंजिल पर शानदार बुटिक था पहली मंजिल पर एक शेयर मार्किट का ऑफिस था और ग्राउंड फ्लोर पर एक इलेक्ट्रॉनिक्स का शोरूम था. दिन में वहां बहुत भीड़ रहती है और पार्किंग की जगह भी नहीं होती पर उस वक़्त क्योंकि रात के 10.30 बज चुके थे सारी दुकाने बंद थी. ऊपर वाला बुटिक भी बंद था बस उसमें एक बंगाली लड़का प्रशांत था जो रात को वहीँ सोता था और वहां के सारे छोटे मोटे काम करता था. मिस्टर और मिसेज रहेजा वहां आते रहते थे इसलिए प्रशांत रहेजा को जानता था. उसके डिज़ाइनर मालिक ने भी उसको फ़ोन करके सब कुछ समझा दिया था.
“चलो सुरभि आओ.. और विजय तुम यहीं रुकना क्योंकि इस वक़्त मार्किट बंद हो गया है मैं नहीं चाहता मेरी इस नयी ऑडी को कोई नुक्सान पहुचे. हम लोग जल्दी से आते है, कोई प्रॉब्लम होगी तो तुम्हे कॉल कर लूँगा.”
“ओके ओके सर.” विजय और क्या बोल सकता था अपने बॉस को जिनकी बदौलत उसे उनकी इतनी शानदार ऑडी चलाने को मिल रही थी. पर उसे नहीं पता था की इस ऑडी के बदले उसका बॉस उसकी उससे कहीं शानदार बीवी की सवारी कर रहा था.
गाडी की ड्राइविंग सीट पर बैठा विजय अपने बॉस के साथ जाती अपनी बीवी की गोरी नंगी पीठ और उसके नीचे उसकी मटकती हुई गांड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था और सोच रहा था की इतनी अच्छी बीवी होते हुए उसने दृष्टि से सेक्स करने का पंगा क्यों लिया. और अपनी रिकॉर्डिंग की बात याद आते ही उसके माथे पर पसीना आ गया और वो इश्वर से प्रार्थना करने लगा की ये बात उसकी भोली भाली सुरभि को पता नहीं चलनी चाहिए.

भोली भाली सुरभि जैसे ही पहली मंजिल पर चडी रहेजा ने उसे अपनी बाँहों में दबोच लिया और उसके होठों पर अपने होठ चिपका दिए. इतनी देर से चल रही उत्तेजक घटना ने सुरभि को भी गरमा दिया था. इस बात की परवाह किये बिना की वो लोग कहाँ हैं सुरभि ने भी रहेजा के होठों को चूसना शुरू कर दिया रहेजा के हाथ उसकी मांसल गांड को मथने लगे दोनों के अधर खुल गए और दोनों की जीभ एक दुसरे से कुश्ती लड़ने लगी जल्दी ही दोनों की साँसे भारी होने लगी. किस ख़तम करके दोनों फिर से ऊपर की ओर चल दिए. पूरी बिल्डिंग में इस वक़्त कोई भी नहीं था सिवाय प्रशांत के. रहेजा ने जब बेल बजाई तो प्रशांत ने दरवाजा खोला अन्दर शानदार रिसेप्शन एरिया था लेकिन वो उन दोनों को अन्दर ले कर गया. अन्दर वाले रूम में शोरूम था जहां अलग अलग डिजाईन के कपडे डिस्प्ले पर लगे थे. सभी कपडे बेहद शानदार और महंगे लग रहे थे. लेकिन वो उन दोनों को उसके भी अन्दर रूम में ले कर गया जहाँ सिलाई का काम होता था. वहीँ दो ट्रायल रूम भी बने थे . और एक रूम उसके साइड में था जिसमे एक बेड पड़ा था जहाँ प्रशांत सोता था वहीँ कार्नर में छोटा सा किचेन था जहा प्रशांत चाय या कॉफ़ी बनाता था. प्रशांत ने उनको वो ड्रेस दे दी जो एकदम रेडी थी और उसने सुरभि को वो ड्रावर दिखा दी जहाँ उसकी मैचिंग ज्वेलरी रखी थी. सुरभि ने देखा की एक बॉक्स में कोड नंबर लिखा था जो की बिलकुल वही था जो कीर्ति की ड्रेस के ऊपर टैग में लिखा था. जब सुरभि ने उस बॉक्स को खोला तो वो बिलकुल वो ही ज्वेलरी थी. देख कर सुरभि खुश हो गयी. जिस काम के लिए वो टेंशन कर रही थी वो तो एकदम रेडी था और दो मिनट में उन्हें सामान मिल गया था.


“अरे वाह सब कुछ रेडी था, चलिए सर.” सुरभि मुड़ी तो रहेजा उसकी ओर गहरी नजरों से देख रहा था. उसने वो ड्रेस के ऊपर लगा टैग निकाला फिर उस बॉक्स के ऊपर का टैग निकला दोनों को मिलाया फिर फाड़कर फेंक दिया. सुरभि को अजीब लगा वो उसकी ओर देखने लगी. प्रशांत भी देख रहा था पर उसकी नजर ज्यादा समय सुरभि की सेक्सी नंगी पीठ और उसकी गांड पर ही लगी थी. वो कई बार अपने फुदकते लौड़े को सेट कर चुका था और सोच चुका था की इस माल के जाने के बाद इसके नाम की ही मुठ मारेगा. रहेजा भी उसको एक दो बार लंड सहलाते हुए देख चुका था.
उन दोनों को अपनी ओर देखते हुए देख कर रहेजा मुस्कुराया.
“अरे इतनी जल्दी क्या है अभी फेरे शुरू होने में दो घंटे है.”
“हाँ पर विजय नीचे ...”
“अरे रहने दो खड़ा उसे बॉस हूँ उसका जब तक नहीं बोलूँगा हिलेगा नहीं वहाँ से मादरचोद.”
रहेजा दहाड़ा तो सुरभि सहम सी गयी.
“तुझे क्या लगता है मैं तुझे यहाँ ये ज्वेलरी सेलेक्ट करने को लाया हूँ . हाँ.” सुरभि के चेहरे को ठोड़ी से पकड़ कर ऊपर करते हुए रहेजा बोला. सुरभि को उस लड़के के सामने रहेजा का ऐसा करने पर आप्पत्ति थी पर रहेजा का मूड देख कर वो डर गयी थी.
 horseride  Cheeta    
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#76
“अरे सुरभि सुबह से शाम हो गयी काम काम काम में इतना बिजी था की टाइम ही नहीं मिला.”
“पर वो विज... विज... विजय ......”
“अरे उस गांडू को फ़ोन लगा और बोल की ड्रेस को अभी आयरन करना बाकी है और ज्वेलरी सेलेक्ट करने में पन्द्रह बीस मिनट लगेंगे.... लेकिन रुक पहले मैं फ़ोन लगता हूँ.” कहकर उसने मिसेज रहेजा को फ़ोन लगाया.
“हेल्लो हनी हम लोग यहाँ पहुच गये है विजय नीचे खड़ा है. ओके” बस इतना कह कर रहेजा ने फ़ोन कट कर दिया. सुरभि को कुछ समझ नहीं आया. वो विजय को फ़ोन लगाने लगी पर रहेजा ने उसे रोक दिया और प्रशांत को बोला.
“तेरे रूम से रोड पर खड़ी ऑडी दिख रही है क्या.” प्रशांत ने सर हिलाया और अपने रूम की खिड़की पर जा कर बोला
“हाँ साब दिख रही है.....अब आगे जा रही है साब.” रहेजा मुस्कुराया और सुरभि को बोला अब लगा फ़ोन उसे. सुरभि ने लगाया
“हेल्लो जी वो अभी ड्रेस को आयरन होने में और मैचिंग ज्वेलरी सेलेक्ट करने में अभी टाइम लगेगा.” सुरभि घबराई हुई थी पर फिर भी उसने बड़ी सफाई से झूठ बोल दिया.
“कोई बात नहीं मुझे रहेजा मैडम का फ़ोन आया था एअरपोर्ट पर कुछ सामान आया है उसे ले कर आता हूँ मुझे करीब आधा घंटा लग जाएगा रहेजा साब को बता देना अगर उन्हें इंतज़ार करना पड़ा तो नाराज होंगे.”


“ठीक है मैं बता दूंगी.” सुरभि ने शांति की सांस लेते हुए कहा फ़ोन बंद करके उसने रहेजा को वो बताया जो उसे पहले से ही मालूम था. वो बोला
“चलो ठीक है......सुन प्रशांत तेरे पास साड़ी टांगने का हेंगर है न.... इधर ले आ.” प्रशांत जल्दी से ले आया.
“सुरभि जल्दी से ये साड़ी निकल कर इससे दे दो.” सुरभि की आँखें फट गयी, वो प्रशांत की तरफ देखते हुए बोली
“पर इसके सामने..”
“सुन सुरभि अब एक बात ध्यान से सुन ले मुझे रिपीट करने की आदत नहीं है. मेरा टाइम वेस्ट दुबारा मत करना. समझी. कम ऑन क्विक गेट रिड ऑफ़ दिस साड़ी.”
सुरभि रहेजा की लाल होती आँखों से घबरा गयी और जल्दी से उसने अपनी साड़ी अपने पेटीकोट से निकाल दी और फिर अपनी पूरी साड़ी अलग कर दी. प्रशांत की तो चांदी हो गयी उसने आगे बढकर उससे साड़ी ले ली और उसे किसी एक्सपर्ट की तरह तह कर के उसने हेंगर पर लगा कर टांग दिया. सुरभि की उबलती चूचियां पीछे से पूरी नंगी पीठ नाभि के ६ इंच और चूत से कुछ ही ऊपर बंधा उसका काला पेटीकोट एक ऐसा नजारा था की किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा कर दे. वह तो दो जिन्दा मर्द थे और दोनों के लंड अपने अपने कपड़ो में खड़े हो गये थे. रहेजा ने अपना कोट उतार कर उसे दिया और एक एक कपडा उतार कर प्रशांत को देता गया और प्रशांत भाग भाग कर सभी कपडे बड़े ध्यान से वार्डरोब में लगाता गया रहेजा एक ठरकी अमीर बुड्ढा था उसे किसी की परवाह नहीं थी उसे इस बात की भी परवाह नहीं थी की उस कमरे में पूरा नंगा होने वाला वो पहला आदमी था जब उसने अपना अंडरवियर भी उतार कर प्रशांत की तरफ उछाल दिया. उसका सॉलिड लंड देख कर सुरभि ने नजरें नीचे कर ली.

नंगा हो कर रहेजा कोने में पड़ी आराम कुर्सी पर बैठ गया और प्रशांत को बोला
“अब मेमसाब के दोनों कपडे भी ले ले.” ये सुरभि को इशारा था उसके ब्लाउज और पेटीकोट उतारने का. ब्रा और पेंटी उसने पहनी ही नहीं थी. प्रशांत तब तक अपनी और सुरभि की हैसियत समझ चुका था उसने आगे बड कर सुरभि के ब्लाउज की एकमात्र डोरी जो की उस की पीठ पर बंधी थी उसे खोल दिया ब्लाउज एकदम ढीला हो गया जिसे उतार कर सुरभि ने बिना पीछे घुमे प्रशांत को पकड़ा दिया. सुरभि को अब ये पता चल चुका था की आज उसकी नंग्नता का फ्री में भोग इस बंगाली प्रशांत को भी मिलेगा . इसलिए उसने बिना देर किये अपने पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया. ढीला होते ही पेटीकोट भरभरा कर उसके पैरों में गिर पड़ा और प्रशांत की आँखें उस मदमस्त चमकती गोरी गांड को देख कर चौंधिया गयी. उसे लगा की अगर उसने अपने लंड को एक बार अपनी मुठी में भरा तो साला पानी छोड़ देगा. सुरभि पीछे नहीं मुड़ना चाहती थी वो जानती थी की इसके पिछवाड़े का रसपान प्रशांत कर ही रहा है पर सामने उसके पति का बॉस था जो अपना लंड फैलाए उसका इन्तजार कर रहा था. उसने धीरे से एक एक करके अपने दोनों पैर आगे बढ़ाते हुए पेटीकोट को पीछे छोड़ दिया जिसे प्रशांत ने लपक कर उठा कर टांग दिया.


सुरभि जानती थी अब शराफत का ढोंग रचने से कोई फायदा नहीं है. समझदारी इसी में है की विजय के आने से पहले उसके बॉस को निपटा दिया जाए वरना उसके लिए ही मुसीबत हो जायेगी. सोच कर वो रहेजा के सामने आ कर घुटनों के बल बैठ गयी. रहेजा ने अपनी दोनों टांगों को खोल कर उसका स्वागत किया और वो आगे झुक कर उसके लंड को पकड़ कर उसे सहलाने लगी. वो जान चुकी थी की रहेजा बेसब्र हो रहा है इसलिए उसने देर ना करते हुए अपने होठों से उसके सुपाडे को पहले चूमा फिर धीरे धीरे उसे अपने मुह में भर लिया. और फिर वो उसके लंड को तन्मयता से चूसने लगी उसके शरीर पर सिर्फ ज्वेलरी थी और सेंडल थी. घुटनों के बल बैठी पीछे की ओर गांड किये हुए लंड चूसते हुए वो दो टके की रांड को भी वो मात कर रही थी. प्रशांत चाहता था की वो भी अपना लंड निकाल ले पर बड़े लोगों की बड़ी बातें कहीं साहेब नाराज हो गया तो. ये सोच कर वो मगन हो कर लाइव पोर्न शो देखने लगा. एक ऐसा शो जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी.
“अहह साली मस्त रांड है तू , कैसे उस चूतिये के पल्ले बंद गयी.. पर कोई बात नहीं अब तू मेरी रांड है जैसे चाहूँगा वैसे चोदुंगा तुझको. आह्ह्ह्ह बढ़िया चूसती है साली. अब रुक जा नहीं तो ऐसे ही खलास हो जाऊंगा. टाइम ज्यादा नहीं है और तुझे चोदना भी है. छोड़ साली मेरे लंड को हाँ ..चल कुतिया बन जा पीछे से चोदुंगा तुझे.” सुरभि ने लंड छोड़ दिया तो रहेजा ने उसे खड़ा किया और प्रशांत से बोला
 horseride  Cheeta    
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#77
“तेरे कमरे में बेड है न.” प्रशांत ने जल्दी से सर हिलाया और उनके आगे आगे अपने कमरे की ओर बड गया. रहेजा ने नंगी सुरभि को फूल की तरह गोद में उठाया और उस कमरे की तरफ बड गया. अन्दर प्रशांत अपने बिस्तर को ठीक कर रहा था. रहेजा बोला
“अरे ठीक मत कर अभी खराब ही होने वाला है.” कह कर उसने सुरभि को बिस्तर पर दाल दिया. उछलती हुई सुरभि और उसकी थरथराती हुई चूचियां एक देखने वाला सीन था. रहेजा का उसको कुतिया बना कर चोदने का प्लान था पर उससे पहले वो उसे असल में अपनी कुतिया बनाना चाहता था. वो प्रशांत से बोला
“क्यों बे तुझे शर्म नहीं आती यहाँ दो जने नंगे घूम रहे है और तू ये बनियान और निकर में घूम रहा है.” प्रशांत मुस्कुराया तो रहेजा बोला
“चल मेरी सुरभि रांड के पास आ वो उतारेगी तेरे कपडे.” प्रशांत तुरंत सुरभि के पास आ कर खड़ा हो गया. सुरभि अब पूरी तरह से मदमस्त हो चुकी थी उसे पता था की रहेजा की हर बात मानने में ही उसकी भलाई है. एक बार वो विजय को किसी बात के लिए मना कर सकती है पर रहेजा को नहीं , ऐसा प्रभाव हो गया था उस पर रहेजा का. वो बिस्तर पर घुटनों के बल खड़ी हो गयी और उसने प्रशांत की पहले बनियान उतार कर अलग फेंक दी फिर उसने उसके बरमूडा को एक झटके में घुटनों तक नीचे खींच दिया.


अन्दर से उसका काला भुजंग नाग सा लंड फडफडा कर बाहर निकल आया वो लंड रहेजा जैसा ही तगड़ा लग रहा था पर उसका रंग एकदम भुजंग काला था. उस पर हल्का सा गीलापन ये बता रहा था की लड़का भी काफी समय से उत्तेजित था. प्रशांत ने अपना निकर पैरों से निकाल कर फेंक दिया. अब उस कमरे में तीनो ही मादर जात नंगे थे. रहेजा बेड पर सुरभि के पीछे आया और पीछे से ही उसके बूब्स को मसल मसल कर दबाने लगा जिससे सुरभि मादकता से सी सी करने लगी. रहेजा उसकी गर्दन को चूमता हुआ उसके कानो को चुब्लाता हुआ उसकी चुचियों को मसलता रहा निप्पल्स से खेल कर उसे आनंद के सागर में डुबाता रहा.
“प्रशांत कैसी है हमारी सुरभि ?”
“मस्त है साहब मेंमसाहेब तो?”
“हाँ मस्त है पर तेरी किस्मत में इसे चोदना नहीं है.”
“वो तो है साहेब इनको ऐसे देख लिया इतना ही बहुत है साहेब.” अपने काले लंड को सहलाता हुआ बोला
“हाँ पर तेरा बिस्तर इस्तेमाल कर रहे है तो कुछ तो इनाम मिलना तुझे.. क्यों सुरभि डार्लिंग.” रहेजा उसकी चुचियों को जोर से दबाते हुए बोला
“आःह्ह हां ?”
“क्या हाँ?”


“इसको इनाम मिलना चाहिए.” सुरभि बोली ..उसपर सेक्स की खुमारी पूरी तरह चडी हुई थी.
“भाई प्रशांत मेरी सुरभि डार्लिंग लंड बहुत मस्त चूसती है ..डार्लिंग इस बेचारे के लंड को चूस कर इसे इनाम दे दो.” रहेजा बोला तो सुरभि ने उसकी ओर ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की “आर यु सीरियस ?” पर उसकी अब दोबारा रहेजा से कुछ पूछने की हिम्मत ना थी. रहेजा फिर बोला
“चल कुतिया बन जा पहले.” और उसको पीछे से प्रेशर दे कर आगे धकेला तो सुरभि ख़ुद बा ख़ुद कुतिया के पोज में खड़ी हो गयी.
“चल बे प्रशांत ज्यादा भाव ना खा डाल दे अपना ये काला लंड सुरभि के मुह में .” रहेजा जोर से बोला तो प्रशांत अपना काला नाग ले कर सुरभि के मुह के पास चला आया पर वो सुरभि को कुछ बोल नहीं पाया.
“सटाक “ सुरभि की गांड पर रहेजा का झनझनाता हुआ थप्पड़ क्या पड़ा उसका मुह ख़ुद बा ख़ुद खुल गया और प्रशांत ने तुरंत अपने लंड का सुपाडा उसके मुह में ठूंस दिया. सुरभि की गांड पर हाथ फिराते हुए जब रहेजा की उँगलियों ने उसकी चूत को छुआ तो उसके गीलेपन ने बता दिया की कुतिया पूरी तरह चुदने के लिए तैयार है. रहेजा की उँगलियों ने ऐसा करंट सुरभि में दौड़ाया की उसने प्रशांत की गांड पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए उसके आधे से ज्यादा लंड को अपने मुह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.


बेचारे प्रशांत के लिए तो इतना बहुत था उत्तेजना में उसने सुरभि के सर को बालो से पकड़ लिया और उसका लंड झटके मार मार कर माल सुरभि के गले में उतारने लगा. सुरभि उसके लंड को मुह से निकालना चाहती थी पर निकाल नहीं पायी क्योंकि प्रशांत न केवल अपने लंड को उसके मुह में ठोक रहा था बल्कि उसके बालो को भी कस के तब तक पकड़ा रहा जब तक की उसके शरीर को उत्तेजना के झटके लगना बंद ना हो गये. इतना माल छोड़ा था उसने की सुरभि के होठों से निकल कर बाहर टपक रहा था. रहेजा को पता नहीं क्यों ये करवा कर बहुत मजा मिला उसे सुरभि को पूरी तरह गुलाम बना कर संतोष मिला और ये देख कर उसका लंड चुदाई के लिए तैयार हो गया. प्रशांत ने अपना लंड सुरभि के मुह से निकाला तो रहेजा बोला
“चल तेरा इनाम दे दिया ना सुरभि ने..अब खिड़की पर खड़ा हो जा और ऑडी आये तो बताना.” प्रशांत ने जल्दी से अपने कपडे पहने और खिड़की पर खड़ा हो गया. ऑडी का नाम सुनते ही सुरभि को विजय की चिंता हो गयी वो बोली
“सर जल्दी कर लो नहीं तो ये आ जायेंगे.”
रहेजा उसके ऊपर झुकता हुआ उसकी झूलती चुचियों से खेलता हुआ बोला
“बेबी आएगा तो देख लेगा की मैं कैसे उसकी बीवी की सेवा कर रहा हूँ.”
“सर प्लीज.”


“ओके ओके स्वीटी वैसे भी एक न एक दिन तुझे उसके सामने भी मुझसे चुदना ही है पर उसके लिए अभी टाइम नहीं आया है.” कह कर रहेजा ने अपने लंड को उसकी पुकारती चूत पर रखा और एक तगड़ा झटका मार कर पूरा लंड प्रवेश करा दिया.
“आह्ह्ह ....” और फिर उसने द्रुत गति से सुरभि को चोदना शुरू कर दिया
“आःह्ह ...अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह ह्म्म्मम्म आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह aaahhhhhh.” हर धक्के पर सुरभि बेशरम रंडी की तरह आवाज निकालने लगी सामने खड़ा प्रशांत बाहर सड़क की तरफ ना देख कर सुरभि के चेहरे की ओर ही देखने लगा और उसे इस तरह आह आह करते देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया उसने फिर से अपनी निकर घुटनों तक उतार दी और अपने लंड को सुरभि को देख कर सहलाने लगा. सुरभि की जब उससे निगाह मिली तो वो भी बेशर्मों की तरह मुस्कुरा दी और और जोर जोर से आह्ह्ह आह्ह्ह कर चिल्लाने लगी.
रहेजा उसको चोदते चोदते उसकी गांड पर एक और थप्पड़ मार कर बोला
“साली रंडी अब तो उसके लौड़े को देखना बंद कर. और तू भोसड़ी के नीचे ध्यान दे.” बोल कर जोर जोर से चोदने लगा थोड़ी देर और चोदने के बाद सुरभि और रहेजा का काम एक साथ तमाम हुआ जब लम्बी साँसे लेते हुए वो उसके ऊपर ढेर हो गया. थोड़ी देर ऐसे ही पडे रहने के बाद उन दोनों ने तैयार होना शुरू कर दिया था और विजय के वहां पहुचने से पहले ही वो दोनों शादी में वापस जाने के लिए तैयार थे.


Happy Christmas and Happy New year to all Friends...

Keep posting your comments .......
 horseride  Cheeta    
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#78
This much is there in the old site xossip.



Original writer has to continue from here.
 horseride  Cheeta    
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#79
I read the whole story and it is one of the best story

Jaipurpink007 please continue it.......
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#80
was searching for this story, no nice to find it here... But this was incomplete in old xossip also. Can the original author please find some time to write further parts??
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