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“ओह जान तुम तो किसी भी मर्द को अपना गुलाम ही बना दोगी..”
मेरे मुह से यही निकला जब मैंने मोना के योनि में अपना वीर्य उड़ेल दिया …
मैं थका हुआ उसके ऊपर पड़ा हुआ था वही वो मेरे सर को सहलाती हुई शांत पड़ी थी,जब मैंने उसकी आंखों में देखा तो वो उसकी आंखों में एक अजीब सी हलचल थी और होठो पर एक कातिल मुस्कान…
“सच में मैं किसी भी मर्द को अपना गुलाम बना सकती हु..”
मोना की बात से मेरे भी होठो पर एक मुस्कान खिल गई ..
“मुझे तो बना ही चुकी हो …”
वो हल्के से हँसी ..
“अच्छा,लेकिन मुझे तो लगता है की मैं आपकी गुलाम बन चुकी हु ,आपके प्यार के आगे मेरी हुस्न की क्या मजाल है,जब से हमारी शादी हुई है आपके प्यार की कसीस ने मुझे अपना गुलाम ही बना दिया है…”
उसकी आंखों से छलकती हुई सच्चाई की बूंदों को मैंने अपने होठो में भर लिया …
“तुम्हारे हुस्न और सच्चाई ,तुम्हारी ये प्यारी सी आंखे और भरे हुए होठो से छलकते हुए रस के प्याले ,किसी भी मर्द को पागल बना देंगे….तुम जब हंसती हो तो लगता है की चांद खिल गया है,तुम्हारा रूठा हुआ चहरा भी इतना प्यारा है की दिल करता है अपना सब कुछ तुम्हारे कदमो में रख दु …”
मेरी आवाज में मोना के लिए बस प्यार ही प्यार था..
और उसके आंखों में आंसू ,जिसे मैं अपने होठो से हल्के हल्के से चूम रहा था,
“इतना ही प्यार करते हो तो मना क्यो नही करते….”
उसकी बात से मैं सकपका गया था,ना जाने क्यो लेकिन उसकी हर बात मुझे अच्छी लगती थी,ये भी की जब वो अपने आशिकों से बात किया करती थी,हा मेरी बीवी के आशिक थे एक दो नही कई जो उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थे,लेकिन मेरी बीवी थी की उसे मेरे सिवा किसी और की फिक्र ही नही थी …
मेरे होठो में हल्की मुस्कान तैरने लगी …
“जलन तो होती है लेकिन फिर भी अच्छा लगता है जब देखता हु की तुम्हारा प्यार बस मेरे लिए है,और उन बेचारों के चहरे में मायूसी देखता हु...मेरे जीवन में सिर्फ तुम ही एक लड़की हो ,मैंने तो कभी कोई लड़की पटाई भी नही लेकिन तुम जिससे बात कर दो वो तुम्हारा दीवाना हो जाता है ,ऐसी बीवी है मेरी तो थोड़ा शो ऑफ तो बनता है..”
उसने झूठे गुस्से से मुझे मारा ..
“आप भी ना ……..”
लेकिन वो तुरंत ही गंभीर हो गई
“लेकिन अगर किसी से मुझे भी प्यार हो गया तो …”
उसकी बात सुनकर मैं भी गंभीर हो चुका था..
“तो मैं समझूंगा की मेरा प्यार कमजोर था..”
वो थोड़ी देर मुझे देखने लगी ..
“और अगर मैं बहक गई तो ….”
उसकी बातो का इशारा मैं समझ सकता था,
मैं भी गहरे सोच में डूब चुका था..
“मुझे नही पता ….”
मैं बस इतना ही बोल पाया …
उसने प्यार से निहारते हुए मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया ..
“ये साली मोना तो साड़ी में और भी कमाल लगती है ..पिछवाड़ा तो देख इसका ”
एक अजनबी आवाज को सुनकर मैं अचानक ही रुक गया,ये मोना की ऑफिस पार्टी थी और मैं उसके लिए ड्रिंक लेने गया हुआ था,
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मैंने उन लड़को को घूरा जो मीना की ऐसी तारीफ कर रहे थे,कुछ लड़को का ग्रुप था जिनमे एक लड़का बहुत ही हैंडसम टाइप था,डोले शोले और अच्छी हाइट ने उसे और भी आकर्षक बना रखा था,लेकिन उसकी नजर अभी मोना के उन्नत पिछवाड़े पर ही टिकी थी साथ ही बाकी लोग भी उसे खा जाने वाली निगाह से देख रहे थे,मोना अभी अपने बॉस शर्मा जी से हँस हँस कर बाते कर रही थी इन सबसे अनजान की उसके ही ऑफिस के लड़के उसे ऐसी नजरो से घूर रहे है…….
लेकिन मेरे अंदर भी कुछ बदल रहा था,उन लोगो की बात का मुझपर दोहरा असर हो रहा था,एक तरफ ऐसा लगा की सालो के दांत तोड़ दु तो दूसरी तरफ मुझे एक उत्तेजना सी महसूस हुई ,मेरे साथ यही होता रहा है,जब भी मैं किसी को मोना को घूरते हुए देखता तो एक अजीब सी जलन और मजा मेरे अंदर घर कर जाता था,मुझे पहले पहल तो लगा की ये कोई रोग है लेकिन जब मैं इसके बारे में पता किया तो पता चला की ये एक कामन सी चीज है जो हर मर्द में होती है,ज्यादा या कम मात्रा में,ये असल में जलन का ही एक रूप है जब आपकी कोई इन्फिरियरटी के कारण आप खुद को दुसरो से कम समझते है ,और जब कोई आपकी प्रोपर्टी की तरफ देखता है तो कुछ नही कर पाने का दुख उमड़ता है,लेकिन मन धीरे धीरे इसमें मजे लेने लगता है,मर्दानगी का ईगो आपमे जलन पैदा करता है और साथ ही अवचेतन में छुपी हुई कुछ कुंठाये आपके भीतर एक उत्तेजना का संचार भी करती है,ये जितना नार्मल है उतना ही एबनार्मल भी है……
मैं इन सब से सालो से जूझता रहा और मुझे एक ही रास्ता दिखा की मैं मोना को ही ये फैसला करने दु की उसे क्या चाहिए,मैं किसी भी तरह से उसके ऊपर कोई भी फैसला थोपना नही चाहता था,अगर मैं ऐसा करता तो मेरे मन में ही अंतर्द्वंद की स्तिथि उमड़ जाती ……
मैं अपने ख्यालों से सम्हलता की वही हट्टा कट्टा लड़का बोल उठा,
“शर्मा इसकी लेता है क्या कैसे हँस हँस कर बात कर रही है..”
सभी लड़के मुस्कुरा उठे,
“नही यार साला बुड्डा ठरकी तो है लेकिन इसे नही पटा पाया,साली बड़ी नखरे वाली और तेज है लड़को को घुमा कर छोड़ दे “
उस लड़के की आंखों में एक अजीब सा नशा चढ़ गया
“तब तो ये मेरे लायक है ..”
वो बड़े ही शान से बोला ..
मैं चलता हुआ मोना तक पहुच मुझे देखकर शर्मा जो की जोरो से हँस रहा था,उसकी हँसी थोड़ी कम हो गई जैसे झेंप गया हो या मेरा आना उसे पसंद नही आया हो …
“कैसे हो अभी..”
“अच्छा हु सर ,नाइस पार्टी भाभी जी नही दिख रही “
मेरी बात सुनकर उसका चहरा पूरी तरह से उतर गया..
“होंगी यही ओके तुम दोनो एन्जॉय करो मैं बाकी के गेस्ट से मिलता हु ..”
उसके जाने के बाद मोना ने और मैंने एक दूसरे को घूरा और हँस पड़े ,
“साला ठरकी ,अच्छा हुआ की तुम जल्दी आ गए नही तो इसे सम्हालना बहुत मुश्किल हो जाता है ,साला चिपके ही जाता है “
मोना की चंचल हँसी को मैं बस देखता ही रह गया…
वो सच में कमाल की लग रही थी ,मादकता उसके जिस के हर हिस्से से फूटे जा रही थी ,1 साल हो चुके थे हमारी शादी को लेकिन जब भी उसे देखता था पता नही साला मेरा बाबूराव ऐसे क्यो अकड़ जाता था,मेरी हवस भरी निगाहों को वो आसानी से पहचान गई ..
“यंहा तो सब्र करो,अपनी भी बीवी को ऐसे घूर रहे हो..”
उसके आवाज में थोड़ी मस्ती थी ,
“तुम हो ही ऐसी ,सोचो मेरा ये हाल हो रहा है तो दुसरो का क्या हो रहा होगा,उस बेचारे शर्मा का क्या दोष और उन लड़को का जो तुम्हे देखकर आहे भर रहे है ..”
उसने अपनी आंखे बड़ी कर ली
“कौन लड़के ??”
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मैंने हल्के आंखों से उन लोगो की तरफ इशारा किया,वो भी बहाने से पलटी ..और फिर मेरी तरफ देखने लगी ,
“ये साले ऑफिस के ठरकी लोग है ,इनका काम ही यही है,हा लेकिन वो नया लड़का थोड़ा अलग है ,उसमे एक बात है..हैंडसम भी है ..”
उसने थोड़ी शरारत फिर से दिखाई,उसे भी मुझे थोड़ा जलाने में मजा आता था,मैंने आंखों में ही पूछ लिया की वो किसकी बात कर रही है,
“चलो मिलावाती हु ..”
वो मुड़ी और थोड़े ही देर में हम उन्ही लड़को के पास थे..
“हाय कैसी चल रही है तुम लोगो की पार्टी..शर्मा कभी कभी तो मेहरबान होता है,फोकट की दारू ज्यादा मत पी लेना ..”
मोना का अंदाज बहुत ही फ्रेंडली था,मैं भी थोड़े आश्चर्य में था की ये वही लड़के है जिन्हें ये अभी गालियां दे रही थी ..
“ओह इनसे मिलो मेरे पतिदेव अभिषेक ..”
मोना ने मेरा सभी से परिचय करवाया और सभी ने बड़े ही अच्छे ढंग से मुझसे हाथ मिलाया ,लेकिन आखिर में ..
“और ये है हमारे ऑफिस के नए मेंबर राज ,अभी अभी आया है..”
ये वही लड़का था जिसके बारे में मोना ने मुझसे कहा था,और साथ ही वो जो मोना को पटाने की बात कर रहा था,साला था तो दिखने में बेहद से हैंडसम ,लेकिन उसकी बात सच हो पाएगी या नही ये मैं नही कह सकता क्योकि मैं मोना को जानते हुए भी नही जानता था,उसका अंदाज जितना बिंदास था ,अदाएं उतनी ही कातिलाना लेकिन दिमाग उससे भी ज्यादा तेज ,किसी लड़के की वो फेंटेसी हो सकती थी लेकिन उसे पाना कोई आसान काम तो नही लगता….
पार्टी अपने सबाब पर पहुच चुकी थी और मोना के साथ साथ मैं भी कुछ ड्रिंक्स अंदर कर चुके थे,मोना पीने के बाद और भी मतवाली हो जाती है,वो दुनिया की फिक्र भूल कर मेरे साथ डांस करने लगी,लगभग सभी डांस फ्लोर में आ चुके थे…..
मैंने मोना को कस रखा था और कभी कभी उसके जिस्म को मसल भी देता था,उसकी आंखों में भी वासना की लहरे नाचने लगी थी,लेकिन अभी हम इसे कम नही करना चाहते थे,आज तो बिस्तर में भूचाल आना तय था लेकिन अभी उसे आग और भड़काने का दिल था……..
“मुझे एक और ड्रिंक चाहिए “मोना मेरे कानो में चिल्लाई
“कितना पीयेगी बेवड़ी “
मैं उसके कानो में चिल्लाया और वो खिलखिला के हँस पड़ी ..
“प्लीज़ जान “वो फिर से चिल्लाई और मैं मुस्कुराते हुए उसके लिए ड्रिंक लाने चला गया,डांस फ्लोर में अंधेरा था लेकिन डांस लाइट के कारण उजाला और अंधेरा बार बार हो रहा था,कभी जैसे आधे सेकंड के लिए रोशनी हो जाती फिर से आधे सेकंड का अंधेरा ..
मैं बार में खड़ा हुआ अपने पैक का इंतजार कर रहा था,और मेरी निगाहे अभी भी मोना पर थी जो अभी भी मस्त हुई नाच रही थी ,तभी किसी ने उसे पीछे से जकड़ लिया,वो कोई नही राज था,उसने मोना के कानो में कुछ कहा वो पलटी और उसे देखकर हँसने लगी,दोनो साथ डांस कर रहे थे …….
लेकिन अभी तक कुछ भी गलत नही लगा लेकिन राज ने अपने हाथ आगे बढ़ाये और मोना की कमर को सहलाने लगा,मोना नशे में थी या शायद उसे उसके ऐसा करने में कोई आपत्ति नही थी ,उसकी कोई प्रतिक्रिया नही आयी और राज ने उसे थोड़ा और अपने पास खिंचा,मेरी मतवाली और मदहोश बीवी के साथ उस खूबसूरत मर्द को देखकर एक अजीब सा अहसास मेरे अंदर आ गया,मैं कोई प्रतिक्रिया नही कर रहा था लेकिन एक उत्तेजना मेरे अंदर बढ़ रही थी,मेरा लिंग अकड़न खा रहा था,तभी राज ने मोना को और जोरो से अपने करीब खिंच लिया ,और उसके कानो में कुछ कहने लगा,मोना हंसते हुए उसके सीने में एक मुक्का मार गई ,दोनो के चहरे बेहद करीब थे ,राज का हाथ मोना के कमर को जकड़े था जो उसकी साड़ी के कारण खुला हुआ था,सीधे चमड़ी का स्पर्श राज के अंदर क्या भावना जगा रहा होगा ये तो मुझे नही पता लेकिन मेरी हालत खराब थी ,मैं बेहद ही उत्तेजित महसूस कर रहा था,मैंने अपनी बीवी को किसी मर्द के इतने पास कभी नही देखा था…
मेरी ड्रिंक्स आ चुकी थी और मैं उसे लेकर फिर से मोना की तरफ बढ़ा,राज में मुझे आते देख लिया और वो मोना से थोड़ा दूर हो गया,मैंने मोना को उसकी ड्रिंक दी और राज को एक हल्की स्माइल वो झेंपा लेकिन मुस्कुराता हुआ हमसे अलग हो गया…
ड्रिंक खत्म होने के बाद मैं मोना से चीपक चुका था,मोना मेरे सीने में अपना सर रखे हुए थी और मैं उसे अपनी बांहो में भरा हुआ था,गाना भी रोमांटिक चल रहा था और मोना भी नशे में चूर हो चुकी थी……
“क्या हो रहा था उसके साथ “
मैंने हल्के से उसके कानो में कहा,वो मुझसे थोड़ी और चीपक गई
“बस थोड़ी मस्ती ,आपको कोई ऐतराज तो नही …”
मैं उसका चहरा देखने उससे थोड़ा अलग हुआ ,उसके होठो में एक नशीली सी मुस्कान थी जैसे कह रही हो की देखो मैं कितनी कमीनी हु…
“फिलहाल तो घर चलो तुम्हारी पूरी मस्ती निकलता हु “वो खिलखिलाई और हम दोनो के होठ मिल गए
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घर आकर हमने जोरदार सेक्स किया,आज मोना बेहद ही उत्तेजित लग रही थी वही हाल मेरा भी था,मेरे सामने बार बार मोना और उसके चाहने वाले राज का चहरा घूम रहा था,जब राज ने मोना के कमर में हाथ डाला था वो सीन ही मुझे उत्तेजित कर दे रहा था….
“गुड मॉर्निंग बेबी “
सुबह सुबह जब नींद खुली तो ये प्यारी सी आवाज मेरे कानो में आई..मोना का खिला हुआ चहरा मेरे आंखों के सामने था,वो मुझसे लिपट गई उसके बाल भीगे हुए थे और शरीर से हल्के इत्र की खुश्बू आ रही थी ,
“कल जो भी हुआ उसके लिए सॉरी जान ,शायद मैं ज्यादा पी गई थी “उसने मुझसे सटते हुए कहा
“लेकिन बहुत एक्साइटिंग था,कसम से कल का सेक्स मैं कभी नही भूलूंगा “
मैं मोना के कमर को और जोरो से अपने ओर खिंचने लगा,वो मेरे आंखों में देख रही थी ,
“आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..
मैं भी हँस पड़ा ,
“सच में आपको गुस्सा नही आया ??”
“आया ना,लेकिन मजा भी आया ,ये वैसे ही था जैसा तुमने हमारी सुहागरात वाली रात को कहा था,की दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया,तो बात इसपर डिपेंड है की ज्यादा गुस्सा आया की मजा ”
हम दोनो ही हँसने लगे ..
हमारे बीच ये बात जितनी छिपी हुई थी उतनी ही उजागर भी थी की मुझे उसके किसी और मर्द से संबंध से कोई आपत्ति नही है ,
उसे तैयार होते हुए देखकर ना जाने कितने सवाल मेरे मन में आ रहे थे,मैं यही सोच रहा था की आज वो राज का सामना कैसे करेगी,या राज शायद आज उसपर और भी ज्यादा लाइन मारेगा..
वो रोज से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जाते हुए उसने मुझे जो शैतानी मुस्कान दी थी उससे लगा था की कुछ तो होने वाला था,
मैं अपने ऑफिस में बैठा था,एक क्राइम एनालिस्ट की जॉब जितनी एक्साइटिंग लगती है उतनी ही बोरिंग भी होती है ,अधिकतर समय मेरे पास कोई काम नही होता था,और जब होता तो क्या दिन और क्या रात…
मैं अपनी फेवरेट वेबसाइट में कुछ स्टोरी पड़ने लगा,मुझे उससे कुछ आइडियाज मिले की कैसे एक पति अपने पत्नी के पास काम के वक्त फोन करता है ,मुझे खुद पर हँसी भी आ रही थी की मैं ये क्या पागलपन करने में लगा हुआ हु…
लेकिन फिर भी मैंने मोना को काल लगाया ..
“हैलो आज इस वक्त सब ठीक तो है ना “मैं उसे ऑफिस टाइम में तब ही फोन करता था जब मेरे पास कोई केस आ जाता था,या मुझे बाहर जाना होता या कोई इम्पार्टेंट काम होता ,
“बस सोच रहा था की आज राज का क्या रिएक्शन रहा होगा..”वो चुप तो थी लेकिन उसकी हल्की हँसी की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी ,
“आप सच में पगला गए हो ,चलो आपको तो कोई काम है नही लेकिन मेरे पास बहुत काम होता है ,”
“अरे मेरी जान कुछ तो बताओ “
“क्या …?क्या बताऊँ बस साला अजीब से घूर रहा था और पास आने की बात करने की कोशिस कर रहा था लेकिन मैंने उसे कोई चांस नही दिया ,अब वो अपना काम कर रहा है और मैं अपना और आप भी अपना काम करो ,जासूस हो लेकिन अब अपनी बीवी की जासूसी करने में मत लग जाओ “वो खिलखिलाई और मैंने भी उसे प्यार से लव यू बोलकर फोन रख दिया,लेकिन जाने अनजाने मोना ने मेरे दिमाग में एक दूसरे आईडिया को जन्म दे दिया था,मोना की जासूसी ….
“अभिषेक सर sp साहब बुला रहे है “एक कांस्टेबल मेरे कमरे में आया
“हा आता हु,”मैंने राहत की सांस ली की चलो मुझे भी कोई काम मिल गया
*********
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यार अभी हाई प्रोफ़ाइल केस है कोई मंत्री भी इन्वाल्व हो सकता है ,मीडिया में बात पहुची तो बात बिगड़ जाएगी ,हमे भी इसे सम्हालना है लेकिन शांति से “मैं अपने जिले के क्राइम sp आर. के. ठाकुर साहब को देखता हुआ गंभीर हुआ जा रहा था ..
“सर लेकिन ये बड़ा मामला लगता है हमारे जिले तक सीमित नही है “
“साले चूतिये इसीलिए तो हमे दिया गया है ,तुम हेडक्वार्टर में बैठते हो इसका मतलब समझते हो ,तुम पूरे राज्य में कही भी इन्वेस्टिगेशन कर सकते हो ,अब फाइल उठाओ और अपनी टीम तैयार करो ,मैं चाहता हु की तुम ही इसे लीड करो और मुझे रिपोर्ट करो ..”
मैं हा बोलकर तो निकल गया लेकिन अपना माथा पकड़कर अपने केबिन में बैठ गया,साल ये क्या झंझट आ गई थी ,जो जांच किसी IAS या IPS की टीम को करना था मुझे पकड़ा दिया था,मैं एक ASP रेंक का अधिकारी था जिसके पास उतनी पॉवर नही होती की किसी मंत्री की जासूसी करे ,लेकिन फिर भी मैंने वो आदिवासी लैंड स्कैम की फाइल खोली और देखने लगा और देखते ही देखते मेरे आंखों की चमक भी बढ़ने लगी ….
हल्के मध्यम रोशनी से पूरा कमरा जगमगा रहा था,हवा में उड़ाती हुई खुशबू ने मेरे नथुनों को भर दिया,मैं आश्चर्य से भर गया जब मैं घर में घुसा,अभी मोना कही दिखाई तो नही दी लेकिन मोहोल को देखकर जरूर लग रहा था की आज मोना रोमांस के फूल मुड़ में है ,मैं धीरे से जब अपने कमरे में पहुचा तो पाया की वो बाथरूम में है और साथ ही बेड में पड़े उसके उत्तेजक लिंगरिस ने ये बात कन्फर्म कर दी थी की आज वो जलवे बिखेरने वाली थी ,मैंने उन लिंगरिस को देखा वो बिल्कुल ही नए थे जैसे पहली बार आज ही उनका इस्तेमाल होने वाला हो,वो बहुत ही मुलायम थे इनके मुलायम की उन्हें छूते ही मेरा लिंग अकड़न खाने लगा,मैं जल्दी से अपना बेग फेंककर बाथरूम के दरवाजे के पास पहुचा दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर दाखिल हो गया,मोना अंदर बिना किसी कपड़े के शावर के नीचे खड़ी हुई थी ,मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े फेके और पीछे से उसे जाकर अपनी बांहो में भर लिया..वो मुस्कुराई लेकिन कुछ नही कहा ..
“मेरी जान बड़ी मूड में लग रही हो ..”वो हल्के से हँसी
“और आप हमेशा की तरह जल्दबाजी में ..”वो खिलखिलाई
“कभी तो थोड़ा सब्र करो ,भाग थोड़ी ना रही हु,इतना इंतजाम किया है और आप यही शुरू हो जाओगे,”उसका गीला हाथ मेरे लिंग पर था,सच में मैं यही सोच रहा था की कभी अकड़े हुए लिंग को उसकी गीली योनि में घुसा ही दु ,लेकिन उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा खुद पर कंट्रोल पाने की सोची..
“ऐसे भी मेरे पास कुछ ऐसी खबर है की आप आज रात धमाल मचा दोंगे,पानी गिर गया तो फिर खबर का मजा नही आएगा ..”वो फिर से अपनी चिर परिचित अंदाज में खिलखिलाई और झट से टॉवेल उठाकर बाहर निकल गई ..
उसकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कने बढ़ गई थी ,मेरा पेशा ही ऐसा था की मैं एक साथ कई पॉसिबिलिटी के बारे में सोचता था उसमे एक ये था की उसने राज के साथ कुछ किया तो नही ,या शर्मा …
शायद वो मुझे ये बताना चाहती थी क्योकि उसे पता था की उसके दूसरे के साथ किये हरकत मेरे लिंग में हरकत पैदा कर देते है …
उसके साथ ही मैं अपने दिल को सहलाता हुआ बाहर निकला और जल्दी से एक शार्ट पहन लिया ,मेरी उत्तेजना की शिखर ये था की लिंग शार्ट को मानो फाड़कर बाहर आना चाहता था,एक तंबू साफ साफ दिख रहा था,
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उसने एक झीनी सी नाइटी पहनी और उसके ताजे अंतःवस्त्र उसमे से झांकने लगे …
मैंने उसे फिर से जकड़ लिया था मेरा लिंग उसके कूल्हे में गड़ा जा रहा था ,साला सोने का नाम ही नही ले रहा था…
“ओहो चलो खाना तो खा लो “
“मुझे तो बस तुम्हे खाना है ,”मैं उसके गर्दन को चूमने गला वो मचली और तेजी से मुझसे अलग हो गई उसके होठो में शरारत भरी मुस्कान थी ,
“अगर ऐसा किये ना, तो कोई बात नही बतलाऊंगी “वो हसंते हुए बाहर निकल गई और खाना टेबल में सजाने लगी,मैंने अपने लिंग को सहलाया ..
“थोड़ी देर सब्र करले बेटा नही तो कुछ भी नही मिलेगा “
खाना बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था,आज मैं उसी चुद में जाने को इतना बेताब था जिसे मैं साल भर से चोद रहा था,
हवसी तो मैं पहले से था लेकिन लग रहा था की अपनी फेंटेसी की वजह से मेरी पुरानी हवस फिर के जाग गई है और बड़ी जोर से जागी है …
पूरे खाने के दौरान मोना ने मुझे अपने से दूर ही रखा और मैं उसे देखकर अपना लिंग मसलता रहा,मुझे लगा की साला आज तो ये अंदर जाए बिना ही झड़ जाएगा …
मैं अपनी हवस को काबू पाने के लिए थोड़ा इधर उधर चल रहा था,जब ये कम नही हुई तो मैं अपने पंचिंग बेग को मारने लगा,मोना अब भी किचन में थी…
जब वो बेडरूम में आयी तो मुझे देखकर हँसने लगी..
“पूरी ताकत यही निकाल दोगे क्या ..”उसे पता था की जब मैं ज्यादा जोश में आता था और मुझे उसका साथ नही मिलता था तब मैं अपनी उत्तेजना को कम करने के लिए पंचिंग बेग को मारा करता था,खासकर उसके परेड वाले टाइम में मैं कई घण्टे तक उसे मरता थक जाता था लेकिन फिर मोना की टांगो को देखकर उत्तेजित हो जाता,आखिर उस बेचारी को अधिकतर मेरा लिंग अपने मुह और हाथो से मसल कर झडना पड़ता था,कुल मिलाकर मैं हवसी था जिसे मोना जैसी समझदार लड़की ही अपने प्यार से मैनेज कर पाती थी …
मैं तुरंत ही उसके ऊपर कूद गया ,उसकी आंखों को देखकर थोड़ा शांत हुआ,और उसके होठो को अपने होठो में भर लिया..
जब सांसे फूलने लगी तो हम अलग हुए ..
“क्या बताना चाहती थी “
मैं थोड़ा शांत हो चुका था ,
“आज राज से बात की “मेरी आंखे बड़ी हो गई और लिंग ने फिर से फुंकार जोरो से मार दी ,मैंने अपने लिंग को इतने जोरो से सहलाया की वो हँस पड़ी ..
“क्या तुम भी बस इतनी सी बात पर ऐसा खड़ा कर रहे हो पहले पूरा तो सुन लो “
मैं अधीरता से उसे देखने लगा ..
वो मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग गई ..
“जान सच में वो बहुत हैंडसम है ,आज उसके साथ ही लंच किया ,पूरे ऑफिस की लडकिय उसकी दीवानी है ..सोच रही हु आपकी बात मान ही लू .”
उसने आखिरी लाइन को थोड़ा मजाकिया अंदाज में कहा था लेकिन मेरे लिए इतना भी काफी था मैंने उसे झट से नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर टूट पड़ा ,पहले तो हंसती रही लेकिन फिर वो सिसकियां लेने लगी ,मैं उसके पूरे बदन को अपने थूक से गीला कर रहा था,
उसे भी पता था की मेरी इस उत्तेजना का कारण क्या है लेकिन हवस थोड़ी ही देर में प्यार की शक्ल लेने लगा,जिस चहरे को सालो से देख रहा था वो रोज मुझे कुछ नया ही लगता था,हर नजरिये के साथ साथ नजर भी बदलते जाती है ,
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वो इतनी मासूम लग रही थी की मुझे खुद पर भी थोड़ा गुस्सा आने लगा की मैं उसे कहा फसाना चाह रहा हु ,लेकिन हमे पता ताकि ये बातो तक तो ठीक है लेकिन असली जीवन में ये हुआ तो उसका सामना करना हमारे लिए बेहद ही मुश्किल होगा…
उसने मेरी आंखों में झांका मैं अभी भी उसके आंखों में डूबा हुआ था,उसकी आंखे थोड़ी पनियाई जैसे पहले पहले प्यार में अक्सर होता है,शायद ये थोड़ी मोड़ी शरारतें हमारे प्यार को कभी बूढ़ा होने नही देंगी,हम आज भी उसी नए जोड़े की तरह एक दूसरे के साथ व्यव्हार करते थे जैसा की शादी के समय किया करते थे,वो आज भी मेरी आंखों में प्यार देखकर इमोशनल हो जाती थी और आज भी मैं उसकी आंखों में पानी देखकर उसके प्यार में और उतर जाता था,
मैंने अपने होठो को उसके आंखों पर लगा दिया,उसका पानी मेरे होठो से मेरे मुह में चला गया था,उसके होठो पर हल्की मुस्कान खिली और हमारे होठ फिर से मिल गए,मन शांत होने लगा और हवस ने हारकर प्यार का रूप ले लिया,कपड़े खुलते गए और हम एक दूजे में सामने लगे,मन और भी शांत हो रहा था,उत्तेजना बढ़ रही थी लेकिन शरीर के तल पर ही वो मन को नही जला पा रही थी,शरीर के तल पर दोनो ही मिल चुके थे ,सांसे भी एक दूसरे में घुलने लगी थी और मन भी ,..........
मेरी आंखों की पट्टी खुली जिसे पिछले एक घंटे से मेरे आंखों में लगाया गया था,मेरे सामने एक गोरा और लंबा चौड़ा उम्रदराज शख्स एक बड़े से सिंहासन नुमा कुर्सी पर बैठा हुआ था,उसने काले रंग का पठानी शूट पहना था,एक घंटे पहले एक अनजान काल आया था,जिसने मुझे केस से जुड़े सबूत देने के लिए मुझे मेरे ऑफिस के पीछे एक सफेद वेन में बैठने का निर्देश दिया,वँहा दो मुस्कन्डो ने मेरे आंखों में पट्टी बांध दी थी जो अब खुली ….
मुझे एक कुर्सी में बिठाया गया था और मेरे सामने बैठा शख्स मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था..
“ASP साहब बहुत सुना है आपके बारे में ,आपके दिमाग की चर्चा हर जगह होती है ,सपना मर्डर केस,5 दिन में सॉल्व ..वाओ..kts बैंक घोटाला,1 महीने में सभी आरोपी सबूत के साथ पकड़ लिए अपने,और सबसे ज्यादा चर्चा में रहे चिट फंड घोटाले के उजागर में..बड़े बड़े दुश्मन खड़े कर लिए अपने,लेकिन डरे नही और आखिर आपके केरियर का सबसे बड़ा केस आदिवासी लेंड स्कैम ….”
मैं उस कमरे को और उस शख्स को ध्यान से देख रहा था,और वो मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था..
“आप सोच रहे होंगे की ये कौन है और आपको किस जगह लाया गया है लेकिन फिक्र मत कीजिए आप सुरक्षित है …”
अब उसके बात से मेरे होठो में मुस्कान आ गई ..
“जंहा तक इस जगह कि बात है तो आपके ड्राइवर सच में बड़े चालाक है ,उन्होंने मुझे पूरा शहर घुमा दिया लेकिन MG रोड में नए लगे स्पीकर में बजते हुए रेडियो ने मुझे फिर से सतर्क कर दिया,फिर एक किलोमीटर चलने के बाद उन्होंने राइट टार्न लिया मैं उस सकरी गली के शोर को सुन सकता था जो की मस्जिद के पास खत्म होती है ,और फिर सीधा जाकर VIP रोड में मिल जाती है ,VIP रोड की शानदार सड़क में 5 किलोमीटर चलने के बाद फिर से एक लेफ्ट टर्न फिर वो उबड़ खाबड़ रोड जो नए बन रहे मॉर्डन टाउन जाने का शॉर्टकट है,लेकिन हम वँहा गए नही क्योकि 500 मीटर के बाद ही गाड़ी फिर से राइट मोड़ी गई और एक अच्छे सड़क में आ गई ,ऑफकोर्स ये तो हाइवे था,आपके ड्राइवर ने आधे घंटे के रास्ते को एक घंटा बनाने की कोशिस कर दी और फिर हमे ले आया शहर में फिर से मस्जिद के पास की पीछे वाली गली में ,अजान की आवाज और दुकानों से आती हुई लोभंग की खुशबू ने मुझे समझा दिया की मैं खान बाड़ी में हु ,जब सकरे रास्ते से होती हुई ये एक बड़े से मैदान जैसी जगह पर आ गई ,स्वाभाविक है ये खान बाड़ी की वो प्रसिद्द चाल है जंहा आने से सिक्युरिटी भी डरती है और रही तुम्हारी बात तो तुम इस चाल के मालिक असलम खान के बेटे होंगे,लेकिन मेरी चिंता की बात बस ये है की तुम्हे तो इस समय दिल्ली में होना था,क्योकि तुम्हारे पिता की मौत के बाद तुम्हारा गिरोह और परिवार दोनो ही बिखर गया था,मतलब की तुम फिर से अपने गिरोह को सक्रिय करने में लगे हो,अब मेरी फिक्र बस ये है की तुमने मेरे आंखों में पट्टी क्यो बंधी और अपनी पहचान छुपाने की कोशिस क्यो की ,इसका मतलब है की तुम दुनिया के सामने नही आना चाहते,क्योकि इस शहर में तुम्हारे पिता के दुश्मन तुमसे कही ज्यादा पावरफुल हो चुके है,और किसी को अगर भनक भी लगी की तुम यंहा फिर से आ गए तो …..”
उसके चहरे में पसीना छलक आया ..
“मैंने जितना आपके बारे में सुना था आप तो उससे भी ज्यादा तेज निकले ..”उसने घूरकर अपने ड्राइवर की ओर देखा जो आंखे फाडे हुए मेरी बात को सुन रहा था..
“कोई बात नही ये तो मेरा काम ही है,ऐसे तुम्हारे बारे में अभी तक इंटेलिजेंस को पता नही चल पाया ..ऐसा क्यो..??”
“मैं कुछ ही दिनों पहले यंहा आया हु
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मैं कुछ ही दिनों पहले यंहा आया हु,और साथ ही इसे बस मिलने जुलने के लिए यूज़ कर रहा हु ,मेरा असली ठिकाना कही और है,अभी तक किसी को नही पता की मैं असलम का बेटा हु ...क्योकि मैं हमेशा दिल्ली में ही रहा था,”
“ह्म्म्म अब काम की बात कर ले..”मैंने उसे घूरा ,वो थोड़ी दहशत में लग रहा था,
“साहब आपके और मेरे दुश्मन एक ही है मैं इस केस में आपकी मदद कर सकता हु ,और आपको देख कर लग रहा है की आप उन सभी को जेल भिजवा देंगे …”
उसकी बात सुनकर मैं थोड़ी देर के लिए शांत हो गया क्योकि अभी तक मैंने कोई कारवाही शुरू नही की थी और मुझे बस शक था किसी पता यकीन के साथ नही कह सकता था की ये ही गुनहगार है,
“मुझे जंहा से भी मदद मिले वो ठीक है ..ऐसे तुम्हारा नाम क्या है ..”
वो मुस्कुराया
“इतने बड़े जासूस हो खुद ही पता लगा लो ..”
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“ठीक है अब्दुल मैं ही पता लगा लूंगा “अब वो चकराया ..
और मैं हँस पड़ा ..
“एक बार तुम्हारे पिता बातो ही बातो में तुम्हारा नाम बोल गए थे,मैंने तभी से उसे नोट कर लिया था,वो भी कभी नही चाहते थे की तुम इन सब में पड़ो ,लेकिन अब पड़ ही गए हो तो सतर्क रहना ,हमारे बीच दोस्त कर और दुश्मन ज्यादा है …”
इस बार हम दोनो का ही चहरा गंभीर था….
पूरी केस फाइल पढ़ने के बाद मै गहरे सोच में डूबा हुआ था…
‘मल्टी नेशनल कंपनी को टेंडर ,1500 आदिवासी विस्थापित लेकिन कई मौतें,कई सिक्युरिटी के जवान शाहिद ,”मैंने एक गहरी सांस ली और वो आने लगा जो हमेशा ही फसने पर मैं करता हु ,आंखे बंद कर अपने को ढीला छोड़ दिया,मन में एक एक कर विचार आने लगे और कई आवाजे एक साथ गूंजने लगी …
‘मैं आपकी मदद करूंगा…..हाई प्रोफ़ाइल केस है…..JS ग्रुप ऑफ कंपनी…...मंत्री जी का अकाउंट कैसे चेक कर सकते हो ...क्या माल है ना यार मोना..ऐसे वो हैंडसम तो है…….नही राज आह...राज मैं तुम्हारी हु….साली साड़ी में तो बवाल लगती है,पिछवाड़ा तो देख इसका ……...आई लव यू जान…….अभी...अभी...तुम ठीक तो हो ना …”
मुझे किसी ने झकझोरा ..वो मोना थी...जो अभी अभी ऑफिस से आयी थी …
“हम्म ठीक हु …”मेरे माथे पर पसीना था…
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“चलो छोड़ो आज तुम्हे एक मस्त बात बताऊंगी की तुम्हारा मूड बन जाएगा ..”
उसके चहरे में लालिमा खिल गई लेकिन मेरे चहरे को देखकर फिर से उड़ गई,
“क्या हुआ तुम्हे ..”
“कुछ नही यार आज मूड ठीक नही है ..”
“कुछ दिनों से बहुत परेशान दिख रहे हो,पहले तो मेरे ऊपर खुद ही पड़ते थे और अब देखते भी नही ,”
वो थोड़ी गंभीर हो गई थी ऐसे उसे पता था की जब मैं किसी केस में बहुत ही बिजी हो जाता हु या फंस जाता हु तो बहुत ही टेंसन में रहता हु लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी ,पहले मैं कुछ ही दिनों में नार्मल हो जाया करता था लेकिन इस बार पूरा महीना हो चुका था,हमारी सेक्स लाइफ भी इससे प्रभावित होने लगी थी ,पूरे महीने में मैं 15 दिन तो बाहर ही रहा और बाकी के दिनों में 3-4 दिन ही हमारे बीच कुछ हुआ था,अब तो राज का नाम भी मेरे मन में उत्तेजना नही जगा पा रहा था,मोना मुझे खुश रखने की कोशिस तो कर रही थी लेकिन इस बार वो भी चिंता में पड़ गई थी …
“कुछ नही जान जानती हो ना केस के कारण परेशान हु ..’वो मेरी गोद में आकर बैठ गई ..
“साला ये भी क्या केस है मेरे ठरकी पति की पूरी ठरक ही मिटा दिया इसने “
मोना के बोलने का अंदाज ही ऐसा था की मेरे चहरे में एक मुस्कान उभर आयी,मैंने हल्के से उसके होठो को किस किया,मुझे भी इस चीज का अहसास था की मेरा काम हमारे बीच के संबंधों पर भी असर डाल रहा है और मैं ऐसा होने नही देना चाहता था…
“अच्छा बताओ क्या बताना चाहती हो …”
“छोड़ो आप थके हुए लग रहे हो ,..”
“अरे बता भी दो ..”
“जब मूड अच्छा होगा तो बताऊंगी,क्या मतलब की बात का कोई असर ही नही होगा तो ..”
“अरे यार तुम भी ..”
वो हँसी और अपना मोबाइल मेरे हाथो में पकड़ा दिया,
“इसका पासवर्ड तो आप जानते ही हो ना ,जासूस हो अब खुद ही पता कर लेना की क्या बताना चाहती थी ..”
वो हंसते हुए मेरे गोद से उठी और कपड़े चेंज कर बाथरूम में चली गई ,मैं थोड़ी देर तक सोचता रहा फिर अपना मूड बदलने के लिए मोना का मोबाइल उठाया ,मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर वो मुझे क्या दिखाना चाहती थी की अचानक ही एक वाट्सप के मेसेज में मेरा ध्यान खिंचा ,राज के नाम से मेसेज आया था,उसकी dp में वो खुले बदन अपने 6 पैक दिखाते हुए फ़ोटो डाल कर रखा था,मैंने देखा की उन दोनो में बहुत सारी बाते हुई है ,अभी तुरंत का मेसेज था..
‘उस शर्मा को मैं मार डालूंगा साला कैसे घूरता है तुम्हे ..’
मेरा मूड थोड़ा खराब था इसलिए मैंने चुपचाप ही फिर से रख दिया और बाकी के मेसेज को पढ़ने की भी जहमत नही उठाई,इतना तो पता चल चुका था की इस एक महीने में दोनो काफी पास आ चुके थे,उनके बीच रोज बात भी होती थी लेकिन वो कहा तक पहुचे थे ये मुझे नही पता था ना ही जानने का ही मन हुआ,लेकिन फिर भी था तो मैं जासूस ही ,एक साफ्टवेयर मोना के मोबाइल में इंस्टाल कर दिया ताकि अपने मोबाइल में उस मोबाइल की गतिविधियों को देख सकू,मैं मोना को आजादी तो देना चाहता था और मेरी तमन्ना भी थी की उसके पीछे लड़के आशिकों की तरह घूमे लेकिन मैं उससे इस वफ़ा की आशा जरूर करता था की वो मेरे प्रति पारदर्शी रहे …
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मोना जब किचन से बेडरूम में आयी तो उसने अपना मोबाइल बिस्तर में रखे हुए देखा,मेरी इस उपेक्षा से उसका चहरा फिर से उदास हो गया,उसने तो सोचा होगा की उन दोनो की बात पढ़कर मैं हमेशा की तरफ उत्तेजित हो जाऊंगा ..
उसका चहरा देखकर मैं उसके पास जा खड़ा हुआ,और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया,
“आई लव यू जान ,लेकिन मेरी भी मजबूरी है,मेरी थोड़ी भी गलती से कई जान जा सकती है ,और मैंने देखा की तुम राज के साथ खुल रही हो,और वो भी तुम्हारी केयर करने लगा है,लेकिन अब अभी खुलो कुछ खोलना मत ..”मेरे अधरों में आयी मुस्कान से उसका चहरा भी खिल गया,वो मेरे गले में झूल गई .
“आपकी ऐसी कामिनी बातो को मैं मिस करती हुई जान ,ये साले मेरे आशिक तो मुझसे ही इतना डरते है की कुछ गंदा नही बोलते,और अपने इसकी आदत डाल दी है ..”
वो खिलखिलाई वही स्वकच्छन्द हँसी जिसमे कोई राग द्वेष नही था,बिल्कुल निर्मल ..मैंने उसे अपने से सटा लिया ..
मेरे दिमाग में आया की मैं अपनी प्यारी बीवी के साथ ये क्या कर रहा हु ,मेरी चाहत को पूरा करने के लिए ही वो ये सब कर रही है..???
“तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है,हा किसी दूसरे के साथ तुम्हे देखकर मैं उत्तेजित हो जाता हु लेकिन इसके लिए। मैं तुम्हे किसी शारीरिक और मानसिक या इमोशनल तकलीफ में नही डाल सकता...किसी के साथ संबंध बनाना सिर्फ शारीरिक नही होता,मानसिक और इमोशनल जुड़ाव भी आ ही जाता है,तुम कोई पेशे वाली नही हो जो बस देह का सौदा कर जाओ,मेरे कारण तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नही है …”
मेरी बात सुनकर उसके आंखों में भी थोड़ा पानी आया और वो मेरे आंखों को ध्यान से देखने लगी ,वो हल्के से मुस्कुराई ,वो प्यार से भरी ही मुस्कान थी ,उसने अपने हाथो से मेरे गालो को सहलाया,..
“जानते हो मैं कभी इतनी खुस नही थी जितना की अपने मुझे शादी के बाद बना दिया,मैं एक पढ़ाकू और अंतर्मुखी लड़की थी जिसे अपने इतनी आजादी दी की मैं अपने आप को एक्सप्लोर कर सकू,आप ने मुझे इतना बदला है,आपने ही सिखाया की कैसे मैं किसी मर्द को अपने बस में कर सकू...कितने अजीब चीज है ना की जो ताकत मेरे पास हमेशा से थी उसे मैं ही नही जानती थी ,अपने ही बतलाया की मैं कितनी सुंदर हु ,और चाहूं तो क्या कर सकती हु,अपने मुझे जीवन में वो सम्मान दिया और दिलवाया जो मैं अपने बूते पर शायद कभी नही पा सकती थी,मैं उस ऑफिस में बस एक वर्कर बनकर रह जाती जिस ऑफिस में आज बॉस से लेकर चपरासी तक मेरे इशारे में कोई भी कदम उठाने से नही हिचकिचाते...जान आप इन सबकी वजह से खुद को मत कोसो अपने मुझे ताकत दी है,सम्मान दिलवाया है,वो आजादी दी है जिसकी कल्पना कोई लड़की अपने पति से करती है,और सबसे बड़ी बात इतना प्यार दिया है,आई लव यू जान,मैं आपके बिना अधूरी ही रहूंगी,और आपके सिवा किसी पर दिल आ जाए ये हो नही सकता,और बात जिस्मानी रिस्तो की है तो आज तक आपके सिवा किसी की नही हो पाई ,और बात अगर उत्तेजना की है तो हा ये बात की मैं किसी और के साथ जिस्मानी हो जाऊ ये सिर्फ आपको नही मुझे भी उत्तेजित कर देता है ,तो खुद को ग्लानि में मत डालिये ,आपका काम बहुत ही प्रेशर वाला है और मैं आपको खामखा का कोई और प्रेशर नही देना चाहती
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वो मुझसे लिपट गई और मैं उससे,जिस्म में कोई आग तो नही थी बस अहसास था एक दूसरे के होने का अहसास...मैं उसके बालो को हल्के हल्के ही सहला रहा था वही वो आंखे बंद किये मेरे कंधे पर ही लेटी थी...हमारे रिश्ते में आगे क्या होने वाला था इस बात की गारेंटी दोनो में कोई नही दे सकता था,मैंने उसे आजादी दी थी और उसने उस आजादी का सही उपयोग अपने केरियर को आगे बढ़ाने के लिए किया था,लेकिन मेरे मन में आने वाली भविष्य को लेकर कई दुविधा थी,क्योकि मैं कही ना कही ये जानता था की हमारे रिश्ते का ये नजरिया मोना को शिखर में भी पहुचा सकता है या एक रंडी की उपाधि भी दिला सकता है,क्योकि मेरे दिमाग में कल होने वाली पार्टी की बाते चल रही थी जिसमे मंत्री जी द्वारा मुझे इनवाइट किया गया था,आउर मैं जानता था की ये ना सिर्फ मेरे केस के लिए बल्कि हमारे रिश्ते के लिए भी एक टर्निंग पॉइंट होगा,अगर हम सम्हाले तो जीत सकते है वरना मैं सब कुछ हार भी सकता हु………
जासूस होने का यही फायदा था और यही नुकसान की आपको कई ऐसी चीजे भी पता होती है जो की पता होनी नही चाहिए…...
मोना को सुबह ही मैंने जल्दी आने को कहा और मंत्री जी की पार्टी की बात बतलाई ,
वो बहुत एक्साइटेड थी ,वैसे भी मैं काम में इतना मसरूफ था की उसे कही घूमने भी नही ले जा पाता था,
शाम उसने एक नील रंग की साड़ी पहनी ,उसकी जवानी उसके ब्लाउज से बाहर आने को बेकरार लग रही थी और नीला रंग उसके गोरी त्वचा पर बेहद फब रहा था,माथे में लगा गहरा सिंदूर उसके सुहाग की निशानी थी और हाथो की घनी चूड़ियां उसे और भी प्यारा बना रहे थे,,उसने अपने घने वालो को खुला ही रखा और जो उसके कमर को छू रहे थे,कमर में उसने मेरी सुहागरात में दिया हुआ पतला चांदी का करधन पहना,जो की उसके पतले और साड़ी से झांकते पेट को और भी मादक बना रहा था,..
कुल मिलाकर वो किसी भी मर्द को आकर्षित कर देने को तैयार थी,हल्की गंध वाली परफ्यूम से महकती हुई वो मेरे पास आयी …
“किस पर जादू चलाने वाली हो “
उसकी आंखे चंचलता में मचली ..
“सभी पर “वो खिलखिलाई और मैंने उसे जोरो से जकड़ लिया उसके होठो को चूसने लगा,थोड़ी देर के बाद ही उसने मुझे झूठे गुस्से से देखा
“पूरी लिपिस्टिक ही खराब कर दी “
वो फिर से टचअप करने लगी,मैं भी अपनी तैयारी करने लगा,मैंने वो फाइल उठा ली और एक बार फिर से उसे सरसरी निगाहों से पढ़ा..और फिर अपने बेग में डालकर चलने लगा..
“इतना काम मत किया करो “
वो फिर से मेरे गले लग गई..
“बस थोड़ी और जानकारी फिर काम हो गया,लेकिन सबसे मुश्किल काम यही है “
वो मुस्कुराई
“आप पर मुझे पूरा भरोषा है ..”
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पार्टी एक होटल के गार्डन में रखी गई थी, मेरे सभी ऑफिसर वँहा मौजूद थे ,मुझे मंत्री ने इस्पेसली बुलाया था ,
मैं जानता था की क्यो,शायद मुझे धमकाने के लिए या सौदा करने के लिए …?
हम सभी से मिल रहे थे,सभी मुझसे ज्यादा तज्जवो मोना को दे रहे थे,
“आओ अभी केस कैसा चल रहा है”
SP साहब भी मिल गए..उन्होंने भी मोना को ऊपर से नीचे तक देखा लेकिन मेरा लिहाज रखा ..उसे बस हाय बोलकर मेरी ओर देखने लगे..
“बस नजदीक हु सर ,लेकिन मंत्री जी ..”
sp साहब ने आंखों में ही मुझे चुप करा दिया ..
“पागल हो गए हो क्या ,ये उनकी ही पार्टी है भूलो मत ...मुख्यमंत्री भी आये हुए है ,कुछ उल्टा सीधा का तो तुम सीधे सस्पेंड समझे,सम्हाल कर बोलना जो भी बोलना है “
मोना उनकी बातो से जरा सहमी लेकिन मेरे लिए ये कोई नई बात तो नही थी ..
आखिर मंत्री साहब भी मिल ही गए ,
“आओ आओ अभिषेक कैसे हो ,ओह हाय ये हसीना कौन है “
उन्होंने मेरी ओर बढ़ रहे अपने हाथो को मोना की ओर बड़ा दिया,मोना के चहरे में मुस्कान खिल गई लेकिन मेरी गांड ही जल गई,उन्होंने मोना का हाथ पकड़ा और एक हल्की सी किस उसके हाथो में किया ,
“ये इनकी बेगम साहिबा है हुजूर …”
एक जानी पहचानी आवाज मेरे कानो में पड़ी,और उसे देखते ही मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..
“तू यंहा ..”मेरी आवाज में थोड़ा क्रोध था ,
अब्दुल में मोना को नमस्ते किया ,दोनो की आंखे मिली लेकिन अचानक मोना की आंखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दी ,वही चमक अब्दुल की आंखों में भी था ..वो मेरी ओर मुड़ा
“क्या करे अभिषेक साहब मंत्री जी ने आपसे ज्यादा अच्छा ऑफर दे दिया “वो हंसा लेकिन मेरे चहरे में बस गुस्से का भाव था वही मंत्री के चहरे में भी एक कुटिल मुस्कान थी ..
वो मुझे मोना से थोड़ा अलग ले गया..
“बेटा जो खेल तुम खेल रहे हो ना हमे उस खेल में महारत हासिल है,तुम्हारे जैसे कितने सिक्युरिटी वाले आये और गए हमारा कुछ भी नही उखाड़ पाए ,हा किया है घोटाला,खाया है पैसा मल्टीनेशनल वालो से ,मरवाये है कई सिक्युरिटी वाले और आदिवासी ..उखाड़ ले जो उखाड़ना है,तेरे सभी सबूतों की कागज पर मैं भजिया रख कर खाऊंगा और तू कुछ भी नही कर पायेगा,अच्छा है की मेरे साथ मिल जा ,थोड़ा पैसा भी मिल जाएगा,ऐसे भी मेरा झांट भी तो नही उखाड़ सकता तू,इतनी हसीन बीवी है खुदा ना करे की उसे कुछ हो जाए ,तू सस्पेंड हो जाएगा बीवी किसी और की हो जाएगी तो क्या रह जाएगा तेरे जीवन में ,मेरी बात को सोचना आज फोकट की दारू पी और खाना खाकर घर जा …”
वो शैतानी मुस्कान के साथ मुझे देखता हुआ पलटा,मेरे पंजे बंधे हुए थे,मन कर रहा था की उसे अभी एक घूंसा मार दु..
वो फिर से मेरी ओर पलटा इस बार उसकी वही शैतानी मुस्कान और भी ज्यादा थी ..
“ऐसे तेरी बीवी पर मेरा दिल आ गया है,बचा के रखना “
वो अब जोरो से हंसा और वँहा से चला गया,मेरा चहरा गुस्से से लाल हो चुका था…
“क्या हुआ जान आप ठीक तो हो ना “मोना मेरे पास आ चुकी थी..
“कुछ नही बेबी बस ..ठीक हु ,तुम कुछ लोगी ..”
“एक दो ड्रिंक हो जाए ..”वो मुस्कुराई और हम ड्रिंक्स के पास चले गए दो पैक हम दोनो ने लगा लिया था ,मेरा ध्यान पूरे समय बस मंत्री और अब्दुल पर ही था,उन दोनो में कुछ बात हुई और वो होटल की ओर बड़े ,मैं भी मोना से थोड़ा बिदा लेकर उनके पीछे गया,
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“साहब क्या करना है उसका ..”
“उसकी चिंता मत कर ,जब तक वो फाइल मेरे पास है हमे कोई चिंता नही है ,वो कुछ भी नही कर सकता,लेकिन मैंने तुझे दूसरे काम से बुलाया है ..”
“क्या ..”
वो दोनो ज्यादा दूर नही गए थे,थोड़े अकेले वाले जगह में पेड़ो के पास ही खड़े थे,मैं दोनो की बातो को पेड़ की ओढ़ लेकर सुन रहा था ..
“वो साली उसकी बीवी कमाल की है ,और तुझे देखकर वो अजीब सा एक्सप्रेशन क्यो दे रही थी “
अब्दुल हंसा
“बस साहब है कुछ पुराना “
“वाह साले तू तो खिलाड़ी निकला बे,हमारा कुछ जुगाड़ कर “
दोनो ही हंसे और मेरी अंदर तक जल गई
“आप पहुँचो वही कमरा नंबर 144 में मैं कुछ जुगाड़ चलाता हु “
“ये हुई ना बात “
दोनो ही फिर से चले गए ,कमरा नंबर 144 मैंने कई लोगो से इसके बारे में सुन रखा था ,मैं जल्दी से भागा और अपने कार तक पहुचा तुरंत ही फाइल निकाली और उसे अपने कोट में डाल कर वापस आया ,लेकिन ये क्या मोना कही भी दिखाई नही दे रही थी …………..
मेरी धड़कने तेज थी और माथे में पसीना था,अभी 15 मिनट ही हुए थे और ऐसा लगा जैसे कई युग बीत चुके हो ,
मैं बहुत तेजी से कमरा नंबर 144 में पहुचना चाहता था लेकिन फिर भी मैं आराम से जा रहा था ताकि किसी को भी कोई शक ना हो ,5th माले पर वो एक ही कमरा था,जब मैं लिफ्ट में घुसा तो एक वेटर पहले से एक ट्राली में एक शेमपीएन की बोतल और कुछ स्ट्राबेरी के साथ मौजूद था,मेरे बटन दबाने से पहले ही उसने 5th फ्लोर का बटन दबा दिया ,मैं जानबूझकर 4th का बटन दबाया और उतरकर तेजी से सीढ़ियों से दौड़ता हुआ ऊपर पहुचा ,वेटर के अंदर जाने तक मैंने इंतजार किया और उसके जाते ही मैं कमरे के दरवाजे के पास पहुचा,वँहा से कुछ आवाजे तो आ रही थी लेकिन मैंने अपना काम किया,अभी दरवाजा खुला हल्का खुला हुआ था.मैंने एक रबर का टुकड़ा दरवाजे में लगा दिया ताकि जब वेटर जाए तो दरवाजा पूरा बंद ना होने पाए ,थोड़ी ही देर में वेटर वहां से चला गया और मैं फिर से दरवाजे के पास आया और रबर के टुकड़े के कारण दरवाजा लॉक नही था,मैं अंदर की आवाजे सुनने लगा …
“क्या कर रहे हो थोड़ा तो सब्र करो “
ये एक आवाज मेरी धड़कने रोकने को काफी थी,ये मोना की आवाज थी,साथ ही एक जोरो से हँसने की आवाज सुनाई दी ,दो लोग वँहा मौजूद थे ,
“अरे रानी जब से तुम्हे देखा है मैं तो पागल ही हो गया हु,मुझे तो अब भी अपने किस्मत पर यकीन नही आ रहा की तुम मेरे पास हो ,मान गए तुमको अब्दुल तुम तो यार कमाल ही निकले ..”मंत्री फिर से हंसा साथ ही मोना और अब्दुल भी ..
“अरे मंत्री जी अब तो हमारा नजराना दे दो “
“कमाल करते हो अभी काम पूरा कहा हुआ है अभी तो वो अभिषेक जिंदा है “
“क्या वो मेरे पति है “
मोना की आवाज में चिंता थी ..
“अरे मोना रानी अब छोड़ भी दो ,मंत्री जी के साथ रहो जीवन भर ऐश करो उस कंगाल में क्या रखा है …”
थोड़ी देर तक कमरे में कोई आवाज नही आयी ..
“लेकिन वो मेरा पति है कम से कम मेरे सामने तो ऐसा मत बोला करो “मोना ने बड़ी मासूमियत से कहा और मंत्री और अब्दुल दोनो ही हँस पड़े
“अच्छा बाबा तुम्हारे सामने नही करेंगे इसकी बात,अब्दुल तुम्हे क्या करना है तुम समझ जाओ और मेरी रानी के साथ मुझे थोड़ा समय बिताने दो “
“जी साहब ,मुझे पता था तुम यही फैसला करोगी “
अब्दुल जाने को मुड़ा ही था की ..
“आउच “मोना की आवाज आयी
“क्या हुआ “अब्दुल फिर से मुड़ा
“क्या मंत्री जी अभी से शुरू हो गए थोड़ा तो रुको मुझे जाने दो “दोनो हँसने लगे
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साले क्या चीज है ये थोड़ा भी इंतजार नही हो रहा है “
“आह रुको तो थोड़ा “
मोना की खिलखिलाने की और दौड़ाने की आवाज आयी ..
अब्दुल दरवाजे की ओर मुड़ चुका था ,उसने दरवाजा खोला की ..धड़ाम
मैंने उसे ऐसा लात लगाया की वो फर्श में जा गिरा ,मैं अब कमरे के अंदर था,मोना की साड़ी का पल्लू खुला हुआ था,उसके ब्लाउज में उसके वक्ष समा नही पा रहे थे और उसकी गोरी चमड़ी खिलकर दिखाई दे रही थी ,वक्षो के बीच की घाटी पर थोड़े थूक के निशान थे ,लगा की जैसे अभी अभी मंत्री ने उसके वक्षो को खाने की कोशिस की थी ,सभी का चहरा मुझे देखकर उतर गया था ,और मेरा चहरा गुस्से से तमतमा रहा था..
इससे पहले की कोई कुछ हरकत करता मैंने अपने कमर से पिस्तौल निकाल ली और अब्दुल की ओर तान दिया ..
थोड़ी देर तक कमरे में सन्नाटा रहा …
मैं गुस्से से इतना कांप रहा था की मैं कुछ भी बोल नही पा रहा था…
“मैं जानता हु की वो फाइल तुम्हारे पास इसी कमरे में है उसे मुझे दे दे “
मेरी बात को सुनकर मंत्री थोड़ी देर तक शांत रहा लेकिन फिर उसके चहरे में अजीब सी मुस्कान आ गई और देखते ही देखते वो हँसने लगा…
“साले मुझे तो लगा की तू अपनी बीवी को इस हालत में देखकर मुझे मरना चाहता है ,हा हा हा ..तुझे फाइल चाहिए साले चूतिये चला गोली ,देख तेरी बीवी तो मेरी हो ही गई अब तेरी नॉकरी भी गई समझ,गोली चलाएगा,जानता भी है मैं कौन हु इस स्टेट का मंत्री हु ,तेरा बाप हु ,और गोली चला कर क्या साबित करेगा,की तेरी बीवी रंडी थी या उसका मंत्री के साथ अवेध संबंध था इसलिए गोली चला दिया,उम्र भर जेल में सड़ेगा और मैं तेरी बीवी के साथ ऐश की जिंदगी जियूँगा ,तू कुछ नही उखाड़ सकता मेरा ,चल जा तुझे जान से नही मरता,जीने देता हु और तेरी नॉकरी से भी नही निकालता तुझे,तू इसका पति ही बनकर रहना ,और मेरी तरफ से तुझे बहुत सारा पैसा एक फ्लेट और प्रमोशन भी मिलेगी,बस उस केस को भूल जा और तेरी बीवी आज से मेरी रखैल होगी ,लेकिन साथ तेरे ही रहेगी …”
उसकी बात सुनकर मैं मोना की ओर देखने लगा,मेरे चहरे से गुस्सा कम हो चुका था और मेरी आंखों में पानी आ चुका था…
“इनकी बात मान लो अभी देखो तुम कुछ भी तो नही खो रहे हो और बदले में तुम्हे इतना कुछ मिल रहा है ,और रही मेरी बात तो हमारा रिलेशन पहले की ही तरह रहेगा,बस मैं कभी कभी इनके पास आया करूंगी जब जब ये मुझे बुलाएंगे …”
मोना ने बड़े ही प्यार से मुझसे कहा,उसकी बात सुनकर मेरी गन नीचे होने लगी ,मंत्री के चहरे में मुस्कान बड़ी हो रही थी ,वही अब्दुल भी अब उठ रहा था,
“अरे अभिषेक साहब ,मंत्री जी से दोस्ती आपको मालामाल कर देगी,और मेरा यकीन करो ये बात सिर्फ हमारे बीच ही रहेगी किसी को कानो कान खबर भी नही होगा की क्या हुआ है और क्या होगा …”
मेरी गन अब पूरी तरह से नीचे थी,
“शाबास अब देखो हम तुम्हे कहा से कहा पहुचा देते है …”मंत्री के होठो की मुस्कान और भी गहरा गई थी और उसने मेरी ओर ध्यान ना देते हुए सीधे मोना की कमर में हाथ डाला और उसे खिंचकर अपने से सटा लिया,उसके वक्ष मंत्री के सीने में जा धंसे ,वो भी हल्के से हँसी ..
“अगर तुम्हे ये पसंद नही तो तुम जा सकते हो या हमारे साथ ही रहो और तुम भी इंजॉय करो ..”
मंत्री की बात सुनकर अब्दुल भी हँसने लगा
“अरे अभिषेक साहब आजकल का तो कल्चर ही है ऐसा ,बीवी को दूसरे के साथ देखकर मर्द अपना…”
वो बोलते बोलते रुक गया और उसकी आंखे मुझपर ही जम गई क्योकि मैं अपने जेब से साइलेंसर निकाल कर अपने गन में लगा रहा था …
“ये क्या कर रहे हो ..देखो मंत्री जी का आफर बहुत अच्छा है सोचो जरा ..”अब्दुल और कुछ बोलता इससे पहले ही ..’धाय धाय धाय ‘
तीन गोली उसके सीने में उतर गई ..मोना तुरंत ही मंत्री से अलग हो गई ..
“ये ..ये क्या किया तुम्हे अभी जानते हो तुम्हारे ऊपर …”
मोना भी बोलते बोलते रुक गई थी मैंने गन मंत्री की ओर कर दी थी ..
उसके चहरे का रंग उड़ चुका था..
“साले पागल हो गया है क्या,मंत्री को मरेगा ...जिंदगी भर जेल में सड़ेगा ..”
“वो फाइल कहा है मादरचोद …”मेरा चहरा गुस्से से तप रहा था और मैंने बहुत ही तेज आवाज में उसे धमकी दी ,वो थोड़ी देर तक शांत हो गया लेकिन वो था बड़ा ही कमीना ..
“साले मुझे मरेगा ,ले मार लेकिन तुझे पूरा जीवन लग जाएगा उस फाइल को पाने में ,तू कभी मुझे गुनहगार साबित नही कर पायेगा,ले देख यंहा है वो फाइल ..”
उसने एक लॉकर को दिखाया ,
“ये मेरे फिंगर प्रिंट,मेरी आंखों की पुतली और मेरे दिल की धड़कन से ही खुलती है इसे तोड़ा तो फाइल खुद ब खुद ही नष्ट हो जाएगी,अब खोल ले इसे मुझे मार कर भी नही खोल पायेगा इसे “
मंत्री दहाड़ ..
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मेरी हालत रोने वाली हो गई थी ..मेरे आंखों से आंसू झर रहे थे ,और इस हालत में भी साला मंत्री मुस्कुरा रहा था जैसे उसे अब भी यकीन था की मैं उसे कुछ नही कर पाऊंगा ..
“अभी प्लीज् इनकी बात मान लो ये बहुत ही पावरफुल है ,देखो अब्दुल को मारा तो मार दिया,इसे वो सम्हाल लेंगे ,लेकिन समझो मेरी बात को ..”वो मेरे पास आ रही थी
“चुप कर मादरचोद रंडी “
मैंने उसके गालो में एक जोरदार झापड़ लगाया और दूर जा गिरी..
“तुझे कितना प्यार किया था मैंने,तुझे अपनी जान समझा,और तू ...मेरे मारने से भी तुझे कोई फर्क नही पड़ता ना ,क्या ऐसी जरूरतें है तेरी जो मैंने पूरा नही किया…”
मैं गुस्से से कांप रहा था और मेरे आंखों से पानी की धार बह रही थी ,
“मेरी बात सुनो अभी “
इससे पहले की वो कुछ कहती …’धाय धाय धाय…’
तीन गोली उसके सीने में जा धंसी ,खून के फुहारे फूटने लगे और…..और मैं दहाड़ मारकर रोने लगा,लेकिन थोड़ी ही देर में मैंने फिर से गन मंत्री के ऊपर ठिका दिया ,
अब वो भी डर से कांप रहा था ...पहली बार उसके चहरे में इतना डर आया था ..
“तुम मुझे नही मार सकते ..”
इस बार मैं हंसा लेकिन उस हँसी में बेहद ही तकलीफ भी मौजूद थी ..
“मेरे पास अब रखा ही क्या है जो मैं खुद को बचाऊंगा,तुमने इतने निर्दोष लोगो को मरवा दिया ,मेरी बीवी जिसे मैं जान से ज्यादा प्यार करता था उसे तुम्हारे वजह से मैंने अपने इसी हाथो से मार दिया,तुम अब कितना जीने की आशा कर रहे हो ……..”
वो डर से कांपने लगा था ..
“एक ही चारा है तुम्हारे पास ,ये लॉकर खोलो और खुद को सिक्युरिटी के हवाले कर दो ,वरना जान से जाओ,मेरे पास कुछ खोने को नही है की मैं तुम्हे जिंदा छोड़ दूंगा …”
वो कांपता हुआ भागा और फाइल निकाल कर मेरे हाथो में दे दिया ,मैं उसे पलट कर देखने लगा,इतना सबूत उसे फांसी में चढ़ाने को काफी था,फांसी नही तो उम्रकैद तो हो ही जाएगी …
“बाय बाय मंत्री जी “
मैंने गन उसके ऊपर टिकाई और ‘कट कट ‘
दो गोलियां चलाई लेकिन गन में गोली नही थी लेकिन उस कट कट की आवाज सुनकर मंत्री जी के पेंट में पेशाब जरूर हो गया …………….
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“चेयर ...यार अभी तुमने तो कमाल कर दिया ..”
SP साहब का चहरा खिला हुआ था,हम उन्ही के बंगले में बैठे थे..
“ससपेंड होने के बाद भी इतने खुश हो रहे हो सर “
हम दोनो ही हँस पड़े ..इस केस के ओपन होते ही मीडिया में धूम मच गई ,मंत्री जी तो तुरंत ही मंत्रिमंडल और पार्टी से निकाल दिया गया,लेकिन मीडिया से ये जरूर छुपाया गया था की ये केस आखिर सॉल्व कैसे हुआ,लेकिन फिर भी जांच अधिकारी के तौर पर मेरा नाम मीडिया में कुछ दिनों तक छाया रहा ,वही मेरा साथ देने के लिए SP साहब को भी वाहवाही मिली ,लेकिन डिपार्टमेंट ने हमारे ऊपर अनुशासनात्मक कारवाही कर दी और हम दोनो को ही एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया,ये सब विभाग ने बस खानापूर्ति की तरह किया था वरना सभी बड़े अधिकारीयो ने मेरे काम की खूब सराहना की थी …
“ऐसे बधाई की पात्र तो मोना भी है “
SP साहब ने एक नजर मोना की ओर देखा ,जो हम दोनो को देखकर मुस्कुरा रही थी ,
“नही सर इनके प्लान के बिना ये सब कहा हो पाता ..”
“लेकिन अगर तुम इसका साथ देने की हिम्मत नही दिखती तो ये सब कैसे मुमकिन हो पाता ..”
“ये तो सही बात है मोना तुम्हारे सपोर्ट के बिना ये सब संभव नही था “मोना बस जवाब में मुस्कुरा
गई ..
“यार अभी लेकिन मुझे एक बात का डर है ,मंत्री को रास्ते से हटाकर कही हमने अब्दुल को शह तो नही दे दी ,उसके रास्ते का सबसे बड़ा काटा तो अब हट गया..”
“सर कांटे को कांटा ही निकालता है,हमारे बीच यही डील थी की वो मंत्री का वफादार बनकर उस फाइल के बारे में पता लगाएगा और उस फाइल को पाने में हमारी मदद करेगा बदले में उसके ऊपर लगे इल्जाम हटा दिए जाएंगे,जिसकी कारवाही मैं कर रहा था,और वो फिर से अपने पिता जैसा वर्चस्व कायम कर पायेगा ,अब मंत्री नही तो उसे किसी के सामने झुकना नही पड़ेगा,उसने सही फैसला किया,एक महीने की गुलामी के बदले फिर से पूरा साम्राज्य …”
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मेरी बात बस खत्म हुई थी की अब्दुल भी वँहा आ गया,
‘बधाई हो साहब ,मंत्री को इतना धमकाने और इतना बड़ा नाटक रचने के लिए बस एक महीना का सस्पेंसन ..”
सभी हँसने लगे ,
“ऐसे मुर्दे का रोल सही किया था तूने,मुझे तो डर था की कही बीच में ही हँस ना पड़े जैसा रिहल्सल के समय में हंसा था …”
वो फिर से दांत निकाल कर हँसने लगा ..
“अरे साहब अपने तो माहौल ही ऐसा बना दिया था की कोई कैसे हंसे,लास्ट टाइम में भाभी जी को इसका हिस्सा बना दिया,पहले तो मेरी फट ही गई थी लेकिन आपकी और भाभी जी की एक्टिंग का तो मैं दीवाना हो गया ,मुझे तो लग ही नही था था की आप एक्टिंग कर रहे हो ,हम दोनो तो कम से कम चुप ही थे लेकिन आपका गुस्सा तो बिल्कुल ही रियल लग रहा था ,..”
उसकी बात सुनकर मेरे और मोना के होठो में हल्की सी मुस्कान आ गई ..
“जब तुम्हारी बीवी किसी के बांहो में हो तो गुस्सा नकली नही होता ..”
मैंने जिस तरह से ये बात कही अब्दुल थोड़ा सहम गया ,..
लेकिन मोना ने मेरे बालो को सहलाया और हल्के से एक किस मेरे गालो में दे दिया ,जिसे देखकर बाकी दोनो भी मुस्कुराने लगे ..
“ऐसे साहब ये वो मेमोरी कार्ड ,किसी को पता नही चला की वो सब रिकार्ड हो रहा था, सिक्युरिटी ने उस दिन से ही कमरा सील कर दिया था,आज खुला तो बड़ी मुश्किल से जुगाड़ करके ये लाया हु,इसमें सारे क्लिप है उस दिन के,”
मैंने उसे जेब में डाला और साथ देने के लिए अब्दुल का धन्यवाद दिया,..
मुझे पता था की जो अभी मेरे इशारे मे काम कर रहा है वो अब इस शहर का राजा बनने वाला है,और शायद मेरा दुश्मन भी ,लेकिन दुश्मन से भी दोस्ती रहे यही तो खुफिया विभाग वालो का काम होता है…
**************
“थैंक्स जान तुमने मेरे ऊपर भरोषा किया और मेरा साथ दिया “
मोना मेरी बांहो में थी ,मैं लेपटॉप में वो चिप लगा कर उस दिन के वीडियो देखने वाला था ,
वो मेरे सीने से लग गई
“मैं तो आपके हर बात में साथ देने को तैयार हु,लेकिन अब की बार पहले से बताना 2 घंटे पहले नही ..”उसने एक हल्का मुक्का मेरे सीने में मार दिया ..
“क्या करू जान मैं खुद ही बेहद कंफ्यूज था की आगे क्या करना सही रहेगा,मंत्री ने पार्टी में बुलाया था और मैं जानता था की वो मुझे अपने साथ मिलने का ऑफर करेगा ,मेरे हाथो में तब भी कोई ठोस सबूत नही था की मैं उसके खिलाफ कोई केस भी दायर कर पाऊ ,मुझे तो उससे पुछताज का भी वारेंट नही मिलता,अब्दुल ने मुझे बताया था की उसके सारे किस्से चिट्ठे की जमा पूंजी उसके लाकर में है जो सिर्फ उसके फिंगरप्रिंट,आंखों की पुतलियों के स्कैन और दिल की धड़कनों के मिलने से ही खुलेगा,वो फाइल कोई आम फाइल नही है,कई लोगो की जान गई तब जाकर वो सब जानकारी इकठ्ठी हुई थी ,एक पत्रकार ने अपनी और अपने परिवार की जान पर खेल कर उसे इकठ्ठा किया था,आखिर उसे मंत्री ने मरवा ही दिया लेकिन उसे उन कागजातों में कुछ ऐसी चीजे भी मिली जो भविष्य में उसके काम आने वाला था,उसके अभी के कुछ दोस्तो के खिलाफ सबूत जिसके सहारे वो सबको डरा कर रखे हुए था,पत्रकार मेरा अच्छा दोस्त था और उसने मुझे इसके बारे में पहले ही बतलाया था,वो इस केस में मुझसे पहले से लगा हुआ था,वो मुझे सारे सबूत देता उससे पहले ही उसे मार दिया गया,मैं जानता था की मंत्री उस फाइल को और बाकी के दस्तावेजों को नष्ट नही करेगा,वो उसे कही ना कही सुरिक्षत रखा होगा,अब्दुल से मुझे उसका ठिकाना मिल गया,लेकिन मैं जानता था की वो कितना चालाक है,मंत्री को भी पता था की मैं सिर्फ एक केस के लिए उससे पंगा नही ले सकता,अगर मैं सीधे ही उसे गन पॉइंट पर लेता तो वो कभी यकीन ही नही करता की मैं उसे मार दूंगा,क्योकि उसे भी पता है की मैं इतना बड़ा चुतिया नही हु की जीवन भर के लिए बर्बाद हो जाऊ,वो भी तब जब मुझे मंत्री के जिंदा रहते ही सबूत मिल सकते थे…
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मैंने दूसरा प्लान किया की मैं उसके सामने अगर अब्दुल को मार दु तो ,काफी सोचा और उसकी रिहल्सल भी की लेकिन मुझे फिर ही लगता था की वो फिर भी लाकर को नही खोलेगा और बिना लॉकर खुले मैं उसका कुछ भी नही बिगड़ सकता था,मैं उसी उधेड़बुन में था की तुम मेरे पास आयी याद है पार्टी से एक दिन पहले,तुमने मुझे रिझाना चाहा और कुछ बताने की बात भी कही ,अपना मोबाइल मुझे दिया,तुम्हारी हर अदा को ध्यान से देख रहा था और मेरे दिमाग में एक प्लान आया…
लेकिन मैं तुम्हे किसी मुसीबत में नही डालना चाहता था,रात भर मैं सोचता रहा की आखिर कैसे मैं मंत्री को फ़साउ और सुबह मैंने तुम्हे पार्टी में जाने की बात कही ,तुम खुस थी और तुम्हारे चहरे की उस खुसी ने मुझे और भी सोचने को मजबूर कर दिया,दिन भर सोचने के बाद मैंने ये प्लान बनाया की मंत्री के ठरकीपन और मुझसे बदला लेने की लालसा का फायदा उठाया जाए…
मैंने अब्दुल को सब प्लान समझाया मुझे ये भी पता था की तुम मेरा साथ दोगी,और वही हुआ जो होना था,मंत्री को तुहारी अदांओ से लगा की तुम अब्दुल को पहले से जानती हो ,अब्दुल ने तुम्हारे बारे में कुछ गंदी बाते उससे कही,और वो झांसे में आ गया ,सही कहते है की हवस आदमी के दिमाग को मार देती है ,यही उसके साथ भी हुआ,
लेकिन सबसे बड़ी बात थी की उसे कैसे यकीन हो की मैं सच में उसे मार दूंगा,क्योकि वो साला बेहद ही दिमाग वाला आदमी है,इतना बड़ा घोटाला कर के बैठा था लेकिन सब जानते हुए भी कोई उसकी ओर उंगली नही उठा पता,सभी जानते थे की वो कितना कमीना है लेकिन मुख्यमंत्री तक उससे डरता था,कारण था उसका दिमाग,इसलिए मुझे ये कदम उठाना पड़ा ताकि उसे लगे की अब मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नही है और मैं उसे मारने में देती नही करूंगा….”
मोना मेरे बात को ध्यान से सुन रही थी ,और मेरी आंखों में देख रही थी ,
“लेकिन मैंने तो सोचा था की आप अगर मुझे किसी के साथ देखोगे तो आप भी उत्तेजित हो जाओगे लेकिन आपका गुस्सा तो बिल्कुल ही ओरिजनल था,कही कोई झूट मुझे दिखाई नही दिया ..”
मैं मुस्कुराते हुए मेरी जान को देखने लगा..
“मजा तब आता जब तुझे भी मजा आता,लेकिन उस दरिंदे के साथ तुझे देखकर मेरा खून खोल गया था,मैं संचमे गुस्से में जल रहा था,लेकिन तुमने सही एक्टिंग की ..”
वो हल्के से हँसी
“मुझे तो लग रहा था की मेरे ऐसा करने से आप थोड़ा उत्तेजित हो जाओगे..”
मैं भी हँस पड़ा,
“वो तो हो जाऊंगा लेकिन अभी ,ये वीडियो फिर से देख के साला मेरी बीवी की साड़ी उतार रहा था,और वो कमीना अब्दुल ..”
मोना हँस पड़ी
“सही कहा अब्दुल भी ऐसे मेरे सीने को देख रहा था की खा ही जाएगा,शायद इसीलिए मंत्री को हमारी एक्टिंग इतनी सच्ची लगी क्योकि असल में हम सभी कही ना कही इमोशन को जी रहे थे…”
मोना की बात सुनकर मैंने मोना को जोर से जकड़ लिया..
“और तुझे उसके सीने से चिपककर बड़ा मजा आ रहा था..”
उसने एक बहुत ही सेक्सी आह भरी ..
“मंत्री की जगह अगर अब्दुल होता तो शायद ज्यादा मजा आता “
मैंने उसे और जोरो से जकड़ा
“तेरी तो ..”
मैं उसे लिटा के उसके ऊपर चढ़ गया और उसके खिलखलाने की आवाज से पूरा कमरा गूंज गया
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एक महीने मैं पूरी तरह से खाली था,2 ही दिन में मेरा घर में रहना मुश्किल हो रहा था,बैठे बैठे मैं मोना का फोन देखा,जो फेंटेसी इतने दिन से दब कर रह गई थी वो फिर से सर उठाने लगी,मोना अभी ऑफिस में थी और मैं अपने मोबाइल में उसका क्लोन देख रहा था,वाट्सप के मेसेज से ही शुरू किया राज से उसकी बात का पुराना मेसेज जो की मोना मुझे दिखाना चाहती वो सब कट चुके थे लेकिन आज के ही मेसेज बचे थे,मुझे ये बात थोड़ी खटक गई …
मैं आज के ही मेसेज को देखने लगा…
‘आज तुम गुलाबी सूट में कमाल की लग रही हो …’
‘थैंक्स ..’और एक स्माइल
‘आजकल ज्यादा बात क्यो नही करती कटी कटी सी रहती हो ‘
‘नही ऐसी कोई बात नही है ‘
‘ऐसे तुम्हारे पति की बड़ी चर्चा है अखबारों में ,इतने बड़े नेता को अरेस्ट करवा दिया..’
मोना बस एक स्माइल ही भेजी ,मुझे लग रहा था की उसे इसमें उतना मजा नही आ रहा है..
‘वो अगर ये जानेगा की मैं तुमसे बात करता हु तो गुस्सा हो जाएगा है ना,ऐसे भी उस केस के बाद से मुझे भी उनसे डर लगने लगा है ..’
उसकी बात सुनकर मोना ने एक खिलखिलाने वाली स्माइल डाल दी ..
‘सिर्फ बात से क्यो गुस्सा होंगे ,वो बहुत ही अंडरस्टैंडिंग है ..’
‘ओह तो क्या हम सिर्फ बात बस करेंगे ..’
‘तो और क्या चाहते हो तुम ,आगे बढ़ने की उम्मीद भी मत रखना..’
‘ओके सॉरी ,आज लांच साथ में करे,या फिर शर्मा के साथ ही जाने वाली हो ..’
इस बार फिर से मोना ने एक हँसने वाली स्माइल डाली
‘ओके साथ चलेंगे ‘
मोना के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदला लगा वरना वो फ्लर्ट करना पसंद करती है ,शाम को जब वो आयी तो मैं उससे लिपट गया ..
“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही दिखा रही हो ..”
“क्या देखना चाहते हो ,कुछ रह नही गया जिसे देखकर आप उत्तेजित हो जाओ ..”
“क्यो वो तुम्हारा राज तो है ना बात नही करती क्या “
वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी
“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”
“ऐसे क्यो बोल रही हो “
वो मुझसे अलग हुई
‘क्योकि उस दिन जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”
अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है ,
मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..
“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम खुद किसी को पसंद करो तो मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”
वो गुस्से से मुझे घूरने लगी
“चुप रहो बड़े आये ..”
वो बेडरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..
‘मैं मजाक नही कर रहा..”
“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही पागल भी हो रहे हो ..”
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उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लिंग ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर मोना के होठो में मुस्कान आ गई
“हवसी कही के ..”
वो बाथरूम की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लिंग उसके कूल्हों में जा धंसा ,
“आह सच में आपको काम में जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो आह अब छोड़ भी दो फ्रेश होने दो “
“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”
मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..
“सोचो अगर मैं राज होता तो “
“छि प्लीज् ना “
वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी
“बताओ ना ..”
“तो क्या “
मैं उसके पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लिंग को प्रवेश करवाया ..
“आह राज ..”
उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लिंग आराम से उसके अंदर चला गया ,
वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,
“राज करो ना मेरे पति किसी केस में बिजी है आज बहुत टाइम है “
मोना की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी ,मोना अब राज को भूल कर बस जान जान कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं मोना की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …
“मजा आया उसका नाम सुनकर “
“बहुत मजा आया “
“आप सच में पागल हो है ना “
मैं उसके होठो में हल्का किस किया
“हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “
वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई,
“सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही कल उससे कैसे नजर मिला पाऊंगी ,आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”
वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”
“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..”
हम दोनो के होठ फिर से मिल गए
“मैं जानता हु मेरी जान लेकिन अगर कुछ करने का मन हुआ आगे बढ़ने का दिल किया तो उस जस्बात को दबाना मत बस बढ़ जाना ,”
वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी
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फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे ,रास ना आया रहना दूर क्या कीजे’
‘आप कौन ???’
‘पहचानिए ..’
‘सॉरी आपका नंबर सेव नही है’
‘हाय यू ही सितम ढा रहे है वो कैसे,खुद को मजबूर बता रहे है वी कैसे..’
‘रोहित..’
‘बड़ा खूब पहचाना …’
‘कमीने कहा था इतने दिनों तक ‘
‘नॉकरी मेरी जान..बस उसी के कारण भटक रहे थे ..अब तुम्हारे शहर में है ’
‘ओह यार आई हेट यू पता है ना ‘
‘हा और आई लव यू पता है ना..’
‘हा पता है इसीलिए तू मेरी शादी में भी नही आया है ना..कहा है कमीने कब मिल रहा है..कितने दिन हो गए तुझे देखे ..’
‘तेरे ऑफिस के बाहर सोनाली रेस्टारेंट में ‘
‘क्या आज भी कमीना ही है चल आती हु..’
रोहित…??
क्या वो वही रोहित था जिसकी तारीफ किये मोना थकती नही थी,पूरे कालेज में उसने मोना पर चांस मारा था ,मोना के बेस्ट फ्रेंड लेकिन मोना शादी करना चाहती थी और रोहित पारिवारिक दबाव में आकर शादी नही करना चाहती थी ,मोना ने मुझे बताया था की उसे भी रोहित से प्यार हो गया था लेकिन वो इस रिश्ते को दोस्ती तक ही रखी क्योकि वो रोहित का दिल नही दुखाना चाहती थी…
मोना का ये वाट्सअप चैट आधे घंटे पहले का था..यही अभी वो उसके साथ रेस्टारेंट में थी,मेरी मोना का एक और आशिक इस शहर में आ चुका था,जिसे कभी वो प्यार किया करती थी ,हा रोहित से मुझे हमेशा ही जलन होती थी लेकिन रोहित मोना के लिए बहुत मायने रखता था,फिर भी वो कभी मोना से कांटेक्ट करने की कोशिस नही किया,मजबूरी क्या थी ये तो नही पता लेकिन कुछ तो था उनके बीच जो मोना ने कभी मुझे नही बतलाया था…
थोड़ी ही देर हुए थे की मोना का मेरे पास फोन आ गया..
“जानते हो आज मैं किस्से मिली ..”
मोना चहक रही थी
“रोहित से “
उसने मेरे बिना बोले ही बोल दिया
“कौन रोहित,”
मैं अनजान बनने की कोशिस करने लगा
“अरे रोहित मेरा पुराना फ्रेंड आपको बतलाई था ना उसके बारे में “
“ओह तेरा आशिक ..”
“ओहो आप भी ना ,हा वही वो हमारे ही शहर में आ गया है और आज मैंने उसे घर में खाने के लिए बुलाया है ..”
“ओ ..”
“क्या हुआ आप खुस नही हो ..?”
“फ्रेंड तेरा है तुझे मिला है तो मैं क्यो खुस होउ ..”
“हम्म जलनखोर कही के ,चलो आज एक अच्छी सी विस्की ला के रखना वो रात तक आ जाएगा ..”
“अच्छा उसे बोल विस्की लाने के लिए ..”
“प्लीज् जान ..वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है आप इतना भी नही करोगे ..”
मैं हल्के से हंसा
“ओके और कोई हुक्म इस खाली आदमी के लिए “
मोना खिलखिलाई
“कुछ भी नही बस बहुत सारा लव यू और ऊउम्मआ आज मैं बहुत खुस हु …”
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