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कोमल जी लाजवाब लेखन
कमाल का अपडेट दिया है बहुत आभार
पूरे 4 घंटे गुड्डी रानी कोमल भाभी के पास
ये 4 घंटे तो सिर्फ ट्रेलर है गुड्डी
जिंदगी भर के लिए तुं कोमल रानी की है
अभी तो तुं कोमल जी से परिचित ही होगी
मीठा इंतज़ार है कोमल जी
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कोमल जी क्या बात है आख़िर कार बच्ची को जीत ही लिया आप ने
ऊफ़्फ़ पूरे चार घंटे गुड्डी रानी आप की
भरपूर सेवा करवाना ननंद रानी से अपनी रानी की
गुड्डी रानी को तो जीवन भर आप की सेवा करनी है साथ ही आप के साजन मतलब अपने भैया की भी
लाजवाब जीत पर बहुत बधाई
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04-06-2020, 01:40 PM
(This post was last modified: 26-08-2021, 08:04 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी बनी गुलाम ,
" एकदम भाभी आप बहोत अच्छी हो " और अब ननद रानी ने मुझे गले लगा लिया।
" लेकिन उस चार घण्टे से बचत नहीं होगी "
उस के मालपुए ऐसे गाल कचकचा के काटते मैं बोली ,
फुलझड़ी सी खिलखिलाती वो सुनयना बोली ,
" मालूम है भाभी ,मालूम है , मैं भी उधार नहीं रखती बोलिये न क्या करना है। "
बिना हिचकिचाए अबकी दूसरे गाल पर अपने दांतों के निशान बनाते मैं बोली ,
" यही तो ,मैं कहती हूँ की तू अभी भी बच्ची है एकदम अपने भैय्या की तरह नासमझ। अरी बावरी , इत्ता भी नहीं समझी लड़कियां सिर्फ करवाते हैं करते तो हैं लड़के ,तेरे भैय्या।
तो बस अब तुझे करवाना है और वो भी योर टाइम वाली स्टार्ट जब हम ऊपर पहुँच जाएंगे तेरे भइया के कमरे में ,समझी ,"
पांच मिनट में उसे धकियाती ,पुश करती मैं गुड्डी को ले के अपने कमरे में ,
पैर से मारके धड़ाक ,कमरा बंद।
मैंने बोल्ट भी लगा दिया और सिटकिनी भी।
योर टाइम स्टार्टस नाउ ,दीवाल घडी में ढाई बज रहे थे।
…………………..
धड़ाक ,
अपने साढ़े चार इंच की हाई हील से मारकर मैंने दरवाजा बंद किया।
सटाक
मैंने दरवाजे की सिटकिनी बंद की
झटाक
मैंने दरवाजे का बोल्ट ,
"मादर,... तेरे सारे खानदान की गांड मार्रूं , चूतमरानो , घडी देख ले , ढाई बजे ,... "
और वो मेरी छुटकी ननद मेरे और दरवाजे के बीच दबी ,पिसी ,रगड़ी सहमी ,
मेरे और दरवाजे के बीच एकदम कुचली जा रही थी।
मेरे बड़े बड़े भारी भारी उरोज उसकी नयी आयी कच्ची अमिया को कस कस के कुचल रहे थे।
जो मजा आ रहा था उस स्साली को रगड़ने में मैं बता नहीं सकती।
जो उसके लिए मैंने हाल्टर टॉप ख़रीदा था इस तरह की ,
गुड्डी की कसी कड़ी गोलाइयों का ऊपरी हिस्सा हमेशा खुला छलकता झलकता रहे।
और अब कड़ाक कड़ाक एक झटके से मैंने टॉप के ऊपर के दो बटन खोल दिए ,अब निपल तक साफ़ नजर आ रहे थे।
गोल गोल मटर के दाने , एकदम कड़े कड़े नए नए आये ,
और फिर उसके कंधो को सहलाती , उसके टॉप की स्किन कलर की नूडल स्ट्रिंग्स भी मैंने सरका के नीचे करदी।
टॉप बस उसके छोटे छोटे उभारों और एक बटन के सहारे बस जैसे तैसे टिका फंसा था।
दूधिया उभार जिसके पीछे पूरे शहर के लौंडे दिवाने थे ,अब आधे से ज्यादा साफ़ साफ़ दिख रहा था।
और और मेरी उँगलियों के टिप का दबाव उसके नए नए आये टिट्स पर ,
अंगूठा उसके निप्स पर और उंगलिया उन उभारों की परिधि नापता हुआ जैसे कोई गोलाप्रकार से एक वृत्त बना रहा हो।
जोर से अपने लम्बे नाख़ून गुड्डी के मांसल गदराते जोबन में गड़ाते मैं बोली ,
" सुन साली , लगता है जम के अपनी चूँची मिजवा दबवा रही है तू ,छिनार।
पहला इंस्ट्रक्शन ,कान खोल के सुन रंडी ,मैं दुहराऊंगी नहीं , तेरी ये चूँचीयां इसी तरह खुली रहनी चाहिए , समझी ,दोनों ये निपल एकदम दिखते झलकते रहने चाहिए , तेरे भय्या को। झुक के, उचका के अगले चार घंटे तक उन्हें दिखाना है तुझे। तेरी इन कच्ची अमियों के बड़े दीवाने हैं वो , इस लिए एकदम खुलकर खोल कर , समझ गयी ,"
जोर से उसके निपल की घुंडियां मरोड़ती मैं बोली।
" हाँ भाभी , " किसी तरह थूक घोंटती बहुत हलके से गुड्डी के मुंह से निकला।
" स्साली ,जोर से बोल , मैंने सुना नहीं। "
एक हलकी सी चपत उसके गोरे नमकीन गालों पर लगाती मैं बोली।
" हाँ भाभी " अबकी वो ठीक से बोली।
धीरे धीरे लौंडिया मेरी मुट्ठी में आ रही थी।
मैंने एक बार और जोर से अपनी बड़ी बड़ी चूँचियों से उसके नवांकुरों को मसल दिया।
बिचारी उसे क्या मालूम , कच्चे टिकोरे सिर्फ उसके भैय्या को है नहीं उसकी भाभी को भी पसंद है।
इससे भी कमसिन लौंडिया सीधे गाँव से ,एकदम कमसिन जब हाईकॉलेज पास कर के बोर्डिंग में आती थीं , ग्यारहवें में।
रैगिंग के पहले दिन,लंड बुर ,चूत ,गांड सब सीखा देती थी मैं रैगिंग में और हफ्ते दस में कोई लौंडिया नहीं बचती थी
जिसे मैं अपनी गुलाबो की चुस्की न लगवा दूँ और जिसकी बिल की गहराई न नाप लूँ।
लेकिन ये माल जिसे मैं अभी रगड़ रही थी ,उन सबसे उमर में भले एकाध साल ऊपर हो लेकिन ,
नमकीन होने में उन सबसे २० नहीं २२ था पूरा।
एक बार मैंने कुतर लिया इन कच्ची अमियों को न
तो फिर सिर्फ मैं क्यों , मम्मी , वो तो उसे अपने साथ गाँव ले जाने पर तुली हैं ,हफ्ते दस दिन लिए ,
और मिसेज खन्ना ,मेरी वनिता मंडल की प्रेजिडेंट जिनकी हेल्प से मैं सेक्रेटरी बनी और इन्हे भी धड़ाधड़ एक के बाद एक प्रमोशन मिले ,
पावर्स मिले , वो भी तो कच्ची कलियों की दीवानी ,
और वो अकेले थोड़ी ,मेरी वनिता मंडल की बाकी सहेलियां भी ,
और उनसे भी तो ननद भाभी का ही रिश्ता रहेगा इसका,
और सबसे बढ़कर इसकी राह देख रहे थीं ,मंजू बाई और गीता।
वो दोनों तो इसे पक्की रंडी बना के ही छोड़ेंगी।
लेकीन इसके पहले आज इस बांकी शोख किशोरी को शीशे में उतारना जरुरी है।
और मैंने उसे अगली शर्त बता दी ,उसके 'सीधे साधे भैय्या के बारे में
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(04-06-2020, 01:40 PM)कोमल जी , Wrote: मजा आ गया ..... आखिर ..... चिड़िया आ गयी चुंगल मैं ....
जीत कि भावना .... सीधा दिल तक पहुची ..... एक वो टाइम था "भाभी आप अभी नयी हो ...."
अब तेरा भैया मेरा है ... और तू भी .....
एक दिल को ठंडक .... एक सुकून.....
एक -एक दिन साल बन पड़ा होगा ........ एक पल के लिए
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04-06-2020, 05:01 PM
(This post was last modified: 27-08-2021, 01:39 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अगली शर्त
और मैंने उसे अगली शर्त बता दी ,उसके 'सीधे साधे भैय्या के बारे में
" सुन बहन की लौंड़ी , तूने अपने अच्छे अच्छे सीधे साधे भैय्या का लंड देखा है की नहीं। वो तेरी चूँचियाँ घूरते रहते हैं और तू , तो बस अब तू अगले दो घंटे तक तेरी निगाह सीधे उनके शार्ट से झांकते लंड पे ,एकदम खुल्लम खुला ,
समझी घूर घूर के और अगले पंद्रह मिनट में कम से कम पांच बार शार्ट के ऊपर से तू उनके लंड को छूएगी ,
एकदम साफ़ साफ़ , पकड़ेगी रगडेगी ,ये नहीं की गलती से हाथ लग गया , समझी साली। "
और अबकी जो मेरा हाथ उसके नमकीन गाल पे पड़ा वो कतई प्यार भरी चपत नहीं था।
" ओह्ह हाँ भाभी "
मेरा एक हाथ अभी भी उसके जोबन की नाप जोख कर रहा था और दूसरा उसकी खुली जांघों के बीच उसकी छोटी सी स्कर्ट उठाकर सीधे उसके थांग के ऊपर से उसकी चुनमुनिया को हलके हलके दबा रहा था।
मन तो कर रहा था यहीं पटक के उस स्साली को चोद दूँ ,
अपनी चूत से उसकी चूत को रगड़ रगड़ के ,कचकचा के उसकी चूँचियाँ काट लूँ ,
मन को मैंने बहुत समझया , मान जा कोमलिया ,अभी आज उसके भैय्या के लिए पटा , इसकी नथ उतरवा फिर वो मौका भी जल्दी आएगा।
वो अभी भी अलमारी ठीक कर रहे थे और मुझे गुड्डी की एक पुरानी बात याद आ गयी ,
" मेरे भैय्या कुछ भी अपने हाथ से नहीं करते ,एक ग्लास पानी तक भी नहीं लेते ,भाभी आप को ये सब पता होना चाहिए। "
सररर सररर ,मेरी साडी मैंने उतार के उनकी ओर फेंक दी ,
" अरे जरा सम्हाल के अच्छी तरह से तहिया के रख दी , एकदम ठीक से ,... "
और वो काम पर लग गए ,
मेरे और दरवाजे के बीच दबी उनकी बहना देखती रही।
बिचारी ,अभी उसे बहुत कुछ देखना था।
उस की हिरणी सी बड़ी बड़ी कजरारी आँखे अपने 'कुछ भी काम न करने वाले भईया को ' मेरी साडी खूब ध्यान से तहियाते देख रही थी।
और में उसकी कच्ची अमिया को , जिसने पूरे शहर भर में आग लगा रखी थी।
लड़की के जवान होने की खबर उसे हो न हो ,उसके मोहल्ले के लौंडों को सबसे पहले हो जाती है।
और यहां तो गुड्डी एकदम जिल्ला टाप माल थी।
वो अपने भैय्या को देख रही थी और मैं उसके नए नए आये उभारों को , और साथ में क्लिक क्लिक क्लिक
भला हो मोबाइल कंपनी वालों का , क्या अच्छे कैमरे बनाते हैं ,
उसकी कच्ची अमिया का
कटाव , उभार कड़ापन , क्लीवेज सब कुछ और साथ में उसकी मटर के दाने के बराबर की घुंडियां भी , एकदम कड़क
स्साली की चूँचियाँ सच में ,एकदम ,...
और हर फोटो में , यहाँ तक की निप्स के क्लोजअप्स में भी
उसका भोला भाला चेहरा , जिससे उसके बचपन की निशानी अभी तक गयी नहीं थी ,
लगता था जैसे उसके दूध के दांत भी न टूटे हों।
पर उसके हाल्टर टॉप से झांकते गदराये जोबन एकदम इस बात की गवाही दे रहे थे की लौंडिया एकदम लेने लायक हो गयी है।
और जब गुड्डी की निगाहैं वापस मेरी ओर आयीं तो मैंने क्लिक क्लिक बंद नहीं किया , बल्कि गरजी ,
" खोल स्साली , तुरंत ".
और साथ में एक कर्रारा झापड़ उसके गाल पे ,
गाल पे मेरी उँगलियाँ छप गयीं।
वो पूरी तरह कन्फुज , दर्द अलग , ..
झपटपट उसने अपनी टॉप का बटन खोल दिया ,और अब तो उसके टेनिस बॉल साइज बूब्स ऑलमोस्ट बाहर ,
क्लिक क्लिक क्लिक क्लिक
गुड्डी के एक हाथ में उसका फोन ,
खोलती है छिनार या लगाऊं कान के नीचे एक,... "
मेरी ठंडी आवाज ने उसकी जान सुखा दी।
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कोमल जी,
आज दिल से चाहा ... गुड्डी का क्या हुआ आगे .... सच्ची .... एक औरत कि फीलिंग मिल रही है .... आपकी बातो से ... जिसे कई सालो के इंतज़ार के बाद सफलता हासिल करी हो ... और अपना पुरस्कार लेने मैं कुछ कदम बाकि हो [ कन्या - रस ] का स्वाद .... एक उत्तेजना, ख़ुशी ... अपने को रोकना ... धीरज धरना .....लेकिन इसका एहसास न होने देना .... पति पर एकाधिकार ....
कमाल का चित्रण है ..... अभी शाम कि चाय के साथ यही सोच रही थी ... आपकी याद आई और आ गयी ऑनलाइन ....
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04-06-2020, 08:21 PM
(This post was last modified: 27-08-2021, 02:27 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
फोन , फेसबुक , व्हाट्सएप
गुड्डी के एक हाथ में उसका फोन ,
"खोलती है छिनार या लगाऊं कान के नीचे एक,... "
मेरी ठंडी आवाज ने उसकी जान सुखा दी।
" अपना फेसबुक पेज , ... खोल जल्दी , या ये मत बोलना की तुम एलवल वालियां इत्ती गंवार ,पिछड़ी हो की
फेसबुक और व्हाट्स ऐप भी नहीं मालूम। "
मेरी बात ख़तम होने के पहले ही उसकी गोरी गोरी नाजुक उँगलियाँ फोन के बटन पर टहल रही थीं।
" कित्ते फेसबुक अकाउंट हैं तेरे , ,... "
पहले तो उसके मुंह से सिर्फ एक हलके से निकला लेकिन जैसे ही उसकी आँखे मेरी आँखों से से मिली , उसने कबूल कर लिया।
" चार ,भाभी। "
" चारो खोल और इ मेल अकाउंट कितने हैं "
' पांच "
वो मेमने की तरह मिमयाती बोली।
" वो भी खोल ,जल्दी सारे ".
मैंने उसे हड़काया।
सीधे साधे भैय्या की बहिनी इत्ती सीधी साधी नहीं थी , चार फेसबुक और पांच इ मेल ,
खैर इन्होने भी तो बना रखे थे , अपनी इस कहानी के शुरू में तो बताया था न आपको और कैसे मैंने बॉबी जासूस बन कर हैकिंग टूल्स सीखे ,उन वो बी डी एस एम् और एम् आई एल ऍफ़ वाली फैंटेसीज के बारे में पता किया ,किन चैट रूम्स में वो जाते थे ,...
खैर अब तो वो सब गुजरे जमाने की बातें हो गयीं।
उसके हाथ से फोन झटकती मैं बोली ,
[/url]
" चल स्साली पासवर्ड बोलो , सारे अकाउंट्स का अभी। "
एक पल के लिए वो हिचकी पर मेरा उठता हाथ देखकर झट से उसने उगल दिया , सारे के सारे।
जैसे टीनेजर लड़कियों के होते हैं , उसकी डेट आफ बर्थ ,नाम से मिला जुला , नहीं बताती तो मैं वैसे ही ...
पर उसने मेरा काम आसान कर दिया।
अगले ही पल मेरी उँगलियों का जादू उसके फोन पे चालू हो गया , सारे पासवर्ड चेंज ,
कहीं गुड्डी रंगीली तो कहीं गुड्डी एलवल वाली और साथ में उसकी फिगर ,
उसके भइया का लंड साइज ७. ५ इंच और @$%*# पूरे १६ डिजिट के , और सबके अलग।
सात जनम में वो ये पासवर्ड गेस नहीं कर सकती थी।
और अब आया क्वेशचन वाला , वो भी सब मैंने चेंज कर दिया।
फॉरगॉट पासवर्ड वो ट्राई करती तो या तो उसके फोन पे ओ टी पी आता या मेल पे ,दोनों जगह मैंने सेंध लगा दी।
सिम्पल।
मोबाइल में उसने जो फोन नंबर दे रखा था उससे मैंने अपना नंबर जोड़ दिया , बस जो मेसज उसके फोन पे आता वो मेरे फोन पे भी।
और चेक करने के लिए फेसबुक ने एक मेसज भेजा भी ,उसका ओ टी पी मेरे फोन पे भी , और मैंने कन्फर्म कर दिया।
वो टुकुर टुकुर देख रही थी।
[url=http://pzy.be/v/3/Guddi+sim+1]
बिचारी को क्या मालुम उसकी जिंदगी बदल रही थी।
अब उसके बाद मेल आईडी भी , पासवर्ड नए और सब मेरे कब्जे में।
फिर एक एक जासूस मैंने फेसबुक अकाउंट्स , उसके मेल आई डी पर छोड़ दिया , सीधे सिम्पल , ये की स्ट्रोक रीड करके मेरे फोन पे मेसेज करते , जब वो फेसबुक ,ट्विटर या कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जाती।
दोनों जासूस अलग रंग के थे एक तो कर्नेल बेस्ड था ,सीधे रुट में एक्सेस करता और दूसरा मेमोरी इंजेक्शन बेस्ड , स्पाई आई ट्राजन की ही तरह का लेकिन उसमे मेरा पर्सनल टच भी था।
और ये दोनों चूँकि की स्ट्रोक बेस्ड थे इसलिए किसी एंटी वाइरस प्रोग्राम की पकड़ में आने से रहते।
लेकिन ये तो चार आने का ही खेल हुआ था ,
उसके बाद दो बड़े बड़े खब्बीस मैंने रवाना किये उसके फेसबुक ,मेल अकाउंट्स के जरिये उसके सारे कम्प्यूटर और उसकी सहेलियों के कम्प्यूटर ,फोन का पूरा राज जानने के लिए , एक हर ६ घण्टे और दूसरा हर १२ घण्टे में सब बाते बता देता।
आठ आने का खेल अभी भी बाकी था।
सच में एकदम सीधी साधी बच्चियों जैसा फेसबुक पेज था मैडम जी का।
सिर्फ ३२८ फ्रेंड्स और उसमें से भी लड़के सिर्फ १४९!!
इस चढ़ती जवानी में तो हजार से कम फ्रेंड्स का मतलब ,एकदम बहन जी टाइप लड़की है।
और मेरी बांकी ननद तो एकदम शोला बदन , उभरता जोबन।
और लड़के तो कम से कम ९०% + होने चाहिये।
भाभियाँ होती किसलिए हैं , जवान होती ननदों की इन्ही सब चीजों को ठीक करने के लिए लिए।
पहले तो मैंने उसकी प्रोफ़ाइल फोटो ठीक की , एकदम सीधी साधी थी शलवार सूट में।
उसकी जगह अभी अभी खींची फोटो , हाल्टर टॉप ,
एकदम रिवीलिंग ,
उभार कटाव क्लीवेज सब कुछ।
इत्ते मस्त जोबन हों और झलकाये न जाएँ , अरे जो दिखता है वो बिकता है , बस तुरंत असर हुआ
डालते ही ४१२ लाइक्स आ गए।
और फिर ननद रानी ने अपने फोन नंबर के सिर्फ ७ डिजिट पोस्ट किये थे ,९ नंबर तक तो ठीक था लड़का ,दसवे नंबर के लिए दस बार ट्राई करते , लेकिन सिर्फ 7 नंबर कौन लड़का इत्ता पेसेंस दिखायेगा।
मैंने पूरे के पूरे १० डाल दिए।
रिलेशनशिप वाला कालम खाली था , उसे भी मैंने भर दिया , इन अ ओपन रिलेशनशिप।
फिर मेरे दिमाग में कुछ शरारत आयी ,
आखिर जो इस जुबना पे दीवाना है उसकी भी तो ,
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04-06-2020, 08:50 PM
(This post was last modified: 27-08-2021, 05:36 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
खजाने में सेंध
और फिर ननद रानी ने अपने फोन नंबर के सिर्फ ७ डिजिट पोस्ट किये थे ,९ नंबर तक तो ठीक था लड़का ,दसवे नंबर के लिए दस बार ट्राई करते , लेकिन सिर्फ 7 नंबर कौन लड़का इत्ता पेसेंस दिखायेगा।
मैंने पूरे के पूरे १० डाल दिए।
रिलेशनशिप वाला कालम खाली था , उसे भी मैंने भर दिया , इन अ ओपन रिलेशनशिप।
फिर मेरे दिमाग में कुछ शरारत आयी ,
आखिर जो इस जुबना पे दीवाना है उसकी भी तो ,
बस अपने हाय हैंडसम , उसके भैय्या कम सैंया की भी दो चार फोटुएं ,
झलकौवा टी में सारी एब्स दिखती ,हंक मेल मॉडल्स मात और दो में तो शॉर्ट्स में उनका खूंटा भी टनटनाया ,
[/url]
तम्बू खड़ा
और उसके नीचे गुड्डी की ओर से कमेंट्स ,
मेरे भैय्या , मेरे ,... और फिर हार्ट्स और चुम्मी वाली स्माइलीज
एक पर , हैं न हॉट्स ( वही जिसमें तम्बू तना था था )
और देखते देखते उसकी ४२ सहेलियों के कमेंट्स भी आगये।
" जालिम ,.. "
" लकी यू ,... "
" यार शेयर करेगी बोल , बस एक बार लॉलीपॉप चखा दे "
एक फेसबुक अकाउंट उसका जो थोड़ा प्राइवेट टाइप्स था ,
जिसमें घर वाले ,रिलेटिव्स नहीं थे उसमें तो मैंने ज्यादा ही
पहले तो उसे ८ हाट ग्रुप्स में ज्वाइन करा दिया ,
हाट लड़कियां ,
हाईकॉलेज गर्ल्स ,
मैं दीवानी टाइप्स और
सबके कंफ्रमेशन मेसज उसके फोन पे आये जो मेरे हाथ में था और सबको ,
कन्फर्मेंशन मेसेज तुरंत ,
और व्हाट्सऐप का नंबर , वहां तो मुझे खजाना हाथ ही लग गया।
एक इनकी कजिन्स सिस्टर का व्हाट्सऐप ग्रुप था सगी तो कोई थी नहीं ,
ममेरी अकेली यही , बाकी सब मौसेरी ,चचेरी , फुफेरी ,यहां तक की मुंहबोली भी ,...
कुल चौदह और सारी की सारी कुँवारी ,
[url=http://pzy.be/v/4/Guddi+tumblr_oknfuuKjI61vgicgwo1_400]
सबसे छोटी गुड्डी से भी दो साल छोटी,...छुटकी ,हाईकॉलेज में।
और सबसे बड़ी मुझसे एक साल छोटी।
क्या हाट हाट बातें होती थीं , एडमिन गुड्डी ही थी तो बस मैंने ज्वाइन भी कर लिया
और उस में सेंध भी लगा दी और उस सुरंग से उन सारी चौदहों के फेसबुक अकाउंट, मेल सब कुछ मैं घुस गयी।
हाँ और खेल बंद करने के पहले मैंने गुड्डी की स्टेस्ट्स चेंज कर दी थी सारे अकाउंट्स पर ,
विद माई सेक्सी हैंडसम मैनली भइया ,
और इनकी एक गुड्डी के साथ ,जो अभी नीचे खींची थी वो फोटो भी लगा दी।
२६८ फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट्स आ गयी थीं नयी जिसमें २४४ लड़के थे
बस सबको एक साथ यस मैंने मार दिया।
मेरी निगाह अब उनकी ओर गयी ,
साडी तो कब की वो रख चुके थे लेकिन अभी भी कुछ कुछ वार्डरोब में ढूढ़ रहे थे।
" मुन्ना क्या ढूंढ रहे हो अपनी पोस्ट लंच सिग्गी ,बॉटम ड्राअर मैं रख दी है मैंने , अजय जीजू वाला पैक भी तो है वही निकाल लो। "
बोल मैं उनसे रही थी लेकिन चेहरा गुड्डी का देख रही थी ,
भाभी मेरे यहां सिगरेट तो छोड़ दीजिये कोई नाम भी लेने का सोच नहीं सकता और मेरे भैय्या तो एकदम ही स्ट्रिक्ट सीधे.
उसके चेहरे पर आता जाता भाव देखने में इत्ता मजा आ रहा था बता नहीं सकती थी।
उसके सीधे साधे भैय्या और ,सिगरेट।
पहले आम , और वो भी इतने स्वाद ले लेकर ,
और फिर यहां फर्श पर बैठ के मेरी साडी तहियाना और अब
मैं उनसे सिगरेट की बात कर रही हूँ।
गुड्डी की सच में बिना फाडे फट गयी थी।
इसी कमरे में तो मैं जब शादी के बाद आयी थी , कितना ज्ञान,कित्ता ज्ञान इसी सत्रह साल की छोरी ने , लेकिन अब ,...
मैं उन के पास पहुँच गयी थी , गुड्डी के भैय्या के पास जो अब मेरे सैंया थे , बाल बिगाड़ते बोली ,
मुन्ने को सिग्गी चाहिए , देती हूँ न और बॉटम ड्राअर से निकाल के सीधे उनके मुंह में ,
और वापस अपने शिकार के पास।
अबकी गुड्डी को मैंने पीछे से पकड़ लिया।
स्साली का पिछवाड़ा भी बहुत मस्त था ,एकदम निहुरा के मारने लायक।
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Waahhh कोमल जी ये हुई ना असली वाली बात बिल्कुल आप के अंदाज में
कब से आप के इसी रूप और जोश का इंतज़ार था मुझको
कमाल के रंग में आई हो आज आप
सच मे हरी वाली भांग का असर हुआ है आप को पढ़ के तो
आखिरी लाइन अगले अपडेट में मुख्य मकसद होना चाहिए
एक बार साली की अच्छे से ले लो आप
बहुत तड़पाया है आप को इस ने
एक बार बेड पे डाल के थोड़ा असली भाभी वाला अंदाज बता दो
इंतज़ार है कोमल जी अगले कड़क अपडेट का
लेना जरूर साली को अच्छे से आप के धक्के भरपूर खिलाना गुड्डी को
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अब आयी असली कोमल अपने रंग में।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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yes there will be some ' kinky ' additions , some teasing and domination which was not there earlier
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(08-06-2020, 11:27 AM)komaalrani Wrote: yes there will be some ' kinky ' additions , some teasing and domination which was not there earlier
Eagerly waiting for those scenes.
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12-06-2020, 02:25 PM
(This post was last modified: 29-08-2021, 12:36 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
जिंदगी का पहला स्मोक
इसी कमरे में तो मैं जब शादी के बाद आयी थी , कितना ज्ञान,कित्ता ज्ञान इसी छोरी ने , लेकिन अब ,...
मैं उन के पास पहुँच गयी थी , गुड्डी के भैय्या के पास जो अब मेरे सैंया थे , बाल बिगाड़ते बोली ,
"मुन्ने को सिग्गी चाहिए , देती हूँ न "
और बॉटम ड्राअर से निकाल के सीधे उनके मुंह में ,
और वापस अपने शिकार के पास।
अबकी गुड्डी को मैंने पीछे से पकड़ लिया।
स्साली का पिछवाड़ा भी बहुत मस्त था ,एकदम निहुरा के मारने लायक।
दोनों कलाइयां मेरी हाथों की सँडसी जैसी पकड़ में और अब वो थोड़ा आगे की ओर सीना उभारकर ,
अब तो खुले टॉप से गुड्डी की छोटी छोटी टेनिस बॉल साइज के उभार एकदम खुल के छलक रहे थे , और
उसके 'सीधे साधे भैय्या ' भी सिगरेट सुलगाये ,एकदम उसके पास , और उनकी निगाहें भी अपनी उस
एलवल वाली बहिनिया के छलकते जुबना पर ,
मैंने आँख से इशारा किया
और उनके मुंह से निकला धुंआ सीधे उस किशोरी के गोरे गोरे टॉप फाडू पहाड़ों पर ,
गुड्डी का चेहरा , उसके उरोज सब कुछ उसके भय्या के सिगरेट के धुंए में खो गए थे।
लेकिन मुझे मजा नहीं आया।
मेने उन्हें फिर इशारा किया ,और अबकी दो तीन कश 'गुड्डी के सीधे साधें भैय्या ' ने कस कस के लिए ,उनका पूरा मुंह फूला हुआ था ,बस।
और मैंने एक हाथ में अपनी ममेरी ननद की दोनों चिट्टी कलाइयां जकड़े जकड़े , दूसरे हाथ से कस के गुड्डी के गोरे चिकने गाल दबा दिए।
चिरइया ने चोंच खोल दी , बस।
और उनके होठों ने कस के अपने होंठों के बीच उस किशोरी के रसीले होंठ , और अब गुड्डी के सर को उन्होंने कस के दोनों हाथों से पकड़ लिया।
उनके होंठ गुड्डी के होंठो को भींचे उस के होंठ का रस ले रहे थे और गुड्डी के मुंह में उनके मुंह का सारा धुंआ ,
बिचारी ,ननदिया न खांस सकती थी , न स्मोक निकाल सकती थी।
जिंदगी का पहला स्मोक ,अपने भैया के होंठों से।
और तबतक सिगरेट उन्होंने मेरे हाथों में बल्कि मेरे होंठों को सौंप दी थी ,
और मैं उनसे भी जोर जोर से कश ,मेरा मुंह धुंए से पूरा फूल गया लेकिन मैंने निकलने नहीं दिया ,
और जैसे ही उन्होंने गुड्डी को छोड़ा तो बिना एक पल की देरी किये ,गुड्डी के होंठ मेरे होंठों के बीच और मेरे मुंह का धुंआ ,
सीधे गुड्डी के मुंह में।
कहने की बात नहीं जब वो गुड्डी के किशोर उभारों पर सिगरेट का धुंआ छोड़ रहे थे , जब उनके होंठ गुड्डी के होंठो से चिपके थे और उनके मुंह का धुंआ गुड्डी के मुंह में जा रहा था और जब मेरे मुंह से ,...
सारी की सारी फोटुएं मेरे मोबाइल में कैद।
सिगरेट बस अब थोड़ी सी बची थी ,लेकिन मैंने उन्हें हड़काया।
" यार ये हमारे कमरे में आयी है , गेस्ट है ,स्पेशल गेस्ट और तू अकेले अकेले सुट्टा मारे जा रहा है , ज़रा इसको भी तो सिग्गी का ,.... "
और एक बार फिर मैंने गुड्डी के पीछे वाली जगह ,गुड्डी की दोनों कलाइयां मेरे हाथ की पकड़ में
और गुड्डी का मुंह खुलवाके खुद उन्होंने सिगरेट उस टीनेजर के मुंह में खोंस दी।
" अरे थोड़ा सा , हाँ और जोर से सक कर , इंजॉय द फील , थोड़ी देर अपने मुंह में रहने दे , फिर निकालना। अरे तुम तो एकदम एक्सपर्ट हो गयी यार ,अगली बार तो तू स्मोक के छल्ले बना लेगी। "
वो प्यार से अपनी बहिनिया को समझा रहे थे ,
एक दो कश में सिगरेट लेकिन खतम हो गयी।
निगाह उनकी लेकिन गुड्डी की मस्त कच्ची अमिया पर टिकी , और गुड्डी उसे ढकने छिपाने के लिए कुछ कर भी नहीं सकती थी।
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12-06-2020, 02:29 PM
(This post was last modified: 29-08-2021, 02:58 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
गुड्डी
क्या कोई लौंडा ,किसी सत्रह साल की लौंडिया की चुम्मी लेगा , जिस तरह मैंने उनके मस्त माल की ली,
पुच्च पुच्च ,
सीधे उसके मस्त गोरे गुलाबी नमकीन गालों पे ,
और फिर मेरे होंठ गुड्डी के रसीले होंठों से चिपक गए
और फिर कुछ ही देर में मेरी जीभ उसके रेशमी मुंह के ाडणार ,गोल गोल ,उसके मुखरस का रस पान कर रही थी।
हाथ क्यों पीछे रहते , खुले टॉप से झांकते दोनों उभारो को एकदम खुल के मेरे हाथों ने मीजना मसलना शुरू कर दिया।
उसकी खुली टांगों और फैली जांघों के बीच मेरी टाँगे , बस अब एक हाथ उसके किशोर भरे भरे नितम्बो को दबाती निचोड़ती ,
और दूसरा हाथ गुड्डी के टेनिस बाल साइज बूब्स को दबाता मसलता ,
मैंने कनखियों से देखा इनकी ओर,
असर जबरदस्त था , खूंटा एकदम टनटनाया।
" तीसरा इंस्ट्रक्शन " ,
मैंने गुड्डी के कान में फुसफुसाया ,
" अभी तेरे भइया तुझे एक पेसल सिगरेट देंगे ,मस्त मसाले वाली , तुझे खुद बनानी होगी। बस एक पाऊडर है उसे थोड़ा तम्बाकू में रगड़ रगड़ कर मिलाना होगा और फिर सिगरेट के पेपर में रोल करके , सीख लेगी तू ,
और अगर ये तूने कर लिया न तो ग्रेट कंसेशन / एक अच्छी सीधी साधी बच्ची की तरह तू मेरी सब बातें मान रही हैं न ,तो बस तेरी चार घंटों की गुलामी ब्रेक कर के सिर्फ दो घंटे की आज ,और दोघंटे की कल।
तो बस ठीक ढाई बजे तूने शुरू किया था न तो बस साढ़े चार बजे तेरी आज छुट्टी ,बाकी कल। "
" हाँ ,भाभी " मुस्कराकर वो बोली।
और अब मैंने उनको इंस्ट्रक्शन दिया।
गुड्डी को अपने चंगुल से छोड़ उनकी ओर मुड़ कर मैं बोली ,
" सुन , वो सिगी तो मैंने और तूने ही , बिचारी गुड्डी को तो मजा ही नहीं मिला।
वो वाला निकाल न , अरे वही स्पेशल वाला ,पाउडर अलग और ,.. .अरे बना लेगी सिगी ये , मेरी ननदिया बड़ी हो गयी है ,अब बच्ची थोड़ी ही रही ,सब मजे लेगी , "
और गुड्डी के गाल मैंने कस के पिंच किये , मेरी उँगलियों ने भी हलके से उसके किशोर बूब्स को सहला दिया।
वो सिहर उठी ,
पर तबतक वो झुके बॉटम ड्राअर में अजय जीजू का दिया हुआ कश्मीरी पेसल , वही जो बुर की बुरी हालत कर देता था।
पर यही तो मैं चाहती थी ,मेरी ननदिया की बुर की बुरी हालत हो जाए आज।
और कुछ देर में वो गोरी गोरी एलवल वाली बांकी छोरी , अपनी गोरी गोरी गदोरियों पर,
गोरा गोरा पाउडर तम्बाकू के साथ मसल रही थी , मसल रही थी ,मिला रही थी।
देख कर कोई कह नहीं सकता थी की आज पहली बार वो ' पेसल सिगरेट ' बना रही है।
और मैं , क्लिक ,क्लिक क्लिक , उसके फोन पे भी और अपने फोन पर भी , वीडियो और स्टिल दोनों।
ताकि सनद रहे और वक्त बेवक्त काम आये।
गुड्डी तम्बाकू में वो ' पेसल मसाला ' मिला के मसल रही थी , जो अजय जीजू ने दिया था , उसका तो एक कश ही बड़ी बड़ी खेली खायी की बुर में आग लगा देता था , और ये तो कच्ची कोरी थी ,
आज इसके सामने इसके भैया ने आम खाया , इसे खिलाया ,
उसी आम की फांक पर कटोरी भर उसके उसी ' सीधे साधे भैया ' की गाढ़ी रबड़ी मलाई , उसके होंठों के अंदर ,...
उसके भैया ने मेरे साड़ी उसके सामने
अपने हाथ से तहियाई , सम्हाल के अलमारी में रखी
सिगरेट पी और उसे जबरदस्ती पिलाई भी ,
और खुद वो ' पेसल मसाला ' मिला के सिगरेट बना रही थी , उसके भइया उससे बनवा रहे थे ..
और उसके सारे फेसबुक , व्हाट्सऐप अकाउंट , मेल और फोन मेरे कब्जे में था ,...
मुझे गीता की बात याद आ रही थी ,
" भाभी उसे रखैल बना के तो रखेंगे ही , छिनार तो वो है ही , लेकिन असली चीज़ उसे रंडी बनाने की है , मज़ा तब आएगा ,
भैया क लंड तो वो खायेगे ही , जिसका आप कहोगी उसका घोंटेंगी , बुर में गांड में ,...
लेकिन मजा तो तब है जब वो खुद लौंडे पटाये , किसी लौंडे को देख के उसकी चूत में खुद खुजली मचना शुरू हो जाए ,
लड़के से ज्यादा उसको चुदवास लगे , ... जब लौटे तो अगवाड़े पिछवाड़े से सरका टपकता रहे ,... "
प्लान मेरा भी यही था ,
लेकिन उसके लिए उसे आज से ही तैयार करना था ,
और उसके अपने शहर में ही , उसके गली मोहल्ले के लौंडों को भी तो पता चला जाये , की गुड्डी रानी अब असल में जवान हो गयी है,
बुर उसकी फाड़ेंगे तो उसके भैया ही , सिर्फ फाड़ेंगे ही नहीं उसे एकदम चुदक्कड़ बनाएंगे ,
और उसे गाभिन भी करेंगे , वो भी धोके से नहीं उसे बता के ,
मम्मी के सामने अपनी बहन का पेट फुलायेंगे ,...
और पूरे नौ महीने बाद वो बियाएगी , ...
गीता ने तो उनसे दस बार कसम खिलवाई होगी , पहलौंठी के दूध की ,... मैं थोड़ी ढीली भी पड़ूँगी तो गीता तो पक्का इसे गाभिन करवाएगी ,...
पर जब तक ये अपने शहर में है , ज़रा उसके शहर के लौंडों का भी फायदा हो जाये , कम से कम अच्छे से चक्षु चोदन कर लें ,
उन के शहर का जिला टॉप माल ले जा रहीं हूँ , ...
और इसके लिए जरूरी है इसे नैन मटक्का करना , लौंडों को लाइन मारना ,
जोबन उभार के उन्हें ललचाना आ जाए ,
मेरी निगाह उस की मोबाईल के खुले फेस बुक पेजों पर पर पड़ी ,
जैसे मैंने उसकी हॉट हॉट पिक्स लगाई थीं , फ्रेंड की रिक्वेस्ट बढ़ती जा रही थी , और मैं सबको एक्सेप्ट कर रही थी साथ में घटिया शेर भी एक दो जवाब में ठोक दे रही थी ,
लेकिन गुड्डी का ध्यान सिर्फ उस पेसल सिगरेट में और बस दो मिनट में वो उसके गुलाबी होंठों के ,
पहले सुट्टे में ही , ख्हों ख्हों , हालत खराब हो गयी उस की।
" खबरदार , निकलना नहीं , होल्ड इट , एकदम मुंह के अंदर स्मोक " मैं गरजी और साथ में मेरा हाथ उठा ,
वो एकदम से सहम गयी ,किसी तरह मुश्किल से धुंआ , वो भी पेसल सिगरेट का होल्ड कर रही थी।
मैंने बख्स दिया और अपनी टीनेज ननद के चेहरे से चेहरा सटा के बहुत धीमे धीमे प्यार से बोली ,
" जस्ट इंज्वाय इट बेबी , फील हाउ हाट इट इज ,एंड यू विल आलसो बी हाट। और कस के सुट्टा ले , पूरी ताकत से , हाँ बस इस मस्त धुंए को कम से कम डेढ़ दो मिनट तक मुंह के अंदर रख , चाहे कुछ हो जाय। "
और गुड्डी के कुंवारे रसीले होंठो को मेरे होंठों ने सील कर दिया।
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12-06-2020, 02:36 PM
(This post was last modified: 29-08-2021, 06:11 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
जोर का सुट्टा
मैंने बख्स दिया और अपनी टीनेज ननद के चेहरे से चेहरा सटा के बहुत धीमे धीमे प्यार से बोली ,
" जस्ट इंज्वाय इट बेबी , फील हाउ हाट इट इज ,एंड यू विल आलसो बी हाट। और कस के सुट्टा ले , पूरी ताकत से , हाँ बस इस मस्त धुंए को कम से कम डेढ़ दो मिनट तक मुंह के अंदर रख , चाहे कुछ हो जाय। "
और गुड्डी के कुंवारे रसीले होंठो को मेरे होंठों ने सील कर दिया।
"अरे गुड्डी बाई , ज़रा सा धुंआ नहीं ले पा रही अंदर तो मोटे मोटे मूसल कैसे घोंटेंगी अंदर , स्साली धुंआ अंदर ले और सोच अपने भइया का मोटा लंड ले रही है , "
साथ साथ मैं उसकी छोटी छोटी चूँचियों को ,
जिन्होंने सिर्फ एलवल की नहीं , पूरे शहर के लौंडो की नींद हराम कर रखी थी , दबा रही थी , मसल रही थी , ...
पूरे दो मिनट तक , और इस बीच बेचारी का चेहरा एकदम सुर्ख ,आँखे लाल ,...
यही तो मैं चाहती थी ,और मैंने उसे समझाया ,
" यस यू कैन एक्जेल नाउ , लेकिन नाक से वो भी धीरे धीरे , मुंह ज़रा भी नहीं खुलना चाहिए। "
गुड्डी ,क्या करती , धीमे धीमे सीख रही थी ,और उस के नाक से धुंआ ,...
थोड़ा सा धुंआ नाक से निकला , एकदम सीधे उसके सर चढ़ा होगा , एकदम असली माल था उस सफ़ेद पाउडर में ,
एक दो सुट्टे में तो खेली खाई की हालत खराब हो जाती थी ,ये बिचारी तो एकदम नयी बछेड़ी। एकदम वर्जिन विद वियाग्रा।
लेकिन मैं थी न उसकी भाभी , उसका साथ देने के लिए ,सिखाने के लिए। मैंने फिर बोला ,
" सच में मेरी बांकी ननदिया बड़ी हो गयी है ,चल एक सुट्टा और मार लेकिन अबकी पूरी ताकत से ,और अबकी दो मिनट से ज्यादा होल्ड करना। "
मैं प्यार से उसके कच्चे उरोजों को सहलाते लम्बे लम्बे बालों को हलके हलके हलके छू रही थी।
धीमे धीमे उसकी होल्डिंग पावर बढ़ रही थी , तीन चार सुट्टे में उसकी हालत एकदम खराब ,
उसके हाथ से सिगरेट लेते हुए मैंने उसे सिखाया ,
"देख ऐसे पकड़ , एकदम सेक्सी अंदाज में , मंझली ऊँगली और तर्जनी के बीच "
सिगरेट पकड़ते हुए मैंने पकड़ना सिखाया।
( अभी तो मेरी ननद रानी को बहुत चीजें मुझे पकड़ना सिखाना था ) ,
" और फिर जब अपने होंठों के बीच में इसे रखो न तो बस जस्ट लर्न तो इंज्वाय द फील आफ सिगी आन योर सेक्सी हॉट लिप्स। और उसके बाद धीमे धीमे सक करो , यू नो व्हाट आई मीन ,... नॉटी , आई मीन लॉलीपॉप , तुझे तो लॉलीपॉप चूसना बहुत अच्छा लगता है न एकदम वैसे , और फिर थोड़ी तेजी से एंड देन सक द स्मोक , जस्ट होल्ड इट इन योर माउथ , जित्ता देर मुंह में होल्ड कर पाओगी न उत्ता ही अच्छा लगेगा। एंज्वॉय द वार्म्थ ,द फील,... "
और मैंने जोर का सुट्टा लगाया ,सिग्गी एकदम दहक़ उठी , लाल लाल।
गुड्डी एकदम ध्यान से मेरी एक एक बात सुन रही थी देख रही थी , सीख रही थी।
माना उसकी नथ तो उसके प्यारे बचपन के यार उसके भैय्या से ही मैं उतरवाने वाली थी , लेकिन
मैं भी तो दीवानी थी उन मस्त कच्चे टिकोरों के ,मुझे भी कुतर कुतर कर , फिर उसके भैया तो ऑफिस चले जाएंगे , फिर तो मैं ही उसका भोग लगाउंगी। बहुत दिन होंगे ऐसी किसी कच्ची बछेड़ी को जबरदस्ती जाँघों के बीच दबोचे , रगड़े। फिर सिर्फ मैं थोड़ी उसका भोग लगानेवालियों की अभी से लम्बी वोटिंग लिस्ट, इनकी सास ,लेडीज क्लब की प्रेजिडेंट मिसेज खन्ना और ,... लेकिन वो सब बाद में अभी तो , ...
एक जोर का सुट्टा और मारा मैंने ,सब का सब धुंआ मेरे मुंह में , और इन्हे सिगरेट पकड़ा दी ,
गुड्डी जान रही थी क्या होनेवाला है ,बल्की वेट कर रही थी।
बस मैंने अपनी छुटकी ननदिया को दबोच लिया। और इस बार मेरी फीलिंग्स साफ़ थीं ,
इट वाज़ अ लवर्स इम्ब्रॉस।
….
और गुड्डी ने भी अबकी उसी तरह जवाब दिया ,कोई जबरदस्ती नहीं सब कुछ राजी ख़ुशी
मेरी आँखों की भूख गुड्डी साफ़ साफ़ देख रही थी और अब मैं भी उसकी रतनारी आंखों में प्यास देख रही थी.
मेरे भूखे होंठ गुड्डी के किशोर रसीले होंठो पर रगड़ रहे थे और अबकी गुड्डी ने खुद होंठ खोल दिए और ,
मेरी जीभ उसके मुंह में और साथ में धुंआ , उसके तीन चार सुट्टे से ज्यादा धुंआ मेरे एक बार में और सब का सब उस किशोरी के मुंह में।
उसके होंठ अब सील हो चुके थे , मेरे होंठ चूस चूस कर , हलके से काट कर , क्या कोई लड़का रस लेकर चूमेगा , चूसेगा जिस तरह मैं उसके होंठ चूस रही थी। उसके होंठ अब तब तक नहीं खुलने वाले थे जब तक वो सारा धुंआ ,उसकी शिराओं ,धमिनियों में अच्छी तरह नहीं घुल कर , उसकी देह उसका दिमाग सब कुछ ,
और साथ में मेरे हाथ , अब खुल के ,एक ने तो टॉप के अंदर सेंध लगा दी और उसकी गदरायी चूँचियों को खुल के दबाने रगड़ने लगे। दूसरा हाथ स्कर्ट उठा के उसकी दो इंच की छोटी सी थांग के ऊपर से उसकी चुनमुनिया को रगड़ रहा था , और मेरी ननद रानी की चुनमुनिया भी गीली हो रही थी ,फुदक रही थी। गुड्डी भी रिस्पांस कर रही थी ,मेरे चुम्बन के जवाब में अब उसके होंठ भी मेरे होंठों को चूम चूस रहे थे , उसके कच्चे टिकोरे मेरे बड़े बड़े जोबनो के धक्के का जवाब धक्के से दे रहे थे , उसका आलिंगन भी , अब वो पूरी तरह खो चुकी थी ,
और उधर उसके भैय्या सिग्गी का सुट्टा,
चार मिनट गुजर चुके थे , गुड्डी एकदम गरम और सिगरेट की तरह मैंने भी अपनी ननद को पास कर दिया ,
बिना बोले मेरी आँखों ने बोल दिया ,
योर्स लेकिन एकदम खुल के ,...
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12-06-2020, 02:54 PM
(This post was last modified: 30-08-2021, 05:44 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
भैय्या ,यू आर सो गुड ,
चार मिनट गुजर चुके थे , गुड्डी एकदम गरम
और सिगरेट की तरह मैंने भी अपनी ननद को पास कर दिया ,
बिना बोले मेरी आँखों ने बोल दिया ,
योर्स लेकिन एकदम खुल के ,...
मेरा इशारा काफी था ,
और अब सिग्गी का धुंआ एक बार फिर उसके भैय्या के मुंह से गुड्डी के मुंह में ,
जोर से कचकचा के उन्होंने गुड्डी के गुलाबी होंठ भींच रखे थे , चुम्मा चाटी ,
चूँचियो की खुल के रगड़ा रगड़ी , और सबसे बढ़ के ,
उनके एकदम तने खूंटे ने सीधे गुड्डी के पनियाई थांग पे ठोकर मारनी शुरू की।
मेरे हाथों के फोन , क्लिक ,क्लिक क्लिक ,
भाई बहन की ये एकदम हॉट हॉट सिजलिंग सेक्सी ,
और गुड्डी भी पूरी तरह से उनका साथ दे रही थी।
जो एक दो इनकी उसकी थोड़ी कम हॉट लेकिन किस्सी नजर आ रही थी ,
वो मैंने गुड्डी के फेसबुक पेज पे ,एक नयी प्रोफ़ाइल पिक्चर
और सिग्गी भी अब एक बार फिर से गुड्डी के होंठों के बीच।
जब वो सिग्गी ख़तम हुयी तो तीन तीन बार हम तीनों ने लेकिन दो तिहाई उस पेसल का धुंआ गुड्डी ने ही घोंटा।
( अभी तो बहुत कुछ घोंटना था उसे अगवाड़े ,पिछवाड़े )
और उस 'पेसल धूँए' का असर उसके चेहरे पर साफ़ दिख रहा था ,
आँखे एक दम लाल लाल डोरों से भरीं , चेहरे पर एक अलग तरह की मस्ती ,
कैसे बताऊं ,
बस ये समझिये , जैसे कातिक में कुतिया गरमाती है न , बस एकदम वैसे , अ बिच इन हीट।
कुछ भी करने कहने को तैयार।
" हे यू इन्जॉयड द स्मोक न "
" हाँ ,भाभी , ... " मुस्कराते वो बोली।
उस खास सिग्गी का असर अब उसके सर चढ़ के बोल रहा था।
" अरे तो अपने भैय्या से बोल न ,उन्होंने तो तुझे दिया , तुझे पिलाया। "
मैंने अपनी 'सीधी साधी ' ननद को और चढ़ाया।
गुड्डी एकदम उनसे चिपक के बोली ,
" भैय्या ,यू आर सो गुड , सिग्गी बहुत अच्छी थी , आई इंज्वॉयड द स्मोक ,एकदम मस्त "
और सब कुछ मेरे इन्तजार करते कैमरे में , उसकी और उसके भैय्या की बातचीत।
" अच्छा लगा न तुझे "
गुड्डी को आलमोस्ट हग करते वो बोले , उनके होंठ गुड्डी के होंठों से इंच भर भी दूर नहीं थे।
" हाँ एकदम भैय्या ,बहुत मजा आया " वो बोली।
और सब कुछ कैमरे में , अब कौन कह सकता था की उसे धोखे से या जबरदस्ती सिग्गी हमने पिलाई।
" हे देख तेरी ये प्यारी बहिनिया एकदम टॉपलेस है ,उसके निप्स भी देख सकते हो ,... "
मैंने उनसे कहा और टॉप और ब्रा ज़रा सा सरका के अपनीजवान होती ननद के मटर के दाने ऐसे गोल गोल कड़क निप्स पूरे तरह उघार के उन्हें पकड़ के दिखा दिए ,खूब जोर जोर से फ्लिक किया , पुल किया और ललचाते हुए उन्हें दिखाया
फिर और जोड़ा ,
" और मैंने भी साडी कब की उतार दी है , तो बस अब तेरी शर्ट ,.. "
और फिर उनकी छुटकी बहिनिया को चढ़ाया
" यार तू भी आलमोस्ट टॉपलेस मैं भी बिना साडी के ,तो इनकी शर्ट क्यों बची है ,उतार दे न अभी। "
" एकदम भाभी आप हरदम सही बोलती हो , ये तो नाइंसाफी है। " और जब तक वो सम्हलें सम्हलें , गुड्डी ने उन्हें टॉपलेस कर दिया।
और फिर गुड्डी की आँखे एकदम उनकी देह से चिपक गयी ,
उनकी ऐब्स , वी ऐसी बाड़ी खूब चौड़ी छाती लेकिन पतली कमर ,नो फैट्स , और लड़कियां जिस पे मरती है ,सिक्स पैक्स।
और असली चीज शार्ट में तम्बू ताने खड़ी ,उनका मोटा तगड़ा साढ़े सात इंच का खूंटा ,
दो मोबाइल एक साथ बजे , एक मेरे हाथ में , गुड्डी वाला , और एक इनका ,...
मैंने इनके मोबाइल की ओर देखा , मिस्टर खन्ना का ,... अब वो तो ये इग्नोर नहीं कर सकते थे , और दस पंद्रह मिनट की छुट्टी ,
मैंने गुड्डी की मोबाइल की ओर देखा ,...
एक अनजान नंबर था , बिना नाम का ,...
मैं समझ गयी , अभी जो मैंने गुड्डी की हॉट हॉट फोटो के साथ उसके मोबाइल के दसो नंबर उसके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर दिए थे , बस उसी का नतीजा ,...
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कोमल जी उफ़्फ़ क्या लिखती हो आप
ये अहसास में शब्दों में कैसे पिरो पाऊँगी
कन्या-रस की शौकीन एक औरत के लिए गुड्डी जैसी लॉटरी उफ़्फ़ क़यामत आने वाली है आगे
बस लिखती रहो लाजवाब लेखन है खो गयी आज तो उफ़्फ़
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कोमल जी लाजवाब अपडेट
गुड्डी आप के पास आ गयी है
कहानी में नया रोमांच आ गया है
जीजू ओर भाभी दोनों का असली वाला प्यार मिलेगा गुड्डी रानी को
Intzaar rahega
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