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गारी की धार
और द्वारपूजा , गोधूली बेला में , जैसा मम्मी चाहती थी , और मम्मी से ज्यादा उनके दामाद , ..हर शादी में दूल्हे के तैयार होने में टाइम लगता है लेकिन ये तो कब से तैयार बैठे थे , ...
और गाने , गारियाँ ,.. आज कल तो पूरी शादी में एकाध गाने , वरना वही डी जे ,
गाँव की सारी औरतें , मेरी बहने भाभियाँ , चाची बुआ , ...
और सबसे बढ़कर काम करने वाली , नाउँन कहाईन , फिर बहने
हथिया हथिया सोर कइले , गदहों न लियैले रे ,
तोर माई गदहवा चोदी नमवा हंसएले रे ,....
......
गारी की धार टूट नहीं रही थी , इनकी बुआ , माँ , चाची कोई नहीं बचा ,
और शादी ठीक दस बजे बैठ गयी थी , और शादी शुरू होते ही
" अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,स्वागत में , अरे स्वागत में
अरे दूल्हे के तन पे सूट नहीं है ,अरे उसको उसको तो ,
... अरे उसको तो साडी और ,अरे साडी और ब्लाउज पहनाओ।
अरे उसको तो चोली पहनाओ ,अरे उसको तो
( तब तक मम्मी ने एक लाइन जोड़ी , अरे उसके तन पर बंडी नहीं है , बंडी नहीं है
उसको तो ब्रा पहनाओ ,अरे उसको तो ब्रा पहनाओ )
फिर मेरी सहेलियां बहने भाभियाँ चालू हो गयीं
अरे स्वागत में गारी सुनाओ अरे स्वागत में ,
दूल्हे के कलाई में घड़िया नहीं है , अरे उसको तो अरे उसको तो चूड़ियां पहनाओ।
अरे स्वागत में गारी सुनाओ , मेरी सखियों स्वागत में अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,
अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में रंडी नहीं है,
दूल्हे की बहना नचाओ ,अरे नीतू और ज्योति को नचाओ।
मेरी सहेलियां , बहने , ... लेकिन दो चार गांरी के बाद ही असली गारियाँ शुरू हो गयीं ,
और कौन रीतू भाभी , साथ में नाउन की लड़की ,
लेकिन कुछ देर में मेरी सहेलियां बहने सब ,
चने के खेत में बोया था रोड़ा , ... मिली छिनरिया को ले गया घोडा
घोंट रही लौंडा , चने के खेत में , ...
लीपी पोती ओखरिया हमारे बीर बलिया ,
उस पर राखी पेटरिया , हमारे बीर बलिया।
ओहि पेटरी उतारे गयीं ,दुलहा का बहिनी , अरे गीता छिनरिया अरे भोंसड़ी में धंस गए लकडिया ,
हमारे बीर बलिया
दौड़ा दौड़ा हो भाभी के भइया , दौड़ा हो अजय भैया , अरे मुंहवा से निकाला लकडिया
और फिर मेरे चचेरे , ममेरे फुफेरे भाइयों भाइयों का नाम उनकी बहनों से जोड़ के ,और वो भी लिस्ट देखकर जिसकी सेटिंग जिससे कराई गयी , उसी उसी का नाम जोड़ जोड़ कर
चने के खेत में पड़ी थी राई , अरे संजय भैया करें मीता की चुदाई ,
मैंने किसी से पूछा था ,
शादी में टाइम कितना लगेगा , तो पता चला की पांच छह घंटे कम से कम
लेकिन तीन साढ़े तीन घंटे में ही , डेढ़ बजे तक ही शादी की सारी रस्में ख़तम हो गयीं
( ये तो बाद में चला की इसके पीछे भी यही थे , पंडित जी से सांठगाठ थी , एडिशनल दक्षिणा , स्पीड बढ़ाने के लिए )
और अगर पंडित जी थोड़ा भी धीमे पड़े या इधर उधर बोला तो बस गांव की औरतें गारी का रुख सीधे पंडित जी की ओर मोड़ देतीं ,
तानी जल्दी जल्दी मन्त्र उचारा पंडित जी ,
पंडित पंडित जी , अरे
अरे तोर बहिनिया रंडी जी , ...
.....
एक रूपया दो रूपया नेग न लिहा पंडित जी ,
दूल्हा के बुआ के नेग में मांग लिहा पंडित जी ,
हमारे गांव की नाउन , लड़के वालों के नाउ के पीछे पड़ी थी , चिढ़ा रही थी , आपन नउनिया के उंहा छोड़ के आये हो ,
खूब कबड्डी खेल रही होगी , ...
इनके साथ के कुछ आईआई टी के लड़के भी आये थे , उन्हें रेडिसन होटल में टिकाया गया था ,... लेकिन लड़कियां मेरे यहाँ की ,..
उन सबका भी नाम पता कर लिया था , सब एक से एक चिकने ,... और उनमें से किसी ने कुछ बोल दिया तो बस सब की सब उसके पीछे ,
दूल्हे का दोस्त अपनी बहन का भंडुआ है , ...
वो स्साला चिकना , ... गंडुआ है।
...
हाँ बस एक मोर्चे पर लड़के वाले जीत गए लेकिन वो भी टेम्पोरेरी थी ,
जी , जूते ,
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कोहबर में माने थे की पहली होली ससुराल में अपने , और कहाँ ये सब , ... परपंच ,...
इसीलिए तो मेरी कहानी न कोई पढ़ता है न कमेंट करता है , बात कहाँ से शुरू करती हूँ , कहाँ पहुंचा देती हूँ , ... तो चलिए कोहबर की बात सीधे ,...
आपकी लेखनी कमेंट करने लायक छोडती ही नहीं है। सिर्फ पठते जाओ और उसमें खो जाओ।
खूबसूरत लेखन
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(31-05-2020, 04:39 PM)Black Horse Wrote: कोहबर में माने थे की पहली होली ससुराल में अपने , और कहाँ ये सब , ... परपंच ,...
इसीलिए तो मेरी कहानी न कोई पढ़ता है न कमेंट करता है , बात कहाँ से शुरू करती हूँ , कहाँ पहुंचा देती हूँ , ... तो चलिए कोहबर की बात सीधे ,...
आपकी लेखनी कमेंट करने लायक छोडती ही नहीं है। सिर्फ पठते जाओ और उसमें खो जाओ।
खूबसूरत लेखन
आप भी न , ... लेकिन बात तो मैंने सही ही कही थी ,... लेकिन अभी तो शादी की छेड़छाड़
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आपकी लेखनी में, कहानीओ में, छेड़छाड़ के अलावा और कुछ नहीं होता, फिर वो शादी की हो या फिर ............। दिल को गुदगुदा जाता है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(01-06-2020, 12:18 PM)Black Horse Wrote: आपकी लेखनी में, कहानीओ में, छेड़छाड़ के अलावा और कुछ नहीं होता, फिर वो शादी की हो या फिर ............। दिल को गुदगुदा जाता है।
Thanks next post soon
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(04-06-2020, 07:46 PM)UDaykr Wrote: बहुत खूब
आगे बढाइये।
thnks bas jald
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जूते
हाँ बस एक मोर्चे पर लड़के वाले जीत गए लेकिन वो भी टेम्पोरेरी थी ,
जी , जूते ,
मेरी दोनों बहने , चार सहेलियां सब मोर्चे पर लगी थीं , ...
लेकिन उनकी कजिन मीता ने खुद अपने हाथ से इनके जूते उतारे
और जब तक हमारी ओर की लड़कियां झपटें ,मीता ने उसे अपने कजिन अनुज को दे दिया , ...
और मेरी बहने एक पल के लिए ठिठकीं पर जब हिम्मत कर उधर लपकी तब तक जूते उनकी एक दुसरे कजिन के पास और देखते देखते गायब
अब उधर की लड़कियों को चिढ़ाने का मौका मिल गया , ...
जूते तो चुरा नहीं पाए , नेग किस बात का मांगोगी , ...
और ऊपर से वो सब ये भी बोलतीं ,
जूता यहीं है , ढूंढ लो , खाली बोल दो किसके पास है , बस ,...
बेचारी मेरी बहने , ...
वो मेरी एक सहेली ने गुड्डी को देखा , ...
लम्बी सी स्कर्ट पहने उकडू मुकड़ू बैठे थी बहुत देर से , ...
जरा भी हिल नहीं रही थी , और कौन वही गुड्डी दर्जा आठ वाली , एलवल वाली ,
बस मेरी सहेली और मेरे कजिन संजय ने मिल के एक प्लान बनाया
, संजय बगल में बैठी किसी लड़की को पानी देने गया , और आधा पानी सीधे उंकड़ू बैठी गुड्डी के स्कर्ट के बीचो बीच ,
झन्नाटे से वो गुस्से में अलफ़ उठी ,
और उसकी स्कर्ट के नीचे जूते ,
बस मेरी दो सहेलियां पहले से तैयार थीं , जब तक उनके ओर की लड़कियां सम्हलें , समझे ,
वो दोनों जूते लेकर चम्पत , ... और अब एकदम कोहबर के सामने से हम लोगों की ओर की लड़कियां जोर जोर से हो हो ,
ऊपर से गाँव की औरतें सब, गुड्डी के पीछे पड़ गयीं ,
" अरे इतना जोर से लगी थी तो बाथरूम चली जाती , कुल कपडा गीला कर दिया , ... "
+कोई बोलती ,
" "चलो बहुत जोर से लगी थी , हो गयी , कोई बात नहीं अरे अब से कपडे चेंज कर लो ,... "
गुड्डी की स्कर्ट जाँघों पर ' ठीक उसी जगह ' खूब अच्छी तरह गीली हो गयी थी , संजय ने आधा जग पानी पूरा एकदम ' सेंटर ' पर ही उड़ेल दिया था और ऊपर से जाड़े की रात ,
और ऊपर से संजय एक टॉवेल ले के सीधे उसकी जाँघों बीच ,
वो और जोर से बिचकी , ...
पर अब सब गालियाँ अब सीधे गुड्डी का नाम ले ले के , कोई बोले
"इस उम्र में चूत नहीं भोंसड़ा है , दो दो जूते घोंट लिए ,..."
अरे एतना चोदवास लागल रहे तो घराती में इतने लौंडे मरद हैं , केहू से चोदवा लेतीं , चलो अभिन रात बाकी है , आज घरतीयन क लौंडन क भी मजा होये जाएगा '
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
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जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
और शादी जब एक सवा बजे ख़तम हुयी तो सब लोग कोहबर के लिए और इनका रास्ता , मेरी बहनों , सहेलियों भाभियों ने घेर लिया ,
जितनी हचमच , मस्ती हंगामा उस दिन कोहबर छेकने में उस दिन हुयी थी ,
मैंने भी गाँव में कित्ती शादियों में बहनो के सहेलियों के , कोहबर छेंका था , लेकिन जो घमासान उस दिन हुआ , ...एक तो भौजी ने मेरी सहेलियों को पांच दिन पहले से घर में रोक लिया , ...
मेरी बहनो कजिन्स , गाँव की भौजाइयों सब से एकदम खुल गयीं थी और सब के साथ मिल के , ... एकदम पक्का चक्रव्युह उन सबों ने रचा था
, सब से आगे छुटकियाँ , मेरी दोनों छोटी बहनें , ...उनकी सहेलियां , मेरी छोटी कजिन्स , गाँव की छोटी उम्र की लड़कियां
उसके पीछे मेरी सहेलियां , मेरी उम्र वाली कजिन्स ,
भाभियाँ
और सब से बाद में गाँव की औरतें , साथ में काम करने वालियां ,...
पर मज़ा ' उन लोगों ' के कारण आया ,
बरात में आयी सारी लड़कियां ( डेढ़ दर्जन से तो ऊपर ही थीं ही ) , इनके कालेज के दोस्त ,कजिन्स , और मेरी जेठानी ,
घर के बड़े लोग चले गए थे बारात के , तो इस लिए और फिर गारियों ने रही सही लाज लिहाज ख़तम कर दिया था , ... सच बोलूं तो बाराती सब , २० नहीं तो १९ भी नहीं थे ,
पर रीतू भाभी थी न हमारी ओर , और उन्होंने ही शर्त लगाई , ...
" जूता मिलेगा , पर सिर्फ नेग साथ में ये भी चाहिए ,... "
और उन्होंने गुड्डी की ओर इशारा किया ,
वही उनकी ममेरी बहन , एलवल वाली ,...
जिसने अपनी स्कर्ट के नीचे इनके जूते छिपा रखे थे और ढूंढते ढूंढते मेरी बहनों ,सहेलियों की हालत खराब हो गयी थी।
" अरे नन्दोई जी , घाटे का सौदा नहीं है , इसके बदले में देखिये आपके सामने कितनी साली , सलहज हैं सब ,... और फिर अरे हम हरदम थोड़े ही ,
बस चौथी में सब तोहरे साले जाएंगे उनही के साथ वापस , तबतक तानी गांव क मजा , अरहर और गन्ने क खेत में , ... "
रीतू भाभी ने समझाने की उन्हें कोशिश की ,
और बेचारी गुड्डी अपने भैया के पीछे छिपी जा रही थी ,
तब तक गाँव की मेरी एक भौजी , जिनसे हम सब पनाह मांगती थी , वो मैदान में आ गयीं ,
फिर तो ,... साफ़ अपने भैया के पीछे दुबकी जा रही ,
गुड्डी से उन्होंने बोला ,
" बड़ी ताकत है बूची एह उमर में दोनों जुतवा आपन भोंसड़ा में घुड़ेस लेहलु , .... "
फिर हँसते हुए गुड्डी को समझाते , मनाते हुए ,जोड़ा
"काहें घबड़ा रही हो , अरे पांच छह दिन क बात है , तुमको भी तरह तरह क मज़ा मिलेगा , ... अरे एक साथ दो दो जूता जो ले ले उसको तो दो दो लंड से कम में काम नहीं चलेगा , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों , ... "
और फिर उनका साथ देने के लिए मेरी नाउन की बहू , गाँव के रिश्ते से भौजाई , ..
और वो तो उनसे भी दस हाथ आगे , पहली रात को ही जितनी मेरी सहेलियां शहर से आयी थी , सबका नाड़ा भी खोला और अच्छी तरह से 'इलाके की जांच पड़ताल ' भी की , और उसकी संगत में अब मेरी सारी सहेलियां भी गारी गाने में और गाली देने में एक्सपर्ट ,
तो वो गुड्डी से सीधे बोली ,
" और का , एक बुरिया में और एक गंडिया में , ... काहो बबुनी , सच काहत बानी न , अरे ई मत समझा की बराती में जउन चिक्कन चिक्क्न लौंडे आये हैं उहै खाली गांडू है , अरे एकनाकर बहिनियां कुल अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर से , ... "
मैं घूंघट काढ़े थी ,
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मैं घूंघट काढ़े थी ,
तब भी मैंने कनखियों से देखा , मेरी जेठानी की ऊँगली मोबाइल पर चल रही थी , और फिर रीतू भाभी के मोबाइल में टुंग हुआ ,
और अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , फाइनल ओवर में छक्के लगाने , वो और मेरी जेठानी में खूब सांठगांठ थी और अंदर अंदर दोनों ही , ...
" अच्छा खाली ई बताय दो , बस और कुछ नहीं पूछेंगे , तू एलवल में रहती हो न , ... "
" हाँ तो "
अब गुड्डी रानी के बोल फूटे , पहली बार किसी ने सीधा सवाल पूछा था।
" अरे ओहि गली में जहाँ बाहर गदहे बंधे रहते हैं , है न ,... "
" हाँ वहीँ ,... " अब हिम्मत करके वो सामने आ गयी थी ,
अब लूज बाल पर वही नाउन की बहु ने छक्का मार दिया , अगला सवाल पूछ के ,
" तबै , बस खाली ए बता दाय , ऊ गदहवन क लौंड़ा ,... झांट आवै क पहले से घोंटत हाउ की झांट आवे के बाद से , ... "
और फिर तो इनकी साली सलहज सब इतनी जोर से हंसी की बेचारी की हाल ख़राब होगयी , ...
बात बदलने के लिए उनकी एक और बहन मैदान में आ गयी और हमारी ओर से मेरी बहने सहेलियां मैदान में , ...
मिली बोली
" जाने दीजिये न अंदर , इतने देर से खड़े हैं , भैया ,... "
" अच्छा तो आपको मालूम है आपके भैया कित्ते देर तक खड़े रह सकते हैं , लगता है खूब अंदर करवाया होगा भैया को , ... "
मेरी एक सहेली बोली ,
और छुटकी , मेरी सबसे छोटी बहन भी आ गयी जोड़ने के लिए ,
" अरे जीजू ने प्रैक्टिस इन्ही के साथ की थी , मैं तिलक में गयी थी न वहीँ पता चला था। "
सच में पन्दरह बीस मिनट हो गए थे , और उसके पहले पालथी मार कर शादी में हम लोग तीन घंटे से बैठे थे , ...
मेरे एक कजिन ने एक कुर्सी ला कर मेरे पास रख दी और ये बेचारे खड़े ही रहे , ...
लेकिन तबतक मेरी बुआ ने हड़काया , ...
" अरेलड़कियों आने दो न इनको अंदर , फिर तो इनकी माँ बुआ सबको , ... सब वसूल कर लेंगे , अब देर हो रही है। "
पर उस समय लड़कियां किसी की सुनती हैं , उन्हें तो बस अपने जीजा की रगड़ाई का मौका चाहिए , ...
पर ये एकदम सीधे , बेचारे , ...
जेब में हाथ डाल कर छुटकी से पूछने लगे कितना ,
लेकिन उनके एक दोस्त ने कंधे पर हाथ रख कर इशारे से उन्हें मना कर दिया
और बोला ,
" अरे डिजिटल इंडिया है कैशलेस भारत , ... आप लोग अपना एटीम खोलिये बस हम अपना कार्ड अंदर , और पैसा बाहर , ... "
सच में जैसे घर की लड़कियों को दरवाजे पर छेड़छाड़ में मजा आता है , वही हालत बरात के लड़कों लड़कियों की होती है , एक बार दुलहा कोहबर में चला गया फिर तो , बरात वाले जनवासे वापस ,...
और अब मामला डबल मीनिंग डायलॉग से काफी आगे बढ़ गया था , मेरी एक सहेली ने बारात की लड़कियों की ओर इशारा कर दिया ,
' अरे हर बैंक का ए टीम तो आपके पास है , काहें चिंता करते है ,
और कार्ड ,.. हमारे इतने सब भाई खड़े हैं डालने के लिए ,... हाँ आपके इस एटीम से , पैसा नहीं ,...
ठीक नौ महीने बाद , ... केहाँ केहाँ निकलेगा , पक्की गारंटी , ... कोई रबड़ वबड़ का चक्कर नहीं , ... "
जेठानी ने बीच बचाव कर के आखिर पैसा दिलवा दिया लेकिन तभी लड़कियां एकदम से हटने को तैयार नहीं , ... जीजू पहले गाना सुनाएँ ,..
हर बार जब मैं अपनी सहेलियों बहनों के साथ द्वार छेंकती थी तो कोई भी दुलहा जल्दी गाने के लिए तैयार नहीं होता था , लेकिन ये तो बस , जैसे पहले से तैयार हो के आये थे
जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
देते ना आप साथ तो मर जाते हम कभी के
पूरे हुए हैं आप से अरमान ज़िन्दगी के
हम ज़िन्दगी को आप की सौगात कहेंगे
चाहेंगे, निबाहेंगे, सराहेंगे आप ही को
आँखों में नम है जब तक देखेंगे आप ही को
अपनी जुबान से आप के जजबात कहेंगे
और एकदम बेसरम , ...
मेरा घूँघट मेरी जेठानी ने थोड़ा सा ऊपर कर दिया था , और ये एकदम मेरी ओर देखते ,
चाहेंगे, निबाहेंगे, सराहेंगे आप ही को,
जिस तरह से कह रहे थे , सच में , एकदम नदीदों की तरह मुझे देख रहे थे जैसे मुझे पाने के लिए तो वो कुछ भी करने को तैयार थे ,
वो तो बेसरम थे , लेकिन मैं शरमा रही थी , ... ऐसे थोड़ी ,...
और मेरी एक ननद ने चिढ़ाते हुए कान में कहा भी ,
" अरे भैया , इत्ता मत ललचाइये , ... सुबह ले चलेंगे न भाभी को , ... फिर तो मिलेंगी आप ही को ,... "
मेरी जेठानी मुझे देखते हुए मुस्कराने लगी , और मैं भी मुस्कराहट नहीं रोक पायी ,
लेकिन हालत खराब थी उनकी सालियों की , मेरी बहने , सहेलियां , सब लहा लोट , ... और बस उस गाने के बाद सब उनकी गुलाम , ...
मेरा साथ छोड़कर
सच में उनकी आवाज भी न ,...एकदम मुकेश , ... और एक एक शब्द , एक एक अक्षर ,... जैसे सीधे दिल से निकल रहा हो ,
और बस रास्ता खुल गया , ... उनके कोहबर में जाने का , ...
लेकिन खुल कर भी नहीं खुला ,
उनके दोस्त , कुछ कजिन्स और बारात की लड़कियां जिद कर रहे थे कोहबर में जाने के लिए , ...
और सबसे ज्यादे आगे था अनुज ,
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अनुज ,
इनका ममेरा भाई , गुड्डी का सगा भाई , ... अभी बारहवें में पढ़ता था , वहीँ आजमगढ़ में ही , डी ए वी कॉलेज में ,...
एकदम चिकना , खूब गोरा , एकदम अपनी बहन की तरह , ..रेख बड़ी मुश्किल से दिखती थी , ...
गाल भी खूब मुलायम , बबल बॉटम ,
और गाँव की औरतें जितना बरात की लड़कियों के पीछे नहीं पड़ी थीं , उससे ज्यादा उसके , ...
हर गारी में जब उसका नाम लेकर गायी जा रहे थी , तो ये जरूर जुड़ता ,
अनुजा , स्साला गंडुवा है , अपनी बहिनी गुड्डी छिनार का भंडुवा है , ...
और जब बरात के लड़के जिद्द कर रहे थे की वो भी अंदर आएंगे तो अनुज भी साथ साथ खूब जोर जोर से , ...
डबल मीनिंग डायलॉग , ...
हम भी घुसेंगे ,...
मेरी एक भाभी , गाँव की ,...रीतु भाभी से बड़ी , ...और उनसे भी ज्यादा खतरनाक , ...
सीधे अनुज से बोली ,
" अरे स्साले आपन पिछवाड़ा बचावा , घुसे के चक्कर में कोई घुसाय न दे , ...यह गाँव में एक से एक जबरदस्त लौण्डेबाज है , ...
गांडू , तोहार ऐस चिक्कन कहीं पाय जाएंगे न , तो रात भर , ... घचाघच्च घचाघच्च , खूब हुमच हुमच के ,... सबरे बिदाई के टाइम तोहार एस चाकर ,... ( और उन्होंने अपने दोनों हाथों अंगूठे और तर्जनी को जोड़कर बड़ा छेद बना दिखाया ) ,
तोहरे बुआ , चाची मौसी के भोंसडे से भी चौड़ा ,... हमार मुट्ठी चली जायेगी अस , ... कउनो मोची भी नहीं सी पायेगा ,... "
बेचारा एकदम सरक कर पीछे ,...
उनके कालेज के एक दो लड़के मेरी सहेलियों से लस रहे थे और वो भी , ...
" अगर नहीं घुसने दोगी न , तो हम जबरदस्ती , धक्का मार के घुस जाएंगे ,... "
उनकी दोनों कजिन्स गीता और मीता वहीँ खड़ी थी , हाईकॉलेज इंटर वाली , ...
और उन के साथ मेरे दो कजिन्स , संजय और अनूप शाम से ही लस रहे थे ,
मेरी सहेली ने उन्ही की ओर इशारा करते हुए कहा ,
" अच्छा जो ये दोनों माल ले आये हो , लगता है इन्ही के साथ खूब धक्के मारने की घुसने की प्रैक्टिस की है , अब हमारे भाई धक्के मारेंगे ,... "
छुटकी , मेरी सबसे छोटी बहिन , नौवें में पढ़ने वाली तो अपने जीजू के साथ एकदम चिपकी पड़ी थी ,
बोली ,
" देखिये , घुसने का हक़ सिर्फ हमारे जीजू का है , और वो घुसेंगे भी , ... इन्हे कोई कभी नहीं मना करेगा ,चाहे ये जित्ती बार भी , जैसे भी घुसें , कभ्भी भी ,... ये जीजू का हक है , लेकिन सिर्फ मेरे जीजू का। " "
,
बाकी लड़कियों और भाभियों का असर डबल मीनिंग डयलॉग का उसके ऊपर भी पड़ रहा था , ...
बारात के लड़कों , लड़कियों के साथ हमारे यहाँ की लड़कियां औरतें , और खुल कर , ... सब लगे हुए थे ,
रीतू भाभी शायद इसी का इन्तजार कर रही थीं ,
मेरी निगाह कभी कोहबर की ओर तो कभी रीतू भाभी की ओर , मैं तो खैर कुर्सी पर बैठी थी , ये अपनी सालियों सलहजों से घिरे , ...
खड़े आधे घंटे तो हो ही गए गए होंगे ,
और जब दूल्हे के साथ के लड़के लड़कियां , मेरी सहेलियों के साथ मज़ाक में लगे थे , ...
रीतू भाभी ने इशारा किया ,
और मैं उठकर कोहबर की ओर ,
पीछे पीछे ये , ...
मेरी नाउन , छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहने , इनके साथ इन्हे कोहबर की और पुश करती ,
जब तक बरात के लड़के लड़कियां समझते मैं कोहबर के अंदर और ये भी चौखट लांघ रहे थे ,
मीता और गीता एकदम इनसे चिपकने की कोशिश करने लगीं ,
पर मंझली इसके लिए पहले ही तैयार थी और उसने अपनी टांग मीता की टांग में फँसायी , और मीता एकदम लड़खड़ाई , ...
और संजय ने उसे पकड़ने की कोशिश की , रोकते हुए और सीधा उसका हाथ उस इंटरवाली के कबूतर पर ,
पहले तो संजय ने बस हलके से सहलाया , .. बहुत हलके से ,
पर रीतू भाभी ने घूरने वाली निगाह से देखा उसे , जैसे कह रही हों यही सिखाया था तुझे ,
और अगले पल , संजू कस के मीता के जोबन खुल के दबा रहा ,रगड़ रहा था , मसल रहा था। पूरे दो मिनट तक , ...
और यही काम अनूप गीता के साथ ,
मेरी दो सहेलियां जैसे उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थीं ,
और बीच में अनूप ,...
एक और मेरा कजिन ,...
हाईकॉलेज वाली नीतू के पिछवाड़े की ,....
तब तक हम दोनों अंदर हो गए थे , दरवाजा बंद हो गया था , ...
मेरी दो तीन सहेलियां भी बाहर रह गयी थीं , ... बारात की लड़कियों के साथ , ...
मीता ने संजू को घूर कर देखा , ... पर जैसे ही उसने कान पकड़ा , वो खिलखिला के हंस पड़ी और खुद उसका कान पकड़ के बोली , ...
" चल तेरी सजा यही है , हम सब को काफी पिलाओ ,... "
और बारात की लड़कियों के साथ घर के लड़के , मेरी दोनों सहेलियां , ... ब्रांडी लेस्ड काफी , ...
असल में जैसे गुड़ के चले जाने पर चींटे भी चले जाते हैं , तो घरातियों की ओर की लड़कियों , मेरी सहेलियों , बहनों , कजिन्स तो ज्यादातर मेरे साथ कोहबर में ,... तो बरात के लड़के भी , वापस जनवासे में चले गए थे , कुछ लड़कियां भी , लेकिन १०-१२ लड़कियाँ ,... और उनको रोकने में मेरी सहेलियों का बहुत हाल था , ... और जैसे मैंने पहले बताया था , मेरी सहेलियों और रीतू भाभी की प्लानिंग , ... जो लड़के तिलक में गए थे , ज्यादा ने तो वहीं अपनी सेटिंग , मीता , गीता , अनन्या , नीलू ,... इनकी कजिन्स के साथ , बाकी ने बाद में फेसबुक , व्हाट्सऐप और मेरी सहेलियां भी उस फेसबुक , व्हाट्सऐप ग्रुप में ,... एकदम पूरी लिस्ट बनी थी , जैसे हॉकी फूटबाल में खिलाडियों को मार्क करने के लिए , हर लड़की के साथ एक , किसी के साथ दो भी ,...
बस कुछ मेरी मेरी सहेलियां , कुछ मेरे कजिन्स और बरात की लड़कियां ,... काफी में भी , .. संजय की बदमाशी ,... अच्छी खासी ब्रांडी मिली थी ,... संजय ने तो शुरू से ही मीता को सेट कर लिया था ,
मैंने बताया था न बरात आम के बाग़ में , .. और टेंट में , लड़कियों का अलग इंतजाम ,... आम के बाग़ तक छोड़ने मेरी सहेलियां भी गयीं , लेकिन लड़कों की ड्यूटी लगी उन्हें सबके अलग टेंट तक छोड़ने की ,
फिर मेरी किस ननद की शलवार का नाड़ा मेरे किस भाई ने खोला ,
किस ने स्कर्ट पसारी ,
किस की साड़ी खुली ,...
ये सब बातें मुझे बाद में पता चलीं ,...
लड़के लड़कियों को बाग़ में जहाँ वो रुकी थीं छोड़ने चले गए और मेरी दोनों सहेलियां वापस ,... ( बाद में ये सबा शैतानियां मुझे पता चली )
और कोहबर में हम दोनों अंदर , ... बुआ ने न सिर्फ दरवाजा बंद किया बल्कि एक मोटा सा भुन्नासी ताला भी लगा दिया और उनसे बोलीं ,...
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सच में, लाईव टेलीकास्ट जैसी फील आ रही है। ४० दिनों के इंतजार का मीठा फल मिला है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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Hi Amisha I'm rohan0064; please contact me we need each other
•
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(09-06-2020, 01:06 AM)Rohan0064 Wrote: Hi Amisha I'm rohan0064; please contact me we need each other
who is amisha ?
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Wow !!
Nice....Let it flow !
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(11-06-2020, 10:42 AM)UDaykr Wrote: Wow !!
Nice....Let it flow !
thanks so much
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कोहबर के अंदर
और कोहबर में हम दोनों अंदर , ...
बुआ ने न सिर्फ दरवाजा बंद किया बल्कि एक मोटा सा भुन्नासी ताला भी लगा दिया और उनसे बोलीं ,...
" स्साले , भोंसड़ी वाले , मादरचोद , रंडी के जने , ...अब जउन तोहार छिनार भाइचोद बहिनिया , रंडी महतारी , गदहाचोदी कुत्ताचोदी बुआ , मौसी कउनो नहीं आएँगी बचाने , अब इहाँ कोहबर में जउन जउन कहा जाये चुप चुप करवाओ , सास , सलहज साली की बात मान के
, ...समझे मादरचोद , माई बहन के भंडुए ,... "
और ऊपर से मम्मी ने आने वाले हमले को और ,... प्यार से उनके गाल पर सहलाते बोलीं ,
" अरे नहीं, काहें मना करेगा ये , ...
आखिर इसकी महतारी चाची बुआ केहू को मना नहीं करती तो ,
लेकिन एक बात ये भी है की बिदायी की साइत छह बजे सुबह की है , ओकरे बाद शुक्र डूब जाएंगे , ... यह लिए , भैया कोहबर क रस्म कुल जल्दी जल्दी , .. जेहसे , टाइम पर बिदाई , ... अरे तोहार सलहज हई बताय देहिंये , ... लेकिन चलो पहले बैठा , ... "
दो पीढ़े रखे गए थे , मेरे और उनके बैठने के लिए , मैं तो धसक से बैठ गयी ,
लेकिन वो बेचारे सहमते हुए , कुछ झुके , ... सोचते रहे ,... फिर कुछ सोच कर पीढ़ी के उपर रखे गए कवर को हटा कर ,...
उसके नीचे कुछ नहीं था , ...
और सलहज सालियों के साथ हंसी का फवारा , ... एक बार हंसी रुकती तो फिर दूसरी बार ,... और मैं भी बगल में बैठी मुस्करा रही थी ,
" काहो , महतारी बहिन सिखाये के भेजीं थी , कोहबर में पिछवाड़े क ख्याल रखना , कतौं कउनो खतरा न होय जाय ,... कुछ घुस गया तो ,... "
मेरी एक चाची इन्हे चिढ़ाते हुए बोलीं ,
पर इनकी एक नयी नवेली सलहज ने मोर्चा खोल लिया ,
" अरे तो ठिकै तो सिखाई , अइसन चिककन मुलायम ई तो वइसने चिक्क्न मुलायम एंकर पिछवाड़ा , ... "
पर गाँव वाली हमारी भौजाइयां , अइसन साफ़ बोली में ,
सीधे एक ने जोर से इनके पिछवाड़े चिकोटी काटा और इनसे सवाल पूछ लिया ,
" अरे साफ़ साफ़ बोला न , की गाँड़ पर खतरा , ... लेकिन ई हम मान नहीं सकते की आइसन चिकने मस्त नमकीन माल क गाँड़ अभिन तक कोरी बची होगी , और अगर बची है भी तो आज एन्हि कोहबर में ओह्कर भी नेवान हो जाएगा "
( असल में उनकी सावधानी जायज थी , मैंने भी कोहबर में बहुत बार अपनी सहेलियों बहनों की शादी में , पीढ़े के ऊपर पापड़ या कुछ ,... कभी कोई चुभने वाली चीज़ ,... और दूल्हे के बैठते ही , ... वो उचक कर ,... लेकिन सच में लगता है इनके घर में समझा कर , और यही सोच कर जानबूझ के कुछ नहीं रकः गया था , इनकी रगड़वाई वाली चीजें तो अभी आगे थी , ...
यही सोच के मैं मुस्करा रही थी )
और कोहबर में हर उमर की लड़कियां , औरतें , डेढ़ दर्जन से ऊपर तो इनकी सालियाँ ही थीं , ...
कुछ तो छुटकियाँ , ... मेरी छुटकी मंझली ( दोनों नवी दसवीं में थी ) की समौरिया , कुछ मेरी दोनों बहनों की सहेलियां ,
गाँव की लड़कियां और मेरी कजिन्स , ... कुछ सालिया मेरी उम्र की ,
लास्ट आफ टीन्स , ... मेरी दोस्तें , कजिन्स , ...
और करीब उतनी ही सहलजे , ... मेरी कुछ भाभियाँ बॉम्बे और लखनऊ से भी आयी थीं ,
बाकी सब गाँव की , ...
और सास भी कोई कम नहीं थी , मेरी बुआ , चाची , मौसी , ... गाँव की ,... और काम करने वालियाँ , नाउन , कहाईन ,
उनकी बेटी बहू और सब उम्र और रिश्ते के हिसाब से साली ,सलहज , बड़ा सा कमरा था कोहबर का
लेकिन पूरा भरा , ठसमठस , गचमच ,
सबसे पहले छुटकियों ने मोर्चा सम्हाला , इनकी छोटी सालियों ने ,
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छोटी सालियाँ
उनकी बेटी बहू और सब उम्र और रिश्ते के हिसाब से साली ,सलहज , बड़ा सा कमरा था कोहबर का
लेकिन पूरा भरा , ठसमठस , गचमच ,
सबसे पहले छुटकियों ने मोर्चा सम्हाला , इनकी छोटी सालियों ने ,
" जीजू गरम नहीं लग रहा है आपको , ... "
और देखते देखते , दो ने शेरवानी के बटन खोलने शुरू किये ,
एक ने पगड़ी उतारी , एक जूते के पीछे पड़ गयी , ...
बस पांच मिनट में शेरवानी पगड़ी जूता , यहाँ तक की मोजा सब उतर गया सालियों के कब्जे में , और यही नहीं , उनके दोनों हाथ भी ,
" अरे जीजू , ससुराल में भी , सालियों के रहते हुए अपने हाथ , ...ये हमको दे दीजिये , ... "
ये छुटकी थी , मेरी छोटी बहन , सबसे छोटी और उनकी छोटी साली , ...
वो और उसकी चार पांच सहेलियां , ... दोनों हाथ उन सबके कब्जे में ,
मैं कनखियों से देख रही थी ,
पहले नेल पालिश ,
मेरी वाली से मैचिंग
फिर मेंहदी , ...
फिर चूड़ियां , पूरे दर्जन भर , लाल लाल
और पैरों पर कब्ज़ा मेरी मंझली बहन और उसकी सहेलियों के , मेरी कजिन्स का था ,
महावर , पैरों के नाख़ून , ...
और फिर बिछिया , उनके सिंगार का जिम्मा छोटी सालियों ने सम्हाल लिया था ,
और अब उनकी असली रगड़ाई का टाइम आ गया था , सलहज और सास
( एक अलिखित नियम यह है की सास की सारी गालियॉँ , चिढ़ाना , छेड़छाड़ , अपनी समधनों , दूल्हे की माँ , चाची , बुआ , मौसी ,... और सलहजें दूल्हे की बहने ) , , एक मौसी और एक गाँव की भाभी ने मिलकर , लोढ़ा लेकर , और बिना गारी के तो ,
" इहै होंवे की दोसर होंवे , परछी की नां रे , अरे केकरा क जामन होंवे , दुलरू दामाद रे , ... "
मांगे क सुटवा दुलहा काहें पहन के अइला हो , कइसन का बेटा जनमवली तोहार माई छिनारिया हो , ...
अरे तोहार माई गदहा चोदी हो , अरे कुकुरा क चोदी हो , ,,,,, "
" अरे पहले इनसे एंकर महतारी का नाम पूछा , बोलै भैया अपनी माई क नाम तो "
मौसी ने पूछा ,
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कौन है माई कौन बाप
एक मौसी और एक गाँव की भाभी ने मिलकर , लोढ़ा लेकर ,
और बिना गारी के तो ,
" इहै होंवे की दोसर होंवे , परछी की नां रे , अरे केकरा क जामन होंवे , दुलरू दामाद रे , ... "
मांगे क सुटवा दुलहा काहें पहन के अइला हो , कइसन का बेटा जनमवली तोहार माई छिनारिया हो , ...
अरे तोहार माई गदहा चोदी हो , अरे कुकुरा क चोदी हो , ,,,,, "
" अरे पहले इनसे एंकर महतारी का नाम पूछा , बोलै भैया अपनी माई क नाम तो "
मौसी ने पूछा ,
थोड़ी देर तक ये हिचकिचाए , फिर जैसे उन्होंने अपनी माँ का नाम लिया इतनी गालियां पड़ी ,
लेकिन तब तक मेरी मामी ने पूछ लिया , ...
" वो जो लड़की अपने बिलिया में तोहार जुतवा छुपाये थी , ... ओहसे इनकी सकल बहुत मिलती है , ऊ का लगती है , तोहार ,... "
बेचारे वो सीधे असली मतलब नहीं समझ पाए , बोल गए ,...
मेरी ममेरी बहन , गुड्डी अभी आठवे में पढ़ती है , ...
फिर तो वो जोर का ठहाका लगा , ... हे तो कतौं मामा क जामल तो ना ,...
रीतू भाभी भी अब मैदान में आ गयी , अरे इन्ही से पूछ लेते हैं न , और सीधे अब उनसे बोली ,
" नन्दोई जी , एक छोटा सा सवाल ,...
सच सच बताइयेगा ,
बाप ,... नहीं नहीं हाईकॉलेज के कागज वाला नहीं , असली ,... जउन तोहरी महतारी के साथे घचर घचर , आपन गाढ़ी मलाई ओनकर बच्चेदानी में घोंटउले और ओकरे नौ महीने बाद ,... "
अब वो बेचारे चुप , ... क्या बोलते ,... और वो रगड़ाई उनकी सलहज , सास ,
और सबसे बढ़कर गाँव वाली , काम करने वाली , नाउन क बहु ( मेरी सबसे मीठी भौजाई ) ने साफ़ साफ उनकी ठुड्डी पकड़ कर पूछ लिया
" अरे नहीं समझे , अरे जिससे तोहार माई चोदवाई हैं , और जिनके चोदने से उ गाभिन हुईं , पाहुन उनके पेट में आये ,... और नौ महीना बाद वो तोहैं , बियाई , ओहि मर्द का नाम , ... माना तोहार महतारी बज्जर छिनार हैं लेकिन कभी तो बताई होंगी तोहरे असली बाप क नाम ,... "
लेकिन तबतक मेरी दो तीन सहेलियां जो बाहर थीं , जिनका काम बारात की लड़कियों के साथ था ,
हांका कर के उन्हें घरातियों के लड़कों के साथ सेटिंग करा के , ...
वो कोहबर में और जोर के थम्स अप का साइन रीतू भाभी की ओर दिखाया , ...
रीतू भाभी जोर से मुस्करायीं , और आँख के इशारे से कुछ पूछा ,
और अब चंदा, मेरी पक्की सहेली मेरे गाँव की और क्लास की भी , और इस ' आपरेशन बरात की लड़कियां ' की मुखिया ने न सिर्फ रीतू भाभी बल्कि मुझे भी दिखा के वही चुदाई का इंटरेनशनल सिम्बल अंगूठे और तर्जनी को मिला के गोल और उसमें एक ऊँगली अंदर बाहर , .. सटासट , सटासट ,...
और एक हाथ की पांच और दुसरे हाथ की एक ऊँगली यानी ६ की सेटिंग पक्की , ...
यानी मेरी छह ननदे, ... घचाघच चुद रही हैं , मेरे भाइयों से ,...
और चंदा झट से इनके पास आ कर बैठ गयी , बोलने लगी ,
" भाभी , आप लोग बेचारे मेरे जीजू को अकेले जानकार तंग कर रही थीं न , अब इनकी असली साली आ गयी है , जो पूछना है मुझसे पूछिए मैं बताउंगी , ... "
" तुम्हारे जीजा से उनके असली बाप के नाम का पूछ रही हूँ दस मिनट से मुंह नहीं खोल रहे हैं , उनकर माई तो झट से खोल देती हैं , चलो तुम ही बता दो "
रीतू भाभी भी चंदा को अच्छी तरह से जानती थीं उसके खेल शामिल हो गयीं ,
" अच्छा हुआ तुम आ गयी बेचारे तोहरे जोजू बड़ी परेशानी में है सब उनसे उनके बाप का नाम पूछ रहे हैं , हाईकॉलेज के कागज़ वाला नहीं , जो उनके माई को चोद के गाभिन किये हों , और जिसके लंड की मलाई से वो निकले हों , अब बहुत सोच बिचार कर रहे हैं लेकिन बता नहीं पा रहे हैं , तो अब तू छोट साली हो , मदद कर दो अपने जीजू की न। "
" अरे भौजी , ई बात तो जीजू को कैसे मालूम होगा , ...
अरे उनकी माँ के कोई दो चार आठ दस यार तो हैं नहीं दर्जनों , और अभी तक चलती हैं , ... जीजू के यहाँ इसलिए किसी चीज का बिल नहीं आता , बस बिल के बदले बिल ,.. है न जीजू , ... महीने के पहली को दूध वाला , दूसरे को धोबी , तीसरे को अखबारवाला , ये तो जीजू को भी मालूम है , ... है न जीजू ,...
और फिर भौजी आप लोग भी , कम से कम ऑप्शन तो देतीं , जीजू मेरे झट से बता देते , समझती क्या है "
चंदा आलमोस्ट उनके गोद में चढ़ी सटी बैठी बोल रही थी
और फिर मेरी बम्बई वाली नयकी भौजी ने चार ऑप्शन दिया ,
मामा , मौसा , गदहा , कुत्ता ,...
और साथ में लाइफ लाइन भी फिफ्टी फिफ्टी और फोन फ्रेंड भी ,
" एकदम ",
चंदा बोली और अब सीधे इनसे पूछा ,
तो जीजू , ए फॉर मामा , बी फॉर मौसा , सी फॉर गदहा और डी फॉर कुत्ता ,... चलिए गेस करिये ,...
नहीं पता नहीं कोई बात नहीं लाइफ लाइन इस्तेमाल करिये न ,
तो बोलिये फिफ्टी फिफ्टी या फोन अ फ्रेंड ,
और सबसे अच्छे जिसने इनसे करवा के ( तब तक रीतू भाभी ने कस के उसे घूरा और चंदा सीधे कोर्स करेक्शन किया ) जो छिनार इनसे चुदवा के गाभिन हुयी हो , अइसन मस्त जीजू को बियाया हो , तो लगाती हूँ ,.. फोन ,...
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लाइफ लाइन - फोन अ फ्रेंड
" एकदम ",
चंदा बोली और अब सीधे इनसे पूछा ,
तो जीजू , ए फॉर मामा , बी फॉर मौसा , सी फॉर गदहा और डी फॉर कुत्ता ,... चलिए गेस करिये ,...
नहीं पता नहीं कोई बात नहीं लाइफ लाइन इस्तेमाल करिये न ,
तो बोलिये फिफ्टी फिफ्टी या फोन अ फ्रेंड ,
और सबसे अच्छे जिसने इनसे करवा के ( तब तक रीतू भाभी ने कस के उसे घूरा और चंदा सीधे कोर्स करेक्शन किया ) जो छिनार इनसे चुदवा के गाभिन हुयी हो , अइसन मस्त जीजू को बियाया हो , तो लगाती हूँ ,.. फोन ,...
और आवाज बदल कर के बोली
" जीजू जी की आदरणीय छटल छिनार माता जी को फोन लगाया जाये। "
सच्च में चंदा जबरदस्त मिमिक थी , एकदम इन्ही की आवाज में और फिर इनकी माता जी की आवाज में , ...
पहले उसने अपनी आवाज में बोला
" माता जी , आपके पुत्र कोहबर में थोड़ी परेशानी में फंस गए हैं , इनका पिछवाड़ा खतरे में है , अगर आप सही जवाब देंगी तो ,वरना सब इनकी सास सलहज इतनी गाँड़ मारेंगी की जब ये लौटेंगे तो आपके आर्यपुत्र का पिछवाड़ा जिस भोंसडे से ये निकले हैं उससे भी चौड़ा हो जाएगा ,... अगली आवाज जो सुनेगी वो इनकी होगी , आपके पुत्र की ,... "
और अब चंदा इनकी आवाज में बोल रही थी , सब लोग जोर जोर से खिलखिला रहे थे ,
" माँ कोहबर में मैं बड़ी मुसीबत में फंस गया हूँ , यहाँ सब लोग साफ़ साफ़ पूछ रहे हैं की आपने किस के साथ , मेरा मतलब किसके साथ सोई थी , ... हाँ मतलब। अगर मैंने जवाब नहीं दिया तो ये लोग मेरी गाँड़ मार लेंगे ,
और अब चंदा ने आवाज बदलकर , इनकी माता की आवाज कर दी ,
" अरे बेटा साफ़ साफ़ पूछ न आपने किससे चुदवा कर मुझे पैदा किया , ..
अब याददास्त तो मेरी थोड़ी ,...
मुझे तो ये भी नहीं याद है की पिछले हफ्ते कौन कौन मुझे चोद गया , अब मैं सबका न आधार कार्ड रखती हूँ , न बायोमेट्रिक्स ,...
हाँ लेकिन चल कोशिश करती हूँ , अच्छा चल तू अभी २२ का हुआ न , तो कौन साल रहा होगा , नौ महीने और घटा देती हूँ , ... चल पहले ऑप्शन बता , ... "
और अब उनकी बारी थी,
चंदा अबकी एकदम इनकी आवाज में बोली , एक बार तो मैं भी धोखे में ,...
" माँ चार ऑप्शन है , ए फॉर मामा , बी फॉर मौसा , सी फॉर गदहा और डी फॉर कुत्ता ,.."
अब एक बार फिर मेरी सहेली , इनकी साली चंदा , इनकी माँ बनकर , ख़ुशी से खिलखिलाते हुए बोली।
" हाँ अब आसान हो गया न चल सोचने दे , आखिरी डी ऑप्शन क्या था , डॉगी , कुत्ता , ... लेकिन उसके साथ तो कातिक में , सच में तूने टॉमी की और रॉकी की याद दिला दी , ...
हाँ तू कब पैदा हुया था , हाँ याद हो गया , उसके नौ महीने पहले , ...सावन भादो , ...
तो तेरे मौसा के साथ तो होली में , और दिवाली यानी फागुन , कातिक , ...
तो सावन में किसके साथ , उस साल ,... हाँ अरे मैं भी न ,
एकदम याद है मुझे राखी का दिन , मैं रक्षाबंधन करने तेरे मामा के घर गयी थी , एक ही तो तेरे मामा हैं , बस मैंने राखी बाँधी थी ,
और वो मिठाई के लिए जिद्द करने लगा और मेरी चोली खोल कर ,...
फिर रस मलाई ,.. मेरी जाँघों के बीच वाली , हम दोनों बचपन से ही उसे रस मलाई कहते थे , उसे चाटने का बहुत शौक था , नंबरी चूत चटोरा , ... मुझे लगा की चाट के हर बार की तरह ,
पर उसका मन आ गया ,
और राखी का दिन , मैं भी ,...
अब राखी के दिन कौन बहन अपने भाई को मना करती है , वो भी छोटा एकलौता भाई
वहीँ दिन दहाड़े , सोफे पर। ..
मैं एक दिन के लिए गयी थी , हफ्ते भर रुकी , और बस , उस महीने मेरी माहवारी रुक गयी , तू पेट में आ गया तो सही आंसर है ,
ए , मामा , बता दे। अरे कोहबर में , सास से , साली सलहज से क्या छिपाना ,... "
हँसते हँसते सबकी हालत खराब हो गयी , इनकी सास सलहज सभी ,
पर चंदा अब अपनी आवाज में आ गयी और बोली
" तो जीजू , बोलिये ए लॉक किया जाए न , ए यानी , मामा ,,, "
और फिर चंदा एकदम हूबहू इन्ही के आवाज में बोल रही थी , इन्ही के पीछे छुप के ,
" हाँ एकदम ए यानी मामा , सही जवाब "
हँसते हँसते सब की हालत खराब हो गयी ,
मेरी मौसी बोलीं ,
" अरे भइया उस की बेटी आयी तो है साथ में , ... उस के बाप ने तेरी माँ चोद दी , तू उस की बेटी चोद दे , ... हिसाब बराबर , ... "
मेरी एक सहेली बोल उठी ,
" मौसी ये तो आपने मेरे जीजू के मन की बात कह दी , फिर न तो नाउन दूर न नहन्नी , कहिये तो उसे अभी बुला लाऊँ , यही सब के सामने हो जाए उस की नथ उतराई , ,... "
उनकी सारी सलहज ने वो इनकी रगड़ाई शुरू कर दी
लेकिन तब तक रस्में शुरू हो गयी
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