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गुड्डी
मेरे कुछ बोलने के पहले ही उन्होंने बोल दिया ," मम्मी ,गुड्डी। "
" गुड्डी , हाँ वही " ,मम्मी ने बात जारी रखी
" तभी मैं कहूँ , उस छिनार से इनकी शक्ल क्यों मिलती है। तेरे मामा और समधन का , पुराना चक्कर होगा बचपन से फँसी होंगी इसलिए। तभी तेरी और गुड्डीकी शकल , इतनी मिलती है। "
फिर मम्मी कुछ रुक के सीरियसली बोलीं ,
" सुन उस ने तेरी माँ चोद दी , तू उसकी बेटी चोद दे हिसाब बराबर। "
खिलखलाते मेरी हालत खराब हो गयी , मैंने किसी तरह हंसी रोक के बोला ,
" मम्मी ये तो आपने इनके मुंह की बात छीन ली। ये तो खुद उसे चोदना चाहते ,… "
मेरी बात काटके मम्मी तुरंत अपने दामाद की ओर से बोलीं ,
" तो क्या गलत चाहता है , बिचारा मेरा दामाद। वो तेरी ननद खुद हाथ में लेके टहल रही है ,तो बिचारे मेरे सीधे साधे दामाद को क्यों दोष देती है। "
कुछ देर रुक कर फिर उन्होंने रुख उनकी ओर मोड़ दिया ,
' तेरे घर में दो दो माल ,एक कच्ची कली और एक भोसड़े वाली , तो भी तुम भूखे प्यासे , इतने दिन तक, अभी भी ज्यादा बिगड़ा नहीं ,है चढ़ जाओ। "
" अरे मामा की मुलगी ,.... तो चलता है यार। "
मैंने भी तड़का लगाया।
मम्मी की बातों का पता नहीं चलता उन्होंने तुरंत पैतरा बदल के दूसरा मोर्चा खोला , उनका फेवरिट, उनकी समधन।
" सुन तू सुबह ,समधन के मस्त जोबन के बारे में बात कर रहा था , बोल क्या साइज होगी , उनकी। ये मत कहना की देखा नहीं। कभी तो रगड़वाते ,मिजवाते,दबवाते तो देखा होगा , इत्ते तो यारों की लाइन लगी रही है , दूधवाला , धोबी , … "
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न "
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
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जोरू का गुलाम भाग 19
मेरी सास , मम्मी की समधन, उनकी ...
अब तक
मम्मी की बातों का पता नहीं चलता उन्होंने तुरंत पैतरा बदल के दूसरा मोर्चा खोला , उनका फेवरिट, उनकी समधन।
" सुन तू सुबह ,समधन के मस्त जोबन के बारे में बात कर रहा था , बोल क्या साइज होगी , उनकी। ये मत कहना की देखा नहीं। कभी तो रगड़वाते ,मिजवाते,दबवाते तो देखा होगा , इत्ते तो यारों की लाइन लगी रही है , दूधवाला , धोबी , … "
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न " और पूछा।
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
आगे
" अच्छा चल मेरा बोल , सुबह तो तूने वहां दो चुम्मी ली थी , बोल मेरे कैसे लगते हैं , देख के बोल। " मम्मी ने दूसरी लाइन पकड़ी।
अबकी आँख उठा के स्काइप पे मम्मी की ओर देखा उन्होंने , मन के उनके कमल खिल उठे , और थदोा शरमाते लजाते बोले ,
" मम्मी ,अच्छा है ,बहुत अच्छा है। "
" अरे खुल के बोल न , आज तेरी बर्थडे है तो मान लो मैं मान जाऊं , तो पहले बोल क्या अच्छा लगता है , फिर मिल जायेगे तो क्या करेगा " मम्मी पीछे पड़ गयीथीं .
" मम्मी आपके जोबन , बहुत , .... कड़े , बहुत , बहुत रसीले हैं। "
मम्मी एकदम खुश हो गयीं और फिर उकसाया ,
" दिया तुझे , आज तेरी बर्थडे पे , बोल तो क्या करेगा जब तूझे मिल जाएंगे ये कड़े , रसीले "
" पकडूँगा , छुऊँगा ,दबाउंगा। " मम्मी ने उनकी झिझक और शर्म बहुत कम कर दी थी।
" अरे तो समधन के भी तो मेरे ऐसे ही तो हैं , उनके भी खुल के दबाना , पकड़ना ,मीजना रगड़ना। "
मम्मी ने प्वाइंट स्कोर कर लिया था।
मुझे लगा मम्मी अब चलने वाली हैं तो मैंने एक बार उनको देखा और फिर स्काइप पे मम्मी को और बोली ,
" मम्मी , आज जाने से पहले इस बर्थडे ब्वॉय की बर्थडे विश तो ग्रांट कर दीजिये। "
मम्मी की आँखे एकदम चमक गयीं ,
"हाँ बोल न , क्या है मेरे मुन्ने की बर्थडे विश "
वो एकदम कन्फ्यूज ,वो मेरी ओर आँखे फाड़ के देख रहे थे। उन्हें कुछ नहीं समझ में आ रहा था ,
और मैंने मॉम से अर्जी लगा दी ,
" सिम्पल ,मम्मी। बर्थ डे के दिन दिन उनकी सिम्पल विश है। बस जिस भोसड़े से आज के दिन निकले थे ,उसी भोंसड़े में जाना चाहते हैं। "
मम्मी ने बहुत प्यार से उनकी ओर देखा और एवमस्तु की मुद्रा में हाथ उठा दिए।
फिर मुस्करा के बोलीं ,
" अरे इतनी सिंपल सी बात , अभी मैं समधन को फोन लगाती हूँ , साफ साफ कहती हूँ ,मेरा दामाद , … "
उनकी तो एकदम फट के , लेकिन मैं आगयी मैदान में और बोली ,
" अरे नहीं मम्मी , बिना आपके कैसे , आप कुछ कर के , .... "
" चल तुझे बना दूंगीं , मादरचोद। बहुत जल्दी। तुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है अब सब मेरी जिम्मेदारी , हाँ और अब तू ऐन मौके में मना मत करना , "
और फिर रुख मेरी ओर मोड़ दिया
" चल तू इसे जल्दी से पहले बहनचोद बना और फिर मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी , महीने दो महीने के अंदर "
और स्काइप से वो फुर्र हो गयीं।
उनका खड़ा खूंटा ,मम्मी के बातों की हामी भर रहा था।
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मम्मी की समधन , मेरी सास और ये,... उर्फ़ एम् आई एल ऍफ़
दोपहर ढल रही थी।
रात की थकान और खुमारी कुछ मेरे ऊपर तारी हो रही थी , कुछ उनके ऊपर भी , और आज फिर रतजगा होना था।
लेकिन उनका खूंटा अभी भी , ... नाड़ा खुला हुआ था और तना वो , उसके अंदर से झांक रहा था।
प्यार से मैंने उनके गाल पे जोर से चुम्मी ली और हलके से काट लिया,
"मादरचोद , बहुत मजा आएगा जब मेरी सास के भोंसड़े में ये जाएगा , सटासट, सटासट।"
और हलके से उनके खूंटे को दबाते मैं पलंग से उठ गयी।
वो उठने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और , कुछ देर में दो स्ट्रांग बीयर के एकदम चिल्ड लार्ज कैन ले आई।
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने चुप करा दिया और उन्हें कैन पकड़ाती बोली ,
"यार , पहले सोचना था न। अब मम्मी ने एक बार बोल दिया तो अब ये न मेंरे हाथ में है न तेरे
,
अब तो वो तुझे मादरचोद बना के ही रहेंगी , बस अब तू सोचना शुरू कर दो। कैसे क्या ,क्या। "
हम दोनों बियर गटक रहे थे।
ए सी फूल ब्लास्ट पर था।
दोनों एक बड़ा सा कम्बल ओढ़े , और मैंने एक फ़िल्म चला दी।
एम आई एल फ वाली।
हैं ना मेरी सासु ऐसी।
मैंने उन्हें चिढ़ाया।
लेकिन मेरी बात में दम था , उसी तरह दीर्घ नितम्बा ,
भारी + साइज बूब्स ,लेकिन एकदम कड़े , बिना ब्रा के भी जरा भी सपोर्ट की जरूरत नहीं ,
वो एकदम ध्यान से देख रहे थे ,और मैं उन्हें देख रही थी।
कुछ मम्मी ने मेरी सास का नाम ले के जो चिढ़ाया , और फिर ये फ़िल्म , ....
ऐस फक , टिट फक,सब कुछ।
मम्मी की बातें एकदम सही थी , जिस तरह से वो रियेक्ट कर रहे थे।
फ़िल्म छोटी सी थी , बियर खत्म होने के साथ वो भी खत्म हो गयी।
और मैंने कम्बल सर तक खींच लिया ,और हम दोनों लेट गए , वो मेरी ओर पीठ कर के।
शायद उस एम आई एल फ को देख कर खड़े लंड को छुपाने के लिए।
घुटने तक , कपड़ा खुल गया था उनका।
मैं ने भी उनके औजार को नहीं छेड़ा , थोड़ी देर पहले ही अपनी ममेरी बहन के नाम पे जिस तरह उन्होंने मुट्ठ मारा था , मैंने उसे थोड़ी देर आराम करने दिया आखिर आज रात को फिर ,
मैं उनके भरे भरे गदराये बबल बॉटम सहला रही थी। मस्त चूतड़ थे ,लौंडिया मात।
और वो सिहर रहे थे , काँप रहे थे।
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
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Updates start from last page ...please do read from begining
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Pure erotica
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(23-02-2019, 08:50 PM)Black Horse Wrote: Pure erotica
no words are enough to thank you for your gracious presence and support
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planning to start a fresh new HOLI story ...in the first week of March....your suggestions are welcome
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My new story
it will be a story on the occasion of HOLI but will go way beyond....yess ....more of romance ....and you can think of possible HOLI combo -- Jija saali , devar bhabhi ,nandoi salhaj and many more ...
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I will be eagerly awaiting your suggestion .....It will be story which will not be very long but will not be short ....full of romance and eroticism....sometimes slow and simmering , sometimes fast and furious ...with backdrop of HOLI
now next part of joru ka gullam ...
part 20
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जोरू का गुलाम भाग 20
चिकना
अब तक
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
" अरे यार इसमें शर्माने की क्या बात है , अब तक भी तो तुम इतने चिकने नमकीन लगते हो , जरूर बचपन में किसी न किसी ने यहाँ घुसाया होगा , बोल न। "
मेरी ऊँगली पिछवाड़े में गोल गोल घूम रही थी।
शरमाते हुए उन्होंने नहीं में सर हलके से हिलाया।
…….
आगे
मेरा एक हाथ उनके पिछवाड़े लगा हुआ था और दूसरा बहुत प्यार से उनके गाल को घने घने बालों को सहला रहा था। जैसे किसी लौंडिया के शलवार में घुसने के लिए लोग सहलाते है।
मैंने फिर समझाया ,
" यार मान लो तुम ने मरवाया ,तो इसमें कोई बुरी बात थोड़े ही है ,कमल जीजू को तुम जानते ही हो , चीनू दी के हसबैंड , वो तो अभी तक , उन्होंने मुझसे खुद कबूला था की पहली बार उन्होंने एक लड़के के साथ , वो नौवें में थे और लड़का आठवें में , उसके बाद तो लगातार।
यहां तक की अभी भी , शादी के दो तीन साल हो गए हैं ,लेकिन शायद ही कोई महीना नागा जाता हो , जब वो दो तीन लड़कों की न लेते हों , और चीनू दी को भी मालूम है,वो बुरा भी नहीं मानती ।
यहाँ तक की चीनू दी की भी हर हफ्ते एकदो बार पिछवाड़े का बाज बज ही जाता है। "
फिर कुछ याद करते हुए मैंने कहा ,
" अरे यार वो तो तेरे ही कॉलेज में पढ़ते थे , तुम्हे तो अच्छी तरह मालूम होगा। और फिर तुम्हारा कॉलेज तो मशहूर था लौंडेबाजी के लिए ,कीते सीनियर थे "
अब वो खुले।
" मुझसे ४ साल सीनियर थे वो ,कौन नहीं जानता उनके बारे में , मैं जब नौवें में गया तब वो १२ में थे। एकदम मशहूर थे ,सब डरते थे उनसे। "
मैं समझ गयी अब , थोड़ा सा प्रेस करूँ तो शायद और , .... मैंने बात मोड़ी। मैंने पूछा ,
" डरते थे मतलब ,क्या मार पिटाई करते थे ,ऐसे तो नहीं लगते। "
" अरे नहीं यार कैसे तुम्हे समझाऊं , जो नए लड़के आते थे न बस उनके पीछे , गनीमत थी जिस साल मैं आया , उसके अगले साल वो बारहवीं पास कर के , ....जो लड़का के बार उनके चंगुल में पड़ा न ,बस उसकी दो दिन की छुट्टी , एकदम , उनका ,… वो, …साइज ,… इसलिए , सब डरते थे। "
वो धीमे से बोले।
" साफ साफ समझाओ न , सच में मुझे नहीं समझ में आ रहा है ,वो,साइज क्या मतलब , किस चीज के बारे में बात कर रहे हो "
मुस्कान दबाते मैंने पूछा।
" उप्फ कैसे समझाऊं , वो वही , …पूरा बालिश्त भर का , और कलाई इतना मोटा , जो एक बार उनके चक्कर में पड़ गया , दो दिन आ नहीं पाता था कॉलेज। लेकिन जो वैसे लड़के थे वो तारीफ भी करते थे और उनका मन ललचाता ,… "
मैंने उनकी बात काटी और बनावटी गुस्से से घुड़कते हुए उनके कान का पान बनाया और बोली ,
" तू पिटेगा मेरे हाथ से , कित्ती बार समझाया ,मुझसे खुल कर एकदम देसी जुबान में। बोलो खुल के क्या बड़ा था ,कमल जीजू का। "
" वो वही , उनका लंड , खूब लम्बा पूरा बालिश्त भर का और वो बिना पूरा अंदर किये बिना ,मोटा भी इतना था की , लग जाती थी जिसकी लेते थे। "
वो अब थोड़े मूड में आ रहे थे।
" तो कमल जीजू ने तेरे साथ भी ,.... "
मैंने पुछा और अब वो खुल के बात करने के मूड में आ गए।
" नहीं यार , एक तो हमेशा कोई मुझे घर से छोड़ने लेने आता था , उसकी साइकिल पे मैं आता था। कॉलेज खत्म होने के पहले ही वो आ जाता था। फिर एक साल ही हम , अगले साल ही वो इंजीनियरिंग कालेज में चले गए।
लेकिन बात तुम्हारी सही है , जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया न तो सीनियर लड़के और कुछ तो मेरे क्लास वाले भी ,एक से एक खुल के कमेंट करते , मुझसे दोस्ती करने की कोशिश करते। होली में मेरी टायटल भी मिली ,है शुकर की तू है लड़का।
केमिस्ट्री लैब में तो , जैसे मैं पहुंचता था सब के सब एच सी एल ,एच सी एल बोलने लगते। "
लड़कों की टर्मिनोलॉजी मुझे नहीं मालूम थी , इसलिए मैंने साफ साफ पूछ लिया।
" एच सी एल , बोले तो "
" हाई क्लास लौंडा "
वो बोले और फिर बात आगे बढ़ाई ,
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधर उधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया ,
और जब तक मैं उसे मना करूँ ,.....उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
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फ़ट ,...नहीं नहीं , बच गयी
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधरउधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया , और जब तकमैं उसे मना करूँ उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
" कितना बड़ा था उसका ," मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पायी।
" करीब ५ इंच का रहा होगा , दो चार बार उसने आगे पीछे किया अपना और उसका खड़ा हो गया था ,फिर वो मेरा पकड़ के ,… "
उम्र के हिसाब से ५ इंच काफी बड़ा था , इसका मतलब।
उन्होंने बात जारी रखी ,
" उसने पूछा की मैंने किसी के साथ किया की नहीं , तो मैंने बता दिया की नहीं। वो बोला की हमारे क्लास में ज्यादातर लड़के कर चुके है , फिर समझाया की कौनलड़का किसके साथ , कई तो टीचरों से मरवाते हैं। "
" फिर क्या हुआ , आगे बोलो न " मुझे लग रहा था कुछ हुआ होगा।
वो एक पल के लिए रुक गए , थोड़ा जिझके फिर थूक घोंटा और आगे की बात ,
" चंदू ने कहा ,की , … वो दो चार लड़कों के साथ कर चुका है ,और चाहे तो वो मुझे सीखा देगा। उसने कहा की मैं उसके साथ पहले कर लूँ , मैं हिचक रहा था , झिझक रहा था तो उस ने कहा की , अगर तू घबड़ा रहा है तो वो पहले मेरे साथ कर लेगा , फिर मैं उसके साथ। "
उनकी आवाज एकदम हलकी हो गयी थी ,और साँसे भी भारी भारी ,
" फिर ,"
मेरी भी हालत खराब थी। बचपन के बुद्धू , वो इनकी मार लेता फिर अंगूठा दिखा देता।
" बिना मेरे कुछ बोले उसने मुझे पेट के बल लिटा दिया , और मेरे पीछे आके ,थोड़ा सा मुझे घुटने के बल उठाया , और फिर पीछे सेंटर पे , थूक उसने अपने ,अपने ,… लगाया और मेरे छेद पे भी। "
दूसरा समय होता तो मैं हड़का लेती , साफ साफ लंड और गांड क्यों नहीं बोलते। लेकिन डर था की कहीं असली बात बीच में ही न रह जाए।
" गया की नहीं। " मैंने पूछ लिया।
" नहीं , चंदू का बहुत मोटा था , दर्द भी हो रहां था मुझे , लेकिन चंदू ने हिम्मत बंधाई और अपने दोनों हाथों के अंगूठे के जोर से मेरा छेद फैला के सेट कर दिया , फिर एक बार ढेर सारा थूक ले के उसने वहां लगाया। "
वैसलीन लगाना चाहिए था न, लड़के भी बुद्धू होते हैं। सट्ट से जाता। मैंने सोचा , फिर पूछा ,
" घुस पाया क्या। "
" ज़रा सा , लेकिन तब तक रिक्शे की घंटी की आवाज आई। मम्मी बाजार से लौट आई थीं। हम दोनों ने जल्दी से नेकर ठीक की , और मैंने पिछले दरवाजे से चंदूको बाहर कर दिया । "
तो बच गयी तेरी गांड , और रोकते रोकते भी मेरे मुंह से गाली निकल पड़ी ,
" अपने तो पूरे मोहल्ले से घूम घूम के मरवाती हैं और जब तेरा नंबर आया तो ऐन मौके पे , "
लेकिन मेरी बात अनसुनी करके उन्होंने अपनी बात चालू रखी। [/
" उसके बाद तो और सब ,मेरे पीछे पड़ गए , एक से एक कमेन्ट , और कुछ दिन बाद , तब तक मैं टेंथ में पहुँच गया था। उस दिन , मेरा पियन साइक्लि लेके नहींआया।
और रानू ने बोला की मैं उसके साइकिल पे चल चलूँ , रानू भी मेरी तरह ,
उसके पीछे भी सब पड़े रहते थे . एक दो लड़कों के साथ तो उसका कुछ था भी। उसकी साइकिल पे आगे बैठ मैं चल दिया उसके साथ। "
" फिर , मुझे लगा अबकी तो फट गयी होगी उनकी।
'रानू एक नए रास्ते से ले जा रहा था। बहुत संकरी सी एकदम सूनसान गली थी। बोला , शार्टकट है।
लेकिन तभी दो लड़के , बड़े, तगड़े और वो दोनों उसी के लिए बदनाम थे। तुम्हारे कमल जीजू इतने तो नहीं , पर थोड़े बहुत उन से , लड़के उन से भी डरते थे। "
मैं साँस रोके सुन रही थी।
" रोक साले , उतर मादरचो,… चल इधर " दोनों एक साथ बोले ,
और मारे डर के रानू ने साईकिल रोक दी। एक ने रानू का हाथ पकड़ा और दूसरे ने मेरा , जबरदस्ती खींचते हुए , पास में एक घनी बाग़ थी , उसमे एक टूटा फूटाकमरा था , वहां , लेगए।
" चल उतार जल्दी , "
जिसने रानू को पकड़ा था , जोर से बोला , और रानू ने न सिर्फ नेकर उतार दी बल्कि निहुर भी गया।
( मैं समझ गयी , रानू की पहले से उन दोनों से सेटिंग रही होगी और उन्हें जान बूझ कर उस रास्ते से ,… जहाँ वो दोनों पहले से )
डर के मारे हालत ख़राब थी। हम दोनों काँप रहे थे। आज बचने का कोई रास्ता नहीं लग रहा था। मैं निगाहें झुकाये खड़ा था।
तबतक एक तमाचे की आवाज आयी ,मैंने कनखियों से देखा , रानू के चूतड़ पे एक जोर का हाथ , एकदम लाल होगयी थी उसकी गांड। वो गरजा ,
" फैला साल्ले गांड ,ढीली कर ,वरना टेंटुए दबा दूंगा। "
उसका औजार खूब मोटा था , लंबा भी रहा होगा ६ इंच से ज्यादा ही।
और वो उसे रानू के पिछवाड़े सटाये हुए था ,फिर उसने रानू की कमर पकड़ के जोरदार धक्का मार और उसका वो ,उसका वो , …वो,… सुपाड़ा पूरा अंदर धंस गया।
रानू बहुत जोर से चीखा ,दर्द के मारे उसकी आँख से आंसू छलक आये थे। लेकिन जो उसकी मार रहा था एक हाथ से उसने रानू का मुंह दबा दिया।
" अरे चिल्लाने दो साल्ले को , यहाँ कौन उसकी चीख सुनता है। चीख पुकार में तो मजा है। "
और जब मैंने उसकी ओर देखा तो , बड़ी जोर की डांट पड़ गयी मुझे।
" भोंसड़ी के , अबतक नेकर नहीं उतारी। साले पूरे कॉलेज में आग लगा रखी है। किसके लिए बचा के रखा है , तुझे तो मैं अपना पक्का ख़ास लौंडा बना के रखूँगा। रोज यहीं आके मरवाना। चल उतार जल्दी। "
वो और खूंखार लग रहा था और उससे भी ज्यादा खूंखार था उसका औजार , पहले वाले से भी ज्यादा लम्बा भी और मोटा भी। वो उसे हाथ में ले के जोर जोर सेआगे पीछे कर रहा था।
' निहुरता है की लगाउ एक लात तेरी गांड पे , जिस गांड के पीछे हजारों मरते हैं न आज तो मैं उसकी ,… "
फिर चिल्लाया और मारे डर के मैंने भी निकर घुटने तक सरकाई और रानू की तरह निहुर गया।
कनखियों से मैंने देखा , रानू ने ऑलमोस्ट पूरा घोंट लिया था ,और अब उसके चेहरे पे दर्द भी नहीं था। जो उसकी मार रहा था वो खूब जोर जोर से धक्के लगा रहाथा।
" और तुम्हारा वाला , … "
मुझसे नहीं रहा गया।
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बच गईइइइइइ
मुझसे नहीं रहा गया।
" उसने ,उसने अपने हाथ पर थूका और ढेर सारा थूक अपने सुपाड़े पर पोत लिया। फिर थोड़ा सा थूक मेरे पिछवाड़े भी लगाया। मुड़ के उसना मेरा गाल चूमा औरफिर अपना सेट कर दिया ,वहां। मारे डर के मैंने आँखे बंद कर ली। "
" फिर"
मैं साँस थामे इन्तजार कर रही थी ,इनकी कैसे फटती है।
' मेरी आँखे तो बंद थी ,लेकिन रानू वाले की आवाज आ रही थी , ओह्ह्ह्ह आह उह्ह्ह्ह हाआअ , उसका हो गया था। "
वो बोले। उनकी आवाज से लग रहा था की वो एकदम फ्लैश बैक में चले गए है।
" लेकिन तुम्हारे वाले का , " मैं अब बेसबरी हो रही थी।
"उसने कोशिश की , लेकिन घुसा नहीं , फिर दोनों अंगूठे से उसने , पूरी जोर से,… फैला के , वहां अपना ,… सुपाड़ा सेट किया और गरजा , एकदम ढीला रखना। " वो बोले।
और जारी रहे।
" मुझे डर बहुत लग रहा रहा था ,सोच रहा था बहुत दर्द होगा। लेकिन रानू को जो मैंने देखा , तो उसको मरवाते समय एकदम दर्द नहीं हो रही था , बल्कि लग रहाथा , की उसे अच्छा लग रहा है।
मैंने भी सोचा , चलो सारे लड़के तो मरवाते है और कैसे मजे से फिर अपने किस्से सुनाते हैं। तो मैं भी , और जब सुपाड़ा मेरे गांड के छेद पे वो रगड़ रहा था जोर जोरसे तो डर के साथ कुछ और भी लग रहा था , पहली बार। फिर मैंने भी गांड ढीली कर ली।
अब तो गांड नहीं बच सकती ,मुन्ने तेरी मैंने सोचा ,
लेकिन तब तक उन्होंने ,
' तबतक सिक्युरिटी के सायरन की आवाज आयी और वो दोनों जोर से चीखे , भाग साल्ले भाग , सिक्युरिटी आ गयी है। और उन दोनों के साथ ही हम दोनों भी , वो दोनोंबाग़ में घुस गए , और हम गली में वापस आ गए। "
"यार , तेरी गांड फिर बच गयी "
उनके क्रैक में मैं उंगली करते बोली।
' किस्मत ' मुस्कारते वो बोले।
" किस्मत की बदकिस्मत ,मन तो तेरा कर रहा था। मान लो सिक्युरिटी नहीं आती तो क्या होता। " और जोर से धँसाते मैं बोली।
" कुछ नहीं होता ,मार ली जाती। मैं मरवा लेता मेरे सारे दोस्त तो मरवाते ही थे। "
मुस्कराते वो बोले।
-फिर उन्होंने हाल खुलासा बयान किया , असल में बगल के कालेज के लड़के स्ट्राइक कर रह थे , और वो हमारे कॉलेज के प्रिंसिपल ने डर के सिक्युरिटी बुलवा ली। बसउसी सायरन से सब ,…
" अच्छा सच सच बोल , जब उस ने तुम्हारी गांड में सुपाड़ा सटाया था तो कैसे लग रहा था , अच्छा लग रहा था की नहीं। खुल के बोलो। "
मैंने पूछा।
वो थोड़ी देर चुप रहे फिर बोले ,
" थोड़ा डर लगा रहा ,लेकिन , हाँ , और ,… अच्छा भी लग रहा था। थोड़ा थोड़ा। "
"एक बार घुस जाता न तो सारा डर चला जाता तेरा ,सिर्फ मजा मिलता।"
मैंने उनके गोरे चिकने गाल को सहलाते समझाया और पूछा , फिर कभी
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कोरी की कोरी
"एक बार घुस जाता न तो सारा डर चला जाता तेरा ,सिर्फ मजा मिलता।" मैंने उनके गोरे चिकने गाल को सहलाते समझाया और पूछा , फिर कभी
" हाँ हाँ कई बार , लेकिन हर बार कुछ न कुछ , और एक बार तो लम्बा प्रोग्राम बना , पूरे तीन दिन का। मैं भी तैयार था। मैंने मन पक्का कर लिया था। "
अब वो खुल के बोल रहे थे , आज कन्फेशन टाइम था। पहले अपनी उस ममेरी बहन के बारे में और अब ,…
" अरे यार पूरा डिटेल में बताओ न "
मैंने और चढ़ाया।
"मैंने भी मन बना लिया था ,हो जाए तो हो जाने दो।
मेरे तो कई पक्के दोस्त एकदम खुल के बताते थे की ,साल्ले ,बिना हिचक के , मरवा के लौटते थे तो बोलते थे की बड़ा मजा आता है , जब रगड़ता दरेरता घुसता है। और उपर से मुझे चिढ़ाते थे , बहुत डरपोक है तू , अरे एक बार ट्राई कर ले , नहीं मन करेगा तो दुबारा मत मरवाना ,कौन लौंडिया है की गाभिन हो जाएगा। "
अब वो एकदम खुल के मस्ती से बोल रहे थे और मैं भी मजे से बिना उन्हें टोके, सुन रही थी।
वो चालू रहे.
"मैं ११वे में बैडमिण्टन में कॉलेज का चैम्पियन था। बहुत अच्छा खेलता था। सभी लोग कहते थे मेरे रीजनल चैम्पियनशिप बनने का चांस बहुत है। एक बार वहां नंबर २ भी हो गया न तो स्टेट तक जाने का चांस था। मेरा कैप्टेन , एकदम क्या कहते हैं एकदम , वो , ( थोड़ा झिझके वो ) ....तुम्हारे कमल जीजू टाइप था।
थोड़ा डॉमिनेटिंग भी , और बाकी दोनों प्लेयर्स भी उसी टाइप के ,उसके चमचे। जब से टीम तय हुयी थी ,
वो दोनों मुझे छेड़ते थे ,तुम्हारा सोलहवां सावन जम के बरसेगा। इतनी दिनों की बचायी नथ उतर जायेगी। और वहां रहने का अरेंजमेंट भी ऐसा था , हम चारों को एक ही कमरे में रहना था। जो टीचर जा रहे थे ,उन का घर वहां से पास में था , इस लिए उन्होंने पहले ही कैप्टेन से तय कर लिया था की , वो हमारी टीम के पहुंचते ही , वो अपने घर चले जाएंगे और चौथे दिन , गेम के लास्ट डे ही आएंगे।
कुछ देर रुक के फिर वो बोले , " मैंने घर में सबको सेट कर लिया था ,सबकी परमिशन मिल गयी थी। मैंने पैकिंग भी कर ली थी। "
मैं सोच रही थी , अबकी तो उनकी फाड़ी गयी होगी धूम धड़ाके से , लेकिन उनकी टोन बदल गयी , एकदम रुक रुक के उदास।
" लेकिन , जो हर बार होता , तुम मेरी मझली बहन को जानती हो ,मेरी मौसी की लड़की। उनकी कितनी चलती है घर में , जिस रात जाना था , उसी दिन वो आयीं और सब गुड़गोबर कर दिया उन्होंने , मुझे जो डांटा वो तो अलग , घर में भी सबको , फालतू में टाइम वेस्ट , एक महीना बचा है , छमाही इम्तहान को। वो तीन चार दिन के लिए आई थीं। एकदम सब ,… "
मैं प्यार से उनके गाल और गांड को सहलाते बोली।
"तेरी सारी मायकेवालियाँ न, मेरी सास समेत ,पक्की छिनार हैं . खुद तो मोहल्ले में घूम घूम के बांटती है ,और मेरे मुन्ने को , चल घबड़ा मत , बहुत जल्द मैं और मम्मी करवा देंगी तेरी नथ उतराई।
और फिर इसमें गड़बड़ क्या है , सिर्फ गांड मरवाने से कोई गे थोड़ी हो जाता है। ये तो बहुत अच्छी बात है , तुम दोनों ओर से मजा ले सकते हो , डबल मजा। और फिर लड़कियों ,औरतों के साथ भी तो तुम , देखो मम्मी ने कहा और तुम्माण भी गए हो ,मेरी सास के भोसड़े की , मेरी उस ननद के पीछे तो तुम तब से पड़े थे जब उस के टिकोरे बस आना शुरू हुए थे ,
कमल जीजू भी तो लड़कों का शौक रखते हैं लेकिन चीनू दी का बिना नागा , … ऐसे लोगों को 'बाई' कहते हैं जो डबल मजा लेते हैं , लड़कों से भी लड़कियों से भी ,नो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन , तो ये तो बहुत अच्छा है न। अच्छा हुए तूने मुझे बता दिया। मैं भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखती। "
खुश होकर वो मेरी ओर मुड़े और मुझे बाँहों में भींच लिया , चूम के बोले ,
" तुम भी "
उन की ख़ुशी एकदम छलक रही थी।
जवाब में मैंने भी जोरदार चुम्मी दी और बोली ,
" और क्या , लेकिन तुम्हारी तरह से मैं घबडाती शर्माती नहीं थी , खुद आगे बढ़ के। …
फिर मैंने हाल खुलासा बयान किया।
[
"अरे यार जहाँ तक लड़कों का सवाल है मैं तेरी ही तरह से नौसिखिया , ...सब तुम्ही ने किया पहली रात लेकिन लड़कियों के मामले में ,.... हाईकॉलेज के बाद मैं बोर्डिंग में चली गयी , वहां रैगिंग वैगिंग पहले नहीं होती थी ,लेकिन जब मैं १२ में गयी उस साल से एकदम , और रैगिंग में लड़कियों को ऊँगली करवाने से शुरू हो के।
यहाँ तक की नयी नयी लड़कियां जो नौवीं में आती थी , उन को भी , और सिखाते सिखाते मजे भी , वो तेरी छिनाल बहना काम माल आएगी न , जब तेरे मायके जाएंगे न , तो उसे ले आएंगे तो तुम क्या समझते हो।
रात भर तो तुम चढ़ोगे उसके नयी बछेड़ी पे , तो दिन में ? अरे दिन में मैं भोगूँगी उसे। "
हम दोनों सो गए एक दूसरे की बाहों में , लेकिन सोने के पहले ,… वो बुदबुदा रहे थे।
" लास्ट टाइम , यू नो , …सिर्फ तीन चार साल पहले , जब मेरी पहली जॉब लगी थी , हम लोग इन्डकशन ट्रेनिंग के लिए एक मैनेजमेंट कालेज में गए थे।
यूरिनल स्टाल पे मेरे बगल में एक और कोई ट्रेनिंग में आये थे , सीनियर मैनेजमेंट में , ४५-५० के रहे होंगे। गलती से मेरी निगाह उनके स्टाल पे ,जान बूझ के नहीं बस यु हीं , .... क्या मस्त कड़ियल मोटा नाग ,मुट्ठी में न समाये , ऐसा। सुपाड़ा भी बहुत दमदार। मुझे लगा नहीं की उन्होंने मुझे देखते हुए देखा होगा ,हाथ धोते समय वो मुझे देख के मुस्कराये और मैंने भी स्माइल दे दिया। लंच में वो खुद मेरे पास आके बैठ गए और काफी बातें की , मुझे लग गया था किवो सीन सेट कर रहे हैं ,और मैंने भी , अच्छा तो मुझे भी लगा था , तो मैंने भी ,… रूम्स की कुछ शार्टेज थी इसलिए हम लोगों शायद शेयर करना पड़ता , लेकिन कोई जूनियर ट्रेनी ही मेरा रूम पार्टनर होता।
पर रिसेप्शन ने बताया की उन्होंने खुद रिक्वेस्ट कर के स्वैप कर लिया है और मेरे रूम पार्टनर होंगे। रात को हमारा ट्रेनिंग सेशन देर से खत्म हुआ मैं लौटा तो दो मेसेज थे , एक तो सडेनली कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम कैंसल हो गया था इसलिए सबके रूम सिंगल कर दिए गए। सारे ट्रेनीज खुश थे , सिवाय मेरे। और रूम में लौटा तो उनका नोट थे की कुछ उनके घर में इमरजेंसी थी इसलिए ही इज गोइंग बैक।
हम दोनों सो गए।
कब शाम ढली मुझे पता नहीं चला।
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(24-02-2019, 06:36 PM)komaalrani Wrote: I will be eagerly awaiting your suggestion .....It will be story which will not be very long but will not be short ....full of romance and eroticism....sometimes slow and simmering , sometimes fast and furious ...with backdrop of HOLI
Congrats for new story in advance.
Please make sure it will start and Complete in phagun only .According to the mood of HOLI.
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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thanks will try ...i am trying to write a HOLI story after a long time ...for last few years i am only writing longer versions....Phagun ke din chaar , Jour ka Gullam ,,,,but will try ....certainly ...planning to write a sequel to Maja loota HOLI ka ....also
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हम दोनों सो गए।
कब शाम ढली मुझे पता नहीं चला।
थोड़ी रात ने चादर फैला दी।
" चाय चाय , गरम चाय। " आवाज ने मेरी नींद खोल दी , और जब मैंने अपनी बड़ी बड़ी पलकें खोलीं , सामने वो ,
चाय की ट्रे के साथ , दो प्याले।
चाय हमने बाद में पी , पि को अपनी ओर खींच के उनके होंठों को अपने होंठों का रस पिला दिया।
' मुझे उठा देते , " मैंने शिकायत की।
' उठाया तो ," मुस्करा के उन्होंने कहा और चाय की प्याली पकड़ा दी।
एक चुस्की मैंने ली , और मेरी आँखे पट्ट से खुल गयीं , एकदम परफेक्ट ,कड़क।
" मस्त चाय है बहुत अच्छी ,और बनाने वाला भी ,"
मुस्करा के मैं बोली और उन के प्यासे होंठों पे अबकी टिट्स से टिप दे दिया।
' पीने वाली भी ,बहोत अच्छी है। " उन्होंने भी टिट्स के टिप कबूलते हुए जवाब दिया।
'बहोत मस्का लगा रहे हो , कुछ चाहिए क्या। "
मुझे नजर लगाते ,जैसे कोई नदीदा बच्चा , कॉलेज के बाहर ठेले पर रखे लॉलीपॉप ,कैंडी को देखता है बस वैसे देख रहे थे मुझे वो। बोले ,
" एकदम चाय पीने वाली। "
उन्हें चाय की प्याली पकड़ाते उनकी आँखों में अपनी आँख डाल के प्यार से अपनी आँखों का मय छलकाते मैं बोली ,
" एकदम मिलेगी , और कितनी जल्दी मिलेगी , डिपेंड करती है कितनी जल्दी तुम खाना बनाते हो, मेरे रसिया बालम। "
थोड़ी देर में वो किचेन में थे और पीछे पीछे मैं ,
अपने आप गुलाबी एप्रन उन्होंने पहन लिया था , जिसपर सुनहली कढ़ाई में कढ़ा था , JKG .
हम दोनों ने काम शुरू कर दिया , उन्होंने सब्जी धोने ,छीलने ,काटने का , और मैंने इंस्ट्रक्शन देने का।
" सुबह की तरह ज्यादा इलैबोरेट नहीं ,बस क्विक बाइट सा। " मैं बोली।
कुछ हेल्प भी किया , फिर ये बोल के निकल आई ' आधे घंटे में खाना लगा देना। "
मुझे बेड रूम में 'कुछ काम'' था ,रात के लिए सेटिंग तय ठीक करनी थी।
२५ मिनट में ही टेबल भी लग गयी थी और खाना भी।
हाँ खाना खत्म करते , हमें जरूर टाइम लग गया था। साढ़े आठ बजे गए थे।
' बस टेबल साफ कर के ,बरतन किचेन कर के , सीधे बेड रूम में बेबी जाएगा ,और कल की तरह , मेरा वेट करना।
मैं पौने दस बजे घुसी , वो बेड पर थे , पूरी तरह निर्वस्त्र , निरावृत , । आधे घंटे से वेट करते ,
डार्क ब्लैक साटन की बेड शीट सिर्फ एक नाइट लैम्प , वो भी बेड से बहुत दूर।
आज मै मिस्ट्रेस पेट्रीसिया थी , एक डॉमीनेटरिक्स ,जिससे वो चैट रूम्स में अक्सर मिलते थे।
……………………………………………………..
मिस्ट्रेस पेट्रीसिया
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Some of my HOLI stories ....posted in various forum...first story i wrote was a HOLI story .. .HOLI Mein Phat Gayi
Saajan Chale Sasural
Maja loota Holi main
Ek Choti si Holi story
Holi main phat gayi
Na Bhooli vo Holi
Let us play Holi
HOLI ke rang
and Phagun ke din chaar was a novel but had some HOT HOLI scenes
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if you recall story did mention about his femdom and sisification fantasies ...next parts are about that
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मिस्ट्रेस पेट्रीसिया
आज मै मिस्ट्रेस पेट्रीसिया थी , एक डॉमीनेटरिक्स ,जिससे वो चैट रूम्स में अक्सर मिलते थे।
फर्स्ट वेंट इन , मेरे डार्क ब्लैक हाई हील्ड ,पेंटेंट लेदर स्टील्टो , ५ इंच हील्स ,एकदम शार्प।
और उनकी निगाहें मेरी काली चमकती काली पेटेंट लेदर की सैंडल पर चिपकी थीं , और फिर दूसरा पैर।
ब्लैक फिशनेट स्टॉकिंग्स , मेरे गोरे पैरो से चिपकीब्लैक लेदर स्कर्ट , घुटनों से करीब दो बित्ते ऊपर, चांदी की एक चेन नागिन सी बलखाती मेरी पतली कमर मेंलिपटी , चिपकी और लेदर कोर्सेट ,
मेरी हावर ग्लास फिगर को कसे , बड़े बड़े उभारों को और जोर से उभारता , गोल गोल कड़े कड़े कंचे ऐसे निपल ब्लैक लेदर कॉर्सेट के बाहर छलकते हुए,…
लेकिन उनकी निगाहें मेरी काली चमकती सैंडल से चिपकी थीं।
वो फर्श पे थे , निहुरे पूरी तरह , झुके , … और मैं पलंग पर थी ,मेरा एक पैर फुट स्टूल पे, हलकी हलकी रोशनी मेरी देह के हर कटाव ,उभार को और उभार रही थी।डायरेक्ट लाइट की तेज बीम सिर्फ फुट स्टूल पर थी। मेरी ब्लैक पेटेंट लेदर की हाई हील सैंडल चमक रही थी।
और उनकी आँखों में एक अनबुझ प्यास छलक रही थी।
" वांट टू लिक इट बेबी "
हस्की आवाज।
जोर से उन्होंने हामी में सर हिलाया , और मैंने अपना पैर उनकी ओर बढ़ाया फिर वापस खींच लिया।
" यू मस्ट डू समथिंग टू अर्न दिस प्रिविलेज , मदर फकर "
हलके से मैं बोली।
" यस यस्स्स , " उनकी हालत ख़राब हो रही थी।
और मैं बेड के पास आ गयी थी।
' श्योर "
मैंने फिर पूछा।
उनकी हालत खराब थी ,जीभ बाहर लपलपा रही थी ,आँखे मेरी ब्लैक शाइनिंग पेटेंट लेदर सैंडल से चिपकी थीं
" जी , हाँ यस ,श्योर ,"
मैंने सैंडल थोड़ा सा उनकी ओर बढ़ाया , हलकी सी झुकी , और फुसफुसा कर बोला,
" विल यु फक योर मदर , फार थिस प्रिविलेज ".
वो एक पल के लिए झिझके ,एक पल के लिए मैं सहमी।
ये मेक आर ब्रेक सिचुएशन थी , मैंने लाइन खींच दी थी , अब देखना था की मैं उन्हें कहाँ तक पुश कर सकती हूँ।
पांच -सात सेकेण्ड वो रुके होंगे , फिर एक नए जोश से बोले ,
"हाँ यस ,आई विल "
" से टेन टाइम्स वेरी लाउडली ,
आई एम अ मदर फकर, आई विल फक माई मदर। "
और उन्होंने बोलना शुरू कर दिया ,
आई एम अ मदरफकर ,… "
पांच बार के बाद मैंने फिर ऑर्डर बदला।
" हिंदी में बोल मादरचोद ,"
और बिना रुके वो चालू हो गए ,
" मैं मादरचोद हं , .... "
दस बार खत्म होते ही मैंने सैंडल उनकी ओर बढ़ा दिया , और एक नदीदे की तरह झुक के चपर चपर ,
वो जिस तरह से सैंडल चाट रहे , किस कर रहे थे उसे ,
" और जोर से चाट , चमका दो उसको , अच्छी तरह , हाँ हाँ ऐसे ही ,अच्छा चाटोगे न तो तेरी माँ की गांड भी चटवाउंगी , बोल चाटेगा न उसकी गांड "
मैंने ज़रा हड़काते पूछा ,
पहले उन्होंने सर हिला के हामी भरी और फिर , मेरे हड़काने के पहले बोल के भी ,हाँ हाँ चाटूंगा।
मेरी सैंडल उन्होंने एकदम चमका दी , स्पिट क्लीन।
मैंने अपने स्टील्टो हील ,पूरे पांच इन्च उनके मुंह में
ठेल दी और बोला ,
" मादरचोद चाट इसको "
और उन्होंने चाटना शुरू कर दिया।
"सिर्फ चाटो नहीं , चूस चूस जोर से हाँ ,एकदम ऐसे , जैसे कोई मोटा लंड चूस रहा है ,"
और अब वो मेरी हील चूस रहे थे ,पूरी ताकत से।
क्या कोई छिनार प्रोफेशनल लौंडिया चूसेगी ,
दोनों होठ हील के चौड़े बेस से लेकर अगले हिस्से तक ,
जैसे कोई लंड के बेस से लेकर , एकदम सुपाड़े तक जोर जोर से चूसे ,
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