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(24-05-2020, 12:29 PM)komaalrani Wrote: मैं वापस आ गयीं हूँ बस पहले तो आपकी सारी पोस्टें पढ़ीं , ' चाशनी ' की बात पढ़कर चासनी निकल आयी और इलाज करने वाला पास हो तो , चासनी के साथ रबड़ी मलाई भी कटोरी भर ,...
सुमन भाभी वाले प्रसंग तो जबरदस्त हैं , असल में सबसे रसीला रिश्ता तो ननद भौजाई का ही है , ... अभी थोड़ी फ्री हुयी हूँ , तो सोचा दरवाजा खटखटा दूँ , ... में जान रही थी आप सब की गालियां तो बहुत पड़ेंगी ,... लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे होतें हैं न , ननद भाभी के , सहेलियों के जिनमें बिना गाली के बात करना ही गाली देने जैसा लगता है ,
पूनम जी , कुसुम जी , चाशनी की बात पढ़कर आप लोगों की भी यही हालत होती होगी जो मेरी आज हुयी ,
हम सब लोग ठीक हैं , ' काम धाम ' में व्यस्त ,अब कल से इनका आफिस पार्ट टाइम खुल रहा है , हफ्ते में तीन दिन , चार चार घंटे के लिए नौ दस बजे जाकर दोपहर के खाने के लिए घर पर ,... और उसके बाद ,... आप सब सहेलियां सोच सकती हैं स्वीट डिश में क्या होगी ,...
कोमल जी चासनी का तो पूछो ही मत
दिन भर लसलसी रहती हूं और रात को मूसल जाता है ऊफ़्फ़ कटोरी भर रबड़ी रोज घोटनी पड़ती है
हालांकि रबड़ी मलाई तो सभी जम के घोंट रही है
दिन भर फिर चासनी पोछती फिरती है
ऊफ़्फ़ क्या करें
कोमल जी जब तक साजन आफिस रहे आप आ जाया करें हम सब के बीच
ओर जब आ जाएं एक बढ़िया सी स्वीट-डिश परोस दे नाजुक सी गुलाबी
।। काजू-,कतली ।।
मीठी रस मलाई,ओर थोड़ा सा टेस्ट मुँह अच्छा करने के लिए गोलकुंडा के दरवाजे से खारा-खारा जायका
सब आप को पढ़ के सीखी हूँ, समझ गयी होंगी आप तो
अपडेट के इंतज़ार में आप की
।। कुसुम सोनी ।।
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Bohat mast lilhti ho aap maza aa giya bas ek dukh hai jab maza aana start hota hai update khatm ho jati ho piyas hai busjhti nhi hai apse reuest hai update thodi long and jaldi de ...wait karna mushkil ho jata hai ...thanx
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(26-05-2020, 06:10 AM)aaman298 Wrote:
aaman298
प्लीज यह डिलीट कर दीजीए
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(26-05-2020, 11:44 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी चासनी का तो पूछो ही मत
दिन भर लसलसी रहती हूं और रात को मूसल जाता है ऊफ़्फ़ कटोरी भर रबड़ी रोज घोटनी पड़ती है
हालांकि रबड़ी मलाई तो सभी जम के घोंट रही है
दिन भर फिर चासनी पोछती फिरती है
ऊफ़्फ़ क्या करें
कोमल जी जब तक साजन आफिस रहे आप आ जाया करें हम सब के बीच
ओर जब आ जाएं एक बढ़िया सी स्वीट-डिश परोस दे नाजुक सी गुलाबी
।। काजू-,कतली ।।
मीठी रस मलाई,ओर थोड़ा सा टेस्ट मुँह अच्छा करने के लिए गोलकुंडा के दरवाजे से खारा-खारा जायका
सब आप को पढ़ के सीखी हूँ, समझ गयी होंगी आप तो
अपडेट के इंतज़ार में आप की
।। कुसुम सोनी ।। कुसुम जी,
कहाँ हो जी,
इतने दिन और राते हो गयी ...... दर्शन ही नहीं मिल रहे आपके ...... और कोई मेरी सहेली ऑनलाइन आती ही नहीं सब मजे ले रही हैं हो सकता है कि समय अलग - अलग होजाता हो ऑनलाइन आने का.
कुसुम जी खूब काजू कतली खिलाई जा रही है, चाशनी के साथ ...... और कोमल जी के आने से तो माहोल रस भरा हो गया है.....
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(26-05-2020, 03:06 PM)Sameer517 Wrote: Bohat mast lilhti ho aap maza aa giya bas ek dukh hai jab maza aana start hota hai update khatm ho jati ho piyas hai busjhti nhi hai apse reuest hai update thodi long and jaldi de ...wait karna mushkil ho jata hai ...thanx Sameer517 जी
शुक्रिया आपका ,
जी सही कहा आपने , पर क्या करू घर के काम , और कभी मन ही नहीं होता कुछ लिखने को..... सब तरफ टेंशन का महोल है कुछ खुला है तो भी खतरा बढ़ रहा है.... मन विचलित होजयता है .... जल्दी मिलती हूँ आपसे ..... सुमन भाभी के साथ ........ सपने मैं ........
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पर सपने मैं आगे थी सुमन भाभी ......
जब तक मेरे साथ "सब कुछ" नहीं हो गया तब तक दिल मैं इच्छा थी कि वो जब करे तब "मूड्स" लगा कर करे , और जब किया तब तक
और भी कई आ गए थे मूड्स जैसे , रोज रात नया और फ्लेवर वाला भी .... लीची , चॉकलेट ...... उफ़ मैं भी क्या बताने लग गयी .... मिलती हूँ जल्दी .... सपने मैं --- सुमन भाभी के साथ ...........
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
वो रात मेरे लिए कितनी चिकनी थी यह तो सबह उठ कर ही पता चला था , मेरी स्कर्ट काफी भीग गयी थी मेरी कामरस और चाशनी मैं. और
मेरे जोबन कुछ जायदा ही दबा दिए थे मैंने रात को उस वजह से मेरे निप्पल एकदम लाल हो रहे थे और थोडा दर्द भी हो रहा था हाथ लगाने पर.
हम्म,
तो अब चलते हैं वापस सपनो कि दुनिया मैं .... सुमन भाभी के साथ ......
तो, मेरा एक सपना पूरा हुआ तो दूसरा शुरू हुआ जो बेहद चिकना था , आखिर सुमन भाभी जो थी मेरे साथ तो जब मुझे याद आया कि सुमन
भाभी भी गीली थी तो अरमान जग गए कि सुमन भाभी भी वो सब मेरे साथ कर रही है जो वो दोनों लड़कियां कर रही थी ..... अलग एहसास
उस सपने मैं मैं कोई स्विमिंग पूल के पास तो नहीं थी पर सुमन भाभी के बेड पर बैठी थी, और सुमन भाभी ठीक मेरे सामने ब्लाउज और साये मैं आधी लेटी हुई थी और सामने से उनके जोबन छलक रहे थे मनो कह रहे हो कि आओ और हमे खा लो ..... और मैं भी यही सोच रही थी
कि कितने बड़े हैं जोबन भाभी के , उफ़ कैसे सँभालते होंगी ..... और कितने नरम होंगे ...... मेरे मुह मैं पानी आ रहा था और नीचे "चाशनी" .
तभी सुमन भाभी उठी और मेरे करीब - बहुत करीब आ गयी उनकी सां मैं अपने होंठो पर महसूस कर रही थी , मेरी आँखे बंद थी और इंतज़ार
कर रही थी कि किसकी बारी होंतो कि या मेरे जोबन कि ..... दुपट्टा सरका मेरे कंधे से और तेज़ हुई मेरी सांस उठने लगे मेरे जोबन उपर - नीचे और मेरे होंठ कापने लगे ..... फडकने लगे सुमन भाभी के होंठो के लिए ......
सुमन भाभी ने एक ऊँगली मेरे जोबन पर फिराई हलके से मेरी ब्रा कि लाइन और उसकी स्ट्रैप्स को छूती हुई धीरे धीरे हाथ चलती रही और मैं कांपती रही ...... कुछ होने वाले एह्साह से.......
उनके हाथ मेरे पीठ के पीछे आ गए और मुझे और करीब खेंच लिया अपनी और , और मैं एक कटी पतंग कि तरह खिंची चली गयी .....
फिर क्या था मेरे होंठ अपने आप खुल गए उनके होंठ को अपने मैं सामने के लिए ......... एक् मीठा एहसास ..... उनकी रसीली जुबान मेरे मुह मैं
एक मछली के जैसे तैर रही थी फिसल रही थी... मेरे निचले होंठ "जी वो ही ... " मेरे उन्ग्लिओं मैं मसले जा रहे थे और कुछ देर थक मेरे होंठो का रसपान करने के बाद सुमन भाभी अलग हुई, और पुछा "निहारिका मजा आया" ....
मैं कुछ कहने के काबिल ही कहाँ बची थी बस हम्म, कह कर मुस्कुरा दी और एक बार फिर उनके पास सरक गयी .... और भाभी पीछे ....
मैंने कहा क्या हुआ भाभी ......
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(26-05-2020, 11:44 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी चासनी का तो पूछो ही मत
दिन भर लसलसी रहती हूं और रात को मूसल जाता है ऊफ़्फ़ कटोरी भर रबड़ी रोज घोटनी पड़ती है
हालांकि रबड़ी मलाई तो सभी जम के घोंट रही है
दिन भर फिर चासनी पोछती फिरती है
ऊफ़्फ़ क्या करें
कोमल जी जब तक साजन आफिस रहे आप आ जाया करें हम सब के बीच
ओर जब आ जाएं एक बढ़िया सी स्वीट-डिश परोस दे नाजुक सी गुलाबी
।। काजू-,कतली ।।
मीठी रस मलाई,ओर थोड़ा सा टेस्ट मुँह अच्छा करने के लिए गोलकुंडा के दरवाजे से खारा-खारा जायका
सब आप को पढ़ के सीखी हूँ, समझ गयी होंगी आप तो
अपडेट के इंतज़ार में आप की
।। कुसुम सोनी ।।
देखिये आ गयी मैंने अभी थोड़ी देर पहले ये गए , उस के बाद दो ढाई घण्टे लग गए काम समेटने में ,... ये साढ़े तीन चार तक आएंगे , तीन चार घंटे का इंटरवल , ... लेकिन निहारिका जी की कहानी से ज्यादा खतरनाक तो आप के कमेंट हो गएँ है , वही पढ़ पढ़ के दो तार की चासनी निकल रही है , एकदम लसलसी होने लगी , सच्ची
और ऊपर से आपने काजू की कतली , ... और गोलकुंडा की बात चला दी , भरतपुर और चितौड़गढ़ दोनों
अब तीन घंटे बाद , लगता है आज ' उन के ' आते ही सब हो ही जाएगा ,...
आप लकी हैं , रात में ही
यहाँ ' लाकडाउन ' में रात का इन्तजार कौन करताहम था , ... गलती कहें बदमाशी कहें मेरी भी थी ,
बैकलेस ब्लाउज , बिना कवच के , और साड़ी भी बस , एकदम ,...
एकदम यही वाला डिजाइन
.... निहारिका जी का सपना सुमन भाभी के साथ जल्द सच हो , ननद भाभी हों , और ' कुछ हो ' नहीं ये तो बहुत नाइंसाफी है ,
मैं तो अपनी ननद से साफ़ साफ़ बोल देती हूँ , " यार तेरे भइया नहीं हैं तो तेरा ही नंबर लगेगा आज , तेरी पढ़ाई ट्रेनिंग सब हो जाएगी '
हम सब रोज यहाँ आके निहारिका जी को तंग करंगे , हाट हाट अपडेट देने के लिए
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(26-05-2020, 09:05 PM)Niharikasaree Wrote: पर सपने मैं आगे थी सुमन भाभी ......
जब तक मेरे साथ "सब कुछ" नहीं हो गया तब तक दिल मैं इच्छा थी कि वो जब करे तब "मूड्स" लगा कर करे , और जब किया तब तक
और भी कई आ गए थे मूड्स जैसे , रोज रात नया और फ्लेवर वाला भी .... लीची , चॉकलेट ...... उफ़ मैं भी क्या बताने लग गयी .... मिलती हूँ जल्दी .... सपने मैं --- सुमन भाभी के साथ ...........
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
वो रात मेरे लिए कितनी चिकनी थी यह तो सबह उठ कर ही पता चला था , मेरी स्कर्ट काफी भीग गयी थी मेरी कामरस और चाशनी मैं. और
मेरे जोबन कुछ जायदा ही दबा दिए थे मैंने रात को उस वजह से मेरे निप्पल एकदम लाल हो रहे थे और थोडा दर्द भी हो रहा था हाथ लगाने पर.
हम्म,
तो अब चलते हैं वापस सपनो कि दुनिया मैं .... सुमन भाभी के साथ ......
तो, मेरा एक सपना पूरा हुआ तो दूसरा शुरू हुआ जो बेहद चिकना था , आखिर सुमन भाभी जो थी मेरे साथ तो जब मुझे याद आया कि सुमन
भाभी भी गीली थी तो अरमान जग गए कि सुमन भाभी भी वो सब मेरे साथ कर रही है जो वो दोनों लड़कियां कर रही थी ..... अलग एहसास
उस सपने मैं मैं कोई स्विमिंग पूल के पास तो नहीं थी पर सुमन भाभी के बेड पर बैठी थी, और सुमन भाभी ठीक मेरे सामने ब्लाउज और साये मैं आधी लेटी हुई थी और सामने से उनके जोबन छलक रहे थे मनो कह रहे हो कि आओ और हमे खा लो ..... और मैं भी यही सोच रही थी
कि कितने बड़े हैं जोबन भाभी के , उफ़ कैसे सँभालते होंगी ..... और कितने नरम होंगे ...... मेरे मुह मैं पानी आ रहा था और नीचे "चाशनी" .
तभी सुमन भाभी उठी और मेरे करीब - बहुत करीब आ गयी उनकी सां मैं अपने होंठो पर महसूस कर रही थी , मेरी आँखे बंद थी और इंतज़ार
कर रही थी कि किसकी बारी होंतो कि या मेरे जोबन कि ..... दुपट्टा सरका मेरे कंधे से और तेज़ हुई मेरी सांस उठने लगे मेरे जोबन उपर - नीचे और मेरे होंठ कापने लगे ..... फडकने लगे सुमन भाभी के होंठो के लिए ......
सुमन भाभी ने एक ऊँगली मेरे जोबन पर फिराई हलके से मेरी ब्रा कि लाइन और उसकी स्ट्रैप्स को छूती हुई धीरे धीरे हाथ चलती रही और मैं कांपती रही ...... कुछ होने वाले एह्साह से.......
उनके हाथ मेरे पीठ के पीछे आ गए और मुझे और करीब खेंच लिया अपनी और , और मैं एक कटी पतंग कि तरह खिंची चली गयी .....
फिर क्या था मेरे होंठ अपने आप खुल गए उनके होंठ को अपने मैं सामने के लिए ......... एक् मीठा एहसास ..... उनकी रसीली जुबान मेरे मुह मैं
एक मछली के जैसे तैर रही थी फिसल रही थी... मेरे निचले होंठ "जी वो ही ... " मेरे उन्ग्लिओं मैं मसले जा रहे थे और कुछ देर थक मेरे होंठो का रसपान करने के बाद सुमन भाभी अलग हुई, और पुछा "निहारिका मजा आया" ....
मैं कुछ कहने के काबिल ही कहाँ बची थी बस हम्म, कह कर मुस्कुरा दी और एक बार फिर उनके पास सरक गयी .... और भाभी पीछे ....
मैंने कहा क्या हुआ भाभी ......
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है निहारिका जी प्लीज , ऐसे बीच में मत छोड़िये ,
हमारा घाटा हो जाता है , और इनका फायदा , चासनी के मारे झूठ मूठ का भी मना नहीं कर पाती ,...
लेकिन आपका डिस्क्रिप्शन , पर
सिर्फ आँखे आपकी कहानी पर रहती हैं , उँगलियाँ कहाँ होतीं , ये मुझसे , कुसुम जी और बाकी सहेलियों से पूछिए ,... बस जल्द से आगे बढ़ाइए
न
और वो मूड्स के फ्लेवर जो बता रही थीं , बीच में छोड़ दिया ,...
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सभी बड़ी दीदियों को मेरा नमस्ते मेरा नाम वैशाली है आप सबसे छोटी हूँ पर यहां पर आप सब की बातें बहुत रोमांचक हैं मुझे ये जानना था कि यहां पर जो परिवार के बीच वाली कहानियां हैं उनमे कितनी सच्चाई है क्या हमारा बदन घर के मर्दों को ललचाता है..बस राय जानना है क्योंकि परिवार मे ऐसे ख्याल हमारी मर्यादा व संस्कृति के खिलाफ है पर इस पोर्टल पर ज्यादातर वैसी कहानियां हैं इसका मतलब लोग ये सब सोचते हैं....
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(27-05-2020, 12:53 PM)komaalrani Wrote: है निहारिका जी प्लीज , ऐसे बीच में मत छोड़िये ,
हमारा घाटा हो जाता है , और इनका फायदा , चासनी के मारे झूठ मूठ का भी मना नहीं कर पाती ,...
लेकिन आपका डिस्क्रिप्शन , पर
सिर्फ आँखे आपकी कहानी पर रहती हैं , उँगलियाँ कहाँ होतीं , ये मुझसे , कुसुम जी और बाकी सहेलियों से पूछिए ,... बस जल्द से आगे बढ़ाइए
न
और वो मूड्स के फ्लेवर जो बता रही थीं , बीच में छोड़ दिया ,...
कोमल जी ,
"सिर्फ आँखे आपकी कहानी पर रहती हैं , उँगलियाँ कहाँ होतीं , ये मुझसे , कुसुम जी और बाकी सहेलियों से पूछिए ,... बस जल्द से आगे बढ़ाइए "
हाय, कोमल जी ..... जोबन के पीछे से दिल निकल जाता है ....... आपके लिए .......
हम्म, थोडा लेट हो रही हूँ ...... उप्दतेस के लिए ....... आप भी बिजी थी और मेरी बाकि सहेली भी "कुछ जायदा" बिजी थी घर के काम और "वो काम" भी समय निकलना थोडा मुश्किल हो रहा है .... फिर भी कोशिस कर के .... वो भी अब जाने लगे हैं घर से बाहर काम से अब जमेगी महिला मण्डली .... और धमाल
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मैं कुछ कहने के काबिल ही कहाँ बची थी बस हम्म, कह कर मुस्कुरा दी और एक बार फिर उनके पास सरक गयी .... और
भाभी पीछे .... मैने कहा क्या हुआ भाभी .....
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
मैं सुमन भाभी को देख रही थी और सुमन भाभी मुझे फिर सुमन भाभी ने अपने बाल पीछे से आगे किये और अपने ब्लाउज
के बटन खोलने लगी दो - एक बटन खोल कर वो रुक गयी फिर मुझे देखा .... और मैं बावली सी बिना पलक झपकाए एकटक
उन्हें देखे जा रही थी ... फिर सुमन भाभी ने अपने साया खोलना चालू किया नाडा और इलास्टिक दोनों थे उसमे काफी चिपका हुआ सा था सुमन भाभी कि झंगो पर और नीचे घुटने के पास एक कट सा भी था ..... बस फिर क्या उतर गया साया ....
सुमन भाभी कि पेंटी रेड नेट कि लेस वाली और आधा खुला हुआ ब्लाउज एकदम जानमारू हो रहा था .... मेरी सांस अटक - अटक कर चल रही थी ... फिर सुमन भाभी धीरे -धीरे चल कर मेरे पास आई और बोली ...
सुमन भाभी - निहारिका जरा मेरे बटन खोल देना ....
मैं - जी सुमन भाभी .... हलक ही सुख गया था क्या बोलती मैं ..
फिर सुमन भाभी घूम कर कड़ी हो गयी..... उफ़. क्या बताऊ मेरी बहेनो उनके गोल मटोल "गोल कुंडे" रेड पेंटी मैं एकदम गदराए बिना हाथ लगाये रह नहीं गया ....... इस पर सुमन भाभी बोली रुक जा रानी सब मिलेगा ... धीरज धर .....
फिर मैंने सुमन भाभी रहे बाकि दो बटन भी खोल दिए .... उनके गोर जिस्म पर चमकती रेड ब्रा कितनी सुन्दर लग रही थी.....
यह कमाल तो पीठ का था जब सुमन भाभी वापस घूमी तो उफ़ जोबन ब्रा मैं से बहार आते हुए ... मुझे ललचाते हए अपनी और खिंच रहे थे ..... दिल कर रह था कि खा जाऊ ...... पर हिम्मत नहीं हुई .... कुछ भी करने कि .
फिर सुमन भाभी ने मेरा हाथ अपने जोबन पर रख दिया ... पर बोली कुछ न ....... बस देखती रही मेरी आँखों मैं ...... मेरे हाथ उनके जोबन पर उपर से नीचे चल रहे थे .... जोबन कि गोलायियो और निप्पल जो एकदम कड़क था .....
उधर सुमन भाभी के हाथ अपना काम कर रहे थे ... मेरे जोबन पर करंट दौड़ाने का काम जो सीधा मेरी "नीचे वाली" को फडकता और मेरे मुह से आहा निकल जाती ... और सुमन भाभी के मुह पर स्माइल आ जाती ......
कुछ देर तक ऐसा करने के बार .... जब सुमन भाभी को लगा कि इतना करंट काफी होना मुझ नोसिखिया के लिए फिर मेरी
कुर्ती उतर गयी और मेरे हाथ एकदम सुमन भाभी के जोबन से हट कर अपने जोबन पर आ गए .........
जी, ठीक वेसे ही जैसे फिल्मो मैं हेरोइन अपना जोबन ढक लेती हैं गुंडों से बचने के लिए ...... पर कहाँ बच पाती हैं ..... लूटना तो है ही .....
हम्म , फिर सुमन भाभी और पास आई और मेरे दोनों हाथ हटा दिए और बड़े प्यार से मेरे बालो को पीछे करते हुए एक बार
फिर लिप किस का दौर शुरू कर दिया ......
किप किस करते हुए .... सुमन भाभी ने मेरी ब्रा भी खोल दी ..... अब मैं ऊपर से नंगी थी ...... और सुमन भाभी ब्रा - पेंटी मैं ...
....
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मेरी बात का किसी ने जवाब नहीं दिया
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Aapki kahani parhna shuru hi karta houn ki mera lund khara ho jata hai ..lagta hai nange ho jaun..but ghar pe 3 bhabhi aur 2 didi hai hamesha koi na koi aata jata hai isiliye nhi ho pata nange ..
Kaash aaplog komal ji kusum ji neharika ji aaplog ke saamne mai pant utaar sata
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(27-05-2020, 02:06 PM)Exotic Wrote: सभी बड़ी दीदियों को मेरा नमस्ते मेरा नाम वैशाली है आप सबसे छोटी हूँ पर यहां पर आप सब की बातें बहुत रोमांचक हैं मुझे ये जानना था कि यहां पर जो परिवार के बीच वाली कहानियां हैं उनमे कितनी सच्चाई है क्या हमारा बदन घर के मर्दों को ललचाता है..बस राय जानना है क्योंकि परिवार मे ऐसे ख्याल हमारी मर्यादा व संस्कृति के खिलाफ है पर इस पोर्टल पर ज्यादातर वैसी कहानियां हैं इसका मतलब लोग ये सब सोचते हैं....
वैशाली जी
निहारिका का प्यार भर नमस्कार !
औरतो कि रोमांचक और चटपटी बातो को पसंद करेने के लिए शुक्रिया .... एक औरत ही यह समझ सकती है ..... औरतो कि बाते
हम्म, अब आते हैं आपके प्रश्न कि ओर "क्या हमारा बदन घर के मर्दों को ललचाता है.." - जी सही कहा आपने .
उपर वाले ने हम औरतो को इसी तरेह से बनाया है कि हम सुन्दर व् आकर्षक दिखे और प्रक्रति के नियमनुसार सर्जन मैं सहयोग करे ....
कभी यह नियम थोडा बदल जाता है "कन्या -रस " के शोकिनो के लिए .....
आपके अगले सवाल कि ओर --- "यहां पर जो परिवार के बीच वाली कहानियां हैं उनमे कितनी सच्चाई है "
वैशाली जी .... मानुष का नेचर है यह .... सपने ओर फंतासी के लोक मैं अपने आप को खुश रखने कि कोशिश. जी , आपने सही कहा .... कुछ विचार अलग हो सकते हैं संस्क्रती से ... किन्तु पांचो उँगलियाँ बराबर नहीं होती .......
आपने जो भी कहानी पढ़ी ... उत्सुकता से , नयी जानकारी के लिए ...... जो भी कारन हो .... इस दुनिया मैं सब होता है .... होता चला आया है ..... और चलता रहेगा .... आपको खुद फैसला लेना है कि आप किस और हो .....
बाकि बाते होती रहेंगी ....... साथ बनाये रखे ...... आचा लगा आप से बात कर के ..............
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सुमन भाभी ने मेरी ब्रा भी खोल दी ..... अब मैं ऊपर से नंगी थी ...... और सुमन भाभी ब्रा - पेंटी
मैं ...
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
मैं थी तो सपने मैं पर सब सच लग रहा था ... जब आप कुछ दिल से चाहते हैं तो सब सच लगने लगता है... जैसा प्यार मैं होता है ..... हम्म , अब आगे का मेरा हाल
सुमन भाभी आई मेरे पास और मेरे जोबन को अपने दोनों हाथो से पकड़ लिया और दबा दिया .... एक करंट सा लगा फिर हाथ पीछे खींचते हुए मेरे निप्पल को खिंच दिया ... ओह माँ .... बस यही निकला मेरे मुह से ....
फिर सुमन भाभी ने पानी ब्रा उतार दी और पेंटी उतारने के लिए निचे झुकी तो उनके जोबन एकदम उछल कर मेरे सामने आ गए और मेरे हाथ जोबन सँभालने के लिए अचानक उठ गए और मैंने अपने दोनों हाथो से सुमन भाभी के जोबन पकड़ लिए .... हा हा जैसे वो गिर ही जाएँगी ....
हंसी मुझे भी आ गई फिर सुमन भाभी ने अपनी भीगी हुई पेंटी मुझे दे दी ... ले चाट ले ....
इधर मैं सपने मैं सुमन भाभी कि पेंटी चाट रही थी और सच मैं मेरी ऊँगली मेरी "नीचे वाली" से चाशनी निकल कर खिला रही थी ....
फिर सुमन भाभी ने मेरी लेगिगिंग्स निकल फेंकी और मेरी चासनी से भीगी मेरी पेंटी को निकल कर ऐसी छाती कि जैसी अभी धो कर सुखाने जा रही हो ... सब साफ़ ..... और मैं .... अभी तक आधी भी न चाट पायी थी
और सुमन भाभी के हाथ अपना जादू दिखने लगे थे ..... एक मेरे जोबन पर और दूसरा "नीचे वाली" पर अभी मेरी चिकनाई मेरी दोनों टांगो के बीच मैं टपक रही थी ...... और सुमन भाभी के मुह मैं जा रही थी .... फिर एक हलके धक्के से मैं नीचे बेड पर गिर पड़ी .....
और मेरी आँख खुल गयी ,,, मेरी स्कर्ट उपर हुई थी और मैं नीचे से पुरी नंगी थी .... चिकनी चाशनी से भरपूर....... मुझसे रहा न गया ... "चाट" ली मैंने चाशनी एक बार फिर से ..... अबकी बार खुली आँखों से ...... मुह से ऊँगली जब तक न निकाली जब तक उसका रस ख़तम न हो गया .
अब मेरी बैचनी बढ़ चुकी थी .... अब तो सुमन भाभी कुछ करे न करे मैं करवा लुंगी सुमन भाभी से ..... खोल कर खड़ी हो जाउंगी ओर बोलूंगी सुमन भाभी मैं आपकी हूँ कर लो ..... जो करना है ....
फिर शीतल भाभी का भी ध्यान आया .....तम्नना फिर जाग गयी ,, हाय शीतल भाभी .... कमाल का फिगर , बड़ी आँखे , मादक होंठ .... उफ़
उनके नीचे वाली कैसे होगी .... उनकी चाशनी कैसी होगी .......
यही सब सोचते और नीचे वाली कि दरार पर ऊँगली चलते हुए पंलंग पास नीचे बैठे सोच रही थी ... अब
कैसे जाऊं भाभी के पास ...........
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(28-05-2020, 10:13 PM)Niharikasaree Wrote: सुमन भाभी ने मेरी ब्रा भी खोल दी ..... अब मैं ऊपर से नंगी थी ...... और सुमन भाभी ब्रा - पेंटी
मैं ...
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
मैं थी तो सपने मैं पर सब सच लग रहा था ... जब आप कुछ दिल से चाहते हैं तो सब सच लगने लगता है... जैसा प्यार मैं होता है ..... हम्म , अब आगे का मेरा हाल
सुमन भाभी आई मेरे पास और मेरे जोबन को अपने दोनों हाथो से पकड़ लिया और दबा दिया .... एक करंट सा लगा फिर हाथ पीछे खींचते हुए मेरे निप्पल को खिंच दिया ... ओह माँ .... बस यही निकला मेरे मुह से ....
फिर सुमन भाभी ने पानी ब्रा उतार दी और पेंटी उतारने के लिए निचे झुकी तो उनके जोबन एकदम उछल कर मेरे सामने आ गए और मेरे हाथ जोबन सँभालने के लिए अचानक उठ गए और मैंने अपने दोनों हाथो से सुमन भाभी के जोबन पकड़ लिए .... हा हा जैसे वो गिर ही जाएँगी ....
हंसी मुझे भी आ गई फिर सुमन भाभी ने अपनी भीगी हुई पेंटी मुझे दे दी ... ले चाट ले ....
इधर मैं सपने मैं सुमन भाभी कि पेंटी चाट रही थी और सच मैं मेरी ऊँगली मेरी "नीचे वाली" से चाशनी निकल कर खिला रही थी ....
फिर सुमन भाभी ने मेरी लेगिगिंग्स निकल फेंकी और मेरी चासनी से भीगी मेरी पेंटी को निकल कर ऐसी छाती कि जैसी अभी धो कर सुखाने जा रही हो ... सब साफ़ ..... और मैं .... अभी तक आधी भी न चाट पायी थी
और सुमन भाभी के हाथ अपना जादू दिखने लगे थे ..... एक मेरे जोबन पर और दूसरा "नीचे वाली" पर अभी मेरी चिकनाई मेरी दोनों टांगो के बीच मैं टपक रही थी ...... और सुमन भाभी के मुह मैं जा रही थी .... फिर एक हलके धक्के से मैं नीचे बेड पर गिर पड़ी .....
और मेरी आँख खुल गयी ,,, मेरी स्कर्ट उपर हुई थी और मैं नीचे से पुरी नंगी थी .... चिकनी चाशनी से भरपूर....... मुझसे रहा न गया ... "चाट" ली मैंने चाशनी एक बार फिर से ..... अबकी बार खुली आँखों से ...... मुह से ऊँगली जब तक न निकाली जब तक उसका रस ख़तम न हो गया .
अब मेरी बैचनी बढ़ चुकी थी .... अब तो सुमन भाभी कुछ करे न करे मैं करवा लुंगी सुमन भाभी से ..... खोल कर खड़ी हो जाउंगी ओर बोलूंगी सुमन भाभी मैं आपकी हूँ कर लो ..... जो करना है ....
फिर शीतल भाभी का भी ध्यान आया .....तम्नना फिर जाग गयी ,, हाय शीतल भाभी .... कमाल का फिगर , बड़ी आँखे , मादक होंठ .... उफ़
उनके नीचे वाली कैसे होगी .... उनकी चाशनी कैसी होगी .......
यही सब सोचते और नीचे वाली कि दरार पर ऊँगली चलते हुए पंलंग पास नीचे बैठे सोच रही थी ... अब
कैसे जाऊं भाभी के पास ...........
कितने सपने ताजा कर दिए आपने टीनेज के
लेकिन थोड़ा जम्प मारिये न , कहानी में नहीं , हम सहेलियों की गलचौर में
सपने से रियल में
सच में , सब से पहले किसको चटाई थी चासनी किसी भाभी को , ननद को या किसी सहेली को ,
या ' किसी और ' को , ...
सच में , एक बहुत परसनल बात शेयर कर रही हूँ , कभी जब ये एकदम थक कर आते हैं , आफिस से या कुछ और बात हो ,
और इधर मन कर रहा हो , तो फिर चासनी चटा कर ही ,... लेकिन अक्सर उसका असर च्यवनप्राश से भी तेज होता है , सारी थकान गायब और मूसल ओखली के लिए तैयार , कभो आप या कुसुम जी टाई करिये
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(29-05-2020, 01:06 PM)komaalrani Wrote:
कितने सपने ताजा कर दिए आपने टीनेज के
लेकिन थोड़ा जम्प मारिये न , कहानी में नहीं , हम सहेलियों की गलचौर में
सपने से रियल में
सच में , सब से पहले किसको चटाई थी चासनी किसी भाभी को , ननद को या किसी सहेली को ,
या ' किसी और ' को , ...
सच में , एक बहुत परसनल बात शेयर कर रही हूँ , कभी जब ये एकदम थक कर आते हैं , आफिस से या कुछ और बात हो ,
और इधर मन कर रहा हो , तो फिर चासनी चटा कर ही ,... लेकिन अक्सर उसका असर च्यवनप्राश से भी तेज होता है , सारी थकान गायब और मूसल ओखली के लिए तैयार , कभो आप या कुसुम जी टाई करिये कोमल जी,
मेरा प्यार भरा नमस्कार
आपके दो शब्द ...... किसी पारितोषिक से कम नहीं मेरे लिए ..
"सब से पहले किसको चटाई थी चासनी किसी भाभी को , ननद को या किसी सहेली को ,
या ' किसी और ' को , "
सच्ची ...... बता दुंगी जी .... सब आनेवाला है .... लाइन से .........
"कभी जब ये एकदम थक कर आते हैं , आफिस से या कुछ और बात हो , और इधर मन कर रहा हो"
जी सही कहा ..... जब दिन भर अकेले घर पर हो ... इंतज़ार हो उनका और वो जब आये तो थकन ओर चिडचिडे ..... मन कर रहा हो .... चाशनी टपक रही हो ...... बाबा रे ... मेरी हिम्मत नहीं हुई आज तक .... हाँ जब वो नाहा कर आते हैं टॉवल मैं बाथरूम से बहार और फिर दिखती हूँ मैं और मेरी कमर ... जोर कि चिमटी फिर चाय कि डिमांड ...... तब जाकर कुछ रिलेक्स फील कर्रती हूँ मैं ...... चाय लाते हुए मेरी नीचे वाली टपकती रहती है ....... और कई बार मेरा पल्लू मेरे जोबन का साथ छोड़ देता है चाय रखते हुए बस फिर देखो उनकी आँखों कि चमक ..... आती है मेरी बारी पर चाय के बाद........
कोमल जी .... लिख दिया करो ... थोडा भी चलेगा , जब भी समय मिले ... "जी" खुश हो जाता है.
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29-05-2020, 03:29 PM
mast story hai aa giya bahut mast likhti ho aap very nice
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(29-05-2020, 03:29 PM)Sameer517 Wrote: mast story hai aa giya bahut mast likhti ho aap very nice
Sameer517 जी
शुक्रिया अपका
आपको मेरी कहानी पसंद आई ..... साथ बनाये रखे ...... और आनंद लीजिये ......
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