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Aap ki ak nazar ka intzaar aaj bhi hai
कोमल जी उम्मीद है सब बढ़िया होगा वहाँ पर
अब देश मे स्थितियों में तेज़ी से बदलाव हो रहा है
Lockdown 4 में आप के आगमन का इंतज़ार करूंगी
उसी अंदाज में
आप के अपडेट के बिना साजन संग भी वो गर्मी महसूस नहीं कर पाती हूँ
आप ने तो हमें बीच मझधार में छोड़ दिया है
मोहे रंग दे,JKG इनका पूरा होना मेरे लिए किसी पुरुस्कार से कतई कम नहीं होगा
इन्हें जरूर पुरा लिखना
।। आप के आगमन का इंतज़ार करूंगी ।।
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मैं वापस आ गयीं हूँ , बस अब वही गलचौर मस्ती वाली बातें और कोशिश करुँगी की कहानी पर भी पोस्ट्स हफ्ते में दो तीन दे सकूं ,
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मोहे रंग दे की अगली पोस्ट के पहले दो छोटे छोटे विनम्र अनुरोध , पाठकों से भी पाठिकाओं से भी
और अपनी सहेलियों से भी , ...
प्लीज प्लीज , जहाँ से कहानी एक महीने पहले छूटी थी , उस पोस्ट को पढ़ लें , जिससे सिलसिला बना रहे
मैं गाँव वाली , मायका बनारस के पास का गाँव और ससुराल भी पास में ही , ... इसलिए ढेर सारी गाँव वाली बातें , खास तौर से पूर्वांचल की आती रहेंगी ,
इसलिए दूसरा निवेदन अब कहानी थोड़ी सी फ्लैश बैक में जायेगी ,
कोहबर की रीत रिवाज ,
कोहबर लड़की और लड़के वाले दोनों के यहाँ बनता है , बुआ बनाती थी , मेरी शादी में बनाया भी था और नेग के लिए ठनगन भी हुयी ,
लेकिन कोहबर का असली खेल लड़की वाले के यहाँ होता है ,
पहले तो साली सलहज द्वार छेंकाई मांगती हैं , आज जो जूते से ज्यादा जुड़ गयी है
दूसरी बात कोहबर में सिर्फ लड़कियों , यानी साली सलहज , का राज होता है , और थोड़ा बहुत सास जो अक्सर बीच बचाव कराती हैं की विदाई की देरी हो जायेगी ,
कोहबर की रस्में भी अलग होती हैं , गाने वाने भी , ... लेकिन कुल मिलाजुला कर लड़के की रगड़ाई होना तय रहता है
और मेरी शादी तो एकदम गाँव वाला माहौल , गालियां भी असली और सालियाँ भी असली , ...
लड़के की माँ , भाभियाँ बहुत कुछ समझा कर भेजती हैं , बुरा मत मानना , साली सलहज हैं छेड़ेंगी तो
तो बस दूसरा अनुरोध ,
मेरी सहेलियों से , आप सबसे , अगर आप के खुद के बहनों के , किसी दोस्त के कोहबर के मजाक के छेड़ छाड़ के अनुभव हों तो जरूर शेयर करें ,...
तब तक ज़रा मैं कमर सीधी करती हूँ आगे की पोस्ट्स के लिए
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(18-05-2020, 07:46 AM)@Kusum_Soni Wrote: Aap ki ak nazar ka intzaar aaj bhi hai
कोमल जी उम्मीद है सब बढ़िया होगा वहाँ पर
अब देश मे स्थितियों में तेज़ी से बदलाव हो रहा है
Lockdown 4 में आप के आगमन का इंतज़ार करूंगी
उसी अंदाज में
आप के अपडेट के बिना साजन संग भी वो गर्मी महसूस नहीं कर पाती हूँ
आप ने तो हमें बीच मझधार में छोड़ दिया है
मोहे रंग दे,JKG इनका पूरा होना मेरे लिए किसी पुरुस्कार से कतई कम नहीं होगा
इन्हें जरूर पुरा लिखना
।। आप के आगमन का इंतज़ार करूंगी ।।
आप ने बुलाया और हम चले आएं ,
लेकिन आप ने ये क्यों कहा की अपडेट की कमीं से ' वो गर्मी नहीं महसूस कर पा रही हैं "
अरे गलती मेरी और घाटा ' बेचारे उनका ' हो रहा है , ये तो गलत बात है , चलिए अब हर पोस्ट के साथ आपका ' ओवरटाइम ' होना चाहिए , और जो हम सहेलियों का आपस का थ्रेड है , वहां निहारिका जी वाले थ्रेड पर , उसका फुल डिटेल
कहानियां अब दोनों ही आगे बढ़ेंगी तेजी से , और बाकी कहानियां ( होली के रंग ) पर भी पोस्ट दूंगी ,
हाँ मैं सोच रहीं हूँ मेरी एक और कहानी , कहानी क्या उपन्यास है , यहाँ पर नहीं है
उसे भी पोस्ट कर दूँ , बस थोड़े बहुत बदलाव के साथ , लेकिन वह कहानी पूरी है इसलिए उसे आगे नहीं बढ़ाउंगी ,
पढ़ा तो होगा आपने
फागुन के दिन चार
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(08-05-2020, 05:56 PM)Pamit453 Wrote: Hello komal ji
First of all aapki har stories ke liye aapko salute aapki sari stories mene pdhi h XOSSIP pe or usi ko aapne aage yha is XOSSIPY ke platform pe aapne continue rkha or yha bhi whi fan following bnayi jo bite time us site pe thi. Keep it up ? aise he likhte rhe or haa dhyan bhi rakhiyega is lockdown me. Apna bhi or hamara bhi.
Aapki stories ka silent Reader ???
(10-05-2020, 11:46 AM)Skzsk Wrote: Bate Karna to koy apse sikhe .waaah Kiya baat he.apke davara Kaha Gaya ye baat bhi carrant laga gayi.dhiya rakhiyega apna Corona se bhi or ghar me rahe Apke pati se bhi ???? Baki to ap samja hi Gaye hoge.
Thanks so much i am back and postings will start soon
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25-05-2020, 12:18 PM
(This post was last modified: 25-05-2020, 12:38 PM by @Raviraaj. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(24-05-2020, 12:19 PM)komaalrani Wrote: मैं वापस आ गयीं हूँ , बस अब वही गलचौर मस्ती वाली बातें और कोशिश करुँगी की कहानी पर भी पोस्ट्स हफ्ते में दो तीन दे सकूं ,
।। अभिनंदन ।।
कोमल जी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है मेरा आज तो आप का दिल से बहुत-बहुत स्वागत ओर हार्दिक अभिनंदन है
कोमल जी सब से पहले तो बहुत बहुत स्वागत है आप का फिर से हाजिर होने के लिए
आप को ओर आप के लेखन को हम जैसे आप के चाहने वालों ने कितना याद किया है ये तो खैर बता पाना संभव नहीं है ,आप रग रग में समाई है हमारे
।। कोमल जी बेसब्री से एक पोस्ट का इंतज़ार है जो इस नीरव सन्नाटे ओर छाई मायूसी को चीर दे ।।
फिर से वो अल्हड़ मस्ती छा जाये, हर कपल फिर से
ना रात देखे ना दीन।
ओर एक निवेदन है फ़ागुन के दिन चार से पहले आप की
बेबाक कहानी
।। शादी सुहागरात ओर हनीमून ।।
इस को पूरा करें, बहुत बड़ा उपकार होगा,,हनीमून आप ने नहीं लिखा था,,इस कहानी का सब से सेक्सी पार्ट था वो !!
आप को याद हो तो,बहुत सी शर्ते,बहुत से काम अच्छे वाले, जो सिर्फ आप उन के साथ,उन के सामने
वहीँ करने वाली थी
वो सब सालों से याद है मुझे निवेदन है पहले ये कहानी पूरी करें ।।
JKG, मोहे रंग दे और साथ ही शादी सुहागरात ये आप जरूर पूरी लिखें
आप को बहुत सारा प्यार,,एक बार फिर से आभार के साथ धन्यवाद कोमल जी
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(25-05-2020, 12:18 PM)@Raviraaj Wrote:
।। अभिनंदन ।।
कोमल जी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है मेरा आज तो आप का दिल से बहुत-बहुत स्वागत ओर हार्दिक अभिनंदन है
कोमल जी सब से पहले तो बहुत बहुत स्वागत है आप का फिर से हाजिर होने के लिए
आप को ओर आप के लेखन को हम जैसे आप के चाहने वालों ने कितना याद किया है ये तो खैर बता पाना संभव नहीं है ,आप रग रग में समाई है हमारे
।। कोमल जी बेसब्री से एक पोस्ट का इंतज़ार है जो इस नीरव सन्नाटे ओर छाई मायूसी को चीर दे ।।
फिर से वो अल्हड़ मस्ती छा जाये, हर कपल फिर से
ना रात देखे ना दीन।
ओर एक निवेदन है फ़ागुन के दिन चार से पहले आप की
बेबाक कहानी
।। शादी सुहागरात ओर हनीमून ।।
इस को पूरा करें, बहुत बड़ा उपकार होगा,,हनीमून आप ने नहीं लिखा था,,इस कहानी का सब से सेक्सी पार्ट था वो !!
आप को याद हो तो,बहुत सी शर्ते,बहुत से काम अच्छे वाले, जो सिर्फ आप उन के साथ,उन के सामने
वहीँ करने वाली थी
वो सब सालों से याद है मुझे निवेदन है पहले ये कहानी पूरी करें ।।
JKG, मोहे रंग दे और साथ ही शादी सुहागरात ये आप जरूर पूरी लिखें
आप को बहुत सारा प्यार,,एक बार फिर से आभार के साथ धन्यवाद कोमल जी
Thanks so much , no words are enough to thank you
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(24-05-2020, 01:48 PM)komaalrani Wrote: आप ने बुलाया और हम चले आएं ,
लेकिन आप ने ये क्यों कहा की अपडेट की कमीं से ' वो गर्मी नहीं महसूस कर पा रही हैं "
अरे गलती मेरी और घाटा ' बेचारे उनका ' हो रहा है , ये तो गलत बात है , चलिए अब हर पोस्ट के साथ आपका ' ओवरटाइम ' होना चाहिए , और जो हम सहेलियों का आपस का थ्रेड है , वहां निहारिका जी वाले थ्रेड पर , उसका फुल डिटेल
कहानियां अब दोनों ही आगे बढ़ेंगी तेजी से , और बाकी कहानियां ( होली के रंग ) पर भी पोस्ट दूंगी ,
हाँ मैं सोच रहीं हूँ मेरी एक और कहानी , कहानी क्या उपन्यास है , यहाँ पर नहीं है
उसे भी पोस्ट कर दूँ , बस थोड़े बहुत बदलाव के साथ , लेकिन वह कहानी पूरी है इसलिए उसे आगे नहीं बढ़ाउंगी ,
पढ़ा तो होगा आपने
फागुन के दिन चार
कोमल जी बेज़ान हो चुके बदन में जान सी आ गयी आप को यहाँ पा कर
आप तमाम परिस्थितियों को पार कर आखिरकार अपनी सहेलियों के बीच हाज़िर हो गयी आप का दिल से हार्दिक आभार ओर बहुत स्वागत है
कोमल जी अब आप पधार गयी है तो ओवरटाइम भी करवा लुंगी ओर बखान भी कर दूंगी
बस अब अपडेट से मस्ती भर दीजिये एक बार
जैसे भी बन पड़े आप कहानियों को आगे बढ़ाएं अब JKG को इस बार जरूर पूरा करना है
मोहे रंग दे नई कहानी है पता नहीं कितनी लंबी चलेगी पर इतनी मस्त कहानी है बस खो सी जाती हूँ हर बार
सब आप की लेखनी का जादू जो है
जोरू का गुलाम में लेडीज़ नाईट ओर सासु की सेवा का बहुत समय से इंतजार कर रही हूं लगभग साल भर से
तो इस बार उम्मीद है सब पढ़ने को मिलेगा
आप ने फ़ागुन के दिन चार का जिक्र किया है
कोमल जी वो आप का एक कालजयी उपन्यास है एक प्रेमग्रंथ है वो तो
उस को एक नए कलेवर में देखना मजेदार होगा
पहले यहाँ ओर JkG में अपडेट शुरू करें
हम सब सहेलियों को बहुत इंतज़ार है आप की कामुख फ़ुहार का
आप की कुसुम सोनी
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साजन चले ससुराल ,...
और मैंने फोन लगाया , सबसे पहले इनकी सलहज को ,
वो तो ख़ुशी से उछल पड़ीं , ...
वहां कहा ये लोग सोच रहे थे , होली के दिन , ज्यादा से ज्यादा दो तीन दिन ,,,, यहां तो पूरे दस दिन , ...
दो तीन दिन में ही उनकी साली सलहज का ' जबरदस्त ' प्रोग्राम था और पूरे दस दिन ,...
और जैसे की उनकी सलहज की आदत थी , और भाभी को ही क्यों बोलूं , उनकी साली , सास सब , तुरंत बोलती थीं , फोन जरा उनको दो ,...
मैंने इसी लिए स्पीकर फोन ऑन कर दिया था , की वो अपनी सलहज की बात खुल्लमखुल्ला सुन सकें , और ,... अंदाज सकें , ससुराल में सलहज सालियों का क्या प्लान है उनके लिए
वो भी कान पारे सुन रहे थे , ...
" सुन , अपनी ननद के यार को बोल देना , ... बल्कि तुम ही , एक वैसलीन की बोतल ले आना , छोटी वाली नहीं सबसे बड़ी बोतल ,...
नहीं बल्कि , सरसों का तेल , ... कच्ची घानी वाला , ...
और अपनी ननद के भंडुए को बोल देना ( भाभी को भी अंदाज़ तो था ही की स्पीकर फोन चालू होगा और उनके नन्दोई सुन रहे होंगे ) , रोज सुबह शाम , ... अपने पिछवाड़े ,... दो अंगुली में लगा के , एकदम अंदर तक , ... और बाहर भी चुपड़ लेगा , अभी पंद्रह बीस दिन है , ... उसको कोहबर की शर्त तो याद होगी ना , ...
उस दिन उसका पिछवाड़ा बच गया था , लेकिन अबकी नहीं बचेगा , रोज मोटा मोटा ,... "
सुन तो वो रहे ही थे , उनका मन कर रहा था सीधे अपनी सलहज से बातें करें पर जान बुझ के मैंने नहीं दिया।
सलहज , साली , सास कोई ही , अगर उनके हाथ में फोन आ गया तो एकदम फेविकोल , ...आधे घंटे से पहले छोड़ नहीं सकते थे ये ,...
और अभी बाज़ार जाना था , लंबी चौड़ी लिस्ट थी , ...
फिर उस लेडीज टेलर के पास , और वो शाम को बंद कर देती थी , उसे मैंने फोन कर दिया था , नाप जोख के लिए ,...
" एकदम भाभी , ... वो सुन रहे हैं , कैसे भूलेंगे कोहबर की बातें ,... लेकिन अभी चल रही हूँ , बाज़ार जाना है और फिर एक लेडीज टेलर के यहाँ , ... बस लौट के आप से बात करा दूंगी , ... "
मैंने फोन रखने की कोशिश की
पर सलहज उनकी ,
" ठीक है लौट के बात कराना , और हाँ तू कह रही थी लेडीज टेलर के यहाँ जाने को , तो बस वहां पहुँच के मुझसे उससे जरा बात करा देना , ... "
ये कह के रीतू भाभी ने फोन रख दिया।
शॉपिंग में मुझसे बड़ी उनकी लिस्ट थी , साली , सलहज , सास ,...
मैंने उनके लिए भी दो चार कुरता पजामा सफ़ेद खरीदवा दिए , आखिर गाँव में घर में पैंट शर्ट पहन के थोड़ी रहते ,... हाँ लेडीज टेलर से उनकी सलहज की बात करा दी ,
और जो काम सलहज ने कहा था वो कर भी दिया , ...
लेडीज टेलर के यहाँ पहुंच कर लेडीज टेलर की बात इनकी सलहज से करवाने की , ... कुछ वो मुस्करायी , खिलखिलाई फिर उसने इनको घेर लिया ,
ये पहले तो मेरी ओर देखते रहे , फिर मैंने उनका बाल सहलाते हुए बोला ,
" मेरे मोना सोना , इत्ते दिन से घर पे हो थोड़े मोटे हो गए , और ये किसने कहा की लेडीज टेलर जेंट्स कपडे नहीं सी सकतीं , और फिर ससुराल जा रहे हैं ,... "
जो जो नाप जोख उसे करने थी उसने कर ली ,
मैं बोली की बस मैं कुछ दिन में आके ले जाउंगी , अपना अभी , इनका भी , ... और हम लोग बाहर निकल लिए ,....
असल में मेरी सास ने बात एकदम सही कही थी , बात सिर्फ मेरे मायके की नहीं थी , वहीँ से हम लोग इनके जॉब पर निकल जाते , तो फिर वहां से कब तक ,... फिर वहां जॉब पर तो साड़ी ब्लाउज तो कभी कभी ,... इसलिए माने दो चार सूट भी , और कुछ ड्रेसेज भी टेलर को दे दिए थे , ...
सूट नापते समय , मुझसे ज्यादा ये बोल रहे थे , अंत में वो बोली ,
मालूम है मुझे एकदम आपकी पसंद वाली बनाउंगी ,... एकदम टाइट फिट , इनकी फिगर पर जो ,...
हम लोग मंदिर भी गए , मेरी भी मनौती थी उनकी , मेरी ये ट्रेनिंग से ठीक ठाक जल्दी से लौट आएं और उनकी , ...
बताउंगी तो हँसियेगा ,..
उन्होंने जो कोहबर में वायदा किया था वो , वह पूरा कर सके , ...
होली में ससुराल जाने की।
और मैंने उन्हें याद दिलाया की उन्हें बनारस भी जाना है , नौकरी में जाने के पहले दरसन भी करना है , ... तो अचानक उन्हें याद आया
" हाँ उसने भी बोला था , औरंगाबाद जाने को , दूबे भाभी को , तुम कह रही थी जानती हो उनको , ... उनसे मिलना है ,.. "
" तुम भी न , क्यों नहीं जानूँगी ,आयी तो थीं शादी में , रीतू भाभी के मायके की हैं , ... कोहबर में तुम्हे इतना गरियाया था , ... भूल गए , लेकिन , वो कौन ,... तूने ,... "
तब उन्होंने थोड़ा बहुत बताया , ...
•
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28-05-2020, 01:51 PM
(This post was last modified: 28-05-2020, 01:56 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
नवरीत देवल
और मैंने उन्हें याद दिलाया की उन्हें बनारस भी जाना है , नौकरी में जाने के पहले दरसन भी करना है , ...
तो अचानक उन्हें याद आया
" हाँ उसने भी बोला था , औरंगाबाद जाने को , दूबे भाभी को , तुम कह रही थी जानती हो उनको , ... उनसे मिलना है ,.. "
" तुम भी न , क्यों नहीं जानूँगी ,आयी तो थीं शादी में , रीतू भाभी के मायके की हैं , ... कोहबर में तुम्हे इतना गरियाया था , ... भूल गए , लेकिन , वो कौन ,... तूने ,... "
तब उन्होंने थोड़ा बहुत बताया , ...
मैं उनसे बार बार पूछती थी ,
जब वो एम्स्टर्डम में थे की खाने का क्या है , कहाँ खाते हो तो वो हंस के बोलते थे
अपनी ससुराल में , कोई परेशानी नहीं है ,... उनकी आधी बातें समझ में नहीं आती और मुझे इतना मालूम था की फॉरेन की काल बहुत महंगी होती है इसलिए मैं काट भी देती
" नाम उसका , ... हाँ , नवरीत देवल , ...एक पक्की पंजाबी जट्टन ,
लेकिन उसकी आवाज में एकबार मुझे बनारसी बोली की झलक मिल रही थी , ... हम लोग एक कांफ्रेंस में थे बस मैंने पूछ दिया , ...
बस , एक जोर की किक , ...टेबल के नीचे से मुझे लगी ,... मेरे कुछ समझ में नहीं आया , ... मीटिंग के बाद , जब हम उठे तो मैं पैर सहला रहा था , ...
वो बोली ,
" ज्यादा जोर से तो नहीं लगी ,... "
मैं क्या बोलता , वो बोले लगी तो उन्हें जोर से थी , ..ऊपर से हंसती वो लड़की बोली , ..
. शाम को घर आना , उसने अपना ऐड्र्स दे दिया ,
उनके कुछ समझ में नहीं आया और पूछा तो जोर से डांट पड़ी ,
,
" तुम बहुत हैंडसम हो , स्मार्ट समझते हो , ज्यादा कन्फ्यूजन में मत रहो ,..सात बजे आ जाना , यहाँ तुम्हे जल्दी इंडियन फूड नहीं मिलेगा ,... "
जितने दिन वहां एम्स्टर्डम में रात का खाना उसी के यहां , ...
हाँ डांट भी बहुत पड़ती थी , ... और उसने कारण भी बता दिया , ... उसका बनारस से कनेक्शन था
बस वही रिश्ता ,
मैं भी तो बनारस के पास के गांव की , बस उसी रिश्ते से छोटी बहन , ..
. और उस रिश्ते से सिर्फ उन्हें नहीं उनकी बहनों को भी खूब गाली मिलती थी लेकिन जाते थे वो क्योंकि खाना अच्छा बनाती थी और उसने ये भी बोल दिया था की आगे से कहीं उसके बनारस के कनेक्शन की बात न करे ,
वरना वो किक सिर्फ नमूने वाली थी , ...
एक बात और ,... उसने बोल दिया था ,...जब वो लोग उसके घर हों तो उसे सिर्फ रीत कहें वो , नवरीत देवल नहीं। हाँ बाहर सिर्फ नवरीत।
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , और तब तक छुटकी का फोन आ गया , फिर वो ,...
जब हम लोग घर पहुंचे शॉपिंग करके , ... तो जेठानी बाहर खड़ी थीं , खिलखिलाती उनके गाल पे चिकोटी काटते बोलीं ,
" चल अब तेरी कोहबर की शर्त हो गयी न पूरी "
अब मेरी चमकी , ...
असल शादी में वीडियो रिकार्डिंग तो हुयी थी लेकिन कोहबर में मम्मी ने मना कर दिया था ,
सिर्फ लड़कियां औरतें , और दूल्हे की जबरदस्त रगड़ाई , इसलिए ,...
लेकिन मोबाइल तो था न , और छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहनो ने पूरी रिकार्डिंग की थी ,
... और मेरी जेठानी तो अबक उनकी बड़ी दी थीं , ... इसलिए वो रिकार्डिंग उनके पास ,
और इसलिए जेठानी को कोहबर में उन्होंने जो जो कबूला था वो सब पूरा मालूम था ,
और कोहबर में उन्होंने तिरबाचा भरा था की होली में ससुराल आयंगे ,...
मेरी जेठानी नहीं चाहती थी की उनके देवर की बात झूठी जाए ,...
तो मेरी सास जो हम दोनों को होली में इनके ससुराल भेज रही थीं , वो भी इतना फ़ोर्स कर के ,...
उसमें पूरा तो नहीं पर कम से काम चवन्नी का हाथ जेठानी का ,
और कोहबर में जो उन्होंने वायदा किया था ,
उसका भी हाथ था।
आपको बीच बीच में कोहबर की कुछ झलक बतायी तो थी , लेकिन चलिए अब पूरी सुना देती हूँ , इनकी
कोहबर कथा।
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It's really good to see ....
Welcome back!!
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yr):
लाजवाब अपडेट कोमल जी
कई मायनों में इस अपडेट का बहुत महत्व है
एक तो इतने समय के बाद ओर अब आगे जो जबरदस्त तड़का लगने वाला है ससुराल में मजे का,मस्ती का,waahhh आप को अपने पुराने रंग में देख के बहुत अच्छा लगा
।। देर लगी आने में तुंम को शूकर है
फिर भी आये तो
आस ने दिल का साथ ना छोड़ा
वैसे हम घबराये तो ।।
।। स्वागत फिर से कोमल जी ।। :heart:
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(29-05-2020, 06:20 AM)UDaykr Wrote: It's really good to see ....
Welcome back!!
Thanks so much
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(29-05-2020, 07:22 AM)@Raviraaj Wrote:
लाजवाब अपडेट कोमल जी
कई मायनों में इस अपडेट का बहुत महत्व है
एक तो इतने समय के बाद ओर अब आगे जो जबरदस्त तड़का लगने वाला है ससुराल में मजे का,मस्ती का,waahhh आप को अपने पुराने रंग में देख के बहुत अच्छा लगा
।। देर लगी आने में तुंम को शूकर है
फिर भी आये तो
आस ने दिल का साथ ना छोड़ा
वैसे हम घबराये तो ।।
।। स्वागत फिर से कोमल जी ।।
Thanks ab dekhiye dono kahniayon men update de diya hai sunday ko tisari men bhi
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(29-05-2020, 11:06 AM)komaalrani Wrote: Thanks ab dekhiye dono kahniayon men update de diya hai sunday ko tisari men bhi
कोमल जी प्रणाम
#SundayMorning
।। हक से इंतज़ार है अपडेट का ।।
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कोमल जी आप का हार्दिक स्वागत है
आते ही आप ने फिर से वोही मस्ती बिखेर दी है
थैंक्यू सो मच कोमल जी
बहुत मजा आएगा साजन के ससुराल में
अगले अपडेट की प्रतीक्षा करूंगी
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(31-05-2020, 09:24 AM)@Kusum_Soni Wrote: कोमल जी आप का हार्दिक स्वागत है
आते ही आप ने फिर से वोही मस्ती बिखेर दी है
थैंक्यू सो मच कोमल जी
बहुत मजा आएगा साजन के ससुराल में
अगले अपडेट की प्रतीक्षा करूंगी
Next Part AAJ
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कोहबर कथा
" चल अब तेरी कोहबर की शर्त हो गयी न पूरी "
अब मेरी चमकी , ... असल शादी में वीडियो रिकार्डिंग तो हुयी थी लेकिन कोहबर में मम्मी ने मना कर दिया था , सिर्फ लड़कियां औरतें , और दूल्हे की जबरदस्त रगड़ाई , इसलिए ,... लेकिन मोबाइल तो था न , और छुटकी और मंझली , मेरी दोनों बहनो ने पूरी रिकार्डिंग की थी , ... और मेरी जेठानी तो अबक उनकी बड़ी दी थीं , ... इसलिए वो रिकार्डिंग उनके पास , और इसलिए जेठानी को कोहबर में उन्होंने जो जो कबूला था वो सब पूरा मालूम था ,
और कोहबर में उन्होंने तिरबाचा भरा था की होली में ससुराल आयंगे ,... मेरी जेठानी नहीं चाहती थी की उनके देवर की बात झूठी जाए ,...
तो मेरी सास जो हम दोनों को होली में इनके ससुराल भेज रही थीं , वो भी इतना फ़ोर्स कर के ,... उसमें पूरा तो नहीं पर कम से काम चवन्नी का हाथ जेठानी का , और कोहबर में जो उन्होंने वायदा किया था , उसका भी हाथ था।
आपको बीच बीच में कोहबर की कुछ झलक बतायी तो थी , लेकिन चलिए अब पूरी सुना देती हूँ , इनकी
कोहबर कथा
जबतक दरवाजे पर दामाद न उतरे ,
घर के आंगन में मांडव न गड़े , ,,,
और गाँव क नाउन , कहाईन , सब पुरवे वाले , ... कितने लोग बनारस जा पाएंगे ,... फिर बड़ी लड़की क शादी , ... शादी होगी तो घर से ही , ...
इनकी सास की ज़िद ,
शादी होगी तो गाँव से , और गाँव क कुल रीत रिवाज , रसम ,...
और इनकी सास को जबरदस्त सपोर्ट मिला , और किससे , ...
मेरी सास से , ...
सास , इनसे कहतीं , ...
जब गाँव की लड़की लानी है तो गाँव में जाना पडेगा , ...
आखिर लड़की देखने तो गए थे न और गाँव भी कौन गाँव , दरवाजे तक तो मोटर जाती है, बिजली पानी सब , ...
फिर बनारस जाते , पांडेपुरसे मुश्किल से लमही की ओर पांच दस किलोमीटर ,...
और सड़क से एकदम सटे ही , गाँव के अंदर तक खड़ंजे वाली सड़क , ...
और घर भी हम लोगों का दो खंद का ,
एक तो एकदम पक्का ,
और पीछे वाला अभी भी एक दो कमरे कच्चे और आँगन भी कच्चा , ...
उसमे एक बड़ा सा नीम का पेड़ जिसमें सावन में झूला पड़ा रहता था , पक्के वाले हिस्से में ऊपर भी कमरे थे , ...
सामने दो दो कुंए , खूब खुली जमीन , एक बैल चक्की ऐतहासिक महत्व था ,
पीछे की ओर जानवरों के बाँधने के लिए , वहीँ पर ट्रैक्टर भी , ...
और सटे हुए दो चार छोटे छोटे कच्चे घर थे , जिसमें हमारे घर की नाउँ , कहाईन , ... बड़ा गाँव था , हम लोगों के पुरवे में ही तीस चालीस घर एक मिड्ल कॉलेज , ...
और कुछ दूरी पर और भी ,... भरौटी , चमरौटी ,
पढ़ाई मेरी शुरू में तो गाँव में ही हुयी
फिर हाईकॉलेज , इंटर बसंत कालेज , बनारस से ,...
गाँव में शादी होने से सहेलियों ने थोड़ा बहुत ,... कैसे आ पाएंगी , ..रात में , .. लौटने का ,...
और रास्ता निकाला , और किसने
रीतू भाभी ने , ..
शादी के चार पांच दिन पहले कोई रसम थी , ...
मेरी सारी की सारी सहेलियां ,
और रीतू भाभी ने सबको रोक लिया , बल्कि एक कमरे में बंद , ..और सबके घर फोन भी कर दिया ,... पहले तो सब बहुत उछली कूदी लेकिन
, रीतू भाभी के आगे किसी ननद की चली है की उनकी चलती ,...
" तुम सब चली जाओगी तो आज से रोज रात भर गाना होगा , तो हम लोग गरियाएंगे किसको , और नाड़ा किसका खोलेंगे , "
उन्होंने असल में संजय मेरे कजिन को पहले ही उन सब के घर भेज दिया था ,
और मम्मी ने उनकी मम्मियों से बात कर ली थी , ' शादी का घर , ... बेटी की शादी है , इत्ता काम फैला है , ...
बस। संजय सबके घर जाकर , सहेलियों के सारे सामान , ..साथ में मेरी छोटी बहन , मझली भी गयी थी।
ऊपर वाली मंजिल पर जहाँ मेरा कमरा था , वहीँ पर दो चार कमरे खाली थे , बस वहीँ मेरी सहेलियों ने अड्डा जमा लिया था ,
फिर तो दिन रात धमाचौकड़ी , और रात में तो , ... खूब गाने और , ... सिर्फ लड़कियां औरतें तो आप सोच सकते हैं , ...
लेकिन मेरी सहेलियों को भी खूब मजा आता था ,
पर उससे एक चीज़ और बारातियों की रगड़ाई कैसे की जायेगी , उसका प्लान भी वो सब मेरी बहनों और भाभियों से मिल के ,
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तिलक से तैयारी
मेरी सहेलियों को भी खूब मजा आता था , पर उससे एक चीज़ और बारातियों की रगड़ाई कैसे की जायेगी , उसका प्लान भी वो सब मेरी बहनों और भाभियों से मिल के ,
पर उसकी शुरुआत तिलक में ही हो गयी थी ,
औरतें तो लड़की वालों की ओर तिलक में जाती नहीं थी , ज्यादातर लड़के ,ही जाते हैं , लड़की का भइआ तिलक ही चढ़ाता है ,... मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं , लेकिन ममेरे , चचेरे , फुफेरे , दर्जन भर रहे होंगे ,
पर छुटकी ने बहुत जिद्द की तो मेरी दोनों छोटी बहने और एक दो कजिन्स , उन्ही की हम उम्र सब की सब मुझसे छोटी ,...
बस जाने के पहले रीतू भाभी और मेरी सहेलियों ने उन लड़कियों की जिन्हे तिलक में जाना था , पूरे ४ घण्टे की कोचिंग क्लास ली , एक एक चीज समझा समझा कर , अर्था अर्था कर ,
पहला प्लान था की सिर्फ वहां से जो लड़कियां , इनकी कोई सगी बहन तो थीं , हाँ कजिन्स थीं थोक भाव की , हर उमर की , और औरतों का नाम पता करने का , ...
रिश्ता और नाम ले ले कर ही तो गारी गाने का असली मज़ा है वरना खाली दूल्हे की बहिनी या बहुत हुआ तो लाल डुपट्टेवाली कह के , ...
लेकिन नाम तो पहला स्टेप था ,
मेरी बहनें , कजिन्स तो व्हाट्सऐप वाली थीं , फेस बुक वाली , ...
उन लड़कियों के फेसबुक , मोबाइल और व्हाट्सऐप ,...
और एक कजिन मेरी आलमोस्ट मेरी उम्र की , उसने तो तगड़ी जुगत लगायी , लड़के वालों के यहाँ के कई लड़के उसके पीछे पड़े थे , वही मोबाईल नंबर ,व्हाट्सऐप , और उसने बहुत चक्कर कटाने के बाद दो चार को दे दिया , ...
उनकी फेमली कोई ब्रदस्र सिस्टर ग्रुप था , उसमें ज्वाइन कर के , ..और बाकी लड़कियों के। लड़के वालों के घर की सारी लड़कियों के मोबाइल नंबर, व्हाट्सऐप बस वो ग्रुप ज्वाइन कर के झटक लिए
जैसे उनके कोई सगी बहन नहीं थी , मेरा कोई सगा भाई नहीं था , पर गाँव में सब सगे होते हैं , तो मेरे कजिन्स भी ,
और ज्यादातर तो बाहर से आये थे , मेरे दो ममेरे भाई लखनऊ से एक चाचा का लड़का नोयडा से , ... हाँ तो उन सबों ने भी , कुछ कुछ
दो चार से उन सबों ने जो ज्यादा स्मार्ट बनतीं जींस वाली टाइप
उनसे भी दोस्ती कर ली , और उनके मोबाइल , व्हाट्सऐप
हाँ तो बात मैं अपनी सहेलियों की कर रही थीं , न और ,.. असल में उन सबो का दिमाग एकदम शैतान का , ...
बस मेरी बहनों कजिन ने दूल्हे की ओर वाली सारी लड़कियों के नाम दे दिए,
मीता , गीता , मिली , कजली , ... और भी कुल दस या बारह थीं , ...
मेरी सहेलियों में एक नन्ही,
एकदम इंटरेनट उस्ताद , पांच तो उसके फेसबुक अकाउंट थे और दो और लड़कों के नाम से, ...
बस उसने उन सबसे फेसबुक पे , उन सारी लड़कियों से ,..और दो लड़का भी बन के , ...
फिर जो इन्फो मिली वो उसने मेरे भाइयों को , ... और दो चार बरात में आने वाली लड़कियों से दोस्ती भी करवा दी , ...
और सब मिल के रात में वो ' अच्छी वाली चैट ' करते थे , दो तो वीडयो चैट तक पहुँच गयी थी ,
रही सही कसर मम्मी के इंतजाम ने पूरी कर दी थी ,
बताया था न जो गझिन आम की बाग़ थी उसी में इंतज़ाम था , लल्लू टेंट वाले ने , ... वही जो कुम्भ मेले में लगाते हैं , बस मम्मी ने औरतों का इंतज़ाम अलग किया था , एक लंगड़े आम वाली बाग़ थी पास में ही , ...
और उनके यहाँ से औरतों में बड़ी औरतों में बस एक दो , वो भी मेरी जेठानियाँ , और एक दो शादी शुदा ननदें ,... बस मेरी सास और उस तरह की औरतें तो घर में ही ,
और बस मेरी सहेलियों ने जैसे फुटबाल के गेम में मार्किंग होती हैं ,
बरात की हर लड़की के साथ , मेरे घर के एक एक लड़के की सेटिंग पहले से ही कर दी , बाकायदा लिस्ट बना दी , ...
और साथ में मेरी कजिन सिस्टर्स , सहेलियां , ... लड़कियों औरतों के स्वागत सतकार के लिए यह हुआ था की शादी रात में दस बजे शुरू होजानी थी। इसलिए बारात दिन में ही आजयेगी द्वार पूजा , दिन ढले , और दस बजे शादी बैठ जायेगी , ...
मैं भी न कहाँ बात शुरू की थी कोहबर से ,
कोहबर में माने थे की पहली होली ससुराल में अपने , और कहाँ ये सब , ... परपंच ,...
इसीलिए तो मेरी कहानी न कोई पढ़ता है न कमेंट करता है , बात कहाँ से शुरू करती हूँ , कहाँ पहुंचा देती हूँ , ... तो चलिए कोहबर की बात सीधे ,...
जैसा मैंने पहले कहा था न , ... बारात पहले ही आ जानी थी , ... और आ भी गयी , ...
फिर मेरी सहेलियों ने जैसा प्लान किया था , बारात की एक एक लड़कियों के लिए ,...एकदम लिस्ट के हिसाब से जिस लड़के का नाम तय था , ... उनको वेलकम करने , इंतजाम देखने तो हम लोगों के घर की लड़कियां औरतें ही थीं , पर साथ में लड़के लग लिए और थैंक्स टू व्हाट्सऐप , फेसबुक ,... ज्यादातर तो एक दूसरे क अच्छी तरह , ...
फिर लड़कियां पीछे ,... और लड़कियों औरतों का इंतजाम , वो लंगड़े आम वाली बगिया में था , एकदम गझिन , दिन में नहीं कुछ दिखता था , ...
और द्वारपूजा , गोधूली बेला में , जैसा मम्मी चाहती थी , और मम्मी से ज्यादा उनके दामाद , ..हर शादी में दूल्हे के तैयार होने में टाइम लगता है लेकिन ये तो कब से तैयार बैठे थे , ...
और गाने , गारियाँ ,.. आज कल तो पूरी शादी में एकाध गाने , वरना वही डी जे ,
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