21-02-2019, 10:15 PM
सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
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21-02-2019, 10:15 PM
सगी बहन के साथ अधूरा सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:17 PM
मेरी छोटी बहन सीमा की उम्र सिर्फ21साल की है. वो बी ए में पढ़ती है. मैं कोलेज के फर्स्ट इयर में हूँ. घर पर हमारे ममी डैडी को मिलाकर हम कुल चार लोग रहते हैं. डैडी बैंक में काम करते हैं और अक्सर टूर पर रहते हैं और ममी घर पर रहती है.
एक दिन मेरी बहन मुझ से बोली “भय्या मैं मॉडल बनना चाहती हूँ.” मैं: अरे ये तुझे क्या भूत सवार हो गया? सीमा: क्यों? क्या मैं मॉडल नहीं बन सकती? मैंने उसे पर से नीचे तक घूर कर देखा और् बोला “तेरे बस की नहीं है. तू एक घरेलु लड़की है और मॉडल बनने के लिए बहुत बोल्ड बनना पड़ता है.” सीमा (छाती उभारकर): मैं भी बोल्ड बन जायुंगी, प्लीज़ आप मेरी मदद करो ना? मैं (हैरानी से): तू बोल्ड बन कर कम कपडे पहन कर सब लोगों के सामने आ सकती है? सीमा: हाँ क्यों नहीं? अगर आपको एतराज़ न हो तो. मैं: ओके ठीक है. चल मैं तुझे ट्रेनिंग देता हूँ. सीमा बहुत खुश हो गयी. पर मैं सोच रहा था कि अपनी सगी बहन को कम कपड़ों में देख कर मेरा क्या होगा? क्या मुझे ऐसा करना चाहिए? पर फिर मैंने सोचा कि जब वो सब लोगों के सामने आएगी तो मुझे भी तो देखना पड़ेगा तो अभी से क्यों न मन बना लूं? दरअसल मैंने कभी किसी लड़की को ब्रा और पैंटी मैं नहीं देखा था. मेरी बहन के बारे में मेरे कोई गलत विचार नहीं थे, पर पता नहीं क्यों आज मेरे मन में उसके लिए गंदे ख्याल आने लगे. मेरे लंड में हलकी उत्तेजना सी होने लगी. ये शायद भाई बहन की सेक्स की कहानियां पढ़ने का नतीजा था. दरअसल मेरी सगी बहन एक सेक्सी माल है. वो एकदम गोरी चिट्टी खूबसूरत छरहरे बदन की लड़की है जिसको कोई भी देखकर दीवाना हो जाए. उसके काले घने लंबे बाल उसके चूतड़ों तक आते थे. मैं भी कभी कभी सोचता था कि काश वो मेरी सगी बहन ना होती. उसकी हाईट पांच फुट एक इंच थी. बूब्स का साइज़ करीब संतरे के आकार का होगा. उसके चूतड़ गोल गोल और छोटे छोटे थे. “क्या सोच रहे हो भय्या?” सीमा ने मुझे झंझोड़ा. “आँ...... कुछ नहीं. तुने क्या पक्का फैसला कर लिया है?” “हाँ. और मैं कुछ भी करने के लिए तय्यार हूँ.” “कुछ भी?” मैंने उसकी आँखों मैं झाँका. “हाँ” वो मुस्कुराई. शायद वो कुछ भी का मतलब समझ गयी थी. “तो चल मैं आज से ही तेरी ट्रेनिंग शुरू कर देता हूँ. वैसे भी आज ममी घर पर नहीं है और वो शाम तक ही आएगी. पर एक बात – ये मेरे और तेरे बीच की बात है. और किसी को पता नहीं लगना चाहिए. समझ गयी?” “हाँ समझ गयी. आप बेफिक्र रहें. मैं किसी को नहीं बताउंगी.” “और हाँ एक बात और, बोल्ड बनने के लिए सेक्सी पोज़ बनाने पड़ते हैं. तुझे मेरे सामने शर्म तो नहीं आएगी?” “अरे नहीं भय्या. आपसे क्या शर्माना? आप तो मेरे सगे भाई हैं.” मैं मुस्कुराते हुए: और अगर मुझे शर्म आ गई तो?” सीमा: तो आप शर्माते रहना. अब बताओ ना क्या करना है? मैं: पहले तो अपना ये सलवार कमीज़ उतारो और ढंग के कपडे पहन कर आओ. सीमा (मायूसी से): पर मेरे पास तो सारे सूट सलवार ही है. मैं: चिंता मत करो. जाओ अलमारी से मेरी शर्ट पहन कर आ जाओ और नीचे से सलवार उतार कर आना. सीमा: ओके भय्या. मैं अभी आती हूँ. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:18 PM
करीब पांच मिनट बाद सीमा बोली, “भय्या कैसी लग रही हूँ?”
“सेक्सी, लाजवाब, क़यामत” मेरे मुहं से अपने आप निकल गया. सीमा (खुश होकर): थैंक्स. अब क्या करना है? मैं: वही जो मोडेल्स करती हैं – कैटवाक. सीमा: ओके अब सीमा ने एक हाथ अपनी कमर पर रखा और कैटवाक करते हुए मेरी तरफ आने लगी. मैं: थोड़ा कमर को लचका के चल. सीमा: ओके. हाय. मेरा तो मेरी बहन को देख कर बुरा हाल था. वो मुस्कुरा कर मेरी तरफ देख रही थी. उसकी कमर चलते हुए लचक रही थी. गोरी गोरी टांगें चलते समय गजब कि लग रही थीं. मेरे पास आकर वो वापस मुड़ी. वापस जाते हुए उसके दोनों गोल गोल चूतड़ उपर नीचे हो रहे थे. मेरा लंड अब तक लिसलिसा हो चुका था. शायद यह प्री कम था. वापस जा कर सीमा फिर खड़ी हो गयी. सीमा: अच्छा भय्या अब क्या करूँ? अब मैंने प्लान के मुताबिक उसे एक्स्पोज़ करवाने कि सोची और कहा “अब तू धीरे धीरे सेक्सी अदाएं दिखाते हुए और मुस्कुराते हुए कमीज़ उतार दे.” सीमा के चेहरे पर थोड़ी झिझक उभरी पर फिर उसका चेहरा नोर्मल हो गया. मैं भी देखना चाहता था कि मेरी बहन किस हद तक जा सकती है. अगर वो यहाँ मना कर देती तो मैं भी यहीं रुक जाता. पर जब मेरी बहन ही नंगी होने को तैयार थी तो मैं ये मौका क्यों जाने देता? अब सीमा ने मेरे कहे के अनुसार धीरे धीरे अपने शरीर को लहराते हुए अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किये. वो मुस्कुरा कर मेरी आँखों में झांक कर ऐसा कर रही थी. मैं भी यही चाहता थ कि उसकी शर्म कम हो जाए और वो मस्त जवान लौंडिया मेरे लंड पर आके बैठ जाए और बोले “आह भैया आओ मुझे चोदो. ये जवानी की जलन मुझ से सही नहीं जाती. मेरा बदन जी भर के भोगो” सीमा अब मेरे सामने काली ब्रा और काली पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. अब मैंने सोचा कि मुझे भी उसे उत्तेजित करने के लिए कुछ करना चाहिए. मैंने सीमा के सामने ही पजामे के ऊपर से अपने लंड को मसलना शुरू कर दिया और बोला “वाह यार तू तो कमाल की लग रही है. इतनी सेक्सी लड़की मैंने जिंदगी में आज तक नहीं देखी. काश तू मेरी सगी बहन ना होती तो...........” ये कह कर मैंने बाकी का वाक्य अधूरा छोड़ दिया. ब्रा और पैंटी में मेरी बहना का गोरा जिस्म अंदर से झांक रहा था. मैंने लंड का मसलना और उसे कामुक निगाहों से देखना जारी रखा. मैं उसकी प्रतिक्रिया देखना चाहता था. सीमा मेरी हालत पर खिलखिलाकर हंस पड़ीं और बोली “भैय्या कण्ट्रोल नहीं होता तो ट्रेनिंग यहीं पर खतम कर दो और बाकी कल करेंगे” मैं: नहीं मेरी जान ट्रेनिंग तो अभी बाकी है. तुम अपने आप पर कण्ट्रोल रखना. मैंने जानबूझकर “मेरी जान” शब्द का इस्तेमाल किया था ताकि माहोल में थोड़ा रोमांटिक टच आ जाए. सीमा: पर भय्या मैं और कपडे नहीं उतारूंगी. आज के लिए इतना ही काफी है. मैं: अरे तुझे नंगी होने के लिए कौन कह रहा है जानेमन, मैं तो सिर्फ तुझे ट्रेनिंग का अगला पार्ट सिखाने कि बात कर रहा हूँ. सीमा नंगी, जानेमन, मेरी जान जैसे मेरे शब्द सुन कर भी नोर्मल बिहेव कर रही थी. यह उसकी तरफ से संकेत था कि वो भी इस ट्रेनिंग का मज़ा ले रही थी. सीमा: ओके ठीक है. जैसा तुम चाहो. अब बताओ कि करना क्या है यार? उसके मुहं से यार सुन कर मैं समझ गया कि वो अगले स्टेप के लिए तैयार है. पर वो ब्रा और पैंटी उतारने के लिए पहले ही मना कर चुकी थी. यह जायज़ भी था मॉडल बनने के लिए भला कौन पहली बार सारे कपड़े उतारता है? अब मैंने सोचा कि उस से अलग अलग सेक्सी पोज़ बनवाऊं. इस के लिए मैंने उस से नीचे लिखे पोज़ बनवाए: १. अपने बूब्स को दबाना २. पैंटी में हाथ डालना और दूसरे हाथ से ऊँगली मुहं में डाल कर चूसना ३. एक साइड से थोड़ी से पैंटी सरका कर नीचे करवाना पर चूत नहीं दिखाना ४. एक चूतड़ नंगा कर के दिखाना ५. चौड़ी कर के टांगें हवा में उठा कर बैठना ६. मेरी तरफ पीठ के बल लेट कर बूब्स को ब्रा के अंदर से एक्स्पोज़ करवाना. ७. डौगी स्टायल मैं पोज़ बनाना जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:18 PM
और यह सब सीमा मुस्कुराते हुए करती रही. दरअसल उसको भी मज़ा आ रहा था और मुझे भी. मैं उसके हर पोज़ पर वारी वारी जाता और पजामे मैं हाथ डालकर उसके सामने मुठ मारता रहा. उसने कोई एतराज़ नहीं किया.
मेरा लंड इस दो घंटे के खेल में दो बार झड़ चुका था. मेरे वीर्य से पूरा पजामा गीला हो चुका था पर लंड था कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था. सीमा ये देख कर मुस्कुराये जा रही थी. मैंने कहा “सीमा १० मिनट का ब्रेक है. पर कपड़े मत पहनना. मेरे लिए चाय बना दो. मैं शोवर ले कर आता हूँ.” सीमा: ओके भैय्या. मैं तुरंत बाथरूम में गया और पजामा निकाल दिया. एक शोवर ले कर मैंने सिर्फ फ्रेंची पहन ली. फिर मैं सीधा किचन में गया. वहाँ मेरी प्यारी सेक्सी बहना मेरे लिए चाय बना रही थी और साथ में एपल जूस पी रही थी. उसकी पैंटी साइड से ऊपर हो गयी थी जिससे उसके गोरे छोटे और गोल गोल चूतड़ और भी एक्स्पोज़ हो रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया. मैंने पीछे से अपनी प्यारी बहना को पकड़ लिया और उसके दोनों हाथों से उसका पेट सहलाने लगा. उस वक्त मेरा लंड उसकी गांड में घुसा जा रहा था. सीमा: आह भैय्या, क्या करते हो? आप बैठो, मैं चाय लाती हूँ. मैं: यार कण्ट्रोल नहीं होता. सीमा (हंसकर): अरे भैय्या आपको कण्ट्रोल तो करना ही पड़ेगा. मैं तो आपकी सगी बहन हूँ. आपके सामने बेफिक्र होकर ब्रा और पैंटी में हूँ. किसी और के आगे मैं इस तरह से नहीं आ सकती क्योंकि वो तो मुझे चोद ही डालेगा. मैं: तू है ही ऐसी. जो भी तेरी चूत लेगा, नसीबवाला होगा. सीमा: और जो लड़की आपका लंड लेगी वो भी किस्मत वाली होगी. हम दोनों खुलते जा रहे थे. चूत लंड की भाषा बोल रहे थे. मैंने सीमा के बूब्स दबाते हुए कहा “तो तू ही किस्मत वाली बन जा और ले ले मेरा लंड अपनी चूत में.” ऐसा कह कर मैंने उसे अपनी और घुमाया और उसके लिप्स पर किस करने लगा. मेरा एक हाथ उसके बूब्स दबा रहा हा और दूसरा पैंटी के ऊपर से उसकी चूत सहलाने लगा. वो पहले से ही गरम थी इसलिए मेरे टच करते ही झड़ गयी. मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी है. उसने तुरंत मुझे अलग किया और हाँफते हुए थोड़ा गुस्से से बोली, “नहीं भैया ये ठीक नहीं है. आप अभी वहाँ ड्राइंग रूम मैं बैठो, मैं चाय लेके आती हूँ.” मैंने लंबी सांस लेते हुए उसे बुझे मन से छोड़ दिया. जब वो चाय लेके आई, तो मैं ड्राइंग रूम में टी वी देख रहा था. जब उसने चाय दी तो मैंने उसे बिना देखे चाय ले ली और चुप चाप चाय पीने लगा. ऐसा देख कर वो मेरी गोद में आ गई और मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी. सीमा: नाराज़ हो? मैं: नहीं तो सीमा: तो फिर इतने चुप क्यों हो? मैं: कुछ भी तो नहीं. मैंने चाय खत्म कि और टी वी की और मुहं कर के बैठ गया. सीमा: चलो ना भैय्या ट्रेनिंग शुरू करते हैं. मैंने उखड़े मन से जवाब दिया “आज नहीं, फिर कभी” मेरा लंड भी इस नाराज़गी के चलते सुस्त हो कर बैठ गया था. बेचारे को दो ढाई घंटे के बाद आराम मिला था. सीमा (मेरे गले में बाहें डालते हुए): क्या यार, तुमने इतना मज़ा लूट लिया. क्या इतना काफी नहीं? तुम तो सीधा मेरे साथ सेक्स की सोच रहे हो जो कि बहन और भाई में नामुमकिन है. जरा समझा करो मेरे प्यारे भाई. सीमा की बात सही थी. अब तक मैंने सिर्फ पिक्चर देख कर या ब्लू फिल्म देख कर ही मुठ मारी थी. किसी लड़की को ब्रा और पैंटी में नहीं देखा था. आज मेरी कई हसरतें पूरी हुई थीं और वो भी मेरी प्यारी बहन के कारण. मझे इतने पर सब्र कर लेना चाहिए और सगी बहन को चोदना पाप है. मैं सब सोचता रहा, पर जैसे ही मेरी नज़र अपनी बहन पर पड़ी – उसका मस्त यौवन, छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन - मेरा लंड विद्रोह करने लगा. एक मन कहने लगा – तेरी बहन पर जवानी आ गयी है, इसे भोग ले वर्ना कोई और इसे चोद देगा. मना हर लड़की करती है, फिर तुम तो उसके सगे भाई हो. क्या सोचते हो चूत खोल कर इनवाइट कर के कहेगी कि आओ मेरे राजा भैया, मेरे सैंया बन जाओ और अपनी बहन कि चूत फाड़ डालो, मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ?. मन कहने लगा उठो इस गोद में लेटी भरपूर जवानी का मज़ा लो. अपनी बहना की चूत चाटो, बूब्स चूसो, लाल लाल होंठों पर लिप्स किस करो. जी भर कर चुदाई करो. ऐसा मौका बार बार नहीं आता. मेरा लंड फिर उठने की तय्यारी में था. सीमा को मेरा लंड उसकी गांड में चुभता हुआ सा महसूस हुआ. सीमा ने मेरी तरफ प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा. जैसे मिन्नत कर रही हो प्लीज़ मान जाओ, ऐसा मत करो. मुझे भी थोड़ी आत्मग्लानी हुई और अंत में मेरा दिमाग जीत गया और मेरा लंड हार गया. वो फिर नाराज़ होकर सिकुड कर बैठ गया. मैंने सीमा से कहा “सॉरी यार, मैं बहक गया था. जवानी के नशे में भूल गया कि तू मेरी सगी बहन है. मुझे माफ कर दे” सीमा (खुश होकर): इट्स ओके भैया. आज मेरी नज़र में आपकी इज्जत और बढ़ गयी है. क्योंकि इतना होने के बाद किसी का कण्ट्रोल नहीं हो पता. मैं (हँसते हुए): तुझे कैसे पता? सीमा: मेरी सीनियर सहेलियों ने बताया है जो चुदाई के मज़े ले चुकी हैं. मैं: अच्छा बस कर. अब से ऐसी भाषा मेरे साथ यूज़ मत करना और ऐसे मेरे सामने मत आना. हर बार मुझ से कंट्रोल करना मुश्किल होगा. समझ गयी मेरी प्यारी बहना? (मैंने उसके प्यार से गाल पर चपत लगते हुए कहा). सीमा: भैय्या आपने इतनी अच्छी ट्रेनिंग दी है और आपने मुझ से कोई जबरदस्ती भी नहीं की. इसलिए मैं आपको इनाम देना चाहती हूँ. मैं: क्या?” सीमा: ये आपको दस मिनट बाद पता लगेगा. मैं थोड़ी देर नहा कर आती हूँ. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:19 PM
यह कह कर वो बाथरूम में शोवर लेने चली गयी. मैंने भी कुरता पजामा पहन लिया. मन बहुत भरी हो रहा था. उठ कर पापा के कमरे में गया और एक बड़ा सा पेग वोदका का पी लिया. फिर चुपचाप ड्राइंग रूम में आकर टी वी देखने लगा. मेरा मन अभी भी अशांत था. करीब पन्द्रह मिनट बाद सीमा की आवाज आई “भय्या, यहाँ आओ”
मैं: क्या है? (मैं वोदका पीकर उसके सामने नहीं जाना चाहता था. वैसे वोदका की स्मेल नहीं होती, पर असर तो होता है. कहीं नशे में कुछ कर गया तो?) सीमा: आपका इनाम यहाँ पर है. आकर ले लो. मैं: बाद में ले लूँगा (मेरे लिए अब कोई भी इनाम इम्पोर्टेंट नहीं था) सीमा ने जिद करते हुए बुलाया “भैय्या आओ न, तुम्हे मेरी कसम है” मैं जबरदस्ती उठा और उसके कमरे में गया. वहाँ सीमा कमरे के दूसरे कोने में खड़ी थी. उसने एक चादर ओढ़ रखी थी. मैं: क्या है? सीमा: मैंने आपको इनाम देने के लिए बुलाया है. मैं: पर मुझे कोई इनाम नहीं चाहिए. मैंने जो कुछ भी किया अपना फ़र्ज़ समझ कर किया. सीमा (अर्थपूर्ण दृष्टि से मुस्कुराते हुए): तो फ़र्ज़ समझ कर ही इनाम ले लो. मैं (कुछ ना समझते हुए): ओके जैसा तुम चाहो. कहाँ है मेरा इनाम? सीमा: ये रहा. सीमा के इतना कहने के बाद जो हुआ मेरी आँखें फटी की फटी रह गयीं. सीमा ने अपने बदन से चादर हटा दी. उसके नीचे उसने कुछ नहीं पहना हुआ था. वो मादरजात नंगी मेरे सामने खड़ी थी. उसकी चुचियाँ एकदम टाईट थीं और उसके निप्प्ल हलके ब्राउन रंग के थे. सका नंगा मांसल गोरा बदन कसी हुई चूत मेरे सामने थी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. मैं अब तक हलके से नशे में था. मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह सपना है या सच. सीमा ने अपनी दोनों बाहें मेरी और फैला दीं और कहा “भैया आओ और अपना इनाम ले लो. मैं खुद को आपके हवाले करती हूँ. मैंने आप जैसा मर्द नहीं देखा जिसका इतना कण्ट्रोल हो. पर अब कण्ट्रोल मत करना, मैं खुद आपसे बिनती करके प्यार कि भीख मांग रही हूँ.” मैं यंत्रवत सा उसी और बढ़ा और उसकी बाँहों में समा गया. “अआआह्ह्ह सीमा आई लव यु.” उसकी चुचियाँ मेरी छाती से दब रही थी. मेरा लंड अंदर से फुंफकार उठा. कहने लगा अब तो अपनी बहन चोद ले अपनी कितना तरसाया है इस लौंडिया ने. अब मेरा जलवा देखना. इसकी चूत न फाड़ी तो मैं भी लंड राज नहीं. मेरा लंड पजामे के अंदर से मेरी प्यारी बहना कि चूत पर टक्करें मार रहा था. सीमा सिसकारी भर उठी. वो मेर से जोर से चिपक गई. उसकी चुचियाँ मेरे सीने में दब गयीं. मैंने सीमा के रसीले होंठ अपने होठों से सटा लिए और अपनी जीभ अंदर घुसा दी. मैं उसे पागलों की तरह चूमने लगा और दोनों हाथों से उसके चूतड़ दबाने लगा. सीमा ने भी अपनी जीभ मेरे मुहं में घुसेड़ दी. हम लगभग पन्द्रह मिनट तक वहीँ खड़े होकर एक दुसरे को चूमने लगे. बीच बीच में अपनी मस्त बहना की चूची दबा देता और कभी उसकी चूत का दाना मसल देता. मैं उसके सारे शरीर को सहला रहा था. वाह क्या चिकना बदन था मेरी बहन का. सीमा मदहोश हुए जा रही थी. मैंने उसके हर एक अंग को चूमना शुरू किया. वो तड़प उठी. मैं हाँफते हुए उससे अलग हुआ और एक झटके से अपना पजामा और कुरता निकाल दिया. सीमा ने भी देरी नहीं की. उसने झटके से नीचे बैठ कर मेरा अंडरवीयर उतार दिया. मेरा तन्नाया हुआ लंड मेरी प्यारी बहना के मुहं से जा टकराया. सीमा ने मेरे लंड पर एक प्यारी सी पप्पी ली. हम दोनों भाई बहन इस वक्त पूरे के पूरे नंगे थे. यानि एक भी कपडा नहीं. हम एक दुसरे के अंगों से खिलवाड़ करने लगे. मैंने लंड को पकड़ा और उसके मुहं पर फेरने लगा. उसके होठों पर लिपस्टिक की तरह अपने लंड फिराने लगा. मैंने एक हाथ से उसके चेहरे पर फैली जुल्फों को हटाया और अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. वो मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. आह.......... मैं तो जैसे सातवें आसमान में पहुँच गया. मैं उसके बाल सहला रहा था और खुद बी आगे पीछे हो रहा था. सीमा कमाल का लंड चूस रही थी जैसे उसे पहले से प्रक्टिस हो. पर उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया था. शायद उसने ब्लू फिल्म देख कर सीखा होगा. सीमा: भय्या, इसमें से थोड़ा थोड़ा नमकीन लिक्विड निकल रहा है. मैं: इसे चूस ले मेरी जान. अभी तो थोड़ा सा निकल रहा है. थोड़ी देर मैं फव्वारा छूटेगा. पर तू रुकना नहीं, और मेरा पूरा जूस पी लेना. सीमा: ठीक है भैय्या. और थोड़ी देर बाद जैसा कि मैंने कहा था, मेरा पूरा वीर्य पिचकारी के साथ उसके मुहं में भर गया. मैं अपनी सगी बहना के मुहं में झड़ गया. बेचारी सीमा थोड़ा तो निगल पायी, बाकी सारा वीर्य उसके मुहं से बह कर नीचे बूब्स तक फ़ैल गया. मैंने अपने लिसलिसे लंड से अपनी प्यारी बहना का फेशिअल किया और बचा हुआ उसके बूब्स पर मसल दिया. मेरा लंड बड़ी तेजी से सिकुड़ कर छः इंच से मात्र दो इंच का हो गया और सीमा बड़ी हैरानी से इस कौतुक को देखती रही. सीमा: भैय्या ये तो बहुत छोटा हो गया. ये कमाल कैसे हुआ? मैं: झड़ने के बाद हर लड़के कैसा ही हो जाता है. थोड़ी देर बाद देखना ये फिर से बड़ा हो जाएगा. सीमा (बड़े आश्चर्य से): अच्छा? मैं: हाँ तू देखना अभी. सीमा: ओके. भय्या मैं अभी मुहं धो कर आती हूँ. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:19 PM
दस मिनट बाद सीमा आ गयी. मैं तब तब वोदका का दूसरा पेग मार चुका था. उसके आने के बाद मैं भी बाथरूम में फ्रेश हो कर आ गया और बोला,
“चल मेरी बहना अब मैं भी तेरी चूत का रस पीना चाहता हूँ”. “आज जो चाहे कर लो भैय्या. मैं आज से आपकी हूँ.” मैंने उसे बाँहों में भर लिया और गाल पर किस करके कहा, “तो तू पहले मना क्यों कर रही थी?” “मैं आप को परख रही थी. आप मेरी बात मान गए इसलिए मैं भी आपकी बात मान गयी. एक बात और, कोई लड़की एक बार में हाँ नहीं बोलती. अगर वो जल्दी से मान जाती है तो उसे बदचलन समझा जाता है. फिर आपकी हालत देख कर मैने सोचा कि अपना जिस्म दिखा कर अपने ही सगे भैय्या को तरसाना ठीक बात नहीं” “ओह. अब समझा. पर तेरे दिल में पहले से मेरे लिए कुछ था?” “नहीं भैया. कसम से कुछ नहीं था. मैं आपको एक भाई के नाते ही देखती थी. पर आज मोडेलिंग के चक्कर में ये सब हो गया”. मैंने प्यार से उसे अपने से चिपका कर कहा, “आज से तू मेरी मॉडल है. मेरे लिए तू कपड़े उतारेगी, नंगी होएगी और किसी के सामने नहीं. समझ गयी?” सीमा: हाँ भैय्या समझ गयी. अब मुझे मोडेलिंग से कोई लेना देना नहीं है. मैं: चल अब जाकर बिस्तर पर लेट जा. सीमा (मचल कर): खुद ही उठा कर ले चलो ना. मैंने अपनी फूल सी कोमल बहन को उठा लिया उसने झट से मेरे गले में बाहें डाल दीं. मैं उसे बिस्तर पर गिराते ही बोला, “देख सीमा मेरा लंड किस तरह से खड़ा हो रहा है.” दरअसल सीमा को गोद में लेते ही मेरा लंड फिर खड़ा होने जा रहा था और मैं इसे अपनी प्यारी बहना को दिखाना चाहता था. सीमा बड़ी हैरानी से मेरे लंड के बढ़ते हुए साइज़ को देखती रही. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने हाथ में ले लिया और उसकी स्किन पीछे कर दी. मेरे लड़ का सुपाड़ा लाल होकर अंगारे की तरह गर्म था.सीमा के लिए ये एक नया अनुभव था. मैं सीमा के उपर लेट गया. उसकी कमसिन जवानी मेरे जिस्म के नीचे दबी हुई थी. मैं बड़े प्यार से अपनी बहना के बूब्स दबाने लगा और उससे पूछा “सीमा, मेरी जान, मेरी प्यारी बहन, सच सच बता मज़ा आ रहा है ना?” सीमा मेरे होंठों को चूसते हुए बोली, “आह भय्या, ऐसा मज़ा तो जिंदगी में कभी भी नहीं आया. जी चाहता है आप और मैं दिन रात ऐसे ही नंगे होकर एक दूसरे से लिपटे रहे”. उसने मुझको और जोर से भींच लिया. सीमा की चूत सहलाते हुए मैंने पूछा “मेरी जान, अपनी चूत देगी मुझको? बोल क्या चुदवायेगी अपने भाई से?” हाँ भैय्या, आज चोदो मुझे. जी भर के. मैं आज से तुम्हारी हूँ. (शर्माते हुए) आज से आप मेरे भाई भी हो और पति भी.” “तो चल पहले अपनी चूत का रस पिला दे मेरी जान. फिर मैं बहनचोद बन कर अपनी प्यारी बहना की चूत का उदघाटन अपने इस मस्त लंड से करूँगा.” “तो फिर देर किस बात की है? चूस लो अपनी बहना की चूत को आज भय्या” मैं सीमा को किस करते हुए बूब्स के नीचे पेट से होता हुआ उसकी मखमली चूत तक जा पहुंचा. उसकी साफ़ चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने पूछा, “इसकी शेव कब बनाई तुने?” सीमा (शर्माते हुए): अभी तक बाल भी नहीं आये. वाह! क्या बात थी. मैं अपनी बहन कि चिकनी चूत देखकर निहाल हो गया. वो एकदम छोटी सी थी. दोनों फांकें जुड़ी हुई थीं. उसकी चूत से बड़ी मीठी खुशबु आ रही थी. मैंने अपनी बहन चूत की दोनों फांकों को अलग किया और जैसे ही अपनी जीभ का किनारा टच किया, सीमा जोर से उछल पड़ी. मैं: अरे? क्या हुआ? सीमा: ओह भैय्या, ये क्या कर रहे हो? मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है. मैं (शरारत से मुस्कुराते हुए): तो ना करूँ? सीमा: नहीं नहीं. (शर्माते हुए) प्लीज़ चाटो ना! (फिर उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत के मुहं के आगे कर दिया और टांगें खोल के लेट गयी). फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुहं से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं. “आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....” फिर एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा. वो दो बार झड़ चुकी थी. सीमा उठी और मुझे पीठ के बल लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक चूमने लगी. उसने मेरे निप्पल चूसने शुरू किये तो मैं पागल सा हो गया. आनंद से मेरा बुरा हाल था. फिर वो मेरे ही स्टाइल से नीचे आई. पहले उसने मेरी बाल्स को मुहं में लिया और चूसने लगी. मैं सिस्कारियां भर रहा था. “ओह मेरी प्यारी बहन, ये कहाँ से सीखा तूने? तू तो पूरा मज़ा दे रही है मेरी जान. हाय मेरी तो जान ही निकल जायेगी. आह................उह..........आ...अ..आ.....अब चूस मेरे लंड को मेरी बहन. अपने भाई का लंड अपने मुहं में ले कर मुझे निहाल कर दे. तेरे जैसी बहन पा कर मैं धन्य हो गया. आह ..........चूस मेरे लौड़ा मेरी जान.........और जोर से.........निकाल दे मेरा रस...........रुकना मत......लगी रह.....आह.....और तेज....और तेज............आह....” सीमा तेज़ी से मेरा लंड चूस रही थी. इस बार वो एकदम परफेक्ट तरीके से चूस रही थी और एक हाथ से मेरी बाल्स से भी खेल रही थी. इस से मुझे दुगना मज़ा मिल रहा था. लगभग पन्द्रह मिनट चूसने के बाद मेरे लंड ने ढेर सारा वीर्य उगल दिया. इस बार मेरी प्यारी बहना ने एक भी बूँद बेकार नहीं जाने दी. उसने मेरा पूरा का पूरा वीर्य चाट चाट कर मेरे लंड को खाली कर दिया. अब तक मैं तकरीबन छः सात बार झड़ चुका था और सीमा का भी यही हाल था. हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे पर असली चुदाई बाकी थी. मेरे लंड में थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा था. सीमा का बदन भी दुःख रहा था. मैंने घड़ी की और देखा, शाम के छः बजे थे. ममी के आने का वक्त भी हो चला था. इसलिए हम दोनों भाई बहनों ने कपड़े पहने और एक दूसरे को किस करके ममी के आने से पहले ही अलग अलग अपने कमरों में चले गए. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:20 PM
(This post was last modified: 21-02-2019, 10:20 PM by neerathemall.)
अगली स्टोरी में ----कैसे मैंने अपनी सगी बहन सीमा को चोदा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:20 PM
सगी बहन के साथ (अधूरा नहीं) पूरा सेक्स
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:21 PM
उस दिन के बाद मुझे कई दिनों तक सीमा के साथ अकेले कुछ करने का मौका नहीं मिला क्योंकि पापा टूर से वापस आ गए थे और एक हफ्ते की छुट्टी पर थे. मम्मी भी हमेशा घर पर ही रहती थी. सीमा मेरे उठने से पहले सवेरे सवेरे रोज कॉलेज चली जाती थी. दोपहर को जब वो वापस आती तो मैं उस वक्त कोलेज में होता था. हम लोग सिर्फ डिनर के टाइम पर ही इकट्ठे होते थे. मेरा और मेरी बहन का कमरा अलग अलग था और बीच में मम्मी पापा का कमरा था. इसलिए रात को ना वो मेरे पास आ सकती थी और ना मैं उसके पास – क्योंकि पकडे जाने का खतरा था.
पर सीमा ने मौके का भरपूर फायदा उठाया. उसे मुझे सेडयूस करने में बहुत मज़ा आता था. सबकी नज़र बचा कर कभी आँख मार देना कभी फ्लाइंग किस देना तो आम बात थी. एक दिन शाम को पापा बालकोनी में अखबार पढ़ रहे थे और मम्मी किचन में थी. सीमा अपने कमरे से चिल्लाई “भैया एक मिनट आना प्लीज़?” मैंने सोचा कुछ काम से बुलाया होगा, कमरे में जाते ही उसने अपनी स्कर्ट उपर उठा कर अपनी गोरी गोरी चूत मेरे सामने नंगी कर दी. उसने नीचे से कच्छी नहीं पहनी हुई थी. सबको सुनाकर बोली “भैया ये सवाल समझ में नहीं आ रहा है.” और बेहद कामुक अंदाज़ में अपनी चूत में ऊँगली डाल कर अपनी मुहं में चूसने लगी और तड़प कर बोली “प्लीज़ भैय्या मेरी मदद करो” मेरी तो जैसे गांड ही फट गयी और मैं कुछ बिना बोले ही बाहर आ गया. कहीं पकडे जाते तो? मैं बाहर आकर ड्राइंग रूम में बैठ कर टी वी देखने लगा. वो भी बिना कच्छी पहने स्कर्ट में मेरे सामने सोफे पर बैठ गयी और टी वी देखने लगी. किचन सोफे के पीछे थी और कड़छी चलने की आवाज से उसे पता चल रहा था कि मम्मी किचन में है. उसने टांगें खोल कर मुझे फिर से चूत के दर्शन कराने शुरू कर दिए. सीमा (मज़े लेते हुए): अच्छा शो है ना भैय्या? (घर के बाकी लोग सोच रहे थे कि वो टी वी शो के बारे में बोल रही है पर असलियत मैं और सीमा जानते थे). मैं (हकलाते हुए): हाँ बहुत अच्छा है. पर अभी खत्म हो जाएगा (मैंने इशारा किया कि वो ये सब ना करे). थोड़ी देर में वो मुस्कुराते हुए वापस अपने कमरे में चली गयी. मैंने भी अपने रूम में जाकर अपनी प्यारी बहना की चूत को याद करते हुए दो बार मुठ मारी. एक बार जब पापा घर के काम से बाहर गए हुए थे और मम्मी नहा रही थी तो सीमा मेरे कमरे में आ गयी. आते ही वो मुझसे लिपट गयी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी. मैं भी उसके बूब्स दबाने लगा और उसे किस करने लगा. मैं: अब बर्दाश्त नहीं होता मेरी रानी. सीमा: मैं भी तो तड़प रही हूँ भैय्या. वो नीचे से ब्रा और पैंटी पहले ही उतार कर आयी थी. उसने अपनी टी शर्ट उपर कर दी. अपनी नंगी चुचियाँ मेरे सामने करके बोली “भैय्या देखो न, ये तुम्हारे चूसने को तरस रही हैं” मैं बेकाबू हो कर अपनी बहन की चुचियाँ चूसने और दबाने लगा “आअह्हह्हह भैया........और जोर से चूसो.” वो पजामे के ऊपर से मेरा लंड सहलाने लगी और मैं भी उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर अपनी मस्त बहना की चूत सहलाने लगा. सीमा ने मेरे लंड का पानी निकाल दिया. सीमा भी झड़ चुकी थी. किसी के आने से पहले ही सीमा तुरंत अपने कमरे में वापस चली गयी. वैसे हम दोनों भाई बहन एकदम नोर्मल बिहेव करते थे पर अंदर ही अंदर हम दोनों सुलग रहे थे. रोज उसका गोरा नंगा बदन, चिकनी जांघें, मस्त संतरे जैसी चुचियाँ, ब्राउन निप्पल, गोल गोल छोटे छोटे चूतड़, कुंवारी चूत को याद कर के मेरा लंड हमेशा खड़ा रहता था. जबसे मैंने अपने प्यारी बहना के सुंदर नंगे बदन को देखा था तब से मैं बेताब था कि कब मुझे उसकी चुदाई का मौका मिलेगा. आखिर भगवान ने वो दिन दिखा ही दिया. सात दिन बाद पापा फिर से टूर पर चले गए और उसी दिन मम्मी को कीर्तन पर जाना था. उस दिन मम्मी ने सीमा कि छुट्टी करवा दी क्योंकि घर का खाना बनाना और सफाई करनी थी. मम्मी मुझे और सीमा को घर का ख्याल रखने कि हिदायत देकर सुबह ही नहा धोकर पड़ोस कि औरतों के साथ चली गयी और बता कर गयी कि कीर्तन रात के दस बजे तक चलेगा. मम्मी के जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया और सीमा के पास गया. वो बालकोनी में खड़ी थी. मैं: चल सीमा, अंदर आ ना? सीमा: रुको भय्या, मम्मी को जाते हुए देख रही हूँ (वो पक्का कर लेना चाहती थी ताकि मम्मी किसी चीज़ को भूलकर वापस ना आ जाए). हमारी बालकोनी की चार फुट की दीवार थी. यानी चार फुट के नीचे बाहर से कुछ दिखाई नहीं दे सकता था. मैंने हौले हौले सीमा कि कमर सहलानी शुरू कर दी. उसने कुछ नहीं कहा. मैं फिर धीरे धीरे अपना हाथ नीचे ले गया और उसकी सलवार के ऊपर से उसके चूतड़ सहलाने लगा. आ हा क्या मज़ा आ रहा था. कई दिन बाद मैंने अपनी बहन को टच किया था. मैंने उसके चूतड़ दबाते हुए कहा, “मेरी जान आज हमें मिलने से कोई नहीं रोक सकता”. हम लोगों ने देखा कि मम्मी अब सचमुच चली गयी थी. सीमा: आप चलो, मैं आती हूँ. मैं सबसे पहले अपने पापा के रूम में गया और वोदका का एक पेग लगा लिया. दरअसल वोदका पीने के बाद मस्ती बढ़ जाती है और चुदाई का बहुत मज़ा आता है. लंड भी काफी देर बाद झड़ता है. ये बात मेरे दोस्तों ने बताई थी. आज मैं अपनी प्यारी बहना के साथ पूरी मस्ती लेना चाहता था. आज मैंने पक्का फैसला कर लिया कि अपनी सगी बहन को चोद कर रहूँगा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 10:22 PM
मैं जब पापा के कमरे से बाहर आया तो सीमा अपने रूम के दरवाजे पर चुपचाप खड़ी थी. उसका चेहरा नीचे झुका हुआ था और हल्का हल्का मुस्कुरा रही थी. मैं उसके पास गया और धीरे से उसका चेहरा ऊपर किया. उसकी नज़रें मुझ से मिलीं, पर फिर शर्मा के उसने गर्दन झुका ली. आज वो चंचल शरारती लड़की मुझ से नज़र तक नहीं मिला पा रही थी और शर्म से गड़ी जा रही थी. उसने गुलाबी रंग का सूट पहन रखा था और चुन्नी भी नहीं ली हुई थी. आज वो मुझ पर कयामत ढा रही थी. मैंने दोनों हाथ उसकी कमर पर लपेट कर उसे अपने आगोश में ले लिया. वो बेल कि तरह मुझ से लिपट गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 11:06 PM
मैं: अरे ये क्या करती है? तेरी जगह तो मेरे दिल में है मेरी जान. (यह कहकर मैंने उसे सीने से लगा लिया).
सीमा: आज आप भैया से मेरे सैंय्या बन गए हो. मैंने उसे उठा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया. मेरी सगी बहन पूरी नंगी अवस्था में मेरे नंगे बदन से चिपकी हुई थी. उसकी चुचियाँ मेरे सीने में दब रही थीं और मेरा लंड उस वक्त ठीक उसकी चूत से टकरा रहा था. मैंने शरारत से अपने कूल्हे हिलाए और अपनी बहन कि चूत पर अपना लंड दबा कर उसे चुमते हुए कहा “मेरी प्यारी बहना को शादी मुबारक”. सीमा ने भी उसी अंदाज़ में अपने कूल्हे हिलाकर अपनी चूत मेरे लंड से सटा दी और हँसते हुए बोली “आपको भी मेरे प्यारे भाई.” मैं (उसके चूतड़ दबाते हुए): तो चल सुहागरात मनाते हैं. सीमा: जैसा तुम चाहो. आज से मैं आपकी हूँ. भैय्या आज जी भर के चोदना. मुझे दर्द हो तो भी मत रुकना. मुझे आज लड़की से औरत बना दो मेरे प्यारे भैय्या. मैं: पहले मैं तेरी चूत चाटूँगा. सच में उस दिन बहुत मज़ा आया था. (चूत सहलाते हुए) बड़ी नमकीन है मेरी प्यारी बहना की चूत. सीमा: मैं भी अपने प्यारे भाई का लंड चूसने के लिए बेताब हो रही हूँ. मैं: तो चूस न मेरी जान. देख कब से खड़ा है. एक बार तो मेरा पानी निकाल दे. बहुत तरस रहा है बेचारा. ऐसा कह कर मैंने अपनी प्यारी बहना को सोफे पर बैठा दिया और अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. वो मज़े से चूसने लगी. मैं उसकी जुल्फें पीछे कर रहा था जो बार बार मेरा लंड चूसते हुए आगे आ जाती थीं. मैं लगातार सीमा को देख रहा था और वो लंड चूसने में बिजी थी. मेरी बहन उस वक्त मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी. एक बार हमारी नज़रें मिलीं. अब सीमा मुझे देखते हुए मेरे लंड चूसने लगी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी सगी बहना अपने सगे भाई का लंड चूस रही है. मैं: हाययययययय्य्य ऊऊह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान मेरा रस निकाल दे, मेरी सबसे अच्छी बहना, डार्लिंग, आई लव यू .........कम ऑन....... देखते देखते मेरे लंड ने मेरी प्यारी बहना के मुहं में लावा उगल दिया. सीमा बड़े प्यार से मेरी वीर्य पीने लगी. आखिरी बूँद तक वो चाट गयी और मेरा लंड उसने चाट चाट के साफ़ कर दिया. मेरा लंड फिर से सिकुड़ने लगा. मेरा वीर्य अभी तक उसके लाल लाल होंठों पे लगा हुआ था जिसे उसने अपने होंठों पर जीभ फेर कर चाट लिया. मैं अब उसके बूब्स चूसने लगा. वो जोर जोर से सीत्कार कर रही थी. अपनी बहना का गोरा मांसल बदन सहलाते हुए धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूत तक जा पहुंचा. अब मैं उसकी चूत सहलाने लगा. मैं एक साथ उसके होंठ चूस रहा था, बूब्स दबा रहा था और चूत भी सहला रहा था. मेरी बहना का बुरा हाल था. उसका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया. फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. पहले मैंने जीभ से उसकी चूत को बाहर से चाटा फिर उसकी दोनों फांके अलग कर देखने लगा. अंदर से मेरी कमसिन बहना की कुंवारी चूत गुलाबी रंग की थी. इसे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया. मैंने सीमा की पहले चूत चाटी फिर पूरी की पूरी जीभ अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी दोनों टांगें चौड़ी और ऊपर थीं. अपने दोनों हाथों से बूब्स दबाते हुए उसके मुंह से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं. “आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....” बेचारी नई नई जवान हुई थी और अब तक कुंवारी थी इसलिए जल्दी ही एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा जिससे वो दो बार झड गयी. हम एक दूसरे के ऊपर कुछ देर लेटे रहे. हम दोनों कि सांसें बहुत तेज चल रही थीं और दिल भी जोर जोर से धड़क रहे थे. सीमा मुझे चूम कर बोली: ओह भैया आई लव यू. मैं: आई लव यू टू. (फिर उसके कान में बोला) मैं अभी आया. मैं फिर से पापा के कमरे में गया और एक मोटा वोदक का पेग बनाया और उसे पी ही रहा था कि पीछे पीछे सीमा भी वहाँ पर आ गयी. सीमा: भैया मुझे भी थोड़ी सी दो ना. मैं: तू तो खुद एक बोतल है मेरी जान. तुझ में तो ऐसा नशा है कि जिंदगी भर ना उतरे. पर चल आज तुझे भी पिलाता हूँ. मैंने जाम उसके नाज़ुक होंटों से लगा दिया. सीमा को थोड़ा कड़वा लगा पर वो इसे पूरा पी गयी. मैंने एक जाम और बनाया और उसके बूब्स पर गिरा दिया. अब मैं उसके बूब्स से वोदका चूसने लगा. एक घूंट भर कर मैं उसके लिप्स पर किस करने लगा और मैंने अपने मुहं से वोदका उसके मुहं में डाल दी. हम काफी देर तक लिप्स पर किस करते रहे. मेरा लंड अब तक खड़ा हो चुका था. मैंने बड़े प्यार से सीमा को बेड पर लिटा दिया और बोला “चल मेरी प्यारी बहना अब तू अपने भैय्या से चुदने के लिए तैयार हो जा.” मैंने उसकी दोनों टांगें खोल दीं और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. सीमा मतवाली हुए जा रही थी. मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. सीमा: आःह्ह्ह्ह्ह्ह ..........भैय्या जरा धीरे से.......दर्द होता है........ मैं: शुरू शुरू में हर लड़की को दर्द होता है. तुझे हिम्मत से काम लेना होगा ये कह के मैंने थोड़ा सा लंड और आगे किया. सीमा नें दर्द से अपने होंठ भींच लिए. मेरा आधा लंड अपनी प्यारी बहना की चूत में घुस चुका था. मैं अब अपना लंड अंदर बाहर करने लगा जिससे सीमा को थोड़ा मज़ा आने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स दबा रहे थे और मैं लगातार उसके लिप्स पर किस भी किये जा रहा था. थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से चूतड़ हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी. उसे वोदका का नशा भी चढ़ गया था इसलिए उसे दर्द कम महसूस हो रहा था. मेरी प्यारी सगी बहना का मस्त यौवन, उफ़ उसकी छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन. मैं ये सब देख कर मस्ती से उसे चोदे जा रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2019, 11:07 PM
मैं: अरे ये क्या करती है? तेरी जगह तो मेरे दिल में है मेरी जान. (यह कहकर मैंने उसे सीने से लगा लिया).
सीमा: आज आप भैया से मेरे सैंय्या बन गए हो. मैंने उसे उठा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया. मेरी सगी बहन पूरी नंगी अवस्था में मेरे नंगे बदन से चिपकी हुई थी. उसकी चुचियाँ मेरे सीने में दब रही थीं और मेरा लंड उस वक्त ठीक उसकी चूत से टकरा रहा था. मैंने शरारत से अपने कूल्हे हिलाए और अपनी बहन कि चूत पर अपना लंड दबा कर उसे चुमते हुए कहा “मेरी प्यारी बहना को शादी मुबारक”. सीमा ने भी उसी अंदाज़ में अपने कूल्हे हिलाकर अपनी चूत मेरे लंड से सटा दी और हँसते हुए बोली “आपको भी मेरे प्यारे भाई.” मैं (उसके चूतड़ दबाते हुए): तो चल सुहागरात मनाते हैं. सीमा: जैसा तुम चाहो. आज से मैं आपकी हूँ. भैय्या आज जी भर के चोदना. मुझे दर्द हो तो भी मत रुकना. मुझे आज लड़की से औरत बना दो मेरे प्यारे भैय्या. मैं: पहले मैं तेरी चूत चाटूँगा. सच में उस दिन बहुत मज़ा आया था. (चूत सहलाते हुए) बड़ी नमकीन है मेरी प्यारी बहना की चूत. सीमा: मैं भी अपने प्यारे भाई का लंड चूसने के लिए बेताब हो रही हूँ. मैं: तो चूस न मेरी जान. देख कब से खड़ा है. एक बार तो मेरा पानी निकाल दे. बहुत तरस रहा है बेचारा. ऐसा कह कर मैंने अपनी प्यारी बहना को सोफे पर बैठा दिया और अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया. वो मज़े से चूसने लगी. मैं उसकी जुल्फें पीछे कर रहा था जो बार बार मेरा लंड चूसते हुए आगे आ जाती थीं. मैं लगातार सीमा को देख रहा था और वो लंड चूसने में बिजी थी. मेरी बहन उस वक्त मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी. एक बार हमारी नज़रें मिलीं. अब सीमा मुझे देखते हुए मेरे लंड चूसने लगी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी सगी बहना अपने सगे भाई का लंड चूस रही है. मैं: हाययययययय्य्य ऊऊह्ह्हह ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान मेरा रस निकाल दे, मेरी सबसे अच्छी बहना, डार्लिंग, आई लव यू .........कम ऑन....... देखते देखते मेरे लंड ने मेरी प्यारी बहना के मुहं में लावा उगल दिया. सीमा बड़े प्यार से मेरी वीर्य पीने लगी. आखिरी बूँद तक वो चाट गयी और मेरा लंड उसने चाट चाट के साफ़ कर दिया. मेरा लंड फिर से सिकुड़ने लगा. मेरा वीर्य अभी तक उसके लाल लाल होंठों पे लगा हुआ था जिसे उसने अपने होंठों पर जीभ फेर कर चाट लिया. मैं अब उसके बूब्स चूसने लगा. वो जोर जोर से सीत्कार कर रही थी. अपनी बहना का गोरा मांसल बदन सहलाते हुए धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूत तक जा पहुंचा. अब मैं उसकी चूत सहलाने लगा. मैं एक साथ उसके होंठ चूस रहा था, बूब्स दबा रहा था और चूत भी सहला रहा था. मेरी बहना का बुरा हाल था. उसका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया. फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सी बहना की मस्त चूत चाटनी शुरू की. पहले मैंने जीभ से उसकी चूत को बाहर से चाटा फिर उसकी दोनों फांके अलग कर देखने लगा. अंदर से मेरी कमसिन बहना की कुंवारी चूत गुलाबी रंग की थी. इसे देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया. मैंने सीमा की पहले चूत चाटी फिर पूरी की पूरी जीभ अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा. सीमा से कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. वो बार बार अपने चूतड़ उछल कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी दोनों टांगें चौड़ी और ऊपर थीं. अपने दोनों हाथों से बूब्स दबाते हुए उसके मुंह से तेज सिसकियाँ निकल रही थीं. “आ आ आ हह हह हा य ओह उफ़ मेरी माँ. और चूसो तेज भैय्या बहुत मज़ा आ रहा है. आह...................वाह .......आप तो कमाल का चूसते हो भैय्या.........करते रहो.....” बेचारी नई नई जवान हुई थी और अब तक कुंवारी थी इसलिए जल्दी ही एक आनंद से भरी चीख से वो निढाल हो कर शांत पड़ गयी. उसकी चूत से झर झर कर काम रस निकल रहा था जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया. मैं फिर भी लगातार उसकी चूत चाटता रहा जिससे वो दो बार झड गयी. हम एक दूसरे के ऊपर कुछ देर लेटे रहे. हम दोनों कि सांसें बहुत तेज चल रही थीं और दिल भी जोर जोर से धड़क रहे थे. सीमा मुझे चूम कर बोली: ओह भैया आई लव यू. मैं: आई लव यू टू. (फिर उसके कान में बोला) मैं अभी आया. मैं फिर से पापा के कमरे में गया और एक मोटा वोदक का पेग बनाया और उसे पी ही रहा था कि पीछे पीछे सीमा भी वहाँ पर आ गयी. सीमा: भैया मुझे भी थोड़ी सी दो ना. मैं: तू तो खुद एक बोतल है मेरी जान. तुझ में तो ऐसा नशा है कि जिंदगी भर ना उतरे. पर चल आज तुझे भी पिलाता हूँ. मैंने जाम उसके नाज़ुक होंटों से लगा दिया. सीमा को थोड़ा कड़वा लगा पर वो इसे पूरा पी गयी. मैंने एक जाम और बनाया और उसके बूब्स पर गिरा दिया. अब मैं उसके बूब्स से वोदका चूसने लगा. एक घूंट भर कर मैं उसके लिप्स पर किस करने लगा और मैंने अपने मुहं से वोदका उसके मुहं में डाल दी. हम काफी देर तक लिप्स पर किस करते रहे. मेरा लंड अब तक खड़ा हो चुका था. मैंने बड़े प्यार से सीमा को बेड पर लिटा दिया और बोला “चल मेरी प्यारी बहना अब तू अपने भैय्या से चुदने के लिए तैयार हो जा.” मैंने उसकी दोनों टांगें खोल दीं और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. सीमा मतवाली हुए जा रही थी. मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. सीमा: आःह्ह्ह्ह्ह्ह ..........भैय्या जरा धीरे से.......दर्द होता है........ मैं: शुरू शुरू में हर लड़की को दर्द होता है. तुझे हिम्मत से काम लेना होगा ये कह के मैंने थोड़ा सा लंड और आगे किया. सीमा नें दर्द से अपने होंठ भींच लिए. मेरा आधा लंड अपनी प्यारी बहना की चूत में घुस चुका था. मैं अब अपना लंड अंदर बाहर करने लगा जिससे सीमा को थोड़ा मज़ा आने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स दबा रहे थे और मैं लगातार उसके लिप्स पर किस भी किये जा रहा था. थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से चूतड़ हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी. उसे वोदका का नशा भी चढ़ गया था इसलिए उसे दर्द कम महसूस हो रहा था. मेरी प्यारी सगी बहना का मस्त यौवन, उफ़ उसकी छोटी संतरे जैसी चुचियाँ, मस्त गांड, लहराते हुए लंबे बाल, गदराया हुआ गोरा संगमरमर जैसा चिकना बदन. मैं ये सब देख कर मस्ती से उसे चोदे जा रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
26-07-2021, 11:49 PM
Beautiful story
03-01-2022, 01:42 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 01:04 PM
Brunette teen licks cum from fingers after seducing her sick realbrother
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 05:31 PM
सगी बहन की चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 05:32 PM
मेरी बहन मीतू (बदला हुआ नाम) जो उस समय 18 वर्ष की थी और 12वीं कक्षा में पढ़ती थी, कच्ची कली, छोटे छोटे बूब्ज़, रंग गोरा, उसकी हाईट कोई 5 फीट 5 इंच की होगी, मैं घर कभी कभी जाता था क्योंकि मैं बाहर शहर में पढ़ता हूँ, घर में मम्मी और बहन रहती हैं और पापा बाहर जॉब करते हैं.
20 साल की उम्र में लड़कों को चूत चाहिये होती है, अगर कहीं भी ना मिले तो वो खुद के घर में देखते हैं! मैं भी अपनी छोटी और जवान बहन को देखता था, वो इतनी भी छोटी नहीं थी कि कुछ समझे ना, जब मैं उसको मजाक मजाक में छूता था तो वो बहुत स्माइल देती था पर हम उस समय ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं! तब तक मैंने अपनी बहन के साथ ऐसा कुछ करने का कभी सोचा भी नहीं था पर जब से मैं पर भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगा था, मेरे मन में भी कुछ कुछ होने लगा था और फिर मुझे लगने लगा कि अगर मीतू को पटा लूँ तो जिंदगी के मजे कई गुना हो जाएंगे! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 05:33 PM
ब मैं अपनी पढ़ाई से ज्यादा मीतू को पटाने के बारे में सोचने लगा, गूगल, यू ट्यूब हर जगह देखा कि बहन की कामुकता को कैसे जागृत किया जाए. बहुत दिनों के बाद समझ आया कि जब तक हिम्मत नहीं करूँगा तब तक तो हाथ से ही काम चलाना होगा.
अब एक महीने बाद रक्षाबंधन थी और मुझे घर जाना था. मैं समझ गया कि इस बार उसे क्या गिफ्ट देना हैं, उसी दिन से मैंने अपना काम शुरू किया और फोन पे ही कुछ अलग तरह की बातें शुरू की, जैसे तुमने अभी क्या पहना है, नहाने के बाद क्या पहनोगी, नहाने में इतना समय क्यों लगाया, आज साबुन लगाया था या नहीं! ऎसी बातें से क्या होता है कि आपका मनोबल भी बढ़ता है और लड़की की वासना भी बढ़ने लगती है! अब मैं रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही घर चला गया था, मेरा प्लान तैयार था. पहुँचते ही मैंने अपना प्लान शुरू किया और मम्मी से मुलाकात की. फिर जब मम्मी दूसरे कमरे में गयी तो बहन को गले मिला, मैं कभी गले नहीं मिलता था पर उस दिन मिला और अपनी बाहों में उठा लिया. उस समय मेरा लंड उसकी चुत के पास था पर वो कुछ समझ नहीं पायी, उसे लगा कि ये भाई का प्यार है! अब रात को मम्मी रसोई में खाना बना रही थी और मैं और मीतू एक दूसरे कमरे में बातें कर रहे थे. अचानक लाइट चली गयी और अंधेरा हो गया. मैं अपने मोबाइल को ढूंढने के बहाने से उसके बिस्तर पे ढूंढने लगा, फिर मैंने जान बूझ कर उस की जांघ पे हाथ रख दिया, वो डर गई और वहां से चली गयी. फिर कुछ देर बाद मैं उसके बेड पर बैठ कर उस के साथ टीवी देखने लगा और उस की जांघ पे फिर से हाथ रख दिया. वो शर्मा गयी पर कुछ बोल नहीं पायी. इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गयी, ऐसा मैंने फिर से एक दो बार और किया, पर इस बार वो वहाँ से भी चली गयी और अपने कमरे में जा कर पढ़ने लग गयी. हमने खाना खाया और मैं मम्मी के साथ टीवी देखने लगे गया जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 05:35 PM
फिर मीतू ने कमरे से पुकारा- भाई मैथ्स पढ़ा दो.
मैं समझ गया कि मीतू के मन में भी कुछ तो है, मैंने 10 मिनट में पढ़ा दिया, फिर हम बातें करने लग गए, उस समय मम्मी दूसरे रूम में टीवी देख रही थी तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी. उसके पास बैठते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. बात करते करते मीतू मेरी जांघ पे हाथ रखते हुए बोली- भाई पैर ऊपर कर लो! इतना सुनते ही मेरा हाथ उस की जांघ पे चला गया और सहलाने लगा, उसे भी ऐसा करवाने में मजा आ रहा रहा था, परन्तु अचानक वो खड़ी हो गयी और पंखे की स्पीड बढ़ा कर मेरे पास में ही खड़ी हो गयी. मैं भी उसके पीछे खड़ा हो गया, अब मेरा लंड उसकी गांड पे था और मैंने बड़ी हिम्मत करके उसके गर्दन पे एक किs किया पर वो कुछ ना बोली तो मैं भी शुरू हो गया. फिर क्या था, मैं पागलों की तरह उसकी गर्दन पे किस कर रहा था और अपने हाथों से उस के बूब्स बड़े ही आराम से सहला रहा था. मुझे पता था कि कभी भी उसने ऐसा नहीं करवाया है तो बहुत समझदारी दिखा रहा था.जब कोई 20 साल का लड़का पहली बार किस करेगा तो जरूर पागल हो जाएगा,इतनी देर में मम्मी की आवाज़ आ गयी- प्रदीप दूध ठंडा हो गया पी ले! और मुझे गर्म माल को छोड़कर जाना पड़ा. अब दूध पी कर मैं सीधा बाथरूम में गया और मीतू की पैंटी लेकर उसके नाम की मुठ मारने लगा और अपना पूरा माल उसकी पैंटी में छोड़ कर आ गया. कुछ देर बाद मम्मी बोली- मैं मीतू के पास सो रही हूँ, तुम यही टीवी वाले कमरे में सो जाओ. पर अब मुझे कहां नींद आने वाली थी, मेरे मन में तो मीतू के बूब्स घूम रहे थे. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
13-06-2022, 05:37 PM
इतनी देर में मम्मी की आवाज़ आ गयी- प्रदीप दूध ठंडा हो गया पी ले!
और मुझे गर्म माल को छोड़कर जाना पड़ा. अब दूध पी कर मैं सीधा बाथरूम में गया और मीतू की पैंटी लेकर उसके नाम की मुठ मारने लगा और अपना पूरा माल उसकी पैंटी में छोड़ कर आ गया. कुछ देर बाद मम्मी बोली- मैं मीतू के पास सो रही हूँ, तुम यही टीवी वाले कमरे में सो जाओ. पर अब मुझे कहां नींद आने वाली थी, मेरे मन में तो मीतू के बूब्स घूम रहे थे. गले दिन रक्षाबंधन था, उसने राखी बांधी और सभी अपना अपना काम करने लग गए. मम्मी खेत में चली गयी, हमें पता था कि मम्मी शाम को देर से आएगी, फिर मैं मोबाइल पर कुछ करने लग गया और मीतू पढ़ने लग गयी. फिर उसने बोला- भाई कुछ पढ़ा दो, समझ नहीं आ रहा! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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