Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
(13-05-2020, 02:11 PM)Chandan pushpak Wrote: प्रश्न यह है कि कोमलजी की कहानी मे सास -दामाद का संसर्ग मुझे अपनी सास से संसर्ग के लिए उतावला कर रहा है,किंतु इस नियती का मै साक्षी मै बिना उचित परामर्श के नहीं बनना चाहता हु,तो क्या उचित रहेगा और क्या आप अपने पति को मा के साथ संसर्ग मे सहयोग करती और इस तरह का सहयोग अपनी पत्नी से कैसे प्राप्त करुँ
Chandan pushpak जी
यहाँ पर दो बाते बोली हैं आपने , एक तो कोमल जी कि कहानी जो अपने अतिउत्तम रचना है और मैं कहाँ एक अदना सी लेखिका मेरा और उनका [कोमल जी] का कहाँ जोड़ वो तो एक सितारा हैं चमकता हुआ आसमान का . उनकी कहानी अलग रंगों से भरी है और मेरी भावनात्मक रंगों से, औरतो कि दिल से जुडी बातो से, और रही बात आपकी फंतासी या इच्छा कि आपकी अपनी इच्छा है, मेरी कोई राय महत्त्व नहीं रखती. हाँ और कोई अगर आपको मशवरा देना चाहे तो उसका स्वागत है, वो आपको मेसेज कर सकता है .
दूसरी - " क्या आप अपने पति को मा के साथ संसर्ग मे सहयोग " - नहीं.
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
निहारिका जी कमाल के अपडेट के लिए बहुत आभार
क्या मस्त अपडेट दिया है
बस भाभी के साथ फुल मस्ती देखने को दिल बेकरार सा हो रहा है
ओर फिर सुमन भाभी ओर आप की माँ की मस्ती जो उस स्तर की होगी कि हर औरत पढ़ते पढ़ते बह जाएगी
मीठी चिपचिपाहट
एक अधेड़ उम्र की औरत ओर एक जवान औरत के आपस मे धक्के ऊफ़्फ़ अभी से कुलबुलाहट हो रही है सोनपरी में तो सोच के ही
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
(13-05-2020, 04:30 PM)@Kusum_Soni Wrote:
निहारिका जी कमाल के अपडेट के लिए बहुत आभार
क्या मस्त अपडेट दिया है
बस भाभी के साथ फुल मस्ती देखने को दिल बेकरार सा हो रहा है
ओर फिर सुमन भाभी ओर आप की माँ की मस्ती जो उस स्तर की होगी कि हर औरत पढ़ते पढ़ते बह जाएगी
मीठी चिपचिपाहट
एक अधेड़ उम्र की औरत ओर एक जवान औरत के आपस मे धक्के ऊफ़्फ़ अभी से कुलबुलाहट हो रही है सोनपरी में तो सोच के ही
बस भाभी के साथ फुल मस्ती देखने को दिल बेकरार सा हो रहा है
ओर फिर सुमन भाभी ओर आप की माँ की मस्ती जो उस स्तर की होगी कि हर औरत पढ़ते पढ़ते बह जाएगी मीठी चिपचिपाहट
ऊफ़्फ़ अभी से कुलबुलाहट हो रही है सोनपरी में तो सोच के ही
...
कुसुम जी ,
शुक्रिया,
आप लोगो कि वजह से मैं वो बीते पल फिर से जी पा रही हूँ.
हाँ , सुमन भाभी और शीतल भाभी हैं तो कमाल कि, जब तक खेल लो अपनी सोनपरी के साथ, करवा लो सेवा .... कन्या रस उम्र के हर पड़ाव मैं अलग मजा देता हैं हर बार अलग स्वाद .
मिलती हूँ जल्दी .
•
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
(13-05-2020, 05:40 PM)Poonam_triwedi Wrote: सभी सहेलियों को मेरा प्यार भरा प्रणाम
उम्मीद करती हूं सब मीठी सजा के मजे उठा रही होंगी
बस थोड़ी बहुत व्यस्तता थी समय से हाजिर नहीं हो पाई
इस लिए माफी सभी से
निहारिका जी क्या मस्त लिख रही हो
लाजवाब
आप का हर एक अपडेट मेरे दिल को छू के जाता है
कमाल का लेखन है
रात को थोड़ी सेवा ज्यादा हो गयी तो दर्द हो रहा है पीछे खरबूजों के बीच में ऊफ़्फ़ लाज भी बहुत आती है पर बताने से रह भी तो नहीं पाती आपबीती
कुसुम बड़े मजे ले रही हो
बराबर चिकनाई चुपड़ते रहना खास कर
उस सिक्के पर समझ गयी होंगी ना
कोमल जी तो रतजगे कर रही है रोज ही
ओर उम्मीद है विद्या भी खूब मजे ले रही होंगी
करो,सभी खूब मजे,,निहारिका जी इंतज़ार रहेगा अगले कामुख अपडेट का
पूनम जी,
आपके आने से ही चांदनी बिखर जाती है,
"निहारिका जी क्या मस्त लिख रही हो
लाजवाब
आप का हर एक अपडेट मेरे दिल को छू के जाता है "
कमाल का लेखन है
जी शुक्रिया , यह तो आपका प्यार है, दिल से जुडाव हैं बाद , देते रहिये अपने प्यार कि फुहार .
"रात को थोड़ी सेवा ज्यादा हो गयी तो दर्द हो रहा है पीछे खरबूजों के बीच में ऊफ़्फ़ लाज भी बहुत आती है पर बताने से रह भी तो नहीं पाती आपबीती "
जी सही कही आपने , उस समय तो दोनों छेद मैं कोई भेद नहीं , हमें भी मजा आता है दर्द के साथ पर उनकी खातिर सब हवा , बाद मैं टीस उठती हैं "पीछे". फिर रात कि बात याद आ जाती हैं, क्या - क्या हुआ था मेरे साथ.
" बेदर्दी - साजन "
"कुसुम बड़े मजे ले रही हो
बराबर चिकनाई चुपड़ते रहना खास कर
उस सिक्के पर समझ गयी होंगी ना "
पूनम जी, कौन सा सिक्का , जरा हमे भी तो बताओ , सच्ची कुसुम जी तो मस्त मजे ले रही हैं, "नीले - मजे" .
कोमल जी और उम्मीद है विद्या जी भी खूब मजे ले रही होंगी, कुछ समय बीत गया दोनों के दर्शन नहीं प्राप्त हुए , आशा है कि जल्दी मिल जायेंगे.
देती हूँ उप्दतेस , समय निकल के , अभी सोये हैं वो तो समय मिल गया आप लोगो से बात करने का , जब तक खाने कि तयारी कर लेती हूँ.
फिर .....................
न, न, "वो" नहीं ,...... उप्दतेस कि कोशिश ही ही ही
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
मैं - नहीं सुमन भाभी, ऐसा नहीं है, यह तो मैं पहेली बार ही देख रही हूँ, और मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, कुछ अजीब सा , ऊपर भी और नीचे भी, उफ़. जोबन बिलकुल टाइट हो गए हैं कुर्ती मैं . बस जी चाह रहा है कि ब्रा और कुर्ती खोल दू. बोल ही दिया ... साफ़ - साफ़.
सुमन भाभी - हम्म, होता हैं ऐसा , नार्मल है, मैं भी गीली हूँ नीचे से , अपना हात साला साये मैं और दो उँगलियाँ चाशनी मैं भीगी थी , फिर ले आये मेरी नाक के पास देख.
मैं , चुप, पर उस रस , उस चाशनी कि खुसबू मेरी वाली से अलग थी, मैं फिर बोली.
सुमन भाभी , इसकी स्मेल तो मेरी जैसी नहीं आ रही है, मैं तो यही सोच रही थी कि सबकी एक जैसी ही होती हैं.
सुमन भाभी- हम्म, तो तूने अपनी चाशनी को टेस्ट किया , सच बताना.
मैं - नहीं , मैं , वो , बस ऐसी ही, सूंघ लिया था वो क्या हैं न कि एक अलग सी खुसबू थी और अच्छी भी लग रही थी. आपकी तो अलग है ...
.........
..................
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
उफ़. जोबन बिलकुल टाइट हो गए हैं कुर्ती मैं . बस जी चाह रहा है कि ब्रा और कुर्ती खोल दू , मैंने यह बोल तो दिया था और सुमन भाभी कि आँखों कि चमक बता रही थी कि शिकार जाल मैं फंस रहा है, पर थी वो एकदम कुशल शिकारी. इंतज़ार किया उन्होंने.....
नहीं , मैं , वो , बस ऐसी ही, सूंघ लिया था वो क्या हैं न कि एक अलग सी खुशबू थी और अच्छी भी लग रही थी. आपकी तो अलग है ...
"सच्ची" कबूल करू तो "हाँ" मैंने चाटी थी मेरी पहेली चाशनी उफ़ , कितना अलग और मादक स्वाद था अब तक तो बहुत कुछ हो चूका मेरे साथ सब बता दूंगी आने वाले समय मैं, बस आपके प्यार का साथ और दो लाइन का सहारा.
उस समय सुमन भाभी को तो मना किया था कि नहीं चाटी, बस सूंघ ली थी , शायद पता तो चल ही गया था उनको भी, पर वो कुछ बोली नहीं. फिर एक ड्राप मेरे होंठो पर लगा दी और अपनी ऊँगली हटा ली और वापस अपनी नीचे वाली कि सेवा मैं लगा दी.
अब मैं बैचैन, कि सुमन भाभी के सामने कैसे उतारू कुर्ती और ब्रा , काफी खुल चुकी थी अब तक उनसे, काफी हिचक ख़तम हो गयी थी पर फिर भी हिम्मत नहीं हो रही थी.
और जोबन झोला खाए , ऊपर जाए और नीचे जाय, क्या करू हाय ? फिर मुझे याद आया कि घर पर सिर्फ ब्रा का हुक खोला था, वाह निहारिका , बन गया तेरा काम, ब्रा का हुक खोलना है , फिर आराम. ... शायद.
जी, फिर मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा के हुक खोलने लगी, सुमन भाभी यह देख कर हंसी, बोली, समझदार है तू निहारिका .
ब्रा के हुक खुलते ही, एकदम आराम आया मुझे , अब मेरी आँखे फिर मूवी तलाशने लगी , मूवी रुकी हुई थी और सुमन भाभी मुझे देख रही थाई, शायद इसी इनताजार मैं कि मैं उनसे बोलू कि चलाओ मूवी .
हुआ भी ऐसा ही, मैंने बोला सुमन भाभी , अब ठीक है कुछ आगे क्या हुआ दोनों का. मेरे लिए कुछ हद तक ठीक था कि एक लड़की दूसरी लड़की के जोबन देख ले , हाथ लगा ले चलता है, अक्सर मैं और मेरी सहेली ब्रा मैं एक दुसरे के सामने आ जाते थे वो साली मेरे जोबन दबा भी देती थी.
वहां, उस लड़की कि ब्रा खुल चुकी थी, उसके जोबन एकदम गोरे, गोल, भूरा निप्पल जो अलग चमक रहे थे गीले होने से. उसने अपने दोनों हाथ से अपने जोबन को ढका नहीं बल्कि नीचे से उठा कर परोस दिया जैसे, उसे चिढ़ा रही हो ले आजा खा जा ....
उफ़, फिर सच मैं दूसरी वाली ने एक जोबन अपने मुह मैं भर लिया और धीरे -धीरे कर के निकला लगभग चूसते हुये यह नया था मेरे लिए , मैं अपने आँख फाड़ के देखती रह गयी और उसने यह काम दुसरे जोबन पर भी कर दिया मेरी हालत फिर ख़राब.
उसका हाथ पेंटी कि डोरी पर था , इससे पहेले वो उसे खोल पाती वो पहेली लड़की भाग कर स्विमिंग पूल के पास आ गयी और बेंच पर लेट गयी, और उसे देखने लगी. अपने दोनों जोबन को दबाते हए उसे ऐसा करते देख दूसरी वाली भी अपने होंटो पर जीभ फिरने लगी , अचानक मेरी नजर सुमन भाभी के होंतो पर पड़ी वो भी यही कर रही थी मूवी को देखते हए फिर मुझे धयान आया कि मैं भी तो वो ही कर रही हूँ अपने होटो के साथ पर क्यों , पता नहीं.
फिर वो दूसरी लड़की आकर उसके पास लेट गयी, और उसके जोबन पर हाथ रखती हुए उसको दबाते हुए एक हाथ से उसकी पेंटी कि डोरी को खोल दिया और निकल कर पानी मैं फेंक दी .
फिर वो दोनों हँसने लगी यही काम अब पहेली वाली ने किया उसकी ब्रा और पेंटी खिल दी एक दुसरे को लिप किस करते हुए, मैं यह देख रही थी कि यह हो क्या रहा है, और यह दोनों नंगे कए हो गए कल एक आदमी और औरत कि बात तो समझ आ गयी थी. पर यहाँ तो दोनों औरते ही थी और "वो" तो होने का सवाल ही नहीं था .... दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था .... फिर सोचा देखो आगे क्या होता है?
दोनों लिप किस मैं डूबी हुई थी, कुछ देर के बाद एक उठी और जोबन को चूसने लगी और नीचे लेती हुई लड़की ने एक आहा भरी कि जैसे उसे काफी मजा आ रहा हो. फिर वो धीरे -धीरे निचे कि और जाने लगी उसकी जाघो को चूमने लगी - चाटने लगी ........ क्या हो रहा है ....... बस देखे जाओ.. पर जो भी था एक नया अहसास था और मजा भी आ रहा था. पूरी नंगी औरत मैंने खुद को ही देखा था वो भी बाथरूम मैं यह पहेली बार था एक नहीं दो -दो नंगी औरते वो भी एक दुसरे के जिस्म से खेलते हए.
फिर वो लड़की, जो लड़की लेती हुई थी और भीगी हुई भी थी, उसकी दोनों टांगो के बीच मैं आ कर रुक गयी, और मेरी सांस भी .... क्या करेगी अब ....
फिर मूवी और पास मैं से दिखने लगी , उस लड़की ने अपनी जीभ निकली और "नीचे वाली" पर लगा दी, और धीरे -धीरे चाटने लगी , बहुत स्लो उसे कोई जल्दी नहीं थी, पर कल उस आदमी को भी यही करते देखा था पर वो ठो जल्दी कर रहा था, कम - से कम इस लड़की से जल्दी.
फिर उसने धीरे से एक ऊँगली उसके अंदर डाल दी, मैं बोल पड़ी , ओह, माँ .....
सुमन भाभी - निहारिका , क्या हुआ , चुप कर के देख ..... सीख काम आएगा .
मैं - जी , भाभी
फिर उसने अपनी ऊँगली निकाली वो चाशनी मैं भरी हुई थी .... चाट गयी वो अपनी ऊँगली ......
मैंने भाभी के हाथ को पदक लिया और दबा दिया , मैं पूरी गर्म हो गयी थी , फिर भाभी बोली ...
सुमन भाभी - निहारिका , यह मूवी तू ले जा और आराम से देखलेना ,
मैं मन मैं सोच रही थी, भाभी यह जुल्म मत करो, कुछ करो मेरे साथ , कुछ ऐसा ही......
Posts: 40
Threads: 1
Likes Received: 3 in 3 posts
Likes Given: 38
Joined: Apr 2019
Reputation:
0
(13-05-2020, 03:59 PM)Niharikasaree Wrote: Chandan pushpak जी
यहाँ पर दो बाते बोली हैं आपने , एक तो कोमल जी कि कहानी जो अपने अतिउत्तम रचना है और मैं कहाँ एक अदना सी लेखिका मेरा और उनका [कोमल जी] का कहाँ जोड़ वो तो एक सितारा हैं चमकता हुआ आसमान का . उनकी कहानी अलग रंगों से भरी है और मेरी भावनात्मक रंगों से, औरतो कि दिल से जुडी बातो से, और रही बात आपकी फंतासी या इच्छा कि आपकी अपनी इच्छा है, मेरी कोई राय महत्त्व नहीं रखती. हाँ और कोई अगर आपको मशवरा देना चाहे तो उसका स्वागत है, वो आपको मेसेज कर सकता है .
दूसरी - " क्या आप अपने पति को मा के साथ संसर्ग मे सहयोग " - नहीं.
आपनेेे निहाकारि जी आपने कहा कि आपके सलाह का कोई महत्व नहीं, तो स्मरण रखिये व्यवहाारिक संंबंधो का यह कथ्य कि जब व्यक्ति आदर पुर्वक कोइ परामर्श मांगता है ,तो दूसरों से प्राप्त सलाह को अपना विवेक बनता है, और मै भी अपना विवेक बनाऊंगा आपके परामर्श को ।आपसे पुनः निवेदन है क्या सास के साथ संसर्ग उचित होगा,क््योंकि मेेेेरी सास मेेट्रो से हैै, यह संभव है, यह प्रश्न निजता और व्याभिचार के श्रेेणी का है, अतः सार्वजानिक रुप से उत्तर संभव नहो तो PM कर दीजियेगा आप सभी
•
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
14-05-2020, 08:45 AM
(This post was last modified: 14-05-2020, 08:58 AM by @Kusum_Soni. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
सभी सहेलियां पाठिकाएँ नियमित रूप से अपने इस आंगन,पनघट,पर आती रहें बतियाती
रहें,बतियाँ मीठी रतियाँ की
बता ना सखी कैसे गुजरी
साजन संग रतियाँ
•
Posts: 58
Threads: 0
Likes Received: 85 in 49 posts
Likes Given: 86
Joined: Mar 2020
Reputation:
1
अब आप लोग ही बताओ
ऐसे खरबूजे वो बिना लिए छोड़ेंगे
क्या ?
•
Posts: 58
Threads: 0
Likes Received: 85 in 49 posts
Likes Given: 86
Joined: Mar 2020
Reputation:
1
निहारिका जी क्या लाजवाब अपडेट दिया है wahhh
सच मे फड़क गयी निच्चे वाली सहेली
कुसुम नेचुरल का तो पगली मजा ही अलग होता है
हाँ थोड़ी परपरायेगी पर मजा भी उस मे ही तो आता है हमें भी क्यों सही है ना
खरबूजे तो हर सहेली के इस lock down में लाल होते ही होंगे
जब तक खड़ी कर के 5 7 चटाक-चटाक नहीं मार लेते हम बकरी की तरह नहीं मिमियाने लगती तब तक तो उन का मूड ही नहीं बनता
ओर अब रोके तो भी क्या क्या करने से रोके
आखिर मूसल तो हमें भी चाहिए होता है हर रात
अब तो आदत सी पड़ गयी है रोज जम के लेने की ऊफ़्फ़
क्या क्या लिख जाती हूँ उत्तेजित हो के
मैंने JKG में पहले जिक्र किया था मेरी एक प्रॉब्लम का ?
हां तो निहारिका जी,कुसुम सभी से आग्रह है
क्या ओर कैसे करूँ
रोज रात को कन्या रस भोग रही हूं
अब उस कमीनी को दिलवाना चाहती हूं
वो भी आ गए है
कहाँ ओर कैसे मैनेज करूँ आप बताएं
आखिर आप सब मेरी अपनी जो हो गयी हो
बस वो रात मेरे उन के ओर उस के लिए यादगार बन जाये
सुझाव की प्रतीक्षा रहेगी
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
(14-05-2020, 08:42 AM)@Kusum_Soni Wrote: रात को थोड़ी सेवा ज्यादा हो गयी तो दर्द हो रहा है पीछे खरबूजों के बीच में ऊफ़्फ़ लाज भी बहुत आती है पर बताने से रह भी तो नहीं पाती आपबीती
कुसुम बड़े मजे ले रही हो
बराबर चिकनाई चुपड़ते रहना खास कर
उस सिक्के पर समझ गयी होंगी ना
पूनम जी प्रणाम
क्या बात है बहुत सेवा करवा रही हो गोल मटोल खरबूजों की
उस दरार में जब मर्दाना उंगली चलती है ऊफ़्फ़
जिसने ये आनंद भोगा होगा वो इस लज्जत को महसूस कर सकती है उफ्फ्फ
उस भूरे सिक्के पर सिर्फ नेचुरल लुुुब्रिकेशन लगती है वो भी उन के ही हाथों सेे बस
बाकी कहाँ उन को मंजूर कुछ भी
मजाल जो कुछ भी चुपड़ लूं
मेरा दर्द देख के खुद को मजा आता है अपनी मर्दानगी तब ही महसूस होती है जब में जम के चीख़
चिल्लाहट मचाती हूँ तब उन को जोश चढ़ता है
रात भर फाड़ के रख देते है ऊफ़्फ़
क्या बताऊँ
निहारिका जी,आप,कोमल जी,विद्या सभी खूब खरबूजे लाल करवा रही हो
खूब थप्पड़ खा रही हो
लो लो खूब मजे,जम के उस कसी दरार में उंगलियां चलवाओ ओर खूब मस्तियाँ लूटो
साथ ही लाजवाब अपडेट निहारिका जी बस धक्कों का इंतज़ार कर रही हूं
मर्द के तो खा ही रही हूं,पर जब कोई साड़ी साये वाली चढ़ती है ना ऊपर मजा अलग ही आता है
समझ रही हो ना
इंतज़ार रहेगा !!
कुसुम जी,
मेरा प्यार भरा नमस्कार !
गोल मटोल खरबूजों - कि तो बात ही क्या ऐसा लगता है कि यह खरबूजे तो हमारी वाट लगवाने के लिए तारे हुए हैं, और आपने सही कहा कि - जब मर्दाना उंगली चलती है ऊफ़्फ़ , एक करंट सा जोबन तक और नीचे वाली गीली, आज कल तो पेंटी हैं ही नहीं तो सीधा साड़ी - साया और उनकी ऊँगली ..... कुछ कहते नहीं बनता बस मुड के देख लेती हूँ और वो हंस देते हैं .
"मेरा दर्द देख के खुद को मजा आता है अपनी मर्दानगी तब ही महसूस होती है जब में जम के चीख़ चिल्लाहट मचाती हूँ तब उन को जोश चढ़ता है रात भर फाड़ के रख देते है ऊफ़्फ़ क्या बताऊँ "
यह साला दर्द देकर प्यार - समझ नहीं आता और तो और हम भी बराबर के भागीदार पर उनके जोश को देखकर मजा आ जाता हैं जब रगड़ाई हो रही होती हैं न ...... सच्ची ... अब शब्द ही कम पड़ गए.
" साड़ी साये वाली चढ़ती है ना ऊपर मजा अलग ही आता है" - सच्ची - कुसुम जी वो मजा अलग होता हैं , कोई मुकाबला ही नहीं, कमसिन, जवानी गर्म जोबन और गीली "वो" साथ मैं चाशनी का स्वाद, हर बार अलग .....
आप आ जाती हो तो एक नयी तरंग आ जाती हैं, जब भी समय मिले ......
Posts: 21
Threads: 0
Likes Received: 5 in 4 posts
Likes Given: 0
Joined: Mar 2020
Reputation:
0
JAap kahe to hum seva kar de apki niche wali upar wale or piche wali sabki Bhavana_sonii
हाहाहहाहाहा जी बिल्कुल निहारिका आप अपने उनसे जाकर नीचे वाली की सेवा करवाइए बाकी हमारी नीचे वाली की सेवा फिलहाल हमे ही करनी है।
•
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
(14-05-2020, 12:18 PM)Poonam_triwedi Wrote:
अब आप लोग ही बताओ
ऐसे खरबूजे वो बिना लिए छोड़ेंगे
क्या ?
पूनम जी ,
उफ़ ,
क्या करारा झटका दिया है आपने, एकदम जानमारू - कातिलाना अंदाज !
सच्ची , ऐसी चीज को तो रगड़ना ही बनता हैं, उनकी कोई गलती नहीं , मेरी भी जीभ लाप्लापयी वो भी गीली हो गयी .
खरबूजो के अलावा , ब्लाउज कि डिजाईन भी माशाअल्लहा है, बेहद खूबसूरती से डिजाईन किया और सिला है, और जिस्म भी परफेक्ट हैं - जलन हो रही है थोड़ी सी , इतने परफेक्ट फिटिंग के ब्लाउज पेनहे अरसा हो गया ..
अब तो कीतने ब्लाउज कि फिटिंग भी नहीं आएगी ............. "काम" जयादा हो रहा हैं न, जोबन पर. ......
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
मैंने भाभी के हाथ को पकड लिया और दबा दिया , मैं पूरी गर्म हो गयी थी , फिर भाभी बोली ...
सुमन भाभी - निहारिका , यह मूवी तू ले जा और आराम से देखलेना ,
मैं मन मैं सोच रही थी, भाभी यह जुल्म मत करो, कुछ करो मेरे साथ , कुछ ऐसा ही......
..................
प्रिय सहेलिओं ,
निहारिका का प्यार भरा नमस्कार ,
अब आगे ,
जी, आज तो जुल्म ही हो रहा था मेरे साथ, वो पूरी नंगी दोनों लड़कियां इधर सुमन भाभी आधी नंगी मेरी ब्रा कुर्ती मैं खुली हुई और नीचे वाली गीली उफ़ आज तो मैं फिर सिहर गयी उस दिन को याद कर के .
मेरी सहेलियों क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो तो जरा बताने का कृपा करे, अपने पहले अनुभव को शेयर करे ताकि मैं और बाकि सहेलियां भी अपनी चाशनी टपका सके.
हम्म,
अपने ऊपर जुल्म होते हुए देख रही थी, और सुमन भाभी एक कुशल शिकारी कि तरह घात लगाये बैठी थी और मैं एक बकरी कि तरह कटने को तैयार. उस पर भाभी का कहना "निहारिका , यह मूवी तू ले जा और आराम से देख लेना", दिल नहीं मान रहा था और दिमाग कह रहा था कि निहारिका मौका मिल रहा है भाग ......
मैं इसी कशमकश मैं बैठी थी कि, और भाभी ने मूवी बंद कर दी और मेरा मोबाइल लिया और उसमे डाल दी और बोली , अकेले मैं ही देखना - ज़माने मैं नहीं.
मैं - उफ़ क्या बताऊ सहेलियियो मैं हिलने कि भी नहीं रही थी, फिर भाभी उठी और प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरा मेरे बाल ठीक किये बिलकुल पास आ कर ..
मैं सोची थी कि अब कुछ वैसा ही होगा मेरे साथ ....... वो 40 सेकंड्स मेरे लिए इस कदर भारी थे न साँस ली जाए और न छोड़ी जाये - मेरी आंख बंद , होंठ काँप रहे थे भाभी के होंटो के लिए उनकी लिपस्टिक कि खुशबू मेरी नाक मैं जा रही थी और मैं मदहोंश बैठी थी इंतज़ार मैं..........
सुमन भाभी एकदम पास मैं और उनके जोबन मेरे जोबन से टकराए उफ़ कितने बड़े और नरम थे , एक और हल्का दबाव बना और उनके हाथ मेरी कुर्ती मैं थे , उफ़ माँ, मेरा बदन एकदम ठंडा लगा और उनके हाथ गर्म जैसे तंदूर हो , फिर उनके हाथ मेरी पीठ पर घुमने लगे मेरी एकदम चिकनी सपाट पीठ उनके हवाले थी और मैं बस उनके रहमो करम पर अपनी जवानी लुटाने को तैयार थी, अचानक उनके हाथ मेरी खुली हुई ब्रा के स्ट्रैप्स पर गयी और सुमन भाभी ने दोनों स्ट्रैप्स खेंच कर हुक लगा दिया और कान मैं कहा .....
सुमन भाभी - बन्नो, अभी बहुत कुछ सीखना बाकि है, अभी यह मूवी देख ले फिर कभी ... प्यार से ....... प्यार कि बात ..
मैं जैसे कोई सपने से बाहर आई , और सुमन भाभी के गले लग गयी, मेरी सांस बहुत तेज़ चल रही थी मुह से कोई आवाज नहीं निकल पा रही थी और बोलिती भी क्या - करती भी क्या -- पता ही नहीं था कुछ.....
मैं - जी भाभी , अब जाऊ ..... काफी देर हो गयी हैं.
सुमन भाभी - हम्म, एक बार आ तो इधर , बता कैसा लगा तुजे,
फिर भाभी को मैं कुछ कहती उससे पहेले ही उन्होंने मेरी नीचे वाली पर हाथ लगा दिया जो कि पूरी भीगी हुई थी हालाँकि हाथ लेगिंग्स के उपर ही था पर मेरे लिए उफ़, क़यामत के बराबर था.....
मैं - कसमसाते हए , धीरे से बोली , .... सुमन भाभी वो सब आछा लगा.... मेरा पहेली बार था, यह सब देखना और इतना गीली कभी नहीं हुई थी जितना आज हुई हूँ.
सुमन भाभी - हम्म, यही पूछना था कि अच्छा लगा या नहीं , बाकि बात फिर कभी जब तुजे टाइम मिले आ जाना ..... अपनी भाभी के पास.......
मैं - जी सुमन भाभी ....... अब ...................... जाऊ
मन तो मेरा था नहीं , जी तो यह चाह रहा था की सुमन भाभी मना कर दे और मैं यही रुक जाऊ और.....
पर यह हो न सका अब घर जान था तो धीरे - धीरे अपनी रसभरी नीचे वाली को लेकर चल दी बेडरूम के दरवाजे तक, कि सुमन भाभी कि आवाज आइ -- निहारिका ..
मेरी आँखों मैं उम्मीद कि किरण और चमक .... सुन ली ऊपर वाले ने ......
सुमन भाभी - निहारिका , ऐसे जाएगी बाहर .... बिना दुपट्टे के ..... सबको पता चल जायेगा .ही ही
उफ़, मैं भी किती पागल हूँ, जा रही थी वो भी बिना दुपट्टे के, माँ तो मार ही डालती घर मैं ... और उस से पहेले रास्ते मैं लोगो कि नजर ... रास्ते मैं .... बचा लिया सुमन भाभी ने आज तो .
उनके हाथ से लिया दुपट्टा और अनमने मन से दाल लिया एक कंधे पर ....... सुमन भाभी बोली अरे ठीक से डाल ऐसे क्या ....
फिर उन्होंने मेरा दुपट्टा लिया और दोनों साइड पर पिन लगा कर बीच मैं से "v" शेप बना दिया अब मेरे जोबन दिखाई भी दे रहे थे और ढंके भी थे ..
आईने मैं देख कर खुद को ..... धीरे से बोला " सेक्सी" ... और स्माइल ..
अब मैं जाने को तैयार थी ...... मैन गेट पर सुमन भाभी और मैं ....... एक दुसरे को सिर्फ देख रही थी कुछ देर फिर सुमन भाभी ने मेरे होंटो पर एक "लिटिल किस" दी , बस लिप्स से लिप्स टच कर के ..... फिर बोली अब जा ..... और कण्ट्रोल नहीं हो रहा है मुझसे .....
मैं --[ मन मैं ] सुमन भाभी कण्ट्रोल तो मुज से भी नहीं हो रहा और सबूत तो आपके हाथ मैं ही है "मेरी चाशनी" .. रोक लो न ......
एक ही शब्द निकल पाया मुह से . "जी "
...................
Posts: 267
Threads: 0
Likes Received: 262 in 169 posts
Likes Given: 340
Joined: Feb 2020
Reputation:
12
निहारिका जी बहुत खूब
देखते है भाभी कब रात को बुलाती है मम्मी से बोल के
या मम्मी नहीं मानेगी आप को भेजने के लिए तो भाभी मम्मी को तो नहीं बुला लेगी कहीं फिर दूसरी बार आप को
हर अपडेट में रोचकता बढ़ती जा रही है बस
मम्मी ओर भाभी का मिलन, सहेली ओर मम्मी का मिलन, सहेली ओर भाभी का मिलन ओर आप का इन सब से मिलन सब कुछ विस्तार के साथ लिखना
मैं कब से इंतज़ार में हूँ Aahhh सोच के ही हाथ बगावत कर देता है ऊफ़्फ़
Posts: 19
Threads: 0
Likes Received: 1 in 1 posts
Likes Given: 0
Joined: May 2019
Reputation:
0
Niharika ji
Aapko ek personal. Msg bheja hai. Plz chk karke reply karna. Thodi sharam hai. Aap reason samajh jaogi in msg
Aapki fan
Meenu
•
Posts: 225
Threads: 1
Likes Received: 285 in 167 posts
Likes Given: 53
Joined: Mar 2020
Reputation:
7
Meenu Ji
You are welcome - till "meenu" is "meenu".
•
निहारिका,
परीक्षा सिर पर होने की वजह से आजकल ज्यादा ऑनलाइन नहीं रह पा रही हूँ फिर भी आपकी स्टोरी खिंच ले आती है गोसिपी पर ,इंतजार रहेगा अगली हाॅट अपडेट का।
The following 2 users Like Bhavana_sonii's post:2 users Like Bhavana_sonii's post
• Chandan pushpak, mate4u
Posts: 58
Threads: 0
Likes Received: 85 in 49 posts
Likes Given: 86
Joined: Mar 2020
Reputation:
1
16-05-2020, 07:01 AM
(This post was last modified: 16-05-2020, 07:02 AM by Poonam_triwedi. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
निहारिका जी बहुत मस्त अपडेट waahh दिल एक दम खुश हो गया
कुसुम केसी हो
कुछ मेरी परेशानी का हल भी तो बताओ
बहुत बेकरार हूँ
कल या परसो नोकरानी का संगम मेरे पति से करवा रही हूं अब वो नहीं रुक रहे है
ओर वो भी अपनी स्वीकृति दे चुकी है
एक सौतन ओर सही
कन्या रस की शौकीन जो ठहरी
तो चाहूंगी अपना समय निकाल के कुछ सुझाव लिखें यहां या फिर व्यक्तिगत
|