10-04-2020, 02:44 PM
और वो आ गयी।
Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
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10-04-2020, 03:47 PM
(This post was last modified: 10-04-2020, 03:52 PM by @Raviraaj. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
10-04-2020, 08:29 PM
(This post was last modified: 08-08-2021, 02:56 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
और वो आ गयी।
अगले दिन दस साढ़े दस बज रहे होंगे, मौसम भी थोड़ा आशिकाना हो रहा था। हवा में कुछ देर पहले ही बंद हुयी बारिश की भीगी भीगी महक थी । आसमान में धूप और बदरिया लुका छिप्पी खेल रहे थे, और वो ऊपर हमारे कमरे में थोड़े अलसा रहे थे , थोड़े जागे थोड़े सोये ,जब मैं पहुंची उन्हें खुश खबरी देने , बता नहीं सकती कैसे लग रहे थे वो , खूब मीठे मीठे , सो हैंडसम , क्यूट। बस एक मेश ,स्प्लिट शार्ट,एकदम झलकौवा , और उनका खूंटा अधजगा सा , एकदम साफ़ झलकता। मम्मी की पसंद ,मेश ,पॉलिएस्टर ,सिंगल प्लाई एकदम सी थ्रू ,.... और उनके खुले सुपाड़े पे रगड़ता। उन्हें ऐसे देख के मैं क्या करती , वही करती जो मैंने किया , शार्ट के ऊपर से कस के उनके खूंटे को रगड़ती , मैंने उन्हें खुशबरी सुनाई , "उठ यार तेरा माल आ गया है। " नींद ,आलस सब एक पल में गायब ,उनकी आँखों में एक अजब सी चमक ,चेहरे पर ख़ुशी आ गयी थी। " सच्ची " वो चहक के उठते हुए बोले। " एकदम " और शार्ट के ऊपर से ही और जोर से खूंटे को मसलते रगड़ते मुठियाते मैं बोली , " स्साले , माल का नाम सुन के तेरा ये हाल हो गया है तो देख के क्या होगा। और यार लेकिन एक बात ,तेरा माल एकदम मस्त होगया है। गदरा गयी है स्साली। खूब दबाने ,मसलने रगड़ने लायक। और गाल भी इत्ते चिकने मुलायम ,एकदम मालपूआ। कचकचौआ ,काटना जरूर और वो भी मेरी जेठानी के सामने। " मुश्किल से हाँ निकली उनके मुंह से। पर मेरा अमोघ अस्त्र था न मेरे पास , मेरा मोबाइल जिसमें उनकी 'अच्छी वाली ' फोटुएं भरी पड़ी थी , अजय और कमल जीजू के साथ , हसबैंड नाइट की आल ड्रेस्ड अप , मेरी उँगलियाँ मोबाइल के बटनों पर टहल रही थीं , लेकिन उसकी जरुरत नहीं पड़ी। वो खुद ही बेताब थे अपनी दिलेजाना से मिलने को तम्बू में बम्बू अब एकदम खड़ा था। मुस्कराती उनकी हालत देखकर मैं बोली , " साले , तुम तो हो ही पैदायशी बहनचोद , तेरी माँ का भोंसड़ा मारुं , लेकिन जब हो तो हो ,ज़रा देखूं तो बहन का नाम सुन के इसकी क्या हालत है। " और मैंने तम्बू उठा दिया ,बम्बू झट से बाहर , जैसे स्प्रिंग लगा हो , पूरे बालिश्त भर का ,कड़ा जैसे पत्थर। मैंने उन्हें हल्का सा धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया , साया साड़ी मेरी कमर तक , और मेरी चूत उनके मुंह पे , रगड़ते घिसते ,मैंने अपने सैंया के मोटे कड़े फननाये लंड को पकड़ लिया कस कर दबाती ,मसलती अपनी मुट्ठी में ,मैं बोली , " बोल बहुत मस्ती चढ़ी है जाएगा न अपनी उस छिनार एलवल वाली की बिल में , अरे बिल क्या उस के मुंह में गांड में हर जगह घुसवाऊँगी। वो साल्ली आयी ही है घुसवाने , बहुत मस्ती चढ़ी है , बस तुम मत शरमाना उससे , क्या समझाया था तुझे एकदम रंडी की तरह बेशरम हो के ,... " और प्यार से एक हलकी सी चपत उनके पगलाए लंड पर मैंने जड़ दी। और अब हम दोनों 69 वाली पोज में थे। हाथ की जगह अब मेरे होंठों ने ले लिया था , पहले तो जीभ की नोंक से उनके पी होल ( पेशाब के छेद ) को छेड़ा , फिर जीभ से सुपाड़े के चारो ओर। पहले हलके हलके , फिर तेजी से और फिर एक झटके में गप्प , पूरा मोटा मांसल सुपाड़ा मेरे रसीले गुलाबी होंठों के बीच , सपड़ सपड़ होंठ सुपाड़े को दबा रहे थे ,जीभ लपर लपर सुपाडे को चाट रही थी ,और मैं पूरी ताकत से चूस रही थी। लेकिन मेरी उंगलियां भी खाली नहीं बैठी थीं , पहले तो उनके तन्नाए लंड के बेस पे , फिर बॉल्स पर , फिर बॉल्स और पिछवाड़े के बीच वाली जगह , फिर सीधे पीछे गोलकुंडा के गोल गोल दरवाजे के चारों ओर, और गप्पाक , एक झटके में मेरे मखमली मुंह ने उनका आधे से ज्यादा लंड घोंट लिया ,पूरे ५-६ इंच. गचाक , एक झटके में मेरी मंझली ऊँगली उनकी गांड में। एकदम जड़ तक। और वो भी खूब मस्त हो के मेरी बुर चूस रहे थे , संतरे की फांको की तरह मेरे दोनों भगोष्ठों को उन्होंने चूसा और फिर उसे फैला के जीभ पूरी अंदर ,मेरी गीली बुर में। मेरी ऊँगली हचाहच उनकी गांड मार रही थी , पीछे से ,गांड के अंदर से उनके प्रोस्ट्रेट को , मर्दों की जादू की बटन को दबा रही थी छेड़ रही थी , और मेरा मुंह वैक्यूम क्लीनर से भी जोर से उनके लंड को चूस रहा था। दो तीन बार आलमोस्ट उन्हें मैं झाड़ने के कगार पर ले जाके रुकी , और साथ में शब्दों की झड़ी , ताने ,उन्हें उकसाना , गालियां , " बोल न ,कैसा लग रहा है अपने उस मस्त माल के बारे में सोच सोच के , साले बहन के भंडुए , जो सोच के ये हाल हो रहा है तो जो देखेगा तो ,फिर तो ,... अरे आज मौका है ,खुल के ज़रा भी शर्माना ,झिझकना मत , चाहे वो मना करे ,झिझके , भले ही खूब जबरदस्ती करने पड़े , लेकिन आज उसकी कच्ची अमिया का स्वाद लिए बिना छोड़ना मत , वो भी हम लोगों के सामने , अरे मैं रहूंगी न मेरे सोना मोना तेरे पास , बस आज मसल देना कस के उसकी चूँची , बस जैसे जैसे मैं इशारा करूँ, अरे वो छिनाल आयी ही है दबवाने। आते ही मुस्करा के पूछा , भाभी भैया कहाँ है। तो आज भैय्या से सैयां बनने का पूरा मौका है। छोड़ना मत साल्ली को। "
10-04-2020, 09:05 PM
(This post was last modified: 09-08-2021, 10:13 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मस्त माल
" बोल न ,कैसा लग रहा है अपने उस मस्त माल के बारे में सोच सोच के , साले बहन के भंडुए , जो सोच के ये हाल हो रहा है तो जो देखेगा तो ,फिर तो ,... अरे आज मौका है ,खुल के ज़रा भी शर्माना ,झिझकना मत , चाहे वो मना करे ,झिझके , भले ही खूब जबरदस्ती करने पड़े , लेकिन आज उसकी कच्ची अमिया का स्वाद लिए बिना छोड़ना मत , वो भी हम लोगों के सामने , अरे मैं रहूंगी न मेरे सोना मोना तेरे पास , बस आज मसल देना कस के उसकी चूँची , बस जैसे जैसे मैं इशारा करूँ, अरे वो छिनाल आयी ही है दबवाने। आते ही मुस्करा के पूछा , भाभी भैया कहाँ है। तो आज भैय्या से सैयां बनने का पूरा मौका है। छोड़ना मत साल्ली को। " मेरी बातों का असर उनपर साफ़ पता चल रहा था जिस तरह से उन्होंने मेरी चूत चूसने की रफ़्तार बढ़ा दी थी , लंड जिस तरह उनका टनटना रहा था। और मैंने भी उनका पूरा लंड घोंट लिया था ,जोर जोर से चूस रही थी। तभी मुझे कुछ याद आया , " अरे साले ,जब से तू अपने मायके आया है तुझे एक दिन भी बेड टी नहीं पिलाई , बुरा मानने की बात ही है ,चल खोल मुंह ,.... " और गप्पाक से मुंह उन्होंने खोल दिया , खूब बड़ा सा , मैंने कमर थोड़ी सी उठायी और ,प हली , बूँद सुनहली , पहले धीरे धीरे , .... फिर तेज सुनहली धार , साथ ही साथ मैंने उनकी गांड से ऊँगली निकाल ली और फिर एक साथ दो ऊँगली ,एकदम जड़ तक। एकदम जादुई असर हुआ उनके लंड पे , एकदम लोहे का खम्भा , एकदम टनटनाया , और मैं जानती थी अब अगले ३०-४० मिनट तक इसकी यही हाल रहने वाली है। साथ साथ वो सुनहरी शराब गटक रहे थे,घूँट घूँट। " हे सब मत गटक लेना ,थोड़ा मेरी उस छुटकी ननदिया के लिए भी अपने मुंह में बचा के रखना। " मैंने समझाया। और वार्डरोब खोल के मैंने एक शर्ट खोल के निकाली और उनकी ओर उछाल दी , एक फ्लोरल टैंक शर्ट , आलमोस्ट ट्रांसलूसेंट , स्लीवेल्स। और जब तक वो शर्ट पहन रहे थे मैंने अपनी लिपस्टिक फ्रेश कर ली। डार्क रेड स्कॉरलेट , वेट लुक वाली ,मेरा फेवरिट कलर। और उनके बाल भी थोड़े मैंने ठीक कर दिए जेल लगा के। वो थोड़ा हिचकिचा रहे थे , और बात भी थी , फ्लोरल स्लीवलेस टैंक शर्ट और मूंछ भी एकदम सफाचट , चिकनी चमेली , ,उनके सिक्स पैक्स अच्छी तरह झलक रहे थे , और उससे भी बढ़कर मेश ,पालिएस्टर स्प्लिट शार्ट , तम्बू एकदम तना , और झलकता , आधे घंटे तक तो इसकी यही हालत रहने वाली थी। " अरे चल जल्दी यार वरना वो तेरी बहना यहीं चली आएगी ,ऐसी चुदवासी हो रही है वो , बोल चोदेगा न उस छिनाल को " मैंने हड़काया। पर उन्होंने वो किया की मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी। " यारों का चलन है गुलामी , देते हैं हसीनो को सलामी " झुक कर गुनगुनाते हुए उन्होंने तीन बार मुझे फर्शी सलामी दी। " ठीक है तू तो जोरू का गुलाम है ही ,तेरे माल को भी गुलाम बना लुंगी। " और उन्हें अपनी ओर खींच के , स्मूच स्मूच ,स्मूच स्मूच , दो किस्सी सीधे उनके लिप पे और दो गालों पे , और हम दोनों सीधे नीचे , उनके तने तम्बू को पकड़ कर , सीधे उस कमरे में , जहाँ उनकी जानेजाना इन्तजार कर रही थीं।
10-04-2020, 11:26 PM
[quote pid='1823840' dateline='1586532914']
[/quote] उफ़,
कोमल जी,
आपकी यह तरसाने और तड़पाने की कला , गज़ब। आप तो उफ़, क्या कहु एकदम डीप फ्राई कर के खा जाती हो.
एकदम करारा , रोस्टेड , मस्त सिका हुआ।
आज तो आपने मेरी जवानी की याद दिला दी, करीब - करीब ऐसे ही थे मेरे जोबन , जब मैं सेकंड ईयर मैं थी.
सच्ची कहु तो वो मेरे जिस्म का सबसे "कामुक" साल था , इसके बारे मैं फिर बताऊगी उधर "अपनी सहेलिओं के थ्रेड पर" यहाँ सिर्फ आपकी बातें।
उफ़, क्या मस्त गरम किया हैं, "चिड़िया" के शिकार के लिए , बस एक बटन ही दबाना रह गया है जैसे , मिसाइल का, और चुलबुली चिड़िया का "काम" तमाम।
और यह तो, जैसे सोने पे सुहागा। ...
और साथ में शब्दों की झड़ी , ताने ,उन्हें उकसाना , गालियां ,
" बोल न ,कैसा लग रहा है अपने उस मस्त माल के बारे में सोच सोच के , साले बहन के भंडुए , जो सोच के ये हाल हो रहा है तो जो देखेगा तो ,फिर तो ,... बस , तड़पते हुए। .... इंतज़ार
कुछ , पूछना था। ... पर यहाँ नहीं , मैसेज कर दूंगी आपको।
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
11-04-2020, 12:19 AM
Too erotic Komal ji
11-04-2020, 08:18 AM
(This post was last modified: 11-04-2020, 10:57 AM by Poonam_triwedi. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बहुत मस्त अपडेट कोमल जी
69 का पति के साथ अपना अलग ही आनंद होता है और लेस्बियन में तो ओर भी मस्ती चढ़ जाती है सुनहली शर्बत बड़ी देर बाद पिलाई है आप ने जब मर्द के मुंह पर बैठ के ये करती है औरत तब लगता है दिन भर अपना रोब जाड़ने वाला पति हमारे जलवे के आगे नतमस्तक है,यही तो मजा ओर मस्ती है जीवन मेँ अगर पति के साथ उस समय औरत थोड़ी सी खुल जाए तो बहुत लुफ्त उठा सकती है और ये खेल असल में है ही हमारे लिए अगर हम मजी हुई खिलाड़ी हों आप की तरह थोड़ा अपडेट बड़ा पोस्ट करना अगला ओर मजा आएगा
11-04-2020, 08:42 AM
Waaaoo क्या मस्त सेक्सी अपडेट दिया है,आप की पूरी स्टोरी ही बहुत सेक्सी है खास कर जो कहानी है इस कि आप का रोल बहुत मस्त है husband के साथ आप जो मस्ति करती है ओर दूसरी लड़कियों औरतों के साथ मस्ती और सेक्स करवाती है अमेजिंग कोमल जी
सेक्स में आप के नए नए ओर सेक्सी तरीके और इरॉटिक बनाते है इसे,Nice Story please Regular Apdate करें इंतज़ार रहेगा गुड्डी के साथ एक कामुक session का
11-04-2020, 09:26 AM
(This post was last modified: 11-04-2020, 09:29 AM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(11-04-2020, 08:18 AM)Poonam_triwedi Wrote: बहुत मस्त अपडेट कोमल जी पूनम जी ,
"कन्या रस " का अपना ही अलग मज़ा है , एक लड़की अपने जिस्म के साथ दूसरी लड़की के जिस्म को भी भली प्रकार से जानती व् समझती है , जिस्म के किस हिस्से पर संवेदना जायदा होगी, यह एक औरत ही समझ सकती है, आखिर दोनों के पास एक सामान चीजे ही होती हैं.
रही बात डोमिनेन्स की, पति के ऊपर , कम औरते ही कर पाती हैं , कम से कम मैं तो नहीं। बस कोमल जी, की जादूगिरी के साथ फील कर लेती हूँ.
पूनम जी, उम्मीद है सब ठीक होगा, लगता है आप कुछ बिजी चल रही हैं. कुछ न कुछ कहती रहा करे अच्छा लगता है.
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
11-04-2020, 09:36 AM
(11-04-2020, 08:42 AM)@विद्या_शर्मा Wrote: Waaaoo क्या मस्त सेक्सी अपडेट दिया है,आप की पूरी स्टोरी ही बहुत सेक्सी है खास कर जो कहानी है इस कि आप का रोल बहुत मस्त है husband के साथ आप जो मस्ति करती है ओर दूसरी लड़कियों औरतों के साथ मस्ती और सेक्स करवाती है अमेजिंग कोमल जी विद्या जी,
नमस्कार,
कैसे है आप, लगता है आप भी खो गई कोमल जी के जादू भरे संसार मैं , सच्ची, कमाल का अपडेट था, लिखने का अंदाज़, व् लिखने से पहले उसकी परिकल्पना वास्तव मैं कबीले - ऐ - तारीफ है, देखो न, नाश्ता बनाते ही, उपदटेस चेक करनी आ गई. अब फिर घर के काम, फरमाइश देखो, अब क्या होता है आगे,
एक , बेसब्री। ......
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
11-04-2020, 10:31 AM
Great buildup,waiting for exciting long update.Can't wait more.
11-04-2020, 10:47 AM
(This post was last modified: 11-04-2020, 10:54 AM by Poonam_triwedi. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
(11-04-2020, 09:26 AM)Niharikasaree Wrote: निहारिका जी नमस्कार आशा करती हूं खूब मजे में होंगी आप बिल्कुल सही कहा आप ने कन्या-रस का अपना ही मजा होता है औरतों के जीवन मे जिस प्रकार हम पत्नियां उस समय पति के लिए पूर्ण समर्पण के साथ एकाकार हो जाती है वो जो भी चाहते है करवाते है करते है हम बिना कुछ बोले उन के आनंद के लिए वो सब कुछ करती है हालांकि नारीसुलभ लाज-हया के कारण ये सब अपने मुंह से प्रकट नहीं कर पाती पर चाहती तो हम भी यही है पति जी भर के मनमानी करें हमारी एक ना सुनें और खूब खेले हमारे बदन के साथ ठीक इसी प्रकार नारी-नारी संबंधों में भी होता है कोई महिला पुरुष की तरह खेलना पसंद करती है कोई महिला की तरह दूसरी महिला के सामने समर्पित हो जाती है ओर सिर्फ मज़े लेती है [b]औरतों में भी मर्दों की तरह सेक्स करने की इच्छा दबी होती है[/b] वो भी चाहती है जिस प्रकार सेक्स में मर्द स्त्री पर हावी होते है ठीक उसी प्रकार हम भी उस समय एक पुरुष की तरह हावी हो ये चाह कई बार लेस्बियन संबंधों का प्रमुख कारण होता है लेस्बियन में औरत दूसरी औरत के साथ एक पुरुष की तरह पेश आती है कई बार [b]पर पति के साथ ये करने का साहस नहीं जुटा पाती[/b] पति के साथ बिल्कुल एक पत्नी की तरह ही पेश आती हैं खेर एक महिला को एक पुरूष के साथ ही पूर्ण सुख मिलता है ये तो तय है दूसरी तो सिर्फ दबी इच्छाएं है निहारिका जी बस कोमल जी की शिष्या है हम सभी हमारी सब की काम-कला की गुरु वो ही है
11-04-2020, 11:07 AM
(11-04-2020, 09:36 AM)Niharikasaree Wrote: Thanku So much #Niharika ji बिल्कुल सच कहा आप ने कोमल जी की सभी कहानियां एक से बढ़ कर एक होती है इतने सारे प्रसंग एक साथ चलाना बहुत लाजवाब प्रतिभा है कोमल जी में निहारिका जी आप भी असाधारण प्रतिभा की मालकिन है बहुत अच्छा लिखती है आप दोनों को बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे ही लिखती रहो,हम जैसी लड़कियां भी आप की लेखनी से कृतार्थ हो जाएंगी ओर आप की तरह अगली पोस्ट का इंतज़ार है मुझे भी बहुत
11-04-2020, 11:22 AM
(This post was last modified: 11-04-2020, 11:24 AM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पूरे बालिश्त भर का ,कड़ा जैसे पत्थर।
मैंने उन्हें हल्का सा धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया , साया साड़ी मेरी कमर तक , और मेरी चूत उनके मुंह पे , रगड़ते घिसते ,मैंने अपने सैंया के मोटे कड़े फननाये लंड को पकड़ लिया कस कर दबाती ,मसलती अपनी मुट्ठी में ,मैं बोली , " बोल बहुत मस्ती चढ़ी है जाएगा न अपनी उस छिनार एलवल वाली की बिल में , Waahh कोमल जी क्या बात है क्या लिखती हो ऐसा प्यार ऊफ़्फ़ क्या लिखूं कोई भी हो गीली हो जाएगी सिर्फ सोच के ही अब इंतज़ार है ये मूसल उस कली के गुलाबी बिल में कब जाए बहुत तड़पाया है आप के उन को स्साली ने ओर आप का मुख्य टार्गेट जो है बहुत मजा आने वाला है अब कहानी में थोड़ा कन्या रस टपकना चाहिए, पूनम जी,निहारिका जी,विद्या जी सब गीली हो रही है सोच सोच के अगली कड़ी की प्रतीक्षा में आप सब की कुसुम सोनी
11-04-2020, 12:25 PM
(10-04-2020, 11:26 PM)Niharikasaree Wrote: [quote pid='1823840' dateline='1586532914'] उफ़,
कोमल जी,
आपकी यह तरसाने और तड़पाने की कला , गज़ब। आप तो उफ़, क्या कहु एकदम डीप फ्राई कर के खा जाती हो.
एकदम करारा , रोस्टेड , मस्त सिका हुआ।
आज तो आपने मेरी जवानी की याद दिला दी, करीब - करीब ऐसे ही थे मेरे जोबन , जब मैं सेकंड ईयर मैं थी.
सच्ची कहु तो वो मेरे जिस्म का सबसे "कामुक" साल था , इसके बारे मैं फिर बताऊगी उधर "अपनी सहेलिओं के थ्रेड पर" यहाँ सिर्फ आपकी बातें।
उफ़, क्या मस्त गरम किया हैं, "चिड़िया" के शिकार के लिए , बस एक बटन ही दबाना रह गया है जैसे , मिसाइल का, और चुलबुली चिड़िया का "काम" तमाम।
और यह तो, जैसे सोने पे सुहागा। ...
और साथ में शब्दों की झड़ी , ताने ,उन्हें उकसाना , गालियां ,
" बोल न ,कैसा लग रहा है अपने उस मस्त माल के बारे में सोच सोच के , साले बहन के भंडुए , जो सोच के ये हाल हो रहा है तो जो देखेगा तो ,फिर तो ,... बस , तड़पते हुए। .... इंतज़ार
कुछ , पूछना था। ... पर यहाँ नहीं , मैसेज कर दूंगी आपको।
[/quote] सच कहूं , आपके कमेंट [पढ़ने में कभी कभी इतना मजा आता न जितना कहानी पढ़ने में नहीं आता और मेरी कहानी तो बहुत कुछ जो भोगा , जो जीया बस उसी में कुछ घटा बढाकर ,... जो कर पायी , जो करने की चाहत रह गयी ,... पर जो भी कमी रह गयी वो आपके कमेंट पूरा कर देते हैं
11-04-2020, 12:28 PM
(11-04-2020, 08:18 AM)Poonam_triwedi Wrote: बहुत मस्त अपडेट कोमल जी एकदम सही कहा आपने अरे जिंदगी ना मिलेगी दोबारा जीतनी मौज मस्ती करनी है कर लो , एक बार उमर निकल गयी तो ,... और पति पत्नी के बीच कुछ भी अग्राह्य नहीं होता , जो अच्छा लगे मौज मस्ती दे सब सही
11-04-2020, 12:30 PM
11-04-2020, 01:16 PM
(11-04-2020, 12:25 PM)komaalrani Wrote: सच कहूं , आपके कमेंट पढ़ने में कभी कभी इतना मजा आता न जितना कहानी पढ़ने में नहीं आता और मेरी कहानी तो बहुत कुछ जो भोगा , जो जीया बस उसी में कुछ घटा बढाकर ,... जो कर पायी , जो करने की चाहत रह गयी ,... पर जो भी कमी रह गयी वो आपके कमेंट पूरा कर देते हैं [/quote] कोमल जी,
बस आपका प्यार मिलता रहे, आपकी कही दो लाइन भी न, कितना जोश भर देती हैं, जिंदगी जीने का, कुछ करने का, जो कमी रह गई, जो चाहत रह गई, सब पूरी करनी की इच्छा बलवती हो जाती है, हाँ आपकी कहानी जितनी हिम्मत अभी तो न हुई, पर जो कुछ दबी इच्छा हैं वो आपके साथ कहानी मैं ही पूरी कर लेती हूँ.
कुछ भी हो, आप कमाल और धमाल लिखती हो, बस लिखे जाओ जी, हम भी, कुछ सहेलिओं के साथ गीली हुए बैठे हैं। "ऑनलाइन" वाली -)
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
11-04-2020, 01:25 PM
(11-04-2020, 11:22 AM)@Kusum_Soni Wrote: कुसुम जी,
सही कहा आपने, एक जोश, नयापन, और कमाल की शब्दावली कोमल जी की, "कन्या रस " तो शायद अगली कड़ी मैं ही टपकेगा, पर "सच्ची" गीली तो मैं अभी भी हूँ, उत्तेजना तो भर ही गई है,
"थोड़ा कन्या रस टपकना चाहिए,
पूनम जी,निहारिका जी,विद्या जी
सब गीली हो रही है सोच सोच के "
कुसुम जी, --- " क़ुबूल" है। बाकि सहेलिन भी हो गई हैं तो "क़ुबूल" करिए।
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
11-04-2020, 02:15 PM
(This post was last modified: 11-04-2020, 02:19 PM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(11-04-2020, 10:47 AM)Poonam_triwedi Wrote: निहारिका जी नमस्कार पूनम जी,
मेरा प्यार भरा नमस्कार,
आप भी खूब मजे में होंगी, और मज़े मैं ही रहे एकदम मस्त।
"नारीसुलभ लाज-हया के कारण ये सब अपने मुंह से प्रकट नहीं कर पाती पर चाहती तो हम भी यही है पति जी भर के मनमानी करें हमारी एक ना सुनें और खूब खेले हमारे बदन के साथ"
सही कहा आपने, न जाने कितने सदियों से यही होता आया है,, और होता रहा और आगे भी होता रहेगा। औरत अपनी इच्छा के लिए मुँह कैसे खोल दे, और अगर गलती हो गई, तो "शक" की सुई , तुझे इतना कैसे पता, कही। .....
यही ठीक है, चुप रहो और , मज़े लो और , मज़े दो.
"औरतों में भी मर्दों की तरह सेक्स करने की इच्छा दबी होती है" , हम औरतो को हमेशा दबाया जाता रहा है, अपनी इच्छा के अनुसार "इस्तेमाल" मैं लिया जाता रहा है, कई बार हम "प्यासी" रह जाती हैं, सही कहा की, हमे भी मर्दो की तरह डोमिनेन्स चाहिए , पर सब महिलाये एक जैसी नहीं होती, औरत का नेचर व् बॉडी सॉफ्ट, और समर्पण वाला है, मुझे तो इसमें ही मज़ा आता है.
"एक महिला को एक पुरूष के साथ ही पूर्ण सुख मिलता है ये तो तय है" , यह तो प्रकृति का नियम है, संसार तो प्रगति देने का , जिम्मा हम औरतो को ही मिला है,
"दूसरी तो सिर्फ दबी इच्छाएं है", "दफ़न" करी हुई इच्छाये कहना सही होगा , चलो जी जो भी है, सहना तो है ही , इसी बीच आप, कोमल जी, कुसुम जी, सहेलियां हैं न , "दफ़न" करी हुई इच्छायेा की बाते करने के लिए, कोई सोये अरमान जाग ही जाये ।
कोमल जी, "काम-कला की गुरु" एकदम सटीक, लाजवाब , कोई तोड़ नहीं। ....... क्या करू शब्द ही काम पड गए
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका |
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