27-03-2020, 11:18 PM
kal milega pakka
Romance मोहे रंग दे
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27-03-2020, 11:18 PM
kal milega pakka
28-03-2020, 08:11 AM
And now what happened after words...Bathroom ke baad
28-03-2020, 08:14 AM
नाश्ता
मैंने बस किसी तरह ड्रेसिंग टेबल पर पड़ी रात की साडी लपेटी , ब्लाउज बस देह पर टांग लिया और झट से नीचे , लेकिन तबतक दस बार वो बोले होंगे , जल्दी आना , जल्दी आना ,... . मैं सीढ़ियों से नीचे उतर भी नहीं पायी थी की सीढ़ियों पर ही जेठानी जी मिल गयी , नाश्ते की ट्रे के साथ जोर से मुस्करायीं वो , मेरी हालत देख कर , ... मैं भी मुस्करायी , मालूम उन्हें भी था और मुझे भी उनके देवर को किस नाश्ते का इन्तजार है। मैंने नाश्ते की टेबल ट्रे पर रखी , बिस्तर के सामने और उन्होंने अपने ' नाश्ते ' खींच कर अपनी गोद में , ... वो सिर्फ टॉवेल लपेटे , मेरे आते ही वो उछाल कर फर्श पर फेंक दी गयी , मैंने बताया था न , बस मैंने एक साडी किसी तरह देह पर लपेट ली थी , और ब्लाउज भी बस टांग लिया था , एक दो बटन बंद कर के ,... वो बटने एक उन्होंने खुली दूसरी मैंने , और वो ब्लाउज भी उसी टॉवेल के ऊपर फर्श पर , और साडी बेचारी सिकुड़ मुकुड़ कर कटीली पतली मुट्ठी भर की कमर में छल्ले सी अटक गयी , खूंटा उनका पहले से ही खड़ा था , सच्ची एकदम लालची , बेताब , नदीदा था वो लड़का ,... मैं बस यही सोचती थी जब तक कोमल नहीं आयी थी तब तक क्या होता था ज़नाब का , मैं खुद उनकी गोद में बैठी , उन्ही की ओर मुंह कर के , और जाँघे पूरी फैलाये , निशाना उनका पक्का था , कुछ मैंने जोर लगाया , कुछ उन्होंने पकड़ के गोद में खींचा , खूंटा मेरे अंदर , ... पूरा नहीं सिर्फ सुपाड़ा , लेकिन जो भी लड़की चुद गयी है वो जानती है अच्छी तरह , . .एक बार सुपाड़ा घुस जाए अंदर , फिर तो सिर्फ टाइम की बात है ,... पहला कौर मेरे मुंह में , मेरे हाथ से ... उनके तो दोनों हाथ मेरे जोबन पर थे , चुभलाते मैं बोली , ... ' आज तेरा फेवरिट नाश्ता है ' मेरे होंठों से मेरे अध खाये , कुचले , नाश्ते को ऑलमोस्ट छीनते हुए , वो मुस्करा के बोले , " मेरा फेवरिट नाश्ता तो कोमल है " सच में , ... वो भी न ,... और अब मैंने अपने को उनके मोटे धंसे खूंटे पर जोर से पुश किया और आधा मूसल गपाक , उनका मुँह जेठानी के बनाये नाश्ते का मज़ा ले रहा था और मेरा निचला मुंह , जेठानी के देवर के खूंटे का मज़ा ले रहा था। साथ में , मेरे निचले होंठ उनके मोटे मूसल को दबा रही थी , भींच रही थी , सिकोड़ रही थी , जैसे कोई नटिनी की लड़की बांस पर चढ़ जाती है , बिना सिखाये , उसी तरह मैं भी अब बांस पर चढ़ना सीख गयी थी , कभी अंदर कभी बाहर , अब सब कुछ मैं कर रही थी , उन्हें अपने कभी हाथ से नाश्ता कराती , तो कभी होंठों से , पूरी ताकत से अपने को पुश कर के कभी उस मोटे , दुष्ट खूंटे को अपने अंदर घोंटती तो कभी , पुल कर के उसे बाहर , जब वो रगड़ता दरेरता , घिसटता .. बाहर होता तो इतना अच्छा लगता बता नहीं सकती , और वो भी , ... उनका एक हाथ सरकता हुआ मेरी पीठ को कभी सहलाता , कभी मुझे कस के अपनी ओर खींचता , और दूसरा तो एकदम बदमाश , मेरे उभारों के पीछे तो ये पहले दिन से पड़े थे लालची , बस वो दबाने , मसलने , रगड़ने के पीछे , ... पर उनके हाथों को क्यों दोष दूँ , मेरे जोबन भी तो इन्तजार करते थे उन शैतान उँगलियों का , ... लेकिन मेरी हालत तो तब एकदम खराब होती थी जब वो उँगलियाँ सरक कर मेरी जाँघों के बीच , उस जादुई बटन पर , मटर के दाने पर पड़ती थीं , एकदम देह गिनगीना उठती , ... नाश्ता पहले खतम हुआ और उनका नाश्ता चलता रहा , वैसे ही मुझे गोद में बिठाये , पर उसके बाद , ... मैं बिस्तर पर थी , मेरी दोनों टाँगे उन के कंधे पर , तकिये कुशन मेरे नितम्बो के नीचे और वो धक्के पर धक्के कभी मेरी कमर पकड़ के और कभी मेरे दोनों जोबन को दबाते मसलते मैं भी उन्हें भींचते दबाते , अपनी ओर से खींचते , नीचे से अपने चूतड़ उचकाते , उनके हर धक्के का जवाब , दूनी जोर से धक्के से देती , ... हम दोनों को कोई फरक नहीं पड़ता था , घडी रानी साढ़े नौ बजा रही थी , खिड़की के परदे खुले थे और आज धूप पूरी तरह अंदर घुस कर फर्श पर पसर गयी थी , पलंग के किनारे अब वो चढ़ने की कोशिश कर रही थी , खिड़की के बाहर कबूतर का एक जोड़ा बाहर बैठा गुटरगूं कर रहा था और कभी बेशर्मों की तरह अंदर भी झांक लेता , बिस्तर के एक कोने पर पड़े , मेरे उनके दोनों के मोबाइल पर आधे दर्जन मेसेज , व्हाट्सऐप आ रहे थे , और दरवाजा भी मैंने ठीक से नहीं बंद किया था , और जब वो मेरे अंदर झड़े , मेरी देह बहुत पहले से तूफ़ान में काँप रही थी , ... कस के उन्हे भींच के , .... वो झड़ते रहे हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में ,... और उसके बाद भी कस के आँखे बंद किये , ... और जब मेरी आँख खुली तो , ... मुझे होश आया , .... बस मैं चीखी नहीं।
28-03-2020, 08:18 AM
जिद्द , एक क्वीकी
बस थोड़ी देर में दस बजने वाले थे , और ग्यारह, पौने ग्यारह बजे तक हमें नीचे पहुंच जाना था , १२ बजे तक खाना खतम कर के , उन्हें बनारस के लिए भी निकलना था , उसके पहले मुझे कमरा ठीक करना था , खुद तैयार होना था , इस लड़के को भी तैयार करना था और उसके सारे समान , वो चीखते , लैपटॉप का चार्जर , ... टिकट , ... और कपडे भी वो कुछ लाते नहीं थे , सिर्फ एक लैपी का बैग तो उनके पहनने के लिए कपडे , उनका बस चले तो दो रंग के मोज़े पहन कर चले जाते , पर नाक तो मेरी कटती न , ... पहले मैंने रिंग की तरह कमर पर सिमटी साडी को ठीक किया , नाश्ते के बर्तन , ट्रे को समेटा , किनारे एक मेज पर रखा , और फिर पहले खुद अपने को तैयार करने में जुट गयी कपडे का दुश्मन तो ये था ही , चूड़ी भी ,... कभी नहीं होता था पहली रात से , जितनी चूड़ी मैं पहने रहूं , उतनी बचें , ... शुरू में तो घर में सबने समझा रखा था, इसलिए चूड़ी का डबल सेट , सुबह गिन गिन के उतनी पहनती , चटकी चूड़ियां बिस्तर पर से इकठ्ठा कर के एक पुड़िया में रख के सम्हाल के रखती , वरना छिनार ननदो की पहली निगाह मेरी चूड़ियों पर ही पड़ती , एक भी कम या ज्यादा हो जाये तो चिढ़ा चिढ़ा के , ... एक बार मैचिंग चुडिया नहीं थी तो मैंने दूसरे रंग की पहन ली , बस,... सब ननदें , ... अरे भाभी आप रात में हरी चूड़ी पहन के गयी थीं और सुबह सुबह लाल हो गयी , तो दूसरी बोलती , भाभी के मायके में ऐसी ही जादुई चूड़ी मिलती हैं , रात में रंग बदल लेती हैं , तो कोई जोड़ती , हाथ देख न भाभी का रंग भी थोड़ा बदल गया है , ये देख गाल पर कैसे निशान है ये ननदें भी ,... चिढ़ाए तो बुरा लगता है और न चिढ़ायें तो और बुरा लगता है , ... ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी चूड़ी पहनती मैं सोच रही थी , अब इनके नाख़ून और दांतों के निशान , चाहे गालों पर हो या जोबन पर मैं नहीं छिपाती थी , मेरा मरद , चाहे जो करे मेरे साथ किसी को क्या बिंदी तो हरदम रात में मेरे माथे से उतरकर हर रात कहीं इनकी देह से चिपक जाती थी , ढूंढ के हटानी पड़ती वरना इनकी भौजाइयां , इन्हे छेड़ छेड़ कर ,... मैंने फ्रेश मेक अप किया , बिंदी , काजल , और डार्क रेड इनकी फेवरिट लिपस्टिक , उसके बाद , ... अब सुबह तो सारे कपडे , ... ब्रा पैंटी , फ्रेश पेटीकोट और , हाँ जब ये होते तो इन्हे उकसाने और चिढ़ाने के लिए एकदम लो कट , टाइट चोली पहनती , जैसे अगर ज़रा सा भी झुंकुं तो जोबन क्या निप्स तक दिख जाएँ ,... फिर इनके सारे सामान इकट्ठे किये , लैपी , फोन , चार्जर , ... फिर इनके कपडे , आलमारी से , दस बज रहे थे , लेकिन वो आलसी अभी बिस्तर पर लेटा , मुझे लगा वो सो रहा होगा , ;लेकिन मैंने देखा वो टुकुर टुकुर देख रहा था , " हे आँख बंद , देख नहीं रहे हो मैं कपडे चेंज कर रही हूँ , बेशरम ,.... " वो बेशर्मों की तरह खिस्स खिस्स मुस्करा रहे थे और ऊपर से बोले " तो तुम भी देख लेना न " और वो तो मैं करती ही , पहले दिन से ही ,... आज भी , उन्हें खींच कर बिस्तर से उठाया , कपडे दिए , पहनाया भी , ... और हर बार की तरह , चड्ढी में बंद करने के पहले भी उसे सिर्फ चूमा नहीं बल्कि , चूसा भी , हलकी सी बाइट , और फिर चड्ढी के ऊपर से भी , ... हाँ मैं ये ध्यान रखती थी की इनका सुपाड़ा खुला रहे ये इनकी सलहज , रीतू भाभी ने इन्हे बताया था और मुझे सहेजा था , बार बार ,... ये तेरी जिम्मेदारी है ,... खुला सुपाड़ा रगड़ रगड़ कर के ,... थोड़ा डी सेन्सटाइज , इसलिए जल्दी झंडा नहीं डाउन होता ,... पर आज मैंने गलती ये की , की उनके जींस के ऊपर से भी कस कस के थोड़ी देर रगड़ दिया , बल्ज एकदम तना ,... और ये लड़का फिर वही जिद्द , एक क्वीकी ,... मैंने बार बार घडी की ओर ध्यान दिलाया , सवा दस , ... फिर हम दोनों ने कपडे पहन लिए थे , कपडे क्रश हो जाते , अंत में वो जिद्दी , लालची , अपने होंठों से ऊँगली लगा के इशारा कर के बोला " अच्छा चल यार , पिछली बार की तरह , ... एक क्विक ब्लो जॉब " मेरी निगाह घडी के बाद मोबायल पर पड़ी , मेरी ननद के मेसेज पर पड़ा , भाभी पन्दरह बीस मिनट में पहुँच रही हूँ , मैंने एक बार उनके चेहरे की ओर देखा , एकदम बेचारे लग रहे थे , बेताब ,... मुस्करायी मैं , जाकर दरवाजा ठीक से बंद किया , ... और के तकिया फर्श पर रख कर , घुटने उस पर रख कर बैठ गयी सरररर , मैंने उनकी ज़िप खोल दी फटा पोस्टर निकला हीरो खूब मोटा लम्बा , एकदम कड़क , बेताब , भूखा , कड़ियल नाग , सुपाड़ा खुला , बस मैंने जीभ की टिप से झट से लिक कर लिया , उसकी एकलौती आँख को , और फिर लपड़ लपड़ ,... लेकिन मैं जानती थी समय का महत्व , खास तौर से जब एक ननद जल्द ही आने वाली
28-03-2020, 08:22 AM
लिप सर्विस
फटा पोस्टर निकला हीरो खूब मोटा लम्बा , एकदम कड़क , बेताब , भूखा , कड़ियल नाग , सुपाड़ा खुला , बस मैंने जीभ की टिप से झट से लिक कर लिया , उसकी एकलौती आँख को , और फिर लपड़ लपड़ ,... लेकिन मैं जानती थी समय का महत्व , खास तौर से जब एक ननद जल्द ही आने वाली हो , मैंने बिना इन्तजार किये आधे से ज्यादा गप कर लिया और पूरी ताकत से चूसने लगी , साथ में मेरी जीभ उनके खुले सुपाड़े पर डांस करती , ताज़ी लाल लिपस्टिक लगे होंठ , कस के रगड़ते , ... असर तुरंत हुआ , थोड़ा सा झुक के उन्होंने मेरे सर को दोनों हाथों से पकड़ा , और कस के ठोंक दिया ा अब वो खुल के मेरा मुंह चोद रहे थे , क्या कोई मर्द बुर चोदेगा , जिस तरह से मेरा साजन मुंह चोदता था , इतना मजा आता था की बस , मैं उन्हें मुंह उठा के देखती रहती थी , अपनी बड़ी बड़ी दीये सी आँखों से , उनकी आँखो को , जिसमें मैं बसी थी , जागते भी सोते भी , .. मेरे गाल फटे पड़ रहे थे , जब सुपाड़ा हलक से टकराता बस जान नहीं निकलती , लेकिन इस दर्द को तो मैं तरसती थी , जब वो पास नहीं होते थे , यही पल तो अगल पांच दिन तक मेरे सहारे होने वाले थे , जब ये लड़का पास नहीं होगा , ... और बदमाशी कर के मैंने अपने मुंह से 'उसे ' बाहर निकाल लिया , ... और मुंह हलके से दूर कर के उनकी आँखों में देखने चिढ़ाने लगी , एक बार मैं पलके झुका लेती , उसे चिढ़ाती , ... वो बेक़रार , बेसबरा , ... मालुम उसे भी था ,... मिलेगा पर एक पल का इंतजार उसे नहीं होता था , मैं बस खूंटे के बेस छोटी सी चुम्मी लेती , फिर एक लिक नीचे से ऊपर तक , सिर्फ लिक और वो भी सुपाड़े के पहले जाके वापस ,... सच में उसे तंग करने में बहुत मज़ा आता था , उस बुद्धूराम को क्या मालूम उससे ज्यादा मेरा मन करता था , उस ' मोटू' को मुंह में लेने का , चूसने का कस कस के , ... और मुझसे नहीं रहा गया मैंने कस के पूरा मुंह में , अब धीरे धीरे मैं भी डीप थ्रोट में एक्सपर्ट हो गयी थी , कस के , और मुझे कहीं ये भी लग रहा था, .... कहीं मेरी वो छिनाल ननद आ न जाए बीच में , बस वो आने वाली ही होगी , फिर चूसने के साथ मेरी उँगलियाँ भी मैदान में आ गयीं , ... उनकी आँखे मुंद गयी , ये सबसे बड़ा इंडिकेटर था की बस अब , अभी ,... वो झड़ने वाले हैं , ... उसी समय दरवाजे पर दस्तक हुयी , भाभी , ... वही शोख चुलबुली आवाज , ... मेरी ननद , " बस खोल रही हूँ " मैंने एक पल के लिए मुंह खोला , उसे जवाब और दुबारा कस के , पता नहीं मेरे कस के चूसने का असर हुआ , या मेरी शैतान उँगलियों का या उनकी जवान होती बहन की शोख आवाज़ का , .... ज्वालामुखी फुट पड़ा , ... और बार बार , सफ़ेद फुहारें , ... सब मेरे मुंह में , ... मेरे गाल एकदम फूल गए , ... पर आज इतने से मेरा काम नहीं चलने वाला था , ... मैंने बताया था वो डबल बैरेल वाले थे , ... कुछ देर बाद दूसरा धमाका ,... मैं उन्हें जोर जोर से मुठिया रही थी , लंड के बेस पर ऊँगली से दबा रही थी , दूसरा धमाका , ... पहले से भी तेज खूब ज्यादा , मैंने सब कुछ अपने मुंह में लेने की कोशिश की , पर इतना ज्यादा था की , कुछ बह कर मेरी ठुड्डी पर , कुछ सरक कर मेरी गरदन फिसल कर , खुले लो कट गले वाले ब्लाउज से मेरी गोरी गदरायी गोलाइयों पर , ... और तभी फिर आवाज आयी , " भाभी खोलिये न क्या कर रही हैं , ... " मेरी ननद की छेड़ती खनकती आवाज
29-03-2020, 08:24 AM
बहुत खूब !
आगे बढाइये ननद भाभी के एक और मिलन को...
29-03-2020, 12:50 PM
29-03-2020, 08:32 PM
Komal ji aap har update me ak mitha intzaar chod k jati ho
Es baar bhi sajan k saath madhur milan k baad ab kanya ras k maje lutne wali ho Kya baat hai yahi baat aap ko alag banati hai Har maja aap ki story me milta hai Lesbian mera favourite hai ummid hai agle update me wo bhi hoga
30-03-2020, 10:06 AM
(29-03-2020, 08:32 PM)@Kusum_Soni Wrote: Komal ji aap har update me ak mitha intzaar chod k jati ho Edam , nanad ho , aur vo sab na ho,... lekin kahani ke hisaab se sb kuch hoga,... han abhi abhi maine HOLI KE RANG , thread men nayi post posts ki hai please use bhi padhiye
30-03-2020, 10:33 AM
(30-03-2020, 10:06 AM)komaalrani Wrote: Edam , nanad ho , aur vo sab na ho,... lekin kahani ke hisaab se sb kuch hoga,... han abhi abhi maine HOLI KE RANG , thread men nayi post posts ki hai please use bhi padhiye जी धन्यवाद कोमल जी सब कुछ कहानी के अनुसार करें ओर होली के रंग स्टोरी को भी निश्चित रूप से पढूंगी थैंक्यू सो मच
31-03-2020, 01:46 AM
(This post was last modified: 31-03-2020, 01:49 AM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कुसुम जी ,
कहा हो , लगता है ही बिजी हो , "कन्या रस " का जो मज़ा होता है।
एक लड़की ही समझ सकती है एक लड़की के जिस्म की सॉफ्ट व् सेंसिटिव जगह , बूब्स, कमर, लिप्स , जाँघे , उंगलिया उफ़ क्या बताऊ पूरा जिस्म ही मादक होता है, कोमल जी भी सहमत होंगी।
"कन्या रस" का भोग अपना अलग ही मज़ा देता है , कोमल जी की के जादू भरे शब्द एकदम जिवंत चित्रण कर देते है , मज़ा आ जाता है, और जिस्म अगर ,नखरैल ननद का हो तो क्या कहना।
कुसुम जी आओ न , टाइम निकल के। .... गर्ल्स वाले थ्रेड पर.
इंतज़ार मैं। ........ आपकी निहारिका सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों, आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें - लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका
31-03-2020, 11:32 AM
Komal ji agla update kb tak aayega
Besabri se intzaar hai...
01-04-2020, 12:18 PM
01-04-2020, 12:19 PM
(31-03-2020, 01:46 AM)Niharikasaree Wrote: mera bhi yahi kahana hai Nharika Ji ka thread bahoot achaa hai but it is GIRLS ONLY to sab pathikaaon se request hain vahan jarrornjaayen
01-04-2020, 12:24 PM
01-04-2020, 12:35 PM
ननदिया मेरी
मैं उन्हें जोर जोर से मुठिया रही थी , लंड के बेस पर ऊँगली से दबा रही थी , साथ में पूरी तेजी चूस रही थी , पूरी ताकत से , बस एक एक बूँद , मुंह में रोप लेने के लिए दूसरा धमाका , ... पहले से भी तेज खूब ज्यादा , मैंने सब कुछ अपने मुंह में लेने की कोशिश की , पर इतना ज्यादा था की , कुछ बह कर मेरी ठुड्डी पर , कुछ सरक कर मेरी गरदन फिसल कर , खुले लो कट गले वाले ब्लाउज से मेरी गोरी गदरायी गोलाइयों पर , ... और तभी फिर आवाज आयी , " भाभी खोलिये न क्या कर रही हैं , ... " मेरी ननद की छेड़ती खनकती आवाज आयी और मैंने शेर को वापस पिंजड़े में , ... और जाकर दरवाजा खोल दिया , सच्ची क्या मस्त माल लग रही थी आज वो , कसे कसे टॉप से दोनों चूजे बाहर झाँक रहे थे , पूरी गोलाइयाँ कड़ी कड़ी साफ़ साफ़ उभर के , ... " भाभी क्या हो रहा था ,... इतनी देर क्यों लगी खोलने में " चिढ़ाते मुस्कराते वो बोली मेरे चेहरे , गले और झांकती गोलाइयों पर पड़ी गाढ़ी थक्केदार ताज़ी मलाई को देख कर अंदाज तो उसे भी हो गया अब वो भी बच्ची नहीं ,थी जवानी की देहलीज पर खड़ी थी। मैंने कस के उसे अपनी बाँहों में भींच लिया , एक हाथ से उसके सर को दबोच कर , ... मेरे होंठ सीधे उसके होंठ पर , ... दूसरे हाथ से उसके डिम्पल वाले गाल को मैंने कस के दबोच दिया , और गौरेया की तरह उसने चोंच खोल दी , मेरे भी उसके होंठ से चिपके होंठ खुल गए , और उसके भैया की मलाई की एक एक बूँद , अब भाभी के मुंह से ननद के मुंह में , मेरे गाल उसके भैया की मलाई से एकदम फूले हुए थे , फटे पड़ रहे थे , कटोरी भर से ज्यादा रही होगी गाढ़ी थक्केदार मलाई , और वही मलाई उसके भैया के आँखों के सामने उस भैया की ' सीधी साधी बहिनिया ' के मुंह के अंदर , और इसलिए मैं अपना चेहरा थोड़ा ऊपर किये थी , जिससे उसके भैया साफ़ साफ़ देख सकें , कितनी मस्ती से , कितनी ख़ुशी ख़ुशी , ,उनकी बहिनिया , गुड्डी रानी अपने मुंह में घोंट रही हैं , जो मलाई अभी तुरंत उनके मोटे खूंटे ने मेरे गुलाबी होंठों के बीच डाला था , वही उसी की एक एक बूँद , उनकी आँख के सामने उनकी किशोर ममेरी बहन , उनके बचपन का माल घोंट रहा था , मैं एक लार की तरह एक धागे की तरह , मेरे मुंह से , मेरा थूक और उनकी मलाई और मेरी ननद का मुंह ,... बूँद बूँद और मेरी ननद , अपने भैया को उसे देखते हुए देख रही थी , और उस टीनेजर की आँखे जबरदस्त मुस्करा रही थीं धीरे धीरे उसका मुंह फूलता जा रहा था और मेरा पिचकता जा रहा था , एक एक बूँद , कुछ देर तक वो छटपटाती रही , छुड़ाने की कोशिश करती रही , पर भौजाई की पकड़ से कोई ननद छूट पायी है आज तक की वो गुड्डी स्साली छूट पाती फिर उसने मेरे हाथ में वो मोबाइल देख लिया था , जिस में उस की टॉपलेस , चुनमुनिया की फोटुएं बंद थी , और मेरी ऊँगली की एक हरकत , उसकी सारी सहेलियों के पास , ... और वहां से उनके यारों के पास ,... और अब छुड़ाने की कोशिश छोड़ कर के ,... मेरी बाँहों में चिपकी , मेरा मुंह तो खाली हो गया था , बस कस के उसके भैया दिखाते मैंने एक जोरदार चुम्मी ली , उन की बहन के रसीले होंठों पर , जो कुछ उसकी ठुड्डी पर गिरा था वो जीभ से चाट चूट के , एक बार अपनी मलाई लगी जीभ उनके माल के मुंह में ठेल दिया , एक एक बूँद उनके माल का अब उनके माल के मुंह में था जोर जोर से गदरायी टॉप फाड़ती गोलाइयों को दबाया , मसला , और उस शोख के कान में कुछ बुद्बुदाया , ... उसने हामी में हलके से सर हिलाया , और छोड़ने के साथ ही अपने गाल , ठुड्डी पर सारी मलाई , सीधे उस टीनेजर के गुलाबी होंठों पर रगड़ दी , और मेरी बाँहों से छूटते ही , वो सीधे अपनी भैया की बाँहों में , वो बांहे फैलाये इन्तजार कर रहे थे , और खुद उस शोख किशोरी ने अपने आग लगाते होंठ उनके होंठ से चिपका दिए , और उनके होंठ भी अब कस के उस जवान होती में ननद को उसकी आ रही जवानी का अहसास कराते , कस कस के चूम रहे थे ,
01-04-2020, 12:46 PM
भैया बहिनिया
और उनके होंठ भी अब कस के उस जवान होती में ननद को उसकी आ रही जवानी का अहसास कराते , कस कस के चूम रहे थे ,उनकी वो मलाई जो थोड़ी देर पहले उनके खूंटे से मेरे होंठो पर , फिर मेरे होंठों से , उस दर्जा आठ वाली मेरी ननदिया के होंठों पर , ... और अब मेरी ननद के होंठों से उन के होंठों पर ,.... उन के चुम्मे का असर मैं जानती थी , एकदम देह में आग लगा देता था , बस सिर्फ ये मन करता था की अब ये लड़का सीधे पटक के चोद दे , एकदम यही असर मेरी ननद रानी पर हो रहा था , वो एकदम चिपक गयी थी , उनके सीने में अपने छोटे छोटे जुबना रगड़ रही थी , उनके होंठों पर अपने होंठ , और आज तो उनसे कस के मेरी ननदिया उन्हें चूम रही थी , कस के अपने बाँहों में भरे , अपने होंठ कस कस के अपने भैया के होंठों पर रगड़ते , कसे टॉप में उसके जोबन एकदम छलक रहे थे , निप्स तक साफ साफ़ दिख रहे थे और जैसे कोई लिफ़ाफ़े पर टिकट चिपका हो उस तरह अपने भैया से चिपकी , अपने कच्ची अमिया को उनके सीने में चुभोती और उनका खूंटा भी एकदम पैंट फाड़ रहा था सीधे उसकी जाँघों के बीच , पर उसे कोई फरक नहीं पड़ रहा था हाँ अपने भैया की मलाई , अभी भी उसने अपने मुंह में रोक कर रखा था , जैसे एक एक बूँद का स्वाद लेना चाहती हो , गाल उसके अभी भी एकदम फूले , ... और ये देखकर इनकी हालत और खराब पर यही तो मैं चाहती थी और यही मेरी ननदिया भी चाहती थी , मुझे याद आया , रात को यही तो मैंने इन्हे बताया था , ... अगर उनकी ममेरी बहन आये और सीधे उनकी बाँहों में धंस जाए तो समझो उसकी 'हाँ ' तू उसे वहीँ खड़ी खड़ी चोद देगा तो वो चुदवा लेगी , लेकिन उसके लिए तेरी हाँ , अगर तुझे कहना है की तेरा भी मन करता है तो बस उस्सकी आ रही छोटी छोटी चूँचियो को बस एक बार हलके से पकड़ कर , ... समझ गए ना , और ननद ने तो सिग्नल पूरा दे दिया था और अब मैं उन्हें देख रही थी , उनकी उंगलिया , कुछ देर तक हिचकी , झिझकीं , , सच में कुछ ज्यादा ही सीधे थे ये , एकदम बुद्धू , .... कोई लड़की अगर खोल के भी इन्हे दे दे ना , तो भी ये सौ बार सोचेंगे इसी लिए इतने दिन कुंवारे रहे , इनकी नथ मुझे उतारनी पड़ी
01-04-2020, 12:48 PM
इनकी भी हाँ ,
सच में कुछ ज्यादा ही सीधे थे ये , एकदम बुद्धू , .... कोई लड़की अगर खोल के भी इन्हे दे दे ना , इसी लिए इतने दिन कुंवारे रहे , इनकी नथ मुझे उतारनी पड़ी पर वो सीधी उँगलियाँ अब थोड़ी हिम्मत आकर बस हलके हलके छू रही थीं , सहला रही थी मैं समझ रही थी इनकी परेशानी कहीं , वो , इनकी ममेरी बहन , बुरा न मान जाए , सच्च में इन मामलों में लड़कियां ज्यादा समझदार होती हैं , गुड्डी भी समझ रही थी इनकी हिचक ,.... बस उसने और कस के इन्हे भींच लिया , और उसके होंठ अब कस के इनके होंठों पर रगड़ रहे थे , और अब हलके से उन्होंने उसके टीन जस्ट आते बूब्स पकड़ लिए , हलके हलके दबाने लगे , जिन बूब्स ने पूरे मेरी ससुराल में धूम मचा रखी थी , ... लेकिन इत्ते हलके से ,... गुड्डी ने खुद उनका हाथ पकड़ के अपने बूब्स पर , बस अब इससे ज्यादा क्या होता , अब वो एकदम खुल के , कस के रगड़ रहे थे , मसल रहे थे , और आज वो टॉप भी एकदम टाइट पहन कर आयी थी , कल रात में उसकी ब्रा ने इत्ती उनकी हालत खराब की थी और इस समय तो उसकी ब्रा के अंदर वाला , दोनों चूजे उनकी मुठ्ठी में और अब बिना किसी लिहाज के वो दबा रहे थे वो ख़ुशी ख़ुशी दबवा मिजवा रही थी , खुल के मेरी ननदिया की नयी नयी आयी चूँचियाँ दबायी , मसली , कुचली . रगड़ी जा रही थीं , और वो अब हलके हलके नहीं एकदम खुल के अपनी बहन के दोनों कच्ची अमिया का रस लूट रहे थे , और उनकी बहन मेरी ननद , बजाय मना करने के , उनका हाथ पकडने के , रोकने के और उनसे सटती ,चिपकती जा रही थी , कस के अपने होंठ इनके होंठों पर रगड़ रही थी और अब मेरी निगाह नीचे पड़ी , उनका बल्ज , एकदम साफ़ साफ़ और उनकी ममेरी बहन की उँगलियाँ , कुछ देर तक हिचकी , झिझकीं पर हलके हलके सहलाने लगीं , और जैसे ही उन्होंने उसके नए नए जोबन को कस के मसलना शुरू किया उस लड़की ने भी उनके तने खूंटे को दबाना मसलना शुरू कर दिया , मैं घडी देख रही थी , पूरे ४ मिनट २८ सेकंड तक , वो उसके उभार दबाते रहे और वो उनका खूंटा , .... और जब दोनों ने एक दूसरे को छोड़ा तो गुड्डी की निगाह उसकी अपनी सफ़ेद लेसी ब्रा पर पड़ी , ब्रा के दोनों कप उनकी मलाई से भरे , मलाई अभी भी छलछला रही थी , छलक रही थी , ... बेचारे जैसे उनकी चोरी पकड़ी गयी हो , ... गुड्डी कभी घूर कर कभी अपनी लथपथ ब्रा की ओर देखती कभी उनकी ओर , बचाव मैंने किया , ... " सुनो तुमने गुड्डी की ब्रा के साथ,... , अब एक नयी ले आना अगली बार , जब आओगे , समझ गए " वो हाँ में सर हिलाते , उसी समय मेरी बदमाश ननद ने दो ऊँगली दिखा कर इशारा किया , एक नहीं दो ,... और जोर से मुस्करायी वो बोल तो सकती नहीं थी , अभी भी उसके मुंह उसके भैया की मलाई भरी पड़ी थी , दो चार बूँद छलक कर उसके रसीले होंठों पर आ गयी थी अब वो भी एकदम खुश , हंस के बोले ,,, एकदम ले आऊंगा दो ले आऊंगा , ... गुड्डी थोड़ा पीछे हटी जैसे जा रही हो , फिर वो मेरी शोख ननद मुड़ी , अपने भइया को दिखा के उसने अपना मुंह खोला उसकी बड़ी बड़ी आँखों में शरारत छलक रही थी , उसने जीभ निकाली , जीभ पर , पूरे मुंह में मलाई भरी थी , छलक रही थी , ... कुछ देर तक उन्हें दिखाते वो मुंह खोले रही , फिर उसने मुंह बंद किया , आँखे भी , और गटक गयी , फिर गुड्डी ने मुंह खोल कर अपने भइया को दिखाया , एकदम खाली , ... लेकिन दो चार बूंदे अभी उसकी ठुड्डी पर थीं , ... मैंने अपनी ननद को इशारा किया और उसने ऊँगली से लपेट को उन्हें दिखाते हुए चाट लिया
01-04-2020, 12:53 PM
ब्रा
पूरे मुंह में मलाई भरी थी , छलक रही थी , ... कुछ देर तक उन्हें दिखाते वो मुंह खोले रही , फिर उसने मुंह बंद किया , आँखे भी , और गटक गयी , फिर गुड्डी ने मुंह खोल कर अपने भइया को दिखाया , एकदम खाली , ... लेकिन दो चार बूंदे अभी उसकी ठुड्डी पर थीं , ... मैंने अपनी ननद को इशारा किया और उसने ऊँगली से लपेट को उन्हें दिखाते हुए चाट लिया और उन्हें चिढ़ाते हुए बोली " भैया आप से बड़ा झूठा कोई हो नहीं सकता आप एकदम झूठों के सरदार हो , इत्ते दिन से तो राखी का ,..उधार और अब बोल रहे हैं दो दो ब्रा लाएंगे , कंजूस , .... ब्रा का नंबर मालूम है आपको , किस साइज का ले आएंगे , ... " उस शोख ने उन्हें आँख नचा के चैलेन्ज किया लेकिन अब वो भी मूड में आ गए थे , बोले , " चल बता दे दू , तू भी क्या याद करेगी , ब्रा के साथ पैंटी भी लाऊंगा " " जी नहीं बताउंगी फिर आप कहोगे भूल गए। पता नहीं किसकी साइज का उठा लाओगे , ... चल आप देख लो , ... " और वो खुद उनकी ओर पीठ कर के खड़ी हो गयी और टॉप उठा दिया एकदम ऊपर तक , ... " भइया पकड़ कर नमबर देख लीजिये , और न हो तो अपने मोबायल से फोटो खींच लीजिये , नंबर का , ... " गुड्डी ने उन्हें चैलेन्ज किया , ब्रा का स्ट्रैप पकड़ कर उन्होंने खींचा , मैंने उन्हें इशारा किया स्ट्रैप खोल दो , ... पर तब तक नीचे से जेठानी जी की पुकार आ गयी , ... और उन्होंने खुद उसकी टॉप नीचे कर दी , वो गुड्डी को बुला रही थीं , वो अपना फोन नीचे छोड़ आयी थी , बार बार फोन आ रहा था किसी का , ... हम लोगों को भी अब नीचे चलना था , ... गुड्डी दरवाजे की ओर मुड़ी , मैंने उसे छेड़ा ,... " हे तूने पीछे से टॉप उठा के उन्हें दिखाया , बेचारे उनका मन कर रहा था , आगे से टॉप उठाने का , " वो बदमाश दरवाजे पर रुक गयी , उसे फरक नहीं पड़ा रहा था दरवाजा पूरा खुला था , वहीँ से उनसे बोली " अरे भैय्या इत्ती सी बात ,.... अपने बोल दिया होता , ... " और अबकी उन्हें दिखाते हुए अपना टॉप पूरा , लेसी ब्रा के अंदर बंद उसके छोटे छोटे गोरे कबूतर , गोरी गोलाइयाँ , गहराइयाँ ,... पूरे डेढ़ मिनट तक , ... और उनका बल्ज एक बार पूरी तरह तना , टॉप बंद कर के वो मुड़ी , और धड़ धड़ सीढ़ी से नीचे ,लेकिन उसके पहले उस शरीर ने उन्हें एक जबरदस्त फ़्लाइंग किस दिया , और कस के आँख भी मारी , पीछे पीछे हम दोनों भी , ... जेठानी अब हम लोगों को बुला रही थीं , खाना लग गया था।
01-04-2020, 02:15 PM
(This post was last modified: 01-04-2020, 02:32 PM by @Raviraaj. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
Very Nice and Hot update komal ji
Ab lagta hai गुड्डी aap k rang me rang gyi hai Bahut jaldi dhakke khane wali hai wo bhi aap k or aap k in k Ye Sanyog hai dono taraf aap ki nanand Guddi ki li jayegi aap k sajan k dwara or JKG me Aap ki jethani ki bhi idhar Guddi ki, Dono story ko bahut acchi tarah chalaya hai aap ne, gajab komal ji Umda lekhan hai aap ka |
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