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कोमल जी धन्यवाद
बहुत सी बातें ओर नियम मेरी जानकारी में नहीं थे इस कारण जरूर कुछ नियमों की अवहेलना हुई होगी माफ करें
आप के विशाल ह्रदय में सब को जगह मिल ही जाती है
थैंक्यू सो मच
आप कहानी लिखती रहो,हम आप के लेखन का हमेशा की भांति इंतज़ार करेंगी
ओर अपनी बात चीत जब भी सभी सहेलियां फ्री होंगी निहारिका जी के फोरम पर करेंगी
आप का विशेष आभार
अगली कड़ी के इंतज़ार में
पूनम_त्रिवेदी
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Kamal jiju se gand ki opening kar vali ab apne pati ko bhi apni gand chudail ka sukh kara do.
Kiya hamesa gand chtwane ka hi irada he
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30-03-2020, 07:28 AM
(This post was last modified: 30-03-2020, 07:28 AM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
चुत का दाना क्लीट ( क्लिटोरियस )
उस को भी चुसवाओ ना कोमल जी
बड़ा अच्छा लगता है मुझे ये करवाना
स्टोरी में भी ये करवाओ ना
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(29-03-2020, 07:36 PM)Poonam_triwedi Wrote: कोमल जी धन्यवाद
बहुत सी बातें ओर नियम मेरी जानकारी में नहीं थे इस कारण जरूर कुछ नियमों की अवहेलना हुई होगी माफ करें
आप के विशाल ह्रदय में सब को जगह मिल ही जाती है
थैंक्यू सो मच
आप कहानी लिखती रहो,हम आप के लेखन का हमेशा की भांति इंतज़ार करेंगी
ओर अपनी बात चीत जब भी सभी सहेलियां फ्री होंगी निहारिका जी के फोरम पर करेंगी
आप का विशेष आभार
अगली कड़ी के इंतज़ार में
पूनम_त्रिवेदी
अरे मैंने कहा था न सच्ची सहेलियों में माफ़ी वाफी कुछ नहीं होती , असल में निहारिका जी भी तो हमारे ही गैंग की की तो आप , कुसुम जी , हम सब मिल के वहां , निहारिका जी के आंगन में गलचौर मचाएं , हंगामा करें , बस मेरा यही मतलब था। गप्प , मस्ती , आपस की बातें वहां पर कहानी की बातें यहाँ पर , .. और आप सब कहानी पर नहीं आयेंगी न तो मैं कहानी लिखना छोड़ दूंगी ,... बस साफ़ कह दे रही हूँ , अब आप ने कहा है तो अपडेट आज ही पोस्ट कर दूंगी , आप की बात और न मानूँ मैं ,
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(30-03-2020, 07:28 AM)@Kusum_Soni Wrote: चुत का दाना क्लीट ( क्लिटोरियस )
उस को भी चुसवाओ ना कोमल जी
बड़ा अच्छा लगता है मुझे ये करवाना
स्टोरी में भी ये करवाओ ना
अरे कुसुम जी क्या बात याद दिला दी आप ने , आप के नन्दोई तो उस मामले में एकदम पी एच डी हैं , मैंने बताया था न पिछले एपिसोड में , जान निकल जाती है उस समय। अपनी साली को उन्होंने वायदा किया है , जब वो लौटेगी तो न सिर्फ उसे झाड़ेंगे बल्कि थेथर कर देंगे ,
जरूर बताउंगी , और उस की पिक्स भी पोस्ट करुँगी , आगे आने वाली पोस्टों में विशेष ध्यान रखूंगी आपकी इस बात का।
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(29-03-2020, 11:36 PM)Ajay.star Wrote: Kamal jiju se gand ki opening kar vali ab apne pati ko bhi apni gand chudail ka sukh kara do.
Kiya hamesa gand chtwane ka hi irada he
abhi to mushkil se char paanh aane ki kahani kahtam huyi hai bahoot baaki hai ,... jaisa kisi shayar ne kaha hai , abhi to ye angdaayi hai bahoot ,... aage sidhi pathak svyam smajh sakte hain,
agar aapne ye kahanii shur se padhi ho Mrs Moitra ka bhi Jikra aaya hai unke do nannhe munne rasgullon ka jikra ayaa hai , phir meri nanad , jethani sb par to inhi ka naam likha hai ,
suspense main khatam nahi karungi lekin bas aage aage dekhiye,... aur agar kahani ke kuch paart chhoot gaye hon to ek baar phir se
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Abhi Abhi HOLI ke Rang men ek nayi Post , post ki hai , do read aur vahan apne comment bhi share karen , kohish krungi ki baaki dodno threads bhi aaj update karun ,,,,
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(30-03-2020, 09:34 AM)komaalrani Wrote: अरे कुसुम जी क्या बात याद दिला दी आप ने , आप के नन्दोई तो उस मामले में एकदम पी एच डी हैं , मैंने बताया था न पिछले एपिसोड में , जान निकल जाती है उस समय। अपनी साली को उन्होंने वायदा किया है , जब वो लौटेगी तो न सिर्फ उसे झाड़ेंगे बल्कि थेथर कर देंगे ,
जरूर बताउंगी , और उस की पिक्स भी पोस्ट करुँगी , आगे आने वाली पोस्टों में विशेष ध्यान रखूंगी आपकी इस बात का।
जी नन्दोई जी को ये बहुत पसंद है
ओर क्यों नहीं होगा सामने जो कौन है
वैसे आप अपनी कहानियों में सब कुछ चीजें शामिल कर ही लेती हो जो हम जैसी औरतें सोच भी नहीं पाती
आप के हर एक उपडेट में अलग नशा अलग मस्ति भरी होती है
ओर हां उस समय बिल्कुल जान निकल जाती है ये अंग हमारा सब से संवेदनशील हिस्सा जो होता है
आप की भाषा मे कहूँ तो जादू का बटन
हमेशा की भांति इंतज़ार ओर कहानी बंद कर दूंगी ये लास्ट बार लिखा है आगे से कभी मत लिखना
ये कहानी सब कुछ अच्छा रहा और हम आप रहे तो इस साल के अंत तक अपने मुक़ाम तक जरूर पहुंच जाएगी
सासु माँ खायेगी धक्के आप के सामने
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सौरी मिस कोमल लेकिन तुमारी स्टोरी बिल्कुल predicting लगती है
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30-03-2020, 11:12 AM
(This post was last modified: 30-03-2020, 11:35 AM by Poonam_triwedi. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(30-03-2020, 09:27 AM)komaalrani Wrote: अरे मैंने कहा था न सच्ची सहेलियों में माफ़ी वाफी कुछ नहीं होती , असल में निहारिका जी भी तो हमारे ही गैंग की की तो आप , कुसुम जी , हम सब मिल के वहां , निहारिका जी के आंगन में गलचौर मचाएं , हंगामा करें , बस मेरा यही मतलब था। गप्प , मस्ती , आपस की बातें वहां पर कहानी की बातें यहाँ पर , .. और आप सब कहानी पर नहीं आयेंगी न तो मैं कहानी लिखना छोड़ दूंगी ,... बस साफ़ कह दे रही हूँ , अब आप ने कहा है तो अपडेट आज ही पोस्ट कर दूंगी , आप की बात और न मानूँ मैं ,
अच्छा अच्छा नहीं कहूंगी सॉरी थैंक्यू
ननंद भाभी से भला कहाँ अलग होती है,ओर मैं आप की वोही ननंद हूँ !
आप अपने तय नियम से पोस्ट करें
हम तो इस प्रेम कथा यात्रा में आप की हमेशा सहयात्री रहेंगी
कोमल जी कभी बंद करने जैसी बातें मत करना
ना जाने किस की नजर लगी थी बिल्कुल मुक़ाम पर पहुंच कर कहानी अधूरी रह गयी थी Xossip में
बहुत दिल टूटा था,,बहुत दर्द हुआ है
बहुत मुश्किल से आप को फिर से पाया है
अब ये कहानी हम सब पूरी करेंगी
आप इस नाव की नाविक है हम पतवार
साथ चलेंगी, सभी औरतें ओर ये कहानी जरूर पूरी होगी
आभार आप का
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(30-03-2020, 09:41 AM)komaalrani Wrote: abhi to mushkil se char paanh aane ki kahani kahtam huyi hai bahoot baaki hai ,... jaisa kisi shayar ne kaha hai , abhi to ye angdaayi hai bahoot ,... aage sidhi pathak svyam smajh sakte hain,
agar aapne ye kahanii shur se padhi ho Mrs Moitra ka bhi Jikra aaya hai unke do nannhe munne rasgullon ka jikra ayaa hai , phir meri nanad , jethani sb par to inhi ka naam likha hai ,
suspense main khatam nahi karungi lekin bas aage aage dekhiye,... aur agar kahani ke kuch paart chhoot gaye hon to ek baar phir se
Xossip pe jaha tak aapne likha he vo sab padha he. Mene socha sayad aap kuch naya add karo to padhne me aur maja aaye.
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(30-03-2020, 02:05 PM)Ajay.star Wrote: Xossip pe jaha tak aapne likha he vo sab padha he. Mene socha sayad aap kuch naya add karo to padhne me aur maja aaye.
maine bich bich men kaafi kuch add kiya hai agar aap continously ise padh rahe honge to shaayd aapko andaaz laga hoga haan main story line , story ka treatment aur characterization change nahi kar sakti
meri nayi story MOHE RANG DE hai na , nayepan ke liye pahdiye na use
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(30-03-2020, 11:04 AM)Salilxx Wrote: सौरी मिस कोमल लेकिन तुमारी स्टोरी बिल्कुल predicting लगती है
lekin soory kyon, predict to koyi bhi kar sakata hai is story ko
ek baar main pahle xossip men post kar chuki hun
Jaunpur ji ne pdf bhi post kar rkaha hai ,... aapki baat ekdm sahi hai
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30-03-2020, 06:32 PM
(This post was last modified: 12-07-2021, 12:31 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रात भर
और आज इनकी जीभ ने बता दिया की गांड चाट चाट के भी कोई झाड़ सकता है।
इनकी जीभ एकदम कमल जीजू के लंड की टक्कर में थी ,
मैं झड़ रही थी , बार बार
बाहर सावन की झड़ी लगी थी ,
और ये मेरी गांड लगातार
जब मैं एकदम लस्त पस्त हो गयी तब जाके उन्होंने छोड़ा और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में ,लेटे खुली खिड़की से बाहर से आती फुहारों का मजा लेते रहे।
मैं तो सावन की फुहार की तरह अच्छी तरह बरस चुकी थी लेकिन
बिचारे उनका खूंटा वैसे ही खड़ा तन्नाया , भूखा।
पहले मेरी उँगलियों को उस पे दया आयी
फिर मेरे होंठों को और
फिर मेरे गदराये उभारों को।
बहुत प्यार से पहले मैंने उँगलियों से सिर्फ उस खड़े खूंटे को सिर्फ और सिर्फ सहलाया जैसे कोई हलके हलके थपथपा रहा हो बच्चे को सुलाने के लिए
लेकिन ये शरारती बच्चा तो और कस के जग गया , फिर जोर से मुट्ठी में दबा के ,
इतना मोटा मुट्ठी में ठीक से आ ही नहीं पाता था
अब तो मुझे कमल और अजय जीजू के खूंटे का भी अंदाजा हो चुका था , मोटाई में मेरे वाले का उनसे १९ तो नहीं ही था , तो बस
मथानी ,... दोनों हाथों में पकड़ कर , किसी जवान , जिसका जोबन फूटा पड़ रहा हो ऐसी ग्वालिन की तरह
जोर जोर से मथानी चला चला के ,
पर मैं जान चुकी थी जो मोटू , मंजू बाई ऐसी छिनार को तीन पानी झाड़ देता हो बिना झड़े आज वो अपने मायके की पहली रात इतनी आसानी से , ...
और फिर मेरे होंठ ,
पहले सुपाड़े पर हलकी सी चुम्मी और साथ में वादा
" बहुत इंतजार कराया है , उस स्साली गुड्डी छिनार ने , बहुत जल्द दिलवाऊंगी उसकी , इसी तरह से लंड पकड़ के मुठियायेगी , इसी तरह होंठो में लेकर चूसेगी वो कच्ची अमिया वाली
और गुड्डी का नाम लेते ही लंड राजा तो एकदम फुफकारने लगे ,
पहले तो मैं थोड़ा थोड़ा चूसती रही फिर कस कस के , एकदम हलक तक
चूत नहीं मिली तो वो मेरे मुंह को ही चूत समझ कर चोद रहे थे ,
और मेरे गले पर कस के चोट पड़ रही थी , गाल दर्द कर रहे थे
दस पंद्रह मिनट तक कस के चूसने के बाद मेरी चूँचियों ने मोर्चा सम्हाला
आखिर वो मेरी मम्मी की बड़ी बड़ी चूँची मेरे सामने चोद चुके थे ,
कितनी बार तो दिन में भी ,
चूँची चुदवाती मैं ,
उनका मोटा सुपाड़ा देख कर ललचा रही थी और बीच बीच में सुपाड़े को भी चुभला लेती थी ,
थोड़ी देर मैंने अपने बावरे सैयां के मतवाले लंड को मुठियाया
फिर अपने होंठों में लेकर चूसा ,चुभलाया
और और फिर अपने गदराये कड़े कड़े ३४ सी के बीच लेकर जोर जोर से दबाया मसला।
मैं उन्हें उठने नहीं दे रही थी ,
बस अपनी दोनों मस्त चूँचियों के बीच उनके लंड को मैं रगड़ घिस्स कर रही थी , बीच बीच में अपने होंठों के बीच उसे दबा कर उसका भी स्वाद चख लेती थी।
थोड़ी देर में हम दोनों 69 की मुद्रा में थे ,
लेकिन इस बार भी मैं झड़ गयी और वो बिचारे,
चार बजे के बाद ही मैं सोई होंगी ,
मैं एक बार फिर झड़ी कर्टसी मेरी सैयां की जीभ ,
क्लिट
पहले जीभ की टिप से हलके से क्लिट पर सुरसुरी करते थे वो , एकदम पूरी देह गिनगीना उठती थी ,
उसके बाद दोनों होंठों के बीच क्लिट को लेकर हल्के से चुभलाते चूसते थे , धीमे धीमे चूसने की रफ़्तार बढ़ती जाती
और एक बार फिर से जीभ क्लिट को फ्लिक करने लगती
जैसे किस बरसों से सोये सितार के तार को कोई छेड़ दे और चारों ओर सुर लहरी पूरे कमरे में भर जाए ,
बिलकुल उसी तरह , मेरी क्लिट चूसी जा रही थी , चाटी जा रही थी , ...
वो दुष्ट , बदमाश मुझे बार बार झाड़ने के किनारे ले जा कर छोड़ देता था
पर झाड़ता नहीं था ,
मैं इतनी थेथर हो गयी थी की उसे गालियां भी नहीं दे पा रही थी , बस अपनी देह उठाती , चूतड़ उचकाती जैसे बार बार कह रही होऊं
गुहार लगा रही होऊं
झाड़ झाड़ दे , अपनी कोमलिया को , प्लीज मेरे राजा झाड़ दे न ,
और हलके से उन्होंने बहुत हल्के से क्लिट को काट लिया , दांत छू भर गए होंगे
तूफ़ान आ गया , ... बाहर के किसी भी तूफ़ान से तेज ,
मैं काँप रही थी उछल रही थी , इसी कमरे में मेरी सुहाग रात हुई थी , उस दिन से आज तक कभी भी मैं ऐसे नहीं झड़ी जैसे उस समय झड़ रही थी
पूरी देह काँप रही थी , रुकती , फिर कांपने लगती , मेरी चूत की पुत्तियाँ , जैसे तूफ़ान में दरवाजे अपने आप खुलते बंद होते हैं , धड़ धड़ ,
एकदम उसी तरह , ... अपने आप सिकुड़ रहे थे फ़ैल रहे थे , ...
बड़ी देर तक
मैं अपने साजन की बाँहों में , साजन के मायके में सो गयी ,
(हाँ उसे मुठियाते ,चूसते ,चाटते मैंने वायदा किया था डायरेक्ट उनके लंड से ,
जल्दी ही उसे उसकी माँ के भोंसडे का मजा चखाउंगी,
और उसके पहले उसकी बहन की कच्ची कोरी चूत का। )
और जब मेरी आंख खुली सुबह तो ,
सुबह कब की निकल गयी थी , पूरे दस बज गए थे।
और मैं एकदम घबड़ा गयी उफ़ इत्ती देर हो गयी मेरी सासु और जेठानी कित्ते ताने मारेंगी।
एक बार बस सात बजे से थोड़ी ही देर हुयी थी और गलती मेरी नहीं सासु जी के लड़के की थी ,
सुबह सुबह उनका मूड बन गया था और चलते चलते एक राउंड ,
लेकिन हड़कायी गयी मैं
" अरे आज सुबह बहुत देर से हुयी "
मेरी जिठानी ने तंज किया तो किसी ने बोला ,
" अरे अटारी से उतरने की इतनी जल्दी क्या था , क्या कहते हैं वो बेड टी ऊपर ही भिजवा देती। "
सुबह उतर कर चाय बनाना ,सास को जेठानी को चाय देना , फिर इनके लिए बेड टी ले जाना ऊपर रोज का रूटीन था।
तभी मुझे याद आया वो ज़माना अब गुजर चुका है , अब मेरा जमाना आ गया है ,क्योंकि
वो बेड टी की ट्रे ले के खड़े थे ,
हम दोनों ने साथ साथ बेड टी पी।
एक नयी सुबह हो चुकी थी हर मायने में।
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30-03-2020, 06:40 PM
(This post was last modified: 19-07-2021, 01:33 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
नयी सुबह
सुबह उतर कर चाय बनाना ,सास को जेठानी को चाय देना , फिर इनके लिए बेड टी ले जाना ऊपर रोज का रूटीन था।
तभी मुझे याद आया वो ज़माना अब गुजर चुका है , अब मेरा जमाना आ गया है ,क्योंकि
वो बेड टी की ट्रे ले के खड़े थे ,
हम दोनों ने साथ साथ बेड टी पी।
एक नयी सुबह हो चुकी थी हर मायने में।
....
और उसके बाद मैं तैयार हो गयी नीचे जाने के लिए,
मैंने तो आप लोगों को बताया ही था पहले की ,
इसके पहले ससुराल में अपने कमरे से निकलते समय , साडी ब्लाउज के अलावा मैं कुछ सोच भी नहीं सकती थी। और वो भी ,
साडी पूरे सर को ढके, बाल की झलक भी नहीं दिखनी चाहिए।
कल मैंने पहली बार इन के मायके में शलवार कुर्ता पहना था , और वही मेरी जेठानी को शाक देने के लिए काफी था ,
और आज मैंने शाक का लेवल थोड़ा बढ़ाया ,
एक बहुत छोटी सी लाइट प्याजी रंग की चिकन की कुर्ती , जो मेरे कमर के बहुत पहले ही ख़तम हो जाती ,
झलकौवा और नाभि दर्शना
हाँ आज एक बहुत छोटी सी हाफ कप वाली बस मेरे उभारो को हलके से नीचे से उभारने वाली ब्रा ,अंडर वायर्ड मैंने पहन ली
लेकिन उस झलकौवा कुर्ती में वो साफ़ साफ़ दिखती थी।
पहले तो मैंने सोचा की इसके साथ इनका कोई ट्रॉउजर पहन लूँ , फिर मुझे लगा सेकेण्ड डे के लिए बहुत हो जाएगा ,
इसलिए एक टाइट सी पजामी और हाई हील।
खटखट करते हुए मै जब उतरी तो पहले तो जेठानी जी मेरे देर से नीचे आने के लिए ढेर सारे ताने कमेंट्स सोच के बैठी थीं , पर
मेरा रूप देख के उनकी बोलती बंद हो गयी।
एक बहुत छोटी सी चिकन की आलमोस्ट ट्रांसपैरेंट कुर्ती कमर पेट नाभि सब खुली और एक फ्लोरल पजामी।
" नाश्ते में , ... "
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन मैंने उनकी बोलती बंद कर दी , उन्हें अपनी बाँहों में भींच लिया और ,
" अरे दीदी आप का ये छह फिट का देवर किसलिए है , बोलिये न जो आप को पंसद हो , अरे सासु जी नहीं है तो चलिए हम दोनों थोड़ी मस्ती करते हैं न , बचपन के इनके ज़रा आप किस्से सुनाइये न , फिर कोई सीरयल। "
और उनसे मैं बोली ,
" जो तेरी पसंद ,लेकिन जल्दी बिचारी तुम्हारी भाभी कितनी भूखी हैं न। "
थोड़ी ही देर में वो नाश्ता लेकर हाजिर।
खाना हम तीनो ने मिल के बनाया।
और मैं और जेठानी जी मिल के उन की खिंचाई करते रहे।
खाने के बाद जेठानी जी सोने चली गयीं और कलावती आ गयी।
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30-03-2020, 06:53 PM
(This post was last modified: 19-07-2021, 02:41 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कलावती
बताया तो था न उसके बारे में। मुझसे २-३ साल छोटी होगी , यही करीब १९-२० साल की। शादी हो गयी है लेकिन मरद पंजाब कमाने गया है ,इसलिए ज्यादातर अपनी माँ के पास रहती है।
माँ उसकी हम लोगों के यहां काम करती है ,कपड़ा बरतन झाड़ू पोंछा , लेकिन जब कलावती रहती है तो अक्सर वही आती है।
रिश्ते में हम लोग उसे अपनी ननद मानते थे , इसलिए मैं और जेठानी जी खुल के उससे मजाक करते थे , और वो भी सूद ब्याज समेत जवाब देती थी , गारी गाने में तो नम्बरी।
देखने में भी अच्छी थी , थोड़ी गोल मटोल ,लेकिन सही जगहों पर , उभार खूब गदराये , कड़े कड़े ,मस्त और पिछवाड़ा भी खूब भारी।
उसे हम लोग चिढ़ाते थे
"लगता है तुझे मायके के यार बहुत पसंद है इसलिए ससुराल छोड़ के मायके में रहती है। "
और वो भी कोई कम थोड़ी ,उलटे पलट के जवाब देती,
" अरे बात आपकी एकदम सही है, मेरे मायके के मरद हैं ही बहुत दमदार ,तभी तो आप दोनों अपना अपना शहर छोड़ चुदवाने मेरे मायके में आयी। "
और मैं इनका नाम लगा के उसे चिढ़ाती ,जेठानी जी के सामने ,
" दीदी लगता है आपके देवर को भी कलावती ने अच्छी तरह ट्रेन किया है "
मेरी जेठानी भी हाँ में हाँ मिलाती बोलतीं ,
" सही कह रही हो , अरे ये आती थी तो सबेरे सबेरे दरवाजा तो मेरे देवर ही खोलते थे लेकिन पता नहीं ,वो खोलते थे या ये खोलती थी। "
" या दोनों खोलते थे "
मैं भी जोड़ती ,
और हम दोनों खिलखलाने लगते ,लेकिन कलावती वो कौन हार मानने वाली ,
मुझसे बोलती ,
" अरे छुटकी भौजी ( मुझे वो छुटकी भौजी ही कहती ) , गनीमत मनाओ अपनी छुटकी ननदिया को की तोहरे सैंया को ट्रेनिंग वेनिंग करा दी , वरना कहीं सुहागरात में बजाय अगवाड़े कही ,... पिछवाड़े पेल दिए होते न तो पता चलता। गांड में वो चिलख मचती बैठ नहीं पाती। "
एकदम खुल्लम खुल्ला मजाक होता था उसका ,
तो जेठानी जी तो सोने चली गयी थी और कलावती धोने के लिए कपडे इनसे मांग रही थी ,और ये बिचारे शरमाते लजाते ,
" दे दो न मांग रही है तो "मैंने चिढ़ाया ,
" आखिर बहन लगेगी तुम्हारी और तुम मांगोगे तो ये भी दे देगी ".
" एकदम , मैं तो बिना मांगे देने को तैयार हूँ छुटकी भौजी लेकिन तोहार झांट तो न सुलगी। "
वो क्यों चुप रहती।
लेकिन अब मैं भी
" अरे उस की चिंता मत करो ,उ सब साफ़ कर के चिक्कन मुक्कन ,न हो तो अपने भैया से पूछ लो , इस लिए सुलगने का सवाल नहीं है। "
मैंने बोला।
और इन को एक बहुत छोटा सा तौलिया दे दिया , उसे पहन के सब कपडे इन्होने उतार के कलावती के हाथ में दे दिए।
मुझे बदमाशी सूझी ,मैंने कलावती को इशारा किया और बोली ,
" हे इ तौलिया भी तो थोड़ी गन्दी हो गयी है न इसको भी धोने को ले लो। "
" एकदम छुटकी भौजी , सही कह रही हो "
और हँसते खिलखिलाते उसने तौलिया खींच ली।
अब वो एकदम ,.. खूंटा एकदम कलावती के सामने
,वो नदीदियो की तरह घूर घूर के देख रही थी ,खिलखिला रही थी।
उन्होंने हाथ से उसे छिपाने की कोशिश की लेकिन कित्ता छिपता , बड़ी मुश्किल से उन्होंने बाथरूम में शरण ली।
" अरे पहले नहीं देखा था क्या जो ऐसे देख रही थी "
मैंने कलावती को चिढ़ाया।
" देखा था लेकिन तब इत्ता मोटा और लम्बा नहीं था। "
वो साफ़ साफ़ बोली।
उनकी बहुत चिरौरी मिनती के बाद एक छोटा सा बॉक्सर शार्ट मैंने उन्हें दिया , बाथरूम में।
लेकिन जब वो पहन के निकले तो ,
फिर मैंने खींच दिया और शेर पिंजड़े से बाहर ,
" चल ठीक से देख ले और चाहे तो पकड़ के दबा के मसल के भी ,.. फिर मत कहना छुटकी भौजी ने ,... "
" एकदम छुटकी भौजी ,"
और उसने न सिर्फ पकड़ा , बल्कि रगड़ा और मसला भी।
किसी तरह वो कलावती से छुड़ा के ऊपर कमरे में भागे।
मैं और कलावती नीचे खिलखिलाते रहे.
शाम को डिनर में मैंने अपनी जेठानी का धरम भरष्ट करा दिया।
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Now eagerly waiting for re-entry of Guddi in the story.
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डिनर
शाम को डिनर में मैंने अपनी जेठानी का धरम भरष्ट करा दिया।
मैं भूली नहीं थी ,इनकी पहली बर्थडे मेरी शादी के बाद।
मुझे मालुम था की ये लोग 'शुद्ध हिन्दू भोजनालय टाइप' हैं ,इसलिए एगलेस पेस्ट्रीज लायी थी मैं बहुत बहुत ढूंढ के ,
पर
सब बेकार ,
इन्ही जेठानी जी ने ,
बहुत धीमे से तीर चलाया ,
"तुम्हे तो मालुम ही है की ,यहां हम सब ,.. परफेक्ट वेजिटेरियन हैं , लहसुन प्याज भी नहीं और इसमें तो. "
" नहीं नहीं दीदी ,एकदम एगलेस है प्योर वेज ,देखिये पैकेट पर ग्रीन टिकुली भी लगी है।
लेकिन मेरी किस्मत ,
मेरी ननद कम सौतन , वो भी पहुँच गयी और उसने अमोघ अस्त्र चला दिया ,
" अरे सब कहने को ,... बरतन तो वही होते है , हटाइये न ,भैय्या आप को ,"
और भैय्या ने हटा दिया और जेठानी जी ने सीधे डस्टबिन में ,...
बात मैंने ही शुरू की ,
" अरे आज तो अवार्ड नाइट है , दी आज पिज़ा चलेगा , मैं तो किचेन में जाउंगी नहीं न आपको जाने दूंगी ,
बिचारे आप के देवर ही किचेन में ड्यूटी देंगे। "
" और क्या अगर किचेन में ही सारी ड्यूटी दे दी तो रात में ड्यूटी कैसे देंगे। "
हँसते हुए मेरी जेठानी बोली ,
मैंने उन्हें छेड़ा ,
" आप ये क्यों नहीं कहतीं की आप अपने प्यारे दुलारे देवर को अपने आँख के सामने बैठा के निहारना चाहते हैं , तो ये अगर किचेन में नहीं जायेंगे , और मैं तो जाउंगी नहीं , तो ऐसा करते हैं , .... बाहर से पिज्जा मंगा लेते हैं "
फिर वो सोच में पड़ गयीं लेकिन लाएगा कौन।
मैंने अपने मोबाइल की ओर इशारा किया और बोला
" ये, आप हुकुम करिये ,आपके देवर टेंट ढीली करें और पिज्जा हाजिर। "
वो फिर सोच में पड़ गयीं , " लेकिन वेज ,प्योर वेज "
" एकदम दीदी ," और फिर और दिखाओ ,और दिखाओ की तर्ज पर मैंने मोबाइल पर ढेर सारे वेज पिज्जा के नाम गिना दिए , फोटुएं दिखा दीं।
फ़ार्म हाउस , मारगिरीटा ,डीलक्स वेजी , वेज एक्स्ट्रा वेगांजा , सब के सब वेज।
वो भी अपनी भौजाई के साथ देख रहे थे , लेकिन ऊँगली से मैं उनके हाथ पर साथ साथ लिख रही थी , चिकेन ओनली।
उन्होंने मेरी ऊँगली दबा के हामी भर दी ,
और उधर जेठानी बोलीं बोलीं ठीक है जो तुम ठीक समझो।
उन्हें देवरानी पर तो नहीं पर अपने देवर पर पूरा विश्वास था , बेचारी क्या समझा अब उनका देवर मेरा जे के जी बन चूका है।
मेरी दूसरी ऊँगली ने वेज के बगल का बटन दबाया और अपने उनको इशारा कर दिया
चिकेन डामिनेटर ,जिसमें ग्रिल्ल्ड चिकेन , डबल बाबरबेक चिकेन ,एक्जॉटिक चिकेन और इटालियन सलामी पड़ी थीं ,
मैं कनखियों से उन्हें देख रही थी ,उन्होंने चिकेन डामिनेटर का बटन दबा दिया।
और खुद मुझसे पूछा की एक कोई और आर्डर कर दें ,
जब तक वो फिर वेज की ओर मुड़ते मैंने चीज और पेपरोनी का बटन दबा दिया , जिसमे अमेरिकन पोर्क पड़ा रहता।
अब आखिर जेठानी जी हर तरह के स्वाद चख लें ,
जब नया स्वाद आज उन्हें चखना ही था।
साइज ,जेठानी जी बोल पड़ीं।
" लार्ज और क्या , पूरे १२ इंच का ,.. ."
मैं बोली और चिढ़ाते हुए पूछा क्यों १२ इंच से घबड़ा गयीं क्या।
" नहीं नहीं , हम दो है हर एक के हिस्से में ६ इंच ही तो आएगा "
हँसते हुए वो बोलीं , डबल मीनिंग डायलॉग में तो उन्हें शुरू से ही मजा आता था।
" नहीं दी ,मुझे तो ७ इंच की अब आदत हो गयी है , उसके बिना तो मजा भी नहीं आता ,क्यों "
उनके कंधे पे हाथ रख के मैंने उनकी आँख में आँख डाल के देखा और मुस्करा दी.
बिचारे शरमागए।
समझ तो हम तीनों रहे थे की किस सात इंच की बात हो रही है।
बात बदलने में उनसे ज्यादा कोई एक्सपर्ट नहीं था ,
बोले बिरयानी चलेगी साथ साथ।
जेठानी जी ना करें उसके पहले मैंने फैसला सूना दिया
"चलेगी नहीं दौड़ेगी "
और मोबाइल पर बिरयानी वेज भी जेठानी जी को वेज पिज्जा की तरह दिखा दी और खुद ही हैदराबादी मटन बिरयानी ऑर्डर कर दी।
और जब डिलीवरी ब्वाय आया तो इनके साथ मैं भी ,
और इनके हाथ से पिज्जा और बिरयानी लेकर सीधे किचन में।
अरे गरम तो हैं , वो बोले।
अब इन्हे कौन समझाए ,इनको तो सिर्फ एक बात समझ में आती थी , वो मैंने ,
पहले तो तरह तरह के चिकन वाला पिज्जा माइक्रोवेव में रखा।
इस किचेन में लहसुन प्याज भी नहीं आता , शादी के बाद पहले दिन ही , और कित्ती बार वही बात ,
एक कढ़ाई चढ़ाते हुए और उसमे थोड़ा घी डाल के वो मटन बिरयानी डालते हुए मैंने सोचा ,
और आज उसी किचेन में ,चिकन मटन पोर्क सब कुछ ,और अभी तो ये शुरुआत है ,
मेरी सासु जी आएँगी न मेरे घर इनके हाथ से उन्हें चिकन दो प्याजा न खिलाया तो ,...
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