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(20-03-2020, 09:43 AM)Ppkohli Wrote: Mai aapki bhut sari story read ki hai mujhe bhut pasand ata hai
Aap ke jaise koi v story nhi likhta
Holi par aap aur v story likhne wale the
Mai wait kr RHA ki Holi ki koi new story aap likho
main abhi do stories post kar rahi hun JKG aur mohe rnag de, holi ke mauke par maine apani , sase shuru ki kuch kahaniyan Komal ke kisse men aur ek aur holi ki khanai , holi ke rang shuru ki hai ,
is kahani men bhi baad men holi ke prasang aayenge
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(21-03-2020, 05:41 AM)Niharikasaree Wrote: uff, komal ji , bas jaan hi le lo.............
Niharika
main leti nahi ....deti hun .... ;)
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कोमल जी निवेदन है अगले कुछ उपडेट जल्दी जल्दी पोस्ट करें
कहानी जिस मोड़ पर खड़ी है एक पल का भी विलंब सहन नहीं होता है
ओर एक आग्रह है ये प्रेमलीला थोड़ी किंकी ओर लंबी लिखना
धन्यवाद
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21-03-2020, 01:45 PM
(This post was last modified: 21-03-2020, 01:47 PM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
और उनके कहे बिना मैंने निहुर कर उनकी फेवरिट पोज़ , डॉगी पोज़ में आ गयी और क्या हचक के चोदा उन्होंने।
Ohhh My Godddd.....Yahi to padhna hai komal ji ab kya huaa tha...?
I love it....Plz Update do jaldi se....
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21-03-2020, 08:09 PM
(This post was last modified: 21-03-2020, 08:14 PM by Black Horse. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(20-03-2020, 08:25 AM)komaalrani Wrote: Thanks aage bhi hai
आगे तो, इस धीमी आंच पर पकी मेहनत को स्वाद लेेकर खाने का समय है
स्वाद के इंतजार में।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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कोमल जी अपडेट Please...
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Poated HOLI ke Rang too please do read and share your comments
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(23-03-2020, 11:55 AM)@Raviraaj Wrote: कोमल जी अपडेट Please...
Posted next part of Holi ke Rang do read kindly that also
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24-03-2020, 03:19 PM
(This post was last modified: 24-03-2020, 03:27 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सुबह सबेरे
" सच्च में टिकोरे बहुत मस्त हैं उसके , ... "
उन्होंने हामी भरी और मैंने साफ़ साफ़ पूछ लिया और अबकी पहली बार उन्होंने साफ़ साफ़ जवाब भी दे दिया
" हे बोल चोदेगा न मेरी ननद को , बोल न साफ़ साफ़ ,... "
" हाँ एकदम , अगर वो कल आयी मतलब उसने हाँ की , ...
लेकिन अभी तो तेरी ननद की भाभी की लेनी है ,... "
और उनके कहे बिना मैंने निहुर कर उनकी फेवरिट पोज़ , डॉगी पोज़ में आ गयी
और क्या हचक के चोदा उन्होंने।
सुबह हो रही थी लेकिन न मुझे फरक पड़ रहा था न उन्हें।
जनवरी के आखिरी दिन थे , ठंडक अभी भी चरम सीमा पर थी , हम लोगों ने परदे नहीं लगाए थे। कुहासे की एक मोटी परत खिड़कियों के शीशे पर आड़ बन कर मौजूद थी। बाहर बूँद बूँद ओस चू रही थी , अंदर नाइट लैम्प की रौशनी हलकी हलकी , बस बिस्तर पर धुंधली पड़ रही थी।
और उसी बिस्तर पर मैं , निहुरी , चेहरा मेरे तकिये में धंसा लेकिन चूतड़ पूरी तरह उठे , टाँगे एकदम फैली और हाथ से खींचकर मैंने एक दो तकिये पेट के नीचे लगा लिए। अब उस मोटे की बारी थी जिसे मैं अपने नितम्बों के नीचे अब तक दबा दबा कर , मसल कर रगड़ कर तंग का रही थी , लेकिन मेरे नितम्बों से ज्यादा वो गरमाया था ,
अपनी ममेरी बहन की कुँवारी चूत
और छोटी छोटी चूँची देखकर ,
मैं जानती थी मेरी ऐसी की तैसी होने वाली है , एक तो वो दूध , ....रात भर की थकान कपूर की तरह उड़ गयी थी और एक अलग तरह की मस्ती मेरे अंदर भी और मुझसे ज्यादा उनके अंदर भी ,
फिर मेरी कच्ची उमर की ननद की वो सेक्सी फोटुएं , ... एकदम उनकी हालत खराब थी ,
और उन्होंने मेरी हालत खराब कर दी ,
पहले धक्के में ही मेरी चीख निकल गयी , ... उईईईईईई ओह्ह्ह्ह नहीं नहीं ,
लेकिन मैंने ही तो उन्हें अपनी कसम धरायी थी , एक बार नहीं बार बार ,... मैं चाहे जितनी चीखूँ , चिल्लाऊं , फट के खून खच्चर जो जाए , दरद से मैं बेहोश हो जाऊं , ... लेकिन मेरी कसम जो वो रुके , ... पेलते जाएँ , ठेलते जाएँ , ... ये मोटू मेरा है , मुझे चाहिए , एकदम जड़ तक , पूरा का पूरा ,
मेरी चीख पर वो रुके नहीं , बस थोड़ा सा उस मोटू को बाहर खींचा , और फिर दुगुनी , दस गुनी ताकत से ,...
ओह्ह्ह्ह क्या धक्का मारा , ... सीधे मेरी बच्चेदानी पर उस मोटे सुपाड़े की धमक पड़ी ,
सच्च में कुतिया बना के चोदना सब मरदों को अच्छा लगता है ये बात तो दसो बार मेरी भौजाइयों ने शादी के पहले बताई थी , यहाँ तक की इनकी सास ने भी , ... लेकिन मैं ,
मुझे भी अब ये बहुत अच्छा लगता था , एकदम डीप पेन्ट्रेशन होता था , खूब गहरायी तक और रगड़ रगड़ कर अंदर जाता था , ... इसलिए जहाँ मुझे लगा की उनका मन कर रहा है ,
मैं खुद निहुर कर ,...
पर आज , एक जबरदस्त दर्द हो रहा था , ये लड़का इतनी जोर जोर से धक्के मार रहा था , और साथ में कुछ भी और नहीं , न चुम्मा चाटी न कुछ बात चीत बस सीधे
चुदाई और सिर्फ चुदाई
कुछ देर तक वो मेरी पतली २६ इंच की कमर पकड़ के धक्के मारते रहे , फिर एक हाथ मेरे जोबन पर , और क्या कस के रगड़ना मसलना शुरू किया उन्होंने , एक मस्ती की नयी तरंग मेरी देह में दौड़ रही थी ,
कुछ देर में हम दोनों की देह ने एक रिदम पकड़ ली , अब मैं भी धक्के का जवाब धक्के मार रही थी ,कई बार वो आधा पेल कर रुक जाते थे और मैं पीछे अपने बड़े चूतड़ से धक्के मारती थी
वो कुछ नहीं करते थे , बस मैं आगे पीछे कर के उस बालिश्त भर के लंड पे अपनी चूत को , अब उनके दोनों हाथ मेरी चूँची पर और वो मस्त होकर मेरी चूँची जैसे निचोड़ रहे हों ऐसे दबाते मसलते , पूरी ताकत से ,
मेरी टाँगे , जाँघे पूरी तरह फैली थी , और उन्होंने अपनी दोनों टाँगे मेरी जाँघों के बीच ऐसी फंसा के रखी थी की मेरी टाँगे एकदम खुली रहें और फिर अचानक ,
वो मोटा लंड मेरी चूत में जड़ तक फंसा , धंसा ,... उन्होंने धक्के मारने रोक दिए , टाँगे बाहर निकाल लीं , और अब उनकी दोनों टाँगे मेरी टांगो के बाहर ,
फिर उन्होंने दोनों टांगों को बाहर से कैंची की तरह फंसाकर , प्रेस करना शुरू कर दिया , ..
और कुछ ही देर में मेरी दोनों टाँगे आपस में सट गयीं , चिपक गयीं और जाँघे भी एकदम चिपकी दबी , सटी और वो बियर कैन से मोटा मूसल मेरे अंदर धंसा फंसा अटका , और एक बार फिर से उन्होंने अपनी दोनों टांगों से कस के मेरी दोनों टांगों को ऐसे फंसा दिया की अब मैं सूत भर भी टांगों को फैला भी नहीं सकती थी , चूत भी एकदम टाइट , सिकुड़ी और उसमें फंसा उनका मोटा खूंटा ,
फिर धीरे धीरे उन्होंने आधे से ज्यादा खूंटा निकाल लिया , तबतक तो ज्यादा नहीं , लेकिन जब उन्होंने पूरी ताकत से वापस ठेलना शुरू किया , पेलना शुरू किया
रगड़ते , दरेररते , फाड़ते घुसा , मेरी बस जान नहीं निकली , ... लेकिन वो बेरहम , जालिम उसे मेरी चीखों की परवाह नहीं थी आज , उसी कसी फंसी चूत को फाड़ता , फैलाता जिस तरह वो घुस रहा था ,
और साथ में उनके दोनों हाथ कस कस मेरी उभारों को कस के ,
मैं समझ गयी , जो मैंने उन्हें गुड्डी को लेकर उकसाया है , ... बस उसी का , ... वो मुझे अपनी ममेरी बहन समझ के चोद रहे हैं , ...
लेकिन दर्द के मारे मैं चीख रही थी
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ममेरी बहन समझ के
मैं समझ गयी , जो मैंने उन्हें गुड्डी को लेकर उकसाया है , ... बस उसी का , ... वो मुझे अपनी ममेरी बहन समझ के चोद रहे हैं , ...
लेकिन दर्द के मारे मैं चीख रही थी ,
ओह्ह्ह्हह नहीं उफ्फ्फ्फ़ उईईईईईई बस , बस
पर वो धीरे धीरे एकदम कस के रगड़ते , दरेरते , ... ये धीमे धक्के और जान निकाल रहे थे ,
बड़ी देर तक , ... और जब मेरी हालत एकदम खराब हो गयी , तो उन्होंने निकाल लिया और खींच के मुझे फर्श पर , हम दोनों खड़े ,
वो अभी भी अंदर तक धंसे , लेकिन मैं उसी तरह झुकी निहुरि , और कुछ देर बाद मेरा एक पैर बिस्तर पर , ... और दूसरा फर्श पर
मैं उसी तरह आधी निहुरी , झुकी , और वो
सटासट , सटासट , गपागप ,
वो पेल रहे थे मैं घोंट रही थी , ...
पर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर पर थे , और मैं उनकी गोद में और अब मैं खूंटे पर ऊपर नीचे , वो सिर्फ मुझे पकडे थे ,
लेकिन जब वो झड़े तो मैं बिस्तर पर लेटी थी पीठ के बल , और वो मेरे ऊपर चढ़े , मेरी टाँगे फैली ,
जाँघे एकदम खुली तबतक मैं थेथर हो चुकी थी एकदम थकी , तीन बार झड़ चुकी थी उनके धक्कों से , ...
और एक बार फिर उनके साथ , मेरी देह काँप रही थी , एकदम शिथिल हो गयी थी , और उनको अपने अंदर गिरते झड़ते महसूस कर रही थी
, मेरी गुलाबो में उनकी मलाई तो भरी ही थी , ढेर सारी मलाई छलक कर मेरी जाँघों पर पड़ी थी , ... और
और मेरी निगाह , पलंग पर पड़ी उस किशोरी की २८ सी वाली ब्रा पर पड़ी जिसकी फोटो दिखा के , बस
मैंने ब्रा उठा के , पहले तो जाँघों पर पड़ी मलाई फिर मेरी सहेली के अंदर ,
वो भी मेरे बगल में लेटे आँखे बंद किये , काफी मलाई उनके सुपाड़े पर भी लगी , बस उनके माल की ब्रा के कप में सीधे , वहीँ से ,...
मैंने कहा था न डबल बैरेल गन वाले थे , एक बार झड़ने के बाद भी , अगर थोड़ा सा ,...
तो एक बार फिर से रबड़ी मलाई की धार , और इस बार भी ,
मैंने उनकी टीनेजर बहन की ब्रा को उनके खूंटे में लपेट के मुठियाना शुरू किया , लंड के बेस पर थोड़ा सा दबाया और एक ऊँगली पिछवाड़े के अंदर
नतीजा तुरंत आ गया ,
ढेर सारी थक्केदार , रबड़ी मलाई , गाढ़ी गाढ़ी , मेरी अंजुरी से भी ज्यादा ,...
और वो सब सब उनकी बहन की ब्रा के कप में मैंने रोप लिया , ... वो आँखे टुकुर टुकुर खोल कर देख रहे थे , मुस्करा रहे थे ,
ब्रा के दोनों कप उनकी मलाई से भरे ,...
और मैंने अपने होंठों से बदमाश आँखों को बंद कर दिया , मैंने बुरी तरह थक गयी थी , उनकी चौड़ी छाती पर चढ़ कर मैंने भी आँखे बंद कर ली , बस बड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बंधे , एक दूसरे के अंदर धंसे खोये , ...
सोई तो न मैं न वो पर , बिना बोले , एक दूसरे को महसूस करते ,
जितना मज़ा सेक्स में आता था उससे कम मज़ा एक दूसरे की बाँहों में चिपक कर सोने में नहीं आता था , और जब वो नहीं होते थे तो इस की याद बहुत आती थी और बिना उस की बाँहों में दुबके मुझे अब नींद नहीं आती थी
और जब उसकी बाँहों में मैं पहुँचती थी , तो वो सोने नहीं देता था , ... और उसी पर मैं क्यों दोस धरु ,... मैं ही कौन अगर वो थके भी हों , तो चिकोटी काट के , गुदगुदी लगा के और कुछ न हो तो उनकी बहनों का नाम ले ले के , ... मैं उन्हें नहीं सोने देती थी ,
और आँख खुली उन्ही के आवाज से , टी टाइम ,...
,
मैंने खिड़की की ओर देखा , अभी भी कुहासे की हलकी सी चादर , लेकिन एक गुलाबी नन्ही किरण , शरारती बदमाश ननद की तरह कोहरे के परदे को हटाकर अंदर झाँकने की कोशिश कर रही थी ,
और मैंने उसे नजरअंदाज करके उनकी लायी चाय की ओर ध्यान लगाया , ...
सच में चाय बड़ी अच्छी बनाते थे
( वो तो बाद में पता चला की अपनी छोटी साली से उन्होंने पता लगाया था की मुझे कैसी चाय अच्छी लगती है , अपनी दोनी सालियों से अच्छी सांठ गाँठ थी उनकी )
और चाय पीते पीते मेरी निगाह ननद की ब्रा पर पड़ी , अभी भी उसके दोनों कप में इनकी मलाई भरी , छलछला रही थी , और उनकी निगाह भी वहीँ
फिर मेरी निगाह उनके लाये आई फोन पर पड़ी , ... पता नहीं कैसे उसका रिकार्ड का बटन दब गया था , ...
और अभी ताज़ी मेरी डॉगी पोज़ की सारी वीडियो रिकारडिंग
वो चाय के कप रखने किचनेट में गए और एक बार फोन मेरे हाथ और मेसेज मैं चेक करने लगी ,
फिर याद आया , रोज की तरह आज , ननद गुड मॉर्निंग नहीं हुयी
आज रात में उनके खूंटे के साथ मैंने दर्जनो सेल्फी खींची थी , ... बस गुड मॉर्निंग के साथ एक उस मस्त खड़े खूंटे की फोटो ननद रानी को व्हाट्सऐप की , और साथ में पूछा ,
' बोल चहिये , ... "
वो जैसे वेट कर रही थी , तुरंत मेसेज आया , गुड मॉर्निंग भाभी के साथ एक दर्जन स्माइली , हॉट , किस और थम्स अप के साथ , ...
एकदम ,
और जबतक मैं उसे रिमाइंड करूँ , की उसे आज आना है , उसका व्हाट्सएप आ गया , ...
आ रहीं हूँ थोड़ी देर में साढ़े दस , ग्यारह बजे तक ,...
मैंने हग और किस का जवाब भेजा , तब तक वो आगये और बचपन में बच्चे जिस तरह एक ऊँगली दिखा के सु सु के लिए जाते हैं , बस उसी तरह
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बाथरूम में
मैंने हग और किस का जवाब भेजा , तब तक वो आगये और बचपन में बच्चे जिस तरह एक ऊँगली दिखा के सु सु के लिए जाते हैं , बस उसी तरह ,
मैं समझ गयी उनकी चालाकी , पिछली बार जो वो आये थे तो बाथरूम में हम लोगों ने बहुत बदमाशी की थी
, मैंने चिढ़ाया भी बहुत था उन्हें अपनी सास का नाम ले ले के ,
असल में कुछ मामलों में वो अभी भी बहुत लजाते थे , ...
मैंने मम्मी से कहा भी पर वो हंस के बोली , आने दो दमाद जी को होली में , सारी शरम लिहाज उनकी गाँड़ में डाल दूंगी , ...
सच में थोड़ी बहुत लाज उनकी मम्मी और मेरी भाभियों ने , कोहबर में ही कम कर दी थी ,
और बाकी बची खुची जब वो मेरे मायके पहुंचेंगे तब , ...
लेकिन तब तक मैं भी तो अपनी माँ की बेटी थी , थोड़ा बहुत तो मैं भी उनकी ऐसी की तैसी कर सकती थी ,
तो बाथरूम में मैं भी उनके पीछे दबे पाँव ,...
गनीमत थी उन्होंने अंदर से लॉक नहीं किया था , ... और बस खड़े होकर
वही सु सु ,...
'
आँखे बंद , बस पीछें से मैंने उन्हें दबोच लिया ,
मेरे जोबन की बरछी कटारी की नोंके उनकी पीठ पे और मेरे लम्बे नाख़ून उनके निप्स पे जोर से स्क्रैच करते ,
दूसरा हाथ , उनके खूंटे के बेस पर , कस के पकडे दबाये , ...
शादी के बाद के महीने डेढ़ महीने में मैंने सीख लिया था ,
देह के इस खेल में कुछ भी गर्हित नहीं , वर्ज्य नहीं , जिसमें मजा आये बस ,...
और जो देह , देह के अंग इतना सुख देते हैं उनसे जुडी कोई भी चीज कैसे खराब हो सकती है , फिर इनकी सोहबत में और बाद में जेठानी जी के संग जो मैंने नीली पीली ' अच्छी वाली ' फ़िल्में देखनी शुरू की थीं , उससे और मनबढ़ हो गयी थी , ...
बस , ... मैंने बोला था न सेक्स में झड़ते समय और सु सु करते समय इनकी आँखे अपने आप बंद हो जाती हैं , और इस समय वो उसी 'स्लीप मोड ' में थे , और
बस
अगले पल , सुपाड़ा सीधे मेरे मुंह में , ...
उन्होंने लाख छुड़ाने की कोशिश की पर , एक बार मेरे होंठ पकड़ लें तो , और मैं वहीँ बाथरूम में बैठी , उसे मुंह में लिए
थोड़ा अलग स्वाद था , मैंने पहले सुपाड़े पर देर तक जीभ फिराई , फिर सीधे जीभ की टिप ' पी होल ' के अंदर , सुरसुराती ,
ये गिनगीना रहे थे , छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे ,
पर करें , ...
मैंने तो सात जनम के लिए इन्हे पकड़ रखा था , इतनी आसानी से मैं नहीं छोड़ने वाली थी ,
कुछ देर में आधा खूंटा मेरे मुँह में , ... और मेरी एक ऊँगली इनके पिछवाड़े , जड़ तक अंदर , गोल गोल ,...
ये भी तो जड़ तक घुसेड़ते थे ,...
देर तक बाथरूम में मैं चूसती रही , ...
फिर उसी तने खूंटे को पकड़ के उन्हें वाशबेसिन के पास ,
टूथ ब्रश की जगह मेरी जीभ , और सफेद टूथ पेस्ट की जगह ,... आप समझ सकते हैं ,
लेकिन इस लड़के ने भी न पूरा बदला ले लिया शावर में , वहीँ निहुरा के , पीछे से , ... क्या धक्के मारे ,
मैं बहुत चिलायी लेकिन मज़ा भी बहुत आया ,
और बदमाशी भी तो मेरी हैंड शावर का नोजल सीधे उनके सुपाड़े पर , ... फिर लंड के बेस पर ,...
तो मेरी चुदाई तो होनी ही थी शावर में ,
और शावर में ही नहीं बाथ टब मे भी
रगडायी का बदला मैंने भी लिया आखिर मेरे पास भी तो जोबन है , होंठ है , उँगलियाँ हैं
टिट फ़क ,
ब्लो जॉब ,
हैण्ड जॉब , ...
और वाशबेसिन पास निहुरा के भी , कोई तरीका उस लड़के ने छोड़ा नहीं ,... रोज हम लोग पन्दरह बीस मिनट में नहा के निकल जाते थे आज पूरे डेढ़ घंटे लगे ,
और हम दोनों जब बाहर निकले , टॉवेल से एक दूसरे को सुखा रहे थे मेरी निगाह मोबाइल और घडी दोनों पर एक साथ पड़ी , साढ़े आठ बज रहे थे , और जेठानी जी के तीन मेसेज थे , नाश्ता तैयार है आकर ले जाओ ,
मैंने बस किसी तरह ड्रेसिंग टेबल पर पड़ी रात की साडी लपेटी , ब्लाउज बस देह पर टांग लिया और झट से नीचे , लेकिन तबतक दस बार वो बोले होंगे , जल्दी आना , जल्दी आना ,... .
मैं सीढ़ियों से नीचे उतर भी नहीं पायी थी की सीढ़ियों पर ही जेठानी जी मिल गयी , नाश्ते की ट्रे के साथ
जोर से मुस्करायीं वो , मेरी हालत देख कर , ...
मैं भी मुस्करायी , मालूम उन्हें भी था और मुझे भी उनके देवर को किस नाश्ते का इन्तजार है। मैंने नाश्ते की टेबल ट्रे पर रखी , बिस्तर के सामने
और उन्होंने अपने ' नाश्ते ' खींच कर अपनी गोद में , ...
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(25-03-2020, 02:36 PM)@Kusum_Soni Wrote: देह के इस खेल में कुछ भी गर्हित नहीं , वर्ज्य नहीं , जिसमें मजा आये बस ,...
और जो देह , देह के अंग इतना सुख देते हैं उनसे जुडी कोई भी चीज कैसे खराब हो सकती है , फिर इनकी सोहबत में और बाद में जेठानी जी के संग जो मैंने नीली पीली ' अच्छी वाली ' फ़िल्में देखनी शुरू की थीं , उससे और मनबढ़ हो गयी थी , ...
बस , ... मैंने बोला था न सेक्स में झड़ते समय और सु सु करते समय इनकी आँखे अपने आप बंद हो जाती हैं , और इस समय वो उसी 'स्लीप मोड ' में थे , और
बस
अगले पल , सुपाड़ा सीधे मेरे मुंह में , ...
Bathroom Masti my one of favourite Sex part
Par agar wo bhi thodi sahlate masalte or aap ko bhi peshaab karwa dete to or sexi lagta haalaki us se bhi bad k raat bhar ki masti or bathroom me bhi Ak Round nice komal ji
Kal raat bathroom me meri bhi ragdai maslai hui thi par Us time un ko mene bahar bhej diya fir kiya or halki ho k fir bedroom me raat bhar
Aap ki best story mere liye ak prerana hai mene is story se apni jindgi jini shuru ki hai
Kusum soni aap ki sister
aap meri story Joiu ka Gulaam bhi padhiye , shuru se ,sach men majaa ayega apako
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