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(भाग-4)
खैर, उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी को सोफे पर बिठा दिया और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया.
मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें खोल लीं.
अब मुझे साफ साफ, मेरी मम्मी की चूत दिख रही थी.
मम्मी की चूत पर, थोड़े थोड़े झांट के बाल थे.
अंकल ने दो उंगली से चूत को फैला दिया और जीभ को अंदर घुसा दिया और मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
मम्मी फिर से – आ आहह आ आ आ आ आ अहह आ आआ आआहह इस स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स करने लगी.
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मज़ा आया, महक…
मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है… औरत को काबू करना, आप खूब जानते हैं… इसलिए तो बदजलन बन गई हूँ… अपनी औलाद की परवाह तक नहीं करती… सारी शरम बेच दी है, मैंने… लंड क्या है, जादू की छड़ी है…
अंकल ने कहा – आ अहह उंह… मेरी रानी, तेरे मुँह से लंड सुनना कितना मस्त लगता है… मेरी जानू, इसी लिए तुझे मैं इतना चाहता हूँ पूरा साथ देती है, तू मेरा… बोल तो, तेरे पिल्ले को ठिकाने लगवा दूं… जी भर के चुदना, सुबह शाम दिन रात…
मम्मी ने बस इतना बोला – क्या आप भी…
मैंने सोचा पहले तो बोर्डिंग ही भेजने का प्लान था, अब तो सीधे ठिकाने.
मुझे लगा, क्या मेरा अंत निकट है?
खैर, इधर अंकल फिर से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.
यहाँ मम्मी, पूरी तरह से बेकाबू हो रही थीं.
वो लगतार, सिसकारियाँ ले रही थीं.
उन्हें इस समय, बहुत मज़ा आ रहा था.
इस मज़े के लिया क्या मेरी मम्मी मुझे ठिकाने लगवा सकती थीं?
वो पूरी टांगें खोले, अंकल से अपनी चूत चटवा रही थीं.
अंकल एक हाथ से, अपना लण्ड भी सहला रहे थे.
कुछ देर ऐसे बीतने के बाद, अंकल खड़े हो गये.
मैंने देखा अंकल का लंड बिल्कुल तन के खड़ा था.
अंकल ने अपने झांट के बाल साफ कर रखे थे क्यूंकि उनके लण्ड के पास, एक भी बाल नहीं था.
मम्मी पाँव नीचे कर के, सोफे पर बैठ हुई थीं.
मम्मी ने अपने दाहिने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं.
उसके बाद देखते देखते, मम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में ले लिया और धीरे धीरे, उनका लण्ड चूसने लगीं.
मम्मी ने अंकल का आधा लण्ड अपने मुंह में ले लिया था और अंदर बाहर कर रही थीं.
इसी बीच, अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??
अंकल ने कहा – 1 सेकेंड और उन्होंने झुक के मेरी मम्मी की पैंटी उठा ली और उसके बाद फिर से मम्मी के मुंह में लण्ड घुसा दिया और…
मेरी मम्मी, धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
मैंने देखा अंकल ने अपने हाथ में मेरी मम्मी की पैंटी पकड़ रखी थी और उसे सूंघ रहे थे.
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, तेरी पैंटी से मस्त महक आती है… आ आहह… तेरी चूत की महक…
उसके बाद अंकल ने हाथ नीचे किया और पैंटी को उंगली में फँसा के, मम्मी की चूत में घुसा दिया और थोड़ा सा रगड़ के बाहर निकाला.
मम्मी ने कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप… ??
अंकल ने कहा – तेरी चूत का रस चाटना है…
मैंने देखा, मेरी मम्मी की पैंटी पर थोड़ा सा चूत का पानी लगा हुआ था…
अंकल, पैंटी मुंह मे लेके चाटने लगे.
मम्मी उसी तरह धीरे धीरे, अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
अंकल ने कहा – पूरा ले अंदर…
लेकिन मम्मी धीरे धीरे आधा लण्ड ही चूसती रहीं.
अंकल ने एक हाथ से मम्मी का गाल पकड़ा और मैंने देखा, मेरी मम्मी का पूरा मुंह खुल गया.
अंकल ने धीरे से कमर आगे कर दी.
अंकल का पूरा लण्ड इस समय, मेरी मम्मी के मुंह में चला गया था.
अंकल एक तरफ, मेरी मम्मी की पैंटी सूंघ रहे थे दूसरी तरफ मेरी मम्मी के बाल पकड़ के अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे पेल रहे थे.
अंकल के लण्ड पर मेरी मम्मी का थूक लग चुका था.
अब अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला.
अंकल ने सेंट्रल टेबल हटा दिया और मम्मी के हाथ पकड़ के, उन्हें नीचे उतार के कालीन पर ले के घुटनों के बल बिठा दिया और फिर मम्मी के पीछे आकर घुटनों के बल बैठ गये और अपना हाथ, मम्मी की कमर पर रख दिया और लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के चूत के ऊपर रखते हुए कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी का शरीर हिल सा गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के चूत के अंदर चला गया था.
मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आहह की चीख निकल गई थी.
अंकल ने दोनों की एक एक टांग मोड़ के संतुलन बनाया और वो दूसरी टांग के घुटने को वैसे ही, कालीन पर रखे हुए थे.
एक झटके से उन्होने लण्ड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा.
मम्मी के पूरे चुत्तड़ हिल गये.
अंकल ने फिर से लण्ड निकाला और कस के धक्का मारा.
मम्मी के मुंह से ज़ोर से आ आ आ आ आ आआहह निकल गया.
उसके बाद, अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी को चोदने लगे.
उनका पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
हर धक्के पर, मेरी मम्मी की पायल की छन छन छन छन की आवाज़ आ रही थी.
आगे से, मेरी मम्मी के दूध आगे पीछे हो रहे थे और पीछे से ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
अंकल मस्त हो के मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
मेरी मम्मी के मुंह से आ अहह आ अहह आ आहह आ अहह उई ईईई मा आआ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… आ रही थी.
अंकल ने कहा – आ आहह महक मज़ा आ गया… कितने दिन से सोच रहा था, तुझे रात में यहाँ लाने का लेकिन क्या करू बीवी की वजह से नहीं ला पा रहा था…
अंकल ने ये कहते हुए, मेरी मम्मी के बाल पकड़ लिए और खींच के बुरी तरह उन्हें चोदने लगे.
मेरी मम्मी, थोड़ी पीछे की साइड हो गईं.
अंकल बाल पकड़े, मेरी मम्मी को ताबड़तोड़ चोदने लगे.
अंकल के धक्के से, मेरी मम्मी का पूरा बदन हिल रहा था.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद, अंकल उठ के खड़े हो गये और उन्होंने मेरी मम्मी को पकड़ के खड़ा कर दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, नीचे गिर गया.
अंकल ने पीछे से मेरी मम्मी को पकड़ा और पेटीकोट का नाडा खोल दिया.
मेरी मम्मी का पेटीकोट, तुरंत नीचे गिर गया.
अब इस समय, मेरी मम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पकड़ लिए और पीछे से खींच के पकड़ लिया और धका धक अपना लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी ज़ोर से – आ अहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.
मम्मी ने कहा – धीरे, कीजिए ना…
अंकल ने कहा – नहीं रानी, आज रात तुझे अपनी मर्ज़ी से चोद ना चाहता हूँ… मज़ा ले, इस चुदाई का…
अंकल धका धक, मेरी मम्मी की चुदाई करने में लग गये.
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – महक, तूने मुझे बहुत सुकून दिया है… तेरी चूत में जो मज़ा है, वो किसी और की चूत में ज़रा भी नहीं…
मम्मी ने कहा – बहन चोद, चूत बची कहाँ है… भोसड़ी बना दी है, तूने… आ आ आअहह दर्द हो रहा है… थोड़ा तो धीरे कर… प्लीज़…
अंकल नहीं माने और वो जानवरों की तरह, मेरी मम्मी को चोदते रहे.
मम्मी भी किसी कोठे की रंडी की तरह, उन्हें माँ बहन की और ना जाने कौन सी कौन गंदी गालियाँ देती रहीं.
तभी अंकल ने – आ आ आ आ आ आ आ अहह की आवाज़ निकाली और मेरी मम्मी के हाथ को छोड़ दिया.
मैं समझ गया, अंकल ने अपना वीर्य अंदर गिरा दिया है.
अब वो मेरी मम्मी की कमर पकड़ के, धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगे.
उसके बाद अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया और एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर मारा।
चाटा इतना जबरदस्त था की मम्मी का पूरा चुत्तड़ हिल गया।
इधर, मेरी मम्मी की चूत से अंकल का वीर्य टपक रहा था।
मम्मी ने कहा – मैं वॉशरूम से आती हूँ…
अंकल ने कहा – जा, जल्दी आना…
उसके बाद, अंकल सोफे पर बैठ गये।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और सुकून की साँस ले रहे थे।
फिर अंकल खड़े हो के बेड रूम में चले गये और तब तक, मेरी मम्मी वॉशरूम से बाहर आ गईं।
उन्होंने अंकल को वहां ना देख के आवाज़ लगाई।
अंकल ने कमरे से आवाज़ दी – आ रहा हूँ…
अंकल बाहर आ गये।
अब अंकल ने हाफ पैंट पहन ली थीं।
इधर, मेरी मम्मी जब तक अंकल आए उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली थी।
मम्मी अपनी ब्रा, ज़मीन से उठा के पहनने लगीं।
अंकल ने कहा – क्या कर रही हो… ??
मम्मी ने कहा – अब, मैं चलती हूँ… देर हो रही है…
अंकल ने कहा – मैंने कहा ना… आज तुम्हें, यहीं रहना है…
मम्मी ने कहा – मेरा बेटा, इंतेज़ार कर रहा होगा…
अंकल ने मम्मी से कहा – एक मिनट…
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के पर्स से मोबाइल निकाल के चालू किया और मेसेज दिखाया।
अंकल बोले – देखो, मैंने तुम्हारे पिल्ले को बता दिया है… अब तक तो वो सो भी गया होगा…
उसके बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – रूको, मैं तुम्हारे लिए नाइट ड्रेस लेके आता हूँ…
उसके बाद, अंकल कमरे में चले गये।
मेरी मम्मी ने अपनी ब्रा वापस निकाल ली और ज़मीन पर पड़े कपड़े उठा के सोफे पर रख दिए।
मेरी मम्मी ने अपने बाल बाँध लिए और सिर पर हेयर बैंड लगा लिया।
अंकल 5 मिनट में, बाहर आ गये।
उन्होंने आंटी की नाइट वियर, मेरी मम्मी को दिया और कहा – पहन लो, इसे…
मेरी मम्मी ने अंकल के सामने, उसे शरीर पर डाल लिया।
आंटी का नाइटवियर, बहुत पारदर्शी था।
मेरी मम्मी का बदन, साफ साफ दिख रहा था।
बस ऐसा मानो जैसे नाम के लिए, उनके बदन पर कपड़ा था बाकी हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था।
अब अंकल और मेरी मम्मी, सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे।
अंकल बीच बीच में मेरी मम्मी के साथ मज़ाक कर रहे थे, जिससे वो हंस पड़ती थीं।
मम्मी ने कहा – यार, बहुत थक गई हूँ… सोना है…
अंकल ने कहा – अरे खाना तो खा लो, पहले…
उसके बाद, अंकल खुद उठ के गये और किचन से खाना लेके आए और मेरी मम्मी और अंकल साथ में बैठ के खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – चल, बेड रूम में चलते हैं…
अब मम्मी ने कहा – ठीक है…
उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी बेड रूम में चले गये और अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया।
पूरे हॉल में सन्नाटा हो गया।
मैं कमरे के साइड में चला गया, जहाँ बिस्तर पर मेरी मम्मी लेटी हुई थीं और अंकल टेबल की साइड में खड़े हो के अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे।
उसके बाद उन्होंने, अपना मोबाइल ऑफ कर दिया और बाथरूम चले गये।
मेरी मम्मी, लेटी हुईं थीं।
उन्होंने टीवी चला ली और देखने लगीं।
कुछ ही देर में, अंकल बाहर आ गये और आते ही वो बिस्तर पर चले गये।
मेरी मम्मी, अंकल से चिपक के लेट गईं।
फिर, अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दिया।
मेरी मम्मी का सिर, अंकल की छाती पर था।
अंकल ने कहा – तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना…
मम्मी ने कहा – किस बात का… ??
अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें अफरोज़ को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे अफरोज़ को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।
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कुछ देर इस प्यार भरे मिलन के बाद, अंकल अपनी औकात पर आ गये।
मतलब, अंकल ने मम्मी के बाल पकड़े और धीरे धीरे मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मेरी मम्मी, धीरे धीरे उनका साथ देने लगीं।
समझ में नहीं आता था, कितना “चुदाई का कीड़ा” घुसा था दोनों की गांड में।
फिर कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – तू इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चाहती… कोई बात नहीं… लेकिन, मेरा पूरा साथ दे… मैं तेरी लाइफ रंगीन कर दूँगा…
उसके बाद, फुच फच फुच फच ला फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके वो मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे।
अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और नाइट वियर के ऊपर से सहलाने लगे।
उन्होंने धीरे से, मेरी मम्मी के कपड़े उतार दिए।
मुझे अब साफ साफ, मेरी मम्मी की पैंटी दिख रही थी।
अंकल ने अपना एक हाथ, मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दिया और चुत्तड़ सहलाने लगे और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मैं देख रहा था, मेरी मम्मी बार बार हाथ पीछे करके अंकल का हाथ हटा देती थीं।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चला, अंकल बार बार मम्मी के गांड के छेद मे उंगली घुसा रहे थे।
अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के जांघों तक कर दी और अपने हाथ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर सहलाने लगे।
अंकल ने अब खींच के एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जमा दिया।
मम्मी का चुत्तड़, फिर से बुरी तरह हिल गया।
अंकल, मेरी मम्मी के आँखों में देख रहे थे।
मम्मी के मुंह से – आ आ आहह की आवाज़ निकल गई…
अंकल ने उन्हें देख के मुस्कुराया।
मम्मी ने भी धीरे से स्माइल दी।
अंकल ने खींच के, एक और चाटा मारा।
मम्मी ने फिर से – आहह… किया।
अंकल ने धीरे से, कुछ कहा।
फिर, एक और चाटा मारा।
अंकल ने मम्मी से पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू… और ये कहते हुए, खींच के एक चाटा मारा…
मम्मी ने कहा – दर्द हो रहा है… थोड़ा धीरे…
अंकल ने कहा – बढ़िया… और एक बेहद ज़ोर से चाटा मारा…
इस बार मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – मादर चोद स स स स स… धीरे स स स स स स स स…
मैंने देखा, मेरी मम्मी का चुत्तड़ लाल हो चुका था।
उनके चुत्तड़ पर, अंकल की हथेली के निशान छप चुके थे।
अब अंकल ने मेरी मम्मी के बाल कस के पकड़े और कहा – महक, तुझे तो पता है, चुदाई के वक़्त मुझे तेरे मुँह से गाली निकालना कितना पसंद है…
मम्मी के मुंह से – आ अहह आ… हाँ भडुए, पता है मुझे… तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… गाली सुनने के लिए, क्या मेरी माँ चोद देगा… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह स स स… निकलने लगा।
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे ये दर्द की नहीं, वासना की आवाज़ हो क्यूंकि मम्मी भले ही गालियाँ बक रही थीं पर उनका विद्रोह नहीं कर रही थीं।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ते हुए, उन्हें छाती से चिपका दिया और अपना बया हाथ पीछे ले जाके अपनी बीच की उंगली मेरी मम्मी के गांड के छेद में घुसा दी।
मम्मी के मुंह से फिर से – आ आ आ अहह… कुत्ते के लंड स स स स… की गाली निकली और दर्द की आवाज़ आई।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ के ऊपर उठाया और मम्मी से कहा – आज, मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है… तेरी मां क्या, तेरे खानदान की सारी औरतों की मां चोद के रख दूँगा… और वो हँसने लगे।
मम्मी भी उनकी बात सुन कर, मुस्कुराने लगीं।
बड़े ताजुब की बात है, जो मम्मी मुझे साला या कामीने जैसे शब्दों के लिए चिल्ला पड़ती थीं, यहाँ बिंदास अपनी माँ और ना जाने कौन कौन सी गालियाँ बक रहीं थीं और सुन रही थीं।
क्या लंड या चूत, आदमी या औरत को इतना अँधा कर देता है.. ??
या जो भी आम जिंदगी में वर्जित रहता है, उसकी चुदाई के दौरान छूट रहती है।
खैर, अंकल ने कहा – अब तू चुप चाप, मेरी हर बात मानेगी…
उसके बाद, अंकल ने उंगली बाहर निकाल के फिर से अंदर घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे।
अंकल की पूरा उंगली, मेरी मम्मी के गांड के छेद में थी और मेरी मम्मी – आ आ आहह आ आ आआ आ अहह आ आ आ आआ आ आ अहह आ आ आ आआ आहह आ आ आ आ आ आ आअहह… की मादक आवाज़ के साथ, अंकल का साथ दे रही थीं।
अंकल ने हाथ बाहर निकाला और उंगली ऊपर करते हुए, उसे सूँघा और चाट भी लिया।
मुझे हल्की सी उबकाई आ गई।
यहाँ उन्होने फिर से उंगली नीचे ले जाते हुए, मेरी मम्मी के गांड के छेद में घुसा दी और रगड़ने लगे।
अब मेरी मम्मी अंकल के ऊपर से नीचे उतर के, बिस्तर पर बैठ गईं।
अंकल ने खींच के मेरी मम्मी की पैंटी निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और मम्मी ने हाथ ऊपर कर दिए।
अंकल ने नाइट वियर पकड़ के ऊपर के तरफ से निकाल के ज़मीन पर गिरा दिया और मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया।
अंकल का तना हुआ लण्ड, मुझे उनके हाफ-पैंट में साफ महसूस हो रहा था।
अंकल ने पैंट खींच के जांघों तक कर दी और घुटनों के बल बैठ गये और मेरी मम्मी ने अंकल के लण्ड को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।
अंकल, मेरी मम्मी की तरफ देख रहे थे और आँख बंद किए – आ अहह आ अहह इस स स स स स कर रहे थे.
मम्मी ने धीरे से, अंकल की लण्ड की चमड़ी को नीचे कर दिया.
अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, बाहर निकल के आ गया.
मम्मी ने पहले लण्ड के सुपाड़े को चूमा और धीरे से, उस पर अपनी जीभ फिराते हुए चाट लिया.
फिर धीरे से अंकल का आधा लण्ड, अपने मुंह में ले के धीरे धीरे चूसने लगीं.
अंकल ने आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह महक… आ आ आ आ आ आहह… की धीमी आवाज़ निकालने लगे थे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ के साथ, अंकल के लण्ड को चूसे जा रही थीं.
एक बड़ी लप्प्प्प्प् प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ, मम्मी ने अंकल का लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया.
अंकल का लंड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
उनका लण्ड इस समय, बिल्कुल तना हुआ था.
मेरी मम्मी ने अंकल की तरफ देखा और दोनों थोड़ा मुस्कुराए.
उसके बाद, मेरी मम्मी ने सिर नीचे कर दिया और अंकल के अंडे चूसने लगीं.
मम्मी धीरे धीरे अंकल के दोनों अंडे चूस रही थीं और अंकल धीमी आवाज़ में – आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
फुच फच फुच फच की धीमी आवाज़, मेरे कानों में आ रही थी.
अब अंकल थोड़ा हट गये और उन्होंने सबसे पहले, अपनी हाफ पैंट निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और पूरे नंगे हो गये.
अब उन्होंने, मेरी मम्मी को लिटा दिया और मेरी मम्मी के बगल में लेट गये और मेरी मम्मी को अपने बदन से चिपका लिया और उनके गले, गाल और लिप पर धीरे धीरे किस करने लगे.
अंकल, अपने हाथ से धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहला रहे थे.
कभी वो अपना हाथ मेरी मम्मी की चुत्तड़ पर सहलाते तो कभी उनकी पीठ पर.
अब भी, हथेली के निशान पड़े हुए थे.
मेरी मम्मी, अपना हाथ अंकल की गर्देन के पीछे ले जाके अंकल का पूरा साथ दे रही थीं.
अंकल बीच बीच में, अपना हाथ आगे ले जाते हुए मेरी मम्मी के चुचे को मसल दे रहे थे.
अब अंकल चूमते हुए, नीचे आ गये और मेरी मम्मी की जांघें को चुम्मी करके, उनकी चूत के पास आ गये और दो उंगलियो से फैलाते हुए, अपनी जीभ मेरी मम्मी की चूत के अंदर डाल दी और चाटने लगे.
अंकल की जीभ का स्पर्श पड़ते ही, मेरी मम्मी ने तिलमिला के अपने चुत्तड़ ऊपर उठा लिए.
अंकल के कस के उनकी जांघें पकड़ लीं और चूत चाटने लगे.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी की चूत चाटे जा रहे थे.
मेरी मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ अहह… किए जा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे कर दिया और बिस्तर पकड़ लिया.
मेरी मम्मी के चुचे तन गये.
अंकल ने इतनी कस के जांघों से पकड़ बनाया हुआ था की वासना से तड़प रही, मेरी मम्मी हटना चाहती थीं.
लेकिन अंकल, उन्हें आज़ाद नहीं कर रहे थे.
धीरे धीरे, मैंने देखा मेरी मम्मी की चूत से रस टप टप करके निकलने लगा.
अंकल के होंठ पर, रस लग रहा था.
अंकल ने चाटते हुए कहा – तेरी चूत का रस चाटने के लिए, तड़प गया था…
उसके बाद, वो चूत फैलाते हुए मेरी मम्मी की चूत का रस चाटने लगे.
अंकल ने अब जीभ बाहर निकाल ली और धीरे धीरे, मेरी मम्मी की चूत पर चाटे बरसाने लगे.
मम्मी, धीमी आवाज़ में – आ अहह आ आहह की आवाज़ निकालने लगीं.
अब अंकल मेरी मम्मी के बगल से उठ के, सामने चले गये और घुटनों के बल उनके सामने बैठ गये.
अंकल ने मेरी मम्मी की जांघों को फैला दिया और टांगों के बीच में आ गये.
उन्होंने मम्मी की कमर के नीचे, तकिया रख दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत ऊपर हो गई और सीधे अंकल के लण्ड के सीध में आ गई.
अंकल और आगे हो गये और उन्होंने, मेरी मम्मी की जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी मम्मी ने हाथ आगे कर के अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे से अपनी चूत में घुसा लिया और अपनी हाथ पीछे करके, बिस्तर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी की आँखों में देखते हुए, अपनी कमर आगे करते हुए धक्का मारा.
मम्मी – आ आ आ आ आहह…
अंकल ने भी कहा – उंह सस्स्स्स्स् स्स्स्स्श ह…
उस समय, अंकल का आधा लण्ड चूत के अंदर जा चुका था.
उसके बाद, अंकल ने अपने आप को अड्जस्ट करते हुए एक और धक्का मारा.
मेरी मम्मी की फिर से, चीख निकल गई.
अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के चूत के अंदर जा चुका था.
अंकल, मेरी मम्मी की आँखों मे देख रहे थे.
अंकल ने मेरी मम्मी को देखते हुए कमर पीछे करते हुए एक और धक्का मारा और उसके बाद धीरे धीरे कमर आगे पीछे करते हुए, मेरी मम्मी को चोदने लगे.
अंकल का आधे से ज़यादा लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर हो रहा था.
मुझे कानों में – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप बिस्तर की चर चर चर चर चर… मेरी मम्मी के पायल की छन छन छन छन छन छन और मेरी मम्मी के – आ आ अहह आ आहह आ आ अहह आ आहह ओई ई ईई औउइ ऊओफ फफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फफ फ फफ्फ़ उई ई ई माआ आ उई ई ईई माआ आअ नाही आ आ आ अहह आ आ अहह एस स्स्स्स स्स ओह गूद्द्द्द्द द्ड एस स्स स्स मा आ आ आ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ़फ्फ़… सुनाई दे रही थी.
अंकल लगातार, अपनी कमर हिलाए जा रहे थे.
हर धक्के पर, मेरी मम्मी के चुचे आगे पीछे हो रहे थे.
पक पक पक पक पक की आवाज़, कमरे में गूँज रही थी.
अंकल ने कहा – महक, सच में आज तेरी चूत फाड़ दूँगा… मैं आज रात भर तुझे चोद चोद के, तेरी चूत की भोसड़ी बना दूँगा… एक मिनट के लिए भी सोने नहीं दूँगा, आज तुझे…
ये कहते हुए, उन्होने स्पीड तेज़ कर दी और धका धक मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे.
कुछ देर के बाद, अंकल का लण्ड बाहर निकल गया और अंकल रुक गये.
उनकी साँसें, तेज़ तेज़ चल रही थीं.
वो मेरी मम्मी को देख के हंस रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी की जाँघ पर 2 थप्पड़ मारे.
उसके बाद, मेरी मम्मी की एक जाँघ को क्रॉस करके दूसरी जाँघ पर चढ़ा दिया.
मेरी मम्मी की चूत चिपकी हुई, बाहर के तरफ थोड़ा हो गई.
अंकल ने मम्मी की जाँघ और चुत्तड़ पर हाथ रखते हुए, कस के धक्का मारा और पूरा लण्ड, मम्मी की चूत में घुसा के उन्हें चोदने लगे.
ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
अंकल बीच बीच में, चाटे मार रहे थे.
मेरी मम्मी के चुत्तड़, अब लाल हो चुके थे.
बिस्तर से लगातार, चर चर चर की आवाज़ आने लगी.
अब अंकल ने मेरी मम्मी से पूछा – महक, मज़ा आ रहा है ना…
मम्मी ने सिसकारी लेते हुए कहा – हाआ आ आ आ आन्णन्न् बहुत मज़ा आ रहा है, तेरी बहन की चूत… बहन के लौड़े, बात मत कर बस चोद… जो बोल रहा है, करके दिखा… बना डाल आज, मुझे कोठे की रंडी… फाड़ दे कुत्ते… तेरी मां की चूत… आ आ आ आअ…
ना जाने क्यूँ, अब अंकल रुक गये.
उनकी साँसें तेज़ चल रही थीं.
मेरी मम्मी भी उठ के बैठ गईं.
मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था.
मम्मी ने एक ही पल में नार्मल होते हुए कहा – आपने फिर से खाया है, ना…
अंकल ने कहा – क्या… ?? और हंसने लगे.
मम्मी ने कहा – वियाग्रा की बात कर रही हूँ, आप जानते हैं…
अंकल ने हंसते हुए कहा – नहीं रानी, मैंने नहीं खाई है…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आपने खाया है… कब से किए जा रहे हैं… अब तक गिरा क्यों नहीं… मेरे गालियाँ निकालने पर भी…
अंकल हंसने लगे और कहा – चल बाबा… ठीक है… हाँ खाया है…
उसके बाद, अंकल घुटनों के बल बैठ के मेरी मम्मी के मुंह में लण्ड डाल दिया और फिर से मेरी मम्मी लण्ड चूसने लगीं.
यहाँ सवाल ये था की मम्मी ने क्या खाया था.
अंकल ने 2 मिनट बाद, मेरी मम्मी को सीधा लिटा दिया और मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें हवा में करके फैला दी.
अंकल, मेरी मम्मी के ऊपर पूरा लेट गये और मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ के अपनी चूत में घुसा लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के होंठ मे होंठ फँसा लिया.
और, उन्होने कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी की बंद धीमी आवाज़ – हम म्म्म म म मम मम मम म म… मुझे सुनाई दी.
मेरी मम्मी की आँखें, बिल्कुल खुल गई थीं.
उन्होंने अपना नाख़ून, अंकल की पीठ में चुबा दिया था.
अंकल ने कमर उठाते हुए, फिर से कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी की आ आ आ आ आ आ आा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई.
अंकल का लण्ड इतना बड़ा था की पक्का, उनका टोपा मेरी मम्मी की बच्चेदानी को छू गया होगा.
अंकल ने मम्मी का हाथ हटा के आगे कर दिया और कस के पकड़ लिया और कमर उठा उठा के धक्का मारने लगे.
अंकल का शरीर, इतना मज़बूत था की मेरी मम्मी कोशिश भी कर लेती तो भी शायद उनकी पकड़ से अपने आप को बचा नहीं पाती.
और ऐसा, पहली बार नहीं था.
अंकल जब भी मेरी मम्मी को चोदते हैं, जानवर की तरह.
सीधी भाषा में, कुतिया की तरह.
शायद उन्हें मालूम है की मेरी मम्मी की प्यास, इसी तरह की चुदाई से शांत कर सकते हैं.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ई ईई ईईई ईईईई ई इमा आ आ आ आ आअ ओई ममा आ आ आ आ आअ माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माआ आ आ आ आ आ आ आ नहियीई ईई ई ईईई ईईई ई ई ईईई ई ई ईई ई ईई ई आ आ आ आ आ आ आ आ आहह ओफ फ फ फफ फफ फफ फफ फफ फ फफ्फ़ करने लगीं.
मैं देख रहा था, अंकल धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज़ किए जा रहे थे..
मम्मी ने कहा – अब बस कीजिए…
अंकल ने धक्का मारते हुए कहा – क्या हुआ… बता ना, क्या हुआ…
मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – बहुत दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – आज रात, तू मेरी बीवी है… मज़ा दे मुझे… शांत होके पड़ी रहे… आ आ आ आ अहह… बस शांत होते ही, तुझे आज़ाद कर दूँगा… जानती है ना की जो औरत अपने ख़सम को खुश ना कर सके, वो असल में औरत होती ही नहीं…
अंकल धका धक करके, मेरी मम्मी की चुदाई किए जा रहे थे..
ऐसा लग रहा था, जैसे आज अंकल सच मे मेरी मम्मी की चूत फाड़ देंगे..
कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद, अंकल आगे आते हुए – आ आ आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह करते हुए, मेरे मम्मी के ऊपर लेट गये..
अंकल और मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था..
अंकल कुछ देर, मेरी मम्मी को चूमते रहे..
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट के उनके बगल में लेट गये..
मेरी मम्मी की चूत से, अंकल का वीर्य बह रहा था..
मेरी मम्मी ने करवट ले लिया और अंकल सीधे लेटे हुए थे..
अपने दोनों पाँव फैलाए, अंकल ने और अपना हाथ मम्मी के बाजू पर रख दिया..
फिर वो, धीरे धीरे सहलाने लगे..
अंकल ने मम्मी को अपने तरफ घुमा लिया और अपने सीने से, पूरा चिपका लिया..
मम्मी ने भी हाथ पीछे करके, अंकल को पकड़ लिया..
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के कानों मे कुछ कह रहे थे और मेरी मम्मी सिर हिला के, उनको हाँ हाँ का जवाब दे रही थीं..
अंकल बीच बीच में, मम्मी के गाल पर किस कर रहे थीं..
मम्मी अब उठ के, वॉशरूम चली गईं..
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अंकल, वही लेटे हुए थे..
उन्होंने ज़मीन से हाफ पैंट उठा के पहन ली..
मेरी मम्मी सू सू करके, बाहर आ गईं..
आते ही सबसे पहले, उन्होंने नाइटवियर उठाया और पहन लिया..
उसके बाद, अपने बाल संवारे और फिर बिस्तर पर आ गईं..
अंकल नीचे उतार गये और टेबल से अपनी सिगरेट ले के आए और वहीं बिस्तर पर लेट के, जला के पीने लगे..
मेरी मम्मी, अंकल की छाती पर लेटी हुई थीं..
अंकल धीरे धीरे, दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के बाल सहला रहे थे..
अंकल ने कहा – महक, तूने सच मे मुझे सुकून दिया है, इस लाइफ में…
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी से अपनी बातें कर रहे थे और उनके सिर पर हाथ फेर रहे थे..
लगभग 20 मिनट हो गये थे, तभी अंकल ने सिर नीचे करके देखा और हंसते हुए कहा – अरे, सो गई… उसके बाद, धीरे से मम्मी का सिर नीचे कर के तकिये पर रख दिया और नीचे उतर के बाथरूम चले गये..
अंकल बाथरूम से बाहर आ गये और मैंने देखा, उन्होंने अपनी पैंट उतार ली और लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और बिस्तर पर आ गये..
मुझे धीमी रोशनी में दिख रहा था..
अंकल मेरी मम्मी के बगल में बैठ के, अपना लण्ड सहला रहे थे..
मैं जान रहा था की वो फिर से मेरी मम्मी को चोदगें और यही हुआ..
देखते देखते, अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे हाथ फिराने लगे..
मेरी मम्मी उस समय, गहरी नींद में थीं..
अंकल ने सहलाते हुए, नाइटवियर ऊपर तक उठा दिया..
मेरी मम्मी की चूत सॉफ नंगी दिखने लगी..
अंकल ने धीरे से, अपना हाथ मम्मी की चूत पर रख दिया..
मैंने देखा, अचानक से मेरी मम्मी का नींद टूट गई और उन्होंने झटके से अंकल का हाथ उठाते हुए कहा – अब, मुझे सोने दीजिए…
अंकल ने कहा – महक, एक बार…
मम्मी ने कहा – प्लीज़, मुझे नींद आ रही है… थक गई हूँ… दिन भर होली खेली है… सोने दीजिए ना… आप तो पता नहीं, क्या खाते हैं…
अंकल ने अपना हाथ फिर से चूत पर रखते हुए कहा – सो जाना… मैं मना नहीं कर रहा हूँ…
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और मेरी मम्मी की दोनों जांघों को खोल दिया..
मेरी मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं – प्लीज़, अब नहीं… और हटने की कोशिश कर रही थीं..
लेकिन, अंकल की पकड़ से ना निकल सकीं..
अंकल ने एक झटका मारा और मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई..
मम्मी ने कहा – निकालिए प्लीज़, मेरा मन नहीं है…
अंकल ने कहा – अभी, मज़ा आने लगेगा… मेरी रानी… मैं जानता हूँ तेरी चूत में कितनी गर्मी है… साली, आज तक मैने सूखी तो एक बार भी देखी ही नहीं… और ठप से एक और धक्का मारा..
फिर से मेरी मम्मी चीख पड़ीं और बोलीं – बहन चोद… चूत नहीं थकती… मानती हूँ… एक नंबर की छीनाल चूत है पर जिस्म तो थक जाता है ना… बहन के लौड़े, भोसड़ी वाले… तू ख़ाता क्या है…
उसके बाद, अंकल – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे..
मेरी मम्मी की चीख बढ़ती जा रही थी – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह अहह अहह ओईंम्म्म म म म मम म म म मम म म म ममा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ अब ना आ आ आ आ आ आ आ आह हिईीई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ईई ईईई ईईई मा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ माआआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… की आवाज़ और उनकी एक से एक गंदी गालियाँ, कमरे में गूँज रही थीं..
अंकल धक धक करके, मम्मी को बुरी तरह चोदे जा रहे थे..
बिस्तर की चर चर चर चर चर की आवाज़ गूँज रही थी..
अंकल बस हो गया हो गया करके, लगातार मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे..
बहन की चूत तेरी महक… महक… ये तो मुझे पूछना चाहिए, तू क्या खाती है… इस उम्र में तेरी चूत हमेशा गीली रहती है… तो जवानी में, तूने क्या कयामत ढाई होगी…
ये कहते हुए ठप ठप ठप ठप करते हुए, मेरी मम्मी की उन्होंने लगभग 10 मिनट चोदा..
उसके बाद – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह करते हुए, शांत हो गये..
उसके बाद कहा – हो गया… अब नहीं करूँगा… सो जा, अब… कहा ना नहीं करूँगा…
उसके बाद, मैंने देखा अंकल बगल में लेट गये..
कुछ देर में मैंने देखा..
वो दोनों, सो गये थे..
मैं वापस रिटर्न हो गया..
##
अगले दिन सुबह में, मेरी छीनाल मम्मी 10 बजे घर आ गईं..
दिन में, मेरी मम्मी सोई हुई थीं..
मेरे हाथ में, मेरी मम्मी का मोबाइल था..
उस समय कोई मैसेज तो नहीं आया था लेकिन, मैंने मेरी मम्मी का व्हाट्स एप्प देखा..
जिसमें, करीबन 12 बजे से लेके 2 बजे तक का चैट था..
अंकल ने मेरी मम्मी को लिखा था – शुक्रिया, कल रात के लिए…
मम्मी ने लिखा था – लेकिन, ये रोज़ रोज़ नहीं चलेगा… मैं अब से पूरी रात नहीं रुकूंगी…
अंकल – मैं खुद नहीं चाहता… लेकिन, क्या करूँ… अब तुम्हारे बिना, रहा नहीं जाता…
मम्मी – आप समझने की कोशिश कीजिए… मेरे बेटे को सब मालूम चल जाएगा…
अंकल – मैंने कल रात भी कहा था… उसे बता दो… वो समझ जाएगा… फिर, मैं जब चाहूँ तुमसे मिलने आ सकता हूँ…
उसके बाद अंकल – अच्छा, सुनो आज रात आओगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – क्यों… ??
मम्मी – आप कौन सी भाषा समझते हैं… बेटा, घर में ही है…
अंकल – मैं आ जाऊं, रात में…
मम्मी – आप पागल हो गये हैं…
अंकल – हाँ यार… तेरी मस्त चूत ने, मुझे सच में पागल कर दिया है… प्लीज़, कुछ देर के लिए… देख, फिर मेरा परिवार आ जाएगी… तब फिर, दूरी हो जाएगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – सुनो, मेरी बात तो सुनो…
मम्मी – क्या है… ??
अंकल – मैं तो आऊंगा… उसके सोने के बाद, तुम बस धीरे से दरवाज़ा खोल देना… मैं चला जाऊंगा…
कुछ देर के बाद, मम्मी – मैं सोच के बताउंगी…
अंकल – मैं शाम में मैसेज करूँगा… बताना…
उसके बाद, कोई मैसेज नहीं था..
लेकिन, मैं जानता था की अगर अंकल डाल डाल तो मम्मी, पात पात..
मुझे पूरा यकीन था की कितना भी रिस्क क्यूँ ना हो, मम्मी थोड़े बहुत नखरे के बाद, अंकल को ज़रूर बुलाएंगी..
जितना अंकल को मम्मी को कुतिया की तरह चोद्ना पसंद था, उससे ज़्यादा मम्मी को अंकल से कुतिया की तरह चुदना पसंद था..
#
ठीक 5 बजे, मेरी मम्मी की नींद खुली..
मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और साथ में चाय पी..
फिर, सब नॉर्मल चल रहा था..
मम्मी ने रात का खाना बनाया और हमने, साथ में खाना खाया..
उसके बाद, मैंने मम्मी से कहा – मैं सोने जा रहा हूँ, अपने कमरे में… और, मैं चला गया..
करीबन, उस समय रात के 11 बज रहे होंगे..
मैं अपने कमरे में चला तो गया था लेकिन मैं जानता था, मम्मी की आज फिर से पलंग तोड़ चुदाई होने वाली है..
अंकल कभी भी मेरी मम्मी की सुनते नहीं थे, वो अपनी हवस मेरी मम्मी पर मिटाए बिना नहीं मानते थे..
और आप भी जानते ही हैं, मेरी मम्मी कौन सी कम हवसी थी..
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(भाग-5)
मैं उस रात सोया नहीं था क्यूंकि मैं जानता था अंकल आएँगे और यही हुआ.
मैं अपने कमरे में था. करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.
मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.
अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.
मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.
बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.
जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.
अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.
उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – अफरोज़, सो गया..
मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..
अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..
मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..
अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..
मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..
अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..
अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.
मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..
अंकल ने कहा – सच..
मम्मी ने कहा – हाँ..
अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..
मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..
अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.
मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..
अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गांड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गांड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गांड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गांड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.
मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.
अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.
अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.
मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.
अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.
मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..
अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..
बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.
अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गांड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गांड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.
वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल लगातार नाक ऊपर से गांड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गांड सूंघ रहे थे.
अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी की नाइटी नीचे से उठा के कमर तक कर दी और मेरी मम्मी से कहा – पकड़ इसे..
मम्मी ने वैसा ही किया.
मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गांड अंकल के सामने थी.
इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गांड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.
अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.
अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.
फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गांड का छेद दिखने लगा.
अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी चूत चाटने लगे.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.
फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गांड की महक ली है..
मम्मी – नहीं..
अंकल – कभी गांड का छेद भी नहीं चाटा..
मम्मी – नहीं, कभी नहीं..
अंकल – मैं तो तेरे गांड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गांड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..
मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..
अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..
यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.
मैं खुद भी किसी का गांड का छेद नहीं सूंघ सकता था.
बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.
इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.
मम्मी की गांड का छेद और फैल के खुल गया.
अंकल ने जीभ उनकी गांड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.
मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..
मुझे बड़ा अजीब लगा की गांड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.
अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गांड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..
मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गांड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गांड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गांड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गांड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गांड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..
अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..
मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..
अंकल – महक, सच बात तो ये है की गांड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..
मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..
फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गांड चाटी.
उसके बाद वो खड़े हो गये.
अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.
अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.
मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..
उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.
मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गांड के छेद पर लगाया.
मम्मी ने बेंड हो के चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गांड के छेद पर लगाया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और आ आ आ आ आ अहह की चीख निकल पड़ी.
अंकल ने कहा – हो गया… चला गया, अंदर चला गया… अब नहीं होगा दर्द…
मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के गांड के छेद में जा चुका था.
अंकल ने मम्मी से कहा, चुत्तड़ को फैलाने को.
मम्मी ने वैसा ही किया और दोनों हाथ पीछे करके, अपने चुत्तड़ को फैला दिया.
अब अंकल ने कमर पकड़ते हुए, धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी मम्मी की गांड के छेद के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी दबी आवाज़ में – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ… करने लगीं.
अंकल ने कहा – महक, मज़ा आ रहा है…
मम्मी ने कहा – हाँ…
अंकल ने कहा – बस अब, दर्द नहीं होगा… इस गांड को पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं… चूत तो बहुत औरत की देखी है लेकिन जो मज़ा तेरी गांड मारने में मुझे आता है, उतना किसी में नहीं… मैं बहुत खुश हूँ महक की मैं वो खास मर्द हूँ, जो तेरी गांड मार रहा है… और धीरे धीरे, वो मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.
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मम्मी ने सिसकारियाँ भरते हुए कहा – एक बात बताइए, ऐसी कितनी औरतों की चूत देखी है, आपने…
अंकल ने कहा – एक शर्त पर… फिर तू भी बताएगी, तूने कितने लंड लिए हैं अपनी चूत में… एकदम सच सच… बोल मंजूर है…
मम्मी पूरी वासना में थीं, बोलीं – हाँ… एक मेरे पति का तो आपको मालूम ही है…
अंकल – चल भी, महक… मुझे कोई मतलब नहीं, तूने पहले क्या किया… ठीक है, पहले मैं बताता हूँ… मैंने 29 औरतों को चोदा है… तू 29 वी है…
मम्मी – बाप रे… इसमें से शादी के बाद कितनी हैं…
अंकल – 11… अब तू बता, मेरा लंड फटा जा रहा है, सुनने के लिए…
मम्मी – अफरोज़ के पापा और आपको मिला के 8…
अंकल ने बहुत ज़ोर की आँह भरी और बोले – सच में, मैं ब्यान नहीं कर सकता कितना मज़ा आया मुझे ये सुन कर…
अंकल ने अब झटके तेज़ कर दिए और मम्मी ने भी अपनी गांड हिलाने की स्पीड बड़ा दी.
अब अंकल काँपती सी आवाज़ में बोले – मेरे सिवा, शादी के बाद तूने किसी का लिया… बता ना, महक… बहुत मज़ा आ रहा है…
मम्मी – हाँ… एक का लिया है…
अंकल – आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, महक… उफ्फ… कितना मज़ा आ रह है… तुझे भी…
मम्मी – हाँ… मुझसे तो सहन ही नहीं हो रहा… क्या, मैं कुछ पूछ सकती हूँ…
अंकल – हाँ महक… पूछ ना… पर ऐसा ही कुछ पूछना… सच बता रहा हूँ, पूरी जिंदगी में ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया है…
मम्मी – सोच लीजिए… नाराज़ तो नहीं हो जाएँगें…
अंकल – बिल्कुल नहीं… जो तेरे जी में आए पूछ… कितना भी अश्लील क्यूँ ना हो…
मम्मी – आपने अपने रिश्ते में, किसी की चूत चोदि है… मेरा मतलब चाची, मामी, बुआ या किसी ब़हन की…
अंकल – आअ महक… आज तो तूने मेरा कत्ल करने की ठान ली है… तू तो जानती है महक, मेरी कोई बहन है नहीं पर हाँ मैंने अपने चाचा की लड़की को बहुत बार चोदा है और बुआ की ननंद को भी एक बार चोदा है… पर हाँ घर में किसी ऐसे को चोदा है, जिसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आंह… बताइए ना, प्लीज़… किस को…
अंकल – बताता हूँ, पहले तू बता… तूने मेरे अलावा किस से और चुदवाया है, अपनी शादी के बाद…
मम्मी – नहीं… पहले आप…
अंकल तो बुरी तरह थरथरा रहे थे पर मम्मी का बदन भी काँप रहा था.
दोनों के सिर पर, वासना नंगा नाच दिखा रही थी.
मम्मी का एक हाथ दीवार पर था और एक से अपन चूत को ऐसे मसल रहीं थीं, जैसे उसमें आग लगी हो और वो उसे बुझाना चाह रही हों.
यहाँ मुझे भी उनकी बातें सुन के, आज गुस्से से ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अंकल बहुत बुरी तरह से मम्मी की गांड चोद रहे थे और मम्मी हर झटके के जवाब में, उतनी ही बुरी तरह अंकल के लंड पर अपनी गांड मार रहीं थीं.
उन्हें ये भी एहसास नहीं रहा था की मैं घर पर हूँ या आस पड़ोस में भी कोई रहता है.
उनकी सिसकारियाँ, साफ साफ सुनाई दे रहीं थीं.
असल में, आज मैं भी अपना लंड बाहर निकाल के मूठ मार रहा था.
अब अंकल बोले – बोल ना, महक… क्यूँ मज़ा खराब कर रही है… प्लीज़ बता ना…
मम्मी – एयीयैया आह आ माह आ… अपने भाई से… आहा हह… या या या…
अंकल – आह महक स स स स स स स स स स स स स… और बता ना… कैसे चुदवाया… आ आह स स स…
मम्मी – ईया यह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… नहीं, पहले अब आप…
अंकल – महक स स स स स… आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… कहते हुए मम्मी की गांड में झड़ गये.
पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.
साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.
अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.
मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.
अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.
सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.
इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.
पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.
अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.
मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…
अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गांड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गांड में उतार दिया.
मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…
मम्मी की गांड, अब दुबारा चुद रही थी.
और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.
अंकल – महक…
मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…
अंकल – तुझे एक बात कहूँ…
मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…
अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…
मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…
अंकल – तब तेरी मटकती गांड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गांड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.
मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…
मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…
मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…
अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…
मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…
अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.
अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.
अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.
उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…
मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.
अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.
साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.
मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…
मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गांड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.
2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.
मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.
लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गांड फाड़ रही हैं.
लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.
उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.
यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.
अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.
उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.
अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.
खैर, यहाँ अब मम्मी की गांड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.
अंकल ने अब, मेरी मम्मी को ज़मीन पर घुटनों के बल बिठा दिया और फिर से कमर पकड़ कर पीछे आकर अपना लण्ड, मेरी मम्मी की गांड के छेद मे डाल दिया और कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गांड के छेद मे समा गया था.
मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गांड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गांड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.
अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गांड मारे जा रहे थे.
अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गांड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…
मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…
अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…
मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…
अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…
मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…
अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…
मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…
अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…
मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…
अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गांड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गांड को सलामी देने लगा…
मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…
अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??” मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…
मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??
अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…
बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गांड के छेद को मार रहे थे.
उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.
मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…
मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.
अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.
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मम्मी और अंकल की बातें चालू थीं.
अब अंकल ने आगे बताना चालू किया.
अंकल – मैं सुन्न हो चुका था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है पर मेरा लण्ड, अभी भी मेरी मम्मी की खूबसूरती को सलामी दे रहा था… जब मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो मम्मी ने कहा – “क्या हुआ, अब शरम आ रही है… ??” और मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे खड़ा किया और झटके में मेरा लोवर नीचे खींच दिया… मेरा लण्ड पहली बार किसी के सामने नंगा था और वो भी मेरी माँ के सामने… मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं अंदर ही अंदर डर रहा था पर बाहर मेरा लण्ड उत्तेजना में अपने आप ऊपर नीचे हो रहा था… मेरी मम्मी कुछ देर उसे देखती रहीं फिर बोलीं – “ग़लती तेरी नहीं, बेटा… इस उम्र में खुद पर काबू रखना होता ही बहुत मुश्किल है… चल मैं तुझे सिखाती हूँ, लण्ड पर काबू कैसे किया जाता है…” मेरी मम्मी, मेरे सामने बिस्तर पर बैठी थीं और मैं उनके ठीक सामने खड़ा था… उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और जैसे ही उन्होंने ऐसा किया मेरे मुँह से बहुत ज़ोर की आँह निकल गई…
यहाँ मम्मी भी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और चूत मसलते मसलते और अंकल का लण्ड, गांड मे होने पर भी मूतने लगीं.
अंकल – ओह महक, तेरी मूत कितनी गरम है… आज मेरा मन कर रहा है…
मम्मी – क्या… बताइए ना…
अंकल – इसे पी जाऊं…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माह माह इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है…
अंकल – मुझ से भी महक… आ ह आह आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी – अब आगे बताइए ना… प्लीज़… आह उफ़ ओफ्फ आ ह स स स…
अंकल – मेरी मम्मी धीरे धीरे मेरे लण्ड को सहलाने लगीं और बोली – “देख जब भी ये तेरे काबू से बाहर हो जाए तो इसे इस तरह प्यार से सहलाया कर…” और ये बोल के वो थोड़ा सा मेरे करीब आ गईं और फिर बोलीं “और मन में सोचा कर की तू अपनी पसंद की लड़की को नंगा कर रहा है… बता, कौन पसंद है तुझे… किसे नंगा देखने का सबसे ज़्यादा मन है तुझे…”
मम्मी – आ आ आ आ… तो क्या कहा आपने… ??
अंकल – मैंने कहा – आपको… ?? ये सुनते ही, मम्मी ने थोड़ा ज़ोर से मेरा लण्ड दबा दिया और मेरी पिचकारी छूट पड़ी और मम्मी के सामने बैठे और करीब होने की वजह से सीधे उनके दूध पर जा गिरी… मेरा इतना वीर्य निकला, जितना दो बार में भी नहीं निकलता था…
अंकल पिछले लगभग आधे घंटे से, मम्मी की गांड चोद रहे थे और अभी भी झटकों में कमी नहीं आई थी.
शायद, ये तीसरी बार था इसलिए.
मेरा लण्ड, यहाँ जवाब देने की कगार पर ही था.
मैं कभी भी आ सकता था और मम्मी तो दो बार अंकल के लण्ड पर मूत तक चुकी थीं.
वासना का रंग, पूरे घर में छाया हुआ था.
अंकल थोड़ा रुके फिर शायद थकान के कारण, मम्मी के ऊपर लेट गये और धीरे धीरे धक्के मारने लगे.
मेरी मम्मी बोलीं – यहाँ मेरी चूत की कितनी बार मां चुद चुकी पर ना जाने आप, अपनी मम्मी को कब चोद पायोगे… अब बताओ ना आगे…
अंकल बोले – महक, सच कहूँ तो आज तूने मेरी मां चोद के रख दी… चूस ही लिया, तूने तो मुझे आज… थोड़ा आराम तो करने दे…
मम्मी बोलीं – ऐसे ही मेरी गांड में डाल के लेटे रहिए पर आगे तो बताइए…
अंकल – सच कहते हैं, लोग… औरत की आग बुझाना, एक मर्द के बस की बात नहीं… चल सब बताता हूँ पर याद है ना, तुझे भी तेरे भाई के साथ की चुदाई मुझे बतानी है… मैं तो ये सोच रहा हूँ, जब बताने में इतना मज़ा आ रहा है तो सुनने में ना जाने क्या होगा…
मम्मी – मैंने कब मना किया है… मैं तो आज सारी बंदिशे तोड़ने को तैयार हूँ… पर अभी तो मुझे मज़ा ले लेने दीजिए… आज जैसा दिन, मेरी जिंदगी में कभी नहीं आया… मन कर रहा है, बस ऐसे ही चुदती रहूं हमेशा…
अंकल – सच महक… आज जैसा मज़ा तो मुझे भी कभी नहीं आया… असल में मुझे तो लगता है शायद ही किसी और मर्द और औरत को कभी आया हो… ना जाने ऐसा कौन होगा, जो हमारी तरह पूरी बेशर्मी पर उतर आया हो…
मम्मी (ज़ोर से, हंसते हुए) – मुझे तो लगता है, चुदाई जितनी लीचड़ हो उतना ही मज़ा आ आता है… अब तड़पाइये मत और आगे की बात बताइए… नहीं तो मेरी चुदाई के बारे में सुनने की तमन्ना छोड़ दीजिएगा…
अंकल – अरे नाराज़ मत हो, मेरी रानी… चल सुन, फिर मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “जा नहा धो ले… आराम कर… तेरे डैडी के आने में बहुत टाइम है… मैं भी कुछ देर सोती हूँ फिर तेरे कमरे में आ कर तुझे आगे सिखाती हूँ…” मुझे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था… पर क्या करूँ, पहली बार मेरे लण्ड पर किसी औरत ने हाथ रखा था… वो भी मेरी मां ने तो कंट्रोल ही नहीं हुआ… खैर, मैं अपने कमरे में गया और नहा धो कर जो हुआ सोचने लगा… मुझे बार बार मम्मी ब्रा पेन्टी में ही दिख रहीं थीं और मेरा लण्ड हिचकोले मार रहा था… मैं जानता था, मम्मी मुझे मूठ मारना सीखा रही थीं पर मैं सोच रहा था की क्या मैं मम्मी को नंगी देख सकूँगा… ये सोचते सोचते, मैं नंगा ही सो गया… कुछ देर बाद, मेरी मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली… मेरी मम्मी, दरवाज़ा बंद करके अंदर आ रही थीं…
मम्मी – आन्ह… अब गांड से निकाल कर, चूत में डालिए ना…
अंकल उठे और मम्मी को पलट के उनके ऊपर लेट गये.
मैं समझ गया, उनका लण्ड मेरी मम्मी की चूत में था.
मम्मी – अब ऐसे ही लेटे रहिए और आगे बताइए…
अंकल – मम्मी, मेरे पास आ कर बैठ गईं और मेरा लण्ड देखते हुए बोलीं – “अब तक बिचारा सोया ही नहीं या अभी अभी उठा है…” अब तक मेरा डर कुछ कम हो गया था तो मैं बोला – अभी सोया ही नहीं… मम्मी बोलीं – “चल कोई बात नहीं, मैं इसे आराम करना सीखा दूँगी… तो कहाँ थे हम…” मैं – वो.. वो.. आप बता रही थीं की इससे प्यार से सहलाना चाहिए… मम्मी बोलीं – “हाँ, किसी लड़की के बार में सोचते हुए… जो बहुत खूबसूरत हो… चल इस बार, अपने आप इसे धीरे धीरे सहलाना चालू कर और उसके बारे में सोच जिसे तू नंगा देखना चाहता है… बता किसे नंगा देखना चाहता है…” मैं जानता था की मम्मी, पिछली बार सुन चुकीं थीं की मैंने उनका नाम लिया था पर वो मुझसे फिर से पूछ रही थीं… मैंने कहा – मम्मी, मैं ऐसी किसी लड़की को जानता ही नहीं… आप ही ने तो मुझे बॉयज़ होस्टेल में रखा… सच तो ये है, मैंने आपके सिवा किसी और खूबसूरत लड़की को देखा ही नहीं… ये कुछ हद तक सही भी था… उस वक़्त, मुझे अपनी मम्मी ही सबसे ज़्यादा कामुक और खूबसूरत लगती थीं… वो बहुत गोरी और चिकनी थीं, तेरी तरह एकदम… उनके दूध बड़े बड़े थे और उनके चलने पर जब उनकी गांड मटकती थी, शायद उसी से मेरे लण्ड ने खड़ा होना सीखा था…
मम्मी – उफ़… कितनी बड़ी थी, उनकी गांड… बताइए ना…
अंकल – बिल्कुल तेरे जैसी… दूध तेरे से थोड़े बड़े थे…
मम्मी – उन्मह… आह…
अब अंकल थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगे थे पर मम्मी ने उन्हें रोका और बोला – नहीं… चोदिये मत… बस, ऐसे डाल के लेटे रहिए और ऐसे ही बात कीजिए…
अंकल – हाँ महक… मुझे भी ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है… तेरी चूत ने आज मेरे लण्ड को भींच लिया है और तेरा पानी लगातार मेरे लण्ड पर बह रहा है, जानू…
मम्मी – आपका लण्ड भी आज मुझे, रोज़ से मोटा महसूस हो रहा है… अब बताइए ना आगे…
अंकल – मम्मी अब हँसने लगीं और बोलीं – “वाह बेटा!! तो तू अपनी मां को ही नंगा देखना चाहता है…” मैंने आँखें नीची कर लीं पर फिर मम्मी मेरा चेहरा ऊपर करते हुए बोलीं – “अरे मेरे बच्चे… कोई बात नहीं… हक़ीक़त में लगभग सभी लड़के पहली फैंटेसी अपने घर की किसी औरत की करते हैं… मां, बड़ी बहन, चाची, ताई या ऐसा ही कुछ… ऐसा होना प्राकृतिक है क्यूंकी पहली भावना, ऐसी ही किसी औरत के लिए आती जिसे लड़के रोज़ देखते हैं… इसमें तेरा कोई दोष नहीं… लगभग हर लड़के का पहला वीर्य जो परिवार में रहता है, वो उसकी परिवार की ही किसी औरत के नाम निकलता है…” मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गया…
मम्मी – उन्म: क्या ये सच है… ?? आ ह म्मह…
अंकल (हंसते हुए) – मेरे हिसाब से तो सच है… तेरा पिल्ला भी तेरे बारे में सोच कर ही, मूठ मारता होगा…
मुझे लगा मम्मी अब कुछ नाराज़ हो जाएँगी और आज की शानदार रात, यहीं ख़तम हो जाएगी.
जो मम्मी ने बोला उसे सुनकर मुझे पूरा यकीन हो गया की वासना से बड़ा नशा कोई नहीं.
मम्मी – सच में… क्या सोचता होगा… उन्म आ आ आ ह ह ह ह ह…
मैंने देखा, दोनों के बदन में फिर से हरकत आ गई थी.
अंकल – ये तो मैं नहीं कह सकता… पर क्या उसने तुझे नंगा देखा होगा…
मम्मी – आ ह माह मेरी उफ़… मुझे मज़ा क्यूँ आ रहा है… इयाः आ आ आ आ…
अंकल – बता ना महक… देखा होगा की नहीं…
मम्मी – आह इयाः आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… मेरे सामने तो नही स स स देखा आ आ आ ह ह ह… पर एक ही घर में रह के कभी ना कभी, उफ्फ… कुछ तो देखा ही होगा…
अंकल – हाँ यार… ये तो हो सकता है… क्या देखा होगा, मम्मे या गांड…
मम्मी – उन्म… ये वाली बात, अगली बार के लिए रखिए ना… अभी बताइए ना, आगे क्या हुआ… आह म्ह आ आ आअ…
अंकल – जैसा मैंने बताया था मैं अब तक नॉर्मल हो गया था… मम्मी बोलीं – “चल अब, बेजिझक मुझे बता मुझे कैसे देखना चाहता है…” मैंने कहा – ब्रा पैंटी में… मम्मी हंस के बोलीं – “बस…” मैंने कहा – हाँ मम्मी, मैंने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा, सिर्फ़ आपको ब्रा पैंटी में ही देखा है…. इसलिए इससे ज़्यादा मैं सोच ही नहीं पाता… मम्मी अब बोली – “ठीक है चल, पहले ब्रा पैंटी में ही सोच… कौन से कलर की ब्रा पैंटी में देखना चाहता है, मुझे… ??” मैंने बताया – लाल… तो मम्मी बोलीं – “सोच, तू मेरा गाउन उतार रहा है और मैं लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी हूँ और अपना लंड हिला…”
मम्मी लगातार, ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थीं.
चुदाई लगातार चल रही थी और ऐसा लग रहा था, रात भर चलती ही रहेगी.
अंकल ने आगे बताया – फिर, मैं आँखें बंद करके सोचने लगा की मैं मम्मी का गाउन उतार रहा हूँ… मुझे पता था मम्मी मुझे एकटक देख रहीं थीं… 1 2 मिनट बाद मम्मी बोलीं – “देख लिया, मुझे लाल ब्रा पैंटी में… कैसी लग रही हूँ…” मैंने बताया – हाँ, मम्मी… अब मम्मी बोलीं – “बता पहले क्या देखेगा मेरे मम्मे या गांड… ??” मैं – दूध… अब मम्मी ने बोला – “मम्मे पर निप्पल होते हैं, तुझे पता है… बड़े, छोटे, भूरे, काले या गुलाबी रंग के… बच्चा होने के बाद निप्पल थोड़े से बड़े हो जाते हैं… अब तू ये बता मेरे मम्मे कैसे होंगें…”
मम्मी – उनमह… कैसे थे… ??
अंकल – मैंने कहा – गुलाबी… मम्मी हँसने लगीं – “ठीक है, अब सोच तूने मेरी ब्रा उतार दी है और मेरे नंगे मम्मे देख रहा है…” अब मैं नॉर्मल था और मेरा हरामी दिमाग़, चलने लगा था… मैंने मम्मी से कहा – मम्मी, जब मैंने कभी देखे ही नहीं तो सोचूँ कैसे… मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “शैतान कहीं के… चल तेरी मदद करने के लिए मैं एक बार दिखा देती हूँ…” मम्मी खड़ी हुई अपना गाउन उतार दिया और पीछे मूड गईं… फिर मेरे से बोलीं – “ले खोल, मेरी ब्रा का हुक…”
मम्मी – कौन से रंग की ब्रा थी… ??
अंकल – काली थी, यार… मैंने उठ के फ़ौरन उनकी ब्रा का हुक खोल दिया… लेकिन, उन्होंने ब्रा पकड़ रखी थी…
मम्मी – फिर… ?? इयाः उन्ह्म…
अंकल – मम्मी ने अब मुझे इशारे से बैठने के लिए कहा… मैं पहले जैसे, बिस्तर पर टिक कर बैठ गया… मम्मी भी पहले की तरह, मेरे साइड में बैठ गईं… अब उन्होंने एक हाथ से अपने दूध के ऊपर, ब्रा को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी ब्रा की स्ट्रीप नीचे की और धीरे धीरे, अपनी ब्रा उतार दी… मेरी मां के नंगे मम्मे, मेरे सामने थे…
मम्मी – आँह माह आ आअ आ आ आअ स स स स स… अब मुझसे नहीं रहा जा रहा… इयाः कैसे थे निप्पल… बता ना, मादर चोद…
मेरी मम्मी ने अब अंकल की गांड पकड़ ली थी और उनसे अपनी चूत चुद्वा रहीं थीं.
नीचे से भी मम्मी, अपनी गांड हिला हिला कर अंकल के लंड पर अपनी चूत मार रहीं थीं.
अंकल – आ आ आ आ आ आ, महक… मैं आने वाला हूँ स स स स स…
मम्मी – माँ चोद दूँगी, तेरी मां के लौड़े… अभी निकाला तो… भोसड़ी वाले, पहले, मेरी आग ठंडी कर…
अंकल – माँ की लौड़ी, छीनाल… औरत है कहाँ तू… तू तो छीनाल की भी माँ है… साली रंडी… आ आ आ आअ...
मम्मी – हाँ हूँ मैं, छीनाल… तू कौन सा दलाल से काम है… मादर चोद… अब चोद, मेरी चुदक्कड़ चूत, भडुए…
अंकल – आ आ आहह… बहन की लौड़ी, तू भी तो अपने भाई का लंड खा के बैठी है रंडी… साली, सड़क की कुतिया… तेरी आग बुझाने के लिए, एक नहीं मर्दों की जमात चाहिए, छीनाल…
मम्मी – तो ला मर्दों की जमात और बुझा मेरी प्यासी चूत की आग… इयाः माह आ आ आ आ आ आ आअ आअ…
साफ समझ में आ रहा था, चुदाई अपनी सारी सीमा तोड़ चुकी थी.
अंकल भड़ाभड़ धक्के लगा रहे थे और मम्मी तो जैसे उन्हें अपने अंदर समा लेने चाहती थीं.
अंकल – महक, बहन की लौड़ी… कुछ तो बता दे तू भी… कैसे लिया, अपने भाई का लंड… अपने पिल्ले को ऐसे ही सुलाया था का… कुछ तो बोल छीनाल… तेरी मां की चूत ह ह ह स स स स स…
मम्मी – तू पिल्ले की बात कर रहा है… मेरी चुड़क्कड़ चूत ने तो उससे मेरे पति के रहते हुए, चुदवाया था… इयाः स स स स स…
अंकल – आ आ आ आ आ आ महक… तू तो सच में, बहुत ही बड़ी छीनाल है… दोनों ने साथ में चोदा था… बता ना, बहन की लौड़ी…
मम्मी – आ आ आअ इयाः ह ह स स माह उनमह… भोसड़ी वाले… मेरा पति दूसरे कमरे में सो रहा था और मेरा भाई, मुझे टाँगें उठा उठा के चोद रहा था… उफ़ माह… मर गई मैं… आह बहन चोद… और ज़ोर से… देखी है, मुझ से बड़ी छीनाल तूने कहीं…
अंकल के झटके तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ चुके थे और मम्मी के नाख़ून, पूरे अंकल की गांड में थे.
अंकल बहुत ज़ोर से चिल्लाये और कहा – इयाः माह… मेरी मां की लौड़ी… छीनाल नहीं तू तो उसकी अम्मा है, महक… मज़ा आ गया… आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… और अंकल झड़ गये.
मम्मी की आग, अब भी शांत नहीं हुई थी और उन्होंने झटके से अंकल को धक्का दिया और उनके ऊपर चढ़ कर बैठ गईं.
मम्मी अंकल के चेहरे के ऊपर बैठ गईं और एक ही पल में, उनकी चूत से मूत की धार निकल पड़ी.
मम्मी ने अंकल के बाल पकड़ लिए और उनकी मूत की पूरी धार, अंकल के मुँह में जाने लगी.
मम्मी पागलों की तरह चिल्ला रही थीं – पी… मां के लौड़े… एक बूँद भी नहीं गिरनी चाहिए, नीचे… पी, बहन चोद… तेरी मां का भोसड़ा… आ आ आ आ आ आ आ…
दो मिनट तक, मम्मी लगातार मूतती रहीं.
इसके बाद, फर्श पर ही नंगी लेट गईं.
मम्मी की साँस, इतनी तेज़ चल रही थी की उनके मम्मे हिल रहे थे.
अंकल में तो ऐसा लग रहा था, जान ही नहीं थी.
मैं जानता था की अब दोनों, चुदाई नहीं करने वाले.
अंकल अभी अपनी माँ को चोदने की कहानी बता नहीं पाए हैं और मम्मी ने तो अभी अपनी कहानी शुरू भी नहीं की.
पर उस रात की चुदाई यहीं ख़तम हो गई.
सुबह अंकल कब गये, मुझे नहीं पता चल पाया.
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(भाग-6)
अगले दिन, मैंने मेरी मम्मी के मोबाइल में दिन में मैसेज चेक किया.
उसमें ना अंकल का मैसेज था, ना एक भी फोन कॉल था.
ऐसे 2 दिन बीत गये, तीसरे दिन शाम को मुझे श्लोक का फोन आया.
उसने बताया की वो अपने नानी के घर से आ गया हैं वापस.
मैं उससे मिलने गया.
श्लोक ने मुझे अपने नानी के घर की सारी बातें बताई.
अभी हमारी कॉलेज की छुट्टी ख़तम होने मे, 8 दिन बाकी थे.
श्लोक के पापा और मम्मी, घर मे ही थे.
आंटी ने मुझे खाने के लिए ना जाने क्या क्या दिया, जो वो वहाँ से लेके आई थीं.
फिर श्लोक ने कहा की वो इस शनिवार की सुबह घूमने जा रहा है, अपने परिवार के साथ.
आंटी वही थीं.
अचानक, आंटी ने कहा – बेटा, तुम भी चलो हमारे साथ
मैंने कहा – नहीं आंटी, रहने दीजिए… मैं मम्मी से कह दूँगा… वो मुझे ले चलेंगी…
फिर मुझे आंटी ने कहा – अरे, तो कोई बात नहीं… मैं महक से कहती हूँ… वो भी चले, हमारे साथ…
फिर आंटी ने अंकल के तरफ देख के कहा – क्योंजी, अच्छा प्लान है, ना…
मैंने अंकल के तरफ देखा.
अंकल के चेहरे पर, एक खुशी सी आ गई.
ऐसा लग रहा था, जैसे आंटी ने उन्हें थाली में परोस के खाना दे दिया हो.
अंकल ने कहा – हाँ हाँ… क्यों नहीं…
फिर मैं कुछ देर बाद, घर आ गया.
आप तो समझ ही गये होंगें मेरा मन नहीं था, जाने का.
मैंने घर आकर, मम्मी से श्लोक के घर पर जो बातें हुई वो सब बता दी.
मम्मी ने कहा – नहीं, हम नहीं जाएँगे…
अगले दिन, गुरुवार था.
आंटी घर पर आई थीं.
आंटी ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, हम लोग परिवार की ट्रिप पर जा रहे हैं… आप लोग भी चलिए…
मम्मी ने कहा – नहीं दीदी… हम लोग, नहीं जा सकते…
आंटी ने कहा – क्यूँ महक… ??
मम्मी ने कहा – आप लोग को परेशानी हो जाएगी… और फिर, मुझे सही भी नहीं लगता… ये होते तो एक अलग बात थी…
आंटी बहुत अच्छी थीं, नेचर की.
वो मुझे बहुत प्यार करती थीं शायद पापा के यहाँ ना होने के कारण लेकिन उन्हें क्या मालूम था पापा के यहाँ ना होने की वजह से ही, अंकल ने उनके पीठ पीछे मेरी मम्मी के साथ ग़लत संबंध बना रखे थे.
या फिर, ये मेरी ग़लतफहमी थी.
पापा के रहते हुए, जब मम्मी अपने भाई से अपनी चूत मरवा सकती थीं तो पापा के रहते, शायद अंकल से भी मरवा ही लेती.
खैर, आंटी ने किसी तरह मेरी मम्मी को जाने के लिए मना लिया.
फिर शनिवार की सुबह, मैं और मेरी मम्मी तैयार हो के नीचे उतर गये.
अंकल, आंटी और श्लोक अपनी स्कॉर्पियो में हमारे घर के सामने आए.
हमने अपना सामान पीछे रखा और गाड़ी में बैठ गये.
आंटी आगे बैठीं थीं और मैं, श्लोक और मेरी मम्मी पीछे की सीट पर बैठे थे.
फिर हम लोग, घूमने के लिए निकल गये.
रास्ते मे, आंटी को वोमीट होने लगी.
अंकल ने गाड़ी साइड मे रोकी.
आंटी को वॉमिट हो रहा थी.
फिर आंटी ने मुंह धोया और कहा की उनके सिर मे बहुत दर्द हो रहा है.
अंकल ने कहा – पीछे की सीट पर बैठ जाओ, तुम और सो जाओ…
आंटी ने वैसा ही किया और आंटी पीछे के सीट पर आकर बैठ गई और मेरी मम्मी आगे की सीट पर बैठ गई.
आप ये समझो की ना जाने क्यूँ, किस्मत भी ऐसे लोगों का साथ देती है.
फिर अंकल, गाड़ी चलाने लगे.
आंटी सो गई थीं और गहरी नींद मे थीं और श्लोक और मैं बाहर के साइड देख रहे थे.
कुछ देर बाद, नज़र बचा कर मैंने धीरे से देखा.
अंकल साइड में घूम के मेरी मम्मी के तरफ देख रहे थे और धीरे से मुस्कुरा रहे थे और मेरी मम्मी भी उन्हें रिप्लाइ दे रही थीं.
करीबन 4-5 घंटे मे, हम लोग वहाँ पहुँच गये.
अंकल ने पहले से रिज़ॉर्ट बुक कर रखा था.
जिसमें, उन्होंने 2 रूम ले रखे थे.
एक में, वो लोग चले गये और एक में, मैं और मेरी मम्मी चले गये.
प्रोग्राम के हिसाब से, 1 घंटा आराम करने के बाद हमें निकलना था.
इस दौरान, मैं लगातार ये सोच रहा था की अंकल आज क्या जुगाड़ लगाएँगे.
खैर, मैं सबसे पहले जा के नहा लिया और अपने कपड़े पहन लिए.
फिर, मम्मी ने कहा – मैं भी अब नहाने जा रही हूँ… बहुत गरमी है…
मैंने कहा – ठीक है…
तभी श्लोक आया और उसने मुझसे कहा – यार, मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है… वो सो गई हैं…
मेरी मम्मी वही थीं.
उन्होंने कहा – मैं देख के आती हूँ…
फिर, मैं भी चला गया.
मम्मी के साथ, अंकल बिस्तर पर बैठे थे और आंटी सोई हुई थीं.
मम्मी ने जा कर, अंकल से पूछा – क्या हुआ… ?? दीदी की तबीयत, ज़्यादा खराब हो गई है क्या… ??
अंकल ने कहा – हाँ… थोड़ी देर बाद, कहीं निकेलेंगे… अभी सोई हुई है…
मम्मी ने कहा – अरे, कोई बात नहीं… पहले आप, दीदी पर ध्यान दीजिए…
भेन्चोद, दोनों क्या एक्टिंग कर रहे थे.
कोई देखे, जिसे पता नहीं हो तो सोच ही ना पाए की 3-4 दिन पहले इन्होने रात भर ऐसी चुदाई करी है, जो कोई सोच भी ना सके.
दोस्तो, कोई क्या… मम्मी और मामा को देख कर, मुझे कभी शक नहीं हुआ की…
खैर..
फिर अंकल ने अपना तीर फेंका और कहा – श्लोक और अफरोज़, तुम लोग जा के रिज़ॉर्ट घूम आओ तब तक…
श्लोक ने कहा – हाँ पापा… चल, अफरोज़ चलते हैं…
मैंने कहा – ठीक है…
और, मैं और श्लोक निकल गये.
हम लोग, सामने के ही बगीचे में खेल रहे थे.
मैंने देखा, मेरी मम्मी उस रूम से निकल के अपने रूम मे आ गई थीं.
करीबन 10 मिनट हो गये.
फिर, मैंने देखा की अंकल अपने कमरे से निकले और इधर उधर देख के मम्मी के कमरे के तरफ चले गये और खटखटाया और धीरे से कमरे मे चले गये.
मैं जानता था, मम्मी ने दरवाज़ा खोला है और अभी अंकल क्या करने वाले हैं.
मुझे लगा, अंकल को ये भी फ़िक्र नहीं की आंटी की तबीयत खराब है.
मौका मिले तो ऐसे लोग, किसी की अर्थी पर चढ़ कर भी चुदाई कर लें.
खैर, मैंने श्लोक से बहाना किया की मैं सूसू करके आता हूँ… तू थोडी देर, आंटी को भी देख ले… और मैं बगीचे के पीछे, साइड से कमरे की पीछे के साइड चला गया.
नीले रंग की काँच की खिड़की के थोड़े से भाग से, मुझे सब दिख रहा था.
अंकल ने, मेरी मम्मी को अपने गले से लगा रखा था.
मम्मी भी अंकल से पूरा चिपकी हुई थीं.
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के कानों में कुछ कह रहे थे और उनके माथे पर चूम रहे थे और बीच बीच मे मेरी मम्मी के होंठों पर चुम्मी कर रहे थे.
मम्मी थोड़ा दूर हटी और फिर बोली – सुनिए, यहाँ नहीं… सब देख लेंगे…
अंकल ने, मेरी मम्मी के हाथ को पकड़ा और कहा – तू बहुत डरती है, मेरी जान… कोई नहीं है, यहाँ… वो सो रही है… याद कर, तू भी ऐसे ही चुदी होगी अपने भाई से, जब तेरा पति सो रहा था… देख, अब मुझे और मत तडपा… उस दिन पलंग तोड़ चुदाई करके मेरे लंड को गुब्बारा बना दिया है… और ये कहते हुए, अंकल ने मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों को फिर से चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे करके, अंकल की गर्दन को पकड़ लिया और अंकल का पूरा साथ देने लगीं.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़े आने लगीं.
अंकल ने इस दौरान, हाथ पीछे करके मेरी मम्मी की स्कर्ट उठा दी थी और पैंटी के ऊपर से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को सहला रहे थे.
मेरी मम्मी ने* पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई थी.
अंकल अपनी दोनों हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को मसलते हुए, मेरी मम्मी के होंठों को चूम रहे थे.
अंकल ने इसी दौरान, अपनी दोनों हथेली मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दी और चुत्तड़ मसलने लगे.
मम्मी ने हाथ पीछे करते हुए, हटाना चाहा लेकिन अंकल ने ऐसा करने नहीं दिया और मम्मी, अपना हाथ फिर से अंकल की गरदन पर पकड़ के अंकल का साथ देने लगीं.
मम्मी ने सैंडल पहनी हुई थी इसी लिए अंकल को मम्मी के होंठ चूमने मे कोई परेशानी नहीं हो रही थी क्यूंकि मम्मी, अंकल से हाइट में छोटी हैं.
इधर अंकल, कभी उन्हें कमर पकड़ के उठा लेते फिर उनके होंठ चूमते.
मम्मी के सैंडल पहने से, आज उनके लिए ये आसान था.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी के होंठ चूस रहे थे.
कुछ देर बाद, अंकल ने एक हाथ पीछे से आगे कर लिया और मेरी मम्मी के चुचे को पकड़ लिया और टॉप के ऊपर से दबाने लगे.
मम्मी, अब मौन करने लगीं.
उनके मुंह से – आ अहह आ अहह आ अहह… की आवाज़ आने लगी.
अब मुझे लगा की कुछ और राज़ खुलेंगें.
अब दोनों, उस दिन की तरह बातें करना चालू करेंगें पर मुझे महसूस हुआ की चुदाई में इतना अश्लील होने में काफ़ी टाइम लगता है.
शायद, चूत में लंड डालने से पहले ऐसा ना हो.
खैर, अंकल अपने दाएँ हाथ से मेरी मम्मी की दाएँ चुचे को धीरे धीरे मसल रहे थे और अपने दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को सहला रहे थे और उन्हें चूम रहे थे.
कुछ देर और, ऐसा चलता रहा.
फिर अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की टॉप निकाल के ज़मीन पर गिरा दी.
मेरी मम्मी ने उस समय गुलाबी ही ब्रा पहन रखी थी.
उनकी ब्रा पारदर्शी थी और उनके निप्पल, लगभग 4-5 मीटर दूर से भी बिल्कुल खड़े दिख रहे थे.
मेरी मम्मी की ब्रा, बहुत टाइट थी.
अंकल ने हाथ पीछे करके, सबसे पहली मेरी मम्मी की ब्रा निकाल के उन्हें ऊपर से नंगा कर दिया.
अंकल ने तुरंत मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और और उनके माथे पर चूमा.
उसके बाद, कमर पर हाथ देके मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मम्मी के दोनों हाथ ऊपर करके पकड़ लिए और मेरी मम्मी के पहले होंठ पर चूमा.
फिर उनकी छाती के उभार चाटने लगे और मम्मी के निप्पल मुंह मे ले के चूसने लगे.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ कमरे मे आने लगीं और साथ मे मेरी मम्मी की आ आहह आ आ अहह आ आहह आ अहह… की आवाज़ आने लगी.
मम्मी को अंकल से चुदे हुए, 3 4 दिन हो चुके थे शायद वो इसी लिए बेताब हो रही थीं और इस वासना मे अंकल का पूरा साथ रही थीं.
अंकल बारी बारी से, मेरी मम्मी के चुचे के दोनों निप्पल चूस रहे थे.
अंकल ने अब अपना मुंह ऊपर कर लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसते हुए कहा – महक, तुझे देख के मैं पागल हो जाता हूँ… अब मत तडपा और कुछ बोल ना, उस दिन की तरह…
मम्मी ने कहा – नहीं, अभी नहीं… तब तो बड़ा अपनी पत्नी से प्यार दिखा रहे थे, आप… उसी के पास जाइए ना…
अंकल ने कहा – मैं समझा नहीं… तू क्या कह रही है…
मम्मी ने कहा – मैंने देखा, आज जो प्यार आप अपनी बीवी से करते हैं…
अंकल तुरंत हट गये और उन्होंने कहा – देख, अब ये शुरू मत कर…
मम्मी ने कहा – क्या हुआ… ?? कुछ ग़लत कहा क्या, मैंने… ??
अंकल ने कहा – मैंने भी तुझसे कहा था ना, अपने बेटे से बता दे… तुमने बताया… ??
मम्मी ने कहा – नहीं…
अब अंकल ने कहा – क्यूँ… ?? मैं बताता हूँ क्यूंकि तुम भी नहीं चाहती, मैं और तुम अलग हो… तुम्हें डर है की तुम्हारा बेटा, कहीं तुम्हारे लीचड़ पति से ना बोल दे और हमारा ये खेल ख़तम हो जाए… फिर, तुझे साल मे कभी कभी, वो बोरियत भरी चुदाई करने का मौका ही मिले… है ना… ?? क्या तुम्हें कभी ऐसा लगा है की मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ… ??
मम्मी ने कहा – मैंने ऐसा नहीं कहा है… जो आप, ये सब बातें कर रहे हैं…
अंकल बोले – तुमने ही मूड खराब कर दिया… मैंने तो जाने, क्या क्या सोचा था…
मेरी मम्मी, उनके सीने से जा के चिपक गई और कहा – अरे बाबा, आइ एम सॉरी… मेरा, वो मतलब नहीं था… मैं बस मज़ाक कर रही थी… चलिए, मैं आप को बताती हूँ… किस किस से और कैसे कैसे चुदी…
अंकल ने कहा – चल, ठीक है… छोड़ सब…
फिर कुछ देर वो अपने सीने से मम्मी को चिपकाए हुए, उन्हें प्यार करते रहे.
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी का स्कर्ट के बटन खोल दिया.
मेरी मम्मी की स्कर्ट नीचे गिर गई और मेरी मम्मी अब सिर्फ़ पैंटी मे थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पीछे घुमा दिया और पीछे से पकड़ के उठा के दीवार के पास ले गये और और मेरी मम्मी की पैंटी जांघें तक खिसखा दी और गांड पर हाथ रख के सहलाया और पीछे से उनके चूत में अपनी उंगली घुसा दी और रगड़ने लगे.
मम्मी के मुंह से – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह… निकलने लगा.
अब अंकल ने पूछा – हाँ, मेरी जानू… अब बता, तेरी इस चुड़दकड़ चूत ने कितने बड़े, मोटे, लंबे लंड खाए हैं…
मम्मी सिसकारी भरती हुईं बोलीं – उनमह… 4…
ना जाने अंकल को क्या हुआ, उन्होंने बाल पकड़ के मम्मी को सीधा किया और खींच के एक तमाचा दिया.
मम्मी गिरते गिरते बची और हैरानी से, अंकल को देखने लगीं.
इससे पहले, मम्मी कुछ बोलती अंकल ने कहा – मुझे अपना लीचड़ पति, समझने की ग़लती मत करना छीनाल… बहन की लौड़ी, कभी कहती है 4 कभी 8 कभी 16… साली कुतिया, अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने खोल के रख दिया, मैंने… ये भी बता दिया की अपनी ही माँ को चोद के मैंने अपनी नथ उतारी और तू साली, मुझे चूतिया समझती है… तेरा लोडू पति नहीं हूँ मैं समझी, माँ की लौड़ी… अगर सच बोलता हूँ तो सच ही सुनना पसंद करता हूँ…
मम्मी रोने लगी और बोलीं – ऐसा नहीं है… सच तो ये है की मैंने इनके और आपके सिवा, किसी से नहीं किया… वो तो आप एंजाय करें इसलिए मैं कुछ भी बोल रही थी…
अंकल ने खींच के एक और तमाचा दिया और मम्मी के बैग से उनका मोबाइल निकाल लिया.
फिर बोले – बहन की लौड़ी… ये सावित्री वाला नाटक तो करना मत… बड़ी भोली है तू, जो सिर्फ़ मेरे मज़े के लिए ये सब बोल रही थी… लगाऊँ अभी फोन, तेरे भाई को… (कुछ देर रुक के) चल उठ… चल अभी चल, डॉक्टर के पास… तेरे सारे टेस्ट करवाता हूँ… बस एक बात याद रखना, अगर तेरी बात झूठ हुई की तूने मेरे और अपने पति के सिवा किसी के साथ नहीं किया और सिर्फ़ मेरे एंजाय के लिए ये किया तो माँ चोद के रख दूँगा, तेरी… अगर, मैं तेरे प्यार में जान दे सकता हूँ तो तेरी जान ले भी सकता हूँ… चल उठ, अभी के अभी…
अंकल मम्मी का हाथ खींच के उन्हें उठाने लगे.
अब मम्मी, थोड़ी घबराई सी लगीं और रोते रोते बोलने लगीं – नहीं मुझे माफ़ कर दीजिए… ग़लती हो गई… आइ एम सॉरी…
अंकल ने उन्हें छोड़ दिया और थोड़ी देर, दूसरी तरफ मुँह करके खड़े हो गये.
फिर कुछ देर बाद, अंकल बोले – महक, मुझे माफ़ कर दे… पर क्या करूँ, मैंने अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दिया… तू ही सोच कोई बताएगा की उसने अपनी माँ को ही चोदा है… फिर तू क्यूँ मुझसे झूठ बोलती है… मुझे धोखा देती है…
अंकल ने मम्मी के आँसू पोछे और उन्हें गले से लगाया.
फिर कुछ देर बाद, वो बोले – चल, तू मुँह हाथ धो ले… मैं अपनी वाइफ को और लड़कों को देख के आता हूँ… क्या कर रहे हैं…
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इधर मैं फ़ौरन दौड़ के गया और आंटी के रूम में घुस गया.
किस्मत से दरवाज़ा खुला हुआ था.
श्लोक मम्मी के बगल में ही सो गया था तभी अंकल अंदर घुसे.
मुझे खड़ा देख और श्लोक और आंटी को सोता देख वो बोले – तुम भी कुछ देर आराम कर लो, अफरोज़… सो जाओ… फ्रेश हो जाओगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा…
मैंने कहा – जी अंकल… मैं भी यही सोच रहा था…
अंकल – चलो, तुम लोग आराम करो… मैं थोड़े काम ख़तम करके आता हूँ…
और, वो चले गये.
जैसे ही, अंकल निकले मैं भी चुपके से निकल लिया.
जब मैं पहुँचा तो सब सामान्य हो चुका था.
अंकल और मम्मी (नंगी बैठ कर) बातें कर रहे थे.
मम्मी ने पूछा – प्रोटेक्शन है ना…
तो अंकल ने कहा – नहीं…
मम्मी ने कहा – साथ क्यों नहीं रखा…
अंकल ने कहा – तू कोई रंडी है क्या… ?? मेरी ही है ना… फिर क्यों रखू… और, फिर से मेरी मम्मी की चूत रगड़ने लगे.
मम्मी – आ आहह आ आहह आ आहह… करने लगीं.
थोड़ी देर में ही, मेरी मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
अंकल की हथेली, मेरी मम्मी के पानी से गीली हो गई थी.
मुझे लगा, अभी कुछ देर पहले ही मम्मी अंकल से पीटी थीं और अब उनकी चूत ने, अंकल के लिए पानी छोड़ दिया था.
मम्मी अंकल के हाथ पर, अपना पानी निकाल चुकीं थीं। पीटने के सिर्फ़ 10 15 मिनिट बाद और अंकल ने उसी हाथ से मेरी मम्मी के नंगे चुत्तड़ पर खींच के पूरी ताक़त से 2 चाटें और मारे.
इस बार गुस्से में या चुदाई के जोश में, मुझे नहीं पता.
फिर वो सीधे हो के अपनी जीन्स निकालने लगे.
मम्मी ने तब तक अपनी पैंटी निकाल ली और अंकल के सामने, पूरी नंगी हो गई.
अंकल ने तब तक अपना जीन्स निकाल लिया था और अंडर वियर में और टी शर्ट में थे.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा हो चुका था और मम्मी घुटनों के बल, ज़मीन पर बैठ गई और अंकल का अंडर वियर खींच के उनकी जांघों तक कर दिया.
अंकल का लण्ड, तन के खड़ा था.
मम्मी ने अपने हाथ मे, अंकल का लण्ड पकड़ा और सहलाने लगीं.
अब मेरी मम्मी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और अंकल के लण्ड को नीचे से ऊपर तक, एक बार चाटा और धीरे धीरे अंकल का लण्ड चूसने लगीं.
मेरी मम्मी अपने एक हाथ से अंकल का लण्ड पकड़े हुए, उनका लण्ड मुंह मे ले के चूस रही थीं.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगी.
मैंने देखा अंकल ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह आ अहह आ आहह आ आहह आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
मेरी मम्मी, एक हाथ अपनी चूत पर रख के रगड़ने लगीं.
मेरी मम्मी की वासना भी इस समय, चरम पर थी.
अपने हाथ से अपनी चूत रगडे जा रही थीं और अंकल का लण्ड, चूसे जा रही थीं.
अंकल लगातार, अपनी आँखें बंद किए हुए थे.
उन्हें मेरी मम्मी का लण्ड चूसना, बहुत पसंद था.
कुछ देर के बाद, मेरी मम्मी ने अपना मुंह उनके लण्ड से बाहर निकाल दिया.
वो पूरा थूक से भरा हुआ था और अंकल का लण्ड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
अंकल ने अब मेरी मम्मी के कंधे को पकड़ के खड़ा कर दिया और उनके होंठ चूमने लगे.
देखते देखते, उन्होंने मेरी मम्मी को घुमा दिया और पीछे खड़े हो गये और मेरी मम्मी को झुका के खड़ा करते हुए, उनकी चूत मे अपना लण्ड घुसा दिया और कमर पकड़ते हुए, मेरी मम्मी को चोदने लगे.
अंकल अपना पूरा लण्ड, मेरी मम्मी के चूत मे घुसा के अंदर बाहर कर रहे थे.
मेरी मम्मी आ आ आ आहह आ आहह आ आहह आ आ अहह… कर रही थीं.
अंकल ने कहा – धीरे आवाज़ कर… सब सुन लेंगे…
मम्मी ने कहा – साफ कहिए, आपको डर लग रहा है… आपकी वाइफ देख लेंगी…
अंकल ने कहा – हाँ, तू यही समझ… और कस कस के मेरी मम्मी को चोदने लगे.
मम्मी ने दर्द से हाथ पीछे किया और गांड पर रख दिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों हाथ पीछे कर के पकड़ा और कस कस के, धक्का मारते हुए मेरी मम्मी के चूत मे अपना लण्ड डालने लगे.
मेरी मम्मी की सिसकारियों की चीख कमरे मे गूँज रही थी.
मेरी मम्मी के चुत्तड़, अंकल के धक्के से हिल रहे थे.
अब मम्मी बोली – आज कोई बात नहीं करनी…
अंकल – नहीं यार… आज थोड़ा मूड अलग हो गया… वैसे भी जल्दी जल्दी में, ऐसी चुदाई करने में मज़ा नहीं आएगा… फ़ुर्सत वाली चुदाई में, मज़े करेंगें…
मैंने जब सुबह, अंकल को मेरी मम्मी को ऊपर से नीचे देखते हुए देखा था तब ही मेरे मन में ये आ गया था की आज अंकल मेरी मम्मी पर फिर से अपना हवस निकालेंगे और यही हो रहा था.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी को कुत्ते की तरह चोदे जा रहे थे.
बस आज उस दिन, जैसे बातें नहीं हो रही थीं.
ना अंकल की मम्मी की ना, मम्मी के चुदाई की.
कुछ देर बाद, अंकल रुक गये और उन्होंने मेरी मम्मी को चोदना बंद कर दिया.
मेरी मम्मी की चीखें भी बंद हो गई.
अंकल ने लण्ड, मेरी मम्मी के चूत से बाहर निकाला और मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर तमाचे बरसाने लगे.
मुझे ऐसा पता नहीं क्यूँ लग रहा था की आज अंकल, मम्मी को ज़्यादा और बहुत तेज़ पीट रहे थे.
तमाचे मारने के अंदाज़ से सॉफ था की वो वासना की जगह, गुस्से में मारे जा रहे हैं.
मुझे बाहर तक तमचो की गूँज सुनाई दे रही थी.
खैर, अपने दोनों हाथ से वो मेरी मम्मी की गांड पर थप्पड़ मारते रहे.
जब तक की मेरी मम्मी के चुत्तड़, अंकल के हथेली के निशान से लाल नहीं हो गये.
मम्मी, कोई प्रतिरोध नहीं कर रही थीं.
बस उनकी – आ आ आ आ अहह… की आवाज़ें आती रही.
अंकल ने अब मम्मी को अपनी तरफ घुमाया.
मैने देखा, मेरी मम्मी की आँखों में अब आँसू थे.
अंकल ने कहा – क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – कुछ नहीं… शायद, मुझे दर्द में देख के आपको आज खुशी मिल रही है…
अंकल ने कहा – नहीं… ऐसा कुछ नहीं… ज़्यादा तेज़ लगी क्या… और ये कह के मेरी मम्मी को अपने सीने से लगा लिया और माथे पर चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ, अंकल की गरदन पर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के होंठ चूमते हुए, मम्मी के चुत्तड़ को पकड़ के उठा लिया और अपने लण्ड के ऊपर नीचे करते हुए, मेरी मम्मी को फिर से चोदने लगे.
मेरी मम्मी लगातार, अंकल को चूमे जा रही थी और अंकल से चुदवा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना पूरा जिस्म, अंकल के हवाले कर दिया था.
ठीक वैसे ही, जैसे एक रंडी हर हाल में अपने ग्राहक को खुश करती है.
जिसे अंकल, जिस तरह चाह रहे थे वैसे कर रहे थे.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी को अपने लण्ड के ऊपर नीचे कर रहे थे.
मेरी मम्मी के चुचे, ऊपर नीचे हो रहे थे.
अंकल मे ताक़त बहुत थी.
वो बड़े आराम से, मेरी मम्मी को उठा लेते थे और उनकी चुदाई करते थे और शायद अंकल की इसी ताक़त भरी चुदाई की मेरी छीनाल मम्मी दीवानी हो गई थीं.
ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था तभी एक आ आ अहह… की आवाज़ के साथ, अंकल शांत पड़ गये.
अभी अंकल ने मेरी मम्मी को नीचे नहीं उतारा था.
मैंने देखा, अंकल का वीर्य उनके लण्ड से होते हुए नीचे ज़मीन पर गिरने लगा.
अब अंकल, मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.
अब उन्होंने मेरी मम्मी के चुत्तड़ से अपनी पकड़ ढीली कर दी और मेरी मम्मी नीचे उतर गई.
मेरी मम्मी और अंकल, दोनों के शरीर से पसीना निकल रहा था और साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अपनी जीभ से अंकल के लण्ड पर लगे वीर्य को चाट के साफ किया और अपनी पैंटी उठा के अंकल का लण्ड साफ कर दिया और ज़मीन पर गिरा पूरा वीर्य पोंछ दिया.
उसके बाद, अंकल ने अपने कपड़े पहन लिए और जाने लगे.
मम्मी ने अंकल से कहा – बस हो गया… मेरी वैल्यू, बस इतनी है ना…
अंकल ने कहा – मतलब… ??
मम्मी चुप हो के दूसरे साइड जा के अपनी स्कर्ट पहनने लगी और बिना ब्रा पहने टॉप डाल लिया.
अंकल उनके पास गये और कहा – क्या बात है… ??
मम्मी ने कहा – आप भी जानते हैं, क्या बात है…
अंकल ने कहा – देखो, सीधे सीधे कहो… पता नहीं, आज तुम्हें हुआ क्या है… ??
मम्मी ने कहा – मेरी वैल्यू बस इतनी है… आप आए, मेरे साथ मज़े लिए, मेरी चूत चोदि और चले गये…
पहली बार, मैंने आम समय यानी जब चुदाई ना हो रही हो तब चूत सुना.
अंकल ने कहा – ऐसा क्यों कह रही हो… आख़िर बात क्या है, महक… ??
मम्मी ने कहा – और क्या… ?? मैं देख नहीं रही हूँ क्या… ?? जल्दी से किया और अपनी बीवी के पास जाने के लिए, बेताब हो गये…
अंकल ने कहा – ये सब तुम्हारी बकवास है, समझी… उसकी तबीयत खराब है…
मम्मी ने कहा – मैं सब जानती हूँ, बहाना है सब…
अंकल ने कहा – तुम अब बहुत ज़्यादा बोल रही हो… इंसानियत के नाते ही सोचो यार, उसकी तबीयत खराब है… अरे हाँ, लेकिन जो अपने ही भाई से अपने पति के घर में रहते हुए चुदती हो, उसमें इंसानियत कहाँ से होगी… लगता है, तुम्हारी तो आत्मा भी मर गई है… सॉफ सॉफ सुन लो, वो मेरी बीवी है और तुम… …
मम्मी की आँख से आँसू आ गये.
उन्होंने अंकल से कहा – हाँ, मैं समझ गई आप क्या कहना चाहते हैं… मैं दूसरी औरत… रखेल… हे ना…
अंकल ने कहा – जो सोचना है, सोचो… रो बैठ के… तुम जैसी औरतों का मैं क्या, कोई कुछ नहीं कर सकता… और अंकल निकल गये.
उस रूम में, मेरी मम्मी कुछ देर वही बैठ के रोती रही.
अंकल सीधा, आंटी के रूम में चले गये.
फिर मैं, वहां से चला गया.
शायद अंकल ने, श्लोक को जगा दिया था.
श्लोक बाहर आ गया, उसने मुझे देखा और बोला – कहाँ चला गया था… ??
मैंने कहा – नहीं, कहीं नहीं… यहीं था… तू तो सो गया था तो मैं इधर उधर घूम रहा था…
करीबन 1 घंटा, हम लोग बाहर थे.
फिर अंकल ने आवाज़ दी – बच्चों तैयार हो जाओ… हम लोग निकलेंगे, बाहर के लिए…
आंटी नहा के रेडी हो चुकी थीं और अब पहले से ठीक लग रही थीं.
मैंने दरवाज़े खटखटाया.
मम्मी ने दरवाज़ा खोला.
उन्होंने भी नहा के साड़ी पहन ली थीं.
फिर हम रिज़ॉर्ट से घूमने निकले.
मेरी मम्मी एकदम चुप थीं.
वो ऐसी लग रही थीं जैसे ज़बरदस्ती कोई उन्हें साथ लेके आया हो अपने साथ.
उसके बाद, हम लोग शाम को वापस अपने शहर के लिए लौट गये.
अंकल ने सबसे पहले, गाड़ी हमारे घर के सामने रोकी और हम लोग, गाड़ी से उतर गये.
जाते ही, मम्मी सो गई.
मम्मी का मूड, बहुत ऑफ था.
सुबह, मेरी मम्मी 7 बजे चाय लेके आई और मुझे उठाया.
मेरी मम्मी का मूड, अभी भी खराब था।
मैं चाह रहा था, इसी बहाने अंकल अब मेरे घर ना आए.
पूरे दिन ना अंकल का फोन आया, ना मेरी मम्मी ने उन्हें फोन किया.
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रात मे, जब हम लोग खाना खा रहे थे, उस समय मम्मी के सेल पर रिंग बजने लगा.
मैंने देख लिया था, अंकल का फोन था क्यूंकि फोन मेरे सामने रखा हुआ था लेकिन मम्मी ने फोन साइलेंट कर के रख दिया.
उस समय उठाया नहीं, लेकिन अंकल बार बार फोन कर रहे थे.
खाना खाने के बाद, मेरी मम्मी अपने कमरे मे चली गई.
मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अंकल का साथ छोड़ेगी नहीं क्यूंकि मेरी मम्मी अंकल के लिए, बेताब हो रही थीं.
आप जानते हैं की अंकल कितनी भी नौटंकी क्यूँ ना कर लें, मुझे ये डर था की अंकल के लिए मेरी मम्मी सिर्फ़ एक औरत थीं. जिनको वो सिर्फ़ चोद रहे थे और मुझे अब ये लग रहा था की अंकल भी मेरी मम्मी का वो हाल ना कर दे की मेरी मम्मी को अंकल के सब दोस्त मिल के खाए.
जो लोग, शुरू से ये कहानी पढ़ रहे हैं उन्हें ये पता होगा की कहानी की शुरूवात में अंकल के दोस्तों ने उनसे मेरी मम्मी को चोदने के लिए कहा था और अंकल ने थोड़ा वक़्त माँगा था.
खैर, मेरी मम्मी पूरी रांड़ थीं. एक दो का क्या, वो तो आधे शहर का खा जाएँ.
इधर, मैं दरवाज़े के पास जा के सुन रहा था.
फोन पर बात करने की तो आवाज़ आ रही थीं लेकिन, मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था इसीलिए मैंने वहां खड़ा रह के टाइम वेस्ट ना करने का सोचा और चुप चाप जाके सो गया.
अगले दिन, आम दिन का रुटीन चलता रहा.
उस दिन भी अंकल आए नहीं, मिलने के लिए.
ऐसे दो दिन बीत गये थे, इसका रीज़न एक ये भी था की मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थीं शायद अंकल ये सोच के नहीं आ रहे होंगे.
बुधवार की रात में, मैंने मम्मी के मोबाइल पर अंकल का मैसेज देखा.
“कल 11 बजे…”
मैं जान रहा था, अंकल मेरी मम्मी को कहीं ले जाने का सोच रहे हैं और कसम से दोस्तो, मेरा सोचना बिल्कुल सही था.
मेरी मम्मी ने मुझे सुबह कहा – अफरोज़, आज मैं सोनाली आंटी के साथ शॉपिंग करने जा रही हूँ… शाम तक वापस आ जाउंगी…
मैं क्या कहता.
मैंने कहा – हाँ, मम्मी ठीक है…
लेकिन मैं जानता था, मेरी मम्मी अंकल के साथ अपनी प्यास बुझाने जा रही थीं.
“छीनाल की चूत” इतनी बेइज़्ज़ती के बाद भी मचल रही थी.
अरे, मैं तो भूल ही गया छीनाल की इज़्ज़त होती कहाँ है.
मम्मी ने उस दिन, लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था.
वो एक दम, मस्त लग रही थीं.
उनके उभार की गहराई, साफ झलक रही थीं.
ठीक 10:50 पर, मम्मी नीचे उतर गई.
मैंने दबे पाँव, नीचे तक गया.
वहां देखा, कुछ दूर पर अंकल ने अपनी कार खड़ी रखी थी.
मम्मी धीरे धीरे चलते हुए, जा के अंकल की कार मे बैठ गई और वो चले गये.
मैं ऊपर गया और जितनी जल्दी हो सकता था, स्कूटी की चाबी ले के नीचे आया.
मैं जानता था की मैं अंकल की कार की स्पीड को कभी मैच नहीं कर पाऊँगा.
लेकिन कहते है ना, जो लिखा रहता है वो हो ही जाता है.
शायद मैं गवाह बनने वाला था, मम्मी की पाप की आदलत में.
अंकल की गाड़ी मैंने ट्रॅफिक में देखी.
मैं धीरे धीरे, साथ चलता रहा.
पता नहीं क्या बात थी, जो उस दिन सड़कों पर इतनी भीड़ थी.
अंकल वहीं चले गये, जहाँ उन्होंने पहली बार मेरी मम्मी को पार्टी के बाद लेके गये थे.
वो उनके दोस्त का घर था.
अंकल ने गाड़ी रोकी और मेरी मम्मी को ले के घर मे चले गये.
अंकल के पास, पहले से उस घर की चाबी थी.
मुझे मालूम चल गया की उनके दोस्त ने, अंकल को चाभी दी है. उसी दिन की तरह.
अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया.
मैं चुप चाप, पीछे से जा के देखने लगा.
मेरी मम्मी ने जाते ही, पहले अपना पर्स टेबल पर रख दिया.
अंकल ने पहले बेड रूम का दरवाज़ा बंद कर दिया और फिर अपना पर्स निकाल के टेबल पर मम्मी के पर्स के बगल मे रख दिया.
मम्मी जा के बिस्तर पर बैठ गई.
मम्मी ने अंकल से पूछा, उनके दोस्त के बारे में वो कहाँ है.
अंकल ने हंसते हुए कहा – क्या बात है… वो तुझे पसंद है क्या… जो उसके बारे में पूछ रही है… ??
मुझे कुछ अजीब लगा.
क्या मम्मी, अंकल के दोस्त से पहले भी मिल चुकी थीं.
वैसे ना जाने क्यूँ, मुझे लग रहा था की अब अंकल मम्मी को अपने दोस्त से भी चुदवाने वाले थे.
मम्मी ने, हंसते हुए कहा – नहीं, ऐसा नहीं है… घर मे कोई नहीं था और चाभी आपके पास थी इसी लिए पूछा…
अंकल ने कहा – आख़िर, दोस्त ही काम आते हैं, इन सब चीज़ो मे…
अंकल आ कर, बिस्तर पर बैठ गये.
वो मेरी मम्मी को, घूर घूर के देख रहे थे.
अंकल जा के मम्मी की गोद मे लेट गये और मेरी मम्मी बैठीं हुई थीं और अंकल के बाल सहला रही थीं.
अंकल ने कहा – महक, तुम जब भी कहती हो की मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ… मुझे बहुत बुरा लगता है…
मम्मी ने कहा – मैंने उस दिन गुस्से में कह दिया था… मुझे नहीं कहना चाहिए था…
उसके बाद, वो झुक के अंकल का सिर चूमने लगीं.
चूमते चूमते, वो अंकल के लिप्स पे आ गई और धीरे धीरे अंकल के साथ लिप किस करने लगीं.
मम्मी को देख के लग रहा था की आज, उनमें “काम वासना” बहुत ज्यादा है.
अंकल ने अपना हाथ ऊपर करके मेरी मम्मी की गरदन को पकड़ लिया और दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.
फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगीं.
मैं जान चुका था की मम्मी ने क्यों कहा की वो शाम को आएँगी क्यूंकि आज अंकल दिन भर, मेरी मम्मी के कमसिन और छीनाल बदन को मसलने वाले थे.
अंकल और मेरी मम्मी लगातार एक दूसरे के होंठ से चिपके, अपनी आग बुझा रहे थे.
अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, तुझे ये बेड याद है ना… इसी बेड पर पहली बार मैंने तुझे अपना बनाया था…
मम्मी ने कहा – हाँ याद है… उस दिन आप मुझे चोदना चाहते थे और आज मैं मचल रही हूँ, आपका लंड अपनी प्यासी चूत में लेने के लिए… चोद डालिए आज मुझे, किसी बाजारू रांड़ की तरह…
अंकल ने कहा – क्या हुआ, महक… तू आम तौर पर ऐसी बात नहीं करती…
मम्मी – आपको पसंद है ना… ?? और क्या क्या पसंद है आपको, बताइए ना… ??
अंकल – तेरे मुँह से गाली सुनना और भी बहुत कुछ… …
मम्मी – अब क्यूँ कुछ सोच रहे हैं… आज आपको जो पसंद है, वही होगा… बताइए सब… क्या क्या पसंद है… ??
अंकल – देख महक, वैसे पसंद तो तेरे से, तेरी चुदाई की बातें करना भी है पर जब तू झूठ बोलती है तो उस दिन की तरह, दिमाग़ खराब हो जाता है… तू जानती है, मैंने अपनी जिंदगी खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दी है और… …
मम्मी (बीच में ही) – उस दिन की छोड़िए… मैं उस दिन के लिए, आपसे माफी माँग तो चुकी हूँ… अब आपको जो सुनना है, आप वही सुनेंगें…
अंकल – अरे वाह!! मेरी रानी… सच बात तो ये है महक, उस रात भी इतनी ही हसीन थीं और आज भी तुम्हें जितना देखता हूँ, उतनी हसीन नज़र आती हो… बस, हर बार चुदाई में मज़ा बढ़ता गया… महक, उस दिन के लिए मैं भी तुझसे माफी माँगना चाहता हूँ… मुझे तुझ पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था… पर ग़लती तेरी भी थी… अगर तेरी तबीयत खराब हो और मैं तुझ पर ध्यान ना दूं तो क्या तुझे बुरा नहीं लगेगा… तू मेरी जान है महक, रखेल नहीं… फिर कभी, ये बात दिल में मत लाना… और फिर उठ के बैठ गये और अपनी शर्ट निकाल के, बिस्तर के कोने पर रख दिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के कंधे को पकड़ते हुए मेरी मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके बगल मे लेट गये.
फिर, वो बोले – महक, एक बात बता…
मम्मी – जी… पूछिए, आज आप को जो पूछना है…
अंकल – तूने कभी, दो के साथ किया है…
कुछ देर, मेरी मम्मी चुप रहीं और यहाँ मेरी धड़कन भी बढ़ गई.
क्या मम्मी, सच बोलेंगी और अंकल आज चुदाई के पहले ही इतने बिंदास होकर, मम्मी से ये सब क्यूँ पूछ रहे हैं.
क्या आज अंकल का विचार, उन्हें अपने दोस्त से चुदवाने का भी तो नहीं है.
कुछ सोचने के बाद, मम्मी बोलीं – हाँ…
सॉफ लगा की अंकल को एक कपकपी सी छूट गई.
वो बोले – बता ना महक कैसे, कब, कहाँ… ?? दोनों बॉय फ्रेंड तो नहीं होगे… कौन थे… बता ना, महक… ??
अंकल, बहुत बेसब्र लग रहे थे.
उन्होंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ लिया था और पैंट के उपर से, बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे.
मम्मी ने कहा – सब बता दूँगी, आज… पहले चोदिये तो…
अंकल – नहीं ना, महक… चोदते वक़्त, ऐसी बात करने से बहुत जल्दी निकल जाता है… बता ना महक, तुझे मेरी कसम, तेरे पिल्ले की कसम… तूने मुझसे वादा किया है…
मम्मी चाहती तो झूठ बोल सकती थीं.
भले ही अंकल, मम्मी को दुबारा डॉक्टर के पास ले जाने की धमकी देते पर कोई टेस्ट, ये नहीं बता सकता की एक साथ कितने लंड लिए थे.
पर मम्मी ने झूठ नहीं बोला.
उनमें सच बोलने की हिम्मत थी पर अंकल के लिए.
खैर…
मम्मी बोलीं – शादी से पहले, एक बार थोड़ी सी शोपिंग के लिए…
अंकल – आह माह… महक… तूने धंधा किया था… बता ना, महक… कहाँ चुदि थी… कार में या किसी होटेल में गयी थी या क्लाइंट के घर…
मम्मी – अपने घर में…
अंकल ने बहुत ज़ोर से अपने लंड को भींच लिया.
मुझे ऐसा महसूस हुआ की अंकल का इतने में ही निकल गया है.
फिर अंकल थोड़े शांत हो गये.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ??
अंकल – कुछ नहीं रे… तू तो मुझे मार ही डालेगी…
मुझे अंकल पर थोड़ा गुस्सा आया, इतनी जल्दी निकालने पर.
फिर अंकल ने मेरी मम्मी के सिर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी मम्मी के चेहरे पर जो लट थी, उसे पीछे करते हुए उनके गाल सहलाने लगे और माथे पर चूमा.
फिर धीरे धीरे, मेरी मम्मी के होंठों को चूसने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ आगे कर के, अंकल के सिर को पकड़ लिया और अंकल का साथ देने लगीं.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे.
अंकल ने धीरे से, एक हाथ नीचे करके ब्लाउज के ऊपर से मेरी मम्मी का चुचे पकड़ लिया और मम्मी के होंठ चूसते हुए मम्मी के स्तन को मसलने लगे.
मम्मी धीरे धीरे बेताब हो के, अपनी टांगें इधर उधर फेंकने लगीं.
अंकल बीच बीच मे, मेरी मम्मी के पेट को अपने हाथ से सहला रहे थे और उनकी नाभियों मे हरकत कर रहे थे.
मुझे यकीन था, उनका अभी दुबारा खड़ा नहीं हुआ था.
क्यूंकी मम्मी पर वासना और बेताबी सॉफ दिख रही थी पर अंकल ने अभी बात करना शुरू नहीं किया था.
सच बात तो ये है दोस्तो, ये जानने के बाद भी की मेरी मम्मी एक छीनाल भी थीं और पैसे के लिए भी धंधा कर चुकीं थी, वो भी अपने मायके में, मेरा लंड भी तन गया था.
खैर, अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया और उनके चुचे ब्रा के ऊपर से दिखने लगे.
आज पहली बार, मेरा मन हुआ की उन्हें मसल डालूं, बुरी तरह से नोच डालूं, मुँह में डाल के काट लूँ…
अपनी मां की मां चोद डालूं पर…
अंकल ने मम्मी को चूमते हुए उनके गले को चूमने लगे और बीच बीच मे अपना मुंह मेरी मम्मी के छाती के ऊपर रख के रगड़ दे रहे रहे थे.
मेरी मम्मी की धीमी धीमी – आ आ आहह… आ आ आहह… ओफ फ फ फफ्फ़… आ आ आहह… की सिसकारियाँ, मेरे कानों मे आ रही थी.
अंकल ने अब मेरी मम्मी का ब्लाउज निकाल के बिस्तर के नीचे फेंक दिया और उसके बाद हाथ पीछे करके, मेरी मम्मी के ब्रा के हुक खोल के आगे से खींच के निकाल के ऊपर से मेरी मम्मी को नंगा कर दिया.
मेरी मम्मी के मम्मे पर, ब्रा के दाग छपे हुए थे.
अब शायद अंकल का, दुबारा तन चुका था.
अंकल ने मेरी मम्मी के एक चुचे को पकड़ा और निप्पल को अपने मुंह मे ले लिया और मेरी मम्मी के निप्पल, धीरे धीरे चूसने लगे.
मेरी मम्मी लगातार – आ अहह आ अहह आ अहह आह ह आ अहह आ अहह आ आहह ऊऊ ओफ फ्फ़ ऊओफ फ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की सिसकारियाँ ले रही थीं.
मम्मी बोलीं – अब क्या हुआ, आपको… आज करिए ना, जो बात करनी है… पूछिए, जो पूछना है… सब बताती हूँ…
अंकल – लगता है, मेरे पूछने से ज़्यादा तुझे बताने में मज़ा आ रहा था, मेरी जान…
मम्मी – हाँ आ ह ह ह ह ह हह…
अंकल – महक, क्या मैं जो चाहूं बोल सकता हूँ… तू सच में, किसी बात से नाराज़ नहीं होगी…
मम्मी – इयाः आ ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… बोल ना मा दार चोद स स स स स स स स स स…
अंकल – मैं तुझे अपने सामने चुदते हुए, देखना चाहता हूँ…
मम्मी – आँह स स स स स… बहन के लौड़े, तो चुदवा ना, अपनी छीनाल को… तेरी मां का भोसड़ा… गाली दे मुझे… बोल मुझे रंडी… ला मेरे लिए, लंड… मां की चूत ह ह ह ह ह स स स स स… बोल ना गान्डू… और गंदा बोल…
मुझे समझ आ गया की आज मम्मी, अपना “कंट्रोल” खो चुकी हैं.
अंकल – तो सुन साली, छीनाल… तेरी मां की चूत, बहन की लौड़ी… मैं तुझे किसी और के सामने, नंगा करना चाहता हूँ… तेरी चूत के अंदर, लंड जाते हुए देखना चाहता हूँ… बोल ना, अपने भाई से अपने साथ करने के लिए… मैं तुझे उसके सामने नंगा करूँगा… वो तेरी चूत चोदेगा… मैं तेरी गांड चोदुगा…
मम्मी ने अब ज़ोर की सिसकारी भरी और अपनी कमर उठा के, अपनी चूत को पकड़ लिया.
कुछ देर, उनकी टाँगें हिली और वो शांत हो गयीं.
अंकल और मैं समझ गये, मम्मी झड़ चुकीं हैं.
अब अंकल, मेरी मम्मी को दुबारा गरम करने के लिए अपनी जीभ मेरी मम्मी के निप्पल के गोल गोल घुमाने लगे.
मेरी मम्मी ने तुरंत उनके बाल पकड़ लिए और लगभग तुरंत ही, अंकल के साथ वासना का मज़ा ले रही थीं.
शायद, औरत और मर्द में यही फ़र्क है.
अंकल ने अब, मेरी मम्मी की बाई चुचे को पकड़ा और चूसने लगे.
बातें अब फिर से, रुक चुकी थीं.
लेकिन, कभी दाएँ कभी बाएं अंकल लगातार, मेरी मम्मी के चुचे को चूस रहे थे.
कमरे मे ह्म्म्म्म मम ह्म्म्म्म म ह्म ह्म फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच और मेरी मम्मी के आ आह ह आ आ अहह की आवाज़े आने लगीं थीं.
बिना नीचे से नंगे तक हुए, आज शायद पहली बार दोनों ने छोड़ा था.
खैर, अंकल इस दौरान मेरी मम्मी के पेट को सहला रहे थे.
उन्होंने हाथ नीचे करते हुए, मेरी मम्मी के साड़ी का जोड़ खोल दिया.
मेरी मम्मी ने थोड़ा कमर को उठाया और अंकल ने, मेरी मम्मी की साड़ी निकाल के बिस्तर के नीचे फेंक दी.
अब मेरी मम्मी, पेटीकोट मे थीं.
अंकल ने देर ना करते हुए, मेरी मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया और अपना हाथ मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा के, अंदर हरकत करने लगे.
मैं जान रहा था, अंकल मेरी मम्मी की चूत मे हलचल कर रहे है क्यूंकि मेरी मम्मी बीच बीच मे, अपना चुत्तड़ ऊपर कर ले रही थीं.
अंकल लगातार, अपना हाथ नीचे ज़ोर ज़ोर से हिला रहे थे और ऊपर मेरी मम्मी के मम्मे चूस रहे थे.
वासना और बेशर्मी, फिर से अपना नंगा नाच खेलने को तैयार थी.
मुझे पूरी उम्मीद थी, जल्दी ही मम्मी अपने रंडीपने के किस्से सुनाने को तैयार थीं.
अंकल अब, मेरी मम्मी के अंगों के साथ खेल रहे थे और इस खेल मे, मेरी मम्मी अंकल का बराबर साथ दे रही थीं.
अंकल अब, उठ के बैठ गये.
उन्होंने मेरी मम्मी की पेटीकोट को खींच के, उनके बदन से निकाल दिया और साड़ी के बगल मे गिरा दिया और मेरी मम्मी के जांघों को पकड़ के फैला दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी ने लाल जालीदार पैंटी पहन रखी थीं और चूत के हिस्से पर पानी लगा हुआ था.
पैंटी इतनी गीली थी की चूत के हिस्से से, पूरी अंदर घुसी हुई थी.
इतना असर था, “अश्लील बातों” का की बिना कपड़े उतारे, दोनों की रस धार बह रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की चूत को पैंटी के ऊपर से ठीक वैसे ही देख रहे थे, जैसे एक जानवर, अपने शिकार को देखता है.
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(भाग-7)
कुछ देर देखने के बाद, वो लेट के अपनी जीभ से मेरी मम्मी की पैंटी को चूत के ऊपर से चाटने लगे.
अंकल की आँखों से, हरकत से, सब से वासना सॉफ झलक रही थी.
कुछ देर चूत चाटने के बाद, उसे रगड़ते हुए अंकल बोले – महक, तूने तो दो से चुदवाने के नाम से ही छोड़ दिया था… सही में चुदि थी, तब क्या हुआ था… बता ना, महक…
मम्मी तो आज थी ही बिंदास, पहले की ही तरह गाली निकालते हुए बोली – माँ के लौड़े, तेरी अम्मा का भोसड़ा… गांड फटी हुई थी, जब पहली बार दो से चुदि थी… दोनों ने, कुतिया की तरह चोदा… तू रहम करता है, क्या मुझ पर अकेला… दो लंड फिर क्या लौड़ा, रहम करेगें… गान्डू… एक ने नीचे लेट कर चूत में पेल दिया था और दूसरा ऊपर चढ़ कर, गांड चोद रहा था… मां चुद रही थी, मेरी…
अंकल का हाथ, इस दौरान मम्मी की चूत को ऐसे रगड़ रहा था जैसे उनके हाथ में कोई मशीन लगी हो और वो तेज़ी से, आगे पीछे हो रही हो…
अंकल भी ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भर रहे थे और फिर, वो बोले – माँ की चूत तेरी, महक… तेरी बहन का भोसड़ा…. रंडी बनने के लिए ही पैदा हुई है तू… साली मां की लौड़ी, तू तो कह रही थी तूने अपने घर में ही चुदवाया था… तेरे घर वाले, कहाँ मां चुदा रहे थे तब…
मम्मी – गान्डू, तेरी गांड में दम नहीं होगा सुनने का…
अंकल – माँ की चूत तेरी, छीनाल… मैं जानता हूँ, तू कितनी बड़ी रंडी है… अपने बाप से चुदि है अगर ये भी बोले तो भी मैं मान लूँ…
मम्मी – गांड के छेद, तू भी तो अपनी मां चोद के बैठा है… सुन सकता है तो सुन मेरी माँ लेकर आई थी, मेरे ग्राहक…
अंकल – महक, तेरी मां की चूत… ये तो सच नहीं हो सकता…
मम्मी ने ज़ोर की सिसकारी भरी और अंकल के हाथ को अपनी चूत पर भींच लिया…
मम्मी – सच है… खूब चुदवाया मेरी माँ ने मुझे, मेरे बाप के बिस्तर पकड़ने के बाद… आ आ ह ह ह ह ह…
और मम्मी ने बहुत ज़ोर से पानी छोड दिया…
उनका इतना पानी निकला की मैंने उनकी जांघों तक पर बहते देखा.
इसके बाद भी, मम्मी से काबू नहीं हुआ.
वो उठी, अंकल को पटका और अपनी पैंटी किनारे करके, अंकल के मुँह में बेहद तेज़ धार मारने लगी.
पहले अंकल ने थोड़ा मुँह इधर उधर किया, फिर वो भी बड़े मज़े से मम्मी का “मूत पान” करने लगे.
मम्मी की मूत की गंध उस दिन इतनी तेज़ थी की मुझे बाहर तक जली जली सी, गंध आ रही थी.
अंकल ने अब मेरी मम्मी की जांघों को कस के पकड़ लिया था और फैलाए हुए थे.
मम्मी अपने दाँत से, अपने होंठ दबाए हुए अंकल के बाल नोचने लगीं.
अंकल जिस तरह से, मेरी मम्मी की पैंटी को चूत के ऊपर से चाट रहे थे, ऐसा लगा रहा था जैसे, आज अंकल मेरी मम्मी की चूत और उनकी जालीदार पैंटी खा जाएँगे.
मम्मी ने पैंटी साइड में करके मुता था तो उनकी जांघों में और पैंटी में मूत लगी थी.
मेरी मम्मी की पैंटी को, अंकल ने और गीला कर दिया था.
अंकल, मम्मी की मूत वाली चूत चाट रहे थे.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है, मुझसे… बहुत ज़्यादा आग लगा दी, आपने… मुझसे तो मेरे रंडीपने के किस्से बहुत सुन लिए… लेकिन आपके और आपकी माँ की चुदाई की कहानी, अभी भी अधूरी है… आग लगी हुई है, मेरी चूत में… चोदिये ना, अब प्लीज़…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो तुझे यहाँ लाया हूँ, आज तेरी आग को शांत करूँगा… पूरी चुदाई सुनाता हूँ, जानू… लेकिन पहले ज़रा एक मिनिट, मेरी जान…
अंकल उठे और मम्मी के चेहरे के पीछे खड़े हो गये और अपने लंड को पकड़ लिया.
कुछ देर में, उनके लंड से मूत की धार निकल पड़ी.
मम्मी ने भी तुरंत मुँह खोल लिया और गटा गट अंकल की मूत पीने लगी.
उफ्फ !! नंगा नाच हो रहा था “अश्लीलता और वासना” का.. ..
अंकल ने पूरी धार मारी और फिर एक ही झटके मे, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दिया और अपनी पैंट निकाल के अंडर वियर उतार के नंगे हो गये.
अब अंकल और मेरी मम्मी, पूरी तरह नंगे थे.
बिस्तर पर, अंकल का लण्ड पूरा खड़ा हुआ था.
“एक दम टाइट.”
मम्मी बिस्तर पर बैठ गई और अंकल आगे होकर, घुटनों के बल आ गये.
अंकल का लण्ड, मेरी मम्मी के मुंह के सामने था.
अंकल ने, मेरी मम्मी के मुंह पर उनके बाल पकड़ते हुए अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में घुसा दिया और उनसे अपना लण्ड चुसवाने लगे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगीं.
अंकल ने, अपनी आँखें बंद कर ली थीं.
वो बड़े इत्मीनान से, मेरी मम्मी से अपना पूरा लण्ड चूसवाते थे.
अंकल ने कहा – एक मिनट रुक…
मम्मी ने मुंह से, अंकल का लण्ड निकाल लिया.
अंकल उतर के गये और अपने पर्स में से कॉन्डम ले के आए और साथ मे अपना मोबाइल भी और फिर से, मेरी मम्मी के मुंह मे लण्ड घुसा दिया.
मैंने देखा, अंकल ने बड़ी चालाकी से अपने मोबाइल को उस तरफ कर लिया था.
मेरी मम्मी, लण्ड चूसने मे मस्त थीं.
तभी अचनाक, मेरी मम्मी ने ऊपर देखा और कहा – ये क्या कर रहे है, आप… ??
अंकल ने कहा – क्या हुआ, महक… ??
मम्मी ने कहा – आप वीडियो बना रहे हैं…
अंकल ने कहा – तो क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – ये ग़लत है…
अंकल ने कहा – तुम्हें क्या लगता है… मैं किसी को दिखा दूँगा… अरे, ये मैं अपने लिए ले रहा हूँ… तेरी याद जब आएगी, इसे देख लूँगा ना… कुछ नहीं तो मूठ ही मार लूँगा…
मम्मी, अब बहुत नाराज़ सी लगने लगी थीं.
अंकल ने कहा – मुझ पर विश्वास रख, महक…
अंकल ने फिर, मेरी मम्मी के बाल पकड़े और अपना लण्ड मेरी मम्मी के मुंह मे घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगे.
कुछ देर तक, ऐसा ही चलता रहा.
सॉफ दिख रहा था की मम्मी को, अब उतना मज़ा नहीं आ रहा.
उसके बाद, अंकल ने मोबाइल को टेबल पर रख दिया लेकिन मैंने देखा अंकल के मोबाइल का कैमरा इसी तरफ था.
मेरी मम्मी, टांग फैला के बिस्तर पर लेट गई.
अंकल आए और उन्होंने एक तकिया लिया और मेरी मम्मी के कमर के नीचे रख दिया और अपने हाथों से मेरी मम्मी की जांघें फैला के, अपने लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के चूत के ऊपर रख दिया.
उनका लण्ड, नीचे सरक के आ गया.
मम्मी ने, अपना हाथ आगे किया और अंकल का लण्ड पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया.
अंकल का टोपा, मेरी मम्मी की चूत के अंदर था.
अंकल ने कमर आगे की और मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ अहह निकल गई.
मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के चूत मे चला गया था.
अब अंकल बोले – साली रांड़, किससे चुदवा रही है…
मम्मी ने एकदम से उचक के बोला – क्या बक रहे हैं, आप… ??
अंकल – साली छीनाल, चूतिया नहीं हूँ मैं… अच्छे से जानता हूँ, तेरी चूत कितने दिन में कितनी कसाती है… फट से, घुस गया लंड अंदर… तेरा पति तो है नहीं और मैंने तो उस दिन से तुझे चोदा नहीं…
मम्मी – आप मुझ पर, शक कर रहे हैं…
अंकल – नहीं, यकीन से कह रहा हूँ… घाट घाट का पानी पिया है, मैंने… औरत के बदन को, उससे ज़्यादा जानता हूँ… समझी… अब बता किससे चुदि…
मम्मी – यकीन कीजिए, किसी से नहीं…
अंकल – देख महक… तू किसी से चुदि भी होगी तो मुझे परेशानी नहीं… बल्कि मुझे तो मज़ा ही आएगा… मैंने कहा था, हम मज़े करेंगें… वही बातें तो हम कर रहे थे… बस मुझे, तेरा झूठ बोलना पसंद नहीं…
मम्मी – देखिए, मैंने आपको सब सच बता दिया… तो आपसे क्यूँ झूठ बोलूँगी… हाँ ये ज़रूर है की एक दो दिन से मन कर रहा था तो केला डाल लिया था… शायद इसलिए…
अंकल – ओह !! वही तो मैं सोच रहा था… मुझे मेरी महक पर पूरा भरोसा है… पर सच में महक दो लंड से तेरी चुदाई हो, कितना मज़ा आए…
अब अंकल ने धीरे धीरे कमर आगे पीछे करना स्टार्ट किया और अंकल लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर होने लगा.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबा लिए थे और आ अह ह आ आह ह आ आ अह ह आ आह ह आ आह ह… की सिसकारियाँ ले रही थीं.
मुझे लग रहा था या तो मम्मी में अब जस्बात ही नहीं बचे या उनकी कोई इज़्ज़त ही नहीं है.
खैर, अंकल धीरे धीरे यूँही मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे.
अंकल ने मेरी मम्मी की जांघें को, कस के पकड़ लिया था.
अंकल के धक्के से, मेरी मम्मी के मम्मे आगे पीछे हो रहे थे.
मेरी मम्मी ने हाथ पीछे करके बिस्तर पकड़ लिया.
उनके चुचे, तन के ऊपर उठ गये थे.
मम्मी – आ आ आ अहह आ आ आ हहह आ आ अहह… बहुत अच्छा लग रहा है… यूही चोदते रहिए… आपको मज़ा आएगा, मुझे चुदवाते देखने में… बोलिए ना… उसके बाद, मुझे छोड़ तो नहीं देंगें… आ आ आहह…
अंकल ने कहा – तेरे लिए हमेशा रहूँगा, मेरी रानी… बस तू यूँही, मेरे से चिपक के रहना और मुझे ऐसे ही मज़े देना… बता ना, किससे चुदवाएगी मेरे सामने… तेरे मामा का लड़का मानेगा…
मम्मी ने कहा – नहीं… उसके सामने, मैं आपसे नहीं चुदवा सकती… मेरा ये बदन अब आपका है… आ आ आहह… जिससे चाहे, चुद्वा दीजिए…
अंकल – मेरी रानी, मैं हमेशा से जानता था… तू मेरी है… जो चीज़, मुझे पसंद आ जाती है, मैं उसे हर हालत मे पा लेता हूँ और तुझे तो मैंने पहली बार मे पसंद किया था… ढूंढता हूँ कोई लंड, अपनी रानी के लिए… तूने तो इतने लंड लिए, क्या किसी का अब नहीं ले सकती… बता ना…
इस बीच, अंकल ने कस के झटका मारा.
मम्मी के मुंह से आ अहह की चीख निकल गई.
मैंने देखा, अंकल का मज़बूत लण्ड पूरा मेरी मम्मी के चूत में समा गया था.
अब अंकल ने मेरी मम्मी की जांघें पकड़ते हुए ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ के साथ, मेरी मम्मी की चूत मे पूरा लण्ड अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी के चुचे, तेज़ी से अंदर बाहर ऊपर नीचे होने लगे.
मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ अहह आ आहह आ अहह मा आ आअ मा आअ मा आ की चीखे निकलने लगीं.
अंकल ने कहा – महक, आज मैं तेरी चूत फाड़ दूँगा… पूरे दिन, चूत मारूँगा तेरी… मैंने आज, तेरे लिए ही अपने काम से छुट्टी ली है… आज दिन भर, तुझे चोदूंगा… तैयार रहना, पहले कहता हूँ… बाद में मत कहना, थक गई हूँ… आज, फाड़ ही दूँगा… आज बहुत गरम भी है, तेरी चूत… पागल हो जाता है, मेरा लण्ड, जब तू अपने जवान बदन को दूसरों को नंगा दिखाने की बात करती है…
मम्मी आवाज़े निकालने लगीं और कहने लगी – तो चुदवाईए ना, मुझे किसी से… उसका लंड लूँगी और आपका चूसूंगी… गांड उछाल उछाल के कुदूँगी, उसके लंड पर… मज़ा आ जाएगा, आपको देखने में…
अंकल ने कहा – हाँ मेरी रानी… तू आज, पूरे दिन मेरी बात मानेगी तो जल्दी ही दूसरे लंड का इंतज़ाम कर दूँगा, तेरे लिए… पर याद रख, मैं तेरी गांड चोदूंगा साथ में…
मम्मी बोलीं – गांड, मुँह जो चाहे चोद लेना… पहले दूसरा लंड लेकर तो आइए…
अंकल – पर हाँ महक, एक बात याद रखना… पहले तुझे अपनी गरम मूत से लंड को डिसइंफेक्ट करना पड़ेगा… मज़े के साथ साथ, सेफ्टी भी ज़रूरी है… याद रखना… भूलना मत…
अंकल चोदते हुए मम्मी से लगातार बात कर रहे थे और मम्मी – आ आ आ अहह योउ आ आहह उूउ आ आ आहह एसस्स स्स… करे जा रहीं थीं.
अब अंकल ने पूछा – बोल ना, महक… मज़ा आएगा, ना तुझे… शादी के बाद, कितने लंड से चुदि है तू… बता ना… उसमें से कोई अभी नहीं आ सकता… आ आहह, मेरी रानी… मज़ा आ गया… और ठप ठप ठप ठप ठप की स्पीड और बढ़ गई.
कुछ देर तक, अंकल ने ऐसे ही मेरी मम्मी को चोदा.
पूरे टाइम, दो लंड से चुदाई की बात चलती रही.
फिर अंकल ने, अपना लण्ड मेरी मम्मी के चूत से बाहर निकाल लिया.
मेरी मम्मी और अंकल, दोनों की साँसें बहुत तेज़ तेज़ चल रही थीं.
मम्मी ने पूछा – क्या हुआ… ?? हो गया… ??
अंकल ने कहा – मेरी जान, कंट्रोल नहीं हो रहा था… निकल जाता… तीन बार निकल चुका है और अभी तो “खेल” शुरू हुआ है…
और उसके बाद, वो हँसने लगे.
“खेल” शब्द और दो लंड की बात से, मुझे यकीन हो गया था अंकल के दिमाग़ में कोई शातिर प्लान चल रहा है.
मुझे ये भी यकीन था, उन्होंने अपने मोबाइल में पूरी चुदाई का वीडियो बना लिया है.
खैर, जो भी हो जल्द ही सामने आने वाला था.
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अब अंकल, मेरी मम्मी के बगल मे लेट गये और मेरी मम्मी को किस करने लगे और उनके चुचे मसलने लगे.
फिर एक हाथ नीचे कर के, मेरी मम्मी की चूत भी रगड़ने लगे.
आज अंकल, पूरे मूड मे थे.
अब अंकल ने, मेरी मम्मी की एक टांग हवा मे उठा दी और अपना लण्ड धीरे से मेरी मम्मी की चूत मे घुसा के कमर आगे पीछे करने लगे और मेरी मम्मी की फिर से चुदाई करने लगे.
अंकल का पूरा का पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.
मैंने देखा, मम्मी ने अपने हाथ आगे कर लिए थे और अपनी चुचे मसल के अंकल से चुदाई करवा रही थीं और आ अहह आ अह ह आ अहह आ अहह की सिसकारियाँ ले रही थीं.
अंकल बड़े आराम से, मस्ती के साथ, मेरी मम्मी की चुदाई किए जा रहे थे और उनका पूरा लण्ड मेरी मम्मी की बच्चादानी को छू रहा था.
अंकल कुछ देर तक यूही, मेरी मम्मी को चोदते रहे और मम्मी उनको लगतार गंदी गंदी गालियाँ बकती रहीं.
उसके बाद, वो मेरी मम्मी की टांगें फैला के मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और उन्हें किस किया और एक हाथ नीचे कर के अपना लण्ड, मेरी मम्मी के चूत पर रख दिया और कस के धक्का मारा.
मैंने देखा एक आ आहह की चीख के साथ, मेरी मम्मी की आँख पूरी खुल गई.
अंकल का पूरा लण्ड, मेरी मम्मी की चूत मे समा गया था.
जहाँ मैं इस बात से डर रहा था की अंकल, मम्मी को अपने दोस्त से भी चुदवाना चाहते हैं वहीं मम्मी तो खुद मरी जा रही थीं, दूसरा लंड खाने के लिए.
मम्मी ने कहा – किसी भी तरह, मुझे दो लंड से चुदना है… वो भी इसी हफ्ते… नहीं तो आपसे भी नहीं चुदवाउंगी…
अंकल ने अपने होंठ, मेरी मम्मी के होंठ पर रख दिए और किस करने लगे और अंकल ने कहा – मैं तो डर रहा था तू कहीं बुरा ना मान जाए… तुझे तो मुझसे ज़्यादा जल्दी है… और अंकल कस कस के, अपनी गांड ऊपर नीचे करते हुए मेरी मम्मी की चोदने लगे.
उन्होंने मेरी मम्मी को कस के पकड़ लिया था ताकि मेरी मम्मी हिल भी ना पाए.
मम्मी की दबी आवाज़, मेरे कानो मे आ रही थी.
अंकल ने, मेरी मम्मी को चोदते चोदते कहा – आज, तेरी मां चोद डालूँगा, महक… इतना लंड, आज तक किसी ने नहीं फुलाया मेरा… तेरी मैया की चूत, बहन की लौड़ी… इतना मज़ा देती है, कुतिया… अपनी बीवी की लेने का मन नहीं करता, दूसरी की तो छोड़… जानती है रांड़, कब से नहीं चोदा, मैंने अपनी बीबी को… तेरी बहन का भोसड़ा… छीनाल की चूत, फाड़ के रख दूँगा…
मम्मी ने कहा – बहन के लौड़े, मादर चोद… कंट्रोल कर… भोसड़ी वाले, अंदर जानवर घुस गया है… बहुत दर्द हो रहा है, तेरी मां का भोसड़ा…
अंकल ने कहा – बहन की लौड़ी… छीनाल है तू… छीनाल को, दर्द नहीं होता चाहे मर्द का लंड हो चाहे कुत्ते का या घोड़े का… मज़ा ले, आज पूरा… उस दिन, तूने मूड खराब कर दिया था, मेरा… नहीं तो, उस रात वही रुकने का प्लान था मेरा… पूरी रात तुझे चोदता… मुझे आज कसर निकालने दे… आज लंड का गुब्बारा बना दिया है तूने और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे.
मम्मी – चोद ले, गान्डू… साले, गांड के छेद… क्या चूत में, घुसा कर मुँह से निकलेगा लंड अब…
कुछ देर चोदने के बाद – आ आहह आ आहह की आवाज़ के साथ, अंकल ने कमर धीरे धीरे हिलाना शुरू किया.
फिर, एक मिनट बाद लण्ड मेरी मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया.
अंकल ने अपना पूरा वीर्य, मेरी मम्मी की बच्चादानी में गिरा दिया था.
मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत से अंकल का वीर्य बाहर निकल रहा था.
अंकल, बिस्तर से नीचे उतर गये.
मम्मी ने कहा – कितनी बार कहा है, कॉन्डम लगा लिया करो… आज था, फिर भी नहीं लगाया…
अंकल ने कहा – तुझे चिंता किस बात की है… मैं हूँ ना…
उसके बाद, वो बाथरूम चले गये.
शायद, वो अपना लण्ड धोने गये थे क्यूंकि उनके लण्ड पर पूरा वीर्य लगा हुआ था.
मेरी मम्मी, वैसे ही अपनी टांग को फैलाए लेटी हुई थीं.
अंकल, अब बाथरूम से आ गये.
अंकल ने आते ही, अपना मोबाइल उठाया और कुछ देखने लगे.
मम्मी ने कहा – आपने पूरी चुदाई का भी वीडियो निकाला है ना…
अंकल ने कहा – हाँ… तो क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा है… आप डिलीट करो…
अंकल ने कहा – तू मुझ पर शक कर रही है…
मम्मी ने कहा – नहीं… लेकिन किसी ने ग़लती से देखा तो…
अंकल ने कहा – तू डर मत…
मम्मी, फिर बिस्तर से उतर के बाथरूम चली गई.
अंकल ने अब, अपना अंडरवियर पहन लिया और सिगरेट जला लिया
मम्मी कुछ देर मे, बाथरूम से बाहर आ गई.
मेरी मम्मी अभी पूरी “नंगी” थीं.
मेरी मम्मी आ कर, सीधे बिस्तर पर लेट गई.
उन्होंने अपने ऊपर, चादर डाल ली.
अंकल ने इतने देर मे सिगरेट ख़तम की, तब तक मेरी मम्मी का फोन बजने लगा.
मम्मी उठ के गई और अपने पर्स से फोन निकाला और अंकल से चुप रहने को कहा.
मम्मी वैसे ही नंगी फोन लेकर, हॉल के तरफ चली गई और दरवाज़े को बाहर से सटा दिया.
मैं शर्त लगा सकता हूँ, वो मेरे अब्बू का फोन था.
इधर, अंकल बिस्तर पर लेटे हुए थे.
अंकल ने अपना फोन लिया और किसी को फोन लगाया – हेलो, क्या हाल चाल… अरे अभी नहीं हुआ है, शाम तक पेलुँगा छीनाल को… शाम को ही आना, यार… अरे कहा ना, अभी नहीं मिल पाएगी… तुम्हें अभी इंतेज़ार करना होगा…
उसके बाद, अंकल ने कहा – अच्छा, सुन… रखता हूँ… अभी वो आ रही है…
उसके बाद, अंकल ने फोन रख दिया.
मैंने देखा, उसी समय मेरी मम्मी दरवाज़े खोल के अंदर आ गई.
अंकल ने पूछा – किसका फोन था… बाहर क्यों चली गई थीं…
मम्मी ने कहा – मेरे पति का फोन था…
अंकल ने पूछा – क्या कह रहा था… ??
मम्मी ने कहा – कुछ खास नहीं…
अंकल ने कहा – तूने ये क्यों कहा की तू घर में है… ??
मम्मी ने कहा – फिर, क्या कहती…
अंकल ने कहा – कह देती, जो काम वो नहीं कर पा रहा है… उसे मैं, पूरा कर रहा हूँ…
उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी दोनों हंसने लगे.
अब मेरी मम्मी ने अपना फोन टेबल पर रख दिया और अंकल के बगल मे आकर लेट गई.
अंकल ने मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया था और उनकी पीठ सहला रहे थे.
अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – महक, मुझे सच मे तेरी ज़रूरत है… तू अपने बेटे से कह दे, हमारे रीलेशन के बारे मे…
मम्मी ने कहा – अभी समय सही नहीं है, इसका…
अंकल ने कहा – तू छुप छुप कर आती है, मेरे से मिलने और जब हम दोनों के बीच मे इतना प्यार है… क्या वो समझेगा नहीं… मैं तेरे लिए, क्या नहीं करता बता… एक पति की तरह, तेरा ख़याल रखता हूँ…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ… मैं भी उतनी ही बेताब हो जाती हूँ… आपके बिना, लेकिन डर लगता है… इसके अंजाम से, कहीं ऐसा ना हो मैं आपसे अलग हो जाऊं…
अंकल ने कहा – तुझे डर किस बात का है, पति तेरे साथ है नहीं और जब मैं हूँ यहाँ, तुझे अपने पास रखने के लिए… किस बात का डर, मैं तुम दोनों का ख़याल रखूँगा…
मम्मी ने कहा – आप मुझे टाइम दीजिए, थोड़ा… मैं धीरे धीरे उसे सब समझा दूँगी…
अंकल ने, मेरी मम्मी से कहा – देख, तुझे टाइम चाहे ले ले… लेकिन, मैं तुझे अपने से दूर नहीं होने दूँगा… चाहे, मुझे कुछ करना पड़े मैं तेरे बिना रह नहीं सकता…
मम्मी ने कहा – आप फ़िक्र मत कीजिए… मैं आपसे दूर नहीं हो सकती… लेकिन, ऐसे आपसे सबके सामने मिल भी तो नहीं सकती नहीं तो दुनिया मुझे आपकी “रखैल” कहने लगेगी…
अंकल ने कहा – उसकी नौबत, नहीं आएगी…
मम्मी ने कहा – मतलब… ??
अंकल ने कहा – मुझ पर भरोसा रखो…
उसके बाद, मेरी मम्मी के होंठों पर चूमने लगे.
मेरी मम्मी भी, अंकल का साथ देने लगीं.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच कर, मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे और मेरी मम्मी के मम्मे दबाने लगे.
उन्होंने मेरी मम्मी का निप्पल, अपने उंगली मे पकड़ लिया और खींचने लगे.
मम्मी ने अपना होंठ, अंकल के होंठ से हटाया और कहा – दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – करने दे, रानी… इसी मे मज़ा आएगा… तुझे भी और मुझे भी… और इसके बाद, अंकल मेरी मम्मी के दोनों निप्पल बारी बारी से खींचने लगे.
मेरी मम्मी, उस दौरान सिर्फ़ अपने मुंह से मा आ की चीख के अलावा कुछ नहीं कर पा रही थीं क्यूंकि अंकल ने अपने गठीले बदन से, मेरी मम्मी को जकड रखा था और मेरी मम्मी के अंग से खेल रहे थे.
अंकल बीच बीच में, मेरी मम्मी के होंठों को भी चूस रहे थे.
अंकल ने इसी दौरान, मेरी मम्मी को उल्टा लिटा दिया और ऊपर से मेरी मम्मी के पीछे के साइड से गले से लेकर, मेरी मम्मी को कमर तक चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ आगे करके, बिस्तर को पकड़ लिया.
अंकल लगातार, मेरी मम्मी के पीठ गले को चूमते चाटते रहे और बीच बीच में मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मार रहे थे, जिससे मेरी मम्मी के माँस से भरा चुत्तड़ हीले जा रहा था.
अंकल धीरे धीरे कर के, नीचे आ गये और वो मेरी मम्मी के जांघें के दोनों तरफ घुटने करके मेरी मम्मी के जाँघ पर बैठ के झूल गये और मेरी मम्मी की गांड के छेद पर पास, अपनी नाक ले जाके स्मेल करने लगे.
मैंने देखा, अंकल ने मेरी मम्मी के चुत्तड़ को अपने हथेली से फैला दिया था.
मेरी मम्मी की गांड का छेद और चौड़ा हो गया था.
अंकल ने अपनी नाक, मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रख दिया और सूंघने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने हाथ से, बिस्तर को कस के पकड़ रखा था.
अब अंकल की नाक, मम्मी के गांड के छेद से बाहर निकाला और मम्मी के चुत्तड़ के दोनों तरफ चाटे मारे.
मम्मी के मुंह से “आह ह” निकल गया.
अंकल ने फिर से अपना फेस नीचे किया और मेरी मम्मी की गांड चाटने लगे.
मेरी मम्मी धीमी आवाज़ मे – आ अह ह आ आ आह ह की सिसकारियाँ लेने लगीं.
अंकल, अपनी जीभ आगे निकाल के मेरी मम्मी की गांड चाटे जा रहे थे और बीच बीच मे, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर चूम रहे थे.
अंकल ने पूछा – डार्लिंग, मज़ा आ रहा है ना…
मम्मी ने कहा – हाँ, बहुत मज़ा आ रहा है…
अंकल ने कहा – अब और मज़ा आएगा, तुझे, जब तुम्हारी गांड मे लण्ड जाएगा मेरा…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी के नीचे तकिया रख के उनकी गांड ऊपर उठा दी और अपना लण्ड रगड़ने लगे.
अंकल का लण्ड, तन के खड़ा हो चुका था.
उन्होंने देखते देखते, लण्ड का टोपा मेरी मम्मी के गांड के छेद पर रख दिया और झुक के अपना हाथ, मेरी मम्मी के कमर के ऊपर रखा और ज़ोर से धक्का मारा.
मेरी मम्मी के मुंह से एक – आ आ अह ह… निकल गया.
मैंने देखा, अंकल ने एक झटके मे मेरी मम्मी की गांड की छेद मे अपना लण्ड घुसा दिया था.
मैं जान रहा था, आज अंकल अपने मजबूत लण्ड से मेरी मम्मी की गांड फाड़ के रहेंगे.
शायद उनकी गांड को अपने दोस्त का लंड लेने के लिए, तैयार कर रहे थे.
उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकलते हुए, एक धक्का मारा.
मम्मी ने, फिर से चीख मारी.
अंकल अब धीरे धीरे, अपना पूरा लण्ड मेरी मम्मी की गांड की छेद के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी – मु मा हह आ अह ह आह ह आ आह ह आ आह ह मा आ मा आ मा आ मा आ मा आ ओउ उफ्फ ओउ उफ़ फ्फ़ औउ हह ओ उउ फ़ फ्फ़ की आवाज़े निकालने लगीं.
अंकल ने कहा – आ आह ह, महक तेरी गांड बहुत मज़ा देती है मुझे… आ आह ह आ आअ ह ह आअज्ज ज मज़ा लूँगा, पूरा इसका मैं… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ के साथ, मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.
मेरी मम्मी का चुत्तड़, अंकल के धक्के से हिल रहा था.
अंकल बीच बीच मे, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर चामटे मार रहे थे.
मेरी मम्मी की गोरी गांड, अंकल के चामटे से लाल हो गई थी.
अंकल लगातार कमर आगे पीछे कर रहे थे और बिस्तर की छू छू छू छू छू छू छू छू की आवाज़ आने लगीं.
अंकल ने इसी बीच, अपनी स्पीड तेज़ कर दी और मेरी मम्मी की कमर पर हाथ रखे ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गांड मारने लगे.
मेरी मम्मी का बदन, धक्के पर हिलने लगा.
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लगभग 15 मिनट तक, अंकल मेरी मम्मी की गांड मारते रहे.
उसके बाद, उन्होंने एक ज़ोर का आ अहह निकाला और रुक गये.
अंकल ने मेरी मम्मी के गांड के छेद को, अपने वीर्य से भर दिया था.
उसके बाद, अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और एक ज़ोर का थप्पड़ मारा मेरी मम्मी के गांड पर और फिर नीचे उतर गये और अपना अंडरवेअर पहन लिया.
मेरी मम्मी, वैसे कुछ देर बिस्तर पर पड़ी रही.
उनकी गांड के छेद से, अंकल का वीर्य टपक रहा था.
अंकल ने फिर से, एक सिगरेट जला ली और पीने लगे.
अब मेरी मम्मी भी नीचे उतर गई और बाथरूम चली गई.
बिस्तर पर, अंकल का वीर्य गिर गया था.
मेरी मम्मी, लगभग 10 मिनट बाद बाहर आई.
उन्होंने तोलिया अपने शरीर पर बाँध रखा था, शायद वो नहा के आई थीं.
अंकल ने पूछा – क्या हुआ… ??
मम्मी ने कहा – अब बस करते है, देर हो जाएगी…
अंकल ने कहा – इतनी जल्दी…
मम्मी ने कहा – हाँ, मैं बेटे से कह के आई हूँ, जल्दी आ जाउंगी…
अंकल ने कहा – फिर कब मिलोगी… ??
मम्मी ने कहा – मैं बताती हूँ…
उसके बाद, मेरी मम्मी ने अपने सारे कपड़े पहन लिए.
अंकल ने भी अपने कपड़े पहन लिए.
फिर, मैं वहां से निकल आया और घर आ गया.
#
मेरी मम्मी, लगभग ½ घंटे बाद घर आई.
वो बहुत थक चुकी थीं.
मम्मी सीधा कमरे मे चली गई और लगभग 1 घंटे तक, बिस्तर पर पड़ी रही.
फिर उठ के चाय बनाने चली गई.
##
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अब मैं रुटीन से कॉलेज जाने लगा था.
22 दिन हो गये थे, मुझे उन दोनों के बीच मे कुछ देखे हुए.
इस बीच, अंकल ने मेरी मम्मी को कितनी बार चोदा, ये बात मुझे नहीं मालूम है.
मुझे आज भी याद है, जुलाई में ही या जुलाई का ख़ात्मा था.
#
एक रात, मेरी मम्मी खाना खाते समय उठ के बाथरूम गई और उल्टी करने लगीं.
मुझे लगा की उनकी तबीयत ठीक नहीं है.
ना तो मुझे दवाई की जानकारी थी, ना कारण पता था.
मम्मी ने उल्टी की और कहा – मैं खाना नहीं खा पाऊँगी… तू खा ले और मेरा भी प्लेट रख देना, सींक मे…
मैंने, वैसा ही किया.
मम्मी, बिस्तर पर जा के लेट गई.
उन्होंने उस दिन, बीच रात मे भी कई बार उल्टी की.
मुझे सच में चिंता हो गई थी क्यूंकि मुझे लग रहा था मम्मी नीड्स डॉक्टर क्यूंकि ऐसे उल्टियाँ, आम तौर पर तो होती नहीं है.
#
सुबह, मैंने मम्मी से पूछा – क्या आप ठीक है… ??
मम्मी ने कहा – हाँ… मैं अब ठीक हूँ… मेडिसिन खा लूँगी…
मैंने कहा – ठीक है… मैं उस दिन, कॉलेज चला गया…
शाम को, जब मैं वापस आया मम्मी वैसे ही थीं… उन्हें वैसे ही 2 3 बार उल्टी हुई…
#
रात में करीबन 9 बजे, मम्मी बालकनी मे खड़ी हो के अंकल से बात कर रही थीं.
मैं धीरे धीरे, उनकी बातें सुन रहा था.
मम्मी, अंकल से कह रही थीं – मैंने कहा ना, कल आइए… मुझे कुछ बात करना है… ज़रूरी है… प्लीज़, कल आइए… सुबह मे…
उसके बाद, उन्होंने फोन रख दिया और किचन में चली गईं.
मैं सोच में था, आख़िर ऐसा क्या है जो मम्मी श्लोक के पापा को बुला रही हैं… लेकिन एक बात मेरे मन में ज़रूर आ रही थी, कुछ तो गड़बॅड चल रही है…
मैंने सोच लिया था की कल मैं जान के रहूँगा, जो मुझसे छिपाया जा रहा है.
#
अगले दिन, मैं ठीक उसी तरह से कॉलेज जाने के बहाने से बाहर निकाला और अंकल के घर आने के बाद उनकी बातें सुनने के लिए बालकनी के साइड से चला गया.
खिड़की के पास, मैंने देखा अंकल बिस्तर पर बैठे हुए थे और मेरी मम्मी उनके सामने खड़ी थीं और मेरी मम्मी ने अपना हाथ, अंकल के गाल पर रख हुआ था.
अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया था और सहला रहे थे और मेरी मम्मी अपने हाथ से अंकल का हाथ हटा रही थीं और कहा – अभी, ये सब नहीं करना है…
अंकल ने कहा – क्यों, मेरी जान… आज क्या हुआ… ?? अच्छा, कोई बात नहीं… बता फिर, क्यों बुलाया है… क्या हुआ है… ??
मम्मी ने कहा – एक मिनट…
मम्मी ने अंकल का सिर पकड़ा और अपने पेट से सटाया.
मुझे समझ नहीं आ रहा था, मम्मी क्या कर रही है.
अंकल ने सिर ऊपर किया और कहा – क्या हुआ, बोलेगी… ??
मम्मी ने कहा – आपका प्यार, मेरे पेट मे है…
अंकल ने कहा – मतलब… ??
मम्मी ने, उन्हें चूमते हुए कहा – मैं आपके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ…
अंकल उठ के खड़े हो गये.
मैंने अंकल के तरफ देखा.
उनके चेहरे का रुख़, बदल गया था.
मम्मी ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और कहा – आप खुश है ना… ??
अंकल ने, मेरी मम्मी का हाथ हटाया और अलग होते हुए कहा – तुम्हें इतना यकीन कैसे है… ??
मम्मी ने कहा – मैंने टेस्ट किया है और इट्स कन्फर्म…
अंकल ने कहा – लेकिन, ये कैसे संभव है… ??
मम्मी ने कहा – मैं समझी नहीं…
अंकल ने कहा – साली छीनाल… ये हटाना होगा… मैं कैसे मान लूँ, ये मेरा है… तू साली सड़क की कुतिया, पता नहीं कितने लंड से चुदवाती हो…
मम्मी ने कहा – ये आप क्या बोल रहे हैं… क्या हो गया आपको… ये आपका प्यार है… मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ…
अंकल ने कहा – वो सब तो ठीक है, लेकिन ये हटाना होगा…
मम्मी ने कहा – क्यों, मगर… ??
अंकल ने रख के, मम्मी को एक दिया और कहा – छीनाल की औलाद, तू होश मे नहीं है क्या… कैसे इस बच्चे को रखोगी और क्या कहोगी सबसे… मैं रेडी नहीं हूँ… मैं कैसे मान लूँ, ये मेरा ही है… फकीर की झोली में, ना जाने कौन सा दाना किस का है…
अंकल के पीटने से, मम्मी गिर गई थीं.
वो खड़े हो के बैठ गई और अंकल से कहा – इसका मतलब, आप सिर्फ़ मुझे इस्तेमाल कर रहे हैं… मेरे जिस्म से खेल रहे थे…
अंकल ने कहा – देख महक, ये सब शुरू मत कर… तेरी असलियत खोलने पर आया तो… खैर छोड़…
अंकल ने एक सिगरेट जलाई.
कुछ देर लंबी लंबी साँसे ली, फिर बोले – देखो महक, तुम जानती हो… मैं तुम्हें पसंद करता हूँ लेकिन इस बच्चे के लिए तुम्हें अबॉर्षन करना होगा… ये मेरा आख़िरी फ़ैसला है…
ये सब सुनते ही मुझे लगा, जैसे मैं पागल हो जाऊंगा.
अंकल ने कहा – मैं डॉक्टर से बात करता हूँ… तुम्हें चलना होगा…
मम्मी ने कहा – मैं नहीं जाउंगी… कहा ना…
अंकल ने कहा – दिमाग़ सही नहीं है, तुम्हारा… मुझे परेशान मत करो… मेरा आपा खो गया तो ठीक नहीं होगा… मैं कह रहा हूँ, इसे हटाना होगा…
अंकल बहुत गुस्से मे थे और सॉफ दिख रहा था, वो खुद को शांत करने के कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा – देख महक, अब मैं बहस नहीं चाहता हूँ… कल रेडी रहना… दिन मे…
मेरी मम्मी, बैठ के रोने लगीं.
अंकल उनके पास गये और उन्होंने अपने गले से लगा लिया.
मम्मी ने कहा – आप मुझसे प्यार नहीं करते है… आपने सिर्फ़, मेरा इस्तेमाल किया…
अंकल ने कहा – मैने की तूने… मेरा मुँह मत खुलवा, महक… ये शराफ़त का ढोंग, अपने पति के सामने करना समझी… और देख, मुझे अपना प्यार दिखाने के लिए बच्चे की ज़रूरत नहीं है… तू भी जानती है, हम अभी इसके लिए रेडी नहीं है…
मम्मी ने कहा – खोल ही लीजिए, अपना मुँह… रंडी हूँ मैं… यही कहना चाहते हैं, आप… हाँ हूँ मैं रंडी पर अगर बच्चा, दीदी के पेट मे होता तो…
अंकल बहुत गुस्से मे आ गये और कहा – महक, मैंने तुम्हें कितने बार कहा है की तुम अपने आप को मेरी वाइफ से कम्पेयर मत किया करो… अब बहस मत करना, दुबारा इस विषय को लेके…
मैं वहां से, धीरे से निकल गया.
अंकल और मेरी मम्मी, कमरे मे बात कर रहे थे.
#
मैं दिन मे, जब कॉलेज से लौटने का टाइम होता है वापस आया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी का मूड बहुत ऑफ था.
ऐसा लग रहा था, जैसे वो दिन भर रो रही थीं.
मुझे मम्मी की स्थिति समझ मे आ रही थी क्यूंकि वो अंकल से प्यार करने लगीं थीं लेकिन अंकल मेरी मम्मी को सिर्फ़ इस्तेमाल कर रहे थे और ये बात मेरी मम्मी भी समझ रही थीं.
#
अगले दिन, जब मैं कॉलेज से आया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी कमरे मे लेटी हुई है.
उन्होंने मुझसे कहा – खाना निकाल के खा ले…
मैंने वही किया.
#
इसी तरह, दो दिन बीत गये.
मेरी मम्मी, बहुत चुप चुप थीं.
मैंने मम्मी के मोबाइल पर, मैसेजस भी देखे.
उसमें सिर्फ़ अंकल के मैसेज थे.
मेरी मम्मी का कोई रिप्लाइ नहीं था.
उसमें अंकल ने कई बार लिखा भी था, रिप्लाइ दो प्लीज़… देखो, मुझे गुस्सा आ गया था…
मैंने मम्मी के कॉल हिस्टरी भी देखा.
उसमें उनके कई मिस कॉल थे शायद मेरी मम्मी, अंकल का कॉल नहीं पिक कर रही थीं.
उस वक़्त तक मैं, मम्मी को अपसेट नहीं देख पा रहा था लेकिन खुश था, कम से कम अंकल से उनका रीलेशन ख़तम हो जाए.
#
उसी वीक में, मैंने मम्मी के टेबल पर रिपोर्ट देखा जिससे मुझे मालूम चला की मम्मी ने अबॉर्षन करा लिया है.
दोस्तो ये इन्सिडेंट हुए, 1 महीने हो चुका था और मेरी मम्मी ने अंकल से कोई कॉंटॅक्ट नहीं किया था.
श्लोक तो हमेशा की तरह, अपने मम्मी के साथ नानी के घर चला गया था.
मैं और मम्मी, यही थे.
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शाम का समय था, उसी समय अंकल आए घर पर.
दरवाज़ा, मैंने ही खोला था.
जब मैंने, अंकल को देखा तो मैं हैरान हो गया क्यूंकि अंकल कभी मेरे सामने मेरे घर मे अकेले नहीं आए थे.
आते थे तो जब खाने पर आंटी के साथ, लेकिन ऐसे नहीं.
मुझे देखते ही, अंकल ने कहा – हेलो अफरोज़, कैसे हो… ??
मैंने कहा – अच्छा हूँ… ??
अंकल के हाथ मे, एक पैकेट था.
अंकल ने कहा – अफरोज़, मम्मी कहाँ हैं… ??
मैंने कहा – मम्मी, अपने कमरे मे है…
अंकल ने कहा – बुला दो, बेटा… और अंकल जा के सोफे पर बैठ गये…
मैं कमरे में गया और मम्मी से कहा – मम्मी, अंकल आए हैं…
मम्मी ने कहा – कौन अंकल आए हैं… ??
मैंने कहा – श्लोक के पापा…
मम्मी चौक गई, सुनते ही और तुरंत बिस्तर से उठ के बाहर आई और कहा – जी कहिए…
अंकल ने मुझसे कहा – बेटा, तुम जाके पढ़ो…
कमरे मे मम्मी ने कहा – जाओ, अफरोज़ स्टडी करो… और मम्मी जा के किचन मे चाय बनाने लगीं.
अंकल, सोफे पर बैठे हुए थे.
मम्मी ने मुझे कमरे मे चाय लाकर दिया और फिर ट्रे लेके बाहर चली गइ।
अंकल और मेरी मम्मी, एक ही सोफे पर बैठे हुए थे.
मैं अपने दरवाज़े के पास चला गया क्यूंकी दोनों की पीठ, मेरे साइड थी इसी लिए अंकल और मम्मी ने मुझे नहीं देखा.
अंकल ने, मम्मी से कहा – क्या हुआ महक… ?? मेरे मैसेज का रिप्लाइ भी नहीं देती हो, ना फोन उठाती हो…
मम्मी ने कहा – मुझे आपसे, अब कोई मतलब नहीं रखना है…
अंकल ने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा – ऐसा मत कहो, महक… प्लीज़…
मम्मी ने कहा – मैंने कहा ना, अब मैं जान गई हूँ… आप सिर्फ़ मुझे, इस्तेमाल कर रहे है…
अंकल ने कहा – तुम्हारे मन मे, ये आया कैसे… तुम्हें कितना प्यार करता हूँ, तुम नहीं जानती…
मम्मी ने कहा – अब बस कीजिए और आप अभी क्यों आए है… जब जानते हैं की अफरोज़, घर मे है…
अंकल ने कहा – तो क्या करूँ… ?? तू मेरा फोन नहीं उठाती है… कहाँ मिलूं… ??
मम्मी ने कहा – देखिए, अब सब ख़तम है हमारे बीच…
अंकल ने कहा – नहीं महक, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता… तुम जानती हूँ…
फिर अंकल ने लिफाफे से एक खूबसूरत सी साड़ी निकाली और मम्मी को दिखाते हुए कहा – देखो, तुम्हारे लिए लाया हूँ…
मम्मी ने कहा – मुझे नहीं चाहिए…
अंकल ने कहा – अब गुस्सा थूक दो, महक… बहुत दिन हो गये… तुमने बात तक नहीं किया, मुझसे…
अंकल ने मेरी मम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा – चल, सॉरी… प्लीज़, मुझे माफ़ कर दे…
मम्मी, उनके तरफ देखने लगीं.
अंकल ने कहा – कल, मुझसे मिलने आओगी… ??
मम्मी, चुप हो गई.
अंकल ने कहा – प्लीज़ महक, इतना रिक्वेस्ट कर रहा हूँ… और मैं जानता हूँ, तुम मुझे पसंद करती हो…
अंकल ने कहा – कल मेरे घर पर आओगी, ना… ??
मम्मी ने कहा – मैं बताती हूँ… रात मे…
अंकल ने कहा – मैं वेट करूँगा, तुम्हारा…
उसके बाद, अंकल उठ के चले गये.
मेरी मम्मी, लिफ़ाफ़ा ले के कमरे मे चली गई.
मेरी मम्मी, थोड़ी खुश सी दिख रही थीं.
मैं तो बस हैरान था, मम्मी की बेशर्मी पर.
मुझे समझ मे आ गया था, अंकल से मेरी मम्मी वापस से अपना रिश्ता बनाने जाएँगी या कहूँ, अपनी चूत की आग से बेबस मम्मी अपनी आग ठंडी करने जाएँगी.
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अगले दिन, सुबह उठा तो देखा मेरी मम्मी चाय बना रही थीं.
उन्होंने मेरे से कहा – अफरोज़, आज मुझे थोड़ा बाहर जाना है… मैं दिन तक लौट कर आउंगी… खाना बना के जा रही हूँ, खा लेना…
मैंने मम्मी से दूसरा सवाल नहीं किया क्यूंकि मैं जान रहा था, मेरी मम्मी कहाँ जाने वाली हैं.
कोई मतलब भी नही था, पूछने का.
औरत तो रंगे हाथ भी चुदते हुए पकड़ा जाए तो भी कोई ना कोई बहाना ढूँढ ही लेती है.
क्या दुनिया की कोई औरत होगी, जो अपने मुँह से अपने गुनाह कबुल करेगी.
खैर…
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इधर, वो अपने सारे काम निपटा कर करीबन 11 बजे नहा के तैयार हो के अपने कमरे से बाहर आई.
उन्होंने वही साड़ी पहन रखी थी, जो अंकल ने दी थी कल शाम मे.
मेरी मम्मी का “क्लीवेज” पूरा दिख रहा था.
उनके बदन से बहुत शानदार डियो की महक आ रही थी.
वो घर से निकल गई और मुझे दुबारा कहा – खाना खा लेना… मैं शाम तक, वापस आ जाउंगी…
मैंने दरवाज़े बंद कर दिए और फिर मैं अंदर चला गया.
मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अंकल से मिलने उनके घर गई हैं.
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करीबन 1 घंटे हो गये थे, पता नहीं क्यों मेरा मन नहीं मान रहा था की मैं वहां जाऊं लेकिन मेरे पाँव अपने आप बढ़ गये और मैं नीचे उतर के श्लोक के घर के तरफ चला गया.
श्लोक के घर का दरवाज़ा बंद था और मुझे उनके हॉल से भी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी.
मैं अंकल और आंटी के बेड रूम के तरफ पीछे के साइड से गया, जहा का सीन मैं देखता रह गया.
श्लोक के पापा और मेरी मम्मी, एक दूसरे से चिपके हुए थे और अंकल बेतहाशा मेरी मम्मी के होंठ चूम रहे थे.
अंकल पूरी तरह से नंगे थे और मेरी मम्मी, सिर्फ़ पेटीकोट मे थीं.
मेरी मम्मी का ब्लाउज, ब्रा और साड़ी ज़मीन पर थी.
उसी बीच, मैंने देखा अंकल ने मम्मी का पेटीकोट ऊपर उठा दिया और मेरी मम्मी की पैंटी को खींच के निकाल दिया और दूर फेंक दिया और अपने एक हाथ से, मेरी मम्मी की चूत रगड़ने लगे.
अंकल ने कहा – महक, बहुत तडपा दिया तूने मुझे…
उन्होंने दो उंगली, मेरी मम्मी की चूत मे घुसा दी और कस कस के रगड़ने लगे.
मेरी मम्मी पूरा पूरा मज़ा लेते हुए – आ आ आहह आ आहह आ आहह करने लगीं.
अंकल ने, मम्मी की चूत पर एक थप्पड़ मारा.
मम्मी ने कहा – आ अह ह…
अंकल ने कहा – बहुत दिन हो गये हैं, महक… आज, मैं पागल हो गया हूँ…
उधर, चूत पर हाथ रख के अंकल ने मेरी मम्मी की चूत रगड़ के पानी निकाल दिया था.
अंकल का हाथ, मेरी मम्मी की चूत के रस से पूरा भीग चुका था.
अंकल ने एक झटके मे, हाथ आगे करके मेरी मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उनके बदन से निकाल के उन्हें पूरा नंगा कर दिया.
अंकल ने अब मेरी मम्मी को पूरा लिटा दिया और आगे आकर, मेरी मम्मी की टांगें खोल दी और जांघें पकड़ कर अपना लण्ड मेरी मम्मी के चूत मे घुसा दिया.
मम्मी ने कहा – कॉन्डम लगाया…
अंकल ने कहा – नहीं…
मम्मी ने कहा – लगाइए…
अंकल ने कहा – घबरा मत, बाहर निकाल दूँगा… अंदर नहीं डालूँगा… और कहते हुए, मेरी मम्मी की चूत मे लण्ड घुसा दिया.
मम्मी ने कहा – आ अहह… आराम से… सुनिए, लगा लीजिए ना… जिधर आपने मेरा एबॉर्शन कराया, उसने बताया एक ही चूत में अगर दो नंगे लंड घुस गये और अगर कहीं पानी अंदर निकल गया तो हर हाल में “गुप्त रोग” होता ही है… प्लीज़ लगा लीजिए… वैसे भी औरत से ज़्यादा ख़तरा, उसे चोदने वाले मर्द को होता है…
अंकल ने कहा – महक, इतने दिन बाद आई हो… आज भी, आराम से… छोड़ ये सब… ऐसा कुछ नहीं होता… क्या तूने, पहले नंगे लंड नहीं खाए… ये कहते हुए अंकल ने एक और धक्का मारा.
मम्मी की आँखें खुल गई.
मम्मी – पर तब मालूम नहीं था ना… जब मालूम है तो और अभी तो मैने एबॉर्शन कराया है… मैं फिर से, नहीं कराने वाली…
अंकल कुछ नहीं बोले पर कॉन्डोम भी नहीं लगाया और नंगे लंड से, मम्मी को पेलने लगे.
अंकल धीरे धीरे, अपना लण्ड आगे पीछे करते हुए, मेरी मम्मी को नंगे लंड से चोदने लगे.
मेरी मम्मी के मुंह से – आ हह आ आहह आ अहह आ आह ह आ आहह आ आह ह आ आहह ओफ्फ ओफ़ फ्फ़ ओफ्फ की आवाज़ें आने लगीं.
मेरी मम्मी के चुचे, अंकल के धक्के से आगे पीछे होने लगे और उनका लण्ड पूरा मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.
अंकल ने आज, अपनी आँखें बंद कर ली थीं और मेरी मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
-
आपको तो पता ही है, अंकल आज लगभग 1 महीने बाद मेरी मम्मी को चोद रहे थे और मम्मी को भी देख के लग रहा था की वो एक महीने से कितनी बेचैन थीं क्यूंकि उनकी वासना चरम सीमा पर थी.
अंकल के हर धक्के पर वो – आ आहह आ अहह मा आअ की सिसकारियों के साथ, उनका साथ दे रही थीं.
अंकल ने थोड़ी देर, मेरी मम्मी को ऐसे हो चोदा.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और दो बार अपने लण्ड को मेरी मम्मी के चूत के ऊपर ठप ठप करके मारा.
अंकल के लण्ड पर, मेरी मम्मी की चूत का रस लगा हुआ था और चमक रहा था.
अब अंकल ने, मेरी मम्मी से पूछा – महक, मज़ा आ रहा है…
मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत… आग लगी पड़ी है, यहाँ…
अब अंकल ने पूछा – क्या तुमने मुझे, इतने दिन याद किया… ??
मम्मी ने सिर हिलाते हुए – हाँ… मे जवाब दिया.
आज दोनों के बीच, “अश्लील बातें” नहीं हो रही थीं.
फिर अंकल ने कहा – मुझे लगा था, जैसे मैंने तुम्हें खो दिया है…
मम्मी ने कहा – मैं आपसे, बहुत प्यार करती हूँ…
अंकल, मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और उन्हें चूमने लगे और कहा – मैं तेरे बिना, नहीं रह सकता… प्लीज़, मुझे छोड़ के कभी मत जाना…
मम्मी ने अपना हाथ, अंकल के गले में डाल के अंकल के होंठों को अपने होंठ मे फसा लिया और चूमने लगीं.
अंकल ने एक हाथ आगे करते हुए, मेरी मम्मी के चुचे पकड़ लिए और मसलने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने दोनों टांग हवा मे करके फैला लिए और अंकल मेरी मम्मी को चूमते हुए, बीच मे आ गये और गांड ऊपर करके एक धक्का मारा.
मेरी मम्मी की “आह” की आवाज़ आई.
अंकल ने, मेरी मम्मी के मुंह पर हाथ रख दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी को चोदने लगे.
अंकल ने, मम्मी से कहा – 1 महीने से, तूने मेरे लण्ड को पागल कर दिया था… आज सारी कसर निकालूँगा… तेरी चूत का फावड़ा बना डालूँगा… आ आहह महक तू मेरी है है…
ठप ठप ठप ठप ठप.. .. ..
मेरी मम्मी – आ अहह बस स्स एया या…
अंकल – नहीं मेरी जान, बहुत दिन बाद तू मेरे बिस्तर पर आई है… आज मत रोक मुझे…
ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप.. .. ..
बिस्तर की – चर चर चर चर चर चर और मम्मी की – मा आ माआ आ मा आ नाह ह आ आ ओईइ मा नाआ हही ना आ बस सस्स बस धीरे… की आवाज़, कमरे मे गूँज रही थी.
अंकल पूरी ताक़त से, मेरी मम्मी को चोद रहे थे.
--
कुछ देर चोदने के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और आ आ आ आहह आ आ आहह करते हुए, अपना सारा वीर्य मेरी मम्मी के पेट के ऊपर गिरा दिया.
दोनों, पसीने से लतपथ हो चुके थे.
फिर अंकल, बिस्तर के नीचे उतर गये.
मेरी मम्मी, बिस्तर पर लेटी रही.
इसके बाद, मैं वापस अपने घर के लिए आ गया
लेकिन मम्मी शाम के करीब 6 बजे घर को वापस आई और उन्हें देख के लग रहा था, वो बहुत थक गई हैं.
अंकल ने आज, पूरे दिन मेरी मम्मी को पटक पटक कर चोदा था.
॥॥॥। समाप्त (The End......) ॥॥॥।
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मेरी फितरत नही किसी की चीज़ को अपने नाम करू...
so as i always say... all credit goes to unsung original writer...
Thanx.
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Surely this story ends here... but my other threads (https://xossipy.com/search.php?action=re...2cb70cbb3b) will continue & give joy's of new Incest, Adultery Non erotic & Erotic stories to all of my friends...
As I always say ... I am not the original writer, I just Copy some best stories from different internet sites & pest them here...
ALL THANKS TO ORIGINAL WRITER'S FOR WRITING SUCH A INTERESTING STORIES
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12-05-2021, 09:47 AM
Thanks for reading this story.
I am always very fond of this kind of slow seductive story. In reality, a woman needs time to involved in an affair. All women are not sex-starved or whore that they can easily be driven by anyone.
Most of the cases, there is a very particular and valid reason to involve in any illicit relationship. Sometimes they forced by other persons, sometimes they forced by the situation which arises unexpectedly in front of her.
I read a lot of stories which look very unrealistic as in those, a married woman shows like a characterless slut, but the reality is different.
I am not the original writer, I collect stories from different internet sites like old EXBII, XOSSIP, RSS, ISS, NIFTY, ASSTR, & LITEROTICA.
I just copy and pest them here for my as well as your enjoyment... all credit goes to the unsung writer's who are the original heroes.
So, I request to all my fellow authors to write more slow seductive real stories regarding married women.
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01-08-2021, 04:21 PM
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wow... so hot and so wonderful story.
thanks for sharing
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बहुत बढ़िया, अच्छी कहानी है। इसे खत्म क्यों कर दिया और आगे ले जाओ।
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