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बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर
#1
NOTE- DOSTO YE KAHANI MERI NAHI HAI PER MAI CHAHTA HU "angad" https://xossipy.com/member.php?action=profile&uid=29974
JO IS STORY KA WRITER HAI YE KAHANI FIRSE SHURU KARE MUJHE YE KAHANI PASAND AAYI MAINE angad SAY CONTACT KARNE KI KOSHISH KI PER REPLY NAHI MILA YE KAHANI K CHARACTERS UNDERAGE HONE K WAJAH SAY STORY DELETE HUI MAINE CHARACTER K AGES BADAL DI HAI. I HOPE angad ISAY FIR START KAREGA MERE PASS KUCH HE UPDATES HAI. angad K PAAS ISKE AAGE K UPDATES HONGE SO JAB WOH ISAY CONTINUE KARE TOH MAI YE THREAD DELETE KAR DUNGA.


ये कहानी मेरी बीच की बहन की है उसका नाम रश्मि है उसकी उम्र 20 साल है, बड़ी बहन वंदना की शादी हो चुकी है. उससे छोटी रश्मि 11वी मे पढ़ती है
मैं 19 साल का हूँ और 10वी मैं पढता हूँ. सबसे छोटी का नाम काजल है.
मम्मी एक कॉलेज टीचर हैं. हमारे घर के बाहरी हिस्से मैं हमारी एक छोटी सी फर्नीचर की दुकान हैं. जिसमे दो आदमी काम करते हैं.एक का नाम अनवर हैं उसकी उम्र 40 के करीब है दुसरे का नाम अजय हैं उम्र 18 साल है वो अभी हेल्पर है. पापा बाहर से ऑर्डर पकड़ते हैं और उनकी डिलीवरी करवाकर पेमेंट वगैरह लेने जाते हैं ज्यादातर वो घर से बाहर ही रहते हैं..
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#2
25-11-2019, 11:45 PM

बात पिछले दिसम्बर की है मुझे बहुत तेज बुखार हुआ था. पापा कही बाहर गए हुए थे मम्मी ने मुझे दवाई दिलायी और अगले दिन मेरी छुट्टी करवा दी..
अगले दिन दोनों बहनें और मम्मी कॉलेज को चली गयीं.. घर पर मे अकेला बोर हो रहा था.. सुबह 10,,, 11 बजे थोड़ा बुखार हल्का हुआ तो मे दुकान मैं जाकर बैठ गया.. दुकान पर सिर्फ अनवर अंकल थे अजय भी पापा के साथ गया था..
अंकल ने तबियत के बारे मै पूँछा. मैंने बोला ठीक है अंकल पर अभी बुखार है..
अंकल काफ़ी देर तक इधर उधर का बे फिजूल का ज्ञान बांटते रहे. ये नहीं खाना वो नहीं खाना ये नही करना वो नहीं करना..
मैं बुरी तरह पक रहा था..
कुछ देर बाद अंकल बोले बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मेरी कुछ समझ मै नहीं आया
अंकल फिर बोले क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मैंने बोला नहीं अंकल मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है
अंकल मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले मुझे अपना दोस्त समझो और सही सही बताओ..... मै किसी से कह थोड़ा ही रहा हूँ. शायद किसी दिन मै तुम्हारे काम आ जाऊं
मैंने फिर वही जवाब दिया
अंकल बोले चलो नहीं है तो कोई बात नहीं पर होती तो तुम्हे बुखार भी अच्छा लगता.
मै बोला वो कैसे अंकल..
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#3
26-11-2019, 12:12 AM
अंकल बोले अगर तुहारी अनारकली होती तो तुम अभी दुकान मै नहीं होते अनारकली के साथ कबड्डी खेल रहे होते.
मुझे हसीं आ गई फिर मै बोला अंकल मुझसे खड़ा तो हुआ नहीं जा रहा और आप कबड्डी खेलने की बात कर रहे हो.
फिर अंकल हसकर बोले बच्चे ये कबड्डी खड़े होकर नहीं खड़ा कर के खेली जाती है...
अब तक मेरी समझ मै कुछ नहीं आया.
तब अंकल ने दुकान मै रखे अपने थैले मैंने से एक किताब निकाली और मुझे दे दिन..
मैंने जैसे ही किताब खोली पहले पेज पर ही एक आदमी और एक औरत बिलकुल नंगे एक दुसरे से जुड़े हुए थे. मेरी आंखे उसी तस्वीर मैंने जाम हो गई. फिर अंकल ने दूसरा पन्ना खोला दुसरे मैंने औरत कुतिया बनी थी और आदमी उसके ऊपर कुत्ता बनकर लेटा था..
मेरे भीतर करंट दौड़ने लगा मेरा लण्ड खड़ा हो गया था...
तभी दुकान पर कोई आ गया
अंकल ने वो किताब वापस ले... ज़ब वो आदमी चला गया तब अंकल बोले देखा बच्चे अगर तेरी अनारकली होती तो तुम भी ऐसे ही मजा ले रहा होता. फिर मै बोला अब नहीं है तो नहीं है अब कहाँ से लेना आऊं..
अंकल बोले अपने पड़ोस मैं ट्राई करो कॉलेज मै देखो और पटा लो..
मैंने बोला अगर मम्मी को पता चल गया तो बहुत पिटाई लगेगी..
फिर अंकल बोले तो घर मे ही ट्राई कर ले...
मैं बोला घर मै कैसे.....
अंकल बोले रश्मि को देख ले या फिर काजल को............
.......
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#4
26-11-2019, 12:32 AM
मैंने अंकल से बोला अंकल वो दोनों मेरी बहनें हैँ मै कैसे ये सब कर सकता हूँ.
अंकल ने फिर कुछ फोटो दिखाए और बोले इसमें देख इस औरत की दोनों चूचियाँ हैँ और उन दोनों की भी दो दो ही हैँ
इस औरत की भी एक चूत है उन दोनों के पास भी एक एक ही चूत है. फिर क्या दिक्कत है..
मैंने फिर बोला अंकल वो मेरी बहनें हैँ मैं कैसे उनके साथ ये सब कर सकता हूँ.
फिर अंकल बोले लण्ड और चूत का कोई रिश्ता नहीं होता.. चूत तो चुदने के लिए ही है चाहे वो तेरा लण्ड हो या मेरा..
अगर तू नहीं करेगा तो वो किसी और से करवाएंगी..
ले तू ये किताब ले जा और इसे देख कर मुठ मार..
मेरी समझ मैं नहीं आयी की कैसे मुठ मारी जाती है.. फिर उन्होंने बताया की ऐसे लोडा पकड़ कर हाथ आगे पीछे चलाते हैँ..
मैं किताब लेकर घर मै घुस गया और फोटो देखकर लंड हिलानेलगा
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#5
26-11-2019, 09:52 AM

आज जिंदगी मैं पहली बार मुठ मार रहा था फोटो देखकर..
तभी मेरे ख्यालों मे मेरी बहन रश्मि आयी अब फोटो वाली लड़की की जगह मुझे रश्मि चुदती दिख रही थी मैं उस फोटो वाली लड़की के होटों पर लण्ड रख कर जोर जोर से हिलाने लगा थोड़ी देर बाद फोटो पर ही मैं डिस्चार्ज हो गया मुझे बहुत मजा आया..
इसके बाद अंकल ने मुझे बुलाया और मुझसे फोटो वापस मांगे. मैं ने वो किताब देखी तो वो बिलकुल ख़राब हो गई थी. मुझे बहुत शर्म सी आ रही थी फिर अंकल बोले ये फोटो तो तूने ख़राब कर दिए अब मैं क्या देखकर हिलाऊँगा....

27-11-2019, 11:06 PM
मैने बोला अंकल जहाँ से पहले ये किताब लाये थे वही से फिर ले आओ. फिर अंकल बोले ये किताब मै अपने गांव से लेकर आया था अब 20 रूपये की किताब के लिए 100 रूपये खर्च करूँ और दो दिन बर्बाद करूँ....
अभी एक महीना भी नहीं हुआ है गांव से आये हुए...
मैने बोला अंकल यहीं मार्किट मे देख लो किसी दुकान पर शायद मिल जाये...
अंकल बोले मैने बहुत ढूंडी है यहाँ कहीं नहीं मिलती तभी तो अपने गांव से लाया था..
मैंने बोला अंकल किराया मै दे दूंगा आप गांव जाकर ले आओ..
अंकल बोले मै ले तो आऊंगा पर जरुरत तो अभी है....
मैं शांत रहा.....
फिर अंकल बोले तू अपने घर मै से फोटो एल्बम उठा ला...
मैंने पूँछा अंकल एल्बम से क्या करोगे..
वो बोले ज्यादा मत सोच बच्चे बस ले आ...
मै घर मै गया और एल्बम निकाल लाया..
एल्बम देखकर उनकी आँखों मै चमक आ गई.... फिर वो एल्बम लेकर दुकान मै दूसरी तरफ चले गए.. फिर वो एल्बम मे फोटो पलटने लगे.
लास्ट मै उन्होंने एक फोटो निकाल कर साइड मै रख ली और मुझसे एल्बम एल्बम वापस रखने को कहा..
मै एल्बम लेकर चला गया ज़ब वापस आया तब अंकल बोले अब दुकान तू देखना मै थोड़ी देर मे बाथरूम से आता हूँ....
फिर अंकल बाथरूम मै चले गए...
बहुत देर बाद वो वापस आये. उनके माथे पर ठंड मै भी पसीना आ रहा था.. मैंने उनसे फोटो के बारे मै पूँछा तो वो बोले वो फोटो तो खराब हो गई...
मैंने बोला अंकल वो फोटो तो वापस रखनी थी..
अंकल बोले मेरी किताब तूने खराब कर दी मैंने तो तुझसे कुछ नहीं कहा. तू एक फोटो के लिए रो रहा है...
फिर मै वहां से कमरे मै चला गया.. थोड़ी देर बाद मुझे फिर से किताब देखने का मन हुआ.... पर किताब तो फ़ेंकी जा चुकी थी.. मै किताब को ढूंढ़ने की सोचने लगा तभी मुझे एल्बम के फोटो का ख्याल आया
मै फटाफट बाथरूम मै गया पर मुझे फोटो नहीं मिली मैने इधर उधर काफ़ी तलाश करी पर फोटो नहीं मिली.. फिर मै बाथरूम की छत पर चढ़ गया वहाँ मुझे वो फोटो मिल गई मैंने वो फोटो उठाई तो फोटो बहुत गंदी हो चुकी थी फोटो मै मेरी तीनो बहने थी... ये पिछले महीने की फोटो थी ज़ब वंदना दी पिछले महीने घर पर आयी थीं..
फोटो मैं वंदना दी की मांग मै तो पहले ही सिंदूर था जबकि रश्मि और काजल की मांग मै लाल पेन से माँग भरी गई थी..
तीनो की चूचियों की निप्पल भी पेन से बनाये गए थे और तीनो की चूत वाली जगह पर पेन से आर पार सुराख़ करा गया था..
तीनो के चेहरे पर और पूरे शरीर पर अंकल ने अपना वीर्य खाली करा था छेदो मै हो कर वीर्य दूसरी तरफ पार निकल गया था..
अब मुझे जोश चढ़ने लगा था मैं उस फोटो को उठा कर बाथरूम मैं घुस गया और फोटो को देखकर हिलाने लगा. वन्दना दीदी साडी मे थी उनका पेट साफ दिख रहा था मैंने कई बार उनके होंठों पर अपना लण्ड छुआया और आखिर मैं बुरी तरह कांप कर खाली होने लगा..
मैंने लण्ड को वंदना दीदी के मुँह पर इतनी तेज दबा दबा कर वीर्य खाली करा कि फोटो से कागज़ छूटने लगा..
जब मै शांत हो गया तब मैंने देखा कि वंदना दीदी तो फोटो मैं दिख ही नहीं रही जबकि रश्मि और काजल कुछ कुछ दिख रहे थे..
मैंने वो फोटो फिर बाथरूम कि छत पर ही डाल दी और फिर जाकर सो गया....
शाम को 4 बजे रश्मि आयी तब उसने मुझे जगाया और मेरे लिये चाय बनाई...
चाय पीकर मैं घूमने चला गया....
शेष अगले भाग मै.............

28-11-2019, 10:07 AM
शाम को मैं 6बजे के करीब वापस आया तब तक अंकल गए नहीं थे. मै भी जाकर दुकान मे बैठ गया अंकल बोले कहां घूमने गया था मैंने बोला यहीं पार्क मै गया था
फिर वो बोले पार्क मैं ही गया था या कहीं आंखे सेकने..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस घूमने ही गया था
अंकल बोले बच्चे कहीं ऐसा ना हो तू बाहर आँखे सेकने जाए और कोई तेरे घर मैं सिकाई कर दे..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा नहीं हो सकता
अंकल बोले थोड़ा रश्मि की चूचियाँ तो देख दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं लगता है कोई पूरे मन से मेहनत कर रहा है इनपर.. ऐसा कहकर वो हँसपडे..
फिर अंकल बोले भाई चाय नहीं मिलेगी मै बोला अभी बोलता हूँ
मैंने रश्मि को चाय के लिये आवाज लगाई. रश्मि थोड़ी देर मे 2 कप चाय लेकर आयी
रश्मि ने एक टाइट सा काला सूट और काले रंग की लच्चेदार सलवार पहन रखी थी ऊपर चुन्नी नहीं थी..
शूट बड़े गले वाला था.. रश्मि ने पहले चाय अंकल को दी फिर मुझे..
अंकल बोले बेटा चाय तो काली सी लग रही है क्या दूध कम था
रश्मि बोली अंकल दूध तो था पर बिल्ली ने झूठा कर दिया..
ये तो एक कप चाय मेरे लिए बची थी उसी मै पानी पत्ती बढ़ा कर ले आयी हूँ....
अंकल रश्मि की चूचियों को देखते हुए बोले बेटा दूध ढक कर रखा करो नहीं तो कोई भी झूठा कर सकता है.. रश्मि ने शर्मा कर सिर झुका लिया
फिर रश्मि अंदर चली गई
थोड़ी देर बाद अंकल बोले बच्चे एक फोटो और निकाल ला एल्बम से.
मैने कहा क्या अंकल एक दिन मे 2 दो फोटो खराब करोगे
इस तरह तो एक महीने मै ही पूरी एल्बम ही खत्म हो जाएगी..
अंकल बोले वो फोटो बड़ा मस्त था कंट्रोल नहीं हुआ इसलिए खराब हो गया.. एक और दे दे अब खराब नहीं करूंगा..
मै फोटो लेने अंदर गया पर अंदर मौका नहीं मिला..
मै वापस आ गया और अंकल को बोला अंकल फोटो अभी नहीं मिल सकती..
अंकल बोले देख ले बच्चे बता अब मै क्या करूँ
मै चुप रहा...
फिर अंकल बोले एक काम कर रश्मि की कोई कच्छी ही निकाल ला मैने बोला अंदर मम्मी रश्मि काजल सब हैं अभी नहीं ला सकता .
फिर वो बोले छत पर जो भी सूख रही हो वही उठा ला....
मैं ना चाहते हुए भी छत पर गया
छत पर सिर्फ रश्मि के कपड़े सूख रहे थे पर उनमे कच्छी नहीं थी
मैने सलवार उठा कर देखा तो उसकी एक लाल कच्छी मिली गयी. मैंने जल्दी से उसे उतारा और पेंट की जेब मैं रख लिया और निचे आने लगा तभी रश्मि कपड़े उतारने के लिए छत पर आ गई..
रश्मि को देखते ही मै डर गया. रश्मि कपड़े उतारने लगी मैं जल्दी से नीचे उतरने लगा मुझे डर था कहीं वो कच्छी ना मिलने पर मेरी जेब ना देखने लगे..
जल्दबाजी मैं कच्छी भी जेब मैं अच्छी तरह नहीं घुस पायी थी मेरे बगल से देखने पर कच्छी आराम से दिख जाती..
मैं फटाफट नीचे आया और कच्छी निकाल कर अंकल को दी..
कच्छी देख कर अंकल खुश हो गए उन्होंने कच्छी को फैला कर अपनी नाक पर लगाया और बहुत जोर से सूंघने लगे. फिर बोले इस कच्छी की खुशबू ज़ब इतनी मस्त है तो उसकी चूत की खुशबू तो बडी नशीली
होगी.. वो खुशबू सूंघने मै मस्त हो रहे थे तभी रश्मि ने मुझे आवाज लगाई भाई दवा खा ले दवा का टाइम हो गया है...
अंकल बोले पता नहीं मुझे दवा कब मिलेगी...
उन्होंने कच्छी को जेब मै रख लिया और अपने रूम पर चले गए...
मैंने दुकान बन्द कर दी और घर मै चला गया..
रात के आठ बज चुके थे मैंने खाना खाया और सोने चला गया
हमारे घर मै 5 कमरे थे एक छोटा कमरा था जहाँ पापा अपने हिसाब किताब की चीज रख़ते थे और उसी कमरे मै वो सोते थे एक गेस्टरूम था जो की किसी मेहमान के आने पर ही खुलता था एक कमरे मैं हम सब की पढ़ाई लिखाई का सामान रखा जाता था एक कमरा दुकान के जस्ट पीछे लगा हुआ था जिसमे दुकान के पुराने टूल्स एक्स्ट्रा कुर्सी जैसी चीजें रखी जाती थीं लास्ट कमरा हमारे सोने के लिए था इसमे दो सिंगल बेड थे एक बेड पर मम्मी और काजल सोती थीं दुसरे पर मै और रश्मि सोते थे..
उस दिन मै जल्दी सो गया..
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#7
28-11-2019, 11:30 PM

उस रात मैं जल्दी सो गया.......
आधी रात को मेरी नींद खुल गई मैने टाइम देखा रात के 1:30 बज रहे थे.. मैंने पानी पिया फिर मैं बिस्तर पर लेट गया अभी मुझे नींद नहीं आ रही थीं फिर मुझे आज के दिन भर की घटना याद आने लगी.
मैं सोच रहा था की अंकल को कच्छी देकर कोई गलती तो नहीं कर दी ..अंकल रश्मि की कच्छी ले गए हैं वो उसे सूंघकर कहाँ वीर्य खाली करेंगे..
कहीं फोटो की तरह कच्छी का भी नाश तो नहीं कर देंगे..
क्या कल वो कच्छी को वापस लाएंगे इस तरह के बहुत सारे सवाल मेरे मन मै घूम रहे थे... मै सोच रहा था कहीं अंकल मुझे ब्लैकमेल करके मुझ से और क्या क्या करवाएंगे..
कहीं अंकल रश्मि को चोदने के मूड मैं तो नहीं है.
अगर अंकल उसे चोदेंगे तो क्या वो राजी हो जाएगी.
रश्मि की चुदाई की सोच कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा मैंने सोचा बाथरूम मैं जाकर हिला लेता हूँ मैं जाने के लिए उठा ही था की रश्मि के ऊपर से कंबल उतर गया रश्मि एक ढीला ढाला टॉप पहनी हुई थी और उसके नीचे वही काली शलवार थी टॉप उसकी नाभि तक उठा हुआ था उसका पेट और कमर की साइड बड़ी सेक्सी लग रही थी मेरी आँखे उसकी नाभि पर जम गई..
मन कर रहा था अभी उसमे जीभ डाल कर चाटने लगूँ
फिर मैंने मम्मी और काजल को देखा वो भी बिलकुल बेसुध होकर सो रही थी फिर मेरा मन करने लगा क्यों ना बेड पर ही मुठ मार लूं..
मैं बेड पर लेट गया और रश्मि के और अपने ऊपर कंबल डाल लिया. अभी मैं उसके होठ देख कर हिलाने लगा मन कर रहा था की उसके मुँह मैं ही लण्ड डाल दूँ पर डर भी बहुत था....
मैंने धीरे धीरे हिलाते रहा..मुझे जोश बढ़ते जा रहा था मैंने एक बार बिलकुल निडर बनकर उसकी ऊँगली से अपना लण्ड छुआ दिया. उसकी ऊँगली से टच होते ही लण्ड जोर जोर से फूंकार मारने लगा फिर जोश और ज्यादा बढ़ गया तो मैंने लण्ड उसकी हथेली मैं रख दिया..
अभी लण्ड बार बार ऊपर झटके मारता और फिर वापस उसकी हथेली पर गिरता उसके हाथो मैं कोई भी हरकत नहीं हो रही थी फिर मैंने अपना लेफ्ट हाथ धीरे से उसकी लेफ्ट चूची पर हल्के से रख दिया उसमे कोई हरकत
नहीं हो रही थी बस सांस लेने से चूचियाँ ऊपर निचे हो रही थी लण्ड तो मैंने उसकी हथेली पर खुला छोड़ रखा था.. और वो भी बार बार झटके देकर अपना काम कर रहा था...
कई बार उसकी उंगलियों मै हलचल सी हुई मैं डर गया अभी मै उसके निप्पल को महसूस करना चाहता था मैंने अंदाज से उसकी निप्पल वाली जगह पर उंगलियां घुमानी शुरू कर दी..
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था और टॉप भी बहुत हल्का था तो थोड़ी ही देर मै उसके निप्पल महसूस होने लगे उसकी चूचियाँ भी ज्यादा बड़ी नहीं थी और निप्पल भी छोटे छोटे ही उभरे थे .. अभी तक रश्मि गहरी नींद मै थी इससे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी अभी मेने उसकी दूसरी चूची के निप्पल पर ऊँगली घुमाने लगा.
मेरे लण्ड से लार टपकने लगी थी फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर लार उठायी और उसके दोनों होठों के बीच मै टपका दी लार गिरते ही वो हड़बडा कर उठ गयी मेने तुरंत अपना हाथ हटा लिया और अपनी आंखे बंद कर ली पर मेरा लण्ड अभी भी उसकी हथेली पर ही था.. फिर उसने
उसने अपनी मुठ्ठी बंद करी मेरा डर के मारे बुरा हाल हो रहा था
मै थोड़ी सी आंखे खोल कर देख रहा था उसने एक बार मेरी तरफ देखा फिर मुझे सोया समझ कर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गयी..
मैंने भी फटाफट आराम से अपना लण्ड अपने अंडरवीयर मैं डाल कर सो लेट गया..
अब मेरी नींद उड़ चुकी थी मुझे डर लग रहा था ज़ब सुबह रश्मि
मम्मी को मेरी बात बताएगी तब मुझे कितनी मार पड़ेगी..
सुबह के 4 बज चुके थे मुझे डर भी बहुत लग रहा था और टेंशन भी बहुत हो रही थी..
फिर मुझे याद आया की उसने अपने होठों से लार तो पोंछी ही नहीं थी.

कहीं वो भी जाग कर एन्जॉय तो नहीं कर रही थी...
यहीं सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई.. और मै सो गया...

29-11-2019, 08:32 AM

अगली सुबह मे बहुत लेट उठा सब लोग जा चुके थे. मैंने उठकर चाय गरम् करी फिर चाय पीकर दुकान मै चला गया दुकान मै अंकल और पापा बैठे हुए थे और किसी आर्डर के बारे मै बात कर रहे थे पापा कह रहे थे अजय 10 दिनों के लिए गांव जा रहा है ये आर्डर जल्दी से जल्दी तुमको ही पूरा करना है 2या 3दिनों का काम है अपनी घरवाली को बोल देना तुम घर नहीं आ पाओगे.. यहीं अपना स्टोर साफ कर लेना एक चारपाई डाल लेना खाना पीना हमारे घर से ही हो जायेगा..
अंकल बोले मेरी घरवाली तो मायके गई हुई है 10, 5 दिनों मैं उसकी डिलीवरी है .. मे रूम पर अकेले ही रहता हूँ.. वहाँ सोता हूं सो यहीं सो जाऊँगा फिर पापा बोले तुम साफ सफाई कर लो मै चलता हूँ ऐसा कहकर पापा चले गए.. फिर मै दुकान मैं जाकर बैठ गया थोड़ी देर बाद अंकल बोले बेटा कैसी तबियत है
मेने कहा अभी बुखार है
अंकल बोले किसी 2थन वाली का दूध पियो सब बुखार उतर जायेगा.. ऐसा कहकर वो हँस पड़े उनका इशारा किधर था मैं भी समझ चूका था
फिर अंकल बोले बेटा जरा अपनी एल्बम तो दिखा दे..
मैने कहा अंकल देखनी ही है तो दिखा दूंगा पर उसमे से कोई भी फोटो नहीं निकालना
अंकल बोले तू एल्बम लेकर आ मै अपने रूम से अपना बैग उठा कर लाता हूँ मैं एल्बम उठा कर ले आया अंकल अपने रूम पर चले गए और एक घंटे बाद वापस आए
अंकल एक बड़ा सा बैग लेकर आये थे जिसे लाकर उन्होंने स्टोर मै रख दिया फिर उन्होंने मुझे चाय लाने भेज दिया...
ज़ब मैं चाय लेकर वापस आया तब तक अंकल ने कुछ फोटो निकाल लिए थे..
मैंने उनसे पूँछा अंकल आज फोटो तो नहीं निकाले..
उन्होंने मना कर दिया

29-11-2019, 03:31 PM

दोपहर को 12 बजे रश्मि आ गई... वो थोड़ी बुझी बुझी लग रही थी
रात की बात याद करके मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मै उससे कुछ पूछ सकूँ.
थोड़ी देर अंकल ने काम करा फिर बोले बेटा कुछ खाने को बना है क्या. बहुत जोर से भूख लगी है..
मैं अंदर खाना लेने चला गया.. रश्मि लेटी हुई थी.. मेने खाना देखा तो खाना खत्म हो चुका था. मै रश्मि से बोलना तो नहीं चाह रहा था पर खाना बनाने के लिए मुझे बोलना ही पड़ा
रश्मि बोली भाई कितना खाना खाता है तू..
मैंने बोला आज से अंकल भी कुछ दिन हमारे यहीं खाना खाएंगे
रश्मि बोली ठीक है भाई मैं अभी खाना बनाकर लाती हूँ..
मैं जल्दी से बाहर निकल आया..
थोड़ी देर बाद रश्मि खाना लेकर आ गई उसने झुककर खाना अंकल को दिया.. झुकने से उसके सूट मे से उसकी चूचियाँ अंकल को दिखने लगी. अंकल उन्हें बड़े गौर से देखते रहे फिर अंकल ने खाना पकड़ा और रश्मि से बोले बेटा बड़ी जल्दी खाना बना लिया... और खुशबू भी गजब कि आ रही है.. फिर रश्मि जाने लगी तब अंकल बोले बेटा आज कुछ उदास लग रही हो क्या कोई परेशानी है..
रश्मि बोली नहीं अंकल कोई खास नहीं बस थोड़ा सा पेट मे दर्द है..
अंकल बोले कोई बात नहीं बेटा सब ठीक हो जायेगा..
फिर रश्मि चलने को हुई तो अंकल बोले बेटा बैठो कुछ देर हमारे साथ आज अजय नहीं है तो मेरा मन नहीं लग रहा है..
रश्मि वही बैठ गई...
अंकल ने थोड़ा सा खाना खाया फिर रश्मि कि तारीफ करते हुए बोले काश इतना स्वादिस्ट खाना मेरी बीवी बनाती तो मै उसके हाथ चूम लेता रश्मि ने अंकल कि तरफ देखा फिर शर्मा कर नजर झुका ली थोड़ा खाना खाकर अंकल फिर बोले अगर ये खाना मुझे मेरी शादी से पहले खिलाया होता तो मै तुमसे ही शादी कर लेता.....
.....
....
...
रश्मि शर्माती हुई सिर्फ सुन रही थी
ज़ब खाना खत्म हो गया तब अंकल बोले बेटा अब तुम्हारा दर्द कैसा है
रश्मि शर्मा कर बोली सही हूँ अंकल..
फिर अंकल बोले बेटा क्या डॉक्टर के पास ले चलूँ..
रश्मि फिर हंसकर बोली नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है अंकल जी मे अपने आप ठीक हो जाऊंगी..
फिर अंकल बोले बेटा बिना दवा के जल्दी ठीक नहीं हो पाओगी.. चलो मेरे साथ....... मेरी पहचान का एक बढ़िया डॉक्टर है कोई खास पैसे भी नहीं लेता और आराम तुरंत मिल जाता है..
रश्मि फिर नजरें घुमा कर बोली नहीं अंकल बस 2,,,, 3 दिन कि ही बात है मे ठीक हो जाऊंगी....
तभी दुकान पर कोई आ गया और अंकल उनसे बातें करने लगे...
रश्मि घर मे जाने लगी
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#9
30-11-2019, 06:50 PM

रश्मि के जाने के कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कैंची और फेविकोल मांगी....
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल...
अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है...
मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी..
अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये...
मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा.....
एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे...
मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम
मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया..
छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे
पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे......
आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे
गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते
दिखाई दिए ..
मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये..
में तुरंत छुप गया..
उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया..
वो बैठ कर पेशाब करने लगे ...
कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी....
फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते....
मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है...
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला.
बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है...
तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही.....
मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा...
नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे
वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा

30-11-2019, 10:21 PM

बहुत देर तक हिलाने के बाद अंकल कांपने लगे और जोर जोर से उस किताब को चूमने लगे.और . ओ रश्मि .. ओ रश्मि कहने लगे... फिर उनके वीर्य की पिचकारियां गिरने लगीं
जो काफ़ी दूर तक जा रहीं थी... उन्होंने 10..... 12 पिचकारी मारी फिर ठंडे हो गए.. फिर उन्होंने अपना पजामा ऊपर करा और कुर्ते की जेब मैं वो किताब फोल्ड करके रख ली....
अब वो प्लॉट से बाहर निकलने लगे....
मै छत पर ही रहा और छिप कर देखता रहा...
अंकल आये और सीधे स्टोर रूम मैं घुस गए. फिर 1 मिनट बाद वापस दुकान मै चले गए... थोड़ी देर बाद मै उतरने ही वाला था कि तभी मुझे रश्मि कमरे से निकलती दिखाई दी मैं फिर रुक गया..
रश्मि ने दुकान मै झाँका फिर वापस घर मै आने लगी फिर सीधा स्टोर मै घुस गई... वो अंदर 2 ही मिनट रुकी थी फिर स्टोर से निकल कर घर मै जाने लगी उसने कुछ चीज अपने सूट के अंदर अपनी छाती से छुपाई थी... वो अंदर कमरे में घुस गई..
ज़ब काफ़ी देर बाद वो बाहर नहीं निकली तब मै उतर आया और दुकान मैं चला गया..... दुकान मैं अंकल कुर्सी पर आराम से बैठे थे और बड़े ही खुश लगा रहे थे..
मेने अंकल से पुछा अंकल खाली बैठे हो कुछ काम ही कर लेते...
अंकल हसकर बोले बेटा अभी काम शुरू करा है जल्दी ही पूरा कर लूँगा... अब एकदम से तो सब कुछ नहीं कर सकता.. थोड़ा समय तो लगता ही है....
उनका जवाब मुझे अजीब लगा फिर मेने उनहें कुछ पैसे दिए और बाजार से कुछ कील और पेंच लाने को कहा..
अंकल पैसे लेकर चले गए..
उनके जाने के कुछ देर बाद ही मै उस किताब को ढूढ़ने स्टोर रूम मैं गया...
स्टोर पूरी तरह साफ था थोड़ा बहुत ही सामान 2,, 3 कुर्सी और एक चारपाई थी..
सामने टेबल पर उनका बैग रखा हुआ था जिसकी चैन खुली हुई थी ...
मेने उसे खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ उनके एक जोड़ी कपड़े थे और एक कच्छा बनियान था...
मैंने जल्दी जल्दी इधर उधर निगाह मारी पर मुझे वो किताब नहीं मिली..
मै मायूस होकर वापस दुकान में आकर बैठ गया... 10 मिनट बाद मुझे रश्मि के आने कि आहट हुई.. रश्मि आयी और स्टोर रूम मे चली गई फिर एक मिनट बाद वो दुकान में आकर बैठ गई...
उसका चेहरा पूरा लाल हो रहा था...
उसने मुझसे पूँछा अंकल कहां हैं..
मैंने बोला वो कुछ सामान लेने बाजार गए हैं.. थोड़ी देर मे आ जायेंगे...
फिर मैंने रश्मि से खाना लाने को कहा.. रश्मि बोली भाई मेरा शरीर टूट रहा है.. तू अंदर जाकर ही खाना खा ले ज़ब तक यहाँ मे बैठ लूँगी
फिर मे अंदर चला गया...
मैंने खाना रखा और खाने लगा....
आज मुझे सब अजीब लग रहा था...
रश्मि कभी दुकान मे नहीं बैठती थी... आज बिना बोले ही बैठ रही है...
अंकल भी बड़े ख़ुश थे...
मे समझ नहीं पा रहा था कि क्या मैटर है..
अचानक मुझे याद आया कि रश्मि पहले स्टोर से कुछ लेकर निकली थी
और बाद मे भी स्टोर मे गई थी...
बार बार मे यही सोच रहा था कि... बाद मे स्टोर में क्यों गई होंगी...?
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर दुकान मैं झाँका अंकल अभी तक नहीं आये थे ...
मे दबे पाँव वापस आया और स्टोर मे घुस गया इस बार मेरी नजर सीधा बैग पर गई...
मैं ये देखकर चौंक गया कि थोड़ी देर पहले बैग खुला हुआ था मेने बन्द नहीं करा था... तो अभी ये बैग बंद कैसे हो गया...
फिर मैंने जल्दी से बैग खोला... बैग मे सबसे ऊपर रश्मि की वही लाल कच्छी थी जो उस दिन मैने अंकल को दी थी...
मेने कच्छी अलग करके देखा तो उस पूरी कच्छी मैं तो अंकल ने अपना वीर्य बहाया हुआ था कुछ वीर्य सूखा था और कुछ गीला .....
पूरी कच्छी कहीं कहीं से ही लाल लग रही थी नहीं तो पूरी सफ़ेद हो चुकी थी... फिर मैने बैग मैं झाँका तो वो किताब मिल गई मैने कच्छी वहीं रखी और किताब उठा ली..
फिर मैंने किताब खोल कर देखी पहले फोटो मे एकदम अंग्रेज एक लड़की की चूचियाँ दबा रहा होता है ... और उस अंग्रेजन के चेहरे के ऊपर रश्मि का फोटो चिपका हुआ था.....
दुसरे फोटो मैं अंग्रेज रश्मि की चूत चाट रहा होता है तीसरे फोटो मै रश्मि की चूत पर अपना लण्ड रगड रहा था..
चौथे फोटो मैं उसने अपना लण्ड रश्मि की चूत मैं डाल रखा है
पाँचवी फोटो मैं उसने रश्मि को कुतिया बना रखा है और पीछे से उसके जोड़े हुए है.... छटे फोटो मे वो लेटा हुआ है और रश्मि उसके लण्ड पर बैठी हुई थी..
सातवे फोटो मैं रश्मि उसके लण्ड से ऊपर उठी हुई थी और उसकी चूत मे से अंग्रेज का वीर्य बह रहा था.....
मेरा करंट बन चुका था मैंने जल्दी से किताब और कच्छी वापस रख दी और दुकान मै जाकर बैठ गया.......
अब मेने रश्मि की तरफ देखा तो वो बड़ी बेचैन लग रही थी..
उसने फिर मुझसे पूँछा अंकल कब आएंगे...
मैंने फिर जवाब दिया बस आ ही रहे होंगे....
.............
........
शेष कल
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#11
02-12-2019, 11:59 PM
रश्मि आज इतनी बेचैन हो रही थी कि आधे घंटे मैं उसने 4,,, 5,, बार अंकल के बारे मै पूँछ चुकी थी..
खैर थोड़ी देर बाद अंकल आ गए.. उनके आते ही



सॉरी दोस्तों कल अपडेट दूंगा
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#12
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#13
03-12-2019, 03:14 PM

अंकल के आते ही उसके चेहरे पर खुशी दीखने लगी... वो नीचे मुँह करके बड़ा मुस्कुरा रही थी. उसके झुकने से उसकी चूचियों की कुछ गहराई दिख रही थी...
अंकल ने सामान साइड मै रखा और रश्मि के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गये उन दोनों की आँखों मैं गजब का कांटेक्ट चल रहा था ये मैंने कई बार देखा ....
अंकल बार बार उसकी चूचियों की गहराईयों में झाँक रहे थे..
ये बात रश्मि को भी पता थी.. वो जान बूझ कर उनको दिखा रही थी...
फिर अचानक अंकल बोले.. रश्मि आज चाय नहीं पिलाओगी..
रश्मि अचानक होश मे आई फिर बोली क्या कहा अंकल...
अंकल बोले रश्मि क्या चाय मिलेगी...
रश्मि बोली अंकल दूध नहीं है..
अंकल बोले कल भी कहा था दूध ढक कर रखा करो नहीं तो कोई भी मुँह लगा देगा..
रश्मि बोली आज अंकल दूध निकल गया था......
थोड़ा ही बचा था... वो भी खत्म हो गया....
फिर कुछ देर शांति रही फिर रश्मि अंकल से बोली. अंकल कल आप किसी डॉक्टर के बारे मै बता रहे थे.. उनका क्लीनिक कहां है...
अंकल अनजान बनकर बोले कौन सा डॉक्टर... किसलिए..
रश्मि शर्माकर बोली अंकल कल से मेरे पेट मे दर्द हो रहा है और बार जल्दी सही हो जाता था इस बार कुछ ज्यादा दिन हो गए अभी तक आराम नहीं मिला उसी को दिखाने डॉक्टर के पास जाना है.........
अंकल उठे और बोले रश्मि तुम बार बार पेट दर्द से परेशान होती हो और तुमने मुझे नहीं बताया... मुझे लगता है तुम्हाी नाभि खिसक गयी है... जरा लेट जाओ मै अभी देख लेता हूँ..... मैंने अपने गांव मे बहुत से आदमियों की नाभि सही करी है.....
रश्मि बोली नहीं अंकल मेरी

03-12-2019, 04:02 PM

रश्मि बोली नहीं अंकल मेरी नाभि सही है... इसलिए ही तो डॉक्टर के पास जाना है.... ये बात उसने अपने निचले होंठ को दांतो से हल्का सा
दाबते हुए कही... अंकल ये देखते ही मुस्कुराकर बोले चलो ठीक है..
तुमको ले चलता हूँ अंकल ने स्टोर मे घुसकर अपनी साइकिल निकाली और रश्मि से बोले चलो रश्मि बैठो...
रश्मि और अंकल की आँखों मे कुछ इशारे चल रहे थे.. और मे ये सब जान रहा था पर अनजान बन रहा था.. अंकल ने फिर रश्मि को बैठने को बोला...
अब अंकल की साइकिल मे पीछे वाली सीट नहीं थी... और वो रश्मि को आगे बैठने को बोल रहे थे..
रश्मि अंकल से बोल रही थी अंकल मे आज तक आगे नहीं बैठी हूँ हम गिर पड़ेंगे.... इसलिए पैदल ही चलते हैं.. हम कुछ देर बात चीत भी कर लेंगे और शायद पैदल चलने से पेट मे भी आराम मिल जाए...
अंकल बोले रश्मि आज मे बहुत थक गया हूँ.. और सर्दी जुखाम भी है शरीर भी टूट रहा है पैदल नहीं चला जायेगा... चलो साइकिल से ही चलते हैं..
रश्मि आगे को बढ़ी और अंकल के सामने बैठने लगी..
उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं थी 4 फुट 8 या 9 इंच होंगी इसलिए वो साइकिल पर नहीं चढ़ पायी.. उसने 3,,,,, 4 बार कोशिश करी पर नहीं चढ़ पायी.. अब अंकल ने रश्मि की कमर को दोनों हाथों से पकडा
और उसे उठा कर अपने आगे बैठा लिया..
फिर अंकल मुझसे बोले क्लीनिक थोड़ी दूर है.. और वहाँ अभी डॉक्टर होगा की नहीं. ये भी नहीं पता इसलिए थोड़ी देर हो सकती है. तुम दुकान देखते रहना... अब उन्होंने अपना दायां हाथ रश्मि के पेट से छुआ और बोले रश्मि चलें???
रश्मि ने अंकल के चेहरे की ओर देखा ओर चलने के लिए अपनी गर्दन हिला दी......
मुझे दाल मे कुछ काला लग रहा था... मे उनका पीछा करने की सोच रहा था पर कोई साधन नहीं था जिससे मे उनका पीछा
करूँ....
मे मायूस होकर बैठा था ओर सोच रहा था की कहीं इन दोनों की कोई प्लानिंग तो नहीं है...
..
.
..
तभी मेरा दोस्तों अपनी नई साइकिल मुझे दिखाने के लिए लाया..
मैंने उससे बोला यार थोड़ी देर के लिए अपनी साइकिल मुझे दे दे थोड़ा बाजार जाना है जरूरी काम है.. उसने मुझे साइकिल दी ओर बोला सही सलामत वापस करना.. मैंने उसे धन्यवाद किया और घर और दुकान मे
ताला लगा कर चल दिया.....
अब मेरे दिमाग़ मे कई सवाल थे... इतने बड़े बाजार मे मैं उन्हें कैसे ढूढूंगा...
अब वो बाजार ही गए हैँ या कहीं और...
मैं उन्हें कहां देखूँ... बस बुझा हुआ सा चला जा रहा था...

03-12-2019, 06:07 PM

मे उनको ढूंढ़ने तो निकला था पर मुझे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी की वो मुझे मिलेंगे.... क्योंकि मुझे साइकिल मिलने मे 5,, 10 मिनट खराब हो गए थे.. रास्ता बहुत खराब था रास्ते मैं जगह जगह पानी भरा था
मुझे रास्ते पर बहुत गुस्सा आ रहा था. और साइकिल चलाते जा रहा था
मैं सोच रहा था क्या सच मे अंकल ने रश्मि फ़ांस ली है. या ये मेरा भ्र्म है.. कहीं अंकल उसे अपने कमरे पर तो नहीं ले गए...
उनका कमरा भी मुझे नहीं पता था...
मुझे वो बात याद आ रही थी ज़ब अंकल खाली प्लॉट मे हिला रहे थे और ज़ब मैंने रश्मि को देखा तो वो उनको खिड़की से देख रही थी...
मुझे लग रहा था जैसे आज रश्मि जरूर चुद कर ही वापस आएगी...
जाने क्यों मे रश्मि को चुदते देखना चाहता था... पर अभी ये सम्भव नहीं लग रहा था... मेरा मूड खराब हो रहा था
मेने वापस लौटने का फैसला किया... तभी मुझे रश्मि और अंकल दिखाई दिए.... दोनों लोग पैदल चल रहे थे और दोनों के पूरे
कपड़ों पर कीचड लगी हुई थी.. साइकिल भी पूरी गंदी थी.. तब मुझे पता लगा ये दोनों साइकिल से कीचड़ मे गिर पड़े हैं.. मैंने तुरंत साइकिल रोक ली.. और उतर कर धीरे धीरे चलने लगा
अब मुझे वो रास्ता बड़ा अच्छा लग रहा था..
मैंने सोचा इनके कपड़े तो गन्दे हो गए अब ये डॉक्टर के पास तो नहीं जायेंगे.. मतलब अब अंकल उसे शायद अपने कमरे पर ही लेकर जायेंगे
धीरे धीरे वो दोनों आबादी से दूर कस्बे के बाहरी साइड पहुंच गए फिर एक ऊँची सी बाउंड्री मै घुस गए बाउंड्री का कोई गेट नहीं था अंदर बीच मै सिर्फ एक कमरा था उसके चारों तरफ 1,, 1 की जगह छोड़ी गईं थी शायद हवा और उजाले के लिए...
वो दोनों कमरे के अंदर चले गए
कमरे का गेट अब भी खुला हुआ था..
मेरा मन कह रहा था आज जरूर कुछ घपला होगा.. मैंने पास की झाड़ियों मे साइकिल को छिपा दिया.. अब
में अंदर जाने की सोच रहा था पर कुछ समझ नहीं आ रहा था कैसे अंदर जाऊं... सामने कमरे का दरवाजा खुला हुआ है वो दोनों मुझे देख लेते इसलिए इधर से मेरा घुसना बेकार था
मै जल्दी से उस बाउंड्री के चारों तरफ देखने चल दिया शायद कहीं से ऊपर चढ़ने का रास्ता मिल जाए...
पीछे वाली दीवार से कुछ दूर कुछ ईट पड़ी मिली जो शायद क्रिकेट खेलने वालों ने वहाँ डाल रखी थी....
मैंने ईट उठाकर दीवार के पास एक के ऊपर एक लगा दी फिर मे उनपर चढ़ गया और फिर मैं दीवार पर चढ़ कर उस कमरे की छत पर कूद गया कमरा काफ़ी बड़ा था ...
छत के बीच मैं एक जाल लगा था नीचे उजाले के लिए.. इतने बड़े कमरे मैं दोनों तरफ एक एक कमरा अलग अलग बन सकता था
मैंने आहिस्ता से जाल से नीचे देखा तो अंदर एक टूटी हुई सी चारपाई पड़ी हुई थी और पूरे घर मै कुछ ही बर्तन एक पानी का ड्रम और एक मिट्टी के तेल का stob था... और पूरा कमरा खाली था... रश्मि चारपाई पर बैठी थी और अंकल से कह रही थी..
अंकल आप इस वीराने मैं कैसे रहते हो.. यहाँ दूर दूर तक कोई भी नहीं रहता... आपके पास कोई सामान भी नहीं है..
अंकल बोले सब कपड़े और फालतू सामान मैंने अपने दोस्त के यहाँ रख दिया है ज़ब मेरी बेगम आ जाएगी तब ले आऊंगा... यहाँ अभी कोई रहता नहीं है कहीं कोई चोर सामान चोरी नहीं कर ले इसलिए वहाँ रख दिए हैँ....
फिर रश्मि बोली अंकल मुझे ठंड लग रही है अब ज़ब तक ये कपड़े सूखेगे तब तक मै क्या pehnoogi... अंकल ने इधर उधर देखा और खिड़की से पर्दा उतार कर रश्मि को दी फिर बोले यहाँ तो कुछ नहीं है
तुम ये पर्दा लपेट लेना... पर्दा भी लम्बी चौड़ी है इसे तो हम दोनों
भी ओढ़ सकते हैँ... ये कहकर अंकल हंस पड़े... फिर रश्मि बोली
अंकल आप जल्दी से बाहर चले जाओ तो मै अपने कपड़े धो कर सुखा लूं....
फिर अंकल बोले रश्मि ठण्ड तो मुझे भी लग रही है मुझे भी कपड़े धो कर पहनने हैँ.. तुम अपने कपड़े उतार कर मुझे दे दो और तुम पर्दा लपेट कर बैठ जाओ... रश्मि को शर्म सी आ रही थी फिर अंकल बाहर निकल गए और रश्मि ने अपने कुर्ती और सलवार उतार कर ड्रम के पास डाल दी.. मैंने आज रश्मि को पहली बार नंगा देखा था.. उसकी चूचियाँ ज्यादा बड़ी तो नहीं थी पर कमाल की थीं उसने कच्छी नहीं उतारी और पर्दा ओढ़ कर चारपाई पर लेट गई... फिर उसने अंकल को अंदर आने के लिए आवाज लगाई.
अंकल अंदर आ गए.. रश्मि इस तरह लेटी थी की उसके पैर अंकल तरफ थे रश्मि ने अपना मुँह नहीं ढका था वो अंकल को देख सकती थी
अब उन्होंने अपना कुरता पायजामा उतारा और रश्मि के कपड़ों के साथ उठाकर बाल्टी मै डाल दिया... फिर रश्मि से बोले.. रश्मि तुमने अंदर वाले कपड़े नहीं दिए.....
रश्मि उनके इस सवाल से चौंक गई फिर धीरे से
बोली नहीं अंकल जी मै अंदर सिर्फ कच्छी पहनती हूँ और कुछ नहीं..
फिर अंकल बोले लेकिन इन कपड़ों मै तुम्हारी कच्छी तो है ही नहीं.. अब
रश्मि की आंखे बड़ी हो गईं उसने अंकल की तरफ देखा फिर बोली.. नहीं अंकल मैंने उसे पहन रखा है...
फिर अंकल बोले रश्मि कच्छी भी मुझे दो मे उसे धो देता हूँ.. उस कच्छी पर गंदी कीचड लगी होगी.. और उस कीचड मैं कितनो की पेशाब मिली होगी तुम्हारे नीचे इन्फेक्शन हो जायेगा....
फिर रश्मि बोली नहीं अंकल रहने दो मैं बिलकुल नंगी नहीं होना चाहती...

03-12-2019, 06:41 PM

अंकल ने दीवार के छेद (दीवार मैं एक ईट निकली थी ) मे हाथ डालकर एक कच्छी एक ब्रा निकाली और रश्मि के हाथों मैं
रख दी और बोले रश्मि ये मेरी बेगम के कपड़े हैं इन्हे अंदर पहन लो..
रश्मि ने बोला अंकल मैने आज तक ब्रा नहीं पहनी है... और ये तो मुझे बहुत बड़ी भी लग रही है..
फिर अंकल बोले ज़ब मेरी शादी हुई थी तब बेग़म 15 साल की थी और उसकी छातियां तुमसे भी छोटी थी.. मेने बहुत मेहनत करके उन्हें बड़ा करा है
तुम्हारी छाती बहुत छोटी हैं शायद तुमने आज तक किसी को हाथ नहीं लगाने दिया है
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#15
03-12-2019, 09:47 PM

फिर अंकल बोले इसीलिए तो मे कह रहा हूँ रश्मि ये कपड़े पहन लो फिर चादर ओढ़ लो....
अब रश्मि थोड़ी कंफ्यूज थी...... और अंकल की तरफ देख रही थी..
अंकल फिर बोले रश्मि सब कपड़े धुल चुके हैँ जल्दी कच्छी उतारो मैं उसे भी धो देता हूँ... फिर मुझको भी नहाना है.... ज़ब तक मे नहाऊंगा तुम्हारे कपड़े भी सूख चुके होंगे.... फिर तुम नहा लेना और कपड़े पहन लेना.....
रश्मि बोली ठीक है अंकल आप उधर को मुँह करो.. और ज़ब तक मैं ओढ़ नहीं लेती इधर मत देखना....
अंकल बोले ठीक हैँ... उन्होंने दूसरी तरफ मुँह करो लिया... अब रश्मि उठी और पर्दा हटा दिया और अपनी टांगे उठा कर कच्छी निकाल कर अंकल की ओर फ़ेंकी और बोली लो अंकल.....
वो पर्दा ओढ़ भी नहीं पायी थी ज़ब तक अंकल पलट गए और उनकी नजर रश्मि की झांटो से भरी हुई चूत पर जा टिकी..
रश्मि ने भी अंकल की नजरों को देख लिया... उसने फटाफट पर्दा ओढ़ लिया....
कुछ देर बाद अंकल रश्मि से बोले.... रश्मि तुम बिना कपड़ों के बड़ी कातिल लगती हो.... रश्मि ने कोई जवाब नहीं दिया..
फिर अंकल कुछ नहीं बोले और चुप चाप कच्छी धोने लगे वो बार बार उसकी कच्छी को पलटते और फिर धोने लगते...
अब उन्होंने सब कपड़े सुखाने डाल दिए फिर नहाने लग गए...
रश्मि की नजर अंकल के शरीर पर टिक गई.... अंकल कभी अपने हाथ को नीचे लण्ड पर ले जाते कभी हाथ पैरो पर उन्होंने करीब 10 मिनट मे नहा लिया और एक फ़टी पुरानी सी तौलिया नीचे बांध ली... अब उन्होंने अपना कच्छा भी धोकर सुखाने टांग दिया.... फिर रश्मि के पास आये और उसे नहाने को बोले जैसे ही रश्मि ने मुँह निकाला तुरंत अंकल को चक्कर आने लगे और वो चारपाई के पास जमीन पर गिर पड़े... और बेहोश हो गए...
रश्मि हड़बड़ाकर उठी और अंकल को हिलाने लगी...
ज़ब अंकल ने कोई जवाब नहीं दिया तब रश्मि डर गई फिर उसने अंकल को उठाने की कोशिश करी.. पर अंकल बहुत भारी थे खैर 3,,,, 4 बार ट्राई करने के बाद वो अंकल को उठाने मैं कामयाब हो गई फिर उसने अंकल को चारपाई पर लिटाना चाहा पर वो अंकल को नहीं संभाल पायी और अंकल को पकड़े हुए ही चारपाई पर गिर पड़ी.....ज़ब अंकल बेहोश हुए थे तब रश्मि इतनी तेज उठी कि पर्दा चारपाई पर ही पड़ी रही गई थी और वो इसलिए समय बिलकुल नंगी थी.... अब अंकल चारपाई पर पड़े पर्दे पर गिरे थे और रश्मि अंकल के ऊपर...अंकल कि छाती पर रश्मि कि नंगी छाती चिपकी हुई थी . अब रश्मि बार बार अंकल को होश मेरे लाने कि कोशिश करो
थी..... उसे अपने नंगे होने का कोई एहसास नहीं था फिर रश्मि ने ड्रम से पानी निकाल कर अंकल के चेहरे पर छिड़कना शुरू करो दिया.....
......
बाकि अगले अपडेट मैं
.....
अगर कोई स्टोरी मैं फोटो डालना जानता हो तो प्लीज बताओ
धन्यवाद

04-12-2019, 09:12 AM

पानी छिड़कने पर अंकल होश मे आने लगे... पर वो अभी भी ठंड से कांप रहे थे.. रश्मि उनके सामने ही ख़डी थी...
अंकल बोले रश्मि मुझे बहुत तेज ठंड लग रही है मुझे कुछ ओढ़ने को दे दो.. रश्मि ने अंकल के नीचे से पर्दा खींच कर निकाला.. और उनके ऊपर डाल दिया.. पर अंकल अभी भी कांप रहे थे...
अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर बोले रश्मि मेरी तबियत खराब हो रही है... मुझसे उठा भी नहीं जा रहा... तुम शाम होने से पहले घर चली जाना.... अंधेरे मे तुम्हारा अकेले जाना ठीक
नहीं होगा

मे सुबह तक ठीक हो जाऊँगा... तभी दुकान पर आऊंगा...
रश्मि बोली अंकल रात भर मे तो आप ठंड से अकड़ जायेंगे.. ऊपर से आपकी तबियत भी ठीक नहीं है.. मे कैसे आपको अकेले छोड़ कर जाऊँ...
फिर अंकल बोले तुम तो बिलकुल मेरी महक (अंकल की miss) की तरह मेरी फ़िक्र कर रही हो... अब रश्मि को थोड़ी सी शर्म आने लगी
और वो नीचे देखने लगी..
नीचे देखते ही उसे झटका लगा क्यों कि वो बिलकुल नंगी उनके सामने ख़डी थी..(..... जो कि वो भूल चुकी थी )
फिर अंकल बोले काश अभी महक होती तो मेरे साथ इसी पर्दे मे घुस कर मुझसे लिपट रही होती... और मुझसे इतना लिपटती कि मुझमे गर्मी आ जाती....
रश्मि चुप ख़डी थी...
फिर अंकल बोले रश्मि क्या तुम पर्दे के अंदर आ सकती हो...
अंकल ने रश्मि का हाथ अब भी पकड़ रखा था..
रश्मि की आंखे बड़ी होने लगी फिर बोली मे कैसे आपके साथ लेट सकती हूँ..ऊपर से मे बिलकुल नंगी हूँ... अगर यहाँ कोई आ गया तो हमें देख कर क्या कहेगा..
फिर अंकल बोले यहाँ कोई भी नहीं आता है.. तुम बेफिक्र होकर मुझसे लिपट सकती हो....
अगर नंगी होने वाली शर्म है तो महक के ब्रा और कच्छी पहन लो...
अब मुझमे डॉक्टर के यहाँ जाने की ताकत नहीं बची है
शायद ठंड से पूरी रात मे में अकड़ जाऊं और मेरी सुबह ही ना हो...
रश्मि दुविधा मे पड़ गई फिर बोली...आंटी के ब्रा पेंटी तो बहुत बड़े हैं ये मेरे नहीं आ पाएंगे... फिर अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर पर्दे के अंदर खींचते हुए बोले तो रश्मि ऐसे ही आ जाओ...
ऐसे ज्यादा गर्मी मिलेगी......
रश्मि ने बिलकुल विरोध नहीं किया था... वो सीधे अंकल के ऊपर गिर पड़ी... फिर उठते हुए बोली अंकल मे गेट लगा कर आती हूँ..
फिर रश्मि गेट लगाने चली गई...
फिर आकर अंकल के पर्दे मे घुस गईं
अंकल एक साइड की करवट लिए हुए थे उन्होंने राइट वाले हाथ
के ऊपर रश्मि का सिर रख लिया और रश्मि को अपनी तरफ करवट लेने को कहा... रश्मि ने अंकल की तरफ करवट ले ली
पर अभी भी उनके बीच मे दूरी थी...
अंकल बोले रश्मि थोड़ा पास आ जाओ तभी तो मुझे गर्मी मिलेगी रश्मि अंकल से सट गई... फिर अंकल बोले तुम बहुत प्यारी और बहुत खूबसूरत हो.. मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो
रहा है कि तुम जैसी हसीन लड़की मेरे साथ मेरी चारपाई पर है... रश्मि ने शर्माकर अपनी आंखे बंद कर ली..
फिर अंकल बोले तुम्हारे होंठ कितने रसीले लग रहे हैं. मन कर रहा है अभी इनका रस निचोड़ लूँ...
अब अंकल ने रश्मि से कहा तुम अपनी टांग और हाथ मेरे ऊपर
रख कर लिपट जाओ...
रश्मि बिलकुल नहीं हिली..
इसपर अंकल ने उसकी जाँघ के पीछे हाथ लगाकर उसकी टांग उठाई और अपने ऊपर रख ली. फिर रश्मि का हाथ उठकर अपनी पीठ तक
लिपटा लिया अब उनके बीच मे बिलकुल भी दूरी नहीं थी..
रश्मि चुपचाप उनसे लिपटी हुई थी...
फिर अंकल ने अपने होंठ रश्मि के होठों के पास ले जाते हुए कहा
अगर मे इन्हे चूम पाता और तुरंत ही मर जाता तो मुझे कोई गम नहीं होता. अब अंकल रश्मि के बालों मे हाथ फिरा रहे थे.. थोड़ी देर बाद बोले
रश्मि क्या मे तुम्हारे इन रशीले होठों को एक बार चूम लूँ

04-12-2019, 12:35 PM

रश्मि ने एक बार उनकी आँखों मे देखा फिर अपनी आंखे बंद कर ली और कोई भी जवाब नहीं दिया..
अंकल ने उसकी ठोड़ी को ऊपर उठाया फिर आंखे खोलने को कहा...
रश्मि बोली नहीं अंकल मुझे शर्म आ रही है....
फिर अंकल ने अपने होंठ आगे बढ़ा कर रश्मि के होंठो से जोड़ दिए और एक लम्बा सा किश कर दिया फिर अपने होंठो पर अपनी जीभ फिरायी
और बोले तुम्हारे होंठो मे गजब का स्वाद है....
इनमे बड़ी मिठास है......
क्या थोड़ी देर और चूस लूँ....
इस बार रश्मि ने अपने होंठो को आगे कर दिया... अंकल ने फिर से अपने होंठ रश्मि के होंठो से जोड़ दिए. और जोर जोर से चूसने लगे..
इधर मेरा भी लण्ड खड़ा हो चुका था..... मैंने उसे हिलाना शुरू कर दिया...
अब अंकल ने रश्मि से जीभ बाहर निकालने को कहा..
रश्मि ने अपनी सुर्ख गुलाबी जीभ थोड़ी सी बाहर निकाली
अंकल ने उसे तुरंत दबोच लिया.. और उसे जोर जोर से चूसने लगे एक बार अंकल ने उसकी जीभ को हल्का सा काट लिया.. तब रश्मि ने आउच करके आंखे खोली...
अंकल ने उसे सॉरी बोला और कहा इतनी खूबसूरत लड़की आज मेरे इतने पास है इसलिए कण्ट्रोल नहीं हुआ...
और फिर उसे चूसने लगे... और उसकी पीठ
और चूतड़ों पर हाथ फिराने लगे....
अब रश्मि को भी जोश चढ़ने लगा उसने भी अंकल की पीठ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया...
थोड़ी देर बाद रश्मि ने अपना सिर पीछे हटाया और बोला अंकल नीचे कुछ चुभ रहा है....
अंकल पर्दे में झाँक कर बोले रश्मि नीचे कुछ भी नहीं है...
फिर रश्मि ने अपना हाथ नीचे घुसाया.. और झटके से बाहर खींच लिया..
फिर बोली अंकल नीचे कुछ है....
इसपर अंकल ने पर्दा हटा दिया.. अब मैंने देखा अंकल की तौलिया खुली हुई थी और उनका लण्ड रश्मि के चूतड़ के पीछे तक निकला हुआ था और वही बार बार ऊपर नीचे झटके मार रहा था..
अंकल ने रश्मि से कहा देखो कुछ भी नहीं है नीचे...
रश्मि ने आंखे खोल कर नीचे देखो और फिर झटके से अपना मुँह ऊपर कर लिया... शायद उसने अंकल का लण्ड देख लिया था... अब अंकल उसकी लेफ्ट चूची पर हाथ रखकर बोले... रश्मि तुम्हारी चूचियाँ तो काफ़ी छोटी हैं.... रश्मि चुप रही...
अंकल ने पर्दा अलग फेंक दिया.
फिर रश्मि की छाती को दाबने लगे..
फिर उन्होंने रश्मि का हाथ पकडकर नीचे अपने लण्ड पर रख दिया...
रश्मि ने अपनी आंखे खोल ली और अपना हाथ ऊपर खींचना चाहा...
लेकिन अंकल ने उसका हाथ पकडकर वापस लण्ड पर रख दिया...
रश्मि बार बार हाथ वापस खींचने की कोशिश कर रही थी.. पर अंकल उसे हाथ हटाने नहीं दे रहे थे.. अब उन्होंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया..
कभी उसकी गर्दन कभी उसके कान कभी उसके होंठ कभी गाल कभी आंखे.. वो बुरी तरह उसे चूम रहे थे.. उनके थूक से रश्मि का पूरा चेहरा गीला गीला हो रहा था..
साथ ही वो उसके हाथ मे अपना लण्ड पकड़ा रहे थे.. पर अभी भी रश्मि विरोध कर रही थी अंकल ने फिर उसे जीभ निकालने को कहा रश्मि ने फिर थोड़ी सी जीभ निकाल दी ...
अब रश्मि ने अपनी आंखे खोल रखी थी..
अंकल ने उसकी जीभ चूसनी शुरू कर दी अंकल नीचे उसके हाथ पर भी जोर लगा रहे थे...अब रश्मि ढीली पड़ चुकी थी... और कोई विरोध नहीं कर रही थी
थोड़ी देर बाद उसने अपनी जीभ अंकल के मुँह में डालना शुरू कर दी वो कभी अपनी जीभ अंकल के मुँह में घुसाती. कभी
बाहर करके अपने मुँह में वापस खींच लेती...
रश्मि अब उनके लण्ड पर हाथ ऊपर से नीचे तक फिरा रही थी.. या शायद उसकी लम्बाई का नाप ले रही थी...
अंकल उसकी लेफ्ट चूची को जोर जोर से दबा रहे थे... कभी कभी उसकी निप्पल पर ऊँगली फिरा रहे थे..
अब रश्मि की चूचियों पर हल्के हल्के निप्पल उभरने शुरू हो गए थे...
तभी अंकल ने उसके निप्पल को ऊँगली से जोर से भीच दिया... रश्मि ई ई करके चिल्ला पड़ी. फिर अंकल ने उसके होंठ अपने होंठों में कैद कर लिए... और उसकी निप्पल को एक ऊँगली और एक अंगूठा से पकड़ कर हल्का हल्का खींचने लगे कभी उसकी निप्पल को मरोड़ देते तो रश्मि चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोलना चाहती तो वे और जोर से उसके मुँह को चूसने लगते...
थोड़ी ही देर मे उसकी ये निप्पल अच्छी खासी दिखाई देने लग गई थी लगभग सिगरेट की आधी मोटाई बराबर ऊँचे और सिगरेट की मोटाई बराबर उसके निप्पल दिखने लगे....
कुछ देर बाद रश्मि सिसकियाँ लेने लगी अब अंकल नेदेखा की रश्मि गरम् हो चुकी है तब उन्होंने कहा अब मे ठीक हूँ फिर रश्मि को अपने से अलग कर दिया.. और बोले रश्मि जरा चाय बना
सकती हो....
रश्मि थोड़ी बुझी हुई सी उठी और अंकल स्टोब के पास बैठ गई उसने पतीले मे पानी चीनी पत्ती डाल दी और स्टोब को चालू कर दिया.....
अंकल वैसे ही नंगे लेटे रहे....
थोड़ी देर मे ही चाय खौल गई.. फिर रश्मि बोली अंकल दूध कहां है...
अंकल ने अपना सिर खुजलाते हुए कहा.... अरे रश्मि दो दिनों से तो मे तुम्हारे ही घर मे था...
दूध लिया ही नहीं है ये मुझे ध्यान ही नहीं रहा..
अब रश्मि बोली काली चाय ही पी लो अंकल.. वो ज्यादा फायदा देगी...
अंकल धीरे से बोले इस काली चाय से ज्यादा फायदा तो मुझे मिल चुका है...
रश्मि बोली कुछ कहा अंकल..
अंकल बोले रश्मि तुम एक काम करो अपना ही दूध डाल दो चाय मे...
रश्मि अपनी आंखे बड़ी करती हुई शरारती मुस्कान के साथ बोली
अंकल ना तो मुझे दूध आता है और ना ही मुझे निकालना आता है...
अंकल बोले मेरे पास आओ मे दूध निकालना सिखाता हूँ.... और अगर आज रात तुम अपने घर ना जाओ तो जल्दी ही तुम दूध देने लगोगी....
अगर तुम 20 दिन मुझसे मिलो तो कम से कम 2 लीटर दूध तो तुम दे ही दोगी एक टाइम में...
रश्मि ने एक हाथ अपने मुँह पर रख लिया फिर बोली रहने दो अंकल मुझे डेरी नहीं खोलनी है..... और हस पड़ी....
फिर उसने अंकल के लिए एक गिलास मे चाय निकाली और
उन्हें पकड़ा दी.....
अंकल ने एक सिप मारी फिर बोले आज इतनी मिठाई चखी है की चाय
भी फीकी लग रही है...
रश्मि मुस्कुरा कर अंकल को देखने लगी...

04-12-2019, 08:52 PM

फिर अंकल बोले रश्मि मेरे पास आकर बैठो.. रश्मि बोली अंकल बहुत देर हो चुकी है हमें अब चलना चाहिए.... मे कपड़े पहनती हूँ आप भी जल्दी से चाय खत्म करो .. इतना कहकर रश्मि कमरे से बाहर कपड़े उतारने के लिए निकली.. फिर बिना कपड़ों को लिए ही अंदर भागी.. और ड्रम के पीछे जाकर बैठ गईं तभी बाहर से दो आदमी अंदर आये एक गोरा था और एक काला ...
गोरा बोला अरे खान साब अकेले अकेले ही माल खा रहे हो... यारों को तो भूल ही गए..
अंकल उठे और तौलिया लपेटते हुए बोले नहीं यार ये कोई बाजारू नहीं है... ये मेरी दोस्त है......
तभी गोरा आदमी बोला खान भाई इस कालू ने मुझको बताया कि खान भाई एक मस्त रंडी लेकर आए हैं.. कमरे मे 2 घंटे से हैं
अब ये तो मुझे भी पता है तुम यहाँ या तो बीवी के साथ रहते हो या फिर रंडी बजाते हो..
अब ये तुम्हारी दोस्त हैं तो अपनी तो भाभी हुई... फिर ये हमसे क्यों शर्मा रही हैं....
रश्मि बैठी हुई सब बातें सुन रही थी..
तभी गोरा वाला बोला अरे भाभी जी हमसे क्यों शर्मा रही हो हम तो तुम्हारे देवर ही लगते हैं.... चलो बाहर आ जाओ....
रश्मि बोली आप लोग बाहर जाओ मैं नंगी बैठी हूँ...
फिर गोरा बोला ::अरे भाभीजी ये तो हमको भी पता है कि आप नंगी हो.. पर हम आपको ऐसे ही देखना चाहते हैं....
फिर अंकल बोले ::::अरे मन्नू भाई सब कुछ तो हम साथ करते हैं
पर ये उनमे से नहीं है ये सिर्फ मेरी दोस्त है... मे इसके साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं कर रहा था
फिर वो गोरा मन्नू बोला.... हां भाई तुम तो बहुत शरीफ हो...
और तुमसे शरीफ ये लड़की है....
देखो 2 घंटे से बंद कमरे मे चुद रही है और ये बुड्ढे भाई साब कह रहे हैं कि ये उनकी दोस्त है..
भाई अब तो हमको भी इसकी दिलवा नहीं तो शोर मचा कर सबको बुलवायेंगे.. ऐसा कहकर वो बाहर निकला और उसने रश्मि के कपड़े उतार कर अपनी कमरे से बांध लिए.... फिर उसकी कच्छी उतार कर नाक से लगा ली और बड़ी ही बेशर्मी से सूंघने लगा...
रश्मि बहुत ज्यादा डर रही थी..
फिर मन्नू बोला इसकी कच्छी मे ही इतनी बढ़िया महक है तो इसकी चूत तो जानलेवा होगी...
अब अंकल को गुस्सा आने लगा.. वो मन्नू को मारने लगे...
तभी काले वाले ने दोनों को रोका और बोला अरे भाइयो एक रंडी के लिए क्यों लड़ाई कर रहे हो.... फिर उसने मन्नू को बोला भाई ये नहीं दिलवा रहा तो ना सही चल इसके साथ चलते हैं.. जितने रूपये लेगी उतने देना फिर अनवर के सामने ही घोड़ी बना कर चोदना साली को..
फिर अंकल उन दोनों को अलग लेकर गए और बोलने लगे भाई इसे बड़ी मुश्किल से पटाया है.. ज़ब मे पेल लूँगा तब तुम दोनों को भी दिलवा दूंगा बस अभी ड्रामा मत करो... फिर उन तीनो ने कान मे कुछ
बातें करी.. अब तीनो अंदर आ गए फिर कालू बोला भाभीजी हमसे डरो मत हम गलत आदमी नहीं हैं दिन रात मेहनत करते हैं.. और कभी कभी मूड बना लेते हैं.. चलो हमें माफ़ कर दो...
फिर अंकल ने मन्नू की पीठ में ऊँगली घुसा दी.
तुरंत ही मन्नू बोला भाई कालू तू बिलकुल सही कह रहा है.
पर इसका मे कैसे भरोसा करूँ की ये रंडी नहीं है..
फिर कालू बोला भाई इसमे कौन सी बड़ी बात है अभी इसकी चूत देखते हैं... अगर फ़टी हुई होगी तो गस्ती है.. अगर सील पैक है तो भाभीजी के पैर पकड़ लेंगे...
इस पर मन्नू बोला ठीक है... तुम क्या कहते हो अनवर भाई
अंकल बोले भाई वो तो ठीक है पर ज़ब तुम ये सब देख ही लोगे तो उसकी क्या इज्जत रह जाएगी.....
फिर कालू बोला खान साब भाभी माँ समान होती है.. और माँ अपने बच्चे के सामने नंगी हो ही सकती है...
मन्नू बोला तू ठीक कहता है कालू..
अब भाभी से बोलो अपनी चूत दिखाने को...
अंकल ने रश्मि से मायूसी मे बोला क्या तुम इन्हे दिखा सकती हो.
रश्मि ने भी बड़ी डरी हुई नजरों से अंकल की तरफ देखा..
अंकल ने उसकी तरफ नजरों से भरोसा दिलाया कि वो कुछ गलत नहीं होने देंगे....
तभी कालू और मन्नू रश्मि के पास पहुँचे और उसे चूतड़ों के बल बैठा दिया., फिर मन्नू ने रश्मि कि दोनों टांगे ऊपर उठा दी,
टांगे उठते ही रश्मि कि चूत उन दोनों के सामने थी चूत बिलकुल बंद थी.. अब मन्नू ने टांगे कालू को पकड़ा दी और अपनी उंगलियों से रश्मि कि चूत कि फांके खोल कर देखा... फिर उसने हसकर अंकल से बोला खान भाई ये तो चली हुई है इसकी चूत तो देखो.. कितना पानी फेंक रही है..
अब अंकल ने आगे बढ़ कर देखा तो मन्नू ने अपनी दो उंगलियां रश्मि कि चूत पर फिरायीं और फिर उन दोनों को गाढ़ी लार सी दिखाई...
फिर उस लार को चाट लिया... अब उसने अपनी बीच वाली ऊँगली एक झटके से उसकी चूत मे डाल दी,, रश्मि एकदम आई ई ई करके चिल्ला पड़ी पर ऊँगली ती भीतर तक जा चुकी थी फिर मन्नू ने अपनी ऊँगली कई बार बाहर भीतर करी रश्मि चिल्लाती रही पर वो नहीं माना.. तब अंकल ने मन्नू को पकड़ कर पीछे फेंक दिया... फिर बोले में इसके साथ 2 सालों से हूँ ,,,, ये मैंने ही खोली थी... हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं पर में शादीशुदा हूँ इसलिए छिप छिप कर मिलते हैं...
फिर मन्नू बोला खान तुम झूठ बोल रहे हो...
ये झांट भर कि लौंडिया तुम्हारा लण्ड नहीं ले सकती,,,,, याद है
पिछली बार ज़ब तुम उस रंडी को लाये थे तब वो बेहोश हो गई थी और हमारा नंबर ही नहीं आया था., उसके फ़टे फटाये भोसड़े मे भी 6 टांके आए थे,,,,
ये शायद नई है इसने पहले तुम से तो नहीं पिलवाया... पर पिलवाया जरूर है...,,,,
फिर अंकल ने उसे चुप रहने और रश्मि से माफ़ी मांगने को कहा,,,,
अब मन्नू ने,,, रश्मि के हाथ जोड़े और बोला भाभी जी मुझे माफ़ कर दो,,,,
रश्मि अब थोड़ी नार्मल हो गईं थी,,
फिर मन्नू बोला भाभी जी क्या तुमने मुझे माफ़ कर दिया,,,,
अब रश्मि मुस्कुरा पड़ी फिर उसने हां में सिर हिला दिया,,,
अब मन्नू ने उसकी कुर्ती और सलवार अपनी कमर से खोली और रश्मि को दे दिए,,, फिर रश्मि बोली मन्नू जी वो मेरी कच्छी तो दे दो,,
मन्नू ने कहा भाभी जी उसे मेरे ही पास रहने दो,,, मेरी तो बीवी ही नहीं है में उसे ही सूंघकर काम चला लूँगा,,,
फिर कालू बोला अरे मन्नू अब इस कच्छी कि जरुरत नहीं पड़ेगी,,,, अपनी भाभी हैं ना रश्मि ने अब कालू की तरफ आंखें बड़ी करके देखा,,,
कालू बोला मेरा मतलब है कि अब अपनी भाभी जी हैं ही तो या तो अपनी सहेली से सेटिंग करवा देंगीं या फिर अपनी बहन से,,,,,
अब चारों लोग हँस पड़े ,,
फिर मन्नू बोला भाभी जी क्या आपकी बहन है,,,,
अब रश्मि बोली,,, हां दो हैं एक छोटी और एक बड़ी बताओ कौन सी सेट करवा दूँ,,, फिर रश्मि जोर से हँस पड़ी,,, फिर उसने मन्नू से कहा, मन्नू जी प्लीज अब कच्छी तो दे दो बिना कच्छी के कपड़े पहनने पर भी अंदर नंगा नंगा सा लगता है,,,
मन्नू ने कच्छी निकाल कर रश्मि कि ओर हाथ कर दिए,, पर तभी अंकल ने वो कच्छी छीनी और बोले ये तो मेरे ही काम आएगी,,, तुम लोगों ने मेरा काम ही नहीं होने दिया,,,, अब रश्मि उनसबसे खुल गई थी वो उठी और अंकल से कच्छी छीनते हुए बोली आपके बैग में मेरी एक कच्छी तो पहले से ही रखी है और अब इसको भी
, रहे हो..... फिर रश्मि कालू और मन्नू तीनों हँसने लगे पर अंकल चुपचाप खडे थे,,,,
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#16
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#17
Bhai story wakai bhut mast ti Bhai ab tum hi ise aage continue kro
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#18
(17-03-2020, 09:14 AM)Praveen84 Wrote: Bhai story wakai bhut mast ti Bhai ab tum hi ise aage continue kro

Bhai actually mai mom son story likhna pasand karta hu per ye story mujhe pasand aayi thi is liye mai chahta hu ki ye continue ho.
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#19
Bhai aage badhaiye is story ko
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#20
(16-03-2020, 08:50 PM)vbhurke Wrote: TILL PAGE 7

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आप इस कहानी को कंटिन्यू कर सकते हैं...... अपनी इच्छा से .. जैसी चाहें
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